हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय ने कॉलेजों में कार्यरत 53 ग्रेड-2 अधीक्षकों के तबादले स्कूलों, जिला उपनिदेशक, ब्लॉक कार्यालयों और डाइट में कर दिए हैं। पांच दिन के भीतर सभी अधिकारियों को नए स्थानों पर पद ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी सेवाएं महासंघ और गैर-शिक्षक कर्मचारी महासंघ ने उच्च शिक्षा निदेशालय के इस आदेश का विरोध किया है। महासंघ के अध्यक्ष त्रिलोक ठाकुर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंद्र सिंह मेहता और महासचिव मनीष गुलेरिया ने इस निर्णय को अनुचित बताते हुए कहा कि इससे कर्मचारियों के अधिकारों और कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अधीक्षक ग्रेड-2 के स्थानांतरण से कर्मचारियों की दक्षता और कार्यशैली बाधित होगी। इससे महाविद्यालयों की प्रशासनिक संरचना और शैक्षिक प्रक्रियाएं कमजोर पड़ेंगी। विशेष रूप से राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान में संचालित महाविद्यालयों में इस निर्णय का प्रभाव शैक्षिक और प्रशासनिक कार्यों पर गंभीर रूप से पड़ सकता है। कुछ महाविद्यालयों में जहां 150 के लगभग शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की संख्या है और 3,000 से 4,000 तक छात्रों का नामांकन है, वहां इस आदेश से प्रशासनिक और शैक्षिक कार्यों की भारी कमी हो सकती है। महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि इन महाविद्यालयों में ग्रेड वन का कार्य केवल अधीक्षक को सुपरवाइज़ करने तक सीमित है और ग्रेड वन पर पदोन्नति तब होती है जब कर्मचारी सेवानिवृत्ति के पास होते हैं। महासंघ ने सरकार से मांग की है कि इन स्थानांतरण को तुरंत प्रभाव से रोका जाए। महासंघ ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी वर्ग ने सरकार को गुमराह कर यह आदेश जारी करवाया है। इसका उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकारों और उनकी गरिमा को नकारना है। महासंघ का कहना है कि इससे कर्मचारियों का मनोबल गिर रहा है और उन्हें यह महसूस हो रहा है कि उनकी जिम्मेदारियां और महत्व कम कर दिए गए हैं।
हिमाचल में सीमेंट के दामों में एक बार फिर पांच रुपए की वृद्धि हो गई है। सीमेंट कंपनियों ने एक महीने के भीतर दूसरी बार दाम बढ़ाकर उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। प्रमुख सीमेंट कंपनियां अंबुजा, एसीसी और अल्ट्राटेक ने प्रति बैग पांच रुपये कीमतें बढ़ा दीं। इससे भवन निर्माण कर रहे लोगों को महंगाई का सामना करना पड़ेगा। बिलासपुर में एसीसी सीमेंट की फैक्ट्री होने के बावजूद यहां सीमेंट अन्य जिलों के मुकाबले महंगा बिक रहा है। एसीसी सीमेंट विक्रेता पवन बरूर ने बताया कि ऊना और हमीरपुर की तुलना में बिलासपुर में दाम अधिक हैं, जबकि इन जिलों का परिवहन खर्च ज्यादा है। कुछ ट्रक मालिक सीमेंट ऊना और हमीरपुर के लिए लोड कर यहीं बेच देते हैं, जिससे स्थानीय डीलरों को नुकसान हो रहा है। एसीसी सुरक्षा का दाम पहले 440 रुपए प्रति बैग था, जो अब 445 रुपए हो गया है। एसीसी गोल्ड का दाम 485 से बढ़कर 490 रुपये हो गया है। अंबुजा सीमेंट के विक्रेता रोहित ने बताया कि अब दाम 455 से बढ़कर 460 रुपए प्रति बैग कर दिए हैं। 18 दिसंबर को कंपनी ने डीलरों के डिस्काउंट बंद कर दिए थे, जिस कारण पहले ही कीमतों में 15 से 20 रुपए प्रति बैग का इजाफा हो चुका था।
ग्राम पंचायत जाड़ली के गांव ग़मझूंन में पशु पालन विभाग सोलन के सौजन्य से एक दिवसीय बांझपन शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में पशुओं में बढ़ती जा रही बांझपन से जुड़ी समस्याओं जैसे पशुओं का बार बार हीट में आना, पशुओं के गर्भाशय में इन्फेक्शन हो जाना, गर्भाशय में गांठें बन जाना तथा गर्भ जांच इत्यादि का निरीक्षण उपरांत विधिवत उपचार किया गया। इस शिविर में 35 पशुओं का परीक्षण किया गया और साथ ही साथ पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए खनिज मिश्रण व कृमिनाशक दवाइयों का भी वितरण निः शुल्क किया गया। शिविर की अध्यक्षता वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, उपमंडलीय पशु चिकित्सालय अर्की, डॉ. देव राज शर्मा द्वारा की गई, जिन्होंने पशुपालकों को पशुओं के रखरखाव, देखभाल और स्वच्छ दुग्ध उत्पादन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए युवा वर्ग में पशुपालन को मुख्य व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सालय कुनिहार, डॉ रीता कौशल और पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सालय डुमेहर डॉ. शिवानी पाल ने भी पशुओं में होने वाली बीमारियों और विभिन्न विभागीय योजनाओं पर प्रकाश डाला जिनका लाभ लेकर किसी भी वर्ग के किसान अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते हैं और खुशहाली से अपना जीवन यापन कर सकते हैं। इस उपलक्ष्य पर सुरेश कुमार, पशु औषधिसंयोज कुनिहार दिलीप कुमार व दौलत राम संख्यान भी मुख्य रूप से मौजूद रहे।
** ग्रीष्मकालीन स्कूलों में होगी शुरुआत हिमाचल में अब पांचवीं और आठवीं कक्षा में फेल विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रमोट नहीं होंगे। चालू शैक्षणिक सत्र मार्च 2025 में प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों से इसकी शुरूआत होगी। शीतकालीन स्कूलों में अगले वर्ष से यह व्यवस्था लागू होगी। हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार के संशोधित निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 को प्रदेश में सख्ती से लागू करने का फैसला लिया है। परीक्षा पास करने में असफल रहे विद्यार्थियों को आवश्यक अंक प्राप्त करने को एक और मौका दिया जाएगा। दूसरी बार भी जो विद्यार्थी परीक्षा पास नहीं करेगा, उसे फेल कर दिया जाएगा। बुधवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को इस संदर्भ में पत्र जारी कर दिया है। बीते दिसंबर में केंद्र ने निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम में संशोधन किया है। केंद्र के फैसले के बाद नो डिटेंशन पॉलिसी को हिमाचल सरकार ने भी बंद कर दिया है। देश में नो डिटेंशन पॉलिसी का फैसला लागू होने के बाद से हिमाचल इसका विरोध कर रहा है। साल 2019 में हिमाचल सरकार ने पांचवीं और आठवीं कक्षा में बिना परीक्षा पास किए बच्चों को पास नहीं करने का फैसला लिया था, लेकिन इस फैसले को सख्ती से लागू नहीं किया। अब कांग्रेस सरकार ने शिक्षा गुणवत्ता बनाए रखने के लिए नो डिटेंशन पाॅलिसी को समाप्त कर दिया है। चालू शैक्षणिक सत्र से पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर जांची जाएंगी। अभी तक की व्यवस्था के तहत इन दोनों कक्षाओं के लिए प्रश्नपत्र तो स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी किए जाते हैं, लेकिन उत्तर पुस्तिकाओं को आसपास के स्कूलों में ही जांचा जाता है। अब पांचवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को ब्लॉक और आठवीं कक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को क्लस्टर स्तर पर जांचा जाएगा।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों में मौसम शुष्क रहा। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बीते रोज बुधवार को धूप खिली रही। वहीं, 16 जनवरी को सुबह राजधानी शिमला समेत अन्य क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं, जिससे लोगों को गुरुवार सुबह से ही कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने 16 जनवरी को प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और मध्यम व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। वहीं, अगले 3 से 4 दिनों तक अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है और न्यूनतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट होने की संभावना है। वहीं, कुफरी, नारकंडा में गुरुवार सुबह से बर्फबारी शुरू हो गई है जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। मौसम विभाग ने शीतलहर को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। खासकर ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर जिला में शीतलहर की चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा , प्रदेश में बीती रात से मौसम ने करवट बदली है और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हो रही है। आगामी दो दिनों तक प्रदेश में मौसम इसी तरह से खराब बना रहेगा। इस दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी रहेगा। बीते रोज बुधवार को ताबो प्रदेश का सबसे अधिक ठंडा स्थान रहा। ताबो का तापमान -13.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, ताबो का अधिकतम तापमान 11.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा प्रदेश में ऊना सबसे गर्म रहा। ऊना का अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री दर्ज किया गया। इसके अलावा ऊना का न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा शिमला का न्यूनतम तापमान 4.2, मनाली का -0.6, कुफरी का 2.2, भरमौर का न्यूनतम तापमान 1.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
हरियाणा भाजपा अध्यक्ष व हरियाणवी गायक के खिलाफ गैंगरेप के आरोप के मामले में नया मोड़ आ गया है। मंगलवार को सार्वजनिक हुए इस हाई-प्रोफाइल केस में पीडि़ता की सहेली व मामले में अहम गवाह महिला ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस की है। पंचकूला में आयोजित इस प्रेस कान्फ्रेंस में महिला ने पूरे केस को ही झूठा करार दे दिया है। उसने मीडिया के सामने कहा कि उसे झूठा गवाह बनाया गया है, जबकि उसके सामने ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। महिला के इस बयान के बाद पहले से ही उलझा हुआ मामला अब और अधिक उलझता हुआ नजर आ रहा है। पीडि़ता की सहेली ने बुधवार को मीडिया से रू-ब-रू होकर कहा कि वह दिल्ली की रहने वाली है और वह अपनी सहेली व उसके बॉस के साथ मनाली घूमने गए थे। इसके बाद वह कसौली होटल में पहुंचे, जहां पर उन्हें रॉकी मित्तल मिला। चर्चित गायक होने के चलते वह उसे पहले से ही जानते थे, जबकि मोहन लाल बड़ौली को वो नहीं पहचानती थी। इस दौरान चर्चित चेहरा होने के कारण रॉकी मित्तल से उन्होंने कुछ समय के लिए बात की और उसके बाद कोई बात नहीं हुई। सहेली ने बताया कि इसके पश्चात वह अपनी सहेली और उसके बॉस के साथ कमरे में चली गई और कुछ देर बाद वहीं सो गए व अगले दिन सुबह वहां से वापस आ गए। उसने मीडिया को बताया कि वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था। इतने बड़े होटल में यदि गैंगरेप या इस तरह की कोई घटना होती तो उसके चीखने चिल्लाने की आवाज तो किसी ने सुनी होती। जब मुझे पता चला कि इस तरह की कोई एफआईआर दर्ज हुई है और उसमें मुझे गवाह बनाया गया है, तो मैं सकते में आ गई। इस पर मैंने साफ मना कर दिया तो पीडि़ता ने कहा कि उनका कुछ मसला है। पैसे भी मिलेंगे और उसके बॉस को टिकट या चेयरमैनशिप दी जाएगी। उसने कहा कि वह जॉब करती है और इस सबसे उसका कुछ लेना देना नहीं है। मामले को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कथित तौर पर सवाल खड़े होने लगे हैं। मामले में एफआईआर को एक माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक इसमें कोई भी गिरफ्तारी न होने से प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं। पुलिस के सूत्रों की मानें तो मामला करीब डेढ़ वर्ष पुराना है और पीडि़ता ने भी मेडिकल नहीं करवाया है। ऐसे में पुलिस को मामले में पुख्ता सुबूत मिल पाना भी एक टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। न तो उस समय की सीसीटीवी फुटेज मिल पाई है और न ही अन्य कोई सुबूत। इस हाई-प्रोफाइल केस में हरियाणा के ही अमित बिंदल का नाम भी जुड़ गया है। बताया जा रहा है कि पीडि़ता की सहेली जिस बॉस की बात कर रही है, वह और कोई नहीं बल्कि अमित बिंदल ही हैं। उनके साथ ही यह कसौली घूमने के लिए आई थी। अमित बिंदल सोनीपत के रहने वाले हैं और वर्ष 2022 में वे जेजेपी को छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए थे। 2024 में लोकसभा चुनाव में वे सोनीपत से भाजपा की टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। बताया जा रहा है कि वह वर्ष 2022 में जीएसटी गबन केस में तिहाड़ जेल में भी रहे हैं। इस पूरे हाई-प्रोफाइल मामले को लेकर सोलन पुलिस के अधिकारियों ने भी चुप्पी साधी हुई है। वह मामले को लेकर कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं और कुछ मीडिया कर्मियों के फोन तक उठाने से परहेज कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में आज बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम में बदलाव आ सकता है, जिससे 21 जनवरी तक मौसम खराब रहने की उम्मीद है। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में कोहरे और ऊंचाई वाले इलाकों में शीतलहर से ठंड में इजाफा हो गया है। मंगलवार रात को राज्य के छह स्थानों पर रात का तापमान माइनस में दर्ज हुआ। बुधवार को राजधानी शिमला और राज्य के अन्य हिस्सों में धूप खिली रही, लेकिन आगामी दिनों में मौसम फिर से करवट ले सकता है। इसके साथ ही तीन दिन बाद अटल टनल रोहतांग से बस सेवा फिर से शुरू हो गई है। इससे यात्रियों को राहत मिली है, क्योंकि पहले यात्रा में 10 किलोमीटर पैदल चलने की परेशानी होती थी, अब यह दूरी केवल 5 किलोमीटर रह गई है। इसके अलावा, औट-बंजार-सैंज हाईवे-305 पर भी निगम की बसें घियागी के बजाय सोझा तक चलने लगी हैं। प्रदेश के निचले पहाड़ी और मैदानी इलाकों, जैसे बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर में बुधवार को सुबह और शाम के वक्त घना कोहरा छाया रहा। वीरवार को इन क्षेत्रों में घना कोहरा छाने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, 16 से 21 जनवरी के बीच मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं, निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग का कहना है कि अगले 3-4 दिनों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी और शिमला जिलों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।
** योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका अहम - डॉ. शांडिल स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया की भूमिका अहम है और राज्य सरकार मीडिया कर्मियों के हित के लिए निरंतर कार्यरत है। डॉ. शांडिल गत रात्रि यहां प्रेस क्लब सोलन के सौजन्य से आयोजित लोहड़ी मिलन कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. शांडिल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मीडिया हितों के प्रति संवेदनशील है और उनका यह प्रयास है कि मीडिया बन्धुओं की विभिन्न मांगों को उचित स्तर पर निराकरण किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सोलन ज़िला मुख्यालय में प्रेस क्लब निर्माण उनकी प्रतिबद्धता है और इस दिशा में उचित भूमि का चयन कर अगली कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि प्रदेश सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी नीतियों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने में सक्रिय सहयोग दें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाचारों एवं अन्य माध्यमों से मीडिया द्वारा प्राप्त फीडबैक का नियमित अनुसरण कर यह सुनिश्चित बनाती है कि आमजन की भावनाओं के अनुरूप कार्य हों। डॉ. शांडिल ने सभी को लोक आस्था, भाईचारा व एकता के प्रतीक लोहड़ी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए आशा जताई कि यह पावन पर्व सभी के जीवन में सुख, शांति, खुशहाली, समृद्धि तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार करे। उन्होंने कहा कि प्रकृति से जुड़े हमारे पर्व हमें अपनी समृद्ध सनातन संस्कृति और विरासत से जोड़ने में महत्वपूर्ण हैं। हमें अपनी प्राचीन संस्कृति के संरक्षण के लिए एकजुट होकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं भी प्रेषित की। डॉ. शांडिल ने इससे पूर्व लोहड़ी पूजन भी किया। इस अवसर पर जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, उपमण्डलाधिकारी सोलन डॉ. पूनम बंसल, हिमाचल प्रदेश प्रथम कन्या बटालियन एन.सी.सी. सोलन के आदेशक कर्नल संजय शांडिल, पूनम शांडिल, ज़िला राजस्व अधिकारी सोलन सुमेध शर्मा सहित प्रेस क्लब सोलन के सदस्य उपस्थित थे।
** प्रदेश में लोहड़ी के अवसर पर कड़ाके की ठंड शिमला: इन दिनों उत्तर भारत समेत हिमाचल प्रदेश में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लोहड़ी के पर्व पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई है। हाल ही में निचले पहाड़ी इलाकों और ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी से तापमान में यह गिरावट आई है। मौसम विभाग ने 14 और 15 जनवरी को प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। मौसम विभाग के अनुसार, 16 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिसके कारण प्रदेश में मौसम में फिर से बदलाव हो सकता है। इस दौरान, मध्यम और ऊंचाई वाले कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। यह पश्चिमी विक्षोभ 19 जनवरी तक सक्रिय रहेगा। हालांकि, निचले पहाड़ी क्षेत्रों जैसे मंडी, बिलासपुर, ऊना और अन्य जगहों पर मौसम साफ रहने की संभावना है। इन क्षेत्रों में सुबह के समय कोहरे को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट भी जारी किया है। बीते 24 घंटों में, मंडी जिले के सुंदरनगर में अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, स्पीति घाटी के कुकुमसेरी में प्रदेश का सबसे कम तापमान -12.3 डिग्री सेल्सियस रहा। अन्य प्रमुख स्थानों पर तापमान इस प्रकार रहा: शिमला 2.4 डिग्री सेल्सियस, मनाली -1.1, भरमौर 0.3, कुफरी -0.8, पालमपुर 1.0, केलांग -8.7, बिलासपुर 5.4 और ऊना 3.6 डिग्री सेल्सियस।
** प्रदेश में चार मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए तैयार होगा मास्टर प्लानः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, नैनादेवी और ज्वालाजी मंदिर परिसरों के सौन्दर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इन मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का सृजन किया जाएगा, जिससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को भी प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष से सभी जिलों में ‘जिला स्तरीय उत्सव’ आयोजित किए जाएंगे। प्रदेश में आयोजित किये जाने वाले मेलों एवं उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए आरक्षित की जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के कुल व्यय की 33 प्रतिशत राशि स्थानीय कलाकारों को दिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कलाकारों का मानदेय निर्धारित करने तथा मानदेय का युक्तिकरण करने के भी निर्देश दिए। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 107 मेले अधिसूचित किए गए हैं जिनमें 4 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर, 5 राष्ट्रीय स्तर, 29 राज्य स्तर तथा जिला स्तर के 69 मेले शामिल हैं। प्रदेश सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 में अभी तक इन मेलों के आयोजन के लिए 1.10 करोड़ रुपये सहायता अनुदान राशि प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि शिमला स्थित बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय की स्थापना का कार्य इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा और अंतर्राष्ट्रीय रौरिक स्मारक ट्रस्ट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने और शिमला विंटर कार्निवाल के आयोजन को अधिसूचित करने के निर्देश भी दिये। मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा भी की। बैठक में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, निदेशक भाषा एवं संस्कृति डॉ. पंकज ललित और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार बड़े स्तर पर हरित ऊर्जा के दोहन का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 72 मैगावाट क्षमता की सात सौर ऊर्जा परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इनका कार्य शीघ्र ही सम्बन्धित कम्पनियों को आवंटित कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त 325 मैगावाट की 8 परियोजनाओं का सर्वेक्षण एवं जांच का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि पहली बार सरकार राज्य की 200 पंचायतों को ‘हरित पंचायत’ के रूप में विकसित करने की ओर अग्रसर है जिसमें 200 केवी के ग्रांऊड माउंटेड सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे तथा इन संयंत्रों से प्राप्त आय को पंचायत के विकास कार्यों में खर्च किया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में ऊना जिले में 32 मैगावाट की पेखुबेला सौर ऊर्जा परियाजना को 15 अप्रैल, 2024 को जनता को समर्पित किया गया था तथा अप्रैल से अक्तूबर 2024 तक साढ़े छः महीने की अवधि में इस परियोजना के माध्यम से 34.19 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है, जिससे 10.16 करोड़ रुपये की आय हुई है। उन्होंने कहा कि इससे अतिरिक्त ऊना जिला के भंजाल में 5 मैगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को 30 नवम्बर 2024 को शुरू कर दिया गया है, जबकि 10 मैगावाट की अघलौर सौर ऊर्जा परियोजना का निर्माण कार्य भी इस माह पूर्ण होना अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार हिमाचल प्रदेश को 2026 तक देश का पहला ‘हरित ऊर्जा’ बनाने की दिशा में प्रयासरत है ताकि प्रदेश के पर्यावरण को किसी प्रकार का नुक्सान न हो। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के दोहन से जहां पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, वहीं कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा स्रोत अक्षय हैं और समाप्त नहीं होते, जिससे भविष्य की पीढ़ियों को ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित हो पाएगी। यह जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, 2 टन प्रतिदिन की क्षमता के कम्प्रेस्ड बायो-गैस के प्लांट की ड्राफ्ट डीपीआर तैयार कर दी गई है। इसके अलावा प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों तथा वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और वाटर हिटिंग सिस्टम स्थापित किए जाएंगे।
कुनिहार: नमबरदार यूनियन की बैठक आज सोमवार को अर्की एसडीएम कार्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधान दिला राम ने की, और जिला प्रधान राजेन्द्र ठाकुर भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें मुख्य रूप से मुख्यमंत्री से मिलने और नमबरदारों की समस्याओं के बारे में बात की गई। यूनियन के सदस्यों ने बताया कि मुख्यमंत्री से लेकर तहसीलदार तक को ज्ञापन दिए जा चुके हैं, लेकिन उनकी समस्याओं पर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया गया। सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि वे फिर से मुख्यमंत्री के पास अपनी समस्याओं को लेकर जाएंगे। बैठक में यह मुद्दे उठाए गए कि पिछले 11 महीनों से उन्हें मानदेय नहीं मिला, बार-बार अनुरोध करने के बावजूद फर्दवाच नहीं मिल रही, पटवारी मौके पर मदद नहीं करते और पटवारियों द्वारा मनमाने तरीके से नमबरदारों को डिमार्केशन और तकसीम पर नहीं बुलाया जाता। सदस्यों ने कहा कि सरकार उन्हें 4200 रुपये मानदेय दे रही है, लेकिन वे चाहते हैं कि सरकार यह राशि बढ़ाए ताकि काम के अनुसार उन्हें उचित भुगतान मिल सके। बैठक में जिला सचिव प्रताप ठाकुर, उपप्रधान चमनलाल, प्रदीप ठाकुर, मदन सिंह, जगत राम, मोहन सिंह, पदम सिंह, नेम चंद, कन्हैया राम, राकेश सहित कई अन्य नमबरदार भी उपस्थित थे।
