शनिवार, हिमाचल कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हो रही है। इस बैठक में प्रधानमंत्री के दौरे के साथ साथ पर्यटन विकास, कोरोना व ऐसे कई अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। आज की इस बैठक में बाहरी राज्यों के लिए बसें चलाने और डिपुओं में पॉस मशीनों से राशन देने पर भी फैसला हो सकता है। बैठक में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, मंत्री सरवीण चौधरी व अन्य नेतागण शामिल हुए है। हालांकि बैठक से सरकार के दो मंत्री नदारद रहे। उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर और पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर अनुपस्थित रहे। बिक्रम ठाकुर स्टाफ सदस्य के संक्रमित पाए जाने के बाद क्वारंटाइन हैं।
भाजपा की तेज़तर्रार नेता व पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा ने सोमवार को पंचकूला के एक निजी अस्पताल में आखिरी सासें लीं। उनके आकस्मिक निधन से पुरे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है। बता दें श्यामा पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। सोमवार को अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें नाहन स्थित मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहाँ से उन्हें चंडीगढ़ PGI रेफेर कर दिया गया पर श्यामा ने बीच रस्ते में ही दम तोड़ दिया। पूर्व मंत्री श्यामा ने 16 सितम्बर को ही प्रधानमंत्री मोदी को फेसबुक पर शुभकामनाएं प्रेषित की थीं, पर उस समय कौन जनता था वह चंद रोज़ में दुनिया को अलविदा कह देंगी। श्यामा अपनी आखिरी समय तक राजनीती व समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय रहीं। उनका राजनितिक करियर 42 सालों का रहा। वह तीन बार विधायक और एक बार मंत्री भी रहीं। उन्होंने भाजपा को जिला सिरमौर में पहचान दिलाई व संगठन के लिए कई बड़े कार्य किए। उन्होंने छात्र राजनीती से अपना करियर शुरू किया। उन्होंने पहली बार 1977 में नाहन विधानसभा से चुनाव लड़ा था और जीत भी हासिल की। श्यामा शर्मा नाहन से तीन बार विधायक 1977, 1982 व 1990 में रही। 1977 में वह तात्कालीन सरकार मेें पंचायती राज, खाद्य एवं आपूर्ति तथा विधि मंत्री रही। इसके बाद प्रेम कुमार धूमल की सरकार में राज्य योजना बोर्ड की उपाध्यक्ष भी रही। मुख्यमंत्री ने जताया शोक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा के निधन पर शोक जताया है। सीएम ने कहा श्यामा शर्मा ने पार्टी और जनता की निस्वार्थ एवं समर्पण भाव से सेवा की है। भगवान उनकी दिवंगत आत्मा काे शांति प्रदान करे व परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दे।
शिक्षकों और विद्यार्थियों को स्कूलों में बुलाने को लेकर अगले सप्ताह एसओपी जारी होगी। केंद्र सरकार से जारी अनलॉक-4 की गाइडलाइन के अनुसार 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को 21 सितंबर से स्कूलों में बुलाने को हरी झंडी मिल गई है। केंद्र ने अभिभावकों के सहमति पत्र पर बच्चों को स्कूलों भेजने को मंजूरी दी है। केंद्र ने इसका अंतिम फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा है। केंद्र की ओर से बीते दिनों एसओपी भी जारी की गई है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने भी एसओपी तैयार कर अंतिम मंजूरी के लिए फाइल शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को भेज दी है। केंद्र से जारी गाइडलाइन में 30 सितंबर तक स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का फैसला लिया गया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने राज्यों को अपने स्तर पर फैसले लेने के लिए कुछ छूट भी दी है। प्रदेश शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार ने कंटेनमेंट जोन से बाहर वाले स्कूलों में नवीं से जमा दो कक्षा को शुरू करने के लिए एसओपी जारी कर दी है। हिमाचल ने भी अपनी एसओपी तैयार कर ली है। केंद्र सरकार ने 21 सितंबर से 50 फीसदी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को भी स्कूल बुलाने को कह दिया है। ऐसे में पहली से आठवीं कक्षा की ऑनलाइन पढ़ाई की मानीटरिंग 21 सितंबर से शिक्षक स्कूल आकर ही करेंगे। एसओपी में शिक्षकों और विद्यार्थियों के आने-जाने को लेकर सभी नियम तय किए जाएंगे।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने जारी एक प्रैस बयान में कहा कि विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितम्बर को जन्मदिवस है तथा पार्टी प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री का जन्मदिवस "सेवा सप्ताह’’ के रूप में मनाती है। प्रत्येक वर्ष पार्टी के सभी कार्यकर्ता विभिन्न प्रकार के सेवा के कार्यक्रम पूरे सप्ताहभर करके प्रधानमंत्री की दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना करते हैं। यह सेवा सप्ताह 14 सितम्बर से 20 सितम्बर, 2020 तक पूरे प्रदेश में मनाया जाएगा जिसके लिए प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह को प्रभारी बनाया गया है। सुरेश कश्यप ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का 70वां जन्मदिवस है इसलिए इस सेवा सप्ताह में प्रत्येक मण्डल में कम से कम 70 दिव्यांगों को विभिन्न प्रकार के कृत्रिम अंग एवं उपकरण प्रदान करने का पार्टी ने निर्णय लिया है। इसी प्रकार गरीब भाईयों एवं बहनों को आवश्यकतानुसार चश्में प्रदान किए जाएंगे। उन्होनें कहा कि प्रत्येक जिले में गरीब बस्ती एवं अस्पतालों में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए फल वितरण के कार्यक्रम किए जाएंगे तथा कोविड-19 से प्रभावित 70 लोगों को स्थानीय आवश्यकतानुसार एवं अस्पताल के माध्यम से प्लाजमा डोनेट किए जाएंगे। इस कार्यक्रम के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रवीण शर्मा को प्रभारी बनाया गया है।
सरकार ने 4 सितंबर को कैबिनेट बैठक में धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया था जिसके बाद आज प्रदेश में धार्मिक स्थलों को खोल दिया गया है। इसे ले कर एसओपी जारी किए गए। देवभूमि हिमाचल प्रदेश में भी आज सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। शिमला स्थित प्रसिद्ध तारादेवी मंदिर , जाखू मंदिर एवं संकटमोचन मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं ने दिशा-निर्देशों के अनुसार ही दरशन किए। एसओपी के तहत मंदिर परिसरों में सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। सराहन स्थित प्रसिद्ध मां भीमाकाली मंदिर में सुबह सात से शाम साढ़े छह बजे तक भक्तों को माता के दर्शन करने की अनुमति रहेगी। शाम सात बजे मंदिर के कपाट बंद होंगे। मां चिंतपूर्णी का दरबार सुबह 9 से शाम 7 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा। श्रद्धालु प्रसाद ले जा सकेंगे, लेकिन इसे चढ़ाने पर मनाही रहेगी। श्री नयना देवी जी मंदिर में रोजाना एक हजार श्रद्धालु दर्शन कर पाएंगे। मंदिर में 60 साल से अधिक और 10 साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के प्रवेश पर फिलहाल रोक रहेगी। शक्तिपीठ बज्रेश्वरी मां के दर्शन भक्त सुबह सात से शाम सात बजे तक करेंगे। मां चामुंडा के दर्शन भी इसी समय हो सकेंगे। हरियाणा और हिमाचल की सीमा पर त्रिलोकपुर स्थित माता बालासुंदरी मंदिर, पांवटा साहिब के ऐतिहासिक गुरुद्वारे में सुरक्षा के विशेष इंतजाम हैं। दियोटसिद्ध स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ई-पास बनवाना होगा। मंदिर प्रतिदिन सुबह छह बजे खुलेगा और शाम 7 बजे बजे बंद होगा। प्रतिदिन लगभग 500 श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जाएगी।
मेष आज के दिन आत्ममथंन कई मुश्किलों से बाहर निकालने में आपकी मदद करेंगे। ऑफिशियल कार्यों में भी जल्दबाजी के चलते गलती होने की प्रबल आशंका बनी हुई है, हो सकता है पिछला कार्य पुनः करना पड़ जाए। कारोबार को बढ़ाने के लिए अपनी क्षमता व योग्यता का पूरा प्रदर्शन करेंगे जिसमें सफलता भी मिलेगी। युवाओं के कुछ सपने अधुरे रहने से मन उदास रहेगा। सेहत में शारीरिक कमजोरी महसूस होगी जो किसी स्वास्थ्य संबंधित बीमारी का कारण बन सकती है, थैरपी लेने के लिए समय उपयुक्त चल रहा है। घर पर रहते हुए सदस्यों के साथ फैमली डिनर की प्लानिंग कर सकते हैं। वृष आज के दिन मन में द्वंद की स्थिति रहेगी जो कार्यों में अनेक अवरोध डाल सकती है। जिस पर आप सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं, वहीं अविश्वास का कारण बन सकता है। कर्मक्षेत्र में सहकर्मियों से संपर्क को कमजोर न होने दें, वर्तमान समय में यह बेहद जरूरी है। व्यावसायिक गतिविधियाँ सामान्य रूप से चलती रहेंगी, साथ ही छोटे-मोटे निवेश करने के लिए दिन उपयुक्त है। हेल्थ की बात करें तो आंखों में दर्द या इंफेक्शन की समस्या उत्पन्न हो सकती है इसका तुरंत इलाज करना ही सही रहेगा, अन्यथा भविष्य में परेशानियां झेलनी पड़ेगी. संतान से संबंधित कोई शुभ सूचना मिलने की संभावना है। मिथुन आपके मूड में बारंबार परिवर्तन आने के कारण मन में अनिश्चितता रहेगी । परिणामस्वरूप मानसिक अस्वस्थता अनुभव करेंगे। पारिवारिक सदस्यों के