टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने विद्युत मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हासिल करने पर सातवीं कक्षा की छात्रा आरुषि की सराहना की। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार का एक अग्रणी विद्युत उपक्रम है, जो कि उत्तराखंड राज्य की नोडल एजेंसी भी है। प्रतियोगिता के आयोजन से पहले देश भर में राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गईं, जिनमें देश के लगभग 70 लाख छात्रों द्वारा भाग लिया। देश के सभी अग्रणी विद्युत उपक्रम जैसे टीएचडीसी, एनटीपीसी, एनएचपीसी, एसजेवीएन, पावर ग्रिड आदि को प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए पूरे देश में अलग-अलग राज्य आवंटित किए गए थे। प्रत्येक राज्य के दोनों ग्रुप ए और बी के पहले तीन विजेताओं ने 11 दिसंबर 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दिनांक 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार दिवस पर आयोजित भव्य पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान प्रतिभाशाली छात्रा आरुषि को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया तथा अपने संबोधन के दौरान विजेताओं को बधाई दी और ऊर्जा संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री (विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा) आरके सिंह और राज्य मंत्री (विद्युत, भारी उद्योग मंत्रालय), कृष्णपाल गुर्जर की ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। इससे ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में प्रतिभाओं को पहचानने और बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित हुई। सिंह ने उपस्थित सभी को संबोधित करते हुए ऊर्जा संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने का आग्रह किया। इस अवसर पर विद्युत मंत्रालय सचिव के पंकज अग्रवाल तथा विद्युत मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ व्यक्ति भी उपस्थित थे। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने इस प्रतिष्ठित उपलब्धि के लिए पूरे उत्तराखंड राज्य और आचार्यकुलम स्कूल हरिद्वार को हार्दिक बधाई दी और कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने राज्य में नोडल एजेंसी होने के नाते राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता उत्तराखंड के आयोजन और राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विश्नोई ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में इतनी कम उम्र में इन युवा प्रतिभागियों की सफलता उनके द्वारा किए गए समर्पित प्रयासों को रेखांकित करती है। यह राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता भारत को किफाइती 24&7 बिजली प्रदान करने के लिए ऊर्जा संरक्षण के संदेश को प्रसारित करने के अपने प्रयास में ऊर्जा मंत्रालय के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा एक वर्ष तक चलने वाला अभियान है। उन्होंने आगे कहा कि, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, हाइड्रो सेक्टर में नए मानक स्थापित करने के अतिरिक्त, खेल, संस्कृति, कृषि, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कला, संस्कृति सहित विभिन्न विकासात्मक क्षेत्रों में भी अग्रणी है, विशेष रूप से उत्तराखंड में सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए यह अपनी कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) नीतियों को आधारशिला मानता है। सामाजिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने हाल ही में भारतीय कयाकिंग और कैनोइंग एसोसिएशन, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन और उत्तराखंड सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य उत्तराखंड के कोटेश्वर, टिहरी में एक अत्याधुनिक खेल प्रशिक्षण अकादमी स्थापित करना है, जो समग्र विकास और सामुदायिक उत्थान के लिए टीएचडीसी के समर्पण को और मजबूत करेगा। श्री विश्नोई ने यह भी कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड एक प्रमुख विद्युत क्षेत्र संगठन और उत्तराखंड के विकास में अग्रणी शक्ति है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध, प्रगति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विकासात्मक क्षेत्रों में सक्रिय रूप से संलग्न है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक) शैलेंद्र सिंह ने भी इस राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए विद्युत मंत्रालय, उत्तराखंड राज्य और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को बधाई दी। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड अपनी विकास गतिविधियों और जल विद्युत के दोहन के लिए उत्तराखंड सरकार की विभिन्न पहलों में सदैव अग्रणी है। ऊर्जा संरक्षण पर प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता छात्रा को एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई और अचार्यकुलम स्कूल हरिद्वार का छात्र मास्टर सताक्षी, जिसे राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में ग्रुप ए में सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ, उसे रुपये पंद्रह हजार की राशि प्रदान की गई।
हिमाचल प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने आज सोलन ज़िला के 53-सोलन (अ.जा.) निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण-2024 के तहत अद्यतन की जा रही मतदाता सूचियों का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। यह जानकारी आज यहां ज़िला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने दी। मनमोहन शर्मा ने कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने 53- सोलन (अ.जा.) निर्वाचन क्षेत्र के तहत कण्डाघाट विकास खण्ड में मतदान केन्द्र संख्या 29-पल्हेच में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मतदाता सूचियों का निरीक्षण किया। उन्होंने इस अवसर पर पल्हेच मतदाता केन्द्र के अंतर्गत हरीश ठाकुर सुपुत्र राकेश कुमार के घर जाकर उनसे मतदाता सूची में पंजीकरण एवं इस सम्बन्ध में अन्य विषयों पर बातचीत की। ज़िला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि पल्हेच मतदाता केन्द्र के तहत हरीश ठाकुर का नाम पहली बार मतदाता सूची में दर्ज हुआ है और वह दृष्टिबाधित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने हरीश ठाकुर के घर पहुंचकर मतदाता सूची में उनके पंजीकरण की पात्रता की पुष्टि की। मनीष गर्ग ने इस अवसर पर हरीश ठाकुर और उनके परिजनों के साथ विस्तृत चर्चा की और उन्हें मतदाता के महत्व से अवगत करवाया। उन्होंने हरीश ठाकुर को लोकसभा निर्वाचन-2024 में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि आम नागरिक मतदान के माध्यम से लोकतंत्र व्यवस्था में अपनी पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करता है। उन्होंने कहा कि सभी मतदाताओं को मतदान प्रक्रिया में अवश्य भाग लेना चाहिए। उन्होंने हरीश ठाकुर ने आग्रह किया कि वह अपने मतदान केन्द्र के सभी मतदाताओं को आगामी लोकसभा निर्वाचन में मतदान करने के लिए प्रेरित करें। उपायुक्त ने अवगत करवाया कि प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 29-पल्हेच के राजकीय माध्यमिक पाठशाला पल्हेच स्थित मतदान केन्द्र का निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाएं जांची।
लोक निर्माण, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह 17 दिसम्बर, 2023 को सोलन ज़िला के नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के प्रवास पर आ रहे हैं। विक्रमादित्य सिंह 17 दिसम्बर, 2023 को प्रातः 11.00 बजे सोलन ज़िला के नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के रामशहर में तहसील भवन के निर्माण कार्य का निरीक्षण करेंगे। लोक निर्माण मंत्री तदोपरांत प्रातः 11.30 बजे राजकीय महाविद्यलाय रामशहर के निर्माण कार्य का निरीक्षण करेंगे।विक्रमादित्य सिंह इसी दिन दोपहर 02.00 बजे नालागढ़ स्थित इंडोर स्टेडियम किरपालपुर तथा दोपहर 02.20 बजे नालागढ़-भरतगढ़ मार्ग (पंजाब राज्य) पर क्षतिग्रस्त दभोटा पुल का निरीक्षण करेंगे। लोक निर्माण मंत्री दोपहर 02.45 बजे नालागढ़ उपमण्डल के पंजैहरा में उप तहसील भवन के निर्माण कार्य का निरीक्षण भी करेंगे। लोक निर्माण मंत्री तदोपरांत सांय 03.00 बजे ग्राम पंचायत बगलेहड की तमडोह-पेहरूड़, वेद का जोहड-छनोबरी तथा नवांनगर-अम्बवाला मार्ग के मैटलिंग, टारिंग तथा क्रॉस ड्रेनेज कार्य का लोकार्पण करेंगे। विक्रमादित्य सिंह तत्पश्चात सांय 03.30 बजे नाबार्ड के तहत गुज्जरहट्टी-तलाउ-पुरला-खोबला-कनरूघाट तक पक्के सम्पर्क मार्ग की आधारशिला रखेंगे। युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री इसी दिन सांय 04.15 बजे नालागढ़ स्थित पुराना छात्र विद्यालय में 8वीं नालागढ़ वार्षिक खेल प्रतियोगिता के सम्मान समारोह में उपस्थित रहेंगे।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने कहा कि किसानों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने और उपलब्ध कृषि योग्य भूमि से उत्पादन में वृद्धि के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग आवश्यक है। मुख्य संसदीय सचिव वीरवार को सोलन के अर्की विधानसभा क्षेत्र के नालागढ़ उपमण्डल की ग्राम पंचायत मनलोग कलां में आयोजित किसान मेले को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश में प्राकृतिक खेती के माध्यम से किसानों की आय में आशातीत वृद्धि करने और उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्यान्न उपलब्ध करवाने के लिए कृत संकल्प हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए जहां प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है वहीं इस उपज को और बेहतर मूल्य दिलवाने के लिए योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के उपयोग और अनुसंधान को खेत तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रही है। संजय अवस्थी ने कहा कि किसान मेले को ग्राम पंचायत मनलोग कलां में आयोजित करने का उद्देश्य इस समूचे क्षेत्र में कृषि प्रधान योजनाओं की जानकारी देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित बनाना है। उन्होंने आशा जताई कि किसान मेले में सुझाई गई कृषि करने की नई तकनीकों को किसान अपनाएंगे ताकि उपज में बढ़ौतरी के साथ-साथ उनकी आर्थिकी में सुधार हो सके। उन्होंने कहा कि चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर और डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यलाय नौणी में कृषि क्षेत्र में हो रहे नए अनुसंधान और उत्पादन प्रबंधन की जानकारी किसानों तक पहंुचाई जानी आवश्यक है ताकि किसान इससे समय पर लाभान्वित हो सकें।
-दाड़लाघाट में 2.23 करोड़ की लागत से उप कोषागार कार्यालय एवं आवासीय परिसर का शिलान्यास मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना एवं जन संपर्क विभाग) संजय अवस्थी ने कहा कि अनुशासन, परिश्रम और समर्पण ही युवाओं को भविष्य का सफल एवं उत्तरादायी नागरिक बना सकता है। संजय अवस्थी आज सोलन ज़िला के अर्की विधानसभा क्षेत्र के दाड़लाघाट स्थित सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। संजय अवस्थी ने इससे पूर्व दाड़लाघाट में उप कोषागार कार्यालय एवं आवासीय परिसर की आधारशिला रखी। इसके निर्माण पर लगभग 2.23 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि केवल अच्छे अंक प्राप्त करना ही शिक्षा का उद्देश्य नहीं है अपितु शिक्षा के माध्यम से हम अर्जित ज्ञान को अपनी दैनिक दिनचर्या में उताकर सफलता की ओर कदम बढ़ाते हैं। छात्रों को अपना लक्ष्य निर्धारित कर कठिन परिश्रम और दृढ़ता के साथ लक्ष्य प्राप्ति के लिए क्रियाशील रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में कभी भी शॉर्टकट न अपनाएं बल्कि मेहनत को अपना सारथी बनाकर आगे बढ़ें। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा का स्वरूप बदल चुका है और भविष्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस बदलते स्वरूप के साथ कदमताल करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोडिंग स्कूल खोलने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। राजीव गांधी डे-बोडिंग स्कूल में छात्रों को आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ बेहतर अधोसंरचना सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत से अर्की विधानसभा क्षेत्र के जलाणा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित किया जाएगा। संजय अवस्थी ने छात्रों से आग्रह किया कि नशे से सदैव दूर रहें और अपने शारीरिक एवं मानसिक विकास पर ध्यान दें। उन्होंने विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित भी किया। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र का चहुमुंखी विकास करने के लिए योजनाबद्ध कार्य किया जा रहा है। विधानसभा क्षेत्र में जल एवं सिंचाई सुविधा के लिए जीर्ण पाइपों की मुरम्मत के लिए नाबार्ड से लगभग 07.15 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करवाई गई है। उन्होंने कहा कि समूचे क्षेत्र में पाईपों की मुरम्मत होने से पेयजल की समस्या को दूर करने में सहायता मिलेगी। संजय अवस्थी ने कहा कि राजकीय महाविद्यालय दाड़ला के भवन के लिए लगभग 15 करोड़ रुपये, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दड़ाला के अतिरिक्त कमरों के निर्माण के लिए 20 लाख रुपये तथा पशु चिकित्सालय के आवास भवन की मरम्मत के लिए 18 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने कहा कि स्यार-जावी-छामला मार्ग के लिए 1.86 करोड़ रुपए, कोटला-नुम्हाला-शिवनगर मार्ग के लिए 2.11 करोड़ रुपए, यू सम्पर्क मार्ग के लिए 82.7 लाख रुपए तथा चंगर गांव तक सम्पर्क मार्ग के लिए 61.07 लाख की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। संजय अवस्थी ने स्कूल प्रबंधन को अपनी ऐच्छिक निधि से 21 हजार रुपए तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले छात्रों को 2100 रुपये की राशि देने की घोषणा की। उन्होंने एसवीएम दाड़लाघाट में शौचालय के निर्माण कार्य के लिए 2 लाख रुपये देने की घोषणा भी की। उन्होंने इस अवसर पर स्थानीय समस्याएं सुनी और अधिकारियों को इनके उचित निपटारे के निर्देश दिए। इस अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयस्कूल के बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
