मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल व प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा से विस्तृत चर्चा के उपरांत भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमित ठाकुर ने मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी हैं, जिसमें टेक सिंह, मण्डी, पंकज हैप्पी, नुरपूर, अंकित चोपड़ा, बिलासपुर, संदीप छिंटा, महासू, कृष्णकांत, सिरमौर को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसी प्रकार विषय ठाकुर, सोलन तथा ज्योति कपूर, मण्डी को महामंत्री नियुक्त किया गया है। भाजयुमो अध्यक्ष ने बताया कि संदीप पनियाल, चम्बा, संजीव कुमार, कुल्लू, साकेश शर्मा, सिरमौर, चंद्रकांता, शिमला, भुवनेश ठाकुर, मण्डी, आशीष सिकटा, सिरमौर सचिव पद का कार्यभार संभालेंगे। विजय गुप्ता, महासू को मुख्य प्रवक्ता तथा अशोक कंवर, महासू, वेद ठाकुर, कुल्लू जितेन्द्र सिंह, शिमला तथा राकेश ठाकुर, बिलासपुर को सह-प्रवक्ता बनाया गया है। उन्होनें बताया कि सौरभ धीमान, सोलन को मीडिया प्रभारी तथा तपन मिन्हास, कांगड़ा, विशाल ठाकुर, सुन्दरनगर, जगदीप शर्मा (रिंपल), हमीरपुर तथा मोहर चंद भारद्वाज, शिमला (मोनू) सह मीडिया प्रभारी बनाया गया है। महेश शर्मा, शिमला को कार्यालय सचिव तथा शिवम मित्तल को कोषाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया है। मैड़ी नरयाल, चम्बा सोशल मीडिया एवं आई0टी0 प्रमुख बनाया गया है। जिलाध्यक्षों में :- अनिल कुमार ढकोग, भरमौर को जिला चम्बा, प्रणव शर्मा, शाहपुर को जिला कांगड़ा, आदर्श कुमार, इंदौरा को जिला नुरपूर, नितिन ठाकुर, देहरा को जिला देहरा, अरविन्द कुमार, बैजनाथ को जिला पालमपुर, तेनजिन कारपा, केलांग को जिला लाहौल स्पिति, नवल नेगी, बंजार को जिला कुल्लू, राकेश वालिया, बल्ह को जिला मण्डी, अमीचंद, करसोग को जिला सुन्दरनगर, अजय रिंटू, हमीरपुर को जिला हमीरपुर, पंकज शर्मा, झण्डूता को जिला बिलासपुर, कमल सैणी, हरोली को जिला ऊना, नरेन्द्र ठाकुर, कसौली को जिला सोलन, पारूल शर्मा, शिमला ग्रामीण को जिला शिमला, अंकुश चौहान, जुब्बल कोटखाई को जिला महासू तथा प्रवीण मोयान, निचार को जिला किन्नौर का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। भाजयुमो अध्यक्ष अमित ठाकुर ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व से चर्चा के उपरांत मोर्चे के अन्य पदाधिकारियों व कार्यसमिति सदस्यों की घोषणा शीघ्र अति शीघ्र की जाएगी।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कोरोना आपदा से राहत देने के के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाए गए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से हिमाचल प्रदेश को लगभग 288 करोड़ से ज़्यादा राशि ट्रांसफ़र कर दिए जाने की जानकारी दी है। अनुराग ठाकुर ने कहा आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है और इस इस वैश्विक आपदा से निपटने के लिए सभी देश युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। हमारा देश भी इस से अछूता नहीं है जिसे देखते हुए देश की मोदी सरकार अपने नागरिकों को स्वस्थ व सुरक्षित बनाए रखने के लिए सभी सम्भव उपाय कर रही है। कोरोना आपदा के संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का गठन किया गया है जिसके अंतर्गत ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, विधवाओं व दिव्यांगजनों के लिए आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। पूरे देश में अब तक 41 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों को 52 हज़ार 608 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।” आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा "हिमाचल प्रदेश में भी ज़रूरतमंदों प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का पूरा लाभ मिला है। पीएम किसान योजना के 8 लाख 70 हज़ार से भी ज़्यादा लाभार्थियों को 174 करोड़ रुपए से ज़्यादा की राशि उनके खातों में ट्रांसफ़र कर दी गई है। पीएम जनधन योजना के 6 लाख 13 हज़ार से ज़्यादा खाताधारकों के बैंक खातों में 30 करोड़ से ज़्यादा की राशि केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसफ़र कर दी गई है। राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत 1 लाख 11 हज़ार से अधिक वृद्धों, विधवाओं और दिव्याँगों को लगभग 5 करोड़ 59 लाख रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन फंड के 1 लाख 6 हज़ार से अधिक लाभार्थियों को 21 करोड़ 35 लाख से अधिक की आर्थिक मदद केंद्र सरकार द्वारा की गई है। ईपीएफ़ओ के 5 हज़ार 681 से ज़्यादा लाभार्थियों को 11 करोड़ से 98 लाख से ज़्यादा की राशि ट्रांसफ़र कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश के अंदर अब तक लगभग 24 लाख लोगों को 12 हज़ार मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके अतिरिक्त लॉकडाउन के प्रथम चरण से अभी तक केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को अप्रैल माह तक विभिन्न मदों के लिए कुल 1,821 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। लॉकडाउन के चलते केंद्र सरकार की आय में कमी आई है इसके बावजूद केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को 92 हज़ार करोड़ रुपए दिए गए हैं।” अनुराग ठाकुर ने कहा ”भारत सरकार कोरोना से निपटने के लिए सभी ज़रूरी व प्रभावी कदम उठा रही है। यह वक्त पूरी एकजुटता के साथ इस आपदा से निपटने व अपनी राष्ट्रीय एकता को दिखाने का है। इस समय हमें पूरे संयम और दृढ़ संकल्प के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सुझाए सभी उपायों का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता है। सतर्कता से ही कोरोना के संक्रमण की रोकथाम संभव है। हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएँगे व हम सब मिल कर कोरोना को हराएंगे।
हाटू मन्दिर समिति, नारकण्डा जिला शिमला ने एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में 1,01,101 रुपए का अंशदान किया है। समिति के अध्यक्ष भूपेन्द्र कंवर ने इस राशि का एक चैक मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस अंशदान के लिए समिति का आभार व्यक्त किया है। समिति के उपाध्यक्ष प्रेम सिंह खिमटा, सचिव ज्ञान डोगरा और सदस्य प्रेम ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वी. रतनम के निधन पर शोक व्यक्त किया है, जिनका हाल ही में चेन्नई में निधन हो गया। वी. रतनम 10 से 29 जुलाई, 1994 तक प्रदेश के राज्यपाल रहे और प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार भी संभाला। राज्यपाल ने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के साथ अपनी हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त की हैं। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अपने शोक संदेश में कहा है कि न्यायमूर्ति वी. रतनम प्रसिद्ध विधि विशेषज्ञ थे। उन्होंने रतनम के परिवार के सदस्यों के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की कामना की है।
शिक्षा विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला विधानसभा क्षेत्र के समरहिल वार्ड नम्बर 5 के पन्ना प्रमुखों के साथ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जनहित को सहयोग प्रदान करने के लिए बढ़-चढ़ कर भाग लिया तथा प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से लोगों को साथ जोड़कर जरूरतमंद व गरीबों की सहायता की। बहनों द्वारा बड़ी संख्या में मास्क बनाकर घर-घर जाकर बांटे गए। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशों को मानते हुए लोगों द्वारा लाॅकडाउन का पालन करने के कारण ही अन्य देशों की अपेक्षा देश व प्रदेश के संक्रमण और मृत्यु दर कम हुई है। प्रदेश में अपना कोई मामला इस संबंध में नहीं आया है। प्रदेश के लोग जो बाहर से राज्य में लाया गया उनमें कुछ लोगों को संक्रमण के लक्षण पनपे है, जिन्हें क्वाॅरेंटाइन सैंटर में रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी प्रकार की भय की आवश्यकता नहीं है। इस संदर्भ में लोगों की सुरक्षा के प्रति सरकार द्वारा पुख्ता प्रबंधन किए गए है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता अधिक से अधिक लोगों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने, बाहर न निकलने तथा अत्यंत आवश्यक होने पर ही बाहर निकलने, बाहर निकलने पर मास्क अवश्य लगाने तथा घर के बड़े बुजुर्गों की विशेष चिंता करने व बच्चों व गर्भवती महिलाओं का ख्याल रखने के प्रति सबको जागरूकता प्रदान करें। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को सुचारू करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा आर्थिक पैकेज दिया गया है, जिससे अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी। प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन आरम्भ होने पर सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए शिक्षा व्यवस्था बहाल करने का प्रयत्न किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता की सहुलियतों तथा प्रदेश सरकार की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में टैक्सों में सुविधा प्रदान की गई है। मजदूरों को खाद्य एवं सब्सिडी के तहत राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं द्वारा इस दौरान जरूरतमंद लोगों को भोजन व मास्क बांटे गए, जो कि सराहनीय है। हम समाज में कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए उन सभी योद्धाओं का सम्मान करें ताकि उनका हौंसला बढ़ाया जा सके।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जिला किन्नौर, लाहौल-स्पीति और जिला चम्बा के पांगी, भरमौर और किलाड़ क्षेत्र के जिला परिषद, पंचायत समिति अध्यक्ष और विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रधानों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम बातचीत के दौरान कहा कि कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत जारी लाॅकडाउन के कारण प्रदेश सरकार ने 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत विभिन्न परियोजनाओं को पूरा करने की समय अवधि को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों के चुने हुए प्रतिनिधि न केवल ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं बल्कि यह भी सुनिश्चित बना रहे हैं कि ग्रामीण क्षेत्र कोविड-19 महामारी से सुरक्षित रहें। अधिकांश पंचायतें लोगों को इस बीमारी के संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखने और घरों से बाहर निकलने पर फेस मास्क व फेस कवर का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने का सराहनीय कार्य कर रहीं हैं। जय राम ठाकुर ने इस संकटकाल में देश को 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक सुधार पैकेज प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया जिसमें समाज के सभी वर्गों के कल्याण की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से हिमाचल प्रदेश को भी काफी लाभ होगा। मनरेगा के लिए 40,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान की गई है, जिससे निश्चित रूप से राज्य के इन क्षेत्रों में विकासात्मक बुनियादी ढांचे में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन-4 ने हमें पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया है कि हम सभी को इस वायरस के साथ जीना सीखना होगा और अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक गतिविधियों को पुनः आरंभ करना होगा। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने भी आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए कुछ छूट प्रदान करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कफ्र्यू में कुछ ढील प्रदान की है ताकि राज्य में आर्थिक गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में लाखों विद्यार्थी, श्रमिक व अन्य लोग फंसे हुए हैं जिनके कल्याण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। विभिन्न स्थानों से उन्हें वापस लाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है हालांकि इससे राज्य में कोरोना रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से आने वाले हिमाचल प्रदेश के सभी लोगों को क्वारन्टीन में रखा जा रहा है। जांच के बाद नेगेटिव पाए जाने पर ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी जा रही है और वहां भी उन्हें होम क्वारन्टीन में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी को भी होम क्वारन्टीन का उल्लंघन करने नहीं दिया जाएगा और यदि कोई व्यक्ति क्वारन्टीन के नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे जिला प्रशासन के ध्यान में लाया जाए, ताकि उल्लंघनकर्ता को संस्थागत क्वारन्टीन केंद्रों में स्थानांतरित किया जा सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही शिमला में जनजातीय भवन को कार्यशील बनाएगी ताकि ईलाज और किसी अन्य अपात स्थिति में शिमला आने पर जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को भोजन व ठहरने की सुविधा प्रदान की जा सके। ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लिए धन की कोई कमी नहीं है। राज्य सरकार का प्रयास लोगों को ग्रामीण स्तर पर ही रोजगार के अवसर प्रदान करना है ताकि उन्हें आजीविका के लिए शहरी क्षेत्रों की ओर पलायन करने की आवश्यकता न रहे। कृषि और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री डाॅ. राम लाल मारकंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व मंो राज्य सरकार कोरोना महामारी के खिलाफ सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्र राज्य के अन्य भागों की तरह प्रगति और समृद्धि के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के निदेशक ललित जैन ने वीडियो काॅन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री, मंत्रियों और पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित प्रतिनिधियों का स्वागत किया। जिला परिषद किन्नौर अध्यक्ष ताशी यंगजेन, जिला परिषद अध्यक्ष लाहौल-स्पीति रमेश, प्रधान ग्राम पंचायत कल्पा प्रवीण कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत सिस्सू सुमन, भरमौर की ग्राम पंचायत सनाह के प्रधान अशोक कुमार, प्रधान ग्राम पंचायत पांगी प्रकाश चंद और प्रधान ग्राम पंचायत ताबो देई चन्द ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। सचिव ग्रामीण विकास और पंचायती राज डाॅ. आर.