भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विनोद ठाकुर ने कांग्रेस नेताओं की कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी सरकार द्वारा किए गए अच्छे कार्यों से घबराई हुई है और सरकार की बढ़ती लोकप्रियता से चिंतित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास ना तो कोई नेता है ना नीति है। कांग्रेस में केवल कुर्सी की प्रतिस्पर्धा चल रही है कांग्रेस पार्टी आज के समय में जब कोविड-19 का संकट काल चल रहा है तो लंच और डिनर डिप्लोमेसी कर रही है। कांग्रेस पार्टी के जितने भी नेता है उनका एक भी ब्यान एक दूसरे के साथ मिल नहीं रहा है अगर एक नेता कह रहा है कि बॉर्डर खुलने चाहिए तो दूसरा नेता कह रहा है कि बॉर्डर बंद रहने चाहिए कांग्रेस को यही नहीं समझ आ रहा है कि एक सशक्त विपक्ष का क्या कार्य होना चाहिए। आज कांग्रेस पार्टी कह रही है कि सरकार द्वारा बॉर्डर खोलने का निर्णय गलत है पर कुछ समय पहले यही कांग्रेस पार्टी कह रही थी कि बॉर्डर खुलने चाहिए । कांग्रेस पार्टी का सरकार से श्वेत पत्र जारी करने का बयान औचित्यहीन है। उन्होंने कहा कि पूरा भाजपा परिवार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बधाई देना चाहता है कि कोविड-19 के संकट काल में जिस प्रकार से सरकार ने धरातल पर जनता की दुख तकलीफ समझते हुए कार्य किया है वह अद्भुत है। लाखों हिमाचल से बाहर रह रहे हिमाचलवासियों को अपने घर ले करके हिमाचल की सरकार ने मानवता का एक नया आयाम स्थापित किया है।
कृषि मंत्री डाॅ. रामलाल मारकण्डा ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इस खरीफ मौसम में भी जारी रहेगी । उन्होंने बताया कि वर्तमान खरीफ मौसम में ऋणी और गैर ऋणी किसानों द्वारा मक्की व धान की फसलों पर बीमा करवाने की अन्तिम तिथि 15 जुलाई, 2020 निर्धारित की गई है। यह योजना गैर ऋणी किसानों के लिए स्वैच्छिक है। योजना के अंतर्गत सभी ऋणी किसानों का वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वतः ही बीमा कर दिया जाएगा। यदि कोई ऋणी किसान इस योजना का लाभ नहीं उठाना चाहते हैं तो वह इस बारे में अपना घोषणा पत्र सम्बन्धित बैंक में वर्षभर कभी भी जमा करवा सकते हैं। यह घोषणा पत्र ऋणी किसान को सम्बन्धित बैंक शाखा को सम्बन्धित मौसम की ऋण लेने की अन्तिम तिथियों से कम से कम सात दिन पूर्व तक देना होगा। प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना 24 जून, 2020 को जारी की है। मारकण्डा ने बताया कि प्रतिकूल मौसम से किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचता है तथा आर्थिक हानि होती है। इस योजना का उद्देश्य किसानों की फसलों को बुआई से लेकर कटाई तक प्राकृतिक आपदाओं जैसे आग, बिजली, सूखा, शुष्क अवधि, आॅंधी, ओलावृष्टि, चक्रवात, तुफान, कीट व रोगों आदि से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति, करना है। इसके अलावा अगर किसान कम वर्षा या प्रतिकूल मौसमी व्यवहार के कारण समय पर बुआई नहीें कर पाता है तो भी उसे बीमा आवरण मिलेगा। कटाई के उपरांत खेत में सुखाने के लिए रखी फसल यदि 14 दिन के भीतर चक्रवाती बारिश, ओलावृष्टि, चक्रवात व बेमौसमी बारिश के कारण खराब हो जाती है तो क्षतिपूर्ति का आकलन खेत स्तर पर ही किया जाएगा। यह योजना लाहौल व स्पीति और किन्नौर जिला को छोडकर सभी जिलों के लिए है।इन जिलों को दो वर्गों में बांटा गया है। चम्बा, हमीरपुर, कांगडा व ऊना वर्ग 1 में शामिल हैं तथा वर्ग 2 में बिलासपुर, मंडी, कुल्लू, शिमला, सोलन व सिरमौर शामिल हैं। सभी जिलों में किसानों का बीमा एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कम्पनी आफ इंडिया लि. करेगी। मक्की व धान दोनों फसलों के सामान्य कवरेज पर राशि तीस हजार रुपये प्रति हेक्टेयर है। प्रीमियम की दर किसानों के लिए बीमित राशि के अनुसार दो प्रतिशत रखी गई है। कृषि मंत्री ने किसानों का आह्वान किया कि फसलों को होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए फसलों का बीमा करवायें। इसके लिए वे अपने नजदीक की प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं, ग्रामीण बैंकों तथा वाणिज्यिक बैंकों से सम्पर्क करें। इस बारे में अपने नजदीक के कृषि प्रसार अधिकारी, कृषि विकास अधिकारी व खण्ड स्तर पर तैनात विष्यवाद विशेषज्ञ का भी सहयोग ले सकते हैं।
चैधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सरयाल ने आज राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से भेंट की और विश्वविद्यालय के चाय विभाग द्वारा तैयार वैल्यू एडिड तुलसी और नींबू आॅर्गेंनिक चाय के चार प्रकार के उत्पादों के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने राज्यपाल को यह उत्पाद भेंट भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय को तकनीक आधारित अनुसंधान पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि किसानों को इसका लाभ पहुंचाया जा सके।
जुब्बल, नावर और कोटखाई विधानसभा क्षेत्र के एक प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को ‘एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिसपाॅंस फंड’ के लिए 76 लाख रुपये का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के लोगों का इस अंशदान के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अंशदान संकट की घड़ी में जरूरतमंदों की मद्द में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लोगों द्वारा 40 हजार फेस मास्क और 10 हजार सेेनेटाईजर भी वितरित किए हैं, जिससे मानवता के प्रति उनकी उदारता झलकती है। जय राम ठाकुर ने कहा कि सेब सीजन शुरू होने वाला है और कोरोना-19 के कारण बागवानों को उनके उत्पादों के विपणन में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने पर्याप्त प्रबन्ध किए है। बागवानों को इस वर्ष सेब के बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद है, क्योंकि बाजारों में आयतित सेब उपलब्ध नहीं हो सकेंगे। प्रदेश सरकार ने राज्य के सेब उत्पाद बहुल क्षेत्रों के लिए मजदूरों की उपलब्धता का मामला उठाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र के लोग भाग्यशाली है क्योंकि सशक्त नेता नरेन्द्र बरागटा उनका नेतृत्व कर रहे है। नरेन्द्र बरागटा ने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को प्रभावशाली तरीके से सरकार के समक्ष उठाया है। मुख्य सचेतक और जुब्बल-कोटखाई के विधायक नरेन्द्र बरागटा ने मुख्यमंत्री का क्षेत्र की विकासात्मक जरूरतों के प्रति सहानुभूतिपूर्वक दृष्टिकोण और सेब के सुचारू परिवहन और विपणन के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध करने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी करने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के लगभग 15 हजार लोगों ने अरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया हैं और जरूरमंदों को 8 हजार से अधिक खाद्य किट भी वितरित किए हैं।
निदेशक पर्यटन और नागरिक उड्डयन यूनुस ने बताया कि राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान पर्यटन क्षेत्र को सुदृढ़ करने और राहत प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने आतिथ्य क्षेत्र में कार्यशील पूंजी ऋणों पर ब्याज अनुदान योजना आरंभ की है। यूनुस ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्यटन क्षेत्र की तत्काल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करने के लिए योजना को अधिसूचित किया है। अधिकतम 11 प्रतिशत प्रतिवर्ष के मासिक चक्रवृद्धि ब्याज पर ब्याज दरें निश्चित की गई हैं। उन्होंने कहा कि पंजीकृत पर्यटन इकाइयां इस योजना के लाभ 31 मार्च, 2021 तक योजना अधिसूचित होने की तिथि से उठा सकती है। उन्होंने कहा कि ऋण का भुगतान चार वर्षों के अंदर करना होगा, जिसमें ब्याज अनुदान के प्रथम दो वर्ष और ऋण स्थगन का एक वर्ष भी शामिल है। ऋण अदायगी के प्रथम दो वर्षों में ऋण की 50 फीसदी राशि राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष के अंत में प्रतिपूर्ति की जाएगी, जबकि अंतिम दो वर्षों का ब्याज ऋण प्राप्त करने वाली इकाई को स्वयं चुकाना पड़ेगा। यूनुस ने बताया कि इच्छुक पर्यटन इकाई आॅपरेटर कार्यशील पूंजी ऋण लेने के लिए जिला पर्यटन विकास अधिकारी और संबंधित उप निदेशक/डीटीडीओ/एटीडीओ को आवेदन कर सकते हैं, जो ऋण लेने के लिए मामले को बैंक को प्रायोजित करेंगे। इस योजना के अंतर्गत ऋण सुविधा तीन सहकारी बैंकों जिसमें हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक, जोगिन्द्रा केंद्रीय सहकारी बैंक और व्यवसायिक बैंकों से प्राप्त की जा सकती है। पात्रता की शर्त व परिमाण इकाई के जीएसीडी भुगतान पर आधारित होगा। हालांकि छोटी पंजीकृत इकाइयां जो जी.एस.टी. के अन्तर्गत नहीं आती; 15 लाख तक की अधिकतम ऋण सीमा तथा 1.5 लाख रुपये प्रति कमरे के हिसाब से ऋण लेने के लिए पात्र होगी। यदि पंजीकृत पर्यटन इकाइयों ने औसतन प्रति वर्ष 1 करोड़ रुपये तक का जी.एस.टी. भुगतान किया होगा ऐसी इकाइयां 50 लाख रुपये केे कार्यशील पूंजी ऋण के लिए पात्र होगी तथा जिन इकाइयों ने 1 करोड़ से 3 करोड़ रुपये का भुगतान किया होगा ऐसी इकाइयां 75 लाख रुपये तथा जिन इकाइयों ने 3 करोड़ रुपये से अधिक का जी.एस.टी का भुगतान किया होगा, ऐसी इकाइयां एक करोड़ रुपये ऋण लेने के पात्र होगी।
मंगलवार को एनएसयूआई ने प्रदेश अध्यक्ष छतर सिंह ठाकुर के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात की और प्रदेश विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में पढ़ रहें छात्र-छात्राओं की विभिन्न समस्याओं से अवगत करवाया, जिसमें सम्पूर्ण हिमाचल प्रदेश में यूजी और पीजी के छात्र-छात्राओं को प्रमोट करने और फाईनल ईयर के छात्र-छात्राओं को 10 प्रतिशत अतिरिक्त अंक देकर प्रमोट करने की मांग रखी। एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय तथा प्रदेश के महाविद्यालयों में शिक्षा के नाम पर छात्र-छात्राओं से 18 प्रतिशत जीएसटी लेने को लेकर राज्यपाल महोदय को अवगत करवाया। इसके साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ रहें छात्र-छात्राओं की एक समेस्टर की फीस माफ करने की बात रखी। उन्होंने कहा कि ना तो विश्वविद्यालय में प्रैक्टीकल लगे हैं ना स्लेब्स पुरा हुआ हैं और ऑनलाइन कक्षाएं भी सुचारू रूप से नही लगी हैं, तो विद्यार्थियों को राहत दी जाएं। उन्होंने कहा कि जहां अन्य प्रदेश पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तेलगाना जैसे राज्यों ने विद्यार्थियों को प्रमोट किया है, वही हिमाचल प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय कोई भी फैसला न लेकर छात्रों को मंझधार में ड़ाल रखा हैं। एनएसयूआई ने राज्यपाल महोदय से अनुरोध किया कि कोविन-19 महामारी के चलते शिक्षण संस्थानो के बन्द रहने के कारण छात्र पढ़ाई नही कर पाए और परिक्षाओं भी बहुत विलम्व हो चुका है अतः यूजी और पीजी के छात्रों कको प्रमोट कर दिया जाए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्यपाल महोदय ने उनकी मांगो को लेकर उन्हें पुरा करवाने का पुरा आश्वासन दिया हैं। इस मौके पर राष्ट्रीय संयोजक बलबिंदर सिंह बल्लु, जिला अध्यक्ष शिमला योगेन्द्र योगी, यासिन बटट, नितिन देष्टा, चंचल महाजन विशेष रूप से मौजूद रहें।
शिमला नागरिक सभा ने टूटू चौक व यादगार के पास नगर निगम द्वारा किए जा रहे दीवार व पार्किंग निर्माण को तुरंत रोकने की मांग की है। नागरिक सभा ने मांग की है कि उक्त निर्माण के कारण जो टूटू की जनता पर खतरा मंडरा रहा है उसके लिए नगर निगम को जिम्मेदारी लेनी चाहिए व बरसात के भारी समय में इन निर्माण कार्यों को शुरू करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ करनी चाहिए। नागरिक सभा के अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि पीड़ितों व पंचायत तथा बीडीसी सदस्यों के खिलाफ दायर एफआईआर तुरन्त रदद् की जाए। पीडितोंको नगर निगम शिमला व प्रदेश सरकार तुरन्त मुआवजा राशि दे। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिनके भवन व दुकानें खतरे में हैं व जो पीड़ित हैं उनपर एफआईआर दर्ज की जा रही है। इस गलत निर्माण कार्य के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले पंचायत व बीडीसी के चुने हुए नुमाइंदों पर प्रशासन मुकद्दमे दायर कर रहा है जबकि बरसात में ऐसे गलत निर्माण कार्य को करके भवनों व जनता को नुकसान पहुंचा रहे हैं उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है। इस निर्माण कार्य के कारण कई भवन इसकी जद में हैं। कई दुकानों पर खतरा मंडरा रहा है। चैली पंचायत के पंचायत भवन व सरकारी राशन डिपो पर भी खतरा बरकरार है। पार्किंग निर्माण से टूटू-दाड़लाघाट व टूटू-नालागढ़ दोनों सड़कें खतरे में हैं। निर्माण कार्य के कारण भारी भूस्खलन हो रहा है। इस से टूटू-दाड़लाघाट सड़क का आधा हिस्सा पूरी तरह बैठ गया है जिसे बन्द करना पड़ा है। दो भवनों में भारी दरारें हैं। इन भवनों में चल रही दुकानें व रिहाइशें भारी खतरे में हैं। कभी भी भारी जानमाल का नुकसान हो सकता है। अगर भारी बारिश हुई तो पार्किंग से मलवा गिरने से टूटू-नालागढ़ सड़क भी पूरी तरह बंद हो जाएगा। पार्किंग से ऊपर व नीचे की दोनों सड़कें खतरे की जद में हैं। नीचे के भवन भी खतरे में हैं। गरीबों की बस्ती बंगाला कॉलोनी में रहने वाले तीन सौ लोग व उनके घर भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि टूटू चौक में मलवा गिरने से सड़क को भारी खतरा पैदा हो गया है। बरसात में दीवार का निर्माण कार्य शुरू करने से और ज़्यादा मलवा गिरने की संभावना पैदा हो गयी है। मिट्टी से छेड़छाड़ करने से मिल्कफेड के कुछ भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है। बरसात में निर्माण कार्य शुरू करने का कोई तुक नहीं बनता था परंतु ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए नगर निगम इन दोनों कार्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए उतावला है व खतरे के बावजूद इस कार्य को अमलीजामा पहनाने के लिए जबरन कोशिश कर रहा है। इन दोनों निर्माण कार्यों के कारण टूटू के तीन स्थान व सड़कें पूरी तरह बंद हो जाएंगी व शिमला शेष हिमाचल से कट जाएगा। इस पर तुरन्त रोक लगनी चाहिए नहीं तो नागरिक सभा सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंडी जिला के सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र में 45 करोड़ रुपये की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उद्घाटन किए। मुख्यमंत्री ने 7.18 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले सुंदरनगर-बीना सड़क, 2.85 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले हराबाग में बागवानी विश्राम गृह, सुंदरनगर स्थित लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में 3.97 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले अतिरिक्त भवन के निर्माण और 22.24 करोड़ रुपये की लागत से सुंदरनगर शहर की उठाऊ सिंचाई योजना, जिससे शहर के 11 वार्डों के 21 हजार लोग लाभान्वित होंगे की आधारशिला रखी। जय राम ठाकुर ने 1.02 करोड़ रुपये की लागत से बेला खड्ड पर निर्मित 19.75 मीटर लंबे स्पेन पुल, 1.04 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित बागवानी विभाग के नए भवन तथा 3.03 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित उठाऊ पेयजल योजना कलाउहड का भी उद्घाटन किया। इस योजना से क्षेत्र की 48 बस्तियों के पांच हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी जिला के सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र में 500 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं पर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में जल शक्ति विभाग की 200 करोड़ रुपये की योजनाएं और लोक निर्माण विभाग की 100 करोड़ रुपये की परियोजनाएं आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सुंदरनगर में 12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले इंडोर स्टेडियम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि 12 करोड़ रुपये की लागत से मातृ शिशु अस्पताल भवन भी निर्माणाधीन है। जय राम ठाकुर ने कहा कि जिन विकासात्मक परियोजनाओं का शिलान्यास उन्होंने आज किया है, इन सभी परियोजनाओं का निर्माण कार्य तय समयसीमा के भीतर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निहरी में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आरम्भ करने के अतिरिक्त कांगू के सलापड़ में लोक निर्माण विभाग का उप-मंडल भी आरम्भ किया है। उन्होंने कहा कि धन के अभाव को विकास के आड़े नहीं आने दिया जाएगा तथा लोग विकास के लाभ प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुरक्षित हाथों में हैं। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन वर्ष 1999 में प्रदेश के वीर सपूत कैप्टन विक्रम बत्तरा ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों से लड़ते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। उन्होंने धरती के इस वीर सपूत को भाव-भीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि भारत ने चीन द्वारा डोकलाम में किए गए दुस्साहस का मुंह तोड़ जवाब दिया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश एक समय कोरोना मुक्त बनने की ओर अग्रसर था, परंतु बड़ी संख्या में देश के विभिन्न भागों से वापिस आए लोगों के कारण कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने अधिकारियों को खर्च न हुए धन को विकासात्मक कार्यों में प्रयोग करने के निर्देश दिए, ताकि धन का उचित प्रयोग सुनिश्चित हो सके। जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि यह मण्डी जिला के लोगों के लिए सम्मान की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उनके जिले से सम्बन्ध रखते हैं। उन्होंने कहा कि सुन्दरनगर की ऊठाउ पेयजल योजना से सुन्दरनगर क्षेत्र के लोगों को 24 घण्टे पेयजल की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। सुन्दरनगर के हराबाग के विश्राम गृह से क्षेत्र की पर्यटन की गतिविधियों को बल मिलेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को प्रदेश में कोरोना महामारी से प्रभावशाली तरीके से निपटने के लिए धन्यवाद किया। सुन्दरनगर के विधायक राकेश जमवाल ने मुख्यमंत्री को क्षेत्र की विकासात्मक योजनाओं के लिए करोड़ों रुपये की आधारशिलाएं रखनें व लोकार्पण करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का वर्तमान कार्यकाल जिले के लोगों विशेषकर सुन्दरनगर के लोगों के वरदान साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के क्षेत्र के प्रति विशेष लगाव के कारण इस विधानसभा क्षेत्र की सभी विकासात्मक परियोजनाओं पर कार्य तेजी से हो रहा है। उन्होंने क्षेत्र की कुछ विकासात्मक मांगों को भी विस्तार से प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार डाॅ. आर.एन. बत्ता, प्रमुख अभियन्ता पीडब्ल्यूडी भवन शर्मा शिमला में उपस्थित रहे और उपायुक्त मण्डी ऋग्वेद ठाकुर, पुलिस अधीक्षक मण्डी गुरूदेव शर्मा और अन्य अधिकारी इस अवसर पर सुन्दरनगर में उपस्थित रहे।
