विश्व के अधिकांश देशों में अपने आतंक से जनमानस को डरा रहे कोरोना वायरस को हराने के लिए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोगों का योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है। वास्तव में भगवान का रूप इस वर्ग के लिए जितनी भी दुआएं की जाए कम है। लोगों को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए यह वर्ग अपनी जान भी गवां रहा हैं। इलाज करते समय हजारों चिकित्सा से जुड़े लोग संक्रमित हो रहे है। कोरोना रण में कूदे इस योद्धाओं को सोमवार को गुगल ने भी सलाम किया है। गुगल ने बाकायदा डूडल बनाकर मुख्य पेज पर डिस्पले किया है। हालांकि इस दौरान चिकित्सा से जुड़े हर विंग, कानून व्यवस्था से जुड़े हर बल, स्वच्छता प्रहरियों के अलावा षासन संभाल रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत अद्वितीय है, लेकिन गुगल ने इस भयंकर बीमारी में चिकित्सकीय वर्ग को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है, जो कि काबिले तारीफ है।
कांग्रेस के बरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी से लड़ने के लिए हम सबको एक होना होगा। उन्होंने समाज मे ऐसे कुछ तत्वों द्वारा नफ़रत और हिंसा फैलाने पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से ऐसे लोगों के विरुद्ध कड़ी कारवाई करने को कहा है। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि देश के सामने आज एक बहुत बड़ी चुनौती आन पड़ी है।यह एक संग्राम से कम नही है,इसलिए अगर कोई आपसी मतभेद भी है तो उन्हें भूला कर सभी को एकजुट होकर इसे हराना है। समाज मे किसी भी प्रकार का कोई भी मतभेद या द्वेष देश,प्रदेश के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा है कि कोरोना से हमारी सुरक्षा में जुटे सभी लोगों डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ या सुरक्षा में जुटे सभी पुलिस कर्मियों को हमें पूरा सहयोग देना है, तभी हम इस महामारी पर अपनी जीत हासिल कर सकते हैं। वीरभद्र सिंह ने प्रदेश सरकार से कहा है कि लॉक डाउन की बजह से प्रदेश के उन लोगों,श्रमिकों और बच्चों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाएं जो पिछले 21 दिनों के लॉक डाउन में प्रदेश के भविन्न स्थानों में फंसे पड़े है। उन्होंने कहा है कि इन लोगों की स्वास्थ्य जांच के बाद इन्हें इनके घरों में पहुंचाने की पूरी व्यवस्था सरकार को निशुल्क करनी चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि लॉक डाउन बढ़ने की स्थिति में प्रदेश सरकार को किसानों और बागवानों के लिए अपने काम के लिए विशेष अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि किसानों और बागवानों की पूरी आर्थिकी इन फेसलो पर ही निर्भर है, इसलिए भविष्य की चुनोतियो को देखते हुए कुछ निर्णय प्रदेशहित मे भी लेने से सरकार को कोई गुरेज नहीं करना चाहिए। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि देश के साथ साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना का विपरीत असर पड़ा है। इसलिए वह फिर से दोहराना चाहते है कि होटल व्यबसाय से जुड़े लोगों, ट्रांसपोर्टरों, कारोबारियों को जिन्होंने बैंकों से लोन इत्यादि ले रखा है उन्हें इस अवधि का ब्याज माफ़ करते हुए उन्हें जो कमर्शियल रेट विजली पानी और अन्य कोई भी टेक्स देय होता है। उसे प्रदेश सरकार को निरस्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा है कि इस गम्भीर चुनौती से निपटने के लिए सरकार को जनहित में ऐसे किसी भी फैंसले से कोई गुरेज नहीं करना है जिससे लोगों का ब्यवसाय या जीवन पुनः पटरी पर आसानी से आ सकें। वीरभद्र सिंह ने देश व प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि इस विपदा के समय जिस प्रकार से उन्होंने संयम और एकजुटता का प्रमाण दिया है,यह हमारे देश की संस्कृति और आपसी एकता को ओर भी मजबूत करता है। उन्होंने इस संक्रमण से लोगों की सुरक्षा में जुटे सभी लोगों, डॉक्टरों, मेडिकल टीमों, आशावर्कर,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मीडिया कर्मी और पुलिस स्टाफ की प्रसंसा करते हुए सरकार से इन सभी के लिए कोई भी विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग का भी पूरा समर्थन किया है।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में आज यहां राजभवन में प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में मुख्य सचिव अनिल खाची ने बताया कि किसानों और बागवानों को अपने उत्पाद विभिन्न मण्डियों तक पहुंचाने के लिए किसी भी पास की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें सभी मौजूदा प्रक्रियाओं से पूर्ण छूट दी गई है। उन्होंने कोरोना महामारी से संबंधित विभिन्न सूचनाओं और प्रबन्धों से भी अवगत करवाया। राज्यपाल ने कहा कि सेब सीज़न को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त प्रबन्ध किए जाने चाहिए ताकि बागवानों को मण्डियों में अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि अगर आवश्यकता हो तो सरकार मंडी मध्यस्ता योजना (एमआईएस) के अन्तर्गत प्रापण मूल्य को बढ़ाने पर भी विचार कर सकती है। बैठक में कृषि उत्पाद संशोधन बिल पर भी चर्चा की गई। राज्यपाल ने आवश्यकतानुसार बिल की प्रक्रिया में तेजी लाने का सुझाव दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आर.डी. धीमान ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ किया गया है। उन सभी व्यक्तियों के सैंपल भी लिए गए हैं, जिनमें फ्लू जैसे लक्षण सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आइसोलेशन केन्द्र सुविधा पर्याप्त है और हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों को पूर्ण रूप से सील कर दिया गया है तथा आवश्यक खाद्य सामग्री की पूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि रविवार को लिए गए कोविड-19 के संदिग्धों से जुड़े सभी सैंपलों की रिपोर्ट नेेगेटिव पाई गई है। प्रदेश में किए गए प्रबन्धों पर सन्तोष व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने लाॅकडाउन एग्जिट और आर्थिक पुनरूद्धार नीति पर कार्य करने पर बल दिया। राज्यपाल के सचिव राकेश कवंर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर प्रकाश दरोच ने बताया कि कोविड-19 के अंतर्गत सरकार के आदेशों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर जिला में घर-घर का सर्वेक्षण एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान कार्य 3 से 10 अप्रैल तक चलाया गया। जिसमें 4 लाख ११ हजार 736 लोगों का मौखिक निरीक्षण किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान 840 लोगों को मौसमी बुखार खांसी और जुखाम के लिए चिन्हित किया गया और इन्हें 5 दिन के लिए दवाई दी गई। उन्होंने बताया कि अभी तक 569 लोग।स्वास्थ्य हो चुके हैं और 271 लोगों का उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा 149 व्यक्ति विदेश से आए है जिनमें से 121 लोगों ने होम क्वारंटाईन की अवधि पूरी कर ली है तथा 28 लोग अभी भी होम क्वॉरेंटाइन में।है। उन्होंने बताया कि जिला से 21 लोगों के सैंपल कोविड-19 की जांच के लिए आई जी एम सी शिमला भेजे गये थे सभी सैंपल नेगेटिव आए हैं। उन्होंने बिलासपुर की समस्त जनता से आग्रह किया है कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत बाहर के देशों से व भारत के किसी राज्य से यदि कोई व्यक्ति किसी के घर में ठहरा हों या देखा गया हो तो उस की जानकारी बिल्कुल भी न छुपाएं, इसकी जानकारी प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को अवश्य दें। उन्होंने बताया कि ऐसा न करने की स्थिति में छुपने वाले और पहचान छुपाने वाले भी दोषी माने जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहचान बताने पर कारोना वायरस के नियंत्रण में मदद मिलेगी और इसको फैलने से रोका जा सकेगा और इस बिमारी से देश, प्रदेश व बिलासपुर को बचाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इसमें जन मानस का सहयोग ही कोरोना वायरस महामारी से बचाव है।
कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न विकट परिस्थिति से आज लगभग सभी उद्योग धन्धे ठप्प पड़ चुके हैं, जिस कारण हर व्यक्ति बहुत ही मुश्किल दौर का सामना कर रहा है। इस समय हर कोई अपनी सामथ्र्य के अनुसार देश एवं समाज की सेवा एवं सहायता करने की कोशिश में लगा हुआ है। पुण्यार्थ इस यज्ञ मे कामधेनू हितकारी मंच एक और आहुति इसमें डालते 14 अप्रैल से दूध की कीमतों में दो रूपए की छूट देगा। कामधेनु संस्था के अध्यक्ष नानक राम और सचिव जीत राम कौंडल ने इस बाबत मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को भी प्रेषित किया है। उन्होंने कहा कि सरकार एवं प्रशासन जहां एक ओर इस महामारी से बचाव के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं, वहीं आज तमाम कामकाजी लोग घर पर बैठने के लिए मजबूर हैं। सरकार उन्हें राहत पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रकार के पैकेज दे रही है, संकट की इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में कामधेनु संस्था के साथ जुड़े 4500 परिवार जो दूध बेचकर अपना गुजर.बसर करते हैं। इन तमाम परिवारों की ओर से अभी तक पीएम केयर फंड में पांच लाख रूपए एवं एच्पी् कोवीड-19 सोलीडेरिटी रिस्पांस फं ड में दो लाख चौवन हजार रूपए का अंशदान दिया जा चुका है। कामधेनु संस्था की ओर से बिलासपुर नगर में रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ मिलकर पचास बेहद गरीब परिवारों को प्रतिदिन उनके घर में निशुल्क दूध उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण उन तमाम कामकाजी लोगों के लिएए जिन्हें मजबूरन घर में बैठना पड़ रहा है। ऐसे सभी उपभोक्ताओं को 14 अप्रैल 2020 से लॉक डाउन खत्म होने तक कामधेनु संस्था की ओर से व्यास कामधेनु दूध दो रूपए प्रति लीटर कम रेट पर उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी सरकार के आदेश होंगे ।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मंत्री परिषद के सदस्यों, विधायकगणों और भाजपा पदाधिकारियों की संयुक्त वीडियो कांफ्रेस में भाग लेते हुए प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया। डा. बिंदल ने कहा कि संकट की इस घड़ी में सरकार और संगठन बेहतर और शानदार तालमेल के साथ कार्य कर हैं। मुख्यमंत्री कोरोना संकट के दृष्टिगत हर छोटी बड़ी घटना पर अपनी नजर बनाए हुए है और सभी सम्बन्धित आवश्यक कार्य जैसे सुरक्षा, राशन आवंटन, मास्क वितरण, कोरोना रोगियों का कुशलक्षेम आदि के कार्यों की स्वयं समीक्षा कर रहे हैं। डा बिंदल ने संगठन की ओर से प्रदेश में किए जा रहे सेवा कार्यों की जानकारी प्रदान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आहवान पर हिमाचल में मास्क बनाने का कार्य वृहद स्तर पर चल रहा है। उन्हांने कहा कि प्रदेश में अभी तक 1,98,350 खाने के पैकेट, 57,858 लोगों को राशन किट वितरित किया गया जिसके तहत 5,59,310 लोग लाभान्वित हुए। इसी प्रकार प्रदेश में 4,01,565 मास्क वितरित किए गए जबकि पीएम केयर फंड में 86,7,565 रुपये तथा मुख्यमंत्री कोविड फंड में 2,46,48,000 रुपये की धनराशि दी गई। बिन्दल ने कहा कि मै देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय जगत प्रकाश नड्डा, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के साथ लाखों हिमाचलवासियों की ओर से ऐसे समय में आप कोरोना योद्धाओं का अदम्य साहस और निःस्वार्थ सेवाभाव प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा आपातकालीन सेवा में जुटे आप सब कर्मियों, सफाई कर्मियों, पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्य पेशेवरों आदि का अभिनंदन। अदम्य साहस, निःस्वार्थ सेवाभाव और प्रतिबद्धता से ओतप्रोत इन कोरोना योद्धाओं ने यह सुनिश्चित किया है कि इस कठिन समय में देश पटरी पर रहे, आपका हृदय से धन्यवाद । उन्होंने कहा अपने आप को खतरे की स्थिति में रखते हुए डाक्टरों, नर्सो, पैरामेडिक्स, सफाईकर्मी, पुलिस कर्मी, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से जुड़े लोग, बैंक कर्मी और सरकारी कर्मचारियों ने यह सुनिश्चित किया है कि अन्य लोग सुरक्षित रहें। आपके अटूट विश्वास और साहस ने यह प्रदर्शित किया है कि कोरोना को हराया जा सकता है और भारत एवं मानवता अंतत: विजयी होगी। हम आपके प्रति आभार प्रकट करते हैं ।