हिमाचल में महंगाई की मार झेल रहे लाखों उपभोक्ताओं को फरवरी माह राहत भरा रहने वाला है। केंद्र से सस्ते राशन का आवंटन हो गया है जिसके आधार पर प्रदेश सरकार ने भी फरवरी महीने में सरकारी डिपुओं के माध्यम से APL परिवारों को दिए जाने वाला आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी है। राहत की खबर ये है कि सरकार ने प्रदेशभर में 4500 से अधिक डिपुओं के माध्यम से एपीएल परिवारों को अगले महीने दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई कटौती नहीं की है। ऐसे में फरवरी महीने में भी APL परिवारों को 14 किलो आटा और 6 किलो चावल कोटा प्रति राशन कार्ड मिलेगा। प्रदेश में अगस्त 2023 से एपीएल परिवारों को डिपुओं में मिलने वाले आटे और चावल की दी जाने वाली मात्रा में कोई कट नहीं लगा है। वहीं, इससे पहले हिमाचल में हर दो से तीन महीने में सस्ते राशन के कोटे को घटाया और फिर से बढ़ाया जाता था, लेकिन 17 महीनों से APL परिवारों को दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। केंद्र से राशन का आवंटन होने के बाद प्रदेश के सभी जिलों में डिपुओं के माध्यम से दिए जाने वाले आटे और चावल की मात्रा निर्धारित कर दी गई है। एपीएल परिवारों को आबादी के आधार पर 20 हजार 286 मीट्रिक टन राशन का आवंटन हुआ है। इसमें 14 हजार 131 मीट्रिक टन गेहूं और 6,155 मीट्रिक टन चावल की मात्रा शामिल है। इस बारे में सभी जिला खाद्य नियंत्रकों को निर्देश जारी किए गए हैं। वहीं, अब तय की गई मात्रा के हिसाब से डिपो धारकों को जनवरी महीने के आखिर में परमिट जारी किया जाएगा ताकि डिपुओं में फरवरी के पहले ही सप्ताह से सस्ता राशन उपलब्ध हो सके। हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है। इसमें कुल एपीएल कार्डधारकों की संख्या 12 लाख 24 हजार 448 है। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इसमें एपीएल टैक्स पेयर कार्डधारकों की कुल संख्या 72 हजार 445 है। वहीं, 11 लाख 52 हजार 3 नॉन टैक्स पेयर एपीएल कार्ड धारक हैं। हिमाचल में एपीएल कार्ड धारकों की कुल आबादी 44 लाख 19 हजार 312 बनती है, जिसमें नॉन टैक्स पेयर एपीएल परिवारों की आबादी 41 लाख 26 हजार 583 है। वहीं, टैक्स पेयर की आबादी 2 लाख 92 हजार 729 है जिन्हें अगले महीने डिपुओं के माध्यम से 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति राशन कार्ड मिलेगा। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक राम कुमार गौतम ने कहा, फरवरी महीने के लिए राशन का आवंटन किया गया है। अगले महीने एपीएल परिवारों को पहले की तरह 14 किलो आटा और 6 किलो चावल प्रति कार्ड दिया जाएगा।
** बलबीर सिंह चौधरी ने की अर्की इकाई के सदस्यों से बैठक में भाग लेने की अपील हिमाचल पथ परिवहन सेवा निवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच अर्की इकाई की मासिक बैठक बुधवार 15 जनवरी को पेंशनर्ज कार्यालय तालाब कुनिहार में इकाई अध्यक्ष बलबीर सिंह चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। बलबीर सिंह चौधरी ने अर्की इकाई के सभी सदस्यों से इस अहम बैठक में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है। उन्होंने बताया कि कल्याण मंच के नव नियुक्त प्रदेशाध्यक्ष बृजलाल ठाकुर इस बैठक में विशेष तौर पर उपस्थित होंगे । उन्होंने सभी पेंशनरों से आग्रह किया है कि 15 जनवरी को ठीक 11 बजे पेंशनर कार्यालय तालाब कुनिहार में पहुंचे तथा पेंशनरो की समस्या व आगामी रणनीति बारे चर्चा में बढ़चढ़ कर भाग लें।
हिमाचल प्रदेश के ग्रीन कॉरिडोर में सरकार ने 41 और इलैक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने की स्वीकृति दे दी है। हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने के लिए सरकार जो प्रयास कर रही है उसके लिए सरकार ने एक हाई पावर कमेटी बनाई है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हाई पावर कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि ग्रीन कॉरिडोर में अधिक से अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। अभी तक 23 स्टेशन बना दिए गए हैं, लेकिन इस साल 41 और स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके साथ ही हिमाचल में पेड़ कटान पर पहले से प्रतिबंध है और अभी सरकार ने कुछ और प्रजातियों के पेड़ों को काटने पर भी रोक लगाई है।सरकार ऐसे काम करना चाहती है, जिससे प्रदूषण न हो और हिमाचल ग्रीन स्टेट के रूप में जाना जाए। इससे हिमाचल को ग्रीन बोनस मिलने में भी आसानी होगी। परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि जियो, बीपी कंपनी मंडी-जोगिंद्रनगर-पठानकोट के साथ कीरतपुर-मनाली-केलांग ग्रीन कॉरिडोर पर ईवी चार्जिंग स्टेशन बना रही है। ईवीआई टेक्नोलॉजी कंपनी परवाणू-ऊना-संसारपुर टैरेस-नूरपुर और परवाणू- शिमला-रिकांगपिओ-लोसर ग्रीन कॉरिडोर पर इस कार्य को कर रही है। इलेक्ट्रो वेब कंपनी शिमला-हमीरपुर-चंबा ग्रीन कोरिडोर को विकसित करने का काम करेगी। दोनों चयनित कंपनियां 75 लाख रुपए प्रति वर्ष लीज मनी के रूप में सरकार को देगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में परिवहन विभाग ने दो कंपनियों के साथ चार ग्रीन कोरिडोर में सुविधाएं बढ़ाने के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया था। प्रदेश में अभी ईवी चार्जिंग स्टेशन की संख्या 23 है, जो दिसंबर महीने तक बढक़र 64 हो जाएगी। बीते 10 दिसंबर को इस संबंध में सरकार ने कंपनियों के साथ एमओयू साइन किया था। हाई पावर कमेटी की बैठक में इसको लेकर चर्चा की गई है। कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए जो भी औपचारिकताएं हैं, उन्हें जल्द पूरा करें। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम भी प्रदेश के सभी बस अड्डों में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा। उसने कुछ नए बस अड्डों पर इसकी सुविधा तैयार कर ली है। इसके लिए एचआरटीसी को नाबार्ड के तहत 100 करोड़ मंजूर हुए हैं। अभी शिमला, धर्मशाला, कुल्लू सहित कुछेक स्थानों पर ही इवी चार्जिंग स्टेशन की सुविधा है, क्योंकि एचआरटीसी के बेड़े में इलेक्ट्रिक व्हीकल बड़ी संख्या में आने वाले दिनों में शामिल होंगे, लिहाजा उनके लिए चार्जिंग स्टेशन भी सभी स्थानों पर चाहिए। फिलहाल ग्रीन कोरिडोर में लगभग सभी जगहों पर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश ने प्रदेशवासियों को कड़ी ठंड का सामना कराया। मौसम विभाग के अनुसार, 13 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना है, लेकिन 15 जनवरी से फिर से बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विभाग ने बताया कि पिछले 24 घंटों में गोंडला में 6 सेंटीमीटर, कोठी, खदराला और नशल्लारू में 5 सेंटीमीटर, जोत और भरमौर में 4 सेंटीमीटर, हंसा में 2.5 सेंटीमीटर, कुफरी में 2 सेंटीमीटर, कल्पा में 0.8 सेंटीमीटर और कुकमसेरी में 0.5 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई। शिमला के सराहन में 18.1 मिलीमीटर, रोहड़ू में 15 मिलीमीटर, पच्छाद में 5.1 मिलीमीटर और मनाली में 5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। 13 और 14 जनवरी को मौसम साफ रहेगा, लेकिन 14 जनवरी रात से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के बाद 15 जनवरी से प्रदेश के ऊंचाई और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, निचले इलाकों में इसका असर कम रहेगा। प्रदेश में 12 जनवरी को सिरमौर जिले के धौला कुआं में 15.7 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान रिकॉर्ड किया गया, जबकि लाहौल-स्पीति का ताबो -5.2 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा।
सोलन: देवभूमि हिमाचल में एक बार फिर ममता को शर्मसार करने वाली घटना पेश आई है। यहां पर एक महिला ने नवजात बच्ची को जन्म देकर उसे शमशान घाट के गेट पर छोड़ दिया और अपने आप वहां से चली गई। पुलिस थाना कंडाघाट में इसको लेकर एक शख्स ने शिकायत दी है। पुलिस को दी शिकायत में शख्स ने बताया "वह 12 जनवरी को सुबह 7 बजे ढाबे में काम कर रहा था तभी फोरलेन में सड़क निर्माण में लगी लेबर का एक व्यक्ति उसके पास आया और कहा पीछे शमशानघाट के गेट के पास सड़क किनारे एक नवजात शिशु पड़ा हुआ है। व्यक्ति तुरंत श्मशान घाट के गेट के पास गया तो उसने देखा कि गेट के पास सड़क किनारे एक नीले रंग के कपड़े में एक नवजात बच्ची पड़ी हुई है। मौके पर बच्ची के आसपास कोई भी मौजूद नहीं था। व्यक्ति ने बच्ची को उठाकर नेपाली मूल की महिला को सौंप दिया और खुद पुलिस स्टेशन में मामले की शिकायत देने चला गया। नवजात बच्ची को किसी अज्ञात महिला द्वारा जन्म देने के बाद शमशान घाट के गेट के सामने छोड़ दिया गया था। एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया, बच्ची का अस्पताल में मेडिकल करवाया जाएगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अस्पतालों में हाल ही में आए डिलीवरी के केसों की सूचना एकत्रित की जा रही है।
** बाल-बाल बचा चालक कसौली/हमेंद्र कंवर: जाबली के समीप चक्की मोड़-किमूघाट मार्ग पर थड गांव के पास एक चलती कार पर अचानक पेड़ गिरने से हाई वोल्टेज तार टूट गई, जिसके कारण कार में आग लग गई। गनीमत यह रही कि कार सवार बाल-बाल बच गए। जानकारी के अनुसार, दिव्येन ठाकुर पुत्र लायक राम, निवासी पघेत, डाकघर जाबली, जिला सोलन ने बताया कि वह पेशे से वकील हैं और शनिवार रात करीब 10:30 बजे अपनी अल्टो कार से घर जा रहे थे। उस दौरान तेज तूफान और बारिश हो रही थी। थड गांव के पास अचानक कार पर एक हाई वोल्टेज तार गिर गई, जिससे करंट फैल गया और कार के टायरों में आग लग गई। किसी तरह जान बचाकर वह बाहर निकले। रात में थड गांव के लोगों को सहायता के लिए बुलाया गया, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। गांववालों ने फायर ब्रिगेड को सूचित किया, लेकिन तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी। कार में कुछ सामान और मोबाइल फोन भी जल गए। बताया जा रहा है कि घटना स्थल से आगे तूफान के कारण एक पेड़ टूटकर तारों पर गिर गया, जिससे तार सड़क पर गिर गई।
कुनिहार पंचायत के गांव सिंहावां के पूर्व सैनिक हवलदार जीतराम का शनिवार रात देहांत हो गया। 69 वर्षीय जीतराम कुछ समय से बीमार चल रहे थे और आईजीएमसी शिमला में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके देहांत की खबर से उनके परिवार सहित पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। भारतीय सेना की 16 डोगरा रेजिमेंट में हवलदार जीतराम ने कई वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं। रविवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई। 14 जीटीसी सुबाथू से सूबेदार प्रताप सिंह श्रीश, हवलदार हरि थापा, नायक मुकेश छेत्री, पूर्व सैनिक लीग कुनिहार के उपाध्यक्ष कैप्टन राकेश कुमार, सूबेदार लेखराज, हवलदार सोहन लाल, कृष्ण लाल और सब मेजर मंजीत कुमार अर्की लीग ने राष्ट्रीय ध्वज और पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और पूर्व सैनिक जीतराम की अंतिम यात्रा में भाग लिया। सभी ने भगवान से उनकी आत्मा की शांति और परिवार को इस दुख की घड़ी में हिम्मत देने की प्रार्थना की। गांव के शमशान घाट पर हवलदार जीतराम का अंतिम संस्कार किया गया, जहां उनके बेटों दीपक, दिनेश और नितिन ने उन्हें मुखाग्नि दी। उनकी मृत्यु की खबर सुनकर पूर्व सैनिक लीग कुनिहार के अध्यक्ष कैप्टन रणधीर सिंह कंवर, रमेश अरोड़ा और अन्य पूर्व सैनिकों ने भी दुख व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति की प्रार्थना की और शोक व्यक्त किया।
हिमाचल में मौसम ने फिर करवट बदली है। एक सप्ताह बाद प्रदेश का मौसम बिगड़ा है। नारकंडा और कुफरी समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शनिवार रात को बर्फबारी हुई है। इससे देश-विदेश से यहां घूमने के लिए आने वाले सैलानी चहक उठे हैं। बर्फबारी के कारण एनएच 5 पर वाहनों की आवाजाही अवरुद्ध हो गई है। इस वजह से एनएच पर बसों की आवाजाही बंद रही। इसके अलावा चौपाल मार्ग भी बंद है। सड़कों को खोलने का कार्य जारी है। मौसम में आए अचानक बदलाव से शनिवार रात को चंबा के प्रसिद्द पर्यटन स्थल डलहौजी के लक्कड़मंडी, डायन कुंड और ऊपरी इलाकों में बर्फबारी हुई। रविवार कि सुबह बर्फ की सफेद चादर देख पर्यटक भी खुशी से झूम उठे। इस ताजा बर्फबारी से पर्यटन व्यवसायी भी खुश हैं। इस बर्फबारी से समूचा क्षेत्र ठंड की चपेट में हैं। वहीं, लाहौल सहित प्रदेश की ऊंची चोटियों पर शनिवार को बर्फबारी हुई, मैदानों में कोहरा छाया रहा। इससे प्रदेश में ठंड में इजाफा हुआ है। शनिवार को बदले मौसम के बीच अधिकतम पारे में शुक्रवार के मुकाबले आठ डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई। रविवार को बारिश-बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। बिलासपुर, ऊना, कांगड़ा और मंडी के कई क्षेत्रों में शनिवार को सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। रविवार को भी कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। ऊना में शनिवार को ट्रेनें ढाई से तीन घंटे देरी से पहुंचीं। मैदानी जिलों में सुबह 11 बजे के बाद धूप खिली। अपराह्न चार बजे फिर कोहरा छा गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 13 से 16 जनवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। 17 को फिर बारिश- बर्फबारी के आसार हैं। लाहौल में रुक-रुक कर बर्फबारी होती रही। इससे कुल्लू से लेकर लाहौल तक ठंड व शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया। रोहतांग दर्रा के साथ कुंजम दर्रा, बारालाचा, शिंकुला व जलोड़ी दर्रा में फाहे गिरने से तापमान में कमी आई है। सोलंगनाला से आगे पर्यटक वाहनों के जाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। फोर बाई फोर वाहनों को ही जाने की अनुमति है। ऊना में शनिवार को ट्रेन नंबर 19307 तीन घंटे और दिल्ली एक्सप्रेस ढाई घंटा देरी से ऊना स्टेशन पहुंची। 12 जनवरी को मध्य और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर बारिश-बर्फबारी व निचले पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बड़लग में सड़क सुरक्षा और कम्युनिटी मोबिलाइजेशन के बारे में एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महेंद्र सिंह ठाकुर और विशेष अतिथि सुरेन्द्र शर्मा ने भाग लिया। विद्यालय के प्रधानाचार्य एवं एसएमसी द्वारा मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा के साथ-साथ नशे के दुष्प्रभाव और पर्यावरण संरक्षण पर भी जानकारी दी गई। इस मौके पर कुठाड़ पुलिस चौकी प्रभारी राजीव कुमार और प्रेम कुमार ने विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आजकल कई युवा सड़क सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हैं, जिससे न केवल उनकी अपनी जान को खतरा होता है, बल्कि अन्य लोगों की सुरक्षा भी प्रभावित होती है। इसलिए हमें इन नियमों का पालन करते हुए समाज में जागरूकता फैलानी चाहिए। मुख्य अतिथि महेंद्र सिंह ठाकुर ने सड़क सुरक्षा के साथ-साथ समाज में फैल रहे नशे के खतरों और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर भी बच्चों को जागरूक किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य अशोक शर्मा ने इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के लिए मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों का धन्यवाद किया और भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की अपील की। इस कार्यक्रम में विद्यालय के सभी विद्यार्थी, विद्यालय स्टाफ, और एसएमसी अध्यक्ष सतीश ठाकुर सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।
