बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पांच जनवरी को हिमाचल के दौरे पर हैं। इस दौरान वह यहां पर जनसभा को संबोधित करेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने कहा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा पांच जनवरी को हिमाचल प्रदेश पधार रहे हैं। उन्होंने कहा की शिमला संसदीय क्षेत्र के भाई-बहन अपने हर दिल अजीज नेता का अभिनंदन करेंगे। शिमला संसदीय क्षेत्र के लोग सोलन व शिमला में जगत प्रकाश नड्डा का स्वागत करेंगे। प्रात नौ बजे सोलन माॅल रोड़ पर रोड़ शो एवं अभिनंदन समारोह होगा और दोपहर एक बजे होटल पीटरहाॅफ शिमला में अभिनंदन समारोह होगा। सांय काल छह बजे भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश की कोर ग्रुप की बैठक को राष्ट्रीय अध्यक्ष संबोधित करेंगे।
विनायक ठाकुर जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ती पुलिस चौकी डाडासीबा ने चनौर में एक मकान से 3 पेटी अंग्रेजी व 1 पेटी देसी शराब बरामद की है। पुलिस ने बताया कि उक्त कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई। इस दौरान कुल 48 बोतल बरामद हुई हैं। इस मामले की पुष्टि पुलिस चौकी डाडासीबा के प्रभारी राजेश द्विवेदी ने की। उन्होंने बताया कि आरोपी पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। किसी भी नशा तस्कर को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
टोक्यो ओलम्पिक में भारत का प्रदर्शन इस बार बेहतर रहा। कुछ खिलाड़ियों ने मेडल जीते तो कुछ ने दिल। विशेष रहा 41 साल बाद राष्ट्रीय खेल हॉकी में पदक मिलना। पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता, पर अर्से बाद मिला ये कांस्य सोने से कम नहीं है। वहीं महिला हॉकी टीम पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंची। टीम पदक तो नहीं जीत पाई पर दिल जीतने में कामयाब रही। भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला सिल्वर मेडल दिलाया। चानू ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल पाने वाली पहली भारतीय एथलीट बनी। इसके बाद स्टार बैडमिंटन खिलाडी पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीता। सिंधु ओलम्पिक में लगातार दो मैडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। ओलंपिक खेलों में पहली बार भाग ले रही भारत की युवा महिला बॉक्सर लवलीना बोर्गोहेन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर देश का सिर ऊंचा किया। वहीँ भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया। नीरज चोपड़ा : अमिट है इस गोल्ड की चमक भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने इस टोक्यो ओलंपिक्स ने इतिहास रचा है। उन्होंने जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीता है। उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 87.58 मीटर का रहा। ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मिला। यह ओलंपिक एथलेटिक्स में भारत का पहला पदक है, इससे उन्होंने भारत का एथलेटिक्स में ओलंपिक पदक जीतने का पिछले 100 साल से भी अधिक का इंतजार समाप्त कर दिया। नीरज को ओलंपिक से पहले ही पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था और इस 23 वर्षीय एथलीट ने अपेक्षानुरूप प्रदर्शन करते हुए क्वालीफिकेशन में अपने पहले प्रयास में 86.59 मीटर भाला फेंक कर शीर्ष पर रहकर फाइनल में जगह बनायी थी। हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव में एक छोटे से किसान के घर पर 24 दिसंबर 1997 को नीरज का जन्म हुआ था। नीरज ने अपनी पढ़ाई चंडीगढ़ से की। नीरज ने 2016 में पोलैंड में हुए IAAF वर्ल्ड U-20 चैम्पियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड जीता था, जिसके बाद उन्हें आर्मी में जूनियर कमिशनड ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति मिली थी। 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में नीरज ने 88.06 मीटर का थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था। नीरज पहले भारतीय हैं जिन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड जीता है। 2018 में एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करने के बाद नीरज कंधे की चोट का शिकार हो गए। इस वजह से वो काफी वक्त तक खेल से दूर रहे। 2019 तो उनके लिए और भी खराब रहा और उसके बाद कोरोना के कारण कई इवेंट रद्द हो गए। इसके बाद वापसी करते हुए इसी साल मार्च में हुई इंडियन ग्रांड प्रिक्स में नीरज ने 88.07 मीटर का थ्रो कर अपना ही नेशनल रिकॉर्ड तोड़ दिया था। अब नीरज ने ओलम्पिक गोल्ड जीतकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया है। बजरंग पुनिया : दबाव में निखरने वाले पहलवान है बजरंग टोक्यो ओलंपिक में बजरंग पुनिया ने कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। उन्होंने कजाकिस्तान के रेसलर डाउलेट नियाजबेकोव को एकतरफा मुकाबले में 8-0 से हरा दिया। सेमीफाइनल मुक़ाबले में बजरंग पूनिया भले रंग में नहीं दिखे थे लेकिन अंतिम मुक़ाबले में उन्होंने शुरुआत से ही बढ़त बनाए रखी। बजरंग पूनिया बीते सात आठ सालों से भारत के वैसे पहलवान रहे हैं, जिन्होंने इंटरनेशनल स्तर पर लगातार और निरंतरता के साथ कामयाबी हासिल की है। यही वजह है कि टोक्यो में उन्हें भारत के लिए सबसे सशक्त दावेदार माना जा रहा था। रवि दहिया के मेडल जीतने के बाद उनके ऊपर कामयाबी का दबाव भी बढ़ा होगा, लेकिन वे दबाव में निखरने वाले पहलवान रहे हैं। अपने मेंटर योगेश्वर दत्त की तरह चैंपियन बनने का सपना उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में मेडल हासिल करके पूरा किया। मीराबाई चानू : 'डिड नॉट फिनिश' से सिल्वर मेडल तक का सफर भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला सिल्वर मेडल दिलाया है। चानू ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में सिल्वर मेडल पाने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं। उन्होंने 49 किलोग्राम भार में यह पदक जीता है। चानू ने कुल 202 किलोग्राम भार उठाकर भारत को सिल्वर मेडल दिलाया। 2016 रियो ओलंपिक में बेहद खराब प्रदर्शन से लेकर टोक्यो ओलंपिक में मेडल तक चानू का सफ़र ज़बरदस्त रहा है। मणिपुर की राजधानी इंफाल की रहने वाली मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को इम्फाल में हुआ था। 26 वर्षीय मीराबाई चानू को बचपन में तीरंदाजी का शौक था और वो इसी में अपना करियर भी बनाना चाहती थी। लेकिन 8वीं कक्षा के बाद उनका झुकाव वेटलिफ्टिंग की ओर बढ़ा और फिर उन्होंने इसी में आगे बढ़ने का फैसला किया। दरअसल इम्फाल की वेटलिफ्टर कुंजरानी को प्रेरणा मानकर चानू भी भारोत्तोलन में दिलचस्पी लेने लगी। मणिपुर की मीराबाई चानू ने यकीनन भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय पटल पर रौशन कर दिया है। वे पहले भी कई बार अपनी काबिलियत के दम पर देश को फ़र्क़ करने का मौका दे चुकी हैं लेकिन उनके लिए ये मुकाम हासिल करना इतना आसान नहीं था। अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा है। इस पूरे सफर के दौरान चानू को उनके परिवार का पूरा सहयोग मिला। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद उनके माता-पिता ने हर कठिनाई का सामना करते हुए चानू की आहार संबंधी जरूरतों से लेकर कई अन्य जरूरते पूरी की। उसी का नतीजा है कि चानू लगातार अपने परिवार और देश का नाम ऊंचा कर रही हैं। ओलंपिक जैसे मुकाबले में अगर आप दूसरे खिलाड़ियों से पिछड़ जाएँ तो एक बात है, लेकिन अगर आप अपना खेल पूरा ही नहीं कर पाएँ तो ये किसी भी खिलाड़ी के मनोबल को तोड़ने वाली घटना हो सकती है। 