हिमाचल प्रदेश के आसमान में आज फिर से बदलाव का मौसम है। मौसम विभाग के मुताबिक, चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, लाहौल-स्पीति और कुल्लू के कुछ ऊँचाई वाले इलाकों में बारिश हो सकती है। शिमला में आज सुबह से ही धूप का कमाल दिख रहा है, लेकिन ऊँचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी के बाद तापमान में हल्की गिरावट की उम्मीद है। मौसम विभाग के संभावना जताई है कि 8 अप्रैल से प्रदेश मेंवेस्टर्न डिस्टरबेंस फिर से एक्टिव होगा। इस दौरान प्रदेश के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू हो सकता है। मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में इस बार गर्मी सामान्य से ज्यादा पड़ेगी। प्रदेश के ज्यादातर शहरों में तापमान सामान्य से अधिक रहेगा। हीट वेव के दिन भी 10 से 20 प्रतिशत तक ज्यादा होंगे। मौसम विभाग ने इस बार प्रदेश में अप्रैल से जून तक प्रचंड गर्मी पड़ने की चेतावनी दी है। अप्रैल से जून तक सामान्य की अपेक्षा ज्यादा दिन तक गर्म हवाएं चलने का अनुमान है। ऐसे में गर्मी प्रचंड रूप दिखाएगी और पसीना छुड़ाएगी। बीते एक सप्ताह से मौसम साफ रहने और धूप खिलने के बावजूद न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम है। अधिकतम तापमान सामान्य से दो से चार डिग्री सेल्सियस अधिक है। पिछले सप्ताह से किसी भी स्थान पर तापमान मानइस में नहीं था, मंगलवार को लाहुल स्पीति के केलंग में न्यूनतम तापमान -0.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कुकुमसेरी में 2.5, मनाली में 7.5 डिग्री रहा।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को अपग्रेड कर स्कूल शिक्षा निदेशालय बना दिया है। अब प्री नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के सभी स्कूल इस नए निदेशालय के अधीन आएंगे। वहीं, कॉलेज और उच्च शिक्षा से जुड़े कार्यों के लिए एक अलग निदेशालय का गठन किया गया है, जिससे शिक्षा प्रणाली के प्रबंधन में अधिक दक्षता और व्यवस्था लाई जा सके। कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस फैसले के तहत सरकार ने स्कूल और कॉलेज के लिए अलग-अलग निदेशालय बनाने का निर्णय लिया है। पहले प्री नर्सरी से आठवीं कक्षा को प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय और नौवीं से बारहवीं कक्षा, साथ ही कॉलेज और उच्च शिक्षा को उच्च शिक्षा निदेशालय के तहत रखा गया था। अब दोनों निदेशालयों के कार्यक्षेत्र को स्पष्ट किया गया है, और इनमें आईएएस अधिकारियों को निदेशक पद पर नियुक्त किया जा सकेगा, जिससे प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि की उम्मीद है। वर्तमान में एचएएस अधिकारी आशीष कोहली स्कूल शिक्षा निदेशालय का कार्यभार संभाल रहे हैं, जबकि अमरजीत कुमार शर्मा उच्च शिक्षा निदेशालय के निदेशक हैं। दोनों निदेशालयों के गठन और कार्यक्षेत्र के बंटवारे के लिए शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। जिसमें स्कूल निदेशालय, उच्च शिक्षा निदेशालय और समग्र शिक्षा के निदेशकों के अलावा अतिरिक्त सचिव, अवर सचिव शिक्षा और समग्र शिक्षा के संयुक्त नियंत्रण लेखा सदस्य बनाए गए हैं।
शिमला में भारतीय जनता पार्टी चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले पर गुरुवार को सड़कों पर उतरने जा रही है। शिमला में भारतीय जनता पार्टी गुरुवार शाम कैंडल मार्च आयोजित करने जा रही है। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस सरकार इस पूरे मामले हमें न्याय देने से पीछे हट रही है। विमल नेगी की मौत के मामले में भाजपा CBI जांच की मांग उठा रही है। भाजपा शिमला मंडल के अध्यक्ष राजीव पंडित ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मामले में CBI जांच की मांग उठा रही है। विमल नेगी के परिवार को न्याय मिल सके, इसके लिए गुरुवार को कैंडल मार्च आयोजित की जा रही है।
जोगिन्दर नगर/क्रांति सूद: मंगलवार को राज्य स्तरीय ऐतिहासिक छिंज मेला की अंतिम सांस्कृतिक संध्या में मुख्यातिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शिरकत की। हिमाचल प्रदेश योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) भवानी सिंह पठानिया, पालमपुर के विधायक, आशीष बुटेल, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष, अजय वर्मा विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल हुए। आयुष युवा सेवायें एवं खेल मंत्री श्री यादविंदर गोमा भी विशेष रूप में उपस्थित रहे। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने उत्सवों और मेलों में आयोजित होने वाली सांस्कृतिक संध्याओं में एक संध्या पूर्ण रूप में हिमाचल के लोक कलाकारों और कुल ख़र्च का 33 प्रतिशत प्रदेश के कलाकारों और स्थानीय प्रतिभाओं पर खर्च किया जायेगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्तरीय ऐतिहासिक छिंज मेले सल्याणा के शानदार 200 वर्ष पूर्ण होने और आयोजकों द्वारा सफलतापूर्वक आयोजन के लिये बधाई दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सैंकड़ों वर्षों से मेलों और उत्सवों का आयोजन बड़ी धूमधाम से होता है। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्सवों के महत्व को देखते हुए सरकार भी पूर्ण सहयोग दे रही है। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ऐतिहासिक छिंज मेले के अखाड़े के लिये 50 लाख रुपये दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि जयसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र में जल शक्ति विभाग पेयजल पर 258 करोड़ रुपये व्यय कर रहा है। उन्होंने कहा कि 12 पंचायतों को पेयजल उपलब्ध करवाने के 32 करोड़ रुपये व्यय किये जा रहे हैं और एक वर्ष में यह योजना पूर्ण हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जयसिंहपुर विधान सभा क्षेत्र में दो विश्राम गृह निर्माण निर्माण पर 5 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे। उन्होंने जयसिंहपुर के चंगर क्षेत्र के लिये 23 करोड़ से ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की बात कही। उन्होंने विभाग को लाहट कोटलु पेयजल योजना के सुधार के लिए डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिये। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिट्टा का नशा चुनोती है और सरकार इसे जड़ से उखाड़ फेंकने के गम्भीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस धंधे में लिप्त लोगों के लिये फांसी और उम्रकैद तक का प्रबंधन किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमे दो दर्जन सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है और ऐसे लोगों को नौकरी से बर्खास्त किया जायेगा। उन्होंने कहा कि चिट्टे के व्यापारियों की प्रॉपर्टी जब्त कर आशियानों पर बुलडोज़र चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि 3 हजार लोग जेलों में बंद हैं और 12 करोड़ की समाप्ति जब्त की गई है। इस अवसर पर जसवंत डढवाल, स्थानीय ग्राम पंचायत राजेश्वरी व्यास, प्रधान नवज्योति, सुरेश ठाकुर एडीसी विनय कुमार, मेला समिति के सरकारी तथा गैर सरकारी सदस्य से उपस्थित है।
हिमाचल प्रदेश के उन मेहनती मजदूरों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब 100 दिन तक काम करने वाले मजदूरों को बीपीएल (गरीबी रेखा के नीचे) श्रेणी में शामिल किया जाएगा। यह नया फैसला उनके लिए आर्थिक मदद और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का बेहतरीन मौका है। पंचायतीराज विभाग ने बीपीएल के लिए नए मापदंड तय कर दिए हैं, जिनके तहत मनरेगा मजदूरों को भी सशर्त लाभ दिया जाएगा। इससे प्रदेश के लाखों मजदूरों को आर्थिक सहायता और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, जो उनके जीवन में एक नई आशा जगाएगा। वर्तमान में हिमाचल में कुल 1,07,907 मजदूरों ने मनरेगा के तहत 100 दिन का काम पूरा किया है। इसमें बिलासपुर के 2,965, चंबा के 28,502, हमीरपुर के 2,851, कांगड़ा के 8,678, किन्नौर के 1,147, कुल्लू के 11,169, लाहौल-स्पीति के 76, मंडी के 30,284, शिमला के 9,933, सिरमौर के 6,605, सोलन के 2,350 और ऊना के 3,347 मजदूर शामिल हैं। वही प्रदेश में अब तक 15,14,909 जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिससे 7,14,728 परिवारों को रोजगार मिला है। खास बात यह है कि इनमें से 6,04,410 महिलाओं को ही विशेष रूप से रोजगार दिया गया है। कुल मिलाकर 3 करोड़ 91 लाख 83 हजार 154 व्यक्तिगत कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं, जिसमें से 2 करोड़ 49 लाख 43 हजार 244 कार्य दिवस केवल महिलाओं ने किए हैं। डीआरडीए के कार्यकारी परियोजना अधिकारी, केएल वर्मा के अनुसार, मनरेगा मजदूर अब 1 अप्रैल से बीपीएल में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद गठित समितियों द्वारा मापदंडों के आधार पर उनकी पात्रता की जांच की जाएगी। अगर वे आवश्यक मानदंडों पर खरे उतरते हैं, तो उन्हें बीपीएल श्रेणी में शामिल किया जाएगा।
आज संसद में राजनीतिक तापमान चरम पर रहेगा क्योंकि लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा। केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों को नियंत्रित करने और संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से इस विधेयक को लाया है। सरकार और विपक्ष दोनों ने इस मुद्दे पर अपनी-अपनी रणनीतियां बना ली हैं, जिससे संसद में गरमागरम बहस और हंगामे की संभावना जताई जा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है, हालांकि विपक्ष ने 12 घंटे की मांग की थी, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया। चर्चा के बाद बिल को पारित करने की प्रक्रिया शुरू होगी और फिर इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। चूंकि राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है, सरकार को अपने सहयोगी दलों और कुछ अन्य सांसदों का समर्थन जुटाना होगा। वहीं, विपक्ष की ओर से विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या स्थायी समिति के पास भेजने की मांग उठ सकती है, जैसा कि अगस्त 2024 में भी हुआ था। अगर दोनों सदनों से विधेयक पारित हो जाता है, तो इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा और वक्फ बोर्ड के प्रबंधन, संपत्तियों के नियमन और अन्य प्रस्तावित बदलाव लागू हो जाएंगे। सरकार ने अपने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, जिसमें उन्हें आज सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। इसका उद्देश्य है कि बजट सत्र के समापन से पहले, यानी 4 अप्रैल तक, इस विधेयक को दोनों सदनों से पास कराया जाए। वहीं, विपक्षी दल जैसे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) इस बिल का कड़ा विरोध कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक असंवैधानिक है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सीधा हमला है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुस्लिम समुदाय को कमजोर करने की साजिश बताया है। बिल में कुल 44 संशोधन प्रस्तावित हैं, जिनमें वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों को कम करना, गैर-मुस्लिम सदस्यों को बोर्ड में शामिल करना, और संपत्ति विवादों के निपटारे के लिए कलेक्टर को अधिकार देना शामिल है। सरकार का दावा है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और मुस्लिम महिलाओं को विशेष लाभ मिलेगा। आज संसद में सुबह 11 बजे सत्र शुरू होगा और दोपहर 12 बजे बिल पेश किया जाएगा। विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी की संभावना है, जिससे कार्यवाही में व्यवधान आ सकता है। शाम तक चर्चा पूरी होने के बाद मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी, जो तय करेगा कि यह विधेयक आगे बढ़ेगा या नहीं।इस राजनीतिक मुकाबले में, सरकार और विपक्ष के बीच का यह टकराव न केवल संसद के भीतर, बल्कि देशभर में भी चर्चाओं का केंद्र रहेगा।