राज्य कमेटी ने मांग की है कि कोरोना की आपदापूर्ण स्थिति में जो भी पूंजीपति, उद्योगपति व कारखानेदार तथा सरकारी विभाग सरकार के आदेशों व श्रम कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं उन पर आपराधिक मुकद्दमे दर्ज किए जाएं व उन पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा है कि कोरोना के कारण हुए लोक डाउन व कर्फ्यू का खामियाज़ा सबसे ज़्यादा मजदूर वर्ग पर पड़ा है। इस से एक ओर लगभग साढ़े आठ लाख असंगठित मजदूर रोजगार से पूरी तरह वंचित हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर सरकारी विभागों व निजी उद्योगों में उन्हें इस भारी मुश्किल में भी वेतन नहीं दिया जा रहा है। प्रदेश के औद्योगिक केंद्रों से हज़ारों मजदूरों के भूखे रहने की खबरें आ रही हैं क्योंकि उद्योगों में कार्यरत मजदूरों को मार्च महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। इन उद्योगों में हज़ारों की संख्या में प्रवासी मजदूर कार्यरत हैं। उनके पास राशन लेने, मकान का किराया चुकाने तथा घर भेजने तक के पैसे नहीं हैं। चंबा जिला की बाजोली-होली निर्माणाधीन पनबिजली परियोजना के दो हज़ार पांच सौ मजदूरों को पिछले पांच महीने से कोई वेतन नहीं दिया गया है। ऊना जिला के सबसे बड़े उद्योगों में से एक ल्यूमिनस कम्पनी में कार्यरत सैंकड़ों ठेका मजदूरों का मार्च महीने का वेतन काट दिया गया है। सोलन जिला के बद्दी में स्थित स्टील वर्ल्ड उद्योग के लगभग एक हज़ार मजदूरों को मार्च महीने का वेतन नहीं दिया गया है। इस उद्योग के सैंकड़ों प्रवासी मजदूर दो वक्त की रोटी से भी महरूम हो गए हैं। शिमला शहर में स्थित लगभग साढ़े तीन सौ होटलों व रेस्तरां में कार्यरत लगभग छः हज़ार मजदूरों में से भी सैंकड़ों मजदूरों को मार्च महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। शिमला के ख़लीनी स्थित होटल ईस्टबोर्न के प्रबंधन ने एक सौ बीस मजदूरों को पिछले तीन महीने के वेतन की अदायगी नहीं की है। मजदूरों की यही स्थिति पौंटा साहिब, बीबीएन, कालाअंब व परवाणू में भी है। प्रदेश के हज़ारों मजदूर वेतन से वंचित हैं। उन्होंने कहा है कि सरकारी क्षेत्र के आउटसोर्स कर्मचारियों,ठेका मजदूरों,कैजुअल मजदूरों,दिहाड़ीदारों व योजनाकर्मियों की स्थिति बहुत बुरी है। प्रदेश के बिजली बोर्ड,आईपीएच,स्वास्थ्य,एसटीपी आदि सरकारी क्षेत्रों में कार्यरत हज़ारों आउटसोर्स व ठेका मजदूरों में से एक बहुत बड़े हिस्से को मार्च महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। सरकारी क्षेत्र में सबसे कम वेतन पाने वाले मिड डे मील कर्मचारियों को फरवरी और मार्च महीने का आधा ही वेतन दिया गया है व दो हज़ार रुपये प्रतिमाह के बजाए केवल एक हज़ार रुपये प्रतिमाह वेतन दिया गया है। एसएमसी शिक्षकों से आठ साल तक सेवाएं लेने के बाद संकट की इस घड़ी में सरकार व शिक्षा विभाग उन्हें वेतन देने में आनाकानी कर रहे हैं। प्रदेश सरकार व श्रमिक कल्याण बोर्ड अपनी ही घोषणा को पूरी तरह लागू नहीं कर रहे हैं व श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकृत एक लाख दस हज़ार निर्माण मजदूरों में से बिल्कुल आधे छप्पन हज़ार मजदूरों को ही आर्थिक सहायता पहुंचाई गई है। इस तरह सरकारी व निजी दोनों ही क्षेत्रों में मजदूरों के वेतन व कानून अनुसार देय आर्थिक सहायता से उन्हें वंचित करके उनका शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को वेतन भुगतान न करना वेतन भुगतान अधिनियम 1936 के नियमों का उल्लंघन तो है ही अपितु केंद्र सरकार द्वारा 20 व 29 मार्च तथा प्रदेश सरकार द्वारा 30 मार्च 2020 को जारी की गई अधिसूचनाओं की भी अवहेलना है। इस बाबत हिमाचल प्रदेश के श्रमायुक्त को दो अप्रैल व आठ अप्रैल को दो पत्र लिखने के बावजूद भी न तो मजदूरों को वेतन मिल पाया है और न ही नियमों का उल्लंघन करने वाले उद्योगपतियों पर कोई कार्रवाई हुई है। उन्होंने कहा की अगर मुख्यमंत्री व श्रम मंत्री मजदूरों का वेतन व अन्य आर्थिक देय लाभ सुनिश्चित नहीं करवाते हैं तो फिर मजदूरों के इस शोषण से अवगत करवाने के लिए सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश को पत्र लिख कर अवगत करवाएगा व मजदूरों के लिए न्याय की मांग करेगा।
आज पूरा देश कोरोना जैसी भयंकर महामारी से जूझ रहा है। देश में सारे काम धंधे ठप पड़े हैं लेकिन अवैध धंधे करने वालों को इससे कोई फर्क पड़ता दिखाई नहीं दे रहा, ऐसा ही एक मामला जिला कांगड़ा के थाना शाहपुर के अंतर्गत आया है। थाना प्रभारी हेमराज उनकी टीम ऐसे लोगों पर अपने तरीके से नजर गड़ाए हुए हैं बता दें कि बीते दिनों भी इसी थाना के अंतर्गत एक व्यक्ति को भुक्की के साथ रंगे हाथों पकड़ा था और अब थाना प्रभारी हेम राज व उनकी टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर निखिल कुमार गांव व डाकघर रेलू के घर पर रेड के दौरान 15000 मिलीलीटर देसी मारका शराब पकड़ी है।
कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश में लगे लॉकडाउन के चलते लोग जहां घरों में दुबके बैठे हैं, वहीं लोगों में इन दिनों खानपान को लेकर काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। इन दिनों लोग बाजारों में मिलने वाली सब्जियों को खरीदने के बजाए जंगली सब्जियों कचनार काथी सहित जंगलों में पैदा होने वाली अन्य साग-सब्जियों को खाने में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। लोग साग-सब्जी ढूंढने के लिए सुबह-शाम जंगलों की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि कोरोना वायरस के दौरान लगे लॉकडाउन को लेकर ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोगों को बाजारों तक न पहुंच पाना इन लोगों की मजबूरी भी है जिस कारण उन्हें यह सब्जियां खानी पड़ रही है। यदि युवा वर्ग की बात करें तो जंगली सब्जियां खाना उन्हें किसी चुनौती से कम नहीं है क्योंकि युवाओं को बाजार की सब्जियों में ज्यादा दिलचस्पी रहती है। लेकिन सब्जियां संक्रमित ना हो इस वजह से सब्जियों की खरीदारी लोग कम ही कर रहे हैं। लोगों का यह भी कहना है कि बाजारों में इन दिनों सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं साथ ही उन्हें कोरोना जैसी महामारी से इन सब्जियों का संक्रमित होने का डर भी सता रहा है। जिस कारण लोग इन दिनों बाजार से सब्जियां भी कम मात्रा में खरीद रहे हैं।वहीँ गांव से सटे जंगलों में लगी सब्जियों को लाकर बनाना पसंद कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गर्मी में होने वाली सब्जियां कचनार, काथी, शिम्बलोटू, बगनौल (एल्युवेरा) तथा रामबाण में लगने वाले गोब्बा सहित नदी नालों के किनारे लगने वाली छूछ जैसी सब्जियों का लोग आनंद भी उठा रहे हैं। जहां यह सब्जियां खाने में स्वादिष्ट भी है, वहीं कई रोगों से लडने के लिए यह सब्जियां औषधि का काम भी करती है। दाड़लाघाट निवासी शंकर दास गुप्ता व रूप राम शर्मा का कहना है कि जंगलों में लगने वाली सब्जियां कई गुणकारी है तथा कई बीमारियों का रामबाण इलाज भी है, इन्हें हर सीजन में खाना चाहिए। हालांकि इन दिनों वायरस के चलते सब्जी मंडियों में सब्जियों की कीमतों में भारी उछाल है तथा इन जंगली सब्जियों के मिलने से इन्हें राहत मिली है। स्यार निवासी सोमा कौंडल का कहना है कि वे बाजार से सब्जियां हमेशा लाकर खाते हैं लेकिन इन दिनों जंगलों में लगने वाली सब्जियों को लाया जा रहा है तथा उनके बच्चे इन सब्जियों को खा रहे हैं। वहीँ कविता, पदमा, कांता, कृतिका सपना रुक्मिणी निशा, अलका, अंजू, अनु, चम्पा, धनपतु, तृप्ता, किरण व भारती सहित अन्य महिलाओं का कहना है कि कर्फ्यू के चलते गाड़ियां नहीं चल रही है जिस कारण बाजार तक जाना मुश्किल हो रहा है, इसलिए आसपास लगी सब्जियों को खाकर ही गुजारा कर रहे हैं। दाड़लाघाट निवासी महेश्वर शुक्ला व निशांत गुप्ता का कहना है कि उन्होंने इस तरह की सब्जियां पहले बहुत कम खाई हैं, लेकिन मंडियों से आ रहे सब्जियों का उन्हें संक्रमित होने का खतरा है इसलिए वह बाजार में मिलने वाली सब्जियों को ना खा कर इन्हीं सब्जियों को खाना पसंद कर रहे है। हालांकि उनके घरों में पहले से सब्जी बनाई जाती थी लेकिन उन्हें खाना पसंद नहीं करते थे लेकिन कोरोना वायरस के डर से वह अन्य सब्जियों से किनारा कर इन्हीं सब्जियों को खा रहे हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लाॅकडाउन के चलते भी डीएवी अंबुजा विद्या निकेतन दाड़लाघाट में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बदस्तूर चली हुई है। प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने बताया कि उन्होंने विद्यालय की ऐप द्वारा अध्यापन का कार्य 28 मार्च 2020 से ही चला रखा है। यह अध्यापन नर्सरी कक्षा से लेकर नवीं कक्षा तक बदस्तूर जारी है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन अध्यापकों से प्रत्येक कक्षा के केवल दो विषय के वीडियो तैयार करके विद्यालय की ऐप द्वारा बच्चों को विद्यार्थियों को भेजे जाते हैं। यह वीडियो 6 से 7 मिनट की होती है जिसमें किसी भी चैप्टर के दो पेज तैयार करके बच्चों को असाइनमेंट के रूप में 5 प्रश्न हल करने को दिए जाते हैं। प्रश्नों के हल ऑनलाइन ही चेक किए जाते हैं। इस प्रकार यह अध्यापन कार्य निरंतर अबिलंब चल रहा है। प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने आगे कहा कि दसवीं और प्लस टू की भी ऑनलाइन क्लासेस 1 अप्रैल से निरंतर चल रही हैं। इन कक्षाओं की पढ़ाई जूम मीटिंग ऐप के द्वारा करवाई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस ऐप के लीगल सेल द्वारा किसी भी प्रकार की लीकेज बारे पूर्ण सुरक्षा की गारंटी भी दी गई है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार उनके विद्यालय की सभी कक्षाओं की पढ़ाई बिना किसी बाधा के चल रही है। उनके अनुसार प्लस वन की कक्षाएं 16 अप्रैल से शुरू की जाएंगी।
नूरपुर उपमंडल के लँगलाहड़ गांव के निवासी व युवा करनी सेना के हिमाचल प्रदेश के आई टी संयोजक एकलव्य सेन की पहचान प्रदेश ही नही अपितु माया नगरी तक एक फ़िल्म मेकर व रंगकर्मी की है। एकलव्य सेन अब तक 27 शार्ट मूवी, 40 म्यूजिक वीडियो व 22 नाटकों का सफल निर्देशन कर चुके है। रिवाज जैसी पुरस्कृत शार्ट मूवी के निर्देशक, पटकथा लेखक एकलव्य सेन ने अभी हाल ही में ' सफर एक मेरा, गाने के द्वारा गायकी में कदम रखा तो लोगों ने उन्हें सिर आंखों पर बिठा लिया। यूट्यूब पर इनके इस गाने को 2 सप्ताह में ही अब तक 14 हजार से अधिक व्यूअर मिल चुके है। देश मे जब कोरोना का संकट आया तो संवेदनशील एकलव्य जुट गया लोगों को जागरूक करने ताकि कोरोना महामारी प्रदेश में लोगों की जीवन लीला को न लील सके ।
कोरोना महामारी के चलते देशभर में कर्फ्यू लगाया गया है। इसी बीच हिमाचल प्रदेश के जिला काँगड़ा के जिलाधीश राकेश प्रजापति ने बहुत दिनों से कटाई और गहाई के कार्य को लेकर परेशान किसानों के हित में राहत भरी खबर सुनाई गई है। इस संबंध में कांगड़ा के जिलाधीश राकेश प्रजापति ने फसल की कटाई व गहाई के कार्य को तीन चरणों में विभाजित किया है प्रथम चरण बिकास खंड इंदोरा, नूरपुर फतेहपुर और नगरोटा सुरियाँ मे 15 अप्रैल से, दूसरे चरण में परागपुर, रैत, देहरा व काँगड़ा 20 अप्रैल तथा तृतीय चरण में नगरोटा बगवां, धर्मशाला, भवारना, पंचरुखी, लंबागांव, बेडू महादेव को बैजनाथ में 25 अप्रैल से प्रारंभ किया जाएगा तथा अंतिम चरण में आलू की फसल निकालने का कार्य अप्रैल के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। फसल कटाई का कार्य प्रात 9:00 बजे से लेकर शाम 6:00 बजे तक किया जाएगा। लेकिन गेंहू की गुहाई को लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें अभी से स्पष्ट दिख रही है। बजह साफ है कृषि उपकरण जैसे थ्रैशर, ट्राली ट्रेक्टर आदि की मरम्मत । इस समस्या का समाधान करते हुए कांगड़ा जिलाधीश राकेश प्रजापति ने बताया कि जिला कांगड़ा के हर विकास खंड की दो दुकानें ट्रैक्टर व थ्रेैशर मरम्मत के लिए खुली रखने के आदेश दिए है लेकिन किसानों का मत हैं कि यह पर्याप्त नही है।
