लोगों ने पैसे एकत्र कर की शव को दफनाने में मदद एक अभागा बाप अपनी ढाई माह की बच्ची को इसलिए नहीं बचा सका क्यों कि उसके पास उसे दूध पिलाने हेतु पैसे नहीं थे। ढाई माह की केतकी ने रोते-बिलखते हुए दम तोड़ दिया। पिता करता भी क्या, जेब में पैसे नहीं थे और उस पर बरसात के बाद लगे जाम ने मुश्किलों में और इजाफा कर दिया था। परमेरी निवासी बहादरपुर उत्तर प्रदेश मंडी में मजदूरी कर जीवन यापन कर रहा था। मूसलाधार बसरात के बाद वह अपने परिवार के साथ अपने घर के लिए निकला था। नेशनल हाईवे चंडीगढ़ मनाली स्वारघाट के पास भूस्खलन के कारण बंद था जिसे सोमवार शाम को एकतरफा आवाजाही के लिए खोला गया। परमेरी भी अपने परिवार के साथ इसी जाम में फंसा हुआ था। आर्थिक तौर पर कमजोर इस परिवार के पास न तो किराए के पैसे बचे थे, न ही कुछ खाने के लिए बचा था। ऐसे में भला बच्ची के लिए दूध कहा से लाता। सो बच्ची ने दम तोड़ दिया।इसके बाद स्थानीय लोगों ने 3500 रुपए की राशि एकत्रित की और बच्ची को दफनाने में भी मदद की। इस दर्दनाक मंजर को देख मौके पर मौजूद लोगों की आंखें भी भर आई।
World Photography Day on 19th august of every year. This day is not only for the people who work in photography but for all the people of different professions to show their emotions from the art of photography and understand its true meaning. It is celebrated to promote photography as a hobby. Many contests are also held during the time of this day to encourage people. Any photo related to architecture, travel, wildlife, home, etc. can be used by people to show their interests by photography. The winners get the awards after the completion of the contests. This day has a history that will surely amaze you. The first day of a photograph was made on the 19 August 1939 in France. The first online global gallery was hosted on the 19th of August 2010. Around 270 photographers shared their ideas on that day. The day is celebrated so that people from various countries and cultures come forward under the same roof and organise competitions, workshops, seminars, etc. This is also to inspire the next generation to get complete guidance from the professionals and scholars in the field.
एक बच्ची अब भी लापता, मां के साथ निकली थी , मां का शव बरामद भारी बारिश और भूस्खलन के चलते अब तक 8 अधिक लोगो की मौत हो चुकी है और अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों के घायल होने का समाचार है। शिमला के आरटीओ आफिस के पास रविवार सुबह भूस्खलन में एक मकान के चपेट में आने से एक परिवार की दो बेटीयों की मौत हो गयी। साथ ही एक आदमी के इस हादसे में घायल होने की सूचना है। इसी तरह जिला शिमला के हाटकोटी में शनिवार देर रात एक ट्रक पर पत्थर गिरने से उसमें मौजूद एक व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि एक व्यक्ति घायल हो गया। बताया जा रहा है कि ट्रक जालंधर से सेब भरने को सावड़ा आया था। एक अन्य मामले में जुब्बड़हट्टी के शाल-चनोग रोड पर सुगना गांव में एक गोशाला भूस्खलन के चपेट में आ गई, जिसमें एक 40 वर्षीय महिला की मौत हो गई। इसी तरह ठियोग की थथल खड़ में भारी पानी आने से वहां से गुजर रही एक महिला अपनी बेटी के साथ बह गई। हादसे में पूर्णा नामक महिला की मौत हो गई जिसकी आयु 53 वर्ष थी, जबकि उसकी बेटी की तलाश जारी है। शिमला के कुमारसैन में भी एक पेड़ के गिरने से नेपाली मूल के दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई।
