हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ का 24वां स्थापना दिवस कालीबाड़ी शिमला में मनाया गया। इसमें सभी जिलों के जिला प्रधान/सचिव, यूनिट प्रधान /सचिव, प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य एवं राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने भाग लिया। सर्वप्रथम प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कपटा ने दीप प्रज्वलित करके इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम रूपरेखा के अनुसार सिटी यूनिट शिमला के चुनाव करवाए गए। उसके उपरांत जिला शिमला के चुनाव करवाए गए। तकनीकी कर्मचारी संघ जिला शिमला ने प्रदेश कार्यकारिणी का शिमला पधारने पर स्वागत किया। इस कार्यक्रम में तकनीकी कर्मचारी संघ के जो पदाधिकारी सेवानिवृत्त हुए थे, उनको सम्मानित किया गया। उसके पश्चात कार्यसमिति की बैठक आरंभ हुई। बैठक में सभी पदाधिकारियों ने अपने अपने विचार रखे। सरकार बिजली बोर्ड में रिक्त पड़े 6000 पदों को जल्द भरे प्रदेश अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार बिजली बोर्ड में रिक्त पड़े 6000 पदों को जल्द भरने की प्रक्रिया शुरू करे। इसके साथ ही टी मेट को ALM और हेल्पर को सब स्टेशन अटेंडेंट प्रमोट करे इसके साथ कनिष्ठ अभियंता फीडिंग के 200 के करीब पद खाली चल रहे हैं, उनको 27% कोटे से लाइनमैन और इलेक्ट्रिशियन से प्रमोट करके भरा जाए। क्योंकि पूरे प्रदेश में बहुत से पद प्रमोशन न होने की वजह से खाली पड़े हैं, जिस वजह से आय दिन तकनीकी कर्मचारियों के साथ फील्ड में हादसे हो रहे हैं। इसके साथ ही सर्विस कमिटी की मीटिंग जो लंबे समय से लंबित पड़ी है, उसको करवाने में अभी तक बोर्ड प्रबंधन नाकाम रहा है। इस विषय को भी सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
मणिपुर के तनावग्रस्त क्षेत्र से सुरक्षित निकाले गए हिमाचल के विद्यार्थियों ने सोमवार सायं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से नई दिल्ली स्थित हिमाचल सदन में शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने त्वरित सहायता उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत प्रयासों के फलस्वरूप मणिपुर में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हिमाचल से संबंधित पांच विद्यार्थी सकुशल दिल्ली पहुंचे। विद्यार्थियों को विशेष उड़ान के माध्यम से इम्फाल से कोलकाता और उसके उपरांत दिल्ली लाया गया। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों की सकुशल वापसी सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत तौर पर बच्चों का यात्रा खर्चा भी वहन किया। इससे पहले गत देर सायं हिमाचल भवन में पहुंचने पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने इन विद्यार्थियों की अगवानी की।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू एक बार फिर संकट मोचक के रूप में उभर कर सामने आए हैं। दरअसल, मणिपुर हिंसा के बीच हिमाचल प्रदेश के कुछ बच्चों ने मुख्यमंत्री को फोन कर वहां से रेस्क्यू करने के लिए उनकी मदद मांगी। मुख्यमंत्री को फोन करने के तुरंत बाद इन पांच बच्चों को इम्फाल ईस्ट से रेस्क्यू किया गया, जिनमें एक लडक़ी भी शामिल है। इनमें से तीन बच्चे एनआईटी के विद्यार्थी, जबकि दो नेशनल स्पोट्र्स यूनिवर्सिटी मणिपुर के विद्यार्थी हैं। रेस्क्यू किए गए बच्चों में से तीन मंडी, एक कुल्लू और एक हमीरपुर जिला का रहने वाला है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सारी रात खुद स्वयं रेस्क्यू मिशन की निगरानी की।
भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चीफ पार्लिमेंट सेक्रेटरी की नियुक्तियों के विरोध में भाजपा ने प्रदेश उच्च न्यायालय में एक पिटीशन लगाई है और इन नियुक्तियों को चैलेंज किया है। उन्होंने कहा कि सीपीएस ऑफिस ऑफ प्रॉफिट है और यह नियुक्तियां संविधान के खिलाफ है पूर्व कांग्रेस सरकार ने एक बार पहले भी सीपीएस की नियुक्तियां की थी जो कि रद्द कर दी गई थी और इसके बाद वर्तमान सरकार ने फिर वही गलती दोहराई है इस पिटीशन को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता सतपाल जैन हमारे वकील है। उन्होंने कहा की हमें 100 % विश्वास है कि हमें न्याय मिलेगा, हमें लोकतंत्र और न्यायपालिका में पूरा विश्वास है। जल्द ही सभी सीपीएस को अपने पद छोड़ने पड़ेंगे।
भाजपा कार्यालय शिमला में एक विशिष्ठ बैठक नगर निगम चुनाव को लेकर संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल द्वारा की गई। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व सांसद सुरेश कश्यप, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, नगर निगम चुनाव के प्रभारी एवं विधायक पोंटा साहब सुखराम चौधरी, प्रदेश महामंत्री राकेश जम्वाल, त्रिलोक जम्वाल एवं अनेक पूर्व मंत्री, विधायक व पार्टी के वरिष्ठ नेता बैठक में भाग लिया। 34 वार्डों में भाजपा ने चुनाव लड़ा और 9 जीते हुए पार्षदों व शेष चुनाव लड़े उम्मीदवारों ने बैठक में भाग लिया। नगर निगम चुनाव प्रभारी सुखराम चौधरी व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने अपने वक्तव्य में कहा कि नगर निगम में कांग्रेस की जीत सत्ता के दुरुपयोग की जीत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता का जमकर दुरुपयोग किया और प्रदेश के विभिन्न स्थानों के वोट शिमला में बनाए गए। हर वार्ड में वोटों को बनाते हुए नगर निगम क्षेत्र में हजारों वोट बनाए गए। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने बड़ी मेहनत से और बड़ी निष्ठा से चुनाव में काम किया, बेहतरीन तरीके से चुनाव प्रचार किया। बैठक में भाजपा के सभी जीते हुए 9 पार्षदों का अभिनंदन किया गया, जिसमें अप्पर ढली से कमलेश मेहता, फागली से कल्याण धीमान, पंथाघाटी से कुसुम ठाकुर, रुल्दुभट्टा से सरोज ठाकुर, कृष्णा नगर से बिट्टू कुमार पाना, पटयोग से आशा शर्मा, न्यू शिमला से निशा ठाकुर, भराड़ी से मीना चौहान और कसुम्पटी से रचना शर्मा उपस्थित रहीं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बिंदल ने बताया कि चर्चा में यह विषय निकल कर सामने आया कि कांग्रेस पार्टी ने शिमला नगर निगम के चुनावों में सत्ता का दुरुपयोग कर शिमला नगर निगम में अपनी जीत दर्ज की है। चुनाव के प्रथम दिन से ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने नगर निगम शिमला के चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया, पहले कांग्रेस के नेताओं ने नगर निगम शिमला के रोस्टर के साथ छेड़छाड़ की। उसके बाद जिस प्रकार से नगर निगम शिमला में 20,000 से अधिक वोट बने उससे भी नगर निगम शिमला के चुनाव प्रभावित किया गया, चुनाव के बीच में कर्मचारियों को डीए की किस्त देना और विभिन्न पदों की नौकरियों को रेगुलर करने की घोषणा भी चुनाव को प्रभावित करने के लिए ही की गई। कांग्रेस पार्टी ने इन चुनावों में सत्ता का पूर्ण रूप से दुरुपयोग किया जिसके कारण कांग्रेस पार्टी ने नगर निगम शिमला में सीटें जीती। वहीँ पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि अब नगर निगम शिमला का चुनाव हो गया है और हमें अपनी सुस्ती को छोड़कर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए जुटना पड़ेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि हर पोलिंग बूथ पर जहां-जहां जो जो कमी रही है, उस कमी को सब मिलकर दूर करेंगे, जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा के पास सबसे बड़ा संगठन है सबसे अच्छे कार्यकर्ता है आवश्यकता है और हमें पूरा मन बना कर जुट जाने की आवश्यकता है।
हिमाचल यानी हिम का आँचल l हिमाचल प्रदेश की वादियां जितनी ख़ूबसूरत है उतना ही ख़ूबसूरत इसका नाम है और उतनी ही दिलचस्प इसके नामकरण की कहानी भी l ये कहानी एक लम्बे संघर्ष की है जिसका साक्षी बना दरबार हॉल आज भी प्रदेश में मौजूद है l कई ऐतिहासिक फैसलों का गवाह रहा सोलन का दरबार हॉल खुद में हिमाचल के नामकरण का इतिहास समेटे हुए है। इसी दरबार हॉल में हिमाचल का नामकरण हुआ था और इसी दरबार हॉल में 28 रियासतों के राजाओं ने राज -पाट छोड़ प्रजामण्डल में विलय होने के लिए सहमति दी थी। बघाट रियासत के राजा दुर्गा सिंह संविधान सभा के चेयरमैन थे और उन्हें प्रजामण्डल का प्रधान भी नियुक्त किया गया था। उनकी अध्यक्षता में 28 जनवरी 1948 को दरबार हॉल में हिमाचल प्रदेश के निर्माण हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। इस बैठक में डॉ यशवंत सिंह परमार व स्वतंत्रता सैनानी पदमदेव की उपस्तिथि को लेकर भी तरह-तरह की कहनियां है। कहा जाता है कि डॉ परमार वर्तमान उत्तराखंड राज्य का जौनसर-बाबर क्षेत्र का कुछ हिस्सा भी हिमाचल प्रदेश में मिलाना चाहते थे, किन्तु राजा दुर्गा सिंह इससे सहमत नहीं थे। साथ ही डॉ परमार प्रदेश का नाम हिमालयन एस्टेट रखना चाहते थे, जबकि राजा दुर्गा सिंह की पसंद का नाम हिमाचल प्रदेश था। ये नाम संस्कृत के विद्वान आचार्य दिवाकर दत्त शर्मा ने सुझाया था जो राजा दुर्गा सिंह को बेहद भाया। अंत में राजा दुर्गा सिंह की चली और नए गठित राज्य का नाम हिमाचल प्रदेश ही रखा गया। 28 रियासत के राजाओं ने जब एक स्वर में प्रांत का नाम हिमाचल प्रदेश रखने की आवाज बुलंद की, तो डॉ. परमार ने भी इस पर हामी भर दी। एक प्रस्ताव पारित कर तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को मंजूरी के लिए भेजा गया। सरदार पटेल ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाकर हिमाचल का नाम घोषित किया। राजसी शान-ओ-शौकत का गवाह रही इमारत : मौजूदा समय में दरबार हॉल का इस्तेमाल लोक निर्माण विभाग कर रहा है। ऐतिहासिक दरबार हॉल में जर्जर दीवारें अपनी अनदेखी की कहानी बयां कर रही हैं। सोचने वाली बात तो ये है की जिलेभर के सरकारी भवनों को बनाने और रखरखाव करने वाले लोक निर्माण विभाग का कार्यालय इस जर्जर भवन में चल रहा है। दरबार हॉल को उचित पहचान मिलना तो दूर इस स्थान का अस्तित्व तक खतरे में है। दरबार हॉल में राजशाही के दौर की तीन कुर्सियां आज भी मौजूद हैं। आज भी दरबारी द्वार पर की गई बेहद सुंदर नक्काशी को देखा जा सकता है। आज भी ये दरबार हॉल अपनी खूबसूरती और अपने शानदार इतिहास का लोहा न सिर्फ सोलन बल्कि समूचे प्रदेश में कायम करता है। पर विडम्बना ये हैं कि राजसी शान-ओ-शौकत का गवाह रही यह ईमारत आज धीरे-धीरे लचर व्यवस्था की बलि चढ़ रही है।
प्रदेश में 13 मई को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन को लेकर हिमाचल पुलिस ट्रैफिक टूरिस्ट एवं रेलवे विभाग द्वारा मोटर अधिनियम के तहत किए चालानों के भुगतान करने के लिए लोगों को मैसेज भेजे जा रहे हैं। हिमाचल पुलिस ट्रैफिक टूरिस्ट एवं रेलवे विभाग द्वारा प्रदेश के करीब तीन लाख 15 हजार लोगों को उनके मोबाइल नंबर पर पेंडिंग चालानों के मैसेज भेजे भेजे हैं। हिमाचल पुलिस ट्रैफिक टूरिस्ट एवं रेलवे विभाग द्वारा भेजे जा रहे एसएमएस में ऑनलाइन लिंक पर क्लीक करके लोगों से चालान का भुगतान करने का आग्रह किया जा रहा है।
" जगत सिंह नेगी खुद एक बागवान है और एक आम बागवान की समस्याओं से भलीभांति परिचित है। उम्दा बात ये है कि नेगी खुद व्यवस्था परिवर्तन की जरुरत को मानते है और अपने छोटे से कार्यकाल में ही उन्होंने 'बॉटम टू टॉप' आवश्यक बदलाव करने के संकेत भी दिए है। साफ़गोई से व्यवस्था और तंत्र की खामियों को स्वीकारना और समाधान पर तार्किक चर्चा करना उनसे उम्मीद का बड़ा कारण है। " बागवानी हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ है। प्रदेश की अकेली सेब अर्थव्यवस्था ही छ हज़ार करोड़ से ज्यादा की है। वहीं अधीनस्थ गतिविधियों का भी बहुत बड़ा बाज़ार है। बागवानी ने निसंदेह प्रदेश को एक दिशा दी है जिससे आर्थिक दशा भी सुधरी है। हिमाचल प्रदेश की जलवायु प्रकृति का वरदान है और प्रदेश में बागवानी को लेकर अथाह संभावनाएं है। सेब के अलावा भी प्रदेश में कई फलों के लिए उपयुक्त वातावरण है। हालांकि कभी मौसम की मार, तो कभी पोस्ट हार्वेस्ट पेश आने वाली समस्याएं बागवानों के सामने बड़ी चुनौती है। पैकिंग, ग्रेडिंग, कोल्ड स्टोरेज, मार्केटिंग हो या फ़ूड प्रोसेसिंग; आज के प्रतिस्पर्धी वैश्विक बाजार में टिकने के लिए हर स्तर पर पेशेवर दृष्टिकोण से कार्य करना अनिवार्यता बन चूका है। हर क्षेत्र में विशेषज्ञता की दरकार है। बड़े बागवानों के लिए तो ये काफी हद तक मुमकिन होता है, किन्तु छोटे बागवानों के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में सरकारी तंत्र पर ही ये बागवान निर्भर है। दरअसल, सरकार ही इनकी आस है। कुछ महीने पहले ही व्यवस्था परिवर्तन के वादे के साथ हिमाचल प्रदेश में नई सरकार आई है। पिछली सरकार से जो वर्ग खफा थे उनमें बागवान भी शामिल है और ये वर्ग परिवर्तन का सूत्रधार भी बना। अब प्रदेश में बागवानी विभाग क जिम्मा जगत सिंह नेगी को दिया गया है जो न शरीफ खुद एक बागवान है बल्कि विपक्ष में रहते बागवानों के मुद्दों पर तत्कालीन सरकार के खिलाफ मुखर भी रहे है। सरकार को अभी ज्यादा वक्त नहीं मिला है ऐसे में किसी निष्कर्ष पर निकलना जल्दबाजी जरूर होगा लेकिन बागवानों को लेकर जगत सिंह नेगी का रवैया सकरात्मक जरूर है। बागवानी से जुड़े कई मूल मसलों पर फर्स्ट वर्डिक्ट ने जगत सिंह नेगी से चर्चा की और उनका पक्ष जाना। जगत निगह नेगी खुद एक बागवान है और एक आम बागवान की समस्याओं से भलीभांति परिचित है। उम्दा बात ये है कि नेगी खुद व्यवस्था परिवर्तन की जरुरत को मानते है और अपने छोटे से कार्यकाल में ही उन्होंने 'बॉटम टू टॉप' आवश्यक बदलाव करने के संकेत भी दिए है। साफ़गोई से व्यवस्था और तंत्र की खामियों को स्वीकारना और समाधान पर तार्किक चर्चा करना उनसे उम्मीदों का बड़ा कारण है। एचपीएमसी है सुधार की धुरी : हार्टिकल्चर प्रोड्यूस मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग कारपोरेशन ( एचपीएमसी ), ये वो सरकारी उपक्रम है जो करीब पांच दशक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ वाईएस परमार द्वारा प्रदेश में बागवानों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था। 