एक तरफ देश में कोरोना महामारी का कहर जिसके चलते पूरे देश में कर्फ्यू लगाया गया है तो दूसरी ओर अवैध धंधा करने वाले लोग भी अपने काले धंधे को विराम नहीं दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला कांगड़ा जिला के पुलिस थाना फतेहपुर की चौकी रैहन के अंतर्गत आया है। नायब तहसीलदार फतेहपुर सुरेश शर्मा की अगुवाई में, पुलिस चौकी रैहन के प्रभारी हंसराज, इंद्रजीत व उनकी टीम ने शनिवार को एक गुप्त सूचना के आधार पर नेरना, नकोदर गोलबां आदि स्थानों पर दविश दी और 10,000 लीटर कच्ची लाहण और शराब बनाने की भट्टियाँ नष्ट की। पंचायत नेरना से एक ड्रम, नकोदर से तीन, गोलबां पंचायत में 4 ड्रम नष्ट किए ताकि वे फिर ऐसा धंधा न कर पाए। चौकी प्रभारी हंस राज ने इन बंगाली परिवारों को कड़ी चेतावनी भी दी कि वे संकट की इस घड़ी में प्रशासन का साथ दें।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में कफ्र्यू में कोई ढील नहीं दी जाएगी और आवश्यक वस्तुओं को होम डिलीवरी प्रणाली के तहत उपलब्ध करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आज यहां खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्रामीण और दूर दराज क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने नागरिक आपूर्ति निगम के डिपो में ‘बफर स्टाक’ सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जमाखोरी और मुनाफाखोरी करने वालों पर नजर रखे, और उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने बागवानी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक गांव में या संभव हो तो डोर-टू-डोर किसानों को कीटनाशक व अन्य पौध सुरक्षा सामग्री उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने मधुमक्खी बक्सों की समयबद्ध आपूर्ति और बागवानों को एंटी हेल नेट सुनिश्चित करवाने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि हाॅट स्पाॅट घोषित हुए क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही पर भी प्रतिबन्ध लगाया जाएगा तथा हाॅट स्पाॅट के सभी सार्वजनिक स्थानों को सेनेटाईज किया जाएगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति को बहाल करने, आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने तथा राज्य के कमजोर वर्गों की आर्थिक और खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए चरणवद्ध तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 24 मार्च, 2020 को भारत सरकार द्वारा 21 दिनों के लिए राष्ट्रीय लाॅकडाउन के कारण हिमाचल प्रदेश ने भी कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए निर्धारित प्रोटोकाॅल का पालन किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खतरे को ध्यान में रखते हुए एग्जिट प्लान तैयार किया जाएगा एवं प्रदेश में पाए जाने वाले मामलों के अनुसार राज्य को छः जोन में विभाजित किया जाएगा, रेड जोन, 4 ओरेंज जोन और ग्रीन ज़ोन। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य व आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों के सामान्य जीवन की सुरक्षा के लिए आपातकालीन सेवाएं दे रहे कर्मचारियों एवं चिकित्सकों की सुरक्षा के मध्यनजर सभी आवश्यक पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा ताकि इस महामारी से प्रभावी तरीके से लड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन की अवधि के दौरान इस योजना के तहत प्रभावित हुए आर्थिक रूप से अत्याधिक कमजोर वर्ग के लोगों को प्रदेश की आर्थिक क्षमता के आधार पर भी सहायता देने का प्रावधान रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना को तभी शुरू किया जाएगा, जब संक्रमण कम होना शुरू हो जाएगा एवं कुछ समय के अन्तराल पर नए मामले सामने आना कम जो जाएंगें। जय राम ठाकुर ने कहा कि चिन्हित किए गए हाॅट स्पाॅट को अन्य हिस्सों से पूरी तरह से अलग किया जाएगा और भोजन तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पुलिस और स्थानीय प्रशासन को सौंपी जाएगी। सलाहकार योजना डाॅ. बसु सूद ने कोविड-19 लाॅकडाउन से बाहर निकलने की योजना पर एक प्रस्तुति दी।
बी एल सेंट्रल पब्लिक बरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार मे सभी कक्षाओं की online पढाई 09-04-2020 से शुरू कर दी गई है। जैसा ज्ञात ही हे की कोरोना महामारी की बजह से lock down होने से स्कूल बंद होने से बीएल सेंट्रल पब्लिक बरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार ने भी शिक्षा बिभाग के आदेश के अनुसार परीक्षा परिणाम Nursery , KG पहली से 9th और 11th के सभी बच्चो को परमोट कर दिया है और उनकी 09-04-2020 से ऑनलाइन पढाई शुरू कर दी गयी है। सभी कक्षाओं के whatsapp ग्रुप बनाये गए है और सभी अध्यापक ऑनलाइन ही बच्चो को सभी बिषय को ऑनलाइन होम वर्क दे रहे है। अभिभावक संग के अध्यक्ष रतन तनवर और सभी अभिभावको ने स्कूल की इस कार्य की प्रसंसा की हे स्कूल अध्यक्ष , प्रधानाचार्य पुरषोतम गुलरिया , सुषमा शर्मा किरण जोशी तथा अन्य सभी अद्यापको ने अभिभाभको को धन्यबाद किया है की वो अपने बच्चो का online पढाई मे घर मे एक शिक्षक बन कर सहयोग कर रहे है और नए बच्चो का प्रवेश भी ऑनलाइन अपनी स्कूल website www.blcpskunihar.com के माध्यम से किया जा रहा हे ताकि बच्चो की पढाई बंदित ना हो सभी घर पर रहे सुरक्षित रहे।
कोरोना वायरस के कारण चल रहे कर्फयू और लाॅकडाउन के दौरान पूरा देश कोरोना नाम की इस आपदा को देश से बाहर करने के लिए नियमों का पालन कर रहा है। ऐसे में हमें सुरक्षित रखने के दिन पुलिस बल, चिकित्सकीय वर्ग और स्वच्छता प्रहरी अपनी जान को जोखिम में डालकर सेवाभाव से मैदान में डटे हैं। ऐसे में बिलासपुर नगर का एक युवक सिद्धार्थ ग्रेवाल उर्फ मन्नू भी अपने स्तर पर अपने ही तरीके से समाज में अपना योगदान दे रहा है। इन दिनो सिद्धार्थ आईटीआई क्षेत्र में तथा आस पास के गांवों में हर गली और घर को सेनेटाइज कर रहा है। इस पुनीत कार्य में पंचायत प्रधान सीमा चंदेल भी ऐसे उत्साही युवाओं का पूरा सहयोग कर रही है। गौर हो कि जब प्रदेश में लाॅकडाउन शुरू हुआ था तो बाहरी राज्यों से हजारों लोग पैदल ही अपने घरों की ओर कूच करना शुरू कर गए थे। सैंकड़ों मीलो का पैदल सफर करने वालों को सिद्धार्थ ग्रेवाल ने घर से खाना बनाकर ऐसे लोगों की भूख को शांत किया। इस काम में उनकी माता और बहनें भी पूरा हाथ बंटाती रही। यहीं नहीं सिद्धार्थ हर रोज सड़कों पर डयूटी दे रहे पुलिस कर्मियों को चाय आदि का प्रावधान करते रहे हैं। सिद्धार्थ ग्रेवाल जैसे युवा गलत संगत में फंसे अन्य युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है। वहीं सिद्धार्थ का कहना है कि देश के प्रधानमत्री ने समस्त देशवासियों से हाथ जोड़कर घरों में रहने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के इस आग्रह की गंभीरता और संवेदनशीलता को सभी को समझना चाहिए तथा कोरोना मुक्त भारत बनाने के लिए हर संभव सहयोग करना चाहिए।
ग्राम पंचायत घणागुघाट के बीपीएल कार्ड धारकों ने सरकार से मुफ्त गैस सिलेंडर देने की मांग की है। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव हेतु प्रदेश में किए गए लाकडाउन के कारण प्रदेश सरकार ने जनता को कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की हैं। इन सुविधाओं के अंतर्गत गृहिणी उज्ज्वला योजना के अंतर्गत जिन महिलाओं को सरकार द्वारा निशुल्क गैस सिलेंडर आवंटित किए गए थे। उन्हें यह सुविधा प्रदान करते हुए अप्रैल, मई और जून मास में 3 सिलेंडर मुफ्त देने की घोषणा की गई है। इस घोषणा से गृहणी उज्जवला योजना वाले उपभोक्ता बहुत खुश हुए हैं, लेकिन दूसरी ओर कुछ ऐसे उपभोक्ता भी है जो गरीबी रेखा से नीचे आते हैं और उन्होंने इस योजना से हटकर स्वयं गैस सिलेंडर खरीदे हैं और बीपीएल राशन कार्ड धारक भी हैं। उन्होंने भी ग्राम पंचायत प्रधान के माध्यम से सरकार से निवेदन किया है कि कोरोना के कारण हुए लाकडाउन की वजह से उनकी आर्थिक स्थिति भी डगमगा गई है, अतः उन्हें भी इस सुविधा से जोड़ा जाए। मांग करने वालों में कुनी गांव के बीपीएल कार्ड धारक बृजलाल, रामप्यारी, जीत राम, बाबू राम, दिलीप, कस्तूरी देवी, पूर्ण, लेख राम, राजेंद्र, योगेश, हंसराज, प्रकाश इत्यादि शामिल हैं।
लॉकडाउ के समय मे जहां सभी घर पर बैठे बैठे यह सोच रहें हैं कि किस प्रकार अपनी ऊर्जा का सदुपयोग करें वहीं भारत स्काउट्स एवम गाइड्स हिमाचल प्रदेश द्वारा अपने स्काउट्स गाइड्स रोवर्स रेंजर्स को विभिन्न गतिविधियां घर बैठे ही प्रदान की जा रही है। जहां स्काउट वालंटियर्स जिला प्रशासन के साथ अपनी सेवाएं दे रहे हैं वहीं प्रदेश के बहुत सारे स्काउट गाइड रोवर रेंजर घर बैठे ऑनलाइन गतिविधियों में भाग ले अपनी ऊर्जा का सदूपयोग कर रहे हैं। भारत स्काउट्स एवम गाइड्स हिमाचल द्वारा स्काउट फाइट अगेंस्ट कोरोना नाम से एक मुहिम चलाया जा रहा है जिसमे सभी स्काउट गाइड रोवर रेंजर ऑनलाइन ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से रोज़ 3 बजे इकट्ठा हो कर विभिन्न प्रकार की जानकारियां एक दूसरे के साथ साझा करते हैं। वीडियो कॉलिंग के माध्यम से इकट्ठे हुए युवा ऑनलाइन प्रेजेंटेशन के माध्यम से एक दूसरे को सजग करवा रहे। ज़ूम के माध्यम से देश विदेश के विशेषज्ञ के साथ भी बातचीत करने का मौका सभी युवाओं को दिया जा रहा है। अब तक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों में फिजी से स्काउट आयुक्त कैलाश पिल्लै, इंडोनेशिया से मैसेंजर ऑफ पीस हीरो इरविन सैमुअल रामली तथा भारत स्काउट्स एवम गाइड्स राष्ट्रीय मुख्यालय से कार्यकारी निदेशक कृष्णास्वामी राममूर्ति, अंतरराष्ट्रीय आयुक्त स्काउट मधुसूदन अवाला, उपनिदेशक स्काउट प्रोजेक्ट अरूप सरकार व केरला से राम हरिनारायणन ने अभी तक सभी स्काउट्स गाइड्स रोवर्स रेंजर्स के साथ खास बातचीत की। भारत स्काउट्स एवम गाइड्स हिमाचल प्रदेश के राज्य सचिव डॉ राज कुमार व सह राज्य सचिव मीनाक्षी सूद द्वारा जानकारी साझा करते हुए बताया गया इस डिजिटल प्रोजेक्ट में एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है जिसमे 30 स्कूल,कॉलेज व ओपन यूनिट्स भाग ले रही है, इस प्रतियोगिता में सभी ऑनलाइन प्रेजेंटेशन के माध्यम से जागरूकता फैलाएंगे, सबसे बेहतरीन करने बाली यूनिट को पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। जबकि बाकी सभी प्रतिभागियों को भी ई सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य न केवल इस समय युवाओं को गतिविधी प्रदान करना है वल्कि आने वाले समय के लिए युवाओं को सशक्त कर बेहतरीन नागरिक बनाना है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डाॅ. राजीव सैजल ने जिला प्रशासन सोलन को निर्देश दिए हैं कि जिला के सभी गावोें में लोगों तक उत्तम गुणवत्ता के मास्क पंहुचाए जाएं और यह सुनिश्चित बनाया जाए कि आवश्यक वस्तुओं एवं दवा इत्यादि की आपूर्ति नियमित रहे। डाॅ. सैजल कोरोना बचाव एवं रोकथाम के लिए गठित समिति की चतुर्थ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। डाॅ. सैजल ने कहा कि सभी गांव में मास्क वितरित करने के साथ-साथ सोशल डिस्टेन्सिग एवं अन्य आवश्यक नियमों की जानकारी भी प्रदान करें ताकि लोग सफलता के साथ कोरोना वायरस से बचाव कर सकें। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला में पशुओं के लिए तूड़ी एवं चारे की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित होनी चाहिए तथा पशु पालकों को इसका वितरण भी समयबद्ध होना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि दुधारू पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान के लिए गांव तक पशु चिकित्सक समय पर पंहुचने चाहिएं। उन्होंने उपायुक्त को निर्देश दिए कि इस दिशा में पशु पालन विभाग को समय सारिणी बनाकर कार्य करने के आदेश दिए जाएं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि उचित मूल्य की दुकानों केे माध्यम से खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति समयबद्ध होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में प्रदेश सरकार के नियमों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन राशन वितरण के लिए स्थानीय पार्षदों को भी विश्वास में ले। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए यदि लाॅकडाउन को बढ़ाने का निर्णय किया जाता है तो ऐसी परिस्थिति के लिए प्रशासन को विभिन्न संसाधनों, आवश्यक वस्तुओं, खाद्यान्न इत्यादि की उपलब्धता के लिए योजनाबद्ध तैयारी करनी होगी। डाॅ. सैजल ने निर्देश दिए कि जिला में किसी भी स्थान पर केवल लाईसैंसधारी व्यक्तियों द्वारा ही सब्जी एवं फल विक्रय किए जाने चाहिएं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए घोषित संरोधन क्षेत्रों (कन्टेनमेंट जोन) में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिला के नालगढ़ उपमण्डल के चिन्हित क्षेत्रों और परवाणु तथा ग्राम पंचायत जंगेशु एवं टकसाल में होम डिलीवरी प्रणाली को सुदृढ़ करने के साथ-साथ एक्टिव केस फाइडिंग अभियान के तहत लक्षण आधारित रक्त नमूने लेने के कार्य को सुदृढ़ किया जाना आवश्यक है। डाॅ. सैजल ने कहा कि वर्तमान में जिला में कृषकों की फसल को मण्डियों तक पंहुचाने के कार्य में तेजी लाई गई है। इसे किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने प्रदेश एवं जिलावासियोें से आग्रह किया कि कोरोना वायरस का सफलतापूर्वक सामना करने के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के निर्देशों का पूर्ववत पालन सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने कहा कि जिला में प्रशासन को लोगों का सहयोग प्राप्त हो रहा है और सभी के सहयोग से इस संकट को निश्चित रूप से हराया जाएगा। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि इस समय सभी आत्मसंयम का पालन करते हुए घर पर ही रहें और अति आवश्यक होने पर ही केवल कफ्र्यू ढील के समय समीप की दुकान तक यथासम्भव पैदल ही जाएं। सहकारिता मंत्री ने इस अवसर पर प्रशासन, पुलिस, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सहित विद्युत, जल, स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक सेवाओं तथा खाद्याान्न भण्डार की जानकारी भी प्राप्त की।प्रदेश खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम गुलेरिया ने ग्राम पंचायत स्तर पर विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित बनाने का आग्रह किया। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष रत्न सिंह पाल ने कोविड-19 के दृष्टिगत अर्की क्षेत्र की समस्याओं की जानकारी प्रदान की। सोलन से भाजपा उम्मीदवार रहे डाॅ. राजेश कश्यप ने चायल क्षेत्र के पुष्प उत्पादकों को कोविड-19 के दृष्टिगत हुए नुक्सान की समुचित भरपाई करने का आग्रह किया। उपायुक्त के.सी. चमन ने प्रशासन की तैयारियों एवं अब तक किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। प्रदेश खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम गुलेरिया, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष रत्न सिंह पाल, बघाट बैंक के अध्यक्ष पवन गुप्ता, सोलन से भाजपा उम्मीदवार रहे डाॅ. राजेश कश्यप, पुलिस अधीक्षक सोलन अभिषेक यादव, अतिरिक्त उपायुक्त विवेक चन्देल, उपमण्डलाधिकारी सोलन रोहित राठौर, सहायक आयुक्त भानु गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राजन उप्पल, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के. गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
एकजुटता ही कोरोना से हमें विजयश्री दिला सकती है- हमारा राष्ट्र विभिन्न विविधताओं के लिए जाना जाता है! हमारी धर्मनिरपेक्षता, हमारी भौगोलिक परिस्थिति, हमारी भाषायी विवधता,भेषभूषा, रहन-सहन, खान-पान आदि विभिन्न भिन्नताएं है लेकिन फिर भी पुरा विश्व हमें विभिन्नता में एकता के लिए जानता है और हमें नालंदा, तक्षशिला और गंगा जैसे पवित्र नदी के लिए आज भी याद करता है। आज पुरा विश्व कोरोना जैसी महामारी के कारण जुझ रहा है! जिससे निपटने के लिए विश्व की विभिन्न महाशक्तियों के भी पसीने छूट गए। और अब मुल प्रशन यह है कि भारत इस खतरे से कैसे निपटेगा। यह चिंता और मन्थन का विषय है सरकार विभिन्न तरह के प्रयास कर रही है लेकिन यह तब तक सम्भव नहीं है जब तक देश की कोटि कोटि जनता इस राष्ट्र पर आए घोर सकंट में अपनी भुमिका का निर्वहन न करें। इस समय आपसी द्वेष भाव भुल कर हमें कोरोना से निपटने के लिए मेहनत करनी होगी! सरकार के आदेशों का पालन करना है और एक जिम्मेदार नागरिक की तरह सरकार का साथ देना चाहिए! और समाज में कोरोना से बचने के लिए सभी में अलख जगानी चाहिए!स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे लोगों का उत्साहवर्धन करना चाहिए और राष्ट्र सेवा के इस सच्चे यक्ष में अपनी आहुति डालनी चाहिए। यह वही देश है जहाँ अबदुल कलाम जैसे महान लोग राष्ट्रपति और लालबहादुर शास्त्री जैसे लोगों ने प्रधानमंत्री बनकर देश की सेवा की। ज्ञानी जैल सिंह और अटलबिहारी वाजपेयी जी ने राष्ट्र सेवा में अग्रणी भूमिका निभाई। हम सब को जाति, धर्म और आपसी भेदभाव से ऊपर उठकर इस कोरोना रूपी राक्षस से लडना है और मानवीय मूल्यों और मानवता के लिए लडाई लडनी है यही हमारी राष्ट्रीय एकता और कोरोना से बचने के लिए इस यज्ञ में सच्ची आहुति होगी।
बिलासपुर पुलिस ने सूचना छिपाने के चलते चार जमातीयो पर एफ आई आर दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है । एसपी बिलासपुर दिवाकर शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि बिलासपुर से सात लोग दिल्ली के निजामुद्दीन में गए थे इन लोगों ने अपनी यात्रा के बारे में छुपाया और इस बारे में किसी को भी जानकारी नहीं दी जिसके चलते शनिवार देर शाम को पुलिस ने चार लोगों पर एफआईंआर दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक घुमारवी थाने के अंतर्गत 1 व्यक्ति झंडूता थाने के अंतर्गत दो व्यक्तियों बिलासपुर सदर थाने के अंतर्गत एक व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज की गई है। गौरतलब है कि जिला प्रशासन व जिला पुलिस बार-बार लोगों से आग्रह कर रही थी कि यदि कोई भी ऐसा व्यक्ति दिल्ली के निजामुद्दीन में गया हो या बाहर से यात्रा करके आया हो वह अपनी सूचना पुलिस या अस्पताल को दे अन्यथा सूचना छिपाने के जुर्म में उस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। बिलासपुर से निजामुद्दीन गए जमातियो ने अपनी यात्रा की सूचना किसी को नहीं दी जिसकी सूचना पुलिस को मिली पुलिस ने इस बारे में प्रारंभिक जांच करके पाया कि बिलासपुर से 7 लोग दिल्ली के निजामुद्दीन गए थे पुलिस के मुताबिक यह लोग 7 मार्च को ऊना पहुंचे जहां से 8 मार्च को ट्रेन के माध्यम से यह लोग दिल्ली पहुंचे। दिल्ली पहुंचने के बाद यह लोगो तीन चार घंटेके लिए निजामुद्दीन गए उसके बाद चार लोग रेल के माध्यम से व तीन लोग हवाई यात्रा के द्वारा मुंबई पहुंचे मुंबई से यह सभी लोग हवाई यात्रा के द्वारा दिल्ली पहुंचे दिल्ली से 12 मार्च को यह सभी लोग बस के माध्यम से बिलासपुर पहुंचे, जिसके बाद इन्होंने अपनी यात्रा के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं दी। इन 7 लोगों में से दो लोग पहले ही क्वारटाइन हो चुके हैं जबकि एक व्यक्ति जो तलाई थाना के अंतर्गत आता है उसने अपनी सूचना पुलिस को दी थी जिसके बाद उसकी सारी मेडिकल जांच कर ली गई थी। बिलासपुर पुलिस ने इन 4 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर इन्हें क्वारटाइन कर दिया है। पुलिस को अपनी प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इनके साथ एक व्यक्ति मंडी जिला का भी था बिलासपुर पुलिस ने मंडी पुलिस अधीक्षक को इस व्यक्ति की सूचना दे दी है।
कोरोना महामारी के चलते घर में बैठी महिलाएं किसी से पिछे नहीं है तथा संकट की इस घड़ी में भी राष्ट्र का कार्य करने से पिछे नहीं हट रही है। जहां महिलाएं इस समय घर का काम काज निपटा रही है वहीं समाज सेवा का भी कोई मौका नहीं चुक रही है। यहां नगर के वार्ड नबर 2 में नगर पंचायत की पार्षद आशा परिहार की अगुवाई में वार्ड की महिलाएं रोजाना मास्क तैयार कर रही है। ये महिलाएं दिन को 2 घंटे का समय निकाल कर इस कार्य को अंजाम दे रही हैं। महिलाएं सामाजिक दूरी बनाते हुए इस कार्य को कर रही है। पार्षद आशा ने बताया कि अब तक 500 से ज्यादा मास्क तैयार कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि वार्ड की सभी महिलाएं इस कार्य में बढ़ चड़ कर भाग ले रही है। उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल को समरस्ता दिवस पर सुबह 9 बजे से 11 बजे तक घर घर जाकर लोगों को ये मास्क दिए जाएंगे तथा इस दौरान सामाजिक दुरी का पुरी तरह पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा लोगों को इस महामारी के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के पंजीकृत कामगारों को डायरेक्ट बैनफिट ट्रांस्फर के माध्यम से मार्च के माह के लिए दो हजार रुपये और अप्रैल माह के लिए दो हजार रुपये का भुगतान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि अब तक बोर्ड में पंजीकृत 56,552 कामगारों के बैंक खातों में 1131 करोड़ रुपये ट्रांस्फर कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बोर्ड यह सुनिश्चित कर रहा है कि पंजीकृत सभी भवन और अन्य निर्माण कामगारों को यह भुगतान जल्द से जल्द हो जाए, ताकि इस कठिन समय में उनकी मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी कामगार, जिन्हें पहली किस्त भी नहीं मिली है, उन्हें अपनी जानकारी श्रम कार्यालय में देनी होगी, जहां वह पंजीकृत है।
राजस्व-आपदा प्रबन्धन के प्रधान सचिव ओंकार चन्द शर्मा ने आज यहां कहा कि कोरोना वायरस से फैली वैश्विक महामारी के कारण संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, जिससे यह आवश्यक हो गया है कि सरकारी और गैर-सरकारी संगठन आपसी तालमेल के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर भी सभी प्रकार की आपदाओं के उचित प्रबंधन के लिए यह जरूरी है कि सभी राज्य सरकारें और जिला प्रशासन, गैर-सरकारी संगठनों (एन।जी।ओ) समेत सभी हितधारकों के साथ तालमेल व समन्वय के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुच्छेद 38(2), 22(2) और 30(2) के अनुसार सभी राज्य और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों के लिए अनिवार्य है कि वे आपदा प्रबंधन के कार्यों को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग और समन्वय के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम और इससे जुड़े राहत, बचाव व जागरूकता सम्बन्धी गतिविधियों में गैर-सरकारी संगठनों और स्वयंसेवकों के योगदान को सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है। इसी दिशा में प्रयास करते हुए प्राधिकरण ने राज्य व जिला स्तर पर गठित इंटर एजेंसी ग्रुप को सक्रिय करने के लिए सुझाव दिए हैं, जिसमें जिला स्तर पर सभी गैर-सरकारी संस्थाओं से समन्वय के लिए एक पदाधिकारी को नियुक्त करने और हर जिले के इंटर एजेंसी ग्रुप के संयोजक को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ मिलकर काम करने के लिए अनुरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में राज्य इंटर एजेंसी ग्रुप का पुनर्गठन किया गया था, जिसके अंतर्गत अभी तक 55 गैर-सरकारी संस्थाएं पंजीकृत हो चुकी हैं और प्रदेश के हर जिले का अपना इंटर एजेंसी ग्रुप, संयोजक, कोर ग्रुप और सदस्य हैं, जिनका उद्देश्य किसी भी आपदा में राज्य सरकार और जिला प्रशासन के साथ मिलकर पूर्व-तैयारी, राहत, बचाव और पुनर्वास गतिविधियों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करना है। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में गैर-सरकारी संगठनों ने निजी स्तर पर जागरूकता कार्य और संक्रमण के लिए अति-संवेदनशील व्यक्तियों को सहायता प्रदान करने के लिए अभियान शुरू कर दिए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने राज्य में कोविड-19 से निपटने के लिए स्वयंसेवकों को पंजीकृत करने की पहल की है। इस डेटाबेस में स्वैच्छिक सेवा करने के लिए 950 से अधिक हिमाचली नागरिक तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की ‘माई गौव-मेरी सरकार’ वेबसाइट पर भी बहुत से स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं देने के लिए पंजीकरण किया है, जिनकी सेवाएं भी कोरोना के विरुद्ध इस अभियान में ली जा सकती हैं।
