कोरोना महामारी के कारण ‘होम आइसोलेशन’ में रह रहे व्यक्तियों और उनकी देखभाल कर रहे परिजनों के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्राॅस ने सार्थक पहल की है। रेडक्राॅस ने ऐसे व्यक्तियोें के लिए ‘डाॅक्टरर्स परामर्श सेवा’ की सुविधा आरम्भ की है ताकि उन्हें डाॅक्टर का परामर्श मिले तथा वे लोग किसी प्रकार के डिप्रेशन का शिकार भी न हों। हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्राॅस के एक प्रवक्ता ने बताया कि संस्था ने मुख्यालय स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जहां प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक राज्य रेडक्राॅस का स्टाॅफ और स्वयंसेवक तैनात रहेंगे। होम आइसोलेशन में रह रहा कोई भी व्यक्ति नियंत्रण कक्ष में 0177-2621868 तथा 0177-2629969 लैंडलाइन दूरभाष नम्बर पर संपर्क कर सकता है। स्टाॅफ के ये सदस्य एवं स्वयंसेवक काॅल प्राप्त करेंगे और संपर्क करने वाले व्यक्ति को चिकित्सक के पैनल में से उपलब्ध चिकित्सक का नम्बर देंगे। लैंडलाइन के इन नम्बरों के अतिरिक्त 94599-77733 मोबाईल नम्बर भी उपलब्ध रहेगा। चिकित्सकों के इस दल में विभिन्न संकायों के विशेषज्ञ चिकित्सक भी उपलब्ध रहेंगे। चिकित्सकों की यह परामर्श सेवा प्रातः 9 बजे से सायं 5 बजे तक उपलब्ध रहेगी। रोगी ऑडियो अथवा वीडियो क्लिप भी चिकित्सकों को भेज सकते हैं ताकि वे इसका आकलन कर परामर्श दे सकें। प्रवक्ता ने कहा कि पीड़ित व्यक्ति अथवा परिवार के सदस्य को चिकित्सक का संपर्क नम्बर देने के एक घण्टे बाद नियंत्रण कक्ष से पुनः फोन कर स्थिति की जानकारी ली जाएगी ताकि मरीज़ को किसी प्रकार की असुविधा न हो। चिकित्सक कोरोना महामारी से पीड़ित व्यक्तियों एवं उनके परिवार के सदस्यों को परामर्श तो देंगे ही साथ ही उनके प्रश्नों के उत्तर भी देंगे। लेकिन, जहां तक सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रश्न है, उसके लिए भी यह सेवा तत्परता से कार्य करेगी। नियंत्रण कक्ष में तैनात व्यक्ति पीड़ित व्यक्ति को संबंधित जिले के रेडक्राॅस केंद्र का संपर्क नम्बर उपलब्ध करवाएगा ताकि जिला प्रशासन के सहयोग से किसी भी प्रकार की सहायता ली जा सके। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने रेडक्राॅस द्वारा आरम्भ की गई परामर्श सेवा सुविधा की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि मरीजों और उनकी देखभाल कर रहे व्यक्तियों को इसका लाभ मिलेगा। राज्य रेडक्राॅस अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्ष डाॅ. साधना ठाकुर, जो इस परामर्श सेवा सुविधा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, ने परामर्श सुविधा में सक्रिय भूमिका निभा रहे चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में व्यस्त्ता के बावजूद उन्होंने रेडक्राॅस द्वारा शुरू की गई परामर्श सेवा में सहयोग का कदम बढ़ाया है, जो सराहनीय है।
प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड महामारी के दौरान मरीजों के उपचार में उपयोग होने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और किसी भी जिले में इस इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश के सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आवश्यकता और मांग के अनुसार इस इंजेक्शन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है ताकि किसी को रेमडेसिविर के लिए परेशानी न उठानी पड़े। राज्य के पास वर्तमान समय में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश भर में कुल 6425 रेमडेसिविर इंजेक्शन स्टाॅक में उपलब्ध हैं। इनमें से लगभग 2300 रेमडेसिविर इंजेक्शन स्वास्थ्य विभाग के राज्य भंडारण केंद्र में हैं जबकि 4125 इंजेक्शन विभिन्नि जिलों को उपलब्ध करवाए गए हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की स्थिति पर नजर डाली जाए तो जिला शिमला में सबसे अधिक रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हैं जहां एक हजार इंजेक्शन उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त मंडी जिले में 713, चंबा में 250, हमीरपुर में 250, सोलन में 534, कुल्लू में 238, सिरमौर में 400, ऊना में 120, बिलासपुर में 100 और कांगड़ा में 520 रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल ने बताया कि राज्य में महामारी की इस दूसरी लहर में मरीजों के जीवन को बचाने के लिए आवश्यक जीवन रक्षक दवाईयों, रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन सहित अन्य विभिन्न वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि मरीजों के उपचार में आवश्यक हर चीज को राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश की जनता का आह्वान किया है कि वे कुछ लोगों द्वारा फैलाई जा रहीं अफवाहों पर विश्वास नहीं करें और न इन पर कोई ध्यान दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य संस्थानों और होम क्वारंटीन केंद्रों में बेहतर उपचार सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है और ऑक्सीजन, दवाओं, मास्क, पीपीई किट्स आदि की कोई कमी नहीं है। इसके अलावा, संक्रमित लोगों की उचित देखभाल के लिए भी पर्याप्त प्रबंध किए गए हैं।
कोरोना महामारी के कारण हिमाचल सरकार ने इस बार दसवीं के विद्यार्थियों को प्रमोट कर जमा एक कक्षा में बिठाने का निर्णय लिया है। सरकार के फैसले के बाद हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने भी बच्चों को प्रमोट करने के लिए प्रारूप तैयार कर लिया है। शिक्षक संघों एवं शिक्षाविदों के सुझावों के अनुरूप तैयार हो रहे प्रारूप के अनुसार दसवीं में राज्य मुक्त विद्यालय के तहत पेपर देने वाले सभी बच्चों को प्रमोट नहीं किया जाएगा। एसओएस के तहत केवल उन परीक्षार्थियों को प्रमोट किया जाएगा, जिन्होंने दो या तीन पेपरों में री-अपीयर भरा है। जिन बच्चों ने पहली बार पंजीकरण करवाया है उन्हें प्रमोट करने का कोई आधार नहीं है इसलिए उन्हें दोबारा परीक्षा देनी होगी। इस पर सभी शिक्षक संघ ने सहमति जताई है। नियमित बच्चों के लिए प्री-बोर्ड परीक्षा को आधार रखा है। नियमित छात्रों के लिए प्री-बोर्ड परीक्षा परिणाम के अधिकतम 45 अंक तय किए हैं जबकि फर्स्ट व सेकेंड टर्म परीक्षा के 15-15 अंक रखे हैं। निर्धारित अंकों के आधार पर ही परिणाम तय किया जाएगा। जिन बच्चों ने प्री-बोर्ड समेत कोई भी परीक्षा नहीं दी है, ऐसे परीक्षार्थियों से कारण जानने के बाद ही उन्हें प्रमोट करने का फैसला लिया जाएगा। इस बार यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि इस साल मेधावी बच्चों की मेरिट सूची बोर्ड जारी नहीं करेगा। इस बार दसवीं के नियमित 1,16,954 और 14,931 परीक्षार्थी एसओएस के तहत परीक्षा देने के लिए पंजीकृत हुए हैं। बोर्ड की ओर से तैयार किए गए प्रारूप को स्वीकृति के लिए प्रदेश सरकार के पास भेजा जाएगा। दसवीं के बच्चों को प्रमोट करने पर बोर्ड अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार सोनी व सचिव अक्षय सूद ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अध्यापक संघों के सदस्यों से चर्चा की। सभी की राय थी कि नियमित परीक्षार्थियों को फर्स्ट व सेकेंड टर्म तथा प्री बोर्ड व इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर अंक आवंटित करने के लिए प्रक्रिया अपनाई जाए।
हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में बायोमीट्रिक प्रणाली से ही राशन दिया जाएगा। साथ ही कोविड काल में जरूरतमंद लोगों को पांच किलो राशन निशुल्क दिया जाएगा। ऑफलाइन वितरण प्रणाली से कोविड संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है, ऐसे में खाद्य आपूर्ति मंत्री ने निर्णय लिया है कि डिपुओं में राशन ऑनलाइन प्रणाली से ही वितरित होगा। वहीं, प्रदेश के डिपोधारक सरकार से मांग कर रहे हैं कि डिपुओं में बायोमिट्रिक प्रणाली से राशन का वितरण कोरोना काल में बंद किया जाए। विभाग ने साफ किया है कि डिपुओं में बायोमीट्रिक प्रणाली से ही राशन वितरित होगा। खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रदेश राजेंद्र गर्ग ने बताया कि उन्होंने डिपोधारकों को पत्र जारी किया है कि डिपो में आने वाले सभी उपभोक्ताओं के हाथों को सेनिटाइज़ किया जाए। अंगूठा लगाने से पहले और बाद में मशीन को भी सेनिटाइज़ किया जाए। इसका खर्च विभाग व्यय करेगा।
कोरोना मैनेजमेंट पर मोदी सरकार को घेर रही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भाजपा ने जवाब दिया है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को कहा कि आज के हालात में कांग्रेस की करनी से हैरान नहीं हूं, दुखी हूं। उन्होंने कहा कि एक ओर उनकी पार्टी के कुछ मेंबर्स लोगों की मदद करने का काम कर रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर उनके वरिष्ठ नेताओं की फैलाई नकारात्मकता से ये सराहनीय काम धूमिल हो रहा है। जेपी नड्डा ने कहा कि ये खत गहरी पीड़ा और दुख के साथ लिख रहा हूं। मैंने कभी ऐसा पत्र नहीं लिखा है, लेकिन जिस तरह से कांग्रेस के मेंबर्स भ्रम फैला रहे हैं, उनके मुख्यमंत्री ऐसा कर रहे हैं उसके बाद मुझे यह खत लिखना पड़ा। जिस वक्त भारत कोरोना महामारी के साथ पूरी ताकत से लड़ रहा है, उस वक्त कांग्रेस की टॉप लीडरशिप को लोगों को गुमराह करना और झूठा डर फैलाना बंद कर देना चाहिए। गौरतलब है कि एक दिन पहले ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी ने कहा था कि मोदी सरकार कोरोना काल में फेल हो गई। CWC में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने शिमला जिला में बढ़ते कोरोना पर चिंता प्रकट करते हुए पार्टी पदाधिकारियों को प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करने को कहा है। उन्होंने कहा कि गांधी हेल्पलाइन से जो भी व्यक्ति सम्पर्क कर किसी भी सहयोग या सहायता की गुहार लगाते हैं उन्हें तुरंत सहायता उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। आज शिमला जिला कांग्रेस कमेटी शहरी व ग्रामीण के पदाधिकारियों की वर्चुअल बैठक को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इस संकट की घड़ी में कांग्रेस ने पूर्व की भांति इस बार भी कोरोना प्रभावित लोगों की हर प्रकार की मदद का बीड़ा उठाया है जिसे सफलता पूर्वक पूरा करना है। उन्होंने कहा कि गांधी हेल्पलाइन लोगों की सेवा का एक प्रमुख केंद्र है और सेवा,समर्पण व सदभाव के प्रण को पूरा करना है। उन्होंने कहा कि सभी ब्लॉकों को गांधी हेल्पलाइन के तहत की गई दैनिक सेवा का पूरा व्योरा रखते हुए इसकी जानकारी प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में स्थापित गांधी हेल्पलाइन कंट्रोल रूम को देनी होगी। इस दौरान जिला में हाल ही में हुई भारी वर्षा व ओलावृष्टि से हुए बागवानों व किसानों के नुकसान पर भी चर्चा की गई। बैठक में शिमला जिला कांग्रेस कमेटी शहरी के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी, ग्रामीण के अध्यक्ष यशवंत सिंह छाजटा, ब्लॉक अध्यक्ष ग्रामीण गोपाल शर्मा, ठियोग अध्यक्ष कवंर नरेंद्र सिंह, रोहड़ू अध्यक्ष करतार सिंह कुल्ला, रामपुर अध्यक्ष साहिब सिंह मेहता, कुसम्पटी अध्यक्ष रामकृष्ण शांडिल, जुब्बल कोटखाई अध्यक्ष मोती लाल देरटा, चौपाल अध्यक्ष सुरेंद्र मेहता के अतिरिक्त कांग्रेस उपाध्यक्ष प्रभारी गंगू राम मुसाफिर, कांग्रेस महासचिव चेतराम ठाकुर, ठाकुर सिंह भरमौरी, जगत सिंह नेगी, रवि ठाकुर, दवेंद्र जग्गी, हरिकृष्ण हिमराल, अमित नंदा, सत्यजीत नेगी, अतुल शर्मा, श्रीमती आशा कवंर, राजेंद्र वर्मा, विश्व राज चौहान, पवन चौहान व राजीव वर्मा ने बैठक में भाग लिया।
कोविड महामारी के दौरान मातृ, नवजात और बच्चे की देखभाल, डायलिसिस, क्षयरोग, एचआईवी, स्वैच्छिक रक्तदान आदि गैर-कोविड स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ. निपुण जिंदल ने आज यहां कहा कि प्रदेश के सभी अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों व चिकित्सा अधीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं कि वे किसी भी मरीज की कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आने के इंतजार में आवश्यक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में देरी न करें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाले सभी कर्मियों को अपने कार्य के दौरान सावधानियों का पालन करना चाहिए। इसके अलावा, संक्रमण नियंत्रण प्रक्रियाओं का भी पालन किया जाना चाहिए और स्वयं का भी कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीज को स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने का कोई भी मामला पाया जाता है तो उस संबंध में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मिशन निदेशक ने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली मातृ स्वास्थ्य सेवाएं और मार्गदर्शन चार्ट के अनुसार सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं व एएनएम आदि के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए योजना बनाई जानी चाहिए। उन्हें गर्भवती महिलाओं के साथ निरन्तर सम्पर्क में रहना चाहिए ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें निकटतम स्वास्थ्य संस्थान में स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करवाई जा सके। गर्भवती महिलाओं को अनावश्यक रूप से दूसरे लोगों से सम्पर्क में आने से बचना चाहिए और जांच के लिए अस्पताल आने के दौरान उन्हें कोविड अनुरूप व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं की जांच प्राथमिकता के आधार पर की जानी चाहिए और उन्हें नियमित मरीजों से अलग रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को गर्भवती महिलाओं को प्रसूति रोग विशेषज्ञ के साथ टेली-परामर्श की व्यवस्था की जानी चाहिए। यदि किसी गर्भवती महिला में कोविड-19 के लक्षण पाए जाते हैं तो उनके कोविड सैंपल घर से या किसी स्वास्थ्य संस्थान में उनकी स्वास्थ्य स्थिति का उचित मूल्यांकन करने के उपरान्त लिए जाने चाहिए। यदि गर्भवती महिला में फ्लू के लक्षण पाए जाते हैं और कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव आता है तो नियमित अल्ट्रासांउड सहित अन्य प्रकार की स्वास्थ्य जांच 14 दिनों तक नहीं की जानी चाहिए। यदि गर्भवती महिला का कोविड टेस्ट पाॅजिटिव पाया जाता है तो समर्पित कोविड स्वास्थ्य संस्थान में उसका प्रसव करवाया जाना चाहिए जिसके बारे में पहले ही दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 गर्भवती महिलाओं की प्रसूति की बेहतर व्यवस्था के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे है।
कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लागू कोरोना कर्फ्यू के तहत नई बंदिशों की अनुपालना की निगरानी व निरीक्षण कर उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज विभिन्न क्षेत्रों में जाकर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने लागू की गई बंदिशों को जांचने के लिए आज शिमला नगर के छोटा शिमला, संजौली, ढली व मशोबरा क्षेत्र के बाजारों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि इन जगहों पर लोगों व दुकानदारों द्वारा नई बंदिशों का पालन किया जा रहा है। उन्होंने इस दौरान एक बजे तक दुकान बन्द न करने वाले दुकानदारों को चेतावनी देते हुए कोरोना कफ्र्यु की अनुपालना व कोरोना संक्रमण की चैन को तोड़ने के लिए सहयोग की अपील की। सरकार व प्रशासन के साथ साथ सामान्य नागरिक भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी सलाहों व मानकों की अनुपालना कर कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने में अपना सहयोग प्रदान करें। घर से बाहर निकलने पर उचित रूप से मास्क का प्रयोग करने, कर्फ्यू के खुलने पर भीढ़ न लगाने , सामान खरीदते समय परस्पर दूरी बनाए रखने, हाथों की सफाई व सेनेटाईज करने, फल सब्जी विक्रेताओं को ताजे फल व सब्जी रखने तथा सही दाम पर बेचने के निर्देश भी दिए। निरीक्षण प्रवास के दौरान उपमण्डलाधिकारी शहरी मनजीत शर्मा भी उनके साथ रहे ।
Greater thrust must be laid on effective use of modern technologies and social media for proper and wider dissemination of policies, programmes and initiatives of the State Government. This was stated by Chief Minister Jai Ram Thakur while presiding over the meeting of Information and Public Relations department through video conferencing, here today. Jai Ram Thakur said that the officers of the department must think out of the box and reach out to the media with positive, success and developmental stories. He said that they must maintain personal liaison and rapport with the media persons. He said that the department must plan stories separately for print and electronic media so that they could get adequate space. Chief Minister said that the Covid-19 crisis has drastically changed media scenario thus the PR professionals must adopt themselves in accordance with the demand of the media. He said that special emphasis must be laid on immediately issuing contradictions and rebuttals regarding any news appearing in the media which seemed to be devoid of facts. The concerned District Public Relations Officers must also bring to the notice such negative news in their districts to the concerned Ministers of the district besides bringing it to the notice at the Directorate level. Jai Ram Thakur said that efforts must be made to rope in noted writers and eminent professionals to draft developmental write ups which could be used in print media. He said that similar concept should be adopted for producing developmental stories for electronic media so that these could be highlighted in the right perspective. He said that better mechanism must also be evolved for redressing the queries from the media particularly during the pandemic. He said that proper mechanism must also be evolved for better coordination between the state headquarters, zonal, district and sub divisional levels so that collective media strategy could be chalked out by reviewing various news appearing from different quarters in different media. He said that the Zonal officers must also maintain proper liaison with Editors and senior journalists of media houses. Jai Ram Thakur said that the PR professionals must also ensure that they get adequate positive stories from various departments so that the same could be developed and weaved for both social and print media. He said that effective use of local FM channels, Community Radio or any other media platform must also be ensured for proper dissemination of positive news. He said that during this Covid pandemic, the role of PR professionals has increased manifold as they have to build positive image of the government and government institutions to instil faith in the minds of the masses. Chief Minister said that with the changing media scenario it was vital that the PR professionals upgrade their skills to meet out the emerging challenges. The department must also act as a bridge between the State Government and masses for which effective feedback mechanism must be evolved so that the government could get feedback about its policies and programmes. Jai Ram Thakur also released a booklet 'Home Isolation' brought out by Information and Public Relations department. The book has complete details regarding do's and don'ts for persons who are under home isolation. Director Information and Public Relations welcomed the Chief Minister and made a detailed presentation regarding initiatives taken by the department for effective implementation of the policies and programmes of the State Government. The officers of the department also detailed the initiatives being taken by them for better dissemination of government policies and programmes. Urban Development Minister Suresh Bhardwaj, Information Technology Minister Dr. Ram Lal Markanda, Health Minister Dr. Rajeev Saizal, Political Advisor to CM Trilok Jamwal, Additional Chief Secretary, Information and Public Relations J.C. Sharma, Health Secretary Amitabh Awasthi and other senior officers attended the meeting
शिमला: कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कोरोना कर्फ्यू के बाद आज से प्रदेश में पूर्ण बंदी, जिसके तहत सार्वजनिक बसों की आवाजाही पर पूर्ण रोक कर दी गई है पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि सरकार नींद में अपनी सुविधा अनुसार फैसले ले रही है। सरकार को लोगों की कोई चिंता नही है। सरकार के पास कोई स्पष्ट नीति न होने की वजह से आज प्रदेश में लोगों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। इसका सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ रहा है जो दैनिक आधार पर दिहाड़ी या अन्य छोटा मोटा कामकाज कर अपनी रोजीरोटी कमाते है, व अपने परिवार का लालन पालन करते है। सरकार की ऐसे लोगों पर कोई भी दया दृष्टि नही हो रही है। राठौर ने कहा कि भाजपा सरकार पूरी तरह असंवेदनशील हो गई है। प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों से लोगों में भय फैलता जा रहा है। प्रदेश सामुदायिक संक्रमण की ओर बढ़ गया है। प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में इसके बढ़ते मामलों से लोगों में भय फैलना शुरू हो गया है। कोरोना संक्रमित लोगों को अस्पतालों में बेड तक नही मिल रहे है। ऑक्सीजन, रेगुलेटर, वेन्टीलेटर के अभाव में अस्पतालों में लोग परेशान है। राठौर ने कहा है कि सरकार ने किसी भी वर्ग को अबतक कोई भी राहत नही दी है। सरकारी स्तर पर कोई भी ऐसा राहत शिविर स्थापित नही किया है जिससे गरीब व जरुरत मंद लोगों को कोई सहायता मिल सकें। राठौर ने कहा है कि कांग्रेस ने सभी जिलों व ब्लॉकों में गांधी हेल्पलाइन, सहायता केंद्र स्थापित कर दिए है जो लोगों की किसी भी प्रकार की सेवा के प्रति समर्पित है। कांग्रेस के सभी नेता, कार्यकर्ता एकजुट होकर इस विपदा के समय लोगों की सहायता कर रहें है। राठौर ने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा है कि न तो उनकी सरकार ने कोई अपना राहत केंद्र स्थापित किया है और न ही उनकी पार्टी भाजपा ने लोगों की सहत्यार्थ कोई हाथ बढ़ाया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने इस विपदा के समय अपने सभी राजनैतिक कार्यक्रम स्थागित कर जनसेवा का संकल्प लिया है जिसे वह तन,मन,धन से पूरा कर रही है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां बताया कि राज्य में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों, क्षेत्रीय अस्पतालों, कोविड समर्पित अस्पतालों आदि में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के अलावा प्रदेश के विभिन्न भागों में मेक शिफ्ट अस्पतालों का निर्माण भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी जिला के भंगरोटू में कोरोना मरीजों के लिए मेक शिफ्ट अस्पताल लगभग बनकर तैयार है और आॅक्सीजन आपूर्ति सम्बन्धी में जाॅंच प्रक्रिया अन्तिम चरण में है। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल विशेष रूप से मण्डी जिले और पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि भंगरोटू के मेक शिफ्ट अस्पताल में प्रभावी केन्द्रीय ऑक्सीजन न आपूर्ति के साथ 90 ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की सुविधा है। इस मेक शिफ्ट अस्पताल में गम्भीर रूप से बीमार मरीजों के लिए आईसीयू की सुविधा भी होगी। इस अस्पताल के कार्यान्वित होने से श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल नेरचैक में ईलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में कमी आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भंगरोटू के अलावा मण्डी के निकट खलियार में मेक शिफ्ट अस्पताल के निर्माण कार्य में तेजी लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि 200 बिस्तरों वाले इस अस्पताल का कार्य एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। इस अस्पताल के सभी 200 बिस्तरों के लिए केन्द्रीय ऑक्सीजन सुविधा के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी। मण्डी जिला में चरणबद्ध तरीके से ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्हेांने कहा कि श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल नेरचैक में ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की सुविधा को 120 बिस्तरों से बढ़ाकर 220 कर दिया गया है और इसे 300 बिस्तरों तक बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने इसी प्रकार बीबीएमबी अस्पताल सुन्दरनगर में 40 ऑक्सीजनयुक्त बिस्तर, मातृ एवं शिशु अस्पताल सुन्दरनगर में 50 बिस्तर और नागरिक अस्पताल रत्ती में ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की संख्या को 25 से बढ़ाकर 45 किया गया है
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि जिस प्रकार हिमाचल प्रदेश सरकार कोविड-19 महामारी से लड़ने का अथक प्रयास कर रही है वह सराहनीय है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वयं फील्ड का दौरा कर और जनता का फीडबैक लेकर कार्य कर रहे हैं। सरकार की यह कार्यप्रणाली अपने आप में ही सरकार की गंभीरता को दिखाता है। हाल ही में जिस प्रकार से कोविड-19 के नियमों को और सख्त किया गया है यह जनहित में है। जनता इन सभी नियमों का पालन करें और इस महामारी के समय अपने और अपने परिवार के सदस्यों को बचाने का प्रयास करें। हिमाचल सरकार कोरोना महामारी से निपटने और कोविड मरीजों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रभावी कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा ऑक्सीजन की निगरानी और भंडारण के लिए ऑक्सीजन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। नियंत्रण कक्ष से संपर्क करने के लिए आप 01772623507 पर कॉल कर सकते हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने केंद्र सरकार द्वारा दिए गए छह ऑक्सीजन प्लांट के लिए भी केंद्र सरकार का धन्यवाद किया। केंद्र सरकार ने प्रदेश के लिए 6 और नए पीएसए प्लांट स्वीकृत किए हैं। यह नए पीएसए प्लांट नागरिक अस्पताल पालमपुर, जोनल अस्पताल मण्डी, एमजीएमएससी खनेरी व नागरिक अस्पताल रोहडू, मेडिकल कॉलेज नाहन और क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में स्थापित किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने प्रदेश में डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अनेकों कोरोना योद्धा जिस प्रकार से जनसेवा का अथक प्रयास कर रहे हैं उसे सराहनीय कहा है और सभी योद्धाओं का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस संकट के समय भगवान सद्बुद्धि प्रदान करें। उन्होंने कांग्रेस नेताओं से आग्रह किया कि कांग्रेस पार्टी इस संकट की घड़ी में कोविड-19 से लड़ने के लिए जनता और सरकार का सहयोग करें और राजनीति करने का प्रयास ना करें।