डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में पिछले कुछ सप्ताह से पौधरोपन अभियान चलाया गया है। शनिवार को विश्वविद्यालय के मॉडल फार्म में वन महोत्सव कार्यक्रम मनाया गया, जिसमें विश्वविद्यालय के स्टाफ और छात्रों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाए जिससे परागण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली मधुमक्कियों और अन्य मित्र कीटों को वर्ष भर भोजन उपलब्ध होगा। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि वृक्षारोपण प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है। उन्होंने बताया की विश्वविद्यालय द्वारा वन महोत्सव को पिछले एक माह से मनाया जा रहा है और कैम्पस में सभी विभागों, एनसीसी कड़ेट्स और लाइफ मिशन के तहत अलग अलग दिन पर पौधरोपण किया गया है और 12-13 हेक्टेयर भूमि पर 4000 पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा किया जाएगा। उन्होनें सभी से वन महोत्सव को अपने जीवन का अंग बनाने का आग्रह किया और सभी से विशेषकर छात्रों से इस तरह के सामाजिक कार्यों का निरंतर हिस्सा बनने का आग्रह किया। प्रोफेसर चंदेल ने कहा की वृक्षारोपण हमारे प्रकृति के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि बहुत सी जरूरी विकास गतिविधियों के लिए पेड़ों को काटना पड़ता है। उन्होनें छात्रों से प्रकृति के संरक्षण के लिए छोटे छोटे प्रयास करने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के खतरे के कारण वन महोत्सव जैसी गतिविधियों का महत्व और अधिक बढ़ गया है। उन्होंने छात्रों और कर्मचारियों से आग्रह किया कि वह अपने द्वारा लगाए गए हर पौधे को अपनाएं और देखभाल करें। इससे पहले निदेशक अनुसंधान ने सभी से 'एक पेड़ देश के नामÓ के नारे को अपनाने को कहा और वृक्षारोपण के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष फयदों के बारे में बताया। उन्होनें नियोजित वृक्षारोपण से जलवायु परिवर्तन को कम करने और कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन में योगदान के बारे में बात की। सिल्वीकल्चर एंड एग्रोफोरेस्ट्री विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. डीआर भारद्वाज ने वन महोत्सव और इस पहल के तहत विवि द्वारा की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। डॉ. अनिल सूद द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस वर्ष विश्वविद्यालय में परमार जयंती तक वन महोत्सव मनाया जाएगा और मुख्य परिसर में 4000 पौधे लगाए जाएगें। इस अभियान में पीला गुलमोहर, शीशम, खैर, पाजा, तुनी, जकरंडा आदि के पौधे लगाए गए। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय स्टेशनों और कृषि विज्ञान केंद्रों ने भी अपने-अपने स्टेशनों पर वन महोत्सव का आयोजन किया। वृक्षारोपण अभियान में सभी वैधानिक अधिकारियों, यूको बैंक, एसबीआई और जोगिंद्रा सहकारी बैंक की स्थानीय शाखाओं के प्रतिनिधियों, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण के वैज्ञानिकों सहित छात्रों, वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने भाग लिया।
उप निदेशक पशु स्वास्थ्य/प्रजन्न किन्नौर अशोक सैणी ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि जिला के कारा में भारी वर्षा व खराब मौसम के कारण फंसे हुए पर्वतीय चारागाह तथा स्थानीय भेड़ पालकों व भेड़ प्रजन्न प्रक्षेत्र काकस्थल की भेड़ों की देखभाल व उपचार के लिए जिला प्रशासन किन्नौर के दिशा-निदेशानुसार विभाग द्वारा डॉ. आशीष शर्मा के नेतृत्व में एक दल जिसमें एक पशु चिकित्सा अधिकारी, एक पशु औषधीयोजक व अन्य को भेड़ों के उपचार व देखभाल के लिए भेजा गया। उन्होंने बताया कि चिकित्सक दल द्वारा 51 भेड़ पालकों (जिसमें अधिकतम जिला शिमला व जिला किन्नौर से हैं) की 6469 भेड़ों की जांच की गई तथा 615 बीमार भेड़ों का इलाज किया गया। भेड़ प्रजन्न प्रक्षेत्र की 187 भेड़ों में 176 भेड़े स्वस्थ हैं। उन्होंने बताया कि चिकित्सीय दल द्वारा चारागाहों को उनकी भेड़ों की देख-भाल के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए गए तथा साथ ही उन्हें आश्यक दवाईयां भी प्रदान की गई।
राज्य सरकार कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्व है, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कर्मचारियों को उनके देय लाभ समय पर मिलें। यह उद्गार शनिवार को हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष कैबिनेट रैंक आरएस बाली ने नगरोटा के ओबीसी भवन में आयोजित हिमाचल पथ परिवहन निगम की इंटक महासंघ संगठन यूनियन के राज्य स्तरीय सम्मेलन में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सुख की सरकार कर्मचारियों की हितैषी रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों की कई लंबित मांगों को पूर्ण किया है तथा समय समय पर बेहतर सुविधाएं देने के लिए भी तत्परता के साथ कार्य किया है। आरएस बाली ने कहा कि नगरोटा विस क्षेत्र के 61 मील में हिमाचल पथ परिवहन निगम का विश्राम गृह भी निर्मित किया जाएगा ताकि एचआरटीसी के कर्मचारियों को ठहरने की बेहतर सुविधा मिल सके। आरएस बाली ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के परिवहन क्षेत्र में सुधार के लिए नवीन पहल के साथ कदम उठा रही है। लोकप्रिय पर्यटन स्थलों से हिमाचल में पर्यावरण संरक्षण और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार है। उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र में भी व्यापक परिवर्तन लाने के लिए सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र को पूरे हिमाचल प्रदेश में एक आदर्श विधानसभा क्षेत्र बनाना है इसके लिए विकास पुरुष स्वर्गीय श्री जीएस बाली की सोच के अनुसार काम करते हुए जल्द ही विधानसभा क्षेत्र के सौंदर्यीकरण की योजनाएं शुरू की जाएंगी। इससे पहले हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की राज्य स्तरीय इंटक महासंघ संगठन कर्मचारी यूनियन के प्रधान उमेश शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए यूनियन की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी प्रदान की तथा यूनियन की ओर से मांग पत्र भी मुख्यातिथि को सौंपा गया। कार्यक्रम में ब्लॉक कांग्रेस वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रताप रियाड, शहरी कांग्रेस कांग्रेस वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज दूसेजा, कमेटी के सदस्य, डीएम एचआरटीसी पंकज चड्डा, प्रधान उमेश शर्मा, उप प्रधान रविंद्र सिंह जट, प्रदेश प्रवक्ता संजीव कुमार सहित सम्मेलन में एचआरटीसी यूनियन की राज्य स्तरीय इकाई के पदाधिकारी व सदस्य भी उपस्थित रहे।
श्रम एवं रोजगार विभाग द्वारा 25 जुलाई को ओबीसी भवन नजदीक राजकीय महाविद्यालय नगरोटा बगवां जिला कांगड़ा में रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा हैं यह जानकारी जिला रोजगार अधिकारी सोलन संदीप ठाकुर ने दी। संदीप ठाकुर ने कहा कि इस रोजगार मेले में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र की निजी कंपनियां भाग ले रही हैं, जिसमें विभिन्न रिक्त पदों पर नियुक्ति की जानी है। उन्होंने कहा कि अभ्यार्थी की शैक्षणिक योग्यता 8वीं, 10वीं, 12वीं, स्नातक, बीफार्मा, आईटीआई डिप्लोमा, बीटेक, जीएनएम, एमबीए तथा आयु 18 से 45 वर्ष से मध्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इच्छुक उम्मीदवार योग्यता संबंधी सभी अनिवार्य प्रमाण-पत्रों व दस्तावेजों सहित ओबीसी भवन नजदीक राजकीय महाविद्यालय नगरोटा बगवां जिला कांगड़ा में 25 जुलाइ को प्रात: 9 बजे से सायं 4.00 बजे तक रोजगार मेले में भाग ले सकते हैं।
जिला सोलन में फसलों का बीमा करवाने के लिए पुर्नोत्थान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2023 में खरीफ की फसलों मक्की तथा धान को शामिल किया गया है। मक्की व धान की फसल का बीमा करवाने की अन्तिम तिथि बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी गई है। पहले यह तिथि 15 जुलाई थी। यह जानकारी कृषि उप निदेशक सोलन डॉ. डीपी गौतम ने दी। उन्होंने कहा कि टमाटर की फसल का बीमा करवाने की अन्तिम तिथि भी 31 जुलाई निर्धारित की गई है। गौतम ने कहा कि इच्छुक किसान फसलों का बीमा अपने नज़दीकी लोकमित्र केन्द्र के माध्यम से करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपनी जमाबंदी, आधार कार्ड, बैंक पास बुक, बिजाई प्रमाण पत्र आदि लेकर लोकमित्र केंद्रों में जा कर बीमा करवा सकते है। उन्होंने कहा कि किसान ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी फसल आवेदन कर सकते हंै। उप निदेशक ने कहा कि मक्की व धान की फसल के लिए 60 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर बीमित राशि निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि मक्की तथा धान की फसल का बीमा करवाने के लिए किसानों को 96 रुपये प्रति बीघा प्रीमियम राशि अदा करनी होगी। डॉ. गौतम ने कहा कि टमाटर की फसल के लिए 2 लाख रुपये प्रति हैक्टेयर बीमित राशि निर्धारित की गई है। किसानों को टमाटर की फसल के लिए 800 रुपये प्रति बीघा प्रीमियम राशि अदा करनी होगी। उन्होंने कहा कि पुर्नोत्थान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत कम वर्षा, सूखा, बाढ़, सैलाब, भूमि कटाव, ओलावृष्टि और फसल कटाई के उपरांत दो सप्ताह तक होने वाले नुकसान तथा स्थानीयकृत आपदा को कवर किया जाता है। उन्होंने कहा कि ऋणी किसानों के लिए यह योजना ऐच्छिक की गई है। उप निदेशक ने सभी किसानों से आग्रह किया कि किसान अपनी मक्की, धान व टमाटर की फसल का बीमा करवाएं ताकि फसलों का नुकसान होने की स्थिति में किसानों को कृषि बीमा कम्पनियों से मुआवज़ा मिल सके। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए किसान अपने समीप के खण्ड के कृषि विषयवाद विशेषज्ञ तथा बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि से सम्पर्क कर सकते हैं।
स्वास्थ्य बोले- प्रभावितों की मदद के लिए आगे आएं लोग स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान के प्रभावितों को यथा सम्भव सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डॉ. शांडिल गत सांय सोलन की ग्राम पंचायत शमरोड़ के गांव डोग में प्रभावितों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के मकान, खेत और डंगों को भारी वर्षा से नुकसान हुआ है, वह पटवारी को रिपोर्ट करें ताकि उन्हें उचित मुआवज़ा मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को मनरेगा के तहत गांव की सड़कें व डंगे ठीक करवाने के निर्देश दिए। डॉ. शांडिल ने ग्राम पंचायत सेर बनेड़ा में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान के प्रभावितों से पंचायत के समुदायिक केंद्र में बातचीत की। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि इस संकट की घड़ी में प्रदेश सरकार उनके साथ है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है ताकि प्रभावितों को यथा सम्भव सहायता शीघ्र प्रदान की जा सके। उन्होंने संबन्धित अधिकारियों को सभी अवरुद्ध संपर्क मार्ग और जलापूर्ति योजनाओं को शीघ्र सुचारू बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में जिला की कई संस्थाओं ने सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने प्रभावित लोगों की सहायता करने के लिए लोगों का उनके सक्रिय सहयोग एवं अथक प्रयासों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रभावित लोगों की मदद के लिए सभी लोगों से आगे आने की अपील की। स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनी और सम्बन्धित अधिकारियों को इनके निपटारे के निर्देश दिए। इस अवसर पर ग्राम पंचायत शमरोड़ के प्रधान नंद राम, उप प्रधान जनमोहन, बीडीसी सदस्य कली राम, उपमंडलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार आज उपायुक्त कार्यालय में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ जिला निर्वाचन आयुक्त तोरूल एस रवीश की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें उन्होंने बताया कि 21/07/2023 से 21/08/2023 की अवधि के दौरान बी.एल.