प्रदेश कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने स्पीति में कृषि मंत्री रामलाल मार्कडे के क्वारंटाइन के चलते उनके प्रवेश का विरोध करने वालो के खिलाफ किसी भी कानूनी कार्यवाही की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि अगर प्रशासन ने ऐसा कोई कदम उठाया तो कांग्रेस चुप बैठने वाली नही। उन्होंने कहा है कि स्पीति की महिलाओं ने कृषि मंत्री को क्वारंटाइन के चलते अपने क्षेत्र में कोविड 19 के प्रति नियम और कानून का पालन करते हुए उनके वहां आने का विरोध किया था। उन्होंने कहा है कि क्वारंटाइन पर सरकार व प्रशासन के दोहरे मापदंड सहन नही किए जा सकते। किमटा ने कहा है कि भाजपा के नेता प्रदेश में क्वारंटाइन का खुला उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश सरकार के दोहरे मापदंड के चलते प्रदेश में दिनों दिन कोरोना संक्रांति लोगों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है। उनका कहना है कि लॉक डाउन के चलते प्रदेश में जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। उन्होंने कहा है कि इस समय प्रदेश सरकार अंतर्कलह से जूझ रही है। भाजपा के भीतर जो अंतर्विरोध चल रहा है उसके परिणाम स्वरूप मुख्यमंत्री अपने नेताओं की बैठकों में मशरूफ है। प्रदेश में लोगों की समस्याओं और उनको दूर करने के कोई भी सार्थक प्रयास सरकार नही कर रही है। रजनीश किमटा ने कहा अभी तक प्रदेश सरकार ने न तो किसानों, बागवानों को ही कोई राहत दी है न ही आम लोगों को न बेरोजगारों को ही।उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह इस दौर में भी अपनी ओछी राजनीति से बाज नही आ रही है। उनका कहना है कि वर्चुअल रैलियां कर भाजपा अपने राजनैतिक एजंडे पर काम कर रही है। उनका कहना है कि भाजपा को इस समय विहार के चुनावों की पड़ी है देश की नही, जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला से भाजपा मण्डल मण्डी सदर की वर्चुअल रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि नगर परिषद मण्डी और मण्डी सदर में अन्य भाजपा पदाधिकारियों ने कोरोना महामारी के दौरान हुए लाॅकडाउन में जरूरतमंदों को भोजन, आवास तथा अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में सराहनीय कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोगों को मास्क उपलब्ध करवाए तथा शारीरिक दूरी की महत्ता पर भी जागरूक किया। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता पीएम केयर्ज तथा कोविड फंड में भी उदारता से दान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल सामूहिक प्रयासों के द्वारा ही कोरोना वायरस से प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है। जय राम ठाकुर ने कहा कि मण्डी शहर की धार्मिक और पर्यटन महत्ता के दृष्टिगत यहां कई विकासात्मक परियोजनाओं पर भी कार्य चल रहा है। मण्डी और कुल्लू-मनाली क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए मण्डी के निकट अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंगनीधार के निकट शिवधाम विकसित किया जा रहा है, जो पर्यटकों के लिए अतिरिक्त आकर्षण होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी शहर व इसके साथ लगते क्षेत्रों में 68.57 करोड़ रुपये की लागत से मलनिकासी परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मण्डी शहर के लिए 82.18 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पेयजल योजना लोगों को समर्पित की गई है जिससे क्षेत्र के लगभग 47 हजार लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि मण्डी शहर में कंगनीधार से दुधार के लिए 86.39 लाख रुपये की लागत से एक अतिरिक्त उठाऊ जलापूर्ति योजना का निर्माण किया जा रहा है। जय राम ठाकुर ने कहा कि 7.50 करोड़ रुपये की लागत से ब्यूली में ईवीएम और वीवी पैट मशीनों के भण्डारण के लिए गोदाम का शिलान्यास किया गया है। सांसद राम स्वरूप शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और कहा कि यह मण्डी जिला का सौभाग्य है कि मण्डी जिला को पहली बार मुख्यमंत्री मिला है। विधायक राकेश जमवाल, जिला मण्डी भाजपा महासचिव रणवीर सिंह, पूर्व विधायक डी.डी. ठाकुर और कन्हैया लाल, भाजपा महिला मोर्चा मण्डी और नगर परिषद मण्डी की अध्यक्षा सुमन ठाकुर, महासचिव बाल कल्याण परिषद पायल वैद्य और भाजपा सदर मण्डल अध्यक्ष मनीष कपूर इस वर्चुअल रैली में मण्डी में उपस्थित थे।
40वीं जीएसटी काॅऊंसिल की बैठक का आयोजन नई दिल्ली में हुआ जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री एवं जीएसटी काॅऊंसिल की अध्यक्षा निर्मला सीतारमण ने की। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी बैठक में उपस्थित थे। राज्य सरकार की ओर से उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने वीडियों काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया। अपने सम्बोधन में उद्योंग मंत्री बिक्रम सिंह ने हिमाचल प्रदेश को उदार सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक छोटा राज्य है जिसकी आर्थिकी काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर करती है। कोविड-19 के कारण लाॅकडाउन होने से राज्य में पर्यटन गतिविधियों को नुकसान पहुंचा है तथा राज्य में खनन गतिविधियां भी प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि जनवरी माह तक राज्य को हुए जीएसटी नुकसान भरपाई के लिए 612 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से मार्च माह तक केे 216 करोड़ रुपये भी शीघ्र जारी करने का आग्रह किया। बिक्रम सिंह ने राष्ट्र के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के लिए केन्द्र सरकार का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित यह पैकेज समाज के कमजोर वर्गों, मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों, व्यवसायियों, श्रमिकों तथा आमजन के लिए वरदान सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए की गई घोषणाओं से हिमाचल प्रदेश को बहुत लाभ होगा और औद्योगिक उत्पादन भी बढ़ेगा। बिक्रम सिंह ने कहा कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में लगभग 55 हजार एमएसएमई औद्योगिक इकाइयां हैं जो कुल इकाइयों का 98 प्रतिशत है। एमएसएमई की रोजगार सृजन में 93 प्रतिशत भागीदारी है। कुल औद्योगिक उत्पादन में एमएसएमई का हिस्सा 85 प्रतिशत है। इस तरह हिमाचल प्रदेश एक एमएसएमई राज्य है। बिक्रम सिंह ने कहा कि एमएसएमई उद्योगों को तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज चार सालों में वापस करना होगा। कर्ज में डूबे लघु उद्योगों को 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा जिसके लिए किसी तरह की गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी। इससे उद्यमियों को कच्चे माल की आपूर्ति तथा अन्य खर्चों के लिए धन उपलब्ध हो पाएगा और वे अपना कारोबार बढ़ा सकेंगे। उन्होंने कहा कि 200 करोड़ रुपये तक का टैंडर अब ग्लोबल टैंडर नहीं होगा। इससे घरेलू औद्योगिक उत्पादन बढ़ेगा और इसका सीधा लाभ एमएसएमई इकाइयों को होगा। 31 अक्तूबर, 2020 तक कोई गारंटी फीस नहीं होगी। इससे 45 लाख इकाइयों को लाभ मिलेगा। फंड ऑफ़ फंड्स की घोषणा से अच्छे काम करने वाली इकाइयों को प्रोत्साहन मिलेगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि ई-मार्केट लिंक की उपलब्धता से एमएसएमई की इकाइयों को अपने उत्पाद की बिक्री में सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, जेसी शर्मा व अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
आवासीय उपायुक्त विवेक महाजन ने कहा कि आवासीय आयुक्त कार्यालय, नई दिल्ली में कोविड-19 के लिए जोखिम में पाए गए चार लोगों की जाॅंच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उन्होंने कहा कि इन चारों लोगों का सरकारी केन्द्र में टेस्ट करवाया गया। कुछ दिन पूर्व आवासीय आयुक्त कार्यालय का एक लिपिक और उनकी पत्नी कोविड-19 से पीड़ित पाए गए थे। इस मामले को जिला निगरानी अधिकारी के साथ उठाया गया और दोनों लोगों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले लाया गया, जहां लिपिक कोे छुट्टी दे दी गई और वर्तमान में घर पर क्वारंटीन में हैं। उनकी पत्नी अस्वस्थ है और अस्पताल में भर्ती किया गया है। विवेक महाजन ने कहा कि मामला सामने आने के उपरान्त हिमाचल भवन को सील करने के उपरान्त सेनेटाईज किया गया। इसके अतिरिक्त उस क्षेत्र को भी सेनेटाईज किया गया है, जहां लिपिक का घर है। उन्होंने कहा कि आवासीय आयुक्त कार्यालय के एक अन्य आउटसोर्स लिपिक के पिता कोरोना संक्रमित पाया गया हैं, जिसके कारण उसे कार्यालय नही आने के निर्देश दिए गए हैं और उसकी कोविड-19 जाॅंच रिपोर्ट आना शेष है। उन्होंने कहा कि हिमाचल भवन पूर्ण रूप से सुरक्षित है और सरकार द्वारा जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज अपना 73वां जन्मदिन मनाया। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें दूरभाष के माध्यम से बधाई दी और उनके दीर्घायु व सुखद जीवन की कामना की। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर व उनकी धर्मपत्नी डाॅ. साधना ठाकुर ने भी राज्यपाल को राजभवन पहंुचकर जन्मदिन की बधाई दी। उन्होंने उनके स्वस्थ और लम्बे जीवन की कामना की और कहा कि राज्य सरकार उनका मार्गदर्शन प्राप्त करती रहेगी। केन्द्रीय मंत्रियों और विभिन्न राज्यों के राज्यपालों ने भी उन्हें बधाई दी। इससे पूर्व राज्यपाल ने अपने जन्मदिन के अवसर पर हवन किया। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, विधायकों व विभिन्न निगमों और बोर्ड के अध्यक्षों ने भी राज्यपाल को राजभवन पहुंचकर बधाई दी। मुख्य सचिव अनिल खाची, पुलिस महानिदेशक संजय कुण्डू, जीओसी-इन-सी आरटैªक लै. जनरल राज शुक्ला, अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. धीमान, मुख्यमंत्री के सलाहकार डा. आर.एन. बत्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी शर्मा, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन, राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी राज्यपाल के जन्मदिन समारोह में उपस्थित हुए।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के सदस्य कोविड-19 की लड़ाई में देश व राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और इस महामारी के समाप्त होने पर उन्हें यह जिम्मेदारी प्रभावी रूप से निभानी होगी। मुख्यमंत्री ने शिमला से प्रदेश के स्थानीय शहरी निकायों के प्रतिनिधियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 54 शहरी स्थानीय निकायों के लगभग चार हजार कार्यकर्ता न केवल अपने क्षेत्रों में स्वच्छता कायम रखे हुए है, बल्कि उन लोगों पर भी नजर बनाए हुए हैं, जो देश के विभिन्न राज्यों से घर वापसी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों के कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन के रूप में दो महीनों के लिए 1500 रुपये प्रदान करने के अतिरिक्त एक महीने का अग्रिम वेतन भी प्रदान किया है ताकि कोरोना वायरस महामारी के कारण उन्हें वित्तीय परेशानी का सामना न करने पड़े। उन्होंने कहा कि ये कार्यकर्ता सही मायनों में कोरोना योद्धा हैं, जिन्होंने क्वारंटीन केन्द्रों को भी सेनेटाईज किया है। उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के 179 स्वयं सहायता समूहों ने जरूरतमंद लोगों को एक लाख मास्क प्रदान किए हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि इस महामारी के दौरान प्रदेश के हजारों लोग अन्य राज्यों से वापस आए हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश की आर्थिकी को पुनर्जीवित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारंटी योजना आरम्भ की है, जिसके अन्तर्गत शहरी क्षेत्रों के लोगों को 120 दिनों का निश्चित रोजगार प्रदान किया जाएगा। अगर आवश्यक हुआ तो इसके लिए इन लोगों के कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि वे राज्य के भीतर रोजगार व स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें। उन्होेंने कहा कि बाहरी राज्यों से वापिस आए लोगों के घर उचित प्रकार से चिन्हित किए जाने चाहिए ताकि उस मोहल्ले के लोग इस बारे में जागरूक हो सकें। उन्होंने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों को यह सुनिश्चित बनाना होगा कि ऐसे लोग होम क्वारंटीन का उल्लघंन न करें। उन्हें ऐसे लोगों के परिजनों को भी शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में प्रवेश करने वाले लोगों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ शारीरिक दूरी के महत्व के बारे में सूचना, शिक्षा और संचार सामग्री भी उपलब्ध करवानी चाहिए। शहरी विकास विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने विभाग की गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की। शहरी विकास विभाग के सचिव रजनीश सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। इस अवसर पर शिमला नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल, उप महापौर शैलेंद्र चैहान, नगर निगम धर्मशाला के महापौर देवेन्द्र जग्गी, विभिन्न नगर परिषदों एवं नगर पंचायतों के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।