नूरपुर विकास खण्ड के अंतर्गत पंधरेड पंचायत के युवा प्रधान, सनातन हिन्दू वाहिनी के युवा प्रदेश अध्यक्ष व बन्द पड़े सरकारी स्कूल को फिर से खोलकर उसे निजी स्कूलों के तुल्य बनाकर चर्चा में आए सिकन्दर राणा की पहचान एक विकासप्रिय प्रधान की बन चुकी है। पंधरेड पंचायत के विकास की एक झलक उसके आलीशान पंचायत घर को देखने से ही पता चल जाती है। चिट्टे के खिलाफ जंग छेड़कर व युवाओं के लिए एक बहुत ही बढ़िया खेल का मैदान बनाकर चर्चा में आए प्रधान सिकन्दर राणा कोरोना वायरस को लेकर भी बहुत संवेदनशील है। पंधरेड पंचायत को सेनेटाइज कर और मास्क बांटने के बाद अब वह लोगों को कर्फ्यू का पालन करने को लेकर जागरुक कर रहे है।
सोलन जिला से गत दिवस कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए एकत्रित 18 रक्त नमूनों की केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान, कसौली से कोरोना वायरस के सम्बन्ध में आज प्राप्त रिपोर्ट नेगेटिव आई है। यह जानकारी आज यहां जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के. गुप्ता ने दी। उन्होंने कहा कि उक्त 18 व्यक्तियों में से 03 सोलन से तथा 15 नालागढ़ से हैं। शनिवार सोलन जिला से कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए कुल 86 रक्त नमूने एकत्र किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इनमें 22 सैम्पल बु्रकलिन अस्पताल बद्दी तथा 64 सैम्पल इण्डोर स्टेडियम बद्दी से एकत्रित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि गत रात्रि इन्दिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, शिमला से सोलन जिला के 20 रक्त नमूनों की प्राप्त जांच रिपोर्ट में 02 व्यक्ति कोरोना वायरस संक्रमण के लिए पोजिटिव पाए गए हैं। उक्त दोनो व्यक्तियों के सैम्पल ब्रुकलिन अस्पताल बद्दी से एकत्र किए गए थे। दोनों संक्रमित व्यक्तियों को नालागढ़ उपमण्डल के बद्दी स्थित इएसआई अस्पताल जो कि सिरमौर तथा सोलन जिलों के पुष्ट कोविड-19 संक्रमित व्यक्तियों के लिए द्वितीय स्तरीय समर्पित आईसोलेशन सुविधा (रेड श्रेणी) है में भेज दिया गया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि इन्दिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, शिमला से गत रात्रि प्राप्त शेष 18 व्यक्तियों की रिपोर्ट नेगेटिव है। डाॅ. गुप्ता ने कहा कि इन्दिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, शिमला में सोलन जिला के 03 कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों की द्वितीय रिपोर्ट भी नेगेटिव प्राप्त हुई है। यह तीनों व्यक्ति तबलीगी जमात से सम्बन्ध रखते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग कोरोना वायरस संक्रमण के विषय में लोगों को जागरूक कर रहा है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि घर पर ही रहें और खांसी, बुखार इत्यादि की स्थिति में समीप के स्वास्थ्य केन्द्र से सम्पर्क करें।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने व्हाट्स-एप वीडियो काॅल के माध्यम से विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ एकल वार्ता के दौरान ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने के लिए विश्वविद्यालयों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रदेश की वर्तमान स्थिति का जायजा लेते हुए विभिन्न दिशा-निर्देश भी जारी किए। राज्यपाल ने छात्रों और प्रोफेसर्ज स्वयंसेवकों की सूची जिला प्रशासन के साथ सांझा करने के निर्देश दिए ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी सेवाओं का लाभ उठाया जा सके। उन्होंने सलाह दी कि छात्रों को निर्देश, सलाह और अन्य जानकारी भेजने के लिए सोशल मीडिया का अधिकतम प्रयोग करें। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि अनेक विश्वविद्यालय इस दिशा में अच्छा कार्य कर रहे हैं और इस संकट के समय में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में जरूरत पड़ने पर होस्टलों को आइसोलेशन केन्द्रों के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। राज्यपाल ने अन्य विश्वविद्यालयों से तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर की तर्ज पर ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का आह्वान किया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय, हमीरपुर के कुलपति प्रो. एस.पी. बंसल ने राज्यपाल को बताया कि विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से 80 प्रतिशत पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है। प्रो. बंसल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपना स्वयं का पोर्टल विकसित किया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के निर्देशों के अनुसार विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऑनलाइन कक्षाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के 50 बिस्तरों को क्वारंटीन केन्द्र के लिए उपलब्ध करवाया गया है और जिला प्रशासन को छात्रावासों को एक आईसोलेशन केंद्र बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के 15 प्रोफेसरों ने स्वैच्छिक सेवाओं के लिए पेशकश की है और प्रत्येक छात्र स्वेच्छा से कोविड-19 फंड में 100 रुपये का योगदान कर रहा है। हि.प्र. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कर रहा है और नियमित रूप से इसकी समीक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर 12 छात्रावासों को आइसोलेशन केंद्रों में परिवर्तित करके 2000 बेड को क्वारंटीन में परिवर्तित किया जा सकता है।महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राकेश कुमार गुप्ता, बहारा विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. अरुण शर्मा, सरदार वल्लभभाई पटेल क्लस्टर यूनिवर्सिटी, मंडी के कुलपति प्रो. सी.एल. चंदन, और अटल बिहारी मेडिकल एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी, मंडी के कुलपति डाॅ. सुरेंद्र कश्यप ने भी राज्यपाल को विश्वविद्यालय के बारे में जानकारी दी।
उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने कोरोना वायरस कोविड-19 के खतरे के दृष्टिगत जानकारी देते हुए बताया कि एक्टिव केस फाइडिंग अभियान के तहत शतप्रतिशत घरों को कवर कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत लोगों से उनके घरों में सम्पर्क स्थापित कर इनकी कोरोना वायरस कोविड-19 के बारे में स्क्रनिंग की गई तथा आवश्यक जानकारी जुटाई गई। उन्होंने बताया कि इस दौरान कुछ लोगों में साधारण फ्लू इत्यादि के लक्ष्ण पाए गए थे उनकी निगरानी की जा रही जिनमें से लगभग 370 ठीक हो गए है और अन्य की ट्रैकिंग व माॅनीटरिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने लोगों को कोरोना वायरस के बारे में भी जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि जिला में कानून व्यवस्था बेहतर है। सभी लोग कर्फ्यू की अनुपालना कर अपना आवश्यक सहयोग प्रदान कर रहे है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण रूप से कर्फ्यू तथा उचित सामाजिक दूरी का पालन कर रहे है। उन्होंने शहरी क्षेत्रों के लोगों से भी आग्रह किया कि वह कर्फ्यू में ढील के दौरान उचित दूरी बनाए रखे, उन्होंने बताया कि अभी तक जिला बिलासपुर से 6 सैंपल कोरोना वायरस के टैस्टिंग के लिए आई जी एम सी शिमला भेजे गए थे, उन सभी की रिपोर्ट नैगेटिव प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर से अब तक कोरोना वायरस का कोई भी मामला पाजिटिव नहीं है। उन्होंने बताया कि जिला में विदेशों से लौटे जो 43 व्यक्ति है वे 28 दिन के क्वारंटाईन में है। उन्होंने बताया कि लोगों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है, दवाईयां, फेस मास्क और सैनिटाईजर पर्याप्त मात्रा में जिला में उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रकार मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि जिला में विभिन्न स्थानों पर 13 क्वारंटाईन सैंटर बनाए गए है उनमें 519 व्यक्तियों को ठहराया गया है। उन्होंने बताया कि क्वारंटाईन सैंटरों में ठहराए गए व्यक्तियों को प्रशासन द्वारा हर प्रकार की प्रत्येक सुविधाएं प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला में सभी प्रवासियों, जरूरतमंद तथा गरीब व्यक्तियों को जिला प्रशासन रैड क्राॅस, स्वयं सेवी संस्थाओं, प्रेस क्लब द्वारा खाद्य सामग्री तथा अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया जिला प्रशासन द्वारा सभी आवश्यक वस्तुएं जिसमें दूध, फल, सब्जी, दवाईयों की होम डिलीवरी भी शुरू की गई है उसका भी लाभ उठाएं। उन्होंने बताया कि खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से गांव तक ट्रकों के माध्यम से आवश्यक राशन की आपूर्ति पहुँचाई जा रही है ताकि लोगों को उचित मूल्य की दुकानों तक न आना पड़े। उन्होंने दानी सज्जनों, व्यक्तियों और संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो संकट की इस घड़ी में सरकार और प्रशासन का सहयोग कर रहे है। उन्होंने बताया कि इस जिला के लोग प्रधानमंत्री केयर फंड, मुख्यमंत्री राहत कोष तथा रैड क्राॅस सोसाईटी में सहयोग करने के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आ रहे है। उन्होंने सभी जिला वासियों से आग्रह किया कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों और भ्रामक प्रचार पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार की अफवाहों और भ्रामक प्रचार में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पहचान छुपाने वाले व्यक्ति के विरूद्ध धारा 307 आईपीसी के तहत हत्या का प्रयास करने का व कोविड-19 संक्रमण से मौत होने पर अधीन धारा 302 के तहत हत्या का मामला पंजीकृत किया जाएगा। उन्होंने आमजन से अपील की है कि कोरोनावायरस (कोविड-19) से निपटने के लिए उचित सामाजिक दूरी का पालन करें, अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकले, ज्यादा भीड़ एकत्रित न करें, सभी लोग इसमें सहयोग के लिए आगे आएं और इसे फैलने से बचाएं।
दुनिया भर समेत पुरे देश में फैली भयानक महामारी करोना वायरस के चलते देश में लाँक डाउन व कर्फ्यू के कारण भारत वर्ष के सभी शक्ति पीठ मंदिर भी बंद है और च्वासीगढ़ में श्री च्वासी सिद्ध बाबा जी के मंदिर के कपाट भी बन्द है। जानकारी देते हुए मंदिर कमेटी के प्रधान ध्यान सिंह ठाकुर व युवा कारदार टी सी ठाकुर ने बताया कि च्वासीगढ़ में भी च्वासी सिद्ध बाबा जी के मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए नहीं खुलेंगे। मंदिर कमेटी महोग व कारदार संघ महोग ने सभी श्रद्धालुओं से विनम्र निवेदन करते हुए कहा है कि आप इस बार बैसाखी पर्व पर च्वासीगढ़ की यात्रा न करें, सरकार के निर्देशों का पालन करें घर में रहें व सुरक्षित रहें।
भारत स्काउट्स एवम गाइड्स हिमाचल प्रदेश संस्था द्वारा राज्य स्तर पर स्काउट फाइट अगेंस्ट कोरोना के नाम से एक डिजिटल अभियान चलाया जा रहा है, इस अभियान की शुरुआत 18 मार्च को डॉ अमरजीत कुमार शर्मा राज्य मुख्य आयुक्त भारत स्काउट्स एवम गाइड्स व निदेशक उच्च शिक्षा हिमाचल प्रदेश के वीडियो सन्देश के साथ किया गया। इस वीडियो सन्देश में उन्होंने इस विपदा की घड़ी में पूरे प्रदेश के स्काउट गाइड रोवर रेंजर को भलाई के कार्य व समाज को कोरोना के खिलाफ जागरूक करने को कहा था। इसी मुहिम को आगे बढाते हुए सभी स्काउट वालंटियर्स द्वारा पोस्टर्स के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का जिम्मा उठाया। विभिन्न सोशल मीडिया साधनों के माध्यम से हज़ारों स्काउट वालंटियर्स ने लोगों से घर पर रहने की अपील की। गौरतलब है कि भारतीय कब्बडी टीम के खिलाड़ी व पूर्व कप्तान अजय ठाकुर द्वारा भारत स्काउट्स एवम गाइड्स के पोस्टर के साथ तस्वीर फेसबुक व ट्विटर पर साझा कर लोगों से घर मे रहने की और भारत स्काउट्स एवम गाइड्स हिमाचल प्रदेश की मुहिम के साथ जुड़े। उनके साथ गायक हंस राज रघुवंशी भी इस डिजिटल मुहिम में भारत स्काउट्स एवम गाइड्स हिमाचल प्रदेश के साथ जुड़े। साथ ही में स्काउट वालंटियर्स के लिये डिजिटल प्रोग्राम का आयोजन ज़ूम वीडियो कॉलिंग एप्पलीकेशन के माध्यम से करवाया जा रहा है जिसमे रोज़ सैंकड़ों स्काउट गाइड रोवर रेंजर व वयस्क जुड़ कर ऑनलाइन अनेक विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं व उस जानकारी की ऑनलाइन प्रेजेंटेशन भी ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से दी जा रही है । ज़ूम वीडियो कॉल के माध्यम से विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के रिसोर्स पर्सन स्काउट गाइड रोवर रेंजर के साथ अपने अनुभव सांझा कर रहे हैं। लॉक डाउन के समय में सभी के वीडियो कॉल से मंच देने का प्रयास किया जा रहा है इसी के साथ राज्य मुख्य आयुक्त व निदेशक उच्च शिक्षा डॉ अमरजीत कुमार शर्मा के एक अन्य ऑफिस ऑर्डर, जिसमे उन्होंने सभी स्काउट वालंटियर्स को कि जिला प्रशासन की मदद के लिए आगे आने को कहा था उनकी अनुपालना करते हुए बहुत सारे जिलाओं के स्काउट गाइड रोवर रेंजर व वयस्क आगे आएं हैं व राशन वितरण व खाद्य आपूर्ति की दुकानों में लोगों को उचित सामाजिक दूरी के बारे में सिख रहे हैं। राज्य सचिव डॉ राज कुमार द्वारा जानकारी देते हुए यह बताया गया कि इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य स्काउट्स गाइड्स रोवर्स व रेंजर्स को सशक्त बनाना है व लॉक डाउन खत्म होने के बाद वह समाज में एक बेहतर नागरिक के रूप में उभर कर आये व समाजिक के उत्थान में अपनी भूमिका निभा सके इसी उद्देश्य भारत स्काउट्स एवम गाइड्स निरन्तर प्रयासरत है।