2016 में भारत की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू के लिए ऐसा ही हुआ था। ओलंपिक में अपने वर्ग में मीरा सिर्फ़ दूसरी खिलाड़ी थी जिनके नाम के आगे ओलंपिक में लिखा गया था 'डिड नॉट फिनिश'। जो भार मीरा रोज़ाना प्रैक्टिस में आसानी से उठा लिया करतीं, उस दिन ओलंपिक में जैसे उनके हाथ बर्फ़ की तरह जम गए थे। उस समय भारत में रात थी, तो बहुत कम भारतीयों ने वो नज़ारा देखा। सुबह उठ जब भारत के खेल प्रेमियों ने ख़बरें पढ़ीं तो मीराबाई रातों रात भारतीय प्रशंसकों की नज़र में विलेन बन गईं। नौबत यहां तक आई कि 2016 के बाद वो डिप्रेशन में चली गईं और उन्हें हर हफ्ते मनोवैज्ञानिक के सेशन लेने पड़े। इस असफलता के बाद एक बार तो मीरा ने खेल को अलविदा कहने का मन बना लिया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में जबरदस्त वापसी की। मीराबाई चानू ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलो वर्ग के भारोत्तोलन में गोल्ड मेडल जीता था और अब ओलंपिक मेडल। ट्रक ड्राइवरों को दिए तोहफे मीराबाई की मां सैखोम ओंगबी टोम्बो देवी गांव में चाय की दुकान चलाती हैं। एथम मोइरंगपुरेल इलाके से आने वाले ट्रक उनके गांव से जब गुजरते थे तो ड्राइवर उनकी दुकान पर चाय पीने रुकते थे। इस दौरान वह मीराबाई को फ्री में इम्फाल तक ले जाया करते थे जहाँ वो ट्रेनिंग करती थी। पदक जीतने के बाद चानू ने इन ट्रक ड्राइवरों का पता लगाया और उन्हें तोहफे दिए। पीएम मोदी ने की चानू की मदद चानू की जीत के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीराबाई चानू को पदक जीतने में मदद की है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें इलाज के लिए अमेरिका भेजा था। सीएम ने ट्वीट कर कहा, 'जब चानू ने मुझे इस बारे में बताया तो मैं हैरान रह गया था। उन्होंने बताया कि अगर पीएम ने उन्हें मांसपेशियों के ऑपरेशन और प्रैक्टिस के लिए अमेरिका नहीं भेजा होता तो वो ये पदक नहीं जीत पाती। उनका कहना था कि 'चानू को बैक पेन था और इसकी खबर जब पीएम मोदी को मिली। इसके बाद पीएम ने खुद इलाज और ट्रेनिंग का खर्चा उठाते हुए चानू को अमेरिका भेजा। पीवी सिंधु : भारत की पहली दो ओलंपिक पदक जीतने वाली महिला भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक अपने नाम किया है। पीवी सिंधु ने चीन की हे बिंग जियाओ को हराकर टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता है। पीवी सिंधु भारत की पहली दो ओलंपिक पदक जीतने वाली महिला बन गई है। इससे पहले सिंधु ने 2016 में रियो ओलंपिक में रजत पदक अपने नाम किया था। सिंधु का यह लगातार दूसरा ओलंपिक मेडल है। टोक्यो ओलंपिक में बैडमिंटन के खेल में कांस्य पदक दिलाने वाली पीवी सिंधु को करियर में तीन कोच मिले। पहले पुलेला गोपीचंद थे, जिनका सिंधु के करियर को आकार देने में बड़ा योगदान रहा है। उन्हीं की कोचिंग में सिंधु ने रियो ओलंपिक्स में रजत पदक जीता था। दूसरी कोच दक्षिण कोरिया की किम जी ह्युन थीं, जिन्होंने 2019 में निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया। ह्युन के जाने के बाद पुरुष कोच पार्क तेई सेंग उन्हें ट्रेनिंग देने लगे। पार्क भी दक्षिण कोरिया से हैं। वे 2004 के एथेंस ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल खेल चुके हैं। 2002 में उन्होंने बुसान में खेले गए एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। वे 2013 से 2018 के बीच कोरियाई टीम के नेशनल कोच रह चुके हैं। उन्होंने हैदराबाद के गाचीबावली स्टेडियम में सिंधु को ट्रेनिंग देना शुरू की थी। पार्क की खासियत यह है कि वह प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी की स्ट्रैटजी को बखूबी समझ लेते हैं। टोक्यो 2020 ओलंपिक में उनके प्रदर्शन से उत्साहित राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने निरंतरता, समर्पण और उत्कृष्टता का एक नया पैमाना स्थापित करने के लिए उनकी सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने भी सिंधु को उनकी ओलंपिक जीत पर बधाई दी और उन्हें भारत के सबसे उत्कृष्ट ओलंपियनों में से एक के रूप में सम्मानित किया। वह 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी थीं और उन्हें फोर्ब्स में 2018 और 2019 में सबसे अधिक भुगतान पाने वाली महिला एथलीटों के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया था। पीवी सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में पीवी रमना (पिता) और पी विजया (मां) के घर हुआ था। उनके माता-पिता राष्ट्रीय स्तर पर वॉलीबॉल खिलाड़ी रहे हैं। जुलाई 2013 से, पीवी सिंधु भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के साथ हैदराबाद कार्यालय में असिस्टेंट स्पोर्ट्स मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं। कब जीता कौन-सा मेडल ओलिंपिक: 2016 में सिल्वर मेडल, 2020 में ब्रॉन्ज मेडल विश्व चैंपियनशिप: 2019- गोल्ड मेडल, 2018- सिल्वर मेडल, 2017- सिल्वर मेडल, 2014- ब्रॉन्ज मेडल, 2013- ब्रॉन्ज मेडल एशियाई खेल: 2018- सिल्वर मेडल, 2014- महिला टीम ब्रॉन्ज मेडल राष्ट्रमंडल खेल: 2018- सिल्वर मेडल, 2018- मिश्रित टीम गोल्ड मेडल, 2014- ब्रॉन्ज मेडल एशियाई चैंपियनशिप: 2014- ब्रॉन्ज मेडल बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइल्स/बीडब्ल्यूएफ सुपर सीरीज फाइनल्स: 2018- चैंपियन, 2017 रनरअप इंडिया ओपन सुपर सीरीज: 2017- चैंपियन, 2018- रनरअप चीन सुपर सीरीज प्रीमियर: 2016 में चैंपियन कोरिया ओपन सुपर सीरीज: 2017 में चैंपियन लवलीना : 2012 से नहीं ली एक भी दिन छुट्टी ओलंपिक खेलों में पहली बार भाग लेने वाली भारत की युवा महिला बॉक्सर लवलीना बोर्गोहेन ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर देश का सिर ऊंचा किया है। असम की 23 वर्षीय लवलीना बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली तीसरी भारतीय खिलाड़ी हैं। लवलीना असम के गोलाघाट जिले के बड़ा मुखिया गांव की रहने वाली हैं। 23 वर्षीय लवलीना का जन्म 2 अक्टूबर 1997 को हुआ था। वर्ल्ड चैंपियनशिप में लवलीना दो बार पदक जीत चुकी हैं। शुरुआत में लवलीना का रुझान किक-बॉक्सिंग की तरफ था। स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बॉक्सिंग ट्रायल के दौरान कोच पदुम बोरो की नजर लवलीना के खेल पर पड़ी, जिन्होंने 2012 में उन्हें कोचिंग देना शुरू किया था। बाद में उन्होंने भारत के मुख्य महिला बॉक्सिंग कोच शिव सिंह से सीखना शुरू किया। मैरीकॉम को अपना आदर्श मानने वाली लवलीना ने ओलंपिक के लिए काफी मेहनत की थी। आपको जानकर हैरत होगी कि ओलंपिक में मेडल जीतने के लिए लवलीना ने साल 2012 से एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली। इस बात का खुलासा खुद लवलीना ने मेडल जीतने के बाद किया। उन्होंने कहा कि वो साल 2012 से लगातार मेहनत कर रही हैं। वो अपनी फैमिली, मित्रों से काफी दूर रही हैं और उन्होंने अपना मनपसंद खाना भी लंबे वक्त से नहीं खाया है। मात्र 9 साल की उम्र में बॉक्सिंग शुरू करने वाली लवलीना ओलंपिक मेडल जीतने वालीं तीसरी भारतीय हैं। उनसे पहले विजेंदर सिंह (2008 ) और एम सी मैरीकॉम (2012) ये कारनामा कर चुके हैं। रवि कुमार दहिया: आसान नहीं था छत्रसाल स्टेडियम से ओलंपिक तक का सफर टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारतीय पहलवान रवि कुमार दहिया ने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया है। फाइनल के कड़े मुकाबले में रवि रूसी पहलवान जावुर युगुऐव से हार गए थे। वह कुश्ती में भारत के लिए व्यक्तिगत सिल्वर मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय पहलवान है। टोक्यो ओलंपिक 2020 में सिल्वर मेडल जीतने पर हरियाणा सरकार ने उन्हें पुरस्कार देने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रवि दहिया को 4 करोड़ रुपये इनाम के रूप में देने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही, रवि दहिया के सोनीपत स्थित नाहरी गांव में एक इनडोर स्टेडियम बनाने का भी ऐलान किया गया है। रवि दहिया के लिए दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम से ओलंपिक तक का सफर आसान नहीं था। इसके पीछे उनके पिता की बहुत मेहनत छिपी है। रवि दहिया का जन्म 1997 में हरियाणा के सोनीपत जिले के नहरी गांव में हुआ था। उनके पिता एक भूमिहीन किसान थे, जो बटाई की जमीन पर खेती किया करते थे। 