आपदा प्रबंधन को सलाम, महिलाओं को 1500 का इंतजार **पुरानी पेंशन बहाल कर सरकार ने निभाया बड़ा वादा ** सुखाश्रय योजना से सुक्खू सरकार ने जीता दिल ** सियासी संतुलन बनाने में असफल रही सरकार "...सत्ता परिवर्तन का जो सियासी रिवाज हिमाचल प्रदेश में 1990 से चला आ रहा था उसे जनता ने 2022 में भी बरकरार रखा। 8 दिसंबर 2022 को विधानसभा चुनाव के नतीजे आएं और कयासों के मुताबिक ही कांग्रेस सत्तासीन हुई। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के दो मुख्य कारण अगर देखे जाएँ, तो सम्भवतः पहला कारण रहा भाजपा का कमजोर चुनाव लड़ना। एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी मैदान में थे और ये उसकी हार का बड़ा कारण बना। दोनों पार्टियों के वोट शेयर में अंतर एक प्रतिशत से भी कम रहा, जबकि निर्दलीयों के खाते में करीब दस प्रतिशत वोट गए। इनमें अधिकांश भाजपा के बागी थे। दूसरा कारण था, कांग्रेस की गारंटियां। कांग्रेस ने भाजपा से बेहतर चुनाव लड़ा और उसका गारंटी कार्ड चल गया। ये ही कारण है कि सिमटते कैडर के बावजूद कांग्रेस ने दमदार वापसी की। कांग्रेस के खाते में 40 सीटें आई, लेकिन भाजपा भी तमाम गलतियों के बावजूद 25 का आंकड़ा छू गई। यानी सरकार बेशक कांग्रेस ने बना ली हो लेकिन पहले दिन से उस पर परफॉरमेंस प्रेशर है। फिर तारीख आई 11 दिसंबर 2022, जगह थी हिमाचल की राजधानी शिमला का रिज मैदान, सर्दी का मौसम मगर तेज़ धूप और उस धूप में उबाल खाता हज़ारों कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह। अर्से बाद वीरभद्र सिंह की जगह कोई और कांग्रेसी चेहरा सीएम पद की शपथ ले रहा था। जो सुखविंदर सिंह सुक्खू सालों वीरभद्र सिंह के सामने एक किस्म से अपने सियासी रसूख को बचाये रखने की लड़ाई लड़ते रहे थे, वे अब उनके बाद मुख्यमंत्री बन चुके थे। पार्टी के 40 विधायक जीत कर आए थे और इन 40 विधायकों में से सबसे ज्यादा सुक्खू के पक्ष में थे। होली लॉज खेमे के विधायक प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री के बीच बंटे हुए थे। ये ही सुक्खू के पक्ष में गया था। राजधानी कांग्रेसमय दिख रही थी, मैदान खचाखच भरा था और नारे लग रहे थे 'प्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा हो, सुक्खू भाई जैसा हो। कांग्रेस में ये नए दौर की शुरुआत थी। शपथ ग्रहण मंच पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व राजा वीरभद्र सिंह की तस्वीर भी रखी गई थी, उन्हें शपथ से पहले श्रद्धांजलि दी गई और फिर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने शपथ ली। धुआंधार लॉबिंग और मैराथन बैठकों के बाद सुक्खू मुख्यमंत्री तो बन गए थे लेकिन ये ताज काँटों भरा ताज है। सुक्खू सरकार के सामने पहले दिन से न सिर्फ परफॉर्म करने की चुनौती है बल्कि पार्टी के भीतर भी सामंजस्य बैठाना है। एक साल बीत गया है और कई मोर्चों पर सरकार हिट साबित हुई है, तो कई पैमानों पर अब सरकार का असल इम्तिहान होना है। " सुक्खू सरकार एक साल की हो गई है ...सत्ता पक्ष इसे 'सुख की सरकार' कह रहा है तो विरोधी 'दुख की सरकार', कांग्रेस उपलब्धियों की बुकलेट बाँट रही है तो भाजपा नाकामी के पर्चे। ये तो सियासत के रस्म-ओ-रिवाज है जो सत्ता पक्ष को भी निभाने है और विपक्ष को भी। बहरहाल एक साल की सुक्खू सरकार को लेकर भी सबका अपना-अपना विश्लेषण है। सरकार का कामकाज उसकी गारंटियों की कसौटी पर भी आँका जा रहा है, आपदा प्रबंधन पर भी और सरकार की जमीनी पकड़ भी इसका मापदंड है। कहीं शांता कुमार जैसे दिग्गज सरकार की तारीफ कर रहे है, तो कहीं पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ही सीएम को पत्र लिखकर वादे याद दिला रहे है। इस बीच सुक्खू सरकार जनता के बीच सुछवि गढ़ने के प्रयास में लगी है, तो भाजपा छवि बिगाड़ने का कोई मौका नहीं चूक रही। खेर, बनती बिगड़ती सियासी इक्वेशन अपनी जगह, लेकिन कामकाज की कसौटी पर आंके तो सुक्खू सरकार ने कई ऐसे काम किये है जो अपनी छाप छोड़ गए। पुरानी पेंशन बहाली का वादा भी सरकार ने पूरा किया और सुख आश्रय योजना से सरकार का मानवीय चेहरा भी दिखा। वहीँ आपदा में सुक्खू सरकार के कामकाज पर तो वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी ताली बजाई। हालांकि, सरकार के लिए सब हरा हरा नहीं है, महिलाओं को 1500 रुपये देने की गारंटी भी अभी अधूरी है और सियासी संतुलन बनाने में भी सरकार असफल दिखती है। पुरानी पेंशन के अलावा भी कर्मचारियों के मसले है जो अनसुलझे है। युवा एक साल में ही सड़कों पर उतर आए थे, कोई रिजल्ट मांग रहा है तो कोई नौकरी। प्रयास तो जारी है मगर फिलहाल खाली खजाना सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। सरकार के बड़े काम ... अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ़ स्टेट' हिमाचल प्रदेश के सभी अनाथ बच्चे अब 'चिल्ड्रन ऑफ स्टेट' है। ये सुक्खू सरकार का वो फैसला है जिसने सबका दिल छुआ। अनाथ बच्चों का पालन पोषण, शिक्षा, आवास, विवाह आदि का खर्चा सरकार ने उठाने का निर्णय लिया है। सुक्खू सरकार की इस मानवीय पहल को चौतरफा तारीफ मिली है। सुख आश्रय योजना निसंदेह सुक्खू सरकार का वो काम है जो सदा याद रखा जायेगा। राज्य में अब तक 4000 अनाथ बच्चों को पात्रता प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं, जिससे अब वह मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के तहत 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चे की देखभाल का ज़िम्मा राज्य सरकार का है। इसके साथ ही अनाथ बच्चों को क्लोथ अलाउंस व त्यौहार मनाने के लिए भत्ता प्रदान किया जा रहा है। उनकी उच्च शिक्षा, रहने का खर्च, 4000 रुपए पॉकेट मनी राज्य सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार अनाथ बच्चों को नामी स्कूलों में दाख़िला दिलाने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनाने तथा घर बनाने के लिए 3 बिस्वा भूमि तथा 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। पुरानी पेंशन बहाल करके दिखाई वादे के मुताबिक सुक्खू सरकार ने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाली का तोहफा दिया है। प्रदेश की ख़राब आर्थिक स्थिति के बावजूद सरकार ने कर्मचारियों से वादा निभाया है। प्रदेश सरकार द्वारा चौथी कैबिनेट की बैठक में ही पुरानी पेंशन बहाली की एसओपी को मंज़ूरी दे दी गई थी और 1 अप्रैल, 2023 से पुरानी पेंशन लागू कर दिया गया । चुनाव से पहले कांग्रेस द्वारा जनता को दी गई गारंटियों में से पुरानी पेंशन बहाली पहली गारंटी थी। प्रदेश की नई सरकार ने कर्मचारियों की पेंशन की सबसे बड़ी टेंशन को खत्म कर दिया। हिमाचल में करीब सवा लाख कर्मचारी इस समय एनपीएस के दायरे में आते थे जिन्हे इसका लाभ मिला । इस फैसले से प्रदेश सरकार पर सालाना करीब 1,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय बोझ बढ़ गया मगर सरकार अपने वादे से पीछे नहीं हटी। अब इसका सियासी लाभ कांग्रेस को होगा या नहीं, ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन ये सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला है। ग्रीन हिमाचल मुहीम हरित राज्य प्रदेश सरकार ने राज्य को 31 मार्च, 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य के प्रत्येक जिले में दो-दो ग्राम पंचायतों को पायलट आधार पर हरित पंचायत के रूप में विकसित करने की रूपरेखा तैयार की है। इन पंचायतों में 500 किलोवाट से एक मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी। हिमाचल प्रदेश ऊर्जा क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत इन परियोजनाओं की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। सुक्खू सरकार ने 100 किलोवाट से लेकर एक मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना पर युवाओं को 40 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की है। इन परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की खरीद राज्य विद्युत बोर्ड करेगा। सरकार सार्वजनिक परिवहन को विद्युत परिवहन के रूप में विकसित करने के लिए भी प्रयास कर रही है। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को सरकारी महकमों में भी इस्तेमाल किया जा रहा है और इलेक्ट्रिक टैक्सी की खरीद पर सरकार सब्सिडी भी दे रही है। हिमाचल को ग्रीन राज्य बनाने में सुक्खू सरकार जुटी है, और ये सरकार की बेहतरीन पहल है। दशकों से लंबित इंतकाल के मामलों का निबटारा इंतकाल और तकसीम के दशकों पुराने मामलों को लेकर सुक्खू सरकार एक्शन मोड में है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को 24 जनवरी तक इंतकाल और तकसीम के मामलों को सुलझाने के निर्देश दिए हैं। इससे सालों से लंबित मामलों का निपटारा हो सकेगा। राजस्व लोक अदालतों का आयोजन कर सरकार हाज़ों मामले निबटा चुकी है। अब तक इंतकाल के लम्बित कुल 45 हजार 055 मामलों का निपटारा किया जा चुका है। किलो के हिसाब से सेब, अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन किलो के हिसाब से सेब बेचने का फैसला हो या अगले सीजन से यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का निर्णय, सुक्खू सरकार ने सेब बागवानों के हितों को महफूस रखने की दिशा में इच्छाशक्ति भी दिखाई है और फैसले भी लिए है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी हर मसले पर एक्टिव दिखे है और उनकी कार्यशैली की असर साफ दिख रहा है। एचपीएमसी को लेकर भी सरकार ने बड़े बदलाव लाने की दिशा में काम शुरू किया है और उम्मीद है इसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। अब 40 साल तक ही लीज पर जमीन सुक्खू सरकार ने लीज पर जमीन लेने की अवधि को 99 वर्ष से घटाकर अब अधिकतम 40 साल कर दिया है। हालांकि पुरानी लीज की अवधि नहीं बदलेगी। उद्योग लगाने और अन्य विकास परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए अब 40 साल के लिए ही लीज पर जमीन का प्रावधान है। सरकार का कहना है कि अब धौलासिद्ध, लुहरी फेज-1 तथा सुन्नी जल विद्युत परियोजनाओं को 40 वर्ष के बाद हिमाचल प्रदेश को वापिस सौंपना होगा। वाईल्ड फ्लावर हॉल होटल को वापिस पाने के लिए राज्य सरकार कानूनी लड़ाई लड़ रही है। शानन प्रोजेक्ट को वापस लेने के लिए भी हिमाचल सरकार एक्शन मोड में दिखी है। आपदा प्रबंधन पर सुक्खू सरकार हिट... एक साल के कार्यकाल में सुक्खू सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी आपदा। आपदा में खुद सीएम सुक्खू दिन रात मैदान में डेट दिखे और हिमाचल सरकार ने बेहतरीन काम किया। वर्ल्ड बैंक और नीति आयोग ने भी सरकार के काम की तरफ की। सुक्खू सरकार 4500 करोड़ का बड़ा आपदा राहत पैकेज लेकर आई और मुआवजे की राशि में भारी वृद्धि कर पीड़ितों को राहत पहुँचाने का काम किया। राजनीति से इतर कई दूसरी विचारधारा के लोगों ने भी सरकार के कामकाज को सराहा। वहीँ केंद्र से मिलने वाली मदद को लेकर भी खूब सियासत हुई। भाजपा कहती है कि केंद्र से भरपूर मदद मिली और सीएम सुक्खू खुलकर कहते है कि अगर मदद मिली है तो भाजपा बताएं। इसमें कोई संशय नहीं है कि केंद्र ने हिमाचल को कोई विशेष आपदा राहत पैकेज नहीं दिया है। वहीँ प्रदेश की आर्थिक स्थीति भी खराब है। बावजूद इसके सुक्खू सरकार ने साहस भी दिखाया और बड़ा दिल भी। बहरहाल, सीमित संसाधनों के बीच सरकार के सामने अब चुनौती बड़ी है और सुक्खू सरकार का असल इम्तिहान अभी बाकी है। बढ़ता कर्ज सबसे बड़ी चुनौती .... हिमाचल प्रदेश पर 78,430 करोड़ रुपए कर्ज है। राज्य सरकार पर डीए और एरियर के रूप में करीब 12 हजार करोड़ रुपए के करीब देनदारियां हैं। यदि इसी रफ्तार से कर्ज लिया जाता रहा तो अगले साल हिमाचल पर कर्ज का बोझ एक लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा। कर्ज को लेकर सियासत भी खूब हुई है। सुक्खू सरकार विधानसभा में श्वेत पत्र लेकर इसका ठीकरा पूर्व की जयराम सरकार पर फोड़ चुकी है तो भाजपा का कहना है कि सुक्खू सरकार प्रतिमाह एक हज़ार करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। बहरहाल, प्रदेश की आर्थिक हालत पतली है, केंद्र ऋण लेने की सीमा कम कर चुका है, ओपीएस का बोझ भी सरकार पर अभी पड़ना है और आपदा ने भी कमर तोड़ दी है। ऐसे में सुक्खू सरकार के लिए आने वाला समय बेहद कठिन होने वाला है। राजस्व बढ़ाने के हुए प्रयास, पर इतना काफी नहीं .... इस वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। वर्तमान राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। इसके अलावा कई छोटे छोटे फैसलों से सरकार को राजस्व बढ़ोतरी हो रही है, हालंकि ये नाकाफी है। फिर भी सरकार के प्रयास जरूर दिखे है। हिमाचल सरकार ने प्रदेश की आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए ऊर्जा उत्पादकों पर वॉटर सेस लगाने का निर्णय लिया था। वॉटर सेस की दर 0.06 से लेकर 0.30 रुपये प्रति घन मीटर तय की गई थी। राज्य जल उपकर आयोग ने सितंबर में कई ऊर्जा उत्पादकों को वाटर सेस के बिल जारी कर दिए थे। बीबीएमबी,एनटीपीसी,एनएचपीसी समेत कई अन्य ऊर्जा उत्पादकों ने प्रदेश सरकार के इस निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी है। वहीँ केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने 25 अक्टूबर को सभी राज्यों को एक पत्र लिख वॉटर सेस को अवैध व असंवैधानिक बताते हुए इसे शीघ्र बंद करने के निर्देश दिए हैं। सुक्खू सरकार की तरफ से पर्यटन को बढ़ावा देने के कुछ प्रयास भी दिखते है और इच्छाशक्ति भी। हालांकि आपदा ने सरकार को बड़ा झटका जरूर दिया है। अलबत्ता पर्यटन आधारभूत या पॉलिसी सुधार की दिशा में अब तक कोई बड़ी कामयाबी सरकार को नहीं मिली है, लेकिन उम्मीद जरूर जगी है कि जल्द सरकार एक्शन मोड में दिखेगी। एडवेंचर टूरिज्म, धार्मिक पर्यटन की दिशा में सरकार के थोड़े प्रयास दिखे है, लेकिन सरकार से अपेक्षा किसी बड़ी योजना है। माहिर भी मानते है कि पर्यटन की दिशा में कोई बड़ा कदम उठाकर ही सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल के लक्ष्य की तरफ बढ़ सकती है। धर्म संकट...