पुलिस पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन जिला सोलन की त्रैमासिक बैठक कुनिहार के तालाब पेंशनर हाउस में एसोसिएशन के प्रधान धनिराम तनवर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में एसोसिएशन के सभी सदस्यों द्वारा सरकार के प्रति रोष प्रकट किया गया कि पेंशनर कई बार सरकार से आग्रह कर चुके हैं कि उनकी काफी लंबे समय से वित्तीय लाभ की लंबित राशि के बारे कोई भी घोषणा नहीं की जा रही है। सरकार प्रतिदिन प्रदेश में नई-नई घोषणाएं कर रही है, मगर पेंशनरों के हक में कोई बात नहीं कर रही है, जिसके कारण पेंशनर परेशान हैं। सरकार उनके 12 फीसदी डीए व नए वेतनमान की बढ़ी हुई पेंशन के 80 प्रतिशत एरियर को दबाकर बैठी है, जिसका इंतजार वे कई महीनों से कर रहे हैं। सरकार पेंशनर के लिए हर जिला में मेडिकल बिलों का भुगतान करने के लिए कोई भी राशि बजट के रूप में नहीं दे रही है। उम्रदराज पेंशनर कई गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, मगर उनके मेडिकल बिल कई महीनों से पेंडिंग पड़े हुए हैं, जिनका भुगतान नहीं किया जा रहा है। पुलिस हेडक्वाटर द्वारा प्रदेश के भी एसपी को निर्देश दिए जाएं कि साल में दो बार पुलिस पेंशनर के साथ जब वेलफेयर की मीटिंग होती है तो उन्हें भी शामिल किया जाए। इसी प्रकार पुलिस हेडक्वार्टर सरकार से मामला उठाए कि फौजी पेंशनर की तरह पुलिस कर्मी व पुलिस पेंशनर के बच्चों को भी पुलिस भर्ती में कुछ सीटें आरक्षित रखी जाएं। बैठक में केके शर्मा, जीत सिंह, नेकीराम, सतपाल, इंद्रजीत सिंह, नागेंद्र ठाकुर, रतिराम शर्मा, पतराम पंवर, बीणा, आशा राणा, पुष्पा सूद, धर्म सिंह, सीताराम, भरत सिंह, दीप राम ठाकुर, बेद ठाकुर, चमनलाल, गरजा राम इत्यादि मौजूद रहे।
हिमाचल की सुक्खू कैबिनेट में मंगलवार को दो और मंत्री जुड़ गए। बिलासपुर जिले से राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले से यादविंदर गोमा को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राजेश धर्माणी बिलासपुर से कांग्रेस के इकलौते विधायक हैं। ऐसे में उन्हें मंत्री पद मिलना जिले के लिए काफी अहम है। वहीं, यादविंदर गोमा कांगड़ा जिले से संबंध रखते हैं। कांगड़ा एक ऐसा जिला है, जिसका सरकार बनाने में अहम योगदान रहता है। इस बार भी कांगड़ा से कांग्रेस के 10 विधायक हैं। पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक सुधीर शर्मा भी कांगड़ा से ही हैं। वे प्रदेश की दूसरी राजाधानी धर्मशाला के विधायक हैं। वे भी मंत्री बनने के अरमान लिये बैठे हैं, लेकिन उनका यह अरमान एक बार फिर अधूरा ही रह गया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने उनकी जगह यादविंदर गोमा को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया है। सियासी तौर पर माहिर माने जाने वाले सुधीर की राजनीतिक पारी धर्मशाला में वर्ष 2019 हुए विधानसभा के उप चुनाव से डांवाडोल चल रही है। इस उप चुनाव को सुधीर शर्मा ने नहीं लड़ा था। वर्ष 2022 के चुनाव के दौरान भी सुधीर का टिकट अंतिम चरण में घोषित हुआ था। सुधीर के साथ ही हमीरपुर जिले के सुजानपुर विधानसभा हलके से विधायक राजेंद्र राणा की हसरतें भी फिर अधूरी रह गईं। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री चेहरा प्रो. प्रेम कुमार धूमल को हराकर चर्चा में आए कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने 2022 में लगातार दूसरा चुनाव जीता है। जिला हमीरपुर से ही मुख्यमंत्री सुक्खू के होने के चलते क्षेत्रीय समीकरण का संतुलन बनाए रखना राजेंद्र राणा को मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने से बार-बार रोक रहा है। अब हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के तहत ही बिलासपुर से धर्माणी की नियुक्ति होने से राणा के लिए आने वाले वर्षों में भी मंत्री पद की राह मुश्किल भरी हो गई है।
-जिप अध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई बैठक में 80 मदों पर हुई चर्चा जिला परिषद सोलन के अध्यक्ष रमेश ठाकुर ने जिला परिषद सदस्यों एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियां एवं कर्मचारियों से आग्रह किया कि विकास कार्यों को पूर्ण करने के लिए बेहतर समन्वय स्थापित कर कार्य करें ताकि लंबित पड़े विकास कार्यों को शीघ्र पूर्ण किया जा सके। रमेश ठाकर आज यहां जिला परिषद की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। ज़िला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधि विभिन्न समस्याओं को संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर शीघ्र सुलझा सकते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न मांगों पर पूर्व में चर्चा होने से नई समस्याओं के संबंध में बैठक में विचार करने के लिए अधिक समय मिलता है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधियों का यह प्रयास रहता है कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सकारात्मक सहयोग से जनता की समस्याओं का शीघ्र निवारण किया जा सके। रमेश ठाकुर ने कहा कि जिला परिषद की बैठक में सभी विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति के माध्यम से समस्याएं शत-प्रतिशत सुलझाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के अधिकारियों को ज़िला परिषद की बैठक अनिवार्य रूप से अपनी उपस्थिति सुनिश्चित बनानी चाहिए। उन्होंने बैठक से अनुपस्थित अधिकारियों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी सदस्यों से आग्रह किया कि अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं बैठक से 15 दिन पूर्व प्रेषित करें ताकि इनका उचित समाधान किया जा सके। उन्होंने कुंडली नदी पर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रिया के समीप, मुर्गी पालन फार्म पंजेहरा के नजदीक, महादेव नदी पर तथा झिड़ीवाला के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग पर पुल का निर्माण कार्य 31 मार्च, 2024 तक पूर्ण करने के निर्देश दिए। बैठक में निर्णय लिया गया कि क्षेत्रीय परिवहन से संबंधित लंबित मामले ज़िला परिषद सोलन की ओर से सीधे क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण को प्रेषित किए जाएंगे ताकि बस से सम्बन्धित सभी मांगों का स्थाई समाधान शीघ्र निकाला जा सके। बैठक में ज़िला में अवैध नशा निवारण केंद्रों के विषय में विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ज़िला में अवैध नशा निवारण केन्द्रों पर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाए ताकि रास्ता भटक चुके युवाओं को सही केन्द्रों में उचित उपचार मिल सके। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि ज़िला स्तरीय नशा निवारण योजना बनाकर भविष्य में अध्यापक वर्ग, अभिभावक वर्ग के साथ-साथ सरकारी विद्यालयों, निजी विद्यालयों तथा अन्य शिक्षण संस्थानों में समय-समय पर नशा निवारण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ज़िला के समस्त खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि प्रत्येक माह में एक बार खंड विकास अधिकारी विकासात्मक कार्यों की समीक्षा बैठक सम्बन्धित ज़िला परिषद सदस्य की उपस्थिति में करवाना सुनिश्चित करें ताकि विकासात्मक कार्यों में गति लाई जा सके। अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय कुमार यादव ने विश्वास दिलाया कि ज़िला प्रशासन चुने हुए प्रतिनिधियों के समन्वय के साथ जन समस्याओं के निवारण के लिए प्रयासरत है। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि विकासात्मक कार्यों में गुणवत्ता के साथ-साथ गतिशीलता लाएं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के अनुभव एवं बेहतर निर्णय आमजन की समस्या को कम करने में सहायक बनते हैं। आज की बैठक में लगभग 80 मदों पर चर्चा की गई। बैठक में ज़िला परिषद उपाध्यक्ष कमलेश कंवर, विभिन्न ज़िला परिषद सदस्य, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोलन योगेश रौल्टा, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी गोपाल चंद शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजन उप्पल, समस्त खण्ड विकास अधिकारी तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और विवि के कृषि विज्ञान केंद्रों और अनुसंधान स्टेशनों में बागवानों के लिए फलदार पौधे की वार्षिक बिक्री मंगलवार को भी जारी रही। आज पौधों की बिक्री का दूसरा दिन था और काफी संख्या में किसानों ने फलों के पौधे खरीदे। इस वर्ष 11 दिसम्बर से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर फल रोपण सामग्री की वार्षिक बिक्री मुख्य परिसर में तीन नर्सरियों, कंडाघाट, रोहड़ू में कृषि विज्ञान केंद्र और मशोबरा, बजौरा और शारबो (किन्नौर) में अनुसंधान केंद्रों से विभिन्न फलों की किस्मों की बिक्री जारी रही। दूसरे दिन 404 किसानों ने 13121 से अधिक पौधे विभिन्न नर्सरियों से खरीदे। अब तक दो दिनों में 1186 किसान 35,445 से अधिक पौधे खरीद चुके हैं। सेब में रॉयल डेलीशीयस कि़स्मों की अलावा ज़ेड 1, स्करलेट स्पर 2, डार्क बेरन गला, किंग रोट, मेमा गला, स्चीनिको रेड गला, अर्लि रेड वन जैसे किस्में लोकप्रिय रहीं। वहीं जापानी फल में फुयु काफी लोकप्रिय रहीं। इस वर्ष, विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय स्टेशनों द्वारा 2.72 लाख से अधिक पौधे तैयार किए हैं। सेब के लगभग 50000 क्लोनल रूटस्टॉक भी उपलब्ध होंगे। इस बिक्री के दौरान किसानों को सेब, कीवी, अनार, खुमानी, आड़ू, नेक्टराइन, चेरी, अखरोट, नाशपाती, प्लम आदि की विभिन्न किस्में उपलब्ध करवाई जा रही है।
नेतृत्व और सामुदायिक सहभागिता के एक उल्लेखनीय प्रदर्शन में शूलिनी विश्वविद्यालय के छात्र स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा हाल ही में शुरू किए गए आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) कार्ड अभियान के प्रेरक शक्ति के रूप में उभरे हैं। अभियान, जिसका उद्देश्य व्यक्तियों को विशेष कवरेज प्रदान करना है में 30 से अधिक समर्पित छात्र, जिन्होंने जागरूकता फैलाने और अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने का बीड़ा उठाया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में, छात्रों को एबीएचए कार्ड कार्यक्रम के राजदूत बनने के लिए गहन प्रशिक्षण सत्र से गुजरना पड़ा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के अधिकारियों ने शूलिनी विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा प्रदर्शित नेतृत्व गुणों के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की। उन्होंने स्वीकार किया कि इस तरह की सक्रिय भागीदारी दुर्लभ है और एबीएचए कार्ड के बारे में व्यापक जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए आगे बढ़ने के लिए छात्रों की सराहना की। उनके उत्कृष्ट प्रयासों की मान्यता में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा कुलपति को एक विशेष प्रशंसा पत्र भेजा गया। पत्र में डीन छात्र कल्याण कार्यालय और अभियान में शामिल छात्रों द्वारा किए गए सराहनीय कार्यों पर प्रकाश डाला गया।
-राजभवन में राज्यपाल ने दिलाई मंत्री पद की शपथ हिमाचल प्रदेश को दो नए मंत्री मिल गए हैं। आज शाम राजभवन शिमला में बिलासपुर जिले के घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से यादविंदर गोमा सुक्खू कैबिनेट में शामिल हो गए। शाम करीब 4:45 बजे राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने दोनों मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। देर रात ही यह फैसला हुआ और आज शपथ हुई। शपथ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित मंत्री व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। बता दें कि राजेश धर्माणी बिलासपुर जिले से कांग्रेस पार्टी के एकमात्र विधायक हैं। वे घुमारवीं विधानसभा से विधायक हैं। बिलासपुर को बीते एक साल से मंत्री पद का इंतजार था। वहीं, कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से विधायक यादविंदर गोमा को भी मंत्री बनाया गया है। काफी समय से उनको मंत्री बनाए जाने की अटकलें लग रही थीं।
हाटकोट पंचायत के वार्ड 1 में आज सुबह ही एक किशोर की मौत होने से पूरा इलाका शोक में डूब गया। प्राप्त जानकारी अनुसार हाटकोट निवासी संजय राघव का 16 वर्षीय बेटा महेश्वर कुमार बॉक्सिंग वाले बैग की डोरी से उलझ गया। परिजनों ने सुबह उठ कर देखा, तो वह बॉक्सिंग बैग की डोरी से लटक रहा था। संजय ने बताया कि महेश्वर हर रोज सुबह उठकर बॉक्सिंग प्रेक्टिस करता था, परंतु आज जब वह कमरे से बाहर ही नहीं आया। उन्होंने वहां जाकर देखा तो वह बॉक्सिंग बैग की रस्सियों में उलझा हुआ था। उन्होंने पुलिस थाना में सूचना दी व पुलिस द्वारा उसे प्राथमिक उपचार के लिए सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए अर्की ले जाया गया। दोपहर 2 बजे के बाद पोस्टमार्टम करके बॉडी परिजनों को सौंप दी गई। वहीं, डीएसपी सोलन भीष्म ठाकुर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रथम दृष्टि में यह आत्महत्या का मामला लगता है। बाकी पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पायेगा।
-17 दिसंबर को सुबह 10 बजे आयोजित होगी परीक्षा पाइनग्रोव स्कूल सूबाथू में निशुल्क शिक्षा के लिए लड़कियों की चयन परीक्षा 17 दिसंबर को सुबह 10 बजे से आयोजित की जाएगी। यह योजना हिमाचल प्रदेश जिला सोलन के परिवारों में एक उम्मीद की किरण ला सकती है। याद रहे पाइनग्रोव स्कूल पिछले कई वर्षों से जिला सोलन की छात्राओं को चयनित कर रहा है और कुछ छात्राएं आज भी स्कूल में शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। इन छात्राओं को पाइनग्रोव स्कूल द्वारा निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। पाइनग्रोव स्कूल सी बीएसई, आईपीएससी, आईएवाईपी और एनसीसी, बिट्रिश कौंसिल आइएसओ 9001.2000 से प्रमाणित है। पाइनग्रोव स्कूल न केवल हिमाचल प्रदेश का अपितु देश के प्रतिषिठत स्कूलों में से एक है, जहां विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ भविष्य की चुनौतियों से डटकर मुकाबला करने के लिए तैयार किया जाता है। पाइनग्रोव स्कूल ने डीसी सोलन के माध्यम से हिमाचल प्रदेश को सूचित किया है कि वह अपने बलबूते पर सोलन की लड़कियों की सहायता कर रहे हैं और अनेक लडकियां अपनी योग्यता, कला, गुणों से संपन्न तो हैं ही परंतु आर्थिक समस्या के कारण उन्हें अच्छे विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने का अवसर नहीं मिलता है। ये हैं चयन के लिए शर्तें परीक्षा में भाग लेने के लिए छात्रा हिमाचल प्रदेश, जिला सोलन की स्थाई निवासी होनी चाहिए। छात्रा प्रथम कक्षा से ही सरकारी पाठशाला में पढ़ रही हो। छात्रा की आयु 10 वर्ष होनी चाहिए तथा वर्तमान में पांचवीं कक्षा में पढ़ रही हो। प्रत्येक वर्ष चयन परीक्षा के आधार पर दो सर्वश्रेष्ठ छात्राओं को पाइनग्रोव स्कूल, सूबाथू में प्रवेश दिया जाता है। पाइनग्रोव स्कूल जिला सोलन की लड़कियां जो पढ़ाई में होशियार हो उनको अपने स्कूल में शिक्षा देने की जिम्मेदारी इस वर्ष भी लेने की रुचि प्रस्तुत की है। यदि सोलन जिला की लड़कियों की सहायता की जाए तो वे जीवन में अच्छी नौकरी प्राप्त करके अपने उद्देश्य में सफल हो सकती हैं। पाइनग्रोव स्कूल पहले से ही समाज सेवा करने में जुटा है, ताकि उन लड़कियों के माता-पिता और हिमाचल प्रदेश को गर्व महसूस करने का अवसर दे सके।
