•   Thursday Oct 30
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HRTC कर्मचारियों को अक्टूबर वेतन के साथ मिलेगा डीए, डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश

हिमाचल प्रदेश के HRTC कर्मचारियों को अक्टूबर महीने का वेतन नवंबर में जारी होगा उसके साथ ही डीए की किस्त भी दी जाएगी। HRTC कर्मचारियों को प्रदेश के अन्य विभागों की तर्ज पर 3 प्रतिशत डीए की किस्त जारी की गई है। हिमाचल परिवहन कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधि मंडल बीते रोज कार्यकारी अध्यक्ष समर चौहान की अध्यक्षता में उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से मिला। इसमें कर्मचारियों को डीए की किस्त देने की मांग की गई। कर्मचारियों ने कहा कि राज्य सरकार ने दीवाली से पहले डीए की घोषणा की थी, जो कर्मचारियों को नवंबर के वेतन के साथ मिल जाएगा। कर्मचारी प्रतिनिधियों ने यह मामला उप मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को भी पूर्व की भांति प्रदेश सरकार के कर्मचारियों के साथ ही उक्त डीए की किस्त अदा करने का आग्रह किया।  उपमुख्यमंत्री ने मांग को पूरा करने के आदेश विभाग को तुरंत जारी करते हुए कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को भी 3 प्रतिशत डीए की किस्त अन्य कर्मचारियों के साथ अक्टूबर माह के नवंबर में मिलने वाले वेतन में मिल जाएगी। 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक का डीए का छह माह के एरियर के रूप में कर्मचारियों को एक साथ मिलेगा, जबकि अक्टूबर महीने का पैसा नगद भुगतान होगा। 

BJP-attacks-Sukhu-government-seeks-donations-at-Panchayat-level-for-Shri-Renuka-Ji-fair
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सुक्खू सरकार पर भाजपा का हमला, श्रीरेणुका जी मेले के लिए पंचायत स्तर पर दान मांग रही सरकार

हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है, जब किसी अंतरराष्ट्रीय मेले के आयोजन के लिए सरकार की ओर से पंचायत स्तर तक लोगों से भगवान के नाम पर दान मांगा जा रहा है। जिस पर हिमाचल भाजपा प्रवक्ता ने सुक्खू सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि प्रदेश सरकार अब पंचायत स्तर तक भीख मांगना शुरू कर चुकी है। विनय गुप्ता ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मेलों के आयोजन के लिए प्रदेश की सुक्खू सरकार अपने अधिकारियों से भीख मंगवा रही है। जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग कांग्रेस सरकार तथा जिला प्रशासन को जमकर कर कोस रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता विनय गुप्ता ने कहा कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय श्रीरेणुकाजी मेले के आयोजन के संबंध में जिला सिरमौर के पंचायत अधिकारी द्वारा जिले के खंड विकास अधिकारियों को पत्र लिखा गया है कि मेले के आयोजन के लिए पंचायतों से दान राशि एकत्रित की जाए। इसी तर्ज पर सभी खंड विकास अधिकारियों ने जिले की सभी पंचायतों को पत्र लिखकर श्रीरेणुकाजी मेले के आयोजन के लिए दान राशि देने का आदेश किया है। विनय गुप्ता ने कहा कि इससे मां श्रीरेणुकाजी और भगवान श्री परशुराम से जुड़ी आस्था को भी ठेस पहुंची है, और लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करके गांव-गांव से भीख के जरिए पैसा इकट्ठा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष ही इस सरकार ने राज्य के अनेक धार्मिक मंदिरों से सरकारी योजनाओं को चलाने के लिए उपायुक्तों को पत्र लिखकर सरकार को पैसा देने का फरमान जारी किया था, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को भारी ठेस पहुंची थी।

Notice-issued-to-Himachal-Government-and-KCC-Bank-on-Hoshiar-Singh's-petition
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होशियार सिंह की याचिका पर हिमाचल सरकार और KCC बैंक को नोटिस जारी

देहरा विधानसभा उप चुनाव में BJP प्रत्याशी होशियार सिंह की याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। अदालत ने हिमाचल सरकार और कांगड़ा को ऑपरेटिव बैंक को नोटिस जारी किए है। अब अगली सुनवाई में प्रदेश सरकार और KCB बैंक प्रबंधन को याचिकाकर्ता द्वारा लगाए आरोपों का जवाब अदालत में देना होगा। देहरा विधानसभा उप चुनाव में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव जीती हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उप चुनाव में कोड ऑफ कंडक्ट के दौरान KCB प्रबंधन ने 67 महिला मंडलों को 50-50 हजार रुपए और हिमाचल सरकार ने देहरा विधानसभा की करीब 1000 महिलाओं को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना से तीन महीने की राशि अकाउंट में डाली है। याचिकाकर्ता के अनुसार, सरकार ने चुनाव जीतने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है। होशियार सिंह ने हाईकोर्ट से आचार संहिता के दौरान महिला मंडलों को पैसा बांटने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पूर्व विधायक होशियार सिंह के अनुसार, महिला मंडलों और महिलाओं को बांटी राशि की सरकार ने जानकारी छिपाए रखी। विधानसभा में भी इसका जवाब नहीं दिया। आरटीआई में भी जवाब देने से इनकार कर दिया। आरटीआई में अपील करने पर उन्हें इसका जवाब मिल पाया। आरटीआई के तहत डॉक्यूमेंट मिलने के बाद अब हाईकोर्ट में पिटीशन डाली जा रही है। होशियार सिंह ने बताया कि यदि सरकार ने समय पर सूचना दी होती, तो उन्होंने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को भी इसकी शिकायत दे दी होती। मगर ECI में शिकायत 45 दिन के भीतर देना होती है। 45 दिन में सरकार द्वारा सूचना छिपाने की वजह से वह इसकी शिकायत ECI को नहीं कर पाए। बहरहाल अब होशियार सिंह की याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट ने हिमाचल सरकार और केसीसी बैंक को नोटिस जारी किये है।   विधानसभा में भी गूंजा मामला  देहरा विधानसभा उप चुनाव में कैश फॉर वोट का मामला विधानसभा में भी कई बार गूंज चुका है। इसी मानसून सत्र में भी बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने इससे जुड़ा सवाल पूछा था। मगर जवाब नहीं मिल पाया था। इस पर विपक्ष ने सदन में खूब हंगामा किया और सदन के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुधीर शर्मा और आशीष शर्मा ने कहा कि जो जानकारी सदन में मांगी गई थी, वही सूचना उन्होंने आरटीआई के तहत ले ली है। अब तक यह मामला विधानसभा और सदन के बाहर गूंजता रहा है। इसी मामले में पूर्व विधायक होशियार सिंह ने हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को पहले ही शिकायत भेजकर सीएम की पत्नी एवं देहरा की MLA कमलेश ठाकुर को 6 साल के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग भी की है। इस्तीफा दिया, भाजपा में गए और उपचुनाव हार गए ! विदित रहे कि हिमाचल में बीते 27 फरवरी 2024 को राज्यसभा चुनाव हुआ। देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाला। इसके बाद, होशियार सिंह समेत तीन निर्दलीय विधायक और 6 कांग्रेस विधायकों समेत भाजपा में शामिल हुए। तीनों निर्दलीय ने 22 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दिया। 23 मार्च को दिल्ली में इन्होंने BJP का दामन थाम लिया। इस वजह से देहरा में 10 जुलाई 2024 को उप चुनाव हुए। बीजेपी ने होशियार सिंह को टिकट दिया और कांग्रेस ने सीएम सुखविंदर सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को प्रत्याशी बनाया। 10 जुलाई को वोटिंग और 14 जुलाई को नतीजे आए। इनमें कमलेश ठाकुर 9399 वोट के अंतर से चुनाव जीत गईं और होशियार सिंह चुनाव हार गए।