अब बाहरी राज्यों से आने वाले लोगो के लिए हिमाचल आना महंगा हो गया है। नए वित्तीय वर्ष के आगाज़ के साथ ही प्रदेश में बाहर से आने वाले वाहनों के लिए भी नए नियम लागु हो गये है जिससे प्रवेश शुल्क महंगा हो गया है। अब निजी वाहनों के लिए शुल्क 10 रुपये और अन्य प्रकार के वाहनों के लिए 20 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। खास बात यह है कि छह से 12 सीटर यात्री वाहनों को अब 110 रुपये और 12 से अधिक सीटों वाले वाहनों को 180 रुपये का शुल्क देना होगा। भारी मालवाहक वाहनों के लिए भी नई दरें लागू हो गई हैं, जिसमें 250 क्विंटल या उससे अधिक भार वाले वाहनों के लिए प्रवेश शुल्क अब 720 रुपये तक बढ़ा दिया गया है। हाईवे पर टोल शुल्क में भी इज़ाफा हुआ है। कालका-शिमला एनएच पर सनवारा टोल पर अब एकतरफा यात्रा के लिए कार, जीप, वैन और एलएमवी को 75 रुपये और रिटर्न के लिए 110 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं, बस और ट्रक (टू एक्सल) के लिए एक तरफा टोल 250 रुपये और रिटर्न के लिए 370 रुपये है। बिलासपुर के बलोह में भी टोल शुल्क में 5 से 15 रुपये की वृद्धि देखी गई है। शिमला में रहने वालों के लिए भी यह वित्तीय वर्ष महंगा साबित हो सकता है। राजधानी में प्रॉपर्टी टैक्स और कूड़ा शुल्क में इजाफा किया गया है। प्रॉपर्टी टैक्स में 6-7 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है, जबकि कूड़ा शुल्क अब 129 रुपये से बढ़कर 142 रुपये हो गया है। साथ ही, नगर निगम शिमला से जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने की फीस भी 5 रुपये से बढ़कर 50 रुपये हो गई है। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में पानी के बिल में भी जल्द ही 10 प्रतिशत तक वृद्धि देखी जा सकती है। इससे शहर के 36 हजार पेयजल उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
**इस वित्त वर्ष सबसे ज्यादा 5 करोड़ के मुनाफे की अपेक्षा **कहा, सर्वाधिक 2000 टन एप्पल कंसंट्रेट का किया उत्पादन शिमला, हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग कॉर्पोरेशन (HPMC) के निदेशक मंडल की 217वीं बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने की। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए और निगम की अब तक की प्रमुख उपलब्धियों पर चर्चा की गई। मंत्री ने कहा कि इस वित्त वर्ष के अंत तक HPMC को अब तक का सबसे अधिक 5 करोड़ रुपये का मुनाफा होने की उम्मीद है। इसके अलावा निगम ने 2000 टन के करीब एप्पल कंसंट्रेट का उत्पादन किया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। HPMC अब बिना आर्टिफिशियल शुगर के एप्पल जूस, वाइन, और नए वाइन एवं लिकर ब्रांड के उत्पादन में भी सक्रिय है। बैठक में यह तय किया गया कि CA स्टोर और ग्रेडिंग पैकिंग सेंटर को टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से निजी खिलाड़ियों को सौंपा जाएगा। इसके अलावा, निगम प्रदेश में जियो थर्मल ऊर्जा का उपयोग कर CA स्टोर बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत कर रहा है। निदेशक मंडल ने यह भी निर्णय लिया कि देशभर में HPMC की जमीनों को कमाई का स्रोत बनाते हुए निगम को 100 करोड़ रुपये से अधिक की अपफ्रंट मनी और मासिक 2 करोड़ रुपये से अधिक की आय की अपेक्षा है। मंत्री ने यह भी बताया कि HPMC लंबे समय से किसानों और बागवानों के हित में कार्य कर रहा है, और MIS के तहत सेब के प्रोक्योरमेंट की जिम्मेदारी भी निगम पर है, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके।
आज शिमला के छोटा सचिवालय के बाहर देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान सांसद का पुतला जलाया गया, जिससे संगठन ने अपनी नाराजगी और विरोध को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया। प्रदर्शन के दौरान क्षत्रिय संगठन के कार्यकर्ताओं ने पुतले के ऊपर जूतों की माला भी डाली। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि वे 12 अप्रैल को शिमला से बड़ी संख्या में आगरा कूच करेंगे, ताकि इस मुद्दे पर और अधिक ध्यान आकर्षित किया जा सके। इस विरोध का कारण रामजीलाल सुमन का विवादित बयान है, जिसमें उन्होंने राजपूत योद्धा राणा सांगा की तुलना बाबर से की थी। इस बयान ने पूरे देश में विरोध की लहर फैला दी है। इसके जवाब में देवभूमि क्षत्रिय संगठन ने वीर योद्धाओं के सम्मान में सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रुमित ठाकुर ने कहा कि हम वीर योद्धाओं के सम्मान में सड़कों पर उतरे हैं। जिनका कोई इतिहास नहीं है, वे योद्धाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे हैं। क्षत्रिय समाज इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं को रोकने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुतले को जलाने की चेतावनी दी। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई। रामजीलाल सुमन ने अपने बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका किसी समुदाय या महापुरुष के प्रति अपमानजनक इरादा नहीं था और यह बयान केवल ऐतिहासिक संदर्भ में दिया गया था। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपने राजनीतिक स्वार्थों के लिए इतिहास के विवादास्पद पहलुओं को पुनर्जीवित कर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के स्कूलों में शिक्षकों के सामान्य तबादलों पर रोक को जारी रखने का निर्णय लिया है। यह कदम स्कूलों में पढ़ाई के माहौल को स्थिर बनाए रखने और शैक्षणिक गतिविधियों पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए उठाया गया है। अब तबादले केवल युक्तिकरण और आवश्यक मामलों में ही किए जाएंगे, जबकि एक शिक्षक के सहारे चल रहे स्कूलों से तबादले नहीं किए जाएंगे। शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में आपसी सहमति से ट्रांसफर पर भी ध्यान नहीं दिया जाएगा, और 30 किलोमीटर से कम दूरी पर तबादलों की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, एक ही स्कूल में दो साल सेवा देना अनिवार्य रहेगा, और हार्ड क्षेत्रों से तबादले करवाने के लिए रिलीवर की शर्त का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। मार्च के बाद भी सामान्य तबादलों पर रोक बनी रहेगी, और अतिरिक्त शिक्षक वाले स्कूलों को रिक्त पदों वाले स्कूलों में तैनात किया जाएगा, जिससे शिक्षा प्रणाली में संतुलन बना रहे। इसके साथ ही, हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब मौसम के अनुसार छुट्टियों का नया शेड्यूल लागू किया गया है, जिससे छात्रों और शिक्षकों को अधिक सुविधाजनक ब्रेक मिलेगा। नालागढ़ उपमंडल, फतेहपुर, नगरोटा सूरियां, इंदौरा, पांवटा साहिब, कालाअंब और जिला ऊना के स्कूलों में 1 से 30 जून तक गर्मियों की छुट्टियां और 3 से 12 अगस्त तक बरसात की छुट्टियां होंगी, जबकि पहले ये छुट्टियां 22 जून से 29 जुलाई तक होती थीं। अन्य ग्रीष्मकालीन स्कूलों में 1 से 8 जून तक गर्मियों की छुट्टियां और 12 जुलाई से 12 अगस्त तक बरसात की छुट्टियां होंगी, जो पहले प्रावधान में नहीं थीं। इसके अलावा, सभी ग्रीष्मकालीन स्कूलों में लोहड़ी के आसपास जनवरी में मिलने वाली छह छुट्टियों के स्थान पर 1 से 8 जनवरी तक छुट्टियां दी जाएंगी, जबकि दिवाली की चार छुट्टियां पूर्व की तरह ही बरकरार रहेंगी। शीतकालीन स्कूलों में बरसात की छुट्टियां अब 7 से 12 अगस्त तक होंगी, जो पहले 22 से 27 जुलाई तक होती थीं, और सर्दियों की छुट्टियां 1 जनवरी से 11 फरवरी तक पूर्ववत रहेंगी। लाहौल-स्पीति जिले में बरसात की छुट्टियां नहीं होंगी, लेकिन दशहरे के दौरान छह छुट्टियां दी जाएंगी, जबकि कुल्लू जिले में 1 से 14 जनवरी तक सर्दियों की छुट्टियां, 20 जुलाई से 12 अगस्त तक बरसात की छुट्टियां और दशहरे के दौरान आठ छुट्टियां होंगी। कुल मिलाकर, पूरे राज्य के स्कूलों में एक साल के दौरान 52 छुट्टियां मिलेंगी, जिससे छात्रों और शिक्षकों को सालभर में पर्याप्त आराम मिलेगा।
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। "ब्रह्म" का अर्थ है तपस्या और "चारिणी" का अर्थ है आचरण करने वाली। इस तरह मां ब्रह्मचारिणी तप और संयम की प्रतीक हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया था। इस तप के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया। वे ज्ञान, तपस्या, वैराग्य और संयम की देवी मानी जाती हैं। महत्वमां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि यह भक्तों को संयम, धैर्य, तप और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है। उनकी आराधना से जीवन में आने वाली बाधाएं और कष्ट दूर होते हैं। यह पूजा विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए लाभकारी मानी जाती है, क्योंकि यह शिक्षा और ज्ञान प्राप्ति में सहायक होती है।मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से भक्त अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ संकल्प और शक्ति प्राप्त करते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि के दौरान द्वितीया और तृतीया तिथि एक ही दिन है, जिस कारण नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 8 दिनों की होगी। इस साल मुहूर्तचूंकि आज की तारीख 30 मार्च 2025 है, यह चैत्र नवरात्रि का पहला दिन है। इस आधार पर दूसरा दिन 31 मार्च 2025, सोमवार को होगा ।चन्द्र राशि - मेष सूर्योदय और सूर्यास्त का समय सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 18 मिनट पर सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 41 मिनट पर चन्द्रोदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर चन्द्रास्त - रात 09 बजकर 03 मिनट पर शुभ मुहूर्त रवि योग - दोपहर 01 बजकर 45 मिनट से 02 बजकर 08 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 40 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 00 मिनट से 12 बजकर 50 मिनट तक विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 37 मिनट से 07 बजकर 00 मिनट तक निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक। पूजा विधिमां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि शास्त्रों के अनुसार इस प्रकार है:तैयारीस्नान: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पुरुष और महिलाएं पीले या सफेद वस्त्र पहन सकते हैं, क्योंकि मां को पीला रंग प्रिय है।पूजा स्थल की शुद्धि: पूजा स्थान को गंगाजल छिड़ककर शुद्ध करें। एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाएं और मां ब्रह्मचारिणी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। पूजा की प्रक्रियासंकल्प: हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर पूजा का संकल्प करें। मन में मां से प्रार्थना करें कि आपकी पूजा सफल हो। आह्वान: मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें और उन्हें पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर का मिश्रण) से स्नान कराएं। शृंगार: मां को पीले वस्त्र, फूल (विशेष रूप से पीले फूल जैसे गेंदा), और रोली-कुमकुम अर्पित करें।दीप प्रज्वलन: घी का दीपक जलाएं और धूप दिखाएं। भोग: मां को शक्कर, मिश्री या चीनी से बना भोग लगाएं। मान्यता है कि यह भोग लगाने से लंबी आयु और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। आप पंचामृत भी अर्पित कर सकते हैं। मंत्र जाप: निम्न मंत्रों का जाप करें बीज मंत्र: "ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः"पूजा मंत्र: "दधाना करपद्माभ्याम्, अक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि, ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।"कम से कम 108 बार मंत्र जाप करें। हवन: यदि संभव हो तो हवन करें। हवन में लौंग, बताशे और "ऊँ ब्रह्मचारिण्यै नमः" मंत्र के साथ आहुति दें। आरती: मां ब्रह्मचारिणी की आरती करें। उदाहरण:"जय अंबे ब्रह्मचारिणी माता, जय चतुरानन प्रिय सुख दाता। ब्रह्मा जी के मन भाती हो, ज्ञान सभी को सिखलाती हो।"समापनभोग को प्रसाद के रूप में परिवार में बांटें।मां से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थना करें और क्षमा मांगें।पूजा के बाद थोड़ा समय ध्यान में बिताएं।अतिरिक्त सुझावइस दिन पीले रंग का प्रयोग करें, क्योंकि यह मां को प्रिय है और ज्ञान, उत्साह व बुद्धि का प्रतीक है।यदि व्रत रख रहे हैं, तो फलाहार या जलीय आहार लें।विद्यार्थी मां सरस्वती की भी उपासना कर सकते हैं, क्योंकि यह दिन ज्ञानार्जन के लिए शुभ है।मां ब्रह्मचारिणी की कृपा से आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाए।