हिमाचल प्रदेश के सुक्खू मंत्रिमंडल का आज विस्तार हो सकता है। कैबिनेट में बिलासपुर जिले से कांग्रेस के एक मात्र विधायक राजेश धर्माणी और कांगड़ा जिले के जयसिंहपुर से विधायक यादवेंद्र गोमा जुड़ सकते हैं। सूत्रों की मानें तो दोनों शिमला के लिए रवाना हो गए हैं। शाम 5 बजे के करीब दोनों मंत्री पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं। देर रात ही यह फैसला हुआ है।राजेश धर्माणी घुमारवीं विधानसभा से विधायक हैं। घुमारवीं कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजीव शर्मा ने उनके नाम की पुष्टि की है। धर्माणी के अलावा एक और मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। कांगड़ा से गोमा के अलावा एक और विधायक को भी शिमला बुलाया गया है। सारे मंत्री भी बुलाए हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, आज दोपहर बाद शपथ समारोह होगा। बिलासपुर से राजेश राजेश धर्माणी और कांगड़ा से यादविंद्र गोमा मंत्री बनना लगभग तय है। फिलहाल, दो ही मंत्री बनाए जाने की सूचना है। हालांकि राज भवन सचिवालय अभी किसी भी समारोह की जानकारी से इनकार कर रहा है। कुछ मंत्रियों के पोर्टफोलियो बदलने की भी संभावना कुछ मंत्रियों के पोर्टफोलियो बदलने की भी तैयारी है। मिली जानकारी के मुताबिक, एक ब्राह्मण, एक राजपूत और एक अनुसूचित जाति चेहरे को मंत्री बनाने की तैयारी है।
-पहले दिन 782 किसानों ने खरीदे 22,324 से अधिक पौधे डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी और विवि के कृषि विज्ञान केंद्रों और अनुसंधान स्टेशनों में बागवानों के लिए फलदार पौधे की वार्षिक बिक्री सोमवार से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर शुरू हो गई। फल रोपण सामग्री की वार्षिक बिक्री के लिए हिमाचल प्रदेश और आसपास के राज्यों के किसान विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय केंद्रों पर एकत्र हुए। इस बिक्री के दौरान किसानों द्वारा सेब, नाशपाती, खुमानी, आड़ू, नेक्टराइन, चेरी, कीवी फ्रूट, अखरोट, अनार, प्लम, जापानी फल और बादाम आदि की विभिन्न किस्मों को खरीदा गया। हिमाचल और आसपास के राज्यों के विभिन्न हिस्सों से किसान विभिन्न किस्मों के फलों के पौधे खरीदने के लिए विश्वविद्यालय और अनुसंधान केंद्रों पर आए। बिक्री के पहले दिन 782 किसानों ने नौणी में विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर में तीन नर्सरियों, कंडाघाट, रोहड़ू में कृषि विज्ञान केंद्र और मशोबरा, बजौरा और शारबो (किन्नौर) में अनुसंधान केंद्रों से विभिन्न फलों की किस्मों के 22,324 से अधिक पौधे खरीदे। इस वर्ष, किसानों ने फलों की फसलों के विविधीकरण के प्रति रुचि दिखाई है और यह बिक्री के दौरान भी दिखाई दी, जहां सेब की विभिन्न किस्मों के साथ-साथ जापानी फल, अखरोट, कीवी और अन्य गुठलीदार फलों की मांग में वृद्धि देखी गई। इस वर्ष, विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय स्टेशनों पर बिक्री के लिए उपलब्ध पौधों की कुल संख्या 2.72 लाख से अधिक है। इस बिक्री के दौरान किसानों को सेब, कीवी, अनार, खुमानी, आड़ू, नेक्टराइन, चेरी, अखरोट, नाशपाती, प्लम आदि की विभिन्न किस्में उपलब्ध कारवाई जाएंगी। सेब के लगभग 50000 क्लोनल रूटस्टॉक भी उपलब्ध होंगे। आने वाले दिनों में यह बिक्री जारी रहेगी।
ऊर्जा विज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र (सीईईएसटी) शूलिनी विश्वविद्यालय ने आईक्यूएसी और डीन छात्र कल्याण, शूलिनी विश्वविद्यालय के सहयोग से स्थानीय ग्रामीण समुदायों के लिए सतत विकास लक्ष्यों को लागू करना पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में विकास खंड सोलन, परियोजना अधिकारी/खंड विकास अधिकारी (बीडीओ), सोलन पंचायत सचिवों, इंजीनियरों, पंचायत अध्यक्षों (प्रधान) और ग्राम पंचायत सन्होल, सुल्तानपुर, शामती, सीईईएसटी, आईक्यूएसी, डीएसडब्ल्यू के लगभग 30 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। . प्रो. पीके शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर खोसला ने कार्यशाला का उद्घाटन किया और कहा कि विश्वविद्यालय एसडीजी 7 से संबंधित योजना के कार्यान्वयन के लिए सतत विकास के लिए पहले चरण में सोलन ब्लॉक के सनहोल, सुल्तानपुर, ओचघाट और शामती को गोद लेगा। सभी के लिए आधुनिक, स्वच्छ और किफायती ऊर्जा, जो पीएम आवास योजना के तहत बनाए जाने वाले आरामदायक घरों के लिए निष्क्रिय सौर डिजाइन प्रदान करेगा। प्रोफेसर खोसला ने आगे कहा कि ऊर्जा विज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र (सीईईएसटी), जिसने संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों पर उत्कृष्ट काम किया है, बीडीओ सोलन के सहयोग से गहन सर्वेक्षण करने के बाद इन पंचायतों में नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का समन्वय और कार्यान्वयन करेगा। शूलिनी विश्वविद्यालय के ऊर्जा विज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र के निदेशक प्रोफेसर एसएस चंदेल ने गांवों में सतत विकास और ग्राम पंचायतों के लिए सेवाओं के लिए नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों पर सीईईएसटी की कार्य योजना पेश की, साथ ही कम लागत वाली सौर प्रौद्योगिकियों पर विशेष जानकारी दी। उन्होंने अपने प्रेजेंटेशन में कहा कि इसे गांवों में लागू किया जाए। रजनी गौतम बीडीओ सोलन ने टिकाऊ ऊर्जा लक्ष्य को लागू करने के लिए चार पंचायतें स्थापित करने और शूलिनी विश्वविद्यालय में टिकाऊ प्रथाओं को प्रदर्शित करने के लिए मॉडल गांवों की स्थापना के लिए प्रोफेसर पीके खोसला की सराहना की। प्रतिभागियों को विश्वविद्यालय की सौर ऊर्जा सुविधाएं दिखाई गईं और सीईईएसटी ने साइट का दौरा किया। राहुल चंदेल ने केंद्रित सौर-संचालित सामुदायिक भाप खाना पकाने की प्रणाली का वर्णन किया, जो 500 लोगों के लिए भोजन पका सकती है, साथ ही विश्वविद्यालय भवनों और कार पार्किंग शेडों की छतों पर स्थापित 400 किलोवाट ग्रिड से जुड़े सौर फोटोवोल्टिक बिजली संयंत्र का भी वर्णन किया।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल 12 दिसंबर को सोलन के प्रवास पर आ रहे हैं। डॉ. शांडिल दोपहर 2 बजे जिला सोलन के कंडाघाट उपमंडल के ममलीग के गण-रा-घाट (थान) मेले में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे।
-सरकार के एक साल के जश्न में की चौथी गारंटी को पूरा करने की घोषणा - कहा, आगामी बजट में तीन और गारंटियों को करेंगे पूरा हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की व्यवस्था परिवर्तन की सरकार का आज एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया। इस उपलक्ष्य में कांगड़ा जिला के मुख्यालल एवं प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला में कार्यक्रम किया गया। यह कार्यक्रम पुलिस ग्राउंड में आयोजित किया गया। हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह डिप्टी सीएम मुकेश के मंच पर पहुंचे के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मंच पर पहुंचे। उन्होंने लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने एक साल में 10 में से तीन गारटियां पूरी की हैं। ओपीएस को लागू किया। अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी प्राथमिक स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 से पहली-दूसरी कक्षा से अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई की शुरुआत होगी।। 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना को शुरू किया। इसके तहत बेरोजगारों के लिए ई-टैक्सी योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने चौथी गारंटी के रूप में लाहौल-स्पीति में 18 वर्ष की आयु से ऊपर की सभी महिलाओं को नए साल से प्रथम चरण में 1500 रुपये मिलना शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि बाद में सभी जिलों में इसे लागू किया जाएगा। जनवरी से किसानों से गोबर खाद की खरीद 31 मार्च से पहले की जाएंगी हजारों भर्तियां सीएम ने कहा कि आगामी बजट में तीन और गारंटियों को पूरा किया जाएगा। सभी महिलाओं को अगले साल से 1500 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। वहीं, अगले साल पहली जनवरी से किसानों से दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से गोबर खाद खरीदी जाएगी। सुक्खू ने ऐलान किया कि अभी सरकार 31 रुपये प्रति लीटर की दर से दूध खरीदती है। अब जनवरी 2024 से छह की रुपये बढ़ोतरी के साथ 37 रुपये प्रति लीटर पर दूध खरीदा जाएगा। छह रुपये बढ़ोतरी होगी। इसी साल 31 मार्च से पहले हजारों भर्तियां होंगी। जयराम सरकार में पांच साल में केवल 20 हजार भर्तियां हुई होंगी। वे भी कोर्ट के पचड़ों में फंसीं। हम एक साल में इतने पद भर रहे हैं। इससे पहले धर्मशाला पहुंच कर सीएम ने कचहरी चौक से रैली स्थल कर रोड शो किया। सीएम ने धर्मशाला पहुंचने पर सबसे पहले शहीद स्मारक में शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। बता दें कि प्रदेशभर से कांग्रेस कार्यकर्ता इस जश्न के लिए पहुंचे थे। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को आना था, लेकिन सूत्रों की मानें तो सरकारी कार्यक्रम होने के कारण वे यहां नहीं पहुंचीं।
कुनिहार के गांव खनोल के पूर्व सैनिक 86 वर्षीय गुलाब सिंह ठाकुर के निधन पर आज 14 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर सुबाथू से आर्मी के जवान उनके घर पहुंचे, जहां उन्होंने गुलाब सिंह के शव पर तिरंगा लपेटा व शमशानघाट पर पहुंचकर उन्हें पुष्पांजलि देकर सलामी दी। वहीं, गुलाब सिंह के सबसे छोटे बेटे रजनीश ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। गौर रहे कि गुलाब सिंह ठाकुर तोपखाना रेजिमेंट से सेवानिवृत्त हुए थे। लंबी बीमारी के बाद आज सुबह 4 बजे अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली और गांव के श्मशानघाट पर आज हिंदू रीति-रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर पूर्व सैनिक संघ कुनिहार इकाई के अध्यक्ष कैप्टन रणधीर सिंह कंवर, सूबेदार एलआर चौधरी, नायब सूबेदार कृष्णदत्त, हवलदार सोहन लाल ठाकुर सहित सैकड़ों लोगों ने मृतक रिटायर फौजी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
आपदा प्रबंधन को सलाम, महिलाओं को 1500 का इंतजार **पुरानी पेंशन बहाल कर सरकार ने निभाया बड़ा वादा ** सुखाश्रय योजना से सुक्खू सरकार ने जीता दिल ** सियासी संतुलन बनाने में असफल रही सरकार "...सत्ता परिवर्तन का जो सियासी रिवाज हिमाचल प्रदेश में 1990 से चला आ रहा था उसे जनता ने 2022 में भी बरकरार रखा। 8 दिसंबर 2022 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आएं और कयासों के मुताबिक ही कांग्रेस सत्तासीन हुई। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के दो मुख्य कारण अगर देखे जाएँ, तो सम्भवतः पहला कारण रहा भाजपा का कमजोर चुनाव लड़ना। एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी मैदान में थे और ये उसकी हार का बड़ा कारण बना। दोनों पार्टियों के वोट शेयर में अंतर एक प्रतिशत से भी कम रहा, जबकि निर्दलीयों के खाते में करीब दस प्रतिशत वोट गए। इनमें अधिकांश भाजपा के बागी थे। दूसरा कारण था, कांग्रेस की गारंटियां। कांग्रेस ने भाजपा से बेहतर चुनाव लड़ा और उसका गारंटी कार्ड चल गया। ये ही कारण है कि सिमटते कैडर के बावजूद कांग्रेस ने दमदार वापसी की। कांग्रेस के खाते में 40 सीटें आई, लेकिन भाजपा भी तमाम गलतियों के बावजूद 25 का आंकड़ा छू गई। यानी सरकार बेशक कांग्रेस ने बना ली हो लेकिन पहले दिन से उस पर परफॉरमेंस प्रेशर है। फिर तारीख आई 11 दिसंबर 2022, जगह थी हिमाचल की राजधानी शिमला का रिज मैदान, सर्दी का मौसम मगर तेज़ धूप और उस धूप में उबाल खाता हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह। अर्से बाद वीरभद्र सिंह की जगह कोई और कांग्रेसी चेहरा सीएम पद की शपथ ले रहा था। जो सुखविंदर सिंह सुक्खू सालों वीरभद्र सिंह के सामने एक किस्म से अपने सियासी रसूख को बचाये रखने की लड़ाई लड़ते रहे थे, वे अब उनके बाद मुख्यमंत्री बन चुके थे। पार्टी के 40 विधायक जीत कर आए थे और इन 40 विधायकों में से सबसे ज्यादा सुक्खू के पक्ष में थे। होली लॉज खेमे के विधायक प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री के बीच बंटे हुए थे। ये ही सुक्खू के पक्ष में गया था। राजधानी कांग्रेसमय दिख रही थी, मैदान खचाखच भरा था और नारे लग रहे थे 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो। कांग्रेस में ये नए दौर की शुरुआत थी। शपथ ग्रहण मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व राजा वीरभद्र सिंह की तस्वीर भी रखी गई थी, उन्हें शपथ से पहले श्रद्धांजलि दी गई और फिर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ली। धुआंधार लॉबिंग और मैराथन बैठकों के बाद सुक्खू मुख्यमंत्री तो बन गए थे लेकिन ये ताज काँटों भरा ताज है। सुक्खू सरकार के सामने पहले दिन से न सिर्फ परफॉर्म करने की चुनौती है बल्कि पार्टी के भीतर भी सामंजस्य बैठाना है। एक साल बीत गया है और कई मोर्चों पर सरकार हिट साबित हुई है, तो कई पैमानों पर अब सरकार का असल इम्तिहान होना है। " सुक्खू सरकार एक साल की हो गई है ...