President Ram Nath Kovind has given his consent to the bills related to farmers and farming passed by Parliament in the Monsoon session on Sunday, amid the continuous protests from farmers and political parties. Farmers and political parties were demanding withdrawal of this bill, but their appeal did not work. The Farmers Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Bill, 2020, the Farmers (Empowerment and Protection) Agreement on Price Assurance and Agricultural Services Bill, 2020 and the Essential Commodities (Amendment) Bill, 2020 were brought in the Monsoon Session of Parliament before both the Houses of Parliament and has been approved both. Now the President's seal has also been approved on this. These three bills will replace the three ordinances announced on June 5 in the Corona period.
Bihar assembly election dates have been announced. Election results will come on 10 November. The parties have claimed their victory with electoral preparation. On the one hand, the Bharatiya Janata Party (BJP) -Janta Dal United (JDU) alliance has spoken of a return to power, on the other hand Rashtriya Janata Dal (RJD) leader Tejashwi Yadav has reiterated the change in Bihar. Before the election, Tejashwi Yadav said in a claim that if his government is formed then in the very first cabinet meeting, 10 lakh jobs would be provided to the youth of Bihar. Tejashwi Yadav said, there are already 4 lakh 50 thousand vacancies in Bihar. According to the national average standards in education, health, home department and other departments, there is a great need of 5 lakh 50 thousand appointments in Bihar. Tejashwi Yadav wrote in his tweet, with the first pen in the first cabinet,I will give jobs to 10 lakh youth of Bihar. Tejashwi Yadav has been besieging the Nitish government since long on the issue of employment. They also accused the Central Government of cheating the youth in the name of giving jobs. On the previous day, Tejashwi Yadav said, Bihar is at number 26 in industry promotion and internal trade. Bihar is the worst state in investment and industry. Why do the Chief Minister Nitish Kumar and the NDA government, which has been in power for 15 years since liberalization, do not discuss these figures?
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट कर कहा कि जबकि कांग्रेस की हार भारत में चर्चा का विषय रही है। वर्तमान स्थिति से बदलाव की आवश्यकता है और जिसे प्रियंका गांधी चुपचाप ला रही हैं। गलतियों और सुधार को स्वीकार करने के लिए बदलाव का यह पहला कदम है। आजादी के बाद कांग्रेस अपने सबसे बुरे दौर में चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के कई नेता अपने भाषणों में कांग्रेस मुक्त देश की बात अक्सर करते ही रहते हैं। लेकिन पार्टी का आलाकमान अपने स्तर पर कांग्रेस की चमक फिर से लौटाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। इस बीच कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया है कि प्रियंका गांधी चुपचाप तरीके से काम करते हुए एक बदलाव ला रही हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज 88 साल के हो गए है। डॉ मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक दो बार देश के प्रधानमंत्री रह चुके है और वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा सदस्य है। भारत के तेरवें प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह विचारक और विद्वान के रूप में प्रसिद्ध है। वह अपनी नम्रता, कर्मठता और कार्य के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। डॉ मनमोहन सिंह जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गाँधी के बाद सबसे ज़्यादा समय तक देश के प्रधानमंत्री रहे है सिर्फ ये ही नहीं मनमोहन सिंह को भारत के सर्वश्रेष्ठ अर्थशास्त्रियों में से एक भी माना जाता है। मनमोहन का शुरुआती जीवन मनमोहन का जनम 26 सितम्बर 1932 में अविभाजित भारत के पंजाब प्रान्त में हुआ था, जो की बटवारे के बाद अब पाकिस्तान का हिस्सा है। कहा जाता है की मनमोहन सिंह के पिता चाहते थे की वो डॉक्टर बने और इसीलिए उन्होंने 1948 में अमृतसर के खालसा कॉलेज के प्री मेडिकल कोर्स में दाखिला भी ले लिए था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी जिसके बाद उन्होंने हिन्दू कॉलेज में एडमिशन लिया और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने अपनी आगे की शिक्षा ब्रिटेन के कैंब्रिज विश्वविद्यालय से प्राप्त की। 1957 में उन्होंने अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी से ऑनर्स की डिग्री अर्जित की। 1962 में उन्होंने ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के नूफिल्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी.फिल भी किया। मनमोहन की कैसे हुई राजनीति में एंट्री साल था 1991 का। देश में राजनैतिक अस्थिरता का माहौल था। बीते दो वर्ष में देश तीन प्रधानमंत्री देख चूका था। सबसे बड़े राजनैतिक दल कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे राजीव गाँधी की हत्या हो चुकी थी। एक बार फिर सरकार बनाने का ज़िम्मा कांग्रेस पर था। पर सवाल ये था कि प्रधानमंत्री बनेगा कौन। कई नाम सामने आये, कयास लगे, प्रयास भी हुए पर आखिरकार सहमति बनी पीवी नरसिम्हा राव के नाम पर। वहीं पीवी नरसिम्हा राव जो एक किस्म से रिटायरमेंट मोड में चले गए थे, दिल्ली छोड़ने का फैसला भी ले चुके थे मगर दिल्ली उन्हें छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। राव जो हर विभाग के विशेषयज्ञ माने जाते थे, जो सवास्थ्य, शिक्षा और विदेश मंत्रालय पहले ही संभाल चुके थे, देश के प्रधान मंत्री बन गए। मगर एक विभाग ऐसा भी था जो राव के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित हो सकता था, ये था वित्त मंत्रालय। नरसिम्हा राव ये अच्छे से जानते थे की देश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है ऐसे में कोई ऐसा व्यक्ति ही देश की आर्थिकता को संभाल सकता है जो अर्थशास्त्र के कौशल्य में परिपूर्ण हो। तभी राव के सलहाकार पि सी ऐलेक्सेंडर ने राव को डॉ. मनमोहन सिंह का नाम सुझाया और शपथ ग्रहण समारोह से एक दिन पहले मनमोहन सिंह के सामने ये प्रस्ताव रखा गया। बतौर वित्त मंत्री किए गए काम अपना पहला बजट प्रस्तुत करते हुए डॉ. सिंह ने इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी का नाम बार बार ज़रूर लिया मगर वो इनकी आर्थिक नीतियों को बदलते हुए ज़रा भी नहीं हिचकिचाए। मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान विदेश व्यापार उदारीकरण, वित्तीय उदारीकरण, कर सुधार और विदेशी निवेश का रास्ते जैसे अहम फैसले लिए। उनके इन फैसलों ने अर्थव्यवस्था को ना सिर्फ नई गति दी बल्कि मजबूती भी प्रदान की। वित्त मंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह ने कई अहम फैसले लिए। खास तौर पर ऐसे निमयों में बदलाव लाए जिनकी वजह से अर्थव्यवस्था की गति धीमी पड़ रही थी, उन्हें तेजी मिले। इसके साथ ही उन्होंने भारत को दुनिया के बाजार के लिए भी खोला और देश में आर्थिक क्रांति और ग्लोबलाइजेशन की शुरुआत की। जब मनमोहन प्रधानमंत्री बने जब डॉ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बनें तो उन्हें एक्सीडेंटल प्राइममिनिस्टर कहा गया। बात है 18 मई 2004 की, इलेक्शन के बाद जश्न का माहौल था, कांग्रेस की अगुवाई वाली UPA ने नई संसद में 335 सीटों पर जीत दर्ज की थी और NDA को काफी अंतर से हराया था। सोनिआ गाँधी जीती ज़रूर थी मगर बीजेपी अब भी ये नहीं चाहती थी की कोई विदेशी प्रधान मंत्री बने, मगर निष्ठावान कोंग्रेसियों की निष्ठां सिर्फ और सिर्फ सोनिया गांधी में थी। 18 मई को कांग्रेस हाई कमान का दफ्तर खचा खच भरा था। सोनिया गांधी आई और प्रंधानमंत्री पद स्वीकार करने से इंकार कर दिया। सियासी महकमा और पुरे देश की जनता अब असमंजस में थी की आखिर कौन होगा उनका प्रधान मंत्री। जब तमाम कांग्रेसी चमचे प्रधान मंत्री बनने की चाह में पालक पावड़े बिछाये बैठे थे तब सोनिया गांधी ने नाम लिया डॉ मनमोहन सिंह का। उन्होंने कहा की उनसे अच्छा प्रधान मंत्री भारत को नहीं मिल सकता। सियासी दिग्गजों का मानना है की अगर सोनिया गांधी सत्ता से मुँह न मोड़ती तो मनमोहन को ये सौभाग्य प्राप्त न होता पर इस वाक्य से कहीं भी ये तो साबित नहीं किया जा सकता की मनमोहन की काबिलियत में कोई कमी थी। बतौर प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने रोजगार के क्षेत्र में बड़ा फैलसा लिया और मनरेगा के जरिए ऐतिहासिक कदम उठाया। हर हाथ को काम देने की उनकी सोच ने लोगों के घरों में चूल्हे जलाने में बड़ी अहम भूमिका निभाई जिससे देश अंदर से सशक्त हो सके।
The Himachal Pradesh Cabinet in a meeting held today under the chairmanship of Chief Minister Jai Ram Thakur gave its approval to restore Vidhayak Kshetra Vikas Nidhi Yojana fund of Rs. 50 lakh for the year 2020-21. The first instalment of Rs. 25 lakh per legislative constituency would be released in October, 2020 and second instalment of Rs. 25 lakh would be released after the elections to the Panchayati Raj Institutions. A presentation was made before the Cabinet on the proposed visit of Prime Minister Narendra Modi to the State. The Cabinet decided to set up a statue of former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee at The Ridge Shimla. It also decided to allot this work to famous sculptors Padam Shri and Padam Vibhushan Awardee Ram V. Sutar and Anil Sutar under Himachal Pradesh Finance Rule-104 as proposed by Language, Art and Culture Department. The Cabinet gave its nod to resume training activities in Industrial Training Institutes of the State with effect from 1st October, 2020 by strictly following the guidelines of the Ministry of Home Affairs, Ministry of Health and Family Welfare and Ministry of Skill Development and Entrepreneurship (MSDE). The Cabinet gave its nod to the Draft of Memorandum of Understanding to be executed and entered between the State Government and Temple Trust Chamunda with regard to transfer of land for Lower Terminal Point of Himani-Chamunda Ropeway Project in Kangra district. It also gave its approval to fill up seven posts of Deputy Director in Sainik Welfare Department on Contract basis. The Cabinet gave its consent to create and fill up 35 posts of panchkarma masseur in Ayurveda department on a daily wage basis to provide better Ayurveda medical service to the people. It also decided to rename Ayurveda Department as Ayush Vibhag, Himachal Pradesh. The Cabinet gave its approval to signing of MoU between Director Ayurveda and M/s HLL Lifecare Limited, a Government of India Enterprises for upgradation of Ayurvedic Health Centre to Ayush Health and Wellness Centres. It gave its approval to fill up eight posts of different categories in the Planning Department through direct recruitment.
शनिवार, हिमाचल कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हो रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री के दौरे के साथ साथ पर्यटन विकास, कोरोना व ऐसे कई अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। आज की इस बैठक में बाहरी राज्यों के लिए बसें चलाने और डिपुओं में पॉस मशीनों से राशन देने पर भी फैसला हो सकता है। बैठक में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, मंत्री सरवीण चौधरी व अन्य नेतागण शामिल हुए है। हालांकि बैठक से सरकार के दो मंत्री नदारद रहे। उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर और पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर अनुपस्थित रहे। बिक्रम ठाकुर स्टाफ सदस्य के संक्रमित पाए जाने के बाद क्वारंटाइन हैं।
Rahul Gandhi on Saturday wished the former Prime Minister on his birthday by a tweet and wrote “India feels the absence of a PM with the depth of Manmohan Singh, Congress leader”. Singh, who headed the UPA coalition government between 2004 and 2014, turned 88 on Saturday. "India feels the absence of a PM with the depth of Dr. Manmohan Singh. His honesty, decency, and dedication are a source of inspiration for us all. Wishing him a very happy birthday and a lovely year ahead”. Rahul Gandhi has completely tried to target the leadership in the Modi led government amid the protests going on against the three contentious Farm bills passed by the parliament earlier.