**नशा तस्करी के मामले में पिछले दशक में 340 प्रतिशत की वृद्धि, स्थिति गंभीर हिमाचल सरकार ने पिछले तीन सालो में प्रदेश में नशा तस्करी करने वाले तस्करों की 16 करोड़ की अवैध संपत्ति को जब्त किया है। हिमाचल प्रदेश में बढ़ रहे नशा तस्करी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है। पिछले एक दशक में तो बढ़ रहे इन मामलो में 340 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा आयोजित ‘नशीली दवाओं की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सम्मेलन में नादौन से आभासी माध्यम से भाग लिया और बढ़ते नशे के संकट से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश की प्रतिबद्धता पर बल दिया। सम्मेलन में नशीले पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें आठ उत्तरी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर विशेष ध्यान दिया गया। सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में नशीले पदार्थों की तस्करी के मामलों में 340 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2012 में लगभग 500 मामलों से बढ़कर वर्ष 2023 में 2,200 मामले हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, हेरोइन से जुड़े मामलों का प्रतिशत भी दोगुना हो गया है, जो वर्ष 2020 में 29 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2024 में 50 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने सिंथेटिक दवाओं की चिंताजनक स्थिति का उल्लेख किया, जोकि दुष्प्रभावी होने के साथ-साथ इसकी रासायनिक संरचना के कारण नियंत्रित करना भी कठिन है। उन्होंने नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया, विशेष रूप से अंतरराज्यीय सीमावर्ती क्षेत्रों में, जो अवैध गतिविधियों का केंद्र बन चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी अक्सर संगठित अपराध और आतंकवाद का कारण बनती है, जो देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए बढ़ा खतरा पैदा करती है। उन्होंने कानून प्रवर्तन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पुनर्वास और न्यायिक सुधारों के समन्वयन से मादक पदार्थों को नियंत्रित करने के लिए हिमाचल प्रदेश की बहुआयामी रणनीति को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि नशे की लत से पीड़ित लोग स्वभाव से अपराधी नहीं होते। उन्होंने कहा, ‘हमारा दृष्टिकोण दंडात्मक उपायों से आगे बढ़कर मज़बूत पुनर्वास ढांचा विकसित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य विधायिका ने एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 37 में संशोधन किया है, ताकि आदतन अपराधियों को जमानत हासिल करने की अनुमति देने वाली कानूनी खामियों को दूर किया जा सके। इस संशोधन से कानूनी ढांचा मज़बूत हुआ है, जिससे यह अधिक कठोर और निवारक बन गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांस (पीआईटी-एनडीपीएस) अधिनियम को राज्य में लागू करने के बाद अवैध तस्करी की रोकथाम शुरू कर दी गई है। यह अधिनियम मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में लगातार शामिल अपराधियों को हिरासत में लेने में सक्षम बनाता है, जिससे सार्वजनिक हितों की रक्षा होती है। ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पिछले तीन वर्षों में 16 करोड़ रुपये की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति जब्त की है, जिसमें पिछले वर्ष जब्त किए गए 9 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य मादक पदार्थों और नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए समर्पित एक विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का गठन करने जा रहा है, जिसके पास विशेष संसाधन, स्वायत्तता और समर्पित पुलिस स्टेशन होंगे, ताकि नशीले पदार्थों के नेटवर्क के खिलाफ अभियान तेज़ किया जा सके। मुख्यमंत्री ने खुफिया जानकारी साझा करने और संयुक्त अभियानों को मज़बूत करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग के महत्व पर, खासकर सीमा पार नशीली दवाओं की तस्करी से निपटने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों और केंद्र सरकार के साथ सहयोग क्षेत्रीय सीमाओं पर सक्रिय तस्करी नेटवर्क को खत्म करने में महत्त्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां बहुत बड़ी हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश के लोगों के अटूट समर्थन, हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समर्पण और पुनर्वास के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण के साथ, हम एक नशा मुक्त राज्य बना सकते हैं। हम सब मिलकर शांति, सद्भाव और सुरक्षा के मूल्यों की रक्षा करेंगे, जिन्हें हिमाचल प्रदेश ने हमेशा कायम रखा है, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते दिन हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, ऊर्जा विभाग व अन्य उपक्रमों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड को और अधिक दक्ष व व्यावसायिक बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार निरंतर कार्य कर रही है। बोर्ड की गतिविधियों को सशक्त बनाने के लिए नवोन्वेषी प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में यह अवगत करवाया गया कि राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा उपभोक्ताओं की केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए अंतिम तिथि 15 फरवरी, 2025 निर्धारित की गई है। मुख्यमंत्री ने सम्पन्न विद्युत उपभोक्ताओं से स्वैच्छिक तौर पर सब्सिडी छोड़ने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने बोर्ड की विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए । उन्होंने निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं की भी विस्तृत जानकारी ली। बैठक में विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग सिंह, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मैसर्ज़ नैना सिस्टम प्राइवेट लिमिटिड परवाणू में 40 पदों पर भर्ती के लिए कैंपस इंटरव्यू 14 जनवरी, 2025 को ज़िला रोज़गार कार्यालय सोलन में आयोजित किए जा रहे हैं। यह जानकारी ज़िला रोज़गार अधिकारी सोलन जगदीश कुमार ने दी। जगदीश कुमार ने कहा कि उक्त पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता आई.टी.आई. से मैकेनिकल, फिटर डिप्लोमा व आयु 22 से 29 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन पदों की विस्तृत जानकारी के लिए आवेदक विभागीय पोर्टल ई.ई.एम.आई.एस. से प्राप्त कर सकते हैं। सभी योग्य एवं इच्छुक आवेदक विभाग के पोर्टल पर कैंडिडेट लॉग इन टैब के माध्यम से पंजीकृत करने के उपरांत अपनी रजिस्ट्रेशन प्रोफाइल पर अधिसूचित रिक्तियों के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर आवेदन कर सकते है। उन्होंने कहा कि आवेदन करने से पूर्व प्रत्येक आवेदक का नाम रोज़गार कार्यालय में पंजीकृत होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि इच्छुक उम्मीदवार अपनी योग्यता सम्बन्धी सभी अनिवार्य प्रमाण-पत्र व दस्तावेजों सहित ज़िला रोज़गार कार्यालय सोलन में 14 जनवरी, 2025 को प्रातः 10.30 बजे पहुंचकर कैंपस इंटरव्यू में भाग ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि कैंपस इंटरव्यू में भाग लेने वाले उम्मीदवारों को कोई यात्रा भत्ता देय नहीं होगा। ज़िला रोज़गार अधिकारी ने कहा कि अधिक जानकारी के लिए आवेदक कार्यालय के दूरभाष नम्बर 01792-227242 तथा मोबाईल नम्बर 78768-26291 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
** एक वर्ष में प्राकृतिक खेती पद्धति से जोड़े जाएंगे एक लाख किसान परिवार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बीते कल कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में प्राकृतिक खेती से गेहूं व मक्की उगाने वाले क्षेत्रों की मैपिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि विभाग के सभी फार्म को सिर्फ प्राकृतिक खेती पद्धति से ही खेती करने के लिए विकसित किया जाएगा। आगामी वर्ष से इन सभी में प्राकृतिक खेती की जाएगी। यहां प्राकृतिक खेती करने के लिए बीजों का उत्पादन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं व मक्का के भंडारण के लिए हाई एंड तकनीक से भंडारण केन्द्र का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष में एक लाख परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा। उन्होंने हमीरपुर के ताल में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाश करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का विकास खंड के आधार पर डेटा तैयार किया जाए और इसे हिम परिवार से भी जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के दौरान यदि फसल किसी बीमारी से ग्रसित होती है तो उसका उपचार भी प्राकृतिक पद्धति से ही किया जाना चाहिए। उन्होंने प्राकृतिक खेती के बीजों का प्रमाणीकरण करने के लिए प्रक्रिया निर्धारित करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के दृष्टिगत भूमि व बीज की जांच के लिए प्रदेश में हाई-एंड प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने को विशेष अधिमान दे रही है। इसी दिशा में नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में हल्दी व अदरक के प्रसंस्करण के लिए प्रसंस्करण संयंत्र खोलने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर मंे डेयरी आधारित डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किये जाएंगे ताकि प्रदेश के युवाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को प्राकृतिक खेती पद्धति के उत्पादों के प्रभावी विपणन के लिए ई-कामर्स वेबसाइट से समन्वय करने के निर्देश भी दिए। बैठक में यह अवगत करवाया गया कि प्रदेश मे खरीफ सीजन 2024-25 के दौरान प्राकृतिक खेती से उगाई गई 3989 क्विंटल मक्का की खरीद की गई है तथा आगामी रबी सीजन के दौरान प्राकृतिक खेती से उगाई गई 8050 क्विंटल गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, सचिव कृषि सी पालरासु, निदेशक डिजीटल प्रौद्योगिकी एवं नवाचार डॉ. निपुण जिंदल, निदेशक कृषि कुमुद सिंह, कृषि विपणन बोर्ड के प्रबंध निदेशक हेमिस नेगी, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सोलन: पुलिस थाना बागा के अंतर्गत सहकारी सभा के अधीन चल रहे ट्रक में भेजे गए सीमेंट को निर्धारित स्थानों पर न पहुंचाने व बीच में ही सीमेंट को कैश में बेचने वाले ट्रक चालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। चालक ने ट्रक को भी पंजाब में बेच डाला और सभा में भी धोखाधड़ी कर नकली मोहर व जाली हस्ताक्षर वाली बिल्टी प्रस्तुत की। पुलिस ने सभा व ट्रक मालिक को लाखों रुपए का चूना लगाने वाले इस आरोपी चालक से पूछताछ शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार बीती 26 दिसंबर को सचिव दी मांगल लैंड लूजर्स एवं इफेक्टिव परिवहन सहकारी सभा समिति बागा ने पुलिस थाना बागा में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि गाड़ी (एचपी-11सी-2625) जो सोनू कुमार निवासी गांव पडयार के नाम से चलती है। इस ट्रक में सभा के माध्यम से 19 सिंतबर, 2024 को बिल्ड बिल्डकॉन लिमिटेड बिलासपुर, 23 सितंबर , 2024 को गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड मल्याणा, 25 सितंबर, 2024 को दोबारा गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड मल्याणा और 28 सितंबर, 2024 को पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड पवारी के लिए सीमेंट भेजा गया था, लेकिन इन चारों ही स्थानों पर गाड़ी के चालक व गाड़ी मालिक के द्वारा सीमेंट का भुगतान नहीं किया गया और कंपनी द्वारा सभा की चार लाख 43 हजार 728 रुपए की राशि काट दी गई। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी थी। सीमेंट को एक अन्य चालक जो जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है की आईडी का इस्तमाल करके बेचा और वापसी में बिल्टी जमा नहीं करवाई। जांच के बाद मिले पर्याप्त सुबूतों के आधार पर बागा थाना की टीम ने नौ जनवरी को आरोपी चालक हेमराज निवासी खारसी जिला बिलासपुर को गिरफ्तार किया है। इतना ही नहीं गिरफ्तार आरोपी ने ट्रक (एचपी-11सी-2625) को गाड़ी मालिक की बिना सहमति के मंडी गोविंदगढ़ पंजाब में बेच दिया है। पुलिस अधीक्षक सोलन गौरव सिंह ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी के पूर्व अपराधिक रिकार्ड की पड़ताल की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने उद्योगों के लिए बंद हुई एक रुपये प्रति यूनिट सब्सिडी पर कोई राहत नहीं दी है। अदालत ने उद्योगों की ओर से अंतरिम राहत के लिए दायर अर्जी को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेशों के बाद अब उद्योगों को बढ़े हुए बिजली बिल चुकाने होंगे। मुख्य याचिका अभी अदालत में लंबित है। इस मामले पर मार्च में सुनवाई होगी। उद्योगों की ओर से हाईकोर्ट के एकल जज के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी गई थी। दलीलों में कहा था कि राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने बिना सोचे-समझे राज्य सरकार की ओर से जारी सब्सिडी बंद करने की अधिसूचना को लागू कर दिया। टैरिफ में सिर्फ साल में एक बार ही संशोधन किया जा सकता है, जबकि सब्सिडी को बिना टैरिफ संशोधन के बदलाव नहीं किया जा सकता। उन्होंने अदालत से सरकार की ओर से 3 मार्च 2024 को जारी अधिसूचना को वापस लेने की गुहार लगाई थी। वहीं सरकार ने अदालत को बताया कि सरकार को किसी भी समय सब्सिडी वापस लेने का अधिकार है। राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने कहा कि टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सिर्फ सरकार की ओर से जारी सब्सिडी को वापस लिया गया है। उद्योगों का विवाद जारी किए गए बिल से है। बता दें कि एकल जज ने राज्य सरकार की ओर से उद्योगों को एक रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सब्सिडी को बंद करने के निर्णय को सही ठहराया था। सरकार ने उद्योगों को एक रुपये प्रति यूनिट मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया था। सरकार के इस फैसले से प्रदेश में स्थापित करीब 200 कंपनियां प्रभावित हुई हैं।
हिमाचल सरकार ने प्रचार और प्रसार के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक और पीवीसी बैनर को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से जारी अधिसूचना के तहत 100 माइक्रोन से कम प्लास्टिक या पीवीसी बैनर के उपयोग पर रोक लगा दी गई है। भारत सरकार की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए जारी निर्देशों पर हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस बाबत राजपत्र में अधिसूचना जारी की। पर्यावरण को बचाने के लिए पेडों पर बैनर लगाने पर कार्रवाई के प्रति चेताया गया है। डिजिटल होर्डिंग को बढ़ावा देने का आग्रह भी किया गया है। सरकारी योजनाओं, विभागों के शिक्षाप्रद बैनर 200 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। सरकारी कार्यक्रम के लिए बैनर 100 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के कटआउट 200 माइक्रोन, चुनावी रैली के लिए 100 माइक्रोन से कम नहीं होने चाहिए। निजी विज्ञापन 30 दिनों के लिए 100 माइक्रोन से कम नहीं, 30 दिन से अधिक के लिए 200 माइक्रोन से कम नहीं होना चाहिए। बैनर और होर्डिंग स्थानीय निकाय की मंजूरी से ही लगाए जाएंगे। फ्लेक्स हटाने के बाद स्थानीय निकाय को रिसाइक्लिंग के लिए देना अनिवार्य होगा। बैनर पर विभाग का नाम, अवधि, प्रिंटर का नाम प्रकाशित करना होगा। केंद्र सरकार के निर्देशों का उल्लंघन करने पर पर्यावरण विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग जुर्माना वसूल सकेगा।
हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में शनिवार और रविवार को बारिश और बर्फबारी के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से मौसम में बदलाव आने का पूर्वानुमान है। इसके चलते कई क्षेत्रों में दो दिनों तक शीतलहर चलने का पूर्वानुमान भी है। 13 जनवरी से प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है। इस दौरान धूप खिलने से तापमान में और बढ़ोतरी दर्ज होने की संभावना है। शुक्रवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में मौसम साफ रहा। प्रदेश के मैदानी जिलों में शुक्रवार को सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। कोहरे के कारण ऊना में दो ट्रेनें और कालका-शिमला ट्रेन ढाई घंटे देरी से चली। हरियाणा में कोहरा पड़ने से कालका तक आने वाली शताब्दी ट्रेन तय समय से लेट पहुंची। इस कारण कालका से शिमला की ओर से आने वाली ट्रेन भी देरी से चली। ऊना तक भी कोहरे के चलते ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई। उधर, जिला कुल्लू व लाहौल में शुक्रवार को मौसम साफ रहा। घाटी में बड़ी संख्या में सैलानी बर्फ का दीदार के लिए पहुंच रहे हैं। केलांग से मनाली-कुल्लू से केलांग के लिए अटल टनल रोहतांग होकर 13 दिन बाद बस सेवा शुरू हो गई है। मौसम को देखते हुए प्रशासन ने सैलानियों को संवेदनशील इलाकों की ओर न जाने की अपील की है। शुक्रवार को धर्मशाला में अधिकतम तापमान 22.0, मंडी में 21.3, भुंतर में 20.6, सुंदरनगर में 19.3, कांगड़ा-हमीरपुर में 18.7, बिलासपुर में 18.0, शिमला में 17.0, ऊना में 15.6, मनाली में 14.6, नाहन में 11.9 और कल्पा में 9.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। बिलासपुर, कांगड़ा, हमीरपुर, मंडी, सोलन और सिरमौर के कई क्षेत्रों में भी शुक्रवार सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाया रहा। इन क्षेत्रों में दोपहर 12 बजे के बाद धूप खिली। शाम चार बजे के बाद दोबारा कोहरा छा गया। शनिवार को बारिश और बर्फबारी की संभावना के चलते कोहरा पड़ने से कुछ राहत मिल सकती है।
आस्था कॉलेज ऑफ एजुकेशन (बीएड कॉलेज) कुनिहार में फ्रेशर पार्टी और नववर्ष स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए द्वितीय वर्ष के छात्रों द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें संस्थान की प्रधानाचार्या किरण बाला ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। कॉलेज प्रवक्ता जयपाल सिंह ने बताया कि कार्यक्रम को दो चरणों में विभाजित किया गया था। पहले चरण में मुख्य आकर्षण मॉडलिंग रही, जिसमें सभी प्रशिक्षुओं ने उत्साह के साथ भाग लिया और रैंप पर अपने जलवे बिखेरे। इस दौरान कमलदीप को मिस्टर फ्रेशर और तनवी को मिस फ्रेशर चुना गया, जबकि रितिक और वंदना को फर्स्ट रनरअप, संजय को मिस्टर पर्सनेलिटी और कुसुम को मिस परसोना चुना गया। कार्यक्रम के दूसरे चरण में प्रशिक्षुओं ने कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जिनमें दर्शकों का मनोरंजन किया गया। रोहित और ग्रुप द्वारा सरस्वती वंदना, आकृति और ग्रुप द्वारा बॉलीवुड नृत्य, खुशबू और ग्रुप द्वारा भांगड़ा, कृतिका और ग्रुप द्वारा नाटी, पंकज और ग्रुप द्वारा लेजी नृत्य, तनवी और ग्रुप द्वारा पंजाबी नृत्य, सिमरन और ग्रुप द्वारा बॉलीवुड नृत्य की प्रस्तुतियाँ दी गई। इसके अलावा, आरची, आरती, दीपा और पायल द्वारा एकल नृत्य की प्रस्तुति भी की गई। कार्यक्रम के अंत में, कॉलेज की प्रधानाचार्या और मुख्यातिथि किरण बाला ने सभी प्रशिक्षुओं और अध्यापकों को नववर्ष की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर प्रवक्ता सीएल भारद्वाज, अमिता, शिवानी, पूजा, राजन, आशा और लवली भी उपस्थित थे।
शूलिनी विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन और संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग (एचसीआईसीसी-2025) पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में शिक्षा जगत और उद्योग जगत की व्यापक भागीदारी के साथ प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय वक्ता एक साथ आए। सम्मेलन में मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन (एचसीआई) और संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग में अत्याधुनिक विकास को संबोधित करने वाले आकर्षक सत्र आयोजित किए गए। नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका से डॉ. संदीप कौर कुट्टल और जायद यूनिवर्सिटी, संयुक्त अरब अमीरात से डॉ. सना कद्दौरा ने गुणवत्ता विकास में मानव-केंद्रित कारकों के महत्व पर जोर देते हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और बड़े भाषा मॉडल में मूल्यवान अंतर्दृष्टि साझा की। सम्मेलन का मुख्य आकर्षण पी.के. गुप्ता का व्याख्यान था। डेल टेक्नोलॉजीज, संयुक्त राज्य अमेरिका में ग्लोबल सीटीओ गुप्ता ने 2025 और उससे आगे के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों और अवसरों का शीर्षक दिया। गुप्ता ने स्वास्थ्य सेवा, कृषि, रक्षा और विनिर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मौजूदा अनुसंधान कमियों के बारे में विस्तार से बताया और ठोस समाधान विकसित करने के लिए मजबूत आईटी उद्योग सहयोग का आह्वान किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली के प्रोफेसर तपन गांधी और आईआईटी मंडी के प्रोफेसर वरुण दत्त ने संज्ञानात्मक विज्ञान को आगे बढ़ाने में एचसीआई अनुसंधान की भूमिका को रेखांकित किया। प्रोफेसर गांधी ने ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस पर अपना काम प्रस्तुत किया, जबकि प्रोफेसर दत्त ने मानव-केंद्रित समाधान बनाने के लिए एचसीआई सिद्धांतों के एकीकरण पर प्रकाश डालते हुए व्यवहारिक साइबर सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित किया। एचसीआईसीसी-2025 आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहिंदर सिंह ठाकुर ने शूलिनी विश्वविद्यालय प्रबंधन, एनआईटी हमीरपुर और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईईएलआईटी) शिमला, आईक्रिएट गुजरात, विज्ञान संग्रहालय, उच्च शिक्षा निदेशक हिमाचल प्रदेश, अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ), और विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी), भारत सरकार सहित अन्य प्रमुख भागीदारों का आभार व्यक्त किया । उन्होंने सम्मेलन को उल्लेखनीय सफल बनाने में वक्ताओं, सत्र अध्यक्षों और प्रतिभागियों के अमूल्य योगदान को स्वीकार किया। प्रोफेसर ठाकुर ने एचसीआईसीसी-2025 के संयोजक डॉ. अरविंद शर्मा और आयोजन टीम को इस कार्यक्रम की निर्बाध मेजबानी में उनके उत्कृष्ट प्रयासों के लिए बधाई दी।
