उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज उत्तराखंड के प्रसिद्ध शक्तिपीठ महासू मंदिर हनोल में शीश नवाजा। उन्होंने कहा कि आज महासू देवता हनोल दरबार में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने प्रदेश के लोगो की सुख शांति, समृद्धि एवं सभी के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने कहा कि महासू देवता हनोल उत्तराखंड ही नही बल्कि हिमाचल सहित देश के अलग अलग हिस्सों में एक आस्था का प्रतीक है। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री के धर्मपत्नी प्रो सिम्मी अग्निहोत्री, बेटी आस्था अग्निहोत्री , प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष महेश्वर चौहान सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू 23 से 31 मई तक कांगड़ा जिला के प्रवास पर रहेंगे। इस अवधि के दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर लोगों को करोड़ों रुपये की विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे, परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे तथा जन जनसमस्याएं सुनेंगे। मुख्यमंत्री 23 मई को शिमला से रवाना होंगे और प्रातः 9.30 बजे गग्गल हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे। इसके उपरांत वह धर्मशाला में पर्यटन विकास से संबंधित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। मुख्यमंत्री 24 मई को धर्मशाला में विभिन्न विभागों तथा पर्यटन से संबंधित परियोजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। सीएम सुक्खू 25 मई को धर्मशाला में सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक बसों को हरी झण्डी दिखाएंगे तथा मैक्लोडगंज बस अड्डे का भूमि पूजन भी करेंगे। वह ढगवार दुग्ध संयंत्र तथा धौलाधार जैव विविधता पार्क का दौरा करने के उपरांत जनसमस्याएं सुनेंगे। मुख्यमंत्री 26 मई को देहरा में विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। वह 27 मई को नई दिल्ली में नीति आयोग के शासी निकाय की बैठक में भी शामिल होंगे। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू 28 मई को धर्मशाला में एन.पी.एस. संघ द्वारा आयोजित आभार रैली में शिरकत करेंगे। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू 31 मई को कांगड़ा जिला के फतेहपुर में विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री के कांगड़ा जिला के प्रवास से क्षेत्र में विकास कार्यों को नई गति मिलेगी। वह प्रवास के दौरान आम लोगों से भेंट भी करेंगे। इससे आम लोगों को अपनी समस्याओं को सीधे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने में मदद मिलेगी। वह निःसंकोच अपनी समस्याओं व मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर पाएंगे।
भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि केंद्र में एक बार फिर मोदी सरकार का बनना तय है आज भारतीय जनता पार्टी पूरे हिमाचल प्रदेश में और देश में मोदी जी की सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है, इसको लेकर शिमला में प्रदेश कार्यसमिति की एक विशेष बैठक हुई थी जिसमें यह तय हुआ था कि पूरे प्रदेश भर में सभी जिलों में इस कार्यक्रम को लेकर बैठकों का आयोजन किया जाएगा और इसके उपरांत मंडलों की बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता लोकसभा अनुसार प्रवास करेंगे और उन में महत्वपूर्ण नागरिकों के साथ मुलाकात करेंगे। ऐसे हिमाचल प्रदेश में 4 संसदीय क्षेत्र है जिसके अंतर्गत प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में भाजपा नेता 250 लोगों से भेंट करेंगे जो कि पूरे हिमाचल प्रदेश में कुल 1000 होंगे। यह वरिष्ठ नागरिक ऐसे होंगे जो सामाजिक क्षेत्र के आइकॉन होंगे, जिन्होंने किसी भी प्रकार से समाज के उत्थानकार्य या अन्य किसी भूमिका में अग्रिम भूमिका निभाई है ऐसे प्रत्येक मंडल में हम 60 से 65 लोगों से मिलने का प्रयास करेंगे। खन्ना ने बल देते हुए कहा देश के लिए एक बार फिर मोदी का प्रधानमंत्री बनना जरूरी है, आज देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विश्व की सबसे तेजी से बढ़ने वाली पांचवी अर्थव्यवस्था बन गया है और आने वाले समय में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा संपर्क से समर्थन अभियान चलाएगी जिसके अंतर्गत हम हिमाचल प्रदेश के सभी लोगों से मिलेंगे और केंद्र सरकार में नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बने उसका समर्थन मांगेंगे, भाजपा पूरे प्रदेश भर में महा जनसंपर्क अभियान का आयोजन करेगी जो कि 20 जून से 30 जून तक चलेगा इसके अंतर्गत हम पूरे प्रदेश भर में घर-घर जाकर केंद्र सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने का प्रयास करेंगे उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के बीच जाकर एक बार फिर जनसमर्थन मांगेगी और जिस प्रकार आपको याद ही है कि कोविड संकट काल के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जिस प्रकार से प्रत्येक व्यक्ति को कोरोना की वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध करवाई थी जो को एक बहुत बड़ी उपलब्धि रही और ना ही देश के नागरिकों को प्रधानमंत्री ने सुरक्षा कवच प्रदान किया अपितु विदेशों में भी मुफ्त वैक्सीन प्रदान कर भारतवर्ष की साख पूरे विश्व में बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि भाजपा के जो भी विचार जनसंघ के समय थे उन्हें धरातल पर उतारने का कार्य नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया है और जो हमारे कार्य रह गए हैं उन्हें आने वाले समय में हम पूरे करेंगे। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है जिन्होंने देश से धारा 370 हटाने का कार्य किया है इससे पहले कई सरकारी आई पर उन्होंने इसको हटाने में कभी भी उचित प्रयास नहीं किया।
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार के 9 वर्ष 30 मई को पूर्ण होने जा रहे हैं और इसको भाजपा पूरे हिमाचल प्रदेश में एक पर्व के रूप में मनाने जा रही है। इस कार्यक्रम को लेकर कार्यकर्ताओं में अति उत्साह है और जितने भी कार्यक्रम केंद्र नेतृत्व द्वारा हिमाचल प्रदेश को भेजे गए हैं उसको धरातल पर उतारने के लिए भाजपा का मजबूत कार्यकर्ता उत्साहित है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल से भावात्मक नाता है और उन्होंने हिमाचल प्रदेश की प्रगति के लिए कभी भी कोई कमी नहीं रखी है। चाहे हम बात करें बल्क ड्रग पार्क की या मेडिकल डिवाइस पार्क की, इनके निर्माण कार्य में हमेशा केंद्र का अद्भुत सहयोगी हिमाचल प्रदेश को प्राप्त हुआ है इन दोनों योजनाओं से हिमाचल प्रदेश को बहुत लाभ होगा और आने वाले समय में हजारों युवाओं को इन परियोजना में नौकरियों के स्वर्ण अवसर प्राप्त होंगे। कश्यप ने कहा कि चाहे हम चंडीगढ़ सोलन शिमला नेशनल हाईवे की बात करे या सिरमौर को जोड़ने वाले ही ग्रीन कॉरिडोर की दोनों से हिमाचल प्रदेश को बहुत बड़ा लाभ हुआ है जिससे हिमाचल प्रदेश में पर्यटक बढ़ेगा और स्थाई जनता को इसका बड़ा लाभ पहुंचेगा। उन्होंने कहा की मेडिकल डिवाइस पार्क का दूसरा चरण शुरू हो गया, नालागड़ कटिंग का काम समाप्त हो गया है अब लेवलिंग और फीलिंग का काम दूसरे चरण में होगा। मेडिकल डिवाइस पार्क को 100 करोड़ की ग्रांट मिल गई है और इसकी स्थापना पर 350 करोड़ पर खर्च होगा, नालगढ़ में 265 एकड़ भूमि इस पार्क के लिए चयनित कर ट्रांसफर हो चुकी है। इसके निर्माण कार्य के लिए डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड एजेंसी के रूप में काम कर रही है । इस पार्क में सरकार ने 5000 करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है जिसमें 10000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए ड्राफ्ट लैंड पॉलिसी फाइनल हो चुकी।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज चौपाल विधानसभा क्षेत्र प्रवास के दौरान विश्राम गृह चौपाल में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से भेंट की तथा जन समस्याएं सुनीं। उन्होंने कहा कि आम जन की समस्याओं का त्वरित समाधान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को लोगों की समस्याओं का समयबद्ध तरीके से निपटारा करने के निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने जल शक्ति विभाग, एचआरटीसी और परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ चौपाल क्षेत्र के अंतर्गत चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की। उप मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को जनता की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर प्रतिबद्धता के साथ कार्यों का निर्वहन करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष महेश्वर चौहान, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग राजस्व संग्रह बढ़ाने और क्षमता को सशक्त करने के लिए ऑडिट प्रवर्तन की आधुनिक तकनीकों के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग करने के लिए एक वृहद एवं महत्वाकांक्षी योजना कार्यान्वित करने जा रहा है। इसके दृष्टिगत राज्य मंत्रिमंडल से अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है। इस महत्वाकांक्षी पहल को कार्यान्वित करने का मुख्य ध्येय वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े राजस्व नुकसान को कम करना है। विभाग अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीकों के नियोजन और विशेषज्ञों की तैनाती से कर चोरी के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहा है ताकि प्रदेश के राजस्व को मज़बूत किया जा सके। इस परियोजना के कार्यान्वयन से जीएसटी बकाएदारों का वास्तविक डेटा उपलब्ध होगा और निरीक्षण तथा त्वरित निर्णय लेने की प्रक्रिया सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासन में दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकारी विभागों के कामकाज में आधुनिक तकनीकों को शामिल करने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता पर सदैव बल दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य कर एवं आबकारी विभाग द्वारा लेखा परीक्षा प्रवर्तन की आधुनिक तकनीक को अपनाने से सटीक डेटा तैयार करने, कर धोखाधड़ी का पता लगाने और उसकी रोकथाम में मदद मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस परियोजना के कार्यान्वित होने से प्रदेश के वार्षिक राजस्व में 250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोत्तरी होगी। सीमित श्रम शक्ति के दृष्टिगत, कर हानि की पहचान करने के लिए करदाताओं के आंकड़ों का तुरंत विश्लेषण करने की एक महत्वपूर्ण चुनौती विभाग के समक्ष आयी है। एआई प्रौद्योगिकी उपयोग से इस चुनौती से निपटने की योजना तैयार की गई है। इससे कर चोरी के मामलों की त्वरित पहचान करने तथा राज्य के जीएसटी राजस्व को बढ़ाने के लिए सटीक जानकारी भी उपलब्ध होगी। इसके अलावा, इस परियोजना के माध्यम से समय-समय पर राजस्व संग्रह पैटर्न का विश्लेषण करने तथा प्रोत्साहन नीतियों पर निर्णय लेने में राज्य सरकार को मदद प्राप्त होगी। साथ ही, स्वैच्छिक कर अनुपालन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना विभागीय अधिकारियों की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ राजस्व में वृद्धि के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने कहा कि एआई प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन से विभाग को मौजूदा चुनौतियों से और अधिक कुशलता से निपटने में मदद मिलेगी। एआई को अपनाने और उन्नत डेटा विश्लेषण तकनीकों को शामिल करके, राज्य कर एवं आबकारी विभाग राजस्व संग्रह बढ़ाने, कर चोरी से निपटने और निर्णय लेने की प्रक्रिया को कारगर बनाने में और अधिक सक्षम होगा। आधुनिक तकनीकों को नियोजित कर राज्य सरकार के इस तरह के प्रयास सरकारी कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम यानि एचआरटीसी को प्रदेश की लाइफलाइन माना जाता है। कहते है जहाँ कोई नहीं जाता वहां एचआरटीसी जाती है। हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों, संकरी सड़कों और खतरनाक राहों पर लगातार आगे बढ़ती एचआरटीसी प्रदेश के जन- जन को मुख्यधारा से जोड़ती है। एचआरटीसी का सफर शानदार भी है और भरोसेमंद भी। एचआरटीसी किसी को समय पर दफ्तर पहुंचाती है, तो किसी को समय पर स्कूल। जहाँ लोगों के पास निजी वाहन नहीं, जहाँ प्राइवेट बसें नहीं जाती वहां एचआरटीसी पहुँचती है। हिमाचल में यात्री परिवहन यानि पब्लिक ट्रांसपोर्ट का एकमात्र साधन बस है क्योंकि इस राज्य में रेलवे की उपस्थिति नगण्य है। पठानकोट को जोगिंदरनगर और कालका को शिमला से जोड़ने वाली नैरो गेज लाइन पर रेल इतनी धीमी गति से आगे बढ़ती है कि उनके माध्यम से रोज़ाना यातायात संभव नहीं। यहाँ एयर कनेक्टिविटी भी ख़ास नहीं, यानी बस ही जीवन धारा है। प्रदेश भर में निगम की 3 हजार 132 बसें चलती हैं। यह बसें 3 हजार 719 रूटों पर संचालित की जाती हैं। हालाँकि हिमाचल की ही कुछ सड़कों की तरह एचआरटीसी के हालात भी जर्जर होते जा रहे है। निगम लगातार घाटे में है। प्रदेश की इस जीवनधारा को सड़क तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाने वाले हाथ हर महीने कमाई को तरस जाते है। हर महीने तनख्वाह और पेंशन का इंतज़ार करना पड़ता है। एचआरटीसी आम लोगों को गंतव्य स्थान तक ही नहीं पहुंचाती बल्कि हिमाचल की जनता को कम से कम किराये में सफर करवाती है और शायद यही कारण है कि आज एचआरटीसी खुद ही हांफने लगी है। एचआरटीसी का सफरनामा एचआरटीसी ने एक लम्बा सफ़र तय किया है। 