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, जो हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्राॅस सोसाइटी के अध्यक्ष भी है, ने कहा कि राज्य रेडक्राॅस और इसकी सभी शाखाओं के अलावा सभी संबंधित स्वयंसेवियों को कोरोना महामारी के दौरान अधिक सर्तक रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह समय समन्वय स्थापित कर कार्य करने का है। यह महत्त्वपूर्ण है कि रेडक्राॅस प्रशासन, गैर सरकारी संस्थाओं और विभिन्न सामाजिक सेवा संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य करें ताकि कोविड-19 से पीड़ित लोगों की अधिक से अधिक सहायता की जा सके। राज्यपाल ने आज राजभवन में विश्व रेडक्राॅस के अवसर पर प्रदेश रेडक्राॅस द्वारा कोविड-19 मरीजों के लिए वितरित की जाने वाली स्वच्छता किट और अन्य सामग्री वाली रेडक्राॅस वेन को भी झण्डी दिखाकर रवाना किया। राज्य रेडक्राॅस अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्षा डाॅ. साधना ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थी। विश्व रेडक्राॅस दिवस हर वर्ष 8 मई को रेडक्राॅस के संस्थापक जीन हेनरी ड्यूनेंट की जयंती के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है। इस अवसर पर राज्यपाल और डाॅ. साधना ठाकुर ने रेडक्राॅस कोष के लिए अंशदान भी किया। राज्यपाल ने कहा कि सुरक्षा और सहायता की आवश्यकता महसूस करने वाले सभी लोगों के प्रति सार्वभौमिक समन्वय की भावना महत्त्वपूर्ण है ताकि मानव पीड़ा को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें संकट में फंसे लोगों की करूणा और दया भाव से मदद करने की हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है। उन्होंने महामारी के दौरान राज्य रेड क्राॅस सोसाइटी द्वारा लोगों की सहायता करने के प्रयासों की सराहना की और खुशी व्यक्त की कि जिला स्तर पर रेड क्राॅस की समितियों द्वारा इस दिशा में अच्छा कार्य किया जा रहा है। विश्व रेडक्राॅस दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि इस वर्ष रेडक्राॅस का थीम है ‘यस टूगेदर वी आर अनस्टोपेबल’। उन्होंने रेडक्राॅस की सभी जिला शाखाओं के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बिलासपुर में बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान देना, चम्बा में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अन्तर्गत आइएजी की शुरूआत और हमीरपुर रेड क्राॅस शाखा में ऐप आधारित सुविधा जैसी कई पहल की गई है। इसी प्रकार राज्यपाल ने कोविड मरीजों की सुविधा के लिए मोबाइल वेन की सुविधा प्रदान करने के लिए कांगड़ा शाखा और कुल्लू कार्यालय द्वारा सभी स्वयं सहायता समूहों को एक मंच पर लाने की भी सराहना की। उन्होंने किन्नौर जिला द्वारा सामुदायिक सहयोग से क्षमता वृद्धि करना और मण्डी जिला द्वारा पंचायत स्तर पर एसइआरवी सेवकों के माध्यम से समूहों का गठन करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि शिमला जिला में लोगों के लिए विभिन्न प्रकार की सहायता सेवाएं चलाई जा रही हैं, सिरमौर जिला में रीति-रिवाज द्वारा अन्तिम संस्कार और ऊना जिला में स्वास्थ्य नियन्त्रण कक्ष स्थापित करना अन्यों के लिए बेहतर उदाहरण है जो अति प्रशंसनीय है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा संचालित गांधी हेल्पलाइन की एक वर्चुअल समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कांग्रेस पार्टी के अग्रणी संगठनों और पार्टी के पदाधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्रों में राहत कार्यों की जानकारी दी। राजीव भवन में स्थापित गांधी हेल्पलाइन में डॉक्टर दलीप सिंह, पूर्व प्रधानाचार्य नेरचौक मेडिकल कॉलेज ने कहा कि किसी भी संक्रमित व्यक्ति को अगर ओक्ससीज की कमी पाई जाती है तो उन्हें तुरंत अस्पताल में दाखिल करवाना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए गांधी हेल्पलाइन से एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को वेक्सिनेशन का कार्य जल्द पूरा करने की बहुत आवश्यकता है जिससे इसका ग्रामीण क्षेत्रों में फैलाव न हो। बैठक में कांगड़ा से डॉक्टर राजेश शर्मा ने कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में शर्मीला पटियाल ने सभी ब्लॉकों के दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में गांधी हेल्पलाइन से लोगों की मदद की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह समय लोगों की सेवा का है। बैठक में ऊषा राठौर, शशि बहल, वेद प्रकाश शर्मा व मुकल गुप्ता ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि गांधी हेल्पलाइन से जितने भी लोग सम्पर्क कर रहें है उन्हें उचित सलाह के साथ पूरी मदद की जा रही है। बैठक में कांग्रेस सचिव हरिकृष्ण हिमराल के अतिरिक्त सोशल मीडिया के अध्यक्ष अभिषेक राणा,नन्द लाल,सुजय अग्रवाल व आदितत्य राणा भी बैठक में मौजूद थे।
बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमण्डल ने अध्यक्ष संजय खुराना की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भेंट कर मुख्यमंत्री कोविड फंड में 31.47 लाख रुपये का चैक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए योगदानकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह योगदान समाज के परोपकारी और सम्पन्न वर्ग के लोगों को इस फंड में उदारतापूर्वक दान देने के लिए प्रेरित करेगा जो संकट के समय में जरूरतमंदों और गरीब लोगों की मदद के लिए उपयोग किया जा सकेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग राम सुभग सिंह, आयुक्त उद्योग हंसराज शर्मा, प्रबन्ध निदेशक राज्य नागरिक आपूर्ति निगम आबिद हुसैन सादिक सहित उद्योगों के अन्य प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्य सरकार की पहली और महत्वपूर्ण प्राथमिकता स्वास्थ्य चिकित्सा के उद्देश्य से ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि ऑक्सीजन के कारण किसी को परेशानी न झेलनी पड़े। यह बात आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के ऑक्सीजन उत्पादकों को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान इस वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए समाज में एक-दूसरे की सहायता करना हम सबका दायित्व बनता है। राज्य में ऑक्सीजन का उत्पादन सरप्लस है, लेकिन ऑक्सीजन के परिवहन के लिए हमें सिलेंडरों की आवश्यकता है। ऑक्सीजन उत्पादकों को राज्य में ऑक्सीजन का अधिकतम उत्पादन सुनिश्चित करना चाहिए ताकि इसका उपयोग कर मानव जीवन को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन के रिसाव और अपव्यय को भी प्रभावी ढंग से रोकने की आवश्यकता है। कोविड-19 मरीजों के लिए ऑक्सीजन की मांग बढ़ने के कारण ऑक्सीजन की खपत भी काफी बढ़ गई है। केन्द्र सरकार ने राज्य के लिए 15 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित किया है। राज्य सरकार ने इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत मीट्रिक टन करने का केन्द्र सरकार से आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आईजीएमसी के ऑक्सीजन प्लांट की उत्पादन क्षमता को 20 मीट्रिक टन तक बढ़ाएगी। इससे राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में सुनिश्चित होगी। राज्य में अन्य ऑक्सीजन प्लांटों की उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से मांग को पूरा करने के लिए राज्य को डी-टाइप के 5000 और बी-टाइप के 3000 सिलेंडर उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है। राज्य में स्थित सभी ऑक्सीजन संयंत्रों को राज्य सरकार बिजली की पर्याप्त और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगी ताकि ऑक्सीजन की कमी न हो और ऑक्सीजन का उत्पादन सुचारू रूप से चले। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन उत्पादकों को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन की आपूर्ति निर्बाध और सुचारू रूप से सुनिश्चित करनी चाहिए ताकि लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान न हों। राज्य सरकार निजी ऑक्सीजन उत्पादकों के विभिन्न मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी और उन्हें समय पर भुगतान सुनिश्चित करेगी। प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन का उचित भंडारण और उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ऑक्सीजन नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग राम सुभग सिंह ने मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्यों का स्वागत किया और कहा कि विभाग ऑक्सीजन प्लांट की उचित कार्यशीलता सुनिश्चित करने के लिए ऑक्सीजन उत्पादकों को लॉजिस्टिक की हर संभव सहायता प्रदान करेगा। प्रदेश में स्थापित ऑक्सीजन संयंत्रों के मालिक सुधांशु कपूर, सुरेश शर्मा, पुष्पेन्द्र मित्तल, विशांत गर्ग, अजय मोदी, रोहित मित्तल, हर्ष गुप्ता और रवि धीमान ने भी इस अवसर पर अपने विचार सांझा किए। आयुक्त उद्योग हंसराज शर्मा, विशेष सचिव अरिंदम चैधरी मुख्यमंत्री के साथ जबकि मण्डी, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर और ऊना के उपायुक्त बैठक में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश के मेडिकल काॅलेजों, अस्पतालों, समर्पित कोविड अस्पतालों में कोविड ड्यूटी देने वाले एमबीबीएस के चौथे व पांचवें वर्ष के प्रशिक्षुओं, सीनियर व जूनियर रेजिडेंट चिकित्सकों, अनुबंध आधार पर तैनात चिकित्सकों, प्रशिक्षु नर्सो, अनुबंध लैब कर्मियों को दिए जाने वाले मानदेय की अधिसूचना स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि 30 जून तक कोविड ड्यूटी पर तैनात सीनियर व जूनियर रेजिडेंट चिकित्सकों को 10 हज़ार रुपये, अनुबंध आधार पर तैनात चिकित्सकों को 10 हजार रुपये और एमबीबीएस के चौथे व पांचवें वर्ष के प्रशिक्षु छात्रों को भी 10 हज़ार रुपये मानदेय प्रतिमाह दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त कोविड ड्यूटी देने वाली बीएससी व एमएससी प्रशिक्षु नर्सो को 6 हजार रुपये, अनुबंध लैब कर्मियों को 5 हजार रुपये और जीएनएम प्रशिक्षु नर्सो को 5 हज़ार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह मानदेय इन्हें मिलने वाले नियमित वेतन या भुगतान के अतिरिक्त होगा।
शिमला: प्रदेश में महामारी से राहत कार्यो के लिए पूर्व मंत्री जी.एस बाली को प्रभारी किया गया नियुक्ति
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में कोरोना महामारी से लोगों के राहत कार्यो के लिए कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री जी.एस. बाली को प्रभारी नियुक्ति किया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य प्रदेश मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला ने बताया कि जी.एस बाली, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, प्रतिपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, सभी कांग्रेस विधायक, पूर्व सासंद, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक व सभी जिलाध्यक्षों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रदेश कांग्रेस द्वारा शुरू की गई हेल्पलाइन की निगरानी भी करेंगे, जिससे प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा स्थापित इन राहत केंद्रों में बेहतर कार्य हो सके। शुक्ला ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, प्रतिपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री व जी.एस बाली आपसी समन्वय के साथ राहत कार्यो की निगरानी करेंगे। उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा स्थापित सभी राहत केंद्रों को अपनी दैनिक रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में स्थापित कंट्रोल रूम को देनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना से प्रभावित लोगों को ऑक्सीजन, दवाइयों व उनके रहने व खाने आदि की हर सम्भव सहायता की जानी चाहिए।
हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ की बैठक वर्चुअल माध्यम से सुबह 10:00 बजे से 1:00 बजे तक चली। प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर की अध्यक्षता में 3 घंटे चली इस बैठक में सभी जिला की यूनियन के पदाधिकारियों एवं जिला के अध्यक्ष ने भाग लिया। बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया कि जब तक सरकार द्वारा निजी बस ऑपरेटर की मांगों पर फैसला नहीं किया जाएगा तब तक हड़ताल वापिस नहीं होगी। इस बैठक में सभी निजी बस ऑपरेटर की यही राय थी कि सरकार द्वारा बार-बार आश्वासन और घोषणा करने के बावजूद भी कोई फैसला निजी बस ऑपरेटरों के हक में नहीं किया गया। 26 अप्रैल को सभी जिला की यूनियन ने जिलाधीश के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया था कि 8 दिन के अंदर अगर हमारी मांगे नहीं मानी गईं तो 3 मई से निजी बस ऑपरेटर अनिश्चितकालीन हड़ताल के लिए चले जाएंगे। लेकिन सरकार द्वारा इस पर कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया। हड़ताल के दौरान परिवहन विभाग के एक आला अधिकारी निजी बस ऑपरेटरों के संपर्क करते रहे और यह आश्वासन देते रहे कि इस कैबिनेट बैठक में निजी बस ऑपरेटर की मांगों पर सकारात्मक फैसला लिया जाएगा लेकिन जिस दिन कैबिनेट की बैठक हुई उस दिन उन्होंने भी हथियार डाल दिए। उसके पश्चात परिवहन मंत्री द्वारा एक प्रेस रिलीज जारी की गई है जिसमें कहा गया है कि कर्फ्यू के बाद निजी बस ऑपरेटर की मांगों पर सकारात्मक फैसला किया जाएगा। जबकि इस पर भी निजी बस ऑपरेटर सहमत नहीं है क्योंकि इस तरह के आश्वासन और घोषणाएं परिवहन मंत्री ही नहीं मुख्यमंत्री द्वारा भी कई बार की गई है। 18 फरवरी को निजी बस ऑपरेटर संघ का एक प्रतिनिधिमंडल धर्मशाला में मुख्यमंत्री से मिला था जहां गहन चर्चा करने के पश्चात मुख्यमंत्री ने पूरा आश्वासन दिया था कि शीघ्र ही निजी बस ऑपरेटर की मांगों पर विचार विमर्श करके इस पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। उसके पश्चात शिमला पीटरहॉफ में भी निजी बस ऑपरेटर संघ ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की तथा वह भी यही आश्वासन दिया गया। 