ओ घर-घर जाकर मतदान सूचियों में विद्यमान प्रविष्टयों का सत्यापन कर त्रुटि पाए जाने की दशा में उसे शुद्ध करने हेतु प्रपत्र-8 के माध्यम से कार्यवाही करेंगे। दिनांक 01 अक्तूबर को 18 वर्ष या उससे अधिक की आयु पूर्ण कर चुके छूटे हुए पात्र मतदाताओं की पहचान कर उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज करने हेतु आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करेंगे। दिनांक 21 अक्तूबर, 2024 को 18 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले भावी मतदाताओं की पहचान कर उनकी सूची तैयार करेंगे। दिव्यांग मतदाताओं की पहचान, मतदान केंद्र के भवन की फोटो व जानकारी अपलोड तथा मतदान केंद्र की जनसंख्या की जानकारी प्राप्त करेंगे। मतदाता सूची में विद्यमान मतदाताओं की खराब व धूंधली फोटो को डिलिट कर रंगीन फोटो में परिवर्तित करेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा दिनांक 11/09/2023 व 12/09/2023 को समस्त राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श किया जाएगा तथा भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के पश्चात् दिनांक 25/09/2023 को मतदान केंद्रो की सूचियों को अंतिम रूप से प्रकाशित किया जाएगा। इस अवसर पर उपमण्डलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता, तहसीलदार निर्वाचन जी.एस.राणा, इंडियन नैश्नल कांग्रेस से भागरथ नेगी, बी.एस.पी से अनिल कपूर तथा बी.जे.पी से कृष्ण गोपाल सहित निर्वाचन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह अधिकारियों से खासे नाराज नजर आ रहे हैं। दिल्ली से शिमला लौटने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि अधिकारियों के लिए उनके मन में मान-सम्मान है। सरकार चलाने के लिए अधिकारी और चुने हुए प्रतिनिधियों के बीच में समन्वय जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी लक्ष्मण रेखा लांघने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। हिमाचल प्रदेश में रहकर अधिकारी प्रपोजल तैयार करते हैं और हिमाचल की सीमा पार करते-करते परवाणू में प्रपोजल को बदल दिया जाता है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अफरशाही को सख्त संदेश देते हुए कहा कि हम लोगों की ओर से चुनी हुई सरकार हैं। अफसरशाही सरकार को यह नहीं बताएगी कि क्या करना है और क्या नहीं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस बारे में वे सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात करेंगे। इस तरह की बातें सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि कुछ अफसर सरकार को दबाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऐसा हम होने नहीं देंगे। वे इस बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहते, लेकिन वे सीएम सुक्खू के साथ इस बारे में गंभीरता से चर्चा करेंगे।
कसौली के विधायक विनोद सुलतानपुरी ने कहा कि प्रदेश सरकार आपदा की इस समय में प्रदेश की जनता के साथ खड़ी है। सुल्तानपुरी शनिवार को प्रदेश सरकार द्वारा आपदा राहत कोष के राहत राशि वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। विनोद सुल्तानपुरी ने इस अवसर पर फॉरेस्ट रेस्ट हाउस कुमारहट्टी में बारिश से प्रभावित हुए 20 परिवारों को, सरकार की तरफ से 11 लाख 55 हजार रुपये नकद फौरी राहत की तौर पर वितरित किए। यह राशि कसौली विधानसभा की ग्राम पंचायत, चेवा, सुल्तानपुर, बड़ोग व कोरों के ग्रामीणों को वितरित की गई। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि इससे पहले भी प्रदेश सरकार द्वारा इस क्षेत्र की जनता को चार लाख वितरित किए जा चुके हैं। विधायक सुल्तानपुरी ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश के आपदा प्रबंधन मैनुअल में परिवर्तन करते हुए ग्रामीणों की सहायता राशि को बढ़ाया है, जो एक सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि जिस परिवार का भी बारिश से नुकसान उनके विधानसभा क्षेत्र में हुआ है। सभी परिवारों को सरकार द्वारा सहायता राशि वितरित की जाएगी। सोलन व कसौली राजस्व विभाग के कर्मचारी व अधिकारी गांव गांव जाकर बारिश से हुए नुकसान का आकलन कर रहे हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नवीन सूद, तहसीलदार सोलन मुल्तान सिंह, कानूनगो राजेंद्र शर्मा, अश्वनी, रिखी राम, पटवारी यतिन, सचिन, अमनदीप, अनिल मेहता, सहायक मदन लाल भी उपस्थित थे। बैठक में स्थानीय पंचायत प्रधान सुमनलता, उप प्रधान संजय, बड़ोंग पंचायत के उपप्रधान हुक्म चंद, सुल्तानपुर पंचायत के उपप्रधान जीतराम ठाकुर, राजकुमार ठाकुर, गौरव गुप्ता, वार्ड मेंबर रूपी देवी, हिमांशु सूद, सुषमा थापर व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
हिमाचल बीजेपी इस समय व्यवस्था परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने आज संसदीय क्षेत्र प्रभारी और सह प्रभारियों की नियुक्ति की है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के प्रभारी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं विधायक विपिन सिंह परमार और सह प्रभारी प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ राजीव भारद्वाज रहेंगे। इसी प्रकार हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के प्रभारी पूर्व मंत्री विक्रम ठाकुर और सह प्रभारी प्रदेश सचिव सुमित शर्मा, मंडी संसदीय क्षेत्र के प्रभारी पूर्व मंत्री एवं प्रदेश उपाध्यक्ष गोविंद ठाकुर और सह प्रभारी विधायक एवं प्रदेश सचिव विनोद कुमार होंगे। शिमला संसदीय क्षेत्र के प्रभारी पूर्व मंत्री एवं विधायक सुखराम चौधरी और पूर्व प्रदेश कोषाध्यक्ष संजय सूद रहेंगे। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह सभी नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी।
प्रदेश में बारिश का कहर चारों तरख दिख रहा है। शिमला जिला के कोटखाई में बारिश के चलते खासा नुकसान हुआ है। कोटखाई की बाग डुमैहर पंचायत में एक मकान पर लैंडस्लाइड हो गया, जिससे उसमें रह रहे नेपाली मूल के दंपति मौत हो गई है। कोटखाई अस्पताल के निकट भी भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन होने से सारा मलबा अस्पताल की निचली मंजिल में भर गया और यह मंजिल पूरी तरह जलमग्न हो गई। भारी बारिश के बाद अस्पताल में कीचड़ भर गया। इससे डॉक्टर और दूसरा स्टाफ अस्पताल में नहीं जा पा रहा है। इतना ही नहीं इस वजह से मरीजों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बाजार के सामने नए बने बस स्टैंड के पास डंगा गिर गया है और पुलिस थाना के सामने भी भूस्खलन हुआ है। उधर, कोटखाई के खलटू नाला में पिछले दिनों बाढ़ आने से खासा नुकसान हुआ था लेकिन आज यहां पर एक भवन जमीदोज हो गया । इस भवन के साथ दो भवनों को भी खतरा बना हुआ है। कुछ दिनों पहले इन भवनों को खाली करवा दिया था।
मुख्यमंत्री ने 10 अत्याधुनिक अग्निशमन वाहनों को हरी झंडी दिखा किया रवाना मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां से 10 अत्याधुनिक अग्निशमन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन अग्निशमन वाहनों में फोम बनाने वाली मशीनों की सुविधा है, जिससे सामान्य आग और तेल से लगने वाली आग दोनों पर ही इसमें प्रभावी ढंग से काबू पाया जा सकता है। इसके साथ ही राज्य में अब अग्निशमन वाहनों की संख्या 230 हो गई है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ज़िला लाहौल-स्पीति के काजा, ज़िला चम्बा के किलाड़ और ज़िला हमीरपुर के नादौन में तीन नए अग्निशमन उपकेंद्र खोलेगी। इसके अतिरिक्त, शिमला ज़िला के देहां में एक नई अग्निशमन चौकी खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि यह पहल नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य भर में अग्निशमन सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के दृष्टिगत सरकार ने अतिरिक्त अग्निशमन उपकरणों की खरीद के लिए 1.60 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा, अग्निशमन केंद्रों के लिए कार्यालय भवनों और आवासीय सुविधाओं के निर्माण और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए 9.80 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। इस अवसर पर विधायक रवि ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, उप महापौर उमा कौशल, निदेशक अग्निशमन सेवाएं राकेश अग्रवाल, उपायुक्त आदित्य नेगी और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी भी उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से 315.80 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह राशि पिछले कुछ वर्षों से रुकी हुई है जिसमें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि (एनडीआरएफ) के तहत वर्ष 2020-21 के लिए आवंटित 121.71 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2021-22 के लिए 133.56 करोड़ रुपये और राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि के तहत वर्ष 2019-20 के लिए 61.07 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। उन्होंने कहा कि महालेखा परीक्षक की ओर से लगाई गई आपत्तियों के कारण इसमें देरी हुई है और प्रदेश सरकार ने अब इन आपत्तियों का सफलतापूर्वक समाधान कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि अब सभी आपत्तियों का निस्तारण किया जा चुका है, ऐसे में राज्य में हाल ही में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुई क्षति को देखते हुए इस आपदा की स्थिति में यह राशि शीघ्र जारी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत उत्पन्न त्वरित आवश्यकताओं को पूर्ण करने के दृष्टिगत राज्य सरकार ने इस आवंटित निधि को शीघ्र जारी करने का आग्रह केन्द्र सरकार से किया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह राशि अगर शीघ्र जारी होती है तो हाल ही में प्रदेश में आई विपदा से प्रभावितों को राहत पहुंचाने तथा उनके पुनर्वास में इसका सदुपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आशान्वित है कि उसके आग्रह पर केन्द्र शीघ्र कार्यवाही करते हुए इस चुनौतीपूर्ण समय में अपना सहयोग एवं समर्थन बनाए रखेगा।
जिला बिलासपुर में बड़ा सड़क हादसा पेश आया है। यहां स्वारघाट में चंडीगड़-मनाली नेशनल हाईवे पर शनिवार सुबह साढ़े चार बजे एक कार अनियंत्रित होकर 500 फुट गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में कार सवार तीन लोगों की मौत हो गई है। मृतकों की पहचान सचिन, पिंटू और खुशी के तौर पर हुई है। तीनों मृतक नोएडा दिल्ली के रहने वाले थे। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्त के बाद शवों को खाई में बाहर निकाली। पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
शिमला जिले के रोहड़ू में एक बार फिर आसमानी कहर बरपा है। जानकारी के अनुसार छौहारा विकास खंड की डिसवाणी पंचायत के तहत आने वाली लैला खड्ड में बाढ़ आ गई, जिसके चलते तीन लोग मलबे में दब गए। बताया जा रहा है कि जगोटी गांव निवासी रोशन लाल और उनकी धर्म पत्नी भागा देवी लैला में ढाबा चलाते थे। बीती रात उनका पोता कार्तिक भी उनके साथ लैला में ही था। इस दौरान रात दो से तीन बजे के बीच लैला खड्ड में आए भारी फ्लड में ढाबा बह गया, जिसके बाद तीनों लापता हंै। पुलिस व प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ जेसीबी की मदद से राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि बाढ़ में रोशन लाल पुत्र शालिग राम, भागा देवी पत्नी रोशन लाल और कार्तिक पुत्र यशवंत या बह गए हैं या मलबे में दब गए हैं। बाढ़ से एक मकान और 5 गडिय़ों को भी नुकसान पहुंचा है।
ज़िला रेडक्राॅस समिति सोलन द्वारा सोलन की ग्राम पंचायत अन्हेच व बोहली में भारी वर्षा से प्रभावित 41 व्यक्तियों को राहत सामग्री वितरित की गई। ज़िला रेडक्राॅस समिति द्वारा प्रभावित व्यक्तियों को राशन एवं सफाई किट तथा किचन सेट वितरित किए गए। ज़िला रेडक्राॅस समिति सोलन की सीमा मेहता, संरक्षक रेनू कुरियन, उप संरक्षक लेख राज कौशिक, आजीवन सदस्य अजय शर्मा, एलएल संस्थान की प्रधानाचार्य श्वेता अग्रवाल सहित अन्य सदस्यों ने बोहली व अन्हेच में यह सामग्री वितरित की।
