मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वन अग्नि को नियंत्रित करने के लिए संवेदनशील वनों को विभाजित करना बहुत अनिवार्य है। इसके तहत पंचायतों और स्थानीय समुदायों के साथ पारस्परिक समन्वय और जागरूकता अभियान शुरू करना महत्वपूर्ण है। जंगल की आग कुछ वन पारिस्थितिक तंत्रों के भीतर एक प्राकृतिक घटना है, लेकिन कुछ वर्षों में, आग अधिक विकराल और व्यापक रूप ले लेती है। स्थानीय लोगों, पंचायतों, स्कूली बच्चों के साथ बड़े पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम और उन्हें जंगल की आग से वन संसाधनों, वन्य जीवन और पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा संवेदनशील वनों के लिए मानचित्र तैयार किए गए हैं। जंगल में आग लगने की आशंका वाले संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर उन जगहों से जोड़ा गया है, जहां से आग पर काबू पाया जा सके। इसके अलावा वन विभाग के अधिकारियों ने विभाग के फील्ड अधिकारियों और पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल माध्यम से कई बैठकें भी कर रहे हैं। बिजली गिरने जैसे प्राकृतिक कारणों से पेड़ों में आग लग सकती है जो हवा से फैल सकती है। मानव निर्मित कारणों वन अग्नि को नियंत्रित करना नितांत आवश्यक है। विशेष रूप से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर जागरूकता पैदा करना महत्वपूर्ण है। स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की भागीदारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग ने जंगल की आग पर काबू पाने के लिए रैपिड फायर एक्शन टीम का भी गठन किया है। जंगल में आग लगने की स्थिति में यह टीम वन विभाग को व्हाट्सएप के माध्यम से आग लगने की सूचना देगी। स्थानीय लोगों को जंगल की आग के दुष्प्रभाव और किसी भी आग की घटना की स्थिति में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक किया जा रहा है। प्रदेश सरकार, राज्य की बहुमूल्य वन सम्पदा के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में वैज्ञानिक प्रबन्धन के साथ-साथ जन समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महत्वाकांक्षी प्रयास किए जा रहे हैं।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां जारी प्रेस वक्तव्य में कहा कि राज्य सरकार डिनोटिफाई किए गए उन स्कूलों की समीक्षा करेगी और पुनः खोलने पर विचार करेगी, जिनमें विद्यार्थियों की निर्धारित संख्या है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने माध्यमिक विद्यालय के लिए 15, उच्च विद्यालय के लिए 20 तथा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के लिए 25 छात्रों की संख्या का विशिष्ट मानदंड निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि शीतकालीन अवकाश वाले विद्यालयों के लिए विद्यार्थियों के नामांकन की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2023 तथा ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले विद्यालयों के लिए 15 अप्रैल, 2023 निर्धारित की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उक्त मानदंडों के आधार पर स्कूलों को डी-नोटिफाई करने का निर्णय लिया है, लेकिन राज्य सरकार के ध्यान में यह आया है कि कुछ स्कूलों में अब विद्यार्थियों की निर्धारित संख्या पूरी हो गई है इसलिए समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है ताकि ऐसे स्कूलों को फिर से खोलने के लिए उचित निर्णय लिया जा सके। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के विद्यार्थियों को विशेष रूप से दूरस्थ और दूर-दराज के क्षेत्रों में उनके घरों के निकट गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वित्तीय चुनौतियों के बावजूद अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के लगभग 6000 पदों को भरने का निर्णय लिया है, जो शिक्षण संस्थानों को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार की सकारात्मक सोच को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त पिछली भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह महीनों में बिना किसी बजट प्रावधान के स्कूल और अन्य संस्थान खोले व स्तरोन्नत किए। इन संस्थानों को जारी रखने के लिए प्रतिवर्ष 5000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होगी। रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से एक-एक राजीव गांधी डे-बोर्डिंग आदर्श विद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इससे छात्रों को उनके गृह क्षेत्र में विश्व स्तर की शिक्षा प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 13 स्थानों की पहचान की जा चुकी है जिनमें शीघ्र ही निर्माण गतिविधियां शुरू कर दी जाएंगी। यह स्कूल आधुनिक सुविधा सम्पन्न हाई-टेक स्मार्ट क्लास रूम, खेल के मैदान आदि से सम्पन्न होंगे। इसके अलावा प्री-प्राईमरी और प्राथमिक स्तर के बच्चों को एक खेल मैदान की सुविधा प्रदान करी जाएगी, जहां वे खेल सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं।
एनपीए को लेकर डॉक्टर्स रोजाना डेढ़ से दो घंटे की पेनडाउन स्ट्राइक कर रहे हैं, जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी मसले पर दिल्ली से शिमला पहुंचे मुख्यमंंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में ऐसा पहली बार हुआ है कि जिन डाक्टरों को एनपीए मिल रहा है, वे भी हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एनपीए को बंद नहीं किया गया है, बल्कि विड्रॉ किया गया है। एक नियम है, जिसके अनुसार डेंटल डॉक्टर्स के इंटरव्यू होने हैं। उनका एक प्रतिनिधिमंडल हमसे मिला और कहा कि पिछले दो-तीन साल से पोस्टें नहीं निकल रही हैं। ऐसे में आप कृपा करके दंत चिकित्सकों की पोस्टें निकालें। इस दौरान एक मसला हमारे ध्यान मे आया कि डेंटल डॉक्टर्स, आयुर्वेदिक डॉक्टर्स, वैटरिनरी डॉक्टर्स और एलोपैथिक डॉक्टर्स हो गए, इन सभी को एनपीए मिलता था। डेंटल डॉक्टर्स के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उन्हें एनपीए की जरूरत नहीं है, आप सिर्फ पोस्टें निकाल दीजिए। इसके चलते एक नियम के तहत बदलाव किया गया, उसमें सभी डॉक्टर्स आ गए। अब हमने दंत चिकित्सकों की 38 पोस्टें निकाली हैं। उसी समय एक नियम आया जिसमें कहा गया कि जो डेंटल डाक्टरों के इंटरव्यू हैं, वे एनपीए नहीं लेना चाहते, उसी के तहत बदलाव किया गया। इसलिए डॉक्टर्स को इस नियम को समझना चाहिए था, हमसे बात करनी चाहिए थी। सीएम ने कहा कि जब एलोपेथिक डॉक्टर्स की पोस्टें निकलेंगी, तब जो एनपीएम विड्रॉ किया गया है, उस पर पुनर्विचार किया जा सकता है, लेकिन यह गलत बात है कि जिन डॉक्टर्स को एनपीए मिल रहा है, वे हड़ताल कर रहे हैं। जब नए डॉक्टर्स की रिक्रूटमेंट होगी, तब वो एनपीए की मांग करेंगे तो उस पर विचार किया जा सकता है। डॉक्टर्स से गुजारिश है, आप अपना काम कीजिए आपको एनपीए मिल रहा है।
न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्रा राव हिमाचल हाई कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। मंगलवार सुबह राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों सहित कई मंत्री एवं विधायक तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्रा राव इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में थे। शपथ के बाद हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। शपथ लेने के बाद न्यायमूर्ति रामचंद्र राव ने कहा कि लोगों को जल्द और सस्ता न्याय मिले इसके लिए काम किया जाएगा। जो मामले लंबित पड़े हैं, उनको जल्द निपटाने की दिशा में काम किया जाएगा।
भाजपा प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन का शिमला पीटरहॉफ पहुंचने पर भाजपा सह मीडिया प्रभारी करण नंदा, भाजपा सोशल मीडिया संयोजक पुनीत शर्मा, जिला महामंत्री अंजना शर्मा और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा स्वागत किया गया। भाजपा सह प्रभारी संजय टंडन आज नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के साथ पीटरहॉफ शिमला में सोशल मीडिया पर प्रभावकारी व्यक्तियों की बैठक को संबोधित करेंगे।
शिमला जिले के उपमंडल रोहड़ू में एक शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। कोर्ट रोड रोहड़ू में उपमंडल कार्यालय के समीप डाकघर के गेट पर सोमवार सुबह कूड़े में नवजात बच्चे का शव मिला है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामला दर्ज कर लिया है। नवजात बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी शिमला भेज दिया गया है। सोमवार सुबह करीब 7 बजे सैर करते वक्त एक स्थानीय व्यक्ति की नजर कूड़े के बीच पड़े नवजात के शव पर पड़ी। उसने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी।
उप मुख्यमंत्री ने सोमवार को जिला ऊना के विभिन्न सहकारी समितियों के पदाधिकारियों व सचिवों के साथ बैठक की।इस दौरान सचिवों ने विभाग मिलने पर मुकेश अग्निहोत्री को बधाई दी। इस दौरान मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सहकारिता विभाग को जन आंदोलन हिमाचल में बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता हिमाचल की शान है, जिला ऊना से सहकारिता का आंदोलन शुरू हुआ जो विश्व भर में फैला है। उन्होंने कहा कि किन्हीं कारणों से सहकारिता के क्षेत्र में कमियां हैं, उन कमियों को दूर करना होगा, सुधार की हर गुंजाइश को करते हुए आगे बढ़ना होगा ।उन्होंने कहा कि सहकारिता प्रदेश का अव्वल विभाग बने इसके लिए काम करने के लिए दिन-रात एक की जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरे पास अन्य विभाग हैं उन विभागों में बेहतर काम करने का हम प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सहकारिता विभाग आम जनता के साथ जुड़ा हुआ है, गांव के साथ जुड़ा हुआ है ,इस विभाग को बेहतर रूप से आगे बढ़ाना पहल है और इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला में मियां हीरा सिंह सहकारिता प्रबंधन व ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण किया जाएगा ताकि सहकारिता के क्षेत्र में कार्यरत सचिव ,कर्मचारी निपुण हो सके ,अन्य राज्यों से भी प्रशिक्षण के लिए सहकारिता से जुड़े लोग यहाँ आये। उन्होंने कहा कि सहकारिता ऐसा विभाग है जिसके माध्यम से हम प्रदेश में क्रांतिकारी कदम उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र की विश्वसनीयता कायम करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सहकारिता वित्त से जुड़ा हुआ मसला है इसलिए जहां फाइनेंशियल मैटर जुड़ा है वहां धांधली व भ्रष्टाचार की कोई जगह नहीं है ।उन्होंने कहा कि हमें भ्रष्टाचार मुक्त विभाग को बनाना है। धांधली मुक्त बनाना है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में करीब 5000 सोसाइटी में कार्यरत हैं, करोड़ों रुपए का कारोबार होता है ,हमारे पास सहकारिता के बैंक हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का काम करें, लेकिन किसी भी स्तर पर घपला ना हो यह सरकारी समितियों को, कर्मचारियों को विभाग को नजर रखनी होगी। उन्होंने कहा कि सभी को मेरा कड़ा संदेश है कि सहकारिता विभाग में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता सहन नहीं की जाएगी । उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग में जो परिवर्तन किए जाने हैं,जो भी बेहतर करना है उसे हम करेंगे, लेकिन कहीं भी लापरवाही सहन नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में कार्यरत सोसाइटीओं के पास कितना लैंड बैंक है इसकी डिटेल बनाई जानी चाहिए। ताकि आने वाले समय में सहकारिता के क्षेत्र में और बेहतर काम किया जा सके। उन्होंने कहा कि हरोली विधानसभा क्षेत्र में हिम्केप्स संस्थान सहकारिता के क्षेत्र का एक आदर्श संस्थान है, जो बेहतरीन काम कर रहा है ,रोजगार उन्मुख शिक्षा दे रहा है, सहकारिता के क्षेत्र में रोजगार प्रदान कर रहा है । उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह संस्थान अपने आप में देश का एक बेहतरीन संस्थान है, जिसे देशभर से लोग देखने आते हैं। उन्होंने कहा कि इसका श्रेय सहकारी समितियों को जाता है ,जिन्होंने इसका वित्त पोषण किया और आज एक बहुत बड़े भूभाग के साथ बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ यह संस्थान हिमाचल का आदर्श संस्थान बना है। उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि समय-समय पर इस संस्थान की बेहतरी के लिए काम करने का अवसर मुझे मिला है। उन्होंने कहा कि जब भी सस्थान की ओर से कोई भी काम बताया गया मैंने तुरंत किया