कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में कर्फ्यू लगा हुआ है और ऐसे में मजदूर ओर गरीबो को खाने के लिए तरसना न पड़े इसको लेकर स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ धार्मिक संस्थाओं व उपमडल करसोग मे अनेक दानी सज्जन मदद के लिए आगे आ रहे है। इसी कडी मे आज निर्मला चौहान सदस्य जिला परिषद व सचिव प्रदेश कांग्रेस कमेटी हिमाचल प्रदेश द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना के इस कठिन दौर में आपदा राहत हेतु 22,100 रुपए अपना निजी अंशदान प्रदान किए । जिसमें 15000, रुपए एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर के माध्यम से क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों को सहायता हेतु और 7100 रुपये प्रदेश कांग्रेस आपदा प्रबंधन राहत कोष के माध्यम से एसडीम करसोग को सौंपे। निर्मला चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉक डाउन लगा है । ऐसे में कई लोगो के पास खाने का सामान नही है । इन लोगो की मदद के लिए कई लोग आगे आ रहे है । ओर ऐसे समय में जहां तक संभव हो जरूरत मदो की मदद के लिए हमें आगे आना चाहिए ।
सोमवार को ग्राम पंचायत कोट -तुँगल तहसील कोटली जिला मण्डी में वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के द्वारा ग्राम पंचायत कोट -तुँगल के प्रधान काहन सिंह ठाकुर जी की अध्यक्षता में डिजीटल मींटिग की इस मीटिंग के माध्यम से प्रधान काहन सिंह ठाकुर ने 500, जगदीश ठाकुर ने 500, नर्बदा ठाकुर 500, धर्मपाल1000 चौहान, मस्त राम ठाकुर 500, राम लाल 500, पमी, भूरी सिंह चौहान500, पूर्व उप- प्रधान परम देव जी 500, खेम चन्द चौहान और लाल सिंह ने 1000 रु. अंशदान दिया। इसी डिजीटल मीटिंग के माध्यम से नर्बदा ठाकुर ने अपनी वार्ड ध्वाण सरी (द्रुबल) के पाँच जरुरतमंद परिवारों को कोरोना जैसी आपदा के समय में गोद ले लिया, क्योंकि अभी इनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं है। जब हमारे आस-पड़ोस में लोग भूखे हों तो बाहर लंगर लगाने से कोई फायदा नहीं सभी अपने घर द्वार से शुरुआत करें तो देश की हालत खुद ही सुधर जाएगी। इतना जरुर देखें कि हमारे आस-पड़ोस में कोई भूखा तो नहीं सो रहा है?
उपमंडल करसोग में कर्फ्यू के चलते भी किसानों की सुविधा के लिए सोमवार को चुराग सब्जी मंडी खोली गई। जिसमें की पहले दिन ही मटर की बोली लगी। मटर की बोली ₹17 से शुरु हुई, जिसमें की अर्कल ₹25 और न्यूजीलैंड ₹30 बिका। इस सब्जी मंडी खुलने से लोगों ने अब राहत की सांस ली है। बताते चलें कि उपमडल करसोग मे करोड़ों रुपयो का मटर बिकता है। लोगों का कहना था कि इस समय करसोग क्षेत्र में मटर की फसल तैयार हो चुकी है। और कर्फ्यू के चलते इस को बेचना बड़ा ही मुश्किल था । इसके चलते स्थानीय प्रशासन द्वारा सोमवार को चुराग सब्जी मंड़ी खोली गई, जिसके चलते अब स्थानीय किसानों ने राहत की सांस ली है वहीं इसके बारे में एसडीम करसोग सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि मटर की फसल करसोग में तैयार हो गई थी। जिसके चलते अब सब्जी मंडी खोली गई है । यहां पर सुबह 10:00 बजे से 1:00 बजे तक ही बोली लगाई जाएगी व सब्जी मंडी के आढ़तियों व किसानों से सोशल डिस्टेंस को बनाए रखने का भी आग्रह किया गया है। इसके साथ-साथ वहां पर पुलिस के जवानों की ड्यूटी भी लगा दी गई है ताकि किसानों का मटर भी बिक सके और कोरोना वायरस के चलते कानून के नियमों की पालना भी की जाए।
कोरोना वायरस के कारण निषेधाज्ञा के मद्देनजर उपमंडल करसोग के सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि यदि किसी को घर से बाहर उपचार, दवाई के लिए व किसी परिवार में अचानक मृत्यु होने पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना आवश्यक है तो उस स्थिति में अधोहस्ताक्षरी कार्यालय के दूरभाष नंबर 01907222201 पर संपर्क करें इसके अतिरिक्त कार्यालय के व्हाट्सएप नंबर 9817039278 मैं लिखित रूप से आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। आवेदन पत्र में यह भी दर्शाया जाना होगा कि आपको किस स्थान से किस स्थान तक प्रस्थान किया जाना अपेक्षित है तथा किस वाहन में यात्रा की जानी है। वाहन नंबर उपलब्ध करवाना भी सुनिश्चित करें। एक वाहन में चालक के अतिरिक्त एक ही व्यक्ति को जाने की अनुमति दी जा सकती है। आवेदन पत्र सही पाए जाने की स्थिति मैं आपको व्हाट्सएप के माध्यम से सविकृति प्रदान की जाएगी।
देश में करोना वायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रदेश के प्रसिद्ध श्री मूल गींह नाग सरही मंदिर में शनिवार को आपतकालीन बैठक बुलाई गई। सरही मंदिर से डिम्पल कुमार राठौर ने जानकारी देते हुए कहा कि मंदिर के कपाट 21 मार्च से 14 अप्रैल (विशु वैशाखी पर्व) तक बंद कर दिए हैं। आगामी नवरात्रि के 9 दिन मंदिर में प्रदेश के अलग अलग जगह से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु सरही पहुँचते हैं। परंतु वर्तमान में करोना महामारी के कारण नवरात्रि के सभी दिन मंदिर के कपाट बंद रहेगे केवल पुजारी द्वारा ही विधिवत रूप से पूजा की जाएगी इसलिए अन्य लोगों को मंदिर आना वर्जित रहेगा। अप्रैल महीने में होने वाले नाग देवता के दौरो पर भी रोक लगा दी गई है। मंदिर में होने वाले और क्षेत्र के सभी आयोजन रद्द कर दिए गए हैं। नाग देवता के नव मंदिर के निर्माण कार्य को भी कुछ समय तक रोक दिया गया है। मंदिर कमेटी का मानना है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक मंदिर में कोई आयोजन नहीं होंगे। मंदिर कमेटी ने क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि सरकार के दिशा निर्देश का पालन करें। बताई गई सावधानीयां बरते और देश में फैली इस गंभीर महामारी को खत्म करने में सरकार का सम्पूर्ण सहयोग करें। देव संस्कृति की दृष्टि से देखें तो यदि हम चिकित्सको द्वारा बताए गए नियमों का पालन करेंगे तभी देवताओं का आशीर्वाद भी सदैव बना रहा। श्री मूल गींह नाग मंदिर कमेटी सरही भी आशा करती है कि जल्द से जल्द करोना जैसी भयंकर महामारी समाप्त हो जाए।
उपमड़ल करसोग के चौरीधार के समीप एक दर्दनाक हादसा हुआ है जिसमें चालक की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस पोस्ट मार्टम करवा कर शव को परिजनों के सपुर्द कर दिया है। जानकारी के अनुसार शनिवार देर रात दुनीचन्द, पुत्र सुरतराम गांव शिल्ह डाकखाना सेरी बंगलो गाड़ी न० एचपी 30-7187 में अपने किसी रिश्तेदार को छोड़कर वापिस आ रहा था। वापिस लौटते हुए अचानक जगलोट कैची मोड़ के समीप वाहन करीब 100 फ़ीट गहरी खाई में जा गिरा। इस घटना का पता रविवार सुबह उस वक्त चला जिस समय एक पिकअप साथ लगते गांव से दूध इकठ्ठा करने गई। चालक ने गाड़ी को खाई में गिरे देखा। जिसकी सूचना स्थानीय प्रधान को दी गई। प्रधान ने आगे थाना करसोग को इस घटना के बारे में सूचित किया। जिस पर पुलिस ने घटना स्थलं का मुआयना किया। इस दौरान गाड़ी के अंदर व्यक्ति देखा, जिसकी हादसे के दौरान ही मौत हो गई थी। पुलिस ने शव को कब्जे मे लेकर करसोग अस्पताल मे पोस्ट मार्टम करवाया और परिजनों के सुपर्द कर दिया। प्रशासन ने परिवार को 20000 की फौरी राहत दी है। डीएसपी अरूण मोदी ने मामले की पुष्टि की है।
छतरी मानगढ़ के आराध्य देव नाग चपलांदू अपने ऐतिहासिक 10 दिवसीय करसोग दौरे पर निकलेंगे। देवता मण्डी छतरी के पनाहर गांव से सोने के सुनेहरे रथ पर सवार होकर अपने कार करिन्दों के साथ 22 मार्च को करसोग के लिए प्रस्थान करेंगे तथा, 23 मार्च को कामाक्षा काओ पहुंचेंगे। इसमें वो पहली बार नाग कजौणी व ममलेश्वर महादेव और कामाक्षा भगवती काओ के अधिकार क्षेत्र में आने वाले क्षेत्रों का दौरा भी करेंगे। देवता के मुख्य कारदार सुरत राम का कहना है कि सबसे पहले नाग देवता अपनी जाई(कन्या) निलम शर्मा के घर में अतिथि स्वरूप दर्शन देंगे। तत पश्चात ममेल में अपने वसणू तनुज शर्मा के घर में पधारेंगे इस बीच कामाक्षा भगवती और ममलेश्वर महादेव मंदिर में दिव्य देव मिलन का भी कार्यक्रम रहेगा। देवता के मुख्य पुजारी कुन्दन लाल शर्मा जी का कहना है कि अपने प्राकट्य के पश्चात् देवता का ममेल का यह पहला दौरा है जबकि देवता का प्राकट्य के साक्ष्य ममेल व चपलांदी में प्राप्त होते है जिसका प्रमाण देवता की गुर वाणी में भी सुनने को मिलता है। कुन्दन लाल का कहना है कि पुरे भारत वर्ष से लोग देवता के मंदिर में दर्शन करने आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर देवता का धन्यवाद करते हैं। नाग देवता के इतिहास के अनुसार देवता धन दौलत, पत्नी, पुत्र प्राप्ती का योग बनाते है जिसके लिए इन्हें सम्पूर्ण भारत में जाना जाता है। प्राचीन काल में भी मंडी के राजा की मनोकामना पूर्ण होने पर नाग देवता को लगभग 400 विघा जमीन भेंट स्वरूप प्रदान की थी।