ठंड से गरीबों और असहायों को बचाव के लिए स्वयंसेवी संगठन गर्म कपड़े और कंबल इत्यादि बांटने में जुट गए हैं। इसी के चलते स्वयंसेवी संगठन ‘Himachal Youth Progressive Alliance Shimla chapter (HYPA)’ ने रविवार को मलयाना, मेहली व तारादेवी में बूढ़े-बच्चे, महिला-पुरुष आदि गरीब व जरूरतमंद लोगों को गर्म कपड़े व कम्बल वितरित किए। ठंड में ठिठुर रहे बच्चे व अन्य लोग गर्म कपड़े व कम्बल पाकर चहक उठे। ग्रुप के सदस्यों ने वितरण में कोविड-19 की गाइड लाइन का भी ख्याल रखा।
भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना एवं सह प्रभारी संजय टंडन में शिमला मंडल मिलन के कार्यक्रम में भाग लिया। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप, भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, शिमला नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल विशेष रूप में उपस्थित रहे। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि सर्वव्यापी एवं सर्व स्पर्शी प्रकार से काम करेगी भाजपा। उन्होंने कहा की जन सेवा एवं जनसंपर्क के कार्य के लिए सभी कार्यकर्ता प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा की शिमला मंडल महापौर एवं पार्षद गण और सभी मोर्चों की नियमित बैठकें होगी क्योंकि बैठकों से पार्टी का कार्यकर्ता चार्ज होता है। उन्होंने कहा कार्यालय कार्यकर्ता और कार्यक्रम भाजपा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है इसी को लेकर भाजपा कार्य करेगी। हिमाचल प्रदेश में भाजपा 24 घंटे कार्य करेगी और पार्टी को और सुदृढ़ बनाएगी उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर जन सेवा की है पर कांग्रेस पार्टी इस समय गायब थी। उन्होंने बोला कि भाजपा के सभी कार्यकर्ता केंद्र और सरकार की उपलब्धियों को लेकर बूथ तक जनसंपर्क अभियान चलाएंगे और भाजपा का एक ही लक्ष्य है मिशन 2022। भाजपा सह प्रभारी संजय टंडन ने कहा कि शिमला विधानसभा क्षेत्र में 91 फुट और 18 वर्ड है जिसमे भाजपा जनसंपर्क अभियान चलाएगी। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता मिलन कार्यक्रम भाजपा की उम्मीद है। साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि सोशल मीडिया पर भी सभी कार्यकर्ता सक्रिय होंगे और बढ़-चढ़कर नरेंद्र मोदी एप के साथ जुड़ेंगे जिसमें से सभी केंद्र सरकार की सूचनाएं उनको प्राप्त होगी। बैठक में संसदीय क्षेत्र के प्रियव्रत शर्मा, जिला अध्यक्ष रवि मेहता मंडल, अध्यक्ष राजेश शारदा, महामंत्री गगन लखन पाल, युवा मोर्चा के अध्यक्ष हितेश, अनुसूचित जाति मोर्चा से जगजीत बग्गा, बिट्टू कुमार पाना उपस्थित रहे।
पहाड़ों की रानी शिमला ने रातोंरात बर्फ़ की सफ़ेद चादर ओढ़ ली है। शिमला शहर में इस सीजन का पहला हिमपात हुआ। ताज़ा बर्फ़बारी से तापमान में भारी गिरावट आई है। आज का दिन शिमला में इस सीजन के सबसे ठंडा दिन रहा है। मौसम केन्द्र शिमला के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि ताज़ा पश्चिमी विक्षोभ में आए बदलाव के कारण प्रदेश के कई इलाकों में बर्फ़बारी हुई है। शिमला शहर में सीजन की पहली बर्फ़बारी हुई है। जिसकी वजह से शिमला का तापमान माइनस 1.1 डिग्री के साथ सीजन के सबसे ठंडा दिन रहा है। कुफ़री में इस सीजन की सबसे ज्यादा 1 फ़ीट बर्फ़ रिकॉर्ड की गई। उन्होंने बताया कि 4 जनवरी से फिर से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा।
शिमला शहर में इस सीजन का पहला हिमपात हुआ है। बीते कल सुबह से ही पूरा दिन चटक धूप खिली रही लेकिन शाम होते ही मौसम ने करवट ले ली। शिमला में रात को शुरू हुई बर्फबारी ने सुबह तक बर्फ की चादर ओढ़ ली। बर्फबारी से किसानों बागबानों के चेहरे खिल उठे हैं तो वहीं ऊपरी शिमला में परिवहन ठप हो गया है। प्रदेश भर के ऊंचाई वाले इसको में बर्फबारी, कुफरी नारकण्डा, खड़ा पत्थर में बर्फबारी से सड़के बंद है। बर्फबारी से नए साल पर पर्यटन कारोबार को भी ऑक्सीजन मिलेगी। राजधानी शिमला में घूमने आए पर्यटक इस बर्फबारी का खूब आनंद ले रहे है। शिमला में राज्यस्थान से आए पर्यटकों का कहना है कि उन्होंने शिमला आकर पहली बार बर्फबारी देखी है और वे इस बर्फीले मौसम का खूब आनंद ले रहे हैं। वहीं चंडीगढ़, हरयाणा से आए पर्यटक भी बर्फबारी में खूब आनंद ले रहे हैं। उनका कहना है है कि शिमला में बर्फबारी से जन्नत का अहसास हो रहा है।
शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के सारज क्षेत्र की सात पंचायतों हिमारी, बाग, औघली, धरोगड़ा, करयाली, डुमेहर व भराड़ा का एक सयुंक्त प्रतिनिधिमंडल ब्लॉक उपाध्यक्ष लेखराम कौंडल की अध्यक्षता में विधायक विक्रमादित्य सिंह से आज उनके निवास स्थान होली लॉज में मिला। प्रतिनिधिमंडल ने इस क्षेत्र में हुए विकास के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ बर्तमान में विधायक विक्रमादित्य सिंह का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उनका यह क्षेत्र दोनों नेताओं का सदैव आभारी व ऋणी रहेगा। प्रतिनिधित्व मंडल ने हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा इस विधानसभा क्षेत्र में किये गए उध्घाटनों पर खुशी प्रकट करते हुए इन योजनाओं को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की देन बताते हुए इन्हें पूरा करने का श्रेय विक्रमादित्य सिंह को दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विकास की सोच का ही परिणाम है जो आज फलीभूत हुआ है। उन्होंने कहा कि शिमला ग्रामीण क्षेत्र ही नही अपितु प्रदेश में विकास के मसीहा वीरभद्र सिंह ही है। इस अबसर पर विक्रमादित्य सिंह ने इस प्रतिनिधि मंडल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ग्रामीण का विधायक होने के नाते इस चुनाव क्षेत्र का विकास ही उनका एकमात्र लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जो प्यार और स्नेह उन्हें यहां से मिल रहा है उसके वह सदैव आभारी रहेंगे। विक्रमादित्य सिंह ने पंचायतों और नगर निकाय चुनावों पर चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें ऐसे लोगों को आगे चुन कर लाना चाहिए जो ईमानदारी से क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने व विकास के प्रति समर्पित हो। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की मजबूती के लिए पार्टी की विचारधारा से जुड़े लोगों को एकमत से चुन कर आगे लाना होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सभी पार्टीजन सर्वसम्मति से पंचायत, नगर निकायों व जिला परिषद के चुनावों के लिए उम्मीदवारों को तय करेंगे। प्रतिनिधि मंडल में इस क्षेत्र के बरिष्ठ लोगों में किशोरी लाल, तुलाराम, केवल राज, जीतराम, संजय, दवेंद्र, घनश्याम, कुशल्य, नारायण, भूपराम शर्मा, देवराज, हेम दास पाल, नोख राम, प्रेम वर्मा, सुरेश हिमराल, जीया लाल हिमराल, भीष्म हिमराल, रीना कुमारी, कृष्ण लाल वर्मा, मोहित कुमार, सत्या वर्मा, निशा देवी, यशवंत वर्मा, ममता शर्मा, चिरन्जी लाल, रमेश कुमार, कल्पना वर्मा, विनय शामिल थे। प्रदेश कांग्रेस सचिव हरिकृष्ण हिमराल व ब्लॉक अध्यक्ष गोपाल शर्मा भी इस अवसर पर प्रमुख तौर पर उपस्थित थे।
कुछ लोग जहाँ अपने जन्मदिन पर हज़ारों, लाखों रुपय खर्च कर पार्टियाँ करते हैं और अपनी मनमौजी में मस्त रहते हैं, वहीं कुछ लोग बिना पार्टी किए अपने जन्मदिवस को यादगार बनाने के लिए इस दिन ज़रूरतमंदों की सहायता करते हैं। ऐसी ही एक शख़्सियत जो पेशे से प्राध्यापिका है उन्होंने अपने जन्मदिन के मौक़े पर पार्टी करने की बजाए कोरोना के इस दौर में महामारी से जंग लड़ रहे लोगों की सहायता करने की ठानी और कोविड केयर सेंटर में कम्बल वितरित किए। जुब्बल स्थित बटठा हाटकोटी की रहने वाली आरती शर्मा ने अपनी क्षमताअनुसार रोहड़ू कोविड केयर सेण्टर में 51 कम्बल दान किए और मरीज़ों को फल भी वितरित किए। आरती शर्मा ने कहा की आज पूरा विश्व कोरोना से जंग लड़ रहा है। ऐसे में इस बीमारी से जंग लड़ रहे लोगों की हमें हर सम्भव सहायता करनी चाहिए। उन्होंने लोगों से भी अपील की है की वो भी अपनी क्षमता अनुसार अपने जन्मदिवस पर ज़रूरमंदों की सहायता करें।
हिमाचल प्रदेश चुनाव आयोग ने जिला परिषद सदस्यों के लिए चुनाव खर्च की सीमा तय कर दी है। जिला परिषद सदस्य पद का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी सिर्फ एक लाख रुपये चुनाव प्रचार पर खर्च सकते हैं। राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों के मुताबिक आयोग ने जिला परिषद के सदस्य का चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में खर्च की सीमा एक लाख रुपये निर्धारित कर रखी है। कोई भी जिप सदस्य इससे अधिक धनराशि चुनाव में व्यय नहीं कर सकता। जिला परिषद का चुनाव लड़ने वाले प्रत्येक प्रत्याशी के चुनाव खर्चे का ब्योरा चुनाव अधिकारी कभी भी मांग सकता है। इसके अलावा उम्मीदवार को चुनाव खर्चे का पूरा हिसाब-किताब दैनिक आधार पर रखना होगा। जिप सदस्यों ने एक लाख की राशि कहां खर्च की, इसकी जानकारी चुनाव अधिकारी और आयोग के पास चुनाव संपन्न होने के एक माह के भीतर देनी अनिवार्य है। इसके अलावा पंचायतों और पंचायत समिति सदस्यों के चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च की कोई सीमा निर्धारित नहीं की है।
5 जनवरी से होने वाली हिमाचल प्रदेश पुलिस के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। यह फैसला जनवरी के दूसरे और तीसरे सप्ताह में होने वाले पंचायत चुनाव को देखते हुए लिया गया है। इस संबंध में पुलिस मुख्यालय की ओर से आदेश जारी हो गए हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि क्यूंकि राज्य चुनाव आयोग ने नगर निकाय व पंचायत चुनावों की घोषणा कर दी है। ऐसे में जनवरी के दूसरे व तीसरे हफ्ते में अधिकतम पुलिस बल चुनाव ड्यूटी के लिए उपलब्ध होना जरूरी हैं। यही वजह है कि विशेष व आपातकालीन परिस्थितियों के अलावा किसी भी स्थिति में छुट्टी नहीं दी जाएगी। साथ ही पूर्व में पांच जनवरी के बाद की छुट्टी ले चुके कर्मियों को ड्यूटी पर वापस बुला लिया जाएगा।
आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 66वां राष्ट्रीय अधिवेशन स्मृति मंदिर परिसर, रेशमीबाग, नागपुर में शुरू हुआ। नागपुर में राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह भैया जोशी उपस्थित रहे। इस कोरोना काल में अधिवेशन में सीमित संख्या में ही कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। राष्ट्रीय अधिवेशन का लाइव प्रसारण पूरे देश के 4000 स्थानों पर किया गया और इसमें वर्चुअल माध्यम से लगभग एक साथ लगभग डेढ़ लाख कार्यकर्ता जुड़े। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नगर इकाई सोलन में भी वर्चुअल कार्यक्रम द्वारा 66वें राष्ट्रीय अधिवेशन में लगभग 45 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि देवेंद्र शर्मा, वशिष्ट अतिथि तेज राम शर्मा जी एवं डॉ० चमन ठाकुर उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि देवेंद्र शर्मा ने कहा की जब वो विद्यार्थी परिषद में काम करते थे उस समय उन्होंने जो भी विषय उठाए आज वो साकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा की विद्यार्थी परिषद को जो आज समाज में चुनौतियाँ हैं उन पर काम करना चाहिए निश्चित ही विद्यार्थी परिषद समाज के सहयोग से वर्तमान चुनौतियों को भी पार पा लेगी। उन्होंने कहा की यह कार्यक्रम अपने आप में एतिहासिक है क्योंकि इसमें लघु भारत के दर्शन होते हैं लेकिन इस बार यह एतिहासिक इसलिए हैं क्योंकि एक ही समय पर लगभग डेढ़ लाख कार्यकर्ता पहली बार आकर जुड़ रहे हैं। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि तेज राम शर्मा ने कहा की विद्यार्थी परिषद नौजवानों और विद्यार्थीयों का संगठन है लेकिन जब उन्हे विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं से कार्यक्रम में मिलने का मौका मिलता है तो वही विद्यार्थी जीवन की सफुर्ति का मन में संचार हो जाता है। इस अवसर पर विद्यार्थी परिषद के वर्तमान और पूर्व कार्यकर्ता उपस्थित रहे जिसमें पूर्व विभाग संगठन मंत्री प्रकाश चौहान, हिमगिरि कल्याण आश्रम के प्रांत संगठन मंत्री हेम सिंह, योगेंद्र शर्मा, भूपेंद्र ठाकुर, राजगोपाल, अमन, संदीप मेहता, अभाविप के जिला प्रमुख इंद्र नेगी, प्रांत जनजातीय कार्य प्रमुख सोहन नेगी, अधिवेशन प्रमुख अखिल ठाकुर, नगर अध्यक्ष डॉ राजेश ठाकुर, नगर मंत्री मनप्रीत राणा व नगर इकाई के समस्त कार्यकर्ता मौजूद रहे।