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। उन्होंने उन्हें राज्य में भारी बारिश और बादल फटने से हुए नुकसान से अवगत करवाया। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार और एन.डी.आर.एफ. द्वारा संचालित किए जा रहे राहत और बचाव कार्यों के बारे में जानकारी दी तथा राज्य को सहायता राशि जारी करने और अर्द्धसैनिक बलों व एन.डी.आर.एफ. को तैनात करने के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री को अवगत करवाया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मंडी और सोलन जिलों में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति की समीक्षा की है। प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री ने राज्यपाल को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने राज्य में आपदा से नुकसान का आकलन के लिए आए दल के साथ की बैठक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार रवनीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में आपदा से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए आए आठ सदस्यीय केंद्रीय दल के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय दल को अवगत करवाया कि प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण भारी नुकसान हुआ है, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार को हिमाचल की उदारता से मदद करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार को वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान मिली सहायता की तर्ज पर हिमाचल को भी केन्द्र सरकार की ओर से आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के आपदा से संबंधित वर्तमान दिशा-निर्देशों में बहुत कम आर्थिक सहायता का प्रावधान है। प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और निर्माण इत्यादि की अधिक लागत को देखते केंद्र सरकार को हिमाचल सहित अन्य पहाड़ी राज्यों को अलग पैटर्न पर आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए। सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण प्रदेश में बिजली, पानी और सड़क परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर क्षति पहुंची है, जिसे स्थाई रूप से बहाल करने में काफी वक्त लगेगा और विशेष आर्थिक सहायता की भी आवश्यकता होगी। ऐसे में इस त्रासदी से उबरने के लिए प्रदेश को उदार वित्तीय मदद के लिए केन्द्र सरकार को आगे आना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अन्तरिम राहत के लिए केन्द्र सरकार को पत्र भी लिखा है और मानसून के बाद इस बारे में संशोधित ज्ञापन दिया जाएगा।
धर्मशाला इंडोर स्टेडियम में दो दिवसीय जिला स्तरीय सीनियर एवं जूनियर वर्ग की बैडमिंटन प्रतियोगिता का समापन आज किया गया। इस प्रतियोगिता का समापन धर्मशाला नगर निगम के मेयर ओंकार सिंह नेहरिया ने किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्याध्यापक राजकीय उच्च पाठशाला भनाला राकेश कटोच एवं धर्मशाला महामाई जनरल स्टोर के प्रबंधक निदेशक हरबंस लाल जी विशेष रूप से उपस्थित रहे। मुख्यअतिथि ने विजेता एवं विजेता को सम्मानित किया। अंडर 19 लड़कों के एकल मुकाबले में कपूर बैडमिंटन अकादमी के करण शर्मा विजेता एवं धर्मशाला का कृष भाटिया उप विजेता रहे। अंडर-19 लड़कों के डबल्स मुकाबले में कपूर बैडमिंटन अकादमी के आर्यन खुल्लर एवं करण शर्मा विजेता एवं धर्मशाला के कृष भाटिया एवं कशिश भट्ट उप विजेता रहे। लड़कियों के अंडर 19 एकल मुकाबले में कपूर बैडमिंटन अकादमी की भारती शर्मा विजेता तथा अमृता उपविजेता रही। लड़कियों के अंडर 19 युगल मुकाबले में कपूर बैडमिंटन अकादमी की भारती शर्मा एवं अमृता की जोड़ी विजेता तथा धर्मशाला की श्रीजल शर्मा एवं पलक उबविजेता रही। अंडर-19 वर्ग के मिक्स डबल्स मुकाबले में कपूर बैडमिंटन अकादमी के करण शर्मा एवं भारती शर्मा विजेता तथा आर्य खुल्लर एवं अमृता उपविजेता रही। सीनियर वर्ग के पुरुष के एकल मुकाबले में कपूर बैडमिंटन अकादमी के करण शर्मा विजेता तथा हरजीब उप विजेता रहे। पुरुष वर्ग के युगल मुकाबले में कपूर बैडमिंटन अकादमी की करण शर्मा एवं हरजीव की जोड़ी विजेता तथा धर्मशाला के पंकज जसवाल एवं विक्रांत राणा विजेता रहे। महिला वर्ग के एकल मुकाबले में धर्मशाला की ज्योतिषिका विजेता तथा कपूर बैडमिंटन अकादमी की रूबी उपजेता रही। महिला वर्ग के युगल मुकाबले में धर्मशाला की अक्षिता चौधरी एवं ज्योतिषिका का विजेता तथा कपूर बैडमिंटन अकादमी की रूबी एवं सिमरन की जोड़ी उपजत रही। वहीं सीनियर वर्ग के मिक्स डबल्स मुकाबले में कपूर बैडमिंटन अकादमी के हरजीव एवं सिमरन की जोड़ी विजेता तथा गौरव कपूर एवं रूबी उपजेता रहे। जिला कांगड़ा बैडमिंटन संघ के महासचिव विलास हंस ने बताया कि एकल मुकाबले में मेरिट में रहे चार प्रतिभागी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे तथा युगल मुकाबले में विजेता एवं उप विजेता राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि 23 जुलाई से सब जूनियर अंदर 15 एवं अंडर-17 जिला कांगड़ा स्तरीय की बैडमिंटन प्रतियोगिता का आयोजन इंडोर स्टेडियम धर्मशाला में किया जा रहा है, जिसके लिए रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 22 जुलाई सुबह 11 बजे तक कर दिया गया है। समापन समारोह में विशेष रूप से जिला कांगड़ा बेडमिंटन संघ के पदाधिकारी विशाल मिश्रा, पंकज शर्मा, रविंद्र कपूर, संदीप ढींगरा, विक्रम चौधरी, गौरव चड्ढा, विकास सूद विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए रेफरी विश्वनाथ मलकोटिया एवं मैच कंट्रोलर पंकज शर्मा द्वारा सुचारू रूप से चलाया गया।
पांवटा साहिब के एक निजी होटल में आज मशहूर गायक अतिकांत वर्मा ने अपनी टीम के साथ 'मेरा शिव' भजन की ग्रैंड लांचिंग किया, जिसमें पूर्व विधायक चौधरी किरनेश जंग उन्हें आशीर्वाद देने पहुंचे। प्रेस वार्ता कर अतिकांत वर्मा ने बताया की सावन का पवित्र माह चल रहा है, और काफ़ी लंबे समय अंतराल के बाद उनकी वापसी हुई, जिसमें उन्होंने महादेव का भजन गाकर शानदार कमबैक किया। अतिकांत वर्मा व डायरेक्टर अनुराग तोमर ने बताया की सावन का माह चला है शिव भक्तों को खासकर कांवड़ियों को संदेह की नजर से अब देखा जाता है। इतना ही नहीं भक्त भी अब यह मानते हैं कि भांग और धतूरा चढ़ाना उसका सेवन करना ही शिव भक्ति है, लेकिन ऐसा नही है क्योंकि आरंभ भी वही है और अंत भी इसलिए सकारात्मकता के साथ शिव भक्ति करें। इस भजन की शूटिंग पौड़ीवाला प्राचीन शिव मंदिर (नाहन ) में हुई है,जिसमें अतिकांत वर्मा ने अपनी आवाज़ दी है जबकि म्यूसिक ,मास्टरिंग और मिक्सिंग नवदीप धात्रा ने किया है। भजन के लिरिक्स विक्रम वर्मा जो की नाहन से उन्होंने लिखे हैं। वहीं शृंगार -मोनू सिंह ने, जबकि स्पोंसर अतिकांत ज्वेलर्स ने किया है। अतिकांत वर्मा ने स्पेशल धन्यवाद विनय चौहान (नाहन), रिक्की टी गिफ्ट ट्रूलर, राहुल, हर्ष (गणपति टूर एंड ट्रेवलद्ध), युवराज सिंह, अजयपाल (रावण ) आदि को किया है। इस अवसर पर पूर्व विधायक किरनेश जंग ने अतिकांत और उनकी पूरी की उज्जवल भविष्य की कामना की, गायक अतिकांत वर्मा, विक्रम वर्मा, डायरेक्टर अनुराग तोमर, हर्ष कश्यप आदि मौजूद रहे।
विधायक केवल बोले- यह मुख्यमंत्री के विश्वसनीय नेतृत्व और नीतियों की जीत नगर पंचायत शाहपुर ने आज अपने नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्विरोध चुनाव कर एक उदाहरण पेश किया, जिसमें अध्यक्ष पद के लिए वार्ड नंबर एक की पार्षद उषा शर्मा तथा उपाध्यक्ष के रूप में वार्ड नंबर सात के पार्षद विजय गुलेरिया को चुना गया। शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया ने इस मौके पर चुने गए पदाधिकारियों को बधाई देते हुए, उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि शाहपुर में हुई यह जीत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के विश्वसनीय नेतृत्व और लोक हितैषी नीतियों की जीत है। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत शाहपुर के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की ताजपोशी होना उनके लिए व्यक्तिगत तौर पर गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सत्तासीन सुक्खू सरकार ने, अपने पहले ही स्थानीय निकाय चुनाव में निर्विरोध रूप से अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर पार्टी समर्थित कार्यकर्ताओं की ताजपोशी करवा कर अपनी लोकप्रियता का परिचय दिया है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार की नीतियों और जनकल्याण के संकल्प से प्रभावित होकर क्षेत्र के पार्षदों ने उनके दल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इसी माह की शुरुआत में शाहपुर नगर पंचायत के चार पार्षदों, विजय गुलेरिया, उषा शर्मा, आजाद सिंह व सुषमा चौहान ने जिलाधीश कांगड़ा के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 21 जुलाई का दिन निर्धारित किया गया था, लेकिन फ्लोर टेस्ट होने पूर्व ही अध्यक्षा निशा शर्मा व उपाध्यक्ष किरण कौशल ने अपना अपना त्यागपत्र एसडीएम के कार्यालय में सौंप दिया। पठानिया ने कहा कि त्यागपत्र के बाद खाली हुई सीटों के लिए उपायुक्त कांगड़ा द्वारा 21 तारीख को ही चुनाव करवाने संबंधी अधिसूचना जारी की गई। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत के सभी पार्षदों ने एकमत से चुनाव ना करवा कर निर्विरोध अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए मात्र दो ही प्रतिनिधियों के नाम आने पर एसडीएम शाहपुर करतार चंद ने अध्यक्ष पद के लिए उषा शर्मा और उपाध्यक्ष पद के लिए विजय गुलेरिया ने नाम की घोषणा की। केवल पठानिया ने पार्षदों को आश्वस्त किया कि जब भी हाउस मीटिंग होगी उसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी ताकि जनहित में निर्णय लेते हुए उनपर त्वरित कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि ये ऐतिहासिक जीत मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खू के कुशल ओर निर्णायक नेतृत्व की जीत है। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत शाहपुर में हुए व्यवस्था परिवर्तन के साथ की क्षेत्र तसवीर को बदलने के लिए काम किया जाएगा। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता देवदत्त शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष सुरजीत राणा, महिला ब्लॉक काँग्रेस अध्यक्ष नीना ठाकुर, ओबीसी ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पटाकू, प्रदीप बलोरिया, संजीव उपाध्याय, राजीव पटियाल, पुष्पा जरियाल, निशा शर्मा, किरण बाला, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष अश्वनी चौधरी, सूबेदार उत्तम सिंह, मुनीश पटियाल, कर्ण पठानिया, कर्ण परमार पिंटू, इकबाल सिंह मिंटा, विनय ठाकुर सहित विभिन्न संगठनों और प्रकोष्ठों के पदाधिकारी और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