खाली खजाना और 1500 देने का अधूरा वादा हिमाचल में कांग्रेस पर गारंटियां पूरी करने का दबाव है। जिन दस गारंटियों के बुते कांग्रेस सत्ता में आई उनमे से एक मुख्य गारंटी थी महिलाओं को हर माह पंद्रह सौ रुपये देना। बढ़ते कर्ज के बीच सुक्खू सरकार कैसे इसे पूरा करती है , इस पर निगाह टिकी है। जाहिर है हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में कांग्रेस की हार के बाद हिमाचल सरकार पर आधी आबादी से किया गया वादा पूरा करने का दबाव है, लेकिन खराब आर्थिक स्थीति इसमें रोड़ा है। भाजपा इसे जमकर भुना रही है और अब ये 1500 रुपये का वादा बड़ा मुद्दा बन चूका है। लोकसभा चुनाव दस्तक दे रहे है और ये गारंटी कांग्रेस के गले की फांस बन चुकी है। खाली खजाने के बीच सरकार धर्म संकट में है। कई अन्य गारंटियां भी अभी अधूरी है जिनमें 300 यूनिट मुफ्त बिजली और पांच लाख रोजगार प्रमुख है। कैबिनेट में असंतुलन..10 विधायक देने वाले कांगड़ा को एक मंत्री पद ! एक साल में विपक्ष द्वारा सुक्खू सरकार को घेरना इतना चर्चा में नहीं रहा जितनी चर्चा अपनों की नाराजगी की हुई। किसी ने नाराजगी खुलकर जाहिर की तो किसी ने सोशल मीडिया पर चेतावनी दी। बात पार्टी के भीतरी संतुलन की ही नहीं, बात कैबिनेट असन्तुलन की भी हुई। सीएम सहित 9 लोगों की कैबिनेट कई पैमानों पर असंतुलित है। कांगड़ा और मंडी संसदीय क्षेत्र से सिर्फ एक-एक मंत्री है। ज़िलों के हिसाब से बात करें तो सबसे बड़े जिला कांगड़ा से कांग्रेस के दस विधायक है, पर मंत्री सिर्फ एक। जबकि सात विधायक वाले शिमला से तीन मंत्री है। ये असंतुलन सिर्फ सियासी मसला नहीं है, जिस जनता ने कांग्रेस को वोट दिया वो भी अपेक्षा रखती है कि क्षेत्र में कोई मंत्री होगा तो विकास को रफ़्तार मिलेगी। इसी तरह हिमाचल कैबिनेट में अभी 9 में से 6 क्षत्रिय है, जबकि ब्राह्मण, एससी और ओबीसी सिर्फ एक-एक है। पांच साल के लिए सरकार चुनी गई है और एक साल बीत चुका है लेकिन अब तक कैबिनेट पूरी नहीं हुई है। ये ही हाल बोर्ड निगमों का है। अब सरकार का रुख जल्द विस्तार का दिख जरूर रहा है लेकिन इच्छा से ज्यादा शायद मजबूरी है। तीन राज्यों की हार ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है और संभवतः अब आलाकमान भी पार्टी के भीतरी संतुलन को सुनिश्चित करे। बहरहाल मुख्यमंत्री का ताजा बयान ये है कि नए मंत्री इसी साल में मिलेंगे। कोर्ट में गया सीपीएस नियुक्ति का मामला सुक्खू सरकार ने ने छह सीपीएस नियुक्त किए थे – अर्की विधानसभा क्षेत्र से संजय अवस्थी, कुल्लू से सुंदर सिंह, दून से राम कुमार, रोहड़ू से मोहन लाल बराकटा, पालमपुर से आशीष बुटेल और बैजनाथ से किशोरी लाल। इनके अलावा मुकेश अग्निहोत्री को उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। भाजपा नेताओं ने इनकी नियुक्ति को कोर्ट में चुनौती दे दी है।मामले की सुनवाई जारी है और कोर्ट के फैसले का इंतजार है। इस मामले में अब 20 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई है। बीजेपी नेता सतपाल सिंह सत्ती और 11 अन्य बीजेपी विधायकों ने अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि सीपीएस और डिप्टी सीएम का ऐसा कोई पद संविधान के तहत या संसद द्वारा पारित किसी कानून या अधिनियम के तहत मौजूद नहीं है। उन्होंने याचिका में दलील दी कि सीपीएस के पदों पर नियुक्ति राज्य के खजाने पर बोझ है। याचिका के अनुसार, 91वें संशोधन में मंत्री पदों की संख्या सदन की कुल संख्या का 15 प्रतिशत कर दी गई और इस मानदंड के अनुसार राज्य में 12 मंत्री हो सकते हैं क्योंकि विधानसभा की सदस्य संख्या 68 है।आगे आरोप लगाया गया कि 6 सीपीएस की नियुक्तियां संविधान के विपरीत हैं। उन्हें सीपीएस के रूप में नियुक्त किया गया है, जो बिना बुलाए ही वास्तविक मंत्री हैं और मंत्रियों की सभी शक्तियों और सुविधाओं का आनंद लेते हैं। बहरहाल इस मामले में, विशेषकर सीपीएस की नियुक्ति को लेकर कोर्ट का क्या फैसला आता है, इस पर सबकी निगाह टिकी है। शिमला नगर निगम चुनाव जीते ...अब सोलन ने दिया झटका सुक्खू सरकार के एक साल के कार्यकाल में शिमला नगर निगम का चुनाव हुआ जहाँ कांग्रेस को शानदार जीत मिली। इसके बाद हालहीं में चार नगर निगमों में नए मेयर और डिप्टी मेयर चुनने की बारी थी। किस्मत की बदौलत कांग्रेस धर्मशाला नगर निगम में कब्ज़ा करने में कामयाब रही लेकिन सोलन में बहुमत होते हुए भी पार्टी की फजीहत हुई। कांग्रेस के दोनों अधिकृत उम्मीदवार हार गए। यहाँ मेयर पद कांग्रेस की बागी ने कब्जाया तो भाजपा को डिप्टी मेयर का पद मिल गया। वो फैसला जिसपर हुई विपक्ष ने जमकर घेरा सुक्खू सरकार ने आते ही सैकड़ों संस्थानों को डी नोटिफाई कर दिया। संस्थानों की डेनोटिफिकेशन पर भाजपा सरकार को जमकर घेरती रही है। भाजपा का आरोप है कि इस सरकार ने 10 महीने के कार्यकाल में ही हिमाचल के 1000 से अधिक चले हुए संस्थान बंद किए बंद कर दिए थे। कई शिक्षण स्थान भी बंद हुए और निसंदेह इससे कई छात्रों को कई दिक्क्तों कि खबरें भी सामने आई।
-45वें ऑल इंडिया इलेक्ट्रीसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट संपन्न ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि आज के व्यस्त जीवन में खेल हमें तनाव मुक्त एवं स्वस्थ रखने में सहायक है। अनिरुद्ध सिंह आज सोलन जिला के कुमारहट्टी में तीन दिवसीय 45वें ऑल इंडिया इलेक्ट्रीसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी एवं निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों को आज पहले से कहीं अधिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी परिस्थितियों में खेल एवं व्यायाम जहां कर्मियों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हैं वहीं उनकी शारीरिक क्षमताओं में वृद्धि भी करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को खेलों में प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा खिलाड़ियों के लिए सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से खिलाड़ियों को सरकारी क्षेत्र में रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। अनिरुद्ध सिंह ने इस अवसर पर ऑल इंडिया इलेक्ट्रीसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट की स्मारिका का विमोचन भी किया। उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में कबड्डी में हिमाचल की स्वर्ण पदक विजेता टीम की वंदना ठाकुर को 51 हजार रुपये का चैक भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने विजेता खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया। टूर्नामेंट के ये रहे विजेता ऑल इंडिया इलैक्ट्रीसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट में 14 इकाइयों के लगभग 100 खिलाड़ियों ने भाग लिया। डबल वर्ग में पीएसपीसीएल के हरमिंदर सिंह गिल तथा लखविंदर पाल सिंह प्रथम, यूपीएसजी के गोपाल सिंह तथा ललित कुमार द्वितीय व एचपीएसजी के सुरेेंद्र कुमार तथा वीरेेंद्र कुमार एवं ओपीटीसीएल के जय प्रकाश सिंह तथा सत्या नारायण प्रधान तृतीय स्थान पर रहे। एकल वर्ग में पीएसपीसीएल के लखविंदर पाल सिंह पहले, पीएसपीसीएल के हरमिंदर सिंह गिल दूसरे व एमएसपीजीसीएल के प्रियम शुभलोक तथा यूपीएसजी के रक्षित भंडारी तीसरे स्थान पर रहे।पुरुष टीम प्रतियोगिता में पीएसपीसीएल पंजाब प्रथम, यूपीएसजी उत्तराखंड द्वितीय व ओपीटीसीएल ओडिसा एवं बीबीएमबी पंजाब तृतीय स्थान पर रहे। कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का विधानसभा क्षेत्र में पधारने पर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस नेता रमेश चौहान, ग्राम पंचायत अन्हेच के प्रधान मोहन लाल, ग्राम पंचायत बड़ोग के उप प्रधान गुरदेव, नगर निगम शिमला के पार्षद नरेंद्र ठाकुर, हिमफेड के निदेशक मोहन मैहता, ऑल इंडिया विद्युत खेल नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष जगदीश रे, महासचिव राकेश ठाकुर, अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव, पुलिस उपाधीक्षक परवाणू प्रणव चौहान सहित अन्य गणमान्य व विद्युत बोर्ड के प्रतिभागी उपस्थित थे।
भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सोलन ज़िला के 53-सोलन (अजा) निर्वाचन क्षेत्र में व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और निर्वाचन भागीदारी कार्यक्रम (स्वीप) के तहत इलेक्ट्रिॉनिक वोटिंग मशीन और वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के विषय में आमजन को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम 11 दिसंबर से आरंभ होंगे। यह जानकारी निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी एवं उपमण्डलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि स्वीप के तहत 53-सोलन (अजा) निर्वाचन क्षेत्र में 11 दिसम्बर, 2023 को मतदान केंद्र संख्या 87-सोलन वार्ड नंबर 9 (1) के लिए जागरूकता कार्यक्रम राजकीय छात्र वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन के ग्राउंड फ्लोर स्थित विज्ञान खंड, मतदान केंद्र संख्या 88 सोलन वार्ड संख्या 9 (2) के लिए लोक निर्माण विभाग सोलन के अधिशाषी अभियंता वृत्त कार्यालय, मतदान केंद्र संख्या 91 सोलन वार्ड नंबर 11 (1) के लिए तहसील कार्यालय सोलन तथा वार्ड संख्या 92 सोलन वार्ड नंबर 11 (2) के लिए राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सोलन में प्रात: 11 बजे से सायं 3 बजे तक आयोजित होंगे। 12 दिसंबर को जागरूकता कार्यक्रम मतदान केंद्र संख्या 89 सोलन वार्ड नंबर 10 (1) के लिए डाईट सोलन, वार्ड संख्या 90 सोलन वार्ड नंबर 10 (2) के लिए डाईट-1 सोलन, वार्ड संख्या 93 सोलन वार्ड नंबर 12 (1) के लिए पुराना उपायुक्त कार्यालय (पूर्वी भाग) तथा मतदान केंद्र संख्या 94 सोलन वार्ड नंबर 12 (2) के लिए पुराना उपायुक्त कार्यालय (पश्चिमी भाग) में प्रात: 11.00 बजे से सायं 3 बजे तक आयोजित होंगे।
-कहा, युवाओं का भविष्य सुरक्षित बनाने में अध्यापकों की अहम भूमिका शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षकों का आह्वान किया कि भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप छात्रों को तैयार करने में आधुनिक तकनीक के साथ-साथ अपने अनुभव का भी लाभ उठाएं। रोहित ठाकुर गत सांय सोलन जिला के परवाणू में डीएवी पब्लिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में आयोजित 'स्पेक्ट्रा फेस्टÓ को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। रोहित ठाकुर ने दीप प्रज्जवलित कर स्पेक्ट्रा फेस्ट का विधिवत शुभारम्भ किया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अध्यापक अपने अनुभव के माध्यम से छात्रों को न केवल सही राह दिखा सकते हैं अपितु भविष्य में लक्ष्य प्राप्ति में उनके पथ प्रदर्शक भी बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापकों और अभिभावकों को युवाओं के सुरक्षित भविष्य के लिए मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने अध्यापकों से छात्रों के लिए पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाने का आह्वान किया और छात्रों की प्रतिभा की पहचान कर इन्हें ओर निखारने की दिशा में सकारात्मक शुरुआत करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बच्चे ही हमारा भविष्य है और इन्हें निखारने तथा सवारने में सबसे बड़ा योगदान अध्यापकों का ही होता है। रोहित ठाकुर ने विद्यालय के होनहार विद्यार्थियों को उपलब्धियों के लिए शुभकामनाएं दी और आशा जताई कि छात्र अपने सहपाठियों को और बेहतर करने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि वार्षिक उत्सव संस्थान में वर्षभर के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियों के लिए सम्मानित करने का अवसर होता है। इसके आयोजन से छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना विकसित होती है और छात्रों को उचित मंच पर प्रतिभा दिखाने का अवसर प्राप्त होता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने के साथ-साथ खेल, योग तथा अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधियों को भी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है ताकि छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके। प्रदेश सरकार वर्ष 2026-2027 तक राज्य की प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक स्तर की 2050 पाठशालाओं को चरणबद्ध तरीके से मुख्यमंत्री स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में परिवर्तित करेगी। अगले शैक्षणिक सत्र से यह संस्थान गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाने में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। इसके कार्यान्वयन के लिए 31 दिसंबर, 2023 तक इनकी सूची तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए व्यापक स्तर पर सुधार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है तथा इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। रोहित ठाकुर ने कहा कि राज्य में सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाई आरम्भ की जाएगी। स्कूल एडॉप्शन कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा ताकि शिक्षा के स्तर में सुधार आ सके। उन्होंने कहा कि बेहतर कार्य करने वाले स्कूलों और अध्यापकों को राज्य सरकार प्रोत्साहित करेगी और इसके तहत ज़िला स्तर पर 5 स्कूलों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से खोले जा रहे राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों की प्रगति की समीक्षा भी समय-समय पर की जा रही है। विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉ. हरनीत सिंह ने इससे पूर्व मुख्यातिथि का स्वागत किया और वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया जिसकी मुख्यातिथि द्वारा खूब सराहना की गई। कार्यक्रम में कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी, नगर परिषद परवाणू की पूर्व अध्यक्ष मोनिशा शर्मा, उपाध्यक्ष लखविंदर सिंह, मनोनीत पार्षद कांता कपूर, चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एच.एस लकी, सहायक आयुक्त प्रोटोकॉल महेंद्र प्रताप, पुलिस उप अधीक्षक प्रणव चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, अध्यापक, छात्र, अभिभावक और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
सोलन जिला में आज राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया गया। जिले के उप मंडल नालागढ़, कसौली, अर्की तथा सोलन मुख्यालय में 11 लोक अदालत बैंचों का गठन किया गया था। इन लोक अदालतों का आयोजन अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश सोलन अरविंद मलहोत्रा की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर कुल 13016 मामलों को सुनवाई के लिए अदालत सीटिंग्स एवं लोक अदालत की विभिन्न बैंचों के समक्ष रखा गया, जिसमें से 4362 मामलों का निपटारा विभिन्न पक्षों की आपसी सहमति से किया गया तथा 33,91,26,838 रुपये राशि प्राप्त हुई। इन मामलों में 11522 मोटर व्हीकल चालानों को भी विभिन्न बैंचों के समक्ष रखा गया, जिसमें से कुल 3404 मामलों का निपटारा किया गया। यह जानकारी सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोलन आकांक्षा डोगरा जी ने दी।