एन. बत्ता और मुख्य अभियंता सीमा सड़क संगठन एम.एस. बाघी भी इस अवसर पर अन्य लोगों के सहित उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिन्दल व प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा से विस्तृत चर्चा के उपरांत भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रश्मि धर सूद ने मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश पदाधिकारियों में पांच उपाध्यक्ष, दो महासचिव, पांच सचिव, एक सोशल मीडिया एवं आईटी प्रभारी, एक कोषाध्यक्ष और एक कार्यालय सचिव होंगे। उन्हीने बताया शोभा डडवाल, नूरपुर, वीना शर्मा, हमीरपुर, धन्नो देवी, चंबा, देव ऋषि, किन्नौर एवं नीलम ठाकुर, देहरा को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेवारी मिली। इसी प्रकार वंदना गुलेरिया हमीरपुर एवम शीतल व्यास, शिमला को प्रदेश महामंत्री की जिम्मेवारी दी गई है। गायत्री कपूर, धर्मशाला, मीनाक्षी राणा, ऊना, मांचली ठाकुर, मंडी, द्रौपदी शर्मा, सिरमौर एवं मंजू जरियाल ऊना को प्रदेश सचिव का दायित्व सौंपा गया। रश्मि सूद ने बताया कि डॉ अर्चना ठाकुर कुल्लू को प्रदेश सोशल मीडिया एवं आईटी का दायित्व सौंपा गया और मधु सूद शिमला को प्रदेश कोषाध्यक्ष की जिम्मेवारी दी गई है। किरण बाबा शिमला, को डाटा डिजिटिकरण एवं कार्यालय सचिव का दायित्व सौंपा गया है। महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्षा ने बताया कि सभी 17 जिलों के जिला अध्यक्षाओ की भी नियुक्त कर दी गयी है जिसमें कांता ठाकुर को ज़िला चंबा, अनीता सिपहिया, देहरा, रंजू रस्तोगी, कांगड़ा, श्रेष्ठा ठाकुर, नूरपुर, ठाकुर रागिनी रकवाल, पालमपुर, शकुंतला को लाहौल स्पीति, शिवानी वर्मा को सिरमौर, अनीता वर्मा को महासू, अनिला कश्यप को शिमला, रवीना नेगी को किन्नौर, मनीषा सूद को कुल्लू, सुमन ठाकुर को मंडी, अंजू शर्मा को सुंदरनगर, राजकुमारी को हमीरपुर, प्रोमिला ठाकुर को ऊना, भुवनेश्वरी लुंबा को बिलासपुर एवं शकुंतला शर्मा को जिला सोलन की अध्यक्षा नियुक्त किया गया है। राशिमधर सूद ने कहा कि मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारियों एवं कार्यसमिति सदस्यों की घोषणा शीघ्र ही की जाएगी।
कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने 24 मार्च, 2020 से पूरे राज्य में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया था, जिसके उपरान्त जिला दण्डाधिकारियों ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के अन्तर्गत संबंधित जिलों में कर्फ्यू लागू करने के आदेश जारी किए थे। राज्य सरकार के एक अधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि जिला दण्डाधिकारी अपने जिलों में दो महीनों से अधिक समय के लिए कर्फ्यू लागू नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू में दो महीने की अवधि 24 मई को पूरी हो गई है, लेकिन राज्य में कोरोना महामारी पर अभी तक नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। इसलिए यह महसूस किया गया कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है कि कफ्र्यू में आगामी विस्तार देना पड़े। प्रवक्ता ने कहा कि 23 मई, 2020 को आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में जिला दण्डाधिकारियों को धारा-144 के अन्तर्गत संबंधित जिलों में स्थिति की आवश्यकता के अनुसार 30 जून, 2020 तक कफ्र्यू बढ़ाने के लिए अधिकृत करने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य में 31 मई, 2020 तक कफ्र्यू लागू है और उसके उपरान्त जिला दण्डाधिकारी इस मामले में आगामी निर्णय लेंगे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला, अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता व कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद गुलाम नबी आजाद, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन और राज्य के मुसलमान भाईयों को दूरभाष के माध्यम से ईद-उल-फितर की बधाई दी। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की है कि यह त्योहार देश में एकता, शांति और आपसी भाई-चारे की भावना को और मजबूत करेगा।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से जहां पूरी दुनिया प्रभावित है वहीं हिमाचल प्रदेश के किसानों ने इसे एक अवसर के रूप में लिया है। प्रदेश के किसान इस कोरोना काल में अपने खेत-खलियान और बाग-बगीचों से जुड़कर प्रदेश में प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा देने में आगे आए हैं वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों ने भी अपने कदम आगे बढ़ाते हुए डिजिटल तकनीक व मोबाइल क्रान्ति को खेतों तक पहुंचा कर खेती से जोड़ दिया है। व्हाट्सएप पर दिए जा रहे है खेती के टिप्स संकट के इस समय में किसानों की आर्थिकी को बनाए रखने, समस्याओं के समाधान व उन्हें खेती संबंधी सलाह देने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सोशल मिडिया व्हाट्सएप का सहारा लिया जा रहा है जिसके लिए ब्लाॅक, जिला व राज्य स्तर पर व्टसएप ग्रुप बनाए गए है। कृषि अधिकारी वीडियो काॅलिंग के माध्यम से किसानों के खेतों तक पहुंच कर लाइव रू-ब-रू होकर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे है और व्हाट्सएप पर ही किसानों को प्राकृतिक खेती करने के भी टिप्स दे रहे हैं। प्रदेश में 94 कृषि ग्रुप किए सक्रिय कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रदेश भर में लगभग 94 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। इन ग्रुपों से लगभग 5676 किसानों का अभी तक जोड़ा जा चुका है। कृषि अधिकारी इन ग्रुपों के माध्यम से प्राकृतिक खेती के सही जानकारी किसानों को दे रहे हैं। ब्लाॅक स्तर पर 80 व्हाट्सएप ग्रुप, जिला स्तर पर 12 ग्रुप और प्रदेश स्तर पर 2 व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए है। प्रदेश के सभी 80 ब्लाॅकों में बनाए गए कृषि ग्रुपों से लगभग 4 हजार, जिला स्तर पर बनाए गए 12 ग्रुपों से लगभग 500 किसानों को जोड़ा गया है जबकि प्रदेश स्तर पर बनाए गए 2 व्हाट्सएप ग्रुपों से लगभग 1176 किसानों व अधिकारियों को जोड़ा गया है। इसके अलावा प्रत्येक ब्लाॅक में तीन अधिकारी और जिला स्तर पर प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एसएमएस और डीपीडी की तैनाती भी की गई है, जो लाॅकडाउन के दौरान भी किसानों के साथ फोन के माध्यम से लगातार संपर्क में हैं। 2921 पंचायतों में खड़े किए जा चुके है माॅडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकार की ओर से दो वर्ष पूर्व प्रदेश में शुरू की गई प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि से अभी तक 54 हजार किसान जुड़ चुके हैं। 70 हजार से अधिक किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। प्रदेश में अब तक 2151 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है। वर्ष 2022 तक समूचे प्रदेश को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लक्ष्य के तहत प्रदेश की 2921 पंचायतों में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि के माॅडल खड़े किए जा चुके हैं। किसानों को सस्ते दामों पर तैयार आदान मिल सके इसके लिए 312 संसाधन भंडार भी तैयार किए गए हैं। नए किसानों का प्रेरित कर रहे पहले से जुड़े लोग लाॅकडाउन के दौरान इन किसानों ने अपने साथ हजारों नए किसानों को जोड़कर प्रदेश को प्राकृतिक खेती राज्य बनाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाएं हैं। प्रदेश में लाॅकडाउन के कारण जहां किसानों के लिए मास ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित नहीं हो पा रहे है वहां पर संकट के इस समय में पहले से ही प्राकृतिक खेती कर रहे किसान नए किसानों को न केवल सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि को अपनाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं बल्कि प्राकृतिक खेती करने की विधि के अनेक माॅडल भी किसानों के खेतों में खड़े करवाए हैं। प्राकृतिक खेती अपनाने वाले नए किसान बताते हैं कि खेती की इस विधि को अपनाने में उन्हें बाजार से कुछ भी खरीद कर लाने की जरूरत नहीं होती है, खेती में प्रयोग होने वाले सभी आदान घर पर और घर के आसपास ही मिल जाते हैं। किसानों की उपज को मंडियों तक पहुंचाने के लिए भी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत प्रयास किए जा रहे है ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। प्रकाशित की जा रही है सफलता की कहानियां किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि की तकनीक आसान और सरल भाषा में समझ आ सके इसके लिए विशेष साहित्य भी तैयार किया गया है। प्राकृतिक खेती परियोजना की राज्य कार्यान्वयन इकाई की ओर से प्राकृतिक खेती विधि की तकनीक को लेकर 6 पुस्तकों का संकलन किया गया है। किसान इन पुस्तिकाओं में बताई गई विधि और कृषि सलाह को पढ़कर अपने खेतों में आदानों को प्रयोग कर सके। प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को आकर्षित करने के लिए, प्राकृतिक खेती को अपना चुके सफल किसानों की कहानियों का भी प्रकाशन किया जा रहा है। दी जा रही है कृषि सलाह प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के कार्यकारी निदेशक प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान किसानों को आ रही समस्याओं का हर संभव समाधान किया जा रहा है। फसल को लगने वाली विभिन्न बीमारियों से फसल बचाव के संबंध में भी समय-समय पर किसानों का कृषि सलाह दी जा रही है जिसके लिए व्हाट्सएप का प्रयोग भी किया जा रहा है। किसानों के प्रदेश भर में व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल व प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा से विस्तृत चर्चा के उपरांत भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप व ओ०बी०सी० मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ओ पी चौधरी ने मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी हैं, तदानुसार :- ओ०बी०सी० मोर्चा (पदाधिकारियों में) :-योगराज मैहरा, ज्वाली, देशराज बागी, शाहपुर, रमेश सैनी, सुन्दरनगर, नीलम चौधरी, नादौन को उपाध्यक्ष बनाया गया है। इसी प्रकार राजकुमार धनोटिया, चिंतपूर्णी तथा रामलोक धनोटिया, ज्वालामुखी को महामंत्री नियुक्त किया गया है। सुभाष चौधरी, पांवटा, सुभाष सिंह, नूरपुर, रामेश्वर शर्मा, रेणुका जी, सचिव का कार्यभार संभालेंगे। कमल चौधरी, कुटलैहड़ को कोषाध्यक्ष बनाया गया है। जिलाध्यक्षों में :- सतपाल, चुराह को जिला चमबाव, अनिल कुमार को जिला बिलासपुर, देशराज चौधरी, सुलह को जिला पालमपुर, मलकीत सिंह, ज्वाली को जिला नूरपुर, बिहारी लाल खट्टा, नगरोटा बगवां को जिला कांगड़ा, अतुल कौशल चौधरी, ज्वालामुखी को जिला देहरा, दुष्यंत कुमार महंत को जिला कुल्लू, रसील सिंह मनकोटिया, हमीरपुर को जिला हमीरपुर, चक्रधर भंडारी, पच्छाद को जिला सिरमौर, राजकुमार डोगरा, चिंतपूर्णी को जिला ऊना, संतोष कुमार भारद्वाज को जिला सोलन, कपूर चंद, द्रंग को जिला मण्डी, धर्मप्रकाश वर्मा, शिमला ग्रामीण को जिला शिमला, हरि सिंह, चौपाल को महासू तथा भारत कुमार को जिला सुन्दरनगर का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। अनुसूचित जाति मोर्चा (पदाधिकारियों में) :- नितेन कुमार, सुन्दरनगर व अजय कबीर, जयसिंहपुर को महामंत्री बनाया गया है। इसी तरह मेला राम दरोच, ऊना, देवराज कश्यप, कसुम्पटी, युवराज कपूर, मण्डी, इंद्र सिंह गांधी, बल्ह को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। राकेश डोगरा, जुब्बल कोटखाई, नरेश कुमार जसवाल, सुजानपुर, अनिता राणा, देहरा, मल्लिका धीमान, हमीरपुर व सुशील कुमार, शिमला को सचिव बनाया गया है। आलम चंद, कुल्लू को कोषाध्यक्ष, मंगल संदीप, ठियोग को सोशल मीडिया संयोजक व अमर सिंह, सिराज को सोशल मीडिया सह संयोजक का कार्यभार दिया गया है। बाबूराम, अर्की मीडया प्रभारी व सुन्दर सिंह, पांवटा साहिब को सह मीडिया प्रभारी का दायित्व दिया गया है। अधिवक्ता जगजीत बग्गा प्रवक्ता होंगे तथा गौरव कश्यप कार्यालय सचिव का दायित्व संभालेंगे। जिलाध्यक्षों में :- विजय भारद्वाज को जिला चम्बा, अश्वनी गिल को जिला कांगड़ा, केवल सिंह को जिला नूरपुर, अशोक कुमार भारद्वाज को जिला देहरा, मदन लाल को जिला पालमपुर, विमल सेन को जिला लाहौल स्पिति, मोहन सिंह भारती को जिला कुल्लू, किशोर को जिला मण्डी, गोविन्द राम को जिला सुन्दरनगर, मदन लाल को जिला हमीरपुर, किशन लाल चंदेल को जिला बिलासपुर, सूरम सिंह को जिला ऊना, अमर संधू को जिला सोलन, सत्यप्रकाश मानक को जिला शिमला, विनोद बुशैहरी को जिला महासू, रूप सिंह को जिला सिरमौर तथा दिलीप सिंह को जिला किन्नौर जिलाध्यक्ष बनाया गया है। फोटो में सांसद एवं अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष सुरेश कश्यप एवं ओ०बी०सी० मोर्चा के अध्यक्ष ओ पी चौधरी
कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा ने प्रदेश में कई दिनों से बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए कहा है कि यह कहीं न कही इस महामारी के प्रति सरकार की लापरवाही नजर आ रही है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में बढ़ते मामलों का कारण मुख्य द्वार पर सही तरीके से जांच ना होना माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेशवासियों को अपने घर आने की अनुमति सरकार ने दी है, तभी से इसका आंकड़ा दिनों दिन तेजी से बढ़ रहा है। उनका कहना है कि प्रदेश के हर रोज कमर्शियल वाहन एक राज्य से दूसरे राज्यों में आ जा रहें है। ऐसे में इनके चालकों और परिचालकों की भी किसी भी प्रकार के कोई भी सेंपल या टेस्ट नहीं लिए जा रहें है जो चिन्ता का विषय है। उनका कहना है कि कोरोना की रोकथाम के लिए को लेकर सरकार के सब उपाय राम भरोसे ही चल रहें है न तो डॉक्टरों के पास पर्याप्त पीपीई किट्स ही है और न ही पर्याप्त कोई सुरक्षा व्यवस्था। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के सभी प्रवेश द्वारों पर इस समय सभी लोगों की ब्लड सेम्पलिंग और यात्रा हिस्ट्री को नोट किये जाने की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस मामलें में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही सहन नही की जानी चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी आपत्ति जताई है जिससे उन्होंने प्रदेश कोरोना डेस्टिनेशन बनाने की बात कही थी। उनका कहना है कि इस प्रकार का कोई भी निर्णय प्रदेशहित में नहीं होगा। इससे प्रदेश को इस महामारी का प्रकोप से नहीं बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सरकारी व्यवस्था के आगे बेबस से नजर आ रहें है। देश प्रदेश में इस महामारी के चलते जब स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख ही इसके उपकरणों की आपूर्ति के लिए सीधे घूस खा रहा हो तो ऐसे में मुख्यमंत्री भी अपनी किसी जबाबदेही और जिम्मेदारी से नहीं बच सकतें। उनका कहना है कि इस पूरे मामलें की निष्पक्ष जांच जल्द की जानी चाहिए। आरोपी को किस राजनेता का संरक्षण प्राप्त है उसे भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश में सरकारी दफ्तरों में अब 50 फीसदी स्टाफ रहेगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव कार्मिक आरडी धीमान ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। नए आदेश 26 मई मंगलवार से लागू होंगे। क्लास 1 और 2 अफसरों का दफ्तरों में आना अनिवार्य होगा, जबकि 50 फीसदी बाकी तृतीय और चतुर्थ श्रेणी स्टाफ हर दिन रोस्टर के हिसाब से हाजिरी देगा। कर्मचारियों के आने और जाने के लिए दो ग्रुप होंगे। पहला सुबह दस से शाम पांच बजे, जबकि दूसरा साढ़े दस से शाम साढ़े पांच बजे तक कार्यालय में रहेगा। बता दें इससे पहले दफ्तरों में 30 फीसदी स्टाफ डयूटी दे रहा था।कर्मचारियों को फोन पर आरोग्य ऐप अपलोड करना अनिवार्य है। बड़ी बैठकें नहीं होंगी। कर्मचारियों को सामाजिक दूरी के साथ-साथ मास्क या फेस कवर पहनना होगा। ये आदेश कंटेनमेंट जोन और उसके आसपास के क्षेत्रों के कार्यालयों के लिए लागू नहीं होंगे। इसके अलावा घर रहने वाले कर्मी स्टेशन नहीं छोडेंगे। रोस्टर के दौरान घर पर रहने वाले कर्मियों का वेतन नहीं कटेगा। हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, अगले आदेशों तक बंद रहेंगे।
सोशल मीडिया में यह अफवाह फैलाई जा रही है कि 31 मई, 2020 से हिमाचल प्रदेश की सीमाओं को सील कर दिया जाएगा और देश के अन्य हिस्सों से आने वाले लोगों को सीमाओं पर संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा। प्रदेश सरकार के एक आधिकारिक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि यह समाचार पूरी तरह गलत, मनगढ़ंत और तथ्यों के विपरीत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लाॅकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। प्रवक्ता ने कहा कि राज्य की सीमाओं की कोई सीलिंग नहीं होगी और लोगों की आवाजाही जारी रहेगी। हालांकि सभी व्यक्तियों और वाहनों के अंतरराज्यीय आवागमन के लिए मौजूदा व्यवस्था के अनुसार पास की आवश्यकता होगी। प्रदेश सरकार ने लोगों का आह्वान किया है कि वे इस प्रकार की अफवाहों से न घबराएं क्योंकि राज्य सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है।
कोरोना महामारी की वजह से 22 मार्च को जब देश भर में लाॅक डाउन हुआ तब देश और प्रदेश के सामने यह चुनौती थी कि जरूरतमंद लोगों के लिए जन सेवा के कार्य को किस प्रकार एक्टिव रखा जा सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसी बीच संकट मोचक बनकर सामने आए ग्लोबल लीडर बनकर उभरे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा ने सेवा कार्य के लिए हिमाचल भाजपा को एक विशेष कार्य योजना दी. मुख्यमंतरी जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिन्दल, संगठन महामंत्री पवन राणा की तिकड़ी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन में कार्य योजना को धरातल पर उतारा। भाजपा उपाध्यक्ष एवं शिमला संसदीय क्षेत्र के प्रभारी पुरूषोत्तम गुलेरिया ने कहा कि भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल और संगठन मंत्री पवन राणा की मार्गदर्शन में लाॅकडाउन में जन सहयोग और जन सेवा के लक्ष्य को सामने रखते हुए अपना ब्ल्यूप्रिंट तैयार किया ताकि कोई भी व्यक्ति भोजन के अभाव में भूखा ना सोए, दवा के अभाव में उसका स्वास्थ्य खराब न हो, व किसी बजुर्ग व असहाय व्यक्ति को कोई परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने सारी उर्जा ओर रिसोर्स को इसी जनसेवा कार्य के लिए समर्पित किया, परिणाम यह हुआ कि सरकार और संगठन के बीच बेहतरीन तालमेल के साथ सेवा कार्य आगे बढ़ा और इस समय की सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि प्रदेश में भोजना के अभाव में कोई भी श्रमिक अथवा अन्य कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोया, और न ही किसी रोगी को उपचार के सम्बन्ध में कोई परेशानी हुई। पुरूषोत्तम गुलेरिया ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी के बीच भाजपा संगठन द्वारा 22 लाख से अधिक फेस कवर, 5 लाख जरूरतमंदोे को भोजन पैकेट, 1.10 लाख मोदी राशन किटं बांटी गई और पीएम केयर्स में 1.91 करोड रुपये तथा 8.37 करोड़ मुख्यमंत्री कोविड फंड में जमा किए गए। उन्होंने कहा कि संगठन को एक्टिव मोड पर रखने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिन्दल और संगठन मंत्री पवन राणा ने डिजिटल माध्यम से वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर से लेकर प्रदेश और प्रदेश स्तर से लेकर मंडल स्तर के भाजपा के कार्यकर्ताओं ने आपस में संवाद किया। प्रदेश में अब तक 1484 वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से 31560 भाजपा कार्यकर्ता आपस में संवाद कर चुके हैं। यही नहीं बूथ स्तर पर पन्ना प्रमुखों तक भाजपा द्वारा वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से अपने कार्यकर्ताओं को जनसेवा के लिए प्रेरित किया जा रहा है। गुलेरिया ने कहा कि संभवतः प्रदेश में पहली बार ऐसा हुआ है कि राष्ट्रीय आपदा के समय जनता में फेक न्यूज के माध्यम से भ्रम और पैनिक फैलाने वालों के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं के फीड बैक के आधार पर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई करने निर्णय लिया। जिसके लिए सरकार ने प्रदेश में साईबर क्राईम सेल के तहत फेक न्यूज मानिटरिंग यूनिट का गठन किया जिसमें अब तक 40 मामले दर्ज हो चुके हैं। जिसमें 5 मामलों में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है। कुछ मामलों में क्षमा याचना के बाद सम्बन्धित व्यक्ति को चेतावनी देकर छोड़ा गया हैं। गुलेरिया ने कहा कि यह सब प्रदेश भाजपा सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल का नतीजा है कि आज हिमाचल प्रदेश कोरोना संकट के बीच काफी हद तक सेफ जोन में दिखाई पड़ता है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल कांग्रेस ने कोरोना के दौरान न तो प्रदेश सरकार और न ही प्रदेश की जरूरतमंद जनता को कोई सहयोग दिया है। कांग्रेस नेता केवल आपनी राजनीति चमकाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के द्वारा किए जा रहे कार्यों में अड़चन लगाने में जुटे रहे।
तय बाजारी फड़ी छोले कुलचे यूनियन ने शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज से भेंट कर अन्य आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ उनके कार्यों को आरम्भ करने के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन-4 के तहत रेस्टोरेंट, हलवाई, ढाबा वालों को सामान घर ले जाने की अनुमति प्रदान की गई है। छोले कुलचे वालों का कार्य भी इसी श्रेणी में आता है। मंत्रिमण्डल द्वारा इस वर्ग को रियायत प्रदान करते हुए कार्य करने की अनुमति दी गई है, जिसके तहत लोग इनसे भी सामान पैक करवा कर ले जा सकते हैं। उन्होंने यूनियन को इस दौरान स्वच्छता मानकों को अपनाने जिसके तहत मास्क, गल्बस, हेड मास्क आदि लगाने तथा सोशल डिस्टेसिंग का विशेष ख्याल रखने की हिदायत दी। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सभी लोग नियमों का पालन करें। इससे जहां इन कार्य कुशल लोगों को काम करने का मौका मिलेगा वहीं इनकी स्थिति भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में जिनके पास काम नहीं है उन्हें मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना के तहत भी कार्य उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिमण्डल के निर्णय का जिला दण्डाधिकारी जल्द ही आदेश देंगे। उन्होंने तय बाजारी यूनियन के पदाधिकारियों व सदस्यों को मास्क भी वितरित किए। इस अवसर पर मण्डलाध्यक्ष राजेश शारदा, पार्षद बृज सूद, छोटे कुलचे तय बाजारी यूनियन के प्रधान कमलेश कुमार गुप्ता, उप-प्रधान सुरेन्द्र, रामदेव व नसीर सहित लगभग 70 लोग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल व प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा से विस्तृत चर्चा के उपरांत भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 राकेश शर्मा (बबली) ने मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी हैं, तदानुसार :- उपाध्यक्ष पद पर :- 1) देवेन्द्र ठाकुर कूनपुरी, सोलन, 2) चमन सिंह डडवाल, नुरपूर, 3) नरेश चौहान, चौपाल 4) बलराम बबलू, कुटलैहड़ तथा 5) काहन सिंह, मण्डी सदर के नामों की घोषणा की है। महामंत्री पद पर :- 1) अमर ठाकुर, आनी तथा 2) संजीव देष्टा, शिमला। सचिव पद :- 1) दलीप पाल, अर्की 2) प्रकाश चंद, भटियात 3) सुनील कुमार, पच्छाद 4) रविन्द्र ठाकुर, धर्मपुर तथा 5) संजीव शर्मा, जसवां प्रागपुर, सचिव पद का कार्यभार संभालेंगे। प्रवक्ता के पद पर :- 1) आनंद शर्मा, धर्मशाला तथा 2) परिवेश, झंडूता को नियुक्त किया गया है। मीडिया प्रभारी :- 1) राकेश कुमार, बैजनाथ तथा मदन राणा, कुटलैहड़ मीडिया प्रभारी का कार्यभार संभालेंगे। कार्यालय मंत्री :- महेन्द्र शर्मा, शिमला ग्रामीण, होंगे। जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा करते हुए किसान मोर्चा अध्यक्ष ने बताया कि सर्वश्री बालम सिंह ठाकुर, डलहौजी को जिला चम्बा, रविन्द्र कुटलैहडि़या, ज्वाली को जिला नूरपुर, मंजीत, शाहपुर को जिला कांगड़ा, दलीप चंद, जयसिंहपुर को जिला पालमपुर, कुलदीप सिंह राणा, देहरा को जिला देहरा, रमेश रावालिंग, केलांग को जिला लाहौल स्पिति, बलकार सिंह, कल्पा को जिला किन्नौर, दीपक शर्मा, चौपाल को जिला महासू, रामचंद्र शर्मा सुन्दरनगर को जिला सुन्दरनगर, रमेश जम्वाल, जोगिन्द्रनगर को जिला मण्डी, टिकम ठाकुर, मनाली को जिला कुल्लू, अविनाथ मनन, ऊना को जिला ऊना, अर्जुन सिंह ठाकुर, सुजानपुर को जिला हमीरपुर, सुरेन्द्र भारती, श्री नैनादेवी जी को जिला बिलासपुर, संजीव चौहान (पिंकू), शिमला को जिला शिमला, रमेश ठाकुर, अर्की को जिला सोलन तथा साधुराम चौहान, शिलाई को जिला सिरमौर का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। किसान मोर्चा अध्यक्ष डॉ0 राकेश शर्मा (बबली) ने कहा कि मोर्चा के कार्यसमिति सदस्यों की घोषणा शीघ्र ही कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल व प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा से विस्तृत चर्चा के उपरांत भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद राजबली ने मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी हैं, तदानुसार :- उपाध्यक्ष पद पर :- 1) अबास भट्ट, चम्बा, 2) सुलेमान, सिरमौर, 3) काशमदीन, नूरपुर 4) ताज मोहम्मद, बिलासपुर के नामों की घोषणा की है। महामंत्री पद पर :- 1) यकूब खान, चम्बा तथा 2) आरिफ, सिरमौर को नियुक्त किया गया है। सचिव पद :- 1) सवीना बेगम, चम्बा 2) माजिद अली, देहरा 3) नूरमाही, मण्डी 4) मोहन कपूर बोद्ध, लाहौल स्पिति का कार्यभार संभालेंगे। कोषाध्यक्ष :- श्री गुलाम मोहम्मद, ऊना होंगे। प्रवक्ता का दायित्व :- नाजर अली, सिरमौर, यूसुफ अली, कुल्लू, ईलम दीन, हमीरपुर संभालेंगे। मीडिया प्रभारी :- छोटू खान, सोलन होंगे। सह-मीडिया प्रभारी के पद पर :- शमून अख्तर, ऊना, तथा संजू शेख, शिमला को नियुक्त किया गया है। आई0टी0 प्रमुख :-यूनुस खान, सिरमौर होंगे तथा सह आई0टी0 प्रमुख :- राज कुमार बोद्ध, किन्नौर तथा रफीक पोशवाल, हमीरपुर होंगे। जिलाध्यक्षों में :- सर्वश्री गुलजार अहमद, चम्बा सदर को जिला चम्बा, बाग हुसैन, इंदौरा को जिला नुरपूर, अब्दुल गनी, धर्मशाला को जिला कांगड़ा, जलाल दीन ज्वालामुखी को जिला देहरा, आलमदीन, सुलह को जिला पालमपुर, सोनम तोबगे, लाहौल स्पिति को जिला लाहौल स्पिति, मोहम्मद अली, बंजार को जिला कुल्लू, आफताब, नाचन को जिला सुन्दरनगर, जीदीन, हमीरपुर को जिला हमीरपुर, मुनीर अख्तर, सदर को जिला बिलासपुर, गुफार मोहम्मद, नालागढ़ को जिला सोलन, शमशेर अली, पांवटा साहिब को जिला सिरमौर, जमील सिद्दकी, शिमला को जिला शिमला, गुलाम रसूल, चौपाल को जिला महासू, रफीक मोहम्मद, दं्रग को जिला मण्डी, बशीर मोहम्मद, चिंतपूर्णी को जिला ऊना तथा अमीर लाम्बा, किन्नौर को जिला किन्नौर का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद राजबली ने कहा कि मोर्चा के कार्यसमिति सदस्यों की घोषणा शीघ्र ही कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिन्दल व प्रदेश संगठन मंत्री पवन राणा से विस्तृत चर्चा के उपरांत भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जवाहर शर्मा ने मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी हैं, उपाध्यक्ष पद पर :- 1) राकेश कुमार जिला चम्बा, 2) सतप्रकाश, जिला लाहौल स्पिति, 3) गोकल ठाकुर जिला पालमपुर 4) विरेन्द्र नेगी, जिला किन्नौर के नामों की घोषणा की है। महामंत्री पद पर :- 1) देवराज चौधरी, जिला सोलन तथा 2) संतोष राज नेगी, जिला किन्नौर को नियुक्त किया गया है। सचिव पद :- 1) हंसराज, जिला सिरमौर 2) रवि जुल्कान, जिला चम्बा 3) अशोक वशिष्ट जिला कांगड़ा 4) अजीत कुमार, जिला लाहौल स्पिति 5) नसीब चौधरी, जिला सोलन का कार्यभार संभालेंगे। कोषाध्यक्ष :- सुरत राम, जिला लाहौल स्पिति होंगे। जिलाध्यक्षों में :- मदन सिंह को जिला किन्नौर, धनीराम चौहान को सोलन, रमेश कुमार को सिरमौर, अमित शर्मा को नूरपुर, राजीव शर्मा को लाहौल स्पिति, कमल को बिलासपुर, श्याम सिंह को कांगड़ा, शमशेर चंद को देहरा, पवन कुमार को चम्बा, छोवांग दोरजे को महासू, जोगिन्द्र रणौत को पालमपुर, ओंकार नाथ कसाना को ऊना, शरव नेगी को कुल्लू, सुरेश कटारिया को मण्डी तथा मोहन नेगी को जिला सुन्दरनगर का जिलाध्यक्ष बनाया गया है। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जवाहर शर्मा ने कहा कि मोर्चा के कार्यसमिति सदस्यों की घोषणा शीघ्र ही कर दी जाएगी।