प्रदेश सरकार ने 18 से 44 वर्ष के आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों के लिए स्लॉट बुकिंग की अनिवार्यता खत्म कर दी है। अब वेबसाइट पर शेड्यूल बुक किया जा सकेगा। कोविड टीकाकरण रणनीति के लिए गठित स्टेट स्टेयरिंग कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। यह सुविधा रणनीति के अनुसार ऑन-साइट पंजीकरण की सुविधा प्रदान की जाएगी। इन जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में स्थानीय जिला प्रशासन शत प्रतिशत ऑनलाइन बुकिंग या ऑन-साइट पंजीकरण करवा सकता है। संबंधित उपायुक्त टीकाकरण केंद्रों में भीड़ एकत्र न हो, इस संबंध में योजना तैयार करेेंगे। यदि बुकिंग करने वाले लाभार्थियों की अनुपस्थिति के कारण स्लॉट खाली रहते है तो टीकाकरण वाले दिन अधिकतम 9 लाभार्थियों के लिए सत्र दोबारा ऑनलाइन प्रदर्शित किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने कोविड वैक्सीनेशन के लिए 22 और श्रेणियां को शामिल किया है। इसमें सभी दिव्यांगों, सभी सरकारी और निजी शिक्षण संस्थानों के पूरे स्टाफ को प्राथमिकता से वैक्सीन लगेगी। जल शक्ति, लोक निर्माण, पशुपालन आदि महकमे के कर्मचारियों को भी इसमें शामिल किया गया है। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि सभी सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों का स्टाफ, इन सभी को संबंधित डिप्टी डायरेक्टर हायर एजूकेशन से सर्टिफिकेट लाना होगा। इसके अलावा पशुपालन विभाग के कर्मचारी, टेलीकॉम प्रोवाइडर के कर्मचारी, अग्निशमन विभाग के कर्मचारी, फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी, जल शक्ति विभाग के कर्मचारी, लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी, ईपीएफओ और इंश्योरेंस सेक्टर के कर्मचारी, डाक विभाग के कर्मचारी, उद्योग विभाग और पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के कर्मचारी, खाद्य आपूर्ति निगम के सभी कर्मचारी, ट्रेजरी विभाग के कर्मचारी जीएडी, एसएडी, विधानसभा, पब्लिक सर्विस कमीशन, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और राज्यपाल सचिवालय के कर्मचारी, रेलवे विभाग के सभी कर्मचारी, 18 साल से ऊपर के सभी एनसीसी कैडेट, जेलों में बंद सभी 18 साल से ऊपर के कैदी, हिमाचल प्रदेश टूरिज्म में सभी कार्यरत कर्मचारी और कोविड-19 में अपनी ड्यूटी निभा रहे सभी वॉलिंटियर को स्वास्थ्य विभाग में वैक्सीनेशन के लिए प्राथमिकता की सूची में डाला है। इन सभी को अपने संबंधित विभागों से सर्टिफिकेट लाना होगा। जिसमें यह पता लग सके कि यह उसी विभाग में कार्यरत है।
केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए कोविशील्ड वैक्सीन का कोटा बढ़ा दिया है। यह कोटा 18 से 44 साल और 45 साल से ऊपर के दोनों वर्गों के लिए बढ़ाया गया है। हिमाचल सरकार ने केंद्र से पहले 1,19,760 डोज मांगी थी। केंद्र सरकार ने इसमें 47,420 डोज बढ़ाकर हिमाचल को 1,67,180 डोज देने का फैसला लिया है। यह डोज़ जून महीने के लिए जारी की गई है। इसी तरह केंद्र सरकार ने 45 साल से ऊपर के लोगों के लिए भी डोज बढ़ा दी है। इसमें 2,52,770 के अलावा 46,630 डोज बढ़ाई है। अब यह कोटा 2,99,400 कर दिया है। यह वैक्सीन एक सप्ताह के भीतर आ सकती है। 45 साल से ऊपर के आयु वर्ग के लिए यह डोज हिमाचल को केंद्र से निशुल्क मिलेगी। यह वैक्सीन जून के पहले पखवाड़े के लिए जारी की गई है। हिमाचल सरकार ने प्रदेश की कुल जनसंख्या के 27.4 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगा दी है। 18 साल से ऊपर की पात्र जनसंख्या के 34 प्रतिशत और 45 साल से ज्यादा उम्र के 89.4 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन लगाई गई है।
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि बड़ी मशक्त के बाद कोरोना को काबू में किया गया है, लेकिन अभी भी कोरोना से जंग बाकी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में लॉकडाउन को धीरे-धीरे खोला जाएगा। सबसे पहले उन लोगों का ध्यान रखना है जो समाज का सबसे गरीब तबका है। जैसे मजदूर व प्रवासी आदि। आज बैठक की में फैसला लिया गया कि दिल्ली में सोमवार से कंस्ट्रक्शन और फैक्ट्रियों की गतिविधियों को खोला जाएगा और अगले एक हफ्ते के लिए यह दोनों सेक्टर खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम हफ्ता दर हफ्ता जनता के सुझाव और एक्सपर्ट से राय लेकर लॉकडाउन को खोलने की प्रक्रिया जारी रखेंगे, वंही अगर बीच में लगा कि कोरोना बढ़ने लगा तो अनलॉक की प्रकिया को फिर से रोकना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने जनता के सहयोग और कोरोना सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल्स की कड़ाई से पालना करने की अपील की है।
देश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 1 लाख 86 हज़ार से ज़्यादा नए मामलें आए सामने, 3660 लोगों की हुई मौत
देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अभी भी जारी है हालांकि पिछले दिनों से अब कोरोना के नए मामलों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1.86 लाख नए मामलों सामने है जोकि 44 दिनों बाद कोरोना वायरस के मामलों का सबसे कम आंकड़ा है। नए मामले आने के बाद देश में अब कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 2,75,55,457 हो गई है। वंही बीते 24 घंटे में संक्रमण से 3,660 नई मौते दर्ज की गई है जिसके बाद कुल मौतों की संख्या 3,18,895 हो गई है.।गौरतलब है कि पिछले 24 घंटे में 2,59,459 लोगों ने संक्रमण से जंग जीती है जिसके बाद संक्रमण से ठीक होने वाली कि संख्या 2,48,93,410 हो गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस का पहली बार पाया गया बी.1.617 प्रकार अब 53 देशों में मिला है। डब्ल्यूएचओ ने पाया कि पिछले 7 दिन में भारत में नए मामलों में 23 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है लेकिन यह फिर भी दुनिया में सबसे ज्यादा है। विश्व डब्ल्यूएचओ के कोविड-19 साप्ताहिक महामारी संबंधी अपडेट में यह जानकारी दी गई है। अपडेट के मुताबिक भारत में पहली बार सामने आया बी.1.617 प्रकार अब दुनिया भर के 53 देशों में सक्रिय है। बी.1.617 वायरस तीन वंशावलियों में विभाजित है- बी.1.617.1, बी.1.617.2 और बी.1.617.3 । अपडेट में विभिन्न देशों और क्षेत्रों में 25 मई तक बी.1.617 की तीन उपवंशावलियों के प्रचलन को देखा गया। इसके मुताबिक, 41 देशों में बी.1.617.1 पाया गया, 54 देशों में बी.1.617.2 और छह देशों में बी.1.617.3 पाया गया है।
भारत कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का कहर अभी भी जारी है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार संक्रमण का प्रकोप पहले से कम हुआ है लेकिन मौत का तांडव अभी भी जारी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 2 लाख 11 हजार 298 कोरोना के नए केस सामने आए और 3847 संक्रमित कोरोना से जंग हार गए। वहीं 2 लाख 83 हजार 135 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। यानी कि बीते दिन 75,684 एक्टिव केस कम हो गए। इससे पहले मंगलवार को 208,921 लाख नए केस दर्ज किए गए थे और 4157 संक्रमितों की मौत हुई थी। गौरतलब है कि 26 मई तक देशभर में 20 करोड़ 26 लाख 95 हजार 874 कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं। बीते दिन 18 लाख 85 हजार 805 टीके लगाए गए। वहीं अबतक 33 करोड़ 70 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार पर ब्रैक लगा है और पिछले कई दिनों से लगातार नए मामलों में कमी आई है। इसके साथ ही कोविड-19 से होने वाली मौत की संख्या भी कम हुई है। पिछले 24 घंटे में देशभर में 1.95 लाख नए मामले सामने आए हैं, जबकि इस दौरान 3498 लोगों की मौत हुई है। भारत में अब तक कोरोना वायरस से 2 करोड़ 69 लाख 47 हजार 496 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि महामारी की वजह से 3 लाख 7 हजार 249 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में पिछले 24 घंटे में 3.26 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 40 लाख 47 हजार 760 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में भी गिरावट आई है और देशभर में 25 लाख 92 हजार 487 लोगों का इलाज चल रहा है।
