स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल 18 व 19 जुलाई को सोलन विधानसभा क्षेत्र के प्रवास पर रहेंगे। डॉ. शांडिल 18 जुलाई को प्रात: 11.30 बजे सोलन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत काहला, दोपहर 12.05 बजे ग्राम पंचायत सायरी तथा दोपहर 2.00 बजे ग्राम पंचायत कोट के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री तदोपरांत सायं 03.30 बजे सोलन में भारी वर्षा के कारण प्रभावित लोगों को तत्काल राहत के रूप में चेक प्रदान करेंगे। डॉ. शांडिल 19 जुलाई को दोपहर 12.05 बजे सोलन विकास खंड की ग्राम पंचायत डांगरी की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोठी देवरा के भवन निर्माण कार्य का निरीक्षण करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री तत्पश्चात दिन में 1.20 बजे ग्राम पंचायत डांगरी के बेरटी गांव का दौरा करेंगे। डॉ. शांडिल इसके उपरांत सांय 4.00 बजे उपायुक्त कार्यालय सोलन में रोगी कल्याण समिति की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज यहां राज भवन से राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के माध्यम से जिला मण्डी के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री से भरे दो वाहनों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में इस प्राकृतिक आपदा के कारण जान व माल का भारी नुकसान हुआ है। इस नुकसान की भरपाई करना कठिन है, लेकिन राहत के रूप में हम अपना योगदान दे सकते हैं जो प्रभावित लोगों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस आपदा में प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन तथा पुलिस के प्रयासों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा के दौरान सेना, वायु सेना, अर्धसैनिक बलों तथा सभी अन्य एजेंसियों द्वारा राहत व बचाव कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय प्रदेश में आई इस आपदा पर नजर बनाए हुए है तथा इसके लिए फौरी राहत प्रदान कर रहा है। उन्होंने विश्वास जताया कि नुकसान के पूर्ण आकलन के पश्चात प्रदेश को और अधिक राहत प्रदान की जाएगी। राज्यपाल ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इस कठिन समय में समाज के सभी वर्गों ने सहयोग प्रदान किया है तथा लोगों ने भी अपना बहुमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने आपदा प्रभावितों की मदद के लिए सभी से आपदा राहत कोष में स्वेच्छा से योगदान करने का आग्रह किया है। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने स्वयं राहत कोष में अपने एक माह के वेतन का अंशदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राज्य तथा जिला स्तर पर रेडक्रॉस के माध्यम से भी सहायता प्रदान की जा रही है। इससे पूर्व राज्य रेडक्रॉस के माध्यम से 13 जुलाई को तीन वाहनों में मण्डी तथा कुल्लू जिलों के लिए राहत सामग्री भिजवाई गई थी। राष्ट्रीय रेडक्रॉस सोसायटी से अधिक राहत सामग्री प्रदान करने का आग्रह भी किया गया है तथा रेडक्रॉस के माध्यम से शीघ्र ही प्रभावित क्षेत्रों में यह राहत सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी। राज्यपाल के सचिव संदीप कदम तथा राज्य रेडक्रॉस के अन्य पदाधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में वर्चुअल माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दिल्ली में ड्रग तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने ड्रग माफिया से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए राज्यों को अधिक अधिकार देने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त ड्रग माफिया पर प्रभावी ढंग से नकेल कसने के लिए नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांसिस (एनडीपीएस) अधिनियम में संशोधन की भी आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने नशीली दवाओं के तस्करों की संपत्ति जब्त करने के लिए एनडीपीएस अधिनियम में एक प्रावधान जोड़ने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हिमाचल प्रदेश से प्रवर्तन निदेशालय को नशीली दवाओं से संबंधित स्थानांतरित किए गए १० मामलों में प्रगति धीमी रही है। ऐसे में उन्होंने जब्त करने की शक्तियां राज्यों को सौंपने को कहा। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं से संबंधित अपराध में सजा ५ वर्ष से बढ़ाकर आजीवन कारावास की जाए और नशीले पदार्थों की मात्रा की परवाह किए बिना इस अपराध को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाने के साथ-साथ पांच लाख जुर्माने और संपत्ति जब्त करने का प्रावधान भी किया जाए। उन्होंने नशीली दवाओं के अत्याधिक सेवन से होने वाली मौतों को रोकने के महत्त्व पर बल दिया और इस संबंध में अधिनियम में आवश्यक बदलाव करने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से प्रदेश के कुल्लू जिले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का क्षेत्रीय कार्यालय और आधुनिक हाई-टेक जेल स्थापित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए राज्य में आधुनिक फोरेंसिक प्रयोगशाला और मोबाइल लैब की स्थापना का भी अनुरोध किया। उन्होंने नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में तेजी लाने के लिए हिमाचल प्रदेश में एनडीपीएस अधिनियम के तहत फास्ट ट्रैक कोर्ट के महत्त्व पर बल दिया। उन्होंने राज्य में नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन के लिए केंद्र सरकार से उदार वित्तीय सहायता का भी आग्रह किया। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में नशीली दवाओं की बढ़ती समस्या को देखते हुए राज्य सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए महत्त्वपूर्ण कदम उठा रही है। प्रदेश विधानसभा में नशाखोरी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है। उन्होंने राज्य के भीतर नशीली दवाओं से संबंधित मामलों में एफआईआर (प्रथम सूचना रिपोर्ट) की संख्या में ४० प्रतिशत, गिरफ्तारी में ३४ प्रतिशत और बरामदगी में ५० प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के संकेत देने वाले आंकड़े भी साझा किए। उन्होंने कहा कि हिमाचल देश के उन चुनिंदा राज्यों में शुमार है जो नशीली दवाओं की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए निवारक उपाय अपना रहा है और इस संबंध में एक सलाहकार बोर्ड का भी गठन किया गया है। बैठक में विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी जुड़े तथा मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त यूनुस, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सतवंत अटवाल और अभिषेक त्रिवेदी, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया और विशेष सचिव राज्य कर एवं आबकारी हरबंस सिंह ब्रस्कॉन और प्रदेश सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शिमला में मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे।
सोमवार को इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के विधायक मलेंद्र राजन ने विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों से संबंधित पात्र लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष से प्राप्त होने वाली लाखों रुपये की राहत राशि वितरित की। इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि आज विभिन्न दुर्घटनाओं में घायल हुए व गंभीर बिमारी से ग्रस्त रहे तथा अन्य पात्र कुल 17 परिवारों को 6.43 लाख रुपये की राहत राशि विधायक मलेंद्र राजन के कर कमलों से वितरित की गई।
हिमाचल प्रदेश बन कर्मचारी महासंघ ने उपाध्यक्ष रविंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री से बीड़ (बिलिंग) में डिप्टी रेंजर के पद पर तैनात प्रदीप राणा की आकस्मिक मौत की न्यायिक जांच की मांग की है। रविंदर सिंह ने जारी एक प्रेस नोट में बताया कि प्रदीप राणा की 15 जुलाई को आकस्मिक मौत हो गई, जिससे समस्त वन विभाग के कर्मचारी स्तव्ध हैं। मौत के कारण को हालांकि पुलिस सुसाइड वता रही है, लेकिन प्रदीप राणा के परिजन और उनके सह कर्मचारी इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं। उपाध्यक्ष ने सवाल उठाते हुए कहा कि इतना खुश मिजाज व्यक्ति अगर आत्महत्या करें उसके पीछे कोई तो वजह रही होगी, जिसका सामने आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग को इस केस की गहनता से छानवीन करनी चाहिए, ताकि पता चले कि इस अधिकारी को आखिर ऐसा कदम क्यों उठाना पड़ा। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मांग करते हुए कहा कि मौत के कारणों की जांच करवाई जाए, जिससे उनके घर वालों को भी मालूम हो कि क्या कारण थे जिस कारण उनको आत्महत्या करने की जरूरत पड़ी। रविंदर सिंह ने कहा जल्द ही उक्त घटना के कारणों का पता लगाया जाए, ताकि सभी बन कर्मचारी भय मुकत हो कर अपनी ड्यूटी कर सकें।
व्यवस्था परिवर्तन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने राज्य में फील्ड दौरों के दौरान सामान्य तौर पर विभिन्न माननीयों को पुलिस द्वारा दिए जाने वाले 'गार्ड ऑफ ऑनरÓ (सलामी) को 15 सितंबर तक स्थगित कर दिया है। हालांकि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन आदेशों में छूट रहेगी। यह निर्णय प्रदेश में हाल ही में आई आपदा से वृहद स्तर पर जारी राहत व बचाव कार्यों के दृष्टिगत लिया गया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में संचालित किए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों में पुलिस बल की तैनाती में वृद्धि पर बल देते हुए इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को गार्ड ऑफ ऑनर जैसे कार्यों में संलग्न करने के बजाए इस संकट के समय में प्रभावित लोगों को सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह निर्णय आपदा के प्रभावों से निपटने के लिए प्रदेश के संसाधनों के सही उपयोग के उद्देश्य से लिया गया है। बचाव कार्यों के दृष्टिगत पुलिस बल द्वारा प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता सुनिश्चित करना बेहद महत्वपूर्ण है। सीएम सुक्खू ने कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर स्थागित करने से सरकार प्रदेश में आपदा से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए राज्य के संसाधनों तथा श्रम शक्ति का और बेहतर उपयोग करेगी। इस निर्णय से सरकार की आपदा प्रभावित क्षेत्रों को तुरंत राहत पहुंचाने तथा इस कठिन समय में प्रभावी प्रशासन की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राहत तथा बचाव कार्य जारी है और प्रदेश सरकार इस आपदा से प्रभावित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए मज़बूती से कार्य कर रही है। यह निर्णय प्रदेश के लोगों की सुरक्षा को सर्वोच्च अधिमान देने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कुनिहार क्षेत्र की प्राचीन शिव तांडव गुफा कुनिहार में सावन माह के पहले सोमवार को भक्तों की अटूट आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही भक्तों की भीड़ गुफा में जुटने लगी। दोपहर तक अपने आराध्य शिव तांडव गुफा नाथ की प्राकृतिक पिंडी के दर्शन के लिये लोगो की तादात बढ़ने लगी व शिव भक्तों ने कतारबद्ध होकर अपने आराध्य के दर्शन किये। समिति अध्यक्ष राम रतन तनवर ने बताया कि आज दो दिवसीय राम चरित मानस कथा अखंड पाठ को हवन व पूर्णाहुति के साथ विराम दिया गया। शाम को भजन संध्या में रूहदार म्यूजिकल ग्रुप द्वारा एक से एक सुंदर भजनों से भोले का गुणगान किया गया। इस दौरान समिति व शम्भू परिवार की ओर से आयोजित भंडारे में हजारों लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया।