1960 में मंडी-पठानकोट मार्ग पर लॉर्ड क्लेयर नामक एक निजी कंपनी द्वारा हिमाचल प्रदेश में पहली बार बस सेवा शुरू की गई थी। इसके बाद मंडी राज्य के राजा ने मंडी राज्य परिवहन का गठन किया और 1945 और 1946 में मंडी-बैजनाथ मार्ग पर बस सेवा शुरू की। 1958, में पहला निगम, "मंडी-कुल्लू सड़क परिवहन निगम" सरकार द्वारा संयुक्त रूप से बनाया गया। 1966 में पंजाब राज्य के पुनर्गठन के साथ, पंजाब के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल में मिला दिया गया और मंडी-कुल्लू सड़क परिवहन निगम के परिचालन क्षेत्र पूरी तरह से हिमाचल में आ गए। हिमाचल पथ परिवहन निगम की स्थापना 24 सितंबर 1974 को हुई और फिर 2 अक्टूबर, 1974 को इसे मंडी-कुल्लू पथ परिवहन कॉरपोरेशन के साथ मर्ज कर दिया गया। अपनी स्थापना के समय से ही हिमाचल सड़क परिवहन निगम ने राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। हिमाचल सड़क परिवहन निगम ने लाहौल-स्पीति, चंबा, कुल्लू, किन्नौर, सिरमौर और केलांग जैसे दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में बस रूट नेटवर्क विकसित किया है। राज्य में यात्री परिवहन सेवाएं प्रदान करने के अलावा, हिमाचल सड़क परिवहन निगम राज्य के दूर-दराज के उन इलाकों में भी पहुंचते है जहां निजी ट्रक मालिक जाने से हिचकिचाते हैं, खाद्य और आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए माल परिवहन सेवाएं संचालित कर रहा है। हिमाचल पथ परिवहन निगम ने निसंदेह राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अन्य राज्यों की तुलना में, पहाड़ी इलाकों के कारण, कालका-शिमला और पठानकोट-जोगिंदर नगर के बीच संचालित नैरो-गेज ट्रेनों को छोड़कर, हिमाचल प्रदेश में रेल नेटवर्क नहीं है। राज्य में सड़क अवसंरचना बढ़ रही है जिससे परिवहन की मांग में वृद्धि हुई है। इस प्रकार, राज्य में यात्री परिवहन पूरी तरह से सड़क परिवहन पर निर्भर है और एचआरटीसी दिए गए संसाधनों में अपनी भूमिका सफलतापूर्वक निभा रहा है। हिमाचल के लगभग हर क्षेत्र में हिमाचल सड़क परिवहन निगम कठिन भूभाग और जलवायु परिस्थितियों के बावजूद अपनी सेवाएं संचालित कर रहा है। इतना ही नहीं, निगम अंतर्राज्यीय मार्गों का भी संचालन कर रहा है और हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, जम्मू-कश्मीर और राजस्थान को सीधी सेवाएं प्रदान कर रहा है। 65 करोड़ आय, करीब 134 करोड़ व्यय : वर्तमान में एचआरटीसी 1355 करोड़ के घाटे में है। परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार एचआरटीसी की मासिक आय 65 करोड़ रुपये है, जबकि इसका खर्च करीब 134 करोड़ रुपये है। यानी कि प्रतिमाह राज्य सरकार की ओर से 69 करोड़ का खर्च उठाया जाता है। इसके बावजूद एचआरटीसी ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं दे रही है। वहीं एचआरटीसी को महिलाओं और बच्चों को रियायती यात्रा की पेशकश के साथ-साथ कुछ पैसेंजर्स के साथ दूरदराज के क्षेत्रों में बसों के संचालन की वजह से नुकसान उठाना पड़ता है। वेतन और पेंशन में भी देरी : घाटे के कारण हर माह एचआरटीसी के कर्मचारियों को वेतन का इंतज़ार करना पड़ता है। न कर्मचारियों का वेतन समय पर आता है और न पेंशनरों की पेंशन। सरकार का कहना है कि इस भारी नुकसान के कारण कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में देरी होती है। नई सरकार, जगी आस... सुधार का ब्लूप्रिंट तैयार एचआरटीसी की आर्थिक हालत रातों रात नहीं बिगड़ी, बल्कि आहिस्ता -आहिस्ता ऐसा हुआ है। सरकारों ने वादे किये, दावे किये लेकिन धरातल पर सुधार के लिए कोई व्यापक कदम नहीं उठाये गए। ये ही कारण है, धीरे होते होते एचआरटीसी आज हांफ रही है। अब मौजूदा सरकार ने एचआरटीसी की हालत सुधारने के लिए व्यापक बदलाव करने का आश्वासन दिया है। सरकार एचआरटीसी कर्मचारियों की सुध लेने का वचन भी दोहरा रही है और बड़े बदलाव के लिए तैयार भी है। खुद उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के पास परिवहन महकमा है और एचआरटीसी को लेकर अग्निहोत्री का स्टैंड क्लियर है। सीएम सुक्खू भी निजी तौर पर इसमें रूचि ले रहे है। ये एक सुखद संकेत भी है और इस आस का संदर्भ भी कि एचआरटीसी के दिन अब फिरने वाले है। समय पर वेतन -पेंशन और नया वेतनमान : उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने एचआरटीसी कर्मचारियों को आश्वासन दिया है कि उनका वेतन हर महीने की सात तारीख तक दे दिया जाएगा। सरकार ने ये भी वादा किया है कि एचआरटीसी कर्मियों और पेंशनरों को नया वेतनमान दिया जाएगा। इस पर करीब 23 करोड़ खर्च आएगा। पेंशनरों को लंबित पेंशन के लिए सरकार ने 9 करोड़ देने की स्वीकृति दी है। पैसा मिलते ही पेंशन जारी की जाएगी। निगम कर्मियों के वेतन-भत्ते देने के लिए हर माह सरकार 69 करोड़ देती है। इसे एकमुश्त देने की सरकार से मांग की गई है। 39 माह का नाइट ओवरटाइम लंबित है, पिछली साल का भी देंगे लेकिन पहले अपनी सरकार के कार्यकाल की अदायगी करेंगे। एचआरटीसी पहला निगम है, जिसमें कर्मियों को ओपीएस देने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हाल ही में एचआरटीसी के चालकों-परिचालक को ओवरटाइम और रात्रि भत्ते की देनदारी दो माह के भीतर दो किस्तों में देने की बात कही है। करीब 11 करोड़ की देनदारी लंबित है। मुख्यमंत्री ने एचआरटीसी के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता जारी करने के साथ चिकित्सा प्रति पूर्ति बिलों का शीघ्र भुगतान करने की भी घोषणा की है । सुधार का फार्मूला : मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि एचआरटीसी की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए कम सवारियों वाले रूट बंद किए जाएंगे। रूटों पर चलने वाले चालकों-परिचालकों की फीडबैक पर ये रूट बंद होंगे। राजनीतिक आधार पर चलाए गए रूटों पर सवारियां नहीं होंगी, तो बस भी नहीं चलेगी। दो-दो सवारियां लेकर बसें 40 से 50 किलोमीटर चल रही हैं। तेल का खर्च नहीं निकल रहा है। ब्लैक स्पॉट को लेकर भी चालकों-परिचालकों से फीडबैक लेंगे। दुर्घटना संभावित क्षेत्रों को दुरुस्त करेंगे। 225 टाइप-टू ई-बसें खरीदने को मंजूरी : मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि सरकार ने कैबिनेट में 225 टाइप-टू ई-बसें खरीदने की मंजूरी दी है। ये बसें मौजूदा ई-बसों से ऊंची और लंबी होंगी। चार्जिग के बाद मौजूदा बसों के मुकाबले अधिक दूरी तय करेंगी। इनके लिए रूट चिह्नित किए गए हैं। 225 नई ई-बसें आने के बाद ई-बसों का बेड़ा 300 हो जाएगा। मौजूद समय में निगम के बेड़े में 3123 बसें हैं। 3219 रूट चलाए जा रहे है। 1199 बसें जीरो बुक वैल्यू हैं, जिनकी मियाद पूरी हो चुकी है। इनमें 202 तुरंत हटाई जाएंगी। 15 साल पुरानी 167 बसें पहले ही हटा दी गई हैं। कुछ 600 नई बसें खरीदेंगे। इनमें 196 खरीद ली हैं जो 150 डीजल, 15 ई-बसें धर्मशाला, 20 ई-बसें शिमला और 11 वोल्वो शामिल हैं। 300 डीजल बसें खरीदने की भी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। वोल्वो माफिया पर लगेगा अंकुश शिमला और मनाली सहित अन्य क्षेत्रों के लिए रोजाना करीब 250 अवैध वोल्वो चलती हैं। इनमें बड़ी संख्या में सैलानी सफर करते हैं। इन वोल्वो से सालाना 9 लाख टैक्स वसूला जाएगा। इसके लिए तमिलनाडु हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाया गया है। प्रदेश के प्रवेश द्वारों पर ही हिमाचल टैक्स की वसूली कर दी जाएगी। ये है एक्शन प्लान : - धार्मिक स्थलों के लिए चलेंगी लग्जरी बसें - 30 जून से पहले पंजीकृत करवाने होंगे जेसीबी, पोकलेन, ट्रैक्टर - ठियोग, ढली और करसोग में नए डीजल पंप स्थापित होंगे - एचआरटीसी के अधिकृत ढाबों की होगी समीक्षा - निजी बसों के साथ विवादास्पद टाइम टेबल की होगी समीक्षा - बेरोजगारों को दिए जाएंगे 18 सीटर टेंपो ट्रैवलर के 500 रूट - फील्ड में भेजे जाएंगे सालों में दफ्तरों में जमे चालक-परिचालक - आय बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों के परिवहन निगम और रोडवेज का होगा अध्ययन - ढली में बनेगा आधुनिक बस अड्डा
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस पार्टी के महासचिव रजनीश किमटा ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के " मुख्यमंत्री सिर्फ तीन चार विधानसभा क्षेत्रों का ही दौरा कर पाए हैं और बाकी आर्थिक तंगी की हालत का हवाला देकर शिमला में ही डटे हुए हैं" बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर शायद ये भूल गए हैं कि उनके समय हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय के जो हालात थे और जिस तरह से भ्रष्टाचार के साथ तबादला उद्योग पनपा हुआ था, उसे दुरुस्त करने में समय तो लगेगा ही और यही कारण है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठकर उन कमियों को दुरुस्त करने का काम कर रहे हैं। रजनीश किमटा ने कहा कि पूर्व भाजपा की सरकार में जयराम ठाकुर दिल्ली के ही दौड़ में दिखाई देते थे और उन्होंने कभी भी डबल इंजन की सरकार वाली फीलिंग हिमाचल प्रदेश की जनता को नहीं दी थी। मौजूदा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली दौरे भी कर रहे हैं और दिल्ली से हिमाचल प्रदेश के लिए बड़े आर्थिक पैकेज को लेकर भी आ रहे हैं। रजनीश किमटा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश की जनता में जाहिर कर दिया है कि हिमाचल प्रदेश में घूमकर प्रदेश का विकास नहीं होगा, अगर मुख्यमंत्री कार्यालय मजबूत होगा यहां पर सभी अफसरों की जवाबदेही को तय किया जाएगा और समय के साथ सभी विकास के कामों को पूरा किया जाएगा तभी हिमाचल प्रदेश का विकास होगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने दो हजार रुपए का नोट सरकुलेशन से बंद करने का फैसला लिया है। इसके लिए आम जनता को 30 सितंबर तक का वक्त दिया गया है। इस कदम में बाद कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर नजर आ रहा है। इस बीच हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के बयानों पर पलटवार किया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं द्वारा बेवजह पैनिक क्रिएट करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि दो हजार का नोट बंद करना समय की आवश्यकता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने आम जनता को नोट बदलवाने और अपने नोटों को खाते में जमा करवाने के लिए पर्याप्त समय दिया है। ऐसे में किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। विपक्ष के कुछ नेता लोगों में डर पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आम जनता 30 सितंबर तक सुविधा अनुसार दो हजार रुपए के नोट या तो बदलवा सकती है या अपने खाते में जमा कर सकती है।