सत्ता पक्ष इसे 'सुख की सरकार' कह रहा है तो विरोधी 'दुख की सरकार', कांग्रेस उपलब्धियों की बुकलेट बाँट रही है तो भाजपा नाकामी के पर्चे। ये तो सियासत के रस्म-ओ-रिवाज है जो सत्ता पक्ष को भी निभाने है और विपक्ष को भी। बहरहाल एक साल की सुक्खू सरकार को लेकर भी सबका अपना-अपना विश्लेषण है। सरकार का कामकाज उसकी गारंटियों की कसौटी पर भी आँका जा रहा है, आपदा प्रबंधन पर भी और सरकार की जमीनी पकड़ भी इसका मापदंड है। कहीं शांता कुमार जैसे दिग्गज सरकार की तारीफ कर रहे है, तो कहीं पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ही सीएम को पत्र लिखकर वादे याद दिला रहे है। इस बीच सुक्खू सरकार जनता के बीच सुछवि गढ़ने के प्रयास में लगी है, तो भाजपा छवि बिगाड़ने का कोई मौका नहीं चूक रही। खेर, बनती बिगड़ती सियासी इक्वेशन अपनी जगह, लेकिन कामकाज की कसौटी पर आंके तो सुक्खू सरकार ने कई ऐसे काम किये है जो अपनी छाप छोड़ गए। पुरानी पेंशन बहाली का वादा भी सरकार ने पूरा किया और सुख आश्रय योजना से सरकार का मानवीय चेहरा भी दिखा। वहीँ आपदा में सुक्खू सरकार के कामकाज पर तो वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी ताली बजाई। हालांकि, सरकार के लिए सब हरा हरा नहीं है, महिलाओं को 1500 रुपये देने की गारंटी भी अभी अधूरी है और सियासी संतुलन बनाने में भी सरकार असफल दिखती है। पुरानी पेंशन के अलावा भी कर्मचारियों के मसले है जो अनसुलझे है। युवा एक साल में ही सड़कों पर उतर आए थे, कोई रिजल्ट मांग रहा है तो कोई नौकरी। प्रयास तो जारी है मगर फिलहाल खाली खजाना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार के बड़े काम ... अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ़ स्टेट' हिमाचल प्रदेश के सभी अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ स्टेट' है। ये सुक्खू सरकार का वो फैसला है जिसने सबका दिल छुआ। अनाथ बच्चों का पालन पोषण, शिक्षा, आवास, विवाह आदि का खर्चा सरकार ने उठाने का निर्णय लिया है। सुक्खू सरकार की इस मानवीय पहल को चौतरफा तारीफ मिली है। सुख आश्रय योजना निसंदेह सुक्खू सरकार का वो काम है जो सदा याद रखा जायेगा। राज्य में अब तक 4000 अनाथ बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं, जिससे अब वह मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के तहत 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चे की देखभाल का ज़िम्मा राज्य सरकार का है। इसके साथ ही अनाथ बच्चों को क्लोथ अलाउंस व त्यौहार मनाने के लिए भत्ता प्रदान किया जा रहा है। उनकी उच्च शिक्षा, रहने का खर्च, 4000 रुपए पॉकेट मनी राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार अनाथ बच्चों को नामी स्कूलों में दाख़िला दिलाने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि तथा 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। पुरानी पेंशन बहाल करके दिखाई वादे के मुताबिक सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली का तोहफा दिया है। प्रदेश की ख़राब आर्थिक स्थिति के बावजूद सरकार ने कर्मचारियों से वादा निभाया है। प्रदेश सरकार द्वारा चौथी कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन बहाली की एसओपी को मंज़ूरी दे दी गई थी और 1 अप्रैल, 2023 से पुरानी पेंशन लागू कर दिया गया । चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा जनता को दी गई गारंटियों में से पुरानी पेंशन बहाली पहली गारंटी थी। प्रदेश की नई सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन की सबसे बड़ी टेंशन को खत्म कर दिया। हिमाचल में करीब सवा लाख कर्मचारी इस समय एनपीएस के दायरे में आते थे जिन्हे इसका लाभ मिला । इस फैसले से प्रदेश सरकार पर सालाना करीब 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ गया मगर सरकार अपने वादे से पीछे नहीं हटी। अब इसका सियासी लाभ कांग्रेस को होगा या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन ये सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला है। ग्रीन हिमाचल मुहीम हरित राज्य प्रदेश सरकार ने राज्य को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो ग्राम पंचायतों को पायलट आधार पर हरित पंचायत के रूप में विकसित करने की रूपरेखा तैयार की है। इन पंचायतों में 500 किलोवाट से एक मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। हिमाचल प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत इन परियोजनाओं की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सुक्खू सरकार ने 100 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की है। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की खरीद राज्य विद्युत बोर्ड करेगा। सरकार सार्वजनिक परिवहन को विद्युत परिवहन के रूप में विकसित करने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकारी महकमों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है और इलेक्ट्रिक टैक्सी की खरीद पर सरकार सब्सिडी भी दे रही है। हिमाचल को ग्रीन राज्य बनाने में सुक्खू सरकार जुटी है, और ये सरकार की बेहतरीन पहल है। दशकों से लंबित इंतकाल के मामलों का निबटारा इंतकाल और तकसीम के दशकों पुराने मामलों को लेकर सुक्खू सरकार एक्शन मोड में है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को 24 जनवरी तक इंतकाल और तकसीम के मामलों को सुलझाने के निर्देश दिए हैं। इससे सालों से लंबित मामलों का निपटारा हो सकेगा। राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर सरकार हाज़ों मामले निबटा चुकी है। अब तक इंतकाल के लम्बित कुल 45 हजार 055 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। किलो के हिसाब से सेब, अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन किलो के हिसाब से सेब बेचने का फैसला हो या अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का निर्णय, सुक्खू सरकार ने सेब बागवानों के हितों को महफूस रखने की दिशा में इच्छाशक्ति भी दिखाई है और फैसले भी लिए है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी हर मसले पर एक्टिव दिखे है और उनकी कार्यशैली की असर साफ दिख रहा है। एचपीएमसी को लेकर भी सरकार ने बड़े बदलाव लाने की दिशा में काम शुरू किया है और उम्मीद है इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। अब 40 साल तक ही लीज पर जमीन सुक्खू सरकार ने लीज पर जमीन लेने की अवधि को 99 वर्ष से घटाकर अब अधिकतम 40 साल कर दिया है। हालांकि पुरानी लीज की अवधि नहीं बदलेगी। उद्योग लगाने और अन्य विकास परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए अब 40 साल के लिए ही लीज पर जमीन का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि अब धौलासिद्ध, लुहरी फेज-1 तथा सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं को 40 वर्ष के बाद हिमाचल प्रदेश को वापिस सौंपना होगा। वाईल्ड फ्लावर हॉल होटल को वापिस पाने के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है। शानन प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए भी हिमाचल सरकार एक्शन मोड में दिखी है। आपदा प्रबंधन पर सुक्खू सरकार हिट... एक साल के कार्यकाल में सुक्खू सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी आपदा। आपदा में खुद सीएम सुक्खू दिन रात मैदान में डेट दिखे और हिमाचल सरकार ने बेहतरीन काम किया। वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी सरकार के काम की तरफ की। सुक्खू सरकार 4500 करोड़ का बड़ा आपदा राहत पैकेज लेकर आई और मुआवजे की राशि में भारी वृद्धि कर पीड़ितों को राहत पहुँचाने का काम किया। राजनीति से इतर कई दूसरी विचारधारा के लोगों ने भी सरकार के कामकाज को सराहा। वहीँ केंद्र से मिलने वाली मदद को लेकर भी खूब सियासत हुई। भाजपा कहती है कि केंद्र से भरपूर मदद मिली और सीएम सुक्खू खुलकर कहते है कि अगर मदद मिली है तो भाजपा बताएं। इसमें कोई संशय नहीं है कि केंद्र ने हिमाचल को कोई विशेष आपदा राहत पैकेज नहीं दिया है। वहीँ प्रदेश की आर्थिक स्थीति भी खराब है। बावजूद इसके सुक्खू सरकार ने साहस भी दिखाया और बड़ा दिल भी। बहरहाल, सीमित संसाधनों के बीच सरकार के सामने अब चुनौती बड़ी है और सुक्खू सरकार का असल इम्तिहान अभी बाकी है। बढ़ता कर्ज सबसे बड़ी चुनौती .... हिमाचल प्रदेश पर 78,430 करोड़ रुपए कर्ज है। राज्य सरकार पर डीए और एरियर के रूप में करीब 12 हजार करोड़ रुपए के करीब देनदारियां हैं। यदि इसी रफ्तार से कर्ज लिया जाता रहा तो अगले साल हिमाचल पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा। कर्ज को लेकर सियासत भी खूब हुई है। सुक्खू सरकार विधानसभा में श्वेत पत्र लेकर इसका ठीकरा पूर्व की जयराम सरकार पर फोड़ चुकी है तो भाजपा का कहना है कि सुक्खू सरकार प्रतिमाह एक हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। बहरहाल, प्रदेश की आर्थिक हालत पतली है, केंद्र ऋण लेने की सीमा कम कर चुका है, ओपीएस का बोझ भी सरकार पर अभी पड़ना है और आपदा ने भी कमर तोड़ दी है। ऐसे में सुक्खू सरकार के लिए आने वाला समय बेहद कठिन होने वाला है। राजस्व बढ़ाने के हुए प्रयास, पर इतना काफी नहीं .... इस वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। वर्तमान राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। इसके अलावा कई छोटे छोटे फैसलों से सरकार को राजस्व बढ़ोतरी हो रही है, हालंकि ये नाकाफी है। फिर भी सरकार के प्रयास जरूर दिखे है। हिमाचल सरकार ने प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए ऊर्जा उत्पादकों पर वॉटर सेस लगाने का निर्णय लिया था। वॉटर सेस की दर 0.06 से लेकर 0.30 रुपये प्रति घन मीटर तय की गई थी। राज्य जल उपकर आयोग ने सितंबर में कई ऊर्जा उत्पादकों को वाटर सेस के बिल जारी कर दिए थे। बीबीएमबी,एनटीपीसी,एनएचपीसी समेत कई अन्य ऊर्जा उत्पादकों ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है। वहीँ केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 25 अक्टूबर को सभी राज्यों को एक पत्र लिख वॉटर सेस को अवैध व असंवैधानिक बताते हुए इसे शीघ्र बंद करने के निर्देश दिए हैं। सुक्खू सरकार की तरफ से पर्यटन को बढ़ावा देने के कुछ प्रयास भी दिखते है और इच्छाशक्ति भी। हालांकि आपदा ने सरकार को बड़ा झटका जरूर दिया है। अलबत्ता पर्यटन आधारभूत या पॉलिसी सुधार की दिशा में अब तक कोई बड़ी कामयाबी सरकार को नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद जरूर जगी है कि जल्द सरकार एक्शन मोड में दिखेगी। एडवेंचर टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन की दिशा में सरकार के थोड़े प्रयास दिखे है, लेकिन सरकार से अपेक्षा किसी बड़ी योजना है। माहिर भी मानते है कि पर्यटन की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाकर ही सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल के लक्ष्य की तरफ बढ़ सकती है। धर्म संकट...खाली खजाना और 1500 देने का अधूरा वादा हिमाचल में कांग्रेस पर गारंटियां पूरी करने का दबाव है। जिन दस गारंटियों के बुते कांग्रेस सत्ता में आई उनमे से एक मुख्य गारंटी थी महिलाओं को हर माह पंद्रह सौ रुपये देना। बढ़ते कर्ज के बीच सुक्खू सरकार कैसे इसे पूरा करती है , इस पर निगाह टिकी है। जाहिर है हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद हिमाचल सरकार पर आधी आबादी से किया गया वादा पूरा करने का दबाव है, लेकिन खराब आर्थिक स्थीति इसमें रोड़ा है। भाजपा इसे जमकर भुना रही है और अब ये 1500 रुपये का वादा बड़ा मुद्दा बन चूका है। लोकसभा चुनाव दस्तक दे रहे है और ये गारंटी कांग्रेस के गले की फांस बन चुकी है। खाली खजाने के बीच सरकार धर्म संकट में है। कई अन्य गारंटियां भी अभी अधूरी है जिनमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और पांच लाख रोजगार प्रमुख है। कैबिनेट में असंतुलन..10 विधायक देने वाले कांगड़ा को एक मंत्री पद ! एक साल में विपक्ष द्वारा सुक्खू सरकार को घेरना इतना चर्चा में नहीं रहा जितनी चर्चा अपनों की नाराजगी की हुई। किसी ने नाराजगी खुलकर जाहिर की तो किसी ने सोशल मीडिया पर चेतावनी दी। बात पार्टी के भीतरी संतुलन की ही नहीं, बात कैबिनेट असन्तुलन की भी हुई। सीएम सहित 9 लोगों की कैबिनेट कई पैमानों पर असंतुलित है। कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र से सिर्फ एक-एक मंत्री है। ज़िलों के हिसाब से बात करें तो सबसे बड़े जिला कांगड़ा से कांग्रेस के दस विधायक है, पर मंत्री सिर्फ एक। जबकि सात विधायक वाले शिमला से तीन मंत्री है। ये असंतुलन सिर्फ सियासी मसला नहीं है, जिस जनता ने कांग्रेस को वोट दिया वो भी अपेक्षा रखती है कि क्षेत्र में कोई मंत्री होगा तो विकास को रफ़्तार मिलेगी। इसी तरह हिमाचल कैबिनेट में अभी 9 में से 6 क्षत्रिय है, जबकि ब्राह्मण, एससी और ओबीसी सिर्फ एक-एक है। पांच साल के लिए सरकार चुनी गई है और एक साल बीत चुका है लेकिन अब तक कैबिनेट पूरी नहीं हुई है। ये ही हाल बोर्ड निगमों का है। अब सरकार का रुख जल्द विस्तार का दिख जरूर रहा है लेकिन इच्छा से ज्यादा शायद मजबूरी है। तीन राज्यों की हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है और संभवतः अब आलाकमान भी पार्टी के भीतरी संतुलन को सुनिश्चित करे। बहरहाल मुख्यमंत्री का ताजा बयान ये है कि नए मंत्री इसी साल में मिलेंगे। कोर्ट में गया सीपीएस नियुक्ति का मामला सुक्खू सरकार ने ने छह सीपीएस नियुक्त किए थे – अर्की विधानसभा क्षेत्र से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल बराकटा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल। इनके अलावा मुकेश अग्निहोत्री को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। भाजपा नेताओं ने इनकी नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दे दी है।मामले की सुनवाई जारी है और कोर्ट के फैसले का इंतजार है। इस मामले में अब 20 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई है। बीजेपी नेता सतपाल सिंह सत्ती और 11 अन्य बीजेपी विधायकों ने अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सीपीएस और डिप्टी सीएम का ऐसा कोई पद संविधान के तहत या संसद द्वारा पारित किसी कानून या अधिनियम के तहत मौजूद नहीं है। उन्होंने याचिका में दलील दी कि सीपीएस के पदों पर नियुक्ति राज्य के खजाने पर बोझ है। याचिका के अनुसार, 91वें संशोधन में मंत्री पदों की संख्या सदन की कुल संख्या का 15 प्रतिशत कर दी गई और इस मानदंड के अनुसार राज्य में 12 मंत्री हो सकते हैं क्योंकि विधानसभा की सदस्य संख्या 68 है।आगे आरोप लगाया गया कि 6 सीपीएस की नियुक्तियां संविधान के विपरीत हैं। उन्हें सीपीएस के रूप में नियुक्त किया गया है, जो बिना बुलाए ही वास्तविक मंत्री हैं और मंत्रियों की सभी शक्तियों और सुविधाओं का आनंद लेते हैं। बहरहाल इस मामले में, विशेषकर सीपीएस की नियुक्ति को लेकर कोर्ट का क्या फैसला आता है, इस पर सबकी निगाह टिकी है। शिमला नगर निगम चुनाव जीते ...अब सोलन ने दिया झटका सुक्खू सरकार के एक साल के कार्यकाल में शिमला नगर निगम का चुनाव हुआ जहाँ कांग्रेस को शानदार जीत मिली। इसके बाद हालहीं में चार नगर निगमों में नए मेयर और डिप्टी मेयर चुनने की बारी थी। किस्मत की बदौलत कांग्रेस धर्मशाला नगर निगम में कब्ज़ा करने में कामयाब रही लेकिन सोलन में बहुमत होते हुए भी पार्टी की फजीहत हुई। कांग्रेस के दोनों अधिकृत उम्मीदवार हार गए। यहाँ मेयर पद कांग्रेस की बागी ने कब्जाया तो भाजपा को डिप्टी मेयर का पद मिल गया। वो फैसला जिसपर हुई विपक्ष ने जमकर घेरा सुक्खू सरकार ने आते ही सैकड़ों संस्थानों को डी नोटिफाई कर दिया। संस्थानों की डेनोटिफिकेशन पर भाजपा सरकार को जमकर घेरती रही है। भाजपा का आरोप है कि इस सरकार ने 10 महीने के कार्यकाल में ही हिमाचल के 1000 से अधिक चले हुए संस्थान बंद किए बंद कर दिए थे। कई शिक्षण स्थान भी बंद हुए और निसंदेह इससे कई छात्रों को कई दिक्क्तों कि खबरें भी सामने आई।