-मुख्यमंत्री ने 23 मेधावियों को प्रदान किए पदक स्वर्ण -प्रत्येक स्वर्ण पदक विजेता को 10 हजार रुपये देने की घोषणा राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन जिले के नौणी स्थित डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के 12वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए। राज्यपाल ने 773 विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये। इसके अलावा 1305 विद्यार्थियों को बीएससी औद्यानिकी और बीएससी वानिकी, बीटेक बायो-टेक्नोलॉजी, एमबीए/एबीएम,एमएससी और पीएचडी औद्यानिकी एवं वानिकी में डिग्रियां प्रदान कीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मेधावी विद्यार्थियों को 23 स्वर्ण पदक प्रदान किये, जिनमें से 20 स्वर्ण पदक छात्राओं को प्रदान किये गये। राज्यपाल ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के मुख्य प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक शिक्षा राकेश चंद अग्रवाल को मानद उपाधि भी प्रदान की। राज्यपाल ने युवाओं से केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्टार्ट-अप योजनाओं का लाभ उठा कर समाज के विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें स्वरोजगार की ओर अग्रसर होना चाहिए और रोजगार प्रदाता बन कर अन्य लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना चाहिए। स्वर्ण पदक विजेताओं और डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने उनसे राष्ट्र निर्माण में योगदान का आह्वान किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि छात्राओं को सर्वाधिक डिग्रियां एवं स्वर्ण पदक मिले हैं। उन्होंने कहा कि वे अपने शोध कार्य को खेतों तक ले जाएं ताकि किसान इससे लाभान्वित हो सकें। वैज्ञानिकों द्वारा किया गया शोध प्रयोगशालाओं और किताबों से निकलकर व्यवहारिक रूप से खेतों तक पहुंचना आवश्यक है। युवा वैज्ञानिकों का कर्त्तव्य है कि वे किसानों की समस्याओं का उनके खेतों में जाकर समय पर इसका समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि युवा ही समाज में बदलाव ला सकते हैं। डिग्री प्राप्त करने का अर्थ केवल रोजगार अर्जित करना नहीं, बल्कि समाज कल्याण की दिशा में इसका उपयोग करना है। उन्होंने कहा कि डिग्रीधारकों को 'एक भारत, श्रेष्ठ भारतÓ की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने विभिन्न रासायनिक कीटनाशकों पर किसानों की निर्भरता कम करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि यह तभी संभव है जब किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि विश्वविद्यालय ने प्राकृतिक कृषि प्रणाली अपनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्यपाल ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की रैंकिंग में नौणी विश्वविद्यालय के प्रदर्शन में और सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक प्रबंधन प्रणाली शुरू करना सराहनीय है। यह प्रणाली विश्वविद्यालय को शिक्षा और डिजिटलीकरण में सर्वोत्तम शैक्षणिक पद्धतियों को अपनाने और अकादमिक रिकॉर्ड का डेटा बैंक तैयार करने में मदद करेगी। उन्होंने अंत: विषय अध्ययन और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने पर भी बल दिया और कहा कि अनुसंधान और नवोन्मेष का उपयोग करके ही देश तथा विश्व के समक्ष आने वाली चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर में अनुसंधान समय की मांग है। उन्होंने बदलते परिप्रेक्ष्य में कार्यों में गति एवं गुणवत्ता लाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए ई-शिक्षा और तकनीक के उपयोग पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अवसर पर मेधावी छात्रों को बधाई दी और प्रत्येक स्वर्ण पदक विजेता को 10,000 रुपये की सम्मान राशि देने की घोषणा की। उन्होंने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि चुनौतियां जीवन का एक हिस्सा हैं और सकारात्मक सोच से चुनौतियों पर विजय हासिल कर सफलता पाई जा सकती है। उन्होंने युवाओं को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को पहचानने और संरक्षित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि लड़कियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं और 23 स्वर्ण पदक विजेताओं में से 20 लड़कियां हैं। राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं और कई जिलों में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाएगा। समाज के विकास में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। प्रदेश सरकार लड़कियों की विवाह योग्य आयु 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष करने पर विचार कर रही है और इस विषय पर परामर्श के लिए एक समिति का गठन किया गया है। अपने छात्र जीवन से जुड़ी यादों को साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन के बेहतर साल हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में बिताए और उसके बाद सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि युवा हिमाचल प्रदेश का भविष्य हैं। विवेकानंद योगा और मेडीटेशन सेंटर का किया लोकार्पण इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने 1.16 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित कौशल विकास छात्रावास और 40 लाख रुपये की लागत से निर्मित विवेकानंद योगा और मेडीटेशन सेंटर का लोकार्पण किया। डॉ.यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेश्वर चंदेल ने विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों और अन्य गतिविधियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अनुसंधान के क्षेत्र में विशेष कार्य किया है। उन्होंने प्राकृतिक खेती और विकास में अनुसंधान के लिए चार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में अगले शैक्षणिक सत्र से प्राकृतिक खेती में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरम्भ किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय में अनुसंधान कार्य को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए 2.50 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं और यह राशि 41 परियोजनाओं के माध्यम से विभिन्न विभागों को आवंटित की जाएगी। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नरेंद्र चौहान ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
सोलन में जिला न्यायालय परिसर में आयोजित जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में बीएएलएलबी और एलएलबी कार्यक्रमों के शूलिनी विश्वविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य छात्रों को विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों में अपनाई जाने वाली पद्धतियों और तकनीकों से परिचित कराना था। विनीत कुमार सहायक प्रोफेसर, शूलिनी विश्वविद्यालय के कानूनी विज्ञान संकाय में सहायक प्रोफेसर और डॉ. कुसुम वर्मा छात्रों ने छात्रों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला और सत्र न्यायाधीश, और न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम या द्वितीय श्रेणी के न्यायालय में कार्यवाही देखने का सौभाग्य मिला। छात्रों ने कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत स्थापित इसकी वैधानिक स्थिति के साथ वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में लोक अदालत की भूमिका में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त की। इस दौरे ने छात्रों को तलाक, संविदात्मक विवादों, सेवा मामलों और समझौता योग्य आपराधिक मामलों सहित विभिन्न मामलों से संबंधित लोक अदालत की कार्यवाही देखने का अवसर प्रदान किया। डॉ. नंदन शर्मा एसोसिएट डील फैकल्टी ऑफ लीगल साइंसेज ने कहा, इस पहल ने न केवल छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान को व्यापक बनाया बल्कि कानूनी परिदृश्य में वैकल्पिक विवाद समाधान के महत्व को भी मजबूत किया।
-सर्वश्रेष्ठ साहसिक पर्यटन गंतव्य और इको पर्यटन गंतव्य बना हिमाचल -प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने हासिल किए पुरस्कार -मुख्यमंत्री ने हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र में उदारतापूर्वक निवेश का किया आह्वान हिमाचल प्रदेश ने शुक्रवार देर सायं नई दिल्ली में आयोजित आउटलुक ट्रैवलर अवॉर्ड्स-2023 समारोह में दो प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते। इस समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे। उन्होंने विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। हिमाचल प्रदेश ने कांगड़ा जिले के बीड़-बिलिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ साहसिक पर्यटक गंतव्य स्वर्ण श्रेणी और लाहौल-स्पीति जिले के स्पीति के लिए सर्वश्रेष्ठ इको-पर्यटन गंतव्य स्वर्ण श्रेणी में पुरस्कार जीते। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने यह पुरस्कार प्राप्त किए। मुख्यमंत्री सुक्खू ने निवेशकों से हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र में उदारतापूर्वक निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन परियोजनओं को शीघ्र स्वीकृति की सुविधा प्रदान करेगी। हिमाचल सभी मौसमों के लिए उपयुक्त पर्यटन गंतव्य है। यहां की घाटियां, बर्फ से ढकी घाटियां, हरा-भरा वन क्षेत्र, जल निकाय और शानदार होम-स्टे पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों के यात्रा अनुभव को और शानदार बनाने के लिए प्रयासरत है और इसके लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। ठहरने के लिए शानदार होम-स्टे भी विकसित किए जाएंगे जिससे पर्यटक नजदीक से यहां के जन-जीवन व वादियों को निहार सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नए पर्यटन गंतव्यों को विकसित कर, पर्यटन अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण कर रही है। पर्यटकों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान कर रही है ताकि वे अधिक अवधि तक यहां समय बिताएं और प्रदेश की आर्थिकी में वृद्धि हो। प्रदेश में हवाई सेवा में सुधार के दृष्टिगत कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के साथ-साथ सभी जिला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट निर्मित्त किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रतिवर्ष लगभग 5 करोड़ पर्यटकों का आगमन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और राज्य सरकार कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कांगड़ा घाटी में पर्यटक अधोसंरचना विकसित करने के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये व्यय करेगी। वन्य जीव पर्यटन में रुचि रखने वाले पर्यटकों को प्रोत्साहित करने के लिए कांगड़ा जिला में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल धार्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र है, प्रदेश प्रसिद्ध शक्तिपीठों की भूमि है और शीघ्र ही प्रदेश आध्यात्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र बन कर उभरेगा। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में ईको-टूरिज्म को भी बड़े पैमाने पर विकसित करने पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मार्च, 2026 तक हिमाचल को देश के हरित राज्य के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है और राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अभिनव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, नवीकरण ऊर्जा के अन्य स्रोतों के दोहन पर बल दे रही है। प्रदेश सरकार डीजल वाहनों के स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा प्रदान कर रही है। आउटलुक ट्रैवलर की प्रकाशक मीनाक्षी मेहता ने मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर आउटलुक ग्रुप के सीईओ इंद्रनील राय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। विभिन्न पुरस्कार विजेता राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद-सत्र आयोजित किए गए। इस अवसर पर गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के ओएसडी केएस बांशटू, पत्रिका की संपादक आनंदिता घोष और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
न्यायालय ने मामले में 3 जनवरी, 2024 तक मांगा जवाब सुबाथू कॉलेज में पढ़ने वाले 150 विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। हिमाचल उच्च न्यायालय ने कॉलेज के सरकारी अधिग्रहण की अधिसूचना रद्द करने के सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। न्यायालय ने इस मामले में 3 जनवरी, 2024 तक जवाब मांगा है। मामले में कॉलेज के छात्र-अभिभावक एसोसिएशन ने एक याचिका उच्च न्यायालय में दायर की थी। उच्च न्यायालय में तर्क दिया गया कि कॉलेज में करीब 150 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिसमें 90 से 95 लड़कियां हैं। इनमें ज्यादातर विद्यार्थी अनुसूचित जनजाति के हैं। अब छात्रों की परीक्षाओं का समय है। ऐसे में इस तरह से कॉलेज की अधिसूचना रद्द करना सही नहीं है। उधर, सुबाथू कॉलेज के पूर्व सचिव मनीष गुप्ता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सुबाथू कॉलेज के सरकारी अधिग्रहण की अधिसूचना रद्द करने के मामले में रोक लगा दी है। इससे छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। वहीं, कॉलेज प्रधानाचार्य ने कहा कि जैसे ही उनके पास आदेश पहुंचेंगे, वे कक्षाएं शुरू कर देंगे।
शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री रोहित ठाकुर कल सोलन जिला के प्रवास पर आ रहे हैं। वे सायं 5 बजे सोलन के परवाणू की डीएवी पब्लिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला परवाणू में आयोजित 'स्पीट्रा फेस्ट' में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह 10 दिसंबर को सोलन के प्रवास पर आ रहे हैं। वे दोपहर बाद 2 बजे सोलन के कुमारहट्टी स्थित राजा वीरभद्र सिंह मल्टीपर्पज हॉल में आयोजित किए जा रहे 45वें ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।
प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल कल प्रात: 11.00 बजे डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 12वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू कल सोलन के प्रवास पर आ रहे हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रात: 11.10 बजे डॉ. यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 12वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। उनके साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल भी उपस्थित रहेंगे।
-कहा, बिजली उपभोक्ताओं को अधिक सुविधाएं देना सरकार की प्राथमिकता -प्रतियोगिता में 14 इकाइयों के 100 खिलाड़ी ले रहे भाग मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ने आज सोलन ज़िला के कुमारहट्टी में तीन दिवसीय 45वें ऑल इंडिया इलैक्ट्रीसिटी स्पोर्टस कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट का शुभारंभ किया। मुख्य संसदीय सचिव ने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड को ऑल इंडिया स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिटन प्रतियोगिता के आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि सरकारी कार्य के साथ-साथ खेलकूद प्रतियोगिताएं कर्मचारियों को और अधिक सक्षम एवं तनावमुक्त रखती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा निरन्तर कार्य किया जा रहा है। हमीरपुर में विद्युत बोर्ड के मुख्य अभियन्ता का कार्यालय खोला जा रहा है। इससे उपभोक्ताओं को व्यापक स्तर पर लाभ होगा। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में 74,817 नए उपभोक्ताओं को विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। 52.334 एमवीए के 588 नए वितरण ट्रांसफार्मर स्थापित गए हैं। 2.48 किलोमीटर ई.एच.वी., 326.934 किलोमीटर एचटी लाईन, 676.283 किलोमीटर एल.टी. लाइन बिछाई गई है और एक 33 केवी का सब स्टेशन भी स्थापित किया गया है। सीपीएस ने कहा कि उपभोक्ताओं को बिजली बोर्ड की विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए पोर्टल विकसित किया गया है। पोर्टल के माध्यम से सेवा कनेक्शन, बिजली उपलब्धता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करना, डीजी सेट के लिए एन.ओ.सी का आवेदन, बिल भुगतान, शिकायत दर्ज करना आदि सुविधाएं सुलभ हुई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य को हरित राज्य बनाने के उद्देश्य से विद्युत बोर्ड इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए परिवहन विभाग तथा विभिन्न तेल कंपनियों के साथ काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि बिजली उपभोक्ताओं को अधिक से अधिक सुविधा प्रदान करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इस अखिल भारतीय प्रतियोगिता में 14 इकाइयों के लगभग 100 खिलाड़ियों सहित 60 प्रबंधन के सदस्य भी भाग ले रहे हैं। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के कर्मचारियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चौहान, एचपीएसईबीएलएसओ के निदेशक परिचालन मनोज उप्रेती, एचपीएसईबीएलएसओ महासचिव राकेश कुमार, अधीक्षण अभियंता हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड सोलन विनोद वर्मा, अधीक्षण अभियन्ता हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड नाहन दर्शन कुमार सहित विद्युत बोर्ड के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
