पठानकोट से जसूर में कारोबार करने वाले दुकानदारों को अपना कोविड टेस्ट दिखाने के बाद ही क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। नूरपुर के विधायक राकेश पठानिया ने सोमवार को जसूर कस्बा के कारोबारियों के साथ अहम बैठक के बाद यह बात कही। उन्होंने कहा कि कस्बा में सीमांत राज्य से जसूर में कारोबार करने वाले करीब 77 लोग हैं, चूंकि पठानकोट कोरोना संक्रमित जोन में होने के बाद सरकार के ही आदेश थे कि जो भी उक्त जगह से आएगा, वह अपनी टेस्ट रिपोर्ट प्रशासन को दिखा कर ही अंदर आ सकता है। पठानिया ने कहा बैठक में अधिकांश लोगों का मत था कि पठानकोट से जसूर में कारोबार करने वाले दुकानदारों को प्रशासन के मानकों पर सही उतरने के बाद ही प्रवेश दिया जाए। इसके लिए प्रतिबद्ध हैं। पठानिया ने कहा कि कुछ लोग बिना वजह मामले को तूल देने में जुटे हुए हैं और बतौर विधायक होने के चलते मुझे बेवजह इस विवाद में घसीटा जा रहा है। पठानिया ने कहा जो भी कारोबारी औपचारिकता पूरी कर कस्बा में अपनी दुकान खोलता है, उसका स्वागत है। लेकिन उसे प्रतिदिन आवागमन की अनुमति कतई नहीं दी जाएगी, बल्कि कस्बा में रहकर ही लाकडाउन का पालन करना होगा। बकौल पठानिया इस वक्त नूरपूर क्षेत्र में करीब 6600 लोग बाहरी राज्यों से आए हैं, जिनकी निगरानी के लिए दिन रात प्रशासन जुटा हुआ है और उसी का परिणाम है कि क्षेत्र में कोई भी कोरोना संक्रमित केस नहीं है। ऐसे में सुरक्षा की लिहाज से ऐसा कोई भी कदम नही उठाया जाएगा, जिससे क्षेत्र का सुरक्षा घेरा टूटे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि संकट की इस घड़ी में सरकार और प्रशासन की समस्या बढ़ाने की बजाय सहयोग करें, ताकि इस जंग को मिलकर जीता जा सके।
कर्फ्यू ढील के दौरान आड इवन फार्मूले की धज्जियां उड़ाने वाले वाहन चालको के खिलाफ पुलिस प्रशासन सख्त हो गया है जिसके चलते कुनिहार पुलिस सोलन मार्ग कोठी चोंक में नाका लगाकर उन वाहनों के चलान काटती नजर आई जो बिना वजह अपनी निजी गाडियों को सडको पर घुमा रहे थे। चलान से बचने के लिए कई वाहन चालक तरह तरह के बहाने बनाते भी नजर आये कोई अपने वाहन में हवा भरवाने का बहाना बनाता दिखाई दिया तो कुछ किसी जरूरत मंद साथी को छोड़कर आने का बहाना बनाते दिखाई दिए। गौर है कि कुनिहार क्षेत्र अर्की उपमंडल का सबसे बड़ा व्यपारिक क्षेत्र है व् यंहा दूरदराज के अधिकतर लोग अपनी अपनी निजी गाडियों में खरीदारी करने यंहा पंहुच रहे हैं कर्फ्यू ढील के दौरान उक्त क्षेत्र में अक्सर वाहनों की आवाजाही भी अधिक हो जाती है। जिला सोलन में कर्फ्यू में ढील के दौरान वाहनों की आवाजाही के लिए प्रशासन की ओर से ऑड-ईवन फार्मूला शुरू किया गया है। गत एक सप्ताह से उक्त योजना पर कार्य भी शुरू हो गया है। हालांकि अभी भी अधिकतर ग्रामीण लोगों को ऑड-ईवन के बारे में अधिक जानकारी नहीं है, पहले एक दो दिन पुलिस प्रशासन की ओर से भी कुनिहार क्षेत्र में वाहन चालको को इसके बारे में जागरूक किया गया था। कुनिहार थाना प्रभारी जीत सिंह ने कहा कि कुनिहार क्षेत्र में कर्फ्यू ढील के दौरान बेवजह अपनी निजी गाडियों को सडको पर उतारने वाले वाहन चालको के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा निजी वाहनों के लिए आड इवन का फार्मूला लागु किया गया है इसके बावजूद भी कई वाहन चालक तरह तरह के बहाने बनाकार सडको पर अपने वाहन इधर उधर घुमा रहे हैं पुलिस द्वारा नाका लगाकर ऐसे वाहनों के चलान काटे गए हैं व कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने लोगो से अपील की है कि सरकार व जिला प्रसासन के दिशा निर्देशों का पालन कर कोरोना की लड़ाई में सहयोग करें।
कोरोना वायरस के चलते प्रदेश में कर्फ्यू लगा हुआ है और ऐसे में मजदूर ओर गरीबो को खाने के लिए तरसना न पड़े इसको लेकर स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ धार्मिक संस्थाओं व उपमडल करसोग मे अनेक दानी सज्जन मदद के लिए आगे आ रहे है। वही महिलाएं भी अपनी अहम भूमिका निभा रही है। इसी कड़ी में महिला मडल पोखी द्वारा 5000 रु की राशि एस डी एम करसोग के माध्यम से मुख्यमंत्री राहत कोष मे दी गई। वहीं महिला मंडल पोखी की प्रधान नैना देवी ने कहा कि अभी तक उपमडल करसोग के अनेको महिला मडलो ने कोरोना वायरस के चलते अपनी अहम भूमिका निभाई है तथा सभी महिला मंडलो ने अपना भरपूर सहयोग दिया है। ऐसे समय में जहां तक संभव हो जरूरतमंदो की मदद के लिए हमें आगे आना चाहिए। इसमे इनके साथ समाजसेवी कृष्ण लाल व महिला मंडल सचिव जमना देवी भी उपस्थित रहे।
किसानों की तैयार गेंहू की फसल जिसका कटाई व गहाई का काम जोरो पर चल रहा है पर कुदरत की मार पड़ रही है। वीरवार रात को जँहा आंधी, बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की गेंहू व नगदी फसलों को नुकसान पहुंचाया तो वन्ही रविवार सुबह भारी आंधी तूफान व बारिश से क्षेत्र में किसानों की फसल को नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि तैयार व कटी फसल को बेवक्त हो रही इस आंधी तूफान व बारिश से काफी नुकसान हो रहा है। अगर ऐसे ही बारिश होती रही तो हमारी सारी फसल नष्ट हो जाएगी व अधिकतर किसानो की कृषि ही रोजी रोटी है। जो किसान कृषि पर ही निर्भर है उन्हें अपने परिवार के पालन पोषण की चिंता सता रही है। रविवार सुबह तूफान व बारिश से फसलों को जँहा भारी नुकसान हुआ तो वन्ही कई जगह तूफान की वजह से बड़े बड़े पेड़ भी टूट गए जिसकी वजह से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति पर भी असर पड़ा व विभाग द्वारा कई घण्टो की मशक्कत के बाद विद्युत आपूर्ति को दरुस्त किया गया।
कोरोना महामारी से लड़ने में एहतियात और सोशल डिस्टेंसिंग का कितना महत्व है ये बीते हफ्तों में साबित भी हुआ है। चंबा जिला में भी बाहर से आने वाले लोगों को संस्थागत या होम क्वारंटाइन किया गया। संस्थागत क्वारंटाइन में तो चूंकि निगरानी की एक तय व्यवस्था निश्चित रहती है लेकिन होम क्वारंटाइन में व्यक्ति पूरे प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है या नहीं इसकी निरंतर और प्रभावी निगरानी का कोई तय जरिया नहीं था। काफी कुछ होम क्वारंटाइन हुए व्यक्ति की जागरूकता और अनुपालना पर निर्भर रहता था। इन तमाम बातों के मद्देनजर चम्बा जिला के उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने अनूठी पहल करके एक पंच स्तरीय मूल्यांकन मैकेनिज्म तैयार किया है और इसे नाम दिया पंचअस्त्र का। विवेक भाटिया ने बताया कि दरअसल पंचतंत्र एक ऐसा मैकेनिज्म बनाया है जो न केवल होम क्वारंटाइन किए व्यक्ति की प्रभावी निगरानी का हथियार बनेगा बल्कि जिले में होम क्वॉरेंटाइन सभी व्यक्तियों का एक डेटाबेस भी तैयार होगा। जिले के सभी एसडीएम को अपने उपमंडल की टीम का प्रमुख बनाया गया है। उपमंडल स्तर पर एसडीएम डीएसपी, बीडीओ व खंंड स्वास्थ्य अधिकारी के समन्वय से निगरानी के काम को लगातार अंजाम देंगे। जमीनी स्तर पर राजस्व, स्वास्थ, पुलिस और ग्रामीण विकास विभागों के कर्मचारियों के अलावा स्थानीय वॉलंटियरों जिनमें एनसीसी, एनएसएस, स्काउट एंड गाइड, महिला और युवक मंडल शामिल हैं। निगरानी कर्मी नियमित तौर पर होम क्वारंटाइन किए व्यक्ति के घर जाकर यह सुनिश्चित बनाएंगे कि व्यक्ति द्वारा होम क्वारंटाइन की पूरी अनुपालना की जा रही है। होम क्वारंटाइन के व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच के अलावा उसे आवश्यक सलाह भी दी जाएगी। इस निगरानी व्यवस्था की सबसे खास बात यह रहेगी कि व्यक्ति का जियो टैग किया फोटो विजिट किए गए समय के साथ भेजना होगा। इससे निगरानी और पुख्ता व प्रभावी साबित होगी। निगरानी कर्मी यह भी देखेंगे कि होम क्वारंटाइन व्यक्ति को खांसी, जुकाम व अन्य लक्षण तो नहीं हैं। यदि लक्षण पाए जाते हैं तो इसकी तुरंत सूचना दी जाएगी। संबंधित पंचायत और नगर निकाय अपने यहां बाहर से आने वाले व्यक्तियों की दो तरह से सूची तैयार करेंगे। इसमें एक सूची वह बनेगी जिसमें हिमाचल प्रदेश के ग्रीन जोन क्षेत्र से व्यक्ति आया होगा। दूसरी सूची उन लोगों की तैयार की जाएगी जो हिमाचल प्रदेश के या हिमाचल प्रदेश के बाहर के रेड जोन क्षेत्र से आए होंगे। जिला प्रशासन द्वारा तैयार किए गए इस विशेष मैकेनिज्म में किसी भी स्तर पर अवहेलना होने की सूरत में आपदा प्रबंधन अधिनियम, हिमाचल प्रदेश (कोविड-19) रेगुलेशन- 2020 के अलावा आचरण नियमों के तहत कार्रवाई के प्रावधान भी रखे गए हैं ताकि इसका कार्यान्वयन ठोस तरीके से हो सके।
लॉकडाउन के कारण जेएनवी कुनिहार के 9वीं कक्षा के माइग्रेट विद्यार्थी रविवार जेएनवी पुणे महाराष्ट्रा से कुनिहार पहुंच ही गए। 7 मई को हिमाचल के प्रवेश द्वार परवाणू पहुंचे इन 21 विद्यार्थियों को जिला प्रशासन ने होटल शिवालिक में रखा, जंहा इन सभी विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। 9 मई की शाम को सीआरआई कसौली से इन सभी की स्वास्थ्य चिकित्सा रिपोर्ट नेगटिव निकली। रविवार को विद्यालय के अध्यापक कमलेश कुमार व सचिता मेडम के साथ परवाणू से यह बच्चे घर की ओर रवाना हुए। जिन्हें प्रशासन की सहमति से होम क्वारन्टीन किया गया। बच्चो के कुछ अभिवावक अपने अपने बच्चो को परवाणू, धर्मपुर से अपने साथ घर ले गए। इनमें से 6 विद्यार्थी करीब 2 बजे कुनिहार के कोठी चौकपहुंचे जँहा पहले से ही इनके अभिभावक बच्चों को रिसीव करने पहुंचे हुए थे। एक दूसरे को देखकर अभिभावक व बच्चे काफी खुश थे। लेकिन कोरोना के चलते प्रसासन के दिशा निर्देशों के अनुसार सोसल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दूर से ही एक दूसरे को निहारते रहे। यंहा से इन बच्चो के अभिवावक इन्हें घर ले कर गए। कोठी चोक पर एसएचओ कुनिहार जीत सिंह ने सभी बच्चो व अभिवावकों को प्रशासन की ओर से जरूरी हिदायते दी।इस दौरान क्वारन्टाइन अवधि में घर से बाहर न निकलने को कहा। वन्ही विद्यालय की ओर से अध्यापक कमलेश कुमार ने उपायुक्त सोलन का धन्यवाद किया कि परवाणू में बच्चो के रहने व खान पान की बहुत ही अच्छी व्यवस्था की गई थी। अति सवेदनशील क्षेत्र से आने के कारण सभी बच्चो की करोना सम्बन्धी जांच की गई जोकि नेगटिव आई व बच्चो को प्रशासन की ओर से जरूरी हिदायते देकर होम क्वारन्टीन किया गया।
समाज के हर वर्ग के समावेशी और समान विकास के साथ-साथ राज्य की प्रगति के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का विकास महत्वपूर्ण है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रगति की संभावनाओं को पूरा किया जा सके और विकास का लाभ जमीनी स्तर पर हर वर्ग तक पहुंच सके। लाॅकडाउन का समय ऐसा कठिन समय रहा है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में कामगारों, अकुशल श्रमिकों और विशेष रूप से गरीबी की कगार पर रहने वाले लोगों को गुजर बसर और अपनी आजीविका कमाने तथा दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए रोजगार के साधनों की तलाश थी। बेरोजगारों और कम रोजगार पा रहे लोगों के लिए काम के अवसरों को बढ़ाने के लिए तथा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बहुआयामी विकासात्मक रणनीति तैयार की गई जो विकास को बनाए रखने के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगी। कोरोना वायरस के दौरान मनरेगा योजना के तहत विकास और रोजगार सृजन कार्यक्रम सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए समावेशी विकास का एक मजबूत माॅडल बनकर उभरा है। हिमाचल सरकार ने बढ़ाई मजदूरी केंद्र और राज्य सरकार ने लाॅकडाउन की अवधि के दौरान श्रमिकों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए पहल की और राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा कार्यों को शुरू किया। परिणामस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक कार्य शुरू हुए और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को अकुशल श्रमिकों को लाभ मिला, जिससे कोविड-19 के प्रकोप के दौरान इस वर्ग के लोगों को निरन्तर आय के स्रोत मिल रहे हैं। हिमाचल सरकार ने मनरेगा मजदूरों की मजदूरी 185 प्रति दिन रुपये से बढ़ाकर 198 रुपये प्रति दिन की है, जिससे मनरेगा के मजदूरों को लाभ मिला है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों को पूरा करने के दौरान राज्य सरकार के आपसी सामाजिक सुरक्षा और मास्क पहनने के सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है। शिमला जिले में किए जा रहे 1985 कार्य शिमला जिले में ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से 1985 कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें 10471 श्रमिकों को काम पर लगाया गया है। जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के माध्यम से जिला में 20,73,253 रुपये की राशि विकास कार्य पूर्ण होने के पर मनरेगा श्रमिकों के खाते में हस्तांतरित की जाएगी। जिले के बसंतपुर खंड में 116, चौहारा में 47, चौपाल में 253, जुब्बल में 108, कुपवी में 43, मशोबरा में 193, ननखड़ी में 77, नारकंडा में 139, रामपुर बुशहर में 548, रोहडू में 73 और ठियोग खंड में 388 कार्य प्रगति पर हैं। मनरेगा कार्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न विकासात्मक योजनाओं के कार्यों को सम्मिलित किया गया है ताकि इन कार्यों में लगे व्यक्तियों को निरंतर कार्य प्रदान किया जा सके। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जल संचयन टैंक, भूमि समतलन, पौधारोपण और लघु सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं।