हिमाचल प्रदेश में आगामी 3 अप्रैल तक मौसम साफ और सुहावना रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 3 अप्रैल से एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है, जिससे चंबा, कुल्लू, कांगड़ा, लाहुल-स्पीति और किन्नौर जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इसके बावजूद, आने वाले सप्ताह के बाकी दिनों में राज्य का मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहेगा। इस समय के दौरान गर्मी का भी असर दिखने लगा है। अगले 4-5 दिनों में न्यूनतम तापमान में 2 से 5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी, जबकि अधिकतम तापमान में भी 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। बीते 24 घंटे में सबसे कम तापमान केलांग में 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं सबसे अधिक तापमान ऊना में 33.4 डिग्री सेल्सियस रहा। प्रदेश के विभिन्न शहरों में अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा रहा, जिससे लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ा चंबा में अधिकतम तापमान 27.4°C, केलांग में 3.1°C, धर्मशाला में 26°C, रंगरा में 29.7°C, मनाली में 23.8°C, सेओबाग में 19.9°C, भुंतर में 30.6°C, ऊना में 33.0°C, मंडी में 30.3°C, बरठीं में 39.6°C, सुंदरनगर में 30.6°C, कल्पा में 7.8°C, जुब्बरहट्टी में 27.0°C, कसौली में 22.2°C, शिमला में 24.4°C, सोलन में 30.0°C और नाहन में 29.3°C दर्ज किया गया। इन तापमानों के बढ़ने के कारण लोगों को गर्मी का अनुभव हो रहा है।
हिमाचल प्रदेश में संगठित अपराध पर कड़ी कार्रवाई के लिए एक नया विधेयक पारित किया गया है, जिसके तहत चिट्टा तस्करी, नकली शराब बेचना और अन्य प्रकार के संगठित अपराधों से जुड़ी घटनाओं में मौत होने पर दोषियों को मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा मिल सकती है। इसके अलावा, दोषियों पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। साथ ही, नशे से कमाई गई संपत्ति को जब्त करने का भी प्रावधान है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत किया गया यह विधेयक अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा। विधेयक के तहत, संगठित अपराध में शामिल होने या उसे बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों को कम से कम एक साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इसके साथ ही पांच लाख रुपये तक जुर्माना भी हो सकता है। जो व्यक्ति संगठित अपराध गिरोह का सदस्य होगा, उसे कम से कम एक साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। वही अगर कोई व्यक्ति संगठित अपराध से अर्जित संपत्ति पर कब्जा करता है, तो उसे एक साल से लेकर दस साल तक की सजा हो सकती है और दो लाख रुपये तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है। और अगर कोई व्यक्ति नशे की सामग्री के साथ पकड़ा जाता है, तो उसे दो से चौदह साल तक की कठोर सजा हो सकती है और 20 हजार रुपये से लेकर दस लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। संगठित अपराध के तहत अवैध खनन, वन्यजीव तस्करी, मानव अंग तस्करी, साइबर अपराध, फर्जी बिल बनाना, और खाद्य मिलावट जैसे अपराधों को भी शामिल किया गया है। सरकारी कर्मचारियों के लिए सजा दोगुनी: यदि कोई सरकारी कर्मचारी संगठित अपराध में शामिल पाया जाता है, तो उसकी सजा दोगुनी हो सकती है। मन जा रहा है कि इस विधेयक के पारित होने के बाद हिमाचल प्रदेश में संगठित अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वीरवार को प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कुछ वर्षों में खनन से होने वाली आय को 1000 करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित करेगी । दरअसल विधायक जनक राज ने खनन से संबंधित सवाल पूछा, जिसमें उन्होंने खनन नीति और प्रदेश में खनन से होने वाली आय के बारे में जानकारी मांगी। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अगले कुछ वर्षों में खनन से होने वाली आय को 1000 करोड़ रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित करेगी। वर्तमान में राज्य सरकार को खनन से 400 करोड़ रुपए का शुल्क प्राप्त हो रहा है, जिसे आगामी समय में 600 करोड़ रुपए और बढ़ाकर 1000 करोड़ रुपए तक पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश की खनन संपदा को किसी भी हालत में लूटने नहीं दिया जाएगा और खनन नीति में आवश्यक बदलाव करने के लिए संबंधित मंत्रियों से चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि इस नीति में कोई खामी रही तो उसे सुधारने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने एक अहम फैसला लिया है, जो अगले शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू होगा। इस बदलाव के तहत, पहली से लेकर पांचवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया जाएगा। ये बदलाव नई शिक्षा नीति के अनुरूप होंगे, और शिक्षा बोर्ड अब एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को अपनाने जा रहा है। इस साल के शैक्षणिक सत्र 2025-26 में पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन जैसे ही 2026-27 का सत्र शुरू होगा, छात्रों को एक नया अनुभव मिलेगा। इस दौरान शिक्षा बोर्ड एनसीईआरटी के निर्देशानुसार पाठ्यक्रम में परिवर्तन करेगा, हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि इन बदलावों में किस विषय को ज्यादा महत्व दिया जाएगा या कौन से विषयों में बदलाव किए जाएंगे।हालांकि, इस बीच प्रदेश सरकार हर वर्ष की तरह पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क किताबें मुहैया करा रही है। इसके लिए किताबों की छपाई का काम पहले ही शुरू हो चुका है। अगर पाठ्यक्रम में कोई अहम बदलाव होता है, तो इसकी सूचना शिक्षा बोर्ड द्वारा समय पर दी जाएगी।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में वीरवार को दृष्टिबाधित संघ के सदस्यों ने सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी लंबे समय से बैकलॉग भर्तियों की मांग कर रहे थे और उनका आरोप है कि सरकार उनकी समस्याओं को अनसुना कर रही है। दृष्टिबाधित संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि वे कई दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार से कोई ठोस जवाब नहीं मिला। उनका कहना है कि 1995 के बाद से दृष्टिबाधितों के लिए कोई भर्ती नहीं हुई है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि विभिन्न सरकारी विभागों में लंबित बैकलॉग कोटा भर्तियां नहीं भरी जा रही हैं, जिससे दृष्टिबाधित समुदाय में गहरा आक्रोश है। उनका ये भी कहना है कि सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन उन्हें केवल आश्वासन ही मिले हैं। प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति गिर गया, जिसे बाद में संभाल लिया गया। वहीं, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सड़क से हटाने की कोशिश की, जिससे दोनों पक्षों के बीच हल्की धक्का-मुक्की हुई। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल और कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ नारेबाजी की। दृष्टिबाधित संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। इस प्रदर्शन के कारण सचिवालय के बाहर लंबा जाम लग गया, जिसे खोलने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
शिमला: आगामी 27 मार्च भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की सुक्खू सरकार के खिलाफ शिमला के चौदह मैदान में विशाल प्रदर्शन करेगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने ढाई वर्षों में कानून-व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह से नाकाम रही है। चम्बा में दलित युवक की नृशंस हत्या के बाद से प्रदेश में अपराधों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। महिलाओं के साथ बढ़ते उत्पीड़न, चिट्टा माफिया और खनन माफिया की गतिविधियाँ प्रदेश को बदनामी की ओर ले जा रही हैं, और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान कांग्रेस सरकार ने माताओं-बहनों, बेरोजगारों, किसानों और कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। महंगाई बढ़ाई है, और सरकारी सेवाओं का बुरा हाल कर दिया है। प्रदेश की हालत ऐसी हो गई है कि स्वास्थ्य, शिक्षा और प्रशासनिक संस्थान बंद हो गए हैं, और विकास ठप है। बिन्दल ने इस प्रदर्शन को माफियाराज के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का अवसर बताते हुए कहा कि यह सरकार मित्रों के हितों को आगे बढ़ाने वाली सरकार बन चुकी है। 27 मार्च को प्रदेशभर से लोग एकजुट होकर माफियाराज के खिलाफ अपनी आवाज उठाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली दौरे के बाद विधानसभा पहुंचे। उन्होंने बताया कि दिल्ली में उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जहां कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री सुक्खू ने केंद्रीय गृह मंत्री से PDNA (प्री-डिजास्टर न्यूट्रलाइजेशन असिस्टेंस) की राशि जल्द जारी करने की अपील की, ताकि राज्य को प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में मदद मिल सके। इसके अलावा, उन्होंने नशे की समस्या के समाधान के लिए भी गृह मंत्री से विस्तृत चर्चा की। इस पर अमित शाह ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि सरकार इस दिशा में आवश्यक कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि हिमाचल कांग्रेस की प्रभारी रजनी पाटिल के हालिया प्रदेश दौरे के दौरान सभी नेताओं और मंत्रियों से बातचीत की गई है। उन्होंने कहा कि जैसे ही पार्टी हाईकमान से मंजूरी मिलेगी, राज्य में एक मजबूत संगठन का गठन किया जाएगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट पर आज सुबह एक संभावित हादसे के टलने की घटना पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी मिलने के बाद वह केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से बातचीत करेंगे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
