मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सुक्खू ने आज यहां पर्यटन विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि पर्यटन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी का मुख्य स्तम्भ है। राज्य सरकार विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं को निर्धारित समय में पूरा करने को प्राथमिकता दे रही है ताकि पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र मेें अधोसंरचना निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण पर आने वाले समय में 2415 करोड़ रुपये व्यय करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला मंडी में बनने वाले शिवधाम पर 150.27 करोड़ रुपये तथा जिला हमीरपुर के बाबा बालक नाथ मन्दिर के सौन्दर्यीकरण पर 51.70 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। इसी प्रकार 78.09 करोड़ रुपये की लागत से जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां तथा पालमपुर नगर का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। प्रदेश सरकार 280.39 करोड़ की लागत से जिला हमीरपुर के नादौन, जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां और जिला कुल्लू के मनाली व कुल्लू में वैलनैस सेन्टर विकसित करेगी। जिला कुल्लू के नग्गर किले के संरक्षण व मरम्मत कार्य पर 8.64 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है और इस कड़ी में नादौन में राफ्टिंग कॉम्पलैक्स और मनाली, धर्मशाला तथा शिमला में रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण किया जाएगा। इन पर 163.50 करोड़ रुपये व्यय होंगे जिससे पर्यटकों सहित स्थानीय लोग लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेहतर हवाई सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार हेलीपोर्ट का निर्माण कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को इन परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को डीजीसीए जिला शिमला के संजौली, रामपुर, जिला मंडी के कंगनीधार और जिला सोलन के बद्दी हेलीपोर्ट सहित मौजूदा अन्य हेलीपोर्ट के लिए परिचालन स्वीकृति प्राप्त करने के निर्देश भी दिए, ताकि इन हेलीपोर्ट में हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन सुगम हो सके। सीएम सुक्खू ने कहा कि पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र प्रदेश सरकार की प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं और सरकार इन क्षेत्रों के विकास और अधिकतम लाभ अर्जित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से प्रदेश में पर्यटकों की आमद बढ़ी है, जो प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्त्वपूर्ण साबित हो रही है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रघुवीर सिंह बाली ने पर्यटन क्षेत्र में सुधार के लिए अपने बहुमूल्य विचार प्रस्तुत किए। प्रधान सचिव पर्यटन देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक पर्यटन विवेक भाटिया, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा और पर्यटन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
बिलासपुर/सुनील: घुमारवीं में जिला प्रशासन बिलासपुर द्वारा आयोजित एक दिवसीय निशुल्क सहायता उपकरण शिविर में प्रदेश सरकार के नगर नियोजक, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने घुमारवीं और झंडुता उपमंडल के 140 पात्र दिव्यांगजनों को एडिप और राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत सहायक उपकरण वितरित किए। इनमें व्हीलचेयर, कान की मशीन, और विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए मोबाइल फोन सहित अन्य सहायक उपकरण शामिल थे। मंत्री राजेश धर्मानी ने कहा, प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में शामिल करने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दिव्यांगजनों को हरसंभव सहायता मिले और वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने समाज के पिछड़े और जरूरतमंद वर्गों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई हैं, जिनमें विशेष रूप से मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना शामिल है। इसके तहत अनाथ बच्चों को प्रदेश सरकार ने गोद लिया है और इन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार कार्य कर रही है। मंत्री ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार उपमंडल स्तर पर एसेसमेंट कैंप लगाने का निर्णय ले चुकी है, जिससे दिव्यांगजनों की पहचान सही तरीके से की जा सके और उन्हें उनकी आवश्यकता अनुसार सहायक उपकरण वितरित किए जा सकें। उन्होंने विश्वास दिलाया कि आगामी समय में यह एसेसमेंट कैंप छोटे से छोटे स्तर पर भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें कुछ ग्राम पंचायतें भी शामिल होंगी। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रदेश के किसी भी दिव्यांगजन को सहायता से वंचित न रखा जाए और उनकी पहचान हर संभव तरीके से की जा सके। मंत्री राजेश धर्मानी ने हाल ही में छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जवान के घायल होने के मामले पर बयान दिया, जिसमें उनके दोनों पैरों की गंभीर चोटों की जानकारी दी गई। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उस जवान के घर के पास लड़ाई-झगड़ों के कारण रास्ता बंद करने का मामला सामने आया है। मंत्री ने कहा कि वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बातचीत करेंगे और दिव्यांग व्यक्तियों के घर तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कानूनी और बजट संबंधी मामलों पर चर्चा करेंगे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बजट में दिव्यांगों के घर तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए धन स्वीकृत करने और अन्य कानूनी मामलों में चर्चा करने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के महासचिव विवेक कुमार, जिला परिषद सदस्य शालू राणावत और प्रमिला बसु, एसडीएम गौरव चौधरी, जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल, जिला दिव्यांग कल्याण संघ के अध्यक्ष विनोद, और एलिम्को के प्रतिनिधि तुषार विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
बिलासपुर/सुनील: प्रदेश के नगर नियोजक, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने राष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता में जीत हासिल करने वाली दिव्यांग हिमाचल महिला क्रिकेट टीम की कप्तान रचना को सम्मानित किया। मंत्री ने रचना की कड़ी मेहनत और उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की और उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से शुभकामनाएं दीं। मंत्री ने कहा, यह सफलता न केवल रचना की व्यक्तिगत मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह हिमाचल प्रदेश के दिव्यांग खिलाड़ियों की क्षमता और आत्मविश्वास को भी दर्शाता है। हम हमेशा ऐसे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करेंगे और उन्हें हर संभव समर्थन प्रदान करेंगे ताकि वे अपनी पूरी क्षमता को पहचान सकें और आगे बढ़ सकें।
खंड डाडा सीबा स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षा बैठक कार्यालय खंड चिकित्सा अधिकारी डाडा सीबा के सभागार में मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ.राजेश गुलेरी की अध्यक्षता में आयोजित की गई । इस बैठक में खंड डाडा सीबा के समस्त चिकित्सा अधिकारियों, पर्यवेक्षकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ता व सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का संचालन खंडचिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश ने किया। इस बैठक में मुख्यचिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी ने टीबी मुक्त अभियान के सौ दिवसीय अभियान को बेहतर ढंग से कार्यान्वित करने के दिशानिर्देश समस्त चिकित्सा अधिकारियों को दिए।15787 चिन्हित व्यक्तियों का आशा बर्कर घर घर भ्रमण करेक 10 लक्षणों के बारे में जानकारी एकटठा करेंगी व लक्षण वालों की आधुनिक नैट जाँच करवाएंगी । सभी का छाती का एक्स-रे, साय टीबी जाँच किया जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत दैनिक प्रतिवेदन सुनिश्चित करने पर बल दिया। मुख्यचिकित्सा अधिकारी ने यह जानकारी भी दी कि सभी स्वास्थ्य संसथानों पर बैंनर लगाकर जानकारी जन मानस तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। जन भागेदरी के अन्तर्गत सभी निक्षय शपथ लेंगे, जिन जोखिम पूर्ण आबादी का एक्स रे जाँच नोर्मल है व साय् टीबी जाँच पोजिटिव हैं - उन्हे टीबी प्रेवेटिव इलाज (टीपीटी) किया जाएगा जो टीबी मुक्त भारत अभियान मैं मील का पत्थर सबित होगा। इस अभियान का नारा है जन जन का रखे ध्यान टी.बी. मुक्त भारत अभियान। बैठक के दौरान जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ गुलेरी ने कहा कि आम जनमानस तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए । डॉ गुलेरी ने दिशा निर्देश देते हुए कहा कि चिकित्सा अधिकारी समुदाय में स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जुड़ी जागरूकता बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य वार्ता दें। डॉ गुलेरी ने इस समीक्षा बैठक में सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवम योजनाओं जे एस वाई, मातृ शिशु सुरक्षा कार्यक्रम , एनसीडी, क्षय निवारण कार्यक्रम, एच आईवी एड्स, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम , एच एम आई एस पोर्टल पर आरकेएस मीटिंग की रिपोर्टिंग , राष्ट्रीय टीकाकरण मिशन के बारे में विस्तार से चर्चा के साथसाथ चिकित्सा अधिकारियों को इन कार्यक्रमों को सुदृढ़ व आमजनमानस तक बेहतर ढंग से पहुंचाने के लिए दिशा निर्देश दिए ।डॉ गुलेरी ने बैठक के दौरान आयुष्मान आरोग्य शिविर, टेली कंसल्टेशन, सशक्त पोर्टल, पीएमएसएमए , प्रेस्किप्शन ऑडिट , मेडिलापर , अनमोल एप ,आईएफ ए पिंक टैबलेट, आईडीपीसीएफ अभियान, आरसीएच पोर्टल, एच एम आई एस , निक्षय शिविर का आयोजन , साई टीबी ,लेप्रोसी, एचबीएनसी ,एचबीवाईसी ,100 दिवसीय निक्षय शिविरअभियान से जुड़ी विस्तृत चर्चा के साथ साथ विशेष ध्यान देने के दिशा निर्देश दिए।
प्रधानाचार्य सुरजीत कुमार राणा ने बताया कि हमारे विद्यालय के शिक्षक अमित कपूर ने पीआर सीएन जेडी 181 डीसी 49 और नेवी 12 के अंतर्गत ए एन ओ थर्ड ऑफिसर की ट्रेनिंग ली । यह ट्रेनिंग एनसीसी आर्मी ऐट ओटी ए काम्प्टी नागपुर (महाराष्ट्र ) में 8 नवंबर 2024 से 21 दिसंबर 2024 तक चली। अपना बेहतरीन प्रदर्शन देकर अमित कपूर ने एएनओ थर्ड ऑफिसर की उपाधि प्राप्त की और विद्यालय और प्रधानाचार्य के नाम को भी गौरवान्वित किया।यह विद्यालय के लिए बहुत गर्व का विषय है। विद्यालय पहुँचने पर प्रधानाचार्य सहित सभी अध्यापकों ने उनका हार्दिक अभिनंदन किया और उनके आगामी भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दी। बच्चों ने भी पुष्पगुच्छ देकर अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं।
