मंडी: जिला मंडी में महीनों बाद पंडोह बाईपास टकोली प्रोजेक्ट के तहत बन रही डयोड टनल का निर्माण कार्य फिर से रुक गया है। टनल का काम फिर से शुरू होने की उम्मीदों पर उस वक्त पानी फिर गया जब ठेकेदारों ने यहां पर काम करने से पूरी तरह से इनकार कर दिया. ठेकेदारों का स्पष्ट कहना है कि जब तक उनका बकाया भुगतान शत-प्रतिशत नहीं कर दिया जाता, तब तक काम को शुरू नहीं किया जाएगा। ठेकेदारों का कहना हैं कि उनका बकाया भुगतान करीब डेढ़ से दो सालों का है। इन सभी को कंपनी प्रबंधन से 50 करोड़ से भी अधिक की बकाया राशि लेने को है। ये बकाया राशि न मिलने के कारण इन्हें भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। गाड़ियों और मशीनरी की किश्तें पैंडिंग चल रही हैं। बार-बार बैंक से फोन आ रहे हैं। ठेकेदारों ने बताया कि इनके पास काम कर रहे मजदूरों को भी सालों का बकाया राशि देने को है और वे भी पेमेंट के इंतजार में हैं। ऐसे में इन्होंने स्पष्ट किया कि यह विवाद दो कंपनियों के बीच चल रहा था, जिसे इन्होंने अपने स्तर पर सुलझा लिया है, लेकिन जो मांगे ठेकेदारों की हैं, जब तक उन्हें पूरा नहीं किया जाता तब तक किसी भी सूरत में काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा। बता दें कि शापूरजी-पालोनजी कंपनी ने सोमवार से काम को शुरू करने की पूरी योजना बना ली थी। इसके लिए स्टाफ और मशीनरी भी मौके पर तैनात कर दी गई थी। कंपनी प्रबंधन ने ठेकेदारों को भरोसा दिलाया था कि वे काम शुरू करें और जल्द ही उनकी बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन ठेकेदार अब पूरी तरह से इस बात को लेकर अड़ गए हैं कि जब तक बकाया भुगतान नहीं होता तब तक किसी भी सूरत में काम शुरू नहीं होने दिया जाएगा। इन्होंने कंपनी प्रबंधन से मांग उठाई है कि जल्द से जल्द बकाया राशि का शत प्रतिशत भुगतान किया जाए और उसके बाद यहां काम को फिर से शुरू किया जाए।
कुल्लू: किरतपुर मनाली फोरलेन पर अब मंडी से मनाली का सफर फिर से महंगा होने जा रहा है, क्योंकि टकोली और डोहलूनाला में फिर से अब टोल टैक्स लिया जाएगा। दोनों बैरियर को साल 2023 में आई प्राकृतिक आपदा के बाद बंद कर दिया था। अब करीब 16 महीने बाद यह टोल टैक्स नवंबर माह के आखिर में शुरू करने की तैयारी है। इससे यहां सफर करने वाले स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भी अब टोल टैक्स पर जेब खाली करनी होगी। प्राधिकरण के अधिकारी फोरलेन मरम्मत की स्थिति के अनुसार ही टोल टैक्स का निर्धारण करेंगे। 2 स्थानों पर फिर टोल टैक्स शुरू होने से जनता ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुल्लू के रहने वाले टैक्सी चालक कविंदर ठाकुर का कहना है कि टोल टैक्स शुरू होने से टैक्सी चालकों के लिए भी मुश्किलें बढ़ेगी। उन्होंने कहना है कि मंडी से मनाली तक न सिर्फ 2 जगह टोल टैक्स देना पड़ेगा, जबकि सड़कों की खस्ता हालत को देखते हुए अभी यह टोल टैक्स शुरू नहीं होना चाहिए। पर्यटकों के लिए ये सफर और महंगा होगा, क्योंकि यहां टोल देने के बाद, मनाली पहुंचने से पहले पर्यटकों को ग्रीन टैक्स भी देना पड़ता है। वहीं, कुल्लू के टैक्सी चालक सुभाष गौतम कहना है कि फिर से टोल टैक्स शुरू होने से टैक्सी चालकों की जेब पर भारी बोझ पड़ेगा। खराब सड़कों के कारण पहले ही कुल्लू मनाली में पर्यटकों की आवाजाही कम है। वहीं, अब यह टोल शुरू होने से उन्हें बार-बार टैक्स देना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पहले ही कुल्लू से मनाली तक टैक्सी का किराया 1500 रुपए है। इसके बाद टोल टैक्स देने और पेट्रोल भरने के बाद ड्राइवर कैसे अपना खर्चा पूरा करेगा। इससे कई वाहन चालक अपनी गाड़ियों की किश्त भरने में भी असमर्थ हो जाएंगे।
शिमला: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स आधार पर तैनात वोकेशनल शिक्षकों ने दिवाली पर वेतन का एरियर नहीं मिलने के विरोध में सोमवार को शिमला के चौड़ा मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षकों ने सेवा प्रदाता कम्पनियों के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की और सरकार से इन कम्पनियों को बाहर कर उन्हें शिक्षा विभाग में मर्ज करने की मांग उठाई। इस विरोध प्रदर्शन में राज्य भर से वोकेशनल शिक्षक शामिल हुए। राज्य के करीब 1100 स्कूलों में दो हज़ार वोकेशनल शिक्षक सेवारत हैं। इन शिक्षकों ने कम्पनियों पर शोषण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी सरकार और शिक्षा विभाग के आदेशों की अवहेलना कर रही है। उन्हें तय समय पर पगार नहीं मिल रही है। वेतन के एरियर का भुगतान न होने की वजह से उनकी दिवाली फीकी रही है। वोकेशनल शिक्षक संघ के अध्यक्ष अश्वनी डटवालिया ने कहा कि जिन कम्पनियों के माध्यम से उनकी नियुक्ति हुई है। उनके द्वारा शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के निर्देशों को कंपनियां दरकिनार कर रही हैं। शिक्षकाें को अभी तक एरियर का भुगतान नहीं किया गया है। शिक्षा विभाग ने 20 अक्तूबर से पहले एरियर का भुगतान करने के लिए कंपनियों को कहा था। उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियों ने अभी एरियर का भुगतान नहीं किया है और जिन शिक्षकों को भुगतान हुआ है वह भी अलग अलग राशि दी गयी है जबकि वेतन एक समान है। उन्होंने कहा कि यह सरकार शिक्षकों को देना चाहती है जबकि कम्पनियाँ सरकार और विभाग के आदेशों को दरकिनार कर रही है। उन्होंने कहा कि वह धरने पर उस समय तक डटे रहेंगे जब तक उन्हें सरकार की ओर से कोई आश्वासन नही मिलता अन्यथा वह यहीं धरने पर डटे रहेंगे। धरने में मौजूद वोकेशनल शिक्षिका सुचिता शर्मा ने कहा कि वे 11 वर्षों से अधिक समय से अलग-अलग विद्यालयो में अपनी सेवाएं दे रही हैं। दो हजार से अधिक शिक्षक इस समय सेवाएं दे रहे हैं। इतने वर्षों के बाद भी कम्पनियां उनका शोषण कर रही हैं। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके लिए कोई नीति निर्माण कर कम्पनियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए, जिससे उन्हें शोषण से मुक्ति मिल सके।
उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने सोमवार को नशीले पदार्थों के उपयोग की रोकथाम के लिए गठित जिला स्तरीय एनकॉर्ड कमेटी की आयोजित बैठक की अध्यक्षता की और पुलिस विभाग के अधिकारियों को नशीले पदार्थों की तस्करी में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस अवैध धंधे में संलिप्त लोगों पर अंकुश लगाने के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें । उन्होंने जिला में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज विभिन्न मामलों की समीक्षा की और अब तक जब्त किए गए मादक पदार्थ का ब्यौरा उपलब्ध करने को कहा । उपायुक्त ने पुलिस विभाग को जिला में एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज मामलों के साथ-साथ जांच के तहत और कोर्ट में विचाराधीन मामलों की रिपोर्ट जल्द से जल्द उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस विभाग द्वारा शुरू किए गए नंबर 100 पर मादक पदार्थों की तस्करी और उपयोग से संबंधित शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जाए और मादक पदार्थों को जब्त करने के साथ-साथ इस अवैध धंधे में संलिप्त लोगों को पकड़ कर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस द्वारा जिला में ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जाए जहां नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री की संभावना है। उन्होंने कहा कि एनकॉर्ड कमेटी का मुख्य उद्देश्य नशाखोरी पर लगाम लगाना है। उपायुक्त ने कहा कि नशाखोरी के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के साथ- साथ लोगों खासकर युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। इसके लिए स्कूल, महाविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाए ताकि देश की भावी पीढ़ी को नशे से बचाया जा सके। बैठक की कार्यवाही का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव चौहान ने किया । इस अवसर पर एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला, सहायक आयुक्त आबकारी जीवन लाल वत्सी, जिला कल्याण अधिकारी जी एल शर्मा, सहायक अरण्यपाल पार्वती मंडल वंदना सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
** बिझड़ी में लोक निर्माण विभाग के नए उप-मंडल कार्यालय का किया उद्घाटन **बड़सर-शाहतलाई सड़क के सुदृढ़ीकरण कार्य का किया लोकार्पण **सलौणी-दियोटसिद्ध सड़क मार्ग के विस्तारीकरण की आधारशिला भी रखी मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज हमीरपुर जिले के बड़सर विधानसभा क्षेत्र के बिझड़ी में लोक निर्माण विभाग के नए उप-मंडल कार्यालय का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि नए उप-मंडल कार्यालय के खुलने से डढवाल क्षेत्र में सड़कों के रख-रखाव में सुधार होगा, जिससे लोगों को सहूलियत मिलेगी। अब तक बड़सर उपमंडल पर 600 किमी सड़कों के रख-रखाव का कार्यभार था लेकिन अब बिझड़ी में नया कार्यालय खुलने से लोक निर्माण विभाग ज्यादा प्रभावी तरीेके से कार्य करने में सक्षम होगा। मुख्यमंत्री ने 3.19 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित 12 किलोमीटर लंबी बड़सर-शाहतलाई सड़क के सुदृढ़ीकरण कार्य का भी लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि हर वर्ष शाहतलाई, दियोटसिद्ध और अन्य प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को इस सड़क मार्ग से सुगम आवाजाही की सुविधा मिलेगी। इसके अतिरिक्त उन्होंने 24 किमी लंबे सलौणी-दियोटसिद्ध सड़क मार्ग के उन्नयन/विस्तारीकरण की आधारशिला भी रखी। इस कार्य पर 26.32 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगेे। यह सड़क मार्ग अभी 3.2 मीटर चौड़ा है, जिसका 5.5 मीटर तक विस्तारीकरण किया जाएगा। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का नादौन और शाहतलाई पहुंचने पर लोगों ने गर्मजोशी से स्वागत किया गया। नादौन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने आज शिमला में मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ बजट की तैयारियों को लेकर बैठक की। उन्होंने बजट तैयार करने के लिए सभी अनिवार्य औपचारिकताओं को समयबद्ध पूरा करने के दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार दस में से पांच गारंटियों को पहले ही पूरा कर चुकी है और अन्य गारंटियों को पूरा करने के लिए भी तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं पर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सुर्खियों में बने रहने के लिए नेता प्रतिपक्ष आए दिन बेतुकी और आधारहीन बयानबाजी करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा में अंतर्कलह का बोलबाला है और पार्टी पूरी तरह कई टुकड़ों में बंट चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा नेता गलत जानकारी देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है, जिसने एक माह में अपने कर्मचारियों को दो बार वेतन अदा किया है लेकिन यह जानकारी प्रधानमंत्री को नहीं दी गई। प्रदेश सरकार ने अक्तूबर माह का वेतन चार दिन पहले अदा किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने 22 माह के कार्यकाल में कर्मचारियों को 11 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया है। मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं के सुविधाओं के स्तर में गिरावट वाले बयान की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि जनता को दी रही सुविधाओं में सुधार के लिए प्रदेश सरकार निरतंर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि हिमाचल 2027 तक आत्मनिर्भर और 2032 तक देश का सबसे समृद्ध और खुशहाल प्रदेश बने इसके लिए प्रदेश सरकार निरन्तर आगे बढ़ रही है। इस अवसर पर भोरंज के विधायक सुरेश कुमार, सुजानपुर के विधायक कैप्टन (सेवानिवृत्त) रंजीत सिंह राणा, पूर्व विधायक मंजीत डोगरा, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, अध्यक्ष एपीएमसी हमीरपुर अजय शर्मा, हमीरपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुमन भारती, कांग्रेस नेता डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा, सुभाष डढवालिया, विवेक कुमार, नादौन कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष कैप्टन (सेवानिवृत्त) पृथ्वी चंद, उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक, उपायुक्त हमीरपुर अमरजीत सिंह, पुलिस अधीक्षक बिलासपुर संदीप धवल, पुलिस अधीक्षक हमीरपुर भगत सिंह और अन्य लोग उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां मंत्रिमंडल के सदस्यों के साथ बैठक कर सभी संबंधित विभागों की कार्य प्रणाली की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के अन्तिम व्यक्ति तक विकास के लाभ पहुंचाने के लिए निरन्तर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने अनेक कल्याणकारी नीतियां और फ्लैगशिप कार्यक्रम शुरू किए हैं। उन्होंने मंत्रिमंडल सदस्यों को सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इन योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार ने ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम शुरू किया है ताकि राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोग लाभान्वित हो सकें। उन्होंने मंत्रिमंडलीय सदस्यों को इस कार्यक्रम के तहत लोगों से संवाद स्थापित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि व्यवस्था परिर्वतन के ध्येय के साथ शुरू हुई प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने की संकल्पना को साकार करने की दिशा में सभी को समावेशी प्रयास करने की आवश्यकता है। राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार ने ठोस प्रयास किए है, जिसके धरातल पर परिणाम देखने को मिल रहे हैं। वर्तमान में प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ सुदृढ़ हो रही है। उन्होंने कहा कि समाज के वंचित वर्गों को विकास की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए प्रदेश सरकार राज्य के संसाधनों का समुचित व संतुलित उपयोग सुनिश्चित कर रही है। सरकार राज्य के और प्रदेश के लोगों के हितों की रक्षा करते हुए प्रदेश को समृद्धि के पथ पर अग्रसर करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के सदस्यों को जनहित की दिशा में विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जन कल्याण को सर्वोच्च अधिमान देते हुए विकासात्मक परियोजनाओं और योजनाओं की सफलता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास करना नितांत आवश्यक है। बैठक में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री भी उपस्थित रहे।