विभागीय अधिकारी प्रदेश सरकार द्वारा जनहित मे चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं को बिना किसी भेदभाव के आमजन तक पहुंचाएं तथा इन योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करें ताकि और अधिक पात्र लोग इन योजनाओं व कार्यक्रमों का लाभ प्राप्त कर सकें। यह निर्देश उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जिला कल्याण समिति ऊना की समीक्षा बैठक में संबंधित विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ गरीब कल्याण प्रदेश सरकार का प्रमुख एजेंडा है तथा इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना आरंभ की गई है। उन्होंने जानकारी दी कि महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याणार्थ चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 93 करोड़ 73 लाख 52 हजार 173 रुपए खर्च किए गए हैं। जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही के दौरान 27 करोड़ 72 लाख 27 हजार 62 रुपए खर्च किए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि ऊना जिला में कुल 62,777 व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है इनमें वृद्धावस्था पेंशन योजना के 40,957, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के 6,237, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय अपंग पेंशन योजना के 58, अपंग राहत भत्ता योजना के 5,588, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के 2,219, विधवा पेंशन योजना के 7687 तथा कुष्ठ रोगी पुनर्वास योजना के 31 लाभार्थी शामिल हैं। उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत एक करोड़ 10 लाख रुपए, विधवा पुनर्विवाह योजना के तहत 3 लाख रुपए, मदर टेरेसा असहाय मात्री संबल योजना के तहत 78 लाख 75 हजार रुपए, महिला स्वयं रोजगार योजना के तहत 1 लाख 25 हजार रुपए , शगुन योजना के तहत एक करोड़ 10 लाख रुपए तथा बेटी है अनमोल योजना के तहत 50 लाख 2 हजार 651 रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके अलावा वित्त वर्ष 2023-24 निर्माण अनुदान योजना के तहत चालू वित्त वर्ष के दौरान जिला ऊना में 94 लोगों को गृह निर्माण के लिए 1 लाख 50 हजार रुपए की अनुदान राशि प्रधान की जा रही है। बैठक में वित्त वर्ष 2023-24 की प्रथम तिमाही में प्रदेश सरकार द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से संबंधित प्राप्त आवेदनों को भी समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। इस अवसर पर विधायक ऊना विधानसभा क्षेत्र सतपाल सिंह सत्ती, विधायक कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र देवेंद्र भुट्टो, जिला परिषद की अध्यक्ष नीलम कुमारी, उपायुक्त ऊना राघव शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर, एसडीएम बंगाना मनोज कुमार, एसडीएम ऊना विश्व मोहन देव चौहान, एसडीएम गगरेट सोमिल गौतम, एसडीएम अंब विवेक महाजन, एसडीएम हरोली विशाल शर्मा तथा जिला पंचायत अधिकारी श्रवण कश्यप सहित कई अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज यहां बताया कि किसानों और बागवानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने सेब और आलू के सुचारू परिवहन के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश में प्रवेश करने वाले बाहरी राज्यों के ट्रकों को विशेष पथ कर (एसआरटी) के भुगतान से छूट देने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय परमिट के अंतर्गत नहीं आने वाले ट्रकों को इस वर्ष 20 जुलाई से 31अक्टूबर तक इस छूट का लाभ मिलेगा। मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि यह निर्णय किसानों और बागवानों के उत्थान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे सेब व आलू के सीजन में ढुलाई की पर्याप्त परिवहन सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस छूट के परिणामस्वरूप परिवहन लागत में कमी आएगी, जिससे उत्पादकों की आय में भी वृद्धि होगी। उप-मुख्यमंत्री, जिनके पास परिवहन मंत्री का प्रभार भी है, ने दोहराया कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से कठिन समय में विशेषकर उन बागवानों एवं कृषकों को राहत मिलेगी जो भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं।
राजकीय महाविद्यालय शिवनगर के बीए तृतीय का वार्षिक परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहा। महाविद्यालय में महक लेकर प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि रोहित फांडा और काजल राणा ने द्वितीय व खुशी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. शमशेर सिंह राणा ने इस सफलता के लिए महाविद्यालय प्राध्यापकों तथा बच्चों को बधाई देते हुए इनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि सोलन के कथेड़ में अत्याधुनिक बहुविशेषज्ञ अस्पताल के साथ एक क्रिटिकल केयर सेंटर भी निर्मित किया जाएगा। क्रिटिकल केयर सेंटर के निर्माण से गम्भीर रोगों से ग्रस्त रोगियों को 24ग7 विशेषज्ञ सुविधाएं उपलब्ध होंगी। डॉ. शांडिल ने यह जानकारी अस्पताल निर्माण के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आयोजित एक बैठक को सम्बोधित करते हुए दी। डॉ. शांडिल ने कहा कि क्रिटिकल केयर सेंटर के निर्माण के लिए कथेड़ में अतिरिक्त भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने दूरभाष पर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से कथेड़ में प्रदेश पथ परिवहन निगम के पास उपलब्ध भूमि इस सेंटर के निर्माण के लिए प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधान सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एम. सुधा देवी को दूरभाष पर ही क्रिटिकल केयर सेंटर के निर्माण के सम्बन्ध में शीघ्र आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सोलन की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत यहां क्रिटिकल केयर सेंटर का निर्माण अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अस्पताल सहित क्रिटिकल केयर सेंटर के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्प है। इसके लिए धन की कोई कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस निर्माण कार्य को दो वर्ष की अवधि में पूर्ण किया जाना है। उन्होंने कहा कि इस बहुउद्देशीय अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर के साथ-साथ मातृ शिशु इकाई का पृथक निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तृतीय स्तर के ट्रॉमा सेंटर के निर्माण से प्रदेश के इस महत्वपूर्ण राजमार्ग पर आपातकालीन परिस्थितियों में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का केंद्र सिद्ध होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी बड़े अस्पतालों में हैलीपेड निर्मित करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। यहां भी ट्रामा सेंटर भवन की छत पर हेलीपैड निर्मित किया जाएगा। डॉ. शांडिल ने कहा कि निर्मित होने पर इस अस्पताल में रोगियों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञ हर समय उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने जिला प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग को इस दिशा में समयबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश दिए। डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मुख्य वास्तुकार राजीव शर्मा से अस्पताल निर्माण के विषय में सारगर्भित चर्चा की। इस अवसर उपमंडलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता रवि भट्टी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसएल वर्मा सहित संबन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
सेवानिवृति के पश्चात अधिकतर लोग जहां आराम से अपना जीवन जीना चाहते हैं वहीं समाज में कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो जीवन में कुछ नया करने की सोच रखने के साथ नई मिसाल पेश कर अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन जाते हैं। ऐसा ही कमाल कर दिखाया है, कांगड़ा ज़िला के नगरोटा सूरियां विकास खण्ड के तहत घाड़ जरोट के कृषक परिवार से सम्बंध रखने वाले जीवन सिंह राणा ने। शिक्षा विभाग से प्रवक्ता पद से सेवानिवृत जीवन सिंह राणा ने ऐसे गुणकारी एवम स्वास्थ्यवर्धक फ्रूट जिसे सुपरफ्रूट भी कहते हैं की खेती शुरू की है। ड्रैगन फ्रूट से मशहूर इस सुपर फ्रूट का यहां के अधिकतर लोगों ने न तो नाम सुना था और न ही स्वाद चखा था। लेकिन प्रदेश सरकार के बागवनी विभाग के प्रयासों के साथ जीवन राणा तथा उनके परिवार की कड़ी मेहनत से ड्रैगन फ्रूट की लालिमा से जहां जीवन राणा के बाग की तस्वीर बदल रही है वहीं लोगों को इस फ्रूट के औषधीय गुणों के बारे मे भी जानकारी मिल रही है। कोरोना कालखंड के दौरान जीवन राणा ने सिविल इंजीनियर पास बेटे आशीष राणा और अपनी पत्नी कुंता राणा से सलाह मशविरा करके कुछ नया कारोबार शुरू करने का मन बनाया, ताकि बेटे के साथ परिवार भी उस कार्य से जुड़ सके। उन्होंने सितंबर, 2020 में बेटे के साथ पंजाब राज्य के बरनाला में ड्रैगन फ्रूट फार्म का दौरा कर इसकी खेती बारे जानकारी ली। उसके पश्चात उन्होंने बागवनी विभाग से सम्पर्क कर 6 कनाल भूमि पर लाल छिलके की किस्म के ड्रैगन फ्रूट के 450 पौधे लगा कर इसकी प्राकृतिक तरीके से खेती शुरू की। पहले वर्ष में सैंपल के तौर पर 30 से 35 पीस की पैदावार हुई। जबकि पिछले वर्ष सीजन के दौरान 600 किलोग्राम ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन हुआ। जिसमें एक पौधे से अधिकतर 700 ग्राम वजन के फ्रूट की पैदावार हुई है। उन्हें एक वर्ष में 1 लाख 25 हज़ार रुपए की आय प्राप्त हुई है। इस वर्ष भी फ्रूट की फसल शुरू होने के साथ अब तक 2 क्विंटल फ्रूट की बिक्री कर दी गई है। ड्रैगन फ्रूट की फसल नवंबर माह तक जारी रहेगी। उनका मानना है कि इस वर्ष ड्रैगन फ्रूट की 1200 किलोग्राम तक पैदावार होने की उम्मीद है। उनका कहना है कि पूरी तरह आर्गेनिक तरीके से तैयार इस फ्रूट की दूसरे राज्यों में अच्छी मांग रहती है। जहां पर 250 से 500 रुपए प्रति किलोग्राम तक दाम मिलते हैं । बावजूद इसके वह बाहरी राज्यों के बजाए अपने प्रदेश में गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए इसकी सप्लाई करते हैं। बागवानी विभाग के विशेषज्ञों के समय-समय पर दिए गए मार्गदर्शन तथा तकनीकी सहायता और तीन साल की कड़ी मेहनत से परिवार ने सफलता की एक नई इबारत लिखी है। उन्होंने इसकी खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष भी प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत बागवानी विभाग के सहयोग से अपने खेतों में और पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है। वैसे तो जीवन राणा ने वर्ष 2014 से ही प्राकृतिक खेती शुरू की थी। लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देते देख जीवन राणा ने इस खेती बारे कृषि विभाग से तकनीकी जानकारी लेने सहित इसके अंतर्गत प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त किया। उनका कहना है कि प्राकृतिक खेती से जहां जमीन को जहरीला होने से बचाया जा सकता है, वहीं इससे कम लागत में अच्छी पैदावार होती है। प्रदेश सरकार द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आतमा) के माध्यम से आरंभ की गई ‘प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान’ योजना से जुड़ कर जीवन राणा ने प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लिया। उन्होंने सही तरीके से प्राकृतिक खेती करने के लिए साहीवाल नस्ल की गाय भी पाल रखी है जिसके गोबर तथा गौमूत्र से जीवामृत, बीजामृत, दशपर्णी अर्क, आच्छादन, वापसा और निमास्त्र आदि तैयार करते हैं। इनके इस्तेमाल से पौधों को कवक और जीवाणु से उत्पन्न होने वाले रोगों से बचाने में मदद मिलती है। आज जीवन राणा अपने खेतों में प्राकृतिक खेती से ड्रैगन फ्रूट की खेती के अलावा स्ट्रॉबेरी, रवी तथा खरीफ सीजन में मक्की, गेहूँ,धान( लाल चावल, बासमती), माह, उड़द, सोयाबीन, चना, अलसी, रागी, कोदरा, अदरक और हल्दी की बीजाई कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त सीजनल सब्ज़ियों में घीया, भिंडी ,लौकी, तोरी, बैंगन, टिंडा,खीरा, करेला आदि भी उगाते हैं। उन्होंने लीची,आम,अमरूद, पपीता, जामुन, हरड़,बेहड़ा तथा आंवला जैसे कई फलदार और औषधीय पौधे भी उगाए हैं। *ड्रैगन फ्रूट की विशेषताएं ड्रैगन फ्रूट कैक्टस की ही एक प्रजाति है। इस फल में विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) को बढ़ाता है और मधुमेह,अल्जाइमर, पार्किंसंस जैसी पुरानी बीमारियों (क्रोनिक डिज़ीज़) से बचाता है। विशेषकर इसमें बहुत ज़्यादा फाइबर होता है जो पाचन स्वास्थ्य (डाइजेशन हेल्थ) को बेहतर बनाता है। जानकार बताते है कि इस फल में एंटी-कैंसर के गुण होते हैं जिससे कैंसर होने का खतरा कम होता है। इस फल को नियमित रूप से खाने से रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को संतुलित रखा जा सकता है। इस सुपरफ्रूट में 18% मैग्नीशियम होता है और यह हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाता है। *कृषि एवं बागवानी विभाग से मिली सहायता जीवन राणा का कहना है कि प्रदेश सरकार के कृषि एवं बागवानी विभाग से उन्हें हर समय तकनीकी जानकारी के साथ बहुत सहयोग मिला है। विभाग द्वारा ट्रैक्टर की खरीद पर उन्हें अढ़ाई लाख रुपए,बोरवेल पर 1 लाख 10 हजार रुपए, जबकि सिंचाई के लिए ड्रिप एवं स्प्रिंकलर प्रणाली के लिए 22 हज़ार रुपए, ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाने सहित पॉलीहाउस बनाने के लिए भी सब्सिडी प्रदान की गई है। प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान योजना के तहत उन्हें देसी नस्ल की गाय की खरीद पर 20 हज़ार जबकि गौशाला के फर्श एवं गौमूत्र एकत्रीकरण की व्यवस्था,ड्रम एवं अन्य सामग्री और भंडारण पर भी अनुदान प्रदान किया गया है। बागवानी विभाग के उपनिदेशक डॉ कमलशील नेगी ने बताया कि पहले ड्रैगन फ्रूट की पैदावार देश के अन्य राज्यों में होती थी लेकिन इसमें औषधीय गुण विद्यमान होने के कारण प्रदेश में बढ़ती मांग को देखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा इसकी खेती सहित अन्य फ्रूट की किस्मों को तैयार करने के लिए किसानों को प्रेरित करने का प्रयास किया जा रहा है। बागवानी विभाग कांगड़ा जिला में इस फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहा है जिसके तहत इस वर्ष नगरोटा सूरियां ब्लॉक में 25 कनाल भूमि पर फ्रंट लाइन डेमोस्ट्रेशन प्लाट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें वैज्ञानिक तरीके से 4 हजार पौधे लगाए जाएंगे। विभाग द्वारा इस पर लगभग 15 लाख रुपए व्यय किए जाएंगे। इस डेमोस्ट्रेशन प्लाट में दूसरे क्षेत्रों से लोग आकर ड्रैगन फ्रूट की खेती बारे तकनीकी जानकारी हासिल कर सकेंगे । मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सूक्खु ने बागवानी विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में ड्रैगन फ्रूट, ब्लूबेरी सहित अन्य नई फ्रूट की किस्मों की खेती को नए बजट में शामिल किया है । जिससे यहां के बागवानों में फल उत्पादन के प्रति रुझान बढ़ेगा। मुख्यमंत्री की इस पहल से बागवानों विशेषकर युवाओं को इससे स्वरोज़गार के बेहतर अवसर प्राप्त होने के साथ अच्छी आय भी प्राप्त होगी।