कवि जब बात करे तो बातों से फूल ही झड़ें ये ज़रूरी तो नहीं, कभी-कभी मन से उमड़ते क्रोध भाव की वर्षा भी तो हो सकती है एक कविता। ऐसा ही क्रोध एक बार रामधारी सिंह दिनकर को भी आया। राष्ट्रकवि दिनकर ने खुद कहा "एक राष्ट्रकवि को शायद इतना क्रोध शोभा न दे मगर, इतिहास में याद रखा जाएगा कि एक ऐसी स्थिति आई थी जब राष्ट्रकवि को भी इतना क्रोध आया था।" आखिर ऐसी क्या स्तिथि थी भला कि इतने सुलझे हुए कवि दिनकर, इतना उलझ गए कि उन्होंने इस पर पूरा कविता संग्रह लिख दिया। बात है 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध की, और बात है टूटते भरोसे और हौंसले की। चीन भारत की पीठ पर छुरा घोंपने का कार्य भारत तब भी कर रहा था और आज भी कर रहा है। भारत को चीन की ओर से हमला होने की आशंका भी नहीं थी जब यह हमला हुआ, और युद्ध के लिए तैयार न होने के कारण भारत यह युद्ध हार गया। इसी बात से क्रोधित राष्ट्रकवि दिनकर ने कविता संग्रह "परशुराम की प्रतीक्षा" लिखा। यह संग्रह 1963 में प्रकाशित हुआ। दिनकर भारत चीन के बीच हुए समझौते व भारत के झुकने पर आहत थे। उनका मानना था कि इस हार से जन जन का खून खुलना चाहिए। दिनकर ने इस काव्य संग्रह के माध्यम से जन-जन तक आक्रोश का संकेत पहुंचाया। दिनकर यूँ तो जवाहरलाल नेहरू के करीब माने जाते थे परंतु उन्होंने कवि धर्म निभाते हुए उन पर भी तंज कस डाले। उन्होंने कहा- "घातक है, जो देवता-सदृश दिखता है, लेकिन, कमरे में गलत हुक्म लिखता है। जिस पापी को गुण नहीं; गोत्र प्यारा है, समझो, उसने ही हमें यहां मारा है। जो सत्य जान कर भी न सत्य कहता है, या किसी लोभ के विवश मूक रहता है।" दिनकर को साहित्य के साथ-साथ देशप्रेम के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने 1957 से पहले कई विद्रोही कविताएं लिखी जिन्होंने आम जनता में आज़ादी के प्रति आक्रोश पैदा किया। ब्रिटिश शासन के दौरान उन्हें जेल भी हुई व उनके इसी देश प्रेम को देखते हुए उन्हें आज़ादी के बाद राष्ट्रकवि घोषित किया गया। भारत चीन के युद्ध में भारत की हार पर दिनकर बेहद क्रोधित हुए। दिनकर को जन जन का कवि कहा जाता है क्योंकि उन्हें हर युग में हर वर्ग के लोगों ने पढ़ा। साफ स्पष्ट शब्दों में आम आदमी की आवाज़ को बड़े तख्तों तक पहुंचाने वाले राष्ट्रकवि दिनकर ने जनता कानून का भी समर्थन किया। उन्होंने इस पर एक विद्रोही कविता लिखी जिसने समय के साथ नारे का रूप ले लिया व आज भी उसकी गूंज सुनाई पड़ती है। उन्होंने लिखा- "सदियों की ठंढी-बुझी राख सुगबुगा उठी, मिट्टी सोने का ताज पहन इठलाती है; दो राह,समय के रथ का घर्घर-नाद सुनो, सिंहासन खाली करो कि जनता आती है।" हिंदुस्तान के सिंहासनों व उनपर विराजमान शासकों पर प्रश्नचिन्ह तो अक़्सर उठते ही आए हैं, खैर वर्तमान स्थिति को देखते हुए दिनकर याद आ ही जाते हैं। दुनिया से विदा लेने के सालों बाद भी दिनकर ज़िंदा हैं चाहने वालों के दिलों में, साहित्य प्रेमियों की स्मृतियों में।
The Delhi health minister, Satyendar Jain, has said that there is no shortage of oxygen in Delhi for treatment of COVID-19 patients but some suppliers have been told that they will supply first in Rajasthan. He said this problem is being resolved by negotiation. The supply of oxygen to Delhi comes from Uttar Pradesh and Rajasthan. Health Minister Satyendra Jain said that at present there is no problem of oxygen in Delhi. Delhi government hospitals have a stock of 6 to 7 days of oxygen. On monday the Health Minister said, there are around 1,000 ICU beds available inDelhi , and 30 percent of the COVID-19 patients admitted to delhi hospitals are from other states.
राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने भाजपा पर तीखा हमला किया है। जारी प्रेस बयान में राणा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा की बीजेपी जनादेश से विश्वासघात कर रही है व जनादेश के बहुमत का भी लगातार दुरुपयोग कर रही है। राणा ने खुलासा किया है कि केंद्र की तर्ज पर सत्ता को कारोबार का जरिया मान चुकी बीजेपी प्रदेश के संसाधनों को भी दोनों हाथों से लूटने में लगी है। राणा ने कहा कि केंद्रीय कांगड़ा बैंक में हुए खुलासे के मुताबिक बैंक के चेयरमैन को नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कागजों के हेरफेर के तिकड़मों के चलते लाखों रुपए का लाभ दिया जा रहा है। राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कॉर्पोरेशन एक्ट 1968 तथा नियम 1971 की धारा 41एफ के चलते किसी ऐसे व्यक्ति को बैंक का निदेशक नहीं बनाया जा सकता है, जो कि बैंक से कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष लाभ ले रहा हो। यही प्रावधान बैंक के उपनियमों की धारा 29सी में भी रखा गया है, लेकिन केंद्रीय कांगड़ा बैंक की कलाकारी का नमूना यह रहा कि बैंक के चेयरमैन को लाखों का लाभ देने के लिए 1 मार्च 2018 को एफिडेविट दायर करवाया गया कि वह अपने पारिवारिक जसूर स्थित भवन के अपने हिस्से का किराया नहीं लेंगे। यह भवन केंद्रीय कांगड़ा बैंक को किराए पर दिया गया है। इतना ही नहीं परोक्ष लाभ की इस जुगाड़बंदी में किराया न लेने व अन्य कार्य करने का अधिकार बैंक के चेयरमैन ने अपने चाचा को दे दिया। 3890 रुपए से शुरू हुए इस बैंक के किराए को यकायक बढ़ाकर 1 मार्च 2019 को 28 हजार रुपए कर दिया और गजब यह रहा कि किराए की बढ़ोतरी का फैसला बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक में किया गया। जिसके चेयरमैन खुद केंद्रीय कांगड़ा बैंक के चेयरमैन रहे, तथा बैंक के प्रबंधक निदेशक भी इस बैठक में मौजूद रहे। इतना ही नहीं 1 मई 2007 से 30 अप्रैल 2012 तक 32280 रुपए किराए की बढ़ोतरी 22 मार्च 2019 को की गई। फिर 1 मई 2012 से लेकर 28 फरवरी 2019 तक फिर से किराए की बढ़ोतरी करके 48544 कर दी, जिसका भुगतान भी आनन-फानन में 22 अप्रैल 2019 को बैंक द्वारा कर दिया गया। राणा ने कहा कि बीजेपी का यह कारनामा यह बताने के लिए काफी है कि लोग इस पार्टी में सत्ता का कारोबार करने के लिए पद हासिल करते हैं व संसाधनों की लूट के लिए नियमों को ताक पर रखते हैं। वहीं, आम आदमी को महंगाई व बेरोजगारी की सौगात देते हैं।
मॉनसून सत्र के नौवें दिन सभी निलंबित आठ सांसदों ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया और इसके साथ ही कांग्रेस ने पूरे मानसून सत्र के बहिष्कार का ऐलान किया। कांग्रेस राजयसभा सदस्यों ने आज सदन से वाक आउट किया है। कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), डीएमके, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), आम आदमी पार्टी (आप), वामदल, आरजेडी, टीआरएस और बीएसपी ने भी कार्यवाही का बहिष्कार किया है। 20 सितम्बर को इन सांसदों द्वारा किसान बिल पर हंगामे के बाद इन्हे एक हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया गया था जिसके बाद सभी सांसद, संसद परिसर में ही धरने पर बैठ गए थे। सभी सांसद गांधी प्रतिमा के पास धरने पर थे और पूरी रात संसद परिसर में गुजार दी। मंगलवार सुबह जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस ने यह मसला उठाया। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक हमारे सांसदों के संस्पेंशन को वापस नहीं लिया जाता और किसान के बिलों से संबंधित हमारी मांगों को नहीं माना जाता विपक्ष सत्र से बायकॉट करती है। इसके बाद समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि मैंने न केवल सांसदों की सदन वापसी की मांग की बल्कि मैंने विपक्ष की तरफ से माफी भी मांगी, लेकिन मेरी माफी के बदले कोई रिस्पांस नहीं दिया गया। इससे मुझे बहुत कष्ट हुआ। इसलिए मैं और मेरी पूरी पार्टी संसद के इस पूरे सत्र का बहिष्कार करती है।
Showering praise on the deputy chairman of Rajya Sabha Harivansh Narayan Singh, Prime Minister Narendra Modi said that deputy chairman’s inspiring and statesman like conduct will make every democracy lover proud. PM Modi took to his twitter handle to praise the Chairman. “To personally serve tea to those who attacked and insulted him a few days ago as well as those sitting on Dharna shows that Shri Harivansh Ji has been blessed with a humble mind and a big heart. It shows his greatness. I join the people of India in congratulating Harivansh Ji”, he tweeted. PM Modi further said that this act showed Harivansh's greatness. "For centuries, the great land of Bihar has been teaching us the values of democracy. In line with that wonderful ethos, MP from Bihar and Rajya Sabha Deputy Chairperson Shri Harivansh Ji’s inspiring and statesman like conduct this morning will make every democracy lover proud," PM said in another tweet. One of the suspended MPs and AAP leader Sanjay Singh was quick to respond to PM Modi’s tweet. “Modi ji we are not fighting over tea. We are fighting for the welfare of farmers”, he tweeted. Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh arrived this morning with tea for the eight opposition members who had spent the night on the lawns of Parliament to protest the passage of two contentious farm bills without a division of votes on Sunday in the Upper House. However, the suspended MPs refused to take tea from Harivansh.
After the suspension of eight rajya sabha MPs on monday the opposition parties hit out at the government and are holding a protest outside the Parliament premises. Opposition parties like the Congress, CPI(M), Shiv Sena, JDS, TMC, CPI, and the Samajwadi Party are holding a protest on the Parliament premises with placards that read "Murder of Democracy", "Death of Parliament" and "Shame, shame". Eight members from the Congress, CPI(M), Trinamool Congress and the AAP were suspended for the remaining part of the monsoon session over their "unruly behaviour" during the passage of farm bills in the Upper House of Parliament. CPI(M) MP Elamaram Kareem, who is among those suspended said, "Suspension won't silence us. We will stand with farmers in their fight. Deputy chairman throttled parliamentary procedures yesterday. Suspension of MPs exposed the cowardly face of the BJP. People will see through the attempt to divert attention from their undemocratic actions." "Wake up crores of farmers of the country, the BJP government has mortgaged your life to Adani-Ambani, wake up and oppose this black law. We are on agitation in Parliament, you should agitate outside. The BJP government has passed a black law against farmers. We were terminated for opposing the bill," said AAP MP Sanjay Singh. "That is why we are sitting on dharna and will keep sitting till the BJP government explains why this black law was passed by strangling democracy," he added. A number of non-NDA parties have also written to President Ram Nath Kovid over the manner in which the government “pushed through its agenda” and urged him not to grant his assent to the proposed legislation.
भाजपा की तेज़तर्रार नेता व पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा ने सोमवार को पंचकूला के एक निजी अस्पताल में आखिरी सासें लीं। उनके आकस्मिक निधन से पुरे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें श्यामा पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। सोमवार को अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें नाहन स्थित मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहाँ से उन्हें चंडीगढ़ PGI रेफेर कर दिया गया पर श्यामा ने बीच रस्ते में ही दम तोड़ दिया। पूर्व मंत्री श्यामा ने 16 सितम्बर को ही प्रधानमंत्री मोदी को फेसबुक पर शुभकामनाएं प्रेषित की थीं, पर उस समय कौन जनता था वह चंद रोज़ में दुनिया को अलविदा कह देंगी। श्यामा अपनी आखिरी समय तक राजनीती व समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहीं। उनका राजनितिक करियर 42 सालों का रहा। वह तीन बार विधायक और एक बार मंत्री भी रहीं। उन्होंने भाजपा को जिला सिरमौर में पहचान दिलाई व संगठन के लिए कई बड़े कार्य किए। उन्होंने छात्र राजनीती से अपना करियर शुरू किया। उन्होंने पहली बार 1977 में नाहन विधानसभा से चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की। श्यामा शर्मा नाहन से तीन बार विधायक 1977, 1982 व 1990 में रही। 1977 में वह तात्कालीन सरकार मेें पंचायती राज, खाद्य एवं आपूर्ति तथा विधि मंत्री रही। इसके बाद प्रेम कुमार धूमल की सरकार में राज्य योजना बोर्ड की उपाध्यक्ष भी रही। मुख्यमंत्री ने जताया शोक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा के निधन पर शोक जताया है। सीएम ने कहा श्यामा शर्मा ने पार्टी और जनता की निस्वार्थ एवं समर्पण भाव से सेवा की है। भगवान उनकी दिवंगत आत्मा काे शांति प्रदान करे व परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।
किसान बिल को विरोध के बीच ध्वनि मत से पास कर दिया गया, जिसके बाद बीते कल विपक्ष के नेताओं ने हंगामा किया। आज मानसून सत्र के आठवें दिन, विपक्ष के हंगामे का मुद्दा उठाते हुए 8 विपक्षी सांसदों को राज्य सभा से निलंबित कर दिया गया। एक हफ्ते तक यह सांसद राज्य सभा की किसी भी कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। सांसदों पर उपसभापति के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप है। इन सांसदों के नाम- डेरेक ओ ब्रायन, संजय सिंह, राजू सातव, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और एलमरन करीम हैं। सांसद इसके बाद भी हंगामा करने से पीछे नहीं हैं, सभी निलंबित सांसद सदन में पहुंच गए और हंगामा करना शुरू कर दिया जिसके बाद उपसभापति ने सत्र की कार्यवाही को 10:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
बिहार में इस साल विधानसभा के लिए चुनाव होने है। चुनाव नजदीक आते ही बिहार की राजनीती में सियासी हलचल तेज हो गई है। शनिवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. मुलाकात के बाद आत्मनिर्भर बिहार कार्यक्रम में बोलते हुए नड्डा ने साफ कर दिया कि भाजपा और एलजेपी, नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. बताया जा रहा है कि नीतीश व जेपी नड्डा के बीच चुनाव में सीटों को लेकर चर्चा हुई। विधानसभा चुनाव से पहले सत्ताधारी एनडीए में रार चल रही है. एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. चिराग के तेवर अलग ही संकेत दे रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी का दावा है कि एनडीए के सभी घटक दल साथ मिलकर बिहार के चुनावी रण में उतरेंगे.