10 साल की उम्र से ही रवि ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने 1982 के एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाले सतपाल सिंह से ट्रेनिंग ली है। रवि दहिया के पिता राकेश चाहते थे कि बेटा पहलवान बने। आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने अपने बेटे की ट्रेनिंग में कोई कमी नहीं आने दी। पिता राकेश हर रोज अपने गांव से छत्रसाल स्टेडियम तक की 40 किलोमीटर की दूरी तय कर रवि तक दूध और फल पहुंचाते थे। बेटे रवि को किसी बात की कमी ना हो इसके लिए पिता दिन रात मेहनत करते थे। रवि का सबसे पहला कमाल 2015 जूनियर वर्ल्ड रेसलिंग चैम्पियनशिप में देखने को मिला था जब उन्होंने 55 किलो कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता लेकिन सेमीफाइनल में उन्हें चोट लग गई थी। फिर 2017 के सीनियर नेशनल्स में लगी चोट ने उन्हें फिर परेशान किया। इस कारण उन्हें कुछ समय मैट से दूर रहना पड़ा। रवि को पूरी तरह से ठीक होने में करीब एक साल लग गया था। फिर वापसी करते हुए रवि ने 2018 वर्ल्ड अंडर 23 रेसलिंग चैम्पियनशिप में 57 किलो कैटेगरी में सिल्वर पर कब्जा जमाया। उन्होंने 2019 के वर्ल्ड चैम्पियनशिप के सिलेक्शन ट्रायल में सीनियर रेसलर उत्कर्ष काले और ओलंपियन संदीप तोमर को हराया। कोरोना से पहले मार्च में दिल्ली में हुई एशियन रेसलिंग चैम्पियनशिप में उन्होंने गोल्ड जीता है। हॉकी: ये तांबा सोने से कम नहीं है वर्ष 1928 में भारतीय हॉकी पुरुष टीम ने ओलंपिक में अपने स्वर्ण पदक का अभियान एम्सटर्डम ओलंपिक से शुरू किया था। उस दौर में हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का पूरे विश्व में डंका बजता था। मेजर ध्यानचंद का जादू ऐसा चला कि 1928 से 1936 तक देश ने इन खेलों में गोल्ड मेडल की हैट्रिक लगा दी थी। राष्ट्रीय खेल हाकी में भारत ने लगातार 10 पदक जीते थे लेकिन 1980 में मास्को ओलिंपिक में स्वर्ण जीतने के बाद से भारतीय हाकी टीम को पदक जीतने के लिए 41 साल तक इंतजार करना पड़ा। अब टोक्यो में कांस्य जीतकर भारतीय हाकी कांस्य पदक जीतने में कामयाब रही है। इस जीत से पुरे देश में ख़ुशी की लहर है। यूं तो 41 साल के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक खेलों में पदक जीता है। पर भारतीय हॉकी टीम के लिए इन खेलों में ये 12वां पदक है और ये तीसरा कांस्य पदक है। भारत ने इससे पहले साल 1980 के ओलंपिक खेलों में पदक जीतने का मौका मिला था। उस समय भारत ने गोल्ड मेडल जीता था। भारत से ज्यादा गोल्ड मेडल हॉकी के खेल में कोई भी टीम नहीं जीत पाई है। यहां तक कि पुरुषों के खेल में भारत सबसे ज्यादा ओलंपिक पदक जीतने वाला देश है। भारत ने हॉकी के खेल में सबसे पहले 1928 के ओलंपिक खेलों में भाग लिया था। नीदरलैंड्स में हुए ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। 1928 के बाद अमेरिका में 1932 में और 1936 में जर्मनी में हुए ओलंपिक खेलों में भारत ने स्वर्ण पदक जीता था। 1940 और 1944 में होने वाले ओलंपिक खेलों को द्वितीय विश्व युद्ध के कारण रद्द करना पड़ा था। आजादी के बाद पहली बार देश ने 1948 के ओलंपिक खेलों में भाग लिया और फिर से दिखा दिया कि ओलंपिक के हॉकी खेल में असली स्टार भारत ही है। भारत ने इंग्लैंड में हुए 1948 के ओलंपिक, 1952 में फिनलैंड ओलंपिक और फिर 1957 में ऑस्ट्रेलिया में हुए ओलंपिक खेलों में भी गोल्ड मेडल जीतकर भारत ने फिर से हैट्रिक लगाई। इसके बाद 1960 में इटली में हुए ओलंपिक खेलों में भारत को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था और देश को पहली बार हॉकी के खेल में रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। हालांकि, जापान में हुए 1964 के ओलंपिक खेलों में देश ने हॉकी के खेल में फिर से गोल्ड मेडल हासिल किया, लेकिन 1968 में मैक्सिको और 1972 में जर्मनी में हुए ओलंपिक खेलों में भारत को कांस्य पदक ही मिला था। पर इसके बाद 1976 में कनाडा में हुए ओलंपिक खेलों में भारत सातवें स्थान पर रहा था। आखिरी बार 1980 में सोवियत संघ में हुए ओलंपिक खेलों में भारत ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था और अब 2021 में भारतीय टीम कांस्य पदक जीतने में कामयाब रही। हारकर भी दिल जीत गई बेटियां भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक तो हासिल नहीं कर सकी, लेकिन उन्होंने जिस दिलेरी से ग्रेट ब्रिटेन जैसी मजबूत टीम से संघर्ष किया, वह भुलाए नहीं भूलेगा। भारत को इस मुकाबले में 3-4 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन भारतीय महिला टीम का यह प्रदर्शन काबिल ए तारीफ़ है। जिस टीम के बारे में क्वार्टर फ़ाइनल में स्थान बनाने में भी संशय व्यक्त किया जा रहा था, उस टीम ने ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम को हराकर ना सिर्फ सेमीफ़ाइनल में स्थान बनाया बल्कि आख़िर तक अपनी लड़ाई जारी रखी। इस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन से भारतीय टीम बिग लीग टीमों में अपना नाम शुमार कराने में सफल हो गई है। वह नई रैंकिंग में छठे स्थान पर आ सकती है। हार के बावजूद भी भारत में लोग महिला टीम के प्रदर्शन से बेहद उत्साहित हैं। लोगों का कहना है कि बेटियों का वहां तक पहुंचना ही प्रेरणादायक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा था, "इस टीम पर गर्व है। हम टोक्यो 2020 में अपनी महिला हॉकी टीम के शानदार प्रदर्शन को हमेशा याद रखेंगे। हम महिला हॉकी में एक पदक से चूक गए लेकिन यह टीम न्यू इंडिया की भावना को दर्शाती है। टोक्यो 2020 में उनकी सफलता अधिक बेटियों को हॉकी के लिए प्रेरित करेगी।" हरियाणा के सीएम एमएल खट्टर ने कहा कि वे ओलंपिक महिला हॉकी टीम के नौ सदस्यों को 50-50 लाख रुपये का पुरस्कार देंगे जो हरियाणा से हैं। उन्होंने कहा, "मैं भारतीय टीम को टोक्यो ओलंपिक में उनके सराहनीय प्रदर्शन के लिए बधाई देता हूं।"
लॉरा केनी टोक्यो में केटी आर्चीबाल्ड के साथ साइकिलिंग मैडिसन जीतने के बाद तीन ओलंपिक खेलों में स्वर्ण जीतने वाली पहली ब्रिटिश महिला बन गई हैं। 29 वर्षीय केनी अपने पांचवें स्वर्ण और छठे ओलंपिक पदक के साथ जीबी की सबसे सफल महिला एथलीट भी बन गईं। यह जीत केनी को घुड़सवारी सवार शार्लोट दुजार्डिन के साथ मिली हैं। केनी के नाम पांच स्वर्ण और एक रजत पदक है। केनी और रेसिंग पार्टनर आर्चीबाल्ड ने 78 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता। डेनमार्क ने 35 अंकों के साथ पीछा किया और रूसी ओलंपिक समिति ने 26 अंकों के साथ कांस्य का दावा किया।