कोविन पोर्टल की शुरुआत वैक्सीन लेने वालों की सहूलियत के लिए हुई थी लेकिन जब से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ है तब से हर दिन हजारों लोग कोविन पोर्टल पर वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करने के लिए जाते हैं और खाली हाथ लौट आते हैं। लोगों की इस समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 18-44 आयु वर्ग के लोग अब बिना अप्वाइंटमेंट किसी भी सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर रजिस्ट्रेशन और अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं। इसकी शुरुआत आज यानी 24 मई से हो गई है। अब ऑनसाइन रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा 18 साल से 44 साल की उम्र के वैक्सीनेशन के लिए अब ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा होगी। अब 18 से 44 साल के लोग सीधे वैक्सीनेशन सेंटर्स पर जाकर वैक्सीन ले सकते हैं, हालांकि कोविन पोर्टल (Cowin.gov.in) पर पहले से रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मंत्रालय ने कहा है कि अब 18-44 साल वालों को वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं है। यदि आपने पहले से ही रजिस्ट्रेशन करवा लिया है तो अच्छी बात है, वरना आपको वैक्सीनेशन सेंटर पर ही रजिस्ट्रेशन करना होगा और उसके बाद आपको अप्वाइंटमेंट और वैक्सीन मिलेगी। मंत्रालय ने कहा है कि ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के दौरान कई जगहों से वैक्सीन बर्बाद होने की भी रिपोर्ट मिली है जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित कर दिया है। अलग-अलग राज्यों के निर्णय के बाद ही वहां ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन और अप्वाइंटमेंट मिल पाएगा। यानी आखिरी फैसला राज्य सरकार के हाथों में है। मंत्रालय की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि यह सुविधा फिलहाल केवल सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र पर ही उपलब्ध है। कैसे मिलेगी ऑनसाइट वैक्सीन रोजना जब लोगों को टीका देने का समय खत्म हो जाएगा या दिन के अंतिम समय में जो वैक्सीन बच जाएगी, उसे ऑनसाइट व्यवस्था के तहत लोगों को दी जाएगी, जिससे कि टीके की बर्बादी ना हो। इस नई व्यवस्था का जिक्र कोविन प्लेटफॉर्म पर किया जा रहा है। फिलहाल नई सुविधा सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ही होगी।
प्रदेश के अस्पताल में काेविड मरीजाें के लिए बैड की कमी नहीं आएगी, क्याेंकि जयराम सरकार ने प्रदेश के कई ज़िलों में मेकशिफ्ट हेल्थ सेंटर तैयार कर दिए गए हैं। जहां पर काेराेना संक्रमित मरीजाें का इलाज हाेगा वह भी बेहतरीन सुविधा के साथ। बीते दिनों मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मंडी जिले के खलियार में राधास्वामी सत्संग ब्यास कोविड समर्पित मेकशिफ्ट स्वास्थ्य केन्द्र (डीसीएचसी) का लोकार्पण किया। इस अस्पताल में 200 पूर्ण ऑक्सीजनयुक्त बिस्तर, 200 बिस्तरों की क्षमता का गंभीर रोगी वार्ड तथा केन्द्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध है। बताया गया कि इस अस्पताल में गर्म व ठंडे पानी की सुविधा वाले अलग-अलग वाशरूम, मरीजों के आराम के लिए लाउंज, उपचार संगीत, अग्नि सुरक्षा व्यवस्था और रोगियों के लिए गर्म व ठंडे पानी के आरओ की सुविधा उपलब्ध है। इसमें 16 सीसीटीवी और स्वचालित स्विचओवर पावर बैकअप जेन-सेट और ऑन द स्पाॅट लैब की सुविधा है, जिसे 140 स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा संचालित किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक 200 बिस्तरों की क्षमता वाला यह मेकशिफ्ट अस्पताल कोविड-19 रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा। इसके साथ-साथ भंगरोटू में 100 बिस्तरों की क्षमता के एक अन्य प्री-फैब्रिकेटिड अस्पताल का निर्माण भी किया जा रहा है। सीएम जयराम ठाकुर कहते हैं कि कोविड-19 रोगियों की संख्या में तीव्र वृद्धि चिंता का विषय है। कोविड रोगियों के लिए बेड की लगातार बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने शिमला, कांगड़ा, नालागढ़ आदि में प्री-फैब्रिकेटिड कोविड अस्पताल बनाए हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह का अस्पताल नेरचैक में भी बनाया जा रहा है। राधास्वामी सत्संग ब्यास ने दिया सरकार का साथ कोविड रोगियों के उपचार के लिए राधास्वामी सत्संग ब्यास ने मण्डी जिला के खलियार, कांगड़ा जिला के परौर और सोलन में मेकशिफ्ट अस्पतालों के निर्माण के लिए अपने परिसर उपलब्ध करवाए हैं। जिला कांगड़ा के परौर में मेकशिफ्ट अस्पताल का निर्माण कार्य भी पूरा होने वाला है। प्रारंभ में इस अस्पताल में 250 बिस्तरों की क्षमता होगी, जिसे आवश्यकता के अनुसार बढ़ाकर 1000 बिस्तर तक किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने महामारी के दौरान राज्य सरकार की सहायता के लिए राधा स्वामी सत्संग ब्यास का आभार व्यक्त किया। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता की माने ताे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को होम आइसोलेशन में मरीजों के निरन्तर सम्पर्क में रहना चाहिए ताकि उनकी स्थिति की नियमित निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को सुनिश्चित करना चाहिए कि यदि होम आइसोलेशन में मरीजों की स्थिति बिगड़ती है तो उन्हें तुरन्त अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए।
काेराेना संकट के दाैरान हिमाचल में काेविड-19 मरीजाें के लिए 123 एम्बूलेंस सुरक्षित हैं। राज्य स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बीते दिनों कोरोना मरीजों की सुविधा के लिए एम्बुलेंस सेवा को सुदुढ़ करने के लिए स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा चिकित्सा अधीक्षकों के साथ वीडियों काॅन्फ्रेंस के माध्यम से एम्बुलेंस सेवा की उपलब्धता की समीक्षा की थी। उस दाैरान स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार कोविड-19 मरीजों को समय पर सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। बताया गया कि राज्य के विभिन्न जिलों में राष्ट्रीय एम्बुलेस सेवा 108 तथा जेएसएसके 102 के 123 वाहन कोविड सेवाओं के लिए समर्पित है। इसके अलावा प्रशासन तथा रेडक्राॅस जैसी संस्थाएं भी इस उद्देश्य में अपना योगदान दे रही हैं। स्वास्थ्य सचिव ने सभी जिलों के संबंधित जिला प्रशासनिक अधिकारियों को कोविड-19 के मरीजों की वाहन सुविधा के लिए सेना, अर्धसैनिक बल, ईएसआई, जल विद्युत परियोजनाओं आदि में उपयोग किए जा रहे वाहनों की संभावित उपलब्धता तलाशने के लिए कहा, ताकि कोरोना मरीजों के लिए एम्बुलेंस सुविधा समय पर सुनिश्चित की जा सके। काेविड मरीजाें के लिए सिर्फ 108 नंबर एम्बूलेंस स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने सभी जिला प्रशासनिक अधिकारियों को कोविड के मरीजों के लिए राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा 108 की एम्बुलेंस का उपयोग करने का परामर्श दिया। क्योकि ऐसे मरीजों को लंबी दूरी तय करने के दौरान ऑक्ससीजन की अधिक मात्रा में आवश्यकता रहती है। इसके अलावा कम दूरी तय करने वाले मरीजों की वाहन सुविधा के लिए जेएसएसके 102 एम्बुलेंस सेवा का उपयोग किया जाना चाहिए, जिसमें आवश्यकता अनुसार छोटे ऑक्ससीजन सिलेंडर उपलब्ध होते है। उन्होंने कहा कि जिन मरीजों को ऑक्ससीजन की आवश्यकता नहीं है या ठीक हो चुके मरीजों को वाहन सुविधा प्रदान करने के लिए नाॅन-एम्बुलेंस वाहनों का उपयोग किया जा सकता है।