10 जून 1974 को विश्व बैंक की सहायता से ये उपक्रम अस्तित्व में आया और इसका मुख्य उद्देश्य था बागवानों को पोस्ट हार्वेस्ट ( तुड़ान ) के बाद की गतिविधियों में सहायता प्रदान करना। विशेषकर 80 के दशक में एचपीएमसी ने आधारभूत संरचना विकसित करने की दिशा में शानदार काम किया। फिर 21 वीं शताब्दी की शुरुआत में एक दौर ऐसा भी आया जब फ़ूड प्रोसेसिंग में कदम रख एचपीएमसी के फ्रूट जूस ने तहलका मचा दिया। पर समय के साथ अव्यवस्था हावी होती गई और बेहतरीन क्वालिटी के बावजूद एचपीएमसी के उत्पादों का मार्किट शेयर कम होता रहा। मंत्री जगत सिंह नेगी बेझिझक स्वीकारते है कि एचपीएमसी के प्रोडक्शन प्लांट्स में आज व्यापक बदलाव की आवश्यकता है। आज के गलाकाट प्रतिस्पर्धी दौर में आधुनिक मशीने चाहिए, नई तकनीक चाहिए और व्यावसायिक नजरिया चाहिए। वर्ल्ड बैंक से मिले प्रोजेक्ट पर चर्चा करने पर नेगी ने बेहद साफ़ शब्दों में बताया कि परवाणू प्लांट में जिस पैसे का इस्तेमाल तकनीक और मशीनों पर किये जाना चाहिए था, उस पर बिल्डिंग को प्राथमिकता दी गई। जाहिर है नेगी का निशाना पूर्व सरकार पर था लेकिन असल चुनौती तो अब उनके सामने है। जगत सिंह नेगी का कहना है कि प्रोसेसिंग में फ्यूचर अब छोटे प्लांट्स का है, इतने बड़े प्लांट्स की जरुरत नहीं है। एचपीएमसी की तकनीक पुरानी है और अब समय कोल्ड प्रेस्ड प्लांट्स का है। पहले कंसन्ट्रेट बनाये जाते थे और फिर जूस तैयार होता था, लेकिन अब सीधे जूस तैयार होते है। बदलाव समय की जरुरत है। बागवानी मंत्री का स्पष्ट कहना है कि ये सरकार की प्राथमिकता में है और सुनहरा दौर वापस लाने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी कहते है कि मुंबई, चेन्नई, दिल्ली सहित देश के कई मेट्रो शहरों में एचपीएमसी के पास सम्पतियाँ है, जो आय बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा सकती है। प्रदेश में भी एचपीएमसी के पास कई सम्पतियाँ है। जरुरत है तो इनका उचित रखरखाव और आवश्यक बदलाव कर इनके सही इस्तेमाल करने की। 10 जून 1974 को विश्व बैंक की सहायता से एचपीएमसी की स्थापना हुई थी। इसका मुख्य उद्देश्य बागवानों के लिए पोस्ट हार्वेस्ट (तुड़ाई) सुविधाओं को उलब्ध करवाना था, ताकि बागवानों की आर्थिकी मजबूत हो सके। करीब अपने पांच दशक के सफर में एचपीएमसी ने बागवानों के हित में कई अहम कार्य किये है, विशेषकर शुरूआती सालों में। तुड़ान के बाद फलों की पैकिंग, ग्रेडिंग, कोल्ड स्टोरेज, मार्केटिंग और फ़ूड प्रोसेसिंग की दिशा में कई बड़े निर्णय हुए और आधारभूत ढांचा भी निरंतर मजबूत हुआ। पर बीते कुछ समय में एचपीएमसी की कार्यशैली को लेकर निरंतर सवाल उठे है। वर्तमान में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी भी स्वीकार करते है कि सुधार की दरकार है। आरोप : एक कंपनी को दिया दस साल का ठेका ! आज के दौर में किसी भी उत्पाद की पैकिंग और सही मार्केटिंग बेहद जरूरी है और ई कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स की उपयोगिता पर कोई सवाल नहीं है। पर अगर एचपीएमसी के उत्पादों को देखे तो ब्रांड वैल्यू के बावजूद ये पिछड़े हुए दीखते है। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी भी इस कमी को स्वीकरते है। नेगी कहते है कि पूरी व्यवस्था बिगड़ी हुई है और इसे ठीक करने में वक्त लगेगा। मसलन पैकिंग के मामले पर वो कहते है कि पिछली सरकार ने जूस के टेट्रा पैक बनने के ठेका एक निजी कंपनी को दस साल के लिए दे दिया। किसी को लाभ पहुँचाने के लिए एक दो पेज का एग्रीमेंट कर लिया गया। अब मामला कोर्ट में है। ऐसे कई निर्णयों के चलते व्यवस्था में जरूरी बदलाव करना जटिल है, फिर भी वे हरसंभव विकल्प पर कार्य कर रहे है। उद्देश्य को लेकर स्पष्टता : बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी एचपीएमसी की भूमिका को लेकर बिलकुल स्पष्ट है। जब उनसे पूछा गया कि वे राजस्व मंत्री भी है और क्या एचपीएमसी सरकार की आय बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएगा, तो नेगी दो टूक कहते है कि एचपीएमसी का उदेश्य व्यपार करना नहीं है। इसका उद्देश्य बागवानों को प्रोसेसिंग, स्टोरेज और अन्य वलूर एडेड सुविधाएँ मुहैया करवाना, उन्हें सस्ता मटेरियल देना। जगत सिंह नेगी मानते है कि यदि बागवानों कि आर्थिकी मजबूत होगी और अप्रत्यक्ष तौर पर प्रदेश का राजस्व बढ़ना भी स्वाभविक होगा। अर्थव्यवस्था का पहिया इसी तरह चलता है। यूनिवर्सल कार्टन और प्रति किलो भाड़ा : हिमाचल सरकार ने हाल ही में बागवानों का एक बड़ा मसला हल किया है l हिमाचल का सेब अब कार्टन के हिसाब से नहीं बल्कि किलो के हिसाब से बिकने वाला है l कृषि सचिव ने इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दी है जिसके मुताबिक, बागवान एक पेटी में अधिकतम 24 किलो सेब ही भर सकेंगे l इस कदम से अब सेब बागवान बिचौलियों के शोषण से बच सकेंगे l इससे पहले बिचौलियों के दबाव में सेब बागवानों को एक पेटी में कभी 28 तो कभी 30 किलो सेब डालने पड़ रहे थे l पेटी में सेब की मात्रा बढ़ाने के बावजूद बागवानों को पेटी के हिसाब से ही दाम मिल रहा था l ऐसे में अब प्रति किलोग्राम दाम मिलने से बागवानों को फायदा होगा l इस समस्या का समाधान सरकार ने किया है मगर बागवान इसके बाद अब फ्रेट को लेकर चिंतित थे l हालांकि अब सरकार ने बागवानों की ये समस्या भी दूर कर दी है l बागवानों को ट्रांसपोर्टरों के शोषण से बचाने के लिए सरकार ने वजन के आधार पर सेब की ढुलाई का निर्णय लिया है l इस पर जगत सिंह नेगी ने कहा की जल्द सरकार की ओर से उपायुक्तों को आदेश जारी किए जाएंगे। उपमंडल स्तर पर संबंधित एसडीएम यह व्यवस्था लागू करेंगे और मनमानी करने वालों पर कार्रवाई करेंगे। अब तक प्रदेश में सेब ढुलाई की दरें पेटी के आधार पर तय होती हैं। हिमाचल प्रदेश पैसेंजर एंड गुड्स टैक्सेशन एक्ट 1955 के तहत प्रति किलोमीटर प्रतिकिलो के आधार पर सेब ढुलाई का किराया तय किया जाएगा। बागवानी मंत्री ने कहा की ये सुनिश्चित किया जाएगा कि बागवानों को उपज का सही दाम मिले और ट्रांसपोटेशन के नाम पर बागवानों का शोषण न हो। इम्पोर्ट ड्यूटी और जीएसटी को लेकर केंद्र पर निशाना : बाहर से आने वाले सेब पर इम्पोर्ट ड्यूटी 100 फीसदी न होना भी बागवानों क लिए बड़ी समस्या बना हुआ है l ये यूँ तो केंद्र सरकार का मसला है मगर बागवानी मंत्री का कहना है कि वे इसे लेकर काफी गंभीर है व केंद्र से इसके बारे बात करेंगे l जगत सिंह नेगी का कहना है की केंद्र सरकार 2014 से लेकर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ाने की बात कहती है मगर अब तक सरकार ने ऐसा नहीं किया है। वो कहते है की पहले सिर्फ 3 या 4 देशों से सेब इम्पोर्ट किया जाता था, मगर अब करीब दर्जन देश है जहाँ का सेब भारत आ रहा है। अफगानिस्तान के रास्ते भी कुछ देशों का सेब भारत आता हैl हम लगातार इस इम्पोर्ट को कम करने की मांग कर रहे है। उन्होंने कहा कि केंद्र से जुड़े और भी कई मसले है। वे मानते है कि बागवानी से जुड़ी कई वस्तुओं पर केंद्र सरकार ने जीएसटी 18 प्रतिशत कर बागवानों की कमर तोड़ने का काम किया है l मार्किट इंटरवेंशन स्कीम के तहत दाम घटा दिए गए, जो कि सही नहीं है l सेब राज्य नहीं फल राज्य बनाना है : हिमाचल में जितनी आर्थिकी सेब से आती है उतनी ही अन्य फलों से भी आ सकती है, हालाँकि बाकि फलों को उतनी तवज्जो मिलती नहीं दिखती l अन्य फलों की पैदावार बढ़ने से बागवानों की आर्थिकी दोगुनी हो सकती है जिसपर सरकार काम कर रही है l जगत नेगी बताते है कि सरकार शिवा प्रोजेक्ट के तहत ट्रॉपिकल क्षेत्रों जैसे बिलासपुर, मंडी, ऊना, हमीरपुर, काँगड़ा, में सिट्रस फ्रूट्स की पैदावार पर फोकस कर रही है l इन क्षेत्रों में सरकार अमरुद, अनार जैसे फलों पर बड़े प्रोजेक्ट्स ला रही है l इसके मैन प्रोजेक्ट का एमओयू एशियाई डेवलपमेंट बैंक के साथ होना है जिसमें 6000 हेक्टेयर का टारगेट रखा गया है। राज्य में सब-ट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर, इरिगेशन एंड वैल्यू एडिशन (HP-SHIVA) प्रोजेक्ट का पायलट चरण चल रहा है। इसका मकसद हिमाचल को फल राज्य के तौर पर विकसित करना है। ये सब - ट्रॉपिकल फलों की खेती को बढ़ावा देगा। राज्य में बीते ढाई सालों से इस प्रोजेक्ट का पायलट चरण लागू है। इसके अंतर्गत 4 जिलों के तकरीबन 17 क्लस्टर में विभिन्न सब-ट्रॉपिकल फलों के बगीचे लगाए गए हैं। इनसे बागवानों को अच्छी आमदनी हो रही है। शिवा परियोजना में फसल तैयार करने से लेकर मंडी तक पहुंचाने के लिए संकल्पना की गई है। यानी बगीचा लगाने के लिए प्लांटिंग मटेरियल देने, सिंचाई टैंक बनाने, ड्रिप-इरिगेशन लगाने, अच्छी मंडियां बनाने, फसल को जंगली जानवरों से बचाने के लिए फैंसिंग लगाने के लिए अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। बगीचों में सिंचाई की सुविधा के लिए टैंक बनाने का काम जल शक्ति महकमा कर रहा है। बागवानी मंत्री इस पहल की सफलता को लेकर आश्वस्त है और नतीजे उम्मीद मुताबिक आएं तो हिमाचल की पहचान सिर्फ सेब राज्य की नहीं बल्कि फल राज्य की होगी। व्यापक सुधार को सरकार प्रतिबद्ध बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी का कहना है कि सरकार बागवानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है और एचपीएमसी में हर स्तर पर व्यापक सुधार पर काम कर रही है l सरकार द्वारा नए प्लांट्स, नए सीए स्टोर्स बनाए जाएंगे l पुराने प्लांट्स को ठीक किया जाएगा व पराला में 100 करोड़ का एक नया प्लांट इस सीजन में तैयार किया जाएगा जिसकी क्रशिंग कैपेसिटी 22 टन प्रतिदिन होगी l वहीं एप्पल वाइन प्रोडक्शन पर भी फोकस किया जाएगा l जगत सिंह नेगी नई सोच और नए विजन के साथ आगे बढ़ने पर जोर दे रहे है और उनका मानना है कि एचपीएमसी के प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए l ताजा फलों की मार्केटिंग के अलावा एचपीएमसी की कार्यसूची में फ़ूड प्रोसेसिंग भी शामिल था। सरप्लस उत्पादन का जूस या अन्य उत्पाद बनाकर उसे मार्किट में बेचे जाने की दिशा में एचपीएमसी ने क्रांतिकारी कदम उठाया था। एक दौर था जब एचपीएमसी के फ्रूट जूस न केवल देशभर में लोकप्रिय थे बल्कि विदेशों में भी सप्लाई हो रहे थे। आज भी एचपीएमसी फ़ूड प्रोसेसिंग कर रहा है, लेकिन निसंदेह बीते दो दशक से इसका ग्राफ लगातार गिरा है। समय के साथ एचपीएमसी ने न टेक्नोलॉजी में सुधार किया और न ही मार्केटिंग तंत्र में। हालांकि आज भी एचपीएमसी एक प्रतिष्ठत ब्रांड है लेकिन लचर व्यवस्था के चलते काफी पीछे जरूर रह गया है।
सीएम सुक्खू के हनुमान कहे जाने वाले सीपीएस संजय अवस्थी की राजनैतिक कुशलता की झलक एक बार फिर देखने को मिली है। शिमला नगर निगम चुनाव में संजय अवस्थी को पार्टी ने पांच वार्डों का जिम्मा सौपा था और इनमें से चार में पार्टी ने शानदार जीत दर्ज की है। इतना ही नहीं अवस्थी ने नगर निगम के कई अन्य वार्डों में भी पार्टी के लिए दिन रात काम किया, जिसका लाभ पार्टी को हुआ है। दरअसल शिमला में अर्की क्षेत्र के काफी लोग बसते है और संजय अवस्थी वर्त्तमान में लगातार दूसरी बार अर्की से विधायक है। अर्की में उनकी जमीनी पकड़ को लेकर कोई संशय नहीं है जिसका व्यापक लाभ पार्टी को शिमला नगर निगम चुनाव में भी हुआ है। दरअसल नगर निगम के 34 वार्डों में कांग्रेस के कई नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी गयी थी जिनमे संजय अवस्थी को भी पांच वार्ड का प्रभार दिया गया था। समरहिल ,टूटू ,मझ्याट,बालूगंज और कच्चीघाटी वार्ड में संजय अवस्थी ने कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए धुआंधार प्रचार किया था। खुद मैदान में उतर कर अवस्थी ने कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए मोर्चा संभाला था नतीज़न टूटू ,मझ्याट,बालूगंज और कच्चीघाटी वार्ड में कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत मिली। अर्की विधानसभा क्षेत्र में तो अवस्थी का प्रभाव दिखता ही है लेकिन शिमला नगर निगम चुनाव में भी अवस्थी का जादू खूब चला है। जाहिर है शिमला के इन चारों वार्डों में कोंग्रस की इस बेहतरीन परफॉरमेंस के लिए पूरा क्रेडिट सीपीएस संजय अवस्थी को जाता है जिन्होंने नगर निगम शिमला के चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दशकों बाद नगर निगम शिमला में कांग्रेस काबिज़ हुई है।
