"हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में कोई भी पद समाप्त नहीं किया गया है। " हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड के प्रवक्ता अनुराग पराशर ने ये जानकारी दी है। 700 पद समाप्त करने के कर्मचारी संगठनों के आरोपों को नकारते बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड केवल स्वतंत्र एजेंसी, हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के निर्देशों का पालन कर रहा है। आयोग ने बिजली बोर्ड से अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाली सैलरी और पेंशन का खर्च कम करने को कहा है। हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का यह खर्च पूरे देश में सबसे अधिक 2.50 रुपए प्रति यूनिट है। अनुराग पराशर ने कहा, "आयोग बिजली दरें निर्धारित करता है और बार-बार बोर्ड की आर्थिक समीक्षा कर अपनी कर्मचारी लागत कम करने के निर्देश दे रहा है, क्योंकि बोर्ड की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है? इसलिए कुछ श्रेणियों के पदों का युक्तिकरण किया जा रहा है, न कि उन्हें समाप्त किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर इन पदों पर दोबारा भर्ती की जाएगी।" अनुराग पराशर ने कहा कि कर्मचारी और अधिकारी बोर्ड की रीढ़ हैं, जो अपनी बहुमूल्य सेवाएं कर्मठता से दे रहे हैं। उनकी सेवाओं के देखते हुए ही बोर्ड ने अपने कर्मचारियों एवं पैंशनरों को डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर के रूप में पिछले दो महीने में 134 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पिछले कई सालों में इतनी बड़ी धनराशि कभी जारी नहीं की गई। अगर सुधार नहीं किए गए तो बिजली बोर्ड की वित्तीय स्थिति गंभीर हो जाएगी और भविष्य में एरियर देने में भी बोर्ड सक्षम नहीं होगा। कई पदों की नहीं जरूरत, इसकी जगह भरे जाएंगे टी मेट अनुराग पराशर ने कहा कि बोर्ड के जेनरेशन विंग में वर्तमान में 2161 पद हैं। इनमें जेई के 148 पद, एसडीओ के 102 पद, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के 19 पद, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के 6 पद और चीफ इंजीनियर का एक पद शामिल है। वहीं, कंपनी का मुख्य काम अब बिजली उत्पादन नहीं रह गया है। इनमें सिविल एसडीओ (सिविल) के 7 पद, जेई (सिविल) के 30 पद और एसडीओ (इलेक्ट्रिक) के 15, जेई (इलेक्ट्रिकल) के 16, एक्सन (इलेक्ट्रिक) और एसई (इलेक्ट्रिक) के एक-एक पद का समायोजन किया गया है। इसके अलावा मिस्त्री, डीजी ऑपरेटर, वेल्डर, टेलीफोन एटेंडेंट, गेज रीडर, कुक, फैरो प्रिंटर जैसे पदों की आज कोई आवश्यकता नहीं रह गई है।इन पदों की जगह टी-मेट के पद भरे जाएंगे और यह फैसला बिजली बोर्ड के हित में है।
टेलर स्विफ्ट कई देशों को मंदी के दौर से उबार रही हैं... यह सुनने में काफी अजीब लग रहा है... मगर बिल्कुल सच है। दरअसल, टेलर स्विफ्ट की लोकप्रियता का आलम यह है कि वह जिस भी शहर या देश में परफॉर्म करती हैं, वहां की जीडीपी को एकदम से बूस्ट कर देती हैं। यह कहानी शुरू हुई दक्षिण-पूर्व एशिया के छोटे से देश सिंगापुर से, जिसे 2023 में मंदी का खतरा नजर आने लगा था। यह वह समय था जब टेलर स्विफ्ट अपने वर्ल्ड टूर की योजना बना रही थीं। जब सिंगापुर की सरकार को पता चला कि टेलर स्विफ्ट कॉन्सर्ट के लिए एशिया के किसी ऐसे देश की तलाश कर रही हैं, तो सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने टेलर स्विफ्ट के साथ छह शो को लेकर एक एग्रीमेंट साइन किया। इस एग्रीमेंट के तहत सिंगापुर में एक शो के बदले स्विफ्ट को लाखों डॉलर दिए गए, लेकिन साथ ही शर्त रखी गई कि वह अपने Eras Tour को सिंगापुर के अलावा किसी अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में लेकर नहीं जाएंगी। स्विफ्ट मान गईं। सिंगापुर में टेलर स्विफ्ट के छह शो ने कमाल कर दिया और हिचकोले खा रही सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को इससे 375 मिलियन डॉलर (37.5 करोड़ डॉलर) का सीधा फायदा हुआ। कैसे? वह भी समझते हैं। कई सालों से मंदी की आशंका से घिरे देश में लोग कंजूस बन बैठे थे। बाजार वीरान पड़े थे, लोग खरीदारी करने से परहेज कर रहे थे। लेकिन जैसे ही टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट की खबर सार्वजनिक हुई, लोग टिकट खरीदने के लिए उमड़ पड़े। आसपास के देशों से पर्यटक सिंगापुर पहुंचने लगे। होटलों की बुकिंग में तेजी से इजाफा हुआ। तीन लाख से ज्यादा लोग इस कॉन्सर्ट में शामिल हुए थे। अकेले मार्च 2024 में सिंगापुर में 14 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे थे। फूड और ड्रिंक्स पर खर्च 30% बढ़ गया। होटलों के किराए में 10% तक की वृद्धि हुई थी। टेलर स्विफ्ट का The Eras Tour अब तक पांच महाद्वीपों की यात्रा कर चुका है और टेलर अलग-अलग देशों में 149 शो कर चुकी हैं। स्विफ्ट की इसी लोकप्रियता को दुनियाभर में Swift-Effect और Swiftonomics का नाम दिया गया है। इसे कॉन्सर्ट इकोनॉमी भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में 'कॉन्सर्ट इकोनॉमी' का जिक्र किया था। उन्होंने यह जिक्र भारत में कोल्डप्ले बैंड के कॉन्सर्ट की शानदार सफलता के बाद किया था और कॉन्सर्ट इकोनॉमी में जबरदस्त संभावनाओं पर जोर दिया था। यह कॉन्सर्ट इकोनॉमी भारत की जीडीपी के लिए भी बूस्टर का काम कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, भारतीय कलाकार दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट्स से भी इकोनॉमी को बढ़ावा मिला है। इसी तरह, यह छोटे राज्यों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में भी इस तरह के कॉन्सर्ट्स आयोजित किए जाएं, तो यहां भी पर्यटन और अर्थव्यवस्था दोनों का विकास होगा।
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के सनेड गांव के सुरेंद्र का प्यार दुबई की मरियन को इस कदर भा गया कि वह सात समंदर पार आकर उससे शादी कर बैठी। दोनों ने भराड़ी माता मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से सात फेरे लिए और सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा किया। मरियन के परिवार को भी इस शुभ अवसर में शामिल होना था, लेकिन वीजा न मिलने के कारण वे भारत नहीं आ सके। हालांकि, शादी के बाद सुरेंद्र के घर में पारंपरिक धाम का आयोजन किया गया, जिसमें रिश्तेदारों और गांववालों ने खुशी-खुशी भाग लिया। विदेशी बहू के आगमन से घर में जश्न का माहौल बना रहा। 27 वर्षीय सुरेंद्र और 26 वर्षीय मरियन की पहली मुलाकात दुबई में हुई थी। दोनों होटल इंडस्ट्री में कार्यरत हैं और वहीं एक-दूसरे के करीब आए। धीरे-धीरे यह दोस्ती गहरे प्रेम में बदल गई, जिसकी भनक उन्हें खुद भी नहीं लगी। जब दोनों ने अपने-अपने परिवारों को इस रिश्ते के बारे में बताया, तो बातचीत के बाद परिजनों ने शादी को अपनी स्वीकृति दे दी। दो दिनों तक शादी की धूमधाम के बाद नवविवाहित जोड़ा कुछ समय के लिए हमीरपुर में रहेगा और फिर दोनों एक साथ अपनी ड्यूटी पर लौट जाएंगे। इस अनोखी प्रेम कहानी ने गांव में खूब सुर्खियां बटोरीं और लोग इस जोड़ी को आशीर्वाद देने उमड़ पड़े।
हिमाचल के पहाड़ों पर ताजा हिमपात के बाद फिर मौसम ने करवट ली है और तापमान में गिरावट आई है। मंगलवार को कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी हुई। अटल टनल रोहतांग सहित पांगी, भरमौर, धौलाधार, सिरमौर के चूड़धार और किन्नौर की चोटियों पर बर्फबारी हुई। वहीं, राजधानी शिमला, धर्मशाला, कांगड़ा, मंडी, चंबा, हमीरपुर, ऊना, सिरमौर और कुल्लू के कई क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। जबकि वीरवार से मौसम साफ साफ रहने का अनुमान है। बर्फबारी के चलते अटल टनल होकर केलांग जाने वाली निगम की बस सेवा बंद हो गई है। रोहतांग और कुंजम दर्रा में 10 सेंटीमीटर ताजा बर्फबारी हुई है। वहीँ, वर्षा व हिमपात गेहूं व सेब की फसल के लिए लाभदायक हैं। प्रदेश में काफी समय से वर्षा न होने से रबी की फसल पर संकट गहरा गया है। ऐसी ही स्थिति सेब बहुल क्षेत्रों में भी है। ताजा वर्षा व हिमपात से अब किसानो और बागवानों को भी राहत मिलेगी।
'येन केन प्रकारेण' बीजेपी जीतना चाहेगी तीनों दिग्गजों की सीटें कांग्रेस के संदीप दीक्षित और अलका लाम्बा ने भी बना दिया है चुनाव ! ये चुनाव नहीं आसाँ बस इतना समझ लीजिए, एक आग का दरियाँ है और डूब के जाना है। कुछ ऐसी ही स्थिति इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की नज़र आ रही है। इस बार दिल्ली में आप की राह आसान नहीं है और दिलचस्प बात ये है कि पार्टी के तीनों मुख्य चहेरे, यानी सीएम आतिशी, पूर्व व प्रोजेक्टेड सीएम अरविन्द केजरीवाल और पूर्व डिप्टी व प्रोजेक्टेड डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी अपनी -अपनी सीटों पर फंसे देख रहे है । इन तीनों दिग्गजों की सीटों पर इस बार मुकाबला टक्कर का है। 'येन केन प्रकारेण' बीजेपी इन सीटों को जीतना चाहती है और जमीनी स्तर पर इसका असर दिख भी रहा है। सिलसिलेवार बात करें तो नई दिल्ली से, अरविन्द केजरीवाल के सामने बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्रों को मैदान में उतारा है। बीजेपी से पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस से पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित। ये दोनों ही दो -दो मर्तबा सांसद भी रहे है और दोनों ने ही पूरी ताकत झोंकी है। ऐसे में इस सीट पर केजरीवाल की राह आसान जरा भी नहीं है। वहीं कालका जी सीट में भी आतिशी और भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी तो आमने-सामने थे ही, लेकिन इस सीट पर अब कांग्रेस प्रत्याशी अलका लाम्बा भी मजबूती से लड़ रही है। यहाँ भी मुकाबला त्रिकोणीय है और माहिर भविष्यवाणी करने से बचते दिख रहे है। बात मनीष सिसोदिया की करें तो इस बार आप ने उन की सीट बदल दी है और उन्हें पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से मैदान में उतारा है। इस सीट पर बीजेपी के तरविंदर सिंह तो बेहद मजबूती के साथ चुनाव लड़ ही रहे है, कांग्रेस के फरहाद सूरी को भी हल्का नहीं लिया जा सकता। माहिर मान रहे है कि सूरी इस सीट पर सिसोदिया संकट में है। चर्चा सिसोदिया की पटपड़गंज सीट की भी करते है जहाँ से इस बार आप ने अवध ओझा को मैदान में उतारा है। यहाँ मुख्य रूप से यहाँ मुकाबला अवध ओझा और बीजेपी से रविंद्र नेगी के बीच माना जा रहा है। पिछले चुनाव में भी नेगी ने सिसोदिया को कड़ी टक्कर दी थी और इस बार भी ओझा यहाँ उलझे दिखे है। बहरहाल कल मतदान है और आठ फरवरी को नतीजा सामने होगा। अब आप के ये तीन दिग्गज इस चुनावी अग्नि परीक्षा को पास करते है या नहीं, ये जनता तय करेगी।
हिमाचल प्रदेश में अब शहरों की तर्ज पर गांवों में भी व्यावसायिक भवनों पर टैक्स लगाया जाएगा। सरकार ने पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए ग्राम पंचायत क्षेत्रों में स्थित होटलों, दुकानों, रेस्तरां, मैरिज पैलेस और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से प्रति वर्ग फीट टैक्स वसूलने का फैसला लिया है। पंचायतीराज विभाग ने इस योजना की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है और इसे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समक्ष प्रस्तुत भी किया जा चुका है। प्रस्तावित योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रभावी होगी। पंचायतों को आर्थिक मजबूती देने की पहल राज्य सरकार लंबे समय से पंचायतों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। इसी कड़ी में, पिछले वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के बिलों की वसूली शुरू की गई थी और अब व्यावसायिक कर लागू करने की तैयारी है। यह कर विशेष रूप से व्यवसायिक गतिविधियों पर केंद्रित होगा, जिससे घरेलू उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। कितना होगा टैक्स, जल्द होगा निर्णय टैक्स की दरें निर्धारित करने को लेकर अभी विभागीय स्तर पर मंथन चल रहा है। संभावित है कि मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा और बजट भाषण में इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती है। पंचायतीराज एक्ट के तहत पंचायतों को विभिन्न प्रकार के कर लगाने का अधिकार प्राप्त है, और कई पंचायतें पहले से ही कुछ टैक्स वसूल रही हैं। उदाहरण के लिए, प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में ‘चूल्हा टैक्स’ लागू है, जिसमें प्रत्येक परिवार से सालाना 30 रुपये लिए जाते हैं। कांगड़ा जिले की कुछ पंचायतों में आठ साल का एकमुश्त चूल्हा टैक्स भी लिया जा रहा है। 3615 ग्राम पंचायतों को मिलेगा लाभ प्रदेश की 3615 ग्राम पंचायतों में इस नए कर से अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सकेगा, जिससे स्थानीय विकास कार्यों को गति मिलेगी। हालांकि, इस फैसले का राजनीतिक और सामाजिक असर आगामी पंचायत चुनावों में भी देखने को मिल सकता है।
**क्या संगठन की सरदारी को हो रही है प्रेशर पॉलिटिक्स ? **लगातार बगावत थामने में नाकाम हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा ! वीरेंद्र कँवर, रमेश चंद ध्वाला, डॉ राम लाल मारकंडा, राजेश ठाकुर, बलदेव शर्मा, प्रवीण शर्मा, कृपाल परमार, तेजवंत नेगी, ये फेहरिस्त लम्बी है। इन नेताओं में से कुछ पूर्व विधायक रहे कुछ तो मंत्री भी रहे......मगर अधिकांश धूमल गुट से माने जाते है। कोई अब भी भाजपा में है तो कोई बागी हो चुका है। कोई खुलकर नाराजगी व्यक्त कर रहा है, कोई अनुशासन की सीमा में रहकर, तो किसी का मौन भी बहुत कुछ बयां कर रहा है। ये सब, या इनमें से कुछ भी एकसाथ आ जाये तो क्या होगा ? क्या इनका साथ आना मुमकिन है ? कहते है जो सोचा जा सकता है वो सियासत में किया जा सकता है। गजब सियासत है और गजब है हिमाचल में भाजपा का हाल ! 2022 के विधानसभा चुनाव में एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी चुनाव लड़े और हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा जाती हुई सत्ता को तकते रह गए। फिर 2024 में भाजपा का मिशन लोटस भी हिमाचल में फेल हो गया। तब नेताओं के अतिउत्साह और उतावलेपन को लेकर भी सवाल उठे। तीन निर्दलीयों से इस्तीफा क्यों दिलवाया गया ये अब भी रहस्य बना हुआ है। उपचुनाव हुए तो भाजपा के दो नेता कांग्रेस से लड़कर विधानसभा पहुंच गए, तो तीन ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। नतीजन 9 में से 6 सीटों पर हार मिली और एक सीट पर तो जमानत तक नहीं बची। नए नए पार्टी में आये नौ नेता चुनाव लड़ रहे थे और वर्षों पुराने निष्ठावान मुँह तक रहे थे। इतना होने पर भी सत्ता मिल जाती, तो कुछ और बात होती ..मगर भाजपा के हिस्से आई सिर्फ तोहमत और कार्यकर्ताओं की हताशा ! अब मंडल नियुक्तियों में उपेक्षा के आरोप लगते हुए पूर्व मंत्री रमेश चंद ध्वाला ने तेवर दिखाएँ है, नाराज कार्यकर्ताओं की सभा बुलाई है। तीसरे मोर्चे के संकेत देते हुए ध्वाला भाजपा की चिंता बढ़ाते दिख रहे है। संभव है ध्वाला भाजपा के तमाम नाराज नेताओं को एकसाथ लाने की मुहीम में जुटेंगे और यदि ऐसा कर पाए, तो भाजपा में नया बखेड़ा तय है। विशेषकर उन हलकों में जहां भाजपा ने आयातित नेताओं को पुराने निष्ठावानों पर तवज्जो दी है। हालांकि उनके साथ कौन हाथ मिलाता है और कौन इस सब के बाद भी भाजपा में डटा रहता है ये बाद की बात है। वैसे इसको लेकर एक सुगबुगाहट और भी है। एक वर्ग इसे प्रेशर पॉलिटिक्स का पैंतरा भी मानता है, ताकि संगठन की सरदारी उसी गुट के हिस्से आएं जो उपेक्षा का दर्द बयां कर रहा है। क्या ऐसा हो सकता है, ये सियासत है यहाँ कुछ भी मुमकिन है !