बी.एल. सेंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार के दो स्वयंसेवक श्रेया और हितेंद्र ठाकुर राज्य स्तरीय एन एस एस मेगा शिविर में भाग ले रहे है I विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने बताया कि बी.एल. सेंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार के चयनित स्वयंसेवक, इस पांच दिवसीय राज्य स्तरीय एन एस एस मेगा शिविर में भाग ले रहे हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के राज्य स्तर मेगा शिविर में चयन होने पर बधाई दी I यह शिविर राजकीय मॉडल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला थानाकलां जिला उना में 06 जनवरी से 10 जनवरी 2025 तक आयोजित किया जा रहा है I इस शिविर में प्रदेश के जिला स्तर पर चयनित एन एस एस स्वयंसेवक इस मेगा शिविर में भाग ले रहे है। इस पांच दिवसीय राज्य स्तरीय एन एस एस मेगा शिविर में विभिन्न सकूलों से आए हुए विद्यार्थीयों द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ और कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएँगे I इस अवसर पर विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष, प्रधानाचार्य व अध्यापक अभिभावक संघ अध्यक्ष व सभी सदस्यों ने इन स्वयंसेवकों को राज्य स्तरीय एन एस एस मेगा शिविर में भाग लेने पर बधाई दी है।
मंडी-पठानकोट हाईवे पर जोगिंद्रनगर के पातकू में एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो गाड़ी रेलिंग को तोड़कर नाले में जा गिरी। रविवार देर रात हुए एक सड़क हादसे में वन विभाग के जायका प्रोजेक्ट में तैनात स्कॉर्पियो चालक गंभीर रूप से घायल हुआ है। हालांकि, हादसे में स्कॉर्पियो चालक को भी गंभीर चोटें नहीं आई हैं। पुलिस की टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए हैं। वहीं सड़क हादसे में घायल हुए चालक एचएस राणा(62) साल निवासी लडभड़ोल क्षेत्र को भी जोगिंद्रनगर अस्पताल में देर रात ही प्राथमिक उपचार दिलाकर छुट्टी दे दी गई है। पुलिस थाना जोगिंद्रनगर के प्रभारी सकीनी कपूर ने बताया कि हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस की टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया है। घायल कार चालक के बयान भी पुलिस ने दर्ज कर आवाश्यक कारवाई अमल में लाई है।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के जोगिंद्रनगर में एक महिला बडोण पुल से नदी में कूद गई है। सूचना मिलने के बाद महिला को बचाने के लिए पुलिस और दमकल विभाग की टीमें माैके पर पंहुचीं। जानकारी के अनुसार महिला पानी के तेज बहाव में बह गई है। आसपास के लोग भी नदी में कूदकर महिला को बचाने का प्रयास करते रहे। फिलहाल बचाव अभियान जारी है। घटना सोमवार सुबह करीब 11:00 बजे की बताई जा रही है। दमकल विभाग के प्रभारी कर्म चंद ने बताया कि शहर से करीब दस किलोमीटर दूर भराड़ू-नोहली सड़क पर बडोण पुल से एक महिला ने छंलाग लगा दी। महिला को बचाने के प्रयास जारी हैं।
** जयराम ठाकुर ने जन्मदिन पर माता-पिता, और देवी-देवताओं का किया आभार व्यक्त हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का आज जन्मदिन है। जयराम ठाकुर आज 60 वर्ष के हो गए हैं। इस खास मौके पर उन्होंने शिमला में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच 60 किलो का केक काटकर अपना जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर जयराम ठाकुर के आधिकारिक आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। कार्यकर्ताओं ने पहाड़ी नाटी डालकर जयराम ठाकुर के जन्मदिन का जश्न मनाया और उन्हें ढेर सारी बधाईयां दीं। जयराम ठाकुर ने जन्मदिन के इस मौके पर कहा कि वह अब सीनियर सिटीजन हो गए हैं और जीवन के इस नए पड़ाव पर पहुंचने के लिए वह ईश्वर, देवी-देवताओं और अपने माता-पिता का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता ने कठिन संघर्ष भरा जीवन जिया और उन्होंने भी अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा समाज सेवा में समर्पित किया है। जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि वह देवी-देवताओं से प्रार्थना करते हैं कि वह अपनी पूरी जिंदगी समाज सेवा में इसी तरह समर्पित रहें। जन्मदिन के मौके पर प्रदेश भर से उन्हें मिल रहे बधाई संदेशों के लिए उन्होंने जनता का धन्यवाद किया। जयराम ठाकुर ने बताया कि रात के 12 बजे से ही प्रदेश भर से लोग उन्हें फोन और मैसेज भेजकर बधाई दे रहे हैं, और वह इसके लिए प्रदेशवासियों के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी यह कामना है कि प्रदेशवासियों का आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहे, ताकि वह देश और समाज की सेवा में इसी तरह निरंतर लगे रहें।
चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस तेजी से फैल रहा है। यह वायरस खास तौर से बच्चों में देखा जा रहा है। चीन में HMPV वायरस की वजह से एक बार फिर से कोरोना महामारी जैसी स्थिति बन गई है। अस्पतालों में इस वायरस की चपेट में आए मरीजों की भारी भीड़ नजर आ रही है, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। वहीं, इस वायरस की वजह से बड़ी संख्या में मौते भी हो रही है। इस बीच जो खबर आई है वो हर भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। चीन में कोराना की तरह तेजी से फैलने वाला HMPV वायरस ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। पहला मामला बेंगलुरु में आया है। यहां एक 8 महीने की बच्ची में HMPV वायरस डिटेक्ट किया गया है। शहर के बैपटिस्ट अस्पताल में यह पहला मामला सामने आया है। अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 8 महीने के बच्ची में HMPV वायरस पाया गया है। यह भारत का पहला केस है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी सरकारी लैब में इसका टेस्ट नहीं किया गया है। मगर एक प्राइवेट हॉस्पिटल से यह रिपोर्ट आई है और इस रिपोर्ट पर संदेह नहीं किया जा सकता है। सरकारी लैब में भी इसका टेस्ट कराया जाएगा। US सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, HMPV सभी उम्र के लोगों, खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में ऊपरी और निचले श्वसन रोग का कारण बन सकता है। 2001 में इसका पता लगाया गया था और यह श्वसन सिंकिटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे से संबंधित है। HMPV के लक्ष्णों की बात करें, तो इसमें सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर मामलों में, यह घरघराहट या सांस की तकलीफ, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा के बढ़ने का कारण बन सकता है। इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा पांच साल से कम उम्र के बच्चे, खास तौर पर नवजात शिशु, वृद्ध वयस्क, जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक हो और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले या अस्थमा या सीओपीडी जैसी पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों वाले व्यक्तियों को है।
** रस्सी डालकर निकाले गए शव सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें दो लोगों की जान चली गई। यह हादसा पांवटा साहिब के तहत नेशनल हाईवे 707 बद्रीपुर-शिलाई-गुम्मा पर बड़वास के कालीढांग के पास हुआ, जब एक पिकअप गाड़ी गहरी खाई में गिर गई। यह दुर्घटना बीती देर रात हुई, लेकिन इसकी जानकारी रविवार सुबह मिली। स्थानीय लोगों ने खाई में पड़ी दुर्घटनाग्रस्त पिकअप देखी और तुरंत पुलिस को सूचित किया। स्थानीय लोगों की मदद से रस्सों के सहारे दोनों शवों को खाई से बाहर निकाला गया। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों शवों को अपने कब्जे में ले लिया। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, मृतकों में एक युवक की पहचान गुड्डू नेगी (25 साल), निवासी ऐराना, शिलाई के रूप में हुई है, जबकि दूसरे शख्स की पहचान मुकेश (22 साल), निवासी बुटियाणा, शिलाई के रूप में की गई है। दुर्घटनाग्रस्त पिकअप का नंबर HP85-0197 है। डीएसपी मानवेन्द्र ठाकुर ने बताया कि फिलहाल हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है और पुलिस इसकी जांच कर रही है। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है, जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिए जाएंगे।
इन दिनों हिमाचल प्रदेश की सबसे महंगी और विशेष सब्जी, पहाड़ी गुच्छी, की हमीरपुर में भारी डिमांड हो रही है। आमतौर पर यह सब्जी हिमाचल के ऊपरी और ठंडे इलाकों में उगती है, लेकिन अब हमीरपुर के गांधीचौक में भी यह उपलब्ध हो गई है। यहां, गुच्छी की कीमत 900 रुपए प्रति 50 ग्राम के हिसाब से है, और बाजार में इसकी कीमत 18,000 से 20,000 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच रही है। इसके बावजूद, हमीरपुर में गुच्छी की डिमांड लगातार बढ़ रही है और लोग इसे खरीदने के लिए उत्सुक हैं। हमीरपुर के एक स्थानीय दुकानदार, रिशु ने बताया कि किन्नौर से गुच्छी मंगवाई गई है, और इसकी डिमांड बहुत ज्यादा हो गई है। पहले, लोग इसे पाने के लिए पहाड़ी इलाकों जैसे किन्नौर और चंबा जाते थे, लेकिन अब हमीरपुर में ही यह उपलब्ध हो गई है। रिशु ने कहा कि गुच्छी सर्दियों में सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है और इसका सेवन शरीर को गर्म रखने में मदद करता है। दुकान पर गुच्छी खरीदने आए एक युवक ने बताया कि वह पहले चंबा और किन्नौर से गुच्छी लाता था, लेकिन अब उसे यह सब्जी हमीरपुर में ही मिल रही है। युवक ने बताया कि गुच्छी कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के लिए फायदेमंद है और यह हार्ट और ब्लड से जुड़ी समस्याओं में भी मदद करती है। उन्होंने कहा कि सर्दियों में इसे जरूर खाना चाहिए। गुच्छी एक प्रकार का मशरूम है, जो केवल हिमालयी क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से उगता है। यह आमतौर पर शिमला, किन्नौर, चंबा, कुल्लू-मनाली और सिरमौर के इलाकों में फरवरी से लेकर अप्रैल तक पाया जाता है। इसकी औषधीय गुणों के कारण इसकी डिमांड बहुत अधिक होती है, और यही कारण है कि यह इतनी महंगी बिकती है।