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिला क्लब ओजस्वनी आर्ट ऑफ लिविंग के सौजन्य से सेरी मंच पर निशुल्क मेडिकल कैम्प आयोजित कर महिलाओं ने महिला दिवस के अवसर पर एक मिसाल कायम की है। यह विचार उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने निशुल्क मेडिकल कैम्प का शुभारम्भ करने के उपरान्त उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। ऋग्वेद ठाकुर ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए कहा कि महिला क्लब द्वारा सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए जा रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को समर्पित निशुल्क मेडिकल कैम्प का आयोजन कर स्थानीय लोगों को एक ही समय में चिकित्सा विशेषज्ञों की सुविधा मुहैया करवा कर बेहतरीन कार्य किया है। मेडिकल शिविर में लोगों की संख्या देखकर उपायुक्त ने कहा इससे प्रतीत होता है कि मंडी शहर के लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति काफी जागरूक हैं। इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष सुमन ठाकुर ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई देते हुए महिला क्लब ओजस्वनी आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों की सराहना की और कहा कि इस तरह के पुनीत कार्यों से समाज के अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलती है। इस अवसर पर उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर और नगर परिषद अध्यक्ष सुमन ठाकुर ने महिला क्लब ओजस्वनी आर्ट ऑफ लिविंग के सौजन्य से स्वास्थ्य विभाग को 4 व्हील चेयर व 2 व्हील स्ट्रेचर भी प्रदान किए गए। क्लब की निदेशक माया वरधान ने बताया कि निशुल्क चिकित्सा परीक्षण शिविर में 410 लोगों ने स्वास्थ्य परीक्षण सुविधा व आवश्यकतानुसार निशुल्क दवाओं का लाभ उठाया। उन्होंने बताया कि क्लब द्वारा समाज सेवा से जुड़ी समस्त गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लिया जाता है ताकि मानव सेवा कर दूसरों को भी इस कार्य के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने बताया कि इस शिविर में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ। उदय भानू, चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ। सरू ठाकुर, दंत चिकित्सक डॉ। प्रज्ञा कपूर, डॉ। अनामिका ने सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण, के अलावा रक्त चाप, मधुमेह, ईसीजी, नेत्र परीक्षण के लिए नेहा राणा, सरोच और सपना ने अपनी सेवाएं प्रदान की। इस अवसर पर क्लब की प्रधान सोमा राणा, उप प्रधान आशा, किरण नरूला, जनरल सेक्रेटरी सपना कपूर, इवेंट मैनेजर मृदुला कपूर के अलावा मीना मल्होत्रा, अर्चना कपूर, अंजली कपूर, सुरेन्द्रा वत्सल, रीतू, मोनिका, चेतना सुलक्षण सुदेश, सुमन, सरोज, लखप्रीत, पुष्पा, ज्योत्सना सहित कल्ब की अन्य सदस्यों ने शिविर के सफल आयोजन के लिए अपना सराहनीय सहयोग दिया।
उपमंडल करसोग के जंगल वन विभाग की मुस्तैदी के बाद भी सुरक्षित नहीं है। वनकटुओ के हौसले इतने बुलंद है कि यह वन विभाग की आंखों में धूल झोंक कर अवैध कटान को अंजाम दे रहे हैं। अभी ताजा मामला वन परिक्षेत्र सेरी की खादरा बीट में वनकटुओ ने देवदार के हरे भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला दी। वन विभाग के वन खंड अधिकारी शीशराम ने अज्ञात लोगों के खिलाफ थाना करसोग में मामला दर्ज करवाया है । जानकारी के अनुसार जब खादरा बीट में वनरक्षक हेमराज नियमित गश्त पर थे तो उसमें कटे हुए पेड़ों पर इनकी नजर पड़ी जिसमें कि एक पेड़ का हिसा अज्ञात लोग चोरी करके ले गए थे और दूसरे पेड़ का पूरा हिस्सा वही छोड़ गए थे। वन रक्षक ने इसकी सूचना वन खंड अधिकारी को दी। वन विभाग की टीम ने अपने स्तर पर छानबीन की लेकिन बनकटुओ का कोई पता नहीं लगा। तो उन्होंने इस बारे में थाना करसोग में मामला दर्ज करवा दिया। पुलिस ने वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है डी एस पी अरुण मोदी ने मामले की पुष्टि की है । वन विभाग ने कटे हुए पेड़ों की कीमत 75433 रुपए आकी है।
जिला मंडी के उपमंडल करसोग के एक छोटे जैसे गांव ग्राम पंचायत मेहंडी के गरियाला में जन्मे बुद्धि प्रकाश पुत्र लीलाधर का चयन सहायक विद्युत अभियंता के लिए हुआ। जिससे कि पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल बना है। जैसे ही बुद्धि सिंह के परिवारजनों को इसकी जानकारी मिली उनके घर में बधाइयों का तांता लग गया। बताते चलें कि बुद्धि प्रकाश की प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल से ही हुई। इसके बाद बुद्धि प्रकाश ने 11वीं व 12वीं की परीक्षा सरस्वती विद्या मंदिर शिमला से की तथा इसके पश्चात बुद्धि प्रकाश ने नेशनल इंस्टिट्यूट हमीरपुर से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिग व बीटेक की डिग्री प्राप्त की तथा इसके बाद बुद्धि प्रकाश कुछ प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे जिसके बीच में ही बुद्धि प्रकाश का चयन बिजली बोर्ड सहायक अभियंता के लिए हुआ। बुद्धि प्रकाश ने इसका सारा श्रेय अपने माता-पिता तथा दादा दादी व गुरुजनों को दिया है। बुद्धि प्रकाश ने फस्ट वर्डिक्ट को जानकारी देते हुए बताया कि मैं बहुत ही खुशी महसूस कर रहा हूं और इसका जो सारा श्रेय है वह मैं अपने बुजुर्गों व गुरुजनों को देता हूं। बुद्धि प्रकाश के पिता लीला धर ने भी बताया कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे पुत्र ने छोटी जैसी उम्र में सफलता हासिल की है। वह अपने छोटे जैसे क्षेत्र का नाम रोशन किया है जिसके लिए हम उसे ढेर सारी बधाइयां व आशीर्वाद देते हैं।
सांसद राम स्वरूप शर्मा ने मंगलवार को सदर विधानसभा क्षेत्र के सदयाणा में लगभग 50 लाख 69 हजार रूपये की लागत से निर्मित माध्यमिक पाठशाला का लोकार्पण, लगभग 43 लाख 98 हजार रूपये की लागत से निर्मित किए जाने वाले आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र बड़गांव का शिलान्यास तथा ग्राम पंचायत सुराड़ी के सैण में लगभग 44 लाख रूपये की लागत से निर्मित किए जाने वाले आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास किया। इस अवसर पर सदयाणा में जनसभा को संबोधित करते हुए राम स्वरूप शर्मा ने सर्कार द्वारा क्रियान्वित की जा रही कई योजनाओ की व्याखना की। इस अवसर पर पूर्व विधायक डी डी ठाकुर, मंडलाध्यक्ष मनीष कपूर, सदर युवा मोर्चा अध्यक्ष व पंचायत समिति सदस्य भुवनेश भी उपस्थित थे।
अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में 15 साल बाद कुल्लू के देव बड़ा छमांहू 5000 हारियानों के लाव लश्कर के साथ आएंगे। दरअसल , देवता ने महोत्सव में आने की इच्छा जताई है। देवता ने गत वर्ष भी मेले में आने की इच्छा जताई थी, लेकिन प्रशासन व सर्व देवता समिति ने व्यवस्थाओं का हवाला देकर मना कर दिया था। अब इस वर्ष भी देवता ने इच्छा जाहिर की है जिसके बाद मेला आयोजकों के हाथ-पांव फूल गए हैं। अपने खर्च पर आएंगे महोत्सव में : हारियानों ने इस बार अपने खर्च पर महोत्सव में आने की बात कही है। देव बड़ा छमांहू कुल्लू जिले के बंजार उपमंडल की कोटला पंचायत से संबंध रखते हैं। 21 फरवरी को ऐतिहासिक कोठी कोटला से रवाना होंगे और 22 फरवरी को माधोराय व 18 करडु के साथ भव्य मिलन होगा। हजारों लोग देव मिलन के गवाह बनेंगे। बड़ा छमांहू की हैं 44000 रानियां: बड़ा देव छमांहू की 44 हजार रानियां हैं। जब देवता तपस्या में लीन होने के बाद स्वर्ग से लौटते हैं तो सर्वप्रथम रानियों से मिलने जाते हैं। इस दौरान हजारों लोग देवरथ को रानियों के कब्जे में से छुड़ाने का प्रयास करते हैं। रस्सा लगाने के बाद भी हजारों लोग देवरथ को नहीं खींच पाते हैं। देवता एक ही स्थान पर स्थिर रहते हैं।
उपमड़ल करसोग के पुराना वाजार में ट्रेनिंग किए हुए कला अध्यापकों ने एक बैठक का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता प्रधान अमर सेन ने की। इन्होने सरकार के प्रति रोष प्रकट करते हुए कहा की सरकार का रुख इनके प्रति स्पष्ट नहीं है। हज़ारो युवाओं ने कला अध्यापक की ट्रेनिंग तो सरकार ने करवा दी लेकिन विडम्बना यह ह्रै की लाखो रूपए खर्च भी करवा दिए, लेकिन अब किसी भी प्रकार की भर्तिया नहीं हो रही हैं। और न ही कोई कमीशन निकाल रही ह्रै और न ही बैच वाइज भर्तिया करवा रही ह्रै। इन्हे यह समझ नही आ रहा है की सरकार ने किस कारण वंश कला अध्यापक की भर्ति पर रोक लगाई ह्रै। सभी तरह की गई ट्रेनिंगों की भर्तिया हो रही है तो कला अध्यापक की क्यों नहीं हो रही ह्रै। इन्होने सरकार से मांग की ह्रै की जल्द कला अध्यापक की भर्तियां खोली जाए ताकि इनका भविष्य भी संवर सके। इस मौके पर उप प्रधान पमी वर्मा, ग़गा राम, हमेन्द्र, गीता शर्मा, लता, लज्जा, संजीवन, ममता, नीशा, गीता, रीनु, राजेन्द्र , पुनम, चमन, युबराज, खेमराज शामिल रहे।
वीरवार सुबह जैसे ही राजीव कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कुन्नू ग्राम पंचायत वगैला करसोग लाया गया तो पूरा करसोग क्षेत्र शोक में डूब गया और माहौल गमगीन हो गया। हर किसी की आंखें नम थी लेकिन जवान बेटे की मौत पर समस्त क्षेत्रवासी परिजनों को दिलासा दे रहे थे। दूर बैठे दादा फूट-फूट कर रो रहे थे ,माता पिता पुरी तरह से टुट चुके थे। वही सेना मे तैनात दुसरा भाई परिवार को ढ़ाढस बढ़ा रहा था। हर कोई तिरंगे में लिपटे शव को देख कर आंसु बहा रहे था। बताते चलें कि राजीव कुमार (23) पुत्र रामकृष्ण निवासी कुन्नू मामून कैंट स्थित 26 पंजाब रेजीमेंट में बतौर सिपाही तैनात था जो कि अपनी टीम के साथ तैराकी प्रशिक्षण के लिए गया हुआ था जहां पर प्रशिक्षण के दौरान राजीव कुमार वीरगति को प्राप्त हो गए। राजीव कुमार 3 बरसों से सेना में सेवाएं दे रहे थे। वही राजीव कुमार के बड़े भाई भी भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे हैं। जहां पिता राम कृष्ण व माता निरुपमा, और बूढ़े दादा, दादी ने राजीव कुमार को लेकर कई बड़े सपने संजोए थे वही क्रुर नियती को कुछ और ही मंजुर था। परिवार को शादी के सेहरे की जगह तिरगें मे लिपटे शव को कांधा देकर विदा करना पड़ा। वीरवार सुबह जब राजीव कुमार का पार्थिव शरीर मोक्षधाम वियुता ले जाया गया तो समूचा करसोग बाजार बंद रखा गया। हजारों लोगों ने अंतिम शव यात्रा में भाग लिया व स्थानीय जनता ने शव वाहन पर फूलों की वर्षा की और समूचा क्षेत्र राजीव कुमार अमर रहे के नारों से गूंज उठा। मोक्ष धाम पहुंचने के बाद स्थानीय विधायक हीरालाल एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर व स्थानीय रिटायर सैनिकों द्वारा राजीव कुमार को श्रद्धांजलि दी गई। वहीं पूरे सैनिक सम्मान के साथ राजीव कुमार को अंतिम विदाई दी गई। सेना के जवानों ने गार्ड आफ आनर देकर शहिद को सलामी दी व शव को मृतक के छोटे भाई सौरव ने मुखागनि दी। करसोग के विधायक हिरालाल व एसडीएम करसोग सुरेन्द्र ठाकुर सहित करसोग क्षेत्र की समस्त जनता ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