शूलिनी विश्वविद्यालय ने परिसर में बदलाव लाने वाले समर्पित स्वयंसेवकों को सम्मानित करने क लिए अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस मनाया। इस कार्यक्रम ने स्वयंसेवकों की एक विविध सभा को एक साथ लाया, जिससे उनके महान प्रयासों के गहन प्रभाव पर साझा अनुभवों और प्रतिबिंबों के लिए एक मंच तैयार हुआ। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से छात्र स्वयंसेवा के माध्यम से विकास और प्रगति की व्यक्तिगत कहानियाँ साझा करने के लिए एकत्र हुए। इस अवसर पर इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे स्वयंसेवा जीवन कौशल में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करती है। प्रशंसा के प्रतीक के रूप में, स्वयंसेवकों को उनकी विभिन्न गतिविधियों के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जो परिसर और उसके बाहर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए उनके समर्पण और प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हैं। उत्साहित प्राप्तकर्ताओं में यूवीकैन के स्वयंसेवक भी शामिल थे, जिन्हें स्टार खिलाड़ी युवराज सिंह द्वारा हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र प्राप्त हुए थे। छात्र कल्याण अधिष्ठाता पूनम नंदा ने स्वयंसेवकों के जीवंत समुदाय के प्रति अत्यधिक गर्व और आभार व्यक्त किया। नंदा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हमें अपने छात्रों के निस्वार्थ योगदान को पहचानने और उसका जश्न मनाने का अवसर प्रदान करता है। स्वयंसेवा केवल एक सेवा नहीं है; यह व्यक्तिगत वृद्धि और विकास की यात्रा है।
शूलिनी विश्वविद्यालय ने हिमाचल उपभोक्ता संरक्षण परिषद (एचयूएसपी) और कंज्यूमर वॉयस के सहयोग से 'पैकेजित खाद्य पदार्थों के हानिकारक प्रभावों और पैक लेबल के माध्यम से स्वास्थ्य की सुरक्षा पर कार्यशाला' का आयोजन किया। कार्यशाला में छात्रों और संकाय सदस्यों की प्रभावशाली उपस्थिति देखी गई, सभी एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता में एकजुट हुए। चांसलर प्रोफेसर पीके खोसला ने समग्र स्वास्थ्य पर पैकेज्ड खाद्य पदार्थों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। यह पहल एचयूएसपी की अपने प्रभावशाली अभियानों को हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक विस्तारित करने, भविष्य के प्रभावशाली और निर्णय निर्माताओं के रूप में छात्रों तक पहुंचने की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है। एचयूएसपी के अध्यक्ष जोगिंदर कंवर ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और जागरूकता फैलाने में सामूहिक प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला। उनके संक्षिप्त परिचय ने एक आकर्षक और सूचनाप्रद कार्यशाला की रूपरेखा तैयार की। कंज्यूमर वॉयस, नीलांजना बोस ने इस विषय पर व्यापक परिचय दिया, जिससे बाद की चर्चाओं के लिए मंच तैयार हुआ। उपभोक्ता अधिकारों के प्रति उनकी विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता स्पष्ट थी क्योंकि उन्होंने आज के तेजी से बदलते उपभोक्ता परिवेश में सूचित विकल्पों के महत्व को रेखांकित किया। प्रोफेसर रोहित गोयल शूलिनी विश्वविद्यालय ने असंसाधित खाद्य पदार्थों के गुणों और प्रसंस्कृत विकल्पों पर भरोसा करने के खतरों पर प्रकाश डाला। सृष्टि माथुर ने किसी के स्वास्थ्य की सुरक्षा के व्यावहारिक तरीकों के बारे में विस्तार से बताया। शूलिनी विश्वविद्यालय के डीन अकादमिक डॉ नरिंदर वर्मा ने कार्यशाला की सफलता में उनके अमूल्य योगदान के लिए सभी प्रतिभागियों, आयोजकों और वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव दिया। प्रो. वर्मा ने भविष्य को आकार देने में शिक्षा जगत की भूमिका पर जोर दिया और युवाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक मूल्यों को स्थापित करने के सहयोगात्मक प्रयास की सराहना की।
राजकीय उच्च विद्यालय खरड़हट्टी अपना वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह 9 दिसंबर को विद्यालय प्रांगण में आयोजित किया जाएगा। मुख्याध्यापक मनोज ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि तारा चंद शर्मा समाजसेवी एवं संस्थापक शिवा स्टोन क्रशर होंगे। इसके अलावा रोशन लाल जगोता समाजसेवी एवं संस्थापक भगवती स्टोन क्रशर विशेष अतिथि के तौर पर मौजूद होंगे। मुख्याध्यापक ने बताया कि इस मौके पर स्कूली बच्चों द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। कार्यक्रम के अंत में मुख्यातिथि द्वारा वर्ष भर की उपलब्धियों के लिए बच्चों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। विद्यालय द्वारा सभी अभिभावकों व अन्य लोगों को इस कार्यक्रम में पहुंचने की अपील की गई है।
-सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना शुरू प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में अब ट्रैफिक पुलिस के साथ ट्रैफिक वालंटियर भी ट्रैफिक कंट्रोल करते दिखाई देंगे। इसी कड़ी में प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने वीरवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में पायलट आधार पर ट्रैफिक वालंटियर योजना का शुभारंभ किया। राज्य में यातायात के बेहतर प्रबंधन, सड़क सुरक्षा और जन जागरूकता के लिए इस योजना को शुरू किया गया है। यदि जिला मुख्यालयों में ट्रैफिक वलंटियर योजना सफलतापूर्वक संचालित होती है तो इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। स्कीम के तहत राज्य में 18 वर्ष से अधिक आयु के स्वैच्छिक लोगों का एक समूह होगा, जो सेवा की भावना से यातायात प्रबंधन और जागरूकता में भाग लेगा और विभिन्न यातायात कार्यों को नि:शुल्क करने में योगदान देगा। स्वयंसेवकों का अनुरोध प्राप्त होने के बाद जिला एएसपी, डीएसपी मुख्यालय व एसडीपीओ उन्हें बातचीत के लिए बुलाएंगे और सत्यापन करेंगे। इसके बाद जिला एसपी की मंजूरी के बाद ट्रैफिक वालंटियर की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा। ट्रैफिक जन जागरूकता के लिए योजना में लड़कियों व महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। जिला एसएसपी द्वारा रिफ्लैक्टिव सुरक्षा जैकेट, टोपी और आईडी कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। इस पर प्रमुखता से ट्रैफिक वालंटियर लिखा होगा, ताकि आम जनता को उनकी पहचान ट्रैफिक पुलिस से अलग दिखे।
डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी का 12वां दीक्षांत समारोह 9 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ल दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करेंगे। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह विश्वविद्यालय के डॉ. एलएस नेगी सभागार में आयोजित होने वाले समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। इस कार्यक्रम में राज्य और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कई गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होंगे। दीक्षांत समारोह के दौरान औदयानिकी एवं वानिकी, बीटेक बायोटेक्नोलॉजी और एमबीए कार्यक्रमों में 658 स्नातक, और 565 स्नातकोत्तर और 88 डॉक्टरेट डिग्रियों सहित कुल 1,311 डिग्रियां प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, दीक्षांत समारोह के दौरान 23 स्वर्ण पदक और 773 मेरिट प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे। सतलुज जल विद्युत निगम के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक (शिक्षा) डॉ. आरसी अग्रवाल को उनके संबंधित क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए दीक्षांत समारोह के दौरान मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान एक कौशल विकास छात्रावास और विवेकानंद योग और ध्यान केंद्र का भी उद्घाटन किया जाएगा।
मुख्य संसदीय सचिव (बहुउद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा, पर्यटन, वन तथा परिवहन) सुंदर सिंह ठाकुर 8 दिसंबर को सोलन के प्रवास पर आ रहे हैं। वे सुबह 10.30 बजे सोलन के कुमारहट्टी में 45वें ऑल इंडिया इलेक्ट्रिसिटी स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड बैडमिंटन टूर्नामेंट के शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।
सोलन नगर निगम में आज महापौर एवं उप महापौर का निर्वाचन हुआ। जानकारी देते हुए प्राधिकृत अधिकारी एवं अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने कहा कि नगर निगम सोलन में महापौर पद के लिए आयोजित निर्वाचन में वार्ड नंबर 12 की ऊषा शर्मा को निर्वाचित घोषित किया गया। उन्हें 11 तथा अन्य उम्मीदवार सरदार सिंह ठाकुर को 6 मत प्राप्त हुए। वहीं, उप महापौर पद के लिए आयोजित निर्वाचन में वार्ड नंबर 13 की मीरा आंनद को निर्वाचित घोषित किया गया। उन्हें 12 तथा अन्य उम्मीदवार संगीता ठाकुर को 5 मत प्राप्त हुए। नवनिर्वाचित महापौर ऊषा शर्मा तथा उप महापौर मीरा आंनद को अजय यादव ने पद और गोपनीयता की शपथ भी दिलाई।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने प्रदेश एवं जिला वासियों से आग्रह किया है कि वह सशस्त्र सेना झंडा दिवस के उपलक्ष्य पर उदारतापूर्वक अंशदान करें। डॉ. शांडिल ने सभी को सशस्त्र सेना झंडा दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा कि 7 दिसंबर को देश में सशस्त्र सेना झंडा दिवस आयोजित किया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य उन वीर सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करना है जिन्होंने अपना सर्वस्व देश की रक्षा के लिए न्यौछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि यह दिवस भारतीय सेना के रणबांकुरों, पूर्व सैनिकों तथा उनके आश्रितों के प्रति हमारे उत्तरदायित्व को स्मरण करवाने का दिवस भी है। उन्होंने कहा कि इस दिवस पर दिया गया अंशदान सैनिकों के प्रति हमारा सम्मान है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर एकत्रित धनराशि पूर्व सैनिकों, युद्ध वीरांगनाओं एवं उनके आश्रितों के कल्याण पर व्यय की जाती है। डॉ. शांडिल ने कहा कि हिमाचल को वीरभूमि के नाम से जाना जाता है। प्रदेश के वीर सैनिक मातृभूमि की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे हैं। प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित बना रही है कि सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों को किसी समस्या का सामना ना करना पड़े। उप निदेशक सैनिक कल्याण कर्नल (सेवानिवृत) सुरेश कुमार अग्निहोत्री ने इस अवसर पर स्वास्थ्य मन्त्री को झण्डा 'पिनअपÓ किया। उन्होंने सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह सहित अन्य अधिकारियों को भी झंडा 'पिनअपÓ कर सशस्त्र सेना झंडा दिवस का विधिवत शुभारंभ किया।
हर्बालाइफ इंडिया, एक प्रमुख वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण कंपनी, ने आज अपने ऑनलाइन एमबीए और बीबीए कार्यक्रमों के एक भाग के रूप में प्रत्यक्ष बिक्री के विषय को पेश करने के लिए शूलिनी विश्वविद्यालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता ज्ञापन हर्बालाइफ इंडिया के सहयोग से शूलिनी विश्वविद्यालय में शिक्षा में प्रत्यक्ष बिक्री के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीईडीएसए) के पुनर्गठन का प्रावधान करता है। दोनों संगठनो के बीच इस समझ के साथ, विश्वविद्यालय में एमबीए और बीबीए पाठ्यक्रम अब 'डायरेक्ट सेलिंग मैनेजमेंटÓ में विशेषज्ञता के साथ पढाई करेंगे। नए पुनर्गठित कार्यक्रम अगले शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से शुरू होंगे। यह पाठ्यक्रम छात्रों को उद्योग में मौजूद कॉर्पोरेट और उद्यमशीलता के अवसरों से परिचित कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। शूलिनी यूनिवर्सिटी के सह संस्थापक और अध्यक्ष मार्केटिंग एंड इनोवेशन, आशीष खोसला ने कहा कि मुझे इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के माध्यम से शूलिनी यूनिवर्सिटी और हर्बालाइफ इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड इंडिया के बीच एक रणनीतिक साझेदारी की औपचारिक घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। यह सहयोग नवाचार, अनुसंधान और समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हर्बालाइफ के साथ जुड़कर, हमारा लक्ष्य एक गतिशील मंच बनाना है जो अकादमिक विशेषज्ञता को उद्योग अंतर्दृष्टि के साथ जोड़ता है, जो समावेशी उद्यमिता, बिक्री, स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में वृद्धि और विकास के अद्वितीय अवसरों के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। हर्बालाइफ इंडिया के एसवीपी और एमडी, अजय खन्ना ने सहयोग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें शूलिनी यूनिवर्सिटी के साथ अपने सहयोग की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। एमओयू पर हस्ताक्षर प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की गहरी समझ को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत में उद्योग का तेजी से विस्तार हो रहा है, जहां देश वैश्विक स्तर पर 11वें स्थान पर पहुंच गया है। इसलिए, एमबीए पाठ्यक्रम में डायरेक्ट सेलिंग के लिए समर्पित एक संरचित कार्यक्रम की मांग समय की मांग है। यह रणनीतिक गठबंधन न केवल छात्रों को इस गतिशील उद्योग में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल और अंतर्दृष्टि से लैस करेगा बल्कि भारत में प्रत्यक्ष बिक्री क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर भी ले जाएगा। पिछले साल वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (डब्ल्यूएफडीएसए) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डायरेक्ट सेलिंग की वैश्विक रैंकिंग में भारत वर्तमान में 11वें स्थान पर पहुंच गया है। यह उद्योग लगभग छह मिलियन लोगों को रोजगार देता है, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के बावजूद, यह क्षेत्र युवाओं के लिए करियर विकल्पों और महिलाओं सहित टियर 2 और 3 शहरों के व्यक्तियों को रोजगार देने के साथ लचीला बनकर उभरा है। बड़े सहयोग के हिस्से के रूप में, शूलिनी यूनिवर्सिटी हर्बालाइफ इंडिया के साथ डायरेक्ट सेलिंग को अपने पाठ्यक्रम में एक आशाजनक विषय के रूप में पेश करने के इच्छुक शैक्षणिक संगठनों को शिक्षण मॉड्यूल प्रदान और सुविधा प्रदान करेगी। डायरेक्ट सेलिंग उद्योग पेशेवरों को पूर्णकालिक कैरियर विकास और उद्यमिता को आगे बढ़ाने का मौका प्रदान करता है। विकास के लिए कौशल वृद्धि अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह पेशेवरों को उनकी नेतृत्व और बिक्री क्षमताओं को निखारने में मदद करती है। इस सहयोग का उद्देश्य भारत में रोजगार, आर्थिक विकास और उद्यमिता के उत्प्रेरक के रूप में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग को बढ़ावा देना है।