प्रदेश में मार्च के पहले सप्ताह में हुई भारी बारिश और बर्फबारी के बाद 26 मार्च के बाद प्रदेश के कई क्षेत्रों मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। मौसम विभाग ने 27 मार्च को एक पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से किन्नौर, लाहौल-स्पीति, शिमला, सोलन, सिरमौर, मंडी, कुल्लू और चंबा जैसे पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी के आसार जताए हैं। 28 मार्च से मौसम में सुधार होने की उम्मीद है और पूरे प्रदेश में मौसम साफ होने का पूर्वानुमान है। मार्च के पहले सप्ताह में प्रदेश में अच्छी बारिश और बर्फबारी हुई थी, लेकिन दूसरे और तीसरे सप्ताह में मौसम सूखा रहा। इस वजह से 23 मार्च तक प्रदेश में सामान्य से 16 प्रतिशत कम बारिश हुई है। 1 से 23 मार्च के बीच प्रदेश में सामान्य 90.2 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन इस बार केवल 75.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। जैसे-जैसे मौसम खुल रहा है, प्रदेश में अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों में वृद्धि हो रही है। अब पहाड़ी क्षेत्रों में भी दिन के समय गर्मी महसूस होने लगी है। सुबह और शाम के वक्त भी हल्की गर्माहट का अनुभव हो रहा है। शनिवार को, नेरी में 31.5°C, बिलासपुर में 31.4°C, धौलाकुआं में 30.3°C, बरठीं में 30.1°C, सुंदरनगर में 29.7°C, कांगड़ा में 29.3°C, मंडी में 28.1°C, नाहन में 28.0°C, भुंतर में 27.2°C, चंबा में 26.7°C, धर्मशाला में 26.0°C, मनाली में 20.4°C और शिमला में 20.0°C अधिकतम तापमान दर्ज किया गया।
हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत के मामले में ताज़ा अपडेट सामने आया है। शिमला पुलिस को मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि उनके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। अब इस रिपोर्ट के आधार पर पोस्टमार्टम की फाइनल ओपिनियन का इंतजार किया जा रहा है। इस मामले की जांच के लिए शिमला पुलिस ने छह पुलिस अधिकारियों की एक एसआईटी टीम बनाई है, जिसका नेतृत्व एसपी संजीव गांधी कर रहे हैं। इसके अलावा, इस टीम में एएसपी नवदीप सिंह, डीएसपी शक्ति सिंह और साइबर एक्सपर्ट भी शामिल हैं। एसआईटी ने हाल ही में प्रदेश पावर कारपोरेशन के कर्मचारियों से लंबी पूछताछ की है और इस दौरान कार्यालय के रिकॉर्ड और इलेक्ट्रिक उपकरण भी कब्जे में लिए गए हैं। पुलिस अब विमल नेगी की सीडीआर की जांच कर रही है, ताकि इस मामले के हर पहलू को बारीकी से समझा जा सके। पुलिस जल्द ही उन अधिकारियों से भी पूछताछ करेगी जिनके नाम एफआईआर में दर्ज हैं। जाहिर है कि विमल नेगी के परिवार ने आरोप लगाया था कि पावर कारपोरेशन के उच्च अधिकारियों का उन पर अत्यधिक दबाव था, जिससे वह तनाव में रहते थे। परिवार का कहना है कि देर रात तक काम करवाया जाता था और अधिकारियों के दबाव के कारण उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया। इसके अलावा, पावर कारपोरेशन के पूर्व निदेशक देसराज को फिलहाल हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने कहा कि जांच के रिकॉर्ड की समीक्षा के बाद वह किसी भी अंतरिम राहत के योग्य नहीं पाए गए। मामले की अगली सुनवाई सोमवार को होगी, और अभियोजन पक्ष को अनुपूरक स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के निर्देश दिए गए हैं।
आज नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और भाजपा विधायकों के प्रतिनिधि मंडल के साथ पॉवर कॉरपोरेशन के मुख्य अभियंता रहब दिवंगत विमल नेगी के पैतृक निवास कटगांव पहुंचे। यहाँ उन्होंने विमल नेगी के परिजनों से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। इस दौरान सभी ने स्व. विमल नेगी की माता, पत्नी, भाई और बच्चों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधवाया। भाजपा प्रतिनिधि मंडल ने परिवार के साथ खड़े रहने और हर संभव सहयोग का भरोसा दिया। स्वo नेगी के परिजनों ने भाजपा प्रतिनिधि मंडल से इस मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की। उनका मानना है कि नेगी की मृत्यु के पीछे गहरी साजिश हो सकती है, और इसलिए वे मामले की निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच चाहते हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी की मृत्यु के मामले में उनके परिजन, उनकी माता, पत्नी, सहकर्मी और कर्मचारी सब चाहते हैं कि मामले की जांच सीबीआई करे। भाजपा पहले ही विधानसभा में और सरकार से यह मांग कर चुकी है। प्रदेश भर के लोग सोशल मीडिया के माध्यम से भी इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को छोड़कर सभी लोग चाहते हैं कि सीबीआई जांच हो, तो फिर मुख्यमंत्री क्यों नहीं चाहते कि सीबीआई जांच हो? क्या वे कुछ छुपाना चाहते हैं। जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री के पहले बयान पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा इस मामले को 'बतंगड़' बना रही है। उन्होंने कहा कि एक ईमानदार और सरल अधिकारी की जान गई और मुख्यमंत्री के लिए यह केवल एक बात का बतंगड़ बन गया। उनका यह बयान संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है, जो यह साबित करता है कि सरकार मामले की सच्चाई सामने नहीं आने देना चाहती। नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि परिजन शुरू से ही पेखूबेला सोलर प्रोजेक्ट में हुई धांधली को इस मामले से जोड़ रहे हैं, जो अप्रैल 2024 में कमीशन हो गया था। सरकार से मांग की कि इस मामले की जांच पेखूबेला प्रोजेक्ट के शुरुआत से ही की जाए, क्योंकि सुक्खू सरकार के गठन के बाद इस परियोजना को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। मंडी गोलीबारी और लूट की घटना पर जयराम ठाकुर की प्रतिक्रिया नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। मंडी में ढाबा संचालक के साथ हुई घटना ने यह साबित कर दिया कि प्रदेश में आपराधिक तत्वों का मनोबल बढ़ गया है। एक व्यवसायी के साथ गोलीबारी और लूट की घटना बहुत चिंताजनक है। हिमाचल प्रदेश देवभूमि है, और हम इस तरह की घटनाओं को सहन नहीं करेंगे। सरकार को इस पर सख्त कदम उठाने चाहिए और इन अराजक तत्वों पर लगाम लगानी चाहिए। इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, विधायक बलवीर वर्मा, विधायक डीएस ठाकुर, शिमला जिलाध्यक्ष केशव चौहान, सूरत नेगी, अजय श्याम, कौल नेगी समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
मोहाली में एक बेहद चौंकाने और दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां एक तीन साल की मासूम बच्ची के साथ उसकी अपनी मां और उसके प्रेमी ने दुष्कर्म जैसी घिनौनी हरकत को अंजाम दिया। इस अमानवीय घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक, बच्ची के पिता को इस जघन्य अपराध का पता तब चला जब उसे अपने मोबाइल फोन में एक वीडियो मिला। इस वीडियो में उसकी तीन साल की बेटी के साथ उसकी पत्नी और उसके प्रेमी द्वारा की गई क्रूरता साफ दिखाई दे रही थी। वीडियो देखते ही पिता ने बिना देर किए स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आई और त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। आरोपी की पहचान रणजीत सिंह (उम्र 30) के रूप में हुई है, जो पंजाब के मानसा जिले का निवासी है। जांच में पता चला कि रणजीत का बच्ची की मां के साथ पिछले एक साल से अवैध संबंध था। दोनों ने मिलकर मासूम बच्ची के साथ न सिर्फ दुष्कर्म किया, बल्कि उसकी वीडियो भी रिकॉर्ड की। शिकायतकर्ता पिता ने बताया कि रणजीत सिंह खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को धमकाता था। उसने पुलिस की वर्दी पहनकर हथियारों के साथ कई वीडियो बनाए और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। पिता का आरोप है कि रणजीत उसे बार-बार धमकी देता था कि अगर उसने पुलिस में शिकायत की तो उसकी जिंदगी बर्बाद कर देगा। पुलिस अब इस दावे की भी जांच कर रही है और आरोपी के पास से पुलिस वर्दी व अन्य संदिग्ध सामानों की तलाश कर रही है। कानूनी कार्रवाई और जांचपुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (रेप), धारा 506 (धमकी देना), और लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO एक्ट) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अलावा, रणजीत के फर्जी पुलिस अधिकारी बनने के आरोप में भी जांच की जा रही है। दोनों को एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है, ताकि मामले की गहराई से पड़ताल की जा सके। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस अपराध में कोई और शामिल था या नहीं।
शिमला: HPPCL चीफ़ इंजीनियर बिमल नेगी की मौत मामले में भाजपा विधायक दल राजभवन पहुंचा। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, हिमाचल भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल के साथ भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में घटना पर दर्ज की गई FIR में दूसरे अधिकारी का नाम शामिल करने की मांग की गई है। साथ ही इस घटना और बीते दो वर्षों की HPPCL की गतिविधियों की जांच भी CBI से करवाने की मांग की गई। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि HPPCL में चीफ़ इंजीनियर के पद पर तैनात बिमल नेगी की मौत मामले में परिवार का बार-बार आग्रह था कि इस मामले की जांच बिना किसी दबाव और प्रभाव के सीबीआई से करवाई जाए। साथ ही दोनों अधिकारियों को सस्पेंड करने की भी मांग भी परिवार की ओर से की गई थी। अब तक मामले में केवल एक अधिकारी डायरेक्टर देशराज को सस्पेंड किया गया है। आज भाजपा विधायक दल ने राजपाल से मुलाकात की है। भाजपा ने परिजनों को मामला सरकार और राज्यपाल के समक्ष उठाने का आश्वासन दिया था। ऐसे में बीते कल सदन में भी इस मामले को लेकर चर्चा मांगी गई थी। मगर चर्चा नहीं दी गई लिहाज़ा आज राज्यपाल के समक्ष परिवार के आग्रह पर मामले की सीबीआई जांच करने और दूसरे अधिकारी का नाम भी FIR में दर्ज करने की मांग राज्यपाल से की गई है।
हिमाचल प्रदेश की बसों को पंजाब में रोके जाने और उनके साथ हो रहे असमर्थनीय व्यवहार का मामला हिमाचल में में चर्चा का विषय बन गया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आज इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया और कि इस तरह हिमाचल प्रदेश की बसों को पंजाब में रोका जा रहा है और बसों में जहा मुख्यमंत्री की फोटो लगाई गई है उसी के साथ में भिंडरावाले की फोटो लगाई जा रही है। इतना ही नहीं कुछ लोग तलवारें लहराते हुए खालिस्तान के नारे लगा रहे हैं। जिसका सोशल मीडिया पर इन घटनाओं के वीडियो वायरल हो रहे हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि इस तरह हिमाचल की बसों को पंजाब में रोका जाना और इस तरह का व्यवहार करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से हिमाचल में पंजाब से लोग आ रहे है और इस तरह की हुड़दंगबाजी कर रहे है और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे है। इस बारे में सीएम सुक्खू को पंजाब के सीएम से बात करनी चाहिए। इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से जल्द ही बात करने की बात कही। उन्होंने इस तरह की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण और राज्य की शांति के लिए खतरनाक करार दिया।