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के नेता संजय चौहान ने कहा कि पार्टी प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग में चल रहे व्यापक भ्रष्टाचार पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है और मांग करती है कि इसकी उच्च न्यायालय के जज द्वारा निष्पक्ष जांच करवाई जाए व जो भी दोषी है उनके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड19 महामारी के नाम पर सरकार के द्वारा किए गए खर्च को सार्वजनिक करे। इस कोविड19 महामारी से उत्पन्न विषम परिस्थिति के समय प्रदेश सचिवालय व स्वास्थ्य विभाग में हुए व्यापक भ्र्ष्टाचार से प्रदेश की बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में आ गई है। सचिवालय में सैनिटाइजर घोटाले व स्वास्थ्य विभाग में निदेशक की गिरफ्तारी के पश्चात बीजेपी से जुड़े नेताओं के नाम सामने आने से इसकी गंभीरता से देखते हुए इस निष्पक्ष जांच की संभावनाएं और भी अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार में सत्ता के करीबी राजनेता, अफसरशाही व ठेकेदार का गठजोड़ के भ्र्ष्टाचार को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। यदि सरकार इसकी निष्पक्ष जांच नहीं करवाती है तो यह प्रदेश की सरकार द्वारा लोकतंत्र व जनता से विश्वासघात होगा। सचिवालय में सैनिटाइजर को लेकर हुए घोटाले का पर्दाफाश हुए व विजिलेंस जांच के आदेश को करीब 20 दिन से अधिक समय हो गया है परन्तु अभी तक कोई भी ठोस कानूनी कार्यवाही शुरू की गई है और न ही कोई भी गिरफ्तारी हुई है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग में हुए व्यापक घोटाले में निदेशक के घर मे छापेमारी में पुख्ता सबूत मिलने के बाद उनकी गिरफ्तारी के पश्चात जिस प्रकार से सरकार इस जांच को आगे ले जा रही है उससे सरकार की मंशा पर भी सवालिया निशान लगता है। क्योंकि इसमे स्पष्ट है कि कई और लोग भी इस घोटाले में संलिप्त है और पुख्ता सबूत होने के बावजूद अभी तक उनमें से किसी पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है और न ही कोई गिरफ्तार किया गया है। सरकार प्रदेश की जनता के प्रति जवाबदेह है और उसे स्पष्ट करना होगा कि क्या सरकार इन घोटालों में अन्य दोषियों को बचाने का कार्य कर रही हैं और जिनके नाम इन घोटालों में उजागर हुए हैं इनमें से कुछ सत्ता के करीबी होने के कारण सरकार ने इस पर चुप्पी साद ली है। जनता द्वारा कोविड19 महामारी के लिए सरकार के आह्वान पर पी एम केयर फण्ड व हि.प्र. कोविड19 सोलिडेरिटी रेस्पॉन्स फण्ड में खुल कर दान किया है। परन्तु इन घोटालों से जनता के द्वारा दिए गए इस दान के दुरुपयोग की आशंका भी जनता के मन मे पैदा हो गई है। इसके लिए सरकार को इसमें किए गए खर्च का स्पष्टीकरण देना होगा ताकि जनता को भी मालूम हो कि सरकार उनके मेहनत की कमाई का कैसे उपयोग कर रही है। इसके अतिरिक्त इस दौरान केंद्र व अन्य संस्थाओं से आए धन को किस प्रकार से सरकार ने ख़र्च किया है इस पर भी श्वेतपत्र जारी करे। ऐसी विषम परिस्थिति में प्रदेश सरकार में इस प्रकार के घोटालों व भ्र्ष्टाचार ने हिमाचल प्रदेश की सरकार की छवि पर भी बुरा असर पड़ता दिख रहा है। आज हिमाचल प्रदेश जोकि देश के बेहतर राज्यों में जाना जाता है पर भी इस प्रकार की घटनाओं से इसकी साख पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में प्रदेश की जनता सरकार से इस प्रकार के भ्र्ष्टाचार व घोटालों पर रोक लगाने के लिए निष्पक्ष जांच व दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की अपेक्षा करती है।
समरहिल में तीन मंजिला मकान का टॉप फ्लोर जलकर राख हो गया है। आग सुबह तकरीबन 4 बजे लगी। 3 मंजिला मकान में लगी आग पर अग्निशमन विभाग ने काबू पा लिया है। आग एटिक में लगी थी जिसमें 2 बैडरूम, फर्नीचर बिस्तर इत्यादि जलकर राख हो गए। टॉप फ्लोर लकड़ी का बना हुआ था इसलिए आग तेजी से भड़क गई। अनुमान के मुताबिल इसमें लाखों का नुकसान हुआ है। आग लगने का कारणों का अभी तक पता नही चल पाया है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में शिमला जिले के ठियोग विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक राकेश वर्मा के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में 15वें केन्द्रीय वित्त आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाएगा, जिसके अन्तर्गत आयोग से अभी तक प्राप्त अनुदानों में से 70 प्रतिशत ग्राम पंचायतों, 15 प्रतिशत पंचायत समितियों और 15 प्रतिशत जिला परिषदों को आवंटित किया जाएगा, ताकि वे विभिन्न विकास गतिविधियां चला सकें। कोविड-19 के कारण देश व प्रदेश में जारी लाॅकडाउन के कारण शिक्षण संस्थानों को केवल ट्यूशन फीस लेने की ही अनुमति दी जाएगी। मंत्रिमण्डल ने कांगड़ा जिला में पशु औषधालय नगरोटा बंगवा को आंचलिक पशु औषधालय के रूप में स्तरोन्नत करने और विभिन्न श्रेणियों के सात पद सृजित करने व भरने का निर्णय लिया। बैठक में बेसहारा पशुओं की समस्या के समाधान, लोगों व संस्थाओं को इन्हें अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने और राज्य में गौ-अभयारण्य व गौ-सदनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से बेसहारा पशुओं का पुनर्वास योजना आरम्भ करने को स्वीकृति प्रदान की गई। प्रारम्भिक चरण में गौ-सदनों, गौशालाओं और गौ- अभयारण्य में रखी गई प्रत्येक गाय के लिए पांच सौ रुपये देने का फैसला किया गया है। पशुपालन विभाग को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप गायों की टैगिंग का कार्य शीघ्र पूरा करने के लिए कहा गया है। दुष्कर्म व यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोस्को) के मामलों की सुनवाई के लिए एक वर्ष की अवधि के लिए शिमला, किन्नौर जिला के लिए रामपुर और सिरमौर जिला के लिए नाहन में फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। कार्य लेन-देन के लिए भुगतान और लेखा प्रक्रिया में पारदर्शिता, सटीकता और दक्षता प्राप्त करने तथा भुगतान व रसीद उपकरणों की पेयरिंग में विलम्ब को दूर करने के उद्देश्य से मंत्रिमण्डल ने जल शक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग के कार्यों को पूर्णतयः ट्रेजरी मोड में स्थानान्तरित करने और पहली जुलाई, 2020 से एलओसी प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया। बैठक में चार विशेष भू-अधिग्रहण इकाइयों को एक मार्च, 2020 से 28 फरवरी, 2021 तक एक वर्ष के लिए विस्तार देने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही पहले से ही उपलब्ध स्टाफ के साथ कार्य करने की भी अनुमति प्रदान की गई है। इन इकाइयों में बिलासपुर, पंडोह-1, पंडोह-2 और शाहपुर शामिल हैं, जहां कीरतपुर-बिलासपुर-नेरचैक-पंडोह, पंडोह-टकोली, टकोली-कुल्लू-मनाली और पठानकोट-चक्की-मण्डी फोर लेन परियोजनाओं के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण होना है। मंत्रिमण्डल ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग 21-ए बद्दी-नालागढ़-स्वारघाट की फोर लेनिंग के लिए भूमि अधिग्रहण के उद्देश्य से विशेष भू-अधिग्रहण इकाई नालागढ़ को पहली जनवरी, 2020 से 31 दिसम्बर, 2020 तक आगामी एक और वर्ष का विस्तार मंजूर किया है। बैठक में कांगड़ा जिला के देहरा गोपीपुर में क्षेत्र के पूर्व एवं सेवारत सैनिकों की सुविधा के दृष्टिगत ईसीएचएस पाॅलीक्लीनिक एवं ईसीएम, सीएसडी कंटीन स्थापित करने के लिए केन्द्रीय रक्षा मंत्रालय के पक्ष में निःशुल्क भूमि हस्तांतरित करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमण्डल ने प्रदेश की स्थानीय भट्ठियों (डी-2) से एल-19ए लाइसेंस के अन्तर्गत परमिट जारी करते वक्त स्थानान्तरण शुल्क लागू करने का निर्णय लिया। यह निर्णय सभी प्रकार के स्पिरिट जैसे इथाइल अल्कोहल, इथेनोल, इएनए, रेक्टिफाइड स्पिरिट्स और एब्सोल्यूट अल्कोहल आदि के प्रापण के संदर्भ में लिया गया है, जिनका प्रयोग सैनिटाइजर के निर्माण में होता है। इन स्पिरिट्स का प्रापण 4.50 रुपये प्रति बल्क लीटर होगा। इस निर्णय से राजकोष में लगभग 5 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व आएगा। बैठक में एल-3, एल-4, एल-5 और एल-4ए व एल-5ए बार लाइसेंस के लिए लाइसेंस शुल्क तथा वर्ष 2020-21 के लिए प्रो-रेटा आधार पर न्यूनतम गारंटी कोटा लागू करने का निर्णय लिया। मंत्रिमण्डल ने प्रदेश के सभी जिला दण्डाधिकारियों को दंड प्रक्रिया संहिता (सीसीपी), 1973 की धारा 144 (1) के अन्तर्गत जारी किए गए आदेशों को 30 जून 2020 तक बढ़ाने के लिए अधिकृत किया। मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना-2019 को और अधिक लाभकारी बनाने के लिए मंत्रिमण्डल ने इसमें संशोधन का निर्णय लिया है। इसके अनुसार इस योजना के अन्तर्गत स्वीकृत इकाइयांे में बैंक द्वारा आवंटित की गई ऋण की पहली किस्त के एक वर्ष भीतर विनिर्माण व सेवा उपक्रमों में व्यावसायिक उत्पादन आरम्भ करना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त यदि इन इकाइयों की स्थापना हिमाचली मूल की विधवा ने किया हो और उसकी उम्र 45 वर्ष तक हो, उस स्थिति में पात्र अनुदान की राशि 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत की गई है। बैठक में श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय डिग्री कालेज एवं अस्पताल, नेरचैक में बीएससी नर्सिंग की सीटें 40 से बढ़ाकर 60 करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने को स्वीकृति प्रदान की गईं। मंत्रिमण्डल ने आईजीएमसी शिमला में रेडियोलाॅजी एवं गेस्ट्रोएन्टरोलाॅजी विभाग में सहायक प्रोफेसर और टांडा मेडिकल काॅलेज में सहायक प्रोफसर एनाॅटमी एवं पेडियट्रिक्स का एक-एक पद सृजित करने व भरने का निर्णय लिया।
कोविड-19 महामारी के कारण बनी लाॅकडाउन की स्थिति को प्रवासी मजदूरों के जनजीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा है। जिसका एक मुख्य कारण उनके पास संसाधनों की कमी और लाॅकडाउन में मजदूरी के अवसर कम होना है। ऐसे कई प्रवासी मजदूर हैं जिनके पास बाजार से मास्क लेना भी मुश्किल है। ऐसी ही समस्या को ध्यान में रखते हुए शिमला शहर की निवासी सुषमा सूद ने डा. हेडगेवार स्मारक समिति के सहयोग से विकासनगर के 100 प्रवासी मजदूरों को हस्त से निर्मित मास्क आबंटित किए। हिमाचल शिक्षा समिति के संगठन मंत्री तिलक राज ने प्रवासी मजदूरों को कोविड-19 महामारी के बारे जागरूक किया। साथ ही कार्यस्थल पर मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करने की भी सलाह दी। इस अवसर पर उनके साथ विद्यालय के प्रधानाचार्य लेखराज सहित आरोग्य भारती के रोहिताश सूद और डा. हेडगेवार स्मारक समिति के संगठन मंत्री विजय भी उपस्थित रहे।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि कुछ शरारती तत्व सोशल मीडिया में यह अफवाह फैला रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश में अनिश्चितकाल के लिए कफ्र्यू लागू करने और तीन दिनों तक सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे, जो पूर्णतया आधारहीन और असत्य है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है और लोग इस प्रकार के भ्रामक प्रचार पर विश्वास नहीं करें। पूर्व में जारी निर्देशों के अनुसार ही कफ्र्यू जारी रहेगा लेकिन सरकारी कार्यालयों को बंद करने संबंधी कोई निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उन लोगों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करेगी जो संकट के इस समय में लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।
शिमला जिला के किसानों एवं बागवानों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से भेंट कर फलों व सब्जियों के सुचारू विपणन के प्रबन्ध करने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि प्रदेश में अगले माह से उत्पादित होने वाले फलों व सब्जियों का उत्पादन आरम्भ हो जाएगा, जिसे देखते हुए सेब व अन्य उत्पादों की पैकिंग सामग्री और इन उत्पादों को विभिन्न मण्डियों तक भेजने के लिए सुचारू यातायात व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण बाहरी राज्यों से आने वाले फल एवं सब्जी क्रेताओं के यहां प्रवेश व उनके स्वास्थ्य जांच की भी उचित व्यवस्था करने की आवश्यकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए पैकिंग सामग्री और ढुलाई भाड़े के नियंत्रण की समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह किया कि संकट के समय में मजदूरों को नेपाल व भारत के अन्य राज्यों से हिमाचल प्रदेश लाने के लिए समय रहते उचित प्रबन्ध किए जाएं। उन्होंने फलों व सब्जियों के भंडारण के लिए कोल्ड स्टोर की उचित व्यवस्था करने का भी आग्रह किया। प्रतिनिधिमण्डल ने सब्जी एवं स्टोन फ्रूट के लिए समय पर पैकिंग सामग्री उपलब्ध करवाने, फलों एवं सब्जियों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए यातायात सुचारू व्यवस्था और एपीएमसी सहित अन्य एजेंसियों के माध्यम से उत्पादों का सुनियोजित विपणन करने के लिए मुख्यमंत्री व प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार सदैव किसानों व बागवानों के हितों की रक्षा के लिए समर्पित है और अगले महीने से उत्पादित होने वाले फलों व सब्जियों के विपणन और पैकिंग के लिए समुचित प्रबंध किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित बनाएगी कि किसानों-बागवानों को किसी प्रकार की असुविधा और नुकसान न हो। वरिष्ठ भाजपा नेता संदीपनी भारद्वाज, जिला भाजपा अध्यक्ष रवि मेहता, एपीएमसी किन्नौर और शिमला के अध्यक्ष नरेश शर्मा सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी और किसानों एवं बागवानों के प्रतिनिधि इस अवसर पर उपस्थित थे।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने देशव्यापी लॉक डाउन के चलते प्रदेश के प्रमुख व्यवसाय होटल उद्योग पर पड़े विपरीत प्रभाव पर चिन्ता जताते हुए इसके उत्थान के लिए कोई प्रभावी कदम उठाने की सरकार से मांग की है। उन्होंने कहा है कि पिछले तीन महीनों से यह उद्योग पूरी तरह बंद है और इस पूरे साल इसके चलने की कोई उम्मीद उन्हें नही लगती। होटल एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से भेंट कर विक्रमादित्य सिंह ने उनसे इनके सुझावों पर सहानभूति पूर्वक विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देश प्रदेश में तालाबंदी के चलते यह होटलियर अपने बिजली, पानी, टैक्स के अतिरिक्त अपने कर्मचारियों को वेतन देने में भी असमर्थ है। उन्होंने कहा कि इन व्यवसाइयों को तुंरत गोआ, केरल व राजस्थान की तरह राहत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें कोई राहत तुरन्त नही दी जातो तो उन्हें मजबूरन अपने होटलों में भी तालाबंदी करनी पड़ सकती है। प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों में तालाबंदी के दौरान के बैंक ऋणों में ब्याज दर को माफ़ करना, इस अवधि के बिजली, पानी व अन्य सभी करो, टेक्स को निरस्त करना, सभी कर्मचारियों को सरकारी कोष से इस अवधि का वेतन देने, आगमी 2 सालो तक जीएसटी में छूट देना आदि है। ज्ञापन में इन लोगों ने सरकार से प्रदेश में ऐसी टूरिज़म पालिसी बनाने की मांग की जिसमें इसे व्यापक स्तर पर बढावा मिल सके। इसके तहत इसको विशेष बजट, सुरक्षित यात्रा के साथ साथ हेलिपैड के निर्माण करने को कहा गया, जिससे प्रदेश में पर्यटकों की आवाजाही तेज हो सके। विक्रमादित्य सिंह ने इस दौरान उम्मीद जताई कि मंत्रिमंडल की बैठक में इसपर कोई सार्थक निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह प्रदेश में होटल व्यवसाय को पुनर्जीवित करने के लिए हर सम्भव कोशिश करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में विक्रमादित्य सिंह के साथ संजय सूद, अनिल वालिया, प्रिंस कुकरेजा प्रमुख तौर पर थे।
