प्रसिद्ध शक्ति पीठ चिंतपूर्णी मंदिर में चले सावन मेले के दौरान पहले पांच मेलों में मंदिर न्यास को 82 लाख 50 हज़ार 236 रोयेका नगद चढ़ावा प्राप्त हुआ है। मंदिर अधिकारी अजय मंडयाल ने बताया कि अभी तक छह मेलों के दौरान साढ़े तीन लाख श्रद्धालु मां के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं। यह एक बड़ी संख्या है और यह दर्शाता है कि चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था कितनी गहरी है। विदेशी करेंसी के रूप में इटली,15 ,ऑस्ट्रेलिया के 50, सिंगापुर से दो, कनाडा से पांच, कतर से एक रियाल, कुवैत से एक ,इंग्लैंड से 110, यूएई से 630 ,यूएसए 140 डॉलर की विदेशी करेंसी भी प्राप्त हुई है। बता दे की सावन माह के इस नवरात्रि की शुरुआत हुई। इसमें 25 जुलाई को 14 लाख 51हज़ार 834 प्राप्त हुए, 26जुलाई को 17लाख76644 रुपये, प्राप्त हुए 27 जुलाई को 18 लाख 55747 प्राप्त हुए, 28 जुलाई को 16 लाख 23073 रुपए प्राप्त हुए व29 जुलाई को 15 लाख 42938 प्राप्त हुए। मंदिर अधिकारी अजय मंडयाल ने बताया कि सावन मेले के दौरान मंदिर न्यास को मिलने वाला चढ़ावा बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह चढ़ावा मंदिर के रख-राव और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं को बढ़ाने में उपयोग किया जाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर प्राचीन ठाकुरद्वारा मंदिर हाटकोट में श्री मद भागवत कथा का आयोजन इस वर्ष बड़े ही धूम धाम से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष राम लीला जन कल्याण समिति ने भागवत करवाने का जिम्मा लिया है। कुनिहार में जन्माष्टमी कार्यक्रम व पहली बार मटकी फोड़ परियोगिता का आयोजन किया जायगा। श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित कार्यक्रमों को किस तरह आकर्षक व भव्य रूप से किया जा सकता है बारे चर्चा व विचार विमर्श कर रूपरेखा तैयार की गई। राम लीला जन कल्याण समिति अध्यक्ष रितेश जोशी व उपाध्यक्ष अमन अत्री ने बताया कि शनिवार 9 अगस्त को कलश यात्रा सांय 5 बजे नजदीक सिविल अस्पताल कुनिहार से प्रारम्भ कर पुराना बस स्टैंड से होते हुए कथा स्थल राज दरबार प्रांगण में पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर 16 वर्षीय बाल व्यास स्मृति अपने मुखारविंद से कथा का व्याख्यान करेगी। इसके अलावा समिति ने अन्य कार्यक्रमों की व्यवस्था बारे चर्चा कर उसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि समिति व समस्त कुनिहार वासियों के सहयोग से यह आयोजन किया जाता है। 15 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की रात्रि को मंदिर परिसर में कृष्ण जन्म व झांकियों द्वारा भव्य आयोजन के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। 10 अगस्त से 15 अगस्त तक पुराण प्रवचन का समय 2 बजे से सांय 5 बजे तक रहेगा।16 अगस्त को प्रवचन 11 बजे, यज्ञ पूर्णाहुति दोपहर 1 बजे की जायगी। उन्होंने बताया कि इस बार दही हांडी फोड़ प्रतियोगिता भी करवाई जाएगी जिसका समय दोपहर 2 बजे रहेगा। सांय 4 बजे ठाकुर जी के रथ की पूरे कुनिहार की परिक्रमा की करवाई जाएगी। दोहपर 2 बजे से विशाल भंडारा का आयोजन किया जाएगा ।वहीं इस मौके पर प्रधान ग्राम पंचायत हाटकोट जगदीश अत्री, उप प्रधान रोहित जोशी, वार्ड सदस्य प्रदीप पुरी, संजय जोशी,राकेश झांझी, आशीष द्विवेदी, संदीप जोशी, अमन अत्री,मुकेश शर्मा, पंकज योगीराज, हनी खुराना,गोलू, मोनू जोशी, लक्ष्य जोशी, पवन पूरी, लबु, हर्षित भारद्वाज, सूर्यांश शर्मा,भूपेंद्र,भारद्वाज, सोनी अरोड़ा, सहित समिति के सदस्य मौजुद रहे।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई। लगातार तीसरे दिन हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चाैहान व यादवेंद्र गोमा ने दी। करुणामूलक आधार पर नौकरियों के लिए आय की सीमा को 2,50,000 लाख से बढ़ाकर तीन लाख सालाना किया गया है। इससे बहुत से अभ्यर्थी नाैकरियों की पात्रता पूरी कर सकेंगे। इसमें पहली प्राथमिकता विधवाओं को दी जाएगी, फिर अनाथ को दी जाएगी। इसके बाद अन्य को माैका मिलेगा। वही करुणामूलक आधार मंत्रिमंडल ने 500 पदों को स्वीकृत किया गया है। ये पक्की नाैकरियां होंगी, जोकि तीन व चार श्रेणी पदों पर मिलेगी। फैसला एसएनजीएनसी शिमला में बीएससी नर्सिंग की सीटों को 60 से बढ़ाकर 100 किया गया। टांडा मेडिकल काॅलेज में इसे 30 से बढ़ाकर 60 किया गया है। मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चाैहान व यादवेंद्र गोमा ने दी। साथ ही मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश फैक्टरी नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई। इसके तहत अब महिलाएं भी अपनी इच्छानुसार उद्योगों में आठ की बजाय 12 घंटे की ड्यूटी कर सकेंगी। इसके लिए उन्हें ओवरटाइम मिलेगा। मंत्रिमंडल ने राज्य विद्युत बोर्ड की 200 करोड़ स्टेट गारंटी मंजूर की। विद्युत निगम की उधार सीमा को 6,200 करोड़ करने की मंजूरी दी। मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया कि अब बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा एचपीयू की ओर से आयोजित की जाएगी। मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दी है। वहीं महर्षि वाल्मीकि कामगार योजना में मकान निर्माण की राशि को तीन लाख रुपये किया गया है। हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र अगस्त में होगा। इसकी तिथि 31 जुलाई को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में तय की जाएगी।
उपमंडल ज्वालामुखी के तहत बलालडू के पास लोअर घल्लोर में सोमवार को एक कार और मोटरसाइकिल के बीच जोरदार टक्कर हो गई। हादसे में बाइक सवार एक युवक को गंभीर चोटें आई हैं, जबकि चालक को मामूली चोटें पहुंची हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कार (नंबर HP 83A-3098) और बाइक (नंबर HP 83A-5971) के बीच यह टक्कर हुई। मोटरसाइकिल को प्रवीण कुमार पुत्र रमेश कुमार, गांव रिड़ी, डाकघर थिल चला रहा था। टक्कर में प्रवीण कुमार को मामूली चोटें आई हैं, जबकि बाइक पर पीछे बैठे विशाल राणा पुत्र जगदीश चंद्र, निवासी गांव लोहारकड़, तहसील खुंडिया, जिला कांगड़ा को गंभीर चोटें आई हैं। घायल विशाल राणा को उपचार हेतु तत्काल सिविल अस्पताल ज्वालामुखी ले जाया गया है। हादसे की सूचना संबंधित पुलिस को दे दी गई है और मामले की जांच जारी है। स्थानीय लोगों ने समय रहते घायलों को अस्पताल पहुंचाने में सहायता की, जिससे एक बड़ी अनहोनी टल गई।
भारत सरकार के डाक विभाग ने डिजिटल दक्षता की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए अगली पीढ़ी के एपिटे (APT) एप्लिकेशन को लागू करने की घोषणा की है। यह आधुनिक डिजिटल प्रणाली 4 अगस्त से कांगड़ा जिले के 19 डाकघरों में प्रभावी रूप से लागू की जाएगी। नया सिस्टम जिन डाकघरों में लागू किया जा रहा है, उनमें कांगड़ा, बरोह, सुन्ही, दौलतपुर, नगरोटा बगवान, सुनेहड़, टांडा, गग्गल, तियारा, रैत, जवाली, धमेटा, राजा का तालाब, भरमाड़, नगरोटा सूरियाँ, फतेहपुर, रेहन, लंज और रानीताल शामिल हैं। इस ट्रांज़िशन के सुचारु संचालन के लिए 2 अगस्त को एक नियोजित डाउनटाइम रहेगा। इस दिन उपरोक्त डाकघरों में कोई भी सार्वजनिक लेन-देन नहीं किया जाएगा। यह अस्थायी सेवा विराम डेटा माइग्रेशन, सिस्टम सत्यापन और कॉन्फ़िगरेशन प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न करने हेतु आवश्यक है। एपिटे एप्लिकेशन को बेहतर ग्राहक अनुभव, तेज़ सेवा वितरण, और स्मार्ट तथा भविष्य-उन्मुख डाक सेवाओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह पहल डाक विभाग की राष्ट्र निर्माण और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। डाक विभाग ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अपने कार्यों की योजना पहले से बना लें। अत्यावश्यक सेवाओं के लिए नजदीकी डाकघरों जैसे बनखंडी, जवालामुखी, संसारपुर टेरेस और हरिपुर से संपर्क किया जा सकता है। डाक विभाग ने संभावित असुविधा के लिए खेद व्यक्त किया है और भरोसा दिलाया है कि यह कदम नागरिकों को अधिक कुशल और डिजिटल रूप से सशक्त सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
कुनिहार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक वाहन से 48 बोतल अवैध देशी शराब बरामद की है। पुलिस ने इस संबंध में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, थाना कुनिहार से एएसआई जयराम अपनी टीम के साथ गश्त पर थे। इस दौरान उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि अर्की की ओर से एक संदिग्ध गाड़ी (नंबर HP 64C 2622) कुनिहार की तरफ आ रही है, जिसे सूरजीत नामक व्यक्ति चला रहा है, और गाड़ी में अवैध शराब हो सकती है। सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उक्त गाड़ी को कुनिहार-अर्की सड़क पर स्थित पावर हाउस के पास रोका और चेकिंग की। तलाशी के दौरान गाड़ी की डिक्की से चार गत्ता पेटियों में कुल 48 बोतल देशी शराब (ब्रांड: पैराडाइज संतरा) बरामद की गई। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। मामले की पुष्टि डीएसपी सोलन अशोक चौहान ने की है।
नव चेतना समाज सेवा संगठन जिला सोलन की एक विशेष बैठक जाडली में संगठन अध्यक्ष देशराज भाटिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई । बैठक बारे जानकारी देते हुए संगठन प्रवक्ता मान सिंह ने बताया कि बैठक में संगठन विस्तार बारे विस्तृत चर्चा करने के साथ विभिन्न सामाजिक समस्याओं पर विचार विमर्श कर संगठन के माध्यम से समस्याओं का हल करवाने बारे निर्णय लिया गया, तथा एक जुटता के साथ हर मुद्दे व समस्या को संबंधित विभाग व सरकार के समक्ष रखकर उसका हल करवाने पर सहमति दर्ज की गई। इस बैठक में संगठन के उपाध्यक्ष बलबंत सिंह,सचिव जोगिंद्र सिंह, सलाहकार व प्रवक्ता मान सिंह,कोषाध्यक्ष कमल चंद के अलावा सदस्य मदन लाल आदि मौजूद रहे।