हिमाचल प्रदेश के अधिक ऊंचे क्षेत्रों में कल से हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण 21 मार्च तक चंबा, किन्नौर और लाहौल स्पीति के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी होगी, जबकि 22 मार्च से प्रदेशभर में मौसम साफ हो जाएगा। इस दौरान प्रदेश के मैदानी और कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम का मिजाज साफ रहेगा, जिससे तापमान में हल्का उछाल आ सकता है। बीती रात हिमाचल प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तापमान माइनस में रहा। लाहौल स्पीति के ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस 8 डिग्री और केलांग का माइनस 7.8 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, रविवार रात के आंकड़ों के अनुसार, केलांग में माइनस 5.1, ताबो में माइनस 4.1, कल्पा में माइनस 2.6, कुकुमसेरी में माइनस 1.7, मनाली में 1.1, शिमला में 5.5, सोलन में 5.6, चंबा में 6.6, मंडी में 7.6, बिलासपुर में 8.3, कांगड़ा में 8.8 और नाहन में 9.9 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ। वहीं, बर्फबारी के कारण कुल्लू और लाहौल घाटी में मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। अटल टनल रोहतांग और एनएच-305 पर सोमवार को यातायात अवरुद्ध हो गया था, लेकिन शाम को फोर बाई फोर वाहनों के लिए मार्ग खोल दिया गया। लाहौल में 130 और कुल्लू जिले में 11 सड़कें बर्फबारी के कारण बंद हैं। इस बार मार्च माह में प्रदेश में सामान्य से 18 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। 1 से 17 मार्च के बीच 63.8 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जबकि इस बार 75.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
प्रदेश सरकार ने छुआछूत को दूर करने के लिए इंटरकास्ट विवाह करने पर प्रोत्साहन राशि को 50 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये करने की घोषणा की है, जिससे सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा। हिमाचल में अब दूसरों के घरों में काम करके अपने परिवार का गुजारा करने वाली महिलाओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. ऐसी महिलाओं को 1 जून 2025 से योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। यही नहीं इन महिलाओं की पात्र बेटियां भी 1500 रूपये प्रति माह के लिए हकदार होगीं। इसी तरह से विधवा पेंशन प्राप्त करने वाली महिलाओं की बेटियों भी इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत 1500 पाने के लिए पात्र होंगी। पहले सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत पेंशन पाने वाली विधवाओं की बेटियों को इस योजना से बाहर रखा गया था। लेकिन अब सरकार ने नियम और शर्तों में छूट दी है, जिसका लाभ हजारों महिलाओं हो होगा। हिमाचल प्रदेश में विधवा महिलाओं की बेटियों को ने केवल हर महीने 1500 रुपए मिलेंगे, बल्कि ऐसे महिलाओं की बेटियों को प्रोफेशनल कोर्स के लिए भी सरकार पूरी फीस का भुगतान करेगी। वहीं, संस्थान की ओर से स्वीकृत होस्टल फीस का खर्च भी सरकार ही उठाएगी। इसके अतिरिक्त यदि विधवा महिलाओं की बेटियां पीजी में रहना चाहती हैं तो इस स्थिति में एक वर्ष में 10 महीने के लिए 3 हजार रुपए सरकार देगी, जिसके लिए नए वित्त वर्ष के लिए 200 करोड़ का प्रावधान किया गया है। स्कूलों में टीचरों और स्टूडेंट्स की लगेगी ऑनलाइन हाजिरी प्रदेश के स्कूलों में अब टीचरों और स्टूडेंट्स की हाजिरी ऑनलाइन ली जाएगी, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा मिलेगा और शिक्षण की प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। आंगनबाड़ी केंद्रों को किया जाएगा मर्ज प्रदेश में 18,925 आंगनबाड़ी केंद्रों को नजदीकी सरकारी स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। ये केंद्र अब प्री प्राइमरी स्कूल के रूप में काम करेंगे और 3 से 6 साल के बच्चों के लिए पौष्टिक आहार और शिक्षा प्रदान करेंगे। राजगढ़, कंडाघाट में नए अग्निशमन केंद्र खोले जाएंगे राजगढ़ और कंडाघाट में नए अग्निशमन केंद्र खोले जाएंगे, जिससे इन क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाओं की तत्परता बढ़ेगी और आग की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट पेश करते हुए एक पर्यावरणीय कदम की घोषणा की है। 2025-26 में 5000 हेक्टेयर क्षेत्र में फलदार और औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इस पहल के तहत राजीव गांधी वन संवर्धन योजना को लागू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य प्रदेश में हरियाली बढ़ाना और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना है। इस पौधरोपण परियोजना का संरक्षण महिला मंडल, युवक मंडल और स्वयं सहायता समूह को सौंपा जाएगा। यह समूह 1 से 5 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधों की देखभाल करेंगे, जिससे उन्हें न केवल आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि पर्यावरणीय संरक्षण में भी उनका योगदान रहेगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो इन समूहों को पौधरोपण के संरक्षण और देखभाल के लिए राशि प्रदान करेगी।
प्राकृतिक गेंहू 40 से 60 रुपए बढ़ाए जाने की घोषणा: सीएम सुक्खू मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्राकृतिक गेंहू की कीमतों में 40 से 60 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि करने की घोषणा की है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि जो किसान गेंहू को दूर-दराज के स्थानों पर बेचने के लिए जाते हैं, उन्हें अब 2 रुपए प्रति किलो की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। हल्दी को लेकर दो बड़ी घोषणाएं: मुख्यमंत्री सुक्खू हमीपुर में स्पाइस पार्क का उद्घाटन: मसालों को मिलेगा बढ़ावा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीपुर में स्पाइस पार्क के उद्घाटन की घोषणा की। इस पहल से मसालों की खेती और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों को बेहतर आय की संभावना मिलेगी। प्राकृतिक रूप से उगाई गई कच्ची हल्दी के लिए MSP में वृद्धि: 90 रुपए प्रति किलो मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्राकृतिक रूप से उगाई गई कच्ची हल्दी के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को बढ़ाकर 90 रुपए प्रति किलो करने की घोषणा की। इससे हल्दी उत्पादकों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। आलू को बढ़ावा देने के लिए ऊना में बनेगा पटैटो प्रोसेसिंग यूनिट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए ऊना में पटैटो प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने की घोषणा की। इस यूनिट से आलू उत्पादकों को एक नया बाजार मिलेगा और उनके उत्पादों को बेहतर प्रोसेसिंग के माध्यम से अधिक मूल्य प्राप्त होगा, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। बजट में यह घोषणा की गई कि बागवानी के लिए 4000 हेक्टेयर का सर्वे किया जाएगा और एचपी शिवा परियोजना के तहत 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। मछुआरों से रायल्टी में भी राहत दी गई है, अब मछुआरों से केवल 7.50 प्रतिशत रायल्टी ली जाएगी। इसके अलावा, 120 नई ट्राउट इकाइयों की स्थापना की जाएगी, जिससे मछली पालन में और अधिक विस्तार होगा। पशुपालन क्षेत्र में भी मुख्यमंत्री ने बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने गाय के दूध के खरीद मूल्य को 45 से बढ़ाकर 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का मूल्य 55 से बढ़ाकर 61 रुपये प्रति लीटर करने की घोषणा की है। इसके अलावा, भैंस और गाय के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 6-6 रुपये की वृद्धि की गई है। पशुपालकों को 2 रुपये की परिवहन सब्सिडी भी दी जाएगी, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। साथ ही, पशुपालकों को सारी जानकारी एसएमएस के माध्यम से फोन पर उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में 'अनछुए क्षेत्रों' को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। धार्मिक पर्यटन, चाय पर्यटन और अन्य ऐसे क्षेत्रों को पर्यटन के लिए आकर्षक बनाया जाएगा, जिससे हजारों रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। यह कदम राज्य को ग्रीन स्टेट बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इसके अलावा, 1,58,785 किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रमाणित किया गया है और प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा के तहत आठ पेंशन योजनाएं चल रही हैं। मुख्यमंत्री ने सुख-आश्रय योजना के तहत यह घोषणा की है कि अब अन्य जिलों के बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण पर भेजा जाएगा, जिससे उनकी शिक्षा में और सुधार होगा।
न गिराया किसी को कभी न खुद को उछाला, कटा ज़िन्दगी का सफर धीरे धीरे जहाँ आप पहुंचे छलांगें लगा लगा कर, मैं भी पहुंचा वहां धीरे धीरे..इन पंक्तियों के साथ सीएम सुक्खू ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश करे की शुरुवात की। सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन उद्योग को गति देने के लिए पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार एक अहम आवश्यकता बन गई है। पर्यटन कारोबारियों का मानना है कि इस क्षेत्र को और विकसित करने के लिए बजट में प्रचार-प्रसार के लिए विशेष प्रावधान होना चाहिए। सीएम सुक्खू ने कहा है कि देश के अन्य प्रमुख पर्यटन राज्यों के मुकाबले हिमाचल प्रदेश अपने पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार में पिछड़ा हुआ है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी हिमाचल के पर्यटन स्थलों का प्रचार करने के लिए एक सशक्त नीति की आवश्यकता है। आसपास के राज्यों जैसे कश्मीर और उत्तराखंड ने डिजिटल माध्यम का सहारा लेकर अपने पर्यटन स्थलों को प्रमोट किया है, जिससे इन राज्यों के पर्यटन उद्योग को बल मिला है। डिजिटल मीडिया के माध्यम से इन राज्यों ने अपने पर्यटन स्थलों का व्यापक प्रचार किया है, और अब हिमाचल प्रदेश को भी इस दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी राज्य के विकास के लिए कई अहम योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने कृषि और बागवानी क्षेत्र में कीटनाशकों के इस्तेमाल को कम करने की आवश्यकता जताई और वनों के संरक्षण पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार 2026 तक हिमाचल को एक ग्रीन स्टेट के रूप में विकसित करेगी, और ई-बसों को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकारी विभागों में भी ई-गाड़ियों को शामिल करने की योजना है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पहली बार एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की घोषणा की गई है। यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछली सरकार से 76,185 करोड़ रुपये का कर्ज वर्तमान सरकार को विरासत में मिला है, जिससे बड़ी राशि इसके ब्याज के रूप में जा रही है। हालांकि, कृषि और संबंधित क्षेत्रों में 3.38 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है, और प्रति व्यक्ति आय में 9.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो एक सकारात्मक संकेत है। इन तमाम पहलों से हिमाचल प्रदेश में न केवल पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा मिलेगी।
