सराहा विकास खंड के तहत पड़ने वाली ग्राम पंचायत नैरी नावण के चूनर, अंजी, फागू व ताप गांव मे विद्युत लाईन मे हाई वोल्टेज आने के कारण विद्युत उपकरण जल गए। इसके कारण लाखो रूपये का नुकसान होने का समाचार है। पंचायत पंच दलबीर सिह के अनुसार यह हादसा क्षेत्र के उपर से गुजर रही एक बडी टावर लाईन से एक तार के गिरने का कारण हुआ पर गनीमत यह रही कि इस हाई टैशन लाईन की तार रात्रि के समर गिरी नही तो लोग व मवेशी भी इसकी चपेट मे आ सकते थे। मिली जानकारी के अनुसार जैसे ही यह तार क्षेत्र को विद्युत आपूर्ति करने वाली एल टी लाईन की तारो पर गिरी तो इन सभी गांव के घरो मे हाई वोल्टेज कंरट आ गया और बिजली के मीटर सहित सभी उपकरण जो उस समय चालू थे और जल गए। मिली जानकारी के अनुसार चूनर, अंजी, ताप, फागू गावं के धर्म सिह, खुशी राम, पदम सिह, भीम सिह, चतर सिह, पृथ्वी सिह, शमशेर सिह रवि कुमार, सही राम, रमेश, नरपत, हिरा सिह सोहन सिह, सागर सिह, ब्रजैश, रणवीर सिह भरत सिह, आदि के टी वी, फ्रिज, लेपटॉप, व अन्य बिजली के उपकरण जल गये है। इससे लाखो रुपये के नुकसान का अनुमान है और इन सभी गांव मे बिजली सप्लाई अभी बंद है। विद्युत विभाग के कर्मचारी विद्युत सप्लाई को ठीक करने मे जुटे है।
धरोहर गाँव परागपुर में फिर से एक बार लाइट कैमरा एक्शन गूंजेगा। वेदान्ता ग्रुप के सौजन्य से परागपुर में शूटिंग की जाएगी। इसको लेकर एक बार फिर परागपुर गाँव छोटे पर्दे पर नजर आएगा। वेदान्ता ग्रुप की शूटिंग 13 नवंबर से 13 दिसंबर तक चलेगी। टीम के डायरेक्टर विवेक कक्कड़ ने बताया कि लोकेशन हेतु शूटिंग टीम ने शूटिंग स्पोर्ट का निरीक्षण पहले ही कर लिया था। शूटिंग हेतु जगह को उपयुक्त बताते हुए शूटिंग टीम में प्रोड्यूसर चेतन काले, अयूब मलिक, कोमल रावत, प्रोडक्शन डिजाइनर रुपिंदर डैनी, अमित ठाकुर टीम ने बताया कि शूटिंग धरोहर गांव परागपुर, गरली, चम्बपतन में कई स्थानों पर की जाएगी। ज्ञात रहे इससे पूर्व भी धरोहर गाँव परागपुर में कई दिग्गज कम्पनिया जैसे टाटा, फेविकोल की शूटिंग भी सम्पन्न हो चुकी है।
शिमला के चौपाल उपमंडल में एक दर्दनाक सड़क हादसा पेश आया है। हादसे में एक ऑल्टो कार अनियंत्रित होकर 700 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 2 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए आईजीएमसी शिमला रेफर किया गया है। हादसे के शिकार सभी लोग सिरमौर के शिलाई के रहने वाले है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
राजगढ शिक्षा खंड के तहत दूर दराज क्षैत्र मे पडने वाली वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाल देवठी मंझगांव की तीन छात्राओ का चयन राष्ट्रीय स्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता के लिए के लिए हुआ है। हाल ही में हमीरपुर में संपन हुए राज्यस्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला देवठी मझगांव के 15 छात्रों ने भाग लिया था। इसमें से राहुल भारती 51 की ग्रा वर्ग में और छाया 42 कि ग्रा, कृति 44 कि ग्रा भार वर्ग में राष्ट्रीय स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे। काबिले जिक्र है कि इन छात्रों ने राज्यस्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा। पूर्व एडीपीईओ रहे रमेश सरैक ने बताया कि यह राष्ट्रीय प्रतियगिता 2 से 6 नवम्बर तक गुवहाटी में आयोजित की जा रही है। इसके लिए हिमाचल से लगभग 30 सदस्य दल गुवहाटी पहुंच चुका है। यह ज्ञात रहे कि रमेश सरैक की अगुवाई में जिला सिरमौर 2014 से 2018 तक हिमाचल में गवर्नर ट्रॉफी चैंपियन रहा है। विद्यालय लौटने पर इन छात्रों का गर्मजोशी से मालाओं के साथ स्वागत किया गया।रमेश कुमार सरैक़ ने इसी वर्ष इस पाठशाला में नियमित रूप से अपने पदभार संभाला है और इस उपलब्धि के लिए इलाके के वरिष्ठ और गणमान्य व्यक्ति शिवराम देवा ,केशवानंद शर्मा वजीर ,जाती राम कमल, सजारी, कल्याण भंडारी, ग्राम पंचायत प्रधान सीमा शर्मा, पूर्व प्रधान ओमप्रकाश सरैक, उपप्रधान सुरेश वर्मा, जबरसिंह, सुरेश शर्मा तथा वरिष्ठ नागरिक राष्ट्रीय पुरस्कार सम्मानित विद्यानंद सरैक, जगतसिंह वर्मा व एसएमसी अध्यक्ष कुंदन सिंह व पूरी कार्यकारिणी तथा पाठशाला के वरिष्ठ प्रवक्ता गोविंद शर्मा, सी एच टी राकेश शर्मा, कुसुम शर्मा, सरिता भारती, सुनीता, वंदना शर्मा, शास्त्री गीताराम ,डीएम नरेश कुमार, वरुण, वनिता किरण, अंजू वर्मा, वीरेंद्र , अतर सिंह, बलबीर चौहान, रमा, पंकज ठाकुर व गीताराम, बलिराम, कलीराम ने इस उपलब्धि के लिए सरैक को बधाई दी है। पाठशाला में अन्य गतिविधियां प्रार्थना सभा से लेकर अनुशासन इत्यादि उत्कृष्ट है। इसकी हाल में ही विद्यालय की इंस्पेंस्शन में आए उपनिदेशक व पूरे दल ने भूरि भुरि प्रशंसा की। उन्होंने विशेष तौर पर पाठशाला की प्रार्थना सभा की प्रशंसा की है। सरैक ने बताया कि इस उपलब्धि के लिए पूर्व में इस पाठशाला में डीपी पद पर कार्यरत रहे। कमलेश ठाकुर की मेहनत रंग लाई जो आजकल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शरगांव में कार्यरत है, तथा उन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हिमाचल की टीम के मैनेजर का दायित्व सौंपा गया है।
सुर्दशन के परिवार के लिए दिवाली से ठीक एक दिन पहले बूरी खबर आई है। उनका घर और घर में रखा सामान उनकी आँखों के सामने जल कर राख हो गया। उपमंडल मुख्यालय राजगढ़ के साथ लगती ग्राम पंचायत कोठिया जाजर के टिक्कर रोड पर शनिवार को सुबह सिलेंडर लीक होने से सुर्दशन के घर में आग लग गयी। प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के समय सुदर्शन, उसकी पत्नी , दो बेटियां , एक बेटा व् भाई की दो बेटियां सहित उनका एक भाई घर में मौजूद थे। इस दौरान साथ में रहने वाले एक लड़के ने हिम्मत का परिचय देते हुए सिलेंडर को बाहर फेंका। सोलन से अग्निशमन की गाडी ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पा लिया। गनीमत यह रही की इस आगजनी में किसी की जान नहीं गई लेकिन आग पर काबू पाने की कोशिश में सुदर्शन का मुंह आग की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गया और सुदर्शन के घर की रसोई व् दो कमरों के साथ साथ घर में रखा सारा सामान जल कर राख हो गया। एक अनुमान के मुताबिक लगभग 7 लाख रूपये का नुकसान बताया जा रहा है एस डी एम राजगढ नरेश वर्मा के अनुसार घटना की सुचना मिलते ही प्रशासन की और से प्रभावित परिवार को 15 हजार रूपये की फोरी राहत प्रदान की गई है।
धर्मशाला और पच्छाद में होने वाले उपुचनाव के लिए प्रचार का शोर 19 अक्तूबर को सायं पांच बजे थम जाएगा। उसके बाद प्रत्याशी 20 अक्तूबर को डोर-टू-डोर वोट मांगेंगे। प्रदेश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल करीब एक माह से प्रचार कर रहे हैं, ऐसे में अब अंतिम चरण के प्रचार में पूरी ताकत झोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। अब तक हुए प्रचार के दौरान कांग्रेस और भाजपा के दुरंधरों ने खूब पसीना बहाया। हालांकि जीत और हार का फैसला 24 अक्तूबर को सामने आएगा, लेकिन भाजपा इस उम्मीद में है कि दोनों सीटें पार्टी की झोली में ही आएंगी। विपक्षी दल कांग्रेस भी उपचुनाव पर कब्जा जमाने की आस लगाए बैठी है। पच्छाद में कांग्रेस के पास पुराने उम्मीदवार के रूप में गंगूराम मुसाफिर मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने महिला नेता पर भरोसा जताया है। धर्मशाला सीट पर दोनों दलों ने युवाओं पर दांव खेला है। धर्मशाला और पच्छाद में होने वाले उपचुनाव में 12 प्रत्याशियों में जंग होगी। हालांकि असली लड़ाई कांग्रेस और भाजपा में है, लेकिन कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी खेल बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोडेंगे। पच्छाद में पांच उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से कुल सात उम्मीदवारों में जंग होगी।
आधुनिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा के हब उतर भारत के एकमात्र कन्या विश्वविद्यालय इंटरनल विश्वविद्यालय बडू साहिब मे इंटर कॉलेज टेबल टेनिस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। एम के खन्ना ने बताया कि टेबल टेनिस प्रतियोगिता के समापन अवसर पर डीन शेक्षणिक विभाग डॉ० बोपाराय व डीन छात्र कल्याण विभाग जसवंत सिंह बतौर मुख्यातिथी शामिल हुए। उन्होंने प्रतियोगिता के आयोजन के लिए बधाई दी और कहा कि इस तरह के आयोजन से छात्राओं को खेलों में न केवल अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त होता है बल्कि प्रतिस्पर्धा की भावना भी उत्पन्न होती है। एम के खन्ना ने बताया कि पूरी प्रतियोगिता में शिवानी ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए इंटर कॉलेज का ख़िताब जीतकर चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया। प्रतियोगिता के फाईनल में शिवानी और पलव्वी के मध्य भी रोमांचक मुकाबला देखने को मिला लेकिन अंत में ख़िताब शिवानी के नाम रहा और इंटर कॉलेज टेबल टेनिस में वह प्रथम स्थान पर रही। पलव्वी ने दूसरा, सपना ने तीसरा जबकी रुपिंदर ने चौथा स्थान प्राप्त किया। रमप्रीत और मंदीप कौर को सबसे होनहार खिलाड़ी के इनाम से नवाजा गया।