** शिमला समेत हिमाचल में बारिश और बर्फबारी की संभावना हिमाचल प्रदेश में 11 और 12 जनवरी को बारिश और बर्फबारी की संभावना है। किन्नौर, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और शिमला में बर्फबारी जबकि निचले इलाकों में बारिश हो सकती है। शिमला, मनाली और नारकंडा में भी बर्फबारी की उम्मीद है। आज मौसम साफ रहेगा, लेकिन मैदानी इलाकों में शीतलहर और कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिक का संदीप ने कहा कि बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में मौसम साफ बना हुआ है हालांकि मैदानी इलाकों सोलन बिलासपुर मंडी के कुछ एक इलाकों में कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया है और शनिवार को इन इलाकों में शीतलहर की चेतावनी भी है। मौसम विभाग ने कहा कि 11 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी छात्रों तक गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए कृत संकल्प है और यह सुनिश्चित बनाया जा रहा है कि सभी स्तरों पर अध्यापकों को नियमित प्रशिक्षण प्रदान किया जाए। रोहित ठाकुर गत दिवस यहां नव नियुक्त प्रशिक्षित स्नातकों के लिए 15 दिवसीय प्रेरणा प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस 15 दिवसीय नव नियुक्त स्नातक प्रशिक्षिण कार्यक्रम में प्रदेश के सभी ज़िलों के बैचवाईज भर्ती के माध्यम से नव नियुक्त 81 प्रशिक्षित स्नातक कला तथा 33 प्रशिक्षित स्नातक विज्ञान अध्यापकों ने भाग लिया। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के लिए सभी विद्यालयों में शिक्षकों के खाली पड़े पदों को भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की शिक्षा क्षेत्र की योजनाओं को अध्यापकों के सहयोग से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों का प्रशिक्षण जहां उन्हें तकनीक एवं पाठ्यक्रम की नवीनतम जानकारी प्रदान करता है वहीं शिक्षा विभाग की योजनाओं से अवगत भी करवाता है। उन्होंने सभी शिक्षकों का आह्वान किया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राप्त ज्ञान को विद्यार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने आशा जताई कि प्रशिक्षण कार्यक्रम नव नियुक्त अध्यापकों के ज्ञानवर्धन में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने इस अवसर पर रिसोर्स पर्सन को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सोलन से प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्युत उपमण्डल नम्बर 01 के अंतर्गत आने वाले विद्युत उपभोक्ताओं के मीटर खाता संख्या को आधार कार्ड से लिंक (ई-केवाईसी) करने की प्रक्रिया कार्यान्वित की रही है। यह जानकारी विद्युत उपमण्डल सोलन नम्बर 01 के सहायक अभियंता विमल अत्री ने दी। विमल अत्री ने कहा कि विद्युत उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विद्युत बोर्ड द्वारा नियुक्त कर्मचारी घर-घर जाकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ई-केवाईसी करवाने के लिए उपभोक्ता के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड, कोई भी नया या पुराना विद्युत बिल, आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नम्बर और मोबाइल फोन होना आवश्यक है। उन्होंने विद्युत उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए विद्युत बोर्ड द्वारा नियुक्त कर्मचारी को सहयोग दें। उन्होंने कहा कि विद्युत उपभोक्ता अपनी सुविधा अनुसार सर्कुलर मार्ग स्थित विद्युत कार्यालय में प्रातः 10.00 बजे से सांय 05.00 के मध्य आकर भी ई-केवाईसी करवा सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ग्रामीण बैंक में अंशकालिक कर्मियों के रूप में काम करने वालों पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा कि कर्मचारियों को बैंक नौकरी से नहीं निकाल सकता है। प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने वर्ष 29 मार्च 2019 में ग्रामीण बैंक में पार्ट टाइम काम करने वाले वर्करों को निकालने पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद ग्रामीण बैंक ने कुछ कर्मचारियों को सेवाओं से हटा दिया है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में आवेदन दायर किया गया, जिसमें कहा कि अदालत की रोक के बाद भी अंशकालिक कर्मियों को हटाया जा रहा है। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आवेदन का निपटारा करते हुए बैंक कर्मियों को नहीं निकालने के आदेश दिए हैं। अगर कोई अधिकारी ऐसा करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। वहीं, हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि सेली प्रोजेक्ट मामले में अपफ्रंट प्रीमियम समय पर जमा न करने में जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ जांच रिपोर्ट को अदालत के रिकॉर्ड में लाया जाए। उधर, हिमाचल सरकार की ओर से शुक्रवार को महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि अगली सुनवाई से पहले इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लाया जाएगा। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सेली प्रोजेक्ट का 64 करोड़ रुपए का अपफ्रंट प्रीमियम जमा न करने पर अधिकारियों के विरुद्ध जांच के आदेश दिए थे। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने कहा कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से सरकार को 29 करोड़ रुपए अतिरिक्त जमा करने पड़े। अफसरों की लापरवाही से सरकारी खजाने को नुकसान हुआ, इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते। इस मामले की सुनवाई अब मार्च में होगी। हाईकोर्ट ने छह न्यायिक अधिकारियों के स्थानांतरण आदेश जारी किए हैं। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर यजुविंद्र सिंह को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय-2 शिमला बदला गया है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष अदालत पोक्सो किन्नौर स्थित रामपुर हरमेश कुमार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश किन्नौर स्थित रामपुर, वरिष्ठ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नेहा दहिया को पदोन्नति के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक विशेष अदालत पोक्सो किन्नौर स्थित रामपुर के पद पर नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ सीनियर सिविल जज पालमपुर उपासना शर्मा को वरिष्ठ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नाहन, जिला विधिक न्यायिक प्राधिकरण शिमला के सचिव उमेश वर्मा को वरिष्ठ सिविल जज शिमला में नियुक्ति दी गई है। एकांक्ष कपिल को सिविल जज द्वितीय ग्रेड के पद से पदोन्नत कर वरिष्ठ सिविल जज यानी अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट नंबर दो में नियुक्त किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में बीपीएल सूचियों में व्यापक फेरबदल होने वाला है। अप्रैल से शुरू होने वाले बीपीएल सर्वेक्षण में कोठियों और गाड़ियों वाले कई परिवार सूचियों से बाहर होंगे। सूचियों में बदलाव के लिए ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग की ओर से तैयार किए गए दिशा-निर्देशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। बीपीएल चयन में फर्जीवाड़ा पकड़ने का दायित्व एसडीएम और बीडीओ की दो सदस्यीय कमेटी को सौंपने की व्यवस्था की गई है। बीपीएल परिवारों की आय सीमा 2500 रुपये मासिक से बढ़ाकर 12,500 रुपये मासिक करने का फैसला लिया गया है। सरकार ने महिला मुखिया वाले परिवार, ऐसे परिवार जिनके मुखिया की विकलांगता 50 फीसदी या इससे अधिक है, ऐसे परिवार जिन्होंने पिछले वित्त वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन काम किया है और ऐसे परिवार जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी या थैलेसीमिया से पीड़ित हैं या जिसके कारण स्थायी विकलांगता हो सकती है, ऐसे सभी परिवार बीपीएल सूची में शामिल होंगे। प्रदेश में बीपीएल चयन में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए बनने वाली एसडीएम और बीडीओ की कमेटी हर पंचायत में बीपीएल सूची फाइनल होने से पहले निरीक्षण करेगी। अब तक जो पंचायत प्रधान या ग्राम सभा तय करती थी, उन्हें बीपीएल सूचियों में शामिल कर दिया जाता था। सूची तैयार होने के बाद अपील की व्यवस्था थी, लेकिन गरीब लोग प्रभावशाली लोगों के खिलाफ एसडीएम के पास अपील में जाने का साहस नहीं कर पाते थे। एसडीएम ही अपात्र लोगों को सूची से हटा सकते थे। सरकार ने व्यवस्था में बदलाव कर अब सूची तय होने से पहले ही एसडीएम और बीडीओ को निरीक्षण का जिम्मा सौंपने का फैसला लिया है।
हिमाचल: गर्मियों के स्कूलों में वार्षिक समारोह कराने वाले प्रिंसिपलों पर होगी कार्रवाई, चेतावनी जारी
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा निदेशालय की रोक के बावजूद वार्षिक समारोह करवा रहे ग्रीष्मकालीन स्कूलों के प्रिंसिपलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। निदेशालय की ओर से इस संदर्भ में स्कूल प्रिंसिपलों को चेतावनी पत्र जारी किए गए हैं। 31 दिसंबर तक ही वार्षिक समारोह आयोजन करने की छूट दी गई थी। कई ग्रीष्मकालीन स्कूलों में आजकल भी समारोह हो रहे हैंश्र। इस पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने कड़ी आपत्ति जताई है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित ना हो, इसके लिए समारोह करने पर रोक लगाई गई थी। पहले 20 दिसंबर 2024 तक आयोजन करने के निर्देश दिए थे फिर 31 दिसंबर 2024 तक इस बाबत छूट दी गई थी। उन्होंने बताया कि आज कल भी कई ग्रीष्मकालीन स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इस कारण स्कूलों में पढ़ाई का माहौल नहीं बन रहा है। शिक्षा निदेशक ने कहा कि रोक के बावजूद जिन-जिन स्कूलों में वार्षिक समारोह मनाए गए हैं, उनकी जानकारी जिला शिक्षा उपनिदेशकों के माध्यम से मांगी गई है। ऐसे स्कूलों के प्रिंसिपलों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा निदेशक ने कहा कि अब किसी भी स्कूलों में वार्षिक समारोह आयोजित नहीं होना चाहिए। प्रदेश सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई के प्रति भी शिक्षा निदेशक ने चेताया है।
शूलिनी विश्वविद्यालय के योगानंद स्कूल ऑफ एआई, कंप्यूटर और डेटा साइंसेज द्वारा एनआईटी हमीरपुर और आईक्रिएट, गुजरात के सहयोग से आयोजित मानव-कंप्यूटर इंटरैक्शन और संज्ञानात्मक कंप्यूटिंग (एचसीआईसीसी-2025) पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आज से परिसर में आरम्भ हुआ। सम्मेलन के प्रमुख भागीदारों में शूलिनी विश्वविद्यालय एसीएम छात्र चैप्टर और सीएसएलसी विज्ञान संग्रहालय, शिमला, भारत सरकार के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) की सहायक कंपनी अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) और एनआईईएलआईटी शिमला द्वारा वित्तीय रूप से समर्थित सम्मेलन ने वैश्विक विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और उद्योग के पेशेवरों के लिए एक मंच के रूप में कार्य किया। मानव-कंप्यूटर इंटरेक्शन (एचसीआई) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में प्रगति पर चर्चा करने के लिए शामिल थे। स्वागत भाषण प्रोफेसर वीरेंद्र रिहानी ने दिया, जिन्होंने टीआईएच आईआईटी मंडी और आईक्रिएट गुजरात सहित ज्ञान भागीदारों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। प्रोफेसर रिहानी ने कहा कि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, छात्रों, उद्योग के पेशेवरों को एक मंच प्रदान करना और मूल अनुसंधान, व्यावहारिक विकास अनुभव का प्रसार करने, मानव कंप्यूटर इंटरैक्शन और संबंधित उप-क्षेत्र में अपने स्टार्टअप विचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक साथ लाना है। उन्होंने कहा कि भविष्य में बुद्धिमान समाधानों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए एचसीआईसीसी - 2025 का आयोजन किया गया है। अपने संबोधन में प्रो. पी.के. शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर खोसला ने टाइपराइटर से लेकर आधुनिक कंप्यूटर विज्ञान तक प्रौद्योगिकी के विकास पर जोर दिया। उन्होंने प्रतिभागियों से शासन और नैतिक प्रथाओं के साथ एआई नवाचार के अगले चरण का नेतृत्व करने का आग्रह किया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर दमन देव सूद, आईईईई दिल्ली अनुभाग में पीआर और पी के अध्यक्ष और चितकारा विश्वविद्यालय में प्रैक्टिस के प्रोफेसर, ने प्रौद्योगिकी में लचीलापन, स्थिरता और नैतिकता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, सभी शोधों में मानवता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लचीलापन और स्थिरता साथ-साथ चलनी चाहिए। यूके के ग्रीनविच विश्वविद्यालय में व्याख्याता डॉ. सामिया खान ने जिज्ञासा और नवाचार पर अपने विचारों से दर्शकों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा, "नैतिकता प्रौद्योगिकी विकास के केंद्र में रहनी चाहिए। अखंडता और सम्मान का भारतीय लोकाचार टिकाऊ एआई भविष्य के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में काम कर सकता है।" सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में 45 वर्षों के अनुभव के साथ एक सम्मानित विशेषज्ञ डॉ. लिन रॉबर्ट कार्टर ने भोजन और जल प्रणालियों में एआई की भूमिका को प्रदर्शित करते हुए "एआई इन्फ्लेक्शन प्वाइंट फॉर लाइफ क्रिटिकल सिस्टम्स" पर प्रस्तुति दी। और एनआईटी हमीरपुर में सहायक प्रोफेसर डॉ. अरुण कुमार ने अंतःविषय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक संकाय विकास कार्यक्रमों और सेमिनारों की आवश्यकता पर जोर दिया। शूलिनी यूनिवर्सिटी में इनोवेशन और लर्निंग के निदेशक प्रोफेसर आशीष खोसला ने युवाओं को एआई में तेजी से हो रही प्रगति का जिम्मेदारी से उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, "आप प्रौद्योगिकी के भविष्य के संरक्षक हैं। इसे बुद्धिमानी से नियंत्रित करें। शूलिनी विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. पीयूष सेवल द्वारा संचालित सम्मेलन ने प्रतिभागियों को शोध पत्र प्रस्तुत करने, व्यावहारिक विकास के अनुभव साझा करने और एचसीआई और संबंधित उप-डोमेन में स्टार्टअप विचारों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बीते कुछ समय के दौरान बंद या मर्ज हुए 1094 स्कूलों में पढ़ने वाले 674 बच्चों ने अन्य जगह दाखिले ले लिए हैं। दाखिले नहीं लेने वाले 60 बच्चों की पहचान करने का काम जारी है। प्रारंभिक जांच के अनुसार यह प्रवासियों के बच्चे थे, जो सर्दियों में अपने राज्यों में लौट गए हैं। इनमें अधिकांश बच्चे जिला शिमला में थे। जिला उपनिदेशक इस बारे में पूरी जानकारी जुटा रहे हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि यहां रहने वाले वाले हर बच्चे को शिक्षा का न अधिकार प्राप्त हो। राज्य सचिवालय में न मीडिया से बातचीत में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि पूर्व पूर्व की भाजपा सरकार के समय में प्रदेश में 3400 स्कूल सिर्फ एक-एक शिक्षक के सहारे चल रहे थे। कांग्रेस ने सत्ता में आते ही ऐसे स्कूलों की पहचान कर शिक्षकों की नियुक्तियां की हैं। अब सिंगल टीचर वाले 2600 स्कूल रह गए हैं। पूर्व सरकार के समय में करीब 350 स्कूलों में स्थाई शिक्षक ही नहीं थे। अब ऐसे स्कूल 125 शेष रह गए हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न श्रेणी के शिक्षकों के पदों को भरा जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही 700 स्कूल प्रवक्ताओं की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सरकार ने फैसला लिया है कि जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है, वहां पर शिक्षकों की नियुक्ति करने को प्राथमिकता दी जाएगी। हर विषय का शिक्षक स्कूलों में देने के प्रयास जारी हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आउटसोर्स के माध्यम से प्री प्राइमरी स्कूलों में भर्ती किए जाने वाले प्रशिक्षकों के मामले में हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है। जल्द ही कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी आउटसोर्स भर्तियां कर रही है। उम्मीद है कि कोर्ट से राहत भरा फैसला आएगा।
** खाद्य आपूर्ति निगम प्रदेश सरकार को भेजेगा निविदाओं का प्रस्ताव ** सरकार से मंजूरी के बाद फाइनल होंगे रिफाइंड और सरसों तेल के टेंडर प्रदेश के राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों और रिफाइंड तेल के टेंडर के लिए छह अलग-अलग कंपनियों ने आवेदन किए हैं। खाद्य आपूर्ति निगम द्वारा तेल कंपनियों की निवादाओं की सूची फाईनल करने के लिए जल्द ही प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार से मंजूरी मिलने के बाद ही प्रदेश के राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों और रिफाइंड तेल का सप्लाई ऑर्डर जारी किया जाएगा। पिछले कई माह से तेल कंपनियों के टेंडर में सरसों और रिफाइंड तेल के दामों को लेकर सहमती न बनने से टेंडर फाईनल नहीं हो पाए हैं। अब खाद्य आपूर्ति निगम ने फिर से तेल कंपनियों से निविदाए आमंत्रित की हैं, जिसमें छह तेल कंपनियों ने टेंडर के लिए आवेदन किया है। तेल कंपनियों में गोकुल एग्री इंटरनेशनल, शक्ति न्यूट्रेशन और श्री महावीर जनरल ऑयल कंपनी सरसों के तेल की सप्लाई के टेंडर के लिए आवेदन किए हैं। इसके अलावा रिफाइंड तेल के लिए अजनता सोया लिमटेड, गोकुल एग्री इंटर नेशनल और गोकुल एग्रो रिसोसिस लिमटेड ने आवेदन किए हैं। खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि सरसों और रिफादंड तेल के टेंडर को छह कंपनियों ने आवेदन किया है।
पंजाब पुलिस और औषधि नियंत्रक विभाग की टीम ने मंगलवार को बद्दी की एचपीएसआईडीसी की एक कंपनी में दबिश दी। पुलिस ने कंपनी का रिकाॅर्ड खंगाला और देर शाम कुछ रिकाॅर्ड अपने साथ ही ले गई। यह दबिश पंजाब में कत्थूनंगल थाने के तहत पकड़ीं हजारों नशे की गोलियों के सिलसिले में दी। ड्रग विभाग के राज्य नियंत्रक मनीष कपूर ने बताया कि पकड़ी गईं गोलियां इसी कंपनी में बनी थीं, जिनका कंपनी के पास लाइसेंस है और गोलियों को सप्लाई का ऑर्डर भी कंपनी के पास आया था। कत्थूनंगल थाना पुलिस ने पुल ड्रेन के पास नाके के दौरान कार सवार दो आरोपियों मंगा सिंह और परमिंदर सिंह से 50,500 नशे की गोलियां बरामद की हैं। जब पुलिस ने कार को रोका तो पीछे सीट पर बैठा आरोपी मंगा सिंह तीन बैग लेकर ड्रेन की ओर भागने लगा। पुलिस ने करीब 200 मीटर तक युवक का पीछा करके उसे पकड़ा। तीनों बैग की तलाशी ली तो दो बैग में 16,500-16,500 औ एक बैग में 17,500 नशे की गोलियां बरामद हुईं। पंजाब पुलिस ने यह कार्रवाई रविवार रात 8:00 बजे की। पकड़ी गई नशे की गोलियां बद्दी की कंपनी में बने होने पर पंजाब पुलिस और औषधि नियंत्रक विभाग ने एचपीएसआईडीसी की कंपनी में दबिश दी। पुलिस और औषधि नियंत्रक विभाग की टीम पंजाब पुलिस की चार गाड़ियाें में आई थी।सुबह करीब 10 बजे से देर शाम तक जांच चलती रही। पुलिस ने कंपनी के रिकाॅर्ड की जांच की और कुछ रिकॉर्ड अपने साथ भी ले गई। निरीक्षण के दौरान बंदी का दवा निरीक्षक भी साथ था। पंजाब से आई टीम ने इसे बद्दी के दवा निरीक्षक के साथ चेक किया, लेकिन कंपनी के पास बेचने का ऑर्डर भी पाया गया और कंपनी के पास इस दवा को बनाने का लाइसेंस भी था। इसके अलावा विभाग अपने स्तर पर भी मामले की जांच करेगा।
** विधायक राम चौधरी ने कांग्रेस उद्योग मंत्री के खिलाफ ही खोल दिया मोर्चा पूर्व मुख्य संसदीय सचिव व दून के विधायक चौधरी राम कुमार ने सोलन में भाजपा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और कहा कि उन्होंने करोड़ों की ज़मीन निजी कम्पनी को कौड़ियों के दाम पर दे दिया है। जो उसकी वर्तमान कीमतों से बेहद कम है। लेकिन अभी तक उन्होंने उस ज़मीन पर कोई भी कार्य नहीं किया है। लेकिन इस मामले में उन्होंने वर्तमान उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को भी लपेट लिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने तो जो किया सो किया लेकिन उद्योग विभाग निजी कम्पनी को नौ करोड़ की रिटेनिंग वॉल बना कर दे रहा है। जिस पर जांच करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 125 करोड़ कीमत वाली ज़मीन महज दो करोड़ में इंडोफार्म कम्पनी को दे दी। यही नहीं इसके अलावा भी 150 बीघा ज़मीन को भी रेवड़ियों की तरह इस कम्पनी को बाँट दिया गया। जिस तरह से प्रदेश सरकार ने डिवाइस पार्क की ज़मीन वापिस ली है उसी तर्ज पर यह ज़मीन भी वापिस लेने की आवश्यकता है। क्योंकि प्रदेश सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और दून में विकास कार्यों के लिए पैसे की कमी आड़े आ रही है ऐसे में अगर यह ज़मीन वर्तमान दरों पर हिमाचल वासियों को बेची जाए तो यह इस तंजी को दूर कर सकती है। वहीँ उन्होंने कहा कि जब ज़मीन निजी कम्पनी को दे दी गई है तो उसके बावजूद भी उद्योग विभाग उन्हें कांग्रेस सरकार में नौ करोड़ की रिटेनिंग वॉल बना कर दे रहा है जिसकी वह जांच की मांग करते है।
** बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों पर होगी नजर हयूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के देश में मामले सामने आने के बाद हिमाचल प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है। सरकार के निर्देशों के तहत स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार और कफ के गंभीर लक्षण वाले मरीजों के आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने को कहा है। साथ ही विशेष लैब शुरू करने की तैयारी है, जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर अन्य टेस्ट होंगे। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन को इन्फ्लूएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन के संबंधित रोगियों की निगरानी रखने को कहा है। बाहरी राज्यों से हिमाचल आने वाले लोगों पर भी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों में ऐसे रोगियों के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था करने को कहा है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यह एक सामान्य वायरस है, जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस वायरस से इंफेक्शन देश में पहले भी होते रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव एम सुधा ने मंगलवार को सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों, जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वर्चुअल बैठक की। स्वास्थ्य सचिव ने इन्फ्लूएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन के संबंधित रोगियों पर नजर रखने को कहा है। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में सभी राज्यों व केंद्रशासित राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक आयोजित की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि यह एक सामान्य वायरस है, जो ज्यादातर बच्चों, व्यस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा क्षमता वाले लोगों में फैलता है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा है कि यह एक सामान्य वायरस है, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। इसके मुख्य लक्षण खांसी, बुखार, नाक बंद होना, गंभीर मामलों में सांस का फूलना इत्यादि है। इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी हो सकता है। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने व हाथ मिलाने आदि से फैलता हैं। उपरोक्त लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाने की सलाह दी गई है। स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्देश भी दिए हैं कि जिन बच्चों को बुखार, खांसी के लक्षण हैं, उन बच्चों और उनके परिवार वाले मास्क जरूर पहनें।
नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में परिवहन मंत्रियों की बैठक आयोजित हुई। इसमें हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राज्य के परिवहन क्षेत्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। उन्होंने 7,000 से अधिक सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग पर राज्य को आने वाले वित्तीय बोझ का जिक्र करते हुए केंद्र से विशेष सहायता की मांग की। उन्होंने स्क्रैपिंग प्रक्रिया को सरल बनाने और समय सीमा को 31 मार्च 2025 तक बढ़ाने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने राज्य में विकसित हो रहे 1,734.70 करोड़ के शहरी रोपवे नेटवर्क की जानकारी दी, जो भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा। एआईटीपी बसों से राज्य परिवहन को हो रही चुनौतियों पर भी चर्चा हुई, और केंद्र से उचित नियम बनाने की मांग की गई। नितिन गडकरी ने हिमाचल के सभी मामलों पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में एफआईआर दर्ज करने के लिए पंजीकृत पुलिस चौकियों को अधिकृत करेंगे। इन चौकियों को अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली से जोड़ेंगे। ड्रग माफिया के खिलाफ प्रदेश में एंटी ड्रग एक्ट भी बनाया जाएगा। कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए सरकार शीघ्र खाली पद भरेगी। इसके अलावा पुलिस विभाग में डाटा संग्रहण करने और व्यवस्थित करने के लिए डाटा वेयरहाउस और क्लियरिंग एजेंसी स्थापित की जाएगी। पुलिस विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएम ने कहा कि कार्यप्रणाली में सुधार और परिचालन कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि बेहतर जनसेवा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस थानों को जनसंख्या, भौगोलिक कारक, ग्रामीण और शहरी आधार पर वर्गीकृत करेंगे। इनकी कार्य क्षमता बेहतर बनाने के लिए स्टाफ उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम ने कहा कि कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए सरकार शीघ्र भर्तियां करेगी। अभी 1,226 पुलिस जवान और 30 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और अग्निशमन विभाग को सुदृढ़ कर रही है। गृह रक्षक के 700 पद भरे जा रहे हैं। सरकार 86 नियमित प्रतिक्रिया केंद्रों के डिजिटलीकरण के लिए पर्याप्त वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। सीएम ने कहा कि सरकार कानून प्रवर्तन और आपातकाल सेवाओं को मजबूत बनाने के अलावा साइबर अपराध और आपदा प्रबंधन संबंधी चुनौतियों से लड़ने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न बोर्डों और निगमों में गृहरक्षक तैनात करेंगे। बिलासपुर जिले के मारकंड में एक गृह रक्षक बटालियन प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेंगे, जिससे प्रशिक्षण सुविधाएं सुधरेंगी। आपदा या आपातकाल के दौरान राहत व पुनर्वास कार्यों के लिए जरूरी वाहन किराये पर लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी को अधिकार देंगे। आपदा प्रतिक्रिया बल में स्थायी स्टाफ की भर्ती होने तक अस्थायी तौर पर गृह रक्षक तैनात होंगे। इसके अलावा अग्निशमन सेवाओं को आधुनिक बनाया जाएगा और इसके लिए 19.40 करोड़ की पहली किस्त शीघ्र जारी होगी। सीएम सुक्खू ने राज्य में साइबर अपराध के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए कहा कि वर्ष 2024 में साइबर अपराध की 11,892 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें 114.94 करोड़ की धोखाधड़ी शामिल है।