हमीरपुर संसद क्षेत्र के सांसद व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ऊना के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचकर बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया। अनुराग ने घालूवाल पुल का निरीक्षण किया ,जो कि क्षतिग्रस्त इस बारिश के दौरान हुआ है। जिसे यातायात के लिए रोका गया है और वर्तमान में रिपेयर का काम चल रहा है।सोमवार सुबह अनुराग ठाकुर सुबह घालूवाल पुल पर पहुंचे । इस दौरान उनके साथ पुन: सदर के विधायक सतपाल सिंह सत्ती, पूर्व केंद्रीय पूर्व कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर, भाजपा प्रवक्ता प्रोफेसर रामकुमार, जिला भाजपा महामंत्री राजकुमार पठानिया ,जिला प्रशासन के अधिकारी सहित अन्य नेता प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इस दौरान रिपेयर का कार्य कर रहे ठेकेदार सतीश शर्मा ने कैबिनेट मंत्री को पूल के रिपेयर कार्य की प्रगति के बारे में जानकारी दी और बताया कि आने वाले कुछ समय में पुल को यातायात के लिए खोला जा सकता है । इस समय राजनीति नहीं करनी चाहिए अनुराग ने कहा कि इस समय सरकार को राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूरी तरह से मदद के लिए तत्पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने स्वयं मुख्यमंत्री से बात की है। भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्व फील्ड में राहत के लिए है। हम सब जनता के बीच जाकर निरीक्षण कर रहे हैं,अनुराग ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से फाइनल रिपोर्ट नुकसान की जो बनेगी, उसके बाद केंद्रीय टीम आ रही है, वह निरीक्षण करेगी और आंकलन करने के बाद केंद्र सरकार को और अधिक मदद करेगा ।उन्होंने कहा कि यह नुकसान बहुत दुखदाई है, इसलिए हम सबको मिलकर के इसकी भरपाई करते हुए जनजीवन को सामान्य करना है और जो कमियां हैं उनको ठीक करना है। उन्होंने कहा कि तेजी से राहत कार्य जो उन लोगों को राहत मिले जो प्रभावित हुए है यह सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने जिला प्रशासन को भी जल्द राहत कार्य करने ,लोगों को राहत देने के निर्देश दिए। अनुराग ठाकुर ने पंजाब के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवंत मान मुख्यमंत्री तो बन गए लेकिन अपनी पुरानी हरकतें नहीं छोड़ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें जिम्मेदारी के साथ बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल न कोरोना में कुछ कर पाए, न बारिश में, न अपने पास कोई भी विभाग रखा है और जब विफल होते हैं तो उसका ठीकरा दूसरों पर ठीकरा फोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में अरविंद केजरीवाल केवल बातों की बातें करते हैं, काम करने की आदत उन्हें है ही है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस विपदा के समय में सबको मिलकर के काम करना है ,राज्यों को भी आपसी सहयोग करना चाहिए ।उन्होंने कहा कि हम सबके साथ हैं और चाहते हैं कि सामान्य जनजीवन हो। अनुराग ठाकुर ने इसके बाद चढ़तगढ़ में पहुंचकर वहां नुकसान का जायजा लिया और लोगों से बात की और जल्द उन्हें राहत देने का आश्वासन दिया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा है कि वे केंद्र सरकार से हिमाचल प्रदेश का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग करेंगी, जिसके तहत प्रदेश में विकास योजनाओं के कार्यन्वयन के लिए 90 प्रतिशत ग्रांट का प्रावधान हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए वे इस मांग को संसद में भी उठाएंगी। प्रतिभा सिंह ने आज यहां कहा कि वह अपने संसदीय क्षेत्र मंडी का चार दिवसीय दौरा कर लौटी हैं। उनके संसदीय क्षेत्र मंडी में भारी बारिश व बाढ़ से बहुत ही जानमाल का नुकसान हुआ हैं। इस क्षेत्र में अनेक सड़के,पुल व कई भवन बह गए। करोड़ों की निजी व सरकारी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ हैं।उन्होंने कहा है कि भारी बारिश व बाढ़ से किसानों बागवानों की फसलें भी बर्बाद हो चुकी है उन्हें भी राहत देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस आपदा ने जो जख्म दिए है उन्हें भरने में बहुत समय लगेगा। उन्होंने कहा कि आपदा के इस समय में सरकार लोगों को राहत देने व उनके पुनर्वास के हरसंभव प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का राहत कार्यो के लिये राहत कोष में कुछ न कुछ अंशदान देने की अपील की हैं। उन्होंने कहा है कि यह समय आपदा प्रभावित लोगों के साथ देने का है जिन्होंने इस आपदा में अपनों के साथ साथ अपनी संपत्ति को खोया है। प्रतिभा सिंह ने आम जन मानस से भी राहत कोष में अंशदान देने का आग्रह किया है, जिससे पुनर्वास कार्यो में तेजी लाई जा सके।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा में डीजल के दाम बढ़ाने के तानाशाही फैसले का असर अब पूरे प्रदेश में दिखने लगा है। आपदाग्रस्त लोगों पर सरकार के इस फैसले की दोहरी मार पड़ी है। हर चीजें महंगी हो रही हैं। माल ढुलाई के महंगे होने से खाने पीने से लेकर पुनर्वास और पुनर्निर्माण से जुड़ी चीजें भी महंगी हो रही हैं। इसका सीधा असर आम जनता पर भी पड़ेगा और आपदाग्रस्त लोगों पर भी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर अभी तक किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं पहुंची हैं। लोग मदद के लिए सरकार की राह देख रहे हैं। ऐसे क्षेत्रों तक लोगों को तत्काल राहत पहुंचाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिनका सब कुछ बर्बाद हो गया, उनके पास सरकारी राहत में देरी नहीं होनी चाहिए थी। इसके साथ ही सरकार उन लोगों को भी राहत पहुंचाए जिनका घर ख़तरे की जद में हैं और वे अपना घर छोड़कर किसी और जगह पर शरण लिये हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब आपदा प्रभावित और इंतज़ार नहीं कर सकते हैं। इसलिए सरकार धरातल तक पहुंचे और प्रभावितों को राहत पहुंचाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का हर नेता और कार्यकर्ता बाढ़ प्रभावितों के साथ खड़ा है और उनका सहयोग कर रहा हैं। भाजपा के विधायक दल ने भी अपने एक माह का वेतन आपदा प्रभावितों को देने का निर्णय लिया हैं। अभी बहुत सी जगहें ऐसी हैं, जहां पर नेटवर्क, लेकर पानी और बिजली जैसी सुविधाएं भी बहाल नहीं हुई हैं। सड़कें बंद हैं किसी प्रकार की सप्लाई उनतक नहीं पहुंच पास रही हैं। आपातस्थिति में मरीज़ों के लिए एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पा रही है। सरकार को राहत और पुनर्वास कार्यक्रमों में भी तेज़ी लानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि बाढ़ आये एक हफ़्ता बीत चुका है, ऐसे बहुत से बाढ़ प्रभावित हैं जिनका बाढ़ में सब कुछ बह गया है। उनके पुनर्वास लिए भी तेज़ी से कार्य करने की आवश्यकता है क्योंकि लंबे समय तक इनके बिना रहना संभव नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि अब राहत और पुनर्वास के कार्यक्रमों को गंभीरता के साथ आगे बढ़ाने की ज़रूरत हैं। यह आपदा की घड़ी हैं, ऐसे मौक़े पर बिलकुल राजनीति नहीं की जानी चाहिये अत: दौरे पर गए मंत्री राजनीति के बजाय राहत कार्यों पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि आपदा के समय राहत और पुनर्वास के कार्यक्रमों में सरकार का कई विभागों के आपस में समन्वय की आवश्यकता होती है, जिससे राहत के कार्य युद्ध स्तर पर संचालित हो सके। इसलिए मैं मुख्यमंत्री से निवेदन करता हूं कि वह मंत्रालयों और मंत्रियों के परस्पर समन्वय पर ध्यान दें। जिसके आपदा प्रभावित हमारे प्रदेश के लोगों को राहत मिल सके। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आपदा के समय में सरकार का सारा ध्यान सिफ़र् राहत और बचाव कार्यों पर होना चाहिए, लेकिन सरकार में कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो आपदा में बचाव के लिए आये हेलीकॉप्टर में भी सेल्फ़ी लेने में मशगूल थे। उन्होंने कहा कि आपदा के मौके पर संसाधनों का इस्तेमाल आपदा प्रभावितों की मदद के लिए होना चाहिए।
ज्वालामुखी माता की पावन नगरी में स्थित राजकीय महाविद्यालय ज्वालामुखी में यहां स्थानीय विधायक संजय रत्न के प्रयासों से बीसीए डिग्री की सीट्स बढ़ा दी गई हैं। अब यह सीट्स 40 से 60 हो गई हैं। इसके अतिरिक्त टीम द्वारा यहां निरीक्षण किया गया है। सूत्रों की माने तो उक्त टीम द्वारा एमए इंग्लिश, एमए पोलिटिकल साइंस, एमएसी गणित, एमकॉम के लिए भी इस कॉलेज का निरीक्षण किया गया है। वहीं इस संदर्भ में ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न से बात की गई तो उन्होंने बताया क्षेत्र के युवाओं के लिए यह खुशी का मौका है। अब ज्वालामुखी कॉलेज में ये सब कोर्स भी जल्द शुरू किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त बीसीए में अब 60 छात्रों का प्रवेश होगा। वहीं, स्थानीय जनता द्वारा विधायक संजय रत्न का दिल से आभार प्रकट किया गया है। यही नहीं इस कॉलेज में यह सालों की मांग थी जिसे अब मोहर लग गयी है। विधायक ने कहा कि पिछली सरकार में यह सब कार्य ठप पड़े थे, जिन्हें अब सुक्खू सरकार के अथक प्रयासों से शुरू किया है। यही व्यवस्था परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि आजकल के समय में शिक्षा का एक अहम महत्व है। शिक्षा की गुणवत्ता को ओर भी बढ़िया करने के लिए कांग्रेस सरकार लगातार प्रयासरत है।
पुलिस थाना ज्वालामुखी के अंतर्गत शिव मंदिर ठेहड़ा के समीप पुलिस ने गश्त के दौरान रवि कुमार पुत्र दुर्गा निवासी धनोट, डाकघर अधवानी के कब्जे से 23.12 ग्राम चरस बरामद की है। पुलिस ने उक्त आरोपी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई है। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी ज्वालामुखी विकास धीमान ने कहा कि पुलिस नशे के सौदागरों को किसी भी कीमत बख्शेगी नहीं। ज्वालामुखी पुलिस ने इस संदर्भ में मामला दर्ज कर लिया है।
श्रावण मास महोत्सव के दौरान आज सोमवत्ति अमावस्या व ज्येष्ठ सोमवार को प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़ में सुबह चार बजे मंदिर के कपाट खुलने पर शिव भक्तों का स्वयं भू प्रकट शिवलिंग के दर्शन के लिए तांता लग गया। भक्तों ने हजारों की संख्या में लंबी-लंबी कतारों में लगकर 3-4 घंटे अपनी बारी का इंतजार करते रहे। जयकारे लगाते हुए भोलेनाथ के दर्शन किये तथा जलभिषेक करवाते हुए बिल्वपत्र, भांग, आक धतूरा आदि शिवलिंग को समर्पित करते हुए शीश नवाजा। यह क्रम बाद दोपहर 4 बजे तक चलता रहा। इसी बीच मंदिर परिसर में चल रहे 11 रामायणों का पवित्र भोग भी डाला गया। इसी बीच सभा द्वारा शिव भक्तों के लिए लगाए गए लंगर का व सुंदर पार्क में घूमने का भी भक्तों ने भरपूर आनंद लिया। सभा के प्रधान ओम प्रकाश कटोच व प्रेस सचिव सुरिंदर शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि 18 जुलाई को बाद दोपहर 2 बजे से गंगाधर शास्त्री उर्फ गंगू महाराज (जम्मू वाले) जी द्वारा हरिचर्चा तथा सत्संग किया जाएगा।