25 मार्च को प्रधान सचिव के के पंत की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें यह आश्वासन दिया गया था कि जैसे ही नगर निगम और नगर निकाय चुनाव खत्म होंगे उसके बाद जो पहली बैठक होगी उसमें यह मुद्दा ले जाया जाएगा और इस मुद्दे पर सकारात्मक फैसला होगा लेकिन वहां भी ऐसा नहीं हुआ। हिमाचल दिवस के अवसर पर जब मुख्यमंत्री ने अगले 3 महीने का 50 फ़ीसदी टैक्स माफ करने की घोषणा तो निजी बस ऑपरेटरों को लगा कि सरकार द्वारा उन्हें केवल बेवकूफ बनाया जा रहा है क्योंकि जब तक पिछली मांग का फैसला नहीं किया जाता, तब तक टैक्स माफ करने की घोषणा का कोई भी औचित्य नहीं रह जाता है। इसलिए निजी बस ऑपरेटरो ने फैसला किया कि जब तक सरकार द्वारा बस ऑपरेटरों की मांगों पर सकारात्मक फैसला नहीं किया जाता तब तक हड़ताल वापस नहीं ली जाएगी। जिला कुल्लू के प्रधान रजत जमवाल ने कहा कि जब तक सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक हमारी हड़ताल जारी रहनी चाहिए। जो छिटपुट बसे कुल्लू जिला में चल रही है उनमे से भी अधिकतर आज खड़ी हो गई है अब जो थोड़ी बहुत चला रहे है उनको भी समझा बुझा कर खड़ा कर दिया जाएगा। सोलन जिला के प्रधान जॉनी मेहता ने कहा कि सरकार द्वारा हमेशा ही हमें बेवकूफ बनाया जा रहा है इसलिए यह तय करना चाहिए कि जब तक सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक हड़ताल जारी रहनी चाहिए l उन्होंने कहा कि अपनी इस हड़ताल को और भी मजबूत करना चाहिए l शिमला शहरी यूनियन के महासचिव सुनील चौहान, पूर्व महासचिव अमित चड्ढा, उपाध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने कहा कि जो बसें चल रही है उनको भी खड़ी करने का प्रयास किया जाना चाहिए तथा जैसा भी बहुमत से तय होगा हम उसी पर अडिग रहेंगे। शिमला शहरी यूनियन के ही सुनील शर्मा ने कहा कि जब तक सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती तब तक हड़ताल वापस नहीं लेनी चाहिए l मां भीमा काली यूनियन रामपुर के प्रधान मनीष शर्मा ने कहा कि जब हमने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है तो तब तक पीछे नहीं हटना चाहिए जब तक कि सरकार द्वारा हमारी मांगे नहीं मानी जाती है। जिला बिलासपुर के प्रधान राजेश पटियाल महासचिव, राहुल चौहान व अनिल कुमार मिंटू ने कहा कि सरकार द्वारा हमेशा ही निजी बस ऑपरेटरों को बेवकूफ बनाया जा रहा है इसलिए हमें अपनी हड़ताल को वापस नहीं लेना चाहिए l जिला हमीरपुर से विजय आरटीसी, भरत भूषण, कपिल तथा मनोज कुमार ने एकजुट होकर कहा कि जिला हमीरपुर में कोई भी बस नहीं चलने दी जाएगी जो भी बस बाहर से हमीरपुर में प्रवेश करेगी उनको समझा-बुझाकर बंद करवाने का प्रयास किया जाएगा l नालागढ़ से मनोज राणा एवं अरुण चंदेल ने कहा कि नालागढ़ यूनियन प्रदेश यूनियन के साथ खड़ी हैं तथा जैसा भी प्रदेश यूनियन तय करेगी उन्हें मान्य होगा जबकि उन्होंने भी हड़ताल को निरंतर जारी रहने का निवेदन किया। सुजानपुर के प्रधान भीम सिंह रागडा ने कहा कि जब तक फैसला नहीं होगा तब तक अपनी हड़ताल वापस नहीं देनी चाहिए। जिला मंडी के प्रधान सुरेश कुमार, सचिव हँस ठाकुर तथा चेयरमैन गुलशन दीवान ने कहा कि जब तक सरकार द्वारा फैसला नहीं किया जाएगा तब तक जिला मंडी में हड़ताल वापस नहीं की जाएगी तथा मंडी में चलने वाली 2-4 बसे को भी रोकने का प्रयास किया जाएगा। हिमालयन निजी बस यूनियन के प्रधान वीरेंद्र कंवर ने कहा कि हम अपनी हड़ताल पर अडिग हैं तथा जब तक सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं किया गया तब तक हम अपनी हड़ताल को वापस नहीं लेंगे। हिमालय निजी बस ऑपरेटर यूनियन के चेयरमैन पंकज चौहान ने कहा कि इस हड़ताल को और मज़बूत करना चाहिए। कुछ बसें जो चल रही है उन को समझा-बुझाकर बंद करने का प्रयास करना चाहिए तथा जैसे भी कर्फ्यू खत्म हो जाएगा उसके पश्चात यह आंदोलन और उग्र रूप से चलाना चाहिए। चंबा के प्रधान रवि महाजन ने कहा कि हमारी हड़ताल जारी है तथा तब तक जारी रहेगी जब तक की सरकार द्वारा कोई फैसला नहीं लिया जाता। ऊना के प्रधान रामकिशन ने कहा कि सरकार द्वारा हमेशा ही हम को बेवकूफ बनाया जा रहा है इसलिए जिला ऊना तब तक हड़ताल पर रहेगा जब तक कि सरकार द्वारा फैसला नहीं किया जाता है। कांगड़ा के प्रधान रवि दत्त शर्मा, विनय बेदी, मुन्ना वालिया इत्यादि ने कहा कि जिला कांगड़ा अपनी हड़ताल पर अडिग है। जो दो चार लोग कांगड़ा में बसें चला रहे है वह मात्र ऑपरेटर को गुमराह कर रहे हैं। आज जिला कांगड़ा में सिर्फ चार पांच बसें चल रही है जिनका की कोई औचित्य नहीं है। जिला सिरमौर के प्रधान मामराज़ शर्मा ने कहा कर्फ्यू होने के कारण हड़ताल चाहे वापस ले चाहे ना ले, सवारिया ना होने के कारण प्रदेश का हर निजी बस ऑपरेटर बस चलाने में समर्थ है। इसलिए हड़ताल का कोई औचित्य नहीं रह जाता है,जबकि जिला सिरमौर में भी बसे रूट परमिट पर नहीं चल रही है। जिला सिरमौर के बलदेव ठाकुर एवं अखिल शर्मा ने कहा कि जिला सिरमौर में कोई भी बस रूट पर नहीं चल रही है और न ही चलेगी। हिमाचल प्रदेश निजी बस ऑपरेटर संघ के उपाध्यक्ष वीरेंद्र गुलेरिया ने कहा कि सरकार से बातचीत कर रास्ता निकाल देना चाहिए। जाहु के विरेंदर चंदेल ने कहा हड़ताल वापस लेने का कोई भी मतलब नहीं बनता हैl
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोगों को कोविड से सम्बन्धित मामलों में सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 पर समर्पित कोविड-19 हेल्पलाइन का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस हेल्पलाइन को विकसित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि कोविड-19 सम्बन्धित मामलों में किसी भी प्रकार की सहायता के लिए लोग प्रातः 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक टोल फ्री नम्बर 1100 पर काॅल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि काॅल पर शिकायत दर्ज कर लोगों के जांच, टीकाकरण, होम क्वारनटीन, दवाइयां, एम्बुलेंस और ऑक्सीजन जैसे विभिन्न मुद्दों पर सम्बन्धित प्राधिकरण को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए उनसे सम्पर्क किया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह हेल्पलाइन प्रौद्योगिकी के माध्यम से लोगों को सुविधा सुनिश्चित करने के लिए अपने आप में ही एक अनूठा प्रयास है। उन्होंने इस सेवा को और अधिक सरल बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधान सचिव आईटी रजनीश ने इस हेल्पलाइन की विशेषताओं की विस्तार में जानकारी दी। निदेशक सूचना प्रौद्योगिकी आशुतोष गर्ग ने इस हेल्पलाइन पर प्रस्तुति दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव जे.सी. शर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार डा. आर.एन. बत्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ सचिव और एनएचएम के मिशन निदेशक डा. निपुण जिंदल ने वर्चुअल माध्यम इस बैठक में भाग लिया।
बाल विकास परियोजना अधिकारी शिमला शहरी ममता पॉल ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 मई को आंगनबाड़ी केंद्र भगवती नगर, टूटू एवं चलोंठी में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं के लिए साक्षात्कार की तिथि निर्धारित की गई थी जो सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार सरकारी कार्यालयों के बंद रहने के परिणामस्वरूप स्थगित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि साक्षात्कार के लिए आगामी तिथि कार्यालय खुलने के पश्चात निर्धारित की जाएगी। अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 7018800702 व 9418496736 पर संपर्क करे।
भारतीय सेना में सैनिक सामान्य ड्यूटी, सैनिक लिपिक व स्टोर कीपर तकनीकी भर्ती के लिए लिखित परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। यह जानकारी निदेशक भर्ती कर्नल शाल्व सनवाल ने दी। कर्नल सनवाल ने कहा कि यह लिखित परीक्षा राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर, शिमला में 30 मई को आयोजित की जानी थी। परीक्षा को वैश्विक महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत लागू की गई पाबंदियों के कारण स्थगित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह लिखित परीक्षा सोलन, शिमला, सिरमौर तथा किन्नौर जिलों के उन उम्मीदवारों के लिए आयोजित की जानी थी जिन्होंने 28 मार्च से 03 अप्रैल तक इंदिरा गांधी खेल मैदान ऊना में आयोजित भर्ती रैली में सभी शारीरिक मापदण्ड एवं मेडिकल परीक्षण उत्तीर्ण किए थे। लिखित परीक्षा की तिथि एवं जानकारी उचित समय पर उपलब्ध करवाई जाएगी।
राष्ट्रीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता में लाखों शिक्षक शामिल होंगे। यह बात शिक्षक महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की वर्चुअल मीटिंग में बतौर मुख्य अतिथि शामिल रहे अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री महेंद्र कपूर ने कही। बैठक की अध्यक्षता शिक्षक महासंघ के प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार ने की। जिसमें प्रदेश कार्यकारिणी के 60 पदाधिकारियों ने भाग लिया। अपने संबोधन में राष्ट्रीय महामंत्री महेंद्र कपूर ने कहा कि कोरोना के संकट काल में शिक्षकों को प्रांतीय रक्षक के रूप में बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने शिक्षक महासंघ की राज्य इकाई से लोगों की मदद के लिए खुलकर आगे आने का आह्वान किया। उन्होंने राष्ट्रीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता के संबंध में बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर यह प्रतियोगिता दो हिस्सों में संपन्न होगी जिसमें देशभर के लाखों शिक्षक भाग लेंगे। प्रतियोगिता में देश की शिक्षा और संस्कृति से जुड़े विषय रहेंगे जिसके पहले हिस्से में शिक्षा के माध्यम से एक श्रेष्ठ भारत की भावना को बढ़ाना, ऑनलाइन शिक्षा की प्रभावशीलता, बच्चों का समग्र विकास में मातृभाषा की भूमिका, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन में अवसर और चुनौतियों से जुड़े विषय शामिल रहेंगे। जबकि दूसरे हिस्से में कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर के प्रतिभागियों के लिए आत्मनिर्भर भारत अवसर और चुनौतियां, लोकतंत्र में सोशल मीडिया की भूमिका, शिक्षा के माध्यम से धारणक्षम विकास के रूप में मुख्य विषय होंगे जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार के रूप में ₹21000, द्वितीय पुरस्कार ₹15000, तृतीय पुरस्कार ₹11000 के साथ ₹51000 के रूप में 7 सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता के लिए ऑनलाइन 31 मई तक देशभर में पंजीकरण किया जाएगा। बैठक में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पवन मिश्रा, शिक्षक महासंघ के प्रांत महामंत्री विनोद सूद, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जयशंकर, उपाध्यक्ष डॉ मामराज पुंडीर, अतिरिक्त महामंत्री सुधीर गौतम, प्रदेश मीडिया प्रभारी दर्शन लाल, रविंद्र ठाकुर, सुमित भारद्वाज, श्याम सिंह ,मंडी के प्रधान भगत चंदेल, कुल्लू से चतर सिंह, बिलासपुर से ललित मोहन, ऊना से सुशील मल्होत्रा, कांगड़ा से जोगिंदर शर्मा, नरेंद्र शर्मा, किन्नौर से बलवीर नेगी, शिमला से अशोक कुमार, सोलन से नरेंद्र कपिला, चंबा से नरेश मिन्हास शशि शर्मा, टिशम ठाकुर समेत अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने एचपीयू के हॉस्टल चीफ वार्डन को छात्रावासों को बन्द न किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। हिमाचल सरकार द्वारा राज्य में कोरोना कर्फ्यू लगाए जाने के चलते प्रशासन द्वारा छात्रावासों में रह रहे छात्रों को हॉस्टल छोड़कर जाने के निर्देश दिए जाने का एनएसयूआई ने विरोध किया है। परिसर अध्यक्ष प्रवीण मिन्हास ने कहा कि जहां एक तरफ़ पूरा देश और प्रदेश कोरोना जैसी महामारी से प्रभावित है और देश के प्रधानमंत्री भी लोगों को जहां है वहां रहने कि अपील कर रहें है, ऐसे में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इसके विपरीत काम कर रहा है। उन्होंने छात्रों को हॉस्टल खाली करने का तुगलकी फरमान सुना दिया है। जहां प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रदेश के कोने-कोने से ही नहीं अपितु प्रदेश के बाहर के छात्र भी प्रदेश विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रहते है ऐसे में इस तुगलकी फरमान ने छात्रों को दुविधा में डाल दिया है क्यूंकि इस समय जब कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है तो छात्रों का यूनिवर्सिटी से अन्य जिलों व राज्यों में अपने घर की ओर यात्रा करना उनकी जान को जोखिम में डाल सकता है। प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने कहा कि हॉस्टल में मैस बन्द होने के बावजूद भी एनएसयूआई ने छात्रों के लिए छात्रावास खुले रखने की मांग थी और ऐसे में एनएसयूआई द्वारा इन छात्रों को भोजन की व्यवस्था प्रदान करने की पेशकश भी हॉस्टल प्रशासन से की थी। इस मौके पर एनएसयूआई के प्रदेश संगठन महासचिव मनोज चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष वीनू मेहता, प्रदेश सचिव रजत राणा, परिसर उपाध्यक्ष रजत भारद्वाज, अरविन्द ठाकुर, ललित ठाकुर और सनी कपूर मौजूद रहे।
जिला शिमला के जुब्बल तहसील के अंतर्गत उतराखंड के साथ लगती आख़िरी पंचायत सोलंग में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पंचायत स्तर पर आपातकालीन मासिक बैठक बुलाई गई जिसकी अध्यक्षता पंचायत प्रधान ने की। इसमें पंचायत प्रधान पवन कुमार, ज़िला परिषद् सदस्य कौशल मुँगटा, उपप्रधान मेहर सिंह चौहान, पंचायत सचिव संजीव मेहता विशेष रूप से मौजूद रहे। आपातकालीन बैठक में कोरोना के बढ़ते मामलों को मद्देनज़र रखते हुए पंचायती राज अधिनियम की शक्तियों का प्रयोग कर अपने स्तर पर कई कड़े फ़ैसले लिए गए। इसमें पंचायत में मौजूद सभी दुकानदारों को बिना मास्क व ग्लव्स सामान बेचने पर 500 रुपये जुर्माना किया जाएगा। बिमारी छिपाने वाले परिवारों के ख़िलाफ़ पंचायत स्वयं FIR करेगी। उत्तराखंड की सीमा पर होने के कारण पंचायत में बाहर से आने वाले लोगों के लिए 7 दिन का आवश्यक क्वारंटाइन और RTPC रिपोर्ट अनिवार्य होगी। सभी आशा वर्कर की निगरानी में रहेंगे, गाँव में सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। सोलंग से बाजार की तरफ़ जाने वाली रूट की गाड़ियां कर्फ़्यू तक केवल आपातकाल स्तिथि पर चलेगी। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति का परिवार 14 दिनों तक आवश्यक क्वारंटाइन पर रहेगा। आंगनबाड़ी आशावर्कर अपने क्षेत्र की मेडिकल हिस्ट्री और हालात से लगातार पंचायत को अवगत करवाएंगे।
राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में पिछले कुछ समय से कोविड-19 मामलों में निरंतर वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि सभी कोविड पाॅजिटिव मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए हल्के लक्षणों वाले मरीजों को घर में ही होम क्वारन्टीन होना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि जिनका कोविड-19 परीक्षण पाॅजिटिव पाया जाता है उन्हें अपने आप को घर के अन्य लोगों से अलग होकर साफ-सुथरे और हवादार कमरे में आइसोलेट करना चाहिए और हर समय ट्रिप्पल लेयर या एन-95 मास्क पहनना चाहिए। मास्क को 8 घंटे प्रयोग करने के बाद नष्ट कर देना चाहिए। देखभाल करने वाले व्यक्ति को भी मास्क का प्रयोग करना चाहिए और हर समय डिस्पोजबेल दस्ताने पहनने चाहिए। मरीज के सीधे संपर्क में आने से बचना चाहिए। कोविड मरीज को घर के अन्य सदस्यों की व्यक्तिगत वस्तुओं को प्रयोग करने से बचना चाहिए। मरीज को नियमित तौर पर अपने बुखार और ऑक्सीजन स्तर की जांच करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि मरीज कोे नियमित तौर पर अपने बुखार की हर 4 घंटे के बाद जांच कर उसे नोट कर लेना चाहिए। सांस लेने में तकलीफ या सीने में दर्द होने पर मरीज को चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए। ऑक्सीजन स्तर 94 प्रतिशत से नीचे चला जाए तो डाॅक्टर को सूचित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से अधिक आयु के मरीज जो उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, फेफड़ों की पुरानी बीमारी, लीवर, गुर्दे की बीमारी, सेरेब्रोवास्कुलर रोग आदि से गस्त हो उन्हें चिकित्सा अधिकारी द्वारा जाचं के बाद ही होम क्वारन्टीन होने की अनुमति दी जानी चाहिए। कोमर्बिड मरीज द्वारा नियमित तौर पर ली जाने वाली दवाई को होम क्वारन्टीन के दौरान अपने डाॅक्टर्ज से सलाह लेने के बाद ही जारी रखना चाहिए। कोविड मरीज की देखभाल करने वाले व्यक्ति को मरीज की देखभाल के लिए हर समय उपलब्ध रहना चाहिए और देखभाल करने वाले व्यक्ति को डाॅक्टर से सलाह के बाद हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का प्रोफीलैक्सिस लेना चाहिए। मरीज के होम क्वारन्टीन की समयावधि के दौरान देखभालकर्ता और अस्पताल में निरन्तर संपर्क बना रहना चाहिए।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना महामारी के व्यापक प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण ही एक प्रभावी रणनीति है। स्वास्थ्य विभाग के विश्लेषण के अनुसार राज्य में 14 अप्रैल, 2021 से 30 अप्रैल, 2021 तक कोविड महामारी से 362 लोगों की मृत्यु हुई है, जिनमें से 67 लोग ऐसे है जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ली थी और केवल मात्र 2 ऐसे लोग है, जिनकी मृत्यु वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद हुई है। उन्होंने कहा कि मौत के इन दोनों मामलों में एक व्यक्ति की मृत्यु वैक्सीन लगवाने के 4 दिन बाद जबकि दूसरे व्यक्ति की मृत्यु वैक्सीन लेने के 16 दिन बाद हुई है। जिससे पता चलता है कि दोनों व्यक्ति टीकाकरण के बाद प्रभावी इम्यूनिटी विकसित होने से पहले ही कोरोना महामारी से संक्रमित हो गए। इससे यह भी पता चलता है कि टीकाकारण सीधे तौर पर कोविड से होने वाली मृत्यु दर को कम करने में मदद करता है। प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में 91.9 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं (एचसीडब्ल्यू) को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक दी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 88.7 प्रतिशत है। प्रदेश में वैक्सीन की दूसरी खुराक 90.3 प्रतिशत स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओ को दी है, जिसका राष्ट्रीय औसत 79.1 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि राज्य में 45 वर्ष से अधिक जनसंख्या वर्ग में वैक्सीन की पहली खुराक 78 प्रतिशत लोगों को दी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 30 प्रतिशत है। प्रवक्ता ने कहा कि पात्र लोगों का टीकाकरण की कवरेज को बढ़ाने के लगातार प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को 4 से 6 सप्ताह पहले वेक्सीन की पहली खुराक लगाई जा चुकी है उन्हें वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के लिए आगे आना चाहिए ताकि प्रभावी इम्यूनिटी विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि प्राथमिकता वाले समूहों जैसे 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग, स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं और अग्रिम पक्ति कार्यकर्ताओं के लिए वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य को भारत सरकार के माध्यम से आज कोविशिल्ड वैक्सीन की 50 हजार वैक्सीन और प्राप्त हो गई है। प्रवक्ता ने कहा कि 18-45 वर्ष के आयु वर्ग के टीकाकरण को शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने भारत सरकार के सिरम संस्थान को कोविशिल्ड वैक्सीन की 107620 खुराकों की आपूर्ति के लिए 3.39 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है, जिसकी आपूर्ति शीघ्र आपेक्षित है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन प्राप्त होते ही 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 18 से 45 वर्ष के आयु वर्ग में टीकाकरण करवाने की उत्सुकता और भीड़भाड़ की संभावना को मध्यनजर रखते हुए सभी जिलों आम जनता की सुविधा के लिए शहरी कलस्टर में अधिक कोविड टीकाकरण केंद्र संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग शिमला, मंडी और धर्मशाला शहरों में प्राथमिकता वाले समूहों (यानी 45 वर्ष से अधिक आयु, एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्ल्यू) के लिए टीकाकरण स्थलों की सूची प्रकाशित करेगा। यह सूची वेबसाइट www.nrhmhp.gov.in पर भी देखी जा सकती है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक ने राज्य में कोविड-19 स्थिति की समीक्षा की और राज्य में कोविड -19 मामलों की संख्या में तेज वृद्धि पर चिंता व्यक्त की। इसके दृष्टिगत वायरस श्रृंखला को तोड़ने के लिए कैबिनेट ने पूरे राज्य में कोरोना कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। सभी सरकारी और निजी कार्यालय / प्रतिष्ठान 7 मई से 16 मई की मध्यरात्रि तक बंद रहेंगे। यह भी तय किया गया था कि सभी आवश्यक सेवाएं जैसे स्वास्थ्य, बिजली, दूरसंचार, जल आपूर्ति, स्वच्छता आदि खुली रहेंगी। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया कि नागरिक कार्य स्थलों, बागवानी / कृषि और अन्य परियोजना स्थलों पर काम जारी रहेगा। राज्य में शैक्षणिक संस्थान 31 मई तक बंद रहेंगे। सभी सरकारी और निजी परिवहन अधिभोग का 50 प्रतिशत होगा और अंतर-राज्यीय परिवहन जारी रहेगा। औद्योगिक प्रतिष्ठान राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार काम करेंगे। राज्य में कोरोना के मामलों की तीव्र वृद्धि को ध्यान में रखते हुए बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की 10 वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा रद्द कर दी जाएगी। बोर्ड द्वारा 10 वीं कक्षा के सभी छात्रों को सीबीएसई द्वारा सुझाए गए मानदंडों के अनुसार 11 वीं कक्षा में पदोन्नत किया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन की 12 वीं कक्षा की परीक्षा और कॉलेजों की वार्षिक परीक्षा भी अगले आदेश तक स्थगित रहेगी। राजस्व संग्रहण, जो प्रदेश की राजस्व का एक प्रमुख साधन है, से संबंधित कार्यों में आबकारी एवं कराधान विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए और प्रदेश में विभिन्न कर कानूनों के बेहतर प्रबंधन एवं विनियमन के लिए बैठक में आबकारी एवं कराधान विभाग में अधिकारियों के वर्तमान पदों के स्थान पर विशेष एवं समर्पित हिमाचल प्रदेश राजस्व (राज्य कर एवं आबकारी) सेवा सृजित करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल अस्पताल सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 76 पदों के सृजन के साथ क्षेत्रीय अस्पताल ऊना को 300 बेडेड क्षेत्रीय अस्पताल के रूप में अपग्रेड करने के लिए अपनी स्वीकृति दी। मंत्रिमंडल ने क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए आवश्यक पदों के साथ मंडी जिले के धरमपुर में एक नया जल शक्ति सर्किल बनाने का निर्णय लिया। वहीं, ऊना जिले के कुटलेहर विधानसभा क्षेत्र में थानाकलां में एक नया जल शक्ति प्रभाग खोलने के लिए भी अपनी सहमति दी। तथा डिवीजन के बेहतर प्रशासनिक कामकाज के लिए जल शक्ति सब डिवीजन नंबर 2 ऊना में बेसल को मौजूदा कर्मचारियों और बुनियादी ढांचे को स्थानांतरित करने की अनुमति दी।
छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय द्वारा दयानंद स्कूल की फीसों के संदर्भ में जारी की गई अधिसूचना के बावजूद अभिभावकों को बार-बार मैसेज भेजकर फीस जमा करवाने के लिए मानसिक दबाव बनाने व जिन बच्चों ने अभी फीस जमा नहीं की है उन्हें ऑनलाइन क्लास से बाहर करने पर दयानंद प्रबंधन की कड़ी निंदा की है व इसे तानाशाही करार दिया है। मंच ने शिक्षा निदेशक से स्कूल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। मंच दयानंद स्कूल की तानाशाही के खिलाफ 6 मई को शिक्षा निदेशक से मुलाकात करके इस मसले को उठाएगा व स्कूल पर 5 दिसम्बर 2019 की अधिसूचना में लिखित आदेश के अनुसार कठोर कार्रवाई की मांग करेगा। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, मंच के सदस्य भुवनेश्वर सिंह, कमलेश वर्मा, रमेश शर्मा, राजेश पराशर, अंजना मेहता, राजीव सूद, विक्रम शर्मा, हेमंत शर्मा, मनीष मेहता, विकास सूद, योगेश वर्मा, अमित राठौर, विवेक कश्यप, सोनिया सबरबाल, कपिल नेगी, रजनीश वर्मा, ऋतुराज, यशपाल, पुष्पा वर्मा, संदीप शर्मा, यादविंद्र कुमार, कपिल अग्रवाल, नीरज ठाकुर, रेखा, शोभना सूद, निशा ठाकुर व दलजीत सिंह ने कहा है कि दयानंद स्कूल तानाशाही पर उतर आया है व शिक्षा निदेशालय की हालिया अधिसूचना को ठेंगा दिखाकर अभिभावकों को डराने की कोशिश कर रहा है। शिक्षा निदेशालय ने फीसों के संदर्भ में स्कूल से पांच दिन के भीतर जबाव देने को कहा था परन्तु उसके बजाए अभिभावकों की प्रताड़ना शुरू कर दी गई है जिसे किसी भी तरह सहन नहीं किया जाएगा। स्कूल बार-बार अभिभावकों को मैसेज भेजकर व फोन करके पचास से साठ प्रतिशत बढ़ी हुई फीस को जमा करने के लिए दबाव बना रहा है। जो अभिभावक स्कूल की मनमानी फीसों का विरोध कर रहे हैं उनके बच्चों को ऑनलाइन क्लास से बाहर करके मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। यह न केवल शिक्षा निदेशालय की 5 दिसम्बर 2019 की अधिसूचना का खुला उल्लंघन है अपितु हाल ही के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भी उल्लंघन है। उच्चतम न्यायालय ने निजी स्कूलों के संदर्भ में दिए गए निर्णय में स्पष्ट लिखा है कि किसी भी बच्चे को ऑनलाइन क्लास से बाहर नहीं किया जा सकता है। दयानंद स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को ऑनलाइन क्लास से बाहर करना माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय की अवमानना है। अभी तक शिक्षा निदेशालय को स्कूल ने फीसों के संदर्भ में दिए गए नोटिस का कोई जबाव नहीं दिया है। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को बार-बार मैसेज भेज कर मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहा है जो की तानाशाही है। शिक्षा निदेशालय के 5 दिसम्बर 2019 की अधिसूचना में स्पष्ट अंकित है कि बिना आम सभा के फीस बढ़ोतरी करने पर किसी भी निजी स्कूल पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती जिसमें स्कूल की एनओसी भी रद्द हो सकती है। इसके बावजूद भी इस स्कूल की तानाशाही समझ से परे है।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं हिमाचल सरकार के वित्त आयोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने कहा कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर बताएं कि वह किस बात की खुशी मना रहे हैं। कांग्रेस का ममता बनर्जी से क्या लेना देना और अगर कांग्रेस इसी प्रकार की खुशी मनाना चाहती है तो बाकी प्रदेशों में भी कांग्रेस की इसी प्रकार की दुर्गति हो इसके लिए कांग्रेस को बधाई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने बारे में बात करें दूसरों की जीत की खुशी ना मनाएं, वर्तमान पांच राज्यों के चुनावों के बारे में बात की जाए तो भाजपा का कुल मिलाकर अच्छा प्रदर्शन रहा है। पश्चिम बंगाल के चुनावों में ममता बनर्जी जो कि मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही थी वह नंदीग्राम से हारी और सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ममता बनर्जी ने लगातार सोनिया गांधी और राहुल गांधी से संपर्क साध कर रखा और कई रैलियां भी रद्द हूई थीं। कांग्रेस यहां पर 92 सीटों पर चुनाव लड़ी और खाता भी नहीं खोल पाई। भाजपा 2016 में 3 सीटों पर विजय प्राप्त करके बैठी थी और आज 77 सीटों पर पहुंची है। भाजपा का वोट शेयर लग भग 40 प्रतिशत पहुंच गया है और कांग्रेस का 1 प्रतिशत। 2016 की तुलना में कांग्रेस 44 सीटों पर जीती थी और अब वह शून्य पर है। इसी प्रकार वामपंथी भी पश्चिम बंगाल से समापन की ओर बढ़ रहे हैं। जिस प्रकार से बीजेपी का ग्राफ बढ़ रहा है अगली बार पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीत निश्चित है। उन्होंने कहा कि केरला जहां से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी स्वयं सांसद के रूप में जीतकर आए हैं वहां से भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। अगर यही परिस्थिति रही तो अगली बार राहुल गांधी भारत में नई सीट पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस केरला में केवल 21 सीटों पर सिमट कर रह गई है। उन्होंने कहा कि असम जैसा प्रदेश जो एक समय पर कांग्रेस का गढ़ माना जाता था वहां पर भाजपा को दूसरी बार भारी बहुमत मिला है। 2011 में भाजपा के पास 26 सीटें थी 2016 में यह 60 की बढ़त से 86 पहुंची और इस बार एक बार फिर असम की जनता ने भाजपा को जिताया है। कांग्रेस की लोकप्रियता यहां घटती चली जा रही है। 2011 में कांग्रेस के पास 78 सीटें थी जो कि 2016 में 26 सीटें रह गई। पांडिचेरी में भाजपा ने इतिहास दर्ज किया है। इस बार पहली बार भाजपा की सशक्त सरकार पांडिचेरी में बनी है। भाजपा की इस बार 16 सीटें आई है जो कि 2016 की तुलना में 10 से ज्यादा है। यहां कांग्रेस के पास 2016 में 15 सीटें थी जो अब केवल 2 ही रह गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपनी चिंता करें और भाजपा की चिंता छोड़े। भाजपा एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल है जो अपने आप में बहुत मजबूत है और हर चुनाव में भाजपा का वोट शेयर बढ़ता ही चला जा रहा है।