-45वें ऑल इंडिया इलेक्ट्रीसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट संपन्न ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि आज के व्यस्त जीवन में खेल हमें तनाव मुक्त एवं स्वस्थ रखने में सहायक है। अनिरुद्ध सिंह आज सोलन जिला के कुमारहट्टी में तीन दिवसीय 45वें ऑल इंडिया इलेक्ट्रीसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी एवं निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों को आज पहले से कहीं अधिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी परिस्थितियों में खेल एवं व्यायाम जहां कर्मियों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हैं वहीं उनकी शारीरिक क्षमताओं में वृद्धि भी करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को खेलों में प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से खिलाड़ियों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। अनिरुद्ध सिंह ने इस अवसर पर ऑल इंडिया इलेक्ट्रीसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट की स्मारिका का विमोचन भी किया। उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में कबड्डी में हिमाचल की स्वर्ण पदक विजेता टीम की वंदना ठाकुर को 51 हजार रुपये का चैक भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने विजेता खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया। टूर्नामेंट के ये रहे विजेता ऑल इंडिया इलैक्ट्रीसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट में 14 इकाइयों के लगभग 100 खिलाड़ियों ने भाग लिया। डबल वर्ग में पीएसपीसीएल के हरमिंदर सिंह गिल तथा लखविंदर पाल सिंह प्रथम, यूपीएसजी के गोपाल सिंह तथा ललित कुमार द्वितीय व एचपीएसजी के सुरेेंद्र कुमार तथा वीरेेंद्र कुमार एवं ओपीटीसीएल के जय प्रकाश सिंह तथा सत्या नारायण प्रधान तृतीय स्थान पर रहे। एकल वर्ग में पीएसपीसीएल के लखविंदर पाल सिंह पहले, पीएसपीसीएल के हरमिंदर सिंह गिल दूसरे व एमएसपीजीसीएल के प्रियम शुभलोक तथा यूपीएसजी के रक्षित भंडारी तीसरे स्थान पर रहे।पुरुष टीम प्रतियोगिता में पीएसपीसीएल पंजाब प्रथम, यूपीएसजी उत्तराखंड द्वितीय व ओपीटीसीएल ओडिसा एवं बीबीएमबी पंजाब तृतीय स्थान पर रहे। कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का विधानसभा क्षेत्र में पधारने पर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस नेता रमेश चौहान, ग्राम पंचायत अन्हेच के प्रधान मोहन लाल, ग्राम पंचायत बड़ोग के उप प्रधान गुरदेव, नगर निगम शिमला के पार्षद नरेंद्र ठाकुर, हिमफेड के निदेशक मोहन मैहता, ऑल इंडिया विद्युत खेल नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जगदीश रे, महासचिव राकेश ठाकुर, अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव, पुलिस उपाधीक्षक परवाणू प्रणव चौहान सहित अन्य गणमान्य व विद्युत बोर्ड के प्रतिभागी उपस्थित थे।
भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सोलन ज़िला के 53-सोलन (अजा) निर्वाचन क्षेत्र में व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचन भागीदारी कार्यक्रम (स्वीप) के तहत इलेक्ट्रिॉनिक वोटिंग मशीन और वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के विषय में आमजन को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम 11 दिसंबर से आरंभ होंगे। यह जानकारी निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी एवं उपमण्डलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि स्वीप के तहत 53-सोलन (अजा) निर्वाचन क्षेत्र में 11 दिसम्बर, 2023 को मतदान केंद्र संख्या 87-सोलन वार्ड नंबर 9 (1) के लिए जागरूकता कार्यक्रम राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन के ग्राउंड फ्लोर स्थित विज्ञान खंड, मतदान केंद्र संख्या 88 सोलन वार्ड संख्या 9 (2) के लिए लोक निर्माण विभाग सोलन के अधिशाषी अभियंता वृत्त कार्यालय, मतदान केंद्र संख्या 91 सोलन वार्ड नंबर 11 (1) के लिए तहसील कार्यालय सोलन तथा वार्ड संख्या 92 सोलन वार्ड नंबर 11 (2) के लिए राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सोलन में प्रात: 11 बजे से सायं 3 बजे तक आयोजित होंगे। 12 दिसंबर को जागरूकता कार्यक्रम मतदान केंद्र संख्या 89 सोलन वार्ड नंबर 10 (1) के लिए डाईट सोलन, वार्ड संख्या 90 सोलन वार्ड नंबर 10 (2) के लिए डाईट-1 सोलन, वार्ड संख्या 93 सोलन वार्ड नंबर 12 (1) के लिए पुराना उपायुक्त कार्यालय (पूर्वी भाग) तथा मतदान केंद्र संख्या 94 सोलन वार्ड नंबर 12 (2) के लिए पुराना उपायुक्त कार्यालय (पश्चिमी भाग) में प्रात: 11.00 बजे से सायं 3 बजे तक आयोजित होंगे।
-कहा, युवाओं का भविष्य सुरक्षित बनाने में अध्यापकों की अहम भूमिका शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षकों का आह्वान किया कि भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप छात्रों को तैयार करने में आधुनिक तकनीक के साथ-साथ अपने अनुभव का भी लाभ उठाएं। रोहित ठाकुर गत सांय सोलन जिला के परवाणू में डीएवी पब्लिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में आयोजित 'स्पेक्ट्रा फेस्टÓ को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। रोहित ठाकुर ने दीप प्रज्जवलित कर स्पेक्ट्रा फेस्ट का विधिवत शुभारम्भ किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अध्यापक अपने अनुभव के माध्यम से छात्रों को न केवल सही राह दिखा सकते हैं अपितु भविष्य में लक्ष्य प्राप्ति में उनके पथ प्रदर्शक भी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापकों और अभिभावकों को युवाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने अध्यापकों से छात्रों के लिए पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाने का आह्वान किया और छात्रों की प्रतिभा की पहचान कर इन्हें ओर निखारने की दिशा में सकारात्मक शुरुआत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बच्चे ही हमारा भविष्य है और इन्हें निखारने तथा सवारने में सबसे बड़ा योगदान अध्यापकों का ही होता है। रोहित ठाकुर ने विद्यालय के होनहार विद्यार्थियों को उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएं दी और आशा जताई कि छात्र अपने सहपाठियों को और बेहतर करने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि वार्षिक उत्सव संस्थान में वर्षभर के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियों के लिए सम्मानित करने का अवसर होता है। इसके आयोजन से छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है और छात्रों को उचित मंच पर प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त होता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने के साथ-साथ खेल, योग तथा अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधियों को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है ताकि छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके। प्रदेश सरकार वर्ष 2026-2027 तक राज्य की प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर की 2050 पाठशालाओं को चरणबद्ध तरीके से मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में परिवर्तित करेगी। अगले शैक्षणिक सत्र से यह संस्थान गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। इसके कार्यान्वयन के लिए 31 दिसंबर, 2023 तक इनकी सूची तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए व्यापक स्तर पर सुधार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है तथा इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। रोहित ठाकुर ने कहा कि राज्य में सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई आरम्भ की जाएगी। स्कूल एडॉप्शन कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार आ सके। उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले स्कूलों और अध्यापकों को राज्य सरकार प्रोत्साहित करेगी और इसके तहत ज़िला स्तर पर 5 स्कूलों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से खोले जा रहे राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों की प्रगति की समीक्षा भी समय-समय पर की जा रही है। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. हरनीत सिंह ने इससे पूर्व मुख्यातिथि का स्वागत किया और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया जिसकी मुख्यातिथि द्वारा खूब सराहना की गई। कार्यक्रम में कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी, नगर परिषद परवाणू की पूर्व अध्यक्ष मोनिशा शर्मा, उपाध्यक्ष लखविंदर सिंह, मनोनीत पार्षद कांता कपूर, चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एच.एस लकी, सहायक आयुक्त प्रोटोकॉल महेंद्र प्रताप, पुलिस उप अधीक्षक प्रणव चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, अध्यापक, छात्र, अभिभावक और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सोलन जिला में आज राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया गया। जिले के उप मंडल नालागढ़, कसौली, अर्की तथा सोलन मुख्यालय में 11 लोक अदालत बैंचों का गठन किया गया था। इन लोक अदालतों का आयोजन अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन अरविंद मलहोत्रा की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर कुल 13016 मामलों को सुनवाई के लिए अदालत सीटिंग्स एवं लोक अदालत की विभिन्न बैंचों के समक्ष रखा गया, जिसमें से 4362 मामलों का निपटारा विभिन्न पक्षों की आपसी सहमति से किया गया तथा 33,91,26,838 रुपये राशि प्राप्त हुई। इन मामलों में 11522 मोटर व्हीकल चालानों को भी विभिन्न बैंचों के समक्ष रखा गया, जिसमें से कुल 3404 मामलों का निपटारा किया गया। यह जानकारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन आकांक्षा डोगरा जी ने दी।
-मुख्यमंत्री ने 23 मेधावियों को प्रदान किए पदक स्वर्ण -प्रत्येक स्वर्ण पदक विजेता को 10 हजार रुपये देने की घोषणा राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन जिले के नौणी स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। राज्यपाल ने 773 विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये। इसके अलावा 1305 विद्यार्थियों को बीएससी औद्यानिकी और बीएससी वानिकी, बीटेक बायो-टेक्नोलॉजी, एमबीए/एबीएम,एमएससी और पीएचडी औद्यानिकी एवं वानिकी में डिग्रियां प्रदान कीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मेधावी विद्यार्थियों को 23 स्वर्ण पदक प्रदान किये, जिनमें से 20 स्वर्ण पदक छात्राओं को प्रदान किये गये। राज्यपाल ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक शिक्षा राकेश चंद अग्रवाल को मानद उपाधि भी प्रदान की। राज्यपाल ने युवाओं से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्टार्ट-अप योजनाओं का लाभ उठा कर समाज के विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें स्वरोजगार की ओर अग्रसर होना चाहिए और रोजगार प्रदाता बन कर अन्य लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना चाहिए। स्वर्ण पदक विजेताओं और डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने उनसे राष्ट्र निर्माण में योगदान का आह्वान किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छात्राओं को सर्वाधिक डिग्रियां एवं स्वर्ण पदक मिले हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने शोध कार्य को खेतों तक ले जाएं ताकि किसान इससे लाभान्वित हो सकें। वैज्ञानिकों द्वारा किया गया शोध प्रयोगशालाओं और किताबों से निकलकर व्यवहारिक रूप से खेतों तक पहुंचना आवश्यक है। युवा वैज्ञानिकों का कर्त्तव्य है कि वे किसानों की समस्याओं का उनके खेतों में जाकर समय पर इसका समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि युवा ही समाज में बदलाव ला सकते हैं। डिग्री प्राप्त करने का अर्थ केवल रोजगार अर्जित करना नहीं, बल्कि समाज कल्याण की दिशा में इसका उपयोग करना है। उन्होंने कहा कि डिग्रीधारकों को 'एक भारत, श्रेष्ठ भारतÓ की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने विभिन्न रासायनिक कीटनाशकों पर किसानों की निर्भरता कम करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह तभी संभव है जब किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय ने प्राकृतिक कृषि प्रणाली अपनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्यपाल ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की रैंकिंग में नौणी विश्वविद्यालय के प्रदर्शन में और सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक प्रबंधन प्रणाली शुरू करना सराहनीय है। यह प्रणाली विश्वविद्यालय को शिक्षा और डिजिटलीकरण में सर्वोत्तम शैक्षणिक पद्धतियों को अपनाने और अकादमिक रिकॉर्ड का डेटा बैंक तैयार करने में मदद करेगी। उन्होंने अंत: विषय अध्ययन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर भी बल दिया और कहा कि अनुसंधान और नवोन्मेष का उपयोग करके ही देश तथा विश्व के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर में अनुसंधान समय की मांग है। उन्होंने बदलते परिप्रेक्ष्य में कार्यों में गति एवं गुणवत्ता लाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए ई-शिक्षा और तकनीक के उपयोग पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर मेधावी छात्रों को बधाई दी और प्रत्येक स्वर्ण पदक विजेता को 10,000 रुपये की सम्मान राशि देने की घोषणा की। उन्होंने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि चुनौतियां जीवन का एक हिस्सा हैं और सकारात्मक सोच से चुनौतियों पर विजय हासिल कर सफलता पाई जा सकती है। उन्होंने युवाओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पहचानने और संरक्षित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और 23 स्वर्ण पदक विजेताओं में से 20 लड़कियां हैं। राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और कई जिलों में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाएगा। समाज के विकास में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रदेश सरकार लड़कियों की विवाह योग्य आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने पर विचार कर रही है और इस विषय पर परामर्श के लिए एक समिति का गठन किया गया है। अपने छात्र जीवन से जुड़ी यादों को साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन के बेहतर साल हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में बिताए और उसके बाद सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि युवा हिमाचल प्रदेश का भविष्य हैं। विवेकानंद योगा और मेडीटेशन सेंटर का किया लोकार्पण इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने 1.16 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित कौशल विकास छात्रावास और 40 लाख रुपये की लागत से निर्मित विवेकानंद योगा और मेडीटेशन सेंटर का लोकार्पण किया। डॉ.यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेश्वर चंदेल ने विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों और अन्य गतिविधियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अनुसंधान के क्षेत्र में विशेष कार्य किया है। उन्होंने प्राकृतिक खेती और विकास में अनुसंधान के लिए चार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अगले शैक्षणिक सत्र से प्राकृतिक खेती में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरम्भ किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय में अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 2.50 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं और यह राशि 41 परियोजनाओं के माध्यम से विभिन्न विभागों को आवंटित की जाएगी। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नरेंद्र चौहान ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