साथ बातचीत करके और आवश्यक लगे तो विशेषज्ञों की सलाह लेकर बेचैनी कम कर सकेंगे। स्वास्थ्य का ध्यान रखने की गणेशजी की सलाह है। कर्क गणेशजी की कृपा से आज आप जो कुछ भी विचार करेंगे और युक्ति-प्रयुक्तियों को अजमाएँगे उसमें आपको सफलता मिलेगी। विद्यार्थी अध्ययन में अच्छा प्रदर्शन करेंगे तथा अधूरे कार्य पूरे होंगे। आप अपनी कल्पनाशक्ति का अच्छा चमत्कार दर्शा सकेंगे। संक्षेप में आज का दिन आपके लिए खुशी का और विविधतापूर्ण रहेगा सिंह आज के दिन आध्यात्मिकता की तरफ भी थोड़ा रूझान बढ़ाना चाहिए, जिससे आप प्रसन्नता व आत्मिक शांति का अनुभव करेंगे। ऑफिशियल कार्य समय रहते पूर्ण होंगे जिससे अन्य कार्यों के लिए भी पर्याप्त समय मिलेगा। व्यापारियों का बैंकिग संबंधित कार्य में रुकावट आने की वजह से मन में झुंझलाहट रहने की आशंका है। युवाओं को मनपसंद विषयों में अच्छे परिणाम मिलने से वह प्रसन्न रहेंगे। मुंह में छालें हो सकते हैं, यह समस्या पेट की गर्मी की वजह से होगी। संतान की हैबिट्स पर ध्यान रखें. अगर आपकी संतान छोटी है तो खेलते समय उसका विशेष ध्यान रखें, गिर कर चोट लग सकती है। कन्या आशावादी बनें और उजले पक्ष को देखें। आपका विश्वास और उम्मीद आपकी इच्छाओं व आशाओं के लिए नए दरवाज़े खोलेंगी। भविष्य में अगर आपको आर्थिक रुप से मजबूत बनना है तो आज से ही धन की बचत करें। आपका मज़ाकिया स्वभाव सामाजिक मेल-जोल की जगहों पर आपकी लोकप्रियता में इज़ाफ़ा करेगा। आप अपने प्रिय की बांहों में आराम महसूस करेंगे। आज अनुभवी लोगों से जुड़कर जानने की कोशिश करें कि उनका क्या कहना है। यदि आपको व्यस्त दिनचर्या के बाद भी अपने लिए समय मिल पा रहा है तो आपको इस समय का सदुपयोग करना सीखना चाहिए। ऐसा करके अपने भविष्य को आप सुधार सकते हैं। आप और आपका हमदम एक-दूसरे से आज एक-दूसरे की ख़ूबसूरत भावनाओं का इज़हार कर सकेंगे। तुला ससुराल वालों से नाराजगी और किसी बात को लेकर लड़ाई हो सकती है। बात करते समय अपना संयम न खोए किसी पेचीदा बात को रखते समय ना सीमा का उल्लंघन करें, ना होने दें। वरिष्ठ व्यक्ति की जिद के आगे आज आपको झुकना पड़ेगा। अहंकार आपका सबसे बड़ा शत्रु होगा। बहुत कष्ट से किए हुए काम में असफलता मिल सकती है। लेकिन, अपना आत्मविश्वास कम ना होने दें। अगर बात किसी जमीन से जुड़े मुद्दे की है, तो अपनी बात पर कायम रहें। वृश्चिक शारीरिक बीमारी के सही होनी की काफ़ी संभावनाएँ हैं और इसके चलते आप शीघ्र ही खेल-कूद में हिस्सा ले सकते हैं। जो लोग काफी वक्त से आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे उन्हें आज कहीं से धन प्राप्त हो सकता है जिससे जीवन की कई परेशानियां दूर हो जाएंगी। अपने जीवन-साथी के साथ प्यार, अपनापन और स्नेह महसूस करें। मुहब्बत की टीस आज रात आपको सोने नहीं देगी। आप क़ामयाबी ज़रूर हासिल करेंगे – बस एक-एक करके महत्वपूर्ण क़दम उठाने की ज़रूरत है। आपके पास समय तो होगा लेकिन बावजूद इसके भी आप कुछ ऐसा नहीं कर पाएंगे जो आपको संतुष्टि दे। जीवनसाथी के साथ एक आरामदायक दिन बीतेगा। धनु आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। आपको अपने विरोधियों से कुछ परेशानी हो सकती है। घर परिवार के लोग किसी बात को लेकर वाद-विवाद कर सकते हैं। आप एक बुद्धिमान व्यक्ति की तरह उन्हें कोई काम की सलाह देंगे जो बहुत काम आएगी। शादीशुदा लोगों के गृहस्थ जीवन के लिए दिनमान अच्छा रहेगा। प्रेम जीवन बिता रहे लोग रिश्ते में कुछ दिक्कतें महसूस करेंगे। आपका प्रिय गुस्से में आकर आपको उल्टा सीधा बोल सकता है। इनकम सामान्य रहेगी और सेहत बढ़िया रहेगी। काम के सिलसिले में दिनमान आपके पक्ष में रहेगा। मकर अच्छी चीज़ों को ग्रहण करने के लिए आपका दिमाग़ खुला रहेगा। नौकरी पेशा से जुड़े लोगों को आज धन की बहुत आवश्यकता पड़ेगी लेकिन बीते दिनों में किये गये फिजुलखर्च के कारण उनके पास पर्याप्त धन नहीं होगा। कोई ऐसा रिश्तेदार जो बहुत दूर रहता है, आज आपसे संपर्क कर सकता है। आप रोमांटिक ख़यालों और सपनों की दुनिया में खोए रहेंगे। दफ़्तर की राजनीति हो या फिर कोई विवाद, चीज़ें आपके पक्ष में झुकी नज़र आएंगी। खेलकूद जीवन का जरुरी हिस्सा है लेकिन खेलकूद में इतने भी व्यस्त न हो जाएं कि आपकी पढ़ाई में कमी आ जाए। मुमकिन है कि आपके माता-पिता आपके जीवनसाथी को कुछ शानदार आशीर्वाद दें, जिसके चलते आपके वैवाहिक जीवन में और निखार आएगा। कुंभ आपके लिए आज का दिन अच्छा रहेगा। पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाएंगे और सेहत को लेकर थोड़े चिंतित हो सकते हैं लेकिन परिवार वालों का सहयोग हर काम में आपको मिलेगा जिससे काम के सिलसिले में आपको अच्छे नतीजे मिलेंगे। आपके मित्र और आपके साथ काम करने वाले लोग आपको सपोर्ट करेंगे। प्रेम जीवन बिता रहे लोगों के लिए दिनमान अच्छा रहेगा। शादीशुदा लोगों के गृहस्थ जीवन में तनाव दिखाई देगा। मीन ऐसी गतिविधियों में शामिल हों जो रोमांचक हों और आपको सुकून दें। धन का आगमन आज आपको कई आर्थिक परेशानियों से दूर कर सकता है। वैवाहिक बंधन में बंधने के लिए अच्छा समय है। आज के दिन रोमांस के नज़रिए से कोई ख़ास आशा नहीं की जा सकती है। कामकाज के मोर्चे पर आपकी कड़ी मेहनत ज़रूर रंग लाएगी। हितकारी ग्रह कई ऐसे कारण पैदा करेंगे, जिनकी वजह से आज आप ख़ुशी महसूस करेंगे। आपके जीवनसाथी की कामकाज को लेकर व्यस्तता आपकी उदासी का कारण बन सकती है।
पहाड़ों की वादियों के बीच बसे चंबा शहर का सौंदर्य और इतिहास बहुत ही निराला है। यहां की वादियां और इमारतें बहुत सी कहानियां सुनाती हैं। ऐसे ही एक कहानी है रानी सुनैना की। रानी सुनैना यानी बलिदान और साहस कि मूर्ति। ये चंबा रियासत की वो रानी है जिन्होंने अपनी प्रजा और राज्य के उत्थान के लिए बिना किसी हिचकिचाहट के अपना बलिदान दे दिया। यूं तो चंबा शहर रावी और साल नदी के मध्य में बसा है पर एक समय ऐसा भी था जब यह शहर पीने के पानी की किल्लत से जूझ रहा था। दो नदियों के बीच बसे होने के बावजूद भी यहां पीने के लिए पानी की एक बूंद नहीं थी। उस समय चम्बा रियासत के राजा साहिल वर्मन हुआ करते थे। राजा भी इस समस्या से पूर्णतः वाकिफ थे पर वो करते भी क्या। एक रात उनकी पत्नी, रानी सुनैना को उनकी कुल देवी ने स्वप्न में दर्शन दिए और कहा कि राज घराने में से किसी को बलिदान देना होगा तभी पानी की कमी पूरी होगी। जब राजा साहिल वर्मन को रानी सुनैना ने पूरी कहानी सुनाई तो राजा वर्मन बलिदान देने के लिए तैयार हो गए। फिर रानी सुनैना ने सोचा यदि राजा बलिदान देंगे तो उनका सुहाग छिन जाएगा और राज्य के सर से भी साया उठ जाएगा, और यदि उनके पुत्र राजकुमार युगाकर बलिदान देते है तो कुल का दीपक बुझ जाएगा और वंश को आगे कौन बढ़ाएगा। ये सब सोचकर रानी सुनैना ने स्वयं बलिदान देने का फैसला लिया। इस निर्णय से पुरी चंबा रियासत में शोक व विस्मय की लहर दौड़ गई। आखिरकार रानी सुनैना बलिदान देने के लिए महल से निकल पड़ीं। आंखों में आंसू लिए उनके इस काफिले में चंबा की जनता भी शामिल थी। रास्ते मे सूही के मढ़ से रानी सुनैना ने आखिरी बार चंबा शहर पर नज़र डाली और फिर आगे बढ़ते हुए ये काफिला मलून नामक स्थान पर रुक गया। ममता और बलिदान की मूरत रानी सुनैना बलिदान देने से पहले कहा 'मेरी इच्छा है कि मेरी याद में हर वर्ष मेला लगे। इस मेले को सिर्फ स्त्रियां मनाएं और पुरुष इस में भाग न लें और न ही राज परिवार की बहुएं इस में भाग लें। इस मेले में पूजा केवल राज परिवार की कुंवारी कन्या के हाथों करवाई जाए।' बस इतना कहकर रानी सुनैना ने जिंदा समाधि ले ली। उसी समय पानी की धार फूट पड़ी और रानी सुनैना का बलिदान चंबा के लोगों के लिए अमृत बन कर बहने लगा। रानी सुनैना के बलिदान को याद करते हुए राजा साहिल वर्मन ने जिस स्थान से रानी सुनैना ने आखिरी बार चंबा को देखा था उसी सूही के मढ़ नामक स्थान पर उनके मंदिर का निर्माण करवाया। हर वर्ष इस जगह सूही के मेले का भी आयोजन किया जाता है। ये मेला 3 दिन तक चलता है और यहां केवल बच्चे और महिलाएं ही उपस्थिति दर्ज करवाते है। महिलाएं रानी की प्रशंसा में लोकगीत गाती हैं और समाधि तथा प्रतिमा पर फूल की वर्षा की जाती है।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। वहीं, मौत का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार सुबह कोरोना से एक और मौत का मामला सामने आया है। बिलासपुर की 57 वर्षीय महिला ने आईजीएमसी में दम तोड़ दिया है। वहीं, एक सरकाघाट और तीसरा शिमला के व्यक्ति की मौत हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 60 पहुंच गया हैै। प्रदेश में संक्रमितों का कुल आंकड़ा 7660 पहुंच गया है। 2234 सक्रिय मामले हैं। 5359 मरीज ठीक हो गए हैं। बता दें सोमवार को 262 कोरोना पॉजिटिव मामले आए थे।
