हिमाचल में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले का एनपीएस कर्मचारी संघ सोलन ने समर्थन किया है। संघ का कहना है की सरकार ने जो कर्मचारियों का एक दिन का वेतन कोविड -19 सहायता के लिए काटा है एनपीएस कर्मचारी संघ उसके लिए तैयार है। एनपीएस कर्मचरियों का कहना है की प्रदेश में लगातार कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है। ऐसे में सभी कर्मचारियों को सरकार के इस फैसले का समर्थन करना चाहिए। संघ के जिला अध्यक्ष अशोक ठाकुर ने बताया कि एनपीएस कर्मचारी इस संकट के शुरुआत से ही सरकार के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर काम कर रहे हैं। पिछले वर्ष भी एनपीएस कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 25 लाख से अधिक राशी दी थी तथा इसके साथ ही सभी कर्मचारियों ने एक दिन का वेतन भी दिया था। एनपीएस कर्मचारियों ने कहा कि भविष्य में भी सभी कर्मचारी सरकार का हर संभव साथ देने का वादा करते हैं। उन्होंने कहा की कर्मचारी अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बिना कोविड-19 से लड़ रहे हैं। कोई अस्पताल में सेवाएँ दे रहा है तो कोई सड़कों पर लोगों को जागरूक कर रहा है। एनपीएस कर्मचारियों ने सरकार से मांग की है कि केंद्र सरकार की तर्ज पर कर्मचारी की मृत्यु या विकलान्गता पर 2009 की अधिसूचना के तहत पुरानी पेंशन की व्यवस्था को प्रदेश में लागु किया जाए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर एनपीएस कई बार सरकार के समक्ष मांग रख चूका है ,लेकिन अभी तक सरकार कि तरफ से उन्हें कोई भी आश्वासन नहीं मिला है। इसके साथ ही कर्मचरिओं ने मांग रखी है कि भाजपा के चुनावी दृष्टिपत्र के अनुसार पुरानी पेंशन की बहाली के लिए जल्द कमेटी गठन किया जाए।
बेरोजगार कला अध्यापक शिक्षा विभाग व सरकार से खफा है। इनअध्यापकों को प्रशिक्षण देने के बाद भी उन्हें आज तक नियुक्ति ही नहीं मिल पाई है। बेरोजगार कला अध्यापक संघ का कहना है कि सरकार से बार -बार गुहार लगाने के बात भी उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है। अब इन बेरोजगार कला अध्यापकों ने सरकार को दो टूक कह दिया है की उनकी अनदेखी का पता सरकार को 2022 में विधानसभा चुनाव में चल जाएगा। बेरोजगार कला अध्यापकों का कहना है की वर्ष 2005 से 2009 तक एससीवीटी के माध्यम से सरकार ने हजारों बच्चों को मैट्रिक आधार पर कला अध्यापक का प्रशिक्षण करवाया ताकि उन सभी को रोजगार प्राप्त हो सके, लेकिन उसके बाद सरकार ने कला अध्यापक बनने के लिए 12वीं में 50 प्रतिशत अंकों के साथ न्यूनतम योग्यता अनिवार्य रख दी गई। इससे पता लगाया जा सकता है कि ना तो सरकार और ना शिक्षा विभाग को इस बात का ज्ञान था कि कला अध्यापक बनने के लिए न्यूनतम योग्यता क्या होनी चाहिए थी। बेरोजगार कला अध्यापकों संघ के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज ने कहा कि वह सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें सरकारी स्कूलों में चल रहे कला अध्यापकों के खाली पदों में नियुक्ति प्रदान करें, लेकिन सरकार उन्हें हर बार झूठे आश्वासन ही दे रही है। उन्होंने कहा की जहां भी शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री का कोई भी कार्यक्रम होता है वहां पर यह सभी कला अध्यापक यह आस लगाकर पहुंच जाते हैं कि इस बार सरकार हमारी मांगे जरूर पूरा करेगी, लेकिन आज तक कोई भी सुनवाई नहीं हो सकी। उन्होंने बताया की अभी हाल ही में कला अध्यापकों के 500 पद भरने की एक फाइल शिक्षा विभाग से वित्त विभाग के पास गई है, इसके साथ ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपना बजट 12 हजार पद शिक्षा विभाग में भरने के लिए कहा था, मगर बेरोजगार कला अध्यापकों को इस बात का भी पता नहीं है कि कला अध्यापक के 500 पद इन पदों में शामिल है भी या नहीं। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से मुख्यमंत्री जी हमें आश्वासन पर आश्वासन दिए जा रहे हैं कि कला अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू होगी, लेकिन यह आश्वासन केवल झूठे जुमले साबित हो रहे है। हिमाचल में करीब 1800 कला अध्यापकों के पद खाली बेरोजगार कला अध्यापक संघ के अनुसार मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र मण्डी की बात करें तो इस समय जिला मंडी में ही कला अध्यापक के 284 पद खाली चल रहे हैं। उन स्कूलों में बच्चों को कला विषय तो है, लेकिन उसे पढ़ाने वाला अध्यापक ही नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी जिला में कई ऐसे स्कूल है जहां पर कला अध्यापक कई सालों से नहीं है। इस समय पूरे हिमाचल में 1800 के आसपास कला अध्यापक के पद खाली चल रहे हैं। बच्चों के माता-पिता को मजबूरन अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजना पड़ रहा है, क्योंकि सरकारी स्कूलों में अध्यापक ही नहीं होंगे तो वहां पर बच्चों का भविष्य कैसा होगा। सभी बेरोजगार कला अध्यापकों ने मांग की है कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों को दिल्ली में चल रहे सरकारी स्कूलों की तरह बनाया जाए। सभी को एक समान शिक्षा दी जाए व सभी सरकारी स्कूलों में सभी विषयों के अध्यापकों की नियुक्ति की जाए नहीं तो हिमाचल में भी यही हाल होगा जो दिल्ली में विधानसभा चुनावों में भाजपा सरकार का हुआ था।
लम्बे अर्से बाद हिमाचल कैबिनेट ने प्रदेश के कर्मचारी वर्ग के लिए एक बड़ा राहत भरा फैसला लिया गया है। हालहीं में हुई जयराम मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश के हजारों अनुबंध कर्मियों, दैनिक/कंटींजेंट और अंशकालिक कार्यकर्ताओं को सौगात दी गई है। बैठक में विभिन्न विभागों में कार्यरत उन अनुबंध कर्मचारियों के सेवाकाल को नियमित करने का निर्णय लिया गया, जिन्होंने 31 मार्च 2021 को तीन वर्ष का सेवाकाल पूरा किया है या जिनका सेवाकाल 30 सितंबर 2021 को पूरा होने जा रहा है। इसी तरह मंत्रिमंडल ने उन दैनिक/कंटींजेंट कार्यकर्ताओं की सेवाएं भी नियमित करने का निर्णय लिया जो 31 मार्च को अपनी सेवाओं के पांच साल पूरा कर चुके हैं या फिर 30 सितंबर को पूरा करने वाले हैं। इसके साथ ही इन्हें विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े पदों पर नियमित करने का भी फैसला लिया गया है। मंत्रिमंडल ने उन अंशकालिक कार्यकर्ताओं की सेवाओं को विभिन्न विभागों में दैनिक वेतन भोगी के रूप में परिवर्तित करने का भी निर्णय लिया, जिन्होंने 31 मार्च 2021 को 8 वर्ष का निरंतर सेवाकाल पूरा कर लिया है अथवा 30 सितंबर 2021 को पूरा करने जा रहे हैं। इस फैसले से हिमाचल के कर्मचारी बेहद खुश है व हिमाचल के के कर्मचारी वर्ग ने मुख्यमंत्री व सरकार का आभार भी जताया है। कर्मचारियों की और भी कई मांगें लंबित पड़ी है जैसे पुरानी पेंशन बहाली की मांग, जेसीसी की बैठक जल्द बुलाने की मांग, अनुबंध काल को 2 वर्ष करने की मांग, नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग इतियादी। कर्मचारियों ने ये उम्मीद जताई है की सरकार इन मांगों को भी जल्द पूरा करेगी।
हिमाचल प्रदेश में बेकाबू होती कोरोना की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। कोरोना की रोकथाम के लिए बढ़ती सख्ती और पाबंदियों से पर्यटन उद्योग की रफ़्तार एक बार फिर धीमी कर दी है। हिमाचल प्रदेश में लगातार दूसरे साल ग्रीष्म पर्यटन सीजन पिट गया है। कोरोना के खतरे और बंदिशों ने देश-विदेश से आने वाले सैलानियों के कदम जकड़ लिए हैं। प्रदेश के अधिकांश होटलों और होमस्टे में ऑक्यूपेंसी शून्य हो चुकी है। एडवांस बुकिंग भी धड़ाधड़ रद्द होने लगी है। परेशान पर्यटन कारोबारी फिर से अपना काम-धंधा समेटने लग पड़े हैं। लगातार दूसरे साल भी सीजन पिटने से कारोबारी चिंतित हैं। हिमाचल में पर्यटन सीजन शुरू होना ही था की इससे पहले ही बढ़ते कोरोना के चलते सरकार को कई बंदिशों को लेकर फरमान जारी करना पड़ा। इसके बाद अब होटल व्यवसाय पर इसका असर देखने को मिल रहा है। पर्यटन हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी का एक बड़ा हिस्सा है, परन्तु लगातार दूसरे साल स्थिति खराब होने से पर्यटन व्यवसाइयों की चिंता बढ़ गई है। होटल, रेस्टोरेंट ईकाइयों को फिक्स्ड खर्चों का वहन कर पाना असंभव हो गया है। हालाँकि सरकार ने अभी बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों पर कोई रोक नहीं लगाई है, लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश के होटलों में कम ही पर्यटक देखने को मिल रहे है। बता दें की हिमाचल की पर्यटन इकाइयों की आमदन का बहुत बड़ा हिसा समर सीजन पर ही निर्भर करता है, लेकिन इस बार भी कोरोना की दूसरी लहर के चलते समर सीजन पर संकट के बादल छाए हुए है। पर्यटन से जुड़ा है राज्य का हर घर और परिवार: सेठ स्टेट टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहेंद्र सेठ का कहना है कि पर्यटन से राज्य का हर घर और परिवार जुड़ा हुआ है। ऐसे में पर्यटन राज्य में पयटकों के आने पर किसी प्रकार का अनावश्यक प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। पर्यटक केवल होटलों में नहीं रहता है बल्कि अन्य उद्योग भी इससे जुड़े है। बहुत मुश्किल से प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय पटरी पर लौटने लगा था , लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने अब फिर से चिंता बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से जो इंटरेस्ट सुबवेंशन स्कीम के तहत ऋण के रूप में पर्यटन से जुड़े करोबारियों को आर्थिक मदद करने का नोटिफिकेशन जारी की हुई थी, उस स्कीम के अंतर्गत प्रदेश के किसी भी पर्यटन कारोबारी को वर्किंग कैपिटल ऋण बैंकों द्वारा नही दिए गए है। पर्यटन कारोबारियों में इस बात का रोष है कि आर्थिक मदद तो दूर विभागों द्वारा लॉकडाउन अवधि के भी पानी, टैक्स के बिल होटलों को भेजे जा रहे है।