पूरा देश कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न स्थितियों से जूझ रहा है और राज्य और राज्य के बाहर लोगों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लगे लाॅकडाउन के कारण देश के विभिन्न भागों में फंसे लोगों को राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करना सुनिश्चित कर रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश में अपने घर लौटने के इच्छुक व्यक्तियों की पहचान करने के लिए हेल्पलाइन सेवा की शुरूआत की है। देश के विभिन्न भागों में फंसे हुए हिमाचलियों को वापस लाने के लिए डाटा संकलित कर आवश्यक व्यवस्था शुरू की गई है। प्रदेश सरकार ने अन्य राज्यों में फंसे हिमाचल के लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए नोडल अधिकारियों को भी नियुक्त किया गया है। राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने चलाई विशेष रेलगाड़ियां कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लोगों को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से, देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों को निकालने का काम भी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के फंसे हुए लोगों को आवागमन की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार द्वारा विशेष रेलगाड़ियां भी चलाई गईं। लोगों की सामूहिक रूप से प्रदेश वापसी के अलावा, देश के अन्य भागों में फंसे हुए व्यक्तियों को भी सहायता प्रदान की जा रही है। जिला कांगड़ा की पालमपुर उपमण्डल के गांव मलकेहड़ के 25 साल के दीपेन्द्र मिश्रा, जो चंडीगढ़ में प्रशिक्षण ले रहे थे, लाॅकडाउन के कारण वहां फंस गए थे। दीपेन्द्र ने राज्य के फंसे हुए लोगों की सहायता के लिए राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए हेल्पलाइन नंबर पर काॅल किया। उन्हें 26 अप्रैल को अन्य विद्यार्थियों के साथ हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में हिमाचल भवन चंडीगढ़ से सोलन लाया गया और बाद में कांगड़ा भेज दिया गया। हिमाचल वापस पहुंचने पर ली राहत की सांस मुंबई में काम करने वाली किन्नौर जिला की मुस्कान ने कहा कि होटल बंद होने के कारण उनके पास प्रदेश वापस आने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा था। उसने अपने गृह राज्य में पहुंचने पर प्रसन्नता व्यक्त की। शिमला जिले के सुन्नी के अमित कुमार, जो पुणे के एक होटल में काम करते थे, उन्होंने ऊना रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर कहा कि उन्हें लाॅकडाउन के कारण घर पर वापस पहुंचने की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन प्रदेश सरकार के प्रयासों ने इसे संभव बना दिया। गोवा से ऊना पहुंचे मनाली के राजन लामा ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया। इसी तरह, नगरोटा बगवां की नोमिता चौधरी, जो मोहाली में नर्सिंग संस्थान में काम कर रही थीं और साथ ही साथ कोचिंग भी ले रही थीं, लाॅकडाउन के बाद वापस अपने पैतृक स्थान पर पहुंच गईं। इन सभी लोगों को राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रदेश सरकार के गंभीर प्रयासों से वापस लाया गया है। रेलगाड़ी से पहुंचाए प्रदेश के विभिन्न जिलों के नागरिक पुणे से एक विशेष रेलगाड़ी 19 मई को 617 लोगों को लेकर ऊना पहुंची, जिसमें कांगड़ा के 215 हमीरपुर के 68, मंडी के 63, बिलासपुर के 16, कुल्लू के 37, सोलन के 41, सिरमौर के नौ, चंबा के 28, किन्नौर के दो, शिमला के 63 और ऊना के 70 लोग शामिल थे। इसी तरह मुंबई से एक और विशेष रेलगाड़ी 18 मई को 697 लोगों को लेकर ऊना पहुंची, जिसमें कांगड़ा के 242, हमीरपुर के 169, मंडी के 103, शिमला के 40, चंबा के 26, कुल्लू के 10, किन्नौर के 10, बिलासपुर के 43, ऊना के 38 और सिरमौर और सोलन जिलों के आठ-आठ लोग शामिल थे। गोवा के त्रिविम, मड़गांवो, करामली से एक विशेष रेलगाड़ी के माध्यम से 15 मई को लगभग 1486 लोग ऊना पहुंचे। इनमें जिला चंबा के 128 व्यक्ति, कांगड़ा के 322, मंडी के 415, बिलासपुर के 24, शिमला के 80, किन्नौर का एक, सोलन के 37, सिरमौर के 20, हमीरपुर के 53, कुल्लू के 397, लाहौल-स्पीति के दो और ऊना के सात लोग थे। विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए भेजीं एचआरटीसी की बसें नागपुर से पठानकोट तक 78 व्यक्तियों, मुंबई से ऊना तक 736 व्यक्तियों और पुणे से ऊना तक 546 व्यक्तियों को वापस लाने के लिए भी विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई। राज्य के 140 छात्रों को वापस लाने के लिए हिमाचल सड़क परिवहन निगम की नौ बसों को परवाणू से कोटा भेजा गया। चंडीगढ़ (ट्राइसिटी) में फंसे लोगों को सहायता भी दी गई, जिसके लिए बसों को बैचों में भेजा गया। ट्राई-सिटी क्षेत्र में फंसे 3500 से अधिक लोगों को चरणबद्ध तरीके से 144 बसों में वापस राज्य में लाया गया। 3 मई, 2020 को पहले बैच में ट्राई-सिटी क्षेत्र में फंसे 1314 व्यक्तियों को 51 बसों में वापस प्रदेश में लाया गया, जिसमें कांगड़ा जिले के 609 लोग, हमीरपुर जिले के 335 लोग, ऊना जिले के 132 लोग और चंबा जिले के 238 लोग शामिल थे। दूसरे बैच में 49 बसों में वापस लाए हिमाचली 4 मई को 49 बसों में दूसरे बैच को प्रदेश में लाया गया, जिसमें मंडी जिला के 622 लोग, बिलासपुर जिले के 365 लोग, कुल्लू जिले के 191 और लाहौल-स्पीति जिले के 61 लोगों सहित 1239 लोगों को अन्य स्थानों से प्रदेश वापस लाया गया। इसी प्रकार तीसरा बैच 5 मई को राज्य के पांच जिलों के 1006 व्यक्तियों को 44 बसों में ट्राइसिटी से वापस लाया गया, जिसमें शिमला जिले के 585, सोलन जिले के 150, सिरमौर जिले के 170, किन्नौर जिले के 89 और बिलासपुर जिले के 12 लोग शामिल थे। यह देश के विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हिमाचल के लोगों को राज्य में सुरक्षित वापस लाने का सबसे बड़ा अभियान था। इन सभी वापस लाए गए लोगों की इन्फ्लुएंजा लक्षणों की जांच की गई और इसके बाद उन्हें होम क्वारन्टीन में रखा गया। आरोग्य सेतु ऐप करवाई जा रही डाउनलोड प्रदेश सरकार ने राज्य में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं और उन्हें ‘‘आरोग्य सेतु ऐप’’ डाउनलोड करने के लिए कहा गया है और साथ ही सामाजिक शिक्षा के महत्व के बारे में सूचना शिक्षा संचार (आईईसी) सामग्री प्रदान की जा रही है। इनके अलावा, हिमाचल प्रदेश के 29 निवासी, जिन्होंने विभिन्न उद्देश्यों के लिए लाॅकडाउन से पहले विभिन्न देशों की यात्रा की थी, उन्हें भी अन्य देशों से देश में वापस लाया गया है, जिनमें से 19 को दिल्ली में, पांच को केरल और पांच को पंजाब में रखा गया है। इसके बाद क्वारन्टीन अवधि पूरी होने पर उन्हें हिमाचल प्रदेश वापस लाया जाएगा।
शिमला जिला के रोहडू स्थित बखीरना में पब्बर नदी पर बने डबल लेन पुल के निर्माण के दौरान उचित पर्यवेक्षण और निगरानी में लापरवाही के लिए राज्य सरकार ने तत्कालीन अधिशाषी अभियंता, लोक निर्माण विभाग मण्डल रोहड़ू, रवि भट्टी को निलंबित कर दिया है। वह वर्तमान में ठियोग में तैनात हैं। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता, रोहड़ू नरेंद्र सिंह नाइक और कनिष्ठ अभियंता, सिविल, रोहड़ू सेक्शन विजय कुमार को भी इस पुल के निर्माण कार्य के दौरान उचित पर्यवेक्षण और निगरानी में कोताही के लिए निलंबित किया गया है। पब्बर नदी पर बना यह पुल इस माह की 13 तारीख को क्षतिग्रस्त हो गया था। प्रधान सचिव पीडब्ल्यूडी जे.सी. शर्मा ने आज यहां यह जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के निर्देश पर राज्य सरकार ने इस पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अनुसार इस पुल के निर्माण में तकनीकी खामियों के अलावा, उचित पर्यवेक्षण और निगरानी में लापरवाही को भी इंगित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच की गई है और मुख्यतः इन तीनों अभियन्ताओं को इस चूक के लिए जिम्मेदार पाया है। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और निर्माण कार्य से जुड़े अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जे.सी. शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में राज्य सरकार विकासात्मक कार्यों के गुणवत्तापूर्ण निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कांगड़ा जिले में सेवारत और सेवानिवृत सैनिकों की सुविधा के लिए सीएसडी डिपो खोलने का आग्रह किया। केंद्रीय रक्षा मंत्री को लिखे पत्र में, मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे सेवारत और सेवानिवृत सैनिक हैं, जिन्होंने पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ देश की सेवा की है और सेवा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई रक्षा प्रतिष्ठान, इकाइयां और उनके द्वारा चलाई जा रही यूनिट रन कैंटीन हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोई सीएसडी डिपो नहीं है, जिसके कारण प्रदेश की यूनिट रन कैंटीन हरियाणा के अंबाला और पंजाब के पठानकोट में स्थित सीएसडी डिपो पर निर्भर है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के 34 सदस्यीय एग्जेक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन का पदभार संभालने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मन्त्री डाॅ. हर्ष वर्धन को मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बधाई दी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक्जेक्यूटिव बोर्ड में महत्वपूर्ण पद मिलना देश के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि डाॅ. हर्ष वर्धन एक कुशल प्रशासक और अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं और उनका यह पदभार ग्रहण करना सम्पूर्ण विश्व विशेषकर भारत के हित में होगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए, अधिकारियों को देश के विभिन्न भागों से रेलगाड़ियों द्वारा राज्य में पहुंचने वाले लोगों की जांच करने वाले डाॅक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मियों और अन्य कर्मचारियों को सभी सुरक्षात्मक उपकरण प्रदान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्वारंटाइन केन्द्रों में और अधिक सुविधाएं प्रदान की जाएं ताकि लोगों को किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि वृद्ध लोगों और दीर्घकालिक रोगियों को सभी आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए और यदि आवश्यक हो तो उन्हें स्वास्थ्य संस्थानों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों में अलग शौचालय जैसी सुविधाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि 25 अप्रैल से अब तक देश के विभिन्न भागों में फंसे 1.30 लाख से अधिक हिमाचली लोग राज्य में पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 81000 लोगों को होम क्वारंटाइन में और 6500 से अधिक को संस्थागत क्वांरटीन के तहत रखा गया है। उन्होंने कहा कि शेष ने अपनी क्वारंटाइन अवधि पूरी कर ली है। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को बाहरी राज्यों से आने वाले हिमाचलियों की प्रदेश वापसी के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि राज्य सरकार प्रदेश यह सुनिश्चित कर रही है कि बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की उचित जांच और चिकित्सीय परीक्षण के उपरान्त ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों की सुरक्षा राज्य सरकार की उच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में लोगों की प्रदेश वापसी की संभावना को ध्यान में रखते हुए उपायुक्तों को यह भी निर्देश दिए कि वह संस्थागत क्वारंटाइन के अतिरिक्त प्रबन्ध करें ताकि लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा के लिए पीपीई किट और अन्य सामग्रियों की पर्याप्त व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से आने वाले सभी लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन मेंरहना होगा, जब तक कि उनका कोविड परीक्षण नहीं किया जाता तथा नेगेटिव पाए जाने के उपरान्त ही घर जाने की अनुमति प्रदान की जाए। जय राम ठाकुर ने कहा कि देश के अन्य हिस्सों से आने वाले हिमाचलियों का पूरा डेटा भी संकलित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड पाॅजिटिव रोगियों के सम्पर्क में आए सभी लोगों का पता लगाया जाए तथा स्क्रीनिंग पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि उनका समय पर इलाज हो सके और इस वायरस के फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों से कोरोना मुक्त ऐप डाउनलोड करवाई जाए ताकि क्वारंटीन में रखे गए लोगों पर प्रभावी निगरानी रखी जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि होम क्वांरटीन व्यवस्था को भी मजबूत और प्रभावी बनाया जाना चाहिए ताकि घर में होम क्वारंटीन में रखे गए लोगों को अलग रखा जा सके और वायरस को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि संस्थागत क्वारंटीन में लगे कर्मचारियों को सभी आवश्यक सुरक्षात्मक उपकरण भी प्रदान किए जाने चाहिए ताकि वे बिना किसी भय के काम कर सकें। मुख्य सचिव अनिल खाची ने आश्वासन दिया कि लोगों को संस्थागत क्वारंटीन सुविधाओं को बेहतर तरीके से उपलब्ध करवाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरडी, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, प्रमुख सचिव जे.सी.शर्मा, ओंकार चन्द शर्मा और संजय कुंडू भी वीडियो काॅन्फ्रेंस के दौरान उपस्थित थे।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा० राजीव सहजल एवं मुख्य सचेतक नरेन्द्र बरागटा ने जारी संयुक्त बयान में कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के संकटकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी जनता की सेवा में दिन-रात कार्य कर रही है। भाजपा संगठन और सरकार के बेहतरीन तालमेल की वजह से भाजपा ने प्रदेश स्तर से लेकर बूथ स्तर तक जनसेवा कार्यों में शत प्रतिशत अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है। भाजपा नेताओं ने कहा कि भाजपा ने डिजीटल साधनो को अपने अभियान का प्रमुख हिस्सा बनाते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बूथ स्तर तक संवाद स्थापित किया है और अपने अगले चरण में पन्ना प्रमुखों से संवाद स्थापित करने की योजना है। भारतीय जनता पार्टी ने अब तक 4 लाख 89 हजार 308 लोगों को भेजन दिया गया। 1 लाख 10 हजार 243 राशन किटे दी गई, 21 लाख 17 हजार 409 फेस मास्क (फेस कवर) बनाकर बांटे गए। 1 करोड़ 89 लाख 67 हजार 228 रू0 प्रधानमंत्री केयर में व 8 करोड़ 20 लाख 54 हजार 84 रू0 हिमाचल प्रदेश कोविड-19 में सहयोग राशि जुटाई है और यह अभियान सतत जारी है। भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता आए दिन मीडिया की सुर्खियों में बने रहने के लिए उल-जलूल बयान देकर हास्य का पात्र बन रहे हैं। वास्तव में कांग्रेस पार्टी मुद्दाविहीन हो गई है इसलिए उसके नेताओं को समझ में नहीं आ रहा है कि सरकार के विरूद्ध क्या बोले ? उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता बताएं कि धरातल पर उन्होंने क्या कार्य किए हैं क्या उनके पास इन कार्यों के आंकड़े हैं या केवल सुर्खियों में बनने के लिए अपना प्रचार कर रहे हैं कांग्रेस के नेता। उन्होंने कहा की भारतीय जनता पार्टी एकमात्र राजनीतिक दल है जो पूरे राष्ट्र में बूथ स्तर पर जाकर कार्य कर रहा है । उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को भी अपने प्रदेश की चिंता है और उसके लिए उन्होंने पहले एक लाख सैनिटाइजर की खेप भेजी और अभी कुछ दिन पूर्व उन्होंने ढाई लाख मास्क भी भेजें जो कोरोना योद्धाओं के लिए मंडल स्तर पर वितरित हो रहे हैं यह अपने आप में दिखाता है कि भारतीय जनता पार्टी किस प्रकार धरातल पर कार्य करती है।