काेराेना वाॅरियर्स यानी कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों काे पीएम माेदी ने ताेहफा दे दिया है। स्वास्थ्य कर्मियाें के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज बीमा योजना की अवधि अक्तूबर 2021 तक बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि जिसका उद्देश्य कोविड-19 की स्थितियों के कारण किसी भी विपरित परिस्थिति में स्वास्थ्य कर्मियों के परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि यह योजना देश भर के 22.12 लाख स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को 50 लाख रुपये का व्यक्तिगत दुर्घटना कवर प्रदान करने के लिए है। इस योजना में उन सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल और निजी स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया हैं, जो सीधे तौर पर कोविड मरीजों के संपर्क में आते है और कोरोना मरीजों की देखभाल में अपनी सेवाएं दे रहे है, जिन्हें इन मरीजों से सीधे प्रभावित होने का खतरा हो सकता है। प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना न्यू इंडिया बीमा कंपनी के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है। उन्होंने बताया कि पहले यह योजना 24 अप्रैल 2021 तक प्रभावी थी और अब इस बीमा योजना को 180 दिनों की अवधि के लिए और आगे बढ़ दिया गया है, ताकि स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को सुरक्षा प्रदान करना जारी रखा जा सके। यसानी अक्तूबर 31 तक बढ़ा दी गई। यह योजना कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के आश्रितों को राहत प्रदान करने में सक्षम है। ये हाेंगे इन याेजना में कवर इस योजना के अन्तर्गत निजी अस्पताल के कर्मचारी, स्वयंसेवी/स्थानीय शहरी निकाय/अनुबंध/दैनिक वेतन/तदर्थ आउटसोर्स आधार पर कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मी जो विभिन्न राज्यों या केंद्र सरकार के अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे है, एम्स और आईएनआई/केंद्रीय मंत्रालयों के अस्पतालों के कर्मचारी, जो विशेष रूप से कोरोना मरीजों की देखभाल में अपनी सेवाएं दे रहे है, को इस योजना में कवर किया गया है। राज्य सरकार ने योजना के अन्तर्गत अपना दावा प्रस्तुत करने के लिए निदेशक, स्वास्थ्य सेवा हिमाचल प्रदेश को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया है।
एसडीएम देहरा धनबीर ठाकुर ने बीते दिनों रक्कड़ तहसील के अंतर्गत अलोह पंचायत में घरों में जाकर कोरोना संक्रमितों का हाल जाना। उन्होंने कहा कि कोरोना से लगभग सभी लोग घरों में ही ठीक हो रहे हैं, इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग घरों में ही रहकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताई गई चिकित्सा विधि का पालन करें और पूरे जज्बे से कोरोना को हराने की मनोस्थिति रखें। एसडीएम ने यह भी सुनिश्चित किया कि संक्रमितों या उनके परिवारों को किसी प्रकार की कोई आवश्यक वस्तु की कमी न हो। उन्होंने स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों और कर्मचारियों को संक्रमितों के परिवारों से निरंतर संपर्क में रहने को कहा। एसडीएम ने कोरोना संक्रमितों से मिलने के उपरांत क्षेत्र में कोरोना नियमों की अनुपालना का जायजा लिया। उन्होंने आवश्यक सेवाओं में लगे सभी विभागों के कर्मचारियों और पंचायत प्रतिनिधियों को कोरोना नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने को कहा।
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दृष्टिगत राज्य सरकार ने कोरोना मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से प्रदेश में 48 अस्पतालों को कोविड समर्पित अस्पतालों के रूप में चिन्हित किया है। इनमें सरकारी व निजी क्षेत्र के अस्पताल शामिल हैं। चिन्हित अस्पतालों में हजारों चिकित्सक, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी दिन-रात कोरोना मरीजों के उपचार के लिए अपनी बहुमूल्य सेवाएं दे रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा चिन्हित कोविड समर्पित अस्पतालों में वे सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं जो कोरोना मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक हैं। कोविड समर्पित अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इन्जेक्शन, ऑक्सीजन युक्त बिस्तर, आईसीयू बिस्तर और जीवन रक्षक दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही हैं। विभिन्न कोविड समर्पित अस्पतालों से अब तक लगभग एक लाख से ज्यादा मरीज स्वास्थ्य लाभ पा चुके है। मरीजों को बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए कोविड सेवाओं के लिए चिन्हित प्रदेश के इन अस्पतालों में 5895 डी-टाईप ऑक्सीजन सिलेंडर और 1839 बी-टाईप ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं, जबकि प्रदेश में 3989 रेमडेसिविर इन्जेक्शन भी उपलब्ध हैं। विभिन्न जिलों में उपलब्ध कोविड बिस्तरों की संख्या लगभग 3291 है जिनमें 264 आईसीयू बिस्तर, 2324 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर भी उपलब्ध हैं। बिलासपुर , हमीरपुर और कांगड़ा ज़िले के मरीजाें का यहां हाे रहा इलाज जिला बिलासपुर में चार अस्पतालों को कोविड सेवाओं के लिए समर्पित अस्पताल के रूप में चिन्हित किया गया है जिनमें क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, जिला आयुर्वेदिक अस्पताल बिलासपुर, नागरिक अस्पताल घुमारवीं और व्बायज हाॅस्टल जीडीसी बिलासपुर शामिल है। चंबा जिला में मेडिकल काॅलेज चंबा, नागरिक अस्पताल डलहौजी व डीसीएचसी सुरगनी, हमीरपुर जिला में मेडिकल काॅलेज हमीरपुर व आयुर्वेदिक अस्पताल हमीरपुर, जिला कांगड़ा में नागरिक अस्पताल नूरपुर, मेडिकल काॅलेज टांडा, आयुर्वेदिक अस्पताल पपरोला, जोनल अस्पताल धर्मशाला सहित सिटी केयर मल्टीस्पेश्यिलिटी अस्पताल गगल, सिटी अस्पताल मटौर, फोर्टिस अस्पताल, श्री बालाजी अस्पताल, सूर्या अस्पताल, वीएमआई पालमपुर भी कोविड मरीजों के उपचार में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। किन्नौर , शिमला , मंडी और लाहाैल के लिए ये हैं चिन्हित अस्पताल जिला किन्नौर में आयुर्वेदिक अस्पताल रिकांगपिओ, जिला कुल्लू में क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, जिला लाहौल स्पिति में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काजा, नागरिक अस्पताल उदयपुर व क्षेत्रीय अस्पताल केलंग को कोविड सेवाओं के लिए चिन्हित किया गया है। मंडी जिला में बीबीएमबी अस्पताल सुंदरनगर, नागरिक अस्पताल रत्ती, एमसीएच सुंदरगनर, एमसीएच क्षेत्रीय अस्पताल मंडी, मेडिकल काॅलेज नेरचाैक मंडी, जिला शिमला में आईजीएमसी शिमला, डीडीयू शिमला, नागरिक अस्पताल रोहडू, एमजीएमएससी रामपुर व क्षेत्रीय आयुर्वेदिक अस्पताल शिमला शामिल हैं। सिरमौर, साेलन और ऊना ज़िले के लिए यहां हैं सुविधाएं जिला सिरमौर में मेडिकल काॅलेज नाहन, नागरिक अस्पताल पांवटा साहिब व सराहन सहित अकाल एकैडमी अस्पताल, जगदीश चंद जुनेजा व श्री साईं अस्पताल कोविड अस्पताल के रूप में चिन्हित किए गए हैं। वहीं, जिला सोलन में आकाश अस्पताल सोलन, ईएसआईसी अस्पताल, गगन अस्पताल, मेकशिफ्ट अस्पताल नालागढ़, मल्होत्रा सुपरस्पेश्यिलिटी अस्पताल सोलन और एमएमएमसीएच कुमारहट्टी शामिल है। इसके अलावा, जिला ऊना में नागरिक अस्पताल ऊना व पलकवाह शामिल हैं।
जिला कांगड़ा के भंगवार में मां की अर्थी को अकेले कंधे पर उठाने का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि मंडी जिले में भी मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां अर्थी को कंधा देने के लिए जब लोग आगे नहीं आए तो शव को डंडे से बांधकर एक किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाया गया। मंडी जिले के जोगेंद्रनगर उपमंडल के लडभड़ोल तहसील के गवाला गांव में जब लोगों ने बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार से किनारा कर लिया तो एथलेटिक्स सेंटर जोगेंद्रनगर के खेल प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर सामने आए। दरअसल धर्मपुर के संधोल की रहने वाली बुजुर्ग महिला करीब पांच-छह दिन पहले ही गवाला गांव में अपनी बेटी के घर आई थी। इसी बीच बेटी संक्रमित हो गई। शनिवार को वृद्धा की मौत हो गई, लेकिन उसकी अर्थी को उठाने के लिए गांव के लोग सामने नहीं आए, जबकि वृद्धा संक्रमित नहीं थी। प्रशासन को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एथलेटिक्स सेंटर जोगेंद्रनगर के खेल प्रशिक्षक गोपाल ठाकुर से संपर्क किया। वह अपने सेंटर के खिलाड़ी विशाल व सुमित के साथ गवाला गांव पहुंच गए। उन्होंने डंडों से बांधकर वृद्धा के शव को सड़क तक पहुंचाया। उधर, शव सड़क में पहुंचने के बाद स्वजन अंतिम संस्कार के लिए अपने गांव संधोल ले गए।