26 अप्रैल 2022 को कांग्रेस हाईकमान ने प्रतिभा सिंह को हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का 32वां अध्यक्ष बनाया था। तब से लेकर अब तक प्रतिभा सिंह और उनके नेतृत्व में कांग्रेस अपराजित रही है। नगर निगम शिमला चुनाव में मिली जीत के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के खाते में एक और जीत शामिल हो गई है। प्रतिभा सिंह के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद से प्रदेश में कांग्रेस संगठन और अधिक संगठित हुआ है, जिसका असर चुनावों में भी देखने को मिला है। पहले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने शानदार जीत हासिल की और अब शिमला नगर निगम भी पार्टी की झोली में गया है। राजनैतिक विश्लेषक भी मानते है कि प्रतिभा सिंह को संगठन की कमान देना पार्टी का मास्टर स्ट्रोक था और इसके नतीजे अब सबके सामने है। छह बार मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह 1998 में सक्रिय राजनीति में आई थीं। पहला चुनाव मंडी संसदीय क्षेत्र से लड़ा था। 2004 के आम लोकसभा चुनाव में उन्होंने दूसरी बार अपनी किस्मत आजमाई थी और वे पहली बार लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुईं थी। फिर 2013 में मंडी संसदीय उपचुनाव हुआ तो प्रतिभा तीसरी बार मैदान में उतरी और दूसरी बार संसद सदस्य निर्वाचित हुई। इसके साल भर बाद 2014 में लोकसभा चुनाव हुआ था। मोदी लहर में भाजपा के रामस्वरूप शर्मा ने उन्हें 39 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। फिर वीरभद्र सिंह के निधन के बाद 2021 में करीब सात साल बाद प्रतिभा सिंह दोबारा चुनावी अखाड़े में उतरी और मंडी उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार को चारों खाने चित कर सांसद बनी। इसके बाद कांग्रेस से बतौर प्रदेश अध्यक्ष उनकी ताजपोशी हुई। बतौर प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और सत्ता में वापसी की। शिमला नगर निगम का चुनाव प्रतिभा सिंह की संगठनात्मक प्रतिभा का दूसरा इम्तिहान था और यहाँ भी वे सफल रही। होली लॉज का सियासी जलवा बरकरार : अरसे तक प्रदेश की सत्ता का केंद्र रहे होली लॉज का सियासी जलवा अब भी बरकरार है। प्रदेश कांग्रेस संगठन की कमान जहाँ प्रतिभा सिंह के हाथ में है, तो वहीँ उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री है। यानी होली लॉज की सियासी दमक कायम है।
'न भूतो न भविष्यते', मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में जो कांग्रेस ने नगर निगम शिमला के चुनाव में कर दिखाया, वो इतिहास बन गया है। 11 साल बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस ने 34 में से 24 वार्डों में अपना परचम लहराया। आज से पहले कभी भी किसी राजनीतिक दल को नगर निगम शिमला में 24 सीटें नहीं मिली थी। वीरभद्र सिंह जैसे 'मास लीडर' भी जो कभी नहीं कर पाए, वो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर दिखाया। शिमला नगर निगम के चुनाव नतीजों के बाद इस जीत का श्रेय सभी मुख्यमंत्री को दे रहे है। इसी नगर निगम से सुक्खू ने मुख्यधारा की राजनीति में कदम रखा था और निसंदेह शिमला वासी भी सीएम सुक्खू को अपना मानते है। ये सुक्खू की राजनैतिक सूझबुझ, उनका जमीनी अनुभव और अनूठी कार्यशैली का ही नतीजा है कि कांग्रेस को शिमला नगर निगम में ग्रैंड विक्ट्री मिली है। छात्र राजनीति से निकल कर प्रदेश की सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक लम्बी राजनीतिक दूरी तय की है। एक आम कार्यकर्ता से मुख्यमंत्री बनने का उनका सफर और अनुभव निसंदेह कांग्रेस के लिए पूंजी है। सुक्खू प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे है और सियासत के सभी दाव पेंचो में निपुण माने जाते है। इसकी झलक शिमला नगर निगम चुनाव में भी दिखी जहाँ कांग्रेस हर रणनीतिक मोर्चे पर भाजपा से इक्कीस दिखी। चाहे क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से नेताओं को प्रभार देने का निर्णय हो या खुद प्रचार को रफ़्तार देने का जिम्मा उठाना, सुक्खू हर मोर्चे पर हिट रहे और भाजपा चारों खाने चित हो गई। शिमला नगर निगम के चुनाव को मिनी विधानसभा का चुनाव भी कहा जाता है। दरअसल शिमला में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लोग बसते है। साल 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ 13 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा ने 17 सीटों पर कब्जा जमाया था। सुखविंदर सिंह सुक्खू के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में यह पहला चुनाव था। सुक्खू भी प्रचार में उतरे थे और इस चुनाव को उनकी प्रतिष्ठा से जोड़ा जा रहा था। इस बार कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल करते हुए 24 सीटें जीती हैं। ज़ाहिर है ये कांग्रेस की रणनीति का कमाल है। प्रदेश में सुक्खू सरकार बनने के पांच महीने के भीतर हुए इस चुनाव के नतीजे बयां करते है कि जनता का सुक्खू सरकार पर भरोसा बरकरार है। खुद सीएम सुक्खू भी इसे सरकार की नीतियों की जीत मानते है। चाहे सुखाश्रय कोष की स्थापना जैसी मानवता से परिपूर्ण पहल हो या ओपीएस सहित कर्मचारियों को मिली सौगातें, अपने फैसलों से सुक्खू सरकार लगातार जनता के बीच लोकप्रिय भी हुई है और मजबूत भी। बहरहाल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मिली ये जीत कांग्रेस में नया जोश भरने वाली है। जीत की पटरी पर लौटी कांग्रेस को उम्मीद है कि 2024 में भी पार्टी बेहतर करेगी।
देश के समुद्री क्षेत्र से लेकर हिमालय से निकलने वाली नदियों में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं। जैव विविधता के दृष्टिगत मत्स्य क्षेत्र में रोजगार व स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। यह क्षेत्र लोगों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। हिमाचल प्रदेश को ग्लेशियरों से निकलने वाली नदियों का आशीर्वाद प्राप्त है। ये नदियां पहाड़ी और अर्ध-मैदानी क्षेत्रों को समृद्ध करती हैं। प्रदेश में बहने वाली बारहमासी नदियों ब्यास, सतलुज और रावी में कई धाराएं और कई सहायक नदियां समाहित होती हैं। ये नदियां शिजोथोरैक्स, गोल्डन महसीर और विदेशी ट्राउट जैसी ठंडे पानी की मछलियों की कई प्रजातियों की आश्रय स्थली हैं। प्रदेश में महत्वाकांक्षी इंडो-नॉरविजियन ट्राउट पालन परियोजना के सफल कार्यान्वयन ने विकसित तकनीकों के उपयोग से प्रदेश के लोगों की जल संसाधनों के उपयोग में रूचि पैदा की हैै। गोबिंद सागर और पौंग बांध, चमेरा और रणजीत सागर बांध में महत्वपूर्ण मछली प्रजातियां के पालन और उत्पादन से स्थानीय लोगों को अपनी आर्थिकी सुदृढ़ करने के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में मछली पालन की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत प्रदेश सरकार राज्य में मत्स्य पालन और इससे संबंधित व्यवसायों को प्रोत्साहन प्रदान कर रही है और इस दिशा में कई योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। राज्य में मत्स्य पालन से जुड़े किसानों एवं अन्य व्यक्तियों के प्रशिक्षण की सुविधा हेतु जिला ऊना के गगरेट में 5 करोड़ रुपये की लागत से कार्प फार्म स्थापित किया जायेगा। इस केंद्र में हर साल 600 मछुआरों को प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य के मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले नदी की मछलियों पर आश्रित मछुआरों को 1000 फैंकवा जाल उपदान पर प्रदान किए जाएंगे। राज्य में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने 11.26 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस राशि का उपयोग प्रदेश में मत्स्य पालन से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा प्रदान करने के लिए किया जाएगा। प्रदेश सरकार राज्य में मत्स्य पालन के माध्यम से इससे जुड़े लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन प्रदान कर रही हैं।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में शहीद हुए जवान अरविंद कुमार का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बालकोट के शमशान घाट में किया गया। वे अपने पीछे माता, पिता, पत्नी और दो बेटियां छोड़ गए हैं। शहीद को कृषि मंत्री चंद्र कुमार, मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल, सुलाह के विधायक विपिन सिंह परमार, हिमाचल प्रदेश कृषि विकास बैंक के अध्यक्ष संजय चौहान, पूर्व विधायक जगजीवन पॉल, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल, एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रदेश सरकार शहीद अरविंद कुमार के परिवार के साथ है। उन्होंने सरकार की ओर से हर संभव सहयोग की बात कही। साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा शहीद की पत्नी को सरकारी क्षेत्र में नौकरी देने का आश्वासन दिया और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मरुंह का नामांकरण शहीद अरविंद के नाम पर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से राहत के रूप में 5 लाख परिवार को एसडीएम के माध्यम से उपलब्ध करवा दिया गया है।
शिमला नगर निगम चुनाव में मिली जीत पर लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला शहर और प्रदेश की जनता आभार जताया और चुनावों में मिली जीत का श्रेय शिमला के लोगों को दिया। विक्रमादित्य सिंह ने सचिवालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि शिमला शहर की जनता ने बहुत बड़ा जनमत कांग्रेस पार्टी को दिया है। यह चुनाव कांग्रेस पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की अध्यक्षता में लड़े गए और प्रदेश में 4 महीने की कांग्रेस सरकार में जो कार्य हुए हैं, उस पर शिमला शहर की जनता ने मुहर लगाई है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि इस बार निगम के सदन में 34 में से 21 महिलाएं पार्षद के रूप में पहुंची हैं, जिसमें 14 महिला पार्षद कांग्रेस की जीत कर आई हैं। इसके अलावा भाजपा की भी महिला पार्षद जीती हैं। महिलाओं की नगर निगम में काफी संख्या है। ऐसे में महिलाओं को नगर निगम में बड़ा पद मिले, इसके लिए वे पैरवी करेंगे। प्रियंका वाड्रा हमेशा ही महिलाओं की भागीदारी मिले, इसकी पैरवी करती आई हैं। ऐसे में नगर निगम में महापौर उप महापौर में महिला को भी प्राथमिकता मिले, इसको लेकर भी पार्टी के समक्ष रखा जाएगा। जल्द ही मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की नगर निगम के महापौर उप महापौर को लेकर बैठक होगी। उन्होंने कहा कि चुनावों के बाद अब दलगत राजनीति से ऊपर उठकर निगम के तहत चल रहे सभी कार्यों को गति देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिमला में पानी की सुचारू आपूर्ति, पार्किंग जैसी समस्यों का निदान करना प्राथमिकता रहेगी। शिमला शहर के लिए जो भी पेयजल परियोजनाओं का कार्य शुरू हुआ हैं, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर जल्द पूरा किया जाएगा, ताकि शहर में पानी की समस्या खत्म हो सके। इसके अलावा स्मार्ट सिटी के तहत जो भी कार्य चल रहे है उन्हें गति देने का प्रयास करेंगे। सेब सीजन की तैयारियों को लेकर पूछे गए सवाल पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि बागवानी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को तैयारियां करने के निर्देश दे दिए गए हैं, ताकि बागवानों को किसी तरह की परेशानी न हो।