अम्बुजा सीमेंट कंपनी में कार्यरत ट्रक आपरेटर माल भाड़े की अदायगी समय पर करने की मांग कर रहे है। यूनियनों ने समय पर पेमेंट न करने की सूरत में ढुलाई कार्य बंद करने की चेतावनी दी है। हालांकि कंपनी द्वारा कुछ पेमेंट तो कर दी गई है लेकिन अभी भी करोड़ों रुपये कंपनी की तरफ बकाया है। एसडीटीओ ट्रक ऑपरेटर यूनियन द्वारा कम्पनी को माल भाड़े की अदायगी समय पर करने का नोटिस भेजा है। एसडीटीओ के प्रधान रत्न मिश्रा ने बताया कि उन्होंने कंपनी को नोटिस के माध्यम से समय पर पेमेंट करने को कहा है। नोटिस में स्पष्ट किया है कि कंपनी पहले की तरह वीकली पेमेंट का सिस्टम लागू नही करती तो ढुलाई कार्य बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कंपनी पर उनकी सोसायटी का लगभग पांच करोड़ रुपये का बकाया है जिसमें से एक करोड़ की पेमेंट हुई है। पेमेंट न होने की सूरत में ऑपरेटरों द्वारा ढुलाई कार्य को सुचारु रखना संभव नही है। लॉक डाउन के दौरान सभाओं द्वारा एफडीयां तुड़वाकर आर्थिक संकट से जूझ रहे ऑपरेटरों को पेमेंट की गई है। उन्होंने बताया कि सभी यूनियनों की मैनजमेंट से बात हो चुकी है। सभी ऑपरेटर वीकली पेमेंट की मांग कर रहे है और ऐसा न होने पर ढुलाई कार्य बंद करने के पक्ष में है। एडीकेएम यूनियन के प्रधान बालक राम का कहना था कि तीन करोड़ 65 लाख भाड़े की राशि पेंडिंग थी जिसमें से दो करोड़ 98 लाख की पेमेंट कम्पनी द्वारा कर दी गयी है 70 लाख अभी भी बकाया है।उन्होंने कम्पनी प्रबन्धन से वीकली माल भाड़े की अदायगी के सिस्टम को लागू करने की मांग की है। उधर कंपनी प्रबंधन इस बारे में कोई टिप्पणी करने से बच रहा है। कंपनी का पक्ष जानने के लिए फोन पर सम्पर्क किया गया तो कंपनी के अधिकारियों ने फोन नही उठाया।
कोरोना वायरस के चलते लाॅकडाउन की वजह से ग्राम पंचायत घणागुघाट के शेरपुर में उत्तर प्रदेश मुरादाबाद से आए 7 मजदूर अपने घर जाना चाह रहे हैं, लेकिन पैसा न होने की वजह से 2 महीने से वहीं फंसे हुए हैं। मजदूर प्रदीप ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश गांव जगनिया डाकखाना सिरसी तहसील बिलारी जिला मुरादाबाद से 17 मार्च को घर से चले थे और 19 मार्च को शेरपुर पहुंचे थे। उन्हें शेरपुर से मोहल गांव तक सड़क संपर्क सड़क मार्ग पर गटका तथा रोड़ी बिछाने के लिए बुलाया गया था लेकिन उनके आने के 2 दिन बाद ही लाॅकडाउन शुरू हो गया जिस कारण वे कोई भी काम नहीं कर पाए। उनका ठेकेदार उन्हें यह कहकर चला गया कि वह जल्दी आकर उन्हें खर्चा के लिए पैसे देगा लेकिन लाॅकडाउन हो जाने के कारण दो महीने व्यतीत हो जाने पर भी अभी तक ठेकेदार ने की सहायता नहीं की है। मजदूरों ने कहा कि उनके साथ दो महिलाएं भी हैं जिनमें एक ९ महीने से गर्भवती है। मजदूरों ने कहा कि वे एक कमरा किराए पर लेकर उसी में रह रहे हैं खाने को राशन नहीं है। अब तक कुछ राशन पंचायत प्रधान द्वारा दिया गया था अब उनके पास न कुछ खाने को है न जेब में पैसा है उनका कहना है कि उन्हें यदि सरकार किसी भी तरह उन्हें घर भेज देती है तो वह किसी भी सूरत में घर जाना चाह रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि वे इस संदर्भ में एसडीएम अर्की को भी अवगत करवा चुके है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें जल्द से जल्द घर भेजे। पंचायत प्रधान धनीराम रघुवंशी ने कहा कि वह 2 महीने से इनकी हर संभव सहायता कर रहे हैं लेकिन अब ये घर जाना चाह रहे हैं, जिसका प्रबंध सरकार को करना चाहिए।
गर्मियों के मौसम में पानी की कीमत उससे ज्यादा कोई नहीं जान सकता जो वास्तव में प्यासा हो। मनुष्य तो पानी का प्रबंध कहीं न कहीं से कर लेता है लेकिन पशु पक्षी उनके लिए पानी का प्रबंध करना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि बात यदि शहरों की करें तो शहरों में ही पानी की व्यवस्था बहुत कम होती है। इसलिए प्यास के मारे पशु पक्षी गोविंद सागर झील की ओर रुख करते हैं, जिससे कई बार भारी भरकम पशु गोविंद सागर झील की दलदल में फंस भी जाते हैं। ऐसे में नगर के रोडा सेक्टर में रहने वाले आर्किटेक्ट विकास भारद्वाज ने ऐसा नायाब तरीका खोजकर समाज में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। विकास के इस प्रयास से न सिर्फ पशुओं पक्षियों की प्यास बुझेगी बल्कि उनके घर के छोटे से गार्डन और क्यारियों में भी पानी की कोई किल्लत नहीं रहेगी। रोचक पहलू यह है कि विकास ने व्यर्थ बह रहे पानी का सुदुपयोग किया है। यहां पानी आईपीएच विभाग द्वारा पूरे नगर को सप्लाई किए जाने वाले पानी का वह अंश है जो लोगों द्वारा उनकी पेयजल पाइपों को हवा न आने की सूरत में कट लगाने के बाद व्यर्थ बहता है। आर्यन पब्लिक स्कूल और ट्रांसफार्मर के समीप ऐसी कई पाइप दिखाई देती है जो नीचे की ओर रिहायशी मकानों में जा रही है लेकिन लोगों द्वारा पानी सही तरीके से मिलने के लिए इन लोहे की पाइप के पर कट लगाए जाते हैं ताकि हवा का दबाव सही तरीके से बना रहे और उन्हें पानी मिलता रहे। ऐसे में व्यर्थ बहने वाले पानी को आर्किटेक्ट विकास भारद्वाज ने अपनी तरकीब से व्यर्थ बहने वाले पानी का सदुपयोग किया बल्कि बेसहारा पशुओं और पक्षियों को भी 24 घंटे पानी की सुविधा मिली है। भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने सुबह शाम लीक हो रही पाइपों को पर प्लास्टिक की बोतलों को बांधा तथा उन्हें छोटी-छोटी नालियों के माध्यम से सारा पानी एकत्रित किया और एक टंकी का निर्माण अपने खर्चे पर किया। वेस्ट बह रहे इस पानी को इस टंकी में एकत्रित किया और उसके बाद अंडर ग्राउंड पाइप के माध्यम से छोटी-छोटी क्यारियों और गार्डन में लगे फूल पौधों को पानी हर रोज मिलता है। उन्होंने बताया कि लॉक डॉन पीरियड में उन्हें यह सब काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इसके लिए उन्होंने किसी की कोई मदद नहीं ली है तथा।अधिकांश उस सामान को इसमें प्रयोग किया जो घर में बेकार पड़ा हुआ था। विकास भारद्वाज के इस प्रयास से जहां लोगों में पानी की वेस्टेज को रोकने के लिए और उसका सदुपयोग करने के लिए प्रेरणा मिलती है वही बेसहारा जानवरों के लिए भी यह एक पुण्य कार्य है। विकास भारद्वाज द्वारा बनाए गए इस लोकल प्रोजेक्ट को देखने के लिए नगर के लोग रौड़ा सेक्टर पहुंच रहे हैं तथा इससे प्रेरणा ले रहे हैं। वही, हिप्र पैराग्लाईडर एसोसिएशन के महा सचिव अतुल खजूरिया ने बताया कि नगर के हर सेक्टर में इस प्रकार की समस्या आम है जहां पर लोगों ने अपने घरों में पानी की सप्लाई की समुचित व्यवस्था को लेकर लोहे की पाइपों में कट लगाए हुए है। यदि इस प्रकार पानी को संग्रहित कर उसका सही प्रयोग किया जाए तो पानी की किल्लत से निजात दिलाने में यह एक कारगर प्रयास साबित होगा। विकास भारद्वाज द्वारा किया गया यह कार्य प्रेरणाप्रद है।
कोविड-19 के खतरे के दृष्टिगत बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र (बीबीएन) में बाहर से आए व्यक्तियों को होम क्वारेनटाईन करने के सम्बन्ध में पुलिस बल पूर्ण तत्परता के साथ कार्यरत है। यह जानकारी पुलिस अधीक्षक बद्दी रोहित मालपानी ने दी। उन्होंने कहा कि इन व्यक्तियों का होम क्वारेनटाईन सुनिश्ख्ति बनाने एवं इन्हें इस विषय में जागरूक करने के लिए पुलिस बल जहां बाहर से आए सभी व्यक्तियों का भौतिक सत्यापन कर रहा है वहीं पंचायत एवं वार्ड स्तर पर लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। रोहित मालपानी ने कहा कि 26 अप्रैल, 2020 से 09 मई, 2020 की प्रातः 08.00 बजे तक पुलिस जिला बद्दी में बाहर से आए कुल 576 व्यक्तियों को होम क्वारेनटाईन किया गया है। पुलिस इन सभी का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित बना रही है ताकि किसी भी व्यक्ति द्वारा इस नियम की अनुपालना में कोताही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि 09 मई, प्रातः 8.00 बजे से 10 मई, 2020 प्रातः 8.00 बजे तक पुलिस जिला बद्दी से 349 वाहनों में कुल 723 व्यक्तियों ने आवागमन किया। उन्होंने कहा कि इनमें से बिलासपुर जिला के लिए 57 वाहनों में 104 व्यक्ति, चंबा जिला के लिए 19 वाहनों में 64 व्यक्ति, हमीरपुर जिला के लिए 34 वाहनों में 64 व्यक्ति, कांगड़ा जिला के लिए 43 वाहनों में 103 व्यक्ति, कुल्लू जिला के लिए 06 वाहनों में 12 व्यक्ति, मंडी जिला के लिए 59 वाहनों में 124 व्यक्ति, पुलिस जिला बद्दी के लिए 81 वाहनों में 153 व्यक्ति, शिमला जिला के लिए 01 वाहन में 01 व्यक्ति, सिरमौर जिला के लिए 02 वाहनों में 08 व्यक्ति, सोलन जिला के लिए 21 वाहनों में 34 व्यक्ति तथा ऊना जिला के लिए 26 वाहनों में 56 व्यक्तियों ने आवागमन किया। उन्होंने क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों, सचिवों तथा नगर परिषद नालागढ़ एवं बद्दी के अध्यक्ष एवं पार्षदों से आग्रह किया कि बाहर से आए व्यक्तियों के होम क्वारेनटाइन के संबंध में पूरी जानकारी रखें और उपमंडल प्रशासन को भी अवगत करवाएं। उन्होंने कहा कि होम क्वारेनटाईन का नियम कोरोना वायरस की श्रंखला को तोड़ने में अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल इस दिशा में सतत कार्यरत है तथा सभी निर्देशों की अनुपालना के साथ-साथ जांच एवं स्क्रीनिंग के कार्य को सुनिश्चित बनाया जा रहा है।
बिलासपुर के उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने कहा है कि बिलासपुर में जिन दो व्यक्तियों के कोरोना सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं वे दोनों ही बिलासपुर के नहीं है। बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि इन दोनों को स्वारघाट और गरा मोड़ा बैरियर में चेकिंग के दौरान क्वॉरेंटाइन किया गया था और दोनों के सैंपल भेजे गए थे जोकि पिछली रात को ही सैंपल वापस आए हैं और यह दोनों पॉजिटिव पाए गए। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों गुरुग्राम और अहमदाबाद से आए दोनों ड्राइवरों को मेडिकल कॉलेज नेरचौक शिफ्ट किया गया । उन्होंने बताया कि इन चालकों के साथ आने वाली सवारियों को भी क्वॉरेंटाइन किया गया है जिन्हें स्वारघाट और नैना देवी में रखा गया है। यह दोनों ड्राइवर सवारियां लेकर जिला मंडी और जिला कांगड़ा के बैजनाथ जा रहे थे। उपायुक्त ने बताया कि बिलासपुर जिले के अंतर राज्य बैरियर गरा मोड़ा तथा जिला स्तरीय बैरियर स्वारघाट में स्वास्थ्य विभाग की टीमें अपना कार्य मुस्तैदी से कर रही हैं और हर आने जाने वाली की पूरी तरह से जांच की जा रही है।
सदर विधानसभा क्षेत्र के युवा नेता एवं प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस आशीष ठाकुर ने कहा है कि जिस तरह आए दिन देवभूमि में धड़ा धड़ कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे है यह बहुत ही चिंतनीय विषय है। उन्होंने जनता से घरों पर रहने की अपील की है। मीडिया के माध्यम से युवा नेता ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि जो सीमेंट प्लांट प्रदेश में चल रहे है फिलहाल कुछ दिनों के लिए उनके ऊपर रोक लगा देनी चाहिए साथ मे कम्पनी को आदेश जारी किए जाए कि जब तक कार्य बंद रहेगा तब तक ट्रक ऑपरेटरों ओर उनके ड्राइवरों के खर्च की जिम्मेवारी कम्पनी वहन करेगी। आशीष ठाकुर ने कहा कि कम्पनियों ने प्रदेश ओर इन ऑपरेटर भाईओं के सर पर करोड़ों रुपये कमा रखे है। आज प्रदेश में हलात ये है कि अन्य प्रदेशों की अपेक्षा सीमेंट की दाम भी सबसे ज्यादा भी हमारे प्रदेश में हैं। युवा नेता ने कहा कि इस समय सरकार को चाहिए कि बाहरी प्रदेशो की टैक्सियों पर तुरन्त प्रभाव से रोक लगे और जो हिमाचल प्रदेश के लोग बाहरी प्रदेशो में फंसे हुए है उन्हें लेकर आने के लिए अपने प्रदेश से ही वाहन भेजे जाएं ताकि देवभूमि हिमाचल की जनता सुरक्षित रह सके।