आज यानी 30 जनवरी को सोने की कीमत ने नया रिकॉर्ड बना लिया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना पहली बार 81,006 रुपए के स्तर को पार कर गया। पिछले 30 दिनों में सोने के दाम में 4,844 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, चांदी की कीमत भी 920 रुपए बढ़कर 91,600 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव 76,162 रुपए था, जो अब बढ़कर 81,006 रुपए हो गया है। इसी तरह, चांदी की कीमत 86,017 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 91,600 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। चांदी ने 23 अक्टूबर 2024 को अपना ऑल-टाइम हाई 99,151 रुपए प्रति किलो पर बनाया था। क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम? अमेरिका और UK में ब्याज दरों में कटौती से गोल्ड ETF की खरीदारी बढ़ी। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से सोना महंगा हुआ। महंगाई में वृद्धि से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक गोल्ड में निवेश बढ़ा रहे हैं। वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताओं के चलते सोने की मांग बढ़ी। कहां कितने में मिल रहा सोना? दिल्ली: 22 कैरेट – ₹76,250, 24 कैरेट – ₹83,170 मुंबई: 22 कैरेट – ₹76,100, 24 कैरेट – ₹83,020 कोलकाता: 22 कैरेट – ₹76,100, 24 कैरेट – ₹83,020 चेन्नई: 22 कैरेट – ₹76,100, 24 कैरेट – ₹83,020 भोपाल: 22 कैरेट – ₹76,150, 24 कैरेट – ₹80,070
हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग में सिंगल विंडो सिस्टम और वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) परियोजना को सरकार से व्यय स्वीकृति मिल गई है। इस प्रोजेक्ट पर 13.33 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार की मंजूरी के बाद, यह कार्य हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन को सौंप दिया गया है, जो अब इस सिस्टम को डिजाइन और विकसित करेगा। सुविधाओं में बड़ा बदलाव इस पहल से आयोग की भर्ती प्रक्रिया में डिजिटलीकरण और पारदर्शिता बढ़ेगी। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों की भर्ती संबंधी रिक्विजिशन (डिमांड) को सीधे ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जा सकेगा। इससे भर्ती प्रक्रिया के दौरान होने वाले लंबे पत्राचार की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। अभ्यर्थियों के लिए राहत बार-बार दस्तावेज अपलोड करने की झंझट खत्म होगी। आवेदन से लेकर परीक्षा और भर्ती तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन मोड में पारदर्शी तरीके से संचालित होगी। भर्ती प्रक्रिया में तेजी और दक्षता आएगी। पोर्टल की डिजाइन और तकनीकी औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली गई हैं। विस्तृत रिपोर्ट को कार्मिक विभाग से मंजूरी मिल चुकी है, और जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
क्या संगठन की सरदारी को हो रही है प्रेशर पॉलिटिक्स? लगातार बगावत थामने में नाकाम हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा! वीरेंद्र कँवर, रमेश चंद ध्वाला, डॉ राम लाल मारकंडा, राजेश ठाकुर, बलदेव शर्मा, प्रवीण शर्मा, कृपाल परमार, तेजवंत नेगी, ये फेहरिस्त लंबी है। इन नेताओं में से कुछ पूर्व विधायक रहे, कुछ तो मंत्री भी रहे... मगर अधिकांश धूमल गुट से माने जाते हैं। कोई अब भी भाजपा में है तो कोई बागी हो चुका है। कोई खुलकर नाराजगी व्यक्त कर रहा है, कोई अनुशासन की सीमा में रहकर, तो किसी का मौन भी बहुत कुछ बयां कर रहा है। ये सब, या इनमें से कुछ भी एकसाथ आ जाए तो क्या होगा? क्या इनका साथ आना मुमकिन है? कहते हैं, जो सोचा जा सकता है, वो सियासत में किया जा सकता है। गजब सियासत है और गजब है हिमाचल में भाजपा का हाल! 2022 के विधानसभा चुनाव में एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी चुनाव लड़े और हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा जाती हुई सत्ता को तकते रह गए। फिर 2024 में भाजपा का मिशन लोटस भी हिमाचल में फेल हो गया। तब नेताओं के अतिउत्साह और उतावलेपन को लेकर भी सवाल उठे। तीन निर्दलीय से इस्तीफा क्यों दिलवाया गया, ये अब भी रहस्य बना हुआ है। उपचुनाव हुए तो भाजपा के दो नेता कांग्रेस से लड़कर विधानसभा पहुंचे, तो तीन ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। नतीजतन 9 में से 6 सीटों पर हार मिली और एक सीट पर तो जमानत तक नहीं बची। नए-नए पार्टी में आए नौ नेता चुनाव लड़ रहे थे और वर्षों पुराने निष्ठावान मुँह तक रहे थे। इतना होने पर भी सत्ता मिल जाती, तो कुछ और बात होती... मगर भाजपा के हिस्से आई सिर्फ तोहमत और कार्यकर्ताओं की हताशा! अब मंडल नियुक्तियों में उपेक्षा के आरोप लगते हुए पूर्व मंत्री रमेश चंद ध्वाला ने तेवर दिखाए हैं, नाराज कार्यकर्ताओं की सभा बुलाई है। तीसरे मोर्चे के संकेत देते हुए ध्वाला भाजपा की चिंता बढ़ाते दिख रहे हैं। संभव है ध्वाला भाजपा के तमाम नाराज नेताओं को एकसाथ लाने की मुहिम में जुटेंगे और यदि ऐसा कर पाए, तो भाजपा में नया बखेड़ा तय है। विशेषकर उन हलकों में, जहाँ भाजपा ने आयातित नेताओं को पुराने निष्ठावानों पर तवज्जो दी है। हालांकि, उनके साथ कौन हाथ मिलाता है और कौन इस सब के बाद भी भाजपा में डटा रहता है, ये बाद की बात है। वैसे इसको लेकर एक सुगबुगाहट और भी है। एक वर्ग इसे प्रेशर पॉलिटिक्स का पैंतरा भी मानता है, ताकि संगठन की सरदारी उसी गुट के हिस्से आए, जो उपेक्षा का दर्द बयां कर रहा है। क्या ऐसा हो सकता है? ये सियासत है, यहाँ कुछ भी मुमकिन है!
**कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते मुख्यमंत्री **नेताओं की नाराज़गी बनी भाजपा की चुनौती कांगड़ा... 15 विधानसभा क्षेत्रों वाला यह जिला वह तोता है जिसमें राजनीतिक दलों की जान अक्सर अटकी रहती है। हिमाचल की सत्ता पर काबिज़ होना है तो कांगड़ा की सियासी फ़िज़ाओं का रुख अपनी तरफ़ मोड़ना ही होगा। यही वजह है कि अक्सर भाजपा और कांग्रेस इस जिले और यहां की जनता को अपने पाले में लाने की जद्दोजहद में रहते हैं और एक-दूसरे पर इसकी अनदेखी के आरोप भी लगाते हैं। फिलहाल कांग्रेस सत्ता में है, तो ज़्यादातर कटघरे में खड़ी भी वही दिखती है। सवाल पूछा जाता है कि आखिर सरकार ने कांगड़ा के लिए किया क्या... पिछले दो वर्षों से भाजपा ने इस सवाल को अपना हथियार बना लिया है। सुक्खू कैबिनेट में कांगड़ा के मंत्रियों की संख्या अपेक्षाकृत कम होना भी कांग्रेस के खिलाफ ही गया। हालांकि, बीते दिनों मुख्यमंत्री के शीतकालीन प्रवास ने काफी हद तक भाजपा के इस सवाल का जवाब दे दिया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री का यह दौरा कांगड़ा में कांग्रेस की स्थिति को बेहतर करने में कारगर साबित हो सकता है। दरअसल, मुख्यमंत्री पूरी सरकार को लेकर कांगड़ा पहुंच गए थे। उन्होंने पूरे 10 दिनों तक सरकार कांगड़ा से चलाई। धर्मशाला में अधिकारियों के साथ ज़रूरी चर्चाएं हुईं, बैठकें हुईं, यहाँ तक कि कैबिनेट की बैठक भी धर्मशाला में आयोजित हुई। मुख्यमंत्री कांगड़ा के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में गए, लोगों की समस्याएं सुनीं और मौके पर ही उनका निपटारा किया। करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया गया। यहाँ तक कि इस बार राज्य स्तरीय पूर्ण राज्यत्व दिवस का आयोजन भी कांगड़ा के बैजनाथ में किया गया। जिन सरकारी कामों के लिए कांगड़ा की जनता को शिमला के चक्कर काटने पड़ते थे, मुख्यमंत्री ने उन्हें कांगड़ा में ही करवाने की कोशिश की। साफ़ शब्दों में कहें तो मुख्यमंत्री का यह शीतकालीन प्रवास सरकारी तो था, लेकिन इसकी राजनीतिक छाप गहरी होगी, यह तय है। अब यह कांग्रेस के लिए कारगर कैसे होगा, वह आपको बताते हैं। धर्मशाला में शीतकालीन प्रवास की यह परंपरा हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुरू की थी। तब विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में आयोजित होता था और मुख्यमंत्री का कार्यालय पूरे एक महीने के लिए शहर में शिफ्ट कर दिया जाता था। इस पहल का उद्देश्य था कि दूरदराज़ के वे लोग, जो शिमला नहीं आ सकते थे, उनकी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो सके। मगर पिछले 15 सालों से यह परंपरा मानो ठंडे बस्ते में चली गई थी। विधानसभा का शीतकालीन सत्र तो धर्मशाला में होता रहा, मगर मुख्यमंत्री कार्यालय यहाँ शिफ्ट नहीं किया गया। आखिरी बार वीरभद्र सिंह ने ही धर्मशाला में कैबिनेट की बैठक की थी। अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर इस परंपरा को शुरू किया है। भले ही बहुत कम दिनों के लिए, लेकिन धर्मशाला को वास्तव में शीतकालीन राजधानी जैसा रूप दिया गया। 10 दिनों तक कांगड़ा प्रवास पर रहकर मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया कि कांगड़ा उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है। इससे पहले कि भाजपा कुछ समझ पाती, मुख्यमंत्री आए और कांगड़ा को अपना बताकर निकल गए। वैसे देखा जाए तो यह एकमात्र घटना नहीं है जिससे कांगड़ा में कांग्रेस की जड़ें मज़बूत होती दिख रही हैं। उपचुनावों में मुख्यमंत्री ने अपनी धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर को देहरा से चुनावी मैदान में उतारा और वह चुनाव जीत भी गईं। इसके बाद देहरा को खूब सौगातें मिलीं... देहरा में मुख्यमंत्री कार्यालय तक खोला गया। बता दें कि यह सौभाग्य तो मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन को भी प्राप्त नहीं हुआ। कांगड़ा को 'टूरिज्म कैपिटल' बनाना भी घोषित किया गया है । स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार कांगड़ा पर खूब प्यार बरसा रही है। हालांकि, अब भाजपा के लिए समस्या जरूर खड़ी हो गई है। अब तमाम सवाल भाजपा पर दागे जाएंगे कि आखिर भाजपा ने कांगड़ा को क्या दिया? भले ही भाजपा विपक्ष में है, मगर भाजपा संगठन में कांगड़ा को कितनी तवज्जो दी जा रही है, यह बात मायने रखती है। दरअसल, जल्द ही भाजपा भी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करने वाली है। मांग उठ रही है कि इस बार कांगड़ा से किसी नेता को यह पद दिया जाए। यदि भाजपा ऐसा करती है, तो यह कांगड़ा में उसकी जड़ों को मजबूत कर सकता है, लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ, तो आगामी चुनावों में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। वैसे बता दें कि इन दिनों कांगड़ा में भाजपा की तरफ़ दबे पांव एक और बड़ी चुनौती भी आती दिख रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश चंद ध्वाला की नाराजगी और अन्य असंतुष्ट नेताओं के साथ उनकी गुप्त बैठकों की खबरें पार्टी के लिए एक और सिरदर्द बन रही हैं। यदि भाजपा इन अंतर्विरोधों को समय रहते सुलझाने में नाकाम रहती है, तो कांग्रेस का बढ़ता प्रभाव कांगड़ा में भाजपा को और कमजोर कर सकता है।
नशे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिला सिरमौर पुलिस थाना नाहन के तहत पुलिस ने चिट्टे और नकदी समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक आरोपी ने अपने घर की दीवारों पर पुलिस के खिलाफ अपशब्द में भी लिखे हुए थे। जिला पुलिस की एसआईयू टीम गश्त के दौरान नाहन में मौजूद थी। इस बीच पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली कि साहिल वर्मा (22) और आर्यन तोमर (22), निवासी मोहल्ला ढाबों नाहन अपने आवासीय मकान में नशे का कारोबार करते हैं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घर में दबिश दी और दोनों आरोपियों के कब्जे से कुल 8.5 ग्राम चिट्टा के साथ 3,050 रुपये के करेंसी नोट भी बरामद किए। पुलिस ने पाया कि आरोपी आर्यन तोमर के घर की दीवारों पर पुलिस के लिए अपशब्द भी लिखे थे। एसएसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने बताया कि आरोपी साहिल वर्मा व आर्यन तोमर को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। तफ्तीश के दौरान एक आरोपी आर्यन के घर की दीवारों पर पुलिस के लिए लिखे गए अपशब्दों को साझा नहीं किया जा सकता है और इस मामले में पुलिस उचित कार्रवाई कर रही है।
सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में नप गए कानून के आठ रखवाले हिमाचल प्रदेश के पूर्व आईजी जहूर जैदी अब कैदी है, उम्र कैद की सजा काट रहे है। ये साबित करता है कि कानून सबको एक निगाह से देखता है। भले ही अपराधी कितना ही बड़ा ओहदेदार हो और पीड़ित कितना भी आम। सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में कानून के आठ रखवाले अब उम्रकैद काटेंगे। हिमाचल की एक नाबालिग बेटी गुड़ियाँ के रेप एंड मर्डर केस में निर्दोष लोगों को फसाना और फिर लॉकअप में पुलिस की पिटाई से एक नेपाली युवक सूरज की कस्टडी में मौत होने के मामले ने आईजी रैंक के अफसर जहूर जैदी सहित आठ दोषी पुलिस वालों का करियर बर्बाद कर दिया। आईजी जहूर जैदी के नेतृत्व में गुड़ियाँ को इन्साफ दिलवाने का जिम्मा जिस एसआईटी को दिया गया था, उसने पुलिस के मुँह पर ऐसी कालिख पोती कि हिमाचल में जब भी पुलिस के काले कारनामो की बात होगी, इस मामले का जिक्र किया जायेगा। पुलिस पदक से भी सम्मानित हैं जहूर जैदी आईजी जहूर जैदी 1994 बैच के हिमाचल कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग और पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री की है। 2010 में उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया है। अपने सेवाकाल के दौरान उन्होंने आईजी ट्रैफिक का पदभार भी संभाला था। इसके अलावा 2017 में उन्हें आईजी लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया था। गुड़िया रेप एंड मर्डर केस के दौरान गठित एसआईटी का हेड उन्हें नियुक्त किया गया था। गुड़िया रेप एंड मर्डर केस से जुड़ा है मामला चार जुलाई 2017 को शिमला के कोटखाई इलाके में दसवीं की एक छात्रा स्कूल से घर के लिए चली, लेकिन रास्ते में उसके साथ दरिंदगी की गई। दुष्कर्म के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। दो दिन बाद उसकी लाश मिली। इस घटना को गुड़िया रेप एंड मर्डर केस का नाम दिया गया। तत्कालीन वीरभद्र सिंह पर दबाव पड़ा तो तुरंत आईजी रैंक के अफसर की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई, जिसका मुख्या आईजी जहूर जैदी को बनाया गया किया। इस बीच 12 जुलाई को राज्य के सीएम के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर तथाकथित आरोपियों के फोटो शेयर हुए, जिन्हें कुछ ही देरी में हटा लिया गया। इसके बाद 13 जुलाई 2017 को एसआईटी ने आरोपियों को पकड़ने का दावा किया और डीजीपी के साथ प्रेस वार्ता में जांच का खुलासा किया। उस समय आईजी जहूर जैदी ने गुड़िया रेप एंड मर्डर केस को निर्भया से जटिल केस बताया था, लेकिन बाद में कथित आरोपी सूरज की कोटखाई थाने के लॉकअप में हत्या हो गई। 14 जुलाई को पुलिस जांच के तरीके से नाराज लोगों ने ठियोग में विरोध प्रदर्शन किया, घबराई राज्य सरकार ने अगले ही दिन सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की। जनवरी 2023 में हुई थी जैदी की सेवाएं बहाल 29 अगस्त 2017 को सीबीआई ने आईजी जैदी व आठ अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 16 नवंबर 2017 को सीबीआई ने शिमला के एसपी रहे डीडब्ल्यू नेगी को कस्टोडियल डैथ मामले में गिरफ्तार किया। जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से 5 अप्रैल 2019 को जमानत मिली थी। ट्रायल कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद वे फिर से न्यायिक हिरासत में रहे। जैदी कुल 4 साल 3 महीने हिरासत में रहे। अक्टूबर 2022 में जहूर जैदी को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने नियमित जमानत दी थी। वर्ष 2019 में कस्टोडियल डेथ मामले में ट्रायल के दौरान जैदी सहित दो अन्य अफसरों का निलंबन बहाल किया गया था। तब राज्य में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार थी। iske bad 27 जनवरी 2023 को सुखविंदर सरकार के कार्यकाल में जैदी की सेवाएं बहाल की गई थी। जबकि शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को 18 अप्रैल 2019 को 17 महीने जेल में बिताने के बाद जमानत मिली थी और अब सीबीआई की चंडीगढ़ अदालत ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश में 1088 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए साउथ रेंज शिमला और सेंट्रल रेंज मंडी के नौ जिलों में फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST) और फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (PET) का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। यह प्रक्रिया 6 फरवरी से शुरू होकर 28 मार्च तक चलेगी। कांगड़ा, चंबा और ऊना जिलों का शेड्यूल बाद में जारी किया जाएगा। जिलावार ग्राउंड टेस्ट की तिथियां मंडी: 6 से 16 फरवरी (थर्ड IRBN पंडोह) बिलासपुर: 20 से 24 फरवरी (लुहणू मैदान) हमीरपुर: 28 फरवरी से 5 मार्च (सिंथेटिक ट्रैक अणु) कुल्लू: 7 से 11 मार्च (पुलिस लाइन कुल्लू) लाहौल-स्पीति: 12 मार्च (पुलिस लाइन कुल्लू) सिरमौर: 11 से 20 फरवरी (चंबा ग्राउंड, नाहन) सोलन: 25 फरवरी से 6 मार्च (पुलिस लाइन सोलन, 26 फरवरी को अवकाश) शिमला: 11 से 22 मार्च (पुलिस लाइन भराड़ी, 14 मार्च को अवकाश) किन्नौर: 27 और 28 मार्च (मिनी स्टेडियम, कल्पा) टेस्ट सुबह 7 बजे से शुरू होंगे। पहले महिला अभ्यर्थियों का परीक्षण होगा, उसके बाद पुरुषों की बारी आएगी। कुल 1,27,770 आवेदन प्राप्त पुलिस कांस्टेबल के 1088 पदों के लिए 1,27,770 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, जिनमें 88,202 पुरुष और 39,568 महिलाएं शामिल हैं। इन पदों में 708 पुरुष और 380 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। ग्राउंड टेस्ट की प्रक्रिया ग्राउंड टेस्ट में 100 मीटर की दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, और अन्य शारीरिक दक्षता परीक्षण होंगे। अभ्यर्थियों की लंबाई और दस्तावेजों की जांच भी होगी, जिसे कैमरों में रिकॉर्ड किया जाएगा। डोप टेस्ट भी अनिवार्य होगा। लिखित परीक्षा और वेतनमान ग्राउंड टेस्ट के बाद 90 अंकों की लिखित परीक्षा होगी, जिसमें निगेटिव मार्किंग भी लागू होगी। चयनित अभ्यर्थियों को लेवल-3 के 20,200 से 64,000 रुपये वेतनमान में नियुक्त किया जाएगा।यह
कौशाम्बी-फतेहपुर बॉर्डर के पास कनवार क्षेत्र में सोमवार शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। हिमाचल प्रदेश से प्रयागराज महाकुंभ के लिए जा रहे श्रद्धालुओं की मिनी बस हाइड्रा वाहन से टकरा गई। इस हादसे में 25 श्रद्धालु घायल हो गए, जिनमें से एक महिला की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई और स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। हिमाचल प्रदेश के अर्की थाना क्षेत्र के स्लैट गांव से 32 श्रद्धालुओं का दल मिनी बस में सवार होकर प्रयागराज के लिए निकला था। शाम करीब 7 बजे नेशनल हाईवे पर कनवार के पास, हाइड्रा वाहन के चालक ने अचानक ब्रेक लगा दी। मिनी बस का ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा और बस हाइड्रा से टकरा गई. हादसे के बाद अजुहा चौकी पुलिस और प्रशासन की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। छह एंबुलेंस की मदद से सभी घायलों को सिराथू के सीएचसी और फिर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेजी से चलाया और दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को क्रेन की मदद से हाईवे से हटाकर यातायात बहाल किया। घायलों की पूरी सूची: बविता पत्नी सुरेंद्र (45) नीला देवी पत्नी विंध्यसागर (60) चंद्रकला पत्नी बाबूराम शास्त्री (60) पार्वती पत्नी नंदलाल (62) सीता देवी पत्नी तेजराम (55) कविता पत्नी मनोहर शर्मा (47) विमला देवी पत्नी सालिगराम (58) दयापति पत्नी देवीचंद्र (54) ममता पुत्री देवीचंद्र (30) आषवी पुत्री अंकितराज (25) बाबूराम पुत्र दयाराम (65) मीना शर्मा पत्नी महेंद्र शर्मा (48) महेंद्र शर्मा पुत्र लेखराज (50) रूपराम पुत्र राजकुमार (40) लेखराज पुत्र दिलकराम (51) बब्लू पुत्र दिलेर राम (39) लीला देवी पत्नी विद्यासागर (60) ममता शर्मा पत्नी नरेश कुमार (50) नर देवी शर्मा पत्नी गुच्ची राम (45) गोदावरी देवी पत्नी किशन लाल (70) धनपति देवी पत्नी देवी लाल (65) पविता देवी पुत्री सुरेंद्र कुमार (20) तुलसीराम पुत्र कुंतराम (75) रूपराम पुत्र राजकुमार (40) अन्य एक महिला (नाम अज्ञात) प्रशासन की तत्परता घटना की जानकारी मिलते ही डीएम मधुसूदन हुल्गी और एसपी बृजेश श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने घायलों का हालचाल लिया और अस्पताल प्रबंधन को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। सीएमओ डॉ. संजय कुमार ने सिराथू सीएचसी और आसपास के अस्पतालों में डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम भेजकर बेड और फर्स्ट एड की व्यवस्था सुनिश्चित की। गंभीर रूप से घायल एक महिला को मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि हादसे में शामिल सभी घायलों का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा, "घायलों के रहने-खाने की व्यवस्था अस्पताल में ही की गई है। प्रशासन घायलों की हरसंभव मदद कर रहा है।"
सभी पर एक -एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई में हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड के संदर्भ में गिरफ्तार आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या के मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत आज दोषी पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी आठ आरोपी पुलिस कर्मियों पर एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। अदालत ने 18 जनवरी को प्रदेश के IG जहूर एच जैदी सहित 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया था। सीबीआई अदालत ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर आईजी जैदी, तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, पुलिस सब इंस्पेक्टर राजिंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, मानक मुख्य आरक्षी मोहन लाल, सूरत सिंह, मुख्य आरक्षी रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रनीत सटेटा को दोषी ठहराया था। ये सभी आरोपी वर्तमान में बुड़ैल जेल में बंद हैं। साल 2017 में शिमला जिले के कोटखाई में गुड़िया नामक 16 वर्षीय छात्रा का बलात्कार और हत्या हुई थी। पुलिस ने आरोपी सूरज को हिरासत में लिया, लेकिन लॉकअप में प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सूरज की मौत का आरोप दूसरे आरोपी राजू पर मढ़ दिया। सूरज की लॉकअप में हत्या के बाद गुस्साई भीड़ ने कोटखाई पुलिस थाना जलाने की कोशिश की। इस घटनाक्रम के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। गौरतलब है कि 4 जुलाई 2017 को कोटखाई में 16 वर्षीय छात्रा का शव निर्वस्त्र अवस्था में तांदी के जंगल में पाया गया था। शिमला के तत्कालीन IG जहूर एच जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी, जिसने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी, नेपाली युवक सूरज की पुलिस हिरासत में लॉकअप में मौत हो गई थी। सीबीआई जांच में यह सामने आया कि सूरज की मौत पुलिस की प्रताड़ना के कारण हुई थी। इसके बाद सीबीआई ने आईजी जैदी और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या (धारा 302), सुबूत नष्ट करने (धारा 201) और अन्य गंभीर आरोपों के तहत केस दर्ज किया। यह मामला शिमला जिला अदालत से चंडीगढ़ सीबीआई अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं जैदी जहूर जैदी 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। जैदी 582 दिन तक शिमला के कंडा जेल में रहे। अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी। जमानत के बाद भी उनके खिलाफ ट्रायल जारी रहा। जनवरी 2020 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने उन्हें फिर सस्पेंड कर दिया। उन पर गवाह को प्रभावित करने के आरोप लगे थे। 3 साल के निलंबन के बाद जनवरी 2023 में कांग्रेस सरकार ने उनकी सेवाएं बहाल कर दीं गई। सितंबर 2023 में उन्हें दोबारा मुख्यालय में तैनाती दी गई। अब उन्हें उम्र कैद की सज़ा सुनाई गई है।
160 रुपये से डीजल से जला दिया सूटकेस में रखा शव रिश्ते में दोनों कजिन लगते थे, शादी का दबाव बना रही थी शिल्पा आज ही उत्तराखंड सरकार ने लागू किया कानून आज लिव-इन रिलेशन को लेकर दो बड़ी खबरें आई है, एक दिल्ली से और एक उत्तराखंड से। पहले आपको दिल्ली वाली खबर बताते है। दिल्ली में लिव-इन पार्टनर ने युवती का मर्डर कर दिया। फिर लाश सूटकेस में रखकर जला दी। 22 साल का कैब ड्राइवर अमित तिवारी गाजियाबाद में रहता था और 22 साल की अपनी कजिन शिल्पा पाण्डेय के साथ रिलेशनशिप में था और अक्टूबर से वे दोनों साथ रह रहे थे। शिल्पा उससे शादी करना चाहती थी, लेकिन वह रिश्ता खत्म करने की कोशिश कर रहा था। शनिवार रात अमित नशे में था। उसका शिल्पा से झगड़ा हुआ और उसने गुस्से में शिल्पा का गला घोंटकर उसे मार डाला। फिर शिल्पा की बॉडी सूटकेस में डाली और अपने दोस्त अनुज को बुलाया ताकि बॉडी को ठिकाने लगा सके। दोनों ने एक पेट्रोल पंप से 160 रुपए का डीजल लिया और एक सुनसान इलाके में पहुंचकर सूटकेस को आग लगा दी। रविवार को पुलिस को गाजीपुर में सुनसान जगह पर एक सूटकेस मिलने की खबर दी गई थी। वहां पहुंचकर पुलिस को सूटकेस के अंदर जली हुई बॉडी मिली। इसके बाद सीसीटीवी ने पुलिस को अमित तक पंहुचा दिया। दूसरी खबर उत्तराखंड से है जहाँ आज से यूसीसी लागू हो गया है और इसके दायरे में लिव-इन को भी लाया गया है। राज्य में अब लिव -इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य है। पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान, जोड़ों को अपनी पहचान, उम्र, धर्म और आधार कार्ड जैसी जानकारी देनी होगी। वहीँ, लिव -इन में रहने वाले जोड़े अब अपने माता-पिता या अभिभावकों से इसे छुपा नहीं पाएंगे। माता पिता की अनुमति अनिवार्य होगी और रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्ट्रार द्वारा इसकी सुचना उनके माता -पिता को दी जाएगी। साथ ही लिव-इन से पैदा हुए बच्चों को वैध माना जायेगा और संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। अगर रिश्ता समाप्त होता है,तो महिला को गुजारा भत्ते का अधिकार भी मिलेगा। समान नागरिक सहिंता से जुड़े अन्य विषयों पर बेशक सबकी राय बंटी हुई हो सकती है किन्तु ये कहना गलत नहीं होगा कि लिव-इन रिलेशन को लेकर उत्तराखंड सरकार ने जो कानून बनाये है, वो मौजूदा समय में वक्त की जरुरत है। हालांकि कुछ लोग इसे निजता के अधिकार का हनन कह सकते है, लेकिन श्रद्धा से लेकर शिल्पा तक, लिव-इन रिलेशन में रह रही लड़कियों की निर्मम हत्या के मामले सामने आ रहे है। ऐसे में उत्तराखण्ड सरकार ने लिव-इन को लेकर जो कानून लागू किया है उसकी जरुरत आज पुरे देश में महसूस हो रही है, ताकि इस तरह के अपराधों को रोका जा सके।