जिस न्यूज एंकर को देखकर हम बड़े हुए, वो न्यूज एंकर अब हमारी बीच नहीं रहीं। हम बात कर रहे हैं दूरदर्शन की मशहूर एंकर नीलम शर्मा की। दूरदर्शन की पत्रकार और मशहूर एंकर नीलम शर्मा का निधन हो गया है। इस बात की जानकारी दूरदर्शन ने ट्वीट कर दी। नीलम शर्मा दूरदर्शन का एक जानामाना चेहरा थीं, बताया जा रहा है कि वो कैंसर से पीड़ित थीं। इस साल मार्च माह में नीलम शर्मा को 'नारी शक्ति सम्मान' से सम्मानित किया गया था। नीलम दूरदर्शन का एक जाना माना चेहरा रहीं।बताया जा रहा है कि नीलम शर्मा कैंसर से पीड़ित थीं। 'नारी शक्ति' सम्मान के अलावा नीलम को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। दूरदर्शन पर चलने वाला उनका तेजस्विनी प्रोग्राम करोड़ों लोगों की पसंद रहा हैं। नीलम शर्मा हमीरपुर जिला के भोरंज तहसील के भलवानी गांव से सम्बंध रखतीं थीं। उनकी शिक्षा-दीक्षा दिल्ली में ही हुईं थी लेकिन उनका अपने पैतृक गांव से ख़ासा जुड़ाव था और वे नियमित अपने गांव आया-जाया करतीं थीं। उनके निधन से उनके गांव में शौक का माहौल है।
हलवाई की दूकान पर मजदूरी करता था मृतक रक्षाबंधन पर शादीशुदा बेटी से मिलने हाफ डे ले घर के लिए निकला था सरसा नदी में बहे नालागढ़ के सैणी माजरा निवासी एक व्यक्ति का शव शुक्रवार को पंजाब के रणजीतपुरा में मिला है। मृतक 47 वर्षीय धर्मपाल सिंह के परिजनों ने स्वयं शव को ढूंढा व पुलिस के हवाले किया। पुलिस ने दोपहर बाद शव को नालागढ़ चिकित्सालय में पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया है। मृतक अपने पीछे दो बेटे व दो बेटियों को छोड़ गया है। मृतक धर्मपाल सिंह, सैणी माजरा में सड़क के साथ हलवाई की दुकान पर मजदूरी करता था। 15 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन उसकी शादीशुदा बड़ी बेटी घर पर आई हुई थी, जिसके चलते वह दुकान से जल्दी ही घर के लिए रवाना हो गया। शाम साढ़े चार बजे वह जैसे ही वह सरसा नदी पार करने लगा ताहि अचानक नदी में पानी आ गया और वह पानी के बहाव में बह गया। आसपास मौजूद लोगों ने इसे बहते हुए देख लिया था जिससे हादसे की जानकारी मिल सकी।इसके बाद से ही उसकी तलाश ज़ारी थी। शुक्रवार सवेरे दस बजे पंजाब के रणजीतपुरा के समीप लोगों ने उसका शव रेत में दबा हुआ देखा और उसे निकालकर पुलिस के हवाले किया पोस्टमार्टम कराने के बाद शुक्रवार शाम को मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। डीएसपी चमन लाल ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच में मौत का कारण पानी में डूबना ही लग रहा है, पर बिसरा जांच के बाद ही मौत के कारणों का पता लग पाएगा।
नाहन-शिमला नेशनल हाईवे पर स्थित बनाह की सेर गांव के समीप एक व्यक्ति की तालाब में डूबने से मौत हो गई। हादसा बुधवार शाम पेश आया। बताया जा रहा है बनाह की सेर निवासी मृतक रम्मी कुमार ने शराब पी हुई थी और वह नशे में तालाब में नहाने उतरा और दलदल में फंस गया। इस बात की सूचना ग्रामीणों को लगी तो उन्होंने उसे तत्काल सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बुधवार देर शाम को सिविल अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया जिसके बाद वीरवार सुबह मृतक का अंतिम संस्कार किया गया।