राज्य वन विभाग, भारती इन्स्टिट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी (बीआईपीपी) की टीम के सहयोग के साथ हिमाचल में वनों पर आधारित अर्थव्यस्था बढ़ाने के लिए समूहों के विकास व वन औषधि मूल्यवर्धन रणनीति बनाएगा। हाल ही में बीआईपीपी की चार सदस्यीय टीम ने इस संदर्भ में प्रधान मुख्य अरण्यपाल, वन डॉ. सविता के साथ बैठक की। डॉ. सविता ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण समुदायों के काफी लोग वनों से प्राप्त औषाधीय पौधों, जड़ी-बूटियों तथा अन्य वन उपजों की बिक्री पर निर्भर रहते हैं। बहुत से वन उत्पादों को वे बहुत कम दामों पर बेच देते हैं जबकि उद्योग उन उपजों का उपयोग हर्बल दवाओं इत्यादि में कच्चे माल के तौर पर उपयोग करता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदाय सरकारी एजेन्सियों और जिम्मेदार व्यवसायियों के साथ मिल कर अपनी आजीविका को बढ़ाने के साथ-साथ वनों को संरक्षित रखने में सहयोग दे सकते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वन आजीविका सुरक्षा और जैव विविधता संरक्षण आदि लाभ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए वनों द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं में तालमेल तथा व्यापार को सन्तुलित करना महत्वपूर्ण है। बीआईपीपी वन उत्पादों के उत्पादन, सतत् निष्कासन व बिक्री के डेटा को संकलित करेगा तथा वन विभाग के सहयोग से वन्य औषधियों, जड़ी-बूटी के संग्रह, खरीद, मूल्य संवर्धन, विपणन और उद्योगों की स्थापना की विकेन्द्रीकृत प्रणाली के लिए एक प्रारूप तैयार करेगा। बीआईपीपी की टीम इस संदर्भ में सर्वप्रथम पायलट आधार पर प्रमुख उत्पादों के क्षेत्रों की मैपिंग कर रणनीति को वन विभाग के साथ साझा करेगा।
उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज आदेश जारी करते हुए बताया कि कोविड-19 रोगी के उपचार और देखभाल के लिए खेल छात्रावास दत्तनगर, रामपुर बुशहर को कोविड देखभाल केंद्र के रूप में अधिसूचित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला को इस केंद्र में एक चिकित्सा अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात करने के आदेश दिए गए है ताकि कोविड देखभाल केंद्र के संचालन में सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से अनुपालन हो सके। यह आदेश तत्काल प्रभाव से आगामी आदेशों तक लागू रहेंगे।
स्वास्थ्य विभाग ने होम क्वारंटाइन कोविड मरीजों के लिए नए दिशा-निर्देश और उपचार संबंधी प्रोटोकाॅल जारी किया है। इसके अन्तर्गत जिलों को बच्चों और व्यस्क कोविड मरीजों के लिए उपचार संबंधी अलग-अलग व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए है। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि नए दिशा-निर्देशों में कोविड मरीजों व उनके सहायकों को कोविड सुरक्षित वातावरण प्रदान करने पर बल दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 मरीजों के सहायकों के लिए अस्पतालों में अलग क्षेत्र चिन्हित किया जाना चाहिए जहां उनके लिए पेयजल और चिकित्सकों से संपर्क करने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। सभी सहायक प्रतिदिन वरिष्ठ चिकित्सकों से अपने मरीज के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और मरीज भी अपने सहायकों से प्रतिदिन कम से कम एक बार वीडीओ काॅल कर बाचतीत कर सकेंगे। राज्य मुख्यालय ने चिकित्सा ऑक्सीजन स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश जारी किए हैं और औद्योगिक ऑक्सीजन के उपयोग के प्रतिबंध के संबंध में भी उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। राज्य में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 14 लाख 28 हजार लोगों का टीकाकरण किया गया है। इनमें से 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 1,71,812 लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज चम्बा से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कांगड़ा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिले में कोविड के मामलों में हुई तीव्र वृद्धि के दृष्टिगत कोविड रोगियों की सुविधा के लिए बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा जिले के परौर में अस्थाई प्रबन्ध किए जाएंगे जिससे अगले दस दिनों में 250 अतिरिक्त बिस्तरों की क्षमता उपलब्ध होगी। आने वाले दिनों में यहां बिस्तरों की क्षमता को लगभग 1000 तक बढ़ा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से बीमार रोगियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए आईसीयू बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के अलावा ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति की जानी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए निजी प्रयोगशालाओं को भी सूचीबद्ध किया जाना चाहिए ताकि अधिक संख्या में कोविड के लिए जांच की जा सके और रोगियों को जल्द से जल्द जांच की रिपोर्ट उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि रोगियों को अस्पताल ले जाने और उपचार के उपरांत घर वापिस छोड़ने को वाहनों की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रभावी तंत्र विकसित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने प्रदेश के लिए छह पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्वीकृत किए हैं। इन्हें नागरिक अस्पताल पालमपुर, क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी, शिमला जिले के नागरिक अस्पताल रोहड़ू व नागरिक अस्पताल खनेरी, डाॅ. यशवंत सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल नाहन और क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में स्थापित किया जाएगा। इससे इन स्वास्थ्य संस्थानों में 1400 बिस्तरों को ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोविड अस्पताल में तैनात विभिन्न श्रेणियों के चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ को 30 जून तक प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है। चैथे व पांचवें वर्ष के एमबीबीएस विद्यार्थियों, अनुबंध चिकित्सकों, सीनियर और जूनियर रेजिडेंट डाॅक्टरों को 3000 रुपये प्रतिमाह का प्रोत्साहन दिया जाएगा। कोविड ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग विद्यार्थियों, जीएनएम तृतीय वर्ष के विद्यार्थियों और अनुबंध प्रयोगशाला स्टाफ को 1500 रुपये प्रतिमाह का प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा। प्रदेश सरकार पूरे राज्य और विशेषकर उन जिलों में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के हर संभव प्रयास कर रही है जहां कोविड-19 के मामले अधिक हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा परौर में बिस्तरों की क्षमता को 1000 तक बढ़ाया जाएगा। मण्डी के राधास्वामी सत्संग ब्यास परिसर में 200 बिस्तरों की क्षमता और आईजीएमसी शिमला के नए ओपीडी ब्लाॅक में अतिरिक्त 300 बिस्तरों की क्षमता सृजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा बद्दी-बरोटीवाला क्षेत्र में कोविड रोगियों के लिए अतिरिक्त 500 बिस्तरों की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए उपयुक्त स्थान चयनित कर लिया गया है। इसके साथ उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि अब तक जिले में कोविड के 359489 सैंपल की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 19570 पाॅजीटिव पाए गए है। वर्तमान में जिले में 5384 सक्रिय मामले हैं और जिले की पाॅजीटिविटी दर 5.44 प्रतिशत जबकि रिकवरी दर 70.34 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि जिला में टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है और अभी तक अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं, कोरोना योद्धाओं और 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को वैक्सीन की 3,82,851 खुराकें दी जा चुकी हैं। प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, उपाध्यक्ष हंस राज, सांसद इन्दु गोस्वामी, विधायक मुल्ख राज प्रेमी, वूल फेडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर, पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा, डा. राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा के प्रधानाचार्य डाॅ. भानु अवस्थी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज चंबा से वर्चुअल माध्यम से मंडी जिले के सिराज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत थुनाग क्षेत्र के लिए लगभग 66.36 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं की आधारशिलाएं रखीं। मुख्यमंत्री ने नई राहें नई मंजिलें के अंतर्गत 3.79 करोड़ रुपये की लागत से ग्राम पंचायत बगश्याड़ के देवनाला में निर्मित होने वाली सड़क किनारे सुविधाओं, 2.75 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सराची के भवन, मण्डी गागल, चैल, जंजैहली सड़क पर थुनाग और लम्बाथाच के मध्य 20.85 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली 165 मीटर लम्बी डबल लेन यातायात सुरंग, 12.61 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले शिल्लीबागी से दियोल जैनशला सड़क मार्ग जिसमें नाबार्ड के अन्तर्गत 30 मीटर लम्बा पुल भी शामिल है, थुनाग में रोपड़ी खड्ड पर 3.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 30 मीटर डबल लेन पुल, 1.11 करोड़ रुपये की लागत से नागरिक अस्पताल गाड़ागुशैणी के लिए कर्मचारी आवास, 13.78 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली पटीकरी बारा शिल्ली कशमबलीधार सड़क, जिसमें नाबार्ड के अन्तर्गत बाखलीखड्ड पर पुल भी शामिल है, की आधारशिलाएं रखीं। चच्योट तहसील में 1.64 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन, गाड़ागुशैणी में 24 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले ओक बीज भंडार भवन, धरोट की ग्राम पंचायत तरजून में 37 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाला रेशम पालन साधन केन्द्र, थुनाग में 2.03 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाला बस अड्डा, नेहरा, कंधाल, भजौनी, ग्राम पंचायत ककड़ाधार के चवाग, उप तहसील छतरी के लिए 80 लाख रुपये की लागत से जल आपूर्ति योजना सेरीबागा को पुनः तैयार करने, तहसील थुनाग के अनुसूचित जाति गांवों झुंडी, क्योली और बलेंदा के लिए 87 लाख रुपये की लागत से विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं की रिमाॅडलिंग और तहसील थुनाग की ग्राम पंचायत सुनाह लमाथाच के निहरी, मजौन गांव के लिए 2.03 करोड़ रुपये की लागत की उठाऊ जल आपूर्ति योजना की भी आधारशिलाएं रखीं। मुख्यमंत्री ने निष्पादन एजेंसियों को उन सभी परियोजनाओं का निर्माण कार्य समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए, जिनका उन्होंने आज शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं सिराज क्षेत्र के लोगों को सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि मंडी गागल-चैल-जंजैहली सड़क पर प्रस्तावित सुरंग के निर्माण से दूरी 2.50 किलोमीटर कम हो जाएगी और इसका निर्माण राज्य लोक निर्माण विभाग द्वारा 20 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि थुनाग में बस अड्डे का निर्माण किया जाएगा जिससे सिराज विधानसभा क्षेत्र में बसों के परिचालन के लिए उचित स्थान सुनिश्चित होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि अधिकारियों को विकास परियोजनाओं को एक वर्ष के भीतर पूर्ण करने के लिए उचित अनुसूची तैयार करनी चाहिए ताकि वह व्यक्तिगत रूप से इन परियोजनाओं को क्षेत्र के लोगों को समर्पित कर सकें। उन्होंने कहा कि सिराज विधानसभा क्षेत्र में उनका दौरा काफी समय से प्रस्तावित है लेकिन कोविड महामारी के कारण वह क्षेत्र का दौरा नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा सिराज मण्डलाध्यक्ष भागीरथ शर्मा ने कहा कि पिछले लगभग तीन वर्षों के दौरान सिराज विधानसभा क्षेत्र में विकास की गति तेज हुई है जिसका श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है। विधानसभा उपाध्यक्ष हंस राज, विधायक पवन नैयर एवं जिया लाल, भाजपा जिलाध्यक्ष डी.एस. ठाकुर मुख्यमंत्री के साथ चम्बा में और सिराज के भाजपा नेता शेर सिंह, डोले राम, खेम देसी और रजनी थुनाग में इस अवसर पर उपस्थित थीं