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने ठियोग,जुब्बल व कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में बर्फबारी और ओलावृष्टि से हुए सेब के बगीचों के नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने प्रभावित बागवानों से बातचीत कर उन्हें प्रदेश सरकार से नुकसान की भरपाई का मामला उठाने का भरोसा भी दिलाया। राठौर ने कडयाली, कैंथलामोड़, नारकंडा, नगरोटा, सिहल, बाघी, कोटखाई, जरोल, करालटी दोजा, मधावली में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर बागवानों से बातचीत की। राठौर ने कहा कि वह इस बारे मुख्यमंत्री से मिल कर बागवानों के इस प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की पूरी जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी एक बागवान होने के नाते किसानों व बागवान का दर्द भलि भांति समझ सकते है। राठौर ने प्रदेश सरकार से शिमला, किन्नौर, मंडी, कुल्लू,लाहौल स्पीति में बर्फबारी से हुए नुकसान का जायजा लेने को कहा है। उन्होंने बागवानों को मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा कि सेब की पूरी फसल बर्बाद हो चुकी है। इस भारी बर्फबारी से उनके सेब के पौधे भी नष्ट हो चुके हैं और आने वाले कई सालों तक सेब की पैदावार भी कम होगी। इस दौरान उनके साथ ठियोग ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष कवंर नरेंद्र सिंह, जुब्बल कोटखाई ब्लॉक अध्यक्ष मोतीलाल, महिला कांग्रेस महासचिव पुष्पा शोभटा, रूपेश कंवल,नरेश कैंथला, शेर सिंह के अतिरिक्त पार्टी के कई अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद थे।
हिमाचल प्रदेश के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बे-मौसम हुई बर्फ़बारी और ओलावृष्टि से बागवानों और किसानों को ख़ासा नुक़सान हुआ है। प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों की बात करें तो यहाँ के लोग सबसे ज्यादा सेब की पैदावार करते हैं और सभी लोग बाग़वानी पर निर्भर है। ऐसे में बीते दिन हुई बे-मौसम बर्फ़बारी ,ओलावृष्टि से सेब की फसल तबाह हो गई और बागवानों के लिए आपातकाल जैसी स्तिथि उत्पन्न हो गई है। बर्फबारी और भारी ओलावृष्टि से सेब के पेड़ों के टहनियों को तोड़ दिया है। कुछ क्षेत्रों से सेब के पेड़ों के जड़ से उखड जाने की घटनाएं भी सामने आई है। इसी के चलते जिला परिषद मेम्बर और कांग्रेस मीडिया पेनेलिस्ट मोनिता चौहान ने गैर मौसमी बर्फ़बारी से हुए नुक़सान पर प्रदेश सरकार से किसानों को उनके नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा की सरकार को इस बुरे वक़्त में किसानों के साथ खड़ा रहा चाहिए।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने महावीर जयंती के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर राज्यपाल ने रविवार को राजभवन में भगवान महावीर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि उनकी शिक्षाओं ने अहिंसा, करुणा और निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा और प्रगति का मार्ग प्रदर्शित किया। उन्होंने कहा कि भगवान महावीर की शिक्षा आज अधिक प्रासंगिक है और हमें उनका अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि कोविड महामारी के दृष्टिगत स्वच्छता और कोविड नियमों का पालन करते हुए इस त्यौहार को घर पर ही मनाएं और कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान करें।
राज्य में बे-मौसमी बर्फबारी, ओलावृष्टि और भारी बारिश के कारण फसलों और फलों को हुए भारी नुकसान की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने राज्य के उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने जिले में फसलों को हुए नुकसान का मूल्यांकन करें ताकि राहत प्राप्त करने के लिए नुकसान की रिपोर्ट केंद्र को भेजी जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लगभग सभी जिलों में बे-मौसमी बर्फबारी, ओलावृष्टि और बारिश से सेब, गेहूं और मटर की फसल को भारी नुकसान हुआ है, जो चिंता का विषय हैं। उन्होंने उपायुक्तों को यह भी निर्देश दिए कि वे बीमा एजेंसियों को फसल बीमा योजना के अन्तर्गत कवर की गई फसलों के नुकसान का मूल्यांकन करने के लिए अपने एजेंटों को कहें ताकि किसानों को शीघ्र मुआवजा प्रदान किया जा सके। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, तकनीकी शिक्षा और जनजातीय विकास मंत्री राम लाल मारकण्डा, स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, वन मंत्री राकेश पठानिया, मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 551 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के निर्णय कि सरहाना की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के उत्थान के लिए जो काम करते हैं, वह सभी भाजपा कार्यकर्ताओं एवं भारत के नागरिकों के लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कहते हैं वह कर के दिखाते हैं और जिस प्रकार से वह बीते दिनों से ऑक्सीजन की कमी को दूर करने का कार्य कर रहे थे, उस पर आज ऐतिहासिक निर्णय लेकर उन्होंने दिखा दिया है कि हर समस्या का समाधान नरेंद्र मोदी के पास है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' के अंतर्गत मई और जून माह के लिए देश के 80 करोड़ ज़रूरतमंद लोगों को 5 किलो निःशुल्क खाद्यान्न प्रदान करने के लिए जो निर्णय लिया है इससे देश और प्रदेश कि गरीबों को बहुत बड़ा फायदा होने जा रहा है। यह गरीब कल्याण के प्रति हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। जिस प्रकार से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार इस कोविड-19 संकटकाल में जन सेवा के प्रति कटिबद्ध है उसी प्रकार हिमाचल प्रदेश में भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार हिमाचल की जनता की सेवा के लिए हर स्तर पर कार्य कर रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 1 मई के बाद 18 से 44 वर्ष की आयु वाले तरुण युवा शक्ति को भी कोविड-19 का टीका लगने जा रहा है और यह टीका एक बार फिर निशुल्क प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार एवं संगठन मिलकर कोविड-19 महामारी के खिलाफ एक युद्ध लड़ रही है। लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करना, कोविड-19 से संक्रमित व पूरे परिवार की सेवा करना, महिला मोर्चा द्वारा मास्क बनाना, सैनिटाइजर वितरण, कड़ा वितरण जैसे अनेकों सेवा प्रकल्पों को लेकर भाजपा की सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा की इस महामारी के समय धरातल पर अगर कोई संगठन कार्य कर रहा है तो वह भाजपा है और यह हिमाचल की जनता भलीभांति जानती है। भाजपा कोविड-19 पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं कर रही है केवल जन सेवा का कार्य कर रही है।
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने राज्य की पात्र व्यक्तियों से कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण करवाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि लोगों को कोरोना की दूसरी लहर को गंभीरता समझने की जरूरत है, जो पहली लहर की अपेक्षा कहीं अधिक भयावह है। इस लहर में अधिक संख्या में लोग इस बीमारी के कारण मृत्यु का ग्रास बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी, हाथों को बार-बार धोने और मास्क का उपयोग करने जैसी सावधानियों से ही इससे बचा जा सकता है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मीडिया में रिपोर्ट्स आई हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गंभीर रोगियों की संख्या को छुपाया जा रहा है, जो गलत है। इस महामारी की शुरुआत से जिलावार परीक्षणों की संख्या के साथ-साथ लम्बित परिणाम, किए गए परीक्षणों के प्रकार, कोविड पाॅजिटिव व्यक्तियों की संख्या, मौतों की संख्या के साथ दैनिक मीडिया बुलेटिन जारी किया जा रहा है। शुरूआत में यह बुलेटिन दिन में तीन बार और अब दिन में दो बार जारी किया जा रहा था। पारदर्शिता और लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बुलेटिन को तेजी से प्रसार के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से भी दिन में दो बार सांझा किया जा रहा है। इसलिए, यह कहना गलत है कि स्वास्थ्य विभाग किसी भी तथ्य या आंकड़े को छिपा रहा है। विभिन्न स्तरों के संस्थानों में बिस्तरों की उपलब्धता की जानकारी भी संबंधित लिंक पर अपडेट की जा रही है, जो सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है।
हिमाचल का पर्यटन उद्योग लगातार चार वर्षों से आर्थिक नुकसान की मार झेलता आ रहा है। 2018 में पानी की भयानक कमी, 2019 में लोक सभा चुनाव के कारण समर सीजन फीका रहा। 2020 में पर्यटन व्यसाय कोरोना की भेंट चढ़ गया था। इस वर्ष सीजन शुरू होने से पहले ही लगातार दूसरे वर्ष कोरोना की दूसरी लहर ने पर्यटन उधोग को खत्म कर दिया है। पर्यटन से जुड़े व्यवसाइयों को आर्थिक तंगी से झूझना पड़ रहा है। पिछले चार वर्षों से मार झेल रहे पर्यटन उधोग की कमर पूरी तरह से टूट गई है। इस स्तिथि में होटल, रेस्टोरेंट, टैक्सी ऑपरेटर, एडवेंचर स्पोर्ट्स, वाटर स्पोर्ट्स, फोटोग्राफर्स तथा अन्य पर्यटन कारोबारियों को अपने रोजमर्रा के ख़र्चे भी पूरे करना मुश्किल हो गए है। पर्यटन उध्मियों के पास इकाइयों पर लिए लोन की किश्तें, ब्याज देने के लिए भी पैसा नहीं है जिसके चलते उन्हें उनके अकाउंट NPA होने का ख़तरा सता रहा है। होटल, रेस्टोरेंट तथा अन्य पर्यटन इकाइयों से जुड़े व्यवसाइयों को समझ मे नहीं आ रहा कि वह कर्मचारियों को वेतन, बिजली पानी के बिलों का भुगतान तथा अन्य फिक्स्ड ख़र्चों का भुगतान कहा से करें। मौजूदा कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की शर्त के चलते बिजनेस ट्रैवलर भी हिमाचल के रुख नही कर रहे हैं। इसका सीधा असर सर्विसेज पर पड़ रहा है क्योंकि कई प्रकार की सर्विसेज बहरी राज्यों से ही प्रोवाइड की जाती है। हम सरकार से आग्रह करते है कि बिजनेस ट्रैवलर को कोविड नेगेटिव रिपोर्ट की एडवाइजरी की शर्त से बाहर रखा जाए। इन मौजूदा हालात में पर्यटन से जुड़े सभी व्यसाईओं की नजर सरकार द्वारा आर्थिक मदद प्रदान करने पर टिकी है। पर्यटन उधोग को वापिस पटरी पर आने तथा पर्यटन इकाइयों को आर्थिक आत्म निर्भर होने में दो से तीन वर्षो का समय लग सकता है। यदि जल्द से जल्द पर्यटन उध्मियों को राहत न दी गई तो पर्यटन इकाइयों को पूर्णता बन्द करने की नौबत आ सकती है तथा इन इकाइयों में कार्यरत सभी कर्मचारियों की नौकरियां जा सकती है। इतना ही नहीं पर्यटन उद्योग से जुड़े उध्मियों द्वारा लिए गए ऋणों की भरपाई न कर पाने के कारण अपनी इकाइयों को बचा पाना भी मुश्किल हो जाएगा। पर्यटन कारोबारी अपेक्षा करते है कि इस महामारी के चलते सरकार द्वारा जल्द इंटरस्ट सुबवेंशन स्कीम के माध्य्म से सभी पर्यटन इकाइयों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। पर्यटन उधोग पहले भी इस महामारी की लड़ाई में सरकार के साथ खड़ा था और आज भी सरकार के साथ खड़ा है। हम पुनः आग्रह करते है कि पर्यटन उधोग जो कि सबसे अधिक डायरेक्ट तथा इनडायरेक्ट एम्प्लॉयमेंट प्रदान करता है तथा जीडीपी का लगभग 10 % हिस्सा देता है को शीघ्र से शीघ्र सरकार की तरफ से आर्थिक मदद की जाए तथा अन्य रियायते दी जाएं ताकि हिमाचल के सबसे बड़े उद्योग को बचाया जा सके।