उतर भारत के एकमात्र आधुनिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा के केंद्र इंटर विश्वविद्यालय द्वारा संचालित अकाल कॉलेज आफ बडू साहिब मे अनुसंधान पद्धति विषय पर दूसरी अर्तराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के जन संपंर्क विभाग के उप निदेशक मुकेश कुमार खन्ना ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अकाल नर्सिंग कॉलेज, पेशे में मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने वाला एक उत्कृष्ट प्रमुख संस्थान है। नर्सिंग पेशे के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों में हाल की प्रगति के साथ नवीनतम करने के लिए विभिन्न सम्मेलनों, सेमिनारों, कार्यशालाओं का आयोजन करता है। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों में विशेषज्ञता विकसित करने और पेशेवर विकास के लिए अनुसंधान की गुणवत्ता में सुधार करने में सक्षम बनाना था। इस कार्यशाला का शुभारंभ अकाल कॉलेज ऑफ डिवाइन संगीत के छात्रों द्वारा "शबद" के साथ शुरू हुआ। उसके बाद कार्यक्रम का संचालन रणजीत कौर प्रिंसिपल अकाल कॉलेज ऑफ नर्सिंग द्वारा दिया गया। अनमोल जोसेफ ने नमूनाकरण तकनीकों के बारे में चर्चा की। श्रीदेवी बालाचंद्रन द्वारा शोध पद्धति के अवलोकन के साथ सत्र आगे बढ़ाया गया। डॉ. प्रमोद के गुप्ता ने नमूना आकार निर्धारण पर हस्तलिखित तैयारी पर प्रशिक्षण प्रदान किया। डॉ. नीता कुमार ने हस्तलिपि प्रशिक्षण पर हस्तलिखित तैयारी पर प्रशिक्षण प्रदान किया। इस अर्तराष्ट्रीय कार्यशाला मे देश भर के विभिन्न नर्सिंग कॉलेजों के 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। नर्सिंग पेशेवरों के बीच अनुसंधान पद्धति से संबंधित ज्ञान प्रदान करने के लिए अकाल नर्सिंग कॉलेज द्वारा यह एक महान प्रयास था।
पांवटा : रोहड़ू मार्ग पर सतोंन के नजदीक कच्ची ढांग के पास सड़क धसने से भारी नुकसान हुआ है। जानकारी के अनुसार NH-707 पर कच्ची ढांग के पास यह भूस्खलन रविवार लगभग 9 बजे के आसपास हुआ। इस भूस्खलन होने से सड़क सहित सड़क के साथ लगता पहाड़ भी धस गया है।
पच्छाद विधानसभा क्षेत्र को पहली बार महिला विधायक मिल सकती है। भाजपा ने पच्छाद उप चुनाव के लिए रीना कश्यप को टिकट दिया है। ऐसा भी पहली बार हुआ है की भाजपा ने पच्छाद के गिरिपार क्षेत्र से किसी प्रत्याशी को टिकट दिया हो। यदि रीना कश्यप ये चुनाव जीत जाती है तो वे प्रदेश को पहला मुख्यमंत्री देने वाले पच्छाद विधानसभा क्षेत्र की प्रथम महिला विधायक होगी। विदित रहे कि सोमवार 30 सितम्बर नामांकन के लिए आखिरी तारीख है और अंतिम समय तक चली माथापच्ची के बाद भाजपा ने रीना कश्यप पर दांव खेला है। रविवार दोपहर तक दयाल प्यारी, बलदेव कश्यप तथा रीना कश्यप के नाम पर काफी गहन मंथन चला हुआ था। जातिगत समीकरणों तथा इस बार गिरी पार से उठी प्रत्याशी की मांग को लेकर हाईकमान ने एक महिला को अधिमान देते हुए गिरी पार क्षेत्र की भावनाओं को परवान चढ़ाया है। ऐसे में भाजपा को संभवतः गिरिपार से अच्छा समर्थन मिल सकता है। रीना कश्यप का माईका यानि पैतृक क्षैत्र कोटखाई है और इससे पहले वह जिला परिषद की सदस्या रही है। पच्छाद के गिरी पार से रीना कश्यप के नाम के बाद क्षेत्र में खुशी का माहौल है। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहले 36 विधानसभा सीटों की लिस्ट जारी करते हुए हिमाचल के 2 जिलों में होने वाले उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। इसमें पच्छाद रीना कश्यप तथा धर्मशाला से विशाल के नाम पर मुहर लगाई है। उधर जिला सिरमौर भाजपा अध्यक्ष विनय गुप्ता ने जिला भाजपा की ओर से राष्ट्रीय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार व्यक्त करते हुए रीना कश्यप को भारी मतों से जिताने का आश्वासन भी दिया है।
पच्छाद उपचुनाव के लिए 30 सितम्बर को नामांकन की अंतिम तिथी है और नामांकन के समय किसी भी दल के उम्मीदवार सहित केवल 5 लोग ही 100 मीटर के दायरे में प्रवेश कर सकेंगे। यह जानकारी सहायक निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम राजगढ़ नरेश वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि आगामी 1 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की समीक्षा की जायेगी तथा 3 अक्टूबर को सांय तीन बजे तक उम्मीदवार अपना नाम वापिस ले सकेंगे। एसडीएम राजगढ़ ने बताया कि 1 अक्टूबर को ईवीएमजीपी एस फिटेड ट्रक में पुलिस सुरक्षा में राजगढ़ पहुंच जायेगी और डिग्री कालेज में स्ट्रांग रूम में उन्हें रखा जायेगा। उन्होंने जानकारी दी कि पर्यवेक्षक 30 सितम्बर को राजगढ़ पहुंच जायेगे तथा ई वी एम तैयार करने का कार्य 1 अक्टूबर के बाद आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इंजीनियर हर बूथ पर जाकर ई वी एम चलाने की जानकारी लोगो को पहले ही दे रहे है। 73909 मतदाता चुनेगे अगला विधायक.... इस बार पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र में सामान्य एवं सर्विस वोटर सहित मतदाताओं की कुल संख्या 73909 है। इनमें पुरूष मतदाता 37730 और महिला मतदाताओं की संख्या 36179 है । इस निर्वाचन क्षेत्र में कुल 576 सर्विस वोटर हैं जिनमें 10 महिला और 566 पुरूष सर्विस वोटर हैं। इसके अतिरिक्त इस निर्वाचन क्षेत्र में238 पुरुष व 62 महिलाओ सहित कुल 300 दिव्यांग मतदाता व 3 दृष्टिहीन मतदाता भी शामिल है। 100 वर्ष से अधिक आयु के 6 मतदाता ... पच्छाद में इस बार 100 वर्ष से अधिक आयु के 6 वोटर्स होंगे जिनमें से 5 पुरुष व 1 महिला है। इस बार पच्छाद में 2 मोडल पोलिंग स्टेशन होंगे जिनका संचालन महिलाये करेंगी। सहायक निर्वाचन अधिकारी नरेश वर्मा ने सभी राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओ से चुनाव आचार सहिंता का पालन करने तथा इको फ्रेंडली इलेक्शन करने का आह्वान किया है।
ज़िला स्तरीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता का आयोजन 7 व 8 अक्टूबर को राजगढ़ के नेहरु मैदान में किया जाएगा। यह निर्णय ज़िला सिरमौर वॉलीबॉल संघ के अध्यक्ष पृथ्वी राज की अध्यक्षता में लिया गया। ज़िला अध्यक्ष पृथ्वीराज ने बताया कि ज़िला स्तरीय प्रतियोगिता में पुरुष व महिला दोनों वर्गो के मुकाबले होंगे, और इच्छुक टीमो को 6 अक्टूबर तक प्रवेश शुल्क संघ के पास जमा करवाना होगा। उन्होंने बताया कि खिलाडियों के खाने व ठहरने की व्यवस्था संघ की ओर से की जायेगी, और बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का चयन राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिय किया जाएगा। प्रतियोगिता की विजेता, उपविजेता टीमो के अतिरिक्त श्रेष्ठ खिलाडियों को भी सम्मानित किया जाएगा। अधिक जानकारी व प्रवेश शुल्क जमा करवाने के लिए 9418038 253 व 9129988888 नम्बरों पर सम्पर्क किया जा सकता है। बैठक में संघ के महासचिव भाग सिंह चौहान, उपाध्यक्ष राजेन्द्र ठाकुर, सह सचिव रणदीप ठाकुर कोषाध्यक्ष राजपाल, कपिल ठाकुर, रमेश कुमार व उपेन्द्र आदी ने भाग लिया।
भारतीय किसान संघ की राजगढ़ इकाई द्वारा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता राजगढ़ इकाई के अध्यक्ष रामांनद शर्मा द्वारा की गई। यह जानकारी देते हुए संदीप छिटटा ने बताया कि बैठक मे प्रातीय मंत्री देवेंद्र सिह, ज़िला अध्यक्ष औम सिह व ज़िला मंत्री लालमन विशेष रुप से उपस्थित रहे। इस बैठक में सरकार से मांग की गई की प्रदेश की हर सब्जी मंडी मे कृषि उत्पादों की बोली होनी चाहिए। इसके अलावा बैठक मे हलोनीपूल से श्लैच कैची सडक पर हो रही टायरिंग पर चर्चा की गई। किसानो का कहना था कि इस सड़क के मोड़ तंग होने की वजह से हर समय हादसों का डर बना रहता है। अगर विभाग द्वारा ऐसा नही किया गया तो किसान संघ को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
गुरूकुल पीच वैली इंटरनेशनल स्कूल राजगढ़ द्वारा वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह धूमधाम से मनाया गया। इस समारोह का शुभारंभ पीजीआई चडीगढ के निदेशक जगत राम द्वारा किया गया। छात्रों व अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में माता – पिता व परिवार के बाद शिक्षकों का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। इसलिए जरूरी है कि हम अपने शिक्षकों, बड़ो व माता माता का सदा सम्मान करे। जीवन में आगे बढ़ने के लिए एक अच्छा इंसान बनना जरूरी है। समारोह में स्कूली बच्चों ने एक से बढ़कर एक मनमोहक प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर तुलसीराम चौहान, जय प्रकाश चौहान, डॉ. सुभाष तोमर, डॉ.सचिन ठाकुर, डीएसपी राजगढ़ भीष्म ठाकुर सहित अभिभावक भी मौजूद रहे।
जिला सिरमौर के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र में पहली बार होने जा रहे उप चुनाव के लिए जहा कांग्रेस ने अपने पुराने उम्मीदवार व सात बार क्षेत्र के विधायक रहे जी आर मुसाफिर पर एक बार फिर दांव खेला है, वही भाजपा ने अभी तक पत्ते नहीं खोले है। सोमवार 30 सितम्बर नामांकन की आखिरी तारीख है और भाजपा अभी तक गिरी आर और गिरी पार के पशोपेश में उलझी है। दरअसल, भाजपा में गिरिपार के प्रत्याशी को टिकट देने की मांग उठ रही है। यदि गिरिपार के किसी उम्मीदवार को टिकट नहीं मिलता है तो भाजपा को अंतर्कलह का सामना करना पड़ा सकता है, जिसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। वहीँ, गिरिआर से दयालप्यारी की दावेदारी पार्टी के लिए संकट खड़े किये हुए है। जगजाहिर है दयालप्यारी पार्टी के कई नेताओं को फूटी आँख नहीं सुहाती, पर करीब 30 पंचायतों में उनका प्रभाव पार्टी दरकिनार भी नहीं कर सकती। सिक्टा के समर्थक उत्साहित ... भले ही भाजपा ने अपना उम्मीदवार मैदान में ना उतारा हो मगर भाजपा ने नामांकन के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है। ऐसी सुचना मिल रही है कि सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी राजगढ आ सकते है और वे भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे। हालांकि जयराम के राजगढ आने का कोई आधिकारिक प्रोग्राम अभी तक नही आया है। बावजूद इसके भाजपा कार्यकर्ता खराब मौसम में भी इस रैली को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहै है। सीएम के राजगढ़ आने के कयासों से आशीष सिक्टा के समर्थक उत्साहित है। सिक्टा भी राजगढ़ से ही ताल्लुख रखते है, ऐसे में समर्थक मान रहे है कि पार्टी सिक्टा को टिकट देने का मन बना चुकी है। गिरिपार को टिकट न मिला तो उतरेगा बागी उम्मीदवार ! माना जा रहा है कि आखिरी दिन भाजपा से ही 4 नेता नामांकन भरने की तैयारी में है। समर्थकों की ब्रिगेड के अतिरिक्त ढोल-नगाड़े सहित अन्य तैयारियां भी कर ली गई है। ये सभी आलाकमान से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे है। वहीँ टिकट न मिलने की स्थिति में इन पर समर्थकों का आज़ाद चुनाव लड़ने का दबाव भी है। खासतौर से गिरिपार को यदि टिकट नहीं मिलता है तो भाजपा से कोई बागी भी मैदान में हो, इसके प्रबल आसार है।