हिमाचल प्रदेश में नशे का कारोबार तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते राज्य का युवा वर्ग इसकी चपेट में आ रहा है। पुलिस लगातार नशा तस्करों पर कार्रवाई कर रही है, ताकि इस पर रोक लगाई जा सके। ताजा मामला मंडी जिले का है, जहां पुलिस ने चिट्टे की सप्लाई करने वाले तीन मुख्य तस्करों को गिरफ्तार किया है। मंडी पुलिस के एसआईयू (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट) टीम ने चिट्टा तस्करी के तीन आरोपियों से 22.3 ग्राम चिट्टा बरामद किया। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि तल्याड़ के पंधियू क्षेत्र में चिट्टा तस्करी हो रही है। इसके बाद एसआईयू टीम ने दबिश दी और तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान हरनाम सिंह (मंडी शहर), हितेश कुमार (रंधाड़ा) और हंसराज (जोगिंदर नगर) के रूप में हुई है। एसपी मंडी, साक्षी वर्मा ने बताया कि इन तीनों आरोपियों पर काफी समय से नजर रखी जा रही थी, और रविवार को सूचना मिलने के बाद कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सदर थाना में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। सोमवार को इन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा और रिमांड हासिल कर पूछताछ की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व को 7 जनवरी से पहले अतिक्रमण और बेदखली मामलों के निष्पादन को लेकर सभी विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के एक अक्तूबर के आदेशों का अनुसरण करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ने हलफनामा दाखिल किया है। इसमें कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश भूमि राजस्व अधिनियम 1954 की धारा 163 के तहत संबंधित सहायक कलेक्टर प्रथम और द्वितीय श्रेणी कलेक्टर के पास 5789 मामले लंबित हैं। भू राजस्व अधिनियम 1954 की धारा 163 के अंतर्गत बेदखली और वारंट के 3746 और अपील के मामले 457 लंबित हैं। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने अतिरिक्त सचिव को निर्देश दिए हैं कि लंबित मामलों की सुनवाई का निपटारा जल्द किया जाए। हाईकोर्ट ने वित्त आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि भूमि राजस्व अधिनियम की धारा 17 के तहत पूर्ण निरीक्षण याचिकाओं और धारा 14 के तहत अपील का 31 जुलाई से पहले निपटारा किया जाए। सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी और द्वितीय श्रेणी के कलेक्टर के समक्ष धारा 163 के अंतर्गत 5789 मामलों का निष्पादन 30 जून और अपीलों का 30 मई 2025 तक करने को कहा गया। हिमाचल प्रदेश सार्वजनिक परिसर बेदखली और किराया वसूली के तहत बेदखली के वारंटों का निष्पादन 31 मार्च 2025 तक या उससे पहले सुनिश्चित करने की निर्देश दिए गए हैं। हाईकोर्ट की ओर से ये निर्देश जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दिए गए हैं। अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट को रात्रि ठहराव के दौरान उन कमरों में ठहराया जा रहा है, जिनमें मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी ठहरते हैं। कहा कि कांगड़ा के लुथान में 93 करोड़ रुपये से बनने वाले मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम सुख आश्रय परिसर का शिलान्यास किया गया है, जहां 400 आश्रितों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। रविवार को सीएम ने जारी बयान में कहा कि बुनियादी सुविधाओं, समुचित देखभाल और धन के अभाव के साये में पल रहे निराश्रित बच्चों के लिए सरकार बड़ा सहारा बनी है। सरकार ने इन बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का दर्जा देकर अभिभावक के रूप में इन्हें अपनाया है। सीएम ने कहा कि हिमाचल पहला राज्य है, जिसने अनाथ बच्चों की देखभाल के लिए कानून के अंतर्गत यह योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 101 करोड़ का मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष गठित किया गया है। सरकार ने इस योजना का विस्तार करते हुए परित्यक्त बच्चों को भी इस योजना में शामिल किया है। 22 बच्चे चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा के भ्रमण पर हाल ही में सीएम सुक्खू ने 22 चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट को 13 दिवसीय भ्रमण पर भेजा। इस दौरान वह चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा का भ्रमण करेंगे। सरकार ने इसके लिए विशेष प्रबंध किए हैं, जिससे वह आनंदपूर्वक अपना समय बिता सकें और मधुर स्मृतियों के साथ लौटें। उनकी आरामदायक यात्रा के लिए हवाई यात्रा और शताब्दी ट्रेन की व्यवस्था की गई है। बच्चों के इस दल ने 2 से 4 जनवरी तक चंडीगढ़ शहर का भ्रमण किया, जहां उन्हें हिमाचल भवन में ठहराया गया। 5 को वह शताब्दी ट्रेन से दिल्ली पहुंचे और 8 जनवरी तक वहीं ठहरकर विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का दौरा करेंगे। 9 को हवाई जहाज से गोवा रवाना होंगे और 13 तक गोवा में एक थ्री स्टार होटल में ठहरेंगे। वहां के विभिन्न पर्यटन और ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर 14 जनवरी को गोवा से हवाई जहाज के माध्यम से चंडीगढ़ पहुंचेंगे।
अगर आप हवाई जहाज से देहरादून, नोएडा या जयपुर जाना चाहते हैं तो बहुत जल्द गगल हवाई अड्डे से यह सुविधा मिल जाएगी। जल्द ही गगल एयरपोर्ट इन शहरों से भी सीधी उड़ान के जरिये जुड़ जाएगा। 30 मार्च से हवाई उड़ानों के शेड्यूल में होने वाले बदलाव के साथ ही इन शहरों के लिए गगल से सीधी उड़ानें होंगी। मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट से शिमला-दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए सीधी उड़ानें होती हैं। जानकारी के अनुसार 30 मार्च से हवाई उड़ानों के शेड्यूल में बदलाव होगा। इस दौरान जहां राजधानी दिल्ली के लिए होने वाली उड़ानों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, वहीं देहरादून, नोएडा और जयपुर शहरों को भी गगल एयरपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इन शहरों के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने के लिए एयरपोर्ट अथारिटी की विमानन कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। अगर प्रयास सफल हुए तो 30 मार्च से इन शहरों के गगल एयरपोर्ट से सीधी उड़ानें होंगी। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में गगल एयरपोर्ट पर विमानन कंपनी एलायंस एयर, इंडिगो और स्पाइस जेट अपनी सेवाएं दे रही हैं। इन विमानन कंपनियों की शिमला, दिल्ली और चंडीगढ़ के लिए उड़ानें होती हैं। गगल एयरपोर्ट से अन्य शहरों को जोड़ने के लिए लोग मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में इन शहरों को जोड़ने के लिए विमानन कंपनियों के साथ बात चल रही है। गगल एयरपोर्ट में 30 मार्च से सूर्योदय से सूर्यास्त तक उड़ानें शुरू की जाएंगी। उम्मीद है कि नोएडा, देहरादून और जयपुर के लिए भी सीधी उड़ानें शुरू हो सकेंगी।
नए साल के जश्न के बाद भी पहले वीकेंड पर हिमाचल के पर्यटन स्थल सैलानियों से गुलजार हो गए हैं। हिल्सक्वीन शिमला, मनाली, धर्मशाला, कसौली, चायल और डलहौजी में सैलानियों की भारी भीड़ रही। वीकेंड पर बर्फबारी के पूर्वानुमान के चलते बड़ी संख्या में सैलानियों ने हिमाचल के पर्यटन स्थलों का रुख किया। पर्यटक स्थलों पर पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या भी पेश आई। वीकेंड पर शनिवार और रविवार को शिमला में सैलानियों का खूब जमावड़ा लगा। रिज मैदान पर विंटर कार्निवाल का सैलानियों ने आनंद लिया। पर्यटन निगम की लिफ्ट के बाहर सैलानियों की लंबी कतारें लगी रहीं। बर्फ में अठखेलियां करने के लिए सैलानियों ने कुफरी और नारकंडा का रुख किया। कुल्लू-मनाली में भी वीकेंड पर सैलानियों की खूब रौनक रही। औट, बंजार और तीर्थन घाटी में पर्यटक वाहनों की संख्या बढ़ने से ट्रैफिक जाम की समस्या पेश आई। अटल टनल रोहतांग में भी वीकेंड पर सैलानियों की भारी भीड़ रही। कसौली में वीकेंड पर पर्यटक वाहनों की भीड़ बढ़ने से जाम की समस्या पेश आई। धर्मशाला और चायल में भी नए साल के पहले वीकेंड पर ब़ॉी संख्या में सैलानी मौसम का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचे।फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि नए साल के जश्न के बाद पहला वीकेंड भी शानदार रहा है। बर्फबारी का आनंद लेने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी शिमला, मनाली, धर्मशाला सहित अन्य पर्यटन स्थलों पर पहुंचे हैं। बर्फबारी होती रही तो सैलानियों के आने का क्रम आगे भी जारी रहेगा।
हिमाचल प्रदेश के मंडी में चिट्टे की तस्करी के झूठे केस में फंसाने की फोन पर धमकी देकर पैसे मांगने और कुल्लू के तोश में घूमने आए हरियाणा के युवक की मौत के मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किए हैं। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दोनों मामले सीबीआई को सौंपने के राज्य सरकार को निर्देश दिए थे। रविवार को केस दर्ज कर सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। सीबीआई मामलों में की गई अब तक की जांच का सारा रिकॉर्ड पुलिस से लेगी और मामले से जुड़े लोगों से पूछताछ की जाएगी। गौर हो कि हरियाणा का वैभव यादव (21) 9 दिसंबर 2023 को चार युवकों के साथ तोश घूमने आया था। सभी युवक सूरज गेस्ट हाउस में रुके। इस बीच वैभव की मौत हो गई। इसके बाद वैभव के पिता बलदेव ने पुलिस महानिदेशक और पुलिस थाना कुल्लू को लिखित शिकायत देकर पुलिस जांच पर सवाल उठाए। उन्होंने हिमाचल हाईकोर्ट को पत्र लिखा, जिसके आधार पर आपराधिक रिट याचिका दायर की गई और हाईकोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच सौंपने के आदेश दिए। वहीं, चिट्टा तस्करी के झूठे आपराधिक मामले में फंसाने की धमकी देकर जबरन वसूली के आरोपों में शिकायत के आधार पर 10 जून 2024 को मंडी के बल्ह थाने में एक केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसे 31 मार्च 2024 की शाम को एक फोन कॉल आई, जिसमें कहा गया कि उनके बेटे की गाड़ी से चिट्टा पकड़ा गया है। यदि उस बचाना है तो एक पेटी या एक लाख रुपये का प्रबंध करें और अकेले नेरचौक आने को कहा। इस मामले में भी युवक के पिता की शिकायत पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच सौंपने के आदेश दिए थे। अब सीबीआई ने दोनों मामलों में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के ठियोग में जल शक्ति विभाग के पानी के घोटाले के बाद विभाग का एक और कारनामा सामने आया है। ठियोग की क्यार और कमाह पंचायत के दर्जनों गांवों के लिए बनाई गई सिंचाई योजना में पानी छोड़ने का ट्रायल किया गया तो फटे पांच इंच के पाइपों से पानी बहने लगा। पंप से पानी उठाते ही फटे पाइपों से जगह-जगह पानी बहने लगा और खेतों तक पानी नहीं पहुंचा। करीब सवा तीन करोड़ रुपये से क्यार खड़्ड से बनाई गई उठाऊ सिंचाई योजना पहले ही सवालों के घेरे में आ गई थी, क्योंकि निम्न गुणवत्ता के पाइप इस्तेमाल करने की शिकायत एक स्थानीय कांग्रेस नेता अमित मेहता ने एसडीएम कार्यालय ठियोग को दी थी। एसडीएम मुकेश शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 13 नवंबर, 2024 को कसुम्पटी डिवीजन के अधिशासी अभियंता बसंत सिंह राठौर को यह शिकायत भेजी, जिसमें सिंचाई स्कीम में सरकारी पैसे के दुरुपयोग की जांच के लिए लिखा। बता दें कि ठियोग के इसी क्षेत्र में ही सामने आए पानी सप्लाई के घोटाले के मामले में अधिशासी अभियंता को दो दिन पहले निलंबित किया गया है। ऐसे में यह जांच अब किसी और अधिकारी को दी जा सकती है। सिंचाई योजना के पाइप फटने के सामने आए मामले के बाद अब कसुम्पटी और मतियाना डिवीजन की अन्य योजनाएं भी सरकार के रडार पर हैं। आरोप यह भी है कि अधिकारियों ने क्यार-कमाह सहित क्षेत्र की अन्य पेयजल और सिंचाई योजनाओं के विजिट में ही लाखों रुपये खर्च कर दिए। इस योजना से क्यार और कमाह पंचायतों के लिए हजारों किसानों के खेतों को पानी की सप्लाई होनी है। इसका निर्माण पूर्व जल शक्ति मंत्री विद्या स्टोक्स के कार्यकाल में शुरू हुआ था। इस मामले में चीफ इंजीनियर जोगेंद्र चौहान ने कहा कि पाइप कैसे फटे, इसकी छानबीन की जाएगी। वह सोमवार को इस मामले का पता करेंगे। मोटरसाइकिल, कारों और अफसर की गाड़ी के नंबर से हुई पानी की सप्लाई का घोटाला और सिंचाई योजना के पाइप फटने का मामला छैला कस्बे के साथ लगते क्यार खड्ड से ही जुड़ा है। क्यार और कमाह पंचायतों के लिए बनी सिंचाई योजना में करोड़ों की मशीनरियां लगी है।