भाजपा के नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल सरकार बागवानों के साथ अन्याय कर रही है। अगर आप गौर से देखें तो मुख्यमंत्री, बागवानी मंत्री और ठियोग के विधायक के बीच बिलकुल भी आपसी तालमेल नहीं है। मुख्यमंत्री कहते हैं कि सेब जिस प्रकार बिक रहा था, उसी प्रकार बिकेगा, बागवानी मंत्री कहते हैं कि किलो के हिसाब से बिकेगा और उनके विधायक कुछ और ही कहते हैं। इससे भगवानों को बड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, सेब बागवान किलो के हिसाब से सेब कैसे बेचेंगे जब उसको तोलने की कोई भी सुविधा मंडियों में है ही नहीं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हर प्रकार से हिमाचल प्रदेश की इस आपदा के समय मदद की है चाहे वह हेलीकॉप्टर प्रदान करना हो या राहत राशि हो। पर कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार का धन्यवाद तक नहीं किया। उन्होंने कहा की यहां तक कि कांग्रेस के नेताओं ने यह तक कह डाला की आपदा में फसे लोगों को बचाने के लिए आर्मी उपस्थित ही नहीं थी और मुख्यमंत्री उनको बचा कर ले आए। मैं पूछना चाहता हूं कि आर्मी के जवान ही थे जो आपदा में फसे हुए लोगों को निकाल कर लेकर आए, क्या मुख्यमंत्री उनको कंधे पर उठाकर लेकर आए। उन्होंने कहा कि केंद्र ने जो आपदा के लिए राशि भेजी है उसको कांग्रेस के मंत्री और नेता नकद रूप में लोगों के बीच में बांट रहे हैं। उसको लेकर फोटो खिंचवा रहे हैं वह केवल मात्र श्रेय लेना चाहते हैं और कुछ भी नहीं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का मैं धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने तुरंत हिमाचल प्रदेश के नेशनल हाईवे को ठीक करने के लिए राशि प्रदान की है और टोल टैक्स भी माफ किया है। उन्होंने भाजपा के समस्त नवनियुक्त पदाधिकारियों को शुभकामनाएं भी दी और कहा कि आगामी 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा हिमाचल प्रदेश की सभी चारों सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी और एक बार फिर केंद्र में भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाएगी। इस मौके पर भाजपा प्रदेश पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से मिला उसमें प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, सचिव विनोद कुमार, डॉ. संजय ठाकुर, कार्यालय सचिव प्रमोद ठाकुर, कार्यालय सह सचिव किरण बाबा, सपना कश्यप, प्रदेश कोषाध्यक्ष कमल सूद, प्रदेश मीडिया प्रभारी करण नंदा, सह मीडिया प्रभारी प्यार सिंह, रमा ठाकुर और सुदीप महाजन उपस्थित रहे।
जून माह में हिमाचल प्रदेश में बनीं 14 समेत देश की 48 दवाओं के सैंपल फेल हो गए। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने जून के ड्रग अलर्ट में ये दवाएं मानकों पर सही नहीं पाई हैं। प्रदेश में निर्मित जिन 14 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें सोलन की आठ, कांगड़ा-सिरमौर की दो-दो और ऊना जिले में बनी एक दवा शामिल है। ड्रग कंट्रोलर नवनीत मारवाह ने बताया कि दवाओं के कुल 1,273 सैंपल लिए थे, जिनमें 1,225 सैंपल खरे उतरे, जबकि 48 फेल हुए हैं। इनमें एनजाइना की दवा, खून के थक्के रोग, संक्रमण रोकने, बाल झड़ने, एनिमिया, अस्थमा, त्वचा संक्रमण, उच्च रक्तचाप, आंख की रोशनी और एलर्जी की दवा के अलावा एसिड के सैंपल फेल हो गए हैं। ड्रग कंट्रोलर नवनीत मरवाह ने बताया कि सैंपल फेल होने वाले उद्योगों को नोटिस जारी कर दिए हैं।
लोक निर्माण विभाग के उपमंडल इंदौरा के अंतर्गत टिप्परी से अटाहड़ा वाया डैंकवां मार्ग 23 जुलाई से 17 अगस्त तक बंद रहेगा। इस संदर्भ में विभाग के सहायक अभियंता नरेंद्र चौधरी ने बताया कि टिप्परी से डैंकवां तक उक्त सड़क का कंक्रीट कार्य किया जाना प्रस्तावित है, जिसके चलते इस मार्ग पर आवागमन पूर्णतया बंद रहेगा। इस दौरान इस रास्ते से आने-जाने वाले लोगों के लिए डैंकवां से लोधवां वाया जटोली मार्ग को वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग किया जाएगा।
पयर्टन नगरी मनाली के लेफ्ट बैंक मार्ग पर जगतसुख के नेहुलु नाला और करजां नाले में दो जगह आधी रात को बादल फ़टने से व्यापक नुकसान हुआ है, जिससे कृषि-बागबानी को भारी नुकसान हो गया है। फसलें तबाह हो गई है, वहीं लेफ्ट बैंक की सडक़ भी बाढ़ भी भेंट चढ़ गई है। सडक़ पर भारी मलबा आने ने यातायात बंद हो गया है। दोनों तरफ जाम लग गया है। सब्जी मंडी आ रहे वाहन भी जाम में फंस गए गए हैं। बता दें कि इस बार मौसम की सबसे ज्यादा मार कुल्लू पर पड़ रही है। पिछले दिनों हुई भारी बारिश से कुल्लू के कई गांव बाढ़ में बह गए हैं, जबकि कइयों का नामोनिशान मिट चुका है। सैंज, मणिकर्ण, कसोल, गूंगी आदि स्थानों सहित कई ऐेसे गांव भी हैं, जो मौसम की मार झेल रहे हैं। अभी बरसात शुरूआती दौर में है, लेकिन बादल फटने की घटनाएं जिला को खून के आंसू रुला रही हैं।
इस वर्ष छह माह के अंदर ही करीबन 1.06 करोड़ सैलानियों ने हिमाचल प्रदेश में विजिट किया है । प्रदेश में पहली बार जून तक ही सैलानियों की संख्या एक करोड़ पार हो गई है। इससे पहले साल 2019 में जनवरी से जून तक सबसे अधिक 90.61 लाख सैलानी देवभूमि हिमाचल पहुंचे थे। अप्रैल से जून तक प्रदेश के विभिन्न पर्यटन स्थलों में आने वाले सैलानियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। अप्रैल में करीब 15 लाख, मई में 21 लाख और जून में 25 लाख सैलानी हिमाचल प्रदेश पहुंचे। जनवरी से मार्च तक प्रतिमाह 12 से 13 लाख सैलानियों का आना हुआ। विदित है कि सुक्खू सरकार प्रदेश का राजस्व बढ़ाने के लिए पर्यटन क्षेत्रों की ओर फोकस कर रही है। सरकार ने कांगड़ा को पर्यटन राजधानी का दर्जा दिया है और राजस्व बढ़ाने की दिशा में प्रयत्नों क्षेत्रों को विकसित भी किया जा रहा है। आंकड़ों की ओर देखे तो वर्ष 2018 में 88,98,620, 2019 में 90,61,269 और 2020 में 22,05,634 सैलानियों ने प्रवेश किया है। वहीं 2021 में 19,76,091, वर्ष 2022 में 86,42,390 जबकि 2023 में अब तक तकरीबन 1,0006,743 सैलानी प्रदेश की वादियां निहारने पहुंचे है।
शूलिनी इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज एंड बिजनेस मैनेजमेंट (एसआईएलबी), सोलन और गवर्नमेंट कॉलेज, सोलन ने शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। सरोज खोसला अध्यक्ष और संस्थापक एसआईएलबी और प्रोफेसर पी के खोसला, संस्थापक, एसआईएलबी और दोनों संस्थानों के संकाय सदस्यों की उपस्थिति में, दोनों संस्थानों के प्रमुखों द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एसआईएलबी की अध्यक्ष सरोज खोसला ने कहा कि इस पहल से छात्र और संकाय विनिमय पहल के माध्यम से दोनों संस्थानों के छात्रों और संकाय सदस्यों को लाभ होगा। विभिन्न गतिविधियां शुरू की जाएंगी, जिनमें शैक्षणिक भागीदारी, विशेष रूप से अनुसंधान जागरूकता कार्यक्रमों को पढ़ाने के लिए संकाय और छात्रों का आदान-प्रदान शामिल होगा। छात्र दोनों संस्थानों में अत्याधुनिक सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं और साथ ही सेमिनार, कार्यशाला, प्रशिक्षण कार्यक्रम, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे संयुक्त कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं। शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. खोसला ने कहा की कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से ये दोनों संस्थान सीखने की प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए अनुसंधान और शिक्षाविदों के माध्यम से अकादमिक सहयोग को प्रोत्साहित करेंगे। एमओयू में अनुसंधान में संलग्न होने के उद्देश्य से एक संस्थान से दूसरे संस्थान में संकाय के दौरे को प्रोत्साहित करने की भी परिकल्पना की गई है। इसके अलावा, यह प्रकाशनों और विद्वतापूर्ण सूचनाओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। दोनों संस्थान संस्थागत और व्यक्तिगत स्तर पर जीवन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, व्यवसाय प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में सहयोगात्मक अनुसंधान कार्य करेंगे।
कहा- 70 करोड़ रुपये से होगा छैला-यशवंत नगर वाया नेरी सड़क का सुदृढ़ीकरण मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सेब उत्पादकों को सुविधा प्रदान करने और उनकी उपज के लिए एक सुचारू परिवहन सुविधा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भारी बारिश से आई आपदा के बाद राज्य सरकार सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़कों की बहाली पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि बागवानों को सुचारू परिवहन सुविधा सुनिश्चित हो सके। मुख्यमंत्री ने यह बात वीरवार सायं आढ़ती संघ के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कों की शीघ्र बहाली के लिए युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि परिवहन संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए, राज्य सरकार नेरी पुल के माध्यम से छैला से यशवंत नगर सड़क को मजबूत करने को प्राथमिकता दे रही है। सेब सीजन के दौरान बागवानों के सामने आने वाली किसी भी परिवहन बाधा को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि (सीआरआईएफ) के तहत इसके लिए 70 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत की परियोजना का एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि भंडारण सुविधाएं बढ़ाने के लिए सरकार राज्य भर में प्रमुख स्थानों पर नियंत्रित वातावरण (सीए) स्टोर स्थापित करने की योजना बना रही है। ये सीए स्टोर भावानगर (किन्नौर), संदासू (चिड़गांव), अणु (जुब्बल), चौपाल (शिमला), जाबली (सोलन), सुंदरनगर (मंडी), दत्तनगर (रामपुर बुशहर) और खड़ापत्थर (शिमला) में स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, दिल्ली में कुंडली सीमा पर राज्य सरकार की भूमि पर एक और सीए स्टोर बनाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार एक डिस्टिलरी स्थापित करने पर भी विचार कर रही है ताकि निम्न गुणवत्ता के सेब से भी बागवान लाभ अर्जित कर सकें। इस पहल का उद्देश्य उन सेबों का उपयोग करना है जो बाजार के ताजा उपज मानकों को पूरा नहीं कर सकते हैं। डिस्टिलरी की स्थापना से सरकार निम्न गुणवत्ता वाले बागवानी उत्पादों को मूल्यवान संसाधन के रूप में प्रसंस्कृत करेगी ताकि उत्पादकों की आय में वृद्धि हो सके। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार सेब उत्पादकों को शोषित करने के किसी भी प्रयास के खिलाफ अपने रुख पर कायम है। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद आढ़ती संघ ने बागवानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पुरानी व्यवस्था के आधार पर सेब तोलने या खरीदने पर सहमति जताई। संघ ने बागवानों को समर्थन एवं फल खरीद में हर प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रदेश की प्रतिबद्धता के अनुरूप अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करने का विश्वास जताया।