तीन रिक्त मंत्री पद और तीन कसौटियों पर खरा उतरने की चुनौती। सुक्खू कैबिनेट के विस्तार की अटकलों के बीच एक बार फिर जातीय, क्षेत्रीय और पार्टी में राजनैतिक संतुलन को लेकर चर्चा हो रही है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सुक्खू कैबिनेट में क्षेत्रीय असंतुलन दिखता है, किसी एक ज़िले से तीन मंत्री है तो सियासी तौर पर सबसे वजनदार ज़िले के हिस्से में महज एक पद। इसी तरह कैबिनेट में अब तक 6 राजपूत चेहरे है, जबकि सिर्फ एक -एक ब्राह्मण, एससी और ओबीसी है। यानी इस पैमाने पर कैबिनेट का संतुलन राजपूत समुदाय की तरफ ज्यादा ही झुका सा है। इसी तरह अगर पार्टी की अंदरूनी राजनीति की बात करें मोटे तौर पर पार्टी में अब तक सब ठीकठाक है। कांग्रेस के लिए अंदरूनी समीकरणों में संतुलन और सामंजस्य बिठाना कुछ खास मुश्किल नहीं रहा। पर आहिस्ता - आहिस्ता अब दिल्ली की मुलाकातें और बंद कमरों में हो रही बातों को लेकर कयासबाजी हो रही है। मामला 'आउट ऑफ़ कंट्रोल' न सही लेकिन विरोधियों को इसमें संभावना जरूर दिख रही होगी। प्रबल सम्भावना है कि जल्द सुक्खू कैबिनेट का स्वरुप बदलेगा और ऐसे में मंत्री पद के तमाम चाहवानों का बेक़रार होना लाजमी है। हालांकि कुछ जानकार अब भी मानते है है कि सीएम सुक्खू अब भी किसी जल्दबाजी में नहीं है और संभव 'वॉच एंड होल्ड' की नीति पर ही टिके रहें। पर अगले साल की शुरुआत में लोकसभा चुनाव है और ऐसे में संभवतः अब ज्यादा विलम्ब न हो। साल 2022 में कांग्रेस सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ सत्ता पर काबिज हुई। तत्पश्चात पदों का बंटवारा हुआ, किसी को थोड़ा कम मिला तो किसी को थोड़ा ज्यादा। कैबिनेट के कुल 12 में से 9 पदों पर नियुक्तियां हो गई, जबकि तीन पद खाली रख लिए गए। जाहिर है मंशा साफ़ थी कि वक्त और मौके की नजाकत के लिहाज से संतुलन बरक़रार रखने में इनका इस्तेमाल किया जायेगा। अब इन तीन मंत्री पदों के जरिये पार्टी को क्षेत्रीय और जातीय के साथ -साथ, पार्टी के भीतर भी संतुलन सुनिश्चित करना है। पर ये तीन पद कब भरे जाएंगे, फिलवक्त निगाह इसी पर है। पद तीन और चाहवान कई : पद बेशक सिर्फ तीन हो लेकिन दावेदारों की फेहरिस्त काफी लम्बी है। इनमें सबसे पहला नाम है धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा का, क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को देखा जाए तो सुधीर जिला काँगड़ा से आते है और ब्राह्मण फेस भी है। दूसरा नाम ज्वालामुखी से विधायक संजय रत्न का है। संजय रतन भी ब्राह्मण समुदाय से है और कांगड़ा से भी। इसके अलावा जयसिंहपुर से विधायक यादविंदर गोमा भी मंत्री पद की दौड़ में है। गोमा एससी चेहरा है और वे भी जिला काँगड़ा से संबंध रखते है। जानकार मानते है कि जिला कांगड़ा को दो मंत्री पद मिल सकते है। वहीँ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के करीबियों में गिने जाने वाले घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश धर्माणी मंत्रिमंडल विस्तार के पहले चरण में मंत्री नहीं बन पाए हैं। धर्माणी ब्राह्मण फेस है और क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिहाज़ से भी मंत्री पद के प्रबल दावेदार है। इसके अलावा जिला हमीरपुर से सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा और बड़सर विधायक इंद्रदत्त लखनपाल भी मंत्री पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे है। जातीय समीकरणों पर गौर करे तो राणा राजपूत है और लखनपाल ब्राह्मण चेहरा है। हालाँकि क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज़ से प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री, दोनों ही हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से है ऐसे में इस संसदीय क्षेत्र को और पद मिलना मुश्किल जरूर लगता है। बहरहाल शेष तीन पदों को भरते वक्त क्या सीएम सुक्खू का निर्णय ही अंतिम होगा या आलाकमान इसमें दखल देता है, इस पर भी काफी कुछ निर्भर करेगा। निगाहें होलीलॉज पर भी टिकी है, अलबत्ता संगठन की कमान प्रतिभा सिंह के पास हो लेकिन सरकार में चहेतों को प्रतिनिधित्व को लेकर उनका क्या रुख रहता है, ये देखना दिलचस्प होगा।
हिमाचल की सियासत में इन दिनों 'व्यवस्था परिवर्तन' का नारा बुलंद है। सत्ताधारी कांग्रेस के इस दावे और इरादे पर भाजपा मुखर है। किन्तु प्रदेश के साथ -साथ भाजपा में भी व्यवस्था परिवर्तन की दरकार दिख रही है। लगातार सियासी चौसर पर शह-मात खा रही भाजपा ने प्रदेश की कमान तो नए हाथों में दे दी है, लेकिन जरूरत तो पार्टी में 'टॉप टू बॉटम' बदलाव की है। जाहिर है भाजपा भी इससे वाकिफ है और अब निगाहें इसी संभावित बदलाव पर टिकी है। 2024 के लिहाज़ से भी पार्टी संगठन में सशक्त टीम का होना वक्त की जरुरत है। 2019 के लोकसभा चुनाव की ऐतिहासिक जीत के बाद भाजपा ने प्रदेश में हुए दो उपचुनाव भी जीते थे और उसके बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती की जगह डॉ राजीव बिंदल को अध्यक्ष बनाया गया था। बिंदल ने आते ही नई टीम बनाई, हालांकि अहम पदों के बंटवारे में तब आकार ले रहे जयराम गुट की छाप दिखी। जबकि माना जाता है कि जमीनी संगठन काफी हद तक बिंदल के मन मुताबिक था। फिर 6 महीने में बिंदल की कुर्सी स्वास्थ्य घोटाले की भेंट चढ़ी और तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की रज़ा से सुरेश कशयप हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष बने। कश्यप ने चार्ज लेने के बाद जमीनी संगठन में ज्यादा बदलाव नहीं किये। शायद ये ही कारण है कि संगठन के शीर्ष पर बैठे नेताओं और जमीनी कार्यकर्ताओं के बीच खाई सी दिखती रही। इसकी तस्दीक ये बात भी करती है कि बीते विधानसभा चुनाव में हिमाचल भाजपा ने अपनी सबसे बड़ी बगावत को देखा, जब करीब एक तिहाई सीटों पर बागी खड़े हो गए। बगावत थामने में संगठन फेल हो गया। नतीजन, जिला मंडी में जयराम ठाकुर के जादू के बावजूद उनका मिशन रिपीट का सपना अधूरा रहा। अब समय ने फिर करवट ली है और सुरेश कश्यप को हटाकर वो ही बिंदल अध्यक्ष बने है जिनकी जगह कश्यप ने ली थी। बिंदल तेजतर्रार नेता है और सियासत के माहिर खिलाड़ी। माना जा रहा था संगठन में आवश्यकतानुसार व्यापक बदलाव होगा लेकिन उनकी ताजपोशी के एक महीने में कुछ ख़ास नहीं बदला। जानकार मान रहे है कि बिंदल संगठन में फ्री हैंड चाहते है और जल्द परिवर्तन होगा और वो भी उनके मन मुताबिक। लाजमी है संतुलन के लिहाज से कुछ चेहरे एडजस्ट किये जाएँ लेकिन फ्रंट ब्रिगेड में बिंदल की ही छाप दिखेगी। बहरहाल निगाहें इसी अपेक्षित बदलाव पर टिकी है। आग का दरिया है और डूब के जाना है... माना जा रहा है कि मण्डल स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक आवश्यक बदलाव होंगे। हालांकि पार्टी के लिए ये बदलाव करना भी आसान नहीं है, आग का दरिया है और डूब के जाना है। दअरसल पार्टी को यहाँ कई फैक्टर्स ध्यान में रखने होंगे। गुटों के संतुलन के साथ साथ बदलाव में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को साधना भी बेहद जरूरी होगा। बहरहाल समर्थकों को उम्मीद ये है कि एक सशक्त संगठन के साथ भाजपा 2024 में फिर 2014 और 2019 जैसा जादू दोहराएगी। ReplyForward
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रीसिटी बोर्ड इम्प्लॉइज यूनियन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन कर्मचारियों को अब तक पुरानी पेंशन की घोषणा नहीं हो पाई है जिससे ये काफी रुष्ट है। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड पेंशनर फोरम व विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा की विद्युत बोर्ड लिमिटेड 1-1-16 के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों व मौजूदा कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ अदा करने की उचित व्यवस्था नहीं कर पाया है। आज सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संशोधित पेंशन ग्रेच्यूटी, लीव इनकैशमेंट, कम्यूटेशन न मिलने का मुख्य कारण कर्मचारियों का संशोधित वेतनमान के बाद वेतन निर्धारण व सत्यापन का कार्य पूरा ना हो पाना है। उन्होंने बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग से मांग की हैं कि पेशनरों व कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान का लाभ टाइमबॉन्ड अवधि में अदा करने के लिए पेंशन व वेतन सत्यापन ब्रांच में अतिरिक्त स्टाफ नियुक्त किया जाए ताकि पेंशनरों व कर्मचारियों में पनप रहा आक्रोश उग्र आंदोलन का रूप धारण ना करे। खरवाड़ा ने विद्युत बोर्ड लिमिटेड के पेंशनरों को 3% महंगाई भत्ते की किस्त जारी करने की मांग की और कहा की पुरानी पेंशन बहाली की अधिसूचना भी अति शीघ्र जारी की जाए। उन्होंने बिजली बोर्ड लिमिटेड में अतिरिक्त कार्यभार वाला प्रबंध निदेशक व निदेशक वित्त लगाने की बजाय स्थाई प्रबंध निदेशक व निदेशक वित्त नियुक्त करने की मांग की है। खरवाड़ा ने बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग से 66 केवी व इस के ऊपर की क्षमता वाले संचार लाइनों, विद्युत केंद्रों व विद्युत गृहों का हस्तांतरण एचपीपीटीसीएल व एचपीपीसीएल को देने की मुहिम को बंद करने की मांग की। खरवाड़ा ने कहा बिजली बोर्ड का प्रबंधक वर्ग 10 जून 2010 को हिमाचल सरकार के साथ त्रिपक्षीय समझौते का सम्मान करें क्योंकि इस समझौते के तहत बिजली बोर्ड की संपत्तियों का हस्तांतरण बिजली कर्मचारियों की सहमति के बिना करना संभव नहीं है। उन्होंने प्रदेश में आरडीएसएस योजना के तहत स्मार्ट मीटरिंग की प्रक्रिया को बंद करने की मांग करते हुए कहा कि यह योजना बिजली कर्मचारियों, उपभोक्ताओं व बिजली बोर्ड लिमिटेड के हितों के खिलाफ है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बिजली बोर्ड के प्रबंधक वर्ग को कर्मचारियों व पेंशनरों की समस्याओं के समाधान के लिए उचित व जरूरी दिशा निर्देश जारी करने की मांग की है। ये है मांगें 1. केंद्र सरकार बिजली संशोधन बिल, 2022 को बापिस ले और बिजली बोर्ड में स्मार्ट मीटरिंग बंद की जाए। यूनियन का मानना है कि यह सब बिजली कंपनी के निजीकरण के लिए लाए जा रहे है। 2. बिजली बोर्ड में वर्ष 2003 के बाद लगे कर्मचारियों को प्रदेश सरकार की तर्ज पर पुरानी पेंशन बहाल की जाए। 3. बिजली बोर्ड के उत्पादन व संचार विंग के काम को बिजली बोर्ड के पास ही रखा जाए क्योंकि इसको अलग करने से बिजली उपभोक्ताओं की दरों में बृद्धि होगी। 4. प्रदेश में लगे आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाने की मांग की जिससे इन कर्मचारियों का समायोजन सम्बंधित महकमों किया जा सके। 5. बिजली बोर्ड में टीमेट व हेल्पर की पदोन्नति कर इन पदों व अन्य खाली पड़े पदों को शिघ्र भर्ती करे बिजली बोर्ड मैनेजमेंट।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां ‘माई सीएम-माई प्राइड’ पहल का शुभारंभ किया। सूचना प्रौद्योगिकी आधारित इस सुविधा के माध्यम से कोई भी व्यक्ति मुख्यमंत्री के साथ खींची गई अपनी फोटो डाउनलोड कर सकेगा। क्यूआर कोड को स्कैन करने के उपरांत इस अनूठी सुविधा का उपयोग किया जा सकता है। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस इंटरैक्टिव फीचर के लिए सूचना एवं जन संपर्क विभाग के प्रयास की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘माई सीएम-माई प्राइड’ का शुभारंभ राज्य सरकार की तकनीकी प्रगति को अपनाने और प्रदेशवासियों के साथ सुदृढ़ संबंध स्थापित करने के की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार जनता की सुविधा के लिए सरकारी विभागों में प्रौद्योगिकी को शामिल करने और कामकाज में पारदर्शिता व जवाबदेही लाने के लिए कृतसंकल्प है। मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने भी ‘माई सीएम-माई प्राइड’ पहल के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की। सूचना और जन संपर्क विभाग की निदेशक किरण भड़ाना ने इस पहल के तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली नागरिकों को एक सहज और सुविधाजनक अनुभव प्रदान करेगी। इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी और विधायक सुदर्शन बबलू भी उपस्थित थे।