सोलन: कुमारहट्टी में बहुमंजिला मकान बना रहे एक व्यक्ति से लिफ्ट लगाने के नाम पर सवा सात लाख से ज्यादा की ठगी कर दी गई। अब धर्मपुर पुलिस ने आरोपी को यूपी के हाथरस से गिरफ्तार कर लिया है। सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार सोलन के कुमारहट्टी निवासी ऋषभ ने गत वर्ष 4 अगस्त को धर्मपुर पुलिस थाने में तहरीर देते हुए बताया कि वह कुमारहट्टी में अपने निर्माणाधीन मकान में लिफ्ट लगाने के लिए कियेल एलेवेटर्स प्रा. जि. नामक कम्पनी से सम्पर्क किया था। इस कम्पनी का कार्यालय सोलन जिले के बद्दी में है। इसके बाद दो सितंबर 2023 को उक्त कम्पनी के निदेशक ने उसके निर्माणाधीन परिसर का दौरा किया और इसे बेहतर लिफ्ट कार्य करने का आश्वासन देने के बाद उसने लिफ्ट लगाने की सहमति दी। उसके बाद 13 सितंबर 2023 को कंपनी के विनोद सिंह के खाता में 1 लाख की अग्रिम राशि डाली । विनोद सिंह के मांग करने पर दिनांक 30 दिसंबर 2023 को उसने फिर से विनोद सिंह के खाते में 3 लाख रुपये डाले । इस दौरान विनोद सिंह उसे आश्वस्त करवाता रहा कि लिफ्ट के लिए सामग्री तैयार है। परन्तु प्रस्ताव की शर्तों के अनुसार इसे सामग्री भेजने से पहले कुल राशि का 90 प्रतिशत भुगतान करना होगा। इस पर उसने 9 फरवरी 2024 को फिर से उसने विनोद के खाते में 3 लाख 20 हजार रुपये स्थानान्तरित किए। इसके बाद विनोद सिंह ने उसके फोन सुनने बन्द कर दिए और फरार हो गया, जिस पर थाना धर्मपुर में धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामल दर्ज करके प्रकरण की छानबीन शुरू की। इस मामले की जांच के दौरान थाना धर्मपुर की पुलिस टीम ने धोखाधड़ी की इस वारदात में संलिप्त आरोपी यूपी के हाथरस के अदालपुर निवासी 55 वर्षीय विनोद कुमार सिंह को 3 नवंबर को हाथरस से गिरफतार कर लिया। उन्होंने बताया कि आरोपी के पूर्व अपराधिक रिकार्ड की पड़ताल की जा रही है। गिरफ्तार आरोपी को आज न्यायालय में पेश किया जाएगा। मामले की जांच जारी है।
हिमाचल प्रदेश में नवंबर माह के सर्द मौसम में भी अब गर्मी का एहसास हो रहा है। इस सीजन में सूर्य की बढ़ती तपिश के कारण नवंबर माह में अधिकतम तापमान के रिकाॅर्ड टूट गये है। प्रदेश में जहां अक्टूबर माह में सुखा रहा वहीं नवंबर माह का आगाज भी शुष्क मौसम के साथ हुआ।मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक शोभित कटियार ने कहा कि हिमाचल में अगले दस दिनों तक माैसम साफ रहने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि 12 नवंबर को प्रदेश के चंबा,कांगड़ा व लाहौल स्पीति के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी की संभावना है। 8 नवंबर के बाद अधिकतम व न्यूनतम तापमानों में गिरावट आने की संभावना है, लेकिन बावजूद इसके तापमान फिर भी सामान्य से अधिक बने रहेंगे। बद्धत्व तापमानों का कारण पश्चिमी विक्षोभ का न आना व मौसम शुष्क बने रहना है।
शिमला जिले के उपमंडल चौपाल में एक गंभीर सड़क हादसा सामने आया, जिसमें एक महिला और उसका 18 महीने का बच्चा घायल हो गए। यह घटना रविवार दोपहर के समय हुई, जब महिला अपने घर से गाड़ी लेकर चौपाल की ओर निकली। बटेवरी मोड़ पर पहुंचते ही महिला ने अचानक गाड़ी पर से नियंत्रण खो दिया और यह 250 मीटर गहरी खाई में गिर गई। घायल महिला की पहचान नीना देवी (42) के रूप में हुई है, जो कपिल देव की पत्नी हैं और बटेवरी गांव की निवासी हैं। गाड़ी में केवल ये दोनों ही सवार थे। हादसे के बाद, स्थानीय लोगों ने उन्हें तुरंत प्राथमिक उपचार के लिए चौपाल अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने बताया कि दोनों की हालत अब खतरे से बाहर है और उनका इलाज जारी है। पुलिस ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि दोपहर के समय देवत चौपाल सड़क मार्ग पर गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई। हादसे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है, और पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है।
कुल्लू: जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर में चोरों ने एक दुकान का ताला तोड़कर 12 बोर की 6 बंदूकें चोरी कर ली हैं। वहीं, अब शिकायत मिलने के बाद पुलिस की टीम ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके अलावा ढालपुर में लगे सीसीटीवी कैमरे की भी जांच की जा रही है, ताकि चोरी के आरोपियों का पता चल सके। दुकान मालिक ने इस बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। दुकान के मालिक कौशल कपूर ने बताया कि 1 नवंबर की रात को वह अपनी दुकान में ताला लगाकर घर चला गया था, लेकिन अगली सुबह 2 नवंबर को जब वो दुकान पर आया तो उसने देखा कि शटर के दोनों ताले टूटे हुए थे। वहीं, दुकान के अंदर से 12 बोर की छह एसबीबीएल बंदूकें गायब थीं। चोरी की गई बंदूकों की कीमत लाखों में है। कुल्लू पुलिस के अधीक्षक डॉ. कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने कहा कि, 'पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता 305, 331 (4) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की मदद ले रही है। जल्द ही शातिर पुलिस की गिरफ्त में होगा। इस तरह की वारदातों को अंजाम देने वाले शातिरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। अभी तक वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों का पता नहीं चल पाया है। चोरों ने बंदूकों पर हाथ साफ क्यों किया ये बड़ा सवाल हैं। क्या चोर किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में तो नहीं हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में पुलिस ने अवैध रूप से हथियार बरामद किए थे। पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस इस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। ये मामला उपमंडल पांवटा साहिब के तहत पुलिस थाना माजरा के अंतर्गत सामने आया था। पुलिस ये जांच कर रही है कि अवैध हथियार कहां से आए थे। पुलिस ने आरोपी मीर कासिम के खिलाफ पुलिस थाना माजरा में आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया था। आरोपी को 4 नवंबर तक कोर्ट में पेश किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के आईजीएमसी और अटल सुपर स्पेशलिटी आर्युविज्ञान संस्थान (चमियाना) के लिए 400 स्टाफ नर्सों की भर्ती की जाएगी। अस्पतालों में नर्सों की कमी के चलते मरीजों की देखभाल में समस्याएं पेश आती थीं, वह भी खत्म हो जाएंगी। अस्पताल में नर्सों की भर्ती प्रक्रिया जल्द शुरू करने की जानकारी आईजीएमसी प्राचार्य डॉ. सीता ठाकुर ने दी है। बताया कि यह भर्ती एचपीएसईडीसी के जरिये ही की जाएगी। इससे आईजीएमसी और चमियाना अस्पताल के मरीजों को और बेहतर देखभाल की सुविधा मिलेगी। मौजूदा समय में चमियाना अस्पताल के विभाग भी आईजीएमसी में ही चल रहे हैं। आईजीएमसी में नर्सों की भारी कमी है। इस वजह से मेडिसिन, सर्जरी, आर्थो, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, सीटीवीएस, पल्मोनरी मेडिसिन, नेत्ररोग, ईएनटी और स्किन वार्ड में 24 घंटे सातों दिन औसतन 900 से अधिक मरीज दाखिल रहते हैं। ऐसे में यहां पर स्टाफ नर्सों की कमी के कारण मरीजों की देखभाल करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि 300 से अधिक पद खाली हैं, ऐसे में मरीजों को जो देखभाल मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है। काम का अतिरिक्त बोझ होने के कारण मानसिक रूप से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा अगर इनकी जल्द तैनाती होगी तो इससे अस्पताल में अन्य नर्सों और दाखिल मरीजों को भी काफी राहत मिलेगी।
शिमला में रविवार को लोअर बाजार स्थित सब्जी मंडी में प्याज 80 रुपये प्रति किलो तक बिका। दिवाली के बाद प्याज की कीमतों में अचानक हुई वृद्धि ने उपभोक्ताओं और विक्रेताओं दोनों को हैरान कर दिया है। लोअर बाज़ार सब्जी मंडी में तीन दिनों में प्याज के दामों में 20 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है। तीन दिन पहले प्याज 60 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा था। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि दिवाली के चलते देशभर में सब्जी मंडियां दो से तीन दिन तक बंद रहती हैं। इसके चलते शिमला में प्याज की कम खेप पहुंची है। मांग के अनुसार कम फसल पहुंचने के चलते दामों में बढ़ोतरी हो गई है। हालांकि टमाटर के दाम अब घटना शुरू हो गए हैं। नासिक से टमाटर की नई फसल पहुंचना शुरू हो गई है। रविवार को टमाटर 50 रुपये प्रतिकिलो तक बिका है। आने वाले दिनों में टमाटर के दामों में और ज्यादा गिरावट आने की उम्मीद है। लोअर बाजार सब्जी मंडी एसोसिएशन के प्रधान विश्वेश्वर नाथ ने बताया कि रविवार को मंडी में 100 से 200 बोरी प्याज ही पहुंचा। बाकी दिनों में 500 से 600 बोरी प्याज प्रतिदिन पहुंचता है।आने वाले दिनों में आवक बढ़ने के साथ ही इसके दाम कम हो जाएंगे।
** हिमाचल की हर पंचायत को मिलेगा ई-रिक्शा, घर-घर से उठाएगा कचरा ** ई-रिक्शा पर सूखा और गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा करने के लिए बनेंगे केबिन हिमाचल सरकार प्रदेश की सभी 3,615 पंचायतों को ई-रिक्शा देने की तैयारी कर रही है। यह ई-रिक्शा घर-घर से कचरा उठाएगा। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण-1 के तहत निचले इलाकों की 80 पंचायतों के लिए ई-रिक्शा खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सरकार ने खरीद का जिम्मा इलेक्ट्रॅानिक विकास निगम को सौंपा है। खरीद के मानक परिवहन विभाग के सहयोग से तय किए गए हैं। घरों से इकट्ठा होने वाले कचरे से कंपोस्ट खाद तैयार की जाएगी। पंचायतें इस खाद को बेचकर कमाई करेंगी और यह पैसा विकास कार्यों पर भी खर्च किया जाएगा। हिमाचल को हरित राज्य बनाने के उद्देश्य से सरकार ने पंचायतों के लिए ई-रिक्शा खरीदने का निर्णय लिया है। राज्य में पंचायतों की अलग-अलग भौगोलिक स्थिति के मद्देनजर पंचायती राज विभाग ने परिवहन विभाग के सहयोग से ई-रिक्शा खरीद को लेकर मानक और तकनीकी विशिष्टताएं तय की हैं। पंचायत स्तर पर ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र बनाने की भी योजना है। ई-रिक्शा पर सूखा और गीला कचरा अलग-अलग इकट्ठा करने के लिए केबिन बनेंगे। पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र पर कचरे की छंटनी कर उससे कंपोस्ट खाद बनाई जाएगी। छंटनी के बाद निकले लोहा, धातू, कांच, प्लास्टिक आदि और कंपोस्ट खाद बेचकर मिलने वाली धनराशि को पंचायत के बैंक खाते में जमा किया जाएगा और योजना के तहत काम पर रखे जाने वाले सहयोगियों को मानदेय दिया जाएगा।
जिला सोलन पुलिस द्वारा भगौड़े अपराधियों को पकड़ने के लिए छेड़े गए विशेष अभियान के तहत एक भगोड़े अपराधी को इंदौर से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। सोलन के एसपी गौरव सिंह के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार विशेष अभियान के तहत 30 अक्टूबर को थाना कण्डाघाट की पुलिस टीम ने एक भगौड़े अपराधी जम्मू के डोडा निवासी विकास कुमार उर्फ सुभाष को मध्यप्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया, जिस पर पुलिस थाना कण्डाघाट में अधीन धारा 209 बी०एन०एस० के तहत मामला दर्ज किया गया। उक्त आरोपी के विरूद्ध पुलिस थाना कण्डाघाट में एक महिला द्वारा मोबाइल के माध्यम से उसका पीछा करने व उसे आपत्तिजनक मेसेज भेजने का एक मामला दर्ज किया गया था। मामला दर्ज होने के बाद आरोपी अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए गायब हो गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बार-बार अपने ठिकाने बदल रहा था। अदालत से आरोपी को भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद पुलिस लगातार उसका पीछा कर रही थी। अदालत ने उसे 21 दिसंबर 2020 को भगौडा अपराधी घोषित किया था। तब से ही पुलिस द्वारा इसकी गिरफ्तारी के निरंतर प्रयास किए जा रहे थे। सुभाष के पूर्व अपराधिक रिकार्ड की पड़ताल की जा रही है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। उसे अदालत में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है । मामले में जाँच जारी है।