ऑरेंज अलर्ट के बीच हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बारिश लगातार जारी है। इससे लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। चंबा जिले के भटियात क्षेत्र के तहत कामला में भूस्खलन से बोलेरो गाड़ी सड़क के बीचोंबीच फंस गई। गाड़ी में सवार लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई। वहीं चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत मंगली के भोड़ास गांव में पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में कुछ मकान आए हैं। चुराह उपमंडल का तरेला-बौदेड़ी-मंगली जुनास घारे के समीप बंद हो गया। चुराह उपमंडल का शिकारी मोड़-गनेड़-बिहाली मार्ग गनेड़ नाला में बंद होने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। कांगड़ा जिले में भी भारी बारिश से कई सड़कें ठप हो गई हैं। शिमला में भी माैसम खराब बना हुआ है। राज्य में बुधवार सुबह 10:00 बजे तक भूस्खलन से 343 सड़कें ठप रहीं। 551 बिजली ट्रांसफार्मर व 186 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 217 सड़कें व 155 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। चंबा जिले में 279 व कुल्लू जिले में 111 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। माैसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से आज कई भागों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 31 जुलाई से 5 अगस्त तक के लिए कई क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। बीती रात भटियात में 182.6, पालमपुर 157.0, कांगड़ा 115.8, जोत 85.0, नादौन 76.4, पंडोह 63.5, देहरा गोपीपुर 52.2, गोहर 38.0, पच्छाद 37.3, जोगिंद्रनगर 36.0, चंबा 29.0, धर्मशाला 28.4, नयना देवी 22.6, जुब्बड़हट्टी 21.4, सराहन 20.5, जटाैन बैराज 20.4, सोलन और रोहड़ू 20.0 व कोठी में 18.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
मंडी ज़िले में बीती रात आई बाढ़ और बादल फटने की घटना ने कई परिवारों को गहरे ज़ख्म दिए हैं। मंगलवार सुबह जेल रोड पर आए मलबे ने दर्शन सिंह का सब कुछ छीन लिया। उनका पूरा परिवार पत्नी, बेटा और भाई मलबे के सैलाब में बह गया। ये सबकुछ उनकी आंखों के सामने हुआ, और वे खुद भी घायल हो गए। फिलहाल वे क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में भर्ती हैं। टूटे पैर के दर्द से ज्यादा उन्हें उस हादसे का सदमा सता रहा है, जिसमें उनका पूरा संसार उजड़ गया। इलाज के दौरान वार्ड में मौजूद लोगों से उन्होंने भर्राए गले से कहा, "सब मुझे कह रहे हैं कि मेरा परिवार सुरक्षित है... लेकिन मैं जानता हूं, मैंने खुद उन्हें बहते देखा है..." दर्शन की यह बात सुनकर अस्पताल में मौजूद हर आंख नम हो गई। एक पल ने सब कुछ बदल दिया। अब वह सिर्फ अकेले बचे हैं, जिनकी आंखों में अपनों की आखिरी झलक कैद है। दर्शन सिंह ने बताया कि परिवार के सभी लोगों ने सोमवार रात एक साथ खाना खाया और सोने चले गए। तेज बारिश के चलते बार-बार नींद टूटती रही। करीब 3:30 बजे जोर की आवाज होने पर आस-पड़ोस के सभी लोग घरों की बालकनी और बरामदों में खड़े हो गए। एकाएक रास्ते पर बह रहे पानी का बहाव तेज हो गया। दर्शन सिंह सड़क पर पार्क किए अपने ऑटो को देखने बाहर निकले, पीछे छोटा भाई बलवीर, बेटा अमनप्रीत और पत्नी सपना भी बाहर आ गई। घर से कुछ दूरी पर पहुंचते ही अचानक पानी का बहाव तेज हो गया और देखते ही देखते परिवार के सभी लोग पानी की चपेट में आ गए। तेज बहाव से दर्शन एक शटर के अंदर गिरे। अंधेरा होने से परिवार के लोगों का कुछ पता नहीं चला। किसी तरह तेज बहाव में शटर को पकड़े रखा। बचाव के लिए हाथ पांव मारते हुए एक शीशे का टुकड़ा हाथ लगा। उसकी मदद से दर्शन ने मलबे को हटाते हुए बाहर निकलने की कोशिश की। पानी के बीच पत्थरों की चपेट में आने से एक टांग टूट गई। लोगों ने बड़ी मशक्क्त के बाद दर्शन को बाहर निकाला।
हिमाचल प्रदेश के चार जिलों मंडी, कुल्लू, चंबा और कांगड़ा के कई क्षेत्रों में बुधवार को भी भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है। ऊना, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर के कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। मंगलवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में बूंदाबांदी और हल्की बारिश का दौर जारी रहा। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 31 जुलाई से 4 अगस्त तक प्रदेश के सभी क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। वही मंडी जिले में फिर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। मंडी शहर में सोमवार देर रात लगभग 3 बजे बादल फटने से करीब ढाई किलोमीटर क्षेत्र में कहर बरपा है। बादल फटने से आई बाढ़ में फंसे ऑटो को निकालने के चक्कर में मां-बेटे और देवर ने जान गंवा दी। घरों के भीतर मलबे में फंसे 32 से ज्यादा लोगों को खिड़की और दरवाजे तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला गया। प्रशासन ने बताया कि मंडी के जेल रोड से करीब 400 मीटर ऊपर गंधर्व जंगल में बादल फटने से तबाही मची है। जेल रोड, जोनल अस्पताल से सटी दौला कॉलोनी, सैण मोहल्ले और तुंगल कॉलोनी में 100 से ज्यादा बाइक, स्कूटी, ऑटो और कारों समेत अन्य बड़े वाहन मलबे में दब गए। 50 से ज्यादा घरों व दुकानों में मलबा, लकड़ियां और बड़े-बड़े पत्थर घुस गए। कई लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों या रिश्तेदारों के पास चले गए हैं। प्रशासन ने 22 पीड़ितों को पड्डल स्थित गुरुद्वारा में ठहराया है। मंडी के जेल रोड पर बाढ़ में फंसे ऑटो को सुरक्षित जगह पर ले जाते हुए पूर्व पार्षद कृष्णा देवी के परिवार के तीन लोगों की बाढ़ के पानी में बह जाने से मौत हो गई। मृतकों में सपना कुमारी (47), उनका बेटा अमनप्रीत (25) और देवर बलवीर सिंह (45) शामिल हैं। महिला का शव घर के पास कारों के नीचे दबा हुआ था। इसे रेस्क्यू टीम ने कड़ी मशक्कत कर बरामद किया। अमनप्रीत और बलवीर का शव घटना स्थल से 50 मीटर की दूरी पर बरामद हुआ। सपना के पति दर्शन सिंह भी साथ थे, लेकिन वह बाल-बाच बच गए।
ज्वालामुखी उपमंडल के तहत खुण्डियां में भारतीय जनता पार्टी मंडल कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में संगठन को सशक्त करने एवं आगामी योजनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही विभिन्न स्थानीय एवं प्रदेश स्तर के मुद्दों पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ। सभी कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर पार्टी की मजबूती और जनहित के लिए कार्य करने का संकल्प लिया। बैठक में मंडल के अध्यक्ष संजय राणा, उपाध्यक्ष राजिंदर पाल, ललिता चौहान, पूनम ठाकुर, प्रताप सिंह महामंत्री संजीव कुमार व राजेश शर्मा मंडल सचिव, नरेंद्र कुमार लगड़ू, नरेंद्र अगन कार्यालय सचिव कश्मीर सिंह मीडिया प्रभारी रघुवीर सिंह आईटी संयोजक अग्रवन सिंह सोशल मीडिया प्रभारी शशि कुमार पूर्व मंडल अध्यक्ष मान सिंह राणा युवा मोर्चा अध्यक्ष अजय कुमार राणा इत्यादि उपस्थित रहे ।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड उपमंडल सिद्धपुर (योल) के अंतर्गत आने वाले सभी उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे अपने बिजली बिल का भुगतान 31 जुलाई तक अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। विद्युत उपमंडल सिद्धपुर के सहायक अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं के बिजली बिल लम्बित हैं, वे तत्काल प्रभाव से अपना बकाया भुगतान करें, अन्यथा उनके बिजली कनेक्शन बिना किसी पूर्व सूचना के नियमानुसार काट दिए जाएंगे। बिजली बिल का भुगतान उपमंडल कार्यालय सिद्धपुर (योल) के कैश काउंटर पर किया जा सकता है या फिर बोर्ड की वेबसाइट व विभिन्न ऑनलाइन पेमेंट ऐप्स के माध्यम से भी भुगतान किया जा सकता है। बिजली बिल से संबंधित किसी भी सहायता या जानकारी के लिए उपभोक्ता फोन नंबर 01892-246394 (प्रातः 10:00 बजे से सायं 05:00 बजे तक) संपर्क कर सकते हैं।
हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ के बैनर तले आज सैकड़ों किसान- बागवानों ने वन भूमि से बेदखली के खिलाफ छोटा शिमला सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इससे पहले प्रदर्शनकारी टोलेंड से रैली निकालते हुए सचिवालय की ओर बढ़े, जहा उन्होंने ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। गौरतलब है कि हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा अतिक्रमित वन भूमि पर लगे सेब को हटाने के आदेश के खिलाफ शिमला के पूर्व डिप्टी मेयर टिकेंद्र सिंह पंवर और एक अन्य याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में फलों से लदे सेब के पौधों की कटान पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद किसान-बागवान बेदखली के मसले को लेकर चिंतित हैं और सरकार से जवाब मांग रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान किसान नेता एवं पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, यह सरकार अपंग है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी दो मामलों में बेदखली को गैरकानूनी बताया, लेकिन न कोर्ट ने पूरी तरह रोक लगाई और न ही सरकार ने कोई ठोस कदम उठाया। उन्होंने कहा कि, अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सेब कटान पर रोक लगा दी है, हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन अब हमारा सवाल है कि क्या सरकार और कोर्ट इस आदेश को मानेगा? हम अपनी अगली रणनीति इसी आधार पर तय करेंगे। सिंघा ने चेतावनी दी कि, सरकार के जेलों में जगह कम पड़ जाएगी। 1980 के बाद आई तमाम सरकारें अपने कर्तव्यों में विफल रही हैं। इन्होंने दो इंच भूमि नहीं छोड़ी, बल्कि सारी भूमि को 1952 की अधिसूचना के तहत वन घोषित कर दिया गया। लेकिन जैसे देश के किसानों ने तीन कृषि कानून वापस कराए थे, वैसे ही हम भी अपने हक की लड़ाई पूरी ताकत से लड़ेंगे।