कोरोना संक्रमण के चलते दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन एक हफ्ते और बढ़ाने का निर्णय लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसकी घोषणा की है। अब 31 मई की सुबह 5:00 बजे तक पाबंदियां लागू रहेंगी। इस बार भी दिल्ली में मेट्रो नहीं चलेगी। सीएम ने कहा कि अगर मामलों के घटने का सिलसिला जारी रहा और हालत सुधरते दिखते हैं तो 31 मई से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू करेंगे। बता दें कि 18 अप्रैल से दिल्ली में शुरू हुआ लॉकडाउन 24 मई को खत्म होने वाला था, लेकिन उससे पहले सीएम ने इसे एक हफ्ते और बढ़ाने की घोषणा कर दी है। वहीं केजरीवाल ने वैक्सीन की कमी को लेकर भी बात की. उन्होंने कहा कि वैक्सीन की बहुत कमी है, लेकिन वैक्सीन की समस्या का समाधान हम सब मिलकर निकालेंगे। उन्होंने कहा कि युद्ध अभी बाकी है। अभी भी रोज़ाना एक हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने सभी स्तनपान करवाने वाली महिलाओं के लिए कोविड-19 टीकाकरण की अनुमति प्रदान कर दी है। यह निर्णय कोविड-19 वैक्सीन टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों, महामारी की उभरती स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। हिमाचल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक निपुण जिंदल ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीज और ऐसे मरीज जिन्हें सार्स-2 मोनोक्लोनल एंटीबॉडी या कोनवेलेसेंट प्लाज्मा दिया गया है और अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, उन्हें तीन महीने के बाद टीका लगेगा। अस्पताल में भर्ती या आईसीयू देखभाल की आवश्यकता वाले किसी भी अन्य गंभीर बीमारी वाले व्यक्तियों को भी कोविड-19 वैक्सीन का टीकाकरण करने के लिए 4 से 8 सप्ताह तक इंतजार करना होगा। जिन मरीजों को वैक्सीन की एक खुराक मिली है और दूसरी खुराक लेने से पहले ही उन्हें कोविड-19 संक्रमण हो गया है, तो उन्हें दूसरी खुराक कोविड-19 बीमारी से क्लीनिकल रिकवरी से तीन महीने बाद दी जाएगी।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना से संबंधित राज्य की जनता के लिए एक बड़ा एलान किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि एक जून से धीरे-धीरे अनलॉक होना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अनंतकाल तक बंद नहीं रख सकते, हमें धीरेःधीरे अनलॉक करना होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य को चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा। शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि राज्य में संक्रामकता दर घटकर पांच फीसदी हो गई है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि राज्य में रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है और अब 90 फीसदी हो गई है और इसीलिए अब अनलॉक किया जा सकता है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अनलॉक को लेकर लगातार अधिकारियों के साथ बैठक की जा रही है और जल्द ही अनलॉक का प्लान जनता के सामने रखा जा सकता है। बता दें कि राज्य में कोरोना के पॉजिटिविटी रेट में काफी कमी देखी गई है। वहीं संक्रमण के नए मामलों में भी कमी देखने को मिल रही है।
भारत को कोरोना के खिलाफ एक और बड़ा हथियार मिल गया है। देश में इस साल अगस्त से स्पुतनिक-वी का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा। रूस में भारत के राजदूत डीबी वेंकटेश वर्मा ने ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सितंबर-अक्टूबर तक भारत में स्पूतनिक V के 850 मिलियन डोज का प्रोडक्शन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि दुनिया के 65 से 70 फीसदी तक स्पूतनिक-वी का उत्पादन भारत में होगा। वहीं उन्होंने बताया कि भारत की जरूरतें पूरी होने के बाद रूस इसका एक्सपोर्ट दूसरे देशों में करेगा। कोविशिल्ड, कोवैक्सीन के अलावा स्पुतनिक-वी ही कोरोना वैक्सीन का तीसरा टीका है जिसे भारत में इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है। वहीं उन्होंने कहा कि देश में कोरोना के हालात नियंत्रण में आ रहे हैं। ब्लैक फंगस को लेकर भी भारत रूस के संपर्क में है जिससे इस बीमारी के इलाज के लिए दवाइयां मंगवाई जा सके। भारत को अभी तक स्पूतनिक-वी की 2,10,000 डोज मिल चुकी है। मई के अंत तक 3 मिलियन बल्क डोज और भारत को मिलेगा। जून तक यह संख्या बढ़कर 50 लाख डोज हो जाएगी। रूस ने यह भी घोषणा की है कि एक डोज वाली स्पूतनिक लाइट भी भारत में जल्द ही उपलब्ध होगी।
कोरोना के कहर के बीच देश में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस तेजी से पांव पसार रहा है। देश के अलग-अलग हिस्सों में से ब्लैक फंगस के अब तक 8,848 मामले सामने आए हैं और 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच कई राज्यों ने ब्लैक फंगस को महामारी भी घोषित कर दिया है। वहीं कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के चलते इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एंटी-फंगल दवा एम्फोटेरिसिन-बीकी डिमांड भी बढ़ रही है। इसी दौरान सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एम्फोटेरिसिन-बी की कुल 23,680 अतिरिक्त वायल आवंटित किए गए हैं। रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौडा ने इस बात की जानकारी दी है।
केंद्र सरकार ने भारत में कोरोनावायरस के लिए 'इंडियन वेरिएंट' शब्द के इस्तेमाल को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन कंपनियों को लिखित एडवाईजरी जारी करते हुए अपने प्लेटफॉर्म से ऐसे सभी कंटेंट को हटाने को कहा है जिसमें कोरोना वायरस के लिए 'इंडियन वेरिएंट' शब्द का इस्तेमाल किया गया है। सरकार का कहना है कि 'इंडियन वेरिएंट' जैसे शब्द के इस्तेमाल से गलत सूचना का प्रसार होता है और इससे देश की छवि भी खराब होती है। केंद्र सरकार ने अपनी एडवाईजरी में यह भी स्पष्ट किया है कि इस तरह के शब्द का इस्तेमाल पूरी तरह से गलत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी किसी भी रिपोर्ट में भारत में मिले कोरोना वायरस के B.1.617 वेरिएंट के लिए 'इंडियन वेरिएंट' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है। बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने 11 मई को कहा था कि पिछले साल भारत में पहली बार पाया गया कोरोना वायरस का B.1.617 वेरिएंट वैश्विक चिंता का विषय है। संगठन के मुताबिक, B.1.617 वेरिएंट वायरस के मूल स्ट्रेन की तुलना में ज्यादा आसानी और तेजी से फैलता है और यही कारण है कि भारत में कोरोना संक्रमण के मामले और इससे होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि WHO ने इस बात पर भी जोर दिया था कि इस वेरिएंट के प्रभाव को वैक्सीनेशन से कम किया जा सकता है।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। ऐसे में कोरोना से जंग में लोगों की ढाल बने डॉक्टर्स भी संक्रमण की चपेट में आए है। IMA के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमण से 420 डॉक्टर्स ने अपनी जान गवाई है। जबकि इनमें से केवल दिल्ली में 100 डॉक्टर्स की कोरोना संक्रमण से मौत हुई। इसके अलावा बिहार में 96, यूपी में 41, आंध्र प्रदेश में 26, असम में 3, गुजरात में 31, गोवा में 2, हरियाणा में 2, महाराष्ट्र में 15, मध्य प्रदेश में 13 डॉक्टरों की जान गई है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में कोरोना के 2,57,299 नए मामले सामने आए हैं। इसके अलावा बीते 24 घंटे में 4194 मरीजों की मौत हुई है। देश में कोरोना के चलते अबतक 2,95,525 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में फिलहाल कोरोना के 29,23,400 सक्रिय मामले हैं।
पुणे की वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुरेश जाधव ने देश के कई राज्यों में वैक्सीन की किल्लत की समस्या समाने आने के बाद एक ब्यान जारी किया है। उनका कहना है कि सरकार ने वैक्सीनेशन के विस्तार के दौरान वैक्सीन के उपलब्ध स्टॉक और विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस को ध्यान में नहीं रखा। जाधव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत सरकार को WHO की गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर उसके अनुसार ही वैक्सीनेशन में लोगों को प्राथमकिता देनी चाहिए थी। शुरुआत में 300 मिलियन लोगों को वैक्सीन दी जानी थी, जिसके लिए 600 मिलियन डोज की जरूरत थी। उन्होंने आगे कहा कि हम टारगेट तक पहुंचते इससे पहले ही सरकार ने 45 साल के ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन के साथ- साथ 18 साल से ऊपर की उम्र वालों को वैक्सीन की डोज़ देने की घोषणा कर दी। जबकि सरकार इस बात से परिचित थी कि हमारे पास वैक्सीन का स्टॉक नहीं है। जाधव ने कहा कि वैक्सीनेशन जरूरी है लेकिन वैक्सीन की डोज मिलने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। वैक्सीनेशन के बाद कोरोना गाइडलाइंस के पालन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वैरिएंट के डबल म्यूटेंट को न्यूट्रलाइज कर दिया गया है। फिर भी वैरिएंट वैक्सीनेशन में मुश्किल खड़ी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कौन सी वैक्सीन प्रभावी है और कौन सी नहीं ये कहना फिलहाल जल्दबाजी होगी। सीडीसी और एनआईएच डेटा के मुताबिक जो भी वैक्सीन उपलब्ध है उसकी डोज ली जानी चाहिए।