कठिन भौगोलिक स्थिति के बावजूद, हिमाचल प्रदेश में देश के अन्य सभी पहाड़ी राज्यों की तुलना में उच्चतम सड़क घनत्व वाला सुदृढ़ सड़क नेटवर्क है। वर्तमान राज्य सरकार प्रदेशवासियों व बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए यहां की सड़कों को सुरक्षित व सुखद बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश के नैसर्गिक सौन्दर्य व साहसिक एवं धार्मिक पर्यटन का आनंद उठाने के लिए प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं। दुर्गम पहाड़ियों में सर्पीले रास्तों पर इन पर्यटकों के वाहन, उच्च गति से चलने वाली गाड़ियां और पैदल चलने वाले यात्रियों से सड़कों पर एक ऐसा विषम यातायात मिश्रण बनता है जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। लापरवाह चालकों द्वारा यातायात नियमों का उल्लंघन सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। सड़क सुरक्षा राज्य सरकार की प्रमुख चिंता है और यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक परिवहन सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। हिमाचल सरकार द्वारा सड़क सुरक्षा नीति अधिसूचित कर दी गई है और हिमाचल भारत का पहला राज्य है जहां सड़क दुर्घटना डेटा प्रबंधन प्रणाली को लागू किया गया। इससे दुर्घटना संबंधित जानकारी एकत्रित करने और उसका वैज्ञानिक विश्लेषण करने मंे सहायता मिली है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। बेहतर यातायात व्यवस्था और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने कीरतपुर-मनाली फोरलेन राष्ट्रीय राजमार्ग पर तीन नये यातायात-पर्यटक पुलिस थाने स्थापित करने का निर्णय लिया है। ये थाने बिलासपुर, मंडी और कुल्लू जिले में खोले जाएंगे। यह इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेट सिस्टम प्रत्येक थाने में स्थापित कंट्रोल रूप से संचालित किया जाएगा। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम फोरलेन पर दुर्घटना आदि की स्थिति में त्वरित पुलिस सहायता सुनिश्चित करने मंे सहायक सिद्ध होगा। इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात के सुचारू संचालन और दुर्घटनाओं आदि की संभावनाओं को कम करने के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग कर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और राज्य पुलिस के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित किया जाएगा। इसके तहत आपातकालीन कॉल बॉक्स के साथ-साथ उच्च तकनीक वाले सीसीटीवी कैमरे, स्वचालित ट्रैफिक काउंटर-कम-क्लासीफायर्स, व्हीकल ऐक्चुएटिड स्पीड डिस्प्लेस प्रदर्शन और ओवरहेड ड्राइवर फीडबैक सिस्टम, परिवर्तनीय यातायात संदेश चिन्ह (वेरयेबल मैसेज साईन), वीडियो घटना का पता लगाने वाली प्रणाली और मेट डिवाइस भी स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा टोल प्लाजा पर कमांड और नियंत्रण केंद्र तथा राष्ट्रीय राजमार्गों पर ऑप्टिक फाइबर के माध्यम से कनेक्टिविटी भी स्थापित की जा रही है। राज्य सरकार की यह नवीन पहलें हिमाचल प्रदेश में यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुखद बनाने में मददगार साबित होंगी।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि किसी भी संस्थान की असली पहचान न तो उसका भवन होता है और न ही दीवारें, बल्कि उसकी वास्तविक पहचान सदैव उसकी कार्यशैली और उपलब्धियों से प्रदर्शित होती है। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (आईआईएएस), शिमला ने शैक्षणिक और शोध उपलब्धियों से अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। संस्थान अकादमिक और बौद्धिक उत्कृष्टता का प्रतीक रहा है। राज्यपाल आज यहां ऐतिहासिक भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला के शोधार्थियों (अध्येताओं एवं सह-अध्येताओं) को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महत्व का यह संस्थान पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भारत में ज्ञान और शोध की प्राचीन परंपरा को पुनर्स्थापित करने के स्वपन को साकार कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह हम सभी भारतीयों को अपने देशपर गर्व करने का एक और अवसर प्रदान कर रहा है और लंबे समय से अंतःविषय अनुसंधान और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि यह नवाचार के लिए एक उत्प्रेरक रहा है और इसने हमारे देश के बौद्धिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान मूलतः मानविकी और सामाजिक विज्ञान में गहन सैद्धांतिक अनुसंधान के लिए समर्पित है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि संस्थान ने बौद्धिक जिज्ञासा और अकादमिक शोध की भावना को बढ़ावा दिया है। राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आईआईएएस जैसे शोध संस्थान अनुसंधान को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्यशील हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान ने अपनी व्यापक उद्यमशीलता के माध्यम से विभिन्न व्याख्यान शृंखलाओं, साप्ताहिक सेमिनारों और अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र के माध्यम से देश और दुनिया के प्रसिद्ध विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान आयोजन कर ज्ञान संचित किया है, जो किसी भी संस्थान के लिए अमूल्य है। उन्होंने कहा कि लगभग दो लाख प्रतिष्ठित विद्वानों की पुस्तकों से सुसज्जित संस्थान का पुस्तकालय एक बड़ी धरोहर है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संस्थान निरंतर अनुसंधान और शोध की संस्कृति को आगे बढ़ाता रहेगा। उन्होंने संस्थान के पुस्तकालय में भारतीय भाषाओं पर आधारित ग्रंथों के एक अलग संग्रह पर बल दिया। इससे पहले, राज्यपाल ने संस्थान द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों और केंद्रीय हिंदी निदेशालय की दो अन्य पुस्तकों का विमोचन भी किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने छायाचित्र प्रदर्शनी, पुस्तकालय, वायसराय के कार्यालय एवं कक्ष का अवलोकन किया तथा संस्थान के ऐतिहासिक महत्व में गहरी रुचि दिखाई। राज्यपाल ने पद्मभूषण प्रो. कपिल कपूर को भी सम्मानित किया। आईआईएएस की अध्यक्षा प्रोफेसर शशिप्रभा कुमार ने राज्यपाल का स्वागत किया और कहा कि वेदों से अमृत्व की कामना भारत में हुई। अमृत्व का अर्थ भारतीय संस्कृति को उच्च विचारों के द्वारा भावी पीढ़ी तक रूपांतरित करना है। उन्होंने अपनी मृत्यु के उपरांत संस्कृत और दर्शनशास्त्र की अपनी पुस्तकों का संग्रह आईआईएएस को दान करने की घोषणा की। आईआईएएस के निदेशक प्रोफेसर नागेश्वर राव ने कहा कि संस्थान के पुस्तकालय में 2 लाख पुस्तकों और पत्रिकाओं का संग्रह है और इस वर्ष 13 शोध पुस्तकें प्रकाशित की हैं जबकि 7 प्रकाशनाधीन हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान ऐतिहासिक और शैक्षिक महत्व का है, जहां भारतीय परंपराओं पर आधारित शोध पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। इस अवसर पर संस्थान के पूर्व अध्यक्ष प्रो. कपिल कपूर ने भारत की ज्ञान परंपरा पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमारी सभ्यता ज्ञान केन्द्रित, संस्कृति मूल्य और समाज कर्तव्य आधारित रही है। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल, संस्थान के शोधार्थी, संस्थान के अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, विधायकसतपाल सत्ती जी व अन्य गणमान्यों के साथ ऊना ज़िले की पार्टी कार्यकारिणी के सदस्यों की बैठक में पदाधिकारियों को सम्बोधित किया व हिमाचल प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष राजीव बिंदल जी व संगठन महामंत्री सिद्धार्थन जी का स्वागत- अभिनंदन किया। संवाददाताओं से बात करते हुए ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के 9 वर्ष आने वाले 30 मई को पूरे होने वाले हैं। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी जनसंपर्क के द्वारा जन समर्थन जुटा रही है। अगले 1 माह में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी अध्यक्ष जी सभी कार्यकर्ताओं को देंगे। हमारे उना से विधायक सतपाल सत्ती जी पिछले 9 वर्षों से प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रहे। इनका भी मार्गदर्शन हमें मिलता रहेगा। हमारे नए संगठन मंत्री सिद्धार्थन का भी आज पहली बार ऊना आगमन हुआ है। हम उनका भी स्वागत और अभिनंदन करते हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने भारत को संविधान देने वाले बाबासाहेब अंबेडकर को भी अपमानित व प्रताड़ित किया। वह पीएम मोदी ही थे, जिन्होंने आने के बाद उन्हें उनका सही सम्मान दिलाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सदैव तुष्टीकरण की राजनीति की है और उस के बल पर ही वोट लिया है। भ्रष्टाचार में डूबी कांग्रेस आज भी लोगों के बीच कोई बड़ी बात लेकर नहीं जा पाती है। इससे पूर्व सभा को भी संबोधित किया। अपने संबोधन में क्षेत्र में कहा कि किरतपुर से सुंदरनगर 87 किलोमीटर सड़क है जो 57 किलोमीटर रह जाएगी। अभी जहां इसे पूरा करने में 3 घंटे 35 मिनट के आसपास समय लगता है वो कुछ हीं दिनों में मात्र 40 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। इसमें कुल मिलाकर 14 टनल बनेंगे। किरतपुर से मनाली जाने में 7 घंटे लग जाते थे अब ज्यादा से ज्यादा 3 घंटे लगेंगे। जालंधर से आने वाली सड़क को दुगना चौड़ा कराने का ठेका दिया जा चुका है। हमीरपुर- धरमपुर- मंडी के लिए 1200 करोड़ की लागत से दोगुनी चौड़ी सड़क बन रही है। हमीरपुर से बिलासपुर तक की 300 करोड़ में चौड़ी सड़क पहले ही बन चुकी है। अब मटौर से लेकर हमीरपुर- बिलासपुर- शिमला तक जो 200 किलोमीटर से ज्यादा की सड़क है वह 180 किलोमीटर के आसपास रह जाएगी। इसने लगभग 40 किलोमीटर की कमी आने से आज शिमला से धर्मशाला पहुंचने में जो 6 घंटे का समय लगता है वह मात्र 3 घंटे रह जाएगा।"
शिमला जिले की ठियोग तहसील के अंतर्गत आने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला क्यारा के प्रिंस ने कला संकाय मे 93.6% अंक लाकर स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया। प्रिंस पुत्र संत राम ग्राम रावग पंचायत क्यारा ने इस उपलब्धि से अपने परिवार सहित पूरे गांव और पंचायत का नाम रोशन किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर सिद्धारमैया को बधाई दी है। सुखविंदर सिंह सुक्खू भी आज बेंगलुरु में आयोजित उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि सिद्धारमैया के दूरदर्शी और सक्षम नेतृत्व में कर्नाटक राज्य विकास के नए आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी गरीब और शोषित वर्गों का विशेष ध्यान रखने के साथ समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
नेता प्रतिपक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 2014 के आम चुनावों से पूरा देश भर मेंकांग्रेस के प्रति निराशा का माहौल था और नरेंद्र मोदी को देश की जनता ने आशीर्वाद दिया और वह प्रधानमंत्री बने। देश की जानत ने मोदी जी के नेतृत्व पर माहौर 2019 में फिर लगाई और एक बार फिर आशीर्वाद दिया। आज केंद्र सरकार के 9 साल के कार्यकाल पर कोई अंगुली नहीं उठा सकता, जनता को विश्वाश है की यही नेतृत्व सही है और यही नेतृत्व हमें आगे बढ़ाना है। जयराम ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस झूठ बोल कर सत्ता में आई है और प्रदेश की जनता आज वादे पूरे होने का इंतजार कर रही है। कांग्रेस 10 जन्म में भी लेले पर अपनी गरंटियां पूरी नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5 वर्ष का भाजपा कार्यकाल बहुत अच्छा रहा और प्रदेश की जनता आज भी इस कार्यकाल को याद कर रही हैं। हिमाचल के लोग महसूस करते हैं की दोनों सरकारों को बहुत फर्क है, जहां हम विकास कार्यों को छोड़कर गए थे, वे सभी आज वहीं खड़े हैं। कांग्रेस सरकार में द्वेष भावना के साथ काम किया और प्रदेश में 950 संस्थान बंद किये यह ठीक नहीं है। आज पालमपुर के विधायक बीडीओ दफ्तर फिर खोलने की मांग कर रहे हैं, अगर यह कार्यालय जायज रूप से बंद किया जाता है शायद यह मांग उठती ही नहीं। भाजपा का कार्यकर्ता कांग्रेस की सरकार से लगातार सवाल पूछेगा जिसका उत्तर कांग्रेस पार्टी को देना ही होगा। हिमाचल प्रदेश में ऐसा प्रतीत हो रहा है की व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर मजाक हो रहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह 22 मई से 25 मई तक अपने संसदीय क्षेत्र मंडी के दौरे पर मंडी,कुल्लू व लाहुल स्पीति के दौरे पर रहेंगी। इस दौरान वह संसदीय क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यो की अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठके करेंगी और कुछ योजनाओं के शिलान्यास व उदघाटन भी करेंगी। प्रदेश कांग्रेस महासचिव अमित पाल सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिभा सिंह 22 मई को दोपहर बाद 3 बजे शिमला से मंडी के लिए रवाना होंगी। इस दिन रात्रि विश्राम मंडी परिधि गृह रहेगा। 23 मई को प्रतिभा सिंह मंडी में दिशा की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मनाली को रवाना होंगी। इस दौरान वह कुल्लू की पंचायत गाहर के सेऊ बाग में एसएजीवाई /सांसद निधि से बनने वाले ग्राम हट्ट का शिलान्यास करने के बाद एक बने पार्क व अमृत सरोबर को लोगों को समर्पित करेंगी। इस दिन रात्रि विश्राम मनाली रहेगा। 24 मई को प्रतिभा सिंह सुबह 9 बजे परिधि गृह मनाली से लाहुल स्पीति के लिये रवाना होंगी। इस दौरान गोंदला व केलांग में लोगों की समस्याओं व उनकी मांगों को सुनेगी। बाद में केलांग में जिला अधिकारियों की एक बैठक के बाद जिला कांग्रेस कमेटी की एक बैठक लेंगी। इस दिन रात्रि विश्राम केलांग परिधि गृह रहेगा। 25 मई को सुबह 9 बजे उदयपुर के लिये रवाना होंगी। इस दौरान प्रतिभा सिंह जिस्पा, किरतलिंग, झलमा व त्रिलोकनाथ में लोगों से मिलेगी व जन समस्याओं को सुनेगी। इस दिन रात्रि विश्राम उदयपुर विश्राम गृह रहेगा।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा 9 वर्षों में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विश्व में भारत का कद बढ़ाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत मदद लेने वाला देश नहीं, मदद देने वाला देश बन गया है। दूसरे देशों में विकत परिस्थितियो में देश के लोगों को सुरक्षित निकालने का काम किया है और दूसरे देशों के मुश्किल समय में भारत ने उन देश का साथ दिया है। इसके कई उदाहरण हमारे समक्ष आए हैं। कोरोनाकाल में भारत ने अनेकों देशों को कोविड वैक्सीन मुफ्त देने का काम किया इस पर करोड़ों का खर्च आया पर अनेक देशों की मदद करने का कार्य भारत ने किया। उन्होंने कहा की रक्षा के क्षेत्र में आज से पहले भारत हथियारों को इंपोर्ट करने का काम करता था पर आज भारत ने 16000 करोड़ का एक्सपोर्ट किया है। इस वित्त वर्ष में भारत 25000 करोड़ का एक्सपोर्ट करेगा और अगले साल आने वाले समय में भारत 40000 करोड़ का एक्सपोर्ट करेगा। हमारे देश के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें गुलामी की मानसिकता से निकलने का काम किया है और भारत आज विश्व की 5वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा की मोदी है तो मुमकिन हैं, मोदी जी जो ठान लेते है वो करते है जिससे जनता को बड़ा लाभ होता है। केंद्र सरकार ने हिमाचल को बल्क ड्रग पार्क देने का बड़ा काम किया है और जिस प्रकार से जयराम ठाकुर सरकार ने केंद्र को इसके लिए जमीन देने का काम किया वह बहुत बड़ी बात है। आज हम संकल्प लेते हैअन कि हम सब मिलकर समर्पित रूप से काम करेंगे और आने वाले समय में देश में कमल खिलाने का कार्य करेंगे।