-सरकार ने सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई प्रदेश सरकार सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे नित नए प्रयोग, तकनीक और अनुसंधानों का उपयोग कर लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। राज्य में इस क्षेत्र में आवश्यक अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए, सरकार प्रदेशभर में 40 शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर स्थापित करने पर विचार कर रही है। यह केंद्र राज्य के लोगों को घर-द्वार के समीप आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने में नई आशा की किरण साबित होंगे। प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर में एक समर्पित स्वास्थ्य टीम होगी, जिसमें एक चिकित्सा अधिकारी, फार्मासिस्ट, सहायक नर्स मिडवाइफ (एएनएम) और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का विस्तार और सुदृढ़ीकरण आवश्यक है। सार्वभौमिक व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के महत्व पर बल देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, मरीजों की संख्या और मृत्यु दर कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इससे दूसरे और तीसरे स्तर के ईलाज की आवश्यकता कम होती है, जिससे उपचार पर होने वाला खर्च भी कम होता है। वर्तमान में, एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 50,000 व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। इस दूरदर्शी और महत्त्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक शहरी स्वास्थ्य वेलनेस केन्द्र द्वारा लगभग 20,000 लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है ताकि शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रणनीतिक पहल अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।इन शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना एक मजबूत और समावेशी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह नवीन प्रयास शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों और आजीविका के लिए अन्य राज्यों से आए लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। यह पहल हालिया कोविड-19 महामारी के दौरान देखी गई फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यबल की कमी का भी समाधान प्रदान करेगी। सुक्खू ने कहा कि यह महत्वाकांक्षी योजना सर्वजन तक बेहतर स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध करवाने में मील पत्थर साबित होगी, जिसके माध्यम से शहरों में स्वास्थ्य क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का समाधान सुनिश्चित हो सकेगा।
बीएल सेंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार के एनसीसी कैडेट्स ने प्रथम छात्र वाहिनी एनसीसी सोलन के मार्गदर्शन में सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया। जानकारी देते हुए विद्यालय के एनसीसी अधिकारी अमर देव ने बताया कि विद्यालय में एनसीसी सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया गया, जिसमें विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं करवाई गईर्ं। सभी विजेता व उप विजेता कैडेट्स को विद्यालय प्रधानाचार्य द्वारा पारितोषिक देकर पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने कैडेट्स को सशस्त्र सेना झंडा दिवस की बधाई दी। वहीं प्रधानाचार्य ने झंडा दिवस की बधाई और कैडेट्स को एकता, अनुशासन, सामजिक सेवा, देश सेवा और कैडेट्स को भारतीय सेना में सेवाएं देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने एएनओ अमर देव की इस प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करने और कार्य की सराहना की। इस अवसर पर विद्यालय मुख्याधापिका सुषमा शर्मा और अन्य अध्यापक मौजूद रहे।
अटल शिक्षा कुंज स्थित आईईसी विश्वविद्यालय के प्रांगण में फ्रेशर पार्टी "आगाज़ 12.0" का आयोजन धूमधाम के साथ किया गया जिसमें प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने भांगड़ा, नृत्य, नाटी, गायन और डांस आदि की मनोरंजक प्रस्तुतियों में उत्साह के साथ भाग लिया। उन्होंने रैंप-वॉक और अपनी विभिन्न प्रतिभाओं को प्रदर्शित कर निर्णायक मंडल को प्रभावित किया। इस अवसर पर स्टार नाईट में उपस्थित पंजाबी गायक ग्रैंन सिद्धू और साहिब धालीवाल आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे। उन्होंने अपनी मनमोहक आवाज़ और अलग अंदाज से सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम में भाग लेने वाले समस्त प्रतिभागियों को आईईसी विश्वविद्यालय की मैनेजमेंट ने बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से विद्यार्थियों का संपूर्ण विकास होता है और उनमें आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। उन्होंने विजेता मिस फ्रेशर मुस्कान, मिस्टर फ्रेशर गगनदीप, मिस टैलेंट प्रियंका मेहता, मिस्टर टैलेंट चुमेश, मिस पर्सनॅलिटी प्रियंका और मिस्टर पर्सनॅलिटी काविश को सम्मानित कर विद्यार्थियों को बधाई दी। कार्यक्रम में वरिष्ठ विद्यार्थियों ने भी बढ़ चढ़कर भाग लिया और अपने सहयोग से कार्यक्रम को और बेहतर बनाया। देर रात तक चले इस मनोरंजक कार्यक्रम में आईईसी विश्वविद्यालय के सभी अध्यापक वर्ग तथा कर्मचारी वर्ग उपस्थित रहे। कार्यक्रम में भाग लेने वाले समस्त। छात्रों को आईईसी विश्वविद्यालय की मैनेजमेंट ने बधाई दीl
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि सोलन के कथेड़ में अत्याधुनिक बहुविशेषज्ञ अस्पताल में एयर एम्बुलेंस के लिए समुचित व्यवस्था की जाएगी ताकि आपात स्थिति में रोगी को हर सम्भव सहायता प्रदान की जा सके। डॉ. शांडिल ने प्रदेश के मुख्य वास्तुकार राजीव शर्मा को ट्रामा सेंटर की छत पर एयर एम्बुलेंस के लिए हेली पेड बनाने के सम्बन्ध में उचित दिशा-निर्देश भी दिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल के निर्माण का कार्य प्रगति पर है और इसे निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल के निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। डॉ. शांडिल ने कहा कि लोगों को विश्व स्तर की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सोलन के कथेड़ में लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से बहुविशेषज्ञ अस्पताल तथा 30 करोड़ रुपए की लागत से मातृ-शिशु अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में तृतीय स्तर के ट्रामा सेंटर का निर्माण भी किया जाएगा। इस अवसर पर नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, मनोनीत पार्षद विजय ठाकुर, अस्पताल रोगी कल्याण समिति के सदस्य विनीश धीर, अजय कंवर, संधीरा दुल्टा, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी, उपमंडलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एस.एल. वर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
आज विकास खण्ड अधिकारी कार्यालय कुनिहार में लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए एक दिवसीय शिविर का आयोजन किया गया। कॉमन सर्विस सेंटर दाड़लाघाट के प्रबंधक जगदीश ने जानकारी देते हुए बताया कि आयुष्मान भारत योजना लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना से अस्पतालों में हजारों की संख्या में मरीजों का इलाज हो चुका है, जिसके लिए सभी लोगों को यह आयुषमान कार्ड बनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी परिवार को हर साल पांच लाख रुपये तक का इलाज मिलने का प्रावधान है। इसके लिए परिवार के हर सदस्य का आयुष्मान कार्ड होना जरूरी है। योजना का लाभ देने के लिए खंड विकास अधिकारी कार्यालय कुनिहार में लोगों के कार्ड बनाने के लिए विभाग की ओर से एक दिवसीय कैंप लगाकर कार्ड बनाए गए। इसके लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। आज कुनिहार में 30 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनी राम शांडिल ने सोलन के कथेड़ में बहु उद्देशीय अस्पताल के निर्माण कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैैं। उन्होंने आज सोलन के कथेड़ में अस्पताल के निर्माणाधीन भवन कार्य का निरीक्षण किया और अधिकारियों को इस निर्माण कार्य को समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होने कहा कि कथेड़ में मातृ-शिशु अस्पताल और क्रिटिकल केयर सेंटर भी निर्मित किया जा रहा है। निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल के निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। स्वास्थ्य मन्त्री ने विद्युत बोर्ड के अधिकारियों को निर्माण स्थल पर हाई टैंशन वायर को अन्यत्र स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल सोलन, शिमला, सिरमौर के साथ-साथ पर्यटकों के लिए जीवन रक्षक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल के निर्माण कार्य को समय पर पूरा करना और निर्माण कार्य की गुणवत्ता विश्व स्तरीय बनाए रखने के लिए वह स्वयं नियमित तौर पर निरीक्षण सुनिश्चित बना रहे है। निर्माण कार्य में संलग्न सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और ठेकेदार को निर्देश दिए गए है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। डॉ. शांडिल ने कहा कि लोगों को विश्व स्तर की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से सोलन के कथेड़ में लगभग 100 करोड़ रुपए की लागत से विश्व स्तरीय अत्याधुनिक बहुविशेषज्ञ अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है। यहां लगभग 30 करोड़ रुपए की लागत से मातृ-शिशु इकाई का निर्माण भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में त्वरित उपचार के दृष्टिगत हैलीकॉप्टर उतारने की सुविधा भी होगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में तृतीय स्तर के ट्रॉमा सेंटर के निर्माण से प्रदेश के इस महत्वपूर्ण राजमार्ग पर आपातकालीन परिस्थितियों में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी। इस अवसर पर जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, मनोनीत पार्षद रजत थापा, शहरी कांग्रेस समिति के अध्यक्ष अंकुश सूद, रोगी कल्याण समिति के सदस्य विनीश धीर, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी, अजय कंवर, अतिरिक्त उपायुक्त अजय यादव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, उपमंडलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, प्रदेश विद्युत बोर्ड के अतिरिक्त अधीक्षण अभियन्ता राहुल वर्मा, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियन्ता सुमित सूद सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने आज एनसेंबल एजुकेशन इनोवेशनज के केन्द्र का शुभारम्भ किया। यह केन्द्र सिविल सेवा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए सहायक सिद्ध होगा। डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर कहा कि यह केन्द्र युवाओं को मार्गदर्शन प्रदान कर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में दिशा प्रदान करेगा। उन्होंने केन्द्र के संचालकों को अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने आशा जताई कि केन्द्र प्रदेश के युवाओं को लक्ष्य प्राप्ति के लिए उचित मार्गदर्शन एवं आवश्यक शिक्षा प्रदान करेगा। डॉ. शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर शिक्षा सुविधाएं एवं अवसर प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार उच्च शिक्षा के लिए मेधावी विद्यार्थियों को 20 लाख रुपए का ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करवा रही है। इससे मेधावी छात्र अपने भविष्य की चिंता से मुक्त हुए हैं। इस अवसर पर जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, खण्ड कांग्रेस समिति सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, शहरी कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष अंकुश सूद, नगर निगम सोलन के मनोनीत पार्षद रजत थापा तथा विजय ठाकुर, आज के कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि संजय शांडिल, अकादमिक प्रमुख डॉ. एस. मुखर्जी सहित अकादमिक के शिक्षक मौजूद रहे।
बद्दी में ज़िला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन समारोह आयोजित स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण एवं इन तक विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ समय पर पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प है। डॉ. शांडिल आज सोलन ज़िला के बद्दी में आयोजित ज़िला स्तरीय अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। डॉ. शांडिल ने कहा कि दिव्यांग का अर्थ यह नहीं कि वे किसी से कमज़ोर हैं बल्कि दिव्यांगजन में आम लोगों की तुलना अधिक आत्मबल और इच्छा शक्ति होती है। कोई भी दिव्यांग अपने आप को दिव्यांग न समझे बल्कि अपने आत्मबल के माध्यम से जीवन में सदैव ऊंचा उठने का प्रयास करें। समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए अवसर सृजित करने के लिए कई कदम उठाए हैं ताकि वह आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि सभी के साथ अच्छा व्यवहार आवश्यक है। दिव्यांगजनों को आत्मविश्वास और आत्मबल प्रदान करने में अच्छा व्यवहार ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग व्यक्ति का जीवन साधारण होता हैं हमें उनका मार्गदर्शन करना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा ज़िला सोलन में दिव्यांग राहत भत्ता(पेंशन) के तहत 4537 पात्र दिव्यांगजनों को लगभग 3.65 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी अपंग राहत भत्ता के 119 लाभार्थियों को लगभग 12.09 लाख रुपए की राशि तथा 79 दिव्यांग छात्रों को लगभग 7.74 लाख रुपए की राशि प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दिव्यांगों को सरकारी नौकरी में 4 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है ताकि इनका जीवन बेहतर बन सके। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार के गठन के तुरंत बाद अपने पहले निर्णय में समाज के संवेदनशील आश्रित वर्ग का सहारा बनने का संकल्प लेते हुए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 27 वर्ष तक के अनाथ बच्चों को 4,000 रुपये मासिक जेब खर्च, कोचिंग के लिए एक लाख, तीन बिस्वा भूमि और मकान निर्माण के लिए 3 लाख रुपये, विवाह के लिए दो लाख रुपये का अनुदान और सूक्ष्म व लघु उद्योग लगाने के लिए दो लाख रुपये का अनुदान प्रदान कर रही है। सुखाश्रय योजना के तहत मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष का भी गठन भी किया गया है जिसमें लगभग 04 हजार से अधिक बेहसहारा बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया गया है। डॉ. शांडिल ने इस अवसर पर बर्लिन (जर्मनी) में आयोजित स्पेशल ओलम्पिक वर्ल्ड समर गेम्ज में बास्केटबॉल की टीम प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले खिलाड़ी अविनाश कौण्डल को सम्मानित भी किया। मुख्य संसदीय सचिव (उद्योग, राजस्व एवं नगर नियोजन) राम कुमार चौधरी ने कहा कि दिव्यांगजन दिव्य शक्ति से संपन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिव्यांग व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने दिव्यांगजनों की उपलब्धियों की सराहना भी की। उन्होंने दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन में सकारात्मक अंतर लाने वाले तथा जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोगों का आभार जताया। उन्होंने इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री से बद्दी में ट्रामा सेंटर स्थापित करने और बद्दी अस्पताल को 100 बिस्तर वाले अस्पताल के रूप में स्तरोन्नत करने की मांग की। स्वास्थ्य मंत्री तथा मुख्य संसदीय सचिव ने इस अवसर पर 64 व्हील चेयर, 05 बैसाखी, 02 छड़ी, 01 कैलिवर, 14 श्रवण यंत्र, 03 विजू़यल ऐड तथा 01 वॉकर वितरित किए। इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। नगर परिषद बद्दी के अध्यक्ष तरसेम चौधरी, खण्ड कांग्रेस समिति दून के अध्यक्ष कुल्तार सिंह, ग्राम पंचायत भटोली कलां के उप प्रधान बिल्लू खान, पार्षदगण, ज़िला कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष अच्छर पाल कौशल, अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय कुमार यादव, उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ दिव्यांशु सिंगल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, ज़िला कल्याण आधिकारी सोलन गावा सिंह नेगी, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी विनोद कुमार, कल्याण संयुक्त निदेशक उद्योग (सिंगल विंडो) योगेश गुप्ता, उप पुलिस अधीक्षक बद्दी प्रियांक गुप्ता, तहसील कल्याण अधिकारी सोलन सुरेन्द्र सिंह, गणपति एजुकेशन सोसाइटी कुनिहार के सदस्य, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ उद्योग संघ के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित रहे।
मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग) संजय अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं यह सुनिश्चित बना रहे हैं कि इस वर्ष भारी आपदा के कारण त्रस्त प्रदेशवासियों को समय पर राहत मिले और उनका पुनर्वास सुनिश्चित हो। संजय अवस्थी आज सोलन ज़िला के अर्की में स्थानीय लोगों की समस्याओं का निकारण करने के उपरांत उपस्थित जन प्रतिनिधियों एवं अन्य से विचार-विमर्श कर रहे थे। संजय अवस्थी ने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री सोलन पहंुचे और उन्होंने विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान की। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का सोलन ज़िला के आपदा प्रभावितों को राहत प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सही मायनों में आम आदमी की सरकार है और सरकार पूर्ण रूप से जन कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि सोलन ज़िला में मुख्यमंत्री ने 377 ऐसे आपदा प्रभावित परिवारों को 11.31 करोड़ रुपए से अधिक की राहत राशि प्रदान की जिनकी मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन प्रभावितों के खातों में पहली किश्त के रूप में 3-3 लाख रुपए हस्तातंरित किए गए। उन्होंने कहा कि ज़िला सोलन के आपदा प्रभावितों को अब तक 42.53 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि ज़िला में 783 ऐसे परिवार है जिनके मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इन्हें भी विशेष राहत पैकेज के अनुरूप राशि प्रदान की जा रही है। सोलन ज़िला में इस वर्ष आपदा से लगभग 653 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उन्होंने आशा जताई कि सभी के सहयोग से हिमाचल आपदा से उभर कर पुनः प्रगति पथ पर अग्रसर होगा। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश के विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं आरम्भ की की गई हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से 500 करोड़ रुपए की हिम गंगा योजना क्रांतिकारी सिद्ध होगी। 680 करोड़ रुपए की लागत से आरम्भ की गई स्टार्ट अप योजना के प्रथम चरण से प्रदेश के युवाओं को स्वरोज़गार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ऐसी व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने पर बल दे रही है जो युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करे। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि अर्की विधानसभा क्षेत्र के समग्र विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाड़ीधार क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए 200 करोड़ रुपए की मास्टर योजना तैयार की गई है। विधानसभा क्षेत्र में बेहतर सड़क सम्पर्क, सिंचाई सुविधा एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। उन्होंने इस अवसर पर लोगों की समस्याएं सुनी और सम्बन्धित अधिकारी को इनके उचित निपटारे के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों की उचित समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों की समस्याओं का समयबद्ध निराकरण किया जा रहा है। इस अवसर पर खण्ड कांग्रेस समिति अर्की के अध्यक्ष सतीश कश्यप, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी, उपमण्डलाधिकारी अर्की यादविंदर पाल सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।
शूलिनी यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ हैप्पीनेस ने 'माइंडफुलनेस: द सीड ऑफ हैप्पीनेस' थीम के तहत 6-दिवसीय हैप्पीनेस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में चांसलर प्रोफेसर प्रेम कुमार खोसला सहित 65 संकाय सदस्यों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। एफडीपी का संचालन स्कूल ऑफ एंशिएंट इंडियन विजडम एंड योगिक स्टडीज के निदेशक और सेंटर ऑफ हैप्पीनेस के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) समदु छेत्री द्वारा किया गया था। प्रोफेसर छेत्री, मुख्य वक्ता और फडीपी के सूत्रधार थे, उन्होंने माइंडफुलनेस की गहन अवधारणा और इसके परिवर्तनकारी लाभों पर प्रकाश डाला। आकर्षक सत्रों के माध्यम से, प्रतिभागियों को विभिन्न माइंडफुलनेस प्रथाओं के माध्यम से निर्देशित किया गया, जिसमें छंद के साथ सांस लेना, दृश्य, शरीर और पांच इंद्रियों के बारे में जागरूकता, सचेतन गतिविधियां और ध्वनि ध्यान (एयूएम मंत्र) शामिल हैं। शिक्षाओं का उद्देश्य जागरूकता के अभ्यास के माध्यम से खुशी पैदा करना है, जिससे प्रतिभागियों को समृद्ध और प्रेरित किया जा सके। एफडीपी में खुशी, दयालु भाषण और ध्यान पर सत्र शामिल था, और प्रत्येक सत्र एक आनंददायक खुशी गीत के साथ शुरू हुआ और एक प्रेम फैलाने वाले गीत के साथ समाप्त हुआ। प्रमाणपत्र कुलाधिपति प्रो. पीके खोसला और मुख्य शिक्षण अधिकारी डॉ. आशु खोसला द्वारा प्रस्तुत किए गए। सहायक प्रोफेसर, अपार कौशिक और समर्पित हैप्पीनेस टीम ने एफडीपी का सफलतापूर्वक समन्वय किया।
नगर निगम सोलन के मेयर और डिप्टी मेयर के शेष कार्यकाल के लिए निर्वाचन एवं शपथ की प्रक्रिया 4 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से नगर निगम सोलन के कार्यालय में आरंभ होगी। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने दी। उन्होंने कहा कि नियमानुसार यदि 4 दिसंबर को निर्धारित कोरम पूरा नहीं होता है तो 5 दिसंबर को प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
-1226 पदों को भरने के लिए कैबिनेट ने दी संशोधित मंजूरी -मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में जोड़े जाएंगे कुछ और प्रावधान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर 30 प्रतिशत महिला आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया गया और कांस्टेबल के 1226 पदों को भरने के लिए संशोधित मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने अनाथों और समाज के वंचित वर्गों को लाभान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना में कुछ और प्रावधान जोड़ने को भी मंजूरी दी। नए प्रावधानों के तहत राज्य का प्रत्येक अनाथ 27 वर्ष की आयु तक 4,000 रुपये प्रतिमाह जेब खर्च प्राप्त करने का पात्र होगा। इसके अलावा योजना शुरू होने के बाद बाल देखभाल संस्थान छोड़ने वाले ऐसे अनाथ बच्चों को 2 लाख रुपये विवाह अनुदान देने का भी निर्णय लिया, जिन्होंने योजना के शुरू होने बाद विवाह किया। यह राशि एक बार ही देय होगी। सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों में विद्युत अधोसंरचना होगी सुदृढ़ बैठक में पूह से काजा तक के सीमावर्ती क्षेत्रों में भरोसेमंद एवं गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत 486.47 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य के लाहौल-स्पीति जिला के स्पीति ब्लॉक और किन्नौर जिला के सीमावर्ती क्षेत्रों के 32 गांवों में विद्युत अधोसंरचना विकसित व सुदृढ़ करने के लिए 6.49 करोड़ रुपये की विस्तृत योजना रिपोर्ट को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इन पदों को भरने के लिए मिली मंजूरी बैठक में कृषि विभाग में कृषि विकास अधिकारियों के 40 पद, गृह रक्षक और नागरिक सुरक्षा विभाग में हवलदार प्रशिक्षकों के 10 पद भरने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अलावा शिमला के चमियाना में अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटीज के नेफ्रोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर के दो पद, आईजीएमसी शिमला में ओर्थोपेडिक्स विभाग में सहायक प्रोफेसर का एक पद और जिला मंडी के नेरचौक स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान महाविद्यालय एवं अस्पताल के ईएनटी विभाग में सहायक प्रोफेसर का एक पद भरने का भी निर्णय लिया गया। 40 नए शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर खुलेंगे मंत्रिमंडल ने प्रदेश के लोगों की सुविधा के लिए शहरी क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश में 40 नए शहरी स्वास्थ्य और वेलनेस सेंटर खोलने को स्वीकृति प्रदान की। कांगड़ा जिले के देहरा के बनखंडी में वन्य प्राणी उद्यान की चाहरदीवारी, जल संचयन निर्माण और सेवा पथों के निर्माण और हिमाचल प्रदेश चिड़ियाघर संरक्षण प्रजनन सोसायटी के माध्यम से परियोजना लागू करने को स्वीकृति प्रदान की। औद्योगिक निवेश नीति में भी होगा संशोधन मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश औद्योगिक निवेश नीति-2019 में संशोधन करने और इसके संबंधित नियमों में संशोधन करने की स्वीकृति प्रदान की। इससे उदार प्रोत्साहन को बढ़ावा मिलेगा। अब बिजली परियोजनाएं 40 साल की लीज पर ही दी जाएगी( लोगों को सुविधा प्रदान करने के दृष्टिगत हमीरपुर में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड निगम लिमिटेड का जोन सृजित करने तथा हमीरपुर में मुख्य अभियंता (ऑपरेशन) का कार्यालय स्थापित करने को भी स्वीकृति प्रदान की। कैबिनेट ने ग्रांट इन एड के उपयोगिता प्रमाणपत्र सरकार को भेजने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने को भी स्वीकृति प्रदान की।
-कहा, जागरूकता से एड्स के प्रति समाज के दृष्टिकोण में आया बदलाव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां 'लेट कम्यूनिटीज लीड' विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय विश्व एड्स दिवस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार आने वाले बजट में एड्स पीड़ित बच्चों की सहायता के लिए एक योजना लेकर आएगी, जिसमें ऐसे बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करने और उन्हें मुख्य धारा में शामिल करने के प्रावधान होंगे। उन्होंने कहा कि पहले समाज में एड्स ग्रसित व्यक्ति को घृणा की दृष्टि से देखा जाता था, लेकिन लगातार जागरूकता कार्यक्रमों के कारण आज एड्स के प्रति समाज के दृष्टिकोण में बदलाव आया है। उन्होंने आह्वान किया कि बीमार अपनी बीमारी न छुपाएं, बल्कि समाज के सामने स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि एड्स पीड़ित व्यक्तियों की सहायता के लिए वर्तमान राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में सरकार विधवाओं और मूक बधिर बच्चों के लिए भी एक योजना लाने जा रही है। दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई के लिए एक अच्छा स्कूल और कॉलेज खोलने पर भी सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उस वर्ग की आवाज बन रही है, जो सहज अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा नहीं सकते। मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित बच्चों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना चलाई गई है, जिसके तहत बच्चों के रहने और उनके भरण-पोषण का दायित्व राज्य सरकार का होगा। उन्होंने कहा कि अब 27 वर्ष की आयु तक अनाथ बच्चों को रहने और उनके पालन पोषण के लिए सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है तथा इसके लिए राज्य सरकार ने कानून भी बना दिया है। उन्होंने युवाओं से जीवन में सफलता के लिए चुनौतियों का दृढ़ता के साथ सामना करने का आह्वान भी किया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ''मैं आपके सामने सबसे बड़ा उदाहरण हूं। सब कहते थे कि सरकारी नौकरी करो, लेकिन कड़ी मेहनत से मुख्यमंत्री के पद पर पहुंचा।ÓÓ मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधार लाने जा रही है। अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी की कक्षाएं शुरु करेंगे। स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध करवाए जाएंगे व खेल की सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। इसके साथ-साथ राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल भी खोले जा रहे हैं। सरकारी शिक्षण संस्थानों में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार वचनबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य सरकार गेस्ट फेकल्टी लेक्चरर लगाने पर विचार कर रही है। इसके साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित नए समय से कोर्स शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी बड़े बदलाव करने जा रही है, ताकि प्रदेश के लोगों को राज्य में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त हो सकें। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सीमित संसाधनों और कर्ज का भारी बोझ होने के बावजूद राज्य सरकार चार साल में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाएगी और दस वर्षों में हिमाचल प्रदेश देश का सबसे समृद्ध राज्य होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए कड़े फैसले कर रही है, जिनके सकारात्मक परिणाम आने वाले समय में दिखेंगे।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इस बीमारी को फैलने से रोकने में, बहुमूल्य योगदान देने पर विभिन्न संगठनों को पुरस्कार प्रदान किए। स्टैंड अलोन इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर ऊना, डॉ. राधा कृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर (एसटीआई क्लीनिक), एआरटी आईजीएमसी शिमला (एआरटी सेंटर) और एनजीओ सनराइज-टार्गेटेड इंटरवेंशन प्रोजेक्ट (टीआईपी) ऊना को सर्वश्रेष्ठ सेवा केंद्र के रूप में सम्मानित किया गया। सुखविंदर सिंह ने जिला बिलासपुर के राजकीय आईटीआई बरठीं, जिला चंबा के राजकीय महाविद्यालय चौरी, जिला हमीरपुर के सिद्धार्थ राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय नादौन, जिला कांगड़ा के शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा राजकीय महाविद्यालय पालमपुर, जिला किन्नौर के टीएस नेगी राजकीय महाविद्यालय रिकांगपिओ, जिला कुल्लू के रामेश्वरी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान शाढ़ाबाई, जिला लाहौल-स्पीति के राजकीय महाविद्यालय कुकुमसैरी उदयपुर, जिला मंडी के वल्लभ राजकीय महाविद्यालय, जिला शिमला के राजकीय महाविद्यालय धामी, जिला सिरमौर के इंस्टीट्यूूट ऑफ डेंटल साईसिंस पांवटा साहिब, जिला सोलन के राजकीय महाविद्यालय अर्की और जिला ऊना के राजकीय महाविद्यालय अंब को सर्वश्रेष्ठ रेड रिबन क्लब के रूप में पुरस्कृत किया। उन्होंने राज्य स्तरीय समारोह को सफल बनाने के लिए आरकेएमवी कॉलेज शिमला, आरजीजीडीसी कोटशेरा शिमला, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस राजकीय महाविद्यालय संजौली, जेएलएन फाइन आर्ट्स कॉलेज, चौड़ा मैदान, सेंट बीड्स कॉलेज शिमला, राजकीय संस्कृत महाविद्यालय शिमला, राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय शिमला, एचपी कॉलेज ऑफ एजुकेशन टुटू शिमला, शिवालिक नर्सिंग महाविद्यालय भट्टाकुफर शिमला, आईटीआई शिमला, मॉडर्न नर्सिंग महाविद्यालय, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टुटू, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय संजौली और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अनाडेल के प्राचार्यों के प्रयासों की भी सराहना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने विश्व एड्स दिवस के अवसर पर लगाई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर एड्स पीड़ित एक महिला ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए। मुख्यमंत्री ने इस महिला को एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की।