- इस मर्तबा निकाय चुनाव में सोशल मीडिया बेहद महत्वपूर्ण इस बार के निकाय चुनाव में सोशल और वेब मीडिया निर्णायक भूमिका निभा सकता हैं। पांच साल पहले हुए चुनाव के मुकाबले लोगों का रुझान सोशल और वेब मीडिया की तरफ बहुत अधिक बढ़ चूका हैं, जिससे मतदाता का निर्णय प्रभावित हो सकता हैं। चुनाव प्रचार में इस मर्तबा सोशल मीडिया की एंट्री तमाम समीकरण बदल सकती है, खासतौर से न्यूट्रल मतदाता पर इसका काफी असर देखने को मिल सकता हैं। यही कारण हैं कि चुनाव की जंग जितनी जमीन पर लड़ी जा रही है उतनी ही सोशल मीडिया के अखाड़े में। हर उम्मीदवार सोशल मीडिया और वेब मीडिया का इस्तेमाल कर वोटर्स को साधने की जुगत में हैं। अब कोरोना काल में इसे मौके की नजाकत समझें या फिर तकनीक का स्मार्ट इस्तेमाल, लेकिन इस मर्तबा निकाय चुनाव के प्रत्याशी सोशल और वेब मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल करने से जरा भी पीछे नहीं हैं। वहीँ पार्टी स्तर पर यदि सोशल मीडिया पर जंग की बात करें तो निसंदेह इसमें भाजपा का कोई मुकाबला नहीं हैं। बेशक चुनाव बिना पार्टी सिंबल के लड़े जा रहे हैं लेकिन भाजपा का आईटी सेल पूरी तरह सक्रीय दिख रहा हैं। सोशल मीडिया पर, खासतौर से फेसबुक पर भाजपा के पास सैकड़ों आधिकारिक एक्टिव पेज हैं। इसके अतिरक्त पार्टी ने आईटी व सोशल मीडिया के लिए कई पदाधिकारी नियुक्त किये हुए हैं जिनके कौशल और अनुभव का लाभ भी पार्टी समर्थित उम्मीदवारों को मिलेगा। मतदाता के साथ संवाद साधने में ये बेहद कारगर सिद्ध होगा। सुनियोजित तरीके से भाजपा ने सोशल मीडिया पर अपनी दमदार उपस्तिथि बनाई हुई हैं जो उसे लाभ दे सकती हैं। उधर, कांग्रेस जमीनी संगठन की तरह ही सोशल मीडिया पर भी दिशाहीन दिख रही हैं। औपचारिकता के लिए पार्टी का सोशल मीडिया सेल तो हैं, पदाधिकारी भी हैं पर उनका काम असरदार नहीं दिख रहा। कुछ नेता सोशल मीडिया पर एक्टिव भी हैं तो अपने बुते पर, पार्टी की तरफ से न कोई आवश्यक दिशा निर्देश हैं और न ही मार्गदर्शन। खासतौर से जब कोरोना के चलते डोर टू डोर प्रचार भी सिमित रहने वाला हैं, सोशल मीडिया पर पार्टी की ये कमजोरी इस निकाय चुनाव में भारी पड़ सकती हैं।
हिमाचल के 50 शहरी निकायों की चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले दिन प्रदेश के 10 जिलों में कुल 254 प्रत्याशियों ने नामांकन भरे। प्रदेश की 29 नगर परिषदों और 21 नगर पंचायतों के लिए सदस्य चुने जाने हैं। राज्य चुनाव आयोग ने पहली बार ऑनलाइन व्यवस्था की है कि वोटर प्रत्याशियों की शैक्षणिक योग्यता और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी हासिल कर सकेंगे। पहले दिन कई चिकित्सक, वकील, सिविल इंजीनियर, एमएससी पास चुनाव में उतरे हैं। जिला शहरी निकायों के लिए सोलन में 50 नामांकन भरे गए जबकि मंडी व कांगड़ा में 35-35 नामांकन भरे गए। वहीं, सिरमौर में 25, कुल्लू व हमीरपुर में 21-21, चंबा में 19, शिमला में १७ नामांकन भरे गए। उधर ऊना में 16 व बिलासपुर में 15 नामांकन भरे गए।
शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज कुसुम्पटी बाजार मे स्मार्ट सिटी के मिशन के तहत 83 लाख 87 हजार रुपये की लागत से व लाईट स्टील फ्रेम युक्त की नई तकनीक से निर्मित होने वाले तीन मंजिला भवन का विधिवत शिलान्यास किया। उन्होने कहा कि इस क्षेत्र में विकास और अन्य मूल भूत सुविधाओं की उपलब्धता के लिए इस निर्माण से क्षेत्रवासियों को अत्यधिक लाभ होगा। उन्होंने बताया कि इस भवन मे धरातल पर पार्किंग, प्रथम मन्जिल पर 8 दुकानें तथा बुक कैफे का निर्माण कर लोगों को पार्किंग की सुविधा के साथ-साथ रोजगार तथा साहित्य व पठन पाठन से जुड़े लोगों को सुविधा मिलेगी। उन्होनें अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस युद्ध गति से कार्य करते हुए इस परिसर को तीन महीने के भीतर तैयार करें ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि भविष्य में साथ लगते भवन में भी पार्किग की व्यवस्था उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि इस क्षेत्र के लोगों की पार्किंग सम्बन्धी सबसे बड़ी समस्या से भी निजात मिलेगी। इसके साथ ही कुसुम्पटी क्षेत्र में शौचालय की समस्या को देखते हुए सार्वजनिक शौचालय ईत्यादि का निर्माण भी किया जायेगा। इस अवसर पर महापौर शिमला सत्या कौण्डल, उपमहापौर शैलेन्द्र चैहान, पार्षद राकेश चैहान, स्मार्ट सिटी परियोजना के सीईओ आबिद हुसैन, जरनल मेनेजर तकनीकी नितिन गर्ग, आरटीडीसी के मुख्य प्रबन्धक अजय शर्मा, महाप्रबंधक रोहित ठाकुर, सहायक महाप्रबंधक मनीष साहनी, प्रबंधक गीता राम, व्यापार मण्डल कुसुम्पटी के पदाधिकारी एवं सदस्य सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
निष्पादन एजेंसी को उन पर्यटन परियोजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करनी चाहिए, जिनका कार्य पूरा होने वाला हो, ताकि उन्हें समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जा सके। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड की 10वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मशाला से मैक्लोडगंज रोप-वे जून, 2021 तक पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके निर्माण पर 150 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के कार्यशील होने पर राज्य कोएक करोड़ रुपये वार्षिक फीस प्राप्त होगी। उन्होंने जिला कांगड़ा में आदि हिमानी से चामुण्डा जी रोप-वे और कुल्लू जिला में भुतंर से बिजली महादेव रोप-वे जिसके लिए रियायत समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं और सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है, के कार्य में देरी पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि श्री आन्नदपुर साहिब से श्री नैनादेवी जी रोप-वे के लिए रियायत समझौता और पूर्व व्यवहार्यता (प्री फिजिवल्टी) रिपोर्ट को अन्तिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना 200 करोड़ रुपये व्यय कर पूर्ण की जाएगी। जय राम ठाकुर ने कहा कि लाइट एंड साउंड शो का कार्य मार्च, 2021 तक पूरा हो जाएगा और यह टाउन हाॅल द माॅल शिमला में राज्य की संस्कृति, परम्परा और अनछुए मनमोहक स्थानों की झलक प्रस्तुत करेगा। यह राज्य में आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का अतिरिक्त साधन होगा। उन्होंने कहा कि शिमला में 12.13 करोड़ रुपये की लागत से शिमला हेलीपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है, जिसका निर्माण कार्य अगले वर्ष मार्च तक पूरा हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के हिमालयन सर्किट के तहत सोलन जिले के क्यारीघाट में कन्वेंशन सेंटर का कार्य पूर्ण होने वाला है। उन्होंने कहा कि 30 करोड़ रुपये लागत की यह परियोजना अगले साल मार्च तक पूर्ण हो जाएगी। उन्होंने कहा कि शिमला जिले के हाटकोटी में मां हाटेश्वरी मंदिर का विकास कार्य आरम्भ किया गया है, यह अगले साल दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 11.75 करोड़ रुपये की लागत से फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट धर्मशाला को इंस्टीट्यूट आॅफ होटल मैनेजमेंट में स्तरोन्नत करने के लिए मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि इसमें से 4.10 करोड़ रुपये की पहली किस्त प्राप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत आध्यात्मिक सर्किट के एकीकृत विकास के तहत 100 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भारत सरकार को मंजूरी के लिए भेजी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सूरजकुंड शिल्प मेले की तर्ज पर राज्य में शिल्प मेला आयोजित करने का भी निर्णय लिया है, जिसके लिए कालका शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग 95 बीघा भूमि चिन्हित की गई है। उन्होंने अधिकारियों को विभिन्न स्वीकृतियों की शीघ्र मंजूरी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि उनका कार्य शुरू किया जा सके। सचिव पर्यटन देवेश कुमार ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि राज्य में कार्यान्वित की जा रही सभी पर्यटन परियोजनाओं को निर्धारित समयावधि में पूरा किया जाएगा। निदेशक पर्यटन यूनुस ने बैठक में मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) आर.डी. धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, सचिव (आयुर्वेद) डाॅ. अजय शर्मा, सचिव (वित्त) डाॅ. अक्षय सूद, सचिव युवा सेवाएं एवं खेल एस.एस. गुलेरिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमण्डल की बैठक आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। मंत्रिमण्डल ने निर्णय लिया कि चार जिलों में लगाया गया कफ्र्यू अब रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा। इसके अलावा आम जनता और विभिन्न ट्रेड संघों की मांग पर विचार करके राज्य में पहले की तरह रविवार को बाजार खोलने की अनुमति प्रदान करने का निर्णय भी लिया। बैठक में चिनाब घाटी में 104 मेगावाट तांदी, 130 मेगावाट राशिल और 267 मेगावाट साच खास जल विद्युत परियोजनाओं को एसजेवीएनएल को आबंटित करने के लिए सहमति प्रदान की गई। यह आबंटन चिनाव बेसिन में एसजेवीएनएल को पहले आबंटित की गई तीन परियोजनाओं की शर्तों के अनुसार ही होगा। मंत्रिमण्डल ने सहकारिता विभाग में सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं के दो पद सीधी भर्ती द्वारा भरने का निर्णय लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि ग्रीष्मकाल में बन्द होने वाले सभी स्कूल 12 फरवरी, 2021 तक बन्द रहेंगे और आॅनलाइन माध्यम से पढ़ाई जारी रहेगी। मंत्रिमण्डल ने निजी स्कूलों द्वारा लगाए जा रहे अत्यधिक शुल्क के मुददे पर भी विचार किया और सम्बन्धित जिलों के उपायुक्तों की अध्यक्षता में उच्च शिक्षा और प्राथमिक शिक्षा के उप-निदेशकों को सदस्य के रूप में शामिल कर समिति गठित की। समिति द्वारा यह देखा जाएगा कि निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा लिए जा रहे शुल्क और चार्जिज स्कूलों में कर्मचारियों के वेतन और बुनियादी सुविधाओं के अनुरूप हैं और यह किसी का शोषण तो नहीं कर रहे।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और इसके क्रियान्वयन पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुलपतियों के साथ बातचीत की। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति प्रो. सिकन्दर कुमार डाॅ. वाय.एस.परमार बागवानी और वाणिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन के कुलपति डाॅ. परविन्दर कौशल, चैधरी सरवण कुमार, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एच.के. चैधरी, हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बन्सल, अटल चिकित्सा एवं शोध विश्वविद्यालय मण्डी के कुलपति प्रो. (डाॅ.) सुरेन्द्र कश्यप और सरदार वल्लभ भाई पटेल क्लस्चर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. सी.एल. चन्दन ने भी इस वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में भाग लिया। राज्यपाल ने सभी कुलपतियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दृष्टि पत्र तैयार कर 15 फरवरी, 2021 तक प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने संस्थानों की रैंकिंग को सुधारने के लिए नीति तैयार करने और उसके तहत कार्य करने का भी सुझाव दिया। उन्होंने महामारी के दौरान विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और प्रयासों पर विस्तृत रिपोर्ट भेजने को भी कहा। उन्होंने कहा कि उन्हें कृषि व्यवसाय, खाद्य प्रसंस्करण, कटाई के बाद, तकनीक, स्वास्थ्य देखभाल और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भविष्य में इंटरनशिप, वर्चुअल इंटरनशिप, पूर्व छात्रों की मदद, आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और राॅबोटिक्स नए सेक्टर होंगे। उन्होंने लोक मित्र केन्द्रों और महिला स्वयं सहायता समूहों को जोड़ने पर बल दिया और कहा कि शोध, रोजगार और उद्यमिता में परिणाम का मापदण्ड होना चाहिए। राज्यपाल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विद्यार्थियों को आॅनलाइन शिक्षा प्रदान करने की दिशा में सभी कुलपतियों और विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। सभी कुलपतियों ने वर्चुअल मंच के माध्यम से अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने राज्यपाल और सभी सदस्यों का स्वागत किया और बैठक का संचालन किया।
