** साई-टेक की बिजली काटने के निर्देश प्रदेश के इंडस्ट्रियल एरिया काला अंब में हिमाचल प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दो उद्योगों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। HPPCB ने सिंबोइसिस फॉर्मा पर 42 लाख रुपए की पैनल्टी लगाई है, जबकि साई टेक दवा उद्योग की बिजली काटने के निर्देश दिए गए हैं। HPPCB के एन्वायर्नमेंट इंजीनियर अतुल परमार ने बताया कि सिंबोइसिस फॉर्मा के ढाई-तीन साल से लगातार सैंपल फेल हो रहे थे। इसे देखते हुए फैक्ट्री प्रबंधन को बार- बार नोटिस दिए गए। मगर उद्योग प्रबंधन ने एक बार भी जवाब नहीं दिया। अतुल परमार ने बताया कि सिंबोइसिस फॉर्मा को HPPCB के सहायक अभियंता ने एक्सपायरी डेट की दवाइयों का ट्रैक्टर नदी में डालते हुए पकड़ा था। SDO की रिपोर्ट के आधार पर और नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के हिसाब से 42 लाख की पैनल्टी लगाई गई है। अतुल परमार ने बताया कि साई टेक कंपनी के भी तीन सैंपल फेल हुए है। इसे देखते हुए बिजली बोर्ड को साई टेक की बिजली काटने के निर्देश दिए गए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की इस कार्रवाई से उद्योग प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। दोनों दवा उद्योग एक ही व्यक्ति के बताए जा रहे हैं। बता दें कि औद्योगिक क्षेत्रों की नदियों व खड्डों के सैंपल बार बार फेल हो रहे हैं। इससे कई नदियों का पानी पीने लायक तो दूर खेतीबाड़ी में प्रयोग करने लायक भी नहीं बचा। इसे लेकर NGT कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी फटकार लगा चुका है। NGT के आदेशों पर प्रदेश की सभी नदियों व खड्डों में पानी की गुणवत्ता में सुधार के लिए HPPCB ने एक्शन प्लान बना रखे है और इस पर कार्रवाई जारी है। दवा उद्योगों पर की गई कार्रवाई भी इसी का हिस्सा है।
हिमाचल प्रदेश में कल से मानसून एक्टिव हो सकता है। इस बीच मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए शिमला और सिरमौर जिला में कुछेक क्षेत्रों में फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की। मौसम विभाग के अनुसार, आज दिनभर और रात में इन दोनों जिलों में भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। इसे देखते हुए 21 जुलाई सुबह 5.30 बजे तक यह अलर्ट दिया गया है। मौसम विभाग ने 22 व 23 जुलाई के लिए पहले ही भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है। 22 जुलाई को पांच जिले ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी और सोलन के कुछेक क्षेत्रों में भारी बारिश हो सकती है, जबकि 23 जुलाई को सोलन और सिरमौर में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। प्रदेश में 25 जुलाई तक मौसम खराब बना रहेगा। प्रदेश में मानसून कमजोर पड़ा हुआ है। मानसून सीजन के दौरान सामान्य से 41 फीसदी कम बारिश हुई है। एक जून से 19 जुलाई तक 247.1 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 145.4 मिलीमीटर ही बादल बरसे है। प्रदेश में एक भी जिला ऐसा नहीं है, जहां नॉर्मल से ज्यादा बारिश हुई हो। सिरमौर, लाहौल स्पीति, किन्नौर और चंबा चार ऐसे जिला है जहां नॉर्मल की तुलना में 50 प्रतिशत से कम बारिश हुई है।
हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक केवल सिंह पठानिया ने गुरुवार को उप मुख्य सचेतक का पदभार संभाला। उन्होंने पदभार ग्रहण करने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कृषि और पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार, आयुष, युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री यादविंद्र गोमा, नाहन से विधायक अजय सोलंकी और प्रदेशभर से पहुंचे पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने भी उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कांग्रेस सरकार में कई अहम पदों पर दायित्व निभाया। पठानिया ने वर्ष 2012 से 2017 तक हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम में भी सदस्य के तौर पर सेवाएं दीं। वर्ष 2012 में हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा उन्होंने एनएसयूआई और कांग्रेस पार्टी के लिए पंजाब, चंडीगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गोवा में भी काम किया। केवल सिंह पठानिया की खेल गतिविधियों में भी विशेष रुचि रही है। वह प्रदेश की हॉकी टीम के कप्तान भी रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर पांच बार राज्य का प्रतिनिधित्व किया है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा से भेंट की। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान नड्डा को राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में अधोसंरचना और चिकित्सा सुविधाओं को बेहतर बनाने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने राज्य के अस्पतालों में ‘स्टेट ऑफ द आर्ट’ चिकित्सा प्रौद्योगिकी की आवश्यकता पर बल दिया ताकि प्रदेश के लोगों को आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के लिए प्रदेश के बाहर न जाना पड़े। उन्होंने निर्माणाधीन नाहन, चंबा और हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालयों का कार्य पूर्ण करने के लिए धनराशि की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने राज्य में नर्सिंग का प्रशिक्षण पूरा करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को सहयोग देने का भी आग्रह किया ताकि इन प्रशिक्षणार्थियों को विदेश में भी सेवाएं प्रदान करने के अवसर मिल सकें। सुक्खू ने प्रदेश की आर्थिकी में बल्क ड्रग पार्क की महत्त्वपूर्ण भूमिका तथा स्थानीय लोगों के लिए रोजगार व स्वरोजगार के अवसरों की उपलब्धता के दृष्टिगत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से इस पार्क का निर्माण कार्य शीघ्र सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को केंद्र से हरसंभव सहायता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर और आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती भी बैठक में उपस्थित थीं।
