देश में कोरोना की स्थिति अभी भी भयावह बनी हुई है। वंही, अब कोरोना की चुनौती के बीच ब्लैक फंगस बीमारी ने चिंता बढ़ा दी है। देश के कई राज्यों में इस बीमारी के मरीज़ों की संख्या बढ़ने लगी है। केवल राजस्थान में ही ब्लैक फंगस के 700 से अधिक केस सामने ऐसे हैं, ऐसे में राज्य सरकार सचेत हो गई है। राजस्थान में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया गया है, जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को जरूरी एक्शन लेने के निर्देश दिए हैं। पूरे प्रदेश में कुल 700 केस हैं,जबकि सिर्फ एक ही अस्पताल में ब्लैक फंगस के 100 से अधिक मरीज़ भर्ती हैं। वंही अगर महाराष्ट्र की बात करें तो वंहा ब्लैक फंगस के करीब दो हज़ार से अधिक केस दर्ज किए गए हैं। महाराष्ट्र ने केंद्र से अपील की है कि तुरंत उन्हें दवाइयां मुहैया कराई जाए। महाराष्ट्र के हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बारामती में म्युकरमाइकोसिस जांच कैंप लगाए गए हैं, जहां 400 लोगों की जांच हुई जिनमें 16 लोग संक्रमित निकले। अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो तो सर गंगाराम अस्पताल में ब्लैक फंगस से सबसे ज्यादा 40 केस सामने आए हैं, मैक्स अस्पताल में 25 केस सामने आए हैं। जबकि एम्स में करीब 20 और मूलचंद अस्पताल में ब्लैक फंगस का एक केस आया है।
रानीताल मामले के मध्यनज़र हिमाचल प्रदेश सरकार ने अब प्रदेश आपदा प्रबंधन फंड से पांच नगर निगमों और 12 जिलों के लिए एक-एक शव वाहन खरीदने का निर्णय लिया है। सभी उपायुक्तों और नगर निगम के आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस बारे में डिमांड भेजें। इन वाहनों को शव वाहनों के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। सभी डीसी और निगम आयुक्तों से कहा गया है कि अगर एक-एक अतिरिक्त शव वाहन की जरूरत हो तो वे इसे एसडीआरएफ से खरीद सकेंगे। इसके लिए सरकार को इसकी मांग भेजी जाए। मुख्य सचिव अनिल खाची ने इस तरह की व्यवस्था करने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस संबंध पहले से प्रशासन को कहा गया है कि जहां भी शव वाहनों की जरूरत हो, वहां वाहन को हायर करके इसका खर्चा सरकार उठाएगी। अगर डीसी और निगम को एक-एक अतिरिक्त वाहन की जरूरत है तो वे डिमांड भेजें। एसडीआरएफ से इन वाहनों की खरीद होगी।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर युवाओं को गिरफ्त में ले रही है। प्रदेश में 20 फीसदी ऐसे लोगों की मौत हुई है, जिनकी उम्र 45 साल से कम है। इनका आंकड़ा दो सौ के आसपास है। इसी के चलते अब हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के पास पड़े 250 वेंटिलेटर मेडिकल कॉलेजों और मेक शिफ्ट अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। इन्हें स्थापित करने से पहले स्टाफ को प्रशिक्षित किया जाएगा। स्टाफ को प्रशिक्षण मेडिकल कॉलेजों में दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने हिमाचल को 700 वेंटिलेटर दिए हैं। इनमें करीब साढ़े 400 वेंटिलेटर स्थापित कर दिए गए हैं। शेष को मेडिकल कॉलेजों में स्थापित करने के आदेश दिए गए हैं। प्रदेश सरकार और वेंटिलेटर उपलब्ध कराने के लिए केंद्र से मामला उठाने जा रहा है।कोरोना के चलते गंभीर मरीजों को आईसीयू की जरूरत रहती है। इनमें वेंटिलेटर की आवश्यकता रहती है। सरकार ने निर्देश दिए हैं कि होम आइसोलेट या अस्पतालों में भर्ती मरीजों, जिनका ऑक्सीजन स्तर 85-87 फीसदी से कम हो रहा हो, उन्हें तुरंत मेडिकल कॉलेजों में शिफ्ट किया जाए। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर लोगों की ऑक्सीजन स्तर कम होने से मौत हो रही है।
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर की रफ्तार थोड़ी कम हुई है और मौत के आंकड़ों में बड़ी कमी आई है, लेकिन नए मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोविड-19 के 2.76 लाख नए मामले सामने आए हैं, जबकि मौतों की संख्या 4 हजार से कम हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 3874 मरीजों की मौत हुई है। इससे पहले बुधवार 19 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 4529 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, जो महामारी की शुरुआत से सबसे ज्यादा संख्या है। इससे पहले 18 मई को 4329, 17 मई को 4106 और 16 मई को 4077 लोगों की मौत हुई थी। पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना संक्रमण के 2 लाख 76 हजार 70 नए मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि इससे पहले बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 24 घंटे में कोविड-19 के 2 लाख 67 हजार 334 नए मामले दर्ज किए गए थे। इससे पहले 18 मई को देशभर में 2 लाख 63 हजार 533 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। वंही स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटे में 3.69 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 23 लाख 55 हजार 440 हो गई है। देशभर में 31 लाख 29 हजार 878 लोगों का इलाज चल रहा है।
कोरोना वायरस महामारी के बीच बिहार में इन दिनों ब्लैक फंगस के मामलों में तेजी देखी जा रही है। इस बीच अब व्हाइट फंगस के मामले मिलने से भी हड़कंप मचा गया है। बिहार की राजधानी पटना में व्हाइट फंगस के चार मरीज सामने आए हैं। संक्रमित मरीजों में पटना के एक फेमस स्पेशलिस्ट भी शामिल हैं। यह बीमारी ब्लैक फंगस से भी ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि व्हाइट फंगस से भी कोरोना की तरह फेफड़े संक्रमित होते हैं। वहीं शरीर के दूसरे अंग जैसे नाखून, स्किन, पेट, किडनी, ब्रेन, प्राइवेट पार्ट्स और मुंह के अंदर भी संक्रमण फैल सकता है। पटना में अब तक व्हाइट फंगस के चार मरीज सामने आ चुके हैं। PMCH के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर एसएन सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि चार मरीजों में कोरोना जैसे लक्षण दिख रहे थे लेकिन उनको कोरोना था ही नहीं। उनके सभी टेस्ट नेगेटिव थे। टेस्ट करवाने पर इस बात का खुलासा हुआ कि वे व्हाइट फंगस से संक्रमित हैं। हालांकि राहत की बात ये है कि एंटी फंगल दवा देने से ही चारों मरीज ठीक हो गए। डॉक्टर्स के मुताबिक, व्हाइट फंगस से भी फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं। HRCT करवाने पर कोरोना जैसा ही संक्रमण दिखाई देता है। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर एचआरसीटी में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो व्हाइट फंगस का पता लगाने के लिए बलगम कल्चर की जांच जरूरी है। उन्होंने बताया कि व्हाइट फंगस का कारण भी ब्लैक फंगस की तरह की इम्युनिटी कम होना ही है। उन लोगों में इसका खतरा ज्यादा रहता है जो डायबिटीज के मरीज हैं, या फिर लंबे समय तक स्टेरॉयड दवाएं ले रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। प्रदेश में मृत्युदर बढ़ रही है। इसी बाबत हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने कोरोना संक्रमण के चलते अपनी चिंता व्यक्त की है उन्होने कहा हिमाचल कोरोना संक्रमण जैसे भयवाह बीमारी है झुह रहा है और प्रदेश में कांगड़ा जिला कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक पीड़ित है। उन्होंने कहा की इसका सबसे बड़ा कारण पिछले महीने तीन हजार से अधिक हुई शादियां है। उससे पहले लोगों बहुत खबरदार किया था परन्तु सब नहीं संभले, नियमों का उलंघन किया गया। कई जगह धामें की गई जिसके परिणाम सामने है। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर ही इतना पीड़ित कर रही है। अब तीसरी भी आने वाली है। सरकार और जनता को बहुत अधिक सावधान होने की आवष्यकता है। शान्ता कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को जगत प्रकाश नडडा, अनुराग ठाकुर तथा कुछ और दानी बहुत मदद कर रहे है। बहुत से समाजसेवी विभिन्न स्थानों पर कई प्रकार से सेवा में लगे हुए है। उन सबका हम बहुत बहुत धन्यवाद करते है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुरसे आग्रह किया है कि लाॅकडाउन की सख्ती तब तक और अधिक बढ़ाई जाए जब तक बिमारी पूरी तरह से नियन्त्रण में नही आती।
हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिले लाहौल-स्पीति में इंटरनेट की सुविधा सुचारु न होने पर राज्य सरकार ने 18 से 44 आयु वर्ग वालों को टीकाकरण में बड़ी राहत दी है। अब टीकाकरण के लिए 80 फीसदी पंजीकरण ऑफलाइन माध्यम से होगा। इसके लिए फोन करके बुकिंग करनी होगी, उनमें लॉटरी के आधार पर नंबर आएगा। इसके अलावा 20 फीसदी लोगों का पंजीकरण ऑनलाइन ही होगा। टीकाकरण के लिए पहले लोगों को पंजीकरण करना होगा। इसके लिए प्रशासन ने लोगों को तीन विकल्प दिए हैं। लोग बुधवार सुबह 10 से दोपहर 3 बजे के बीच केलांग में आधार, पैन, पेंशन, वोटर, ड्राइविंग लाइसेंस लेकर पुलिस ग्राउंड पहुंचकर पंजीकरण कर सकते हैं। इसके अलावा फोन और एक विशेष लिंक से भी पंजीकरण हो सकता है। इस प्रक्रिया में 18 से 44 साल के अलावा 45 से अधिक आयु वाले भी पंजीकरण कर सकते हैं। हालांकि 45 साल से ऊपर वालों का अलग कोटे से टीकाकरण होगा।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू की सख्त बंदिशों का असर दिखने लगा है। सूबे में कोरोना के रिकवरी रेट में सुधार दर्ज किया गया है। बीते सप्ताह जहां रिकवरी रेट 73 फीसदी था, वहीं अब 77 फीसदी हो गया है। हालांकि, डेथ रेट 0.1 की बढ़ोतरी के साथ 1.47 हो गया है। हिमाचल में अब तक 1,64,355 लोग पॉजिटिव आ चुके हैं। इनमें 32913 सक्रिय मरीज हैं, जबकि अब तक प्रदेश में करीब 2447 मौतें हो चुकी हैं। विभाग का मानना है कि प्रतिदिन 4 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो रहे हैं। कोरोना के गढ़ बन चुके जिला कांगड़ा में भी एक्टिव मामले घटने लगे हैं। यहां एक्टिव मामलों का आंकड़ा साढ़े 12 हजार से घटकर 11 हजार के आसपास पहुंच गया है। सोलन, शिमला, मंडी में भी अब स्थिति सामान्य होने लगी है। हालांकि अभी प्रदेश में कोरोना से मौतों पर अंकुश नहीं लग रहा है। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि इस महीने के अंत तक सुधार की संभावना है। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से बढ़ती मौतें चिंता की बात है। उन्होंने कहा है कि लोग सेल्फ मेडिकेशन छोड़ें। थोड़े भी लक्षण हों तो तत्काल टेस्ट करवाकर उपचार शुरू करें। देरी से अस्पताल पहुंचना या इलाज में देरी होने से मौतें बढ़ रही हैं।
भारत में कोरोना वायरस से होने वाली मौत का तांडव जारी है और महामारी की वजह से हर दिन चार हजार से ज्यादा लोगों की जान जा रही है। इसके साथ ही नए मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है और पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 2.67 लाख नए मामले दर्ज किए गए हैं। बता दें कि इससे पहले मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में 24 घंटे में 2.63 लाख नए मामले सामने आए थे। पिछले 24 घंटे में 4529 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जो महामारी की शुरुआत से लेकर सर्वाधिक संख्या है। इससे पहले 18 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार देशभर में 24 घंटे में 4329 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 12 मई को 4205 मरीजों ने अपनी जान गंवाई थी। इसके बाद भारत में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 करोड़ 54 लाख 96 हजार 330 हो गई है, जबकि 2 लाख 83 हजार 248 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इन आंकड़ों के अनुसार, देशभर में पिछले 24 घंटे में 3.89 लाख से ज्यादा लोग ठीक हुए, जिसके बाद कोविड-19 से ठीक होने वाले लोगों की संख्या 2 करोड़ 19 लाख 86 हजार 363 हो गई है। इसके साथ ही देशभर में एक्टिव मामलों में भी गिरावट आई है और देशभर में 32 लाख 26 हजार 719 लोगों का इलाज चल रहा है।
देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का कहर अभी थमा नहीं है। कुछ दिनों से कोरोना के नए केस लगातार कम हो रहे हैं। इसके बावजूद बीमारी से मरने वालों का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। कोविड-19 संक्रमण के इलाज में अभी तक रेमडेसिविर इंजेक्शन का काफी प्रयोग किया गया। लेकिन इसको लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसे जल्द ही कोरोना इलाज के प्रोटोकॉल की लिस्ट से बाहर किया जा सकता है। दिल्ली के गंगा राम अस्पताल के अध्यक्ष डॉ डीएस राणा ने कहा है कि रेमडेसिविर को भी कोविड-19 के इलाज से हटाने पर विचार हो रहा है। जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है। दरअसल,कोरोना मरीजों के इलाज में इसकी प्रभावशीलता यानी इसके असरदार साबित होने के पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। इसलिए अब इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठ रहे हैं। गौरतलब है कि ये वही रेमडेसिविर इंजेक्शन है जिसकी कुछ दिनों पहले तक बड़े पैमाने पर किल्लत और कालाबाजारी की खबरें रोज सामने आ रही थीं। चोरी छिपे और अवैध तरीके से इसका एक-एक इंजेक्शन 50-50 हजार रुपये में बिका था।
सरकार ने कोविड-19 उपचार के लिए गाइडलाइन में बदलाव किया और मरीजों के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी के उपयोग को कोरोना के इलाज की गाइडलाइन्स से हटा दिया। सरकार ने पाया कि कोविड-19 मरीजों के उपचार में प्लाज्मा थेरेपी गंभीर बीमारी को दूर करने और मौत के मामलों को कम करने में फायदेमंद साबित नहीं हुई। कोविड-19 के लिए गठित राष्ट्रीय कार्य बल-आईसीएमआर की पिछली सप्ताह हुई बैठक के दौरान सभी सदस्य प्लाज्मा थेरेपी को कोरोना के इलाज की गाइडलाइन्स से हटाने पर सहमत हुए थे, जिसके बाद सरकार का यह निर्णय सामने आया है। बता दें कि कई ऐसे मामले सामने आए, जिसमें कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी के बाद भी बचाया नहीं जा सका।
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच महामारी से लड़ाई के लिए अब एक और वैक्सीन आ गई है। रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी अब बुकिंग के लिए कोविन ऐप पर उपलब्ध हो गई है। बता दें कि इससे पहले 18 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को कोवैक्सीन और कोविशील्ड लगाई जा रही थी। बता दें की रूस में बनी स्पूतनिक-वी की पहली खेप 1 मई को भारत पहुंच चुकी थी। डेढ़ लाख करीब वैक्सीन की खेप भारत पहुंची थी। पिछले हफ्ते वैक्सीन की कीमतों का खुलासा करते हुए डॉ. रेड्डीज लैब ने बताया था कि टीके को 13 मई को सेंट्रल ड्रग्स रेगुलेटरी, कसौली से मंजूरी मिल गई है। फ़िलहाल स्पूतनिक वी का टीका हैदराबाद के जुबली हिल्स के अपोलो अस्पताल में 45 साल से ज्यादा लोगों को लगाया जा रहा है। इसके बाद विशाखापत्तनम, दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, चेन्नई, कोलकाता और पुणे रूसी वैक्सीन लगने की शुरुआत होगी।
कोरोना महामारी के बीच मरीजों के लिए मंदिर न्यास चिंतपूर्णी ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं। मंदिर न्यास मरीजों के लिए मेडिकल उपकरण उपलब्ध कराएगा। श्रद्धालुओं के लिए भी मंदिर न्यास चिंतपूर्णी की वेबसाइट पर लिंक बनाया गया है। श्रद्धालु मास्क, ऑक्सीमीटर समेत 13 तरह के मेडिकल उपकरण दान कर सकते हैं। माता श्री चिंतपूर्णी की ऑफिशियल वेबसाइट खोलते ही मेडिकल सामग्री दान देने के लिए लिंक दिखेगा। श्रद्धालु अपनी श्रद्धा के अनुसार मेडिकल उपकरण दान कर सकते हैं। ऐसे करें सामग्री दान इनमें पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीपीई किट, मास्क, ऑक्सीजन सिलिंडर और दवाइयां आदि शामिल हैं। सारा सामान मंदिर अधिकारी श्री माता चिंतपूर्णी तहसील जिला ऊना हिमाचल प्रदेश को कुरियर के माध्यम से भेजा जा सकता है। इसके अलावा श्रद्धालु खुद चिंतपूर्णी सदन में आकर भी मेडिकल सामग्री दान कर सकते हैं। वेबसाइट के लिंक पर रजिस्टर किए गए श्रद्धालुओं से मंदिर कर्मचारी खुद संपर्क करेंगे। मंदिर न्यास को मेडिकल सामग्री दान करने के मामले की पुष्टि मंदिर अधिकारी अभिषेक भास्कर ने की है। उन्होंने बताया कि श्रद्धालु धन के बजाय मेडिकल सामग्री दान करें। एसडीएम अंब मनेश यादव का कहना है कि कोरोना से जंग लड़ने के लिए सभी लोगों को मदद के लिए आगे आना चाहिए। इस आपदा के समय मेडिकल उपकरणों की बहुत ज्यादा जरूरत है, इसलिए मंदिर न्यास को अगर कोई मेडिकल उपकरण दान करना चाहता है तो वे मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट पर जाकर सामान कुरियर से भेज सकते हैं।
देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। देश में जहां एक ओर नए मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है। वहीं दूसरी ओर कोरोना से होने वाली मौतों के आंकड़े ने दहशत पैदा कर दी है। देश में कोरोना महामारी के दस्तक देने के बाद से आज यानी मंगलवार को पहली बार 4,329 मरीजों की मौत हुई है। वहीं बीते 24 घंटे 2,63,533 नए कोरोना मरीज मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में लगातार दूसरे दिन तीन लाख से कम कोरोना मरीज मिले हैं। बीते 24 घंटों में 2,63,533 नए कोरोना मरीज मिले हैं। इसके साथ ही देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2,52,28,996 पहुंच गई है।पिछले 28 दिन में सामने आए यह सबसे कम मामले हैं। इससे पहले 20 अप्रैल को 24 घंटे में 2,59,170 मामले सामने आए थे।
जिला दण्डाधिकारी सोलन के.सी. चमन ने सोलन जिला में कोरोना कर्फ्यू की अवधि को 17 मई, 2021 की प्रातः 06.00 बजे से 26 मई, 2021 की प्रातः 06.00 बजे तक बढ़ाने के सम्बन्ध में आदेश जारी किए हैं। यह आदेश प्रदेश के मुख्य सचिव एवं राज्य कार्यकारी समिति के अध्यक्ष द्वारा जारी आदेशों की अनुपालना में जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार विवाह समारोह में केवल घर में अधिकतम 20 व्यक्तियों के सम्मिलित होने के आदेश की पूर्ण अनुपालना सुनिश्चित बनानी होगी। विवाह समारोह के लिए विवाह पैलेस, सामुदायिक हाॅल अथवा अन्य बाहरी स्थल का उपयोग नहीं किया जा सकेगा। विवाह समारोह में बाहर भोजन परोसने, डीजे अथवा बैंड का प्रयोग करने एवं बारात पर पूर्ण प्रतिबन्ध रहेगा। विवाह समारोह घर के भीतर ही आयोजित किए जा सकेंगे। आयोजक यह सुनिश्चित बनाएंगे कि समारोह में सोशल डिस्टेन्सिग नियम का पूर्ण पालन हो। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं। इन आदेशों के अनुसार हार्डवेयर की दुकानें मंगलवार तथा शुक्रवार को प्रातः 08.00 बजे से प्रातः 11.00 बजे तक खुली रहेंगी। आबकारी एवं कराधान विभाग को न्यूनतम कर्मियों के साथ कोविड-19 से सम्बन्धित सभी सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए कार्य करने की अनुमति होगी। अन्य सभी प्रतिबन्ध एवं छूट 06 मई तथा 09 मई, 2021 को जारी आदेशों के अनुरूप यथावत रहेंगी। आदेशों की अवहेलना पर विधि सम्मत कार्रवाही अमल में लाई जाएगी।
भारत में पहली बार रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी का टीका लगाया गया। रूसी वैक्सीन स्पुतनिक-वी का यह टीका डॉ.रेड्डीज लेबोरेटरीज के दीपक सप्रा को दिया गया है। उन्होंने यह टीका हैदराबाद में लिया है। दीपक सप्रा डॉ. रेड्डी लोबोरेटरीज के कस्टम फार्मा सर्विस के ग्लोबल हेड हैं। कोरोन के खिलाफ लड़ाई में दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन पहले से लोगों को लगाई जा रही है। ऐसे में यह तीसरी वैक्सीन आने से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत को और ज़्यादा बल मिलेगा। स्पुतनिक वैक्सीन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि कोरोना महामारी के खिलाफ यह वैक्सीन अगले सप्ताह की शुरूआत में देशभर के बाजारों में मिलने लगेगा। बता दें कि विदेश से स्पुतनिक-वी वैक्सीन की 150,000 डोज की पहली खेप 12 दिन पहले भारत पहुंची थी।
बिना आरटीपीसीआर रिपोर्ट के पर्यटक और मजदूर लेह नहीं जा सकेंगे। लेह-लद्दाख की ओर जाने वाले पर्यटक और मजदूरों को 96 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर रिपोर्ट साथ लेकर जाना अनिवार्य होगा। अन्यथा उन्हें हिमाचल सीमा सरचू से आगे जाने की अनुमति नहीं होगी। लेह प्रशासन ने इस बारे में आदेश जारी किए हैं। ट्रक चालकों का उपशी में रेपिड टेस्ट के बाद आगे जाने की अनुमति दी जा रही है। पर्यटक, मजदूर और कारोबारी को बिना आरटीपीसीआर के सरचू से आगे जाने की अनुमित नहीं होगी। कोविड महामारी के चलते और इससे निपटने के लिए प्रदेश के हर जिले में व्यापक स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। हालांकि मनाली छोर से लाहौल प्रवेश होते ही सभी लोगों का सिस्सू में रेपिड टेस्ट किया जा रहा है। यहां से आगे लेह और लद्दाख प्रवेश के लिए लेह प्रशासन ने पर्यटकों और मजदूरों का आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य किया है।
देश में कोरोना से हो रही मौतों की संख्या घट नहीं रही है। भले ही रोजाना संक्रमण के मामलों में कमी आ रही हो, लेकिन उच्च मृत्यु दर बनी हुई है। गुरुवार को देश में कुल 3,43,122 मामले सामने आए जबकि 3994 मरीजों की मौत हो गई। एक दिन पहले बुधवार को 3,62,720 मरीज संक्रमित पाए गए थे और चार हजार से अधिक की मौत हुई थी। हालांकि पिछले सात दिन के आंकड़े बता रहे हैं कि रोजाना के मामलों में कमी आई है। कुछ राज्यों में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं। कर्नाटक में गुरुवार को 35,297 मामले सामने आए जबकि 5 मई को ये 50,112 तक पहुंच गए थे। इसी तरह दिल्ली में 10,489, उत्तर प्रदेश में 17,775, छत्तीसगढ़ में 9,121, मध्यप्रदेश में 8,419, बिहार में 7,752 और तेलंगाना में 4,693 मामले दर्ज किए गए।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोवैक्सीन की टीके खत्म होने की वजह से हमें इसके केंद्र बंद करने पड़े। उन्होंने बताया कि करीब 17 स्कूलों में चल रहे 100 से ज्यादा केंद्रों को बंद कर दिया गया है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमने भारत बायोटेक से 1.34 करोड़ खुराकें मांगी थी लेकिन कंपनी ने मना कर दिया है। वहीं अब दिल्ली में कोविशील्ड वैक्सीन ही लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्र को इस पर ध्यान देना चाहिए और वैक्सीन के निर्यात पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए।
देश में कोरोना वायरस का संक्रमण और मौतों का सिलसिला जारी है। 24 घंटों के दौरान कोरोना से होने वाली मौतों और संक्रमण में कुछ कमी आई है। देशभर में कुल 3576 मौतें दर्ज की गई हैं और संक्रमण के 3,11,325 नए मामले सामने आए हैं। रविवार को 3.66 लाख से अधिक नए कोरोना मरीज मिले थे और 3,754 लोगों की जान गई थी। संक्रमण में कमी की वजह कम जांच हो सकती है क्योंकि इस दौरान कुल 14.74 लाख जांच हुई जबकि रोजाना 18-19 लाख जांच हो रही थी। मौतों की संख्या में थोड़ी कमी राहत भरा संकेत माना जा सकता है। देश में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 37,13,243 है।
कोविड-19 संक्रमण तेज़ी से फेल रहा है। हिमाचल प्रदेश में भी कोरोना के मामलों में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। बढ़ते मामलों के चलते जिला कांगड़ा सूबे में कोरोना हॉटस्पॉट बन गया है। रोजाना एक हजार के अधिक मामले सामने आने के बाद जिला काँगड़ा प्रदेश में संक्रमण और मौत के आंकड़ों में सबसे अधिक चल रहा है। पिछले 38 दिनों में जिला कांगड़ा में एक साल के मुकाबले डेढ़ गुना से भी अधिक मामले सामने आए हैं। जिला कांगड़ा में कोरोना संक्रमण के 16035 मामले और 272 मरीजों की मौत दर्ज की गई है। यानी पिछले 38 दिनों में औसतन हर दिन 422 लोग संक्रमण की चपेट में आए हैं और करीब सात संक्रमित मरीजों की मौत दर्ज की गई है। बढ़ते मामलों के साथ जिला कांगड़ा में टेस्टिंग भी बढ़ा दी गई है। अब रोजाना जिला में चार हजार के करीब लोगों की कोरोना जांच की जा रही है, जिसमें से एक हजार से अधिक लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जा रही है। यानी रोजाना टेस्ट करवाने वाले लोगों में करीब 25 फीसदी की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई जा रही है।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते देश भर में हाहाकार मचा हुआ है | देश में बीते 24 घंटे में 3.66 लाख से अधिक नए मामले सामने आए और 3,754 लोगों की जान चली गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। इससे पहले, पिछले चार दिनों से लगातार हर रोज 4 लाख से ज्यादा नए कोरोना मरीज मिल रहे थे। लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की वजह से देशभर के अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की भारी किल्लत जारी है। सैकड़ों मरीज बिना इलाज के ही दम तोड़ रहे हैं। श्मशान घाटों पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए कई घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 2,26,62,575 पहुंच गई है। देश में सक्रिय मामले बढ़कर 37,45,237 पहुंच गए हैं। सक्रिय मामलों की संख्या अमेरिका के बाद सबसे अधिक भारत में है।