लंबे अरसे से बेरोजगार कला अध्यापक संघ बार-बार मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अपने पदों को भरने की गुहार लगा रहे थे। लेकिन उन्हें हर बार निराशा हाथ लग रही थी। अभी हाल ही में 16 मार्च को सभी बेरोजगार कला अध्यापकों ने विधानसभा का घेराव किया था और अपनी मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा था। बेरोजगार कला अध्यापकों ने मुख्यमंत्री से मांग की थी कि जो शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग को एक फाइल भेजी है जिसमें 500 कला अध्यापकों को भरने के लिए मंजूरी मांगी है उसे जल्द से जल्द मंजूरी दी जाए ताकि हमें रोजगार के अवसर प्राप्त हो सके। उसके उपरांत मुख्यमंत्री कार्यालय से वित्त विभाग के मुख्य सचिव को इस बारे में अवगत करवाया है और साथ ही जल्द से जल्द 500 कला अध्यापकों को वित्त विभाग से मंजूरी देने के लिए कहा।
थाना क्षेत्र कुपवी के कुपवी देईया मार्ग पर एक दर्दनाक सड़क हादसा पेश आया है। जानकारी के मुताबिक हादसे में ऑल्टो-k10 HP 08c 4800 के ऊपर बडा पत्थर गिरने के कारण गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त हो गई है। गाड़ी में चार लोग सवार थे। जिनमें से दो व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई व अन्य दो महिलाएं इस दुर्घटना में जख्मी हुई है। उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए स्थानीय लोगों की सहायता से सिविल अस्पताल कुपवी भेजा जा चुका है। प्राप्त जानकारी अनुसार मृतको में दोनों व्यक्ति चचेरे भाई बताए गए हैं। मृतकों की पहचान सुनील पुत्र संतराम गांव सनत डाकघर भालू तहसील कुपवी, प्रकाश पुत्र स्व० सही राम गांव सनत डाकघर भालू तहसील कुपवी जिला शिमला के रूप में हुई है। वंही, घायलों की पहचान दोनों मृतकों की पत्नियां सुमन पत्नी सुनिल व गुलाबी देवी पत्नी प्रकाश के रूप में हुई है। प्राप्त जानकारी अनुसार ये लोग देहा में शादी समारोह से घर को वापस लौट रह थे। समय करीब 3:15 बजे अपने घर से कुछ दुरी पर धोताली नामक स्थान पर दुर्घटना के शिकार हुए हैं। थाना प्रभारी कुपवी ने पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच कर आगामी कार्यवाही शुरू कर दी है।
सीटू राज्य कमेटी ने हिमाचल प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा टीचर यूनियन के नेताओं के खिलाफ जारी किए गए पत्रों व दंडात्मक कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। सरकार का यह निर्णय पूर्णतः तनाशाहीपूर्वक है तथा संविधान व लोकतंत्र विरोधी है। सीटू ने मांग की है कि टीचर यूनियन के नेताओं को प्रताड़ित करना बंद किया जाए। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि अध्यापक आंदोलन की प्रदेश के ट्रेड यूनियन आंदोलन में एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हिमाचल के ट्रेड यूनियन आंदोलन में हिमाचल प्रदेश के निर्माण के बाद से ही अध्यापक आंदोलन का एक स्वर्णिम इतिहास रहा है। इसने अध्यापकों, छात्रों व कर्मचारियों की आवाज़ को निरन्तर बुलन्द करने का कार्य किया है। अध्यापक नेताओं के खिलाफ प्रदेश सरकार की कार्रवाई अध्यापक, छात्र व कर्मचारी विरोधी है व ट्रेड यूनियन आंदोलन को दबाने की साज़िश है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि यह निर्णय संविधान के अनुच्छेद 19 का खुला उल्लंघन है जो किसी भी व्यक्ति को अपनी यूनियन बनाने, भाषण देने, अपनी बात उठाने व बोलने की आज़ादी देता है। यह संविधान के अनुच्छेद 21 का भी उल्लंघन है जो हर व्यक्ति को गरिमामयी जीवन जीने का अधिकार देता है व इस हेतु आवाज़ बुलंद करने का लोकतांत्रिक अधिकार देता है। उन्होंने कहा है कि हिमाचल सरकार के शिक्षा विभाग की टीचर यूनियन के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई भारतीय संविधान का घोर उल्लंघन है जो हर नागरिक की अपनी बात रखने का अधिकार देता है। आधुनिक युग में मांग-पत्र देने के साथ ही कोई भी व्यक्ति अपनी मांगों को इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट व सोशल मीडिया पर भी उठा सकता है व सरकारी की कर्मचारी विरोधी नीतियों पर सवाल उठा सकता है।
वैश्विक महामारी कोरोना ने पुरे विश्व में हाहाकार मचाया हुआ है। दो साल से विश्व में इस महामारी का संकट छाया हुआ है। इसी के चलते हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने इस महामरी को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इतिहास की किसी भी बड़ी से बड़ी विपत्ति के मुकाबले में आज का कोरोना सबसे बड़ा संकट है जिसने पूरे विश्व में हाहाकार मचा रखी है। टी.वी. देखना और अख्बार पढ़ना कठिन हो गया है। उन्होंने कहा इस प्रकार की भयंकर परिस्थिति में राजनितिक नेताओं की एक-दूसरे पर तीखी कड़वी अलोचना उन्हें कोरोना से भी अधिक दुखी करती है। यह आलोचना का समय नहीं, सहयोग का समय है। गलतियां सबसे होती है परन्तु उन पर कड़वी आलोचना करना बहुत बड़ा पाप है। इससे जनता का मनोबल टूटता है। आज की स्थिति में मनोबल सबसे अधिक आवश्यक है। शान्ता कुमार ने सभी दलों के नेताओं से आग्रहपूर्वक निवेदन किया है कि परस्पर आलोचना बिलकुल बन्द कर दीजिए। यदि सरकार में कोई कमी है तो उसे एक सुझाव के रूप में सरकार को बताएं। उन्होंने कहा कि राजनीति में उनके आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी रहे है। वे बार-बार कहते थे कि दलों की दीवारें बहुत छोटी होती है परन्तु राष्ट्र का मन्दिर बहुत ऊँचा होता हैं। बांग्लादेश के युद्ध में भाजपा ने खुल कर सरकार की मदद की। यहां तक कि अटल बिहारी वाजपेयी ने इन्दिरा गांधी को दुर्गा तक कह दिया। बाद में पार्टी के भीतर इस पर आलोचना भी हुई थी। शान्ता कुमार ने सभी से आग्रहपूर्वक निवदेन किया है कि कोई किसी की आलोचना न करे तथा सहयोग दें। कोई ऐसा काम न करे कि विपक्ष को आलोचना का मौका मिले। सरकार को गरीब दुखियों की सहायता करनी है। सरकार कर रही है। जयराम ठाकुर बहुत अच्छे तरीके से सरकार का संचालन कर रहे है। सरकार को साधन चाहिए। साथ ही कहा कि, उन्हें विश्वास है प्रदेश के सभी कर्मचारियों ने कटौती पर बिलकुल बुरा नहीं मना होगा।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से हड़कंप मचा हुआ है। यह वायरस पहले से और अधिक प्रभावशाली व भयानक रूप ले रहा है। इसी के चलते नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर, महासचिव भरत शर्मा, महिला विंग अध्यक्षा सुनेश शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सौरभ वैद, कोषाध्यक्ष शशि पाल शर्मा संविधान पर्यवेक्षक श्यामलाल गौतम ने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक दिन के वेतन को काटने का फरमान जारी किया है। यदि सरकार को सचमुच जरूरत है तो 1 दिन के वेतन कटने से किसी कर्मचारी को कोई एतराज नहीं हो सकता। नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने पिछले वर्ष भी सरकार को एक सुझाव दिया था कि यदि सरकार को कोरोना काल में सचमुच आर्थिक रूप से सहायता की जरूरत है या आर्थिक रूप से सरकार थोड़ा खुद को असहज महसूस कर रही है तो सरकार को नई पेंशन में आने वाले कर्मचारियों का जो पैसा काट कर कंपनी को दिया जाता है वह 10% पैसा तथा सरकार द्वारा दिए जाने वाला 14% पैसा कुल कर्मचारी और सरकार का 24% पैसा जो कंपनी को सरकार की तरफ से जा रहा है वह पैसा सरकार को अपने पास रखना चाहिए, जिससे सरकार के पास लगभग हर महीने 90 करोड़ पैसा बचेगा। कर्मचारी इसके बदले सिर्फ अपनी सुरक्षा की गारंटी पुरानी पेंशन चाहते हैं। जिससे सरकार को किसी भी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं होगा। सरकार चाहे तो कंपनी में दिया अभी तक हिमाचल के कर्मचारियों का 5 हज़ार करोड़ भी वापस ले सकती है और यह पैसा आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का एक-एक दिन का वेतन इस तरह से काटना समझ से परे है जबकि सरकार के पास इतनी बड़ी रकम इस संकट के दौर में खर्च के लिए एक ऑप्शन है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से सरकार को यह सुझाव दिया है और साथ ही कहा है कि इस संबंध में पुनः एक लिखित पत्र सरकार को भेजा जाएगा ताकि सरकार इस संबंध में विचार करें। कोरोना काल में व्यर्थ में जो धन सरकार और कर्मचारियों का कंपनी के खाते में जा रहा है वह देश और प्रदेश के हित में प्रयोग में लाया जा सके।