है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान को और विस्तार देने का प्रयास किया जाना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश के सोलन की रहने वाली विश्व प्रसिद्ध पर्वतारोही बलजीत कौर को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में सम्मानित किया। उन्होंने पर्वतारोहण के क्षेत्र में उनकी असाधारण उपलब्धियों और जुनून की सराहना की। इस मौके पर बलजीत कौर की मां शांति देवी भी मौजूद थीं। राज्यपाल ने कहा कि यह राज्य के लिए गर्व की बात है कि बलजीत कौर ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर भारतीय तिरंगा फहराया है। उन्होंने एक महीने से भी कम समय में एवरेस्ट सहित आठ हजार मीटर से अधिक ऊंची पांच पर्वत चोटियों पर चढ़कर अपनी प्रतिभा साबित की है जो अन्य साहसिक उत्साही लोगों के लिए प्रेरणादायी थी। इस अवसर पर बलजीत कौर ने राज्यपाल के साथ अपने अभियान के अनुभवों को साझा किया। उसने कहा कि अन्नपूर्णा दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची चोटी थी और उसने बिना ऑक्सीजन के समर्थन के इसे फतह कर लिया। उन्होंने इस दौरान हुई पूरी घटना से राज्यपाल को अवगत कराया। उन्होंने अस्पताल में फोन पर उनका हालचाल पूछने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की शिवालिक पहाड़ियों की आद्रभूमि में मानव निर्मित पौंग बांध जलाशय प्रवासी पक्षियों, विशेष रूप से साइबेरियाई क्रेन और रूस एवं ट्रांस अंटार्कटिक क्षेत्रों से सैकड़ों प्रजातियों की निवास स्थली के रूप में प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार इसे पर्यटकों की पसंदीदा सैरगाह के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह महाराणा प्रताप सागर के नाम से भी विख्यात है। यह वन्यजीव अभयारण्य, रामसर कन्वेंशन द्वारा घोषित 25 अंतर्राष्ट्रीय आर्द्रभूमि स्थलों में से एक है। पौंग बांध झील को नवंबर, 2002 में राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि (रामसर साइट) के रूप में घोषित किया गया है। इस पर्यटन स्थल में वर्ष भर सैलानियों को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के मार्गदर्शन में राज्य सरकार झील के आस-पास पर्याप्त अधोसंरचना बनाने और जल क्रीड़ा एवं अन्य संबद्ध गतिविधियों शुरू करने की संभावनाएं तलाश रही है। सरकार यहां आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए प्रयासरत है। यहां पर्यटकों को शिकारे के साथ-साथ अनेक साहसिक गतिविधियां आरम्भ करने की योजना तैयार की जा रही है। राज्य सरकार इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से युवाओं को शिकारा खरीदने के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी। वर्तमान राज्य सरकार ने अधोसंरचना विकास के लिए 70 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों की सुविधा के लिए पौंग बांध में एक फ्लोटिंग होटल खोलने पर विचार कर रही है। इसके अलावा, साहसिक गतिविधियों में रूचि रखने वाले पर्यटकों के लिए हॉट एयर बैलूनिंग गतिविधियां भी शुरू की जाएंगी। पौंग जलाशय 24,529 हेक्टेयर क्षेत्र तक फैला हुआ है। पौंग जलाशय बड़े पैमाने पर मछुआरों की आवश्यकताओं की पूर्ति भी करता है और क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों की आर्थिकी का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। प्रकृति से प्राप्त अपार संसाधनों के बावजूद, झील की पर्यटन क्षमता का पूरी तरह से दोहन नहीं किया जा सका है। सरकार इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त आर्द्रभूमि के रूप में और पक्षियों प्रेमियों के लिए विकसित करने की दिशा में प्रयासरत है। पौंग बांध में प्रवास पर आने वाले पक्षी, पक्षीविज्ञानियों और पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं की क्षेत्र के विकास में सहभागिता को बढ़ाने तथा उन्हें पर्यटन संबंधी गतिविधियों में शामिल करने पर बल दिया जाएगा।
मुख्य संसदीय सचिव, शहरी विकास एवं शिक्षा आशीष बुटेल ने पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत द्रोगणु में 20 लाख रुपए की लागत से निर्मित आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र भवन तथा 5 लाख से निर्मित सीएससी भवन का लोकार्पण किया। द्रोगणु में लोगों को संबोधित करते हुए आशीष बुटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री, सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान सरकार प्रदेश में राज के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों के हित के लिए संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता से प्रदेश निरंतर आत्मनिर्भरता की और आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों दी गई सभी गारंटियों पर सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है और सरकार प्रदेश के 1 लाख 34 हजार अधिकारियों, कर्मचारियों को ओपीएस देकर पहली गारंटी को पूर्ण कर दिया है। सीपीएस ने कहा कि पालमपुर विधानसभा क्षेत्र का योजनात्मक और सर्वांगीण विकास उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में लोगों की मांग और जरूरतों के अनुरूप जनसहभागिता से विकास को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के उत्थान और उसे मुख्य धारा में लाने के ध्येय से कार्य कर रही है। बुटेल ने कहा कि पालमपुर विधानसभा क्षेत्र विकास और सुविधाओं की दृष्टि में बेहतर है। उन्होंने कहा कि धौलाधार के साथ लगते कुछ ऊंचे क्षेत्रों में विकास कार्यों को लोगों के सहयोग से तीव्र गति से आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पालमपुर विधान सभा क्षेत्र के सकैडी और नानाहर पंचायतों में मोबाइल सिग्नल की समस्या को दूर करने के लिये मोबाइल टावर स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने सकैडी गिरी क्लब को मैदान की चारदीवारी के लिये डेढ़ लाख, धरेहड और द्रोगणु शमशान घाट में शेड निर्माण के लिये 2-2 लाख, द्रोगणु शमशान घाट रास्ते मे टाइल कार्य के लिये 2 लाख, थला में प्राकृतिक स्त्रोत से पंचायत द्वारा पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये तीन लाख तथा महिला मण्डलों द्वारा भवन के लिये जमीन उपलब्ध होने पर भवन के लिये धनराशी उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने इस क्षेत्र में बंद पड़ी सरकारी बस सेवा को भी एक सप्ताह में बहाल करने की घोषण की। कार्यक्रम में द्रोगणु पंचायत के प्रधान बीना देवी, थला पंचायत प्रधान अंजू देवी, डॉक्टर मदन दीक्षित, पूर्व प्रधान सुरेश कुमार, ओंकार ठाकुर, कुलदीप कुमार, विजय कुमार, जगदीश, शशि कपूर, डीएफओ नितिन पाटिल, अधिशासी अभियंता अंकुर शर्मा, तहसीलदार सार्थक शर्मा, डॉ वनीता शर्मा, बीडीओ भानु प्रताप, एसडीओ अनिल धीमान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
भाजपा हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रेस मीट का आयोजन किया गया इस मीट में मुख्य रूप में केंद्रीय जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री प्रह्लाद पटेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मीट में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल, शिमला से सांसद सुरेश कश्यप, विधायक बलबीर वर्मा, मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, संगठन मंत्री सिद्धार्थन, प्रदेश उपाध्यक्ष रतन पाल सिंह, पुरुषोत्तम गुलेरिया, संजय सूद, चेतन ब्रागटा, रवि मेहता और करण नंदा विशेष रूप में उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने अपनी प्रस्तुति मीडिया के समक्ष रखते हुए कहा भारत वो दिन नहीं भूला है, जब ये कहा जाता था कि, हम तो दिल्ली से 1 रुपया भेजते हैं लेकिन गरीबों तक सिर्फ 15 पैसे पहुंचते हैं और देश ये दिन भी नहीं भूलेगा कि आज दिल्ली से 100 रुपया चलता है तो गरीब के पास पूरा का पूरा 100 रुपया पहुंचता है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश हर आपदा में देशवासियों के साथ खड़ा है, उनकी सेवा में दिन-रात जुटा है। भारत ने वो दिन भी देखा है, जब पोलियो, टेटनस और बीसीजी जैसे टीकों को भारत आने में 50 से ज्यादा साल लग गए थे। ड्रोन से वैक्सीन डिलिवरी दुर्गम इलाकों में भारत सरकार ने सुनिश्चित कराई। मोदी सरकार ने रिकॉर्ड समय में लाखों लोगों का टीकाकरण करने का लगभग असंभव कार्य हासिल किया, और वह भी एक सदी में सबसे खराब ज्ञात वैश्विक महामारी के सामने। पहले भारत पश्चिम से दवाओं और टीकों के लिए निर्भर था, भारत ने दो स्वदेशी कोविड-19 टीके विकसित किए और कई देशों को जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति की। पटेल ने कहा स्वतंत्र भारत के इतिहास में इससे पहले गरीबों के लिए आवास निर्माण की ऐसी क्रांति नहीं देखी गई। स्वतंत्र भारत में इससे पहले कभी भी महिलाओं ने घर के निर्णय लेने में इतनी सक्रिय भूमिका नहीं निभाई है। घर-घर जल पहुंचनेसे कितने लाभ हुए, पहले जो बेटियां दूर पानी लाने जाती थी अब वो अपनी पढ़ाई को समय दे पा रही हैं क्योंकि अब उन्हें पानी लाने नहीं जाना पड़ता। शौचालय के निर्माण से क्या हुआ? महिलाओं के प्रति अपराध घटे, बीमारियों से दूरी बढ़ी। मोदी सरकार ने 1121 लाख मीट्रिक टन अनाज गरीबों को निःशुल्क उपलब्ध करवाया । आज साथ ही वन नेशन वन राशन कार्ड से हर महीने 3.5 करोड़ से ज्यादा परिवार लाभ उठा रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा हमारे लिए यह प्रसन्नता का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय में भारत सरकार के 9 वर्ष 30 मई को पूर्ण होने जा रहे हैं। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भारत अपनी पहचान खो रहा था, पर पिछले 9 वर्षों में भारत ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व के मानचित्र पर एक अलग पहचान बनाई है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अटूट मेहनत का फल है। हिमाचल प्रदेश में एम्स , आईआईएम, अटल टनल, बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क, जैसी बड़ी सौगात प्रधानमंत्री जी ने हमें दी है आज एम्स हिमाचल प्रदेश के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। जल शक्ति विभाग की अगर हम बात करें तो पिछले 3 वर्ष में हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार ने 850000 नल घर घर लगाए हैं जिसके कारण आज पानी घर-घर पहुंचा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने इस कार्यक्रम की भूमिका सभी के समक्ष रखते हुए कहा कि आज हमारे लिए गर्व की बात है जिस प्रकार से पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश भर में काम किया है वह अतुल्य है। उन्होंने कहा की गरीब परिवार में जन्मे मोदी जी ने गरीबों के कष्ट को समझा। बीमारी और इलाज से होने वाली समस्याओं और उनके आर्थिक परिणामों से गरीब डरता था, त्रस्त था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में आयुष्मान भारत योजना शुरू करी जिससे हर गरीब को 5 लाख तक का इलाज करने के लिए पैसा केंद्र सरकार द्वारा दिया गया।
केंद्र जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री प्रह्लाद पटेल शिमला स्थित होटल होलीडे होम पहुंच चुके हैं। उनका शिमला पहुंचने पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने स्वागत किया।