देश में कोरोना संक्रमण की बेकाबू रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है । देश में लगातार चौथे दिन कोरोना के 4 लाख से अधिक नए केस सामने आए हैं जबकि लगातार दूसरे दिन 4 हज़ार से ज़्यादा कोरोना मरीजों की मौत हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटे में कोरोना के 4,03,738 नए केस सामने आए हैं जबकि कोरोना से संक्रमित 4092 कोविड मरीजों की मौत हुई है। देश में कोरोना के करीब 37 लाख एक्टिव केस हैं। लगातार बढ़ते कोरोना मामलों के बीच मरीजों के रिकवरी रेट में कमी आ रही है। राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में तो गिरावट दर्ज की जा रही है लेकिन मरने वालों की संख्या में कमी नहीं है। लगातार बढ़ते कोविड मरीजों की संख्या के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए कोरोना की राष्ट्रीय नीति में बदलाव किया है। नई नीति के तहत अब कोविड हेल्थ फैसिलिटी में बिना पॉजिटिव रिपोर्ट के भी मरीज को भर्ती किया जा सकेगा। किसी भी मरीज को ऑक्सीजन और दवा देने से मना नहीं किया जाना चाहिए भले ही वो अलग शहर का ही क्यों ना हो। इसके साथ ही भारत में कोविड-19 के खिलाफ टीकाकरण अभियान की शुरुआत से लेकर अब तक टीके की 16.90 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार शनिवार को देश के 30 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों में 18-44 साल आयु वर्ग के 2,86,800 लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक दी गई। अब तक इस आयु वर्ग के 17,76,540 लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है।
कोरोना की दूसरी लहर देश में प्रतिदिन नए रिकॉर्ड बना बना रही है। वहीं, पिछले 24 घंटे में 4,14,433 नए मामले सामने आए हैं और 3,920 मरीजों की मौत हुई है। यह पहली बार है जब एक दिन में कोरोना के नए आंकड़े 4.14 लाख से ज़्यादा हैं और ऐसा तीसरी बार है जब देश में कोरोना के नए आंकड़े 4 लाख पार पहुंचे हों। इससे पहले बुधवार को देश में कोरोना के कोरोना के 412,618 नए मामले सामने आए थे। वहीं, 30 अप्रैल को कोरोना के नए मामलों का आंकड़ा 4,02,351 था। लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों के बीच इस महामारी की संभावित तीसरी लहर को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तैयारियों पर सवाल किया है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि तीसरी लहर में अगर बच्चे कोरोना से संक्रमित होते हैं तो सरकार के पास उनके इलाज के लिए क्या प्लान है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि अगर बच्चे संक्रमित हुए तो क्या माता-पिता अस्पताल में रहेंगे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल भी किया कि क्या हम नए ग्रेजुएट डॉक्टर और नर्स का तीसरी लहर के दौरान इस्तेमाल कर सकते हैं।
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी चिंता का विषय बना हुआ है। ऑक्सीजन की कमी के चलते दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाया गया है और बुधवार को पहली बार 730 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भी दी गई है। इस बात के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकार और कोर्ट का शुक्रिया अदा किया है। साथ ही सीएम अरविन्द केजरीवाल ने इस बात पर भी जोर दिया है कि उन्हें दिल्ली के लिए रोज 700 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन चाहिए। सिर्फ एक दिन इतनी ऑक्सीजन मिलने से इस संकट को दूर नहीं किया जा सकता है। केजरीवाल ने उम्मीद जताई है कि केंद्र की तरफ से दिल्ली को अब लगातार 700 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अब तमाम अस्पतालों को बेड बढ़ाने के निर्देश दे दिए गए हैं। उनके मुताबिक क्योंकि पहले अस्पतालों के पास पर्याप्त ऑक्सजीन नहीं था, ऐसे में बीएड की क्षमता नहीं बढ़ाई जा सकती थी। लेकिन अब जब दिल्ली को मांग के मुताबिक ऑक्सीजन मिला है तो ऐसे में अस्पतालों को भी बेड बढ़ाने के निर्देश दे दिए गए हैं। सीएम ने उम्मीद जताई है कि ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ने से अब दिल्ली में कई लोगों की जान बचाई जा सकेगी और इस कोरोना संकट से प्रभावी अंदाज में लड़ा जा सकेगा।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए सरकार ने सात मई सुबह छह बजे से 17 मई सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। जयराम मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद देर रात आपदा प्रबंधन सेल ने कोरोना कर्फ्यू के संबंध में विस्तृत आदेश जारी कर दिए है। जारी एसओपी के तहत पूरे प्रदेश में 7 मई को सुबह छह बजे से लेकर 17 मई की सुबह छह बजे तक कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा। इस अवधि के दौरान टीकाकरण केंद्रों पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार टीकाकरण जारी रहेगा। कर्फ्यू अवधि के दौरान पांच से ज्यादा लोगों के एक जगह पर इकट्ठा होना गैरकानूनी माना जाएगा। हालांकि शादी व अंतिम संस्कार में जिला प्रशासन की अनुमति के साथ अधिकतम 20 लोग शिरकत कर सकेंगे। इस दौरान सभी सरकारी व निजी कार्यालय बंद रहेंगे। सरकारी कर्मचारी घरों से काम करेंगे और बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। सभी शिक्षण, प्रशिक्षण व कोचिंग संस्थान 31 मई तक बंद रहेंगे। हालांकि, एमबीबीएस चतुर्थ व पांचवे साल, बीडीएस चौथे साल व तृतीय साल की नर्सिंग कक्षाएं जारी रहेंगी। प्रदेश के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सभी तरह के उद्योग कोविड नियमों के तहत काम करते रहेंगे। इसी तरह से राज्य में सभी तरह की कृषि, बागवानी, पशुपालन गतिविधियां पूरी क्षमता के साथ चलती रहेंगी। सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र में निर्माण कार्य चलते रहेंगे। विवाह में 20 लोग शामिल हो सकेंगे, लेकिन शर्त यह रहेगी कि जिला प्रशासन की अनुमति से ही इतनी संख्या में लोग विवाह समारोह में एकत्र हो सकेंगे। इतनी ही संख्या में लोग अंतिम संस्कार में भी शामिल हो सकेंगे। ये सभी रहेंगे बंद सभी बाजार, सिनेमा हाल, शॉपिंग मॉल, बाजार परिसर, जिम, खेल परिसर, स्विमिंग पूल, मनोरंजन पार्क, थियेटर, सभागार व अन्य संबंधित गतिविधियां बंद रहेंगी। शराब ठेके, बार आदि भी बंद रहेंगे। निजी कार्यालय बंद रहेंगे और कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। ये गतिविधियां होंगी कर्फ्यू के दौरान सभी स्वास्थ्य सेवाएं जारी रहेंगी। अस्पताल, नर्सिंग होम, क्लिनिक, टेलीमेडिसिन सेवाएं मिलेंगी। दवाइयों की दुकानें, मेडिकल लैब, अनुसंधान लैब, औषधालय, जन औषधि केंद्र, पशु चिकित्सालय, पैथोलॉजी लैब व स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों की दुकानें खुली रहेंगी। इसके अलावा दवाइयां बनाने वाली इकाइयां भी खुली रहेंगी। वहीं, बैंक, एटीएम, आईटी वैंडर, बैंकिंग अभिकर्ता, बीमा कंपनियां, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान, माइक्रो बीमा संस्थान, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां, सहकारी सभाएं भी खुली रहेंगी। खाद्य वस्तुओं, सरकारी राशन डिपो, किराना, फल, सब्जी, डेयरी, दूध, मांस, फिश, पशुओं के चारे, बीज, खाद और कीटनाशकों की दुकानें भी खुली रहेंगी। लेकिन कोरोना के नियमों का पालन करते हुए शाम छह बजे तक ये दुकानें बंद करनी होंगी। ढाबे, होटल व रेस्टोरेंट पर्यटन विभाग की ओर से जारी एसओपी के तहत संचालित किए जाएंगे। सामान की होम डिलीवरी ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों से की जाएगी। इसके अलावा रिटेलरों को भी खाने-पीने, किराना आदि की होम डिलीवरी की मंजूरी मिलेगी। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मिडिया से संबंधित कर्मियों को भी छूट रहेगी। तेल व गैस सेवाएं जारी रहेंगी तेल व गैस क्षेत्र की सेवाएं जारी रहेंगी। पैट्रोल, डीजल, एलपीजी, केरोसिन आदि का परिवहन, भंडारण व वितरण पहले ही तरह होता रहेगा। बिजली , डाक सेवाएं, कोल्ड स्टोर, पेयजल, स्वच्छता व जल प्रबंधन के काम भी जारी रहेंगे। दूरसंचार सेवाएं भी बाधित नहीं होंगी। परिवहन सेवाएं सार्वजनिक परिवहन सेवाएं परिवहन विभाग की ओर से जारी एसओपी के अनुसार 50 फीसदी क्षमता के साथ संचालित होंगी। हवाई मार्ग, बस, रेल आदि से हिमाचल आने वाले लोगों को पहले प्रदेश सरकार के ई-पास पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। अंतरराज्जीय आवाजाही के लिए ई-पास जरूरी होगा। माल का परिवहन प्रदेश के भीतर और अंतरराज्जीय स्तर पर जारी रहेगा। आपाताकालीन व अनिवार्य सेवाएं देने वाले सरकारी, स्थानीय निकाय व अधिकृत संस्थाओं के कर्मचारियों को आवाजाही की अनुमति होगी। निजी वाहन कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 50 फीसदी क्षमता के साथ आपातकालीन स्थिति में आवाजाही कर सकेंगे।
देश में कोरोना का कहर लगातार जारी है। बीते 24 घंटे में देश में कोरोना वायरस के दैनिक मामले एक बार फिर बढ़े हैं। बुधवार को कोरोना के 3.82 लाख से ज़्यादा नए मामले सामने आए। इतना ही नहीं कोरोना वायरस से होने वाली दैनिक मौतों के आंकड़ों ने भी स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ा दी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 3,82,315 नए मामले सामने आए हैं, 3780 मरीजों की मौत हुई है। हालांकि तीन लाख से ही ज़्यादा मरीज ठीक होकर घर वापस लौटे है। देश में अब कोरोना वायरस से ठीक हुए मरीजों का कुल आंकड़ा बढ़कर 1,69,51,731 हो गया है। इतना ही नहीं कोरोना से संक्रमित मामलों का आंकड़ा दो करोड़ के पार चला गया है। वैक्सीनेशन अभियान के तहत देश में 16,04,94,188 लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है।
हिमाचल प्रदेश की सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी और उनके परिवार की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा की उनके और उनके परिवार ने कोविड महामारी के समान्य लक्षण होने के कारण अपने टेस्ट करवाए जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉज़िटिव पाई गई। हालांकि उनकी सेहत बिलकुल सामान्य है फिर भी उन्होंने अपने आप को घर में ही आइसोलेट कर लिया है। उन्होंने लोगों से विनती की है कि जो भी लोग उनके या उनके परिवार के संपर्क में आए हैं वे अपना टेस्ट करवा लें और कोविड महामारी के नियमों का पालन करें।
देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले हफ्ते से लगातार प्रतिदिन साढ़े तीन से ज़्यादा नए मरीज मिल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 3.68 लाख से ज़्यादा नए कोरोना मरीज मिले हैं और 3,417 लोगों की मौत हो गई। कोरोना मरीजों और कोविड से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी जारी है, जिससे देश की स्वास्थ्य प्रणाली चरमरा गई। देशभर के अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की किल्लत जारी है। सैकड़ों लोग बिना इलाज़ के ही दम तोड़ रहे हैं। वहीं श्मशान घाटों पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए कई घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है। भारत दुनिया में तीसरा ऐसा देश है, जहां कोरोना से सबसे अधिक लोगों की मौतें हुई हैं। वहीं, पहले नंबर पर अमेरिका और दूसरे नंबर पर ब्राजील है।
देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते ओडिशा सरकार ने प्रदेश में 14 दिन का लॉकडाउन लगाने का फैसला लिया है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण ओडिशा में 5 मई से 19 मई तक लॉकडाउन रहेगा। ओडिशा सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस दौरान आवश्यक सेवाओं, हेल्थ सेवाओं को ही छूट रहेगी। इसके अलावा सुबह के 7 बजे से दोपहर के 12 बजे तक लोग अपने घरों से 500 मीटर के दायरें में निकल सकेंगे, ताकि वे अपने जरूरी कार्य कर सकें। ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार बीते 24 घंटो में राज्य में कोरोना के 8015 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, कोरोना से अब तक 2068 मौत हो चुकी हैं। वहीं, अगर पूरे देश की बात करें तो 24 चौबीस घंटे में कोरोना के 3,92,488 नए मामले सामने आएं हैं और 3689 लोगों की मौत हो गई है। राहत वाली बात यह रही कि करीब 3 लाख 7 हजार 865 लोग इस बीमारी को मात देकर घर लौट चुके हैं।
देश में कोरोना के खिलाफ जंग जीतने के लिए आज से कोविड टीकाकरण का तीसरा चरण शुरू हो रहा है, जिसके अंतर्गत 18 साल से ऊपर वालों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। कई राज्यों में आज टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत हो रही है, तो कई राज्यों ने हाथ खड़े कर दिए हैं। आज से 18 से 45 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जाना है, लेकिन टीकाकरण महाअभियान के शुरू होने से पहले ही उस पर संकट के बदल मंडरा रहे है। पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, ओडिशा, तमिलनाडु, झारखंड, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों ने टीकों की कमी का हवाला देते हुए टीकाकरण अभियान को टाल दिया है। इससे पहले, बिहार, पंजाब और महाराष्ट्र ने गुरुवार को ही टीकाकरण अभियान टालने की घोषणा की थी। हालांकि, महाराष्ट्र में कुछ जगहों पर वैक्सीन लगेगी।
देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को कोरोना वायरस के मामलों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। बीते 24 घंटे में कोविड-19 के चार लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। इससे पहले सिर्फ अमेरिका में ही एक दिन में चार लाख से अधिक मामले सामने आए थे। शुक्रवार को देश में कोरोना वायरस के कुल 4,02,351 मामले सामने आए। देश में अप्रैल के दौरान कोविड-19 के 66 लाख से अधिक नए मामले सामने आए जो पिछले साल महामारी की शुरुआत के बाद संक्रमण के मामलों को लेकर सबसे खराब महीना साबित हुआ है। अप्रैल महीने में दर्ज किए गए नए मामले पिछले छह महीनों में सामने आए मामलों से अधिक रहे जो कि संक्रमण की दूसरी लहर की गंभीरता को दर्शाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल के बाद से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। पांच अप्रैल से प्रतिदिन एक लाख से अधिक मामले सामने आने लगे जबकि 15 अप्रैल से इनकी संख्या प्रतिदिन दो लाख को पार कर गई और 22 अप्रैल से रोजाना तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इसी के साथ पिछले चार सप्ताह में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, पंजाब, मध्यप्रदेश और राजस्थान में परिस्थितियां अधिक चिंताजनक हुई हैं।