विश्व शांति, आपदाओं की टालना और शक्तियों की अर्जन की कामना के साथ कोठी वंनोगी क्षेत्र में मां जगतजननी आदि शक्ति महामाई देवी भगवती नवदुर्गा की पारंपरिक फेरा यात्रा पर्व का आयोजन 12-13 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद धूमधाम से शुरू हुआ है। यह देव यात्रा क्षेत्र की आस्था, परंपरा और लोक संस्कृति की जीवंत मिसाल है। फेरा यात्रा का शुभारंभ श्रावण मास की द्वादशी तिथि को हुआ, जब पटाहरा गांव से माता दुर्गा व देवता पुंडरीक की पूजा-अर्चना के पश्चात सुहागिन महिलाओं द्वारा पारंपरिक रीति से यात्रा को देहुरी की ओर रवाना किया गया। देहुरी पहुंचने पर देव मिलन और विशाल देव कचहरी का आयोजन हुआ, जिसमें मां दुर्गा के गूर डोला सिंह द्वारा भविष्यवाणी की गई। इस देव यात्रा का आयोजन कारदार लोतम राम, किशन चंद, अनंत राम, डोला सिंह, गूर सेस राम तथा समस्त हारियांनों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह पर्व न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि समुदाय की एकता, संस्कृति और परंपरा को भी मजबूत करता है।
हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों कांगड़ा, कुल्लू और मंडी के कई क्षेत्रों में मंगलवार को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी हुआ है, अन्य क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। तीन अगस्त तक पूरे प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। सोमवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम मिलाजुला बना रहा। राजधानी शिमला में बूंदाबांदी हुई तो अन्य क्षेत्रों में बादल छाए रहे। हिमाचल में सोमवार शाम तक 200 सड़कें, 62 बिजली ट्रांसफार्मर और 110 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित रहीं। मंडी जिले में सबसे अधिक 121 सड़कें और 39 जल आपूर्ति स्कीमें बाधित हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार प्रदेश में 29 और 30 जुलाई के दौरान बारिश की अधिक गतिविधि होने की संभावना है। 31 जुलाई से 3 अगस्त तक अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। आगामी 48 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में 2-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आने की संभावना है। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 28 जुलाई तक 164 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 269 लोग घायल हुए हैं। 35 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 74 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1,607 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,168 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,402 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1523 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश ने फिर तबाही मचाई है। बादल फटने से इस बार मंडी शहर के विभिन्न स्थानों पर भारी नुकसान हुआ है। मंडी शहर के जेल रोड़ में अभी तक तीन लोगों की पानी के बहाव में बहने से मौत की पुष्टि हुई है। एक महिला का शव मलबे में दबी गाड़ियों के बीच में फंसा हुआ था, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकला गया। एक महिला लापता बताई जा रही है। जेल रोड में पुलिस, एनडीआरएफ की ओर से बचाव अभियान चलाया जा रहा है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा भी मौके पर माैजूद हैं। बादल फटने के बाद आई बाढ़ में दर्जनों छोटे-बड़े वाहन मलबे में दब गए हैं और कुछ बह गए हैं। इसके अलावा पैलेस काॅलोनी, जोनल अस्पताल और अन्य स्थानों पर बारिश ने कहर बरपाया है। शहर वासियों ने डर के साए में पूरी रात काटी। सुबह नगर निगम के मेयर वीरेंद्र भट्ट, कमीशनर रोहित राठौर और अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। धर्मपुर लोनिवि मंडल कार्यालय व अधीक्षण अभियंता कार्यालय के ऊपर भारी भूस्खलन हुआ है। कई गाड़ियों के दबने की भी सूचना है। ब्यास, सुकेती, और सकोडी खड्ड के उफान पर होने से साथ लगते घरों के लोग भी सहम गए। नगर निगम आयुक्त मंडी रोहित राठौर ने कहा कि मंडी में भारी बारिश के कारण ऊपरी इलाकों का मलबा निचले इलाकों में जमा हो गया। यह बादल फटने का नतीजा हो सकता है। सभी अधिकारी फिलहाल राहत कार्य में जुटे हैं। हमें जेल रोड के पास हुए नुकसान की सूचना मिली है। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई है। हमें 2 शव मिले हैं। एनएचएआई के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण मार्ग को बहाल करने में कठिनाई आ रही है। वर्षा बंद होने के बाद ही मार्ग को खोल दिया जायेगा। मंडी में भारी बारिश के कारण दोनों प्रमुख नेशनल हाईवे को बंद कर दिया गया है। चंडीगढ़-मनाली और पठानकोट-मंडी नेशनल हाईवे बीती रात से बंद पड़ा है। चंडीगढ़-मनाली एनएच पर 4 मील, 9 मील, दवाड़ा, झलोगी और अन्य स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ है। इसी तरह से पठानकोट मंडी पर भी पत्थर से लेकर मंडी तक अनेकों स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। जिले में अभी भी बारिश का दौर जारी है। राहत कार्यों में दिक्कतें आ रही हैं। मंडी शहर के विक्टोरिया पुल के पास लैंडस्लाइड भी हुआ है।
लाहलड़ी गांव में रविवार शाम विधायक आशीष शर्मा ने एक जिम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने और फिटनेस के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया। विधायक ने कहा कि जिम खोलने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों की ओर प्रेरित करना है। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय महिला मंडल को सम्मानित किया गया। साथ ही, गुरु रविदास आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय होशियारपुर से संबंध रखने वाले 18 कॉलेजों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली स्थानीय छात्रा दीक्षा पटियाल को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत पौधरोपण भी किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय पार्षद वकील सिंह, स्वाति जार, अनिल, रविंद्र सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
राज्य सरकार पक्के घरों के निर्माण के लिए सात लाख और कच्चे घरों के लिए एक लाख रुपये देगी। मंत्रिमंडल की बैठक में सोमवार को मानसून में बादल फटने और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए आपदा राहत पैकेज पर फैसला लिया जाएगा। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होने जा रही कैबिनेट बैठक में आपदा में हुए नुकसान और आपदा राहत पैकेज पर प्रस्तुति दी जाएगी। कैबिनेट की बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी आपदा राहत पैकेज घोषित करने का एजेंडा रखेंगे इसके अनुसार अगर प्राकृतिक आपदा से किसी का घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है तो उसे सात लाख की मदद मिलेगी। सात लाख रुपये में केंद्र से एसडीआरएफ के तहत 1.30 लाख का अंशदान दिया जाएगा। बाकी खर्च का वहन राज्य सरकार करेगी। आंशिक रूप से नष्ट हुए घर के लिए एक लाख की मदद दी जाएगी। इसमें केंद्र सरकार का अंशदान 12,500 रुपये होगा और राज्य सरकार 87,500 रुपये की मदद जारी करेगी। गोशाला नष्ट होने पर 50 हजार की मदद दी जाएगी। इसमें केंद्र का अंशदान 10 हजार का होगा और राज्य सरकार 40 हजार देगी। गाय या भैंस की मृत्यु होने पर 55 हजार की सहायता दी जाएगी। इसमें राज्य सरकार 37,500 रुपये और केंद्र 17,500 रुपये देगा। दुकान या ढाबा नष्ट होने पर एक लाख रुपये की मदद दी जाएगी। बगीचे या कृषि योग्य भूमि के नष्ट होने पर 10 हजार और भूस्खलन से नुकसान पर 5,000 रुपये की मदद दी जाएगी। नुकसान का यह आकलन संबंधित क्षेत्र के राजस्व अधिकारी करेंगे। हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तौर पर शुरू की गई वन संवर्धन योजना पर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होगी। राजीव गांधी वन संवर्धन योजना का उद्देश्य बंजर और क्षतिग्रस्त वन भूमि पर फलदार वृक्ष लगाकर राज्य ग्रीन कवर बढ़ाना है, साथ ही महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से रोजगार सृजन और जनभागीदारी को बढ़ावा देना भी है। वन विभाग में फील्ड स्टाफ की कमी और बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों के मद्देनजर यह योजना शुरू की गई है। मंत्रिमंडल की बैठक में पौधा रोपण के लिए दिए जाने वाले भूखंड और मानदेय पर फैसला लिया जाएगा। साथ ही ग्रीन एडॉप्शन स्कीम के तहत निजी कंपनियों को वनीकरण के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पौधरोपण के लिए भूमि उपलब्ध करवाने पर भी निर्णय होगा। मंत्रिमंडल की बैठक में कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर समय सीमा बढ़ाने पर भी फैसला प्रस्तावित है। एयरपोर्ट के विस्तार का काम अवाॅर्ड करने के लिए समय सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव है।
राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास और जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने शनिवार को धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव का दौरा कर प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में जारी राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया। प्रभावित लोगों से मिलकर हालचाल जाना और उनकी समस्याओं को सीधे समझने के साथ उन्होंने अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि हर प्रभावित व्यक्ति तक राहत सामग्री और आर्थिक मदद पहुंचे। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आपदा के 24 घंटे के भीतर प्रभावित इलाकों का दौरा कर प्रशासन को राहत एवं पुनर्वास कार्यों के कड़े निर्देश दिए हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि जिन परिवारों के घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें अधिकतम 7 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो देश में अब तक किसी राज्य सरकार द्वारा दी गई सबसे बड़ी राहत राशि है। हालांकि, भूमि की उपलब्धता एक बड़ी चुनौती बनी हुई है क्योंकि अधिकतर खाली जमीन वन क्षेत्र में आती है। इस समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने वन संरक्षण अधिनियम में संशोधन हेतु केंद्र को प्रस्ताव भेजा है। वहीं, वन अधिकार अधिनियम के तहत भी आजीविका पर निर्भर परिवारों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, प्रभावित खेतों और बागीचों के नुकसान का आकलन राजस्व, कृषि और बागवानी विभाग संयुक्त रूप से करेंगे और मुआवज़ा राशि बढ़ाई गई है। राजस्व मंत्री ने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और विद्युत बोर्ड के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी ली और उन्हें कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने अटल आदर्श विद्यालय मढ़ी का भी निरीक्षण किया। इस दौरान विधायक चन्द्रशेखर ने क्षेत्र के प्रभावित परिवारों की संख्या बताई और मुख्यमंत्री व सरकार के त्वरित राहत कार्यों के लिए आभार जताया। एसडीएम धर्मपुर जोगिंद्र पटियाल ने बताया कि अब तक प्रभावितों को लगभग 3.85 लाख रुपये की सहायता राशि विभिन्न मदों में दी जा चुकी है। 26 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त पक्के घरों व 3 कच्चे घरों को 2.50 लाख रुपये, आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त 10 पक्के व 18 कच्चे घरों को 70 हजार रुपये की अग्रिम राहत दी गई है। साथ ही गौशालाओं को 65 हजार रुपये की सहायता प्रदान की गई। राहत सामग्री के तहत 29 राशन किट, 16 कंबल, 612 तिरपाल और गैस सिलेंडर आदि वितरण किए गए हैं। पेयजल योजनाओं में अधिकांश कार्य आंशिक रूप से बहाल हो चुके हैं और कुछ सड़कों की मरम्मत प्रगति पर है।
केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के बलाहर स्थित वेदव्यास परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) इकाई द्वारा एक विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान परिसर के प्राध्यापकों और विद्यार्थियों के लिए आयोजित किया गया था, जिसमें संस्कृतभारती के अखिल भारतीय सम्पर्क प्रमुख श्रीश देव पुजारी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। व्याख्यान का मुख्य फोकस भारतीय ज्ञान प्रणाली की अवधारणा, उसकी वर्तमान चुनौतियाँ, समाधान और छात्रों की उसमें सक्रिय भूमिका पर केंद्रित रहा। श्रीश देव पुजारी ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि संस्कृत केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारत की आत्मा है। उन्होंने विद्यार्थियों को संस्कृत क्षेत्र में अपने योगदान को पहचानने और उसे मजबूती से निभाने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर व्याख्यान के बाद परिसर के आचार्यों के साथ एक विशेष परिचर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें शिक्षा और संगठन से जुड़े मुद्दों पर गंभीर विमर्श किया गया। गौरतलब है कि श्रीश देव पुजारी इन दिनों पंचदिवसीय प्रवास पर हिमाचल प्रदेश में हैं। इस प्रवास के दौरान वे राज्य में संस्कृतभारती के संगठनात्मक विस्तार, व्यवस्थापन और सशक्तिकरण को लेकर सक्रिय हैं। साथ ही प्रदेश के प्रमुख संस्कृत शिक्षण संस्थानों, जैसे केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला, विभिन्न गुरुकुल और संस्कृत महाविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन की वर्तमान स्थिति, भविष्य की आवश्यकताएँ और संभावनाएँ समझने के लिए प्रशासनिक एवं सामाजिक प्रतिनिधियों से मुलाक़ात भी कर रहे हैं। वेदव्यास परिसर में आयोजित इस व्याख्यान में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षक, कर्मचारी और छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे। आयोजन को लेकर परिसर में उत्साहपूर्ण वातावरण देखने को मिला।
बिलासपुर उपायुक्त राहुल कुमार ने शुक्रवार को सब्ज़ी मंडी और मीट मार्केट का औचक निरीक्षण किया और वहां की गंदगी, अव्यवस्था व अधूरी विकास परियोजनाओं पर सख्त नाराज़गी जाहिर की। निरीक्षण के दौरान डीसी ने नगर परिषद, लोक निर्माण विभाग और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और दो टूक शब्दों में कहा कि अब लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपायुक्त ने अधिकारियों को 15 अगस्त तक पूरे क्षेत्र को पूरी तरह स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने की अंतिम समयसीमा दी है। उन्होंने कहा कि डियारा सेक्टर तक सफाई और सीवरेज व्यवस्था को युद्धस्तर पर ठीक किया जाए। इसके बाद यदि किसी भी प्रकार की कोताही सामने आई, तो जिम्मेदारों पर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई होगी। डीसी ने साफ शब्दों में कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर फैली गंदगी न केवल शहर की छवि खराब करती है, बल्कि संक्रामक बीमारियों को भी न्योता देती है। ऐसे में यदि नगर परिषद समय पर सफाई और व्यवस्था नहीं सुधारती, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई तय मानी जाएगी। स्थानीय नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि जिन जल निकासी नालों में पेयजल आपूर्ति की पाइपें डाली गई हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए ताकि बरसात के दौरान जलभराव और सफाई में बाधा न आए। निरीक्षण के दौरान हिमुडा बोर्ड के निदेशक मंडल सदस्य जितेंद्र चंदेल ने शिकायत की कि कुछ बाहरी लोग खुलेआम इलाके में कूड़ा फेंक रहे हैं। इस पर डीसी ने सहमति जताई और निर्देश दिए कि इन 'हॉटस्पॉट' इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी फैलाते पकड़ा जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, एपीएमसी अध्यक्ष सतपाल वर्धन ने बताया कि मंडी परिसर में 5 लाख रुपये की लागत से एक हैंडपंप लगाया जा रहा है, जो लगभग पूरा हो चुका है। इसके अलावा सड़क मरम्मत के लिए 3.60 लाख रुपये और एपीएमसी के पुराने भवन की मरम्मत के लिए 37 लाख रुपये का बजट मंजूर किया गया है। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जो भी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहेंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने जनता से भी अपील की कि वे स्वच्छता बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।
भरमौर के विधायक डॉ. जनक राज ने होली से वाया कलाह मार्ग से होकर पवित्र मणिमहेश यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु की जा रही व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया l इस दौरान उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। स्वच्छता अभियान में सक्रिय भागीदारी करते हुए उन्होंने स्वयं साफ-सफाई में हिस्सा लिया और स्थानीय लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक रहने का संदेश भी दिया।निरीक्षण के दौरान डॉ. जनक राज ने स्थानीय लोगों से संवाद कर उनके सुझाव लिए ताकि व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
कारगिल विजय दिवस पर जब पूरा देश अपने वीर सपूतों को याद कर रहा है, तब हिमाचल के सोलन जिले के बुघार पंचायत का नाम भी गर्व से लिया जाता है। यहां के बेटे शहीद सिपाही धर्मेंद्र सिंह ने मात्र 20 वर्ष की उम्र में पाकिस्तान से लोहा लेते हुए देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। धर्मेंद्र की बहादुरी और बलिदान की गाथा आज भी उनके गांव और परिवार की जुबां पर है। सुबाथू संवाददाता ने जब कारगिल के इस वीर शहीद के पिता नरपत सिंह से बात की तो उनकी आंखों में गर्व भी था और एक अधूरी उम्मीद का मलाल भी। नरपत सिंह ने बताया, “धर्मेंद्र कारगिल युद्ध के दौरान सबसे आगे वाली टुकड़ी में था। अंधेरे में कवरिंग फायर देते हुए दुश्मनों पर लगातार गोलियां बरसाईं। लेकिन अचानक रोशनी पड़ते ही दुश्मन ने फायरिंग शुरू की और धर्मेंद्र सीने पर गोली खाकर शहीद हो गया।” धर्मेंद्र सिंह का जन्म 26 जनवरी 1979 को हुआ था। 1996 में जमा दो की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने सेना जॉइन की और पंजाब रेजिमेंट में शामिल हुए। उनकी पोस्टिंग कारगिल के बटालिक सेक्टर में हुई। 30 जून 1999 की रात वह और एक साथी दुश्मनों की अग्रिम पंक्ति के बेहद करीब पहुंच चुके थे, तभी दुश्मन की सर्चलाइट की चपेट में आ गए। जवाबी कार्रवाई में दोनों ने बहादुरी से मोर्चा संभाला लेकिन धर्मेंद्र को गोली लग गई और वह शहीद हो गए। 3 जुलाई 1999 को उनका पार्थिव शरीर पूरे राजकीय सम्मान के साथ गांव लाया गया और गंभर नदी के किनारे अंतिम संस्कार किया गया। शहीद के पिता नरपत सिंह ने कहा कि सेना और प्रशासन की ओर से उन्हें पूरा सम्मान मिला, लेकिन राजनीतिक दलों ने सिर्फ़ वादे किए। “मैंने अपने गांव में एक छोटा आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र मांगा था, जो आज तक फाइलों में ही सिसक रहा है। यह मलाल हमेशा रहेगा।” धर्मेंद्र की याद में उनके पिता ने गांव के स्कूल के पास एक शहीद स्मारक बनवाया है, जिसमें धर्मेंद्र की मूर्ति मंदिर की तरह स्थापित की गई है। “मैं चाहता हूं कि आने वाली पीढ़ी धर्मेंद्र की शहादत से सीखे और देशसेवा को अपना आदर्श बनाए।”