टोक्यो ओलंपिक अपने अंतिम पड़ाव पर है। खेलों के महाकुंभ का आज यानि 7 अगस्त 16वां दिन है। भारत के लिए आज का दिन अहम है। स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा आज फाइनल मुकाबला खेलेंगे। इस मैच का खेल प्रेमियों को तब से इंतजार है, जब से उन्हें ये मालूम पड़ा कि पाकिस्तान के अरशद नदीम भी इस मुकाबले में उतरेंगे। फाइनल भारतीय समयानुसार शाम 4.30 बजे शुरू होगा। 23 साल के नीरज चोपड़ा ने पहले ही प्रयास में क्वालिफाई के लिए 83.50 मीटर की सीमा को पार करते हुए 86.65 मीटर भाला फेंका था। वह ग्रुप-ए में टॉप पर थे। वहीं, अरशद नदीम ने 85.16 मीटर के थ्रो के साथ फाइनल के लिए क्वालिफाई किया था। वह ग्रुप बी में तीसरे नंबर पर थे। दोनों ग्रुप को मिलाकर कुल 12 खिलाड़ी फाइनल के क्वालिफाई किए हैं। गौरतलब है कि ओलंपिक के इतिहास में अब तक कोई भी भारतीय एथलीट ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में पदक नहीं जीत सका है। टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड न्य इतिहास रच सकते है।
टोक्यो ओलंपिक में भारतीय गोल्फर अदिति अशोक ने अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि वे मेडल जीतने से चूक गईं और वे अंतिम राउंड में चौथे स्थान पर रहीं। ओलंपिक में भारत की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली गोल्फर बन गई हैं। अदिति को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर सहित कई हस्तियों ने बधाई दी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अदिति अशोक भले ही मेडल नहीं जीत पाई, लेकिन वह अपने प्रदर्शन से मिसाल कायम करने में कामयाब रहीं। मोदी ने ट्वीट किया, ''बेहतरीन खेलीं अदिति। टोक्यो 2020 में आपने शानदार कौशल और संकल्प का प्रदर्शन किया। आप पदक से मामूली अंतर से चूक गईं, लेकिन इसमें अब तक किसी भी भारतीय ने जो हासिल किया आप उससे कहीं आगे निकल गईं और आपने एक मिसाल कायम की है। भविष्य के लिए शुभकामनाएं। ''
ओलंपिक्स में देश का नाम रौशन करने वाले खिलाड़ियों पर इनामों की बरसात हो रही है। ओलिंपिक में सिल्वर जीतने वाले रवि दहिया को हरियाणा सरकार ने चार करोड़ रुपए कैश, क्लास वन अधिकारी बनाने और प्लॉट पर 50 फीसदी छूट देने का एलान किया है। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने 2015 में ओलंपिक पदक जीतने पर इनामों को लेकर नई योजना लागू की थी। इस योजना के मुताबिक, रवि दहिया को सिल्वर जीतने पर 50 लाख रुपए मिलेंगे। इसी तरह ओलंपिक में महिला वेटलिफ्टिंग में देश को एक और सिल्वर मेडल दिलाने वाली मीराबाई चानू को भी मणिपुर सरकार ने कई इनामों से नवाजा है। मीराबाई चानू को मणिपुर सरकार ने ASP बना दिया है। इसके अलावा उन्हें 1 करोड़ रुपए कैश दिए जाएंगे। केंद्र सरकार की ओर से चानू को 50 लाख रुपए मिलेंगे। ब्रॉन्ज जीतकर बैडमिंटन में देश को लगातार दूसरे ओलंपिक में पदक दिलाने वाली पीवी सिंधू पर भी इनामों की बारिश हो रही है। आंध्र प्रदेश सरकार ने सिंधु को 30 लाख कैश देने का ऐलान किया है, जबकि भारतीय ओलंपिक संघ ने 25 लाख देने की घोषणा की है। केंद्र सरकार से भी ब्रॉन्ज जीतने पर सिंधु को 30 लाख रुपए मिलेंगे। भारतीय पुरुषों ने हॉकी में 1980 के बाद देश को पहला मेडल दिलाया। अब हिमाचल, हरियाणा, पंजाब और रेलवे ने हॉकी खिलाड़ियों पर इनाम की बरसात कर दी है। पंजाब सरकार ने हॉकी में ब्रॉन्ज जीतने वाले हर खिलाड़ी को 1-1 करोड़ रुपए इनाम देने का एलान किया है, हरियाणा ने हर खिलाड़ी के लिए ढाई-ढाई करोड़ देने की घोषणा की है। वंही हिमाचल सरकार ने डलहौज़ी के वरुण को DSP रैंक पर नौकरी व I करोड़ देने की घोषणा की है। हरियाणा ब्रॉन्ज जीते अपने राज्य के हर खिलाड़ी को खेल विभाग में नौकरी और कंसेशनल रेट पर प्लॉट देने का भी एलान किया है। वहीं रेलवे ने ब्रॉन्ज जीतने वाले अपने हर खिलाड़ी को 1-1 करोड़ रुपए देने का एलान किया है।
इतिहास रचने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम का पहला ओलंपिक पदक जीतने का सपना अधूरा रह गया। आज ओलंपिक के कांस्य पदक के मुकाबले में ब्रिटेन ने महिला हॉकी टीम को 4-3 से हरा दिया। इस हार के बाद पूरे देश में निराशा की लहर दौड़ गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके कहा है कि हम महिला हॉकी में एक पदक से चूक गए, लेकिन यह टीम न्यू इंडिया की भावना को दर्शाती है। पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ‘’हम महिला हॉकी में एक पदक से चूक गए, लेकिन यह टीम न्यू इंडिया की भावना को दर्शाती है, जहां हम अपना सर्वश्रेष्ठ देते हैं और नए मोर्चे बनाते हैं. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ओलंपिक्स में टीम की सफलता भारत की युवा बेटियों को हॉकी को अपनाने और इसमें उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करेगी। इस टीम पर गर्व है। ’’ बता दें कि भारतीय टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचकर पहले ही इतिहास रच दिया था, लेकिन 2016 रियो ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता ब्रिटेन को हरा नहीं सकी, जिससे कांस्य के करीब आकर चूक गई।
भारतीय रेसलर रवि दहिया ने भारत के लिए चौथा ओलंपिक मेडल बुधवार को पक्का कर दिया था। बुधवार सेमीफाइनल में फ्रीस्टाइल 57 किलोग्राम वेट कैटगरी में उन्होंने कजाकिस्तान के पहलवाल सनायेव नूरिस्लाम को हराकर फाइनल में जगह बनाई और भारत के लिए सिल्वर मेडल पक्का कर दिया। रवि दहिया आज अपना फाइनल मुकाबला खेलने के लिए उतरेंगे जहां वह अपने सिल्वर मेडल को गोल्ड में तब्दिल करने की पूरी कोशिश करेंगे। फाइनल में आज रवि का मुकाबला रूस के जाउर उगुएव से होगा। ओलंपिक में हॉकी के बाद रेंसलिंग ही वह खेल है जिसमें भारत ने शानदार प्रदर्शन किया है। भारत ने अबतक रेसलिंग में कुल पांच पदक जीते है। सबसे पहला मेडल 1952 हेलसिंकी ओलंपिक में केडी जाधव ने पदक जीता, फिर लंबे इंतजार के बाद 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने ब्रॉन्ज और 2012 लंदन ओलंपिक में सिल्वर, लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त् ने ब्रॉन्ज और 2016 रियो ओलंपिक में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। अगर आज रवि दहिया गोल्ड पर कब्जा करते हैं तो वह भारत के पहले ऐसे रेसलर बन जाएंगे जिन्होंने गोल्ड मेडल जीता होगा। रवि दहिया और जाउर उगुएव के बीच फाइनल बाउट भारतीय समयानुसार शाम 4:20 से शुरू होगा। जाउर उगुएव दो बार के 2018 और 2019 के वर्ल्ड चैंपियन भी रह चुके हैं। जाउर को रूस का बेस्ट रेसलर माना जाता है. जाउर ने अबतक कुल 15 अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया है जिसमें से 14 में पदक जीता है। इन 14 पदकों में उन्होंने 12 बार गोल्ड पर कब्जा जमाया है। वहीं भारतीय रेसलर रवि दहिया ने 2020 और 2021 एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। उन्होंने 2018 में अंडर-23 चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल और 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