** 150 मरीजों ने करवाई स्वास्थ्य जांच जयसिंहपुर/ नरेंद्र डोगरा: लोअर लंबागांव स्थित ज्ञान मैडिकल सेंटर में एपेक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल धर्मशाला के अनुभवी हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर अमित वर्मा, सर्जन डॉक्टर अलुवालिया और स्टाफ द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में ईसीजी, शुगर, हृदय रोग, शुगर, बीपी, दमा, पित्त की पथरी, गुर्दे की पथरी, हर्निया, अपेंडिक्स, पेट व आंत के रोगों सहित कई अन्य स्वास्थ्य जांचों और टेस्ट की मुफ्त सुविधा प्रदान की गई। हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर अमित वर्मा ने बताया कि अब हर महीने एक दिन ज्ञान मैडिकल सेंटर में मरीजों का चेकअप किया जाएगा। वहीं, ज्ञान मैडिकल सेंटर के डॉक्टर मिथुन शर्मा ने बताया कि एपेक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल धर्मशाला के अनुभवी डॉक्टरों की टीम की मदद से इस शिविर को सफल बनाने के लिए पूरी सहायता प्रदान की गई। इस शिविर में लगभग 150 मरीजों की स्वास्थ्य जांच की गई।
धर्मपुर/ डिंपल: उद्योग, संसदीय मामलों और श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान आज धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के बहरी पहुंचे, जहां उन्होंने विधायक चन्द्रशेखर के पिता काहन सिंह के निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त की। काहन सिंह का निधन लंबी बीमारी के बाद जिला मंडी के धर्मपुर स्थित उनके पैतृक स्थान बहरी में 82 वर्ष की आयु में हुआ। वे वन विभाग में अधीक्षक पद पर अपनी सेवाएं दे चुके थे। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने शोक संतप्त परिवार के सदस्य से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी और इस दुख की घड़ी में साहस बनाए रखने की प्रार्थना की। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति देने की कामना की। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व सीपीएस एवं पूर्व विधायक सोहन लाल, हिमाचल प्रदेश स्टेट को ऑपरेटिव बैंक के निदेशक केशव नायक, एसडीएम धर्मपुर जोगिन्दर पटियाल भी उपस्थित थे।
देवभूमि हिमाचल आए दिन बढ़ते आपराधिक मामलों से शर्मसार हो रहा हैं। प्रदेश में महिलाओं के प्रति दुष्कर्म और छेड़खानी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला प्रदेश की राजधानी शिमला से है।शिमला में एक नर्सिंग कॉलेज की छात्रा ने एक युवक पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। पीड़ित छात्रा ने अंबाला में जीरो एफआईआर करवाई है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। एसपी संजीव गांधी ने बताया कि हरियाणा के पीएस अंबाला से जीरो एफआईआर के रूप में एक शिकायत प्राप्त हुई है, जिसके आधार पर शिमला में दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया हैं। पीड़िता ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि साल 2023 में वो जब शिमला के एक नर्सिंग कॉलेज पढ़ रही थी तो उस दौरान वो एक युवक के संपर्क में आई, जिसने उसे झूठी शादी का भरोसा देकर उसके साथ गलत काम किया, जिसके कारण वो गर्भवती हो गई है। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि युवक उसे चोट पहुंचाने के इरादे से उसके साथ दुर्व्यवहार करता था और उसके साथ मारपीट भी करता था। साथ में उसने ऐसे भी कई काम किए, जिससे उसका अपमान हुआ है। पीड़िता ने अपनी शिकायत अंबाला के पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई, जहां से केस को शिमला ट्रांसफर किया गया। वहीं, एफआईआर दर्ज होते ही पुलिस आगामी कार्रवाई में जुट गई है। एसपी शिमला संजीव गांधी ने बताया, पीड़ित लड़की के शिकायत पर मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है।अभी एक जीरो एफआईआर आई है, जिसमें युवती ने शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। जिसकी पुलिस जांच कर रही है।
हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार ने पेड़ कटान पर अंकुश लगाने के लिए सख्त फैसले लिए हैं। इसको लेकर दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक प्रदेश सरकार ने खैर व तीन प्रजातियों सफेदा, पॉपुलर और बांस को छोड़कर अन्य पेड़ों के कटान पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा कृषि और घरेलू उपयोग के लिए साल भर में तीन पेड़ एक वर्ष के भीतर किसानों द्वारा काटे जा सकते है। इससे ज्यादा पेड़ काटने के लिए किसानों को वन मंडल अधिकारी से लिखित में अनुमति लेनी होगी। वहीं, खैर का कटान पहले की तरह दस वर्ष की अवधि के बाद ही किया जाएगा। इस बारे में वन विभाग ने आदेश जारी किए हैं। जो तुरंत प्रभाव से लागू हो गए हैं। प्रदेश में पेड़ कटान के लिए अधिकारियों की अनुमति देने की सीमा को भी निर्धारित किया गया है। प्रदेश में अब एक साल में 200 पेड़ काटने तक की अनुमति देने के लिए डीएफओ को अधिकृत किया गया है। वहीं, एक साल में 300 तक पेड़ काटने के लिए मुख्य अरण्यपाल व अरण्यपाल वन, अनुमति दे सकते है। 400 पेड़ काटने तक के लिए प्रधान मुख्य अरण्यपाल को अनुमति देने का अधिकार होगा। वहीं, 400 से अधिक पेड़ काटने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की अनुमति लेनी होगी। अन्य प्रजातियों के पेड़ों को बेचने व कटान की अनुमति प्रधान मुख्य अरण्यपाल की और से दी जाएगी। पर्यावरण के कारण मौसम में लगातार हो रहे बदलाव को देखते हुए सरकार ने धरती पर हरियाली को बचाने की दिशा में कदम बढ़ाया हैं। प्रदेश सरकार ने घरेलू, कृषि व बेचने के लिए वृक्ष काटने वाले व्यक्ति को तीन पेड़ काटने पर इसके बदले तीन पेड़ों का रोपण करना होगा। सरकार ने ये शर्त पर्यावरण को बचाने के लिए लगाई है, ताकि जितने पेड़ काटे जाएंगे उतने ही पौधों का रोपण कर आने वाली पीढ़ियों के लिए भी वन संपदा को बचाकर रखा जा सकेगा। वहीं, अगर फलदार पौधे रोपित किए जाते हैं, तो उसके लिए बागवानी विभाग की तरफ से तय मापदंड का पालन करना होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला जिले के कोटखाई क्षेत्र में अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान लोगों को बड़ी सौगातें दीं। उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने कोटखाई सीएचसी का दर्जा बढ़ाकर उसे नागरिक अस्पताल बनाने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने सब-जज कोर्ट, उप-मंडलीय पशु चिकित्सा अस्पताल और अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी संस्थान प्रगति नगर में सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग कोर्स शुरू करने की बात कही। इसके अलावा, आईटीआई प्रगति नगर में डिप्लोमा इन कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग और सोलर टेक्नीशियन के नए ट्रेड शुरू करने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री ने खलटू नाले और चमशु नाले पर पुल निर्माण के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये और टिक्कर बस स्टैंड के लिए तीन करोड़ रुपये देने की घोषणा की। साथ ही, 250 करोड़ रुपये की लागत से छैला-ओच्छघाट-कुमारहट्टी सड़क को डबल लेन बनाने की भी घोषणा की और अधिकारियों को डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। सुक्खू ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल आई आपदा के दौरान राज्य सरकार ने बागवानों के सेब और अन्य उत्पादों को सड़ने से बचाया और समय पर मंडी तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान 22 हजार परिवार प्रभावित हुए थे, लेकिन राज्य सरकार ने सभी चुनौतियों का सामना किया। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश को आपदा प्रभावितों के लिए विशेष पैकेज नहीं मिला और पीडीएनए के 9000 करोड़ रुपये भी जारी नहीं किए गए।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज दिया और जुब्बल-कोटखाई की सड़कों के लिए 28 करोड़ रुपये प्रदान किए। राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नाबार्ड और राज्य सरकार के फंड से कुल 286 करोड़ रुपये सड़कों के निर्माण पर खर्च किए हैं और आने वाले समय में और धन व्यय किया जाएगा। सुक्खू ने राज्य सरकार की ओर से सेब बागवानों के लिए की गई घोषणाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सेब के न्यूनतम समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक रूप से डेढ़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है और अब यह 12 रुपये प्रति किलो हो गया है। उन्होंने कहा कि छोटे सेब बागवानों के लिए यूनिवर्सल कार्टन योजना लागू की गई है और अगले वर्ष से यूनिवर्सल कार्टन पर वजन भी लिखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भी कई कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 3000 शिक्षकों की भर्ती की योजना बनाई है और हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल खोले जाएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए आईजीएमसी शिमला, टांडा और नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 85 करोड़ रुपये की लागत से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें लगाई जाएंगी और प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
जिला मंडी के सुंदरनगर थाना क्षेत्र के धारली गांव के पास शनिवार शाम को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें एक स्कूली छात्र की मौत हो गई। नौवीं कक्षा का छात्र बोधराज स्कूल से लौटते हुए पैदल अपने घर की ओर जा रहा था, तभी पहाड़ी से अचानक मलबा और पत्थर गिरने लगे और वह उसकी चपेट में आ गया। इस घटना से इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। पुलिस के मुताबिक, बोधराज शाम करीब 4 बजे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सौल से घर की ओर लौट रहा था, तभी पगडंडी पर जाते हुए अचानक भारी मलबा और पत्थर गिरने लगे। मलबे के नीचे दबने से बोधराज गंभीर रूप से घायल हो गया। अन्य बच्चों ने उसे मलबे में दबा हुआ देखा और शोर मचाया। आसपास के ग्रामीण तुरंत मौके पर पहुंचे और बोधराज को मलबे से बाहर निकाला, लेकिन तब तक वह खून से लथपथ था। जांच में यह पुष्टि हुई कि छात्र की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। पुलिस चौकी सलापड़ और थाना सुंदरनगर के प्रभारी नानक चंद ने घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए नागरिक अस्पताल सुंदरनगर भेज दिया। डीएसपी भारत भूषण ने बताया कि इस मामले में पुलिस जांच कर रही है।