पुणे: विवादित आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर को आखिरकार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पिस्तौल लहराने और किसानों को धमकाने के मामले में वह फरार चल रही थी। उसकी तलाश में पुलिस की कई टीम जुटी थी। बताया जा रहा है कि वह रायगढ़ जिले के एक फार्महाउस में छिपी थी। जानकारी के अनुसार पुणे पुलिस की तीन से चार टीम मनोरमा खेडकर की तलाश कर रही थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि वह रायगढ़ जिले के महाड में एक फार्म हाउस में छिपी हुई है। इसके बाद जाल बिछाया गया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुणे पुलिस उसे पूछताछ के लिए ले गई। आज दोपहर उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। पिस्तौल लहराते हुए उसे किसानों को धमकाने वाला वीडियो वायरल हुआ। पुणे पुलिस के साथ उसकी झड़प भी हुई थी। मनोरमा खेडकर की पिछले कुछ दिनों से पुलिस जांच चल रही थी। मनोरमा खेडकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद वह फरार हो गई थी। बताया जा रहा है कि वाशिम में पूजा खेडकर के खिलाफ आरोपों के मद्देनजर पुलिस उसे फिर पूछताछ के लिए आई है। कल बाणेर में पूजा खेडकर के घर के अनधिकृत निर्माण पर हथौड़ा चलाया गया। पूजा खेडकर के घर के बाहर अतिक्रमण था। नगर निगम ने उस अतिक्रमण को हटाने के लिए नोटिस जारी किया। अंत में खेडकर परिवार ने अतिक्रमण हटाने के लिए कुछ मजदूर लगाए। दिलीप खेडकर ने घर के बाहर से अतिक्रमण हटाने को कहा था। बाणेर में पूजा खेडकर के बंगले के सामने फुटपाथ पर किए गए अतिक्रमण को भारी बल के साथ हटाया गया।
बीते वर्ष बरसात के दौरान हुई आपदा से बीबीएमबी प्रबंधन ने बड़ा सबक लिया है। इस बार अब बरसात में डैम और पावर हाउस समेत मुख्य जगहों पर सैटेलाइट फोन से आपस में संपर्क रहेगा। ताकि किसी भी तरह की स्थिति पर तुरंत संपर्क किया जा सके। मोबाइल नेटवर्क और लैंडलाइन सेवा ठप होने की सूरत पर यह सैटेलाइट फोन अहम भूमिका निभाएंगे। भारी बरसात के दौरान पंडोह डैम लबालब भरता है। यहीं से ब्यास में पानी छोड़ा जाता है। लारजी बांध से पानी छोड़ने पर पंडोह डैम से पानी छोड़ा जाता है। बरसात के दौरान पंडोह डैम के जल स्तर पर अधिकारियों की निगरानी रहती है। पंडोह डैम से ही बग्गी को भी टनल से होकर पानी भेजा जाता है। इसी टनल का पानी बग्गी में निकलकर बीएसएल जलाशय तक पहुंचता है। इसके बाद यह डैहर पावर हाउस तक पहुंचता है। ऐसे में पंडोह डैम, बग्गी और डैहर पावर हाउस तीनों ही प्रमुख स्थल हैं, जहां बीबीएमबी की निगरानी रहना बेहद जरूरी रहता है। बीते वर्ष बरसात में आपदा के दौरान पंडोह में कनेक्टिविटी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई थी। सात से दस दिन के भीतर फोन मिलने की उम्मीद है। बीबीएमबी सुंदरनगर के अधीक्षण अभियंता अजय पाल ने बताया कि फोन जल्द उपलब्ध होंगे। चौहारघाटी में अब अर्ली वार्निंग सिस्टम से बाढ़ के संभावित खतरे को शानन प्रोजेक्ट भांपेगा। इसके लिए बरोट स्थित शानन परियोजना से 20 किलोमीटर दूर बड़ा गांव के गड़सा ब्रिज के समीप आधुनिक अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित होगा। वहीं, लंबाडग नदी की भी मॉनिटरिंग के लिए लोहारडी में इसी तकनीक के आधुनिक सेंसर स्थापित होंगे। करीब एक करोड़ से अधिक की धनराशि अर्ली वार्निंग सिस्टम स्थापित करने के लिए खर्च की जाएगी। प्राकृतिक आपदा से किसी भी प्रकार का जानी नुकसान न हो, इसके लिए पहली बार चौहारघाटी में इस आधुनिक तकनीक को अपनाया जा रहा है। इसके स्थापित होने के बाद किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा के संभावित खतरे पर पहले ही घंटी बजना शुरू हो जाएगी। शानन प्रोजेक्ट की बरोट स्थित उहल परियोजना की पुरानी और नई रेजरवायर में जब अचानक जलस्तर बढ़ जाता है तो बरोट वैली में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। शानन प्रोजेक्ट के आरई सतीश कुमार ने बताया कि सिस्टम स्थापित होने के बाद कंट्रोल रूम में जैसे ही खतरे की घंटी बजेगी तभी बड़ागांव से टिक्कन तक हुटर बजना शुरू हो जाएंगे। सैटेलाइट के माध्यम से भी आपदा के संभावित खतरे को भांपने में आसानी मिलेगी।
***आपदा उपरांत आकलन के तहत 9042 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी करने का किया आग्रह मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को प्राकृतिक आपदाओं के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश की संवेदनशीलता से अवगत करवाते हुए प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए मंत्रालय के पास लम्बित धनराशि को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य आपदा-2023 के दौरान केंद्रीय टीम द्वारा किए गए आपदा उपरांत आकलन के अंतर्गत 9042 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता जारी करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह मामला अभी भी मंत्रालय के पास लम्बित है तथा इस वर्ष बरसात का मौसम शुरू होने के दृष्टिगत राज्य को इस धनराशि की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए राज्य को राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) के अंतर्गत मिलने वाली 61.07 करोड़ रुपये की राशि लम्बित है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार पहाड़ी राज्यों में भू-स्खलन तथा भूकम्प के प्रभावी प्रबंधन के लिए प्रदेश को वित्तीय वर्ष 2021-2026 के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि मिलनी है। उन्होंने एनडीआरएफ के अंतर्गत लम्बित 60.10 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण निधि के अंतर्गत मंत्रालय को प्रस्तुत 125.84 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना को शीघ्र स्वीकृति प्रदान करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने राज्य में एनडीआरएफ परिसरों की स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया तथा मंडी, रामपुर और नालागढ़ में परिसरों का निर्माण कार्य आरंभ करने का अनुरोध किया। उन्होंने लाहौल-स्पीति में अंतरराज्यीय सीमा पर सरचू और शिंकुला में सरकारी भूमि पर अनाधिकृत कब्जे पर उचित कार्रवाई की भी मांग की। इस अवसर पर प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती भी उपस्थित थीं।
दिल्ली शराब नीति में भ्रष्टाचार से जुड़े सीबीआई केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। फिलहाल, हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर फैसला 29 जुलाई को आएगा। ईडी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पहले ही जमानत दे दी है। हाईकोर्ट में केजरीवाल की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और विक्रम चौधरी पेश हुए, वहीं सीबीआई की तरफ से लोक अभियोजक डीपी सिंह ने अपने तर्क कोर्ट के सामने रखे। केजरीवाल के वकील का कहना है कि वह एक मुख्यमंत्री हैं कोई आतंकी नहीं। पिछले कई महीने से वे जेल में हैं, लेकिन सीबीआई ने गिरफ्तार नहीं किया। जैसे ही ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को ईडी मामले में जमानत दी उसके तुरंत बाद सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। सीएम के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल को अंतरिम जमान दी थी और और केजरीवाल ने सरेंडर कर दिया था। उसी के बाद ट्रायल कोर्ट ने जमानत दी थी। ट्रायल कोर्ट का फैसला बिल्कुल ठीक था। केजरीवाल कहीं भाग नहीं रहे हैं और उन्हें झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया है। केजरीवाल ने हमेशा जांच में सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की ब्लड शुगर पांच बार सोते हुए 50 के नीचे जा चुकी है। यह चिंता का कारण है। सोते समय शुगर का स्तर गिरना खतरनाक है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सबको जमानत मिल रही है, मेरी पार्टी का नाम आम आदमी पार्टी है, लेकिन मुझे बेल नहीं मिल रही। तथ्यों को देखते हुए मुझे जमानत दी जाए। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने कोर्ट से कहा कि आज तक ऐसी कोई टिप्पणी नहीं आई है कि सीबीआई अतिउत्साही रही है या उसने ऐसा कुछ किया है, जिससे किसी कानून का उल्लंघन हुआ हो। आज तक सीबीआई ने ऐसा कोई कार्य नहीं किया है, जिसे अप्राप्य कहा जा सके। सीबीआई ने सामग्री जुटाने में तीन महीने तक काम किया, ऐसा नहीं है कि एजेंसी ने कुछ नहीं किया। केजरीवाल लोक सेवक हैं और उनसे पूछताछ के लिए पीसी एक्ट में अनुमति की जरूरत होती है। जनवरी में मामले में सरकारी गवाह बने मगुंटा रेड्डी ने बयान दिया और 23 अप्रैल में अनुमति मिली और इससे पहले हम कुछ नहीं कर सकते थे। सीबीआई में काम करने का एक तरीका है। डीपी सिंह ने कहा कि सरकारी वकील होने के नाते मैं इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकता जिसका कोई कानूनी अर्थ नहीं है। इंश्योरेंस अरेस्ट जैसे शब्द का इस्तेमाल न्यायसंगत नहीं है। जांच एजेंसी होने के नाते हमारे पास अपने अधिकार है। हमारे पास अपने अधिकार हैं कि किस आरोपी के खिलाफ कब चार्जशीट करनी है और किस आरोपी को किस समय बुलाना है। वो एक मुख्यमंत्री हैं उनकी भूमिका साफ़ नहीं थी, क्योंकि क्योंकि शराब नीति आबकारी मंत्री के तहत बनी थी लेकिन जब जरूरी लगा उन्हें बुलाया गया। सिघवी ने इंन्योरेंस गिरफ्तारी शब्द अपनी तरफ से गढ़ा है ये अनुचित है।उन्होंने आगे कहा कि सीबीआई ने उन्हे धारा 160 के तहत बुलाया था, लेकिन यह धारा गवाहों के लिए नहीं है। इसका इस्तेमाल केस के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति के लिए किया जा सकता है। ये कोई भी हो सकता है। इनका कहना है कि उनसे पूछताछ 9 घंटे तक चली। हमारे पास ऑडियो वीडियो रिकॉर्डिंग है। सब कुछ टाइप किया गया, उन्होंने उसे चेक किया और उसमें सुधार भी किए और उन सुधारों को समायोजित किया गया। इस दौरान सीबीआई कार्यालय के बाहर भारी भीड़ थी।
हिमाचल प्रदेश में अल्टरनेरिया रोग के कारण सेब की फसल पर गहराए संकट के बीच अदाणी एग्रो फ्रेश लिमिटेड ने भी अपने वैज्ञानिक फील्ड में उतार दिए हैं। कंपनी के वैज्ञानिक रोग के कारणों की जांच कर बागवानों को बचाव के तरीके सुझाएंगें। अदाणी एग्रो फ्रेश हर साल हिमाचल में करोड़ों के सेब खरीदती है। अल्टरनेरिया रोग से इस सीजन में सेब की फसल को भारी नुकसान का अनुमान जताया जा रहा है। संकट के समय में बागवानों का साथ देने के लिए कंपनी ने सोमवार को ही टीमें गठित कर अपने विशेषज्ञों को बागवानों से संपर्क करने के लिए सेब बाहुल्य क्षेत्रों में भेजा है। कंपनी इसी हफ्ते से बागवानी विशेषज्ञों, मौसम विशेषज्ञों और सेब उत्पादक समूहों के साथ बैठकें और बगीचों में रोग का व्यापक क्षेत्र मूल्यांकन करेंगी। बीमारी का प्रभाव कम करने के लिए बागवानों को दवाओं का सुझाव दिया जाएगा। अदाणी एग्रो फ्रेश के पास वैज्ञानिकों का एक पैनल है जो फसल की उच्च गुणवत्ता के लिए सेब उत्पादक क्षेत्रों में प्रशिक्षण आयोजित करता है साथ ही मिट्टी की जांच की सुविधा भी बागवानों को उपलब्ध करवाता है।अदाणी अपनी लैब में वैज्ञानिकों से सेब की टेस्टिंग करवाता है। डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी, कृषि विज्ञान केंद्र शिमला की टीमों ने भी सेब उत्पादक क्षेत्रों रोहडू, कोटखाई, जुब्बल, चौपाल और ठियोग में बगीचों का निरीक्षण करने के बाद बीमारी के व्यापक प्रसार की आशंका जताई है। सेब के 95 फीसदी तक पौधों के अल्टरनेरिया रोग की चपेट में आने की संभावना व्यक्त की है। पत्तों में रोग लगने से सेब में भूरे और काले दाग पड़ रहे हैं और फल समय से पहले झड़ना शुरू हो गए हैं। अदाणी एग्रो फ्रेश लिमिटेड के प्रवक्ता ने बताया कि अल्टरनेरिया रोग से हिमाचल में सेब की फसल पर व्यापक असर पड़ा है। कंपनी सालों से हिमाचल में सेब खरीद रही है, हमारा दायित्व है कि संकट में हम बागवानों के साथ खड़े रहें। विशेषज्ञों की टीमें गठित कर फील्ड में भेज दी हैं। बागवानों का हर संभव सहयोग किया जाएगा। प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में सेब के बगीचों में माइट का प्रकोप भी देखने को मिल रहा है। माइट छोटे कीट होते हैं जो पौधों की पत्तियों और फलों से रस चूसते हैं। जिससे पत्तों पर धब्बे पड़ते हैं, पत्ते पीले पड़कर झड़ जाते हैं। बगीचों में मार्सोनिना रोग के लक्षण भी दिख रहे हैं। इस रोग से समय पूर्व पतझड़ होने का खतरा रहता है। अल्टरनेरिया रोग से सेब की फसल को बचाने के लिए बागवानी विभाग और नौणी विवि ने एडवाइजरी जारी की है। स्प्रे शेड्यूल के अनुसार हर 10 से 15 दिन में फफूंदनाशकों का छिड़काव करने का सुझाव दिया है। विभाग ने मैन्कोज़ेब (600 ग्राम/200 लीटर पानी), हेक्साकोनाजोल 4% + जिनेब 68% WP (500 ग्राम/200 लीटर पानी) या कार्बेन्डाजिम 25% + फ़्लूसिलाज़ोल 12.5% SC (160 मिली/200 लीटर पानी) का उपयोग हर 10 से 12 दिनों के अंतराल पर करने का सुझाव दिया है। उद्यान विभाग के निदेशक विनय सिंह ने बताया कि विभाग ने अपने अधिकारियों को बागवानों को हर संभव सहयोग देने के निर्देश दिए हैं। नौणी विवि के पादप रोग विज्ञान विभाग ने भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों से रिपोर्ट की गई सेब के पत्तों पर बीमारियों के प्रभावी प्रबंधन के लिए सेब बागवानों के लिए एडवाइजरी जारी की है। वैज्ञानिकों के अनुसार कम बारिश के कारण यह बीमारियां पैदा हुई हैं। उचित दवाओं का छिड़काव करने की सलाह दी है।
हिमाचल प्रदेश में अब नए निजी नर्सिंग संस्थान नहीं खुलेंगे। वर्तमान में जो नसिंग संस्थान चल रहे हैं, उन्हें और सुदृढ़ किया जाएगा। सरकार के आदेशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने नए आवेदन लेने से मना कर दिया है। पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में निजी नर्सिंग संस्थान खोलने के लिए आए आवेदन भी लंबित सूची में डाल दिए हैं। वर्तमान में प्रदेश में 60 निजी और दो सरकारी नर्सिंग काॅलेज एवं स्कूल हैं। निजी संस्थानों में नर्सिंग का कोर्स करने के लिए चार लाख रुपये से ज्यादा खर्च आता है। इसमें हॉस्टल, वर्दी व अन्य खर्चे शामिल हैं। हजारों की संख्या में छात्राएं यह कोर्स कर रही हैं। हालांकि सरकारी कॉलेजों में फीस कम है। इसमें एक साल का खर्च करीब 70 हजार के पास रहता है। हिमाचल में नए नर्सिंग काॅलेज खुलने से कई और छात्राएं सरकारी संस्थानों में प्रशिक्षण हासिल कर सकेंगी। ऐसे में विभाग का सरकारी नर्सिंग संस्थान खोलने पर ही जोर रहेगा। उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के नर्सिंग स्कूल और कॉलेजों में आधारभूत ढांचे विकसित करने के निर्देश दिए