पहाड़ी भाषा एवं संस्कृति को संरक्षित रखने की बेहतरीन सोच के साथ, तेज़ी से आगे बढ़ रहा है दी मॉडर्न फोक नोट। हाल ही में रिलीज़ हुए दी मॉडर्न फोक नोट 6 को दुनिया भर में पसंद किआ जा रहा है । ए सी भरद्वाज द्वारा गाई गई इन सीरीज को प्रदेश और देश के साथ साथ विश्व के भी अन्य 35 देशों की जनता से भरपूर प्यार मिल रहा है । इस प्यार की ख़ास वजह यह भी है कि मॉडर्न फोक नोट एक नई सोच ले कर सामने आया है जिसमे उन्होंने युवाओं के बीच लोक संगीत का रुझान बढ़ाने के लिए, मॉडर्न बीट्स एवं पहाड़ी गानों का मिश्रण किया है। मॉडर्न फोक नोट की 5 सीरीज पहले ही यू ट्यूब पर आ चुकी हैं जिन्हें दुनिया भर से बहुत प्यार एवं सम्मान मिला है । मॉडर्न नोट 6 इसी सीरीज को आगे बढ़ाते हुए प्रसारित किया गया , एवं कुछ ही दिनों में 3 लाख से भी ज़्यादा लोगों द्वारा देखा जा चूका है।
हिमाचल के चंबा में दो स्वास्थ्य कर्मियों समेत तीन कोरोना पाॅजिटिव मरीज पाए गए है। इनमें एक सीआईडी यूनिट चंबा का कर्मचारी भी शामिल है। 4 सितम्बर को जाँच के लिए कुल 239 सैंपल लिए गए थे जिसमे से तीन पोसिटिव पाए गए है, वहीं 176 सैम्पल की रिपोर्ट आना अभी बाकि है। पॉजिटिव पाए गए तीन व्यक्तियों में से एक 26 वर्षीय महिला है जो की JLNMC चम्बा की स्वस्थ्य कर्मी है। DIET सरु का एक 26 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी जो की इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन में था, और एक 41 वर्षीय CID यूनिट चम्बा का कर्मचारी भी कोरोना पोसिटिव पाया गया है। चम्बा जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 478 पहुंच गया है। 112 सक्रिय मामले हैं और 361 मरीज ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा मंडी से 12 नए मामले, काँगड़ा से 9 नए मामले और कुल्लू से 1 नया पॉजिटिव मामला सामने आया है जिनकी पूरी जानकारी आना अभी बाकी है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 6855 पहुंच गया है। 1823 सक्रिय मामले हैं। 4932 मरीज ठीक हो गए हैं। 45 मरीज राज्य के बाहर चले गए हैं और 51 की मृत्यु हो चुकी है।
प्रदेश में कोरोना से एक और मौत हो गई है। डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में एक 70 वर्षीय महिला ने वीरवार देर रात दम तोड़ दिया। सिरमौर में कोरोना से यह तीसरी मौत हुई है। मृतक महिला पांवटा साहिब की रहने वाली थी जिसे 1 सितंबर को पांवटा साहिब सिविल अस्पताल से डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। डायबटीज व हाईपरटेंशन रोग से ग्रसित इस महिला का नाहन मेडिकल कॉलेज में कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था। 3 सितंबर को देर रात आइसोलेशन वार्ड में भर्ती इस महिला ने दम तोड़ दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरमौर डॉ केके पराशर ने बताया कि पांवटा साहिब में कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मृतक का अंतिम संस्कार किया गया है। इसी के साथ प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 48 हो गया है।
निदेशक सेना भर्ती कर्नल तनवीर सिंह मान ने बताया कि पड्डल मैदान जिला मण्डी में 6 अक्तूबर से 14 अक्तूबर, 2020 तक सेना भर्ती कार्यालय मण्डी द्वारा जिला शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर के युवाओं के लिए भारतीय सेना में भर्ती का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह भर्ती सैनिक तकनीकी (पुरुष), सैनिक तकनीकी (गोला बारुद परीक्षक) (एटी)(पुरुष), सैनिक तकनीकी (उड्डयन) (एक्स गु्रप)(पुरुष) तथा सैनिक तकनीकी (उपचार सहायक) (एन ए) (पुरुष) पदों के लिए होगी। उन्होंने बताया कि मापदण्ड और योग्यता के लिए सेना भर्ती कार्यालय, शिमला, हिमाचल प्रदेश द्वारा जारी 06 अगस्त, 2020 की अधिसूचना भारतीय सेना की वेबसाइट www.joinindianarmy.nic.in पर देखें। उल्लेखनीय है कि जो उम्मीदवार सेना भर्ती रामपुर बुशैहर शिमला में सैनिक तकनीकी वर्ग के लिए सेना भर्ती कार्यालय, शिमला द्वारा 16 फरवरी, 2020 को जारी अधिसूचना के तहत पहले पंजीकृत हो चुके है, उनको भी दोबारा पंजीकरण करना है।
वो दौर था 1857 का, पूरे देश में क्रांति की ज्वाला भड़क रही थी। ऐसे में पहाड़ों की शांत वादियों में लगी चिंगारी भी कम नहीं थी। धीमें से सुलग रही इस क्रांति की चिंगारी ने जब विकराल रूप लिया तब लगभग पूरा हिमाचल इसकी जद में आ गया। 20 अप्रैल 1857, वो दिन जब पहली बार हिमाचल प्रदेश में अंग्रेज़ों के खिलाफ धधक रही ज्वाला ने विकराल रूप धारण किया। क्रांति का आगाज़ हुआ कसौली से। अंबाला राइफल डिपो के छह भारतीय सैनिकों ने कसौली थाने को आग के हवाले कर दिया। अंग्रेजों के सुरक्षित गढ़ कही जाने वाली कसौली छावनी पर हुए इस हमले से गोरे बौखला उठे और उन्होंने अन्य छावनी क्षेत्रों व कंपनी सरकार के कार्यालयों की सुरक्षा कड़ी कर दी। गोरों ने कई क्रांतिकारियों को जेलों में डाल दिया और कईयों को सूली पर चढ़ा दिया, पर सैनिकों का बलिदान ज़ाया नहीं गया। कसौली से भड़की इस ज्वाला ने पूरे हिमाचल में आज़ादी की अलख जगा दी। इसके बाद डगशाई छावनी, सुबाथू, कालका व जतोग में क्रांति की लहर दौड़ी। उधर कांगड़ा, नूरपुर, धर्मशाला, कुल्लू-लाहुल, सिरमौर व अन्य रियासतों में भी विद्रोह प्रखर हो गया। बुशहर के राजा शमशेर सिंह, कुल्लू-सिराज के युवराज प्रताप सिंह, सुजानपुर के राजा प्रताप चंद गुप्त रूप से क्रांतिकारियों की गतिविधियों में संलिप्त हो गए। 11 मई को अंग्रेजों को मेरठ, दिल्ली और अम्बाला में विद्रोह की सुचना मिली। गोरों ने कसौली, सुबाथू, डगशाई व जतोग की छावनियों को अंबाला कूच का आदेश दिया। भारतीय सैनिकों ने इस आदेश का खुले तौर पर विद्रोह किया और बगावत का ऐलान कर दिया। 13 मई को जतोग में गोरखा रेजिमेंट ने सूबेदार भीम सिंह के नेतृत्व में देशी सैनिकों ने अंग्रेजों पर धावा बोल दिया। सिर्फ 45 क्रांतिकारियों ने 200 अंग्रेजों को धूल चटा दी। सैनिकों ने कसौली ट्रेजरी को लूटा और जतोग की तरफ बढ़ने लगे। इस बारे में अंग्रेज़ों के तत्कालीन कमिश्नर पी. मैक्सवैल ने अपनी डायरी में जिक्र किया है और हैरानी जताई है कि कैसे मुट्ठीभर क्रांतिकारियों ने अपने से चार गुना अधिक अंग्रेजी सेना को हरा दिया था। इसके बाद विद्रोह की डोर स्थानीय पुलिस ने अपने हाथों में ली। स्थानीय पुलिस गार्ड के दरोगा बुद्धि सिंह जतोग पर कब्जे के लिए रवाना हो गए। जतोग पहुँचते पहुँचते रास्ते में अंग्रेजी सेना ने कुछ क्रांतिवीरों को पकड़ लिया तो कुछ मारे गए। जबकि बुद्धि सिंह ने गोरों के हाथों मरने से भला स्वयं को गोली मरना समझा और वो शहीद हो गए। पहाड़ी रियासतों में क्रांति योजनाबद्ध तरीके से हो रही थी, जिसके लिए एक गुप्त संगठन बना हुआ था, जिसके सदस्य सूचनाओं को यहां-वहां पहुंचाया करते थे। पहाड़ों में इस क्रांति के नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वैरागी सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। वे संगठन पत्रों के माध्यम से संदेश भेजा करते थे। 12 जून 1857 को इस संगठन का कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे, जिसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे। इसके साथ ही संगठन का भेद खुल गया। वैरागी को पकड़ कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। क्रांतिकारियों को सहयोग न मिला व अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह को दो महीनो में ही दबा दिया और प्रदेश में लगी विद्रोह की ज्वाला कुचल दी गई।
जब जब स्वतंत्रता संग्राम की बात की जाती है तो पहाड़ के जांबाज़ों का ज़िक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता। स्वतंत्रता संग्राम में हिमाचल प्रदेश के सपूतों ने महात्मा गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर जो योगदान दिए वो किसी से कम नहीं। देवभूमि के वीर सपूतों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ जो आंदोलन का बिगुल बजाया तो उसकी गूंज पूरे भारत वर्ष को सुनाई दी। चाहे 1857 की महाक्रांति हो या 15 अगस्त 1947 तक का आंदोलन हो, छोटे से पहाड़ी प्रदेश हिमाचल ने भी इनमें अहम भूमिका निभाई। आजादी की लड़ाई के लिए हिमाचल में गुरिल्ला बम बने। सशस्त्र क्रांतियां हुईं। हजारों क्रांतिकारियों ने पूरे दमखम से स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। तो आज स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर हम उन्हीं कुछ स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानेंगे। पंडित राम प्रसाद वैरागी उस समय पूरे देश में क्रांति के संचालन के लिए एक गुप्त संगठन बनाया गया था। पहाड़ों में इस क्रांति के नेता पंडित राम प्रसाद वैरागी थे। वैरागी सुबाथू मंदिर में पुजारी थे। वे संगठन को पत्रों के माध्यम से संदेश भेजा करते थे। 12 जून 1857 को इस संगठन के कुछ पत्र अंबाला के कमिश्नर जीसी बार्नस के हाथ लगे, जिसमें दो पत्र राम प्रसाद वैरागी के भी थे। इसके साथ ही संगठन का भेद खुल गया। वैरागी को पकड़ कर अंबाला जेल में फांसी पर चढ़ा दिया गया। क्रांतिकारियों को सहयोग नहीं मिला और अंग्रेज़ों ने 1857 के विद्रोह को दो महीनो में ही दबा दिया और प्रदेश में सुलगी विद्रोह की ज्वाला कुछ समय के लिए शांत हो गई। 