हाटकोटी (सरस्वतीनगर) से ज़िला परिषद् सदस्य कौशल मुँगटा ने क्षेत्र में लगातार बढ़ते हुए कोरोना मरीज़ों को देखते हुए जल्द से जल्द सरकार से सरस्वती नगर में कम से कम 100 बेड का कोविड अस्पताल स्थापित करने का आग्रह किया है, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर व कुछ वेंटिलेटर भी उपलब्ध हो। मुँगटा का कहना है की उनके वार्ड में उत्तराखण्ड की सीमा से लगा हुआ दूर दराज़ का क्षेत्र भी है और ऑक्सीजन की कमी मरीज़ को सामने आई तो हाटकोटी पहुँचना भी बहुत मुश्किल है रोहरू, शिमला तो छोड़िए। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है की अगर उनके क्षेत्र के साथ नाइंसाफ़ी और अनदेखी हुई व एक भी मरीज आकसीजन की कमी या नज़दीक में अस्पताल ना होने के कारण मरा तो वो बर्दाश्त नहीं करेंगे, व सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने का कार्य करेंगे। सरस्वतीनगर 19 पंचायते व 25000 से अधिक जनसंख्या वाला वार्ड है जहाँ वर्तमान में PHC व CHC में 50% से ज़्यादा पद ख़ाली चल रहे है, कोरोना की वर्तमान स्थिति की बात करें तो कई पंचायतो में कंटेनमेंट ज़ोन बना दिए गये है जो की आने वाले ख़तरे के लिए हमें तैयार होने को कह रहे है| मूँगटा का कहना है की सरकार बुरी तरह नाकाम हो चुकी है 28 दिन के बाद लगने वाली दूसरी खुराक अब 40-50 दिन बाद लग रही है जो सरकार की बदिन्तज़ामी को दर्शाता है।18 वर्ष से अधिक लोगों को 1 मई के बाद लगने वाले बयान को भी सरकार की असवेदनशीलता क़रार देते हुए मूँगटा ने इसे देश के साथ धोखा कहा है उनका कहना है कि आज भारत,पाकिस्तान बांग्लादेश नेपाल व भूटान जैसे देशों से भी बदतर हालत में है जिसके लिए चुनावी रैली वाली सरकार व उसकी घटिया नीतियाँ ज़िम्मेवार है। उनका कहना है की वो जल्द SDM के माध्यम से भी सरकार को इस बावत ज्ञापन सौंपेंगे।
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि कोविड-19 की दूसरी लहर में कोविड मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसके चलते ऑक्सीजन की आवश्यकता भी बढ़ गई है। हिमाचल प्रदेश में 21 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत है तथा पूरे प्रदेश में 65 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता है। बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या के मद्देनजर ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ेगी। इसी दृष्टि से ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत सरकार द्वारा आवंटित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला में ऑक्सीजन प्लांट का कार्य क्रियान्वित किया गया है। यह ऑक्सीजन प्लांट कोरोना महामारी के बाद भी इस अस्पताल में ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करेगा। ऑक्सीजन प्लांट को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला में स्थापित करने के लिए भारत सरकार तथा मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर का धन्यवाद किया। उन्होंने बताया की आगामी दिनों में हिमाचल प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि शिमला के अस्पतालों में मरीजों की संख्यां कम करने के लिए रोहड़ू व रामपुर में आक्सीजन का माकूल प्रबंध जा रहा है यदि यह प्लांट उपरी क्षेत्रों में स्थापित होते है तो उनके क्षेत्रों में ही कोविड मरीजों के साथ साथ अन्य बिमारियों से ग्रस्त मरीजों को भी आक्सीजन की सुविधा मिलेगी।
जिला अध्यक्ष आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एवं जिला दंडाधिकारी आदित्य नेगी के आदेशानुसार कोविड महामारी के बढते संक्रमण तथा जिला में चल रहे टीकाकरण अभियान को मध्यनजर रखते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा नगर निगम शिमला के 34 वार्डों के लिए कलस्टर कंटोनमैंट सर्वे टीमें गठित की गई। उन्होंने कहा कि चिकित्सक दल की टीम के सदस्य नगर निगम शिमला के समस्त वार्डों में कोरोना पीड़ित, होम क्वांरटीन नागरिकों को दवाईयों की किट का वितरण, उनके सम्पर्क में आए लोगों की सूची तैयार करना, कोविड सुरक्षा टीकाकरण में सहयोग देना तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिए गए दायित्वों का निर्वहन करेगी। जनता की सुरक्षा को मध्यनजर रखते हुए सम्बन्धित स्वास्थ्य अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगें कि सीसीएसटी के समस्त सदस्यों को उनकी डियूटी के बारे प्रशिक्षण दिया जाए। इन आदेशों का पालन न करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लक्कड़ बाज़ार शिमला में विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी गई है। विद्यालय में सभी कक्षाओं के लिए सभी विषयों की ऑनलाइन कक्षा की समय सारणी बना दी गई है। अध्यापक अपने घरों से ही गूगल मीट और जूम जैसे ऑनलाइन माध्यम से लाइव कक्षाएं ले रहे हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि इस संदर्भ में विद्यालय के अध्यापकों के साथ एक वर्चुअल स्टाफ मीटिंग की गई जिसमें यह निर्णय लिया गया की ऑनलाइन कक्षाएं एक निर्धारित समय सारणी के अनुसार नियमित रूप से ली जाएं ताकि विद्यार्थियों के साथ संपर्क बना रहे और उनकी पढ़ाई प्रभावित ना हो। यह सारी प्रक्रिया हर घर पाठशाला के अतिरिक्त रहेगी। विद्यालय प्रबंधन ने विद्यालय के स्टाफ और छात्रों के अभिभावकों के साथ इस बारे में संवाद स्थापित किया जिसमें 100 से अधिक अभिभावक ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। इस मीटिंग में अभिभावकों से सहयोग की अपेक्षा की गई। अभिभावकों ने विद्यालय द्वारा शुरू की गई ऑनलाइन कक्षाओं का स्वागत किया और आश्वासन दिया कि वह विद्यालय प्रशासन की इस पहल का पूर्ण सहयोग करेंगे।
चौपाल के नेरवा में एक दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया है। नेरवा से 1 किलोमीटर दूर हडेऊनाला के पास एक कार अनियंत्रित होकर खाई में जा गिरी। गाड़ी में तीन लोग स्वार थे। तीनों लोग इस दुर्घटना में जख्मी हुए, घायलों को स्थानीय लोगों व पुलिस द्वारा सिविल अस्पताल नेरवा लाया गया। इस दुर्घटना में घायल हुए व्यक्तियों की पहचान दिनेश चौहान (41) पुत्र किरपा राम गांव व डाकघर बिजमल तहसील नेरवा जिला शिमला, कमलेश (38 ) पत्नी दिनेश चौहान व अक्षय चौहान पुत्र श्याम सिंह ( 27) के रूप में हुई है। गाड़ी के चालक दिनेश चौहान अपनी पत्नी कमलेश व अपने भतीजे अक्षय के साथ अपने घर बिजमल से नेरवा बाजार आ रहें थे। अचानक कार अनियंत्रित होने से यह दुर्घटना हो गई। तीनों घायलों को सिविल अस्पताल नेरवा से प्रार्थमिक उपचार के बाद IGMC शिमला रेफर किया गया है। तहसीलदार नेरवा अरूण शर्मा द्वारा रेफर किए गए घायलों को पांच-पांच हज़ार रूपए की राशि फौरी राहत के तौर पर दी गई।
प्रदेश में कोविड मरीजों को सुविधा प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कोविड समर्पित 33 और एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई हैं जिनमें 108 एम्बुलेंस सेवा की 13 व 102 एम्बुलैंस सेवा की 20 एम्बुलेंस शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डाॅ.निपुण जिन्दल ने यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में कुल 123 कोविड समर्पित एम्बुलेंस लोगों को सेवाएं प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 108 एम्बुलेंस सेवाओं की 47 एम्बुलेंस पहले से ही अपनी सेवाएं उपलब्ध करवा रही हैं जिनमें 13 और एंबुलेंस शामिल की गई हैं। इस प्रकार, 108 एम्बुलेंस सेवा की 60 एम्बुलेंस के माध्यम से लोगों को सेवाएं प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि 102 एम्बुलेंस सेवा की कुल 63 एम्बुलेंस कोविड मरीजों को सेवाएं प्रदान कर रही हैं। 102 एम्बुलेंस सेवा की 22 एम्बुलेंस पहले से ही सेवारत थीं जबकि 20 और एम्बुलेंस शामिल की गई है। उन्होंने कहा कि 21 एम्बुलेंस को सैम्पल एकत्रीकरण के कार्य में लगाया गया है। मिशन निदेशक ने बताया कि 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को कोविड का टीका लगाने के लिए 28 अप्रैल से पंजीकरण कार्य आरम्भ हो गया है। कोविन पोर्टल और आरोग्य सेतू ऐप पर पंजीकरण करवाया जा सकता है। इस आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध होते ही टीकाकरण का कार्य आरम्भ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इस आयु वर्ग के सभी पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क टीकाकरण करने का निर्णय लिया गया है।
छात्र अभिभावक मंच ने उच्चतर शिक्षा निदेशक से मांग की है कि वह दयानंद पब्लिक स्कूल के मामले में हस्तक्षेप करें व पांच दिसम्बर 2019 की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना को लागू करवाएं। यह अधिसूचना वर्ष 2019 में जारी हुई थी व इसमें स्पष्ट किया गया था कि वर्ष 2020 व उसके तत्पश्चात कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों के जनरल हाउस के बगैर कोई भी फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकता है। इसके बावजूद भी डीपीएस स्कूल ने वर्ष 2020 में फीस बढ़ोतरी की। वर्ष 2021 में इस स्कूल ने सारे नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए टयूशन फीस में भारी-भरकर बढ़ोतरी करके सीधे 55 प्रतिशत तक फीस बढ़ोतरी कर दी है। डीपीएस प्रबंधन ने नर्सरी व केजी कक्षा की फीस को एक हज़ार नौ सौ से बढाकर दो हज़ार आठ सौ पचास रुपये, पहली से पांचवीं कक्षा तक की प्रतिमाह टयूशन फीस दो हज़ार से बढ़ाकर तीन हज़ार रुपये, छठी से आठवीं कक्षा की फीस को दो हज़ार एक सौ से बढ़ाकर तीन हज़ार दो सौ पचास रुपये तथा नौंवीं-दसवीं कक्षा की प्रतिमाह फीस को दो हज़ार दो सौ पचास रुपये से बढ़ाकर तीन हज़ार पांच सौ रुपये कर दिया है। इस तरह वार्षिक बारह हज़ार रुपये से पन्द्रह हज़ार रुपये की टयूशन फीस बढ़ोतरी की गई है। यह पूर्णतः छात्र व अभिभावक विरोधी कदम है व इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि शिक्षा विभाग की नाक तले अंधेरा है व इस से दो सौ मीटर दूर डीपीएस स्कूल में ही शिक्षा विभाग अपने 5 दिसम्बर 2019 के आदेशों को ही लागू नहीं करवा पा रहा है जिसका सीधा मतलब है कि निजी स्कूलों के साथ प्रदेश सरकार की सीधी मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि अगर इस फीस बढ़ोतरी पर अंकुश न लगाया गया तो आंदोलन तेज़ होगा जिसके तहत 28 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय का घेराव होगा।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी जिला के सुंदरनगर में नवनिर्मित मातृ एवं शिशु अस्पताल का दौरा कर वहां उपलब्ध सुविधाओं सेे संबंधित जानकारी प्राप्त की। यह अस्पताल कोविड-19 रोगियों के लिए समर्पित किया गया है। उन्होंने सलापड़ में बीबीएमबी कालोनी के पुराने भवनों का भी दौरा किया ताकि आवश्यकता पड़ने पर कोविड-19 रोगियों के लिए अतिरिक्त सुविधाओं की संभावनाओं का पता लगाया जा सके। मुख्यमंत्री ने श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नेरचैक में कोविड-19 की स्थिति के दृष्टिगत बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में कोविड-19 मामलों में तीव्र वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में कोविड रोगियों के लिए बिस्तर की क्षमता को बढ़ाकर लगभग 5000 करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि नेरचैक चिकित्सा महाविद्यालय को कोविड-19 अस्पताल के रूप में समर्पित किया गया है और अस्पताल के निकट परिसर में अतिरिक्त 100 बिस्तरों वाले अस्थायी अस्पताल का कार्य भी अगले चार-पांच दिनों के भीतर पूरा कर दिया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी विपरीत स्थिति का सामना करने के लिए अपनी क्षमता को और अधिक बढ़ाने के प्रयास कर रही है। कांगड़ा जिले के राधास्वामी परिसर, परौर में कोविड रोगियों के लिए एक हजार बिस्तरों तक की क्षमता वाले अस्थायी अस्पताल में परिवर्तित कर इसे क्रियाशील बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंडी में एमसीएच भवन का काम एक माह के भीतर पूरा हो जाएगा, जिसके लिए अतिरिक्त धन उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बाहर से प्रदेश में प्रवेश करने वाले लोगों से आरटीपीसीआर परीक्षण की नेगेटिव रिपोर्ट साथ लाने और दो सप्ताह की अवधि के लिए होम आइसोलेशन में रहने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने अधिकािरयों को ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की आपूर्ति सुनिश्चित करने और चिकित्सा महाविद्यालय नेरचैक में अधिकतम बिस्तरों में ऑक्सीजन सुविधा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रत्ती के अस्पताल में बिस्तरों की क्षमता को 25 से बढ़ाकर 50 किया जाना चाहिए। जयराम ठाकुर ने अधिकारियों को जिले की सभी संस्थाओं/भवनों को सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए। कोविड-19 मरीजों की संख्या में वृद्धि होने पर इनका उपयोग मरीजों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं को सुदृढ़ करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि चिकित्सा महाविद्यालय नेरचैक पर मरीजों के बोझ को कम किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को इस महामारी से प्रभावशाली तरीके से निपटने के लिए आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के भी निर्देश दिए। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने मंडी जिले के भंगरोटू में निर्माणाधीन प्री-फैब्रिकेटिड अस्पताल का भी निरीक्षण किया। जयराम ठाकुर ने मण्डी में मातृ शिशु स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र का दौरा किया और सम्बन्धित अधिकारियों को इसका निर्माण कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने खलियारा में राधास्वामी सत्संग व्यास का भी दौरा किया, जहां आवश्यकता पड़ने पर 200 बिस्तरों वाले प्रीफैब्रिकेटिड ढांचे का निर्माण किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री डाॅ.