**अमेरिका में हुआ अंडर-19 विश्व चैंपियनशिप कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश की वंशिका गोस्वामी ने कोलोराडो अमेरिका में यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप अंडर-19 में स्वर्ण पदक जीता। महिलाओं की 80 किलोग्राम वर्ग में जर्मनी की विक्टोरिया गेट को वंशिका ने महज 1 मिनट 37 सेकेंड में हरा दिया। वंशिका गोस्वामी ने यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है। 25 अक्टूबर से 5 नवंबर तक अमेरिका के कोलोराडो में आयोजित इस प्रतियोगिता में वंशिका ने अपने शानदार प्रदर्शन से यह सफलता हासिल की है। वंशिका गोस्वामी ने बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के स्टार-3 रेफरी कैलाश शर्मा के मार्गदर्शन में मुक्केबाजी का प्रशिक्षण शुरू किया था। वंशिका की प्रारंभिक शिक्षा शिवालिक स्कूल ज्वालाजी से हुई हैं। 12वीं क्लास में उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समलोटी (नगरोटा बगवां) से पढ़ाई की। वहां कोच कैलाश शर्मा के मार्गदर्शन में वंशिका ने बॉक्सिंग का प्रशिक्षण शुरू किया और स्कूल गेम्स में स्टेट चैंपियन बनीं। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय खेलों में भी रजत पदक जीतकर अपनी काबिलियत का परिचय दिया। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद कोच कैलाश शर्मा ने वंशिका को एडवांस ट्रेनिंग के लिए बाहर जाने की सलाह दी। इसके बाद वंशिका ने हरियाणा की एक निजी अकादमी से कोचिंग ली और साईं रोहतक में उसका चयन हुआ। वंशिका ने सांई रोहतक में मुख्य कोच अमनप्रीत के मार्गदर्शन में अपनी खेल प्रतिभा को निखारा। वर्तमान में वंशिका पंडित सुशील रतन राजकीय महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई करने के साथ-साथ बॉक्सिंग का प्रशिक्षण भी प्राप्त कर रही हैं। वंशिका की इस कामयाबी पर सीएम सुक्खू ने भी बधाई दी है। वंशिका गोस्वामी जिला कांगड़ा के ज्वालामुखी से संबंध रखती हैं। वंशिका गोस्वामी ज्वालाजी के तहत पड़ने वाली दरंग पंचायत की निवासी है। उनके पिता शशि गोस्वामी पुलिस में सेवारत हैं और दादा दीपराज गोस्वामी भी पुलिस विभाग से रिटायर हुए हैं। उनका परिवार हमेशा से ही खेलकूद व अन्य सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहा है। बता दें कि अमेरिका में हुई इस यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के मुक्केबाजों ने 17 पदक जीतकर शानदार प्रदर्शन किया।
हमीरपुर: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू 4 नवंबर और 5 नवंबर को बड़सर-नादौन विधानसभा क्षेत्र के दो दिवसीय प्रवास पर रहेंगे। तय प्रवास कार्यक्रम के अनुसार सीएम सुक्खू सोमवार 4 नवंबर को शाहतलाई के हेलीपैड पर उतरने के बाद दोपहर करीब एक बजे चकमोह पहुंचेंगे। चकमोह में वह सलौणी-दियोटसिद्ध सड़क के चौड़ीकरण के कार्य का भूमि पूजन करेंगे। वहीं, बड़सर-शाहतलाई सड़क के सुदृढ़ीकरण का उद्घाटन और लोक निर्माण विभाग के नए उपमंडल बिझड़ी का शुभारंभ करेंगे। आपको बता दें कि चकमोह के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू गांव कलवाल और लंजयाणा का भी दौरा करेंगे। इसके बाद सीएम सुक्खू शाम को लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह सेरा के लिए रवाना हो जाएगें। मंगलवार 5 नवंबर को मुख्यमंत्री सुक्खू सुबह सेरा के विश्राम गृह में जन समस्याओं को सुनेंगे। साथ ही स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ संवाद भी करेंगे। कल दोपहर लगभग एक बजे वह ग्राम पंचायत पुतड़ियाल में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। इसी दिन शाम को वह आईटीआई रेल के हेलीपैड से शिमला वापस लौट जाएंगे। हमीरपुर उपायुक्त अमरजीत सिंह ने कहा, "मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दौरे को लेकर जिला प्रशासन और संबंधित विभागों की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने सभी अधिकारियों को मुख्यमंत्री के दौरे के मद्देनजर सभी आवश्यक प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री बड़सर और नादौन विधानसभा क्षेत्र में कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। गौरतलब है कि सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों विभिन्न जिलों के प्रवास पर हैं। बीते दिन सीएम सुक्खू सीएम ने किन्नौर जिले पर रहे। इस दौरान उन्होंने चार दिवसीय राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री ने की राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव के समापन्न समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने गत सायं जिला किन्नौर में चार दिवसीय राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव के समापन समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव किन्नौर के पारम्परिक संगीत, नृत्य और कला शैलियों का प्रतिबिंब है। मुख्यमंत्री ने किन्नौर की अनूठी परम्पराओं को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए वहां के लोगों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के उत्सव न केवल समुदाय को एकजुट करते हैं बल्कि लोगों को प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से रू-ब-रू भी करवाते हैं। प्रदेश सरकार राज्य की समृद्ध संस्कृति को संजोकर रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों के विकास और यहां के लोगों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की गई हैं और जल्द ही किन्नौर में एक हैलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, यहां के युवाओं को नशे के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए 28 करोड़ रुपये की लागत से खेल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किन्नौर जिला के टापरी में जियोथर्मल तकनीक से विश्व का पहला नियंत्रित वातावरण भंडारण (सीए स्टोर) का निर्माण कर रही है। इसके लिए आईसलैंड व हिमाचल सरकार के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। इससे क्षेत्र बागवान लाभान्वित होंगे और उनकी आर्थिकी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि बागवानी क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए प्रदेश सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन शुरू किया है, जिसके अन्तर्गत बागवानों से प्रति किलो के हिसाब से सेब की खरीद की जा रही है, जो सरकार की सुशासन प्रणाली से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि किन्नौर के निगुलसरी में बारिश के कारण अधिकतम समय सड़क मार्ग अवरूद्ध रहता है। प्रदेश सरकार ने रिकांगपिओं के लिए वैकल्पिक सड़क मार्ग निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है ताकि क्षेत्रवासियों को असुविधा का सामना न करना पड़े। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की बागड़ोर संभालने के उपरान्त राज्य सरकार ने जनहितैशी निर्णय लिए और मंत्रिमण्डल की पहली ही बैठक में कर्मचारियों को उनका हक दिलाने के लिए पुरानी पैंशन बहाल की। इस योजना से प्रदेश के 1.36 लाख सरकारी कर्मचारी लाभान्वित हुए हैं। आपदा के दौरान प्रदेश सरकार सभी प्रभावित लोगों के साथ मजबूती के साथ खड़ी रही और प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज जारी किया। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्र के विकास के लिए 30.70 करोड़ रुपये की विकासात्मक परियोजनाएं समर्पित की गई हैं। इन योजनाओं से क्षेत्र का विकास होगा और यहां के लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बच्चों को गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए इस शैक्षणिक सत्र से पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू किया है। इसके अलावा, सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार जनता की सरकार है, जहां महिलाओं को सम्मान, युवाओं को रोजगार और किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2027 तक आत्मनिर्भर राज्य तथा वर्ष 2032 तक देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। सरकार ने अपनी 10 गारंटियों में से पांच गारंटियों को पूरा कर लिया है और पात्र लोगों तक इन योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अन्तर्गत जिले के निर्धन एवं भूमिहीन लोगों को भू-पट्टे प्रदान कर उनकी जमीन का मालिकाना हक प्रदान किया। इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय किन्नौर उत्सव के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगितों के विजेताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शिनियों का अवलोकन भी किया और सांस्कृतिक संध्याओं में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष उमेश नेगी, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्षा सरोज नेगी, महासचिव जिला महिला कांग्रेस ललिता, जिला परिषद उपाध्यक्ष प्रिया नेगी, सहकारी बैंक के निदेशक विक्रम नेगी सहित अन्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला किन्नौर के कल्पा में बालिका आश्रम का दौरा किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार निराश्रित बच्चों के कल्याण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश में अनाथ और विशेष रूप से सक्षम बच्चों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा दिया गया है और सरकार इन बच्चों का परिवार के सदस्यों के रूप में ख्याल रख रही है। उन्होंने कहा कि सभी अनाथ बच्चे राज्य की जिम्मेदारी हैं और उचित देखभाल इन बच्चों का अधिकार है। हिमाचल प्रदेश इन बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ का दर्जा देने और इनके अधिकार प्रदान करने के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य है। मुख्यमंत्री ने बालिका आश्रम की बालिकाओं से बातचीत की और कहा कि वर्तमान राज्य सरकार इन बच्चियों की देखभाल और शिक्षा के लिए हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने आश्रम की बालिकाओं को जीवन में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत और निरन्तर प्रयास करने को कहा। मुख्यमंत्री ने उपायुक्त किन्नौर को बालिका आश्रम का समय-समय पर औचक निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि बच्चों की सभी समस्याओं का समय पर निवारण हो सके। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आश्रम की प्रत्येक बालिका को दिवाली उपहार के रूप में 25-25 हजार रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने बच्चियों को ट्रैक सूट भी भेंट किए। बालिका आश्रम की लड़कियों ने इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री ने कल्पा के बौद्ध मन्दिर में शीश नवाया। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी, उपायुक्त किन्नौर अमित कुमार शर्मा, पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर सहित अन्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि प्रदेश सरकार ने एक नई पहल करते हुए ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ शुरू करने जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य विधवा, बेसहारा, तलाकशुदा महिलाओं और विकलांग माता-पिता को उनके बच्चों की शिक्षा और कल्याण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य दो विशिष्ट आयु समूहों को सहायता प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं और विकलांग माता-पिता को 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण संबंधी खर्चों को पूरा करने के लिए 1000 रुपये का मासिक अनुदान प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा या व्यावसायिक पाठयक्रमों में प्रवेश पाने वाले बच्चों को ट्यूशन और छात्रावास का खर्च वहन करने के लिए भी सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षणिक और वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण विधवा और परित्यक्त महिलाओं को अपने बच्चों का पालन-पोषण करने में कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ये महिलाएं विशेष रूप से कमजोेर हैं और उन्हें खुद का अस्तित्व बनाए रखने व अपने बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक नैतिक और वित्तीय सहायता की कमी है। इस योजना का उद्देश्य पारिवारिक स्तर पर बाल संरक्षण को सुदृढ़ कर बाल शोषण, तस्करी, बाल विवाह और मादक पदार्थों के दुरुपयोग जैसे अपराधों को रोकना है। उन्होंने कहा कि विकलांगता, बेरोजगारी और गरीबी के दृष्टिगत ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ विकलांग माता-पिता के बच्चों की जरूरतों को भी पूरा करेगी। इस योजना का लाभ उठाने के लिए स्थानीय बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है। सुक्खू ने कहा कि कमजोेर परिवारों के लिए एक उचित माहौल को बढ़ावा देना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक शिक्षा और देखभाल मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद पहले दिन से ही वंचित वर्गों को सशक्त बनाने कोे प्राथमिकता दी है और उनकी सहायता के लिए कई पहल शुरू की हैं। समाज के कुछ वर्ग ऐसे हैं जो अपनी शिकायतें और कठिनाइयां लेकर हमारे पास नहीं आ पाते हैं लेकिन एक संवेदनशील सरकार के रूप में हम हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं।
शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार पारा गिर रहा है। प्रदेश में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे जा चुका है। हालांकि प्रदेश में अधिकतम तापमान मौजूदा समय में सामान्य से 4 से 6 डिग्री अधिक चल रहा है। अभी आने वाले दिनों में मौसम साफ रहने का पुर्वानुमान है। रात में तापमान शून्य के आस-पास पहुंच गया है। सुबह शाम लोगों को ठंड का एहसास हो रहा है। पिछले 24 घंटे में राज्य का मौसम शुष्क रहा है। पिछले 24 घंटे में राज्य के अधिकतम और न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है। औसत न्यूनतम तापमान सामान्य रहा. अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहा है। सबसे अधिक न्यूनतम तापमान -2.8 डिग्री सेल्सियस ताबो में दर्ज किया गया। सबसे अधिक तापमान ऊना में 33.4 डिग्री सेल्सियस रहा। हिमाचल में नवंबर महीने में भी गर्मी का एहसास हो रहा है। अक्सर हिमाचल में अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में ठंड का आगमन हो जाता है, लेकिन इस बार नवंबर में भी कई स्थानों का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक या इसके आस-पास है। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में 9 नवंबर तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। ऐसे में दिन के समय तापमान सामान्य ही रहेगा। सुबह-शाम लोगों को ठंड का एहसास होगा। पहली नवंबर को तापमान में रिकॉर्ड उछाल दर्ज हुआ था। शुक्रवार को कल्पा में 40, चंबा 14, शिमला 8 और कांगड़ा, सोलन व मनाली में 4 साल बाद नवंबर में सबसे अधिक तापमान रहा। कल्पा में शुक्रवार को तापमान 23.6 डिग्री रिकार्ड हुआ था। 1984 में कल्पा में अधिकतम तापमान 24.5 रिकॉर्ड रहा था। शुक्रवार को चंबा में 2010 के बाद 30 डिग्री और शिमला में 2016 के बाद 22 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान दर्ज किया गया था। वहीं, हिमाचल प्रदेश में 123 सालों में तीसरी बार अक्टूबर महीना सबसे सूखा रहा। इस साल अक्टूबर महीने में 97 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक प्रदेश में सामान्य 25.1 मिमी बारिश के मुकाबले 0.7 मिमी बारिश हुई है। ऐसे में बारिश कम होने के चलते अक्टूबर महीने में प्रदेशभर में सूखा छाया रहा। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के महीने में हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, कुल्लू और चंबा में 100 प्रतिशत कम बारिश हुई, यानी की यहां पर बारिश हुई ही नहीं है। इसके अलावा अक्टूबर महीने में लाहौल-स्पीति में 99 प्रतिशत, किन्नौर में 98 प्रतिशत, कांगड़ा में 94 प्रतिशत, मंडी में 83 प्रतिशत और ऊना में 54 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक अधिकांश दिनों में कम बारिश के साथ हिमाचल प्रदेश में 1901 के बाद से अक्टूबर के महीने में तीसरी सबसे कम बारिश दर्ज हुई है। अक्टूबर के महीने में सबसे अधिक बारिश 1955 में 413.5 मिमी दर्ज की गई थी।
** विजेता टीम को मिलेंगे 21 लाख रुपए मंडी: हिमाचल प्रदेश में 15 नवंबर से राज्य की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग शुरू होने जा रही है। ये क्रिकेट लीग तीन महीनों तक चलेगी और जीतने वाली टीम को लाखों रुपयों की राशि इनाम में दी जाएगी। इस क्रिकेट लीग का आयोजन सम्मान एंड सलाम फाउंडेशन द्वारा करवाया जाएगा।तीन महीनों तक चलने वाली इस क्रिकेट लीग को जीतने वाली टीम को इनाम के रूप में 21 लाख की राशि प्रदान की जाएगी, जबकि उपविजेता टीम को 11 लाख और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को 5 लाख की राशि प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही मैन ऑफ द सीरीज रहने वाले को भी 5 लाख की राशि इनाम में दी जाएगी। सम्मान एंड सलाम फाउंडेशन के संस्थान विवेक कुमार झा ने सात मील स्थित होटल नीलम में आयोजित बैठक के बाद बताया कि हर जिले से 32 टीमें इस क्रिकेट लीग में भाग लेंगी। इनकी एंट्री फीस 21 हजार रुपए रखी गई है। आवेदन करने की आखिरी तारीख 8 नवंबर है। इसके लिए एक फार्म भरना होगा, जोकि सम्मान एंड सलाम फाउंडेशन के सुंदरनगर स्थित कार्यालय से प्राप्त होगा। इसके लिए मोबाइल नंबर 7807622422 या ईमेल आईडी wessfindia@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं। विवेक कुमार झा ने बताया कि अगर 32 से ज्यादा टीमों के आवेदन आते हैं तो फिर उनमें छंटनी की जाएगी और उसी आधार पर 32 टीमों का चयन किया जाएगा। एंट्री फीस चयन होने के बाद ली जाएगी। हर एक टीम को लीग के तहत 4 से 5 मैच खेलने का मौका दिया जाएगा। सभी मैच जिला स्तर पर चिन्हित किए गए मैदान में होंगे, जबकि जिला स्तर से चयनित टीमों के सभी मैच एचपीसीए के धर्मशाला स्थित स्टेडियम में ही करवाए जाएंगे। पूरी लीग के दौरान 24 खिलाड़ियों का चयन भी किया जाएगा। जिन्हें दिल्ली और गुड़गांव में विशेष कोचिंग दिलाई जाएगी। विवेक कुमार झा ने बताया कि इस आयोजन के जरिए शहीदों के परिवारों के लिए फंड इकट्ठा किया जाएगा। सारी कलेक्शन का 10 प्रतिशत शहीदों के नाम पर काम करने या फिर उनके परिवारों के उत्थान पर खर्च किया जाएगा। इसके अलावा जो भी धनराशि इकट्ठी होगी, उसमें से सीएम रिलीफ फंड को 10 लाख, पुलिस वेलफेयर डोनेशन में 10 लाख, एचपीसीए को 5 लाख और एनसीसी को 5 लाख रुपए दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि उनकी संस्था शहीदों के परिवारों के उत्थान के लिए काम करती है। अभी तक इस तरह के 7 कार्यक्रम आयोजित करके 171 शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया जा चुका है।
शिमला/सन्नी गौतम: राज्य में अपराधों को अंजाम देने के लिए पुरुष ही नहीं, अपितु महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। प्रदेश की विभिन्न जेलों में 97 महिला कैदी बंदी बनाई गई हैं, जिनमें से 33 को अदालत ने दोषी करार दिया है, जबकि 64 महिला कैदियों के मामले अदालतों में विचाराधीन हैं। सबसे अधिक आदर्श जेल कंडा में 19 महिला कैदियों को रखा गया है, जिनमें से 14 को दोषी करार दिया जा चुका है, जबकि 5 महिला कैदियों के मामले अदालत में विचाराधीन हैं। जिला जेल कैथू की बात करें तो यहां पर 9 महिला कैदियों को रखा गया है और इन सभी के मामले अदालत में विचाराधीन हैं। सजा पा चुकीं 33 महिलाओं में आदर्श सैंट्रल जेल कंडा में 14, आदर्श सैंट्रल जेल नाहन में 9, लाला लाजपत राय जिला ओपन एयर करैक्शनल होम धर्मशाला में 9 व जिला जेल हमीरपुर में 1 कैदी शामिल है। राज्य की जेलों में 2,580 कैदियों को रखने की सुविधा है, जिनमें 2,370 पुरुष व 210 महिला कैदी शामिल हैं, लेकिन इसके विपरीत राज्य की जेलों में 2,785 कैदी रखे गए हैं, जिनमें 2,688 पुरुष व 97 महिला कैदी शुमार हैं। राज्य की जेलों में बंद 2,688 पुरुष कैदियों में से 968 को अदालत द्वारा सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि 1,720 कैदियों के मामले राज्य की विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं। सितम्बर माह तक जारी आंकड़ों के अनुसार मॉडर्न सैंट्रल जेल नाहन में 13 महिला कैदी रखी गई हैं, जिनमें से 9 को सजा मिल चुकी है और 4 के मामले अदालत में अंडर ट्रायल चले हुए हैं। जिला एयर जेल बिलासपुर में 3 महिला कैदी रखी हैं और इनके मामले कोर्ट में अंडर ट्रायल हैं। जिला जेल चम्बा में 5 महिला कैदियों के मामले भी अदालत में विचाराधीन हैं। लाला लाजपत राय जिला ओपन एयर करैक्शनल होम धर्मशाला में 16 महिला कैदियों को रखा गया है, जिनमें से 9 सजा पा चुकी हैं और 7 के मामले अंडर ट्रायल हैं। जिला जेल हमीरपुर में 1 महिला कैदी अदालत से सजा पा चुकी है। जिला जेल कुल्लू में 5 महिला कैदियों के मामले अंडर ट्रायल हैं। जिला जेल मंडी में 6, उप जेल नूरपुर में 2, जिला जेल सोलन में 12, जिला जेल ऊना बनगढ़ में 6 महिला कैदियों के मामले भी अदालत में विचाराधीन हैं।
** पर्यटक शिमला में खुल कर ले रहे राहत की सांस शिमला: देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से हवा बहुत जहरीली हो गई है, जिससे लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दिल्ली की इस जहरीली हवा से राहत पाने के लिए लोग अब पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। दिल्ली के मुकाबले हिमाचल प्रदेश में एयर क्वालिटी बहुत बेहतर है। एक तरफ जहां दिल्ली समेत अन्य शहरों में हवा बेहद खराब हो चुकी है, लेकिन हिमाचल में इसका असर ज्यादा देखने को नहीं मिला है। हिमाचल के शहरों में वायु गुणवत्ता काफी बेहतर है। ऐसे में दिल्ली सहित मैलानी क्षेत्र से काफी संख्या में पर्यटक शिमला पहुंच रहे हैं। शिमला में पर्यटकों का जमावड़ा लगा हुआ है. यहां पर आकर पर्यटक सुहावने मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं। शिमला में मौसम बिल्कुल साफ बना हुआ है। पर्यटकों के आने से शिमला शहर में होटल पैक है। काफी समय के बाद शिमला में होटल में ऑक्युपेंसी भी 70 फीसदी तक पहुंच गई है। शिमला पहुंचे पर्यटकों का कहना है कि दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है। लोगों ने काफी ज्यादा पटाखे जलाए हैं, जिससे दिल्ली की हवा काफी प्रदूषित हो गई है। वहां पर सांस लेने में भी दिक्कत आ रही है, जिसके चलते वो कुछ दिन शिमला में रहने का प्लान बनाकर आए हैं और यहां पर मौसम काफी सुहावना बना हुआ है। दिल्ली में अभी भी तापमान काफी ज्यादा है, लेकिन शिमला में मौसम काफी अच्छा बना हुआ है। सुबह शाम यहां पर काफी ठंड भी है। बाहरी राज्यों से काफी तादात में पर्यटक इन दिनों शिमला पहुंच रहे हैं। खासकर पर्यटक कालका से शिमला ट्रेन में पहुंच रहे हैं। शिमला में आने वाली सभी ट्रेनें पूरी तरह से पैक होकर शिमला पहुंच रही है। वहीं, ट्रेनों में एडवांस बुकिंग चल रही है।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सोमवार से वोकेशनल शिक्षा ठप हो जाएगी। वेतन एरियर नहीं मिलने पर सभी 2400 व्यावसायिक शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। वह मांगें पूरी होने तक सामूहिक हड़ताल पर रहेंगे। वोकेशनल शिक्षक संघ के अध्यक्ष अश्वनी डटवालिया और शिमला के अध्यक्ष धीरज शर्मा ने बताया कि कंपनियों के तुगलकी फरमानों से व्यावसायिक शिक्षक परेशान हैं। कंपनियां सरकार के आदेशों को भी दरकिनार कर रही हैं। सरकार ने कंपनियों को आदेश जारी किए थे कि 20 अक्तूबर तक व्यावसायिक शिक्षकों का एरियर जारी कर दिया जाना चाहिए। उसके बावजूद भी अभी दो कंपनियों ने एरियर जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां मनमाने ढंग से वेतन प्रदान करती हैं, इसकी कोई समय अवधि भी तय नहीं है। इसके विरोधस्वरूप शिक्षकों ने चार नवंबर से हड़ताल करने का फैसला लिया है। वोकेशल शिक्षक संघ के पदािधकारियों ने वेतन देने के नाम पर निजी कंपनियों पर करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने दिवाली से पहले ही पूरे प्रदेश के कर्मचारियों का वेतन 28 अक्तूबर को जारी करने के आदेश जारी किए। लेकिन निजी कंपनियाें ने मनमानी करते हुए किसी भी व्यावसायिक शिक्षक को वेतन प्रदान नहीं किया है। कंपनियां सरकार के आदेशों की अवहेलना कर रही है। इन्हीं कारणों से वोकेशनल शिक्षकों में रोष है।
पांवटा साहिब स्थित एक प्राइवेट कम्पनी के संचालक ने पुलिस थाना पांवटा साहिब में शिकायत दर्ज करवाई कि पांवटा साहिब निवासी दो व्यक्ति अशोक कुमार बहुता तथा जसबीर सिंह हंस, जिन्होंने कथित तौर पर पत्रकारिता के लिए अलग - 2 न्यूज पोर्टल क्रमशाः अशोका टाईम व खबरोवाला चला रखे हैं तथा शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया है कि उक्त दोनों आरोपियों ने अपने- अपने न्यूज प्लेटफार्म पर उसके विरुद्ध जमीन से सम्बन्धित मामले में झूठी व भ्रामक खबरें प्रसारित करने की धमकी देकर जबरदस्ती 10 लाख रुपए की मांग की है। उक्त दोनों आरोपियों अशोक कुमार बहुता तथा जसबीर सिंह हंस ने इनसे 1 लाख रुपए ऐंठ भी लिए हैं। मामले के सम्बन्ध में शिकायतकर्ता ने ऑडियो तथा वीडियो साक्ष्य भी पुलिस को प्रस्तुत किए हैं। उक्त मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस द्वारा उपरोक्त दोनों आरोपियों अशोक कुमार बहुता, निवासी देवीनगर, पावंटा साहिब, जिला सिरमौर तथा जसबीर सिंह हंस, निवासी यमुना विहार कॉलोनी, पावंटा साहिब, जिला सिरमौर के विरुद्ध पुलिस थाना पांवटा साहिब में अभियोग संख्या 169/24 अधीन धारा 308(2), 356(2), 356 (3) BNS पंजिकृत किया जाकर मामले में संलिप्त उक्त दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है । मामले में अगामी अन्वेषण जारी है। गौरतलब है कि आरोपी जसबीर सिंह हंस पुलिस थाना पांवटा साहिब का एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी है, जबकि अशोक कुमार बहुता के विरुद्ध भी पुलिस थाना पांवटा साहिब में कई अभियोग पंजीकृत हैं।
भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज का त्योहार आज, 3 नवंबर रविवार को मनाया जा रहा है। भाई दूज पर बहनों द्वारा अपने भाई को तिलक लगाया जाएगा। मान्यता हैं कि इससे जहां भाई की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती तो वहीं भाई भी अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है। इस त्योहार को भाई-बहन के प्यार के पर्व के रूप में मनाया जाता है, लेकिन भाई दूज के दिन भाई और बहन को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। कुल्लू के आचार्य विजय कुमार ने बताया, "भाई दूज का त्योहार एक पवित्र त्योहार है। इसलिए नियमों के अनुसार ही इस त्योहार को मनाना चाहिए." आचार्य विजय कुमार ने बताया कि भाई दूज भाई और बहन को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। भाई दूज पर तिलक के समय भाई का मुंह उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। तिलक करते समय बहन का मुंह उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। बहन अपने भाई को लकड़ी की या चावल की चौकी बनाकर तिलक करें। बहन तिलक करने से पहले भाई के सिर पर फूल, पान, सुपारी, और पैसा रखें और भाई की कलाई पर मौली बांधे। इस दिन भाई को तिलक करने से पहले बहनें खाना न खाएं। भाई दूज के दिन भाई-बहन आपस में लड़ाई-झगड़ा न करें। इस दिन भाई और बहन सात्विक भोजन ही करें। भाई दूज पर मांसाहार बिल्कुल भी नहीं खाएं। भाई दूज पर भाई को भोजन कराने के बाद बहनें खाना खाएं। बहनों को भाई दूज के दिन भाई को उपहार देना चाहिए। भाई दूज पर भाई-बहन काले रंग के कपड़े न पहनें। इस दिन भाई-बहन पीले, लाल, गुलाब, हरे रंग के कपड़े पहन सकते हैं। आचार्य विजय कुमार का कहना है कि भाई दूज एक पवित्र त्योहार है। ये भाई-बहन के पवित्र रिश्ते के पर्व है। ये त्योहार भाई और बहन के बीच अटूट प्यार को दर्शाता है। इसलिए इस पवित्र पर्व को मनाने के लिए भाई और बहन दोनों को ही इन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।