'हिमाचल निर्माता' डॉ॰ यशवंत सिंह परमार डॉ॰ यशवंत सिंह परमार, हिमाचल निर्माता के नाम से भी जाने जाते हैं। हिमाचल के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. परमार ने हिमाचल में विकास की नींव रखी थी। सिरमौर में जन्मे परमार सिरमौर की रियासत में 11 साल तक सब जज और मजिस्ट्रेट रहे। उसके बाद न्यायाधीश के रूप में 1937-41 तक अपनी सेवाएं दीं। इसी दौरान वह सुकेत सत्याग्रह प्रजामंडल से जुड़े। नौकरी की परवाह न करते हुए उन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना पूरा योगदान दिया। उनके ही प्रयासों से यह सत्याग्रह सफल हुआ। 'पहाड़ी गांधी' बाबा कांशी राम पहाड़ी गांधी कहे जाने वाले बाबा कांशीराम ने आज़ादी की लड़ाई में बेहद अहम भूमिका निभाई। उन्होंने जब तक भारत को आजादी नहीं मिल जाती तब तक काले कपड़े पहनने की शपथ ली थी। बाबा कांशी राम ने अपने पहाड़ी गीतों और कविताओं से पहाड़ी राज्य हिमाचल और देश को आजादी के लिए जगाने में सराहनीय प्रयास किए। उन्होंने गांव-गांव घूमकर अपने लिखे लोकगीतों, कविताओं और कहानियों से अलख जगाई। कांशी ने पहली बार पहाड़ी बोली को लिखा और गा-गाकर लोगों को राष्ट्रीय आंदोलन से जोड़ा। सरोजनी नायडू ने उन्हें बुलबुल-ए-पहाड़ के खिताब से नवाजा। 1930 और 1942 के बीच वो 11 बार जेल गए और अपने जीवन के 9 साल सलाखों के पीछे काटे। जेल के दिनों में लिखी हर रचना उस वक्त लोगों में जोश भरने वाली थी। ‘समाज नी रोया’, ‘निक्के निक्के माहणुआं जो दुख बड़ा भारा’, ‘उजड़ी कांगड़े देश जाना’ और ‘कांशी रा सनेहा’ जैसी कई कविताएं मानवीय संवेदनाओं और संदेशों से भरी थीं। दौलतराम सांख्यान आजादी की लड़ाई में बिलासपुर के महान स्वतंत्रता सेनानी दौलतराम सांख्यान के संघर्ष को आखिर कौन भुला सकता है। बिलासपुर में प्रजामंडल का गठन कर दौलतराम सांख्यान ने ब्रिटिश सरकार को सीधी चुनौती देकर कई मुश्किलें खड़ी कर दीं थी। ब्रिटिश सरकार ने उन्हें इस मुहिम के लिए कई यातनाएं दीं। अंग्रेजी सरकार ने उनकी चल-अचल संपत्ति तक जब्त कर ली थी। इतना ही नहीं 11 जून 1946 से 12 अक्तूबर 1948 तक रियासत से निष्कासित कर दिया गया। इसके बावजूद स्वतंत्रता संग्राम के इस सेनानी ने हार नहीं मानी और डट कर अंग्रेजों का सामना किया। कैप्टन राम सिंह ठकुरी वहीं आजाद हिंद फौज के सिपाही और संगीतकार कैप्टन राम सिंह ठकुरी ने भारत के राष्ट्र गान जन गन मन की धुन तैयार की है। उन्होंने अपनी वीरता के लिए किंग जार्ज-पंचम मेडल प्राप्त किया। जब सुभाष चंद्र बोस ने उनसे मुलाकात की तो उन्हें वोइलिन भेंट की, जिसे वह हमेशा अपने पास रखते थे। उन्होंने 'कदम-कदम बढ़ाए जा-खुशी के गीत गाए जा' जैसे सैकड़ों ओजस्वी गीतों की धुनों की रचना की। 15 अगस्त 1947 को राम सिंह के नेतृत्व में आईएनए के आर्केस्ट्रा ने लाल किले पर शुभ-सुख चैन की बरखा बरसे गीत की धुन बजाई। कौमी तराना नाम से यह गीत आजाद हिंद फौज का राष्ट्रीय गीत बना, इस गीत की ही धुन को बाद में जन-गण-मन की धुन के रूप में प्रयोग किया गया। पदम् देव पदमदेव जिला शिमला के गांव भनोल से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 1930 में असहयोग आंदोलन और सिविल अवज्ञा में(सिविल डिसओबेडिएंस) में भाग लिया। वह हिमालय रियासती प्रजा मंडल के संस्थापक सदस्य थे और गरीबी व अस्पृश्यता(अनटचेबिलिटी) के खिलाफ लड़े थे। 1952 में वह विधानसभा के लिए चुने गए और राज्य के पहले गृह मंत्री बने। 1957 में वह लोकसभा, 1962 में क्षेत्रीय परिषद और फिर 1967 में विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। वह कविराज के नाम से मशहूर थे। यश पाल उस समय यश पाल कॉलेज में ही थे जब उनकी मुलाकात भगत सिंह और सुखदेव से हुई। उन्होंने चरमपंथी समूह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी (एचएसआरए) को ज्वाइन किया। एचएसआरए ने 1929 में लॉर्ड इरविन को ले जाने वाली ट्रेन को उड़ाने की योजना बनाई थी। यशपाल ने उस में बम से विस्फोट किया था। कई नेताओं की गिरफ्तारी के बाद यशपाल ने चंद्रशेखर आजाद को एचएसआरए को फिर से संगठित करने में मदद की। 1932 में उन्हें गिरफ्तार किया गया और वह 6 साल तक जेल में रहे। वह एक प्रतिभाशाली लेखक थे और प्रसिद्ध किताब ‘सिम्बालोकन’ सहित कई पुस्तकें लिखी थीं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। शिवानंद रामौल, पूर्णानंद, सत्य देव, सदा राम चंदेल, सत्यानंद स्टोक्स, ठाकुर हजक सिंह इत्यादि ऐसे अन्य प्रमुख स्वतंत्रता सैनानी रहे हैं जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया था। आज भले ही यह हस्तियां हमारे बीच नहीं हैं पर उनके दिए गए बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी नहीं भूल सकता।
ऊना में एक शारतमनक हादसा पेश आया है। जोह क्षेत्र में रहने वाले एक शिक्षक पर छोटी सी बहसबाज़ी के चलते जानलेवा हमला किया गया। बताया जा रहा है कि देर शाम को एक ऑटो चालक ने पहले जोह निवासी शिक्षक राकेश शर्मा के साथ थोड़ी बहसबजी हुई जिसके चलते ऑटो चालक ने अपने भाई और एक सत्ताधारी नेता सहित दो अन्य युवकों को बुलाकर डंडे, लाठियों, हेलमेट इत्यादि से हमला बोल कर गुंडागर्दी का नंगा नाच किया। इसके तहत पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मुज़रिमों की शिनायत में जुटी है हालांकि अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। इस घटना की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है। इस गुंडागर्दी की खूब निंदा की जा रही है और आमजनमानस में ऐसी सरेआम गुंडागर्दी पर आक्रोश पनप रहा है। पीडि़त शिक्षक राकेश शर्मा ने आरोपियों के खिलाफ शीघ्रातिशीघ्र कारवाई की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है, जबकि विभिन्न शिक्षक संगठनों ने इस घटना को निंदाजनक बताते हुए इस मामले पर सख्त कारवाही की मांग की है। उधर, चौकी प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज करके पीडि़त की हेड इंजरी के चलते सीटी स्कैन एवं एक्स-रे क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में करवा लिए हैं। रिपोर्ट आते ही आगामी कारवाई शुरू कर दी जाएगी।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बुधवार सायं बौट जाकर कोरोना को मात देने वाली 90 वर्षीय वृद्धा से मुलाकात की तथा उनकी दीर्घ आयु की कामना की। कंवर ने कहा कि 90 वर्ष की आयु में भी महिला ने दृढ़ इच्छाशक्ति व अनुशासन का परिचय दिया है तथा इसी के चलते आज वह पूर्ण रूप से स्वस्थ है। उन्होंने कहा कि महिला के परिवार के चार अन्य सदस्य भी कोरोना से संक्रमित हुए थे लेकिन अब वह भी ठीक हो गए हैं। प्रदेश सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर रही है और कोरोना से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश मॉडल की चर्चा पूरे देश में हो रही है। कंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार कोरोना प्रभावित परिवारों की हर संभव सहायता करने के प्रयास कर रही है। ग्रामीण विकास मंत्री स्वस्थ हुए परिवार के पड़ोसी राजेश से भी मिले तथा उनकी सराहना की और कहा कि कोरोना संक्रमित परिवार की मदद करके वह पूरे समाज के सामने मिसाल बने हैं।
जमा दो आर्ट्स की परीक्षा में छठा स्थान हासिल करने वाली पूजा देवी ने बुधवार को अपनी माता सरिता देवी के साथ उपायुक्त ऊना संदीप कुमार से मुलाकात की। इस अवसर पर डीसी ने पूजा को इनाम दिया तथा मिठाई भेंट की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उपायुक्त ने पूजा को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आत्मविश्वास बनाए रखें तो किसी भी कठिनाई से पार पाया जा सकता है। जीवन में लक्ष्य बनाकर परिश्रम करने से सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि वह पूजा की मदद के लिए तत्पर हैं तथा कोई भी मुश्किल हो तो उनसे संपर्क करने में जरा सा भी संकोच न करें। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला चुरड़ी की छात्रा पूजा ने बताया कि 18 जून को उसका जमा दो का रिजल्ट आया था तथा उसने प्रदेश में छठा व जिला ऊना में पहला स्थान हासिल किया है। पिता एक प्राइवेट स्कूल में ड्राइवर हैं और माता घर का काम देखती हैं। पूजा ने कहा कि उसका लक्ष्य आईएएस बनना है और उसे तब बहुत खुशी महसूस हुई थी जब मेरिट में आने के बाद जिलाधीश संदीप कुमार ने फोन पर उसे बधाई दी थी। फोन आने के बाद उसने ऊना आकर डीसी से मिलने का निश्चय किया और आज वह उपायुक्त संदीप कुमार से मिलकर बेहद खुश है।