प्रदेश भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि एक बार फिर केंद्र में हममें मोदी सरकार को लाना है, इस संकल्प से हम आगे बढ़ेंगे। भाजपा सरकार के 9 साल और कांग्रेस के अनेकों वर्षों की अगर तुलना की जाए तो कांग्रेस के अनेकों वर्ष भाजपा के 9 वर्ष के आगे फीके पड़ जाते है। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद विदेश में भारतीय नागरिक को अलग पहचान मिली है। आज से पहले जब हम विदेश जाते थे तो हमें किस नजर से देखा जाता था और किस सम्मान से देखा जाता हैं यह फर्क साफ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता की दर्द को समझते है जनता के मांगने से पहले ही मोदी जी जनता की मांग को पूरा कर देते है।
मंडी के जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार और प्रदेश के वेटर्न जर्नलिस्ट हेमकांत कात्यान अब इस दुनिया में नहीं रहे। 80 वर्षीय हेमकांत कात्यान की बीती रात को अचानक तबीयत खराब हो गयी, जिसके बाद उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया। वहां से स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार होने के बाद वापिस घर लाया गया, लेकिन घर पहुंचने के कुछ देर बाद उन्होंने प्राण त्याग दिए। हेमकांत कात्यान अपने पीछे धर्मपत्नी और बेटे को छोड़ गए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पत्रकार कात्यान के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा कि कात्यान ने पत्रकारिता के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में उच्च मानक स्थापित किए। मुख्यमंत्री ईश्वर से दिव्यगत आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिजनों को इस अपूर्णी क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार एक नई हरित हाइड्रोजन नीति बना रही है, जिसका उद्देश्य हरित हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देना और राज्य को इसके उत्पादन के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करना है। पर्याप्त धूप, पानी और हवा सहित नवीकरणीय ऊर्जा के प्रचुर संसाधन उपलब्ध होने से हिमाचल हरित हाइड्रोजन उत्पन्न करने के लिए एक आदर्श स्थल है। इस नीति का प्राथमिक उद्देश्य बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश आकर्षित करना है, ताकि इलेक्ट्रोलिसिस के लिए हरित विद्युत की निरंतर और टिकाऊ आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। हिमाचल प्रदेश का लक्ष्य हरित हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना है। इससे न केवल जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में योगदान सुनिश्चित होगा बल्कि राज्य को सत्त विकास में भी अग्रणी बनाएगा। उन्होंने कहा कि हरित हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में प्रयासों को बल देते हुए राज्य सरकार ने हाल ही ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इससे पायलट आधार पर हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया का उत्पादन संभव होगा। इसके अलावा, सरकार युवा उद्यमियों को राज्य में निवेश के लिए सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है और नई हरित ऊर्जा नीति में उनकी भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न प्रावधान शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कंपनी ने हिमाचल प्रदेश में एक संयंत्र स्थापित करने में भी रूचि दिखाई है जो हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा और इसे ई-इथेनॉल में परिवर्तित किया जाएगा। सरकार की पहल के अनुरूप इस वैकल्पिक ईंधन को सीधे पेट्रोल के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के निवेश और प्रयास न केवल ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने में सहायक होंगे बल्कि राज्य में स्वच्छ मोबिलिटी के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महत्वाकांक्षी पहलों के अलावा, एनएचपीसी (नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन) चंबा जिले में पायलट आधार पर एक ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट भी स्थापित कर रही है। इस परियोजना में एक समर्पित सौर संयंत्र, हाइड्रोजन उत्पादन के लिए एक इलेक्ट्रोलाइजर इकाई और एक डिस्पेंसर के साथ एक हाइड्रोजन भंडारण प्रणाली की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए चंबा जिले के मोहाल मोनखरी में भूमि चिन्हित की गई है। इस संयंत्र के कार्यशील होने के उपरांत, हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा हाइड्रोजन चालित बसों के संचालन की योजना तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन और इसे प्रोत्साहित करने से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में राज्य का महत्वपूर्ण योगदान होगा। इसके अलावा, यह स्थायी आर्थिक विकास के अवसर सृजित करेगा। इससे हिमाचल स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा पहलों के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में उभरेगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र में 450 सांसदों वाली कांग्रेस आज 40 पर सिमट गई है, पर 2 सांसद वाली भाजपा आज पूर्ण बहुमत की सरकार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चला रही है। कांग्रेस पार्टी आज 2 से 3 राज्यों में सरकार चला रही है और भाजपा लगभग 18 राज्यों में मजबूत सरकार चला रही है, फर्क साफ है। बिंदल ने कहा की कांग्रेस ने छल, कपट और मायाजाल से भाजपा को सत्ता से बाहर किया है। कांग्रेस और भाजपा के सत्ता परिवर्तन का अंतर .9% यह पहेली बार की यह अंतर इतना कम है इससे पूर्व में यह अंतर कम से कम 4% होता था। बिंदल में कहा कि जयराम ठाकुर सरकार ने महिलाओं, गरीबों, पिछड़े वर्ग और सभी वर्गों के लिए काम किया। भाजपा सरकार के दौरान हमारी सरकार ने 8 लाख लोगों को पेंशन दी है, लाखों लोगों को आयुष्मान भरता और हिम केयर का लाभ हुआ है। भाजपा ने हमेशा अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की चिंता की है। उन्हीं कहा की देश के संपूर्ण विकास को आगे बढ़ेगा के लिए देश के सभी व्यक्तियों की भागेदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। भाजपा के इस कार्य को अच्छे से किया है, हमारे प्रदेश को केंद्र सरकार की आनेको योजनाओं का का बड़ा लाभ हुआ है। बिंदल ने कहा कि जब 2004 से 2014 तक कांग्रेस का शासन देश में था तो केवल घोटालो का शासन देश में चला, हर रोज हमें नए नए घोटाले के बारे में पड़कर शर्मिंदा होना पड़ता था, पर जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आई है देश में घोटालों समाप्त हो गए है, केंद्र सरकार के 9 साल बेमिसाल रहे है।
साइंस स्ट्रीम में ओजस्विनी उपमन्यु ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। 500 में से 493 अंक (98.6 प्रतिशत) हासिल किए हैं। ओजस्विनी उपमन्यु जिला ऊना के घनारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। कॉमर्स स्ट्रीम में सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन की छात्रा वृंदा ठाकुर ने प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। वृंदा ने 500 में से 492 अंक (98.4 प्रतिशत) हासिल किए हैं। आर्ट्स स्ट्रीम में प्रदेशभर में पहले स्थान पर चार विद्यार्थी रहे हैं। चारों ने 500 में से 487 अंक (97.4 प्रतिशत) हासिल किए हैं। डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना की छात्रा तरनिजा शर्मा, रूट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसोग की छात्रा दिव्य ज्योति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर शिमला की छात्रा नूपुर कैथ और सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनेली के छात्र ज्येश प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) 12वीं कक्षा का वार्षिक (12th Class Result) परिणाम इस बार 79.4 फीसदी रहा है। ऊना की सीसे स्कूल घनारी की ओजस्वनी उपमन्यु पुत्री राम कुमार ऑलओवर परीक्षा में 98.6 अंक हासिल कर पहले स्थान पर रही। सिरमौर की वृंदा ठाकुर पुत्री अरुण कुमार ने 98.6 फीसदी अंक हासिल कर दूसरे नंबर पर रही वहीं सीसे स्कूल चूरड़ू की कनूप्रिया पुत्री संजय कुमार ने 98.2 फीसदी अंक लेकर तीसरा स्थान हासिल किया।
**ओजस्विनी उपमन्यु ने साइंस संकाय में 500 में से 493 अंक (98.6 प्रतिशत) हासिल कर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। जिला ऊना के घनारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र हैं। **कॉमर्स संकाय में सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराहन की छात्रा वृंदा ठाकुर ने 500 में से 492 अंक (98.4 प्रतिशत) हासिल प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। **आर्ट्स संकाय में प्रदेशभर में चार विद्यार्थी ने 500 में से 487 अंक (97.4 प्रतिशत) हासिल कर पहला स्थान हासिल किया है। जिसमे डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल ऊना की छात्रा तरनिजा शर्मा, रूट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल करसोग की छात्रा दिव्य ज्योति, सीनियर सेकेंडरी स्कूल पोर्टमोर शिमला की छात्रा नूपुर कैथ और सिरमौर जिले के सीनियर सेकेंडरी स्कूल जरवा जुनेली के छात्र ज्येश प्रदेश भर में पहले स्थान पर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 12वीं कक्षा की परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। परिणाम 79.4 प्रतिशत रहा है। 105369 विद्यार्थियों ने 12वीं कक्षा की परीक्षा दी थी जिसमे से 83418 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं।13335 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है। 8139 विद्यार्थी परीक्षा में फेल हुए हैं। वर्ष 2022 में 12वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 93.90 प्रतिशत रहा था। सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा ने जानकारी दी की विद्यार्थी शिक्षा बोर्ड की बेवसाइट पर अपना परिणाम देख सकते हैं।
मुख्य संसदीय सचिव (वन) सुंदर सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में आज वन विभाग के मुख्यालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में वनों में सालवेज लॉट मार्किंग के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने वन सम्पदा के समुचित दोहन के लिए वनों में सूखे पेड़ों को चिन्हित कर इनके समयबद्ध कटान का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि वनों में अनेक सूखे व गिरे वृक्ष पड़़े रहते हैं जिन्हें समय पर चिन्हित न करने के कारण वन सम्पदा का नुकसान व सरकार को वित्तीय हानि होती है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने मार्किंग प्रक्रिया में बदलाव लाने की आवश्यकता जताई है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जंगलों में सूखे व गिरे पेड़ों की सूची तैयार की जाए। वनरक्षक से लेकर वन मंडल अधिकारी स्तर के सभी अधिकारी प्रतिदिन सूची तैयार कर मार्किंग की प्रक्रिया को पूरा करेंगे। इस कार्य को नीतिगत स्वरूप प्रदान करने के लिए प्रधान मुख्य अरण्यपाल को मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने के आदेश भी दिए गए हैं। आरम्भिक स्तर पर विभाग के अधिकारी आगामी 31 मई तक सूखे व गिरे पेड़ों की सूची विभागीय स्तर पर तैयार कर इसे 15 जून, 2023 तक सरकार को सौंपेंगे। इस प्रकार की सालवेज मार्किंग से वन विभाग लगभग 50 पेड़ों की मार्किंग कर निविदा के माध्यम से विक्रय कर सकता है। इससे वन संपदा को होने वाली हानि से बचने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय युवाओं की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए कौशल विकास निगम द्वारा प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन बल प्रमुख) राजीव कुमार और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व.