शहर-शहर कोरोना का कहर मचा है। देश में लगातार नौवें दिन कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 3 लाख के पार पंहुचा है। ऐसे में कोरोना से स्वयं को बचाने के लिए सावधानी बरतना बरतना जरुरी है। पढ़िए कोरोना संबंधी कुछ सवालों के जवाब जो कोरोना से स्वयं के बचाव में करेंगे मदद.... साबुन या सैनिटाइज़र: घर पर साबुन और पानी से हाथ धोने का तरीका सबसे अच्छा है। हाथों को साबुन से काम से काम 20 सेकेंड तक धोना चाहिए। हाथों के हर कोने को अच्छी तरह से साफ करें। दिन में बार-बार हाथों को साबुन से धोएं। कौन सा सैनिटाइज़र सही है: यदि आप घर से बाहर है जहाँ साबुन और पानी उपलब्ध नहीं है, तो कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें। कैसे करें सैनिटाइज़र का उपयोग : हैंड सैनिटाइज़र को एक हथेली पर लगाने के बाद दोनों हाथों को एक साथ रगड़ना चाहिए। रगड़ते समय, जेल को हाथ की सभी सतहों को कवर करते हुए अंगुलियों पर फैलाया जाना चाहिए। यह प्रक्रिया तब तक कीजिए जब तक जेल के पूरी तरह हाथों पर सूख न जाए। अल्कोहल आधारित सैनिटाइज़र क्यों : अल्कोहल वायरस और बैक्टीरिया सहित विभिन्न प्रकार के रोगाणुओं को मारने में प्रभावकारी है। कोरोना वायरस एक ऐसे प्रकार का वायरस है, जिसमें एक बाहरी आवरण होता है। इसे आवरण को इनवेलप कहा जाता है। अल्कोहल इस आवरण को खत्म कर सकता है। चीज़ो को कैसे करें कीटाणुरहित: क्लीन्ज़र और वाइप्स उन वस्तुओं, सतहों की सफाई करने और कीटाणुरहित करने में प्रभावी होते हैं, जिन्हें अक्सर छुआ जाता है। इसके इलावा बाहर से आने वाले सामान को डेटॉल वाले वाले पानी से धोकर और सैनिटाइज़र स्प्रे से साफ़ करके धुप में सूखा कर घर में लाएं। फल-सब्ज़ियों को कैसे करें साफ: बाहर से आने वाली फल व सब्ज़ियों को अच्छी तरह से गरम पानी में धोने के बाद धूप में सुखा कर उनका उपयोग करें। सब्ज़ी बनाने से पहले ग्राम पानी में नमक डाल कर सब्ज़ियों को साफ़ करें। घर से निकलते वक़्त जरूर पहने मास्क: कोरोना काल में संक्रमण से बचाव में मास्क बड़ा उपाय रहा है। कोरोना काल में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन समेत दुनियाभर के देश इसपर लगातार ज़ोर दे रहे हैं। हर जगह पर मास्क पहनना अनिवार्य किया जा चुका है। घर से बाहर जाते वक़्त मास्क जरूर पहने और लोगों से 2 गज की दूरी बनाए।
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना ने विकराल रूप ले लिया है। दिल्ली में कोरोना वायरस के हालात बेकाबू होते जा रहे है। दिनोंदिन मौतों का आंकड़ा तेज़ रफ़्तार के साथ बढ़ रहा है। कोरोना के चलते भारी संख्या में लोग दम तोड़ रहे है। हालात ऐसे बन गए है कि श्मशान में शवों को जलाने के लिए जगह काम पड़ गई है। लोगों को अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ रहा है। स्थिति इतनी भयवाह हो चुकी है कि अब पशुओं के श्मशान घाटों पर इंसानों के अंतिम संस्कार का इंतज़ाम किया जा रहा है। श्मशान घाटों पर भारी दबाव को देखते हुए दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने द्वारका के कुत्ता श्मशान घाट को इंसानों के श्मशान घाट में तब्दील करने का फ़ैसला किया है। वंही, दिल्ली के सरकारी आंकड़ों में जितनी मौते बताई जा रही है, हक़ीक़त उससे काफी अलग है। श्मशानों में जितने शव पहुंच रहे हैं, वो सरकारी आंकड़ों से काफ़ी ज़्यादा हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में मौत का आंकड़ा और ऊपर जाने की आशंका है। ऐसे में श्मशानों की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
देश में कोरोना की दूसरी लहर से हाहाकार मचा हुआ है। एक तरफ देश ऑक्सीजन की कमी से झूझ रहा है तो वंही, एक मई से देशभर में शुरू होने वाले कोरोना टीकाकरण अभियान के तीसरे चरण पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल, कई राज्य वैक्सीन की कमी से जूझ रहे हैं, जिसके चलते तीसरे चरण का अभियान प्रभावित हो सकता है। मुंबई में भी यही हाल है। यहां कोरोना टीकों की इतनी कमी हो गई कि ग्रेटर मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को तीन दिनों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान पर रोक लगाने का फैसला लेना पड़ा। जीएमएमसी ने जानकारी दी है कि उसके पास टीके उपलब्ध नहीं हैं, इस कारण मुंबई में 30 अप्रैल से रविवार 2 मई के लिए टीकाकरण अभियान पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि महाराष्ट्र के अलावा पंजाब, दिल्ली, तमिलनाडु ने भी टीके की कमी की बात कही है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा कि वैक्सीनेशन का तीसरा फेज तभी शुरू हो सकेगा, जब राज्य को 10 लाख तक डोज दिए जाएंगे।
देश में कोरोना का कोहरम रुकने का नाम नहीं ले रहा है। देश में स्थिति भयावह होती जा रही है। लगातार नौवें दिन देश में कोरोना के तीन लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 3,86,452 मामले सामने आए हैं और 3498 लोगों की मौत हुई है। ये नौवां दिन है जब कोरोना के मामले तीन लाख से अधिक पहुंचे हैं और आंकड़ा चार लाख के करीब पहुंच रहा है। इसी के साथ देश में संक्रमण की दर भी 21.2 फीसदी पहुंच गई है। इसका मतलब है कि हर 100 लोग जो टेस्ट करवा रहे हैं उनमें से 21 लोग पॉजिटिव निकल रहे हैं। चिंताजनक बात है कि पिछले कुछ दिनों से मौत का आंकड़ा तीन हजार के ऊपर बना हुआ है। 13 अप्रैल के बाद से मौत के आंकड़े बढ़ने शुरू हुए हैं। गौरतलब है कि देश में सबसे प्रभावित शहरों में पांच शहर महाराष्ट्र से है। ये शहर हैं-पुणे, मुंबई, नागपुर, ठाणे, नासिक और हैदराबाद। अन्य शहर है- लखनऊ, कामरूप मेट्रो और अहमदाबाद। अगर राज्यवार देखें तो शुक्रवार को 15 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में सबसे अधिक मामले सामने आए। इन राज्यों में शामिल हैं-केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, प. बंगाल, ओडिशा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, गुजरात, बिहार, मध्यप्रदेश, पंजाब और चंडीगढ़।
देश में कोरोना वायरस का संक्रमण अनियंत्रित हो चूका है। देश में संक्रमण के मामलें लगातार तीव्र गति से बढ़ रहे है। पिछले कुछ दिनों में भारत में इस खतरनाक वायरस के औसत मामले तीन लाख से ज्यादा का आंकड़ा पर कर चुके है। गुरुवार को देश में कोरोना संक्रमण के करीब 3 लाख 80 हजार नए मामले दर्ज किए गए हैं। कुल संक्रमितों की संख्या 1 करोड़ 80 लाख के चिंताजनक आंकड़े को पार कर चुकी है। सिर्फ पिछले 3 दिनों के आंकड़ों को जोड़ा जाए तो यह संख्या 10 लाख से ज्यादा हो जा रही है। जबकि पहली बार 10 लाख तक पहुंचने में 169 दिनों का समय लगा था। पिछली लहर में कोरोना के सर्वाधिक मामले एक लाख के आंकड़े के इर्द-गिर्द रहे थे, जिसके कारण पहली लहर में 10 लाख मामले सबसे कम 11 दिनों में पूरे हुए थे। साल के शुरुआती तीन महीनों के मुकाबले अप्रैल में कोरोना की रफ्तार में तेजी देखने को मिली है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो अप्रैल में अब तक 62,27,189 नए केस सामने आए हैं जबकि अप्रैल में अब तक 42,364 मौतें हुई हैं। अगर पिछले सात दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 28 अप्रैल को 36096, 27 अप्रैल को 3,23,144, 26 अप्रैल को 3,52,991,25 अप्रैल को 3,49,691 केस दर्ज किए गए हैं। इसी प्रकार, 24 अप्रैल को 3,46,786, 23 अप्रैल को 3,32,730 और 22 अप्रैल के दिन 3,14,835 नए मामले सामने आए थे।
पूरे देश में कोरोना का साया मंडरा रहा है। कोरोना देश के हर राज्य में पैर पसार रहा है। इसी के मध्यनज़र प्रदेश में कोरोना संकट के चलते लगातार दूसरे वर्ष कॉलेजों के प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने की तैयारी शुरू हो गई है। उच्च शिक्षा निदेशक ने गुरुवार दोपहर दो बजे तक सभी कॉलेज प्रिंसिपलों से सुझाव मांगे हैं। उन्होंने कॉलज के प्रिंसिपलों से पूछा है कि अगर विद्यार्थियों को बिना परीक्षा परिणाम प्रमोट करना है तो उसका क्या आधार हो। उन्होंने दाखिला प्रक्रिया पर भी सुझाव मांगे हैं। इसके अलावा आखिरी सेमेस्टर और अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के आयोजन के तरीके के लिए भी सुझाव मांगे है। सुझावों के आधार पर शिक्षा निदेशालय रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजेगा। कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से जारी पत्र में कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। ऐसे में विद्यार्थियों, शिक्षकों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एहतियात बरतने की आवश्यकता है। निदेशक ने सभी प्रिंसिपलों से सुझाव देने से पहले अन्य हितधारकों अभिभावकों और शिक्षकों से भी चर्चा करने को कहा है। वंही, निदेशक ने कॉलेजों को खोलने पर भी अपनी राय देने को कहा है।