पर्यटन राजधानी कांगड़ा में प्रस्तावित टूरिज्म प्रोजेक्टस को लेकर भूमि चयन की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। जिले में पर्यटन विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा को लेकर आज सोमवार को डीसी ऑफिस में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह बात कही। उपायुक्त ने कहा कि जिन परियोजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध है वहां संबंधित विभाग जल्द से जल्द काम शुरु करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सख्त निर्देश हैं कि जिले में पर्यटन विकास से संबंधित प्रोजेक्टस को जल्द से जल्द मूर्त रूप दिया जाए। उन्होंने परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए। ये हैं अभी तक चिन्हित स्थान डीसी ने बताया कि जिले में पर्यटन विकास के लिए प्रस्तावित परियोजनाओं को लेकर स्थान चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित टूरिज्म विलेज के लिए धर्मशाला के समीप नरघोटा में करीब 25 हेक्टेयर भूमि देखी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि टूरिज्म विलेज के लिए जिले में अन्य उपयुक्त स्थानों में भी जमीन तलाशी जाए। उन्होंने बताया कि आइस स्केटिंग तथा रोलर स्केटिंग रिंक के निर्माण के लिए सकोह में 2 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। वहीं कन्वेंशन सेंटर के लिए सिद्धबाड़ी में 4 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। यहां निर्माण को लेकर एशियन विकास बैंक (एडीबी) के प्रतिनिधि साईट निरीक्षण भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि परागपुर में गोल्फ कोर्स मैदान के निर्माण के लिए 12.50 हेक्टेयर सरकारी भूमि तथा साथ लगती करीब 16 हेक्टेयर निजी भूमि चिन्हित की गई है। नगरोटा बगवां में प्रस्तावित ओल्डेज वेलनेस रिजॉर्ट के लिए 6 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है तथा भूमि हस्तांतरण व विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि बनखंडी में 300 करोड़ की लागत से बनने वाले जूलॉजिकल पार्क के लिए 180 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। इन परियोजनाओं का भी लिया विवरण डॉ. निपुण जिंदल ने इस दौरान धर्मशाला और पालमपुर में बनने वाले आईटी पार्क, पालमपुर के मैंझा में डेस्टिनेशन वेडिंग रिसॉर्ट, पौंग क्षेत्र में पर्यटन व साहसिक खेल गतिविधियां का विस्तार, धर्मशाला के रक्कड़ और पालमपुर में प्रस्तावित हेलीपोर्ट निर्माण को लेकर पर्यटन विभाग के अधिकारियों से विवरण लिया। उन्होंने अधिकारियों को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाओं को तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी पर्यटन राजधानी से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए भूमि संबंधित औपचारिकताओं को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएं। पौंग में विकसित होगा इको-टूरिज्म उपायुक्त ने कहा कि पौंग क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य और इकोसिस्टम को संरक्षित रखने के लिए वहां पर्यावरण हितैषी टूरिज़्म मॉडल विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वन्य प्राणी विभाग के द्वारा क्षेत्र के सुंदरीकरण को लेकर भी कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पौंग क्षेत्र को इको-टूरिज्म के हिसाब से विकसित करने के लिए यथोचित योजना बनाई जाएगी। एयरपोर्ट विस्तारीकरण को लेकर 21 जुलाई को प्रतिनिधियों से होगी बैठक उपायुक्त ने कहा कि जिला कांगड़ा के साथ-साथ पूरे प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तारीकरण सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेक्शन 11 की नोटिफिकेशन के बाद भूमि अधिग्रहण तथा पुनर्वास को लेकर संबंधित पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ 21 जुलाई को प्रात: 11 बजे बैठक की जाएगी। उन्होंने बताया कि धर्मशाला में जिला परिषद के भवन में इस आवश्यक बैठक का आयोजन किया जाएगा, जिसमें संबंधित आठ पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा की जाएगी तथा उनके सुझावों को गंभीरतापूर्वक सुना जाएगा। सचिव पर्यटन को दिया ब्यौरा जिलाधीश ने इससे पूर्व वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सचिव पर्यटन देवेश कुमार को जिले में पर्यटन परियोजनाओं को लेकर चल रही भूमि चयन प्रक्रिया का पूर्ण ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित परियोजनाओं के लिए भूमि चयन से संबंधित सभी औपचारिकताओं को समय से पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए गए हैं। उपायुक्त ने कहा कि जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं जिन क्षेत्रों में पर्यटन संबंधित परियोजनाओं के लिए अभी भूमि चयन नहीं हो पाया है, वहां जमीन तलाशने के लिए संबंधित उपमंडलों के एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी कांगड़ा रोहित राठौर, जिला पर्यटन विकास अधिकारी विनय धीमान और एसडीएम धर्मशाला धर्मेश रमोत्रा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
विधानसभा क्षेत्र करसोग के युवा विधायक दीपराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने आपदा से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश को 364 करोड़ रुपये की राहत राशि जारी कर दी है। बावजूद इसके प्रदेश की कांग्रेस सरकार नुकसान की भरपाई करने तथा प्रभावितों को त्वरित सहायता पहुंचाने में ढील बरत रही है। उन्होंने कहा कि इस बार बरसात से हिमाचल को गहरे जख्म मिले हैं और केंद्र सरकार ने इन जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास किया है। लेकिन राज्य की कांग्रेस सरकार को आपदा से निपटने के लिए युद्धस्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने सुक्खू सरकार से कहा है कि केंद्र से मिली सहायता राशि को प्रभावितों तक जल्द पहुंचाए। विधायक ने बताया कि हाल ही में केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से की दूसरी किस्त की हिमाचल प्रदेश को अंतरिम राहत के रूप में वर्ष 2023-24 के लिए 180.40 करोड़ रुपये अग्रिम राशि जारी करने को मंजूरी दे दी है। हिमाचल में प्रभावित लोगों की मदद देने के लिए केंद्र सरकार ने पहले ही तत्काल प्रकृति के राहत उपायों के लिए 10 जुलाई, 2023 को एसडीआरएफ से प्रदेश को 180.40 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी की पहली किस्त जारी कर दी है। धनराशि जारी होने से राज्य सरकार को चालू मॉनसून सीजन के दौरान प्रभावित लोगों को राहत उपाय करने में मदद मिलेगी। विधायक दीपराज ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही में अचानक आई बाढ़/बादल फटने और भूस्खलन के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए मोदी सरकार ने स्थिति से कुशलतापूर्वक निपटने के लिए हिमाचल कांग्रेस सरकार को सभी आवश्यक रसद और वित्तीय सहायता प्रदान की है। 11 टीमें बचाव अभियान के लिए बचाव नौकाओं और अन्य आवश्यक उपकरणों के साथ एनडीआरएफ को तैनात किया गया है। नागरिक निकासी के लिए पेरा स्पेशल फोर्सेस और 205 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन को पांवटा साहिब में तैनात किया गया है। निकासी मिशन के लिए दो एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। विधायक दीपराज ने बताया कि केंद्र सरकार ने हिमाचल सरकार द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों और स्थिति का मौके पर आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों (आईएमसीटी) का भी गठन किया है। आईएमसीटी 17 जुलाई, 2023 को अपना क्षेत्रीय दौरा शुरू करेगा। विधायक ने हिमाचल को राहत राशि जारी करने और आपदा से निपटने के लिए प्रदान किए जा रहे सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। कांग्रेस सरकार बताएं करसोग के नुकसान की भरपाई कब होगी? विधायक दीपराज ने कहा कि भारी बरसात के चलते करसोग क्षेत्र में भी बहुत नुकसान हुआ है। सड़कें और पुल टूट गए हैं, लोगों की भूमि भूस्खलन की चपेट में आई हैं और कई परिवारों के घरों को भी नुकसान पहुंचा है। लेकिन दुर्भाग्य है कि प्रदेश कांग्रेस सरकार अभी तक सक्रिय भूमिका नहीं निभा रही है। आपदा के दौर में भी क्षेत्रवाद की राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि शाकरा का पुल असुरक्षित घोषित किया गया है लेकिन इसके जीर्णोद्धार कार्य में ढील बरती जा रही है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि करसोग क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई हेतु किए जाने वाले कार्य युद्धस्तर पर किया जाए। आपदा में महंगाई का बोझ डालना बंद करे कांग्रेस सरकार विधायक दीपराज ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा डीजल पर वैट बढ़ाया जाना उचित नहीं है। यह आपदा में प्रदेशवासियों को महंगाई का बोझ डालने वाला कदम है। उन्होंने कहा कि डीजल बढ़ने से पूरे प्रदेश में महंगाई बढ़ती है। सेब का सीजन शुरू हो गया है और सड़कों की हालत खस्ता है। ऐसे में माल भाड़ा भी बढ़ेगा, निर्माण सामग्री महंगी होंगी, सीमेंट महंगा होगा, सरिया महंगा होगा। प्रदेशभर में जेसीबी मशीनें सड़कों पर हैं, डीजल महंगा होने पर राहत कार्य भी महंगा होने वाला है। इसके दृष्टिगत कांग्रेस सरकार को इस निर्णय पर पुर्नविचार करना चाहिए। मोदी सरकार ने कोविड काल में भी दिया था हिमाचल को सहारा विधायक दीपराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार हर विपरित स्थिति से निपटने के लिए हिमाचल को भरपूर सहयोग प्रदान करती आई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संकटकाल में भी मोदी सरकार ने हिमाचल को स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती के लिए हरसंभव सहयोग प्रदान किया। केंद्र सरकार ने निशुल्क राशन वितरित करने सहित कोविड वैक्सीनेशन जैसे महाअभियान को भी निशुल्क चलाया। इसकी मदद से पूर्व भाजपा सरकार ने कोविड की डोज लगाने में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस झूठ बोलने में विश्वास रखती है और भाजपा जनसेवा करने का काम करती है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर पिछले 4 दिनों से हिमाचल के दौरे पर हैं। भारी वर्षा से उत्पन्न आपदा के आकलन व राहत व पुनर्वास कार्यक्रमों के निरीक्षण हेतु अनुराग ठाकुर पूरे क्षेत्र में सघन दौरे कर रहे हैं। अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के ज़िला ऊना में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति दिशा कमेटी की बैठक के दौरान वर्षा व बाढ़ से उपजे हालातों व ज़िले में चल रहे विकास कार्यों पर अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की व इसके समुचित क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए। अपने दौरे के दौरान ऊना में स्वां नदी के पास संवाददाताओं से वार्तालाप करते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि स्वां नदी को कभी रिवर ऑफ सॉरो कहा जाता था। यहां बाढ़ के कारण करोड़ों रुपए का नुकसान होता था। 1988 में पुल बह गए थे। आज हम उसी जगह पर खड़े हैं। पुल भी ठीक है। इसका कारण भारतीय जनता पार्टी की सरकार (केंद्र व राज्य दोनो में) में शुरू हुआ स्वां चैनलाइजेशन है, अन्यथा स्वां नदी का भयावह रूप हिमाचल देख चुका है। ये नदी बारिश और बाढ़ आने पर दोनों ओर कई किलोमीटर तक फैली जाती थी। चैनलाइजेशन के कारण जान-माल की भी बचत हुई और जमीनों के दाम भी बढ़े। इस बार नुकसान की तीव्रता काफी कम देखने को मिली व ऊना का बेहद बड़े नुकसान से बचाव हुआ है। हिमाचल में भारी वर्षा से हुए नुकसान व केंद्र द्वारा मदद नहीं दिए जाने के आरोपों का खंडन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करना चाहते मगर मैं बताना चाहूंगा कि केंद्र ने हिमाचल प्रदेश में राहत व बचाव कार्य हेतु एनडीआरएफ की 13 टीमें तैनात कर रखी हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले चार दिनों से आपदा प्रभावित क्षेत्र में लोगों से मिल रहा हूँ। आपदा से प्रभावित विभिन्न ज़िलों में जगह-जगह पर जाकर नुकसान का जायजा ले रहा हूं। लोगों का दर्द मेरा अपना दर्द है और मेरी पूरी संवेदनाएं आपदा प्रभावित लोगों के साथ हैं। विभिन्न विभागों को जरूरी दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। अधिकारियों को लोगों को त्वरित राहत देने हेतु प्राथमिकता पर कार्य करने को कहा गया है। भारी वर्षा के कारण हिमाचल में आपदा आई है पर राज्य सरकार लोगों पर रहम करने की बजाय वैट में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। आपदा के समय लोग पहले से कष्ट में हैं। इससे उन पर और बोझ बढ़ेगा। वैट के बढ़ने से केवल पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ते बल्कि महंगाई का एक पूरा चक्र शुरू हो जाता है। यह राज्य सरकार द्वारा उठाया गया बिल्कुल गलत कदम है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। केंद्र सरकार एक नहीं बल्कि दो बार टैक्स कम कर चुकी है पर गैर भाजपा शासित राज्यों में वहां की सरकार टैक्सों में बेतहाशा वृद्धि कर रही हैं। कांग्रेस जनता के लिए सोचे, हिमाचल के हित के लिए सोचे, यह बढ़ी वृद्धि वापस लेकर देवभूमि को राहत देने का काम करे। आज केंद्र सरकार के प्रयासों के कारण होलसेल प्राइस इंडेक्स काफी कम है।