प्रदेश का राजनीतिक इतिहास गवाह बना है कि जब-जब बीजेपी सरकार सत्ता में आई है, तब-तब प्रदेश की सियासत से जनता का विश्वास निरंतर उठा है। मामला अढ़ाई साल तक चली शांता सरकार का हो या 1998 में सुखराम की बैसाखियों का सहारा लेकर बनी गठबंधन की सरकार का हो, बीजेपी न संगी-सहयोगियों की आकांक्षाओं पर खरी उतर पाई है, न ही जनभावनाओं पर खरी उतरी है। 1998 की गठबंधन सरकार में बीजेपी के 8 विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ 52 दिन धरने पर बैठे रहे व 2007 का कार्यकाल अपना दामन भरने व अपनों को खुड्डेलाइन लगाने में बीता। इस तरह जब-जब प्रदेश में बीजेपी सरकार बनी है, तब-तब भ्रष्टाचार बढ़ा है, प्रदेश का विकास रुका है। अफसरशाही बेलगाम रही है। इस तरह बीजेपी सरकारों का सारा कार्यकाल आपसी धीगांंमुश्ती में खराब हुआ है। यब बात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार पर हमलावर होते हुए यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि प्रदेश के ताजा सियासी घटनाक्रम की अगर बात करें तो केंद्र द्वारा पूरी तरह नियंत्रित बीजेपी सरकार लैटर बॉक्स साबित हो कर रह गई है। जिसका काम ऊपर की चिट्ठी नीचे और नीचे की चिट्ठी ऊपर पहुंचाना भर रह गया है। बेलगाम भ्रष्टाचार के बीच अब प्रचंड बहुमत से जीती बीजेपी सरकार में सरकार और संगठन आमने-सामने हैं। संगठन की सूनें तो भ्रष्टाचार के आरोप सरकार के मंत्री, विधायकों पर लग रहे हैं और मंत्री, विधायकों की मानें तो वह प्रत्यक्ष और परोक्ष में निरंतर चले आ रहे बेखौफ भ्रष्टाचार के लिए संगठन को जिम्मेदार मानते हैं। ऐसे में सरकार और संगठन अपने-अपने जुगाड़ में एक दूसरे के रडार पर हैं। प्रदेश में विकास कार्य पूरी तरह ठप्प पड़े हैं। केंद्र द्वारा नियंत्रित व बेबस प्रदेश सरकार को 2-4 अफसरशाही की जुंडली मनमर्जी से हांक रही है। वैश्विक महामारी के दौर में निरंतर एक के बाद एक भ्रष्टाचार के खुलासों ने प्रदेश की सियासी छवि को दागदार व शर्मसार किया है। राणा ने कहा कि अब बीजेपी के अपने ही विधायक धवाला के आक्रोश की ज्वाला की धधक सरकार व संगठन को तपाए हुए है। अपने ही असंतुष्टों व रुष्टों की जमात ने बीजेपी सरकार को निशाने पर रखा हुआ है। जबकि पक्ष और विपक्ष की आपसी गपशप में विपक्ष से ज्यादा पक्ष के लोग सरकार को नाकाम बता रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का सारा ध्यान आपसी बगावत को रोकने व कुर्सी को बचाने में लगा है। क्योंकि अब प्रचंड बहुमत से जीती सरकार की कुर्सी को गैरों की बजाय अपनों से खतरा निरंतर बढ़ रहा है। राणा ने कहा कि ऐसे में मुख्यमंत्री की एक टांग संगठन के पाले में है, जबकि दूसरी टांग सरकार को संभाले है। सरकार और संगठन के हर छोटे-बड़े फैसले का दारोमदार केंद्र के पास सुरक्षित है। ऐसे में जहां प्रदेश की जनता सरकार से पूरी तरह हताश-निराश हो चुकी है, वहीं सरकार कोई फैसला न ले पाने की स्थिति में खुद को लाचार व बेबस मान रही है। उन्होंने कहा कि जानकार बताते हैं कि जब-जब बीजेपी सत्तासीन हुई है, तब-तब प्रदेश विकास में दशकों पीछे चल गया है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।
प्रदेश सरकार ने सहारा योजना के अन्तर्गत गंभीर रोगों से पीड़ित रोगियों के परिवारों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता दो हजार रुपये से बढ़ाकर तीन हजार रुपये प्रतिमाह की है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के लगभग 6550 लोग लाभान्वित हो चुके हैं और अभी तक इस योजना के अन्तर्गत 3.45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला से डलहौजी भाजपा मण्डल की वर्चुअल जन संवाद रैली को सम्बोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने समूचे विश्व के समक्ष एक बड़ी चुनौती उत्पन्न की है, लेकिन अधिकांश विकसित देशों की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर है। लगभग 142 करोड़ की जनसंख्या वाले विश्व के 15 सर्वाधिक विकसित देशों में 4.10 लाख लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि भारत में कोविड-19 के कारण अभी तक लगभग 8200 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है, जिन्होंने इस महामारी के दृष्टिगत यथा समय और दूरदर्शी निर्णय लिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान-सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत प्रदेश के लगभग 8.74 लाख किसानों के बैंक खातों में दो-दो हजार रुपये जमा किए गए हैं। इसी प्रकार, कोविड-19 के दृष्टिगत प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अन्तर्गत अप्रैल, मई और जून माह के लिए लगभग 5.90 लाख पात्र महिलाओं के खातों में 500 रुपये प्रतिमाह जमा किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने हिमकेयर और आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत कोरोना वायरस की जांच और उपचार का निर्णय भी लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लगभग 5.69 लाख पात्र लोगों को तीन महीने की अवधि की अग्रिम सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की गई है ताकि इस महामारी के समय समाज के संवेदनशील वर्ग को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 44 हजार नए मामले भी स्वीकृत किए गए हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रयासरत है कि हिमाचल प्रदेश कोविड-19 के कारण आए आर्थिक संकट की स्थिति से शीघ्र ही बाहर आए। इसके लिए मंत्रिमण्डलीय उप-समिति और टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो प्रदेश की आर्थिकी को बहाल करने के लिए अपने सुझाव देंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत लगभग एक लाख श्रमिकों को 40 करोड़ रुपये व्यय कर मार्च व अप्रैल, 2020 माह के लिए दो-दो हजार रुपये दिए गए हैं।
शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बचत भवन सभागार में मानसून के दौरान तैयारियों का जायजा संबंधित बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष जुलाई महीने में अधिक वर्षा होने की संभावना है, जिसके लिए समय रहते तैयारियां करने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी विभागों को आपस में समन्वय स्थापित करने का आग्रह किया ताकि स्थिति से बेहतर तरीके से निपटा जा सके। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को मशीनरी तथा श्रमिकों की उपलब्धता के लिए निर्देश दिए ताकि यातायात को सुचारू रूप से चलाया जा सके। साथ ही नगर निगम को शिमला शहर में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के भी आदेश दिए। उन्होंने विद्युत विभाग एवं वन विभाग को खतरनाक पेड़ों को काटने संबंधी संयुक्त निरीक्षण करने के आदेश दिए। उन्होंने विभिन्न विभागों को अचानक आई बाढ़, आसमानी बिजली गिरने और सांप काटने की स्थिति में क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए के बारे में लोगों को जागरूक करने को कहा। उन्होंने बताया कि डैम के नजदीक लोगों को पानी छोड़ने पर सायरन बजाने की उचित व्यवस्थता की जाएगी। उन्होंने बिजली विभाग को ढीली तारों की मुरम्मत करने और बिजली संबंधित शिकायतों का निपटारा करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आगामी मानसून के मद्देनजर विभिन्न विभागों को पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए ताकि किसी भी प्रकार की जान-माल के नुकसान से बचा जा सके। बैठक में सांसद सुरेश कश्यप, विधायक बलवीर वर्मा, एपीएमसी के अध्यक्ष नरेश शर्मा, उपायुक्त शिमला अमित कश्यप, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) प्रभा राजीव, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (प्रोटोकाॅल) संदीप नेगी, प्रबंध निदेशक एच.पी.एम.सी. देवा श्वेता बनिक, प्रबंध निदेशक हिमफैड के.के. शर्मा, जिला के सभी उपमण्डलाधिकारी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
स्वस्थ मानकों को सर्वोपरि रखते हुए कोविड संक्रमण महामारी के दौरान हमें अपनी आर्थिक गतिविधियों को जारी रखना है। उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने होटल, ढाबा तथा होम स्टे व रैस्टोरेंट यूनियन के प्रतिनिधियों से बाचतीच करते हुए यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया का गंभीरता से पालन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने ढाबा, रैस्टोरेंट व हलवाई यूनियन के प्रतिनिधियों को अपने प्रतिष्ठानों के परिसरों की निरंतर सैनेटाईजेशन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि होटल, रैस्टोरेंट व ढाबों में परस्पर सामाजिक दूरी, साबुन से हाथ धोने, कर्मचारियों व प्रबंधकों द्वारा दस्ताने, फेस मास्क आदि का प्रयोग करने सम्बन्धित आवश्यकताओं को अपनाने को कहा। उन्होंने ढाबा, हलवाई तथा रैस्टोरेंट के बाहर ग्राहकों के बैठने की व्यवस्था के संबंध में सूची लगाने के निर्देश दिए, जिसके तहत 60 प्रतिशत ग्राहक बैठना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सोडियम हाईड्रोक्लोराईड का प्रयोग कर हम प्रतिष्ठान परिसर को सैनेटाईज करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा जारी हिदायतों के प्रति यदि किसी प्रकार का संशय है तो इस संदर्भ में चर्चा की जा सकती है। उन्होंने प्रबंधकों से इस संबंध में प्रत्येक स्तर की तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि करोना संक्रमण की चुनौतियों से निपटने के लिए हमें अपने जीवन शैली में बदलाव लाने की आवश्यकता है, जिसके लिए हमें सजग व सर्तक रहना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश व जिला में पर्यटन उद्योग आर्थिकी सुदृढ़ीकरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोविड काल में इसकी निरंतरता को बनाए रखने के लिए हमें होटलों व प्रतिष्ठानों में कुछ परिर्वतन भी करने पड़ सकते हैं, जोकि सभी के हित में होंगे। बैठक में अतिरिक्त जिला दंण्डाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) प्रभा राजीव, जिला पर्यटन विकास अधिकारी जी.एस. काल्टा, सहायक जिला पर्यटन विकास अधिकारी कंचन बेदी, दिनेश गुलेरिया, टूरिजम इंडस्ट्री स्टेक होल्डर ऐसोसिएशन के अध्यक्ष व राज्य संयोजक आल हिमाचल ऐसोसिएशन आफ हास्पेटैलिटी एण्ड टूरिजम फैडरेशन महेन्द्र सेठ, शिमला होटल एवं रैस्टोरेंट के अध्यक्ष संजय सूद एवं ढाबा, हलवाई, बीएण्डबी व्यवसाय संघों के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे।
All the members of the Tourism Industry Stake Holders Association have decided to open their Hotels and restaurants in Shimla by mid of September. The SOP has been issued by the Government which was circulated to all the members. All the members have gone through it and all the members have decided to make all the arrangements required under SOP to be complied before opening the hotels. The training of staff will be organized from next week. The existing staff in the hotels will be trained in the first phase. The tips to take precautions required to be taken by the staff while serving and housekeeping will be a part of the training. Secondly, the decision to keep hotels and restaurants closed for the time being is taken because as per the medical experts the COVID 19 cases will go at its peak during July and August. Keeping in view the off seasonal months ahead we have decided to prepare our establishments and staff for the opening of our units post COVID. Keeping in view the Opinion of the medical experts we have decided to open the tourism units only after August in the larger interest of the general public. However, it has been decided that the hotels situated near hospitals or the hotels that have occupancy dependent on local Himachalis may open their units on the internet of the general public. Today the meeting was held under the chairmanship of Deputy Commissioner wherein we have given him the view of our association. On Wednesday, the zoom meeting of the federation of all Himachal Associations was held wherein associations of Manali, Dharamshala, Chamunda, Kasauli, Shimla, Kinnaur, etc participated in the meeting. All the associations were having the same opinion as mentioned above and it was decided that we should try to open Himachal for tourism by mid of September.