भारत मां जो आजाद कराणे तायीं मावां दे पुत्र चढ़े फांसियां हंसदे-हंसदे आजादी दे नारे लाई.. मैं कुण, कुण घराना मेरा, सारा हिन्दुस्तान ए मेरा भारत मां है मेरी माता, ओ जंजीरां जकड़ी ए. ओ अंग्रेजां पकड़ी ए, उस नू आजाद कराणा ए.. कांशीराम जिन्द जवाणी, जिन्दबाज नी लाणी इक्को बार जमणा, देश बड़ा है कौम बड़ी है. जिन्द अमानत उस देस दी ये वो दौर था जब हिंदुस्तान के हर कोने में आजादी के लिए नारे लग रहे थे। क्रांतिकारी देश को आज़ाद करवाने के लिए हर संभव प्रत्यन कर रह थे। पुरे मुल्क में हजरत मोहनी का लिखा गया नारा इंकलाब जिंदाबाद क्रांति की आवाज बन चूका था। उसी दौर में हिमाचल की शांत पहाड़ियों में एक व्यक्ति पहाड़ी भाषा और लहजे में क्रांति की अलख जगा रहा था। वो गांव-गांव घूमकर अपने लिखे लोकगीतों व कविताओं से आम जन को आजादी के आंदोलन से जोड़ रहा था। नाम था कांशी राम, वहीँ काशी राम जिन्हे पंडित नेहरू ने बाद में पहाड़ी गाँधी का नाम दिया। वहीँ बाबा काशी राम जो 11 बार जेल गए और अपने जीवन के 9 साल सलाखों के पीछे काटे। वहीँ बाबा कशी राम जिन्हें सरोजनी नायडू ने बुलबुल-ए-पहाड़ कहकर बुलाया था। और वहीँ बाबा काशी राम जिन्होंने कसम खाई कि जब तक मुल्क आज़ाद नहीं हो जाता, वो काले कपड़े पहनेंगे। 15 अक्टूबर 1943 को अपनी आखिरी सांसें लेते हुए भी कांशी राम के बदन पर काले कपड़े थे और मरने के बाद उनका कफ़न भी काले कपड़े का ही था। ‘अंग्रेज सरकार दा टिघा पर ध्याड़ा’ यानी अंग्रेज सरकार का सूर्यास्त होने वाला है, जैसी कई कवितायेँ लिख पहाड़ी गाँधी ने ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लिया था। मुल्क आज़ाद हो गया लेकिन ये विडम्बना का विषय है कि सियासतगारों ने पहाड़ी गाँधी को भुला दिया। बस कभी -कभार, खानापूर्ति भर के लिए पहाड़ी गाँधी को याद कर लिया जाता है। उनका पुश्तैनी मकान भी पूरी तरह ढहने की कगार पर है, मानो एक तेज बरसात का इन्तजार कर रहा हो। 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वीरभद्र सरकार को पहाड़ी गाँधी की याद आई और डाडासिबा में उनके पुश्तैनी घर को कांशीराम संग्रहालय बनाने का वादा किया गया। खेर चुनाव के बाद सरकार बदल गई और जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने। वर्ष 2018 में बाबा काशीराम की जयंती पर 11 जुलाई को जयराम ठाकुर ने भी काशीराम संग्राहलय बनाने की घोषणा की, किन्तु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। बाबा कांशी राम की शादी 7 साल की उम्र में हो गई थी। उस वक्त पत्नी सरस्वती की उम्र महज 5 साल थी। साल 1905 में कांगड़ा घाटी में आये भूकंप में करीब 20 हजार लोगों की जान गई और 50,000 मवेशी मारे गए। तब लाला लाजपत राय की कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक टीम लाहौर से कांगड़ा पहुंची जिसमें बाबा काशी राम भी शामिल थे। उनकी ‘उजड़ी कांगड़े देश जाना’ कविता आज भी सुनी जाती है। लाहौर में कांशी राम की मुलाकात मशहूर देश भक्ति गीत ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ लिखने वाले सूफी अंबा प्रसाद और लाल चंद ‘फलक’ से हुई जिसके बाद कांशी राम संगीत और साहित्य के माध्यम से आजादी का लड़ाई में रम गए। 