धर्मपुर/डिंपल शर्मा: राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) का शिविर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धर्मपुर में शानिवार से शुरू किया गया है। शिविर का शुभारंभ स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष रंगीला राम ने किया। इस उपलक्ष्य पर स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष रंगीला राम ने बच्चों से कहा कि वॉलेंटियर को समाज सेवा, सड़क सुरक्षा और नशे की बुराई से संबंधित विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एनएसएस स्वयंसेवी को समाजसेवा के कार्य में भाग लेना चाहिए और नशा जैसी बुरी आदत से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिविर में स्वयंसेवी भाग ले रहे हैं, जो एनएसएस के प्रति उनके सिद्धांतों और अभिलेखों का विवरण है। वे शिक्षा के साथ-साथ अपने समाज के साथ भी जुड़े रहें। क्योंकि शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात आखिर बच्चों को समाज में ही अपने दायित्वों का निर्वाह और जीवनयापन करना होता है। यह शिविर 7 दिन तक चलेगा जिसमें NSS के जुड़े लगभग 57 छात्र भाग लेंगे। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धर्मपुर के अध्यापक संजय विष्ट और रजनी इस शिविर के इंचार्ज हैं। इस शिविर का समापन दिनांक 15 नवंबर को प्रधानाचार्य राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धर्मपुर द्वारा किया जाएगा।
शिमला: शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज चौपाल विधानसभा के अंतर्गत देहा-बल्सन क्षेत्र के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चनैर में ठियोग के पुर्व विधायक स्वर्गीय मेहर सिंह चौहान की यादगार में नवनिर्मित स्कूल भवन का उद्घाटन किया व मनीषा चौहान फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस दौरान चौपाल विधानसभा क्षेत्र से विधायक बलबीर वर्मा , प्रदेश कांग्रेस महासचिव रजनीश किमटा , राणा विक्रम सिंह , वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व ज़िला परिषद अध्यक्ष दौलत राम वर्मा सहित सामाजिक कार्यकर्ता व मनीषा फाउंडेशन की संस्थापक मनीषा चौहान व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष जुब्बल नावर कोटखाई मोतीलाल देरटा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
सोलन: शहर में स्लॉटर हाउस नहीं बनने से मीट दुकानों में ही काटा जा रहा है। इसे मांस की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पिछले पांच सालों से स्लॉटर हाउस बनाने के लिए आज तक जमीन की तलाश जारी है लेकिन अभी तक नगर निगम उपयुक्त जमीन का चयन नहीं कर पाया है। भवन बनने के बाद प्रत्येक मीट शॉप पर मांस काटने पर प्रतिबंध लग जाएगा। स्लॉटर हाउस बनने के बाद मीट की दुकानों में मांग के अनुसार ताजा मांस सप्लाई किया जाएगा। लोगों के स्वास्थ्य को लेकर यह फैसला लिया था लेकिन कई वर्षों से अभी तक जगह की तलाश की जा रही है। नगर परिषद के समय से ही स्लॉटर हाउस बनाने के लिए प्रस्ताव पारित कर जगह की तलाश की जा रही है। शहर के किनारे पर कुछ जगह चयनित भी की थी लेकिन इन सभी जगहों में खामियों को देख इन्हें रद्द किया गया था। उधर, नगर निगम कमिश्नर एकता कापटा ने कहा कि स्लॉटर हाउस बनाने के लिए अभी जगह की तलाश जारी है। जगह मिलने के बाद ही अगला फैसला लिया जाएगा। शहर में स्लॉटर हाउस बनने के बाद शहर की मीट शॉप पर मांस काटने पर प्रतिबंध रहेगा। सभी दुकानों को यहीं से मांग के अनुसार ताजा मांस उपलब्ध करवाया जाएगा।
** विरोध स्वरूप लोक निर्माण विभाग कुनिहार के विश्राम गृह में भारी संख्या में जुटे लोग कुनिहार को नगर पंचायत बनाने के विरोध में लोगो में रोष व्याप्त है आज इसी सिलसिले में कुनिहार रेस्ट हाऊस में विरोध स्वरूप एक बैठक आयोजित की गई, जिसमे कुनिहार की विभिन संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में कुनिहार विकास सभा के प्रधान गोपाल पंवर ने कहा कि उपायुक्त सोलन व एसडीएम अर्की द्वारा पंचायत व वीडियो को चिट्ठी आई है कि कुनिहार की तीनों पंचायत को नगर पंचायत में बनाए जाने की प्रपोजल भेजा जाए, जिसका तीनों पंचायतो के लोग व पूरी कार्यकारिणी विरोध करती है और एक मत से प्रस्ताव पारित करती है कि कुनिहार की तीनों पंचायतों को नगर पंचायत बनाने की कोशिश ना की जाए क्योंकि कुनिहार कस्बे के अलावा बाकी तीनो पंचायत में गांव के लोग रहते हैं और जिनका व्यवसाय कृषि पर निर्भर है। सभी लोग इसके विरोध में है । सरकार से मांग की जाती है कि अगर बिना लोगों की सहमति से नगर पंचायत का आदेश थोपा गया तो लोग सड़कों में आए जाऐगे और उसका पूरा-विरोध किया जाएगा। वही कुनिहार विकास सभा के पूर्व प्रधान धनी राम तनवर ने कहा कि समझ नहीं आता कि एक ही दिन में इसकी प्रपोज क्यों मांगी गई है इसके क्या कारण है और लोगों की राय लेने के लिए पंचायतो को जनरल हाउस बुलाने के लिए एक हफ्ते का समय क्यों नहीं दिया गया, जबकि आज व कल छुट्टी होने के बावजूद भी इतनी जल्दी इस कार्यों को करने की जरूरत क्यों महसूस हुई। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव की कॉपी उपायुक्त सोलन ,एसडीम अर्की ,कुनिहार वीडियो, व प्रधान कोठी, कुनिहार व हाटकोट को कार्रवाई हेतु भेज कर मांग की जाती है कि सरकार के नोटीस में यह बात लाई जाए की इसका पूरा विरोध तीनों पंचायत के लोग कुनिहार के कर रहे हैं। और कोई भी सख्त कदम उठाने के लिए कुनिहार की जनता त्यार है, जिसकी जिम्मेदारी पूरी सरकार पर होगी। वही बैठक में कुनिहार विकास सभा प्रधान गोपाल पंवर, मुख्य सलाहकार भागमल तंवर, कार्यकारिणी के सदस्य नागेंद्र ठाकुर, बाबूराम तंवर, संतराम, देवी राम, प्रेम राज चौधरी, बलबीर चौधरी मोहन चौधरी ,जगदीश ठाकुर, बरिषट सलाहकार धनीराम तनवर, हेमराज, दीप राम, धर्म सिंह, सोहनलाल, दिनेश, बिट्टू, मोहन ठाकुर, सनी राघव, ज्ञान गर्ग, ज्ञान ठाकुर व विनोद जोशी, राकेश झांजी सहित काफी लोग मौजूद रहे।
** मुख्यमंत्री के पत्नीमोह से परेशान हो कर अपने ही सीएम से नाराज़ एवं रुष्ठ कांग्रेसी विधायक शिमला: भारतीय जनता पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख व नैना देवी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रणधीर शर्मा ने आज जारी एक बयान में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह से पूछा कि क्या वे प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री का कार्यालय खोलेंगे ? उन्होंने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने देहरा विधानसभा क्षेत्र जहां से उनकी पत्नी विधायक है , मुख्यमंत्री कार्यालय का उद्घाटन किया, इसलिए मुख्यमंत्री स्पष्ट करें कि क्या ऐसे मुख्यमंत्री कार्यालय हर विधानसभा में खुलेंगे या फिर यह कार्यालय सिर्फ पत्नी के विधानसभा क्षेत्र में ही खुलना है। रणधीर शर्मा ने कहा कि एक तरफ प्रदेश की कमजोर आर्थिक स्थिति का बहाना बना कर पिछ्ली भाजपा सरकार द्वारा खोले गए 1500 संस्थान बन्द कर दिए और दूसरी तरफ अपनी पत्नी के विधानसभा क्षेत्र में नित नए संस्थान खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कहावत तो थी कि "सारी खुदाई एक तरफ , जोरू का भाई एक तरफ" परन्तु मुझे लकता है व्यवस्था परिवर्तन का नारा दे कर बने मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस कहावत को भी बदल दिया और यह सिद्ध कर दिया की "सारा प्रदेश एक तरफ और उनकी पत्नी का विधानसभा क्षेत्र एक तरफ। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पत्नी को 4 महीने चुनाव जीते हुए नहीं है और 5 नवंबर को पति मुख्यमंत्री ने देहरा में एसपी कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय का शुभारंभ भी कर दिया साथ ही एचआरटीसी कर्मशाला, जलशक्ति विभाग अधीक्षण अभियंता कार्यालय, लोक निर्माण विभाग अधीक्षण अभियंता कार्यालय, बिजली बोर्ड अधीक्षण अभियंता कार्यालय और खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय भी खोल दिए। एक तरह मुख्यमंत्री प्रदेश भर में कार्यालय बंद कर रहे है, जिसमें उनके कांग्रेस के नेता द्वारा प्रस्तावित कार्यालय भी बंद कर दिए गए, जिससे उन्हीं के कांग्रेसी विधायक विरोधाभास की राजनीति के शिकार हो गए। यह विधायक मुख्यमंत्री के पत्नीमोह से परेशान हो कर अपने ही सीएम से नाराज़ एवं रुष्ठ हो गए है।
माँ दुर्गा मेला पट्टा बरावरी मेले का शुभारंभ माता कि पूजा अर्चना से किया गया I जानकारी देते हुए दुर्गा माता मेला कमेटी प्रधान सीस राम कश्यप ने बताया कि माँ दुर्गा मेला पट्टा बरावरी मेले में गोपाल शर्मा अध्यक्ष बी एल सेंट्रल पब्लिक स्कूल कुनिहार ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की I मेला कमेटी के सभी सदस्यों और ग्राम पंचायत पट्टा बरावरी के प्रधान हरीश कौशल व् अन्य सभी सदस्यों ने मुख्यातिथि का भव्य स्वागत किया I उसके उपरान्त मुख्यातिथि द्वारा माता के मंदिर में पूजा अर्चना की गई I दुर्गा माता को हलवे का प्रशाद व् चुन्नी चढ़ा कर मेले कि शुरूवात कि गई I उन्होंने बताया कि मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा बॉलीवॉल व कब्बड्डी की प्रतियोगिताएं भी करवाई जा रही है, जिसमें स्थानीय व आसपास से कई टीमें भाग ले रही है। इस अवसर पर हरीश कौशल , सीस राम कश्यप, कन्हैया लाल , प्रेम चंद , अजित कौशल, खयाली राम , प्रेम राज , रशीद मोहम्द , नानक चंद , संजय कुमार , नेक राम, संत राम, शेख मोहम्द, रतन लाल आदि मौजूद रहे I
** सांस्कृतिक संध्याओं में कलाकार मचाएंगे धमाल कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में अब ऊंचाई वाले इलाकों में पर्यटन कारोबारी बर्फबारी का इंतजार कर रहे हैं। बर्फबारी के बाद पर्यटन कारोबार में भी तेजी आएगी। पर्यटन कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कुल्लू प्रशासन पहली बार मणिकर्ण घाटी के कसोल में कार्निवाल का आयोजन करवा रहा है। हालांकि जनवरी माह में मनाली में विंटर कार्निवाल का आयोजन किया जाता है, लेकिन इससे ठीक एक सप्ताह पहले मणिकर्ण घाटी के कसोल में भी कार्निवाल का आयोजन किया जाएगा, ताकि यहां पर सैलानियों की आवाजाही बढ़ सके। मणिकर्ण घाटी का कसोल पहले ही दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां इजरायली पर्यटक यहां भारी संख्या में पहुंचते हैं। इसके साथ ही यहां कई इजरायली पर्यटक पर्यटन कारोबार से भी जुड़े हैं। अब प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन ने यहां 25 दिसंबर से लेकर 1 जनवरी तक कसोल में कार्निवल करवाने का निर्णय लिया है। इस कार्निवाल में सांस्कृतिक संध्या के अलावा अन्य गतिविधियां भी करवाई जाएंगी। एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला ने बताया कि, '8 दिन तक मनाए जाने वाले कार्निवल में सैलानियों के मनोरंजन के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम तो होंगे ही, इसके अलावा स्थानीय पकवान भी परोसे जाएंगे। इसके साथ कई अन्य गतिविधियों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन योजना बना रहा है। गौर रहे कि मणिकर्ण घाटी का कसोल इलाका इजरायल के लोगों की पहली पसंद है और हर साल यहां पर हजारों सैलानी आते हैं। दिसंबर माह में पर्यटन कारोबार शुरू होते ही इजरायल के लोगों का आवागमन यहां पर बढ़ जाएगा। इजरायली लोग यहां पर पर्यटन कारोबार सहित अन्य गतिविधियों में भी शामिल होते हैं। ऐसे में कसोल को पूरी दुनिया में मिनी इजरायल का भी नाम दिया गया है।