शिमला नगर निगम के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के 9 चेहरे ही पार्टी की लाज को बचा पाए हैं। ऐसे में पार्टी लगातार 3 चुनाव हारी है और जिस प्रकार से स नगर निगम के चुनाव को पार्टी हारी इसमें दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के नेता चुनाव में मतदाता को सरकार द्वारा प्रभावित करने, ईवीएम बदलने, मतदाता अधिक संख्या में बनाने को लेकर के आरोप भी लगा रहे हैं और यह साफ कह रहै हैं कि यह सही माइंडेड नहीं है। कसुम्पटी वार्ड 27 से भारतीय जनता पार्टी के लिए चमत्कार करते हुए बड़े मार्जन से सीट को जीतने वाली प्रत्याशी रचना झीना शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने वास्तव में जितने काम करवाएं, उतने काम कभी नहीं हो सकते। 65 करोड रुपए शिमला के विकास पर खर्च किए हैं, अनेक ऐतिहासिक काम हो रहे हैं। इस बात को जनता भी मानती है । उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से सरकार का प्रभाव नतीजों पर पड़ा है और पार्टी हाईकमान इस पर अपनी बात रख रहा है। उन्होंने कि पार्टी हाईकमान ने मुझ पर भरोसा जताया व कार्यकर्ताओं के सहयोग से हमने सीट जीती है। अब हमारा एजेंडा विकास है,सामाजिक विषयों पर जागरूकता करना है, नशे पर प्रहार करेंगे, मेडिकल कैंप लगाएंगे, विकास की बात करेंगे, विकास को आगे बढ़ाएंगे और जनता की दुख तकलीफ को कम करेंगे, कसुम्पटी को आदर्श वार्ड बनाएंगे, वार्ड का हक़ नगर निगम से लेकर रहेंगे। जनता की जरूरत व राय से विकास के कार्य करेंगे। रचना शर्मा ने कहा कि अभी भी अनेक ऐसे कार्य हैं जो किए जाने हैं, इसके लिए समय तय कर दिया जायेगा। नगर निगम में बजट इन कार्यों को मिले और जनता को राहत मिले इसका प्रयास किया जाएगा।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि शिमला नगर निगम चुनावों में लोकतंत्र की हत्या की गई है। जब चुनाव शुरू हुए थे तब लगभग 73000 मतदाता शिमला नगर निगम की सूची में सूचीबद्ध थे। उसके बाद ये बढ़कर लगभग 93000 हो गए। इसके मुताबिक कांग्रेस पार्टी में नगर निगम चुनाव लड़ने के लिए लगभग 20000 वोट बढ़ाए। इन वोटों की तादाद बढ़ने से नगर निगम चुनाव के परिणामों पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हाल ही में विधानसभा का चुनाव लड़े और उसके उपरांत उन्होंने नगर निगम शिमला में अपना वोट शिफ्ट कर लिया। यह लोकतंत्र की प्रक्रिया के खिलाफ है। 6 महीने के अंतराल में कोई भी व्यक्ति अपना वोट विधानसभा क्षेत्र से बदल नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक नेता द्वारा आज प्रेस वार्ता की गई, जिसमें उन्होंने निरंतर यह कहा कि नगर निगम शिमला का विकास तभी होगा जब केंद्र सरकार अपना निरंतर योगदान शिमला शहर के लिए देती रहेगी। जब नगर निगम शिमला केंद्र सरकार की ग्रांट पर ही चलनी है तो नरेंद्र मोदी के चित्र से कांग्रेस पार्टी को क्या आपत्ति है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी हिमाचल प्रदेश के लिए कमी नहीं रखी है। चाहे वह पीजीआई सैटलाइट सेंटर हो, बल्क ड्रग पार्क हो, एम्स हो या अन्य करोड़ों के प्रोजेक्ट हो। यहां तक की सुन्नी क्षेत्र में नए प्रोजेक्ट के लिए भी केंद्र सरकार ने कांग्रेस कार्यकाल के समय ही पैसा उपलब्ध करवाया है।
हिमाचल प्रदेश अपनी विभिन्न कलाओं तथा अभिभूत कर देने वाले हस्तशिल्प उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है। राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश के हस्तशिल्प तथा हथकरघा उत्पादों को एक नए ब्रांड के रूप में वैश्विक बाजार में पहचान दिलाने तथा 'हिम-क्राफ्ट' को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए विपणन रणनीति विकसित करने पर विचार कर रही है। इससे राज्य तथा यहां के कारीगरों की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। वर्तमान प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम, सीमित को एक नई पहचान प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठा रही है जिसके तहत राज्य के हथकरघा तथा हस्तशिल्प उत्पादों को अब 'हिम-क्राफ्ट' के ब्रांड नाम से जाना जाएगा। इस पहल से जहां कारीगरों को उनके हुनर के अनुसार उचित दाम मिलेंगे, वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी संबल मिलेगा। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि आधुनिक बाजार में ब्रांडिंग तथा विपणन बेहद आवश्यक हैं। इसी के दृष्टिगत प्रदेश के कारीगरों तथा बुनकरों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प व हथकरघा उत्पादों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने के लिए 'हिम-क्राफ्ट' ब्रांड सहायक सिद्ध होगा। इन उत्पादों को एक ब्रांड के बतौर सृजित करने से जहां लोगों का इन पर विश्वास और बढ़ेगा, वहीं उत्पादों के प्रति उपभोक्ताओं की मांग भी बढ़ेगी। यह ब्रांड नाम हथकरघा तथा हस्तशिल्प उत्पादों को एकीकृत रूप से बाजार में प्रस्तुत एवं स्थापित करने में भी मदद करेगा। इसके प्रचार के लिए भी व्यापक रणनीति बनाई गई है और व्यावसायिक कार्ड, लैटरहेड ई-मेल हस्ताक्षर तथा आधिकारिक वेबसाइट सहित सभी आधिकारिक दस्तावेजों में यह ब्रांड प्रदर्शित किया जाएगा। घरेलू तथा वैश्विक बाजार में प्रदेश के कारीगरों द्वारा तैयार हस्तशिल्प तथा हथकरघा उत्पादों की बहुत मांग है। 'हिम-क्राफ्ट' द्वारा जी-20 सम्मेलन के प्रतिनिधियों को उपहारस्वरूप प्रदान करने के लिए तैयार किए गए उत्पादों की खूब सराहना की गई। हाल ही में जनता के लिए खोले गए मशोबरा स्थित ''हिम-क्राफ्ट' में भी प्रदेश के ऐसे उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं। हस्तशिल्प और हथकरघा हिमाचली संस्कृति का एक अभिन्न अंग हैं और इसमें प्रदेश के समृद्ध इतिहास की झलक दिखाई देती है। राज्य में बुनाई, कढ़ाई, लकड़ी पर नक्काशी, धातु के कार्य, मिट्टी के बर्तन आदि की समृद्ध परंपरा रही है और यह पारंपरिक हस्तशिल्प पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। इनमें आधुनिक तकनीकों और डिजाइनों को शामिल कर हस्तशिल्पों का समय के साथ सतत विकास हुआ है। राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर इनके प्रचार व बाजार सहभागिता के लक्ष्यों को प्राप्त करने में बेहतर विपणन रणनीति और ब्रांड नाम उपयोगी हो सकता है।
बाहरा यूनिवर्सिटी में दो दिवसीय वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके मुख्य अतिथि के रूप में बाहरा यूनिवर्सिटी के चांसलर गुरविंद्र सिंह बाहरा ने शिरकत की। उनके साथ विशेष अतिथि के रूप में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार विनीत कुमार मौजूद रहे। उन्होंने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया किया। इस मौके पर बाहरा विश्वविद्यालय के छात्र व छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। पहली स्टार नाइट में हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी गायक नाटी किंग विकी चौहान के नाम रही। उन्होंने अपने गानों पर बच्चों को बहुत नचाया। उन्होंने किंदे चली बाठणे, नीरू चली घूमदी, लगी नाटी और भी अन्य कहीं नाटिया गाकर दर्शकों का मन मोह लिया। मुख्य अतिथि चांसलर गुरविंदर सिंह बाहरा, रजिस्ट्रार विनीत कुमार भी विकी चौहान के साथ नाचते हुए नजर आए। दर्शक उठकर नाचने को मजबूर हो गए।
नगर निगम शिमला में 24 वार्डों में जीत के बाद आज उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर व शिमला के विधायक हरीश जनारथा ने एक संयुक्त कॉन्फ्रेंस कर शिमला की जनता का आभार जताने के साथ ही विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि कांग्रेस की यह तीसरी जीत है। सरकार बनने के बाद यह पहला चुनाव था, जिसमें लोगों ने जो जनादेश दिया है और ये सरकार के कामों पर जनता की मुहर है। वहीं विपक्ष के सरकार द्वारा चुनाव को प्रभावित करने के आरोप पर उन्होंने कहा कि डीए की किस्त बीजेपी की देनदारी थी। शिमला में ही नहीं पूरे प्रदेश में कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि मोदी vs सुखविंदर सुक्खू यह चुनाव भाजपा ने बनाया, जिसका परिणाम सभी ने देख लिया है।
हिम स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन शिमला के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष के नेतृत्व में आज राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मुलाकात की। उन्होंने इस वर्ष 10 जून से शिमला में एसोसिएशन द्वारा आयोजित किए जा रहे क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल को आमंत्रित किया। राज्यपाल ने खेल आयोजन के लिए एसोसिएशन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयास निश्चित रूप से युवाओं को समाज से जोड़ने और नशाखोरी जैसी बुराइयों के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज जरूरत है कि युवाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहित किया जाए और इस तरह के आयोजन इस दिशा में सकारात्मक कदम हैं। उन्होंने कहा कि आज खेलों को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित करने की जरूरत है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने राज्यपाल को अवगत कराया कि हिम स्पोर्ट्स एंड कल्चरल एसोसिएशन हर साल क्रिकेट और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन करता है. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन का मकसद युवाओं में खेलों को बढ़ावा देना और उन्हें रचनात्मक व सकारात्मक गतिविधियों में शामिल करना है। उन्होंने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं के आयोजन से उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता मजबूत होती है। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में चार टीमें भाग लेंगी, जिसमें राज्यपाल-एकादश, मुख्यमंत्री-एकादश, मुख्य न्यायाधीश-एकादश और पत्रकार-एकादश शामिल हैं। इस मौके पर एसोसिएशन के महासचिव हरदयाल भारद्वाज भी मौजूद रहे।
शिमला नगर निगम के चुनाव में कसुम्पटी वार्ड 27 से भाजपा की प्रत्याशी रचना जीना शर्मा ने 279 मतों से विजय प्राप्त की है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के चलते जिस प्रकार से शिमला नगर निगम में कांग्रेस ने एकतरफा जीत दर्ज की है,ऐसे में रचना शर्मा ने कसुम्पटी से भाजपा की लाज को बचाने का काम किया है। रचना शर्मा ने जीत के बाद जहां मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से अपने समर्थकों के साथ मुलाकात कर आभार व्यक्त किया। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जीत पर बधाई दी व वार्ड के विकास के लिए तेज गति के साथ काम करने का मार्गदर्शन भी दिया। रचना शर्मा ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री का बहुमूल्य सहयोग चुनाव के दौरान मिला है ।उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व की आभारी हैं ज़िन्होंने विश्वास जताकर उम्मीदवार बनाया और हम भाजपा की पूरी टीम कसुम्पटी को जीत पाए हैं। उन्होने कहा कि कसुम्पटी का विकास करेंगे और कसुम्पटी का हक नगर निगम से लेकर आएंगे, सामाजिक जागरूकता व नशे के विरुद्ध अभियान चलाएंगे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोक निर्माण विभाग को 10 राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया जून, 2023 में आरम्भ करने के निर्देश दिए हैं ताकि इन स्कूलों का निर्माण कार्य शीघ्र-अतिशीघ्र शुरू किया जा सके। उन्होंने बुधवार सायं शिक्षा विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में एक-एक डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने का निर्णय लिया है, जिसमें से नादौन, बड़सर, पालमपुर, जयसिंहपुर, शाहपुर, ज्वाली, जसवां परागपुर, जुब्बल-कोटखाई, किन्नौर और हरोली विधानसभा क्षेत्रों में इसके लिए भूमि शिक्षा विभाग के नाम हस्तांतरित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने की दिशा में यह विद्यालय आदर्श स्कूल के रूप में स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन विद्यालय भवनों के लिए स्थल अनुरूप विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाएंगी। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पहले चरण में नर्सरी-पूर्व से पांचवीं कक्षा तक के लिए ब्लॉक निर्मित किए जाएंगे और यह कार्य 18 माह में पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे बच्चों का और बेहतर ढंग से व्यक्तित्व विकास हो सकेगा और उनमें आत्मसम्मान की भावना का संचरण होगा और वे भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति आधार पर नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा और सीबीएसई बोर्ड के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए कार्य कर रही है और राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल इस दिशा में एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध ढंग से यह डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित कर विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक ढांचा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और खेल गतिविधियों के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। इन स्कूलों में शिक्षेत्तर गतिविधियों के लिए भी प्रबन्ध किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन स्कूलों की स्थापना के लिए बजट में समुचित प्रावधान किया गया है।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली की SOP जारी होने पर नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर व महासचिव भरत शर्मा ने सुखविंदर सिंह सुक्खू व प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी वर्ग हमेशा सुखविंदर सिंह सुक्खू का ऋणी रहेगा, क्योंकि जो OPS कर्मचारी मांग रहे थे, उसी OPS को बहाल करके सुक्खू ने सचमुच प्रदेश के नायक होने का प्रमाण दिया है l यह एक ऐतिहासिक फैसला है और इस तरह का ऐतिहासिक फैसला लेने के लिए प्रदेश को सुक्खू जैसे मुख्यमंत्री की ही दरकार थी। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत बड़ा फैसला है जो प्रदेश के डेढ़ लाख परिवार को फायदा पहुंचाएगा तथा आने वाली पीढ़ी को भी इस फैसले से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जो ऐतिहासिक फैसला लिया है कर्मचारी वर्ग में इसके लिए उत्साह है । हालांकि पुरानी पेंशन बहाल 13 जनवरी की पहली कैबिनेट बैठक को प्रदेश मंत्रिमंडल ने की थी लेकिन इससे संबंधित दिशा निर्देश आज जारी हुए हैं, जो बिल्कुल कर्मचारी वर्ग की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने जो फैसला किया था, वह एक ऐतिहासिक फैसला था, कर्मचारी वर्ग इस बात को भलीभांति समझ रहा था आज उस फैसले पर मुहर लग चुकी है प्रदेश का कर्मचारियों में बहुत उत्साह है, जिसके लिए प्रदेश का कर्मचारी वर्ग सुक्खू जी का धन्यवाद कर रहा है l