हिमाचल प्रदेश के 20 शिक्षकों को 'नवोदय क्रांति परिवार भारत' की दूसरी संगोष्ठी में भाग लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। जिसका आयोजन भारत के पंजाब राज्य के अमृतसर में स्थित 'नेशनल अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स' में 2 फरवरी से 4 फरवरी 2020 तक हुआ। जिसमें उपमंडल करसोग की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सेरीबंगलों की भाषा अध्यापिका सुनीता ने भी भाग लिया। इसमें पूरे भारत वर्ष के लगभग 300 उत्कृष्ट शिक्षकों ने भाग लिया तीन दिवसीय संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य देश की सरकारी शिक्षा को बेहतर से और बेहतर बनाना है। यहां पर आए सभी अध्यापकों ने अपनी नवाचारी शिक्षण गतिविधियों को सबके समक्ष साझा किया, साथ ही पंजाब के सरकारी स्कूलों के होनहार विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी पेश किए। जिसमें जिला मंडी की चार अध्यापिकाओं सुनीता देवी (करसोग) मंजुला वर्मा सुन्दरनगर, भारती बैहल( मण्डी) नर्मदा देवी (मण्डी) सहित बिलासपुर से मीना शर्मा, दीप कुमार ,अवनीश ,परमजीत, चंबा से युद्धवीर, जीवन, सोलन से कैलाश, सुनील धीमान कांगड़ा, सचिन सूद, कुल्लू, रीता बाला किन्नौर आदि ने भाग लिया। सभी शिक्षकों को उनके नवाचार के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
गोहर मे डियूटी दे रहे प्रेम सिंह (47) पुत्र बरिया राम गांव केलोधार करसोग का शव घर में पहुचने पर केलोधार क्षेत्र पुरी तरह चीख पुकारों से गुंज उठा, परिजनों को ग्रामिण ढ़ाढस दिलाते रहे। बुधवार को ईमला, विमला स्थित मोक्ष धाम पर एसडीएम करसोग सुरेंद्र ठाकुर व डीएसपी करसोग अरुण मोदी के नेतृत्व में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें पुलिस बल व होम गार्ड के जवानों ने अंतिम सलामी दे कर मृतक को विदा किया। मृतक के पुत्र गौरव ने शव को मुखागनीं दी। गौर हो की मगंलवार सुबह जब अचानक मौत का पता चला तो खबर मिलते ही पूरे क्षेत्र केलोधार में शोक की लहर दौड़ गई। करसोग के होमगार्ड के जवानों के साथ साथ व्यापार मंडल केलोधार के सभी लोगों ने भी इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया है व परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। मिली जानकारी के अनुसार तीन फरवरी को 24 दिन का पंचम दोहराई प्रशिक्षण शिविर का समापन हुआ। सभी जवान मंगलवार सुबह अपने घर को जाने की तैयारी में लगे थे। सुबह सभी सो कर उठे तो साथ सोए साथी ने प्रेम सिंह को जगाया लेकिन वह नहीं उठा। जिसके बाद उसे सिविल अस्पताल गोहर पहुंचाया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। कंपनी कमांडर करसोग नित्यानंद, प्लाटून कमांडर दिनेश शर्मा, प्लाटून हवलदार फर्शाधर शर्मा आदि ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रेम सिंह ने 1993 से लगातार ईमानदारी से गृह रक्षा कंपनी में अपनी सेवाएं दी है। स्थाई इलाकों के साथ-साथ उत्तराखंड व दिल्ली तक उन्होंने अपनी सेवाएं इमानदारी से दी है। और इस दुखद घड़ी में हम सब लोग उनके परिवार के साथ शामिल है।
जिला मंडी की उप मंडल करसोग के पागना के गोड़न गांव की बेटी अंजना ठाकुर ने बिजली के करंट के कारण हुई दुर्घटना में दायाँ हाथ खोने के बावजूद जिंदगी से हार नहीं मानी। मुश्किलों से बाएं हाथ से लिखना सीखा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से अब वनस्पति शास्त्र में एमएससी करते हुए पहले प्रयास में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की कठिन परीक्षा उत्तीर्ण कर जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के लिए चयनित हुई है। असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के लिए राज्य परीक्षा ‘सेट’ वह पहले ही पास कर चुकी है। अंजना का सपना है प्रोफेसर बनना। शिक्षा सुरेश भारद्वाज, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैज़ल, कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार और वनस्पति शास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. देसराज ठाकुर ने अंजना ठाकुर की सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि उन्हें प्रदेश की इस प्रतिभाशाली बेटी पर गर्व है। वह अपने सपने अवश्य पूरे करेगी। विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद (ईसी) के सदस्य एवं विकलांगता मामलों के नोडल अधिकारी प्रो.अजय श्रीवास्तव ने बताया कि आईआरडीपी परिवार की इस छात्रा ने दसवीं कक्षा से लेकर बीएससी तक हमेशा 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए। आजकल वह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के विद्योत्तमा गर्ल्स हॉस्टल में रहती है। मंडी जिला की उप तहसील पांगणा के गांव गोड़न की रहने वाली अंजना जब करसोग कॉलेज में बीएससी चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा थी, उसी दौरान करंट लगने के हादसे से उसका पूरा दायां हाथ काटना पड़ा। इस कारण उसकी पढ़ाई पर भी असर पड़ा और एक वर्ष का नुकसान हुआ। उसने जिंदगी के इस भयावह मोड़ को एक चुनौती माना और बाएं हाथ से लिखना सीखा। परिवार में मां चिंतादेवी, पिता हंसराज और बड़े भाई गंगेश कुमार ने हमेशा हौसला बढ़ाया। अंजना बताती है कि सीएसआईआर की जेआरएफ परीक्षा को भी उसने एक चुनौती की तरह देखा। रोज़ कई घन्टे की तैयारी की ताकि अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने के लिए यह पड़ाव पार कर सके। अब विश्वविद्यालय और कॉलेज में सहायक प्रोफेसर बनने की पात्रता उसके पास आ गई है और पीएचडी में दाखिला भी आसान हो गया है। उमंग फाउंडेशन और डिसएबल द स्टूडेंट्स एंड यूथ एसोसिएशन (डीएसवाईए) से जुड़ी अंजना जेआरएफ में अपनी कामयाबी का श्रेय अपने शिक्षकों के आशीर्वाद को देती है। उसका कहना है कि दृढ़ संकल्प के साथ की गई कड़ी मेहनत रंग अवश्य लाती है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोट-तुँगल में गणतन्त्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य पवन कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। विद्यालय मीडिया प्रभारी नर्बदा देवी ठाकुर ने बताया कि हमारे रावामावि.कोट-तुँगल तहसील कोटली मण्डी जिला मण्डी हि.प्र. मे प्रधानाचार्य पवन कुमार की अध्यक्षता में गणतन्त्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस उपलक्ष्य में बच्चों द्वारा भाषण प्रतियोगिता, पेंटिंग और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर भी रैली निकाल कर लोंगों को जागरुक किया गया और नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता में समीक्षा छठी कक्षा, पेटिंग में अनामिका आठवीं कक्षा और नारा लेखन में शिवानी नवम् कक्षा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। साथ ही गणतन्त्र दिवस के उपलक्ष्य में डी सी मंडी की तरफ से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोट-तुँगल को "स्कूल में रचनात्मक बालिका अनुकूल वातावरण" पुरस्कार से माननीय वनमंत्री गोविन्द ठाकुर द्वारा सम्मानित किया गया।
मंगलवार को सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करसोग में अग्निशमन विभाग द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। जिसमें कि विद्यालय में उपस्थित बच्चों तथा अध्यापकों को विशेष रूप से भूकंप, आग एवं प्राथमिक उपचार, भूकंप के दौरान दुर्घटनाग्रस्त घरों से घायलों को कैसे सुरक्षित निकाला जाता है इसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई। घटना स्थल पर भगदड़ आदि ना मचाए तथा धैर्य पूर्वक परिस्थितियों का सामना करें आदि कई जानकारियां दी गई। इस मॉक ड्रिल में अग्निशमन विभाग चौकी करसोग के प्रभारी सुरेश कुमार फर्शाधर शर्मा, काशीराम, देवराज, रोशनलाल, कश्मीर सिंह, नानक चंद, हेमराज आदि शामिल रहे। इस मॉक ड्रिल में विद्यालय के 445 छात्रों तथा विद्यालय के 30 कर्मचारी उपस्थित रहे। विद्यालय के प्रधानाचार्य यशवंत कुमार ने समस्त अग्निशमन कर्मचारियों का धन्यवाद किया। तथा उनके द्वारा करवाई गई मॉक ड्रिल के लिए उनकी प्रशंसा भी की।
तत्तापानी लोहड़ी मेले में जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिरकत कि तो उनका भव्य स्वागत किया गया, पर दुख कि बात है कि उन्हें खिचड़ी और आरती में उलझाए रखा गया और जनता के स्थानीय मुद्दे, उनके ध्यान में नहीं लाए गए। एक तरफ़ जहाँ खिचड़ी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया वहीँ दूसरी ओर क्षेत्र कि हालत देखें तो चारो तरफ गंदगी फैली है। तत्तापानी में आम जनता के लिए स्नानागार की कोइ सुविधा नहीं है, जबकि यह पर्व महीने भर चलता है और यहाँ लोगों कि भीड़ उमड़ी रहती है। दूर प्रदेश और राज्यों से यहाँ लोग आते हैं पर उनके लिए सही सुविधाएं उपलब्ध नहीं कि गयी हैं। महिलाओं के लिए सही स्नानागार की सुविधा नहीं और न ही सार्वजानिक शौचालय की ठीक व्यवस्था है। तत्तापानी बाज़ार की हालत देखें तो चरों तरफ़ गंदगी फैली है। नालियों की खस्ताहालत है और ज़रूरी बात, सारी गंदगी सतलुज नदी पर फेंकी जा रहा है। वँहा एक तरफ़ आरती होती है तो दुसरी तरफ़ कूड़े व गदंगी के ढेर लगें होते हैं। जिला परिषद बगशाड निर्मला चौहान का कहना है कि हमें बहुत खुशी है कि पर्यटन विभाग यंहा कुछ करना चाहता है। सरकार को सबसे पहले इस तीर्थ स्थल को बचाना चाहिए और इस जगह को डवलप करना चाहिए। मेले की हालत देखो आज मेले में दुकानें पानी के बीच डूबी हैं। कीचड़ और पानी भरे होने के कारण आम जनता को इधर उधर चलने के लिए दिक्कत हो रही है। बहुत खुशी की बात है कि खिचड़ी का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना, पर इस क्षेत्र के विकास कि बात सबसे पहले होनी चाहिए थी। पर यह बात मुख्यमंत्री के ध्यान में नहीं लाइ गई और उन्हें खिचड़ी में उलझाए रखा गया।