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हिमाचल: संजौली मस्जिद का पूरा ढांचा गिरेगा, जिला अदालत ने सुनाया फैसला, हाईकोर्ट में जानें की तैयारी

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के बहुचर्चित संजौली मस्जिद मामले में जिला अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने वक्फ बोर्ड और संजौली मस्जिद कमेटी की ओर से दायर याचिका को खारिज करते हुए नगर निगम आयुक्त के आदेश को बरकरार रखा है। अदालत के आदेश के बाद अब संजौली मस्जिद की सभी पाँच मंजिलों को तोड़ा जाएगा। इससे पहले, 3 मई 2025 को नगर निगम आयुक्त की अदालत ने मस्जिद की निचली दो मंजिलों को गिराने के आदेश दिए थे। इस आदेश को वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी ने अदालत में चुनौती दी थी। जिला अदालत ने अपने फैसले में माना कि यह निर्माण नगर निर्माण नियमों का उल्लंघन करते हुए किया गया था, इसलिए ध्वस्तीकरण के आदेश वैध हैं। अब नगर निगम प्रशासन को मस्जिद की सभी मंजिलें गिराने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का अधिकार मिल गया है। इस फैसले के बाद क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई बिना किसी भेदभाव के जारी रहेगी। बता दें, 6 अक्तूबर को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश यजुवेंद्र सिंह ने वक्फ बोर्ड और नगर निगम के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद मामले को अंतिम आदेश के लिए 30 अक्तूबर के लिए सूचीबद्ध किया था। आज इसे लेकर फैसला आ गया है। वक्फ बोर्ड ने 17 मई को शिमला एमसी आयुक्त कोर्ट के 3 मई के आदेशों को चुनौती दी थी। आयुक्त कोर्ट ने संजौली मस्जिद को गैरकानूनी बताते हुए निचली दो मंजिलें तोड़ने का आदेश दिया था। 19 मई को सुनवाई में अदालत ने मस्जिद कमेटी के प्रधान और एमसी शिमला को समन जारी कर रिकॉर्ड तलब किया। 23 मई को एमसी को दोबारा नोटिस जारी कर रिकाॅर्ड पेश करने के लिए कहा गया। 26 मई की सुनवाई में कोर्ट ने मस्जिद तोड़ने पर अंतरिम रोक लगाई। एमसी ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा। 29 मई को अदालत ने स्टे को 5 जुलाई तक बरकरार रखा। 11 जुलाई को केस को बहस योग्य माना गया जिसके बाद  8 और 21 अगस्त को वक्फ बोर्ड ने बहस के लिए समय मांगा। 6 सितंबर को करीब सवा दो घंटे तक बहस हुई। बता दें कि अब यह मामला हाईकोर्ट जाने की तैयारी पर है।        

CM-is-busy-in-Bihar-leaving-aside-the-worries-of-Himachal-Jairam-Thakur
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हिमाचल की चिंता छोड़ सीएम बिहार में मस्त: जयराम ठाकुर

हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू के बिहार चुनाव प्रचार में जाने को लेकर तंज कसा है। मंडी में जयराम ठाकुर ने कहा कि सीएम सुक्खू को अपने प्रदेश से ज्यादा बिहार चुनाव की चिंता सता रही है। यहां सरकार ने डिजास्टर एक्ट लगा रखा है और उसकी आढ़ में पंचायत और नगर निगमों के चुनावों को टालने का काम किया जा रहा है। लेकिन आपदा प्रभावितों की तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। आपदा के बाद जो अस्थायी व्यवस्थाएं की गई थीं, वह सभी चरमराने लगी हैं। सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है और ऐसे में आपदा प्रभावितों की चिंताए बढ़ गई हैं लेकिन प्रदेश सरकार को उनकी चिंता से ज्यादा बिहार चुनाव की चिंता है।  जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अपना तीन महीनों का वेतन आपदा प्रभावितों को देने का निर्णय लिया है। इससे प्रभावितों की जो भी यथासंभव मदद हो पाएगी वो करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन्होंने अपनी प्रशंसा के लिए नहीं बल्कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए लिया है। उन्होंने उन सभी दानी सज्जनों का आभार भी जताया जिन्होंने आपदा के समय प्रभावितों की दिल खोलकर मदद की। जयराम ठाकुर ने कहा कि कुछ लोग और नेता ऐसे हैं जो रोज शाम को सोशल मीडिया पर तबसरा करने बैठ जाते हैं और वहां धरातल की सच्चाई जाने बगैर तथ्यहीन बातें कहने लग जाते हैं। ऐसे लोगों को पहले धरातल की सच्चाई जानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वे इकलौते ऐसे नेता हैं जो प्रदेश में आई आपदा में अपने क्षेत्र के अलावा उन सभी क्षेत्रों तक पहुंचे जहां लोगों का नुकसान हुआ है। इसलिए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों को पहले आपदा प्रभावितों के जख्मों को सही ढंग से समझना चाहिए और उसके बाद ही अपनी राय देनी चाहिए।

Himachal_Buzz_over_Congress_state_president_picks_up_pace_again
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हिमाचल: फिर तेज हुई कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष बनाने को लेकर सुगबुगाहट