Maharashtra's ruling power Shiv Sena, allegedly attacked an ex-navy officer for forwarding Uddhav Thakarey’s ridiculing cartoon on social media. The 65-year-old Madan Sharma was attacked near his home in Kandivali East, Mumbai. The retired Navy Officer filed a complaint against Shiv Sena workers where he said that he forwarded Uddhav Thakeray’s funny cartoon in his residential society’s WhatsApp group. Later that day he got a call from Kamlesh Kadam, who called him outside his building where he was attacked by a group of masked men. Society’s CCTV footage is being widely shared on social media where Madan Sharma is seen thrashed by masked men. In the footage, Madan walked outside his building towards the main gate and after a few moments he’s seen running back and a group of men chasing him. One of them punched him on his face. Several BJP leaders, including former Chief Minister Devendra Fadnavis, posted a photo of an injured Madan Sharma. "The ruling Shiv Sena which showed its masculinity by demolishing the office of actor Kangana Ranaut has now beaten a retired Navy officer and has injured his eye. The Chief Minister is running dictatorship from his house," Atul Bhatkhalkar, BJP MLA from Mumbai's Kandivali East constituency, tweeted In the following matter, six people including Kamlesh Kadam are arrested by the police and the investigation is under process.
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन शोकोदगार के खत्म होते ही विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने नियम 67 के स्थगन प्रस्ताव तहत चर्चा की मांग की। विपक्ष के नेता सदन में कहा कि कोरोना काल मे सरकार पूरी तरह असफल रही है पहले इस पर चर्चा हो। इस पर मुख्यमंत्री बोलने के लिए उठे लेकिन विपक्ष ने शोर शराबा शुरू कर दिया। विपक्ष के नेता ने कहा कोरोना काल मे भ्रष्टाचार हुआ, लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाला गया, यहां तक कि सरकार की पूरी मशीनरी फ़ेल हो गई है इसलिए मुख्यमंत्री और मंत्री अपने पद से इस्तीफ़ा दें। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष नियमों पर धज्जियां उड़ा रहा है ओर जो प्रस्ताव दिया है उस पर बोलें। इस बीच सत्ता पक्ष की तरफ से भी विपक्ष के रवैये का विरोध हुआ। दोनों ही दलों के नेता अपनी-अपनी कुर्सियों से खड़े हो गए औऱ शोर शराबा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने फ़िर कहा कि जो प्रस्ताव दिया गया है विपक्ष उस पर बोले। इस बीच मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर उठे लेकिन विपक्ष ने उन्हें बोलने नहीं दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को 67 स्थगन प्रस्ताव के तहत बोलने को कहा ओर विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को चर्चा के लिए इजाज़त दे दी। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि विपक्ष ने कोरोना काल को लेकर 67 के तहत प्रस्ताव लाया। इसी विषय पर अन्य सदस्यों ने भी चर्चा मांगी है। इस पर 130 पर भी चर्चा दी गई है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को बोलने की इजाज़त दी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि कोरोना को लेकर व्यक्तव्य देना ही था। सरकार हर चर्चा के लिए तैयार है। आजतक ऐसा कभी नहीं हुआ कि नियम 67 के अंतर्गत स्थगन प्रस्ताव लाया गया औऱ उसे स्वीकार किया हो। बावजूद इसके सरकार हर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन विपक्ष कोरोना जैसी वैश्विक बीमारी को गंभीरता से नहीं ले रही है। फिर भी सरकार 67 के तहत चर्चा को तैयार है। इस पर एक बार फ़िर दोनों पक्षों में सदन के अंदर नारेबाजी शुरू हो गई। सत्ता पक्ष कहने लगा कि विपक्ष अपने जाल में फंस गया। उधर विपक्ष "चोर मचाए शोर" की नारेबाज़ी करने लगा। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष ने 67 नियम के तहत ही चर्चा की इजाज़त दे दी गई। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 3 नए मंत्रियों राकेश पठानियां, सुखराम चौधरी औऱ राजेन्द्र गर्ग का भी सदन में परिचय दिया। इसी के साथ इतिहास में पहली बार नियम 67 स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा शुरू हुई जो अभी चल रही है।
The State Cabinet in its meeting held here today under the Chairmanship of Chief Minister Jai Ram Thakur decided to continue with registration for people entering the State till 15th September, 2020. It also decided to open big temples/religious places of the State by 10th September, 2020. Language, Art and Culture Department will prepare SOP in this regard. It was decided that the quarantine requirement be reduced from 14 days to 10 days. The District Administration would strictly enforce use of masks and social distancing in the field. The Cabinet decided to provide wheat flour and rice to the income tax payee APL Consumers under Public Distribution System as was being provided to them earlier on APL rates and provide them pulses, edible oil, salt and sugar on zero subsidy on actual rates. To address the vision of 'Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan' significantly by creating a sustainable ecosystem of affordable rental housing solutions for urban migrants/poor and to achieve overall objective of 'Housing for All', the State Cabinet decided to request Ministry of Housing and Urban affairs, Government of India to sign Memorandum of Agreement (MoA) related to Affordable Rental Housing Complexes Scheme with the State Government. The Cabinet gave its approval to open Sub Treasury at Nagrota Bagwan in Kangra district alongwith creation of five posts of different categories to manage this Sub Treasury. It gave its consent to open Sub Tehsil at Bagachanogi in Tehsil Thunag of Mandi district alongwith creation of 12 posts of different categories. The newly created Sub Tehsil will have six patwar circles viz. Shawa, Kalhani, Kalipar, Shilhibagi, Shiwakhad and Jainshla. The Cabinet also gave its nod to open Patwar circle Jainshla under Tehsil Thunag of Mandi district keeping in view the tough geographic conditions of the area. It decided to fill up 10 posts of class IV employees in Panchayati Raj Department. It gave its approval to transfer Gram Panchayat Kot from Police Station Shimla East (Chhota Shimla) to Police Station West (Boileauganj) in district Shimla to facilitate the people. Presentations were also made by the Industries department before the Cabinet regarding proposed 'Bulk Drug Pharma Park', 'Energy Charges in the State' and on 'Brick Kiln and their related issues'.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणभ मुख़र्जी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक। उन्होंने उनके दिल्ली स्थित घर पहुँच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणभ मुख़र्जी के साथ अपनी तस्वीर ट्विटर पर डाली और लिखा "दशकों तक चले अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, श्री प्रणब मुखर्जी ने प्रमुख आर्थिक और रणनीतिक मंत्रालयों में लंबे समय तक योगदान दिया। वह एक उत्कृष्ट सांसद थे, हमेशा अच्छी तरह से तैयार, बेहद मुखर और साथ ही मजाकिया। "
भारत के पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न प्रणभ मुख़र्जी को अंतिम विदाई दी गई। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में किया गया। टयुमर के कारण उन्हें अस्पताल लाए जाने पर वह कोरोना संक्रमित पाए गए थे। जिसके चलते अंतिम संस्कार के दौरान भी ज़्यादा लोगों की मौजूदगी नहीं रही। कोरोना के चलते सभी ज़रूरी एहतियात के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
राजीव गाँधी (20 अगस्त 1944 - 21 मई 1991) भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के जीवन की कहानी किसी हिंदी नाटकीय फिल्म से कम नहीं रही। वैसे तो सत्य यह भी है कि राजनैतिक दुनिया किसी नाटक से कम नहीं है, और राजीव गाँधी की ज़िन्दगी इसका जीता जागता उदहारण रही। राजीव की राजनीति में आने की कहानी राजनीती में आने से पहले राजीव गाँधी इंडियन एयरलाइन्स में बतौर पायलट तैनात थे। राजीव की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी। पर पारिवारिक हालत और परिस्तिथि ऐसे बने कि राजीव कि न सिर्फ राजनीति में एंट्री हुई बल्कि वे देश के प्रधानमंत्री भी बन गए। दरअसल , इंदिरा गाँधी की राजनैतिक विरासत उनके छोटे पुत्र संजय गाँधी संभल रहे थे। इंदिरा के बाद वे ही नंबर दो थे और ये तय था कि वे ही इंदिरा की राजनैतिक विरासत को संभालेंगे। पर पहले एक हादसे में संजय गाँधी का निधन हुआ और फिर 1984 में इंदिरा की एक आतंकवादी हमले में हत्या कर दी गई। इंदिरा की हत्या के बाद सभी निगाहें राजीव गाँधी पर टिक गई। आखिरकार, हालात के चलते वे रातो-रात विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री बन गए।विरासत में मिला कार्यकाल पूरा कर 1 साल बाद फिर से चुनाव लड़ कर राजीव प्रचंड बहुमत से प्रधानमंत्री बने। राजीव का राजनैतिक कार्यकाल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के सबसे युवा प्रधानमंत्री, राजीव पढ़े लिखे और सुलझे विचारों के थे, व जिस 21 वीं सदी में हम रहते हैं, इसका सपना राजीव ने ही संजोया था। जानते है बतौर प्रधानमंत्री राजीव गाँधी द्वारा लिए गए उन तीन बड़े फैसलों के बारे में जिन्होंने हिंदुस्तान को एक नई दिशा दी। - राजीव भारत में कंप्यूटर क्रान्ति लेकर आये जिसके चलते, भारत में विकास की गति बढ़ी व लोगों की रोज़मर्रा की ज़िन्दगी आसान हुई।हालंकि शुरूआती दौर में विपक्ष ने उनके इस निर्णय का जमकर विरोध किया पर आगे चलकर पूरा हिंदुस्तान उन्ही के बताये रास्ते पर चला। आज की सरकारें भी डिजिटल इंडिया का नारा देती है जिसका आगाज़ बतौर प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने किया था। - देश में मतदान करनी की वेध आयु 21 वर्ष हुआ करती थी जिसे राजीव गाँधी ने घटाकर 18 वर्ष किया। - वर्तमान पंचायती राज व्यवस्था भी राजीव गाँधी की सोच का ही नतीजा है। राजीव चाहते थे कि लोकतंत्र कि मजबूती के लिए सबसे निचले स्तर यानी पंचायत स्तर पर भी चुनाव हो। आगे चलकर पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में उनकी सोच को अमलीजामा पहनाया गया। भारतीय राजनीति की सबसे खूबसूरत लव स्टोरी के नायक थे राजीव राजीव गाँधी की प्रेम कहानी एक खूबसूरत कल्पना की तरह शुरू हुई और एक दुखद मोड़ पर इसका अंत हुआ। राजीव जब इंग्लैंड में थे तो इटली की रहने वाली युवती, सोनिया मैनो को पहली नज़र में दिल दे बैठे। सोनिया, राजीव के ही कॉलेज में पढ़ती थी व राजीव ने उन्हें पहली बार कॉलेज की कैंटीन में देखा था। दोनों की जल्द ही दोस्ती हुई और दोस्ती एक खूबसूरत सपने की तरह प्यार में बदल गई। दोनो एक दूसरे को जीवन साथी के रूप में चुन चुके थे व जल्द ही अपने परिवारों को भी इसके बारे में बता दिया। कहते है कि मां इंदिरा चाहती थी कि राजीव की शादी बॉलीवुड के शोमैन राज कपूर की बेटी से हो। पर राजीव तो अपना दिल सोनिया को दे बैठे थे। राजीव के कहने पर इंदिरा सोनिया से मिली व दोनो के फैसले का खुले मन से स्वागत किया। दोनो की शादी 1968 में हुई। राजीव से हुई इस पहली मुलाक़ात के बारे में सोनिया ने उनकी मृत्यु के बाद लिखे एक पत्र में कहा था "मैं भूल जाना चाहती हूँ उनका आखिरी चेहरा , और रेस्टोरेंट में हुई वो पहली मुलाक़ात , वो मुस्कान याद रखना चाहती हूँ।"