आज सीएम सुक्खू 11 बजे अपना तीसरा बजट पेश करेंगे, लेकिन इससे पहले भाजपा ने विधानसभा के बाहर कई मुद्दों पर सरकार पर हमला बोला है। भाजपा ने कानून व्यवस्था, खनन माफिया, चिट्टा तस्कर और पूर्व विधायक बम्बर ठाकुर पर हुई गोलीबारी जैसे मामलों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बिलासपुर में हुई गोलीबारी में जिन अपराधियों ने गोलियां चलाईं, उनकी गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है, और यह हिमाचल प्रदेश के लिए बेहद गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यह घटना हिमाचल प्रदेश की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है और पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है। जयराम ठाकुर ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं और इसके पीछे नशा माफिया का हाथ हो सकता है। इसके अलावा, पूर्व विधायक बम्बर ठाकुर के बयान पर भी जयराम ठाकुर ने नाराजगी जताई। जयराम ठाकुर ने कहा कि बम्बर ठाकुर का बयान चिंताजनक है और उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने के बावजूद सरकार कानून व्यवस्था सुधारने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही है। जयराम ठाकुर ने यह आरोप भी लगाया कि पुलिस प्रशासन का इस्तेमाल केवल विपक्षी विधायकों को प्रताड़ित करने के लिए किया जा रहा है, जबकि जरूरी मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार पर हमला करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि आज हिमाचल में बाहरी राज्य से लोग आकर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं और भिंडरावाले के झंडे फहरा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस सरकार ने हिमाचल प्रदेश को निचले स्तर पर ला दिया है, जो पहले किसी सरकार ने नहीं किया था। बंबर ठाकुर ये बताए कि उनका बेटा दो महीने क्यों जेल में कहा: जयराम ठाकुर चिट्टा माफिया पर बम्बर ठाकुर के बयान का पलटवार करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि बम्बर ठाकुर का बयान कोई मतलब नहीं रखता। जयराम ठाकुर ने यह भी सवाल उठाया कि बम्बर ठाकुर को यह बताना चाहिए कि उनका बेटा दो महीने तक जेल में क्यों था और वे कौन लोग थे जिन्हें पंजाब से हिमाचल लाया गया था और जिन्होंने गोलीबारी की थी। जयराम ठाकुर ने यह भी बताया कि इस मामले की जांच के लिए SIT गठित की गई है, और वे आश्वस्त हैं कि जल्द ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
हिमाचल प्रदेश में इन दिनों मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी है, जिसने ठंड को और बढ़ा दिया है। लाहौल-स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, चंबा और सिरमौर के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है जिसके कारण इन इलाकों में जीवन सामान्य रूप से प्रभावित हो रहा है। शिमला और कांगड़ा के क्षेत्रों में भी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए अलर्ट जारी किया है। जिसमें 16 मार्च को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश-बर्फबारी का अनुमान जताया गया है। वहीं 17, 19 और 20 मार्च को लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा और कुल्लू के ऊंचे इलाकों में हल्की बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। इसके अलावा, IMD ने बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और शिमला जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट भी जारी किया है। 18 और 21 मार्च को प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है, लेकिन कुल्लू, लाहौल, चंबा, किन्नौर और जम्मू-कश्मीर में हिमखंड गिरने का अलर्ट भी जारी किया गया है। इस बदलाव का असर किन्नौर जिले में सबसे ज्यादा देखा गया। जहां भारी बर्फबारी और बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है। किन्नौर जिले के ऊंचे इलाकों जैसे छितकुल, रकछम, कल्पा और अन्य स्थानों पर बर्फ की मोटी परत जम चुकी है, जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार सुबह से शुरू हुई बर्फबारी रविवार को और तेज हो गई, जिससे कई क्षेत्रों में बर्फ की परत फैल गई और सड़क मार्गों पर बर्फ जमने से यातायात प्रभावित हुआ। राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 भी नेसंग के पास बर्फबारी के कारण अवरुद्ध हो गया था, लेकिन प्रशासन की तत्परता से इसे जल्द ही बहाल कर दिया गया। हालांकि, कई आंतरिक सड़कों पर बर्फ और भूस्खलन के कारण यातायात प्रभावित हो रहा है। जिला प्रशासन और लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी सड़क मार्गों को साफ करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं, ताकि लोगों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश के कारण हिमस्खलन और भूस्खलन का खतरा भी बढ़ गया है, जिसके कारण चट्टानों के खिसकने और सड़क मार्गों के बाधित होने की खबरें आ रही हैं। हालांकि, अब तक किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं मिली है, लेकिन प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है, खासकर ऊंचे इलाकों में जाने से परहेज करने को कहा गया है।
राज्य सरकार ने नए वित्त वर्ष के लिए शराब के ठेकों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने का एलान कर दिया है, जिससे राज्य के खजाने में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है। यह प्रक्रिया सोमवार से आरंभ होगी और 21 मार्च तक चलेगी। राज्य कर एवं आबकारी विभाग के आयुक्त डा. यूनुस ने नीलामी की तारीखों का ऐलान करते हुए इस संबंध में आदेश जारी किया है। खास बात यह है कि इस बार शराब ठेकों की नीलामी में 150 करोड़ रुपये के मुनाफे का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले साल की तुलना में इस बार 2,850 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा गया है। नीलामी की प्रक्रिया में शराब के ठेकेदारों को अपनी बोली लगाने के लिए टैंडर फीस जमा करनी होगी, जो ठेके के प्रकार के अनुसार अलग-अलग होगी। इस बार देसी और अंग्रेजी शराब के लिए भी अलग-अलग फीस तय की गई है। यह फीस किसी भी परिस्थिति में वापस नहीं की जाएगी। ठेकेदारों को नीलामी में भाग लेने के लिए विशेष लाइसेंस की जरूरत होगी, और एक ठेकेदार केवल एक ठेके के लिए आवेदन कर पाएगा। इस बार कांग्रेस सरकार ने भाजपा के मुकाबले नई आबकारी नीति को लागू करते हुए शराब ठेकों की नीलामी में बदलाव किए हैं, जिससे राज्य को अधिक राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।
पूर्व विधायक बंबर ठाकुर को गोली मारने वाले व्यक्तियों की जल्द पकड़ने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। जिसका नेतृत्व उप महानिरीक्षक (डीआईजी), मध्य रेंज करेंगे। इसके अतिरिक्त, इस मामले की निगरानी अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) ज्ञानेश्वर सिंह करेंगे। पुलिस का मानना है कि हमलावर बाहरी राज्यों से हो सकते हैं, और इसकी जांच अभी जारी है। हमले से पहले, हमलावरों ने बंबर ठाकुर के परिवार के घर की रेकी की थी। इस दौरान, कुछ संदिग्ध व्यक्तियों को बंबर ठाकुर के आवास पर हर छोटी-छोटी जानकारी देने का काम करते हुए देखा गया। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, हमलावरों ने हमले के बाद बिलासपुर बस अड्डे के पास अपनी गाड़ी बदल ली और फिर बोलेरो गाड़ी में फरार हो गए। पुलिस ने हमले में इस्तेमाल की गई पिस्तौल भी बरामद कर ली है, और अब उनकी पहचान के लिए मंडी पुलिस के सहयोग से जांच की जा रही है। इस हमले में 22 से 24 राउंड फायरिंग की गई थी, और पुलिस ने पांच संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। इसके अलावा, चार संदिग्ध गाड़ियों को ट्रेस किया गया है। बंबर ठाकुर ने मुख्यमंत्री से अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम की मांग की है, क्योंकि उन्हें नशा तस्करों और कुछ स्थानीय नेताओं से खतरा महसूस हो रहा है।
- बोले, कांग्रेस के लोग भी शामिल - कहा, मुझे शक था कि AIIMS में गलत इंजेक्शन दे देते, इसीलिए वहां नहीं गया बिलासपुर के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर को गोली लगने के बाद आज उनका पहला बयान सामने आया है। अपने चिर परिचित अंदाज में बंबर ठाकुर ने कई सनसनीखेज आरोप लगाए है। बंबर ने कहा है कि भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा उन्हें बार- बार मारने के प्रयास किए जा रहे है। इतना ही नहीं उन्होंने ये भी दावा किया है कि इसके पीछे नड्डा परिवार और त्रिलोक जम्वाल शामिल है। साथ ही कांग्रेस के भी कुछ लोग भी उन्हें मारने की साजिश रच रहे है। बंबर ने ये भी कहा कि उन्हें भाजपा से कई बार पार्टी में शामिल होने के ऑफर्स भी आ चुके है। उनका कहना है यदि वो कांग्रेस का समर्थन न करते तो शायद उन पर हमला न होता। उन्होंने ये भी कहा कि उन पर 12 नहीं बल्कि 24 से 25 बार फायरिंग हुई है। बंबर ठाकुर का ये भी कहना है है कि कुछ सालों पहले विरोधियों ने उनके दोनों बेटे को भी नशे के रास्ते में डालने की साजिश की थी। चिट्टा तस्करों को राजनीतिक सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने दावा किया है कि इनमें कुछ लोग स्थानीय है और कुछ बाहर के लोग शामिल है। उन्होंने इस मामले में सीएम सुक्खू से सख्त कार्रवाई की मांग की है। बंबर बोले, "AIIMS में मुझे गलत इंजेक्शन दे देते " बंबर ठाकुर ने ये भी कहा कि हमला होने के बाद उन्हें इलाज के लिए AIIMS में इलाज के लिए भेजने की बात की गई, लेकिन उन्होंने वहां जाने से मना कर दिया क्योंकि उन्हें शक था कि वहां उन्हें गलत इंजेक्शन दिया जा सकता है। त्रिलोक जम्वाल पर लगाए गंभीर आरोप : बंबर ठाकुर ने आरोप लगाया कि 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कुछ चिट्टा तस्करों ने उनके बेटे पर भी हमला किया था। साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया कि उन चिट्टा तस्करो को बिलासपुर के विधायक त्रिलोक जम्वाल का समर्थन मिल रहा था। उन्होंने कहा कि चिट्टा तस्करों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है और चिट्टा तस्कर इन नेताओं को फंडिंग भी करते है। जब नशा तस्करी करने वालो को राजनितिक संरक्षण मिल गया है तभी चिट्टा तस्करों के हौंसले बुलंद हो रहे है।
बीती शाम से ही हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में मौसन ने करवट ली जिसके बाद प्रदेश के कई जिलों में रात से ही बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू हो गया था। माैसम विभाग ने आज के लिए चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, लाहाैल-स्पीति, मंडी व शिमला के लिए भारी बारिश-बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया है। जबकि 16 मार्च के लिए किन्नाैर व लाहाैल-स्पीति के लिए अलर्ट है। अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के साथ-साथ मैदानी इलाकों में भी तेज बारिश हो सकती है। इस दौरान कुछ स्थानों पर आंधी और तूफान भी आ सकते हैं। विशेष रूप से 16 और 17 मार्च को कांगड़ा, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन, किन्नौर और लाहौल स्पीति जिलों में भारी बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान है। 18 मार्च तक मौसम साफ होने की संभावना है, लेकिन तब तक प्रदेशवासियों को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि मौसम का यह अप्रत्याशित बदलाव किसी भी समय मुश्किलें खड़ी कर सकता है। ऐसे में लोगों को खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में यात्रा करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। पिछले 24 घंटों में लाहौल स्पीति के गोंदला में 13 सेंटीमीटर, कुकुमसैरी में 6 सेंटीमीटर और केलांग में 4 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई है। वहीं, मनाली में 7.0 मिमी बारिश हुई, जबकि सांगला में 2.6 मिमी, सलूणी में 2.3 मिमी, जोत में 1.2 मिमी, डलहौजी में 1.0 मिमी और भुंतर में 0.5 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इस बदलाव के कारण, ऊंचे इलाकों में ठंड फिर से बढ़ने लगी है।