प्रदेश सरकार राज्य के लिए एक एकीकृत ड्रग प्रिवेंशन नीति तैयार करेगी। यह नीति राज्य में मादक पदार्थों की रोकथाम, उपचार, प्रबन्धन और पुनर्वास/सोशल/इंटीग्रेशन कार्यक्रम के लिए होगी। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां आयोजित हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए पुलिस, मीडिया और नशा निवारण बोर्ड के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में ड्रग पेडलर्स पड़ोसी राज्यों के हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके द्वारा शुरू की गई पहल से ही संभव हुआ है कि इस क्षेत्र में ड्रग्स के खतरे की जांच के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के पंचकुला में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि सभी मुख्यमंत्री और अन्य उत्तरी राज्यों के प्रतिनिधि मादक पदार्थों की तस्करी के बारे में जानकारी सांझा करने के लिए सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक अन्य बैठक की मेजबानी पंजाब ने की, जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि यह पहल ड्रग्स के खतरे को रोकने में एक शानदार कदम साबित हुई है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में छः नशामुक्ति केंद्र खोलने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं के दुरुपयोग के कारण अपराध दर में वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में जरूरतमंदों को बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए नशा और नशामुक्ति केंद्रों के लिए पहले से ही कार्यरत पुनर्वास केंद्रों को विनियमित और नियंत्रित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करने पर भी विचार करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में नशीली दवाओं के उत्पादन की मात्रा और स्वरूप, साइकोट्राॅपिक पदार्थों सहित प्रिक्यूरसोरस के विचलन और प्रदेश में मादक पदार्थों के सेवन के परिमाण को जानने के लिए आधिकारिक सर्वेक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य वार ड्रग जागरूकता अभियान/संवेदीकरण कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसमें पंचायती राज संस्थानों, शहरी स्थानीय निकायों, एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवकों और महिला मंडलों के निर्वाचित प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस के मौजूदा नारकोटिक्स कंट्रोल सेल को इस खतरे से निपटने के लिए सुदृढ़ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में ड्रग की समस्या से निपटने के लिए कृत संकल्प है, क्योंकि यह राज्य और देश में एक गंभीर सामाजिक समस्या है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों के दुरूपयोग की जांच करने की दृष्टि से राज्य सरकार ने एक व्यापक योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का नशीली दवाओं के खिलाफ रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा उन दवाओं पर ध्यान केन्द्रित करता है, जो मूल रूप से भांग और अफीम जैसे पौधों से प्राप्त होती हैं। राज्य सरकार ने उन पौधों के उन्मूलन के लिए कड़े कदम उठाए है, जिनसे ड्रग्स का उत्पादन होता है। ग्राम पंचायत, वन और अन्य सरकारी भूमि सहित सभी भूमि पर भांग/अफीम के उन्मूलन के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जय राम ठाकुर ने कहा कि पूरे प्रदेश में भांग और अफीम उन्मूलन अभियान प्रभावी तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भांग और अफीम उन्मूलन अभियान को तेज करने के लिए प्रदेश सरकार ने ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इस समस्या के समाधान के लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) को तैनात किया है और उन्हें भांग, अफीम के पौधों को खत्म करने के लिए आधुनिक उपकरण प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सामुदायिक पुलिसिंग योजना के अंतर्गत समय-समय पर विद्यालयों और महाविद्यालयों के निकट युवाओं में मादक पदार्थों के दुरूपयोग को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि नारकोटिक सेल, सभी पुलिस अधीक्षकों और सीआईडी की फील्ड यूनिट द्वारा आम जनता और शैक्षणिक संस्थानों के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बढ़ते नशे के खतरे के दृष्टिगत सरकार ने विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए सरकारी विद्यालयों के पाठ्यक्रम में नशे के दुरूपयोग से दुष्प्रभाव पर एक अध्याय शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मादक पदार्थों की तस्करी को गैर जमानती अपराध बनाने के लिए एक बिल भी लाया है। मुख्य सचिव अनिल खाची ने कहा कि बोर्ड की कार्यकारी समिति का गठन किया जाएगा और बोर्ड की सिफारिशों के उचित क्रियान्वयन के लिए नियमित बैठकें आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभाग हिमाचल प्रदेश को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार के विभिन्न योजनाओं के लिए अधिक समन्वय के साथ कार्य करेंगे। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि प्रदेश पुलिस राज्य में नशे के व्यापारियों पर शिकंजा कसने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाग ने अपने खुफिया तंत्र को सुदृढ़ किया है, ताकि मादक पदार्थों की तस्करी और बिक्रय के बारे में जानकारी सांझा की जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने एनडी एंड पीएस मामलों का पता लगाने के लिए विशेष अभियान चलाए गए हैं, जो समय-समय पर प्रदेश पुलिस द्वारा शुरू किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड के संयोजक एवं सलाहकार ओ.पी. शर्मा ने इस अवसर पर ‘प्रिवेलिंग ड्रग सिचुएशन इन हिमाचल प्रदेश’ विषय पर प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के लिए गहन जनजागरूकता अभियान शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के उपयोग से न केवल व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह समाज को विकृत कर देता है और शिक्षा में खराब प्रदर्शन, खराब स्वास्थ्य, जघन्य अपराधों का कारण बनता है। आबकारी एवं कराधान आयुक्त रोहन चन्द ठाकुर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। इस अवसर पर बोर्ड के गैर सरकारी सदस्योें प्रकाश भारद्वाज, भानु लोहमी, अंकुर चैहान और देवेन्द्र दत्त शर्मा ने भी प्रदेश में मादक पदार्थों के दुरूपयोग को रोकने के बारे में अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा, सचिव स्वास्थ्य अमिताभ अवस्थी, सचिव शिक्षा राजीव शर्मा और प्रदेश सरकार के विभागाध्यक्षों ने बैठक में भाग लिया।
ये चुनाव नहीं आसान। कांग्रेस इस बात से भलीभांति वाकिफ है। जयराम ठाकुर को एक्सीडेंटल मुख्यमंत्री कहने वाली कांग्रेस पर स्थानीय निकाय चुनाव में खुद को साबित करने का दबाव है ताकि 2022 में जनता उसे गंभीरता से ले। प्रदेश के नव नियुक्त प्रभारी राजीव शुक्ला का भी ये पहला इम्तिहान है। इस इम्तिहान में उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है पार्टी के तमाम गुटों को एकसाथ लेकर चलना। कांग्रेस के दिग्गज साथ चले तो मंजिल शायद आसां रहे पर खींचतान ज़ारी रहती है और नतीजे मनमुताबिक नहीं आते तो कांग्रेस का बैकफुट पर आना तय है। इसी बीच बुधवार को कांग्रेस ने अपनी इलेक्शन स्ट्रेटेजी कमेटी का एलान कर दिया है जो राजीव शुक्ला की सरदारी में काम करेगी। इस 14 सदस्यीय कमेटी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर, नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, विप्लव ठाकुर, कर्नल धनीराम शांडिल, सुखविंदर सिंह सुक्खू, आशा कुमारी, सुधीर शर्मा, जीएस बाली, हर्षवर्धन चौहान, रामलाल ठाकुर, राजेंदर राणा, जगत सिंह नेगी और पवन काजल को स्थान मिला है। इसमें मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी के किसी नेता को स्थान नहीं मिला है। सीधे तौर पर कहे तो इलेक्शन स्ट्रेटेजी कमेटी में कौल सिंह ठाकुर को स्थान नहीं मिला है। एक और खासबात इस लिस्ट में है। इन 14 में से तीन नेता ऐसे है जिन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था। पर पार्टी के लिए मंडी से चुनाव लड़ने वाले आश्रय शर्मा को इस लिस्ट में स्थान नहीं मिला है। हालाँकि इन दोनों नेताओं को अन्य कमेटियों में शामिल कर संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है, किन्तु मंडी जिला के किसी नेता का इलेक्शन स्ट्रेटेजी कमेटी में न होना फिलवक्त चर्चा का विषय जरूर है। जाहिर है किसी स्थानीय नेता का कमेटी में होना रणनीतिक तौर पर ज्यादा असरदार होता। वैसे एक तर्क ये भी है की जब मंडी से सांसद रह चुके पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह खुद इस कमेटी में शामिल है तो बाकी नेताओं की शायद कोई जरुरत नहीं है। लिस्ट से कौल सिंह ठाकुर की गैरमौजूदगी को कुछ राजनैतिक माहिर राजा गुट की तरफ आलाकमान के झुकाव के तौर पर देख रहे है तो कुछ चिट्ठी बम के साइड इफ़ेक्ट के तौर पर। बहरहाल लकवाग्रस्त संगठन के बावजूद अगर कांग्रेस को निकाय चुनाव में अच्छा करना है तो पार्टी के दिग्गजों को आपसी रंज भुलाकर एक साथ आना होगा।
स हफ्ते लगातार तीन दिन तक बंद रहने वाले हैं, इसलिए कोई आवश्यक कार्य हो तो गुरुवार तक निपटा लें। असल मे बैंक हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहते हैं। इस बार 26 दिसंबर को महीने का चौथा शनिवार पड़ रहा है, इसके चलते बैंक बंद रहेंगे। इसके बाद 27 दिसंबर, रविवार को साप्ताहिक अवकाश है, जिसके चलते बैंक बंद रहेंगे। वहीं, 25 दिसंबर, शुक्रवार को क्रिसमस है, जो राष्ट्रीय अवकाश रहेगा। इसके चलते इस दिन बैंकों में छुट्टी रहेगी। ऐसे में इस हफ्ते आपकों बैंकों से जुड़ा कोई कार्य करना है, तो उसे गुरुवार तक ही निपटा लें, क्योंकि उसके बाद 25, 26 और 27 दिसंबर को बैंकों की छुट्टी रहने वाली है। वहीं, 31 दिसंबर को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की लास्ट डेट भी है। इसलिए अगर आपको बैंक से कोई डॉक्यूमेंट चाहिए या कोई अन्य जरूरी काम है तो उसके लिए अभी से मुस्तैद रहना सही रहेगा।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPBOSE) ने इस साल (शैक्षणिक सत्र 2020-21) प्रैक्टिकल परीक्षा न लेने का फैसला लिया है। इसके लिए स्कूलों को अपने स्तर पर ही परीक्षाएं आयोजित करवानी होंगी। प्रश्न पत्र से डेटशीट तक सबकुछ स्कूलों को खुद ही करना होगा। ऐसा पहली बार होगा, जब मार्च माह में संचालित होने वाली परीक्षाओं के प्रैक्टिकल हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड स्वयं नहीं लेगा। शिक्षा बोर्ड अधिकारियों का कहना है दसवीं, जमा दो व अन्य कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं की परीक्षा तिथियां व प्रैक्टिकल संचालन के लिए शिक्षा उपनिदेशकों व स्कूलों के प्रधानाचार्य व मुख्य अध्यापकों से वीडियो कांफ्रेंस से इस विषय पर चर्चा की है, जिसमें परीक्षाओं को लेकर लंबी चर्चा हुई है। बोर्ड का कहना है की सभी कक्षाएं ऑनलाइन चल रही हैं और बोर्ड पूरी तरह से नहीं जनता है की शिक्षक छात्रों को ऑनलाइन कैसे शिक्षित कर रहे हैं। ऐसे में अगर बोर्ड प्रैक्टिकल लेता है तो विद्यार्थियों को दिक्कतें होंगी। इसलिए बोर्ड ने इस बार प्रैक्टिकल परीक्षा न लेने का फैसला लिया है।
आज हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक का आयोजन होना है। यह बैठक बहुत अहम होने वाली है। इस बैठक में प्रदेश के कई बड़े मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। 25 दिसंबर क्रिसमस व 31 दिसंबर नववर्ष के जश्न के लिए प्रदेश में रात्रि कर्फ्यू हटाया जा सकता है। नया साल मनाने के लिए हजारों पर्यटक शिमला सहित प्रदेश के अन्य स्थानों पर आते हैं। ऐसे में पर्यटकों की सुविधा के लिए सरकार इन दो दिनों के लिए रात्रि कर्फ्यू हटाने पर विचार कर सकती है। बता दें, कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश के 4 जिलों में 5 जनवरी तक कर्फ्यू लगाया गया था। पर आज बैठक में इसको लेकर फैसला सुनाया जा सकता है। प्रदेश भर में रविवार को बाजार बंद रखने के फैसले पर भी पुनर्विचार किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त निजी स्कूलों के फीस के साथ फंड वसूले जाने के मामले पर भी मंथन होगा। बैठक में सरकार 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को अंतिम रूप देगी। 27 दिसंबर को सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं, वर्चुअल कार्यक्रम को गांवों में बूथ स्तर तक पहुंचाने के लिए प्रबंधों पर भी विचार होगा।
