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बिमल नेगी की मौत मामले में भाजपा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन, FIR में दोनों अधिकारियों के नाम दर्ज करने की मांग
शिमला: HPPCL चीफ़ इंजीनियर बिमल नेगी की मौत मामले में भाजपा विधायक दल राजभवन पहुंचा। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, हिमाचल भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल के साथ भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में घटना पर दर्ज की गई FIR में दूसरे अधिकारी का नाम शामिल करने की मांग की गई है। साथ ही इस घटना और बीते दो वर्षों की HPPCL की गतिविधियों की जांच भी CBI से करवाने की मांग की गई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि HPPCL में चीफ़ इंजीनियर के पद पर तैनात बिमल नेगी की मौत मामले में परिवार का बार-बार आग्रह था कि इस मामले की जांच बिना किसी दबाव और प्रभाव के सीबीआई से करवाई जाए। साथ ही दोनों अधिकारियों को सस्पेंड करने की भी मांग भी परिवार की ओर से की गई थी। अब तक मामले में केवल एक अधिकारी डायरेक्टर देशराज को सस्पेंड किया गया है। आज भाजपा विधायक दल ने राजपाल से मुलाकात की है। भाजपा ने परिजनों को मामला सरकार और राज्यपाल के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया था। ऐसे में बीते कल सदन में भी इस मामले को लेकर चर्चा मांगी गई थी। मगर चर्चा नहीं दी गई लिहाज़ा आज राज्यपाल के समक्ष परिवार के आग्रह पर मामले की सीबीआई जांच करने और दूसरे अधिकारी का नाम भी FIR में दर्ज करने की मांग राज्यपाल से की गई है।
HPPCL के अधिकारी विमल नेगी की मौत पर चर्चा के लिए विपक्ष ने सदन में लाया काम रोको प्रस्ताव,सीबीआई जांच की उठाई मांग
हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दौरान आज सदन में HPPCL के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत सदन में खूब हंगामा हुआ। विपक्ष ने मामले को लेकर काम रोको प्रस्ताव लाया लेकिन स्पीकर ने प्रस्ताव मंजूर नहीं किया जिस पर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया। विपक्ष ने मुख्यमंत्री के सदन में दिए बयान पर हैरानी जताई और कहा कि आखिर सरकार सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाना चाहती है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी की मौत पर कई सारे सवाल है इसलिए विपक्ष ने सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया लेकिन मुख्यमंत्री ने इस विषय पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। सरकार के चार मंत्री धरना स्थल पर पहुंचे और परिजनों पर धरना खत्म करने का दबाव बनाया गया।FIR में एक ही अधिकारी का नाम है जबकि दूसरे अधिकारी को बचाने के लिए केवल पोस्ट का नाम ही FIR में मेंशन किया गया है। सीबीआई की जाँच को लेकर सरकार स्पष्ट नहीं कर रही है और क्यों सरकार ने चार लोगों को दरकिनार कर देशराज को डायरेक्टर बनाया यह प्रश्न परिवार और HPPCL के कर्मचारी उठा रहे हैं जिसके लिए निष्पक्ष जांच की मांग हो रही है। एचपीपीसीएल की कार्यप्रणाली पिछले लंबे समय से विवादों में रही है इसलिए इस सारे मामले पर सीबीआई जांच होनी चाहिए। एक ईमानदार अधिकारी को क्यों प्रताड़ित किया जा रहा था यह सवाल हैं जिनका जवाब सरकार को देना होगा।
हिमाचल में वन भूमि अधिकार अधिनियम के तहत दिया जाएगा लोगों को जमीन का मालिकाना हक: जगत सिंह नेगी