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर दो हफ्ते में एलान हो सकता है। जहां पार्टी अध्यक्ष शिमला संसदीय क्षेत्र से होगा, वहीं तीनों संसदीय क्षेत्रों मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा से एक-एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की तैयारी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के साथ ही 11 महीने से भंग चल रही पार्टी की कार्यकारिणी को भी विस्तार दिया जाएगा। प्रदेश में कांग्रेस के अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्षों के पदों पर एक हफ्ते के अंदर एलान हो सकता है। नई दिल्ली पहुंचे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से कांग्रेस हाईकमान ने इस संबंध में बातचीत की है। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी बुधवार को सीएम सुक्खू के साथ रजनी पाटिल से भेंट कर कांग्रेस में एकजुटता का संदेश दिया। सूत्रों के अनुसार दोनों वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस प्रभारी के साथ अध्यक्ष व कार्यकारी अध्यक्ष पदों के लिए संभावित नामों पर चर्चा की है। सुक्खू पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि इस बारे में अक्तूबर अंत या नवंबर के पहले सप्ताह में फैसला लिया जा सकता है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, राज्य विधानसभा उपाध्यक्ष विनय कुमार, विधायक विनोद सुल्तानपुरी और संजय अवस्थी अध्यक्ष पद की दावेदारी में बताए जा रहे हैं। यह पांचों शिमला संसदीय क्षेत्र से हैं।  सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू आगामी दिनों में बिहार में चुनाव प्रचार के लिए भी जाएंगे। सुक्खू बिहार में पार्टी के स्टार प्रचारक भी हैं। वह उत्तर भारत में कांग्रेस के अकेले मुख्यमंत्री हैं। ऐसे में उन्हें बिहार में चुनाव प्रचार में समय देने को कहा गया है। सीएम सुक्खू ने नई दिल्ली में पर्यटकों से भी अपील की कि अब पूरी तरह मौसम साफ है। वे हिमाचल आएं। हिमाचल प्रदेश उनके स्वागत के लिए तैयार है। सीएम ने कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति पर कहा कि नवंबर के पहले या दूसरे हफ्ते में अध्यक्ष की नियुक्ति हाईकमान कर लेगा।

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हिमाचल: प्रदेश के तापमान में गिरावट, अगले 6 दिन मौसम साफ रहने के आसार

प्रदेश में नवंबर आने से पहले ही ठंड का सिलसिला जारी हो गया है। प्रदेश के कई इलाकों के न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ गई है। प्रदेश में अगले छह दिन मौसम पूरी तरह साफ रहेगा। मौसम विभाग केंद्र शिमला के अनुसार पहाड़ों पर तीन नवंबर तक बारिश व बर्फबारी के कोई आसार नहीं है। मगर एक नवंबर के बाद रात के तापमान में गिरावट शुरू होगी। प्रदेश के चार शहरों का तापमान पहले ही 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर चुका है, जबकि 13 शहरों में 10 डिग्री सेल्सियस से कम है। केलांग का न्यूनतम तापमान माइनस 0.2 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क चुका है। इस सीजन में शिमला का न्यूनतम तापमान भी पहली बार 9.4 डिग्री और मनाली का तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है। कुकुमसेरी का तापमान 0.2 डिग्री, कल्पा का 3.8 डिग्री और ताबो का न्यूनतम तापमान 0.8 डिग्री सेल्सियस रह गया है।  

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सुक्खू सरकार पर भाजपा का हमला, श्रीरेणुका जी मेले के लिए पंचायत स्तर पर दान मांग रही सरकार

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हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है, जब किसी अंतरराष्ट्रीय मेले के आयोजन के लिए सरकार की ओर से पंचायत स्तर तक लोगों से भगवान के नाम पर दान मांगा जा रहा है। जिस पर हिमाचल भाजपा प्रवक्ता ने सुक्खू सरकार पर यह कहते हुए निशाना साधा कि प्रदेश सरकार अब पंचायत स्तर तक भीख मांगना शुरू कर चुकी है। विनय गुप्ता ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मेलों के आयोजन के लिए प्रदेश की सुक्खू सरकार अपने अधिकारियों से भीख मंगवा रही है। जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों को लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर लोग कांग्रेस सरकार तथा जिला प्रशासन को जमकर कर कोस रहे हैं। भाजपा प्रवक्ता विनय गुप्ता ने कहा कि हाल ही में अंतरराष्ट्रीय श्रीरेणुकाजी मेले के आयोजन के संबंध में जिला सिरमौर के पंचायत अधिकारी द्वारा जिले के खंड विकास अधिकारियों को पत्र लिखा गया है कि मेले के आयोजन के लिए पंचायतों से दान राशि एकत्रित की जाए। इसी तर्ज पर सभी खंड विकास अधिकारियों ने जिले की सभी पंचायतों को पत्र लिखकर श्रीरेणुकाजी मेले के आयोजन के लिए दान राशि देने का आदेश किया है। विनय गुप्ता ने कहा कि इससे मां श्रीरेणुकाजी और भगवान श्री परशुराम से जुड़ी आस्था को भी ठेस पहुंची है, और लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करके गांव-गांव से भीख के जरिए पैसा इकट्ठा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष ही इस सरकार ने राज्य के अनेक धार्मिक मंदिरों से सरकारी योजनाओं को चलाने के लिए उपायुक्तों को पत्र लिखकर सरकार को पैसा देने का फरमान जारी किया था, जिससे लोगों की धार्मिक भावनाओं को भारी ठेस पहुंची थी।

मोदी की स्वास्थ्य गारंटी : आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन से जुड़े 56.67 करोड़ लोग

In Health
guarantee: 56.67 crore people connected to Ayushman Bharat Digital Mission

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2021 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन की शुरुआत की थी। मोदी के नेतृत्व में ही 2021-2022 से 2025-2026 तक 5 वर्षों के लिए 1,600 करोड़ रुपये की डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम बनाने के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन शुरू किया गया था। इसकी वजह से पीएम मोदी के गारंटी का भी असर देखने को साफ मिला और इस योजना के तहत 29 फरवरी, 2024 तक 56.67 करोड़ लोगों के आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने लैंगिक समानता हासिल करने की दिशा में भी प्रगति की है। 29 फरवरी, 2024 तक, 27.73 करोड़ महिलाएं और 29.11 करोड़ पुरुषों को आभा कार्ड से लाभ हुआ है। वहीं 34.89 करोड़ से अधिक स्वास्थ्य दस्तावेजों को इससे जोड़ा गया है। क्या है आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन  आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का उद्देश्य देश में यूनिफाइड डिजिटल स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की मदद करने के लिए जरूरी आधार तैयार करना है। इससे सीमित इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता खोलने के लिए ऑफलाइन मोड को मदद पहुंचती है। इसके अलावा भारत सरकार ने स्वास्थ्य सुविधा के लिए आभा ऐप और आरोग्य सेतु जैसे विभिन्न एप्लिकेशन भी लॉन्च किए गए हैं, जो आम लोगों को मदद पहुंचाती है। आभा ऐप एक प्रकार का डिजिटल स्टोरेज है, जो किसी भी व्यक्ति के मेडिकल दस्तावेजों का रखने का काम आता है। इस ऐप के जरिए मरीज रजिस्टर्ड स्वास्थ्य पेशेवरों से संपर्क भी कर सकते हैं।    भारत में बीजेपी की मोदी सरकार ने बीते 10 सालों के अपनी सरकार में कई सारे मील के पत्थर हासिल किया है। इन 10 सालों में पीएम मोदी के विजन ने भारत को अगले 23 साल बाद यानी साल 2047 तक विकसित भारत बनाने के ओर मजबूती से कदम भी बढ़ा लिया है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार ने देश के हित में जो भी फैसले लिए है, उनमें से हेल्थ सेक्टर को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का प्रयास किया गया है।        