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में समोसा की सीआईडी जांच पर सियासत भी गरमा गई है। विपक्षी दल इस मामले को लेकर सड़कों पर उतर गए हैं। शिमला में भारतीय जनता युवा मोर्चा ने शनिवार को एक अनोखा मार्च निकाला। इस मार्च को 'समोसा मार्च' का नाम दिया गया। भाजयुमो ने शेरे पंजाब से समोसा मार्च निकाला। इस दौरान युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने लोगों को समोसे बांटे। युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कहा कि समोसों की जगह सरकार अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीआईडी से करवाए। युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तिलक राज ने कहा कि, 'हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस की सरकार ने पूरे देश में मजाक बनाकर रखा है पहले टॉयलेट टैक्स लगा दिया अब समोसा गायब हुआ और उसकी जांच सीआईडी से करवाई जा रही है। ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री की सीआईडी ऑफिस में बैठक हुई थी उसकी तो कहीं कोई चर्चा नहीं हुई, लेकिन फाइव स्टार होटल से जो समोसा मंगवाया गया था वो चर्चा का विषय बन गया और हिमाचल का पूरे देश में मजाक बन रहा है। भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने कहा कि, 'समोसों की जांच के बाद हिमाचल का सिर शर्म से झुक गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री का समोसा किसने खाया।इसकी जांच करवाने की जगह प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करवानी चाहिए। प्रदेश में आज नशा बढ़ रहा है। उसकी जांच सरकार को करवानी चाहिए। प्रदेश में ऐसे कई और ज्वलंत मुद्दे हैं, सरकार को इसकी जांच करवानी चाहिए, लेकिन कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वो खाने में विश्वास रखते हैं, देश को कई सालों तक कांग्रेस ने लूटा है और समोसे किसने खाए उसकी भी सीआईडी जांच करवा रहे हैं। आम लोग सोच रहे हैं कि आखिर राज्य में यह कैसी सरकार आ गई है, जिसे जनता के मुद्दे छोड़ समोसे की चिंता है। सरकार और सीआईडी को प्रदेश के गंभीर विषयों पर ध्यान देने की जरूरत है, न की समोसे पर।
तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू और कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने मुंबई में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, जब मैं महाराष्ट्र कांग्रेस कार्यालय पहुंचा तो पवन खेड़ा ने मुझे समोसा ऑफर किया। फिर मैंने पूछा कि यहां जो राजनीति हो रही है, वह समोसे पर है या विकास पर, महिलाओं के सम्मान पर। सच हमेशा झूठ का सामना करता है, लेकिन अंत में जीत सच की ही होती है। महाराष्ट्र की तरह ही हिमाचल प्रदेश में भी राज्यसभा चुनाव के दौरान 'ऑपरेशन लोटस' चलाया गया।
** कुछ जिलों में कोहरे का यलो अलर्ट हिमाचल में मौसम में आए बदलाव से ठंड बढ़ गई है। अधिकतम तापमान में पांच डिग्री की कमी दर्ज हुई है। शुक्रवार को प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में अधिकतम तापमान 30 डिग्री तक भी नहीं पहुंचा। सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान जिला सिरमौर के धौलाकुआं में 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। मंडी और बिलासपुर जिले के कई क्षेत्रों में शनिवार और रविवार को घना कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। अगले एक सप्ताह तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में चार से पांच डिग्री की कमी आने के आसार जताए गए हैं। 10 नवंबर तक प्रदेश में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। 11 नवंबर को मध्य और उच्च पर्वतीय आठ जिलों किन्नौर, लाहौल-स्पीति, शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू और चंबा में बारिश व बर्फबारी की संभावना है। वीरवार रात को ताबो में न्यूनतम पारा माइनस तीन डिग्री दर्ज हुआ। कल्पा और केलांग में भी रात के तापमान में कमी आई है। शुक्रवार सुबह और शाम सुंदरनगर, मंडी, बिलासपुर और शिमला में भी कोहरा छाया रहा। इससे मौसम में ठंड बढ़ गई है। शुक्रवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में दिन के समय धूप खिली। शाम को मौसम में बदलाव आने से कई क्षेत्र ठंड की चपेट में आए।
देहरा रायपुर छत्तीसगढ़ में भारतीय सड़क कांग्रेस अधिवेशन में पीएमजीएसबाई की नई तकनीक की जानकारी हेतु हिमाचल प्रदेश की तरफ से डा सुरेश वालिया ने प्रतिनिधित्व किया है। जानकारी के अनुसार रायपुर छत्तीसगढ़ में हुए इस अधिवेशन में पीएमजीएसबाई ओर कंक्रीट उपचारित बेस सड़को के वारे में जानकारी साँझा करना इस अधिवेशन का मुख्य लक्ष्य रहा, इस अधिवेश का शुभारंभ सड़क परिवहन मंत्री भारत सरकार नितिन गंडक़री ने किया। हिमाचल की ओर से डॉक्टर सुरेश वालिया ने इस कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुति दी इस दौरान उन्होंने हिमाचल में सीमेंट ट्रीटेड बेस नवीनतम तकनीक से किस तरह से भविष्य में सड़कों को बनाया जाएगा उसकी जानकारी देश भर से आए हुए डेलीगेट्स में सांझी की। वही पीएमजीएसबाई में पूरे प्रदेश भर में बनाई जा रही सड़को को आने वाले समय मे कैसे बनाया जाएगा उनकी नई तकनीक एवं डिजाइन के बारे में भी जानकारी प्रस्तुत की,वहीं डॉक्टर सुरेश वालिया को इस अधिवेशन में बेस्ट परफॉर्मर के पुरस्कार से भी नवाजा गया, जोकि हिमाचल प्रदेश के लिए खुद में एक गौरव की बात है। आपको बता दें डॉक्टर सुरेश वालिया इस वक्त देहरा में बतौर अधिशाषी अभियंता अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
** केंद्र सरकार ने जसवां परागपुर को दी फिर बड़ी सौगात एशियन डेवलपमेंट बैंक के सौजन्य से जसवां परागपुर क्षेत्र के कोटला बेहड में उठाऊ पेयजल योजना की स्वीकृति से स्थानीय निवासियों को केन्द्र सरकार से एक बड़ी सौगात मिली है । इस योजना के तहत 21 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि से हजारों की आबादी सीधे तौर पर लाभान्वित होगी । यह जानकारी पूर्व कैबिनेट मंत्री तथा जसवां परागपुर विस् क्षेत्र के भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर ने यहां जारी प्रेस व्यान में दी । उन्होंने बताया कि इस बड़ी योजना का लाभ जसवां क्षेत्र के 19 गांवों तथा आसपास के क्षेत्रों को भी मिलेगा ।लखारड़ा, नगोह करैंट, बैरी, हलेड़, कानपुर, रणोह , जण्डौर, महाला , गुम्मी , भोली, जखूणी, कस्वा , बेहड़, कोटला ख़ास, वडाला मैरा, भटेड़, अमरोह, कुठेड़ा, जोल तथा रिड़ी गांव इस महत्वपूर्ण योजना के लिए चिन्हित किए गए हैं । उन्होंने केंद्र से मिली मदद का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत जसवां परागपुर में 983 नए आशियानों का निर्माण होगा, वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने जसवां परागपुर की 4 मुख्य सड़कों के निर्माण हेतु 47 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं । विपक्ष का विधायक होने के उपरांत भी वे अपने विस क्षेत्र के विकास के लिए पूरी तरह वचनबद्ध हैं । केंद्र में मोदी सरकार की योजनाओं से प्रदेश में हर वर्ग को लाभ प्राप्त हो रहा है, जबकि सुक्खू सरकार ने प्रदेश को उन्नति के बजाय अवनति के गड्ढे में धकेल दिया है। बिक्रम ठाकुर ने कहा कि जहां-जहां कांग्रेस झूठ बोलकर सत्ता में आई है , वहां के प्रदेशों को कांग्रेस ने पूरी तरह बर्बाद और तवाह कर दिया है। हिमाचल में स्थिति यह है कि कर्मचारियों के सामने वेतन और पेंशन का संकट पैदा हो गया है। डीए का हक पाने के लिए कर्मचारियों को हिमाचल प्रदेश में आंदोलन करने पड़ रहे हैं। ओपीएस का ढोल पीट रही कांग्रेस अभी तक इसे पूरी तरह से लागू नहीं कर पाई है । अभी भी कई कर्मचारियों का एनपीएस कट रहा है । अब तो कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी मान लिया है कि सत्ता में आने के लिए झूठी गारंटियों से पार्टी को बचना होगा। आने वाले समय में देश और प्रदेश की जनता कांग्रेस की किसी भी घोषणा पर अब भरोसा नहीं करेगी।
ज्वालामुखी शहर में बने एक निजी होटल द्वारा अवैध निर्माण का मसला सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा था, जिसकी एक शिकायत ईओ ऑफिस ज्वालामुखी में पहुंची। आपको बता दें इस शिकायत में होटल संचालक द्वारा सरकारी भूमि पर होटल के कुछ हिस्से का अवैध निर्माण की बात कही गई थी, जिस पर अब एमसी देहरा के ईओ संदीप कुमार ने बड़ी कार्यवाई करते हुए उक्त होटल संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। वहीं उसे 30 दिन के अंदर जवाब देने की बात भी कही है। अगर होटल संचालक 30 दिन के अंदर संतुष्ट जनक जवाब विभाग या एम.सी ज्वालाजी को नहीं देता है तो विभाग आगे की कार्यवाई अमल में लाएगा। वहीं जानाकरी देते हुए ईओ ज्वालाजी संदीप कुमार ने बताया कि उनके पास एक शिकायत आई थी, जिसमें इस होटल के अवैध निर्माण की बात कही गई है। आपको बता दें यह शिकायत गुम्मर निवासी मुकेश कुमार द्वारा दी गई है, जिसपर विभाग ने एक्शन लिया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक से धोखाधड़ी के मामले में हिमाचल के बद्दी सहित अन्य 10 स्थानों पर दबिश दी है। यह कार्रवाई गुगलानी समूह की विभिन्न कंपनियों मेसर्स सुपर मल्टीकलर प्रिंटर्स प्राइवेट लि.और मेसर्स इन फूड्स प्राइवेट लि. और उनके निदेशक सुनील, सुमन गुगलानी सहित अन्य की ओर से किए दो बैंकों से धोखाधड़ी मामलों में हुई है। इससे बैंकों को 125.40 करोड़ और 53.88 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। ऋण लेने वाली कंपनियां मल्टीकलर ऑफसेट प्रिंटिंग और कंप्यूटर स्टेशनरी के व्यवसाय में लगी हुई थी। मामले की जांच के तहत ईडी ने बद्दी के साथ ही चंडीगढ़, पंचकूला (हरियाणा), मोहाली और अमृतसर (पंजाब), दिल्ली और अहमदाबाद (गुजरात) स्थित 11 परिसरों में तलाशी अभियान चलाया। आरोपियों पर एफआईआर के अनुसार पीएनबी, केनरा बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को कुल 179.28 करोड़ रुपये का जानबूझकर नुकसान पहुंचाने का आरोप है। धोखाधड़ी करने वाली कंपनियों ने ऋण लेने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। ईडी की तलाशी में कई नए बैंक खातों का पता चला है। साथ ही 3 लाख रुपए की नकदी, अपराध संकेती दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं।