भरमौर जिला परिषद किलोड वार्ड के प्रतिनिधि एवं APMC चंबा के अध्यक्ष ललित ठाकुर ने खड़ामुख में सब्जी मंडी शुरू किए जाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि भरमौर और होली के बीच स्थित HPMC की खड़ामुख बिल्डिंग की ऊपरी मंजिल, जो कई वर्षों से खाली पड़ी थी, अब किसानों और बागवानों के हित में उपयोग की जाएगी। यह मंज़िल उपायुक्त चंबा और ADM भरमौर के सहयोग से HPMC द्वारा APMC चंबा को सौंप दी गई है। ललित ठाकुर ने कहा कि भवन की मरम्मत के बाद इसे "सब्जी मंडी" के रूप में चालू कर दिया जाएगा, जिससे स्थानीय किसान-बागवान अपने उत्पाद, जैसे सब्जियां, सेब इत्यादि, स्थानीय स्तर पर उचित दामों पर बेच सकेंगे। इससे न सिर्फ़ उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि उन्हें उत्पाद बेचने के लिए अन्य जगहों पर भटकना भी नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह मांग लंबे समय से उठ रही थी और मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में अब पूरी होने जा रही है। ललित ठाकुर ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि बतौर APMC अध्यक्ष उन्हें जो ज़िम्मेदारी मिली है, उसका उपयोग वह जनता की सेवा और विकास कार्यों के लिए कर रहे हैं। इस अवसर पर APMC चंबा की टीम, तहसीलदार होली, RM HPMC और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
संसारपुर टैरेस से सटे घाटी पंचायत में सड़क किनारे स्थित एक गड्ढा लगातार हादसे को न्योता दे रहा है। इस बारे में पंचायत प्रधान बाजेश्वर कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि यह गड्ढा कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते-बनते टल चुका है। स्थानीय निवासी सुशील कुमार, राज कुमार, शानू और अन्य लोगों ने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह गड्ढा सड़क के किनारे है, जहां से गाड़ियों को पास लेने में दिक्कत आती है। अब तक कई बार वाहन चालक हादसे से बाल-बाल बचे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस संबंध में लोक निर्माण विभाग को पहले भी सूचित किया जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस गड्ढे की मरम्मत करवाई जाए, ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके। इस मुद्दे पर जब लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता नितेश कौंडल से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि बरसात के कारण सड़क पर बहाव तेज हो गया है, जिससे यह गड्ढा बन गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि विभाग की ओर से जल्द ही अस्थायी रूप से इसकी मरम्मत करवाई जाएगी ताकि आमजन को राहत मिल सके।
नगर परिषद सुजानपुर टीहरा में परिवार रजिस्टर बनाने का काम 02 जुलाई से शुरू किया गया था। सर्वेक्षण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। यह सर्वेक्षण कार्य लोकमित्र केंद्र की टीम द्वारा किया गया था। हालांकि, नगर परिषद ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई परिवार सर्वेक्षण के दौरान छूट गया हो, तो वह अब भी 31 जुलाई तक अपने परिवार का नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज करवा सकता है। इसके बाद शहरी विकास विभाग निदेशालय के निर्देशानुसार, लोकमित्र केंद्र की सर्वे टीम किसी भी छूटे हुए परिवार को रजिस्टर में शामिल नहीं कर पाएगी। जिसके लिए नगर परिषद सुजानपुर टीहरा ने समस्त रहवासी परिवारों से अनुरोध किया है कि जो परिवार अभी तक रजिस्टर में दर्ज नहीं हो पाए हैं, वे जल्द से जल्द निम्नलिखित लोकमित्र केंद्र से संपर्क करें और अपना नाम दर्ज करवाएं।
धर्मपुर विद्युत मंडल के अधीन 33 केवी सबस्टेशन को भारी बारिश और सड़क निर्माण के चलते हुए भूस्खलन से भारी नुकसान झेलना पड़ा है। सरकाघाट से धर्मपुर को आने वाली मुख्य बिजली लाइन के कई पोल गिर गए हैं, जिससे हजारों उपभोक्ताओं और कई पेयजल योजनाओं की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है। बिजली विभाग के कर्मचारी पिछले चार दिनों से दिन-रात मलबे में फंसे पोलों को ठीक करने में जुटे हैं। जंगल के भीतर फैले पेड़ों और भारी मलबे की वजह से कार्य में भारी कठिनाई आ रही है। अधिशाषी अभियंता ई. संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग को अब तक ₹10 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि मंडप, चोलथरा, मढ़ी और अन्य 33 केवी सबस्टेशनों के माध्यम से वैकल्पिक तौर पर बिजली की आपूर्ति बहाल की गई है, जिससे उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है। हालांकि, कुछ पेयजल योजनाएं कम वोल्टेज के कारण सुचारु रूप से नहीं चल पा रही हैं, जिससे पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। भूस्खलन का मुख्य कारण धर्मपुर-कोटली सड़क निर्माण कार्य के दौरान की गई अवैध मिट्टी डंपिंग और भारी बारिश को बताया जा रहा है। इससे पहले भी 33 केवी सबस्टेशन पर मलबा भर चुका था, जिससे विभाग को परेशानी हुई थी। अब मुख्य लाइन के पोल गिरने से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। वही ई. संतोष कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है और प्रयास है कि कल तक मुख्य लाइन की बिजली आपूर्ति बहाल कर दी जाए। उपभोक्ताओं को जल्द ही नियमित बिजली और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
शिमला स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) पर एक व्यक्ति ने गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि अस्पताल में समय पर इलाज न मिलने के कारण उसकी मां की मृत्यु हो गई। वीडियो में व्यक्ति ने भावुक होकर आरोप लगाया कि IGMC की इमरजेंसी में तकरीबन एक घंटे तक वे, उनके भाई-बहन और पत्नी अपनी माता के इलाज के लिए भटकते रहे, लेकिन इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने लापरवाही बरती। व्यक्ति ने कहा, "मैंने एक-एक डॉक्टर से अपनी मां के इलाज की भीख मांगी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डॉक्टर मेरे सामने से गुजरते रहे लेकिन किसी ने इलाज शुरू नहीं किया।" व्यक्ति के अनुसार, वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद ही इलाज शुरू हुआ, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि उनकी माता का अस्पताल में दाखिला तो हो गया था, लेकिन ट्रीटमेंट का समय निकल गया। उन्होंने यह भी कहा कि दाखिले के बाद एक डॉक्टर बहुत अच्छे थे, लेकिन उन्हें भी इलाज करने का मौका नहीं मिला। इस मामले पर IGMC के डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. अमन ने कहा कि फिलहाल उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि शिकायत मिलती है तो मामले की जांच की जाएगी। इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई लोगों ने अस्पताल प्रबंधन से जवाबदेही तय करने की मांग की है।
मातृ शिशु अस्पताल KNH शिमला में डॉक्टरों की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। डिलीवरी के एक दिन बाद महिला की अस्पताल में मौत हो गई है। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। शिमला के गढ़ावग गांव की रहने वाली 27 साल की अर्चना शर्मा की गुरुवार सुबह 11:30 बजे सीजेरियन ऑपरेशन के जरिए डिलिवरी हुई थी और शुक्रवार सुबह 8: 30बजे उसकी मृत्यु हो गई। परिजनों ने बताया कि आज शुक्रवार सुबह अर्चना को दूसरे कमरे में जबरदस्ती पैदल चल कर शिफ्ट करने को कहा गया। जिसके बाद नर्सों ने उसे बेड से उठाने की कोशिश की इस दौरान महिला को चक्कर आया और ब्लीडिंग भी शुरू हो गई, जिसके थोड़ी ही देर में महिला की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि महिला का सीजेरियन ऑपरेशन हुआ था और चलने की स्थिति में नहीं थी, लेकिन उसे जबरदस्ती दूसरे कमरे में शिफ्ट करने की कोशिश की जिससे उसकी मौत हो गई। महिला ने बीते कल ही एक बच्चे को जन्म दिया था और एक चार साल की बेटी घर पर है। परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर और नर्स पर कारवाई की गुहार लगाई है।
जिला ऊना मुख्यालय में चल रही नौ दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा के चौथे दिन शिव विवाह का भावुक प्रसंग प्रस्तुत किया गया। कथा स्थल हर हर महादेव और जय शिव शंकर के जयकारों से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने भजनों पर झूमकर अपनी भक्ति व्यक्त की। कथा व्यास जगतगुरु श्री 1008 विकास दास महाराज ने माता पार्वती की तपस्या, सप्त ऋषियों के उपदेश तथा ताड़का वध की कथा का विस्तार से वर्णन किया। इसके बाद शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनाते हुए उन्होंने वातावरण को भावुक कर दिया। भजन "सांसों की माला पर सिमरूं मैं शिव का नाम" पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। महाराज ने भजन "लगन तुमसे लगा बैठे, जो होगा देखा जाएगा" गाकर श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। इस अवसर पर पूर्व मंत्री वीरेंद्र कंवर ने भाग लेकर आरती में सम्मिलित हुए और महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। उनके साथ विजय आंगरा, डॉक्टर राजन आंगरा, नारायण आंगरा, साहिल जैतिक और राजकुमार पठानिया भी मौजूद रहे। जगतगुरु विकास दास महाराज ने कथा के दौरान समाज में फैल रहे नशे के जाल पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भगवान शिव ने समाज की रक्षा के लिए विषपान किया, लेकिन आज कुछ लोग भोलेनाथ का नाम लेकर भांग और नशे को महिमामंडित कर रहे हैं, जो पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा, "भगवान शिव रक्षक हैं, सृष्टि के पालनकर्ता हैं, वे कभी भी परिवार को तोड़ने या नशे की प्रेरणा देने वाले नहीं हो सकते।" उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे नशे से दूर रहें, पढ़ाई करें, रोजगार की ओर बढ़ें और समाज के लिए ईमानदारी से कार्य करें। विकास दास महाराज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भी अब नशे की गिरफ्त में है। पहले यह हालात पंजाब तक सीमित थे, लेकिन अब देशभर में सिंथेटिक ड्रग्स का खतरा फैल चुका है। उन्होंने कहा कि जो युवा नशे की चपेट में हैं, उन्हें बाहर निकालने के लिए सरकार, समाज और संत समाज को एकजुट होकर काम करना होगा। वहीं जो नशे के माफिया और सप्लायर हैं, उनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए और उनके खिलाफ कठोर कानून लागू किए जाने चाहिए। विकास दास महाराज ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के नशा मुक्ति अभियान की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है। उन्होंने कहा, "राज्यपाल स्वयं फील्ड में जाकर नशे के विरुद्ध रैलियां कर रहे हैं, समाज को जोड़ रहे हैं और जागरूकता फैला रहे हैं।" उन्होंने कहा कि संत समाज भी इस अभियान में भागीदार है और वे स्वयं अपनी कथाओं के माध्यम से लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं। आने वाले समय में वे राज्यपाल से मिलकर नशा मुक्ति अभियान को और मजबूती देने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का प्रयास करेंगे। कथा के आयोजक राकेश पुरी और राघव पुरी ने समस्त अतिथियों और श्रद्धालुओं का धन्यवाद ज्ञापित किया और सभी से अनुरोध किया कि वे इस धार्मिक आयोजन के माध्यम से समाज सुधार की दिशा में भी योगदान दें।