टांडा अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीज डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्टाफ की कठिन तपस्या की बदौलत ठीक हो रहे हैं। कोरोना वार्ड में डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी दिन-रात 24 घंटे कठिन ड्यूटी दे रहे हैं। डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ 24 घंटे में तीन शिफ्टों में ड्यूटी देते हैं। एक शिफ्ट में तीन डॉक्टर और तीन नर्सें होती हैं, जिनकी लगातार आठ घंटे ड्यूटी होती है। लेकिन, कोरोना वार्ड में पॉजिटिव मरीजों का इलाज करते समय डॉक्टरों और नर्सों के लिए यह आठ घंटे की ड्यूटी बेहद कठिन होती है। इन आठ घंटों के दौरान कुछ भी खा-पी नहीं सकते हैं। ड्यूटी इतनी कठिन होती है कि डॉक्टर और नर्सें लघु शंका के लिए शौचालय तक नहीं जा सकते। उन्हें लगातार मरीजों की देखभाल करनी होती है। डॉक्टरों और नर्सों के लिए आठ घंटे की ड्यूटी इतनी कठिन इसलिए हो जाती है क्योंकि कोरोना वार्ड में जाने से पहले उनको पीपीई किट (पर्सनल प्रोटेक्शन एक्युपमेंट) पहननी पड़ती है। एक बार पीपीई किट पहनने के बाद इसे ड्यूटी के दौरान खोला नहीं जा सकता। ऐसा होने पर संक्रमण से ग्रसित होने का खतरा बन जाता है। इसलिए 8 घंटे तक डॉक्टर और नर्सें पीपीई किट पहनने के दौरान कोई भी खाद्य पदार्थ और जल ग्रहण नहीं कर पाते हैं। न ही शौच तक जा पाते हैं। टांडा अस्पताल के कोरोना वार्ड में डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी अपने परिवार से 21 दिन से पहले नहीं मिल पाते हैं। रोजाना आठ घंटे की ड्यूटी करने के बाद डॉक्टरों, पैरा मेडिकल स्टाफ के रहने के लिए टांडा अस्पताल प्रबंधन ने अलग से व्यवस्था की है। कोरोना वार्ड में स्टाफ का ड्यूटी रोस्टर सात दिन का रहता है। सात दिन ड्यूटी देने के बाद डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ को 14 दिन के आईसोलेशन के लिए एकांत स्थान पर भेज दिया जाता है। फिर 21 दिन बाद डॉक्टर, नर्सें और अन्य स्टाफ अपने परिवार से मिल पाते हैं। टांडा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. भानु अवस्थी ने कहा कि कोरोना वार्ड में ड्यूटी का रोस्टर सात दिन का होता है। सात दिन बाद स्टाफ को 14 दिन के क्वारंटीन पीरियड पर भेजा जाता है। 21 दिन बाद स्टाफ अपने परिवार से मिल पाता है। आठ घंटे की ड्यूटी के दौरान पीपीई किट नहीं खोलने का नियम है। यह गाइडलाइंस स्वास्थ्य विभाग की हैं।
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा डा. राजीव बिंदल ने शनिवार को दो वीडियो कांफ्रेस की। एक में भाजपा आईटी सैल के 90 पदाधिकारियों ने भाग लिया व दूसरी वीडियो कांफ्रेंस में भाजपा के विधायकगण, मंत्रीणग एवं 2017 के उम्मीदवारों ने भाग लिया। डा. राजीव बिंदल ने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से प्रदेश वर्तमान में चल रही स्थिति पर विस्तृत चर्चा की। प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से ज़मीनी लड़ाई के चलते किए जा रहे प्रबन्धों पर सरकार को बधाई दी। डा. राजीव बिंदल ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नडडा द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए पांच महत्वपूर्ण करणीय कार्यों को लेकर चर्चा की जिन्हें हर स्तर पर करने का आग्रह भी किया गया। यह कार्य राशन भोजन वितरण, डिजिटल माध्यम से पीएम केयरस फंड में जनता से सहयोग करवाना, एचपीकोविड 19 फंड में सीधा डिजिटली माध्यम से सहयोग, फेस कवर निर्माण एवं वितरण, आरोग्य ऐप को हर व्यतिक्त द्वारा डाउनलोड कराना और 5 ऐसे करुणा योद्धाओं को जो कि इस संकट की घड़ी में स्वयं अपने आप को और अपने घर वालों को संकट में डाल कर कार्य कर रहे हैं उनको धन्यवाद ज्ञापन का सौपने कार्य। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता ब्लूटूथ तकनीक पर आधारित कोविड-19 ट्रैकर आरोग्य सेतु एप हर व्यक्ति को डाउनलोड करवाएं इस ऐप के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते ही यह ऐप उपयोगकर्ताओं को सतर्क करेगा और उपयोगकर्ताओं को सर्वोत्तम पद्धतियों और प्रसंगिक चिकित्सा सलाह से अवगत करेगा । इस प्रकार बूथ से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक सभी को यह कार्य करना है । डा. बिन्दल ने भी कार्यकर्ताओं का आहवान किया कि कोरोना से लड़ने की यह लडाई लम्बी है, सभी को इस लम्बी लड़ाई के लिए तैयार रहने होगा। कफर्यू और लाकडाउन के समाप्त होने के बाद भी लम्बे समय तक सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा , फेस कवर लगार रखना होगा और सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का अक्षरशः पालन करना होगा। डॉ बिंदल ने कहा ऐसी स्थिति में भाजपा का कार्यकर्ता अगले 2 महीने तक अपने बूथ एवं मंडल में सेवा एवं संगठन के कार्यों के लिए तैयार हो जाए । डा. बिन्दल ने बताया कि प्रदेश में गत दिवस तक 156283 खाने के पैकेट, 45046 लोगों को राशन वितरित किया गया जिसके तहत 3,44,447 लोग लाभान्वित हुए। प्रदेश में 2,35,922 मास्क वितरित किए गए जबकि पीएम केयर फंड में 5123813 रुपये तथा मुख्यमंत्री कोविड फंड में 16532792 रुपये की धनराशि दी गई। वर्तमान में 10732 फूड पैकेट, 2430 राशन किट, 28453 मास्क के वितरण के अलावा 291500 रुपये पीएम केयरस फंड और 2259607 एचपी कोविड फंड में जमा हुए हैं।
जन सेवा के प्रत्येक कार्य में आगे रहने वाली संस्था हिमोत्कर्ष साहित्य संस्कृति एवं जनकल्याण परिषद जोकि किसी भी सामाजिक व जनकल्याण कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह संस्था वास्तविक रूप से ऊना की एक संस्था है। जन सेवा में आगे रहने वाली इस संस्था के नूरपुर इकाई के अध्यक्ष मनोहरलाल कौंडल के द्वारा एसडीएम नूरपुर डॉक्टर सुरेंद्र ठाकुर को कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रहे डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ-साथ पुलिस कर्मियों की सुरक्षा को मध्य नजर रखते हुए 30 पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट किटस भेंट की गई जिससे कि इस महामारी के चलते काम कर रहे सभी कर्मचारियों का मनोबल बना रहे । इस किट में ओवरऑल कोट 95 मास्क, सर्जिकल ग्लव्ज, आदि अनिवार्य सामग्री है जो कोरोना से लड़ने के लिए बहुत शनिवारी है। इस अवसर पर नूरपुर ब्लड डोनर क्लब के अध्यक्ष राजीव पठानिया भी शामिल रहे। एस डी एम सुरिंद्र ठाकुर ने हिमोत्कर्ष संस्था व मनोहर लाल कौंडल का दिल की गहराइयों से आभार जताया।
पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन व बिलासपुर पुलिस काफी समय से लगातार अपील कर रही है कि जो भी लोग तबलीगी जमात में नई दिल्ली के निजामुदीन में या देश के विभिन्न हिस्सों में गए हों और जिला बिलासपुर में आए हों या यहां आकर रूक गए हों तथा अपने आप को छुपा रहें हैं या अपनी पहचान छुपा रहें हैं। जिला पुलिस प्रशासन ने उन लोगों से अपील की है कि स्वयं आगे आकर पुलिस प्रशासन या निकटतम थना या जिला के चिकित्सालयों में अपनी पहचान बताएं ताकि उनका कोविड-19 का टैस्ट करके आगामी मेडिकल कार्यवाही की जा सके। उन्होंने बताया कि यदि ऐसे व्यक्ति अपनी पहचान छुपाते पाए गए तो उनके विरूद्ध धारा 307 आईपीसी के तहत हत्या का प्रयास करने का व कोविड-19 संक्रमण से मौत होने पर अधीन धारा 302 के तहत हत्या का मामला पंजीकृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस(कोविड-19) से निपटने के लिए आगे आएं और इसे फैलने से बचाएं।
कुनिहार में अब कर्फ्यू में ढील के दौरान हाइजीनिक खाने का लुत्फ उठा पाएंगे लोग। जी हाँ कोरोना वायरस की वजह से देश व प्रदेश में कर्फ्यू को लगे 18 दिन हो गए हैं और आशंका है कि कर्फ्यू अभी और बढ़ेगा। कर्फ्यू में ढील के समय कुनिहार बाजार में जँहा सब्जी, किरयाना व दवाई की दुकानें खुल रही है व इस समय लोग दूर दूर से सामान खरीदने के लिए कुनिहार बाजार का रुख कर रहें हैं। इसके अतिरिक्त मालवाहक गाड़ियों के चालक व विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारी जो कोरोना की इस जंग मे दिन रात लगे हुए हैं को बाजार में चाय व खाने की दिक्कत आ रही थी। इस दिक्कत को देखते हुए व्यापार मण्डल के प्रधान सुमित मित्तल ने प्रसासन से एक होटल खोलने की परमिशन लेकर समस्या को हल किया। शनिवार को बाजार आने वाले मालवाहक चालको के लिए सुमित मित्तल ने अपनी ओर से ब्रेकफास्ट करवाया। सुमित मित्तल ने बताया कि गौतम फूड पॉइंट अपोजिट झाँझी कॉम्प्लेक्स को प्रसासन की स्वीकृति मिली है। जिसे पूरी तरह से सेनेटाइज कर शनिवार से आरम्भ कर दिया है। होटल में प्रवेश से पहले लोगों को हाथ धोने के लिए साबुन व सेनेटाइजर रखा गया है व होटल में सोशल डिस्टनसिंग का विशेष ख्याल रखा गया है। इस दौरान सुमित मित्तल ने व्यापर मण्डल सोलन के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता का कुनिहार व्यापार मण्डल को हर कार्य मे सहयोग देने के लिए धन्यवाद किया।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विश्वव्यापी प्रयासों के तहत आज सभी ओर भय और संशय की स्थिति व्याप्त है। मानव मानव को शंका व डर की दृष्टि से देख रहा है परस्पर सामाजिक दूरी बनाए रखने के अनुशासन को आंगीकार करते हुए भी संशय की छाया में जी रहा है। प्राथमिक तौर पर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निरंतर साबुन से हाथ धोने या सैनिटाइजर का प्रयोग करने की स्वास्थ्य विभाग की सलाह और सरकार के संदेश को आत्मसात कर लोगों द्वारा इसे अपनाया जाने लगा। शुरुआती दौर में सैनिटाइजर की कमी आने लगी किंतु सरकार के प्रयासों से स्थिति से निपटा गया लेकिन दूरदराज के क्षेत्रों में यह कमी कुछ समय तक बरकरार रही। जिला सिरमौर के राजगढ़ विकास खण्ड की ग्राम पंचायत लाना भाल्टा की प्रधान रूपिंदर कौर ने इस अवस्था को निर्माण और स्वावलंबन की ओर परिवर्तित करने की पहल की। सैनिटाइजर की उपलब्धता की कमी की पूर्ति के लिए रूपिंदर कौर ने महिलाओं में उत्साह का सृजन किया और संकट की इस घड़ी में अपने क्षेत्र की महिलाओं को समाज के लिए सहयोग और योगदान प्रदान करने के लिए प्रेरित करते हुए स्वावलंबी बनाने की दिशा में श्रम शक्ति का सूत्रपात किया। रूपिंदर कौर ने कलगीधर ट्रस्ट बडू साहिब के सहयोग से स्वयं का सैनिटाइजर उत्पाद तैयार करने की मन में ठानी। लाना भाल्टा महिला मंडल की उत्साही महिलाओं को संगठित कर इस दृष्टि से विचार किया गया। इस कार्य की पूर्ति के लिए स्वयं सहायता समूह व अकाल महिला मंडल बडू साहिब को सबल प्रदान किया ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक ललित जैन ने। सैनेटाइजर के लिए अल्कोहल एवं अन्य प्राथमिक उत्पाद का प्रबंध दिल्ली से किया गया तथा एक व्यक्ति महिलाओं को इस संबंध में प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भी बुलाया गया। इस संबंध में पूरा कच्चा माल एक प्रमाणित एवं विश्वसनीय स्रोतों से लिया जा रहा है। महिला मंडल द्वारा अन्य शुद्ध एवं प्राकृतिक जड़ी-बूटियों जैसे एलोवेरा, हल्दी एवं अन्य सुगंधित पदार्थ शामिल है, का निर्माण स्वयं अकाल महिला मण्डल व स्वयं सहायता समूह द्वारा कर अल्कोहल में डाला गया। लोगों को कम दाम पर बेहतर सैनेटाइजर उपलब्ध हो इसके लिए महिला मण्डल व स्वयं सहायता समूह द्वारा निरंतर कार्य कर सैनेटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। विभाग द्वारा सैनिटाइजर की 100 मिलीलीटर की कीमत 40 रुपये है एवं 250 मिलीलीटर की कीमत 100 रुपये रखी गई है। अकाल महिला मण्डल द्वारा ग्रामीण विकास विभाग को 5000 सैनेटाइजर बोतल उपलब्ध करवाई गई है और अधिक सैनेटाइजर निर्मित कर विभाग को मुहैया करवाई जाएगी। इस कार्य के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने प्रारम्भिक राशि महिला मण्डल को प्रदान की। कलगीधर ट्रस्ट श्री बडू साहिब राजगढ़ के बहुमूल्य योगदान से लाना भाल्टा की महिला मंडल द्वारा तैयार इस सैनिटाइजर के सैंपल को अधिकारिक तौर पर महिला मंडल समूह द्वारा निदेशक ललित जैन तथा संयुक्त निदेशक अनिल शर्मा की उपस्थिति में प्रस्तुत किया गया। विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह को सैनिटाइजर बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे एक ओर उनकी आमदनी बढ़ेगी वहीं गांव में रहने वाले लोगों को शुद्ध एवं प्राकृतिक पदार्थों से तैयार सैनिटाइजर उचित कीमत पर उपलब्ध होगा। विश्वव्यापी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सामूहिक स्तर पर यह अनूठी पहल है। पंचायत की प्रधान रूपिंदर कौर ने बताया कि उनका यह प्रयास महिलाओं में आर्थिक स्वावलंबन की जिज्ञासा को जागृत करना है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में लहसुन व टमाटर का उत्पाद बड़े पैमाने पर होता है, जिस पर आधारित प्रोसेसिंग प्लांट के तहत एक बड़ी परियोजना पर कार्य कर इस क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक तौर पर सुदृढ़ व सक्षम बनाने का है।