*बारिश न होने से पौधों के सूखने की आशंका बीते दो माह से बारिश न होने के कारण हिमाचल में सेब के बगीचे सूखे की चपेट में आ गए हैं। पौधों की छाल उखड़ने लगी है, जिससे कैंकर रोग फैलने का खतरा पैदा हो गया है। बारिश नहीं हुई तो सेब के पौधों के सूखने की आशंका है और अगले सीजन में सेब की फसल पर भी इसका असर पड़ सकता है। प्रदेश में सेब की फसल के तुड़ान के बाद करीब दो महीनों से बारिश नहीं हुई है। इस तरह की परिस्थिति प्रदेश में कई वर्षो के बाद बनी है। सेब के पौधों में जो सामान्य वृद्धि देखने को मिलती थी, वह रुक गई है। पेड़ों की छाल में दरारें आनी शुरू हो गई हैं, जिनसे रस बह रहा है। इन परिस्थितियों में कैंकर फैलने का खतरा बढ़ गया है। अगले लंबे समय तक ऐसे हालात बने रहते हैं तो पौधे सूख भी सकते हैं।नमी का स्तर घटने से मिट्टी सख्त हो गई है और लाभकारी जीवाणु निष्क्रिय हो रहे हैं। यह जीवाणु पौधों के पोषण और वृद्धि के लिए जरूरी होते हैं। उद्यान विभाग और नौणी विश्वविद्यालय ने बागवानों को बगीचों की नियमित निगरानी की हिदायत दी है, ताकि बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकें। विषय विशेषज्ञ उद्यान, तकनीकी विशेषज्ञ सीपीएस डॉ. कुशाल सिंह मेहता ने बताया कि बीते दो महीने से बारिश न होने के कारण पौधों को नुकसान पहुंचना शुरू हो गया है। बागवानों को बगीचों में सिंचाई और मल्चिंग करने और कैंकर से बचाव के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करने का सुझाव दिया गया है। उच्च घनत्व पौधरोपण वाले बगीचों में टपक सिंचाई (ड्रिप इरिगेशन) की सुविधा उपलब्ध है तो नियमित अंतराल पर सिंचाई करें। बगीचों में सूखे घास की मोटी परत का मल्चिंग के तौर पर इस्तेमाल करें, ताकि वाष्पीकरण को रोककर नमी बनी रहे। जिन पौधों की छाल में दरारें आ चुकी हैं और रस बह रहा है, वहां कैंकर रोग से बचाव आवश्यक है। रोग के प्रसार को रोकने के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करें। इसके लिए 600 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराइड को 200 लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करें। यह फफूंदनाशी उपाय कैंकर के संक्रमण को रोकने में मदद करेगा और पौधों को स्वस्थ रखेगा।
मंडी: बीती महीने 23 अक्टूबर की रात को एक निजी नर्सिंग संस्थान के होस्टल की चौथी मंजिल से गिरकर नर्सिंग छात्रा अंजना की संदिग्ध मौत हो गई थी, जिसे लेकर उसके परिजनों ने एसपी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन कर खूब हंगामा किया। मौके पर मौजूद एएसपी मंडी सागर चंद्र व डीएसपी मंडी सुंदरनगर सहित अन्य पुलिस अधिकारी गुस्साए परिजनों को शांत कराते हुए नजर आए। इस दौरान गुस्साए पजिनों ने एसपी ऑफिस के अंदर घुसने का भी प्रयास किया, जिस पर पुलिस अधिकारियों ने गुस्साए परिजनों का शांत करवाया। इससे पहले परिजनों ने मंडी शहर में आक्रोश रैली निकाली और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। परिजनों का कहना है कि उनकी बेटी ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उसकी हत्या की गई है। परिजनों ने पुलिस पर केस को दबाने के आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस इस मामले के तथ्यों को छिपाने का काम कर रही है। मृतक अंजना के पिता भगत राम ने बताया, "जब मैं अपनी बेटी को अस्पताल लेकर गया तो देखा की उसके सिर पर चोटें आई हैं, जबकि हमें बताया गया था कि हमारी बेटी चौथी मंजिल से गिरी है। चौथी मंजिल से गिरने के बाद हमारी बेटी को केवल सिर पर ही क्यों चोटे आई? जबकि शरीर के अन्य अंग बिल्कुल ठीक हैं। वहीं, भगत राम ने कहा कि जिस दिन यह घटना हुई है, वहां पर हॉस्टल के सीसीटीवी कैमरे भी खराब बताए जा रहे हैं, जिससे जाहिर होता है कि इस मामले में पुलिस दबाव में आकर तथ्यों को छिपाने की कोशिश कर रही है। मृतका के परिजन बलदेव ठाकुर ने बताया, "शिकायत करने के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि सभी परिजन इस मामले में पुलिस का सहयोग करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। एफआइआर दर्ज करवाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। पुलिस कह रही है कि उन्हें घटना स्थल पर सबूत नहीं मिले हैं, जबकि हॉस्टल में मौजूद अन्य लड़कियां अगल-अलग ब्यान दे रही हैं। इस मामले में परिजनों ने जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार से उचित कार्रवाई की मांग उठाते हुए उन्हें न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। साथ ही परिजनों ने चेताया कि अगर उन्हें जल्द न्याय नहीं मिलता है तो वे सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। मंडी जिले के सराज क्षेत्र के गुराण गांव की अंजना ठाकुर सुंदरनगर में एक निजी शिक्षण संस्थान और हॉस्टल में अक्टूबर महीने में पहुंची थी। अंजना यहां पोस्ट बेसिक नर्सिंग में प्रथम वर्ष में थी। बीते 23 अक्टूबर की रात को अंजना रहस्यमयी परिस्थितियों में हॉस्टल की चौथी मंजिल से गिर गई। घायल अवस्था में अंजना को नेरचौक मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां से उसे पीजीआई और उसके बाद उसे चंडीगढ़ के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, मगर 25 अक्तूबर को इलाज के दौरान अंजना ने दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद परिजन उनकी बेटी की हत्या की आशंका के आरोप लगाते हुए पुलिस से उचित कार्रवाई की मांग कर रहे है। परिजनों का ये भी आरोप है कि पुलिस इस मामले में दबाव में आकर काम कर रही है।
राजधानी शिमला में पुलिस को चकमा देकर फरार हुए कैदी को गिरफ्तार कर लिया गया है। कैदी की पहचान सुंदर सिंह पुत्र चेतराम निवासी जब्बल जिला शिमला के रूप में हुई है। वह चैक बाउंस के एक मामले में एक साल के कारावास की सजा काट रहा था। पुलिस ने बीती रात करीब पौने दो बजे हीरानगर के पास चेली के जंगल से गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। यह घटना शुक्रवार दोपहर को पेश आई, जब कैदी को आईजीएमसी अस्पताल से उपचार के बाद वापिस कंडा जेल लाया जा रहा था। उसकी सुरक्षा में दो पुलिस कांस्टेबल तैनात थे। कैदी को सरकारी बस में आईजीएमसी से कंडा जेल ले जाया जा रहा था। इसी बीच उपनगर टूटू के पास हीरानगर पेट्रोल पंप के पास कैदी पुलिस को चकमा देते हुए बस से उतरकर फरार हो गया है। हालांकि पुलिस कर्मचारियों ने उसे पकड़ने की कोशिश की और काफी देर तक उसका पीछा किया, लेकिन वह उसे पकड़ने में कामयाब नहीं हो पाए। आनन-फानन में मामले की सूचना पुलिस स्टेशन बालूगंज और पुलिस के आला अधिकारियों को दी गई। फरार कैदी को पकड़ने के लिए पूरे क्षेत्र में नाकेबंदी कर दी गई है। वहीं हीरानगर के जंगल में उसकी तलाश की गई। पुलिस ने जिले के प्रवेशद्वारों पर भी नाकेबंदी कर दी थी। आधी रात के बाद चेली के जंगल में आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। एसपी शिमला संजीव गांधी ने शनिवार को बताया कि पुलिस हिरासत से भागे कैदी को बीती रात गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि कैदी के पुलिस हिरासत से भागने पर बालूगंज थाने में भारतीय न्याय संहिता की धारा 262 में मुकदमा दर्ज किया गया है।
हिमाचल हाईकोर्ट ने राज्य में अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए फॉरेस्ट गार्ड को पे फिक्सेशन स्केल 2022 का लाभ देने के आदेश जारी किए हैं। अदालत ने वर्ष 2022 से पहले अनुबंध के आधार पर नियुक्त किए गए वन रक्षकों के पक्ष में यह महत्वपूर्ण फैसला दिया है। वन रक्षकों को यह लाभ वर्ष 2020 से मिलेगा। अदालत ने कहा कि सरकार कर्मचारियों को उनके वित्तीय लाभ देने से वंचित नहीं रख सकती है।न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए अनुबंध पर लगे वर्ष 2021 से पहले कर्मचारियों को पे स्केल का लाभ दिए जाने के आदेश पारित किए हैं। अभी तक धर्मशाला सर्किल को 3 जनवरी 2022 का पे फिक्सेशन का लाभ दिया जा रहा था। अदालत के आदेश के बाद प्रदेश में 2022 से पहले नियुक्त किए गए सभी वन रक्षकों को यह लाभ मिलेगा। बता दें कि राज्य सरकार ने इन वन रक्षकों की नियुक्तियां वर्ष 2019 में अनुबंध के आधार पर की थीं। वर्ष 2021 में इनकी सेवाओं को स्थायी किया गया, लेकिन सरकार ने इन्हें 3 जनवरी 2022 के पे स्केल का लाभ नहीं दिया गया। इसी आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत से मांग की गई थी कि उनकी अनुबंध सेवाओं को स्थायी नियुक्ति के लिए गिना जाए और उन्हें 2022 के पे स्केल का लाभ दिया जाए। सरकार की ओर से कहा गया था कि 2022 का लाभ केवल स्थायी कर्मचारियों को ही दिया जाएगा। हिमाचल सरकार ने जिला न्यायाधीशों के वर्ग में कुल पदों की संख्या काडर ग्रेड पे के साथ 25 से बढ़ाकर 35 फीसदी कर दी है। इसके साथ ही जिन जिला न्यायाधीशों को सेवाएं करते 5 वर्ष हो चुके हैं, उन्हें चयन ग्रेड पे प्रदान किया जाएगा। हाईकोर्ट की ओर से जिला न्यायाधीशों के वर्ग से योग्यता व वरिष्ठता के आधार पर इस ग्रेड में नियुक्त करने के लिए चुने जाएंगे, उन्हें चयन ग्रेड में रखा गया है। उन्हें चयन ग्रेड जिला न्यायाधीश कहा जाएगा। जिला न्यायाधीशों के कुल पदों की संख्या 10 से बढ़ाकर 15 फीसदी की गई है। अधिसूचना के मुताबिक जिन जिला न्यायाधीशों की सेवाएं तीन साल से ज्यादा होंगी, उन्हें उच्च न्यायालय की ओर से योग्यता व वरिष्ठता के आधार पर वेतनमान दिया जाएगा और इन्हें सुपर टाइम स्केल जिला न्यायाधीश कहा जाएगा। हिमाचल प्रदेश न्यायिक अधिकारी वेतन, भत्ते और सेवा की शर्तें अधिनियम 2004 के नियम 3 की उपधारा (4) में संशोधन किया गया है।
सोलन पुलिस ने दोहरी दीवार के पास नाकेबंदी के दौरान एक जेन कार में सवार शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के दो युवकों के हवाले से सात ग्राम चिट्टा बरामद किया है। इस दौरान कार को पुलिस ने सीज कर दिया है। दोनों युवकों के आपराधिक रिकार्ड की जानकारी जुटाई जा रही है। सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार पिछली रात सिटी पुलिस चौकी टीम सोलन शहर के दोहरी दीवार के पास नाकाबन्दी पर मौजूद थी। इसी दौरान रात के दो बजे के करीब एक जेन कार धरमपुर की तरफ से आती दिखाई पड़ी। कार को पुलिस ने नाकेबंदी के दौरान रोका और उसकी तलाशी के बाद कार सवार दो युवकों को नीचे उतार कर उनकी भी तलाशी ली गई। इस दौरान उनके हवाले से सात ग्राम चिट्टा बरामद हुआ। पुलिस टीम ने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। कार को सीज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किये गए युवकों की पहचान शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के दत्तनगर क्षेत्र के निरसू गांव निवासी 26 वर्षीय गुलशन कुमार व दरकाली गांव के 24 वर्षीय प्रभु दयाल के रूप में हुई है। जांच के दौरान वारदात में संलिप्त गाड़ी जैन कार को जब्त करके कब्जा पुलिस में लिया गया । आरोपियों के पूर्व अपराधिक रिकार्ड की पड़ताल की जा रही है । गिरफ्तार दोनों आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया गया। उन्होंने बताया कि मामले में जांच जारी है और दोनों युवकों के पुराने आपराधिक रिकार्ड की जानकारी जुटाई जा रही है।