आज राजकीय महाविद्यालय शिलाई की रोवर रेंजर इकाई ने महाविद्यालय के परिसर व आसपास सफाई अभियान चलाया। इस दौरान प्लास्टिक पॉलिथीन इत्यादि इकट्ठा किया गया तथा उसे एक स्थान पर इकट्ठा किया गया ताकि उस प्लास्टिक से वातावरण प्रभावित ना हो। इकाई द्वारा पहले Project #SAY_NO_TO_PLASTIC को आज दिनांक 19/09/2019 को शुरु किया गया। इकाई द्वारा इस प्रोजेक्ट पर आगे भी कार्य जारी रहेगा।
मामला माजरा थाने का है जहां पर 21 वर्षीय आईटीआई में पढ़ने वाले युवक की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई प्राप्त जानकारी के अनुसार युवक कल शाम के समय टोका की तरफ से आ रहा था कि अचानक एक ओवरलोड रेत से भरे ट्रैक्टर ने लापरवाही से चलाते हुए युवक को कुचल दिया वही युवक के परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है प्राप्त जानकारी के अनुसार विशाल पुत्र केहर सिंह उम्र 21 वर्ष आईटीआई पोंटा साहिब में पढ़ रहा था हादसे के बाद परिवार के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है युवक परिवार में सबसे बड़ा था व उसके एक भाई और दो बहने हैं जो अभी स्कूल में पढ़ रही हैं युवक के पिता दिहाडी मजदूरी का काम करता है युवक पढ़ाई के साथ साथ पार्ट टाइम कार्य कर परिवार की आमदनी का भी ध्यान रखता था व छोटा-मोटा काम करके परिवार को चलाता था। युवक के दोस्तो के अनुसार ट्रैक्टर चालक ने क्रूरता दिखाते हुए युवक को दुर्घटना के बाद खाई की तरफ फेंक दिया था स्थानीय युवकों ने ट्रैक्टर को 3:00 बजे के करीब ब्यास के जंगलों में से ढूंढ कर निकाला तब तक ट्रैक्टर चालक फरार हो चुका था इस बारे में जब हमने थाना प्रभारी सेवा सिंह से बात करनी चाही तो उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना में युवक की मौत हो गई है तथा युवक का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा वहीं अभी मामले की जांच चल रही है आरोप लोगों का कहना है कि पुलिस ने अपनी ड्यूटी का निर्वाहन न करते हुए युवकों को ही रात को अपने आप ट्रैक्टर को ढूंढने के लिए कहा तथा मौके पर जाने के लिए भी टालमटोल करते रहे वही रात को जब तक युवक के दोस्त पुलिस को लेने नही आये तब तक पुलिस मौके पर नही गयी।
पांवटा में मैनकाइंड पुल के सामने एक नई वरना कार में आग लग गई जिसके कारण यह पूरी तरह से नष्ट हो गई। फिलहाल पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है। पुलिस से मिली सूचना के अनुसार बुधवार रात तकरीबन 12 और 1 बजे के करीब कार चालक इस्लाम अपने घर जा रहा था तो अचानक गाड़ी में धुआं भरने लगा। किसी तरह कूद कर इस्लाम ने अपनी जान बचाई और देखते ही देखते गाड़ी में आग फैलने शुरू हो गई। इस्लाम ने तुरंत फायर ब्रिगेड को फोन किया लेकिन जब तक फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची तब तक नई वरना कार राख में बदल चुकी थी। वहीं पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल कार में अचानक आग कैसे लगी यह जांच का विषय है।वही माजरा थाना प्रभारी सेवा सिंह ने बताया कि कार में आग लगने का मामला सामने आया है जिसकी फॉरेंसिक जांच करवाई जाएगी।
पांवटा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दूरदराज जंगलों में अवैध रूप से चल रही शराब की 8 भट्टियों को नष्ट किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंघपुरा चौंकी के इंचार्ज एएसआई मदन व हेडकॉन्स्टेबल दयाल सिंह,कॉन्स्टेबल सुभाष व स्थानीय लोगों द्वारा पास लगते जंगलों में दबिश दी गई। इस दौरान अवैध रूप से चल रही कच्ची शराब की 8 भट्टियों को नष्ट किया गया। इसके दौरान पुलिस ने मौके पर पहुंच कर 600 से 700 लीटर लहान को भी नष्ट कर दिया है।मामले की पुष्टि करते हुए पांवटा थाना प्रभारी संजय शर्मा ने बताया की पुलिस ने 8 भटिया अवैध शराब की नष्ट की हे व आगे भी कार्यवाई की जाती रहेगी।
आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे मंदिर के बारे में जहां माँ -पुत्र के पावन मिलन के अवसर पर एक मेले का आयोजन किया जाता है। यह मंदिर श्री रेणुका माता के नाम से जाना जाता है और हिमाचल प्रदेश के ज़िला सिरमौर में स्तिथ है। श्री रेणुका जी मेला हिमाचल प्रदेश के प्राचीन मेलों में से एक है, जो हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। यह मंदिर उत्तरी भारत का सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान परशुराम जामूकोटी से वर्ष में एक बार अपनी माँ रेणुका से मिलने आते है। यह मेला श्री रेणुका माँ के व उनके पुत्र की श्रद्धा का एक अनूठा संगम है। यह स्थान नाहन से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। रेणुका झील के किनारे माँ श्री रेणुका जी व भगवान परशुराम जी के भव्य मंदिर स्थित हैं। पौराणिक कथा कथा के अनुसार प्राचीन काल में आर्यवर्त में हैहय वंशी क्षत्रीय राज करते थे। भृगुवंशी ब्राह्मण उनके राज पुरोहित थे। इसी भृगुवंश के महर्षि ऋचिक के घर महर्षि जमदग्नि का जन्म हुआ। इनका विवाह इक्ष्वाकु कुल के ऋषि रेणु की कन्या रेणुका से हुआ। महर्षि जमदग्नि सपरिवार इसी क्षेत्र में तपस्या करने लगे। जिस स्थान पर उन्होंने तपस्या की, वह तपे का टीला कहलाता है। महर्षि जमदग्नि के पास कामधेनु गाय थी जिसे पाने के लिए सभी तत्कालीन राजा, ऋषि लालायित थे। राजा अर्जुन ने वरदान में भगवान दतात्रेय से एक हजार भुजाएं पाई थीं। जिसके कारण वह सहस्त्रार्जुन कहलाए जाने लगे। एक दिन वह महर्षि जमदग्नि के पास कामधेनु मांगने पहुंचे। महर्षि जमदग्नि ने सहस्त्रबाहु एवं उसके सैनिकों का खूब सत्कार किया। उन्होंने उसे समझाया कि कामधेनु गाय उसके पास कुबेर जी की अमानत है, जिसे वो किसी को नहीं दे सकते। गुस्साए सहस्त्रबाहु ने महर्षि जमदग्नि की हत्या कर दी। यह सुनकर माँ रेणुका शोकवश राम सरोवर मे कूद गई। राम सरोवर ने मां रेणुका की देह को ढकने का प्रयास किया। जिससे इसका आकार स्त्री देह समान हो गया। जिसे आज पवित्र रेणुका झील के नाम से जाना जाता है। ये बात सुनते ही परशुराम अति क्रोध में सहस्त्रबाहु को ढूंढने निकल पड़े। उसे युद्ध के लिए ललकारा। भगवान परशुराम ने सेना सहित सहस्त्रबाहु का वध कर दिया। भगवान परशुराम ने अपनी योगशक्ति से पिता जमदग्नि तथा माँ रेणुका को जीवित कर दिया। माता रेणुका ने वचन दिया कि वह प्रति वर्ष इस दिन कार्तिक मास की देवोत्थान एकादशी को अपने पुत्र भगवान परशुराम से मिलने आया करेंगी। विशेषताएं राज्य सरकार द्वारा इस मेले को अंतरराष्ट्रीय मेला घोषित किया गया है। पांच दिन तक चलने वाले इस मेले में आसपास के सभी ग्राम देवता अपनी-अपनी पालकी में सुसज्जित होकर माँ-पुत्र के इस दिव्य मिलन में शामिल होते है। यह मेला श्री रेणुका माँ के वात्सल्य एवं पुत्र की श्रद्धा का एक अनूठा आयोजन है। यह मंदिर उत्तरी भारत का सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है।
माजरा थाने के अंतर्गत आज दोपहर बाद मनोज पुत्र सतपाल निवासी धौलाकुआं उम्र 17 साल नहाते समय गांव खम्बानगर के नजदीक मण्डी खाला गुज्जर कुड मे डुब कर मृत्यु हुई है । प्राप्त जानकारी के अनुसार युवक नदी में नहाने गया हुआ था कि काफी देर तक घर वापस न लौटने पर जब घर वालों ने उसके फोन पर फोन किया तो उसने फोन नहीं उठाया। थोड़ी देर बाद वहां पर ओर लोग नहाने आए तो घरवाले जब फोन कर रहे थे तो वहां पर आए अन्य लोगों ने फोन उठाया तो घर वालो को युवक के कपड़े वहाँ पड़े होने की बात बताई । तभी परिवार वाले घबरा गए ओर सारे मामले की जांच के लिए काफी ग्रामीण वहां पर एकत्रित हुए । उसके बाद मामले की सूचना माजरा पुलिस को दी गयी। मौके पर माज़रा पुलिस पहुँच कर जांच में जुड़ चुकी है । मामले की पुस्टि थाना प्रभारी सेवा सिंह ने की है ।उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा ।