1919 में जब जालियांवाला बाग हत्याकांड के वक्त बाबा कांशी राम भी अमृतसर में थे।इसके बाद ब्रिटिश राज के खिलाफ बगावत के जुर्म में कांशीराम को 5 मई 1920 को लाला लाजपत राय के साथ दो साल के लिए धर्मशाला जेल में डाल दिया गया। 1931 में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू को फांसी मिलने के बाद उन्होंने प्रण लिया कि जब तक मुल्क आज़ाद नहीं हो जाता, तब तक वो काले कपड़े पहनेंगे।उन्हें ‘स्याहपोश जरनैल’ भी कहा गया। वर्ष 1937 में जवाहर लाल नेहरू ने होशियारपुर के गद्दीवाला में एक सभा को संबोधित करते हुए बाबा कांशीराम को पहाड़ी गांधी कहकर संबोधित किया था, जिसके बाद से कांशी राम को पहाड़ी गांधी के नाम से ही जाना गया। बाबा काशी राम ने 1 उपन्यास, 508 कविताएं और 8 कहानियां लिखीं। 23 अप्रैल 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कांगड़ा के ज्वालामुखी में बाबा कांशी राम पर एक डाक टिकट जारी किया था। काशी राम के नाम पर हिमाचल प्रदेश से आने वाले कवियों और लेखकों को अवॉर्ड देने की भी शुरुआत हुई थी, पर पिछले कुछ सालों से ये अवार्ड नहीं दिया जा रहा है। बाकी कांशीराम के नाम से उनके गांव में एक सरकारी स्कूल बना है, जो पंजाब के मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों ने बनवाया था। दरअसल, हिमाचल बनने से पहले बाबा कशी राम का गृह क्षेत्र पंजाब में आता था।
प्रतियोगिता के ग्रैंड फिनाले में प्रतियोगियों ने अपनी प्रतिभा के दम पर खूब बटोरी तालियां ग्रैंड फिनाले में भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश की सचिव डॉo पूर्णिमा चौहान ने की बतौर मुख्यातिथि शिरकत हुनरबाज़ हिमाचल का ग्रैंड फिनाले शिमला के क्योंथल हॉल में आयोजित किया गया। इसमें प्रदेशभर से हुनरबाज़ों ने अपना दम खम दिखाया।कार्यक्रम में भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश की सचिव डॉ पूर्णिमा चौहान ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।प्रतियोगिता के ग्रैंड फिनाले में डांस में जूनियर वर्ग यावनिका, अक्षिता, चहक, पलक, कृतिका, मन्नत शर्मा, वंशिका, मेघा, श्रेया, यशोर्धन, तमन्ना, दिविता, गीतांजलि, अदवे, अवनिशा, अंकिता, अक्षरा, जिनिया, शिवंशी, शियोना, सुप्रिया वही सीनियर वर्ग में अनिता, सुजल, इशिता, बिपाशा, जाखन, कविता ने अपनी प्रस्तुति दी। ग्रुप डांस में बीट बस्टर ग्रुप, सन बीन इंटरनेशनल स्कूल जुब्बल, लूज़र क्रू पौंटा साहिब व निरितयांगन ग्रुप सोलन ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी।वही संगीत मुकाबले में सीनियर वर्ग में दिनेश कुमार बेदी, अंजलि भाटिया, श्वेता सूद, अंजलि शांडिल, सुमित सूद, विक्की, चरण सिंह, प्रज्ञा ठाकुर, तेजस्वनी, पूजा, नेहा शर्मा, युगल रावत ने अपने जलवे बिखेरे वही जूनियर वर्ग में विवान गुप्ता, दिव्यांशी, ईशा ठाकुर, ओजश्वी शर्मा, आर्यन शर्मा, क्षितिज ने अपनी प्रस्तुतियां दी। वही योग में निधि डोगरा व भूपेंदर ने अपनी प्रस्तुति दी और सभी को योग के माध्यम से स्वस्थ रहने का संदेश दिया। ग्रैंड फिनाले के फाइनल संगीत मुकाबले में निर्णायक मंडल में प्रसिद्ध लोक गायक अच्छर सिंह परमार, राष्ट्रपति अवार्ड जिया लाल ठाकुर, एकमात्र बेंजो वादक व प्रसिद्ध गायक अश्वनी शर्मा, मशहूर रंगकर्मी भूपेंदर शर्मा, मशहूर गायक कुमार साहिल व राजकीय कन्या