बिलासपुर से कोरोना वारियर्स के लिए आए सैनिटाइजर की एक गाड़ी कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के लिए भाजपा के जिलाध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान और जिला महामंत्री आशीष ढिल्लो ने रवाना की। यह सैनिटाइजर राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने कोरोना वारियर्स के लिए भेजे हैं। नड्डा ने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए यह सैनिटाइजर भेजे हैं। नड्डा ने कोरोना वारियर्स का विशेष धन्यवाद किया है कि इस विकिट परिस्थिति में भी डॉक्टर्स, नर्सेज, पुलिस अधिकारी, कर्मचारी, मीडिया के साथी और सफाई कर्मचारी अपने परिवार को छोड़ कर देश सेवा में लगे हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि देश मे कोई भी व्यक्ति भूखा ना सोए और सभी क्षेत्रों मे कोरोना वारियर्स का विशेष धन्यवाद किया जाए। जिला अध्यक्ष स्वंतंत्र सांख्यान ने कोरोना वारियर्स का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जो दिन रात अपनी सेवाएं देकर कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। उन के योगदान, साहस और सेवा के लिए हृदय से सारी भाजपा सभी वारियर्स का अभिनंदन करती है। उन्होंने कहा कि देश के सभी नागरिक पूरी ईमानदारी से अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन कर रहे हैं। इन संकट के क्षणों में सभी कोरोना वारियर्स मानवता के सुरक्षित भविष्य के लिए इस लड़ाई की अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं, इन के साहस निस्वार्थ सेवा के दृढ़ निश्चय ने ही भारत को इस विषम परिस्थिति में सही रास्ते पर रखा हुआ है। इन की कर्तव्यनिष्ठा कर्तव्य परायणता और निष्ठा के समक्ष सभी नतमस्तक हैं। उन्होंने कहा कि सभी को पूर्ण विश्वास है कि कोरोना वारियर्स की निस्वार्थ सेवा के कारण भारत बहुत जल्द कोरोना के खिलाफ लड़ाई में विजयी होगा।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) सिरमौर के प्रमुखों के साथ दूरभाष पर बातचीत कर राज्य की अर्थव्यवस्था को बहाल करने और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए उनके बहुमूल्य सुझाव लिए। राज्यपाल ने उन्हें 17 मई, 2020 तक स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन आदि से संबंधित एक अवधारणा नोट भेजने का भी आग्रह किया ताकि सरकार को इसका लाभ मिल सके। बातचीत में निदेशक, आईआईटी मंडी टिमोथी गोन्जालव्स और आईआईएम, सिरमौर की निदेशक डाॅ. नीलू मित्रा ने भाग लिया। राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के उपरान्त विश्व में परिस्थितियां बदल जाएंगी। हम पहले ही व्यवसायों, संस्थानों और सरकारों के कामकाज में बदलाव का सामना कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था इस संकट से बुरी तरह प्रभावित हुई है और लाखों लोगों को अपनी आजीविका से हाथ धोना पड़ा है। हमें अर्थव्यवस्था को पुनः बहाल करने की जरूरत है ताकि लोगों को आजीविका के अवसर प्राप्त हो सकें। हमें लोगों को सुरक्षित और स्वस्थ रखने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये दोनों प्रसिद्ध संस्थान आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने में सुझाव देकर अपनी अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यटन, उद्योग, हस्तशिल्प इत्यादी क्षेत्रों को विश्व भर में फिर से खड़ा करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तकनीक इसमें बड़ी भूमिका निभा सकती है और संसाधनों के प्रबंधन के लिए हमें नए साधनों की भी आवश्यकता है। राज्यपाल ने उनसे कहा कि वे हिमाचली परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए अपनी टिप्पणी भेजें। उन्होंने आग्रह किया कि इसके अलावा, वैश्विक महामारी में अन्य क्षेत्रों स्वास्थ्य, टेलीमेडिसिन एंड तकनीक, ऑन-लाइन शिक्षा, विशेष शिक्षा, पर्यटन, ऑन-लाइन पर्यटन, सोशल मीडिया का उपयोग, डिजिटल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता हैै।
बाहरी राज्यों से वापस आने के इच्छुक हिमाचलियों को चिकित्सा जांच और संस्थागत क़्वारन्टाइन के उपरान्त ही अपने घर जाने दिया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज राज्य सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों की बैठक को संबोधित करते हुए कही। इन नोडल अधिकारियों को देश के अन्य भागों में फंसे लोगों राज्य में वापिस लाने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से समन्वय स्थापित करने के लिए नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार देश के विभिन्न भागों में फंसे हिमाचलवासियों की सुरक्षा के प्रति चिंतित हैं उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों कोघर भेजने से पहले उन्हें क़्वारन्टाइन अवधि में रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब, महाराष्ट्र और देश के अन्य रेड जोन से आने वाले हिमाचलियों की कोविड-19 के लिए जांच की जाएगी। जय राम ठाकुर ने नोडल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि उन्हें जिन राज्यों का कार्यभार सौंपा गया है, उनके नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए रखें ताकि फंसे हुए हिमाचलियों को वापस लाने का मामला संबंधित राज्यों की सरकार के साथ जल्द से जल्द उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को वापस लाने में प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे राज्य के 52,763 लोगों ने कोविड ई-पास के लिए आवेदन किया है। इसी तरह हिमाचल प्रदेश में फंसे देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 63,044 लोग अपने राज्यों को वापिस जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक अन्य राज्यों के 30,219 लोग यहां से जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में वापस जाने के इच्छुक लोगों को उनकी सुचारू वापसी के लिए सभी संभव सुविधाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को प्रदेश में ही रहने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि श्रमिकों के अभाव में विकास परियोजनाएं प्रभावित न हों। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने गोवा में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए थिविम/मड़गांव/करमाली से ऊना तक विशेष रेलगाड़ी चलाने के लिए सहमति प्रदान की है। यह विशेष रेलगाड़ी 13 या 14 मई, 2020 को गोवा से चलेगी। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को वापस लाने के लिए 11 मई को बेंगलुरु से ऊना के लिए एक और स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी। राज्य सरकार, केंद्र सरकार से महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार इत्यादी राज्यों से भी ऐसी ही ट्रेनें शुरू करने का आग्रह करने पर विचार कर रही है ताकि वहां फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को सुविधा मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि उचित सामाजिक दूरी को सुनिश्चित करने के लिए ऊना स्थित रेलवे स्टेशन पर पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी। वहां पर मास्क, सैनिटाइजर योजना के पैकेट का भी प्रबन्ध किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए वहां पर जिलावार अलग काउंटर स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और राजस्थान में फंसे हिमाचलियों को वापस लाने के लिए भी राज्य सरकार आवश्यक व्यवस्था करेगी।
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कोरोना आपदा से राहत देने के के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाए गए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज से हिमाचल प्रदेश को लगभग 244 करोड़ से ज़्यादा राशि ट्रांसफ़र कर दिए जाने की जानकारी दी है। अनुराग ठाकुर ने कहा "आज पूरी दुनिया कोरोना वायरस की चपेट में है और इस इस वैश्विक आपदा से निपटने के लिए सभी देश युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। हमारा देश भी इस से अछूता नहीं है। जिसे देखते हुए देश की मोदी सरकार अपने नागरिकों को स्वस्थ व सुरक्षित बनाए रखने के लिए सभी सम्भव उपाय कर रही है। कोरोना आपदा के संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने नेतृत्व में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का गठन किया गया है जिसके अंतर्गत ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, विधवाओं व दिव्यांगजनों के लिए आर्थिक सहायता का प्रावधान किया गया है। पूरे देश में अब तक 39 करोड़ से भी ज़्यादा लोगों को 34 हज़ार 800 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।” अनुराग ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी ज़रूरतमंदों प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का पूरा लाभ मिला है। पीएम किसान योजना के 8 लाख 70 हज़ार से भी ज़्यादा लाभार्थियों को 174 करोड़ रुपए से ज़्यादा की राशि उनके खातों में ट्रांसफ़र कर दी गई है। पीएम जनधन योजना के 6 लाख 13 हज़ार से ज़्यादा खाताधारकों के बैंक खातों में 30 करोड़ से ज़्यादा की राशि केंद्र सरकार द्वारा ट्रांसफ़र कर दी गई है।राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) के तहत 1 लाख 11 हज़ार से अधिक वृद्धों, विधवाओं और दिव्याँगों को लगभग 5 करोड़ 59 लाख रुपए से अधिक की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन फंड के 90 हज़ार से अधिक लाभार्थियों को 17 करोड़ 95 लाख से अधिक की आर्थिक मदद केंद्र सरकार द्वारा की गई है। ईपीएफ़ओ के 3700 से ज़्यादा लाभार्थियों को 8 करोड़ 30 लाख रुपए से ज़्यादा की राशि ट्रांसफ़र कर दी गई है। इसके अतिरिक्त उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लगभग 1 लाख 13 हज़ार सिलेंडरों की अब तक बुकिंग हुई थी जिसमें से लगभग 1 लाख 12 हज़ार मुफ़्त गैस सिलेंडर लोगों को वितरित किए जा चुके हैं। हिमाचल प्रदेश के अंदर अब तक लगभग 24 लाख लोगों को 12 हज़ार मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। इसके अतिरिक्त लॉकडाउन के प्रथम चरण से अभी तक केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश को अप्रैल माह तक विभिन्न मदों के लिए कुल 1,821 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार कोरोना से निपटने के लिए सभी ज़रूरी व प्रभावी कदम उठा रही है। यह वक्त पूरी एकजुटता के साथ इस आपदा से निपटने व अपनी राष्ट्रीय एकता को दिखाने का है। इस समय हमें पूरे संयम और दृढ़ संकल्प के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा सुझाए सभी उपायों का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता है। सतर्कता से ही कोरोना के संक्रमण की रोकथाम संभव है। हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएँगे व हम सब मिल कर कोरोना को हराएंगे।
कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के नेता संजय चौहान ने कहा कि पार्टी का मानना है कि शिमला शहर के बीचोबीच स्थित जिला अस्पताल रिपन(डी डी यू) को डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल बनाने का सरकार का फैसला बिना सोचे समझे व जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। उन्होंने कहा कि पार्टी मांग करती है कि इस फैसले को तुरन्त वापिस ले तथा इसमें नियमित ओ पी डी आरम्भ कर जनता को राहत प्रदान की जाए। सरकार द्वारा 21 मार्च, 2020 को कोविड-19 के बारे में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भी पार्टी ने सुझाव दिया था कि आई जी एम सी व रिपन(डी डी यू) अस्पताल में नियमित ओ पी डी जारी रखी जाए व नवबहार स्थित इंडस अस्पताल को तुरन्त डेडिकेटेड कोविड19 अस्पताल बनाया जाए। परन्तु सरकार ने इस पर कोई ध्यान नही दिया।उन्होंने कहा कि पहले आईजीएमसी में एक महीने से अधिक समय तक ओ पी डी बन्द कर जनता को परेशानी में डाला गया और अब रिपन(डी डी यू) अस्पताल जिसमे शिमला शहर व बाहर से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आते हैं इसे कोविड19 के लिए डेडिकेटेड अस्पताल बना दिया है और ओ पी डी बन्द कर जनता को और अधिक परेशानी में डाल दिया है। उन्होंने बताया कि ये निर्णय बिल्कुल भी सही नहीं है और इसे सरकार को जनहित में तुरन्त बदलना चाहिए। संजय चौहान ने कहा कि सरकार द्वारा लॉकडाउन व कर्फ्यू को लागू किए आज 45 दिन से अधिक समय हो गया है परन्तु अभी भी सरकार कोविड19 से निपटने के लिए कोई ठोस रणनीति व कार्यनीति नहीं बना पाई है और तदर्थवाद पर ही कार्य कर रही है। सरकार न तो आवश्यकता अनुसार टेस्ट कर पा रही है और न ही जो लोग कोविड19 के संभावित व प्रभावित मरीज है उनके लिए उचित व्यवस्था कर पा रही है। इनको क्वारंटाइन करने के लिए कोई भी न तो ठोस योजना है न ही कार्यक्रम हैं। अभी तक अधिकांश जिलों में तो उचित क्वारंटाइन केंद्र भी स्थापित नही किये गए हैं। जहाँ कहीं स्थापित किये गए हैं वहाँ रहने, खाने, साफ सफाई व अन्य मूलभूत आवश्यकताएं भी उपलब्ध नहीं करवाई गई है। सी.पी.एम.मांग करती है कि सरकार रिपन(डी डी यू) अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड19 अस्पताल बनाने के निर्णय को तुरन्त बदल कर इसमें ओ पी डी तुरन्त आरम्भ कर जनता को इस विषम परिस्थिति में राहत प्रदान की जाए तथा इंडस अस्पताल को डेडिकेटेड कोविड19 अस्पताल बनाया जाए। राज्य के बाहर से आ रहे सभी लोगो का टेस्ट कर उनकी क्वारंटाइन करने की स्थानीय स्तर पर उचित व्यवस्था की जाए। क्वारंटाइन केंद्रो में रहने, खाने, साफ सफाई व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को सुचारू रूप से उपलब्ध करवाया जाए। राज्य सरकार को इस कोविड19 से निपटने व इससे बाहर निकलने के लिए जंग की भांति एक ठोस रणनीति बना कर कार्य करना होगा। सी.पी.एम. इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाये गए सकारात्मक कार्यों में पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी।
हिमाचल में कोरोना वायरस के मामले पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहे हैं। रविवार प्रदेश में कोरोना वायरस को दो और पॉजिटिव मामले आए हैं। 36 वर्षीय उक्त मरीज दो दिन पहले ही अहमदाबाद से लौटा है, जहां वह ड्राइवर की नौकरी करता है। वन्ही दूसरे मामले में गुरुग्राम से लौटे 46 वर्षीय व्यक्ति का कोविड सैंपल भी पॉजिटिव पाया गया है। वह मरीज गुरुग्राम में ड्राइवर की नौकरी करता है। दोनों के सैंपलों की जांच आईजीएमसी शिमला में की गई है। इन दोनों को बिलासुपर में क्वारंटीन किया गया था। बता दे कि अब प्रदेश में कुल 54 कोरोना पॉजिटिव मामले आ चुके हैं और वर्तमान में 13 एक्टिव केस उपचाराधीन है। दो की मौत हुई है। 35 लोग स्वस्थ होकर घर चले गए हैं और चार लोग हिमाचल से बाहर चले गए हैं।
कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने शिमला में कोरोना संक्रमित मंडी जिला के एक व्यक्ति के देर रात किए गए अंतिम संस्कार को अति दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि उक्त व्यक्ति की मृत देह का घोर अपमान हुआ है। इसके लिए सरकार भी पूरी तरह दोषी है। विक्रमादित्य सिंह ने इस धटना पर गहरा क्षोव व्यक्त करते हुए कहा है कि वह इस पूरे मामले को सुन कर अति व्यथित है। एक ऐसा नोजवान व्यक्ति जिस का भरा पूरा परिवार हो और एक गंभीर बीमारी का शिकार हो गया हो, उसकी मृत देह से इस प्रकार का कृत्य की उसे रात को ही बगैर उसके परिवार के लावारिस की तरह अग्नि के समर्पित कर दिया जाए और वह भी डीज़ल या मिट्टी तेल से जला दिया जाए, कही न कही सरकार की सम्वेदनहीनता को साफ दर्शाता है। विक्रमादित्य सिंह ने इस मुद्दे पर लोगों के गुस्से को जायज ठहराते हुए कहा है कि जिस परिवार का यह व्यक्ति गंभीर बीमारी का शिकार बना और अंतिम संस्कार में वह परिवार उसका मुंह तक न देख सका और न ही उसका कोई कर्म धर्म कर सका उस परिवार, उसके माता पिता पर क्या गुज़र रही होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। यह सरकार इतनी संवेदनहीन होगी, उन्होंने कभी इसकी कल्पना भी नहीं कि थी। विक्रमादित्य सिंह ने कहा है कि उक्त व्यक्ति के मृत शरीर का अपमान तो हुआ ही साथ ही देश के हिन्दू धर्म व कानून का भी उल्लंघन हुआ है। उन्होंने कहा है कि सरकार को इस पूरे मसले पर प्रभावित परिवार से माफी मांगते हुए उसके परिवार को मुआवजा देना होगा।
प्रदेश सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने गोवा में फंसे हिमाचल प्रदेश के लोगों को राज्य में वापस लाने के लिए गोवा के थिविम/मड़गांव/करमाली से ऊना के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने के लिए सहमति प्रदान की है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कोरोना महामारी के दृष्टिगत देशभर में लगाए गए लाॅकडाउन के कारण गोवा में फंसे प्रदेश के लोगों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के लोगों को वापस लाने के लिए उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री पियूष गोयल से गोवा से ऊना तक विशेष ट्रेन चलाने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि हिमाचलियो को वापस लाने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री ने 13 या 14 मई, 2020 को विशेष रेलगाड़ी चलाने के लिए सहमति प्रदान की है। जय राम ठाकुर ने कहा कि गोवा में राज्य के 1204 लोग फंसे हुए हैं, जिनमें मंडी जिला के 398, कुल्लू जिला के 246, कांगड़ा जिला के 241, चंबा जिला के 105, शिमला जिला के 70 और सोलन जिला के 43 लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार देश के विभिन्न भागों में कार्य कर रहे राज्य के लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार अपने घर वापस आने वाले लोगों के कौशल और विशेषज्ञता का पूरी तरह से उपयोग करने के प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि घर वापसी के बाद उन्हें होम क्वारंटीन में रहना होगा। गोवा में फंसे हिमाचली युवाओं देवा ठाकुर, महेंद्र सिंह, संजय कुमार और किशोर लाल ने उन्हें घर वापस लाने के किए गए प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, वन मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर और पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जमवाल ने कहा की हिमाचल प्रदेश कि कांग्रेस पार्टी के नेता सिर्फ नकारात्मक राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश में सभी जगह नजरें गड़ाए बैठे हैं इससे स्पष्ट होता है की कांग्रेस के नेता नजरें गड़ाने के सिवा और कोई कार्य नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा की कांग्रेस के नेता गण बताएं की बूथ स्तर पर या मंडल स्तर पर कितने सेवा प्रकल्प कांग्रेस पार्टी ने शुरू किए। भारतीय जनता पार्टी ने अपने प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल के नेतृत्व में विभिन्न सेवा कार्य किए जिसमें राशन के पैकेट बांटना, राशन किट बांटना, मास्क वितरण करना, पीएम केयर फंड में राशि जुटाना और मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए धन संग्रह करना। इसी प्रकार से कांग्रेस पार्टी बताए की कितने सेवा कार्य उन्होंने इस वैश्विक महामारी के समय किए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में केवल राजनीति चमका अभियान चल रहा है जिसके अंतर्गत सभी कांग्रेस के नेतागण बयानबाजी कर अपनी अपनी राजनीति चमकाने में लगे हैं और आश्चर्यजनक बात यह है कि हर एक नेता का पक्ष अलग होता है। कोई कहता है कि बाहरी राज्यों से लोग आने चाहिए तो दूसरा कहता है कि नहीं आने चाहिए। कांग्रेस पार्टी पहले यह स्पष्ट करें कि वह चाहती क्या है, उनकी मंशा क्या है। उन्होंने कहा आज इस संकट की घड़ी में राजनीति छोड़ समाज सेवा करनी चाहिए अपितु कांग्रेस के नेता केवल राजनीति कर रहे हैं और सेवा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा की पूरा विश्व जब इस महामारी से एक युद्ध लड़ रहा है तब कांग्रेस पार्टी केवल सरकारों और अन्य राजनीतिक दलों की गलतियां ढूंढने में लगी है कि किस प्रकार से वह देश और प्रदेश में नकारात्मक राजनीति कर सके और माहौल बिगाड़ सके। उन्होंने कहा कि जनता ने सब देखा है कि किसने सकारात्मक कार्य किया है और किसने नकारात्मक कार्य किए हैं फैसला जनता ही लेगी । कांग्रेस को सीख लेनी चाहिए कि देशभर में कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व समाप्त होते जा रहा है, आज कांग्रेस पार्टी के पास ना तो नेता है ना ही नीति।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा द्वारा बिलासपुर जिला के लिये 12000 सैनिटाइजर बिलासपुर में पहुंच गए। जिला भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान ने बताया कि कोरोना महामारी के संकट के समय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विशेष रूप से बिलासपुर के लिए ये सैनिटाइजर भेजे हैं। ये सैनिटाइजर कोरोना वारियर्स के लिए भेजे गए हैं जो कि इस कठिन समय में भी अपनी सेवाएं दे रहें हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने बिलासपुर के बारे में पूरी जानकारी ली और बधाई दी कि बिलासपुर जिला अभी तक ग्रीन जोन में है। उन्होंने बिलासपुर के लोगों का आभार प्रकट किया कि जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बताए दिशा निर्देशों का पालन किया। इस संकट के समय देश औऱ प्रदेश की सरकार का सहयोग किया। उन्होंने विशेष रूप से कोरोना वारियर्स का धन्यवाद किया जो अपने परिवार को छोड़ कर अपनी सेवाएं दे रहे। जिला अध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान ने बताया कि शनिवार को जिले के तीन मंडलों सदर, घुमारवीं और झंडूता की बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई। इन बैठकों में सभी जानकारियां सांझा की और राष्ट्रीय अध्यक्ष का संदेश कार्यकर्ताओ तक पहुंचाया गया। बैठक मे आगामी दिनों में पार्टी की गतिविधियों पर चर्चा की गई और सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया गया कि कर्फ्यू में ढील दी गई इस समय लोगों को सोशल डिस्टेंस का पालन करने के लिए जागरूक किया जाए ताकि इस महामारी से सभी बच कर रहें।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चंबा और कांगड़ा जिला के पंचायत प्रधानों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। चंबा के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में इस मौके पर उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया भी मौजूद रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद उन्होंने कहा कि जिला में होम क्वॉरेंटाइन किए गए लोगों की निगरानी और जन जागरूकता पैदा करने में पंचायत प्रधान की सबसे अहम जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि यदि किसी घर में व्यक्ति को होम क्वॉरेंटाइन किया है तो उस घर को चिन्हित किया जा रहा है। होम क्वॉरेंटाइन व्यक्ति के साथ संबंधित पंचायत प्रधान निरंतर संपर्क बनाए रखेंगे ताकि उसका घर में रहना और नियमों का पालन सुनिश्चित बने। इसके अलावा कोई व्यक्ति यदि बाहर से आकर पंचायत में प्रवेश करता है तो पंचायत प्रधान इसकी भी तुरंत सूचना स्थानीय प्रशासन को दे ताकि उसकी आवश्यक चिकित्सकीय जांच की जा सके। उपायुक्त ने प्रधानों से ये आह्वान भी किया किया कि वे अपने क्षेत्र में मास्क तैयार करने और उन्हें वितरित करने में भी अपनी भागीदारी का निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि कपड़े के होममेड मास्क भी उतने ही उपयुक्त हैं। ग्रामीण अपने रोजमर्रा के आवश्यक कार्य करते समय मास्क को उपयोग में लाएं और साथ में सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखें। उपायुक्त ने यह भी कहा कि कोरोना केवल एक वायरस संक्रमण है। कोरोना मरीज को कोई सामाजिक धब्बा ना लगाएं। इस दिशा में जनमानस को जागरुक करने के लिए सभी स्थानीय पंचायत प्रतिनिधि अपनी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य करें। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई सिर्फ और सिर्फ कोरोना संक्रमण से है और लोगों को किसी भी प्रकार की अफवाहों को फैलाने से भी रोका जाना चाहिए। विवेक भाटिया ने कहा कि राज्य सरकार ने जिला में मनरेगा कार्यों को शुरू करने की छूट दी है। तमाम कार्य जिला में चल भी रहे हैं लेकिन इस दौरान कामगार सभी जरूरी एहतियातों का पालन करना सुनिश्चित बनाएं।
उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने कहा कि चंबा जिला के सभी होम क्वॉरेंटाइन की अब पंच अस्त्र से निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा अंतर जिला और अंतर राज्य से आने वाले व्यक्तियों के लिए अलग-अलग मैकेनिज्म तैयार कर लिया गया है। प्रदेश के अंतर जिला में रेड और ऑरेंज जोन से आने वालों को पंचायत क्वॉरेंटाइन केंद्रों में रखा जाएगा जबकि ग्रीन जोन से आने वालों को होम क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा लेकिन अब उनकी निगरानी पहले से और प्रभावी और सटीक रहेगी और यह एक पंच अस्त्र निगरानी होगी। यानि यदि होम क्वॉरेंटाइन में रहने वाला व्यक्ति होम क्वॉरेंटाइन के तय प्रोटोकॉल का पालन नहीं करता है तो उसके बारे में जानकारी तुरंत मिलेगी और उसे सीधे संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भेज दिया जाएगा। विवेक भाटिया ने बताया कि अंतर राज्य के लिए रेड और ऑरेंज जोन के अलावा ग्रीन जोन से आने वालों को बफर क्वॉरेंटाइन में रखा जाएगा। बफर क्वॉरेंटाइन की दो श्रेणियां रखी गई हैं। एक वह जो संस्थागत बफर क्वॉरेंटाइन होंगे जहां निशुल्क सुविधाएं दी जाएंगी। इसके अलावा पेड क्वॉरेंटाइन की सुविधा भी रखी गई है ताकि यदि कोई व्यक्ति पेड क्वॉरेंटाइन में रहना चाहता है तो उसके लिए यह विकल्प भी मौजूद रहेगा। उन्होंने बताया कि पेड क्वॉरेंटाइन में रहने वाले व्यक्ति की भी तय अवधि तक पूरे प्रोटोकॉल के साथ निगरानी की जाएगी। पेड क्वॉरेंटाइन संबंधित एसडीएम द्वारा चिन्हित कर लिए गए हैं। विवेक भाटिया ने जानकारी देते हुए बताया कि चंडीगढ़ से जिन 241 लोगों जिनमें बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल थे, उन्हें राज्य पथ परिवहन निगम की 10 बसों के माध्यम से अब उनकी संबंधित पंचायतों तक पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इनमें से जो नमूने लिए गए थे उनकी नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद यह कदम उठाया गया है। लेकिन अब यह सभी 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन में रहेंगे और जिला प्रशासन द्वारा तैयार की गई पंच अस्त्र निगरानी व्यवस्था के तहत अपनी होम क्वॉरेंटाइन अवधि को पूरी करेंगे। उपायुक्त ने लोगों से आग्रह भी किया कि यदि उन्हें किसी व्यक्ति के बारे में सूचना प्राप्त होती है जो होम क्वॉरेंटाइन के नियमों का पालन नहीं कर रहा तो उसकी जानकारी मोबाईल नम्बर 94594-54968 पर साँझा करें। उनकी पहचान को पूरी तरह से गोपनीय रखा जाएगा।
कोरोना संक्रमण को लेकर जिला में चलाई गई एक्टिव केस फाइंडिंग मुहिम के तहत 5 लाख 9 हजार लोगों की जांच की जा चुकी है। उपायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट विवेक भाटिया ने बताया कि इस मुहिम के तहत 610 टीमों का गठन किया गया था। इस दौरान टीमों द्वारा संभावित लक्षणों से युक्त 330 सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेस्टिंग की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाते हुए मोबाइल सैंपलिंग वैन के माध्यम से विभिन्न स्वास्थ्य खंडों में जाकर नमूने एकत्रित किए जा रहे हैं। अब तक इस तरह के 774 संभावित लक्षणों के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे गए। जिला मुख्यालय स्थित अस्पताल में विशेष तौर से शुरू फ्लू क्लीनिक चलाया गया है। जिसमें अलग से 41 नमूने लिए गए। उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेलीमेडिसिन सुविधा के जरिए भी घर में बैठे लोगों को चिकित्सा परामर्श दिया जा रहा है। घर में बैठे लोगों को स्वास्थ परामर्श के लिए 10 डॉक्टरों की अलग टीम भी बनाई गई है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में आशा वर्कर के माध्यम से टीबी, लेप्रोसी, एड्स तथा अन्य बीमारियों से ग्रसित करीब 400 लोगों को उनके घर द्वार तक दवाइयां पहुंचाई जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की किसी भी संभावना से निपटने के लिए जिले में आयुर्वेदिक अस्पताल बालू और जनजातीय भवन बालू को डेडीकेटेड कोविड केयर सेंटर जबकि सिविल अस्पताल डलहौजी को डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर बनाया गया है। जिला के एंट्री प्वाइंटों पर भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्क्रीनिंग टीमों को तैनात किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि चंबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी अलग से आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया जा चुका है।