** उद्यान विभाग के अनुदान ने पूरा किया भावना का सपना बड़ी डिग्रियां हासिल करने के बाद सरकारी नौकरी या प्राइवेट सेक्टर में संघर्ष करने की बजाय, खुद का उद्यम स्थापित करना और स्वरोजगार के अवसर पैदा करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। हिमाचल प्रदेश सरकार इस दिशा में युवाओं को प्रेरित करने के लिए विभिन्न सब्सिडी योजनाएं प्रदान कर रही है।हमीरपुर जिले के गांव भारीं की भावना राणा ने उद्यान विभाग की मशरूम सब्सिडी योजना का लाभ उठाकर घर में मशरूम का प्लांट लगाया और लाखों की आय अर्जित की। उन्होंने न केवल खुद को सशक्त किया, बल्कि 10-12 अन्य लोगों को रोजगार भी दिया।भावना ने देहरादून से फूड टेक्नोलॉजी में डिग्री प्राप्त की, लेकिन कॉरपोरेट सेक्टर में नौकरी से संतुष्ट नहीं हुईं। फिर उन्होंने 30 प्रतिशत सब्सिडी वाली मशरूम योजना के बारे में जाना और 200 बैग के साथ मशरूम की खेती शुरू की। कुछ ही महीनों में उनका व्यवसाय चल पड़ा, और अब वह पीक सीजन में रोजाना 800-1000 पैकेट मशरूम बाजार में भेज रही हैं। अब, भावना अपने प्लांट में विभिन्न लॉट्स में मशरूम उगा रही हैं, ताकि सप्लाई नियमित हो सके। उन्होंने गांव की 6-7 महिलाओं को रोजगार दिया और कई अन्य को अप्रत्यक्ष रूप से काम दिया। भावना ने प्रदेश सरकार और उद्यान विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके कारण ही वह एक सफल उद्यमी और प्रगतिशील किसान बन पाई हैं।
स्पैल वैली के दलगांव में देव परंपरा के अनुसार बेड़ा को देवता की पालकी में बिठाकर आयोजन स्थल तक पहुंचाया गया। इससे पहले आरोहण के लिए पालकी से उतारकर जैसे ही उन्हें लकड़ी की काठी पर बिठाया गया, वाद्य यंत्रों में शोक की धुनें बजने लगीं। ऊपर वाले छोर पर बेड़ा सूरत राम थे और नीचे दूसरे छोर में उनका परिवार इंतजार में था। लंबी पूजा-अर्चना के बाद ठीक शाम 5:46 बजे सूरत राम को सकुशल रस्से के सहारे नीचे उतारा गया। नीचे पहुंचते ही उनके माथे पर बंधे पंचरत्न को लेने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मच गई। लोगों ने बेड़ा को देवता की पालकी में बिठाकर नाचते-गाते मंदिर परिसर तक पहुंचाया। लोगों ने उन्हें भेंट के तौर पर नकद राशि दी। अनुष्ठान में रस्से को बांधने के लिए बजरेट कोटी के ठाकुर व वहां तक लाने की भूमिका देवता महेश्वर के साथ पहुंचे खूंदों ने निभाई। बेड़ा आरोहण के लिए रस्सा टूटने के बाद दूरी को कम किया गया। ढलान कम होने के कारण रस्सा झुकने से काठी पर बैठे सूरत राम बीच में फंस गए। उसके बाद दूसरी रस्सी का सहारा देकर उन्हें दूसरे छोर तक पहुंचाया गया। बेड़ा के दूसरे छोर पर पहुंचते ही अनुष्ठान के तीसरे दिन की मुख्य रस्म पूरी की गई। दलगांव में विशेष घास से बने तीन इंच मोटे रस्से (बरूत) पर बेड़ा सूरत राम को खाई पार करते देखने का लोगों में भारी उत्साह रहा। चारों ओर देवताओं के जयकारे लग रहे थे। इस दौरान रस्से को कसते समय अचानक रस्सा टूटा तो नाले के आसपास सन्नाटा पसर गया। यह घटना शनिवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे घटी। उस समय तक आयोजन स्थल तक हजारों लोग पहुंच चुके थे। कोई कहने लगा ओह... यह क्या हो गया। किसी ने कहा-अपशगुन हो गया तो कोई कह रहा था कि यदि बेड़ा के उतरते समय रस्सा टूटा होता तो कुछ भी हो सकता था। इसके बाद तुरंत आयोजन कमेटी के वरिष्ठ लोगों ने फैसला लिया कि अब दूरी को कम करके बेड़ा आरोहण की परंपरा को पूरा करना होगा। उसके बाद पहले से लगाए गए खंभों को उखाड़कर उन्हें नाले के आरपार कम दूरी पर गाड़ना शुरू किया गया। उसके बाद बेड़ा आरोहण की रस्म पूरी हुई।
हिमाचल प्रदेश सरकार और वाइल्ड फ्लॉवर होटल प्रबंधन के बीच बातचीत को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है। ओबरॉय ग्रुप की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाॅल दुआ की अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई एक मार्च को होगी। उस दिन अब ईस्ट इंडिया होटल लिमिटेड यानी ओबरॉय समूह की ओर से भी बहस की जाएगी। सरकार की ओर से कहा गया कि होटल प्रबंधन की तरफ से बातचीत के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया। अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को कहा था कि प्रस्ताव पर सहमति बनती है या नहीं, इस पर अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। राजधानी शिमला के नजदीक ऐतिहासिक वाइल्ड फ्लॉवर हॉल होटल के प्रबंधन से सरकार बातचीत करने के लिए तैयार हो गई थी। महाधिवक्ता अनूप रतन ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर ईस्ट इंडिया होटल लिमिटेड यानी ओबरॉय समूह की ओर से कोई प्रस्ताव दिया जाता है तो सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं। उन्होंने कहा था कि अगर कोई भी कंपनी प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहती है तो सरकार स्वागत करती है। राज्य सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल को अपने अधीन लेने को लेकर हाईकोर्ट में क्रियान्वयन याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने पहले ही ओबरॉय समूह को मध्यस्थता के आदेशों की पालना करने के आदेश दिए थे। बता दें कि होटल के स्वामित्व की दो दशकों से कानूनी लड़ाई चल रही है। हाईकोर्ट ने वाइल्ड फ्लावर हॉल को सरकार को सौंपने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ओबरॉय ग्रुप सुप्रीम कोर्ट गया था। सुप्रीम कोर्ट से इन्हें कोई राहत नहीं मिली।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में गैर शैक्षणिक वीडियो और रील्स बनाने पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा सोशल मीडिया का अनावश्यक उपयोग नहीं होगा। शनिवार को उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों और कॉलेजों के प्रिंसिपलों को इस बाबत नजर रखने के निर्देश जारी किए। निदेशालय ने विद्यार्थियों पर इन गतिविधियों का गलत प्रभाव पड़ने का हवाला दिया है। निर्देशों का पालन न करने वाले शिक्षकों और गैर शिक्षकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रति भी चेताया गया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने और शैक्षणिक गतिविधियों पर फोकस बढ़ाने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। सोशल मीडिया पर शिक्षकों और कर्मचारियों के गैर शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होने के बढ़ते मामलों की निदेशालय के पास लगातार शिकायतें आ रही हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए निदेशालय ने स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों और जिला शिक्षा उपनिदेशकों को पत्र जारी किए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कुछ शिक्षक और कर्मचारी स्कूल समय में ऐसी सामग्री बनाते रहते हैं, जो छात्रों के शैक्षणिक विकास में योगदान नहीं देती। ऐसी वीडियो या रील्स सोशल मीडिया पर डाले जा रहे हैं, जो शैक्षणिक, खेल या पाठयक्रम से संबंधित नहीं होते हैं। ऐसे विकर्षण विद्यार्थियों को उनके शैक्षिक लक्ष्यों से दूर करते हैं और उन्हें सोशल मीडिया के उपयोग में लिप्त होने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं जो उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों को निर्देश दिया है कि विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण और उन्हें जिम्मेदार और बेहतर नागरिक बनने के लिए अनुकूल माहौल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
शिमला जिले के ठियोग उपमंडल में टैंकरों से पानी आपूर्ति देने के नाम पर हुए लाखों रुपये के घोटाले की जांच शनिवार को विजिलेंस ने शुरू कर दी। एएसपी नरवीर सिंह राठौर की अगुवाई में गठित जांच टीम ने एसडीएम ठियोग कार्यालय से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया है। पानी आपूर्ति के घोटाले की खबर अमर उजाला में प्रकाशित होने के बाद जल शक्ति विभाग में हड़कंप मच गया था और विभाग के 10 अधिकारियों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। इनमें दो अधिशासी, तीन सहायक, चार कनिष्ठ और एक सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता शामिल हैं। इसके बाद मामला सरकार ने जांच के लिए विजिलेंस को सौंप दिया। शनिवार को घोटाले के तथ्यों की जांच कर विजिलेंस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ठियोग का दौरा किया और एसडीएम कार्यालय का पानी की सप्लाई से संबंधित रिकॉर्ड कब्जे में ले लिया। सूत्रों के अनुसार विजिलेंस मामले में जल्द ही एफआईआर भी दर्ज कर सकती है। इसके बाद निलंबित अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बता दें कि पानी की आपूर्ति के लिए टैंकरों की जगह बाइक, कारों और अफसर की गाड़ी के नंबर देने और जहां सड़क नहीं है, वहां भी टैंकरों से पानी की आपूर्ति दर्शाने की खबर छपने के बाद सरकार हरकत में आई और 10 अफसरों पर कार्रवाई की। निलंबित अफसरों को विभाग के मुख्यालय में अटैच किया गया है। इसके अलावा पानी की सप्लाई करने वाले ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया गया है। वहीं, इस मामले में ठियोग से कांग्रेस के विधायक कुलदीप राठौर ने कहा कि जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। राठाैर ने कहा कि जैसे ही 27 नवंबर को इस मामले की जानकारी मिली, तुरंत उपमुख्यमंत्री एवं जलशक्ति मंत्री मुकेश अग्निहोत्री से इस घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग की। साथ ही आला अधिकारियों के साथ चर्चा कर तत्काल कार्रवाई करने के आदेश दिए। विजिलेंस की टीम को शनिवार शाम को मामले से जुड़े सभी जरूरी कागजात सौंप दिए हैं।