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2 दिसंबर को सोलन जिला के चंबाघाट फीडर के तहत आने वाले क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी विद्युत बोर्ड के अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता राहुल वर्मा ने दी। उन्होंने कहा कि 2 दिसंबर को प्रात: 9 बजे से सायं 5.30 बजे तक चंबाघाट चौक, फोरेस्ट कालोनी, बसाल मार्ग, कुल्जा उद्योग, डीआईसी कालोनी, करोल विहार, एनआरसीएम, मोक्षधाम, बेर खास, फ्रेंडज कालोनी, बेर गांव, बेर पानी, मेजबान होटल, चंगर एंव आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। अधीक्षक अभियंता ने कहा कि 2 दिसंबर को ही प्रात: 9 बजे से प्रात: 9.30 बजे तक तथा सायं 5 बजे से सायं 5.30 बजे तक दामकड़ी, जौणाजी, सेर चिराग, कोटला, मशीवर, दयारग बुखार, रोमीबस्सी, हदेची, शेरपा रिसोर्ट, बालूघाटी, बायला, चंगर, शिल्ली, फशकना, अश्वनी खड्ड, बजलोग, शिल्ली तथा अश्वनी खड्ड में जल शक्ति विभाग की योजनाएं, रिडिधार, कनाह बजनाल, नडोह, उपायुक्त आवास, बजरोल, कालाघाट, दुग्ध शीतन संयंत्र, मलौण एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि खराब मौसम अथवा अन्य कारणों से उपरोक्त निर्धारित तिथि एवं समय में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने लोगों से सहयोग की अपील की है।
पिछले 10 दिनों से सुबाथू कॉलेज बंद है और हर रोज छात्र इस उम्मीद से आ रहा है कि आज उसका कॉलेज खुलेगा उसकी पढ़ाई होगी। आज 10 दिन से ज्यादा का समय हो गया कॉलेज नहीं खुला। एसएफआई ने कहा कि अक्तूबर 2022 को राज्य सरकार के द्वारा एक अधिसूचना जारी करते हुए इस महाविद्यालय को सरकारी मान्यता प्रदान कर दी गई थी, परंतु इस साल 20 नवंबर को राज्य सरकार के द्वारा सुबाथू महाविद्यालय की सरकारी मान्यता को रद्द करने को लेकर के एक और अधिसूचना जारी की गई। राज्य सरकार के द्वारा जारी की गई इस अधिसूचना के बाद से महाविद्यालय में पढ़ रहे लगभग 150 छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है व उनकी पढ़ाई पिछले 10 दिन से ठप पड़ी हुई है। राज्य सरकार के द्वारा यह फैसला एक ऐसे समय पर लिया गया है जबकि आने वाले 12 दिसंबर से छात्रों की मिड टर्म परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। इस फैसले के कारण छात्रों में असमंजस व असुरक्षा की भावना पैदा हुई है व छात्रों को अभी तक यह पता नहीं है कि उनकी परीक्षाएं कहां होंगी और किस प्रकार से आयोजित करवाई जाएंगी। जहां एक ओर पहले से ही महाविद्यालय में पूरे प्राध्यापक मौजूद नहीं हैं, वहीं जो प्राध्यापक महाविद्यालय में थे वे भी सरकार के फैसले के बाद वे महाविद्यालय में छात्रों को पढ़ाने नहीं आ रहे हैं। महाविद्यालय में ताला लगाकर छात्रों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। सुबाथू महाविद्यालय में लगभग 15 से अधिक पंचायतों के छात्र-छात्राएं पढ़ने आते हैं। राज्य सरकार के इस एकतरफा फैसले से सभी छात्रों व स्थानीय लोगों में गहरा रोष है। एसएफआई जिला कमेटी मांग करती है कि राज्य सरकार अपने इस फैसले को तुरंत प्रभाव से वापस ले व महाविद्यालय में छात्रों की कक्षाओं को पुन: शुरू करवाए। इसके साथ ही साथ महाविद्यालय में रिक्त पड़े हुए शिक्षकों के पदों को शीघ्र भरते हुए जब तक सुबाथू में किसी नए स्थान पर महाविद्यालय का भवन नहीं बन जाता, पुराने भवन में ही महाविद्यालय को चलाने का आदेश जारी करे।
-स्व. नरेश कुमार की पत्नी को कुठाड़ जाकर दिए 10 हजार -इकाई अध्यक्ष बलबीर चौधरी ने दी जानकारी हिमाचल पथ परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच अर्की इकाई द्वारा इकाई सदस्य नरेश कुमार की मृत्यु पर उनके घर जाकर उनके परिवार को आर्थिक सहायता दी गई। इकाई अध्यक्ष बलबीर चौधरी ने बताया कि नरेश कुमार 2017 में ग्रामीण हिमाचल पथ परिवहन निगम शिमला से बतौर परिचालक सेवानिवृत्त हुए थे। सेवानिवृत्ति के बाद वह इकाई के स्थाई सदस्य थे। उन्होंने बताया कि संगठन द्वारा पिछले चार वर्षों से एक योजना चलाई हुई है, जिसमें संगठन के किसी भी सदस्य की मृत्यु होने पर उनके परिवार को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसी कड़ी में आज नरेश कुमार के घर कुठाड़ जाकर उनके परिवार को सांत्वना देते हुए यह सहायता राशि उनकी पत्नी रीता देवी को प्रदान की गई। इस मौके पर कल्याण मंच के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष बृजलाल ठाकुर, जिला सचिव रघुनाथ शर्मा, अर्की इकाई अध्यक्ष बलबीर चौधरी, कोषाध्यक्ष शेरसिंह ठाकुर व संतराम ठाकुर मौजूद रहे।
पहाड़ जैसा हौसला रख उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में 17 दिन बाद जिंदगी की जंग जीतकर मंडी का विशाल घर वापिस आ गया है। विशाल मंडी जिला के बल्ह विधानसभा के डहणू का रहने वाला है। उत्तराखंड सरकार ने विशाल व उसके पिता धर्म सिंह को सही सलामत घर पहुंचाया है। वहीं घर पहुंचने पर विशाल के घर और गॉंव वालो ने उसका भव्य स्वागत किया। वही विशाल की मां विशाल को सही सलामत देख कर भावुक हो गई। वहीं स्वास्थ्य जांच के बाद वीरवार दोपहर बाद विशाल को एम्स ऋषिकेश से छुट्टी मिली। विशाल व उसके पिता धर्मसिंह अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद घर पहुंचे। धर्म सिंह ने बताया कि अस्पताल प्रशासन गहन स्वास्थ्य जांच के बाद विशाल को छुट्टी दी है। उत्तराखंड सरकार ने विशाल के लिए गाड़ी करके हिमाचल के प्रवेश द्वार पांवटा साहिब तक पहुंचाने के आदेश जारी कर सिरमौर जिला प्रशासन को सौंपने को कहा था। जहा से घर तक लाने के लिए मंडी जिला प्रशासन ने टैक्सी की व्यवस्था की।
हिमाचल की आर्थिक स्थिति को ठीक करने और रोजगार के द्वार खोलने के लिए राज्य सरकार निवेश के प्रस्तावों को सिरे चढ़ाने में जुट गई है। निवेश प्रस्तावों के तहत 28 प्रस्ताव सामने आए हैं, जिसमें करीब, 1387 करोड़ रुपए का निवेश होगा। हिमाचल के 4313 लोगों को निवेश के इन प्रस्तावों से रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। डायरेक्टर इंडस्ट्रीज राकेश प्रजापति की अध्यक्षता में यहां राज्य समीक्षा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में निवेश को लेकर 16 नए प्रस्ताव आए, जिसके आधार पर नए उद्योग स्थापित होंगे। इन नए उद्योगों को लगाने में 140.45 करोड़ रुपए का निवेश आएगा, जिससे 1198 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी तरह निवेश के 12 अन्य परियोजना प्रस्तावों की सिफारिश की गई, जिससे 1246.41 करोड़ रुपए का निवेश आएगा तथा 3115 लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। यानि इस तरह से प्रदेश में निवेश के कुल 28 प्रस्ताव आए हैं। उम्मीद यह भी जताई जा रही है मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में जल्द सिंगल विंडों की बैठक होगी। इसमें 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी मिलने की संभावना है।
सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं परीक्षा की डेटशीट रिलीज करने से पहले एक अहम नोटिस जारी किया है। बोर्ड ने आगामी 10वीं और 12वीं परीक्षाओं 2024 के संबंध में जारी एक अहम सूचना में कहा है कि बोर्ड दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में कोई ओवरऑल डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं देगा। जारी नोटिस में कहा है कि बोर्ड परीक्षाओं में स्टूडेंट्स के मार्क्स कैलकुलेट करने के लिए क्या क्राइटेरिया रहेगा, इस संबंध में सीबीएसई को कई अनुरोध प्राप्त हो रहे थे। परीक्षा उपनियमों के अध्याय-7 के सब सेक्शन 40.1 (3) के अनुसार, कोई समग्र डिवीजन/डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट नहीं दिया जाएगा। विदित रहे कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई जल्द ही कक्षा 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024 की डेट शीटजारी करेगा। संभावना है कि बोर्ड इसी महीने के आखिर में या फिर दिसंबर माह के सेकंड वीक तक टाइमटेबल जारी कर दे। सीबीएसई बोर्ड की इस बार भी फरवरी में आयोजित होनी है। बोर्ड की ओर से पहले जारी सूचना के अनुसार 15 फरवरी 2024 से परीक्षाएं शुरू होंगी। वहीं यह एग्जाम अप्रैल तक आयोजित किए जाएंगे। डेटशीट आधिकारिक वेबसाइट पर रिलीज की जाएगी। स्टूडेंट्स पोर्टल पर जाकर इसे पीडीएफ मोड में डाउनलोड कर पाएंगे।
-26 मेधावी विद्यार्थियों को टैबलेट किए प्रदान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए 'पुनर्वासÓ कार्यक्रम के तहत ठोडो ग्रांऊड में आज सोलन जिला में आपदा प्रभावित परिवारों को 11.31 करोड़ रुपए से अधिक की राहत राशि प्रदान की, जिनमें 377 परिवारों को मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर पहली किश्त के रूप में 3-3 लाख रुपए जारी किए। जिला सोलन के आपदा प्रभावितों को अब तक 42.53 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की जा चुकी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला सोलन में आपदा के कारण 8700 परिवार प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिला में 377 घर पूरी तरह से तबाह हुए जबकि लगभग 500 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुँचा। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के घर के पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले 1.30 लाख रुपये के मुआवजे को बढ़ाकर सात लाख रुपये किया गया है। इसके अतिरिक्त बिजली-पानी का कनेक्शन राज्य सरकार फ्री प्रदान कर रही है और घर निर्माण के लिए सीमेंट भी सरकारी दरों पर 280 रुपए प्रति बैग की दर से दिया जा रहा है। इसके अलावा कच्चे व पक्के मकान के आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त होने पर दिए जाने वाले मुआवजे को बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में हर प्रभावित के दर्द में भागीदार है और प्रत्येक प्रभावित परिवार को उचित सहायता प्रदान कर रही है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आई, लेकिन भाजपा का इस दौरान उदासीन रवैया ही रहा और राज्य सरकार के प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से अभी तक कोई विशेष पैकेज प्राप्त नहीं हुआ है, इसके बावजूद अपने सीमित संसाधनों से राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव कर प्रभावितों की सहायता के लिए 4500 करोड़ रुपए का विशेष पैकेज घोषित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार से वर्तमान राज्य सरकार को विरासत में लगभग 75000 करोड़ रुपये का कर्ज मिला है। लेकिन हिमाचल के लोगों, कर्मचारियों व अधिकारियों के सहयोग से चुनौतियों का मजबूती से सामना किया जा रहा है। उन्होंने दोहराया कि वह सत्ता में सत्ता सुख के लिए नहीं बल्कि व्यवस्था परिवर्तन के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि मेरे परिवार का कोई भी व्यक्ति राजनीति में नहीं रहा, इसलिए मन में वंचित वर्ग तक सरकार की योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने की सोच है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 4000 अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया। वर्तमान राज्य सरकार ने देश का पहला कानून बनाया और मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना आरम्भ की, जिसके तहत 27 वर्ष तक उनकी देखभाल, उनकी उच्च शिक्षा तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहायता देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 माह के कार्यकाल में तीन गारंटियों को राज्य सरकार ने पूरा कर दिया है तथा आने वाले समय में चरणबद्ध तरीके से अन्य गारंटियों को भी पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगहाली के बावजूद राज्य सरकार ने पहली गारंटी को पूरा करते हुए सरकारी कर्मचारियों के लिए सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया, ताकि वह बुढ़ापे में अपना जीवन सम्मानपूर्वक तरीके से जी सकें। उन्होंने कहा कि यह राज्य सरकार के दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने युवाओं के लिए स्टार्ट-अप योजना लाने का वादा किया था, जिसे पूरा कर दिया है। 680 करोड़ रुपए की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण के तहत ई-टैक्सी योजना शुरू की गई है। जिसके तहत अब 200 आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इस योजना का दूसरा व तीसरा चरण भी शुरू किया जाएगा, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर पर प्राप्त होंगे। राज्य सरकार ई-टैक्सी की खरीद के लिए युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी भी प्रदान कर रही है तथा उन्हें निश्चित आय भी सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार की गलतियों के कारण शिक्षा का स्तर गिरा लेकिन अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य सरकार सभी सरकारी स्कूलों बड़ा परिवर्तन करने जा रहे हैं, ताकि यहां पढ़ने वाले छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ सके। सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी शुरू की जाएगी। विद्यार्थियों को स्मार्ट यूनिफार्म प्रदान की जाएगी तथा बेहतर प्रबंधन के लिए स्कूलों का कल्स्टर बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए गेस्ट फेक्लटी लेक्चरों की भी भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पिछली सरकार में अत्याधिक कर्ज लिया और वर्तमान सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के पास 6600 करोड़ रुपए लोन की लिमिट है और राज्य सरकार ने अब तक 4100 करोड़ रुपए का लोन लिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं लेकिन राज्य सरकार अपने लक्ष्य की ओर कदम बढ़ा रही है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूत किया जाएगा और राज्य सरकार की योजनाओं की रोशनी घर-घर तक पहुंचेगी। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन जिला में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत 11 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए। जिला में इस योजना के कुल 205 लाभार्थी हैं। वहीं श्रीनिवास रामानुजन डिजिटल स्टूडेंट योजना के तहत जिला सोलन के 26 मेधावी विद्यार्थियों को टेबलेट प्रदान किए। सोलन जिला में कुल 641 मेधावी विद्यार्थियों को टेबलेट प्रदान किए जाएंगे। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि इस वर्ष हमने बहुत बड़ी त्रासदी का सामना किया है और राज्य सरकार उनके दर्द को कम करने का हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार वंचित वर्ग के लिए लगातार काम कर रही है तथा शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू बालिका आश्रम टूटीकंडी गए और उनकी समस्याओं को जाना। उन्होंने कहा कि सरकार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रतिज्ञा पत्र में किए गए प्रत्येक वादे को पूरा करेगी। जोगिंद्रा बैंक के चेयरमैन मुकेश शर्मा ने मुख्यमंत्री को एग्रीकल्चर कॉपरेटिव स्टेबलाइजेशन फंड के रूप में 2.51 करोड़ रुपये का चेक प्रदान किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को 20 लाख रुपए का चेक आपदा राहत कोष में भी भेंट किया। इसके अतिरिक्त अर्की ब्लॉक कांग्रेस ने 2.63 लाख रुपए, रोटरी क्लब सोलन के अध्यक्ष एमपी कंवर ने 2.51 लाख रुपए तथा एडवोकेट वैभव कुमार ने 1.51 लाख रुपए का चेक मुख्यमंत्री को आपदा राहत कोष के लिए भेंट किया। बघाट बैंक के अध्यक्ष अरुण शर्मा ने भी मुख्यमंत्री को आपदा राहत कोष के लिए बैंक की ओर से 2.01 लाख रुपये का चेक भेंट किया। इसके उपरांत, मुख्यमंत्री ने जोगिंद्रा सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक के उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्लेटिनम कार्ड तथा यूपीआई पेमेंट सिस्टम का शुभारंभ भी किया। बैंक ने यूपीआई के माध्यम से एक लाख रुपए की धनराशि आपदा राहत कोष में हस्तांतरित की। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी तथा संजय अवस्थी, विधायक केडी सुल्तानपुरी और केएल ठाकुर, बघाट बैंक के चेयरमैन अरुण शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष शिव कुमार, महिला कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जैनब चंदेल, कांग्रेस नेता हरदीप सिंह बावा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव सुरेंद्र सेठी, उपायुक्त मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह, विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
शूलिनी विश्वविद्यालय के कानूनी विज्ञान संकाय ने संसद की विधायी प्रक्रियाओं पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया। व्याख्यान के वक्ता भारत सरकार के संयुक्त सचिव राज्यसभा एवं शिक्षा मंत्रालय के सलाहकार डॉ. राघव दाश थे। इस आयोजन का उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और उपस्थित लोगों को संसदीय प्रणालियों की जटिल कार्यप्रणाली की गहरी समझ प्रदान करना था। अपने व्याख्यान के दौरान, डॉ. डैश ने विधायी प्रक्रियाओं का व्यापक अवलोकन किया और लोकतांत्रिक शासन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने उन मूलभूत अवधारणाओं, संरचनाओं या कार्यों को स्पष्ट किया जो सरकार की विधायी शाखा का गठन करते हैं। डॉ. डैश ने संसदीय प्रणाली के भीतर विभिन्न संरचनाओं पर चर्चा की, जैसे द्विसदनीय बनाम एकसदनीय मॉडल, ऊपरी और निचले सदनों की भूमिकाएं, और कानून की जांच में संसदीय समितियों का महत्व। डॉ. डैश ने छात्रों के साथ किसी विधेयक के कानून बनने से पहले की जाने वाली प्रक्रिया पर भी चर्चा की। उन्होंने परिचय, समिति की जांच, बहस, मतदान और अंतिम अधिनियमन की प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने संसदीय प्रणालियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा की, जिनमें पारदर्शिता, जवाबदेही और विधायी गतिरोध की संभावना के मुद्दे शामिल हैं। विधि विज्ञान संकाय के एसोसिएट डीन डॉ. नंदन शर्मा ने कहा कि यह ज्ञान साझा करने की श्रृंखला का हिस्सा है। उन्होंने संवैधानिक कानून के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं को छूने के लिए अतिथि वक्ता की सराहना की। कार्यक्रम का समापन एक दिलचस्प सवाल-जवाब सत्र के साथ हुआ, जिसके दौरान उपस्थित लोगों को स्पष्टीकरण मांगने, राय व्यक्त करने और डॉ. डैश की व्यापक विशेषज्ञता से लाभ उठाने का अवसर मिला।
-बरोटीवाला कॉलेज की अंकिता व चांदनी ने हासिल किया प्रथम स्थान अटल शिक्षा कुंज स्थित आईईसी विश्वविद्यालय में राज्य कर और उत्पाद शुल्क विभाग, राजस्व जिला- बीबीएन (हिमाचल प्रदेश) द्वारा जीएसटी पर जिला स्तरीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में पीजी कॉलेज, नालागढ़, पीजी कॉलेज, रामशहर, पीजी कॉलेज, बरोटीवाला, हिमाचल कॉलेज ऑफ एजुकेशन, नालागढ़, महाराजा अग्रसेन यूनिवर्सिटी, चितकारा यूनिवर्सिटी, आईईसी यूनिवर्सिटी और भोजिया डेंटल कॉलेज की टीमों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्य उत्पाद एवं कर विभाग के उपायुक्त एस डी शर्मा के साथ सहायक आयुक्त बी आर नेगी और सहायक आयुक्त प्रेम सिंह कैथ अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे। पांच राउंड में चली इस प्रतियोगिता में सभी छात्रों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया और लगभग सभी कठिन सवालों के सही उत्तर देकर बरोटीवाला कॉलेज की अंकिता और चांदनी कुमारी ने प्रथम स्थान हासिल कर 5000 रुपये का इनाम जीता। इसके अलावा नालागढ़ कॉलेज की मीनाक्षी और अभिषेक वर्मा दूसरे विजेता (4000 रुपये) और एमएयू की याशिका ठाकुर और साक्षी तीसरी विजेता (3000 रुपये)रहीं। इस अवसर पर एसडी शर्मा ने सभी प्रतिभागियों के ज्ञान और आईईसी यूनिवर्सिटी के सहयोग की प्रशंसा की और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करते रहने की बात कही। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिए गए।
एसवीएन स्कूल कुनिहार में आज सात दिवसीय एनएसएस शिविर के समापन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में चंद्रशेखर ठाकुर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। वहीं, सविता ठाकुर, हेड कांस्टेबल महेंद्र शांडिल, मनोज कुमार विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से की गई। साथ ही कई मनमोहक व रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए, जिसमें 'नशा मुक्ति रहे कुनिहार हमाराÓ नाटिका ने सबका मन मोह लिया। इसके अलावा छात्राओं द्वारा प्रस्तुत नाटी में छात्राओं ने खूब वाहवाही लूटी। गौरतलब है कि पिछले सात दिनों से एनएसएस के 28 विद्यार्थी इस शिविर में एनएसएस प्रभारी दीक्षा शर्मा व राकेश के नेतृत्व में भाग ले रहे थे, जिसमें उन्होंने रोज सेवा के माध्यम से शिक्षा प्रदान करते हुये सामाजिक सेवा व सफाई कार्य किए। रात्रि के बौद्धिक सत्र में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा भी उन्हें ज्ञान प्रदान किया गया। कार्यक्रम मे स्कूल चेयरमैन टी सी गर्ग द्वारा सभी स्वयंसेवियों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए स्मृति चिन्ह भेट किए गए। कार्यक्रम के अंत में एनएसएस का लक्ष्य गीत गाकर सभी स्वयंसेवियों ने समाज के लोगों के साथ मिलकर समाज के हित के लिए कार्य करते रहने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में स्कूल प्रधानाचार्य पद्मनाभम व अध्यापक रामेश्वर ठाकुर, योगेश कुमार डीपी, राकेश कुमार पीटीआई, किरण रघुवंशी, सुमन ठाकुर व सभी अध्यापकों ने भी अपना सहयोग दिया।
-इच्छुक अभ्यर्थी 30 दिसंबर तक कर सकते हैं आवेदन हिमाचल प्रदेश में वन मित्र भर्ती प्रक्रिया आज से शुरू हो गई। इच्छुक अभ्यर्थियों को 30 दिसंबर तक आवेदन करना होगा। सरकार वन विभाग में 2,061 वन मित्र भर्ती कर रही है। भर्ती के लिए वन विभाग की वेबसाइट या संबंधित वन परिक्षेत्राधिकारी (रेंज ऑफिसर) कार्यालय से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। वन मित्र के लिए आयु सीमा 18 से 25 वर्ष है। वन मित्रों के लिए 100 अंकों का टेस्ट होगा। जो टॉप पर होगा, उसे वन मित्र लगाया जाएगा। अभ्यर्थियों की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास रखी है। वन मित्रों को 10 हजार रुपये प्रति माह मानदेय और सरकारी छुट्टियों के अलावा साल में 12 अतिरिक्त छुट्टियां मिलेंगी। ग्राउंड टेस्ट पास करने के बाद ही वन मित्र बन सकेंगे। वन मित्रों को वनों की आग से सुरक्षा, पौधरोपण समेत अन्य काम करने होंगे। जिस बीट में वन मित्र रखे जाएंगे, वहां से उनका तबादला नहीं होगा।
डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी 11 दिसंबर से किसानों को रोपण सामग्री की वार्षिक बिक्री शुरू करेगा। यह बिक्री नौणी के मुख्य परिसर में विश्वविद्यालय की नर्सरियों, कृषि विज्ञान केंद्रों और राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थित विश्वविद्यालय के अनुसंधान स्टेशनों पर पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर आयोजित की जाएगी। इस वर्ष, विश्वविद्यालय और अन्य स्टेशनों पर बिक्री के लिए उपलब्ध पौधों की कुल संख्या 2.72 लाख से अधिक है। इस बिक्री के दौरान किसानों को सेब, कीवी, अनार, खुमानी, आड़ू, नेक्टरीन, चेरी, अखरोट, नाशपाती, प्लम आदि की विभिन्न किस्में उपलब्ध कारवाई जाएंगी। सीद्लिंग्स के साथ सेब के क्लोनल रूट स्टॉक भी उपलब्ध होनें। लाहौल और स्पीति और पांगी के किसानों की सुविधा के लिए, बजौरा में क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान और प्रशिक्षण स्टेशन से पौधों की बिक्री 2 दिसंबर से शुरू होगी। राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्थित विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) और अनुसंधान स्टेशन भी 11 दिसंबर से पौधों की बिक्री करेंगे। इनमें कंडाघाट (सोलन), शरबो (किन्नौर), रोहड़ू (शिमला), चंबा, ताबो (लाहौल और स्पीति) के केवीके, नेरी महाविद्यालय और मशोबरा में क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान और प्रशिक्षण स्टेशन शामिल हैं।
डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी पहली दिसंबर को अपना 39वां स्थापना दिवस मनाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल ने बताया कि भारत सरकार के नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद (केंद्रीय राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त), इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। इस वर्ष के स्थापना दिवस का विषय 'प्राकृतिक खेती शिक्षा की नींव: भावी जालवायु अनुकूल कृषि के लिए नए दृष्टिकोण' है। इसके अलावा, नई दिल्ली में हिमाचल सरकार के मुख्य रेजिडेंट कमिश्नर सुशील सिंगला और संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन के वरिष्ठ नीति सलाहकार (प्राकृतिक संसाधन) और परियोजना निदेशक जीईएफ ग्रीन एजी आर. बी. सिंगला इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर होंगे। विश्वविद्यालय के कई पूर्व कुलपतियों के अलावा, सेवानिवृत्त शिक्षक और कर्मचारी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। पिछले एक वर्ष में विश्वविद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों की प्रगति रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी। औपचारिक रूप से तो विवि की स्थापना 1 दिसंबर, 1985 में हुई थी, लेकिन विश्वविद्यालय का अस्तित्व सोलन के कृषि कॉलेज से जुड़ा है, जो वर्ष 1962 में शुरू हुआ था। स्थापना के बाद से ही नौणी विश्वविद्यालय का शिक्षा, शोध और विस्तार में उत्कृष्टता का लंबा इतिहास रहा है। विश्वविद्यालय के छात्रों, वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के संयुक्त प्रयासों से औद्यानिकी और वानिकी के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन हुआ है।
मुख्य संसदीय सचिव (लोक निर्माण, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सूचना एवं जन संपर्क विभाग) संजय अवस्थी ने आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के 30 नवम्बर, 2023 के प्रवास के दृष्टिगत सोलन के ऐतिहासिक ठोडो मैदान में तैयारियों का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित बना रहे हैं कि आपदा के पीड़ितों को उनके घर-द्वार के समीप विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत राहत प्रदान की जाए। सोलन ज़िला में मुख्यमंत्री ठोडो मैदान में यह राहत वितरित करेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी प्रभावितों को पात्रता के अनुसार समय पर राहत मिले। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान करेंगे। संजय अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री ठोडो मैदान में श्रीनिवास रामानुजन डिजिटल छात्र योजना के तहत मेधावी छात्रों को लैपटॉप भी वितरित करेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रवास के दृष्टिगत ठोडो मैदान में विभिन्न तैयारियों का जायज़ा लिया। उन्होंने विभिन्न विभागों को कार्यक्रम से सम्बन्धित निर्देश जारी किए। उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने मुख्यमंत्री के प्रवास कार्यक्रम एवं तैयारियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए काऊशुंग मेडिकल यूनिवर्सिटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने शूलिनी विश्वविद्यालय का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल में केएमयू के तीन प्रतिष्ठित प्रोफेसर प्रो. शिह-शिन लियांग, प्रो. चिएन-हंग ली और केएमयू के प्रो. चाई-लिन काओ। उन्होंने एसयू की अपनी पांच दिवसीय यात्रा के दौरान सहयोग के विभिन्न पहलुओं का पता लगाया, जिससे दोनों संस्थानों के बीच संबंध मजबूत हुए। दोनों विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग के लिए पहले से ही एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) है, जिसके परिणामस्वरूप सात शूलिनी छात्र केएमयू में पूरी तरह से वित्त पोषित इंटर्नशिप अवसरों से लाभान्वित हो रहे हैं। इन छात्रों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने इस सहयोग को बढ़ाने के लिए केएमयू की उत्सुकता को बढ़ा दिया है। यात्रा के दौरान चर्चाएं विशेष रूप से जीवन विज्ञान, रसायन विज्ञान और फार्मास्युटिकल विज्ञान के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के विस्तार पर केंद्रित थीं। चांसलर प्रो. पीके खोसला और अनुसंधान के डीन प्रो. सौरभ कुलश्रेष्ठ के साथ एक बैठक में, आगामी संयुक्त सम्मेलन के लिए आधार तैयार करते हुए, संयुक्त पीएचडी और मास्टर डिग्री पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी। केएमयू के प्रतिनिधि शूलिनी विश्वविद्यालय की विश्व रैंकिंग और अनुसंधान ताकत से प्रभावित हुए और उन्होंने संयुक्त अनुसंधान पहल को बढ़ावा देने में गहरी रुचि व्यक्त की। शूलिनी विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के निदेशक प्रो. आरपी द्विवेदी ने कहा कि इस साल शूलिनी विश्वविद्यालय द्वारा 25 से अधिक छात्रों को ताईवान में स्कॉलरशिप दी गई।