मंडी जिला के जोगिंदर नगर उपमंडल के तहत गांव बनाड़ में ऊंची पहाड़ी पर बाबा बालक नाथ जी का प्राचीन मंदिर स्थापित है। कहते हैं कि यह स्थान बाबा बालक नाथ जी का मूल स्थान है तथा बाबा बालक नाथ जी साक्षात यहां विराजमान रहते हैं। बाबा बालक नाथ जी के साथ ही ऊंची चट्टान पर गुरु गोरखनाथ जी की प्रतिमा भी स्थापित है। कहते हैं कि यह प्रतिमा भी साक्षात चट्टान के नीचे से ही निकली है। गुरू गोरख नाथ जी की प्रतिमा से कुछ ही दूरी पर पवन पुत्र हनुमान जी का भी स्थान है। बाबा बालक नाथ जी के मंदिर तक पहुंचने के लिए सड़क से लगभग 20 से 25 मिनट का पैदल सफर तय कर आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए पक्की सीढ़ियां निर्मित की गई हैं तथा थोड़े-थोड़े अंतराल पर श्रद्वालुओं के बैठने को बैंच तथा पेयजल के लिए नलके लगाए गए हैं। पेयजल के लिए एक ऊंची पहाड़ी से प्राकृतिक स्त्रोत से पानी लाया गया है जो 24 घंटे उपलब्ध रहता है। रास्ते में चील, देवदार व बान के घने पेड़ों की ठंडक सफर को ओर आसान बना देती है। मंदिर परिसर में पहुंचने पर जहां अलौकिक शांति का अनुभव होता है तो वहीं आसपास का खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य मन को बेहद सुकून प्रदान करता है। ऊंची पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यहां से दूर-दूर तक प्रकृति का विहंगम नजारा देखते ही बनता है। मंदिर के पुजारी महंत राम बताते हैं कि बाबा बालक नाथ जी के साथ मांहूनाग देवता भी विराजमान हैं। यहां पर भाद्रपद की 20 तारीख को पवित्र स्नान होता है। बाबा जी के पवित्र पानी में नहाने से कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा है कि देवभूमि हिमाचल को शर्मसार करने वाली घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कोटखाई में हैवान चाचा द्वारा अपनी चार साल की भतीजी के साथ दुष्कर्म करने के बाद उस मासूम बच्ची की हत्या कर दी जाती है। ऐसे आपराधिक मामले हिमाचल प्रदेश में वर्तमान सरकार में बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान सरकार के राज में ऐसी घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। उन्होंने कहा कि हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए उस मासूम बच्ची से उसके चाचा ने पहले दुष्कर्म किया, फिर उसकी हत्या कर उसका शव बगीचे में छुपा कर रख दिया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ऐसी निंदनीय घटना का कड़ा विरोध करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसी अपराधिक घटनाओं पर मौन धारण करके बैठी हुई है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि उस आरोपी को जल्द से जल्द कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाए।ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने के बारे में सोच भी ना सके। अन्यथा विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन करेगी।
कंडाघाट ब्लॉक की ग्राम पंचायत ममलीग की पूर्व प्रधान सत्या ठाकुर को पार्टी ने प्रदेश महिला किसान कल्याण बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया है, जिसके लिए सत्या ठाकुर ने प्रदेश मुख्यमंत्री सुखबिंदर सिंह सुक्खू व सोलन विधानसभा के विधायक व प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कर्नल धनिराम शांडिल का धन्यवाद किया। सत्या ठाकुर ने कहा कि आज तक पार्टी ने उन्हें जो भी जिम्मेदारी दी है, उसे बखूबी निभाया है और वह इस नई जिम्मेदारी को भी वह बखूबी निभाएंगी। गौर रहे कि सत्या ठाकुर ने वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस सेवादल में सचिव व महिला मोर्चा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष का कार्य भी संभाला हुआ है।
प्रदेश के कांगड़ा जिले में पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध साइट बीड़ बिलिंग और धर्मशाला में प्रसिद्ध इंदरूनाग साइट में 15 जुलाई से 15 सितंबर तक पैराग्लाइडिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध कर दिया गया है। दरअसल, बरसात के दौरान पर्यटकों और पैराग्लाइडरों की सुरक्षा को देखते हुए पर्यटन विभाग ने ये निर्णय लिया है। पर्यटन विभाग के उप निदेशक विनय धीमान ने कहा बरसात के मौसम को ध्यान में रखते हुए 15 जुलाई से 15 सितंबर तक पैराग्लाइडिंग पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग के निर्णय को नजरअंदाज करने वाले पायलटों से 2 हजार का जुर्माना ओर सजा का भी प्रावधान किया गया है। बता दें कि कांगड़ा में करीब 350 पायलटों ने पर्यटन विभाग से उड़ान भरने का लाइसेंस प्राप्त किया है। यह पैराग्लाइडिंग को फ्लाइट करवाकर अपनी आजीविका कमाते हैं
भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने आज मुख्य सचिव प्रमोद सक्सेना, डीसी लाहौल-स्पीति से फिर यह आग्रह किया है लाहौल-स्पीति के बातल के समीप समुद्र स्तर से लगभग 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर बहुत से भेड़पालक भारी बर्फबारी के बीच में फंसे हैं, उनको जनजीवन में तो जूझना पड़ रहा है, लेकिन खाने-पीने की वस्तुएं भी खत्म हो गई हैं। आज सुबह बंदला निवासी डागू राम जी द्वारा सूचना मिली है कि 3 भेड़पालक ईश्वर दास, फिन्ना राम, जगदी चंद भेड़पालकों की सूचना मिली है, जो समस्या से जूझ रहे हैं। कपूर ने मुख्य सचिव से आग्रह किया है तुरंत सरकार हेलीकॉप्टर कि व्यवस्था करके सबंधित क्षेत्र में जाकर आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाएं और सारी चारगाहों की रेकी करवाएं, ताकि वास्तव स्थिति में घुमंतू भेड़पालक किस तरह से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव प्रमोद सक्सेना और डीसी लाहौल ने आश्वस्त किया आज ही हम हेलिकॉप्टर की व्यवस्था करके यथासंभव सहायता करने का प्रयास करेंगे और ऐसी चारगाहों की भी रेकी करेंगे, ताकि भेड़पालकों के परिवार जो की चिंता में डूबे हुए हैं, उनको सही जानकारी दी जा सके।
पिछले दो-तीन दिनों से जारी भारी बारिश के बाद भी गिरि नदी व अश्वनी खड्ड में आई गाद फिलहाल जल शक्ति विभाग के लिए विलेन नहीं बन पाई है। जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में कर्मचारी मुस्तैदी से कार्य कर रहे हैं और बिना किसी बड़ी रुकावट के पानी की लिफ्टिंग को सुचारू बनाए हुए हैं। जल शक्ति विभाग द्वारा नगर निगम सोलन को भी भरपूर मात्रा में पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है। बावजूद इसके शहर के कई इलाकों में अभी भी लोगों को पानी की किल्लत से दो-चार होना पड़ रहा है। निगम की मानें तो हर क्षेत्र में प्रतिदिन पानी सप्लाई कर पाना मुनासिब नहीं, जिसे देखते हुए तयबद्ध तरीके से ही वार्डों में पेयजल सप्लाई की जा रही है। जल शक्ति विभाग सोलन के अधिशासी अभियंता ई. सुमित सूद के कुशल मार्गदर्शन में विभागीय कर्मचारी दिन-रात एक कर लिफ्टिंग को सुचारू बनाए रखने में प्रयासरत हैं। हालांकि अश्वनी खड्ड में आई गाद समय-समय पर दिक्कतें पेश कर रही है, लेकिन यह दिक्कत इतनी बड़ी नहीं है कि लिफ्टिंग को सुचारू न रखा जा सके। दोनों ही परियोजनाओं से रोजाना पानी लिफ्ट कर न केवल नगर निगम की मांग को पूरा किया जा रहा है बल्कि उन स्थानों पर भी सप्लाई की जा रही है जहां पेयजल वितरण का जिम्मा स्वयं विभाग के पास है। गौरतलब है कि सोलन शहरवासी पेयजल के लिए गिरि व अश्वनी खड्ड योजना पर निर्भर हैं। इन परियोजनाओं में पानी की लिफ्टिंग का जिम्मा जल शक्ति विभाग के पास है। जल शक्ति विभाग द्वारा पेयजल निगम को दिया जाता है, जिसके बाद शहर में पेयजल वितरण का जिम्मा नगर निगम देखती है। गाद आने के बावजूद पानी की लिफ्टिंग को सुचारू बनाने के लिए मुस्तैदी से कार्य किया जा रहा है।
रविवार को दोपहर बाद 2 बजे के करीब ईएसआई करतार सिंह एएनटीएफ कांगड़ा अपनी टीम सहित बनीखेत-चंबा मार्ग के गलू मोड़ पर नाका लगाए हुए थे कि पीबी 11 एएम 8150 इनोवा गाड़ी को रोककर तलाशी ली। उसमें सवार प्रभदीप सिंह पुत्र सरदार सुच्चा सिंह उम्र 22 साल गांव मेबा मियानी डाकखाना आलमपुर तहसील दसुआ जिला होशियारपुर व हरजीत सिंह पुत्र दिलबाग सिंह गांव बाबक डाकखाना गोदा वाह तहसील टांडा जिला होशियारपुर उम्र 40 साल से 81.2 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया। पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की आपदा में पूरा सहयोग कर रही हैं। चाहे आर्थिक सहायता की बात हो या अन्य ज़रूरी संसाधनों की, जिस भी संसाधन की ज़रूरत पड़ी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह ने तुरंत उपलब्ध करवाई। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ़ की टीमें भेजी, वायुसेना और सेना को लगाया, हेलीकॉप्टर से लेकर बीआरओ पूरे जी जान से जुटे रहे। हफ़्ते भर के भीतर आपदा राहत के तहत 364 करोड़ रुपये की दो किश्तें जारी कर दी। बहुत जल्दी तीसरी किश्त भी जारी हो रही है। सोमवार को केंद्र की टीम आपदा से हुए नुक़सान का जायज़ा लेने आ रही है। आपदा नुक़सान के आंकलन के आधार पर ही केंद्र सरकार भावी मदद की योजना बनाती है। सेना, एनएचएआई आज भी अपने काम में जुटी हुई हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह 'सुक्खूÓ का यह कहना कि केंद्र सरकार कि तरफ़ से अभी तक कोई वित्तीय राहत नहीं मिली है, शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बयान है। हर काम करने की एक प्रक्रिया होती नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हर काम करने की एक निर्धारित प्रक्रिया होती हैं। आर्थिक मदद देने के पहले विशेषज्ञों द्वारा नुक़सान का आँकलन किया जाता है और एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाती हैं। इसके बाद की योजनाएं तैयार की जाती हैं। आपदा से निपटने की प्रक्रिया हैं। सबसे पहले राहत और बचाव कार्य। इसके बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण। आपदा आते ही राहत और बचाव के लिए केंद्र ने कुशलतम संस्था एनडीएफ़आर को लगाया गया, वायुसेना और सेना को लगाया गया। नुक़सान का जायज़ा लेने के लिए सोमवार को टीमें आ रही हैं। केंद्र सरकार ने त्वरित सहायता के तौर पर दो हफ़्ते के भीतर ही 364 करोड़ की 2 किश्तें जारी कर दी गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने हर प्रकार की मदद करने का भरोसा दिया है। हमारी पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से लेकर बूथ लेवल के कार्यकर्ता और सरकार के सभी विभाग काम पर लगे हैं फिर भी मुख्यमंत्री ऐसी ग़ैरजीमेदाराना टिप्पणी कर रहे हैं।