Chief Minister Jai Ram Thakur was presented a cheque of Rs. 10,13,820 by Vice President Khatri Sabha Mandi Dr. Naresh Vaidya on behalf of the Khatri Sabha Mandi towards ‘HP SDMA COVID-19 State Disaster Response Fund. Chief Minister thanked for this noble gesture and said that this would go a long way in motivating the others to contribute generously towards this Fund. General Secretary State Child Welfare Council Payal Vaidya, M.P. Vaidya, Manish Kapoor, Sudhanshu Kapoor, Pankaj Kapoor, Sapan Sehgal, Rajneesh Kapoor and Dr. Sidharth Malhotra were also present on the occasion.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर एचआरटीसी के उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री को पद से हटा कर कार्रवाई कर साबित करें कि मुख्यमंत्री हिमाचल की जनता के कर्तव्यों के प्रति ईमानदार हैं। यह बात एनसीसी एस सी विभाग के राष्ट्रीय संयोजक सुरेश कुमार, जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राजिंदर जार, महासचिव सुनील शर्मा बिट्टू, पूर्व विधायक कुलदीप सिंह पठानियां, पूर्व जिला अध्यक्ष नरेश ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में जहां जिला के सभी विधायकों, कांग्रेस जिला अध्यक्ष एवं अन्य कांग्रेस नेताओं और आम जनता को नियमों और कानूनों का हवाला देकर घर से बाहर निकलने पर रोक दिया गया था वहीं एचआरटीसी उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री को नियमों को ताक पर रख कर किसने विधानसभा क्षेत्र नादौन में घूम कर अपने फोटो को सोशल मीडिया पर प्रचार करने की अनुमति दी। कोरोना संक्रमण काल में अग्निहोत्री द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। फाहल पंचायत में विजय अग्निहोत्री के 12 करीबियों जो मुम्बई से आए थे को अनावश्यक रूप से लाभ देने लिए नादौन की तत्कालीन एसडीएम किरण भडाना द्वारा 12 मई को मना करने के बाद,13 मई को किसके दबाव में आकर जिलाधीश ने नियम और कानून उन 12 व्यक्तियों को लाभ देने के लिए बदल दिए। जिलाधीश पर नियम और कानून बदलने के लिए किसका दबाव था इसकी जांच होनी चाहिए। एचआरटीसी उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री ने आपदा प्रबंधन एक्ट को कोरोना संक्रमण काल में तार-तार कर दिया था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यह भी स्पष्ट करें कि सरकार को कोरोना संक्रमण की आपदा के समय ऐसी क्या आवश्यकता आ गई थी कि 13 मई को एसडीएम नादौन किरण भडाना का तबादला कर दिया गया। प्रदेश सरकार पर एसडीएम का तबादला करने पर किसका दबाव था यह भी मुख्यमंत्री स्पष्ट करें। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लोगों के प्रति अपनी जवाबदेही को स्पष्ट करते हुए एचआरटीसी उपाध्यक्ष विजय अग्निहोत्री को पद से हटा कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें ताकि आम जनता का विश्वास सरकारों पर बना रहे ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ० राजीव बिन्दल, पूर्व मुख्यमंत्री प्रो० प्रेम कुमार धूमल, शांता कुमार, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन राणा, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पुरषोतम गुलेरिया, प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, त्रिलोक कपूर, राकेश जम्वाल सहित समस्त भाजपा परिवार ने किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश मीडिया प्रभारी देवेन्द्र ठाकुर कुनपूरी के पिता एवं पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता, पार्टी के पुराने स्तंभ विश्राम तथा सोलन मण्डल के वार्ड नं० 6 के बूथ नं० 80 के पन्ना प्रमुख विवेक सूद (लोटी) के आकस्मिक निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। भाजपा नेताओं ने शोक संत्पत परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें व परिवार को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
हिमाचल प्रदेश पी टी ए अनुबंध अध्यापक संघ का एक प्रतिनिधि मंडल नियमितीकरण के सन्दर्भ में प्रदेशाध्यक्ष हरीश ठाकुर की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला और मुख्यमंत्री राहत कोष में तेरह लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपए का ड्राफ्ट भेंट किया। इस मौके पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी मौजूद रहे जहां पी टी ए अध्यापकों के नियमितीकरण की रूपरेखा तय की गई। मंगलवार, दिन में प्रतिनिधिमंडल विधि सचिव से मिला और नियमितीकरण पर कानूनी राय ली गई उसके पश्चात प्रतिनिधिमंडल शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक व एडवोकेट जनरल से मिला और अतिशीघ्र नियमितीकरण पर गहनता से मंथन किया गया। गौरतलब है कि पी टी ए अध्यापक लगभग पिछले 14 वर्षों से शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं लेकिन पी टी ए, पैरा, पैट, जी बी यू की नियुक्तियों के सम्बन्धित मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के चलते सरकार पी टी ए अध्यापकों का नियमितीकरण नहीं कर पा रही थी हालांकि वर्तमान सरकार गतवर्ष समस्त पी टी ए अध्यापकों को नियमित अध्यापकों के बराबर वेतन दे रही है। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने विरोधियों की सभी याचिकाओं को खारिज़ कर दी हैं और हिमाचल सरकार की इन भर्तियों को जायज ठहराते हुए ऊक्त मामले में हिमाचल हाई कोर्ट के दिसम्बर 2014 में पक्ष में दिए गए फैसले को बरकरार रखकर इस वर्ग के नियमितीकरण के दावे को और भी मजबूत कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णायक फैसले से हजारों शिक्षक परिवारों का भविष्य सुरक्षित हुआ है। प्रदेशाध्यक्ष हरीश ठाकुर ने कहा कि आज का दिन पी टी ए अध्यापकों के लिए ऐतिहासिक दिन है क्युकी आज हजारों पी टी ए अध्यापकों के शीघ्र नियमितीकरण की नीव रख दी गई है जिससे अतिशीघ्र हजारों परिवारों के स्वर्णिम भविष्य की शुरुआत होगी क्यूंकि मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि बहुत जल्द पी टी ए अध्यापकों को नियमितिकण का तोहफा दिया जा रहा है। प्रतिनिधिमंडल में उपाध्यक्ष अमित मुखिया, बोवी घेदटा, बलदेव ठाकुर, रवि ठाकुर, वीरेंद्र ठाकुर, कपिल वरसांटा आदि मौजूद रहे।
शहरी विकास मंत्री सरवीण चैधरी ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा प्रदान करने के दृष्टिगत प्रत्येक घर को 120 दिनों का रोजगार प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने इस वित्त वर्ष में मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गारन्टी योजना आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि यह योजना वर्तमान कोविड-19 महामारी के समय दिहाड़ीदार श्रमिकों के कौशल विकास, उन्हें बेहतर आजीविका के अवसर प्रदान करने और अपने उपक्रम स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के उद्देश्य के साथ शुरू की गई है। सरवीण चैधरी ने कहा कि इस योजना से शहरी अधोसंरचना सुदृढ़ होगी और शहरी निकायों में गुणात्मक नागरिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
राजस्व विभाग ने आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत विभिन्न विभागों, उपायुक्तों और अन्य संस्थानों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि इस दौरान सार्वजनिक व निजी सम्पत्तियों को न्यूनतम नुकसान हो तथा बहुमूल्य मानव जीवन की रक्षा की जा सके। राजस्व विभाग एवं आपदा प्रबन्धन के प्रधान सचिव ओंकार चन्द शर्मा ने बताया कि लोक निर्माण विभाग, नगर निगमों और पंचायती राज संस्थानों को नालियों, चैनलों और नालों की सफाई करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश आपदा के लिए संवेदनशील राज्य है इसलिए यह आवश्यक है कि लोगों को प्रारम्भिक चेतावनियां और आवश्यक जानकारी प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि नदी तट के आस-पास रहने वाले लोगों को पूर्व सूचना देने के लिए उपयुक्त प्रणाली के साथ तैयार रहे। इसके अतिरिक्त यह निर्देश भी दिए गए हैं कि आवश्यकता पड़ने पर संभावित जोखिम वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि आपात स्थितियों के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री का प्रबन्ध करने तथा राहत एवं बचाव दलों को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात करने के लिए तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में होमगार्ड की कम्पनियों को भी तैयार रहने के लिए कहा गया है और आपात प्रतिक्रया के लिए अग्निशमन सेवाओं की भी सहायता ली जाएगी। ओंकार चन्द शर्मा ने कहा कि जल शक्ति विभाग को लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने तथा जल स्त्रोतों की नियमित सफाई के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य सरकार ने कोविड-19 के दौरान प्रदेश में आरकरर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वकांक्षी कदम उठाए हैं। प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, बागवानी, कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में विकास के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में मत्स्य उत्पादन हजारों लोगों की जीविकार्जन का मुख्य साधन हैं और प्रदेश की आर्थिकी को संबल प्रदान करने में भी इस क्षेत्र की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। कोराना महामारी के कारण राज्य में मत्स्य उत्पादन गतिविधियो पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है। इस क्षेत्र को मंदी से उबारने के लिए प्रदेश सरकार ने 20 अप्रैल, 2020 को मछुआरों को जलाशयों एवं नदियों में मछली पकड़ने के लिए अनुमति प्रदान की और मत्स्य गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए। प्रदेश सरकार द्वारा मत्स्य पालकों को 76 हजार 650 मछली बीज उपलब्ध करवाए गए और 77 हजार 245 मछली बीज बिलासपुर स्थित भाखड़ा डैम में फिश केजिज में डाले गए। हिमाचल प्रदेश की ट्राऊट मछली की देशभर में भारी मांग है। राज्य में ट्राउट मछली की उत्पादन दर को बनाए रखने के लिए प्रदेश के विभिन्न भागों में चलाए जा रहे विभिन्न ट्राउट फार्म को 5,900 किलोग्राम ट्राउट फीड और राज्य के निजी ट्राउट पालकों को भी 3,239 किलोग्राम ट्राउट फीड उपलब्ध करवाई गई। प्रदेश में 20 अप्रैल, 2020 के उपरांत 17549 किलोग्राम मछलियां विभिन्न रिटेल आउटलेट में विक्रय की गईं। मत्स्य विभाग द्वारा लाॅकडाउन के दौरान मछुआरों को कोरोना महामारी से बचने के उपायों, स्वच्छता तथा सामाजिक दूरी बनाए रखने के बारे में जागरूक किया गया। मछली पकड़ने के उपकरणों, किश्ती, जाल इत्यादि को निरंतर सैनिटाईज किया जा रहा है। मत्स्य पालकों को मत्स्य परिवहन के लिए विभाग द्वारा पास जारी करने के साथ-साथ अन्य जरूरी सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं। मत्स्य विभाग द्वारा सामाजिक दूरी के नियम की पालना सुनिश्चित बनाते हुए अनुसंधान एवं विकास कार्यों के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के दक्षतापूर्ण कार्यान्वयन के लिए भी दक्ष प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत मछुआरों के लिए 20 हजार करोड़ रुपये के प्रावधान से समुद्री एवं अंतर्देशीय गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए 11 हजार करोड़ रुपये तथा आवश्यक आधारभूत संरचना के लिए नौ हजार करोड़ रुपये से मछुआरों की सहायता करने का प्रावधान किया गया है। इससे हिमाचल प्रदेश में भी मत्स्य पालन तथा अन्य गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। प्रदेश में मत्स्य पालन विभाग द्वारा लाॅकडाउन में मत्स्य गतिविधियों से जुड़े परिवारों और किसानों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। यह प्रयास किया जा रहा है कि देशव्यापी लाॅकडाउन के दौरान उनकी आर्थिकी को संबल प्रदान करने के साथ-साथ उनके लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का कार्यान्वयन भी समयबद्ध रूप से किया जाए।