कोरोना काल में एमबीबीएस की कक्षाएं शुरू करने के बाद अब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) कोठीपुरा प्रदेश के लोगों के लिए टेलीमेडिसिन सेवाएं शुरू करने जा रहा है। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शनिवार को शिमला से ऑनलाइन करेंगे। सेवा शुरू होने के बाद संस्थान के 50 सुपर स्पेशलिस्ट चिकित्सक प्रदेश के लोगों का टेलीमेडिसिन यानी दूर चिकित्सा सेवा के माध्यम से उपचार करेंगे। एम्स के उप निदेशक डॉ. सुखदेव नाग्याल ने बताया कि शुक्रवार को एम्स के करीब 50 चिकित्सकों को ई-संजीवनी पर प्रशिक्षण दिया गया। यह भारत सरकार का प्रमुख टेलीमेडिसिन प्लेटफार्म है। चिकित्सकों को सिखाया गया कि कैसे इसे ऑपरेट करना है। किस तरह मरीजों को सेवाएं देनी हैं। इस प्लेटफार्म पर सेवाएं देने वाले सभी चिकित्सक सुपर स्पेशलिस्ट हैं। कोविड काल में पैरा मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी न होने से बिलासपुर के कोठीपुरा में निर्माणाधीन एम्स में ऑफलाइन ओपीडी भले ही शुरू न हो पाई हो, लेकिन लोगों को आसानी से उपचार उपलब्ध करवाने के लिए टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की जा रही है। लोगों को अब स्वास्थ्य संबंधित परेशानी आने पर ऑनलाइन अनुभवी और विशेषज्ञ चिकित्सक उपचार देंगे। मरीज को ई-संजीवनी पर पंजीकरण करवाना होगा। उसके बात अपने आप आगे की प्रक्रिया पूरी होगी और बीमारी से संबंधित डॉक्टर की ओपीडी में केस दिया जाएगा। कोरोना कर्फ्यू में अब इस सेवा के जरिये मरीज घर बैठे ही सामान्य बीमारियों के संबंध में डॉक्टरों से सलाह ले सकते हैं। जनरल मेडिसन, गायनी, ईएनटी, दंत रोग, शिशु विशेषज्ञ, नेत्र, हड्डी और त्वचा सहित अन्य विशेषज्ञ टेलीमेडिसिन के जरिये लोगों का इलाज करेंगे।
कोविड के प्रसार को रोकने के लिए कनाडा ने भारत से आने वाली सभी पैसेंजर फ्लाइट्स पर प्रतिबंध 30 दिन और बढ़ा दिया है। अब ये प्रतिबंध 21 जून तक लागू रहेगा। इससे पहले ये प्रतिबंध 21 मई तक के लिए लगाया गया था। हालांकि यह बैन कार्गो फ्लाइट्स पर लागू नहीं होगा ताकि वैक्सीन, पीपीई किट और अन्य आवश्यक सामानों की निरंतर शिपमेंट सुनिश्चित की जा सके। कनाडा के परिवहन मंत्री उमर अल्गबरा ने इसकी घोषणा की है। परिवहन मंत्री उमर अल्गबरा ने कहा कि कनाडा ने भारत और पाकिस्तान से यात्री उड़ानों पर अपने प्रतिबंध को 30 दिनों के लिए बढ़ाकर 21 जून तक कर दिया है। इस साल 22 अप्रैल को पहली बार प्रतिबंध की घोषणा के बाद से आने वाले एयरलाइन यात्रियों के बीच कोविड संक्रमण में कमी देखी गई है। कई दूसरे देश ने भी लगा चुके प्रतिबंध कनाडा की तरह कई दूसरे देश भी ऐसी घोषणा कर चुके हैं। संयुक्त अरब अमीरात ने भारत से सभी फ्लाइट्स को सस्पेंड कर रखा है। ब्रिटेन में भी भारत से यात्रियों की एंट्री बंद है। बता दें कि कनाडा संक्रमण की तीसरी लहर का सामना कर रहा है। कनाडा में अब तक 13 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।जिसमें 25,111 लोगों की मौत हुई हैं।
भारत में कोरोना वायरस बेकाबू है। हर दिन कोरोना संक्रमण के ढाई लाख से ज़्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और रोजाना मौत का आंकड़ा भी चार हजार के पार बना हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 2,57,299 नए मामलें सामने आए है और 4194 संक्रमित कोरोना वायरस से जंग हार गए। बरहाल राहत की बात है ये है कि 3,57,630 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं। यानी कि 1 लाख से ज़्यादा एक्टिव केस कम हुए हैं। इससे पहले गुरुवार को 2.59 लाख नए केस दर्ज किए गए थे और 4209 संक्रमितों की जान गई थी। अगर बात करें वैक्सीनेशन कि तो 21 मई तक देशभर में 19 करोड़ 33 लाख 72 हजार 819 कोरोना वैक्सीन के डोज दी जा चुकी है। बीते दिन 14 लाख 58 हजार 895 लोगों को टीके लगाए गए। वहीं, अबतक 32 करोड़ 64 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। बीते दिन करीब 20.66 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 12 फीसदी से ज्यादा है। गौरतलब है कि कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का दूसरा स्थान है। कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है। विश्व में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है।
कोरोना वायरस अब हवा से भी फैल सकता है। अब सरकार ने भी पूरी तरह से इस बात को मान लिया है। सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के मुताबिक, एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स कोरोना वायरस के फैलने के प्रमुख कारण हैं। कोरोना से संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं, जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर तक आगे बढ़ा सकता है और संक्रमण का खतरा पैदा कर सकता है। यहां तक कि एक संक्रमित व्यक्ति जिसमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, वह 'वायरल लोड' बनाने लायक पर्याप्त ड्रॉपलेट्स छोड़ सकता है जो कई अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। इसका मतलब साफ है कि अब कोरोना से बचने के लिए 10 मीटर की दूरी भी काफी नहीं है। वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति के सांस छोड़ने, बोलने, गाने, हंसने, खांसने और छींकने से लार और नाक से निकलने वाले स्राव में वायरस निकलता है, जो दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए संक्रमण के इस चेन को तोड़ने के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर का पालन करना बहुत ही जरूरी है। मास्क पहनें, सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाएं और हाथ धोते रहें। विशेषज्ञों के मुताबिक, एक संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने में दो सप्ताह तक का समय लग सकता है, इस दौरान वे दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में लक्षण नहीं भी दिखते हैं, फिर भी वे वायरस फैला सकते हैं। सरकारी की नई गाइडलाइन के मुताबिक, बंद और गैर-हवादार इनडोर जगहों में ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल कोरोना वायरस के फैलाव के जोखिम को बहुत बढ़ा देते हैं। हालांकि विशेषज्ञ हमेशा से ये कहते आए हैं कि वेंटिलेशन वाले जगहों पर और आउटडोर जगहों पर संक्रमण के फैलने का खतरा कम रहता है। गाइडलाइन में उन सतहों की लगातार और नियमित रूप से सफाई करने को कहा गया है, जिनके संपर्क में लोग ज्यादा रहते हैं। इसमें दरवाजे का हैंडल, लाइट स्विच, टेबल, कुर्सी आदि शामिल हैं। इन्हें ब्लीच और फिनाइल आदि से साफ करने की सलाह दी गई है। गाइडलाइन के मुताबिक, ग्लास, प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर वायरस लंबे समय तक जिंदा रहता है। इसलिए इन चीजों की नियमित रूप से सफाई जरूरी है।
देश में कोरोना की स्थिति अभी भी भयावह बनी हुई है। वंही, अब कोरोना की चुनौती के बीच ब्लैक फंगस बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है। देश के कई राज्यों में इस बीमारी के मरीज़ों की संख्या बढ़ने लगी है। केवल राजस्थान में ही ब्लैक फंगस के 700 से अधिक केस सामने ऐसे हैं, ऐसे में राज्य सरकार सचेत हो गई है। राजस्थान में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को जरूरी एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। पूरे प्रदेश में कुल 700 केस हैं,जबकि सिर्फ एक ही अस्पताल में ब्लैक फंगस के 100 से अधिक मरीज़ भर्ती हैं। वंही अगर महाराष्ट्र की बात करें तो वंहा ब्लैक फंगस के करीब दो हज़ार से अधिक केस दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र ने केंद्र से अपील की है कि तुरंत उन्हें दवाइयां मुहैया कराई जाए। महाराष्ट्र के हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बारामती में म्युकरमाइकोसिस जांच कैंप लगाए गए हैं, जहां 400 लोगों की जांच हुई जिनमें 16 लोग संक्रमित निकले। अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो तो सर गंगाराम अस्पताल में ब्लैक फंगस से सबसे ज्यादा 40 केस सामने आए हैं, मैक्स अस्पताल में 25 केस सामने आए हैं। जबकि एम्स में करीब 20 और मूलचंद अस्पताल में ब्लैक फंगस का एक केस आया है।