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश उपोष्ण कटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्यवर्द्धन (एचपी शिवा) परियोजना, 2023-28 की प्रचार सामग्री का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि एचपी शिवा परियोजना के तहत प्रदेश के सात जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन, सिरमौर तथा ऊना के 28 विकास खंडों में 162 सिंचाई योजनाओं के माध्यम से लगभग 6000 हैक्टेयर क्षेत्र को 400 बागवानी क्लस्टरों में विकसित किया जाएगा, जिससे लगभग 15000 किसान-बागवान परिवारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना में लगभग 60 लाख फल पौधरोपण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस परियोजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं, जिससे उनकी आय में आशातीत वृद्धि हो सकेगी। इस अवसर पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, निदेशक बागवानी संदीप कदम, परियोजना निदेशक एचपी शिवा देवेंद्र ठाकुर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने शिमला नगर निगम चुनावों में पार्टी की शानदार जीत के लिए मतदाताओं का आभार व्यक्त किया हैं। उन्होंने इस जीत का श्रय पार्टी कार्यकर्ताओं को देते हुए कहा है कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिस लगन और ईमानदारी से अपना दायित्व निभाया है उसके लिये वह इन सब की आभारी हैं। प्रतिभा सिंह ने शिमला नगर निगम चुनावों के मार्गदर्शन के लिये अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य प्रदेश मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला, सह प्रभारी तजेंद्र पाल सिंह बिट्टू मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू,उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित सभी पार्टी नेताओं का भी आभार व्यक्त किया है। प्रतिभा सिंह ने कहा कि सगंठन के प्रति कार्यकर्ताओं की मेहनत से विधानसभा चुनावों के बाद शिमला नगर निगम व पालमपुर उप चुनाब में पार्टी ने अपनी जीत का परचम लहराया हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस मजबूती से आगे बढ़ रही हैं। प्रतिभा सिंह ने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के लिये हिमाचल प्रदेश से शुरू हुआ जीत का सिलसिला अब आगे बढ़ेगा। प्रतिभा सिंह ने नव निर्वाचित शिमला नगर निगम के पार्षदों को उनके नए दायित्व के लिये कांग्रेस सगंठन की ओर से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनके कंधों पर शिमला शहर के विकास और लोगों की समस्याएं दूर करने की बहुत ही महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है जिसे उन्हें पूरी ईमानदारी से निभाना होगा। उन्होंने कहा कि शिमला शहर के लोगों की उमीदों पर उन्हें खरा उतरना होगा इसके लिए उन्हें दिन रात लोगों की सेवाके भाव से कार्य करना होगा।
कल्याण समिति की दिनांक 3 व 4 मई की बैठकें कार्यकारी सभापति विनोद कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुईं। इन बैठकों में यादविंद्र गोमा, इंद्र सिंह, रीना कश्यप, मलेंद्र राजन, लोकेंद्र कुमार, दीप राज, सुरेश कुमार, सुदर्शन सिंह बबलू व विनोद सुल्तापुरी सदस्यों ने भाग लिया। इन बैठकों मे समिति ने समाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित बलात्कार, बाल उत्पीड़न और ऑब्जंक्टिफिकेशन पृष्टभूमि के नाबालिग पीड़ितों के पुनर्वास के लिए योजनाओ से संबंधित प्रश्नावली के विभागीय उत्तरों का अवलोकन किया गया तथा अवलोकनोपरान्त इस पर मूल प्रतिवेदन बनाने का निर्णय लिया। इसके अतिरिक्त समिति ने प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना का अवलोकन कर इस पर पुन: विचार-विमर्श हेतु आगामी बैठक मे रखने का निर्णय भी लिया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां से ज़िला लाहौल-स्पिति के लिए बचाव कार्यों, कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा शरद ऋतु में बर्फबारी तथा अन्य आपदाओं के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया के लिए चार फोर्स गुरखा वाहनों को हरी झंडी दिखाई। आईसीआईसीआई फाउंडेशन द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत यह वाहन प्रदान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वाहन शून्य से लेकर माइनस 30 डिग्री तापमान वाले क्षेत्रों में प्रभावी सिद्ध होंगे। इन वाहनों की इंजन क्षमता तथा ग्राउंड क्लीयरेंस बेहतर है, जो लाहौल-स्पिति की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि जिला में बादल फटने तथा हिमस्खलन जैसी घटनाएं आम हैं। ऐसे में आम जनता कीे कठिनाईयों को कम करने एवं राहत व बचाव कार्यो में इन वाहनों से मदद मिलेगी। ये वाहन बचाव दल तथा अन्य उपकरणों के तीव्र आवागमन में सहायक सिद्ध होंगे, जिससे बहुमूल्य जानें बचाई जा सकेंगी। लाहौल-स्पिति ज़िला के लिए यह वाहन प्रदान करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए विधायक रवि ठाकुर ने कहा कि यह कदम प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों के लोगों के प्रति मुख्यमंत्री की संवेदनाओं को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के हाल ही में स्पिति घाटी के प्रवास के दौरान यह मुद्दा उठाया गया था और सरकार ने प्राथमिकता के आधार पर लोगों की इस मांग को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि स्पीति घाटी की जनता मुख्यमंत्री की इस उदारता के लिए आभारी है।
* कांग्रेस के खाते में 24 सीटें * दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू पाई भाजपा, पूर्व मेयर भी हारी चुनाव शिमला नगर निगम चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की है। करीब 11 साल बाद कांग्रेस की अगर निगम में वापसी हुई है। वहीँ भाजपा को एक और झटका लगा है और प्रदेश की सत्ता के बाद शिमला नगर निगम भी भाजपा के हाथ से निकल गई। कुल 34 वार्डों में से 24 में कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि भाजपा को 9 और सीपीआईएम को एक वार्ड में जीत मिली है। आम आदमी पार्टी का इस चुनाव में खाता भी नहीं खुला है, वहीँ निर्दलीय प्रत्याशियों पर भी जनता ने भरोसा नहीं जताया है। शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 33 से कांग्रेस के चमन प्रकाश जीते शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 29 विकासनगर से कांग्रेस कि रचना भारद्वाज जीती शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 30 से कांग्रेस के राम रतन वर्मा जीते शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 31 से भाजपा की आशा शर्मा जीती शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 32 से भाजपा की निशा ठाकुर जीती शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 34 से कांग्रेस के आलोक पठानिया जीते **Shimla MC Election Result Live: 23 वार्डों में कांग्रेस, 9 में भाजपा, 1 में सीपीआईएम (Updated at 15:25) **Shimla MC Election Result Live: बहुमत पार कांग्रेस, अब तक 20 वार्डों में कांग्रेस, 7 में भाजपा, 1 में सीपीआईएम **शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 28 छोटा शिमला से कांग्रेस के सुरेंद्र चौहान जीते **शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 24 से कांग्रेस के कुलदीप ठाकुर जीते **शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 23 से कांग्रेस के नरेंद्र ठाकुर जीते **कांग्रेस को बहुमत, भाजपा से शिमला नगर निगम भी छीना **शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 23 भट्टाकुफर से कांग्रेस के नरेंद्र ठाकुर जीते **शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 22 से कांग्रेस के विनीत शर्मा जीते Shimla MC Election Result Live: 17 वार्डों में कांग्रेस, 5 में भाजपा, 1 में सीपीआईएम ( Updated at 14:20) Shimla MC Election Result Live: 13 वार्डों में कांग्रेस, 5 में भाजपा, 1 में सीपीआईएम ( Updated at 13:30) **वार्ड नंबर 18 इंजन घर से कांग्रेस के प्रत्याशी अंकुश वर्मा की हुई जीत **वार्ड नंबर 15 लोअर बज़ार से कांग्रेस प्रत्याशी उमंग बंगा की हुई जीत Shimla MC Election Result Live: 11 वार्डों में कांग्रेस, 5 में भाजपा, 1 में सीपीआईएम ( Updated at 13:29 ) ** शिमला नगर निगम चुनाव : वार्ड 20 से भाजपा के कमलेश मेहता जीते। वार्ड नंबर 17 बेनमोर से कांग्रेस प्रत्याशी शीनम कटारिया ने 799 मतों से जीत हासिल की है। संजोली वार्ड नंबर 19 से कांग्रेस प्रत्याशी ममता चंदेल की हुई जीत। **अब तक 15 नतीजे घोषित, 10 में कांग्रेस, 4 में भाजपा और 1 में सीपीआईएम की जीत (Updated at 13:18) किरण बाबा जाएंगी कोर्ट वार्ड नंबर 8 बालूगंज से चुनाव हारने के बाद भाजपा प्रत्याशी किरण बाबा ने कोर्ट जाने की बात कही है। उन्होंने नतीजों में गड़बड़ी के आरोप लगाए है। किरण ने ईवीएम बदलने का भी आरोप लगाया। **वार्ड नंबर 13 कृष्णानगर से भाजपा के बिट्टू कुमार की हुई जीत ,वार्ड नंबर 11 नाभा से कांग्रेस प्रत्याशी सिमी नंदा की हुई जीत और वार्ड 10 टूटीकण्डी से कांग्रेस प्रत्याशी उमा ने जीत हासिल की है। वहीं अगर आम आदमी पार्टी कि बात की जाए तो अभी तक आम आदमी पार्टी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई है। वही वार्ड 16 जाखू से कांग्रेस प्रत्याशी अतुल गौतम आगे चल रहे है। ** दोपहर 12:40 तक घोषित हुए नतीजों में 14 में से 9 वार्ड में कांग्रेस को जीत मिली है , जबकि 4 में भाजपा व 1 में सीपीआईएम प्रत्याशी जीते है। ***वार्ड नंबर 2 रूलदूभट्टा से भाजपा की सरोज ठाकुर, वार्ड नंबर 3 कैथू से कांग्रेस की कांता सुयाल, वार्ड नंबर 6 टुटू से कांग्रेस की मोनिका भारद्वाज, और वार्ड नंबर 7 मज्याठ से कांग्रेस की अनिता शर्मा चुनाव जीत गई हैं, वार्ड नंबर 1 भराड़ी से भाजपा की मीना चौहान और वार्ड नंबर 4 अनाडेल से कांग्रेस की कांग्रेस की उर्मिला कश्यप ने चुनाव जीता है वार्ड नंबर 5 समरहिल से माकपा प्रत्याशी वीरेंद्र ठाकुर चुनाव जीते हैं। वार्ड नंबर 9 से कांग्रेस की किरण शर्मा ने जीत हासिल की है।
डाक विभाग की ओर से महिलाओं के लिए महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू की गई है। यह जानकारी आज यहां अधीक्षक डाकघर सोलन मंडल राम देव पाठक ने दी। राम देव पाठक ने कहा कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना की अवधि दो वर्ष है और इस योजना के अंतर्गत निवेश पर 7.5 प्रतिशत ब्याज प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत कोई भी महिला तथा अव्यस्क बालिका न्यूनतम एक हजार रुपये से लेकर अधिकतम 2 लाख रुपये तक की राशि का निवेश कर सकती है। उन्होंने कहा कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना के तहत तीन माह के अंतराल में कई खाते खोले जा सकते है, किंतु अधिकतम निवेश की सीमा 2 लाख रुपये ही रहेगी। योजना के तहत ब्याज तिमाही के आधार पर समायोजित कर खाते में जमा किया जाएगा। राम देव पाठक ने कहा कि योजना में एक वर्ष के उपरांत जमा राशि के अधिकतम 40 फीसदी की निकासी का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि खाता खोलने की तिथि के 6 माह के उपरांत खाता बंद भी किया जा सकता है, ऐसा करने पर योजना की देय ब्याज राशि घटकर 5.5 प्रतिशत रह जाएगी। उन्होंने कहा कि इच्छुक महिलाएं अपना आधार कार्ड, पासपोर्ट साईट फोटो और फोन नंबर सहित अपने नज़दीक डाकघर में योजना के लिए खाता खुलवा सकती हैं। राम देव पाठक ने कहा कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना में आवेदन के लिए सभी महिलाएं पात्र हैं। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए डाकघर सोलन मंडल सपरून के कार्यालय के दूरभाष नंबर 01792-220521 पर संपर्क किया जा सकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा है कि नगर निगम शिमला के चुनावों में अपनी संभावित हार देख कर वह कांग्रेस सरकार पर बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस दो तिहाई बहुमत से शिमला नगर निगम में आ रही है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के लोगों ने भाजपा को पूरी तरह नकार दिया है इसलिए उसे न तो कांग्रेस पर ही और न ही सरकार पर कोई बेबुनियाद आरोप लगाने चाहिए। प्रतिभा सिंह ने शिमला में भारी बारिश के बाबजूद 59.26 प्रतिशत मतदान पर संतोष व्यक्त करते हुए मतदाताओं का आभार व्यक्त किया हैं।उन्होंने उम्मीद जताई है कि शिमला नगर निगम के चुनाव परिणाम कांग्रेस के पक्ष में ही आएंगे। प्रतिभा सिंह ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बिंदल व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के उन बयानों पर जिसमें उन्होंने नगर निगम चुनावों को लेकर सरकार पर सत्ता के दुरपयोग व चुनाब आयोग पर बेबुनियाद आरोप लगाए है उस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा पूरी तरह हताशा में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपनी हार के डर से सोची समझी रणनीति के तहत शिमला नगर निगम चुनावों को समय पर नही करवाया, इस बजह से शिमला शहर के लोगों को चुनी हुई नगर निगम से महरूम रहना पड़ा। समय पर चुनाव न करवाने के लिए भाजपा को शिमला के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने इंटक के 76वें स्थापना दिवस पर इंटक के पदाधिकारियों व सभी कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी के अग्रणी सगंठनों में से एक इंटक भी कांग्रेस का एक ऐसा मजबूत सगंठन है, जो श्रमिकों व कामगारों के अधिकारों के प्रति समर्पित है। उन्होंने कहा कि इंटक समय-समय शर्मिकों व कामगारों की आवाज बुलंद करता है व उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी करता है जो बहुत ही सराहनीय हैं। प्रतिभा सिंह ने इंटक के सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से इंटक की मजबूती और इसके विस्तार पर जोर देते हुए कहा है कि उन्हें इंटक में अधिक से अधिक लोगों को जोड़ना चाहिए, जिससे श्रमिकों व कामगारों की आवाज और भी बुलंद हो सके।