पांवटा साहिब में ज़मीनी विवाद के चलते मारपीट का मामला सामने आया है। इस मामले में पीड़ित मोहसिन खान व अकबर ने पुलिस द्वारा बुजुर्ग से मारपीट करने व उनको बचाने आये पड़ोसी को थाने ले जाकर उनकी भी पिटाई करने के आरोप लगाए है। इस बारे में पीड़ितो ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके और पडोसियों का ज़मीनी विवाद सुलझाने के लिए पुलिस को बुलाया गया था, लेकिन पुलिस ने आते ही एक हार्ट पेशेंट बुजुर्ग अकबर के साथ मारपीट शुरू कर दी। जब उनके दो बेटे और पड़ोसी मोहसीन छुड़ाने के लिए बीच में आए तो पुलिस ने उनके साथ भी मारपीट शुरू कर दी। इतना ही नहीं उन्हें अपराधियों की तरह खींच कर थाने भी ले जाया गया। पीड़ित मोहसीन ने कहा कि उनकी आंख पर मारपीट के दौरान चोट आई है। इस कारण उनकी देखने की क्षमता में फर्क पडा़ है। वहीं मोहसीन के शरीर पर भी निशान साफ देखे जा सकते हैं। इसके अलावा एक 17 वर्षीय नाबालिग और एक नेशनल फुटबॉल प्लेयर 19 वर्षीय को भी पुलिस ने बेरहमी के साथ थाने में पिटाई की है। वहीं मोहसिन खान ने पुलिस अधिकारी से इस मामले में तुरंत दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाई करने की मांग की है। इस बारे में पांवटा के थाना प्रभारी संजय शर्मा ने बताया कि ज़मीनी विवाद सुलझाने के लिए पुलिस मौके पर गई थी। इस दौरान पुलिस द्वारा किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की गई है बल्कि खुलेआम सड़क पर पुलिस के साथ गाली गलोच और धक्का-मुक्की हुई है। इसका वीडियो भी सामने आया है ,आगे की कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
पांवटा साहिब के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल माजरा में अंडर 19 बॉयज ज़िला स्तरीय खेलों का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल के छात्रों ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए फुटबॉल में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं दूसरी ओर इसी स्कूल के खिलाड़ियों ने बास्केटबॉल तथा एथेलेटिक्स प्रतियोगिता में उच्च कोटि का प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया। हर्ष का विषय यह है कि फुटबॉल टीम के चार, बास्केटबॉल के पांच व एथलीट के दो खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित हुए, वहीं दूसरी ओर विद्यालय के छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन करते हुए बास्केटबॉल और एथेलेटिक में दूसरा स्थान हासिल किया। स्कूल की छात्रा खिलाड़ियों में से पांच खिलाड़ियों का बास्केटबॉल तथा 2 खिलाड़ियों का एथेलेटिक के लिए राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में चयन हुआ। विद्यालय की धाविका सतविंद्र कौर को बेस्ट एथलीट घोषित किया गया।
ज़िला सिरमौर के नाहन में करीब 4 से 5 साल का मासूम बच्चा अपने परिजनों से बिछड़ गया है। गनीमत यह रही कि वो पुलिस के हाथों में सुरक्षित है। पुलिस इस बच्चे के परिजनों की जानकारी जुटाने का अथक प्रयास कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार बच्चा खुद को पांवटा साहिब के अमरपुर से संबंधित भी बता रहा है। इसके अलावा बच्चा रो- रो कर अपने मां- बाप के पास जाने की ज़िद कर रहा है लेकिन पुलिस के साथ खुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। बच्चे ने नीले रंग की शर्ट व डेनिम की निक्कर पहनी है। गले में ताबीज भी है। बच्चा अपने परिवार के बारे में अधिक जानकारी नहीं दे पा रहा। बच्चे के परिजन व रिश्तेदार कच्चा टैंक पुलिस को मोबाइल नंबर 70188-47947 व 01702-222397 पर संपर्क कर सकते हैं।
सोमवार को विधानसभा के पुरूवाला क्षेत्र में थाना विधिवत तरीके से शुरू हो गया है। दरअसल दून घाटी आपराधिक गतिविधियों को लेकर बेहद ही संवेदनशील है। लिहाजा क्षेत्र में दूसरे थाने की काफी अहमियत समझी जा रही थी। सोमवार को एसपी सिरमौर की अध्यक्षता में विधायक सुखराम चौधरी ने पुरुवाला पुलिस स्टेशन का उद्घाटन किया। निश्चित रूप से इस पुलिस थाने से अपराधों की रोकथाम, नशे के कारोबार पर रोक व यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। खासकर पाँवटा साहिब की 18 पंचायतें, शिलाई की 12 पंचायतें, रेणुका की 2 पंचायतें, सिंघपुरा और राजबन चौंकी अब पुरुवाला थाना के अधीन होंगी। फ़िलहाल पावंटा साहिब थाना के एसएचओ को ही अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। इसके अलावा 9 कर्मियों ने ज्वाइनिंग कर ली है। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी ने थाना खुलवाने के प्रयास किये थे।
यदि आप SBI के माध्यम से ग्रेटर मोहाली में प्लाट लेना चाहते है, तो जल्दी करें। बुधवार 11 सितम्बर आवेदन करने की अंतिम तिथि है। प्रतिष्ठित रॉयल एस्टेट ग्रुप की इस अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम में विभिन्न साइज के 187 प्लाट बिक्री के लिए उपलब्ध है। ये पंजाब की पहली अफोर्डेबल हाउसिंग योजना है और ख़ास बात ये है कि ये योजना एसबीआई द्वारा एप्रूव्ड है ( Approved by SBI )। साथ ही ये योजना पंजाब सरकार द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। योजना GMADA (Greater Mohali Area Devlopment Authority ) द्वारा Approved है इन प्लॉट्स में SBI के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में SBI की सभी जिला मुख्यालय ब्रांचों में इसके फॉर्म उपलब्ध है। ये योजना 26 अगस्त को शुरू हुई थी और 11 सितम्बर तक चलेगी। 22 सितम्बर को ड्रा निकाले जायेगे जिसके बाद प्लाट आवंटित होंगे। जो लोग पहली बार मकान खरीदेंगे वे निर्माण कार्य हेतु सब्सिडी का लाभ भी उठा सकते है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2 .67 लाख तक की सब्सिडी का लाभ उठाया जा सकता है। आवेदन हेतु आय मापदंड ( INCOME CRETERIA ) आर्थिक पिछड़ा वर्ग - 3 लाख से कम सालाना आय ओपन/ सामान्य वर्ग - 6 लाख से कम सालाना आय आरक्षित वर्ग - Govt / Semi Govt ./ Defence / Sports / Disabled / Persons Settled Abroad ( कोई आय सीमा नहीं ) SBI में मिल रहे है फॉर्म योजना में आवेदन करने के लिए फॉर्म के साथ 11 हज़ार रुपए आवेदन शुल्क जमा करवाना होगा, जो रिफंडेबल है । साथ ही फॉर्म का शुल्क 100 रुपये भी अदा करना होगा , जो नॉन रिफंडेबल है। योजना के तहत आवंटित किये जाने वाले सभी 187 प्लाटो पर एक्सटर्नल डेवलोपमेन्ट शुल्क ( External Devlopment Charges ) व रजिस्ट्रेशन शुल्क ( Registration Charges ) की रियायत दी जा रही है। खरीददार को सिर्फ 16450 रुपये प्रति स्क्वायर यार्ड की दर से भुगतान करना होगा। 80 Sq Yard 21 प्लाट 1316000 90 Sq Yard 51 प्लाट 1480500 100 sq Yard 65 प्लाट 1645000 110 sq Yard 29 प्लाट 1809500 120 sq Yard 21 प्लाट 1974500
शुक्रवार को नई दिल्ली में देशभर के 10 सर्वश्रेष्ठ जिलों में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत जागरूकता गतिविधियों की श्रेणी में सराहनीय कार्य के लिए डीसी सिरमौर को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए किए उत्कृष्ट कार्यों के उपायुक्त सिरमौर डॉ. आर के परूथी को सम्मानित किया। जिला कार्यक्रम अधिकारी मदन चौहान ने बताया कि जिला सिरमौर में कार्यक्रम के तहत नवजात बालिका होने पर बधाई पत्र, पौधा और भेंट देने की शुरुआत उपायुक्त सिरमौर द्वारा सबसे पहले सिरमौर में की गई जिसे बाद में 'एक बूटा बेटी के नाम' दिया गया। इस कार्यक्रम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने पंजीकरण के लिए आने वाली व्यवसायिक वाहनों और सरकारी बसों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का प्रतीक चिन्ह आवश्यक कर दिया। इसके अलावा जनमंच कार्यक्रम व सभी राष्ट्रीय महत्वपूर्ण दिवसों पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का स्टाल लगाया जाना व जन जागरूकता उत्पन्न करना एक नियमित फीचर के रूप में शामिल किया गया है। जिला सिरमौर में कक्षा 8वीं,10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक लाने वाली मेधावी बालिकाओं को 5 हजार रूपये प्रति बालिका को प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है। शत-प्रतिशत बालिकाओं के पंजीकरण वाले स्कूलों को भी वित्तीय प्रोत्साहन दिया जा रहा है। बालिकाओं को स्कूल जाने के लिये बसों में नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। औद्योगिक क्षेत्रों में इकाइयों के बाहर में भी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बोर्ड व पोस्टर लगाए हैं।
प्रदेश में कुछ ज़िलों में हो रही लगातार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के स्कूली बच्चे हर दिन मौत को चुनौती देकर स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं। यहां गिरि नदी पूरे उफान पर है और ऐसे में छछेती पंचायत के कई गांवों के बच्चों को नदी पार करके स्कूल पहुंचना पड़ रहा है। कुछ परिजन बच्चों को स्कूल पहुंचाने जा रहे हैं, जिन्हें हर रोज बच्चों की जान जोखिम में डालकर उन्हें स्कूल पहुंचाना पड़ रहा है। जटिल भौगोलिक परिस्थितियां और सरकारी अनदेखी स्कूली विद्यार्थियों पर भारी पड़ रही है। बारिश के बाद छछेती पंचायत के क्यारी, डाडुवा, कईला समेत आधा दर्जन गांवों के ग्रामीणों का जीवन पटरी पर नहीं लौट पाया है। हालात यह हैं कि ग्रामीणों का संपर्क अभी भी अन्य क्षेत्रों से नहीं जुड़ पाया है। गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ना तो दूर फुटब्रिज बनाने में भी सरकार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। सतौन से श्री रेणुका जी तक कहीं पर भी गिरि नदी के आर-पार होने के लिए कोई फुटब्रिज या पुल आदि नहीं है।