जुब्बल तहसील के अंतर्गत झड़ग क्षेत्र के कान्टू गांव के एक दर्जन घरों मे पिछलें 20 दिनों से पानी की एक बूँद तक नसीब नही हो रही हैं जिससे बागवानों को बगीचों मे दवाईयों के छिड़काव सहित पशुओं को पीलाने तक पानी नहीं मिल रहा। लोगों को पीने के पानी को भी दो किलोमीटर दुर सड़क पर लगे हैड पंम्प से ढोकर लाना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर ग्रामिणों ने आईपीएच विभाग के कनिष्ठ अभियंता से शिकायत की तो उनकी मांग को नही सुना जा रहा। पानी की किल्लत से झूझ रहे लोगों में प्रकाश शर्मा, हरदियाल, रामप्रकाश, किशोरी लाल, भोपेंन्द्र व सेना देवी ने विभाग से मांग की है कि उनके घरों व बगीचों में लगे नल 20 दिनों से सुख चुकें हैं जिससे पीने के पानी के साथ साथ पशुओं व बागवानी कार्यों में पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा। लोगों ने जल्द पानी की सप्लाई सुचारू करनें की मांग की हैं। इस बारे में हाटकोटी डीविजन के कनिष्ट अभियंता विनोद कुमार का कहना है कि इस क्षेत्र में सोर्स में पानी की सप्लाई के चलतें यह समस्या आ रही है। इस पर विभाग काम कर रहा है व जल्द समस्या का समाधान किया जाएगा।
राज्य स्तरीय एकल खिड़की अनुश्रवण एवं स्वीकृति प्राधिकरण ने एकल खिड़की पोटर्ल के माध्यम से 6100 करोड़ रुपये के निवेश वाले 193 परियोजना प्रस्ताव स्वीकृत किए हैं। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने उद्योगपत्तियों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से धर्मशाला में 7 व 8 नवम्बर, 2019 को ग्लोबल इन्वेस्टर्ज मीट का आयोजन किया था जिसमें 96721 करोड़ रुपये के 703 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए। इस मीट के दो महीने के उपरान्त 13656 करोड़ रुपये के 204 समझौता ज्ञापनों का ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया गया। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने व्यवसाय में सुगमता के अंतर्गत विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल बनाया है। वित्तीय पहल की समयबद्ध स्वीकृतियों और भुगतान के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 को लागू किया गया है। सरकारी भूमि बैंक स्थापित कर 600 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करवाई जा चुकी है जबकि 1300 हेक्टेयर भूमि के स्थानांतरण की प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से निवेशकों और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने वालों से निरंतर संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए ताकि जिन परियोजनाओं का निष्पादन होना है, उन्हें निर्धारित समय अवधि मंे कार्यान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि वैबीनार के माध्यम से संभावित निवेशकों तथा उद्योग संघों से निरंतर संपर्क में रहा जाए। उन्होंने अधिकारियों से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विशेष क्षेत्रों जैसे विद्युत वाहनों, विद्युत और इलेक्टाॅªनिक्स, प्रेसिशन टूल्ज, आई.टी. हार्डवेयर आदि के लिए कार्य योजना तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी प्रदेश का फार्मा उद्योग क्रियाशील रहा है यहां निर्मित दवाईयां दूसरे देशों को भी निर्यात की गई है। इस विपत्ति की घड़ी को अवसर में तबदील करने के प्रयास किए जाने चाहिए क्योंकि देश के अन्य राज्य कोविड-19 के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं और हिमाचल प्रदेश की स्थिति बेहतर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापार में सुगमता सुनिश्चित करने के लिए विशेष बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी प्रक्रियाओं, नियमों तथा अधिनियमों को सरल बनाया गया है और धारा-118 के अंतर्गत स्वीकृतियों को सरल तथा आॅनलाइन किया गया है। उद्योगपतियों से संबधित 11 विभागों की लगभग 37 सेवाओं को आॅनलाइन किया गया है जिससे उन्हें कार्यालयों के चक्कर काटने की आवश्यकता नहीं रही है। जय राम ठाकुर ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (सुविधा और संचालन) 2019 के अंतर्गत आॅनलाइन स्वयं प्रमाणन को क्रियाशील बनाया गया है जिससे योजनाओं के समयबद्ध कार्यान्यवन में सुविधा हुई है। प्रदेश सरकार ने राज्य मंे बल्क ड्रग पार्क शुरू करने का मामला प्रभावशाली तरीके से केंद्र सरकार से उठाया है जिसके लिए दो स्थलों को चिन्हित किया गया है। ऊना जिले के टाहलीवाल में सामान्य इंजीनियरिग कलस्टर को मंजूरी दी गइ है, जिसमें मिनी टूल कक्ष, आधुनिक उपकरणों, परीक्षण प्रयोगशाला और प्रशिक्षण केंद्र की सुविधा उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के अंतर्गत 311.75 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एकीकृत कोल्ड चेन और मूल्य संवर्द्धन अधोसंरचना के 16 मामलों को मंजूरी प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त 147.42 करोड़ रुपये की लागत के खाद्य प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता के सृजन और विस्तार के 20 मामलों को भी मंजूरी प्रदान की गई है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न बैंकों के माध्यम से 25 लाख रुपये तक के ऋण प्रदान किए जा रहे हैं और इसके अंतर्गत परियोजना लागत की 35 प्रतिशत तक सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1,181 परियोजनाओं के लक्ष्य के मुकाबले 1214 लाभार्थियों को गैर-कृषक आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से युवाओं में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए इन्हें वित्त प्रबंधित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत सूक्ष्म लघु मध्यम इकाइयों को वित्तीय लाभ देने के लिए 1200 करोड़ रुपये वितरित किए गए। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत 140 करोड़ रुपये के निवेश के साथ प्रदेश में 728 इकाइयां स्थापित की गई हैं। उन्होंने येाजना की धीमी रफ्तार पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस योजना का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की एक टीम नामित की जानी चाहिए, ताकि अधिकतम युवा इससे लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि स्टार्ट अप हिमाचल योजना के अंतर्गत 92 नए उद्यमी लाभान्वित हुए हैं और 29 स्टार्ट अप का व्यवसायीकरण किया गया। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्र बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण में उद्योगपतियांे को और बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इसे अधिक विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस प्राधिकरण को अधिक प्रभावी और सशक्त बनाने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। उन्होंने उद्यमियों की सुविधा के लिए हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 के अंतर्गत प्रोत्साहन, रियायतें और सुविधाएं प्रदान करने के लिए ऑनलाइन माॅड्यूल का भी शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि इससे उद्यमी एक ही आवेदन पत्र द्वारा विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि हमें केंद्रित होकर कार्य करना चाहिए ताकि वांछित परिणाम प्राप्त किये जा सकें। उन्होंने राज्य में सीमेंट की कीमतों के पर नियंत्रण के लिए एक उपयुक्त तंत्र विकसित करने पर भी बल दिया।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने सोमवार को महामहिम दलाई लामा को उनके 85वें जन्म दिवस पर शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने कहा कि धर्म गुरू दलाई लामा शांति, प्रेम और करूणा का प्रतीक हैं। वे शांति, भलाई के धर्मोपदेशक और श्रद्धेय नेता हैं। राज्यपाल ने उन्हें जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके स्वस्थ जीवन और दीर्घायु की कामना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि महामहिम दलाई लामा आने वाले कई वर्षों तक मानवता का मार्गदर्शन करते रहेंगे। महामहिम दलाई लामा को अपने बधाई संदेश में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि वह विश्व शांति का जीवंत उदाहरण है जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन मानव सेवा, पर्यावरण संरक्षण तथा वैश्विक शन्ति के लिए समर्पित किया है। मुख्यमंत्री ने धर्म गुरू महामहिम दलाई लामा के स्वस्थ्य एवं खुशहाल जीवन की कामना की है।
भाजपा मुख्यालय दीप कमल चक्कर शिमलन में आयोजित डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी की 119वी जन्मजयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि राष्ट्रोत्थान व सेवा भाव को आधार बनाकर भारतीय जनसंघ की स्थापना करने वाले परम श्रद्धेय डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें कोटि कोटि नमन। उन्होंने कहा समतामूलक समाज व अखंड भारत की संकल्पना के पोषक आपके विचार "आत्मनिर्भर भारत" के निर्माण में अत्यंत अनुसरणीय हैं। आज मेरा ये सौभाग्य है कि मुझे डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 119वीं जयंती के अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बात करने का मौका मिला है । उन्होंने कहा ये खुशी का विषय इसलिए है कि जिस वजह से डॉ मुखर्जी ने जिस अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था, उस अनुच्छेद 370 को मोदी सरकार ने हमेशा के लिए खत्म कर दिया। एक राष्ट्र भक्त, महान शिक्षाविद, प्रखर राजनेता और प्रखर सांसद के रूप में हम श्रद्धेय डॉ मुखर्जी जी को जानते हैं। उन्होंने कहा खंडित भारत में अखंडता के लिए लड़ने वाले वो पहले व्यक्ति थे। 1952 में डॉ मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की और जनसंघ के पहले अध्यक्ष बने। जिस जनसंघ की यात्रा से बढ़कर आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी है उसकी नींव रखने का काम डॉ मुखर्जी ने किया था। ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने 1951 में जनसंघ की स्थापना की और 1952 में कानपुर के अधिवेशन में ये विषय रख दिया की जम्मू-कश्मीर का विलय पूर्ण होना चाहिए और संपूर्ण होना चाहिए, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने स्पष्ट कहा था कि अनुच्छेद 370 के माध्यम से जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार क्यों दिया जा रहा है। उन्होंने कहा लेकिन नेहरू और शेख अब्दुल्ला की चाल को अंजाम देने का काम नेहरू कर रहे थे। डॉ मुखर्जी ने इसका विरोध किया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जवाहरलाल नेहरू को चिट्ठी लिख कर कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाना चाहिए, और कहा कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा तब भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने चिट्ठी का जवाब तक नहीं दिया। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की राष्ट्र भक्ति इस तरह थी कि उन्होंने अपना सब कुछ जम्मू कश्मीर के लिए लगाया। हमें खुशी है के डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी का बलिदान व्यर्थ नहीं गया। उनके बलिदान पर करोड़ों कार्यकर्ता दिन रात चले और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमने वो मुकाम हासिल किया और धारा 370 को धराशायी कर दिया। कार्यक्रम में प्रदेश कार्यालय सचिव प्यार कंवर, सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, राज पाल सिंह, किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा बब्ली, अमर ठाकुर, संजीव देष्टा, नरेश ठाकुर और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां शत-प्रतिशत घरों में एलपीजी गैस कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के लाभार्थियों से बातचीत करते हुए यह बात कही। जय राम ठाकुर ने कहा कि पारंपरिक चूल्हे के लिए लकड़ियां एकत्रित करना और खाना बनाना न केवल कष्टदायी था बल्कि इससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा था। ईंधन की लकड़ी के लिए लाखों पेड़ों के कटान के कारण पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की परिकल्पना की जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए। उन्होंने कहा कि इस योजना से प्रदेश के 1.36 लाख परिवार लाभान्वित हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश के करोड़ों लोगों ने स्वेच्छा से अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ी है। इस योजना का लाखों परिवारों को लाभ मिला लेकिन प्रदेश के बहुत से परिवार इसका लाभ नहीं उठा पा रहे थे जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना आरम्भ करने का निर्णय लिया। इस योजना के अंतर्गत 2,76,243 परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि इससे महिलाओं को रसोई गैस के धुएं के दुष्प्रभाव से निजात मिली है और साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने हमारे संवाद के तौर-तरीकों को भी बदल दिया है। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वे अन्य राज्यों से आए होम-क्वारन्टीन लोगों पर भी नजर रखें, ताकि वह क्वांरटीन नियमों का उल्लघंन न करें। इससे समुदायिक स्तर पर संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद मिलेगी। इस योजना के विभिन्न लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। इस योजना को आरंभ करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। जिला बिलासपुर की ब्यासा देवी, बालीचैकी की चिंता देवी, भरमौर की मीनू ठाकुर, जिला कांगड़ा की कामिनी देवी, जिला कुल्लू की मीना देवी, जिला सिरमौर की गुलनास, जिला लाहौल-स्पीति की दीपिका, जिला शिमला की श्रेष्ठा, जिला हमीरपुर की सोनिया देवी तथा जिला ऊना की सरोज बाला ने मुख्यमंत्री से अपने अनुभव सांझा किए। अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार ने कहा कि यह योजना ग्रामीण महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है, क्योंकि अब उन्हें लकड़ी इकट्ठा करने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है। इस अवसर पर योजना के संबंध में निदेशक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आबिद हुसैन सादिक ने प्रस्तुति दी। मुख्य सचिव अनिल खाची तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