सिरमौर हाटी विकास मंच ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी के सांसद राज्यसभा में व्यवधान डालकर जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के लाखों लोगों के हितों पर कुठाराघात कर रहे हंै। सिरमौर हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा, मुख्य प्रवक्ता डॉक्टर रमेश सिंगटा, उपाध्यक्ष कपिल चौहान, सचिव मदन तोमर व गोपाल ठाकुर हरगोविंद राणा, कपिल कपूर, दलीप सिंगटा आत्मा राम शर्मा, जगत ठाकुर, अनुज शर्मा, आशु चौहान, बंसी ठाकुर, नीटू चौहान, ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेता व सांसद राज्यसभा में जनता के हितों के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले बिलों व विधायी कार्यों के समय ही व्यवधान डालते हैं, जिससे पांच दशकों से पुराना हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा दिए जाने का बिल जो लोकसभा से गत 16 दिसंबर को पारित हो चुका है, वह राज्यसभा में पारित नहीं हो पा रहा है। सिरमौर हाटी मंच के पदाधिकारियों ने कांग्रेस पार्टी से आग्रह किया कि वह हिमाचल प्रदेश के तीसरे जनजातीय संशोधन बिल को पारित करने में सहयोग दे। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु व प्रदेश कांग्रेस सरकार से भी आग्रह किया कि वह इस मामले में पार्टी की स्थिति स्पष्ट करे और केंद्रीय नेतृत्व को इस बिल को पारित करवाने में सहयोग करने के लिए प्रभावी संदेश दें, ताकि यह बिल पारित हो पाए। सिरमौर हाटी विकास मंच ने छतीसगढ़ की कांग्रेस सरकार व मुख्यमंत्री से भी आग्रह किया कि वह भी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर दबाव बनाए क्योंकि उनका व हाटी समुदाय का यह बिल राज्यसभा में लंबित है। मंच ने कहा कि यदि कांग्रेस के सांसदों का नकारात्मक रवैया यूंही जारी रहा तो सिरमौर हाटी विकास मंच लाखो लोगो को लामबंद कर कांग्रेस सांसदों, प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्रियों व विधायकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर विवश होगी।
धर्मशाला इंडोर स्टेडियम में दो दिन चलेगी जिला स्तरीय प्रतियोगिता धर्मशाला इंडोर स्टेडियम में 20 जुलाई से दो दिवसीय जिला स्तरीय सीनियर एवं जूनियर वर्ग की बैडमिंटन प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ। इस प्रतियोगिता का शुभारंभ भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त कैप्टन जीएम. पठानिया ने किया। शुभारंभ कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि जम्मू एंड कश्मीर बैंक धर्मशाला के वरिष्ठ प्रबंधक संजीव शर्मा, सिटी केयर हॉस्पिटल के प्रबंधक निदेशक नीरज ठाकुर जी, प्रोफेसर राकेश पठानिया एवं इंजीनियर अजय कुमार शर्मा जी विशेष रूप से उपस्थित रहे। जिला कांगड़ा बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष सुनील मनोचा ने मुख्य अतिथि का स्वागत एवं अभिनंदन किया। कांगड़ा जिला बैडमिंटन संघ के महासचिव विलास हंस ने बताया कि यह प्रतियोगिता सीनियर एवं जूनियर वर्ग की दो दिवसीय प्रतियोगिता है। इस प्रतियोगिता में जो एकल वर्ग में मेरिट पर चार खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन किए जाएंगे एवं युगल मुकाबले में विजेता एवं उप विजेता जिला कांगड़ा से राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन किए जाएंगे। आज खेले गए ये मुकाबले आज के खेले गए मुकाबलो में अंडर-19 छात्र वर्ग के एकल मुकाबले में धर्मशाला के अर्पित ने ज्वालामुखी के सूर्यांश को हराकर, धर्मशाला के कृष भाटिया ने ज्वालामुखी के रितुल को हराकर, कपूर बैडमिंटन अकादमी के कुणाल ने पालमपुर के सुजल को हराकर, कपूर बैडमिंटन अकादमी के आयुष राणा ने नूरपुर के विश्वास कोहली को हराकर अगले राउंड में प्रवेश किया। पुरुष वर्ग के एकल मुकाबले में धर्मशाला के विक्रांत राणा ने दक्ष राणा को हराकर, कपूर बैडमिंटन अकादमी के हरजीव ने शाहपुर के मोहित धीमान को हराकर, कपूर बैडमिंटन अकादमी के कर्ण ने धर्मशाला के विवेक कुमार को हराकर, धर्मशाला के विक्रांत राणा ने कपूर बैडमिंटन अकादमी के साहिल को हराकर, कपूर बैडमिंटन अकादमी के गौरव ने धर्मशाला की मृदुल भाटिया को हराकर अगले राउंड में प्रवेश किया। अंडर 19 लड़कियों के एकल मुकाबले में कपूर बैडमिंटन अकादमी की अमृता ने धर्मशाला की दीक्षा को हराकर अगले राउंड में प्रवेश किया। महिला वर्ग के एकल मुकाबले में अक्षिता चौधरी ने कपूर बैडमिंटन अकादमी की अवनी को हराकर, कपूर बैडमिंटन अकादमी की रूबी ने धर्मशाला की तान्या को हराकर, भारती शर्मा ने धर्मशाला की प्रकृति को हराकर अगले राउंड में प्रवेश किया। पुरुष वर्ग के युगल मुकाबले में नगरोटा बगवां के प्रांशुल एवं विवेक की जोड़ी ने धर्मशाला की अजय बग्गा एवं विवेक को हराकर, नूरपुर के ईशान और मानिक शर्मा की जोड़ी ने सुरेश की जोड़ी को हराकर अगले राउंड में प्रवेश किया। कार्यक्रम के शुभारम पर विशेष रूप से जिला कांगड़ा बैडमिंटन संघ के पदाधिकारी विशाल मिश्रा, आरसी कटोच, सर्वचंद धीमान, सुमन शर्मा, रविंद्र कपूर, पंकज शर्मा, संदीप ढींगरा, गौरव चड्ढा, पवन चौधरी, विक्रम चौधरी उपस्थित रहे। महासचिव ने बताया कि इस प्रतियोगिता को सुचारू रूप से चलने के लिए तकनीकी अधिकारियों का सहारा लिया जा रहा है जिसमें विश्वनाथ मलकोटिया को इस प्रतियोगिता का रेफरी एवं पंकज शर्मा को मैच कंट्रोलर लगाया गया है।
हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने आज यहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ठाकुर को आपदा राहत कोष-2023 के लिए बैंक की ओर से 7,06,18,702 रुपये का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस राशि से प्रभावित परिवारों को सहायता मिलेगी। समाज का हर वर्ग इस कठिन समय में मदद के लिए आगे आ रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार उनकी आभारी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, बैंक के प्रबंध निदेशक शरवन मांटा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एम. सुधा देवी की अध्यक्षता में आज यहां प्रदेश के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों और जिला बाल संरक्षण अधिकारियों की वर्चुअल बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की प्रगति की समीक्षा की गई। एम. सुधा देवी ने कहा कि इस योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, मार्गदर्शन और करियर परामर्श, वस्त्र भत्ता, त्यौहार और विवाह अनुदान, मकान निर्माण के लिए भूमि और अनुदान का आवंटन, राज्य के बाहर वार्षिक शैक्षणिक दौरे, कोचिंग, उच्च शिक्षा व व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल विकास पाठ्यक्रमों को प्रायोजित करने, अनाथ बच्चों व देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को स्वरोज़गार, स्टार्ट-अप के लिए सहायता प्रदान करने जैसे लाभ प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया में तेज़ी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यवेक्षकों तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में अनाथ बच्चों की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए सर्वेक्षण 21 दिनों के भीतर पूरा करें। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अन्तर्गत लाने के लिए अनाथ बच्चों का विवरण संबंधित उपायुक्त को प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण एक अभियान के रूप में चलाया जाना चाहिए ताकि कोई भी पात्र बच्चा लाभ पाने से वंचित न रहे। उन्होंने निर्देश दिए कि आवेदन पत्र खंड स्तरीय कार्यालयों में आसानी से उपलब्ध करवाएं ताकि आवेदक के लिए यह सुलभ उपलब्ध हों। सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के गतिशील नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की है। इस योजना के तहत बच्चों और एकल नारी की उच्च शिक्षा और कौशल विकास प्रशिक्षण की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष भी स्थापित किया गया है। उन्होंने योजना के तहत प्राप्त आवेदनों को मिशन मोड में प्राप्त करने तथा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार संसाधित करने के निर्देश भी दिए। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक रूपाली ठाकुर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की सशक्त महिला ऋण योजना का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत हिमाचल की स्थायी निवासी महिलाओं को अपने उद्यम स्थापित करने, आजीविका गतिविधियों को आरंभ करने, रोजमर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने तथा अपने परिवारों के उत्थान के लिए उपभोग्य सुरक्षा (कोलेटरल) मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर, मुख्यमंत्री ने इस पहल के लिए बैंक के प्रयासों की सराहना करतेे हुए कहा कि यह ऋण सुविधा प्रदान कर बैंक ने प्रदेश की महिलाओं को सशक्त करने तथा उन्हें कठिन समय में पुनर्भुगतान न कर पाने की स्थिति में अपनी संपत्ति खोने के डर से मुक्त किया है। उन्होंने कहा कि उपभोग्य सुरक्षा मुक्त ऋण इस योजना की अनूठी विशेषता है और इसके तहत ऋण के लिए आवेदन करने वाली पात्र महिलाओं को ऋण राशि के विरूद्ध जमानत के रूप में कोई संपत्ति या संपाशर््िवक प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि उपभोग्य सुरक्षा की शर्त हटाने से महिलाओं विशेषकर जिनके पास ऋण लेने के लिए जमानत के रूप में मूल्यवान संपत्ति नहीं होती है, उनकी मुख्य बाधा दूर होगी। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार और आजीविका गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में योगदान देगी और उन्हें वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनने और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि योजना के तहत बैंक 8.51 प्रतिशत की कम ब्याज़ दर पर 21000, 51000 तथा 1,01000 रुपये की ऋण सुविधा प्रदान कर रहा है। इसके अलावा यह योजना पात्र महिलाओं को आसानी से ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। योजना में मार्जिन मनी की आवश्यकता नहीं है और आवेदन प्रक्रिया भी सरल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंक की इस नई पहल के माध्यम से ऋणी महिलाएं आत्मविश्वासी व आत्मनिर्भर बनेंगी और राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में सार्थक योगदान देंगी। उन्होंने कहा कि यह योजना समय पर पुनर्भुगतान करने पर पुरस्कृत करने और ऋणी महिलाओं को समय पर ऋण राशि चुकाने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी केंद्रित है। इस अवसर पर बैंक के अध्यक्ष देवेन्द्र श्याम, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, बैंक के प्रबंध निदेशक शरवन मांटा और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
सतलुज जल विद्युत निगम के अध्यक्ष नंद लाल शर्मा ने निगम की ओर से बाढ़ प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के दृष्टिगत आपदा राहत कोष-2023 के लिए आज यहां मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को 2,55,00,000 रुपये की राशि के चेक प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस राशि से संकट की घड़ी में प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने में मदद मिलेगी।