यद्यपि...! कुछ बातें तार्किक न लगे लेकिन आस्था और लोकगाथाओं को चुनौती नहीं दी जाती। ऐसी ही एक लोककथा है नाहन के आम बागों की। संत-महात्माओं की तपोस्थली रहा नाहन शहर ‘आम’ के लिए मशहूर है। पर यहाँ स्थित आम के बागीचों के पीछे भी एक रहस्य है, एक किद्वंतीके अनुसार कालिस्थान मंदिर में तपस्या करने वाले एक महान तपस्वी ने नाहन के आसपास नौ लाख आम के वृक्षों की उत्पति अपने कमंडल के जल छिड़काव से कर दी थी। एक लोकगाथा के अनुसार नाहन स्थित कालिस्थान मंदिर के एक तपस्वी आम के आचार के बड़े शौकीन थे। अनुयायी महाराज के लिए शहर में जाकर भिक्षा में आचार की मांग करते थे। इसी दौरान एक दिन अनुयायी, एक घर में आचार की मांग करने पहुंचा। इस पर उस घर में मौजूद महिला ने गुस्से में आकर कहा कि ‘रोज आचार मांगने आ जाते हो। इतना आचार कहां से लाएं। यदि तुम्हारे महाराज को आम के आचार का इतना ही शौक है, तो क्यों नहीं वे अपने आम के पेड़ उगा लेते ?’’ अनुयायियों ने घटना का वृतांत अपने गुरू महाराज को सुनाया। इस पर गुरू महाराज ने प्रण किया कि वे अपने आम के पेड़ों का ही आचार खाएंगे। उन्होंने अपनी तपस्या के बल पर कमंडल से जल छिड़क दिया और जहाँ- जहाँ तक जल की बूंदे गिरी वहां पर आम के वृक्ष उग आए। कहा जाता है पूरे नौ लाख आम के वृक्ष उग गए। नाहन के आसपास कई आम के बाग हैं, जैसे जाबल का बाग, विक्रम बाग, खद्दर का बाग इत्यादि। अब इनकी उत्पति कैसे हुई ये तो अतीत में छिपा है, वर्तमान है तो बस इन वृक्षों पर लगे मीठे आम।
नाहन कोठी, पंचकुला शहर में स्थित एक ऐतिहासिक और प्राचीन ईमारत है। पंचकुला के सैक्टर 12-ए में स्थित है नाहन कोठी, एक रियासतकालीन ईमारत। इसका निर्माण करीब 160 वर्ष से पूर्व किया गया था। लाल रंग की यह कोठी महाराजा सिरमौर फतह प्रकाश के पुत्रों सुरजन सिंह और बीर सिंह द्वारा बनवाई गई थी। यह कोठी पंचकुला के ‘राइल्ली’ नामक गांव में स्थित है जो वर्तमान में पंचकुला के सैक्टर 12-ए में पड़ता है। लंबे समय से इस भवन को हैरिटेज भवन घोषित करने और इसके संरक्षण के प्रयास चले रहे हैं।
-अंतिम समय में उनके बैक खाते में थे महज 563 रुपये और 30 पैसे वो 28 जनवरी 1977 का दिन था, प्रदेश निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार बतौर मुख्यमंत्री अपना त्याग पत्र दे चुके थे। जो शख्स चंद मिनटों पहले मुख्यमंत्री था, जिसने हिमाचल के निर्माण में अमिट योगदान दिया था या यूँ कहे जिसकी वजह से हिमाचल का गठन संभव हो पाया था, वो यशवंत सिंह परमार शिमला बस स्टैंड पहुँच, वहां खड़ी सिरमौर जाने वाली एचआरटीसी की बस में बैठे, टिकट लिया और अपने गांव बागथन के लिए रवाना हो गए। इस्तीफा देकर बस से वापस घर लौटने वाला सीएम, शायद ही हिन्दुस्तान में दूसरा कोई होगा। डॉ यशवंत सिंह परमार की ईमानदारी का इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा, कि उनके अंतिम समय में उनके बैक खाते में महज 563 रुपये और 30 पैसे थे। प्रदेश निर्माण करने वाले मुख्यमंत्री ने न तो खुद के लिए कोई मकान नही बनवाया, न कोई वाहन खरीदा और न ही अपने पद और ताकत का गलत इस्तेमाल कर अपने परिवार के किसी व्यक्ति या रिश्तेदार की नौकरी लगवाई। जज की नौकरी त्यागी और प्रजामण्डल आंदोलन में हुए शामिल रजवाड़ाशाही के दौर में सिरमौर रियासत के राजा के वरिष्ठ सचिव हुआ करते थे शिवानंद सिंह भंडारी। भंडारी के घर चार अगस्त 1906 को एक बालक का जन्म हुआ, जिसका नाम खुद राजा द्वारा यशवंत सिंह रखा गया।बचपन से ही यशवंत पढ़ाई में तेज थे। प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद यशवंत न नाहन से दसवी पास की और फिर बीए करने लाहौर चले गए। इसके बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की।साथ ही डॉक्ट्रेट भी की। डॉक्ट्रेट का विषय था 'द सोशल एंड इक्नॉमिक बैक ग्राउंड ऑफ द हिमालयन पॉलिएड्री', यानी बहु पति प्रथा। खेर, शिक्षा पूर्ण करने के बाद परमार वापस अपने गृह क्षेत्र सिरमौर आ गए, जहां उन्हें सिरमौर रियासत में बतौर न्यायाधीश नियुक्त किया गया। ये वो दौर था जब ब्रिटिश हुकूमत के दिन ढलने लगे थे और आज़ादी का आंदोलन प्रखर हो रहा था। परमार भी आजादी के मतवालो के संपर्क में आ गए। इस दौरान शिमला हिल स्टेट्स प्रजा मंडल का भी गठन हुआ, जिसमें परमार भी सक्रिय रूप से शामिल हो गए। आखिरकार 15 अगस्त 1947 को हिन्दुस्तान स्वतंत्र हो गया, किन्तु पहाड़ी रियासतों का हिन्दुस्तान में विलय नहीं हुआ। 25 जनवरी, 1948 को शिमला के गंज बाजार मे प्रजा मंडल का विशाल सम्मेलन हुआ, जिसमे यशवंत सिंह की मुख्य भूमिका रही। इस सम्मलेन में प्रस्ताव पारित हुआ कि पहाड़ी क्षेत्रों मे रियासतों का वजूद समाप्त कर सभी रियासतों का विलय भारत में होना चाहिए। इसलिए कहलाते है प्रदेश निर्माता इसके बाद 28 जनवरी 1948 को सोलन के दरबार हॉल में 28 रियासतों के राजाओं की बैठक हुई जिसमें सभी ने पर्वतीय इलाको को रियासती मंडल बनाने का प्रस्ताव पारित कर इसे 'हिमाचल' का नाम अनुमोदित किया गया। हालांकि डॉ परमार प्रदेश का 'हिमालयन एस्टेट' नाम रखना चाहते थे किन्तु बघाट रियासत राजा दुर्गा सिंह व अन्य कुछ राजा 'हिमाचल' नाम पर अड़ गए, जिसके बाद प्रदेश का नाम हिमाचल प्रदेश रखा गया। ये नाम पंडित दिवाकर दत्त शास्त्री द्वारा सुजाहया गया था। बैठक के प्रजा मंडल का प्रतिनिधिमंडल तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल से मिला और आखिरकार पहाड़ी रियासतो का हिन्दुस्तान में विलय हुआ। पर डॉ परमार का सपन अभी अधूरा था।डॉ. परमार हिमाचल को पूर्ण राज्य बनाना चाहते थे, जिसके लिए अब वह अपने साथियो के राजनीतिक संघर्ष में जुट गए। 1977 तक रहे सीएम देश के पहले आम चुनाव के साथ ही वर्ष 1952 में प्रदेश का पहला चुनाव हुआ, जिसके बाद डॉ परमार प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री बने और वर्ष 1977 तक मुख्यमंत्री रहे। इस बीच नवंबर 1966 में पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों का भी हिमाचल में विलय हुआ और वर्तमान हिमाचल का गठन हुआ। आखिरकार 25 जनवरी,1971 का दिन आया और डॉ परमार का स्वप्न पूरा हुआ। तब इंदिरा गाँधी देश की प्रधानमंत्री थी और उस दिन काफी बर्फ़बारी हो रही थी। इंदिरा गांधी बर्फबारी के बीच शिमला के रिज मैदान पहुंची और हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान करने की घोषणा की। हिमाचलियों के हितों की रक्षा के लिए लागू की 118 आजकल धारा 118 को लेकर हिमाचल में खूब बवाल मचा है। धारा 118 डॉ परमार की ही देन है। डॉक्टर परमार से कुछ ऐसे लोग मिले थे, जिन्होंने अपनी जमीन बेच दी थी और बाद में वे उन्हीं लोगों के यहां नौकर बन गए थे। इसके चलते उन्हें डर था कि अन्य राज्यों के धनवान लोग हिमाचल में भूस्वामी बन जाएंगे और हिमाचल प्रदेश के भोले भाले लोग अपनी जमीन खो देंगे। इसलिए 1972 में हिमाचल प्रदेश में एक विशेष कानून बनाया गया था ताकि ऐसा न हो। हिमाचल प्रदेश टेनंसी ऐंड लैंड रिफॉर्म्स ऐक्ट 1972 में एक विशेष प्रावधान किया गया ताकि हिमाचलियों के हित सुरक्षित रहें। इस ऐक्ट के 11वें अध्याय ‘कंट्रोल ऑन ट्रांसफर ऑफ लैंड’ में आने वाली धारा 118 के तहत ‘गैर-कृषकों को जमीन हस्तांतरित करने पर रोक’ है। संजय गाँधी की राजनीति में फिट नहीं बैठे डॉ परमार डॉ यशवंत सिंह परमार प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गाँधी के करीबी थे। किन्तु कहा जाता है संजय गाँधी की राजनीति में वे फिट नहीं बैठे। वहीं इमरजेंसी के दौरान ठाकुर रामलाल संजय के करीबी हो गए, ऐसा इसलिए भी था क्यों कि संजय के नसबंदी अभियान में ठाकुर रामलाल ने बढ़चढ़ कर योगदान दिया था। इमरजेंसी हटने के बाद ठाकुर रामलाल ने अपने समर्थक विधायकों की परेड दिल्ली दरबार में करवा दी। इसके बाद डॉ परमार भी समझ गए कि अब बतौर मुख्यमंत्री उनका सफर समाप्त हो चूका है और उन्होंने इस्तीफा दे दिया।2 मई 1981 को डॉ परमार ने अपनी अंतिम सास ली।
हिंदुस्तान के सातवें और भारतीय इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की आज 75वीं जयंती है। महज 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने युवा सोच वाले राजीव गांधी को 21वीं सदी के भारत का निर्माता माना जाता है। बतौर प्रधानमंत्री एक बार राजीव गाँधी ने माना था कि भ्रष्टाचार की वजह से एक रुपये में से सिर्फ 15 पैसे ही वास्तविक जरुरतमंदो तक पहुँच पाते है। कहा जाता है कि राजीव कभी राजनीति में नहीं आना चाहते थे और न ही उनकी पत्नी सोनिया ये चाहती थी। पर माँ इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद हालत कुछ यूँ बदले कि राजीव को राजनीति में आना पड़ा।जाने राजीव गाँधी के उन तीन फैसलों के बारे में जिन्होंने हिंदुस्तान की दशा -दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पंचायतों को किया सशक्त :राजीव गांधी मानते थे कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था सशक्त नहीं होगी, तब तक सबसे निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता। इसलिए राजीव ने देश में पंचायतीराज व्यवस्था को सशक्त बनाने का काम शुरू किया। भारत में कंप्यूटर व संचार क्रांति लाये : राजीव गांधी को भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है। कंप्यूटर को घर -घर पहुँचाने के लिए उन्होंने कंप्यूटर उपकरणों पर आयात शुल्क घटाने की पहल की। उनके कार्यकाल में भारत में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की दिशा में काफी विकास हुआ। हिंदुस्तान की दो बड़ी टेलिकॉम कंपनियां एमटीएनएल और वीएसएनएल भी उन्ही के कार्यकाल में स्थापित हुई। वोट देने की उम्र सीमा घटाई: हिंदुस्तान में पहले 21 वर्ष या अधिक के लोग ही पहले वोट दे सकते थे। प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में ही इस व्यवस्था में बदलाव हुआ और उन्होंने 18 वर्ष की उम्र के युवाओं को मताधिकार दिया।