थे। कई निजी संस्थान ऐसे हैं, जहां स्टाफ की कमी है तो कहीं प्रयोगशालाओं का सेटअप ठीक नहीं है। ऐसे में विभाग की ओर से इन्हें नोटिस भी जारी किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय विद्युत एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से भेंट कर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न लम्बित मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने शानन जल विद्युत परियोजना के पट्टे की अवधि पूर्ण हो जाने पर इसके अधिकार राज्य सरकार को वापिस दिलवाने तथा इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए केंद्रीय मंत्री सेे हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से बीबीएमबी के पास कई वर्षों से लम्बित बकाया राशि को शीघ्र जारी करवाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वर्षों से लम्बित राशि न मिलने केे कारण राज्य को भारी नुकसान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पीति में मेगा सोलर पार्क के लिए भी सहायता का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया तथा अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार राम सुभग, प्रधान सचिव (वित्त) देवेश कुमार और आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में उपस्थित थे।
सीजीएसटी मामले में सीबीआई अधीक्षक और निरीक्षक के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने में जुट गई है। सीबीआई के पास इन दोनों के खिलाफ पुख्ता सबूत बताए जा रहे हैं। सप्ताह के भीतर चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में पेश की जाएगी। सीबीआई को अंदेशा है कि सीजीएसटी नंबर जारी किए जाने पर पैसों के लेनदेन का यह मामला पहले से चल रहा होगा? ऐसे में सीबीआई इसकी परतें खंगालने में जुटी है। दो महीने के भीतर कितने नंबर जारी हुए हैं। इसका भी रिकाॅर्ड देखा जा रहा है। वहीं, सीबीआई दोनों के बैंक खातों को भी खंगाल रही है। सीजीएसटी कार्यालय से कुछ अहम दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं। आरोपियों के ठिकानों पर दी गई दबिश के बाद जांच में कई नए तथ्य सामने आए हैं। उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने एक शिकायत के आधार पर सीजीएसटी इंस्पेक्टर और अधीक्षक को 8 हजार की रिश्वत मांगने व स्वीकार करने से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था। दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है। शिकायतकर्ता के आरोपों को सत्यापित करने के लिए सीबीआई पुलिस अधीक्षक राजेश चहल की ओर से आरोपियों को रंगहाथ पकड़ने के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई गई थी। जांच अधिकारी ने 32 जीबी क्षमता के एक नए मैमरी कार्ड के साथ एक डीवीआर की व्यवस्था की। शिकायतकर्ता को सीजीएसटी कार्यालय में भेजा गया। इस दौरान जो भी वार्ता हुई है, उसकी रिकॉर्डिंग की गई।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न मुद्दों पर पीएम मोदी से चर्चा की। सीएम ने बिजली रॉयल्टी, बीबीएमबी में हिस्सेदारी और नई पेंशन योजना के अंशदान का मुद्दा पीएम से उठाया। पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट की ग्रांट हिमाचल को नहीं मिल पाई है, इसे लेकर भी प्रधानमंत्री से बात की गई। प्रधानमंत्री ने सभी मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्ण विचार करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीबीएमबी के पास हिमाचल की 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की हिस्सेदारी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी हिमाचल को नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2011 को हिमाचल के पक्ष में फैसला दिया और बीबीएमबी की तरफ से परिचालित विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की हिस्सेदारी 7.19 फीसदी तय की। यह हिस्सेदारी 27 सितंबर से 2011 से प्रदेश को मिलनी शुरू हो गई है, लेकिन 2011 से पहले का एरियर अभी तक नहीं मिल पाया। हिमाचल की पूर्व सरकार ने पावर प्रोजेक्ट में रॉयल्टी कम की थी। वहीं लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी मुख्यमंत्री के साथ दिल्ली गए हैं। दोनों नेता केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी से भी मुलाकात कर प्रदेश में बीते वर्ष आई आपदा से प्रभावित सड़कों को लेकर धनराशि जारी नहीं होने का मामला उठाएंगे।
हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) ने 1,109 कर्मियों को नियमितीकरण का तोहफा दिया है। चालक-परिचालकों के अलावा कर्मशाला कर्मियों को भी नियमित किया गया है। दो वर्ष का अनुबंध कार्यकाल पूरा कर चुके कर्मचारियों को नियमितीकरण के आदेश जारी किए गए हैं। 31 मार्च 2024 को दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले कर्मियों को नियमित किया गया है। निगम प्रबंधन ने मंडलीय स्तर पर नियमितीकरण के मामलों पर विचार किया, लंबी प्रक्रिया के दौरान कर्मियों के दस्तावेज खंगाले गए। इसके बाद निगम मुख्यालय स्तर पर 6 कार्य प्रबंधक, एक अधीक्षक भंडार, 10 कनिष्ठ कार्यालय सहायक आईटी, 4 चालक, 457 परिचालक, 534 कनिष्ठ तकनीशियन, 83 कर्मशाला सहायकों को नियमित किया गया है। निगम प्रबंध निदेशक ने बताया कि लंबी प्रक्रिया के बाद पात्र कर्मियों को नियमित किया गया है। एचआरटीसी जेसीसी के सचिव खेमेंद्र गुप्ता ने कर्मियों के नियमितीकरण के लिए प्रबंधन का आभार जताया है।
शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने अदालती आदेशों के बावजूद छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ न देने से जुड़े मामले में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को नोटिस जारी किया है। अदालत ने मुख्य सचिव को नोटिस में चार सप्ताह के अंदर अवमानना याचिका का जवाब देने अथवा अनुपालना शपथपत्र दाखिल करने के आदेश जारी किए। एचपी सचिवालय और इससे संबंधत्ता रखने वाली पेंशनर कल्याण एसोसिएशन ने प्रतिवादी अधिकारियों पर अदालती आदेशों की अवमानना का आरोप लगाते हुए यह याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने 22 मार्च 2024 को अपने फैसले में सरकार को आदेश दिए थे कि वह एसोसिएशन के सदस्यों को छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ 6 फ़ीसदी ब्याज सहित अदा करे। कोर्ट ने सरकार को 6 सप्ताह के भीतर बढ़ी हुई पेंशन की बकाया राशि 6 फीसदी ब्याज सहित देने को कहा था। कोर्ट के दिए गए समय के भीतर पेंशनरों को यह लाभ न देने पर दायर अवमानना याचिका की प्रारंभिक सुनवाई में न्यायमूर्ति ज्योत्सना रिवाल दुआ ने मुख्य सचिव सहित अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। उल्लेखनीय है कि उक्त एसोसिएशन की याचिका को स्वीकारते हुए कोर्ट ने कहा था कि सरकार वित्तीय संकट के नाम पर पेंशनरों के वित्तीय लाभ न तो रोक सकती है और न ही देने से इंकार