ग्रीनबेरी आर के जी ग्रुप व ग्रीनबेरी वेल्फ़ेयर फ़ाउण्डेशन के संस्थापक राजेश कुमार गुप्ता द्वारा सीएम ऑफिस के लिए 5000 मास्क और 1000 सैनिटाइजर दिए गए l संस्था ने मेडिकल कॉलेज के लिए वेंटिलेटर भी दिए है l संस्था बीते समय में ठियोग और नारकंडा की सभी पंचायतों में और प्रदेश के सभी विभागों के दफ्तरों में करीबन 2.5 लाख मास्क और 50 हजार सैनिटाइजर बांट चुकी हैl सारी राहत सामाग्री संस्था के लीगल ऑफिसर अरुण भोयल द्वारा सौंपी गई l राजेश कुमार गुप्ता पहले भी हिमाचल प्रदेश सरकार को 21 लाख की रकम मुख्य मंत्री राहत कोष, 11 लाख प्रधान मंत्री केयर फंड और 5 लाख उत्तर प्रदेश मुख्य मंत्री राहत कोष के लिए दे चुके है l
प्रदेश सरकार ने आज 38 HAS अधिकारियों का दलबदल किया और उन्हें नए स्थान पर तैनाती के आदेह भी दिए। कार्मिक विभाग की ओर से जारी इन अधिकारियों के तबादला आदेश के तहत राज्य परिवहन प्रधिकरण के सचिव सुनील शर्मा को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का रजिस्ट्रार और HPU के रजिस्ट्रार घनश्याम चंद को राज्य परिवहन प्राधिकरण का सचिव लगाया गया है। अतिरिक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा सोनिया ठाकुर को अतिरिक्त निदेशक आईटी के पद पर भेजा गया है। एसडीएम जयसिंहपुर डॉ. विक्रम महाजन को अतिरिक्त निदेशक एबीपी पर्वतारोहण संस्थान एवं अलाइड स्पोर्ट्स मनाली, डीटीडीओ कुल्लू भाग चंद नेगी को एलएओ पार्वती प्रोजेक्ट कुल्लू, एसडीएम शिमला ग्रामीण नीरज गुप्ता को संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा, एसडीएम चौपाल अनिल कुमार को संयुक्त सिचव सहकारिता के साथ रजिस्ट्रार एचपी उपभोक्ता निवारण आयोग, संयुक्त निदेशक नाहन मेडिकल कॉलेज नरेंद्र कुमार प्रथम को संयुक्त सीईओ बीबीएनडीए, एसडीएम थुनाग सुरेंद्र मोहन को एसडीएम रामपुर, एसडीएम शिमला शहरी नीरज कुमारी चांदला को जीएम शिमला स्मार्ट सिटी, एसडीएम केलांग अमर नेगी को संयुक्त निदेशक तकनीकी शिक्षा सुंदरनगर, प्रोजेक्ट अफसर आईटीडीपी केलांग स्मृतिका को रजिस्ट्रार अटल मेडिकल एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी, एसडीएम रामपुर नरेंद्र कुमार द्वितीय को एसडीएम चौपाल, एसडीएम उदयपुर कृष्ण चंद को डीटीडीओ कुल्लू, एसडीएम चुराह हेम चंद वर्मा को एसडीएम बंजार, एसडीएम डोडरा क्वार रत्ती राम को डीटीडीओ सोलन, एसी कम बीडीओ नादौन पारस अग्रवाल को एसडीएम थुनाग, एसी कम बीडीओ रैत सोमिल गौतम को एसडीएम चुराह, बीडीओ पच्छाद डॉ. शशंक गुप्ता को एसडीएम डोडरा क्वार लगाया गया है। इसके अलावा हिपा में प्रशिक्षण ले रही अपराजिता चंदेल को बीडीओ नादौन, स्वाति डोगरा को बीडीओ सुजानपुर टीहरा, प्रिया नागटा को बीडीओ निरमंड, डॉ. स्वाति गुप्ता को बीडीओ देहरा, रजनीश शर्मा को बीडीओ मेहला, डॉ. रोहित शर्मा को बीडीओ नूरपुर, गुनजीत सिंह चीमा को एसडीएम कुमारसैन, विश्व मोहन देव चौहान को बीडीओ नालागढ़, धरम पाल को बीडीओ झंडुता, महेंद्र प्रताप सिंह को बीडीओ काजा, निशांत तोमर को उप निदेशक कम प्रोजेक्ट निदेशक डीडब्ल्यूडीए कांगड़ा, पवन कुमार को एसडीएम जयसिंहपुर, मंजीत शर्मा को एसडीएम शिमला शहरी, देवी चंद को संयुक्त निदेशक मंडी मेडिकल कॉलेज, राज कुमार को एसडीएम उदयपुर, राजेश भंडारी को एसडीएम केलांग व प्रोजेक्ट अफसर आईटीडीपी केलांग का अतिरिक्त कार्यभार, मनोज कुमार को एसडीएम शिमला ग्रामीण, राजीव ठाकुर को उप निदेशक हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर और शमशेर सिंह को एलएओ ब्यास डैम प्रोजेक्ट लगाया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने शनिवार को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई द्वारा विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक (C.O.E) को छात्र मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया। विद्यार्थी परिषद के इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा और इकाई मंत्री मुनीष वर्मा ने कहा की विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन के माध्यम से विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक से मांग की है हाल ही में जो अभी यूजी पांचवें सत्र के परीक्षा परिणामों में जिन छात्रों की सपली आई है उन्हें अभी 6th सेमेस्टर की परीक्षाओं के साथ उनके सपली के पेपर देने की परमिशन दी जाए जिससे कि उन छात्रों का 1 वर्ष अतिरिक्त बर्बाद होने से बच जाए विद्यार्थी परिषद ने मांग की है कि एक तरफ तो विश्वविद्यालय प्रशासन पीजी परीक्षाओं के फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है, परंतु अभी तक पिछले सत्र के परीक्षा परिणामों को निकालने में असमर्थ रहा है विद्यार्थी परिषद की मांग है विश्वविद्यालय प्रशासन शीघ्र अति शीघ्र पीजी परीक्षाओं के लंबित पड़े शिक्षा परिणामों को घोषित करें जिससे कि छात्र आगामी परीक्षाओं के फॉर्म बिना किसी असमंजस की स्थिति के कारण भर सके।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को बजट आश्वासनों को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए ताकि इन योजनाओं का लाभ लक्षित समूहों तक पहुंचाया जा सके। मुख्यमंत्री वर्ष 2020-21 के लिए बजट प्राथमिकताओं पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करे रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्ण जयंती ज्ञानोदय क्लस्टर श्रेष्ठ विद्यालय योजना शुरू की जा रही है और इस योजना के तहत प्रदेश के 100 विद्यालयों का गुणात्तमक बदलाव तथा छात्र-शिक्षकों का उचित अनुपात सुनिश्चित कर सुधार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 15 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 12 महाविद्यालयों में स्नातक स्तर के व्यवसायिक पाठ्यक्रम (बैचलर आॅफ वोकेशनल कोर्स) भी शुरू किए गए हैं और इस वर्ष प्रदेश के अन्य छः महाविद्यालयों में ऐसे पाठयक्रम आरम्भ किए जाएंगे। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मेधा प्रोत्साहन योजना विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हुई है, क्योंकि उन्हें नीट, आईआईआईटी जैसी विभिन्न परीक्षाओं के लिए कोचिंग लेने के लिए एक लाख रुपये तक का अनुदान मिल रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष स्वर्ण जयंती सुपर 100 स्कीम के तहत दसवीं की परीक्षा में आए पहले 100 विद्यार्थियों को विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए एक लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषकर प्री-प्राईमरी और प्राईमरी स्तर के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गुणात्त्मक शिक्षा पर विशेष बल दिया जाना चाहिए ताकि विद्यार्थियों को उनके घरद्वार के निकट उत्कृष्ट शिक्षा प्राप्त हो सकें। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में कृषि उत्पाद संरक्षण योजना आरम्भ की गई है, जिसके तहत राज्य के किसानों को एन्टी हेल नेट लगाने के लिए ढांचे पर 50 प्रतिशत उपदान प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार राज्य में सुगन्धित पौधों की खेती और इनके प्रचार के लिए महक योजना आरम्भ की गई है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं की सहायता से राज्य के किसानों की आर्थिकी को बड़े पैमाने पर सुदृढ़ करने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व बैंक की सहायता से चल रही बागवानी विकास परियोजना के अन्तर्गत गुम्मा, जरोल-टिक्कर और रोहडू में राज्य के बागवानो और किसानों की सहायता के लिए स्थापित नियंत्रित वातावरण (सी.ए.) स्टोर्ज का स्तरोन्यन किया जा रहा है ताकि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार जल जीवन मिशन के तहत वर्ष 2022 तक सभी घरों में नल से जलापूर्ति सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मिशन के तहत प्रशंसनीय प्रगति की है तथा वर्ष 2019-20 में जल जीवन मिशन के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से 57 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बे-मौसमी सब्जियां और नकदी फसल के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार अधिकतर क्षेत्र को सिंचाई के तहत लाने का प्रयास कर रही है, उन्होंने कहा कि इससे न केवल उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी, बल्कि यह युवाओं को कृषि गतिविधियों में अपना सहयोग देने के लिए भी प्रेरित करेगा और युवाओं का शहरों की तरफ पलायन भी रूकेगा।
श्रम एवं रोजगार विभाग की विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों की समीक्षा बैठक उद्योग, श्रम एवं रोजगार और तकनीकी शिक्षा मंत्री बिक्रम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उद्योग मंत्री ने अधिकारियों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों को सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ प्रयास करने के निर्देश दिए। उद्योग मंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश में निजी क्षेत्र में चल रहे कौशल प्रशिक्षण संस्थानों की नियमित रूप से निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई संस्थान डिफाॅल्टर पाया जाता है तो उसके खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे संस्थानों से प्रशिक्षण लेने के बाद युवाओं की प्लेसटमेंट भी हो। सरकार द्वारा प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को दिया जाने वाला कौशल भत्ता मिल रहा है या नहीं, और इसकी पूरी जानकारी संस्थान के नोटिस बोर्ड पर प्रदर्शित की जाए। उद्योग मंत्री ने कहा कि बाहरी राज्यों से रोजगार छोड़कर आने वाले युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर राज्य में ही रोजगार उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा स्किल रजिस्टर पोर्टल शुरू किया गया हैै। उन्होंने कहा स्किल रजिस्टर पोर्टल के प्रचार-प्रसार पर ज्यादा ध्यान दिया जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ दूर-दराज के इलाकों के लोगों तक इस पोर्टल की जानकारी पहुंच और अधिक से अधिक इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि अब तक लगभग 13960 लोगों और 62 इंप्लायर ने भी इस पोर्टल में पंजीकरण किया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इंप्लायर अपनी डिमांड भी इस पोर्टल में रजिस्टर करवाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार इंग्लिश स्पीकिंग ट्रेंनिग कोर्स प्रदेश भर में आरम्भ किया जाए, ताकि प्रदेश के युवाओं को इसका लाभ मिल सके। इस कार्य के लिए विशेषज्ञ की सेवाएं ली जाए। अब तक 65 स्कूलों व महाविद्यालयों में यह कोर्स शुरू किया जा चुका है। उद्योग मंत्री ने हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड (एचपीबीओसीडब्ल्यू) के अधिकारियों को बोर्ड में अधिक से अधिक मजदूरों का पंजीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। पंजीकरण व रिन्यूल की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए ताकि श्रमिकों को बोर्ड की कल्याणकारी नीतियों का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि मनरेगा सहित अन्य विभिन्न निर्माण कार्यों में 90 दिन की अवधि पूर्ण करने वाले सभी मजदूरों का पंजीकरण किया जाए ताकि उन्हें बोर्ड की ओर से मिलने वाले विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त हो सके। लाॅकडाउन के दौरान बोर्ड में पंजीकृत सभी श्रमिकों को 2-2 हजार रुपये की 2 किश्तें जारी कर दी है और तीसरी किश्त शीघ्र ही जारी कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों एवं विकास खण्ड अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निर्देश दिए कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं केे लाभार्थियों की सूची तैयार की जाए ताकि राज्य सरकार उन लाभार्थियों के साथ सम्पर्क साध कर समन्वय स्थापित कर सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने हमें और अधिक प्रतिबद्धता व अलग रणनीतियों के साथ काम करने के लिए मजबूर किया है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने इस महामारी के दौरान वचनबद्धता और उत्साह के साथ कार्य किया है। उन्होंने सन्तोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य की सभी विकासात्मक गतिविधियां मुश्किल के इस समय में भी निर्बाध चल रही है। जय राम ठाकुर ने कहा कि हमें लगातार विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए लगातार सम्पर्क में रहने के लिए एक प्रणाली बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए तकनीक का सर्वाेत्तम उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को पंचायत स्तर पर विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों का डाटा तैयार करने के निर्देश दिए ताकि इन सभी की त्वरित जानकारी उपलब्ध हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आयुष्मान भारत और हिमकेयर, उज्ज्वला योजना और गृहिणी सुविधा योजना, आवास योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना तथा भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अधीन पंजीकृत कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, सामाजिक सुरक्षा पैंशन लाभार्थियों, सहारा योजना और जन-धन योजना के लाभार्थियों को प्रथम चरण में सूचीबद्ध किया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि इन योजनाओं के लाभार्थियों की सूची पंचायतों को उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस माह की 10 तारीख तक पंचायतों को यह सूची उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। उन्होंने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे लाभार्थियों के मोबाइल फोन पर वैबैक्स सौफटवेयर डाउनलोड करवाकर उन्हें इसके प्रयोग का भी प्रशिक्षण प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंचायत में डिस्प्ले पैनल स्थापित किए जाने चाहिए ताकि मुख्यमंत्री द्वारा की जा रही वीडियो काॅन्फ्रेंस आम लोग भी देख सके। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि लाभार्थियों के आधार नम्बर की जानकारी कोई भी ले सकता है, क्योंकि योजनाओं के लाभ सीधे हस्तांतरण के माध्यम से किए गए है। उन्होंने कहा कि यद्यपि राज्य में आने के लिए ई-पास की आवश्यकता नही है परन्तु राज्य में आने के लिए पंजीकरण अभी भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने के बाद भी क्वारंटीन के नियमों में कोई परिवर्तन नही किया गया है तथा रेड जोन से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को क्वारंटीन किया जाएगा।
शिमला स्थित CTO चौक से लेकर लोअर बाजार बाजार में भाजपा आईटी विभाग के प्रदेश संयोजक चेतन बरागटा एवं आईटी विभाग के सदस्यों ने पूर्व महापौर व पार्षद अनाडेल कुसुम सदरेट, रुल्दुभट्टा पार्षद संजीव ठाकुर, बालूगंज पार्षद किरण बावा, केथू पार्षद सुनील धर, पूर्व पार्षद संजीव शर्मा, लोअर बाजार से वरिष्ठ कारोबारी डॉ सुफल सूद, अशोक कुकरेजा, राजीव सूद, करनैल सिंह, सुरजन ग्रोवर और लोअर बाजार से संबंध रखने वाले भाजपा के जुझारू कार्यकर्ता व पूर्व भाजयुमो शिमला जिला अध्यक्ष राजीव अरोड़ा और कमल ठाकुर, राजकुमार अग्रवाल, कपिल जासवाल, श्रवण शर्मा, अभिमन्यु भांगड़ा, सुनंदा करोल ,मीना वर्मा, नोफल NGO के संयोजक गुरमीत सिंह व स्थानीय कार्यकर्ता दुकानदारों के सहयोग से सैनिटाइजर एवं फेस कवर का वितरण किया। संकट के समय में जनसेवा करना भाजपा के प्रत्येक कार्यकर्ता के लिए सर्वोपरि है।
जिस प्रकार आज कोरोना जैसी महामारी पूरे विश्व मे फैली है जिससे कि भारत भी अछूता नहीं रहा है, इस प्रकार की महामारी से बचने के लिए सरकार व प्रसाशन द्वारा समय समय पर कई दिशा निर्देश दिए जाते है जिसका सभी को पालन करना चहिए, जिससे की आप अपना और अपने परिवार व समाज को इस महामारी से बचाने में हितकारी सफल होंगे। शनिवार को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि के अवसर राजधानी शिमला मैं सेवार्थ विद्यार्थी के कार्यकर्ताओं द्वारा बंगला झोंपड़ी संजौली, शनान, सांगटी, झूग़ी झोंपड़ी मैं रहने वाले बच्चों व बुज़र्गो को बिस्किट, फल व रसक का वितरण किया गया और शाड़ाबाई में झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को बिस्किट वितरित किए। इस से पहले भी सेवार्थ विद्यार्थी द्वारा हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में स्टूडेंट फॉर सेवा के कार्यकर्ताओं ने मास्क का वितरण किया और दूसरों और जहा इस संकट के समय में स्कूल बंद होनी की वजह से विद्यार्थियों को बहुत से कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है वही उसी कड़ी में स्टूडेंट फॉर सेवा के कार्यकर्ताओं द्वारा अपने अपने स्थान पर स्कूल के विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है। आज स्वामी विवेकानंद जी की पुण्यतिथि के अवसर पर बिस्किट, फल व रसक का वितरण शिमला और कुल्लू में किया और विवेकानंद जी को भी याद किया गया । हम आप सभी से यही अनुरोध करते हैं कि आप इस महामारी से लड़ने के लिए घरों से बाहर ना निकले अपने घर पर रहे खुद भी सुरक्षित रहे और अपने परिवार वालों को भी सुरक्षित रखे यादे कोई अति आवश्यक कार्य हो तभी घरों से बाहर आए और सेवार्थ विद्यार्थी हिमाचल प्रदेश आप सभी से एक अपील करती है कि आप इस महामारी के संकट में जरूरतमंदों की मदद जरूर करे।