प्रदेश सरकार में मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा जुब्बल कोटखाई के हिमरी गाँव में अग्निकांड से प्रभावित परिवार से मिले। बरागटा ने इस परिवार को हर संभव सहायता करने की बात कही। उन्होंने अग्निकांड से पीड़ित परिवार को सहानुभूति के तौर पर 1 लाख रुपये की राहत राशि भी प्रदान की। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों पहले यहां पर 3 मंजिला मकान आग की भेंट चढ़ गया था जिसमें लाखों का नुकसान हुआ था। यह नुकसान पूरा तो नहीं हो सकता है लेकिन फिर भी सरकार के नुमाइंदे अपनी ओर से इस परिवार की हर संभव मदद करने का प्रयास कर रहे है। इस क्षेत्र के लोग भी सहानुभूति के तौर पीड़ित परिवार की मदद करने में जुटे है ताकि ये परिवार सदमे से उबर कर जिंदगी का अगला पड़ाव की शुरुआत करें।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि देश के विभिन्न हिस्सों से हिमाचल प्रदेश आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की समुचित चिकित्सीय जांच की जाए ताकि यह सुनिश्चित बनाया जा सके कि उनमें कोविड-19 का कोई लक्षण नहीं है। मुख्यमंत्री शिमला से वीडियो काॅन्फ्रेंसिग के माध्यम से प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आने वाले तथा राज्य से बाहर जाने वाले लोगों के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए तथा हाॅट-स्पाॅट से आए लोगों की जांच पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि हाॅट-स्पाॅट से आने वाले लोगों की कोरोना संक्रमण के लिए जांच अनिवार्य है तथा जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही उनको होम क्वारंटीन की अनुमति प्रदान की जाए। जय राम ठाकुर ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एहतियाती उपायों जैसे मास्क का प्रयोग, शारीरिक दूरी बनाए रखना और जुकाम जैसे लक्षण सामने आने पर चिकित्सीय सलाह लेना आदि सुनिश्चित बनाने के लिए सूचना, शिक्षा और प्रसार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचने तथा कार्यस्थलों पर आपस में उचित दूरी बनाए रखने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि घर पर क्वांरटाइन की सुविधा को अधिक प्रभावी बनाया जाना चाहिए तथा उल्लघंन करने वालों से सख्ती से निपटा जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को अग्रसक्रियता दिखानी चाहिए ताकिघर पर ही क्वांरटाइन किए गए संक्रमित लोग इस वायरस को आगे न फैलाएं। जय राम ठाकुर ने कहा कि सेब बहुल क्षेत्रों में श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए ताकि बागबानों को असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य से बाहर से आए श्रमिकों की स्वास्थ्य जांच की जानी चाहिए और यदि आवश्यक हो तो उन्हें भी क्वांरटाइन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के आम बहुल क्षेत्रों में भी उपयुक्त श्रमिकों की व्यवस्था के लिए पग उठाए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लगभग 1.92 लाख लोग देश के विभिन्न हिस्सों से वापस पहुंचे हैं तथा सभी को क्वांरटीन किया गया है। इसलिए राज्य में तेज़ी से बढ़ रहे कोविड-19 संक्रमित मरीज़ों की संख्या से आम लोगों को घबराने की आवश्यकता नही हैं। मुख्य सचिव अनिल खाची ने उपायुक्तों को केन्दª सरकार और राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए। पुलिस महानिदेशक संजय कुण्डू, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी धीमान, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने विपक्ष द्वारा सरकार पर लगाए जा रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को ओच्छी राजनीति से पे्ररित करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के प्रति ‘जीरो टोलेरेन्स’ सिद्धान्त पर कार्य कर रही है और अब तक का अढाई साल का कार्यकाल अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा रहा है। उन्होंने कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई अनियमितता की याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है जबकि वेंटीलेटर खरीद मामले में भी प्रदेश सरकार पर कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है। विपक्ष तथ्यों के बिना सरकार की छवि को धूमिल करने के उद्देश्य से झूठे आरोप लगा रहा है क्योंकि उसके पास कोई ठोस तथ्य नहीं है। वन मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य का तीव्र और संतुलित विकास सुनिश्चित बनाया है और समाज के हर वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुए अनके कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हैल्पलाईन, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, गृहणी सुविधा योजना, हिमकेयर जैसी कई योजनाओं से प्रदेश के लाखों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। लेकिन विपक्ष इस विकास को पचा नहीं पा रहा है और केवल आलोचना करने के लिए कांग्रेस के नेता अनाप-शनाप बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता यह बात भूल गए हैं कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में भ्रष्टाचार का बोलबाला था और कांग्रेसी नेता केवल अपने रिश्तेदारों को लाभ पहुंचा रहे थे। उनका प्रदेश के विकास तथा लोगों के कल्याण की ओर कोई ध्यान नहीं था और कई प्रकार के माफिया सक्रिय थे। उन्होंने केवल अपने बचाव में पांच वर्ष व्यतीत कर दिए और प्रदेश व लोगों के हितों की पूरी तरह अनदेखी की। गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि कोविड महामारी के इस संकटकाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कई ठोस कदम उठाए हैं। प्रदेश के लोगों की बाहरी राज्यों से घर वापसी, राशन किट, मास्क, दवाइयां, सेनेटाइजर वितरित करने सहित राज्य सरकार ने लोगों को सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से कई सराहनीय कार्य किए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में कोरोना महामारी से प्रभावित तरीके से निपटने के प्रयासों की स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सराहना कर चुके हैं और अन्य राज्यों से हिमाचल से सीख लेने की बात भी कही है। प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का लाभ भी सीधे प्रदेशवासियों तक पहुंचाया जा रहा है। उज्जवला योजना के अंतर्गत 1.36 लाख गैस सिलैंडर मुफ्त प्रदान किए गए हैं और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत किसानों को 8.74 लाख रुपये आबंटित किए गए हैं। इन्ही प्रयासों के फलस्वरूप मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को देश का ‘बेस्ट परफाॅर्मिंग मुख्यमंत्री’ आंका गया है। उन्होंने विपक्ष के नेताओं को सलाह दी है कि अनर्गल बयानबाजी के बजाय प्रदेश के विकास और लोगों के कल्याण के लिए सरकार के प्रयासों को समर्थन प्रदान करें तथा भ्राम बयानबाजी के जरिये लोगों को गुमराह करने के प्रयास नहीं करें।
हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक लीग, मंडी के अध्यक्ष कर्नल प्रताप सिंह ने एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड के लिए 2.25 लाख रुपये का चैक मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को भेंट किया। इस फंड के लिए अर्की क्षेत्र के लोगों की ओर से सोलन जिले के अर्की विधानसभा क्षेत्र के भाजपा नेता राम रतन पाल ने भी 1.76 लाख रुपये का चैक मुख्यमंत्री को भेंट किया। राज्य ऊर्जा निगम की इंजीनियर वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से एसोसिएशन के अध्यक्ष ने 1,05,000 रुपये का चैक इस फंड के लिए भेंट किया। राज्य बिजली बोर्ड के सेवानिवृत्त वरिष्ठ कार्यकारी अभियंता मनोहर सिंह ने इस कोष के लिए 15000 रुपये का व्यक्तिगत योगदान किया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मोबाइल नेटवर्क संचालकों से अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए आम लोगों को कोरोना महामारी से रोकथाम के उपायों और सरकार की ओर से जारी किए गए दिशा-निर्देशों के बारे में जागरूक बनाने का आह्वान किया है। राज्यपाल राजभवन में प्रदेश के मोबाइल नेटवर्क संचालकों के उच्च अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे, जिनमें बीएसएनएल, एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडा फोन इत्यादि शामिल थे। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि अधिकांश संचालक राज्य में बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने संचालकों से जनजातीय क्षेत्रों सहित समाज के कमजोर वर्गों और किसानों को और बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को लाभान्वित करने के लिए आॅप्टिकल फाइबर और डिजिटल इंडिया पर कार्य में तेजी लाई जाए। राज्यपाल ने कहा कि इस पहाड़ी राज्य में संचार के क्षेत्र में कई चुनौतियां हैं। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण लोग संचार प्रणाली पर अधिक निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत लगाए गए लाॅकडाउन को खोलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसे देखते हुए मोबाइल नेटवर्क संचालकों को लोगों को जागरूक करने की गतिविधियां बढ़ा देनी चाहिए। वे जागरूकता संदेशों जैसे कालर टयून, काॅल से पूर्व घोषणाओं आदि के माध्यम से लोगों को जागरूक कर सकते हैं। उन्होंने विभिन्न मोबाइल कम्पनियों के कोरोना योद्धाओं की सराहना की, जिन्होंने संकट के इस काल में कठिन परिश्रम कर मोबाइल सेवाएं जारी रखीं। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर, बीएसएनएल के राज्य नोडल अधिकारी चन्द्रमोहन, रिलायंस जियो के एचआर प्रमुख प्रशांत ठाकुर, एयरटेल के ऑपरेशन प्रमुख विपिन अहूजा, एयरटेल के उप महाप्रबन्धक गुरमेल सिंह, वोडाफोन के सर्कल हैड शशिकांत वर्मा बैठक में उपस्थित थे।
वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ‘एकीकृत विकास परियोजना’ (आईडीपी) के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि परियोजना का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संतुलन स्थापित कर कृषि के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करने के साथ-साथ पंचायत स्तर पर लोगों को आजीविका तथा रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के अन्तर्गत वन, कृषि, बागवानी, पशुपालन, ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग परस्पर जुड़े हुए हैं। एकीकृत विकास परियोजना के अन्तर्गत इस वित्त वर्ष 3181 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगभग 23 लाख पौधे रोपने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए 30 करोड़ 75 लाख रुपये आबंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी पंचायतों में शीघ्र ही समितियों को गठित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीणों तक इस परियोजना का लाभ पहुंचाया जा सके। गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि सीडीएम (क्लीन डवेल्पमेंट मैकेनिज़्म) के अन्तर्गत समूह पौधरोपण अभियान के माध्यम से कार्बन राजस्व से प्रदेश की लोगों की आय बढ़ाई जा सकती है। पौधरोपण द्वारा अभी तक लगभग दो करोड़ रुपये से अधिक के कार्बन राजस्व से लोगों को लाभान्वित किया गया है। इस बैठक में प्रधान मुख्य अरण्यपाल अजय कुमार सहित ज़िला परियोजना अधिकारियों ने भी भाग लिया।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला संसदीय क्षेत्र की वर्चअुल रैली को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित है और भारत ने अपने पुराने वैभव को पुनः हासिल किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के सबसे ताकतवर देशों के नेताओं ने भी नरेन्द्र मोदी कुशल नेतृत्व का लोहा माना है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना केवल दृढ़ राजनैतिक इच्छाशक्ति से ही संभव था और आज देश ने एक संविधान और ध्वज है। इसी प्रकार तीन तलाक को लेकर लिया गया निर्णय भी ऐतिहासिक है, जिसके कारण मुस्लिम महिलाओं का शोषण बंद हुआ है और उनके सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में एक बार फिर यह साबित हो गया है कि देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों में सुरक्षित है। प्रधानमंत्री की राजनैतिक दूरदृष्टि के कारण देश में कोविड-19 के कारण मृत्यु दर अन्य विकसित देशों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा कि 27 मई, 2020 को प्रदेश सरकार ने अपने कार्यकाल के अढ़ाई वर्ष पूरे कर लिये। यह कार्यकाल उपलब्धियों भरा रहा है, जिसका श्रेय प्रदेश के प्रत्येक निवासी को जाता है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी के कारण प्रभावित हुई देश की आर्थिक स्थिति को बहाल करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज दिया है, जिसका लाभ हिमाचल प्रदेश को भी मिला है। उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत तीन महीनों की अवधि के लिए 1.36 लाख गैस सिलेण्डर मुफ्त में प्रदान किए गए हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 8.74 लाख किसानों को दो-दो हजार रुपये प्रदान किए गए हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अन्तर्गत पात्र 5.90 लाख महिलाओं के खातों में अप्रैल, मई व जून माह के लिए 500-500 रुपये की राशि जमा की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपना उत्तरदायित्व निभाते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हिमाचलवासियों को वापस लाने के प्रयास किए, जिसके परिणामस्वरूप 1.80 लाख से अधिक लोगों को वापस लाया जा चुका है। इसके कारण राज्य में कोरोना मामलों में वृद्धि हुई, लेकिन इसके बावजूद स्थिति नियंत्रण में है और बाहरी राज्यों से वापिस आने वाले लोगों को संस्थागत अथवा होम क्वारंटीन में रखने के समुचित प्रबन्ध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी सक्रिय मामलों की जांच के लिए आरम्भ किए गए प्रदेश के अभियान को सराहा है और अन्य राज्यों को भी हिमाचल प्रदेश से सीख लेने की सलाह दी है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर संकल्प शपथ भी दिलाई। दिल्ली से वर्चुअल रैली को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय विधि, सूचना एवं प्रसारण और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हिमाचल प्रदेश केवल देवभूमि ही नहीं, अपितु वीर भूमि भी है क्योंकि कारगिल युद्ध में प्रदान किए गए कुल चार परमवीर चक्र में से दो हिमाचल के बहादुर सैनिकों को प्रदान किए गए थे। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत का पहला परमवीर चक्र भी हिमाचल के कैप्टन सोमनाथ शर्मा को ही प्रदान किया गया था। केन्द्रीय मंत्री ने एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री आंके जाने पर जय राम ठाकुर को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह साबित होता है कि मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को देश का सबसे अधिक विकसित राज्य बनाने की दिशा में समर्पण के साथ कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण जो 15 देश सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं उनकी जनसंख्या 12 करोड़ है और 4,04,396 मौतें हुई हैं। दूसरी ओर भारत की जनसंख्या 137 करोड़ है और कोरोना के कारण अभी तक कुल 7745 लोगों की मृत्यु हुई है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत में कोरोना के कारण मृत्यु दर कम होने की वजह प्रधानमंत्री द्वारा समय से लाॅकडाउन का निर्णय लेना है। केन्द्र सरकार ने गरीबों के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया है और इसके साथ-साथ विश्व का सबसे बड़ा 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज भी दिया गया है ताकि देश की आर्थिक व्यवस्था पुनर्जीवित की जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले 6 वर्षों में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत पात्र निर्धन लोगों के खातों में 11 लाख करोड़ रुपये की राशि डाली गई है। केन्द्रीय राज्य वित्त एवं काॅरपोरेट मामले मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी दिल्ली से इस रैली में भाग लिया। सांसद सुरेश कश्यप ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार, प्रदेश भाजपा महासचिव एवं जन संवाद रैली के संयोजक त्रिलोक जमवाल ने केन्द्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि इस पहली वर्चुअल रैली में संचार के विभिन्न माध्यमों से लगभग दो लाख यूजर्स को जोड़ा गया। उन्होंने कोविड महामारी से निपटने के लिए प्रदेश सरकार को भरपूर सहयोग देने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल, मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा, विधायक सुख राम चैधरी, बलबीर वर्मा, राकेश जमवाल एवं रीना कश्यप, बाल कल्याण परिषद की महासचिव पायल वैद्य, शिमला नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल, उप महापौर शैलेन्द्र चैहान, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर, हिमफैड के अध्यक्ष गणेश दत्त और सक्षम गुड़िया बोर्ड की अध्यक्ष रूपा शर्मा सहित शिमला संसदीय क्षेत्र के अन्य नेता इस अवसर पर उपस्थित थे।
भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में 10 जून 2020 को सायं 5 बजे होटल पीटरहाॅफ, शिमला में आयोजित की जाएगी। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने यह जानकारी दी है। उन्होंने सभी मंत्रियों एवं भाजपा विधायकों से इस बैठक में भाग लेने का आग्रह किया है।
शकोरोना महामारी के बीच हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त डीजीपी क्वारंटाइन हो गए हैं। इसके पीछे वजह एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना बताया जा रहा है। ख़बर है कि 1 सप्ताह पहले वे संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए थे जिसके चलते वे क्वारंटाइन हैं। हालांकि अभी तक उनमें किसी भी प्रकार के कोई लक्षण या बुख़ार नहीं है लेकिन ऐहतियातन वे क्वारंटाइन का पालन कर रहे हैं। बीती 30 मई को ही कुंडू ने डीजीपी का पदभार संभाला है और 1 जून को एक व्यक्ति उन्हें बधाई देने आया था जो दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। उक्त व्यक्ति ने बधाई के तौर पर मिठाई भी दी थी। फिलहाल ऐहतियात बरतते हुए पुलिस हेडक्वार्टर सील कर दिया है और सेनेटाइज किया जा रहा है। डीजीपी कुंडू ने अपना कोरोना टेस्ट करवा लिया है जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकि है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि समाचारों को शीघ्रता से लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संचार के वर्तमान युग में मीडिया की भूमिका अहम है और जन सम्पर्क पेशेवरों को प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों और नीतियों को लोगों तक प्रभावी ढंग से पहंुचाने के लिए लीक से हटकर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न विकासात्मक योजनाओं के प्रचार व प्रसार के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाना चाहिए। विकासात्मक लेख और सफलता की कहानियां इलैक्ट्राॅनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया को उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गिरिराज साप्ताहिक समाचार पत्र और हिमप्रस्थ पत्रिका का प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों और नीतियों की वास्तविक जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रचार के प्रभावी साधन हो सकते हैं। गिरिराज साप्ताहिक में अधिक दिलचस्प और शोध पर आधारित लेख प्रकाशित किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस साप्ताहिक में प्रकाशित होने वाले लेख पहले से नियोजित किए जाने चाहिए ताकि वे अधिक पठनीय और प्रभावशाली हों। मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों के जन सम्पर्क विभागों की कार्यप्रणाली पर अध्ययन करने को भी कहा ताकि विभाग में नयापन लाया जा सके। उन्होंने कहा कि विभाग को सरकार और आम जनता के बीच सेतु का काम करना चाहिए, जिसके लिए जन सम्पर्क व्यवसायियों को न केवल मीडिया के लोगों अपितु आम जनता और राय बनाने वाले लोगों के साथ भी सम्पर्क बनाने की आवश्यकता है। जय राम ठाकुर ने कहा कि रचनात्मकता प्रभावी जन सम्पर्क की पहली शर्त है। उन्होंने कहा कि जन सम्पर्क व्यवसायियों को अपने लेखों को प्रभावी बनाने के लिए अधिक रचनात्मक और स्पष्ट होने की आवश्यकता है। अधिकारियों को यू-टयूब, फेसबुक, ट्वीटर और ब्लाॅग जैसे सोशल मीडिया मंचों का भरपूर उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि संचार के आधुनिक माध्यमों के भरपूर उपयोग को सुनिश्चित करने के अलावा पारम्परिक मीडिया को भी प्राथमिकता देनी चाहिए क्योंकि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में यह अधिक प्रभावी सिद्ध हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के प्रचार के लिए सामरिक स्थलों पर प्रभावी और आकर्षक होर्डिंग स्थापित किए जाने चाहिए।
जनरल अकाउंट्स पेंशनर्ज एसोसिएशन शिमला के अध्यक्ष कंवर गोविन्द सिंह और महासचिव जगमोहन ठाकुर ने एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को 2.30 लाख रुपये का एक चैक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के वरिष्ठ नागरिकों के लिए ‘पंचवटी योजना’ का शुभांरभ किया। इस योजना में ग्रामीण विकास विभाग केे माध्यम से मनरेगा योजना के अंतर्गत आवश्यक सुविधाओं से युक्त सभी विकास खंडों में पार्क और बागीचे विकसित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को मनोरंजन के साथ पार्क और बागीचों की सुविधा उपलब्ध करवाना हैै। वरिष्ठ नागरिकों की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और 14वें वित्त आयोग अभिसरण में न्यूनतम एक बीघा की समतल भूमि पर इन पार्कों और बागीचों को विकसित किया जाएगा। इन पार्कों में आयुर्वेदिक और औषधीय पौधे लगाने के अलावा बुजुर्गो के लिए मनोरजंन के लिए मनोरंजक उपकरण, पैदल पथ और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में राज्य के विभिन्न स्थानों पर लगभग 100 पार्क विकसित किए जाएंगे। इन पार्कों के पहले चरण का शुभांरभ आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ज़िला मण्डी के गोहर विकास खण्ड, ज़िला ऊना के बंगाणा विकास खण्ड, ज़िला कुल्लू के बंजार और नग्गर विकास खण्ड, ज़िला लाहौल स्पीति के काज़ा विकास खण्ड, ज़िला कांगड़ा के सुलह और नगरोटा बगवां विकास खण्ड, ज़िला सिरमौर के पांवटा साहब और पच्छाद विकास खण्ड, ज़िला चम्बा के भटियात और तीसा विकास खण्ड, ज़िला किन्नौर के कल्पा विकास खण्ड, ज़िला सोलन के कण्डाघाट विकास खण्ड, ज़िला शिमला के रोहड़ू विकास खण्ड और ज़िला हमीरपुर के नादौन विकास खण्ड में किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये पार्क वरिष्ठ नागरिकों को स्वस्थ और प्रसन्नतापूर्ण जीवन व्यतीत करने में वरदान साबित होंगे। राज्य सरकार लोगों को अधिकतम सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रयासरत है तथा यह योजना इसी दिशा में किया गया एक प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की 90 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है इसलिए सरकार का ध्यान ग्रामोन्मुखी नीतियों पर केन्द्रित है जिससे इन क्षेत्रों का विकास तेज गति से सुनिश्चित हो रहा है। ग्रामीण विकास मंत्री वीरेन्द्र कवर ने ऊना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के लोगों तथा ग्रामीण विकास में गहन रूचि रखने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। सचिव ग्रामीण विकास डाॅ संदीप भटनागर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। निदेशक ग्रामीण विकास ललित जैन ने योजना की मुख्य विशेषताओं की विस्तृत जानकारी दी। उपाध्यक्ष एचआरटीसी विजय अग्निहोत्री, मुख्यमंत्री के सलाहकार डाॅ. आर.एन. बत्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश के प्रवक्ता विनोद ठाकुर ने कांग्रेस के नेता विक्रमादित्य सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी केवल मात्र भ्रष्टाचार के तथ्यहीन मुद्दे पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेताओं को कोई अधिकार नहीं है कि वह भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री एवं नेताओं पर नैतिकता का प्रश्न उठाए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को क्या पता नैतिकता क्या होती है जब कांग्रेस की सरकार थी तो उनके वरिष्ठ नेताओं के ऊपर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे थे तब किसी भी नेता ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो चाहे वह आईपीएच हो चाहे पीडब्ल्यूडी हो या स्वास्थ्य हो सभी विभागों में भ्रष्टाचार के आरोप कांग्रेस के नेताओं पर लगे थे। उन्होंने कहा की भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है कांग्रेसी नेताओं को उनके इस कदम से प्रेरणा लेकर नैतिकता का सबक लेना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने कहा कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने रियल एस्टेट (विनियम और विकास) अधिनियम, 2016 (रेरा) के प्रावधानों के अन्तर्गत ‘फोर्स मैज्योर’ के तहत रियल एस्टेट परियोजनाओं के पंजीकरण के विस्तार और सभी कानूनी अनुपालनाओं के समयावधि विस्तार के लिए परामर्श जारी किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के परामर्श को ध्यान में रखते हुए और धारा 37 व धारा 34 की शक्तियों के अन्तर्गत 25 मार्च, 2020 से 24 सितंबर, 2020 तक छः महीने की अवधि के लिए फोर्स मैज्योर लागू किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण ने रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा-6 के अन्तर्गत ‘फोर्स मैज्योर’ क्लाॅज को लागू करके परियोजनाओं के पंजीकरण और पूर्ण होने की तिथि या संशोधित पूर्ण होने की तिथि या छः महीने तक विस्तारित तिथि स्वतः बढ़ाने का आदेश जारी किया है। उन्होंने बताया कि बुरी तरह से प्रभावित परियोजनाओं के प्रमोटर्स को उक्त अधिनियम की धारा-6 के प्रावधानों के अनुसार छः माह से आगे तक अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन करना होगा, जो कि अतिरिक्त तीन माह के लिए की जा सकती है। ऐसे विस्तार के लिए फीस माफ करने के विवेकाधिकार का इस्तेमाल हिमाचल प्रदेश रेरा हिमाचल प्रदेश रियल एस्टेट (पंजीकरण और विकास) नियम, 2017 के अन्तर्गत किया जा सकता है। नियम 6 (2) के तहत ऐसे विस्तार के लिए फीस माफ कर सकता है, यदि यह ‘फोर्स मैज्योर’ के फलस्वरूप हुआ है। उन्होंने कहा कि धारा 11 के तहत यदि निर्धारित समयावधि ‘फोर्स मैज्योर’ अवधि के दौरान पूरी हो रही थी, तो वह समयावधि स्वतः ही ‘फोर्स मैज्योर’ अवधि समाप्त होने तक स्थगित मानी जाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि ‘फोर्स मैज्योर’ अवधि को इस अधिनियम की धारा 12, 18 19 (4) और 19 (7) के तहत ब्याज की गणना के लिए अधिस्थगन अवधि माना जाएगा। उन्होंने कहा कि धारा 17 के तहत किसी तरह की अनुपालना यदि ‘फोर्स मैज्योर’ अवधि के दौरान नियत है, तो इसे ‘फोर्स मैज्योर’ की अवधि समाप्त होने तक पूरा करने की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि शहरी विकास और नगर नियोजन विभाग को निर्देश दिए गए है कि वे सभी रियल इस्टेट परियाजनाओं की अनुमोदन की वैधता और एनओसी की वैधता को स्वतः ही नौ महीने के लिए बढ़ाएं।
कोरोना काल में महामारी से जूझ रही जनता व भ्रष्टाचारों के आरोपों से घिरी सरकार अब प्रदेश में वर्चुअल रैलियां करने जा रही है। बीजेपी की इन वर्चुअल रैलियों में 2 लाख लोगों को जोडऩे का दावा किया जा रहा है। यह बात कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। अभिषेक ने कहा कि बेशक इन रैलियों का खर्चा पार्टी फंड से होगा लेकिन आर्थिक स्तर पर पिछड़ चुकी जनता जो महामारी के इस दौर में मर-मर कर जीने को विवश है। बेहतर होता कि बीजेपी वर्चुअल रैलियों पर होने वाले खर्चे को संवेदना के आधार पर आम जनता को राहत देने के लिए खर्च करती। जन जीवन महफूज रहेगा तो सियासत के बहुत मौके मिलेंगे। यह सत्तासीन बीजेपी को समझना जरूरी है। सिर्फ अपनी पार्टी के हित व वाहवाही के लिए कोरोना के इस दौर में करोड़ों के खर्चे न कोई तुक है और न ही इस दौर में कोई तर्क बनता है। अभिषेक ने कहा कि बीजेपी ने जो कुछ फैसले देश हित में लिए हैं, आखिर उनका वखान इस दौर में कहां तक न्यायोचित है। क्योंकि उन फैसलों को लेकर बीजेपी लगातार प्रचार में जुटी है। कोविड-19 के इस संकट काल में आम आदमी को प्रचार नहीं राहत की जरूरत है। हिमाचल सरीखे पहाड़ी प्रदेश में लॉकडाउन के बाद जो लोग बेरोजगार हो चुके हैं बेरोजगारी व मंहगाई की मार से उनके परिवार अभावग्रस्त व तनावग्रस्त हैं, लेकिन जहां एक ओर बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी हुई है, वहीं पार्टी भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की बजाय प्रदेश में वर्चुअल रैलियों की तैयार कर रही है। बेहतर होता कि बीजेपी इस वक्त वर्चुअल रैलियों की बजाय आम आदमी को राहत देने का प्रयास करती।
कोरोना संकट काल मे स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की जांच सिटिंग जज से करवाने को लेकर अब विपक्ष हाई कोर्ट में याचिका दायर करने जा रही है। सोमवार को कांग्रेस के महासचिव ओर विधायक विक्रमादित्य सिंह ने शिमला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास ही स्वास्थ्य विभाग है और विजिलेंस भी उन्हीं के अंडर काम करती है ऐसे में जांच निष्पक्ष होने पर सवाल खड़े हो रहे है। कांग्रेस इस मामले की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की मांग कर रही है और राज्यपाल को भी इसको लेकर ज्ञापन सौंपा है। लेकिन सरकार इस मामले की जांच विजिलेंस से ही करवाने की बात कर रही है और सरकार जल्द इस मामले की जांच सिटिंग जज से नही करवाती है तो कांग्रेस अध्यक्ष, नेताप्रतिपक्ष सहित सभी विधायक जल्द बैठक कर हाई कोर्ट में याचिका दायर करने का फैसला करेगा ओर कोर्ट से आग्रह किया जाएगा कि मुख्यमंत्री के विभाग में ही भ्रस्टाचार हुआ है ऐसे में जांच निष्पक्ष नही हो सकती है। मुख्यमंत्री जब तक पद पर बने हुए है ऐसे में जांच प्रभावित हो सकती है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार के इस संकट काल मे भी भ्रष्टाचार पनप रहा है। और देश मे हिमाचल शर्मसार हुआ है। इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष का इस्तीफा देकर लोगो की आखों में धूल झोंकने का काम किया गया जबकि ये बहुत बड़ा घोटाला है। आगामी दिनों में और भी घोटाले सामने आएंगे। बीजेपी नेताओं ओर उनके रिश्तेदारों को टेंडर दिए जा रहे है। वही विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा और कहा को सीएम की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है। बागवान लंबे समय से सेब की पेटियों ओर मजूदरो की व्यवस्था करने की मांग उठा रहे है इसके लिए कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री से मिला था लेकिन कोई व्यवस्था नही की गई। सेब सीजन में जहा 2 करोड़ सेब पेटियां लगती है लेकिन अभी तक 50 लाख पेटियां की ही व्यवस्था की गई है।सऐब सीजन में मजदूरो की व्यवस्था तक नही है। वही कोविड से सबसे ज्यादा पर्यटन कारोबार प्रभावित हुआ है। प्रदेश में पर्यटक कारोबार से दो लाख लोग जुड़े है लेकिन सरकार ने इस वर्ग को भी कोई राहत नही दी है। हिमाचल कोविड फ्री होने वाला था और सरकार केंद्र से सर्टिफिकेट लेने की तैयारी कर रही थी लेकिन बाहर से आ रहे लोगो की सही टेस्टिंग न होने के चलते मामले हर रोज बढ़ रहे है। इस मामले में सरकार की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे है।