मिनर्वा स्टडी सर्कल के सीएमडी राकेश चंदेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि संस्थान की एक नई शाखा 2 फरवरी, 2025 को धर्मशाला में शुरू की जाएगी। इस शाखा का उद्घाटन धर्मशाला नगर निगम के कमिश्नर ज़फर इकबाल करेंगे। इस अवसर पर एएसपी धर्मशाला हितेश लखनपाल भी मौजूद रहेंगे। मिनर्वा स्टडी सर्कल, जो 2014 में प्रवेश चंदेल और राकेश चंदेल की अगुवाई में शुरू हुआ था, पिछले 10 वर्षों से छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। संस्थान ने अब तक 350 से अधिक छात्रों को एमबीबीएस में दाखिला दिलाने में मदद की है, जबकि 250 से अधिक छात्रों ने प्रतिष्ठित आईआईटी और एनआईटी संस्थानों में प्रवेश पाया है। मिनर्वा स्टडी सर्कल के उद्देश्य को बताते हुए राकेश चंदेल ने कहा कि संस्थान का मकसद युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है ताकि वे अपने चुने हुए करियर के लक्ष्य को निर्धारित समय में हासिल कर सकें। गुम्मरविन में स्थापित इस संस्थान ने अब तक 150 से अधिक छात्रों को डॉक्टर और 100 से अधिक छात्रों को इंजीनियर बनाने में मदद की है। 2022 में, संस्थान के 41 छात्रों ने नीट (NEET) परीक्षा और 14 छात्रों ने जेईई (JEE) परीक्षा में सफलता हासिल की। इनमें से कुछ छात्रों ने आईजीएमसी शिमला और एम्स बिलासपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में राज्य रैंक हासिल की। इसके अलावा, कई छात्रों ने किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (KVPY) और राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (NTSE) में भी अपनी सफलता का परचम लहराया। राकेश चंदेल ने सभी इच्छुक छात्रों और अभिभावकों से अपील की कि वे धर्मशाला में खुल रही इस नई शाखा का लाभ उठाएं और अपने करियर की मजबूत नींव रखने के लिए इस अवसर का अधिकतम उपयोग करें।
शिमला पुलिस ने 11 तस्कर धरे, लगभग सभी 'पुराने पापी' एसपी शिमला संजीव गाँधी ने दी जानकारी शिमला पुलिस ने कोलकाता से संदीप शाह नाम के एक चिट्टा तस्कर को गिरफ्तार किया है जो 200 लोगों के गिरोह का सरगना है। इस गिरोह के 11 तस्करों को पुलिस ने धरा है और सभी चिट्टे की तस्करी के पुराने पापी है। करीब छ महीने से शिमला पुलिस इस अभियान में जुटी थी और आखिरकार रविवार को उसे सफलता मिली है। ये शिमला पुलिस की बड़ी कामयाबी है। एसपी शिमला संजीव गाँधी ने इस बाबत जानकारी साझा की। हिमाचल प्रदेश में ड्रग माफिया बेहद नियोजित तरीके से काम कर रहा है। ड्रग तस्करी एक आर्गनाइज्ड क्राइम का रूप ले चुकी है और तस्कर तकनीक का भी खूब इस्तेमाल कर रहे है। इस गिरोह का भी अपना ऑनलाइन सप्लाई मैकेनिज्म था, ये ऑनलाइन आर्डर लेते थे और ग्राहक द्वारा भुगतान भी ऑनलाइन किया जाता था। बहरहाल शाही महात्मा गैंग पर कार्रवाई के बाद शिमला पुलिस ने एक और बड़े रैकेट को एक्सपोज़ किया है।
लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा बच्चे वैध, महिला को मिलेगा गुजारे भत्ते का अधिकार उत्तराखंड में आज से यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू हो गया। इसमें कई बड़े बदलाव हुए है और राज्य में अब लिव -इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य है। पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान, जोड़ों को अपनी पहचान, उम्र, धर्म और आधार कार्ड जैसी जानकारी देनी होगी। इस कदम को व्यक्तिगत संबंधों को कानूनी मान्यता और जवाबदेही देने के रूप में देखा जा रहा है। वहीँ, लिव -इन में रहने वाले जोड़े अब अपने माता-पिता या अभिभावकों से इसे छुपा नहीं पाएंगे। माता पिता की अनुमति अनिवार्य होगी और रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्ट्रार द्वारा इसकी सुचना उनके माता -पिता को दी जाएगी। साथ ही लिव-इन से पैदा हुए बच्चों को वैध माना जायेगा और संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। अगर रिश्ता समाप्त होता है,तो महिला को गुजारा भत्ते का अधिकार भी मिलेगा। यूसीसी के तहत, यदि लिव-इन रिलेशनशिप एक महीने से अधिक समय तक चलता है और उसका पंजीकरण नहीं कराया जाता है, तो इसके लिए जुर्माना हो सकता है, जिसमें तीन महीने की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना शामिल है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की एक पोस्ट पर विवाद खड़ा हो गया है, जिसके बाद उनके खिलाफ दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह विवाद 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर किए गए एक ट्वीट को लेकर उत्पन्न हुआ। राहुल गांधी ने इस पोस्ट में नेताजी की मौत की तारीख का जिक्र किया था, जो कई लोगों के अनुसार विवादास्पद था। राहुल गांधी के इस बयान को लेकर अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने कड़ी आपत्ति जताई और एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। इसके बाद संगठन के कार्यकर्ताओं ने कोलकाता के एल्गिन रोड स्थित नेताजी के पैतृक घर के पास प्रदर्शन भी किया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के बयान को लेकर अपना विरोध जताया। हिंदू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और उनके परिवार ने हमेशा नेताजी की विरासत को नजरअंदाज किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यह पोस्ट नेताजी के बारे में गलत जानकारी देने की एक और कोशिश है, जिसे देश के लोग स्वीकार नहीं करेंगे। यह विवाद और गहरा हुआ जब राहुल गांधी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 18 अगस्त 1945 को नेताजी की मौत की तारीख बताई। हालांकि, नेताजी की मृत्यु की सही तारीख को लेकर कई सवाल हैं, क्योंकि इस संबंध में अब तक कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिल सका है। इस विवाद के बाद, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, तृणमूल कांग्रेस और भाजपा जैसे राजनीतिक दलों ने भी राहुल गांधी के बयान की आलोचना की है। जानिए क्या है पूरा मामला यह विवाद इस सप्ताह के शुरुआत में हुआ था, जब राहुल गांधी ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में नेताजी की मृत्यु की तारीख 18 अगस्त 1945 बताई। यह वही तारीख थी जब नेताजी का विमान ताइहोकू (जो अब ताइपे में है) में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। हालांकि, नेताजी की मृत्यु की सही तारीख की कभी भी पुष्टि नहीं हो पाई और उनके गायब होने के बाद बने आयोगों ने भी इसकी पुष्टि नहीं की। ऐसे में राहुल गांधी नेताजी की मृत्यु की तारीख कैसे तय कर सकते है।
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई में हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्याकांड के संदर्भ में गिरफ्तार आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या के मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत आज दोषी पुलिसकर्मियों की सजा पर अपना फैसला सुनाएगी। अदालत ने 18 जनवरी को प्रदेश के IG जहूर एच जैदी सहित 8 पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दिया था। जानकारी के अनुसार, इन दोषियों को आज शाम 4 बजे सजा सुनाई जाएगी। सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को दोषियों से उनकी अंतिम अपील भी सुनी थी। 18 जनवरी को सीबीआई अदालत ने गवाहों के बयान और सबूतों के आधार पर आईजी जैदी, तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, पुलिस सब इंस्पेक्टर राजिंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, मानक मुख्य आरक्षी मोहन लाल, सूरत सिंह, मुख्य आरक्षी रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रनीत सटेटा को दोषी ठहराया था। ये सभी आरोपी वर्तमान में बुड़ैल जेल में बंद हैं। साल 2017 में शिमला जिले के कोटखाई में गुड़िया नामक 16 वर्षीय छात्रा का बलात्कार और हत्या हुई थी। पुलिस ने आरोपी सूरज को हिरासत में लिया, लेकिन लॉकअप में प्रताड़ना के कारण उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सूरज की मौत का आरोप दूसरे आरोपी राजू पर मढ़ दिया। सूरज की लॉकअप में हत्या के बाद गुस्साई भीड़ ने कोटखाई पुलिस थाना जलाने की कोशिश की। इस घटनाक्रम के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी। गौरतलब है कि 4 जुलाई 2017 को कोटखाई में 16 वर्षीय छात्रा का शव निर्वस्त्र अवस्था में तांदी के जंगल में पाया गया था। शिमला के तत्कालीन IG जहूर एच जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी, जिसने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी, नेपाली युवक सूरज, को पुलिस हिरासत में लॉकअप में मौत का सामना करना पड़ा था। सीबीआई जांच में यह सामने आया कि सूरज की मौत पुलिस की प्रताड़ना के कारण हुई थी। इसके बाद सीबीआई ने आईजी जैदी और अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हत्या (धारा 302), सुबूत नष्ट करने (धारा 201) और अन्य गंभीर आरोपों के तहत केस दर्ज किया। यह मामला शिमला जिला अदालत से चंडीगढ़ सीबीआई अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था।
हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम फिर करवट ले सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने अगले पांच दिनों तक हल्की बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जारी किया है। साथ ही, 27 और 28 जनवरी को राज्य के कुछ हिस्सों में शीतलहर के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, 29 जनवरी से 2 फरवरी तक पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते ऊंचाई वाले कुछ क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, 27 और 28 जनवरी को पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है। जनवरी में सामान्य से 79% कम बारिश राज्य में जनवरी में सामान्य से 79% कम बारिश हुई है। 1 से 27 जनवरी के बीच केवल 14.7 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि इस अवधि के लिए 70.8 मिमी को सामान्य माना जाता है। कहां कितनी कमी हुई? बिलासपुर: 93% कम चंबा: 82% कम हमीरपुर: 93% कम कांगड़ा: 92% कम किन्नौर: 91% कम कुल्लू: 72% कम लाहौल-स्पीति: 69% कम मंडी: 81% कम शिमला: 77% कम सोलन: 91% कम ऊना: 95% कम तापमान का हाल प्रदेश में न्यूनतम तापमान में भी काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। केलांग: -7.9°C शिमला: 9.6°C सुंदरनगर: 1.8°C भुंतर: 0.3°C कल्पा: 0.0°C धर्मशाला: 5.0°C मनाली: 1.9°C
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह 27 जनवरी को मध्य प्रदेश के महू जाएंगे। महू से कांग्रेस संविधान बचाओ अभियान की शुरुआत करेगी। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, नेता विपक्ष राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी शामिल होंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू 26 जनवरी को राजधानी शिमला में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेने के बाद मध्य प्रदेश के लिए रवाना होंगे। कांग्रेस 27 जनवरी को डॉ. भीमराव आंबेडकर की जन्मस्थली महू में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर रही है, जिसमें पार्टी संविधान को बचाने और जागरूकता फैलाने का आह्वान करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के डॉ. आंबेडकर पर दिए गए बयान के विरोध में कांग्रेस देशभर में संविधान बचाओ यात्रा शुरू कर रही है। महू में आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यसमिति के सभी सदस्य, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता और सांसद शामिल होंगे। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता जनता के बीच जाकर संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के महत्व पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सुक्खू 1 से 3 फरवरी तक दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में भी भाग लेंगे। कांग्रेस इस यात्रा और अभियान के माध्यम से अपने विचारधारा और संविधान की रक्षा के लिए जनता को जागरूक करने का प्रयास कर रही है
दिल्ली-पंजाब-हरियाणा-यूपी को जाने वाली बसें होंगी कम हिमाचल प्रदेश से चंडीगढ़, दिल्ली व हरिद्वार को जाने वाली बसों का पहले चरण में युक्तिकरण होगा। इसकी फाइल तैयार कर ली गई है और एचआरटीसी ने इसका प्लान बना लिया है। आठ से दस रूटों को अभी फिलहाल चिन्हित किया गया है, जहां पर प्रदेश के अलग-अलग शहरों से एक जैसे समय पर बसों को भेजा जाता है। आगे जाकर यह बसें मिल जाती हैं और फिर इनकी सवारियां बंट जाती है। इसका नुकसान पथ परिवहन निगम को हो रहा है, जिसे अब एचआरटीसी प्रबंधन दुरुस्त करने की तैयारी में है। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका प्रारूप तैयार कर लिया है। इसकी शुरुआत बाहरी राज्यों यानी अंतर राज्यीय रूटों से की जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा, तो प्रदेश में प्रदेश के भीतर भी इसे लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री से इस मामले में एचआरटीसी की बातचीत हुई है और सीएम ने कहा है कि निगम को घाटे से उभारने के लिए ऐसे अलग और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। एचआरटीसी प्रबंधन ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है, जिसे अब निदेशक मंडल की बैठक में रखा जाएगा। बीओडी की मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। निगम प्रबंधन के मुताबिक प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों से दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब इत्यादी के लिए जाने वाली बसों के रूटों की पूरी सूची तैयार की गई है। इसमें देखा जा रहा है कि ऐसे कितने जिले हैं जहां से एक ही समय में बसें चलती है। इन बसों को क्लब कर दिया जाएगा। धर्मशाला, पालमपुर, कांगड़ा से एक ही समय में दिल्ली के लिए कई बसें चलती हैं। इन बसों में सवारियों की संख्या कुल सीटों के मुकाबले आधी भी नहीं होती। अब इन बसों को क्लब कर एक ही बस चलाई जाएगी। वहीं दिल्ली, चंडीगढ़, हरिद्वार,अमृतसर, लुधियाना, पठानकोट व अंबाला सहित कई अन्य स्थानों को निगम की बसें निरंतर अंतराल में चल रही हैं। इसमें रूटों का परिवर्तन भी हो सकता है। पथ परिवहन निगम का कुल घाटा 1650 करोड़ है। इसको कैसे कम किया जा सकता है इस पर विस्तृत चर्चा की गई है। इससे पहले एचआरटीसी के 275 के करीब घाटे के रूट निजी आपरेटरों को देने का निर्णय लिया था। हालांकि अभी इनमें आधे से ज्यादा रूटों पर फैसला नहीं हो पाया है। वर्तमान में प्रदेश सरकार एचआरटीसी को 700 करोड़ रुपए का सालाना अनुदान दे रही है। एचआरटीसी में 27 श्रेणियों के लोगों को नि:शुल्क यात्रा दी जा रही है। एचआरटीसी के 31 डिपो और चार मंडल हैं। 3180 बसें हैं जो प्रतिदिन 5.60 लाख किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। 2684 रूट पर निगम की बसें सेवाएं देती हैं। निगम की दैनिक आय 2.25 करोड़ रुपए है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि पहले चरण में प्रदेश से बाहर जाने वाली बसों का युक्तिकरण करने की तैयारी है। इसकी योजना बन चुकी है और अभी कुछ ऐसे रूट चिन्हित किए हैं, जहां के लिए अलग-अलग स्थानों से एक जैसे समय पर बसें जाती हैं। इनको क्लब किया जाएगा क्योंकि अभी लांग रूट की बसों में कमाई नहीं हो पा रही है। अपेक्षाकृत इनकम को सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की नीतियों को अपनाया जा रहा है, लेकिन इससे आम जनता को परेशानी नहीं होगी।