शिक्षा के व्यापारीकरण को लेकर विद्यार्थी परिषद शुरू से ही आंदोलनरत रही है और विद्यार्थी परिषद के आंदोलन का परिणाम है जहां निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग द्वारा चार निजी विश्वविद्यालय के कोर्स रद्द होने का परिषद स्वागत करती है। कुछ लंबे समय से इन विश्वविद्यालय की प्रदेश के अंदर तानाशाही के चलते निजी विश्वविद्यालय ना नियामक आयोग को मान रहे थे और ना ही प्रदेश सरकार को विश्वविद्यालय के अंदर यूजीसी के नियमों के साथ-साथ अपने विधानसभा एक्ट की भी अवहेलना हो रही थी। राहुल राणा ने कहा कि जहां मानव भारती के अंदर फर्जी डिग्रियां पकड़ी गई और गिरफ्तारी हुई जिस से प्रदेश शर्मसार हुआ। साथी इंडस यूनिवर्सिटी में अपने चार रेगुलर कर्मचारियों को रेगुलर डिग्री दे दी थी और उनकी स्कॉलरशिप भी ली थी साथ में 13 मार्च 2020 को इंडस यूनिवर्सिटी ने प्रेस नोट जारी करके कहा कि उन्होंने यह डिग्रियां कॉरेस्पोंडेंस डिस्टेंस एजुकेशन और ऑनलाइन क्लासेज के रूप में दी हैं। बाद में 18 मार्च को नियामक आयोग ने इंडस विवि को फटकार लगाई और साफ किया कि इस प्रकार की अनुमति हिमाचल प्रदेश में किसी भी विश्वविद्यालय को नहीं है। बाद में 13 अप्रैल को इंडस विश्वविद्यालय अपने बयान से मुकर गई और नया प्रेस नोट जारी करके कहा कि अपने रेगुलर चार कर्मचारियों को वे 4 से 6 घंटे छूट देते थे ताकि वह अपनी पढ़ाई कर सकें इस प्रकार का प्रावधान ना यूजीसी के अंदर है न ही भारत के किसी एक्ट के अंदर जो सरासर गलत है। साथ ही इंडस बीवी के अंदर डिस्टेंस मॉड में पीएचडी भी चलाई गई और कुलपति ने भी एक समय पर तीन-तीन डिग्रियां हासिल की है जहां अरनी विश्वविद्यालय के अंदर कर्मचारियों को कई महीने से सैलरी नहीं दी है और मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी को छोड़कर भाग गई। इन सब बातों से स्पष्ट होता है कि इन निजी विश्वविद्यालय के अंदर शिक्षा का व्यापारीकरण जोरों शोरों से चल रहा था और तीन विश्वविद्यालयों लूटपाट का अड्डा बना हुआ है। विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि इंडस विवि प्रेस के माध्यम से बयान जारी कर रही है कि वह 4 से 6 घंटे छूट देकर अपने रेगुलर कर्मचारियों से पढ़ाई करवाते थे जिसे वह स्टूडेंट कम एम्पलाई केटेगरी कह रहे हैं जो कि सरासर गलत है नियामक आयोग से मांग करती है की इस प्रकार के बेतुके बयानों पर रोक लगाया जाए और स्पष्ट किया जाए इस प्रकार के कोर्स चलाने की अनुमति पूरे भारत में और हिमाचल में किसी को नहीं है वरना रेगुलर डिग्री की क्रेडिबिलिटी खतरे में होगी। विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि तीन निजी विश्वविद्यालयों के ऊपर और नकेल कसी जाए तथा इन निजी विश्वविद्यालय की पूर्ण रूप से इंस्पेक्शन के बाद ही इन्हें कोई कोर्स दिए जाएं ताकि छात्रों का भविष्य खराब ना हो साथ ही इन निजी विश्वविद्यालय पर जल्दी से जल्दी एडमिनिस्ट्रेटर लगाया जाए ताकि वर्तमान में बढ़ रहे छात्र अपनी पढ़ाई ठीक ढंग से कर सकें। साथ ही मांग करती है कि स्टूडेंट कम एम्पलाई कैटेगरी के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार को जल्दी से जल्दी रोका जाए और जीने ऐसे अवैध डिग्रियां दी हैं उन्हें रद्द करके वि.वि को जुर्माना लगाया जाए।
पर्यटन उद्योग को लॉक डाउन का सबसे अधिक नुकसान सहन करना पड़ा है। परंतु अब होटल तथा अन्य पर्यटन से जुड़े व्यवसायों के लिए उम्मीद की किरण जगी है कि वह आने वाले सीजन में कुछ न कुछ ऑक्यूपेंसी अवश्य मिलेगी। इस समय जब भारत मे सभी पर्यटन स्थल पर्यटकों के लिए खोल दिए गए है। टूरिसम इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्स एसोसिएशन ने सरकार द्वारा हिमाचल के भी दरवाजे पर्यटकों के लिए खोलना को एक सरहानीय कदम बताया है व मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर का धन्यवाद भी किया है। उन्होंने कहा की आज कॉम्पिटिशन का दौर है यदि अन्य राज्यों के टूरिस्ट डेस्टिनेशन जैसे उत्तराखंड, गोवा, राजस्थान, केरेला इत्यादि पर्यटकों के लिए खुल गए है यदि हिमाचल को न खोला जाता तो इसका असर टूरिसम व्यसाय पर आने वाले सीज़न्स पेर पैड सकता था। हर पर्यटन राज्य को अपनी प्रेज़ेन्स बनाए रखना बहुत आवश्यक है। होटल इंडस्ट्री ने सबसे पहले मार्च में अपने होटलों को बंद करने का फैसला स्वेछा से लिया था। पर्यटन व्यवसायी अपना मुख्य सीजन खो चुके है परंतु अभी दो महीने ऑफ सीजन के है इस दौरान होटल व्यवसाई अपने होटलों को SOP में दी गए मानकों को पूरा कर चारणवद तरीके से होटलों को खोलेंगे। सरकार द्वारा होटलों समय रहते पर्यटकों के लिए खोलने से होटल व्यवसायी अपने होटलों की पब्लिसीटी कर सकतें है क्यूंकि होटल एक ऐसा व्यवसाय है जो कि खुलते ही बिजनेस जरनेट करना शुरू नही करता इसके लिए मार्केटिंग की आवशकता रहती है। टूरिसम इंडस्ट्री स्टेक होल्डर एसोसिएशन ने पहले ही होटल मालिकों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन कर SOP के बारे में जागरूक करने का एक सफल प्रयास किया है। एसोसिएशन ने जल्द ही होटेलों में कार्यरत जनरल मैनेजरों के लिए ट्रेनिंग का आयोजन करने का भी फैसला लिया है। इन मैनेजरों की मदत से होटलों में कार्यरत स्टाफ को ट्रेनिंग दे जाएगी तथा इसमें पर्यटन विभाग से आग्रह कर उन्हें भी इस ट्रेनिंग्स के लिए मदत ली जाएगी। अभी एसोसिएशन पर्यटन विभाग द्वारा अन्य गाइडलाइन्स का इंतजार कर रही है व ज्यों ही SOP गाइडलाइन्स विभाग द्वारा जारी की जाएंगी उसको भी ट्रेनिंग का हिसा बनाया जाएगा। एसोसिएशन ने भी पर्यटन विभाग को SOP को लेकर अपने सुझाव दिए है। होटल व्यसायिओं ने पहले चरण में अपने होटलों के कुछ ही कमरों को खोलने का मन बनाया है ताकि होटल इकाई को कम से कम स्टाफ से चलाया जा सके तथा सोशल दिस्तानसिंग का पालन आसानी से किया जा सके।
ब्लॉक युवा कांग्रेस जुब्बल के अध्यक्ष संदीप सेहटा की अध्यक्षता में युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों ने मिलकर शराचली क्षेत्र की मांदल पंचायत में रिहायशी घरों, बैंक, डाकघर, पंचायत घर, लोक निर्माण विभाग का विश्राम गृह सहित सभी सरकारी कार्यालयों में सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया। सेहटा ने कहा कि पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर व युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मनीष ठाकुर के दिशानिर्देशों पर कोरोना महामारी में सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए मांदल पंचायत में सैनिटाइजर का छिड़काव किया गया। उन्होंने चीन-भारत सीमा विवाद में शहीद हुए भारतीय जवानों को नमन करते हुए उनकी शहादत पर उन्हें श्रदांजली अर्पित की। संदीप सेहटा ने कहा कि जुब्बल क्षेत्र में आने वाले दिनों में व्यापक रूप से कोरोना महामारी से लड़ने के लिए लोगों को मास्क बांटे जाएंगे, सैनिटाइजर का छिड़काव करने सहित लोगों को बचाव व सावधानियां के बारें में जागरुक किया जाएगा। उनके साथ दिनेश शर्मा, दीपक कालटा, मनमोहन, सरलेश, सुरजीत, नवीन शर्मा, वीर पॉल पनाटु, मंजीत, आशु पनाटु, विजेंद्र चौहान आदि उपस्थित रहें।
हिमाचल प्रदेश अनुबन्ध शिक्षक संघ (पीटीए) से राज्य कार्यकारिणी सदस्य राजपूत संजीव ठाकुर, जिलाध्यक्ष चंबा नीरज चौहान, सचिव अमित शर्मा, संजय गोस्वामी, मुलराज, नरेश जरयाल, शाम लाल, जितेन्द्र धीमान, सुवनीत दत्त, राकेश जरयाल, सेबन कुमार आदि ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एवं शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का 6500 अनुबन्ध (पीटीए) शिक्षकों के लिए 25 जून की मंत्रीमण्डल बैठक में नियमितीकरण के संदर्भ में ऐतिहासिक फैसले का हजारों शिक्षक परिवारों की ओर से प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य राजपूत संजीव ठाकुर व जिलाध्यक्ष चंबा नीरज चौहान ने कहा कि हजारों शिक्षक परिवार पिछले 14 वर्षों से नियमितीकरण की राह देखते आ रहे थे और आज वास्तव में पीटीए शिक्षकों के लिए मसीहा बनकर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सामने आए हैं। उन्होंने मान सम्मान एवं अस्तित्व की इस लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट में हमारे मामले कि पैरवी के लिए सशक्त अधिवक्ताओं का पैनल खड़ा किया जिसके दम पर हमारी जीत सुनिश्चित हुई जिसका सारा श्रेय जयराम ठाकुर को जाता है। परिणाम स्वरूप सुप्रीम कोर्ट से सभी शिक्षकों के पक्ष में फैसला आया और उसके पश्चात शिक्षकों को उनकी 3 वर्ष की अनुबन्ध अवधि के बाद से तय तिथि से नियमितीकरण का तोहफा देकर एक ऐतिहासिक फैंसला लिया है जिसके लिए हर शिक्षक परिवार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का व समस्त मंत्रीमण्डल का आजीवन आभारी रहेंगे। आज प्रदेश सरकार के इस फैसले से सम्पूर्ण शिक्षक परिवार अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है। जिला चम्बा के सभी अध्यापकों ने संघ के प्रदेश अध्यक्ष हरीश ठाकुर, उपाध्यक्ष अमित मुखिया, राजपूत संजीव ठाकुर, नरेंद्र शर्मा, दिनेश पटियाल, रवि शर्मा व समस्त प्रदेश कार्यकारणी का भी उनके द्वारा किए गए प्रयासों के लिए आभार प्रकट किया।
भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश भाजपा ने "सेवा ही संगठन" कार्यक्रम के उपरांत अभूतपूर्व कार्य किए व प्रदेश की जनता की भरपूर सेवा की है। जम्वाल ने सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया है, 4 जुलाई 2020 को "सेवा ही संगठन" की जानकारी हेतु सायं 4.30 बजे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को सुनने व चर्चा के लिए वेडियो कॉन्फ्रेंस, यू ट्यूब, फेसबुक, ट्विटर पर जुड़े। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से देश भर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सेवा के माध्यम से जनता के दुःख दर्द को जाना व देश की जनता का भरोसा जीता है। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में 516518 भोजन पैकेट , 113974 राशन किट, 2297695 फेस कवर, 19280628 की राशि प्रधानमंत्री केअर फण्ड और 84986958 कि राशि मुख्यमंत्री कोविड-19 सोलिडेरिटी फण्ड में दिए। इसी के साथ प्रदेश की जनता को "आरोग्य सेतु" ऐप की जानकारी दी व इस ऐप को डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसी कड़ी में प्रदेश की 5 बड़ी वर्चुअल रैलियां की गई जिसमें प्रदेश भर में लग भग 48 लाख लोगों ने भाजपा के नेताओं का उद्बोधन सुना। चारों संसदीय क्षेत्रों की रैलियां व महिला मोर्चा की रैली में प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व प्रदेश के प्रमुख भाजपा नेता उपस्थित रहे। केंद्र की ओर से शिमला संसदयी क्षेत्र की रैली में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, कांगड़ा संसदयी क्षेत्र की रैली में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, हमीरपुर में केंद्र से मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मंडी संसदीय क्षेत्र की रैली में केंद्र से मंत्री पियूष गोयल मुख्यवक्ता रहे। सभी रैलियों में केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
भारतीय जनता पार्टी मोदी सरकार 2.0 के पहले साल की उपलब्धियों को लेकर बिलासपुर सदर के विधायक सुभाष ठाकुर और भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष स्वतंत्र संख्यान के नेतृत्व में बिलासपुर मार्केट में पत्रक वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सुभाष ठाकुर ने कहा कि एक वर्ष के कार्यकाल में 370 और 35ए को जम्मू कश्मीर से हटाकर एक देश एक निशान और एक विधान के नारे को सार्थक किया। तीन तलाक पर कानून बनाकर मुस्लिम माताओं ओर बहनो को निजात दिलाई। राम मंदिर के निर्माण के लिए कानूनी लड़ाई लड़ कर इस फैसले को शांतिपूर्ण तरीके से लागू किया। नागरिकता संशोधन कानून बना कर लोगों को नागरिकता का हक दिया। पहली बार किसान सम्मान योजना लागू करके किसानों को 6000 रुपये प्रति वर्ष दिया जा रहा है। यूएपीए एक्ट में संशोधन किया गया।छोटे व्यापारियों को पेंशन स्कीम लायी गयी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की गई। ऐसे और भी ऐतिहासिक निर्णय केन्द्रीय सरकार ने लिए हैं जिससे कि आम जन मानस को सीधा लाभ हुआ है। आज कोरोना के संकट के समय जो निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश हित में लिए हैं उन्हीं का नतीजा है कि पूरे विश्व में मोदी को नम्बर एक का खिताब मिला है। 20 हजार करोड रुपयों का आत्मनिर्भर भारत का पैकेज मोदी सरकार ने दिया है जिससे प्रत्येक आम जनमानस को आत्मनिर्भर बनने के लिए लाभ मिलेगा। पत्रक वितरित करते समय जिला महामंत्री आशीष ढिल्लों, युवा मोर्चा प्रदेश प्रवक्ता राकेश ठाकुर, युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष विनोद ठाकुर पार्षद नीतू मिश्रा, कृष्ण लाल उपाध्यय हर्ष मेहता सोनू ठाकुर पंकज ठाकुर अतुल दास सुनील राणा अकाश अभय कटोच, आयुष, नवीन, रंनजीत पंकु व अन्य उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश भूतपूर्व सैनिक निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा की कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं सीपीएस नीरज भारती ने जिस प्रकार सेना के ऊपर सोशल मीडिया में टिप्पणी की थी पूरी तरह से घृणा ग्रस्त थी और सेना का मनोबल गिराने वाली है। देश के वर्तमान माहौल में पूरा देश जहाप भारतीय सेना के पराक्रम की सराहना कर रहा है और भारतीय सेना के साथ खड़ा है, वही कांग्रेस के कागज़ी नेता नीरज भारती अनर्गल ब्यानबाजी करके देश की सेना का मनोबल गिरने का कार्य कर रहे है। नीरज भारती के ब्यान से देश के सैनिको , पूर्व सैनिकों व सैनिक परिवारों का अपमान हुआ है। नीरज भारती को देश के वीर सैनिकों से तुरंत माफी मांगनी चाहिए । वहीं कांग्रेस को राष्ट्र हित मे ऐसी नाकारत्मक सोच वाले डिजिटल नेताओं को पार्टी से बाहर करना चाहिए । उन्होंने कहा कि भारतीय सेना जाती, धर्म और राजनीति से ऊपर है और कांग्रेस के नेता जाती और धर्म के आधार पर सेना को बांटने का काम कर रहे है तभी अपनी टिप्पणी में उन्होंने बिहार और पंजाब रेजिमेंट के बारे में उल्लेख किया है। आज के समय में देश की सीमाओं में जिस प्रकार की कठिनाइयों का सामना करते हुए देश की सेना काम कर रही है और देश को चीन जैसे नकारात्मक राष्ट्र को करारा जवाब दे रही है इस समय उन सेना के जवानों को देश की जनता की तरफ से प्रोत्साहन मिलना चाहिए इन परिस्थितियों में उनका मनोबल बढ़ाना चाहिए। पर नीरज भारती जैसे कांग्रेस नेता सेना के ऊपर नकारात्मक टिप्पणियां कर अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं और जिस प्रकार की टिप्प्णी उन्होंने की थी वह सच में देशद्रोह वाली टिप्पणियां है। उन्होंने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भारत की सीमाओं पर जाकर देश के सैनिकों के बीच उनका मनोबल बढ़ाने के लिए उनके साथ खड़े है, उनके साथ संवाद कर रहे हैं यह है एक सच्चे देश सेवक की निशानी। कांग्रेस नेता को सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियां के लिए पछतावा होना चाहिए । उन्होंने कहा कि हमारी सेना दिन रात हमारी सीमाओं को सुरक्षित रख रही है हमारी सीमाओं में किसी भी प्रकार की घुसपैठ नहीं होने दे रही है और जिस प्रकार से चीन रणनीति बनाकर हमारा भूखंड हड़पने की कोशिश कर रहा है उसको भी रोक रही है और करारा जवाब भी दे रहे है, उन्होंने कहा कि भारत माता की ओर जो देश आंख उठाकर देखेगा उसको कड़ा जवाब दिया जाएगा कोई भी देश उठकर भारत की सीमाओं के ऊपर कब्जा नहीं कर सकता, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में शक्तिशाली देश बन गया है और स्वयं पूर्ण शक्ति के साथ अन्य देशों का सामना कर रहा है । उन्होंने कहा की एक जवान अनेक परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की सेवा करता है चाहे सर्दी का मौसम हो भीषण गर्मी का मौसम हो बारिश हो, मौत के खतरे से जूझता हुआ एक सैनिक भारत मां की सेवा करता है यह बहुत बड़ी बात है और हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से पहले दुनिया के केवल दो देशों- अमेरिका और इजराइल- को दुश्मन की सीमा के अंदर घुसकर अपने सैनिकों की हत्या का बदला लेने के लिए जाना जाता था, अब भारत का नाम भी इस सूची में भारतीय सेना के पराक्रम व देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति से ही संभव हो पाया है।