कोरोना महामारी के चलते प्रदेश सरकार ने कई नए दिशा निर्देश जारी किए है। प्रदेश सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार बाहर से आने वाला हर हिमाचली सात दिन तक आईसोलेट रहेगा। वहीं इसी बीच कांग्रेस व भाजपा के बीच ज़ुबानी जंग भी लगातार जारी है। कांग्रेस के पूर्व मंत्री व राष्ट्रीय सचिव सुधीर शर्मा ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने भाजपा सरकार के इस फ़रमान को तुग़लकी फ़रमान करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकांश लोगों के पास घरों में अलग-अलग कमरे और शौचालय की व्यवस्था नहीं है। सरकार ने लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। शासन और प्रशासन इनकी कोई सुध नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर में भी अगर सामाजिक संगठन आगे ना आए होते तो आईसोलेशन सेंटर में लोग भूखे मर जाते। सरकार के यह दावे है कि कोरोना के मरीज़ों के लिए अस्पतालों में पूरी सुविधा है पर यह खोखले साबित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अस्पतालों के अंदर CCTV केमरा लगवाए ताकि मरीज़ों के परिजन बाहर से उनका हाल चाल देख सकें और उनको व्यवस्था की पूरी जानकारी रहे। उन्होंने संयुक्त बयान में कहा की अगर बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति को रहने की अलग व्यवस्था न हो तो वह उनसे सम्पर्क कर सकते है। सब अपने-अपने चुनाव क्षेत्रों में उचित प्रबंधन के साथ व्यवस्था करेंगे ताकि कोरोना महामारी को फैलने से रोका जा सके, उन्होंने ने कहा कि जो भी साधन उनके पास हैं वह पीड़ित तथा असहाय व्यक्तियों के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे और सारे समाज को मिलकर इस महामारी से लड़ना होगा। उन्होंने सामाजिक संगठनो से भी अपील की है कि वह भी आगे बढ़कर पहले की भाँति अपना योगदान दें। इस मौके पर पूर्व विधायक जगजीवन पाल, यादवेंद्र गोमा, संजय रत्न, किशोरी लाल, एवं कांग्रेस नेता केवल सिंह पठानीया, कमल किशोर, सूरिंदर मनकोटिया व OBC सेल के प्रदेश अध्यक्ष दिलाबर सिंह छोटू उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश में सोमवार से बैंक अब शाम 4 बजे बंद होंगे। बैंक में पब्लिक डीलिंग का समय सुबह 10 बजे दोपहर 2 बजे तक का होगा। कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर देश के कई राज्यों ने बैंकों के समय में बदलाव कर दिया है। इसी कड़ी में शुक्रवार को प्रदेश की राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति ने मुख्य बैंकों के अधिकारियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर यह फैसला लिया। प्रदेश के वित्त महकमे ने भी समिति के प्रस्ताव को मंजूर कर दिया है। अभी तक बैंक बंद करने का समय शाम पांच बजे रहता था। इसके अलावा पब्लिक डीलिंग का समय दस से चार बजे तक था। कुछ जिलों में नाइट कर्फ्यू के चलते बैंकों के समय में बदलाव किया गया है। 26 अप्रैल से एक मई तक प्रदेश में यह व्यवस्था लागू होगी। स्थिति की समीक्षा करने के बाद आगामी फैसला होगा। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि बिना मास्क के बैंक शाखाओं में आने वाले लोगों को सेवा नहीं दिन जाएगी। सभी बैंकों को 1 मई तक शाखाओं में रोजाना सिर्फ पचास फीसदी स्टाफ को ही बुलाने को कहा है। सरकार से मांग की गई कि एक मई से 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों के लिए शुरू होने वाले वैक्सीन अभियान में बैंक कर्मचारियों को प्राथमिकता दी जाए।
हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की अगुवाई में शिमला में मिले शिष्टमंडल द्वारा मुख्यमंत्री से की गई। जिसमें अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पवन मिश्रा, प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार, उपाध्यक्ष डॉ मामराज पुंडीर, राज्य महामंत्री विनोद सूद शामिल रहे। इस संबंध में महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी दर्शन लाल ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की तरफ से शिक्षकों से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर 13 सूत्रीय मांग पत्र सरकार को सौंपा गया है। जिसमें मुख्यमंत्री ने सभी मांगों को गौर करके क्रमबद्ध पूरा करने का आश्वासन दिया है। मांग पत्र में प्रमुख रूप से योग्यता पूरी करने वाले भाषा अध्यापकों को आरएंडपी रूल्स में सुधार करके टीजीटी बनाने, 2010 से पहले नियुक्ति टीजीटी को पदोन्नति में मुख्याध्यापक और प्रवक्ता की दोनों ऑप्शन बहाल करने, डाइट में कार्य कर रहे सभी अध्यापकों के प्रवक्ता होने के नाते डाइट का नियंत्रण उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन करने, 2012 से पहले पदोन्नत एचटी को पदोन्नति वेतन वृद्धि प्रदान करने, मार्च 2004 से पहले की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग शामिल की गई है। इसके साथ वर्तमान में कोरोना के चलते स्कूलों को खोलने और चलाने के लिए पांच सुझाव रखे गए हैं। जिसमें सामान्य स्थिति होने पर बाहरवीं की परीक्षा करवाने, स्कूलों में बच्चों की एडमिशन करवाने के लिए 1 मई के बाद रोटेशन के आधार पर अध्यापकों को स्कूल बुलाने, स्कूलों में टीकाकरण के योग्य अध्यापकों का बिना टीकाकरण के प्रवेश वर्जित करने संबधी सुझाव सरकार के समक्ष रखे गए। शिक्षकों से जुड़ी ज्वलंत मांगों को लेकर मुख्यमंत्री ने महासंघ को पूरा करने का आश्वासन दिया है।
प्रदेश मे लगातार बढ़ रहे कोविड के सक्रमंण के दौरान एक तरफ प्रदेश सरकार ने एक मई तक सभी शिक्षण संस्थानो को बंद कर दिया है, वंही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी में परिक्षाएं लगातार चल रही है। जिसकी NSUI ने कड़ी निंदा की है। NSUI प्रदेश महासचिव यासीन बट्ट ने कहा कि एक तरफ सरकार कोविड के खिलाफ लडा़ई लड़ने की बात कर रही और सभी शिक्षण संस्थानो को एक मई तक बंद कर रही, वही दूसरी तरफ विवि में ही बिना SOP का पालन करवाए परीक्षांए करवा कर प्रदेश के हजारों विद्यार्थीयों के जीवन को खतरे मे डाला जा रहा। यासीन बट्ट ने कहा कि जब इस वैश्विक महामारी के कारण स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं और कॉलेज परीक्षाएं स्थगित हो सकती है तो विश्वविद्यालय मे भी सभी प्रकार की परीक्षांए स्थगित की जाए। उन्होंने कहा कि जब विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति पर प्रदेश हाई कोर्ट मे मामला चला है। NSUI के साथ-साथ विभिन्न संगठनों द्वारा भी भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए जा रहे है। ऐसे में NSUI की सीधी मांग है कि जब तक कुलपति पर चल रहे मामले मे सुनवाई पूरी नही हो जाती तब तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत देश के निर्धन परिवारों को आगामी मई और जून माह के लिए निःशुल्क पांच-पांच किलो अनाज वितरित करने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार का यह सराहनीय निर्णय है जिससे प्रदेश के निर्धन परिवार भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संकट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के हर वर्ग को सरकार की ओर से हरसंभव सहायता प्राप्त हो रही है।
हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी ने हिमाचल सरकार तथा स्थानीय प्रशासन से आग्रह करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के कई जिला शिमला, किन्नौर, कुल्लू व लाहौल स्पीति में बर्फबारी व ओलावृष्टि से हुए भारी नुकसान का जायजा लेने के लिए स्थानीय हलका पटवारी को मौके पर जाने के आदेश दें तथा सूची बनाकर हर बागवानों को मुआवजा देने की कृपा करें। उन्होने कहा कि इस भारी बर्फबारी व ओलावृष्टि से उनके सेब के पौधे काफी नष्ट हो चुके हैं। नेगी ने कहा कि जहां अच्छी फलावरिंग को देखकर बागबान खासे उत्साहित नजर आ रहे थे, वहीं मौसम के अप्रैल माह में एकाएक बदलने से सेब की अच्छी फसल होने पर पूरी तरह से पानी फिर गया है। उन्होने कहा कि इसके साथ-साथ चेरी, नाशपाती व पलम की फसलों को भी खासा नुक्सान पहुंचा है। इस क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी इन्ही फसलों पर निरभर करती है और वर्ष भर का अधिकतर खर्चा भी इन फसलों पर निर्भर करता है। नेगी निगम भंडारी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि बागवानों की मजबूरी को समझते हुए बर्फबारी व ओलावृष्टि से हुए भारी नुकसान का आंकलन कर बागबानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर 24 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस के सभी जिलाध्यक्षों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा वर्चुअल माध्य्म से कोविड़ को लेकर एक समीक्षा बैठक करेगें। इस बैठक में प्रदेश में बढ़ते कोरोना के मामलों को लेकर कांग्रेस पार्टी के योगदान, लोगों को सहयोग और सहत्यार्थ के बारे में चर्चा और रणनीति पर आपसी विचार विमर्श किया जाएगा। इसी के साथ पार्टी अध्यक्ष जिलाध्यक्षों को इस बारे आवश्यक दिशा निर्देश भी देंगे। कांग्रेस सचिव हरिकृष्ण हिमराल ने बताया कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर कांग्रेस बहुत चिंतित है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने लोगों की सहत्यार्थ उल्लेखनीय योगदान दिया था और वह इस साल भी काँग्रेस पार्टी इसमें कोई कमी नही रहने देगी।कांग्रेस को आम लोगों के स्वाथ्य की चिंता है और इसी के चलते कांग्रेस पार्टी अपने सामर्थ्य से जितना भी सम्भव हो रहा है उसे कर रही है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल होने के नाते कांग्रेस अपने सामाजिक दायित्व से भी कभी पीछे नही हटी है और न हटेगी। उन्होंने लोगों से इस महामारी के प्रति पूरी तरह सजग रहने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें इस बीमारी के खात्मे के लिए सभी सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। हिमराल ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन शिमला व कांगड़ा में कोविड़ कंट्रोल रूम की स्थापना कर दी है। उन्होंने बताया कि शिमला मुख्यालय के कंट्रोल रूम में डॉक्टर दलीप सिंह, नेरचौक मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य की देख रेख में वालंटियर्स रामिन्दर फोन नम्बर 9418100036, वेद प्रकाश शर्मा 9418010004, मुकल गुप्ता 9218005555, ऊषा मेहता राठौर 7807666777, शशि बहल 8219718267 व किरण धान्टा 9459245592 को प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के परम देव शर्मा, मनीषा मेहता, मान सिंह ठाकुर व भगत राम कोविड़ हेल्पलाइन 0177 2805522 व 0177 2660169 पर किसी भी सहत्यार्थ व सूचना के लिए उपलब्ध रहेंगे। इसी तरह कांगड़ा कंट्रोल रूम डॉ.राजेश शर्मा की देखरेख में डॉक्टर आदित्य 9736059190, डॉ.शाहील डोगरा 9805377031, डॉ.आस्था 7018705704, इंदिरा उप्पल 9882801180 व रंजना सचन वालंटियर्स से कोरोना से संबंधित किसी भी आपदा सुरक्षा व सहयोग के लिए उनके नाम के आगे दर्शाए गए दूरभाष पर सम्पर्क कर सकतें है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक ली। उन्होंने 4 मार्च को कोरोना की पहली खुराक ली थी। इसके उपरान्त, इलैक्ट्राॅनिक मीडिया के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीका लगवाने के लिए आगे आने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य में टीकाकरण अभियान सुचारू रूप से चल रहा है और अब तक वैक्सीन की 13.89 लाख खुराकें दी जा चुकी हैं। फेस मास्क का उपयोग, परस्पर दूरी के नियमों का कड़ाई से पालन और नियमित रूप से हाथ धोना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए अत्यंत आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान देश में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जा रहा है, जो हमारे वैज्ञानिकों तथा डाॅक्टरों की कड़ी मेहनत का परिणाम है। केंद्र सरकार ने 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों का टीकाकरण करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वीरवार को आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य सरकार ने भी 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का निःशुल्क टीकाकरण करवाने का निर्णय लिया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ.सुरेखा चौपड़ा और चिकित्सा अधीक्षक डाॅ.रविंद्र मोक्टा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-5 पर परवाणू-सोलन अनुभाग में फोर लेन परियोजना का 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान में इस परियोजना की कुल लम्बाई 36.139 किलोमीटर में से 35.652 किलोमीटर कार्य पूरा हो चुका है और अनुबंध समझौता के अनुसार परियोजना का 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर टोल लगाने के प्रावधान के अनुसार, टोल लगाया गया है। उन्होंने कहा कि अनुबंध समझौता और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुसार टोल प्लाजा 19 अप्रैल से कार्यशील कर दिया गया है। इस टोल हाईवे पर ठेकेदार द्वारा 19 अप्रैल से 17 एसओएस टेलीफोन बूथ, पैट्रोल, व्हीकल रिकवरी वैन और पैरा मेडिकल स्टाफ सहित एम्बुलेंस तैनात की गई हैं। टोल प्लाजा में स्थानीय लोगों को भी रोजगार प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर दायरे में रहने वाले स्थानीय लोगों को मासिक पास की सुविधा उपलब्ध है। निजी वाहनों के लिए 285 रुपये प्रतिमाह की दर से टोल प्लाजा भवन से पास खरीदा जा सकता है। प्रवक्ता ने कहा कि सोलन में सपरून ओवर पास, तीन वायाडक्ट और अन्य छोटे कार्य प्रगति पर हैं जो जून 2021 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे।
कांग्रेस विधायक व पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बेमौसम बर्फबारी, ओलावृष्टि व आंधी-तूफान से सेब की फसल को हुए भारी नुकसान पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ऊपरी शिमला सहित कुछ अन्य जिलों में भी सेब की अधिकांश फसल तबाह हो गई है। भारी बर्फबारी के बाद आंधी से सेब की फसल को बचाने के लिए लगाए गए एंटी हेल नेट तक टूट गए हैं। आंधी से सेब के काफी पेड़ जड़ से उखड़ गए हैं। सेब से लदे पेड़ों की टहनियां भी काफी संख्या में टूटी हैं। अन्य नगदी फसलों व फलों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। सरकार प्राकृतिक आपदा से किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट लेकर तुरंत भरपाई करे। जिससे सेब उत्पादकों व अन्य किसानों के जख्मों पर मरहम लग सके। सेब उत्पादकों को इस बार अच्छी फसल होने की उम्मीद थी। मौसम भी अभी तक मेहरबान था, लेकिन बीते कुछ दिनों से पश्चिमी विक्षोभ के कारण आये बदलाव से बारिश के साथ ही बर्फबारी, ओलावृष्टि व तेज आंधी-तूफान ने खूब तबाही मचाई। इससे सेब उत्पादकों व अन्य किसानों की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फिर गया है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि वह सेब की फसल वाले जिलों में बर्फबारी व आंधी से हुए नुकसान की रिपोर्ट जल्द मंगवाकर उत्पादकों व किसानों को फौरी आर्थिक सहायता मुहैया कराएं। साथ ही एंटी हेल नेट की भी व्यवस्था की जाए। चूंकि, किसानों व सेब उत्पादकों के लिए रोजी-रोटी का यही जरिया है। सेब, अन्य नगदी फसलों व फलों से होने वाली आय से ही वे अपना व परिवार का भरण-पोषण करते हैं। इसलिए, सरकार बिना देरी किए उन्हें राहत पहुंचाने के लिए उचित कदम उठाए।
छात्र अभिभावक मंच के बैनर तले दयानंद पब्लिक स्कूल के अभिभावक स्कूल भवन के बाहर एकत्रित हुए व स्कूल की टयूशन फीस में 65 प्रतिशत फीस बढ़ोतरी को वापिस लेने की मांग की। उन्होंने स्कूल प्रबंधन को चेतावनी दी कि अगर यह फीस बढ़ोतरी वापिस न ली तो प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन तेज़ होगा। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा, मंच के सदस्य भुवनेश्वर सिंह, रमेश शर्मा, राजीव सूद ,विक्रम शर्मा, हेमंत शर्मा, मनीष मेहता, अंजना मेहता, रजनीश वर्मा, ऋतुराज, यशपाल, पुष्पा वर्मा, संदीप शर्मा, यादविंद्र कुमार व कपिल अग्रवाल ने कहा है कि सुबह दस बजे अभिभावक स्कूल परिसर के बाहर एकत्रित हुए व स्कूल प्रबंधन से मुलाकात करने की मांग करते रहे परन्तु स्कूल के प्रधानाचार्य व प्रबंधन के अन्य लोग अभिभावकों से नहीं मिले। अभिभावकों के बार-बार आग्रह के बावजूद भी स्कूल प्रबंधन ने मुलाकात व बातचीत करने के बजाए स्कूल गेट को ही बन्द कर दिया। यह पूरी तरह तानाशाही है। उन्होंने शिक्षा निदेशक से मांग की है कि वह तुरन्त दयानंद पब्लिक स्कूल के मामले में हस्तक्षेप करें व पांच दिसम्बर 2019 की शिक्षा निदेशालय की अधिसूचना को लागू करवाएं। यह अधिसूचना वर्ष 2019 में जारी हुई थी व इसमें स्पष्ट किया गया था कि वर्ष 2020 व उसके तत्पश्चात कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों के जनरल हाउस के बगैर कोई भी फीस बढ़ोतरी नहीं कर सकता है। इसके बावजूद भी डीपीएस स्कूल ने वर्ष 2020 में फीस बढ़ोतरी की। वर्ष 2021 में इस स्कूल ने सारे नियम कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए टयूशन फीस में भारी-भरकर बढ़ोतरी करके सीधे 65 प्रतिशत तक फीस बढ़ोतरी कर दी। पहली से दसवीं कक्षा तक की प्रतिमाह टयूशन फीस में एक हज़ार रुपये की फीस बढ़ोतरी करके वार्षिक बारह हज़ार रुपये टयूशन फीस की बढ़ोतरी कर दी गई। प्लस वन व टू में प्रतिमाह एक हज़ार दो सौ पचास रुपये की बढ़ोतरी करके सालाना टयूशन फीस पन्द्रह हज़ार रुपये बढ़ा दी गई। यह पूर्णतः छात्र व अभिभावक विरोधी कदम है व इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। उन्होंने हैरानी व्यक्त की है कि शिक्षा विभाग की नाक तले अंधेरा है व इस से दो सौ मीटर दूर डीपीएस स्कूल में ही शिक्षा विभाग अपने आदेशों को ही लागू नहीं करवा पा रहा है जिसका सीधा मतलब है कि निजी स्कूलों के साथ प्रदेश सरकार की सीधी मिलीभगत है। उन्होंने बताया कि अगर यह फीस बढ़ोतरी तीन दिन के भीतर वापिस न ली गई तो छात्र अभिभावक मंच शिक्षा निदेशालय की ओर कूच करेगा।
हिमाचल प्रदेश में मौसम ने अप्रैल माह में पिछले दो दिनों से अपना रौद्र रूप दिखाया है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और निचले इलाकों में ओलावृष्टि व बारिश ने हाल बेहाल कर रखा है। उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने बताया कि उपनगर संजौली में आज सुबह एक बहुमंजिला भवन गिर गया। भवन गिरने से फिलहाल कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इसकी नींव के नीचे खुदाई का कार्य चल रहा था जिसके बाद भारी बारिश होने के कारण यह इमारत ढह गई। इस इमारत को खाली करवा दिया गया था जिससे इस हादसे में किसी का जानी नुकसान नहीं हुआ है। आसपास के भवनों को भी आंशिक नुकसान ही हुआ है। पिछले 2 दिनों से प्रदेश में भारी बारिश व बर्फबारी हो रही है जिससे प्रदेश के ऊपरी इलाको चांसेल, खड़ा पत्थर और नेरवा में कुछ रोड अवरुद्ध हो गए हैं। जैसे ही बारिश थमेगी इन्हें बहाल करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच सीएम जयराम ठाकुर की घोषणा के बाद राज्य आपदा प्रबंधन सेल की ओर से जारी बंदिशों के नए आदेश आज से पूरे प्रदेश में लागू होंगे। इसके तहत शादी व अंतिम संस्कारों में केवल पचास लोग ही शामिल सकेंगे। इसके अलावा सभी तरह के सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक व राजनीतिक आयोजनों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू रहेगा। वहीं, आवश्यक वस्तुओं की बिक्री करने वाली दुकानों को छोड़कर अन्य सभी तरह की दुकानें शनिवार व रविवार को बंद रहेंगी। आज से सूबे के सभी सरकारी दफ्तरों में पचास फीसदी कर्मचारी ही आएंगे। बाकी पचास फीसदी वर्क फ्रॉम होम करेंगे। शनिवार को सभी कर्मचारी घर से काम करेंगे। दिव्यांग और गर्भवती कर्मचारी आज से दफ्तर नहीं आएंगे। बसों में भी सिर्फ पचास फीसदी सवारियों के साथ ही संचालित हो सकेंगी। इसके साथ ही प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थान बच्चों और शिक्षकों के लिए एक मई तक बंद रहेंगे। गैर शिक्षण स्टाफ के लिए शिक्षा विभाग अलग से आदेश जारी करेगा। हालांकि, शिक्षण संस्थान परीक्षाएं सुचारु रूप से करवा सकेंगे।
कोविड-19 की दूसरी लहर को ध्यान में रखते हुए वर्चुअल माध्यम से एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, शांता कुमार सहित प्रदेश पदाधिकारी, जिला प्रभारी, मोर्चोें के प्रदेश अध्यक्ष, सभी मंत्री, सभी विधायक, 2017 के सभी प्रत्याशी, जिलाध्यक्ष एवं मण्डल अध्यक्ष उपस्थित रहे। बैठक को सम्बोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि जागरूकता के लिए पार्टी पूर्व की भांति सेवा ही संगठन फेज-2 अभियान की शुरूआत करने जा रहा है जिसके तहत जरूरतमंदो को फेस कवर, सैनिटाईजर, दवाईयां, भोजन, रक्तदान शिविर, प्लाज्मा डोनेशन, काढ़ा आदि जरूरत की चीजे वितरित की जाएगी। इसके अतिरिक्त पार्टी ने एक डेडिकेटिड हैल्पलाईन नं0 0177-2832764 जारी कर दिया है। इस नम्बर पर कोरोना से संबंधित किसी भी प्रकार की सहायता के लिए लोग काॅल कर सकते हैं और भारतीय जनता पार्टी का संगठन उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास करेगा। सुरेश कश्यप ने बताया कि सेवा ही संगठन फेज-2 के लिए प्रदेश स्तर पर 4 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष एवं हथकरघा निगम के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल को प्रमुख, प्रदेश सचिव पायल वैद्य, वीरेन्द्र चैधरी तथा कार्यालय सचिव प्यार सिंह को सह प्रमुख बनाया गया है। उन्होनें कहा कि भाजपा महिला मोर्चा स्वयं सहायता समुहों के साथ मिलकर फेस कवर बनाएगा और उसका वितरण करेगा। जिन परिवारों के सभी सदस्य कोविड-19 से संक्रमित हो गए हैं उस परिवार को भाजपा परिवार सम्पर्क करेगा और हर संभव मदद करेगा। युवा मोर्चा के कार्यकर्ता रक्तदान शिविर एवं प्लाजमा डोनेशन कैम्प लगाएगा। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि हर कार्यक्रम में भाजपा के चुने हुए प्रतिनिधी अग्रणी भूमिका निभाएंगे। आज की बैठक के तीन दिन के अंदर संसदीय प्रभारी अपने संसदीय क्षेत्र, जिला प्रभारी अपने प्रभारी जिला एवं मण्डल अध्यक्ष अपने-अपने मण्डल की वर्चुअल बैठकें करेंगे। उन्होनें कहा कि पार्टी के आगामी सभी बैठकें एवं कार्यक्रम वर्चुअल माध्यम से होंगे। भाजपा कार्यकर्ता अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता की माॅनिटरिंग भी करेंगे तथा 18 वर्ष से उपर के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित करेंगे और वैक्सीन के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों के बारे में भी लोगों को जागरूक करेंगे। वैक्सीनेशन केन्द्रों के बाहर हैल्प डैस्क लगाए जाएंगे तथा लोगों की हर संभव सहायता भी की जाएगी। प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर साहित्य प्रकाशित किया जाएगा जिसको किसान मोर्चा के माध्यम से वितरित किया जाएगा। सुरेश कश्यप ने कहा कि भाजपा कोविड महामारी से बचाव एवं जागरूकता के लिए धरातल स्तर तक कार्य करेगी और मेरा बूथ कोरोना मुक्त बूथ अभियान भी चलाया जाएगा और यदि कोविड के कारण किसी की मृत्यु होती है तो उसकी मदद भी की जाएगी। उन्होनें बताया कि सभी सामाजिक संस्थाओं मठ, मंदिर इत्यादी से सतत संपर्क रखा जाएगा। भारतीय जनता पार्टी का संगठन इस कोरोना संकटकाल में प्रदेश की जनता की हर संभव मदद के लिए तत्पर है। उन्होनें कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर बेहद खतरनाक है और हम सभी को इससे बचने के लिए प्रशासन द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का स्वयं भी पालन करना है और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना है ताकि प्रदेश का हर नागरिक इस महामारी के प्रकोप से बच सके।
हिमाचल प्रदेश के जिला लाहौल-स्पीति के सिस्सू में देश के सबसे ऊँचे क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण की पहली बाधा पार कर ली गई है। स्टेडियम के लिए स्थानीय पंचायत और राजस्व विभाग ने 38 बीघा ज़मीन की निशानदेही के बाद फाइल वन विभाग को भेज दी है। वन विभाग अब हिमाचल प्रदेश सरकार से लेटर ऑफ इंटेंट मिलने के इंतजार में है। स्टेडियम के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है। लाहौल-स्पीति जिला क्रिकेट संघ ने सात साल पहले सिस्सू में स्टेडियम निर्माण की कवायद शुरू की। अटल टनल रोहतांग के नॉर्थ पोर्टल से महज आठ किमी दूर 11000 हजार फीट की ऊंचाई पर बनने वाला 10 हजार दर्शक क्षमता वाला क्रिकेट स्टेडियम देश में सबसे ऊंचा होगा। अभी सोलन के चायल में 7500 फीट की ऊंचाई पर देश का सबसे ऊंचा क्रिकेट स्टेडियम है, जिसे 1891 में पटियाला के महाराजा भूपेंद्र सिंह ने बनवाया था। लाहौल-स्पीति क्रिकेट संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र ठाकुर का दावा है कि स्टेडियम चंदे के पैसे से तैयार होगा। वहीं, जिला खेल अधिकारी एवं एसडीएम केलांग राजेश भंडारी ने बताया कि सिस्सू झील के समीप क्रिकेट स्टेडियम निर्माण के लिए 38 बीघा जमीन लाहौल-स्पीति जिला क्रिकेट संघ के लिए दी गई है। यह स्टेडियम मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा की प्राथमिकता में है। मारकंडा ने कहा कि सरकार से स्टेडियम निर्माण के लिए जल्द लेटर ऑफ इंटेंट जारी करवाकर भूमि अधिग्रहण की फाइल को देहरादून भेजा जाएगा। बारिश और प्रचंड गर्मी के कारण अप्रैल से सितंबर तक देश में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों नहीं हो पाते। इस दौरान लाहौल घाटी में तापमान 20 से 25 डिग्री रहता है और बारिश न के बराबर होती है। लिहाजा, सिस्सू में यूरोपियन देशों की तर्ज पर यहां क्रिकेट खेला जा सकता है।
एसजेवीएन द्वारा 20 और 21 अप्रैल को शिमला में अपने कारपोरेट मुख्यालय में कोविड टीकाकरण अभियान का आयोजन किया गया। इस अभियान के दौरान एसजेवीएन के कर्मचारियों एवं उनके आश्रितों, सुरक्षा कर्मियों एवं ठेकेदारों द्वारा तैनात कार्मिकों को कोविड-19 वैक्सीन लगाई जा रही है। अभियान के दौरान एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंदलाल शर्मा ने आज कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज़ प्राप्त की। उनके साथ लगभग 150 व्यक्तियों ने वैक्सीन की पहली/दूसरी डोज प्राप्त की। एसजेवीएन में 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 75%से अधिक कर्मचारियों ने पहले से वैक्सीन की कम से कम पहली डोज़ प्राप्त कर ली है। इस अवसर पर शर्मा ने कहा कि, हम कोविड-19 महामारी का एक और पुर्नरुथान देख रहे हैं। यह एक ऐसा समय है जब संवेदना और सहानुभूति पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि एसजेवीएन में हमारी पहली और सबसे महत्वपूर्ण प्राथमिकता सदैव हमारे कर्मचारी और उनके परिवार रहे हैं। इस संदर्भ मेंसक्रिय कदम के रूप में एसजेवीएन द्वारा संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से कारपोरेट मुख्यालय और विभिन्न परियोजनाओं में कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्षा राशिमधर सूद ने बताया कि प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा ने कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर प्रदेश की जनता व जनसेवा कार्य के लिए पूर्व की भांति कार्य करते हुए निम्न जिलाशः कोविड सहायता मोबाईल नम्बर जारी किए हैं। कोविड-19 महामारी में सहायतार्थ ज़िलाश समन्वयक कुछ इस प्रकार रहेंगे। चंबा से कांता ठाकुर, कांगड़ा से रंजू रस्तोगी, नूरपुर से परमजीत मनकोटिया, देहरा से अनिता सिपहिया, पालमपुर से किरण भंगालिया, लाहौल स्पिति से शकुंतला शर्मा, कुल्लू से मनीषा सूद, मण्डी से मंजू,सुन्दरनगर से शारदा चौहान, हमीरपुर से वाटिका सूद, ऊना से मीनाक्षा राणा, बिलासपुर से शीतल भारद्वाज, सोलन से रिया शर्मा, सिरमौर से स्नेहलता, महासू से सुरेन्द्रा, शिमला से कल्पी शर्मा और किन्नौर से रवीना नेगी। इसी प्रकर से युवा मोर्चा द्वारा भी हर जिला स्तर पर हेल्पलाइन नंबर शुरू किए है इसकी सूची भाजयूमो प्रदेश अध्यक्ष अमित ठाकुर द्वारा इस प्रकार बनाई गई है चम्बा से अनिल कुमार, कांगडा से प्रणव शर्मा, नूरपुर से आदर्श शर्मा, देहरा से मुकेश सोनी, पालमपुर से अरविंद कुमार, लाहोल स्पिति से तेजिन कारपा, कुल्लू से नवल नेगी, मण्डी से राकेश वालिया, सुन्दरनगर से अमीचंद, हमीरपुर से अजय रिटू, ऊना से कमल सैणी, बिलासपुर से पंकज शर्मा, सोलन नरिंदर ठाकुर, सिरमौर से पवन चौधरी, महासू से अंकुश चौहान, शिमला पारुल शर्मा और किन्नौर से प्रवीण मोयान इस कार्य को देखेंगे।
कोविड-19 की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और सभी शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने के कारण प्रदेश सरकार ने 2 मई को निर्धारित संयुक्त एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय परीक्षा (ईएमआरएस) 2021 को स्थगित करने का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी दी कि प्रदेश सरकार ने 1 मई तक सभी एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालयों और छात्रावासों को भी बंद रखने का निर्णय लिया है।
कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने सभी शहरी क्षेत्रों में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना को वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी जारी रखने का निर्णय लिया है। शहरी विकास विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि इस योजना के अन्तर्गत शहरी क्षेत्रों में आजीविका की सुरक्षा के लिए प्रत्येक इच्छुक परिवार को वर्ष में 120 दिन का रोजगार देने का प्रावधान है। योजना के अन्तर्गत रोजगार प्राप्त करने के लिए किसी भी शहरी क्षेत्र में रहने वाले परिवार के वयस्क सदस्य को संबंधित शहरी निकाय में स्वयं को पंजीकृत करवाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत कार्य करने के लिए ऊपरी आयु सीमा 65 वर्ष रखी गई है। पात्र लाभार्थियों को बेहतर आजीविका मुहैया करवाने के लिए उनका कौशल प्रशिक्षण भी करवाया जाएगा तथा प्रशिक्षित लाभार्थियों को दीनदयाल अन्तोदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अन्तर्गत बैंकों से सस्ती दर पर ऋण भी उपलब्ध करवाया जाएगा। जो भी शहरी निकायों में रह रहे इच्छुक व्यक्ति इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, वे संबंधित शहरी निकाय से आवश्यक प्रपत्र प्राप्त करके, स्वयं को संबंधित शहरी निकाय में पंजीकृत करवा सकते हैं। पंजीकरण के बाद संबंधित शहरी निकाय द्वारा पंजीकृत व्यक्ति का निःशुल्क जाॅब कार्ड बनाया जाएगा। प्रवक्ता ने कहा कि योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थी को 15 दिन के भीतर रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। यदि किसी भी पात्र लाभार्थी को उक्त अवधि के भीतर रोजगार नही दिया जाता है तो वह उपरोक्त योजना के अन्तर्गत 100 रुपये प्रतिदिन की दर से बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने का भी हकदार होगा। इस योजना के अन्तर्गत पात्र लाभार्थी को सरकार द्वारा अधिसूचित न्यूनतम मजदूरी अथवा 300 रुपये प्रतिदिन, जो भी अधिक हो, दिया जाएगा। मजदूरी का भुगतान 15 दिन का रोजगार समाप्त करने के बाद सात दिन की अवधि के भीतर सीधा लाभार्थी के बैंक खाते में किया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुरेखा चोपड़ा की अध्यक्षता में दीन दयाल उपाध्याय जोनल अस्पताल में आज प्रसव पूर्व शिशु लिंग जांच निषेध अधिनियम के अंर्तगत आज जिला सलाहकार कमेटी की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि जिला में वर्ष 2020-21 में खंड चिकित्सा अधिकारी ननखड़ी को 0-6 लिंग अनुपात में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है जिसके लिए सरकार द्वारा इस खंड को 5 लाख रूपए की राशि प्रदान की गई है। बैठक में निजी अल्ट्रा साउंड मशीनों के पंजीकरण के लिए प्राप्त प्रार्थनापत्रों पर भी विचार विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि जिला में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के आशा वर्कर, हेल्थ वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा घर घर जाकर लोगों को बेटा-बेटी के जन्म में भेदभाव न रखने के प्रति जागरूकता में अहम भूमिका निभाई जा रही है। बैठक में जिला न्यायवादी रणदीप सिंह परमार, जिला स्वास्थ्य अधिकारी एच.आर.ठाकुर व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। राजधानी शिमला समेत प्रदेश के कई अन्य भागों में बारिश दर्ज की गई है। वहीं, ऊंची चोटियों पर हल्की बर्फबारी हुई है। शिमला में दोपहर के समय झमाझम बारिश शुरू हुई, इससे तापमान में गिरावट आ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के मैदानी और मध्य पर्वतीय नौ जिलों में मंगलवार और बुधवार को अंधड़, ओलावृष्टि और बारिश की चेतावनी जारी हुई है। 23 अप्रैल तक पूरे प्रदेश में बादल बरसने का पूर्वानुमान है। 24 अप्रैल से मौसम साफ रहने की संभावना है। विभाग ने बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, ऊना, कुल्लू, मंडी, शिमला और सोलन जिले के लिए बारिश-ओलावृष्टि व अंधड़ का अलर्ट जारी किया है। उधर, केलांग में न्यूनतम तापमान माइनस 0.5, कल्पा 3.0, मनाली 7.4, भुंतर 8.8, कुफरी 9.9, डलहौजी 10.2, सुंदरनगर 10.4, सोलन 10.0, मंडी 10.1, धर्मशाला 10.8, शिमला 12.7, कांगड़ा 13.6, हमीरपुर 14.7, बिलासपुर 15.0, ऊना 14.8 और नाहन में 19.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। मंगलवार को ऊना में अधिकतम तापमान 32.2, बिलासपुर 22.0, हमीरपुर 21.8, कांगड़ा 30.7, सुंदरनगर 25.5, नाहन 27.1, सोलन 18.0, चंबा 26.9, भुंतर 23.0, धर्मशाला 22.6, शिमला 16.4, कल्पा 13.7, डलहौजी 13.7 और केलांग में 9.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