नाहन-शिमला नेशनल हाईवे पर स्थित बनाह की सेर गांव के समीप एक व्यक्ति की तालाब में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार शाम पेश आया। बताया जा रहा है बनाह की सेर निवासी मृतक रम्मी कुमार ने शराब पी हुई थी और वह नशे में तालाब में नहाने उतरा और दलदल में फंस गया। इस बात की सूचना ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने उसे तत्काल सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बुधवार देर शाम को सिविल अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया जिसके बाद वीरवार सुबह मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
भक्तों का माता भंगायणी के ऊपर अटूट विश्वास है। उत्तरी भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में शामिल माँ भंगायनी का मंदिर हरिपुरधार में शिवालिक पर्वतमाला की तलहटी में स्थित है, जो हिमाचल प्रदेश में सिरमौर ज़िले की सीमा पर है। मंदिर समुद्र तल से लगभग 8000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। शिरगुल महादेव की एक देव बहन के रूप में जानी जाने वाली, माँ भंगायनी को हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में पूजा जाने वाली सबसे शक्तिशाली देवी माना जाता है। मां भंगायणी मंदिर 1986 से पूर्व एक देवठी के रूप में थी। इसका जीर्णोद्धार 1986 से यहां मंदिर कमेटी ने शुरू किया। 1992 से 2000 के बीच यहां सक्रिय होकर मंदिर निर्माण का कार्य आरंभ किया गया। शिरगुल महाराज की बहन है भंगायणी माता बताते हैं कि भंगायणी माता शिरगुल महाराज की बहन है। माँ भंगायनी मंदिर का इतिहास चुरेश्वर महादेव (चूड़धार) से जुड़ा हुआ है। किंवदंतियों के अनुसार, शिरगुल महादेव को एक मुगल राजा द्वारा कैद किया गया था क्योंकि मुगल राजा को शिरगुल महादेव की आध्यात्मिक शक्तियों से डर था। बगद के राजा गुगा पीर ने उन्हें माता भंयानी के आशीर्वाद से जेल से बाहर निकलने में मदद की। शिरगुल महादेव के लिए मुगलों के कारावास से मुक्त होना बहुत मुश्किल था लेकिन उन्हें माता भंगायानी की मदद से बचाया गया था। तब से मां भंगायनी को शिरगुल महादेव की बहन के रूप में पूजा जाता है। भंगायणी माता शिरगुल महाराज की बहन है। माता भंगायणी मंदिर को लकड़ी और स्लेटनुमा पत्थर की शैली से नक्काशी के साथ निर्मित किया गया है। मुख्य सडक से करीब दो सौ मीटर हटकर मन्दिर की सीढियां शुरू होती हैं। स्थानीय व्यक्ति जो शिरगुल महाराज के दर्शन करने जाते हैं, वे भंगायणी माता के भी दर्शन अवश्य करते हैं। माता भंगायणी मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु माथ टेकने पहुंचते हैं। मंदिर में चैत्र नवरात्रि, अश्विन नवरात्रि, दशहरा, और दीपावली के त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। मंदिर सड़क मार्ग, हवाई मार्ग, रेल मार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है।
प्रदेश सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को गम्भीर रोग की स्थिति में त्वरित सहायता पंहुचाने के उद्देश्य से ‘सहारा’ योजना आरम्भ हो गई है। योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के रोगियों को शीघ्र सहायता प्रदान की जाएगी। सहारा योजना पूरे प्रदेश में 15 जुलाई, 2019 से आरम्भ कर दी गई है। योजना के तहत कैंसर, पार्किंसनस रोग, लकवा, मस्कुलर डिस्ट्राफी, थैलेसिमिया, हैमोफिलिया, रीनल फेलियर इत्यादि ये ग्रस्त रोगियों को वित्तीय सहायता के रूप में 2000 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। योजना के तहत किसी भी आयुवर्ग का इन रोगों से ग्रस्त रोगी आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकता है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार से सम्बन्धित रोगियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। रोगी को अपना चिकित्सा सम्बन्धी रिकाॅर्ड, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र, फोटोयुक्त पहचान पत्र, बीपीएल प्र्रमाण पत्र अथवा पारिवारिक आय प्रमाण पत्र तथा बैंक शाखा का नाम, अपनी खाता संख्या, आईएफएससी कोड से सम्बन्धित दस्तावेज प्रदान करने होंगे। चलने-फिरने में असमर्थ रोगी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी जीवित होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सहारा योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र रोगी को अपना आवेदन सभी दस्तावेजों सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाना होगा। आशा कार्यकर्ता व बहुदेशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी रोगी के सभी दस्तावेज खण्ड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। खण्ड चिकित्सा अधिकारी इन दस्तावेजों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय को प्रेषित करेंगे। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेेदन पत्र जिला स्तर के अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा हेल्थ वेलनेस केन्द्रों में 03 अगस्त, 2019 से उपलब्ध होंगे। जिला चिकित्सा अधिकारी सोलन डाॅ. आर.के. दरोच ने सहारा योजना के विषय में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना से जिला के सभी लोगों को अवगत करवाने के लिए विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर जागरूक बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सहारा योजना के तहत पात्र रोगियों को 2000 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता आरटीजीएस के माध्यम से ही उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सहारा योजना के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करें ताकि आवश्यकता के समय विभिन्न गम्भीर रोगों से पीड़ित रोगियों के परिजनोें को जानकारी देकर लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन के कार्यालय के कक्ष संख्या 132 में योजना के सम्बन्ध में सम्पर्क किया जा सकता है। डाॅ. आर.के. दरोच ने कहा कि सहारा योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने एवं उनकी देखभाल की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
राज्यसभा में बुधवार को मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित हो गया। यह न केवल एक मोटर वाहन अधिनियम है, बल्कि एक सड़क सुरक्षा बिल भी है। इस बिल का मकसद सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है, इसके लिए नियमों को और कड़ा किया गया है। वहीं जुर्माने में भी वृद्धि की गई है। जानिए क्या है मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 में यातायात नियमों और विनियमों के उल्लंघन के लिए न्यूनतम जुर्माना 100 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है। कई अपराधों के लिए अधिकतम जुर्माना 10,000 रुपए तय किया गया है। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने के मामले में जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया गया है। सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह अब तक केवल 100 रुपए था। शराब पीकर वाहन चलाने के मामलों में जुर्माना 2,000 रुपए से 10,000 रुपए तक का है। खतरनाक ड्राइविंग के लिए जुर्माना 5,000 रुपए है। इमरजेंसी वाहनों को पास नहीं देने पर 10 हजार रुपए जुर्माना के रूप में लगेगा। पिछले कानून के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। ओवर-स्पीडिंग के मामलों में चालक को हल्के मोटर वाहनों जैसे कारों के लिए 1,000 रुपए और भारी वाहनों के लिए 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। रेसिंग में लिप्त पाए जाने पर चालक को 5,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। यदि आपके वाहन का बीमा कवरेज समाप्त हो गया है और आप अभी भी इसे चला रहे हैं, तो आपको 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। जुर्माने में हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। मौजूदा कानून के तहत हिट-एंड-रन मामलों में क्षतिपूर्ति 25,000 रुपए है। इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। चोटों के मामलों में, मुआवजा 12,500 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है। सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य बीमा कवरेज और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए केंद्रीय स्तर पर एक मोटर वाहन दुर्घटना निधि बनाई जाएगी।
हिमाचल में स्क्रब टायफस बीमारी से निपटने की तैयारी व नियंत्रण को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। आरडी धीमान ने कहा कि स्क्रब टायफस बीमारी की जांच व इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है और सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इसके इलाज के लिए दवाइयों भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में जनवरी, 2019 से अब तक स्क्रब टायफस के 220 मामले दर्ज किए गए हैं। बिलासपुर में सर्वाधिक मामले दर्ज हुई हैं। आरडी धीमान ने कहा कि पिछले चार सालों में स्क्रब टायफस के मामलों में वृद्धि हुई हैं। स्क्रब टायफस फैलाने वाला पिस्सू शरीर के खूले भागों को ही काटता है। इसके लिए उन्होंने लोगों को सलाह दी घरों के आसपास खरपतवार आदि न उगने दें व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि 104 से 105 डिग्री का तेज बुखार, सिर व जोड़ों में दर्द व कंपकंपी, शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना आदि स्क्रब टायफस के लक्षण हैं। यदि ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नज़दीकी अस्प्ताल में संपर्क करें।