31 अक्टूबर 1984 । ये वो दिन है जब तत्कालीन प्रधानमंत्री और हिंदुस्तान की राजनीति की आयरन लेडी इंदिरा गाँधी की उन्ही के अंगरक्षकों द्वारा हत्या कर दी गई। इंदिरा की हत्या से पुरे देश में मातम का माहौल था। दुःख और अवसाद के बीच कांग्रेस थिंक टैंक के सामने देश को अगला प्रधानमंत्री देने की चुनौती भी थी। चुनौती इसलिए भी विकट थी क्यों कि कुछ समय पहले ही संजय गाँधी भी दुनिया से रुक्सत कर चुके थे। कई नाम रेस में थे और कई नेता इस उम्मीद में थे कि वरिष्ठता और परफॉरमेंस के आधार पर उन्हें पार्टी देश का नेतृत्व करने का ज़िम्मा देगी। पर जैसा कांग्रेस में रिवाज़ है, पीएम की कुर्सी पर ताजपोशी हुई राजीव गाँधी की। कई नेताओं ने इसका आंतरिक विरोध किया और कई बगावत पर उतर आए। इन्ही बगावत करने वालों में से एक थे प्रणब मुखर्जी। वही प्रणब मुखर्जी जो इंदिरा गाँधी की सरकार में वित्त मंत्री थे। वही प्रणब मुखर्जी गांधी के सबसे भरोसेमंद लेफ्टिनेंट कहा जाता था। वही प्रणब मुखर्जी जिनके लिए इंदिरा गाँधी कहती थी 'प्रणब मुखर्जी के मुँह से सिर्फ पाइप का धुआं निकल सकता है, मेरा या कांग्रेस का राज़ नहीं।' मुखर्जी को राजनीति में टिकट तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दिया था, पर उनकी मृत्यु के बाद उनके बेटे राजीव गाँधी ने प्रणब के पॉलिटिकल ग्राफ पर ब्रेक लगा दी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव के बाद राजीव गांधी की समर्थक मण्डली ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने दिया। कुछ समय के लिए उन्हें कांग्रेस पार्टी से निकाल दिया गया। प्रणब को उस समय समझ नहीं आया क्या प्रतिक्रिया दें। उस दौरान उन्होंने अपने राजनीतिक दल राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का गठन किया। शुरुआत में लगा की शायद कांग्रेस का ये धड़ा मजबूत होगा पर मार्च 1987 में हुए बंगाल के चुनाव में प्रणव को मुँह की खानी पड़ी। राष्ट्रीय समाजवादी कांग्रेस का इन चुनावों में खाता ही नहीं खुला। यहाँ से ही प्रणव का सबसे बुरा वक्त शुरू हो गया। जो अच्छे वक्त में परछाई हुआ करते थे, वो भी अब दूर दूर रहने लगे। कहते है की उस दौरान प्रणब दा अपने कार्यालय में अकेले बैठे फाइलों के पन्ने पलटते रहते व पाइप पीते रहते। प्रणब भी शायद समझ चुके थे कि पार्टी से राह अलग करना उनका गलत फैसला था। उस वक्त उन्हें याद आए अपने पुराने मित्र संतोष मोहन देव। कई महीनो की जद्दोजहद के बाद संतोष मोहन देव व शीला दीक्षित, राजीव गाँधी को समझाने में सफल हुए की प्रणब को विरोधी खेमे में रख कर कोई फायदा नहीं है। कुछ इस तरह प्रणव की कांग्रेस में वापसी प्रशस्त हुई। हालाँकि राजीव के रहते उनकी किसी बड़े पद पर नियुक्ति नहीं हुई। 1989 में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव हार गई। दो साल बाद 1991 में राजीव गांधी की हत्या हो गई। राजनीति करवट ले चुकी थी, समय बदला, कांग्रेस का वनवास खत्म हुआ और सत्ता में वापसी हुई। प्रधानमंत्री बने पीवी नरसिम्हा राव। वही नरसिम्हा राव जो कभी प्रणब के जोड़ीदार हुआ करते थे। प्रणब को लगा शायद उन्हें कैबिनेट में जगह मिल जाए, पर किस्मत को कुछ और ही मज़ूर था। प्रणब को खली हाथ, हताश ही लौटना पड़। पर कुछ ही दिनों के बाद उन्हें नरसिम्हा राव का फ़ोन आया और उन्हें योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। अपने पूरे कार्यकाल में प्रणब ने ध्यान रखा कि वह राव के विश्वासपात्र तो बने रहे पर इतने करीबी न दिखें कि गाँधी परिवार उन्हें फिर शक की निगाहों से देखने लगे। राव का दौरा सम्पत हुआ और करीब 8 साल कांग्रेस फिर सत्ता से दूर रही। इस दरमियान कांग्रेस की भागदौड़ एक बार फिर गाँधी परिवार के हाथ में जा चुकी थी। अब कांग्रेस के सारे दरवाजे सोनिया गाँधी के बंगले 10 जनपथ पर जाकर खुलते थे। 2004 में जब कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सत्ता में आया, तो लगा इंदिरा की बहु सोनिया गाँधी प्रधानमंत्री होगी। किन्तु सोनिया ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया। ये वो पहला मौका था जब शायद प्रणव मुखर्जी प्रधानमंत्री बनते बनते रह गए। सोनिया गाँधी ने मनमोहन सिंह पर भरोसा जताया। वही मनमोहन सिंह जिन्हे भारत के आर्थिक सुधारों का जनक कहा जाता है। खैर प्रणब दा प्रधानमंत्री नहीं बन सके लेकिन यूपीए शासन में वे एक ताकतवर मंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं देते रहे। फिर साल आया 2012 का। कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित करना था। 2012 आते-आते वैसे भी जनता का कांग्रेस शासित सरकार से मोह भंग हो चूका था। पार्टी को भी इस बात का एहसास था। मनमोहन सिंह के नाम पर एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर का ठप्पा लग चूका था। बताया जाता है की उस दौरान कांग्रेस का एक गट चाहता था की मनमोहन सिंह को राष्ट्रपति भवन भेज दिया जाए और बचे और वक्त में सत्ता भी बागदौड प्रणव दा को सौप दी जाए। पर हुआ वही जो 10 जनपथ का फरमान था। प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति बने। इसके साथ ही न सिर्फ उनका प्रधानमंत्री बनने का स्वप्न अधूरा रह गया बल्कि उनकी सक्रीय राजनीति से सदा के लिए विदाई भी हो गई। प्रणब मुखर्जी का राजनीतिक अनुभव उनका राजनितिक करियर 1969 में कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य के रूप में शुरू हुआ था। 1973 में वे औद्योगिक विकास विभाग के केंद्रीय उप मन्त्री के रूप में मन्त्रिमण्डल में शामिल हुए। 1982 -1984 तक कई कैबिनेट पदों के लिए चुने जाते रहे। 1984 में भारत के वित्त मंत्री बने। 1991 योजना आयोग का उपाध्यक्ष बने। 1995 -1996 तक विदेश मन्त्री के रूप में कार्य किया। 1997 में उन्हें उत्कृष्ट सांसद चुना गया। 2004 में लोकसभा में सदन का नेता बनाया गया। 2009 में देश का वित्त मंत्री चुने गए। 2012 में देश के राष्ट्रपति बने।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आशा वर्कर्स के हड़ताल का मुदा उठा कर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक ट्वीट किया और कहा 'आशा कार्यकर्ता सही मायने में हेल्थ वॉरियर्स हैं, लेकिन वे आज अपने हक के लिए हड़ताल करने पर मजबूर हैं।' राहुल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि "सरकार गूंगी तो थी ही, अब शायद अंधी-बहरी भी है।" देश की करीब 6 लाख आशा वर्कर्स विभिन्न मांगों को लेकर 7 अगस्त से दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। 7 अगस्त से दो दिवसीय हड़ताल पर आशा वर्कर्स देशभर की करीब 6 लाख आशा वर्करों 7 अगस्त से दो दिवसीय हड़ताल पर हैं। उन्होंने सरकार से कई महत्वपूर्ण मांगे रखी हैं। उनकी सबसे पहली मांग है कि उनकी सैलरी उन्हें टाइम से मुहैया करवाई जाए, तथा उन्होंने सैलरी बढ़ाने की डिमांड भी रखी है ताकि वे कोरोना महामारी के समय जिस तरह से मदद कर रही हैं, वो जारी रख सकें। साथ ही उन्होंने सरकार से बीमा और जोखिम भत्ते जैसी सुविधाएं मुहैया करवाने कि भी मांग कि हैं। आशा वर्कर्स को इस में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन्स भी सप्पोर्ट कर रही हैं।
नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने एक बार फिर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने प्रदेश में बढ़ रहे खुदकुशी के मामलों को लेकर प्रदेश सरकार को घेरने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोरोना के कहर से खुदकुशी का तांडव मचा हुआ है और प्रदेश सरकार के मंत्री जश्न मना रहे है। रिकोर्ड तोड़ खुदकुशियों से बेपरवाह जयराम सरकार के मंत्री अपने स्वागतों में डटे हैं। लोग मर रहे हैं और भाजपा के लोग मंत्रीयों को को कंधो पर उठा कर झूम रहे हैं। मुक़ेश अग्निहोत्री ने सवाल किया कि क्या कोरोना का कानून सिर्फ़ विपक्ष के लिए ही है? क्या सत्ता में विराजमान लोगों को उसे में छूट दे रखी है। विपक्ष विरोध प्रदर्शन करे तो मामले दर्ज, मगर सरकार सारे में नाचती रहे। यह दोहरा कानून नहीं चलेगा। मुख्यमंत्री भी सारे प्रदेश में पट्टिकाएं लगा कर दिल बहला रहे है। उन्होंने कहा, सरकारी आंकड़े गवाह हैं कि जयराम सरकार के कार्यकाल में 2000 खुदकुशी के मामले आ चुके हैं। किसी सरकार के समय में भी इतना कहर नहीं बरपा। 2018 में 780 और 2019 में 710 लोगों ने खुदकुशी की, मगर कोरोना में 466 खुदकुशियाँ चिंताजनक है और सरकार के दावों की पोल खोलता है। देव भूमि में जुलाई में 101 और जून में 112 व मई में 89 खुदकुशी के मामले आए हैं। ऐसे में यह सरकार विकास के लिए नहीं खुदकुशियों के लिए जानी जाएगी। उन्होंने कहा कि हर वार सरकारी आंकड़ों को सरकार यह कह कर नाकार देती है कि न जाने मुकेश अग्निहोत्री आंकड़े कहाँ से लाए? अबकी बार तो पुलिस ने बाकायदा पत्रकार सम्मेलन कर जारी किए हैं। उन्होंने कहा लोगों कि नौकरियाँ छिन गई, बेरोजगारी बढ़ गई मगर सरकार आलोकप्रिय निर्णय लेती जा रही। अब बिजली के दाम भी बढ़ा दिए। राशन और सफर भी महँगा कर दिया है। जनता में हाहाकार से बेपरवाह सरकार राजनीति में डटी है जबकि खुदकुशियों के अलावा बलात्कार के आँकड़े भी चौंकाने वाले हैं।
राम मंदिर का शिलान्यास हो गया है। भारत का अधिकतर वर्ग गौरवान्वित महसूस कर रहा होगा परन्तु क्या जिस प्रकार या जिस उद्देश्य से और जिस तरह से शिलान्यास करवाया गया यदि चार मठों के मठाधीशों, शंकराचार्य या फिर अन्य मठाधीशों को बुलाया जाता तो कितना अच्छा रहता। यह बात पूर्व प्रदेश कांग्रेस सचिव एवं सह संयोजक पंचायती राज संगठन हीरा पाल सिंह ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि यह भूमि पूजन राष्ट्र के मुखिया राष्ट्रपति से करवाया जाता या फिर इस कार्यक्रम में उन्हें भागीदार बनाया जाता तो कितना बेहतर होता। हीरा पाल सिंह ने कहा कि इनको संघ के मुखिया चाहिए थे क्योंकि संघ के बगैर इनकी कुर्सी कभी भी डगमगा जाती है परन्तु वर्तमान सरकार के मुखिया को इस शिलान्यास की जल्दी क्यों थी, क्या इस कार्यक्रम के बहाने बिहार और बेस्ट बंगाल का चुनाव भी जीतना चाहते थे। उन्होंने कहा कि आज कोरोना का आंकड़ा 19 लाख से अधिक हो गया है। रोजाना हजारो लोग मर रहे हैं। अब तक 50 हजार से ज्यादा लोग राष्ट्र में मौत के ग्रास बन गए हैं परंतु केंद्र सरकार राज्य सरकार के कानों में जूं तक नही रेंग रही है। हर दिन 50 हजार के लगभग नए कोरोना संक्रमित लोग आ रहे हैं। आज भारत विश्व में प्रथम पायदान पर आ गया है लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ मन्दिर मूर्ति स्थापना तक सीमित है।