महाविद्यालय शिमला की सँगीत विषय की प्राध्यापक डॉ कल्पना मौजूद रही। नृत्य मुकाबले के निर्णायक मंडल में मशहूर नृत्य शिक्षक रिंकू खान, बॉम्बे डांस कम्पनी से जानवी हाडी व सेक्रेट हार्ट स्कूल शिमला की नृत्य शिक्षिका हिमांशी मारवाड़ी मौजूद रही। हुनरबाज हिमाचल के ग्रैंड फिनाले में मंच ने हिमाचल की विभूतियों को भाषा एवं संस्कृति विभाग की सचिव डॉ पूर्णिमा चौहान के हाथों से देवभूमि शिखर सम्मान से भी नवाजा। इसमें प्रसिद्ध लोकगायक व हिमाचली संस्कृति को कई लोकगीत प्रदान करने वाले सोम दत्त बट्टू, प्रसिद्ध लोकगायक व वरिष्ठ रंगकर्मी अच्छर सिंह परमार, कला सम्मान से सम्मानित इल्ला पांडे, मशूहर लोक गायक व रचयता ज्वाला प्रसाद, प्रदेश में सूफी कलाम को जिंदा रखे हुए व हिमाचल के सुप्रसिद्ध गायक अश्वनी शर्मा, आई टी बी पी में बतौर डिप्टी कमांडेंट तैनात व बाकमाल चित्रकार कमल कुमार व वरिष्ठ रंगकर्मी व फ़िल्म जगत से जुड़े भूपेंद्र शर्मा को देवभूमि शिखर सम्मान से सम्मानित किया गया। वही कार्यक्रम में कांगडा से सोनू भोलू सूद, प्रसिद्ध कलाकार टिंकू विहान, हिमाचल के सर्वश्रेष्ठ कॉमेडी किंग प्रिंस गर्ग, निर्देशक व थिएटर आर्टिस्ट एकलव्य सेन, मशहूर मॉडल भारती अत्री, मशहूर लोक गायक ऐ सी भारद्वाज, हिम स्टार ग्रुप के संस्थापक चेतन प्रकाश, समाजसेवी रोबॉट रॉय, हिलीवुड स्टूडियो से विनोद भारद्वाज, समाजसेवी सुरेश ओबरॉय, हिमाचल एकता मंच के संस्थापक दीपलाल भारद्वाज, प्रिसिद्ध लोक गायक दोत राम पहाड़िया, संगीतकार अनिशा भारद्वाज, सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल की प्रधानाचार्या अमिता भारद्वाज, हिमाचल फ़िल्म सिनेमा के संस्थापक ठाकुर के सी परिहार, मंच संचालक मुनीष नंदन, हिमाचल की शान पूनम नेगी बतौर विशेष अतिथि मौजूद रहे। ग्रैंड फिनाले में कड़ी टक्कर होने के बाद परिणाम घोषित किये गए जिसमें सीनियर ग्रुप में पहले स्थान पर तेजस्वनी रही ।वही दूसरे स्थान पर अनिता, तीसरे स्थान पर सुजल, चौथे स्थान पर प्रज्ञा ठाकुर और पांचवे स्थान पर इशिता रही।जबकि जूनियर वर्ग में पहले स्थान पर अवनिशा, दूसरे स्थान पर दिव्यांशी, तीसरे स्थान पर आर्यन, चौथे स्थान पर गीतांजलि और पांचवे स्थान पर जेनिया रही। ग्रुप डांस में सीनियर में पौण्टा साहिब से लूज़र क्रू ने प्रथम स्थान हासिल किया जबकि जूनियर वर्ग में सोलन के नृत्यआंगन ग्रुप ने प्रथम स्थान हासिल किया।
- कसौली से धधकी थी क्रांति की ज्वाला हिंदुस्तान के स्वतंत्रता संग्राम में हिमाचल प्रदेश का योगदान भी कम नहीं रहा। देवभूमि हिमाचल वीर योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों की जन्म और कर्म भूमि भी रहा है। वर्ष 1857 में जब देशभर में ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह प्रखर हुआ तो पहाड़ों की शांतवादियों में भी क्रांति की ज्वाला धधक उठी। करीब चार महीने में देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम के लिए लगभग 50 देशभक्त फांसी के फंदे में झूल गए थे। इसकी शुरुआत हुई थी कसौली से। 