हिमाचल प्रदेश की हरियाली बढ़ाने के लिए यूं तो वन विभाग हर साल हर संभव प्रयास करता है। पर अब नई योजना से यह जन अभियान बन सकेगा। अब नवजात कन्या के नाम पर बूटा लगाकर हिमाचल प्रदेश में हरियाली बढ़ाई जाएगी । हिमाचल इस तरह की अनूठी पहल करने जा रहा है। प्रदेश में जहां भी बेटी पैदा होगी, उस परिवार को वन विभाग पौधा भेंट करेगा। इसे संबंधित क्षेत्र में रोपा जाएगा। कन्या कहां पैदा हुई, इसका पता लगाने की जिम्मेदारी वन रक्षक की रहेगी। वह पंचायतों से लेकर तमाम विभागों से संपर्क में रहेगा। किस प्रकार की भूमि में कौन से पौधे रोपे जाएंगे, यह जल्द ही तय होगा। इस सिलसिले में सरकार ने प्रारंभिक खाका खींच लिया है। इस योजना का नाम ‘एक बूटा बेटी के नाम’ होगा। इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। रोपे पौधे की देखभाल बेटी के मां-बाप करेंगे। बजट सत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई योजना शुरू करने का ऐलान किया था। इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। जैसे ही सरकार स्वीकृति देगी, यह धरातल पर उतरेगी।
बिजली खपत पर रहेगी निगरानी अब आप जल्द ही मोबाइल फ़ोन के ज़रिये अपने घर और कार्यालय में हो रही बिजली की खपत में नज़र रख सकेंगे। इसके लिए हिमाचल सरकार सभी पुराने मीटरों को बदल कर स्मार्टबिजली मीटर लगाने जा रही है। राज्य बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक जे पी कालटा ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने का काम जल्द शुरू होगा। एक मोबाइल एप्लीकशन करनी होगी डाउनलोड स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को एक मोबाइल ऐप्प अपने फ़ोन पर डाउनलोड करनी होगी। इसकी मदद से उपभोक्ता किसी भी समय यह जान सकेंगे कि उन्होंने कितनी बिजली इस्तेमाल की। इस मीटर को उपभोक्ता प्री-पेड मीटर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे। प्री-पेड मीटर मोबाइल फ़ोन की तरह ही इस्तेमाल होंगे। इसके अलावाउपभोक्ताओं को बिल जमा करवाने का विकल्प भी मिलेगा। अब रीडिंग लेने के लिए उपभोक्ताओं के घर नहीं जायेंगे बिजली बोर्ड कर्मचारी स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों को उपभोक्ता के घर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इस मीटर से ऑनलाइन रीडिंग ले ली जाएगी। लो वोल्टेज, बिजली बंद होने और बिजली चोरी होने की भी कण्ट्रोल रूम में जानकारी पहुंचेगी। बिल जमा न करने पर कंट्रोल रूम से ही कनेक्शन काट लिया जाएगा। मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं को भी चुकाना होगा शुल्क एक स्मार्ट बिजली मीटर 2800 से 3000 रूपए में पडेगा। इसके लिए केंद्र करीब 1200 रूपए प्रति मीटर सब्सिडी देगा। शेष खर्च राज्य बिजली बोर्ड और उपभोक्ताओं को उठाना पडेगा। पुराने बिजली मीटरों की राशि उपभोक्ताओं के शेयर में एडजेस्ट करने की भी योजना है। 2022 तक लगेंगें प्रदेश में 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर पहले चरण में शिमला और धर्मशाला दोनों शहरों में इस साल 1.35 लाख मीटर बदले जायेंगें। इसके बाद पुरे प्रदेश में साल 2021-22 तक 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का लक्ष्य है।
भक्त की जान संकट में थी और उसने महादेव का आह्वान किया। तभी एक चमत्कार हुआ और भक्त की जान बच गई। आज भी भक्तों को अपने भोलेनाथ पर पूरा भरोसा हैं और भोलेनाथ भी यहां श्रद्धा से आने वाले भक्तों की समस्त मुरादें पूरी करते हैं। हम बात कर रहे हैं चूड़धार की। चूड़धार, हिमचाल प्रदेश के जिला सिरमौर की सबसे ऊँची चोटी हैं और इस चोटी पर विराजमान हैं देवों के देव महादेव। चारों ओर अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और एक तरह से जड़ी-बूटियों का बिछा गलीचा, जो शांति चूड़धार में हैं वो शायद कहीं ओर नहीं। यहाँ आकर एहसास होता हैं कि सत्य ही शिव हैं और शिव ही सूंदर हैं। चूड़धार से जुड़ी एक कथा प्रचलित हैं कि एक बार चुरु नामक एक शिवभक्त यहां अपने पुत्र के साथ आया था। तभी अचानक बड़े बड़े पत्थरों के बीच से एक विशालकाय सांप बाहर आ गया और उसने चुरु और उसके पुत्र पर हमला कर दिया। दोनों ने बचने की कोशिश की किन्तु सांप से पीछा नहीं छोड़ा। प्राण संकट में देख चूरू ने अपने आराध्य भगवान भोलेनाथ का आह्वान किया, और तभी एक चमत्कार हुआ। भोलेनाथ की कृपा से एक विशालकाय पत्थर का एक हिस्सा सांप पर जा गिरा जिससे वह वहीं मर गया और चूरू और उसके पुत्र की जान बच गई।कहते हैं उसके बाद से ही इस स्थान का नाम चूड़धार पड़ा। दिन- ब- दिन लोगों की श्रद्घा इस मंदिर के लिए बढ़ती गई और यहां के लिए धार्मिक यात्राएं शुरू हो गई। चूड़धार को श्री शिरगुल महाराज का स्थान माना जाता है। यहां शिरगुल महाराज का मंदिर भी स्थित है। शिरगुल महाराज सिरमौर व चौपाल के देवता है। शिरगुल देवता भगवान शिव के अंशावतार हैं। चूड़धार शिखर शिरगुल देवता की तपोस्थली रही है। यहां पर पवित्र जल के दो कुंड भी हैं। कहते हैं कि इस पवित्र जल के दो लोटे सिर पर डाल लिए जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। एक कथा और प्रचलित हैं जिसके अनुसार कहते हैं कि प्राचीन काल में यहां पर चूड़िया नामक राक्षस रहता था, जिसने शिवजी की तपस्या करके अजेय शक्ति प्राप्त कर ली थी। इसलिए इस चोटी का नाम चूड़ी चांदनी और बाद में धीरे-धीरे चूड़धार हो गया। ऐसी मान्यता है कि शिरगुल देवता ने चूड़ शिखर को दानवों से मुक्त कराया था। जाने चूड़धार के बारे में :- चूड़धार पर्वत तक पहुंचने के दो रास्ते हैं।मुख्य रास्ता नौराधार से होकर जाता है तथा यहां से चूड़धार 14 किलोमीटर है। दूसरा रास्ता सराहन चौपाल से होकर गुजरता है। यहां से चूड़धार 6 किलोमीटर है। भोलेनाथ के दर्शन के लिए हर साल हजारों सैलानी यहां पहुंचते हैं। हर साल गर्मियों के दिनों में चूड़धार की यात्रा शुरू होती है। बरसात और सर्दियों में यहां जमकर बर्फबारी होती है जिससे यह चोटी बर्फ से ढक जाती है। खूबसूरत वादियों से होकर गुजरने वाली यह यात्रा सदियों से चली आ रही है। यह भी माना जाता है कि इसी चोटी के साथ लगते क्षेत्र में हनुमान जी को संजीवनी बूटी मिली थी। चूड़धार पर्वत हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में स्थित है। चूड़धार पर्वत समुद्र तल से 11965 फीट(3647 मीटर) की ऊंचाई पर स्थित है । यह पर्वत सिरमौर जिले और बाहय हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है। यह चोटी ट्रेकिंग के नजरिए से बेहद उपयुक्त है। सिरमौर ,चौपाल ,शिमला, सोलन उत्तराखंड के कुछ सीमावर्ती इलाकों के लोग इस पर्वत में धार्मिक आस्था रखते हैं। एक बहुत बड़ी चट्टान को चूरु का पत्थर भी कहा जाता है जिससे धार्मिक आस्था जुड़ी है। ब्रिटिश काल में भारत के सर्वेक्षक जनरल रहे जॉन केय की पुस्तक, द ग्रेट आर्क में भी चूड़धार पर्वत का उल्लेख किया गया है। इसमें इसे ‘द चूर‘ कहा गया है। आदि शंकरायचार्य ने की थी शिव आराधना चूड़धार में विशालकाय शिव प्रतिमा हैं, माना जाता यहाँ पर कभी प्राकृतिक शिव लिंग होता था। ऐसा भी कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने शिव की आराधना के लिए इसकी स्थापना की थी। बाद में यहां लोग जब सिक्का डालते थे, तो लंबे समय तक उसकी आवाज सुनाई देती थी।
जिला शिमला के ठियोग-हाटकोटी सड़क मार्ग पर एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो लोग घायल हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह गाड़ी नंबर HP-16-A-0513 कोटखाई के पास छोल नामक स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। गाड़ी में कुल पांच लोग सवार थे। सभी सवार सिरमौर के रहने वाले हैं। इनमें से तीन लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मरने वालों में दो पुरूष व एक महिला शामिल है।घायल आइजीएमसी शिमला में उपचाराधीन है। घायलों में से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट - 2014 में किया था वादा, 2019 में पीएम मोदी ने ज़िक्र तक नहीं किया सिटी ऑफ रेड गोल्ड सोलन के किसान लम्बे समय से टमाटर आधारित फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट की मांग करते आ रहे है। अमूमन हर चुनाव में सियासी दल फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट का वादा करते है और ऐसा दशकों से होता आ रहा है, किन्तु अब तक सोलन को फ़ूड प्रोसेसिंग पालनट नहीं मिला। टमाटर का समर्थन मूल्य तय करने की मांग भी किसान संगठन लम्बे वक्त से करते आ रहे है पर इस दिशा में भी किसानों को आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला।ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि जो टमाटर जिला के हजारों किसान परिवारों के लिए जीवनयापन का जरिया है वो शायद शासन और तंत्र के लिए सिर्फ राजनीति की वस्तु है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्ष 2014 में सोलन रैली में किसानों से टमाटर के समर्थन मूल्य व फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की बात कह चुके है। तब वे प्रधानमंत्री नहीं थे, प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। खेर, नरेंद्र मोदी के प्रधानमन्त्री बनने के बाद उम्मीद जगी कि शायद सरकार टमाटर किसानों की सुध लेगी। परंतु कुछ नहीं बदला। दिलचस्प बात ये है कि 2019 में जब नरेंद्र मोदी बतौर प्रधानमंत्री सोलन आये तो उन्होंने न फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट का ज़िक्र किया और न ही टमाटर के समर्थन मूल्य का। मवेशियों को खिलने पड़ते है टमाटर कूल उत्पादन का करीब 70 फीसदी सोलन-सिरमौर से उल्लेखनीय है कि सोलन प्रदेश का सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक है। प्रदेश के कूल टमाटर उत्पादन का करीब 40 फीसदी से अधिक अकेले सोलन शहर से आता है। वहीं संसदीय क्षेत्र के एक अन्य जिला सिरमौर का योगदान कुल उत्पादन का करीब 30 फीसदी है। यहां के हजारों परिवार जीवन यापन के लिए टमाटर खेती पर आश्रित है। विडंबना ये है कि अधिक उत्पादन की स्थिति में किसानों को टमाटर का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। कई मर्तबा तो हालात इतने बदतर हो जाते है कि टमाटर मवेशियों को खिलाने पड़ते है। दो दशकों से है चुनावी मुद्दा सोलन में टमाटर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट करीब दो दशकों से चुनावी मुद्दा है। अमुमन हर चुनाव में किसान वोट हतियाने के लिए नेता फूड प्रोसेसिंग यूनिट का ख्वाब दिखाते है , वोट बटोरते है और फिर भूल जाते है । खासतौर से लोकसभा पहुंचने के लिए टमाटर फैक्टर का भरपूर इस्तेमाल होता आया है। बॉर्डर पर तनाव, किसानों का नुक्सान गौर हो कि सोलन से टमाटर आमतौर पर पाकिस्तान एक्सपोर्ट किया जाता है । इसी के चलते किसानो को अधिक उत्पादन होने पर राहत मिलती है । साथ ही उन्हें उचित मुल्य भी मिलता है। किन्तु अगर बॉर्डर पर तनाव हो तो व्यापारी एक्सपोर्ट से परहेज करते है जिसका खमियाजा किसानो को भी भुगतना पड़ता है। ऐसे में स्थानीय फूड प्रोसेसिंग यूनिट होने से किसानो का आर्थिक नुक्सान कम किया जा सकता है। वोट के लिए हुआ है किसान का इस्तेमाल - हिमाचल किसान सभा भाजपा व कांग्रेस दोनों ही राजनैतिक दलों ने सिर्फ वोट के लिए टमाटर किसान का इस्तेमाल किया है।खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी मई 2014 में सोलन में हुई रैली में फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट व एमएसपी का वादा किया था, लेकिन हुआ कुछ नहीं। इतना ही नहीं जो टमाटर बाजार में किलोग्राम के हिसाब से बेचा जाता है, उसे किसान से क्रेट के हिसाब से ख़रीदा जाता है , जो किसान के साथ नाइंसाफी है। -डॉ कुलदीप तंवर, अध्यक्ष, हिमाचल किसान सभा।
मोदी सरकार भाग दो का पहला बजट शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है। बजट में पेट्रोल-डीजल पर एक रूपया सेस बढ़ाने की घोषणा की गई है जिससे आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ सकती है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई पर आने वाला खर्च बढ़ जाएगा, जिसका प्रभाव लगभग हर सामान की कीमत पर होना तय माना जा रहा है।बजट में सोना पर शुल्क 10 फीसद से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। साथ ही ये भी घोषणा की गई है कि आने वाले दिनों में तंबाकू पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया हैं। बजट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी रेट 12 पर्सेंट से घटाकर 5 पर्सेंट कर दिया गया। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने हेतु लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त इनकम टैक्स छूट भी देने का एलान किया है। मुख्य बिंदु... ''हर घर जल, हर घर नल'' के तहत 2024 तक हर घर में नल से होगी जल की आपूर्ति। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़क को अगले पांच सालों में अपग्रेड किया जाएगा। मार्च 2020 तक 45 लाख रुपये तक की घर खरीद पर ब्याज के पुनर्भुगतान पर 1.5 लाख की अतिरिक्त छूट मिलेगी। 114 दिनों में जरूरतमंदों को घर बनाकर देने का लक्ष्य। 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य। सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकासी पर अब दो फीसदी टीडीएस। सोने के आयात शुल्क पर 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। सालाना 2-5 करोड़ रुपये की कमाई वाले व्यक्तियों के सरचार्ज में 3 फीसदी व 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर सरचार्ज में सात फीसदी का इजाफा। 400 करोड़ रुपये तक के रेवेन्यू वाले कंपनियों को अब 30 फीसदी के मुकाबले 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा। ये हुआ सस्ता - साबुन, शैंपू, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, डिटरजेंट वाशिंग पाउडर, बिजली का घरेलू सामानों पंखे, लैम्प, ब्रीफकेस, यात्री बैग, सेनिटरी वेयर, बोतल, कंटेनर, रसोई में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों के अलावा गद्दा, बिस्तर, चश्मों के फ्रेम, बांस का फर्नीचर, पास्ता, मियोनीज, धूपबत्ती, नमकीन, सूखा नारियल, सैनिटरी नैपकिन, ऊन खरीदना सस्ता हुआ।
वो 1952 का वर्ष था। डॉ वाईएस परमार अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे। उन्होंने अपने गृह जिला सिरमौर की पच्छाद सीट से ताल ठोकी थी। ये वो दौर था जब हिमाचल प्रदेश अपने गठन की प्रक्रिया से गुजर रहा था और बीतते वक्त के साथ साथ प्रदेश का स्वरुप भी बदल रहा था। इसमें डॉ वाईएस परमार अहम किरदार निभा रहे थे। वे देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के करीबी भी थे। लिहाजा ये लगभग तय था कि चुनाव के बाद यदि कांग्रेस सत्तासीन हुई तो डॉ परमार ही मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस के अतिरक्त किसान मजदूर प्रजा पार्टी और भारतीय जन संघ ही इस चुनाव में हिस्सा लेने वाले प्रमुख राजनीतिक दल थे। किंतु दोनों दलों ने डॉ परमार के विरुद्ध प्रत्याशी नहीं उतारा और उन्हें वाक ओवर मिलना लगभग तय था। उसी वक्त सोलन में रहने वाली एक महिला ने निर्णय लिया कि वे डॉ परमार का मुकाबला करेंगी। ये वो दौर था जब प्रदेश की साक्षरता दर करीब 7 प्रतिशत थी , जबकि महिला साक्षरता दर तो तकरीबन 2 प्रतिशत ही थी। उस दौर के पुरुष प्रधान समाज में सियासत में एक महिला की भागीदारी किसी अचम्भे से कम नहीं थी। बावजूद इसके एक महिला ठान चुकी थी कि वह हिमाचल के निर्माण में अपना योगदान देगी। ये महिला थी अछूत कन्या और जिनघरो फैशन अबले इंडिया जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुकी सिने जगत की नायिका कलावती लाल। भारत -पाकिस्तान विभाजन के बाद कलावती लाल 1947 में अपने पति कर्नल रामलाल के साथ आकर सोलन में बसी थी। शहर के फारेस्ट रोड स्थित ग्रीन फील्ड कोठी ही उनका आशियाना था। दरअसल 1930 के दशक में कलावती की उच्च शिक्षा लाहौर में हुई थी जहाँ वो कामरेड मुहम्मद सादिक और फरीदा वेंदा के संपर्क में आई थी। तभी से उनकी विचारधारा भी वामपंथी हो गई थी। हालांकि उस दौर को गुजरे करीब दो दशक बीत चुके थे लेकिन वामपंथ विचारधारा की लौ अभी भुजी नहीं थी। खेर, चुनाव हुआ और वहीँ नतीजा आया जो अपेक्षित था। कलावती लाल प्रदेश के निर्माता डॉ वाईएस परमार से चुनाव हार गई।
डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र धौलाकुआं को देश में डेहलिया फूल की टेस्टिंग का लीड सेंटर के रूप में नामित किया है। भारत सरकार के कृषि सहकारिता व किसान कल्याण विभाग के पौधा किस्म और कृषक अधिकार प्राधिकरण ने धौलाकुआं अनुसंधान केंद्र को इस प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर का लीड सेंटर बनाया है। इससे प्रदेश में डेहलिया की खेती को बढ़ावा मिलेगा। इस अनुसंधान केंद्र को फूलों पर शोध कार्य करते ज्यादा समय नहीं हुआ है। वर्ष 2012 में सजावटी पौधों पर काम शुरू किया गया था, लेकिन इस क्षेत्र में अनुसंधान केंद्र ने काफी प्रगति की है। पौधा किस्म और कृषक अधिकार प्राधिकरण ने 2016-17 में 18 लाख रुपये की एक परियोजना इस केंद्र को स्वीकृत की थी। इसके तहत डेहलिया के विभिन्न रंग, आकार व श्रेणियों की 50 से अधिक किस्में उत्तराखंड और आसपास के क्षेत्रों से केंद्र पर लाई गई। मुख्य अन्वेषक डॉ. प्रियंका ठाकुर ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य डेहलिया का डीयूएस टेस्टिंग के निर्देशों का विकास और फूल की विभिन्न प्रजातियों और कल्टीवार का मूल्यांकन करना है। प्रदेश के किसान इस नई फसल को कट फ्लॉवर के साथ पॉट प्लांट प्रोडक्शन के लिए भी अपना सकते हैं। डेहलिया फूलों का राजा नाम से भी मशहूर है। पौधों की ऊंचाई विभिन्न किस्मों में अलग-अलग पाई जाती है। दो इंच लॉलीपॉप शैली से लेकर विशाल 10-15 इंच 'डिनर प्लेट' स्टाइल के फूल पांच फीट की ऊंचाई तक बढ़ सकते हैं। फरवरी से मई तक यह फूल खिला रहता है। किसान कट फ्लावर, गमले और लैंडस्केप पौधों और पौधों के उत्पादन से लाभांश कमा सकते हैं। नौणी विश्वविद्यालय के छात्र भी प्रदेश की निचली पहाड़ी परिस्थितियों के लिए डेहलिया की किस्मों के मूल्यांकन पर काम कर रहे हैं। क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र धौलाकुआं के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. एके जोशी ने बताया कि डेहलिया परीक्षण के राष्ट्रीय स्तर के लीड सेंटर की मान्यता पाना एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि यह सर्दियों में खिलने वाला बहुत ही लोकप्रिय और उपयोगी फूल है। डॉ. जोशी ने कहा कि इस मान्यता से अनुसंधान स्टेशन द्वारा किए जा रहे कार्य को देश में पहचान मिलने के साथ प्रदेश में इस फूल की व्यावसायिक खेती को लोकप्रिय बनाने में मदद मिलेगी। नौणी विवि के कुलपति डॉ. एचसी शर्मा और अनुसंधान निदेशक डॉ. जेएन शर्मा ने वैज्ञानिकों को बधाई दी है।