हाल-फिलहाल में हुई भारी बारिश से प्रभावित प्रत्येक वर्ग को सहायता उपलब्ध करवाने के लिये जिला प्रशासन पूरी तरह प्रयासरत है। जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि प्रशासन को पिछले दिनों बड़ा भंगाल के रास्ते में कुछ भेड़ पालकों के फंसे होने की सूचना मिली थी। उन्होंने बताया कि इसपर त्वरित कार्रवाई करते हुए तहसीलदार मुलथान पूर्ण चंद कौंडल के नेतृत्व में एक टीम भेड़ पालकों की सहायता के लिए रवाना हुई और उन्हें राशन पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा बड़ा भंगाल में फंसे भेड़ पालकों के लिए 21 राशन किट उपलब्ध करवाई गई हैं। उन्होंने बताया कि हर किट में 20 किलो आटा, 10 किलो चावल सहित तेल, नमक, दालें, चीनी, चाय इत्यादि जैसी दैनिक जरूरतों का सामान शामिल है। उन्होंने बताया कि राजस्व एवं अन्य विभाग के कर्मचारियों ने स्वयं मौके पर जाकर भेड़ पालकों का संज्ञान लिया और उन्हें जरूरत का सामान वितरित किया। उन्होंने बताया कि इसके अलावा भी उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध करवायी जाएगी। डॉ. निपुण जिंदल ने बताया कि बड़ा भंगाल के रास्ते की भी शीघ्र मुरम्मत के लिए बीडीओ बैजनाथ को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि बरसात से प्रभावित सभी लोगों और वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए प्रशासन पूर्ण संवेदनशीलता से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिला में बरसात से प्रभावित हुए लोगों को तुरंत फौरी राहत उपलब्ध करवाने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार बरसात से निपटने के लिये संवेदनशील इलाकों में रिसोर्सेज का मोबिलाइजेशन किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस दौरान स्तर्क रहें तथा किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन को तुरंत सूचित करें। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार की सहायता के लिए जिला आपदा प्रबंधन कांगड़ा के टोल फ्री नंबर 1077 तथा मोबाइल नंबर 7650991077 पर संपर्क कर सकते हैं।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जल शक्ति विभाग के कर्मचारियों जान जोखिम में डालकर जनता को पानी उपलब्ध करवाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि दिन-रात उफनती नदियों पर बनी पेयजल योजनाओं को चालू करने के प्रयास हो रहे हैं आज 72 घंटों में जल शक्ति विभाग के हजारों कर्मचारियों ने दिन रात मेहनत कर 4630 योजनाओं को चालू करने में कामयाबी हासिल की है। यह कर्मचारियों के जनूनी एवं फौलादी हौसलों की बदौलत हम बहाल कर पाए हैं, उन्होंने कहा कि मैं इस समय विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा की जा रही कठिन परिस्थितियों में पेयजल व सीवरेज की योजनाओं की बहाली के कार्यों की सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से नदी नालों के बीच जाकर कठिन काम जान जोखिम में डाल कर्मचारी फील्ड में कर रहे हैं उससे भावुक हूं। उन्होंने कहा कि हिमाचल इन कर्मचारियों का ऋणी हैं, जो जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं।
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ जिला सिरमौर की राजगढ़ व नौहराधार इकाई के चुनाव आज निर्विवाद संपन्न हुए, जिसमें राजगढ़ खंड से अरुण चौहान को तथा नौहराधार खंड से रामलाल शर्मा को खंड अध्यक्ष की कमान मिली इसके अतिरिक्त नौहराधार खंड से वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमोहन जनशक्ति विभाग, महासचिव कुलदीप कुमार राजस्व विभाग, कोषाध्यक्ष अनीता कोष एवं लेखाकार विभाग, मुख्य सलाहकार सतेंद्र शिक्षा विभाग उप प्रधान प्रधान शिवम कनिष्ठ अभियंता लोक निर्माण विभाग शिवम व वन विभाग के अशोक कुमार को चुना गया, सयुक्त सचिव तपेंद्र चौहान जनशक्ति विभाग विनीत चौहान पशुपालन विभाग, प्रेस सचिव हजारी ठाकुर राजस्व विभाग, संगठन सचिव सुरेश चौहान शिक्षा विभाग, कानूनी सलाहकार जितेंद्र सिंह जलशक्ति विभाग इसी प्रकार राजगढ़ खंड से महासचिव पद के लिए नंदलाल पशुपालन विभाग, वरिष्ठ उप प्रधान पद के लिए शजगदीश कुमार उद्यान विभाग, मुख्य सलाहकार पद के लिए नागेंद्र ठाकुर पशुपालन विभाग, उप प्रधान लिए श्जोगिंदर सिंह पशुपालन विभाग,रविंद्र कुमार वन विभाग, रामस्वरूप स्वास्थ्य विभाग एवं रंजना उद्यान विभाग, वित्त सचिव नरेंद्र चौहान जल शक्ति विभाग तथा संयुक्त सचिव समर सिंह शिक्षा विभाग व घनश्याम लोक निर्माण विभाग, कानूनी सलाहकार अनिल शर्मा वन विभाग, प्रेस सचिव दिनेश कंवर वन विभाग व संगठन सचिव राजू लोक निर्माण विभाग से निर्विवाद निर्वाचित हुए। इन बैठकों में विभिन्न विभागो के 100 से अधिक कर्मचारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर राजगढ़ मे एन पी एस ई खंड अध्यक्ष प्रवीण शर्मा तथा नोहराधार मे एन पी एई जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर विशिष्ट आमंत्रित रूप से उपस्थित रहे तथा नवनिर्वाचित कार्यकारणी को हार्दिक बधाई दी तथा आशा व्यक्त की कि शीघ्र ही संपूर्ण हिमाचल मे अराजपत्रित संघ के निर्विवाद चुनाव सम्पन्न होंगे तथा नई कार्यकारणी कर्मचारी हितार्थ ऐतिहासिक कदम उठाएगी।
जिला पेंशनर्ज एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन जिला सोलन की विशेष आपात बैठक जिलाध्यक्ष केडी शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सर्वप्रथम अर्की यूनिट की संगठन सचिव तुलसी देवी की लंबी बीमारी के बाद 13 जुलाई को निधन होने पर उनकी आत्मिक शांति के लिए दो मिनट का मौन रख कर प्रार्थना की गई तथा शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की गई। जिला पेंशनर्ज एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन के जिलाध्यक्ष केडी शर्मा ने बताया कि तुलसी देवी लगभग 68 वर्ष की थी। वह अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गई है। प्रेस सचिव डीडी कश्यप एवं पट्टाबरावरी-हरिपुर यूनिट के अध्यक्ष ने जिला की सभी यूनिटों की ओर से तुलसी देवी के निधन पर गहरा दुख प्रकट किया है।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव विक्रम शर्मा डिक्की ने कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने आपदा की घड़ी में प्रदेश सरकार की कोई मदद नहीं की है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। रविवार को डाडा सीबा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता जिस मदद की बात कर रहे हैं, वह तो रूटीन में मिलने वाली मदद है । हिमाचल प्रदेश के अंदर भारी बरसात के कारण हजारों करोड रुपए का नुकसान हुआ है तथा कई परिवार पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। मीडिया हिमाचल के दर्द को समझ रहा है लेकिन केंद्र सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है। बार-बर आग्रह करने के उपरांत भी अभी तक केंद्र सरकार की ओर से कोई भी पैकेज प्रदेश सरकार को नहीं मिला है, जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र के बड़े नेताओं को हिमाचल में हुए अब तक के बड़े नुकसान के संदर्भ में अवगत करवाया है। उन्होंने भाजपा पर आपदा की घड़ी में राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश के साथ भेदभाव पूर्ण तरीके से काम कर रही है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। हिमाचल को उसका हक नहीं दिया जा रहा है। इस समय प्रदेश को केंद्र सरकार की मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी लेकिन रूटीन में मिलने वाली मदद को वित्तीय सहायता प्रदान करने का गुणगान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा किया जा रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार प्रदेश सरकार की खुलकर मदद करे तो कांग्रेस केंद्र सरकार का खुले दिल से आभार व्यक्त करेगी। प्रदेश की जनता देख रही है कि केंद्र की भाजपा सरकार राहत कार्यों को गति देने के लिए इस समय विशेष पैकेज देने में आनाकानी कर रही है। प्रदेश के भाजपा नेता मदद प्राप्त करने की बजाय ढोंग की राजनीति कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश से जल शक्ति विभाग को 1411 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जिनके पास जल शक्ति विभाग भी है मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह नुकसान काफी बड़ा है, जिससे उबरने में समय लगेगा। मुकेश ने कहा कि विभागीय अमला टीम में फील्ड में है। उन्होंने कहा कि अभी तक 4623 योजनाएं रिस्टोर कर दी गई हैं, जिनसे लोगों को पानी मिल रहा है। यह कर्मचारियों के जनूनी एवं फौलादी हौसलों की बदौलत हम बहाल कर पाए हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस समय विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा की जा रही कठिन परिस्थितियों में पेयजल व सीवरेज की योजनाओं की बहाली के कार्यों की सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से नदी नालों के बीच जाकर कठिन काम जान जोखिम में डाल कर्मचारी फील्ड में कर रहे हैं उससे भावुक हूं। उन्होंने कहा कि हिमाचल इन कर्मचारियों का ऋणी है, जो जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जल प्रलय में योजनाओं को बहाल करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी दिन रात काम कर रहे हैं ,उनके परिवार हैं उनके बच्चे हैं, पत्नी हैं ,माता-पिता हैं। उन्होंने दिन-रात नहीं देखा, टॉर्च की लाइट में, मोबाइल की लाइट में लगातार काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि हमने विभाग के अधिकारियों को फील्ड में पूरी तरह शक्तियां दे रखी है कि पानी की बहाली के लिए चाहे सिंचाई की योजना का प्रयोग करें, चाहे खराब हुई योजनाओं को ठीक करें,कोई मशीनरी लेनी है, कोई उपकरण लेना है तो तुरंत लिया जाए। उन्होंने कहा कि हर शक्ति दी गई है, ताकि राहत जल्द हो। उन्होंने कहा कि जनता की तकलीफों को हम समझते है ऐसे में हम तत्परता से काम कर रहे हैं, जनता भी संयम व धैर्य रखें। विभाग के इन कर्मचारियों अधिकारियों का हौसला बढ़ाएं जो जान पर खेलकर 24 & 7 काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि पेयजल व सीवरेज की योजनाएं जल्द चालू हो ताकि लोगों को राहत मिले। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से नुकसान हुआ है यह अपने आप में बड़ी त्रासदी है , उन्होंने कहा कि पेयजल की अधिकतर योजनाओं को नुकसान हुआ है, ऐसे में पेयजल योजनाओं को जल्द रिस्टोर करना अपने आप में चुनौती है, यह काम विभाग के अधिकारी व कर्मचारी छुट्टियां रद्द कर कर रहे हैं, संडे को भी दफ्तर लगे हुए हैं ,काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजनाएं जल शक्ति विभाग की अधिकतर नदी नालों के समीप हैं या बीच में है ऐसे में मलवा आ गया है,रेत आ गया है, योजनाएं चोक हो गई है, योजनाएं सब को ठीक करने के लिए समय तो लगेगा लेकिन अधिक से अधिक जल्दी इनको ठीक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग की 5203 योजनाएं पेयजल की प्रभावित हुई हैं। 1237 सिंचाई की योजनाएं प्रभावित हुई हैं। 55 सीवरेज की योजनाएं प्रभावित हुई है, 101 बाढ़ नियंत्रण के कार्यों को नुकसान हुआ है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जनता को राहत देना और जल्द योजनाओं को ठीक कर चालू करना हमारी प्राथमिकता है । उन्होंने कहा कि इस भयंकर विनाश में हर संभव काम फील्ड में किया जा रहा है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि सोलन ज़िला में भारी वर्षा से अब तक 190 करोड़ रुपये से अधिक का नुक्सान हुआ है। प्रदेश सरकार एवं ज़िला प्रशासन युद्ध स्तर पर कार्य कर पीड़ितों को राहत पंहुचाने के लिए कार्यरत हैं। डॉ. शांडिल आज सोलन विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत कनैर, जधाणा तथा सतड़ोल में भारी वर्षा से हुए नुकसान का जायजा लेने के उपरान्त प्रभावित परिवारों से बातचीत कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार आपदा की इस घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ है और प्रभावितों के नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने प्रभावितों को ढांढस बंधाया और उन्हें आश्वस्त किया कि उनकी पीड़ा का समाधान प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता है। उन्होंने कुफरी धार माता मंदिर में माथा टेका और जन-जन की सुरक्षा की कामना की। डॉ. शांडिल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रयास सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क जैसी आवश्यक सेवाएं 48 घंटों के भीतर बहाल की गई हैं। प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 70,000 से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की सुविधा के लिए सड़कों एवं पुलों की बहाली को प्राथमिकता दे रही है। वह स्वंय सोलन विधानसभा क्षेत्र का निरीक्षण कर