रानीताल मामले के मध्यनज़र हिमाचल प्रदेश सरकार ने अब प्रदेश आपदा प्रबंधन फंड से पांच नगर निगमों और 12 जिलों के लिए एक-एक शव वाहन खरीदने का निर्णय लिया है। सभी उपायुक्तों और नगर निगम के आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस बारे में डिमांड भेजें। इन वाहनों को शव वाहनों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। सभी डीसी और निगम आयुक्तों से कहा गया है कि अगर एक-एक अतिरिक्त शव वाहन की जरूरत हो तो वे इसे एसडीआरएफ से खरीद सकेंगे। इसके लिए सरकार को इसकी मांग भेजी जाए। मुख्य सचिव अनिल खाची ने इस तरह की व्यवस्था करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस संबंध पहले से प्रशासन को कहा गया है कि जहां भी शव वाहनों की जरूरत हो, वहां वाहन को हायर करके इसका खर्चा सरकार उठाएगी। अगर डीसी और निगम को एक-एक अतिरिक्त वाहन की जरूरत है तो वे डिमांड भेजें। एसडीआरएफ से इन वाहनों की खरीद होगी।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर युवाओं को गिरफ्त में ले रही है। प्रदेश में 20 फीसदी ऐसे लोगों की मौत हुई है, जिनकी उम्र 45 साल से कम है। इनका आंकड़ा दो सौ के आसपास है। इसी के चलते अब हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के पास पड़े 250 वेंटिलेटर मेडिकल कॉलेजों और मेक शिफ्ट अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। इन्हें स्थापित करने से पहले स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाएगा। स्टाफ को प्रशिक्षण मेडिकल कॉलेजों में दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने हिमाचल को 700 वेंटिलेटर दिए हैं। इनमें करीब साढ़े 400 वेंटिलेटर स्थापित कर दिए गए हैं। शेष को मेडिकल कॉलेजों में स्थापित करने के आदेश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार और वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से मामला उठाने जा रहा है।कोरोना के चलते गंभीर मरीजों को आईसीयू की जरूरत रहती है। इनमें वेंटिलेटर की आवश्यकता रहती है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि होम आइसोलेट या अस्पतालों में भर्ती मरीजों, जिनका ऑक्सीजन स्तर 85-87 फीसदी से कम हो रहा हो, उन्हें तुरंत मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट किया जाए। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर लोगों की ऑक्सीजन स्तर कम होने से मौत हो रही है।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार थोड़ी कम हुई है और मौत के आंकड़ों में बड़ी कमी आई है, लेकिन नए मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोविड-19 के 2.76 लाख नए मामले सामने आए हैं, जबकि मौतों की संख्या 4 हजार से कम हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 3874 मरीजों की मौत हुई है। इससे पहले बुधवार 19 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 4529 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जो महामारी की शुरुआत से सबसे ज्यादा संख्या है। इससे पहले 18 मई को 4329, 17 मई को 4106 और 16 मई को 4077 लोगों की मौत हुई थी। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना संक्रमण के 2 लाख 76 हजार 70 नए मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि इससे पहले बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 24 घंटे में कोविड-19 के 2 लाख 67 हजार 334 नए मामले दर्ज किए गए थे। इससे पहले 18 मई को देशभर में 2 लाख 63 हजार 533 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। वंही स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटे में 3.69 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 23 लाख 55 हजार 440 हो गई है। देशभर में 31 लाख 29 हजार 878 लोगों का इलाज चल रहा है।
कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार में इन दिनों ब्लैक फंगस के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इस बीच अब व्हाइट फंगस के मामले मिलने से भी हड़कंप मचा गया है। बिहार की राजधानी पटना में व्हाइट फंगस के चार मरीज सामने आए हैं। संक्रमित मरीजों में पटना के एक फेमस स्पेशलिस्ट भी शामिल हैं। यह बीमारी ब्लैक फंगस से भी ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि व्हाइट फंगस से भी कोरोना की तरह फेफड़े संक्रमित होते हैं। वहीं शरीर के दूसरे अंग जैसे नाखून, स्किन, पेट, किडनी, ब्रेन, प्राइवेट पार्ट्स और मुंह के अंदर भी संक्रमण फैल सकता है। पटना में अब तक व्हाइट फंगस के चार मरीज सामने आ चुके हैं। PMCH के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर एसएन सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि चार मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण दिख रहे थे लेकिन उनको कोरोना था ही नहीं। उनके सभी टेस्ट नेगेटिव थे। टेस्ट करवाने पर इस बात का खुलासा हुआ कि वे व्हाइट फंगस से संक्रमित हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि एंटी फंगल दवा देने से ही चारों मरीज ठीक हो गए। डॉक्टर्स के मुताबिक, व्हाइट फंगस से भी फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं। HRCT करवाने पर कोरोना जैसा ही संक्रमण दिखाई देता है। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर एचआरसीटी में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो व्हाइट फंगस का पता लगाने के लिए बलगम कल्चर की जांच जरूरी है। उन्होंने बताया कि व्हाइट फंगस का कारण भी ब्लैक फंगस की तरह की इम्युनिटी कम होना ही है। उन लोगों में इसका खतरा ज्यादा रहता है जो डायबिटीज के मरीज हैं, या फिर लंबे समय तक स्टेरॉयड दवाएं ले रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। प्रदेश में मृत्युदर बढ़ रही है। इसी बाबत हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कोरोना संक्रमण के चलते अपनी चिंता व्यक्त की है उन्होने कहा हिमाचल कोरोना संक्रमण जैसे भयवाह बीमारी है झुह रहा है और प्रदेश में कांगड़ा जिला कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक पीड़ित है। उन्होंने कहा की इसका सबसे बड़ा कारण पिछले महीने तीन हजार से अधिक हुई शादियां है। उससे पहले लोगों बहुत खबरदार किया था परन्तु सब नहीं संभले, नियमों का उलंघन किया गया। कई जगह धामें की गई जिसके परिणाम सामने है। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर ही इतना पीड़ित कर रही है। अब तीसरी भी आने वाली है। सरकार और जनता को बहुत अधिक सावधान होने की आवष्यकता है। शान्ता कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को जगत प्रकाश नडडा, अनुराग ठाकुर तथा कुछ और दानी बहुत मदद कर रहे है। बहुत से समाजसेवी विभिन्न स्थानों पर कई प्रकार से सेवा में लगे हुए है। उन सबका हम बहुत बहुत धन्यवाद करते है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुरसे आग्रह किया है कि लाॅकडाउन की सख्ती तब तक और अधिक बढ़ाई जाए जब तक बिमारी पूरी तरह से नियन्त्रण में नही आती।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति में इंटरनेट की सुविधा सुचारु न होने पर राज्य सरकार ने 18 से 44 आयु वर्ग वालों को टीकाकरण में बड़ी राहत दी है। अब टीकाकरण के लिए 80 फीसदी पंजीकरण ऑफलाइन माध्यम से होगा। इसके लिए फोन करके बुकिंग करनी होगी, उनमें लॉटरी के आधार पर नंबर आएगा। इसके अलावा 20 फीसदी लोगों का पंजीकरण ऑनलाइन ही होगा। टीकाकरण के लिए पहले लोगों को पंजीकरण करना होगा। इसके लिए प्रशासन ने लोगों को तीन विकल्प दिए हैं। लोग बुधवार सुबह 10 से दोपहर 3 बजे के बीच केलांग में आधार, पैन, पेंशन, वोटर, ड्राइविंग लाइसेंस लेकर पुलिस ग्राउंड पहुंचकर पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा फोन और एक विशेष लिंक से भी पंजीकरण हो सकता है। इस प्रक्रिया में 18 से 44 साल के अलावा 45 से अधिक आयु वाले भी पंजीकरण कर सकते हैं। हालांकि 45 साल से ऊपर वालों का अलग कोटे से टीकाकरण होगा।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू की सख्त बंदिशों का असर दिखने लगा है। सूबे में कोरोना के रिकवरी रेट में सुधार दर्ज किया गया है। बीते सप्ताह जहां रिकवरी रेट 73 फीसदी था, वहीं अब 77 फीसदी हो गया है। हालांकि, डेथ रेट 0.1 की बढ़ोतरी के साथ 1.47 हो गया है। हिमाचल में अब तक 1,64,355 लोग पॉजिटिव आ चुके हैं। इनमें 32913 सक्रिय मरीज हैं, जबकि अब तक प्रदेश में करीब 2447 मौतें हो चुकी हैं। विभाग का मानना है कि प्रतिदिन 4 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो रहे हैं। कोरोना के गढ़ बन चुके जिला कांगड़ा में भी एक्टिव मामले घटने लगे हैं। यहां एक्टिव मामलों का आंकड़ा साढ़े 12 हजार से घटकर 11 हजार के आसपास पहुंच गया है। सोलन, शिमला, मंडी में भी अब स्थिति सामान्य होने लगी है। हालांकि अभी प्रदेश में कोरोना से मौतों पर अंकुश नहीं लग रहा है। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि इस महीने के अंत तक सुधार की संभावना है। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से बढ़ती मौतें चिंता की बात है। उन्होंने कहा है कि लोग सेल्फ मेडिकेशन छोड़ें। थोड़े भी लक्षण हों तो तत्काल टेस्ट करवाकर उपचार शुरू करें। देरी से अस्पताल पहुंचना या इलाज में देरी होने से मौतें बढ़ रही हैं।