देश के 45 शिक्षकों को मिला 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार', राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

In Education
45 teachers of the country received 'National Teacher Award', honored by President Draupadi Murmu

  आज शिक्षक दिवस है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज शुक्रवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली में विज्ञान भवन में देश के 45 शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान व केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी भी उपस्थित रहे।  आज के दिन ये वार्षिक अवार्ड उन शिक्षकों को दिया जाता है जिन्होंने विद्यार्थियों की पढ़ाई और समाज के लिए कुछ खास योगदान दिया हो। ये पुरस्कार केवल एक मेडल ही नहीं, बल्कि पूरे देश की ओर से इन शिक्षकों को दिया गया सम्‍मान है। ये शिक्षकों की मेहनत और समर्पण का प्रतिक है जो बच्चों का भविष्य बनाने के लिए अभूतपूर्व कार्य करते हैं।  पुरस्कारों दिए जाने से पहले, PM नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों से बातचीत की। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का अहम भूमिका होती है। PM ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान केवल एक परम्परा नहीं है, बल्कि उनके आजीवन समर्पण का सम्मान है।PM ने कहा कि शिक्षक सामान्यतः छात्रों को होमवर्क देते हैं। लेकिन मोदी उन्हें एक टास्क देना चाहते थे- स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने वाले अभियानों का नेतृत्व करने और "मेक इन इंडिया" और "वोकल फॉर लोकल" आंदोलनों को मजबूत करने के लिए।    आज शिक्षक दिवस है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज शुक्रवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर दिल्ली में विज्ञान भवन में देश के 45 शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्‍द्र प्रधान व केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी भी उपस्थित रहे।  आज के दिन ये वार्षिक अवार्ड उन शिक्षकों को दिया जाता है जिन्होंने विद्यार्थियों की पढ़ाई और समाज के लिए कुछ खास योगदान दिया हो। ये पुरस्कार केवल एक मेडल ही नहीं, बल्कि पूरे देश की ओर से इन शिक्षकों को दिया गया सम्‍मान है। ये शिक्षकों की मेहनत और समर्पण का प्रतिक है जो बच्चों का भविष्य बनाने के लिए अभूतपूर्व कार्य करते हैं।  पुरस्कारों दिए जाने से पहले, PM नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों से बातचीत की। इस अवसर पर मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों का अहम भूमिका होती है। PM ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान केवल एक परम्परा नहीं है, बल्कि उनके आजीवन समर्पण का सम्मान है।PM ने कहा कि शिक्षक सामान्यतः छात्रों को होमवर्क देते हैं। लेकिन मोदी उन्हें एक टास्क देना चाहते थे- स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने वाले अभियानों का नेतृत्व करने और "मेक इन इंडिया" और "वोकल फॉर लोकल" आंदोलनों को मजबूत करने के लिए।   

Asia Cup 2025: आज दुबई में भारत-पाक के बीच होने वाले मैच को लेकर देशभर में विरोध

In Sports
 Asia Cup 2025: Protest across the country regarding the match between India and Pakistan in Dubai today

  एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के बीच दुबई में आज मैच होने वाला है। भारत-पाकिस्तान के बीच मैच का मुकाबला हमेशा से रोमांचक रहा है। इसे देखने के लिए लोगों में बहुत उत्साह देखा जाता था। लेकिन इस बार इस मैच को लेकर देशभर में विरोध हो रहा है। विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ-साथ आम लोग भी भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर गुस्से में है। सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर इस मैच का जोरो से बहिष्कार किया जा रहा है। साथ ही पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिवारों ने भी इस मैच पर कड़ा विरोध जताया है। अब तो भाजपा के कई सहयोगी भी इस मैच के विरोध में हैं। हालांकि क्रिकेट फैंस इसे लेकर अलग बंटे हुए हैं। इस मैच का कहीं विरोध किया जा रहा है, तो कहीं टीम इंडिया की जीत के लिए पूजा भी हो रही है।   नई खेल नीति के मुताबिक सरकार की नई खेल नीति के मुताबिक भारत ने फैसला किया है भारत पाकिस्तान के साथ कोई भी द्विपक्षीय मैच नहीं खेलेगा पर बहुपक्षीय टूर्नामेंट जैसे कि एशिया कप या ICC प्रतियोगिता में पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा।   विरोध की वजह  ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच यह पहला इंटरनेशनल मैच है। आपको बता दें कि 22 अप्रैल को आतंकवादियों द्वारा पहलगाम हमला हुआ था जिसमें कई भारतीय मरे थे और कहा जा रहा था कि इस हमले के पीछे पकिस्तान का हाथ है। इसके जवाब में भारत ने  7 मई को ऑपरेशन सिंदूर किया। इसी वजह से भारत के लोगों में भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर नाराजगी और गुस्सा है।    ओवैसी की पार्टी AIMIM ने किया प्रदर्शन हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार से पूछा है कि क्या मैच से कमाया जाने वाला मुनाफ़ा पहलगाम हमले में मारे गए 26 लोगों की जान से ज्यादा कीमती है। अहमदाबाद में AIMIM ने भारत-पाकिस्तान मैच के खिलाफ प्रदर्शन किया।    AAP कार्यकर्ताओं ने किया बहिष्कार  चंडीगढ़ में AAP कार्यकर्ताओं ने भी 'BCCI शर्म करो' के नारे लगाए   शिंदे शिवसेना नेता ने किया विरोध शिंदे शिवसेना के नेता संजय निरूपम ने इस मैच के विरोध में कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा भारत को क्षति पहुंचाने वाली नीति अपनाई है, पाकिस्तान ने आतंकियों को पाला पोषा है और इन आतंकियों ने भारत के निर्दोष लोगों पर हमले किए हैं। ऐसे में पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह का रिश्ता नहीं रखना चाहिए।    शिवसेना उद्धव गुट ने मैच के विरोध में तोड़ डाले टीवी   पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने किया बहिष्कार पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री और पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने कहा कि वे भारत-पाकिस्तान मैच के साथ पूरे एशिया कप का बहिष्कार कर रहे हैं हूं। उन्होंने कहा कि पुलवामा, पहलगाम, पठानकोट जैसे आतंकी हमलों को भुलाया नहीं जा सकता।     पीड़ित परिवारों ने जाहिर किया गुस्सा पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए पुणे के संतोष जगदाले की बेटी असावरी जगदाले ने कहा कि यह मैच नहीं होना चाहिए था। यह बहुत ही शर्मनाक है। अभी हाल में पहलगाम हमला हुआ और फिर ऑपरेशन सिंदूर हुआ। तो इसके बाद यह मैच नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा यह भी कहा कि इन्हें परवाह नहीं कि कोई मर गया।    

एक ऐसा पर्व जिसमें डूबते सूरज को भी अर्घ्य दिया जाता है अर्ध्य, जानिए छठ पर्व क्यों मनाया जाता है

In First Blessing
A festival in which Arghya is offered even to the setting sun, know why Chhath festival is celebrated.