हिमाचल प्रदेश सामान्य उद्योग निगम सीमित, शिमला के निदेशक मण्डल की बैठक आज यहां उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में निगम द्वारा वित्त वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 की छःमाही वित्तीय उपलब्धियों का अवलोकन किया गया। यह अवगत करवाया गया कि इस अवधि के दौरान निगम द्वारा अनुमानित 2315 लाख रुपये का व्यापार किया गया और अनुमानित 148.83 लाख रुपये का लाभांश अर्जित किया गया। बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के प्रारूप लेखों का भी अनुमोदन किया गया। बैठक में सामान्य उद्योग निगम के उपाध्यक्ष मनोहर धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) राम सुभग सिंह, निदेशक उद्योग हंस राज शर्मा, विशेष सचिव (वित्त) राकेश कंवर, निगम के प्रबन्ध निदेशक अमित कश्यप, निदेशक मण्डल के सदस्य और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
शिमला ( ब्यूरो ) : पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश में 17 पीएचसी ( प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्रों ) को बंद करने के सरकार के निर्णय को जनविरोधी करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। वीरभद्र बोले कि सरकार के इस निर्णय से ये साफ है कि भाजपा ग्रामीण क्षेत्रों की विकास विरोधी है और उसे ग्रामीण लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं की कोई चिंता नहीं है। वीरभद्र ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने प्रदेश में बगैर किसी भेदभाव के विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अनेक स्वास्थ्य केंद्र और स्कूलों को खोला है। पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार के इस फैसले को अफ़सोस जनक बताया है साथ ही उन्होंने कहा की सरकार इन पीएचसी को बंद कर अपनी संकीर्ण मानसिकता का परिचय दे रही है। मुख्यमंत्री को इस निर्णय पर पुन: विचार करते हुए जनहित में इस फैसले को तुरंत वापस लेना चाहिए। उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि वह ज़्यादा से ज़्यादा मताधिकार का प्रयोग करते हुए अपने गांव और क्षेत्र की प्रगति के लिए वोट करें। कांग्रेस ने सदैव ही ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दी है। इसलिए अब फिर से उनके पास कांग्रेस को मजबूत करने का मौका है। वीरभद्र ने उम्मीद जताई है की इन चुनाव में कांग्रेसी विचारधारा को मज़बूती मिलेगी और कांग्रेस से जुड़े लोग ही जीत कर आएँगे।
प्रत्येक चुनौती अपने साथ कुछ नए अवसर भी लाती है, जरूरत है उन अवसरों को पहचानने और उनका लाभ उठाने की। स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ओर से मंगलवार को 'प्रारब्ध-2020' विषय पर विशेष वेबिनार आयोजित किया गया। वेबिनार का सुभारम्भ एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रमेश कुमार चौधरी की अगुवाई में किया गया। इस वेबिनार में एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.बी. शर्मा (पूर्व कुलपति डीटीयू) ने बतौर वशिष्ठ मुख्यातिथि शिरकत कर वेबिनार में शामिल एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्रों व शिक्षकों को 'एडवांटेज टेक्नोलॉजी व डिजिटल टेक्नोलॉजी' विषय पर विशेष संदेश दिया। छात्रों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्रो. पीबी शर्मा ने कहा कि हम जानते हैं कि दुनियाभर में युवा, महिलाएं और पुरुषों जिनके पास नए और अभिनव विचार हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी है जिसके जरिए कोविड जैसी महामारी का मुकाबला कर सकते हैं, लेकिन उन विचारों व अन्वेषणों को फलीभूत करने के लिए उन्हें सहारे व मार्गदर्शन की जरूरत है। प्रो.शर्मा ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भारत डिजिटल क्रांति और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है जिसके पीछे देश की युवा शक्ति काम कर रही है और विश्वविद्यालयों को छात्रों के एडवांटेज टेक्नोलॉजी के ज्ञान में अधिक बढ़ोतरी कर ज्ञान हासिल करने के लिए नए अवसर करने चाहिए और उन्हें प्रकृति के साथ भी तालमेल बैठाना सिखाना चाहिए। प्रो. पीबी शर्मा ने एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश कुमार चौधरी की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनके कुशल नेतृत्व में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय उच्च टेक्नोलॉजी और अनुसंधान व रोजगारनमुख शिक्षा प्रदान करने में आगे बढ़ रहा है और साथ ही विश्वविद्यालय को शिमला की प्रकृति ने चिंतनशीलता व अध्ययन के लिए अनूठे प्राकृतिक सोपान दिए हैं। प्रो. शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि डिजिटल लर्निंग समूहों में औपचारिकता और अनौपचारिकता दोनों सीखने के साथ-साथ सेल्फ-लर्निंग मोड के लिए एक व्यापक कैनवास प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि भारत को कनेक्टिविटी, इंटरनेट, टेक्नोलॉजी व डिजिटल सिस्टम में गहरी पैठ है और इस प्रकार भारत शानदार एडवांटेज आईटी बन रहा है और उससे भारत की युवा पीढ़ी आत्मनिर्भर होकर जॉब सृजन करने में सफल होंगे! प्रो. पीबी शर्मा ने कहा कि हमारी तत्काल प्राथमिकता और उसके बाद हमारे युवा भारत के लिए पच्चीस साल की आयु में छः सौ छियासठ मिलियन से अधिक लाभ कमाने के लिए एडवांटेज आईटी का उपयोग करना चाहिए और इस कार्य के लिए राष्ट्र और समाज की बेहतरी के लिए सभी को अपना सर्वोत्तम कार्य करना होगा ताकि टेक्नोलॉजी से बेहतर इंसान भी बनें और मानव संसाधनों में भी सकारात्मक विकास हो सकें। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रमेश कुमार चौधरी ने मुख्यतिथि प्रो. पीबी शर्मा का वर्चुअल स्वागत करते हुए कहा कि प्रो. पीबी शर्मा देश के प्रख्यात टेक्नोलॉजी विद्वान हैं, शिक्षाविद हैं, एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों का मार्गदर्शन करने के लिए उनका धन्यवाद किया। कुलपति प्रो. चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि आज ऑनलाइन सिस्टम व डिजिटल टेक्नोलॉजी को और बेहतर करने की जरूरत है ताकि छात्रों को न केवल शैक्षणिक कार्यों के लिए इस इस्तेमाल करना है बल्कि इसे विकसित समाज व राष्ट्र के उत्थान के लिए भी किया जाना चाहिए और इस दिशा में विश्वविद्यालय में गहन अध्ययन के लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। इस वेबिनार के दौरान डॉ. रमेश चौहान डीन जर्नलिज्म ने भी अपने विचार सांझा किए और डॉ. नील कुमार सिंह डीन मैनेजमेंट ने धन्यवाद प्रस्ताव पढ़कर सभी वक्ताओं और मुख्यतिथि का धन्यवाद किया। वेबिनार में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आर.के. कायस्थ, डॉ. आनंद मोहन डीन इंजीनियरिंग, डॉ. अनिल पाल और विजिटिंग प्रो. राकेश शर्मा भी मौजूद रहे है और प्राची वैद कार्यक्रम की संचालिका रही।
सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला द्वारा दिसंबर 16 से चलाए जा रहे वस्त्र एकत्रीकरण का आज अंतिम दिन था। आज भी वस्त्र दान को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला। शिमला के संजौली बस स्टैंड, बीसीएस, पुराना बस स्टैंड, समरहिल चौक, टुटु चौक आदि स्थानों पर ट्रस्ट के कार्यकताओं द्वारा वस्त्र एकत्र किए जा रहें थे। इन पाँच स्थानों में लोगों द्वारा काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। पिछले 16 दिसंबर को भी लोगो द्वारा काफी वस्त्र दान किए गए और 19 दिसंबर भी लोगो द्वारा अपनी सहभागिता इसमें देखने को मिला। ट्रस्ट के सचिव डॉ सुरेन्द्र शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि ट्रस्ट प्रत्येक वर्ष विभिन्न कार्यक्रम समाज एवं राष्ट्र हित में करवाता आ रहा है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी वस्त्र बैंक कार्यक्रम में लोगों ने अपना सहयोग दिया। मानव सेवा ही उत्तम सेवा है। हमारे द्वारा निधारित स्थानों पर सभी शिमला वासियों ने अपने वस्त्रों को दान किया उसके लिए हम सभी का आभार व्यक्त करते हैं और आने वाले समय में हम उन कपड़ों को जरूरत मंद को वितरित करेंगे। सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट के साथ समाज के भिन्न भिन्न वर्गों ने भी इसमें अपनी रुचि दिखाई, जिसमें भिन्न भिन्न स्थानों के प्रबुद्ध लोग सेवानिवृत्त कर्मचारी, बच्चे, बूढे और व्यवसायक वर्ग सभी लोगो ने इसमें अपनी सहभागिता दिखाई। आने वाले समय मे एकत्रित किए गए वस्त्रो को ट्रस्ट द्वारा जरूरतमन्द व्यक्तियों तक पहुचाने का कार्य भी ट्रस्ट के माध्यम से किया जाएगा।
आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद संजौली महाविद्यालय इकाई की नव 2020-21 की कार्यकारिणी की घोषणा की गई जिसमें मुख्य रूप से जिला संगठन मंत्री अमित और चुनाव अधिकारी विभाग संयोजक सचिन मौजूद रहे। कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से कर्ण सिंह को अध्यक्ष और कर्ण शर्मा को इकाई सचिव चुना गया। उनके साथ 120 कार्यकर्ताओं की कार्यकारिणी बनाई गई। इसी के साथ Covid-19 के सभी नियमों का ख्याल रखते इस कार्यक्रम को ऑफलाइन व ऑनलाइन माध्यम से चलाया गया जिसमें ऑफलाइन कार्यक्रम में 46 कार्यकर्ता उपस्थित रहे और ऑनलाइन माध्यम से भी काफी विद्यार्थियों ने भाग लिया। चुनाव अधिकारी सचिन ने विद्यार्थी परिषद के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा की अखिल भारतीय विद्यार्थी सन 1949 से नियमित रूप से राष्ट्र हित, समाज हित और छात्रहित में कार्य करती आई है, छात्रों की आवाज को उठाने का निरन्तर प्रयास किया है और छात्रों को उनके हितों से परिचित करवाया है। इसी के साथ पूर्व में इकाई के सचिव रहे धीरज काल्टा ने ऑनलाइन माध्यम से कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और धन्यवाद करते हुए नव निर्वाचित सदस्यों को शुभकामनाएं दी।
टिक्कर क्षेत्र से संबंध रखने वाले स्टैटिस्टिकल असिस्टेंट के पद से सेवानिवृत्त तपेन्दर टेगटा पूर्व संसदीय सचिव एवं विधायक रोहित ठाकुर के नेतृत्व पर विश्वास जताया हैं। शराचली क्षेत्र की मांदल पंचायत से सम्बंध रखने वाले अनिल शर्मा ने भाजपा की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ़ भाजपा छोड़कर कांग्रेस पार्टी में परिवार सहित घर वापसी की हैं। तपेंदर टेगटा और अनिल शर्मा पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर की उपस्थिति में विधिवत रूप से कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी जुब्बल-नावर-कोटखाई के अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा ने पार्टी कार्यालय जुब्बल में तपेन्दर तेगटा और अनिल शर्मा का कांग्रेस पार्टी में शामिल होने पर स्वागत किया।
कोरोना के चलते लगाए गई पाबंदियों के कारण हिमाचल प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय लगातार प्रभावित हो रहा है l हाल ही में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से शिमला, कांगड़ा, मंडी और कुल्लू जिले में 5 जनवरी तक रात्रि कर्फ्यू लगाया गया था जिसे अब पर्यटन कारोबारियों के आग्रह पर क्रिसमस से पहले हटाया जा सकता है। पर्यटन सीजन के चलते हिमाचल प्रदेश सरकार व्यापारिक संगठनों और पार्टी पदाधिकारियों के भारी दबाव में है। बुधवार यानि 23 दिसंबर को हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक होनी है। इस बैठक में रात्रि कर्फ्यू को लेकर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। प्रदेश भर में रविवार को पूरी तरह से बाजार बंद रखने के फैसले पर भी पुनर्विचार किया जा सकता है। सार्वजनिक समारोहों में 50 से ज्यादा लोगों की मौजूदगी पर प्रतिबंध के फैसले पर पुनर्विचार को लेकर सरकार दबाव में है तत्पश्चात इसे भी बदला जा सकता है। इस सीजन के दौरान रविवार को हिमाचल में पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है। ऐसे में अगर पर्यटन गतिविधियों को पूरी तरह से बंद रखा जाएगा तो इसका सीधा असर पर्यटन सीजन पर पड़ेगा। कोविड-19 के चलते गर्मी का पूरा सीजन बुरी तरह से पिट चुका है। ऐसे में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोग व उनके हितैषी अब नए साल के आसपास के सीजन को खराब नहीं होने देना चाह रहे हैं। साथ ही रविवार को बाजार बंद रखने के कारण आम जनता को भी खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इस पर यदि जनता का भी यही कहना है कि एक दिन बाज़ारों को बंद रखने से कोरोना के मामलो में कमी नहीं आएगी।
हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है। राज्य चुनाव आयोग ने सोमवार को पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। वहीं बात कि जाए पंचायत चुनाव के परिणामों कि तो इस बार प्रदेश में पंचायती राज चुनावों में प्रत्याशियों का परिणाम ऑनलाइन दिखेगा। इसके लिए पंचायती राज विभाग ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। इसके माध्यम से प्रत्याशियों के रिजल्ट जल्द मिल जाएंगे। इसे मतगणना स्थल समेत मुख्य केंद्र से लगातार अपडेट किया जाएगा, जिससे प्रत्याशियों का परिणाम जल्द घोषित हो सकेगा। जानकारी के मुताबिक अगले माह होने वाले पंचायती राज चुनावों को लेकर इस बार विभाग ने कई तरह के बदलाव किए हैं। इनमें विभाग की सबसे बड़ी उपलब्धि चुनाव परिणामों को ऑनलाइन दिखाना है। सॉफ्टवेयर के जरिये वोटों की गिनती को लेकर पल-पल की सूचना अपडेट होती रहेगी। इसके चलते जहां प्रत्याशियों का परिणाम जल्द घोषित किया जा सकेगा, वहीं घर बैठे लोग भी इसे आसानी से देख सकेंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी आदित्य नेगी ने शिमला जिला के पंचायत चुनावों को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। उन्होंने बताया कि जिला की 412 पंचायतों के चुनाव तीन चरणों में होंगे। 17 जनवरी को पहले चरण में 138 पंचायतों, दूसरे चरण में 19 जनवरी को 139 और तीसरे चरण में 135 पंचायतों में चुनाव होंगे। डोडरा- क्वार विकास खंड की जाखा और जिस्कून में 17 जनवरी, धंदरवाड़ी और डोडरा में 19 जनवरी और क्वार में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। छौहरा विकास खंड में 17 जनवरी को तांगनू-जाखलिख, बनोटी, टोडसा, रोहल, सिंदासली, गांवसारी, खशधार, कलोटी और शिलादेश में चुनाव होंगे। दिउदी-मायला, सारीबासा, थाना, आंध्रा, खबाल, भंफड, ढाकगांव, डिसवानी और खरशाली में 19 जनवरी और पेखा, रनोल, जांगला, भेतियानी, घगोली, कुलगांव, मसली, गवास और टिक्करी में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। चौपाल विकास खंड की ननाहर, जावग-छमरोग, सरांह, बगाहर चौकी, चांजू-चौपाल, मशडोह, गोरली मढ़ावग, बम्टा, चंदलोग-नेरवा, हलाउ, बागना, भराणू, किरण, टिक्करी, मधाना और रुसलाह में 17 जनवरी और झीना, सरी, लिंगजार, धवास, ठांणा, देवत, मकडोग, पैड़िया, गढ़ा, बिजमल, बौहर, मानू-भाविया, टेलर, चईंजन, थरोच और पुजारली में 19 जनवरी को चुनाव होंगे। इसी तरह थुंदल, जोड़ना, खद्दर, लालपानी, खगना, झिकनीपुल, माटल, पंदराडा, देईया-दोची, पौलिया, पवाहन, मुंडली, धन्नत, खूंद नेवल, कुताह और केदी ग्राम सभा में में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। जुब्बल-कोटखाई विकास खंड की रांवी, झड़ग, झंगटान, नंदपुर, बढ़ाल, धार, अंटी, पराली, पांदली, हिमरी, कलबोग, क्यारवीं, महासू, पुड़ग, क्यारी और थरोला में 17 जनवरी को चुनाव होंगे। पंदराणू, नकराड़ी, मांदल, कठासू, जयपिढ़ी माता, कोट कायना, सरस्वती नगर, दरकोटी, बाग डुमैहर, घंडा, रतनाड़ी, चौगन कुलटी, बखोल, रावला क्यार, पनोग और देवरी खनेटी में 19 जनवरी और कुड्डू, गिलटाड़ी, सारी, भोलाड़, बरथाटा, शिल्ली, मंढोल, थाना, गरावग, प्रेमनगर, देवगढ़, बाघी, नगान, गुम्मा, रामनगर, बगाहर और पराली बदरूनी में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। कुपवी विकास खंड में झोकड़, जुडडू शिलाल, मझोली, चडौली और मालत में 17 जनवरी और भालू, कांडा-बनाह, बांदल कफलाह, बावत और कोठी आहनोग में 19 जनवरी और धौताली, कुलग, नौरा-बौरा, धार चांदना और जुब्बली में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। ननखड़ी विकास खंड की थाना बड़ाच, ननखरी, शोली, देलठ, थैली चकटी और बड़ोग में 17 जनवरी को चुनाव होंगे। करांगला, बगलती, टिप्पर मझोली, खमाड़ी, कलेडा-मझेवटी और कुंगल बाल्टी में 19 जनवरी और जाहु, खुन्नी-पनोली, गाहन, खड़ाहन, अडडु और खोलीघाट में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। नारकंडा विकास खंड की थानाधार, भूट्टी, जरोल, सिंहल-नारकंडा, मधावनी, शलौटा, डीव, कोटीघाट, जंजैहली और जदून में 17 जनवरी और मंगसु, शमाथला, मैलन, करेवथी, खनेटी, बडगांव, कुमारसैन, कांगल और बनाहर में 19 जनवरी और किरटी, दलान, कोटगढ़, मलैडी, क्वानं-बटाडी, जार, मोगड़ा, भरेडी और शिवान में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। रामपुर विकास खंड की पंचायत कूट, फांचा, जघोरी, सराहन, किन्नू, मशनू, झाकड़ी, डंसा, देवनगर, बाहली, दरकाली और काशापाट में 17 जनवरी को चुनाव होंगे। 19 जनवरी को नीरथ, बधाल, लबाणा-सदाना, क्याव, बौड़ा, गोपालपुर, दोफदा, त्यावल-जयूरी, लालसा, नरैण, तकलेच और मुनिश पंचायत में चुनाव होगें। सनारसा, सरपारा, गानवी, शाहधार, धारगौरा, फूंजा, रचोली, शिंगला, भडावली, दतनगर, देवठी और कुंहल पंचायत में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। रोहड़ू विकास खंड की पंचायत कडीवन, मुंन्छाड़ा, लोअर कोटी, टिक्कर, खारला, पुजारली-4, शरोग-बराड़ा, खंगटेड़ी, भलून, बाड़ीधार, दलगांव और बराल में 17 जनवरी को चुनाव होंगे। दूसरे चरण में कुठाड़ी, सीमा-रंटाड़ी, पारसा, शरौंथा, धराड़ा, करासा, अढ़ाल, कुई, समरकोट, ब्रासली, कुटाड़ी, कटलाह में 19 जनवरी को चुनाव होंगे। तीसरे चरण में पुजारली-3, समोली, शेखल, करछारी, हंसटाड़ी, उकली-मेहंदली, बशला, भलाड़ा, भमनोली, जगोठी, गांवणा, शील और करालश में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। ठियोग विकास खंड की पंचायत, क्यारा, कोट-शिलारू, धार कांदरू, भराणा, क्यारटू, सतोग, टियाली, धमांदरी, टिक्कर, पुंदर स्थित चनौत, शरमला, कमांह, देवठी, घोड़ना, घूंड, शटैयां, भराड़ा, क्यार, बलग और कथोग में 17 जनवरी को चुनाव होंगे। दूसरे चरण में कलजार-मतियाणा, संधू, शडी मतियाणा, भाज, धर्मपुर, धरेच, चियोग, ददास, बासाधार, कुठार, कलींड, सरीवन, धार तरपुनू, बागडी, चरैण टिक्कर, मखडोल, चिखड़, बगैण, सैज और देवरीघाट में 19 जनवरी को चुनाव होंगे। तीसरे चरण में कलिडा-मतियाना, गवाही स्थित देवीमोड़, रौणी मतियाना, केलवी, बड़ोग, नाहोल, देहना, बणी, धगाली, मुंडू, माहौरी, माहोग, पडगैया, बलधार, डमयाना, मझार, वासा ठियोग, सरोग और जैस पंचायत में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। टुटू विकास खंड की धमून, शोघी, हलोग-धामी, ओखरू, घेच-कोहबाग, घंडल, चनोग, गलोट, गनयोग-नेहर, पाहल, नेरी और कोट पंचायत में 17 जनवरी और गिरब-खुर्द, थड़ी, घनाहटटी, पिपलीधार, मायली-जेजड, शकराह, बागी, शमलाघाट, मूलबरी-देवगनर, जनोल, सांगटी-सन्होग और आनंदपुर में 19 जनवरी को चुनाव होंगे। इसके अलावा बढ़ई, जलेल, दुघाल्टी, बठमाना-जाबरी, चलहोग, बलोह, रामपुर-क्योंथल, बायचड़ी, चायल और टुठू मजठाई में 21 जनवरी को चुनाव होंगे। वहीं मशोबरा खंड की जनेडघाट, दरभोग, मैहली, पीरन, नाला, चमियाना, बलदेयां, डूम्मी और भौंट में 17 जनवरी और जुन्गा, बलोग, पुजारली, सतलाई, भड़ेच, कुफरी, ढली, मांजू, चेड़ी, नालदेहरा, और मशोबरा में 19 जनवरी को चुनाव होंगे। इसी तरह में 21 जनवरी को तीसरे चरण में मल्याणा, कोटी, रझाना, घडोत कड़ेहरी, पटगेहर, मूलकोटी, बरमु, गुम्मा, पगोग और कोलू जुब्बड़ में चुनाव होंगे। विकास खंड बसंतपुर की धरोगड़ा, हिमरी, खटनोल, मझीवड़, देवला, नैहरा, चनावग और चलाहल में 17 जनवरी को मतदान होगा। बाग, ओगली, बसंतपुर, डुमैहर, नीन, थाची, मंढोलघट और कोटला में 19 जनवरी और पंचायत घैणी, करयाली, भराड़ा, शकरोड़ी, चेबडी, जूणी, घरयाणा और रेवग में 21 जनवरी को चुनाव होंगे।
हिमाचल प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना के बाद सोमवार को चुनाव आयोग ने पंचायती राज चुनाव की भी तारीखे जारी कर दी गई है। प्रदेश में अब पूरी तरह से चुनावी बिगुल बज गया है । बता दें की हिमाचल में पंचायत चुनाव तीन चरणों करवाएंगे जाएंगे । हिमाचल में चुनाव आयोग द्वारा 17, 19 और 21 जनवरी को मतदान करवाया जाएगा। पंचायत प्रधान, उपप्रधान, पंचायत समिति और जिला परिषद के लिए 31 दिसंबर से 2 जनवरी तक नामांकन दाखिल किए जाएंगे। इसके बाद 4 जनवरी को नामांकन पत्रों की छटनी की जाएगी। नामांकन वापस लेने की तारीक 6 जनवरी तय की गई है। 6 जनवरी को 10 बजे से लेकर 3 बजे तक प्रतयाशी नामांकन वापिस ले सकते है। 6 जनवरी को ही अंतिम नाम की सूची और उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही चुनाव आयोग 31 दिसंबर को मतदान केंद्रों की सूची जारी करेगा । प्रदेश में तीन चरणों में चुनाव करवाएं जाएंगे। हिमचाल में 17 ,19 ,21 जनवरी को सुबह आठ बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा। चुनाव के नतीजों की बात की जाए तो पंचायत प्रधान और उपप्रधान के चुनाव नतीजे मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसी दिन घोषित किए जाएंगे। इसके अलावा पंचायत समिति एवं जिला परिषद् के परिणाम 22 जनवरी को घोषित किए जाएंगे । चुनाव आयोग 23 जनवरी तक चुनाव प्रक्रिया को पूरी कर लेगा।
देवभूमि हिमाचल प्रदेश में अब जबरन धर्मांतरण (Forced Conversion) करवाने पर 7 साल तक की सजा हो सकती है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश धर्म की स्वतंत्रता अधिनियम-2019 के विधेयक की अधिसूचना जारी कर दी है। इस कानून के प्रावधानों के तहत अब जबरन धर्मांतरण पर तीन माह से सात साल तक की सजा दी जाएगी। इस क़ानून में अलग-अलग वर्गों और जातियों के लिए अलग-अलग प्रावधान रखा गया हैं। हिमाचल प्रदेश धर्मांतरण पर कानून लाने वाला पहला राज्य था लेकिन कुछ पेचिदगियों की वजह से ये कानून आज से लागू किया गया। इससे पहले 2006 के एक्ट के मुताबिक़ इसमें 2 साल की सजा का प्रावधान था। अब महिला, नाबालिग और अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग से धर्म परिवर्तन के मामले में सात साल तक की सजा का प्रावधान है। झांसा, प्रलोभन या किसी अन्य तरीके से धर्मांतरण पर रोक रहेगी। यदि कोई व्यक्ति अपने मूल धर्म में वापस आता है तो उसे धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा। विधानसभा में अधिनियम धर्म की स्वतंत्रता 2019 को मानसून सत्र में सरकार ने पारित करवाया था। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज के मुताबिक़ इस कानून में लव जेहाद पर भी सख्ती के प्रावधान है। यदि जरूरत पड़ी तो इसमें संशोधन किया जाएगा।
शिमला। ग्रामीण क्षेत्रों को चलने वाली यूनिट 3 की बसों के सही ढंग से संचालन न होने से लोग परेशान है। सरकार के सप्ताह में पांच कार्यदिवस करने के बाद परिवहन निगम की ग्रामीण क्षेत्रों को चलने वाली अधिकतर बसें भी पांच दिन ही चल रही है, जिससे ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर जहां परिवहन निगम के अधिकारी पर्याप्त स्वारियों के न होने का बहना बना कर अपना पल्ला झाड़ रहें है वहीं सरकार को लोगों की समस्याओं से कुछ लेना देना नहीं लग रहा है। कांग्रेस सचिव हरिकृष्ण हिमराल ने परिवहन निगम की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कोविड के चलते पचास प्रतिशत स्वारियों के नियम के चलते ग्रामीण क्षेत्रों को हर रोज सभी बसें चलनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि प्रायः देखा जा रहा है कि शनिवार व रविवार को बसों के न चलने से लोग परेशानी झेल रहें है। हिमराल ने सरकार को परिवहन निगम की व्यवस्था को सुचारू करने के आदेश देने का आग्रह करते हुए कहा है कि हफ्ते में सातों दिन बसें नियमित रूप से चलनी चाहिए जिससे दैनिक काम काज वाले ग्रामीण व सभी लोंगो को किसी भी असुविधा से छुटकारा मिल सके।