उपमंडल देहरा के कस्बा कोहसन नैहरनपुखर के राजेंद्र पाल सिंह के घर जन्मे डॉ. चंदर शेखर शर्मा को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के वाईस चांसलर ने बोर्ड ऑफ स्टडीज में एक्सपर्ट मेंबर बनाया है। डॉक्टर चंद्र शेखर की पत्नी डॉक्टर अमिता शर्मा टीचिंग में है। आपको बता दें कि चंद्र शेखर ने पपरोला से बीएएमएस व एमडी की है और पिछले 17 साल से हेड ऑफ डिपार्टमेंट व प्रोफेसर के तौर पर अपनी सेवाएं देने के पश्चात चिकित्सा एवम अकैडमिक रजिस्ट्रार दयानंद आयुर्वेदिक कॉलेज जालंधर कार्यरत हैं। साथ ही गुरु रविदास आयुर्वेदिक यूनिवर्सिटी में सीनेट मेंबर भी हैं। प्रोफेसर चंद्र शेखर ने कहा कि उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी का वह पूरी निष्ठा से वहन करेंगे।
हंस फाउंडेशन ज्वालामुखी ने डॉ. गौरव एवं उनकी टीम ने घरना गांव में अपना नि:शुल्क मेडिकल कैंप लगाकर स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई फाउंडेशन की टीम ने लोगों को बरसात में फैलने वाली बीमारियों के बारे में भी अवगत करवाया और उनसे बचने के जरूरी टिप्स भी दिए। गांव में स्वच्छता पखवाड़ा मनाया गया, जिसमें उन्होंने बताया कि बाहर की दवाइयों का डॉक्टर की सलाह के बिना उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि बरसात के दिनों में पौधे लगाएं और लोगों को भी प्रेरणा दें। बरसात के मौसम में शुद्ध जल का प्रयोग करें हरी सब्जियों और फलों का सेवन करें ताकि बीमारियों से बचा जा सके।
प्रदेश के अन्य जिलों की भांति, सिरमौर जिला भी भारी बरसात से हुई तबाही से अछूता नहीं रहा। जिले में सड़कों, पुलों, पेयजल योजनाओं और बिजली आदि का भारी नुकसान हुआ है। जिला में सर्वाधिक नुकसान शिलाई विधानसभा क्षेत्र में हुआ है। शिलाई क्षेत्र में जैसे ही आवाजाही बहाल हुई उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने तुरंत अपने विधानसभा क्षेत्र का रुख किया। हर्षवर्धरन चौहान पिछले दो दिन से लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र के प्रभावित लोगों के बीच पहुंचकर उनका हाल जान रहे हैं। उद्योग मंत्री अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान शिलाई विधानसभा क्षेत्र के लगभग उन सभी क्षेत्रों तक पहुंचे जहां सार्वजनिक तथा निजी संपत्ति को, सड़कों को, खेतों व खलिहान को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा है। हर्षवर्धन चौहान रास्ते में लगभग सभी गांव में रुके जहां लोग पहले से ही अपनी व्यथा सुनाने के लिए उनके इंतजार में खड़े थे। हर जगह पर वह अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के जख्मों पर मरहम लगाने का प्रयास करते दिखाई दिए। उन्होंने जहां राष्ट्रीय राजमार्ग तथा स्थानीय संपर्क मार्गो की बहाली के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए वहीं लोगों को निजी संपत्तियों के नुकसान के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा भी की। शिलाई क्षेत्र में अपने प्रवास के दूसरे दिन उद्योग मंत्री ने शिलाई से रोनहाट जाते समय बांदली में राष्ट्रीय उच्च मार्ग में भारी भू-स्खलन का जायजा लिया। यहां पर एक पहाड़ का पूरा हिस्सा खिसक गया है जिससे बांदली गाँव पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय उच्च मार्ग के अधिकारियों और प्रशासन को इस जगह को शीघ्र प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त कर बहाल करने के आदेश दे दिए । उन्होंने जनता से भी आग्रह है कि सभी यहां पर पूर्ण सावधानी बरतें। शिलाई से रोनहाट के बीच भी जगह जगह पर कई गाँव भू-स्खलन से प्रभावित हैं। उद्योग मंत्री ने रास्ते में कांडो भटनोल, क्यारी, धारवा, द्राबिल, फागु, जामली क्षेत्र का जायजा लिया। उन्होंने प्रशासन को पानी, सड़क, बिजली व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को जल्द सुचारू रूप से बहाल करने व सभी सड़को को युद्ध स्तर पर दुरुस्त करवाने के कड़े निर्देश दिये। उद्योग मंत्री ने रोनहाट पहुंचकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने यहां पर कई जगहों पर भू-स्खलन से खराब हुए सड़कें, पानी की लाइनों, स्कूल, बागवानों की फसल बर्बादी व बरसात में हुए नुकसान का जायजा लिया तथा क्षेत्र में बारिश से पीड़ित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को पानी, सड़क, बिजली व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं को जल्द सुचारू रूप से बहाल करवाने के कड़े निर्देश दिये। इससे पूर्व आज प्रात: उद्योग मंत्री ने शिलाई विश्राम गृह में क्षेत्र के लोगों की जन समस्यायें सुनी। उन्होंने लोगों द्वारा प्रदान की गई जानकारी के अनुरूप प्रशासन तथा सम्बन्धित विभाग के अधिकारियों को निश्चित अवधि के भीतर इन शिकायतों का निवारण करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश के कारण आई आपदा के समय प्रदेश सरकार, प्रशासन और जनप्रतिनिधि के रूप में वह स्वयं जनता के साथ खड़ें हैं। उन्होंने कहा कि हम प्राकृतिक आपदा को तो रोक नहीं सकते किन्तु हमारा प्रयास रहेगा कि इस आपदा से सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को जो नुकसान पहुंचा है उसे शीघ्र अति शीघ्र भरपाई की जाये। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को शीघ्र ही नियमानुसार मुआवजा प्रदान किया जायेगा।
सावन के पावन मास में काठगढ़ महादेव (इंदौरा) के परिसर में चल रहे श्रावण मास महोत्सव के चलते परम पूज्य गंगाधर शास्त्री महाराज ने से सर्वप्रथम सभी देवताओं की स्तुति वंदना की। तत्पश्चात उन्होंने कहा कि गुरु, शिव शंकर की भांति गुणों से भरपूर हो, बल्कि आजकल सब शिष्य कम बनना चाहते हैं ,बल्कि सब गुरु का दर्जा ही पाना चाहते हंै। उन्होंने कहा कि भारत देश ही बारह ज्योतिर्लिंगों का देवस्थान है तथा यहां मां पार्वती के पूर्व जन्म सती के अवशेषों से विभिन्न स्थान मिलते हंै। भगवान शिव जैसा कोई भी वैष्व नहीं व प्रभु श्री राम जैसा कोई शिव भक्त नहीं। उन्होंने कहा कि ओरव ऋषि के श्राप से शिव जी का शरीर जलन से दग्ध हो रहा है और उस समय माँ पार्वती जी भोलेनाथ जी के साथ श्री बद्रीनाथ गए और भगवान नारायणजी ने आवाहन किया और उन्होंने 77 सुरभी ग्यूओ को प्रकट किया। उनके दिव्य शीतल दूध से भोलेनाथ जी के ऊपर दूध थन धारा से अभिषेक करवाया तब जाकर ऋषि के श्राप की जलन शांत हुई। कथा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि शिव विश्वास का प्रतीक है। शिव व नारायण दोनों एक ही है इनमे कोई अंतर नही। भगवान को जिस भाव से पुकारते है वो उसी भाव मे प्राप्त होते है। उन्होंने कहा कि कर्म से नियत बड़ी होती है। इंसान को कर्मो के साथ साथ नियत भी साफ रखनी चाहिए। इंसान को कभी भी किसी को अपने से छोटा नही समझना चाहिए। सभी भगवान के एक बराबर अंश है। जब भगवान राम जी ने लंका विजय के समय रामेश्वर सेतु का निर्माण करने का संकल्प लेना था तो उस समय लंकापति रावण को श्रेष्ठ पुरोहित के रूप में तट पर बुलाया और उनसे विधिपूर्वक संकल्प करवाया। और हमे मन भक्ति में ओर धन समाज की सेवा में लगाना चाहिए। ईश्वर का नाम कलयुग ने आधार है, ईश्वर का साथ हो तो सभी सुख सुविधाएं पर्याप्त होती है। मां पार्वती (सती) जी के पिता राजा दक्ष प्रजापति बनने पर शिव जी द्वारा बधाई न देने पर राजा दक्ष ने एक यज्ञ का आयोजन किया और शिव व सती का अपमान करने के लिए उन्हें यज्ञ में नही बुलाया। और माँ पार्वती जब बिना बुलाये यज्ञ में चली गयी तो राजा दक्ष ने माता व शिव जी का अपनी वाणी द्वारा अपमान किया, तब मां सती क्रोध में आयी और अग्नि प्रगट करके भस्म हो गयी। जब इसकी सूचना भगवान शिव को मिली तो उन्होंने क्रोधित होकर अपनी एक जटा से एक वीरभद्र नाम का गण प्रकट किया। उसने राजा दक्ष का सिर काटकर यज्ञ कुंड में डाल दिया। भगवान भोले नाथ सती के शरीर को अपने कंधे पर बिठाकर जहां जहां भ्रमण किया और 51 टुकड़े धरती पर गिरे वो आज शक्तिपीठ के नाम से जाने जाते हैं।
माता श्री छिन्मस्तिका धाम चिंतपूर्णी मंदिर परिसर को श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत आधुनिक पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा तथा मास्टर प्लान के तहत विकास कार्यों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इस कड़ी में सबसे पहले माता श्री चिंतपूर्णी का एक भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुगम आवाजाही के लिए रोपवे तथा एस्कालेटर बनाने के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए अन्य आधुनिक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हरोली विधानसभा क्षेत्र के गांव बीटन स्थित छोटी कुटिया में 15 लाख, गांव हीरा नगर में 15 लाख रुपए व ग्राम पंचायत गोंदपुर जयचंद के गांव बैहली में 21 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित सामुदायिक भवनों के लोकार्पण के उपरांत उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए दी। उन्होंने कहा कि देव भूमि हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत का प्रमुख पर्यटन राज्य है जहां पर देश-विदेश के पर्यटक सैर सपाटे के अलावा यहां के देवी देवताओं के प्रसिद्ध मंदिरों के प्रति आस्था के कारण खींचे चले आते हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों में आधुनिक सुविधाओं के विकास के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार कृत संकल्प है तथा इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बीटन-सिंगां में 15 ट्यूबवेलों का निर्माण किया जा रहा है जिससे निकट भविष्य में इस क्षेत्र में पानी की कमी दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि हरोली विधानसभा क्षेत्र के अमराली में 25 लाख लीटर क्षमता का एक ओवरहेड जल भंडारण टैंक बनाया जा रहा है, क्षमता के अनुसार यह हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जल भंडारण टैंक होगा जिसके बनने के उपरांत पेय जलापूर्ति योजना बाधित होने के 1 सप्ताह बाद तक भी क्षेत्रवासियों को जलापूर्ति उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सिंचाई सुविधा को और सुदृढ़ करने के लिए 70 करोड़ रूपये की लागत से बीत सिंचाई योजना का निर्माण किया जा रहा है जिससे आने वाले समय में इस क्षेत्र में सभी किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने बताया कि हरोली विस क्षेत्र में 35 पानी के टैंकों का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा विधायक प्राथमिकता के तहत 12 करोड़ रूपये की लागत से 12 टयूबवैलों का निर्माण किया जा रहा है। हरोली विस क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 11 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में हरोली विस क्षेत्र देश व प्रदेश में जल उपलब्धता के मामले में पहला आत्मनिर्भर क्षेत्र होगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की विपरीत परिस्थितयों के बावजूद प्रदेश के चहुमुखी विकास के लिए प्रयासरत है तथा सरकार द्वारा जनता को दी गई दस गारंटियां प्राथमिकता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से पूर्ण की जा रही है। उन्होंने कहा कि हरोली विस क्षेत्र निर्णायक विकास की ओर अग्रसर है तथा इस क्षेत्र में सड़क, शिक्षा व स्वास्थ्य के अलावा बडे़ स्तर की परियोजना पर कार्य किया जा रहा है।मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हाल ही में प्रदेशभर में हुई मूसलाधार बारिश के कारण उत्पन्न आपदा से हिमाचल प्रदेश की अनेक पेयजल तथा सिंचाई योजनाओं को भारी क्षति हुई है तथा जल शक्ति विभाग में ही करीब 1,500 करोड़ का नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने जान जोखिम में डालकर दिन-रात कार्य करते हुए प्रदेशवासियों के लिए रिकॉर्ड अवधि में जलापूर्ति बहाल की है जिसके लिए जल शक्ति विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। बीटन में विभिन्न विकास कार्यों के लिए 10 लाख देने की घोषणा बीटन स्थित छोटी कुटिया के प्रमुख श्री 1008 स्वामी नित्यानंद रमता राम जी महाराज, स्वामी अतुल बिशन जी महाराज के अलावा परिवहन विभाग के निदेशक मंडल के सदस्य व जिला कांग्रेस प्रधान रणजीत सिंह राणा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव व आरटीए के सदस्य अशोक ठाकुर, जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव प्रमोद कुमार, जिला परिषद सदस्य नरेश कुमारी, पंचायत प्रधान बलजीत कौर व उप प्रधान हरमेश धीमान, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