पीड़ितों की सहायता सुनिश्चित बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम नागरिक की जीवन अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है और भविष्य मैं हमें ऐसी प्राकृतिक आपदा से सीख लेने की ज़रूरत है। डॉ. शांडिल ने भारी वर्षा से क्षतिग्रस्त डंगों, नालियों व गलियों को मनरेगा के तहत ठीक करवाने के संबंधित अधिकारियों को निर्देश भी दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को सड़कें, जल शक्ति विभाग को सिंचाई और पेयजल योजनाएं तथा विद्युत बोर्ड को बिजली व्यवस्था बहाली में और तेज़ी लाने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश के आपदा प्रभावित लोगों की सहायता के उद्देश्य से एक डिजिटल प्लेटफार्म का शुभारम्भ करते हुए आपदा राहत कोष-2023 वेबसाइट लॉन्च की। उन्होंने कहा कि दानी सज्जन डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, क्यूआर कोड और यूपीआई जैसी विभिन्न भुगतान विधियों का उपयोग करके कहीं से भी इस आपदा राहत कोष-2023 में अंशदान कर सकते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में भारी बारिश के कारण आई विपदा से प्रदेश को उबारने के लिए देश और विदेश से लोगों ने सहायता करने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि लोग सुविधाजनक तरीके से सहायता राशि उपलब्ध करवा सकें, इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग ने एक पारदर्शी वेब लिंक विकसित किया है। इस लिंक के माध्यम से कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन अंशदान कर सकता है और अपने मोबाइल डिवाइस पर रसीद प्राप्त कर सकता है। उन्होंने कहा कि निर्बाध लेन-देन सुनिश्चित करने के लिए इस प्रणाली को कई भुगतान गेटवे के साथ एकीकृत किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले कुछ दिनों के भीतर विदेशी दानकर्ताओं के लिए ऑनलाइन दान की सुविधा उपलब्ध करवाने का कार्य प्रगति पर हैै। मुख्यमंत्री ने आपदा राहत कोष-2023 में योगदान करने के लिए विभिन्न कर्मचारी संगठनों और व्यक्तियों के प्रति आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं, मंत्रिमण्डल के सहयोगियों व कांग्रेस के सभी विधायकों ने इस कोष के लिए अपना एक माह का वेतन दान करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने 50 वर्षों में आई भीषण आपदा की स्थिति की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को भारी वर्षा के कारण अत्याधिक नुकसान का सामना करना पड़ा है। उन्होंने सभी से प्रदेश को इस तबाही से उबारने में मदद के लिए अधिक से अधिक अंशदान करने का आह्वान भी किया। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, डिजिटल टेक्नोलॉजी एवं गवर्नेंस विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन, निदेशक मुकेश रेपस्वाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि कोविड काल के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में आउटसोर्स पर भर्ती किए गए 1844 कर्मचारियों की सेवाएं 30 सितंबर, 2023 तक बढ़ा दी गई हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य संस्थानों में आउटसोर्स पर स्टाफ नर्स, डाटा एंट्री ऑपरेटर और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों सहित अन्य श्रेणियों के 1844 कर्मचारी भर्ती किए गए थे, जिनकी सेवा अवधि 30 जून को समाप्त हो रही थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस अवधि को 1 जुलाई से 30 सितंबर, 2023 तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इससे प्रदेश सरकार को लगभग 15 करोड़ रुपये अतिरिक्त वहन करने होंगे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के कार्यकर्ता बाढ़ से प्रभावित लोगों की लगातार मदद कर रहे हैं व सेवा कार्य में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के मंडी व कुल्लू में आई बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हुए रास्ते जिसके कारण सभी ट्रकों की आवाजाही मंडी से आगे बंद है। मंडी मनाली नेशनल हाईवे की सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है, जिसकी वजह से सभी बड़े वाहनों की आवाजाही मंडी से आगे बंद है। पिछले कल विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के द्वारा नागचला के करीब फोरलेन पर फंसे लगभग 300 ट्रक चालकों व परिचालकों को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई गई। इस दौरान विद्यार्थी परिषद के उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्रीमान विजय प्रताप व प्रदेश संगठन मंत्री गौरव अत्री ने भी कार्यकर्ताओं का सहयोग किया। उन्होंने ट्रक चालकों के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट करते हुए उनका हाल चाल जाना व जरूरत होने पर हर सहायता करने का विश्वास दिलाया। आकाश नेगी ने बताया कि विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने बाढ़ प्रभावितों के लिए पूरे हिमाचल प्रदेश में आम जनमानस से धन संग्रह भी किया है। उन्होंने बताया कि इकत्रित किए हुए धन को विद्यार्थी परिषद आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री राहत कोष में सौंपेगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने जो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं उन पर किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री वह किसी भी अन्य प्रकार की सहायता की जरूरत हो तो विद्यार्थी परिषद से संपर्क कर सकते है इस संकट की घड़ी में प्रदेश में रहने वाला हर एक व्यक्ति एक दूसरे का सहारा वह एक दूसरे के सहयोग में लगा है इसी कड़ी में विद्यार्थी परिषद भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभा रहा है वह प्रदेश के किसी को कोने से किसी भी सहायता के लिए संपर्क कर सकते हैं।
जयसिंहपुर उपमंडल के अंतर्गत पड़ते कर्णघट पंचायत के कमांद वार्ड 4 से लापता नागेश्वर प्रसाद का शव आज पौंग झील में मिला। परिवार ने उसकी शिनाख्त उसकी टी-शर्ट से की। शव पूरी तरह से गल चुका है। पुलि कार्रवाई के उपरांत आज शव परिवार को सौंप दिया गया। नागेश्वर प्रसाद राजकीय बहुतकनीकी संस्थान तलबाड़ में लैब असिस्टेंट के पद पर कार्यरत था। नागेश्वर प्रसाद 30 जून को सुबह अपने घर से ड्यूटी के लिए निकला था, जब नागेश्वर प्रसाद देर रात तक घर नहीं पहुंचा तो घर वालों ने छानबीन की। पोटेक्निकल तलबाड़ कॉलेज से यह सूचना मिली कि आज नागेश्वर प्रसाद ड्यूटी पर नहीं पहुंचा है फिर गांव कमांद के लोगों ने नागेश्वर प्रसाद को इक_े होकर हर जगह तलाशना शुरू कर दिया। तलाश करते हुए नागेश्वर प्रसाद का स्कूटर कांगड़ा बैंक जयसिंहपुर के पास मिला और उसकी चप्पले लोक निर्माण विभाग जयसिंहपुर के पीछे ब्यास नदी के ऊपर मिलीं, जिससे अंदेशा लगाया जा रहा था कि नागेश्वर प्रसाद ने ब्यास नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली होगी। रविवार को 17 दिनों के बाद शव हरिपुर गुलेर में पौंंग डैम में मिला। जानकारी देते हुए लंबागांव थाना के प्रभारी प्रेमपाल शर्माने बताया कि मृतक नागेश्वर प्रसाद का शव पोस्टमार्टम करवा करके परिजनों को सौंप दिया गया है।
स्वयं भू प्रकट शिवलिंग ऐतिहासिक एवं प्राचीन शिव मंदिर काठगढ़, इंदौरा में गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी श्रावण मास महोत्सव प्राचीन शिव मंदिर सुधार सभा द्वारा 16 जुलाई से 16 अगस्त तक बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। आज श्रावण मास महोत्सव का आगाज श्री रामचरितमानस एवं महाशिवपुराण व महामृत्युंजय जप के साथ किया गया। प्रति दिन तथा आज से ही क्षेत्र के महान विद्वानों पंडितों द्वारा रामचरितमानस के 11 रामायणों का अखंड पाठ सभा के प्रधान ओम प्रकाश कटोच व अन्य सभा के पदाधिकारियों द्वारा आरंभ किया गया, जिसका 17 जुलाई प्रात: 11:30 बजे पवित्र भोग डाला जाएगा। 18 जुलाई से 20 जुलाई तक त्यागमूर्ती द्वारका नाथ शास्त्री के पुत्र महाराज गंगाधर शास्त्री (जम्मू वाले) द्वारा हरिचर्चा तथा सत्संग बाद दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक प्रतिदिन होगा। तथा 22 जुलाई से 28 जुलाई तक श्री शिव शक्ति हवन यज्ञ व रुद्र महायज्ञ आचार्य पंडित निगम शर्मा के नेतृत्व में पंद्रह विद्वान पंडितों द्वारा प्रतिदिन करवाया जाएगा। इसके साथ 29 जुलाई से 4 अगस्त तक महाराज मोहन चंद्र भक्तमालि वृंदावन वाले द्वारा श्रीमद्भागवत कथा की अमृतवर्षा की जाएगी। 6 अगस्त से 12 अगस्त तक महाराज महेश कृष्ण ठाकुर वंृदावन वाले के सुंदर प्रवचनों द्वारा श्री राम कथा का गुणगान किया जाएगा। 14 अगस्त को साध्वी सुश्री प्रियंका बाबा द्वारा महाशिवपुराण कथा का आयोजन किया जाएगा। तथा 15 अगस्त 2023 को आध्यात्मिक गुरु आचार्य सतीश शास्त्री द्वारा शिव चर्चा एवं सत्संग किया जाएगा। इस अवसर पर सभा के वरिष्ठ उपप्रधान बनारसी दास मेहता, अजित सिंह, उपप्रधान युद्धवीर सिंह, महासचिव सुभाष शर्मा, सचिव गणेश दत्त शर्मा, कार्यालय सचिव योगेंद्र पाल भारद्वाज, प्रेस सचिव सुरिंदर शर्मा, सलाहकार कृष्ण मन्हास, कुलदीप सिंह, संगठन सचिव रमेश पठानिया, प्रेम सिंह, प्रचार सचिव पवन कुमार शर्मा, रमेश शर्मा, बलबीर सिंह, सदस्य कार्यकारिणी रघुनाथ सिंह, राजीव ठाकुर अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्यण तथा सूचना एवं जन संपर्क) संजय अवस्थी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रभावितों के पुनर्वास के लिए प्रदेश सरकार युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। संजय अवस्थी ने गत सांय अर्की विधानसभा क्षेत्र के बाड़ी गावं के प्रभावितों से मुलाकात कर उन्हें समुचित सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने राजकीय माध्यमिक पाठशाला जुबला में बाड़ी गांव के पाड़ितों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना। उन्होंने कहा कि संकट के इस समय में प्रदेश सरकार का पहला प्रयास पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित बनाना है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मुख्यमन्त्री के निर्देशानुसार सभी स्तरों पर योजनाबद्ध कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाड़ी गावं में प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों की संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण कर यह जांचा जाएगा कि आपदा उपरान्त यह स्थान सुरक्षित है अथवा नहीं। संजय अवस्थी ने कहा कि बाड़ी गांव सहित पूरे अर्की विधानसभा क्षेत्र में राहत एवं पुनर्वास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने लोक निर्माण, जल शक्ति सहित अन्य विभागों को राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेज़ी लाने और विभिन्न समस्याओं के शीघ्र निराकरण के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभावितों को आश्वस्त किया कि इस संकट काल में प्रदेश सरकार उनके साथ है। लोगों ने मुख्य संसदीय सचिव से समस्या का समुचित निराकरण करने की मांग की। मुख्य संसदीय सचिव ने तदोपरान्त प्रभावित बाड़ी गांव का दौरा कर वास्तविक स्थिति जानी और उपमण्डल प्रशासन को उचित निर्देश जारी किए। इस अवसर पर खंड कांग्रेस अर्की के अध्यक्ष सतीश कश्यप, युवा कांग्रेस अर्की के अध्यक्ष हेमंत वर्मा, खंड कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रोशन वर्मा, उपमण्डलाधिकारी यादविंद्र पाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा स्थानीय निवासी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने राज्य सरकार को आपदा राहत के तहत केंद्र सरकार की ओर से 400 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान किए जाने के केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आज यहां जारी एक प्रेस वक्तव्य में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हाल ही में भारी बारिश से आई आपदा के