** विनोद सुल्तानपुरी ने गनोल स्कूल के नए भवन का किया शिलान्यास कसौली (हेमेंद्र कंवर): कसौली विधानसभा क्षेत्र की गनोल पंचायत स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल गनोल में शनिवार को वार्षिक पारितोषिक वितरण व शिलान्यास समारोह आयोजित हुआ। इस समारोह में कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी ने बतौर मुख्य अतिथि गनोल स्कूल के नए भवन के निर्माण का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि पिछले चुनावों में गनोल स्कूल को सीनियर सेकेंडरी स्कूल घोषित किया गया था, लेकिन इसके बाद बिना बजट के कई स्कूल बंद हो गए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस मुद्दे को उठाया, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में केवल दो स्कूलों को फिर से अधिसूचित किया गया, जिनमें गनोल भी शामिल है। विधायक ने इस क्षेत्र की गढ़खल-गुनाई सड़क की समस्या को भी गंभीर बताया और कहा कि वह इसे मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए प्रयासरत हैं। साथ ही, इस सड़क पर बस सेवा शुरू करने के लिए उन्होंने अपने प्रयास जारी रखने की बात कही। विधायक ने मेधावी बच्चों को सम्मानित करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह दिए और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले बच्चों को अपनी ऐच्छिक निधि से 21 हजार रुपये देने की घोषणा की। समारोह में उन्होंने जनसमस्याओं को भी सुना और अधिकारियों को इन्हें शीघ्र हल करने के निर्देश दिए। बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दर्शकों से वाहवाही प्राप्त की। स्कूल की कार्यकारी प्रधानाचार्य अनीता रानी ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। समारोह में तहसीलदार कसौली जगपाल चौधरी, जिप सदस्य एडवोकेट मनोज वर्मा, गनोल पंचायत प्रधान संतोष कुमारी, उपप्रधान रणदीप राणा, कसौली-गढ़खल पंचायत प्रधान राम सिंह, उपप्रधान श्याम लाल ठाकुर, नाहरी पंचायत के पूर्व उपप्रधान मनमोहन वशिष्ठ, कसौली युवा कांग्रेस के अध्यक्ष साहिल अत्री, वरिष्ठ कांग्रेसी तीर्थराम शांडिल, राजेंद्र शर्मा, श्याम दत्त शर्मा, मोहनलाल शर्मा, जोगिंदर शर्मा, गनोल पंचायत की पूर्व प्रधान निर्मल शर्मा, महेंद्र दत्त शर्मा, जय किशन शर्मा, अमर दत्त शर्मा, कविराम शांडिल, राजेंद्र शांडिल, बुधराम शांडिल, प्रकाश शर्मा, केशव कुमार, ज्ञान सिंह, एक्स सर्विसमैन लीग के अध्यक्ष सूबेदार मेजर, सच्चिदानंद शर्मा, एसएमसी प्रधान सीमा, लोक निर्माण विभाग कसौली के एसडीओ विशाल भारद्वाज, जेई पुरषोत्तम समेत कई लोग उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के रोहडू की स्पैल वैली के दलगांव में चल रहें भुंडा महायज्ञ में आज बेड़े की ओर से भुंड की रस्म निभाई जानी थी। इसे देखने के लिए लाखों की संख्या में दलगांव पहुंचे हैं। जब विधि विधान के साथ एक रस्सी को बांधने का काम किया जा रहा था उसी समय अचानक बीच से ये दिव्य रस्सी टूट गई, जिसके चलते फिलहाल अभी रस्म को कमेटी ने रोक दिया है। मंदिर कमेटी आगे इसपर विचार विमर्श कर रही है। आज लाखों की संख्या की संख्या में लोग भुंड़ा उत्सव में पहुंचे हैं। इस महायज्ञ में तीन देवता और तीन परशुराम पहुंचे हुए हैं। अब मोहतबीन और देवता इस बारे में अगला निर्णय लेंगे। इस रस्सी को पवित्र समझा जाता है और इसका टूटना अपशगुन समझा जाता है। देवता बकरालू महाराज जी तो तहसीलों रोहड़ू व रामपुर के देवता हैं। भुंडा महायज्ञ देवता महेश्वर, देवता बौंद्रा व देवता बकरालू व देवता मोहर्रिश के प्रेम का प्रतीक है। रोहड़ू उपमंडल के नौ गांव के लोग इस यज्ञ में सहयोग कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि भुंडा महायज्ञ के लिए एक लाख से अधिक निमंत्रण दिए गए हैं। भुंडा महायज्ञ के दौरान बेड़ा रस्सी के जरिए मौत की घाटी को लांघते हैं। ये रस्सी दिव्य होती है और इसे मूंज कहा जाता है। ये विशेष प्रकार के नर्म घास की बनी होती है। इसे खाई के दो सिरों के बीच बांधा जाता है। भुंडा महायज्ञ की रस्सी को बेड़ा खुद तैयार करते हैं। बेड़ा उस पवित्र शख्स को कहा जाता है, जो रस्सी से खाई को लांघते हैं। बेड़ा जाति के लोग ही इस परंपरा को निभाते हैं। बेड़ा सूरतराम के अनुसार रस्सी तैयार करने में ढाई महीने का समय लगा। इस पवित्र कार्य में उनका साथ चार लोगों ने दिया। रस्सी तैयार करते समय पूरी तरह से ब्रह्मचर्य का पालन करना होता हैं। सुबह चार बजे भोजन करने के बाद फिर अगले दिन सुबह चार बजे भोजन किया जाता है। यानी 24 घंटे में केवल एक बार भोजन किया जाता है। इस दौरान अधिकतम मौन व्रत का पालन किया जाता है।
धर्मशाला में प्रस्तावित सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कैंपस में हो रही देरी को लेकर विधायक सुधीर शर्मा ने अब दिल्ली का रुख किया है। विधायक सुधीर शर्मा ने दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से शिष्टाचार भेंट की और केंद्रीय विश्वविद्यालय के धर्मशाला कैंपस के निर्माण में हो रही देरी का विषय उनके समक्ष उठाया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार नॉर्थ कैंपस के निर्माण के लिए जल्द उचित कदम उठाएगी। सुधीर शर्मा ने कहा, धर्मशाला के जदरांगल में प्रस्तावित कैंपस के लिए सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी है। अब सिर्फ हिमाचल सरकार की ओर से 30 करोड़ रुपए जमा करवाने की देर है, लेकिन सीएम सुक्खू जानबूझ कर इसे लटका रहे हैं, जिसके चलते धर्मशाला में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कैंपस का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। मैंने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेश प्रधान से मुलाकात कर इस मसले को उठाया है। केंद्रीय मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार इस पर जल्द सार्थक कदम उठाएगी।
शिमला: लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शुक्रवार को बंजार के जीभी के पास तांदी गांव में आग से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। मंत्री ने गांव का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से बातचीत करते हुए राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने निजी रूप से डेढ़ लाख रुपये की राशि प्रदान की और प्रभावितों को कंबल, खाना पकाने के बर्तन, हाईजीन किट और तिरपाल जैसी आवश्यक सामग्री भी वितरित की। विक्रमादित्य सिंह ने भरोसा दिलाया कि प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने बिजली और पानी की आपूर्ति शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने गांव की सड़क को प्राथमिकता के आधार पर सुधारने का आश्वासन दिया, और कहा कि मार्च के बाद सड़क को पक्का करने का कार्य सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि पुनर्निर्माण के लिए सामग्री आसानी से पहुंचाई जा सके। गौरतलब है कि बंजार उपमंडल के तांदी गांव में नए साल के पहले दिन आग लगने से भारी नुकसान हुआ था। आग ने एक गौशाला से शुरू होकर 17 मकानों और 6 गौशालाओं को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था। प्रशासन ने पीड़ितों को 15 हजार रुपये की तत्काल राहत राशि दी थी। एसडीएम बंजार, पंकज शर्मा ने बताया कि इस घटना में करीब 10 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
बिलासपुर/सुनील: प्रदेश सरकार के नगर नियोजन, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने बताया कि घुमारवीं सिविल अस्पताल में जल्द ही लिफ्ट की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा 29 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। मंत्री धर्मानी ने कहा कि घुमारवीं सिविल अस्पताल में इस सुविधा के आने से मरीजों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगजनों को राहत मिलेगी। लिफ्ट की स्थापना से अस्पताल में आने वाले लोगों की सुविधा में सुधार होगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाना और भी सुगम हो जाएगा। राजेश धर्मानी ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध है। स्वास्थ्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। घुमारवीं सिविल अस्पताल को नई सुविधाओं से लैस करना इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
पेंशनर एसोसिएशन कुनिहार इकाई की मासिक बैठक मंगलवार 7 जनवरी को पेंशनर्ज कार्यालय तालाब कुनिहार में इकाई अध्यक्ष विनोद जोशी की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। विनोद जोशी ने कुनिहार इकाई के सभी कार्यकारिणी के सभी सदस्यों से इस बैठक में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है। उन्होंने सभी पेंशनरों से आग्रह किया है कि 7 जनवरी को ठीक 11 बजे पेंशनर कार्यालय तालाब कुनिहार में पहुंचे तथा पेंशनरो की समस्या व आगामी बारे चर्चा में बढ़चढ़ कर भाग लें।
** प्रिंसिपल अशोक कुमार ने की कार्यक्रम की अध्यक्षता खण्ड चिकित्सा अधिकारी नगरोटा सुरियां, डॉ. अमन दुआ के निर्देशानुसार आज "टीबी मुक्त भारत अभियान" के तहत आईटीआई ज्वाली में जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रिंसिपल अशोक कुमार ने की।कार्यक्रम में बच्चों को टीबी मुक्त भारत के लिए शपथ दिलाई गई। इसके अलावा, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सुभाष चंद ने बच्चों को एचआईवी/एड्स के बारे में जानकारी दी। बच्चों ने एड्स जागरूकता के प्रतीक चिन्ह भी बनाए। स्वास्थ्य विभाग की ओर से खण्ड स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सुभाष चंद, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक रविंद्र कुमार, एनडीके काउंसलर कृष्ण कुमार, सीएचओ दीपिका शर्मा और आशा कार्यकर्ता पुष्पा देवी ने भाग लिया। आईटीआई के स्टाफ में बलकार सिंह, रोबिन चौधरी, पूनम शर्मा, सरिता और हरनाम सिंह भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रिंसिपल अशोक कुमार ने सभी मेहमानों का धन्यवाद करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।
रोहडू के दलगांव में भुंडा महायज्ञ के दूसरे तीन शुक्रवार को तीन महत्त्वपूर्ण रस्में निभाई गईं। इस दौरान रस्मों को देखने के लिए भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। दलगांव में बकरालू देवता के मंदिर प्रांगण में तिल धरने को जगह नहीं रही। भुंडा महायज्ञ में दूसरे दिन तक एक लाख से अधिक लोग पहुंच गए हैं। श्रद्धालुओं की इतनी अधिक भीड़ रही कि लोगों के फोन बंद हो गए और नेटर्वक भी फ्रीज हो गया। पहली रस्म के अंतर्गत देवता महेश्वर, देवता बौंद्रा, मेजवान देवता बकरालू के मध्य धूड़ पीटने की रस्म निभाई गई। इस रस्म को देवता महेश्वर ने शिर लगाकर सफलतापूर्क संपन्न किया। इस दौरान तीनों देवताओं के साथ पहुंचे हजारों देवलुओं ने जयकारे लगाए और तलवारों, डंढे व खुखरी की ताल पर नृत्य किया। वहीं दूसरी रस्म के अंतर्गत रंटाडी के मोहरिष महर्षि देवता ने फेर दलगांव मंदिर प्रांगण से शुरू किया। रंटाडी खूंद के हजारों देवलुओं ने अस्त्र शस्त्र, रणसिंगा, करनाल एवं ढोल नगाड़ों के साथ चौंरी के साथ फेर की रस्म शुरू की। दलगांव की परिक्रमा में रंटाडी खूंद को लगभग तीन घंटे का समय लगा। फेर की परिक्रमा पूरी करके तीसरी महत्त्वपूर्ण रस्म शिखा पूजन मेजवान देवता बकरालू ने पूरी की। शिखा पूजन के अंतर्गत दलगांव में बकरालू देवता के तीन मंदिरों की छत पर चढक़र माली गुर व ब्राह्मणों ने चारों दिशाओं में मंत्रोचारण कर रस्म को पूरा किया। आज बेड़ा सूरत राम नौवीं बार बरुत पर चढक़र अपनी परीक्षा पास करेंगे।