हरियाणा भाजपा अध्यक्ष व हरियाणवी गायक के खिलाफ गैंगरेप के आरोप के मामले में नया मोड़ आ गया है। मंगलवार को सार्वजनिक हुए इस हाई-प्रोफाइल केस में पीडि़ता की सहेली व मामले में अहम गवाह महिला ने बुधवार को प्रेस कान्फ्रेंस की है। पंचकूला में आयोजित इस प्रेस कान्फ्रेंस में महिला ने पूरे केस को ही झूठा करार दे दिया है। उसने मीडिया के सामने कहा कि उसे झूठा गवाह बनाया गया है, जबकि उसके सामने ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। महिला के इस बयान के बाद पहले से ही उलझा हुआ मामला अब और अधिक उलझता हुआ नजर आ रहा है। पीडि़ता की सहेली ने बुधवार को मीडिया से रू-ब-रू होकर कहा कि वह दिल्ली की रहने वाली है और वह अपनी सहेली व उसके बॉस के साथ मनाली घूमने गए थे। इसके बाद वह कसौली होटल में पहुंचे, जहां पर उन्हें रॉकी मित्तल मिला। चर्चित गायक होने के चलते वह उसे पहले से ही जानते थे, जबकि मोहन लाल बड़ौली को वो नहीं पहचानती थी। इस दौरान चर्चित चेहरा होने के कारण रॉकी मित्तल से उन्होंने कुछ समय के लिए बात की और उसके बाद कोई बात नहीं हुई। सहेली ने बताया कि इसके पश्चात वह अपनी सहेली और उसके बॉस के साथ कमरे में चली गई और कुछ देर बाद वहीं सो गए व अगले दिन सुबह वहां से वापस आ गए। उसने मीडिया को बताया कि वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ था। इतने बड़े होटल में यदि गैंगरेप या इस तरह की कोई घटना होती तो उसके चीखने चिल्लाने की आवाज तो किसी ने सुनी होती। जब मुझे पता चला कि इस तरह की कोई एफआईआर दर्ज हुई है और उसमें मुझे गवाह बनाया गया है, तो मैं सकते में आ गई। इस पर मैंने साफ मना कर दिया तो पीडि़ता ने कहा कि उनका कुछ मसला है। पैसे भी मिलेंगे और उसके बॉस को टिकट या चेयरमैनशिप दी जाएगी। उसने कहा कि वह जॉब करती है और इस सबसे उसका कुछ लेना देना नहीं है। मामले को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी कथित तौर पर सवाल खड़े होने लगे हैं। मामले में एफआईआर को एक माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक इसमें कोई भी गिरफ्तारी न होने से प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे हैं। पुलिस के सूत्रों की मानें तो मामला करीब डेढ़ वर्ष पुराना है और पीडि़ता ने भी मेडिकल नहीं करवाया है। ऐसे में पुलिस को मामले में पुख्ता सुबूत मिल पाना भी एक टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। न तो उस समय की सीसीटीवी फुटेज मिल पाई है और न ही अन्य कोई सुबूत। इस हाई-प्रोफाइल केस में हरियाणा के ही अमित बिंदल का नाम भी जुड़ गया है। बताया जा रहा है कि पीडि़ता की सहेली जिस बॉस की बात कर रही है, वह और कोई नहीं बल्कि अमित बिंदल ही हैं। उनके साथ ही यह कसौली घूमने के लिए आई थी। अमित बिंदल सोनीपत के रहने वाले हैं और वर्ष 2022 में वे जेजेपी को छोडक़र भाजपा में शामिल हो गए थे। 2024 में लोकसभा चुनाव में वे सोनीपत से भाजपा की टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। बताया जा रहा है कि वह वर्ष 2022 में जीएसटी गबन केस में तिहाड़ जेल में भी रहे हैं। इस पूरे हाई-प्रोफाइल मामले को लेकर सोलन पुलिस के अधिकारियों ने भी चुप्पी साधी हुई है। वह मामले को लेकर कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं और कुछ मीडिया कर्मियों के फोन तक उठाने से परहेज कर रहे हैं।
मुंबई में फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के बांद्रा पश्चिम स्थित घर में गुरुवार तडक़े हुई चोरी की घटना में सैफ अली घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि आज तडक़े करीब साढ़े तीन बजे सैफ अली खान और उनकी पत्नी अभिनेत्री करीना कपूर के बांद्रा पश्चिम वाले घर में चोरी की बड़ी घटना हुई। चोरी के दौरान सैफ अली खान पर चाकू से हमला भी किया गया। उन्होंने बताया कि सैफ अली खान को इलाज के लिए लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अभिनेता को पहले चाकू मारा गया है या चोर के साथ हुई झड़प में वह घायल हुए हैं। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच दोनों ही इस मामले की जांच में जुटी हुई हैं। लीलावती अस्पताल के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डॉक्टर नीरज उत्तमानी ने बताया सैफ अली को अस्पताल में रात 3.30 बजे लाया गया था। सैफ को हमले में छह चोटें आई हैं, जिसमें से दो घाव काफी गहरे है। हम उसका ऑपरेशन कर रहे है। यह आपरेशन न्यूरोसर्जन नितिन डांगे और कॉस्मेटिक सर्जन लीना जैन कर रहे है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया की चोरों का पता लगाने के लिए पुलिस की कई टीम बनाई गई हैं और प्राथमिकी भी दर्ज की जा रही है। यह वारदात उस समय हुई जब सैफ अपनी पत्नी करीना के बांद्रा पश्चिम वाले घर सतगुरु शरण में परिवार के साथ सो रहे थे। अब अस्पताल में घर के सभी लोगों के साथ उनके दो बेटे तैमूर और जेह है। सैफ अली पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान और अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के पुत्र हैं।
बीजेपी हरियाणा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और सिंगर रॉकी मित्तल के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। ये केस हिमाचल के कसौली पुलिस थाना में 13 दिसंबर को दर्ज हुआ है। केस दर्ज कराने वाली महिला का आरोप है कि 7 जुलाई 2023 को उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया। केस में आरोप लगाया गया है कि रॉकी मित्तल ने अभिनेत्री बनवाने और मोहन लाल बड़ौली ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांस देकर दुष्कर्म किया। पुलिस के मुताबिक मामला दर्ज कर लिया गया है और इसकी जांच जारी है। महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं। इसमें बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली पर भी आरोप लगाए गए हैं। हालांकि रेप के आरोप पर मोहन लाल बड़ौली ने कहा है कि यह महज राजनीतिक स्टंट है और पूरा मामला झूठा है। इसका सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है। पुलिस मामले की जाँच कर रही हैं।
राज्य की सांस्कृतिक विरासत, शिल्प और व्यंजनों का भव्य जश्न मनाने वाला 15 दिवसीय हिमाचल प्रदेश हिम महोत्सव कल देर शाम दिल्ली हाट में अपार सफलता के साथ संपन्न हुआ। हिम महोत्सव का आयोजन हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के सहयोग से किया गया। महोत्सव में न केवल राज्य की कलात्मक विरासत को प्रदर्शित किया गया, बल्कि स्थानीय कारीगरों को 2 करोड़ रुपये का कारोबार भी दिया गया। महोत्सव से जहां कारीगरों के उत्पादों को व्यापक स्तर पर पहचान मिली वहीं सांस्कृतिक संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक प्रगति भी सुनिश्चित हुई। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए कहा कि हिम महोत्सव ने हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और आधुनिक व्यावसायिक दुनिया में अलग पहचान बनाई है। हिम महोत्सव ने राज्य के विविध हस्तशिल्प, पारंपरिक परिधानों और व्यंजनों को पहचान दिलाने के साथ-साथ कारीगरों के लिए सफलतापूर्वक नए व्यावसायिक अवसर सृजित किए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से पारंपरिक शिल्पकला को समसामयिक व्यापार गतिविधियों के साथ-साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. नजीम ने आगंतुकों से मिली प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि इससे हिमाचली शिल्प में देश की बढ़ती रुचि की झलक दिखती है। उन्होंने कहा कि इस सफलता से कारीगरों के लिए नए अवसर सृजित होंगे और राष्ट्रीय मंच पर हिमाचल की उपस्थिति और मजबूत होगी। महोत्सव में विभिन्न प्रकार के 60 स्टॉल लगाए गए जहां कारीगरों ने ऊनी शॉल, चंबा रूमाल, कांगड़ा पेंटिंग और पारंपरिक आभूषणों सहित हस्तनिर्मित उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की। इसके अतिरिक्त राज्य के प्रसिद्ध व्यंजन हिमाचली धाम के जायके ने आगंतुकों को आकर्षित किया जिससे प्रदेश की संस्कृति का अनुभव और समृद्ध हुआ। हिमाचल की जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं का जश्न मनाते हुए कार्यक्रम में कांगड़ा के गद्दी नृत्य और सिरमौर की नाटी भी शानदार प्रस्तुित दी गई। ग्रैंड फिनाले में हिमाचली फैशन शो भी हुआ जिसमें पारंपरिक परिधानों का प्रदर्शन किया गया जो इस उत्सव का मुख्य आकर्षण रहा। उत्सव में दो करोड़ रुपये का कारोबार हुआ जिससे हिमाचल प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों के कारीगरों की आर्थिकी सुदृढ़ हुई। आगंतुकों के साथ सीधे संपर्क ने कारीगरों को उन्हें अपने बाजार की पहुंच बढ़ाने, वित्तीय स्थिरता बढ़ाने और व्यापक स्तर पर पहचान बनाने में मदद की। हिम महोत्सव प्रदेश के कारीगरों के लिए एक उम्मीद की किरण बन गया है, जिसमें पारंपरिक कला को आधुनिक व्यवसायिक गतिविधियों के साथ जोड़ा गया है। महोत्सव ने हिमाचल की समृद्ध विरासत के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान किया है और भविष्य की पीढ़ियों के लिए संस्कृति के संरक्षण तथा विकास को सुनिश्चित करने में मदद की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी केएस बांशटू, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती, प्रबंध निदेशक हिमक्राफ्ट्स कॉरपोरेशन गंधर्व राठौर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मंगलवार को दिल्ली रवाना होंगे। बुधवार को नई दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नए कार्यालय का शुभारंभ होना है। हाईकमान ने सभी वरिष्ठ नेताओं को समारोह में मौजूद रहने के निर्देश जारी किए हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित कई कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस विधायक भी दिल्ली जा रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार मुख्यमंत्री सुक्खू 15 या 16 जनवरी को दिल्ली से ही कांगड़ा प्रवास के लिए धर्मशाला रवाना होंगे। 25 जनवरी तक मुख्यमंत्री सुक्खू जिला कांगड़ा के दौरे पर रहेंगे। पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय समारोह भी इस बार जिला कांगड़ा के बैजनाथ में हो रहा है। 25 जनवरी को इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुक्खू करेंगे। समारोह के बाद मुख्यमंत्री शिमला लौटेंगे और 26 जनवरी को ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस में शामिल होंगे।
चंडीगढ़ में सनातन धर्म शक्ति दल मंदिर सेक्टर 16 में आज अंजना गुप्ता प्रधान की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई, जिसमें संगठन का विस्तार करते हुए बाबा देवनाथ को संरक्षक, मनीष भसीन को चेयरमैन, सुरेश राणा को सीनियर उपाध्यक्ष, अंकुश गुप्ता को महामंत्री, डॉ गिरीश सचदेवा को संयुक्त मंत्री, अयनर ठाकुर को मंत्री, दविंदर सिद्धू को कोषाध्यक्ष , रचित कौशल को कानूनी सलाहकार का सर्व सहमति से दायित्व दिए गए और बाकी कार्यकारिणी अधिकारी चांद बयाना,अचला भल्ला, सुरेंद्र ठाकुर,जया जैन, नीना चौहान, सुशीला, कमलेश शर्मा, सबीना बंसल ,एवं कार्यकारणी सदस्य से अनुज कुमार सहगल, जीत बंसल, सागर द्रविड़ , डॉ अश्वनी कुमार बयाना, मनजीत कुमार, पंकज शर्मा एवं सुनील बागड़ी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सभी सदस्यों की सर्व सहमति से यह दायित्व दिए गए इसके बाद ओम का उच्चारण करके उनकी सभी सदस्यों ने सहमति दी।
नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय स्वास्थ्य-परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। इन दौरान जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल प्रदेश के विकास संबंधी विषयों पर चर्चा हुई।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन अटैच नहीं होगा। प्रदेश सरकार की ओर से हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में 93.96 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 13 जनवरी 2023 के न्यायाधीश संदीप शर्मा की ओर से पारित फैसले पर पूर्ण रोक लगा दी है। प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कहा कि जब तक मुख्य याचिका लंबित है, तब तक 13 जनवरी 2023 के न्यायाधीश संदीप शर्मा के दिए गए फैसले पर पूर्ण रोक रहेगी। अब जो एलपीए (लेटर पेटेंट अपील) विशेष खंडपीठ के पास लंबित है, उस पर सरकार और सेली कंपनी की ओर से 24 मार्च को बहस होगी। राज्य सरकार की तरफ से हिमाचल हाईकोर्ट में जनवरी 2023 के आदेशों को परिवर्तन करने की गुहार लगाई थी, जिसमें अदालत ने सरकार को अपफ्रंट प्रीमियम के तौर पर 64 करोड़ रुपये 7 फीसदी ब्याज सहित जमा करने के आदेश दिए थे। वहीं, हाईकोर्ट के आदेश के बाद सेली कंपनी अब रजिस्ट्री में जमा पैसे नहीं निकाल सकेगी, क्योंकि हाईकोर्ट ने एकल जज के फैसले पर ही रोक लगा दी है। यह उल्लेखनीय है कि सेली हाइड्रो कंपनी की ओर से वर्ष 2018 में सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें सरकार पर आरोप लगाए हैं कि कंपनी की ओर से अपफ्रंट प्रीमियम के तौर पर जमा किए गए 64 करोड़ रुपये वापस नहीं किए गए। एकल जज की पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए सरकार को कंपनी का 64 करोड़ रुपये अपफ्रंट प्रीमियम 7 फीसदी ब्याज सहित वापस करने के निर्देश दिए। सरकार ने एकलपीठ के फैसले को डबल बैंच में चुनौती दी। खंडपीठ ने भी सरकार को पैसे जमा करने के निर्देश दिए और साथ ही कंपनी को प्रीमियम रिलीज करने पर रोक लगा दी। बार-बार समय देने के बाद भी सरकार ने जब यह पैसा जमा नहीं किया, तब अदालत ने फैसले पर लगी रोक को हटा दिया। उसके बाद सेली हाईड्रो कंपनी की ओर से ऊर्जा विभाग के खिलाफ अनुपालना याचिका दायर की गई। उसी के एवज में एकल न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने नवंबर में हिमाचल भवन को अटैच करने के आदेश पारित किए। साथ ही उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए, जिनकी वजह से समय पर यह पैसा अदालत में जमा नहीं किया गया। अदालत ने कहा कि अगर समय पर पैसा जमा किया होता, तो सरकार को ब्याज के रूप में 29 करोड़ रुपये अतिरिक्त जमा नहीं करने पड़ते। अदालत ने सरकार से अगली सुनवाई में दोषी अधिकारियों के खिलाफ की जांच रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश गोयल के आदेशों के बाद ही सरकार ने यह पैसा ब्याज सहित हाईकोर्ट में जमा किया।
कोलकाता में अंडर-23 वनडे क्रिकेट टूर्नामेंट में हिमाचल प्रदेश और गुजरात की टीमें मंगलवार को सेमीफाइनल में आमने-सामने होंगी। अगर हिमाचल की टीम सेमीफाइनल में गुजरात को हरा देती है तो यह पहला मौका होगा जब सूबे की अंडर-23 टीम फाइनल में जगह बनाएगी। हिमाचल की टीम में क्वार्टर फाइनल मैच में तमिलनाडु को आठ रन से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया है। जबकि गुजरात ने छत्तीसगढ़ को हराकर फाइनल में जगह बनाई है। अंडर-23 टूर्नामेंट में अपने पूल में हिमाचल की टीम ने कुल सात मुकाबलों में छह में जीत हासिल की। एक मैच गुजरात से हारा। इसके बाद टीम ने अपने पूल में टॉप दो में जगह बनाकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। बडोदरा में 21 दिसंबर को खेले गए वनडे मैच में गुजरात ने हिमाचल को 17 रन से पराजित किया। इसमें गुजरात की टीम ने 50 ओवरों में आठ विकेट खोकर 308 रन बनाए। जबकि हिमाचल की टीम 50 ओवर में 291 रन पर ही आलआउट हो गई। इस मैच में हिमाचल से इनेश महाजन ने 92 रन और कप्तान मृदुल सरोच ने 68 रन की अर्धशतकीय पारी खेली। इसके अलावा गेंदबाजी में अनिकेत ने चार विकेट हासिल किए था। वहीं, क्वार्टर फाइनल मुकाबले में तमिलनाडु के खिलाफ हिमाचल के इनेश महाजन शतकीय पारी खेली थी और अनिकेत ने चार विकेट चटकाए थे। एचपीसीए के सचिव अवनीश परमार ने कहा कि उम्मीद है कि हिमाचल की अंडर-23 टीम सेमीफाइनल में गुजरात को मात देकर फाइनल में जगह बनाएगी। क्वार्टर फाइनल में तमिलनाडु को हराने के बाद हिमाचल की टीम पूरे जोश में है।
भारत में चीन में फैल रहे ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस (एचएमपीवी) संक्रमण के मामले अब सामने आने लगे हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने जानकारी दी है कि कर्नाटक में दो लोगों में इस वायरस का संक्रमण पाया गया है। इसके अलावा, गुजरात में भी एक 2 साल के बच्चे में एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई है। इस बच्चे का इलाज अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके के एक निजी अस्पताल में चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कर्नाटका में 3 महीने की एक बच्ची और 8 महीने के एक बच्चे में इस वायरस का संक्रमण पाया गया है। इन दोनों बच्चों को बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि इन बच्चों ने किसी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं की थी। मंत्रालय ने यह जानकारी दी कि बच्ची को पहले ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, जबकि शिशु की स्थिति अब बेहतर हो रही है। मंत्रालय ने बताया कि ये संक्रमण पहले से ही दुनिया के विभिन्न हिस्सों में मौजूद हैं, और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। कर्नाटका सरकार ने भी कहा है कि इस वायरस से घबराने की कोई वजह नहीं है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडुराव ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और केंद्र से निर्देश का इंतजार कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी रेखांकित किया कि भारत ने श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए पहले से ही तैयारियां की हैं और यदि आवश्यक हुआ तो सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय तुरंत लागू किए जा सकते हैं। भारत में इस वायरस को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि ये बीमारियां पहले से ही दुनियाभर में मौजूद हैं और इनसे निपटने के लिए देश तैयार है।
चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस तेजी से फैल रहा है। यह वायरस खास तौर से बच्चों में देखा जा रहा है। चीन में HMPV वायरस की वजह से एक बार फिर से कोरोना महामारी जैसी स्थिति बन गई है। अस्पतालों में इस वायरस की चपेट में आए मरीजों की भारी भीड़ नजर आ रही है, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। वहीं, इस वायरस की वजह से बड़ी संख्या में मौते भी हो रही है। इस बीच जो खबर आई है वो हर भारत के लिए चिंता बढ़ाने वाली है। चीन में कोराना की तरह तेजी से फैलने वाला HMPV वायरस ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। पहला मामला बेंगलुरु में आया है। यहां एक 8 महीने की बच्ची में HMPV वायरस डिटेक्ट किया गया है। शहर के बैपटिस्ट अस्पताल में यह पहला मामला सामने आया है। अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 8 महीने के बच्ची में HMPV वायरस पाया गया है। यह भारत का पहला केस है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अभी सरकारी लैब में इसका टेस्ट नहीं किया गया है। मगर एक प्राइवेट हॉस्पिटल से यह रिपोर्ट आई है और इस रिपोर्ट पर संदेह नहीं किया जा सकता है। सरकारी लैब में भी इसका टेस्ट कराया जाएगा। US सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, HMPV सभी उम्र के लोगों, खासकर छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में ऊपरी और निचले श्वसन रोग का कारण बन सकता है। 2001 में इसका पता लगाया गया था और यह श्वसन सिंकिटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे से संबंधित है। HMPV के लक्ष्णों की बात करें, तो इसमें सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर मामलों में, यह घरघराहट या सांस की तकलीफ, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अस्थमा के बढ़ने का कारण बन सकता है। इस वायरस से सबसे ज्यादा खतरा पांच साल से कम उम्र के बच्चे, खास तौर पर नवजात शिशु, वृद्ध वयस्क, जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक हो और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले या अस्थमा या सीओपीडी जैसी पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों वाले व्यक्तियों को है।
भारतीय जनता पार्टी संगठनात्मक चुनाव की समीक्षा बैठक रविवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित पार्टी मुख्यालय विस्तार कार्यालय में चल रही है। बैठक में संगठन महासचिव बीएल संतोष, राष्ट्रीय महासचिव, सभी प्रदेश अध्यक्ष, राज्य संगठन महासचिव और संगठन चुनाव प्रभारी सह प्रभारी मौजूद हैं। भाजपा का लक्ष्य 15 जनवरी तक 50 फीसदी राज्यों में मंडल, जिला और राज्य पदों के चुनाव पूरे करना है। 26 दिसंबर को भाजपा ने दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय विस्तार कार्यालय में आरएसएस के साथ मंथन किया शनिवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप सरकार पर आगामी चुनावों से पहले दिल्ली में अवैध मतदाताओं को बसाने का आरोप लगाया। सचदेवा का दावा है कि यह एक बार-बार होने वाला मुद्दा रहा है, केजरीवाल सरकार हर विधानसभा चुनाव से पहले अवैध मतदाताओं को बसाने की सुविधा देती है। सचदेवा ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी की सरकार लगातार दिल्ली में अवैध मतदाताओं को बसाने का काम कर रही है। उन्होंने पिछले चुनावों के दौरान मतदाताओं की संख्या में वृद्धि की ओर इशारा करते हुए फर्जी मतदाता जोड़ने का एक पैटर्न का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2015 में 14 लाख वोट बढ़े, 2019 में 9 लाख वोट बढ़े और अब दिल्ली में भी यही साजिश रची जा रही है। सचदेवा के मुताबिक, यह प्रथा दिल्ली सरकार द्वारा चुनाव परिणामों को अपने पक्ष में करने के लिए अपनाई गई एक चाल है. दिल्ली में विधानसभा चुनाव 2025 की शुरुआत में होने की उम्मीद है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सभी 70 उम्मीदवारों की सूची पहले ही जारी कर दी है।दिल्ली में लगातार 15 साल तक सत्ता में रही कांग्रेस ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया है और एक भी सीट जीतने में विफल रही है। 2020 के विधानसभा चुनाव में आप ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं और भाजपा ने आठवीं सीट हासिल की थी।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक कर्नाटक के बेलगावी में आज आयोजित होगी। बैठक में हिस्सा लेने के लिए हिमाचल से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री और प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह रवाना हो गए हैं। बेलगावी में दिल्ली के विधानसभा चुनाव और संसद भवन के बाहर की धक्का-मुक्की पर मचे कोहराम पर कांग्रेस की अगली रणनीति तय होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं। वह यहां से गुरुवार तडक़े बेलगावी जाएंगे। मुख्यमंत्री गुरुवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी में हिस्सा लेंगे। कांग्रेस वर्किंग कमेटी में दिल्ली विधानसभा चुनाव, संसद भवन के बाहर हुए हंगामे और डा. भीम राव अंबेडकर पर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति तैयार हो सकती है। इसके अलावा हिमाचल के मुद्दों को लेकर 28 दिसंबर को ही दिल्ली में बात होने की संभावना है। 28 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली लौट आएंगे और यहां पार्टी के आला नेताओं से उनकी मुलाकात होगी, जबकि 27 को वह बेलगावी में महात्मा गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के शताब्दी समारोह में हिस्सा लेंगे। इस मौके पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की ओर से शताब्दी रैली का भी आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री 28 दिसंबर को कर्नाटक से दिल्ली लौटेंगे और यहां कांग्रेस आलाकमान के नेताओं से उनकी मुलाकात होगी। मुख्यमंत्री का 29 दिसंबर को शिमला वापस लौटने का कार्यक्रम है। गौरतलब है कि महात्मा गांधी ने 27 दिसंबर 1924 को बेलगावी में आयोजित एक अधिवेशन के दौरान कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार संभाला था। कांग्रेस वर्किंग कमेटी इस शताब्दी समारोह का भव्य आयोजन करने जा रही है और इस कड़ी में प्रदेश भर के नेता बेलगाम में जुटने वाले हैं। कर्नाटक में सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह भी रवाना हो गई हैं। प्रतिभा सिंह कांग्रेस कार्यसमिति की सदस्य भी हैं। वह 26 दिसंबर को कर्नाटक के बेलगावी में होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाग लेंगी। उपमुख्यमंत्री भी कर्नाटक रवाना हुए हैं। यह सभी नेता 28 दिसंबर को दिल्ली में हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला समेत अन्य नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व महासचिव हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा ने बताया है कि 26 दिसंबर को सीडब्ल्यूसी की बैठक में भाग लेने के बाद प्रतिभा सिंह 27 दिसंबर को बेलगावी में महात्मा गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के शताब्दी समारोह पर आयोजित स्मारक रैली में हिस्सा लेंगी। इसके उपरांत दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं व प्रदेश मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला से भेंट कर संगठन से जुड़े सभी मसलों व पीसीसी के गठन को लेकर विचार विमर्श भी करेंगी। इस दौरान प्रदेश में चल रहे संगठन चुनाव और सरकार में खाली पदों को भरने के मुद्दे पर प्रतिभा सिंह चर्चा कर सकती हैं। प्रदेश में कांग्रेस संगठन को भंग कर दिया गया है और चुनाव की प्रक्रिया जारी है। ब्लॉक से राज्य स्तर तक नए पदाधिकारी कांग्रेस पार्टी में तय होंगे, लेकिन इस बीच मुख्य लड़ाई उन अहम पदों के लिए है, जो हाइकमान और राज्य सरकार के मध्य सेतु का काम करेंगे। इनमें महासचिव समेत कार्यकारी अध्यक्ष के पद शामिल हैं। इन पदों पर सरकार और संगठन में अपने खास लोगों को स्थान दिलवाने की होड़ लगी है। अब देखना यह है कि इस बैठक के बाद कांग्रेस संगठन किस रूप में निखरता है।