लिए केंद्र सरकार की ओर से अभी तक किसी भी प्रकार की मदद प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) में प्रतिवर्ष 360 करोड़ रुपये की राशि जारी की जाती है, जो केंद्रीय बजट से राज्य को मिलने वाला त्रैमासिक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ में 90:10 के अनुपात में प्रतिवर्ष हिमाचल प्रदेश को अपने हिस्से की 360 करोड़ रुपये की धनराशि जून और दिसंबर के महीने में दो किस्तों में मिलती है। केंद्र सरकार ने यह दोनों किस्तें इस बार जुलाई माह में ही राज्य सरकार को जारी की हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी किस्त राज्य को दिसंबर में बर्फबारी के दौरान होने वाले नुकसान की एवज में जारी की जाती है, जो इस बार केंद्र सरकार ने पहले ही जारी कर दी है। उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के तहत हिमाचल प्रदेश की 315 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि अभी भी केंद्र सरकार के पास पड़ी है, जिसे जल्द से जल्द जारी किया जाना चाहिए। राजस्व मंत्री ने स्पष्ट किया कि हिमाचल प्रदेश को इस मानसून के मौसम में आपदा के कारण पैदा हुए हालात के लिए केंद्र सरकार की ओर से अभी कोई राशि जारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि अनुराग सिंह ठाकुर केंद्र सरकार में मंत्री हैं और जय राम ठाकुर पूर्व में मुख्यमंत्री रह चुके हैं और ऐसे में उन्हें तथ्यों की जानकारी होनी चाहिए तथा प्रदेश की जनता के सामने झूठ नहीं बोलना चाहिए। जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस त्रासदी के दौरान हिमाचल प्रदेश में सरकारी और निजी संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है। बिजली, सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं के साथ-साथ सड़कों को भी भारी क्षति पहुंची है और इन सभी को पुन: स्थापित करने के लिए एक साल से अधिक का समय लगने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ऐसे में राज्य सरकार ने 2000 करोड़ की अंतरिम राहत राशि तुरन्त जारी करने के लिए केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है और केंद्र सरकार इस राशि को जल्द से जल्द जारी करे। राजस्व मंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक भयंकर त्रासदी के दौर से गुजर रहा है और ऐसे में केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर को राजनीतिक हितों को परे रखते हुए केंद्र सरकार से इस राशि को दिलाने में प्रदेश सरकार की मदद करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सृदृढ़ीकरण के लिए मत्स्य पालन को प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। हिमाचल की समृद्ध नदियां अपार जल संपदा से सम्पन्न हैं। हिमाचल प्रदेश में मत्स्य पालन क्षेत्र में अपार संभावनाओं के दृष्टिगत इससे लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ किया जा सकता है। इसी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार, मत्स्य पालन में नवीनतम तकनीकों का समोवश कर राज्य में 'नीली क्रांतिÓ लाने के लिए प्रयासरत है। सरकार का उद्देश्य मत्स्य पालन को व्यावसायिक स्तर पर बढ़ावा प्रदान करना है ताकि ग्रामीण आर्थिकी को संबल प्रदान किया जा सके। मुख्य रूप से प्रदेश के गोविंद सागर, पौंग, चमेरा, रणजीत सागर और कोलडैम क्षेत्र में व्यावसायिक स्तर पर मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। हिमाचल के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्राउट मछली उत्पादन की अच्छी सम्भावनाएं हैं। प्रदेश में ट्राउट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इस वित्त वर्ष 120 ट्राउट इकाइयों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत 106 ट्राउट इकाइयों के निर्माण के लिए कुल 202.838 लाख रुपये की राशि विभिन्न मण्डलों को प्रदान की जा चुकी है। इस योजना को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए ज़िला और मण्डल स्तर पर लाभार्थियों के चयन तथा उपदान राशि प्रदान करने की प्रक्रिया प्रगति पर है। मत्स्य क्षेत्र को नई ऊंचाइयां प्रदान करने के लिए प्रदेश में दो ट्राउट हैचरी निर्मित करने के लिए 60 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करवाई जा चुकी है। मछली पालन की आधुनिकतम तकनीकों में से एक बायोफ्लॉक को भी प्रदेश में बढ़ावा दिया जा रहा है। पर्यावरणीय अनुकूल यह तकनीक प्रदेश में 'नीली क्रांति' का मार्ग प्रशस्त करेगी। मत्स्य पालन से जुड़े लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से प्रदेश में पांच लघु बायोफ्लॉक इकाइयां निर्मित की जाएंगी। इसके लिए विभिन्न मण्डलों को 19.50 लाख रुपये की राशि प्रदान की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में तीन मत्स्य आहार संयंत्र स्थापित करने के लिए 42 लाख रुपये की राशि विभिन्न मण्डलों को प्रदान की जा चुकी है। मत्स्य पालकों और उद्यमियों को प्रशिक्षण और तकनीकी मार्गदर्शन भी उपलब्ध करवाया जाता है। इन्हें प्रशिक्षित करने के लिए जिला ऊना के कार्प फार्म गगरेट में 5 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मत्स्य प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। इसमें प्रदेश के 600 मत्स्य पालकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। प्रदेश में इस क्षेत्र की आवश्यक अधोसंरचना तैयार करने के लिए सरकार प्रयासरत है। मछलियों को लम्बे समय तक संरक्षित रखने के लिए प्रदेश में 48 लाख रुपये की लागत से एक बर्फ के कारखाने का भी निर्माण किया जाएगा। प्रदेश सरकार मत्स्य पालन के माध्यम से रोज़गार व स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। युवाओं को मत्स्य पालन गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्रदेश में अनेक योजनाएं लागू की गई हैं। प्रदेश सरकार के प्रथम बजट में ही वर्ष 2023-24 में 500 युवाओं को मत्स्य पालन क्षेत्र में स्वरोज़गार के अवसर प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मई, 2023 तक विभाग द्वारा प्रदेश के 247 व्यक्तियों को स्वरोज़गार के अवसर प्रदान किए जा चुके हैं। प्रदेश में मछली उत्पादन में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 16015.81 मीट्रिक टन और वर्ष 2022-23 में 17026.09 मीट्रिक टन मछली उत्पादन किया गया। गोविंद सागर जलाशय में वर्ष 2022-23 में 182.85 मीट्रिक टन तथा पौंग बांध में 313.65 मीट्रिक टन मछली उत्पादन किया गया।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने अवैध शराब के कारोबार को पनपने न देने के लिए पूरे प्रदेश में अभियान को और तेज कर दिया है। इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों की गठित टीमें अलग-अलग जगह कारवाई कर रही हैं, वहीं विभाग की एक विशेष टीम ने भी पूरे प्रदेश में अवैध शराब के कारोबारियों पर शिकंजा कसा है। आबकारी आयुक्त यूनुस ने आज यहां जानकारी दी कि इस विशेष अभियान में टीम ने जिला बिलासपुर में गुप्त सूचना के आधार पर अलग-अलग जगह छापेमारी कर लगभग 408 पेटी अंग्रेजी व देशी अवैध शराब अपने कब्जे में ली। उन्होंने बताया कि इस कार्रवाई में आबकारी अधिनियम 2011 की धारा 43 के अन्तर्गत 20 मामले तथा धारा 39 के अंतर्गत एक मामला दर्ज किया गया। विभाग ने धारा 39 के अंतर्गत दर्ज किए गए मामले में पुलिस थाना झंडूता जिला बिलासपुर में प्राथमिकी भी दर्ज कर दी है। इस मामले में टीम ने एक अवैध गोदाम में रखी 210 अंग्रेजी व देसी शराब की पेटियों को जब्त कर पुलिस के हवाले कर दिया। आबकारी आयुक्त ने बताया कि अवैध शराब की इस धरपकड़ में सभी जिलों की टीमों द्वारा अलग-अलग 196 मामलों में लगभग 750 पेटियां अवैध शराब पकड़ी गई है। इसके अतिरिक्त 47087.00 लीटर लाहन भी पकड़ी गई तथा आबकारी अधिनियम के अंतर्गत करवाई कर नष्ट की गई। उन्होंने कहा कि सभी जिलों को अवैध शराब की बिक्री तथा परिवहन के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के और कड़े निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने आमजन से भी अनुरोध किया कि किसी भी तरह के अवैध शराब से संबंधित मामले नजर में आते ही विभाग के ध्यानार्थ लाएं। उन्होंने यह भी बताया कि आबकारी विभाग के कार्यों को ऑनलाइन कर दिया गया है जिस के तहत सभी प्रकार के लाइसेंस, परमिट व पास ऑनलाइन जारी किए जा रहे हैं। इससे विभाग के कार्य में और अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
अतिरिक्त उपायुक्त जिला कांगड़ा सौरभ जस्सल शनिवार को विकास खंड फतेहपुर में विकास कार्यों का जायजा लेने के लिए पहुंचे। इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त उप तहसील राजा का तालाब की ग्राम पंचायत नेरना में स्थित ऐतहासिक तालाब की जानकारी लेने हेतु रुके। इस दौरान उन्होंने तालाब के जीर्णोद्धार के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। वहीं, तालाब में उगी जलकुंभी बूटी और एलिगेटर बीडस के समूल नाश के लिए किए जा रहे प्रयासों पर विभागीय अधिकारियों से जानकारी ली। इस दौरान मीडिया द्वारा ऐतहासिक तालाब पर विभिन्न विभागों द्वारा सामूहिक रूप से जलकुंभी और एलिगेटर बीडस के खात्मे पर किए जा रहे लगातार प्रयासों पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वो मौके पर रिव्यू के लिए आए हैं। हाई अथॉरिटी से इस विषय में बात करके आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस मौके पर विकास खंड अधिकारी फतेहपुर सुभाष अत्रि, एसडीओ सुरजीत कौंडल, जेई अरविंद कुमार, बीडीसी तमन्ना धीमान, नेरना प्रधान सुशील कुमार, चकवाड़ी प्रधान पृथी चंद, सचिव राजेश कुमार, सिद्धपुरघाड़ पूर्व प्रधान परमजीत कौर, तकनीकी सहायक चंद्रकांता, विनोद शर्मा, अनूप नारायण, ग्राम रोजगार सेवक राजेश, अनिल कुमार व अन्य लोग उपस्थित रहे।
प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश के चलते नदियां, नालें और खड्डें उफान पर हैं। उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निुपण जिंदल ने बताया कि पंडोह डैम से पानी छोड़े जाने के कारण पौंग जलाशय के जल स्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि परिणामस्वरूप बीबीएमबी प्रशासन द्वारा आज (रविवार) शाम 4 बजे पौंग डैम से पानी छोड़ा जाएगा। उन्होंने पौंग के बहाव क्षेत्र (डाउनस्ट्रीम एरिया) के साथ लगती पंचायतों के लोगों से अपील की है कि वे दरिया के नजदीक न जाएं। उन्होंने कहा कि पौंग के बहाव क्षेत्र के पास यदि कोई व्यक्ति या मवेशी हैं तो उन्हें तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएं। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने की अपील करते हुए प्रशासन का सहयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति या आपदा से निपटने के लिए लोग प्रशासन से सीधा संपर्क करें। उन्होंने लोगों से अपील की कि इस दौरान किसी भी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें और डर पैदा करने वाली ऐसी किसी बात को बिना उसकी सत्यता जाने आगे साझा न करें। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा स्थिति में लोग स्थानीय पंचायत प्रधान, सचिव, पटवारी को तुरंत सूचित करें या जिला आपदा प्रबंधन उपायुक्त कांगड़ा के नंबर 1077 तथा मोबाइल नंबर 7650991077 पर संपर्क करें।
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ उपमंडल इंदौरा का चुनाव रविवार को राजकीय महाविद्यालय इंदौरा के सभागार में संपन्न हुआ। इसमें जिला संयोजक एवं संघ के चुनाव प्रभारी पंकज शर्मा ने चुनाव प्रक्रिया की अध्यक्षता की। इस दौरान ग्रामीण विकास विभाग खंड इंदौरा में सेवारत कनिष्ठ अभियंता सुमित चंद्र शर्मा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग में सेवारत सतीश कुमार को वरिष्ठ उपाध्यक्ष चुना गया। वहीं शारदा शर्मा, राजीव कुमार, सुभाष शर्मा, बलविंद्र कुमार व अमित कुमार को उपाध्यक्ष चुना गया तथा जल शक्ति विभाग से जसवीर कटोच को महासचिव व पवन कुमार को सह सचिव चुना गया। यह कार्यकारिणी अगले तीन वर्ष के लिए चुनी गई है। इस अवसर पर जिला परिषद परवीन कुमार मिंदा, बीडीसी जसवीर कटोच, पूर्व उप प्रधान कुलदीप कीपा, अनिल कुमार डोली, अधिवक्ता संदीप कटोच, समाजसेवी अंबरीश कटोच, सहित समस्त विभागों के अराजपत्रित कर्मचारी उपस्थित रहे।