** कारोबारी के खिलाफ झूठी व भ्रामक खबरें प्रसारित करने के आरोप ** 1 लाख रुपए लेने के बाद पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी सिरमौर: पांवटा साहिब में कारोबारी की झूठी व भ्रामक खबरें प्रसारित करके पैसे ऐंठने वाले आरोपी पुलिस रिमांड बढ़ा दिया गया है , तीन दिनों के पुलिस रिमांड पर चल रहे दोनों आरोपियों जसवीर सिंह हंस और अशोक कुमार बहुता को आज अदालत में पेश किया गया था जहाँ से उन्हें फिर से चार दिनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ अब और शिकायतें मिलनी भी शुरू हो गयी है जिससे दोनों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। आरोपियों में खबरोवाला डॉट कॉम के नाम से वेबसाइट का सञ्चालन करने वाला जसवीर सिंह हंस और अशोका टाइम के नाम से वेबसाइट चलाने वाला अशोक बहुता पर आरोप है की उक्त दोनों आरोपियों ने अपने- अपने न्यूज प्लेटफार्म पर व्यवसाई के विरुद्ध जमीन से सम्बन्धित मामले में झूठी व भ्रामक खबरें प्रसारित करने की धमकी देकर जबरदस्ती 10 लाख रुपए की मांग की है । उक्त दोनों आरोपियों अशोक कुमार बहुता तथा जसबीर सिंह हंस ने इनसे 1 लाख रुपए ऐंठ भी लिए हैं। मामले के सम्बन्ध में शिकायतकर्ता ने ऑडियो तथा वीडियो साक्ष्य भी पुलिस को प्रस्तुत किए हैं । जिसके आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर हिरासत में ले लिया था। इससे पहले दोनों आरोपी शहर से फरार होने की फिराक में थे लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के चलते दोनों आरोपी पकडे गए। SSP सिरमौर रमन कुमार मीणा ने भी पांवटा थाना पहुँच कर जांच संबंधी आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए थे , जिसके बाद दोनो आरोपियों के घर में पुलिस ने दस्तक देकर आवश्यक सबूत खंगालने शुरू किए। पुलिस टीम दोनो आरोपियों की चल अचल संपत्ति की भी जांच करेगी साथ ही दोनों की बैंक खतों की भी जांच होगी। उपमंडल पुलिस अधिकारी IPS अदिति सिंह ने बताया की आज दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था जिन्हे 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है उन्होंने बताया की आरोपी जसबीर सिंह हंस पुलिस थाना पांवटा साहिब का एक हिस्ट्री शीटर अपराधी है, जबकि अशोक कुमार बहुता के विरुद्ध भी पुलिस थाना पांवटा साहिब में कई अभियोग पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया की आरोपियों के खिलाफ अन्य लोगो की शिकातयें भी मिलनी शुरू हुई है जिनकी जांच की जाएगी।
ज्वालामुखी उपमंडल के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गुम्मर में चल रहे एन एस एस स्पेशल कैम्प के दौरान स्वंयसेवकों ने परेड के गुर सीखे और इसके साथ ही विद्यालय परिसर में साफ सफाई भी की, इसके अतिरिक्त बौद्धिक सत्र में कार्यवाहक एसएचओ ज्वालामुखी नाजर सिंह ने बच्चों को नशे से दूर एवं विभिन्न जानाकरी दी। इस उपलक्ष्य पर प्रधानाचार्य जोगिन्दर कुमार,एन एस एस प्रभारी शिव राम और मीनाक्षी वर्मा मौजूद रहे।
सरकार द्वारा आमजन को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसें चलाई गई है। लेकिन विभाग इस सेवा को सही से चलाने में असमर्थ दिखाई दे रहा है। सोलन जिला के विभिन्न रूटों पर आये दिन निगम की कोई ना कोई बस नहीं जाती जिस से यात्री परेशान होते है। सोलन से बीशा चलने वाली बस विगत एक सप्ताह में चार दिन रूट पर नहीं गई जिस से करीब आधा दर्जन पंचायतों के सैकड़ों लोगों को परेशानियों से दो चार होना पड़ा । दफतर वालो से लेकर स्कूली बच्चों को इस बस सेवा के ना चलने से परेशानियों से दो चार होना पडा। ग्रामीणों के अनुसार बस के चालक की मनोपली के कारण नियमित बस नहीं चलती । इसी रूट पर बस के चालक का घर भी पड़ता है जिस वजह से वह अपनी मनोपली करता है व बस सेवा सुचारू नहीं चल रहीं है। इस रूट पर आने वाली ग्राम पंचायत धरोट की प्रधान कमलेश ने बताया कि विगत एक सप्ताह में सोलन से बीशा वाया बसाल शलूमना चलने वाली एचआरटीसी की बस चार दिन रूट पर नहीं आई जिस से ग्रामीणों को परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। जिस बारे में उन्होंने स्थानीय आर एम से भी बात की है। उन्होंने कहा कि अब वह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर इसकी शिकायत कर रहीं है क्यूकि इस बस सेवा के नियमित न चलने से दूरदराज के ग्रामीणों को भारी परेशानियों से दो चार होना पड रहा है। वहीं इस बारे जब आर एम सोलन सुरेन्द्र राजपुत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह इस प्रकरण में उचित जांच करेंगे कि क्यूं बस इस रूट पर नहीं जा रहीं है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई गई बसे आगे से मिस ना हो इस बात को वह स्वयं सुनिश्चित करेंगे।
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अमान्य विवाह से पैदा हुए बच्चों के अधिकार को लेकर महत्त्वपूर्ण व्यवस्था देते हुए कहा है कि अवैध संबंधों अथवा अमान्य वैवाहिक संबंधों से पैदा हुए बच्चों का पंजीकरण करने से इनकार करना गैरकानूनी है। कोर्ट ने नाबालिग बच्चों की ओर से दायर याचिका को स्वीकारते हुए कहा कि याचिकाकर्ता जीवित प्राणी हैं। इस तथ्य को कानून में स्वीकार किया जाना चाहिए। इसलिए उनके नाम संबंधित पंचायत के रिकार्ड में दर्ज किए जाने चाहिए। न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं के नाम पंचायत रिकार्ड में दर्ज करना हिंदू विवाह अधिनियम की धारा-16 के प्रावधानों के अनुरूप होगा, जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून को ध्यान में रखा गया है। कोर्ट ने प्रतिवादियों की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि चूंकि याचिकाकर्ताओं के माता-पिता के बीच विवाह विशेष विवाह अधिनियम की धारा-4 के प्रावधानों के मद्देनजर पंजीकृत नहीं किया जा सकता है और इस आधार पर याचिकाकर्ताओं के नाम पंचायत रिकार्ड में दर्ज नहीं किए जा सकते हैं। स्पष्ट रूप से गलत धारणा है और हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 16 (1) के महत्त्व का उल्लंघन करता है। मामले के अनुसार तीन नाबालिग बच्चों, जिनकी उम्र क्रमश: 12, नौ और पांच वर्ष है, ने अपनी मातृ प्राकृतिक अभिभावक के माध्यम से याचिका दायर कर प्रतिवादियों को पंचायत रिकार्ड यानी जन्म रजिस्टर और परिवार रजिस्टर में उनके नाम दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की थी।
राजकीय महाविद्यालय ढलियारा की NSS इकाई द्वारा आज साईबर क्राइम के संदर्भ में प्राचार्या डॉ अंजू आर चौहान की अध्यक्षता में एक लेक्चर का आयोजन किया गया। इस उपलक्ष्य पर हेड कांसटेबल योगेश्वर सिंह ने साइबर क्राइम के बारे में होने वाली घटनाओं के साथ इंटरलेट करते हुए अपने व्याख्यान से बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी सांझा की । कार्यक्रम अधिकारी सुरेश कुमार राणा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इस मौके पर प्रो.सुनीता शर्मा, प्रो संजीव जसवाल, प्रो.पीतांबर, डॉ देवेन महाजन भी उपस्थित रहे।
बेशक हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय जनजातीय क्षेत्र भरमौर में केसर की खेती के प्रयास में जुटा हो, लेकिन होली तहसील के दयोल गांव में एक रिटायर कर्मचारी ने यह अनूठा कारनामा कर दिखाया है। गांव के ब्रह्मनंद ने अपने सेब के बागीचे में केसर तैयार कर सबको हैरत में डाल दिया है। उन्हें केसर की खेती करने का आईडिया जल शक्ति विभाग में सेवाएं देने के दौरान ही आया था। अपने स्तर पर ही खेती संबंधी जानकारी जुटाने के बाद उन्होंने केसर का बीज जम्मू कश्मीर से लाया और फिर खेती करने में जुट गए। ब्रह्मनंद ने बताया कि एक बीघा जमीन पर वह पिछले दो-तीन वर्षों से केसर की खेती कर रहे हैं और इसके बेहतर परिणाम भी अब सामने आने लगे हैं। उनका कहना है कि मौजूदा समय में वह केसर एकत्रित कर रहे हैं और खरीददार घर से ही ले जाते हैं। ब्रहानंद जल शक्ति विभाग से बतोर बेलदार सेवानिवृत्त हुए हैं। वह हींग की खेती भी कृषि विश्वविद्यालय के मार्गदर्शन में कर रहे हैं।
कंपनी ने आठ महीने में तीन करोड़ से अधिक गोलियां बना डालीं। कंपनी के पास इन्हें बनाने का लाइसेंस है, लेकिन इन दवाओं की कहां-कहां खपत की गई, इसमें बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। मामले के तार यूपी, बिहार और महाराष्ट्र तक जुड़े हुए हैं। एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स यूपी, बिहार में दबिश देकर किंगपिन की तलाश कर रही है। इतना ही नहीं, फार्मा कंपनी पर टैक्स चोरी का भी गंभीर आरोप है, जिस दवा के एक डिब्बे की कीमत करीब 4200 रुपये है, उसकी कीमत 225 रुपये दिखाई गई। इसे राज्य सरकार को सीधे तौर पर करोड़ों की चपत लगाई है। मामला सामने आने के बाद थाना सीआईडी शिमला में मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश अमल में लाई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक यह कार्रवाई हाल ही में ड्रग कंट्रोल विभाग और एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स की ओर से की गई जांच के बाद हुई है। इसमें बड़ी मात्रा में ट्रामाडोल और अन्य नियंत्रित पदार्थों से युक्त दवाइयां अवैध तरीके से बेची जा रही थीं। मेसर्स मेडिक्रॉस लेबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड की ओर से संचालित इस फार्मास्युटिकल इकाई ने मेडिडोल एसआर, ट्रोहमा-100, प्रोक्सिमो-स्पास और अन्य साइकोट्रोपिक दवाओं का उत्पादन किया था। इकाई के खिलाफ यह जांच इसलिए शुरू की गई, क्योंकि सूत्रों ने बताया था कि यह दवाइयां बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं, जो मादक पदार्थों के दुरुपयोग का कारण बन सकती हैं। 28-29 सितंबर को ड्रग कंट्रोलर के निरीक्षण और एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स की टीम के साथ इस फार्मा यूनिट का दौरा किया गया, जहां पाया गया कि इकाई में उत्पादित दवाइयां विभिन्न राज्यों में थोक विक्रेताओं को बिना उचित रसीदों और रिकॉर्ड के बेची जा रही थीं। कुछ विक्रेताओं के दस्तावेज भी संदिग्ध पाए गए । इन दवाओं को अन्य राज्यों में भी आपूर्ति की जा रही थी। विशेष रूप से, ऊना स्थित एक फार्मास्युटिकल्स को मेडिडोल-एसआर टैबलेट और अन्य दवाइयां भेजी गई थीं, जहां ड्रग इंस्पेक्टर ने एक छापे में अवैध रूप से स्टॉक कंट्रोल्ड ड्रग्स जब्त कीं। फार्मास्युटिकल्स के मालिक और अन्य आरोपी इस अवैध कारोबार में शामिल पाए गए, जिनके पास बिक्री और आपूर्ति से संबंधित कोई उचित रिकार्ड नहीं था। साइकोट्रॉपिक दवाएं मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकारों के इलाज के लिए उपयोग की जाती हैं।
सोलन: 8 नवंबर को सोलन के दुर्गा क्लब में एक निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है। शिविर का आयोजन एमएमयू सोलन और रोटरी क्लब सोलन के द्वारा किया जाएगा। सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक चलने वाले इस शिविर में मुफ्त ईसीजी, ब्लड शुगर और दवाइयां भी उपलब्ध होंगी। इस जांच शिविर में कार्डियोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. सी.बी. पांडे और मेडिसिन के एचओडी डॉ. किरण कुमार सिंगल विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।
भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ कुनिहार ईकाइ की बैठक आज ईकाइ अध्यक्ष आर पी जोशी की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में ईकाइ के अध्यक्ष ने चर्चा के दौरान सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार को सभी विभागों के रिक्त पदों को शीघ्र अति शीघ्र भरना चाहिए ,और हिन्दूओ का पर्व दीपावली भी निकल गया परन्तु सरकार ने हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के पैंशनरो को पैंशन तक नहीं दी जो बहुत ही शर्म की बात है। और सरकार ने हिमाचल विद्युत विभाग के अधिकारियों के क़रीब 55 पद कम करने के आदेश दिए हैं जो बहुत ही वांछनीय फ़ैसला है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। जिससे प्रत्येक व्यक्ति को परेशानी होगी सरकार इस आदेश को तुरंत वापस ले और सरकार विद्युत विभाग कर्मचारियों ओर पैंशनरो के वित्तीय लाभ शीघ्र जारी करे। उन्होंने कहा कि सरकार जनवरी 2016 से 2022के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की बकाया राशी का भुगतान एक मुश्त करने के आदेश जारी करे और बकाया तीन महंगाई भत्ते की किश्तों को भी जारी करने की कृपा करे। अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने अभी तक सरकारी कर्मचारियों और पैंशनरो का पिछला एरियर जुलाई 2022 से लेकर आज तक 30 महीने का और जनवरी 2023 से आज तक 23 महीनों का एरियर के भुगतान के संदर्भ में कुछ ज़िक्र नही किया कि एरियर का भुगतान कब किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की अधूरी घोषणा सरकार की विफलता को दर्शाती है। मुख्यमंत्री पूर्ण रूप से फेल हो चुके हैं। बैठक में ओम प्रकाश गर्ग,ओम प्रकाश राणा,.चेत राम तनवर, श्यामा नंद शाडील,सुशील कुमार भारद्वाज,भगवान सिंह वर्मा,तारा चौधरी,विद्या गर्ग,अशोक कुमार,जिया लाल,और सोहन लाल आदि पेंशनर उपस्थित रहे।
बिलासपुर/सुनील: वर्ष 2024 की नीट. (यू. जी.) परीक्षा में अपनी सफलता का डंका बजाकर इस बार मिनर्वा शिक्षण व कोचिंग संस्थान, घुमारवीं के कुल 52 होनहार प्रदेश व प्रदेश के बाहर स्थित सरकारी मेडिकल संस्थानों में अपनी-अपनी एम. बी. बी. एस., डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगे। मिनर्वा शिक्षण संस्थान से कोचिंग प्राप्त कर साक्षी का चयन बहुप्रतिष्ठित मैडिकल संस्थान, एम्स. बिलासपुर में हुआ है। इसी तरह मिनर्वा शिक्षण व कोचिंग संस्थान घुमारवीं में अपनी मेहनत और लग्न के बूते, कनुप्रिया, नितिन, प्रद्युमन, प्रशम, राहुल, रिया, रिज़वान, संचित, शिवम, सुजल, तमन्ना, तथा उदय का चयन आई. जी. एम. सी., शिमला में हुआ है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए 6 बच्चों; अनमोल, खुशी, प्रियल, शिवानी, स्वास्तिका तथा युविका का चयन आर. पी. जी. एम. सी., टाण्डा, जिला कांगड़ा में हुआ हैं। 4 बच्चे; दिशा, हार्दिक, केशव तथा शुभम अपनी एम. बी. बी. एस. की पढ़ाई एस. एल. बी. एस. जी. एम. सी., नेर चौक, जिला मण्डी से करेंगे। 10 होनहार आकांक्षा, अनामिका, अरनव, धारणा, दिक्षित, पूजा, रितिका, शीतल, स्वाति तथा रिया का चयन वाई. एस. पी. जी. एम. सी., नाहन, जिला सिरमौर में हुआ है। 6 अभ्यर्थियों आर्यन, अनामिका, रितिका, रिया, शौर्य तथा तेंजिन का चयन आर. के. जी. एम. सी., हमीरपुर में हुआ है। इसी तर्ज पर 11 बच्चों; पलक, आदित्य, अरिशा, जागृति, कामाक्षा, पलक, राशी, स्मृति, शशांक, शिवांकित तथा कलश का चयन जे. एल. एन. जी. एम. सी., चम्बा में हुआ हैं। इसके साथ-साथ दो बच्चों, इशेन का चयन एस. एम. सी., लखिमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश व तनिष्का का चयन जी. एम. सी. उधमपुर, जम्मू व कश्मीर में हुआ है। इस सफलता के अवसर पर मिनर्वा शिक्षण संस्थान के संस्थापक व संयोजक परवेश चन्देल व राकेश चन्देल ने सभी चयनित विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को शुभकामनाएं देते हुए सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए शुभाशिर्वाद प्रदान किया। उन्होने संस्थान में कार्यरत कर्मचारियों का भी अभिवादन किया जो कि दिन-रात बच्चों का भविष्य संवारने में लगे रहते हैं, साथ ही चन्देल बन्धुओं ने मिनर्वा से शिक्षा प्राप्त कर चुके और जो अभी शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थी हैं उनके माता-पिता व अभिभावकों का भी धन्यवाद किया, क्योंकि जिस भी मुकाम पर आज मिनर्वा घुमारवीं है उस में इन सब का और समाज के सभी वर्गों का बहुत बड़ा योगदान है।
मंडी जिला के रिवालसर स्थित कोठी गैहरी गाँव के साधारण परिवार में जन्मी करिश्मा ठाकुर ने सेना में लेफ्टिनेंट बनकर परिवार का नाम रौशन किया है, जिससे क्षेत्र में खुशी की लहर है। करिश्मा का जन्म किसान परिवार में हुआ था, वहीं वर्ष 2020 में कोठी गैहरी सरकारी विद्यालय से 12वीं की पढ़ाई करने के बाद स्नातक तक की शिक्षा वल्लभ राजकीय महाविद्यालय मंडी से प्राप्त करने के साथ ही परास्नातक की अंतिम वर्ष की पढ़ाई अभी चल रही है।करिश्मा का लेफ्टिनेंट बनने का सपना नेशनल कैडेट कोर के माध्यम से पूर्ण हुआ अब दिसंबर माह में ऑफिसर प्रशिक्षण चैनई अकेडमी में होगा। करिश्मा ठाकुर के सेना में लेफ्टिनेंट बनने पर उनके माता द्रुमति देवी, भाई तनूज ने खुशी जाहिर की है,और पूरे गांव को पल्लवी पर गर्व है। करिश्मा ने अपने परिवार और शिक्षकों को धन्यवाद करते हुए युवाओं को सन्देश देते हुए कहा कि आप सभी अपने लक्ष्य को पूर्ण कर सकते हैं बेशर्ते आपको उसके लिए सहज होने की आवश्यकता होती है।
हिमाचल में ग्रामीणों के लिए पशुपालन अब और भी फायदेमंद साबित होने जा रहा है। पशुपालकों को अब दूध की बिक्री के अलावा गोबर बेचने से भी इनकम होगी। हिमाचल में साल 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद किसानों से गोबर खरीदने का वादा किया था। ऐसे में ग्रामीणों की आर्थिक मजबूत करने के लिए अब सुक्खू सरकार किसानों से गोबर खरीदकर अपनी एक और गारंटी को पूरा करने जा रही है। इसके लिए कृषि विभाग ने किसानों से गोबर खरीदने की अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक सरकार नवंबर महीने के अंत तक किसानों से गोबर खरीद की प्रक्रिया को शुरू कर देगी। इसके लिए कृषि विभाग ने दिल्ली की एक कंपनी को शॉर्टलिस्ट कर दिया है। जो किसानों से गोबर ख़रीदेगीं । कृषि विभाग ने गोबर खरीद के लिए कंपनियों से आवेदन मांगे थे, जिसमें से दिल्ली की कंपनी को गोबर खरीद के लिए चुना गया है। हिमाचल में किसानों को अब गोबर बेचने से भी आय प्राप्त होगी। प्रदेश की सुक्खू सरकार किसानों से 3 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर खरीदेगी। कृषि विभाग इसकी खाद तैयार कर बागवानों को 12 रुपए किलो के हिसाब से बेचेगी। प्रदेश में लगातार बागवानी क्षेत्र में विस्तार हो रहा है, जिस कारण गोबर की लगातार मांग बढ़ रही है। बता दें कि कंपनी किसानों से 5, 10, 25 और 50 किलो की पैकिंग में गोबर खरीदेगी। इसके लिए कंपनी को चार से पांच रुपए अदा किए जाएंगे। गोबर खाद की बाकायदा टेस्टिंग भी होगी। प्रदेश में अब बारिश होने के बाद बगीचों में तौलिया बनाने का काम शुरू हो जाएगा। इसी तरह से रबी सीजन में गेहूं समेत अन्य फसलों की बिजाई होनी है, जिसके लिए किसानों को गोबर से बनी खाद की जरूरत होगी। जो कि कंपनी द्वारा पूरी की जाएगी।
** कंपनियों से करोड़ों रुपये अग्रिम मिलेंगे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी) के होटलों में कमरों की बुकिंग निजी कंपनी करेगी और इसके एवज में निगम को करोड़ों रुपये एडवांस देगी। पर्यटन विकास निगम निदेशक मंडल की बैठक में बुकिंग का काम निजी कंपनी को सौंपने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। बैठक की अध्यक्षता निगम के चेयरमैन रघुवीर सिंह बाली ने की। बैठक के बाद बाली ने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार निजी होटल समूहों से स्पर्धा के लिए कमरों की बुकिंग निजी ऑनलाइन कंपनी को सौंपने का फैसला लिया है। निगम को करोड़ों रुपये अग्रिम मिलेंगे, जिससे होटलों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। होटलों और रेस्टोरेंट के लिए जरूरी सामान की खरीद पर सालाना 30 करोड़ खर्च होते हैं। सेंट्रल बाइंग यूनिट के जरिये केंद्रीकृत तरीके से कंपनियों के साथ मोलभाव कर छूट ली जाएगी, इससे सालाना 5 करोड़ बचेंगे। घाटे में चल रहे निगम के रेस्टोरेंट्स का संचालन निजी हाथों में सौंपा जाएगा, लेकिन मालिकाना हक पर्यटन निगम का ही रहेगा। निदेशक मंडल ने कुल्लू और मनाली के चार होटलों को पूरी तरह नए तरीके से बनाने का फैसला लिया है। मनाली क्लब हाउस में आइस स्केटिंग रिंक भी बनेगा। निदेशक मंडल के सदस्यों के अलावा प्रबंध निदेशक डाॅ. राजीव कुमार और महाप्रबंधक अनिल तनेजा माैजूद रहे। आरएस बाली ने कहा कि पर्यटन निगम कर्मी उनके परिवार के सदस्य हैं। कर्मचारियों के हित में ही ग्रेच्युटी 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की गई है। पेंशन 3500 से बढ़ाकर 9000 की गई है। इतना ही नहीं ,कर्मचारी की मौत पर एक्स ग्रेशिया ग्रांट भी 75,000 से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये की गई है। मुख्यमंत्री से अनुमति लेकर सेवानिवृत वरिष्ठ आईएएस अधिकारी तरुण श्रीधर से मैंने निगम के हित में सुझाव देने का आग्रह किया था। प्रोजेक्टों में सलाहकारों पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं लेकिन तरुण श्रीधर बिना कोई पैसा लिए पर्यटन निगम की वित्तीय स्थिति सुधारने के सुझाव देंगे। श्रीधर के अनुभव से निगम को जरूर लाभ होगा। निदेशक मंडल ने आउटसोर्स पर तकनीकी स्टाफ की भर्ती का फैसला लिया है। इससे जहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, वहीं होटल सुविधाओं की गुणवत्ता सुधरेगी। किचन में फूड कंट्रोलर, एफएंडबी मैनेजर, हाउस कीपिंग मैनेजर पदों पर तकनीकी स्टाफ के अलावा शेफ भी भर्ती होंगे।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि नए अस्पताल खोलने के बजाय 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों का डॉक्टर घर पर उपचार करेंगे। इसके लिए हिमाचल सरकार योजना तैयार कर रही है। आगामी बजट में योजना के लिए प्रावधान तय होंगे, ताकि बुजुर्गों को घर पर ही निशुल्क उपचार मिल सके। सीएम ने डोर स्टेप उपचार नाम की इस योजना की घोषणा हमीरपुर जिले के नादौन की पुतड़ियाल पंचायत में सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में की। कार्यक्रम के दौरान पुतड़ियाल में स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने की मांग लोगों ने की तो सीएम ने डोर स्टेप योजना का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जनता के लिए कांग्रेस सरकार गारंटियों से बढ़कर योजनाएं ला रही है। प्रदेश आत्मनिर्भर बन रहा है। राज्यसभा चुनाव के दौरान पार्टी में हुई राजनीतिक हलचल का जिक्र करते सीएम ने कहा कि जनता के हितों के लिए उन्हें पार्टी में आंतरिक विरोध भी सहना पड़े तो पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि जयराम सरकार ने 5 साल में कौड़ियों के भाव हिमाचल के हित बेचे हैं। सरकार ने केंद्र से 20 हजार करोड़ रुपये लेने हैं। बीबीएमबी से 4,500 करोड़ लेने हैं। कर्मियों के एनपीएस का 9,000 करोड़ केंद्र के पास है। भाजपा सरकार ने अनावश्यक 900 संस्थान खोले, लेकिन शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र की दुर्गति कर दी। सीएम ने कहा कि देहरा को पर्यटन की दृष्टि से भी संवारने के लिए 100 करोड़ का प्रोजेक्ट जल्द ही यहां शुरू किया जाएगा। पौंग झील में सालभर पानी रहता है। इसलिए वहां पर शिकारा, हाउस बोट, जैटी और क्रूज चलाए जाएंगे। इससे पर्यटन कारोबार बढ़ेगा। सुक्खू ने भविष्य में उनके चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि पूरा प्रदेश मेरा घर है और मैं कहीं से भी चुनाव लड़ सकता हूं। अभी मेरा गृह क्षेत्र नादौन है। देहरा में मेरी धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर का मायका है। इसलिए उन्होंने यहां से चुनाव लड़ा। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं उनकी जगह चुनाव लड़ूंगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंगलवार को देहरा में मुख्यमंत्री कार्यालय का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि लोगों को अब अपने कार्य करवाने के लिए शिमला नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यहां के लोगों का विकास सरकार की प्राथमिकता है।
हाईकोर्ट ने राज्य में दवाइयों की गुणवत्ता मापने के लिए सरकार को क्यूआर कोड की व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं। कोड से उत्पादन तिथि, एक्सपायरी डेट, जिस यूनिट में बनी उसका ब्योरा, बैच संख्या और जिस कंपोनेंट से बनाई गई उसकी जानकारी और कितने समय तक इसका उपयोग किया जाएगा, इसका पता चलेगा। उपभोक्ताओं को भी दवाइयों की जानकारी मिलेगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राज्य और केंद्र सरकार को दवा की गुणवत्ता से संबंधित, निर्माता कंपनियों और लाइसेंस जारी करने के बारे में कड़े नियम बनाने को कहा है। कोर्ट रूम में दवाइयों के बार कोड को जांचा गया, जिससे पता चला कि बार कोड पर सारी जानकारी उपलब्ध नहीं होती है। महाधिवक्ता अनूप रतन ने बताया कि कोर्ट के आदेशों से जुड़ी जानकारियों की सरकार बुधवार को अधिसूचना जारी करेगी। सरकार की ओर से डिप्टी ड्रग कंट्रोलर ने अदालत में स्टेटस रिपोर्ट दायर की। कोर्ट ने पूछा कि दवा निरीक्षण के लिए कितने अधिकारी हैं। ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि 39 ड्रग इंस्पेक्टर, 6 सहायक इंस्पेक्टर, एक दवा नियंत्रक है। 5 पद खाली हैं। कोर्ट ने सरकार को कहा कि पूर्णकालिक ड्रग कंट्रोलर नियुक्त करने पर विचार करे, जिससे प्रदेश में बन रहीं दवाइयों की गुणवत्ता बढ़ाई जाए। कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह में रिपोर्ट पेश करे। अदालत ने कहा कि सरकार दवा निर्माता कंपनियों और टेस्टिंग लैब के लाइसेंस देने के मापदंड बताए। सरकार को रजिस्टर तैयार करने के आदेश दिए, जिससे संबंधित अधिकारी की जवाबदेही सुनिश्चित हो। अभी दवाइयों की सैंपलिंग और टेस्टिंग दो तरह से होती है। पहला इन हाउस निर्माता कंपनी और दूसरी टेस्टिंग सरकार की ओर से मंजूर लैब से होती है। लैब से मंजूरी पर दवाइयां मार्केट में बेची जाती हैं। बाजार में आने के बाद सैंपल फेल पाए गए हैं। अदालत ने इसे दुरुस्त करने को कड़े नियम बनाने के आदेश दिए, ताकि लोगों के जीवन से खिलवाड़ न हो।
डाडा सीबा में मंगलवार को मत्स्य अधिकारी विकास चंद्रा की अध्यक्षता में एक दिवसीय जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें कांगडा के मत्स्य विभाग द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड व NFDP नैशनल फिशरीज डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत पंजीकरण की जानकारी व आम जनता को जागरुकता के लिए एक दिवसीय कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप में पोंग जलाशय में कार्य कर रहे मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ व भारत सरकार के NFDP पोर्टल पर पंजीकरण करवाने की अनिवार्यता के बारे मे बताया गया। इस कैंप में कांगडा सहकारी बैंक की और से विश्वजीत सिंह, NFDP की और से संदीप कुमार और मत्स्य विभाग की और से मत्स्य अधिकारी विकास चंद्रा उपस्थित रहे।
सोमवार को हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के अंबेडकर चौक पर वोकेशनल टीचर्स ने प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले हुआ। वहीं, वोकेशनल टीचर्स के धरने पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने भी प्रतिक्रिया दी है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि पिछले महीने ही अक्टूबर की बात है और उस वक्त इनका प्रतिनिधिमंडल मेरे पास आया था और उनकी मुख्य मांग थी कि हमारी सैलरी में बढ़ोतरी की जाए और उस बात को देखते हुए हमने लगभग 2000 के आसपास की इसमें बढ़ोतरी की थी और एरिया से संबंधित भी, क्योंकि वर्तमान में 17 हमारी कंपनी है, जिनके माध्यम से लगभग कोई दो ढाई हजार हमारे वोकेशनल ट्रेनर्स पूरे हिमाचल प्रदेश में लगे हैं। वो 17 में से 16 कंपनियों ने अपना एरियर समय पर दे दिया था। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा एक कंपनी जो मुझे बताया गया है उसने मैं समझता हूं वो समय पर अपना एरियर नहीं दिया है और उससे संबंधित हमारे विभाग ने समग्र शिक्षा के डायरेक्टर ने उनके एक्सप्लेनेशन कॉल भी कर दी है और भविष्य में मैं समझता हूं अगर इसी तरह से उनका रोल रहेगा, इस तरह की नकारात्मक सोच के साथ वो कंपनी कार्य करेगी तो निश्चित रूप में आने वाले समय में उस कंपनी को डिबार किया जाएगा। मेरा सभी वोकेशनल ट्रेनर्स से यही आग्रह है कि आप इस हड़ताल को इमीडिएट इसको कॉल ऑफ करें और अपने अपने स्कूलों में जाकर मैं समझता हूं जो इस पद पर आपको लगाया गया है वहां पर अपनी सेवाएं प्रदान करें।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत ऊना जिले के एक गांव को मॉडल सोलर गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। इस योजना के तहत गांव में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और बिजली की जरूरतों को स्वच्छ ऊर्जा से पूरा करने के लिए एक करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। जिला स्तर पर योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए गठित समन्वय समिति (डीएलसीसी) के अध्यक्ष और उपायुक्त जतिन लाल ने यह जानकारी दी। उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत चयनित गांव को सौर ऊर्जा पर आधारित एक आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीणों को सस्ती और स्वच्छ बिजली प्रदान करना है। साथ ही, गांव में उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर आर्थिक लाभ प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा। योजना के तहत जिले में 2 हजार की आबादी वाले गाँवों में से एक गाँव का चयन करने की शर्त है। 2011 की जनगणना के मुताबिक जिले में ऐसे 32 गांव हैं जिनकी जनसंख्या 2000 से अधिक है। ऐसे में योजना को व्यापक बनाने के लिए इसमें ग्राम पंचायतों को शामिल करने का उच्च स्तर पर आग्रह किया गया है। उपायुक्त ने बताया कि मॉडल सौर गांव में सामुदायिक सौर संयंत्र, रूफटॉप सोलर प्लांट, सोलर पंपिंग सिस्टम, घरों में सोलर लाइट्स और गांव में स्ट्रीट लाइट्स लगाने जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। इसे लेकर सोमवार सांय हुई बैठक में योजना की प्रगति और जिले में इसके कार्यान्वयन की रणनीति पर चर्चा की गई। उपायुक्त ने बताया कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को उनके छतों पर 3 किलोवाट तक की क्षमता वाले ग्रिड-कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट पर सब्सिडी मिलेगी। 2 किलोवाट तक की क्षमता पर प्रति किलोवाट 33,000 रुपये और अतिरिक्त 1 किलोवाट पर 19,800 रुपये की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत घर में उत्पादित सौर ऊर्जा का उपयोग घर की बिजली की जरूरतों को पूरा करने में किया जा सकेगा। सौर संयंत्र से उत्पादित अतिरिक्त बिजली को भी ग्रिड में भेजने का विकल्प उपलब्ध रहेगा, जिससे गांव के निवासियों को और अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा। बैठक में सहायक आयुक्त वरिंदर शर्मा, हिम ऊर्जा के परियोजना निदेशक और डीएलसीसी के सदस्य सचिव सोहन लाल सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधायक देहरा कमलेश ठाकुर व विधायक ज्वालामुखी संजय रतन की मौजूदगी में देहरा में एसपी कार्यालय और मुख्यमंत्री कार्यालय का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने लोगों की समस्याएं भी सुनी। मुख्यमंत्री ने एसपी कार्यालय व मुख्यमंत्री कार्यालय खोलने से पहले अपनी धर्मपत्नी विधायक कमलेश कुमारी के साथ ज्वालामुखी मंदिर में माता ज्वाला का आशीर्वाद लिया। उनके साथ विधायक ज्वालामुखी संजय रत्न विशेष तौर पर मौजूद रहे। इसके साथ एसडीएम ज्वालामुखी संजीव कुमार, मन्दिर अधिकारी मनोहर लाल शर्मा, नगर परिषद अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा व अन्य कई अधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी धर्मपत्नी सहित माता ज्वालामुखी की पूजा अर्चना की। पुजारी व न्यास सदस्य अविनेद्र शर्मा द्वारा विधिवत्त पूजा अर्चना करवाई गई और माता का प्रसाद दिया गया। मंदिर न्यास की तरफ से मुख्यमंत्री को माता की चुनरी व माता की तस्वीर भेंट की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने चुनावों से पहले देहरा की जनता के साथ जो वादे किए थे उन्हें पूरा किया है। आज देहरा में एसपी कार्यालय व मुख्यमंत्री कार्यालय का उद्घाटन होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि देहरा में एससी लोकनिर्माण विभाग, एससी इलेक्ट्रिसिटी व एससी आईपीएच के कार्यालय भी खोल दिए गए हैं, देहरा की जनता के साथ जो कुछ भी कहा गया था वह पूरा किया गया है। उन्होंने कहा इससे पहले धर्मशाला व नूरपुर में ही यह कार्यालय थे इन कार्यालय के खुलने से देहरा की जनता को बहुत लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही देहरा को पर्यटन की दृष्टि से भी संवारने के लिए 100 करोड़ का प्रोजेक्ट जल्द ही यहां शुरू किया जाएगा और देहरा पर्यटन की दृष्टि से भी उभरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पौंग विस्थापितों को उनका अधिकार दिलवाने की दृष्टि से भी सरकार प्रयासरत है, उनको भी जल्द ही उनका अधिकार मिलेगा।
** कार्यक्रम में बच्चों ने देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति को दर्शाया सोलन: बीते 19 अक्टूबर शनिवार को द गुड शैफर्ड स्कूल धर्जा द्वारा दसवें सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चंद्र मोहन शर्मा जी थे। नौणी पंचायत प्रधान मदन हिमाचली , बलदेव ठाकुर, नरेश भाटिया आदि ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में शिरकत पेश की। गुड शैफर्ड स्कूल की प्रधानाचार्या लोरेटा एलिस व उप -प्रधानाचार्या पेटुला कोरया ने इस समारोह का संचालन किया। समारोह की शुरुआत अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित करके की गई। इसके बाद स्कूल के विद्यार्थियों ने “स्वागत नृत्य ”के द्वारा सांस्कृतिक समारोह की शुरुआत की। सर्वप्रथम नर्सरी कक्षा के नन्हे मुन्ने बच्चों ने “यू आर माई सनशाइन” नृत्य के द्वारा अभिभावकों का मन मोह लिया। इसके उपरांत स्कूल के विद्यार्थियों के द्वारा देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति को दर्शाया गया, जिसमें डांडिया ,कथक ,भांगड़ा , राफ, मांडो, नाटक ,नाटी व योग ने सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम के दौरान उन सभी विद्यार्थियों, अभिभावकों व स्टाफ को भी सम्मानित किया गया जो निरंतर 10 वर्ष से गुड शैफर्ड स्कूल पर अपना विश्वास बनाए रखें हैं। तत्पश्चात मुख्य अतिथि चंद्र मोहन शर्मा ने अपने संबोधन में सभी बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की जमकर सराहना की तथा द गुड शैफर्ड स्कूल धर्जा को सोलन के उन सभी उन्नत स्कूलों में शामिल होने के लिए स्कूल की प्रधानाचार्या व उप -प्रधानाचार्या के अथक प्रयासों की प्रशंसा व सराहना की तथा स्कूल को शीघ्रता से और अधिक विकसित होने के लिए शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के अंत में स्कूल के अध्यापकों व विद्यार्थियों ने मिलकर “ग्रैंड फिनाले” की प्रस्तुति दी,सभी मुख्य अतिथियों, अभिभावकों व बच्चों ने इस वार्षिक समारोह का आनंद लिया।