टोक्यो ओलंपिक में आज भारतीय हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। सिमरनजीत सिंह के दो गोल की बदौलत भारत ने रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे कांस्य पदक के प्ले आफ मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर ओलंपिक में 41 साल बाद कांस्य पदक जीता। भारतीय हॉकी टीम की इस उपलब्धि के बाद देश में जश्न का माहौल है। नेताओं ने भी ट्वीट करके भारतीय हॉकी टीम को बधाईयां दी हैं। भारतीय टीम ने टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन ने ना सिर्फ कांस्य पदक जीता बल्कि सभी का दिल भी जीतने में सफल रही। आस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे ग्रुप मैच में 1-7 की करारी हार के बावजूद भारतीय टीम अपने बाकी चारों ग्रुप मैच जीतकर दूसरे स्थान पर रही। टीम को सेमीफाइनल में विश्व चैंपियन बेल्जियम को शुरुआती तीन क्वार्टर में कड़ी चुनौती देने के बावजूद 2-5 से हार झेलनी पड़ी। भारतीय टीम 1980 मास्को ओलंपिक में अपने आठ स्वर्ण पदक में से आखिरी पदक जीतने के 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीती है। बता दें कि आठ बार की ओलंपिक चैंपियन और दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी, लेकिन दबाव से उबरकर आठ मिनट में चार गोल दागकर जीत दर्ज करने में सफल रही। भारत के लिए सिमरनजीत सिंह (17वें मिनट और 34वें मिनट) ने दो जबकि हार्दिक सिंह (27वें मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वें मिनट) और रूपिंदर पाल सिंह ने एक-एक गोल किया।
टोक्यो ओलंपिक का आज 13वां दिन है। महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा) वर्ल्ड चैम्पियन तुर्की की बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबला हार गई हैं। हालांकि, लवलीना ने पदक पहले ही पक्का कर लिया था। सेमीफाइनल में हार के साथ उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़े इससे पहले भारतीय पहलवानों ने अच्छा प्रदर्शन किया। लवलीना के कांस्य जीतने के साथ ही भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अपना तीसरा पदक हासिल कर लिया है। सुरमेनेली ने पहले और दूसरे राउंड में सभी पांचों जजों को प्रभावित किया और 10-10 अंक बटोरे, जबकि लवलीना को पांचों जजों से पहले दो राउंड में नौ-नौ अंक मिले, सुरमेनेली तीसरे राउंड में भी लवलीना पर भारी पड़ती दिखीं और उन्होंने तीसरे राउंड में भी सभी जजों से 10-10 अंक लिए। लवलीना को तीसरे राउंड में दो जजों ने नौ-नौ अंक और तीन जजों ने आठ-आठ अंक दिए। लवलीना ने ताइवान की नेन चिन चेन को 4-1 से हराकर टोक्यो ओलंपिक के 69 किग्रा भार वर्ग के सेमीफाइनल में जगह बनाने के साथ ही देश के लिए कांस्य पदक पक्का कर लिया था। बता दें कि रवि कुमार और दीपक पूनिया ने सेमीफाइनल में जगह बना ली है। आज महिला हॉकी टीम का भी मैच है। टीम फाइनल में जगह बनाने के इरादे से मैदान में उतरेगी। महिला हॉकी टीम पहले ही इतिहास रच चुकी है और अब उसका लक्ष्य टोक्यो ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में अर्जेंटीना को हराकर अपनी उपलब्धियों को शिखर पर पहुंचाना होगा।
भारत के स्टार जेवेलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने अपने पहली प्रयास में शानदार थ्रो किया। उन्होंने 86.65 मीटर दूर भाला फेंका। इसके साथ वह फाइनल के लिए क्वालीफाई कर गए। फाइनल में सीधे प्रवेश करने के लिए 83.50 मीटर का थ्रो होना जरूरी है। नीरज अब 7 अगस्त को फाइनल मुकाबले में अपना दमखम दिखाएंगे। पुरुष भाला फेंक के क्वालीफिकेशन राउंड में नीरज चोपड़ा ग्रुप में पहले स्थान पर रहे।
टोक्यो ओलंपिक में आज भारत और बेल्जियम के बीच खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में भारत की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है। ये मैच बेल्जियम ने 5-2 से अपने नाम कर लिया है और फाइनल में अपनी जगह बना ली है। हॉकी का दूसरा सेमीफाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी के बीच आज दोपहर साढ़े तीन बजे खेला जाएगा। इनमें से जो जीतेगी वह फाइनल में बेल्जियम के साथ भिड़ेगी। वहीं जो टीम हारेगी उसका मुकाबला भारत के साथ पांच अगस्त को खेला जाएगा। बेल्जियम के हाथों मिली 5-2 से हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हार-जीत जीवन का हिस्सा है। टोक्यो ओलंपिक में हमारी पुरुष हॉकी टीम ने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और यही मायने रखता है। टीम को अगले मैच और उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं। भारत को अपने खिलाड़ियों पर गर्व है। वंही टोक्यो ओलंपिक में आज का दिन भारत के लिए बेहद खराब रहा है। जहां पहले भारतीय हॉकी टीम को बेल्जियम के खिलाफ हार झेलनी पड़ी वहीं कुश्ती में भी सोनम मलिक को मंगोलिया की बोलोरतुया खुरेलखू से हार का सामना करना पड़ा है।
भारतीय महिला हॉकी टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से हरा दिया है। इसके साथ ही टीम इंडिया ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। भारत की तरफ से गुरजीत कौर ने शानदार गोल दागा। दुनिया की नौवें नंबर की भारतीय टीम ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नंबर-2 ऑस्ट्रेलिया को हराया और पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची। भारत अपने तीसरे ओलंपिक में खेल रहा है। मास्को (1980) के 36 साल के बाद उसने रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था। मास्को ओलंपिक में महिला हॉकी टूर्नामेंट 25 जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चला था। इसमें सिर्फ छह टीमों ने हिस्सा लिया था।
पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया है। उन्होंने कांस्य पदक जीत लिया है। सिंधु ने चीन की बिंगजियाओ को सीधे गेम में 21-13, 21-15 से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा किया है। पीवी सिंधु ओलंपिक के व्यक्तिगत इवेंट में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी हैं। सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल के मैच में चीन की शटलर बिंगजिआओ पर जीत दर्ज की है।
बॉक्सिंग में भारत को जबरदस्त झटका लगा है। वह 91 किग्रा भार वर्ग में उजबेकिस्तान के बखोदिर जालोलोव से हार गया हैं। जालोलोव ने उन्हें 5-0 से शिकस्त दी। इस हार के साथ सतीश का टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने का सपना टूट गया। वंही टोक्यो ओलंपिक का आज 10वां दिन है जो कि भारत के नजरिए से काफी महत्वपूर्ण है। बीता नौवां दिन भारत के लिेए निराशाजनक रहा। पीवी सिंधु से फाइनल में पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन वह फाइनल में नहीं पहुंच पाईं। उस निराशा को कमलप्रीत कौर और भारतीय महिला हॉकी टीम ने मैच जीत कर कुछ हद तक कम किया। कमलप्रीत कौर ने डिस्कस थ्रो स्पर्धा के फाइनल में जगह बना ली है। अगर उन्होंने यह प्रदर्शन जारी रखा तो भारत का पदक पक्का है। इसके अलावा भारतीय महिला हॉकी टीम भी क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है। टोक्यों ओलंपिक के 10वें दिन एक फिर सबकी निगाहें पीवी सिंधु पर होंगी। वह आज कांस्य पदक के लिए अपनी चुनौती पेश करेंगीं। वहीं भारतीय हॉकी क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन से भिड़ेगी।
टोक्यो ओलंपिक के डिस्कस थ्रो इवेंट में भारत की कमलप्रीत कौर ने इतिहास रचते हुए फाइनल में जगह बना ली है. ग्रुप बी के क्वालिफिकेशन राउंड में अपने तीसरे प्रयास में कमलप्रीत कौर 64 मीटर का स्कोर कर अब इस इवेंट में मेडल की तगड़ी दावेदार बन गई हैं. डिस्कस थ्रो में कमलप्रीत कौर का बेस्ट प्रदर्शन 66.59 मीटर है जो उन्होंने पटियाला में जून में आयोजित इंडियन ग्रांड प्रिक्स में बनाया था. अब अगर वो फाइनल में अपने इस बेस्ट प्रदर्शन को दोहराने में सफल होती हैं तो उनका मेडल जीतना पक्का है. वहीं इसी इवेंट में शामिल भारत की सीमा पूनिया की चुनौती समाप्त हो गई है. सीमा पूनिया फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई. ग्रुप ए के क्वालीफिकेशन राउंड में सीमा पूनिया 16वें पायदान पर रहीं और उनका टोक्यो ओलंपिक में सफर समाप्त हो गया.