मंडी जिला में बेटी अब सच मे अनमोल हो गइ है। जिला के तहत करसोग के इलाकों में अब बेटी के जन्म पर घर मे मायूसी नहीं बल्कि बधाई गीत गाए जा रहे हैं। बेटी के प्रति सम्मान दिखाने का ये जिम्मा खुद ग्रामीण महिलाओं ने संभाला है। बेटी के जन्म पर इलाके की महिलाएं गीत सुनाती है घर में लक्ष्मी है आई, बधाई हो बधाई। यही है।ये महिलाएं न केवल बेटी के जन्म वाले घर में जाकर खुशियां मनाती है, बल्कि उस परिवार को तोहफे के तौर पर गुड़िया, पैसे सहित अन्य उपहार भी देती हैं। साथ ही बेटी के खुशहाल जीवन की कामना वाले गीत भी गाए जाते है। यही नहीं घर में भी बेटी के जन्म पर खुशियां मनाई जाती है। घर में अब बेटी पैदा होने पर बेटों की ही तरह धाम रखी जाती है। बाकायदा घर आंगन में उत्सव का माहौल रचा जाता है। करसोग में ग्राम पंचायत भण्डारनु के न्यूली में भवानी दत्त और नेहा के घर पर भी बेटी के जन्म पर इन दिनों उत्सव जैसा ही माहौल है। माता पिता ने बेटी के जन्म पर खुशी जताते हुए गांव के लोगों को धाम दी। बिना किसी सामाजिक आंदोलनों या नारेबाजी के इस गांव की महिलाएं बेटी के मोल को पहचानती है। यहां शिवा महिला मंडल देहरी पंचायत व आसपास के इलाके में जिस घर में बेटी जन्म लेती है। वहां महिला मंडल की प्रतिनिधि तोहफों और आशीष की बौछार लिए पहुंचती हैं। नियुली में स्थानीय निवासी भवानी दत्त के घर मे बेटी पैदा होने के अवसर पर शिवा महिला मंडल देहरी की सदस्य घर पहुंची और माता पिता को बेटी के जन्म पर बधाई दी। इस अवसर पर सभी सदस्यों ने पैसे एकत्रित कर बेटी को शगुन भी दिया। इलाके के लोग शिवा महिला मंडल देहरी के इस प्रयास को खूब सराहा रहे हैं। देश भर में हिमाचल के मंडी जिला का बेटी है अनमोल अभियान ऐसे भी सुर्खियों में है। इसी अभियान से करसोग में महिलाओं की सोच बहुत सुधरी है। नतीजा ये है कि करसोग में अब बेटी के जन्म पर मां बाप का मुहं मायूसी से नहीं लटकता बल्कि उत्सव का माहौल होता है। शिवा महिला मंडल देहरी की प्रधान वनिता शर्मा ने कहा कि पंचायत में बेटी के जन्म पर आगे भी घर में जाकर ऐसे ही उपहार दिए जाएंगे। ताकि बेटी सभी के लिए अनमोल हो।
विधानसभा सत्र के दौरान सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा जी ने जिस तरह से प्रदेश व अपने विधानसभा क्षेत्र के मुद्दों को सदन के भीतर मजबूती से रखा तथा उन पर सरकार ने भी सकारात्मक रवैया अपनाया, उससे सुजानपुर की जनता में भी उनके प्रति विश्वास बढ़ता जा रहा है। रविवार देर शाम ग्राम पंचायत टिब्बी में एक कार्यक्रम के दौरान एक दर्जन के करीब लोगों ने विधायक राजेंद्र राणा व कांग्रेस पार्टी की नीतियों पर भरोसा जताते हुए भाजपा को छोडक़र कांग्रेस का दामन थाम लिया, जिन्हें राजेंद्र राणा ने हार पहनाकर पार्टी में सम्मान के साथ शामिल किया। पार्टी की इस लगातार इस दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक में कांग्रेस में शामिल होने वालों में रविंद्र कुमार ऊर्फ सन्नी, सुरेश ठाकुर, सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक रत्न चंद ठाकुर, संतोष कुमार, रविकांत, जीत राम, राजकुमार, कृष्ण शर्मा सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता अजय भास्कर व सेवानिवृत्त शास्री परमानंद आदि रहे। इस मौके पर विधायक राजेंद्र राणा ने पार्टी में शामिल नए सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उन्हें पार्टी में पूरा मान-सम्मान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उनके लिए सुजानपुर विस क्षेत्र की जनता परिवार है तथा अपने परिवार के सुख-दुख में शामिल होना वह अपना कर्तव्य मानते हैं, उसमें न तो किसी की पार्टी पूछी जाती है और न ही जाति, धर्म या कुछ और। उन्होंने कहा कि निस्वार्थ भावना से अब तक उन्होंने जनता की सेवा की है और आगे भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सैनिक स्कूल सुजानपुर की बकाया राशि 3 करोड़ 71 लाख रुपए को देने की सहमति से दी है। स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। इस मौके पर राजेंद्र राणा ने पंचायत की जनता की समस्याएं भी सुनीं तथा उन्हें हल किया। उन्होंने टिब्बी गांव की सडक़ के लिए सवा 2 लाख रूपए, मुढान चम्बियाला महिला मंडल के लिए 2 लाख रूपए, सौरकड़ गांव में सडक़ निर्माण के लिए सवा लाख रूपए, मुख्य सडक़ मार्ग से दलेर ङ्क्षसह के घर तक के रास्ते के निर्माण के लिए 1 लाख रुपए विधायक निधि से देने की घोषणा की। गांववासियों द्वारा पानी की समस्या को लेकर उन्होंने कहा क जिस घर में पानी नहीं आ रहा है, उनको पानी की नई पाइप डलवा दी जाएगी। इस मौके पर टिब्बी पंचायत के पूर्व प्रधान बलवीर शर्मा, उपप्रधान हेमराज शर्मा, वार्ड सदस्य रक्षा देवी, मझोग सुल्तानी पंचायत के उपप्रधान बुद्धि सिंह, बी.डी.सी. लुड्डी राम व कृष्ण चंद, कुठेड़ा पंचायत के पूर्व उपप्रधान सुरेश कुमार, कैप्टन बाबू राम, सेवानिवृत्त मुख्याध्यापक जगदीश कौशिश व दुनी चंद शर्मा तथा प्रवीण ऊर्फ लक्की सहित अन्य गण्यमान्य लोग मौजूद थे।
24 नवंबर को श्रम एवं रोजगार विभाग के सौजन्य से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला थुनाग जिला मंडी के खेल मैदान में रोजगार मेला आयोजित किया जा रहा है। रोजगार मेले में निजी क्षेत्र की लगभग 40 कंपनियां भाग ले रही है। इनमें प्रमुख कंपनियां हैवेल्स इंडिया, लिमिटेड ब्लू स्टार, माइक्रोटेक इंटरनेशनल, बिड़ला टैक्सटाइल्स मिल्स, विप्रो इंटरप्राइजेज आदि शामिल है। इस मेले में इच्छुक उम्मीदवार जो 8वीं,10वीं,12वीं पास, आईटीआई डिप्लोमा होल्डर, स्नातक डिग्री, बी फार्मा, डी फार्मा, ए फार्म तथा स्नातक भाग ले सकते हैं। रोजगार मेले में भाग लेने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 18 वर्ष से 45 वर्ष निर्धारित की गई है। सभी इच्छुक उम्मीदवारों से अनुरोध है कि वे 24 नवंबर को सुबह 9:00 बजे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला थुनाग जिला मंडी के खेल मैदान में शैक्षणिक योग्यता के प्रमाण पत्र, रोजगार कार्यालय में पंजीयन संबंधी प्रमाण पत्र, अनुभव प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट आकार के फोटो सहित उपस्थित होकर समय पर अपना पंजीकरण करवाएं ताकि उम्मीदवार की पात्रता योग्यता के अनुसार कार्रवाई की जा सके।
मंडी : उपमंडल गोहर के बाढू गांव में एक महिला ने नशे में धुत होकर खूब हंगामा किया। उसने अपने पुरुष साथी के साथ पहले जमकर शराब पी। जब शराब का नशा सिर चढ़कर बोलने लगा तो उसने गांव में हुड़दंग मचाना शुरू कर दिया। महिला ने इतना हंगामा किया कि उसकी हरकत से गांव के लोग घबरा गए। ग्रामीणों को तुरंत पुलिस को मौके पर बुलाना पड़ा। घटना बाढू गांव में दो दिन पूर्व की रात का बताई जा रही है। सुंदरनगर क्षेत्र एक महिला अपने एक पुरुष साथी के साथ बाढू गांव पहुंची थी। यहां पर किसी जान पहचान वाले के घर में डटकर शराब पी ली। शराब पीने के बाद महिला सुधबुध खो बैठी और गालीगलौज के साथ अजीब तरह की हरकतें करने लगी। अपनी महिला मित्र की हरकतों को देखकर साथी मौके पर से नौ दो ग्यारह हो गया। पुलिस टीम ने मौके पर जाकर महिला को गोहर थाना पहुंचाया। महिला पुलिस की देखरेख में महिला को रातभर थाने में ही रखा गया। फिर उसके परिजनों को थाने में बुलाकर उनके हवाले किया गया। लोगों ने महिला के साथी का पीछा करते हुए उसे रोहांडा से पकड़कर पुलिस के हवाले दिया। फिलहाल महिला को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया
मंडी : नेशनल हाइवे मंडी पठानकोट पर कोटरोपि के पास कार और जीप में टक्कर हो जाने से कार में सवार चार महिलाएं गभीर रूप से घायल हो गई। घायलों को उपचार के लिए पधर अस्पताल भर्ती करवाया गया, जहां से एक घायल महिला को जोनल अस्पताल मंडी में रेफर कर दिया। हादसा शुक्रवार सुबह सवा दस बजे हुआ। इस दौरान करीब एक घंटा एनएच बंद रहा।
वीरवार को एसएफआई मण्डी इकाई ने एडीएम को शहर में बेसहारा पशुओं की तादाद बढने पर ज्ञापन सौंपा। इकाई अध्यक्ष ईशान ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से शहर में बेसहारा पशुओं की तादाद बढ गई है। इसमें शहर में यातायात व्यवस्था तथा विशेषकर छात्रों, बच्चों और अन्य लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हमीरपुर : सीएम के गृह ज़िला मंडी पुलिस की एक बड़ी भूल सोमवार को फिर सामने आई है। सरकाघाट समाहल गाँव की 80 वर्षीय बुज़ुर्ग महिला राजदेई के मामले में विक्टिम और उनकी बेटी बिना पुलिस प्रोटेक्शन के हमीरपुर बस स्टैंड से बस में मेडिकल के लिए सरकाघाट रवाना होना पड़ा। इतने गम्भीर मुद्दे को लेकर विक्टिम को बिना पुलिस प्रोटेक्शन के हमीरपुर से भरेड़ी तक का क़रीब 30 किलोमीटर का सफ़र तय करना किसी रिस्क से कम नहीं। सरकाघाट पुलिस इन्हें भरेड़ी से अपनी प्रोटेक्शन में साथ ले जाएगी। विक्टिम के साथ उनका दामाद एवं छोटी बेटी भी बस में सफ़र कर रही है। पुलिस को सोमवार को सरकाघाट में उनका मेडिकल करवाना है। इस बारे में डीएसपी सरकाघाट चंद्रपाल सिंह ने बताया कि विक्टिम और इनके परिवार को पूरी सुरक्षा प्रदान की जा रही है। परिजनों के कहने पर ही विक्टिम बस में परिजनों सहित मंडी की सीमा भरेड़ी तक बस में आ रही है। फिर भी एसएचओ को उन्हें आगे जाकर पुलिस प्रोटेक्शन में लाने के आदेश दे दिए गये है। एसपी मंडी गुरदेव चंद शर्मा के ध्यान में जैसे ही यह बात लाई गयी उन्होंने तुरंत डीएसपी सरकाघाट से रिपोर्ट तलब की। एसपी शर्मा ने बताया कि विक्टिम और उसके परिवार की सुरक्षा में कोई क़ोताही नहीं बरती जाएगी। पुलिस को तुरंत बस तक पहुँच विक्टिम को सुरक्षा में लाने के आदेश दे दिए गये है। वहीं महिला अयोग की चेयरपर्सन डेजी ठाकुर ने कहा कि वह इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए एसपी मंडी से तुरंत बात की है और विक्टिम व परिजनों की सुरक्षा में किसी प्रकार की क़ोताही न बरतने के आदेश दे चुकी है।