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को आत्मा परियोजना काँगड़ा की उप परियोजना निदेशक डॉ वैशाखा पॉल, कृषि विकास अधिकारी देहरा आदित्य महाजन, कृषि प्रसार अधिकारी स्वाति शर्मा, आत्मा पारिजाना देहरा से खंड तकनीकी प्रबंधक, डिम्पल ठाकुर, सहायक तकनीकी प्रबंधक दीपक ठाकुर और लक्षिता गोयल ने विकास खंड देहरा की पंचायत गुगाना, दरीन, सिल्ह, लुथान, त्रिपल, दरकाटा, बारी कलां का दौरा किआ और किसानों को प्राकृतिक खेती के महत्व, तरीकों और लाभों के बारे मे जानकारी दी, और किसानों का इस योजना के तहत पंजीकरण भी किया गया। इस बार हिमाचल सरकार किसानों से प्राकृतिक हल्दी की 90 रूपये प्रति किलोग्राम और प्राकृतिक मक्की की 40 रूपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से खरीद करने जा रही है। इसके अतिरिक्त उप परिजोना निदेशक काँगड़ा, डॉ वैशाखा पॉल ने बताया कि कोई भी किसान इस बारे में अतिरिक्त जानकारी हेतु कृषि विभाग देहरा में संपर्क कर सकता है तथा इस योजना का लाभ ले सकता है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के एनएसएस इकाई, देहरा सप्त सिंधु परिसर तथा SOTTO (स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में अंगदान जन संजीवनी अभियान के अंतर्गत एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण से हुई, जिसे एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. श्रैया बख्शी ने प्रस्तुत किया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता SOTTO हिमाचल प्रदेश के स्टेट कोऑर्डिनेटर नरेश थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी अमित शर्मा उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता ने स्वयंसेवियों, छात्रों और संकाय सदस्यों को अंगदान और नेत्रदान की आवश्यकता और महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंगदान के माध्यम से एक व्यक्ति मरने के बाद भी आठ लोगों की जिंदगी बचा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मृत्यु के बाद शरीर को जलाने या दफनाने की बजाय अंगदान करके किसी जरूरतमंद को नया जीवन दिया जा सकता है। समाजसेवी अमित शर्मा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, वह अपनी स्वेच्छा से अंगदान की शपथ ले सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जानकारी के अभाव और भ्रांतियों के कारण अधिकांश लोग अंगदान से पीछे हट जाते हैं। सही जानकारी मिलने पर अधिक लोग इस दिशा में आगे आ सकते हैं। संगोष्ठी में नरेश ने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट www.sottohimachal.in के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे अंगदान के लिए पंजीकरण कर सकता है। वेबसाइट पर क्यूआर कोड स्कैन करके शपथ पत्र भरना संभव है, जिससे व्यक्ति अपनी अंगदान की इच्छा को औपचारिक रूप से दर्ज कर सकता है। कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मी जिन्या ने किया और शोधार्थी शिवम् राज ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।
राजधानी शिमला में वीरवार सुबह मौसम साफ रहा। दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और शिमला व सोलन में बादल झमाझम बरसे। मैदानी जिलों में मौसम साफ रहने के साथ धूप खिली। वीरवार शाम तक मनाली-कोटली एनएच समेत 274 सड़कें, 56 बिजली ट्रांसफार्मर और 173 पेयजल योजनाएं ठप रहीं। चंबा के चुराह में बिजली गिरने से दो मवेशियों की मौत हो गई। शुक्रवार को भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश के आसार हैं। 26 से 30 जुलाई कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में मौसम भले ही खुल गया है, लेकिन दुश्वारियां अभी बरकरार हैं। तेज बारिश और भूस्खलन की वजह से पेयजल योजनाएं ठप होने से कई जगह पीने के पानी का संकट गहरा गया है। बिजली ट्रांसफार्मर बंद होने से कई गांवों में अंधेरा छाया हुआ है। हालांकि, वीरवार को धूप खिलने के बाद विभागों ने बिजली-पानी और सड़कों को बहाल करने का काम तेज कर दिया है। जिला कुल्लू में बंजार से गुशैणी सड़क को लोक निर्माण विभाग ने तीन दिन बाद छोटे वाहनों के लिए बहाल कर दिया है। हाईवे-305 चार दिन से अवरुद्ध है। हमीरपुर जिले में सुबह से ही धूप खिली रही। धूप खिलने से फिर गर्मी बढ़ने लगी है। ऊना जिले में वीरवार सुबह से ही मौसम साफ रहा। मौसम खुलने के बाद किसान खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करने में जुट गए हैं। कांगड़ा जिले में वीरवार को पूरा दिन मौसम साफ रहा। हालांकि, शाम को थोड़े बादल दिखे, लेकिन बारिश नहीं हुई।
26 जुलाई को 33/11 के वी उपकेन्द्र प्रागपुर और 11 केवी प्रागपुर, शांतला, गरली, नहेरन्पुखर, कलोहा फीडर की उचित मुरमम्त हेतु विधुत सप्लाई 10:00 बजे से 2 बजे तक बाधित रहेगी। जिससे 11 के वी फीडरो के अंतर्गत आने वाले गाँव प्रागपुर, गढ़, छडोल, मसोट, बलाहर नहेरन्पुखर, गरली लग, बलियाना, नालेटी, कलोहा, शांतला, बनी सेहेरी आदि गाँव प्रभावित होंगे। वही ई. विक्रमजीत विद्युत उपमंडल प्रागपुर ने कहा की 26 जुलाई को विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। जिस बीच जनता से सहयोग की अपील की है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य में लावारिस कुत्तों और बंदरों की बढ़ती संख्या और उनके हमलों की घटनाओं पर गंभीर चिंता जताते हुए कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षों को कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। कोर्ट ने कुत्तों और बंदरों के पुनर्वास के लिए एनजीओ की सहायता से 'कैटल पाउंड' (पशु आश्रय) जैसी व्यवस्था पर सुझाव मांगे हैं। इसके साथ ही खंडपीठ ने राज्य सरकार और संबंधित निकायों को निर्देश दिए हैं कि जानवरों की गणना व सर्वेक्षण की स्थिति पर हलफनामा दाखिल करें और स्पष्ट करें कि शहरी क्षेत्रों में इनकी आबादी की गणना की गई है या नहीं। सुनवाई के दौरान धर्मशाला नगर निगम की ओर से एक हलफनामा पेश किया गया, जिसमें बताया गया कि कुत्तों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को तय की गई है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट पहले ही 10 सितंबर 2024 को इस विषय पर एक विस्तृत आदेश पारित कर चुका है। उस आदेश में कोर्ट ने केंद्र सरकार से ‘पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023’ के उस प्रावधान पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था, जिसके तहत नसबंदी के बाद जानवरों को उसी स्थान पर छोड़ना अनिवार्य है, जहां से उन्हें पकड़ा गया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शहरी क्षेत्रों, स्कूलों और बाजारों के आसपास — जहां छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग रहते हैं — इन जानवरों के हमले का ख़तरा कहीं अधिक है। ऐसी स्थिति में नसबंदी के बाद भी जानवरों को उसी स्थान पर वापस छोड़ना जनसुरक्षा के लिहाज़ से खतरनाक हो सकता है। हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे कि पशुओं को छोड़ने से संबंधित दिशा-निर्देशों में संशोधन किया जाए और शहरी क्षेत्र, स्कूलों व बाजारों के आसपास के इलाकों को इस प्रावधान से बाहर रखा जाए। शिमला शहर में खासकर छोटा शिमला, हाईकोर्ट परिसर, जाखू, संजौली, समिट्री, ढली चौक, लक्कड़ बाजार, माल रोड, समरहिल, विकासनगर और आईजीएमसी जैसे क्षेत्रों में आए दिन लोग लावारिस कुत्तों और बंदरों के हमलों का शिकार हो रहे हैं। इन हमलों के डर से महिलाएं, स्कूल जाने वाले बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर निकलने में असहज महसूस कर रहे हैं।