पूरे विश्व में व्याप्त कोविड-19 महामारी के चलते खेल मैदान सूने पड़े हैं। प्रदेश में भी इन दिनों कोई भी खेल गतिविधियां नहीं हो पा रही हैं। हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ कोविड-19 महामारी के इस दौर में अपने खिलाडिय़ों को उपयोगी टिप्स देने के लिए एक वेबिनार सीरीज शुरू करने जा रहा है। फुटबॉल संघ के मीडिया कॉआर्डिनेटर सत्यदेव शर्मा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ (एचपीएफए) राज्य में फुटबॉल के नवोदित खिलाडिय़ों के लिए जल्द ही एक वेबिनार सीरीज ‘हमारा गुणवत्तापूर्ण फुटबॉल विकास महत्वपूर्ण है’ शुरू करेगा। इसके लिए संघ के एक खाका तैयार कर लिया है। जिसके तहत प्रदेश के अंडर-17 नवोदित फुटबॉल खिलाडिय़ों के लिए ऑन लाइन युवा विकास कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में देश तथा विदेश से विभिन्न विषयों में परांगत वक्ता अपने-अपने अनुभव युवा खिलाडिय़ों के साथ सांझा करेंगे। इस दौरान वह खिलाडिय़ों को उपयोगी टिप्स भी देंगे। जोकि उनको भविष्य में खेल मैदान में काम आएंगे। शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम 6 जून से आरंभ किया जा रहा है। इसमें प्रदेश भर से अंडर-17 के फुटबॉल खिलाड़ी अपने-अपने विषयों में विशेषज्ञ इन नवोदित खिलाडिय़ों को उपयोगी टिप्स देंगे। कार्यक्रम प्रत्येक शनिवार और रविवार को बाद दोपहर 3:30 से 4:30 बजे तक होगा। यह ऑन लाइन कोर्स तीन महीने चलेगा। इसके बाद सभी खिलाडिय़ों का एक सिलेक्शन ट्रायल लिया जाएगा। अंडर-17 के बाद इसे अंडर-15 और अंडर-21 पर भी लागू किया जाएगा। शर्मा ने बताया कि ऑन लाइन वेबिनार कार्यक्रम के तहत फुटबॉल खिलाडिय़ों को आधुनिक तकनीक के साथ-साथ फुटबॉल खेल से जुड़े हर टॉपिक पर चर्चा होगी। संघ के महासचिव दीपक शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम हिमाचल में पहली बार आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी खिलाडिय़ों को संघ द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम केे बाद ऊना में एक चयन प्रक्रिया का आयोजन किया जाएगा। जिसमें वेबिनार में भाग लेने वाले सभी खिलाडिय़ों का जिला ऊना में पेपर लिया जाएगा। इस कार्यक्रम के मुख्य सूत्रधार संघ के तकनीकी निदेशक सुधीर बी टी होंगे। जबकि संघ के प्रशासनिक प्रभारी शिवम गुरुंग सहयोग करेंगे। ये एक्सपर्ट देंगे टिप्स एमएमके कॉलेज मुंबई में शारीकि शिक्षा के विभाग प्रमुख मृणाल रॉय, कृषि एवं साइंस विश्वविद्यालय धारवाड कर्नाटक में शारीकि शिक्षा विभाग के प्रमुख एवं प्राध्यापक डॉ. मुक्तामथ, एआईएफएफ रेफरी, क्राउफ संस्थान बार्सीलोना में फुटबॉल प्रबंधक हरदेव शेरगिल, एचपीएफए के हेड कोच विपिन थापा, साई एलएनसीपीई त्रिवेंद्रम में सहायक प्राध्यापक और एआईएफएफ प्रशिक्षक डॉ. नरेंद्र गंगवार, एचपीएफए के फीजियोथैरेपिस्ट डॉ. सुमित कुमार शर्मा, फिटनेस एक्सपर्ट श्रीकांत अंजनकर, जय जानी, योगा केे लिए मुनीष कौशल, डाइट एंड विलनेस पर डॉ. कीर्ति मसूरकर, फिजियो ज्योति बी ढ़ींगरा, इम्मेन फुटबॉल अकादमी नीदरलैंड में गोलकीपिंग एक्सपर्ट अल्वर्ट ब्रोम्मर, एआईएफएफ में कैट-टू रैफरी रोहित अपने-अपने विषयों पर अलग-अलग दिन वेबिनार के माध्यम से ऑन लाइन टिप्स देंगे।
भौगोलिक दृष्टि से भले ही ऊना प्रदेश का एक छोटा जिला है लेकिन इस जिले को प्रदेश का खाद्यान्न भंडार कहलाने का गौरव भी हासिल है।सरकार की विभिन्न कृषि योजनाओं और नवीनतम कृषि तकनीक का पूरा फायदा उठा कर यहां के किसान न केवल अपनी आर्थिकी समृद्ध कर रहे हैं बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। अन्न उत्पादन और बेमौसमी सब्जियों की खेती में तो इस जिला के किसानों ने नाम कमाया ही है, साथ ही इस जिला को आलू उत्पादन में भी प्रदेश का एक अग्रणी जिला बनाया है। इस बार लाॅकडाउन की लंबी अवधि के बीच भी यहां आलू की बंपर फसल हुई है, जिससे किसानों के चेहरे खिले हुए हैं। वैसे भी ऊना जिला की कृषि उपज में आलू फसल का अहम स्थान है। आलू उत्पादन यहां वर्ष में दो बार रवि व खरीफ मौसम में किया जाता है। आलू की यह पैदावार कृषकों की आय में महत्वपूर्ण योगदान देती है। जिला के कृषि उप निदेशक डाॅ. सुरेश कपूर ने बताया कि रबी मौसम में 922 हेक्टेयर भूमि से 13830 मीट्रिक टन जबकि खरीफ मौसम में 947 हेक्टेयर क्षेत्र से 14205 मीट्रिक टन आलू प्राप्त होता है और इस बार भी जिला में आलू की बंपर फसल हुई है। जिला में तैयार आलू की उपज को जिला सहित अन्य बाहरी मंडियों में बेचा जाता है। इसके साथ-साथ इस आलू को चिप्स बनाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है। कृषि विभाग द्वारा कृषकों से आलू 1800 रुपये से 2200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से क्रय किया गया गया है, जिससे कृषकों को काफी लाभ मिला है। कृषि विभाग द्वारा कृषकों को कुफरी ज्योति का बीज अनुदान पर उपलब्ध करवाया गया था जिससे आलू की अच्छी पैदावार हुई है। कोविड-19 के कारण लंबे लाॅकडाउन की वजह से कृषकों को डर था कि कहीं उनकी फसल खेतों में ही न रह जाए परन्तु उनकी यह आशंका निर्मूल साबित हुई। कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा आलू की फसल की कटाई व मार्किटिंग की उचित व्यवस्था की गई। विभाग द्वारा कृषकों व मजदूरों को 4450 कफ्र्यू पास जारी किए गए और अधिकारियों ने स्वयं कृषकों के खेतों में जाकर किसानों की हर संभव सहायता की। विभाग द्वारा कृषकों को निःशुल्क मास्क, दस्ताने व सेेनेटाइजर भी उपलब्ध करवाए गए और उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग के लिए भी जागरूक किया गया। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा कृषकों को खरीफ मौसम में बीजाई हेतु मक्की व चारा के बीज भी 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी के संकट काल में लाॅकडाउन के बीच भी जिस तरह किसानों की पूरी मदद की गई और उनके खाद्यान्न उत्पादन के विपणन की पूरी व्यवस्था की गई , उससे किसान सरकार का आभार व्यक्त कर रहे हैं।
उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने कहा है कि जिला प्रशासन कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के प्रभाव की रोकथाम के साथ-साथ लोगों को आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है और सभी को इसमें सहयोग करना होगा। जिलाधीश ने कहा कि आंगनबाड़ी के बच्चों को एक महीने का एडवांस राशन प्रदान किया जाएगा। इसके लिए डीपीओ आईसीडीएस सतनाम सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा विशेष व्यक्तियों व विशेष स्कूलों के बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जिला कल्याण अधिकारी सुरेश शर्मा को अधिकृत किया गया है। वह राशन से लेकर अन्य व्यवस्थाओं में मदद करेंगे। पेमेंट के आधार पर भी होगी दवा व राशन की सप्लाई डीसी ने कहा कि बुजुर्गों व अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को भी भुगतान की सुविधा के आधार पर दवा व राशन की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए ईजी डे व विशाल मेगा मार्ट के साथ संपर्क किया गया है। आवश्यक सेवाओं के लिए जारी होंगे पास उपायुक्त ने कहा कि आवश्यक सेवाओं जैसे कि राशन, रसोई गैस, तेल की सप्लाई करने वाली एजेंसियों को जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक विजय सिंह हमलाल पास जारी करेंगे। सभी कंपनियां व एजेंसियों अपने कर्मचारियों को स्वयं पहचान पत्र जारी करेंगी। सब्जी मंडियों के आढ़तियों को जारी होंगे पास संदीप कुमार ने कहा कि सब्जी मंडी में आने वाले आढ़तियों को एपीएमसी के सचिव सर्वजीत डोगरा पास जारी करेंगे। उपायुक्त ने अपील की है कि लोग अनावश्यक रूप से खरीददारी न करें। आवश्यक वस्तुओं की कमी नहीं होने दी जाएगी लेकिन सभी का सहयोग अनिवार्य है। लोगों के लिए बैंक सुबह 7 बजे से 10 बजे तक खुलेंगे उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने कहा है कि बैंक आम लोगों के लिए सुबह 7 बजे से 10 बजे तक खुले रहेंगे। इसके बाद 12 बजे तक बैंक अपना अंदरूनी कार्य करेंगे। डीसी ने कहा कि 10 बजे तक जो ग्राहक बैंक के अंदर दाखिल होंगे उन्हें बैंक मैनेजर समय अंकित कर पास जारी कर देंगे। बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न खाएं उपायुक्त ने कहा कि कुछ लोग अपनी मर्जी से मलेरिया की दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने अपील की कि कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न खाएं। यह घातक हो सकता है। उन्होंने इस बारे में दवा विक्रेताओं भी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। पशु चारे के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करें उपायुक्त ने कहा कि पशु चारे की समस्या आ रही है और इस समस्या को दूर करने के लिए उप निदेशक पशु पालन विभाग को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को किसानों की समस्या को सुलझाने के लिए उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। आपात स्थिति के लिए बनाया हेल्प सेंटर डीसी ने कहा कि आपात स्थिति में लोगों की मदद के लिए एक हेल्प सेंटर बनाया गया है। जरूरतमंद व्यक्ति मदद मांगने के लिए 01975-226040, 9882528521, 7018067907 पर संपर्क किया जा सकता है। जिन व्यक्तियों को डायलिसिस या फिजियोथेरेपी की सुविधा की आवश्यकता है, वह 9418440747 पर संपर्क करें। उन्हें घर से पिक एंड ड्रॉप की सुविधा प्रदान की जाएगी
जहां एक तरफ कोरोना वायरस को लेकर कई तरह की हिदायतों को फॉलो किया जा रहा है और भीड़ न जुटने देने के कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं वहीं अस्पतालों में एक-एक मरीजों के साथ लगभग आधा दर्जन तीमारदार अस्पतालों में भीड़ बढ़ा रहे हैं। अस्पतालों में विभिन्न बीमारियों से पीडि़त मरीजों को उपचार के लिए विभिन्न वार्डों में उपचाराधीन रखा गया है। इन मरीजों के साथ आए उनके पारिवारिक सदस्यों/रिश्तेदारों व परिचितों की भारी भीड़ अस्पतालों के वार्डों में जुट रही है। इनके पास न तो कोई मास्क होता है और न ही इनको वार्डों में भीड़ न करने के दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसे लेकर सी।एम।ओ। डा।रमन कुमार शर्मा का कहना है कि इस संबंध में जल्द ही दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