हिमाचल सरकार भांग की खेती को कानूनी रूप से वैधता प्रदान करने पर विचार कर रही है। सरकार का उद्देश्य प्रदेश की खराब आर्थिक व्यवस्था को सुधारने के लिए राजस्व अर्जित करना है। सुक्खू सरकार का मानना है कि औषधीय और औद्योगिक क्षेत्र के लिए भांग की खेती कारगार साबित होगी। प्रदेश में भांग की खेती को वैध करने की सम्भावनाओ को तलाशने के लिए प्रदेश के राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में गठित कमेटी उत्तराखंड और मध्य प्रदेश के दौरे पर है। इस दौरान दोनों राज्यों में भांग के इंडस्ट्रियल व गैर मादक उपयोग के लिए भांग की खेती शुरू करने के पहलुओं पर जहां चर्चा हुई है। कमेटी सभी पहलुओं पर अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी और सुझाव देगी कि प्रदेश में किस तरह से इसकी खेती को वैध किया जा सकता है। विदित रहे कि भांग की खेती को वैध करने का मामला विधानसभा के बजट सत्र में खूब गूंजा। इस के पक्ष में द्रंग से विधायक पूर्ण चंद ठाकुर ने मुद्दे को विधानसभा में उठाया था। उनके अलावा मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक हंसराज, सुरेंद्र शौरी, डॉ. जनक राज ने भी भांग के फायदे सदन में गिनाए थे। इसके बाद ही स्पीकर के कहने पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में कमेटी गठित की। आर्थिक स्थिति भी होगी ठीक ! हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां किसानों द्वारा सेब उत्पादन का करोबार बड़े स्तर पर किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से सेब के कारोबार से क्षेत्रीय किसानों को खासा मुनाफा नहीं हो पा रहा है, जिसके राज्य का राजस्व प्रभावित हो रहा है और प्रदेश सरकार पर वित्तीय कर्ज भी बढ़ा है। सरकार का मानना है कि भांग की खेती को वैध करने से राज्य को सालाना 18000 करोड़ रुपए आय होने का अनुमान है, जिससे राज्य का राजस्व बढ़ेगा। भांग की खेती राज्य सरकार पर बढ़ रहे वित्तीय कर्ज को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इन जिलों में होती है अवैध भांग की खेती सरकार मानती है कि प्रदेश में बढ़ रहे नशे का चलन और नशा तस्करों के नेटवर्क को खत्म करने के लिए यह निर्णय कारगार सिद्ध हो सकती है। भांग की खेती लीगल होने से भांग की अवैध खेती पूरी तरह से चौपट हो जाएगी, जिससे भांग के अवैध कारोबार पर लगाम लगेगी। एक रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में लगभग 2400 एकड़ भूमि पर भांग की अवैध खेती हो रही है, जिसमें शिमला, सिरमौर, चंबा, कुल्लू और मंडी के कुछ क्षेत्र शामिल है। क्या कहता है एक्ट? भारत में भांग की खेती करना प्रतिबंधित है. 1985 में भारत सरकार ने नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेज अधिनियम के तहत भांग की खेती करना प्रतिबंधित कर दिया था। मगर इसी NDPS अधिनियम के अंतर्गत राज्य सरकारों को बागवानी और औद्योगिक उद्देश्य के लिए भांग की खेती की अनुमति प्रदान करने का अधिकार देता है। एनडीपीएस अधिनियम के मुताबिक ‘केंद्र सरकार कम टीएचसी मात्रा वाली भांग की किस्मों पर अनुसंधान और परीक्षण को प्रोत्साहित कर सकती है। मगर केंद्र एक सतर्कता बरतेगा और बागवानी या औद्योगिक उद्देश्य के लिए ही भांग की खेती के सबूत आधारित अनुमति देगा और इसके अनुसंधान के नतीजों के आधार पर फैसला लेगा। उत्तराखंड में वैध है भांग की खेती उत्तराखंड में भांग की खेती वैध है। उत्तराखंड वर्ष 2017 में भांग की खेती को वैध करने वाला देश का पहला राज्य बना। उत्तराखंड में नियंत्रित और विनियमित तरीके से भांग की खेती की जागई है। यानी कि जिस व्यक्ति के नाम जमीन होगी, वह किसी वाणिज्यिक व औद्योगिक इकाई के साथ साझेदारी में ही भांग की खेती के लिए आवेदन कर सकता है। भांग की खेती करने के लिए किसी भी व्यक्ति को खेत विवरण, क्षेत्रफल व सामग्री भंडारण करने के परिसर की जानकारी के अलावा चरित्र प्रमाण पत्र के साथ डीएम के सामने आवेदन करना होता है। इसके अलावा लाइसेंस बनाने के लिए प्रति हेक्टेयर एक हजार रुपये का शुल्क देना होता है। एक जिले से दूसरे जिले में बीज खरीद जाने के लिए भी उपायुक्त की अनुमति की जरूरत पड़ती है। भारत में उत्तराखंड के अलावा गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी औषधीय रूप में जरुरत अनुसार खेती की जा रही है। WHO के मुताबिक़ भांग के कई फ़ायदे विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़ यदि भांग का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाये तो भांग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकती है। भांग आपके सीखने और याद करने की क्षमता बढ़ाती है। अगर भांग का उपयोग सीखने और याद करने के दौरान किया जाता है तो भूली हुई बातें आसानी से याद की जा सकती है। भांग का इस्तेमाल कई मानसिक बीमारियों में भी की जाती है. जिन्हें एकाग्रता की कमी होती है, उन्हें डॉक्टर इसके सही मात्रा के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। पहले करेंगे चर्चा, फिर लेंगे फैंसला नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट के तहत राज्यों को औषधीय उपयोग के लिए भांग की खेती को साधारण और विशेष आदेशों के तहत अनुमति देने का अधिकार दिया गया है। इस एक्ट के तहत राज्य सरकारें भांग की खेती के लिए कानून औषधीय क्षेत्र के लिए भांग की खेती के लिए नियम निर्धारित करती है। इन नियमों की पालन करते हुए औषधीय और औद्योगिक उद्देश्यों के लिए भांग की खेती की जा सकती है। वर्तमान में कई राज्य कानूनी नियमों का पालन करते हुए भांग की खेती कर रहे है, जिनमें गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य शामिल है। सरकार अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करेगी और भांग की खेती को वैध बनाने वाले अन्य राज्यों द्वारा अपनाए गए मॉडल का अध्ययन करेगी ताकि भविष्य में कोई परेशानी ना हो।फिलहाल कमेटी की रिपोर्ट का इंतज़ार है इसके बाद ही निर्णय लिया जायेगा। -सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश
*कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward * कांगड़ा को मिल सकता है विलम्ब का मीठा फल सुनैना कश्यप। फर्स्ट वर्डिक्ट सुक्खू कैबिनेट में अब तक जिला कांगड़ा को मनमाफिक अधिमान नहीं मिला है। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिहाज से भी देखे तो अब तक हिस्से में सिर्फ एक मंत्री पद आया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी, दो सीपीएस और कई कैबिनेट रैंक जरूर मिले है, लेकिन जो वजन मंत्री पद में है वो भला और कहाँ ? बहरहाल सवाल ये है कि जिस संसदीय क्षेत्र ने कांग्रेस की झोली में 17 में से 12 सीटें डाली, क्या सत्ता में आने के बाद कांग्रेस उसे हल्के में ले रही है, या इस इन्तजार का मीठा फल मिलने वाला है। माहिर तो ये ही मान रहे है कि जल्द कांगड़ा के इस विलम्ब की पूरी भरपाई होगी। ऐसा होना लाजमी भी है क्यों कि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा एक साल का वक्त है और यहाँ हार की हैट्रिक लगा चुकी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहेगी। अलबत्ता कांगड़ा को मंत्री पद मिलने में कुछ देर जरूर हो रही है लेकिन खुद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का ये कहना कि वे भी कांगड़ा के ही है, उम्मीद की बड़ी वजह है। कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का सीएम का विज़न हो या आईटी पार्क जैसे अधर में लटके प्रोजेक्ट्स में तेजी लाना, ये दर्शाता है कि सीएम सुक्खू कांगड़ा को लेकर किसी तरह की चूक करना नहीं चाहते। सीएम का नौ दिन का कांगड़ा दौरा भी इसकी तस्दीक करता है। सरकार के पिटारे में कांगड़ा के लिए न योजनाओं की कोई कमी नहीं दिखती। ये ही कारण है कि 2024 से पहले कांगड़ा में कांग्रेस जोश में है। इस बीच मंत्री पद भरने को लेकर फिर सुगबुगाहट तेज हुई है। माना जा रहा है कि कुल तीन रिक्त मंत्री पदों में से दो कांगड़ा के हिस्से आएंगे। इनमें एक ब्राह्मण हो सकता है और एक एससी। ऐसे में एक युवा राजपूत चेहरा भी डार्क हॉर्स है। बहरहाल अंदर की बात ये बताई जा रही है कि सब लगभग तय है और जल्द कांगड़ा को दो मंत्री पद मिलेंगे। प्रदेश की सियासत अपनी जगह पर 2024 में कांग्रेस के लिए कांगड़ा फ़तेह करना आसान नहीं होने वाला है। कई चुनौतियों के बीच कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती है एक दमदार चेहरा। तीन चुनाव हार चुकी कांग्रेस को ऐसा चेहरा चाहिए जो जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी की भीतरी राजनीति के लिहाज से संतुलन लेकर आएं। पिछले तीन चुनावों में पार्टी ने यहाँ से ओबीसी कार्ड खेला है, पर नतीजे प्रतिकूल रहे है। ऐसे में पार्टी को फिर सोचने की जरुरत जरूर है। बताया जा रहा ही कि पार्टी अभी से इस पर चिंतन -मंथन में जुटी है। खुद सीएम सुक्खू चाहते है कि जो भी चेहरा हो, उसे पर्याप्त समय मिले। चर्चा में कई वरिष्ठ नाम है जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, पूर्व मंत्री और विधायक सुधीर शर्मा, आशा कुमारी जैसे नाम शामिल है। पर संभव है कि इस बार पारम्परिक कास्ट डायनामिक्स को ताक पर रख पार्टी किसी युवा चेहरे को मैदान में उतारे। सुक्खू सरकार के आईटी सलाहकार गोकुल बुटेल भी ऐसा ही एक विकल्प हो सकते है। भाजपा से कौन होगा चेहरा ! 2009 से लेकर अब तक कांगड़ा लोकसभा सीट पर भाजपा लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में न केवल हिमाचल में बल्कि पूरे देश में भी सबसे ज्यादा मत प्रतिशत हासिल करने का रिकॉर्ड कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर के नाम रहा था। 7,25,218 मत प्राप्त कर किशन कपूर लोकसभा पहुंचे, लेकिन इस बार सियासी समीकरण कुछ बदलते नज़र आ रहे है। दरअसल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में भाजपा की परफॉरमेंस बेहद खराब रही है। इस संसदीय क्षेत्र की 17 में से सिर्फ पांच सीटें ही भाजपा जीत पाई है। ऐसे में क्या पार्टी चेहरा बदलेगी इसे लेकर कयासों का दौर जारी है। संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में मौजूदा सांसद किशन कपूर के अलावा कई और नाम चर्चा में है। इस लिस्ट में गद्दी समुदाय से धर्मशाला के पूर्व विधायक विशाल नेहरिया का नाम भी चर्चा में है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए पवन काजल का नाम भी लिस्ट में है। अब देखना ये होगा कि भाजपा इस दफा कांगड़ा के दुर्ग को फ़तेह करने के लिए किस पर दांव खेलती है। कब कौन बना सांसद 1977 दुर्गा चंद भारतीय लोक दल 1980 विक्रम चंद महाजन कांग्रेस 1984 चंद्रेश कुमारी कांग्रेस 1989 शांता कुमार भाजपा 1991 डीडी खनौरिया भाजपा 1996 सत महाजन कांग्रेस 1998 शांता कुुमार भाजपा 1999 शांता कुमार भाजपा 2004 चंद्र कुमार कांग्रेस 2009 डॉ. राजन सुशांत भाजपा 2014 शांता कुमार भाजपा 2019 किशन कपूर भाजपा ReplyForward
वो लोग जो बेहतर की उम्मीद में साथ छोड़ कर गए थे, शायद आज वापस हाथ पकड़ने की सोचते होंगे। हम बात कर रहे है कांग्रेस के उन तमाम नेताओं की, जिनका पूर्वानुमान एक दम गलत साबित हुआ। वो नेता जो चुनाव से पहले सत्ता में आती हुई कांग्रेस का साथ छोड़ सत्ता से बाहर होती हुई भाजपा के खेमे में जा मिले थे। इस फेहरिस्त में काँगड़ा से विधायक पवन काजल, नालागढ़ से पूर्व विधायक लखविंदर राणा और हर्ष महाजन मुख्य तौर पर शामिल है। ये वो नेता है जिनका कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था, मगर परिणाम सामने आए तो झटका इन्हें ही लग गया। सर्विदित है कि अगर ऐसा न हुआ होता तो निजी तौर पर आज इनके लिए सियासी परिस्थितियां बेहतर हो सकती थी। हिमाचल प्रदेश में सत्ता की चाबी रखने वाले कांगड़ा जिले के ओबीसी नेता पवन काजल किसी समय कांग्रेस पार्टी की आंखों का 'काजल' माने जाते थे। मगर विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले भाजपा ने कांग्रेस के इस 'काजल' को अपनी आंखों का 'नूर' बना लिया था। यूँ तो काजल भाजपा से ही कांग्रेस में आए थे, मगर काजल की ऐसे भाजपा में वापसी होगी ये किसी ने नहीं सोचा था। दरअसल पवन काजल ने वर्ष 2012 में भाजपा का टिकट नहीं मिलने पर बगावत करते हुए बतौर निर्दलीय कैंडिडेट चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। विधानसभा चुनाव में तब पवन काजल पहली बार जीते थे। पवन काजल के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह उन्हें कांग्रेस में ले आए। वीरभद्र सिंह ने ही वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पवन काजल को कांगड़ा से कांग्रेस का टिकट दिया। पवन काजल भी वीरभद्र सिंह के भरोसे पर खरा उतरे और लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए। काजल अक्सर ये कहा भी करते थे कि वे कांग्रेस के साथ नहीं वीरभद्र सिंह के साथ है। कांग्रेस ने उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया, मगर काजल ने कांग्रेस को छोड़ जाना सही समझा। काजल तो चुनाव जीत गए, मगर भाजपा चुनाव हार गई। माना जाता है कि अगर काजल पार्टी न छोड़ते तो उनका मंत्री पद तय था। बात लखविंदर राणा की करें तो राणा तीन बार कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ विधानसभा पहुंचे थे । वर्ष 2010-11 में नालागढ़ के तत्कालीन विधायक हरिनारायण सैणी के निधन के बाद हुए उपचुनाव में लखविंद्र राणा कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरे और पहली बार विधायक चुने गए। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में राणा हार गए। वर्ष 2017 में उन्होंने एक बार फिर नालागढ़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। मगर 2022 के विधानसभा चुनाव से साढ़े 3 महीने पहले वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए। भाजपा ने उन्हें टिकट दिया मगर भाजपा में बगावत के चलते राणा चुनाव हार गए। इन दो विधायकों के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहे जाने वाले हर्ष महाजन भी चुनाव से पहले भाजपा के हो गए थे। शायद ही किसी ने सोचा हो कि वीरभद्र सिंह के हनुमान कहे जाने वाले हर्ष महाजन और कांग्रेस की राह अलग भी हो सकती है। हर्ष महाजन होलीलॉज के करीबी थे और वे कई बार वीरभद्र सिंह के चुनाव प्रभारी भी रह चुके थे। कहते है कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री बनाने में हर्ष महाजन का सबसे बड़ा योगदान रहा था। इस चुनाव से पहले भी कांग्रेस द्वारा इन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था, मगर कांग्रेस पर नज़रअंदाज़गी का आरोप लगाते हुए महाजन भाजपा में शामिल हो गए थे। हालंकि अब भाजपा में हर्ष महाजन को कितनी तवज्जो मिल रही है, ये वे ही जानते होंगे। अगर महाजन कांग्रेस में रहते तो शायद बात कुछ और होती।