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु आज सेमीफाइनल मुकाबला खेलने के लिए तैयार हैं. पीवी सिंधु के पास फाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने का मौका है. भारत का कोई भी खिलाड़ी ओलंपिक में बैडमिंटन के दो मेडल नहीं ला पाया है. लेकिन सिंधु इतिहास रचने से एक कदम दूर खड़ी हैं.
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारतीय महिला हॉकी टीम को जीत मिल गई है. भारत ने 4-3 से इस मुकाबले को अपने नाम किया. भारत की यह लगातार दूसरी जीत है. इससे पहले भारत ने शुक्रवार को आयरलैंड को हराया था. भारतीय महिला हॉकी टीम इस जीत के साथ क्वार्टर फाइनल की रेस में बनी हुई है. भारत को अब आयरलैंड की हार का इंतजार करना होगा.
तीरंदाजी में दीपिका कुमारी की चुनौती समाप्त हो गई है। दीपिका कुमारी को एन सेन ने सीधे सेटों में मात दी। दीपिका कुमारी का टोक्यो ओलंपिक में सफर समाप्त हो गया है। एन सेन ने सेमीफाइनल का टिकट हासिल कर लिया है। दीपिका कुमारी हालांकि भारत की ओर से ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाली पहली महिला तीरंदाज हैं।
दुनिया की नंबर एक तीरंदाज दीपिका कुमारी ने पूर्व विश्व चैम्पियन रूसी ओलंपिक समिति की सेनिया पेरोवा को रोमांचक शूट आफ में हराकर टोक्यो ओलंपिक महिला एकल वर्ग के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया। पांच सेटों के बाद स्कोर 5-5 से बराबरी पर था। दीपिका ने दबाव का बखूबी सामना करते हुए शूटआफ में परफेक्ट 10 स्कोर किया और रियो ओलंपिक की टीम रजत पदक विजेता को हराया। एक तीर के शूटआफ में शुरूआत करते हुए रूसी तीरंदाज दबाव में आ गई और सात ही स्कोर कर सकी जबकि दीपिका ने दस स्कोर करके मुकाबला 6-5 से जीता। दीपिका की 2017 विश्व चैम्पियन के खिलाफ तीन मैचों में यह पहली जीत है। तीसरी बार ओलंपिक खेल रही दीपिका ओलंपिक तीरंदाजी स्पर्धा के अंतिम आठ में पहुंचने वाली पहली भारतीय तीरंदाज बन गई है। क्वार्टर फाइनल में दीपिका का सामना कोरिया की अन सान से होगा जिसने एक सेट से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए जापान की रेन हायाकावा को 6-4 से हराया। रैंकिंग दौर में कोरिया की सान ने 25 साल पुराना ओलंपिक रिकॉर्ड तोड़कर आखिरी तीन तीर पर परफेक्ट 10 स्कोर किया था। दीपिका और अन सान का सामना इसी जगह पर टोक्यो 2020 टेस्ट टूर्नामेंट में 2019 में हुआ था लेकिन भारतीय खिलाड़ी को पराजय का सामना करना पड़ा था।
छह बार की विश्व चैंपियन और 2012 लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम को प्री क्वार्टरफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। महिला फ्लायवेट (48-51 किग्रा) स्पर्धा में उन्हें कोलंबियाई मुक्केबाज और 2016 रियो ओलंपिक की मेडलिस्ट इन्ग्रित वेलेंशिया ने 3-2 से हराया। 38 वर्षीय मैरीकॉम ने अंतिम 16 के मुकाबले में पहला सेट गंवाने के बाद जबरदस्त वापसी की और दूसरा सेट अपने नाम किया। लेकिन आखिरी सेट में एक बार फिर से इन्ग्रित उनपर भारी पड़ीं। बता दें कि इससे पहले मैरीकॉम ने पहले दौर में डोमिनिका गणराज्य की मिगुएलिना हर्नांडिज गार्सिया को 4-1 से शिकस्त दी थी। ओलंपिक 2012 की कांस्य पदक विजेता मेरीकॉम ने अपने से 15 साल छोटी और पैन अमेरिकी खेलों की ब्रॉन्ज मेडल विजेता को हराकर प्री-क्वॉर्टर फाइनल में एंट्री ली थी।
टोक्यो ओलंपिक का सातवां दिन भारत के लिए शानदार, तीरंदाजी-बैडमिंटन और शूटिंग में एथलीटों ने किया कमाल
टोक्यो ओलंपिक के सातवें दिन भारत ने अच्छी शुरुआत की। स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने महिला सिगल्स के अंतिम 16 मुकाबले में डेनमार्क की मिया को हराकर अंतिम आठ में जगह बनाई। अब सिंधु का मुकाबला यामागुची से होगा। वहीं भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने मौजूदा ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना को 3-1 से हराकर क्वार्टर फाइनल में दस्तक दी। जबकि अतनु दास तीरंदाजी में पुरुषों की व्यक्तिगत स्पर्धा में अंतिम आठ में पहुंच गए हैं। वहीं बॉक्सर सतीश कुमार ने 91 किग्रा भार वर्ग के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। ओलंपिक का छठा दिन भारत के लिए मिला जुला रहा। दीपिका कुमारी, पूजा रानी और पीवी सिंधु के बेहतर प्रदर्शन के चलते भारत की पदक जीतने की उम्मीद जिंदा है।
सतीश कुमार की जीत के साथ ही बॉक्सिंग में भारत की मेडल जीतने की होप बढ़ गई है। आज महिला बॉक्सिंग में भारत को अपनी स्टार बॉक्सर एमसी मैरीकॉम से भी जीत की उम्मीद होगी। मैरीकॉम आज 51 किलोवर्ग के अंतिम 16 दौर के मैच में कोलंबिया की इंग्रिट लोरेना वालेंशिया के खिलाफ रिंग में उतरेंगी। ये मैच दोपहर 3:35 बजे से खेला जाएगा। महिला बॉक्सिंग में कल खेले गए 75 किलो मिडिलवेट कैटेगरी के अंतिम 16 दौर के अपने मैच में भारत की पूजा रानी ने अल्जीरिया की इचराक चैब को 5-0 से हराया था। इस जीत के साथ ही पूजा रानी क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई हैं और इस वर्ग में पदक सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अब सिर्फ एक जीत की जरूरत है।
टोक्यो ओलंपिक के सातवें दिन आज भारतीय एथलीटों ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से कई इवेंट में मेडल की होप बढ़ा दी हैं। हॉकी, बैडमिंटन और तीरंदाजी के बाद अब बॉक्सिंग में भी भारत के लिए अच्छी खबर आई है। भारत के बॉक्सर सतीश कुमार ने 91 किलो वर्ग के अंतिम-16 के मुकाबले में जमैका के रिकार्डो ब्राउन को 4-1 से हराकर अगले दौर में जगह बना ली है। इस जीत के साथ ही सतीश अंतिम 8 में पहुंच गए हैं और वो मेडल जीतने से बस एक कदम दूर हैं। सतीश ने जमैका के बॉक्सर के खिलाफ इस मैच में शानदार शुरुआत की और अपने दमदार पंचों के दम पर 5-0 के अंतर से पहला राउंड अपने नाम कर लिया. इस राउंड में पांचों जजों ने उन्हें 10-10 अंक प्रदान किए।
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में शानादर प्रदर्शन करते हुए तीसरे दौर (नॉकआउट) में जगह बना ली। ग्रुप जे के अपने दूसरे मुकाबले में सिंधु ने हांगकांग की च्युंग एनगान को 21-9 और 21-16 से शिकस्त दी। उन्होंने दूसरे मैच में अपने प्रतिद्वंदी पर 36 मिनट में जीत दर्ज की। टोक्यो ओलंपिक में बैडमिंटन स्पर्धा में भारत की एक मात्र उम्मीद पीवी सिंधु बची हैं। इस जीत के साथ दुनिया की नंबर 7 बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने च्युंग एनगान यी के खिलाफ अपनी जीत का रिकॉर्ड 6-0 कर लिया है। इससे पहले दोनों खिलाड़ियों के बीच पांच मुकाबले खेले गए और हर बार सिंधु जीतने में सफल रहीं। पीवी सिधु के आगे हांगकांग की खिलाड़ी की यह छठी हार है।