  छठ पर्व दिवाली के छह दिन बाद कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाने की परंपरा है। यह महापर्व चार दिनों तक मनाया जाता है। पहला दिन नहाय-खाय, दूसरा दिन खरना, तीसरा दिन शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य तथा चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर यह त्योहार संपन्न होता है। छठ पर्व 25 अक्टूबर से ही शुरू हो चुका है और आज इसका तीसरा दिन है। बीते कल खरना से ही व्रत रखने वाले लोगों का 36 घंटों का निर्जला उपवास शुरू हो चुका है। कल सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर इस पर्व का समापन होगा। यह खासकर बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तरप्रदेश तथा नेपाल के तराई क्षेत्र में मनाया जाने वाला पर्व है। विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय विदेशों में भी इसे मनाते हैं।   छठ पूजा में मूर्तिपूजा नहीं बल्कि सूर्य तथा जल की पूजा की जाती है यानि प्रकृति की पूजा। छठ को शुद्धता तथा पवित्रता का महापर्व कहा जाता है। क्यों कि इसमें शुद्धता का बहुत ही ज्यादा ख्याल रखा जाता है। इस पर्व में पूरी श्रद्धा से मिट्टी के नए चूल्हे पर आम की लकड़ियों से शुद्ध घी से मिटटी या पीतल के बर्तन में प्रसाद बनाया जाता है। इस व्रत में चार दिनों तक बहुत ही कठोर नियम का पालन करना पड़ता है। इस वजह से इसे भक्ति और कठोर तप अद्भुत संगम कहा गया है। छठ महापर्व में डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर उनके व छठी मां के प्रति और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। इस पूजा में डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। सूर्य देवता को जीवन, ऊर्जा तथा स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है और वहीं छठी मां को संतान की रक्षा का प्रतीक। छठ पहला दिन इस दिन व्रती सिर्फ एक समय ही शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं। चावल, चना दाल एवं कद्दू की सब्जी का प्रसाद बनाया जाता है। छठ मां  और सूर्यदेव को भोग लगाने के बाद व्रती प्रसाद ग्रहण करते हैं और इसके बाद परिवार के सदस्य इसे ग्रहण करते हैं।  दूसरा दिन खरना खरना के दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं। सूर्यास्त के बाद दूध और गुड़ व चावल की खीर, रोटी तथा फल का प्रसाद छठी मां को अर्पित करते हैं। इसके बाद यह प्रसाद व्रतियों द्वारा ग्रहण किया जाता है। इस प्रसाद को ग्रहण करने के बाद से ही 36 घंटे का कठोर निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।  तीसरा दिन  खरना के बाद से ही इस दिन भर निर्जला उपवास पर रहते हैं व्रती। सूर्य डूबने से पहले व्रती स्नान कर स्वच्छ बिल्कुल नए कपड़े पहनते हैं। इसके बाद बांस की सूप में घी से बना ठेकुआ, चावल और घी से बना लड्डू, नारियल, गन्ना समेत कई फल और साथ ही घी का दीपक इस सूप पर रखते हैं। फिर नदी किनारे घाट पर जाकर पानी में खड़े होकर हाथ में इस सूप को लेकर डूबता हुए सूर्य को देखते हुए परिक्रमा करते हुए आराधना करते हैं। व्रती डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान सूर्य व छठी मां का आभार व्यक्त करते हैं।  चौथा दिन  सुबह सूर्य देव के उगने से पहले व्रती स्नान कर फिर से बिल्कुल नए स्वच्छ कपड़े पहनते हैं। इसके बाद बांस की सूप में ठेकुआ, चावल और घी से बना लड्डू, नारियल, गन्ना समेत कई फल और साथ ही घी का दीपक इस सूप पर रखते हैं। फिर नदी किनारे घाट पर जाकर पानी में खड़े होकर हाथ में इस सूप को लेकर उगते हुए सूर्य को देखते हुए परिक्रमा करते हुए उपासना करते हैं। व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देकर भगवान सूर्य व छठी मां का आभार व्यक्त करते हैं। खरना के बाद से ही करीब 36 घंटे तक निर्जला उपवास के बाद इस दिन इस पर्व का समापन हो जाता है।    इसे मनाने के पीछे पौराणिक कथाएं   द्वापर युग में माना जाता है कि पांडव के कठिन वक्त में द्रौपदी ने छठ व्रत कर सूर्य देव से अपने परिवार के लिए प्रार्थना की थी। वहीं, दूसरी तरफ कर्ण रोज स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य देते थे और साथ ही सूर्य उपासना करने वाले इन्हें प्रथम साधक कहा जाता है। तब से इसे मनाया जाने लगा।  त्रेता युग में श्रीराम जब अयोध्या लौटे उसके बाद छठ व्रत शुरु हुई। रावण का वध करने पर माना जाता है कि श्रीराम को ब्रह्महत्या का पाप लग गया था। इससे मुक्ति पाने के लिए कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन श्रीराम व मां सीता ने छह दिनों तक सूर्य देव की पूजा की। तब से इसे छठ पर्व के रूप में मनाया जाने लगा। मार्कण्डेय पुराण के मुताबिक़, सृष्टि की रचना के वक्त देवी प्रकृति छह भागों में विभाजित हुए। छठा अंश सबसे बेहद शक्तिशाली माने गए, जिसे छठी मां कहा गया। इन्हें ब्रह्मा जी की मानस पुत्री के रूप में पूजा जाता है।  

पाताल भुवनेश्वर मंदिर: रहस्य, आस्था और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम

In Entertainment
Patal Bhuvaneshwar Temple: A wonderful confluence of mystery, faith and spirituality