सोलन में जिला न्यायालय परिसर में आयोजित जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में बीएएलएलबी और एलएलबी कार्यक्रमों के शूलिनी विश्वविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य छात्रों को विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों में अपनाई जाने वाली पद्धतियों और तकनीकों से परिचित कराना था। विनीत कुमार सहायक प्रोफेसर, शूलिनी विश्वविद्यालय के कानूनी विज्ञान संकाय में सहायक प्रोफेसर और डॉ. कुसुम वर्मा छात्रों ने छात्रों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला और सत्र न्यायाधीश, और न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम या द्वितीय श्रेणी के न्यायालय में कार्यवाही देखने का सौभाग्य मिला। छात्रों ने कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत स्थापित इसकी वैधानिक स्थिति के साथ वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में लोक अदालत की भूमिका में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त की। इस दौरे ने छात्रों को तलाक, संविदात्मक विवादों, सेवा मामलों और समझौता योग्य आपराधिक मामलों सहित विभिन्न मामलों से संबंधित लोक अदालत की कार्यवाही देखने का अवसर प्रदान किया। डॉ. नंदन शर्मा एसोसिएट डील फैकल्टी ऑफ लीगल साइंसेज ने कहा, इस पहल ने न केवल छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान को व्यापक बनाया बल्कि कानूनी परिदृश्य में वैकल्पिक विवाद समाधान के महत्व को भी मजबूत किया।
-सर्वश्रेष्ठ साहसिक पर्यटन गंतव्य और इको पर्यटन गंतव्य बना हिमाचल -प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने हासिल किए पुरस्कार -मुख्यमंत्री ने हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र में उदारतापूर्वक निवेश का किया आह्वान हिमाचल प्रदेश ने शुक्रवार देर सायं नई दिल्ली में आयोजित आउटलुक ट्रैवलर अवॉर्ड्स-2023 समारोह में दो प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते। इस समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे। उन्होंने विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। हिमाचल प्रदेश ने कांगड़ा जिले के बीड़-बिलिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ साहसिक पर्यटक गंतव्य स्वर्ण श्रेणी और लाहौल-स्पीति जिले के स्पीति के लिए सर्वश्रेष्ठ इको-पर्यटन गंतव्य स्वर्ण श्रेणी में पुरस्कार जीते। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने यह पुरस्कार प्राप्त किए। मुख्यमंत्री सुक्खू ने निवेशकों से हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र में उदारतापूर्वक निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन परियोजनओं को शीघ्र स्वीकृति की सुविधा प्रदान करेगी। हिमाचल सभी मौसमों के लिए उपयुक्त पर्यटन गंतव्य है। यहां की घाटियां, बर्फ से ढकी घाटियां, हरा-भरा वन क्षेत्र, जल निकाय और शानदार होम-स्टे पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों के यात्रा अनुभव को और शानदार बनाने के लिए प्रयासरत है और इसके लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। ठहरने के लिए शानदार होम-स्टे भी विकसित किए जाएंगे जिससे पर्यटक नजदीक से यहां के जन-जीवन व वादियों को निहार सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नए पर्यटन गंतव्यों को विकसित कर, पर्यटन अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण कर रही है। पर्यटकों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान कर रही है ताकि वे अधिक अवधि तक यहां समय बिताएं और प्रदेश की आर्थिकी में वृद्धि हो। प्रदेश में हवाई सेवा में सुधार के दृष्टिगत कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के साथ-साथ सभी जिला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट निर्मित्त किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रतिवर्ष लगभग 5 करोड़ पर्यटकों का आगमन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और राज्य सरकार कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कांगड़ा घाटी में पर्यटक अधोसंरचना विकसित करने के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये व्यय करेगी। वन्य जीव पर्यटन में रुचि रखने वाले पर्यटकों को प्रोत्साहित करने के लिए कांगड़ा जिला में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल धार्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र है, प्रदेश प्रसिद्ध शक्तिपीठों की भूमि है और शीघ्र ही प्रदेश आध्यात्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र बन कर उभरेगा। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में ईको-टूरिज्म को भी बड़े पैमाने पर विकसित करने पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मार्च, 2026 तक हिमाचल को देश के हरित राज्य के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है और राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अभिनव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, नवीकरण ऊर्जा के अन्य स्रोतों के दोहन पर बल दे रही है। प्रदेश सरकार डीजल वाहनों के स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा प्रदान कर रही है। आउटलुक ट्रैवलर की प्रकाशक मीनाक्षी मेहता ने मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर आउटलुक ग्रुप के सीईओ इंद्रनील राय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। विभिन्न पुरस्कार विजेता राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद-सत्र आयोजित किए गए। इस अवसर पर गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के ओएसडी केएस बांशटू, पत्रिका की संपादक आनंदिता घोष और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
न्यायालय ने मामले में 3 जनवरी, 2024 तक मांगा जवाब सुबाथू कॉलेज में पढ़ने वाले 150 विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। हिमाचल उच्च न्यायालय ने कॉलेज के सरकारी अधिग्रहण की अधिसूचना रद्द करने के सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने इस मामले में 3 जनवरी, 2024 तक जवाब मांगा है। मामले में कॉलेज के छात्र-अभिभावक एसोसिएशन ने एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की थी। उच्च न्यायालय में तर्क दिया गया कि कॉलेज में करीब 150 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिसमें 90 से 95 लड़कियां हैं। इनमें ज्यादातर विद्यार्थी अनुसूचित जनजाति के हैं। अब छात्रों की परीक्षाओं का समय है। ऐसे में इस तरह से कॉलेज की अधिसूचना रद्द करना सही नहीं है। उधर, सुबाथू कॉलेज के पूर्व सचिव मनीष गुप्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सुबाथू कॉलेज के सरकारी अधिग्रहण की अधिसूचना रद्द करने के मामले में रोक लगा दी है। इससे छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। वहीं, कॉलेज प्रधानाचार्य ने कहा कि जैसे ही उनके पास आदेश पहुंचेंगे, वे कक्षाएं शुरू कर देंगे।
शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री रोहित ठाकुर कल सोलन जिला के प्रवास पर आ रहे हैं। वे सायं 5 बजे सोलन के परवाणू की डीएवी पब्लिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला परवाणू में आयोजित 'स्पीट्रा फेस्ट' में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह 10 दिसंबर को सोलन के प्रवास पर आ रहे हैं। वे दोपहर बाद 2 बजे सोलन के कुमारहट्टी स्थित राजा वीरभद्र सिंह मल्टीपर्पज हॉल में आयोजित किए जा रहे 45वें ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।
प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल कल प्रात: 11.00 बजे डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 12वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कल सोलन के प्रवास पर आ रहे हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रात: 11.10 बजे डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 12वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। उनके साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल भी उपस्थित रहेंगे।
-कहा, बिजली उपभोक्ताओं को अधिक सुविधाएं देना सरकार की प्राथमिकता -प्रतियोगिता में 14 इकाइयों के 100 खिलाड़ी ले रहे भाग मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने आज सोलन ज़िला के कुमारहट्टी में तीन दिवसीय 45वें ऑल इंडिया इलैक्ट्रीसिटी स्पोर्टस कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट का शुभारंभ किया। मुख्य संसदीय सचिव ने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड को ऑल इंडिया स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिटन प्रतियोगिता के आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि सरकारी कार्य के साथ-साथ खेलकूद प्रतियोगिताएं कर्मचारियों को और अधिक सक्षम एवं तनावमुक्त रखती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निरन्तर कार्य किया जा रहा है। हमीरपुर में विद्युत बोर्ड के मुख्य अभियन्ता का कार्यालय खोला जा रहा है। इससे उपभोक्ताओं को व्यापक स्तर पर लाभ होगा। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में 74,817 नए उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। 52.334 एमवीए के 588 नए वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित गए हैं। 2.48 किलोमीटर ई.एच.वी., 326.934 किलोमीटर एचटी लाईन, 676.283 किलोमीटर एल.टी. लाइन बिछाई गई है और एक 33 केवी का सब स्टेशन भी स्थापित किया गया है। सीपीएस ने कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली बोर्ड की विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए पोर्टल विकसित किया गया है। पोर्टल के माध्यम से सेवा कनेक्शन, बिजली उपलब्धता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना, डीजी सेट के लिए एन.ओ.सी का आवेदन, बिल भुगतान, शिकायत दर्ज करना आदि सुविधाएं सुलभ हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य को हरित राज्य बनाने के उद्देश्य से विद्युत बोर्ड इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए परिवहन विभाग तथा विभिन्न तेल कंपनियों के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इस अखिल भारतीय प्रतियोगिता में 14 इकाइयों के लगभग 100 खिलाड़ियों सहित 60 प्रबंधन के सदस्य भी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के कर्मचारियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चौहान, एचपीएसईबीएलएसओ के निदेशक परिचालन मनोज उप्रेती, एचपीएसईबीएलएसओ महासचिव राकेश कुमार, अधीक्षण अभियंता हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड सोलन विनोद वर्मा, अधीक्षण अभियन्ता हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड नाहन दर्शन कुमार सहित विद्युत बोर्ड के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
शूलिनी विश्वविद्यालय ने परिसर में बदलाव लाने वाले समर्पित स्वयंसेवकों को सम्मानित करने क लिए अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस मनाया। इस कार्यक्रम ने स्वयंसेवकों की एक विविध सभा को एक साथ लाया, जिससे उनके महान प्रयासों के गहन प्रभाव पर साझा अनुभवों और प्रतिबिंबों के लिए एक मंच तैयार हुआ। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से छात्र स्वयंसेवा के माध्यम से विकास और प्रगति की व्यक्तिगत कहानियाँ साझा करने के लिए एकत्र हुए। इस अवसर पर इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे स्वयंसेवा जीवन कौशल में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करती है। प्रशंसा के प्रतीक के रूप में, स्वयंसेवकों को उनकी विभिन्न गतिविधियों के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जो परिसर और उसके बाहर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए उनके समर्पण और प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हैं। उत्साहित प्राप्तकर्ताओं में यूवीकैन के स्वयंसेवक भी शामिल थे, जिन्हें स्टार खिलाड़ी युवराज सिंह द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र प्राप्त हुए थे। छात्र कल्याण अधिष्ठाता पूनम नंदा ने स्वयंसेवकों के जीवंत समुदाय के प्रति अत्यधिक गर्व और आभार व्यक्त किया। नंदा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हमें अपने छात्रों के निस्वार्थ योगदान को पहचानने और उसका जश्न मनाने का अवसर प्रदान करता है। स्वयंसेवा केवल एक सेवा नहीं है; यह व्यक्तिगत वृद्धि और विकास की यात्रा है।
शूलिनी विश्वविद्यालय ने हिमाचल उपभोक्ता संरक्षण परिषद (एचयूएसपी) और कंज्यूमर वॉयस के सहयोग से 'पैकेजित खाद्य पदार्थों के हानिकारक प्रभावों और पैक लेबल के माध्यम से स्वास्थ्य की सुरक्षा पर कार्यशाला' का आयोजन किया। कार्यशाला में छात्रों और संकाय सदस्यों की प्रभावशाली उपस्थिति देखी गई, सभी एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता में एकजुट हुए। चांसलर प्रोफेसर पीके खोसला ने समग्र स्वास्थ्य पर पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। यह पहल एचयूएसपी की अपने प्रभावशाली अभियानों को हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक विस्तारित करने, भविष्य के प्रभावशाली और निर्णय निर्माताओं के रूप में छात्रों तक पहुंचने की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। एचयूएसपी के अध्यक्ष जोगिंदर कंवर ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और जागरूकता फैलाने में सामूहिक प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके संक्षिप्त परिचय ने एक आकर्षक और सूचनाप्रद कार्यशाला की रूपरेखा तैयार की। कंज्यूमर वॉयस, नीलांजना बोस ने इस विषय पर व्यापक परिचय दिया, जिससे बाद की चर्चाओं के लिए मंच तैयार हुआ। उपभोक्ता अधिकारों के प्रति उनकी विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता स्पष्ट थी क्योंकि उन्होंने आज के तेजी से बदलते उपभोक्ता परिवेश में सूचित विकल्पों के महत्व को रेखांकित किया। प्रोफेसर रोहित गोयल शूलिनी विश्वविद्यालय ने असंसाधित खाद्य पदार्थों के गुणों और प्रसंस्कृत विकल्पों पर भरोसा करने के खतरों पर प्रकाश डाला। सृष्टि माथुर ने किसी के स्वास्थ्य की सुरक्षा के व्यावहारिक तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। शूलिनी विश्वविद्यालय के डीन अकादमिक डॉ नरिंदर वर्मा ने कार्यशाला की सफलता में उनके अमूल्य योगदान के लिए सभी प्रतिभागियों, आयोजकों और वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव दिया। प्रो. वर्मा ने भविष्य को आकार देने में शिक्षा जगत की भूमिका पर जोर दिया और युवाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक मूल्यों को स्थापित करने के सहयोगात्मक प्रयास की सराहना की।
राजकीय उच्च विद्यालय खरड़हट्टी अपना वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह 9 दिसंबर को विद्यालय प्रांगण में आयोजित किया जाएगा। मुख्याध्यापक मनोज ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि तारा चंद शर्मा समाजसेवी एवं संस्थापक शिवा स्टोन क्रशर होंगे। इसके अलावा रोशन लाल जगोता समाजसेवी एवं संस्थापक भगवती स्टोन क्रशर विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद होंगे। मुख्याध्यापक ने बताया कि इस मौके पर स्कूली बच्चों द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। कार्यक्रम के अंत में मुख्यातिथि द्वारा वर्ष भर की उपलब्धियों के लिए बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। विद्यालय द्वारा सभी अभिभावकों व अन्य लोगों को इस कार्यक्रम में पहुंचने की अपील की गई है।
-सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना शुरू प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में अब ट्रैफिक पुलिस के साथ ट्रैफिक वालंटियर भी ट्रैफिक कंट्रोल करते दिखाई देंगे। इसी कड़ी में प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने वीरवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना का शुभारंभ किया। राज्य में यातायात के बेहतर प्रबंधन, सड़क सुरक्षा और जन जागरूकता के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। यदि जिला मुख्यालयों में ट्रैफिक वलंटियर योजना सफलतापूर्वक संचालित होती है तो इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। स्कीम के तहत राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु के स्वैच्छिक लोगों का एक समूह होगा, जो सेवा की भावना से यातायात प्रबंधन और जागरूकता में भाग लेगा और विभिन्न यातायात कार्यों को नि:शुल्क करने में योगदान देगा। स्वयंसेवकों का अनुरोध प्राप्त होने के बाद जिला एएसपी, डीएसपी मुख्यालय व एसडीपीओ उन्हें बातचीत के लिए बुलाएंगे और सत्यापन करेंगे। इसके बाद जिला एसपी की मंजूरी के बाद ट्रैफिक वालंटियर की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। ट्रैफिक जन जागरूकता के लिए योजना में लड़कियों व महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। जिला एसएसपी द्वारा रिफ्लैक्टिव सुरक्षा जैकेट, टोपी और आईडी कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस पर प्रमुखता से ट्रैफिक वालंटियर लिखा होगा, ताकि आम जनता को उनकी पहचान ट्रैफिक पुलिस से अलग दिखे।
डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी का 12वां दीक्षांत समारोह 9 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ल दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह विश्वविद्यालय के डॉ. एलएस नेगी सभागार में आयोजित होने वाले समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में राज्य और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कई गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे। दीक्षांत समारोह के दौरान औदयानिकी एवं वानिकी, बीटेक बायोटेक्नोलॉजी और एमबीए कार्यक्रमों में 658 स्नातक, और 565 स्नातकोत्तर और 88 डॉक्टरेट डिग्रियों सहित कुल 1,311 डिग्रियां प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, दीक्षांत समारोह के दौरान 23 स्वर्ण पदक और 773 मेरिट प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। सतलुज जल विद्युत निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (शिक्षा) डॉ. आरसी अग्रवाल को उनके संबंधित क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए दीक्षांत समारोह के दौरान मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान एक कौशल विकास छात्रावास और विवेकानंद योग और ध्यान केंद्र का भी उद्घाटन किया जाएगा।
मुख्य संसदीय सचिव (बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा, पर्यटन, वन तथा परिवहन) सुंदर सिंह ठाकुर 8 दिसंबर को सोलन के प्रवास पर आ रहे हैं। वे सुबह 10.30 बजे सोलन के कुमारहट्टी में 45वें ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट के शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।
सोलन नगर निगम में आज महापौर एवं उप महापौर का निर्वाचन हुआ। जानकारी देते हुए प्राधिकृत अधिकारी एवं अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने कहा कि नगर निगम सोलन में महापौर पद के लिए आयोजित निर्वाचन में वार्ड नंबर 12 की ऊषा शर्मा को निर्वाचित घोषित किया गया। उन्हें 11 तथा अन्य उम्मीदवार सरदार सिंह ठाकुर को 6 मत प्राप्त हुए। वहीं, उप महापौर पद के लिए आयोजित निर्वाचन में वार्ड नंबर 13 की मीरा आंनद को निर्वाचित घोषित किया गया। उन्हें 12 तथा अन्य उम्मीदवार संगीता ठाकुर को 5 मत प्राप्त हुए। नवनिर्वाचित महापौर ऊषा शर्मा तथा उप महापौर मीरा आंनद को अजय यादव ने पद और गोपनीयता की शपथ भी दिलाई।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने प्रदेश एवं जिला वासियों से आग्रह किया है कि वह सशस्त्र सेना झंडा दिवस के उपलक्ष्य पर उदारतापूर्वक अंशदान करें। डॉ. शांडिल ने सभी को सशस्त्र सेना झंडा दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा कि 7 दिसंबर को देश में सशस्त्र सेना झंडा दिवस आयोजित किया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य उन वीर सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करना है जिन्होंने अपना सर्वस्व देश की रक्षा के लिए न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि यह दिवस भारतीय सेना के रणबांकुरों, पूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों के प्रति हमारे उत्तरदायित्व को स्मरण करवाने का दिवस भी है। उन्होंने कहा कि इस दिवस पर दिया गया अंशदान सैनिकों के प्रति हमारा सम्मान है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर एकत्रित धनराशि पूर्व सैनिकों, युद्ध वीरांगनाओं एवं उनके आश्रितों के कल्याण पर व्यय की जाती है। डॉ. शांडिल ने कहा कि हिमाचल को वीरभूमि के नाम से जाना जाता है। प्रदेश के वीर सैनिक मातृभूमि की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे हैं। प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित बना रही है कि सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को किसी समस्या का सामना ना करना पड़े। उप निदेशक सैनिक कल्याण कर्नल (सेवानिवृत) सुरेश कुमार अग्निहोत्री ने इस अवसर पर स्वास्थ्य मन्त्री को झण्डा 'पिनअपÓ किया। उन्होंने सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह सहित अन्य अधिकारियों को भी झंडा 'पिनअपÓ कर सशस्त्र सेना झंडा दिवस का विधिवत शुभारंभ किया।
हर्बालाइफ इंडिया, एक प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण कंपनी, ने आज अपने ऑनलाइन एमबीए और बीबीए कार्यक्रमों के एक भाग के रूप में प्रत्यक्ष बिक्री के विषय को पेश करने के लिए शूलिनी विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन हर्बालाइफ इंडिया के सहयोग से शूलिनी विश्वविद्यालय में शिक्षा में प्रत्यक्ष बिक्री के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीईडीएसए) के पुनर्गठन का प्रावधान करता है। दोनों संगठनो के बीच इस समझ के साथ, विश्वविद्यालय में एमबीए और बीबीए पाठ्यक्रम अब 'डायरेक्ट सेलिंग मैनेजमेंटÓ में विशेषज्ञता के साथ पढाई करेंगे। नए पुनर्गठित कार्यक्रम अगले शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से शुरू होंगे। यह पाठ्यक्रम छात्रों को उद्योग में मौजूद कॉर्पोरेट और उद्यमशीलता के अवसरों से परिचित कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। शूलिनी यूनिवर्सिटी के सह संस्थापक और अध्यक्ष मार्केटिंग एंड इनोवेशन, आशीष खोसला ने कहा कि मुझे इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के माध्यम से शूलिनी यूनिवर्सिटी और हर्बालाइफ इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड इंडिया के बीच एक रणनीतिक साझेदारी की औपचारिक घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। यह सहयोग नवाचार, अनुसंधान और समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हर्बालाइफ के साथ जुड़कर, हमारा लक्ष्य एक गतिशील मंच बनाना है जो अकादमिक विशेषज्ञता को उद्योग अंतर्दृष्टि के साथ जोड़ता है, जो समावेशी उद्यमिता, बिक्री, स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में वृद्धि और विकास के अद्वितीय अवसरों के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। हर्बालाइफ इंडिया के एसवीपी और एमडी, अजय खन्ना ने सहयोग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें शूलिनी यूनिवर्सिटी के साथ अपने सहयोग की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। एमओयू पर हस्ताक्षर प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की गहरी समझ को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत में उद्योग का तेजी से विस्तार हो रहा है, जहां देश वैश्विक स्तर पर 11वें स्थान पर पहुंच गया है। इसलिए, एमबीए पाठ्यक्रम में डायरेक्ट सेलिंग के लिए समर्पित एक संरचित कार्यक्रम की मांग समय की मांग है। यह रणनीतिक गठबंधन न केवल छात्रों को इस गतिशील उद्योग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल और अंतर्दृष्टि से लैस करेगा बल्कि भारत में प्रत्यक्ष बिक्री क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर भी ले जाएगा। पिछले साल वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (डब्ल्यूएफडीएसए) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डायरेक्ट सेलिंग की वैश्विक रैंकिंग में भारत वर्तमान में 11वें स्थान पर पहुंच गया है। यह उद्योग लगभग छह मिलियन लोगों को रोजगार देता है, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, यह क्षेत्र युवाओं के लिए करियर विकल्पों और महिलाओं सहित टियर 2 और 3 शहरों के व्यक्तियों को रोजगार देने के साथ लचीला बनकर उभरा है। बड़े सहयोग के हिस्से के रूप में, शूलिनी यूनिवर्सिटी हर्बालाइफ इंडिया के साथ डायरेक्ट सेलिंग को अपने पाठ्यक्रम में एक आशाजनक विषय के रूप में पेश करने के इच्छुक शैक्षणिक संगठनों को शिक्षण मॉड्यूल प्रदान और सुविधा प्रदान करेगी। डायरेक्ट सेलिंग उद्योग पेशेवरों को पूर्णकालिक कैरियर विकास और उद्यमिता को आगे बढ़ाने का मौका प्रदान करता है। विकास के लिए कौशल वृद्धि अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह पेशेवरों को उनकी नेतृत्व और बिक्री क्षमताओं को निखारने में मदद करती है। इस सहयोग का उद्देश्य भारत में रोजगार, आर्थिक विकास और उद्यमिता के उत्प्रेरक के रूप में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग को बढ़ावा देना है।
-सरकार ने सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई प्रदेश सरकार सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे नित नए प्रयोग, तकनीक और अनुसंधानों का उपयोग कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्य में इस क्षेत्र में आवश्यक अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए, सरकार प्रदेशभर में 40 शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर स्थापित करने पर विचार कर रही है। यह केंद्र राज्य के लोगों को घर-द्वार के समीप आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में नई आशा की किरण साबित होंगे। प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर में एक समर्पित स्वास्थ्य टीम होगी, जिसमें एक चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का विस्तार और सुदृढ़ीकरण आवश्यक है। सार्वभौमिक व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के महत्व पर बल देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, मरीजों की संख्या और मृत्यु दर कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे दूसरे और तीसरे स्तर के ईलाज की आवश्यकता कम होती है, जिससे उपचार पर होने वाला खर्च भी कम होता है। वर्तमान में, एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 50,000 व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। इस दूरदर्शी और महत्त्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य वेलनेस केन्द्र द्वारा लगभग 20,000 लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है ताकि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रणनीतिक पहल अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।इन शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना एक मजबूत और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह नवीन प्रयास शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों और आजीविका के लिए अन्य राज्यों से आए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। यह पहल हालिया कोविड-19 महामारी के दौरान देखी गई फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यबल की कमी का भी समाधान प्रदान करेगी। सुक्खू ने कहा कि यह महत्वाकांक्षी योजना सर्वजन तक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध करवाने में मील पत्थर साबित होगी, जिसके माध्यम से शहरों में स्वास्थ्य क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान सुनिश्चित हो सकेगा।
बीएल सेंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार के एनसीसी कैडेट्स ने प्रथम छात्र वाहिनी एनसीसी सोलन के मार्गदर्शन में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया। जानकारी देते हुए विद्यालय के एनसीसी अधिकारी अमर देव ने बताया कि विद्यालय में एनसीसी सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं करवाई गईर्ं। सभी विजेता व उप विजेता कैडेट्स को विद्यालय प्रधानाचार्य द्वारा पारितोषिक देकर पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने कैडेट्स को सशस्त्र सेना झंडा दिवस की बधाई दी। वहीं प्रधानाचार्य ने झंडा दिवस की बधाई और कैडेट्स को एकता, अनुशासन, सामजिक सेवा, देश सेवा और कैडेट्स को भारतीय सेना में सेवाएं देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने एएनओ अमर देव की इस प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करने और कार्य की सराहना की। इस अवसर पर विद्यालय मुख्याधापिका सुषमा शर्मा और अन्य अध्यापक मौजूद रहे।
अटल शिक्षा कुंज स्थित आईईसी विश्वविद्यालय के प्रांगण में फ्रेशर पार्टी "आगाज़ 12.0" का आयोजन धूमधाम के साथ किया गया जिसमें प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने भांगड़ा, नृत्य, नाटी, गायन और डांस आदि की मनोरंजक प्रस्तुतियों में उत्साह के साथ भाग लिया। उन्होंने रैंप-वॉक और अपनी विभिन्न प्रतिभाओं को प्रदर्शित कर निर्णायक मंडल को प्रभावित किया। इस अवसर पर स्टार नाईट में उपस्थित पंजाबी गायक ग्रैंन सिद्धू और साहिब धालीवाल आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे। उन्होंने अपनी मनमोहक आवाज़ और अलग अंदाज से सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले समस्त प्रतिभागियों को आईईसी विश्वविद्यालय की मैनेजमेंट ने बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों का संपूर्ण विकास होता है और उनमें आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। उन्होंने विजेता मिस फ्रेशर मुस्कान, मिस्टर फ्रेशर गगनदीप, मिस टैलेंट प्रियंका मेहता, मिस्टर टैलेंट चुमेश, मिस पर्सनॅलिटी प्रियंका और मिस्टर पर्सनॅलिटी काविश को सम्मानित कर विद्यार्थियों को बधाई दी। कार्यक्रम में वरिष्ठ विद्यार्थियों ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया और अपने सहयोग से कार्यक्रम को और बेहतर बनाया। देर रात तक चले इस मनोरंजक कार्यक्रम में आईईसी विश्वविद्यालय के सभी अध्यापक वर्ग तथा कर्मचारी वर्ग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में भाग लेने वाले समस्त। छात्रों को आईईसी विश्वविद्यालय की मैनेजमेंट ने बधाई दीl