हिमाचल प्रदेश में श्वेत क्रांति की वाहक कामधेनु, हितकारी मंच संस्था ने जहां प्रधानमंत्री कोरोना रिलीफ फंड में कुछ दिनों पहले पांच लाख रुपयों योगदान दिया था। वहीं शनिवार को इस संस्था व इसकी सहयोगी संस्थाओं ने मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश कोविड सौलिडेटरी रेस्पॉन्स फंड में भी दो लाख 54 हजार रुपए की राशि जमा करवाई है। इस राशि के चार चेक संस्था के प्रधान नानक चंद ने उपायुक्त बिलासपुर राजेश्वर गोयल को सौंपे। यह जानकारी देते हुए संस्था के महासचिव जीत राम कौंडल ने बताया कि कामधेनु संस्था से जुड़े 4500 परिवारों के अलावा कामधेनु एसोसिएट्स व अन्य दो संस्थाओं ने अलग-अलग राशि का योगदान इस फंड के लिए किया है। उन्होंने बताया कि कामधेनु हितकारी मंच ने एक लाख एक हजार रुपए, कामधेनु गैर कृषि ऋण एवं बचत सहकारी सभा ने 51 हजार रुपये, कामधेनु एसोसिएट ने भी 51000 रुपये तथा गोकर्ण फार्मर प्रोड्यूसर प्राइवेट लिमिटेड ने भी 51000 रुपये का योगदान किया है।
लाडली फाउंडेशन के राज्य महासचिव बी ए शाह ने जिला अध्यक्ष अनीता शर्मा एवं कार्यकारी अध्यक्ष रेखा बिष्ट की सहमति से डियारा सेक्टर की समाज सेविका रीना ठाकुर (शीतल) को सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट करने पर लाडली फाउंडेशन की सदर ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किया। गोरतलेब है कि रीना ठाकुर (शीतल) लाडली फाउंडेशन के साथ मिलकर कई वर्षों से सामाजिक कुरीतियों को जड़ से उखाड़ने के लिए हमेशा कटिबद्ध रही हैं। बिलासपुर की प्रमुख संस्था सामाजिक संस्था रेनबो स्टार क्लब द्वारा आयोजित चिट्टा सरगना की विशाल यात्रा, नशा निवारण अभियान ऑपरेशन मुक्ति तथा क्लब द्वारा आयोजित हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतीक सतलुज आरती में भी सक्रिय भूमिका निभा चुकी है। महिला सशक्तिकरण, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान, पर्यावरण संरक्षण, वन संपदा संरक्षण, कुष्ठरोग की जागरूकता, कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम जैसे सामाजिक कार्यों में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई है। लाडली फाउंडेशन कि नवनियुक्त सदर ब्लॉक अध्यक्ष रीना ठाकुर (शीतल )का कहना है कि भविष्य में उनका यही उद्देश्य है कि कहीं भी कोई सामाजिक विसंगती न हो। कमजोर वर्ग को न्याय मिले। इसके लिए वह हमेशा प्रयासरत रहेगी । वर्तमान में रीना ठाकुर बतौर मैनेजिंग डायरेक्टर आयुषि इंस्टिट्यूशन ऑफ फैशन डिजाइनिंग के तौर पर गरीब महिलाओं को निशुल्क टेलरिंग कटिंग का कोर्स करवाने में प्रयत्नशी।
हिमाचल में कोरोना वायरस से संक्रमित केसों की संख्या शुक्रवार को 28 से बढ़कर 30 हो गई है। शुक्रवार देर रात आई रिपोर्ट में सोलन जिले के बद्दी स्थित एक निजी अस्पताल के एक रिसेप्शनिस्ट और लैब तकनीशियन कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। ये दोनों बद्दी स्थित स्टीलबर्ड हेलमेट कंपनी के एक निदेशक की पत्नी का इलाज के दौरान सम्पर्क में आए थे और यहां से पीजीआई रेफर होने के बाद इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई थी। बाद में यही महिला कोरोना पॉजिटिव भी निकली थी। शुक्रवार को हिमाचल के विभिन्न अस्पतालों से 127 सैंपलों की रिपोर्ट आई, जिनमें 125 निगेटिव मिले और दो पॉजिटिव पाए गए हैं। उधर बद्दी में महिला की चपेट में पति को छोड़कर चार लोग आए थे, जो महिला के साथ दिल्ली से बद्दी आए थे। चारों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके परिजनों ने सभी को हिमाचल से गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल शिफ्ट कर दिया था। अभी तक प्रदेश में 30 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और दो लोग ठीक होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं। इसके अलावा छह और लोगों की भी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है और जल्द ही उन्हें भी घर भेजा जा सकता है।
श्री नयना देवी जी विस क्षेत्र के विधायक तथा पूर्व मंत्री राम लाल ठाकुर ने स्वेच्छा से शहर को सेनेटाइज करने के लिए नगर में निकले कहलूर विकास सेवा संस्था के स्वयंसेवियों के लिए सुरक्षा किट प्रदान की है। जिसके लिए सभी संस्था के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने विधायक राम लाल ठाकुर का आभार व्यक्त किया है। इस अवसर विधायक राम लाल ठाकुर ने कहा कि नगर के यह बच्चे कोरोना को हराने के लिए समाज में बहुत बेहतर काम कर रहे हैं। अन्य युवाओं को भी इनसे सीख लेनी चाहिए। वहीं प्रधान सन्नी कुमार, महासचिव भरत डोगरा, विवेक आनंद, अमित कुमार, मनीष कौंडल, प्रांकित, रजत, विनोद कुमार, बसंत लाल, अजय राणा, ऋषभ कुमार आदि ने विधायक राम लाल ठाकुर का तहे दिल से आभार व्यक्त किया है। गौर हो कि कोरोना बीमारी को देष से भगाने के लिए कहलूर विकास सेवा समिति के सभी सदस्य पूरी ईमानदारी से मेहनत कर रहे हैं। शहर को सेनेटाइज करने का बीड़ा उठाने वाले इन युवाओं की मेहनत, लगन और देेश प्रेम की बानगी देखते ही बनती है। लगातार शहर के हर वार्ड, कालौनी में घर-घर जाकर दस्तक दे रहे इन युवाओं की मेहनत अवष्य रंग लाएगी तथा कोरोना बीमारी का खात्मा होगा। वहीं इन युवाओं की मेहनत और लगन को देखते हुए कई दानी सज्जन इनकी मदद को आगे आ रहे हैं।
नोवल कोरोना वायरस के खतरे के दृष्टिगत सोलन जिला के अन्य राज्यों के साथ लगते क्षेत्रों की सीमाओं पर सभी आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन पूर्ण रूप से सुनिश्चित बनाय जा रहा है। यह जानकारी आज यहां अतिरिक्त उपायुक्त सोलन विवेक चन्देल ने दी। उन्होंने कहा कि जिला के हरियाणा राज्य के साथ लगते परवाणु क्षेत्र में सभी एहतियाती उपाय अपनाए जा रहे हैं। यहां से हिमाचल की सीमा में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों को आज से रसायन के माध्यम से सैनीटाईज करना आरम्भ कर दिया गया है ताकि सुरक्षा चक्र को अधिक मजबूती प्रदान की जा सके। यह कार्य अग्निशमन विभाग के सहयोग से किया जा रहा है। विवेक चन्देल ने कहा कि जिला में अन्य सुरक्षा उपायों की अनुपालना भी सुनिश्चित की जा रही है ताकि कोरोना वायरस के खतरे से सफलतापूर्वक निपटा जा सके।
जिला दंडाधिकारी सोलन केसी चमन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए सोलन जिला के नालागढ़ उपमंडल के तहत बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण (बीबीएनडीए) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र नगर परिषद बद्दी, नगर परिषद नालागढ़ तथा सभी 41 ग्राम पंचायतों को पूर्ण रूप से सील करने के आदेश में आवश्यक संशोधन किया है। इस संशोधन के अनुसार होम डिलीवरी के तहत लोगों को दूध देने वाले प्रचलन के अनुसार कार्य कर सकेंगे। पके तथा बिना पके आवश्यक उत्पाद जिनमें किराना, दूध, ब्रेड, फल तथा सब्जियां सम्मिलित हैं सहित दवाओं एवं दवा उपकरणों की होम डिलीवरी प्रातः 7.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे के मध्य की जा सकेगी। थोक विक्रेताओं द्वारा सब्जी एवं फलों की होम डिलीवरी प्रातः 7.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे के मध्य ही की जा सकेगी। होम डिलीवरी प्राधिकृत विक्रेताओं द्वारा ही की जाएगी। इनके पास सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी कर्फ्यू पास होने चाहिएं। अन्य शर्तें पूर्ववत रहेंगी। संशोधित आदेश तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं तथा आगामी आदेशों तक जारी रहेंगे।
जिला दंडाधिकारी सोलन केसी चमन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए सोलन जिला के परवाणु क्षेत्र के लिए आदेश जारी किए हैं। यह आदेश हरियाणा राज्य के पंचकूला जिला के परवाणु के साथ लगते कालका क्षेत्र में कोरोना वायरस संक्रमण के 03 पोजिटिव मामले सामने आने के उपरान्त जन सुरक्षा को ध्यान में रखकर जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार नगर परिषद परवाणु के तहत आने वाला समूचा क्षेत्र तथा जिला की कसौली तहसील की ग्राम पंचायत जंगेशु एवं टकसाल को पूरी तरह सील कर दिया गया है। इन आदेशों के अनुसार उक्त समूचे क्षेत्र में आगामी आदेशों तक किराना, दूध, ब्रेड, फल, सब्जी तथा कीटनाशकों की कोई भी दुकान खुली नहीं रहेगी। इस क्षेत्र में एपीएमसी की सब्जी मंडी भी आगामी आदेशों तक बंद रहेगी। उक्त क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति में किसी भी व्यक्ति अथवा वाहन को आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। सरकारी तथा निजी अस्पताल, नर्सिंग होम तथा इनमें आपातकालीन चिकित्सा स्थिति में आने वाले व्यक्ति, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, आयुष विभाग तथा होम्योपैथिक कर्मी, चिकित्सा तथा स्वास्थ्य परीक्षण के लिए प्रयोगशालाएं इन आदेशों के दायरे से बाहर रहेंगी। किन्तु स्वास्थ्य तथा चिकित्सा परीक्षण के लिए सैंपल केवल घर से एकत्र किए जा सकेंगे। आदेशों के तहत जिला प्रशासन, दंडाधिकारी कार्य के लिए नियुक्त सरकारी कर्मी एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, पुलिस, सेना, अर्द्ध सैनिक बल, गृह रक्षा, नागरिक सुरक्षा तथा अन्य ऐसे सुरक्षा बल जो राज्य अथवा केंद्र सरकार के अधीन हैं, निजी सुरक्षा एजेंसियां, जेल एवं सुधार सेवाएं, सम्बन्धित उपमंडलाधिकारी द्वारा प्रमाणित ऐसे सरकारी अथवा अर्ध सरकारी कर्मी जो कोविड-19 के खतरे को न्यून करने के लिए कार्यरत हों, बैंक, एटीएम, कोषागार, बीमा कार्यालय, डाकघर, विद्युत, जल, नागरिक सेवाएं, स्वच्छता एवं ऊर्जा हस्तांतरण इकाइयों जैसी आवश्यक सेवाओं के क्रियाशील रखरखाव में संलग्न अधिकारी एवं कर्मी, अग्निशमन सेवाएं, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार एवं इंटरनेट सेवाओं सहित पशुपालन कृषि तथा वन विभाग सहित सड़क अधोसंरचना के कार्य में संलग्न अधिकारी एवं कर्मचारियों पर यह आदेश लागू नहीं होंगे। पेट्रोल पंप, रसोई गैस, सीएनजी, तेल एजेंसियां, उनके भंडार गृह तथा संबंधित परिवहन गतिविधियां भी इन आदेशों के दायरे के बाहर होंगी। सक्षम प्राधिकरण से अनुमति प्राप्त आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन में संलग्न औद्योगिक इकाइयां, ऐसी औद्योगिक इकाइयां जिनमें सतत प्रक्रिया आवश्यक है तथा आवश्यक वस्तुओं, दवा एवं इनकी सहयोगी, साबुन, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां तथा ऐसा कपड़ा उद्योग (वस्त्र को छोड़कर) जिसमें औद्योगिक परिसर के भीतर कामगारों के रहने का स्थान हो भी इन आदेशों के दायरे से बाहर हैं। शीत भंडारण गृह तथा भंडारण सेवाएं, क्वारंटाइन सुविधाओं के लिए निर्धारित स्थान, ऐसे होटल, रेस्ट हाऊस तथा होम स्टे जहां कफ्र्यू में फंसे व्यक्तियों एवं मेडिकल तथा पैरामेडिकल कर्मियों को ठहराया जा सकता हो तथा जिन्हें दवा उद्योग के कामगारों को ठहराने के लिए चयनित किया गया हो, चालकों की सुविधा के लिए अधिसूचित ढाबे एवं होटल, अनुमति प्राप्त वाहन, मुरम्मत कार्यशालाएं, मोटर मैकेनिक, टायर पंचर की दुकानें तथा परिवहन कार्यशालाएं, परिवहन यूनियनों के कार्यालय के सामने खुला स्थान तथा ऐसे ट्रांसपोर्टरों द्वारा किया जाने वाला परिवहन, कृषि कार्य के लिए कृषक एवं कृषि मजदूर भी इन आदेशों के दायरे से बाहर होंगे। होम डिलीवरी के तहत लोगों को दूध देने वाले भी इन आदेशों के दायरे से बाहर होंगे। पके तथा बिना पके आवश्यक उत्पाद जिनमें किराना, दूध, ब्रेड, फल तथा सब्जियां सम्मिलित हैं सहित दवाओं एवं दवा उपकरणों की होम डिलीवरी प्रातः 7.