20 अप्रैल, 1857 को ब्रिटिश हुकुमत के खिलाफ हिमाचल में विद्रोह की चिंगारी कसौली अंग्रेज सैनिक छावनी से भड़की थी। तब 6 भारतीय सैनिकों ने कसौली पुलिस थाने को फूंक दिया था। देखते ही देखते विद्रोह की ये चिंगारी कसौली से डगशाई, सुबाथू, जतोग व कालका छावनियों में फैल गई। तब सिर्फ 45 हिन्दुस्तानियों ने करीब 200 अंग्रेज़ों को परास्त किया था। कसौली की तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर पी. मैक्सवेल ने इस घटना के बारे में लिखा कि ये हैरत की बात थी कि कैसे सिर्फ 45 भारतीय सैनिकों ने 200 अंग्रेज सैनिकों को हराया था। उधर, जतोग में गोरखा रेजिमेंट ने सूबेदार भीम सिंह के नेतृत्व में छावनी व खजाने पर कब्जा कर लिया। वहीँ, एक गोरखा सैनिक ने अपनी खुखरी से शिमला बाजार में एक अंग्रेज अधिकारी की गर्दन उड़ा दी।आलम ये था किफिरनगी अपनी जान बचाकर भागने लगे। इस दौरान बुशहर के राजा ने ब्रिटिश हुकूमत को नजराना सहित अन्य सहायता बंद कर दी और क्रांतिकारियों का खुलकर सहयोग किया। हालांकि बिलासपुर सहित कुछ अन्य शासकों ने अंग्रेजों का साथ दिया। इंग्लैंड के समाचार पत्रों में इस घटना का जिक्र Shimla Terror (शिमला आतंक) के तौर पर किया। 1857 की पहली क्रांति का विद्रोह कांगड़ा, कुल्लू-सिराज, चंबा व मंडी-सुकेत तक में हुआ। 11-12 मई के मेरठ व दिल्ली विद्रोह की सूचना कांगड़ा सहित आसपास के पूरे क्षेत्र में फैल गई थी, जिससे ब्रिटिश अधिकारियों ने अपने क्षेत्रों की सुरक्षा के उपाय कर लिए। 19 मई को ऊना-होशियारपुर में क्रांतिकारियों व देशी पुलिस ने भयानक विद्रोह कर दिया। सुजानपुर टीहरा के राजा प्रताप चंद अपने किले में क्रांति की तैयारियां करते रहे, लेकिन इसकी भनक अंग्रेजों को हो गई और महल में ही नजरबंद कर दिया गया। उधर, जसवां, गुलेर, हरिपुर, नौदान, नूरपुर, पठानकोट सहित अन्य क्षेत्र के लोग भी कंपनी के खिलाफ हो गए। नालागढ़ में भी क्रांतिकारियों ने मलौण किले से अंग्रेजों के हथियार कब्जे में ले लिए और 10 जून को जालंधर के दस्ते ने नालागढ़ पहुंचकर वहां के खजाने को लूट लिया। 30 जुलाई को कांगड़ा में विभिन्न स्थानों पर देशी सैनिकों व क्रांतिकारियों की अंग्रेजों के साथ मुठभेड़ हुई और कई ने सुरक्षा के बावजूद शहर में प्रवेश कर लिया। क्रांतिकारी ब्रिगेडियर रमजान को नूरपुर में फांसी दे दी गई, कांगड़ा में पांच व धर्मशाला में छह देशभक्त व क्रांतिकारी फांसी पर चढ़ाए गए। कुल्लू के युवराज प्रताप सिंह ने भी अंग्रेजों के खिलाफ खूब लोहा लिया, लेकिन अपने कुछ साथियों के पकड़े जाने के बाद वह भी गिरफ्तार कर लिए गए और तीन अगस्त को उन्हें व उनके साथी बीर सिंह को फांसी दी गई। मंडी के राजा विजय सेन केवल 10वर्ष के थे और सुकेत रियासत में आपसी गृहयुद्ध के कारण क्रांतिकारियों ने यहां अधिक सहयोग नहीं मिल पाया, लेकिन जनता में देशभक्ति की भावना प्रबल थी। ऐसे में अगस्त 1857 तक पहाड़ों में फैले विद्रोह को शांत कर लिया गया था I
Mikka performed in wedding of Pervez Musharraf's relative on August 8 All India Cine Workers Association (AICWA) bans Mika Singh after his performance in Pakistan. AICWA have taken the decision of boycotting the singer's association with the film production houses, music companies and online music content providers. AICWA have said that they will make sure that no one works with Mika Singh in India. Mikka performed in wedding of Pervez Musharraf's relative in Karachi on August 8 and his video went viral Sunday. Now the singer has been banned and boycotted by All India Cine Workers Association (AICWA).