पच्छाद एवं धर्मशाला उपचुनावों में मिली जीत जनता व भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं की जीत है। इसके लिए मुख्यमंत्री जयरामठाकुर ने जनता एवं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। पूरे प्रदेश में इस जीत के अवसर पर भाजपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह व हर्ष का वातावरण है। यही हर्ष का वातावरण जिला शिमला में भी देखने को मिला। जहां शिमला स्थित प्रदेश मुख्यालय दीपकमल में मुख्यमंत्री जयरामठाकुर व नेतायों और भाजपा कार्यकर्ताओं ने लड्डू वितरण कर जीत का जश्न मनाया।
दीपावली के शुभ अवसर पर स्वादिष्ट मिठाइयों को देख कर जी ललचाना स्वाभाविक ही है। ऐसे में उपभोक्ताओं की पसंद को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश मिल्क फैडरेशन ने शुद्ध देसी घी से बनी मिठाइयां उपलब्ध करवाने के लिए सुंदरनगर में एआरटीसी बस अड्डे पर अपना आउटलेट खोला है। हिमाचल प्रदेश मिल्कफेड के अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा ने इस आउटलेट का विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर निहाल चंद शर्मा ने सभी को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मिल्कफेड की मिठाइयां त्योहारों की खुशियों को और रसीला बना देती हैं। शुद्ध, स्वादिष्ट व स्वास्थ्य अनुकूल होने के साथ-साथ सस्ती होने के चलते लोग इन मिठाइयों को काफी पंसद करते हैं। मिल्कफेड का प्रयास है कि लोगों को अच्छे उत्पाद मिलें। उपभोक्ताओं की मांग को देखते हुए मिल्क फैडरेशन ने पिछले साल की तुलना में इस वर्ष 100 क्विंटल से अधिक मिठाइयां तैयार की हैं। मिल्क प्लांट चक्कर के वरिष्ठ प्रबन्धक रोकश पाठक ने मिल्कफेड के आउटलेट पर सस्ते दामों पर शुद्ध मिठाइयां मिलने का दावा करते हुए बताया कि इस वर्ष मिठाइयों के प्रति 400 ग्राम पैक का मूल्य पिन्नी 210रुपए, पंजीरी 210 रुपए, मिल्क केक 190 रुपए, पेड़ा 200 रुपए, बिकानेरी बर्फी, डोडाबर्फी, सोहन पापड़ी और कोकोनट बर्फी 200 रुपए, रोस्टीड चना बर्फी 170 रुपए, काजूबर्फी 350 रुपए है। मोतीचूर लड्डू 210 प्रतिकिलो और रसगुल्ला, गुलाब जामुन, अंगूरीपेठा इत्यादि मिठाइयां 200 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से मिलेंगी। इस मौके पर वरिष्ठ प्रबन्धक रोकश पाठक, क्षेत्रीय अधिकारी चंद्रशेखर वैद्य व हेमराज वालिया, मित्रदेव शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस मैमोरियल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पधर में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर का रविवार को समापन हो गया। समापन समारोह में स्कूल के एसएससी के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। स्कूल की प्रधानाचार्य धर्मा शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि इस तरह के कार्यक्रम का होना अत्यंत जरूरी है। इससे बच्चों का मानसिक और बौद्धिक विकास होता है। एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारी ललित शर्मा व रश्मि वैद्य ने 7 दिन की रिपोर्ट मुख्य तिथि के समक्ष रखी। लड़को में शाहिल सेन, अक्षय कुमार, कश्मीर सिंह, अक्षय और राहुल को वेस्ट स्वंसेवी और लड़कियों में रक्षा, दीक्षा व सुनीता को बेस्ट स्वंसेवी चुना गया। वही मुख्यतिथि ने बच्चों को मेडल देकर समानित किया। समापन समारोह में कार्यक्रम अधिकारी ललित शर्मा ने आये हुए सभी मेहमानों का आभार जताया। इस अवसर पर स्कूल का तमाम स्टाफ मौजूद रहा।
मंडी के सरकाघाट में एक युवक की बाइक स्किड हो गई और वह बाइक से उछलकर सिर के बल पुल पर जा गिरा। इस कारन उसकी मौत हो गई। जबकि बाइक पर सवार दूसरे युवक को हल्की चोटें आई है। मृतक की पहचान ऋषभ उम्र 24 साल बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि ऋषभ और उसका साथी विशाल राणा बाइक में पेट्रोल भरवाने जा रहे थे।
प्रदेश के बेरोजगार विशेष प्रशिक्षक संघ ने सरकार से स्पेशल एजुकेटर को शिक्षा विभाग में सीधी भर्ती प्रक्रिया से रोजगार प्रदान करने की मांग की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश ठाकुर और दवेंद्र शर्मा ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को मुख्य धारा में जोडऩे की दिशा में यह प्रदेश के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संघ का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिलेगा और मांगों को रखेगा। प्रदेश में एक हजार से अधिक स्पेशल एजुकेटर बेरोजगार और इनके परिवार प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2005 से स्पेशल एजुकेटर की शिक्षा प्रदान की जा रही है। करीब 300 स्पेशल एजुकेटर प्रति वर्ष दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए ट्रेंड किए जा रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने हरियाणा की तर्ज पर यहां टीचरों के ट्रांसफर के लिए पालिसी बनाने की सोची, जिसपर सॉफ्टवेयर बनाने की भी तैयारी है, लेकिन अब उत्तराखंड के मॉडल का अध्ययन भी शुरू कर दिया है। अभी तक सरकार यह तय नहीं कर पा रही है कि उसे पालिसी ही बनानी है या फिर एक्ट रखना है, क्योंकि उत्तराखंड में इसके लिए एक्ट बना है वहीं, हरियाणा में पालिसी बनी है। ऐसे में सरकार उलझ गई है। सूत्रों के अनुसार उत्तराखंड में टीचर ट्रांसफर के लिए जो एक्ट है उसकी प्रति अधिकारियों को मिल चुकी है, जिसपर सचिव स्तर पर चर्चा हुई। दो दिन पूर्व अधिकारियों ने इस पर मंथन किया जो अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्री को सौंपेंगे। बताया जाता है कि शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने ही अफसरशाही को उत्तराखंड के मॉडल को देखने को भी कहा है। एक तरफ अभी उलझन पड़ी है दूसरी तरफ यहां वित्त विभाग से सॉफ्टवेयर बनाने के लिए पैसा भी मांगा जा चुका है। 11 लाख रुपए की मांग वित्त विभाग से की है जो केंद्र सरकार की एक एजेंसी को दिए जाने हैं। उसने हरियाणा में टीचर ट्रांसफर का सॉफ्टवेयर बना रखा है, जिससे हिमाचल में भी काम करने की बात की जा रही है। इस एजेंसी से एनआईटी के जरिए बातचीत हो चुकी है, मगर अब एक्ट पर मंथन से यह लग रहा है कि कहीं प्रदेश सरकार अपना इरादा न बदल दे। यहां पालिसी की जगह पर एक्ट होगा या फिर पालिसी ही होगी अभी फैसला नहीं हो पाया है। सूत्र बताते हैं कि शिक्षा मंत्री से बात किए जाने के बाद अधिकारियों को चर्चा करने के लिए कहा गया है, जो भी सही होगा उसे लागू कर दिया जाएगा। दिसंबर महीने तक इस कसरत को पूरा करके इसे सिरे चढ़ाने के लिए ट्रायल भी होगा। इस मुद्दे पर शिक्षा मंत्री से अधिकारियों की चर्चा अब उपचुनाव के बाद ही हो पाएगी, क्योंकि शिक्षा मंत्री भी प्रचार में डटे हैं।
मंडी : 6 अक्तूबर श्रद्धा और आस्था से भरे जन - मन के बीच भव्य शोभायात्रा से परंपरागत टारना माता मेले का आगाज़ हुआ। रविवार को राज देवता माधो राय के मंदिर में पूजा अर्चना के बाद शोभायात्रा निकाल कर नवरात्रों के दौरान मंडी में टारना माता मेला मनाने की परंपरा बरसों बाद फिर शुरू हुई। नगर परिषद मंडी ने इस प्राचीन परंपरा के परिचायक मेले को फिर से शुरू करने की पहल की है। इस मौके ब्रजेश्वरी महिला कमेटी, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाठशाला, एसवीएम स्कूल के बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए। कार्यक्रम में नगर परिषद मंडी के उपाध्यक्ष विरेन्द्र शर्मा, पार्षद अलकनंदा हांडा, सिमरनजीत कौर, नेहा कुमार, पुष्प राज कात्यायन, जितेन्द्र शर्मा, माधुरी कपूर, निर्मला शर्मा, उर्मिला शर्मा, बंसीलाल, विशल ठाकुर, हेमलता शर्मा, मोती लाल मेहता, ब्रजेश्वरी माता कमेटी की सदस्य, शहर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा पूर्व पार्षद व गड़ी संख्या में मंडी वासी उपस्थित रहे।
मेले और त्यौहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को अपने देवी-देवताओं के प्रति लोगों की धार्मिक आस्था के अलावा सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शुक्रवार को ऐतिहासिक सेरी मंच मंडी में आयोजित छोटे काशी महोत्सव के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि छोटी काशी महोत्सव का आयोजन मंडी शहर की समृद्ध संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का पहला प्रयास था, जिसे शहर में बड़ी संख्या में मंदिरों के कारण छोटा काशी के नाम से जाना जाता था। जय राम ठाकुर ने कहा कि हमारी पुरानी संस्कृति, परंपरा और मूल्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है क्योंकि केवल वे समाज ही अपनी परंपरा का सम्मान करते है और उसे बनाए रखते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी शहर की सदियों पुरानी परंपरा और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए महोत्सव का एक लंबा रास्ता तय किया जाएगा और छोटी काशी के पुराने गौरव को पुनर्जीवित और संरक्षित किया जाएगा। डिप्टी कमिश्नर मंडी और चेयरमैन महोत्सव आयोजन समिति बीहड़ ठाकुर ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह तीन दिवसीय महोत्सव का उद्देश्य छोटी काशी मंडी की समृद्ध संस्कृति और परंपरा को उजागर करना था। उन्होंने कहा कि गंगा आरती की उपमा पर ब्यास आरती भी आयोजित की जाएगी, जो पंचवक्त्र मंदिर से शुरू होगी। अवसर पर संसद सदस्य राम स्वरूप शर्मा, विधायक अनिल शर्मा, जवाहर ठाकुर, विनोद कुमार, राकेश जम्वाल और इंद्र सिंह गांधी, अध्यक्ष निहाल चंद शर्मा, अध्यक्ष बोर्ड राज बाली, महासचिव बाल कल्याण परिषद पायल वैद्य, अध्यक्ष नगर परिषद मंडी सुमन ठाकुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव भाषा, कला और संस्कृति राम सुभाग सिंह, पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा इस अवसर पर अन्य लोगों के साथ उपस्थित थे।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रोपा में वीरवार को स्कूल की कनिष्ठ रेडक्रॉस इकाई द्वारा बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से स्कूल में कन्याओं के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षता स्कूल के प्रधानाचार्य ताराचंद शर्मा ने की। स्वास्थ्य की जांच कनिष्ठ रेडक्रॉस इकाई के प्रभारी उपेंद्र कुमार की देखरेख में करवाई गई। इस शिविर में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच की गई तथा उन्हें उपयुक्त स्वास्थ्य व शारीरिक विकास संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गई। इस अभियान में कक्षा छठी से 12वीं कक्षा तक के कुल 179 विद्यार्थियों के स्वास्थ्य की जांच करवाई गई। इसमें 91 छात्राएं व 88 छात्रों की स्वास्थ्य की जांच की गई। इस अवसर पर स्कूल के सभी अध्यापकों ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग दिया व इस शुभ कार्य में सहयोग के लिए स्कूल प्रशासन ने आए हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम का भी धन्यवाद किया।