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निर्देश दिए कि संस्थागत क्वारंटाइन में रखे गए लोगों की नियमित चिकित्सा जांच सुनिश्चित बनाने के साथ-साथ क्वारंटाइन केंद्रों में पर्याप्त सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि डाॅक्टरों की टीम क्वारंटाइन केंद्रों का दौरा अवश्य करे ताकि वहां रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें। बुजुर्गो और लंबी बीमारी से पीड़ित मरीजों को सभी आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं और जरूरत पड़ने पर उन्हें स्वास्थ्य संस्थानों में स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ने पर होटलों को भी संस्थागत क्वारंटाइन केंद्रों के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इससे इन केंद्रों में रहने वाले लोगों का मनोबल भी बढ़ेगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि जिला प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि देश के अन्य हिस्सों से आने वाले हिमाचलियों के घर पहुंचने से पहले ही पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों को उनकी सूचना उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मी बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की घर वापसी से पहले ही ऐसे लोगोें के घरों का दौरा करें ताकि उसके परिवार के सदस्यों को शारीरिक दूरी बनाने के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके। स्वास्थ्य कर्मियों और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सुनिश्चित करना होगा कि ऐसे घरों में अलग कमरों और शौचालयों की उचित सुविधा हो। यदि सुविधा उपलब्ध नहीं हो तो ऐसे लोगों को नजदीक के पंचायत घर, युवक मंडल भवन, महिला मंडल भवन और सामुदायिक केंद्रों में स्थानांतरित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रवासी मजदूरों की सुविधा के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय योजना ”वन नेशन-वन राशन कार्ड“ शुरू की है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि प्रवासी मजदूरों को दो माह तक निःशुल्क खाद्य सामग्री मिले। उन्होंने कहा कि जिन मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम गेहूं या चावल और प्रति माह एक किलोग्राम दाल निःशुल्क दी जाएगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि संस्थागत व होम क्वारंटाइन से बाहर आने वाले लोगों को अन्य लोगों को को कोविड-19 के बारे में जागरूक बनाने के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य करने के लिए प्रेरित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत के चौथे चरण में शिमला तथा बिलासपुर जिला के पंचायत प्रतिनिधियों के साथ सीधा संवाद किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आज उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा कर्मचारियों की भूमिका को सराहा और उनसे फीडबैक ली। सीएम ने सभी को आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए। उन्होंने कहा कि जहां पंचायत प्रतिनिधियों ने कोरोना के प्रति जागरूकता में बढ़-चढ़ कर कार्य किया वहीं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से मास्क बनाकर भी वितरित किए गए। अब पीपीई किट्स बनाने का कार्य भी स्वयं सहायता समूह कर रहे हैं, जिन्हें फ्रंट लाइन वर्कर्स को प्रदान किया जा रहा है। ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ऊना से शामिल हुए। कंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के मार्गदर्शन में बहुत से हिमाचल वासियों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाया जा रहा है। ऐसे में अब पंचायत प्रतिनिधियों को होम क्वारंटाइन में रहने वाले लोगों पर निगरानी रखनी होगी। उन्होंने कहा कि बाहर से आ रहे लोगों को रोजगार प्रदान करना प्रदेश सरकार का दायित्व है, इसीलिए 2500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। जिसे मनरेगा, एनआरएलएम, 15वें वित्तायोग के तहत एक वर्ष के भीतर खर्च किया जाएगा। इस धनराशि से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
रक्तदान के पीछे एक कारण यह भी है कि दानी यह नहीं जानता कि उसका रक्त किस को जा रहा है तथा लेकिन इतना तय होता है कि रक्त उस व्यक्ति के लिए है जो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। ऐसे में किसी का जीवन बचाने से बड़ा और कोई कार्य नहीं हो सकता है। यह बात अपने जीवन में पहली बार रक्तदान करके लौटी बिलासपुर की शालिनी शर्मा ने कही। नवज्योति सीनियर सेकेंडरी स्कूल बिलासपुर की प्रिंसीपल तथा अंतर्राष्ट्रीय इनरव्हील क्लब बिलासपुर की प्रेजिडेंट शालिनी शर्मा हांलाकि समाज सेवा में अपना कार्य किसी न किसी रूप से जारी रखती हैं लेकिन रक्तदान की भी मन में इच्छा थी जो मंगलवार को पूर्ण हुई। उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल से जब रक्तदान के लिए काॅल आई तो वे अपने पति गोंविद घोष के साथ जिला अस्पताल पहुंची और रक्तदान ही नहीं किया बल्कि इस पुनीत कार्य को लेकर मन की तमाम भ्रांतियां भी दूर हुईं। शालिनी शर्मा ने बताया कि मानवता का यही मर्म है कि इन्सान को इन्सान का जीवन बचाने के लिए रक्तदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्त की जरूरत किसी को भी पड़ सकती हैं ऐसे में रक्तदान करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। शालिनी शर्मा ने इंटरनेशनल इन्नरव्हील क्लब के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह दुनिया का सबसे बड़ा महिलाओं का एकमात्र क्लब है जो कि सरकार से किसी भी प्रकार की सहायता के बिना चलता है। उन्होंने समाज की सेवा में रूचि रखने वाली महिलाओं से अपील की है कि वे ज्यादा से ज्यादा महिलाएं इस क्लब से जुड़े और मानवता की सेवा में जीवन का कुछ समय लगाएं। वहीं शालिनी शर्मा के पति गोविंद घोष जो कि स्वयं एक कर्मठ समाज सेवी हैं, ने बताया कि रक्तदान एक पावन काम हैं तथा सभी को ऐसे कामों में बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के चलते लगे लाॅकडाउन में अस्पतालों के ब्लड बैंकों में रक्त की कमी हुई है। ऐसे में समाजसेवी संस्थाओं और युवाओ को स्वेच्छा से इस काम के लिए आगे आना चाहिए ताकि रक्त के अभाव में किसी की जान न जा सके। व्यास नगर रक्तदाता समिति के अध्यक्ष कर्ण चंदेल ने बताया कि शालिनी शर्मा ने पहली बार रक्तदान किया है, जो कि अन्य मातृशक्ति के प्रेरणा की बात हैं। उन्होंने सभी का आहवान करते हुए कहा है कि सभी लोगों को रक्तदान करना चाहिए।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने शिमला से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण देश की अर्थ-व्यवस्था के साथ-साथ शिक्षा पर भी प्रभाव पड़ा है। विद्यार्थियों की सुरक्षा भविष्य की रक्षा है। हमें इस संक्रमण के चक्र को रोकने के लिए सरकार द्वारा जारी किए सभी निर्देशों का पालन करना है तथा शिक्षा प्रणाली को और मजबूत करना है। प्रदेश सरकार ने इस संकट के समय में शिक्षा क्षेत्र को और सुदृढ़ बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं, जिसमें ऑनलाइन कक्षाएं, दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रम तथा विभिन्न उपाय शामिल है। उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसके कारण आज हिमाचल प्रदेश शिक्षा हब के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निजी विश्वविद्यालयों के हितों को ध्यान में रख कर कोविड-19 के दौरान राज्य में शिक्षा व्यवस्था बनाए रखने पर विचार कर रही है। इन विश्वविद्यालयों को आने वाली समस्याओं तथा उचित मांगों पर अवश्य विचार किया जाएगा ताकि इनका समाधान किया जाए। ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा प्रदान करना बेहद लाभदायक सिद्ध हो रहा है तथा इस दौर में तकनीक का सदुपयोग किया जा रहा है। शिक्षा प्रदान करना एक महान सेवा है, जिसमें जितना भी सहयोग किया जा कम है। इससे पूर्व, विभिन्न निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा प्रतिनिधियों ने शिक्षा मंत्री को विश्वविद्यालयों में वर्तमान में किए जा रहे उपायों तथा प्रबन्धों से अवगत करवाया। सभी ने कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन शिक्षा पर बल देते हुए भविष्य में इसका अधिक उपयोग करने पर सहमति जताई। उन्होेंने शिक्षा मंत्री के समक्ष अपनी आर्थिक समस्याएं भी रखीं तथा विद्यार्थियों से संबंधित कई मुद्दों पर भी चर्चा की। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डाॅ. सुनील गुप्ता, हिमाचल प्रदेश निजी शैक्षणिक संस्थान नियामक आयोग के सदस्य डाॅ. एस.पी. कटयाल तथा आयोग के सचिव एम.डी. शर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शिमला और बिलासपुर जिलों की विभिन्न ग्राम पंचायतों के पंचायत प्रधानों को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी से प्रभावी तरीके से लड़ने के लिए प्रदेश सरकार को अपना पूरा समर्थन प्रदान करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) के चुने हुए प्रतिनिधियों का धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी जरूरतमंदों और गरीबों को फेस मास्क और भोजन उपलब्ध कराने में अह्म भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि अधिकांश पंचायतों ने लोगों को सामाजिक दूरी बनाए रखने और घरों से बाहर जाने के दौरान फेस मास्क और फेस कवर का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने में भी बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कहा कि वह यह भी सुनिश्चित करें कि प्रवासी मजदूरों के पास खाने के लिए भोजन और रहने के लिए आश्रय भी हो। जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में केंद्र सरकार का देश के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक सुधार पैकेज प्रदान करने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पैकेज में समाज के सभी वर्गों के कल्याण की परिकल्पना की गई है। उन्होंने कहा कि इस पैकेज से राज्य को काफी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के लिए 40,000 करोड़ अतिरिक्त धनराशि प्रदान की गई है, जो निश्चित रूप से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक बुनियादी ढांचे में सुधार के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई के लिए पैकेज के बारे में घोषणाओं से राज्य में कोविड-19 के बाद के औद्योगिक क्षेत्र में भी मदद मिलेगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार को देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हजारों हिमाचली लोगों से ‘एसओएस’ संदेश मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें वापस लाने के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि इस कारण से राज्य में कोरोना रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी और रोकथाम ही एकमात्र उपाय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले सभी लोगों को क्वारंटीन में रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों की भूमिका इस समय और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को होम क्वारंटीन के नियमों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और यदि कोई व्यक्ति क्वारंटीन नियमों का पालन नहीं करता है इस बात को जिला प्रशासन के ध्यान में लाया जा जाए, ताकि उल्लंघनकर्ता को संस्थागत क्वांरटीन केंद्र में स्थानांतरित किया जा सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधान हमारे लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि वे लोकतंत्र के जमीनी संस्थानों के मुखिया हैं। उन्होंने कहा कि उनके संबंधित क्षेत्रों के विकास के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों के विकास में उनकी सक्रिय भूमिका सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि प्रधानों को गरीब और प्रवासी मजदूरों को भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायतों को लोगों के लिए फेस कवर और मास्क प्रदान करने के लिए भी आगे आना चाहिए। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है। उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रदेश के लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए सक्रिय-दृष्टिकोण अपनाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज तक देश के विभिन्न हिस्सों से पांच रेल गांडियां, फंसे हुए हिमाचलियों को वापस लाकर प्रदेश में पहुंच चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी लोगों को उचित चिकित्सा जांच के बाद उनके घरों तक पहुंचा दिया गया हैं। अब पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का कर्तव्य बन जाता है कि वे यह सुनिश्चित करे कि कोई भी व्यक्ति होम क्वारंटीन का उल्लंघन न करें। अध्यक्ष जिला परिषद शिमला धर्मिला हरनौट, अध्यक्ष जिला परिषद बिलासपुर अमरजीत सिंह बग्गा, प्रधान ग्राम पंचायत नरैण जिला शिमला नरेश, प्रधान ग्राम पंचायत बलाघाड़ बिलासपुर रचना देवी, प्रधान ग्राम पंचायत बैहल बिलासपुर राम कुमार शर्मा, प्रधान ग्राम पंचायत नंदपुर, जुब्बल शिमला शकुंतला देवी, प्रधान ग्राम पंचायत कुई, रोहडू शिमला सुरिंद्र वर्मा ने भी इस अवसर पर अपने विचार सांझा किए।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानन्द गौड़ा से अनुरोध किया है कि हिमाचल प्रदेश के लिए एक बल्क ड्रग पार्क स्वीकृत किया जाए। केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में जय राम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश बल्क ड्रग्स और जैनरिक दवाइयों के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरा है तथा देश व विदेशों में बाजार में व्यापक स्तर पर पकड़ बनाई है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में संचालन कर रही औद्योगिक इकाइयों ने बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने में विशेष रुचि दिखाई है। इन इकाइयों ने विशेषकर सोलन जिला के बद्दी बरोटीवाला क्षेत्र में यह पार्क विकसित करने की इच्छा जताई है, जो पहले ही एक फार्मा हब है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश में क्रिटिकल की-स्टार्टिंग सामग्री, ड्रग इंटरमीडिएट्स और एक्टिव फार्मास्यूटिकल सामग्री के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक लाभकारी योजना की घोषणा की है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित इस योजना से भारतीय फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज को महत्वपूर्ण दवाओं और रसायनों के निर्माण में वैश्विक प्रतिस्पर्धा, आत्मनिर्भरता और अत्याधुनिक तकनीकों के अनुकूलन को प्राप्त करने में सक्षम बनाया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश के लिए इस प्रकार का एक बल्क ड्रग पार्क आवंटित किया जाता है तो राज्य निश्चित रूप से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दवा उद्योग की आवश्यकता को पूरा करने में सबसे महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरेगा।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि विभिन्न देशों में फंसे हिमाचल प्रदेश के 29 व्यक्तियों को केंद्र सरकार अभी तक स्वदेश ला चुकी है। इनमें 19 को दिल्ली, पांच को केरल और पांच को पंजाब में क्वारंटाइन में रखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्णय के अनुसार सभी यात्रियों को 14 दिनों के संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी यात्रियों की स्वास्थ्य जांच की है और फिलहाल उन्हें दिल्ली, केरल और पंजाब के विभिन्न होटलों में क्वारंटाइन में रखा गया है। दिल्ली पहुंचे 19 लोगों में सिरमौर जिला से एक, मण्डी जिला से एक, कांगड़ा जिला से एक, हमीरपुर जिला से दो, सोलन जिला से तीन और शिमला जिला से 11 व्यक्ति संबंधित हैं। इसी प्रकार मालदीव से पांच हिमाचली केरल और पांच दुबई से अमृतसर पहुंचे हैं, जिन्हें वहां की सरकारों ने क्वारंटाइन में रखा है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटल होलीडे होम शिमला, होटल पाईनवुड बड़ोग, होटल धौलाधार व होटल भागसू धर्मशाला और होटल टी-बड पालमपुर को इन यात्रियों के संस्थागत क्वारंटाइन के लिए चयनित किया है। इन होटलों में ठहरने व भोजन की सुविधा के लिए 50 प्रतिशत रियायत के साथ किराया निर्धारित किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य इन यात्रियों की नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए पर्याप्त संख्या में डाॅक्टरों व पैरा मेडिकल स्टाफ की व्यवस्था करेगी। अगर 14 दिनों के उपरांत उन्हें कोविड-19 के लिए नेगेटिव पाया जाता है तो घर में क्वारन्टीन में रहने की स्वीकृति दी जाएगी। जिन लोगों को पाॅजिटिव पाया गया, उन्हें प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिन्हित कोविड अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली में स्थित आवासीय आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों को इस संदर्भ में किसी सहायता के लिए संपर्क किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति प्रधान आवासीय आयुक्त संजय कुंडू को मोबाइल नंबर 98181-53766, उप आवासीय आयुक्त विवेक महाजन को मोबाइल नंबर 88028-03672, ओएसडी समन्वय सुशील कुमार शिमला को मोबाइल नंबर 98685-39423 और आईजीपी ज्ञानेश्वर सिंह को उनके मोबाइल नंबर 97110-01001 पर सम्पर्क कर सकता है।
Chief Minister Jai Ram Thakur said that under Mukhya Mantri Swavlamban Yojna investment subsidy at 25 percent was being provided for projects having investment upto Rs. 60 lakh for youth and 30 percent for projects having investments upto Rs. 60 lakh for women entrepreneurs. He said that five percent interest subsidy would also be provided for a period of three years. Jai Ram Thakur was presiding over a meeting with various Industrial Associations regarding roadmap for recovery of industrial sector in the wake of corona pandemic here today. He said that the State Government has also taken up the matter with the Union Government for relaxation of the condition under Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojna under which the benefit of this scheme could be availed by those enterprises where 90 percent or more employees are drawing wages less than Rs. 15,000/- per month, besides payment of wages of lockdown period from ESIC funds. Jai Ram Thakur said that the State Government has also deferred demand charges of power by three months and power bill payment has been deferred without late fee by HPSEB. He said that last date for filling acknowledgement of declaration under HP (Legacy Case Resolution) Scheme 2020 has been extended to 30th September, 2020. He said that State Government has taken several steps to facilitate operations of essential goods industries throughout the lockdown period and other industries during the second period. Chief Minister said that the industrialists of the State had provided all possible help to the State by making contributions towards the PM CARES and HP SDMA COVID-19 State Disaster Response Fund or even by providing free masks and food to the needy. He said that no one had anticipated of this situation but by collective efforts we were fighting this pandemic successfully. He said that it was due to the farsighted and strong leadership of Prime Minister Narendra Modi that COVID-19 cases in our country were less than most of the developed countries. He said that challenges also provide us opportunities and we should come forward to accept these challenges and convert them into opportunities. Jai Ram Thakur said that the ‘Atamnirbhar Bharat’ package announced by the Prime Minister was the biggest economic package of independent India. He said that this package envisages building a self sufficient and self reliant India post COVID. He said that about 300 units in the country were manufacturing PPE kits in the country in a short period of two months whereas once it was totally dependent on China. He said this was the best example of challenge converted into opportunity. Chief Minister said that MSME sector has been badly affected due to COVID-19 pandemic. He said that about 95 percent of the industries in the State fall under MSME categories. He said that steps should be taken to derive maximum benefits of this package to revive these units. He assured that all the issues raised by the industrialists would be considered sympathetically. Chief Minister said that industry was playing a major role in development and progress of the State. He said that Government was providing various incentives to Medium, Small and Micro Enterprises (MSME) under Industrial Policy 2019, such as rebate of 50 percent, 60 percent and 70 percent of rate/premium on land cost, stamp duty and registration fee at the rate of 50 percent, 30 percent and 10 percent of applicable rates in category ‘A’, ‘B’ and ‘C’ respectively, 100 percent exemption on CLU besides 50 percent subsidy of maximum Rs. 20 thousand towards the cost of preparation of Detailed Project Report and obtaining certification. Jai Ram Thakur said that an economic incentive of Rs. 50 thousand crores under Rs. 20 lakh crore economic package was offered by the Central Government to ensure the availability of funds (Liquidity) required for medium, small and micro industries (MSME). He said that this would encourage those wanting to set up new MSME units and those who are already incurring losses, due to certain reasons, would also get the facility to take an additional loan with this. Chief Minister said that there was also a provision to provide an amount of Rs. 3 lakh crores for giving loans to MSME, without any collateral security and this loan would be given for a period of 4 years and 100 percent guarantee would be given by Government. He said that up to one year exemption would be provided for repayment of the principal amount of these loans. He expressed hope that with these incentives, the MSME in the State would get boost in a big way. Jai Ram Thakur said that payment of 12 percent of employer and 12 percent employee contributions was being made into EPF accounts of eligible establishments under Pradhan Mantri Garib Kalyan Yojna. He said that earlier this incentive was provisioned for the months of March, April and May,2020 which has now been extended upto August, 2020. Industries Minister Bikram Singh Thakur said that the State Government was committed to provide all possible assistance to the industry for its proper revival which got badly affected due to the COVID-19 pandemic. He said the main objective of this meeting was to derive maximum benefits of the economic package of Rs. 20 lakh crore announced by the Union Government. Additional Chief Secretary Industries Manoj Kumar welcomed the Chief Minister and other dignitaries. Director Industries Hansraj Sharma made a detailed presentation on the occasion. Representatives of various industrial associations also raised their issues and gave their suggestions on the occasion. Chief Secretary Anil Khachi, Additional Chief Secretaries, Principal Secretaries and Secretaries also attended the meeting.
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत कर विश्वविद्यालय स्तर पर शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार, बागवानी एवं वाणिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति प्रो. परमिन्दर कौशल, कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के कुलपति प्रो. अशोक सरयाल, तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल, क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी के कुलपति प्रो. सी.एल. चमन और अटल मेडिकल एण्ड रिसर्च विश्वविद्यालय, नेरचैक के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कश्यप ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में भाग लिया। राज्यपाल ने मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा सुझाए गए विभिन्न आॅनलाइन पोर्टल के उपयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप परीक्षाओं की तैयारी और अगले सत्र को लेकर रोडमैप, कोविड-19 के दौरान विश्वविद्यालय की भूमिका, ऑनलाइन शिक्षा व कक्षाओं की अभी तक की स्टे्टस रिपोर्ट, वालंट्यिर्स की भूमिका, हिन्दी में शिक्षण की सुविधा इत्यादि विषयों को लेकर जानकारी हासिल की। इस अवसर पर, राज्यपाल ने पिछले 55 दिनों से लाॅकडाउन के दौरान ऑनलाईन कक्षाओं को लेकर सभी कुलपतियों की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 31 मई तक लाॅकडाउन-4.0 में भी सभी विश्वविद्यालय दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए फाॅलो-अप, दक्षता व जागरूकता का परिचय देंगे। उन्होंने कहा कि कुलपतियों के साथ पहली वीडियो कांफ्रेंस में उन्होंने आॅनलाइन एजुकेशन पर बल दिया था, जिस पर सभी ने काम किया। उन्होंने कहा कि यह मौका है कि इस तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की तकनीक के माध्यम से कोई भी व्यवस्था क्यों न बने लेकिन विद्यार्थियों के साथ संपर्क बनाये रखा जाना चाहिए। दत्तात्रेय ने कहा कि विद्यार्थियों की मनोस्थिति को जानने की कोशिश की जाए और विशेषकर आॅनलाइन व्यवस्था मेें उन्हें क्या समस्या है, इसकी प्रतिक्रया ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के वालंटियर तैयार करने के लिए उन्होंने कहा है जिसकी वजह विद्यार्थियों में सेवा भाव पैदा करना है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों द्वारा जागरूकता के लिए अपनाये गए गांव के बारे में भी उनकी प्रतिक्रिया को सांझा किया। उन्होंने स्थानीय भाषा के उपयोग की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऐसे क्षेत्र जहां नेटवर्क की समस्या है और गरीब बच्चे जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं हैं, के बारे में भी विकल्पों पर बातचीत की। इस अवसर पर, कुलपतियों ने अपनी प्रतिक्रिया में बताया कि 90 प्रतिशत तक उन्होंने अपना पाठ्यक्रम पूरा कर दिया है। ऑनलाइन पुस्तकालय सुविधा दी जा रही है। शोधकार्य जारी है और प्रवेश परीक्षाओं के लिए समितियां गठित की जा चुकी हैं। जागरूकता कार्यक्रम पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कुछ प्रशासनिक स्टाफ को बुलाने का आग्रह किया, ताकि प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ विकासात्मक गतिविधियों को भी जारी रखा जा सके।
सेना प्रशिक्षण कमाण्ड शिमला के जनरल अफसर कमाडिंग-इन-चीफ लैफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से उनके आधिकारिक निवास ओक ओवर में भेंट की। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के सेवारत और सेवानिवृत सैनिकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से सेना बिलासपुर जिला के झण्डुत्ता और मण्डी जिला के सुन्दरनगर में सीएसडी कैंटीन खोलने को सहमत हो गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उठाया था। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां प्रवासी मजदूरों के लिए वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अंतर्गत खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की अंतरराज्यीय पोर्टेबिलिटी योजना का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से उपभोक्ताओं को देश में कहीं भी उचित मूल्य की दुकानों से राशन लेने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसे राशन कार्ड की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी योजना के अंतर्गत किया जाएगा और योजना से देश के लगभग 67 करोड़ लोगों लोगों को लाभ मिलेगा जिनमें हिमाचल प्रदेश के लाखों लोग भी शामिल हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के लगभग आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को दो महीने के लिए मुफ्त अनाज देने का निर्णय लिया है। जिन मजदूरों के पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें भी हर महीने प्रति व्यक्ति निःशुल्क पांच किलो आटा अथवा चावल और एक किलो दाल प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को 2864.46 टन खाद्य सामग्री आवंटित की गई है जिससे प्रदेश सरकार को लक्षित समूहों तक राशन प्रदान पहंुचाने में सुविधा होगी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अमिताभ अवस्थी और निदेशक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आबिद हुसैन सादिक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।