हाल ही में भारतीय प्रशासनिक सेवा कैडर में शामिल हुए अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से भेंट की। यह एक शिष्टाचार भेंट थी। मुख्यमंत्री ने इन अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और आशा व्यक्त की कि वे राज्य के लोगों के कल्याण के लिए और अधिक लगन और निष्ठा से कार्य करेंगे। प्रतिनिधिमण्डल में मनमोहन शर्मा, राकेश शर्मा, रोहित जमवाल, अश्वनी शर्मा, डी.सी. राणा, अनुपम कश्यप, रूपाली ठाकुर, राम कुमार गौतम, प्रदीप ठाकुर और पंकज राय शामिल थे।
कांग्रेस सोशल मीडिया के चेयरमैन अभिषेक राणा ने कहा है कि छोटे मुंह बड़ी बात करना मर्यादा के खिलाफ है, लेकिन सियासी धर्म को समझें तो प्रदेश सरकार में बेखौफ चले भ्रष्टाचार ने न केवल प्रदेश को कलंकित किया है बल्कि प्रदेश को शर्मसार करके रख दिया है। विश्व की सबसे बड़ी त्रासदी कोरोना संकट के बीच इस भ्रष्टाचार का बदस्तूर चलना सरकार की नाकामी को भी इंगित करता है और अब प्रदेश की जनता को हैरानी इस बात की हो रही है कि नैतिकता व भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बातें करने वाली बीजेपी सरकार में इस्तीफा संगठन के मुखिया का हो रहा है, जबकि सरकार चलाने का जिम्मा मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों का है, इस नाते भ्रष्टाचार की सीधी जिम्मेदारी व जवाबदेही भी सरकार की ही बनती है, लेकिन जुमलों-शगुफों की सियासत करने वाली सरकार ने अब जनता का भ्रष्टाचार के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए पार्टी मुखिया का इस्तीफा दिलवाकर प्रदेश में नई सियासत शुरू कर दी है। हेल्थ विभाग जिसमें तीन-तीन डायरेक्टरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। भ्रष्टाचार को रोकने में नाकाम हेल्थ मिनिस्टर का इस्तीफा तक हो चुका है। अब महामारी के दौर में उसी विभाग में नित नए भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड बन रहे हैं, जिसकी सीधी जिम्मेदारी सरकार पर आनी वाजिब है। ऐसे में संगठन के मुखिया के त्याग पत्र का न कोई तर्क है, न तुक है। अभिषेक ने कहा कि अगर नैतिकता के आधार पर ही सरकार को भ्रष्टाचार की जिम्मेदारी स्वीकारनी है तो इस्तीफा फिर उनका जरूरी है, जिनके विभाग में यह बेखौफ भ्रष्टाचार हुआ है। बेशक राजनीति के लिए राजनीति जरूरी है लेकिन प्रदेश की जनता के हितों व स्वास्थ्य सुरक्षा के नाम पर खिलवाड़ हरगिज सहन नहीं होगा।
राज्य सरकार ने इच्छुक बेरोजगार ग्रामीणों को मनरेगा के अंतर्गत अपनी भूमि में कार्य करने की स्वीकृति प्रदान की है। ये कार्य ग्राम सभा द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की शेल्फ में शामिल न होने पर भी किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान 260 लाख कार्य दिवसों का सृजन कर कुल 859 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की गई जबकि इस वित्त वर्ष अभी तक मनरेगा के अंतर्गत 54 करोड़ रुपये खर्च करके 22 लाख कार्य दिवस सृजित किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग ने भी मनरेगा के अंतर्गत बनी लोक निर्माण विभाग की सड़कों और जल शक्ति विभाग की ट्रेंचिज के रख-रखाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मनरेगा कार्य में पारदर्शिता सुनिश्चित बनाने के लिए विभाग ने सिक्योर साॅफ्टवेयर लागू किया है। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत शत-प्रतिशत कार्य सीधे हंस्तातरण (डीबीटी) के माध्यम किया जा रहा है। कार्य स्थल पर मनरेगा कार्यकर्ताओं को घर में निर्मित फेस कवर, साबुन और जल आदि प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भवन और अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत 12,835 मनरेगा कार्यकर्ताओं ने 90 दिन का कार्य पूर्ण किया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि विभाग ने मनरेगा के तहत हुए कार्याें में गुणवत्ता सुधार के लिए एक गुणवत्ता नियंत्रण प्रकोष्ठ (सेल) स्थापित किया है। प्रदेश के छः जिलों- बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मण्डी, शिमला और सोलन में लोकपाल नियुक्त किए गए हैं तथा बचे शेष ज़िलों में शीघ्र ही लोकपाल कि नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 610 भवनों का निर्माण किया गया जबकि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान गरीबों की सुविधा के लिए 998 भवनों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभिन्न आवास योजनाओं के अंतर्गत गृह निर्माण के कार्य में गुणवत्ता व सुधार लाने के लिए विभाग इच्छुक ग्रामीण राज-मिस्त्रियों को प्रशिक्षित करने की भी योजना बना रहा है। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन और मनरेगा के अभिसरण से मुख्यमंत्री एक बीघा योजना आरंभ की है। अभी तक 2000 महिला स्वयं सहायता समूहों ने इस योजना के अंतर्गत आवेदन किया है। सरकार ग्रामीण गरीबों को न्यूनतम वेतन से अधिक देने के लिए औपचारिक क्षेत्र में कौशल और रोज़गार प्रदान करने पर विशेष बल दे रही है। उन्होंने कहा कि उन्नति परियोजना के अंतर्गत युवाओं को नए ट्रेड जैसे- फैशन डिजाइनिंग, सहायक हेयर-स्टाइलिस्ट, मल्टी-स्किल तकनीशियन, डेयरी प्रोसेसिंग उपकरणों आदि में प्रशिक्षित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के अंतर्गत एक विशेष पहल की है तथा जल शक्ति विभाग को मण्डी ज़िला के थुनाग, धर्मपुर और जंजैहली और ऊना ज़िला के बंगाणा में पायलट आधार पर मल-संयंत्र स्थापित करने के लिए 23.70 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। सड़कों के किनारे सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए शिमला, सोलन, सिरमौर और ऊना जिलों के लिए एक-एक करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की गई है। पंचायतों के समावेशी स्थानीय शासन की क्षमताओं में वृद्धि पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों और अभिसरण योजनाओं के अधिकतम उपयोग के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायतों को भी अपने राजस्व संसाधनों को बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि विभिन्न तकनीकी स्वीकृतियों में विलंब रोकने के लिए प्रभावी तंत्र बनाने की आवश्सकता है ताकि कार्य शीघ्र आरंभ हो सकें। उन्होेंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मनरेगा के अंतर्गत 100 दिनों की सीमा को 120 दिनों तक करने में अग्रणी राज्य रहा है। ग्रामिण विकास और पंचायती राज विभाग के सचिव डाॅ. सदीप भटनागर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। निदेशक ग्रामीण विकास और पंचायती राज ललित जैन ने विभाग की विभिन्न गतिविधियों की प्रस्तुति दी। मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला में पिछले 24 घण्टो में भारी बारिश हुई है। लगातार हो रही बारिश से काफ़ी नुकसान भी हुआ है। बारिश की वजह से कसुम्पटी में चार मंजिला ईमारत गिर गई। ईमारत के गिरने से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। हादसे के वक़्त ईमारत में कोई नहीं था। ये ईमारत खाली थी इसलिए जानी नुकसान नही हुआ। प्रशासन मौके पर पहुंच कर नुकसान का आंकलन कर रहा हैं और ईमारत के गिरने के कारणों की जांच की जाएगी। बता दे कि पिछले 24 घण्टो में शिमला में रिकॉर्ड बारिश हुई है जिससे काफी नुकसान भी हुआ है। राजधानी में बारिश ने पिछले 12 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि पिछले 24 घंटो के दौरान हिमाचल प्रदेश में 2008 के बाद सबसे ज़्यादा 74.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज़ की गई। उन्होंने बताया कि बारिश से हिमाचल में तापमान भी सामान्य से कम चल रहे है। शिमला का न्यूनतम तापमान 10.4 रहा जो सामान्य से 6 डिग्री कम है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आज के लिये भी अलर्ट जारी किया गया है जिससे बारिश व ओलावृष्टि हो सकती है। इसके बाद कल से चार दिनों तक मौसम के साफ रहने की संभावना जताई जा रही है।
परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों की ओर से मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में 2,95,000 रुपये का चैक भेंट किया। पच्छाद की विधायक रीना कश्यप ने ब्रहाम्ण कल्याण सभा राजगढ़ की ओर से मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में 51,000 रुपये, इसके अतिरिक्त मण्डी के कांट्रेक्टर विजय कपूर ने भी एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में 1,51,000 रुपये के चैक भेंट किये। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पुराना बस स्टैंड शिमला के समीप बाबा भलकू रेल संग्रहालय परिसर में पौधरोपण किया। पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन नगर निगम जैव विविधता समिति द्वारा किया गया। राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि पर्यावरण हमारी संस्कृति, जीवन शैली और परंपरा का एक अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा कि शहरीकरण और औद्योगीकरण विकास के लिए आवश्यक है लेकिन पर्यावरण की कीमत पर उन्हें विकसित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज, दुनिया कोरोना महामारी से पीड़ित है, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि प्रकति के साथ छेड़छाड़ के परिणाम कितने भयानक हो सकते हैं। इसलिए पर्यावरण की सुरक्षा प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है और हम सभी को इस दिशा में कार्य करना चाहिए। नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल, उप महापौर शैलेन्द्र चैहान, आयुक्त पंकज राय और पार्षद भी इस अवसर पर उपस्थित थे। राज्यपाल ने बाबा भलकू रेल संग्रहालय का दौरा भी किया और संग्रहालय में प्रदर्शित संरक्षित कलाकृतियों में दिलचस्पी दिखाई। स्टेशन अधीक्षक प्रिंस सैथी ने पुरानी विरासत के बारे में जानकारी दी। इसके उपरांत, राज्यपाल ने नगर निगम कार्यालय का भी दौरा किया और पार्षदों से उनके वार्डों में कोविड-19 के मुद्दों और तैयारियों पर चर्चा की। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इससे पहले, राज्यपाल ने संत गुरु कबीर जी को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य इलेक्ट्राॅनिक्स विकास निगम की छवि खराब करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन लोगों ने निगम पर सब-स्टैंडर्ड और कम कीमत के वेंटिलेटर मंहगे दामों पर खरीदने के झूठे व निराधार आरोप लगाये हैं। आरोपों में कहा है कि निगम द्वारा यह वेंटिलेटर 10,29,840 रुपये प्रति यूनिट की दर से खरीदे गए है, जबकि निजी क्षेत्र में इनकी कीमत 3,50,000 रुपये है। प्रवक्ता ने कहा कि एचपीएसईडीसी द्वारा वेंटिलेटर की ऐसी कोई खरीद नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस तरह के झूठे आरोप बिल्कुल भी सहन नहीं करेगी। इसलिए, उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, जिन्होंने एचपीएसईडीसी पर झूठे आरोप लगाए हैं। इस साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय के स्तर पर वेंटिलेटर की खरीद के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया था। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर की खरीद से पहले वेंटिलेटर की दरों और मानकों का अध्ययन जीईएम पोर्टल पर किया गया था। इसके अलावा, समिति ने अन्य राज्यों द्वारा वेंटिलेटर की खरीद के लिए अपनाई गई प्रक्रिया का भी अध्ययन किया था। उन्होंने कहा कि वेंटिलेटर दरों और तकनीकी मानकों को ध्यान में रखते हुए खरीदे गये थे। वेंटिलेटर की खरीद में पारदर्शिता का पूरा पालन किया गया है।
मोदी सरकार 2.0 का पहला वर्ष बहुत ही प्रभावशाली और चुनौतीपूर्ण रहा है। प्रभावशाली इसलिए कि जनादेश, शासन की गति सरकारी योजनाओं की अन्तिम व्यक्ति तक पहुॅंच, मजबूत बुनियादी ढांचा और दशकों से लटके हुए मुद्दों के समाधान को उच्च प्राथमिकता दी गई। चुनौतीपूर्ण इसलिए कि कोविड-19 और अम्फान चक्रवात ने जो अभूतपूर्व संकट खड़े किए उससे दुख और विपदा तो आई ही, साथ ही भारी नुकसान हुआ लेकिन आज देश में एक निर्णय लेने वाली उत्तरदायी सरकार है, जो देशवासियों के लिए फिक्रमंद है, साथ ही जिसके पास दृष्टि और दूरदर्शिता है, जो इस चुनौतीपूर्ण समय से देश को बाहर निकालने का सामथ्र्य रखती है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के सुरक्षा कवच और आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना के बाद भारत निश्चय ही इस कठिन समय से बाहर आ जाएगा। साथ ही, देश ने सहकारी संघवाद के बेहतरीन उदाहरण को क्रियान्वित होते हुए भी देखा है, लेकिन अब हमें बगैर चूके प्रत्येक नागरिक को उसके द्वारा इस कठिन स्थिति को समझने और सर्वोत्तम आचरण का उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए, धन्यवाद देना है। आने वाले दिनों में यह देश, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आत्मनिर्भरता और आर्थिक विकास की नई उंचाईयों को छूने के लिए पूरी तरह तैयार है। ऐतिहासिक निर्णय ऽ अनुच्छेद 370 हटाः जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए को समाप्त करके का ऐतिहासिक निर्णय लेकर मोदी सरकार ने देश की एकता और अखण्डता को मजबूती प्रदान की है। ऽ दो नए केन्द्रशासित प्रदेश-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बनेः दो नये केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख 31 अक्तूबर को अस्तित्व में आए। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र को केन्द्रशासित प्रदेश घोषित करके सरकार ने वहां के लोगों को वो सभी अधिकार दिए जिससे वे लम्बे समय से वंचित रहे। इससे राज्य में तीव्र विकास के रास्ते खुले। ऽ नागरिक(संशोधन)अधिनियम,2019ः अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणाथर््िायों को भारतीय नागरिक बनाने का प्रावधान करके उनके सम्मानपूर्ण जीवन और भारत के मानवीय दृष्टिकोण को सुनिश्चित किया। ऽ राम मन्दिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्तः उच्चतम न्यायालय द्वारा 9 नवम्बर को सर्वसम्मति से दिए गए फैसले से अयोध्या में राम मन्दिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ। मोदी सरकार ने न्यायालय के आदेशानुसार मन्दिर निर्माण के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की घोषणा कर दी। ऽ तीन तलाकः मोदी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को करोड़ों मुस्लिम महिलाओं के हक में अपनी राय दी। सर्वोच्च न्यायालय के तीन तलाक पर निर्णय से आज करोड़ों मुस्लिम महिलाएं इस कुप्रथा के कलंक से मुक्त हो खुली हवा में सांस ले रही हैं। इस सम्बन्ध में मोदी सरकार ने तीन तलाक की कुप्रथा पर कड़ा कानून ‘मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019’ बनाकर मुस्लिम महिलाओं का सशक्तिकरण किया। ऽ करतारपुर गलियारा राष्ट्र को समर्पितः गुरू नानकदेव जी से जुड़ी आस्था की स्थली गुरूद्वारा करतारपुर साहिब तक श्रद्धालुओं के जाने की राह की बाधा का स्थाई समाधान हुआ है। करतारपुर गलियारे की चैकपोस्ट शुरू हो जाने से पाकिस्तान स्थित गुरूद्वारा करतारपुर साहेब जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को सुविधा। ऽ ब्रू-रियांग समझौताः इस नए समझौते से करीब 23 वर्षों मक ा रही पूर्वाेत्तर क्षेत्र की जटिल समस्या का स्थाई व शांतिपूर्ण समाधान किया है। सरकार द्वारा बू्र-रियांग समझौते को अमलीजामा पहनाने से इस समुदाय के करीब 40 हजार लोगों को त्रिपुरा में बसाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। ऽ बोडो समझौताः देश में शांति और सुरक्षा के लिए समर्पित सरकार ने बोडो समझौता करके असम से जुड़ी इस समस्या का स्थाई समाधान करके वहां शांति व्यवस्था की एक नई नींव रखी है। ऐतिहासिक बोडो समझौता बोडो लोगों को परिवर्तनकारी परिणाम वाला साबित होगा। सेना के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ऽ प्रथम चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्तिः रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामलों का एक नया विभाग बनाया और जनरल बिपिन रावत चीफ आॅफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) प्रमुख नियुक्त किए गए हैं। ऽ वायुसेना में शामिल हुए आठ अपाचे लड़ाकू हेलीहाॅप्टरः अपाचे हेलीकाॅप्टर के शामिल होने से भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता बढ़ गई है। भारत ने फ्रांस से पहला राफेल विमान 8 अक्तूबर को प्राप्त किया। फ्रंास से खरीदे गए 36 राफेल लड़ाकू विमानों की श्रृंखला में प्रथम विमान सौंपे जाने के समारोह का आयोजन फ्रंास में राफेल विमान निर्माता दसाॅल्ट एविएशन के प्रतिष्ठान में किया गया। अन्य प्रमुख उपलब्धियां ऽ ‘आयुष्मान भारत’ के तहत एक करोड़ से ज्यादा लाभार्थीः ‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत देश के 50 करोड़ लोगों को 5 लाख तक के मुफत ईलाज तक की सुविधा देने की अभूतपूर्व स्वास्थ्य योजना मोदी सरकार की गरीब हितैषी नीतियों को दिखाती है। एक करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभ प्रदान कर इस दिशा में एक बड़ा मुकाम हासिल किया है। ऽ अटल पेेंशन योजना के पांच वर्ष पूरेः अटल पेंशन योजना ने 2.23 करोड़ लोगों का नाम दर्ज कर असाधारण कार्य किया। ऽ ‘ईज ऑफ़ डूइंग बिजनेस रिपोर्टः भारत ने 142वें पायदान से छलांग लगाकर 63वें पायदान पर जगह बना ली है। ऽ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजनाः मोदी सरकार की नीतियों में शुरू से ही किसान हितैषी योजनाओं को महत्व दिया गया है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से देश के इस योजना से 14.5 करोड़ किसानों को सालाना 6,000 रूपये की इनपुट प्राईस की राशि देकर किसानों को खेती से जुड़ी शुरूआती जरूरतों के लिए संबल दिया गया है। संशोधित योजना से लगभग 2 करोड़ और किसानों को कवर करने का निर्णय लिया गया है। ऽ 10 बैंकों के विलय से बने चार बड़े बैंकः सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने से आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। ऽ दिल्ली की 1797 अनाधिकृत काॅलोनियों के निवासियों को मिलेगा मालिकाना हकः 40 लाख लोगों को मिलेगा लाभ। ऽ बी.एस.एन.एल., एम.टी.एन.एल. का विलयः 68,751 करोड़ रूपये के पुनार पैकेज को मंजूरी। ऽ राष्ट्रहित में किया आरसेप से किनाराः भारत ने रीजनल काॅम्प्रिहेंसिव इकोनाॅमिक पार्टनरशिप यानि आरसेफ को खारिज कर दिया। ऽ अटल भूजल योजना की शुरूआतः सात राज्यों के 8,350 गांवों को फायदा होगा। ऽ लेह और मनाली को जोड़ने वाली सुरंग का नामकरण ‘अटल टनल’ करने की घोषणा हुई। ऽ 10,000 नए एफ.पी.ओ. के गठन और प्रोत्साहन हेतु ‘कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना और संवर्द्धन’ को मंजूरी । आत्मनिर्भर भारत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 26 मार्च, 2020 को 1.70 लाख करोड़ रूपये के राहत पैकेज की घोषणा ऽ 80 करोड़ गरीबों को कुल 5 महीने तक हर माह पांच किलो गेहूॅं/चावल और प्रति परिवार को एक किलो दाल मुफत ऽ 20 करोड़ महिला जनधन खाताधारकों को अगले तीन महीने तक हर माह 500 रूपये ऽ मनरेगा के तहत मजदूरी को 182 रूपये से बढ़ाकर 202 रूपये प्रतिदिन, 13.62 करोड़ परिवार लाभान्वित ऽ 3 करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकों, गरीब विधवाओं और गरीब दिव्यांगजनों को 1,000 रूपये की अनुग्रह राशि ऽ सरकार वर्तमान ‘पीएम किसान योजना’ के तहत अप्रैल के पहले सप्ताह में किसानों के खाते में 2,000 रूपये, 8.7 करोड़ किसान लाभान्वित ऽ केन्द्र सरकार ने निर्माण श्रमिकों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों को ‘भवन और निर्माण श्रमिक कल्याण कोष’ का उपयोग करने के लिए आदेश दिए हैं। कृषि, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण सैक्टरों के लिए कृषि अवसंरचना को मजबूत करने, क्षमता निर्माण, गवर्नेंस और प्रशासनिक सुधारों के लिए महत्वपूर्ण कदम ऽ फार्म-गेट अवसंरचना के लिए 1 लाख करोड़ रूपये का कृषि अवसंरचना कोष सूक्ष्म खाद्य उद्यमों (एम.एफ.ई.) को औपचारिक रूप देने के लिए 10,000 करोड़ रूपये की योजना ऽ प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पी.एम.एम.एस.वाई.) के जरिए मछुआरों के लिए 20,000 करोड़ रूपये ऽ पशु पालन अवसंरचना विकास कोष के लिए 15,000 करोड़ रूपये ऽ कृषि क्षेत्र केन्द्रित गवर्नेंस और प्रशासनिक सुधार के लिए उपाय ऽ किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन ऽ पंचायतों का लेखाजोखा रखने वाला सिंगल डिजिटल प्लेटफार्म ई-ग्राम स्वराज ऐप लाॅन्च। इसमें पंचायत के विकास कार्यों, उसके फण्ड और काम काज की जानकारियां हर व्यक्ति को मिलेगी। ऽ ग्रामीण भारत के लोगों को उनकी सम्पति का मालिकाना हक दिलाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी सरकार द्वारा शुरू की गई स्वामित्व योजना। एम.एस.एम.ई को भारी राहत ऽ एम.एस.एम.ई. सहित व्यवसायों के लिए 3 लाख करोड़ रूपये की आपातकालीन कार्यशील पूंजी सुविधा ऽ ‘एम.एस.एम.ई. फंड आॅफ फंड्स’ के माध्यम से 50,000 करोड़ रूपये की इक्विटी सुलभ कराई जाएगी ऽ 200 करोड़ रूपये तक की सरकारी निविदाओं के लिए कोई वैश्विक निविदा नहीं ऽ डिस्काॅम के लिए 90,000 करोड़ रूपये की तरलता सुलभ कराई जाएगी प्रवासियों, किसानों, छोटे कारोबारियों, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक कदम ऽ ‘शिशु मुद्रा’ के तहत कर्ज लेने वालों के लिए 12 माह तक 2 प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी- 1500 करोड़ रूपये की राहत ऽ प्रति रेहड़ी-पटरी वालों (स्टीªट वेंडर्स) को 10 हजार रूपये तक की ऋण सुविधा। इसके लिए 5,000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है ऽ किसान के्रडिट कार्ड योजना के तहत 2.5 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रूपये के रियायती ऋण का प्रोत्साहन संरचनात्मक सुधार ऽ कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खन्न की शुरूआत, विविध अवसर, उदार व्यवस्था, खनिज क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाना और नीतिगत सुधार ऽ रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाना ऽ रक्षा उत्पादन में नीतिगत सुधार ऽ रोजगार को बढ़ावा देने हेतु मरेगा की राशि को 60,000 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 1,00,000 करोड़ रूपये किया गया ऽ एक नए, आत्मनिर्भर भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति कोविड-19 संकट और प्रबंधन ‘जनता कफर्यू’ ऽ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आग्रह पर पूरे देश ने 22 मार्च, 2020 को सुबह 7 बजे से 9 बजे तक देश में जनता कफर्यू का पालन किया। उसी दिन शाम 5 बजे राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा करने वाले डाॅक्टर, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं सुरक्षा कर्मियों को पूरे देश ने घर से बाहर निकलकर ताली, थाली व शंख-घंटी आदि बजाकर धन्यवाद किया। ‘जान है तो जहान है’ ऽ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 24 मार्च, 2020 को राष्ट्र के नाम एक सम्बोधन में कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च, 2020 की आधी रात से देशव्यापी लाॅकडाउन की घोषणा की। ‘लाॅकडाउन से पहले 1444 देशी और विदेशी नागरिकों को बचाया’ ऽ भारत ने मालद्वीप, म्यांमार, बांग्लादेश, चीन, अमेरिका, मेडागास्कर, श्रीलंका जैसे देशों के 48 नागरिकों को भी सुरक्षित बचाने का काम किया। 30 देशों में फंसे 72,500 से अधिक नागरिकों को बचाया ऽ भारत ने ‘वंदे भारत’ और ‘समुद्र सेतु’ मिशन के पहले दो चरणों के दौरान बड़े पैमाने पर 30 से अधिक से देशों में फंसे 72,500 से अधिक नागरिकों को वापिस लाने का काम किया। प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें ऽ 28 मई, 2020 तक 3,840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से 52 लाख से अधिक प्रवासियों को उनके गृह राज्यों तक भेजा जा चुका है । जनवरी में एक परीक्षण प्रयोगशाला से बढ़कर अब 610 हुई ऽ 25 मई तक भारत में 610 परीक्षण प्रयोगशालाएं कार्य कर रही हैं, जनवरी, 2020 में देश में केवल 01 परीक्षण प्रयोगशालाएं थीं। भारत का कोविड-19 मृत्यु दर दुनिया में सबसे कम है ऽ 26 मई, 2020 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड-19 की मृत्यु दर 2.87 प्रतिशत है, जो दुनिया भर में सबसे कम है। समय पर लाॅकडाउन, जल्दी जांच और कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का प्रबंधन कम मौत का मुख्य कारण है। विश्व में 4.5 मौतों के मुकाबले भारत में प्रति लाख 0.3 मौतें ऽ वैश्विक स्तर पर 4.5 मौतों के मुकाबले भारत में प्रति लाख जनसंख्या पर 0.3 मौतें हुई हैं, जो दुनियां में सबसे कम है। यह लाॅकडाउन, समय पर जांच और कोविड-19 मामलों के बेहतर प्रबंधन के कारण हुआ है। केन्द्र सरकार ने ‘आरोग्य सेतु’ ऐप लाॅन्च किया ऽ केन्द्र सरकार द्वारा ‘आरोग्य सेतु’ ऐप लाॅन्च किया गया जिसे अब तक 11.74 करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड़ किया है। आरोग्य सेतु ऐप कोरोना संक्रमण से खुद को होने वाले जोखिम का आकलन बनाने में खुद को सक्ष्म बनाता है। भारत ने 120 से अधिक देशों को दवाएं भेजी ऽ भारत, जिसे विश्व की फार्मेसी माना जाता है, ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए 120 से अधिक देशों को हाईड्रोक्सी-क्लोरोक्वीन दवा भेजी 6.39 प्रतिशत कोविड-19 मामले में ही अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता, रिकवरी दर लगभग 42 प्रतिशत हुई ऽ 25 मई को स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कुल कोविड रोगियों में से लगभग 42 प्रतिशत ठीक हो गए हैं। भारत में केवल 6.39 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर की आवश्यकता पड़ती है। वैश्विक स्तर पर, प्रति लाख में 62 लोग संक्रमित हैं और भारत में यह आंकड़ा 7.9 पर है। शून्य से लेकर अब भारत प्रतिदिन 3 लाख से अधिक पी.पी.ई. किट और एन.95 मास्क का उत्पादन कर रहा है ऽ भारत में फरवरी, 2020 में शून्य उत्पादन से आज मई के मध्य तक प्रतिदिन 3 लाख से अधिक पी.पी.ई. किट और इतनी ही संख्या में एन.95 मास्क का उत्पादन हो रहा है। मोदी सरकार 2.0 के पहले वर्ष की उपलब्धियां, जिस संवेदना और मजबूती के साथ कोविड-19 को सम्भाला गया और ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ इन सबके साथ अब हमारा देश कोविड के बाद की दुनिया में मिलने वाले अवसरों को पाने के लिए पूरी तरह तैयार है। हर देशवासी को सुरक्षित और सशक्त बनाने की हमारी इस यात्रा में आप भी सहयात्री बनिए ताकि हर नागरिक अपनी परिस्थिति से उठकर नए भारत का ध्वजवाहक बन सके।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर वृक्षारोपण कर लोगों से पर्यावरण संरक्षण करने और ज़्यादा से ज़्यादा से पौधे लगा कर धरा को हरा भरा बनाए रखने की अपील की है। अनुराग ठाकुर ने कहा "भूत नहीं लेकिन भविष्य को बदलना हमारे हाथों में है। शुद्ध हवा,स्वच्छ जल,निश्चल पर्यावरण पर सबका हक़ है। आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए इसका प्रबंध करना हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी है। जैव विविधता की रक्षा,जल संरक्षण व वृक्षारोपण पर्यावरण के प्रति मनुष्य का प्रथम कर्तव्य है। भारत की जनसंख्या दुनिया की 16 फ़ीसदी है व पशुओं की संख्या भी 16 फ़ीसदी है। ज़मीन और खाद्य दोनों की ही मूलभूत आवश्यकता है। विश्व की तुलना में भारत में भूमि केवल 2.5 प्रतिशत व बारिश 4 प्रतिशत है, फिर भी जैव विविधता में भारत अग्रणी है। दुनिया की 8 प्रतिशत जैव विविधता भारत में है इसका मुख्य कारण भारतीय संस्कृति का प्रकृति के प्रति विशेष सम्मान और सहजीवन की भावना में विश्वास करना है। ग्लोबल वर्मिंग और पेड़ों के भारी कटान के चलते पृथ्वी और जलवायु का संतुलन बिगड़ रहा है। पर्यावरण का संरक्षण करना और वृक्षों की कटना रोकना हमारा नैतिक कर्तव्य है। आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मेरा आप सब से अनुरोध है कि पेड़ों को कटने से बचायें और ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में पेड़ लगा कर पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अपना सहयोग करें।” आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा "पर्यावरण संरक्षण के दूसरे तरीकों सहित बाढ़ और अपरदन से बचाने के लिये सौर जल तापक, सौर स्रोतों के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन, नए जल निकासी तंत्र का विकास करने के लिये आम लोगों को बढ़ावा देना, पनबिजली को बढ़ावा देना, जंगल प्रबंधन पर ध्यान देना, ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव घटाना, बिजली उत्पादन को बढ़ाने के लिए हाइड्रो शक्ति का इस्तेमाल, निम्निकृत भूमि पर पेड़ लगाने के द्वारा बायो-ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देकर हम पर्यावरण को संरक्षित कर धरा को स्वस्थ व सुंदर बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं।”