प्रदर्शन और आभार कार्यक्रम तो बहुत हुए मगर इस तरह पहले कभी सरकार का आभार व्यक्त करने को कर्मचारियों का हुजूम नहीं उमड़ा। लाखों की संख्या में कर्मचारी सीएम सुक्खू का दिल की गहराईयों से आभार करने को पहुंचे और धर्मशाला का पुलिस ग्राउंड जय सुक्खू के नारो से गूँज उठा। ऐसा स्वागत या स्नेह, सरकार को कर्मचारियों से शायद ही पहले कभी मिला हो, और हो भी क्यों न सीएम सुक्खू के नेतृत्व की इस कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की उस मांग को पूरा किया है जिसके लिए प्रदेश के लाखों कर्मचारी सालों तक नेताओं की दरों पर दस्तक देते रहे। सीएम सुक्खू ने कर्मचारियों के इस अनंत संघर्ष पर पूर्ण विराम लगाया है, जिसके लिए कर्मचारियों ने सीएम सुक्खू को सर माथे लगा लिया। कभी उन्हें नायक बताया तो कभी पेंशन पुरुष। आभार के जवाब में सीएम सुक्खू भी कह गए कि मैं आपका सेनापति हूँ और आप मेरी सेना हो। 11 दिसंबर को कर्मचारियों के आशीर्वाद से कांग्रेस सरकार बनी और आगे भी ऐसे ही हमारा साथ देते रहना। कर्मचारियों की ये मांग कोई आम मांग नहीं थी। ये वो मसला था जिससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का भविष्य जुड़ा था, वो कर्मचारी जो एनपीएस के अंतर्गत आते थे और जिन्हें शायद सेवानिवृत होने के बाद अपने बुढ़ापे में किसी और का सहारा लेना पड़ता। एनपीएस के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के ऐसे कई मामले सामने आए है, जब इन कर्मचारियों को सेवानिवृत होने के बाद नाम मात्र पेंशन मिली। पूरे जीवन सरकार की सेवा करने के बाद ये कर्मचारी बुढ़ापे में इतने लाचार हो गए की जीवन व्यापन कठिन हो गया। इसी के बाद से पुरानी पेंशन बहाली के लिए महासंघर्ष का आरम्भ हुआ। न जाने कितनी ही हड़तालें, प्रदर्शन, अनशन इन कर्मचारियों ने किये मगर एक लम्बे समय तक इनकी नहीं सुनी गई। अपने बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए संघर्षरत इन कर्मचारियों पर एफआईआर भी हुई, इन पर वाटर कैनन्स भी दागी गई और इनकी आवाज़ दबाने की कोशीश भी की गई, मगर संघर्ष थमने के बजाए और उग्र होता गया। आखिर जिस सरकार ने कर्मचारियों की नहीं सुनी वो सरकार सत्ता से बाहर हुई और सीएम सुक्खू के नेतृत्व की कांग्रेस सरकार कर्मचारियों के लिए मसीहा बन गई। वादे अनुसार पहली कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया गया। सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में केसा उत्साह है ये एक बार फिर धर्मशाला के पुलिस ग्राउंड में देखने को मिल गया।
राजधानी शिमला में स्थित माश्वी आईआईटी मेडिकल अकादमी बीसीएस द्वारा दो भागों करवाई गई मेगा माइंडस ऑफ शिमला परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है। अकादमी के निर्देशक विशाल गुप्ता और निर्देशिका ममता गुप्ता ने बताया कि परीक्षा में पूरे शिमला जिले से लगभग 250 स्कूलों के 1475 विद्यार्थियों ने भाग लिया। यह परीक्षा 8वीं से 12वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं के लिए करवाई गई थी। इसका पुरस्कार का समारोह आयोजित करवाया गया, जिसमें पूरे जिले में प्रथम स्थान तारा हॉल स्कूल की छात्रा सेंजूल सूद ने हासिल किया। उसे प्रथम पुरस्कार ई. स्केट स्कूटर गोल्ड मेडल एक्सिलेंस सर्टिफिकेट से सम्मनित किया गया। दूसरा स्थान हिमालयन पब्लिक स्कूल रोहडू के छात्र प्रिंस प्रथम नेगी ने हासिल किया। उसे लैपटॉप स्क्विर मेडल एक्सिलेंस सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। तीसरा स्थान विनायक पब्लिक स्कूल के छात्र ईशान ठाकुर ने हासिल किया। पुरस्कार में साईकिल ब्राउन के मेडल एक्सिलेंस सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। पूरे जिले में आठवीं से बारहवीं कक्षा के टॉप स्थान में रहने वाले छात्र एवं छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। 8वीं कक्षा में प्रथम स्थान तारा होल स्कूल की श्रेया गुप्ता, दूसरा स्थान हिमालयन पब्लिक स्कूल रोहडू के अखिलेश चौहान व तीसरा स्थान आश्वका झींगा तारा होल स्कूल की छात्रा ने प्राप्त किया। नौवीं कक्षा में प्रथम स्थान अथर्व शर्मा डीएवी न्यू शिमला स्कूल, दूसरा स्थान शिवेन राज शर्मा सेड एडवर्ड शिमला, तीसरा स्थान दक्ष बनी ज्ञान ज्योति स्कूल ठियोग के छात्र ने प्राप्त किया। 10वीं कक्षा में प्रथम रिकाश शमी सेन्ड एडवर्ड स्कूल शिंगला, तीसरा स्थान प्रिक्षित पतवान शिवालिक पब्लिक स्कूल चिडगाँव रोहडू की छात्रा ने प्राप्त किया। 10वीं कक्षा में प्रथम स्थान मेहक रोगरा JCB न्यू शिमला स्कूल, दूसरा स्थान आये तल वाक्स JCB न्यू शिमला स्कूल, तीसरा स्थान कशिश G. 85. स्कूल जुन्गा ने प्राप्त किया। बाहवीं कक्षा में प्रथम स्थान इशिता शमी केंद्रीय विद्यालय जाख, दूसरा स्थान यशवर्धन स्वागटा JCB न्यू शिमला, तीसरा स्थान रायत राज शमी संत एडवर्ड स्कूल ने हासिल किया। इसके साथ गावि इनस्टिीयर का सेन्टर टॉपर सिद्धद्धि को घोषित किया गया। प्रथम स्थान हासिल करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कार के तौर पर ई-स्केट स्कूटर, गोल्ड मेडल और एक्सिलेंस सर्टिफिकेट, दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को हेडफोन, सिल्वर मेडल एक्सिलेंस सर्टिफिकेट, तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बास्केटबॉल ब्राउन मेडल और एक्सिलेंस सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। यह सभी पुरस्कार और सर्टिफिकेट मावियन के द्वारा दिए गए। जिसके गेस्ट ओनर के तौर पर 'श्रेया गुप्ता' सुरेने रागी, विनायक गेंगी, और सुजल नेगी को पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया। हर स्कूल के टॉपर को पुरस्कार गोल्ड मेडल एक्सिलेन्ट सर्टिफिकेट से सम्मानित किया जाएगा। सभी प्रतिभागियों को को गंगा गोईड ऑफ शिमला सर्टिफिकेट और स्कॉलशिप भी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के अनूठे उत्पादों को बढ़ावा देने पर बल दे रही है। एक जिला एक उत्पाद पहल इस उद्देश्य को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस अवधारणा को कार्यन्वित करने के लिए राज्य में यूनिटी मॉल की स्थापना की जाएगी, जिसका उद्देश्य देश के सभी जिलों में संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना है। राज्य में समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रत्येक जिले से एक उत्पाद का चयन, ब्रांडिंग और प्रचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादों का चयन मौजूदा पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखकर किया जाएगा। इस पहल में राज्य और जिला स्तर पर प्रदर्शनियों, क्षमता निर्माण आदि गतिविधियों को भी शामिल किया गया है। राज्य के जीआई-टैग वाले उत्पाद, हस्तशिल्प उत्पाद और अन्य राज्यों के हस्तशिल्प उत्पाद एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगे। हिमाचली शिल्प की अपनी एक विशेष पहचान है। राज्य में निर्मित हस्तशिल्प उत्पाद स्थानीय लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए जाते थे लेकिन अब ये पर्यटकों में भी अत्यंत लोकप्रिय हैं। राज्य में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्पों में लकड़ी की नक्काशी, चमड़े पर कढ़ाई, धातु के बर्तन, कालीन, पेंटिंग और ऊनी वस्त्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पाई जाने वाली हस्तशिल्प की विशाल श्रृंखला अद्वितीय है जो शिल्पकारों के कलात्मक कौशल को दर्शाती है, इसलिए इसकी ब्रांडिंग पर विशेष बल दिया जा रहा है। सुक्खू ने कहा कि राज्य के शिल्प की अतुलनीय सुंदरता और विविधता लोगों के दिलों में एक अमिट छाप छोड़ती है। यह कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, हिमाचली चुल्ली का तेल, हिमाचली काला जीरा, चंबा रुमाल, किन्नौरी व कुल्लू शॉल और कांगड़ा पेंटिंग और भी अनेक उत्पाद इसमें शामिल हैं। हिमाचल प्रदेश के लोगों ने वर्षों से हस्तशिल्प की समृद्ध परंपराओं को विकसित किया है, जो रचनात्मक और विशिष्ट हैं। राज्य सरकार ने 19 और 20 अप्रैल, 2023 को धर्मशाला में जी 20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी की, जिसमें प्रदर्शित राज्य के उत्पादों की विदेशी प्रतिनिधियों ने काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि थंगका पेंटिंग तिब्बती कला शिल्पी विश्व भर में लोकप्रिय एक विशिष्ट कला है, जो बुने हुए कपड़े विशेष रूप से सूती कपड़े पर की जाती है। इन चित्रों में ज्यादातर भगवान महात्मा बुद्ध और अन्य देवी-देवताओं को चित्रित किया जाता है। यह कला विशेष रूप से विदेशी पर्यटकों में अत्यंत लोकप्रिय है। हिमाचल प्रदेश के बेहतरीन शॉल, हिमाचल के उत्पाद, कढ़ाई, ऊनी वस्त्र और चमड़े के शिल्प लोकप्रिय हैं। राज्य सरकार प्रदेश के हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार के महत्वाकांक्षी प्रयासों से जहां लोगों को अनूठे उत्पाद उपलब्ध होंगें वहीं ग्रामीण कारीगरों को अपने क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी मिलेंगें।
ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) बहाली के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार जताने को 28 मई को धर्मशाला में प्रदेशभर से एनपीएस यूनियन से जुड़े कर्मचारी जुटेंगे। रैली में कर्मचारियों के साथ उनके परिजनों को भी आने का न्यौता दिया गया है। धर्मशाला के पुलिस मैदान में होने वाली इस आभार रैली में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री समेत सभी कैबिनेट मंत्रियों और अन्य पदाधिकारियों के पहुंचने का कार्यक्रम है। उल्लेखनीय है कि हिमाचल की सुक्खू सरकार के ओल्ड पेंशन बहाली के ऐतिहासिक निर्णय से प्रदेश के एक लाख 36 हजार सरकारी कर्मचारियों को सीधा पहुंचा है। सरकार के निर्णय से लाभान्वित सभी कर्मचारियों का एक स्वर में कहना है कि यह आभार रैली मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश सरकार का धन्यवाद जताने के लिए आयोजित की जा रही है। सरकार के ओपीएस बहाली के निर्णय ने उनका वर्तमान और भविष्य सुरक्षित कर दिया है। वहीं पेंशन बहाली से गदगद कर्मचारियों के परिजन भी रैली को लेकर बेहद उत्सुक हैं। उनका कहना है कि के यह केवल पेंशन की बात नहीं है, ये हमारे बच्चों के सम्मान, स्वाभिमान और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ा फैसला है, इसके लिए वे जिंदगी भर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के ऋणी रहेंगे। हर जिले से आएंगे कर्मचारी एनपीएस यूनियन के जिला कांगड़ा के अध्यक्ष राजेंद्र मन्हास ने बताया कि आभार रैली में प्रदेश के हर जिले से एनपीएस कर्मचारी यूनियन से जुड़े लोग एवं उनके परिजन आएंगे। रैली प्रातः 11 बजे आरंभ होगी। इसमें 65 हजार के करीब लोगों के भाग लेने की उम्मीद है। रैली में पधारने पर मुख्यमंत्री समेत उनकी पूरी कैबिनेट का आभार जताने तथा उनके भव्य स्वागत की तैयारी की गई है।
देश के प्रथम प्रधानमंत्री प. जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर आज हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन शिमला में सभा का आयोजन किया गया और प. नेहरू के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्वाजंलि अर्पित की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता शामिल हुए। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने नेहरू के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प. जवाहर लाल नेहरू स्वंतत्रता के पूर्व और बाद की भारतीय राजनीति में केंद्रीय व्यक्तित्व थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में वे भारतीय स्वंतत्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे और उन्होंने 1947 में भारत के एक स्वंतत्र राष्ट्र के रूप में स्थापना से लेकर 1964 तक अपने निधन तक भारत सरकार का नेतृत्व किया। जवाहर लाल नेहरू ने भारत के पुनर्गठन के रास्ते में उभरी हर चुनौती का समझदारी पूर्वक सामना किया। नेहरू ने आधुनिक भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। उन्होंने योजना आयोग का गठन किया, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया और तीन लगातार पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया। उनकी नीतियों के कारण देश में कृषि और उद्योग का एक नया युग शुरु हुआ। नेहरू ने भारत की विदेश नीति के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभायी। 27 मई 1964 को जवाहर लाल नेहरू मृत्यु हो गई।
नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस (NPA) बंद करने के हिमाचल सरकार के फरमान को लेकर स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल व हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक बेनतीजा रही। डॉक्टर एनपीए बंद करने के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे थे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री का कहना था कि सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करेगी। मामला सीएम सुक्खू के समक्ष और कैबिनेट में लाया जाएगा। एनपीए बंद करने के मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार घिरती हुई नजर आ रही है। 29 मई से 11 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक डॉक्टरों ने सरकार के फैसले का विरोध करते हुए आज काले बिल्ले लगाकर अस्पतालों में सेवाएं दी। इसके बाद वे 29 मई से 11 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक पर जाएंगे। हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बताया कि सरकार का डॉक्टरों का एनपीए बंद करना तर्कसंगत नहीं है। सरकार के इस फैसले से डॉक्टरों का मनोबल भी टूटा है। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री से एनपीए को बंद करने के फैसले को वापस लेने की मांग की गई है। एसोसिएशन के महासचिव ने कहा कि जब तक सरकार इस फैसले को वापस लेने की अधिसूचना जारी नहीं करती है तब तक डॉक्टरों का विरोध जारी रहेगा।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों के साथ सामूहिक चित्र भी लिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल के लिए विशेष पैकेज मांगा और राज्य के विकास से जुड़े विभिन्न मुद्दे उठाए।
राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त युनूस ने आज यहां बताया कि विभाग द्वारा अवैध शराब की ब्रिकी के खिलाफ पूरे प्रदेश में व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश में इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिलों में 30 टीमों का गठन किया गया है। यूनुस ने बताया कि विभिन्न जिलोें में छापेमारी जारी है, जिसके अंतर्गत लगभग 8 लाख मिलीलीटर अवैध अंग्रेजी व देसी शराब पकड़ी गई है, जो की बाहरी राज्यों से लाई गई थी। यह कार्यवाही पिछले कुछ दिनों में कुल्लू, मण्डी, बद्दी, सोलन तथा नूरपुर में की गई। नूरपुर स्थित उलेहडियां खानपुर, बसंतपुर, गगवाल, बरोटा और ठाकुरद्वारा में आबकारी व पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त छापेमारी की गई। इस छापेमारी के दौरान 30000 लीटर कच्ची शराब (लाहन) को जब्त करने के उपरान्त नष्ट कर दिया गया, इसके अतिरिक्त भुलपुर उलेहडियां से 10 लीटर लाहन जब्त किया गया और आरोपियों के खिलाफ हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम-2011 के तहत ठाकुरद्वारा पुलिस में प्राथमिकी दर्ज की गई। एक सूचना के आधार पर जिला कुल्लू में सहायक आयुक्त के नेतृत्व में बनोगी कुल्लू ब्यासर रोड स्थित एक संदिग्ध परिसर का निरीक्षण किया गया, जिसमें कुल 588 बोतल अंग्रेजी और 369 बीयर की बोतलें जब्त की गईं, जब्त किया गया स्टॉक केवल पंजाब में बिक्री के लिए था। मामले में धारा 39 के तहत केस दर्ज किया गया है और आगामी जांच के लिए पुलिस स्टेशन कुल्लू में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। इसके अतिरिक्त अन्य जिलों में 148 बोतलें जब्त की गई हैं तथा मामलों में आबकारी अधिनियम 2011 के अंतर्गत मामले दर्ज किये गये हैं।
सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा है कांग्रेस ने हमेशा जनजातीय क्षेत्रों के विकास व यहां के लोगों की समस्याओं को दूर करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने इन क्षेत्रों में आधरभूत ढांचा विकसित करते हुए यहां के लोगों को विशेष रियायते दी। त्रिलोकीनाथ व उदयपुर में लोगों की समस्याओं व मांगो को सुनते हुए प्रतिभा सिंह ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाएगा। प्रतिभा सिंह ने त्रिलोकीनाथ में सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि लाहौल घाटी पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि रोहतांग टनल बनने से यहां के लोगों को तो लाभ मिला ही है साथ ही इस क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़वा मिला हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने इस क्षेत्र को घोर उपेक्षा की। त्रिलोकीनाथ मंदिर को आने वाली सड़क का तो इतना बुरा हाल है कि इसे शब्दों में बयां नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने इस सड़क के सुधार के लिए 19 करोड़ मंजूर कर दिए है और जल्द ही इस पर कार्य भी शुरू किया जाएगा। प्रतिभा सिंह ने कहा कि उन्हें इस बार सांसद के तौर पर दो साल से कम ही कार्यकाल मिला हैं। इस दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में सांसद निधि को एक समान दिया हैं। उन्होंने कहा कि अब चूंकि अगले साल लोकसभा चुनाव होने है इसलिए वह उम्मीद करती है कि कांग्रेस फिर से अपनी जीत का परचम लहरायेगी। उन्होंने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की शानदार जीत के लिए भी लोगों का आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व प्रतिभा सिंह ने लाहौल स्पीति का अपना दो दिवसीय दौरे में केलांग व उदयपुर उप मंडल जिस्पा, किरतलिंग, जालमा,थिरोट में लोगों की समस्याओं व उनकी मांगों पर सहानभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
विधानसभा सचिवालय में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आज अपने कार्यालय कक्ष में लोक निर्माण विभाग एवं युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भटियात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में चल रहे विकासात्मक कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक की। इस अवसर पर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि भटियात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के हर गांव को सड़क सुविधा से जोड़ा जायेगा, ताकि भटियात विधान सभा क्षेत्र के लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े। पठानिया ने कहा कि भटियात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं आने देगें और भटियात विधान सभा क्षेत्र को सर्वश्रेष्ठ विधान सभा क्षेत्र के रूप में विकसित करेंगे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने आज बाल सत्र में भाग लेने वाले प्रतियोगी छात्र-छात्राओं से वर्जुअल संवाद करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में दिनांक 12 जून, 2023 को "बाल सत्र" का आयोजन किया जायेगा । उन्होंने कहा कि इस सत्र में कुल 68 बच्चे भाग ले सकेंगे तथा वे मुख्यमंत्री, स्पीकर, मंत्री, नेता प्रतिपक्ष तथा पक्ष व विपक्ष के विधायक की भूमिका भी निभायेंगे। पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा देश की दूसरी विधान सभा है जहां "बाल सत्र" का आयोजन किया जा रहा है। कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि जयपुर, डिजिटल बाल मेला द्वारा आयोजित तथा एल.आई.सी द्वारा प्रायोजित बच्चों की सरकार कैसी हो, अभियान का आयोजन 12 जून को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में किया जाएगा। पठानिया ने कहा कि 8 से 17 वर्ष की उम्र के बच्चे इस बाल विधानसभा सत्र में हिस्सा ले रहे हैं । कहा कि शिमला में आयोजित होने वाले विधान सभा बाल सत्र के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा पूरी दुनिया देखेगी और बच्चों में लोकतांत्रिक परंम्परा के बारे में जागरूकता बढ़ेगी। पठानिया ने देश व प्रदेश के सभी इच्छुक बच्चों से इस अभियान में बढ़-चढकर भाग लेने की अपील भी की गई है। शिमला में आयोजित होने वाले इस बाल सत्र में देश के 68 बच्चों को दुनिया के सामने अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा। इस बाल सत्र का उद्देश्य वाल्यकाल से ही देश और प्रदेश के विकास के प्रति उन्हें जागरूक करना तथा उनमें सकारात्मक सोच को पैदा करना है। पठानिया ने कहा कि आज के बच्चे जिस तरह संसदीय प्रणाली की ओर आकर्षित हो रहे है इससे लोकतन्त्र की मजबूती को और बल मिलेगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए प्रदेश के 10 वन मंडलों में सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ों के कटान की अनुमति प्रदान की है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों को खैर के पेड़ के दस वर्ष में कटान के कार्यक्रम से छूट देना चाहती है, ताकि वे अपनी सुविधानुसार कटान कर सकें इससे उनकी आर्थिकी को संबल मिलेगा। प्रदेश के ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, नालागढ़ और कुटलैहड़ वन मंडलों में खैर के पेड़ों के कटान के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है और इन वन मंडलों में प्रति वर्ष 16500 वृक्षों का कटान निर्धारित किया गया हैं। खैर का कटान शीघ्र ही शुरू कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य के निचले क्षेत्रों में खैर के पेड़ों को व्यावसायिक रूप से उत्पादित करने से राज्य के राजस्व में तथा किसानों की आय में वृद्वि होगी। प्रदेश के नाहन, पावंटा साहिब, धर्मशाला, नूरपुर और देहरा वन मंडलों के लिए शीघ्र ही कार्य योजना तैयार की जाएगी। इसके दृष्टिगत अधिकारी वनों के निरीक्षण शुरू करेंगे और इन वन मंडलों के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए खैर के पेड़ों की गणना की जाएगी। खैर के पेड़ का उपयोग इसके औषधीय गुणों के कारण बहुतायत किया जाता है। इस पेड़ की छाल, पत्ते, जड़ और बीज में औषधीय गुण पाए जाते हैं। जलन को कम करने के लिए इसकी छाल का उपयोग किया जाता है। इस पेड़ को कत्थे का पेड़ भी कहा जाता है। कत्था पाचन में सहायक होता है। खैर से निकलने वाले गोंद का उपयोग दवा बनाने में किया जाता है। जंगली पौधा होने के कारण यह आसानी से उगाया जा सकता है। यह पौधा गर्म परिवेश में अच्छे से फलता-फूलता है और इसे अधिक देखभाल की जरूरत भी नहीं होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार किसाना को केन्द्र में रखकर किसान हितैषी निर्णय और योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। वैज्ञानिक और नियोजित तरीके से खैर का कटान वनों के बेहतर प्रबंधन में सहायक होता है। इससे पुराने पेड़ों के स्थान पर नए व स्वस्थ खैर के पौधे उगते हैं। खैर के वृक्षों का समय पर कटान न होने से अधिकांश पेड़ सड़ जाते हैं जिससे बेहतर वन प्रबंधन नहीं हो पाता। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में खैर के पेड़ के कटान के परिणामों को जानने के लिए प्रायोगिक आधार पर पेड़ों की कटाई की अनुमति दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने वन विभाग की राय पर सहमति व्यक्त कर यह ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
केंद्र सरकार के 9 वर्ष पूर्ण होने पर भारतीय जनता पार्टी महाजनसंपर्क अभियान के तहत मोदी सरकार की नीतियों को घर-घर पहुंचाएगी। बात का कसुम्पटी मंडल भाजपा की बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री व पूर्व भाजपा राज्य अध्यक्ष सुरेश भारद्वाज ने कही। बैठक की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष जितेंद्र भोटका ने की, जबकि बैठक में प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री सिद्धार्थन व जिला अध्यक्ष विजय परमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। भारद्वाज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने लगातार पूर्ण बहुमत से केंद्र में सरकार को आगे बढ़ाया है और यह सरकार सबका विकास सबका साथ के एजेंडे पर चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर वर्ग के कल्याण के लिए काम किया है, गांव गरीब के लिए नीतियां बनाई है, जनता के जन जीवन में परिवर्तन हो इसके लिए छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर के नीतियां बनाने का काम किया गया है। हिमाचल प्रदेश को भी अनेक योजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मिली हैं, जिन्होंने हिमाचल को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, उद्योग हर क्षेत्र में हिमाचल को केंद्र सरकार का सहयोग हिमाचल को मिला है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि 9 वर्ष पूर्ण होने पर जहां देश को नया संसद भवन मिल रहा है। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा सदस्य रूपा शर्मा, जिला भाजपा अध्यक्ष विजय परमार, मंडल अध्यक्ष जितेंद्र भोटका, पूर्व डिप्टी मेयर राकेश शर्मा, पार्षद रचना शर्मा, कमलेश मेहता, पार्षद निशा ठाकुर, पूर्व पार्षद रेनू, सहित अन्य कार्यकर्ता व मंडल के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