2006 में यूपीए सरकार द्वारा लाए गए वन भूमि अधिकार अधिनियम के तहत हिमाचल प्रदेश के किसानों को सरकार वन भूमि पर कब्जा की गई ज़मीन का मालिकाना हक देने जा रही है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि 2005 से पहले वन भूमि पर आश्रित जनजातीय व अन्य प्रदेश के लोगों को 50 बीघा तक की जमीन का मालिकाना हक सरकार देगी। जमीन का दावा करने वाले को दो बुजुर्ग गवाही और ग्राम सभा का अनुमोदन की शर्त रखी गई है। भूमिहीन लोग इसका फायदा उठा सकते हैं। जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश भर में वन अधिकार अधिनियम को सरकार लागू करने जा रही है जिससे सदियों से वन भूमि पर जीवन यापन करने वाले व्यक्ति को भूमि का मालिकाना हक मिल सके। कानून को लागू करने के लिए जनजातीय क्षेत्रों में काफी अच्छा काम हो रहा है और लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है लेकिन गैर जनजातीय क्षेत्र के लोगों में इसको लेकर अभी जागरूकता नहीं है। गैर जनजातीय क्षेत्र के लोग भी एक एप्लिकेशन देकर 2005 से पहले से कब्जा की गई भूमि के मालिकाना हक को अपना दावा पेश कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के चीफ इंजीनियर विमल नेगी का श*व मंगलवार को गाह घोड़ी के पास गोबिंदसागर झील में बरामद हुआ। किन्नौर निवासी नेगी 10 मार्च से लापता थे। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा में कहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव(एसीएस) स्तर के अधिकारी विमल नेगी माै*त मामले की जांच करेंगे। आज एम्स बिलासपुर में श*व का पोस्टमार्टम होगा। कॉरपोरेशन के कर्मचारी भी एम्स में पहुंचे हैं। पोस्टमार्टम के बाद श*व परिजनों को सौंपा जाएगा। फोरेंसिक टीम भी जांच कर रही है। मौ*त कैसे हुई है, यह जांच के बाद पता चलेगा। वही बीते दिनों ही विमल नेगी की पत्नी ने सीएम को पत्र लिखकर अधिकारियों पर पति की प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। नेगी की तलाश के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नेगी के निध*न पर शोक जताया है। मंगलवार सुबह तलाई थाना क्षेत्र के गाह घोड़ी में मछुआरों ने झील में शव देखा और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव बाहर निकाला और नेगी के परिजनों को शिनाख्त के लिए सूचित किया। नेगी 10 मार्च को शिमला से टैक्सी लेकर घुमारवीं पहुंचे थे, जिसके बाद से वह लापता थे। परिजनों के अनुसार वह आखिरी बार घुमारवीं में सीसीटीवी फुटेज में नजर आए थे। विधानसभा में भी यह मामला उठा। नेगी के परिजनों ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी से मुलाकात कर बताया था कि वह किसी काम के दबाव में थे, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे। बिलासपुर के डीएसपी मदन धीमान ने कहा कि पोस्टमार्टम और फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा।
हिमाचल में आज ऊंचे क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी, 22 मार्च से प्रदेशभर में धूप खिलने की संभावना
हिमाचल प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आज हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग की माने तो चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति जिले के अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में आज हल्का हिमपात हो सकता है वही अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। तीनों जिलों के पर्वतीय क्षेत्रों में अगले तीन दिन तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। वहीं प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में मौसम पूरी तरह साफ रहेगा। 