शुक्रवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के द्वारा विश्वविद्यालयों के अधिष्ठाता अध्ययन को छात्र मांगो हेतु ज्ञापन सौंपा गया। विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई के इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा इकाई सचिव मनीष वर्मा ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा विद्यार्थी परिषद की मांग है विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा फॉर्म की अंतिम तिथि को 15 जुलाई तक बढ़ाया जाए विश्वविद्यालयों की साइत में कई तकनीकी खामियां होने के कारण प्रदेश में बहुत से छात्र फॉर्म नहीं भर पाए हैं ।इसलिए विश्वविद्यालय प्रशासन फॉर्म भरने की अंतिम तिथि को 15 जुलाई तक बढ़ाएं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की मांग है विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की लंबित पड़े सिलेबस को पूरा करने के लिए जुलाई माह के अंदर ऑनलाइन क्लासेज चलाएं विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की तिथि तो निकाल दी है परंतु बहुत से विषय तो एसे है जिनका 40% तक भी सिलेबस कंप्लीट नहीं हुआ है जिससे कि छात्रों को परीक्षा देते हुए बहुत ही परेशानियों का सामना करना पड़ेगा विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों के सिलेबस को पूरा करने के लिए ऑनलाइन क्लासेज चलाएं वह छात्रों की शिक्षा से जुड़ी समस्याओं की प्राथमिकता से चिंता करें। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय प्रशासन से लगातार मांग कर रहा है आगामी परीक्षाओं व विश्वविद्यालयों के आगामी सत्र के संदर्भ में विश्वविद्यालय प्रशासन विश्वविद्यालय के छात्रों अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से ऑनलाइन या दूरभाष के माध्यम से संपर्क करें क्योंकि प्रदेशभर के छात्र जो विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते हैं वह आगामी परीक्षाओं व सत्र के संदर्भ में उनके अंदर असमंजस की स्थिति बनी हुई है ।
राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लेते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के. सिंह से हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लि. को 540 करोड़ रुपये के ऋण पीएफसी/आरईसी के माध्यम से प्रदान करने का आग्रह किया ताकि मार्च और अप्रैल माह की देनदारियां पूरी की जा सके। मुख्यमंत्री ने इसके अतिरिक्त उनसे 350 करोड़ रुपये अनुदान के रूप मेें दिए जाने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आरईसी/पीएफसी के माध्यम से होने वाले ऋणों पर ब्याज दरों को भी कम करने का आग्रह किया। डिस्काॅम की नकदी समस्याओं का संज्ञान लेते हुए 90 हजार करोड़ रुपये की नकदी डालने का निर्णय लेने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जनकोस व ट्रांसकोज के 31 मार्च, 2020 तक के देय भुगतान पर ही डिस्काॅम्स वित्तीय सहायता के लिए पात्र होगा। उन्होंने कहा कि राज्य बिजली बोर्ड और डिस्काॅम ने मार्च 2020 तक अपनी देनदारियों का भुगतान कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब मार्च और अप्रैल 2020 तक 540 करोड़ रुपये की देनदारियां लंबित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हुए लाॅकडाउन से प्रभावित ओद्यौगिक ईकाइयों, आर्थिक प्रतिष्ठानों, होटलों और रेस्तरां को राहत पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने छूट और डिमांड चार्जिज को टालने के माध्यम से 47 करोड़ रुपये की राहत दी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए बिजली के बिल जमा करने की तिथि को कई बार बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के कारण बिजली की मांग में 40-45 प्रतिशत की कमी आई है जिससे हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को लगभग 319 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार निकट भविष्य में शिमला और धर्मशाला में 1.52 लाख स्मार्ट बिजली मीटर स्थापित करेगी। उन्होंने कहा कि यद्यपि केंद्र सरकार ने विशेष श्रेणी के राज्य हिमाचल प्रदेश को निश्चित अनुदान प्रदान करने का भी प्रावधान किया है, परन्तु इसे वास्तविक लागत के माध्यम से निश्चित किया जाना चाहिए ताकि 22 लाख उपभोक्ताओं, जिसमंे 20 लाख घरेलु उपभोक्ता पर कम से कम भार पड़े। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक उर्जा राज्य के रुप में जाना जाता है, तथा यहां देश में कुल उपलब्ध 45,000 मेगावाट जल विद्युत क्षमता में से 10,500 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गत वर्ष राज्य सरकार ने 778 मेगवाट की परियोजनाएं सतलुज जल निगम, 499 मेगावाट की परियोजनाएं एनटीपीसी और 520 मेगावाट की परियोजनाएं चिनाब घाटी में क्रियान्वयन के लिए एनटीपीसी को आबंटित की हैं। उन्होंने कहा कि यह घाटी जनजातीय और दूरदराज के क्षेत्र में है, इसलिए ऊर्जा निकासी के लिए प्रभावी और दीर्घकालीन नीति बनाने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा कि एसजेवीएनएल तथा राज्य सरकार द्वारा काज़ा में 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा मेगा पार्क का निर्माण प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा निकासी के लिए प्रभावशाली व्यवस्था बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस संदर्भ में केन्द्रीय ऊर्जा सचिव को पहले ही एक पत्र लिखा है। केन्द्रीय राज्य ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण विभिन्न क्षेत्र प्रभावित हुए हैं और ऊर्जा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र को हुई क्षति से उभारने के लिए प्रभावी कदम लेने और नवीन पहल की आवश्यकता है। केन्द्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को आशवस्त किया कि केंद्र सरकार राज्य सरकार की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि दूरदराज क्षेत्रों में ऊर्जा निकासी प्रणाली तैयार करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री टी.एस. रावत, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, विभिन्न राज्यों के ऊर्जा मंत्रियों ने भी इस बैठक में वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम सेे भाग लिया।
राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने अब इंडियन इंस्टिच्यूट ऑफ मैनेजमेंट नाहन की ओर प्रदेश व केंद्र सरकार का ध्यान खींचा है। राणा ने कहा कि एमएचआरडी कानूनों का हवाला देकर एनआईटी हमीरपुर के बाद अब आईआईएम नाहन पर भी मनमानी व तानाशाही के आरोप लगे हैं। राणा ने कहा कि संस्थान में कार्यरत पीड़ित और प्रताड़ित लोगों ने उन्हें बताया है कि संस्थान के मुखिया की मनमानी व तानाशाही के चलते इस संस्थान में श्रम नियमों व कानूनों की घोर अवेहलना हो रही है। यहां तक कि लॉकडाउन व कफ्र्यू के दौरान भी यहां कार्यरत लोगों को कई-कई घंटे काम करने के लिए दबाव बनाया जाता रहा है। जबकि इसकी एवज में इन कर्मचारियों को कोई वित्तिय लाभ नहीं दिया गया है। राणा ने कहा कि 2015 में खुले राष्ट्रीय स्तर के इस संस्थान में चल रही मनमानी व तानाशाही के कारण करीब 30 लोग नौकरी छोडऩे को विवश रहे हैं। जबकि मुख्य प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत 4 लोग भी इसी मनमानी के कारण नौकरी छोड़ चुके हैं। पहले यह संस्थान आईआईएम लखनऊ द्वारा नियंत्रित था लेकिन 2017 में यहां डायरेक्टर की तैनाती के बाद अब इस संस्थान को डायरेक्टर देख रहे हैं, लेकिन यहां तैनात डायरेक्टर पर भी मनमानी व तानाशाही के आरोप चस्पां हैं। केंद्र के सालाना करोड़ों के खर्चों से चलने वाले इस संस्थान में भी राजसी प्रशासनिक रुतबा कायम है। यहां संस्थान के मुखिया कड़ी इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा व्यवस्था में बैठते हैं। ऐसे में आम कर्मचारी व आम नागरिक को इन लोगों को मिलना काफी मुश्किलों भरा रहता है। राणा ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि इन संस्थानों में बढ़ रही बेखौफ मनमानी व तानाशाही को खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर प्रयास करें। क्योंकि जब तक इन संस्थानों की बीओजी कमेटी में 60 फीसदी सदस्य हिमाचल के नहीं होंगे तब तक इन संस्थानों की मनमानी जारी रहेगी। राणा ने कहा कि बीओजी का चेयरमैन भी हिमाचली हो तो जहां इन संस्थानों की निरंकुश कारगुजारी पर लगाम लगेगी। वहीं इन संस्थानों की पारदर्शिता भी बढ़ेगी और इसके साथ ही बीओजी कमेटी में बैठे लोग हिमाचली हितों की रक्षा भी कर सकेंगे। राणा ने कहा कि कमोवेश तानाशाही, मनमानी व भ्रष्टाचार की यह स्थिति समूचे भारत के राष्ट्र स्तरीय संस्थानों में एक जैसी है। जहां एमएचआरडी का हवाला देकर राज्य के हितों से खिलवाड़ किया जाता है। जिस कारण से इन संस्थानों पर मनमानी व तानाशाही के बीच भ्रष्टाचार के आरोप भी निरंतर लगे रहते हैं। शायद यही कारण है कि इन संस्थानों के मुखियों पर संस्थान छोड़ने के बाद गंभीर वित्तिय अनियमतताओं के आरोप लगातार लगते हैं। राणा ने एनआईटी हमीरपुर के पूर्व डायरेक्टर का हवाला देते हुए कहा है कि उन्हें मिली सूचना के मुताबिक एनआईटी हमीरपुर के पूर्व डायरेक्टर के अरेस्ट वारंट निकले हुए हैं, लेकिन अभी तक जांच एजेंसियों उन्हें नहीं ढूंढ पाई हैं। राणा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि प्रदेश में खुले राष्ट्र स्तरीय संस्थानों की बलेगामीयों व कारगुजारियों को लेकर मानव संसाधन मंत्रालय से मामला उठाया जाए ताकि हिमाचली प्रतिभाओं को कुंठित व प्रताडि़त होने से बचाया जा सके और इसके साथ ही एमएचआरडी के नियमों के नाम पर चली बेलगामी व भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सके।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज कुल्लू जिला के मनाली में अटल सुरंग के परियोजना मुख्यालय में सीमा सड़क संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें इस परियोजना को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए। सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने से दूर-दराज लाहौल-स्पिति का क्षेत्र वर्षभर विश्व के अन्य भागों से जुड़ा रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बड़ी परियोजना के शीघ्र पूरा होने में गहरी रूचि ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि परियोजना न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लाहौल-स्पिति जिला के लोगों के लिए भी वरदान साबित होगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का निर्माण कार्य 3500 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग की लम्बाई लगभग नौ किलोमीटर है और इसके निर्माण के बाद 46 किलोमीटर की दूरी कम होगी। यह सुरंग इंजीनियरिंग का एक चमत्कार होने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का प्रमुख केन्द्र होगी। उन्होंने कहा कि इस सुरंग में 150 मीटर की दूरी पर दूरभाष सुविधा, आग बुझाने के उपकरण, आपात निकास सुविधा, वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली, प्रसार प्रणाली, सीसीटीवी कैमरों के साथ ही दुर्घटना पता करने की स्वचालित प्रणाली आदि की भी सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि इस सुरंग के राष्ट्र को समर्पित होने के उपरान्त सीमावर्ती लद्दाख और कारगिल क्षेत्रों के लिए वर्ष भर सभी मौसमों के दौरान संचार सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने अटल सुरंग का दौरा किया तथा कार्य प्रगति का भी जायजा लिया। सीमा सड़क संगठन के प्रमुख अभियन्ता ब्रिगेडियर के.पी. पुरूषोतमन, वि.एस.एम. ने मुख्यमंत्री को परियोजना कार्य का तय समय सीमा के भीतर पूरा होने का आश्वासन दिया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन कार्यरत समेकित बाल विकास परियोजना को विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में शिशुओं, किशोरियों, महिलाओं एवं धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने का आधार माना जाता है। समेकित बाल विकास परियोजना में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं तथा इनसे जुड़े स्वयं सहायता समूह इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। किन्तु कोविड-19 के संक्रमण काल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं की अग्रिम कोरोना योद्धा की भूमिका ने सभी के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। अपने कार्य के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकओं तथा इनसे जुड़े स्वयं सहायता समूहों ने सोलन जिला की सभी 211 ग्राम पंचायतों में न केवल जन-जन को कोरोना वायरस संक्रमण के विषय में जागरूक किया अपितु प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से आरम्भ किए गए महत्वाकांक्षी एक्टिव केस फाइडिंग अभियान में भी सक्रिय भूमिका निभाई। कोविड-19 संक्रमण के विषय में लोगों को जागरूक बनाने तथा जिला के प्रत्येक आवास में पहुंचकर लोगों से इस विषय से जानकारी एकत्र करने के लिए कार्यान्वित किए गए एक्टिव केस फाइडिंग अभियान में 590 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं ने कार्य किया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं और इनसे जुड़े स्वयं सहायता समूहों ने कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने, 02 व्यक्तियों के मध्य कम से कम 02 गज की दूरी बनाने और बार-बार अपने हाथ साबुन से धोने अथा अल्कोहल युक्त सेनिटाईजर से स्वच्छ करने की दिशा में प्रेरित भी किया। समेकत बाल विकास परियोजना से जुड़े इन सभी अग्रिम पंक्ति कोरोना योद्धाओं की सक्रियता का अनुमान इस तथ्य से ही लगाया जा सकता है कि इन्होंने अब तक सोलन जिला में लोगों के प्रयोग के लिए 01 लाख 25 हजार कपड़े से बने मास्क तैयार किए हैं। यह सभी मास्क लोगों में वितरित भी कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने जहां यह मास्क तैयार करने के लिए कपड़ा उपलब्ध करवाया वहीं जिला की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं स्वयं सहायता समूहों ने अपने घर पर स्वयं भी मास्क तैयार किए। प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल की अगुवाई में 60 से अधिक ग्राम पंचायतों में लगभग 25 हजार से अधिक मास्क वितरित किए गए। जिला की सभी ग्राम पंचायतों में घर पर मास्क बनाने की विधि एवं उचित प्रकार से मास्क पहनने का तरीका भी व्यवहारिक रूप से बताया गया। लाॅकडाउन अवधि में गत 03 माह में जिला के सभी आंगनबाड़ी केन्द्र कार्यरत रहे और लाभार्थियों को उनके आवास पर पोषाहार उपलब्ध करवाया गया। इस अवधि में 03 वर्ष तक की आयु के लगभग 18700, 03 से 06 वर्ष तक की आयु के 7700 तथा 7800 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पोषाहार उपलब्ध करवाया गया। कोविड-19 के कारण प्रदेश सरकार के निर्देश पर जिला में कार्यरत पांचों समेकित बाल विकास परियोजना अधिकारियों को घरेलू हिंसा के मामलों में लोगों को परामर्श प्रदान करने एवं आवश्यकता पड़ने पर पुलिस की सहायता से मामला सुलझाने अथवा पंजीकृत करने के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया। अधिक से अधिक लोगों की इन अधिकारियों तक पहुंच बनाने के लिए इनके मोबाइल व्हट्सऐप नम्बर प्रचारित किए गए। समेकित बाल विकास परियोजना के इन प्रयासों से जिलावासी वृहद स्तर पर लाभान्वित हुए हैं। प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में लोग कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा सुझाए गए उपायों की महता को समझ रहे हैं। इन उपयों के पालन में निश्चित रूप से जिला में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं इनसे सम्बद्ध स्वयं सहायता समूहों की भूमिका सराहनीय रही है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि अटल सुरंग का निर्माण कार्य अगस्त माह के अन्त तक पूरा कर लिया जाएगा तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सम्भवतः सितम्बर माह में इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे। मुख्यमंत्री वीरवार को लाहौल-स्पिति जिले के सीसु में लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कोरोना महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए लाहौल-स्पिति के लोगों की सराहना की। उन्होंने जिला के लोगों से आग्रह किया कि वे अच्छा कार्य जारी रखें क्योंकि संकट अभी टला नही है। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि देश को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मजबूत और सक्षम नेतृत्व प्राप्त है। उन्होंने कहा कि विश्व के 15 सबसे विकसित देशों, जहां 142 करोड़ जनसंख्या है, में कोरोना के कारण लगभग पांच लाख लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि भारत की जनसंख्या 135 करोड़ होने के बावजूद भी अभी तक कोरोना महामारी के कारण लगभग 17 हजार लोगों की मृत्यु हुई हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य की स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या में हुई तीव्र वृद्धि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे दो लाख से अधिक लोगों को प्रदेश वापिस लाए जाने के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों की चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि प्रदेश सरकार स्थिति से पूरी तरह से अवगत है। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के लोगों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार क्षेत्र के विकासात्मक कार्यों के लिए पर्याप्त धन की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में कार्य दिवस सीमित है इसलिए क्षेत्र की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के प्रयास किए जाने चाहिए। कृषि मंत्री डाॅ. राम लाल मारकण्डा ने मुख्यमंत्री का अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र में स्वागत किया तथा अटल सुरंग के समयबद्ध निर्माण में गहन रूचि रखने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस सुरंग का निर्माण पूरा होने से इस खूबसूरत जिला की पर्यटन गतिविधियों में नए आयाम जुड़ने के अतिरिक्त युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। सांसद रामस्वरूप शर्मा ने इस अवसर पर अपने विचार रखें। परिवहन और वन मंत्री गोविन्द ठाकुर, बंजार के विधायक सुरेन्द्र शौरी, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव डाॅ. आर.एन. बत्ता, उपायुक्त कमल कान्त सरोच, पुलिस अधीक्षक राजेश धर्माणी और अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
वीरवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से मिले और ज्ञापन सौंपा। प्रान्त मंत्री राहुल राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा ज्ञापन सौंपा गया जिसमें की प्रमुख माँग यह है कि जो JBT कमीशन में NCTE की अधिसूचना के अनुसार B.Ed के छात्रों को शामिल किया जा रहा है और JBT के छात्रों को कोई प्रथमिकता नही दी जा रही है जिसका विद्यार्थी परिषद पुरजोर विरोध करती है। इसके पीछे उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि जो जेबीटी प्रशिक्षु द्वारा प्राथमिक स्तर पर सभी विषयों को पढ़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है वही दूसरी ओर b.ed के प्रशिक्षु द्वारा किन्ही दो विषय को पढ़ाए जाता है, वहीं जेबीटी और बीएड के पाठ्यक्रम में बहुत अंतर होता है, जेबीटी प्रशिक्षु की न्यूनतम योग्यता 12वी पास और बीएड के लिए स्नातक रखी गई है अतः अंतर स्पष्ट दिखाई दे रहा है और इस प्रकार का निर्णय न्यायसंगत नही है। इस प्रकार की असमानता को देखते हुए भी ऐसे निर्णय उचित नहीं है। वर्तमान समय मे राज्य में 25000 जेबीटी प्रशिक्षु प्रशिक्षित है। अब इसमें राज्य सरकार को भी विचार करना होगा की ऐसे में बीएड प्रशिक्षु को जेबीटी के साथ टेट व कमीशन में बैठने देना न्यायसंगत है या नहीं। लाखों की तादाद में बीएड प्रशिक्षु को जेबीटी के कमीशन में बैठने देने का मतलब जेबीटी प्रशिक्षु का हक छीनने जैसा है। उत्तरांचल, बिहार एवम अन्य राज्यो में प्रदेश सरकार ने को JBT छात्रों का पक्ष लेते हुए कोर्ट में प्रभावी ढंग से यह दलील दी और आखिर में कोर्ट ने JBT के छात्रों को प्राथमिकता देने का जजमेंट सुनाया। अतः विद्यार्थी परिषद प्रदेश में ऐसे निर्णय का विरोध करती है और साथी मांग करती है कि लाखों की तादाद में जेबीटी प्रशिक्षुओ के साथ ऐसा न किया जाए क्युकि जेबीटी में अलग से दो साल का प्रक्षिण दिया जाता है। यदि जेबीटी और बीएड को एक साथ रख दिया जाएगा तो जेबीटी प्रशिक्षु के दो साल के अलग प्रशिक्षण का कोई वजूद नही रह जायेगा। इस प्रकार के निर्णय में शीघ्र बदलाव किया जाए और जेबीटी प्रशिक्षुओं को उनके हक से वंचित न रखा जाए और वर्तमान में राज्य के लगभग 25000 जेबीटी प्रशिक्षुओं के साथ उचित न्याय किया जाए।
मण्डी जिला में चल रहे विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की विपाशा सदन मण्डी से समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अधिकारियों को विकासात्मक परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए ताकि परियोजना लागत न बढ़े तथा लोगों को विकास योजनाओं का लाभ समय रहते मिल सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि मण्डी जिला में चार हजार करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं पर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि इसके अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड, पर्यटन और अन्य विभागों के अन्तर्गत कार्य शामिल है। उन्होंने कहा कि मण्डी शहर में 200 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाएं, जिसमें एशियाई विकास बैंक द्वारा सहायता प्राप्त 41 करोड़ रुपये की सौन्दर्यीकरण परियोजनाएं, 83 करोड़ रुपये की पेयजल योजना, 69 करोड़ रुपये की मल निकासी योजना, 50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली सड़कें, भवन व पुल और 25 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित विकटोरिया पुल का लोकार्पण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला के लिए लोक निर्माण विभाग के 1202 करोड़ रुपये की निर्माण लागत से निर्मित होने वाली 137 परियोजनाएं, जिसमें प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 344 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली 77 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि 54 पेयजल, सिंचाई, मल निकासी और बाढ़ से बचाव की परियोजनाओं के कार्य जिले में जल शक्ति विभाग के द्वारा किए जा रहे, जिसमें 1535 करोड़ रुपये का कुल निवेश होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आ रही बाधाओं को दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में की गई किसी भी लापरवाही का कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी परियोजनाएं, जिन पर कार्य समाप्ति पर है उन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जिससे उनका निर्माण कार्य तय समय सीमा के भीतर किया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने विकास की गति को विपरित रूप से प्रभावित किया है। इसलिए परियोजनाओं को तय समय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को उनके विभागों को दिए गए धन का तय समय सीमा के भीतर उपयोग करने के निर्देश दिए तथा कहा कि इस विषय में की गई किसी भी लापरवाही का कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। उन्होंने विभागों को प्रदान किए गए धन का समुचित उपयोग तथा शेष बचे हुए धन का प्रयोग करने पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मानसून का मौसम आने वाला है इसलिए उन्होंने अधिकारियों को वर्षा से हुए नुकसान को कम करने के लिए समुचित एहतियाती उपाए करने के निर्देश दिए। इसके उपरान्त मुख्यमंत्री ने 5.61 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली और निर्मित हुई परियोजनाओं, जिसमें राष्ट्रीय ग्राम स्वरोजगार अभियान के तहत 2.40 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले जिला पंचायत स्रोत केन्द्र का लोकार्पण, कोषागार कार्यलय से सकोडी पुल के बीच 2.71 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले बाईपास सड़क की आधारशिला तथा नई राहें, नई मंजिलें योजना के तहत 50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले ट्रैकर्स हट की भी आधारशिला रखी। इससे पूर्व पार्टी पदाधिकारियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है तथा इसके संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को सावधानी बरतनी चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को नगर परिषद् मण्डी की अध्यक्षा सुमन ठाकुर ने एचपी एसडीएमए कोविड-19 डिजास्टर रिसपाॅंस फंड के लिए 1.50 लाख रुपये का चैक भेंट किया।
मुख्य सचिव अनिल खाची ने जल शक्ति, वन एवं उद्योग विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सौरव वन विहार, पालमपुर को लेकर एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। जल शक्ति विभाग ने सौरव वन विहार नेचर पार्क में बाढ़ संरक्षण के कार्य और इसकी कार्य योजना के बारे में प्रस्तुति दी। वन विभाग ने इस पार्क के सौन्दर्यीकरण के सन्दर्भ में लिए गए निर्णयों के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। मुख्य सचिव ने कहा कि सौरव वन विहार में बाढ़ संरक्षण का कार्य पहली सितम्बर, 2020 से आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए कि इस कार्य को आरम्भ करने से पूर्व निविदाओं और परियोजना की रूपरेखा का कार्य पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि वन विभाग लैंड स्कैपिंग वास्तुकार का चयन करेगा, जिसे सौरव वन विहार के समूचे क्षेत्र की लैंड स्कैपिंग का कार्य सौंपा जाएगा। अनिल खाची ने कहा कि लैंड स्कैपिंग का कार्य पूरा होने के उपरान्त वन विभाग अगस्त माह में झील और एक्वाकल्चर विकास का कार्य आरम्भ करेगा। उन्होंने कहा कि सभी सम्बन्धित विभाग 8.50 करोड़ रुपये की इस परियोजना पर पहली सितम्बर, 2020 से कार्य आरम्भ करेंगे। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस परियोजना की प्रगति की समीक्षा करेंगे।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर ]राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कोरोना महामारी के समय में अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की जान बचाने को किए गए अमूल्य योगदान के लिए चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया। राजभवन में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के अवसर पर डाॅक्टरों को सम्मानित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह एक महान व्यवसाय है तथा वह उनके साहस की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस हमारे जीवन में चिकित्सकों की महत्ता तथा उनके द्वारा मानवता के कल्याण के लिए किए गए कार्यों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिवस की महत्ता और भी बढ़ गई है, क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान प्रत्येक चिकित्सक अपनी शत-प्रतिशत सेवाएं दे रहा है तथा लोगों को इस भयावह संक्रमण से उभारने में अपना अमूल्य योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह दिन उन सभी चिकित्सीय और स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहें पेशेवरों को समर्पित है, जो अपनी तमाम मुश्किलों के बाद भी मरीजों को देख रहें हैं तथा समाज के लिए अपना योगदान दे रहें हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों का परिश्रम और समर्पण इस महामारी के शुरुआती दौर से ही प्रशंसनीय है। दत्तात्रेय ने कहा कि राष्ट्र चिकित्सक दिवस महान चिकित्सक तथा पश्चिम बंगाल के द्वितीय मुख्यमंत्री डाॅ. बिधान चंद्र राॅय के सम्मान में आयोजित किया जाता है। डाॅ. राॅय को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से 4 फरवरी, 1961 को सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि वर्ष 1991 से भारत में महान चिकित्सक डाॅ. राॅय के सम्मान में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जा रहा है तथा मैं इस दिवस पर डाॅ. राॅय को अपना सम्मान प्रकट करता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना महामारी के दौरान सरकारी अस्पतालों, प्रयोगशालाओं आदि में अग्रिम पंक्ति में खड़े योद्धाओं के लिए 50 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान कर रही है। इस अवसर पर राज्यपाल ने इन्दिरा गांधी मेडिकल काॅलेज और अस्पताल शिमला के प्रधानाचार्य डाॅ. रजनीश पठानिया, हिमाचल प्रदेश राजकीय दंत महाविद्यालय और अस्पताल शिमला के प्रधानाचार्य डाॅ. आशु कुमार गुप्ता, आई.जी.एम.सी. के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. जनक राज, कमला नेहरू अस्पताल शिमला की चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. अम्बिका चैहान, स्त्री रोग विभाग के प्रोफेसर डाॅ. कुशिया पठानिया, दीन दयाल उपाध्याय अंचल अस्पताल शिमला के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. लोकेंद्र शर्मा, जिला शिमला की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुरेखा चोपड़ा, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अस्पताल छोटा शिमला की चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. अमिता धीमान, होम्योपैथिक औषधालय एवं शोध केंद्र न्यू शिमला के डाॅ. सुनील रमटैक, आई.जी.एम.सी के मेडिसिन विभाग के प्रमुख और प्रोफेसर डाॅ. दलीप गुप्ता, ह्नदय रोग विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डाॅ. पी.सी नेगी, रेडीयोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. संजीव शर्मा, माईक्रोलाॅजी विभाग की विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डाॅ. सांत्वना वर्मा, न्यूरोलाॅजी विभाग के विभागाध्यक्ष और प्रोफेसर डाॅ. सुधीर शर्मा तथा कोविड-19 मेडिसिन और नोडल अधिकारी डाॅ. बलबीर वर्मा को सम्मानित किया। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला में कोरोना का नया मामला सामने आया है। यह व्यक्ति तमिलनाडु से 23 जून को शिमला आया था। इसे इंस्टिट्यूशनल क्वारन्टीन में रखा गया था। इसके साथ ही जिला में कुल सकर्मितो की संख्या 41 तथा एक्टिव केस 16 हो गए हैं। तो वहीं प्रदेश में 956 मामले कोरोना के सामने आए है। कोरोना के एक्टिव केस 354 हो गए है। कोरोना में मरने वालों की संख्या 8 हो गई है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना के लाभार्थियों से बात करते हुए कहा कि 6 जनवरी को आरम्भ की गई यह योजना पारम्परिक हस्तकला, हस्तशिल्प, स्थानीय कलाकृतियों, लकड़ी व धातु शिल्प कलाओं को पुनर्जीवित करने के अतिरिक्त युवाओं को लाभप्रद रोजगार प्रदान करने के लिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रशिक्षकों को 7500 रुपये तथा प्रशिक्षणार्थियों को तीन हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण अवधि का समय तीन माह से एक वर्ष तक निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बैच में अधिकतम पांच प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण प्रदान करने की अनुमति प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल न हमारी परम्परागत कलाएं, शिल्प और संस्कृति का पुनरुद्धार होगा, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार के ग्रामीण विकास विभाग ने बीते अढ़ाई वर्ष के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एक बीघा योजना कामयाब योजना साबित हुई है, क्योंकि इस योजना के तहत लाभ उठाने के लिए 3500 परिवारों ने अपना पंजीकरण करवाया है। उन्होेंने ई-पंचायत में भी प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने के लिए विभाग को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारम्भ में मुख्यमंत्री ग्राम कौशल योजना राज्य के चार जिलों के 18 खण्डों में आरम्भ की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत निर्धारित पाठ्यक्रम में काश्तकला, धातु शिल्प, मण्डी कलम, पत्थर शिल्प, बांस शिल्प, लकडी का शिल्प, चीड़ की पत्तियों के उत्पाद और मिट्टी के बर्तन बनाने का शिल्प आदि शामिल किए गए हंै। जय राम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान केवल ग्रामीण आर्थिकी ही अपने आप को बचा पाई है, जिससे इस तथ्य पर पहुंचा जा सकता है कि हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में ही किसी भी प्रकार की परिस्थिति सेे निपटने के लिए मजबूत आधार उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि युवाओं को लाभान्वित करने के लिए ग्राम विकासोन्मुखी योजनाएं आरम्भ करने के प्रयास किए जाने चाहिए ताकि ग्रामीण युवाओं को रोजगार की तलाश में शहरों की ओर न जाना पड़े। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर योजना से सम्बन्धित पोस्टर और सूचना पुस्तिका भी जारी की।