शिमला। जिला में पन बिजली क्षेत्रों में निवेशकों की कठिनाईयों के निवारण के लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी स्तरों पर सहयोग प्रदान किया जाएगा। उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज निवेशकों को वन टाईम एमिनिटी योजना के तहत बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि पन बिजली निवेशकों को स्थानीय जनता व पंचायतों से परस्पर सहयोगात्मक रवैया प्रदान करने के लिए उपमण्डलाधिकारी व स्थानीय प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे ताकि निवेशकों को कार्य करने में कोई भी व्यवधान उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि निवेशकों के सभी स्थानीय मुद्दोें को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे। निवेशकों द्वारा बैठक में स्थानीय लोगों, पंचायतों व अन्य दिक्कतों के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। विभिन्न पन बिजली योजनाओं के प्रतिनिधियों द्वारा जिला प्रशासन के साथ-साथ इस संबंध में सरकार से भी निवेशकों ने भरपूर सहयोग की मांग की ताकि लोगों को परियोजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिल सके। बैठक में अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) प्रभा राजीव, जीसी हाइड्रो प्रोजेक्ट पावर लिमिटिड के पंकज ठाकुर, एसबी पावर रूपिन प्रोजेक्ट के जे. गौस्वामी, तांगनु रोमाई 1 व 2 परियोजना के घनश्याम ठाकुर, ग्रीनको हाटकोटी के विनोद ठाकुर, राजपुर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट लिमिटिड के सुनील कुमार शर्मा उपस्थित थे।
शिमला। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने आज वर्तुल माध्यम से सभी जिला अध्यक्ष एवं मंडल अध्यक्षों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 27 दिसंबर को प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चलने वाली भाजपा सरकार के 3 साल पूर्ण होने जा रहे हैं यह 3 साल सुशासन एवं उपलब्धि भरे रहे हैं। अपने 3 सालों में जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश के सभी वर्गों का ख्याल रखा है जन कल्याणकारी योजनाओं में हिमाचल प्रदेश पूरे देश में अग्रिम प्रदेशों में से एक है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को केंद्र सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम हेतु प्रत्येक मंडल में भारतीय जनता पार्टी द्वारा दो एलईडी स्क्रीन लगेगी जिसमें कोविड-19 के चलते प्रत्येक स्थान पर 50 लोग एकत्रित होंगे। सभी प्रदेश पदाधिकारी, जिला पदाधिकारी एवं नेतागण अपने-अपने मंडल में इस कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे। इस कार्यक्रम का मुख्य केंद्र शिमला होगा, कार्यक्रम को सोशल मीडिया के समस्त माध्यमों से भी टेलीकास्ट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ,प्रदेश सह प्रभारी संजय टंडन ,केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार एवं प्रेम कुमार धूमल भी इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि जयराम ठाकुर सरकार ने अपने 3 वर्ष के कार्यकाल में वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने व 9.61 लाख परिवारों को वर्ष 2022 तक प्राकृतिक खेती के तहत लाने का लक्ष्य तय किया है, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत 936 इकाइयां स्थापित की एवं 47.78 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, हिम केअर योजना के अंतर्गत 128.95 करोड़ रुपये खर्च किए,1.24 लाख से अधिक लोगों का किया उपचार योजना के तहत प्रदेश में 4.61 लाख परिवार पंजीकृत हुए। हिमाचल ग्रहणी सुविधा योजना में 2.85 लाख महिलाओं को दिए निःशुल्क एलपीजी कनेक्शन , यह उपलब्धि प्राप्त करने वाला हिमाचल देश का प्रथम राज्य बना ।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय नागर विमानन मन्त्री हरदीप सिंह पुरी से भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से जिला मंडी के नागचला में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के रेडार सर्वेक्षण में तेजी लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित हवाई अड्डा हिमाचल प्रदेश के पर्यटन को प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ आवश्यकता के समय एयरफोर्स के लिए बेस के रूप में सेवाएं प्रदान करने के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने सभी सर्वेक्षण औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने के साथ राज्य सरकार के विकास के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने शिमला और गगल हवाई अड्डों के रन-वे के विस्तार के साथ शिमला हवाई अड्डे पर वायु परिवहन सेवा को पुनः शुरू करने का भी आग्रह किया। केन्द्रीय मंत्री ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकारण के अधिकारियों को प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव डाॅ. आर.एन. बत्ता और आवासीय उप-आयुक्त विवेक महाजन इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। उन्होंने प्रधानमंत्री को वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश 25 जनवरी, 2021 को 50वां पूर्ण राज्यत्व दिवस मनाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री से इस अवसर पर प्रदेश के लोगों को आशीर्वाद देने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को वर्तमान सरकार के सफलतापूर्वक तीन वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने और 25 जनवरी, 2021 को पूर्ण राज्यत्व दिवस के स्वर्ण जयन्ती समारोह के लिए बधाई दी। उन्होंने दोनों में से एक कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल होने और भविष्य में राज्य को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री का पिछले तीन वर्षों के दौरान विशेषकर महत्वाकांक्षी परियोजनाओं अटल टनल आदि के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार कोे सहयोग प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया। जय राम ठाकुर ने राज्य की प्रगति को निर्बाध रूप से चलाने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से लगातार सहयोग करने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासी प्रधानमंत्री के राज्य के प्रति विशेष लगाव के लिए आभारी है। जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री को जिला शिमला में 1796 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 111 मैगावाट की सावड़ा कुड्डू परियोजना का लोकार्पण करने के लिए आमंत्रित किया। यह जल ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख स्त्रोत होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र की नीति सहयोग के कारण 2497 करोड़ रुपये के संयुक्त निवेश के साथ 210 मैगावाट लूहरी स्टेज-1 और 66 मैगावाट धौला सिद्ध परियोजना आधारशिला के लिए तैयार है। उन्होंने प्रधानमंत्री से परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए भी अनुरोध किया। उन्होंने 233.32 मीलियन यू.एस. डाॅलर की एडीबी वित्त पोषित पर्यटन अधोसंरचना विकास परियोजना को शीघ्र मंजूरी देने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट नागचला की वर्तमान स्थिति से अवगत करवाया और विभिन्न स्वीकृतियां शीघ्र प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष राज्य में बल्क ड्रग फार्मा पार्क की स्थापना का पक्ष रखा और अवगत करवाया कि राज्य ने देश में स्वदेशी वस्तुओं के निर्माण के लिए इलैक्ट्रिक डिवाइस मैनुफेक्चरिंग हब स्थापित करने का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पिछले तीन वर्ष के दौरान प्रदेश की प्रगति के बारे में अवगत करवाया और राज्य में चल रही विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की स्थिति की जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार 27 दिसम्बर, 2020 को कार्यकाल के तीन वर्ष पूरे कर रही है। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव डाॅ. आर.एन. बत्ता भी उपस्थित थे।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लोक देवताओं से संबंधित अनेक कथाएं प्रचलित हैं। इनमें सबसे रोचक है लोक देवता महासू की कथा। न्याय के देवता के रूप में प्रतिष्ठित महासू देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर से संबंध रखते हैं। इनका मुख्य मंदिर टोंस नदी के पूर्वी तट पर चकराता के पास हनोल गांव में स्थित है, जो कि त्यूणी-मोरी मोटर मार्ग पर पड़ता है। उत्तराखंड के अलावा शिमला के ऊपरी भागों और सिरमौर जिले के कुछ भागों में भी महासू देवता को इष्ट देव के रूप में मान्यता प्राप्त है। महासू देवता का कालांतर में वास कश्मीर में माना जाता है। महासू जिले में यह देवता एक ब्राम्हण के अनुरोध पर इस क्षेत्र में दानव के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए थे। कहते है की उस समय यमुना और तौंस नदी के बीच आने वाले क्षेत्र में दानवों का आतंक था जिससे जिसका निवारण महासू देवता ने ख़तम किया था। हनोल में स्थित महासू देवता का ये मंदिर एक अनोखा मंदिर है। यहां की सबसे ज़्यादा दिलचस्प बात तो ये है कि यहां हर साल दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन की ओर से नमक भेंट किया जाता है। मिश्रित शैली की स्थापत्य कला को संजोए यह मंदिर देहरादून से 190 किमी और मसूरी से 156 किमी दूर है। यह मंदिर चकराता के पास हनोल गांव में टोंस नदी के पूर्वी तकट पर स्थित है। हनोल शब्द की उत्पत्ति यहां के एक ब्राह्मण हूणा भाट के नाम से मानी जाती है। इससे पहले यह जगह चकरपुर के रूप में जानी जाती थी।मान्यता है की द्वापर युग में पांडव लाक्षागृह (लाख के घर) से सुरक्षित निकलकर इसी स्थान पर आए थे। यह मंदिर नवीं सदी का माना जाता है। जबकि, पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के रिकार्ड में मंदिर का निर्माण 11वीं व 12वीं सदी का होने का जिक्र है। वर्तमान में इस मंदिर का संरक्षण पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ही कर रहा है। खुदाई के दौरान पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को यहां यहां शिव-शक्ति, शिवलिंग, दुर्गा, विष्णु-लक्ष्मी, सूर्य, कुबेर समेत दो दर्जन से अधिक देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियां मिली हैं। इन्हें हनोल संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है। महासू देवता के मंदिर के गर्भ गृह में भक्तों का जाना मना है। केवल मंदिर का पुजारी ही मंदिर में प्रवेश कर सकता है। यह बात आज भी रहस्य है। मंदिर में हमेशा एक ज्योति जलती रहती है जो दशकों से जल रही है। मंदिर के गर्भ गृह में पानी की एक धारा भी निकलती है, लेकिन वह कहां जाती है, कहां से निकलती है यह अज्ञात है। दरअसल 'महासू देवता' एक नहीं चार देवताओं का सामूहिक नाम है और स्थानीय भाषा में महासू शब्द 'महाशिव' का अपभ्रंश है। चारों महासू भाइयों के नाम बासिक महासू, पबासिक महासू, बूठिया महासू (बौठा महासू) और चालदा महासू है, जो कि भगवान शिव के ही रूप हैं। लोक मान्यता है की पांडवों ने घाटा पहाड़ ( शिवालिक पर्वत शृंखला) से पत्थरों की ढुलाई कर देव शिल्पी विश्वकर्मा की मदद से हनोल मंदिर का निर्माण कराया था। बिना गारे की चिनाई वाले इस मंदिर के 32 कोने बुनियाद से लेकर गुंबद तक एक के ऊपर एक रखे कटे पत्थरों पर टिके हैं। मंदिर के गर्भगृह में सबसे ऊपर भीम छतरी यानी भीमसेन का घाटा पहाड़ से लाया गया एक विशालकाय पत्थर स्थापित किया गया है। बेजोड़ नक्काशी मंदिर की भव्यता में चार चांद लगाती है। महासू मंदिर हनोल के परिसर में सीसे के दो गोले मौजूद हैं, जो पांडु पुत्र भीम की ताकत का अहसास कराते हैं। मान्यता है कि भीम इन गोलों को कंचे (गिटिया) के रूप में इस्तेमाल किया करते थे। आकार में छोटे होने के बावजूद इन्हें उठाने में बड़े से बड़े बलशालियों के भी पसीने छूट जाते हैं। इन गोलों में एक का वजन छह मण (240 किलो) और दूसरे का नौ मण (360 किलो) है उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी, संपूर्ण जौनसार-बावर क्षेत्र, रंवाई परगना के साथ साथ हिमाचल प्रदेश के सिरमौर, सोलन, शिमला, बिशैहर और जुब्बल तक महासू देवता की पूजा होती है। इन क्षेत्रों में महासू देवता को न्याय के देवता और मन्दिर को न्यायालय के रूप में माना जाता है। वर्तमान में महासू देवता के भक्त मन्दिर में न्याय की गुहार करते हैं जो उनकी पूरी होती है। माना जाता है कि जो भी यहां सच्चे दिल से कुछ मांगता है कि महासू देवता उसकी मुराद पूरी करते हैं।
कोविड -19 की रोकथाम हेतु मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रदेशवासियों से अपील..