कर सकती है। सरकार संसाधनों की कमी के नाम पर पेंशनरों के लाभ अनिश्चितकाल तक प्रतिबंधित भी नहीं कर सकती। कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यदि एक बार किसी सेवारत अथवा सेवानिवृत कर्मचारी के पक्ष में वित्तीय लाभ कानूनी रूप से एक्सिस्ट्स हो जाएं तो उन्हें अनिश्चितकाल के लिए न तो रोका जा सकता है और न ही उनमें कोई संशोधन कर कम किया जा सकता है। सरकार कानूनी रूप से अपने वादों को पूरा करने के लिए बाध्य होती है इसलिए वित्तीय स्थिति का बहाना बनाकर वित्तीय लाभ नहीं रोके जा सकते। प्रार्थी एसोसिएशन ने आरोप लगाया था कि उन्हें छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक अभी तक कोई वित्तीय लाभ नहीं दिए हैं। एसोसिएशन का कहना था कि प्रदेश सरकार ने 3 जनवरी 2022 को संशोधित वेतनमान संबंधी नियम बनाए। इन नियमों के तहत सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को अपनाया और कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से यह लाभ देने की घोषणा की। एसोसिएशन का कहना था कि वे भी संशोधित वेतन मान की बकाया राशि पाने के हकदार हैं क्योंकि वे 1 जनवरी 2016 के पहले व बाद में रिटायर हुए थे। 25 फरवरी 2022 को सरकार ने पेंशन नियमों में संशोधन कर 1 जनवरी 2016 के बाद रिटायर होने वाले कर्मियों की डीसीआर ग्रेच्यूटी की सीमा 10 लाख से 20 लाख रुपये कर दी थी। 17 सितम्बर 2022 को सरकार ने कार्यालय ज्ञापन जारी कर वित्तीय लाभ देने के लिए किश्तें बनाई, जिसके अनुसार वित्तीय लाभों की बकाया राशि का भुगतान पांच किश्तों में करने का प्रावधान बनाया गया। प्रार्थियों का कहना है कि उनके वित्तीय लाभ किश्तों में देने का प्रावधान सरासर गलत है। सेवानिवृति लाभ पाना उनका अधिकार है और सरकार ये लाभ देकर उन पर कोई एहसान नहीं कर रही। सरकार को रिटायर कर्मचारियों के वित्तीय लाभ किश्तों में देने की इजाजत नहीं दी जा सकती और वो भी बिना ब्याज के प्रार्थियों ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि जो कर्मचारी 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2022 के बीच सेवानिवृत हुए हैं। उन्हें वित्तीय लाभ पांच किश्तों में और जो 1 मार्च 2022 से बाद सेवानिवृत हुए हैं उन्हें सभी लाभों का बकाया एक साथ किया जा रहा है।
**पिछले 10 वर्षों से रोजगार का कर रही थी इन्तज़ार **अब भर्ती के मानकों से परेशान एक लम्बे इंतज़ार के बाद हिमाचल में प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती हो तो रही है मगर अब भी इससे इंतज़ार कर रहे बेरोज़गार पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। एनटीटी डिप्लोमा धारक, भर्ती के मानकों से परेशान है। पहले इस भर्ती के ओउटसोर्से आधार पर होने से युवाओं ने चिंता जताई और अब भर्ती के लिए एनसीटीई अप्रूवल संस्थान के डिप्लोमा पर...दरअसल प्रदेश में अधिकतर युवाओं ने एनटीटी का एक साल का डिप्लोमा किया है, लेकिन नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन के मुताबिक एनटीटी के लिए 2 साल का डिप्लोमा जरूरी है। इस मसले पर हिमाचल प्रदेश बेरोजगार संघ की अध्यक्षा शिल्पा शर्मा का कहना है कि हिमाचल में जब ये NTT डिप्लोमा करवाए जा रहे थे तो ये स्पष्ट नहीं था कि कौन-सा संस्थान एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है और कौनसा नहीं। प्रशिक्षुओं ने प्रतिष्ठित संस्थानों से एनटीटी का डिप्लोमा हासिल किया है मगर संस्थान के पास एनसीटीई की मान्यता न होने के कारण आज उनका डिप्लोमा धरा का धरा रह गया है। अगर ये डिप्लोमा मान्यता नहीं रखते थे तो प्रदेश में इन्हें करवाने की अनुमति क्यों दी गई। हर एक डिप्लोमा धारक महिला अपना समय और पैसा लगा चुकी है मगर अब उन्हें नौकरी नहीं मिल रही। ऐसे डिप्लोमा धारकों की संख्या 15 से 30 हजार हैं जो पिछले लंबे समय से नौकरी का इंतज़ार कर रहे है। इन प्रशिक्षुओं की सरकार से मांग है कि इन्हें रियायत दी जाए और सरकारी स्कूलों में 6,297 पदों पर होने वाली प्री-प्राइमरी टीचरों की भर्ती में इन्हें भी शामिल किया जाए।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू आज दोपहर बाद दिल्ली जाएंगे। 16 जुलाई को मुख्यमंत्री नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और प्रदेश के विभिन्न मुद्दों को उनके समक्ष रखेंगे। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री हिमाचल को मिलने वाली बिजली रॉयल्टी और नई पेंशन स्कीम की देनदारी का मामला उठाएंगे।
हिमाचल प्रदेश की 5,000 करोड़ की सेब आर्थिकी को ओलों से बचाने के लिए आईआईटी मुंबई की ओर से विकसित स्वदेशी एंटी हेलगन को डॉप्लर रडार से जोड़ा जाएगा। रडार की मदद से ओलों वाले बादलों की स्टीक जानकारी मिलेगी और हेलगन का प्रभाव बढ़ेगा। शिमला जिले के मंढोल में स्थापित स्वदेशी एंटी हेलगन के तीन साल का ट्रायल पूरा होने के बाद आईआईटी मुंबई के इंजीनियरों ने निरीक्षण के बाद यह निर्णय लिया है। डीआरडीओ की पुणे लैब के वैज्ञानिक इसमें तकनीकी सहयोग देंगे। हेलगन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ने की भी संभावना तलाशी जाएगी। विदेशों से आयातित एंटी हेलगन की कीमत करीब डेढ़ करोड़ है जबकि आईआईटी मुंबई की ओर से विकसित स्वदेशी एंटी हेलगन की कीमत महज 31 लाख है। विदेशी हेलगन चलाने के लिए एसिटिलीन गैस इस्तेमाल होती है। यह बहुत मंहगी है और आसानी से नहीं मिलती। स्वदेशी हेलगन एलपीजी से चलती है। इसलिए इसके संचालन का खर्चा कम है। रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की एचईएमआरएल पुणे के निदेशक डाॅ. एपी दास ने बताया कि स्वदेशी एंटी हेलगन से पर्यावरण को नुकसान की संभावना नहीं है। हेलगन से नियंत्रित तरीके से तरंगें वायुमंडल में जाती हैं। जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता। उनकी टीम ने परीक्षण के दौरान आंकड़ों का अध्ययन किया है, रिपोर्ट आईआईटी मुंबई को जल्द सौंपी जाएगी। डाॅप्लर वेदर रडार स्थापित कर सटीक आंकड़ों से इसका प्रभाव बढ़ाया जा सकता है। सरकार ओलों से बचाव करने वाली जाली पर 80 फीसदी अनुदान दे रही है। इसके स्थान पर स्वदेशी एंटी हेलगन स्थापित करने पर अनुदान दिया जाना चाहिए। इससे छोट-बड़े सभी बागवान लाभान्वित होंगे। बागवानों को बगीचों में नेट चढ़ाने-उतारने का खर्चा भी बचेगा मंढोल में स्थापित स्वदेशी एंटी हेलगन का प्रयोग सफल रहा है। सेब उत्पादक क्षेत्रों में एंटी हेलगन का ग्रिड नेटवर्क स्थापित कर सेब की फसल ओलों से बचाई जा सकती है। प्रदेश सरकार को भी इसका प्रस्ताव सौंपा जाएगा। डीआरडीओ की एचईएमआरएल लैब के साथ मिलकर डाॅप्लर रडार स्थापित कर इसका प्रभाव बढ़ाने की भी योजना है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) को लेकर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार साल पहले जिस एजेंसी को देश के करोड़ों युवाओं के लिए वरदान बता रहे थे, वह आज किस वजह से निष्क्रिय हुई