भाजपा शिमला मंडल कार्यसमिति की बैठक का आयोजन पंचायत भवन में हुआ, बैठक की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष राजेश शारदा द्वारा की गई। बैठक में भाजपा वरिष्ठ नेता गणेश दत्त, पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज, संगठन मंत्री अक्षय भरमौरी, प्रदेश कोषाध्यक्ष संजय सूद, सचिव कुसुम सदरेट, सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, जिला अध्यक्ष विजय परमार, रमेश छौजर, सकेश चौहान, गगन लखनपाल, सुशील चौहान, सत्या कैंडल उपस्थित रहे। राजेश शारदा ने बताया की कार्यसमिति बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नौ वर्ष पूर्ण होने पर आगामी कार्यक्रमों के विषय पर वरिष्ठ नेता गणेश दत्त, बूथ सशक्तिकरण अभियान पर प्रदेश कोषाध्यक्ष संजय सूद, डाटा प्रबंधन पर प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कार्यकर्ताओ का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम का समापन पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज द्वारा किया गया। गणेश दत्त ने कहा कि भाजपा पूरे प्रदेश भर में भाजपा महाजनसंपर्क अभियान का शुभारंभ करने जा रही है और यह जनसंपर्क अभियान 1 जून से लेकर 30 जून तक चलेगा इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 वर्ष की उपलब्धियों को भाजपा का कार्यकर्ता घर-घर पहुंचाने का कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि हम शिमला मंडल के अंतर्गत 60 प्रभावशाली सामाजिक लोगों से भी संपर्क करेंगे, जिनका खेलो और समाजिक कार्यों में बड़ा योगदान रहा है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि भाजपा व्यक्ति या परिवार की नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं की पार्टी है और अगर देखा जाए तो इस बार के विधानसभा चुनावों में हमारा वोट शेयर कांग्रेस के बराबर रहा है। हम केवल 0.9% से चुनाव हारे हैं। उन्होंने कहा कि अगर शिमला नगर निगम का चुनाव 1 वर्ष पहले हो जाता तो परिणाम कुछ और होते उन्होंने कहा कि शिमला नगर निगम चुनावों में जो कांग्रेस को मैंडेट मिला है वह शिमला का मैंडेट नहीं है, कांग्रेस ने गलत वोट बनाकर चुनाव जीता है। कांग्रेस पार्टी ने नियम भी बदले हैं जिसकी कारण नगर निगम चुनाव प्रभावित हुए है, पर हर चुनाव में ऐसी परिस्थिति नहीं होती 2024 में हम हिमाचल प्रदेश की चारों संसद की सीटों पर विजय प्राप्त करेंगे।
भारतीय पत्रकार कल्याण मंच द्वारा गेटी थिएटर में ''आजादी के 75 वर्षों में पत्रकारों का योगदान'' विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि राज्यपाल हिमाचल शिव प्रताप शुक्ला ने दीप प्रज्वलित कर संगोष्ठी का शुभारंभ किया। संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज व हरियाणा के उद्योगपति व समाजसेवी स्टार भारत फाउंडेशन के चेयरमैन संदीप गर्ग शामिल हुए। मुख्य वक्ता के तौर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र के जनसंचार विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु शर्मा व स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन चितकारा यूनिवर्सिटी पंजाब के प्रोफेसर एवं डीन डॉ आशुतोष मिश्रा ने संगोष्ठी को संबोधित किया। भारतीय पत्रकार कल्याण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन आश्री व राष्ट्रीय महासचिव मेवा सिंह राणा ने मुख्य अतिथि राज्यपाल हिमाचल शिव प्रताप शुक्ला का बुके भेंट कर स्वागत किया। इसके अलावा मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों को शॉल ओढाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। जसवीर सिंह दुग्गल, विजय बजाज, रोहित लामसर व नरेश वधवा ने ने भी मुख्य अतिथियों को बुके भेंट किए। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राज्यपाल हिमाचल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि पत्रकारिता भारतीय प्रजातंत्र की मजबूत बुनियाद है। भारतवर्ष में पत्रकारिता का उदय ऐसे समय में हुआ था, जब देश पराधीन था और अंग्रेजी राज नहीं चाहता था कि जन जागरण और स्वतंत्रता संग्राम को बल मिले लेकिन कई प्रगतिशील लेखक पत्रकार और स्वतंत्रता सेनानी हुए जिन्होंने पत्रकारिता की मशाल को जलाए रखा। उन्होंने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी, बाबू पराड़कर, लोकमान्य तिलक, राजा राममोहन राय, महात्मा गांधी व बालमुकुंद गुप्त जैसे सैकड़ों पत्रकार हैं, जो आज भी देश हित से जुड़ी पत्रकारिता के आदर्श हैं। आज आजादी के अमृत काल में हम महोत्सव मना रहे हैं, तो ऐसे समय में आजादी दिलाने के लिए की गई पत्रकारिता के जज्बे जुनून को हम सब नतमस्तक होकर याद करते हैं। जिसने अंग्रेजों को देश छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दिया था। आज हम आजादी के 75वें वर्षगांठ के अवसर पर पत्रकारिता के विकास और योगदान को देखते हैं। उन्होंने कहा कि आप सब पत्रकारों ने इस पवित्र कार्य को अपनी प्रतिभा व वर्षों के प्रयास से खींचा है। इसके लिए आप सभी को बधाई और आशा है कि देश के उत्थान के लिए आप पत्रकारिता के जरिए अपना सहयोग देश हित में जारी रखेंगे। उन्होंने संबोधन अंत में भारतीय पत्रकार कल्याण मंच को इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए बधाई प्रेषित करते हुए कि मंच इसी तरह से पत्रकारों को जागरूक करने का काम करता रहे यही उनकी शुभकामनाएं हैं। पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। किसी भी देश के नवनिर्माण में पत्रकारिता का अहम योगदान होता है। आजादी के बाद भारत की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी। पत्रकारों ने अपनी लेखनी से जिस प्रकार आजादी दिलाने का काम किया उसी प्रकार से आजादी के बाद भी पत्रकारों ने भारतीय विकास में अपनी लेखनी के माध्यम से देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि पत्रकार जहां नवनिर्माण का निर्माता है वही आज के दौर में सोशल मीडिया का टूल भी काम कर रहा है लेकिन कई बार जल्दबाजी में अवाँछनीय भी घटित हो जाता है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व सोशल मीडिया का दौर चल रहा है लेकिन समाचार पत्रों की महत्वता आज भी बरकरार है। स्क्रीन पर हम केवल घटित घटना को ही देख सकते हैं लेकिन समाचार पत्रों में हमे न्यूज के साथ साथ व्यूज भी पढने को मिलती है। पत्रकारिता विषय अपने आप में एक वृहद विषय है। जिसके उस पार जाकर हम घटित घटना के बारे समाचार पत्रों में लिखे गए स्तंभकारों के लेख पढ़कर भविष्य में छांक सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय पत्रकार कल्याण मंच पिछले 20 वर्षों से पत्रकारों के प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं संगोष्ठी का आयोजन करता आ रहा है। इन कार्यक्रमों से पत्रकारों को एक नई ऊर्जा मिलती है। उद्योगपति एवं समाजसेवी स्टाल्वर्ट फाउंडेशन के चेयरमैन संदीप गर्ग ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि पत्रकारिता देश के विकास में एक अहम कड़ी है। पत्रकार लोकतंत्र में नव निर्माण का कार्य करता है। पत्रकार न केवल सिस्टम में खामियों को उजागर कर प्रशासन व सरकार को जगाने का काम करता है बल्कि देश की उपलब्धियों को जनता के सामने लाने का भी एक जरिया है। उन्होंने कहा कि प्रभु के आशीर्वाद से उन्होंने समाज सेवा के जो कार्य गरीब रसोई एंबुलेंस सेवा वह मरीजों की देखभाल जैसे कार्यों को शुरू किया है। इन कार्यों को करने की प्रेरणा जहां उन्हें विरासत में अपने बाप और दादा से मिली है वहीं इस कार्य को आगे बढ़ाने के लिए हमेशा मीडिया ने उन्हें प्रेरित किया है। उन्होंने संगोष्ठी में शामिल हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी व हिमाचल प्रदेश के पत्रकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हीं के कंधों पर लोकतंत्र की नींव रखी है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार ने उन वाहन मालिकों के लिए एक सुअवसर प्रदान किया है, जिन्होंने अभी तक अपने वाहनों का पंजीकरण नहीं करवाया है। इस पहल के अन्तर्गत दोपहिया, ट्रेक्टर, पोकलेन, जेसीबी व अन्य चार पहिया वाहन मालिक बिना किसी जुर्माने के मौजूदा बाजार दर पर अपने वाहनों का पंजीकरण करवा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कदम से राज्य में हजारों लोगों को गैर पंजीकृत वाहनों को चलाने से जुड़े जोखिमों को कम करने में सहायता मिलेगी। वाहन मालिकों को किसी भी जुर्माने के बिना वाहनों को पंजीकृत करने का अवसर प्रदान कर सरकार ने पंजीकरण आवश्यकताओं की अनुपालना और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि वाहन पंजीकरण के अलावा प्रदेश सरकार ने बकाएदारों (डिफाल्टरों) के लिए पैसेंजर एण्ड गुड्स टैक्स (पीजीटी) पर जुर्माना माफ करने का निर्णय लिया है। पीजीटी डिफाल्टर 30 जून, 2023 तक इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए वे मूल राशि के साथ एक मुश्त निपटान शुल्क भुगतान करके राज्य कर एवं आबकारी विभाग से अनापत्ति और कर भुगतान पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, वाहन की पासिंग और संचालन के लिए परिवहन विभाग से क्लीयरेंस अनिवार्य है। यह एक मुश्त राहत बकाया कर देनदारियों और पीजीटी के प्रतिस्थापन के रूप में विशेष सड़क कर के कार्यान्वयन की सुविधा के लिए है। प्रदेश सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के कुल 1,60,291 माल वाहक मालिक विशेष रूप से छोटे और बड़े वाहनों के साथ-साथ टैªक्टर मालिक भी लाभान्वित होंगे। कोविड-19 महामारी के दौरान इन मालिकों को वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था, जिसके परिणामस्वरूप पीजीटी देनदारियों में वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के मददेनजर राज्य सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण को अपनाते हुए सभी कर देनदारी के मामलों को एक मुश्त निपटाने का निर्णय लिया है।