** डॉ. नीलम कुमारी ने की बैठक की अध्यक्षता जिला परिषद कार्यालय चम्बा में आज जिला परिषद अध्यक्ष डॉ. नीलम कुमारी की अध्यक्षता में आशा कार्यकर्ताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डॉ. प्रतीक और डॉ. करण हितेषी भी विशेष रूप से मौजूद रहे। इस दौरान विभिन्न विभागीय योजनाओं को लेकर आशा कार्यकर्ताओं से फीडबैक ली गई। साथ ही उन्हें योजनाओं को धरातल पर पहुंचाने में पेश आ रही समस्याओं को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। आशा कार्यकर्ताओं ने अपने- अपने क्षेत्र से संबंधित समस्याओं की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त उन्होंने व्यवस्थाओं में सुधार को लेकर अपने बहुमूल्य सुझाव भी दिए। इस मौके पर डॉ. प्रतीक और डॉ. करण ने आशा कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं से अवगत करवाया। डॉ. नीलम कुमारी ने कहा कि आशा कार्यकर्ता सीधे तौर पर लोगों से जुड़ी हैं। नीलम ने आशा कार्यकर्ताओं को नियमित योगाभ्यास करने और लोगों को भी योगाभ्यास के प्रति जागरुक करने का आग्रह किया। डॉ. नीलम ने कहा कि अब शिक्षकों और राजस्व विभाग के फील्ड कर्मचारियों के साथ भी बैठकों का आयोजन किया जाएगा ताकि धरातल की समस्याओं को चिन्हित किया जा सके। बैठक में स्वास्थ्य खंड चूड़ी और पुखरी की विभिन्न आशा कार्यकर्ता मौजूद रहे।
एचआरटीसी (हिमाचल पथ परिवहन निगम) के बेड़े में मार्च माह में 24 नई वोल्वो बसें जुड़ जाएंगी। इनकी खरीद के लिए सरकार ने एचआरटीसी को 36 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। नई बसें हिमाचल के विभिन्न रूटों से दिल्ली के लिए चलाई जाएंगी। हाईटेक बसों में यात्री आरामदायक सफर का आनंद ले सकेंगे। आधुनिक सुविधाओं से लैस एक वोल्वो बस की कीमत करीब डेढ़ करोड़ है। एचआरटीसी शिमला, मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, बीड़, चंबा, हमीरपुर, रिवालसर और चिंतपूर्णी सहित अन्य रूटों से दिल्ली के लिए वोल्वो चलाता है। सामान्य बसों के मुकाबले वोल्वो की कमाई करीब दोगुना है। दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) पाबंदियां लगाई गई हैं, जिनके तहत बीएस-6 बसों को ही राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश दिया जा रहा है। निगम की वोल्वो सेवा प्रभावित न हो, इसके लिए नई बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू की गई है। 24 नई वोल्वो खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। मार्च में ये बसें मिलना शुरू हो जाएंगी। नई बसें आधुनिक सुविधाओं से लैस बीएस-6 श्रेणी की होंगी। इन्हें प्रदेश के विभिन्न रूटों से दिल्ली के लिए संचालित किया जाएगा। बीएस-6 तकनीक से लैस प्रदूषण रहित नई वोल्वो में हर सीट पर यात्रियों के लिए थाई रेस्ट, फुट रेस्ट की सुविधा उपलब्ध होगी। लैपटॉप सहित अन्य कीमती सामान चोरी होने की घटनाओं के मद्देनजर सीटों के ऊपर कैरियर में लॉकर की सुविधा होगी। सभी सीटों के साथ यूएसबी मोबाइल चार्जर और पहली दो सीटों पर लैपटॉप चार्जर की सुविधा दी जाएगी। निगम की पुरानी वोल्वो 285 हॉर्स पावर की हैं। नई वोल्वो 300 हॉर्स पॉवर होंगी। नई वोल्वो पैनिक बटन, व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम और वाईफाई से लैस होंगी।
हिमाचल प्रदेश में 20 से कम छात्र संख्या वाले हाई और 25 वाले वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा घटेगा। नए शैक्षणिक सत्र से पांच से सात किलोमीटर के नजदीकी स्कूलों में इन स्कूलों के विद्यार्थियों को दाखिले दिलाए जाएंगे। प्रदेश में अब स्कूल मर्ज करने की जगह दर्जा घटाने का प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है। उच्च शिक्षा निदेशालय से जनवरी अंत तक सरकार ने इस बाबत प्रस्ताव मांगा है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि कम छात्र संख्या वाले स्कूलों का डाटा एकत्र होने के बाद सरकार की मंजूरी लेकर इनका दर्जा कम किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन हाई स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 20 या उससे कम होगी, ऐसे स्कूलों का दर्जा घटाकर मिडल किया जाएगा। इसी तरह जिन वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थी संख्या 25 या उससे कम होगी, वहां स्कूलों का दर्जा घटाकर हाई स्कूल किया जाएगा। दर्जा घटने के बाद जो कक्षाएं स्कूलों में बंद हो जाएंगी, उनमें पढ़ने वाले विद्यार्थियों को पांच से सात किलोमीटर के दायरे वाले अन्य स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएंगे। शैक्षणिक सत्र 2025-26 से यह व्यवस्था लागू होगी। उधर, 10 छात्र संख्या से कम वाले प्राइमरी स्कूलों को नजदीकी दो से तीन किलोमीटर के दायरे वाले स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने 300 ऐसे स्कूल चिह्नित किए हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या दस से कम है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अगले चरण में कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों को भी मर्ज किया जाएगा। सभी कॉलेजों से विद्यार्थियों के नामांकन की जानकारी मांगी गई है। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने और हर संस्थान में पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों की नियुक्तियां करने के लिए कम विद्यार्थियों वाले संस्थानों को मर्ज या दर्जा घटाने का फैसला लिया गया है।
सरकारी स्कूलों में नर्सरी से आठवीं कक्षा तक विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले मिड-डे-मील की जांच में कई खामियां सामने आई हैं। यह खुलासा पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर की ओर से स्कूलों में तैयार होने वाले खाने के सैंपल जांचने पर हुआ। सैंपल जांच में सामने आया कि खाने में ई कोली नाम का बैक्टीरिया है। इससे बच्चों का पेट खराब होने से लेकर आंत को नुकसान तक पहुंच सकता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद शिक्षा विभाग ने सभी स्कूल प्रबंधकों को खाना बनाते समय स्वच्छता मानकों का ख्याल रखने की हिदायत दी है। जानकारी के अनुसार सितंबर 2024 में केंद्र सरकार के निर्देश अनुसार पंजाब बायोटेक्नोलॉजी इनक्यूबेटर मोहाली की टीम ने ऊना के 10 स्कूलों में जाकर मिड-डे-मील के सैंपल लिए। सैंपल की जांच रिपोर्ट हाल ही में सामने आई है। इसमें कहा गया है कि भोजन में ई कोली बैक्टीरिया है, जो बच्चों की सेहत पर बुरा असर करता है। रिपोर्ट मिलने के बाद शिक्षा विभाग के हरकत में आते हुए स्कूलों को आदेश दिए गए कि भोजन तैयार करने वाले कर्मियों की नियमित स्वास्थ्य जांच हो। खाना बनाते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। स्कूल प्रबंधक पेयजल की नियमित समय अंतराल के बाद क्लोरीनेशन करवाते रहें। खाना बनाने वाले स्थान, इस्तेमाल होने वाले बर्तनों और जहां बच्चों को भोजन खिलाया जाता है, उस स्थान की प्रतिदिन सफाई करवाई जाए। इसके अलावा खाना बनाने से पहले हाथों को साबुन से धोया जाए। बर्तन धोने के बाद व भोजन वितरित करते समय भी हाथों की साफ सफाई रखी जाए। ई कोली बैक्टीरिया के कुछ प्रकार जहरीला पदार्थ बनाते हैं, जो छोटी आंत की परत को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेट में ऐंठन, उल्टी और दस्त (अक्सर खून के साथ) हो सकते हैं। लक्षण आमतौर पर बैक्टीरिया के संपर्क में आने के 3-4 दिन बाद शुरू होते हैं और लगभग एक सप्ताह के भीतर समाप्त हो जाते हैं। संक्रमण कम से कम तब तक संक्रामक रहता है, जब तक व्यक्ति को दस्त रहता है।
उपमंडल ज्वालामुखी के शहीद लक्खा सिंह राजकीय उच्च विद्यालय बलाहरा को एक बार फिर दानी सज्जनों से सौफा सेट और पंखे मिले हैं। स्कूल के मुख्य अध्यापक दुनी चंद, स्कूल प्रबंधन समिति की अध्यक्ष सीमा देवी, बच्चों के अभिभावक और गांव के लोग इस नेक काम के लिए दानी सज्जनों का धन्यवाद कर रहे हैं। मुख्य अध्यापक दुनी चंद ने कहा कि इसका पूरा श्रेय शिक्षक राकेश राणा को जाता है, जो स्कूल के विकास में निरंतर लगे रहते हैं। पिछले साल जब वे जुजपुर से बलाहरा स्कूल में आए, तब से स्कूल की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने पहले बच्चों के लिए एक खेल का मैदान बनवाया, फिर लोगों से सहयोग मांगते हुए 6 पंखे और कुर्सियां स्कूल में लगवाईं। बच्चों की पढ़ाई में कोई रुकावट न आए, इसके लिए दो ब्लैक बोर्ड और माइक की व्यवस्था भी की। इसके अलावा, बच्चों के अनुशासन को बनाए रखने के लिए उन्होंने अपने पैसों से टाई बेल्ट, बैज, आई कार्ड और होमवर्क डायरी खरीदी। अब उन्होंने सौफा सेट भी दिलवाकर स्कूल की सुंदरता में इजाफा किया है। मुख्य अध्यापक ने कहा कि बहुत कम शिक्षक होते हैं जो अपने स्कूल और काम के प्रति इतने समर्पित होते हैं। जब राकेश राणा से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि वह इस स्कूल के छात्र भी रह चुके हैं और हमेशा कर्म करते रहने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने दानी सज्जनों का दिल से धन्यवाद किया और आशा जताई कि लोगों का सहयोग और प्यार हमेशा बना रहे, ताकि स्कूल और भी ऊँचाईयों तक पहुँच सके।
हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को डिपुओं में इस महीने सरसों और रिफाइंड तेल मिलने की उम्मीद है। खाद्य आपूर्ति निगम ने शुक्रवार को तेल के टेंडर खोल दिए हैं। इसमें तीन कंपनियों ने डिपो में तेल की सप्लाई देने की हामी भरी है। सोमवार को खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से फाइनेंशियल बिड खोली जानी है। इनमें से अब जिस कंपनी का रेट सबसे कम होगा, उसे टेंडर दिया जाएगा। हिमाचल में राशनकार्ड उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों और रिफाइंड तेल नहीं मिला है। हालांकि इससे पहले भी खाद्य आपूर्ति निगम ने तेल की कंपनी फाइनल कर फाइल मंजूरी के लिए सरकार को भेजी थी। लेकिन रेट ज्यादा होने पर इसे रद्द किया गया। इसके चलते निगम की ओर से दोबारा से टेंडर किया जा रहा है। हिमाचल में साढ़े 19 लाख राशनकार्ड परिवार हैं। प्रदेश सरकार लोगों को दो लीटर तेल (एक रिफाइंड और एक लीटर सरसों), चीनी, तीन किलो दालें (मलका, माश और दाल चना) सब्सिडी पर दे रही है। आटा और चावल केंद्र सरकार सब्सिडी पर उपलब्ध करवा रही है। खाद्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि डिपुओं में उपभोक्ताओं को सस्ते दामों में सरसों और रिफाइंड तेल उपलब्ध कराया जाना है। निगम की ओर से औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। जिस कंपनी का रेट कम होगा, टेंडर उसे दिया जाएगा। निगम का दावा है कि हिमाचल प्रदेश में 3 महीने तक दालों की कमी नहीं होगी। खाद्य आपूर्ति निगम के गोदाम दालों से भरे हैं। निगम ने डिपो होल्डर को समय रहते गोदामों से सप्लाई उठाने के निर्देश दिए हैं।
हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक निदेशालय ने पुलिस कांस्टेबल के 123 पदों भरने के लिए साक्षात्कार 24 फरवरी से होंगे। निदेशालय ने शेड्यूल जारी कर दिया है। साक्षात्कार प्रक्रिया 20 मार्च तक चलेगी। सामान्य श्रेणी के 74, अन्य पिछड़ा वर्ग के 16, अनुसूचित जाति के 24 और अनुसूचित जनजाति के 9 पद भरे जाएंगे। निदेशालय ने साफ किया है कि साक्षात्कार प्रक्रिया में वही पूर्व सैनिक भाग ले सकते हैं, जो एक जनवरी 2022 से एक जनवरी 2024 के बीच सेवानिवृत्त हुए हैं। शैक्षणिक योग्यता दसवीं पास अनिवार्य है। शेड्यूल के अनुसार बिलासपुर के सभी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत पूर्व सैनिकों के लिए साक्षात्कार 24 फरवरी को होंगे। चंबा के 25, हमीरपुर और भोरंज में 27 फरवरी, सुजानपुर, बड़सर, नादौन में 28 को साक्षात्कार होंगे। मंडी, जोगिंद्रनगर, धर्मपुर, गोहर, करसोग, सरकाघाट में तीन मार्च, सुंदरनगर, पधर, नेरचौक, बालाचौकी व थुनाग में चार, सिरमौर में पांच, ऊना व हरोली में छह, अंब, बंगाणा में सात, सोलन के रोजगार कार्यालयों में 10 मार्च, धर्मशाला, कांगड़ा, पालमपुर, देहरा, नूरपुर में 11 मार्च को साक्षात्कार होंगे। बरोह, बैजनाथ, ज्वाली, फतेहपुर, नगरोटा सूरियां में 12, नगरोटा बगवां, ज्वालामुखी, कस्बा कोटला, इंदौरा, लंबागांव में 13, शिमला, मशोबरा, ठियोग, रामपुर, सुन्नी, चौपाल में 17, रोहडू, जुब्बल, कुमारसैन, डोडरा क्वार, कुपवी, चिड़गांव में 18, कुल्लू, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के सभी रोजगार कार्यालयों में पंजीकृत पूर्व सैनिकों के लिए साक्षात्कार 19 मार्च को होंगे। सड़कें बंद होने के कारण जो पूर्व सैनिक साक्षात्कार में भाग नहीं ले सकेंगे, उनके लिए 20 मार्च को साक्षात्कार होंगे। इसके लिए उन्हें तहसीलदार या एसडीएम से एक प्रमाणपत्र देना होगा। निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर मदनशील ने बताया कि अधिसूचना जारी कर दी गई है। पूर्व सैनिक वेबसाइट से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सिरमौर: गिरिपार में तिलौरधार के पास एनएच-707 निर्माण कार्य चल रहा है। कटिंग के दौरान मलबा नालियों और खड्ड में डाला जा रहा हैै जिससे रिहायशी मकानों, सिंचाई एवं पेयजल स्रोत को खतरा पैदा हो रहा है। ग्रामीणों ने कार्यस्थल पर पहुंच कर फेंके गए मलबे का जायजा लेकर विरोध जताया है। इस समस्या की लिखित शिकायत एसडीएम कफोटा को सौंप दी गई है। ग्राम शमाह निवासी चूही राम शर्मा, रती राम, कल्याण सिंह, राजेन्द्र शर्मा, राजेश शर्मा, विनोद शर्मा, माया राम शर्मा, सुनील शर्मा, कंठी राम, रमन शर्मा, रमेश चंद, मुकेश शर्मा और प्रवेश शर्मा समेत ग्रामीणों ने कहा कि तिलौरधार के समीप एनएच -707 सड़क कार्य चल रहा है। ये काम आरजीबी कंपनी करवा रही है। इसमें संबंधित ठेकेदार कार्य के दौरान मलबा नालियों और खड्ड में फेंक रहा हैं, जबकि तय नियम व दिशा-निर्देश के अनुसार कंपनी व ठेकेदार को ये मलबा डंपिंग यार्ड में ही फेंकना होता है। मलबा शमाह गांव के साथ लगते खाले में डाला जा रहा है जिससे शमाह गांव के लिए पेयजल, सिंचाई के स्रोतों, रिहायशी मकान व उपजाऊ भूमि को खतरा पैदा हो गया है। संभावित खतरे को लेकर ग्रामीण बुधवार को कार्यस्थल पर पहुंचे और मलबा फेंकने को रुकवाया गया। इसके बाद ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल स्थानीय एसडीएम कफोटा से मिला। लिखित पत्र सौंप कर ग्रामीणों ने पूरी समस्या व संभावित क्षति के बारे में अवगत करवाया। शमाह के ग्रामीणों ने कहा कि बिना डंपिंग यार्ड बनाए ठेकेदार का काम शुरू नहीं करने दिया जाएगा। ये मलबा डंपिंग यार्ड में ही डाला जाए। इस विषय पर चीफ इंजीनियर एनएच और जिला उपायुक्त सिरमौर को भी अवगत करवाया जाएगा। शमाहवासी राजेंद्र शर्मा, रमेश कुमार व सीआर शर्मा ने बताया कि एसडीएम से आश्वासन मिला है। एसडीएम कफोटा राजेश वर्मा ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की तरफ से लिखित शिकायत मिली है जिसमें खड्ड में एनएच मार्ग निर्माण का मलबा फेंकने से ग्राम शमाह के रिहायशी मकानों, पेयजल स्रोत और उपजाऊ भूमि को संभावित खतरे की आशंका जताई गई है। मौके का निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद संबंधित अधिकारियों, ठेकेदार से नियमानुसार डंपिंग साइट में ही मलबा फेंकने को कहा जाएगा।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने एक बार फिर राज्य सरकार के खिलाफ तल्खी दिखाई है। शुक्रवार काे राज्यपाल ने कहा कि किसी नेता के चुनावी वादे पूरे करने के लिए राजभवन नहीं है। नौतोड़ विधेयक को मंजूरी नहीं देने के मंत्री जगत सिंह नेगी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि नेगी भले राजभवन का अनादर करें, राजभवन उनका पूरा सम्मान करेगा। बातचीत के लिए दरवाजे खुले हैं। राज्यपाल ने कहा कि नौतोड़ मामलों को लेकर राजभवन ने अपना जवाब दे दिया है। कुछ विषयों को लेकर आपत्ति थी। इसे लेकर जवाब मांगा गया है। अब तक राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। राजभवन ने यह कभी नहीं कहा कि हम नौतोड़ से अलग हैं, लेकिन राजभवन नियमों की परिधि में रहकर ही काम करेगा। उन्हाेंने कहा कि राजभवन की ओर से राज्य सरकार से पूछा गया है कि इसमें कितने लोग शामिल हैं। राजभवन ने इसे लेकर नामों की भी जानकारी मांगी है। राज्यपाल ने कहा कि अगर कोई नाम गलत तरीके से दिखाए जाएंगे, तो राजभवन इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। वे नियमों के बाहर जाकर काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि राजस्व मंत्री ने पद की शपथ यहीं ली है। राज्यपाल ने कहा कि वह सरकार के मंत्री हैं, ऐसे में जब भी वार्ता के लिए आना चाहें, तो आ सकते हैं। राजभवन में दो साल से संशोधन विधेयक लंबित है। लगता नहीं कि इतने लंबे समय से कोई आपत्ति बची होगी। अगर फिर भी कोई आपत्ति लंबित है तो इसकी जांच की जाएगी।
** कुल्लू-मनाली बना पर्यटकों का पसंदीदा स्थल साल 2024 में कुल्लू-मनाली पर्यटकों का पसंदीदा डेस्टिनेशन बना, और इस साल कुल्लू जिले में 98 लाख से ज्यादा पर्यटकों ने कदम रखा। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर इस साल करोड़ों लोग पहुंचे, और कुल्लू जिला भी इसमें सबसे लोकप्रिय रहा। कुल्लू जिले के पुलिस विभाग द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल में 98,54,502 पर्यटकों ने कुल्लू जिले के विभिन्न पर्यटन स्थलों का दौरा किया। इनमें से 17,91,728 पर्यटक गाड़ियों से कुल्लू पहुंचे। कुल्लू जिले के बंजार, जिभी, जलोड़ी दर्रा, मणिकर्ण घाटी, कसोल, मनाली, अटल टनल, और अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिली। बंजार, तीर्थन घाटी और जलोड़ी दर्रा में 1,81,423 पर्यटक गाड़ियों के जरिए 9,97,825 पर्यटक पहुंचे। वहीं, पार्वती घाटी के मणिकर्ण और कसोल में 3,66,127 पर्यटक गाड़ियों के जरिए 20,13,699 पर्यटक आए। मनाली के सोलंगनाला, अटल टनल और अन्य पर्यटन स्थलों पर भी 12,44,178 गाड़ियों में कुल 68,42,978 पर्यटक पहुंचे। कुल्लू-मनाली का नाम सुनते ही पर्यटक यहां आना चाहते हैं, और हर साल यहां आने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। पर्यटकों ने इस साल पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग का भी आनंद लिया। कुल्लू जिले में 500 से ज्यादा पंजीकृत पैराग्लाइडर पायलट और कई राफ्टिंग साइट्स हैं, जहां पर्यटक ब्यास नदी में राफ्टिंग करते नजर आए। कुल्लू जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि अधिक पर्यटकों की संख्या को देखते हुए पुलिस जवानों की तैनाती की जाती है ताकि पर्यटकों को कोई परेशानी न हो और वे सुरक्षित महसूस करें। पर्यटन विभाग पर्यटकों को बेहतर सेवाएं देने के लिए निरंतर काम कर रहा है, ताकि हर साल पर्यटकों की संख्या और बढ़े।
कुल्लू: लाहौल स्पीति जिले में बीते दिनों हुई बर्फबारी के बाद लोक निर्माण विभाग (PWD) ने सड़कों से बर्फ हटाने का काम तेज़ी से शुरू कर दिया है। इसके अतिरिक्त, उदयपुर में भी सड़कों को बर्फ से मुक्त कर दिया गया है, जिससे केलांग और मनाली जाने के लिए वाहन सुविधा उपलब्ध हो गई है। बर्फबारी के कारण लाहौल घाटी के ग्रामीण इलाकों में सड़कों का संपर्क कट गया था, जिसके कारण स्थानीय लोगों को पैदल यात्रा करनी पड़ रही थी। मौसम साफ होने के बाद, लोक निर्माण विभाग ने बर्फ हटाने का कार्य प्राथमिकता से किया है, और अब पेयजल योजनाओं को भी ठीक किया गया है। लाहौल-स्पीति क्षेत्र में पानी की पाइपें जमने के कारण पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई थी। हालांकि, कुछ स्थानों पर अभी भी बर्फबारी की वजह से बिजली और दूरसंचार सेवाओं में व्यवधान है, जिसे बहाल करने के प्रयास जारी हैं। लाहौल स्पीति की विधायक अनुराधा राणा ने बताया, सड़कों से बर्फ हटाने का कार्य पूरा कर लिया गया है और कुछ इलाकों में अभी भी यह कार्य जारी है। प्रशासन लोगों को किसी भी परेशानी का सामना न करने दे, इसके लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।" साथ ही, अटल टनल के माध्यम से अब पर्यटक लाहौल घाटी का दौरा करने आ रहे हैं, जिससे स्थानीय पर्यटन क्षेत्र को भी लाभ हो रहा है। मौसम विभाग ने आज से प्रदेश के ऊपरी इलाकों में फिर से बर्फबारी की संभावना जताई है। 2 जनवरी से 7 जनवरी तक प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी, और 4 से 7 जनवरी तक निचले और मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना है। ऐसे में यदि फिर से बर्फबारी होती है, तो लोक निर्माण विभाग को सड़कों से बर्फ हटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
ऊना: ग्राम पंचायत धमांदरी में एक ही परिवार के पांच लोग एक कमरे में गुरुवार सुबह अचेत अवस्था में मिले हैं। मामले की जानकारी मिलते ही तुरंत आसपास के लोगों ने पंचायत प्रतिनिधियों को सूचित किया और सभी अचेत लोगों को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना पहुंचाया। प्रभावित परिवार उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला है। हरिचरण उनकी पत्नी और तीन बच्चे रात को कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे थे, जिसके कारण जहरीली गैस से पूरा परिवार अचेत हो गया। क्षेत्रीय अस्पताल में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने तुरंत पांचों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई। हालांकि दो लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है, जिसमें से एक को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है। पुलिस ने भी इस मामले को लेकर जांच शुरू कर दी है। ऊना जिला में एक सप्ताह में यह दूसरा मामला है। हाल ही में दो लोगों की मौत अंगीठी की गैस के कारण हो चुकी है। परिवार लंबे अरसे से ऊना में रहकर दिहाड़ी मजदूरी करते हुए जीवन यापन कर रहा है। जानकारी के मुताबिक गुरुवार सुबह प्रवासी श्रमिक जब काम पर निकलने लगे तो उन्होंने अपने ही एक साथी हरिचरण के कमरे से किसी प्रकार की कोई हरकत नहीं हुई। इसके बाद कमरे का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन अंदर से किसी भी प्रकार का जवाब नहीं मिला। ऐसे में उन्होंने हरिचरण की बेटी और दामाद को इस मामले की सूचना दी और पंचायत प्रतिनिधियों को भी मौके पर बुलाया। लोगों ने जब कमरे का दरवाजा खोल कर देखा तो सभी लोग अंदर अचेत अवस्था में पड़े थे। ऐसे में 108 एंबुलेंस के माध्यम से पांचों लोगों को रीजनल अस्पताल ऊना पहुंचाया गया। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर संजय मनकोटिया ने बताया, इन लोगों में दो की हालत ज्यादा नाजुक है जिसमें से एक को गंभीर हालत के चलते पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है, जबकि तीन लोग खतरे से बाहर हैं। लोगों से अपील करते हुए चिकित्सा अधीक्षक ने कहा बंद कमरे में अंगीठी जलाकर ना सोएं यह जानलेवा है और कमरे में अंगीठी जलाते समय खिड़कियों को खुला रखें।