टोक्यो ओलंपिक का आज पांचवां दिन है। भारत की तरफ से निशानेबाजी, हॉकी, टेबल टेनिस, बैडमिंटन, सेलिंग, बॉक्सिंग सहित कई स्पर्धाओं में भारतीय एथलीट अपनी चुनौती पेश करेंगे। चौथा दिन भारत के लिए काफी निराशाजनक रहा था। पढ़िए टोक्यो ओलंपिक्स से जुड़े सभी अपडेट..... दूसरे दौर में हारी मनु-सौरभ की जोड़ी पहले दौर में शानदार जीत दर्ज करने वाली सौरभ चौधरी और मनु भाकर की टीम को क्वालीफायर के दूसरे दौर में हार का सामना करना पड़ा। दूसरे दौर में मनु भाकर लय में नजर नहीं आईं और उनका स्कोर 186 रहा। इस दौरान सौरभ ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 194 अंक अर्जित किए। लेकिन यह सब क्वालीफाई करने के लिए काफी नहीं था। इस तरह 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा की मिश्रित टीम इवेंट में भारत की चुनौती समाप्त हो गई। हॉकी में भारत ने स्पेन की 3-0 से पीटा टोक्यो ओलंपिक में आज भारत ने अपने तीसरे मैच में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए स्पेन को 3-0 से हरा दिया। पूरे मैच के दौरान भारतीय टीम छाई रही। तेज आक्रमण और मजबूत रक्षा पंक्ति के आगेे स्पेन की एक न चली। भारत की तरफ से रूपिंदर पाल ने दो गोल दागे जबकि एक गोल सिमरनजीत ने किया। इससे पहले भारत को दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7-1 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था जबकि अपने पहले मैच में भारत ने न्यूजीलैंड को पटखनी दी थी। टोक्यो ओलंपिक से बाहर शरत कमल टोक्यो ओलंपिक में टेबल टेनिस में भारत को तगड़ा झटका लगा है। भारतीय खिलाड़ी शरत कमल को तीसरे राउंड में हार का सामना करना पड़ा। मैच के दौरान चीनी खिलाड़ी मा लांग को शरत ने कड़ी चुनौती दी। लेकिन बाद में मा लांग ने अपने अनुभव और जोरदार खेल के जरिए शरत कमल को 7-11, 11-8, 11-13, 4-11, 4-11 से हराने में सफल रहे। इस हार के बाद शरत कमल टोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गए हैं। सात्विक-चिराग की जोड़ी बाहर बैडमिंटन की डबल्स स्पर्धा में भारत को झटका लगा है। यह जोड़ी जीतने बावजूद अगले दौर में नहीं पहुंच सकी। भारतीय जोड़ी साईराज रैंकी रेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी 21-17, 21-19 से जीती। उन्होंने ब्रिटेन के बेन लेन और सीन वेंडी की जोड़ी को सीधे सेटों में हराया। लेकिन यह क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए काफी नहीं था। क्योंकि चीनी ताइपे ने इस स्पर्धा में इंडोनेशिया पर गेम के आधार पर भारी अंतर से जीत दर्ज की थी। इसी वजह के चलते भारत क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहा। फिर निशानेबाजों ने किया निराश टोक्यो ओलंपिक में एक बार फिर भारतीय निशानेबाज कुछ खास नहीं कर पाए। 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड इवेंट में इलावेनिल वालारिवन और दिव्यांश सिंह पंवार की जोड़ी, अंजुम मोदगिल और दीपक कुमार की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा। दिव्यांश और इलावेनिल की जोड़ी ने 626.5 का स्कोर किया और वह 12वें स्थान पर रही। वहीं दीपक और अंजुम की जोड़ी ने 623.8 का स्कोर किया और वह 18वें नंबर पर रही।
देवभूमि हिमाचल के बॉक्सर आशीष कुमार चौधरी का टोक्यो ओलंपिक में आज यानि सोमवार को पहला मुकाबला हुआ। आशीष ने अपना पहला मैच चीन के बॉक्सर एर्बीके तुओहेता के साथ खेला। भारतीय समय अनुसार उनका मैच दोपहर 3:06 बजे शुरू हुआ। आशीष ने पूरा दमखम दिखाया लेकिन उन्हें पहले ही मैच में हार का सामना करना पड़ा। आशीष पहले राउंड में पिछड़ने के बाद दूसरे राउंउ में तुओहेता पर हावी रहे। तीसरे राउंड में तुओहेता ने आशीष चौधरी को पराजित कर मुकाबला 2-0 से जीत लिया। दूसरा मुकाबला इंटरमीडिएट रहा है। चीन के बॉक्सर एर्बीके तुओहेता की 2-0 से जीत हुई है। आशीष चौधरी की मां दुर्गा देवी का कहना है कि भले ही आशीष की ओलंपिक में हार हुई है लेकिन देश के लिए प्रतिनिधित्व करना ही बड़ी बात है। वह इससे निराश नहीं है बल्कि उनकी आशा है कि आने वाले समय में आशीष और बेहतर प्रदर्शन करते हुए देश का नाम रोशन करेगा। गौरतलब है कि आशीष कुमार चौधरी हिमाचल के पहले बॉक्सर हैं, जो ओलंपिक में खेले। बॉक्सर आशीष चौधरी ने 75 किलोग्राम भार वर्ग में हिस्सा लिया।
टोक्यो ओलिंपिक से एक बड़ी खबर सामने आई है। वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतने वाली मीराबाई चानू का मेडल गोल्ड में बदल सकता है। जानकारी के पहले नंबर पर रहीं चीनी एथलीट होउ जिहूई पर डोपिंग का शक है। एंटी डोपिंग एजेंसी ने होउ को सैंपल-B टेस्टिंग के लिए बुलाया है। माना जा रहा है कि उनका सैंपल-A क्लीन नहीं है। चीनी एथलिट होउ जिहूई आज अपने देश लौटने वाली थीं, लेकिन उन्हें रुकने को कहा गया है। किसी भी समय उनका डोपिंग टेस्ट हो सकता है। ओलिंपिक्स के इतिहास में ऐसा पहले भी हो चुका है जब डोपिंग में फेल होने पर खिलाड़ी का पदक छीन लिया गया और दूसरे नंबर पर मौजूद खिलाड़ी को दे दिया गया। बता दें कि मीराबाई चानू भी आज ही भारत लौटने वाली हैं।
टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए चौथा दिन बेहद खास है। मनिका बत्रा, सुमित नागल और अंगद वीर सिंह बाजवा के अलावा कई भारतीय एथलीट अलग-अलग स्पर्धाओं में पदक के लिए अपनी किस्मत आजमाएंगे। पढ़िए लाइव अपडेट... फेंसिंग में सीए भवानी का जोरदार प्रदर्शन टोक्यो ओलंपिक के चौथे दिन भारत ने जीत के साथ शुरुआत की। महिलाओं की फेंसिंग की व्यक्तिगत स्पर्धा में भवानी ने ट्यूनीशिय की बेन अजीजी नादिया को मात दी। इस दौरान भारत की सीए भवानी के आगे ट्यूनीशियाई प्रतिद्वंदी टिक न सकी। क्वार्टर फाइनल में पहुंची भारतीय तीरंदाजी टीम भारतीय तीरंदाजी टीम ने आज जीत के साथ शुरुआत की। अतनु दास, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव की टीम ने कजाखस्तान को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। क्वार्टर फाइनल में भारतीय टीम का मुकाबला कोरिया से होगा।। इस भारतीय तिकड़ी ने कजाखस्तान के इलफात अब्दुललिन, डेनिस गैनकिन और सैंजार मुसायेव को 55-54, 52-51, 56-57, 55-54 से मात दी। तीसरे दौर में पहुंचे शरत कमल टेबल टेनिस की पुरुषों की एकल स्पर्धा में भारत के शरत कमल ने कमाल कर दिया। उन्होंने दूसरे राउंड में पुर्तगाल के टियागो अपोलोनिया को हराकर तीसरे दौर में जगह बना ली। छठे गेम में एक समय स्कोर 9-9 से बराबर होने के बाद शरत कमल ने अगले दो अंक हासिल किए और 4-3 से मुकाबला जीतकर तीसरे दौर में प्रवेश कर लिया। तलवारबाजी में सीए भवानी की हार पहले मुकाबले में जीत दर्ज करने वाली भारतीय तलवारबाज सीए भवानी को अगले दौर में हार का सामना करना पड़ा। भवानी को दुनिया की नंबर 4 फ्रांस की मानोन ब्रूनेट ने शिकस्त दी। इस हार के बाद टोक्यो ओलंपिक में सीए भवानी का सफर थम गया। सुर्तिथा मुखर्जी टोक्यो ओलंपिक से बाहर भारत की टेबल टेनिस खिलाड़ी सुर्तिथा मुखर्जी को महिलाओं की एकल स्पर्धा के दूसरे दौर में हार का सामना करना पड़ा। दूसरे राउंड में सुर्तिथा को पुर्तगाल की खिलाड़ी फु यु ने सीधे सेटों में 3-11, 3-11, 5-11, 5-11 से शिकस्त दी। इस हार के बाद भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी सुर्तिथा का सफर टोक्यो ओलंपिक में खत्म हो गया। साई प्रणीत टोक्यो ओलंपिक से बाहर भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी साई प्रणीत टोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गए हैं। 