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा है कि वीरभद्र सिंह अर्की के विधायक होने के नाते अपनी जिम्मेदारी नही निभा रहें है पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि तीन सालों के बाद आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अर्की व जिला सोलन की याद आई है। उन्होंने कहा है कि अर्की क्षेत्र का विधायक होने से वह अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी जानते है। मुख्यमंत्री उन्हें न सिखाए की एक जन प्रतिनिधि के अपने क्षेत्र के प्रति क्या कर्तव्य होते है। उन्होंने कहा है कि उन्हें प्रदेश के लोगों ने विगत 60 वर्षों से देश व प्रदेश की सेवा करने का मौका दिया है इसलिए जयराम न सिखाएं की उन्हें क्या करना है। वीरभद्र सिंह ने कहा की जयराम प्रदेश का विकास करने में पूरी तरह असफल साबित हुए है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को प्रदेश की समस्याओं को दूर करने की ओर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए न कि अनाप शनाप बयानबाजी कर लोगों को गुमराह करने का कोई प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री रहते उन्होंने प्रदेश में जितनी भी योजनाओं के शिलान्यास किए, उन सब का पूरा बजट प्रावधान किया गया था। उन्होंने कहा कि आज जितनी भी योजनाओं के उन्होंने उदघाटन किए है वह सब उनके कार्यकाल की शुरू की गई योजनाएं थी। मुख्यमंत्री का यह आरोप की इन योजनाओं के लिए समुचित बजट प्रावधान नहीं था सरासर गलत व झूठा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वह साबित करें कि किस योजना को बगैर बजट प्रावधान शिलान्यास किया गया था। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री विकास के नाम पर प्रदेशवासियों को गुमराह करने का प्रयास न करें। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को अनाप शनाप बयानबाजी के प्रति चेताया है।
आज राज्य स्तरीय कला उत्सव 2020 का आयोजन गूगल मीट के माध्यम से राज्य परियोजना कार्यालय शिमला द्वारा किया गया। इस उत्सव में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोटखाई की छात्रा कुमारी रितिका ने एकल लोक नृत्य प्रतियोगिता में भाग लिया। इस नृत्य प्रतियोगिता में छात्रा ने सुंदर प्रस्तुति दी जिसमें विद्यालय के प्रधानाचार्य सुरेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में अध्यापक पवन शर्मा, कुमारी रूचि, अपर्णा चौहान, कमलेश चौहान का पूर्ण सहयोग रहा। इस आयोजन मे बीआरसीसी कोटखाई राकेश नेगी भी उपस्थिति रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य ने छात्रा की प्रस्तुति की बहुत प्रशंसा की। इस कार्यक्रम में अध्यापिका ममता सूद, अधीक्षक द्रोपती, वरिष्ठ सहायक रमेश शर्मा तथा सेवादार मणि देवी भी उपस्थित रहे।
शिमला। भाजपा हिमाचल प्रदेश के प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कहा कि भाजपा संगठन एवं सरकार किसान हित में है। किसानों की खुशहाली के लिए भाजपा पूर्ण रूप से समर्पित है। उन्होंने कहा कि किसान के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जैसी स्वर्ण योजना लाने के पीछे भारत रतन एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी का महत्वपूर्ण योगदान है इससे किसानों का मान सम्मान बड़ा और खेत से जुड़ी खरीदारी करने में किसानों को बड़ा फायदा मिला। उन्होंने कहा कि यूरिया के लिए लंबी लाइन लगती थी और कभी-कभी लाठीचार्ज भी हुआ करता था, पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीम युक्त यूरिया प्रदान किया और पिछले 6 वर्ष में आज तक कभी भी यूरिया के लिए लाइन नहीं लगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि देकर किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है, आज किसान को भाजपा ने अन्नदाता की पदवी दी है। आज से पहले एक व्यक्ति का हेल्थ कार्ड होता था पर आज भाजपा सरकार में सॉइल हेल्थ कार्ड लाया है, जिससे भूमी की गुणवत्ता पता लगने के कारण किसानों को बड़ा फायदा हो रहा है, इसी प्रकार से फसल बीमा योजना से एक किसान सुरक्षित महसूस करता है। उन्होंने कहा न्यूनतम समर्थन मूल्य कभी खत्म नहीं होगा पूर्व की सरकारों में यह मूल्य केवल पांच, दस या बीस बढ़ता था पर आज इसका एक फार्मूला बनाया गया है अब कॉस्ट का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य होगा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया है कि देश में कहीं भी मंडियां समाप्त नहीं होगी। सरकार हर स्तर पर किसानों से वार्ता करने को तैयार है और किसानों को वार्ता में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।
विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस पार्टी की विचारधारा से जुड़े युवाओं का आह्वान किया है कि वह पंचायत व नगर निकाय चुनावों में आगे आ कर इसमें सक्रिय भूमिका निभाए। उन्होंने कहा है कि अब समय आ गया है कि उन्हें लोकतंत्र के इस पर्व में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए चुनाव मैदान में मजबूती के साथ आगे आना चाहिए। विक्रमादित्य सिंह ने अपने फेस बुक पेज से प्रदेश व क्षेत्र के विकास में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने को आगे आने का आह्वान करते हुए कहा है कि आज समय उनके द्वार पर खड़ा है अब जब पंचायत व नगर निकायों के चुनाव होने है तो उन्हें इसमें अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा इसके लिए उन्हें स्वम् आगे आने या किसी भी ऐसे योग्य उम्मीदवार को चुनाव मैदान में आगे लाने को कहा है। इसके लिए अब युवाओं को नए जोश व नई सोच के साथ आगे आने का समय है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि अंत मे यह मायने नहीं रखेगा की तुम्हारी जिंदगी में कितने साल थे, बल्कि यह मायने रखेगा की कितने सालों में तुम्हारी जिंदगी थी इसलिए उठो और आगे बढ़ो। यह समय हमें बदलाव का मौका दे रहा है, इसलिए हमें इसे बगैर गवाएं आगे बढ़ने का संकल्प लेना है।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का उद्देश्य अनुदान राशि को लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानातंरित करना तथा सूचना के सरल और तीव्र प्रवाह के लिए मौजूदा प्रक्रिया में सुधार कर लाभार्थियों को सीधा लाभ सुनिश्चित कर डी-डुप्लीकेशन और धोखाधड़ी से बचाना है। यह बात आज यहां कृषि एवं पशुपालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कृषि और पशुपालन विभागों द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की समीक्षा करते हुए कही। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के लिए राज्य में जल्द ही डायरेक्ट बेनिफिट ट्रंास्फर नीति को लागू किया जाएगा। इससे न केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय को वर्ष 2022 तक दोगुना करने की परिकल्पना को साकार करने में सहायता मिलेगी, बल्कि किसानों को सरकार द्वारा चलाई जा योजनाओं का सीधा लाभ भी मिल सकेगा। उन्होंने बीज के लिए अन्य राज्यों पर निर्भर न रहने तथा प्रदेश में ही बीज तैयार करने पर भी बल लिया। इससे न केवल किसानों को उनके उत्पादों के बेहतर मूल्य उपलब्ध होंगे, बल्कि अधिक उपज के बीजों व खरपतवार और कीटनाशक दवाइयों पर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर के माध्यम से अनुदान प्राप्त करने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा अब तक शंकर किस्मों के 25740 क्विंटल मक्की, धान और विभिन्न प्रकार की सब्जियों के बीज व चारा बीजों को वितरित किया गया है तथा 129000 क्ंिवटल गेहूं जौ, बरसीम, दलहन, तिलहन के बीज किसानों को उपलब्ध करवाए गए जिसमें से 40846.45 क्विंटल गेहूं का बीज प्रदेश में ही तैयार किया गया है। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आॅनलाइन पारदर्शिता प्रक्रिया एवं स्वीकृति के लिए ई-पोर्टल विकसित किया जाए ताकि किसानों को उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़े। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही योजनाओं को पैम्फ्लेट, कृषि प्रशिक्षण शिविरों व कृषक मेलों आदि के माध्यम से जागरूक किया जाए ताकि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठा सकंे। उन्होंने कहा कि किसानों को मिट्टी परीक्षण, खाद व पौध संरक्षण लाईसेंस आदि के बारे में भी जागरूक किया जाए। वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में किसान पारम्परिक खेती को त्याग कर नकदी फसलों को अपना रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप बहुत से पारम्परिक उत्पाद बाजारों से भी लुप्त हो गए हैं, जो चिन्ता का विषय है। इस खेती को एक बार पुनः अस्तित्व में लाने के लिए कृषि विभाग द्वारा भारतीय पारम्परिक कृषि पद्धति को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जिले में पारम्परिक खेती योजना को लागू किया गया है जिसके अन्तर्गत गांव व खण्ड स्तर पर कृषक समूहांे का गठन किया गया है व किसानों को पारम्परिक कृषि के सम्बन्ध में प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस पद्धति को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को प्रमाणित उच्च गुणवत्ता के बीज के खरीद में 85 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए युवाओं को प्रशिक्षित और बच्चों में खेती के मूल्यों को विकसित करना चाहिए ताकि वे कृषि को व्यवसाय के रूप में अपनाए और उन्हें रोजगार के लिए प्रदेश से बाहर न जाना पड़े। इसके उपरान्त, उन्होंने गौ सेवा आयोग के कार्य की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी बेसहारा गौवंश को टैग लगाए जाए और जो भी गौवंश को लगाए गए टैग के साथ छेड़छाड़ करते हैं उनके खिलाफ सजा का प्रावधान किया जाएगा। भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष डाॅ. सोम देव शर्मा ने इस अवसर पर अपने विचार संाझा किए। उपाध्यक्ष भारतीय किसान संघ भरत राम पटियाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह, निदेशक कृषि डाॅ. नरेश कुमार बधन, निदेशक बागवानी जे.पी. शर्मा, निदेशक पशुपालन डाॅ. अजमेर डोगरा, गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