राजीव सैजल, विधायक राकेश जम्वाल, इंद्र सिंह गांधी, जवाहर ठाकुर, भाजपा प्रवक्ता अजय राणा, उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर, पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री, मुख्य चिकित्सा अधिकारी देवेंद्र शर्मा और अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा कोरोना आपदा की दूसरी लहर से निपटने की दिशा में सभी ज़रूरी कदम उठाने व वित्त मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री के सभी निर्देशों का गम्भीरता से पालन करने की बात कही है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार कोरोना आपदा से निपटने के लिए हर ज़रूरी कदम उठा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में ऑक्सीजन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए बैठक में 3 महीने के लिए ऑक्सीजन से जुड़ी वस्तुओं उपकरणों के आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी और हेल्थ सेस नहीं लगाए जाने का निर्देश दिया जोकि कदम स्वागतयोग्य है। मोदी ने देशभर के जिला मुख्यालयों पर सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट बनाने की मंज़ूरी दे दी है। पीएम केअर्स फंड से 551 अस्पतालों में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स लगाए जाएंगे। जिससे कोरोना के ख़िलाफ़ जंग में बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय के अधीनस्थ केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने कोविड संबंधी आयात से जुड़े सवालों के समाधान के लिए एक सहायता प्रकोष्ठ बनाया है, ताकि सीमा शुल्क विभाग से ऐसे सामान की त्वरित निकासी हो सके। कोविड-19 मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाला जीवन रक्षक रेमडेसिविर के उत्पादन को 38.80 लाख यूनिट प्रति माह से बढ़ाकर 74 लाख यूनिट प्रति माह करने का निर्णय भी मोदी सरकार ने लिया है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मई और जून महीने में 26000 करोड़ रुपए खर्च करके मुफ़्त 5 किलो अनाज उपलब्ध कराने का सराहनीय निर्णय लिया है। महामारी के इस समय में गरीबों को भोजन की समस्या से दो-चार न होना पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार ने अहम कदम उठाया है। मोदी सरकार इस आपदा में हर कदम पर देशवासियों के साथ खड़ी है। पिछले साल भी पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना को तीन महीने के लिए शुरू किया गया था। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के इस विस्तार में केंद्र सरकार ने पिछले साल 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया था और अब मोदी सरकार आगामी 2 महीनों में 26000 करोड़ रुपए खर्च करके सुनिश्चित करेगी कि इस आपदा की घड़ी में कोई भूखा ना रहे।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से दूरभाष पर बातचीत कर कोविड-19 को लेकर राज्य की स्थिति और सुविधाओं को लेकर चर्चा की। उन्होंने राज्यपाल से कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में राज्य के पूर्व सैनिकों को शामिल करने और सैन्य व्यवस्था का लाभ लेने का सुझाव दिया। रक्षा मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक हैं और यहां कई प्रकार से सैनिक व्यवस्था भी उपलब्ध है। यह दौर महामारी का है। इसलिए, इस दौरान राज्य को अपने पूर्व सैनिकों की सेवाएं कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सैनिक गेस्ट हाउस, रेस्ट हाउस व अन्य मेडिकल सुविधाओं का भी लाभ लिया जा सकता है। महामारी के खिलाफ प्रदेश स्तर पर किए जा रहे विभिन्न प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि मिलकर इस चुनौती का सामना किया जा सकता है। मुश्किल की इस घड़ी में हमें अपने स्तर पर योगदान देना चाहिए। राज्यपाल ने केंद्रीय रक्षा मंत्री द्वारा हिमाचल के प्रति व्यक्त उनकी चिंता पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में पूर्व सैनिकों और सैन्य व्यवस्था के नेटवर्क इस दिशा में पहले से ही क्रियाशील है, जिसका लाभ और प्रभावी तरीके से लिया जाएगा ताकि इस लड़ाई में विजय हासिल की जा सके। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को आश्वस्त किया कि उनके सुझावों पर कार्य योजना बनाकर महामारी के खिलाफ क्षेत्रीय स्तर पर पूर्व सैनिकों की अधिक से अधिक सेवाओं को लेकर मजबूती से काम किया जाएगा।
देश में कोरोना वायरस की स्थिति से हाहाकार मचा हुआ है। दिनोंदिन स्थति भयावह होती जा रही है। भारत में कोरोना वायरस के आंकड़े काफी भयानक है। हर दिन देश में 3 लाख से अधिक मामलें दर्ज हो रहे है। वंही, हिमाचल प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान कोरोना की जांच के लिए करीब 65486 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। इनमें से 10529 से अधिक लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 20 अप्रैल को बीते 24 घंटे में कोरोना की जांच के 9071 सैंपल लिए गए। इनमें से 1295 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 21 अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार 7615 सैंपल लिए गए और 454 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 22 अप्रैल को 7799 सैंपल लिए और 959 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 23 अप्रैल को 10079 सैंपल व 819 पॉजिटिव, 24 अप्रैल को 9990 सैंपल व 1041 लोग पॉजिटिव, 25 अप्रैल को 6483 और 534 पॉजिटिव केस आए। वहीं, 26 अप्रैल को 7172 सैंपल लिए गए और 1072 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा वर्तमान में 89193 के पार पहुंच गया है। सक्रिय मामले 14326 से ज्यादा हो गए हैं। अब तक से अधिक 73478 संक्रमित ठीक हो चुके हैं और 1350 की मौत हुई है।
युवा कोंग्रेस नेता व सरस्वती नगर से जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा ने सरकार को चेताया है कि अगर बागवानों को उनके नुक़सान का उचित मुआवज़ा नहीं मिला तो वो आगामी दिनों में धरना प्रदर्शन व हड़ताल से भी गुरेज़ नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि ऊपरी क्षेत्रों में बेमौसमी बर्फ़बारी और ओलावृष्टि से सब कुछ तबाह हो गया है, नुकसान का आंकलन करना मुश्किल हो गया है। कई जगहों पर पेड़ जड़ से ही उखड़ गए हैं तो कहीं ओलावृष्टि से पूरी फसल तबाह हो गई है। नुकसान का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिसकी 2 हज़ार से अधिक सेब की पेटियाँ होती थी, उस बागवान की फसल इस तरह तबाह हुयी है की इस वर्ष उसकी 50 पेटियाँ होना भी मुश्किल है। ऐसे में जिन लोगों की आर्थिकी सेब की फसल पर निर्भर है वो पुरे साल कैसे गुजर-बसर करेंगे, ये बड़ा सवाल है। वहीं मुंगटा ने सरकार से आग्रह किया है कि जो मुआवज़े की राशि लोगों को मिलनी है उसमें पारदर्शिता हो क्यूँकि जिसका करोड़ों का नुकसान हुआ है उसे कुछ राशि देकर भरपाई नहीं हो सकती है। वहीं, KCC लिमिट पर लगने वाले ब्याज को भी सरकार को इस आपदाकाल में माफ़ कर देना चाहिए ताकि बागवान परेशान ना हों। मुंगटा ने कहा कि उनका पूरा वार्ड सेब बाहुल्य क्षेत्र में आता है, सभी लोग सेब पर ही निर्भर है ऐसे में जब पूरी फसल ही तबाह हो गई हो तो लोग कैसे अपना गुजर बसर करेंगे, सरकार को इस विषय के बारे में सोचना चाहिए और उचित मुआवज़ा और राहत प्रदान करनी चाहिए। अगर बागवानों को मुआवज़ा देने में आनाकानि की गई तो सरकार 2022 में अपना बोरिया बिस्तर भी तैयार रखें।
बेमौसमी बर्फबारी, ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण फसलों और फलों को हुए नुकसान की समीक्षा के लिए बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बागवानी अधिकारियों, फसल बीमा कंपनियों और फल उत्पादक संघ की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सेब व अन्य फसलों को पहुंचे नुकसान के आंकलन के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिमला सहित किन्नौर, मंडी, कुल्लू, चंबा, लाहौल-स्पीती तथा सिरमौर जिला के उद्यान उप-निदेशकों की अध्यक्षता में कमेटियों का गठन किया जाए। इन कमेटियों में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, राजस्व विभाग के अधिकारियों, बागवानों और बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी सम्मिलित किया जाए। बागवानी मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार को नुकसान के आंकलन की वीडियोग्राफी सहित विस्तृत रिर्पोट 15 दिनों के भीतर भेजी जाए। संबंधित क्षेत्रों के उपमण्डलाधिकारी इस कार्य की दैनिक समीक्षा रिपोर्ट भी बागवानी मंत्री के कार्यलय में भेजे। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग ने प्रदेश के बागवानों को पौध संरक्षण दवाइयों के अनुदान को सीधे किसानों व बागवानों के बैंक खातों मे वितरित करने का निर्णय लिया है ताकि दवाइयों के वितरण में दक्षता, प्रभावशीलता व जवाबदेही लाई जा सके तथा प्रदेश के अधिक से अधिक लघु एवं सीमांन्त बागवानों को लाभ मिल सके। वर्तमान में विभाग के लगभग 355 पौध संरक्षण केन्द्रों में विभागीय अधिकारी दवाइयों की वितरण प्रक्रिया में शामिल हैं। प्रत्यक्ष लाभा हस्तांतरण (डीबीटी) लागू होने से इन अधिकारियों की सेवा आधुनिक बागवानी तकनीक एवं योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए ली जा सकेगी। डीबीटी लागू होने से समय अवधि समाप्त होने पर खराब होने वाली दवाइयों पर सरकार का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से लाखों रूपये का नुकसान होता था, जिससे बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसान-बागवान विश्वविद्यालय एवं विभाग द्वारा सुझाई गई पौध संरक्षण दवाइयां बाज़ार से खरीद सकेंगे। विभाग द्वारा विभागीय छिड़काव सारणी मे दर्शाई गई सभी दवाइयों के दाम तय किए जाएंगे ताकि बागवानों को प्रदेश के हर हिस्से मे एक समान दाम पर दवाइयां मिल सके। महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि दवाइयों की गुणवता सुनिश्चित करने के लिए कीटनाशक अधिनियम 1968 के अनुसार, विभागीय अधिकारियों द्वारा नमूने कृषि विभाग शिमला के बालूगंज स्थित प्रयोगशाला मे जांच के लिए भेजे जाते हैं और इनके फेल होने पर अधिनियम के अनुसार कार्रवाई की जाती है। ओला अवरोधक जालियों को लगाने के लिए सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 कृषि उत्पाद संरक्षण (एन्टी हेलनेट) योजना कुशी (केयूएसएचवाई) चलाई जा रही है, जिसमें स्टील की स्थाई संरचना के निर्माण पर बागवानों को 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। इस वर्ष कुशी योजना के अन्तर्गत 20 करोड़ धनराशि का प्रावधान किया गया है। इस दौरान बागवानी विभाग के निदेशक डाॅ. जे.पी. शर्मा, अतिरिक्त निदेशक उद्यान डाॅ. डी.पी. सिंह, संयुक्त निदेशक, हिमाचल फल उत्पाक संघ के अध्यक्ष हरीश चैहान सहित अन्य बागवनी अधिकारी तथा फसल बीमा कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्चुअल माध्यम से मंडी जिले के सुंदरनगर में 12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मातृ एवं शिशु अस्पताल का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने शिमला से सुंदरनगर के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस अस्पताल को वर्तमान राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष और तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने वर्ष 2017 में राज्य के लिए स्वीकृत किया था और पिछले तीन वर्षो के दौरान इस परियोजना के कार्य में तेज़ी लाने के उपरान्त आज जनता को समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य सरकार इस अस्पताल को वर्चुअल माध्यम से लोगों को समर्पित करने के लिए मजबूर हुई। इस अस्पताल का उपयोग समर्पित कोविड-19 अस्पताल के रूप में किया जाएगा और यह जिले के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करेगा। नेरचैक मेडिकल कालेज को कोविड-19 अस्पताल के रूप में समर्पित किया गया है और अतिरिक्त 100 बिस्तरों की क्षमता वाले प्री-फैब्रिकेटिड अस्पताल का कार्य भी कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा। नागरिक अस्पताल सुंदरनगर को 150 बिस्तर वाले अस्पताल में स्तरोन्नत किया गया है और यह क्षेत्र के लोगों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान कर रहा है। राज्य सरकार अस्पताल में लिफ्ट और अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अतिरिक्त धन उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 मामलों की संख्या में वृद्धि चिंता का विषय है। राज्य सरकार ने प्रदेश में आने वाले लोगों से 72 घंटे पहले किए गए आरटीपीसीआर परीक्षण की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से साथ लाने और उन्हें चौदह दिनों की अवधि के लिए अपने निवास स्थान पर होम आईसोलेशन में रहने का आग्रह किया है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के निर्वाचित प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं और दिशा-निर्देशों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई आरंभ करने का आग्रह किया ताकि इस महामारी को फैलने से रोका जा सके।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेश में कोविड-19 मामलों में तीव्र वृद्धि से उत्तपन्न स्थिति के दृष्टिगत वर्चुअल माध्यम से सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्याें व चिकित्सा अधीक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय माईक्रो कन्टेन्मेंट जोन के माध्यम से प्रभावी निगरानी कर कोविड मामलों की टैस्टिंग और ट्रीटमेंट अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने उपायुक्तों को अपने जिलों में कोविड जांच में तेज़ी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम बर्बादी हो क्योंकि देश और प्रदेश को इसकी बहुत आवश्यकता है। प्रदेश सरकार कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तरों की क्षमता में तीन हज़ार तक वृद्धि करने के लक्ष्य को लगभग पूरा कर चुकी है और किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए बिस्तरों की क्षमता को पांच हज़ार तक बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने एहतियाती तौर पर अतिरिक्त तीन हज़ार डी-टाईप ऑक्सीजन सिलेण्डरों का भण्डारण किया है ताकि खाली सिलेण्डरों की कोई कमी न हो। जयराम ठाकुर ने कहा कि होम आइसोलेशन प्रणाली को सुदृढ़ बनाना चाहिए और आशा कार्यकर्ताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं, महिला मण्डलों और युवक मण्डलों को होम क्वारंटीन में रखे गए कोविड मरीजों के परिजनों के साथ सम्पर्क में रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों पर निगरानी रखने का अनुरोध किया। इन प्रतिनिधियों को बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर जारी की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाने का भी आग्रह किया।