है, इस बारे में सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए। खडग़े ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी कल आप मुंबई में नौकरियां देने पर झूठ का मायाजाल बुन रहे थे। मैं आपको पुन: याद दिलाना चाहता हूं कि (एनआरए) राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी की घोषणा करते हुए आपने क्या कहा था। अगस्त 2020 में आपने कहा था – एनआरए करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगा। सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से यह कई परीक्षाओं को समाप्त कर देगा और कीमती समय के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत करेगा। इससे पारदर्शिता को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करते हुए कहा हमारे तीन सवाल हैं। एनआरए ने पिछले चार वर्षों से एक भी परीक्षा क्यों नहीं कराई। क्यों एनआरए को 1,517.57 करोड़ रुपए का फंड मुहैया कराने के बावजूद चार वर्षों में अब तक केवल 58 करोड़ रुपए ही खर्चा किया गया है। एनआरए सरकारी नौकरियों की भर्ती के लिए संस्था बनी थी। क्या जानबूझकर इसको निष्क्रिय रखा गया, ताकि एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस युवाओं से उनके आरक्षण का हक छीना जा सके। एनटीए से धांधली, पेपर लीक तथा घोटाला कराया गया और एनआरए से परीक्षा ही नहीं करवाई गई। शिक्षा प्रणाली को तहस-नहस करने का और युवाओं के भविष्य को तंग-तबाह करने का बीड़ा भाजपा-आरएसएस ने उठाया है। उन्होंने कहा की उनकी तरफ से एनआरए का मुद्दा पहले भी उठाया गया था लेकिन मोदी सरकार मौनव्रत धारण कर के बैठी हुई है।
हिमाचल प्रदेश में धारा 118 की मंजूरी लेकर खोले गए होम स्टे बंद होंगे। प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों के लोगों ने धारा 118 की अनुमति लेकर होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट (बीएंडबी) इकाइयां स्थापित कर दी हैं, जबकि होम स्टे योजना बेरोजगार लोगों को रोजगार का विकल्प देने के लिए लाई गई थी। धारा 118 के तहत ली गई जमीन पर मकान या उद्योग लगाने के लिए मंजूरी मिलती है लेकिन बाहरी राज्यों के लोग होम स्टे स्थापित नहीं कर सकते। होमस्टे नियम-2024 में बदलाव को लेकर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक में इसे लेकर चर्चा की गई है। 23 जुलाई को अगली बैठक में इस पर फैसला होगा। इसके अलावा प्रदेश में बिना पंजीकरण चल रहे होम स्टे और बीएंडबी को बंद करने पर भी चर्चा की गई है। सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी के लिए होम स्टे पर सुविधाओं के आधार पर सेस लगाने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके अलावा होम स्टे के पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी करने का भी प्रस्ताव है। मौजूदा समय में पंजीकरण और नवीनीकरण के एवज में महज 100 रुपये फीस ली जा रही हैै। प्रदेश में पर्यटन विभाग के पास 4,000 से अधिक होम स्टे पंजीकृत हैं। बड़ी संख्या में गैर पंजीकृत होम स्टे और बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयां भी प्रदेश में संचालित हो रही हैं। होम स्टे के साथ बेड एंड ब्रेकफास्ट इकाइयों को भी पर्यटन विभाग की कार्रवाई के दायरे में लाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में उप-समिति के सदस्य ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्माणी ने भी सुझाव रखे। पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग की निदेशक मानसी सहाय ठाकुर ने उप-समिति को हिमाचल प्रदेश होमस्टे नियम-2024 के प्रस्तावित प्रारूप से अवगत करवाया।
फरवरी 2025 में होने वाली चैंपियन ट्रॉफी खेलने के लिए भारत की टीम पाकिस्तान नहीं जाएगी। BCCI भारत के मैच पकिस्तान की जगह दुबई में या श्रीलंका में कराने के लिए ICC से कहेगा। टी20 वर्ल्ड कप 2024 की चैंपियन भारतीय टीम का अगला लक्ष्य चैंपियन ट्रॉफी है। पाकिस्तान की मेजबानी में खेले जाने वाले इस टूर्नामेंट का खिताब भारत हर हाल में अपने नाम करना चाहेगा। बीसीसीआई सचिव जय शाह कह चुके हैं कि चैंपियन ट्रॉफी 2025 में भारत की कप्तानी रोहित शर्मा करेंगे और टीम इंडिया सीनियर खिलाड़ियों के साथ इस टूर्नामेंट में भाग लेगी। अब एएनआई को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के एक सूत्र ने जानकारी दी है कि, भारतीय क्रिकेट टीम के 2025 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान जाने की संभावना नहीं है। इसके लिए बीसीसीआई आईसीसी से दुबई या श्रीलंका में मैच आयोजित करने के लिए कहेगा। अब देखना यह है कि, बीसीसीआई के वेन्यू बदलने के आग्रह के बाद आईसीसी क्या कदम उठाता है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड हरसंभव प्रयास कर रहा है कि 17 साल के बाद भारतीय टीम का पाकिस्तान का दौरा संभव हो सके। पीसीबी भारत के सभी एक ही वेन्यू लाहौर में कराने पर भी विचार कर रहा है। इससे पहले पीसीबी ने चैंपियन ट्रॉफी के लिए हाइब्रिड मॉडल पर विचार करने से इंकार कर दिया था। 2008 में मुंबई हमले के बाद भारत पाकिस्तान के संबंध लगातार खराब होते रहे हैं उसके बाद से अब तक भारतीय टीम ने पाकिस्तान में क्रिकेट नहीं खेला है। बता दें, चैंपियन ट्रॉफी अगले साल फरवरी में पीसीबी के मेजबानी में खेली जाएगी। पीसीबी इसके लिए ड्राफ्ट लगभग तैयार कर चुका है। बोर्ड इससे पहले कह चुका है अगर भारतीय टीम राजनीतिक और सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान का दौरा नहीं करती है तो पीसीबी मुआवजे का हकदार होगा।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से शिक्षा क्षेत्र में नॉन रेकरिंग ग्रांट बढ़ाने की मांग की है। मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने पहाड़ी क्षेत्र होने के चलते प्रदेश में निर्माण कार्य महंगा होने का हवाला देते हुए इस ग्रांट को बढ़ाने का पक्ष रखा। नॉन रेकरिंग ग्रांट एक बार का या अनियमित व्यय है और भविष्य में इसका भुगतान करने की अपेक्षा नहीं की जाती है। शिक्षा सचिव ने कहा कि आईसीटी लैब हो या फिर भवन का निर्माण, इसमें काफी खर्चे का काम होता है। इसके लिए जो बजट दिया जाता है, वह कम पड़ जाता है। ऐसे में इसमें बढ़ोतरी होनी चाहिए। केंद्र सरकार की शिक्षा क्षेत्र में प्रायोजित योजनाओं की नई दिल्ली में दो दिवसीय समीक्षा के पहले दिन मंगलवार को आईसीटी लैब, यू-डाइस, बेस्ट प्रेक्टिसिज और डाइट केंद्रों को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। प्रदेश के अधिकारियों ने कहा कि आईसीटी लैब बनाने का काम चल रहा है। कई स्कूलों में यह लैब बन चुकी है। कहीं पर जमीन की कमी थी तो कई स्थानों पर कुछ और कारणों के चलते देरी हुई थी, लेकिन अब इनका समाधान कर दिया गया है। आईसीटी लैब बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। प्रदेश के हर स्कूल में जल्द ही आईसीटी लैब स्थापित कर दी जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि डाइट केंद्रों को भी अपग्रेड किया जा रहा है। राजधानी शिमला के समीप घणाहट्टी स्थित डाइट सेंटर को अपग्रेड किया जा रहा है। इस पर करीब 9 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में डाइट केंद्रों को अपग्रेड किया जा रहा है। 2023-24 के वित्तीय वर्ष में समग्र शिक्षा अभियान और स्टार प्रोजेक्ट के तहत जारी बजट को खर्च कर दिया गया है। प्रदेश ने बीआरसीसी, सीआरसी सहित अन्य शिक्षक जो प्रोजेक्ट का कार्य देखते हैं, उनके वेतन अदायगी के लिए अतिरिक्त बजट जारी करने का मामला भी बैठक में उठाया। समीक्षा बैठक के दूसरे दिन बुधवार को मिड डे मील, नव भारत साक्षरता अभियान सहित अन्य कई योजनाओं को लेकर चर्चा होगी। बैठक में समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा सहित कई अन्य अधिकारी शामिल हुए।
हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक सरकारी स्कूलों में नियुक्त सरप्लस शिक्षक बदले जाएंगे। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों से पंजीकृत विद्यार्थियों और नियुक्त शिक्षकों का ब्योरा तलब किया गया है। सोमवार को सभी जिला उपनिदेशकों को पत्र जारी कर एक सप्ताह में जानकारियां देने को कहा है। विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले स्कूलों की भी अलग से रिपोर्ट मांगी गई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रवक्ताओं के युक्तिकरण की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए सभी जिलों से ब्योरा मांगा है। विद्यार्थियों की कम संख्या वाले स्कूलों में कॉमर्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल संकाय बंद हो सकते हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शिमला सहित जिला मुख्यालयों से सटे अधिकांश वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में आवश्यकता से अधिक प्रवक्ता हैं। इन स्कूलों में प्रवक्ताओं के पद तो सृजित हैं लेकिन संबंधित विषयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम है। कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां संबंधित विषय का प्रवक्ता तो नियुक्त है लेकिन विषय को पढ़ने के लिए नाममात्र या कोई भी विद्यार्थी नहीं हैं। ऐसे में उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों से सभी वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में दाखिले लेने वाले विद्यार्थियों और वहां नियुक्त शिक्षकों की जानकारी देने को कहा है। इन जानकारियों को जुटाने के बाद निदेशालय शिक्षकों के युक्तिकरण की प्रक्रिया को शुरू करेगा।सरप्लस प्रवक्ताओं को अन्य स्कूलों में नियुक्तियां दी जाएंगी। प्रदेश में कई ऐसे स्कूल हैं जहां इस वर्ष काॅमर्स, मेडिकल और नॉन मेडिकल संकाय में बहुत कम विद्यार्थियों ने दाखिले लिए हैं। इन विद्यार्थियों को साथ लगते स्कूलों में शिफ्ट किया जा सकता है। शिक्षकों को ऐसे स्कूलों में भेजा जाएगा जहां विद्यार्थियों की संख्या अधिक है। दूरदराज के क्षेत्रों में ऐसे भी कई स्कूल स्थित हैं जहां विद्यार्थियों की अधिक संख्या है लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए प्रवक्ता ही नहीं है। इन स्कूलों में प्रतिनियुक्ति के माध्यम से शिक्षकों को भेजकर काम चलाया जा रहा है। इन सब कमियों को दूर करने के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने प्रवक्ताओं का युक्तिकरण करने का फैसला है। बीते दिनों स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी किए गए बारहवीं कक्षा के वार्षिक परिणाम को देखते हुए भी प्रवक्ताओं को बदलने का विचार जारी है।
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की तीन सीटों हमीरपुर, देहरा व नालागढ़ के लिए हो रहे उपचुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए मंगलवार को पोलिंग पार्टियां अपने-अपने बूथों के लिए ईवीएम को लेकर रवाना हुईं। पुलिस कर्मियों और सीआईएफ जवानों की कड़ी सुरक्षा में हमीरपुर के 94 मतदान केंद्रों पर बुधवार को मतदान होगा। मंगलवार को राजकीय बाल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हमीरपुर के खेल मैदान में पोलिंग पार्टियों के लिए परिवहन निगम की 13 बसें लगाई गईं। सुबह 11:00 से लेकर दोपहर 1:00 तक पोलिंग पार्टियां पुलिस कर्मियों और सीआरपीएफ जवानों के साथ मतदान केंद्रों के लिए रवाना हुईं। वहीं खेल मैदान में बारिश से जमा हुए पानी के कारण कर्मचारियों के वाहन मैदान में पड़े गड्ढों में फंसे रहे। आपसी सहयोग से कड़ी मशक्कत के बाद कर्मचारियों ने वाहनों को निकाला। विधानसभा क्षेत्र हमीरपुर के एसडीएम मनीष सोने की अगुवाई में पोलिंग पार्टियों को रवाना किया गया।
जाखणीधार ब्लॉक के चौंड-जसपुर निवासी विनोद सिंह (33) भी कठुआ में हुए आतंकी हमले में शहीद हो गए हैं। ग्राम प्रधान कीर्ति सिंह कुमाई ने बताया कि वीर सिंह भंडारी, शशि देवी के पुत्र 10 वीं गढ़वाल राइफल में तैनात विनोद कुमार सिंह ने देश के लिए कुर्बानी दी है। वर्तमान में उनका परिवार भानियावाल देहरादून में रहता हैं। विनोद 2011 में सेना में भर्ती हुए थे। वह घर के इकलौते बेटे थे। विनोद का 4 साल का बेटा और 4 माह की बेटी है। डेढ़ माह पहले ही वह घर आए थे। उनके गांव में यह सूचना मिलते ही कोहराम मच गया। ग्राम प्रधान ने बताया कि वह और गांव के अन्य लोग भानियावाला के लिए रवाना हो गए हैं।
देश की रक्षा करते हुए रुद्रप्रयाग जनपद के ग्राम कांडा भरदार के वीर सपूत नायब सूबेदार आनंद सिंह रावत शहीद हो गए। शहीद आनंद सिंह रावत 6 माह पूर्व अपने गांव छुट्टी पर आए थे और वर्तमान में जम्मू कश्मीर में तैनात थे। आनंद सिंह रावत का परिवार वर्तमान में देहरादून में रहता है। उनके बड़े भाई कुंदन सिंह और मां गांव में ही रहते है। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकवादियों और सेना के जवानों के बीच सोमवार को भीषण मुठभेड़ हुई। इस घटना में सेना के 5 जवान शहीद हो गए और 5 अन्य घायल हो गए। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर का कठुआ जिला पंजाब के पठानकोट जिले से सटा हुआ है। पूरे घटनाक्रम पर सेना के सूत्रों ने कहा है कि आतंकियों की तरफ से पहले हमले किए गए। जवान की तरफ से जवाबी कार्रवाई की गई। सेना के अधिकारियों ने बताया कि यह घटना कठुआ शहर से 150 किलोमीटर दूर लोहई मल्हार स्थित बदनोता गांव में हुई, जब सेना के कुछ वाहन इलाके में नियमित गश्त पर थे। उसी समय आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाया।