कजाकिस्तान के अक्तौ शहर के पास बुधवार को एक यात्री विमान क्रैश हो गया है। बताया जा रहा है कि इस विमान में 100 से ज्यादा लोग सवार थे। शुरुआती रिपोर्ट्स से पता चला है कि इसमें कुछ लोग जीवित बचे हैं। मंत्रालय ने कहा कि इमरजेंसी सर्विसेज दुर्घटनास्थल पर आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं। रूसी समाचार एजेंसियों ने कहा कि विमान का संचालन अज़रबैजान एयरलाइंस के ज़रिए किया जा रहा था और यह रूस के चेचन्या में बाकू से ग्रोज़नी के लिए उड़ान भर रहा था, लेकिन ग्रोज़नी में कोहरे के कारण इसका मार्ग बदल दिया गया। अज़रबैजान एयरलाइंस की तरफ से हादसे के बारे में फौरन कोई बयान जारी नहीं किया गया है, हालांकि कज़ाख मीडिया का कहना है कि विमान में 105 यात्री और चालक दल के पांच सदस्य सवार थे।
मोहाली के सोहाना में शनिवार शाम को एक चार मंजिला इमारत गिर गई। इमारत के गिरते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। कड़ी मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम ने एक महिला का शव मलबे के नीचे से निकाला। वहीं रविवार सुबह एक पुरुष का शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान अंबाला के रहने वाले अभिषेक धनवाल के रूप में हुई है। भारतीय सेना और एनडीआरएफ के जवान बचाव अभियान में जुटे हैं। सेना के अनुसार, अभी मलबे में दो और शव दबे होने की संभावना है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार इमारत के साथ दूसरी इमारत की बेसमेंट का काम चल रहा था। बेसमेंट के लिए खुदाई की गई है। खुदाई किए जाने की वजह से इमारत की नींव हिल गई, जिससे बिल्डिंग भरभराकर गिर गई। इमारत में जिम खोले गए थे। बताया जा रहा है कि मलबे के नीचे 10 से 15 लोगों के दबे होने की सूचना है। वहीं घटना की सूचना मिलते ही पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव भी घटना स्थल पर पहुंचे हैं। वह स्थिति का जायजा ले रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। मौके पर लोगों की खासी भीड़ लग गई है। पुलिस की तरफ से लोगों को आगे जाने से रोका गया है। घटना की सूचना मिलते ही मोहाली के विधायक कुलवंत सिंह भी घटना स्थल पर पहुंचे हैं। कुलवंत सिंह का कहना है कि अभी राहत व बचाव का कार्य चल रहा है। एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया है। वहीं पुलिस प्रशासन की तरफ से भी बचाव कार्य चलाया जा रहा है। घटना स्थल पर जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है। साहिबजादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) के सोहाना के पास एक बहुमंजिला इमारत के हादसे का दुखद समाचार मिला है। पूरा प्रशासन और अन्य बचाव कार्यों वाली टीमें मौके पर तैनात हैं। मैं प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में हूं। प्रार्थना करते हैं कि कोई जान-माल का नुकसान ना हुआ हो, दोषियों पर कार्रवाई भी करेंगे। लोगों से अपील है कि प्रशासन का सहयोग करें।
हिमाचल और लद्दाख के बीच चल रहे सीमा विवाद का फैसला अब दिल्ली में होगा। सर्वे ऑफ इंडिया की टीम की ओर से मौके का मुआयना करने के बाद अब दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बैठक होगी। पहले यह बैठक 4 दिसंबर को होनी तय थी, लेकिन केंद्रीय मंत्री की व्यस्तता के चलते यह बैठक टाली गई है। अब यह बैठक जनवरी के पहले सप्ताह में प्रस्तावित है। हिमाचल जहां शिंकुला दर्रा तक अपना हक जता रहा है। वहीं, लद्दाख शिंकुला टॉप से करीब 15 किलोमीटर नीचे हिमाचल की जमीन जांस्कार सुमदो तक अपना एरिया होने की बात कर रहा है। हिमाचल का दावा है कि लद्दाख प्रशासन प्रदेश की सीमा पर स्थित सरचू और सिंकुला दर्रा के काफी अंदर घुस गया है। सरचू में लेह-लद्दाख की ओर से काफी अंदर तक पिलर लगाए गए हैं। स्थानीय लोगों ने यह मामला प्रशासन से भी उठाया है। अभी तक इसका हल नहीं निकला है। लाहौल स्पीति और लद्दाख बॉर्डर के इस इलाके में आबादी न के बराबर है। यह पर्यटकों के मनाली से लेह जाने का रास्ता है। अक्तूबर-नवंबर में बर्फबारी के बाद यह रास्ता बंद हो जाता है। अप्रैल-मई में फिर से रास्ते खुलते हैं और पर्यटन गतिविधियां शुरू होती हैं। दोनों राज्यों के अधिकारी इस बैठक में शालि होंगे। राजस्व रिकाॅर्ड भी तलब किया गया है। केलांग पुलिस थाना के तहत सरचू में स्थायी पुलिस चौकी खोलने का फैसला लिया गया है। इस फैसले के कारण सीमा विवाद का सामना कर रहे हिमाचल प्रदेश के कारोबारियों को काफी सुविधा मिलेगी। खासकर लाहौल के पर्यटन कारोबारियों को भी राहत मिलेगी। स्थायी पुलिस चौकी खुलने पर लेह-लद्दाख के कारोबारी अवैध तरीके से हिमाचल की सीमा के अंदर कारोबार नहीं कर पाएंगे। बाॅर्डर एरिया में सीमा विवाद चल रहा है। इसे लेकर दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में बैठक होनी है। यह बैठक 4 दिसंबर को होनी थी। लेकिन अब जनवरी में बैठक होनी प्रस्तावित है।
आज यानी 12 दिसम्बर को हर्ष महाजन, राज्य सभा सांसद, ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस अवसर पर महाजन ने हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विकास कार्यों पर चर्चा की, विशेष रूप से चम्बा, तीसा, पांगी, किस्तवाड़ और लेह को जोड़ने वाले नए नेशनल हाइवे बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह प्रस्ताव इन क्षेत्रों के लिए यातायात की सुविधा में सुधार करेगा और राज्य के समग्र विकास को गति प्रदान करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुलाकात के दौरान हर्ष महाजन को उनके जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उनके द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। हर्ष महाजन हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ नेता हैं और राज्य के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध हैं। उनके नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश के दूरदराज इलाकों में भी विकास की नई राह खुलने की संभावना है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने भाजपा नेताओं की आलोचना करते हुए कहा कि वे प्रदेश के जनमत का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस को पूर्ण बहुमत देकर सरकार चुनी है, ऐसे में भाजपा का विरोध प्रदर्शन कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनमत का अपमान है। प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने दो साल के कार्यकाल में पांच प्रमुख गारंटियों को पूरा किया है, और बाकी गारंटियों को भी चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के नेतृत्व में सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा कि सरकार अच्छे कामों के साथ प्रदेश में विकास को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने आगामी बिलासपुर रैली को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इस रैली में कांग्रेस सरकार अपने दो साल का लेखा-जोखा जनता के सामने रखेगी और आगामी योजनाओं का खाका भी प्रस्तुत करेगी। इसके अलावा, उन्होंने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि प्रदेश का विकास भाजपा को रास नहीं आ रहा है, यही वजह है कि वह अनावश्यक बयानबाजी कर रही है और लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। प्रतिभा सिंह ने कहा कि भाजपा की आक्रोश रैलियां पूरी तरह से असफल हो रही हैं, क्योंकि इन्हें कोई जन समर्थन नहीं मिल रहा है। उन्होंने भाजपा से अपील की कि वह अपने राजनैतिक हितों के लिए प्रदेश के विकास में बाधा न डाले। कांग्रेस सरकार, जो केंद्र से कोई विशेष सहयोग न मिलने के बावजूद सीमित संसाधनों से प्रदेश के विकास को गति दे रही है, अपने कार्यकाल को सफलता पूर्वक पूरा करेगी और अपने सभी वादों को पूरा करेगी।
हिमाचल के गवर्नर के काफिले की गाड़ियां आपस में टकराईं, लखनऊ एयरपोर्ट से राजभवन की ओर जा रहे थे गवर्नर
हिमाचल प्रदेश के गवर्नर शिव प्रताप शुक्ला के काफिले का मंगलवार सुबह लखनऊ में एक्सीडेंट हो गया। काफिले में चल रही एम्बुलेंस समेत तीन गाड़ियां आपस में टकरा गईं। गवर्नर लखनऊ एयरपोर्ट से राजभवन जा रहे थे, उनके साथ ADC टी साईं दत्तात्रेय वर्मा और PSO नीरज शर्मा भी थे। सुबह साढ़े 8 बजे, शहीद पथ पर अचानक एक ऑटो काफिले में घुस गया, जिसके बाद इमरजेंसी ब्रेक लगाए गए और हादसा हुआ। सूचना मिलते ही पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे। ADCP राजेश यादव ने बताया कि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल बिल्कुल ठीक हैं, हालांकि पुलिस की दो गाड़ियां और एक एम्बुलेंस क्षतिग्रस्त हो गईं। हादसे में ACP गाजीपुर और पुलिस की गाड़ी में बैठे दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद शहीद पथ पर लंबा जाम लग गया, और क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को साइड किया गया। गवर्नर का काफिला लखनऊ एयरपोर्ट से शहीद पथ के रास्ते आगे बढ़ रहा था जब यह हादसा हुआ। गवर्नर शुक्ला लखनऊ में एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।
**मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू का दिल्ली दौरा बढ़ा, सोनिया गांधी, केसी वेणुगोपाल और राजीव शुक्ला से मिले हिमाचल में कांग्रेस संगठन के गठन की तैयारियों के बीच दिल्ली पहुंचे सीएम सुक्खू का दौरा दो दिन और बढ़ गया है। मुख्यमंत्री अब शुक्रवार को होने वाली कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद हिमाचल लौट सकते हैं। कांग्रेस हाइकमान ने सीडब्ल्यूसी की बैठक 29 नवंबर को तय की है। इस बैठक में हाल ही में दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा कांग्रेस हाइकमान दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में होने वाले आगामी चुनाव को लेकर भी रणनीति तैयार करेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित होने वाले जश्र को लेकर भी तमाम पदाधिकारियों को निमंत्रण दे सकते हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल और हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला से मुलाकात की है। इस दौरान हिमाचल में संगठनात्मक चुनाव पर चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दिसंबर में बिलासपुर में तय सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित होने वाले जश्र को लेकर भी इन नेताओं को निमंत्रण दिया है। हिमाचल सरकार के मंत्रिमंडल में खाली इकलौते पद को भरने और हाल ही में सीपीएस के मामले में आए फैसले के बाद के हालात पर भी इस मुलाकात में बातचीत की गई है और मुख्यमंत्री ने हिमाचल सरकार का पक्ष आला नेताओं के सामने रखा है। सीएम सुक्खू को बुधवार को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करनी थी, लेकिन यह मुलाकात नहीं हो पाई। अमित शाह से यह मुलाकात पोस्ट डिजास्टर नीड असेस्मेंट पर होनी थी और इसमें मुख्यमंत्री हिमाचल के लिए बीते साल हुई तबाही पर पिशेष पैकेज की बात रख सकते थे। इसके अलावा आपदा से जुड़े अन्य मामलों पर भी चर्चा होने की संभावना थी। हालांकि अब इस बैठक के गुरुवार को आयोजित होने की संभावना जताई जा रही है। मुख्यमंत्री मंगलवार को दिल्ली रवाना हुए थे और उन्हें दो दिन बाद वापस लौटना था, लेकिन अब सीडब्ल्यूसी की मीटिंग तय होने के कारण उनके 29 नवंबर के बाद लौटने की संभावना है।
ऋषिकेश: विद्युत क्षेत्र की अग्रणी सार्वजनिक उपक्रम टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) के कॉर्पोरेट कार्यालय, परियोजना स्थलों और इकाई कार्यालयों में मंगलवार को संविधान दिवस मनाया गया। 26 नवंबर, 1949 को ही संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया था। इस अवसर पर, टीएचडीसीआईएल के सीएमडी आर. के. विश्नोई ने भारतीय संविधान के महत्व पर जोर देते हुए इसे देश के लोकतंत्र की नींव बताया। उन्होंने कहा, भारतीय संविधान हमारे राष्ट्र के सिद्धांतों समानता, न्याय, स्वतंत्रता और भाईचारा का प्रतीक है। यह हमें एक मजबूत और अधिक समावेशी समाज के निर्माण में मार्गदर्शन करता है। यह न केवल शासन के लिए ढांचा प्रदान करता है बल्कि प्रत्येक नागरिक के मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों की रक्षा भी करता है। संविधान दिवस इन मूल्यों को बनाए रखने और बढ़ावा देने की हमारी सामूहिक जिम्मेदारी की याद दिलाता है। समारोह के दौरान शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) द्वारा कॉर्पोरेट कार्यालय, ऋषिकेश में सभी विभागाध्यक्षों और कर्मचारियों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन कराया गया। अपने संबोधन में उन्होंने न्यायपूर्ण और समतामूलक समाज के निर्माण में संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। सिंह ने कहा, "संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है, यह हमारे लोकतंत्र की आत्मा है। यह समानता, सामाजिक न्याय और बंधुत्व के सिद्धांतों को सुनिश्चित करता है, जिन्हें हमें अपने सभी कार्यों और निर्णयों में लागू करने का प्रयास करना चाहिए। इस समारोह में भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) भी मौजूद थे। उन्होंने संविधान में निहित मूल्यों के साथ संगठनात्मक लक्ष्यों को संरेखित करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "टीएचडीसीआईएल संविधान के आदर्शों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। संविधान के मूल्यों को अपनी नीतियों और कार्यों में एकीकृत करके, हमें राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना और अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निभाना है। निगम में हमारा लक्ष्य इन मूल्यों को अपने कामकाज के हर पहलू में एकीकृत करना है ताकि राष्ट्र के विकास में सार्थक योगदान दिया जा सके। इस अवसर को और खास बनाने के लिए निगम के स्कूलों और कार्यालयों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। टिहरी बांध परियोजना इंटर कॉलेज, भागीरथीपुरम, टिहरी और टीएचडीसी हाई स्कूल, ऋषिकेश सहित निगम के सीएसआर पहलों के तहत संचालित स्कूलों में, छात्रों और शिक्षकों द्वारा प्रधानाचार्यों के नेतृत्व में संविधान की प्रस्तावना का पाठ किया गया। छात्रों के बीच संवैधानिक मूल्यों के बारे में जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए क्विज और भाषण प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। वहीं भागीरथी भवन में निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए एक क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई। टीएचडीसी भारतीय संविधान में निहित मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। अपने कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से संगठन, समावेशिता, न्याय और निष्पक्षता की संस्कृति का निर्माण करने का प्रयास करता है। साथ ही, यह अपने कर्मचारियों के बीच समावेशिता और जिम्मेदारी की संस्कृति को बढ़ावा देता है।