भारत में कोरोना वायरस से होने वाली मौत का तांडव जारी है और महामारी की वजह से हर दिन चार हजार से ज्यादा लोगों की जान जा रही है। इसके साथ ही नए मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है और पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 2.67 लाख नए मामले दर्ज किए गए हैं। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 24 घंटे में 2.63 लाख नए मामले सामने आए थे। पिछले 24 घंटे में 4529 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जो महामारी की शुरुआत से लेकर सर्वाधिक संख्या है। इससे पहले 18 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 24 घंटे में 4329 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 12 मई को 4205 मरीजों ने अपनी जान गंवाई थी। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 54 लाख 96 हजार 330 हो गई है, जबकि 2 लाख 83 हजार 248 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटे में 3.89 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 19 लाख 86 हजार 363 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में भी गिरावट आई है और देशभर में 32 लाख 26 हजार 719 लोगों का इलाज चल रहा है।
देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का कहर अभी थमा नहीं है। कुछ दिनों से कोरोना के नए केस लगातार कम हो रहे हैं। इसके बावजूद बीमारी से मरने वालों का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कोविड-19 संक्रमण के इलाज में अभी तक रेमडेसिविर इंजेक्शन का काफी प्रयोग किया गया। लेकिन इसको लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसे जल्द ही कोरोना इलाज के प्रोटोकॉल की लिस्ट से बाहर किया जा सकता है। दिल्ली के गंगा राम अस्पताल के अध्यक्ष डॉ डीएस राणा ने कहा है कि रेमडेसिविर को भी कोविड-19 के इलाज से हटाने पर विचार हो रहा है। जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है। दरअसल,कोरोना मरीजों के इलाज में इसकी प्रभावशीलता यानी इसके असरदार साबित होने के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए अब इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। गौरतलब है कि ये वही रेमडेसिविर इंजेक्शन है जिसकी कुछ दिनों पहले तक बड़े पैमाने पर किल्लत और कालाबाजारी की खबरें रोज सामने आ रही थीं। चोरी छिपे और अवैध तरीके से इसका एक-एक इंजेक्शन 50-50 हजार रुपये में बिका था।
सरकार ने कोविड-19 उपचार के लिए गाइडलाइन में बदलाव किया और मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को कोरोना के इलाज की गाइडलाइन्स से हटा दिया। सरकार ने पाया कि कोविड-19 मरीजों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी गंभीर बीमारी को दूर करने और मौत के मामलों को कम करने में फायदेमंद साबित नहीं हुई। कोविड-19 के लिए गठित राष्ट्रीय कार्य बल-आईसीएमआर की पिछली सप्ताह हुई बैठक के दौरान सभी सदस्य प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना के इलाज की गाइडलाइन्स से हटाने पर सहमत हुए थे, जिसके बाद सरकार का यह निर्णय सामने आया है। बता दें कि कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी के बाद भी बचाया नहीं जा सका।
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच महामारी से लड़ाई के लिए अब एक और वैक्सीन आ गई है। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी अब बुकिंग के लिए कोविन ऐप पर उपलब्ध हो गई है। बता दें कि इससे पहले 18 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगाई जा रही थी। बता दें की रूस में बनी स्पूतनिक-वी की पहली खेप 1 मई को भारत पहुंच चुकी थी। डेढ़ लाख करीब वैक्सीन की खेप भारत पहुंची थी। पिछले हफ्ते वैक्सीन की कीमतों का खुलासा करते हुए डॉ. रेड्डीज लैब ने बताया था कि टीके को 13 मई को सेंट्रल ड्रग्स रेगुलेटरी, कसौली से मंजूरी मिल गई है। फ़िलहाल स्पूतनिक वी का टीका हैदराबाद के जुबली हिल्स के अपोलो अस्पताल में 45 साल से ज्यादा लोगों को लगाया जा रहा है। इसके बाद विशाखापत्तनम, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता और पुणे रूसी वैक्सीन लगने की शुरुआत होगी।
कोरोना महामारी के बीच मरीजों के लिए मंदिर न्यास चिंतपूर्णी ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं। मंदिर न्यास मरीजों के लिए मेडिकल उपकरण उपलब्ध कराएगा। श्रद्धालुओं के लिए भी मंदिर न्यास चिंतपूर्णी की वेबसाइट पर लिंक बनाया गया है। श्रद्धालु मास्क, ऑक्सीमीटर समेत 13 तरह के मेडिकल उपकरण दान कर सकते हैं। माता श्री चिंतपूर्णी की ऑफिशियल वेबसाइट खोलते ही मेडिकल सामग्री दान देने के लिए लिंक दिखेगा। श्रद्धालु अपनी श्रद्धा के अनुसार मेडिकल उपकरण दान कर सकते हैं। ऐसे करें सामग्री दान इनमें पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीपीई किट, मास्क, ऑक्सीजन सिलिंडर और दवाइयां आदि शामिल हैं। सारा सामान मंदिर अधिकारी श्री माता चिंतपूर्णी तहसील जिला ऊना हिमाचल प्रदेश को कुरियर के माध्यम से भेजा जा सकता है। इसके अलावा श्रद्धालु खुद चिंतपूर्णी सदन में आकर भी मेडिकल सामग्री दान कर सकते हैं। वेबसाइट के लिंक पर रजिस्टर किए गए श्रद्धालुओं से मंदिर कर्मचारी खुद संपर्क करेंगे। मंदिर न्यास को मेडिकल सामग्री दान करने के मामले की पुष्टि मंदिर अधिकारी अभिषेक भास्कर ने की है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु धन के बजाय मेडिकल सामग्री दान करें। एसडीएम अंब मनेश यादव का कहना है कि कोरोना से जंग लड़ने के लिए सभी लोगों को मदद के लिए आगे आना चाहिए। इस आपदा के समय मेडिकल उपकरणों की बहुत ज्यादा जरूरत है, इसलिए मंदिर न्यास को अगर कोई मेडिकल उपकरण दान करना चाहता है तो वे मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट पर जाकर सामान कुरियर से भेज सकते हैं।
देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। देश में जहां एक ओर नए मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं दूसरी ओर कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े ने दहशत पैदा कर दी है। देश में कोरोना महामारी के दस्तक देने के बाद से आज यानी मंगलवार को पहली बार 4,329 मरीजों की मौत हुई है। वहीं बीते 24 घंटे 2,63,533 नए कोरोना मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में लगातार दूसरे दिन तीन लाख से कम कोरोना मरीज मिले हैं। बीते 24 घंटों में 2,63,533 नए कोरोना मरीज मिले हैं। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2,52,28,996 पहुंच गई है।पिछले 28 दिन में सामने आए यह सबसे कम मामले हैं। इससे पहले 20 अप्रैल को 24 घंटे में 2,59,170 मामले सामने आए थे।
जिला दण्डाधिकारी सोलन के.सी. चमन ने सोलन जिला में कोरोना कर्फ्यू की अवधि को 17 मई, 2021 की प्रातः 06.00 बजे से 26 मई, 2021 की प्रातः 06.00 बजे तक बढ़ाने के सम्बन्ध में आदेश जारी किए हैं। यह आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव एवं राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष द्वारा जारी आदेशों की अनुपालना में जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार विवाह समारोह में केवल घर में अधिकतम 20 व्यक्तियों के सम्मिलित होने के आदेश की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित बनानी होगी। विवाह समारोह के लिए विवाह पैलेस, सामुदायिक हाॅल अथवा अन्य बाहरी स्थल का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। विवाह समारोह में बाहर भोजन परोसने, डीजे अथवा बैंड का प्रयोग करने एवं बारात पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा। विवाह समारोह घर के भीतर ही आयोजित किए जा सकेंगे। आयोजक यह सुनिश्चित बनाएंगे कि समारोह में सोशल डिस्टेन्सिग नियम का पूर्ण पालन हो। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। इन आदेशों के अनुसार हार्डवेयर की दुकानें मंगलवार तथा शुक्रवार को प्रातः 08.00 बजे से प्रातः 11.00 बजे तक खुली रहेंगी। आबकारी एवं कराधान विभाग को न्यूनतम कर्मियों के साथ कोविड-19 से सम्बन्धित सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए कार्य करने की अनुमति होगी। अन्य सभी प्रतिबन्ध एवं छूट 06 मई तथा 09 मई, 2021 को जारी आदेशों के अनुरूप यथावत रहेंगी। आदेशों की अवहेलना पर विधि सम्मत कार्रवाही अमल में लाई जाएगी।