  क्या आपने कभी कल्पना की है कि कहीं ऐसा स्थान भी हो सकता है, जहां सृष्टि के अंत का रहस्य छिपा हो? कोई ऐसा मंदिर, जहां चारों धामों के दर्शन एक ही स्थान पर संभव हों? उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित पाताल भुवनेश्वर मंदिर ऐसा ही एक रहस्यमयी और दिव्य स्थल है, जो हर भक्त को आस्था, रहस्य और आध्यात्मिकता की गहराइयों से जोड़ता है। यह मंदिर एक गुफा के भीतर स्थित है, जिसे प्राचीन काल से चमत्कारी और गूढ़ माना गया है। गुफा में प्रवेश करते ही ऐसा लगता है मानो आप किसी अद्भुत आध्यात्मिक संसार में प्रवेश कर चुके हों। मान्यता है कि यहां भगवान शिव के साथ-साथ 33 कोटि देवी-देवताओं का वास है। यहां स्थित भगवान गणेश का कटा हुआ मस्तक स्वयं में एक रहस्य है, जो इस स्थान की अलौकिकता को और भी गहरा बनाता है। यहां स्थित शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि वह निरंतर बढ़ रहा है, और जिस दिन वह गुफा की छत से टकराएगा, उस दिन प्रलय होगा। यह धारणा श्रद्धालुओं को एक अकल्पनीय आध्यात्मिक अनुभव और चेतना की गहराई से जोड़ती है।गुफा के भीतर चार रहस्यमयी द्वार मानव जीवन के चार प्रमुख पड़ावों का प्रतीक माने जाते हैं। कहा जाता है कि रावण की मृत्यु के बाद पाप द्वार और महाभारत युद्ध के बाद रण द्वार बंद हो गए। अब केवल धर्म द्वार और मोक्ष द्वार खुले हैं, जो जीवन के सत्य और मोक्ष के मार्ग की ओर संकेत करते हैं। पौराणिक इतिहास की दृष्टि से इस मंदिर का उल्लेख त्रेता युग में मिलता है। सूर्य वंश के राजा ऋतुपर्ण ने सबसे पहले इस गुफा की खोज की थी। कहा जाता है कि पांडवों ने भी यहां भगवान शिव के साथ चौपड़ खेला था। बाद में 819 ईस्वी में जगत गुरु शंकराचार्य ने इस स्थल की पुनः खोज की और यहां पूजा आरंभ की। कैसे पहुंचे पाताल भुवनेश्वर? यह दिव्य स्थल पिथौरागढ़ से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर है, जबकि सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है। सड़क मार्ग से यह स्थान सुगम रूप से जुड़ा हुआ है और उत्तराखंड के खूबसूरत पर्वतीय रास्तों से होकर गुज़रता है, जो यात्रा को और भी आनंददायक बना देता है। यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि रहस्य और आध्यात्मिकता के अनूठे संगम के कारण भी यह स्थल भक्तों और शोधकर्ताओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पाताल भुवनेश्वर की इस अद्भुत गुफा में जाकर आप स्वयं उस दिव्यता और रहस्यमय ऊर्जा का अनुभव कर सकते हैं, जो सदियों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती आ रही है।

होशियार सिंह की याचिका पर हिमाचल सरकार और KCC बैंक को नोटिस जारी

In News
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देहरा विधानसभा उप चुनाव में BJP प्रत्याशी होशियार सिंह की याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। अदालत ने हिमाचल सरकार और कांगड़ा को ऑपरेटिव बैंक को नोटिस जारी किए है। अब अगली सुनवाई में प्रदेश सरकार और KCB बैंक प्रबंधन को याचिकाकर्ता द्वारा लगाए आरोपों का जवाब अदालत में देना होगा। देहरा विधानसभा उप चुनाव में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव जीती हैं। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उप चुनाव में कोड ऑफ कंडक्ट के दौरान KCB प्रबंधन ने 67 महिला मंडलों को 50-50 हजार रुपए और हिमाचल सरकार ने देहरा विधानसभा की करीब 1000 महिलाओं को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना से तीन महीने की राशि अकाउंट में डाली है। याचिकाकर्ता के अनुसार, सरकार ने चुनाव जीतने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है। होशियार सिंह ने हाईकोर्ट से आचार संहिता के दौरान महिला मंडलों को पैसा बांटने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पूर्व विधायक होशियार सिंह के अनुसार, महिला मंडलों और महिलाओं को बांटी राशि की सरकार ने जानकारी छिपाए रखी। विधानसभा में भी इसका जवाब नहीं दिया। आरटीआई में भी जवाब देने से इनकार कर दिया। आरटीआई में अपील करने पर उन्हें इसका जवाब मिल पाया। आरटीआई के तहत डॉक्यूमेंट मिलने के बाद अब हाईकोर्ट में पिटीशन डाली जा रही है। होशियार सिंह ने बताया कि यदि सरकार ने समय पर सूचना दी होती, तो उन्होंने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को भी इसकी शिकायत दे दी होती। मगर ECI में शिकायत 45 दिन के भीतर देना होती है। 45 दिन में सरकार द्वारा सूचना छिपाने की वजह से वह इसकी शिकायत ECI को नहीं कर पाए। बहरहाल अब होशियार सिंह की याचिका पर हिमाचल हाईकोर्ट ने हिमाचल सरकार और केसीसी बैंक को नोटिस जारी किये है।   विधानसभा में भी गूंजा मामला  देहरा विधानसभा उप चुनाव में कैश फॉर वोट का मामला विधानसभा में भी कई बार गूंज चुका है। इसी मानसून सत्र में भी बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने इससे जुड़ा सवाल पूछा था। मगर जवाब नहीं मिल पाया था। इस पर विपक्ष ने सदन में खूब हंगामा किया और सदन के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुधीर शर्मा और आशीष शर्मा ने कहा कि जो जानकारी सदन में मांगी गई थी, वही सूचना उन्होंने आरटीआई के तहत ले ली है। अब तक यह मामला विधानसभा और सदन के बाहर गूंजता रहा है। इसी मामले में पूर्व विधायक होशियार सिंह ने हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल को पहले ही शिकायत भेजकर सीएम की पत्नी एवं देहरा की MLA कमलेश ठाकुर को 6 साल के लिए अयोग्य घोषित करने की मांग भी की है। इस्तीफा दिया, भाजपा में गए और उपचुनाव हार गए ! विदित रहे कि हिमाचल में बीते 27 फरवरी 2024 को राज्यसभा चुनाव हुआ। देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डाला। इसके बाद, होशियार सिंह समेत तीन निर्दलीय विधायक और 6 कांग्रेस विधायकों समेत भाजपा में शामिल हुए। तीनों निर्दलीय ने 22 मार्च को अपने पद से इस्तीफा दिया। 23 मार्च को दिल्ली में इन्होंने BJP का दामन थाम लिया। इस वजह से देहरा में 10 जुलाई 2024 को उप चुनाव हुए। बीजेपी ने होशियार सिंह को टिकट दिया और कांग्रेस ने सीएम सुखविंदर सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को प्रत्याशी बनाया। 10 जुलाई को वोटिंग और 14 जुलाई को नतीजे आए। इनमें कमलेश ठाकुर 9399 वोट के अंतर से चुनाव जीत गईं और होशियार सिंह चुनाव हार गए।

बिहार : महागठबंधन ने उतारे 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार, उतरे एक-दूसरे के खिलाफ, जानें क्या है पूरा मामला

In National News
Bihar: Grand alliance fielded 254 candidates on 243 seats, contested against each other, know what is the whole matter