** कहा, प्रदेश को पूरे देश में कंगाल राज्य की धारणा दिलवाने का काम कांग्रेस सरकार ने किया हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र सदर से विधायक आशीष शर्मा ने शनिवार को ग्राम पंचायत स्वाहल के मझोट अप्पर, मझोट लोअर, उसली, अप्पर सेर, स्वाहल, भाटी, कथाल गाँवों में गाँववार कार्यक्रम आयोजित कर जन आशीर्वाद प्राप्त किया एवं चुनावों में उन्हें सहयोग करने व दूसरी बार विधानसभा भेजने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सरकार ने प्रदेश को खस्तहाल स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। प्रदेश को पूरे देश में कंगाल राज्य की धारणा दिलवाने का काम इस कांग्रेस सरकार ने किया है। जब नौ विधायकों ने इस सरकार की लचर कार्यप्रणाली को देखा, तब ही इस सरकार का साथ छोड़ने का निर्णय लिया। झूठी सरकार ने उस दौरान भी महिलाओं को पंद्रह सौ रूपए खाते में डालने का आश्वासन दिया और एक गांव की दो तीन महिलाओं को यह पैसे चुनावों के दौरान डाल दिये। लेकिन अब वह पंद्रह सौ रूपए नहीं आए। अब दोबरा जब चुनाव आएँगे तब दोबारा ये झूठी सरकार महिलाओं के फॉर्म भरवाना शुरु करेगी। हालात ऐसे हैं कि प्रदेश को भारी कर्जे के बोझ तले दबाया जा रहा है और खुद के परिवार व मित्र मंडली की झोली को भरा जा रहा है। आम आदमी से इस सरकार को कोई लेना देना नहीं है। लोगों की आँखों में धूल झोंकी जा रही है और झूठ बोलकर गुमराह किया जा रहा है। तीन सौ यूनिट बिजली बिल माफ करने का वायदा कर जो एक सौ पच्चीस यूनिट भाजपा सरकार ने निशुल्क की थी वह भी बंद कर दी है। युवाओं को रोजगार के नाम पर ठगा है। विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि अब लोग इस सरकार कि कारगुजारी को समझ गए हैं और उन नौ विधायकों के निर्णय को सही बता रहे हैं। इस मौके पर विधायक आशीष शर्मा ने कहा कि उन्होंने विधायक निधि से पंचायत में विभिन्न विकास कार्यों के लिए 12 लाख रुपये जारी किए हैं। इनके आलावा विधायक ने नए कार्यों के प्राकलन भी देने की अपील की ताकि और विकास कार्य भी विधायक निधि से करवाकर लोगों को सौगात दी जाए। इस दौरान स्थानीय लोगों ने विधायक का जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर ग्राम केंद्र अध्यक्ष ओंकार चंद, बूथ अध्यक्ष दिनेश शर्मा, ग्राम केंद्र उपाध्यक्ष धनपत राय, बीडीसी अध्यक्ष रीना देवी, वार्ड सदस्य सुनीता, ध्यान चंद सहित विधायक आशीष शर्मा की धर्मपत्नी स्वाति जार सहित अशोक, विनोद, संजय व अन्य मौजूद रहे।
भाई दूज का त्यौहार हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की दूसरी तारीख को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहते हैं। भाई और बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती है। ऐसे में इस साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनके हाथ पर मौली बांधती हैं। इसके साथ ही बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए भी कामना करती हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भाई दूज के दिन पर जो भाई अपनी बहन से तिलक लगवाता है उसकी कभी अकाल मृत्यु नहीं होती है। आचार्य रमेश कुमार का कहना है कि, 'भाई दूज का त्योहार 3 नवंबर को मनाया जाएगा और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 2 नवंबर को रात 8:22 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 3 नवंबर को रात 11:06 पर होगा। भाई को तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 मिनट से लेकर दोपहर 3:22 तक रहेगा। ऐसे में 2 घंटे 12 मिनट का मुहूर्त तिलक लगाने के लिए काफी शुभ है। आचार्य रमेश कुमार ने कहा कि, 'बहनों को अपने भाई के तिलक और आरती के लिए थाली तैयार करनी चाहिए। तिलक से पहले चावल के मिश्रण से एक चौकी बनानी चाहिए और उस चौकी पर भाई को बैठाकर शुभ मुहूर्त में उसका तिलक करना चाहिए। तिलक के बाद बहन अपने भाई को सुपारी, पान, बताशे फूल आदि देकर उसकी आरती उतारे। तिलक और आरती होने के बाद भाई भी अपनी बहन को उपहार दे और उसकी रक्षा का वचन दे। आचार्य रमेश कुमार शर्मा का कहना है कि, 'भाई दूज को लेकर पौराणिक मान्यता के अनुसार यमुना ने अपने भाई यमराज की लंबी उम्र के लिए व्रत किया था और यमराज ने भी इसी दिन अपनी बहन को दर्शन दिए थे। शास्त्रों के अनुसार यमुना अपने भाई से मिलने के लिए काफी व्याकुल थी और द्वितीय तिथि के दिन ही यमराज अपनी बहन से मिलने आए थे। इसलिए यमुना ने अपने भाई की बहुत आव भगत की थी। वहीं, यमराज ने भी प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया था कि अगर इस दिन कोई भी भाई-बहन एक साथ यमुना नदी में स्नान करेंगे, तो उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी। इसके अलावा यमुना ने अपने भाई से वचन लिया था कि आज के दिन हर भाई को अपनी बहन के घर जाना चाहिए. भाई दूज पर यमराज को प्रसन्न करने के लिए बहनों के द्वारा व्रत भी रखा जाता है। वहीं इसी दिन यमराज के साथ-साथ चित्रगुप्त की भी उपासना की जाती है।
** 2 की पहले हो चुकी है मौत कुल्लू जिला की पर्यटन नगरी मनाली में 10 हजार फीट की ऊंचाई पर दुर्घटनाग्रस्त हुए पैराग्लाइडर के पायलट को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। पैराग्लाइडर का पायलट सर्बिया का रहने वाला है और अब विदेशी पायलट का ढालपुर अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। रेस्क्यू टीम ने बीती रात को 10 हजार फीट की पहाड़ी पर चढ़कर उसे सुरक्षित अस्पताल तक पहुंचाया। मिली जानकारी के अनुसार सर्बिया के रहने वाले पायलट ने जिला कांगड़ा के बीड़ बिलिंग से उड़ान भरी थी, लेकिन वह आसमान में दिशा भटक गया और मनाली की पहाड़ियों में पतालसू पीक के समीप दुर्घटना का शिकार हो गया। ऐसे में पायलट ने अपने बचाव के लिए संदेश भेजा था। 34 साल के पायलट की टांगों में फ्रैक्चर हो गया है। ऐसे में मनाली एडवेंचर टुअर ऑपरेटर्स एसोशिएसन से भी पायलट को रेस्क्यू करने के लिए मदद मांगी गई थी। एसोसिएशन के सदस्य जोगिंदर ने बताया कि, 'उनकी टीम से बीते शुक्रवार शाम चार बजे के करीब मदद मांगी गई थी। रात 8 बजे उनकी टीम चढ़ाई करते हुए पतालसू पीक पर पहुंची वहां पर उन्होंने देखा कि पायलट के पैर में चोट लगने के बाद खून निकल रहा था और उसकी हालत को देखते हुए टीम के सदस्यों ने उसे रात को ही रेस्क्यू कर लिया। उनके साथ एक बैकअप टीम भी मौजूद थी और सोलंग गांव के लोगों ने भी इसमें काफी सहयोग किया है। इससे पहले इसी सप्ताह में मनाली के मढ़ी में एक पैराग्लाइडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। पैराग्लाइडर उड़ा रही विदेशी महिला की भी इस दुर्घटना में मौत हो गई थी। मृतक महिला की पहचान चेक गणराज्य की रहने वाली मिसुर्सवा डिटा केसका के रूप में हुई थी।वहीं, मंगलवार को भी बीर-बिलिंग में एक बेल्जियम पैराग्लाइडर की मौत हो गई थी। पैराग्लाइडर अपना पैराशूट नहीं खोल पाया था। यह दुर्घटना उस समय हुई थी जब अलग-अलग उड़ान भरने वाले दो पैराग्लाइडर हवा में टकरा गए, जिससे बेल्जियम के पैराग्लाइडर फेयरेट की मौत हो गई। हादसे में पोलिश पैराग्लाइडर घायल हो गया था।
** संजय अवस्थी ने कहा, स्वच्छता सामूहिक उत्तरदायित्व मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी ने कहा कि स्वच्छता हम सभी का सामूहिक उत्तरदायित्व है। संजय अवस्थी आज अर्की में विभिन्न जन समस्याओं को सुलझाने के उपरान्त उपस्थित जन प्रतिनिधियों एव अन्य के साथ संवाद कर रहे थे। उन्होंने इससे पूर्व नगर पंचायत अर्की के लिए कूड़ा एकत्रीकरण वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। संजय अवस्थी ने कहा कि अपने आसपास के परिवेश की सफाई, स्वच्छता का महत्वपूर्ण कारक है और प्रत्येक जन को स्वच्छता मुहिम में सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सामुदायिक एवं व्यक्तिगत स्तर पर स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता आवश्यक है और स्वस्थ नागरिक देश तथा प्रदेश के विकास को सही दिशा प्रदान करते हैं। मुख्य संसदीय सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार यह प्रयास कर रही है कि लोगों की विभिन्न समस्याओं को उनके घर-द्वार के समीप निर्धारित समयावधि में सुलझाया जाए। इससे लोगों के समय और धन की बचत सुनिश्चित होती है। प्रदेश के दूर-दराज एवं दुर्गम क्षेत्रों में भी प्रदेश सरकार लोगों के घर तक पंहुचकर उनकी कठिनाईयों और परेशानियों को दूर करने के लिए सतत् प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि हाल ही में सीएम सुक्खू ने शिमला ज़िला के दुर्गम क्षेत्र डोडरा-क्वार पंहुचकर न केवल क्षेत्रवासियों की समस्याओं को सुलझाया अपितु वहां रात्रि ठहराव कर स्थानीय वासियों को यह विश्वास भी दिलाया कि वर्तमान सरकार प्रदेशवासियों की बेहतरी के लिए दिन-रात कार्यरत है और पूर्ण संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने इस अवसर पर स्थानीय निवासियों की समस्याएं सुनीं और इनके शीघ्र निपटारे के अधिकारियों को निर्देश दिए। खण्ड कांग्रेस समिति अर्की के अध्यक्ष सतीश कश्यप, नगर पंचायत अर्की के अध्यक्ष अनुज गुप्ता, खण्ड कांग्रेस समिति अर्की के पूर्व अध्यक्ष रमेश ठाकुर, महासचिव कमलेश शर्मा, उपाध्यक्ष मोहन सिंह ठाकुर एवं दीपलाल चौहान, कांग्रेस अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सी.डी. बंसल, एपीएमसी सोलन के सदस्य प्यारे लाल शर्मा, उपमण्डलाधिकारी अर्की यादविन्द्र पाल, उप पुलिस अधीक्षक दाड़लाघाट सन्दीप शर्मा, तहसीलदार विपिन वर्मा, बाघल लैंड लूज़र समिति दाड़लाघाट के अध्यक्ष जगदीश ठाकुर, अर्की तहसील ट्रक ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष ऋषि देव, कांग्रेस पार्टी के विभिन्न पदाधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी अर्की डॉ. तारा चन्द नेगी, अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, अन्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी इस अवसर पर उपस्थित थे।
**मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि की शिरकत राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव की तीसरी सांस्कृतिक संध्या में हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षा रानी प्रतिभा सिंह बतौर विशेष अतिथि उपस्थित रहे। राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव की तीसरी सांस्कृतिक संध्या में कुलदीप शर्मा ने बतौर स्टार गायक अपनी कला से सांस्कृतिक संध्या का समा बांधा। इसके अलावा कुमार साहिल एवम गौरव कौंडल ने भी अपनी कला से सभी को मनमोहित किया। इस अवसर पर मिस किन्नौर प्रतियोगिता के तीसरे व चौथे राउंड का आयोजन किया गया, जिसमें रूबी नेगी ने मिस किन्नौर का खिताब अपने नाम किया तथा सुनीता द्वितीय रनर-अप व सुरभी प्रथम रनर-अप रही। महिला कल्याण परषद की सलाहकार सुशीला नेगी ने मिस किन्नौर 2024, प्रथम रनर अप व द्वितीय रनर अप को क्राउन पहना कर सम्मानित किया। राज्य स्तरीय किन्नौर महोत्सव के तीसरे दिन महा-नाटी का भी आयोजन किया गया, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी व उनकी धर्म पत्नी एवं महिला कल्याण परषद की सलाहकार सुशीला नेगी उपस्थित रहे। इसके अलावा तीसरी सांस्कृतिक संध्या में किन्नौर के कलाकारों एवं हिमाचल के कलाकारों ने अपने हुनर से सभी को मंत्रमुग्ध किया, जिसमें अनिल शर्मा, रोजी शर्मा, रमना भारती, किशन वर्मा व तांत्रा बॉयज ने अपने गायन के माध्यम से सभी को थिरकने पर मजबूर किया। इस अवसर पर उपायुक्त किन्नौर डॉ. अमित कुमार शर्मा, जिला परिषद उपाध्यक्षा प्रिया नेगी, पुलिस अधीक्षक अभिषेक शेखर, जिला परिषद सदस्य हितैष नेगी, एपीएमसी के निदेशक उमेश नेगी, राज्य सहकारी बैंक के निदेशक विक्रम सिंह नेगी, उपमण्डलाधिकारी कल्पा डॉ. मेजर शशांक गुप्ता, पंचायत समिति कल्पा की अध्यक्षा ललिता पंचारस, जनजातीय सलाहकार परिषद सदस्य डॉ. सूर्या बोरिस, पूह ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष प्रेम नेगी, कुलवंत नेगी, अधिवक्ता प्रताप नेगी, पंचायत जनप्रतिनिधि, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारीगण सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
** 22 महीनें में 25 हज़ार करोड़ का कर्ज है सुखविंदर सिंह सुक्खू की उपलब्धि शिमला: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने पार्टी के घोषण पत्र और अपने पार्टी के छोटे बड़े नेताओं के बयान फिर से सुनने चाहिए कि कैसी-कैसी गारंटियाँ कांग्रेस ने हिमाचल को दी थी। इसके साथ ही पार्टी मुख्यालय में पड़े वह फॉर्म भी देखने चाहिए कि किस तरह से युवाओं को स्टार्टअप फण्ड देने और महिलाओं से सम्मान निधि के फॉर्म भरवाए गए थे। उसे देखकर शायद उन्हें याद आ जाए कि उन्हें किसलिए प्रदेश के लोगों ने बहुमत दिया था। यदि मुख्यमंत्री अब झूठ बोलना बंद कर दें तो प्रदेश पर बहुत बड़ी मेहरबानी होगी। अब तो उनके आलाकमान और राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी मान लिया है कि झूठ बोलने के कारण और बड़े-बड़े चुनावी वादे करने के कारण ही आज आंग्रेस की यह स्थिति हुई है। कांग्रेस के सभी सरकारों की इसी झूठ की वजह से किरकिरी हो रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल में बोलें गए झूठ की वजह से आज कांग्रेस के किसी नेता और उनके बयान को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है। कांग्रेस के झूठ की वजह से आज कांग्रेस के गारंटियों की राजनीति ही समाप्त हो गई। हिमाचल और हिमाचल के नेताओं से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अब किनारा कर रहा है, लेकिन इससे कांग्रेस को मुक्ति नहीं मिलने वाली है। उनके द्वारा हिमाचल विधान सभा चुनाव के बड़े मंचों से लेकर नुक्कड़ और चौराहों तक कहा गया हर झूठ एक दस्तावेज की तरह दर्ज हैं। जिससे हम कांग्रेस को भागने नहीं देंगे। गारंटियों को लेकर विधान सभा के भीतर भी उनके झूठ को हमने पूरे कागज-पत्र के साथ बेनकाब किया था और आगे भी करेंगे। कांग्रेस को यह बात समझनी चाहिए कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हिमाचल के बारे में जो कहा उसका एक-एक शब्द शत प्रतिशत सत्य है। हिमाचल पिछले महीनों से देशभर में चर्चा में है, जिसकी वजह से हिमाचल की छवि खराब हुई है। अब मुख्यमंत्री प्रेस कांफ्रेंस करके बताते है कि इस महीनों कर्मचारियों को वेतन मिल जाएगा। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने पाँच गारंटियाँ पूरी कर दी हैं। गारंटियों के हिसाब से उनकी सरकार बने दो साल हुए तो दो लाख लोगों को नौकरी देनी थी लेकिन एक भी नौकरी नहीं दी। उल्टा डेढ़ लाख से ज़्यादा पद ख़त्म कर दिए और 12 हज़ार से ज़्यादा लोगों को नौकरी से भी निकाल दिया। 18 से 60 साल की हर महिला को 1500 रुपए हर महीनें देने थे। कुल पात्र महिलाओं की संख्या 22 लाख के आस पास थी लेकिन लोक सभा चुनाव के ठीक पहले मात्र 26 हज़ार महिलाओं को एक किस्त देकर बैठ गए। इसके बाद से किसी को एक पैसा नहीं मिला है। 300 यूनिट बिजली फ्री देने की गारंटी दी थी लेकिन पूर्व सरकार द्वारा दी गई 125 यूनिट बिजली की सुविधा भी खत्म कर दी और 300 यूनिट बिजली खर्च करने पर घरेलू उपभोक्ताओं से कमर्शियल रेट पर बिल लिए जा रहे हैं। गाय का दूध 80 और भैंस का दूध 100 रुपए लीटर ख़रीदने की गारंटी दी थी। आज दूध की क्या क़ीमत हैं। हर विधान सभा के एक हज़ार युवाओं को ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए 680 करोड़ का स्टार्टअप फण्ड बनाने की गारंटी दी थी। क्या हर विधान सभा के 10 युवाओं को भी स्टार्टअप का पैसा मिला? एक को भी नहीं मिला। इसके बाद भी यह कहना कि हमने गारंटी पूरी कर दी यह तो झूठ की हदें पार करने जैसा है। एक मुख्यमंत्री के द्वारा इस तरह की बात करना और भी शर्मनाक है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन सब के बाद भी मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमने पाँच गारंटियाँ पूरी कर दी। इसका अर्थ यही है कि सरकार अब इन गारंटियों के मामले में कुछ नहीं करने वाली है। जो करना था वह कर चुकी है। इसलिए प्रदेश के लोग अब सरकार से किसी भी प्रकार की कोई उम्मीद न रखे। सुक्खू सरकार आने वाले समय में सिर्फ और सिर्फ व्यवस्था पतन और प्रदेश के बंटाधार करने के लिए जानी जाएगी। आज प्रदेश की आर्थिक हालत की जिम्मेदार सुक्खू सरकार है, जिसने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गर्त में पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दो साल से कम के कार्यकाल में ही 25 हज़ार करोड़ का ऋण ही सुक्खू सरकार की अब तक की उपलब्धि है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह उन्हें भी यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि उनके झूठ की वजह से ही सरकार की किरकिरी हो रही है, इसलिए वह झूठ बोलने से परहेज करें।
हिमाचल प्रदेश में 123 सालों में तीसरी बार अक्टूबर महीना सबसे सूखा रहा। इस साल अक्टूबर महीने में 97 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक प्रदेश में सामान्य 25.1 मिमी बारिश के मुकाबले 0.7 मिमी बारिश हुई है। ऐसे में बारिश कम होने के चलते अक्टूबर महीने में प्रदेशभर में सूखा छाया रहा। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के महीने में हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर, कुल्लू और चंबा में 100 प्रतिशत कम बारिश हुई, यानी की यहां पर बारिश हुई ही नहीं है। इसके अलावा अक्टूबर महीने में लाहौल-स्पीति में 99 प्रतिशत, किन्नौर में 98 प्रतिशत, कांगड़ा में 94 प्रतिशत, मंडी में 83 प्रतिशत और ऊना में 54 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक अधिकांश दिनों में कम बारिश के साथ हिमाचल प्रदेश में 1901 के बाद से अक्टूबर के महीने में तीसरी सबसे कम बारिश दर्ज हुई है। अक्टूबर के महीने में सबसे अधिक बारिश 1955 में 413.5 मिमी दर्ज की गई थी। इस बीच, लाहौल-स्पीति के कोकसर में 9 और 10 अक्टूबर को हल्की बर्फबारी हुई। 6 अक्टूबर को प्रदेश के कुछ इलाकों में अच्छी बारिश होने के अलावा ज्यादातर दिनों में प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहा। वहीं, मौसम विभाग शिमला ने प्रदेश में अगले सात दिनों तक शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है। यानी की अगले 7 दिनों तक प्रदेश में बारिश नहीं होगी और आसमान साफ रहेगा, जिससे की अधिकतम तापमान में भी वृद्धि हो सकती है।
**बैल पूजन व सास-दामाद दूज भी है परम्परा का अहम हिस्सा सिरमौर जनपद की सदियों पुरानी लोक संस्कृति व परम्पराओं को संजोए रखने के लिए मशहूर गिरिपार क्षेत्र में यूं तो हिंदुओं के कईं त्यौहार अलग अंदाज में मनाए जाते हैं, मगर यहां हफ्ते भर चलने वाली दिवाली और एक दिवाली के एक महीने बाद आने वाली बूढ़ी दिवाली हमेशा चर्चा में रहती है। क्षेत्र में दीपावली से एक दिन पूर्व चौदश से ये त्योहार शुरू होता है और इसके बाद अवांस, पोड़ोई, दूज, तीज व पंचमी आदि नाम से सप्ताह भर चलता है। बीते बुधवार को चौदश से इलाके में त्यौहार शुरू हो चुका है। दीपावली को आज अंवास के नाम से मनाए जाने व लक्ष्मी पूजा के बाद अगले दिन मनाए जाने वाले पोड़ोई पर्व पर क्षेत्र मे बैलों अथवा गोवंश की पूजा कर उन्हें पारम्परिक व्यंजन अथवा पकवान परोसे जाते हैं। इस दौरान इलाके के विभिन्न गांवों में बुड़ेछू लोक नृत्य भी हुआ।
**30 वर्षीय शिवम संजू राजपूत को लगा पत्थर तब हुआ खेल खत्म **9 मिनट तक जारी रही पत्थरों की बरसात,पत्थरबाजी का ये है अनोखा खेल एक ऐसा खेल जिसमे लोग एक दूसरे पर बरसाते है पत्थर होती है जमकर पत्थरबाजी और ऐसी वैसी पत्थरबाजी नहीं ऐसी पत्थरबाजी कि जब तक किसी के सर से खून न बहने लगे तब तक नहीं खत्म होता ये खेल..जी हां ये सिर्फ कोई खेल ही नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही परम्परा भी है। ये एक अनोखी और सबको हैरान कर देने वाली परम्परा है शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के हलोग धामी की। जहां दीपावली के दूसरे दिन पत्थरों की बरसात होती है। यहां के लोग एक दूसरे पर ताबड़तोड़ पत्थर बरसाते हैं और यहां के स्थानीय लोग पूरे उत्साह के साथ इस खेल को खेलते हैं। इस खेल में कोई बाहर का व्यक्ति नही होता बल्कि स्थानीय लोग ही शामिल होते है और ये खेल यहाँ की सुख समृद्धि और शांति के लिए सदियों से खेला जाता है। इस खेल में पत्थर बरसाने का अनोखा खेल में दो पक्षों के बीच में होता है और तब तक खेल खत्म नहीं होता जब तक किसी एक व्यक्ति के सिर से खून न बहने लगे। है न हैरान कर देने वाली परम्परा... दीपावली के अगले दिन यानी बीते कल धामी में इस पौराणिक परंपरा को निभाया गया। यह खेल माता सती का शारड़ा चबूतरे के दोनों ओर खड़ी टोलियों जठोती और जमोगी के बीच होता है। सिर से निकले खून से भद्रकाली के मंदिर में जाकर तिलक कर परंपरा को पूरा किया गया। उसके उपरांत पत्थर से घायल व्यक्ति का प्राथमिक उपचार किया जाता है। राजघराने से ढोल-नगाड़ों की थाप के साथ इस पत्थर खेल में बड़ी संख्या में युवा शामिल हुए, वहीं हजारों की भीड़ ने खेल देखने का आनंद लिया। 9 मिनट तक चले इस खेल में जमोगी खुंद के 30 वर्षीय शिवम संजू राजपूत के सिर पर पत्थर लगने से इस खेल का समापन हुआ। खून निकलने के बाद सब लोग एकत्रित हुए और भद्रकाली के चरणों मे तिलक लगाया गया। धामी रियासत के उत्तराधिकारी जगदीप सिंह ने कहा कि सैकड़ों वर्ष पूर्व रियासत और क्षेत्र की जनता की सुख-शांति के लिए क्षेत्र में नरबलि की प्रथा थी। इसके विकल्प के रूप में यहां की सती हुई रानी ने नरबलि की जगह इस खेल को करवाने की प्रथा शुरू की थी, जिससे किसी की जान भी न जाए, क्षेत्र में सुख-शांति रखने को भद्रकाली के मंदिर में मानव खून का तिलक कर परंपरा का निर्वहन भी हो जाए। उस समय से यह खेल यहां के खुंदों के बीच खेला जाता है। इस खेल में कोई बाहर का व्यक्ति नही होता। यह क्षेत्र की सुख सम्रद्धि के लिए खेला जाता है। प्राचीन समय से इसी अंदाज में इस पत्थर के खेल का आयोजन राज परिवार करवाता आ रहा है। हालांकि, अब समय के साथ पत्थर मेला मात्र औपचारिकता तक ही सीमित रह गया है। मेले में दुकानें भी सजती हैं और लोग खरीदारी करते हैं।
**अक्तूबर माह में दर्ज की 12 फीसदी की वृद्धि ** दिवाली पर हुआ सात हजार करोड़ का कारोबार देवभूमि हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष के त्योहारों में खरीदारी को लेकर खूब धनवर्षा हुई है। महापर्व दिवाली के दिन राज्य में लगभग सात हजार करोड़ रुपये कारोबार का अनुमान है, जिससे व्यापारी वर्ग अपनी लागत पर मुनाफा होने से खुशी का अनुभव कर रहे हैं। दिवाली पर व्यापार में आए उछाल का मुख्य कारण राज्य सरकार की ओर से कर्मचारियों को पहले आया वेतन भी बना है। सरकार ने इस बार कर्मचारियों को वेतन 28 और पेंशन 30 अक्तूबर तक बैंक खाते में डाल दी थी। इसके चलते लोगों ने भी दिवाली को खुशी खुशी मनाते हुए बाजार में जमकर खरीदारी की। हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन से जुड़ा राज्य है और यहां का अधिकतर व्यापार पर्यटकों की आमद से जुड़ा है, लेकिन त्योहारी पर्व में औद्योगिक हब होने के साथ जिला सोलन बद्दी-बरोटीवाला और ऊना जिला, बड़ा जिला होने के चलते कांगड़ा और राजधानी शिमला अच्छे कारोबार का हब बने हैं। अन्य जिलों में भी दिवाली की रात अच्छे व्यापार की सौगात दुकानदारों को मिली है। बाजार में लोगों ने खरीदारी कर खूब धन वर्षा की। हिमाचल प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष सोमेश शर्मा ने बताया कि दिवाली दो दिन की असमंजस को लेकर इस बार लोगों की खरीदारी दो भागों में विभाजित रही। दिवाली पर्व पर लगभग सात हजार करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान है। हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने 30 अक्तूबर को रिकार्ड 2.92 करोड़ कमाई की है। दिवाली के दिन भी निगम ने 2.72 करोड़ रुपये कमाए। सामान्य दिनों में रोजाना एचआरटीसी औसतन 2.3 करोड़ कमाई करता है। 30 अक्तूबर को निगम ने सामान्य के मुकाबले करीब 90 लाख और दिवाली के दिन 31 अक्तूबर को 70 लाख रुपये अधिक कमाई की है। दिवाली पर एचआरटीसी ने यात्रियों की सुविधा के लिए करीब 200 अतिरिक्त बसों का संचालन किया। पूरे अक्तूबर में एचआरटीसी ने कुल 76.53 करोड़ आय अर्जित की है जो बीते साल से 12 फीसदी अधिक है। बीते साल अक्तूबर में निगम ने 68.49 करोड़ कमाए थे। इस वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में एचआरटीसी ने 519 करोड़ कमाई की है जबकि बीते वर्ष पहले सात महीनों में 456 करोड़ आय हुई थी। बीते साल के मुकाबले इस साल पहले सात महीनों में करीब 63 करोड़ अधिक कमाई की है। निगम की कमाई कोविड पूर्व की स्थिति से भी बेहतर है। वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 7 महीनों में निगम ने 503 करोड़ कमाए थे, इस साल 16 लाख अधिक कमाई की है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहनचंद ठाकुर ने बताया कि कर्मचारियों की मेहनत से निगम की वित्तीय स्थिति में सुधार हो रहा है। बीते एक साल में निगम की कमाई करीब 14 फीसदी बढ़ी है। दिवाली पर 30 और 31 अक्तूबर को दो दिन में ही निगम ने 5.64 करोड़ रुपये कमाए हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर में किडनी प्रत्यारोपण के लिए आईसीयू की तीन बिस्तरों की सुविधा शुरू हो गई है। दो करोड़ की लागत से एम्स में इस आईसीयू को शुरू किया गया। अब इन रोगियों को इन सेवाओं के लिए प्रदेश के बाहर नहीं जाना पड़ेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने गत सप्ताह इस सुविधा का शुभारंभ वर्चुअल किया है। इसके शुरू होने से रोगियों को पीजीआई के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। विशेष रूप से एम्स बिलासपुर में मिलने वाली किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा से हर साल 100-150 रोगियों को लाभ होगा। इन मरीजों को इससे पहले इलाज के लिए प्रदेश से बाहर का रुख करना पड़ता था। पड़ोसी राज्यों के मरीजों को भी इसका लाभ मिलेगा। एम्स प्रबंधन का कहना है कि एम्स की नई सुविधा स्थानीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में विश्वास, आत्मविश्वास की भावना को बढ़ावा देगी। इससे अधिक रोगियों को उपचार के विकल्प के रूप में प्रत्यारोपण का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यह विस्तार अंग प्रत्यारोपण तक पहुंच बढ़ाने के राष्ट्रीय प्रयासों के अनुरूप है। क्षेत्र में नेफ्रोलॉजी और अंगदान जागरुकता में तेज प्रगति का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। भारत में 80 फीसदी से अधिक किडनी प्रत्यारोपण जीवित दाताओं पर निर्भर करते हैं। मृतक दाता प्रत्यारोपण के लिए जागरूकता और बुनियादी ढांचे को बढ़ाने से कई और लोगों की जान बच सकती है। एम्स बिलासपुर की किडनी प्रत्यारोपण सुविधा न केवल रोगियों की समस्या कम करेगी, बल्कि प्रदेश और पड़ोसी क्षेत्रों में एक अधिक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में योगदान देगी। इससे लंबे समय में जीवन और स्वास्थ्य परिणाम बदल जाएंगे। एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने और आईसीयू की सुविधा मिलने से यहां के लोगों को वित्तीय तनाव से राहत दिलाएगा। इसके अलावा मरीज को पीजीआई और अन्य बाहरी राज्यों में इलाज के लिए ले जाते समय होने वाली भावनात्मक व अन्य परेशानियों से भी निजात मिलेगी। वहीं किडनी डायलिसिस की सुविधा भी पहले से ही एम्स में मिल रही है।
हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग ने शुक्रवार को राज्य में 600 किलोमीटर तक फैली प्रमुख नदियों और उनकी सहायक नदियों में ट्राउट मछली पकड़ने पर चार महीने का प्रतिबंध लगा दिया। प्रदेश में ट्राउट के लिए अनुकूल ठंडे क्षेत्रों की नदियों और उनके सहायक नदी नालों में 1 नवंबर से 28 फरवरी 2025 तक मछली पकड़ने पर प्रतिबंध रहेगा। हालांकि सरकारी ट्राउट मछली फार्म और निजी फार्मों/रेसवेज से ट्राउट मछली की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। प्रतिबंध केवल ट्राउट जलाशयों, नदियों/नालों में खेल मछली पकड़ने पर लागू होगा। इन चार माह में इन जलाशयों में ट्राउट मछली प्रजनन अच्छे से हो इसके लिए प्रतिबंध लगाया गया है। इनमें शिमला जिले में गांव महला से गांव हाटकोटी तक पब्बर नदी, ब्यास नदी और इसकी सहायक नदियां, कुल्लू में सरवरी नाला जलधारा सहित इसके स्रोत से सरवरी नाला के साथ इसके संगम तक, कुल्लू में पार्वती, गडसा नदियां, इनकी सहायक नदियां, कुल्लू में सैंज नदी व इसकी सहायक नदियां, कुल्लू, मंडी जिले में ब्यास नदी के साथ इसके संगम के ऊपर तीर्थन नदी व इसकी सहायक नदियां शामिल हैं। बरोट में संतुलित जलाशय, पोषित जलमार्गों सहित मंडी, कांगड़ा जिले में ऊहल नदी और इसकी सहायक नदियां, चंबा में चाकोली पुल के नालों पर सम्पूर्ण भंडाल नाला, इसके सहायक नाले, किन्नौर में सतलुज नदी में बास्पा नदी, भाबा नाले और चिस्सो धाराएं इस प्रतिबंध क्षेत्र में शामिल हैं। कांगड़ा में मैंझा पुल के नालों पर न्यूगल नाला और इसके सहायक नाले, टिक्कर डोली में सस्पेंशन पुल के नाले पर बनेर खड्ड का दस किलोमीटर का विस्तार क्षेत्र, कुल्लू जिले में सतलुज नदी प्रणाली में कुर्पण धारा और इसकी सहायक धाराओं के क्षेत्र पर भी अधिसूचना लागू होगी।उधर, ठंडे जल क्षेत्रों में तैनात मत्स्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी शहर में दिवाली की रात एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खराब हो गया। बद्दी का AQI लेवल 316 माइक्रो ग्राम पहुंच गया। बद्दी में इस साल की हवा का यह सबसे दूषित स्तर है। दिवाली के बाद शुक्रवार को दिल्ली से हिमाचल प्रदेश तक हवा की सेहत बेहद खराब रही। दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट का प्रतिबंध भी बेअसर रहा। दिल्ली में 362 एक्यूआई के साथ हवा बहुत खराब श्रेणी में रही। यह बीते तीन वर्षों में दिल्ली के लिए सबसे प्रदूषित दिवाली थी। यही नहीं, दिल्ली शुक्रवार को विश्व के सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शीर्ष पर रही। हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी, बरोटीवाला व नालागढ़ से लेकर पहाड़ों की रानी शिमला तक प्रदूषण बढ़ गया है।बद्दी में शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 296 तक पहुंच गया। यह खतरनाक श्रेणी में आता है। स्वच्छ आबोहवा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध राजधानी शिमला में भी एएक्यूआई 92 दर्ज किया गया। 27 अक्तूबर को यह 31 था। शुक्रवार को बिलासपुर में एएक्यूआई 189 रहा। प्रदेश के कई क्षेत्रों में एक नवंबर को भी दिवाली मनाई गई। इससे हिमाचल के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता है। हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि दिवाली के बाद प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। इसके आधिकारिक आंकड़े शनिवार तक जारी हो सकते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिवाली पर दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 दर्ज किया गया, जबकि 2023 में यह 218 और 2022 में 312 था। वहीं, उत्तर प्रदेश के संभल में शुक्रवार को एक्यूआई 318 और मुरादाबाद में 301 दर्ज किया गया। आगरा में भी धुंध छायी रही। दिल्ली के 39 निगरानी स्टेशनों में से 37 केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को बहुत खराब श्रेणी में बताया।
हिमाचल के प्लानिंग और स्पेशल एरिया के पहाड़ी क्षेत्रों में अब नेशनल हाईवे से एक मीटर नीचे भवनों का निर्माण होगा। सरकार ने हिमाचल में वैली व्यू को बचाने के लिए यह फैसला लिया है। नियम मैदानी इलाकों में लागू नहीं होंगे। पहाड़ी क्षेत्रों में भी उन जगह पर नियम लागू किया जाएगा, जहां पहाड़ और हर भरे पेड़ होंगे। हिमाचल में देश-विदेश के पर्यटक पहाड़ों और हरी भरी वादियों को निहारने आते हैं, ऐसे में सरकार की ओर से प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं। सड़क के ऊपरी किनारे में नियम लागू नहीं होगा। हिमाचल में 60 प्लानिंग और 36 स्पेशल एरिया हैं। सरकार ने एरिया के अधिकारियों को वैली व्यू की पहचान करके सरकार को रिपोर्ट देने को कहा गया है। दिसंबर तक एरिया नोटिफाई हो जाएंगे। इससे पहले नेशनल हाईवे से डेढ़ मीटर ऊंचे मकान बनाने की अनुमति थी। इससे भी वैली व्यू खराब हो रहा है। इसके चलते अब सरकार ने सड़क से एक मीटर नीचे भवन निर्माण के लिए मंजूरी देने का फैसला किया है। वैली व्यू का प्रावधान सुंदर दृश्यों की सुरक्षा और प्राकृतिक परिदृश्य को बनाए रखने के लिए निर्धारित किया गया है, जो हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य के सौंदर्य और पर्यावरणीय मूल्य में योगदान दे सकता है। हिमाचल में जहां से एनएच गुजरते हैं, वहां नियम लागू होगा। ऐसे एरिया की पहचान की जा रही है।
दिवाली पर्व पर हिमाचल पथ परिवहन निगम(एचआरटीसी) बसों की भारी डिमांड के मद्देनजर एचआरटीसी प्रबंधन ने यात्रियों की सुविधा के लिए ऑन डिमांड अतिरिक्त बसें चलाने का फैसला लिया है। आज यानि 30 अक्तूबर को शिमला, चंडीगढ़ और दिल्ली सहित अन्य बड़े बस अड्डों पर एक रूट पर 40 से अधिक यात्रियों की मांग पर एक स्पेशल बस चलाने का फैसला लिया गया है। यह बसें पूर्व निर्धारित बसों से अतिरिक्त होंगी।दिवाली पर्व के चलते मंगलवार को भी निगम की बसों में भारी भीड़ रही। एचआरटीसी ने विभिन्न रूटों पर करीब 115 अतिरिक्त बसों का संचालन किया। उधर, एचआरटीसी के मंडलीय प्रबंधक यातायात देवासेन नेगी ने बताया कि मंगलवार को करीब 115 अतिरिक्त बसें चलाई गई हैं, बुधवार को 40 से अधिक सवारियों के होने पर ऑन डिमांड स्पेशल बसें चलाई जा रहीं। किसी भी सूरत में दिवाली पर यात्रियों को बसों की किल्लत पेश नहीं आने दी जाएगी। हिमाचल पथ परिवहन निगम दिवाली पर 31 अक्तूबर को शाम 5:00 बजे के बाद स्थानीय बसें संचालित नहीं की करेगा। शाम 5: 00 बजे के बाद प्रस्थान करने वाली बस सेवाओं को इस प्रकार चलाया जाएगा कि अंतिम बस शाम पांच बजे प्रस्थान करे। वहीं, लंबी दूरी की अधिकतर बस सेवाओं को एक साथ जोड़ा जा सकता है। इन लंबे रूटों की सेवाओं को 31 अक्तूबर को इस तरह से चलाया जाएगा कि जनता को सुविधा मिल सके और यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बसें खाली न चलें। दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार और शिमला के लिए कम से कम एक रात्रि सेवा मंडल प्रबंधक यह सुनिश्चित करेंगे कि महत्वपूर्ण स्थानों से दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार और शिमला के लिए कम से कम एक रात्रि सेवा उपलब्ध हो। 31 अक्टूबर की शाम से 1 नवंबर की सुबह तक सीमित/संक्षिप्त परिचालन को तत्काल बहाल किया जाएगा। इस संबंध में एचआरटीसी के महाप्रबंधक पंकज सिंघल की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं।
**बगशाड़ लायंस ने सेठ मेमोरियल क्रिकेट प्रतियोगिता में किया कब्जा **सुंदर बल्लेबाजी करके जीता सभी का दिल निहरी/ रमेश कुमार: तहसील निहरी के अंतर्गत ग्राम पंचायत सोझा के बैहली में 24 अक्टूबर 2024 से शुरू हुई सेठ मेमोरियल क्रिकेट प्रतियोगिता का 29 अक्टूबर 2024 को संपन्न हुई। इस प्रतियोगिता के मुख्यातिथि सोझा निवासी व पुलिस विभाग में ASI के पद में कार्यरत टेक सिंह रहे। डायनामाइट धन्यारा का इस प्रतियोगिता में काफ़ी बढ़िया प्रदर्शन रहा। पहली बार इस प्रतियोगिता में डायनामाइट ने हिस्सा लिया और अपने प्रदर्शन से सभी दर्शकों का दिल जीता। डायनामाइट धन्यारा ने अपने सेमीफाइनल मैच में रॉयल प्रिंस को हराया। रॉयल प्रिंस ने सेमीफाइनल में आठ ओवर्स में 132 रन बनाए और डायनामाइट धन्यारा को जीत के लिए 133 रन चाहिए थे जो को सभी को एक असंभव सा लक्ष्य दिख रहा था लेकिन डायनामाइट के भूपेंद्र की तरफ़ से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की बदौलत डायनामाइट ने इस लक्ष्य को अंतिम ओवर्स में आसानी के साथ पूरा कर लिया। इस मैच में भूपेंद्र ने लगातार सात गेंदों में सात छक्के मारकर एक इतिहास रच दिया जो की अभितक सेठ मेमोरियल में नहीं हुआ था और साथ ही में भूपेंद्र ने 94 रन बनाए। हालांकि फाइनल मैच में भूपेंद्र जल्दी आऊट हो गए थे जिस वजह से फाइनल में डायनामाइट लक्ष्य से 25 रन दूर रह गई। लेकिन डायनामाइट ने अपने प्रदर्शन से सभी दर्शकों का दिल जीता। भूपेंद्र के बढ़िया प्रदर्शन की बदौलत भूपेंद्र ने बेस्ट बैट्समैन और मैन ऑफ दी सीरीज अपने नाम की।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज बिलासपुर के मंडी-भराड़ी स्थित गोविंद सागर झील में जल क्रीड़ा गतिविधियों का शुभारम्भ किया। क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को नए आयाम प्रदान करते हुए यहां क्रूज, शिकारा राइड, हाउसबोट, हाई-टेक मोटरबोट, जेट स्कीज़ और वाटर स्कूटर गतिविधियों को शुरू किया गया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इन गतिविधियों से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं कोे रोजगार और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगेे। पर्यटन के साथ-साथ इस नवीन पहल से स्थानीय व्यवसायों, विशेष रूप से महिला एवं छोटे उद्यमियों को स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए नया बाजार उपलब्ध होगा, जिससे उनकी आर्थिक सुदृढ़ होगी। बिलासपुर को पर्यटक स्थल के रूप में उभारने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक, ग्रामीण और इको-पर्यटन के साथ-साथ जल आधारित गतिविधियों को प्रोत्साहित कर बिलासपुर को केरल और गोवा की तर्ज पर आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिला की नैसर्गिक सुन्दरता, सांस्कृतिक धरोहर और साहसिक गतिविधियों को प्रदेश सरकार बढ़ावा दे रही है, जिसके फलस्वरूप प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर बिलासपुर अपनी एक विशेष पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा के प्रदेश सरकार के बहुआयामी प्रयासों के फलस्वरूप क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी जिससे क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर जिला प्रशासन को कोल डैम जलाशय पर क्रूज और शिकारा संबंधी गतिविधियां शुरू करने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के तहत बिलासपुर जिले के हरनोड़ा से शिमला जिले के तत्तापानी तक 30 किलोमीटर का एक सुंदर क्रूज मार्ग विकसित किया जाएगा। यह जल मार्ग पर्यटकों को एक अविस्मरणीय यात्रा का अनुभव प्रदान करेगा। पर्यटक कोल डैम के माध्यम से शिमला की ओर एक यादगार क्रूज की सवारी का आनंद ले सकेंगे। प्रदेश में पर्यटन की नवीन गतिविधियों को प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने जेट स्की पर एक रोमांचक सवारी और क्रूज की यात्रा का आंनद लिया। मुख्यमंत्री हिमाचल को देश के पसंदीदा गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इन प्रयासों के फलस्वरूप वर्तमान सरकार के दो साल का कार्यकाल पूर्ण होने से पहले ही बिलासपुर में क्रूज और अन्य जल क्रीड़ा संबंधी नवीन गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र का प्रमुखता से क्षेत्र का विकास कर रही है और हरित उद्योगों को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जल संसाधन प्रचूर मात्रा में उपलब्ध हैं और प्रदेश में जल क्रीड़ा गतिविधियों की अपार संभावनाएं हैं। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार की दूरगामी सोच और प्रतिबद्धता के फलस्वरूप दो वर्ष के भीतर ही बिलासपुर में क्रूज, जेट स्की और शिकारों का सफल संचालन संभव हो पाया है। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, एचपीटीडीसी के अध्यक्ष आर.एस. बाली, पूर्व मंत्री राम लाल ठाकुर, पूर्व विधायक बंबर ठाकुर, तिलक राज शर्मा एवं बाबू राम गौतम, कांग्रेस नेता विवेक कुमार, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अंजना धीमान, एडीजीपी सतवंत अटवाल, उपायुक्त आबिद हुसैन भी उपस्थित थे।