भारत में पहली बार रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी का टीका लगाया गया। रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी का यह टीका डॉ.रेड्डीज लेबोरेटरीज के दीपक सप्रा को दिया गया है। उन्होंने यह टीका हैदराबाद में लिया है। दीपक सप्रा डॉ. रेड्डी लोबोरेटरीज के कस्टम फार्मा सर्विस के ग्लोबल हेड हैं। कोरोन के खिलाफ लड़ाई में दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन पहले से लोगों को लगाई जा रही है। ऐसे में यह तीसरी वैक्सीन आने से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को और ज़्यादा बल मिलेगा। स्पुतनिक वैक्सीन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि कोरोना महामारी के खिलाफ यह वैक्सीन अगले सप्ताह की शुरूआत में देशभर के बाजारों में मिलने लगेगा। बता दें कि विदेश से स्पुतनिक-वी वैक्सीन की 150,000 डोज की पहली खेप 12 दिन पहले भारत पहुंची थी।
बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के पर्यटक और मजदूर लेह नहीं जा सकेंगे। लेह-लद्दाख की ओर जाने वाले पर्यटक और मजदूरों को 96 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर रिपोर्ट साथ लेकर जाना अनिवार्य होगा। अन्यथा उन्हें हिमाचल सीमा सरचू से आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। लेह प्रशासन ने इस बारे में आदेश जारी किए हैं। ट्रक चालकों का उपशी में रेपिड टेस्ट के बाद आगे जाने की अनुमति दी जा रही है। पर्यटक, मजदूर और कारोबारी को बिना आरटीपीसीआर के सरचू से आगे जाने की अनुमित नहीं होगी। कोविड महामारी के चलते और इससे निपटने के लिए प्रदेश के हर जिले में व्यापक स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। हालांकि मनाली छोर से लाहौल प्रवेश होते ही सभी लोगों का सिस्सू में रेपिड टेस्ट किया जा रहा है। यहां से आगे लेह और लद्दाख प्रवेश के लिए लेह प्रशासन ने पर्यटकों और मजदूरों का आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य किया है।
देश में कोरोना से हो रही मौतों की संख्या घट नहीं रही है। भले ही रोजाना संक्रमण के मामलों में कमी आ रही हो, लेकिन उच्च मृत्यु दर बनी हुई है। गुरुवार को देश में कुल 3,43,122 मामले सामने आए जबकि 3994 मरीजों की मौत हो गई। एक दिन पहले बुधवार को 3,62,720 मरीज संक्रमित पाए गए थे और चार हजार से अधिक की मौत हुई थी। हालांकि पिछले सात दिन के आंकड़े बता रहे हैं कि रोजाना के मामलों में कमी आई है। कुछ राज्यों में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। कर्नाटक में गुरुवार को 35,297 मामले सामने आए जबकि 5 मई को ये 50,112 तक पहुंच गए थे। इसी तरह दिल्ली में 10,489, उत्तर प्रदेश में 17,775, छत्तीसगढ़ में 9,121, मध्यप्रदेश में 8,419, बिहार में 7,752 और तेलंगाना में 4,693 मामले दर्ज किए गए।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोवैक्सीन की टीके खत्म होने की वजह से हमें इसके केंद्र बंद करने पड़े। उन्होंने बताया कि करीब 17 स्कूलों में चल रहे 100 से ज्यादा केंद्रों को बंद कर दिया गया है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने भारत बायोटेक से 1.34 करोड़ खुराकें मांगी थी लेकिन कंपनी ने मना कर दिया है। वहीं अब दिल्ली में कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र को इस पर ध्यान देना चाहिए और वैक्सीन के निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए।
देश में कोरोना वायरस का संक्रमण और मौतों का सिलसिला जारी है। 24 घंटों के दौरान कोरोना से होने वाली मौतों और संक्रमण में कुछ कमी आई है। देशभर में कुल 3576 मौतें दर्ज की गई हैं और संक्रमण के 3,11,325 नए मामले सामने आए हैं। रविवार को 3.66 लाख से अधिक नए कोरोना मरीज मिले थे और 3,754 लोगों की जान गई थी। संक्रमण में कमी की वजह कम जांच हो सकती है क्योंकि इस दौरान कुल 14.74 लाख जांच हुई जबकि रोजाना 18-19 लाख जांच हो रही थी। मौतों की संख्या में थोड़ी कमी राहत भरा संकेत माना जा सकता है। देश में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 37,13,243 है।
कोविड-19 संक्रमण तेज़ी से फेल रहा है। हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना के मामलों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। बढ़ते मामलों के चलते जिला कांगड़ा सूबे में कोरोना हॉटस्पॉट बन गया है। रोजाना एक हजार के अधिक मामले सामने आने के बाद जिला काँगड़ा प्रदेश में संक्रमण और मौत के आंकड़ों में सबसे अधिक चल रहा है। पिछले 38 दिनों में जिला कांगड़ा में एक साल के मुकाबले डेढ़ गुना से भी अधिक मामले सामने आए हैं। जिला कांगड़ा में कोरोना संक्रमण के 16035 मामले और 272 मरीजों की मौत दर्ज की गई है। यानी पिछले 38 दिनों में औसतन हर दिन 422 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं और करीब सात संक्रमित मरीजों की मौत दर्ज की गई है। बढ़ते मामलों के साथ जिला कांगड़ा में टेस्टिंग भी बढ़ा दी गई है। अब रोजाना जिला में चार हजार के करीब लोगों की कोरोना जांच की जा रही है, जिसमें से एक हजार से अधिक लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जा रही है। यानी रोजाना टेस्ट करवाने वाले लोगों में करीब 25 फीसदी की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जा रही है।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते देश भर में हाहाकार मचा हुआ है | देश में बीते 24 घंटे में 3.66 लाख से अधिक नए मामले सामने आए और 3,754 लोगों की जान चली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। इससे पहले, पिछले चार दिनों से लगातार हर रोज 4 लाख से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिल रहे थे। लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की वजह से देशभर के अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की भारी किल्लत जारी है। सैकड़ों मरीज बिना इलाज के ही दम तोड़ रहे हैं। श्मशान घाटों पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए कई घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 2,26,62,575 पहुंच गई है। देश में सक्रिय मामले बढ़कर 37,45,237 पहुंच गए हैं। सक्रिय मामलों की संख्या अमेरिका के बाद सबसे अधिक भारत में है।
देश में कोरोना संक्रमण की बेकाबू रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है । देश में लगातार चौथे दिन कोरोना के 4 लाख से अधिक नए केस सामने आए हैं जबकि लगातार दूसरे दिन 4 हज़ार से ज़्यादा कोरोना मरीजों की मौत हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना के 4,03,738 नए केस सामने आए हैं जबकि कोरोना से संक्रमित 4092 कोविड मरीजों की मौत हुई है। देश में कोरोना के करीब 37 लाख एक्टिव केस हैं। लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के बीच मरीजों के रिकवरी रेट में कमी आ रही है। राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में तो गिरावट दर्ज की जा रही है लेकिन मरने वालों की संख्या में कमी नहीं है। लगातार बढ़ते कोविड मरीजों की संख्या के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए कोरोना की राष्ट्रीय नीति में बदलाव किया है। नई नीति के तहत अब कोविड हेल्थ फैसिलिटी में बिना पॉजिटिव रिपोर्ट के भी मरीज को भर्ती किया जा सकेगा। किसी भी मरीज को ऑक्सीजन और दवा देने से मना नहीं किया जाना चाहिए भले ही वो अलग शहर का ही क्यों ना हो। इसके साथ ही भारत में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक टीके की 16.90 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शनिवार को देश के 30 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में 18-44 साल आयु वर्ग के 2,86,800 लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दी गई। अब तक इस आयु वर्ग के 17,76,540 लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है।