ऊना-नंगल नैशनल हाईवे पर गांव देहलां में वीरवार को हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में 7 साल के बच्चे की मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल भेज दिया है। जानकारी के अनुसार देहलां में एक अज्ञात वाहन ने 7 साल के आरिश को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में बच्चा गम्भीर रूप से घायल हो गया, जिसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित किया गया। डीएसपी हैडक्वार्टर अशोक वर्मा ने बताया कि पुलिस ने इस हादसे में संलिप्त अज्ञात वाहन की धरपकड़ शुरू कर दी है तथा विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है।
कुशल कर्मचारियों की कमी से विद्युत परिषद का बुनियादी ढांचा चरमरा गया है। यह बात ऊना में हिमाचल राज्य विद्युत परिषद पेंशनर कल्याण संघ प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेशाध्यक्ष ई. बीके सूद ने कही। प्रदेश के समस्त जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने भाग लिया। महामंत्री पीएल गुप्ता ने संघ की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। सरकार को जल्द ही रिक्त चल रहे पदों को भरना चाहिए। पेंशनरों के मेडिकल बिलों का भुगतान भी समय पर नहीं हो रहा है, जिसके चलते उन्हें अपना इलाज करवाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं।
जिला ऊना के अंतर्गत 15 वर्षीय नाबालिग के साथ मामा द्वारा दुष्कर्म किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की शिकायत युवती के परिजनों द्वारा महिला थाना ऊना में की गई है। शिकायत के आधार पर महिला पुलिस थाना ने युवती का मेडिकल करवाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार नाबालिगा क्षेत्रीय अस्पताल ऊना में पेट दर्द होने पर अपना चैकअप करवाने आई थी। जहां पर चिकित्सकों ने इसके टेस्ट करवाए, जहां किशोरी के गर्भवती होने का पता चला। नाबालिगा के गर्भवती होने की सूचना इसके परिजनों को दी गई। परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस में दी। एसपी दिवाकर शर्मा ने बताया कि महिला थाना में शिकायत आई है। इसके आधार पर नाबालिगा का चिकित्सा परीक्षण करवाया जा रहा है और विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है।
बात 1965 की है। तब राजीव गाँधी कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ा करते थे। उसी दौरान इटली की अलबिना भी इंग्लिश की पढ़ाई पूरी करने के लिए कैंब्रिज पहुंची थीं। दोनों के प्यार की शुरुआत कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ही एक ग्रीक रेस्टोरेंट से हुई थी। एक दिन राजीव वहां बैठे थे और उनकी नज़र अलबिना पर पड़ी और पहली नज़र में ही उन्हें अलबिना से प्यार हो गया। राजीव इस कदर अलबिना के दीवाने हो गए थे कि उन्होंने रेस्टोरेंट मालिक से निवेदन किया था कि वो अलबिना को उनके पास वाली सीट ही दे। रेस्टोरेंट के मालिक ने मौके का फायदा उठाया और राजीव से कहा कि यदि आप ऐसा चाहते है तो आपको इसके लिए दोगुना भुगतान करना होगा। राजीव भी तुरंत तैयार हो गए। राजीव गांधी ने रेस्टोरेंट का एक पेपर नैपकिन लिया और उस पर अलबिना के लिए कविता लिखी। साथ ही रेस्टोरेंट में उपलब्ध सबसे महंगी वाइन खरीदी और लेटर के साथ वो अलबिना को भेज दी। इसके बाद मुलाकातों का सिलसिला शुरू हुआ और अलबिना भी राजीव को पसंद करने लगी। वर्ष 1968 में अलबिना पहली बार भारत आई। तब इंदिरा गाँधी देश की प्रधानमंत्री थी, सो अलबिना अमिताभ बच्चन के घर ठहरी। कहा जाता है कि इंदिरा गाँधी इस रिश्ते से खुश नहीं थी लेकिन अमिताभ की माँ तेजस्वी बच्चन ने उन्हें मनाया। आखिरकार 1969 में राजीव और अलबिना की शादी हो गई और इटली के लुसियाना की एडविग एंटोनिया अलबिना मायनो, सोनिया गाँधी बन गई।
हिमाचल प्रदेश देवी-देवताओं की पवित्र धरती है और जहां अनेकों मंदिर स्थापित है। इन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर है धौम्येश्वर शिव मंदिर जो ऊना ज़िला के तलमेहड़ा में स्थित हैं। इस मंदिर का निर्माण 1950 के दशक में हुआ था। पौराणिक कथा धौम्येश्वर शिव मंदिर को लेकर पौराणिक कथाओं के अनुसार, पांडवों के पुरोहित धौम्य ऋषि ने इसी स्थान पर भगवान शिव की आराधना की थी। मान्यता है कि करीब 5500 वर्ष पहले महाभारत काल में पांडवों के पुरोहित धौम्य ऋषि ने तीर्थ यात्रा करते हुए इसी ध्यूंसर नामक पर्वत पर शिव की तपस्या की थी। भगवान शिव ने प्रसन्न होकर दर्शन देते हुए ऋषि से वर मांगने को कहा। इस पर ऋषि ने वर मांगा कि जो भी भक्त इस मंदिर में आकर सच्चे मन से धौम्येश्वर शिव की पूजा करेगा उसकी हर मनोकामनाएं पूरी हों। भगवान ने तपस्या से प्रसन्न होकर धौम्य ऋषि द्वारा स्थापित शिव लिंग की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी करने का वरदान दे दिया। इसके बाद से जो भी श्रद्धालु मंदिर पहुंच कर सच्चे मन से मन्नत मांगता है, तो उस भक्त की मुराद पूरी होती है। धौम्येश्वर मंदिर ऊना ज़िला के बंगाणा उपमंडल के तलमेहड़ा गांव में शिवालिक की पहाड़ियों पर स्थित है। मंदिर को धौम्येश्वर शिवलिंग, ध्यूंसर महादेव और सदाशिव के नाम से पुकारा जाता है। मंदिर चारों ओर जंगलों से घिरा हुआ है। शिव लिंग की सच्चे मन से पूजा अर्चना करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। पूरा वर्ष यहां लाखों की तादाद में श्रद्धालु भगवान शंकर की आराधना करने के लिए पहुंचते हैं। महाशिवरात्रि और सावन के माह धौम्येश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं का खूब जमघट लगता है। मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर से ज़िला का नज़ारा देखा जा सकता है व साथ ही धौलाधार की पहाडिय़ां भी दिखाई देती है, जो कि अलग ही नजारा है। मंदिर ट्रस्ट के प्रधान के मुताबिक 1937 में मद्रास के एक सैशन जज स्वामी ओंकारा नंद गिरी को स्वप्र में भगवान शिव ने दर्शन देते हुए कहा कि पांडवों के अज्ञातवास के समय उनके पुरोहित धौम्य ऋर्षि ने स्वयंभू शिवलिंग की अर्चना की थी। । स्वामी ओंकारा नंद गिरी ने स्वप्र के आधार पर शिवलिंग को काफी जगह खोजा, लेकिन नहीं मिला। घूमते-घूमते सन् 1947 में स्वामी ओंकारानंद जी सोहारी पहुंच गए। सोहारी स्थित सनातन उच्च विद्यालय के प्रधानाचार्य शिव प्रसाद शर्मा डबराल के सहयोग से स्वामी ओंकारा नंद गिरी जी शिवलिंग के पास पहुंचे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आठ बाय आठ फुट का पहला मंदिर बनाया था, जोकि अब एक विशाल रूप धारण कर चुका है। धौम्येश्वर मंदिर प्रबंधन में जुटी ट्रस्ट द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के साथ-साथ गरीब और असहाय लोगों की मदद भी की जा रही है। ऊंचाई पर स्थित शिवलिंग के दर्शन करने के लिए दिव्यांगों व वृद्धों को पेश आने वाली परेशानी से निजात दिलाने के लिए लिफ्ट का प्रबंध किया गया है। ट्रस्ट द्वारा गौशाला का भी संचालन किया जा रहा है, जिसमें 100 के करीब गौवंशों को आश्रय दिया गया है। वहीं गरीब कन्याओं की शादी और गरीब मरीजों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता का बीड़ा मंदिर ट्रस्ट द्वारा उठाया गया है।
प्रदेश सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को गम्भीर रोग की स्थिति में त्वरित सहायता पंहुचाने के उद्देश्य से ‘सहारा’ योजना आरम्भ हो गई है। योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के रोगियों को शीघ्र सहायता प्रदान की जाएगी। सहारा योजना पूरे प्रदेश में 15 जुलाई, 2019 से आरम्भ कर दी गई है। योजना के तहत कैंसर, पार्किंसनस रोग, लकवा, मस्कुलर डिस्ट्राफी, थैलेसिमिया, हैमोफिलिया, रीनल फेलियर इत्यादि ये ग्रस्त रोगियों को वित्तीय सहायता के रूप में 2000 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। योजना के तहत किसी भी आयुवर्ग का इन रोगों से ग्रस्त रोगी आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकता है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार से सम्बन्धित रोगियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। रोगी को अपना चिकित्सा सम्बन्धी रिकाॅर्ड, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र, फोटोयुक्त पहचान पत्र, बीपीएल प्र्रमाण पत्र अथवा पारिवारिक आय प्रमाण पत्र तथा बैंक शाखा का नाम, अपनी खाता संख्या, आईएफएससी कोड से सम्बन्धित दस्तावेज प्रदान करने होंगे। चलने-फिरने में असमर्थ रोगी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी जीवित होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सहारा योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र रोगी को अपना आवेदन सभी दस्तावेजों सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाना होगा। आशा कार्यकर्ता व बहुदेशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी रोगी के सभी दस्तावेज खण्ड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। खण्ड चिकित्सा अधिकारी इन दस्तावेजों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय को प्रेषित करेंगे। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेेदन पत्र जिला स्तर के अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा हेल्थ वेलनेस केन्द्रों में 03 अगस्त, 2019 से उपलब्ध होंगे। जिला चिकित्सा अधिकारी सोलन डाॅ. आर.के. दरोच ने सहारा योजना के विषय में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना से जिला के सभी लोगों को अवगत करवाने के लिए विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर जागरूक बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सहारा योजना के तहत पात्र रोगियों को 2000 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता आरटीजीएस के माध्यम से ही उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सहारा योजना के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करें ताकि आवश्यकता के समय विभिन्न गम्भीर रोगों से पीड़ित रोगियों के परिजनोें को जानकारी देकर लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन के कार्यालय के कक्ष संख्या 132 में योजना के सम्बन्ध में सम्पर्क किया जा सकता है। डाॅ. आर.के. दरोच ने कहा कि सहारा योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने एवं उनकी देखभाल की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
राज्यसभा में बुधवार को मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित हो गया। यह न केवल एक मोटर वाहन अधिनियम है, बल्कि एक सड़क सुरक्षा बिल भी है। इस बिल का मकसद सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है, इसके लिए नियमों को और कड़ा किया गया है। वहीं जुर्माने में भी वृद्धि की गई है। जानिए क्या है मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 में यातायात नियमों और विनियमों के उल्लंघन के लिए न्यूनतम जुर्माना 100 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है। कई अपराधों के लिए अधिकतम जुर्माना 10,000 रुपए तय किया गया है। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने के मामले में जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया गया है। सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह अब तक केवल 100 रुपए था। शराब पीकर वाहन चलाने के मामलों में जुर्माना 2,000 रुपए से 10,000 रुपए तक का है। खतरनाक ड्राइविंग के लिए जुर्माना 5,000 रुपए है। इमरजेंसी वाहनों को पास नहीं देने पर 10 हजार रुपए जुर्माना के रूप में लगेगा। पिछले कानून के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। ओवर-स्पीडिंग के मामलों में चालक को हल्के मोटर वाहनों जैसे कारों के लिए 1,000 रुपए और भारी वाहनों के लिए 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। रेसिंग में लिप्त पाए जाने पर चालक को 5,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। यदि आपके वाहन का बीमा कवरेज समाप्त हो गया है और आप अभी भी इसे चला रहे हैं, तो आपको 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। जुर्माने में हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। मौजूदा कानून के तहत हिट-एंड-रन मामलों में क्षतिपूर्ति 25,000 रुपए है। इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। चोटों के मामलों में, मुआवजा 12,500 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है। सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य बीमा कवरेज और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए केंद्रीय स्तर पर एक मोटर वाहन दुर्घटना निधि बनाई जाएगी।
हिमाचल में स्क्रब टायफस बीमारी से निपटने की तैयारी व नियंत्रण को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। आरडी धीमान ने कहा कि स्क्रब टायफस बीमारी की जांच व इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है और सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इसके इलाज के लिए दवाइयों भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में जनवरी, 2019 से अब तक स्क्रब टायफस के 220 मामले दर्ज किए गए हैं। बिलासपुर में सर्वाधिक मामले दर्ज हुई हैं। आरडी धीमान ने कहा कि पिछले चार सालों में स्क्रब टायफस के मामलों में वृद्धि हुई हैं। स्क्रब टायफस फैलाने वाला पिस्सू शरीर के खूले भागों को ही काटता है। इसके लिए उन्होंने लोगों को सलाह दी घरों के आसपास खरपतवार आदि न उगने दें व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि 104 से 105 डिग्री का तेज बुखार, सिर व जोड़ों में दर्द व कंपकंपी, शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना आदि स्क्रब टायफस के लक्षण हैं। यदि ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नज़दीकी अस्प्ताल में संपर्क करें।
हिमाचल प्रदेश ज़िला ऊना के बंगाणा के तहत आन वाले खुरवाई में देर रात हुए खूनी संघर्ष में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। वहीं मृतक की पहचान पुरषोत्तम पुत्र वर्फी राम उम्र 40 साल निवासी खुरवाई के रूप में हुई है। वारदात के बाद अज्ञात व्यक्ति घटनास्थल से फरार हो गया। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि मृतक की लड़ाई किससे हुई और क्यों हुई? उधर, एसपी दिवाकर शर्मा ने कहा कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
झारखण्ड ये है सरकारी अस्पतालों का हाल पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) के इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) में एक कैंसर मरीज शमीम मल्लिक के अंगों को चूहों ने कुतर खाया है। दरअसल , झरिया के शमशेर नगर निवासी मो. शमीम मल्लिक (73 वर्ष) के शरीर पर सोमवार की रात चूहों ने कई बार हमला बोला। शरीर के कई अंगों को चूहों ने कुतर दिया। चूहों ने उनके निजी अंग व पैर को चार जगहों पर कुतर दिया। सुबह में जख्म के स्थान पर जब परिजनों ने खून देखा तो उन्हें इसका पता चला। शमीम 28 जुलाई को अस्पताल में भर्ती हुए थे। मामले के बाद उनके परिजनों ने जमकर विरोध जताया है।
हिमाचल प्रदेश की हरियाली बढ़ाने के लिए यूं तो वन विभाग हर साल हर संभव प्रयास करता है। पर अब नई योजना से यह जन अभियान बन सकेगा। अब नवजात कन्या के नाम पर बूटा लगाकर हिमाचल प्रदेश में हरियाली बढ़ाई जाएगी । हिमाचल इस तरह की अनूठी पहल करने जा रहा है। प्रदेश में जहां भी बेटी पैदा होगी, उस परिवार को वन विभाग पौधा भेंट करेगा। इसे संबंधित क्षेत्र में रोपा जाएगा। कन्या कहां पैदा हुई, इसका पता लगाने की जिम्मेदारी वन रक्षक की रहेगी। वह पंचायतों से लेकर तमाम विभागों से संपर्क में रहेगा। किस प्रकार की भूमि में कौन से पौधे रोपे जाएंगे, यह जल्द ही तय होगा। इस सिलसिले में सरकार ने प्रारंभिक खाका खींच लिया है। इस योजना का नाम ‘एक बूटा बेटी के नाम’ होगा। इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। रोपे पौधे की देखभाल बेटी के मां-बाप करेंगे। बजट सत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई योजना शुरू करने का ऐलान किया था। इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। जैसे ही सरकार स्वीकृति देगी, यह धरातल पर उतरेगी।
Chandra Shekhar Azad was born on July 23, 1906, in Bhavra, Madhya Pradesh. Azad was a daring freedom fighter and a fearless revolutionary. In his early age he was the part of non cooperation movement but after suspension of the non-cooperation movement by Gandhi Ji in 1922, Azad became more aggressive. He joined Ram Prasad Bismil who had formed the Hindustan Republican Association (HRA), a revolutionary organisation. Today is the 113th birth aniversary of Indian Freedom Fighter Chandrashekhar Azad. Chandra Shekhar Azad was popularly known as Azad. After the massacre of the Jallianwala Bagh which took place in 1919 , he decided to join the Non-Cooperation movement led by Mahatma Gandhi in 1920. Azad was just 15 years old when he was arrested for the first time for joining Gandhi's Non-Cooperation Movement. When Azad was produced before a judge, he gave his name as 'Azad', father's name as 'Swatantrata' (independence) and residence as 'Jail'. Azad was the chief strategist of the Hindustan Socialist Republican Association (HSRA). He executed Kakori Train robbery in 1925 and the killing of the assistant superintendent Saunders in 1928. Azad had made a pledge that the police will never capture him alive. After the death of Lala Lajpat Rai, Bhagat Singh also joined Azad to fight against British. On February 27, 1931, betrayed by one of the associates, he was besieged by the British police in Alfred Park, Allahabad. He fought valiantly but seeing no other way he shot himself with last bullet left and fulfilled his resolve to die a 'free man'.