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर देवभूमि उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा 2021 को स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह दी। बता दें कि गुरुवार को इस संबंध में एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में अधिकारियों के अलावा पर्यटन और धार्मिक मामलों के मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद रहे। बैठक में मई के दूसरे हफ्ते में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को कोविड के चलते स्थगित किए जाने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारों धाम के कपाट अपने तय समय पर खुलेंगे। लेकिन केवल पुजारी और पुरोहित ही धामों में पूजा अर्चना करेंगे। यात्रियों को वहां जाने की अनुमति नहीं होगी। कोविड महामारी पहाड़ों तक न पहुंचे इसके लिए वहां आने वाले तीर्थयात्रियों को अभी ना आने को कहा जा रहा है। हालात ठीक होने पर यात्रा पर पुनर्विचार किया जाएगा। वहीं, श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे की यात्रा भी स्थगित कर दी गई है, जो कि 10 मई से शुरू होनी थी।
कोरोना का कहर देश में हर रोज़ तीव्रता के साथ बढ़ रहा है। कोरोना देश के हर राज्य में अपने पैर पसार रहा है। कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस खौफनाक वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा आदि शामिल हैं। इस लिस्ट में अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम भी जुड़ गया है। वह भी संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने खुद ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी। बता दें कि एक दिन पहले ही अशोक गहलोत की पत्नी सुनीता गहलोत कोरोना संक्रमित हो गई थीं, जिसके बाद मुख्यमंत्री होम आइसोलेशन में चले गए थे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करके संक्रमित होने की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'कोविड टेस्ट करवाने पर आज मेरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। मुझे किसी तरह के लक्षण नहीं हैं और मैं ठीक महसूस कर रहा हूं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मैं आइसोलेशन में रहकर ही कार्य जारी रखूंगा।'
Over 1.3 crore Indians registered themselves online on the government's dedicated portal Cowin on Wednesday for the mass vaccination drive. However, a lot of them struggled a lot to get themselves registered and complained about the technical problems they faced while trying to register themselves on the Cowin portal. Some of them even complained that the portal was not responding while others said that it had crashed. In the second wave of infection, it has been seen that at least 300,000 people test positive each day for the past week. At this moment, India's best hope is to vaccinate its vast population. On Wednesday it opened registrations for everyone above the 18 to be vaccinated from Saturday. Many state governments have already said that may not be able to begin the drive on May 1 as they are still short of supplies. Another major roadblock is the large number of people registering themselves for vaccination. As the situation stands, COVID-19 vaccination is currently available in private hospitals only for 45-plus people till the end of the month. Thereafter the Centre-supported vaccine rollout for this category will be available only in government hospitals. The Centre has recently announced that states, private hospitals, and corporates can access 50% production of Covishield and Covaxin for the 18 and above category.
देश में कोरोना कहर दिनोंदिन बढ़ रहा है। कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 2 लाख के पर पहुंच गया है। कोरोना महामारी हर रोज़ अपने पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है। पिछले चौबीस घंटे में 3.60 लाख कोरोना के केस दर्ज किए गए। भारत में सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र, दिल्ली और यूपी का है। महाराष्ट्र में बीते 24 घंटे में 985 लोगों की जान चली गई। वहीं पूरे देश में एक दिन में 3.2 हजार लोगों की कोरोना के कारण मौत हो गई। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में 63,309 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि देश में कोरोना से स्थिति कितना भयंकर रूप ले चुकी है। इस स्थिति में भारत की मदद के लिए रूस, अमेरिका और UK सहित कई विदेशी राज्य आगे आए है। रूस की तरफ से 20 Oxygen concentrator, 75 वेंटिलेटर, 150 बेड साइड मॉनिटर और Fabipiravir दवाइयां भारत पहुंची हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्विटर बताया कि यूके से एक और शिपमेंट भारत पहुंच चुका है। 120 ऑक्सीजन संकेंद्रक वीरवार सुबह ही भारत पहुंचे है। बीते दिन ही अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत की मदद करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया था। अब अमेरिका से मदद की पहली खेप का आना शुरू हो चुका है। अमेरिका से आने वाले जहाज में 440 ऑक्सीजन सिलेंडर, रेगुलेटर, 960,000 Rapid Diagnostic Tests और 100,000 N-95 मास्क भारत पहुंच चुके हैं। दूसरी तरफ यूनाइटेड नेशंस ने भी भारत की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। UN विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनीसेफ ऑक्सीजन सप्लाई के लिए 7000 ऑक्सीजन CONCENTRATORS और 500 NASAL devices की खरीदारी कर रही है। इसके अलावा कोविड-19 टेस्टिंग मशीन, ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट्स और प्रोटेक्टिव किट्स भी खरीद रही हैं।
भारत में कोरोना का कहर लगातार जारी है। देश में आए दिन मौतों का आकड़ा बढ़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार सुबह जारी किए आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 3,79,257 नए मामले सामने आए है। वहीं 3,645 संक्रमितों की मौत हो गई। 2,69,507 लोगों ने कोरोना को मात दे दी और वो स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौट गए है। इसके बाद अब तक देश में संक्रमितों का कुल आंकड़ा 1,83,76,524 हो गया और मरने वालों की संख्या 2,04,832 हो गई है। फिलहाल देश में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या 1,50,86,878 है, सक्रिय कोविड संक्रमितों का आंकड़ा 30,84,814 है। देश में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हुई थी जिसके तहत अब तक कुल 15,00,20,648 वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार, भारत में बुधवार तक कोरोना वायरस के लिए कुल 28,44,71,979 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं, जिनमें से 17,68,190 सैंपल कल टेस्ट किए गए।
Corona outbreaks are being seen in different parts of the country. The number of new patients is constantly increasing. Such a situation is increasing the pressure on hospitals. Many hospitals have complaints of beds and oxygen shortage. People are wandering from rate to rate for oxygen. At the same time, the negligence of the hospital is also being seen in many cities. Some cases of negligence are coming out from different cities of Uttar Pradesh where the private hospital in Rohania area crossed the limits of negligence. The doctors and staff were seen missing in the hospital in Bacchana area of Rohania. A family alleges that the hospital has admitted the Covid patient to the hospital, but is not receiving any kind of care. Angry families created a fierce commotion and vandalized the hospital. The sad part is that despite this ruckus, the patient's life could not be saved.