भाजपा ने 27 मार्च को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बाहर एक महाप्रदर्शन की चेतवानी प्रदेश की सुक्खू सरकार को दे दी है। शिमला में आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस सरकार को घेरा और कहा कि 27 मार्च को भाजपा विधानसभा के बाहर एक महाप्रदर्शन आयोजित करेगी। इस प्रदर्शन के माध्यम से वर्तमान कांग्रेस सरकार की नाकामियों को उजागर किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर झूठ बोलने में किसी सरकार को पीएचडी मिल सकती है, तो वह वर्तमान कांग्रेस सरकार है, जिसने अपनी 6 गारंटियों में से कोई भी पूरी नहीं की है और हमेशा बड़े-बड़े वादे करती रहती है। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह राजनीतिक इतिहास की सबसे निकम्मी सरकार है। उनका कहना था कि सरकार का ढाई साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन कांग्रेस अब भी अपने वादों को पूरा करने में नाकाम रही है। यह सरकार सिर्फ मित्रों के लिए काम कर रही है, और प्रदेश के सामान्य समाज के लोग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कार्यकाल में ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने कहा कि वे न केवल विधानसभा में बल्कि बाहर भी कांग्रेस सरकार को घेरेंगे। वर्तमान बजट सत्र के दौरान कांग्रेस सरकार केवल घोषणाएं ही कर रही है, लेकिन इनमें से कोई भी घोषणा पूरी नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि "झूठी कांग्रेस, झूठी घोषणाएं" का नारा प्रदेश में गूंज रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान सरकार सिर्फ झूठे वादों और आश्वासनों से भरी हुई है। इसके अलावा, भाजपा नेताओं ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि नशे और चिट्टे का चलन एक बड़ा मुद्दा बन गया है। प्रदेश में ट्रांसफर, नशा, खनन और भू माफिया सक्रिय हैं, और यह सब सरकार के संरक्षण में हो रहा है। भाजपा ने आरोप लगाया कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया गया है, और पिछले दो महीनों में नशे के ओवरडोज से 10 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन और विधायक निधि भी कई महीनों से गायब है। भाजपा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अब केवल झूठे वादों और आश्वासनों का बोलबाला है। आज भाजपा जिला शिमला ने 27 मार्च को होने वाले प्रदर्शन की तैयारी के लिए एक बैठक आयोजित की।
आज हड़ताल पर चल रहे पटवारी और कानूनगो ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के साथ शिमला विधानसभा में हुई बैठक के बाद बिना शर्त अपनी हड़ताल समाप्त कर दी है। बैठक में मंत्री ने पटवारी और कानूनगो को आश्वासन दिया कि स्टेट कैडर के गठन से किसी भी कर्मचारी की पदोन्नति प्रभावित नहीं होगी और पुरानी पदोन्नति नीति के तहत ही उनकी पदोन्नति दी जाएगी। जगत सिंह नेगी ने कहा कि, "संयुक्त पटवारी और कानूनगो संघ के साथ सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत की गई और जो भी भ्रम था, उसे दूर किया गया। जब तक स्टेट कैडर से जुड़े नए आर एंड पी नियम नहीं बन जाते, तब तक पुरानी नीति के तहत ही पदोन्नति होगी।" इसके अलावा, पटवारी और कानूनगो के अन्य मुद्दों पर बलवान कमेटी की सिफारिशों को भी सरकार ने मान्यता दी है और कुछ बिंदुओं पर विचार किया जा रहा है। संयुक्त पटवारी कानूनगो संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा, "हम सरकार के साथ खड़े हैं। कुछ मुद्दों को लेकर उलझन थी, जिसे बैठक में सुलझाने का आश्वासन मिला है।" मंत्री के आश्वासन के बाद संघ ने हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया और काम पर लौटने का ऐलान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि पटवारी और कानूनगो हमेशा सरकार के साथ खड़े रहे हैं, खासकर आपदा के समय, और अभी भी वे सरकार के साथ हैं। मंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया करवाने और स्टेट कैडर बनने के बावजूद पदोन्नति प्रभावित न होने का आश्वासन दिया, जिसके बाद संघ ने अपनी हड़ताल को समाप्त करने का फैसला लिया है।
आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का तीसरा दिन है, और इस सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। राज्यपाल के अभिभाषण पर पहले से ही तीखी बहस हो रही है, जहां सत्ता पक्ष इसे सराहता है, वहीं विपक्ष इसे सरकार की नाकामी का प्रतीक मानता है। विपक्ष का कहना है कि इस अभिभाषण में सरकार अपनी किसी भी महत्वपूर्ण उपलब्धि का सही तरीके से उल्लेख करने में असफल रही है। आज के प्रश्नकाल में 46 तारांकित और 25 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर सदन में रखे जाएंगे। इन सवालों में राज्य में रिक्त पदों, आउटसोर्स कर्मचारियों की स्थिति, नई बस सेवाओं का विस्तार, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, प्रधानमंत्री सड़क योजना, और अन्य महत्वपूर्ण विकास योजनाओं पर चर्चा होगी। साथ ही, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी विभिन्न महत्वपूर्ण कागजात पटल पर पेश करेंगे। इनमें मुख्यमंत्री द्वारा हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड का वार्षिक प्रतिवेदन, कृषि विपणन बोर्ड और बीज अधिनियम से संबंधित रिपोर्ट, और उद्यान उपज विपणन निगम का वार्षिक प्रतिवेदन शामिल हैं। इसके अलावा, कल्याण समिति के अध्यक्ष मोहन लाल ब्राक्टा कुछ महत्वपूर्ण प्रतिवेदनों को सदन में प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद, राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी रहेगी, जिसमें कई मुद्दों पर गंभीर बहस होने की संभावना है। इस सत्र में इन सभी मुद्दों पर गहरी और गर्मागर्म बहस का माहौल रहेगा।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसमें अनुबंध सेवाकाल के दौरान वरिष्ठता और वित्तीय लाभ प्राप्त करने वाले कर्मचारियों से वित्तीय रिकवरी करने की बात कही गई थी। सरकार ने हाल ही में सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा शर्तें संशोधन विधेयक 2024 लागू किया था, जिसके तहत यह निर्णय लिया गया कि अनुबंध सेवाकाल का लाभ प्राप्त करने वाले कर्मचारियों से उनकी वरिष्ठता और वित्तीय लाभ की रिकवरी की जाएगी। इस संशोधन के अनुसार, वे कर्मचारी जिनकी सेवाएं 12 दिसंबर 2003 के बाद नियमित की गईं और जिन्होंने अनुबंध सेवाकाल के दौरान वेतन वृद्धि, पदोन्नति या अन्य लाभ प्राप्त किए, उनसे वह राशि वापस ली जाएगी। यह निर्णय उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर आधारित था, जिसमें कई विभागों में कर्मचारियों को अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता और वित्तीय लाभ दिया गया था। हालांकि, प्रभावित कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और सरकार के आदेश को चुनौती दी, जिस पर कोर्ट ने सरकार की अधिसूचना पर अंतरिम रोक लगा दी। इस फैसले से हजारों कर्मचारियों को राहत मिली है और यह एक महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय साबित हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में पटवारी और कानूनगो की हड़ताल का असर अब भी जारी है जिसकी वजह से लोगों के काम रुके हुए हैं। शनिवार को मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात और रविवार को वर्चुअल बैठक के बाद भी पटवारी-कानूनगो मांग महासंघ का कहना है कि जब तक सरकार एक आधिकारिक पत्र जारी नहीं करती, जिसमें यह स्पष्ट कहा जाए कि मुख्यमंत्री से महासंघ की बैठक से पहले स्टेट कैडर के नियम लागू नहीं होंगे, तब तक हड़ताल यूं ही जारी रहेगी। महासंघ ने साफ तौर पर कहा है कि वे केवल मौखिक आश्वासन को अब स्वीकार नहीं करेंगे। उनका कहना है कि सरकार से एक ठोस और लिखित आश्वासन मिलने के बाद ही हड़ताल खत्म होगी। इस हड़ताल की वजह से आम लोगों के जरूरी काम अटक गए हैं, जैसे भूमि रिकॉर्ड संबंधित कार्य, खसरा-खतौनी की जांच, बंटवारे के दस्तावेज़, और अन्य प्रशासनिक कार्य जो पटवारी और कानूनगो से संबंधित होते हैं। इन कार्यों में देरी के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, और आम जनता को अब इस हड़ताल का कोई हल निकलने का इंतजार है।
हिमाचल मंत्रिमंडल की बैठक आज विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में होगी, जो दूसरे दिन के बजट सत्र की कार्यवाही समाप्त होने के बाद आयोजित की जाएगी। इस बैठक में HRTC बसों की खरीद पर निर्णय लिया जा सकता है, साथ ही प्रदेश सरकार बजट सत्र में जो बिल पेश करेगी, उसका ड्राफ्ट भी कैबिनेट में लाया जा सकता है, ताकि विधानसभा में विधायकों द्वारा पारित करने से पहले उस पर चर्चा की जा सके। इसके अलावा, नए वित्त वर्ष के लिए शराब के ठेकों की नीलामी के संबंध में भी बैठक में फैसला लिया जा सकता है, हालांकि आबकारी नीति पर 4 मार्च को मंत्रिमंडल में चर्चा हो चुकी है, लेकिन अंतिम निर्णय अभी बाकी है। बैठक में विभिन्न विभागों में खाली और नए पदों को भरने की मंजूरी भी दी जा सकती है, क्योंकि मुख्यमंत्री सुक्खू ने युवाओं को रोजगार देने की बात की है। पिछली बैठक में 145 पदों को सृजित कर भरने का फैसला लिया गया था, जिनमें नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों में पद शामिल थे। इसके अतिरिक्त, कई अन्य मुद्दों पर भी कैबिनेट बैठक में चर्चा हो सकती है।
आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र का दूसरा दिन है, और आज सदन की कार्यवाही में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और कांगड़ा के विधायक किशन कपूर के शोकोद्गार के साथ शुरू होगी।। इसके बाद, सवाल-जवाब का दौर शुरू होगा, जिसमें सदस्यों द्वारा सड़कों की खस्ता हालत पर सवाल उठाए जाएंगे। प्रश्नकाल के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू राज्य के सप्लीमेंटरी बजट को पेश करेंगे, जो पिछले साल के बजट से कहीं अधिक होगा। इसके बाद मुख्यमंत्री राज्यपाल द्वारा मंजूर किए गए विधेयकों को सदन में पेश करेंगे। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा भी होगी। कल राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सरकार की उपलब्धियों को सामने रखा, लेकिन विपक्ष ने इसे "झूठ" और "फर्जी दावे" करार दिया है। इस मुद्दे पर सदन में तीखी बहस हो सकती है। विधानसभा का बजट सत्र 28 मार्च तक चलेगा। 17 मार्च को मुख्यमंत्री सुक्खू आगामी वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगे, और 26 मार्च को इसे पारित किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश की महिला आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज अब लाहौल-स्पीति की नई पुलिस अधीक्षक होगी। इस संदर्भ में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए हैं। इसे लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए है। इल्मा अफ़रोज़ के लाहौल-स्पीति में कार्यभार संभालने के बाद एसपी का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे कार्तिकेन गोकुलचंद भारमुक्त हो जाएंगे। बता दे कि इल्मा अफरोज ने 7 जनवरी, 2024 को बद्दी के एसपी के रूप में कार्यभार संभाला था। अगस्त 2024 में, इल्मा ने विधायक रामकुमार चौधरी की पत्नी की माइनिंग से जुड़ी गाड़ियों के चालान काटे, जिससे विधायक नाराज हो गए। इसके बाद दोनों के बीच विवाद बढ़ गया और विधायक ने इल्मा को विधानसभा से विशेषाधिकार हनन का नोटिस भी दिलवा दिया। फिर 6 नवंबर, 2024 को सीएम के साथ डीसी-एसपी की बैठक से लौटने के बाद इल्मा अफरोज ने लंबी छुट्टी ली थी। इसके बाद सरकार ने बद्दी के एसपी का अतिरिक्त कार्यभार विनोद कुमार को सौंपा। हाईकोर्ट के आदेशों के कारण सरकार इल्मा का ट्रांसफर नहीं कर पा रही थी। लेकिन लगभग 40 दिन बाद जब इल्मा ड्यूटी पर लौटी, तो उन्होंने बद्दी के बजाय पुलिस मुख्यालय में ज्वाइन किया।, और तब से वह पुलिस मुख्यालय में तैनात थीं। अब, सरकार ने इल्मा अफरोज को लाहौल-स्पीति का एसपी नियुक्त किया है। इस बीच, सुच्चा सिंह नामक एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इल्मा को एसपी बद्दी नियुक्त करने का आग्रह किया था। हालांकि, राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि इल्मा ने खुद ही बद्दी से ट्रांसफर की मांग की थी। इसके बाद, हाईकोर्ट ने इल्मा के ट्रांसफर पर लगी स्टे को हटा दिया।