हिमाचल प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया 14 जून से 18 जून तक मुंबई में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन के आयोजकों के साथ प्रारंभिक बैठक में भाग लेने के लिए आज सुबह पूणे से मुंबई पहुंचे। यह बैठक मुंबई स्थित बांद्रा-कूर्ला में जियो बर्ल्ड कन्वेशन सेंटर में पूर्वाह्न 11:00 बजे शुरू हुई। इस बैठक में एमआईटी (महाराष्ट्र इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) पूणे के संरक्षण और राजनीतिक दिग्गज शामिल थे। गौरतलब है कि राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन का आयोजन एमआईटी पूणे द्वारा 14 से 18 जून तक जियो वर्ल्ड कन्वेशन सेंटर बांद्रा-कर्ला, मुंबई में किया जा रहा है। इस सम्मेलन में देश की सभी विधान सभाओं से तीन हजार से अधिक विधायकगण भाग लेंगे। हिमाचल प्रदेश विधान सभा के करीब 40 विधायकगण भी इस सम्मेलन में भाग लेंगे। इस बैठक में महाराष्ट्र विधान सभा के अध्यक्ष राहुल नारवेकर, देश के पूर्व गृह मंत्री शिव राज सिंह पाटिल, महाराष्ट्र विधान सभा तथा विधान परिषद के सदस्य, कई राज्यों के पीठासीन अधिकारी तथा एमआईटी पूणे विश्व शांति विश्वविद्यालय के संरक्षक एवं संयोजक राहुल करड़ भी शामिल थे। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य जनता को सीधा विधानमंडल से जोड़ना तथा किस प्रकार विधान सभा की कार्रवाई की उत्पादकता बड़े और किस तरह से विधानसभा में सार्थक चर्चाओं का माहौल तैयार किया जा सके जैसे पहलुओं पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त चुने हुए प्रतिनिधियों को उनकी जिम्मेदारियों का एहसास करवाना तथा युवाओं को प्रजातांत्रिक प्रणाली की ओर आकर्षित करना जिससे देश का लोकतन्त्र मजबूत हो । इस अवसर पर पठानिया ने कहा कि सदन लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है तथा जून महीने में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में हमें महत्वपूर्ण विषयों को चर्चा के लिए लाना होगा, ताकि आगे आने वाली पीढ़ी लोकतंत्र के महत्व को समझे और आम जन में इसके प्रति ओर अधिक विश्वास जागृत किया जा सके। पठानिया ने कहा कि राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन का आयोजन इस दिशा में एक अहम कदम होगा तथा इसके देश हित में दूरगामी परिणाम होंगे।
राजधानी शिमला के ऊपरी क्षेत्रो में काफी ओलावृष्टि हुई है, जिससे बागवानों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में एक बार फिर बागवानी के मुद्दे को लेकर सियासत गरमाने लगी है। ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर भाजपा नेता व जुब्बल नावर कोटखाई से भाजपा प्रत्याशी रहे चेतन बरागटा ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने बड़े-बड़े दावे किए थे। खुद को बागवानॉ का मसीहा बताते थे, लेकिन पिछले काफी दिनों से ऊपरी शिमला में ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है, इसको लेकर सरकार कोई सुध नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि सरकार एक कमेटी का गठन करे, जो ओलावृष्टि से हुए नुकसान वाले क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन करे और सरकार बागवानों को नुकसान का उचित मुआवजा दे। चेतन बरागटा ने कहा कि सरकार बागवानी के मुद्दे पर पूरी तरह कंफ्यूज है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के दौरान कहा कि बागवान खुद फसल का दाम तय करेंगे, लेकिन सता में आने के बाद बागवानी मंत्री कहते हैं कि यह संभव नही है। यह मांग व सप्लाई पर निर्भर करता है। वहीं अब सरकार कह रही है कि किलो के हिसाब से सेब खरीदेंगे, यूनिवर्सल कार्टन आएगा कि नहीं आएगा बागवानी के मुद्दे पर कुल मिलाकर सरकार पूरी तरह कंफ्यूज है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर किलो के हिसाब से सेब ख़रीदना चाहती है तो उसके लिए सीजन से पहले रोड मैप तैयार करे, लेकिन बागवानी को लेकर सरकार का कोई विज़न नहीं है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की माने तो 7 मई तक प्रदेश भर में इसी बारिश व ओलावृष्टि का दौर जारी रहेगा। आज के दिन के लिए मौसम विभाग की तरफ से ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। कुछ जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है, जबकि ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी भी हो रही है। बता दें कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश का दौर चल रहा है, जिससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से 7 से 8 डिग्री कम चल रहे हैं, जिससे मई के महीने में भी लोगों को दिसंबर जैसी ठंड का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, ऊंचाई वाले इलाकों लाहौल स्पीति और किन्नौर ज़िला में ताजा बर्फबारी से जन जीवन प्रभावित हुआ है। लगातार हो रही बारिश और ओलावृष्टि से किसानों बागवानों की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है। आने वाले दो-तीन दिन लोगों को विजिबिलिटी में भी दिक्कत आएगी क्योंकि धुंध बढ़ने का भी मौसम विभाग ने अंदेशा जताया है।
राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त यूनुस ने बताया कि विभाग ने अप्रैल, 2023 माह में 593 करोड़ का संग्रह कर जीएसटी में 19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि गत वर्ष विभाग ने अप्रैल 2022 में 500 करोड़ रुपए का संग्रह किया था। उन्होंने बताया कि विभाग रिटर्न की निगरानी, रिटर्न की त्वरित जांच, जीएसटी ऑडिट को समय पर पूरा करने और कर अधिकारियों की क्षमता निर्माण पर बल दे रहा है ताकि सेवाओं में सुधार किया जा सके। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान 13 लाख ई-वे बिलों के सत्यापन का लक्ष्य रखा है। सड़क चैकिंग के दौरान विभागीय अधिकारियों द्वारा 94 हजार ई-वे बिलों का सत्यापन किया गया और उल्लंघन करने वालों से अप्रैल 2023 के महीने में 42 लाख रुपए की वसूली की गई। उन्होंने बताया कि विभाग फर्जी करदाताओं पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और कई ऐसे पंजीकरणों का पता चला है जो वास्तव में अस्तित्व में नही हैं। इन फर्जी करदाताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। विभाग ने हाल ही में कुछ फर्मों का निरीक्षण किया है जिन पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट देने में शामिल होने का संदेह है। विभाग को आशा है कि व्यापक जीएसटी राजस्व वृद्धि परियोजना को लागू करने के बाद डेटा विश्लेषण क्षमताओं में काफी सुधार होगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज परिजनों के साथ नगर निगम शिमला चुनाव के लिए केंद्रीय तिब्बती विद्यालय छोटा शिमला में मतदान किया।
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हिमाचल निर्माता डॉक्टर यशवंत सिंह परमार को आज उनकी पुण्य तिथि पर याद करते हुए कांग्रेस नेताओं ने उनके छायाचित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेस नेताओं ने डॉक्टर परमार को याद करते हुए कहा कि डॉक्टर परमार का हिमाचल के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान रहा है जिसे कभी नही भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डॉक्टर परमार राजनीति व सादगी के एक ऐसे दूरदर्शी नेता थे जिन्होंने हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाने में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कांग्रेस उपाध्यक्ष लाहुल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने अपने सम्बोधन में डॉक्टर परमार को याद करते हुए कहा कि डॉक्टर परमार प्रदेश के ही नही देश के एक ऐसे नेता थे जो लोगों के दिलों में बसते थे। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सदैव उनका ऋणी रहेगा। राजीव भवन में डॉक्टर परमार को श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में विधायक रवि ठाकुर के अतिरिक्त कांग्रेस महासचिव यशवंत सिंह छाजटा, अमित पाल सिंह ,जीएस तोमर, एसके सेहगल, विक्की ठाकुर, मोहर सिंह राणा, आशीष शर्मा, सुंदर सिंह, रोहन, गुलाब सिंह ठाकुर, विराज शर्मा, मनीषा महेता पुरी, कपिल, घनश्याम,मुश्ताक सहित कई अन्य लोगों ने डॉक्टर परमार को अपने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
शिमला नगर निगम चुनावों को लेकर सुबह 8:00 बजे से मतदान शुरू हो गया है। हालांकि सुबह से ही शिमला में बारिश हो रही है बावजूद इसके मतदान केंद्रों में मतदान के लिए लोगों की लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई है। सुबह 10 बजे तक 13:17 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा भी भराड़ी वार्ड के क्लस्टन में अपना वोट देने के लिए पहुंचे। मतदान करने के बाद आनंद शर्मा ने कहा कि ये उनकी जन्मभूमि और वे हर बार चुनावों में मतदान करने पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है और अब शिमला नगर निगम चुनाव में भी कांग्रेस जीत दर्ज करेगी। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, ऐसे में शिमला के लोग काफी कांग्रेस को ही जिताएंगे। उन्होंने कहा कि नगर निगम में अधिकतर कांग्रेस के ही महापौर और उपमहापौर रहे और इस बार भी कांग्रेस नगर निगम चुनावों में जीत दर्ज करेगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस द्वारा किए गए वादों को प्रदेश की कांग्रेस सरकार पूरा कर रही है और नगर निगम के चुनावों को लेकर जो भी शहर की जनता के साथ वादी किए गए हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पार्किंग पार्क स्वास्थ्य सेवाओं और पानी की समस्या को दूर करना सरकार की प्राथमिकता रहेगी। आनंद शर्मा ने शिमला नगर निगम चुनाव में अपनी जीत का दावा किया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ज़िला कांगड़ा के पालमपुर में हेलीपोर्ट के निर्माण के लिए पर्यटन विभाग को भूमि हस्तांतरित कर दी गई है तथा इस सम्बंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट शीघ्र ही तैयार कर दी जाएगी। हेलीपोर्ट के लिए प्रस्तावित 82 कनाल भूमि चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में स्थित है जो पालमपुर शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उन्होंने कहा कि हेलीपोर्ट के निर्माण पर लगभग 9 करोड़ रुपए व्यय किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पालमपुर को सूचना प्रौद्योगिकी हब के रूप में विकसित कर रही है तथा इस हेलीपोर्ट के माध्यम से ज़िला कांगड़ा में पर्यटन गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी।
जिला कांगड़ा बार एसोसिएशन स्थित धर्मशाला के वार्षिक चुनाव जिला न्यायिक परिसर धर्मशाला में आज एडवोकेट कमल किशोर शर्मा की अध्यक्षता में संपन्न हुए। इसमें लगातार सातवीं बार तरुण शर्मा को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली है। उन्होंने कुल 163 मत प्राप्त करके फिर से अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाया है। इसके अलावा बार एसोसिएशन धर्मशाला के उपाध्यक्ष के पद पर भारती कालिया ने 180 मत प्राप्त कर चुनाव जीता। वहीं महासचिव पद पर आशु पटियाल ने 174 मत प्राप्त करके पद अपने नाम किया है। वही सह सचिव के पद पर अमन पॉल ने 165 मत प्राप्त करके जीत हासिल की है। अध्यक्ष तरुण शर्मा ने कहा कि अधिवक्ताओं के हितों के लिए काम किया जाएगा। जबकि हाई कोर्ट का सर्किट बेंच बनाने की बात जोर शोर से उठाई जाएगी।