बिलासपुर अस्पताल ओपीडी भवन में हाथों को सेनेटाइज करने के लिए ऑटो सेंसर यंत्र की स्थापना की गई। शनिवार को इस यंत्र का शुभारंभ एसएमओ एवं शिशु रोग विषेशज्ञ डॉ. सतीश शर्मा ने अन्य चिकित्सा अधिकारियों की देखरेख में किया। यह ऑटो सेनेटाइज सैंसर रामप्रताप, दाखां देवी चेतराम धर्मार्थ न्यास द्वारा भेंट किया गया है। डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि इन दिनों कोरोना वायरस यानि कोविड-19 का प्रकोप पूरे विश्व में है तथा भारत देश भी इससे अछूता नहीं है। यह बिलासपुर का यह सौभाग्य है कि यहां पर कोई भी कोरोना का मामला नहीं है। बावजूद इसके हम सभी को एहतियात बरतनी चाहिए तथा कोविड-19 के नियमों का पालन इमानदारी से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस ऑटो सेंसर के लगने से यहां पर आने वाले सभी मरीजों और तीमारदारों को इसका लाभ मिलेगा। डॉ सतीश शर्मा ने बताया कि यह एक स्वचालित यंत्र है जिसके नीचे हाथ रखने मात्र से उतनी मात्रा में सैनिटाइजर निकलेगा, जितना दोनों हाथों के लिए आवश्यक है। हाथ हटाने के बाद यह यंत्र स्वतः ही बंद हो जाता है। इस मौके पर उनके साथ रामप्रताप दाखां देवी चेतराम धर्मार्थ न्यास के संयोजक किस्मत कुमार, शांति स्वरूप, एमएस डॉ. राजेश आहलुवालिया व सीनियर फार्मासिस्ट विनोद भारद्वाज मौजूद थे।
शुक्रवार रात, चोर हाटकोट शनि मंदिर के ताले तोड़ कर चढ़ावे पर हाथ साफ कर गए। मंदिर के पुजारी पुष्पेंद्र शर्मा ने चोरी की वारदात की शिकायत पुलिस थाना कुनिहार में की। करोंना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए पुलिस विभाग इन दिनों जँहा प्रशासन के दिशा निर्देशो के अनुसार अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। तो वहीँ क्षेत्र में चोर सक्रिय होकर मंदिरों को अपना निशाना बना रहे है। शुक्रवार की रात्रि जंहा चोर शनि मंदिर के दोनों दानपात्रों को उठा कर ले गए तो वहीँ क्षेत्र में चर्चा है कि दो चार दिन पहले राधा कृष्ण मंदिर हाटकोट व घोडीदेवी मंदिर के दानपात्रों को तोड़ कर चोर उसकी नगदी पर हाथ साफ कर चुके है। शनि मंदिर के दोनों दानपात्र मंदिर से शिव गुफा को जाने वाली सड़क के साथ खेतो में टूटे हुए मिले। दोनों दान पात्रों में से चोर चढ़ावे को निकाल कर रफूचक्कर हो गए। कोरोना वायरस के चलते जँहा सभी लोग घरों के अंदर लॉक डाउन है तो वन्ही क्षेत्र में चोरी की वारदात पुलिस के लिए एक चुनौती से कम नही है। अब देखना यह है कि पुलिस कितनी जल्दी इन चोरों तक पहुंच पाती है। इस विषय बारे में जब थाना प्रभारी कुनिहार जीतसिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शनिमंदिर हाटकोट से चुराए गए दानपत्रो की वारदात को अंजाम देने वाले अज्ञात व्यक्ति तक पुलिस बहुत शीघ्र पंहुच जाएगी। इसके लिए क्षेत्र की दुकानों के बाहर लगे सी. सी. टी वी. की फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। इसके अतिरिक्त कुछ सन्दिग्ध व्यक्तियों से भी पूछताछ शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि मंदिरों में सी. सी. टी. वी. कैमरों के अतिरिक्त चौकीदार होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मंदिरों में चढावे की रकम को भी प्रतिदिन सांयकाल को मंदिर समिति द्वारा निकाल लेना चाहिए।
कोरोना वायरस के खतरे के दृष्टिगत बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र (बीबीएन) में होम क्वारेनटाईन नियम का पूर्ण पालन सुनिश्चित बनाया जा रहा है। इसके लिए पुलिस बल द्वारा बाहर से आए सभी व्यक्तियों की भौतिक जांच की जा रही है। यह जानकारी पुलिस अधीक्षक बद्दी रोहित मालपानी ने दी। रोहित मालपानी ने कहा कि 08 मई, 2020 को क्षेत्र में कुल 545 व्यक्ति बाहर से पंहुचे। पुलिस द्वारा इन सभी का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है और इनके होम क्वारेनटाईन में रहने की जांच की जा रही है। इन 545 व्यक्तियों में से 63 व्यक्ति बरोटीवाला, 195 व्यक्ति बद्दी, 125 व्यक्ति नालागढ़, 63 व्यक्ति रामशहर, 29 व्यक्ति दभोटा तथा 70 व्यक्ति जोघों क्षेत्र में आए है। उन्होंने कहा कि 08 मई, प्रातः 8.00 बजे से 09 मई, 2020 प्रातः 8.00 बजे तक पुलिस जिला बद्दी से 394 वाहनों में कुल 886 व्यक्तियों ने आवागमन किया। उन्होंने कहा कि इनमें से बिलासपुर जिला के लिए 54 वाहनों में 106 व्यक्ति, चंबा जिला के लिए 16 वाहनों में 55 व्यक्ति, हमीरपुर जिला के लिए 29 वाहनों में 75 व्यक्ति, कांगड़ा जिला के लिए 56 वाहनों में 158 व्यक्ति, किन्नौर जिला के लिए एक वाहन में 04 व्यक्ति, कुल्लू जिला के लिए 05 वाहनों में 07 व्यक्ति, मंडी जिला के लिए 72 वाहनों में 179 व्यक्ति, पुलिस जिला बद्दी के लिए 55 वाहनों में 98 व्यक्ति, शिमला जिला के लिए 04 वाहनों में 08 व्यक्ति, सिरमौर जिला के लिए 02 वाहनों में 04 व्यक्ति, सोलन जिला के लिए 68 वाहनों में 133 व्यक्ति तथा ऊना जिला के लिए 32 वाहनों में 59 व्यक्तियों ने आवागमन किया। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि 09 मई, 2020 तक बरोटीवाला यातायात बैरियर से बीबीएन क्षेत्र में विभिन्न उद्योगों के 220 कर्मी भी पंहुचे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा क्षेत्र के ट्रक यूनियन कार्यालय में भी जवानों की तैनाती की गई है ताकि कार्य के समय सोशल डिस्टेन्सिग सहित अन्य नियमों का पालन पूर्ण रूप से हो। उन्होंने क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों के प्रधानों, सचिवों तथा नगर परिषद नालागढ़ एवं बद्दी के अध्यक्ष एवं पार्षदों से आग्रह किया कि बाहर से आए व्यक्तियों के होम क्वारेनटाइन के संबंध में पूरी जानकारी रखें और उपमंडल प्रशासन को भी अवगत करवाएं। उन्होंने कहा कि पुलिस बल इस दिशा में पूर्ण रूप से सजग है तथा सभी निर्देशों की अनुपालना के साथ-साथ जांच एवं स्क्रीनिंग के कार्य को सुनिश्चित बनाया जा रहा है।
कोरोना वायरस के खतरे से दीर्घावधि में सफलतापूर्वक निपटने के लिए जिला पुलिस बद्दी द्वारा बहुआयामी रणनीति के तहत कार्य किया जा रहा है। यह जानकारी पुलिस अधीक्षक बद्दी रोहित मालपानी ने दी। रोहित मालपानी ने कहा कि पुलिस बल जहां बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र में व्यक्तियों एवं वाहनों की आवाजाही को केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत सुनिश्चित बना रहा है वहीं ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों को जागरूक भी किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इसी कड़ी में पुलिस ने क्षेेत्र की ग्राम पंचायत भुड, लेही, गुल्लरवाला, भटोलीकलां तथा ढेला में ग्राम पंचायत प्रधानों एवं वार्ड सदस्यों के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें कोरोना वायरस के खतरे से निपटने और होम क्वारेनटाईन के विषय में जागरूक किया। इन ग्राम पंचायतों में बताया गया कि कोविड-19 से सफलतापूर्वक निपटने के लिए न केवल स्वंय सचेत रहना होगा अपितु आपने आस-पाास के परिवेश पर भी ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी से आग्रह किया गया कि अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में ग्राम वासियोें को कोविड-19 एवं इससे निपटने के लिए अपनाई जाने वाली सावधानियों के विषय में बताएं। कोरोना वायरस के बारे में लोगों की शंकाओं का समाधान करें। बाहर से आने वाले व्यक्तियों की सूचना तुरन्त प्रशासन एवं पुलिस को प्रदान करें। उन्होंने कहा कि कोरेाना वायरस संक्रमण की श्रंखला को तोड़ने के लिए बाहर से आने वाले लोगों को होम क्वारेनटाईन किया जाना आवश्यक है। होम क्वारेनटाईन का सख्ती से पालन करवाना सम्बन्धित ग्राम पंचायत अथवा नगर परिषद वार्ड के नुमाईदों का भी कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में सभी को सजग रहना होगा। होम क्वारेनटाईन हुए व्यक्तियों को ग्राम स्तर पर यह बताया जाना आवश्यक है कि होम क्वारेनटाईन नियम को तोड़ने पर विभिन्न अधिनियमों के तहत सख्त कार्रवाही की जाएगी। रोहित मालपानी ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि गावों में लोगों को जागरूक करने और डर तथा भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए समय-समय पर सकारात्मक प्रचार करें। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस अवसर पर प्रधानों तथा वार्ड सदस्यों की इस सम्बन्ध में शंकाओं और समस्याओं का समाधान भी किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस अन्य ग्राम पचांयतों में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगी। रोहित मालपानी ने कहा कि क्षेत्र में आने वाले वाहनों एवं व्यक्तियों की आवाजाही को सरल बनाने के लिए भी पुलिस बल कार्यरत हैं। एक और जहां क्षेत्र के विभिन्न यातायात बैरियरों पर पुलिस तथा स्वास्थ्य विभाग की टीमें यह सुनिश्चित बना रही हैं कि वाहनों के यात्रियों को कोई परेशानी न हो वहीं सरल आवाजाही के लिए योजनाबद्ध कार्य भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने यातायात बैरियर बरोटीवाला पर समर्पित लेन प्रणाली लागू की है। प्रथम लेन अर्थात बायीं लेन बसों, कर्मचारियों के हल्के वाहनों के लिए है जबकि बायीं से दूसरी लेन विभिन्न उद्योगों के दैनिक आधार पर आने-जाने वाले प्रबन्ध निदेशकों, निदेशकों एवं वरिष्ठ प्रबन्धन के लिए है। इस प्रणाली से यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने में सहायता मिलेगी। पुलिस अधीक्षक ने सभी से आग्रह किया कि कोविड-19 से निपटने के लिए प्रशासन तथा पुलिस को सहयोग दें और नियमों का पालन सुनिश्चित बनाएं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिमला से जिला चम्बा और कांगड़ा की विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रधानों से आग्रह किया कि प्रदेश सरकार को कोविड-19 के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अपना सहयोग दें तथा उनसे बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों को होम क्वारन्टीन का सख्ती से पालन करवाने को कहा। मुख्यमंत्री ने प्रधानों से उनके गांवों में बाहरी राज्यों से आने वाले किसी भी व्यक्ति की सूचना संबंधित अधिकारियों के साथ सांझा करने को कहा, ताकि उन लोगों की शीघ्रता से स्वास्थ्य जांच की जा सके और यदि आवश्यकता हो तो उन्हें कवारंटाइन में रखा जा सके। उन्होंने कहा कि यह कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में सहायक सिद्ध होगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानों को लोगों को फेस मास्क और फेस कवर बनाने और वितरित करने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस महामारी को रोकने के लिए यह आवश्यक नहीं कि केवल सर्जिकल और ब्रांडिड मास्क का ही उपयोग किया जाए, बल्कि घर में बने कपड़े के मास्क का भी इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोगों को इस महामारी के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए और उन्हें किसी भी प्रकार की अफवाहों को फैलाने से भी रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से वापस आए लोग, जिन्हें होम कवारंटाइन में रखा गया है, पंचायत प्रधान उनसे बेहतर संबंध बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना से लड़ना है, न कि कोरोना रोगियों के प्रति समाज में भेदभाव उत्पन्न करना है। उन्होंने कहा कि यह एक विषाणुजनित संक्रमण है और इसके प्रति कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रधानों को उनके क्षेत्र में हो रहे विभिन्न विकासात्मक कार्यों में तेजी लाने को कहा। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत होने वाले कार्यों को शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि श्रमिक सामाजिक दूरी बनाए रखे और फेस मास्क का उपयोग करें। जय राम ठाकुर ने कहा कि सभी पंचायत प्रधानों को भी लोगों को सामाजिक समारोहों व धार्मिक कार्यों से दूर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे लोगों को अपने कृषि कार्य करने के दौरान भी सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए प्रेरित करें तथा यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति भोजन के बिना न रहे और बाहरी राज्यों से आए मजदूरों का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन घरों के सदस्य होम कवारंटाइन में रखे गए है उन्हें उचित ढंग से चिन्हित किया जाए और प्रधान उनसे लगातार सम्पर्क में रहे ताकि वे लोग होम कवारंटाइन के दौरान घरों से बाहर न निकलें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि होम कवारंटाइन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और पहले उल्लंघन पर उन्हें संस्थागत कवारंटाइन में रखा जाएगा । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकासात्मक कार्य आरम्भ करने और मनरेगा के अन्तर्गत पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अगुवाई में राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की भी सराहना की।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने फेसबुक पर संवाद ‘शिक्षा पर चर्चा’ के माध्यम से जानकारी दी है कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों में कक्षा पहली, छठी व नवीं और 11वीं के दाखिले कोरोना वायरस के खतरे के चलते प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने इसके लिए नई योजना तैयार कर ली है। कर्फ्यू के बीच ही स्कूल के प्रधानाचार्य, मुख्य अध्यापक व कुछ नॉन टीचिंग स्टाफ को स्कूल बुलाया जाएगा और छात्रों के दाखिले किए जाएंगे। उन्होंने कहा 11 मई को अहम बैठक होने जा रही है। बैठक के बाद विभाग की ओर से इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने इस दौरान जून के पहले सप्ताह में 10वीं और अंतिम सप्ताह में 12वीं का रिजल्ट घोषित करने की बात भी कही है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम जून महीने के पहले सप्ताह में घोषित कर दिया जाएगा। इसके लिए पेपर चेकिंग का कार्य पूरा होने वाला है। 12वीं कक्षा के भूगोल और कंप्यूटर साइंस का पेपर जल्द करवाया जाएगा। उन्होंने कहा है कि ये सब चीजें हालात सामान्य होने पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि कॉलेजों और विश्वविद्यालय की परीक्षाएं जुलाई महीने में होंगी। परीक्षाएं होने के तुरंत बाद मूल्यांकन का कार्य शुरू हो जाएगा। जुलाई में ही दाखिले भी शुरू हो जाएंगे। सितंबर महीने से कॉलेज और विवि में नया सत्र शुरू हो जाएगा।