लोक निर्माण मंत्री, विक्रमादित्य सिंह और मुख्य संसदीय सचिव, सुंदर सिंह ठाकुर ने आज यहां जारी एक संयुक्त बयान में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर तंज कसते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग का कभी भी निरीक्षण नहीं किया और न ही इनके शीघ्र निर्माण और विस्थापितों को मुआवजा देने की मांग की गम्भीरता से वकालत की। अब वह केवल सुर्खियां बटोरने के लिए कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य के लिए 67 हजार करोड़ रुपये लागत के 68 राष्ट्रीय राजमार्गों की घोषणा की थी। पिछले पांच वर्षों के दौरान जय राम ठाकुर ने मुआवजा और भूमि अधिग्रहण के मामलों को अपने केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भूमि का अधिग्रहण किए गए विस्थापितों की मांग को भी अनसुना कर दिया। अपने कार्यकाल के दौरान जय राम ठाकुर ने कभी भी राष्ट्रीय राजमार्ग स्थलों का दौरा करने की जहमत नहीं उठाई। भाजपा के कार्यकाल के दौरान इन परियोजनाओं का कार्य धीमी गति से हुए। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को समय पर पूरा करने का प्रयास किया और एनएचएआई ने दस हजार करोड़ रुपये की शिमला से मटौर तक चार लेन सड़क परियोजना के निर्माण और 12 हजार करोड़ रुपये से पठानकोट से मंडी राजमार्ग के फोरलेन को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान की है। लोक निर्माण मंत्री और मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी से कई बार व्यक्तिगत रूप से भेंट कर इन परियोजनाओं के कार्यों मंे तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर अन्य भाजपा नेता वर्ष 2024 के लोक सभा चुनावों के दृष्टिगत इन परियोजनाओं का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे है जबकि इन्होंने लोगों की भावनाओं को आह्त किया है और उनकी मांगों को हमेशा अनदेखा किया। प्रदेश की जनता भाजपा नेताओं के झूठे वायदों और कार्यशैली से भलीभांति परिचित हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड सीमित के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत शामिल करने का भरोसा दिया है। इससे बिजली बोर्ड के लगभग 6500 कर्मचारी लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास तथा उन्नति में सरकारी कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक मंे ही पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का निर्णय लिया, जिससे 1.36 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को लाभ मिला है। प्रदेश सरकार इस योजना के तहत बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को शामिल कर उनके लाभ सुनिश्चित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों का कल्याण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हिमाचल प्रदेश की निरन्तर प्रगति के साथ-साथ सरकारी कर्मचारियों के कल्याण तथा सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को सुरक्षित भविष्य प्रदान कर उन्हें प्रदेश के समग्र विकास में प्रभावी योगदान देने के लिए सक्षम बनाना है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के साथ-साथ प्रदेश सरकार ने सरकार कर्मचारियों के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि तीन प्रतिशत मंहगाई भत्ते की किस्त भी जारी कर दी गई है। प्रदेश की चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिस्थितयों के बावजूद राज्य सरकार ने दूरदर्शी सोच के साथ प्रदेश के विकास में कोई बाधा नहीं आने दी है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने बिना किसी बजट के प्रावधान के घोषणाएं की लेकिन उनके लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पाए, जबकि वर्तमान प्रदेश सरकार राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही सभी बकाया देनदारियां चुकाने के लिए प्रतिबद्ध है।
***कुल्लू जिले के स्नॉवर वैली पब्लिक स्कूल बजौरा की छात्रा मानवी ने 99.14 प्रतिशत (694) अंक लेकर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। हमीरपुर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल चूबतरा की छात्रा दीक्षा कथयाल ने (693) 99 प्रतिशत अंक लेकर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है। वहीं हमीरपुर जिले के ही दो छात्रों ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया है। न्यू इरा सीनियर सेकेंडरी स्कूल परोल के छात्र अक्षित शर्मा और सीनियर सेकेंडरी स्कूल बदारान के छात्र आकर्षक ठाकुर ने 98.86 प्रतिशत (692) अंक लेकर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमें से 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं और 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। उन्होंने ने बताया कि इस बार का परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का परिणाम घोषित कर दिया है। शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि परिणाम 89.7 प्रतिशत रहा है। 91440 विद्यार्थियों ने 10वीं कक्षा की परीक्षा दी थी। 81732 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं। 7534 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। वर्ष 2022 में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 87.5 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने बताया कि विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर परिणाम चेक कर सकते हैं।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने देश के गौरवशाली इतिहास को पुनः स्थापित करने के लिए साहस के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को विश्व गुरु के रूप में स्वीकार कर रही है और हमें भी इस भावना को स्वीकार करना चाहिए। राज्यपाल ने यह बात आज शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में ठाकुर राम सिंह इतिहास शोध संस्थान नेरी द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने डॉ. भाग चंद चौहान द्वारा लिखित पुस्तक द नॉलेज सिस्टम ऑफ इंडिया और डॉ. कंवर चंद्रदीप और राजीव कुमार द्वारा संपादित पुस्तक ऐन एंथोलोजी ऑफ डिस्कोर्सेज ऑन इंडिया का विमोचन किया। राज्यपाल ने कहा कि आज भारत दुनिया मंे नवाचार और ज्ञान सृजन में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि भारत के उच्च शिक्षा संस्थान, अनुसंधान प्रयोगशालाएं और प्रौद्योगिकी केंद्र विविध क्षेत्रों में देश की प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के युवा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति को अपनाकर अपने पूर्वजों की विरासत को अपना रहे हैं, जिससे परंपरा और आधुनिकता का एक अनूठा मिश्रण तैयार हो रहा है। प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला और केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय में इसी सत्र से यूजीसी नेट, हिंदी का पाठ्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
पुलिस थाना ठियोग के अंतर्गत जेई के पास गाड़ी नंबर HP06 8445 pickup हादसे का शिकार हो गई। गाड़ी सड़क से करीब 60 से 70 मीटर नीचे खाई में जा गिरी। हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि दो घायल हैं। मृतक की पहचान दीपक पुत्र जियालाल निवासी गांव कपरोल (सुखु) डाकघर क्या तहसील ठियोग उम्र 30 वर्ष के रूप में हुई है। वहीं राहुल पुत्र स्वर्गीय रोशन लाल निवासी गांव कपरोल (सुखु) डाकघर क्या तहसील ठियोग उम्र 24 वर्ष और संजय पुत्र अंबा दत्त शर्मा निवासी गांव कलहार डाकघर क्यार तहसील ठियोग घायल हैं। घायलों को इलाज के लिए IGMC शिमला रेफर किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
ठियोग के समीप सड़क धंसने से नेशनल हाईवे-5 वाहनों की आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद हो गया। ठियोग बस स्टैंड से करीब 400 मीटर की दूरी पर नेशनल हाईवे (NH) पूरी तरह बंद हो गया। इससे अपर शिमला का राजधानी से पूरी तरह संपर्क कट गया है। बताया जा रहा है वीरवार सुबह पौने आठ बजे के करीब सड़क धंस गई। बीती रात भारी बारिश के बाद हल्की मिट्टी व पत्थर गिरने शुरू हो गए थे। NH बंद होने से स्थानीय लोगों और कामकाजी व्यक्तियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे क्षेत्र में स्कूली बच्चे भी समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं। विभाग द्वारा दावा किया जा रहा है कि कुछ देर में सड़क को छोटे वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन बस व ट्रकों के लिए आज सड़क खुलने की कम उम्मीद है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट होकर काम करने का आह्वान करते हुए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अभी से कमर कसने को कहा है। उन्होंने कहा है कि संगठन की मजबूती से ही कांग्रेस ने पहले चार उप चुनाव जीते। उसके बाद प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपनी जीत का परचम लहराया और अब शिमला नगर निगम चुनावों में भी कांग्रेस ने अपनी जीत का क्रम जारी रखते हुए हेडट्रिक लगाई हैं। आज केलांग में जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की एक बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रतिभा सिंह ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने अभी 5 महीने ही हुए है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी सभी गारंटी को चरणबद्ध ढंग से पूरा करेगी। बैठक में लाहुल घाटी में सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने व पर्यटन के दृष्टि से इस घाटी में सुबिधाओं के विस्तार की मांग को लेकर प्रतिभा सिंह ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों को वह केंद्र सरकार के समक्ष रखेगी। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रो के लोगों के अधिकारों का किसी भी प्रकार से हनन सहन नहीं होगा। बैठक में रोहतांग टनल पर कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की शिलान्यास पटिका को उसी स्थान पर फिर से पुनः स्थापित करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि चुनावों से पूर्व उन्होंने इस क्षेत्र के लोगों को आश्वासन दिया था कि भाजपा द्वारा रोहतांग टनल से हटाई गई सोनिया की शिलान्यास पटिका को कांग्रेस सत्ता में आते ही पुनः स्थापित करेगी। इसलिए अब उसे जल्द स्थापित किया जाना चाहिए। लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि वह सभी की समस्याओं को दूर करने का पूरा प्रयास कर रहें है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के विकास की उनकी जिम्मेवारी है जिसे वह हर हाल में पूरा कर रहें है।उन्होंने कहा कि जिला में कांग्रेस संगठन मजबूत है और इसी मजबूती से कांग्रेस यहां जीती हैं। उन्होंने उन्हें सहयोग देने के लिये सभी पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। इस दौरान बैठक में कांग्रेस जिला अध्यक्ष ज्ञाल्छन ठाकुर, जिप अध्यक्ष अनुराधा राणा, उपाध्यक्ष राजेश, जिप सदस्य दोरजे लारजे, जिप सदस्य कुंगा बोद्ध, जिप सदस्य छेजंग डोलमा, जिप सदस्या बिना देवी, बीडीसी प्रोमिला, बीडीसी भावना, डीसीसी प्रवक्ता अनिल सहगल, पूर्व बीडीसी अध्यक्ष नोरबू थोलकपा, केलांग ब्लॉक अध्यक्ष रमेश, युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष अजित लेकी, दीपक, रोहन, चिराग, महिला कांग्रेस अध्यक्ष शशि किरण, राज नेगी, निर्मला देवी, रानिका पंचायत प्रधान मानदासी, पूर्व जिला अध्यक्ष नोरवू छेलिंगपा सहित अन्य पार्टी कार्यकर्ता मौजूद रहे।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में आज होटल मरीना शिमला में सड़क सुरक्षा और परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में परिवहन विभाग के अंतर्गत चल रहे विभिन्न कार्यों एवं मदो पर विस्तृत चर्चा की गई। उप मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि सभी अधिकारी सक्रियता, मानवीय दृष्टिकोण एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अख्तियार करें, ताकि आम जन को इसका लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से प्रवेश करने वाली अनाधिकृत बसों पर हम जल्द ही कानून ला कर शिकंजा कसने जा रहे है, जिसके तहत उन बसों पर दैनिक 5 हजार, प्रति सप्ताह 25 हजार, महीने का 75 हजार और सालाना 9 लाख रुपए शुल्क वसूलने का प्रावधान किया जायेगा। शुल्क के माध्यम से सालाना लगभग 10 करोड़ की आय प्रदेश को प्राप्त होगी। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में बिना पंजीकरण के कोई भी गाड़ी न चलने आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त सरकारी गाड़ियों को छोड़कर गाड़ियों पर लगी हुई प्लेट्स को भी हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में जेसीबी, पोकलेन एवं इसके अतिरिक्त अन्य भारी मशीनरी के कागज की जांच करे ताकि प्रदेश में बिना कर दिए बिना कोई भी मशीन या गाड़ी कार्य न कर सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अधिकारी बेहतर कार्य का निष्पादन करें। प्रति वर्ष बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारी को एक सम्मान प्रदान किया जायेगा जिस से विभाग में प्रतिस्पर्धा का माहौल बना रहेगा और साथ ही विभाग में बेहतर कार्य का निष्पादन हो सके। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग ने वित्त वर्ष 2023 -24 में राजस्व प्राप्तियों के तय लक्ष्य को लगभग 15 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। और जल्द ही तय लक्ष्य को पूर्ण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वाहनों के विशेष फैंसी नंबर जारी करने के लिए संशोधित ई ऑक्शन प्रणाली 29 मई से पूरे प्रदेश में लागू की जाएंगी। इस से पूर्व प्रारंभिक तौर पर संशोधित ई ऑक्शन प्रणाली को बैजनाथ और शिमला में शुरू किया गया था। सफल परीक्षण के उपरांत यह प्रणाली पूरे प्रदेश में शुरू की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 327 नंबर फैंसी नंबर को ई ऑक्शन प्रणाली के लिए चिन्हित किया गया है जिसकी दर 10 हजार से 1 लाख रुपए तक निर्धारित की गई है। इस अवसर पर वाहनों पर लगने वाले कर पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज शिमला में आयोजित जाईका की वानिकी एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं (एनआरएम) की तीन दिवसीय 12वीं वार्षिक कार्यशाला को धर्मशाला से वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश के हरित आवरण को बढ़ाने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में, राज्य में लगभग 28 प्रतिशत हरित आवरण है और प्रदेश सरकार ने वर्ष 2030 तक इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए लिए जाईका द्वारा वित्त पोषित वानिकी और एनआरएम परियोजनाओं ने राज्य में हरित क्षेत्र को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले दो वर्षों में, उन्नत तकनीकों की मदद से 4 हजार 600 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर पौधारोपण किया गया है। सामुदायिक और वानिकी उद्देश्यों के लिए परियोजनाओं के माध्यम से उच्च गुणवता वाली पौध तैयार करने तथा 60 लाख से अधिक महत्वपूर्ण गुणवतापूर्ण प्रजातियों के पौधे विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त, राज्य भर में 72 नर्सरी का नवीकरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल जैसे कृषि प्रधान राज्य में वन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्रदेश की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका और अन्य रोजमर्रा की आवश्यकताओं के लिए वन संसाधनों पर अधिक निर्भर है। जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हांेने पर्यावरण हितैषी संसाधनों और समाधानों की खोज तथा वन संपदा को संरक्षित एवं बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने सात जिलों में 460 ग्राम वन विकास समितियों (वीएफडीएस) और 900 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के गठन के माध्यम से संयुक्त वन प्रबंधन गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण के लिए परियोजना के प्रयासों की सराहना की। परियोजना में वन आधारित समुदायों और वन विभाग के कर्मचारियों के लिए कौशल उन्नयन और क्षमता निर्माण को भी प्राथमिकता दी गई है। जलवायु परिवर्तन और अन्य आपदाओं से उत्पन्न जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से 15 हजार से अधिक व्यक्तियों को आजीविका गतिविधियों और वनों के सुधार के दृष्टिगत प्रशिक्षित किया गया है।
हिमाचल प्रदेश पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन की कार्यकारी समिति की एक बैठक हुई। इसमें प्रदेश में पावर सेक्टर में हो रही गतिविधियों पर चर्चा हुई। बैठक में फैसला लिया गया कि हिमाचल प्रदेश पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन वर्तमान में या भविष्य में होने वाली किसी भी अनबंडलिंग का विरोध करेगी। 2010 में भी पावर इंजिनीयर्स ने HPSEB के विघटन का विरोध किया था। पावर इंजीनियर्स और एम्प्लोईस यूनियन के विरोध से हिमाचल प्रदेश में HPSEBL अपने आपको अपने पुराने रूप मे कायम रख पाया था और इसका सीधा फायदा प्रदेश के लोगों को सस्ती बिजली के रूप में पिछले कई सालों से मिल रहा है। अगर HPSEBL से ट्रांसमिशन या जेनेरशन सेट्स बाहर किए जाते हैं तो प्रदेश के लोगों को बिजली काफी महंगे दर से मिलेगी और यह HPSEBL के अस्तित्व को भी अंधेरे के गर्भ में डाल देगा। इसमें यह देखा गया है कि कुछ लोग अपने निहित स्वार्थ के लिए प्रदेश में HPSEBL के विघटन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ऐसी ताकतों का विरोध करेगी। इसके अलावा HPSEBL में OPS लागू करने में हो रहे विलंब पर भी चर्चा हुई। जहां एक और प्रदेश सरकार के OPS लागू करने के फैसले का हिमाचल प्रदेश पावर इंजीनियर्स ने स्वागत किया, वहीं HPSEBL में इसे लागू करने में हो रहे विलंब पर चिंता जताई।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ की प्रदेश पदाधिकारियों की एक ऑनलाइन बैठक 23 मई को हुई, जिसमे बोर्ड प्रबंधन द्वारा विद्युत बोर्ड में पुरानी पेंशन को लागू करने में की जा रही अनावश्यक देरी पर चर्चा की गई। तकनीकी कर्मचारी संघ ने पहले इस विषय पर बोर्ड के प्रबंध निदेशक से वार्ता की थी, उन्होंने सर्विस कमिटी में इस विषय पर समाधान की बात कही थी, परंतु सर्विस कमिटी ने इस पर चर्चा न करके कर्मचारियों को निराश किया है। इस बारे में संघ ने मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश को पत्र के माध्यम से भी आग्रह किया गया था कि विद्युत बोर्ड प्रबंधन वर्ग को विद्युत बोर्ड के सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने के आदेश जारी करे। संघ ने उसके उपरांत प्रेस के माध्यम से भी बोर्ड प्रबंधन को पुरानी पेंशन लागू न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। तकनीकी कर्मचारी संघ की बैठक में फैसला लिया गया है कि पुरानी पेंशन विद्युत बोर्ड के सभी कर्मचारियों के हितों से जुड़ा एक साझा मुद्दा है इसलिए तकनीकी कर्मचारी संघ 25 मई को पुरानी पेंशन बहाली हेतु कुमार हाउस में प्रस्तावित धरने का भरपूर समर्थन करती है और पूरे प्रदेश के विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी धरने में शामिल होंगे और इस बारे में सभी जिलों, यूनिटों और कार्यसमिति के सदस्यों को आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए गए हैं संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कपटा ने कहा है की तकनीकी कर्मचारी संघ विद्युत बोर्ड के विघटन करने का विरोध करता है और करता रहेगा। उन्होंने कहा है की अन्य संगठनों को ये भी ध्यान के रखना चाहिए कि 2010 में जब ये त्रिपक्षीय समझौता हुआ था, उसमें तकनीकी कर्मचारी संघ की अहम भूमिका रही है और आने वाले समय में भी विधुत प्रबंधन वर्ग अगर विद्युत बोर्ड के विघटन की ओर बढ़ता है तो तकनीकी कर्मचारी संघ संघर्ष की ओर कदम बढ़ाएगा ।
शिमला के ऐतिहासिक भवन बैंटनी कैसल का जीर्णोद्धार लगभग पूरा होने को है। मंगलवार शाम को उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री परिवार सहित बैंटनी कैसल में आयोजित होने वाले डिजिटल लाइट एंड साउंड शो का ट्रायल देखने पहुंचे। शिमला के ऐतिहासिक भवन बैंटनी कैसल में लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से ब्रिटिश काल से लेकर शिमला में अब तक हुए बदलाव को दिखाया जा रहा है। 25 मई तक लाइट एंड साउंड शो का ट्रायल किया जा रहा है इसके बाद लोगों को टिकट लेकर शो दिखाया जाएगा। इस शो में ब्रिटिश काल से लेकर अब तक राजधानी में हुए बदलाव और बैंटनी कैसल के इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को दिखाया जा रहा है। शो में दिखाया जा रहा है कि जब से बैंटनी कैसल की ऐतिहासिक इमारत बनी है, उसके बाद से अब तक इसके आसपास के इलाके सहित पूरे शिमला में क्या बदलाव देखने को मिला है। शो दो शिफ्टों में आधे-आधे घंटे के लिए दिखाया जाएगा। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विदेशों में इस तरह के आयोजन 1950 से होते आए हैं शिमला में पहली दफा इस तरह का प्रयास किया जा रहा है जिससे शिमला के स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए बैंटनी कैसल एक आकर्षक स्थल बनकर उभरेगा। बैंटनी कैसल में म्यूजियम और कैफेटेरिया बनाना प्रस्तावित है।
राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी 25 मई को सोलन के प्रवास पर आ रहे हैं। जगत सिंह नेगी 25 मई को प्रातः 11.30 बजे सोलन के कोठों स्थित सभागार में स्वर्णिम हिमाचल जन जागरण समिति द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम ‘स्नेह मिलन कार्यक्रम-2023’ में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। वह तदोपरांत जनसमस्याएं भी सुनेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि पिछले कुछ अर्से से हम देख रहे हैं कि सरकार में कई प्रकार की विवाद चल रहे हैं। अब तो लिखित रूप में एक कथित पत्र भी वायरल हुआ है। हालांकि पत्र किसने लिखा है उसकी जानकारी नहीं है पर पत्र अपने आप में ही एक बड़ा चर्चा का विषय बन गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह इस पत्र को लेकर जांच करें और जो भी तथ्य है वह जनता के बीच स्पष्ट रूप से लेकर आएं, यह हमारा मुख्यमंत्री से आग्रह है। कर्मचारियों और अधिकारियों के बारे में इस प्रकार से चर्चा चल रही है और इससे सरकार का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इस पत्र के बाद सरकार पर बहुत सारी चीजों को लेकर उंगली खड़ी हो रही है। हम मुख्यमंत्री से आग्रह करना चाहते हैं कि तुरंत इस सारे मामले की छानबीन करें और छानबीन पूर्ण होने के बाद इसके तथ्य जनता के समक्ष लेकर आए ऐसे पत्र पहले भी आए हैं पर इन सभी की जांच जरूरी है, हकीकत क्या है यह जनता के बीच आनी चाहिए।
हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के राज्य चेयरमैन व जिला कांगड़ा प्रभारी सचिन जसवाल व फतेहपुर खंड की समस्त कार्यकरिणी ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर व स्थानीय विधयाक भवानी सिंह पठानिया का पुरानी पेंशन योजना बहाल करने पर आभार व्यक्त किया। संघ ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, विधायक भवानी पठानिया, उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया। इस दौरान सचिन जसवाल ने स्थानीय विधायक के माध्यम से रोहित ठाकुर को एक मांग पत्र सौंपा। इसमें विभिन्न वर्गों के अध्यपकों की चिर लंबित मांगों के उचित निर्धारण के लिए मांग की। इस दौरान जसवाल ने हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के साथ बैठक के आयोजन के बारे में चर्चा की। संघ की तरफ से फतेहपुर से नरदेव पठानिया, प्रकाश पठानिया,प्रमोद राणा, सुरिंदर कुमार, मदन लाल, रमन भारती, रशपाल, शौकत अली, अर्जुन सलारिया आदि माजूद रहे।
हिमाचल प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर से करवट बदली है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश के कई भागों में 23 व 24 मई को भारी बारिश, ओलावृष्टि व अंधड़ चलने का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। 28 मई तक प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते मौसम में यह बदलाव आने की संभावना है। वहीं, 25 व 26 मई के लिए अंधड़ चलने का येलो अलर्ट चलने से भूस्खलन, खड़ी फसलों, फलों के पौधों और नई पौध को नुकसान हो सकता है। ओलावृष्टि और तेज हवाएं चलने से हिमाचल प्रदेश में सेब बागवानी को भी नुकसान हो सकता है। हिमाचल प्रदेश में कई जिले में तापमान 42.4 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम खराब होने से भूस्खलन, खड़ी फसलों, फलों के पौधों और नई पौध को नुकसान हो सकता है। शिमला में न्यूनतम तापमान 19.3, सुंदरनगर 17.7, भुंतर 13.8, कल्पा 9.4, धर्मशाला 17.2, ऊना 22.2, नाहन 21.5, केलांग 6.7, पालमपुर 20.0, सोलन 17.2, कांगड़ा 21.4, मंडी 18.1, बिलासपुर 21.0, हमीरपुर 20.0, चंबा 17.6, डलहौजी 20.0, जुब्बड़हट्टी 22.2, कुफरी 17.1, नारकंडा 14.4, भरमौर 13.0, रिकांगपिओ 12.9, धौलाकुआं 22.7, बरठीं 18.5, पांवटा साहिब 26.0 और देहरागोपीपुर में 21.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।
शिमला के रोहड़ू उपमंडल में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। जहां कार (HP 06A -5332) के खाई में गिरने से तीन युवकों की मौत व दो अन्य घायल हुए हैं। जानकारी के अनुसार हादसा सोमवार देर रात करीब साढ़े 12 बजे पेश आया, जब युवक शादी समारोह से रामपुर की तरफ जा रहे थे। तीनों मृतक रामपुर के रहने वाले थे, जिनकी आयु 18 से 20 साल है। मृतकों की पहचान श्रेय नेगी (18) पुत्र लेख राज निवासी तकलेच, शिवांग (18) पुत्र रूप लाल निवासी मझारली और जतीर (20) पुत्र मनी लाल निवासी तकलेच के रूप में हुई है। वहीं घायलों में करूण चौेहान (20) पुत्र तारा चांद निवासी करतोट और रमन (22) पुत्र राज पाल निवासी तकलेच शामिल हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंगलवार सुबह कांगड़ा दौरे पर पहुंचे। कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, सीपीएस आशीष बुटेल, विधायक सुधीर शर्मा, रघुवीर बाली, केवल सिंह पठानिया, यादविंद्र गोमा, भवानी सिंह पठानिया इत्यादि ने गगल एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री 11 बजे उपायुक्त कार्यालय सभागार में जिले के लिए प्रस्तावित तथा चल रही पर्यटन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। उनका रात्रि ठहराव सर्किट हाउस धर्मशाला में रहेगा। मुख्यमंत्री 24 मई को प्रातः साढ़े 10 बजे उपायुक्त कार्यालय सभागार में ग्रामीण विकास, राजस्व, सामाजिक कल्याण, कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य एवं रेशम पालन विभागों की परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे। वे उसके उपरांत लोक निर्माण विभाग, जल शाक्ति, वन,ऊर्जा एवं बहुउद्देशीय परियोजना सहित अन्य विकास कार्यों की प्रगति का जायजा लेंगे।