कोरोना संकट के बीच के बीच और लंबे इंतजार के बाद हिमाचल प्रदेश में जयराम कैबिनेट का विस्तार हो गया है। कैबिनेट में पांवटा साहिब से सुखराम चौधरी, नूरपुर से राकेश पठानिया व घुमारवीं से राजेंद्र गर्ग को शामिल किया गया है। ये तीनों ही पहली मर्तबा कैबिनेट में शामिल किए गए हैं, इनमें राजेंद्र गर्ग तो विधायक भी पहली ही मर्तबा बने थे। राजभवन में आयोजित हुए शपथ ग्रहण समारोह को सादे तौर पर आयोजित किया गया, कोविड-19 के चलते इसमें कुछ लोगों को ही आने का निमंत्रण था। तीनों को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने शपथ दिलवाई। तीनों ने शपथ लेने के बाद सीएम जयराम ठाकुर का अभिवादन किया। याद रहे कि कैबिनेट में तीनों पद खाली चल रहे थे। सिरमौर जिला कांग्रेस का गढ़ रहा है लेकिन कांग्रेस की परंपरागत सीट पांवटा साहिबसीट को पहली बार बीजेपी की झोली में वर्ष 2003 में डालने वाले सुखराम चौधरी का दावा कैबिनेट के लिए पहले भी मजबूत था, लेकिन सिरमौर जिले से डाॅ राजीव बिंदल के विधानसभा अध्यक्ष बनते ही सुखराम को जगह नहीं मिल पाई। डॉ. बिंदल के इस्तीफा देने के बाद अब जब कैबिनेट विस्तार हुआ तो सिरमौर के हिस्से से कैबिनेट की खाली जगह पर सुखराम की ताजपोशी पहले से ही तय मानी जाने लगी थी। सुखराम सिरमौर जिले में पुरुल्ला तहसील के निवासी हैं। सुखराम ने 12 वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। 2012 के हिमाचल प्रदेश के चुनाव में सुखराम निर्दलीय उम्मीदवार किरणेश जंग से 790 के मामूली अंतर से हार गए थे। सत्ता के संतुलन का केंद्र कहे जाने वाले कांगड़ा जिले से राकेश पठानिया का ताल्लुक और जयराम कैबिनेट में इस जिले से खाली हुई किशन कपूर व विपिन परमार की जगह भरने को शुरू से ही नूरपुर के पठानिया सबसे परफेक्ट दावेदार माने जा रहे थे। पठानिया बीजेपी की राजनीति में हमेशा तेज-तर्रार नेताओं में से एक है और सदन के अंदर और बाहर भी पार्टी और सरकार के समर्थन में हमेशा फ्रंट पर खडे दिखे हैं। राकेश पठानिया के पिता का नाम कहन सिंह सिंह पठानिया है। उन्होंने अपनी इंटरमीडियट की पढ़ाई 1981 में पूरी की। वह पेशे से कृषक और खेती उनका व्यवसाय है। राकेश पठानिया नूरपुर विधानसभा के काफी अनुभवी राजनेता रहे हैं। इसके पहले वह एक बार निर्दलाीय जबकि दो बार बीजेपी से चुनाव लड़ चुके हैं। वह 2007 में तो जीते थे लेकिन 2012 में निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से हार का मुंह देखना पड़ा था। 1998 में विधानसभा चुनाव जीता जबकि 2003 के चुनाव में हार गए थे। उन्हें चुनाव में 23179 वोट मिले थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में राजेंद्र गर्ग ने ना सिर्फ टिकट लेकर सबको चौंका दिया बल्कि कांग्रेस में मुखर रहने वाले राजेश धर्माणी को भी अपने पहले ही चुनावी समर में परास्त कर दिया था। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गह जिला बिलासपुर से ताल्लुक रखने वाले धर्माणी को अपने विधानसभा क्षेत्र घुमारवीं में मिलनसार माना जाता है। राजेंद्र गर्ग का बिलासपुर जिले में लोगों से जुड़ाव और संगठन के अंदर लंबी पारी कैबिनेट तक पहुंचाने में मददगार रही है। राजेंद्र गर्ग स्नातकोत्तर है, उन्होंने जिवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर से 1990 में एमएससी की डिग्री ली है।
सीएम जयराम ठाकुर की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आ गई है। इस बात की जानकारी उन्होंने स्वयं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नाहन विधानसभा के विभिन्न विकास कार्यों का शुभारंभ व शिलान्यास करते हुए दी। उन्होंने कहा कि अभी-अभी जो रिपोर्ट आई है, उसमें बताया गया है कि ये नेगिटिव है। सेल्फ क्वारंटाइन चल रहे सीएम जयराम ठाकुर का सप्ताहभर के भीतर दूसरी मर्तबा कोरोना टेस्ट हुआ है। इससे पहले बुधवार को सीएम जयराम ठाकुर व परिजनों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई थी। सीएम ऑफिस के कोरोना की चपेट में आने के बाद ही उनका व परिजनों का कोरोना टेस्ट करवाया गया था। याद रहे कि बीते बुधवार को मंडी में पॉजिटिव पाया गया बीजेपी का युवा नेता शिमला में सीएम जयराम ठाकुर से मिलने के साथ-साथ उनके दफ्तर व आवास में भी गया था। उसके बाद से ही सीएम जयराम ने स्वयं को सेल्फ क्वारंटाइन कर लिया था। इस बीच, हिमाचल प्रदेश सचिवालय में सीएम कार्यालय के उप सचिव के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद शिमला के ब्रॉकहास्ट में चार सरकारी कॉलोनियां सील कर दी गई हैं। यहां सीएम के कोरोना पॉजिटिव पाए गए उप सचिव और अन्य अफसरों के सरकारी आवास हैं। सचिवालय के पुराने भवन में किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है। अधिकारी भी नए भवन से कामकाज निपटा रहे हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। यह जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि उन्हें कोविड-19 के लक्षण आ रहे थे और उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है। उन्होंने अपील की कि उनके सम्पर्क में आए सभी लोग कोरोना का टेस्ट करवा लें और साथ ही उनके निकट सम्पर्क वाले क्वारंटाइन में चले जाएं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिवराज सिंह चौहान के ट्वीट पर ट्वीट करते हुए कहा कि हमारे साथी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर चिंताजनक है। उन्होंने ईश्वर से शिवराज सिंह चौहान के जल्द स्वस्थ होने के कामना की है।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कार्यालय में कोरोना संक्रमित भाजपा नेता के आने पर हैरानी जताते हुए उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने की प्रशासन से मांग की है। उन्होंने कहा है कि यह जानबूझकर किया गया अक्षम्य अपराध है जिसे हल्के से नही लिया जा सकता। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि प्रदेश में कोविड 19 के बढ़ते मामलों से आम लोगों की चिंताओं पर गौर किया जाना चाहिए।उनका कहना है कि सरकारी स्तर पर सोशल डिस्टेसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है। भाजपा के नेता अपने कार्यकर्ताओं के साथ इसके नियमों को तार तार कर रहें है। उनका कहना है कि कांग्रेस के नेताओं पर तो इस नियम को तोड़ने पर पुलिस मामले बनाए जा रहें है पर भाजपा के किसी भी नेताओं को इसकी पूरी छूट दी गई लगती है। विक्रमादित्य सिंह ने सरकार के दोहरे मापदंड की आलोचना करते हुए कहा है कि महिला मोर्चा के महायज्ञ में शामिल हो कर मुख्यमंत्री सहित महिला मोर्चा व अन्य भाजपा नेताओं पर भी एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए थी जहां 200 से अधिक लोग मुख्यमंत्री की मौजूदगी में जुटे थे। उनका कहना है कि कानून सबके लिए एक समान है,जिसका पालन सबको करना चाहिए। विक्रमादित्य सिंह मुख्यमंत्री से जानना चाहा है कि वह प्रदेश को बताए कि कोविड 19 के चलते अब तक उन्हें केंद्र से कितनी आर्थिक मदद मिली है और प्रदेश में मुख्यमंत्री राहत कोष में अबतक कितनी राशि इकठ्ठा हुई और यह कहा और कैसे खर्च की जा रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा बिजली, पानी, बस किराया बढ़ाने के फेंसलो को पूरी तरह जनविरोधी बताते हुए कहा है कि कांग्रेस इस अन्याय के खिलाफ आम लोगों का आवाज बनकर भाजपा सरकार का हर स्तर पर डट कर विरोध करेगी।
भाजपा हमीरपुर के जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा, महामंत्री हरीश शर्मा, अभयवीर लवली, कोषाध्यक्ष तेज प्रकाश चोपड़ा व ज़िला मीडिया प्रभारी अंकुश दत्त शर्मा ने कांग्रेस की देश का मनोबल गिराने की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का आभार व्यक्त किया है। ज़िला भाजपा ने अनुराग ठाकुर का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सेना का हौंसला बढ़ाने के लिए 11 हज़ार फुट की ऊंचाई पर बॉर्डर के पास जाकर सेना से मिलते हैं, उनकी माताओं को नमन करते हैं, लेकिन राहुल गाँधी देश का मनोबल गिराने की साजिश कर रहें है। ज़िला भाजपा ने कहा कि गलवान हिंसक झड़प और एलएसी पर तनावपूर्ण माहौल में जब विश्व के सभी शक्तिशाली देश भारत के साथ खड़े हैं तब राहुल गांधी और उनकी पार्टी चीनी मिट्ठू बन देश विरोधी भाषा क्यों बोल रहे हैं। कांग्रेस, कम्युनिस्ट और चीनियों का आपस में क्या गठबंधन हैं यह राहुल गांधी को बताना चाहिए।
On Thursday a meeting of The Group of Minister for COVID-19 was held. The agenda was to review the actions taken and preparedness of States/UT's for containment and management of coronavirus. The Union Minister of Health and Family Welfare, Dr Harsh Vardhan chaired the high level review meeting. The status of COVID-19 was presented to the group of ministers. The actions taken for prevention and management of COVID-19 in India were presented. The group of ministers discuss elaborately on the various measures and precautions which may be considered in the interest of citizens of India. According to the latest updates by the Health Ministry the total number of cases in India rose to 5734 on Thursday morning, with 166 reported deaths. Reports show it to be a slower increase compared to previous 48 hours. Cases in India rose 23 percent in last two days to 5274 whereas it was 39 percent to 4281 previously. So far, Maharashtra Tamil Nadu and Telangana have seen the highest increase in COVID-19 cases. Maharashtra has the highest number of cases at 875, while Tamilnadu has second most highest number of active cases at 664. It is closely followed by Delhi with 546 cases. Telangana has 385 cases, while Uttar Pradesh on the fifth place has 314 active cases. These top five states together account for a total 59 % of active cases nationally. Himachal Pradesh recorded one positive case of coronavirus in last 24 hours. With this, the total number of COVID-19 cases in state rose to 28. While the total number active cases in the hill state is at 21.
-BJP GOES TO SUPREME COURT AS KAMAL NATH GETS 10 DAY BREAK OVER CORONAVIRUS Congress government led by Kamal Nath, got a 10-day reprieve on Monday as the assembly session was adjourned, after the address by governor Lalji Tandon, till March 26 over coronavirus. The opposition BJP is now confident as it has the majority to take power. BJP MLAs have submitted a list of names of 106 MLA’s before the governor BJP leader Shivraj Singh Chauhan demanded the governor to get a test of strength done soon and accused the ruling Congress for not having a majority and still clinging on to power. Shiv Raj Chauhan has filed a petition in the supreme court against the adjournment of the assembly and demanding a test of strength. The supreme court will tomorrow take up the BJP MLAs petition within 12 hours. Governor Lalji Tandon has written to the speaker to hold a test of strength today for the 15-month-old Kamal Nath government, which is in huge trouble after the resignation of 22 Congress MLAs. The terror of coronavirus has been cited as the reason behind the adjournment of the assembly, however, the Congress is yearning for its survival, under the guise of coronavirus the Congress has asked for the assembly to be suspended. Most of its MLAs entered the house wearing masks. Reacting to this BJPs three-term chief minister Shiv Raj Chauhan said, ‘’corona won’t save Kamal Nath’s government. He has clearly lost his majority, so he avoided a trust vote today’’. The resignation of 22 congress MLA’s might result in the collapse of the state government. MLAs, who flew to Bengaluru in BJP ruled Karnataka, are expected to move towards BJP and might follow Jyotiraditya Scindia. Only six of the 22 resignations have been accepted by the speaker. Congress considered these rebels as kidnapped and kept captive in Bengaluru who are waiting for help. The assembly currently has 222 MLA’s including 16 rebellion MLA’s. If the resignations of 16 MLA’s is accepted by the speaker then assembly strength will be 206 with the majority figure of 104. In that case, it is almost certain that Shivraj Singh Chauhan led BJP government will be back in power. Corona saved Kamalnath government on Monday, what’s next? Rebellion 16 MLA’ s will decide the future of Kamalnath Government.