कोरोना जैसी महामारी के चलते बिलासपुर में जहां स्वयंसेवी संस्थाएं असहाय लोगों की विभिन्न प्रकार से मदद कर रही हैं तथा विभिन्न राजनीतिक दल भी अपने अपने तरीके से सिनेटाइजर मास्क व अन्य जरूरत का सामान जरूरत मंदों को उपलब्ध करवा रहे हैं। ऐसे में बिलासपुर स्थित औद्योगिक क्षेत्र के कुछ लोगों ने बिलासपुर जिला मुख्यालय के एक ऐसे परिवार की मदद करके नाम कमाया है जिसे इस लॉक डाउन के चलते आर्थिक तंगी सामने आई थी। इन लोगों ने अपना नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि उक्त परिवार को नगद राशि ₹10000 उपलब्ध करवाई गई है। इन लोगों ने कहा कि दान तो ऐसा होना चाहिए कि दाएं हाथ से देते हुए बाएं हाथ को पता न चले। इन लोगों ने बिलासपुर के सभी निवासियों से आग्रह किया है कि अपने आस पास देख कर सुनिश्चित करें कि कहीं कोई परिवार वास्तव में संकट का सामना न कर रहा हो क्योंकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने आप कुछ भी नहीं बोलते। इन लोगों ने कहा कि आने वाले समय में भी इसी तरह से उक्त परिवार की और मदद की जाएगी।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में प्रदेश में शराब की बिक्री पर अतिरिक्त लाइसेंस फीस (कोविड सैस) लगाने का निर्णय लिया गया। अब देसी शराब की प्रति बोतल पर पांच रुपये शुल्क, आई।एम।एफ।एल। प्रति बोतल पर 10 रुपये, भारत में निर्मित बीयर/आर।टी।डी। प्रति बोतल/कैन पर पांच रुपये, विदेश से आयातित शराब (बी।आई।ओ।) प्रति बोतल पर 25 रुपये, बीयर/आर।टी।डी। (बी।आई।ओ।) प्रति बोतल/कैन पर 10 रुपये, भारतीय वाइन/साइडर की प्रति बोतल पर 10 रुपये और वाइन/साइडर (बी।आई।ओ।) की प्रति बोतल पर 25 रुपये कोविड सैस लगाया जाएगा। मंत्रिमण्डल ने यह भी निर्णय लिया कि उद्योगों (एल-19 ए लाइसेंस) द्वारा स्वच्छता उत्पादों को बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाली सभी प्रकार की स्पिरिट पर उत्पाद शुल्क 10।50 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये प्रति बल्क लीटर किया जाएगा। कोविड-19 आर्थिक पुनरुत्थान (इकाॅनोमिक रिवाइवल) के लिए गठित मंत्रिमण्डल उप समिति ने विकासात्मक कार्यों में तेजी लाने, विभिन्न क्षेत्रों में संसाधनों को जुटाने और विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग के लिए अपनी सिफारिशों के बारे में मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुति दी। उप समिति ने यह भी सिफारिश की बाहरी राज्यों से वापिस आये हिमाचलियों से उनके कौशल योग्यता की जानकारी ली जाए और इसे राज्य के श्रम एवं रोजगार और उद्योग विभाग के साथ साझा किया जाए ताकि उनकी योग्यता को उपलब्ध क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सके। मंत्रिमण्डल ने आगामी कृषि और बागवानी फसलों की कटाई के दृष्टिगत उपाय भी सुझाए। मंत्रिमण्डल उप समिति ने खनन कार्यों के कारण राजस्व क्षति को कम करने और फोरेस्ट क्लीयरेंस में तेजी लाने की सिफारिश भी की। मंत्रिमण्डल ने कफ्र्यू छूट अवधि को पांच घंटे से बढ़ाकर सात घंटे करने को भी स्वीकृति प्रदान की। शहरी स्थानीय निकाय में प्रत्येक घर में 120 दिन का अकुशल रोजगार गारंटी प्रदान करने के उद्देश्य से शहरी क्षेत्रों में आजीविका सुरक्षा बढ़ाने और मजदूरी का कार्य करने वालों को कौशल श्रम प्रदान कर स्वयं का उद्यम स्थापित कर सब्सिडी से जुड़ी क्रेडिट। एंटरप्रेंयुरशिप प्रशिक्षण के लिए मंत्रिमण्डल ने मुख्यमंत्री शहरी आजीविका गांरटी योजना को सहमति प्रदान की। इससे शहरी अधोसंरचना को मजबूत करने और शहरी स्थानीय निकायों में गुणवत्तापूर्ण नागरिक सुविधाओं को प्रदान करने में सहायता मिलेगी। इस महत्वकांक्षी योजना के अन्तर्गत 25।20 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और रोजगार की संभावनाओं को सृजित करने के लिए मंत्रिमंडल ने जिला सोलन के वाकनाघाट में एडीबी (एशियन डवेल्पमेंट बैंक) कार्यक्रम के अन्तर्गत पर्यटन, आतिथ्य क्षेत्रों सहित सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए विशेष केन्द्र स्थापित करने को स्वीकृति प्रदान की। इससे उत्कृष्टता केंद्र के विद्यार्थियों को अन्तरराष्ट्रीय परिदृश्य में उनके शैक्षणिक अभिलेख एवं कार्य अनुभव को मजबूती मिलेगी और रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। मंत्रिमण्डल ने राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों और सरकारी उपक्रमों, बोर्ड, विश्वविद्यालय इत्यादि के कर्मचारियों से एच।पी। एस।डी।एम।ए। कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पाॅंस फंड में उदारतापूर्वक अंशदान करने का आग्रह किया।
भारतीय जनता पार्टी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग को कोरोना से लड़ने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। 25 मार्च से 6 मई तक पहला चरण पूरा करते हुए 400 वीडियो कॉन्फ्रेंस करके 15000 से अधिक कार्यकर्ताओं को समाज सेवा के लिए प्रेरित किया जिसके परिणामस्वरूप 17,70,411 फेस मास्क, 1,00,581 मोदी राशन किट जनता को उपलब्ध करवाई गई। 5 मई से भाजपा संवाद का दूसरा चरण शुरू हुआ। डॉ बिन्दल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के समस्त वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से संवाद किया और उन्हें हर पोलिंग बूथ पर पन्ना प्रमुखों से सम्पर्क करने का आवाहन किया। इस प्रकार लगभग 1000 वीडियो कॉन्फ्रेंस करके प्रदेश के कोने-कोने में बैठे हुए समाज के प्रत्येक व्यक्ति की चिंता करने का लक्ष्य निर्धारित किया। भाजपा अध्यक्ष ने भाजपा नेताओं से कहा कि कोरोना से लड़ाई, लम्बी लड़ाई हैं और हमें इसके लिए स्वयं भी तैयार रहना होगा और समाज को भी तैयार करना होगा। डॉ बिन्दल ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होनें हिमाचल प्रदेश में आर्थिक व विकासात्मक गतिविधियां को पुनः शुरू किया है। भाजपा अध्यक्ष डॉ राजीव बिन्दल ने सरकार से बलपूर्वक कहा कि नकदी फसलें जिसमें आडू, चैरी, सेब, टमाटर, लहसुन, प्लम, खुरमानी, मटर इनकी गंभीरता से चिंता करें। किसान को उसकी पैदावार का उचित दाम मिले, यह आवश्यक है। भाजपा अध्यक्ष ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के कार्यकर्ताओं की भावना के अनुरूप यह कहा है कि हिमाचल से बाहर रह रहे हिमाचलियो को लाने के लिए जो प्रक्रिया शुरू की है उसे जारी रखा जाए और प्रदेशवासियों से अपील की है कि बाहर से आने वाले भाई-बहनों को नियम की परिधि में रहते हुए सहयोग करें।
अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस पर जिला रेडक्रॉस समिति सोलन द्वारा क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में रक्त शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में अतिरिक्त उपायुक्त सोलन विवेक चंदेल ने 34वीं बार रक्तदान किया। अतिरिक्त उपायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि रक्तदान महादान है तथा सभी को इस पुनीत कार्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित बनानी चाहिए। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि रक्तदान जैसे परोपकार के कार्य में बढ़चढ़ कर भाग लें क्योंकि उनके द्वारा दिया गया रक्त अमूल्य मानव जीवन को बचाने में सहायक हो सकता है। विवेक चंदेल ने कहा कि जिला रेडक्रॉस समिति सोलन अपनी विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से पीडि़त व ज़रूरतमंदों को सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खतरे के कारण घोषित कर्फ्यू अवधि में यह आवश्यक है कि युवा स्वेच्छा से रक्तदान करें ताकि आवश्यकता पड़ने पर अस्पतालों में रक्त की कमी न हो।
भारतीय जनता पार्टी जिला बिलासपुर की बैठक जिला के अध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्पन्न हुई। इस बैठक में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मंत्री अनुराग ठाकुर, सदर के विधायक सुभाष ठाकुर, घुमारवीं के विधायक राजेन्द्र गर्ग, झंडूता के विधायक जे आर कटवाल, प्रदेश के महामंत्री त्रिलोक जम्वाल, जिला के प्रभारी नवीन शर्मा, प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य, जिला के पदाधिकारी, चारो मंडलो के अध्यक्ष व महामंत्री उपस्थित रहे। जिला के अध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान ने सबसे पहले सभी का स्वागत किया औऱ उसके बाद उन्होंने सभी नेताओं औऱ कार्यकर्ताओ का धन्यवाद किया जिन्होंने कोरोना जैसे भयानक बीमारी के समय जरूरत मंद लोगो को खाना वितरित किया व लोगों को इस बीमारी से बचने के सरकार के द्वारा बताए गए दिशा निर्देश से अवगत करवाया। जिला अध्यक्ष ने बताया कि जिला में 60788 लोगों को खाने के पैकेट दिए गए, 9344 लोगों को सूखा राशन व अन्य आवश्यक वस्तुओं को वितरित किया, जिला में 146100 फेस कवर वितरित किए, 1860 सैनिटाइजर बांटे गए, इस अभियान में 36836 लोग लाभान्वित हुए। आरोग्य सेतु एप 51609 को डाऊनलोड करवाई, पीएम रिलीफ फंड में 23,44,600रूपए का योगदान दिया और सीएम फंड में 49,49,174 रुपये का योगदान दिया गया। इस सारे अभियान में बहुत सी सामाजिक संस्थाओं, महिला मंडलों, संयुक्त व्यापार मण्डल ने भाग लिया जिसके लिए जिला के सभी नेताओं ने इन संस्थाओं का आभार प्रकट किया। सभी नेताओं ने चिकित्सा अधिकारी ,डॉक्टर, नर्सों, पुलिस अधिकारी, पुलिस कर्मचारियों, प्रेस और मीडिया के बंधु और सफाई कर्मचारियों का विशेष रूप से धन्यवाद किया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जिला भाजपा के द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि इस कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के समय केंद्र सरकार के द्वारा जनता की सुविधा अनुसार सभी वर्गों के लिए योजना बनाकर इस संकट के समय सहायता कर रही है। सदर के विधायक सुभाष ठाकुर ने मंत्री अनुराग ठाकुर को प्रदेश के बाहर जो लोग रह रहे है उन्हें हो रही असुविधा के बारे में जानकारी दी। अब केंद्र सरकार देश के बाहर रह रहे लोगों को वापिस भारत ला रही है, कुछ देशों में बिलासपुर के लोग भी फंसे हैं उनको भी वापिस भारत लाया जाए। इस पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि वो उन लोगो की लिस्ट भेजे जिन्हें कोई समस्या आ रही है उसका समाधान किया जाएगा और देश के बाहर फंसे बिलासपुर के लोगों को भी वापिस उनके घर लाया जाएगा। उन्होंने सभी नेताओं से आग्रह किया कि इस अभियान को आगे भी सुचारू रूप से चलाया जाए ताकि राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के आह्वान को बल मिले जिसमे उन्होंने कहा है कि कोई भी व्यक्ति इस देश में भूखा ना सोए और जनता को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।