वन भूमि पर अतिक्रमण वाले बगीचों में फलों से लदे सेब के पेड़ काटने के खिलाफ हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राज्य सरकार की ओर से शीर्ष अदालत में पेड़ कटान के खिलाफ एसएलपी दायर की गई है। शुक्रवार को मामले में सुनवाई हो सकती है। राज्य सरकार ने हिमाचल हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसके तहत वन भूमि पर सेब से लदे पेड़ों को काटने के आदेश दिए गए हैं। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग शिमला जिले में अतिक्रमण वाली भूमि पर सेब से लदे पेड़ों को काट रहा है। कुमारसैन उपमंडल के बड़ागांव और कोटखाई के चैथला गांव में सेब के फलों से लदे सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं। इस कार्रवाई से आम लोग हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ मुखर हो गए हैं, जिसके चलते राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महाधिवक्ता अनूप रतन ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार शीर्ष अदालत से आग्रह करेगी कि फलों से लदे पेड़ों को काटने के उस आदेश पर फिलहाल रोक लगाई जाए। फलों से लदे पेड़ों को काटना संस्कृति के खिलाफ है। प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के तहत लोगों को बेघर भी होना पड़ रहा है। राज्य में जिस तरह से बरसात चल रही है, उससे लोगों को घरों से भी बेदखल करना उपयुक्त नहीं है।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के दौर थम गया है। हालांकि, बारिश के बीच चंबा-किलाड़ मार्ग पर बारिश होने से सतरूंडी नाले का बुधवार को जलस्तर बढ़ गया। इससे एचआरटीसी बसों और पर्यटक वाहनों में 10 यात्री और 50 से अधिक सैलानी तीन घंटे तक फंसे रहे। प्रदेश में बुधवार शाम तक मनाली-कोटली एनएच सहित 344 सड़कें, 169 बिजली ट्रांसफार्मर और 230 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। वीरवार से शनिवार तक प्रदेश में हल्की बारिश के आसार हैं। 27 जुलाई से फिर मानसून के रफ्तार पकड़ने का पूर्वानुमान है। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग नूरपुर में पहाड़ी दरकने से मंगलवार रात दो घंटे बाधित रहा। बुधवार को कांगड़ा, शिमला, ऊना में हल्की बारिश हुई। राजधानी शिमला में बुधवार सुबह कई दिनों बाद धूप खिली। शाम के समय शहर में कुछ देर बादल बरसे। कांगड़ा जिले में बुधवार को सुबह से दोपहर तक बारिश का दौर जारी रहा। खराब मौसम के चलते दिल्ली से कांगड़ा हवाई अड्डा इंडिगो की एक फ्लाइट नहीं आई। बुधवार को इंडिगो और स्पाइस जेट की दो फ्लाइटें हवाई अड्डा पर पहुंचीं। कुल्लू में तीन दिन बारिश के बाद बुधवार दोपहर बाद मौसम साफ हुआ। भुंतर के लिए हवाई सेवा भी बुधवार को बंद रही। जिले में सड़कें बंद होने से जगह-जगह टमाटर, सेब व नाशपाती से भरे क्रेट मालवाहक वाहनों में फंसे हुए हैं।
तहसील डाडा सीवा के भू-स्वामियों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की गई है। तहसीलदार बीरबल ने जानकारी देते हुए बताया कि उपायुक्त कांगड़ा, धर्मशाला के निर्देशानुसार सभी भूमि मालिकों से आग्रह किया गया है कि वे अपनी भूमि संबंधी रिकॉर्ड में आधार कार्ड की सीडिंग का कार्य 30 जुलाई 2025 तक अनिवार्य रूप से पूरा करें। इसके लिए भू-स्वामी अपने संबंधित पटवार घर कार्यालय में जाकर यह प्रक्रिया पूर्ण करवा सकते हैं। तहसील प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस कार्य के लिए भू-स्वामी को अपना आधार कार्ड एवं आधार से लिंक मोबाइल नंबर साथ लाना अनिवार्य होगा। प्रशासन ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों, वार्ड सदस्यों और नंबरदारों से विशेष अपील की है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करें ताकि अधिक से अधिक लोग समय रहते इस प्रक्रिया को पूर्ण कर सकें। यह कार्य न केवल भू-स्वामित्व के रिकॉर्ड को पारदर्शी बनाएगा, बल्कि भविष्य में सरकारी योजनाओं का लाभ पाने में भी सहायक सिद्ध होगा अतः सभी भू-स्वामियों से अनुरोध है कि समय रहते आवश्यक दस्तावेजों के साथ आधार सीडिंग कार्य पूर्ण करवाएं।
उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि जिला शिमला में सेब सीजन के मध्यनजर वर्ष 2025 के लिए सेब पेटियों की वजन के हिसाब से ढुलाई के लिए ट्रक, मिनी ट्रक, पिक-अप (4 पहिया) की दर एवं परिवहन शुल्क को निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली तक ट्रक एवं अन्य वाहन का 90 पैसा, चंडीगढ़ तक ट्रक और अन्य वाहन का 1 रुपए 30 पैसा, पिकअप से 20 किलोमीटर तक का 2 रुपए 30 पैसा, पिकअप से 20 किलोमीटर से ज्यादा का 2 रुपए 50 पैसा एवं आयशर 4 पहिया (टाटा 407) का 1 रुपए 30 पैसा निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह दरें प्रति किलोमीटर / प्रति क्विंटल के हिसाब से निर्धारित की गई है | उन्होंने कहा कि अधिक शुल्क वसूलने पर दोषी ट्रक/मिनी ट्रक/पिकअप ऑपरेटर यूनियनों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर हर्ष महाजन ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से हिमाचल प्रदेश में आई त्रासदी के बारे में विस्तृत चर्चा की। हर्ष महाजन ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि हिमाचल प्रदेश में भारी नुकसान हुआ है जिसको लेकर धरातल पर काम करना बहुत आवश्यक है,केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा सांसद को आश्वासन देते हुए कहा की हिमाचल प्रदेश में टनल एवं ब्रिजो को लेकर गंभीर रूप से काम होगा। ज्यादा से ज्यादा टनल और ब्रिजों का प्रयोग कर हिमाचल प्रदेश को राहत पहुंचाई जाएगी, मंडी जिला के पंडोह में भी एक टनल प्रस्तावित एवं स्वीकृत की गई है जिस को लेकर जल्द ही काम शुरू होगा। केंद्र मंत्री ने बताया कि आईआईटी रुड़की एवं अन्य संस्थाओं को हिमाचल प्रदेश के लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया गया है, जो हिमाचल प्रदेश में इन टनल एवं ब्रिजों को लेकर डिजाइन एवं री डिजाइन का कार्य करेंगे। आने वाले समय में एनएहएआई की कार्यप्रणाली में बड़ा बदलाव आएगा और आधुनिक तकनीक को अपनाते हुए हिमाचल प्रदेश में सड़कों की दृष्टि से सुदृढ़ काम होगा। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल प्रदेश में सड़कों को जितना भी नुकसान हुआ है उसको तुरंत प्रभाव से ठीक किया जाएगा। राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्र मंत्री अमित शाह का धन्यवाद भी किया कि जिस प्रकार से उन्होंने हिमाचल प्रदेश को आपदा की दृष्टि से पैसा भेजा है उससे हिमाचल प्रदेश को बड़ा लाभ हो रहा है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति ने वर्ष 2023 के लिए बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश को 2006.40 करोड़ रुपये के परिव्यय को पहले ही मंजूरी दे दी है। 7 जुलाई, 2025 को 451.44 करोड़ रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी है। हम राज्य सरकार से निवेदन करते हैं कि जो भी पैसा केंद्र से आ रहा है उसका सदुपयोग किया जाए, आया पैसा उचित स्थान एवं उचित व्यक्ति पर खर्च होना चाहिए।
राजकीय महाविधालय ढलियारा में वीo वॉकo रिटेल मैनेजमेंट के 12 विद्यार्थियों ने एक बार फिर सफलता की नई इबारत लिखी है। कॉलेज के 12 होनहार विद्यार्थियों का चयन देश की नामी रिटेल कंपनियों में हुआ है, जिससे न केवल कॉलेज का नाम रोशन हुआ है, बल्कि व्यावसायिक और कौशल शिक्षा के क्षेत्र में कॉलेज की सशक्त उपस्थिति भी प्रमाणित हुई है। निखिल मांगला, शवन डढवाल, पंकज का चयन लीवाइस में हुआ है। जबकि पलक और काजल को क्लोविया में अवसर मिला है। अंजली को केंटाबिल और सुहानी को पैंटालूंस में नियुक्ति मिली है। पलक को सॉलिड स्टोर EBO में नौकरी मिली है। दिनेश कुमार को लाइफ स्टाइल में स्थान प्राप्त हुआ है और आर्यन को NFS में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा विकास को रेडटेप और रितिका को सीएल फार्मा में नियुक्त किया गया है। कंपनियों द्वारा इन सभी विद्यार्थियों को औपचारिक नियुक्ति पत्र (ऑफर लेटर) प्रदान कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस शानदार उपलब्धि के पीछे राजकीय महाविद्यालय ढलियारा और एडूब्रिज इंडिया लर्निंग प्राइवेट लिमिटेड का विशेष योगदान रहा है। यह सफलता NSQF के अंतर्गत संचालित वीo वॉकo रिटेल मैनेजमेंट कार्यक्रमों की गुणवत्ता और व्यवहारिकता को दर्शाती है। महाविधालय प्राचार्या डॉ. अंजू आर चौहान, विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कंचन रनोत और सभी शिक्षक विद्यार्थियों की इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।
नगरोटा सूरियां रेंज में वन संपदा की रक्षा हेतु चलाए जा रहे सतत प्रयासों के तहत, नगरोटा सूरियां रेंज के वन विभाग के कर्मियों ने बीती रात एक बड़ी सफलता हासिल की। विभाग की टीम ने पूरी रात जागते हुए सतर्कता बरती और एक पिकअप गाड़ी को धार में पकड़ा, जो अवैध रूप से काटी गई खैर लकड़ी से भरी हुई थी। यह कार्रवाई सुरेंद्र सैनी RO नगरोटा सूरिया के नेतृत्व में की गई। विश्वसनीय सूचना के आधार पर की गई इस कार्रवाई में, रात्रि लगभग 2:30 पर वन विभाग की टीम ने संदिग्ध वाहन को रोका और जांच करने पर उसमें खैर लकड़ी अवैध रूप से ले जाई जा रही पाई गई। खैर के 40 मौछे जिसका आयतन 1.243 घन मीटर और बाज़ारी मूल्य लगभग तीन लाख पचास हज़ार रुपये है l गाड़ी को तुरंत जपत कर लिया गया है, और दोषियों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है l
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी प्रमाणपत्रों की वैधता को लेकर चली आ रही अस्पष्टता को समाप्त कर दिया है। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की एकल पीठ ने रेशम बनाम हिमाचल प्रदेश मामले में ओबीसी प्रमाणपत्रों को वैध मानते हुए याचिकाकर्ता को प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए 21 दिसंबर 2024 के उस कार्यालय आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें उम्मीदवारी को खारिज कर दिया गया था। न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि प्रमाणपत्र के शीर्ष पर उल्लेखित 1 वर्ष की वैधता (जनवरी से दिसंबर) के बजाय प्रमाणपत्र में वित्तीय वर्ष के लिए उल्लेख की गई वैधता ही मान्य होगी। कोर्ट ने प्रतिवादियों को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता के 29 मार्च 2023 के ओबीसी प्रमाण पत्र को 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक की अवधि के लिए वैध मानें और चार हफ्ते में उनके परिणामों के आधार पर कार्रवाई करें। अदालत ने सरकारी विभागों को त्रुटि रहित प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने पाया कि प्रतिवादियों ने विज्ञापन की शर्तों और 9 जनवरी 2012 की अधिसूचना की गलत व्याख्या की है। अधिसूचना स्पष्ट रूप से कहती है कि ओबीसी सहित सभी अन्य प्रमाणपत्र संबंधित वित्तीय वर्ष की प्रासंगिक अवधि तक वैध रहेंगे। याचिकाकर्ता ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अनुबंध के आधार पर प्रयोगशाला तकनीशियन के पदों की भर्ती के लिए 19 सितंबर 2022 को जारी विज्ञापन के तहत आवेदन किया था। विज्ञापन में शर्त थी कि ओबीसी उम्मीदवारों को 9 जनवरी 2012 के राजपत्र में प्रकाशित हिमाचल सरकार राजस्व विभाग के अधिसूचना के अनुसार वैध ओबीसी प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। रेशम ने ओबीसी उम्मीदवार के रूप में आवेदन किया और 22 जुलाई 2021 को जारी अपना ओबीसी प्रमाणपत्र अपलोड किया जो वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए था। दस्तावेज सत्यापन के समय उन्होंने 29 मार्च 2023 को एक और ओबीसी प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया। जो वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वैध था। प्रतिवादियों ने रेशम की उम्मीदवारी को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि 2 अक्टूबर 2022 तक कोई वैध प्रमाणपत्र नहीं था।