राज्य में आई प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रभावशाली नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अनुकरणीय कार्य किया है। धर्मशाला में गुरुवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए स्थानीय विधायक सुधीर शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों आई प्राकृतिक आपदा से हिमाचल प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्वयं मौके पर रहकर राहत और बचाव कार्यों को लीड किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद इस आपदा के समय में खराब मौसम के चलते ग्राउंड जीरो पर जाकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया तथा राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने समय-समय पर हालात का जायजा लिया और अधिकारियों को राह दिखाई। उन्होंने कहा कि आपदा में फंसे लोगों के की सुरक्षित निकासी, उनके भोजन और दवाइयों की व्यवस्था करवाई। सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश में पहली बार राहत और बचाव कार्य ऐसे युद्धस्तर पर हुआ है। उन्होंने कहा कि 48 घंटों के अंदर अधिकतम क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों, बिजली एवं पानी आदि की अवरुद्ध स्कीमों को बहाल किया गया। उन्होंने कहा कि बहुत से सैलानी जो देश और विदेश से घूमने हिमाचल आए थे उनको मुख्यमंत्री के प्रयासों से सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभवितों से सीधा संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने उनका हौंसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को हर सम्भव सहायत उपालब्ध करवाने का आश्वासन देते हुए प्रशासन को मौके पर निर्देश दिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने आपदा प्रभावितों के दुख दर्द को देखते हुए तुरंत राहत कोष बनाया और पुरे देश से इस आपदा के समय मे सहायता करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने मानवीय संवेदनाओं और व्यावहारिकता को दिखाते हुए आपदा प्रभावितों को मिलने वाली मुआवजा राशि में बढ़ोतरी कर एक नवीन पहल की। उन्होंने कहा कि इससे आपदा से प्रभावित प्रत्येक वर्ग, चाहे वो किसान है, दुकानदार हैं या अन्य लोग हैं, जिन्होंने अपना सब कुछ इस प्राकृतिक आपदा में गवाया है उनको सहायता पहुंचाई है। इसके अलावा आपदा प्रभावित इमारते और रास्ते, आदि जो जर्जर हालत में है, उन्हें पंचायत के द्वारा मनरेगा के अन्तर्गत करवाने की पहल कदमी की। सुधीर शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार है तथा प्रदेश के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी है।
पशुपालन विभाग जिला सोलन द्वारा गांव कथार व बाड़ी के पशु पालकों के लिए एक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया, जिसमें पशु चिकित्सालय कुनिहार के प्रभारी डॉ. राजेश आजाद व विभागीय कर्मचारी फार्मासिस्ट सुरेश कुमार, दलीप कुमार व जमना देवी ने पशुपालकों को विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं बारे विस्तृत जानकारी दी। तथा पशुओं को होने वाले रोगों व उसके उपचार बारे भी पशुपालकों को जागरूक किया। इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों ने लोगों की पशुओं संबंधी समस्याओं को सुना व पशुओं के रोगों का उपचार भी मौके पर किया तथा उपलब्ध दवाइयों का वितरण भी पशुपालकों को किया। कथार व बाड़ी गांव के लोगो ने इस आपात स्थिति में लगाए इस जागरूकता शिविर के लिए विभाग का धन्यवाद किया।
किलो के हिसाब से सेब खरीदने का आदेश देने के बाद अब हिमाचल प्रदेश की मंडियों में आढ़तियों ने गुरुवार को हड़ताल कर दी। भट्टाकुफर फल मंडी में करसोग, कोटखाई ठियोग से बागवान अपना सेब लेकर पहुंचे, लेकिन आढ़ती ही मौजूद नहीं थे। करीब 15 गाड़ियां फल मंडी में पहुंची हैं। वहीं, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने साफ कर दिया है कि सरकार अपना आदेश वापस नहीं लेगी। उन्होंने आढ़तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। राज्य के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने गुरुवार को साफ कर दिया कि सरकार वजन के हिसाब से सेब खरीदी के फैसले को किसी भी सूरत में वापस नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि अगर कोई नियम का उल्लंघन करता है तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। सरकार किसी के दवाब में आने वाली नहीं है। इस मुद्दे पर बागवानों और आढ़तियों से भी कई बार बैठकें हो चुकी हैं। वहां पर इसका विरोध नहीं किया गया, लेकिन अब बिना सूचना के ही आढ़तियों ने बिना सूचना के हड़ताल शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल आढ़तियों को भड़काने का काम कर रहे हैं, जिसका समय आने पर खुलासा किया जाएगा। वहीं, बागवानों का कहना है कि पहले ही बारिश से सड़कें प्रभावित हुई हैं। सेब पर भी मौसम की मार पड़ी है। बड़ी मुश्किल से मंडी तक सेब की गाड़ियां लेकर पहुंचे हैं, लेकिन यहां पर आढ़ती सेब नहीं खरीद रहे हैं। सुबह से यहां पर गाड़ियां लेकर पहुंचे हैं। सरकार ने वजन के हिसाब से सेब बेचने का स्वागत योग्य फैसला किया है। लेकिन आढ़ती आनाकानी कर रहे हैं। बागवानों ने सरकार से आढ़तियों की मनमानी पर नकेल कसने की गुहार लगाई है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर उन्हें हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने से राष्ट्रीय राजमार्गों को हुए नुकसान से अवगत करवाया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को प्रदेश में विभिन्न सड़कों एवं पुलों को हुए भारी नुकसान से भी अवगत करवाया। उन्होंने आग्रह किया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को क्षतिग्रस्त सड़कों एवं पुलों के बारे में दी गई नुकसान के आकलन की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय राशि शीघ्र उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने पंडोह, भुंतर, कुल्ल रायसन, कटराईं और मनाली क्षेत्र के पुलों के अलावा मनाली-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग, नालागढ़ पुल और प्रदेश लोक निर्माण विभाग के अन्य पुलों और सड़कों की शीघ्र बहाली और मरम्मत करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यातायात को सुचारू करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाली सड़कों एवं पुलों तथा चक्की पठानकोट पुल को तत्काल बहाल करने और मरम्मत की आवश्यकता है। लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने वाले राज्य लोक निर्माण विभाग के क्षतिग्रस्त पुलों के पुनर्निर्माण के लिए सेतु भारतम योजना के तहत 300 करोड़ रुपये प्रदान करनेे का आश्वासन दिया है। केन्द्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन संभावित क्षेत्रों पर ब्लैक स्पॉट की पहचान कर समस्या का स्थायी समाधान करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने राज्य लोक निर्माण विभाग के पुलों की बहाली एवं मरम्मत के लिए धन उपलब्ध करवाने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए ताकि राज्य लोक निर्माण विभाग की सड़कों को वैकल्पिक सड़कों के रूप में राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ा जा सके। बैठक में मंडी से सांसद प्रतिभा सिंह भी उपस्थित थीं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को अपने संसदीय क्षेत्र की सड़कों की स्थिति से अवगत करवाया और उदारता से सहायता प्रदान करने का आग्रह किया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह व प्रदेश लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश में भारी बारिश व बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई करने का केंद्र सरकार से आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि समूचे प्रदेश में इस बार भारी बारिश बाढ़ से लाखों करोड़ों की सरकारी व निजी संपत्ति नष्ट हो गई है। किसानों व बागवानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। प्रदेश में इस प्राकृतिक आपदा ने जन जीवन बुरी तरह प्रभावित किया है। आज नई दिल्ली में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से विशेष मुलाकात के दौरान प्रतिभा सिंह ने अपने संसदीय क्षेत्र मंडी में भारी बारिश व बाढ़ से हुए नुकसान की ओर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत व पुनर्निर्माण के लिये सीआईआरएफ, केंद्रीय सड़क ढांचागत फंड से धन उपलब्ध करवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र होने के नाते यहां सड़कें ही लोगों की जीवन रेखा हैं। सभी प्रकार के खाद्यान्न व आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही इन्हीं सड़कों पर निर्भर करती हैं। इसलिए इन सड़कों की बहाली और पुननिर्माण के लिए केंद्रीय सहायता की बहुत जरूरत है। प्रतिभा सिंह ने नितिन गडकरी को दिए एक ज्ञापन में मंडी संसदीय क्षेत्र में हुए भारी नुकसान का विस्तृत विवरण देते हुए कहा है कि किरतपुर मनाली फोर लेन प्रोजेक्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ हैं। यह सड़क न केवल जन मानस के लिए ही उपयोगी नहीं है, बल्कि यह सेना की आवाजाही व देश के सीमावर्ती लेह लद्दाख को भी जोड़ती है, इसलिए इसे जल्द बहाल किया जाना चाहिए। प्रतिभा सिंह ने गडकरी से टिक्कर-जड़ोल- गाहन-ननखड़ी- खमाड़ी सड़क जो उनके संसदीय क्षेत्र मंडी के रामपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत 52 किलोमीटर है के अपग्रेडेशन का भी आग्रह किया हैं। उन्होंने कहा कि इसकी 108.33 करोड़ की डीपीआर उनके मंत्रालय को पहले ही भेजी जा चुकी हैं। उन्होंने चैलचोक- गोहर- पंडोह सड़क 30 किलोमीटर व नेरचौक-रत्ती-कलखर सड़क 13 किलोमीटर के सुधार व अपग्रेडेशन का भी आग्रह किया। इस दौरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश में हुए लोक निर्माण विभाग से संबंधित सड़कों, पुलों व भवनों के नुकसान की जानकारी देते हुए नितिन गडकरी से इसके पुननिर्माण के लिए उदारता से धन उपलब्ध करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पहले ही वित्तीय संकट से गुज़र रही है, और अब इस प्राकृतिक आपदा ने प्रदेश पर एक बहुत बड़ा अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ गया हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को प्रभावित लोगों व राहत कार्यो में दिन रात जुटी हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मंडी मनाली फोर लेन मार्ग के साथ लगते ग्रामीण क्षेत्रो को जोड़ने वाले अनेक पुल या तो टूट गए है या क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। उन्होंने गडकरी से आग्रह किया कि इन पुलों को राष्ट्रीय राजमार्ग प्रधिकरण से बनाया जाए। नितिन गडकरी ने इस दौरान सांसद प्रतिभा सिंह व लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार इस आपदा से निपटने के लिए प्रदेश की हरसंभव मदद करेंगी। उन्होंने कहा केंद्रीय आपदा टीम प्रदेश का दौरा कर रही है उनकी रिपोर्ट आने के बाद सड़को,पुलों व सरकारी भवनों के पुननिर्माण के लिये उनका विभाग हरसंभव मदद देगा। उन्होंने क्षतिग्रस्त पुलों को सेतु भारतम परियोजना योजना के तहत बनवाने का आश्वासन दिया।
कृषि विभाग देहरा द्वारा विकास खंड देहरा के अंतर्गत मक्की में लगने वाले कीट फाल आर्मी वर्म उर्फ (सैनिक कीट), जो कि आम जन मानस में काफी प्रचलित हैं के निरीक्षण हेतु ग्राम पंचायत धनोट, अध्वानी, घलोर, गालियां का दौरा किया गया था। निरीक्षण में यह देखा गया कि कीट का प्रकोप फसल में हुआ है, जिसके लिए कृषकों को सलाह दी गई है कि फसल बचाव हेतु किसान खेतों को कम से कम 10 दिन गहरे प्रकाश और शिकारी पक्षियों के लिए प्यूपा को उजागर करें। इसके इलावा गहरी जुताई भी आवश्य करें। किसान इसके उपरांत नीम केक 250 किलोग्राम है का प्रयोग करें। इसके साथ ही अगर कीट का प्रकोप काफी ज्यादा हैं तो फसल से बचाव हेतु कोराजन नामक दवाई का छिड़काव (18.55 स्ष्ट 4द्वद्य /10 लीटर) पानी में मिलाकर छिड़काव करें। इस निरीक्षण के दौरान कृषि विभाग से भूपेंदर सिंह एसएमएस (एग्री) आदित्य महाजन (एडीओ) एवं स्वाति शर्मा एईओ शामिल रहीं।