आज थिंक इंडिया की प्रदेश इकाई ने हिमाचल प्रदेश के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी घंडल में फीस के नाम पर छात्रों के हो रहे आर्थिक शोषण के विरोध में शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा। थिंक इंडिया के प्रदेश संयोजक शिवोम वशिष्ट ने कहा कि इस महामारी के दौर में हिमाचल प्रदेश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। कोरोना की वजह से हमारा शिक्षा क्षेत्र भी बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। परंतु अगर बात करें नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी घंडल की तो फीस के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों का आर्थिक रूप से भरपूर शोषण किया जा रहा है। इस महामारी के दौरान जहां छात्रों की मात्र ऑनलाइन कक्षाएं ही चली और छात्रों ने फिजिकल रूप से कक्षाएं ना लगा कर ऑनलाइन माध्यम से ही शिक्षा ग्रहण की। परंतु जिस तरह फीस के नाम पर अनावश्यक फंड जैसे कि वाईफाई चार्ज, स्पोर्ट्स फंड, बिजली और पानी का बिल, मैस चार्ज, स्टूडेंट वेलफेयर फंड, मूट कोर्ट फंड, ट्रैवलिंग फंड, बस किराया इत्यादि छात्रों से बसूला जा रहा है, जिसका इस्तेमाल तक इस महामारी के दौरान में छात्रों द्वारा नहीं किया गया, इस फंड को बसूलना कतई तर्कसंगत नहीं है। इन सभी प्रकार के अतिरिक्त फंड को यदि जोड़ा जाए तो यह राशि 90 हजार के करीब बन रही है। यह सीधे तौर पर इस महामारी के दौर में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आर्थिक शोषण है, जिसका थिंक इंडिया हिमाचल प्रदेश इकाई विरोध करती है। इतनी भारी-भरकम फीस होने के बावजूद यदि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में सुविधाओं की बात की जाए तो वहां पर छात्रों को स्वच्छ जल और भोजन के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है, तो अन्य सुविधाएं किस प्रकार की होंगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। इससे पहले इसी वर्ष जुलाई माह में जब एनएलयू प्रशासन द्वारा फीस की अधिसूचना लगाई गई थी तब छात्रों ने उस समय विश्वविद्यालय को पूरी फीस अदा की थी। परंतु अब जब अगले सत्र हेतु नवम्बर माह में फीस की सूचना लगाई जाती है जो कि एक लाख तीस हजार रूपए है। अभी तक बहुत सारे छात्र इस भारी-भरकम फीस को देने में असमर्थ है। अब विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए जिन छात्रों ने अभी तक यह भारी-भरकम फीस जमा नहीं करवाई उनका पिछले सत्र का परीक्षा परिणाम घोषित करने से मना कर दिया है। पिछले कल एन एल यू द्वारा छात्रों का रिजल्ट घोषित किया जाता है परन्तु मात्र उन्हीं छात्रों का रिजल्ट घोषित किया गया है जिन्होंने विश्वविद्यालय को पूरी फीस अदा की है। इस तरह का भेदभाव एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के साथ किया जाना बहुत ही शर्मनाक है। थिंक इंडिया हिमाचल प्रदेश इकाई इस विषय को लेकर शिक्षा मंत्री से मिली तथा अपना मांग पत्र उन्हें सौंपा। थिंक इंडिया के कार्यकर्ताओं ने मांग रखी महामारी के दौर में प्रदेश सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करें तथा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा फीस के नाम पर किए जा रहे छात्रों के आर्थिक शोषण को बंद करें। शिक्षा मंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया है कि वे इस मामले की जांच करेंगे व छात्रों को न्याय दिलाने का कार्य करेंगे।
सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट शिमला द्वारा आयोजित वस्त्र बैंक कार्यक्रम में वस्त्र एकत्रीकरण आज से शुरू हो गया है। शिमला के संजौली बस स्टैंड, बीसीएस, पुराना बस स्टैंड, समरहिल चौक, टुटु चौक आदि स्थानों पर ट्रस्ट के कार्यकताओं द्वारा वस्त्र एकत्र किए जा रहे हैं। इन स्थानों में लोगों द्वारा काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। 16,19,22 दिसंबर को चलने वाले इस वस्त्र बैंक कार्यक्रम में लोग अपने पुराने वस्त्र ट्रस्ट द्वारा निर्धारित स्टालों पर जमा करा रहे हैं। ट्रस्ट के सचिव डॉ सुरेन्द्र शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि ट्रस्ट प्रत्येक वर्ष विभिन्न कार्यक्रम समाज एवं राष्ट्र हित में करवाता आ रहा है। प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी वस्त्र बैंक कार्यक्रम में अपना सहयोग दें। ताकि यह वस्त्र किसी जरूरतमंद व्यक्ति के काम आ सकें। मानव सेवा ही उतम सेवा है। हमारे द्वारा निधारित स्थानों पर आप सभी अपने वस्त्रों को दान करे ताकि हम उन कपड़ों को जरूरत मंद तक पहुँचा सके। शिमला की प्रबुद्ध जनता से अनुरोध है कि आप सभी भी ट्रस्ट के माध्यम से वस्त्र बैंक में अपने पुराने वस्त्रों को दान करें। अगर आप निर्धारित जगहों पर वस्त्र जमा कराने में असमर्थ हैं तो कृपया अपने वस्त्रों को प्रेस एवं साफ सुथरा करके रखें आपके घर से ट्रस्ट के कार्यकर्ता एकत्र करेगें। अधिक जानकारी के लिए दिए गए नंबरों पर संपर्क करें। सुरेंद्र शर्मा (सुनील उपाध्याय एजुकेशनल ट्रस्ट सचिव) 94184 73578
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री सरवीण चैधरी ने आज शिमला से महिला और बाल विकास मंत्रालय के वेबिनार में भाग लिया। वेबिनार की अध्यक्षता केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा की गई, जिसमें विभिन्न राज्यों में केंद्र सरकार की योजनाओं के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई। केंद्रीय मंत्री ने कोविड के दौरान विभाग द्वारा केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के सफल कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया और राज्य में कुपोषित बच्चों के लिए विशेष अभियान शुरू करने के भी निर्देश दिए। वेबिनार के दौरान, सरवीण चैधरी ने कोविड महामारी के दौरान विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं से केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया। उन्होंने महामारी के दौरान राज्य सरकार के एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान और अन्य अभियानों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका से भी अवगत करवाया। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने केंद्रीय मंत्री को केंद्र सरकार की सभी योजनाओं का सफल कार्यान्वयन करने का आश्वासन दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय और अधिकारिता संजय गुप्ता, निदेशक महिला एवं बात विकास (डब्ल्यूसीडी) कृतिका कुल्हारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी शिमला से वेबिनार में भाग लिया।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के राज्य नाट्य दल द्वारा पिछले एक महीने से शिमला शहर व आस-पास के क्षेत्रों में कोरोना महामारी से बचाव व लोगों में जागरूकता के लिए विशेष अभियान चलाया हुआ है। जिसके अन्तर्गत नाट्य दल के कलाकरों द्वारा विभिन्न स्थानों खलीनी, बीसीएस, ढली, संजौली, लोअर बाजार, राम बाजार, बस अड्डा, लक्कड़ बाजार में लोगों को कोविड-19 के प्रति जागरूक किया गया। कलाकरों ने अभियान के तहत सभी जगह जाकर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीके ध्वनि यंत्रों के माध्यम से बताएं। इस दौरान लोगों को जागरूक करते हुए बताया गया कि कोविड महामारी को देखते हुए किसी भी प्रकार की लापवाही न बरते, अनावश्यक रूप से भीड़ न लगाएं, भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें, बाहर निकलने पर मास्क का प्रयोग करें, दो गज की दूरी, हाथों को सेनटाईज करना, आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकलें अन्यथा अपने घर पर ही रहें। सर्दी, खांसी या बुखार जैसे लक्षण हो तो इन लक्षणों को छुपाना नहीं है ऐसे लक्षण दिखने पर नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र में खुद को चैक करवाना है। बार-बार अपने मुंह को छुने की आद्त को हटाना है व अन्य मानकों की सुनिश्चितता अत्यंत आवश्यक है के बारे में भी लोगों को अवगत करवाया।
हिमाचल के सीएम जयराम ठाकुर ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है की 19 दिसंबर के बाद प्रदेश में पंचायती चुनावों को लेकर कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है। मुख्यमंत्री शिमला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सिराज के थुनाग में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की 325वीं शाखा का लोकार्पण कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार पंचायत चुनावों को लेकर पूरी तरह तैयार है। प्रदेश की पंचायतों में सर्वसम्मति से अधिकतर चुनाव हों तो प्रदेश हित में होगा। वार्ड से लेकर जिला परिषद तक जनता सही और निष्पक्ष उम्मीदवारों के हाथों में स्थानीय निकायों की कमान सौंपे। मुख्यमंत्री द्वारा ऐलान तो कर दिया गया है। पर क्या आप जानते हैं आचार संहिता क्या होती है और इसे क्यों लागू किया जाता है? उसके नियम क्या है है उनकी अवहेलना पर क्या कार्रवाई होगी? क्या होती है चुनाव आचार संहिता? देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है। चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। चुनाव के दौरान इन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है। कब से कब तक लागू होती है? आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है। यह चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है। चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है। आचार संहिता के नियम चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम भी लागू हो जाते हैं। इनकी अवहेलना कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता नहीं कर सकता। सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा। सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जायेगा। किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा। किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी। किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे। उल्लंघन पर होगी कार्रवाई चुनाव आचार संहिता के नियम सख्ती से लागू होते हैं। अगर इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उसके लिए सज़ा का प्रावधान भी है। चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
गैस कंपनियों ने उपभोक्ताओं को बड़ा झटका दिया है। कंपनियों द्वारा एलपीजी गैस की कीमतों में इजाफा किया गया है। पंद्रह दिनों के अंदर गैस सिलिंडर के दाम 100 रुपए बढ़ गए है। 2 दिसंबर और 15 दिसंबर को 50-50 रुपए बढ़ोतरी की गई। अब हिमाचल प्रदेश में गैस सिलिंडर 791 रुपए में मिलेगा, जबकि सब्सिडी की राशि अभी स्पष्ट नहीं की गई है। व्यावसायिक गैस सिलिंडर के दाम भी 35 रुपए बढ़ा दिए गए है, अब व्यावसायिक गैस सिलिंड की कीमत 1439 रुपए हो गई है। घरेलू उपभोक्ताओं को होम डिलीवरी के साथ सिलिंडर के लिए 791.50 रुपए चुकाने होंगे।
आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने कुलपति को विश्वविद्यालय की कुछ प्रमुख मांगो को लेकर ज्ञापन सौंपा। इकाई उपाध्यक्ष पवना शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बी एड के सत्र 2020-21 के लिए महीनों पहले परीक्षा ली है और परिणाम को घोषित किये भी एक माह से अधिक का समय हो गया है परंतु विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी उसकी न तो मेरिट लिस्ट जारी की है और न ही काउंसलिग की तिथि जारी की है। विद्यार्थी परिषद यह मांग करती है कि बीएड की मेरिट लिस्ट शीघ्र अति शीघ्र जारी की जाए। विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा एम फिल व एल एल एम की प्रवेश परीक्षा के नाम पर विद्यार्थियों से भारी भरकम फीस वसूले महीनों हो चुके है किंतु अभी तक इस विषय को लेकर प्रशासन ने कोई कदम नही उठाया है। अतः विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि एम फिल व एल एल एम के दाखिले के लिए भी विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षाएं भी प्रशासन शीघ्रता से करवाए। विद्यार्थी परिषद की प्रमुख मांगें निम्नांकित हैं : 1. MPhil और LLM में प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिले करवाएं जाए। 2.सामाजिक दूरी के साथ विश्वविद्यालय Library को खोला जाए। 3. विश्वविद्यालय के शोधार्थियों के लिए छात्रावासो को खोला जाए ताकि सभी शोधार्थी अपना शोध कार्य शीघ्र पूरा कर सकें। 4. सभी विभागों में छात्रों की रिक्त पड़ी सीटें जल्द भरी जाए। 5. B.ed की मैरिट लिस्ट और काउंसलिंग कि तिथि जल्द जारी की जाए। 6.UG के लंबित पड़े परीक्षा परिणामों को शीघ्र घोषित किया जाए। 7.गैर शिक्षक पदों की भर्ती प्रक्रिया जल्दी शुरू की जाए। 8.सभी विभागों में ऑनलाइन कक्षाओं को सुचारू रूप से चलाया जाए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद आशा करती है कि विश्वविद्यालय शीघ्र अति शीघ्र इन मांगों का क्रियान्वयन करेगा।