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों व वरिष्ठ कार्यकर्ताओं साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग कर क्षेत्र में कोरोना आपदा से राहत कार्यों के विषय में जानकारी लेकर उन्हें केंद्र सरकार द्वारा किए गए उपायों अवगत कराया व कार्यकर्ताओं से इसे जन-जन तक पहुँचाने का आह्वाहन किया। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के भाजपा पदाधिकारियों की इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफ़ेसर प्रेम कुमार धूमल, प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा, महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर व प्रदेश आईटी कन्वीनर चेतन ब्राक्टा मुख्य रूप से उपस्थित रहे। वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग में अनुराग ठाकुर ने कहा "कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से देशवासियों को राहत देने के लिए केंद्र की मोदी सरकार अनेकों अनेक उपाय कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को इस आपदा से राहत देने के लिए 20 लाख करोड़ से ज़्यादा का राहत पैकेज दिया है। हम पूरे मनोयोग से इन योजनाओं को सुचारु ढंग से लागू करने व इसके समुचित क्रियान्वयन के किए कार्यरत हैं। मेरा भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से अनुरोध है कि विभिन्न योजनाओं के पात्रों को ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में इन योजनाओं व आर्थिक सहायता का लाभ मिल सके इसके लिए व्यापक जागरूकता व पात्रों को सम्बंधित केंद्रों तक ले जाने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें।इस आपदा के समय में यही मानवता की सच्ची सेवा होगी।” आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा "कोरोना महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हर ज़रूरी कदम उठा रही है। इस आपदा की विभिषिका से देशवासियों को राहत पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज दिया था। अब तक इस पैकेज से 43 करोड़ से अधिक लोगों को 53228 करोड़ रुपए की सहायता पहुँचाई जा चुकी है। महिला जनधन खाताधारकों को पहली किश्त 10029 करोड़ की 20.05 करोड़ लाभार्थीयों व दूसरी किश्त 10315 करोड़ की 20.63 करोड़ लाभार्थीयों को ट्रांसफ़र किए जा चुके हैं। 2.81 करोड़ वृद्ध,विधवा, दिव्यांग व वरिष्ठ नागरिकों को 2814 करोड़,8.19 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 16394 करोड़,2.3 करोड़ बिल्डिंग एवं निर्माण श्रमिकों को 4313 करोड़, 59.43 लाख कर्मचारियों के ईपीएफ़ का 24% सहयोग 895 करोड़, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लगभग 9000 करोड़ रुपए का लाभ इन योजनाओं के लाभार्थीयों को दिया जा चुका है। केंद्र सरकार ने किसानों से जुड़े दो नए अध्यादेशों को मंजूरी व एक अध्यादेश में संशोधन की मंजूरी दी है। फार्मिंग प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स ऑर्डिनेंस-2020 को मंजूरी मिलने से किसानों को अपनी फसल अपने हिसाब से बेचने की आजादी मिलेगी। अब किसान जहां चाहेगा और जिसे चाहेगा अपनी फसल बेच सकेगा व ई-ट्रेडिंग के जरिए खरीद-बिक्री हो सकेगी। किसानों को फसल की अच्छी कीमत मिल पाएगी। एक देश, एक बाजार की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। फार्मर्स एग्रीमेंट प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज ऑर्डिनेंस-2020 को मंजूरी मिल जाने से किसान और व्यापारी अब एग्रीमेंट कर सकेंगे। इसमें न्यूनतम मूल्य पहले ही तय होगा। ऐसे में किसानों को नुकसान होने का कोई ख़तरा नहीं रहेगा। आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन की मंजूरी मिल गई है व अनाज, तेल, तिलहन, दाल, आलू और प्याज को इस एक्ट के दायरे से बाहर किया गया है।” अनुराग ठाकुर ने कहा "आने वाले समय में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के नेतृत्व में कई कार्यक्रम शुरू होने वाले हैं। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र उनका अपना गृहक्षेत्र है इस नाते हम सब की ज़िम्मेदारी है कि आगामी कार्यक्रमों को हम इतना सफल बनायें की उसकी चर्चा राष्ट्रीय स्तर पर हो।”
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने जिला शिमला के जुब्बल-नावर और कोटखाई क्षेत्र के लोगों की ओर से एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाँन्स फंड के लिए 22 लाख 63 हजार रुपये का चेक भेंट किया। इनमें मुख्य दानकर्ता सचिव सामाजिक सेवा समिति नांदरी माता दुर्गा मंदिर पुजारली तहसील कोटखाई, जिन्होंने पांच लाख रुपये का अंशदान किया है। इसके अतिरिक्त जुब्बल के गांव ज़खोर के रमेश चैहान और गांव भोलार जुब्बल के सुरेन्द्र हंसरेटा द्वारा एक-एक लाख रुपये, के.के.आई. ट्रक आॅपरेटर्ज यूनियन कोटखाई की ओर से विनोद चैहान द्वारा 51 हजार रुपये, सतीश कुमार विज़ स्नेह भवन छोटा शिमला द्वारा 50 हजार तथा जिला शिमला की तहसील कोटखाई के अटल बिहारी वाजपेयी इंजीनियरिंग काॅलेज प्रगतिनगर के विकास शर्मा द्वारा 31 हजार रुपये का अंशदान किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि यह अंशदान आवश्यकता के समय जरूरतमंदों की मदद में सहायक सिद्ध होगा। मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने कहा कि अब तक जिला शिमला के जुब्बल-कोटखाई क्षेत्र के लोगों ने इस फंड के लिए 60,69,351 रुपये का अंशदान किया है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) शिमला के अध्यक्ष नरेश शर्मा ने समिति की ओर से एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाँन्स फंड के लिए 2,24,700 रुपये का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका आभार व्यक्त किया।
नरेन्द्र बरागटा द्वारा 22 लाख 83 हजार 400 रू० की धनराशि की दुसरी किश्त मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोश में भेंट की गई जिसमें दुर्गा माता मन्दिर पुजाली, कोटखाई द्वारा 5 लाख रूपये की धनराषि मुख्यतः शामिल है। जुब्बल, नावर और कोटखाई क्षेत्र के लोगो द्वारा एकत्रित धनराशि मु० 22,83,400 रू० (22 लाख 83 हजार 400 रू०) की दुसरी किश्त वीरवार को मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोश में भेंट की गई। बरागटा ने जुब्बल, नावर और कोटखाई क्षेत्र के उन लोगो का धन्यावाद किया जिन महानुभावों एवं दानवीरों ने इस नेक कार्य के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई है। इनमे धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान, व्यापारी वर्ग एवं बागवान आदि सम्मिलित है। इससे पहले मुख्यमंत्री कोविड-19 राहत कोश में जुब्बल, नावर और कोटखाई क्षेत्र के लोगो द्वारा पहली किष्त के रूप में मु० 37,85,951 रू० (37 लाख 85 हजार 951 रू०) की धनराषि मुख्यमंत्री को पहले ही भेंट कर दी गई है। इस तरह से जुब्बल, नावर और कोटखाई क्षेत्र के लोगो द्वारा अभी तक कुल 60 लाख 69 हजार 351 रू की धनराशि मुख्यमन्त्री कोविड-19 राहत कोश में भेंट की गई है। तीसरी किश्त भी शीघ्र ही मुख्यमंत्री को भेंट की जाएगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक ने 6वें राज्य वित्तायोग के गठन को अपनी सहमति दी है। आयोग पंचायतों तथा स्थानीय शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा। आयोग राज्य के संचित कोष से पंचायतों और शहरी निकायों के कर निर्धारण, डयूटी, टोल और शुल्क ग्रांट इन एड देने के साथ-साथ अन्य सभी मामले, जिनमें पंचायत और शहरी निकायों की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ होगी, के बारे में राज्यपाल को सिफारिश करेगा। मंत्रिमंडल ने जल शक्ति विभाग में जल रक्षक/ पैरा फीटर और पैरा पम्प ऑपरेटरों के मानदेय में 300 रुपये प्रति माह की वृद्धि की है, अब जल रक्षक को 3300 रुपये प्रति माह जबकि पैरा फीटर और पैरा पम्प ऑपरेटरों को 4300 रुपये प्रति माह का मानदेय मिलेगा। बैठक ने राज्य के ग्रामीण/शहरी क्षेत्रों में 3/2 बिस्वा भूमि की पात्रता के लिए आय मानदंड में संशोधन करने के लिए आवासहीन व्यक्तियों/परिवारों की मौजूदा 50,000 रुपये प्रतिवर्ष आय को बढ़ाकर एक लाख रुपये प्रतिवर्ष करने की मंजूरी दी है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके। मंत्रिमंडल ने वर्ष 2020-21 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के माध्यम से ई-टेंडर के आधार पर कक्षा 1, 3, 6 और 9वीं कक्षाओं के स्कूली विद्यार्थियों को अटल स्कूल वर्दी योजना के तहत स्कूल बैग की खरीद, आपूर्ति और वितरण के लिए अपनी मंजूरी दी। इससे इस वर्ग के 2,56,514 विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। मंत्रिमंडल द्वारा राज्य आपदा शमन कोष गठित करने तथा आपदा शमन व्यय को पूरा करने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 तथा 2011 के नियमों के तहत वित्त प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देशों को मंजूरी प्रदान की, क्योंकि आपदा तैयारी, प्रतिक्रिया और गतिविधियां एक अलग राज्य आपदा प्रबन्ध कोष के तहत आती हैंै। इस कोष के अन्तर्गत राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन कोष का 20 प्रतिशत हिस्सा इस्तेमाल किया जाएगा जो कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान 90.80 करोड़ रुपये होगा। इसके अतिरिक्त 50 करोड़ रुपये की राशि भूकम्प और भूसंखलन जोखिमों के लिए राज्य आपदा शमन कोष से अनुमोदित की गई है। मंत्रिमंडल मंडी जिला के थुनाग में रेशम बीज उत्पादन केंद्र स्थापित करने तथा इसके संचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 4 पदों को सृजित करने तथा भरने की भी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिला के सुलह विधनसभा क्षेत्र में राजकीय बहुतकनीकी संस्था खोलने तथा इस संस्थान के प्रबधन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 29 पदों को सृजित तथा इन्हें भरने की स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने मंडी जिला के नागरिक अस्पताल टिहरा में सुचारु कामकाज के लिए विभिन्न श्रेणियों के और 3 पदों को सृजित और भरने की मंजूरी प्रदान की।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकॉनोमिक पैकेज में एम एस एम ई की परिभाषा में संशोधन की घोषणा की थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की 1 जून की 2020 की बैठक में उसे पुनः संशोधित किया गया है जो जुलाई 2020 में लागू होगी। लघु उद्योग भारती इस बात की सराहना की है कि बहुत लंबे अरसे से विचाराधीन विषय को लागू किया गया। लघु उद्योग भारती हिमाचल प्रदेश के महामंत्री विकास सेठ ने बताया की, बड़ा संतोष का विषय है कि सरकार ने हमारी मांग पर निवेश को पूर्ववत रखते हुए, वार्षिक बिक्री को जोड़ा है। इसके अतिरिक्त सरकार से यह मांग करते हैं की कुछ बिंदुओं को इस अधिसूचना में जोड़ा जाए। सर्वप्रथम एमएसएमई के कहलाने के लिए भारतीय स्वामित्व की शर्त होना आवश्यक हो। सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों को मेक इन इंडिया के तहत बढ़ाने के लिए जरूरी है कि परिभाषा में यह निश्चित किया जाए कि सेवा क्षेत्र और व्यापार को अलग से परिभाषित किया जाए, एवं भारत सरकार के एमएसएमई विभाग की वर्ष 2018 -19 की रिपोर्ट के अनुसार देश में सूक्ष्म उद्योग 89% लघु उद्योग 10.5% और मध्यम .5% हैं। इसलिए बैंकों द्वारा कर्ज के आवंटन में एवं सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों के द्वारा खरीदी में आरक्षण सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योगों की संख्या के अनुसार विभाजित होना चाहिए। लघु उद्योग भारती बहुत आशान्वित है कि सरकार हमारे द्वारा दिए गए सुझावों को गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए अधिसूचना में जुड़ेगीं, जिससे प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी भारत में एमएसएमई के योगदान को देखा जा सकेगा।
वीरवार को, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने दे दी। आयोग पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करेगा और राज्यपाल को इन पंचायतों की वित्तीय स्थिति और शहरी स्थानीय निकायों के करों, कर्तव्यों, टोलों और फीस के निर्धारण, पंचायतों को सहायता अनुदान के निर्धारण में सुधार के बारे में सिफारिशें करेगा। राज्य के समेकित कोष और पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के ध्वनि वित्त के संबंध में किसी भी अन्य मामले से। मंत्रिमंडल ने जल शक्ति विभा में जल रक्षक / पैरा फिटर और पैरा पंप ऑपरेटरों के मानदेय में रु 300 प्रति माह। इस वृद्धि के साथ, अब जल रक्षक को रु 3300 प्रति माह जबकि पैरा फिटर और पैरा पंप ऑपरेटरों को रु का मानदेय मिलेगा। 4300 प्रति माह। इसने राज्य के ग्रामीण / शहरी क्षेत्रों में 3/2 बिस्वास भूमि की पात्रता के लिए आए मानदंड में संशोधन करने के लिए आवासहीन व्यक्तियों / परिवारों को मौजूदा रुपये से बढ़ाकर इसे मंजूरी दी। 50,000 से रु प्रतिवर्ष एक लाख, ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके। कैबिनेट ने वर्ष 2020 के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के माध्यम से ई-टेंडर के आधार पर स्कूल, पहली, तीसरी, 6 वीं और 9 वीं कक्षाओं के स्कूली छात्रों को अटल स्कूल वर्डी योजना के तहत स्कूल बैग की खरीद, आपूर्ति और वितरण के लिए अपनी मंजूरी दी। इससे इन वर्गों के 2,56,514 छात्रों को लाभ होगा। इसने एक राज्य आपदा शमन कोष बनाने का निर्णय लिया और शमन पर खर्चों को पूरा करने के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और नियम, 2011 के तहत निधि के प्रशासन के लिए दिशानिर्देशों को मंजूरी दे दी, क्योंकि राज्य के रूप में जाना जाता एक अलग कोष के तहत तैयारियों और प्रतिक्रिया गतिविधियों को कवर किया जाता है। आपदा प्रबंधन कोष - इस फंड के तहत, राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन फंड का 20 प्रतिशत शमन के लिए उपयोग किया जाएगा, जो रु चालू वित्त वर्ष के लिए 90.80 करोड़। इसके अलावा, रु राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण निधि से राज्य में पहाड़ी राज्यों में भूकंपीय और भूस्खलन जोखिमों के प्रबंधन के लिए 50 करोड़ की सिफारिश भी की गई है। इसने इस केंद्र को बनाने के लिए मंडी जिले के थुनाग में रेशम कीट बीज उत्पादन केंद्र स्थापित करने और विभिन्न श्रेणियों के चार पदों को भरने के लिए अपनी सहमति दी। मंत्रिमंडल ने इस संस्था के प्रबंधन के लिए कांगड़ा जिले के सुलह विधान सभा क्षेत्र में एक नया सरकारी पॉलिटेक्निक संस्थान खोलने के लिए और विभिन्न श्रेणियों के 29 पदों को भरने के लिए अपनी मंजूरी दी। इसने अपनी सुचारू कार्यप्रणाली के लिए जिला मंडी के सिविल अस्पताल तिहाड़ में विभिन्न श्रेणियों के तीन और पदों को बनाने और भरने का निर्णय लिया।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में कार्यरत ऐसे सभी कर्मचारियों, अधिकारियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी, जो कोविड-19 के दृष्टिगत डयूटी पर तैनात किए गए हैं, की मृत्यु होने पर उनके परिवारों को प्रदेश सरकार ने एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में से 50 लाख रुपये की अनुग्रह अनुदान राशि देने की अनुमति दी है। उन्होंने कहा कि वे स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जिनके लिए भारत सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पहले ही बीमा योजना की घोषणा कर दी थी, वे इसमें शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व व आपदा प्रबंधन विभाग के पास विभिन्न निगमों, बोर्डों, स्वायत्त निकायों और एजेंसियों द्वारा उनके अधिकारियों, कर्मचारियों को इस निर्णय के दायरे में लाने हेतु प्रतिवेदन प्राप्त हो रहे है, क्योंकि वे कोविड-19 महामारी से लड़ने की प्रक्रिया में भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के उपरांत प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी विभागों के साथ-साथ निगमों, बोर्डों, स्वायत्त निकायों और विभिन्न एजेंसियों में काम करने वाले सभी अधिकारियों, जो कोविड-19 के दृष्टिगत राहत उपायों के लिए कार्य कर रहे हैं, को इसके अन्तर्गत कवर करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण मृत्यु होने पर कोविड-19 से सम्बन्धित डयूटी पर स्वच्छता के काम में लगे नगर निगम शिमला की सैहब सोसायटी के नियमित, आउटसोर्स, अनुबंध, दैनिकभोगी कर्मचारियों को भी इसके अन्तर्गत लाया गया है। कोविड-19 महामारी के दौरान केवल आधिकारिक डयूटी में तैनात, जिनका कोविड-19 महामारी से लड़ने में कोई भूमिका नहीं है, वे इस अनुग्रह अनुदान राशि के पात्र नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि एक्टिव केस फाइंडिंग, कोविड -19 संस्थानों में कार्यरत हेल्थ वर्कर, क्वारंटीन केन्द्र में प्रबन्धन के लिए तैनात लोग, प्रवासियों के आने और जाने के कार्य के लिए तैनात लोग, हिमाचल पथ परिवहन निगम के चालक एवं परिचालक तथा पर्यवेक्षण कार्यों के लिए तैनात निगम के अधिकारी, खाद्यान्न, राशन की आपूर्ति कार्यों में लगे कर्मचारी, स्वच्छता कार्यकर्ता, पुलिस के सुरक्षाकर्मी व होमगार्ड इत्यादि को पात्र फ्रंटलाइन कार्यों में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण मृत्यु होने पर प्रमाणित करने वाले संबंधित सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रमाणीकरण के बाद ही राशि का भुगतान किया जाएगा। इसमें सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा स्पष्ट रूप से दर्शाया गया हो कि मृत्यु कोविड-19 महामारी के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि अनुग्रह अनुदान राशि का भुगतान विभाग के मुखिया द्वारा कोविड-19 महामारी के कारण मृत्यु होने का प्रमाण पत्र देने के उपरांत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस राशि का दावा करने वाले को कानूनी उत्तराधिकारी होने के साथ इससे सम्बन्धित अन्य प्रमाण पत्र भी देने होंगे।
जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर तथा शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में कोई भी अनियमितता नहीं हुई है यह उच्च न्यायालय के निर्णय से स्पष्ट हो गया है। विपक्ष द्वारा इस मामले को व्यर्थ में उछाला जा रहा है। इस मामले में विपक्ष के आरोप पूरी तरह से तथ्यहीन व निराधार है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 1200 पटवारी भर्ती करने का निर्णय लिया था, जिसके लिए प्रदेशभर से लगभग 3,00,000 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया था। 17 नवंबर 2019 को इस भर्ती की लिखित परीक्षा प्रदेश के विभिन्न उपायुक्तों के माध्यम से जिलों के विभिन्न केंद्रों में ली गई। इस भर्ती को कुछ व्यक्तियों ने हिमाचल प्रदेश माननीय उच्च न्यायालय में चुनौती दी व भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया तथा अधिवक्ता के माध्यम से हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस याचिका का विस्तृत जवाब दाखिल किया है, जिसमें स्पष्ट कहा है कि इस भर्ती में कोई भी व किसी भी तरह की अनियमितता नहीं हुई है तथा इस याचिका को चुनौती देने वालों में से एक अभ्यर्थी तो परीक्षा में भी उपस्थित नहीं हुआ था। महेन्द्र सिंह ठाकुर और सुरेश भारद्वाज ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 8 जनवरी 2020 को इस पटवारी भर्ती मामले की जांच सीबीआई को करने के लिए कहा। सीबीआई ने गहन जांच पड़ताल करने के बाद अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट, प्रदेश उच्च न्यायालय को प्रस्तुत की। सीबीआई ने 29 मई 2020 को माननीय उच्च न्यायालय में बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट सौंपी। 2 जून 2020 को माननीय उच्च न्यायालय ने सीबीआई की विस्तृत जांच रिपोर्ट का अवलोकन किया, व यह स्पष्ट पाया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस पटवारी भर्ती परीक्षा प्रक्रिया में कोई भी अनियमितता नहीं की थी और इस पटवारी भर्ती को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जब उच्च न्यायालय पटवारी भर्ती की जांच करवाने के निर्देश दिए तो प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया था कि इस पटवारी भर्ती की जांच प्रदेश व देश की किसी भी जांच एजेंसी से करवाने के लिए तैयार है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस पटवारी भर्ती में पारदर्शिता का पालन किया है। प्रदेश की वर्तमान सरकार भर्ती व अन्य सभी मामलों में पारदर्शिता सुनिश्चित कर रही है। सीबीआई की रिपोर्ट व हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया कि इस पूरी भर्ती प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बरती गई थी और किसी भी तरह की कोई अनियमितता नहीं हुई थी।
दिनाक 03 जून 2020 को NSUI मंडी के पूर्व जिला अध्यक्ष आज़ाद गुमरा ने कोरोना माहमारी के चलते छात्रों के स्वास्थय को मद्देनजर कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को प्रोमोट करने की पुरजोर मांग उठाई है। आज कोरोना माहमारी के चलते शैक्षणिक वर्ष बाधित हुआ है। शैक्षणिक कैलेंडर में देरी के साथ-साथ विश्वविद्यालय में ना ही कक्षा संचालित हो पाई है और ना ही पाठ्यक्रम पूरा हुआ है, जिसके बिना परीक्षाएं आयोजित करना सही नहीं होगा। साथ ही प्रदेश में बिना बुनियादी ढाँचे व कनेक्टिविटी के कारण ऑनलइन परीक्षाएं करवाना भी सभव नहीं है। कोरोना महामारी के चलते विश्वविद्यालय का ऐकडेमिक कलैंडर काफी गड़बड़ा गया है, वहीं कोरोना वायरस के लगातार पाँव पसारने के बीच परीक्षाएं करवाना संभव नहीं लग रहा है। परीक्षाएं करवाने पर छात्रों के स्वास्थय पर असर भी हो सकता है। NSUI सरकार से व विश्वविद्यालय प्रशाशन से यह मांग करती है कि सनातक प्रथम, द्वितीय वर्ष और स्रातकोत्तर प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को गत वर्ष के मूल्यांकन के आधार पर प्रोमोट किया जाए वहीं सनातक व स्तरातकोत्तर अंतिम सेमेस्टर के विद्यार्थियों गत औसत के 10 प्रतिशत अधिक अंको से उत्तीर्ण किया जाए। साथ ही NSUI ने यह भी मांग रखी है कि जो 2015 -2016 सत्र के छात्र है जिनकी डिग्री अभी तक पूरी नहीं हो पाई है और उनका यह अंतिम चांस था, उन छात्रों के भविष्य को मद्देनजर रखते हुए उन्हें डिग्री दी जाए।
शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कुसुम्पटी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद कायम करते हुए कोविड-19 के तहत उनके द्वारा किए गए सक्रिय सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कोई भी कोरोना संक्रमण मामला सामने नहीं आया, जो भी मामले यहां पाए गए हैं वह उनकी ट्रैवल हिस्ट्री बाह्य आगमन रही है। उन्होंने कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग ने लाॅकडाउन की स्थिति का सामना किया। जनप्रतिनिधियों द्वारा सेवा परमोधर्म के भाव को प्रदर्शित करते हुए लोगों को विभिन्न तरीकों व स्तरों पर निरंतर सहायता प्रदान की जाती रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभिन्न गतिविधियों को चरणबद्ध रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है ताकि आर्थिक नुकसान की भरपाई के साथ-साथ कोरोना संक्रमण से बचाव भी सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से कोई भी प्रदेश में संक्रमण का मामला नहीं आया, इसके लिए जांच की संख्या बढ़ाई जा रही है। उन्होंने अंदेशा जताया कि आने वाले समय में संक्रमण की गति में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन खुलने की स्थिति में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों, कार्यकर्ताओं व समाज के प्रत्येक वर्ग को मिलकर समन्वय स्थापित करना होगा। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत कार्यों को शुरू करें, जिससे विकासात्मक कार्यों को तरक्की तथा रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने बताया कि अनलाॅक-3 के बाद ही स्कूलों को खोलने का विचार किया जाएगा, जिसके लिए आप सभी लोगांे से सुझाव आमंत्रित है। कोरोना से बचाव के लिए व्यक्तिगत तौर पर सभी को सजग व सचेत रहना अत्यंत आवश्यक है, जिसके तहत विभिन्न सलाहों को मानते हुए फेस मास्क को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचे तथा लोगों में भी ऐसे आयोजनों को न करने के प्रति जागृति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी बनाएं रखने, इन्स्टीच्यूशनल अथवा होम क्वाॅरेंटाइन में रखे गए व्यक्ति द्वारा इसके अनुपालना की जा रही अथवा नहीं इसके बारे में विभिन्न स्तरों पर पंचायती राज व अन्य जनप्रतिनिधि भी निगरानी रखें तथा व्यवस्था बनाने में सहयोग प्रदान करें ताकि कोरोना संक्रमण से समाज को बचाया जा सके। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने उपस्थित जनप्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किए, जिसमें स्कूलों, किसानों, बागवानों तथा व्यापारियों से संबंधित सुझाव शामिल किए गए। इस अवसर पर कुसुम्पटी के व्यापारियों ने दुकानों के समयावधि को बढ़ाने के लिए शिक्षा मंत्री का धन्यवाद किया। वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में कुसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र के नगर निगम पार्षद, पंचायत प्रधान, बीडीसी सदस्य, जिला परिषद सदस्य एवं अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
विश्व साइकिल दिवस के अवसर पर, हिमाचल प्रदेश के साइकिलिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष, दिनेश मल्होत्रा और पूर्व आईएएस अधिकारी ने आज राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की और उन्हें एसोसिएशन की गतिविधियों के बारे में बताया। राज्यपाल ने साइकिलिंग गतिविधियों को बढ़ावा देने के उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा कि दुनिया कोविड-19 से जूझ रही है, जिसने हमारे जीने के तरीके को बदल दिया है और इस समय में हमारे राज्य में साइकिल गतिविधियां चलाने की अत्याधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि साइकिल परिवहन का सरल रूप है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है। उन्होंने कहा कि देश में बहुत सारे ऐसे सुन्दर स्थल हैं, जो साइकिल पर्यटन को लोकप्रिय बनाने के लिए पसंदीदा स्थल हो सकते हैं। हिमाचल प्रदेश और इसके कुछ विशेष क्षेत्र इस सूची में सर्वोच्च स्थान पर हैं। मल्होत्रा ने कहा कि राज्य में साइकिलिंग के खेल को विकसित करने के लिए मंच प्रदान करने के लिए एसोसिएशन का गठन किया गया है। राज्य के लोगों के बीच पर्यटन, स्वास्थ्य और फिटनेस को बढ़ावा देने के लिए साइकिल को लोकप्रिय गतिविधि के रूप चलाना है। राज्यपाल के एडीसी मोहित चावला और एसोसिएशन के अवैतनिक सचिव और अन्य सदस्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
जल शक्ति एवं बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को देश की एक इंडिपेंडेंट एजेंसी आईएएनएस-सी वोटर सर्वे द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर देश का बैस्ट परफाॅर्मिंग मुख्यमंत्री और भाजपा शासित राज्यों में सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री घोषित किए जाने पर बधाई दी है। मंत्रियों ने कहा कि ये सर्वे संबंधित राज्यों में सभी मुख्यमंत्रियों की संतोषजनक (सेटिस्फेक्शन) रेटिंग के आधार पर किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सेटिस्फेक्शन का शुद्ध प्रतिशत 73.96 है, जो कि अधिकांश बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है। उन्होंने बताया कि सेटिस्फेक्शन का शुद्ध प्रतिशत कर्नाटक में 67.21 प्रतिशत, असम में 67.17 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 58.73 प्रतिशत, गुजरात में 58.53 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 57.81 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय सेटिस्फेक्शन का औसत 57.36 प्रतिशत है। महेन्द्र सिंह और सुरेश भारद्वाज ने कहा कि राज्य के लिए भी यह गौरव का बात है कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को भाजपा शासित राज्यों में देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में स्थान दिया गया है और देश के 7वें सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप उभरे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश न केवल मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के गतिशील नेतृत्व में प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है, बल्कि राज्य में कोरोना महामारी से भी प्रभावी तरीके से निपट रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सर्दी, जुखाम जैसे लक्षणों वाले लोगों की पहचान करने के लिए शुरू किए गए एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान जैसे कदमों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी सराहना की है।
राज्य सरकार प्रदेश में निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण मुहैया कर और उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध करवा, निवेश करने के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से काॅर्पोरेट मामलों के निदेशक सीटी पावर लिमिटेड नई दिल्ली एस.के.मिश्रा के साथ बातचीत के दौरान कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अनेक मनभावन पर्यटन स्थल और जलवायु स्वास्थ्यवर्धक होने के कारण पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की आपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में सतत पर्यटन विकास के लिए एक पर्यटन नीति तैयार की है। उन्होंने कहा कि पर्यटन से युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उपलब्ध होने के अलावा राज्य के विकास में मदद मिलेगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में बहने वाली पांच प्रमुख नदियां भी हिमाचल प्रदेश को पनबिजली उत्पादन के लिए पसंदीदा गंतव्य बनाती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अच्छी धूप और और साफ-सुथरा वातावरण भी राज्य को सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने काॅरपरेट मामले, सीटी पावर लिमिटेड के निदेशक को आश्वासन दिया की राज्य सरकार कम्पनी के निवेश के प्रयासों में हर सम्भव सहायता प्रदान करेगी। काॅरपरेट मामले, सीटी पावर लिमिटेड के निदेशक एस. के. मिश्रा ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में 250 मेगावाट क्षमता के सौर उर्जा संयत्रों को स्थापित करने की इच्छा से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि कम्पनी मुख्य रुप से प्रदेश के शिमला, कांगड़ा और मंडी जिले में एक पांच सितारा होटल की स्थापना करने के लिए भी इच्छुक है। उन्होंने कहा कि कम्पनी राज्य में अमेरिकी होटल चेन ब्रांड एमजीएम को आरम्भ करने के लिए प्रयासरत है। अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग राम सुभग सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, सचिव पर्यटन देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव डाॅ.आर.एन. बत्ता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।