बिजली खपत पर रहेगी निगरानी अब आप जल्द ही मोबाइल फ़ोन के ज़रिये अपने घर और कार्यालय में हो रही बिजली की खपत में नज़र रख सकेंगे। इसके लिए हिमाचल सरकार सभी पुराने मीटरों को बदल कर स्मार्टबिजली मीटर लगाने जा रही है। राज्य बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक जे पी कालटा ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने का काम जल्द शुरू होगा। एक मोबाइल एप्लीकशन करनी होगी डाउनलोड स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को एक मोबाइल ऐप्प अपने फ़ोन पर डाउनलोड करनी होगी। इसकी मदद से उपभोक्ता किसी भी समय यह जान सकेंगे कि उन्होंने कितनी बिजली इस्तेमाल की। इस मीटर को उपभोक्ता प्री-पेड मीटर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे। प्री-पेड मीटर मोबाइल फ़ोन की तरह ही इस्तेमाल होंगे। इसके अलावाउपभोक्ताओं को बिल जमा करवाने का विकल्प भी मिलेगा। अब रीडिंग लेने के लिए उपभोक्ताओं के घर नहीं जायेंगे बिजली बोर्ड कर्मचारी स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों को उपभोक्ता के घर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इस मीटर से ऑनलाइन रीडिंग ले ली जाएगी। लो वोल्टेज, बिजली बंद होने और बिजली चोरी होने की भी कण्ट्रोल रूम में जानकारी पहुंचेगी। बिल जमा न करने पर कंट्रोल रूम से ही कनेक्शन काट लिया जाएगा। मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं को भी चुकाना होगा शुल्क एक स्मार्ट बिजली मीटर 2800 से 3000 रूपए में पडेगा। इसके लिए केंद्र करीब 1200 रूपए प्रति मीटर सब्सिडी देगा। शेष खर्च राज्य बिजली बोर्ड और उपभोक्ताओं को उठाना पडेगा। पुराने बिजली मीटरों की राशि उपभोक्ताओं के शेयर में एडजेस्ट करने की भी योजना है। 2022 तक लगेंगें प्रदेश में 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर पहले चरण में शिमला और धर्मशाला दोनों शहरों में इस साल 1.35 लाख मीटर बदले जायेंगें। इसके बाद पुरे प्रदेश में साल 2021-22 तक 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का लक्ष्य है।
As expected, Punjab Chief Minister Captain Amrinder Singh has accepted Navjot Singh Sidhu's resignation. The same has been forwarded to the Governor of Punjab Vijayender Pal Singh Badnore for approval. Navjot Singh Sidhu had resigned from the state Cabinet few days back after his portfolio reshuffled. Sidhu had sent his resignation as Punjab Cabinet minister to the chief minister's residence on Monday, after he claimed having sent the same to Congress president on June 10. He made his resignation public on Sunday. Now chief minister has accept his resignation.
If there is anyone in India other than Major Dhyanchand who deserves to be called as The Magician with Hockey Stick, he is Dhanraj Pillay. Pillay was the world class player of his time and former captain of the national hockey team. India won many tournaments under his captaincy, and he has made ample contributions to Indian hockey. Today, Dhanraj Pillay turned 51. Lets know interesting facts about Dhanraj Pillay:- Dhanraj Pillay served India for about 15 years. He debuted his international hockey in 1989 in Allwyn Asia Cup Pillay played over 330 international matches for India. However, The Indian Hockey Federation didn't keep an official record of his goals. According to Federation he scored around 170 goals in his career. Dhanraj Pillay played for India in four Olympics, four World Cups, four Champion Trophies and four Asian Games Pillay was the highest goal scorer of the Bangokok Asian Games of 1998. Dhanraj Pillay was honoured with Rajiv Gandhi Khel Ratna award in the year 1999-2000. Dhanraj Pillay was awarded the Padma Shri, the fourth highest civilian award, in the year 2000. Journalist, Sundeep Misra, wrote a biography on Pillay titled, 'Forgive Me Amma' Under his captaincy, India won 1998 Asian Games and 2003 Asia Cup.
State Bank of India, the country’s largest bank has waived charges on immediate payment services and real -time gross settlement (RTGS) transactions through internet and mobile banking. It is applicable with effect from July 1, 2019. This is not all, the bank has also decided not to charge any fee on fund transfer through mobile phones using immediate payment service (IMPS) w.e.f August 1, 2019. With a market share of around 25 percent, SBI is the India’s largest bank. At the end of FY 2018-19, the SBI customers using internet banking were more than six crore, and those who were availing mobile banking facility were around 1.41 crores. The bank’s decision to abolish charges on using internet and mobile banking will benefit million's of customers. The bank has taken this decision after receiving guidelines from RBI to promote digital transactions.
मोदी सरकार भाग दो का पहला बजट शुक्रवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है। बजट में पेट्रोल-डीजल पर एक रूपया सेस बढ़ाने की घोषणा की गई है जिससे आने वाले दिनों में महंगाई बढ़ सकती है। पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से माल ढुलाई पर आने वाला खर्च बढ़ जाएगा, जिसका प्रभाव लगभग हर सामान की कीमत पर होना तय माना जा रहा है।बजट में सोना पर शुल्क 10 फीसद से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया गया है। साथ ही ये भी घोषणा की गई है कि आने वाले दिनों में तंबाकू पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इस्तेमाल को भी प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया हैं। बजट में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी रेट 12 पर्सेंट से घटाकर 5 पर्सेंट कर दिया गया। इसके अलावा, इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदने हेतु लिए गए लोन पर चुकाए जाने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त इनकम टैक्स छूट भी देने का एलान किया है। मुख्य बिंदु... ''हर घर जल, हर घर नल'' के तहत 2024 तक हर घर में नल से होगी जल की आपूर्ति। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़क को अगले पांच सालों में अपग्रेड किया जाएगा। मार्च 2020 तक 45 लाख रुपये तक की घर खरीद पर ब्याज के पुनर्भुगतान पर 1.5 लाख की अतिरिक्त छूट मिलेगी। 114 दिनों में जरूरतमंदों को घर बनाकर देने का लक्ष्य। 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य। सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकासी पर अब दो फीसदी टीडीएस। सोने के आयात शुल्क पर 2.5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। सालाना 2-5 करोड़ रुपये की कमाई वाले व्यक्तियों के सरचार्ज में 3 फीसदी व 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर सरचार्ज में सात फीसदी का इजाफा। 400 करोड़ रुपये तक के रेवेन्यू वाले कंपनियों को अब 30 फीसदी के मुकाबले 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा। ये हुआ सस्ता - साबुन, शैंपू, हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, डिटरजेंट वाशिंग पाउडर, बिजली का घरेलू सामानों पंखे, लैम्प, ब्रीफकेस, यात्री बैग, सेनिटरी वेयर, बोतल, कंटेनर, रसोई में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों के अलावा गद्दा, बिस्तर, चश्मों के फ्रेम, बांस का फर्नीचर, पास्ता, मियोनीज, धूपबत्ती, नमकीन, सूखा नारियल, सैनिटरी नैपकिन, ऊन खरीदना सस्ता हुआ।