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे के मध्य की जा सकेगी। थोक विक्रेताओं द्वारा सब्जी एवं फल की होम डिलीवरी प्रातः 7.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे के मध्य ही की जा सकेगी। होम डिलीवरी प्राधिकृत विक्रेताओं द्वारा ही की जाएगी। इनके पास सक्षम प्राधिकरण द्वारा जारी कफ्र्यू पास होने चाहिएं। उप पुलिस अधीक्षक, परवाणु तथा सहायक आयुक्त परवाणु यह सुनिश्चित बनाएंगे कि अनुमति प्राप्त व्यक्तियों एवं एजेंसियों द्वारा होम डिलीवरी प्रक्रिया प्रदत्त समय सीमा में प्रभावी एवं सुचारू कार्य करे। इस आदेश द्वारा कफ्र्यू से छूट प्राप्त सभी व्यक्ति, अधिकारी एवं कर्मचारी सोशल डिस्टेन्सिग नियम तथा समय-समय पर कोरोना वायरस के खतरे से बचाव के लिए जारी नियमों का पूर्ण पालन सुनिश्चित बनाएंगे। इसके अतिरिक्त सील किए गए क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति मास्क पहने बिना तथा हाथों कोे सैनिटाईज किए बिना बाहर नहीं निकलेगा। कृषि विकास अधिकारी एवं कृषि विभाग के प्रसार अधिकारी यह सुनिश्चित बनाएंगे कि कृषक एवं कृषि मजदूर सोशल डिस्टेन्सिग नियम का पालन करें और वास्तविक कृषि कार्य ही किए जाएं। आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि दवाओं सहित सहित सभी आवश्यक एवं गैर आवश्यक वस्तुओं का परिवहन निर्बाध रूप से जारी रहेगा। इनके कामगार एवं कर्मी भी उक्त क्षेत्र में अनुमति प्राप्त वाहनों में आ-जा सकेंगे। इनके पास सम्बन्धित कम्पनी द्वारा जारी पहचान पत्र होना चाहिए। किसी भी कामगार एवं कर्मचारी को पैदल आने-जाने की अनुमति नहीं होगी। इन आदेशों की अवहेलना पर आपदा प्रबन्धन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 तथा भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाही अमल में लाई जाएगी। आदेशों की अनुपालना कार्यकारी दण्डाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा सुनिश्चित बनाई जाएगी। यह आदेश तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं तथा आगामी आदेशों तक लागू रहेंगे।
सोलन जिला से गत दिवस कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए एकत्रित 38 में से 18 रक्त नमूने केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान, कसौली एवं 20 रक्त नमूने इन्दिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, शिमला भेजे गए थे। इनमें से केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान, कसौली भेजे गए 18 रक्त नमूनों की कोरोना वायरस के सम्बन्ध में रिपोर्ट नेगेटिव आई है। यह जानकारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. एन.के. गुप्ता ने दी। उन्होंने कहा कि इन्दिरा गांधी आयुर्विज्ञान चिकित्सालय, शिमला भेेजे गए 20 रक्त नमूनों की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। डाॅ. एन.के. गुप्ता ने कहा कि इन 38 रक्त नमूनों में से 08 बु्रकलिन अस्पताल बद्दी तथा 20 बद्दी स्टेडियम में क्वारेनटाईन किए गए व्यक्तियों में से एकत्र किए गए थे। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अनुसंधान संस्थान, कसौली से प्राप्त रिपोर्ट उन 18 व्यक्तियों की है जो तबलीगी जमात के कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में थे। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन के दिशा-निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग नियमित रूप से कोरोना वायरस की जांच एवं पुष्टि की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि सोलन जिला में वर्तमान में 2293 व्यक्ति होम क्वारेनटाईन में हैं। 408 व्यक्ति संस्थागत क्वारेनटाईन में हैं। विदेश से आए 68 व्यक्ति ऐसे हैं जिन्होंने 28 दिन निगरानी की अवधि पूर्ण कर ली है।
जिले के बरमाणा क्षेत्र में मानव सेवा ट्रस्ट और बिटिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में हर जरूरतमंद को भेाजन दिया जा रहा है। बरमाणा, पंजगाई, बैरी, लघट, और डैहर रोड पर जितने भी जरूरतमंद परिवार है उन तक भोजन पहुँचाने की जिम्मेवारी इन दोनो संस्थाओं द्वारा बखूबी निभाई जा रही है। शुक्रवार को भी अपने दायित्व को निभाने इन संस्थाओं के सदस्य एवं पदाधिकारी अपनी डयूटी निभाते दिखे। कैंची मोड़ बरमाणा में श्रमिक परिवार अपने भोजन का इंतजार भी करते दिखे। बिटिया फाउंडेशन की अध्यक्षा सीमा सांख्यान ने बताया कि वे हर दिन करीब पांच सौ लोगों को भोजन की व्यवस्था कर रही हैं। उन्होने बताया कि उनकी टीम इलाके में यह भी सुनिष्चित कर रही हैं कि कोई व्यक्ति भूखा न हो। ऐसे परिवार जो चाहे स्थानीय हो या प्रवासी परिवार हो, सबकों भोजन के लिए पूछा जा रहा है तथा जरूरतमंदों तक राशन पहुँचाया भी जा रहा है। सीमा ने बताया कि षुक्रवार को करीब पचास ऐसे लोग नए जुड़े हैं जिनके पास राशन या भोजन का अभाव है। उन्होंने कहा कि यदि जरूरतमंद कोई ऐसा व्यक्ति या परिवार मिलता है तो उसकी सूचना तुरंत इन संस्थाओं के किसी भी सदस्य या पदाधिकारी के पास दें ताकि उन्हें भोजन उपलब्ध करवाया जा सके। सीमा सांख्यान ने बताया कि इस पुनीत कार्य में इलाकावासी ही हर मदद कर रहे हैं संस्था द्वारा जिला प्रषासन की ओर से कोई मदद नहीं ली जा रही है। मानव सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन प्रकाश चंद बंसल ने बताया कि मुश्किल की इस घड़ी में मानव और मानवता की सेवा करना ही सच्चा धर्म है। जिसमें मानव सेवा ट्रस्ट और बिटिया फाउंडेशन की टीमें अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस काम में सहयोग करने वाले सभी दानी सज्जन और महिलाएं बधाई की पात्र है।
बिलासपुर के थाना बरमाणा में हर आंगतुक को स्वच्छता तथा सोशल डिस्टैंसिग के बारे में जागरूक किया जा रहा है ताकि कोरोना युद्ध में विजय मिल सके। यह बात थाना बरमाणा के प्रभारी विरोचन नेगी ने कही। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए केंद्र, प्रदेष सरकार व प्रषासन के हर विभाग के साथ-साथ समाज का हर नागरिक अपना अहम योगदान दे रहा है। कोरोना को हराने के लिए लोग अपने घरों में रहकर न सिर्फ सरकार के नियमों का पालन कर रहे हैं बल्कि कोरोना को भगाने में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था दुरूस्त रहे इसके लिए पुलिस प्रषासन हर समय मुस्तैद है। इसके लिए कोरोना वायरस से संबंधित अधिसूचनाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जा रहा है। नेगी ने बताया कि थाना परिसर में उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र से मंडी जिला की सीमाएं लगती है, लिहाजा बरमाणा पुलिस का दायित्व और बढ़ जाता है, इसके लिए डैहर पुल के इस पार तथा सलापड़ पुल के पास बाकायदा नाकाबंदी की गई है जिसमें हर आने जाने वाले पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। वाहनों की बाकायदा एंट्री की जा रही है। डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है तथा पूरा परिसर स्वच्छ तथा कीटाणु मुक्त रहे इसके लिए प्रतिदिन सेनेटाइज भी किया जा रहा है। नेगी ने कहा कि थाना में आने वाले हर व्यक्ति को उचित दूरी बनाए रखने के दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि थाना बरमाणा में माहौल शांतत है तथा स्थिति नियंत्रण में है।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला की अब ड्रोन-कैमरा द्वारा निगरानी शुरू कर दी गई है। कोरोना के चलते लोगो पर कैमरे से पुलिस अपनी आंख लगाए बैठी है। यू तो शिमला में करफियु का अच्छा पालन ही रहा है लेकिन फिर भी पुलिस कोई चूक नही करना चाहती। इसलिए ये ड्रोन-कैमरा शुरू किया गया है। पुलिस इसकी मदद से विशेषकर शहर के उन हिस्सों पर निगरानी रखेगी जो काफी भीड़ भाड़ वाले और तंग गलियों वाले है। साथ ही कर्फ्यू का उलंघन कर रही गाड़ियों की भी पहचान की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर तथा उनकी पत्नी डाॅ. मुक्ता शर्मा ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को 2,51,000 रुपये की राशि के चेक भेंट किए। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर तथा उनके परिवार के सदस्यों ने इस राशि का पी.एम. केयर्स फण्ड तथा एच.पी. कोविड-19 साॅलीडेरिटी रिस्पांस फण्ड में अंशदान किया है। गौर रहे विवेक ठाकुर बिलासपुर से हैं। न्यायमूर्ति ठाकुर ने एक लाख रुपये पी.एम. केयर्स फण्ड तथा 50 हजार रुपये की राशि एच.पी. कोविड-19 साॅलीडेरिटी रिस्पांस फण्ड में दी है। उन्होंने यह अंशदान हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायधीशों द्वारा अपने दो दिन के वेतन के अंशदान के अतिरिक्त दिया है। उनकी धर्मपत्नी डाॅ. मुक्ता शर्मा, जो शिमला स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर में बतौर प्रवक्ता कार्यरत हैं, ने एच.पी. कोविड-19 साॅलीडेरिटी रिस्पांस फण्ड में 40,000 रुपये का अंशदान किया है। न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर के पिता तथा पूर्व विधायक नारायण सिंह स्वामी ने भी पी.एम. केयर्स फण्ड में 11000 तथा एच.पी. कोविड-19 साॅलीडेरिटी रिस्पांस फण्ड में 50,000 रुपये का अंशदान अपनी बचत से किया है। इस अवसर पर, न्यायमूर्ति विवेक ठाकुर ने कहा कि राष्ट्र और समाज हमें जीवन भर देता है और जो हम जीवन में पाते हैं वह इनसे ही हमें मिलता है। इसलिए, संकट के समय में हमारा यह कत्र्तव्य बनता है कि जीवन भर जो हमने इनसे लिया है उसमें से कुछ अंश वापस दिया जाए ताकि संकट की इस घड़ी में राष्ट्र और सुदृढ़ हो सके। राज्यपाल ने इस पुनीत कार्य के लिए उनका आभार व्यक्त किया। राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
दाड़लाघाट क्षेत्र में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए चल रहे कर्फ्यू की उल्लंघना करने पर पुलिस थाना दाड़लाघाट ने कार्रवाई की। इसके चलते वीरवार व शुक्रवार को एसएचओ मोती सिंह व ट्रैफिक इंचार्ज दाड़ला कमला वर्मा ने दाड़लाघाट सहित आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने धारा-144 के अंर्तगत दी गई छूट पर उल्लंघन करने पर वाहनों के चालान काटे। इस मौके पर 34 छोटे वाहनों से 12800 रुपये वसूल किया जा चुका है। कर्फ्यू के दौरान पुलिस ने नाकेबंदी और गश्त तेज कर दी। इसके चलते बिना किसी कार्य के घूमने वाले बाइक और कार चालकों पर पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई की। दाड़लाघाट थाना के एसएचओ मोती सिंह ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों की कमी नहीं है।पुलिस कार्रवाई के बावजूद लोग हैं कि नियमों को तोड़ रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि दाड़लाघाट में विभिन्न स्थानों पर पुलिस ने नाकाबंदी कर रखी है। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे कर्फ्यू में ढील के समय सिर्फ जरूरी सामान खरीदने के लिए ही घरों से बाहर निकलें। खरीदारी के लिए किसी तरह का वाहन उपयोग में न लाएं। उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आमजन से अपील की है कि कर्फ्यू का सभी शत प्रतिशत पालन करें। अगर कर्फ्यू के दौरान कोई व्यक्ति बिना मतलब के घूमते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।जिन लोगों के पास बने हैं, वे भी यातायात नियमों का पालन करें।


















