बजट सत्र से पहले, कांग्रेस विधायक दल की बैठक राज्य अतिथि गृह पीटर हॉफ में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा पर तीखा हमला बोला और कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में भारी अंतर है। उन्होंने कहा कि भाजपा पर "उल्टा चोर कोतवाल को डांटे" वाला मुहावरा फिट बैठता है। सुक्खू ने यह भी कहा कि यदि भाजपा सदन में बैठकर चर्चा के लिए तैयार है, तो सरकार सत्र का समय बढ़ाने के लिए तैयार है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि भाजपा ने विधायक प्राथमिकता बैठक और पिछली सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया था, लेकिन इस बार भाजपा ने सर्वदलीय बैठक में शामिल होकर सकारात्मक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भाजपा अब पांच गुटों में बंटी हुई है और इसे कांग्रेस से गए हुए नौ चैंपियन चला रहे हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर ED की रेड को लेकर सुक्खू ने अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि भूपेश बघेल ने 5 साल तक राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं, और इस प्रकार का शोषण गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस नेताओं को इस तरह की परेशानियों से बचाया जाना चाहिए। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुक्खू ने भारतीय क्रिकेट टीम को चैंपियंस ट्रॉफी जीतने पर बधाई दी और उन्हें हिमाचल आने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट टीम ने बिना एक भी मैच हारे चैंपियंस ट्रॉफी जीतने का इतिहास रचा है, और वह कप्तान रोहित शर्मा समेत पूरी टीम को उनके परिवार के साथ हिमाचल आने के लिए आमंत्रित करते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारतीय टीम के हिमाचल यात्रा के दौरान सरकार उनके ठहरने का खर्च उठाएगी और उन्हें राज्य के किसी लग्जरी होटल में ठहराया जाएगा।
रविवार को टीम इंडिया द्वारा चैंपियंस ट्रॉफी जीतने की ख़ुशी में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारतीय क्रिकेट टीम को हार्दिक बधाई दी और साथ ही खिलाड़ियों को हिमाचल प्रदेश आने का आमंत्रण भी भेजा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार जीत के लिए पूरी टीम इंडिया को बधाई। आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने देश को गर्व महसूस कराया है।" इसके साथ ही उन्होंने भारतीय टीम के खिलाड़ियों को हिमाचल की खूबसूरत वादियों में आराम करने का न्योता दिया और कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार खिलाड़ियों के सभी खर्चों को उठाने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्हें खुशी होगी यदि टीम इंडिया राज्य की मेज़बानी स्वीकार करे और यहाँ आकर अपने विजय की ख़ुशियाँ मनाए। यह प्रस्ताव भारतीय टीम के सभी खिलाड़ियों के लिए विशेष है और मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार इस विशेष मेज़बानी के तहत टीम इंडिया को शानदार अनुभव देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है, जिसमें राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल दोपहर 2 बजे अपना बजट अभिभाषण प्रस्तुत करेंगे। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा 11 मार्च से शुरू होगी और 13 मार्च तक चलेगी। मुख्यमंत्री सुक्खू 17 मार्च को अपना और सरकार का तीसरा बजट पेश करेंगे, जिसके बाद तीन दिन तक बजट पर चर्चा होगी। इस सत्र का समापन 28 मार्च तक होगा, और कुल 16 बैठकें आयोजित की जाएंगी। खास बात यह है कि इस बार 22 और 27 मार्च को 'प्राइवेट मेंबर-डे' होगा, जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक अपने क्षेत्रीय मुद्दे सदन में उठा सकेंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट 26 मार्च को पारित किया जाएगा, और राज्यपाल के अभिभाषण के बाद प्रश्नकाल नहीं होगा, बल्कि 11 मार्च से प्रश्नकाल के बाद 'जीरो ऑवर' होगा। इस सत्र में हंगामा होने की संभावना है, जिसमें मंदिरों के पैसे का सरकारी योजनाओं में उपयोग, वित्तीय स्थिति, बुजुर्गों को पेंशन न मिलना, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार,नशा और विधानसभा में भर्ती जैसे मुद्दे प्रमुख होंगे। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इन मुद्दों को सदन में उठाने की बात की है। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की अपील की है। इस सत्र में 963 सवाल पूछे जाएंगे, जिनमें 737 तारांकित और 226 अतारांकित हैं, और 24 विभिन्न विषयों पर चर्चाएं भी होंगी। विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था के तहत 1000 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा और सीसीटीवी कैमरों से असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाएगी। इस बीच, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने-अपने रणनीति बनाई है, जहां सत्तापक्ष विपक्ष के हमलों का जवाब देने की तैयारी में है, जबकि माना जा रहा है कि विपक्ष बेरोजगारी, संस्थानों के बंद होने, कानून व्यवस्था, और वित्तीय स्थिति पर हमला करने की योजना बना चुका है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 दिनों से हड़ताल पर चल रहे पटवारी और कानूनगो कर्मचारियों को स्पष्ट रूप से बताया कि राज्य सरकार का स्टेट कैडर का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इस फैसले के कारण किसी की प्रमोशन पर असर नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कांगड़ा दौरे के दौरान गग्गल एयरपोर्ट पर पटवारी-कानूनगो महासंघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जिन्होंने स्टेट कैडर के फैसले को वापस लेने की अपील की। इस पर सुक्खू ने कहा कि स्टेट कैडर की नोटिफिकेशन को वापस नहीं लिया जाएगा, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इससे किसी कर्मचारी की प्रमोशन प्रभावित न हो। यदि जरूरत पड़ी, तो डिस्ट्रिक एस्टेब्लिशमेंट में भी बदलाव करने पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने महासंघ को 15 अप्रैल के बाद फिर से मुलाकात के लिए बुलाया है, जिसमें पटवारी और कानूनगो से उनके सुझाव लिए जाएंगे। यदि इस दौरान यह महसूस हुआ कि नोटिफिकेशन में सुधार की आवश्यकता है, तो उस पर विचार किया जाएगा। राज्य सरकार ने पिछले महीने पटवारी और कानूनगो को स्टेट कैडर बनाने का निर्णय लिया था, जिसका विरोध करते हुए 4000 से अधिक कर्मचारी 25 फरवरी से हड़ताल पर हैं, जिससे हजारों लोग परेशानियों का सामना करना पड़ था लेकिन अब सीएम सुक्खू के आश्वासन के बाद अब कानूनगो पटवारी भी काम पर लौट जाएंगे जिसके बाद जनता के रुके काम को भी गति मिलेगी।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न श्रेणियों के 145 पदों को सृजित कर भरने का निर्णय लिया गया। नए स्तरोन्नत नगर निगमों में 66 पद, नगर परिषदों में 3 पद, नव सृजित नगर पंचायतों में 70 पद और शहरी विकास विभाग के निदेशालय में 6 पद भरे जाएंगे। मंत्रिमंडल ने शिमला स्थित अटल सुपर स्पेशियलिटी मेडिकल संस्थान, चमियाणा में गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग के लिए दो वरिष्ठ रेजिडेंट चिकित्सकों के पद सृजित कर भरने की भी मंजूरी दी। साथ ही मंत्रिमंडल बैठक में 10 मार्च, 2025 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 8वें सत्र के शुभारम्भ अवसर पर राज्यपाल के अभिभाषण के प्रारूप को स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने बजट सत्र में भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट 2023-24 को प्रस्तुत करने को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने पारंपरिक कत्था भट्टियों को आईबीआर बायलर युक्त कत्था भट्टियों में परिवर्तित करने की स्वीकृति प्रदान की। अब इन्हें राज्य के मुख्य बायलर निरीक्षक के पास अनिवार्य रूप से पंजीकृत करवाना होगा। आईबीआर बायलर के माध्यम से खैर लकड़ी (छाल सहित) को पूरे वर्ष में 5435 से 7500 क्विंटल की सीमा में संसाधित करने की अनुमति होगी।
आज हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में मौसम ने करवट ली है और आज सुबह से मौसम में बिगाड़ गया। मौसम विभाग (IMD) नेआज प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और बर्फबारी की चेतावनी जारी की है। चंबा, कांगड़ा और लाहौल-स्पीति जिलों को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जहां एक-दो स्थानों पर भारी बर्फबारी की संभावना जाहिर की है। विभाग ने प्रदेश के लोगों और पर्यटकों को सावधान रहने की सलाह दी भी है। कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में अगले दिन- दो दिन के दौरान भारी बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान है। हालांकि, 5 मार्च के बाद पश्चिमी विक्षोभ कमजोर पड़ेगा और प्रदेशभर में मौसम साफ रहने की संभावना है। इसी बीच लाहौल-स्पीति प्रशासन ने जिले में हिमखंड गिरने की चेतावनी जारी की है। शिमला सहित प्रदेश के ऊंचाई वाले कुछ इलाको में तो बर्फ के फाहे गिरने का दौर शुरू हो गया है। प्रशासन ने लोगों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी है, क्योंकि ये हिमखंड कभी भी जान और माल का नुकसान कर सकते हैं।
हिमाचल में पुलिस थानों को अब जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र, अपराध, वीआईपी मूवमेंट, यातायात, सीमाओं और पर्यटक आमद के आधार पर 6 श्रेणियों में वर्गीकरण किया जाएगा। जिसको लेकर शनिवार को प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी। प्रदेश के सभी 135 थाने वर्गीकृत किए जाएंगे। अपराध पंजीकरण के आधार पर थानों को छह श्रेणियों में बांटा जाएगा। आबादी के आधार पर 276 से 300 तक मामले दर्ज करने वाले थानों को ए प्लस श्रेणी में रखा जाएगा, इन थानों में 70 पुलिस कर्मियों और अधिकारियों की तैनाती की जाएगी और इन्हें 20 अंक मिलेंगे। भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर 10 अंक, अपराध के आधार पर 40, वीआईपी मूवमेंट के आधार पर 10, अंतरराज्यीय सीमाओं के 10 और पर्यटकों की आमद के 10 अंक मिलेंगे। श्रेणी के आधार पर थानों को स्टाफ उपलब्ध करवाया जाएगा। ए प्लस को 70, ए को 65, बी को 48, सी को 37, डी को 25 और ई को न्यूनतम 19 कर्मी मिलेंगे। वीआईपी मूवमेंट में सालाना 20 दौरों के लिए एक अंक के साथ पहली श्रेणी, 50 दौरों के लिए 2 अंकों के साथ दूसरी, 100 दौरों के लिए 3 अंकों के साथ तीसरी, 1000 दौरों के लिए 4 अंकों के साथ चौथी और 3000 वीआईपी मूवमेंट के लिए 5 अंकों के साथ पांचवीं श्रेणी तय की गई है। यातायात व्यवस्था में रोजाना 500 वाहनों तक एक अंक के साथ पहली, 1000 वाहनों तक 2 अंकों के साथ दूसरी, 2000 वाहनों तक 3 अंकों के साथ तीसरी, 8000 वाहनों तक 4 अंकों के साथ चौथी और अधिकतम 1,18,780 वाहनों तक पांच अंकों के साथ पांचवीं श्रेणी तय की गई है। जनसंख्या के आधार पर 35 हजार तक 5 अंकों के साथ पहली श्रेणी, 50 हजार तक 10 अंकों के साथ दूसरी श्रेणी, 90 हजार तक 15 अंकों के साथ तीसरी श्रेणी और 2 लाख तक 20 अंकों के साथ चौथी श्रेणी तय की गई है। भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर 100 वर्ग किलोमीटर तक 2 अंकों के साथ पहली श्रेणी, 200 वर्ग किलोमीटर के साथ 4 अंकों के साथ दूसरी, 400 वर्ग किलोमीटर के साथ 6 अंकों के साथ तीसरी, 1000 वर्ग किलोमीटर के साथ 8 अंकों के साथ चौथी और 10 हजार वर्ग किलोमीटर के साथ 10 अंकों के साथ पांचवीं श्रेणी तय की गई है। अपराध पंजीकरण में 50 मामलों तक 5 अंकों के साथ पहली, 100 मामलों तक 15 अंकों के साथ दूसरी, 200 मामलों तक 25 अंकों के साथ तीसरी, 275 मामलों के साथ 35 अंकों के साथ चौथी और 300 मामलों के साथ 40 अंकों के साथ पांचवीं श्रेणी तय की गई है।