बिलासपुर में चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाइवे पर पेट्रोल से भरा टैंकर गहरी खाई में जा गिरा। इस हादसे में चालक की मौके पर ही मौत हो गई। उन टैंकर हरियाणा के अंबाला से लेह-लदाख की ओर जा रहा था। पेट्रोल से भरे टैंकर के खाई में गिर जाने की सूचना मिलते ही पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच कर मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर भेज दिया । फिलहाल शव की शिनाख्त नहीं हो पाई है । मौके पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची और अग्निशमन विभाग के कर्मचारी दुर्घटना स्थल पर पहुंचकर टैंकर से बह रहे पेट्रोल की निगरानी करने में जुट गए ताकि किसी अन्य तरह की अनहोनी ना हो जाए।
पुलिस थाना ज्वाली के डीएसपी को 45 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के अनुसार डीएसपी एससी-एसटी एक्ट के एक मामले को दबाने की एवज में रिश्वत ले रहा था। जानकारी के मुताबिक डीएसपी ज्वाली ज्ञान चंद को इन दिनों नूरपुर के कार्यकारी डीएसपी का कार्यभार दिया है। पुलिस थाना जवाली के तहत पिछले दिनों एक एससी-एसटी एक्ट का मामला दर्ज हुआ था, जिसे दबाने के लिए आरोपी ज्ञान चंद ने 50 हजार रुपये की मांग की थी। इस संबंध में आरोपित ने विजिलेंस में शिकायत की थी। शिकायतकर्ता के नौसार डीएसपी ज्ञान चंद ने उन पर झूठा केस बनाया है और 50 हजार रुपये मांग रहा है। डीएसपी को पांच हजार रुपये एडवांस दिए जा चुके थे और सोमवार बकाया 45 हजार रुपये का भुगतान होना था। बकाया राशि के के साथ शिकायतकर्ता को डीएसपी कार्यालय नूरपुर में बुलाया था। पर विजिलेंस टीम वहां मौजूद थी, जिसके बाद डीएसपी को 45 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया गया। मामले की पुष्टि एसपी विजिलेंस उत्तरी क्षेत्र अरुल कुमार ने की है।
सरकार का दावा : जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य करगिल में उग्र प्रदर्शन: करगिल के पूर्व विधायक हाजी असगर का दावा है कि करगिल में काफी हंगामा हो रहा है, धारा 144 के बीच करगिल में उग्र प्रदर्शन हो रहा है। धारा 144 बरकरार, ढील के बीच रोजमर्रा के सामान के लिए सड़कों पर निकले लोग बौखलाया पाकिस्तान, उलजुलूल बयानों का सिलसिला ज़ारी अभी भी श्रीनगर में हैं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल राजयसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर एयरपोर्ट पर रोका गया
इस निर्णय ने कांग्रेस की दोहरी मानसिकता के चेहरे से उतारा नकाब धारा 370 हटाने के इस ऐतिहासिक निर्णय ने कांग्रेस की दोहरी मानसिकता के चेहरे से नकाब उतार दिया है अब कांग्रेस के नेता मुंह छिपाते फिर रहे हैं ।यह बात सदर के विधायक सुभाष ठाकुर ने बिलासपुर में कही। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के नेता देश के नागरिकों का सामना करने के बजाए दाएं बाएं की बाते कर रहे हैं। इस निर्णय ने देश के 130 करोड़ नागरिकों को न्याय दिलाने का कार्य किया है जिसके लिए भाजपा का सर्वोच्य नेतृत्व बधाई का पात्र है। बिलासपुर में इसके अलावा भाजपा एवं अन्य मातृ संगठनों द्वारा केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के मुददे पर धारा 370 समाप्त करने पर प्रसन्नता मनाई गई। सुभाष ठाकुर ने आगे कहा कि आज का दिन भारत