राजीव गांधी पुण्यतिथि पर 21 मई को सभी ब्लॉकों में आतंकवाद विरोधी दिवस मनाने को कहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में कांग्रेस के सभी विधायक, पूर्व विधायक, सभी जिलाध्यक्षों से पार्टी के सभी पदाधिकारियों अग्रणी सगंठनों व विभागों के पदाधिकारियों की अपने अपने क्षेत्रों में उपस्थिति अनिवार्य की गई है। कांग्रेस महासचिव प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अमित पाल सिंह ने बताया है कि प्रदेश के सभी जिलों एवं ब्लॉकों में 21 मई को राजीव गांधी की शहादत पर, जिन्होंने देश की एकता व अखंडता के लिये अपने प्राणों की आहुति दी थी इस दिन को कांग्रेस उनकी याद में इस दिन को आतंकवाद विरोधी दिवस के रूप में उन्हें अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करेगी। अमित पाल सिंह ने बताया कि राज्य स्तरीय कार्यक्रम प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेस अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित किया जाएगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन होने के नाते विद्यार्थी परिषद शिक्षा के साथ साथ सामाजिक क्षेत्र में भी अपना बहुमूल्य योगदान देता रहता है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद समय समय पर समाज हित के लिए भी कोई न कोई गतिविधि करता रहता है। इसी कड़ी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के कार्यकर्ता 11 मई, 2023 से हिमाचल प्रदेश में गांव-गांव जाकर सामाजिक अनुभूति कर रह है। उन्होंने कहा कि सामाजिक अनुभूति से तात्पर्य हम दूसरों के बारे में सोचने और समझने के तरीके से है। इस अर्थ में, यह सामाजिक संबंधों को समझने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण होगा। सामाजिक अनुभूति के माध्यम से हम दूसरों की भावनाओं, विचारों, इरादों और सामाजिक व्यवहार को समझते हैं। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के संगठनात्मक 18 जिलों में विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सामाजिक अनुभूति कर रहे है। इससे समाज के प्रत्येक वर्ग को जानने का अवसर मिल रहा है।उनकी स्थितियों, परिस्थितियों व जीवन यापन को जानने का अवसर मिल रहा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद केवल मात्र एक ऐसा संगठन है जो समस्या के साथ समाधान भी करती है, सामाजिक अनुभूति से जो विषय समाज से निकलकर आते हैं उन्हें विद्यार्थी परिषद उन मुद्दों को प्रशासन के समक्ष उठाने का काम करती है। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता जब गांव गांव जाकर लोगों से बातचीत कर रहे हैं तो उन्हें वहां की असल परिस्थितियों को जानने का अवसर मिल रहा है । उनका रहन- सहन, गांव में शिक्षा व्यवस्था कैसी है? यातायात व्यवस्था, गांव में रास्ते कैसै है इन सभी की अनुभूति हो रही है। ऐसे बहुत सी अनुभूतियां समाज के अंदर सामाजिक अनुभूति के दौरान देखने को मिल रही है। सामाजिक अनुभूति से सामाजिक संवेदना का भाव पैदा हो रहा है।
पश्चिमी कमान के कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नव कुमार खंडूरी ने आज राज भवन में राज्पाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट की। यह एक शिष्टाचार भेंट थी। उन्होंने राज्यपाल के साथ सैनिकों के कल्याण से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की।
नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के विधायक और पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष व पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आरएस बाली ने आज अपनी विधानसभा क्षेत्र के ओबीसी भवन में लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनी व मौके पर ही उन समस्याओं का समाधान भी किया। इस दौरान वहां पर भारी मात्रा में लोग उपस्थित रहे।
भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं बिलासपुर से विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र सरकार के 9 वर्ष 30 मई को पूर्ण होने जा रहे हैं। जिस प्रकार से हिमाचल में भी डबल इंजन सरकार ने काम किया था, उस से हिमाचल प्रदेश को बहुत फायदा हुआ। मोदी और जयराम कॉम्बिनेशन को जनता आज भी याद करती है। हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार ने एम्स, बल्क ड्रग पार्क, हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल डिवाइस पार्क, जल विद्युत योजनाएं जैसी अनेकों सौगातें दी हैं और उसका फंड निरंतर प्रदेश के आ रहा है। आज हिमाचल प्रदेश में लाइफ लाइन का काम करने वाले सड़क मार्ग फोरलेन हो रहे हैं और इसके लिए भी केंद्र 90% फंडिंग दे रहा है, केंद्र का हिमाचल प्रदेश को अद्भुत लाभ हुआ है और मोदी जी का हिमाचल प्रदेश से एक स्वर्णिम नाता रहा है। पीएम मोदी यह नहीं देखते कि प्रदेश में कौन सी सरकार कार्य कर रही है पर वह प्रदेश के लिए सकारात्मक दृष्टि से उत्तम कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा अभियान तीन चरणों में चलेगा पहले चरण में मोदी जी 29 और 30 मई को भारत में दो विशाल जनसभा को बोधित कर इस कार्यक्रम का आगाज करेंगे जिसको भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और जनता वर्चुअल माध्यम से पूरे देश भर में देखेंगे। दूसरे चरण में 1 जून से 22 जून तक भाजपा पूरे देश भर में 100000 वरिष्ठ परिवारों से संपर्क करेगी जिसमें हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में 250 और विधानसभा में 65 परिवारों से हमारा नेतृत्व संपर्क करेगा। हम प्रत्येक लोकसभा में एक विशाल जनसभा का आयोजन भी करेंगे उसके उपरांत, प्रबुद्ध सम्मेलन का आयोजन होगा जिसमें भाजपा नरेंद्र मोदी के 9 वर्ष की बड़ी उपलब्धियों को जनता के बीच में जाएगी। पार्टी सोशल मीडिया पर प्रभावशाली व्यक्ति मीट का आयोजन करेंगे जिससे आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा को बड़ा लाभ होगा और अंतिम में हम इस चरण में प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में व्यापारी सम्मेलन का भी आयोजन करेंगे।
नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान और उप महापौर उमा कौशल ने आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की। यह एक शिष्टाचार भेंट थी। इस मौके पर मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर और विधायक चंद्रशेखर भी मौजूद थे।
सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश में विभाग के 10 वन प्रमंडलों में सरकारी वन भूमि पर खैर के पेड़ों को काटने की अनुमति दी है। जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने अदालत में मामले की पैरवी की थी और उसने वन विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, नालागढ़ और कुटलैहड़ सहित पांच वन प्रमंडलों में खैर के पेड़ों की कटाई के लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है और इन वन प्रमंडलों में प्रति वर्ष 16500 पेड़ निर्धारित किए गए हैं और जल्द ही खैर की निकासी शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष पांच वन प्रमंडलों नाहन, पांवटा साहिब, धर्मशाला, नूरपुर और देहरा के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि वन अधिकारी वनों का निरीक्षण करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे और इन पांचों वन प्रमंडलों के लिए कार्य योजना तैयार करने के लिए खैर के पेड़ों की गिनती की जाएगी। सुक्खू ने कहा कि खैर के पेड़ों की सिल्वीकल्चर कटाई वन प्रबंधन और कायाकल्प के अलावा सरकारी खजाने के लिए राजस्व सृजन के लिए बेहतर है। उन्होंने कहा कि समय से लकड़ी का निष्कर्षण नहीं होने के कारण अधिकांश खैर के पेड़ सड़ रहे हैं और यह बेहतर वन प्रबंधन की दिशा में एक बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में उठाया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2018 में खैर के पेड़ों की कटाई के परिणामों को जानने के लिए प्रयोगात्मक आधार पर खैर के पेड़ों की कटाई की अनुमति दी थी।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 12वीं कक्षा का वार्षिक परिणाम शनिवार सुबह 11 बजे घोषित करेगा। स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. विशाल शर्मा ने पुष्टि करते हुए बताया कि तकनीकी कारणों के चलते आज परिणाम घोषित नहीं किया जा सका। शनिवार सुबह 11 बजे परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। रिजल्ट घोषित करने के लिए लगभग सारी औपचारिक्ताएं पूरी की जा चुकी हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने आए दिनों देश प्रदेश बनने वाली दवाओं के सैंपल फेल होने की खबरों पर चिंता जताते हुए सरकार से दोषी दवा कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा हैं। उन्होंने कहा है कि दवाइयों की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता सहन नही किया जा सकता। प्रतिभा सिंह ने मीडिया में आई उन सूचनाओं पर जिसमें प्रदेश की 11 दवाओं के सैंपल फेल होने की बात कही गई है पर अपनी गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि बार बार घटिया दवा निर्माण करने वाली कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि सरकारी अस्पतालों में इन दवा कंपनी की दवाओं की जांच भी की जानी चाहिए। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में दवाओँ की आपूर्ति पर भी विशेष निगरानी रखने की जरूरत पर बल देते हुए कहा है कि उन्हें भी समय समय पर दवाओं की निम्न गुणवत्ता की सूचनाएं मिलती रही हैं,जो बहुत ही चिंता की बात हैं। प्रतिभा सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉक्टर धनीराम शांडिल से प्रदेश के सभी अस्पतालों विशेष तौर पर दूरदराज के ग्रमीण इलाको में स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ करने व आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा हैं। उन्होंने कहा है कि लोगों को घर द्वार ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो इसमें किसी भी प्रकार की ढ़िलाई नही बरती जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि कांगड़ा चाय यूरोपीय संघ में संरक्षित भौगोलिक संकेत (जीआई) के रूप में पंजीकृत होने वाला देश का दूसरा उत्पाद बन गया है। उन्होंने कहा कि इससे कांगड़ा चाय के उत्पादकों के लिए यूरोपीय देशों में बिक्री का मार्ग प्रशस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि यूरोपीय बाजारों में उत्पाद की गुणवत्ता, वास्तविकता और प्रतिष्ठा को पहचानने के लिए कांगड़ा चाय का यूरोपीय संघ के तहत पंजीकरण महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि इसके पंजीकरण से कांगड़ा चाय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, जो कि इसकी बिक्री के लिए वरदान साबित होगा। इस निर्णय से कांगड़ा जिले के पालमपुर, बैजनाथ, कांगड़ा व धर्मशाला, मंडी जिले के जोगिंदर नगर और चंबा जिले के भटियात क्षेत्र के ‘कांगड़ा चाय’ उत्पादकों को लाभ होगा। कांगड़ा चाय अपने अनूठे स्वाद के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसमें प्रचुर मात्रा में मौजूद पाइराजिन इसे अलग सुगंध प्रदान करता हैै। इसके अतिरिक्त, इसमें औषधीय गुण भी पाए जाते हैं जोकि एंटीऑक्सिडेंट्स, फेनोलिक कम्पाउंड, ट्रिप्टोफैन, अमीनो एसिड्स, थीनाइन ग्लूटामाइन और कैटेचिन से मिलते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांगड़ा चाय को वर्ष 2005 में पंजीयक भौगोलिक संकेतक, चेन्नई, द्वारा जीआई का दर्जा दिया गया था और अब यूरोपीय संघ के साथ पंजीकरण के बाद कांगड़ा चाय की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है जिससे राज्य के कांगड़ा चाय उत्पादकों को लाभ होगा। ब्रिटिश काल में कांगड़ा चाय का निर्यात यूरोपीय बाजारों में किया जाता था। इसकी गुणवत्ता के कारण एम्स्टरडेम और लंदन के बाजारों द्वारा वर्ष 1886 से 1895 के बीच कांगड़ा चाय को विभिन्न पुरस्कार दिए गए। आज से पहले यूरोपरीय संघ में पंजीकृत न होने के कारण कांगड़ा चाय की यूरोपीय बाजारों मंे बिक्री संभव नहीं थी, लेकिन अब पंजीकरण के बाद इस हिमाचली उत्पाद के लिए यूरोपीय देशों के बाजार भी खुल गए हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार हिमाचल के पारंपरिक उत्पादों को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि स्थानीय कारीगरों और बुनकरों को लाभ पहुंचाने के लिए कई नवीन पहल की गयी हैं। उन्होंने कहा कि कुल्लू शॉल, चंबा रुमाल, किन्नौर शॉल, कांगड़ा पेंटिंग, लाहौल के ऊनी मोजे और दस्ताने इत्यादि सहित राज्य के करीब 400 से अधिक पारंपरिक उत्पादों को आज जीआई का दर्जा प्राप्त है। इसके अतिरिक्त हिमाचली टोपी, सिरमौरी लोईया, मंडी की सेपुबड़ी, चंबा धातु शिल्प, किन्नौरी सेब और किन्नौरी आभूषणों को जीआई का दर्जा देना पंजीयक भौगोलिक संकेतक, चेन्नई के पास विचाराधीन है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यूरोपीय संघ के साथ कांगड़ा चाय के पंजीकरण की कठिन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस उपलब्धि में योगदान के लिए कृषि विभाग, हिमालय जैव संपदा प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएचबीटी) पालमपुर और कांगड़ा वैली स्मॉल टी प्लांटर्स एसोसिएशन को भी बधाई दी।
कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि राजनीति कोई पेशा नहीं, बल्कि जनसेवा है। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने के लिए जनसेवा का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए इसके लिए उन्हें अच्छी पढ़ाई लिखाई के साथ साथ अच्छे संस्कारों को अपनाना होगा। आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा डिजिटल बाल मेले में देश प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्कूली बच्चों के साथ हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र में बोलते हुए प्रतिभा सिंह अपने छात्र जीवन से राजनीति में प्रवेश की जानकारी देते हुए कहा कि वह सोभग्यशाली है जो उन्हें प्रदेश के छह बार के मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह का मार्गदर्शन मिला। उन्होंने राजनीति में अपने अनुभव की जानकारी देते हुए कहा कि आज राजनीति के द्वार सबके लिए खुले हैं। देश के लोकतंत्र में देश के लोगों को अपने मत के द्वारा अपने प्रतिनिधि व नेता को चुनने का अधिकार हैं। यह अधिकार हमें देश के संविधान ने सभी नागरिकों को बगैर किसी लिंग भेद के दिया है। उन्होंने कहा कि यह कहना की राजनीति में राज घरानों का ही प्रभाव रहा है सही नही हैं। प्रतिभा सिंह ने इस डिजिटल बाल मेले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा जुड़े देश प्रदेश के विभिन्न स्कूली बच्चों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि आज राजनीति में बहुत सी चुनौतियां हैं। देश की बढ़ती समस्याओं जैसे बेरोजगारी, महंगाई, बढ़ती जनसंख्या ऐसी जटिल समस्याएं है जो देश के सामने खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं को दूर करने के लिये देश मे बेहतर शिक्षा का होना बहुत ही जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्व वीरभद्र सिंह ने इस दिशा में बहुत ही श्रेष्ठ कार्य किया। आज प्रदेश में शिक्षा,स्वास्थ्य, सड़कों व अन्य आवश्यक आधारभूत ढांचा बना हैं। उन्होंने कहा कि विकास एक निरंतर प्रक्रिया है जो निरंतर समयानुसार आगे बढ़ती रहती हैं। प्रतिभा सिंह ने इस डिजिटल बाल मेले में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को उनके सफल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि वह सब देश का भविष्य है इसलिए उन्हें अपनी पढ़ाई लिखाई के साथ साथ अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी की एक दिवसीय कार्यसमिति बैठक शिमला पीटर हॉफ में 20 मई को प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल की अध्यक्षता में होगी, जिसकी व्यवस्था के लिए आज भाजपा कार्यालय दीपकमल में 17 प्रबंधन समितियों की बैठक हुई। इस व्यवस्था बैठक में मुख्यत नवनियुक्त संगठन महामंत्री सिद्धार्थन और प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल का मार्गदर्शन कार्यकर्ताओं को प्राप्त हुआ। भारतीय जनता पार्टी की विशेष कार्यसमिति बैठक केंद्र सरकार के सफल 9 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में केंद्रीय नेतृत्व द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रम की रुपरेखा के बनाने के निमित्त रखी गई है। केंद्र सरकार के नौ वर्ष के कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश भर में महा जनसमपर्क अभियान के तहत 1 जून से 30 जून तक व्यापक कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। जिसकी विस्तृत रुपरेखा को इस एक दिवसीय कार्यसमिति में अंतिम रूप दिया जाएगा। इस माह भाजपा महा जनसंपर्क अभियान बूथ स्तर पर चलाएगी । प्रबंधन समितियां जहाँ विभिन्न व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेगी, वहीँ युवा मोर्चा साज-सज्जा के माध्यम से सभा स्थल, प्रांगण व् झंडे-डंडे लगाकर प्रदेश कार्यसमिति के दौरान शहर को भगवामय बनायेंगे। इस प्रदेश कार्यसमिति बैठक में प्रदेश भर से लगभग 300 प्रदेश कार्यसमिति सदस्य भाग लेंगे। इस बैठक में मुख्य रूप से प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, सह प्रभारी संजय टंडन, पूर्व मुख्यमंत्री प्रो प्रेम कुमार धूमल, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, केद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, सांसद संगठन महामंत्री सिद्धार्थन इंदु गोस्वामी, सिकंदर कुमार, किशन कपूर, सुरेश कश्यप विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। आज की बैठक में मुख्यत संगठन महामंत्री सिद्धार्थन जी, प्रदेश उपाध्यक्ष पुरषोतम गुलेरिया, रतन पाल, पायल वैद्य, 2022 भाजपा के प्रत्याशी संजय सूद, रवि मेहता, अजय श्याम, करण नंदा, चेतन बरागटा, विजय परमार, प्यार सिंह अंजना शर्मा उपस्थित रहे।
कृषि मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर केवल अपने विधानसभा क्षेत्र सराज तक ही सिमित हैं। दोनों मंत्रियों ने कहा कि जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री रहते केवल मात्र सराज विधानसभा क्षेत्र के विकास को ही प्राथमिकता प्रदान की और मंडी जिला सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की लगातार अनदेखी करते रहे। आज भी विपक्ष के नेता के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेवारी होने के बावजूद वे केवल सराज क्षेत्र से जुड़े मुद्दे ही उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर बतौर नेता विपक्ष अपनी सोच का दायरा विस्तृत करें और समूचे प्रदेश के हितों की पैरवी के लिए आगे आएं। कहा कि अपने कार्यकाल में जयराम ठाकुर ने शिक्षकों सहित विभिन्न विभागों में खाली पदों को भरने पर कभी कोई ध्यान नहीं दिया, जिससे राज्य में कर्मचारियों की कमी बनी रही। इसके विपरित वर्तमान प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के दूरदर्शी नेतृत्व में रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के शिक्षको के लगभग 5300 पद भरने को स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार अन्य विभागो में भी कर्मचारियों की कमी को पूरा करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्हांेेने कहा कि इसके लिए भर्ती प्रक्रिया पूरी होते ही सरकारी संस्थानों में कर्मचारियों की कमी को काफी हद तक पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) को वित्तीय घाटे से उबाारने के लिए राज्य सरकार इसमें व्यापक सुधार लाएगी। वे बुधवार देर सायं यहां परिवहन विभाग की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। सुधारों से निगम को आत्मनिर्भर बनाने और बेहतर वित्तीय संसाधन उपलब्ध करवाने, कर्मचारियों और पेंशनरों को समय पर वेतन और पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सुधार प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार निगम में चालकों और परिचालकों के रिक्त पद भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी जिसके माध्यम से राज्य के लोगों को सुगम और बेहतर परिवहन सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि टाइप-1 की 75 ई-बसें खरीदने की योजना पर काम चल रहा है, जिसकी निविदाएं पहले ही जारी कर दी गई हैं। इसके लिए लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) अगले माह तक जारी होने की उम्मीद है। इन 75 ई-बसों के लिए मार्गों की पहचान कर ली गई है और चार्जिंग स्टेशनों सहित आवश्यक बुनियादी ढांचा विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, निगम ने 225 डीजल बसों को टाइप-2 ई-बसों से बदलने के लिए मार्गों की पहचान की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निगम में चरणबद्ध तरीके से डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों (ई-बसों) में बदला जा रहा है। वर्तमान में निगम के बेड़े में पहले से ही 95 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं और निकट भविष्य में इनकी संख्या में और वृद्धि की जाएगी। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने हरित बजट पेश किया है और 31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य का लक्ष्य ई-वाहनों के संचालन में आदर्श स्थापित करना है और इन वाहनों के संचालन के लिए प्रदेश में छह ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश में कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में ई-वाहनों के संचालन को बढ़ावा देना सरकार की रणनीति का हिस्सा है। बैठक के दौरान हमीरपुर में प्रस्तावित बस पोर्ट की भी समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश बस स्टैंड प्रबंधन एवं विकास प्राधिकरण (एचपीबीएसएमडीए) द्वारा अगले दो वर्षों के भीतर इसे तैयार किया जाएगा। इसके अतिरिक्त हमीरपुर जिले के नादौन में ई-बस डिपो के निर्माण के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने निगम की सामाजिक जिम्मेदारियों को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताते हुए परिवहन क्षेत्र में किए गए सुधारों के लिए समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने निगम की कार्यप्रणाली में सुधार की दिशा में बहुमूल्य सुझाव भी दिए।
शिमला नगर निगम के चुनाव के बाद मेयर व डिप्टी मेयर मिल गए हैं। मेयर व डिप्टी मेयर ने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। ऐसे में मेयर व डिप्टी मेयर से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडलों का भी रूटीन में आना-जाना शुरू हो गया। बुधवार को भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल नगर निगम शिमला के कार्यालय में मेयर सुरेंद्र चौहान व डिप्टी मेयर उमा कौशल को मिला। भाजपा के पार्षदो में अप्पर ढली से कमलेश मेहता, फागली से कल्याण धीमान, पंथाघाटी से कुसुम ठाकुर, रुल्दुभट्टा से सरोज ठाकुर, कृष्णा नगर से बिट्टू कुमार पाना, कसुम्पटी से रचना शर्मा, पटयोग से आशा शर्मा, न्यू शिमला से निशा ठाकुर व भराड़ी से मीना चौहान शामिल रही। पार्षदों ने पुष्पगुच्छ व मिठाई के साथ अभिनंदन किया व शुभकामनाएं दीं। वहीं मेयर सुरेंद्र चौहान व डिप्टी मेयर उमा कौशल ने भाजपा के पार्षदों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान भाजपा के पार्षदों ने मेयर व डिप्टी मेयर से विकास में सहयोग मांगा। प्रतिनिधिमंडल में शामिल कसुम्पटी की पार्षद रचना शर्मा ने बताया कि सभी पार्षदों ने मेयर व डिप्टी मेयर को बधाई दी और पार्षदों को भी मेयर व डिप्टी मेयर ने शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि नगर निगम का कार्य बेहतर आगे बढ़े, विकास के काम हो और जो वायदे हुए हैं, उनको पूरा किया जाए और विशेष रूप से हम सब अपने अपने वार्ड में जनता के साथ वादे करके आए हैं, उन वादों को पूरा करने में नगर निगम सहयोग करें, इसके लिए आज शिष्टाचार भेंट मेयर व डिप्टी मेयर से हुई है। मेयर व डिप्टी मेयर ने हरसंभव सहयोग देने का विश्वास दिया है। उन्होंने कहा कि हम पार्षद भी विकास में पूर्ण सहयोग करेंगे, शिमला आगे बढ़े, बेहतर बने ,सुंदर बने इसके लिए बेहतर निर्णय का समर्थन होगा। वहीं शिमला की आवाज को भी बुलंद किया जाएगा, विकास लक्ष्य हैं और विकास को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी भी अनेक ऐसी समस्याएं हैं वार्डों में जिनका हल होना है ,इसके लिए नगर निगम के सभी विभाग बेहतर सहयोग देकर के काम करें, ऐसी उम्मीद जताई गई है। मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पार्षद मिले हैं। उन्होंने स्वागत किया है उनका आभार है। हर पार्षद को हर संभव सहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारे लिए सभी वार्ड एक समान है और पार्षदों का सम्मान बरकरार रहेगा। पार्षदों के कार्य प्राथमिकता पर किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पौधारोपण का कार्यक्रम और उसके अलावा शिमला को हरा भरा बनाने का जो सोच है, जो समस्याएं कम करने की बात है। लोगों को राहत देने की बात है उस सब पर काम करेंगे और सब पार्षदों का सहयोग भी लेंगे और सब पार्षदों को भी सहयोग करेंगे।