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि सोलन के कथेड़ में अत्याधुनिक बहुविशेषज्ञ अस्पताल में एयर एम्बुलेंस के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी ताकि आपात स्थिति में रोगी को हर सम्भव सहायता प्रदान की जा सके। डॉ. शांडिल ने प्रदेश के मुख्य वास्तुकार राजीव शर्मा को ट्रामा सेंटर की छत पर एयर एम्बुलेंस के लिए हेली पेड बनाने के सम्बन्ध में उचित दिशा-निर्देश भी दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल के निर्माण का कार्य प्रगति पर है और इसे निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल के निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। डॉ. शांडिल ने कहा कि लोगों को विश्व स्तर की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सोलन के कथेड़ में लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से बहुविशेषज्ञ अस्पताल तथा 30 करोड़ रुपए की लागत से मातृ-शिशु अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में तृतीय स्तर के ट्रामा सेंटर का निर्माण भी किया जाएगा। इस अवसर पर नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, मनोनीत पार्षद विजय ठाकुर, अस्पताल रोगी कल्याण समिति के सदस्य विनीश धीर, अजय कंवर, संधीरा दुल्टा, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी, उपमंडलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.एल. वर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
आज विकास खण्ड अधिकारी कार्यालय कुनिहार में लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। कॉमन सर्विस सेंटर दाड़लाघाट के प्रबंधक जगदीश ने जानकारी देते हुए बताया कि आयुष्मान भारत योजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना से अस्पतालों में हजारों की संख्या में मरीजों का इलाज हो चुका है, जिसके लिए सभी लोगों को यह आयुषमान कार्ड बनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी परिवार को हर साल पांच लाख रुपये तक का इलाज मिलने का प्रावधान है। इसके लिए परिवार के हर सदस्य का आयुष्मान कार्ड होना जरूरी है। योजना का लाभ देने के लिए खंड विकास अधिकारी कार्यालय कुनिहार में लोगों के कार्ड बनाने के लिए विभाग की ओर से एक दिवसीय कैंप लगाकर कार्ड बनाए गए। इसके लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। आज कुनिहार में 30 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनी राम शांडिल ने सोलन के कथेड़ में बहु उद्देशीय अस्पताल के निर्माण कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैैं। उन्होंने आज सोलन के कथेड़ में अस्पताल के निर्माणाधीन भवन कार्य का निरीक्षण किया और अधिकारियों को इस निर्माण कार्य को समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि कथेड़ में मातृ-शिशु अस्पताल और क्रिटिकल केयर सेंटर भी निर्मित किया जा रहा है। निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल के निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। स्वास्थ्य मन्त्री ने विद्युत बोर्ड के अधिकारियों को निर्माण स्थल पर हाई टैंशन वायर को अन्यत्र स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल सोलन, शिमला, सिरमौर के साथ-साथ पर्यटकों के लिए जीवन रक्षक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल के निर्माण कार्य को समय पर पूरा करना और निर्माण कार्य की गुणवत्ता विश्व स्तरीय बनाए रखने के लिए वह स्वयं नियमित तौर पर निरीक्षण सुनिश्चित बना रहे है। निर्माण कार्य में संलग्न सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदार को निर्देश दिए गए है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। डॉ. शांडिल ने कहा कि लोगों को विश्व स्तर की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सोलन के कथेड़ में लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से विश्व स्तरीय अत्याधुनिक बहुविशेषज्ञ अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। यहां लगभग 30 करोड़ रुपए की लागत से मातृ-शिशु इकाई का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में त्वरित उपचार के दृष्टिगत हैलीकॉप्टर उतारने की सुविधा भी होगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में तृतीय स्तर के ट्रॉमा सेंटर के निर्माण से प्रदेश के इस महत्वपूर्ण राजमार्ग पर आपातकालीन परिस्थितियों में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। इस अवसर पर जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, मनोनीत पार्षद रजत थापा, शहरी कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अंकुश सूद, रोगी कल्याण समिति के सदस्य विनीश धीर, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी, अजय कंवर, अतिरिक्त उपायुक्त अजय यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, उपमंडलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, प्रदेश विद्युत बोर्ड के अतिरिक्त अधीक्षण अभियन्ता राहुल वर्मा, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियन्ता सुमित सूद सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने आज एनसेंबल एजुकेशन इनोवेशनज के केन्द्र का शुभारम्भ किया। यह केन्द्र सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए सहायक सिद्ध होगा। डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर कहा कि यह केन्द्र युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान कर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने केन्द्र के संचालकों को अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा जताई कि केन्द्र प्रदेश के युवाओं को लक्ष्य प्राप्ति के लिए उचित मार्गदर्शन एवं आवश्यक शिक्षा प्रदान करेगा। डॉ. शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर शिक्षा सुविधाएं एवं अवसर प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा के लिए मेधावी विद्यार्थियों को 20 लाख रुपए का ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करवा रही है। इससे मेधावी छात्र अपने भविष्य की चिंता से मुक्त हुए हैं। इस अवसर पर जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, खण्ड कांग्रेस समिति सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, शहरी कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष अंकुश सूद, नगर निगम सोलन के मनोनीत पार्षद रजत थापा तथा विजय ठाकुर, आज के कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संजय शांडिल, अकादमिक प्रमुख डॉ. एस. मुखर्जी सहित अकादमिक के शिक्षक मौजूद रहे।
बद्दी में ज़िला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन समारोह आयोजित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण एवं इन तक विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ समय पर पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प है। डॉ. शांडिल आज सोलन ज़िला के बद्दी में आयोजित ज़िला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। डॉ. शांडिल ने कहा कि दिव्यांग का अर्थ यह नहीं कि वे किसी से कमज़ोर हैं बल्कि दिव्यांगजन में आम लोगों की तुलना अधिक आत्मबल और इच्छा शक्ति होती है। कोई भी दिव्यांग अपने आप को दिव्यांग न समझे बल्कि अपने आत्मबल के माध्यम से जीवन में सदैव ऊंचा उठने का प्रयास करें। समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए अवसर सृजित करने के लिए कई कदम उठाए हैं ताकि वह आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि सभी के साथ अच्छा व्यवहार आवश्यक है। दिव्यांगजनों को आत्मविश्वास और आत्मबल प्रदान करने में अच्छा व्यवहार ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग व्यक्ति का जीवन साधारण होता हैं हमें उनका मार्गदर्शन करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा ज़िला सोलन में दिव्यांग राहत भत्ता(पेंशन) के तहत 4537 पात्र दिव्यांगजनों को लगभग 3.65 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी अपंग राहत भत्ता के 119 लाभार्थियों को लगभग 12.09 लाख रुपए की राशि तथा 79 दिव्यांग छात्रों को लगभग 7.74 लाख रुपए की राशि प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगों को सरकारी नौकरी में 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है ताकि इनका जीवन बेहतर बन सके। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार के गठन के तुरंत बाद अपने पहले निर्णय में समाज के संवेदनशील आश्रित वर्ग का सहारा बनने का संकल्प लेते हुए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 27 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को 4,000 रुपये मासिक जेब खर्च, कोचिंग के लिए एक लाख, तीन बिस्वा भूमि और मकान निर्माण के लिए 3 लाख रुपये, विवाह के लिए दो लाख रुपये का अनुदान और सूक्ष्म व लघु उद्योग लगाने के लिए दो लाख रुपये का अनुदान प्रदान कर रही है। सुखाश्रय योजना के तहत मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष का भी गठन भी किया गया है जिसमें लगभग 04 हजार से अधिक बेहसहारा बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है। डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर बर्लिन (जर्मनी) में आयोजित स्पेशल ओलम्पिक वर्ल्ड समर गेम्ज में बास्केटबॉल की टीम प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले खिलाड़ी अविनाश कौण्डल को सम्मानित भी किया। मुख्य संसदीय सचिव (उद्योग, राजस्व एवं नगर नियोजन) राम कुमार चौधरी ने कहा कि दिव्यांगजन दिव्य शक्ति से संपन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने दिव्यांगजनों की उपलब्धियों की सराहना भी की। उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने वाले तथा जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों का आभार जताया। उन्होंने इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री से बद्दी में ट्रामा सेंटर स्थापित करने और बद्दी अस्पताल को 100 बिस्तर वाले अस्पताल के रूप में स्तरोन्नत करने की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री तथा मुख्य संसदीय सचिव ने इस अवसर पर 64 व्हील चेयर, 05 बैसाखी, 02 छड़ी, 01 कैलिवर, 14 श्रवण यंत्र, 03 विजू़यल ऐड तथा 01 वॉकर वितरित किए। इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। नगर परिषद बद्दी के अध्यक्ष तरसेम चौधरी, खण्ड कांग्रेस समिति दून के अध्यक्ष कुल्तार सिंह, ग्राम पंचायत भटोली कलां के उप प्रधान बिल्लू खान, पार्षदगण, ज़िला कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष अच्छर पाल कौशल, अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय कुमार यादव, उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ दिव्यांशु सिंगल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, ज़िला कल्याण आधिकारी सोलन गावा सिंह नेगी, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी विनोद कुमार, कल्याण संयुक्त निदेशक उद्योग (सिंगल विंडो) योगेश गुप्ता, उप पुलिस अधीक्षक बद्दी प्रियांक गुप्ता, तहसील कल्याण अधिकारी सोलन सुरेन्द्र सिंह, गणपति एजुकेशन सोसाइटी कुनिहार के सदस्य, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ उद्योग संघ के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग) संजय अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं यह सुनिश्चित बना रहे हैं कि इस वर्ष भारी आपदा के कारण त्रस्त प्रदेशवासियों को समय पर राहत मिले और उनका पुनर्वास सुनिश्चित हो। संजय अवस्थी आज सोलन ज़िला के अर्की में स्थानीय लोगों की समस्याओं का निकारण करने के उपरांत उपस्थित जन प्रतिनिधियों एवं अन्य से विचार-विमर्श कर रहे थे। संजय अवस्थी ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री सोलन पहंुचे और उन्होंने विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान की। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सोलन ज़िला के आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सही मायनों में आम आदमी की सरकार है और सरकार पूर्ण रूप से जन कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि सोलन ज़िला में मुख्यमंत्री ने 377 ऐसे आपदा प्रभावित परिवारों को 11.31 करोड़ रुपए से अधिक की राहत राशि प्रदान की जिनकी मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन प्रभावितों के खातों में पहली किश्त के रूप में 3-3 लाख रुपए हस्तातंरित किए गए। उन्होंने कहा कि ज़िला सोलन के आपदा प्रभावितों को अब तक 42.53 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि ज़िला में 783 ऐसे परिवार है जिनके मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन्हें भी विशेष राहत पैकेज के अनुरूप राशि प्रदान की जा रही है। सोलन ज़िला में इस वर्ष आपदा से लगभग 653 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने आशा जताई कि सभी के सहयोग से हिमाचल आपदा से उभर कर पुनः प्रगति पथ पर अग्रसर होगा। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश के विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ की की गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 500 करोड़ रुपए की हिम गंगा योजना क्रांतिकारी सिद्ध होगी। 680 करोड़ रुपए की लागत से आरम्भ की गई स्टार्ट अप योजना के प्रथम चरण से प्रदेश के युवाओं को स्वरोज़गार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसी व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने पर बल दे रही है जो युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करे। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र के समग्र विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाड़ीधार क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए 200 करोड़ रुपए की मास्टर योजना तैयार की गई है। विधानसभा क्षेत्र में बेहतर सड़क सम्पर्क, सिंचाई सुविधा एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। उन्होंने इस अवसर पर लोगों की समस्याएं सुनी और सम्बन्धित अधिकारी को इनके उचित निपटारे के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों की उचित समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की समस्याओं का समयबद्ध निराकरण किया जा रहा है। इस अवसर पर खण्ड कांग्रेस समिति अर्की के अध्यक्ष सतीश कश्यप, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी, उपमण्डलाधिकारी अर्की यादविंदर पाल सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।