मंडी: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित समेकित बाल विकास सेवाएं योजना के अंतर्गत प्रदान की जा रही सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय सदर में 15 आंगनवाड़ी केंद्रों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के रिक्त पड़े पद भरे जाने हैं। यह जानकारी बाल विकास परियोजना अधिकारी सदर वंदना शर्मा ने दी। बाल विकास परियोजना अधिकारी सदर वंदना शर्मा ने कहा, "रिक्त पदों को भरने के लिए इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन अपेक्षित हैं। आंगनवाड़ी केंद्र कलैड़ में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा आंगनवाड़ी केंद्र संदोआ, रूहंज, पक्का परूआ, पंजेठी, छनवाड़ी, तवाम्बड़ा, गड्डल, टिल्ली, मट्ट, थनेहड़ा, घ्राण, खछणी, नगवांई व झाखड़ में आंगनवाड़ी सहायिका के पद भरे जाने हैं। इच्छुक पात्र महिला उम्मीदवार सादे कागज पर आवेदन पत्र के साथ समस्त प्रमाण पत्रों की सत्यापित छाया-प्रतियों सहित 14 नवंबर, 2024 तक बाल विकास परियोजना अधिकारी सदर कार्यालय में आवेदन कर सकती हैं। वहीं, वंदना शर्मा ने कहा, "आंगनवाड़ी केंद्र खछणी, नगवांई व झाखड में पद भरे जाने के लिए साक्षात्कार 19 नवंबर 2024 को बाल विकास परियोजना अधिकारी, मंडी सदर के कार्यालय में प्रातः 10 बजे साक्षात्कार होंगे। जबकि आंगनवाड़ी केंद्र कलैड़, संदोआ, रूहंज, पक्का परूआ, पंजेठी, छनवाड़ी, तवाम्बड़ा, गड्डल, टिल्ली, मट्ट, थनेहड़ा तथा घ्राण के लिए साक्षात्कार एसडीएम कार्यालय मंडी सदर के कार्यालय में 11 बजे निर्धारित किए गए हैं। सभी इच्छुक उम्मीदवारों को निर्धारित तिथि को कार्यालय में व्यक्तिगत रूप में सभी वांछित दस्तावेजों सहित उपस्थित होना होगा। वंदना शर्मा ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 10 हजार रुपए, जबकि आंगनवाड़ी सहायिका को 5500 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा, जिस आंगनवाड़ी केंद्र के लिए आवेदन किया है, प्रार्थी का नाम उस आंगनवाड़ी केंद्र के परिवारों की सूची में शामिल होना आवश्यक है। साथ ही आवेदनकर्ता की आयु 18 से 35 वर्ष के मध्य होना आवश्यक है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आंगनवाड़ी सहायिका के पदों के लिए शैक्षणिक योग्यता बारहवीं पास निर्धारित है। इसके साथ ही उम्मीदवार की पारिवारिक वार्षिक आय 50 हजार से अधिक नहीं होनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय दूरभाष नंबर 01905-225540 पर संपर्क किया जा सकता है।
कुनिहार उप इकाई की मासिक बैठक इकाई प्रधान ई. रत्न तँवर की अध्यक्षता में आयोजित हुई । मिटिंग में दूर दूर से आए हुए सदस्यों ने भारी उत्साह से भाग लिया तथा कुछ नए सदस्यों ने भी एसोसिएशन की सदस्यता ग्रहण की जिसका सभी उपस्थित सदस्यों ने स्वागत किया। बैठक का शुभारम्भ करते हुए आर एन कश्यप ने सदस्यों के जीवन प्रमाण सर्टीफिकेट को इस महिने बोर्ड को भेजने बारे अवगत करवाया तथा सभी सदस्यो को इस प्रमाण पत्र की महत्ता बताते हुए सदस्यों के फार्मो को भरवा कर हस्ताक्षर करवाए। सभाध्यक्ष ने सदस्यो को एसोसिएशन द्वारा एरियर व अन्य रुके हुए लाभों को कोर्ट केस की स्थिति के बारे में अवगत करवाते हुए बताया कि हमारी रिट हाईकोर्ट मे एडमिट हो गई है और सरकार व बोर्ड को जवाब दायर करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है। उन्होंने बताया कि 28.10.24. को ज्वायंट फ्रंट के आवाहन पर पूरे प्रदेश मे हमारी पैन्शनर्ज वैलफेयर एसोसिएशन ने कन्धे से कन्धा मिला कर धरने व प्रदर्शनों में बढ्चढ़ कर भाग लिया है तथा भविष्य में होने वाले किसी भी प्रकार के प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए पूर्ण सहयोग देने का दृढ़ निश्चय व्यक्त किया है, जिसका सभी उपस्थित सदस्यों ने समर्थन किया। बैठक में सदस्यो ने बोर्ड द्वारा 51 इन्जिनियरिंग के पदों को समाप्त करने तथा 81 ड्राईवरों के पदों की छटनी करने का विरोध किया । सरकार द्वारा बोर्ड के ज्वाइंट फ्रंट के साथ पूर्व में हुए समझौते के अनुसार फ्रंट को बिना विश्वास में लिए समझौते का उलंघन किए जाने का विरोध किया तथा सरकार को चेताया कि समय रहते ज्वाइंट फ्रंट के नेताओं के साथ बातचीत करे वरना पूरे हिमाचल में ब्लेक आऊट होने की स्थिति को तैयार रहें। बैठक में पैन्शनर्ज ने अपने रोके गए एरियर तथा अन्य देय लाभों की एकमुश्त अदायगी का भी बोर्ड से आग्रह किया ।
8 नवंबर सुबह 11बजे जे एस ग्रैंड होटल न्यू नालागढ़ मे पुलिस पेंशनर वेलफेयर एसोसिएशन जिला सोलन की बैठक का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी अध्यक्षता श्याम लाल ठाकुर प्रधान एवं वरिष्ठ मुख्य सलाहकार धनी राम तनवर करेंगे। जानकारी देते हुए धनीराम तनवर ने बताया कि इस बैठक मे मुख्य रूप से 71माह का डी ए, एरियर तथा 11माह का 4% एरियर एवं वर्ष 2016 मे हुए पे स्केल रिवाइज का हिमाचल सरकार द्वारा अदा ना करने के बारे विस्तृत चर्चा की जाएगी। इसके अतिरिक्त बैठक मे पुलिस कैंटीन को प्रत्येक पुलिस स्टेशन मे मोबाइल कैंटीन और पुलिस पेंशनर व पुलिस ऑफिसर के बच्चों को नौकरी मे आर्मी की तरज पर रिजेर्वेशन की मांग तथा अल्कोहल की मांग भी हिमाचल सरकार से की जाएगी । उन्होंने सभी पेंशनरों से अनुरोध किया है कि इस बैठक मे अधिक से अधिक संख्या मे भाग लेकर अपने-अपने विचार रखे।
हिमाचल प्रदेश में बारिश नहीं होने की वजह से सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। अधिकांश क्षेत्रों में किसान गेहूं बोने के लिए सही मौसम का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेशभर में अक्टूबर महीने में तो बादल बरसना तो छोड़िए आसमान पर छाए तक नहीं अब नवंबर महीने का शुरूआती दिन भी सूखे की तरह ही बीत रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार 10 नवंबर तक बारिश के आसार नहीं हैं। ऐसे में किसान बारिश की आस में आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। प्रदेश कृषि विभाग के पूर्व अतिरिक्त निदेशक डॉ. एचआर शर्मा ने कहा कि 15 नवंबर तक गेहूं की बिजाई होना जरूरी है।इसके बाद बिजाई करने से फसल प्रभावित होगी। कई क्षेत्रों में अब तक गेहूं की बिजाई कर ली जाती थी। किसान आसमान पर नजरें टिकाए हैं कि जब बारिश होगी तो बुवाई करेंगे। उल्लेखनीय है कि गेहूं हिमाचल प्रदेश की प्रमुख रबी की फसल है। राज्य में करीब 85 फीसदी क्षेत्र में खेती वर्षा पर ही निर्भर रहती है। उधर, रविवार को सोलन में अधिकतम तापमान 29.0 और धर्मशाला में 27.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। धर्मशाला में इससे पहले सात नवंबर को 2022 को 27.4 और सोलन का एक नवंबर 2022 को 28.7 डिग्री पारा रहा था। वहीं, रविवार को प्रदेश भर में अधिकतम तापमान में यह औसत बढ़ोतरी 4.1 डिग्री सेल्सियस रही। उधर, रविवार को शिमला का अधिकतम तापमान 23.2, सुंदरनगर का 29.6, भुंतर का 30.0, ऊना का 32.6 और हमीरपुर का 35.5 डिग्री सेल्सियस रहा।अक्तूबर में बारिश न होने से इस बार किसान रबी की फसल नहीं लगा पाए हैं। केवल सिंचित क्षेत्र के किसान ही गेहूं की बिजाई कर पाए हैं। मटर और चने के लिए पहले ही समय निकल गया है। गेहूं के लिए भी नवंबर के पहला सप्ताह सबसे उपयोगी माना जाता है। अभी तक खेत सूखे होने से किसान बिजाई नहीं कर पाए हैं। जिन किसानों की खेत में पानी की सुविधा है वे ही गेहूं बिजाई का कार्य कर पाएंगे। नालागढ़ क्षेत्र में 6 हजार हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की खेती की जाती है। विभाग के पास जो बीज हैं वे अगेती किस्म का है। अगर समय पर बीज नहीं लगाया तो पैदावार कम हो सकती है। खेत सूखे होने से किसान अभी तक मटर भी नहीं लगा पाए हैं। कृषि विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ डॉ. संदीप गौतम ने बताया कि उनके पास अभी गेहूं की लेट वैरायटी नहीं है। जो बीज उपलब्ध है वह नवंबर के शुरू में ही लग जाना चाहिए। तभी इसके अच्छे परिणाम आएंगे।
** आईटीसी लिमिटेड फूड्स डिवीजन कपूरथला लेगी कैंपस साक्षात्कार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) जोगेंद्रनगर स्थित डोहग में 12 नवंबर को आईटीसी लिमिटेड फूड्स डिवीज़न कपूरथला पंजाब दो वर्षीय आईटीआई धारक प्रशिक्षुओं का कैंपस साक्षात्कार लेने जा रही है। साक्षात्कार प्रात: 10 बजे से आईटीआई परिसर डोहग में लिया जाएगा। आईटीआई प्रधानाचार्य इं. नवीन कुमारी ने बताया कि कैंपस साक्षात्कार में विभिन्न ट्रेड्स में आईटीआई पास युवा व युवतियां भाग ले सकते हैं जिनमें इलेक्ट्रीशियन, फिटर, मशीनिस्ट,वायरमैन,इलेक्ट्रॉनिक्स,मोटर मैकेनिक व्हीकलस और महिला उम्मीदवारों के लिए केवल कोपा ट्रेड शामिल है। इस साक्षात्कार के लिए आयु सीमा 18 से 25 वर्ष (जिनका जन्म 1 अप्रैल 1999 से 3 अगस्त 2005 के बीच हो) रखी है तथा आईटीआई उत्तीर्ण वर्ष 2017 से 2024 तक होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि चयनित उम्मीदवारों को कंपनी द्वारा ग्यारह हज़ार छः सौ रूपये मासिक वजीफा और आठ सौ रूपये उपस्थिति प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ कपूरथला शहर से कंपनी तक आने व जाने की सुविधा, शिफ्ट के दौरान सब्सिडाइज खाना व चाय, बिना किसी शुल्क के दो जोड़ी वर्दी, हाइजिन यूनिफार्म और सुरक्षा जूते भी कंपनी की ओर से प्रदान किए जाएंगे। कंपनी की नीति के अनुसार आकस्मिक अवकाश व चिकित्सा अवकाश भी चयनित उम्मीदवार को को दिए जाएंगे। साथ ही वार्षिक पूर्व नियोजन और नियमित स्वास्थ्य जांच निशुल्क होगी। उन्होने बताया कि कैंपस साक्षात्कार में भाग लेने के इच्छुक युवा 12 नवम्बर को प्रात: 10 बजे आईटीआई में सभी मूल दस्तावेजों व प्रमाणपत्रों जिसमें अपना बायोडाटा, पासपोर्ट साइज फोटो, शैक्षणिक दस्तावेज व एनटीसी प्रमाण पत्र साथ में लाना सुनिश्चित करें। इस बारे अधिक जानकारी के लिए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में संपर्क कर सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सोलन द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार 33/11 के.वी. उप-केन्द्र बसाल के रखरखाव के दृष्टिगत 06 नवंबर को विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता सोलन राहुल वर्मा ने दी। राहुल वर्मा ने कहा कि 06 नवंबर को प्रातः 10.00 बजे से दोपहर 01.00 बजे तक आंजी, शमलेच, नगाली, बड़ोग हाईट, बारा, कोरो कैंथडी एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि इसी दिन दोपहर 02.00 बजे से सांय 05.00 बजे तक पावर हाउस मार्ग, डुंगा मोड़, ग्रीन वैली, देओघाट बाजार, आयुर्वेदिक अस्पताल, एल.आई.सी. ऑफिस, हाउसिंग बोर्ड फेज 1 एण्ड 2, एस.सी.ई.आर.टी., रबौन, वशिष्ठ कालोनी एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि किन्ही अपरिहार्य कारणों तथा खराब मौसम के कारण उपरोक्त तिथि तथा समय में परिवर्तन किया जा सकता है। उन्होंने उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।