** बच्चों ने घर से बनाकर लाए थे दिये सोलन के यूरोकिड्स प्ले स्कूल (कोटलानाला) में आज दीवाली के उपलक्ष्य में "दीया डेकोरेशन" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन के तहत सभी बच्चे अपने घरों से माता-पिता की हैल्प से दीया डेकोरेट करके लाए, जो कि बहुत ही सुंदर और आकर्षक दिख रहे थे, स्कूल की प्रिंसिपल सिमा बहल ने बच्चों को दीवाली की कथा सुनाई व बताया कि दीवाली क्यों मनाई जाती है। ताकि बच्चों को अपनी संस्कृति का ज्ञान हो, ऐसे कार्यक्रम स्कूल में हमेशा होते है व आगे भी होते रहेंगे, इससे बच्चों का आत्म विश्वा बढ़ता है। इसके साथ विजेताओं में प्रथम स्थान प्रिशा, मेघाश मारवाह , द्वितीय स्थान पर गुवान, अदवेता साथ ही तृतीय स्थान सात्विक, शिवेन, अद्वित शर्मा ने हासिल किया।
** 3 साल के मासूम से छीन ली मां की ममता शिमला: जिला के कोटखाई में पति ने बड़ी निर्ममता से अपनी पत्नी की हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी शव को सेब के बगीचे में बने शेड में बंद करके तीन साल के बच्चे सहित फरार हो गया। घटना में हैरान करने वाली बात यह है कि महिला का शव तीन दिन तक घर में पड़ा रहा। आरोपी और मृतक महिला दोनों ही नेपाली मूल के हैं। दोनों 2-3 महीने पहले ही कोटखाई में एक बागवान के बगीचे में काम करने के लिए आए थे। हत्या का खुलासा उस समय हुआ जब बगीचे में काम करने वाले अन्य मजदूरों को शेड से बदबू आने पर इसकी सूचना बगीचे के मालिक को दी। इसके बाद बगीचे के मालिक ने इसकी सूचना कोटखाई पुलिस को दी। इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के चार घंटे के भीतर हत्यारे पति को नारकंडा से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी नारकंडा में एक ढाबे पर अपने बच्चे के साथ बैठा था और भागने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसके पास से मासूम बच्चे को भी बरामद कर लिया गया हैं । पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी ने जमीन की खुदाई करने वाले जब्बल (लोहे का औजार) से वार कर पत्नी को मौत के घाट उतारा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। मृतक महिला नेपाली मूल की है, जिसकी पहचान धनमाया (22) के रूप में हुई है, वहीं आरोपी का नाम रमेश रोका (25) हैं, जानकारी के अनुसार नेपाली मूल का रमेश कोटखाई के खनेटी में एक बागवान के सेब बगीचे में काम करता था और वहीं पर बने शेड में पत्नी और तीन साल के बच्चे संग रह रहा था। तीन दिन पहले पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई और आरोपी रमेश ने जमीन खोदने वाला औजार पत्नी के सिर पर दे मारा, जिससे वो बुरी तरह लहूलुहान हो गई और उसने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया। हत्या करने के बाद आरोपी ने साथ मे बने एक स्टोर में रजाई के नीचे शव को छिपा दिया और बच्चे को लेकर फरार हो गया था। एसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि, आरोपी के खिलाफ कोटखाई थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
** गोबिंद सागर झील में की मोटर बोट राइडिंग मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बिलासपुर में प्रदेश की पहली डिजिटल लाइब्रेरी का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री कई योजनाओं का लोकार्पण करने मंगलवार को बिलासपुर पहुंचे। सीएम ने गोबिंद सागर झील में क्रूज और शिकारा गतिविधियों का भी शुभारंभ किया। सीएम सुक्खू ने गोबिंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों का शुभारंभ करने के बाद मोटर बोट राइड का आनंद लिया। उन्होंने खुद मोटर बोट को चलाया। हालांकि, पिछली सीट पर गाइड भी माैजूद रहा। सीएम ने चंगर सेक्टर में उपायुक्त कार्यालय परिसर में विजिलेंस और एंटी करप्शन ब्यूरो कार्यालय भवन का उद्घाटन भी किया।
हिमाचल प्रदेश में 4 दिसंबर को निजी और सरकारी स्कूलों में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण सर्वे होगा। इसके लिए जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनर तैयार कर दिए हैं। इसमें प्रदेश भर के सभी डाइट प्रधानाचार्य और उपनिदेशक गुणवत्ता नियंत्रण को शामिल किया गया। संबंधित मास्टर ट्रेनर को लिए एससीईआरटी सोलन में सोमवार को कार्यशाला हुई। इसमें प्रदेश भर से 52 मास्टर ट्रेनर ने भाग लिया। कार्यशाला का शुभारंभ एससीईआरटी प्रिसिंपल हेमंत कुमार ने किया। परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण सर्वे की प्रदेश समन्वयक सुनिता कुमारी ने बताया कि कार्यशाला में एनसीईआरटी से डॉ. गुलफाम ने प्रदेश भर से आए डाइट प्रधानाचार्य और उपनिदेशक गुणवत्ता नियंत्रण को सर्वे के संबंध में प्रशिक्षण दिया। यह मास्टर ट्रेनर अपने जिलों में जिला की एक टीम गठित करेंगे। जिसमें जेबीटी और बीएड प्रशिक्षुओं को भी निरीक्षण के लिए शामिल किया जाएगा। इस निरीक्षण से पहले संबंधित प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। यह फील्ड टीमें चयनित स्कूलों में जाकर एनसीईआरटी और परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण सर्वे की ओर से जारी पाठ्य सामग्री के संबंध में गणित और भाषा विषय का सर्वे करेगी। इस परीक्षा के परिणाम के आधार पर परख उसे अपनी शिक्षा नीतियों में शामिल करेंगी। राष्ट्र स्तर पर एनसीईआरटी और प्रदेश स्तर पर इसे एससीईआरटी की ओर से समन्वयक किया जा रहा है। जबकि जिला स्तर पर इसे डाइट, शिक्षा उपनिदेशक को शामिल किया गया है। जबकि खंड स्तर पर इसकी निगरानी खंड शिक्षा अधिकारी भी करेंगे।
हिमाचल बागवानी विभाग में बागवानी विकास परियोजना के तहत कार्यरत 500 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों का रोजगार छिनने की कगार पर पहुंच गया है। विश्व बैंक की 1134 करोड़ से वित्त पोषित परियोजना-2016 में सूबे के विभिन्न जिलों से सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, ड्राफ्ट्समैन, सर्वेयर, फैसिलिटेटर, तकनीकी फैसलिटेटर, फार्म प्रबंधक, सहायक फार्म प्रबंधक, प्रबंधन सहायक लेखाकार और अन्य कर्मचारी कार्यरत हैं। इनका करार 31 अक्तूबर को समाप्त हो जाएगा। ऐसे में 500 से अधिक कर्मचारी आठ साल की सेवाओं के बाद बेरोजगार हो जाएंगे। इन कर्मचारियों की नियुुक्ति बागवानी विकास सोसायटी के तहत हुई थी। हिमाचल बागवानी विकास परियोजना कर्मचारी संघ के सदस्य कार्तिक, पंकज, अनिल, कमल, विनीत शर्मा, विनोद, अमित ने कहा कि संघ लगातार प्रदेश सरकार और विभाग से विश्व बैंक की वित्त पोषित परियोजना में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थायी रोजगार के लिए नीति बनाने की मांग कर रहा है। बागवानी विकास परियोजना का करार समाप्त होने से कार्यरत 260 अनुबंध आधार, 230 आउटसोर्स और 22 से अधिक पुनर्नियुक्ति पर सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों का रोजगार छिन जाएगा। उन्होंने सरकार और विभाग से स्थायी नीति बनाने की मांग करते हुए रोजगार को सुरक्षित करने की मांग उठाई है। इस संबंध में बागवानी विकास परियोजना के परियोजना निदेशक सुदेश कुमार मोख्टा ने कहा कि विश्व बैंक की ओर से 1134 करोड़ से वित्त पोषित बागवानी विकास परियोजना-2016 के सभी कार्य पूर्ण हो गए हैं। अब इसके लिए कोई बजट नहीं आएगा। कहा कि 31 अक्तूबर को बागवानी विकास परियोजना का करार समाप्त हो जाएगा।
हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रतिनिधियों की बैठक हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला के सचिव डॉ. (मेजर) विशाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में परिषद की ओर से शिक्षा एवं गुणवत्ता पर विभिन्न विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। संस्कृत शिक्षक परिषद के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. मनोज शैल ने बताया कि परिषद ने 21 सूत्रीय मांगपत्र शिक्षा बोर्ड को दिया था। इसमें एक-एक विषय पर विमर्श के साथ चर्चा की गई। कक्षा छठी से संस्कृत की नवीन पुस्तक को नए सत्र से शुरू करने पर सचिव ने कहा कि एनसीईआरटी की ओर से निर्मित नवीन पाठ्यपुस्तक कक्षा छठी से वर्ष 2026 से आरंभ की जाएगी। बोर्ड सचिव ने बताया कि कक्षा छठी के लिए कुछ विषयों की पुस्तकें तैयार कर ली गई हैं, जबकि कुछ पुस्तकें तैयार हो रही हैं। इन पुस्तकों को 2026 से ही पढ़ाया जाएगा। कक्षा छठी से आठवीं तक संस्कृत व्याकरण की पुस्तक लगाने के लिए शिक्षा बोर्ड सचिव ने स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने कहा कि यद्यपि एनसीईआरटी की तरफ से पुस्तक निर्धारित नहीं है लेकिन विद्यार्थियों को इसकी आवश्यकता है। इसको देखते हुए बोर्ड इसे अपने स्तर पर तैयार करेगा। इसके लिए सचिव ने परिषद को जल्द प्रारूप बनाकर भेजने को कहा। परिषद ने आग्रह किया कि विभिन्न कक्षाओं में प्रश्नपत्रों में अनुवाद के कुछ व्यवहारिक वाक्य शामिल किए जाएं ताकि छात्र भाषा के व्यवहारिक पक्ष में भी निपुण बन सकें। इसके लिए भी सचिव ने स्वीकृति प्रदान की। परिषद ने सचिव से पुस्तकों की पाठन शैली के प्रशिक्षण के संदर्भ में पाठ्यक्रम विभाजन एवं प्रश्नपत्र निर्माण पर शिक्षकों का प्रशिक्षण करवाने का प्रस्ताव रखा। इस पर भी सचिव ने सभी शिक्षकों का ऑनलाइन प्रशिक्षण भी करवाने की स्वीकृति प्रदान की। परिषद ने प्रस्ताव रखा कि कक्षा 11वीं व 12वीं के पाठ्यक्रम विभाजन व उसमें व्याकरण का समरूप समायोजन किया जाना भी आवश्यक है। इसकी स्वीकृति भी बोर्ड सचिव ने प्रदान की। बैठक में परिषद ने मांग रखी कि कक्षा छठी से अष्टमी तक हिन्दी व्याकरण की एक पुस्तक है। लेकिन उसमें कक्षानुसार पाठ्यक्रम विभाजन नहीं है। इसे देखते हुए आवश्यक संशोधन कर कक्षानुसार छठी, सातवीं, आठवीं के लिए अलग-अगल निर्धारण किया जाए। जैसा कि अंग्रेजी के व्याकरण की पुस्तक में निर्धारित है। इसके साथ कक्षा नाैवीं व 10वीं तक हिंदी व्याकरण की एक पुस्तक है। लेकिन उसमें कक्षानुसार पाठ्यक्रम विभाजन नहीं है। इसमें भी आवश्यक संशोधन कर कक्षानुसार अलग-अलग निर्धारण किया जाए। इस पर भी सचिव ने स्वीकृति प्रदान की। परिषद ने कहा कि कक्षा छठी से आठवीं तक हिमाचल की लोक संस्कृति और योग पुस्तक में बहुत संशोधन की आवश्यकता है। इसमें दी गई सामग्री में हिमाचल के इतिहास एवं संस्कृति की वास्तविकता अनुसार जानकारी को समायोजित किया जाना आवश्यक है। शीर्षक के अनुसार विषयों का सही समावेश तथा उचित अभ्यास कार्य जोड़ने की आवश्यकता है। इसके साथ योग विषय को उसमें दिए गए मंत्रों को शुद्ध रूप से जोड़ने तथा उनके वास्तविक अर्थ तथा भाव को समायोजित करने की आवश्यकता है। इस विषय पर भी सचिव ने स्वीकृति प्रदान की और यथाशीघ्र आवश्यक संशोधन बोर्ड को देने के लिए कहा। बैठक में परिषद ने प्रस्ताव रखा कि कक्षा नाैवीं व दसवीं के प्रश्नपत्र में आवश्यक संशोधन किया जाए। प्रश्नपत्र में पाठ्य-पुस्तकों को भी महत्त्व दिया जाए। क्योंकि प्रश्नपत्र में पाठ्यपुस्तक से समावेश कम हो रहा है। न्यूनतम 40 प्रतिशत पाठ्यपुस्तक से 40 प्रतिशत व्याकरण भाग एवं 20 प्रतिशत अपठित भाग का समावेश प्रश्नपत्र में हो। इस पर भी सचिव ने समीक्षा करने के बाद निर्णय लेने का आश्वासन दिया। पाठ्यपुस्तकों में द्रष्टव्य अशुद्धियों के संदर्भ में बोर्ड सचिव ने बताया कि यह कार्य एनसीईआरटी के अधिकार क्षेत्र में है। एक बार उनकी वेबसाइट पर प्राप्त पुस्तक को देखें। यदि वहां भी अशुद्धि है तब इस विषय में उनसे बात की जाएगी। यदि बोर्ड स्तर पर ही अशुद्धि है तब उसे ठीक कर लिया जाएगा। बैठक में अकादमी अधिकारी शालिनी, सहायक सचिव, अनुभाग अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों के साथ परिषद् के महासचिव डॉ. अमित शर्मा, उपाध्यक्ष राकेश शर्मा, आईटी सचिव डॉ. विवेक शर्मा, कांगड़ा के अध्यक्ष डॉ. अमनदीप शर्मा, मंडी अध्यक्ष लोकपाल, बिलासपुर के महासचिव डॉ. जितेंद्र कुमार सहित 15 प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश के बाजारों में धनतेरस पर खरीदारी के लिए लोग उमड़ पड़े हैं। राजधानी शिमला सहित अन्य बाजारों में लोगों की भीड़ है। कुल्लू के ढालपुर मैदान में सजी अस्थायी मार्केट में धनतेरस के मौके पर मंगलवार को खरीदारी के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। बाजार में लोगों ने गर्म कपड़ों के साथ अन्य सामान की खरीदारी की। इस बार अस्थायी बाजार के व्यापारियों को 7 नवंबर तक के व्यापार करने के लिए समय दिया गया है, ऐसे में व्यापारियों को बेहतर कारोबार होने की उम्मीद है। दुकानदार रवि ने कहा कि आधा स्टॉक बचने के चलते अब सामान भी सस्ता कर दिया गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार धनतेरस पर खरीदारी बेहद शुभ होने वाली है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि मंगलवार को धनतेरस के रूप में मनाई जाएगी। धन त्रयोदश के दिन प्रदोष काल यानि सूर्य अस्त और रात्रि की संधि के समय त्रिपुष्कर योग बन रहा है। ऐसे में प्रदोष काल शाम 6:38 बजे से 8:24 बजे तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी और कुबेर का पूजन करने से शुभ फल मिलेगा। धनतेरस पर बर्तन, सोना, चांदी, वाहन, तांबे के बर्तन की खरीदारी करना शुभ रहेगा। खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त सुबह 10:32 से दोपहर 1:30 बजे तक रहेगा। दोपहर 2:51 से शाम 4:14 बजे तक रहेगा राहुकाल। राहुकाल के बाद खरीदारी करना शुभ है। त्रयोदशी तिथि बुधवार दोपहर 1:14 बजे तक रहने पर खरीदारी की जा सकती है।