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच सोमवार देर रात से मंगलवार दोपहर तक कई क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी रहा। लाहौल-स्पीति के स्पीति के खुरिक में मंगलवार को बादल फटने से रंगरिक और खुरिक गांव समेत तीन स्थानों में बाढ़ आ गई। इससे दोनों गांवों में कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है। खेतों में फैले मलबे के कारण नगदी फसलों को भारी क्षति हुई है। बाढ़ की चपेट में आकर एनएच-05 बाधित हो गया है। तीन एनएच सहित 375 सड़कें अभी भी बंद... वहीं प्रदेश में तीन एनएच मनाली-कोटली, पांवटा-शिलाई और खाब-ग्रांफू सहित 375 सड़कें, 326 बिजली ट्रांसफार्मर और 314 पेयजल योजनाएं अभी भी ठप हैं। शिमला-कुल्लू में तीन दिन से हवाई उड़ानें भी बंद हैं। हालांकि, कांगड़ा में दिल्ली से दो फ्लाइट पहुंची हैं और दो बंद रहीं। कांगड़ा के मियालू में एक मकान जमींदोज हो गया है। हमीरपुर जिले में बारिश के कारण निर्माणाधीन एनएच हमीरपुर-मंडी बाईपास बाधित रहा। चंबा में भूस्खलन से चुराह उपमंडल की चांजू पंचायत में निर्माणाधीन 48 मेगावाट चांजू-3 जलविद्युत परियोजना की मशीनरी, कार्यालय को लाखों का नुकसान हुआ है। सतलुज में गाद बढ़ने से नाथपा झाकड़ी और रामपुर प्रोजेक्ट में दूसरे दिन भी बिजली उत्पादन बंद रहा। किरतपुर-मनाली फोरलेन पर भी जगह-जगह भूस्खलन हुआ है। पांवटा साहिब-शिलाई-गुम्मा एनएच बंद है। राजधानी शिमला में शाम तक बूंदाबांदी का दौर जारी रहा। आज भी बारिश के आसार... प्रदेश के कई स्थानों में बुधवार को भी बारिश के आसार हैं हालांकि कोई चेतावनी जारी नहीं हुई है। वीरवार और शुक्रवार को अधिकांश क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है। इस दौरान लोगों को बारिश से कुछ राहत मिल सकती है। 26 से 28 जुलाई तक दोबारा कई क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान है।
हिमाचल प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट के बीच सोमवार देर रात से मंगलवार दोपहर तक कई क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी रहा। लाहौल-स्पीति के स्पीति के खुरिक में मंगलवार को बादल फटने से रंगरिक और खुरिक गांव समेत तीन स्थानों में बाढ़ आ गई। इससे दोनों गांवों में कुछ घरों को नुकसान पहुंचा है। खेतों में फैले मलबे के कारण नगदी फसलों को भारी क्षति हुई है। बाढ़ की चपेट में आकर एनएच-05 बाधित हो गया है। हिमाचल प्रदेश के कई स्थानों में बुधवार को भी बारिश के आसार हैं हालांकि कोई चेतावनी जारी नहीं हुई है। वीरवार और शुक्रवार को अधिकांश क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है। इस दौरान लोगों को बारिश से कुछ राहत मिल सकती है। 26 से 28 जुलाई तक दोबारा कई क्षेत्रों में बारिश का पूर्वानुमान है।
The Central Institute of Petrochemicals Engineering & Technology (CIPET) CSTS Baddi, under the Ministry of Chemicals & Fertilizers, has been a key player in providing high-quality technical education and nearly 100% placement for youth in the petrochemical and allied sectors across Himachal Pradesh for over a decade. On July 21, Prof. (Dr.) Shishir Sinha, Director General of CIPET and currently on lien from IIT Roorkee, paid a visit to the CIPET Baddi Centre to review its academic and infrastructural progress. Key Highlights of the Visit: Inspection of Training Programs: Prof. Sinha conducted a detailed inspection of the ongoing skill development and diploma programs. He interacted with students and reviewed the delivery of short-term NSQF-aligned courses, long-term diploma programs, and technical services provided by the centre. Engagement with Stakeholders: He held discussions with faculty members, administrative staff, and students, where he stressed the need for continued excellence in training delivery, student engagement, and institutional governance. Review of Campus Expansion at Sandholi: Prof. Sinha also visited the upcoming permanent campus at Sandholi, Baddi. He was briefed by Mr. Parminder Preet Singh, Joint Director & Head, CIPET Baddi, about the transition plan from the current rented premises at Jharmajri to the new state-of-the-art campus. Expressing his satisfaction, Prof. Sinha lauded the Centre’s consistent efforts in workforce development and skill empowerment. He expressed confidence that the shift to the new campus would mark a significant leap forward in strengthening technical education infrastructure in the region.
धर्मशाला के समीप स्थित शिल्ला चौक के रहने वाले और सक्रेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले 13 वर्षीय छात्र प्रथम पुरी ने इंसानियत और संवेदनशीलता की एक मिसाल पेश की है। प्रथम पुरी लंबे समय से प्लेस्टेशन फाइव (PS5) गेमिंग कंसोल खरीदने के लिए अपनी गुल्लक में पैसे जमा कर रहा था। लेकिन जब उसे हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले के सिराज क्षेत्र में आई भीषण आपदा की जानकारी मिली, तो उसने अपनी इच्छाओं को दरकिनार करते हुए, संपूर्ण जमा राशि जिला उपायुक्त कार्यालय धर्मशाला स्थित में जमा करवा दी। ये राशि सराज आपदा राहत कोष के माध्यम से पीड़ितों तक पहुँचाई जाएगी। वही उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा ने उसकी इस पहल की सराहना की है और कहा कि इस उम्र में ऐसा सोच रखना वाकई प्रेरणादायक है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा हिमाचल प्रदेश सोशल मीडिया सह प्रभारी अजय राणा ने जारी बयान मे कहा कि प्रदेश सरकार का नौकरियों के संबंध में तुगलकी फरमान जारी हुआ है, जितनी नई नौकरियां लगेगी वे 2 साल के प्रशिक्षण पीरियड के बाद जारी की जाएंगी। यह पीड़ा का विषय है, बेरोजगार युवाओं के साथ यह एक महज बेहूदा मजाक है। राणा ने कहा कि चुनाव से पहले कॉंग्रेस सरकार ने जारी घोषणापत्र में युवाओं को 1 लाख रोजगार देने का वादा किया था और पहली कैबिनेट में स्वीकृति देने की बातें कही लेकिन आज प्रदेश सरकार को 3 वर्ष पूरे होने पर भी यह सार्थक नहीं हो पाया। रोजगार तो दूर अपितु युवाओं को भ्रमित और ठगने का काम किया जा रहा है, वास्तविकता तो यह कि आज हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी चरम सीमा पर है और बेरोजगारी में हिमाचल प्रदेश प्रथम स्थान प्राप्त कर चुका है।
मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच हिमाचल में सोमवार को मूसलाधार बारिश के चलते कई इलाकों में फिर भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने हिमाचल के कई क्षेत्रों में मंगलवार को भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कई जिलों के लिए ऑरेंस अलर्ट जारी किया गया है। वहीं कांगड़ा जिले की चक्की खड्ड में आई बाढ़ से इंदौरा के ढांगू में रेलवे ब्रिज के नीचे की सुरक्षा वॉल धंस गई। उस समय यात्रियों से भरी मालवा एक्सप्रेस ट्रेन पुल से गुजर रही थी। घटना सोमवार दोपहर 12:00 के करीब हुई। ट्रेन जम्मू से दिल्ली जा रही थी। वही सतलुज नदी में गाद बढ़ने से 1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी और 412 मेगावाट के रामपुर प्रोजेक्ट में बिजली उत्पादन ठप हो गया है। गाद बढ़ने के कारण नाथपा बांध के गेट खोलने पड़ गए। नाथपा बांध से सोमवार को 1400 क्यूमेक्स अतिरिक्त पानी छोड़ा गया। बता दें कि नाथपा से हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और चंडीगढ़ को बिजली आपूर्ति होती है। मौसम खराब होने के कारण श्रीखंड और किन्नर कैलाश यात्राएं रोकीं मौसम विभाग के अलर्ट और भारी बारिश के चलते प्रशासन की ओर से सोमवार को श्रीखंड महादेव और किन्नर कैलाश यात्राएं भी एक दिन के लिए रोक दी गईं।
मौसम विभाग के रेड अलर्ट के बीच हिमाचल में सोमवार को मूसलाधार बारिश के चलते कई इलाकों में फिर भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग ने आज भी कई क्षेत्रों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। कई जिलों के लिए ऑरेंस अलर्ट जारी किया गया है। ऊना, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर जिला के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। 23 से 27 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों से नदी और नालों से दूर रहने की अपील की है। सोमवार को बारिश के चलते तापमान में 10 डिग्री की गिरावट दर्ज हुई। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में रविवार देर रात से शुरू हुआ बारिश का दौर सोमवार शाम तक जारी रहा।भारी बारिश एवं भूस्खलन के चलते प्रदेश में तीन नेशनल हाईवे मंडी-कुल्लू, मंडी-पठानकोट, शिलाई-पांवटा साहिब समेत 398 सड़कें बंद हो गई हैं। प्रदेश में 682 बिजली ट्रांसफार्मर और 151 पेयजल योजनाएं ठप हो गईं, जबकि जगह-जगह 250 बसें फंस गई हैं। खराब मौसम के चलते सोमवार को तीन जिलों के कुछ उपमंडलों में स्कूल भी बंद करने पड़े।