2019 विश्व चैंपियनशिप को कांस्य पदक विजेता प्रणीत पुरुष सिंगल्स के नॉकआउट के लिए क्वालीफाई नहीं कर सके। इस मैच में इस्राइल के मिशा जिल्बरमैन ने सीधे गेम में हरा दिया। सेलिंग में 20वें स्थान पर रहे विष्णु वर्धन सेलिंग की लेजर स्टैंडर्ज रेस 2 स्पर्धा में भारतीय खिलाड़ी विष्णु वर्धन कुछ खास नहीं कर पाए और वह 20वें नंबर पर है। जूरी ने एक घटना के चलते इस दौरान उन पर दो बार जुर्माना भी लगाया। सात्विक-चिराग की जोड़ी हारी टोक्यो ओलंपिक में बैडमिंटन स्पर्धा के डबल्स मुकाबले में सात्विक रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी को हार का सामना करना पड़ा। इस भारतीय जोड़ी को दुनिया की नंबर 1 इंडोनेशिया की मार्कस और कोविन कि जोड़ी ने मात दी। उन्होंने इस भारतीय जोड़ी को 21-13 और 21-12 से हराया। भारतीय तीरंदाजी टीम क्वार्टर फाइनल में हारी टोक्यो ओलंपिक के चौथे दिन भारतीय तीरंदाजी टीम ने जीत के साथ शुरुआत की। उसके बाद क्वार्टर फाइनल में अतनुदास, तरुणदीप राय और प्रवीण जाधव वाली भारतीय टीम का मुकाबला कोरिया से हुआ। कोरिया की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया को 6-0 से हरा दिया। इस हार के बाद भारत की पुरुष तीरंदाजी टीम इंवेट में चुनौती समाप्त हो गई। निशानेबाजी में निराशा मेराज अहमद खान और अंगद वीर सिंह बाजवा मैंस स्कीट स्पर्धा में क्वालीफाई करने से चूक गए हैं। टोक्यो में निशानेबाजों का खराब प्रदर्शन लगातार जारी रहा। भारत को इस स्पर्धा में पदक की उम्मीद थी लेकिन निराशा हाथ लगी। सुमित नागल हारे टोक्यो ओलंपिक में चौथे दिन भारत का लगातार निराशाजनक प्रदर्शन जारी है। अब भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल टेनिस की पुरुषों की एकल स्पर्धा से बाहर हो गए हैं। सुमित को रूस के टेनिस खिलाड़ी डेनिल मेदवेदेव ने सीधे सेटों में 6-2, 6-1 से शिकस्त दी।
टोक्यो ओलंपिक से भारत के लिए कई अच्छी खबर आ रही है। 49 किलोग्राम कैटेगिरी की वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीत लिया है। वह भारत की तरफ से टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन गई हैं। ओलंपिक में पदक जीतने पर उनकी इस उपलब्धि पर देश में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मीराबाई चानू को ओलंपिक में रजत पदक जीने पर बधाई दी। अपने बधाई संदेश में पीएम मोदी ने कहा, इससे अच्छी शुरूआत नहीं हो सकती, भारत उनके शानदार प्रदर्शन से उत्साहित है, उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है।
टोक्यो ओलंपिक पदक के प्रबल दावेदार हिमाचल प्रदेश के बॉक्सर आशीष चौधरी 26 जुलाई को पहला मैच चीन के मुक्केबाजी के साथ खेलेंगे। मुकाबला सोमवार दोपहर को होगा। 75 किग्रा भार वर्ग में आशीष चौधरी का पहला मैच चीन के बॉक्सर तुओहते रबीएके के साथ तय हुआ है। ओलंपिक में जाने से पहले आशीष चौधरी गत वर्ष थाईलैंड ओपन बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। इसके साथ ही उन्होंने 2019 में फ्रांस में एलेक्सिस बस्तिने अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भी स्वर्ण पदक हासिल किया है। आशीष चौधरी के भाई और पूर्व में बॉक्सर रह चुके सुरेश चौधरी का कहना है कि टोक्यो ओलंपिक में भी आशीष देश के लिए पदक जीत कर लाएगा।
टोक्यो में चल रहे ओलंपिक खेलों का आज दूसरा दिन है। दूसरे दिन भारत के कई अहम मुकाबले हैं, जिसमें पदक मुकाबले भी शामिल हैं। इसमें तीरंदाजी, निशानेबाजी बैडमिंटन, हॉकी, जूडो, रोइंग, टेबल टेनिस, टेनिस, वेटलिफ्टिंग शामिल हैं। पढ़िए लाइव अपडेट ... वेटलिफ्टिंग- दूसरे नंबर पर रहीं मीराबाई वेटलिफ्टिंग में भारत के मेडल की उम्मीद बढ़ रही है। मीराबाई चानू स्नैच में 87 किलोग्राम भार उठाकर दूसरे पायदान पर रहीं। थोड़ी देर बाद क्लीन एंड जर्क का दूसरा चरण शुरू होगा। शूटिंग- फाइनल में पहुंचे सौरभ चौधरी 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में सौरभ चौधरी ने जगह बना ली है। सौरभ चौधरी ने 586 का स्कोर हासिल किया। अभिषेक वर्मा हालांकि फाइनल में जगह बनाने से चूक गए। मेन्स हॉकी- भारत का जीत के साथ आगाज मेन्स हॉकी में भारत ने जीत के साथ शुरुआत की है। भारत ने आखिरी क्वार्टर में अपनी बढ़त को कायम रखा और न्यूजीलैंड को 3-2 से मात देने में कामयाबी हासिल की. भारत के लिए बेहद ही शानदार शुरुआत है। हरमनप्रीत ने भारत के लिए दो गोल किए, जबकि एक गोल रुपेंद्र के खाते में गया. रविवार को भारत अपने दूसरे मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा। जूडो में भारत को मिली निराशा जूडो में भारत की खिलाड़ी सुशीला देवी को राउंड ऑफ 32 में हार का सामना करना पड़ा है। सुशीला देवी को अपने पहले मुकाबले में हंगरी की इवा ने हराया। सुशीला देवी जूडो में भारत की ओर से हिस्सा ले रही एकमात्र खिलाड़ी हैं। टेबल टेनिस- मिक्स्ड डबल्स में भारत की चुनौती समाप्त टेबल टेनिस के मिक्स्ड डब्ल्स इवेंट में भारत के हाथ निराशा आई है। मनिका बत्रा और शरत कमल की जोड़ी को चीनी ताइपे जोड़ी ने मात दे दी है। इसके साथ ही मनिका बत्रा और शरत कमल का सफर मिक्स्ड डबल्स इवेंट में समाप्त हो गया है।
दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव की जोड़ी ने चीनी ताइपे की जोड़ी को मात देते हुए तीरंदाजी मिक्स्ड डबल्स के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है। भारतीय जोड़ी ने चीनी ताइपे को 5-3 से मात दी।
10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के फाइनल में सौरभ चौधरी ने जगह बना ली है। सौरभ चौधरी ने 586 का स्कोर हासिल किया। 10 मीटर एयर पिस्टल (मेंस) इवेंट में सौरभ चौधरी ने कमाल के साथ शुरुआत की। दूसरी और तीसरी सीरीज में सौरभ 98/100 का स्कोर हासिल करने में कामयाब हो गए है। और अब सौरभ फाइनल में पहुंच गए है। हालांकि फाइनल में जगह बनाने से अभिषेक वर्मा चूक गए।