तीनों सेनाओं (आर्मी, नेवी व एयरफोर्स) के वेटरन तथा सभी ऑफिसर, जेसीओ एवम अन्य पदों, की जानकारी हेतु। मेरे प्यारे, वेटरन इंडिया जिला शिमला, जिला सोलन, सर्विसमेन वेलफेयर एसोसिएशन, पी बी ओ ऑर रजिस्टर्ड, शिमला(हि प्र) तथा हमारी यूनिट के ग्रुप, ई एस एम् 14 जेक राइफल्स, तथा हमारे साथ जुड़े हुए सभी पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, आश्रितों सभी फ़ौजी भाइयों के परिवार के प्रियजनों, मैं वेटरन, सूबेदार मेजर ऑनरेरी कप्तान शाम लाल शर्मा इन सभी ग्रुप्स के, प्रेजीडेंट और एडमिन होने के नाते, कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां एक पूर्व सैनिक की अंतिम यात्रा के ऊपर भेज रहा हूं। ( Assured Decent Last Rights Scheme) ADLRS का ब्यौरा नीचे दिया गया है। शायद, कभी न कभी, किसी के काम आए तो मेरा भेजने का मतलब सार्थक हो जाएगा। उपरोक्त विषय में आपको जानकारी दी जाएगी की पेंशनर की मृत्यु के उपरांत स्टेप वाइज स्टेप क्या क्या कार्यवाही करनी चाहिए। (ACTION TO BE TAKEN ON DEMISE OF PENSIONER) यह इंफॉर्मेशन एक्शन ऑफ इएसएम किसी डिफेंस के वेटरन की मृत्यु के उपरांत उनके परजनों द्वारा करना होता है। हालांकि यह भेजा हुए सभी फार्म सिर्फ ऑफिसर्स के बारे में ही दर्शाते है, लेकिन अगर हम अच्छी तरह से क्लेरिकल व्यूज के नजरिए से देखेंगे और पढ़ेंगे तो जेसीओं व अन्य पदों के लिए उनके परिजनों पर भी उतना ही लागू होता है सिर्फ़ इसमें थोड़ा सा बदलाव होगा। एक तो आर्मी बेनेवोलेंट फंड सिर्फ ऑफिसर्स के लिए होता है और दूसरा ऑफिसर्स की मृत्यु होने पर इंफॉर्मेशन MP 5 B ,आर्मी हेडकवर्ट्र ए जी ब्रांच को जाता है जबकि उसकी जगह JCO, OR के लिए रेजिमेंटल रेकॉर्ड्स ऑफिस को भेजना चाहिए। इसलिए, इन कागज़ों की फोटोकॉपी करवाना आवश्यक है। सभी प्रकार के आईडेंटिटी कार्ड्स व अन्य फोटो कार्ड्स, लेन्न देन का हिसाब, ए फ डी ए जी आई इंसुरांस, व अन्य इंसुरांस कम्पनियों के सर्टिफिकेट, मकान, जमीन, संबंधी ब्यौरा रखते रहना चाहिए कयोंकि, पता नहीं इस कोरोना के भयंकर युग में कब क्या हो जाएगा, यह भी किसी को मालूम नहीं होता। इसके साथ ही मेरा प्रेसिडेंट वेटरन इंडिया हिमाचल प्रदेश से भी निवेदन है, की इसी फॉर्म का थोड़ा संशोधन करके फार्म दोबारा जे सी ओज और अन्य रांकस को भी, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मोबाइल द्वारा सभी ग्रुप्सों में भेजें। ईश्वर के पास उसका ब्यौरा बिना किसी लिखा पड़ी के बना हुआ है, आत्मा अमर है । भाइयों, यह कड़वा सच है कि जो भी इस दुनिया में आया है, उसे एक दिन वापिस भी जाना पड़ता है। स्वर्ग में सुख तो बहुत है, पर वहां मृत्यु नहीं होती। असलियत में तो केवल हमारी उम्र सिर्फ सात ही दिन की होती है। इन्हीं सात दिनों में, हम पैदा भी हुए है, बड़े भी हुए है, शादी भी हुई है, नौकरी तथा रिटायरमेंट भी हो जाती है और तब वापिस जाने की भी तयारी करनी पड़ेगी। यह भी सत्य ही है कि जो कुछ भी हमने यहां पर इक्तरित किया है, यही पर रह जाएगा, इतना ही नहीं, यह शरीर भी साथ नहीं जाएगा। हां, साथ जाएगा तो हमारा पुर्शार्थ, धर्म, कर्म, दान पुन्न (सूक्ष्म रूप में जिसका चिप हमारी आत्मा के साथ साथ चलेगा) ईश्वर के पास उसका ब्यौरा बिना किसी लिखा पड़ी के बना हुआ है, जो अंतर आत्मा हमको बार बार सचेत करती भी रहती है। आत्मा अमर है शरीर नाशवान है। इसके साथ ही अंतिम यात्रा पर अपने नजदीक आर्मी यूनिट, स्टेशन हेड़कवर्ट्र व सी एस डी ऑफिसर इंचार्ज को इनफॉर्म करे ताकि समय अनुसार वह भी किसी भेज कर दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करके और परिवार जनों को ईश्वर से शक्ति देने की कामनाएं करे। ADLRS ( Assured Decent Last Rights Scheme) के तहाद मृत्यु होने पर सी ए एस डी केंटीन द्वारा 10,000/ और जिला सैनिक बोर्ड द्वारा 7,000/= की एक मुसत अनुदान राशि दी जाती है। इसके इलावा हम सभी फाउंडर एवम नेशल प्रेसिडेंट वेटरन बी के मिश्रा, स्टेट प्रेसिडेंट हिमाचल प्रदेश की तथा हमारे वेटरन इंडिया शिमला ग्रुप की ओर से सभी स्टेशन कमांडर्स, जिला सैनिक बोर्ड से आवेदन करता हूं कि ई एस एम् सेल के नाम के साथ में जोड़ कर पूर्व सैनिक डिफेंस वेटरन सेल भी रखा जाए। इसमें ई सी एस सैल और सी एस डी केंटीन भी रिकॉर्ड बनाने में कुछ सहायता कर सकती है। हमारा शिमला सी एस डी व ई सी एस का कार्य भी अति शोभनीय चल रहा है, हमारी वेटरन इंडिया की टीम समय समय पर लोगो से जानकारियां प्राप्त करके दोनो ऑफिसर इंचार्ज को अवगत कराती रहती है। Sir, here, we all must learn a LESSON that, all DOCUMENTS relevant to service/retired/pension including ALL BANK PASS BOOKS starting from the initial pension to date, be kept properly since Govt Announced some times arrears on various issues from backdated, but one should be aware of facts, as arrears to our co veteran stating that they have no data available as per our knowledge, especially in the RURAL AREAS. It is also to note, after the death of a pensioner, family pension starts. After the family pensioner's death, the new nominee (not common) on certain cases, like widow daughter disabled son/daughter, etc can request for family pension (condition apply). For these pensioners documents like Discharge book, pension Book, Pension Book, PPO/Corr PPOs, bank passbooks, account details, etc. Please take care. जय हिन्द, जय भारतीय सेना। Regards, Capt Sham Lal Sharma President Veteran India Distt (SHIMLA) (HP)& Admin/member a/m gps
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि राज्य सरकार ने देश के अन्य हिस्सों से हिमाचल प्रदेश में आने वाले लोगों के प्रवेश को विनियमित करने का मामला केंद्र सरकार से उठाया है, ताकि कोविड-19 महामारी को फैलने से रोका जा सके। मुख्यमंत्री आज यहां राज्य के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थागत क्वांरटीन और होम क्वांरटीन के तंत्र को सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आने वाले लोगों के प्रवेश को विनियमित करेगी, ताकि कोविड-19 मामलों को फैलने की किसी भी संभावना को रोका जा सके तथा लोगों का सुव्यवस्थित प्रवेश सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य में रात्रि 9 बजे से सुबह के 5 बजे तक कफ्र्यू लागू रहेगा। जय राम ठाकुर ने उपायुक्तों को उनके जिले में पूरी हो चुकी विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की सूची बनाने के निर्देश दिए ताकि इनका ऑनलाइन शुभारंभ किया जा सके। उन्होंने उपायुक्तों को शिलान्यास के लिए तैयार परियोजनाओं की भी सूची सौंपने के निर्देश दिए, ताकि इन परियोजनाओं के शिलान्यास ऑनलाइन किए जा सकें और लोग इनसे लाभान्वित हो सकंे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेब सीजन के दृष्टिगत उपायुक्तों को श्रमिकों का उचित प्रबन्ध और उत्पाद को मंडियों तक पहुंचाने के लिए सुचारू परिवहन व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को मानसून सीजन में माल के नुकसान को कम से कम करने के लिए समुचित एहतियाती उपाय करने चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण उनके लिए जिला मुख्यालयों में जाकर लाभार्थियों से बातचीत करना संभव नहीं है, इसलिए उपायुक्तों को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लाभार्थियों को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान करनी चाहिए। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि राज्य में स्थिति नियंत्रण में है तथा सरकार प्रभावी ढंग से स्थिति से निपट रही है। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव ओंकार चन्द शर्मा, प्रधान सचिव कानून यशवंत सिंह, सचिव रजनीश और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
पूर्व सीपीएस नीरज भारती को कोर्ट ने 14 दिन तक पुलिस न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मंगलवार को पूर्व सीपीएस नीरज भारती को कोर्ट में पेश किया गया जहां से कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। नीरज भारती के वकील ने बेल के लिए सीबीआई कोर्ट में अर्जी दी है, जिसका फैसला दो बजे आना है। बता दे कि सीआईडी ने 26 जून को नीरज भारती को गिरफ्तार किया था। पूर्व सीपीएस नीरज भारती के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था। वकील नरेंद्र गुलेरिया की शिकायत पर 20 जून को सीआईडी थाना में नीरज भारती के खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
शिमला जिला के कोटखाई में सोमवार की देर रात एक दुखद हादसा पेश आया है। कार दुर्घटना में एक माँ और बेटे की मौत हो गई है, जबकि कार की चपेट में आकर एक राहगीर भी घायल हो गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है व दोनों शवों को कोटखाई अस्पताल भेज दिया है। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों के सपुर्द किया गया। घटना के बाद क्षेत्र में शोक छा गया है। जानकारी के अनुसार सोमवार की देर शाम कार में सवार एक महिला अपने बेटे के साथ जा रही थी। कोकूनाला के समीप पहुंचते ही कार अनियंत्रित हो कर गई और एक पुल से गुजर रहे एक नेपाली मूल के राहगीर को चपेट में लेते हुए गहरी खाई में जा गिरी। लोगों ने जब किसी वाहन के खाई में गिरने की आवाजें सुनी तो तुरंत मौके पर पहुंचे और घायलों को बाहर निकालने में जुट गए। लेकिन बताया जा रहा है कि घायल मां और बेटे ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। इस घटना में घायल हुए नेपाली मूल के व्यक्ति को उपचार के लिए कोटखाई अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। सड़क हादसे में मृत हुए माँ और बेटे की पहचान शीला (45) पत्नी स्व. प्रकाश चंद और अभिषेक (23) पुत्र स्व. प्रकाश चंद, गांव टिपरा, तहसील ठियोग के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि शीला कोटखाई में लोक निर्माण विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत थी। माँ बेटे की मैत की सुचना मिलने के बाद गांव में मातम छा गया है।
केन्द्र व प्रदेश सरकार का मूल उद्देश्य कृषि का विकास व किसानों की समृद्धि है। शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने जिला शिमला किसान मोर्चा की वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि देश व प्रदेश में कृषक वर्ग विकास और परिवर्तन की क्षमता रखता है। वर्तमान सरकार ग्रामीण जनता की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व सरकार के दूर दृष्टि नेतृत्व के कारण ही प्रत्येक गांव सड़क तक जुड़ने में सक्षम हुआ है, जिसे प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना द्वारा पूर्ण किया गया है, जिससे किसान बागवान का उत्पाद मंडियों तक पहुंच पाया है। किसानों के सम्मान के लिए किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, फसल बीमा योजना, पशु धन बीमा योजना तथा अन्य कई योजनाएं केन्द्र सरकार द्वारा आरम्भ की गई है वहीं प्रदेश में किसानों के जीवन को ऊपर उठाने के लिए भी अनेक योजनाएं कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के इस एक वर्ष के कार्यकाल में अनेक उपलब्धियां अर्जित की गई है। कोरोना काल की चुनौतियों को अवसर में परिवर्तित करते हुए हम आज पी.पी.ई. किट निर्यात करने की अवस्था में है। आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ते हुए हमने रक्षा उपकरणों की खरीद के अतिरिक्त देश में उपकरणों के निर्माण की दिशा में भी काम करना प्रारम्भ किया है। उन्होंने कहा कि हम चीनी वस्तुओं का वहिष्कार कर हम अपने देश के कारीगरों की रचनात्मकता का फायदा उठाते हुए प्रधानमंत्री के स्वप्न को पूरा करने में सहयोग दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अधिकतर जनता आज भी गांव में बसती है। कोविड काल में विभिन्न राज्यों से अपने प्रदेश वापिस आए लोगों ने गांव में शरण लेकर खेती को अपनाया है। उन्होंने किसान मोर्चा के पदाधिकारियों व सदस्यों से सभी को जोड़कर मोर्चा को और अधिक मजबूती प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया। कोविड-19 संकटकाल की स्थितियों के तहत बागवानों का सेब मंडियों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों में किसान मोर्चा के पदाधिकारियों एवं सदस्य भी सकारात्मक सुझाव एवं परामर्श प्रदान करे ताकि व्यापक रूप से कार्य किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में प्रदेश व जिला में नियमित तौर पर अधिकारियों के साथ विभिन्न स्तरों पर बैठकें कर बागवानों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। सेब सीजन के दौरान सभी व्यवस्थाएं सुचारू रहें इस संबंध में भी सम्बद्ध विभागों को आदेश व दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बागवानों को समय पर ट्रे व सेब के लिए कार्टन उपलब्ध हो सके इसके लिए आवश्यक पग उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सेब न केवल जिला बल्कि राज्य की आर्थिकी के सुदृढ़ीकरण के लिए विशेष महत्व रखता है। उन्होंने कहा कि सीजन के दौरान बगीचों से लेकर मंडियों तक सेब का प्रबंधन किया जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम के आह्वान को दोहराते हुए लाॅकडाउन के दौरान सभी प्रकार की सावधानियों को बरतने की अपील की ताकि कोरोना संक्रमण से बचाव किया जा सके तथा परिवार, समाज और देश को आगे ले जाने के लिए हम प्रयत्नशील रहने में सक्षम हो सके। रैली को किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष राकेश शर्मा बबली, खादी बोर्ड के अध्यक्ष पुरूषोतम गुलेरिया, कैलाश फैडरेशन के अध्यक्ष व जिला भाजपा अध्यक्ष रवि मेहता, प्रदेश किसान मोर्चा महामंत्री संजीव देष्टा, किसान मोर्चा शिमला जिला अध्यक्ष संजीव चैहान (पिंकु), जिला किसान मोर्चा महामंत्री प्रेम चैहान, शिमला संसदीय क्षेत्र प्रभारी एवं अध्यक्ष महिला आयोग डेजी ठाकुर ने भी संबोधित किया।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश वन्य प्राणी बोर्ड की 9वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विकास और पारिस्थितिकी संरक्षण में बेहतर तालमेल समय की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी राज्य होने के नाते हिमाचल प्रदेश के पारिस्थितिकी संतुलन में वन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और राज्य सरकार वनीकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। वर्तमान वर्ष के दौरान 1.20 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के वनों में समृद्ध जैव-विविधता है और लोगों को चारा, ईमारती लकड़ी और चिकित्सीय पौधों की उपलब्धता के अतिरिक्त ये विभिन्न प्रकार के वन्य जीवों की प्रजातियों को भी आश्रय प्रदान करते हैं। उन्होंने मानवता के कल्याण के लिए पारिस्थितिकी संतुलन की आवश्यकता पर बल दिया। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 15 प्रतिशत हिस्सा संरक्षित क्षेत्र के अधीन आता है। राज्य में पांच राष्ट्रीय पार्क, 25 वन्य जीव अभ्यरण्य और तीन प्राकृतिक संरक्षण क्षेत्र हैं। राज्य सरकार विभिन्न विलुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के लिए राज्य में वन्य जीव संरक्षण कानून को सख्ती से लागू कर रही है। उन्होंने प्रदेश में ट्रैगोपेन के कैप्टिव प्रजनन की सफलता पर पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पौंग बांध जलाशय को पर्यटन आकर्षण के रूप में विकसित करने का प्रयास कर रही है। इस जलाशय में प्रतिवर्ष बड़ी संख्या मंे प्रवासी पक्षी आते हैं, जिसके कारण यह पक्षी प्रेमियों के लिए आकर्षण का बड़ा केंद्र है। उन्होंने कहा कि सरकार वन्य जीव क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियां सुनिश्चित कर रही है जिससे पारिस्थितिकी तंत्र तथा वन्य जीवन को कम से कम नुकसान हो। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और वन्य प्राणियों का संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है, क्योंकि यह स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। जय राम ठाकुर ने कोविड-19 महामारी के दौरान वन विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि थुनाग, पंजुत-लम्बा सफर-चिलमगढ़-शिकारी माता सड़क के उन्नयन के लिए शिकारी देवी वन्य जीव अभ्यरण्य में 2.80 हेक्टेयर वन भूमि के परिवर्तन के मामले को उपयुक्त प्राधिकरण के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस सड़क के स्तरोन्नयन से स्थानीय लोगों के अतिरिक्त प्रत्येक वर्ष शिकारी माता आने वाले पर्यटकों को भी सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने दोहरानाला-शिल्लीराजगिरी (चेष्टा) सड़क को कुल्लू जिला के लौट और रोहलांग गांवों तक विस्तार देने के लिए खोखण वन्य जीव अभ्यरण्य से 1.55 हेक्टेयर वन भूमि को परिवर्तित करने के लिए विभाग को निर्देश दिए। वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि संरक्षित क्षेत्रों के नेटवर्क में इको-पर्यटन की दृष्टि की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क विश्व धरोहर सूची में शामिल है, जबकि पौंग बांध, रेणुकाजी झील और चन्द्रताल रामसर जैसे गंतव्य राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव, वन संजय गुप्ता ने कहा कि राज्य वन्य प्राणी बोर्ड द्वारा स्वीकृत विषय राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड की अंतिम स्वीकृति के लिए शीघ्र ही भेजे जाएंगे। प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य वन्य जीव वार्डन डाॅ. सविता ने वन्य प्राणियों से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर विस्तृत प्रस्तुति देते हुए वन्य प्राणी विंग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बोर्ड सदस्यों के समक्ष पिछली बैठक में उठे मामलों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। उन्होंने बोर्ड के सदस्यों के समक्ष 9वीं बैठक का मसौदा प्रस्तुत किया, जिसमें थुनाग से शिकारी माता तक की सड़क को चैड़ा करना तथा शिकारी देवी वन्य जीव अभ्यरण जंजैहली-राजगढ़ से शिकारी माता सड़क को चैड़ा करना तथा दोहरानाला-शिल्लीगिराज से लौट-रोहलागी सड़क के प्रस्ताव प्रमुख हैं। ये सभी प्रस्ताव राष्ट्रीय वन्य प्राणी बोर्ड की स्वीकृति के लिए भेजे जाएंगे। बैठक के दौरान श्री रेणुकाजी लघु चिड़ियाघर के मास्टर प्लान पर हुई प्रगति से भी अवगत करवाया गया। बैठक के दौरान दूर-दराज गांव शुग्गा में हाईटेंशन ट्रांसमिशन लाईन के अतिरिक्त मसौदे पर भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया, जिसे स्वीकृति के लिए राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड को भेजा जाएगा। बैठक में पौंग बांध वन्य जीव अभ्यरण्य के बारे में सदस्य अर्जुन सिंह और होशियार सिंह द्वारा दिए गए कुछ सुझावों पर भी विचार विमर्श किया गया। प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन डाॅ. सविता द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘वैटलैंड बर्ड्ज आॅफ पौंग डैम’, मुख्य अरण्यपाल प्रदीप ठाकुर और जिला वन अधिकारी डडवाल द्वारा लिखी पुस्तक स्नो लैपर्ड- प्राइड आॅफ हिमाचल प्रदेश, सेवानिवृत्त अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल पी.एल. ठाकुर और नरेश पाल सिंह दौलटा जिला वन अधिकारी द्वारा लिखित लाहौल पांगी पर पत्रिका का भी इस अवसर पर विमोचन किया। विधायक अर्जुन सिंह, सुरेन्द्र शौरी, होशियार सिंह और बलबीर वर्मा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा, प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन अजय कुमार, बोर्ड के सदस्यगण और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने से चम्बा जिले के पांगी क्षेत्र में 70 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाओं की ऑनलाइन आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री द्वारा किए गए शिलान्यासों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 12.35 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली 17.300 कि.मी. धवारस-सुरल-भटोरी सड़क, 16.02 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाली 24 कि.मी. लंबी साचपास से तोेवान सड़क तथा 2.25 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होन वाली साईचू से चसाक सड़क शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने 1.21 करोड़ रुपये की लागत से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला किलाड़ के अतिरिक्त भवनों के निर्माण, 99 लाख रुपये की लागत से क्रयूणी में निर्मित होने वाले अतिरिक्त भवन, 2.77 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले राजस्व भवन किलाड़ तथा 18.89 करोड़ रुपये की लागत से नागरिक अस्पताल किलाड़ में निर्मित होने वाले नए भवन की आधारशिला भी रखी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने किलाड़ में 4.61 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले चिकित्सकों के आवास की आधारशिला भी रखी। जय राम ठाकुर ने कहा कि ये विकासात्मक परियोजनाएं पांगी क्षेत्र के लोगों के लिए वरदान साबित होंगी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इन क्षेत्रों का दौरा कर इन परियोजनाओं की आधारशिला रखना चाहते थे और साथ ही विकासात्मक कार्यों की समीक्षा करने के इच्छुक भी थे। उन्होंने कहा कि पांगी क्षेत्र के अपने पिछले दौरे के दौरान उन्होंने पांगी काॅलेज के भवन का उद्घाटन किया था। उस दौरे में उन्होंने किलाड़ में छात्राओं के लिए अलग राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला खोलने के अतिरिक्त राजकीय उच्च विद्यालय सूरल को राजकीय वरिष्ठ उच्च माध्यमिक पाठशाला तथा उदान मटौरी में पशु औषधालय खोलने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र के लोगों की सभी जायज मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा और सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को क्षेत्र में सीमित कार्य समय के दृष्टिगत विभिन्न परियोजनाओं के कार्यों में शीघ्रता लाने के निर्देश दिए। कृषि एवं जनजातीय विकास मंत्री डाॅ. रामलाल मारकण्डा ने जनजातीय क्षेत्रों के विकास में गहन रूचि दिखाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के कारण ही रोहतांग सुरंग का कार्य समाप्ति पर है जिसके कारण मौसम की विपरीत परिस्थितियों के कारण कई महीनों शेष क्षेत्रों से कटे रहने वाले जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति के लोगों को वर्ष भर आवाजाही की सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में संचार सेवाओं में सुधार हुआ है। भरमौर के विधायक जिया लाल कपूर ने करोड़ों रुपये की विकासात्मक कार्यों का शिलान्यास रखने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यद्यपि कोरोना महामारी के कारण मुख्यमंत्री क्षेत्र में नहीं आ सके परंतु उन्होंने इसके बावजूद पूरे प्रदेश में विकास की गति सुनिश्चित की है।
भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश के सभी प्रदेश पदाधिकारी, सभी मोर्चों के प्रदेश अध्यक्ष, चारों संसदीय क्षेत्र के प्रभारी एवं पालक, सभी जिला अध्यक्ष, सभी जिला प्रभारी एवं सह प्रभारी की बैठक का आयोजन वेबैएक्स के माध्यम से किया गया। बैठक में राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष विशेष रूप में उपस्थित रहे उनके साथ प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा भी उपस्थित रहे, बैठक का संचालन प्रदेश महामंत्री एवं भाजपा के जन संवाद अभियान के प्रभारी त्रिलोक जमवाल द्वारा किया गया। बैठक में सभी जिला अध्यक्षों एवं प्रभारियों ने अपना अपना वृत रखा। भाजपा के सभी सातों मोर्चा ने भी अपने किए गए कार्यों का वृत्त राष्ट्र संगठन मंत्री के समक्ष रखा। इसी प्रकार सांसद रामस्वरूप शर्मा ने मंडी, पूर्व भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती ने हमीरपुर, भाजपा महामंत्री त्रिलोक कपूर ने कांगड़ा और सरकार में मंत्री राजीव सैजल ने शिमला संसदीय क्षेत्र का वृत्त राष्ट्रीय संगठन मंत्री के समक्ष रखा। भाजपा के जन संवाद अभियान की प्रभारी त्रिलोक जमवाल ने बताया कि राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष जी द्वारा अनेकों विषयों को लेकर चर्चा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने कहा कि पिछले 4 माह में कोविड-19 के संकट काल में भाजपा देश भर में 22 करोड़ लोगों तक सेवा कार्य के माध्यम से पहुंची और पिछले 20 दिनों में वर्चुअल बैठकों के माध्यम से भाजपा ने जन संवाद अभियान के अंतर्गत देश भर में 20 करोड़ लोगों से संवाद किया। त्रिलोक जम्वाल ने बताया कि जन संवाद कार्यक्रम के अंतर्गत हिमाचल में भी 156 वर्चुअल रैली एवं बैठकों के माध्यम से 4105859 लोगों तक भाजपा ने संवाद किया है। अगले 7 दिन तक भारतीय जनता पार्टी "मेरा बूथ-मेरा मंडल" अभियान चलाएगी जिसके अंतर्गत सभी कार्यकर्ता बूथ स्तर के सभी घरों तक संपर्क करेंगे और केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की उपलब्धियां घर-घर पहुंचाएंगे। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में जो लोग बाहर से अपने घर वापस आए हैं उनसे भी भाजपा के कार्यकर्ता संपर्क करेंगे और उनका कुशल क्षेम पूछेगें, किस प्रकार की समस्याएं उन्हें अपने पूर्व कार्य क्षेत्र में आ रही थी और अब वह हिमाचल प्रदेश में किस प्रकार से रह रहे हैं और आगे वह क्या करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के अंतर्गत वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी वर्गों जैसे व्यापारी, सोसाइटी और अन्य से संपर्क करते हुए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के बारे में जानकारी भाजपा जनता तक पहुंचाएंगे। उन्होंने बताया कि इसी अभियान के अंतर्गत भारतीय जनता पार्टी लाभार्थियों के सम्मेलन भी वैर्तुअल रैली के माध्यम से करने जा रही है। उन्होंने बताया कि देश दोनों युद्ध जीतेगा चाहे वह सीमाओं पर हो या देश की आर्थिक मजबूती का हो, इसके अंतर्गत भाजपा चाइना से आए हुए वस्तुओं को प्रचलित नहीं करेगी और स्थानीय वस्तुओं को खरीदने का संकल्प कार्यक्रम शुरू करेगी, स्वदेशी को बढ़ावा देगी। भाजपा छोटे से गांव के उत्पाद को देश से जोड़ने का प्रयास करेगी, इन सभी वस्तुओं का पहले राष्ट्रीय ब्रांडिंग फिर अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग करेगी भाजपा। भाजपा ने इसके लिए " वोकल फ़ॉर लोकल " के नारे को अपनाया है। बैठक में राष्ट्रीय संगठन मंत्री संतोष ने भाजपा की हिमाचल इकाई को सेवा कार्यों, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग एवं वर्चुअल रैलियों में अच्छे कार्य करने के लिए शुभकामनाएं भी दी।
सेब उत्पाद के परिवहन के लिए विस्तृत और व्यापक व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत बागवानों को अपने उत्पाद मंडियों तक ले जाने में असुविधा का सामना न करना पड़े। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर सेब सीजन की तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि फल उत्पादकों की सुविधा के लिए एचपीएमसी ने पैकेजिंग सामग्री जैसे कार्टनस, सैपरेटर्स, ट्रे और अन्य संबंधित सामग्रियों की आपूर्ति के लिए 26 फर्में सूचीबद्ध की है। उन्होंने कहा कि इन फर्मों द्वारा लगभग 1.20 करोड़ कार्टन तैयार किए जा चुके हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश बागवानी विभाग ने नई दिल्ली की आजादपुर मण्डी और हरियाणा के सोनीपत की गनौर मण्डी में उत्पादकों के लिए विपणन सुविधा की व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि लगभग 1.17 लाख मीट्रिक टन क्षमता के नियंत्रित वायुमण्डल भण्डार (सीए स्टोर) हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में सरकारी और निजी क्षेत्रों में चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बागवानों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 32 हजार मीट्रिक टन कोल्ड स्टोरेज सुविधा उपलब्ध है। जय राम ठाकुर ने लोक निर्माण विभाग को सेब उत्पाद क्षेत्रों में सड़कों और सम्पर्क मार्गों का उचित रख-रखाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि वाहनों का आवागमन सुचारू रहे। उन्होंने कहा कि सेब के सीजन के दौरान कानून व व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए और विभिन्न स्थानों पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए जाने चाहिए ताकि ट्रकों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग को उन ठेकेदारों के साथ बैठक भी करनी चाहिए जो श्रमिकों को वापिस लाने के प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बागवानों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि श्रमिकों की कमी के कारण बागवानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि किसानों को क्लर स्प्रे के उपयोग से बचने के लिए भी प्रेरित किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल उन्हें अपने उत्पाद की अच्छी कीमत मिलेगी और साथ ही श्रमिकों की समस्या भी हल करने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाली श्रमिकों पर निर्भरता से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि मजदूरों की वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हो तो राज्य सरकार देहरादून और अन्य स्थानों तक बसें भेजने पर भी विचार कर सकती है ताकि नेपाली श्रमिकों को राज्य में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य में श्रमिकों को लाने के लिए नेपाल के सीमावर्ती जिलों के प्रशासन से भी बात की जानी चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा क्योंकि इस वर्ष कोविड-19 संकट के कारण अन्य देशों से सेब का आयात इस वर्ष संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह बहुत आवश्यक है कि सेब को मण्डियों तक पहुंचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से सेब उत्पादक क्षेत्रों में श्रमिक लाने के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल नेपाली श्रमिकों पर उत्पादकों की निर्भरता कम होगी, बल्कि बागवानी करने वालों को भी सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि एपीएमसी कृषि बाजार के पदाधिकारियों के आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा और संबंधित जिला अधिकारी उन्हें ट्राजिट पास जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि एपीएमसी को सभी मण्डियों और व्यक्तिगत यार्डों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करना सुनिश्चित करेगा। बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि बागवानी उद्योग से प्रतिवर्ष प्रदेश की आर्थिकी में 5000 करोड़ रुपये का योगदान होता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सेब सीजन के दौरान लगभग 5.83 लाख मीट्रिक टन सेब उत्पादन की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मण्डी मध्यस्थता योजना के तहत सेब का समर्थन मूल्य 8 रुपये से बढ़ाकर 8.50 रुपये प्रति किलोग्राम किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में एंटी हेल नेट संरचना के निर्माण को प्रोत्साहित के लिए कुशे योजना आरम्भ की है। मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने मुख्यमंत्री को यह सुनिश्चित करने के लिए धन्यवाद किया कि बागवानी उत्पादकों को उनके उत्पाद के विपणन में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने उत्पाद के परिवहन, श्रमिकों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी मुख्यमंत्री से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सिरमौर व चम्बा जिलों से वैकल्पिक श्रमिक उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए मार्केट यार्डों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात करने की आवश्यकता पर बल दिया। हिमफैड के अध्यक्ष गणेश दत्त ने कहा कि सेब की खरीद के लिए सरकार द्वारा स्थापित क्लेक्शन एंड प्रोक्योरमेंट केन्द्रों में होमगार्ड के जवानों को तैनात किया जाना चाहिए। निदेशक बागवानी डाॅ. एम.एम. शर्मा ने कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत सेब को मण्डियों तक पहुंचाने की तैयारियों के संबंध में एक विस्तृत प्रस्तुति दी। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, कृषि मंत्री डाॅ. राम लाल मारकण्डा, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर, मुख्य सचिव अनिल खाची, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, प्रधान सचिव ओंकार शर्मा, के.के. पंत, सचिव बागवानी अमिताभ अवस्थी, एचपीएमसी की प्रबन्ध निदेशक देव स्वेता बनिक, विशेष सचिव कृषि राकेश कंवर, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन और अन्य अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को खोलने पर राज्य सरकार कोई जल्दबाजी नहीं करेगी। केद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) की गाइडलाइन आने के बाद ही शिक्षण संस्थानों (स्कूल व कॉलेजों) को खोला जाएगा। 30 जून को केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन आ जाएगी। स्कूल खोलने या फिर शिक्षकों को ही स्कूल बुलाने पर भी तीस जून को ही निर्णय लिया जाएगा। शिक्षा विभाग पहली जुलाई से राज्य के सभी स्कूलों में दोबारा से ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर देगा। शनिवार को राज्य सचिवालय में समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की। इसमें शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, सचिव शिक्षा राजीव शर्मा, निदेशक उच्चतर शिक्षा डॉ. अमरजीत शर्मा, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रोहित जम्वाल, समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। अंडर ग्रेजुएट कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं कैसे आयोजित करनी है, इस पर भी बैठक में चर्चा की गई। हालांकि केंद्रीय गाइडलाइन में परीक्षाओं को लेकर क्या निर्देश आते हैं इसका अभी इंतजार किया जा रहा है। लेकिन सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए जो पैटर्न अपनाया है, उसी को यूजी कक्षाओं में भी लागू किया जा सकता है। हालांकि ये सभी बातें केंद्रीय गाइडलाइन आने के बाद तय होंगी।