वीरवार दोपहर को कुन्नू सेवन स्टार होटल के पास एक कार और जीप की आपस में टक्कर हो गई। हालांकि कार में सवार किसी भी सवारी को कोई चोट नही पहुंची है। पधर की तरफ से आ रही जीप एचपी 76 ,1095 और मंडी की तरफ से आ रही आई ट्वेंटी डीएल 10 सी 9487 की आपस मे टक्कर हो गई। हालांकि सड़क पर कोई भी जाम की स्थिति उत्पन्न नही हुई, क्योकि एक तरफ से गाड़ियों की आवाजाही जारी रही। पुलिस के पहुंचने से पहले ही दोनों पार्टियों द्वारा आपस मे समझौता कर लिया गया। जिस कारण कोई पुलिस केस नही बन पाया।
महेन्द्र सिंह ठाकुर ने धर्मपुर विधान सभा क्षेत्र के धवाली में 2.75 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किसान भवन का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस भवन से किसानों को ठहरने की उचित सुविधा मिलेगी। इसके अलावा 81.94 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाले पीडब्लयूडी मंडल धर्मपुर के कर्मचारियों के चार टाईप-टू आवासीय भवनों का धर्मपुर में शिलान्यास किया। उन्होंने धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत बहरी पंचायत के चक्याणा में 5 लाख रुपए की लागत से सम्पर्क सड़क में पीसीसी डालने के कार्य का शुभारंभ किया। 6.87 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाले पंचायत भवन धर्मपुर के द्वितीय तल का नींव पत्थर रखा। उन्होंने नागरिक अस्पताल धर्मपुर के लिए 30 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाली सम्पर्क सड़क का भूमिपूजन किया। सम्पर्क सड़क कांडापतन पर 15 लाख रुपए की लागत से सीमेंट कंकरीट पेवमैंट डालने के कार्य और 5 लाख रुपए की लागत से सम्पर्क सड़क आरली बहरी के कार्य का शुभारंभ किया। 10 लाख रुपए की लागत से बनने वाले राजकीय उच्च पाठशाला बहरी के खेल मैदान के कार्य और 10 लाख की लागत से बनने वाली सम्पर्क सड़क बाल्हड़ा के कार्य का शुभारंभ। इससे पहले उन्होंने धर्मपुर में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित वरिष्ठ नागरिक दिवस कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया तथा उनकी समस्याओं को भी सुना।
आज हम आपको दर्शन कराने जा रहे है माहुंनाग मंदिर के, जो की ज़िला मंडी की तहसील करसोग में स्थित है। माहुंनाग जी को दानवीर कर्ण का अवतार माना जाता है। देव बड़ेयोगी माहुंनाग जी के गुरु है। यह मंदिर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है। यहाँ से दूर दूर तक बहुत सी पहाड़ियां दिखाई देती है। माहुंनाग जी मूल माहुंनाग के रूप में प्रसिद्ध है। महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने छल से कर्ण का वध किया परन्तु अर्जुन का हृदय ग्लानी से भर गया। कर्ण का अंतिम संस्कार करने के लिए अर्जुन ने अपने नाग मित्रों की सहायता से सतलुज के किनारे ततापानी के समीप कर्ण का शव लाकर अंतिम संस्कार कर दिया। उसी चिता से एक नाग प्रकट हुआ और वही समीप बस गया। पौराणिक कथा एक बार सेन वंश के एक शासक ने गुर की परीक्षा लेनी चाही। राजमहल में एक प्रकार की शिलाओं को रखा गया और एक एक शिला के नीचे माहुंनाग लिखा गया। अब गुर को उस शिला को पहचानना था। अगर वह ऐसा नहीं कर पाता तो उसके बाल व दाड़ी को मुंडवा कर उसे असत्य करार दिया जाता। अब गुर की परीक्षा सभी के सामने हुई। गुर के प्राण संकट में थे, वह ये निर्णय नहीं कर पा रहा था कि कौन सा स्थान सही है। ऐसा सोचते हुए एक मधुमक्खी उसके कान के पास आई और एक शिला में बैठ गई। अब गुर उसी शिला पर खड़ा हो गया और उसी पर माहुंनाग लिखा गया था। राजा अब देवता की शक्ति से आश्वस्त हो गया और देवता को पूज्य स्थान प्राप्त हो गया। विशेषताएं चैत्र मास के नवरात्रों में प्रतिवर्ष लगभग एक मास की रथ यात्रा माहुनाग सुंदरनगर क्षेत्र के लोक कल्याण हेतु करते है । देवता का रथ गुर , पुजारी , मेहते कारदार , बजंत्री व श्रद्धालु साथ चलते है । यहाँ दूर दूर से लोग अपनी मन्नते पूरी होने पर आते है और भेंट स्वरुप विभिन्न उपहार चढ़ाते है ।
पूरी दुनिया को अपने सुरों से कायल बनाने वाली आशा भोसले आज अपना 86वां जन्मदिन मना रही हैं। आशा ने 20 भाषाओँ में लगभग 14 हज़ार से अधिक गीतों को अपनी आवाज से अमर किया है और स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बाद संभवतः वे हिंदुस्तान की सबसे बड़ी और नायाब गायिका है। उनके जन्मदिन पर हम आपको अवगत करवा रहे है उनके जीवन के कुछ पहलुओं से: 10 साल की उम्र में शुरू किया गाना आशा भोसले लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं। आशा ने बड़ी बहन लता मंगेशकर की जिम्मेदारियों को कम करने के लिए 10 साल की उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था। उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर मशहूर क्लासिकल सिंगर थे। लता के सेक्रेटरी से हुआ प्यार आशा ने 16 साल की उम्र में भागकर शादी की थी। दरअसल आशा को लता मंगेशकर के सेक्रेटरी गणपतराव भोसले से प्यार हो गया था। उस समय वे सिर्फ 16 साल की थी और गणपतराव 31 साल के थे। परिवार के विरडोह क बाद आशा और गणपतराव ने भागकर शादी कर ली थी। पति के घर से भाग आई प्रेग्नेंट आशा आशा और गणपतराव की शादी ज्यादा दिन नहीं चल पाई।आशा भोसले के अनुसार गणपतराव के परिवार ने उनके साथ मारपीट की कोशिश भी की जिसके बाद वह गणपतराव का घर छोड़कर आ गई। जब आशा ताई अपने घर वापिस आईं उस समय प्रेग्नेंट थीं। 6 साल छोटे आरडीए बर्मन से हुआ प्यार फिल्म 'तीसरी मंजिल' के दौरान आशा की मुलाकात आरडी बर्मन से हुई और उन्हें फिर से प्यार हो गया। इसके पंचम दा और आशा ने 1980 में शादी कर ली। यहां एक बात खास है कि आरडी बर्मन, आशा से 6 साल छोटे थे। पंचम के जाने के बाद टूट गई थी आशा शादी के 14 साल बाद पंचम दा ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया और आशा इस हादसे से पूरी तरह टूट गयी। पर खाना बनाने की आदत से उनकी जिंदगी बच गई। वे अक्सर उदास मन के साथ रसोई में चली जातीं और खाना बनाने लगतीं। धीरे-धीरे उन्हें लगने लगा कि वो जो खाना बना रही हैं उसको लोगों के हिसाब से स्वादिस्ट होना चाहिए। और खाना बनाते हुए आशा ने जिंदगी को ख़ूबसूरती के साथ जीना शुरू कर दिया। छोटे बेटे आनंद करते है देखभाल आशा के बड़े बेटे का नाम हेमंत था जिनका निधन हो चुका है। भोसले की बेटी वर्षा ने 8 अक्टूबर 2012 में सुसाइड कर लिया था। आशा ताई के सबसे छोटे बेटे आनंद भोसले इन दिनों उनकी देखभाल कर रहे हैं। ग्रैमी के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली भारतीय आशा को 7 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड , 2 बार नेशनल अवॉर्ड, पद्म विभूषण और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है। 1997 में आशा भोसले पहली भारतीय सिंगर बनी जिन्हें ग्रैमी अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट किया गया था।
इन दिनों देश भर में गणेश उत्सव की धूम देखने को मिल रही है। जगह-जगह भगवान गणेश की महिमाओं का गुणगान हो रहा है तो चलिए हम आज आपको एक ऐसे गणेश मंदिर के बारे में बताते है जो तांत्रिक शक्तियों से परिपूर्ण है। यह मंदिर हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी ज़िले में स्थित है। यह मंदिर उत्तरी भारत का इकलौता सिद्ध मंदिर है। पौराणिक कथा इस मंदिर में जो भगवान गणेश की मूर्ति है। उसे 1686 ई में मंडी रियासत के तत्कालीन राजा सिद्ध सेन ने स्थापित करवाया था। राजा, तंत्र विद्या में काफी रूचि रखते है इसीलिए उन्होंने इस मूर्ति की सिद्धि करवाई और इसे ज्यादा प्रभावशाली बनाने के लिए तांत्रिक शक्तियों से परिपूर्ण किया गया। बताया जाता है की पश्चिम बंगाल की तरफ भगवान गणेश के ऐसे अनेको मंदिर विराजमान है लेकिन उत्तरी भारत में यह इकलौता है। साँप का तंत्र विद्या से पर्याप्त महत्व है। इसी के चलते जब राजा ने मूर्ति का निर्माण करवाया तो इसमें नाग देवता की छवि को भी उभरा गया, जिसके बाद इसकी सिद्धि करके इसे सिद्ध गणपति का नाम दिया गया। जानकारी के मुताबिक मंडी में सेन वंशज पश्चिम बंगाल से आए थे और वंशज के राजा सिद्धसेन ने एक अन्य राज्य पर जीत का परचम लहराने की मनोकामना मांगी थी। विशेषताएं ये मंदिर हिमाचल के मंडी ज़िले में स्तिथ है। मंदिर के इतिहास पर विधायक दीनानाथ शास्त्री किताब लिख चुके है। इस मंदिर में गणेश जी की मूर्ति पर सिंदूर से लेप किया गया है। यहाँ पर लगातार 21 बुधवार आकर पूजा अर्चना करने पर मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। हर वर्ष यहाँ गणेश उत्सव बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है। तांत्रिक शक्तियों वाला हिमाचल में यह इकलौता मंदिर है। गणेश उत्सव के दौरान प्रशासनिक अधिकारों से लेकर मंत्री भी यहाँ आते है। मूर्ति के गले में हर वक़्त नाग देवता भी विराजमान रहते है।
इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 23 अगस्त दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करने से पापों का नाश और सुख की वृद्धि होती है। इस वर्ष श्री कृष्ण जन्म का मुहूर्त रात्रि में 10:44 से 12:40 के मध्य है। इस शुभ समय में भगवान की विधि विधान से पूजा करने से सभी मनोरथ पुरे होते है। पूजन में देवकी, वसुदेव, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा, और लक्ष्मी का स्मरण भी अवश्य करना चाहिए। स्कंद पुराण के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म करीब पांच हज़ार वर्ष पूर्व द्वापरयुग में हुआ था। माता देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान थे श्री कृष्ण स्कंद पुराण के अनुसार द्वापरयुग में मथुरा में महाराजा उग्रसेन राज करते थे। उनके क्रूर बेटे कंस ने अपने पिता को सिंहासन से हटा दिया और खुद राजा बन गया। कंस का अत्याचार प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। कंस की एक बहन देवकी थी जिसका विवाह वासुदेव से हुआ। कंस अपनी बहन देवकी को उसके ससुराल छोड़ने जा रहा था, तभी रास्ते में एक आकाशवाणी हुई, 'हे कंस जिस देवकी को तू इतने प्रेम से विदा कर रहा है उसका ही आठवां पुत्र तेरा काल होगा।' यह सुनते ही कंस ने देवकी और वासुदेव को बंधक बना लिया। कंस ने सोचा कि अगर वह देवकी के हर पुत्र को मारता गया तो वह अपने काल को हराने में कामयाब होगा। इसके बाद देवकी की जैसे ही कोई संतान पैदा होती, कंस उसे मार देता। सात संतानों के मारे जाने के बाद देवकी के 8वें पुत्र के जन्म की बारी आई। पर इस बार कंस की सारी योजनाएं धरी की धरी रह गईं। अष्टमी की रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण का जैसे ही जन्म हुआ, उसी समय संयोग से नंदगांव में यशोदा के गर्भ से एक कन्या का जन्म हुआ।ईश्वर की कृपा से वासुदेव के हाथ-पैरों में बंधी सारी बेड़िया अपने आप खुल गईं, कारागार के दरवाजे खुल गये और सभी पहरेदार मूर्छित हो गए। वासुदेव ने एक टोकरी में नवजात शिशु (श्री कृष्ण )को रखा और नंद गांव की ओर चल पड़े। पूरे मथुरा में उस दौरान तेज बारिश हो रही थी ऐसे में शेषनाग स्वयं शिशु के लिए छतरी बनकर वासुदेव के पीछे-पीछे चलने लगे। वासुदेव यमुना पार कर नंदगांव पहुंचे और यशोदा के साथ बाल कृष्ण को सुला दिया और स्वयं कन्या को लेकर मथुरा गये। यह कन्या दरअसल माया का एक रूप थी। वासुदेव जैसे ही कारागार पहुंचे, सबकुछ सामान्य और पहले की तरह हो गया। कंस को आठवें संतान के जन्म की खबर पहरेदारों से मिली तो वह उसे मारने वहां आ पहुंचा। कंस ने कन्या को अपने गोद में लिया और एक पत्थर पर पटकने की कोशिश की। हालांकि,वह कन्या आकाश में उड़ गई और माया का रूप ले लिया। साथ ही उसने कहा,' तुझे मारने वाला तो पहले ही कहीं और सुरक्षित पहुंच चुका है।' कंस बेहद क्रोधित हुआ और कृष्ण की खोज शुरू कर दी। कंस ने उन्हें मारने का प्रयास किया लेकिन असफल रहा। आखिर में श्रीकृष्ण ने युवावस्था में कंस का वध किया अपने माता-पिता को कारागार से बाहर निकाला।
मंडी विधायक और पूर्व मंत्री अनिल शर्मा भाजपा में ही हैं। पहले उन्हें लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती जहां कह रहे हैं कि उनकी पार्टी से प्राथमिक सदस्यता खत्म है तो सीएम जयराम ठाकुर ने कहा था कि वह भाजपा में ही हैं।पर सोमवार को मानसून सत्र के शुरू होने से पहले अनिल शर्मा को भाजपा के वरिष्ठ विधायकों के बीच बैठाया गया। इसके साथ ही उनके भाजपा में होने की भी पुष्टि हो गई। पर सीएम और सत्ती के विरोधाभासी बयानों के बाद भाजपा में आपसी समन्वय और तालमेल की कमी जरूर उजागर हुई है।
सरदार पटेल ने लगाया था आरएसएस पर प्रतिबन्ध अगर देशभक्ति की कसौटी तिरंगा फहराना है, तो राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस ) तो अभी नया-नया देशभक्त हुआ है। आपको और हमे आरएसएस से देशभक्ति सीखने की जरुरत नहीं है। शायद आप नहीं जानते कि दिन रात देश भक्ति की नसीहत देने वाला संघ 2002 के पहले तिरंगा नहीं फहराता था। स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर भी आरएसएस के दफ्तरों में कभी तिरंगा नहीं फहराया जाता था। वर्ष 2002 तक सिर्फ दो मर्तबा ऐसा हुआ जब आरएसएस ने तिरंगा फहराया, पहला 15 अगस्त 1947 को और दूसरा 1950 में। दरअसल महात्मा गाँधी की हत्या के बाद तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल ने आरएसएस पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। जी हाँ वहीँ पटेल जिनका गुणगान करते हुए संघ आज थकता नहीं है।तब जब सरदार पटेल ने गांधीजी की हत्या में संलिप्तता के मामले में संघ पर लगा प्रतिबंध हटाने के पहले तिरंगे को राष्ट्रध्वज मानने के लिए गोलवलकर को मजबूर किया था, जिसके बाद संघ को तिरंगा फहराना पड़ा। आपको एक और दिलचस्प किस्सा सुनाते है। 26 जनवरी 2001 को आरएसएस मुख्यालय नागपुर ने तीन युवक जबरन घुस गए और उन्होंने वहां राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहरा दिया। वे तीन युवक राष्ट्रप्रेमी युवा दल के थे और इस बात से क्षुब्ध थे कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर भी आरएसएस कभी तिरंगा नहीं फहराता। तीनो युवकों पर मुक़दमा दर्ज हुआ, जिसे उन्होंने 12 साल तक झेला। इस प्रकरण के बाद आरएसएस की देश भक्ति पर भी सवाल उठने लगे। आखिरकार तिलमिलायें हुए आरएसएस ने 2002 से तिरंगा फहराना शुरू किया। आरएसएस तिरंगा क्यों नहीं फहराता था, आज तक आरएसएस इसका जवाब नहीं दे पाया है।
- कसौली से धधकी थी क्रांति की ज्वाला हिंदुस्तान के स्वतंत्रता संग्राम में हिमाचल प्रदेश का योगदान भी कम नहीं रहा। देवभूमि हिमाचल वीर योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों की जन्म और कर्म भूमि भी रहा है। वर्ष 1857 में जब देशभर में ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह प्रखर हुआ तो पहाड़ों की शांतवादियों में भी क्रांति की ज्वाला धधक उठी। करीब चार महीने में देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम के लिए लगभग 50 देशभक्त फांसी के फंदे में झूल गए थे। इसकी शुरुआत हुई थी कसौली से। 20 अप्रैल, 1857 को ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ हिमाचल में विद्रोह की चिंगारी कसौली अंग्रेज सैनिक छावनी से भड़की थी। तब 6 भारतीय सैनिकों ने कसौली पुलिस थाने को फूंक दिया था। देखते ही देखते विद्रोह की ये चिंगारी कसौली से डगशाई, सुबाथू, जतोग व कालका छावनियों में फैल गई। तब सिर्फ 45 हिन्दुस्तानियों ने करीब 200 अंग्रेज़ों को परास्त किया था। कसौली की तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर पी. मैक्सवेल ने इस घटना के बारे में लिखा कि ये हैरत की बात थी कि कैसे सिर्फ 45 भारतीय सैनिकों ने 200 अंग्रेज सैनिकों को हराया था। उधर, जतोग में गोरखा रेजिमेंट ने सूबेदार भीम सिंह के नेतृत्व में छावनी व खजाने पर कब्जा कर लिया। वहीँ, एक गोरखा सैनिक ने अपनी खुखरी से शिमला बाजार में एक अंग्रेज अधिकारी की गर्दन उड़ा दी।आलम ये था किफिरनगी अपनी जान बचाकर भागने लगे। इस दौरान बुशहर के राजा ने ब्रिटिश हुकूमत को नजराना सहित अन्य सहायता बंद कर दी और क्रांतिकारियों का खुलकर सहयोग किया। हालांकि बिलासपुर सहित कुछ अन्य शासकों ने अंग्रेजों का साथ दिया। इंग्लैंड के समाचार पत्रों में इस घटना का जिक्र Shimla Terror (शिमला आतंक) के तौर पर किया। 1857 की पहली क्रांति का विद्रोह कांगड़ा, कुल्लू-सिराज, चंबा व मंडी-सुकेत तक में हुआ। 11-12 मई के मेरठ व दिल्ली विद्रोह की सूचना कांगड़ा सहित आसपास के पूरे क्षेत्र में फैल गई थी, जिससे ब्रिटिश अधिकारियों ने अपने क्षेत्रों की सुरक्षा के उपाय कर लिए। 19 मई को ऊना-होशियारपुर में क्रांतिकारियों व देशी पुलिस ने भयानक विद्रोह कर दिया। सुजानपुर टीहरा के राजा प्रताप चंद अपने किले में क्रांति की तैयारियां करते रहे, लेकिन इसकी भनक अंग्रेजों को हो गई और महल में ही नजरबंद कर दिया गया। उधर, जसवां, गुलेर, हरिपुर, नौदान, नूरपुर, पठानकोट सहित अन्य क्षेत्र के लोग भी कंपनी के खिलाफ हो गए। नालागढ़ में भी क्रांतिकारियों ने मलौण किले से अंग्रेजों के हथियार कब्जे में ले लिए और 10 जून को जालंधर के दस्ते ने नालागढ़ पहुंचकर वहां के खजाने को लूट लिया। 30 जुलाई को कांगड़ा में विभिन्न स्थानों पर देशी सैनिकों व क्रांतिकारियों की अंग्रेजों के साथ मुठभेड़ हुई और कई ने सुरक्षा के बावजूद शहर में प्रवेश कर लिया। क्रांतिकारी ब्रिगेडियर रमजान को नूरपुर में फांसी दे दी गई, कांगड़ा में पांच व धर्मशाला में छह देशभक्त व क्रांतिकारी फांसी पर चढ़ाए गए। कुल्लू के युवराज प्रताप सिंह ने भी अंग्रेजों के खिलाफ खूब लोहा लिया, लेकिन अपने कुछ साथियों के पकड़े जाने के बाद वह भी गिरफ्तार कर लिए गए और तीन अगस्त को उन्हें व उनके साथी बीर सिंह को फांसी दी गई। मंडी के राजा विजय सेन केवल 10वर्ष के थे और सुकेत रियासत में आपसी गृहयुद्ध के कारण क्रांतिकारियों ने यहां अधिक सहयोग नहीं मिल पाया, लेकिन जनता में देशभक्ति की भावना प्रबल थी। ऐसे में अगस्त 1857 तक पहाड़ों में फैले विद्रोह को शांत कर लिया गया था I