**सरकार से की वित्तीय लाभ जल्द देने की मांग, मासिक बैठक में लंबित मुद्दों पर चर्चा पेंशनर एसोसिएशन कुनिहार की मासिक बैठक पेंशन भवन तालाब कुनिहार में प्रधान विनोद जोशी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कार्यकारिणी ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की और पेंशनरों के वित्तीय लाभ शीघ्र प्रदान करने की मांग की। बैठक में महंगाई भत्ते की बकाया किस्तों के भुगतान की आवश्यकता पर जोर दिया गया, खासकर जुलाई 2022 से मार्च 2024 तक के एरियर का। पेंशनरों ने इसे जल्द से जल्द जारी करने की अपील की। इसके अलावा, सेवानिवृत कर्मचारियों की ग्रेच्युटी के एवज में 15 साल तक कटने वाली राशि को घटाकर 10 साल 8 माह के बाद पेंशन में समायोजित करने की मांग की गई, जैसा कि कुछ राज्यों में पहले ही किया जा चुका है। बैठक में 65, 70, और 75 वर्ष के सेवानिवृत कर्मचारियों को 5, 10, और 15 प्रतिशत के लाभ को मूल वेतन पर देकर पेंशन में समायोजित करने की बात भी उठी। साथ ही, यह अनुरोध किया गया कि 1 जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2022 तक सेवानिवृत कर्मचारियों के संशोधित वेतनमान के वित्तीय लाभ का अभी तक कोई भुगतान नहीं हुआ है, जबकि 2022 के बाद से सेवानिवृत कर्मचारियों को सभी लाभ मिल चुके हैं, जो कि अन्यायपूर्ण निर्णय माना गया। बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह भी अनुरोध किया गया कि 25 और 26 जनवरी के ऐतिहासिक दिनों के मौके पर, कर्मचारियों, पेंशनरों और आम जनता के लिए कोई राहत दी जाए, जैसे महंगाई भत्ते की किस्त या संशोधित वेतनमान का लंबित एरियर।इसके अतिरिक्त, सरकार से यह भी अनुरोध किया गया कि पेंशनरों की जेसीसी की बैठक जल्द बुलाई जाए ताकि लंबित मांगों पर विस्तार से चर्चा की जा सके। इस बैठक में चेतराम भारद्वाज, ज्ञान जोशी, सूर्यकांत जोशी, के एल तंवर, ज्ञानचंद, भागमल तंवर, दिलाराम तंवर, राजेंद्र कुमार, रामस्वरूप, विजय सिंह, बाबूराम तंवर, डी एन परिहार, गोपाल सिंह, और दीप राम समेत अन्य पेंशनर उपस्थित थे।
* प्रदेश के निचले क्षेत्रों में छाया रहेगा घना कोहरा हिमाचल प्रदेश में सोमवार को ऊंचे व मध्यम पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी और बारिश देखने को मिली। वहीं, प्रदेश के निचले क्षेत्रों में बादल छाए रहे जिससे की तापमान में गिरावट दर्ज की गई। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार से मौसम साफ रहने की संभावना जताई गई है। निचले पहाड़ी क्षेत्रों में 7 और 8 जनवरी को अलग-अलग स्थानों पर घना कोहरा छाया रहेगा जिससे लोगों को परेशानी हो सकती है। मौसम विभाग ने 7 जनवरी से 10 जनवरी तक मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। इस दौरान प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर धूप खिली रहेगी। हालांकि प्रदेश के निचले पहाड़ी क्षेत्रों में कोहरे के कारण धूप देरी से निकलेगी जिससे लोगों को कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने 10 जनवरी से पश्चिमी विक्षोभ के एक बार फिर सक्रिय होने की संभावना जताई है जिसके कारण 11 जनवरी से एक बार फिर मौसम करवट लेगा. मौसम विभाग ने 11 जनवरी को प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। 6 जनवरी को लाहौल-स्पीति का जिला मुख्यालय केलांग सबसे ठंडा रहा. यहां न्यूनतम तापमान -2.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इसके अलावा सुंदरनगर प्रदेश में सबसे गर्म रहा. यहां अधिकतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया और सुंदरनगर में न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री दर्ज किया गया। 6 जनवरी को बिलासपुर में घना कोहरा छाया रहा। इसके अलावा सुंदरनगर और मंडी में भी हल्का कोहरा छाया रहा।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने HAS एग्जाम का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया है। सोमवार देर शाम को यह रिजल्ट घोषित किया गया, जिसमें मेरिट के आधार पर 20 अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसमें 9 उम्मीदवार एचएएस बने हैं जबकि 3 उम्मीदवार तहसीलदार, 1 अभ्यर्थी जिला पंचायत अधिकारी, 3 जिला वेलफेयर कम प्रोबेशन अधिकारी, 3 असिस्टेंट रजिस्ट्रार और 1 अभ्यर्थी जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले के पद पर चयनित हुआ है। HAS एग्जाम में इस बार लड़कों का दबदबा रहा। इस बार 15 लड़कों ने बाजी मारी है, जबकि 5 लड़कियां एग्जाम क्लियर करने में सफल रहीं। साल 2024 के HAS एग्जाम में उमेश ने टॉप किया है। बता दें कि बीते 2 से 6 जनवरी तक शिमला में अभ्यर्थियों के पर्सनैलिटी टेस्ट हुए थे, जिसके बाद सोमवार शाम को ही लोक सेवा आयोग ने रिजल्ट घोषित कर दिया। उत्तीर्ण हुए उम्मीदवारों में उमेश (एचएएस), मोहित सिंह (एचएएस), जितेंद्र चंदेल (एचएएस), स्वाति वालिया (तहसीलदार), अनूप शर्मा (तहसीलदार), राहुल शर्मा (तहसीलदार), संजय कुमार (जिला पंचायत अधिकारी), नितिन राणा (जिला कल्याण कम प्रोबेशन अधिकारी), शिवांशी सूद (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), अवस पंडित (जिला कल्याण कम प्रोबेशन अधिकारी), राहुल धीमान (एचएएस), साहिल (जिला वेलफेयर कम प्रोबेशन अधिकारी), अरुण कुमार सांख्यान (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), आस्था (एचएएस), अखिल सिंह ठाकुर (असिस्टेंट रजिस्ट्रार), तानिया कश्यप (एचएएस), करण (जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले), अंकुश कुमार (एचएएस), रजत चौधरी (एचएएस) और प्रियंका (एचएएस) शामिल हैं। HAS का प्री एग्जाम साल 2024 में 30 जून को आयोजित हुआ था। प्री एग्जाम पास करने वाले अभ्यर्थियों का मेन्स एग्जाम बीते साल 3 से 10 अक्टूबर के बीच आयोजित हुआ था। मेन्स एग्जाम पास करने वाले अभ्यर्थियों को पर्सनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था जो साल 2025 में 2 से 6 जनवरी के बीच हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के ऑफिस शिमला में आयोजित हुए थे। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए 30 पद विज्ञापित किए गए थे लेकिन 20 पदों पर ही योग्य उम्मीदवार मिले।हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की सचिव निवेदिता नेगी ने बताया कि आयोग ने परिणाम घोषित कर वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
ठियोग की क्यार और कमाह पंचायत के लिए बनी सिंचाई योजना के पाइप ट्रायल में फटने के मामले में सरकार ने जांच बैठा दी है। सरकार ने जांच का जिम्मा जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ को सौंपा है और हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है। सरकार ने पूछा है कि जब मौके पर सिंचाई के पाइप बिछाए जा रहे थे उस समय अधिकारी कहां थे। विकास कार्यों में क्यों लापरवाही बरती गई। पाइप जमीन के नीचे दबाने के बजाय खुले में क्यों छोड़े गए। इस मामले की जांच विजिलेंस को सौंपने की भी तैयारी चल रही है। अमर उजाला ने 6 जनवरी के अंक में ट्रायल में पाइप फटने का मामला प्रमुखता से उठाया था। सूत्र बताते हैं कि ठेकेदार ने टेंडर कम रेट पर लिया था, ऐसे में उसने पाइप खुले में छोड़ दिए। पानी के लिए बनाए चेंबर भी फट गए हैं। इनमें भी गुणवत्ता वाला कार्य नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों ने बार-बार काम की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें की थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब अधिकारी योजना का स्थानीय लोगों से फीडबैक ले रहे हैं। करीब सवा तीन करोड़ से क्वार खड्ड से बनाई उठाऊ सिंचाई योजना पहले ही सवालों के घेरे में रही है। निम्न गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल करने की शिकायत एक कांग्रेस नेता ने एसडीएम कार्यालय ठियोग में की। एसडीएम ने जांच करने के आदेश दिए थे। पाइपें फटने से पंचायतों के लोगों में रोष व्याप्त है और मांग कि लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। मामले में जांच बिठा दी गई है। जल शक्ति विभाग के इंजीनियर इन चीफ को जांच कर रिपोर्ट एक हफ्ते में देने को कहा है। उसके बाद लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
जिला शिमला में बीते साल गर्मियों में टैंकर से पानी की आपूर्ति के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा के घपले की विजिलेंस ब्यूरो ने तफ्तीश तेज कर दी है। कौन सा टैंकर किस समय कहां था, जीपीएस से इसका पता लगाया जाएगा। टैंकर चालक उस समय कहां थे, इसका भी मोबाइल लोकेशन से खुलासा होगा। साथ ही निलंबित इंजीनियरों और ठेकेदारों के बैंक खाते भी खंगाले जाएंगे। सोमवार को विजिलेंस ने अधिशासी अभियंता को छोड़कर अन्य 7 एसडीओ और जेई से पूछताछ की। करीब दो घंटे की पूछताछ में उन्होंने कई राज उगले हैं। एक ठेकेदार से भी पूछताछ हुई है। बताया जा रहा है कि कुछ अधिकारियों के मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए हैं। विजिलेंस ने जल शक्ति विभाग से रिकाॅर्ड जुटाया है। आज फिर इन इंजीनियरों से पूछताछ होगी। उधर, सोमवार को सुबह आठ बजे विजिलेंस ब्यूरो की टीम पानी के उन स्रोतों तक पहुंची, जहां से ठेकेदार ने पानी उठाने की बात कही है। सूत्रों के अनुसार इंजीनियर ही नहीं, कार्यालय के लिपिक भी जांच की जद में हैं। विजिलेंस ब्यूरो की टीम यह देख रही है कि बीते साल जल शक्ति विभाग ने पानी की आपूर्ति का टेंडर किया और इसमें कितने लोगों ने भाग लिया। कहीं चहेतों को लाभ देने के लिए सप्लाई ऑर्डर तो नहीं जारी हुआ है। विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने सोमवार को ठियोग से 20 किलोमीटर दूर गिरि नदी के लेलू पुल का दौरा किया। इसके अलावा टीम क्यार खड्ड भी पहुंची। जल शक्ति विभाग के रिकॉर्ड में बताया गया है कि गिरि नदी और क्यार खड्ड से टैंकरों के माध्यम से पानी प्रभावित क्षेत्रों में ले जाया गया। विजिलेंस हर पहलू की गंभीरता से जांच कर रही है। यह भी आशंका जताई जा रही है कि यह घोटाला 1.13 करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है। इस मामले की धीरे-धीरे परतें खुलेंगी। उधर, उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री कह चुके हैं कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, अतिरिक्त मुख्य सचिव जल शक्ति ओंकार शर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्षता से जांच होगी। बीते साल ठियोग तहसील के कई प्रभावित क्षेत्रों के लिए पानी की सप्लाई का टेंडर किया गया, लेकिन इसमें एक गांव ऐसा है, जो अभी तक सड़क से नहीं जुड़ा है। हैरत की बात है कि वहां भी टैंकर के जरिये पानी पहुंचाने की बात कही गई। जिन टैंकरों से पानी की सप्लाई देने का दावा किया गया, उनमें मोटरसाइकिल और एक अधिकारी की गाड़ी का नंबर भी दे दिया गया। जल शक्ति विभाग के इस कारनामों से हर कोई हैरत में है। ऐसे में सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल शक्ति विभाग के 10 इंजीनियरों को बीते दिनों सस्पेंड किया है।