22 मार्च से प्रदेशभर में धूप खिलने की संभावना है। इसके बाद तापमान में भी उछाल आएगा। वही बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान 1.4 डिग्री बढ़ा है। भुंतर के तापमान में सबसे ज्यादा 2.9 डिग्री का उछाल आया है। मार्च में सामान्य से 11 प्रतिशत ज्यादा बादल बरसे प्रदेश में इस बार मार्च महीने में सामान्य से 11 प्रतिशत ज्यादा बारिश-बर्फबारी हुई है। एक से 18 मार्च तक प्रदेश में 67.7 मिलीमीटर सामान्य बारिश होती है, लेकिन इस बार 75.3 मिलीमीटर बादल बरस गए हैं। इस दौरान कुल्लू, मंडी और शिमला में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। अन्य 9 जिलों में नॉर्मल से कम बादल बरसे हैं।
बीती रात को हिमाचल पथ परिवहन निगम की हमीरपुर यूनिट की बस पर पंजाब के मोहाली के पास खरड़ में हुए तोड़फोड़ के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। एचआरटीसी प्रबंधन की जानकारी के अनुसार चंडीगढ़-हमीरपुर मार्ग पर चलने वाली बस मंगलवार शाम 6:15 बजे चंडीगढ़ से रवाना हुई। लेकिन खरड़ के पास बस पर लाठी-डंडों के साथ अज्ञात व्यक्तियों ने हमला किया। हमलावरों ने घटनास्थल से भागने से पहले विंडस्क्रीन और कई खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए। इस दौरान यात्री और बस के चालक और परिचालक पूरी तरह से सहम गए। जब तक चालक परिचालक और सवारियां कुछ समझ पातीं हमलावर वहां से फरार हो गए। हमलावरों ने अपनी कार की नंबर प्लेट पर कागज लगा दिए थे, जिससे पहचान मुश्किल हो गई थी। हालांकि, हमले में सभी यात्री और बस चालक सुरक्षित हैं। एचआरटीसी प्रबंधन ने कहा कि मामले में एफआईआर दर्ज की गई है, और एसएएस नगर पुलिस मोहाली मामले की सक्रियता से जांच कर रही है। मोहाली में तोड़फोड़ का शिकार हुई बस के ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि शाम को खरड़-कुराली राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो अज्ञात लोग सिख वेश में बस (एचपी-67-ए-1321) में चढ़े और डंडे मारते हुए शीशे तोड़कर कुराली की ओर फरार हो गए। बस ड्राइवर रवि कुमार और कंडक्टर लवली कुमार ने बताया कि चंडीगढ़ से हमीरपुर के लिए बस आईएसबीटी 43 से शाम छह बजे रवाना हुई थी। इस दौरान एक यात्री ने खरड़ सिटी पुलिस स्टेशन में घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दुर्घटनाग्रस्त बस को मौके से हटवाया और कब्जे में लेते हुए जांच शुरू कर दी। उधर, एचआरटीसी के हमीरपुर के मंडलीय प्रबंधक राजकुमार ने कहा कि उच्च अधिकारियों की ओर से पंजाब पुलिस को सूचित कर दिया है।
ढाई साल से हिमाचल में विकास ठप, बजट में घोषणाएं करके भूल जाते हैं मुख्यमंत्री : जयराम ठाकुर
विधानसभा में बजट पर चर्चा के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार हर मोर्चे पर नाकाम है। इस बार का बजट भी पिछले दो बजट की तरह निराशा से भरा हुआ है। इस बजट में सरकार द्वारा कैपिटल एक्सपेंडिचर में भारी कटौती की गई है जिससे स्पष्ट है कि इस बार भी प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित विकास के कार्य लगभग ना के बराबर होंगे। सबसे हैरानी की बात यह है कि सरकार की पिछले 2 बजट की सारी घोषणाएं अभी भी शून्य पर अटकी हुई है। सरकार ने विधानसभा के भीतर उन योजनाओं की घोषणा की और खुद भूल गई। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह प्रदेश के इतिहास का पहला बजट है जब सामान परिस्थितियों में न प्रदेश का बजट साइज बढ़ा है और न ही कैपिटल एक्सपेंडिचर। ऐसे में यह बजट प्रदेश की आशाओं और अपेक्षाओं पर कैसे खरा उतरेगा यह स्पष्ट नहीं है। इस बजट में अत्यंत महत्वपूर्ण सेवाओं के भी बजट में पिछले साल के मुकाबले काफी कटौती की गई है। सड़क, परिवहन, पर्यटन और नागरिक उड्डयन का बजट 2700 करोड रुपए से घटकर 1522 करोड रुपए कर दिया गया यह 43% से ज्यादा कटौती है। इसी तरह सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण के बजट मैं एक तिहाई कटौती कीगई है। पेयजल आपूर्ति के बजट में 44% की कटौती की गई है। कृषि और अन्य गतिविधियों में 40%, सामान्य आर्थिक सेवाओं में 38 परसेंट, महिला एवं बाल विकास व पोषण में 33% वह अन्य मदों में 51% की कटौती की गई है। इतनी महत्वपूर्ण सेवाओं के बजट में आधा और एक तिहाई कटौती करके किस प्रकार से जनहितकारी योजनाओं का संचालन हो सकता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कमियां जब एक दो होती हैं तो गिनाई जा सकती हैं लेकिन यहां एक भी अच्छाई नहीं दिखाई देती हैं। जब पिछले बजट की तरफ देखते हैं तो मुख्यमंत्री की एक से बढ़कर एक झूठी घोषणाएं नजर आती हैं। जो पहले बजट में घोषणाएं की गई थी आज भी वैसे की वैसे पड़ी हुई है। घोषणा की और इसके बाद खुद ही भूल गई है। सुक्खू सरकार के तीनों बजट किसी झूठ के बुलंदी से ज्यादा कुछ नहीं लगता। पहले बजट में मुख्यमंत्री एवं एकल नारी आवास योजना की घोषणा की गई थी, योजना की प्रगति आज भी शून्य है। इसी तरह विदाउट छात्रों के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटी सब्सिडी की घोषणा गई थी आज तक कोई प्रगति नहीं हुई। इसी तरह मुख्यमंत्री सुरक्षित बचपन अभियान, बागवानी उत्कृष्ट केंद्र कुफरी के पास हसन घाटी में स्काईवॉक ब्रिज हिमाचल प्रदेश परिवर्तन प्रकोष्ठ और सतत विकास लक्ष्य समन्वय केंद्र जैसे लोकलुभावन बातें पहले बजट से ही की जा रही हैं। दुर्भाग्य यह है कि सुक्खू सरकार द्वारा बजट में लिए गए सभी वादे जमीन पर उतरने के बजाय बजट की किताब के बाहर निकल कर किसी सरकारी कागज में भी नहीं उतर पाए। जयराम ठाकुर ने कहा कि इसी तरह के वादे मुख्यमंत्री द्वारा स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर भी किए गए थे। प्रदेश में अत्यधिक एमआरआई मशीन, पेट स्कैन, विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं की बात की गई थी। लेकिन सरकार ने इस बार के बजट भाषण में हिमाचल प्रदेश के लोगों में संजीवनी की तरह जानी जाने वाली हिम केयर योजना का जिक्र तक नहीं किया। जिन झूठी गारंटियों के दम पर कांग्रेस सत्ता में आई थी सरकार ने उन गारंटियों को दफन कर दिया। अब उनके बारे में सरकार कोई बात ही नहीं करती है। मुख्यमंत्री ने कुल चार योजनाएं अपने और गांधी परिवार के नाम से शुरू की है इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, जिसके तहत सरकार ने मात्र डेढ़ करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत सरकार द्वारा मात्र 21 करोड़ 93 लख रुपए खर्च किए गए हैं। सुखाश्रय योजना के तहत सरकार द्वारा 11 करोड़ 35 लख रुपए खर्च किए गए हैं। राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत 2 करोड़ 91 लख रुपए खर्च हुए। सभी योजनाओं पर कुल मिलाकर 37 करोड़ 70 लाख रुपए ही खर्च हुए हैं। सबसे हास्यास्पद बात यह है कि इन योजनाओं के प्रचार प्रसार पर ही सरकार ने इससे ज्यादा पैसे खर्च कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट हर लिहाज से प्रदेश और प्रदेशवासियों की हितों की रक्षा करने में सफल नहीं है। इसलिए वह इस बजट का समर्थन नहीं करते हैं।
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