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने आज यहां कृषि एवं संबद्ध विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश अनुकूल जलवायु, समृद्ध मृदा और प्रचुर प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। राज्य में विभिन्न प्रकार की फसलों के उत्पादन के लिए उपयुक्त परिवेश विद्यमान है। प्रदेश सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए महत्वाकांक्षी योजना ‘हिम उन्नति’ शुरू की है। योजना के तहत प्रदेश में एकीकृत एवं समग्र कृषि गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत प्रदेशभर में 2603 कलस्टर बनाए जाएंगे। वर्तमान में प्रदेशभर में 889 कलस्टर चिन्हित किए गए हैं। प्रथम चरण में इस वर्ष 286 कलस्टर में कार्य शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि एवं अन्य संबद्ध क्षेत्रों से जुड़े लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से एकीकृत कार्य योजना बनाकर कार्य करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कृषि में प्रौद्योगिकी का उपयोग सुनिश्चित करने पर भी विशेष बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को ‘चलो गांव की ओर’ नीति को अपनाने तथा फील्ड में जाकर किसानों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित करने के लिए कहा। कृषि मंत्री ने पोषक अनाज के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न घटकों को शामिल करते हुए विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। इसके अन्तर्गत परम्परागत कृषि विकास योजना, आतमा, भारतीय प्राकृतिक किसान पद्धति व राष्ट्रीय सत्त खेती मिशन के तहत संगठित किसान समूहों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। राज्य में पोषक अनाज उगाने के लिए तकनीक का उपयोग कर लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा उनके उत्पादों को बेहतर बाज़ार उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जलवायु अनुकूल पोषक अनाजों की ज़िलेवार पहचान कर इनका स्थानीय तथा वैज्ञानिक डाटाबेस भी तैयार किया जाएगा। चंद्र कुमार ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती पद्धति अपना रहे हैं। हिमाचल इस खेती में अन्य राज्यों के समक्ष आदर्श के रूप में उभरा है। वर्तमान में प्रदेश के लगभग 2 लाख किसानों के लिए 6693 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाए जा चुके हैं। वर्तमान में प्रदेश के 165221 किसान सफलतापूर्वक प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और प्रदेश की 3611 पंचायतों में इस पद्धति के माध्यम से खेती की जा रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि करने में संबद्ध क्षेत्र विशेष भूमिका निभाते हैं। प्रदेश सरकार पशुपालकों के पशुधन की देखरेख के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है। इस दिशा में शीघ्र ही मोबाइल वेटेनरी यूनिट लॉन्च की जाएगी। इसके सुचारू क्रियान्वयन के लिए कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है। पशुपालकों को एक फोन कॉल के माध्यम से उनके घरद्वार के निकट दवाई एवं लैब जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कृषि आधारित प्रचार-प्रसार सामग्री का विमोचन भी किया। बैठक में विभिन्न कृषि गतिविधियों तथा हिमगंगा योजना पर प्रस्तुति भी दी गई। कृषि सचिव राकेश कंवर, निदेशक कृषि डॉ. राजेश कौशिक, निदेशक पशुपालन डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, हिमफैड के प्रबंध निदेशक भूपेन्द्र अत्री और विभिन्न जिलों से आए विभागीय अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में बागवानी के क्षेत्र में कलस्टर विकास कार्यक्रम नए आयाम स्थापित करेगा। प्रदेश सरकार इस कार्यक्रम को राज्य में सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए विचार कर रही है। यह जानकारी बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज यहां राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड तथा हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बागवानी के क्षेत्र में विभिन्न फलों का उत्पादन किया जाता है, जिसमें सेब, पलम, आड़ू, नाशपति तथा नींबू प्रजाति के फल इत्यादि प्रमुख हैं। प्रदेश के बागवानी उत्पाद देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। किन्नौरी सेब एक ब्रांड के रूप में जाना जाता है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के उत्पादों की गुणवत्ता के अनुसार इनकी ब्रांडिंग तथा विपणन पर बल दिया जा रहा है। बागवानी मंत्री ने कहा कि कलस्टर विकास कार्यक्रम के तहत किसानों की सभी जिज्ञासाओं तथा समस्याओं का निवारण कलस्टर विकास एजेंसी करेगी। इस कार्यक्रम के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन के लिए प्रदेश में हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड को कलस्टर विकास एजेंसी बनाया गया है। प्रदेश में इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए बागवानी विभाग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है, जो राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के साथ समन्वय स्थापित करेगी। कार्यक्रम के लिए हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम को कार्यान्वयन एजेंसी बनाया गया है। कार्यक्रम के तहत नर्सरी, पैक हाउस, शीत भण्डारण, प्रसंस्करण इकाई तथा एकत्रण केन्द्र के माध्यम से बागवानी क्षेत्र का विकास किया जाएगा। कार्यक्रम के तहत विभिन्न अन्य कार्यक्रमों व योजनाओं को शामिल किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त किसानों को आधुनिक तकनीक तथा प्रचलनों से भी अवगत करवाया जाएगा और उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी। इस अवसर पर कार्यक्रम प्रबंधन इकाई ग्रांट थोर्नटन के पार्टनर चिराग जैन ने कलस्टर विकास कार्यक्रम से संबंधित प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से हिमाचल प्रदेश को बहुत लाभ होगा तथा प्रदेश में इस कार्यक्रम की सफलता की संभावना बेहतर है। कार्यक्रम के तहत सीडीपी सुरक्षा ऑनलाइन मॉनिटरिंग पोर्टल पर किसानों को अपने लाभ से संबंधित सभी जानकारी प्रदान की जाएगी। इस अवसर पर डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के कुलपति डॉ. राजेश्वर चंदेल, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के उप प्रबंध निदेशक बी.जे. ब्रह्मा तथा संयुक्त निदेशक आर.के. अग्रवाल, हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम के प्रबंध निदेशक सुदेश कुमार मोक्टा, हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर, हिमाचल प्रदेश उष्ण कटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्य संवर्द्धन परियोजना (एचपी शिवा) के परियोजना निदेशक देवेंद्र ठाकुर, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, एचपीएमसी तथा हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कपटा की अध्यक्षता में विद्युत बोर्ड के प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने संघ की ओर से बोर्ड में प्रबंध निदेशक बनने पर उन्हें शुभकामनाएं दीं। संघ के महामंत्री नेक राम ठाकुर ने प्रबंध निदेशक को तकनीकी कर्मचारी संघ की मांगों से अवगत करवाया। इसमें मुख्य मांग तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती करना है। इसके अलावा सहायक लाइनमैन के लगभग 2700 पद जो खाली पड़े है टीमेट के आर एंड पी नियमों में बदलाव करके एकमुश्त प्रमोशन देना, हेल्पर से SSA, हेल्पर पावर हाउस को इलेक्ट्रिशियन, हेल्पर हाइड्रोमेक्निक को फिटर, हेल्पर M&T को इलेक्ट्रीशियन M&Tऔर हेल्पर P&T को इलेक्ट्रिशियन P&टी जल्द प्रमोट करना, बोर्ड में 200 जूनियर इंजीनियर इलेक्ट्रिकल के फीडिंग केडर से खाली पड़े पदों को आईटीआई लाइनमैन व इलेक्ट्रिशियन सेजल्द प्रमोट करना आदि मुख्य मांगें थीं। संघ ने बोर्ड प्रबंधन के साथ 22 सितंबर 2022 को हुई बैठक के संबंध में भी मानी हुई मांगों को लागू न करने पर भी रोष व्यक्त किया है और कहा है कि बोर्ड प्रबंधन जल्द इन मांगों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई जाए। बोर्ड प्रबंधन ने तकनीकी कर्मचारी संघ को आश्वासन दिया है कि उनकी मुख्य मांगों को सर्विस कमिटी में पूरा कर दिया जाएगा इसके अलावा अन्य मांगों को लेकर जल्द संघ को वार्ता के लिए बुलाया जाएगा।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल, जो राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष भी हैं, ने आज यहां हिमाचल प्रदेश राज्य रेडक्रॉस भवन में फिजियोथैरेपी केंद्र का शुभारंभ किया। इस केंद्र के खुलने से रोगियों को यहां ऑर्थोपीडिक फिजियोथैरेपी, न्यूरोलॉजीकल फिजियोथैरेपी और दर्द प्रबंधन से संबंधित सुविधाएं उपलब्ध होंगी। लेडी गवर्नर एवं राज्य रेडक्रॉस अस्पताल कल्याण शाखा की अध्यक्ष जानकी शुक्ल भी इस अवसर पर उपस्थित थीं। रेडक्रॉस के सदस्यों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि रेडक्रॉस एक ऐसी पवित्र संस्था है, जिसके लिए समाज की सेवा ही सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि समाज को कुछ देने के भाव से ही लोग इस संस्था से जुड़ते हैं। उन्होंने कहा कि जब हम समाज के लिए कार्य करते हैं तो यह उन्नति करता है। जब समाज आगे बढ़कर कुछ देता है तो इससे राष्ट्र आगे बढ़ता है। राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की पहचान यहां की देव संस्कृति एवं स्वच्छ वातावरण से है और इसी कारण राज्य में बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी के सदस्यों को नशामुक्ति में अपना सक्रिय सहयोग देना चाहिए। उन्हें ऐसे बच्चों के माता-पिता एवं अभिभावकों के साथ मिलकर इन युवाओं को नशामुक्ति के लिए प्रेरित करना चाहिए और सही मायने में समाज के लिए यही उनकी सेवा होगी। उन्होंने सदस्यों से हिमाचल को टी.बी. मुक्त बनाने में सहयोग देने का भी आग्रह किया। राज्यपाल ने राज्य रेडक्रॉस को निर्देश दिए कि रेडक्रॉस भवन में सदस्यों के नाम एवं मोबाइल नंबर अंकित किए जाने चाहिए ताकि आपसी संपर्क एवं सहयोग से सोसायटी के कार्य को और प्रभावी ढंग से संचालित किया जा सके। उन्होंने अधिक से अधिक रक्तदान शिविर लगाने पर भी बल दिया। इस अवसर पर रोगियों के लिए मैमोग्राफी स्क्रीनिंग और एक्यूपंक्चर थैरेपी का भी शुभारंभ किया गया। इससे पूर्व राज्यपाल के सचिव एवं राज्य रेडक्रॉस सोसायटी के महासचिव राजेश शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया और केन्द्र की गतिविधियों से अवगत करवाया। मुख्यमंत्री की पत्नी एवं राज्य रेडक्रॉस सोसायटी की सदस्य कमलेश ठाकुर, राष्ट्रीय रेडक्रॉस प्रबंधन समिति की सदस्य डॉ. साधना ठाकुर, राज्य रेडक्रॉस की मानद सचिव डॉ. किम्मी सूद सहित रेडक्रॉस के अन्य पदाधिकारी एवं सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला में हार्मनी ऑफ द पाइंस, हिमाचल प्रदेश पुलिस ऑर्केस्ट्रा ने मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को दो लाख रुपये का चेक किया भेंट।
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के विधायक और पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष व पर्यटन विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आरएस बाली ने आज शिमला में प्रदेश पर्यटन विभाग निगम की बैठक की अध्यक्षता निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ की। बाली ने कहा कि वह हिमाचल के पर्यटन को देश भर में सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री ने भी बार-बार कहा है कि कांगड़ा जिले को हिमाचल की पर्यटन राजधानी बनाना है और हम ऐसा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आगे कहा कि रोजगार उपलब्ध कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि हम हिमाचली सिर्फ हिमाचल में रहते नहीं हैं, हम इसे जीते हैं। हिमचालियत हमारे लिए जीवन जीने का एक तरीका है और हमें यह अनुभव देश-विदेश के सभी पर्यटकों को देना चाहते हैं। अपनी रोज़गार संघर्ष यात्रा के बारे में बात करते हुए उनका कहना है कि लोगों को रोज़गार देना सुक्खू सरकार की प्राथमिकता है और बाली का पर्यटन विभाग इसमें अपनी पूरी क्षमता से योगदान देगा। बाली होटल, आइस स्केटिंग रेंज, गोल्फ कोर्स और अन्य चीजें बनाने की योजना बना रहे हैं। उनका मानना है कि इससे न केवल प्रदेश में पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि रोजगार भी पैदा होगा।