ऐसा माना जाता है कि माता शक्ति ने यहाँ कोलासुर नामक राक्षस का वध किया था और लोगों को उसके प्रकोप से बचाया था। यहाँ माता के दर्शन के लिए दूर -दूर से लोग आते है। हम बात कर रहे है कोयला माता मंदिर की। यह मंदिर जिला मंडी मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। प्राचीन समय में राजगढ़ की पहाड़ी पर यह मंदिर एक चट्टान के रूप में ही था। बाद में यह मंदिर कैसे अस्तित्व में आया और कोयला माता की पूजा अर्चना कैसे शुरू हुई इसके बारे में एक कथा प्रचलित है। बहुत पहले राजगढ़ में हर दिन किसी न किसी के घर पर मातम छाया रहता था क्यूंकि आए दिन यहाँ कोई न कोई व्यक्ति मृत्यु का शिकार हो जाता था। इस तरह राजगढ़ क्षेत्र का दाहुल शमशान घाट किसी भी दिन बिना चिता जले नहीं रहता था। यदि किसी दिन शमशान घाट में शव नहीं पहुंचता तो उस दिन वहां पर घास का पुतला जलाना पड़ता था। वहां के लोगों का मानना था कि चिता के न जलने से किसी प्राकृतिक प्रकोप व् आपदा होने की संभावना होती थी। इस तरह घास के पुतले को जलाने की प्रथा से यहाँ के तंग आ गए थे। काफी सोच समझ कर क्षेत्र के लोगों ने इस प्रथा से छुटकारा पाने के लिए देवी माँ के आगे प्रार्थना की। लोगों की प्रार्थना से माँ काली प्रसन्न हो गयी देखते ही देखते एक व्यक्ति में देवी प्रकट हो गयी और उसने “खेलना ” शुरू कर दिया। खेलते-खेलते वह व्यक्ति कहने लगा “मैं यहाँ की कल्याणकारी देवी हूँ……तुम्हें घास के पुतले जलाने की प्रथा मुक्त करती हूँ। सुखी रहो और मेरी स्थापना यहीं कर दो। लोगों ने जब व्यक्ति के मुख से देवी के वाक् सुने तो उन्होंने देवी से कही गयी बातों का प्रमाण माँगा। इस पर उस खेलने वाले व्यक्ति ने पास की विशाल चट्टान की ओर इशारा किया और देखते ही देखते चट्टान से देसी घी टपकने लगा। उसी दिन से चट्टान व देवी की पूजा अर्चना शुरू हो गयी। इस तरह जब भी किसी शुभ कार्य के लिए देसी घी की ज़रूरत होती थी तो चट्टान के नीचे बर्तन रख दिए जाते थे और देखते ही देखते वो भर जाते थे। वहीं अचानक कुछ समय बाद चट्टान से घी टपकता बंद हो गया। इस के बारे में बताया जाता है कि पहले जब सड़कें व आने-जाने के साधन नहीं होते थे तो उस समय लोग चच्योट, मोवीसेरी , गोहर , जंजैहली व कुल्लू के लिए मंडी सकरोह मार्ग से होकर जाते थे। इसी रास्ते से होकर एक दिन एक गद्दी अपनी भेड़ बकरियां लेकर इस रास्ते से गुजर रहा था। चढ़ाई चढ़ने के बाद वो आराम के लिए उसी चट्टान के समीप बैठ गया। उसने चट्टान से घी टपकने की बात सुन रखी थी इसलिए वह वहां बैठ कर खाना खाने लग गया और अपनी जूठी रोटी पर घी लगाने के लिए चट्टान पर रगड़ने लगा। जूठन के फलस्वरूप उसी दिन से चट्टान से घी टपकना बंद हो गया। देवी के ऐसे कई चमत्कार लोगों को देखने को मिलते रहे इसलिए देवी व स्थान की मान्यता आज भी बनी हुई है। हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में स्थित यह मंदिर धार्मिक आस्था के अनुसार वह स्थान है जहां मां शक्ति ने चमत्कार दिखाया था। राजगढ़ की पहाड़ी पर बना ये मंदिर पहले मात्र एक बड़ी सी चट्टान के रूप में ही हुआ करता था। मां ने भक्तों को घास के पुतले जलाने की प्रथा से मुक्त किया था। हिमाचल प्रदेश के इस मंदिर की पहाड़ी से कभी घी टपकता था। एक बार एक झूठी रोटी के कारण साक्षात टपकने वाला घी अचानक बहना बंद हो गया। भक्तों का मानना है कि भक्त सच्चे मन से जो भी मां से मांगते हैं मां उनकी इच्छा अवश्य पूरी करती है।
पुराणों में देवभूमि हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर को छोटी काशी कहा गया है। मंडी में लगभग 80 देवी-देवताओं के विभिन्न शैलियों के प्राचीन मंदिर व शिवालय हैं। इन्ही में से एक है बाब भूतनाथ मंदिर। मंडी के बाबा भूतनाथ मंदिर का शिवलिंग स्वयंभू है। बाबा भूतनाथ का मंदिर राजा अजबर सेन ने 16वीं शताब्दी में बनवाया था। कहा जाता है कि पुरानी मंडी से व्यास नदी के दूसरी ओर जहां पर वर्तमान मंडी शहर बसा है, वहां जंगल हुआ करता था। पुरानी मंडी के एक ग्वाले की कपिल नाम की गाय हर दिन नदी पार करके जंगल में घास चरने आती थी और शाम को वापस घर लौटते वक्त वह गांव भूतनाथ मंदिर के पास खड़ी हो जाती थी। गाय के थनों से अपने आप ही दूध की धारा निकलने लगती थी और भोलेनाथ का दूधाभिषेक होता था। ग्वाले ने जब इस घटना को देखा तो उसने इसकी सूचना राजा अजबर सेन को दी। राजा ने मौके पर जाकर इस घटना को देखा।इसके पश्चात स्वयं भोलेनाथ ने राजा अजबर सेन को स्वप्न में दर्शन दिए और शिव मंदिर स्थापित करने तथा इसके आसपास नई मंडी नगर बसाने का आदेश दिया। स्वप्न के अनुरूप ही राजा ने भव्य शिखर शैली के शिव मंदिर का निर्माण किया और इस तरह नया मंडी शहर बसा। 1527 इस्वी में राजा अजबेर सैन ने शिखारा शैली से मंदिर का निर्माण करवाया। मंदिर निर्माण से आज तक यहां पर भगवान भूतनाथ की श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना की जाती है। देश विदेश से आने वाले सैलानियों के लिए भी मंडी शहर में बसा यह मंदिर का आकर्षण का केंद्र बना रहता है। यहां होता है अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव मंदिर के आसपास राजा ने नई मंडी नगर बसाया जो आज शिवरात्रि पर्व के नाम से जाना जाता है। बाबा भूतनाथ के प्रकाट्य के कारण ही महा शिवरात्रि का पर्व अस्तित्व में आया है जो आज अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के रूप में विख्यात हो चुका है। बाबा भूतनाथ के दर्शनार्थ समूचे प्रदेश के अलावा विदेशी पर्यटकों का भारी सैलाब उमड़ता रहता है।
प्रदेश सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को गम्भीर रोग की स्थिति में त्वरित सहायता पंहुचाने के उद्देश्य से ‘सहारा’ योजना आरम्भ हो गई है। योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के रोगियों को शीघ्र सहायता प्रदान की जाएगी। सहारा योजना पूरे प्रदेश में 15 जुलाई, 2019 से आरम्भ कर दी गई है। योजना के तहत कैंसर, पार्किंसनस रोग, लकवा, मस्कुलर डिस्ट्राफी, थैलेसिमिया, हैमोफिलिया, रीनल फेलियर इत्यादि ये ग्रस्त रोगियों को वित्तीय सहायता के रूप में 2000 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। योजना के तहत किसी भी आयुवर्ग का इन रोगों से ग्रस्त रोगी आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकता है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार से सम्बन्धित रोगियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। रोगी को अपना चिकित्सा सम्बन्धी रिकाॅर्ड, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र, फोटोयुक्त पहचान पत्र, बीपीएल प्र्रमाण पत्र अथवा पारिवारिक आय प्रमाण पत्र तथा बैंक शाखा का नाम, अपनी खाता संख्या, आईएफएससी कोड से सम्बन्धित दस्तावेज प्रदान करने होंगे। चलने-फिरने में असमर्थ रोगी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी जीवित होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सहारा योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र रोगी को अपना आवेदन सभी दस्तावेजों सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाना होगा। आशा कार्यकर्ता व बहुदेशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी रोगी के सभी दस्तावेज खण्ड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। खण्ड चिकित्सा अधिकारी इन दस्तावेजों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय को प्रेषित करेंगे। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेेदन पत्र जिला स्तर के अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा हेल्थ वेलनेस केन्द्रों में 03 अगस्त, 2019 से उपलब्ध होंगे। जिला चिकित्सा अधिकारी सोलन डाॅ. आर.के. दरोच ने सहारा योजना के विषय में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना से जिला के सभी लोगों को अवगत करवाने के लिए विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर जागरूक बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सहारा योजना के तहत पात्र रोगियों को 2000 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता आरटीजीएस के माध्यम से ही उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सहारा योजना के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करें ताकि आवश्यकता के समय विभिन्न गम्भीर रोगों से पीड़ित रोगियों के परिजनोें को जानकारी देकर लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन के कार्यालय के कक्ष संख्या 132 में योजना के सम्बन्ध में सम्पर्क किया जा सकता है। डाॅ. आर.के. दरोच ने कहा कि सहारा योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने एवं उनकी देखभाल की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
राज्यसभा में बुधवार को मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित हो गया। यह न केवल एक मोटर वाहन अधिनियम है, बल्कि एक सड़क सुरक्षा बिल भी है। इस बिल का मकसद सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है, इसके लिए नियमों को और कड़ा किया गया है। वहीं जुर्माने में भी वृद्धि की गई है। जानिए क्या है मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 में यातायात नियमों और विनियमों के उल्लंघन के लिए न्यूनतम जुर्माना 100 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है। कई अपराधों के लिए अधिकतम जुर्माना 10,000 रुपए तय किया गया है। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने के मामले में जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया गया है। सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह अब तक केवल 100 रुपए था। शराब पीकर वाहन चलाने के मामलों में जुर्माना 2,000 रुपए से 10,000 रुपए तक का है। खतरनाक ड्राइविंग के लिए जुर्माना 5,000 रुपए है। इमरजेंसी वाहनों को पास नहीं देने पर 10 हजार रुपए जुर्माना के रूप में लगेगा। पिछले कानून के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। ओवर-स्पीडिंग के मामलों में चालक को हल्के मोटर वाहनों जैसे कारों के लिए 1,000 रुपए और भारी वाहनों के लिए 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। रेसिंग में लिप्त पाए जाने पर चालक को 5,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। यदि आपके वाहन का बीमा कवरेज समाप्त हो गया है और आप अभी भी इसे चला रहे हैं, तो आपको 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। जुर्माने में हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। मौजूदा कानून के तहत हिट-एंड-रन मामलों में क्षतिपूर्ति 25,000 रुपए है। इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। चोटों के मामलों में, मुआवजा 12,500 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है। सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य बीमा कवरेज और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए केंद्रीय स्तर पर एक मोटर वाहन दुर्घटना निधि बनाई जाएगी।