200 सांसद, 70 केंद्रीय मंत्री, भाजपा शासित प्रदेशों के तमाम मुख्यमंत्री और नतीजा सिफर ... नहीं चला हिन्दू- मुस्लमान : दिल्ली चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी, तमाम साधन- संसाधन झोंक दिए, बावजूद इसके जनता ने भाजपा को नकार दिया। हिन्दू- मुस्लमान और शाहीन बाग़ के मुद्दे केजरीवाल की विकास की राजनीति के आगे गौण हो गए। ब्यानवीरों को जनता ने आईना दिखाया: दिल्ली विधानसभा चुनाव में अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा और मनोज तिवारी के विवादस्पद बयानों को नकार जनता ने भाजपा को आईना दिखाया है। हिमाचली भाजपा कार्यकर्ता मायूस : यदि हिमाचल के सन्दर्भ में बात करें तो बूथ कार्यकर्ताओं से लेकर सीएम जयराम ठाकुर तक दिल्ली में डेरा जमाये रहे लेकिन छाप छोड़ने में सभी विफल रहे। इससे बेहतर होता जयराम और उनके मंत्री प्रदेश के कामकाज में ध्यान देते। पहले इम्तिहान में नड्डा फेल: जेपी नड्डा के भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला चुनाव था। हालाँकि दिल्ली में पार्टी की भागदौड़ अमित शाह के हाथ में दिखी लेकिन हार तो नड्डा के खाते में ही दर्ज होगी। सोशल मीडिया से गायब दिखे भाजपाई: वहीँ सोशल मीडिया पर छाए रहने वाले भाजपाई मंगलवार को मानो मिस्टर इंडिया हो गए। थोड़े बहुत जो हिम्मत करके एक्टिव रहे वो ये कहकर मन बहलाते दिखे कि 2015 में तो पार्टी को महज 3 सीट मिली थी। भाजपा को हराने के लिए लड़ी कांग्रेस ! देश की सबसे बुजुर्ग पार्टी कांग्रेस दिल्ली चुनाव में ताकत के साथ लड़ती नहीं दिखी। आधे मन से चुनाव लड़ा तो नतीजा भी वैसा ही मिला। यदि कांग्रेस दमखम से चुनाव लड़ती तो आम आदमी पार्टी को इसका नुक्सान उठाना पड़ सकता था। माना जा रहा कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि भाजपा को हराने के लिए लड़ा। भारी पड़े केजरीवाल पर निजी हमले: मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर निजी हमले करना भाजपा को भारी पड़ा। वहीँ दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी भी पार्टी के लिए पूर्वांचल वोट नहीं खींच सके। वहीं केजरीवाल ने खुद को दिल्ली का बीटा बताया और भाजपा के हर वार का मुकम्मल जवाब दिया। दिल्ली में भाजपा के पास चेहरा नहीं: दिल्ली में भाजपा के पास मदन लाल खुराना और साहिब सिंह वर्मा के बाद से ऐसा कोई चेहरा नहीं है जिस पर चुनाव लड़ा जा सके। यही कमी दिल्ली में भाजपा को भारी पड़ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर विधानसभा चुनाव जीतना भाजपा के लिए आसान नहीं है।
दो साल पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जनता से स्वर्णिम हिमाचल बनाने का जो वादा किया था, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दो साल में उसे पूरा करके दिखाया है। इस समय केंद्र सरकार का प्रदेश को भरपूर सहयोग मिल रहा है। डबल इंजन की सरकार ने दो साल के भीतर हिमाचल की तस्वीर और तकदीर बदल दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को प्रदेश की जनता का जो सहयोग मिला है वह अद्वितिय है। जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने दो साल के भीतर हर वर्ग को लाभ पहुंचाने वाले योजनाएं शुरू की हैं। प्रदेश के ऐसे परिवार, जिनके पास गैस कनेक्शन नहीं थे, उन्हें मुफ्त में यह सुविधा देकर उनका जीवन स्तर सुधारा है। जनता की समस्या का मौके पर समाधान करने के लिए जनमंच कार्यक्रम, हिमकेयर, जन समस्याएं सुनने के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन सेवा जैसी योजनाएं शुरू की हैं। इससे हिमाचल के हर वर्ग को लाभ मिला है। युवाओं को रोजगार मिले, इसके लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का सफल आयोजन कर करोड़ों रुपये का निवेश लाने में सरकार सफल रही है। सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का सफल आयोजन कर इतिहास रचा है। दो माह के भीतर 13 हजार करोड़ रुपये के निवेश को जमीन पर उतारा जा रहा है।इसके परिणाम भी सामने आने लग पड़े हैं। लोगों का मानना है कि अगले तीन साल भी सरकार प्रदेश की बेहतरी के लिए काम करेगी। वैसे भी यह सम्भव तभी हो पाया है जब केंद्र और प्रदेश की दोनों सरकारों में बेहतर तालमेल से ही हिमाचल के विकास को तेज गति मिली है। अगर बात करें बुढ़ापा पेंशन की तो इसकी आयु सीमा में कमी करने से हजारों लोगों को लाभ मिला है। हिमाचल ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां हर परिवार के पास गैस कनेक्शन है। जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के 13 वें मुख्यमंत्री हैं।वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के लिए मंडी जिला की सिराज नामक विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं। वह 24 दिसंबर 2017 को भाजपा विधायक दल के सदस्य चुने गए थे। वह 1998 से हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विधायक रहे हैं और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार में वह 2009-2012 कार्यकाल में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री थे।
अनुराग ठाकुर द्वारा पैन्शनरो की मागो और समस्याओं को केन्द्र सरकार से उठाये जाने का आश्वासन दिया है \। यंहा जारी प्रेस विज्ञप्ति में भाजपा पुर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ जिला सोलन के अध्यक्ष इंद्र पाल शर्मा ने कहा कि मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर द्वारा प्रदेश के पैन्शनरो की समस्याओं और मांगो के लिए शीघ्र ही राज्य सयुंक्त सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा तथा कर्मचारी कल्याण बोर्ड के गठन हेतू कारगर कदम उठाए जाने,चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए कैश लैश प्रावधान किये जाने, 65, 70, 75 बर्ष की आयु पर मिलने वाली राशि को मूलवेतन में मिलायें जाने, और पथ परिवहन निगम के सेवा निवृत कर्मियों की नियमित पैन्शन भुगतान के लिए स्थायी प्रबंध करने के प्रयास काआस्वासन दिए जाने के लिये पुर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ उनका आभार व्यक्त करता है। इंद्र पाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने कर्मचारीयो को जहा करोड़ों रुपये के वितिय लाभ प्रदान किये हैं ।उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर की सरकार उपरोक्त मांगो को अवश्य पुरा करेगी ।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने जयराम सरकार द्वारा कैबिनेट के फैसलों का स्वागत करते हुए कहा जयराम सरकार ने देवभूमि की लाखों महिलाओं को नए साल की सौगात दी है। राज्य लोकसेवा आयोग और राज्य कर्मचारी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षाओं के लिए महिलाओं की फीस माफ कर दी गई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शनिवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि भर्ती परीक्षा के लिए अब महिलाओं से शुल्क नहीं लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तीकरण के लिए इस साल 15 अगस्त पर यह घोषणा की थी। सत्ती ने कहा बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले नौवीं और दसवीं कक्षा के सामान्य श्रेणी के करीब 65 हजार विद्यार्थियों को भी पाठ्यक्रम की किताबें मुफ्त दी जाएंगी। अभी तक पहली से आठवीं तक के सभी बच्चों को सरकार मुफ्त किताबें उपलब्ध करवाती थी। नौवीं-दसवीं के आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों को ही मुफ्त किताबें दी जाती रही हैं। नौवीं कक्षा में करीब 84 हजार और दसवीं में 80 हजार विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र परिवारों को दी जा रही वित्तीय सहायता में 20 हजार रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है। लाभार्थियों को अब 1.30 लाख रुपये के बजाय 1.50 लाख रुपये मिलेंगे। मुख्यमंत्री आवास मरम्मत योजना के तहत 25 हजार के बजाय 35 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की शिमला में हुई बैठक में 350 से अधिक पदों को भरने की मंजूरी दी गई। एचएएस अधिकारियों के 10, पुलिस विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 174, आबकारी निरीक्षकों (एक्साइज इंस्पेक्टर) के 50, जेएओ के 25, पर्यटन विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 23 पदों समेत कई पद भरे जाएंगे। सतपाल सत्ती ने कहा हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार चौतरफा विकास कार्य कर रही है उन्होंने कहा हर वर्ग के लिए योजनाएं बन रही है और इन योजनाओं पर धरातल पर काम हो रहा है जयराम सरकार बारीकी से सभी समस्याओं का हल निकालने पर तत्पर है।
कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि केंद्र से मिलने वाली धनराशि का भरपूर उपयोग जन कल्याण कार्यों में होना चाहिए। विभागों के अधिकारियों को आगे बढ़कर योजनाओं को सही ढंग से लागू कर लोगों को इनका लाभ पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे । उन्होने सभी विभागों के अधिकारियों को 31 मार्च से पहले अपने भौतिक व वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश दिए, ताकि अप्रैल के प्रथम सप्ताह में आयोजित होने वाली बैठक में इस बारे समीक्षा की जा सके। उन्होने कहा कि जिला में दस बच्चों से कम कितने विद्यालय है उनके लिए भवन, शौचालय, पेयजल, भूमि, अध्यापक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है एक सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर में विकास की क्या-क्या सम्भावनाएं है इसके लिए जिला के चुने हुए प्रतिनिधि, बुद्धिजीवियों, समाजसेवी, सेवानिवृत अधिकारियों की एक कमेटी गठित की जाए, ताकि उनसे इस बारे में सुझाव लेकर जिला के विकास के लिए कार्य योजनाएं तैयार की जा सके। उन्होने कहा कि सभी अधिकारी ग्राम सभाओं की बैठक में अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुँचाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिला में जितने भी मुख्य बाजार है उनके नज़दीक शौचालय बनवाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि जितने भी नैशनल हाईवे स्वीकृत किए गए है उनमें से कितनों की डीपीआर तैयार की गई है दस दिनों के भीतर इसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें तथा जिला में चिन्हित ब्लैक स्पाॅटों को शीघ्र दुरूस्त करना सुनिश्चित करें। उन्होने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे वन विभाग से सम्बन्धित विकास कार्यों की रूकावट शीघ्र दूर करने के लिए सम्बन्धित अधिकारियों के साथ तालमेल बिठाकर इन कार्यों को अमलीजामा पहनाएं। उन्होने आगे कहा कि उद्योग विभाग झण्डुता तथा घुमारवीं में निर्माणाधीन उद्योगों को तीव्रगति प्रदान करें। उन्होने कहा कि जल जीवन मिशन पर हर घर तक नल पहुंचाने के लिए तीव्र गति प्रदान करें। अनुराग ठाकुर ने कहा कि अधिकारी अपने लिए लक्ष्य निर्धारित करें और योजनाओं के क्रियान्वयन में पाई जाने वाली कमियों को चिन्हित कर अच्छे काम को जनता के बीच लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि सरकार और अधिकारियों का उद्देश्य जनहित के कार्य करना है। जिसके लिए सभी को आपसी समन्वय तथा बेहतर तालमेल के साथ विकास कार्यों में प्रगति लानी होगी। उन्होने कहा कि विभागों में तालमेल की वजह से कई बार योजनाएं सही ढंग से लागू नहीं हो पाती, ऐसे में बेहतर तालमेल आवश्यक है। उन्होने जिला में निर्माणाधीन एम्स के कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और आईपीएच और विद्युत विभाग को पेयजल व विद्युत आपूर्ति समयबद्ध सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2021 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन जिला इससे पहले ही टीबी मुक्त जिला बने। इसके लिए जागरूकता कैंप लगाकर नए मरीजों की पहचान की जाए। उन्होने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए जिला प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मिलकर रणनीति तैयार करें। उन्होंने एचआईवी पर भी जन जागरूकता लाने के लिए शिक्षण संस्थानों, निजि संस्थानों, वाहन चालकों व झुग्गी झोंपड़ियों इत्यादि स्थानों पर कैंप लगाने के निर्देश दिए। उन्होने विद्युत विभाग के अधिकारियों को जिला में लो वोल्टेज की समस्या पर सर्वे करवाने के निर्देश दिए तथा दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत कम वोल्टेज की समस्या से निपटने के लिए पंचायतें प्रस्ताव पारित करें ताकि हर घर तक बिजली पंहुच सके। उन्होने परियोजना अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि खुले में शौच मुक्त का कड़ाई से पालन हो। पंचायतें इस बारे में प्रस्ताव पारित करें। इसकी अनुपालना का सर्वेक्षण भी कराया जाए। उन्होने कहा कि मनरेगा के तहत गांव का पानी गांव में हो इसके लिए सम्भावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत किसानों की फसलों की आय में कितनी वृद्धि हुई, इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर विधायक सदर सुभाष ठाकुर, झण्डुता जेआर. कटवाल, घुमारवीं राजेन्द्र गर्ग, उपायुक्त राजेश्वर गोयल, एएसपी. भागमल ठाकुर, एसडीएम.सदर रामेश्वर, घुमारवीं शशिपाल शर्मा, झण्डुता विकास शर्मा, स्वारघाट सुभाष गौतम, पीओ. डीआरडीए. संजीत सिंह के अतिरिक्त सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट के नाम पर मुस्लिम समाज को ढाल बनाकर देश में अराजकता का माहौल बना रही कांग्रेस कितनी मुस्लिम समाज की हितैषी रही है, उसे मुस्लिम समाज को समझना होगा। मुस्लिम समाज को भ्रमित कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने वाली कांग्रसे पार्टी ने मुस्लिम समाज को शिक्षित करने में कितना योगदान दिया है, यह स्वयं मुस्लिम समाज जानता है। यह बात हिंदू जागरण मंच जिला महामंत्री आंचल रणौत ने बुधवार को सीएए और एनआरसी पर हिंदू जागरण मंच बिलासपुर इकाई द्वारा आयोजित जागरूकता अभियान के दौरान कही। आंचल रणौत ने कहा कि भारत में सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है, जबकि कांग्रेस द्वारा विशेष समुदाय को ढाल बनाकर देश का माहौल बिगाडऩे का प्रयास किया जा रहा है, जो कि देश हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज को कांग्रसे की भ्रमित करने वाली राजनीति से बचना होगा, अन्यथा कांग्रेस की वजह से देश में माहौल बिगड़ेगा और जनता को भी परेशानी होगी। इस दौरान बस स्टैंड बिलासपुर, मेन मार्केट बिलासपुर, गुरुद्वारा मार्केट, घौलरा मार्केट और जामा मस्जिद बिलासपुर में सभी लोगों को सीएए और एनआरसी बारे जागरूक किया गया। इस दौरान जामा मस्जिद के मौलवी व मुस्लिम समाज ने यह आश्वासन जताया कि आज का मुस्लिम समाज शिक्षित है और सीएए को लेकर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, उनसे भी परिचित है। हिंदू जागरण मंच के प्रांत संपर्क प्रमुख राजेश ठाकुर व कमल गौतम, बेटी बचाओ प्रमुख विक्रांत, बंटी व अन्य ने आम जनता को सीएए के प्रति जागरूक किया।