All people aged 18 years and above are going to get the corona vaccine from May 1, but the Arogya Setu app to be registered has not been updated yet. After getting registered on the Arogya Setu app, the message is still received that currently only those who are 45 years and above can get vaccinated. The same is also the case with the Kovin Portal and Umang App. In such a situation, people aged 18 years and above are worried about registration. Registration was to start from today. It was earlier told that from April 28, registration will start for those above 18 years of age on all three platforms Kovin, Arogya Setu, and Umang App, but now when the people of registration are getting upset, then Arogya Setu's statement has come that registration will be on April 28 from 4 pm. Arogya Setu has officially stated that registration will start from 4 pm on all three platforms Kovin, Arogya Setu, and Umang App.
भारत में जारी कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार हर दिन के साथ तेज़ होती जा रही है। देश में कोरोना के मामलें आए दिन नया रिकॉर्ड दर्ज कर रहे है। पिछले करीब एक हफ्ते से रोजाना तीन लाख से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं। मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में भारत में 3.60 लाख कोरोना के नए मामले सामने आए, जबकि 3293 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ भारत में कुल मौतों का आंकड़ा भी दो लाख को पार कर गया है। दुनिया में कोरोना के कारण हुई कुल मौतों के मामले में अब भारत चौथे नंबर पर आ गया है। सबसे अधिक मौतें अमेरिका, ब्राजील और मैक्सिको में हुई हैं, उसके बाद भारत का नंबर आता है।
देश में कोरोना वायरस की स्थिति से हाहाकार मचा हुआ है। दिनोंदिन स्थति भयावह होती जा रही है। भारत में कोरोना वायरस के आंकड़े काफी भयानक है। हर दिन देश में 3 लाख से अधिक मामलें दर्ज हो रहे है। वंही, हिमाचल प्रदेश में बीते एक सप्ताह के दौरान कोरोना की जांच के लिए करीब 65486 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। इनमें से 10529 से अधिक लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 20 अप्रैल को बीते 24 घंटे में कोरोना की जांच के 9071 सैंपल लिए गए। इनमें से 1295 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 21 अप्रैल की रिपोर्ट के अनुसार 7615 सैंपल लिए गए और 454 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 22 अप्रैल को 7799 सैंपल लिए और 959 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 23 अप्रैल को 10079 सैंपल व 819 पॉजिटिव, 24 अप्रैल को 9990 सैंपल व 1041 लोग पॉजिटिव, 25 अप्रैल को 6483 और 534 पॉजिटिव केस आए। वहीं, 26 अप्रैल को 7172 सैंपल लिए गए और 1072 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा वर्तमान में 89193 के पार पहुंच गया है। सक्रिय मामले 14326 से ज्यादा हो गए हैं। अब तक से अधिक 73478 संक्रमित ठीक हो चुके हैं और 1350 की मौत हुई है।
देश में कोरोना की स्थिति ने भयंकर रूप ले लिया है। हर तरफ महामारी से हाहाकार मचा हुआ है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ झूझ रहे हैं। लेकिन इस मुश्किल की घड़ी में भारत अकेला नहीं है। इस घातक बीमारी से लड़ने के लिए भारत के सहयोग में कई देश व नामी हस्तियां आगे आ रहीं हैं। इसी कड़ी में अमेरिका की शीर्ष 40 कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने भी मदद का हाथ बढ़ाते हुए एकजुटता का बड़ा उदाहरण पेश किया है। बता दें कि इन 40 कंपनियों के सीईओ ने एक वैश्विक टास्क फोर्स बनाई है, ताकि वे भारत की मदद के लिए संसाधन जुटा सकें। डेलोइट के सीईओ पुनीत रंजन ने कहा कि यूएस चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स की यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल और यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम की बैठक में सामूहिक पहल के तहत बनी टास्क फोर्स ने अगले कुछ हफ्तों में भारत में 20 हज़ार ऑक्सीजन मशीनें भेजने की प्रतिबद्धता जताई है। महामारी पर यह वैश्विक टास्क फोर्स भारत को अहम चिकित्सा सामान, टीके, ऑक्सीजन और अन्य जीवन रक्षक सहायता मुहैया करवाएगा।
देश में इस वक्त कोरोना वायरस के संकट का तूफान आया हुआ है। इस महासंकट के बीच दिल्ली पर सबसे ज़्यादा असर देखने को मिल रहा है। राजधानी दिल्ली में बढ़ती मौतों की संख्या हर किसी की चिंता बढ़ा रही है। दिल्ली के आस्था अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत सामने आई है। अस्पताल का कहना है कि ऑक्सीजन बिल्कुल खत्म होने की कगार पर है। यहां करीब 40 मरीज वेंटिलेटर पर हैं। मंगलवार सुबह दिल्ली के शांति मुकुंद अस्पताल में बेड्स पूरी तरह भर चुके हैं। अस्पताल ने बाहर बोर्ड लगा दिया है कि कोई बेड उपलब्ध नहीं हैं। दिल्ली में अभी भी ऑक्सीजन और बेड्स का संकट बना हुआ है। सोमवार की देर रात को दिल्ली में ऑक्सीजन एक्सप्रेस पहुंची, जिसमें ऑक्सीजन के चार कंटेनर्स थे अब इन्हें दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में भेज दिया जाएगा। वहीं, अगर अस्पतालों में बेड्स की संख्या की बात करें तो हालात खराब है। मंगलवार सुबह दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ 15 आईसीयू बेड्स खाली हैं जबकि ऑक्सीजन बेड्स की संख्या सिर्फ 1736 हैं। बीते दिन ही दिल्ली में सरदार पटेल कोविड सेंटर की शुरुआत हुई है, जिसमें 500 ऑक्सीजन बेड्स की सुविधा है।
देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर तेज़ रफ़्तार से बढ़ रही है, जिसके चलते स्थिति दिनोंदिन भयावह हो रही है। देश में कोरोना के मामलें आए दिन नया रिकॉर्ड दर्ज कर रहे है। बीते 6 दिनों से कोरोना वायरस के मामले तीन लाख से ज़्यादा ही पाए जा रहे हैं। मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटे में देश में 3.23 लाख से अधिक मामले आए और 2771 लोगों की मौत हुई। इस दौरान देश में 25182 लोग डिस्चार्ज किए गए और बीते 24 घंटे में 68546 एक्टिव केस बढ़े। देश में अब तक 14,52,71,186 लोगों का टीकाकरण हो चुका है। देश में फिलहाल एक्टिव केस का 16.34%, डिस्चार्ज मरीजों का प्रतिशत 82.54 और मृतकों का प्रतिशत 1.12 है।