दिल्ली में प्रदूषण बढ़ने के बाद बीएस-6 बसों को ही प्रवेश देने के फैसले के बाद एचआरटीसी पुरानी वाेल्वो इस रूट से हटा दी हैं। 13 रूट क्लब करने का फैसला लिया है। निगम के पास मौजूदा समय में बीएस-6 सुपर लग्जरी बसों की कमी है। इसके चलते यह निर्णय लिया गया है। हालांकि, साधारण बीएस-6 बसें पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं। इसलिए साधारण बसें सामान्य रूप से संचालित होंगी। बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने बाहरी राज्यों की केवल स्वच्छ ईंधन संचालित इलेक्ट्रिक, सीएनजी अथवा बीएस-6 बसों को ही प्रवेश देने का निर्णय लिया है। दिल्ली सरकार के निर्णय के बाद निगम की कुल सुपर लग्जरी बसें क्लब कर संचालित की जाएंगी। 24 बीएस-6 वोल्वो खरीदने की प्रक्रिया चल रही है। 13 रूट क्लब कर दिए गए हैं।
अल्मोड़ा: सल्ट विकासखंड के कुपी क्षेत्र में बस दुर्घनाग्रस्त होकर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में बस में सवार 36 लोगों की मौत हो गई। तीन गंभीर घायलों को एम्स ऋषिकेश, एक को सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी तथा 15 को रामनगर उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।सूचना के बाद मौके पर पहुंची प्रशासन और पुलिस की टीम ने घायलों को रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। बताया जा रहा है बस में 55 यात्री बैठे थे, जबकि बस की क्षमता ड्राइवर समेत 43 सवारियों की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पौड़ी और अल्मोड़ा के संबंधित क्षेत्र के एआरटीओ प्रवर्तन को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। आयुक्त कुमाऊं मंडल को घटना की मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश भी दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने मृतकों के स्वजन को चार-चार लाख रुपये और घायलों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जनपद अल्मोड़ा के मारचूला में हुई दुर्भाग्यपूर्ण बस दुर्घटना में यात्रियों के हताहत होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। जिला प्रशासन को तेजी के साथ राहत एवं बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। घटनास्थल पर स्थानीय प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीमें घायलों को निकालकर उपचार के लिए निकटतम स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने हेतु तेजी से कार्य कर रही हैं। आवश्यकता पड़ने पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को एयरलिफ्ट करने के लिए भी निर्देश दिए हैं। रामनगर अस्पताल में घायलों का हाल चाल जानने के लिए सीएम पुष्कर धामी व सांसद अनिल बलूनी के रामनगर पहुंचने की सूचना है। जानकारी अनुसार रोज की तरह गढ़वाल मोटर्स की बस सोमवार सुबह पौड़ी जिले के गोलीखाल से यात्रियों को लेकर रामनगर की ओर से रवाना हुई। बस में 55 यात्री सवार थे। लेकिन सल्ट के कुपी क्षेत्र पहुंचते ही अचानक चालक ने बस से नियत्रंण खो दिया। अनियंत्रित बस गहरी खाई में जा गिरी। बस अनियंत्रित होते ही सवार लोगों की चीख पुकार मच गई। हादसे में 20 यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से घायल दो यात्रियों ने उपचार के दौरान रामनगर अस्पताल में दम तोड़ दिया। जबकि 16 से अधिक यात्री गंभीर रूप घायल हो गए। जो मौत और जिदंगी की जंग लड़ रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों ओर प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच रेस्क्यू अभियान में जुट गई।
ऋषिकेश: टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने उत्तराखंड योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन और देहरादून जिला योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सहयोग से 25 से 27 अक्टूबर, 2024 तक तीन दिवसीय 5वीं उत्तराखंड राज्य स्तरीय योगासन खेल प्रतियोगिता 2024 का आयोजन किया, जिसका समापन 27 अक्टूबर, 2024 को टीएचडीसीआईएल के ऋषिकेश स्थित कॉर्पोरेट कार्यालय में संपन्न हुआ। टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर.के. विश्नोई ने विजेताओं को बधाई देते हुए उनके योग के प्रति समर्पण और उत्साह की सराहना की। उन्होंने कहा, सभी आयु वर्ग के प्रतिभागियों का इस ऊर्जा और प्रतिबद्धता के साथ योग में भाग लेते देखना अत्यंत प्रेरणादायक और उत्साहवर्धक है। योग केवल एक फिटनेस अभ्यास मात्र नहीं है, यह समग्र स्वास्थ्य और आंतरिक शांति का मार्ग भी है। समापन समारोह के दौरान, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक) शैलेंद्र सिंह ने समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए विजेताओं को पुरस्कृत कर सम्मानित किया। उन्होंने विजेताओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्हें योग के प्रति अपने समर्पण को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। श्री सिंह ने यह भी कहा कि आज की तेज रफ्तार वाली दुनिया में आधुनिक समाज, विशेष रूप से युवा वर्ग अस्वास्थ्यकर जीवनशैली की ओर बढ़ता चला जा रहा है, जो चिंताजनक है। नशे की लत और तनावपूर्ण जीवनशैली की बढ़ती प्रवृत्ति एक गंभीर मुद्दा है, जिस पर हमें जिम्मेदारी और तत्परता के साथ रोक लगाने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, उत्तराखंड योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन और देहरादून जिला योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन द्वारा आज का यह आयोजन योग अभ्यास और इन चुनौतियों का एक शक्तिशाली और प्राकृतिक समाधान प्रदान करता है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और दृढ़ता को भी प्रोत्साहित करता है। श्री सिंह ने आगे कहा कि स्वास्थ्य और चेतनता को बढ़ावा देने में योग के महत्व को मान्यता देते हुए, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने 2014 में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वैश्विक अपील के बाद 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया। तभी से, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह में सक्रिय रूप से योगदान देते हुए उत्तराखंड इस अभियान में सबसे आगे बना है और दुनिया के सामने योग की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है। जैसे-जैसे हम इस यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं, यह आवश्यक है कि हम में से प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन के प्रति सचेत हो और उन अभ्यासों को अपनाए जो सुख-समृद्धि और आंतरिक शक्ति को बढ़ावा देते हों। हम सभी मिलकर एक ऐसे स्वस्थ और प्रगतिशील समाज का निर्माण कर सकते हैं जो कल्याण और एकता के सिद्धांतों पर आधारित हो। इस कार्यक्रम में देशभर से लगभग 300 उत्साही प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें टीम वर्क, खेल भावना और योग के प्रति निष्ठा, प्रेम का अनोखा उत्सव देखने को मिला। श्री सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजन हमारे देश को एकजुटता और संकल्प की ओर ले जाते हैं, जो एक सशक्त और महान राष्ट्र के निर्माण में सहायक रहेगा | टीएचडीसी की सामुदायिक कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान पूरी तरह से दिखाई दी, जहां प्रत्येक प्रतिभागी को राष्ट्रीय स्तर पर अपने योग कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर मिला। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारी डॉ. ए. एन. त्रिपाठी, महाप्रबंधक (मानव संसाधन एवं प्रशासन, सीसी) और एस. बी. प्रसाद, उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन एवं प्रशासन) शामिल थे, जो प्रतिभागियों का समर्थन करने और उनका उत्साह बढ़ाने के लिए उपस्थित रहे। टीएचडीसीआईएल उत्तराखंड के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय रूप से योगदान देता रहा है और इस तरह के कार्यक्रमों का नेतृत्व करके सामुदायिक कल्याण और प्रगति को बढ़ावा देने के अपने मिशन को आगे बढ़ाता है। महिला वर्ग में पुष्पा शाह ने स्वर्ण पदक जीता साथ ही सीनियर बालक वर्ग में शशांक शर्मा और पियांशु ने स्वर्ण जीता; सीनियर बालिका वर्ग में सृष्टि रॉय और पलक साहू ने स्वर्ण पदक जीता और सब-जूनियर बालक वर्ग में अर्थव सिंह नेगी और नील नितिन मुकेश ने रिदमिक पेयर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। सभी विजेताओं को बधाई देते हुए पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में 780 मेगावाट की जंगी थोपन पोवारी जलविद्युत परियोजना को एचपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को सौंपने की मंजूरी दी गई। 1630 मेगावाट की रेणुकाजी और 270 मेगावाट की थाना प्लाउन पंप स्टोरेज जलविद्युत परियोजनाओं को हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पक्ष में आवंटित करने का भी निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने स्वास्थ्य मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में एक कैबिनेट उप समिति के गठन को मंजूरी दी, जिसमें ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और आयुष मंत्री यदविंदर गोमा शामिल होंगे। रोगी कल्याण समितियों को मजबूत करने के लिए सिफारिशें प्रदान करना। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग को पोस्ट कोड 903 और 939 के परिणाम घोषित करने के लिए अधिकृत किया है, जबकि जांच और अदालती कार्यवाही के अंतिम परिणाम आने तक पोस्ट कोड 903 के तहत पांच पद और पोस्ट कोड 939 के तहत छह पद खाली रखे हैं। इसने शैक्षणिक अनुसंधान को बढ़ाने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से सोलन में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को राज्य स्तर पर स्कूल और शिक्षक प्रशिक्षण के लिए शीर्ष संस्थान के रूप में पदोन्नत करने को भी मंजूरी दे दी। इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने शिक्षकों के लिए व्यावसायिक विकास प्रदान करने के लिए 12 जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों (डीआईईटी) को मजबूत करने का निर्णय लिया। 'डॉ.' के लाभों को बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया। 'यशवंत सिंह परमार ऋण योजना' विदेशी शैक्षणिक संस्थानों में व्यावसायिक और व्यावसायिक पाठ्यक्रम करने के इच्छुक पात्र मेधावी छात्रों के लिए है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार एक प्रतिशत की ब्याज दर पर शैक्षिक ऋण प्रदान करती है। मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिले के सिविल अस्पताल देहरा और सिरमौर जिले के सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में 50 बिस्तरों वाले क्रिटिकल केयर ब्लॉक की स्थापना को मंजूरी दे दी, जिससे उन्हें आधुनिक देखभाल सुविधाओं से लैस किया जाएगा। देहरा में एचपीएसईबीएल के अधीक्षण अभियंता और खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है। वन विभाग में सहायक वन रक्षकों के 100 रिक्त पदों को भरने का निर्णय लिया गया। मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग में विभिन्न श्रेणियों के 33 पद भरने को मंजूरी दी गई। इसमें लाहौल-स्पीति जिले के सिस्सू में एक नया पुलिस स्टेशन खोलने के साथ-साथ इसे कार्यात्मक बनाने के लिए विभिन्न श्रेणियों के 18 पदों के सृजन और भरने पर सहमति व्यक्त की गई। चम्बा जिले के हटली में नई खुली पुलिस चौकी के लिए विभिन्न श्रेणियों के छह पद सृजित करने और भरने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा, जिला जेल मंडी में पुलिस उपाधीक्षक के दो पद, डिस्पेंसर का एक पद, सहायक निदेशक (जीव विज्ञान और सीरोलॉजी) का एक पद और गृह में प्रयोगशाला सहायक (रसायन विज्ञान और विष विज्ञान) के तीन पद भरने का भी निर्णय लिया गया। विभाग। हिमाचल प्रदेश के महाधिवक्ता कार्यालय में विभिन्न श्रेणियों के 10 पद भरने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में शिमला जिले के शोघी और सोलन जिले के कसौली, जाबली, बरोटीवाला, नालागढ़ और बद्दी के ईएसआई स्वास्थ्य संस्थानों में चिकित्सा अधिकारी (दंत) के छह पद सृजित करने और भरने का निर्णय लिया गया। कैबिनेट ने अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फोरेंसिक सेवा विभाग को छह मोबाइल फोरेंसिक वैन प्रदान करने की मंजूरी दे दी।