  बिहार विधानसभा चुनाव में 6 नवंबर को पहले फेज का (121 सीट) तथा 11 नवंबर दूसरे फेज का (122 सीट) मतदान होना है। इस बीच गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर काफी खींचतान व बगावत देखने को मिल रही है। गठबंधन ने 243 सीटों पर 254 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। गठबंधन में RJD ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने 61, सीपीआई (एम) ने 20, सीपीआई ने 9, सीपीएम ने 6 तथा मुकेश सहनी की पार्टी ने 15 उम्मीदवार उतारे हैं।  हालात ऐसी बन चुकी है कि NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कहने वाला महागठबंधन अब एक-दूसरे के खिलाफ ही उतर आए हैं। आपको बता दें कि 12 सीटों पर महागठबंधन के घटक दल-एक दूसरे के खिलाफ ही खड़े हो गए हैं। अब राजनीतिक गलियारे में इसकी चर्चा होनी शुरू हो गई है और कि कहां तो महागठबंधन NDA के खिलाफ चुनाव लड़ने की बातें कर रहा था पर अब ये एक-दूसरे के खिलाफ ही खड़े हैं। वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने महागठबंधन से किनारा कर लिया है।  सीएम फेस भी तय नहीं NDA और महागठबंधन ने खुलकर सीएम फेस कि घोषणा नहीं की है। महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर खींचतान जारी है। हालांकि NDA नेता कह चुके हैं कि चुनाव में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे।  इन 6 सीटों पर कांग्रेस-RJD आमने सामने  सिकंदरा - उदय नारायण चौधरी RJD VS विनोद चौधरी कांग्रेस कहलगांव - रजनीश भारती RJD VS प्रवीण कुशवाहा कांग्रेस  वैशाली - अजय कुशवाहा RJD VS संजीव कुमार कांग्रेस  लालगंज - शिवानी शुक्ला RJD VS आदित्य कुमार कांग्रेस वारिसलीगंज- अनिता देवी RJD VS सतीश कुमार कांग्रेस  सुल्तान गंज - चन्दन सिन्हा RJD VS ललन यादव कांग्रेस   

नेपाल: अंतरिम PM बनाने के लिए सेना-प्रदर्शनकारियों के बीच शुरू हुई बातचीत, कुलमान घिसिंग व सुशीला कार्की का नाम आगे

In International News
Talks started between army and protesters to make interim PM in Nepal, names of Kulman Ghisingh and Sushila Karki put forward.

  नेपाल में हुए हिंसक आंदोलन के बाद आज गुरुवार को हालात कंट्रोल में है। लेकिन फिर भी सेना ने एहतियातन राजधानी समेत कई इलाकों में  कर्फ्यू लगा रखा है। इस बीच, नेपाल में अंतरिम PM बनाने के लिए सेना-प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत शुरू हो गई है। जानकारी के अनुसार,आर्मी हेडक्वार्टर में सुबह 10:30 बजे बातचीत शुरू हो गई थी। आपको बता दें कि सेना ने सभी पार्टी और नेताओं को भी इसके लिए अपनी अपनी राय देने को कहा है।   मीडिया के कई रिपोर्ट्स के अनुसार, इस पद के लिए नेपाल के लाइट मैन कहे जाने वाले कुलमान घिसिंग और सुशीला कार्की का नाम आगे आ रहा है। हालांकि PM की रेस में कुलमान घिसिंग का नाम सुशीला कार्की से भी आगे चल रहा है। अंतिम फैसला देखना काफी दिलचस्प होगा कि किसे PM के नेतृत्व के लिए आगे किया जाता है।    सुशीला कार्की  सुशीला कार्की भ्रष्टाचार विरोधी शख्सियत के तौर पर जानी जाती हैं। इन्होनें भ्रष्टाचार के विरुद्ध कई बार सख्त बयान दिया है। आपको बता दें कि इन्होनें पॉलिटिकल साइंस में BHU से MA किया है। 2016 में वह नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनी।    कुलमान घिसिंग  कुलमान घिसिंग को नेपाल के 'लाइट मैन' भी कहा जाता है। उन्होंने जमशेदपुर, झारखण्ड से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की है। 1994 में नेपाल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (NEA) से जुड़े और इसके बाद घाटे में चल रहे NEA को मुनाफे में बदल दिया। नेपाल की बिजली व्यवस्था, जो कि बहुत खराब थी, उसे भी सुधारने का श्रेय इन्हें ही जाता है।    नेपाल में इस तरह हुई हिंसक आंदोलन की शुरुआत सरकार ने 4 सितंबर को 26 सोशल मीडिया प्लेटफार्म को बैन किया था। ये कहकर कि इन प्लेटफॉर्म्स ने रजिस्ट्रशन नहीं करवाए हैं। इसके बाद 8 सितंबर को सरकार के भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ नेपाल के युवाओं ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन शुरू कर दिए। यह  प्रदर्शन धीरे धीरे हिंसा में प्रवर्तित हो गए और कई लोग इसमें मारे गए व कई ज़ख़्मी हुए। इसी बीच PM समेत कई मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। साथ ही इस दौरान प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने सेना के सामने सामाजिक और राजनितिक सुधार को लेकर कई मांगे भी रखीं।    आगे क्या होगा  बहुमत वाली पार्टी को सरकार बनाने के लिए कहा जायेगा। विशेषज्ञ का मानना है कि 6 महीने में चुनाव कराने के लिए अंतरिम सरकार बन सकती है।   

शायरी के बादशाह कहलाते है वसीम बरेलवी, पढ़े उनके कुछ चुनिंदा शेर

In Kavya Rath
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  वसीम बरेलवी उर्दू के बेहद लोकप्रिय शायर हैं। उनकी ग़ज़लें बेहद मक़बूल हैं जिन्हें जगजीत सिंह से लेकर कई अजीज़ गायकों ने अपनी आवाज़ दी है। वसीम बरेलवी अपनी शायरी और गजल के जरिए लाखों दिलों पर राज करते हैं। कोई भी मुशायरा उनके बगैर पूरा नहीं माना जाता।     18 फरवरी 1940 को वसीम बरेलवी का जन्म बरेली में हुआ था।  पिता जनाब शाहिद हसन  के रईस अमरोहवी और जिगर मुरादाबादी से बहुत अच्छे संबंध थे। दोनों का आना-जाना अक्सर उनके घर पर होता रहता था। इसी के चलते वसीम बरेलवी का झुकाव बचपन से शेर-ओ-शायरी की ओर हो गया। वसीम बरेलवी ने अपनी पढ़ाई बरेली के ही बरेली कॉलेज से की। उन्होंने एमए उर्दू में गोल्ड मेडल हासिल किया। बाद में इसी कॉलेज में वो उर्दू विभाग के अध्यक्ष भी बने।  60 के दशक में वसीम बरेलवी मुशायरों में जाने लगे। आहिस्ता आहिस्ता ये शौक उनका जुनून बन गया। पेश हैं उनके कुछ चुनिंदा शेर   अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे तेरी मर्ज़ी के मुताबिक़ नज़र आएँ कैसे   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है   ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं तेरा होना भी नहीं और तेरा कहलाना भी   ग़म और होता सुन के गर आते न वो 'वसीम' अच्छा है मेरे हाल की उन को ख़बर नहीं   जहाँ रहेगा वहीं रौशनी लुटाएगा किसी चराग़ का अपना मकाँ नहीं होता     जो मुझ में तुझ में चला आ रहा है बरसों से कहीं हयात इसी फ़ासले का नाम न हो     कुछ है कि जो घर दे नहीं पाता है किसी को वर्ना कोई ऐसे तो सफ़र में नहीं रहता                         उसी को जीने का हक़ है जो इस ज़माने में इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए       दुख अपना अगर हम को बताना नहीं आता तुम को भी तो अंदाज़ा लगाना नहीं आता     वो मेरे सामने ही गया और मैं रास्ते की तरह देखता रह गया   अपने अंदाज़ का अकेला था इसलिए मैं बड़ा अकेला था  