हिमाचल में बढ़ते कॅरोना के मामलों को देखते हुए सामाजिक व विवाह सामारोह में अब केवल 50 ही लोग शामिल हो पाएंगे। सरकारी कार्यालयों में 5 डे वीक होगा, शनिवार व रविवार को छुट्टी रहेगी। बाक़ी दिनों में भी 50 फ़ीसदी कर्मचारियों के साथ दफ्तरों में कामकाज होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि नवरात्रों के बाद मंदिर आम जनता के लिए बंद कर दिए जाएंगे। बस 50 फ़ीसदी सवारियों के साथ चलेंगी। 22 अप्रैल से मंदिरों को केवल पूजा के लिए ही खोला जाएगा। मुखयमंत्री ने आगामी 22 अप्रैल को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना पर अन्य महत्वपूर्ण फैसले लेने के भी संकेत दिए है। बाहर से आने वाले लोगों पर भी बंदिशे लगाने के संकेत मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने दिए है। गौरतलब है कि हिमाचल में बीते 24 घंटो के दौरान 1700 मामले सामने आए है और 13 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में अब 10 हज़ार के करीब एक्टिव मामले हो चुके है। वंही 1202 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी की अध्यक्षता में आज मंडी संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले रामपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्रों के युक्तिकरण के संबंध में जिला शिमला के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। आदित्य नेगी ने कहा कि वर्तमान मतदान केंद्र राजकीय प्राथमिक पाठशाला रनपू का मतदान केंद्र क्षतिग्रस्त होने के कारण 300 मीटर की दूरी पर स्थित मतदान केंद्र राजकीय माध्यमिक पाठशाला रनपू के धरातल मंजिल में स्थानांतरित किया गया है। कोरोना महामारी के दृष्टिगत भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार वर्तमान मतदान केंद्र में मतदाताओं की संख्या 950 से अधिक होने पर 2 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इसके तहत मतदान केंद्र बनिवासा, ननखड़ी, शोली, दत्तनगर, शिंग्ला व शाहधार के वर्तमान मतदान केंद्र भवन में ही सहायक मतदान केंद्र बनाया गया है ताकि कोरोना महामारी के मद्देनजर विशेष मानक संचालन प्रक्रिया की अनुपालना की जा सके। उपायुक्त ने कहा कि इसके अतिरिक्त मंडी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले रामपुर विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्रों के नामावली में परिवर्तन किया गया है जिसके तहत वर्तमान मतदान केंद्र राजकीय प्राथमिक पाठशाला मझधारठी के बंद होने के कारण भवन में आंगनबाड़ी केंद्र स्थापित किया गया है। वर्तमान मतदान केंद्र राजकीय प्राथमिक पाठशाला डोई के नामावली में परिवर्तन के कारण मतदान केंद्र का नाम राजकीय प्राथमिक पाठशाला शरण कांदल परिवर्तित किया गया है। वर्तमान मतदान केंद्र दरकाली के राजकीय उच्च पाठशाला दरकाली से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दरकाली, वर्तमान मतदान केंद्र राजकीय उच्च पाठशाला काओबिल से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काओबिल, वर्तमान मतदान केंद्र राजकीय उच्च पाठशाला फांचा से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला फांचा, वर्तमान मतदान केंद्र राजकीय माध्यमिक पाठशाला कूट से राजकीय उच्च पाठशाला कूट कर दिया गया है।
राज्य सचिवालय में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की चौथी टास्क फोर्स बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना की मौजूदा स्थिति और भविष्य की कार्ययोजना को लेकर चर्चा की गई। मुख्य सचिव अनिल खाची ने परियोजना की अभी तक की प्रगति पर संतोष जताया और योजना से जुड़े अधिकारियों को प्राकृतिक खेती के विस्तार के प्रयास तेज करने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों के उत्पादों के विपणन और प्रमाणीकरण का काम जल्द पूरा करने के आदेश दिए। इस मौके पर अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि निशा सिंह ने बताया कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती तेज़ी से आगे बढ़ रही है। अभी तक प्रदेश की 3,026 पंचायतों में 1,20,882 से ज़्यदा किसान-बागवानों ने इस विधि को अपना लिया है। विशेष सचिव कृषि एवं प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने कहा कि पिछले वर्ष कोविड-19 महामारी की बंदिशों के बावजूद 59 हज़ार से ज़्यादा किसान इस विधि से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि एक विभागीय सर्वे के दौरान इस विधि से कृषि लागत में 56% कमी और किसान आय में 27% वृद्धि दर्ज की गई है। सेब बागवानी में भी इस विधि से आकस्मिक पतझड़ और स्कैब रोग के प्रकोप में कमी आई है। समीक्षा बैठक में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने परियोजना को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि बैठक में प्राकृतिक खेती से जुड़े विभिन्न विषयों के साथ प्रदेश में सतत खाद्य प्रणाली (सस्टेनेबल फूड सिस्टम) की शुरूआत करने को लेकर एवं प्राकृतिक खेती से बीज उत्पादन एवं गुणन को लेकर भेजे गए प्रस्ताव तथा उसके लिए संभावी कार्य योजना पर चर्चा के बाद मुख्य सचिव ने अनुमति प्रदान की है। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बनाई गई कार्ययोजना को भी मुख्य सचिव से स्वीकृति मिली है। इस बैठक में मुख्य सचिव के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि निशा सिंह, विशेष सचिव कृषि राकेश कंवर, सचिव पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संजीव भटनागर, निदेशक बागवानी जे पी शर्मा, निदेशक (अनुसंधान) कृषि विवि पालमपुर डॉ. डी के वत्स, कार्यकारी निदेशक प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
नगर निगम चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए हिमाचल प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने समस्त कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा कि नगर निगम चुनावों में जनता ने यह साफ कर दिया है कि उसका विश्वास और आशीर्वाद सिर्फ कांग्रेस पार्टी के साथ है। कांग्रेस ने सोलन और पालमपुर में शानदार प्रदर्शन किया है। मंडी एवं धर्मशाला में कहां कमी रही इसकी समीक्षा भी की जाएगी। राजीव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रति जनता का भारी स्नेह देखने को मिल रहा है जो कि संकेत है कि 2022 में भाजपा की करारी हार होगी और कांग्रेस जनता जनार्दन के आशीर्वाद से सत्ता में आएगी। भाजपा ने बड़े-बड़े वादे किए, चुनावी घोषणा पत्र जारी किए लेकिन सब जुमले ही रहे क्योंकि धरातल पर कुछ भी दिखाई नहीं दिया जो कि घोषणापत्र में चिन्हित किया गया था। यही कारण है कि भाजपा सरकार पर जनता का भरोसा उठ चुका है। आने वाले फतेहपुर व मंडी विधानसभा उपचुनाव में जमीनी स्तर पर कार्य होगा। अब उन्हीं मुद्दों की बात होगी जो वास्तविकता और जमीनी स्तर से जुड़े हैं और भाजपा के झूठे प्रचार का भी हम मुंहतोड़ जवाब देंगे। राजीव शुक्ला ने बताया कि आज की तारीख में भाजपा की तानाशाही नीतियों और झूठे वादों और डबल इंजन के जुमलों से जवान, किसान, आम जनता ,युवा, महिलाएं व हर वर्ग पूर्णत: परेशान है। बेवजह की महंगाई बढ़ने से आज सारा समाज त्रस्त है। राजीव शुक्ला ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि आप सब अपनी कमर कस लें और मजबूती से संगठन के सिद्धांतों को जनता तक पहुंचाने का कार्य करें। कांग्रेस इस देश की सबसे पुरानी पार्टी है जिसने सदैव जनता का भला चाहा है और उम्मीद है आने वाले समय में भी इसी तरह से कांग्रेस जनता के मुद्दों का ध्यान रखेगी और जनता का प्यार और स्नेह कांग्रेस के साथ बना रहेगा।
Himachal Pradesh State Nurses Association’s president Aruna Kaur Luthera, Gen. Sec. Sita Thakur, Amita Puri, Sushma Thakur, and Shashi Sharma have extended their heartfelt gratitude to chief minister Jai Ram Thakur for the work nurses have done during the corona pandemic and for announcing Rs 1500 ex-gratia/honorarium to all the Class III and IV employees. Chief Minister Jai Ram Thakur presided over the State level Himachal Day function held at Padhar in the Drang Vidhan Sabha area of the Mandi district on Thursday where he announced Rs 1500 ex-gratia/honorarium to all the Class III and IV employees such as staff nurses, ward boys, Class IV employees, Asha workers, etc. involved directly in the service of COVID-19 patients for April and May. He said that the whole world has been suffering from Covid-19 and our State was also no exception. He said that despite the challenges of Covid-19, with the support of the people, the government tried to revive the economy of the State by regulating the basic facilities smoothly. He urged the people of the State to come forward to help the State Government in checking the spread of this virus.