प्रदेश सरकार के सामाजिक सरोकार के दायित्वों का निर्वहन कर रहे हिमाचल पथ परिवहन निगम ने महिलाओं को भैया दूज पर नि:शुल्क यात्रा की व्यवस्था की थी। निगम ने 78.64 लाख का अनुदान इसके लिए छोड़ा है। यानी सरकार ने इस दिन जो मुफ्त यात्रा सुविधा महिलाओं को दी है, वो एचआरटीसी ने छिड़ी। इसमें 63.39 लाख का अनुदान केवल महिलाओं की यात्रा का है, बाकी 15.25 लाख अन्य श्रेणियों की नि:शुल्क यात्रा का है। निगम ने जीरो टिकट की व्यवस्था की थी। यानी महिलाओं को टिकट तो दिया गया , लेकिन उनसे पैसे नहीं लिए गए। यानी यदि निगम इनका टिकट के पैसे लेता तो 63.39 लाख की अतिरिक्त कमाई हो सकती है। हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम रोजाना 50 लाख का अनुदान रियायती सफर पर देता है। यह पहल न केवल सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देती है। प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने इसकी पुष्टि की है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना सिरमौर जिला के उन किसानों के लिए संजीवनी बन गई है, जो किसान अभी भी पारंपरिक मक्की व गेहूं की फसलों पर आधारित अपनी आजीविका का गुजर बसर कर रहे थे। मात्र छह साल की अवधि में प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना किसानों के लिए कमाऊ पुत बन चुकी है। हालत यह है कि अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने किसानों से प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाई जा रही मक्की की खरीदारी बाजारों से अधिक दामों पर करनी शुरू कर दी है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश सरकार ने किसानों द्वारा नेचुरल फार्मिंग के माध्यम से उगाई जा रही मक्की की फसल की खरीदारी 30 रुपए प्रति किलो की दर से खरीदारी शुरू कर दी है। सरकार की इस प्रोत्साहन योजना से सिरमौर जिला में प्राकृतिक तौर पर मक्की की खेती से जुड़े किसान बेहद खुश है। वर्तमान में हालत यह है कि जिला सिरमौर में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का आंकड़ा 3450 पहुंच चुका है। सिरमौर जिला में वर्तमान में 2275 हेक्टेयर भूमि पर मक्की की फसल लगाई जाती है, परंतु इनमें से 3450 किस जिला सिरमौर के ऐसे हैं, जो 470 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक तौर तरीके से नेचुरल फार्मिंग के माध्यम से मक्की की पैदावार कर रहे हैं। नेचुरल खेती के प्रोत्साहन से मात्र पांच से छह साल की अवधि के भीतर ही सिरमौर जिला में 208 किसान वर्तमान में ऐसे हैं जिनके पास सरप्लस मक्की की फसल की उपज हुई है। जिला के 208 किसानों के पास वर्तमान में 520 क्विंटल मक्की की फसल सरप्लस है। इस सरप्लस फसल को विभाग प्रदेश सिविल सप्लाई कारपोरेशन के माध्यम से किसानों से खरीद रहा है। अब सरकार मक्की की प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों से जो मक्की की खरीदारी करेगी, उसको पीसकर मक्की का आटा एक किलो व पांच किलो की पैकिंग में बाजारों में बेचा जाएगा। अधिकारियों की माने तो वर्ष 2018 में सरकार द्वारा मक्की की खेती से जुड़े किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना शुरू की गई थी। यह योजना किसानों के लिए संजीवनी बन रही है। विभागीय अधिकारियों की माने तो मक्की के किसानों को आरंभ में मक्की को बेचने के लिए मार्केट की दिक्कत रहती थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने मक्की का न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 प्रति किलो निश्चित कर किसानों की आमदनी का जरिया बढ़ा दिया है। यही कारण है कि अब सिरमौर जिला में भी किसान मक्की की प्राकृतिक खेती से जुड़ रहे है। मक्की की फसल से जुड़े किसानों के लिए सबसे बड़ी खुशी की खबर यह भी है कि जिला सिरमौर का कृषि विभाग किसानों के खेतों से ही 2500 से 2900 प्रति क्विंटल के हिसाब से प्राकृतिक तरीके से उगाई गई मक्की की फसल की खरीदारी कर रही है। यदि किसान स्वयं अपनी फसल को विभाग द्वारा चिन्हित बिक्री केद्रों में बेचना चाहते हैं, तो वहां पर 3000 प्रति क्विंटल के हिसाब से मक्की की फसल खरीदी जा रही है। सिरमौर जिला के नाहन व पांवटा साहिब में खरीद केंद्र बनाए हैं। इन दो मक्की खरीद केंद्रों में अभी तक सिविल सप्लाई कारपोरेशन के माध्यम से 201.66 क्विंटल मक्की की खरीदारी की जा चुकी है। सिरमौर के आत्मा प्रोजेक्ट के परियोजना निदेशक डा. साहब सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना किसानों के लिए कारगर बन रही है। सिरमौर जिला में 3450 किसान मक्की की प्राकृतिक खेती से जुड़े हैं, जो 470 हेक्टेयर भूमि में मक्की की नेचुरल फार्मिंग कर रहे हैं। जिला सिरमौर के 208 किसानों ने मक्की की सरप्लस उपज पैदा की है, जिनके पास से विभाग 520 क्विंटल मक्की की फसल खरीद रहा है।
स्कूल में तबेला या तबेले में सरकारी स्कूल...यह सवाल जनजातीय क्षेत्र भरमौर के राजकीय उच्च विद्यालय सिंयुर स्कूल में जाने पर अपने आप ही जहन में आ जाता है। गाय-भैंसों के रंभाने की आवाज के बीच 50 छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल भवन की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीण और अभिभावक सरकारी सिस्टम के सामने 35 साल से बीन बजा रहे हैं। लेकिन आज तक किसी के कान पर जूं नहीं रेंगी। यूं ही हिमाचल शिक्षा के स्तर में शीर्ष तीन से 21वें स्थान पर नहीं फिसला...इसके कई कारण हैं। शिक्षकों की कमी और ग्रामीण स्तर स्कूल भवनों का अभाव भी एक कारण है। इसका सबूत भरमाैर का राजकीय उच्च विद्यालय सिंयुर है। सिंयुर स्कूल में कक्षा के बाहर मवेशी बंधे रहते हैं और अंदर बच्चे पढ़ाई करते हैं। सोमवार को जब भरमौर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. जनकराज सिंयुर पंचायत का दौरा करने पहुंचे तो इसी दौरान उच्च पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चों से मिलने के लिए वहां गए। जब उन्होंने पाठशाला के बरामदे में बंधे हुए मवेशियों को देखा तो अपने कार्यकर्ताओं से इस बारे में पूछा। तब उन्होंने बताया कि यह स्कूल 35 साल से ऐसे ही चल रहा है। इस स्कूल की किसी ने सुध नहीं ली। उधर, विधायक डॉक्टर जनकराज ने बताया कि वह पाठशाला की इस हालत का मुद्दा विधानसभा में उठाएंगे। साथ ही मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के सम्मुख भी इस समस्या को उठाएंगे। उन्होंने कहा कि मौजूदा कांग्रेस की सरकार स्कूलों को बंद करने का कार्य कर रही है। ऐसे में जनजातीय क्षेत्र की पाठशालाओं की हालत में सुधार करने में सरकार का कोई ध्यान नहीं है, लेकिन वह इस मुद्दे को चंबा से लेकर शिमला तक उठाएंगे। भरमौर विधानसभा क्षेत्र से पिछले 35 साल में राज्य मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधायक रहे, लेकिन आज तक किसी ने भी इस पाठशाला को अपना भवन दिलाने की जहमत नहीं उठाई। सिंयुर उच्च पाठशाला निजी भवन में चल रही है। वहां पर मवेशियों को बांधे जाने की उन्हें जानकारी नहीं है। इस बाबत जानकारी जुटाकर उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जांच के आदेश दिए हैं।
** दिवाली पर एक्स्ट्रा चीनी भी नहीं मिली, सरकार को अप्रूवल के लिए भेजी फाइल प्रदेश के राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुएं नहीं मिल रही हैं। राशन डिपुओं में सरसों का तेल और दालें नहीं मिल रही हैं। बताया जा रहा है कि राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों के तेल और दालों के टेंडर न होने के कारण सप्लाई प्रभावित हुई है। गौर हो कि राशन डिपुओं में सरसों का तेल और दाले न मिलने से लोगों को दुकानों से महंगे दाम पर राशन लेना पड़ रहा है। प्रदेश के राशन डिपुओं में दाल चना और माह की दाल नहीं मिल रही है। इसके अलावा कई जगहों पर सरसों का तेल भी नहीं मिल रहा है। दूसरी ओर राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को दिवाली पर मिलने वाली अतिरिक्त चीनी का कोटा भी उपोभक्ताओं को नहीं मिला है। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में करीब साढ़े 19 लाख राशनकार्ड उपभोक्ता हैं। प्रदेश सरकार की ओर से प्रति राशनकार्ड उपभोक्ताओं को सबसिडी पर तीन दालें (मलका, माश, दाल चना), दो लीटर तेल (रिफाइंड और सरसों), 500 ग्राम प्रति व्यक्ति चीनी और एक किलो नमक दिया जा रहा है। इसके अलावा आटा और चावल केंद्र सरकार सबसिडी पर उपलब्ध करवा रही है। इस बार दिवाली के त्योहार पर प्रदेश के राशन कार्ड उपभोक्ताओं को प्रति परिवार के हिसाब से 500 ग्राम अतिरिक्त चीनी नहीं मिली है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों के तेल और दालों के टेंडर न होने के कारण सप्लाई पिछले महीने से दालों सहित अन्य सामान की सप्लाई नहीं आई है। राशन डिपुओं में उपभोक्ताओं को पूरा राशन न मिलने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को बाजार में महंगे दामों पर राशन लेना पड़ रहा है। वहीं जानकारी के अनुसार फाइल प्रदेश सरकार से अप्रूवल के लिए भेजी गई है। इसके बाद भी टेंडर होने की संभावना है। अप्रूवल मिलने के बाद ही प्रदेश के राशन डिपुओं में खाद्य वस्तुओं की सप्लाई शुरू हो जाएगी। बहरहाल प्रदेश भर के राशन डिपुओं में मिलने वाले सरसों के तेल और दालों के टेंडर न होने के कारण सप्लाई प्रभावित हुई है।
मंडी: जिला मंडी में महीनों बाद पंडोह बाईपास टकोली प्रोजेक्ट के तहत बन रही डयोड टनल का निर्माण कार्य फिर से रुक गया है। टनल का काम फिर से शुरू होने की उम्मीदों पर उस वक्त पानी फिर गया जब ठेकेदारों ने यहां पर काम करने से पूरी तरह से इनकार कर दिया. ठेकेदारों का स्पष्ट कहना है कि जब तक उनका बकाया भुगतान शत-प्रतिशत नहीं कर दिया जाता, तब तक काम को शुरू नहीं किया जाएगा। ठेकेदारों का कहना हैं कि उनका बकाया भुगतान करीब डेढ़ से दो सालों का है। इन सभी को कंपनी प्रबंधन से 50 करोड़ से भी अधिक की बकाया राशि लेने को है। ये बकाया राशि न मिलने के कारण इन्हें भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। गाड़ियों और मशीनरी की किश्तें पैंडिंग चल रही हैं। बार-बार बैंक से फोन आ रहे हैं। ठेकेदारों ने बताया कि इनके पास काम कर रहे मजदूरों को भी सालों का बकाया राशि देने को है और वे भी पेमेंट के इंतजार में हैं। ऐसे में इन्होंने स्पष्ट किया कि यह विवाद दो कंपनियों के बीच चल रहा था, जिसे इन्होंने अपने स्तर पर सुलझा लिया है, लेकिन जो मांगे ठेकेदारों की हैं, जब तक उन्हें पूरा नहीं किया जाता तब तक किसी भी सूरत में काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा। बता दें कि शापूरजी-पालोनजी कंपनी ने सोमवार से काम को शुरू करने की पूरी योजना बना ली थी। इसके लिए स्टाफ और मशीनरी भी मौके पर तैनात कर दी गई थी। कंपनी प्रबंधन ने ठेकेदारों को भरोसा दिलाया था कि वे काम शुरू करें और जल्द ही उनकी बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन ठेकेदार अब पूरी तरह से इस बात को लेकर अड़ गए हैं कि जब तक बकाया भुगतान नहीं होता तब तक किसी भी सूरत में काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा। इन्होंने कंपनी प्रबंधन से मांग उठाई है कि जल्द से जल्द बकाया राशि का शत प्रतिशत भुगतान किया जाए और उसके बाद यहां काम को फिर से शुरू किया जाए।