खण्ड विकास अधिकारी सदर, बिलासपुर मनमोहन शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि निदेशक पंचायती राज विभाग द्वारा जारी आदेशों की अनुपालना में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु विकास खण्ड सदर बिलासपुर के कार्यालय द्वारा विकास खण्ड सदर की समस्त 39 ग्राम पंचायतों के प्रधान, उपप्रधान व पंचायत सदस्यों को निगरानी करने हेतु नामित किया गया है व सम्बन्धित पंचायत सचिव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में जारी अधिसूचना खण्ड विकास कार्यालय सदर द्वारा सभी पंचायतों को जारी कर दी गयी है। उन्होंने विकास खण्ड सदर के अन्र्तगत सभी क्वारटाईन किए गए व किए जा रहे व्यक्तियों को सूचित किया है कि वे किसी भी स्तर पर कोविड-19 के नियमों की उल्लघंना न करें चूंकि निगरानी हेतु नामित सभी पंचायत पदाधिकारियों/नोडल।अधिकारियों द्वारा हर समय आपकी प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। उन्होंने सभी से अपेक्षा की है कि संयम बरते, क्वारटाईन के समय सभी नियमों की पालना सुनिश्चित करें ताकि आपके साथ-साथ आपका परिवार, पंचायत व समाज सुरक्षित रहें। उन्होंने सभी पंचायत पदाधिकारियों/नोडल अधिकारियों को निर्देश जारी किये है कि यदि कोई भी क्वारटाईन किया गया व्यक्ति कोविड-19 के नियमों की उल्लघंना करते हुआ पाया जाता है तो तुरन्त उसकी सूचना उपमण्डलाधिकारी (ना0) सदर, बिलासपुर और सम्बन्धित क्षेत्र के पुलिस थाना या चैकी प्रभारी या खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय में तुरन्त देना सुनिश्चित करें ताकि अविलम्ब उस व्यक्ति के विरूद्व कोविड-19 के प्रावधानों के अनुसार विभिन्न धाराओं के अंतर्गत समय पर कारवाई की जा सके।
जिला प्रशासन सिरमौर ने कर्फ्यू में दी जा रही ढील को अब सात घंटों तक बढ़ा दिया है। अब दुकानें सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक खुली रहेंगी। इस बारे में जानकारी देते हुए जिला दण्डाधिकारी सिरमौर डॉ आर के परुथी ने बताया कि प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि केवल कर्फ्यू में दी जा रही ढील की अवधि को बढ़ाया गया है बाकि सभी निर्देश पूर्व में जारी आदेशों के अमरूप ही रहेंगे।
जिला बिलासपुर में स्थापित छोटे-बड़े उद्योग जिला के आर्थिक विकास में अहम भूमिका का निर्वहन करते हैं। कोविड-19 कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के संक्रमण के कारण कफर्यू/लाॅकडाऊन के चलते जिला में कोविड-19 के दिशा निर्देशों में दी गई सभी हिदायतों की अनुपालना करते हुए औद्योगिक ईकाइयों को पुन चलाने की छूट प्रदान करने से राहत मिली है। इससे उद्यमियों के चेहरे से धीरे-धीरे निराशा के बादल छंटने लगे हैं और उनका उत्साह बढ़ने लगा है। जिला के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित डोगरा हौजरी फैक्ट्री के ऋषभ डोगरा ने बताया कि जिला में कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा उन्हें फेस मास्क और पीपीई किट बनाने की अनुमति मिली थी। उन्होंने बताया कि डाक्टरों के सहयोग से 200 पीपीई किटें तैयार की गई जिन्हें की क्षेत्रीय अस्पताल में प्रयोग में लाया जा रहा है। इसके अतरिक्त अब तक 1 लाख से भी अधिक फेस मास्क तैयार किए जा चुके हैं जिन्हें कोठीपुरा में बन रहे एम्स और अन्य सामाजिक संस्थाओं को 6 रूपए प्रति मास्क की दर से दिया गया। इसके अतिरिक्त उनके द्वारा अन्य जरूरतमंद लोगों को फेस मास्क निःशुल्क भी वितरित किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि हौजरी को चलाने के दौरान सरकार द्वारा जारी सभी दिशा निर्देशों का पालन किया जा रहा है। हौजरी द्वारा सभी कामगारों को नियमित वेतन दिया जा रहा है और केवल 33 प्रतिशत स्टाफ को ही काम पर लगाया गया है और कामगारों को फेस मास्क और सैनीटाईजर उपलब्ध करवाए गए हैं। इसके साथ ही हौजरी में कार्यस्थल पर सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। फैक्ट्री और पूरे प्रांगण को दिन में 3 बार सेनेटाईज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हौजरी में 15 वर्कर कार्यरत हैं जिसमें 11 महिलाएं और 4 पुरूष कार्य कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि 4 महिलाएं तो ऐसी हैं जो की सिलाई का काम जानती थी और लाॅकडाऊन/कर्फयू में बंद होने के दौरान बेरोजगार थी। उन्हें कहीं भी काम नहीं मिल रहा था। उन्हें भी इस दौरान हौजरी से जोड़ा गया और रोजगार प्रदान किया गया। उन्होंने बताया कि केवल 30 प्रतिशत स्टाफ को ही कार्य करने के लिए बुलाया गया है और कार्य करने के लिए उचित दूरी पर मशीने लगाई गई है, जहां हर टेबल पर सेनेटाईजर उपलब्ध करवाया गया है और फेस मास्क दिए गए है। उन्होंने बताया कि कार्यरत स्टाफ के लिए दोपहर का भोजन करने के लिए अलग-अलग व्यवस्था की गई है। उन्हें दो समूहों में बांटा गया है जिसमें बैठने हेतु उचित सामाजिक दूरी निर्धारित की गई है। स्वच्छ वातावरण को देखकर महिलाएं भी नियमित रूप से कार्य करने के लिए आ रही है और बंद होने के कारण हौजरी में जो कार्य लम्बित पड़ा था उसे पूरा करने में जुटी हुई हैं।
सदर विधानसभा क्षेत्र से युवा नेता एवं प्रदेश युवा कांग्रेस महासचिव आशीष ठाकुर ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर से मांग की है कि प्रदेश के अंदर जितने भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवम खण्ड चिकित्सा अधिकारी है उन्हें आदेश जारी किए जाएं कि वो प्रदेश की सीमाओं पर खुद जाकर लोगों की स्वास्थ्य जांच करें ताकि उन्हें भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की सही स्थिति का जायजा हो सके। उन्होंने कहा कि हमारे स्वास्थ्य कर्मचारी प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी का शिकार हो रहे है। आज उनके पास लोगों की स्वास्थ्य जांच करने के लिए प्रयाप्त संसाधन नहीं है जिससे कि वो अन्य राज्यों से आ रहे लोगों की उचित स्वास्थ्य जांच कर सके ताकि कोरोना जैसी महामारी से देवभूमि को बचाया जा सके। आशीष ठाकुर ने स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाया है कि इनके कानों में जूं तक नही रेंगती है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने स्वास्थ्य कर्मचारियों को पीपीई किट मुहिया करवाने का मामला उठाया था ताकि हमारे स्वास्थ्य कर्मी बिना डर के लोगों का सही परीक्षण कर पाएं पर स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक न भी अपने कर्मियों को पीपीई किट्स ओर न ही सही गुणवत्ता के ग्लब्स मुहिया करवाये है। यह बहुत ही चिंतनीय विषय है। आशीष ठाकुर ने कहा कि हमारे स्वास्थ्य कर्मी अपनी ओर अपने परिवार की जान को जोखिम में उठाकर रात दिन लोगों की सेवा में लगे हुए है पर स्वास्थ्य विभाग जिस तरह से इनकी अनदेखी कर रहा है वह निंदनीय है। उन्होंने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से सवाल खड़ा किया है कि अगर स्वास्थ्य विभाग का कोई कर्मी उनकी अनदेखी की वजह से पॉजिटिव पाया गया तो क्या सरकार और प्रशासन उसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है? आशीष ठाकुर ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वो स्वास्थ्य विभाग को आदेश जारी करें और जल्द से जल्द स्वास्थ्य कर्मचारियों को पीपीई किट्स और अच्छी गुणवत्ता के ग्लव्स मुहैया करवाए जाएं, अन्यथा युवा कांग्रेस को सरकार और स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और उसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग की होगी।
विश्व रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर 8 मई को जिला अस्पताल बिलासपुर ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। यह रक्तदान शिविर जिला रेडक्रॉस समिति के तत्वावधान में व व्यास रक्तदाता समिति व विश्वकर्मा मन्दिर समिति के सहयोग से आयोजित किया गया। यह जानकारी जिला रेडक्रॉस समिति के सचिव अमित गौतम, व्यास रक्तदाता समिति के अध्यक्ष कर्ण चन्देल व विश्वकर्मा मन्दिर समिति के सचिव अनीश ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि विश्व मे कोरोना वायरस का संकट दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इस संकट में ब्लड बैंकों में रक्त की कमी भी आ रही है। इस रक्त की कमी को पूरा करने के लिए विश्व रेडक्रॉस दिवस पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान शिविर में 23 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एमएस राजेश अहलूवालिया, ब्लड बैंक इंचार्ज डॉक्टर सचिन शर्मा, स्टाफ नर्स भावना ठाकुर, वरिष्ठ लेब टेक्नीशियन कमल किशोर मेहता, सुरेश कुमार, श्याम लाल बंसल, लेब टेक्नीशियन पूनम, श्याम व व्यास नगर समिति की तरफ से अरयन्तिका शर्मा, अभिषेक डोगरा, अंशुल चन्देल ने रक्तदान शिविर में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बताया कि रक्तदान शिविर में नीना देवी, नरेश टण्डन, अंकित, कमल, लखनपाल, मुकेश नड्डा, राजेंद्र रिंकू ने ओ पॉजिटिव, राहुल कांगा, कपिल गुप्ता, सुनील, अमित, अनीश ठाकुर ने ए पॉजिटिव रक्तदान किया, रजत शर्मा, राजेन्द्र शर्मा, दीपक पाटिल, सिद्धार्थ बंसल, विशाल ठाकुर, बीरेंद्र ठाकुर ने बी पॉजिटिव, रमेश राणा,राजकुमार, देशराज, हेमन्त शर्मा, कर्ण चन्देल ने ए बी पॉजिटिव रक्तदान किया।
अम्बुजा सीमेंट कंपनी द्वारा पिछ्ले डेढ़ माह से रोक कर रखे ट्रक आपरेटरों के भाड़े का करोड़ो रुपऐ का भुगतान शुक्रवार को कर दिया गया है। इस से सैंकड़ों ट्रक आपरेटरों ने राहत की सांस ली है तथा सभी ट्रक आपरेटरों ने इसके लिए प्रदेश सरकार का धन्यवाद किया है। दी बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं सदस्य जगदीश शर्मा सहित सभा के अध्यक्ष सदस्य विशाल शर्मा, धनीराम ठाकुर, जगरनाथ, बाबूराम शर्मा, वीरेन्द्र शर्मा, सतीश शर्मा, ललित शर्मा, सुनील कुमार, राजकुमार, श्यामलाल, बालकराम, कमल कुमार, प्रकाश महाजन आदि सभी सदस्यों ने प्रेस को जारी ब्यान में कहा है कि सैंकड़ो ट्रांसपोटरों द्वारा 21 मार्च से पहले अम्बुजा कंपनी का सीमेंट व क्लींकर का ढुलाई कार्य किया था जिसका करोडों रुपऐ कंपनी द्वारा लॉकडाऊन की आड़ में पिछले डेढ़ माह से दबा कर रखा गया था और बहाना यह बनाया जा रहा था कि कंपनी का हैड ऑफिस महाराष्ट्र में है जो लॉकडाउन की वजह से बन्द पड़ा है। जबकी इसके बावजूद भी कंपनी द्वारा अपने कामगारों को कई करोड़ रुपए वेतन के रुप में भुगतान किया गया। कंपनी के इस रवैये से सैकड़ो ट्रांसपोटरों को लॉकडाउन के चलते भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। दी बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा के उपरोक्त सभी सदस्यों ने प्रदेश सरकार से ओपरेटरों के करोड़ों रुपयों के भुगतान को कंपनी द्वारा करवाने बारे सरकार से अपना हस्तक्षेप करने के लिए लिखित में मांग की थी जिसके बाद प्रदेश सरकार के हस्तक्षेप से आज सभी ट्रांसपोटरों के भाड़े का करोड़ों रुपयों का भूगतान कंपनी द्वारा कर दिया गया है। जिसमें दी बाघल लैंड लूजर परिवहन सहकारी सभा का लगभग ढाई करोड़ रुपये का भुगतान शामिल है। इस हेतु उपरोक्त सभी ट्रक ओपरेटरों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद किया है।
प्रदेश सरकार के निर्देश पर कोविड-19 से बचाव के लिए अग्रिम पंक्ति में तैनात विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मियों को आयुर्वेद विभाग द्वारा रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के लिए तैयार किया गया विशेष काढ़ा प्रदान करना आरंभ कर दिया गया है। यह जानकारी जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. राजेंद्र शर्मा ने दी। डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि आयुर्वेदिक विभाग द्वारा विशेष रूप से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मधुयष्टियादि कषाय (काढ़ा) तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह काढ़ा सर्वप्रथम कोरोना संक्रमण के विरूद्ध आवश्यक सेवाओं के लिए तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस का सबसे अधिक प्रभाव व्यक्ति के श्वसन तंत्र पर होता है। यह काढ़ा व्यक्ति श्वसन तंत्र को मज़बूत बनाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को सुदृढ़ करता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, आयुर्वेद विभाग, पुलिस, समेकित बाल विकास परियोजना, सफाई कर्मी, कोविड-19 के पॉजिटिव मामलों तथा आवश्यक सेवाओं में कार्यरत विभागों को यह काढ़ा उपलब्ध करवाना आरंभ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को इस काढ़े के लाभ और सेवन के विषय में जानकारी प्रदान की जा रही है। डॉ. राजेंद्र शर्मा ने कहा कि आयुर्वेद में वर्णित दिनचर्या, योग और व्यायाम के माध्यम से व्यक्ति विभिन्न बीमारियों से अपना बचाव कर सकता है। इस दिशा में आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन सभी के अनिवार्य है।
अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस के अवसर पर स्वर्ण एजुकेशनल एण्ड वैलफेयर ट्रस्ट (सेवा) के सौजन्य से सोलन शहर में वृद्ध महिलाओं की देखभाल के लिए चलाए जा रहे डे केयर सेंटर ‘खुशी’ की सदस्य शशि प्रभा गुप्ता ने यहा उपायुक्त सोलन केसी चमन को राज्य रेडक्रॉस समिति में अंशदान स्वरूप 50 हजार रुपये का चैक भेंट किया। डे केयर सेंटर खुशी की सभी महिलाओं द्वारा एकत्र की गई 16 हजार रुपये की राशि का चैक भी इस अवसर पर सेंटर की वरिष्ठतम सदस्य तृप्ता चौधरी द्वारा उपायुक्त को जिला कोविड-19 फंड के लिए भेंट किया गया। केसी चमन ने राज्य रेडक्रॉस समिति तथा जिला कोविड-19 फंड में उदारतापूर्वक अंशदान करने के लिए खुशी डे केयर सेंटर की सभी सदस्यों तथा शशि प्रभा गुप्ता का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस समिति द्वारा हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य में ज़रूरमंद एवं गरीब व्यक्तियों की सहायता के लिए अनेक कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिक शशि प्रभा गुप्ता द्वारा राज्य रेडक्रॉस समिति को दिया गया अंशदान पूरे समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। एक बुजुर्ग महिला की इस दिशा में सोच एवं समाज के प्रति कर्तव्य भावना सभी को रेडक्रॉस के लिए उदारतापूर्वक अंशदान करने और समिति के माध्यम से पीडि़त मानवता की सेवा के लिए प्रेरित करेगी। केसी चमन ने कहा कि खुशी डे केयर सेंटर की सभी बुजुर्ग महिलाओं द्वारा कोरोना वायरस के खतरे के दृष्टिगत जिला कोविड-19 फंड को अंशदान करना सभी नागरिकों को राह दिखाएगा। उन्होंने कहा कि अपने पूरे जीवन के अनुभवों को समेटे इन बुजुर्ग महिलाओं द्वारा किया गया अंशदान वास्तविक अर्थों में सर्वोच्च है। उन्होंने आशा जताई कि समाज की धरोहर इन बुजुर्ग महिलाओं द्वारा किए गए अंशदान से समाज के सभी वर्ग इस दिशा में बढ़चढ़ कर कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे। केसी चमन ने डे केयर सेंटर खुशी के माध्यम से जिला की सभी बुजुर्ग महिलाओं से आग्रह किया कि वे संकट की इस घड़ी में अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें और अपना समय घर पर ही बिताएं। डे केयर सेंटर खुशी ऐसा पहला केंद्र है जो पूर्ण रूप से बुजुर्ग महिलाओं को समर्पित है। गत 05 वर्षों में इस केंद्र से सोलन की अनेक बुजुर्ग महिलाएं किसी न किसी रूप में जुड़ी रही हैं और यह केंद्र वरिष्ठ महिलाओं की समस्याओं को सुलझाने का मंच बनकर भी उभरा है।
रेहड़ी-फड़ी तहबाजारी सम्बंधित सीटू का प्रतिनिधिमंडल नगर निगम आयुक्त से मिला व उन्हें ज्ञापन सौंपा। विजेंद्र मेहरा ने नगर निगम शिमला के आयुक्त से मांग की है कि शिमला नगर निगम के दायरे में कार्यरत सभी तहबाजारियों को दुकानदारों की तर्ज़ पर कार्य करने की इजाज़त दी जाए। आयुक्त ने आश्वासन दिया है कि वह इस संदर्भ में उपायुक्त शिमला को प्रस्ताव भेज कर उचित कदम उठाने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते सभी समुदायों का रोजगार किसी न किसी रूप में प्रभावित हुआ है। इसमें विशेष तौर पर रेहड़ी फड़ी तहबाजारी के रोजगार में लगे लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ये लोग रोज़ कमाकर परिवार को पालन-पोषण करने वाले लोग हैं। प्रदेश सरकार व प्रशासन ने दुकानों को वैकल्पिक दिनों में खोलने की इजाज़त दी है जोकि स्वागत योग्य कदम है। परन्तु सबसे गरीब लोग रेहड़ी फड़ी तहबाजारी का कार्य करते हैं व उन्हें अपना कार्य करने की इजाज़त नहीं दी गई है। ये लोग लोग सबसे गरीब शहरी लोग हैं। बाबू राम ने कहा है कि भारत सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों पर मार्च 2014 में स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट बनाया था। इस कानून के तहत रेहड़ी फड़ी तहबाजारी का कार्य करने वाले लोगों को संविधान के अनुच्छेद 21 के जीने के अधिकार व अनुच्छेद 14 के समानता के अधिकार के तहत जीविका अर्जित करने का अधिकार दिया गया है। कोरोना के कारण पिछले डेढ़ महीनों में इस कार्य में लगे लोगों का रोजगार पूरी तरह खत्म हो गया है व परिवार के लिए भोजन की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो गया है इसलिए रेहड़ी फड़ी तहबाजारी को भी कारोबारियों की तर्ज़ पर कार्य करने की इजाज़त दी जाए। अगर प्रशासन यह व्यवस्था नहीं करता है तो फिर नगर निगम शिमला के पास जिन भी लोगों ने स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट के अनुसार पंजीकृत होने के लिए सर्टिफिकेट ऑफ वैंडिंग व आई कार्ड देने के लिए आवेदन किया है उन्हें राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन के अनुसार 8250 रुपये की प्रति महीना आर्थिक मदद अप्रैल और मई महीनों के लिए जारी की जाए।
राजस्व विभाग के आपदा प्रबन्धन सेल ने प्रदेश और सभी जिला मुख्यालयों पर आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किए हैं जो रात-दिन कार्य कर रहे हैं ताकि लोगों को आपदा की स्थिति में सूचना और समन्वय की सुविधा दी जा सके। प्रदेश आपातकालीन केंद्र का 1070 और जिले के आपातकालीन केंद्रों का टोल फ्री नंबर 1077 है। आपातकालीन संचालन केंद्र राष्ट्रीय संचार तंत्र का भाग है। यह केंद्र संचार नेटवर्क विफल होने की स्थिति में संचार के अन्य साधन उपलब्ध करवाता है, ताकि फील्ड और केंद्र सरकार की सरकारी संस्थांए नुकसान और क्षति का जायजा लेने में सक्षम रहें और उचित कार्यवाही कर सके। इन आपातकालीन संचालन केंद्रों में आई-सेट, वी-सेट, एनआईसी नेटवर्क, वीएचएफ सेट्स इत्यादि सूचना तंत्र है। भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने प्रदेश के आपातकालीन संचालन केंद्रों को सुदृढ़ करने के लिए 20 लाख रुपये की धनराशि जारी की है। प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी आपातकालीन संचालन केंद्रों के मोबाईल फोन नेटवर्क को हिमाचल प्रदेश आपातकालीन संचालन केंद्र मैनुअल- 2011 के प्रावधान के अनुसार और अधिक सुदृढ़ करने का फैसला लिया है। ये फोन अस्थाई रूप से राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए गए नोडल अधिकारियों को देश के विभिन्न भागों में फंसे हिमाचली और अन्य फंसे हुए लोगों के आवागमन की सुविधा के लिए अन्य राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए प्रदान किए गए हैं। राज्य सरकार ने जब इन नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया था उस समय उनके व्यक्तिगत मोबाइल फोन काॅल्स, व्हाट्सऐप और एस.एम.एस. से भर गए और उनके लिए इन सभी को संभालना मानवीय रूप से मुश्किल हो रहा था। इस स्थिति में नोडल अधिकारियों को तत्काल काॅल प्राप्त करना और सेवाएं प्रदान करना मुश्किल हो रहा था, अब संचार की इस अतिरिक्त सुविधा के साथ इन अधिकारियों ने अपना कार्य और विभिन्न राज्य सरकारों के साथ सम्पर्क स्थापित करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने समकक्षों के साथ अन्य राज्यों में फंसे हुए हिमाचलियों और प्रदेश में अन्य राज्यों के निवासियों की सूची सांझा की है। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया है कि वह अब तक पंजीकृत हिमाचलियों को जल्द प्रदेश वापस की सुविधा प्रदान करें। अब तक http//covid19epass.hp.gov.in पोर्टल में 80 हजार से अधिक लोगों ने अपना पंजीकरण कर दिया है और यह संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। राज्य नोडल अधिकारी एवं प्रधान सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा को मोबाइल नंबर 9459461355, संयुक्त नोडल अधिकारी एवं निदेशक पर्यटन यूनुस को 9459485243 पर संपर्क किया जा सकता है। सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क रजनीश को हरियाणा नई दिल्ली व एनसीआर का नोडल अधिकारी बनाया गया है, जिन्हें मोबाइल नंबर 9459461361 पर संपर्क किया जा सकता है। तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के नोडल अधिकारी एवं सचिव वित्त अक्षय सूद को 9459472832, मंडलायुक्त शिमला और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख व उत्तराखंड के नोडल अधिकारी राजीव शर्मा को 9459455714, झारखण्ड व उड़ीसा के लिए श्रम आयुक्त एसएस गुलेरिया को 94594-55279, राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर को उत्तर प्रदेश के लिए 94594-55841, पर संपर्क किया जा सकता है। विशेष सचिव देवदत्त शर्मा को बिहार के लिए 94594-57046, निदेशक हिप्पा चंद्र प्रकाश वर्मा को सहायक राज्य नोडल अधिकारी बनाया गया है, जिन्हें 94594-57107, महाराष्ट्र, गोवा प पुडुचेरी के लिए निदेशक ऊर्जा मानसी सहाय ठाकुर को 94594-73112, केरल, लक्षद्वीप व कर्नाटक के लिए निदेशक वित्त सुदेश मोख्टा को 94594-57061 और पंजाब, चंडीगढ़ एवं मोहाली के लिए निदेशक ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज ललित जैन को 94594-85157, राजस्थान, गुजरात, दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं द्वीव के लिए विशेष सचिव ऊर्जा हेमराज बैरवा को 94594-57292, असम, मिंजोरम, अरूणांचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा व मेघालय के लिए निदेशक कार्मिक मनमोहन शर्मा को 94594-57476, अंडमान एवं निकोबार और सिक्किम के लिए निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रोहित जम्वाल को 94594-57587 और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं तेलंगाना के लिए विशेष सचिव वन एवं उद्योग नीरज कुमार को 94594-57659 पर सम्पर्क किया जा सकता है। प्रदेश से बाहर जाने वाले और बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले लोगों से आग्रह किया गया है कि वे ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म http//covid19epass.hp.gov.in पर खुद को पंजीकृत करें और नोडल अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले प्रबन्धों की प्रतीक्षा करें। ये लोग किसी भी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 0177-2626076, 2626077, 2622204, 2629688, 2629439, 2628940, 2629939 और 2659791 तथा टोल फ्री नंबर 1800 180 2185 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार से अनुरोध किया है कि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को इस शर्त में छूट दी जाए कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं उपक्रमों को मिलेगा, जिनमें 90 प्रतिशत अथवा इससे अधिक कर्मचारी 15 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से वेतन प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रावधान करने से प्रदेश के अधिकांश लोग लाभान्वित होंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री को लिखे एक पत्र में जय राम ठाकुर ने कहा है कि समाज के कमजोर वर्गों को लाभान्वित करने के लिए केंद्र सरकार ने यह योजना मार्च, 2020 में आरम्भ की थी। इस योजना में प्रावधान किया गया है कि संगठित क्षेत्र में कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों की सहायता की जाए। इसके लिए केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि में तीन महीने के लिए सीधे उनके खाते में जमा करेगी। योजना का लाभ वे कर्मचारी उठा पाएंगे, जहां 100 कर्मचारियों तक की संख्या वाले उपक्रमों में प्रतिमाह 15 हजार रुपये से कम वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों की संख्या 90 प्रतिशत या इससे अधिक हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई औद्योगिक चैम्बरों और संगठनों ने मामला उठाया था कि राज्य की कई औद्योगिक इकाइयों में ऐसे 90 प्रतिशत कर्मचारी नहीं है, जो 15 हजार रुपये प्रतिमाह से कम वेतन ले रहे हैं। इसलिए अन्य कम वेतन पाने वाले इन इकाइयों के कर्मचारी इस योजना का लाभ उठाने से वंचित रह सकते हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि इस स्थिति से कर्मचारियों और प्रबन्धन के बीच भ्रम और अविश्वास की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि आम धारणा यह है कि सरकार उन सभी कर्मचारियों के लिए ईपीएफ का अंशदान करती है, जो 15 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से वेतन प्राप्त कर रहे हैं।
नगर निगम शिमला की मेयर सत्या कौंडल और उनका पूरा परिवार होम क्वारंटीन हो गया है। सत्या कौंडल के बहु बेटा 28 अप्रैल को दिल्ली से लौटे थे। स्वास्थ्य विभाग को उनकी ये सूची 4 मई को मिली है जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें उनके परिवार सहित होम क्वारंटाइन कर दिया है। सत्या कौंडल व उनके परिवार होम क्वारंटाइन होने की स्थिति में सत्या कौंडल के परिवार का कोई सदस्य बाहर नही निकल सकेगा। ऐसे में प्रशासन द्वारा रोजमर्रा के जरूरी सामान को उनके घर पर ही पहुंचाया जाएगा।
उपमण्डलाधिकारी नालागढ़ प्रशान्त देष्टा ने कोविड-19 के खतरे के दृष्टिगत नालागढ़ उपमण्डल में उपमण्डलाधिकारी कार्यालय एवं विभिन्न तहसील कार्यालयों में सभी प्रकार की अनुमति एवं पास बनवाने के लिए वट्स एप नम्बर जारी किए हैं ताकि लोगों को इन कार्यों के लिए किसी परेशानी का सामना न करना पड़े। प्रशान्त देष्टा ने इस सम्बन्ध में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि यह व्हाट्सएप नंबर नम्बर जन सुविधा के दृष्टिगत जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उपमण्डलाधिकारी कार्यालय नालागढ़ में अनुमति एवं पास बनवाने के लिए व्हाट्सएप नंबर 70187-21698 एवं 94180-07833, वाहन पास के लिए 98160-10888, निर्माण कार्य के लिए 93185-00689 तथा विवाह एवं अन्य कार्य के लिए 82639-89872 पर आवेदन किया जा सकता है। प्रशान्त देष्टा ने कहा कि तहसील कार्यालय बद्दी में विभिन्न पास बनवाने के लिए व्हाट्सएप नंबर 94180-55038 तथा 98827-17116 पर आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि तहसील कार्यालय रामशहर में विभिन्न पास बनवाने के लिए व्हाट्सएप नंबर 96251-35979, 94183-23129 तथा 70185-02670 पर आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंजैहरा में विभिन्न पास बनवाने के लिए व्हाट्सएप नंबर 98163-05813, 94186-28526 तथा 82197-00045 पर आवेदन किया जा सकता है। प्रशान्त देष्टा ने कहा कि तहसील कार्यालय नालागढ़ में विभिन्न पास बनवाने के लिए व्हाट्सएप नंबर 98051-19444, 94592-73443, 98826-45544 तथा 94189-15873 पर आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि विभिन्न पास बनवाने एवं अनुमतियां प्राप्त करने के लिए उपरोक्त व्हाट्सएप नंबर नम्बरों का प्रयोग करें।


















