हमीरपुर के परिधिगृह में आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि विपक्ष नागरिक संशोधन विधेयक के मुद्दे पर जनता को गुमराह कर रहा है। देश में अराजकता फैलाने के लिए कांग्रेस व विपक्षी दल जिम्मेवार हैं। कहां की विपक्षी दल जान माल की हानि पर उतर आए हैं इसकी भाजपा कड़े शब्दों में निंदा करती है। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले पड़ोसी देशों के लोगों को भी नागरिकता का अधिकार है, जो देश में शरणार्थी बनकर रह रहे हैं। घुसपैठियों को देश से बाहर किया जाएगा । यह एक्ट नागरिकता देने के लिए है ना कि छीनने के लिए। विपक्ष के बारे में भ्रामक प्रचार कर रहा है जिसकी वजह से लोगों के जान-माल को संपत्ति को नुकसान हुआ है। सतपाल सत्ती ने कहा कि नागरिक संशोधन विधेयक के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए जिला स्तर पर बुद्धिजीवी सम्मेलन आयोजित किए जा रहे हैं। 31 दिसंबर तक हर जिला में यह सम्मेलन आयोजित होंगे। इसके बाद भाजपा की जिला और ब्लाक कार्यकारिणी भाजपा की जिला व मंडल कार्यकारिणी यों के गठन के बाद मंडल सर पर बुद्धिजीवी सम्मेलन आयोजित होंगे और लोगों को पर्चे बांटकर इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा का 2 साल का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। इस अवसर पर 27 दिसम्बर को शिमला में भव्य रैली का आयोजन किया जाएगा। सरकार की उपलब्धियों को इस रैली में जनता के समक्ष रखा जाएगा तथा विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। रैली में गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार व पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही केंद्रीय राज्य वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित होंगे।इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव शर्मा, पार्टी के सचिव विजय पाल सोहारू सहित तेजप्रकाश चोपड़ा, अनिल कौशल, नवीन शर्मा, अंकुश शर्मा, हरीश शर्मा, अजय रिंटू, विशाल पठानिया, तेन सिंह, मौजूद रहे।
देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों की कड़ी में हुए सीएए, सीएबी,एनआरसी पर आए फैसले का हम समर्थन करते हैं। आजादी के बाद आज दिन तक ना जाने कितनी सरकारें आई और चली गई, लेकिन बात अगर राष्ट्रवाद की ही हो तो सबसे पहले मोदी सरकार का नाम ही सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। अब से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। एनआरसी में किसी भी धर्म को कोई खतरा नहीं और ना ही किसी भी धर्म से कोई भेदभाव किया जा रहा है । आज पूरे प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की लगातार साजिश रची जा रही है। कई जगह आगजनी की जा चुकी है।पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है। पथराव किया जा रहा है। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है । कई राजनीतिक दलों व संगठनों द्वारा लोगों को भड़काया जा रहा है। इसी एवज में हिमाचल प्रदेश में भी कुछ देश विरोधी ताकते झूठी अफवाहें फैलाकर प्रदेश का माहौल खराब करने में लगी हैं। हम प्रदेश की प्रबुद्ध जनता से अपील करते हैं कि सीएए,cab व एनआरसी का समर्थन करें और देश विरोधी ताकतों को देश के भीतर न पनपने दें।साथ ही प्रदेश में आने वाले ऐसे लोगों पर नजर रखें, जो प्रदेश का माहौल खराब करने की नियत से प्रदेश में दाखिल हो रहे हैं।हम अपना पूरा समर्थन देश की सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को देते हैं व प्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी अपील करते हैं कि अगर हिमाचल प्रदेश में माहौल खराब की स्थिति कोई उत्पन्न करता है या दंगा फसाद करता है तो उसके खिलाफ शूटआउट ऑन द स्पॉट के आदेश दिए जाए। प्रदेश की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की एवज में दोषियों की संपत्ति को सीज किया जाए। पुलिस प्रशासन को शक्ति से निपटने के आदेश खुले तौर पर दिया जाए हमारा संगठन प्रदेश की पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। अंत में देश विरोधी लोगों,दलों व ताकतों को हम खुली चेतावनी देते हैं कि आपको जो भी भाषा पसंद है हमारा राजपूत संगठन उसी भाषा में जवाब देगा और प्रदेश को सुरक्षित रखने के लिए हम राजपूत अपनी तलवार उठाने से भी गुरेज नहीं करेंगे। इसके साथ हमारा संगठन प्रांत स्तर जिला स्तर व ग्राम स्तर पर का CAA कैब व NRC के फायदों से जनता को जागरूक करेंगे। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों की कड़ी में हुए सीएए, सीएबी,एनआरसी पर आए फैसले का हम समर्थन करते हैं। आजादी के बाद आज दिन तक ना जाने कितनी सरकारें आई और चली गई, लेकिन बात अगर राष्ट्रवाद की ही हो तो सबसे पहले मोदी सरकार का नाम ही सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। अब से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता को कोई खतरा नहीं है। एनआरसी में किसी भी धर्म को कोई खतरा नहीं और ना ही किसी भी धर्म से कोई भेदभाव किया जा रहा है । आज पूरे प्रदेश का माहौल बिगाड़ने की लगातार साजिश रची जा रही है। कई जगह आगजनी की जा चुकी है।पुलिस को निशाना बनाया जा रहा है। पथराव किया जा रहा है। सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है । कई राजनीतिक दलों व संगठनों द्वारा लोगों को भड़काया जा रहा है। इसी एवज में हिमाचल प्रदेश में भी कुछ देश विरोधी ताकते झूठी अफवाहें फैलाकर प्रदेश का माहौल खराब करने में लगी हैं। हम प्रदेश की प्रबुद्ध जनता से अपील करते हैं कि सीएए,cab व एनआरसी का समर्थन करें और देश विरोधी ताकतों को देश के भीतर न पनपने दें।साथ ही प्रदेश में आने वाले ऐसे लोगों पर नजर रखें, जो प्रदेश का माहौल खराब करने की नियत से प्रदेश में दाखिल हो रहे हैं। हम अपना पूरा समर्थन देश की सरकार द्वारा लिए गए फैसलों को देते हैं व प्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भी अपील करते हैं कि अगर हिमाचल प्रदेश में माहौल खराब की स्थिति कोई उत्पन्न करता है या दंगा फसाद करता है तो उसके खिलाफ शूटआउट ऑन द स्पॉट के आदेश दिए जाए। प्रदेश की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की एवज में दोषियों की संपत्ति को सीज किया जाए। पुलिस प्रशासन को शक्ति से निपटने के आदेश खुले तौर पर दिया जाए हमारा संगठन प्रदेश की पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। अंत में देश विरोधी लोगों,दलों व ताकतों को हम खुली चेतावनी देते हैं कि आपको जो भी भाषा पसंद है हमारा राजपूत संगठन उसी भाषा में जवाब देगा और प्रदेश को सुरक्षित रखने के लिए हम राजपूत अपनी तलवार उठाने से भी गुरेज नहीं करेंगे।इसके साथ हमारा संगठन प्रांत स्तर जिला स्तर व ग्राम स्तर पर का CAA कैब व NRC के फायदों से जनता को जागरूक करेंगे।
आगामी 27 दिसंबर को प्रदेश की राजधानी शिमला में सरकार अपने दो सालों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करेगी तथा इस कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह तथा कार्यकारी भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर व अन्य सांसद व पूरा मंत्री मंडल जुटेगा। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर बिलासपुर में खाका तैयार किया गया। इस विशाल रैली में 25 हजार लोगों के आने के साथ वे लोग भी आएंगे जो सरकार की योजनाओं के लाभार्थी है। यह खुलासा बिलासपुर में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सत्ती ने मंडलों के प्रभारियों व जिलाध्यक्षों के साथ हुई बैठक के बाद आयोजित पत्रकारवार्ता में किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार ने दो सालों में भ्रष्टाचार मुकत विकास का लंबा सफर तय किया है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के बाद देश और विदेश के उद्योगपतियों को हिमाचल में उद्योग स्थापित करने का खुला अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि दस हजार करोड़ के प्रोजेक्टस की स्वीकृति भी 27 दिसंबर को होगी। जिससे यहां के शिक्षित और प्रशिक्षित बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। सत्ती ने कहा कि कांग्रेस का काम केवल विरोध करना ही रह गया है। कांग्रेस नीति और नेता विहीन पार्टी है। अध्यक्ष बनने के चक्कर में कई नेता दिल्ली में डेरा जमाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि देश में कांग्रेस, वामपंथी बिना सोचे समझे अल्पसंख्यकों के मन में भय बिठा रहे हैं, लेकिन नागरिकता बिल किसी के लिए भी कोई खतरा नहीं है। ऐसे किसी को डरने की भी आवश्यक्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा बुद्धिजीवी लोगों के साथ मुख्यालय पर बैठकें कर इस बिल को लेकर जागरूकता फैलाएंगे तथा यह कार्यक्रम शिमला से शुरू हो चुका है। इस कार्यक्रम में जनता के बीच जाकर बताया जाएगा कैसे देश विरोधी ताकतें मोदी को रोकने के लिए एकजुट हो रही है जबकि देश के हित में काम करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पूरा भारत एकजुटता के साथ खड़ा है। पत्रकारवार्ता में पशु पालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ,भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रणधीर शर्मा, जिला प्रभारी पायल वैद्य, बलदेव सिंह, बिलासपुर जिलाध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान, रोशन ठाकुर, सोनल शर्मा, अनिरूद्ध शर्मा सहित कई नेता शामिल थे।
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड लिमिटिड द्वारा उन उपभोक्ताओं के विद्युत कुनैक्शन काट दिए जाएंगे, जिन्होंने नवम्बर, 2019 में अपने बिजली के बिल जमा नहीं करवाए हैं। यह जानकारी आज यहां प्रदेश विद्युत बोर्ड निगम लिमिटिड के सहायक अभियंता रमेश कुमार शर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि काटे जाने वाले कुनैक्शन की कुल संख्या 748 है। उपभोक्ताओं द्वारा जमा न करवाई गई कुल राशि 26,27,036.04 रुपये है। इनमें 450 घरेलू उपभोक्ता हैं। इनकी कुल राशि 11,28,558.97 रुपये है। कुल उपभोक्ताओं में से 274 व्यवसायिक उपभोक्ता हैं। इनकी कुल राशि 13,06,746.95 रुपये है। अन्य 24 उपभोक्ताओं की राशि 1,91,730.12 रुपये है। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वे अपने बिल 24 दिसम्बर, 2019 तक जमा करवा दें। उन्होंने कहा कि बिल जमा करने के लिए इस दिन एक काउंटर सेर चिराग (जौणाजी) तथा दूसरा काउंटर ब्रूरी में लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता अपने बिल पेटीएम, गूगल पे, अमेजॉन, भीम ऐप, फोन पे अथवा वैबसाईट www.hpsebl.in द्वारा भी जमा करवा सकते हैं। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से अनुरोध किया वे अपने बिजली तुरंत जमा करवा दें ताकि उनकी विद्युत आपूर्ति यथावत रहे।
उपायुक्त सोलन केसी चमन ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शीत ऋतु के दृष्टिगत जिला में विभिन्न व्यवस्थाएं सुचारू बनाए रखी जाएं ताकि लोगों को कठिनाई का सामना न करना पड़े। केसी चमन आज यहां जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तत्वावधान में शीत ऋतु के दृष्टिगत विभिन्न तैयारियों को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। केसी चमन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सर्दी के मौसम में विद्युत आपूर्ति, पेयजल, सड़क एवं स्वास्थ्य जैसी विभिन्न सेवाओं को सुचारू रखा जाए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में विभिन्न विभाग सदैव अत्यन्त परिश्रम एवं कर्मठता के साथ कार्य करते हैं और सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को यह सुनिश्चित बनाना होगा कि आवश्यक सेवाओं की कार्यप्रणाली में कोई व्यवधान न आए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि सोलन जिला के चायल सहित बर्फबारी वाले कुछ अन्य क्षेत्रों में विभिन्न सड़क एवं सम्पर्क मार्गों को बंद होने पर तुरंत बहाल किया जाए। उन्होंने प्रदेश विद्युत बोर्ड को निर्देश दिए कि शीत ऋतु के दृष्टिगत पूरे जिला में निर्बाध विद्युत आपूर्ति प्रदान का प्रयास किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश विद्युत बोर्ड यह सुनिश्चित बनाए कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने के समय में विभिन्न स्थानों पर स्थापित उनके शिकायत कक्षों से लोगों को सही जानकारी प्राप्त हो और लोगों की शिकायत पर शीघ्र कार्रवाई करने का प्रयास किया जाए। उपायुक्त ने सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार पेयजल आपूर्ति बनाए रखी जाए। उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि आवश्यकतानुसार विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं अस्पतालों में आवश्यक दवाआंे का भंडारण किया जाए। केसी चमन ने कहा कि जिला आपात संचालन केंद्र सोलन में किसी भी आपात स्थिति के संबंध में जानकारी देने के लिए टोल फ्री नम्बर 1077 कार्यरत है। यह नंबर 24x7 काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नियमित रूप से मौसम विभाग से प्राप्त सूचना का अनुश्रवण कर रहा है और मौसम खराब होने की स्थिति में सभी विभागों को अवगत करवाया जा रहा है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि जिला में क्षेत्रवार तैनात श्रमशक्ति एवं जेसीबी मशीनों इत्यादि की पूरी जानकारी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि विभाग विशेष रूप से चायल क्षेत्र में ऐसे मार्गों को चिन्हित करें जहां सड़कों को विभिन्न कारणांे से लगातार नुकसान पहुंचता है। इससे ऐसे मार्गों को शीघ्र ठीक करने में सहायता मिलेगी। उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि आपात स्थिति के लिए विभाग डीजल इत्यादि का भण्डारण करे ताकि कम से कम 36 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जा सके। केसी चमन ने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि क्षेत्रीय अस्पताल सोलन सहित जिला के अन्य अस्पतालों को जाने वाले मार्गों पर यातायात सुचारू रहे और पार्किंग के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर वाहन खड़े न होने दिए जाएं। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी सोलन विवेक चंदेल ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। उपमंडलाधिकारी नालागढ़ प्रशांत देष्टा, उपमंडलाधिकारी सोलन रोहित राठौर, उपमंडलाधिकारी अर्की विकास शुक्ला सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है। प्रचंड मंहगाई के इस दौर में नाकाम सत्तासीन सरकार अब गरीबों का दिवाला निकालने पर आमादा है। डिपुओं में मिलने वाली दाल का दाम 15 से 20 रुपए किलो बढ़ चुका है। साग-सब्जी और प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। आम बाजार में खाने-पीने की चीजों को आग लगी हुई है और प्रचंड जनादेश से जीती बीजेपी सरकार बेबस और लाचार लग रही है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित प्रदेश के कई बड़े नेताओं ने प्रदेश के विकास को डबल इंजन से गति देने के जुमले गढ़े थे, वो जुमले मात्र जुमले साबित हुए हैं। डबल इंजन तो क्या, एक इंजन भी सेल्फ उठा नहीं रहा है। यह बात कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा ने कही। राजेंद्र राणा ने कहा कि सीधे तौर पर अब डिपुओं में हुई मंहगाई के कारण 18 लाख राशन कार्ड धारक प्रभावित हो रहे हैं। कभी खाने-पीने की चीजों के कोटे की कमी तो कभी डिपुओं में एकाएक दामों का बढ़ जाना, आम आदमी को सताने जैसा है। उधर शिक्षा के क्षेत्र में नाकाम बीजेपी सरकार को अब हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को व स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। शायद यही कारण है कि सरकार की नाकाम शिक्षा प्रणाली के चलते आम आदमी भी प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को मंहगी शिक्षा दिलाने के लिए मजबूर है। सड़कों पर गड्ढों का राज है। गांव की सड़कों की दशा तो बद से बदतर हो चुकी है। मंहगाई, बेरोजगारी व अराजकता के बोलबाले में सरकार और सिस्टम पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। राणा बोले कि जो गलती लोगों ने पिछले विधानसभा चुनावों में की थी, उस गलती को अब प्रदेश की जनता हरगिज दोहराने वाली नहीं है। सरकार के घोर उदासीन रवैये के कारण अब आम आदमी के साथ बीजेपी कार्यकत्र्ता भी अपने आप को लुटा-पिटा महसुस कर रहा है। प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार की कठपुतली बन कर रबड़ स्टैम्प साबित हो रही है। जो सांस लेने के लिए भी केन्द्र के रहमो-करम पर आश्रित है।प्रदेश सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है। प्रचंड मंहगाई के इस दौर में नाकाम सत्तासीन सरकार अब गरीबों का दिवाला निकालने पर आमादा है। डिपुओं में मिलने वाली दाल का दाम 15 से 20 रुपए किलो बढ़ चुका है। साग-सब्जी और प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। आम बाजार में खाने-पीने की चीजों को आग लगी हुई है और प्रचंड जनादेश से जीती बीजेपी सरकार बेबस और लाचार लग रही है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित प्रदेश के कई बड़े नेताओं ने प्रदेश के विकास को डबल इंजन से गति देने के जुमले गढ़े थे, वो जुमले मात्र जुमले साबित हुए हैं। डबल इंजन तो क्या, एक इंजन भी सेल्फ उठा नहीं रहा है। यह बात कांग्रेस के विधायक राजेंद्र राणा ने कही। राजेंद्र राणा ने कहा कि सीधे तौर पर अब डिपुओं में हुई मंहगाई के कारण 18 लाख राशन कार्ड धारक प्रभावित हो रहे हैं। कभी खाने-पीने की चीजों के कोटे की कमी तो कभी डिपुओं में एकाएक दामों का बढ़ जाना, आम आदमी को सताने जैसा है। उधर शिक्षा के क्षेत्र में नाकाम बीजेपी सरकार को अब हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है। प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों को व स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। शायद यही कारण है कि सरकार की नाकाम शिक्षा प्रणाली के चलते आम आदमी भी प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को मंहगी शिक्षा दिलाने के लिए मजबूर है। सड़कों पर गड्ढों का राज है। गांव की सड़कों की दशा तो बद से बदतर हो चुकी है। मंहगाई, बेरोजगारी व अराजकता के बोलबाले में सरकार और सिस्टम पूरी तरह नाकाम साबित हुआ है। राणा बोले कि जो गलती लोगों ने पिछले विधानसभा चुनावों में की थी, उस गलती को अब प्रदेश की जनता हरगिज दोहराने वाली नहीं है। सरकार के घोर उदासीन रवैये के कारण अब आम आदमी के साथ बीजेपी कार्यकत्र्ता भी अपने आप को लुटा-पिटा महसुस कर रहा है। प्रदेश सरकार केन्द्र सरकार की कठपुतली बन कर रबड़ स्टैम्प साबित हो रही है। जो सांस लेने के लिए भी केन्द्र के रहमो-करम पर आश्रित है।
वर्तमान में सोलन जिला में कुल 384924 मतदाता हैं। यह जानकारी आज मतदाता केंद्रों के युक्तिकरण एवं मतदाता सूचियों के संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के संबंध में आयोजित बैठक में प्रदान की गई। बैठक की अध्यक्षता उपायुक्त सोलन केसी चमन ने की। बैठक में जानकारी दी गई कि सोलन जिला के पांचों विधानसभा क्षेत्रों में कुल मतदाताओं में से 198178 पुरूष तथा 186741 महिला मतदाता हैं। 05 अन्य मतदाता हैं। जिला में अब कुल 573 मतदान केंद्र हो गए हैं। जिला के 50-अर्की विधानसभा क्षेत्र में कुल 88576 मतदाता हैं। इनमें 44792 पुरूष, 43783 महिला तथा एक अन्य मतदाता है। अर्की विधानसभा क्षेत्र में कुल 132 मतदान केंद्र हैं। 51-नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र में 41340 महिला, 43872 पुरूष मतदाताओं के साथ कुल 85213 मतदाता हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में एक अन्य मतदाता भी हैं। यहां 115 मतदान केंद्र हैं। 52-दून विधानसभा क्षेत्र में कुल 64899 मतदाता हैं। इनमें 33808 पुरूष तथा 31091 महिला मतदाता हैं। दून विधानसभा क्षेत्र में 95 मतदान केंद्र हैं। 53-सोलन (अनुसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र में कुल 128 मतदान केंद्र हैं। यहां 42581 पुरूष, 39910 महिला तथा 03 अन्य मतदाताओं के साथ कुल 82494 मतदाता हैं। 54-कसौली(अनुसूचित जाति) विधानसभा क्षेत्र में कुल 63742 मतदाता हैं। इनमें 30617 महिला तथा 33125 पुरूष मतदाता हैं। कसौली विधानसभा क्षेत्र में कुल 103 मतदान केंद्र हैं। बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि मतदाता सूचियों को शत-प्रतिशत त्रुटिरहित बनाने के लिए यह आवश्यक है कि सभी राजनीतिक दल बूथ स्तर पर अपने ऐजेंट नियुक्त करें। वर्तमान में जिला में भाजपा के कुल 544 तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 468 बूथ स्तर के ऐजेंट नियुक्त हैं। बसपा, सीपीआई(एम), सीपीआई, एनसीपी तथा एआईटीसी द्वारा अभी तक कोई भी बूथ स्तर का ऐजेंट नियुक्त नहीं किया गया है। बैठक में सभी से आग्रह किया गया कि बूथ स्तर के ऐजेंट शीघ्र नियुक्त करें। बैठक में जिला निर्वाचन अधिकारी सोलन ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे मतदाता सूचियों को अद्यतन करने और इन्हें त्रुटिरहित बनाने में सहयोग प्रदान करें। बैठक में भाजपा सोलन मंडल के उपाध्यक्ष चंद्रकात शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जिला सचिव शिवदत्त ठाकुर, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव अनूप पराशर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सावित्री सांख्यान, तहसीलदार निर्वाचन राजेंद्र शर्मा एवं नायब तहसीलदार मोहिंद्र ठाकुर सहित निर्वाचन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सोलन केसी चमन ने सोलन जिला के सभी राजनीतिक दलों एवं नागरिकों से आग्रह किया है कि वे 15 जनवरी, 2020 तक अपने मतदान केंद्र में जाकर मतदाता सूचियों का निरीक्षण अवश्य करंे ताकि भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूचियों को अद्यतन किया जा सके। केसी चमन आज यहां फोटोयुक्त मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2020 एवं मतदान केन्द्रों के युक्तिकरण के संबंध में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने फोटोयुक्त मतदाता सूचियों को त्रुटिरहित व अद्यतन रखने के लिए सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों व कार्यकर्ताओं से इस दिशा में सहयोग प्रदान करने का आग्रह किया। केसी चमन ने कहा कि विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण का कार्य 15 जनवरी, 2020 तक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन 16 दिसम्बर, 2019 को कर दिया गया है। यह सभी मतदान केंद्रों तथा निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों एवं सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों के कार्यालय में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि फोटोयुक्त मतदाता सूचियों के संबंध में दावे एवं आक्षेप 15 जनवरी, 2020 तक सभी मतदान केंद्रों एवं निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों तथा सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों के कार्यालय में दाखिल किए जा सकेगें। 27 जनवरी, 2020 तक इनका निपटारा किया जाएगा। फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 07 फरवरी, 2020 तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मतदाता सूचियों का प्रारूप मतदान केंद्रों पर नियुक्त अभिहित अधिकारियों तथा अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी, संबंधित उपमंडलाधिकारी, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के कार्यालय में निरीक्षण के लिए निःशुल्क उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में नाम सम्मिलत करने के लिए फॉर्म नम्बर-6, अप्रवासी मतदाताओं के नाम सम्मिलत करने के लिए फार्म नम्बर-6क, मतदाता सूची में दर्ज किसी नाम पर आपत्ति तथा हटाए जाने के लिए फार्म नम्बर-7, दर्ज नाम की प्रविष्टि में शुद्धि के लिए फार्म नम्बर-8 तथा मतदाता सूची में दर्ज नाम को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए फार्म नम्बर-8क का प्रयोग किया जा सकता है। यह सभी फार्म मतदान केंद्र पर नियुक्त भिहित अधिकारियों एवं निर्वाचक तथा सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों के कार्यालय में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इस अवधि में प्रथम जनवरी, 2020 को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले नए मतदाताओं के नाम भी मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस अवधि में उन अप्रवासी भारतीय नागरिकों का नाम भी मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा जो किसी कारणवश अन्य देश में निवास कर रहे हैं परंतु उन्होंने अन्य देश की नागरिका प्राप्त नहीं की है और उनका नाम मतदाता सूची में सम्मिलत नहीं हैं। इसके लिए उन्हें फॉर्म नम्बर-6क भरकर प्रस्तुत करना होगा। बैठक में राजनीतिक दलों ने जिला में 16 नए मतदान केंद्र स्थापित करने तथा 20 मतदान केंद्रों के स्थान परिवर्तन के लिए भी जिला निर्वाचन अधिकारी का आभार प्रकट किया। सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बैठक में सोलन जिला के पांचों विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों की एक-एक सीडी भी सौंपी गई। तहसीलदार निर्वाचन राजेंद्र शर्मा ने बैठक एवं भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। बैठक में भाजपा सोलन मंडल के उपाध्यक्ष चंद्रकात शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जिला सचिव शिवदत्त ठाकुर, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव अनूप पराशर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सावित्री सांख्यान एवं नायब तहसीलदार मोहिंद्र ठाकुर सहित निर्वाचन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
धर्मशाला से शीत सत्र से लौटते ही सुजानपुर के कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने पटलांदर के रैस्ट हाऊस में बैठक का आयोजन किया, जिसमें लगभग 3 दर्जन लोग भाजपा का दामन छोड़ते हुए कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। कांग्रेस की इस सर्जिकल स्ट्राइक में पटलांदर भाजपा ग्राम केंद्र के अध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व कर्मचारी प्रकोष्ठ के सह-संयोजक कांशी राम ने भी कमल का दामन छोड़कर हाथ में विश्वास दिखाते हुए कांग्रेस को अपनाया।इस दौरान कांग्रेस पार्टी में कांशी राम सहित कंचन देवी, विजय कुमार, रीना कुमारी, वीना देवी, रेखा देवी, सोनिका, नायब सूबेदार राज कुमार, अमरदीप कुमार, अश्वनी कुमार, सुनील कुमार, आकाश कुमार, संजीव कुमार, रिटायर रेलवे से पुरषोत्तम दास, चंदू राम, जग्गो राम, कैप्टन प्रकाश चंद, रजत, रोहित चौधरी, आशीष कुमार व हवलदार विजय कुमार आदि शामिल हुए। विधायक राजेंद्र राणा ने सबको विधिवत रूप से पार्टी में शामिल कर उन्हें पूरा मान-सम्मान देने का आश्वासन दिया। इस मौके पर पूर्व भाजपा नेता कांशी राम ने कहा कि भाजपा केवल लारे-लप्पे ही लगाती है न तो गांव-गांव पार्टी का काम करने वालों की सुनवाई होती है और न ही विकास कार्य करवाती है। भाजपा की गलत नीतियों से तंग आकर उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है, क्योंकि यही पार्टी ऐसी है जिस पर भरोसा किया जा सकता है।इस मौके पर विधायक राजेंद्र राणा ने कांग्रेस में शामिल सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति की बात सुनती भी है और बिना किसी भाई-भतीजावाद के जनता की समस्याओं को भी हल करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा विकास कार्यों में अडंगा डालती है, लेकिन सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में ऐसी ओच्छी राजनीति खेलने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।उन्होंने कहा कि सदन के भीतर भी उन्होंने क्षेत्र की जनहित समस्याओं को जोरशोर से उठाया है तथा आगे भी इसी तरह अपने विस क्षेत्र की आवाज बुलंद की जाएगी। उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को पूर्व सैनिकों का बड़ा सम्मेलन सुजानपुर में आयोजित किया जा रहा है जिसमें वर्ष 1962, 1965 व 1971 के युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले जीवित शूरवीरों को सम्मानित किया जाएगा।इस समारोह में पूरे विस क्षेत्र के पूर्व सैनिक शामिल होंगे।इस अवसर उन्होंने क्षेत्र की जनता की समस्याएं भी सुनीं तथा जनता की मांग पर ग्राम पंचायत स्वाहल के गांव डूहक से रच्छेड़ तक संपर्क मार्ग के लिए 5 लाख रूपए देने की घोषणा भी की।साथ ही, सोलर लाइटों सहित अन्य कार्यों के लिए भी धनराशि स्वीकृत की।