स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन ने राष्ट्रीय तृतीय आयुष्मान भारत-हैल्थ एण्ड वैलनेस दिवस समारोह में भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 के लिए निर्धारित लक्ष्य को पार करने के लिए हिमाचल प्रदेश को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअल माध्यम से हुआ जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डायरेक्टर डाॅ. निपुण जिन्दल ने प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए 983 स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र क्रियाशील करने का लक्ष्य दिया था जबकि प्रदेश ने इस लक्ष्य को पार करते हुए 31 मार्च तक राज्य में 1022 स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र क्रियाशील कर दिए हैं जो कि निर्धारित लक्ष्य का 104 प्रतिशत है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने तृतीय आयुष्मान भारत हैल्थ एण्ड वैलनेस डेे अवसर पर आयोजित समारोह के दौरान इस उपलब्धि के लिए प्रदेश को बधाई दी। डाॅ. निपुण जिन्दल ने इस उपलब्धि को प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, जिला कार्यक्रम अधिकारियों, खण्ड चिकित्सा अधिकारियों और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल टीमों को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि इन सभी की निष्ठा और प्रतिबद्धता के परिणामस्वरूप ही प्रदेश को यह उपलब्धि हासिल हुई है। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों के माध्यम से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ज़मीनी स्तर तक और अधिक सुदृढ़ होंगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर की जयंती के उपलक्ष्य पर वैचारिक चिंतन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट के सचिव डॉ सुरेंद्र शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी ने स्वागत उद्वोधन में कहा कि आज 14 अप्रैल को वे बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की 130 वीं जयंती मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान भारत के स्वरूप को गढ़ने में बाबा साहेब का स्वर्णिम योगदान रहा है, बाबा साहेब मानते थे कि प्रत्येक भारतीय की पहचान सबसे पहले एक भारतीय के रूप में है और राष्ट्र ही सर्वोपरि है। मुख्यातिथि महोदय डॉ शर्मा ने बाबा साहेब को याद करते हुए उनके सामाजिक न्याय के सिद्धांत में कहा कि बाबा साहेब का कहना था कि जब तक समाज में महिला का आदर नहीं होगा तब तक वास्तव में सामाजिक विकास अधूरा रहेगा, महिलाओं का विकास ही समाज का वास्तविक विकास है। उन्होंने कहा कि एबीवीपी का विचार परिवार पूर्णतः बाबासाहेब के विचारों का सम्मान करता है और उनके दिखाई हुई दिशा पर अग्रसर है, आज के समय में विडंबना हो गई है कि कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी अम्बेडकर के उन विचारों पर ही अड़े रहते हैं जिन से राजनीतिक फ़ायदे हो सके। बाबा साहेब हिन्दुओं में भेदभाव का पुरजोर विरोध करते थे उन्होंने हमेशा ही हिन्दुओं में भेदभाव, कुर्तियों, समाजिक अन्याय को दूर करने का प्रयास किया और सफल भी रहें, लेकिन कभी किसी धर्म विशेष के विरोधी नहीं रहे। उन्होंने कहा कि भारत की एकता के लिए अभी भी बाबासाहेब के दिखाएं हुए रास्ते पर चलने की आवश्यकता है। बाबा साहेब का विचार है कि समरसता के बिना स्वतंत्रता निरर्थक है। वैचारिक चिंतन में मोनिका ने कहा कि वास्तव में समाज को समाज ही एक कर सकता है, भेदभाव कुर्तियों को दूर करने का एकमात्र और सही तरीका समाज को शिक्षित कर समाज को भेदभाव मुक्त करना है। वैचारिक चिंतन में कर्मपाल, मंजीत, मोनिका, विशाल, वर्तमान संदर्भ में बाबा साहेब के विचारों की प्रसंगीगत और भूमिका के बारे में अपना अपना वक्तव्य रखा। अंत में समापन उद्बोधन में इकाई मंत्री आकाश ने कहा कि भविष्य का भारत शिक्षित युवाओं के कंधे पर ही निर्भर है जो विचार और दिशा बाबासाहेब ने दिखाएं है उन पर चलने की आवश्यकता है। इस दौरान अभाविप द्वारा आयोजित इस वैचारिक चिंतन कार्यक्रम में विभिन्न छात्र, शोधार्थियों व शिक्षाविदों ने वर्तमान समय में विवेकानंद के विचारों की प्रासंगिकता, समरस भारत- श्रेष्ठ भारत व सामाजिक न्याय में अम्बेडकर की भूमिका इन विषयों पर अपना वक्तव्य रखा।
भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर भाजपा प्रदेश कार्यालय दीप कमल चक्कर शिमला में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जमवाल, प्रदेश सरकार स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, विधायक बलबीर वर्मा एवं शिमला नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान भाजपा के सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने बाबासाहेब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने इस अवसर पर कहा कि आज देशभर में भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई जा रही है। उनसे प्रेरणा लेकर समाज में काम करने के लिए हम कृत संकल्पित हैं। बाबा साहेब एक नेता, विचारक, आर्थिक जगत के ज्ञाता, लेखक और समाज सुधारक थे। बाबा साहेब ने अपने जीवन में बहुत कष्ट सहे, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीयता की भावना के साथ कभी समझौता नहीं किया। समाज का नेतृत्व करने से उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दलित समाज को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। स्टैंड अप इंडिया के तहत दलित भाइयों को 10 लाख से लेकर 10 करोड़ के व्यापार के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके चलते दलित भाई आज नौकरी देने वाले बन रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार ने दलित भाइयों के लिए अनेकों योजनाओं की शुरुआत की है हर जिले में अंबेडकर भवन भाजपा सरकार की ही देन है। अनुसूचित जाति के लिए बजट में बढ़ावा किया गया है व अनुसूचित जाति वर्ग के लिए छात्रवृत्ति भी बड़ी मात्रा में दी जा रही है।
प्रदेश में आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के आयोजन की तैयारियों के बारे में आज आयोजित बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव अनिल खाची ने की। यह कार्यक्रम भारत की स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों की एक श्रृंखला है। यह महोत्सव जन भागीदारी की भावना में एक जन उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने आयोजन से संबंधित विभागों को सभी तैयारियां समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति में सुधार होने के उपरांत किया जाएगा। इस आयोजन के तहत आगामी वर्ष तक राज्य व जिला स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रमों के सफल आयोजन के लिए विभिन्न स्तरों पर चार तरह की कमेटियां गठित की जाएंगी। आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रमों की श्रृंखला के दौरान स्कूल, जिला व राज्य स्तर पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा शैक्षणिक संस्थानों में भी विभिन्न प्रकार की प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान द्वारा सेमिनार का आयोजन भी किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कार्यक्रम के दौरान प्रदेश में स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित महत्वपूर्ण घटनाओं व स्थानों के संबंध में भी कार्यक्रम आयोजित करने की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के तहत स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आयोजित किए जाने वाले विभिन्न समारोहों में स्वतंत्रता सेनानियों तथा दिवंगत स्वतंत्रता सेनानियों की पत्नियों को सम्मानित किया जाएगा। आयोजन के तहत हिमाचल का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान विषय पर काॅफी टेबल बुक भी प्रकाशित की जाएगी और थीम सॉंग भी तैयार किया जाएगा। इस आयोजन के दौरान किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की डाॅक्यूमेंटेशन करने तथा इस कार्यक्रम में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
ठियोग में अल्टो कार की दुर्घटना ग्रस्त होने की सूचना मिली है। आल्टो कार नम्बर HP09c 7842 बगाघाट मंदिर के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गई। जिसमें गाड़ी चालक व मालिक राजेस्वर शर्मा पुत्र संत राम शर्मा निवासी प्रेमघाट वार्ड न 2 ठियोग उम्र 39 वर्ष सहित उसकी दो बेटियों की मौत की सूचना है। जबकि पत्नी को गम्भीर अवस्था में शिमला के igmc में इलाज के लिए लाया गया है।
हिमाचल प्रदेश में काेराेना बेकाबू हाे चुका है। हालांकि लाेग काेविड-19 के नियमों का पालन भी कर रहे हैं लेकिन हर रोज़ कम से कम पांच साै का आंकड़ा पार हाे रहा है। बीते साेमवार काे 1 हजार 89 केस सामने आए थे। आज दाेपहर दाे बजे तक प्रदेश में 148 लाेग पाॅजिटिव आए और चार लाेगाें की माैत भी हाे गई। ऐसे में अब शाम सात बजे की रिपोर्ट आने तक यह आंकड़ा बढ़ भी सकता है। प्रदेश में अभी 5840 एक्टिव केस हैं और 1115 लाेगाें की माैत हाे चुकी है। वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पिछले कल काेराेना पाॅलिटिव पाए गए और आज उन्हें इलाज के लिए माेहाली एक निजी अस्पताल में ले जाया गया।
प्रदेश सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों से पर्यटन कारोबार को होने वाले नुकसान से बचने के लिए नया फार्मूला तैयार किया है। अब प्रदेश की सीमा पर अन्य राज्यों से आने वाले पर्यटकों को नहीं रोका जाएगा। न ही किसी स्थान पर कोरोना संबंधी परीक्षण की व्यवस्था रहेगी। होटल के प्रबंधक कोरोना संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित सात राज्यों पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान व उतर प्रदेश से आने वाले पर्यटकों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट देखेंगे। आधार कार्ड से कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट सरकार के पोर्टल पर अपलोड करेंगे। सरकारी पोर्टल पर पर्यटकों की नेगेटिव रिपोर्ट अपलोड करना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था 16 अप्रैल से शुरू की जायगी। स्टेट टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेकहोल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहेंद्र सेठ का कहना है कि पर्यटन से राज्य का हर घर और परिवार जुड़ा है, ऐसे में पर्यटन राज्य में पयटकों के आने पर किसी प्रकार का अनावश्यक प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए। क्योंकि पर्यटक केवल होटलों में रहता है। बहुत मुश्किल से प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय पटरी पर लौटने लगा है। मुख्य सचिव अनिल खाची का कहना है कि पर्यटन क्षेत्र के लिए एडवाइजरी जारी की गई है और इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाया जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भण्डारी ने कहा कि ट्राइबल भवन द्वारा जारी की गई अधिसूचना जिसमें भवन के कमरो के किराए 3 गुना बढ़ाए गए हैं हम कड़ा विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि ये बहुत ही शर्म की बात है की इस वेश्विक महामारी के समय सरकार पीड़ित जनता की जेब खाली कर अपने गोदाम भरने के कार्य में जुटी हुई है। भवन मूल रूप से विद्यार्थियों, मरीज़ो व कम आमदानी वाले वर्ग के लोगों द्वारा इस्तेमाल होता है। शिमला का जनजातीय भवन जिसे हिमाचल प्रदेश के पूर्व पशुपालन मंत्री श्री फुनच्चोक राय के द्वारा आमजन की सुविधा के लिए खोला गया। मात्र 100 रुपए में लोगों को ठहरने के लिए कमरे मिल जाते थे लेकिन आज इसे बढ़ाकर 300 रुपए कर दिया गया और पहले छात्र संगठनों के लिए कम्युनिटी हाल 3000 में उपलब्ध होता था उसे अब 8000 कर दिया गया और सेक्युइरिटी 10000 से बढ़ाकर 15000 कर दिया गया।आज जब पूरा देश कोरोना की मार झेल रहा है ऐसे में किराए बढाना सरासर अमानवीय है। उन्होंने कहा कि यह सरकार शुरुआत से ही जनजातीय लोगों के विरुद्व काम करती आई है। विकास कार्यो में 2011 की जनगणना के अनुसार हिमाचल प्रदेश की जनसंख्या 6864602 है जिनमें से 392126, 5.71 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों के हैं। यह आँकड़ा देख कर आप समझ सकते है कि सरकार का रवेया ऐसा क्यूँ है वो इस 5 प्रतिशत आबादी के बारे में क्यूँ सोचे, इनका भला देखने में उनको क्या फ़ायदा होगा। बस इस फ़ायदे की राजनीति में जनजातीय लोगों का उत्पीड़न होता आ रहा है। दुर्गम जनजातीय क्षेत्रो केअच्छे अस्पताल और शिक्षा केंद्रो की कमी के कारण किन्नौर, लाहौल स्पिति, भरमौर व अन्य जनजातीय क्षेत्रो से हज़ारो लोग हर साल शिमला आते है। घर से दूर आए इन लोगो के लिए ट्राइबल भवन आश्रय का एकमात्र सहारा है जिसे यह सरकार छीनने की पुरज़ोर कोशिश कर रही है। हम कड़े शब्दो में सरकार के इस कदम की आलोचना करते है और जब तक यह दरे कम ना की जाए हम इसके विरोध में खड़े रहेंगे। विपदा की इस घड़ी में प्रदेश युवा कॉंग्रेस जनजातीय क्षेत्र के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सरकार के विरुद्व लड़ेगी।