जयसिंहपुर: लोअर लंबागांव की बेटी अलीशा बनी ऑडिट इंस्पेक्टर

In Job
Jaisinghpur: Lower Lambagaon's daughter Alisha becomes audit inspector

जयसिंहपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले लोअर लंबागांव की अलीशा ने हिमाचल प्रदेश एलाइड सर्विसेज की परीक्षा पास कर प्रदेश का नाम रोशन किया है । अलीशा का चयन ऑडिट इंस्पेक्टर के पद हुआ है। अलीशा ने बाहरवीं ऐम अकादमी सीनियर सेकेंडरी स्कूल जयसिंहपुर से की है। उसके बाद अलीशा ने गवर्नमेंट डिग्री कालेज धर्मशाला से ग्रेजुएशन की । अलीशा के पिता सुमन कुमार हिमाचल पुलिस में कार्यरत हैं और माता स्नेहलता गृहिणी हैं। अलीशा के पिता सुमन कुमार ने बेटी की उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि यह परिवार के लिए गौरव का क्षण है। वही अलीशा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता व गुरुजनों को दिया है।

कहते है चंबा के राजमहल में 17 साल बतौर शाही मेहमान रहा था एक भैंसा

In Banka Himachal
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नारियल की जगह भैसें को बहाने की थी प्रथा मिंजर मेले की मुख्य शोभायात्रा राजमहल अखंड चंडी से चौगान से होते हुए रावी नदी के किनारे तक पहुंचती है। फिर मिंजर के साथ लाल कपड़े में नारियल लपेट कर, एक रुपया और फल-मिठाई नदी में प्रवाहित किये जाते है। इस नारियल को प्रवाहित करने के पीछे एक रोचक प्रथा है। दरअसल कहा जाता है कि 1940 के दशक कि शुरुआत तक मिंजर मेले में भैंसे की बलि देने की प्रथा थी। तब जीवित भैंसे को नदी में बहा दिया जाता था , जो आने वाले साल में राज्य के भविष्य को दर्शाता था। अगर पानी का बहाव भैंसे को साथ ले जाता था और वह डूबता नहीं था तो उसे अच्छा माना जाता था। अगर भैंसा बच कर नदी के दूसरे किनारे चला जाए, तो उसे भी अच्छा माना जाता था। पर अगर भैंसा उसी तरफ वापस आ जाता था तो उसे बुरा माना जाता था। अब भैंसे की जगह सांकेतिक रूप से नारियल की बलि दी जाती है।    पुराने लोगों कि माने तो 19वीं सदी में एक भैंसे ने रावी नदी को पार कर लिया और करीब 17 साल तक यह भैंसा चंबा के राजमहल में बतौर शाही मेहमान रहा। उसकी खातिर के लिए बाकायदा सेवादारों की व्यवस्था भी  थी। कहते है उसने लगातार 17 साल तक रावी को पार किया और बाद में राजमहल में उसकी मौत हो गई। 

11 साल बाद हरियाणा कांग्रेस को मिले जिला अध्यक्ष, हिमाचल में भी 9 महीने से इन्तजार

In Siyasatnama
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बगैर संगठन के ही हरियाणा में कई चुनाव लड़ने और हारने के  बाद  आखिरकार 11 साल बाद मंगलवार देर रात कांग्रेस ने हरियाणा में 32 जिला अध्यक्षों के नामों की घोषणा की है। पानीपत शहरी के अलावा सभी अन्य 32 संगठनत्मक ज़िलों में अध्यक्षों की नियुक्ति हो गई है। माना जा रहा है की संगठन की शेष नियुक्तियां भी जल्द होगी। इन नियुक्तियों में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का दबदबा रहा है। 32 में से 22 जिला अध्यक्ष हुड्डा गुट के बताए जा रहे हैं, जबकि सात सांसद कुमारी सैलजा, एक रणदीप सुरजेवाला और दो कैप्टन अजय यादव के समर्थक हैं।  इस सूचि में सिर्फ दो महिलाएं है। संतोष बेनीवाल को सिरसा और मेवात के शाहिदा खान, जो कि एकमात्र मुस्लिम नेता को कमान दी गई है। जबकि विधानसभा चुनाव लड़ चुके चार नेताओं को जिलाध्यक्ष बनाया है।  हरियाणा में हुई इन नियुक्तियों के बाद अब निगाहें हिमाचल पर टिकी है, जहँ नौ महीने से भी ज्यादा वक्त से राज्य, जिला और ब्लॉक इकाइयां भंग है। इस बीच  मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभग सिंह  का कार्यकाल भी पूरा हो चूका है और नए अध्यक्ष के एलान का इन्तजार भी जारी है।   ये 32 नेता बने, जिला अध्यक्ष  कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से सूची के अनुसार, अंबाला कैंट से परविंदर परी,  अंबाला सिटी से पवन अग्रवाल, अंबाला ग्रामीण से दुष्यंत चौहान, भिवानी ग्रामीण से अनिरुद्ध चौधरी, भिवानी शहरी से प्रदीप गुलिया, चरखी दादरी से सुशील धनक, फरीदाबाद से बलजीत कौशिक, फतेहाबाद से अरविंद शर्मा, गुरुग्राम ग्रामीण से वर्धन यादव, गुरुग्राम शहरी से पंकज दावर को जिला अध्यक्ष बनाया गया है। इसी तरह, हिसार ग्रामीण से बृज लाल खोवाल, हिसार शहरी से बजरंग दास गर्ग, झज्जर से संजय यादव, जींद से ऋषि पाल, कैथल से रामचंदर गुज्जर, करनाल ग्रामीण से राजेश वैद, करनाल शहरी से पराग गाबा, कुरुक्षेत्र से मेवा सिंह, महेंद्रगढ़ से सत्यवीर यादव, मेवात (नूंह) से शाहिदा खान, पलवल से नेत्रपाल अधाना, पंचकूला से संजय चौहान, पानीपत ग्रामीण से रमेश मलिक, रेवाड़ी ग्रामीण से सुभाष चंद चौवरी, रेवाड़ी शहरी से प्रवीण चौधरी, रोहतक ग्रामीण से बलवान सिंह रंगा, रोहतक शहरी से कुलदीप सिंह, सिरसा से संतोष बेनिवाल, सोनीपत ग्रामीण से संजीव कुमार दहिया, सोनीपत शहरी से कमल देवान, यमुनानगर ग्रामीण से नरपाल सिंह और यमुनानगर शहरी से देवेंद्र सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई है।  

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