के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा। आज भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में शामिल एक और वायदे को पूरा कर दिया है। आज डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना एक देश, एक निशान, एक पहचान को साकार किया है। आज के जम्मू कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश बन गया है वहीं लद्वाख को भी अपना केन्द्र शासित प्रदेश का नया नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमितशाह बधाई के पात्र है। बिलासपुर में भाजपाइयों ने मनाया जश्न बजरंग दल के प्रदेश संयोजक तुषार डोगरा ने कहा कि भाजपा ने इस सावन मास के पहले सोमवार को चद्रयान 2 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, दूसरे सोमवार को 3 तलाक कानून को लागू किया और आज तीसरे सोमवार को देश को एक देश एक निशान और एक पहचान दिलाकर देश को गौरावान्वित किया है। विधायक राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि धारा 370 समाप्त होने पर अब कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भारतीय नागरिकता नहीं मिलेगी। अब कश्मीर में आरटीआई और सीएजी जैसे कानून लागू होंगे जिससे पारदर्शिता आएगी। उधर, झंडुत्ता भारतीय जनता पार्टी झंडुत्ता मंडल द्वारा 370 व35 ए को हटाए जाने पर भारतीय जनता पार्टी झंडुत्ता मंडल ने पटाखे व आतिशबाजी और मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष सुभाष मन्हास,महासचिव दिनेश चंदेल, व्यापार मंडल के प्रधान अनिल धीमान,अनिल चंदेल,मनोज चंदेल,राकेश चंदेल,्रबाबू राम राणा,सुभाष वर्मा,इंद्र सिंह ,सत्यपाल वर्मा,दलजीत कटवाल,रामपाल शर्मा,सुरजीत गौतम,रविंद्र सिंह,मुख्त्यार सिंह,एसएल शर्मा,सुभाष,संजीव सोनी व विपन उपस्थित रहे। उधर, बिलासपुर शहर के गुरूद्धारा चौक पर विहिप के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश संयोजक तुषार डोगरा के नेतृत्व में एक दूसरे को मिठाई बांटकर खुशी मनाई। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई बिलासपुर ने राष्ट्रपति आदेश द्वारा जम्मू कश्मीर से अस्थाई अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए ऐतिहासिक कदम का स्वागत किया है। अभाविप के ईकाई अध्यक्ष राहुल ठाकुर ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने 11 सितंबर 1990 में चलो कश्मीर आंदोलन किया था। इसमें हजारों विद्यार्थियों ने भाग लिया एवं विद्यार्थी परिषद लगातार धारा 370 और 35 ए को हटाने के लिए आंदोलन कर रही थी। आज के दिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आंदोलन की जीत हुई। इसी जीत को विद्यार्थी परिषद द्वारा भारत माता के जयघोष के साथ धूमधाम से मनाया गया।
The owner of a tailoring shop in Keran near Line of Control (LoC) in Kupwara district was arrested on Sunday after 15 hand grenades were recovered from his shop. The man, identified as Parvez Khawaja. As per the information received, a local resident, identified as Abdul Hamid Bajad, had died in the explosion, sunday morning. After an explosion was heard in the area, a joint team of police and the Indian Army reached the spot and arrested the tailoring shop owner and rcovered 15 hand grenades from his shop.