उत्तर भारत के प्रसिद्ध मणिमहेश झील की तरफ यात्रियों के जाने पर प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है। बारिश के कारण मार्गों के जगह-जगह अवरुद्ध होने के चलते यह फैसला प्रशासन ने लिया है। साथ ही प्रशासन ने यात्रा के अवरुद्ध होने के बावत जगह-जगह बोर्ड भी चस्पां कर दिए हैं। प्रशासन ने कहा है कि सडक़ मार्गों के बहाल होने के उपरांत ही यात्रा पर श्रद्धालुओं के जाने की अनुमति होगी। खबर की पुष्टि एडीएम भरमौर नरेंद्र कुमार चौहान ने की है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों हुई भारी बारिश के बीच मणिमहेश डल झील की ओर निकले अस्सी से अधिक यात्री बीच राह में फंस गए थे, जिन्हें प्रशासन ने रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने के बाद इन्हें अपने-अपने घरों की ओर भी भेज दिया था। पता चला है कि हड़सर से डल झील तक के हिस्से में जगह-जगह रास्ते बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं कई स्थानों पर पुलियां भी बहने की सूचना प्रशासन के समक्ष पहुंची हैं।
जिला मंडी के सराज क्षेत्र में दर्दनाक हादसा पेश आया है। यहां बगड़ाथाच पंचायत में रविवार सुबह एक रिहायशी मकान पर ल्हासा आ गिरा। इस हादसे में एक 17 वर्षीय युवक की मौत हो गई। घटना की पुष्टि स्थानीय पंचायत के प्रधान गुमान सिंह ने की है। उन्होंने बताया कि रविवार सुबह मिहाच गांव के टेक सिंह पुत्र हिम्मत राम के घर लैंडस्लाइडिंग होने से अंदर सो रहे 17 वर्षीय बालकृष्म की मौके पर मौत हो गई जबकि साथ लगते दूसरे कमरे में करीब 6 लोग बाल-बाल बच गए। जिला प्रशासन की तरफ से मृतक के परिजनों को 25 हजार रुपए की अंतरिम राहत प्रदान की गई है।
सराज विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत लेहगला के पास एक दर्दनाक हादसा हुआ है। इस हादसे में एक दंपति की मौत हो गई, जबकि तीन घायल है। जानकारी के अनुसार शनिवार शाम को जब थुनाग बाजार से शिलाकुटला गांव के पांच लोग घर की तरफ जा रहे थे तो लेहगला से एक किलोमीटर आगे कार 300 मीटर गहरी खाई में समा गई। उसमें सवार पांच लोग में से दो की मृत्यु हो गई तथा अन्य तीन लोग घायल हो गए। मृतक महिला 9 माह की गर्भवती थी। वहीं क्षेत्र के लोगों ने आनन-फानन में उन्हें सड़क तक पहुंचाया जिसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल बगस्याड़ ले गए। ग्राम पंचायत लेहथाच के प्रधान तेज सिंह ने बताया कि सभी घायलों को पहले निजी गाड़ी से ले गए फिर रास्ते में उन्हें एंबुलेंस में शिफ्ट कर दिया एंबुलेंस की सहायता से सिविल अस्पताल बगस्याड़ भेजा गया है जहां डॉक्टर ने लता देवी पत्नी खेम सिंह, और खेम सिंह को मृत घोषित कर दिया इसके अलावा चंद्रमणि, संजय कुमार, रुद्रांश,घायल हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन की जा रही है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज जिला मंडी में भारी बारिश, भूस्खलन तथा बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र पंडोह तथा ओट का दौरा किया। उन्होंने प्रभावित लोगों से बात की तथा प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों के बारे में जानकारी ली। राज्यपाल ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए लगभग 100 वर्ष पुराने पुल का निरीक्षण भी किया। उन्होंने लोअर पंडोह में प्रभावित परिवारों के घरों का दौरा किया तथा उन्हें सांत्वना देते हुए राहत प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने लारजी जल विद्युत परियोजना के पावर हाउस तथा ओट में दवाडा क्षेत्र का भी दौरा किया। उन्होंने ओट में क्षतिग्रस्त पुल का भी निरीक्षण किया। इसके उपरांत राज्यपाल ने पंडोह में तीसरी भारतीय रिजर्व कॉर्पस में आयोजित कार्यक्रम में जिला रेडक्रॉस मण्डी के माध्यम से बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री वितरित की। इस अवसर पर राज्यपाल ने केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को फौरी राहत के तौर पर साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रभावितों को अधिक सहायता प्रदान करने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि राहत तथा बचाव कार्यों के प्रति जिला प्रशासन के अधिकारियों की प्रतिबद्धता सराहनीय रही। उन्होंने बचाव कार्यों में भारतीय वायु सेना तथा अर्ध-सैनिक बलों के योगदान की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है तथा पूर्ण आकलन के पश्चात ही कुछ कहना उचित होगा। उन्होंने जिला प्रशासन को नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर वह केन्द्र सरकार से प्रदेश को अधिक राहत प्रदान करने के लिए बात करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि हमें प्रकृति से सबक सिखना चाहिए तथा भविष्य में नुकसान से बचने के प्रयास करने चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने आपदा राहत कोष में अपने एक माह के वेतन का अंशदान देने की घोषणा भी की। राज्यपाल ने मण्डी के प्राचीन पंचवक्त्र महादेव मंदिर के दर्शन किए तथा मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यों की समीक्षा की। ब्यास नदी में पानी की अधिक मात्रा के कारण लगभग आधा मंदिर जलमग्न हो गया था। इसके बावजूद मंदिर सुरक्षित रहा। राज्यपाल ने मंदिर में माथा टेका तथा भगवान शिव से सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर स्थानीय विधायक अनिल शर्मा भी उपस्थित थे। इससे पूर्व भारतीय राष्ट्रीय उच्चमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित और परियोजना कार्यान्वयन इकाई मण्डी के परियोजना निदेशक वरूण चारी ने सुन्दरनगर में राज्यपाल से भेंट की तथा उन्हें क्षेत्र में हुए नुकसान के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि 26 किलोमीटर लम्बे पंडोह-नेरचौक राष्ट्रीय उच्चमार्ग 154 व 3 कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुए हैं तथा भूस्खलन के मलबे को हटाने का कार्य प्रगति पर है। इस अवसर पर विधायक द्रंग पूरन चंद, राज्यपाल के सचिव संदीप कदम, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक सौम्या सांबसिवन तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज सोलन के समीप शामती क्षेत्र का दौरा किया और क्षेत्र में भूस्खलन से हुए नुकसान की समीक्षा की तथा प्रभावित परिवारों से बातचीत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित लोगों के साथ है और प्रभावितों को नुकसान की भरपाई के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने उपायुक्त सोलन को प्रत्येक प्रभावित परिवार को एक-एक लाख रुपये की अंतरिम राशि जारी करने और शेष धनराशि अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन से बहाली कार्य में तेजी लाने और प्रभावित परिवारों के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने को कहा। शामती क्षेत्र में भारी बारिश के कारण 30 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, जबकि 50 अन्य घरों को आंशिक क्षति हुई, जिससे क्षेत्र के लगभग 108 परिवार प्रभावित हुए है। प्रभावित परिवारों के लिए जटोली में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जिनमें वर्तमान में 50 परिवार परिवारों को आश्रय प्रदान किया गया है। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सभी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से कई लोगों की जान बचाने में सफलता मिली और बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क जैसी आवश्यक सेवाएं 48 घंटों के भीतर अस्थायी रूप से बहाल की गई है। उन्होंने कहा कि 70,000 से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया। उन्होंने कहा कि एक चुनौतीपूर्ण बचाव अभियान में शून्य से चार डिग्री नीचे तापमान में लाहौल-स्पीति जिला के चंद्रताल से 250 व्यक्तियों को बचाया सुरक्षित निकाल गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की एक टीम सोमवार को नुकसान का आकलन करेगी। लेकिन अभी तक कोई वित्तीय सहायता प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के सेब बाहुल्य क्षेत्रों में सड़कों की बहाली को प्राथमिकता दे रही है और जिसके लिए लोक निर्माण विभाग को 50 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने शिमला-चण्डीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर धर्मपुर का भी दौरा किया जहां राष्ट्रीय राजमार्ग का बड़ा हिस्सा भूस्खलन में ढह गया है। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग से मलबे को शीघ्र हटाने के निर्देश दिए और अधिकारियों को सड़क के पुनर्निर्माण के लिए कहा ताकि यात्रियों को जल्द से जल्द राहत मिल सके। मुख्यमंत्री ने जटोली में राहत शिविरों का भी निरीक्षण किया और प्रभावित परिवारों को प्रदान की जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, विधायक विनोद सुल्तानपुरी, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, सोलन नगर निगम की महापौर पूनम ग्रोवर, उप महापौर राजीव कौड़ा, बघाट बैंक के अध्यक्ष अरुण शर्मा, जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, कांग्रेस नेता दयाल प्यारी, सुरेंद्र सेठी, शिव कुमार, राहुल ठाकुर, उपायुक्त मनमोहन शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति और अधिकारी भी मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित थे।
विश्व युवा कौशल दिवस के उपलक्ष्य में आज ज्वालामुखी के मां ज्वाला स्किल सेंटर में ब्यूटी एंड वेलनेस की ट्रेनिंग का शुभारंभ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा शिमला से वर्चुअल मोड से किया गया। यह ट्रेनिंग हिमाचल प्रदेश के बच्चों के लिए नि:शुल्क करवाई जा रही है, जिसके लिए कोई भी शुल्क बच्चों से नहीं लिया जाता है। साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के अफसर भी प्रदान कर रही है। आज इस मौके पर मां ज्वाला स्किल सेंटर में ब्यूटी एंड वेलनेस के पहले बैच की शुरुआत भी की गई। इस मौके पर डिस्टिक कोऑर्डिनेटर अंचल शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा प्रदेश के युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए इस प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनमें युवाओं को ट्रेनिंग देकर रोजगार भी उपलब्ध करवाया जा रहा है और जो भी युवा रोजगार पाना चाहते हैं, वे हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही इन ट्रेनिंग का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए ज्वालामुखी में ब्यूटी एंड वेलनेस में 60 सीटें प्रदेश कौशल विकास निगम द्वारा उपलब्ध करवाई गई है। इस मौके पर संस्थान का स्टाफ भी उपस्थित रहा।
उपमंडल ज्वालामुखी के अंतर्गत पुलिस चौकी मझीण के तहत गांव मरयाणा के पास रेनशेल्टर के साथ लगती ढांक के नीचे गिरने से एक स्कूटी चालक की मौत हो गई। मृतक की पहचान फलातू राम (75) पुत्र स्व. शेर सिंह डाकघर सियालकड, त. खुंडियां के तौर पर हुई है। फलातू राम आज सुबह करीब 6 बजे अपनी स्कूटी नंबर एचपी36ए -4921 पर सवार होकर घर से निकले थे। उनका शव सड़क के किनारे मरियाणा रेन शेल्टर के ढांक के नीचे झाडियों व पत्थरों में मिला। करीब 25-30 फुट आगे स्कूटी भी पत्थरों के बीच में क्षतिगग्रस्त हालत में मिली है। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी ज्वालामुखी विकास धीमान ने बताया कि पुलिस ने धारा 174 सीआरपीसी के तहत मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।