कलगीधर ट्रस्ट बड़ू साहिब द्वारा संचालित अकाल अकादमी के संस्थापक शिरोमणि पंथ रत्न, विद्या मार्तंड, पद्मश्री संत बाबा इकबाल सिंह की 97वीं जयंती 30 अप्रैल और 1 मई को हिमाचल प्रदेश के 'तपोभूमि' गुरुद्वारा बडू साहिब में श्रद्धा व हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस संत समागम में श्री दरबार साहिब से हज़ूरी रागी ज्ञानी गुरदेव सिंह व भाई गुरप्रीत सिंह चंडीगढ़, अकाल गुरमति संगीत विद्यालय चीमा साहिब व बड़ू साहिब, अनाहद बाणी तंती साज़ छात्राओं का जत्था बड़ू साहिब, अकाल अकादमी बड़ू साहिब के बच्चों, कथावाचक, ढाडी जथे और संत-महापुरुषों ने हाजिरी लगाई। इस अवसर पर अमृत अभिलाषियों को अमृत संचार के द्वारा गुरु चरणों से जोड़ा गया। संत बाबा अतर सिंह मस्तुआने वाले और संत तेजा सिंह के सेवक संत बाबा इकबाल सिंह ने अपने जीवनकाल में अनेकों श्रद्धालुओं को गुरमति मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। शिक्षा और समाजसेवा के क्षेत्र में बाबा ने 129 अकाल अकादमियों, 2 विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, नशामुक्ति केंद्रों और महिला-सशक्तिकरण के माध्यम से उत्तर भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन में खुशहाली लाने में मदद की। कलगीधर ट्रस्ट बड़ू साहिब के मुख्य सेवक डॉ. दविंदर सिंह और उपाध्यक्ष भाई जगजीत सिंह ने इस गुरमति समागम में शामिल होने वाली संगत, कथावाचकों और ढाडी जथों को धन्यवाद किया।
हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से दो हाथ जोड़कर विनती की है कि अब उन्हें भी तनावमुक्त कर दें। बेरोजगार कला अध्यापक संघ के समस्त सदस्यों ने कहा है कि जब से उन्होंने कला अध्यापक का डिप्लोमा किया है तब से वे डिप्रेशन में ही हैं। नौकरी की आस में उम्र भी 50 से 55 के बीच हो चुकी है। संघ ने कहा कि हमें हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा ही SCVT के माध्यम से कोर्स करवाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश संघ के अधिकारियों और जिला के पदाधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने अपने परिवार सहित कांग्रेस को सरकार बनाने में समर्थन दिया है। हिमाचल प्रदेश में लगभग 15000 के करीब बेरोजगार कला अध्यापक हैं, जो कि इस काफी बढ़ी यूनियन है। संघ ने कहा है कि हम कई बार मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा निदेशक से अपनी मांगों को लेकर मिल चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुयी हैं। संघ ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि आप अगर पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर सकते हैं, अनाथ आश्रमों में बच्चों का भला कर सकते हैं, अनुबंध मुलाजिमों को पक्के कर सकते हैं, दिहाड़ीदार मजदूर को कंट्रेक्ट पर कर सकते हैं तो उनकी मांगों को पूरा क्यों नहीं कर सकते। संघ ने मांग की है कि जब तक स्पोर्टी नेट बोर्ड बहाल नहीं होता तब तक बैचवाइज भर्ती शुरू की जाए और वो स्थाई रूप से हो और नियम अनुसार हो। संघ ने मांग की कि पोस्ट कोड 980 का परिणाम भी जल्दी से जल्दी निकाला जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने शिमला नगर निगम के चुनावों में खड़े पार्टी के सभी प्रत्यशियों को जीत की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनमत किसी भी दल की दिशा व दशा तय करता है। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र के इस पर्व में सभी मतदाताओं को जिनको हमारा संविधान मतदान का अधिकार देता है, उन्हें इस में अपने वोट की आहुति अवश्य देनी चाहिए। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है, जो जनकल्याण के प्रति पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने पूर्व भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह हर मोर्चे पर विफल रही। डबल इंजन का दावा करने वाली भाजपा सरकार ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह चौपट कर दिया। केंद्र से उसे ऐसी कोई भी विशेष आर्थिक सहायता नहीं मिली, जिससे प्रदेश की वित्तीय स्थिति में कोई सुधार होता। प्रतिभा सिंह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार का प्रदेश को कोई लाभ नहीं मिला। प्रदेश के दो नेता एक मंत्री तो दूसरा उनके सगंठन का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बावजूद भी प्रदेश को कोई विशेष पैकेज नहीं मिला, जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास की गति मिलती और बढ़ती बेरोजगारी पर कोई अंकुश लगता। प्रतिभा सिंह ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने कर्मचारियों की भी उपेक्षा की। उनकी मांगों पर कभी कोई विचार नहीं किया। उनके देय भत्ते भी उन्हें कभी समय पर नहीं दिए। यही बजह रही कि आज पूर्व भाजपा सरकार की 12 हजार करोड़ से अधिक की कर्मचारियों की देनदारियां कांग्रेस सरकार को चुकानी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन बहाल कर दी है और वह कर्मचारियों की सभी देनदारियों को चरणबद्ध ढंग से चुकता करेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व सांसद प्रतिभा सिंह ने मजदूर दिवस पर प्रदेशवासियों विशेष तौर पर मजदूर वर्ग को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि प्रदेश के विकास और उसके निर्माण में मजदूरों का विशेष योगदान हैं। आज का यह दिन मजदूरों के कल्याण और उनके उत्थान के प्रति, राष्ट्र निर्माण में उनके उल्लेखनीय योगदान को नमन करने के लिये मनाया जाता है। प्रतिभा सिंह ने कहा है कि कांग्रेस मजदूरों के कल्याण के प्रति समर्पित हैं। उनके कल्याण को सरकार की अनेक योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने मजदूरों से सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ लेने का आह्वान किया हैं।
हिमाचल प्रदेश में बारिश अब आफत बन गई है। शिमला में तो अप्रैल माह में बारिश ने 17 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। लगातार हो रही बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों बागवान व पर्यटन व्यवसायियों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। लगातार हो रही बारिश व ओलावृष्टि से बागवानों की फसलें तबाह हो रही हैं। किसान फसलें काट नहीं पा रहे हैं। यदि कुछ और दिन तक बारिश का सिलसिला जारी रहा तो किसानों बागवानों को मौसम की बेरुखी का भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने आज और कल के लिए भारी बारिश लाइटनिंग और ओलावृष्टि का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं 5 मई तक मौसम खराब रहने की संभावना व्यक्त की है। मौसम विभाग की मानें तो पिछले 24 घंटों में प्रदेश के कई जिलों में रिकॉर्ड बारिश हुई है और 5 मई तक भी बारिश से राहत मिलने वाली नहीं है। 1 और 2 मई को मौसम विभाग ने भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। अप्रैल माह में 17 साल बाद शिमला में 53 मिलिमिलर बारिश दर्ज की गई है।
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने राज्य में सामान्य तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने इस संबंध में सभी विभागों, बोर्ड, निगम, विवि को आदेश जारी कर दिए हैं। बहुत अधिक आवश्यकता होने पर सिर्फ मुख्यमंत्री और संबंधित विभाग के मंत्री की मंजूरी पर ही अफसरों और कर्मचारियों के तबादले किए जाएंगे। प्रशासनिक आवश्यकताओं को देखते हुए तबादले हो सकेंगे। इसके अलावा जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में रिक्त पदों को भरने के लिए तबादले हो सकेंगे। सेवानिवृत्ति और पदोन्नति से रिक्त होने वाले पदों को भी तबादलों से भरने में छूट दी गई है।
पांच मंत्री, तीन सीपीएस, प्रदेश अध्यक्ष, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, इनके अलावा पांच विधायक और एक एसोसिएट विधायक, ये है मौटे तौर पर शिमला संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस का सियासी वजन। वर्तमान में यहाँ कांग्रेस वजनदार है। शायद ही बीते कुछ दशकों में 17 विधानसभा हलकों वाले इस संसदीय क्षेत्र में कभी कांग्रेस इतनी जानदार दिखी हो। ये ही कारण है कि शिमला संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस अब जोश में है और पार्टी 20 साल बाद इस लोकसभा सीट को अपनी झोली में डालने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। शिमला संसदीय सीट पर आखिरी बार कांग्रेस को 2004 में जीत मिली थी। तब हिमाचल विकास छोड़कर कांग्रेस में आएं कर्नल धनीराम शांडिल ने चुनाव जीता था, जो अब प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्री है। पर इसके बाद कांग्रेस लगातार तीन चुनाव हार चुकी है। 2009 और 2019 में कर्नल धनीराम शांडिल हारे, तो 2014 में मोहन लाल ब्राक्टा। अब आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस किस पर दांव खेलती है, यह देखना रोचक होगा। शिमला संसदीय क्षेत्र के इतिहास पर निगाह डालें तो एक दौर में इस सीट पर एक नेता की तूती बोला करती थी और वो नेता थे स्व. केडी सुल्तानपुरी जो शिमला से 6 बार सांसद रहे और वो भी लगातार। 1980 से 1998 तक हुए 6 लोकसभा चुनाव सुल्तानपुरी ही जीते। जबकि उनके बगैर 1999 से 2019 तक हुए पांच लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ एक बार जीत नसीब हुई। अब पारम्परिक तौर पर कांग्रेस का गढ़ रहे शिमला संसदीय क्षेत्र में फिर एक बार कांग्रेस वापसी की जद्दोजहद में है। राष्ट्रीय राजनीति के लिहाज से 2024 लोकसभा चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद अहम है और हिमाचल प्रदेश से कांग्रेस को खासी उम्मीद है। पार्टी आलाकमान अभी से इलेक्शन मोड में आता दिख रहा है और प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के अलावा खुद सीएम सुक्खू भी अभी से एक्शन में है। सुक्खू राज में शिमला संसदीय क्षेत्र को भरपूर मान मिला है और नेताओं -विधायकों को अभी से अपने -अपने क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव हेतु काम करने के निर्देश दिए जा चुके है। निसंदेह अगर पदों पर बैठे तमाम दिग्गज लोकसभा चुनाव के लिए ज़िम्मेदारी से काम करते है तो शिमला संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के दिन फिर सकते है। जूनियर सुल्तानपुरी पर निगाहें ! अहम सवाल ये भी है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा कौन होगा। संभावना प्रबल है कि पूर्व में चुनाव लड़ चुके चेहरों से इतर इस बार कांग्रेस किसी नए चेहरे पर दांव खेले। इस फेहरिस्त में कई नाम है और एक नाम है विनोद सुल्तानपुरी का जो वर्तमान में कसौली से विधायक है और 6 बार सांसद रहे केडी सुल्तानपुरी के पुत्र भी है। हालांकि अभी सिर्फ कयासबाजी का दौर है लेकिन निसंदेह विनोद एक सशक्त उम्मीदवार हो सकते है। फिर कश्यप या बदलेगा चेहरा ? भाजपा की बात करें तो विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा भूलना चाहेगी जहाँ पार्टी को संसदीय क्षेत्र के 17 विधानसभा हलकों में से सिर्फ 3 पर जीत मिली थी। दिलचस्प बात ये है कि सांसद सुरेश कश्यप तब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी थे, लेकिन अपने ही क्षेत्र में वे भाजपा को लीड नहीं दिलवा पाएं। ये देखना भी रोचक होगा कि क्या पार्टी फिर सुरेश कश्यप को मैदान में उतारती है या किसी नए चेहरे को मौका मिलता है। पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल भी इसी संसदीय क्षेत्र से है, ऐसे में पार्टी को यहाँ बेहतर करने की उम्मीद जरूर रहेगी। जनता के जहन में रहेंगे कई मुद्दे शिमला संसदीय क्षेत्र में कई बड़े मुद्दे है जो लोकसभा चुनाव में जनता के जहन में रहेंगे और निसंदेह जीत - हार में अंतर पैदा कर सकते है। इस संसदीय क्षेत्र में तीन जिलें आते है, शिमला, सोलन और सिरमौर। सोलन और सिरमौर के सभी पांच -पांच विधानसभा क्षेत्र इसी संसदीय क्षेत्र में आते है, जबकि शिमला के रामपुर के अतिरिक्त सभी सात निर्वाचन क्षेत्र शिमला संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। 1 . न फूड प्रोसेसिंग यूनिट मिली, न टमाटर का समर्थन मूल्य चुनावी वादों की बिसात पर जनता को ठगने का सिलसिला पुराना है। शिमला संसदीय क्षेत्र में टमाटर आधारित फूड प्रोसेसिंग प्लांट भी एक ऐसा ही वादा है। दशकों से हर चुनाव में नेता फूड प्रोसेसिंग प्लांट का वादा करते है और फिर भूल जाते है। इसी तरह शिमला संसदीय क्षेत्र के चुनाव में टमाटर का समर्थन मूल्य तय करने और कोल्ड स्टोर का भी वादा होता है, पर वादों -वादों में पांच साल गुजर जाते है और होता कुछ नहीं है। शिमला संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले जिला सोलन और सिरमौर में टमाटर की अच्छी पैदावार होती है, विशेषकर जिला सोलन में। यहां टमाटर हजारों किसान परिवारों के लिए जीवन यापन का जरिया है, पर शायद नेताओं के लिए महज राजनीति की वस्तु भर है। सोलन में टमाटर आधारित फूड प्रोसेसिंग यूनिट करीब ढ़ाई दशक से चुनावी मुद्दा है। अमूमन हर चुनाव में किसान वोट हथियाने के लिए नेता फूड प्रोसेसिंग यूनिट का ख्वाब दिखाते है, वोट बटोरते है और फिर भूल जाते है। खासतौर से लोकसभा पहुंचने के लिए टमाटर फैक्टर का भरपूर इस्तेमाल होता आया है। लम्बे समय से विभिन्न किसान संगठन भी इसकी मांग करते आ रहे है, लेकिन बात कभी कागजों से आगे नहीं बढ़ी। बता दें कि सोलन में बड़े पैमाने पर टमाटर का उत्पादन होता है। जिला सोलन में करीब पैंतालीस सौ हेक्टेयर भूमि पर टमाटर की खेती की जाती है। प्रदेश के कुल टमाटर उत्पादन का करीब 40 फीसदी से अधिक अकेले सोलन शहर से आता है। वहीं संसदीय क्षेत्र के एक अन्य जिला सिरमौर का योगदान कुल उत्पादन का करीब 30 फीसदी है। संसदीय क्षेत्र शिमला का प्रदेश के कुल टमाटर उत्पादन का करीब 70 फीसदी योगदान है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वर्ष 2014 में सोलन रैली में किसानों से टमाटर के समर्थन मूल्य व फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की बात कह चुके है। तब वे प्रधानमंत्री नहीं थे, प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। खेर, नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उम्मीद जगी कि शायद सरकार टमाटर किसानों की सुध लेगी। परंतु कुछ नहीं बदला। दिलचस्प बात ये है कि 2019 में जब नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए बतौर प्रधानमंत्री सोलन आये तो उन्होंने न फूड प्रोसेसिंग प्लांट का जिक्र किया और न ही टमाटर के समर्थन मूल्य का। इन क्षेत्रों में बड़ा मुद्दा : टमाटर का मुद्दा किसी एक निर्वाचन क्षेत्र तक सीमित नहीं है। सोलन निर्वाचन क्षेत्र के साथ -साथ मुख्य तौर पर अर्की, कसौली और पच्छाद निर्वाचन क्षेत्रों में टमाटर की अच्छी पैदावार होती है। ऐसे में कम से कम इन चार विधानसभा क्षेत्रों में ये एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा। 2 . बागवानों के लिए ईरान और तुर्की का सेब चुनौती शिमला संसदीय क्षेत्र बागवान बाहुल्य क्षेत्र है। जिला शिमला में तो सेब का उत्पादन होता ही है, सिरमौर के ऊपरी इलाकों में सेब का उत्पादन होता है। बागवानों से जुड़े कई ऐसे मसले है जो केंद्र सरकार के पाले में है, मसलन सेब पर आयात शुल्क बढ़ाने का मसला। हिमाचल की करीब साढ़े चार हजार करोड़ रुपये की सेब की आर्थिकी के लिए ईरान और तुर्की का सेब चुनौती बन गया है। दरअसल बागवानों के अनुसार भारत में ईरान और तुर्की से सेब का अनियंत्रित और अनियमित आयात हो रहा है जोकि बागवानों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। बागवान वाणिज्य मंत्रालय को पत्र लिखकर ईरान और तुर्की से सेब आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग भी कर चुके है। बागवानों के अनुसार भारी मात्रा में इन देशों से सेब का आयात होने के बाद मार्केट में हिमाचली सेब की मांग कम हुई है। चिंता की बात यह है कि ईरान और तुर्की से आयात होने वाले सेब पर किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं है, जिसके चलते हिमाचल के सेब कारोबार पर इसका नकारात्मक असर पड़ा है। ईरान का सेब अफगानिस्तान के रस्ते भारत आता है। अफगानिस्तान साफ्टा (SAFTA) दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र का हिस्सा है और यहां से सेब के आयात पर कोई शुल्क नहीं लगता है। ईरान इस समझौते का हिस्सा नहीं है और इसलिए ईरान अपना सेब अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते अटारी बॉर्डर से भारत भेजता हैं। इसके कारण ईरान का सेब दिल्ली में सस्ता बिकता है। वहीं यदि ये सेब ईरान के रास्ते आए तो इसमें पंद्रह प्रतिशत एक्साइज ड्यूटी और 35 प्रतिशत सेस लगेगा। 3 . हाटी फैक्टर भी होगा असरदार जिला सिरमौर के हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के फैसले का शिमला संसदीय क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्रों में सीधा असर है। इस फैसले के दायरे में पच्छाद की 33 पंचायतों और एक नगर पंचायत के 141 गांवों के कुल 27,261 लोग, रेणुका जी में 44 पंचायतों के 122 गांवों के 40,317 संबंधित लोग, शिलाई विधानसभा क्षेत्र में 58 पंचायतों के 95 गांवों के 66,775 लोग और पांवटा में 18 पंचायतों के 31 गांवों के 25,323 लोग आते है। भाजपा इस फैक्टर को लोकसभा चुनाव में भुनाना चाहेगी। हालांकि बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा को इसका ख़ास लाभ नहीं हुआ और हाटी बाहुल शिलाई और श्री रेणुकाजी में कांग्रेस के उम्मीदवार जीतने के कामयाब रहे।
शिमला नगर निगम चुनाव हिमाचल की राजनीति के लिहाज़ से कई मायनों में अहम है। ये चुनाव भाजपा कांग्रेस सहित कई सियासी दिग्गजों के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। किसी के लिए ये अपनी राजनीतिक प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका है तो किसी के लिए साख का सवाल l इस चुनाव में जिन नेताओं की नाक और साख दाव पर लगी है उनमें से एक सुरेश भारद्वाज भी है। जयराम सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र से 4 बार विधायक रहे है l भारद्वाज क्षेत्र की सियासत से भली-भांति परिचित है और ज़ाहिर है कि भाजपा भी भारद्वाज के इस एक्सपीरियंस को अपने प्लस पॉइंट्स में गिन रही है l ये अलग बात है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भारद्वाज को शिमला शहरी से टिकट न देकर कुसुम्पटी भेज दिया था और भारद्वाज चुनाव हार गए थे। हालांकि उनके समर्थक मानते है कि अगर भारद्वाज शिमला शहरी से मैदान में होते तो शायद बात कुछ और होती। खैर, अब भी शिमला शहरी सीट पर भारद्वाज का प्रभाव माना जाता है और शायद इसीलिए भारद्वाज को नगर निगम चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य के तौर पर भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब यदि भाजपा बेहतर करती है तो निसंदेह भारद्वाज के लिए भी ये संजीवनी साबित होगी। शिमला शहरी सीट पर भारद्वाज की पकड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारद्वाज 1990 और 2007 से 2017 तक लगातार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। जयराम सरकार में भारद्वाज शहरी विकास मंत्री भी रहे है। ऐसे में जाहिर है कि अपने कार्यकाल में करवाए गए कार्यों को जनता के बीच रखने में भारद्वाज कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। नामांकन के बाद से ही भारद्वाज लगातार प्रत्याशियों के साथ मैदान में डटे है और शिमला की गली-गली में घूम कर उम्मीदवारों के लिए प्रचार प्रसार कर रहे है। उम्मीदें बहुत है और विधानसभा चुनाव में हार के बाद अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए उनके पास ये एक मौका भी है। पर खुदा न खास्ता अगर नतीजे भाजपा के पक्ष में न आए तो सवाल उठना लाज़मी है।
ये उम्मीदों का चुनाव है, ये जन अपेक्षाओं का चुनाव है, ये सामर्थ्य का चुनाव है और ये चुनाव है शक्ति के आंकलन का। शिमला नगर निगम चुनाव के नतीजे बहुत कुछ तय करेंगे, कहीं ये हवा तय करेंगे, तो कहीं ये दिशा तय करेंगे। ये नतीजे किसी को और मजबूत कर सकते है, तो किसी को मजबूर। ये ही कारण है कि कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों इस चुनाव में पूरी ताकत झोंकते दिखे है। अहम् बात ये है कि राजनैतिक दलों के लिए तो ये जीत जरूरी है ही, कई चेहरों की सियासी रौनक भी इन्हीं नतीजों पर निर्भर करेगी। शिमला नगर निगम का चुनाव विधानसभा चुनाव के बाद पहला और लोकसभा चुनाव से पहले संभवतः आखिरी महत्वपूर्ण चुनाव है। जाहिर है ऐसे में दोनों दल जीत की ऊर्जा के साथ आगे बढ़ना चाहेंगे। नई - नई सत्तासीन हुई कांग्रेस जहाँ दस साल बाद नगर निगम में वनवास खत्म करना चाहती है, तो भाजपा शिकस्त के सिलसिले को थाम नगर निगम पर कब्ज़ा बरकरार रखने को जोर आजमाइश कर रही है। बहरहाल किसके अरमान पूरे होंगे, ये चार मई को स्पष्ट होगा। पार्टीवार बात करें तो विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस शिमला नगर निगम क्षेत्र में पूरे जोश में है। दरअसल नगर निगम के 34 वार्ड तीन निर्वाचन क्षेत्रों के अधीन आते है, शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण और कसुम्पटी। पहली बार इन तीनो क्षेत्रों में किसी एक ही पार्टी के विधायक है और वो है कांग्रेस। इससे भी दिलचस्प बात ये है कि इन विधायकों में से दो मंत्री है, विक्रमादित्य सिंह और अनिरुद्ध सिंह। वहीं सीएम सुक्खू खुद कभी नगर निगम में पार्षद थे, तो प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी शिमला में ही रहती है। पार्टी ने शिमला नगर निगम की ज़िम्मेदारी रोहित ठाकुर को सौंपी जो पूरी ईमानदारी से कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने में डटे हुए है l जाहिर है कांग्रेस जोश से लबरेज है। पर इस जोश के बीच भी पार्टी या किसी नेता विशेष के पास होश गंवाने की कोई गुंजाईश नहीं है। यदि नतीजे जरा भी इधर - उधर हुए तो संभव है पहली आवाज पार्टी के भीतर से ही उठे। उधर, बीच चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष बदलने के बावजूद भाजपा की अपनी चुनौतियां है। जाहिर है नए अध्यक्ष को अपने अनुसार निर्णय लेने का समय मिला है और न ही रणनीतिक खाका खींचने का। विधानसभा चुनाव में शहरी विकास मंत्री रहे सुरेश भारद्वाज सहित पार्टी के तीनों उम्मीदवार बड़े अंतर से परास्त हुए है और निसंदेह इसका प्रभाव आम कार्यकर्त्ता के मनोबल पर भी हुआ है। बावजूद इसके इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा ने इस चुनाव में पूरी ताकत जरूर झोंकी है। एक-एक वार्ड में पार्टी के दिग्गज पहुंचे है और भरपूर जतन हुआ है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने तो मोर्चा संभाला ही है, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी प्रचार के लिए पहुंचे है। ये दिखाता है कि बेशक नतीजा जो भी रहे, पार्टी ने चुनाव गंभीरता से लड़ा है। हालांकि जमीनी स्तर की बात करें तो एक सवाल इस चुनाव में घूम घूम कर भाजपा के सामने आया है, और वो है ट्रिपल इंजन का रिपोर्ट कार्ड। दरअसल करीब पांच वर्ष तक केंद्र, प्रदेश और शिमला नगर निगम तीनों जगह भाजपा का राज रहा, तो जाहिर है शिमला की हर परेशानी, हर शिकायत का पहला जवाब भी उन्हें ही देना पड़ा है। बहरहाल नगर निगम का ये चुनाव बेशक विधानसभा या लोकसभा चुनाव के बनिस्पत बेहद छोटा चुनाव हो लेकिन इसके मायने बेहद व्यापक है। दोनों मुख्य राजनैतिक दलों की भीतरी राजनीति पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। उधर, चुनाव लड़ रहे सीपीआईएम और आम आदमी पार्टी अगर ठीक ठाक भी नहीं कर पाते है, तो हिमाचल में उनके भविष्य को लेकर भी सवाल उठना तो लाजमी होगा।
लाजमी है कि चुनाव के समय राजनीतिक दल घोषणाएं करते है। इन घोषणाओं में कुछ वादे पूरे हो जाते है, तो कुछ अधूरे ही रह जाते हैं। पर निसंदेह इन वादों पर जनता कुछ हद तक ऐतिबार तो करती ही है। शिमला नगर निगम चुनाव में भी कांग्रेस और भाजपा ने घोषणा पत्र जारी कर दिए हैं। भाजपा ने जहां 21 वादों का घोषणा पत्र जारी किया हैं तो वहीं कांग्रेस ने 14 वादे जनता से किये है। यहां दिलचस्प बात तो ये है कि कल तक जो भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की मुफ्त योजनाओं को लेकर चुटकी लेती रही हैं आज वहीं भाजपा शिमला नगर निगम में मुफ्त योजनाओं की बात कर रही हैं। उधर कांग्रेस ने इस बार मुफ्त योजनाओं से परहेज किया हैं । आपको याद होगा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने जनता को दस गारंटियां दी थी। तब 300 यूनिट बिजली मुफ्त और महिलाओं को 1500 देने जैसे कई वादे कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश की जनता से किये थे, जबकि भाजपा ने कांग्रेस को इन गारंटियों को लेकर खूब सवाल उठाये थे। आज आलम ये है कि भाजपा खुद शिमला की जनता से 40,000 लीटर तक मुफ्त पानी देने का वादा कर रही हैं। अब जब बात मुफ्त योजनाओं की हो रही है तो जिक्र सोलन नगर निगम चुनाव का भी जरूरी है। दरअसल वर्ष 2021 में सोलन नगर निगम चुनाव हुए थे। उस समय कांग्रेस ने नगर निगम चुनाव के समय 100 में 12,500 लीटर पानी प्रतिमाह देने के साथ -साथ कूड़े के बिल को माफ़ करने की बात की थी। 7 अप्रैल 2021 को चुनावी नतीजे सामने आये और सोलन नगर निगम कांग्रेस की बनी। जाहिर है जो वादे चुनाव के समय जनता से किये गए थे उन्हें पूरा करना भी ज़रूरी था। तब बाकायदा कांग्रेस ने पेयजल बिलों में रियायत को लेकर तत्कालीन प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा, लेकिन सरकार ने इसे मंजूर नहीं किया। उस समय प्रदेश की सत्ता पर जयराम सरकार विराजमान थी। मंजूरी न मिलने से 8 महीने तक पानी के बिलों का वितरण नहीं किया जा सका और इसके बाद चार -चार महीनों का पानी का बिल एक साथ लोगों को थमाया गया। सवाल ये है कि जिस भाजपा ने सत्ता में रहते हुए सोलन नगर निगम में मुफ्त पानी देने से इंकार कर दिया था आज वो ही भाजपा शिमला नगर निगम में मुफ्त पानी देने की घोषणा कर रही है। इस फ्री- फ्री -फ्री वाले कांसेप्ट से कांग्रेस को तो लाभ मिलता दिखा है, लेकिन क्या भाजपा को भी इसका फायदा मिलेगा, ये अहम सवाल है।