हिमाचल प्रदेश में राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए चयन प्रक्रिया को बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। इस वर्ष से साक्षात्कार और बेहतर परीक्षा परिणाम के आधार पर शिक्षक पुरस्कार दिए जाएंगे। इसको लेकर शिक्षा सचिव राकेश कंवर की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई बैठक में नई चयन प्रक्रिया तैयार की गई। पुरस्कारों के लिए शॉर्टलिस्ट शिक्षकों के स्कूलों में जाकर उपलब्धियों को भी चयन कमेटी से परखने का फैसला लिया गया है। शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को अब अंतिम मंजूरी के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को भेजा जाएगा। संभावित है कि इस मामले को लेकर कैबिनेट की राय भी ली जा सकती है। प्रदेश में अभी तक राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए आने वाले आवेदनों की छंटनी के बाद ही शिक्षकों का चयन होता रहा है। सरकार ने इस प्रक्रिया को बदलने का फैसला लिया है। सोमवार को राज्य सचिवालय में हुई बैठक में विभिन्न श्रेणियों के शिक्षकों को पुरस्कार के लिए चयनित करने के लिए कई मानक तैयार किए गए। फैसला लिया कि इस बार से आवेदनों की छंटनी के बाद शॉर्टलिस्ट शिक्षकों के शिक्षा सचिव साक्षात्कार भी लेंगे। साक्षात्कार के अलग से अंक तय किए जाएंगे। इसके अलावा वार्षिक परीक्षा परिणाम में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी। स्कूलों में सफाई बनाए रखने, भवन निर्माण करने, पुस्तकें लिखने, पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष कार्य करने के भी अंक दिए जाएंगे। स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने वाले शिक्षकों को भी अधिमान दिया जाएगा। शिक्षकों की ओर से अपने आवेदनों में बताई गई उपलब्धियों को मौके पर जाकर चयन कमेटी परखेगी भी। शिक्षकों के बारे में विद्यार्थियों से भी फीडबैक लिया जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि नई चयन प्रक्रिया को लेकर जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर शिक्षा मंत्री की मंजूरी को भेजा जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में मानसून रफ्तार पकड़ रहा है। नदी और नाले उफान पर हैं। इसके देखते हुए लोक निर्माण विभाग ने इंजीनियर और कर्मचारियों को अलर्ट किया है। विभाग ने 17 बेली ब्रिज की व्यवस्था की है। बाढ़ से अगर पुल क्षतिग्रस्त होता है तो ऐसी स्थिति में 15 दिन के भीतर लोहे का बेली ब्रिज लगाया जाएगा। बीते साल प्राकृतिक आपदा के चलते लोक निर्माण विभाग के 33 पुल ढह गए थे। इससे सबक लेते हुए विभाग ने पहले ही पुलों का इंतजाम किया गया है। हालांकि बीते साल जहां जहां अस्थायी पुल लगाए थे, वहां नए पुलों के निर्माण के साथ-साथ इन पुलों को हटाने का काम भी शुरू हो गया है। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर जिला मंडी, कुल्लू और शिमला में फोकस किए हुए हैं। बीते साल भी इन दो जिलों में बारिश ने तबाही मचा दी थी। मंडी में सड़कें ध्वस्त हो गई थी, कई पुल टूट गए। 10 से 15 दिन तक क्षेत्र एक-दूसरे से कटे रहे। जिला शिमला में भी जानमाल का बड़ा नुकसान हुआ था। बरसात के चलते लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय में लगातार इंजीनियरों की बैठकें हो रही हैं। जिलों से नुकसान की रिपोर्ट मांगी जा रही है। विभाग का दावा है कि अभी तक प्रदेश में बड़ी घटना नहीं हुई है। जिला शिमला और मंडी में सड़कें बंद हैं। इन्हें समय रहते खोला जा रहा है। कई जगह सड़कों से मलबा हटाने के बाद पहाड़ी खिसक रही है। ऐसे में मजदूरों को सावधानी से काम करने के दिशा निर्देश दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ नरेंद्र पॉल ने बताया कि 13 बेली ब्रिज की व्यवस्था की गई है। पुराने पुलों का भी ऑडिट किया जा रहा है। जिन पुलों की हालत खस्ता होगी, उन्हें बदला जाएगा। जिला मंडी और शिमला में सड़कें अवरुद्ध हो रही हैं। समय रहते इन्हें यातायात के लिए बहाल किया जा रहा है।
** मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश की संभावना हिमाचल प्रदेश में मानसून अपने दूसरे हफ्ते में है। प्रदेश भर में फिलहाल सामान्य बारिश दर्ज की जा रही है। वहीं, कुछ स्थानों पर भारी बारिश देखी गई है। पिछली बार के मुकाबले हिमाचल में इस बार हालात अभी तक सामान्य बने हुए हैं। राजधानी शिमला समेत कई स्थानों पर आसमान में बादल छाए हुए हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की ओर से जारी किए गए बुलेटिन के मुताबिक पिछले 24 घंटो में हिमाचल के कुछ स्थानों पर हल्की बारिश दर्ज की गई है। पिछले 24 घंटों में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सबसे अधिक तापमान बिलासपुर में 36.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला का अनुमान है कि 10 जुलाई के बाद हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मानसून रफ्तार पकड़ेगा। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी से भारी बारिश दर्ज की जा सकती है। शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान सामान्य बारिश दर्ज की गई है। हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर,बिलासपुर,शिमला,सिरमौर और चंबा जिला में सामान्य से मध्यम स्तर की बारिश देखने को मिली है। बिलासपुर के मडगांव में भारी से भारी बारिश दर्ज की गई। वहीं, आने वाले दिनों में भी हिमाचल प्रदेश में बारिश का क्रम यूं ही जारी रहेगा। 10 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य से मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना है। वहीं 10 जुलाई के बाद तीन दिनों तक प्रदेश में रेनफॉल एक्टिविटी बढ़ने का पूर्वानुमान है। उन्होंने बताया कि इस दौरान हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी से भारी बारिश होने की भी संभावना है।
कारोबारी सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। बीएसई पर सेंसेक्स 36 अंकों की गिरावट के साथ 79,960.38 पर क्लोज हुआ। वहीं, एनएसई पर निफ्टी 0.01 फीसदी की गिरावट के साथ 24,320.55 पर बंद हुआ। आज के कारोबार के दौरान रेल विकास निगम, राष्ट्रीय केमिकल्स, भारतीय रेलवे वित्त, इरकॉन इंटरनेशनल निफ्टी पर टॉप गेनर के लिस्ट में शामिल रहे। वहीं, एलेकॉन इंजीनियरिंग कंपनी, जेएंडके बैंक, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, रेडिको खेतान निफ्टी पर टॉप लूजरे के लिस्ट में शामिल रहे। सेंसेक्स पर आईटीसी, एचयूएल, विप्रो, नेस्ले और टाटा मोटर्स टॉप गेनर के लिस्ट में शामिल रहे, जबकि टाइटन कंपनी, जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, एशियन पेंट्स और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर के लिस्ट में शामिल रहे। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक स्थिर स्तर पर बंद हुए। क्षेत्रीय मोर्चे पर, पूंजीगत सामान, एफएमसीजी और तेल एवं गैस में 0.6 से 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि ऑटो, बैंक, स्वास्थ्य सेवा, मेटल, बिजली, दूरसंचार में 0.4 से 0.8 फीसदी की गिरावट आई। भारतीय शेयर बाजार के सूचकांक सोमवार को नीचे गिर गए, जिसका कारण ज्वैलरी और घड़ी निर्माता टाइटन में तिमाही बिक्री में निराशाजनक वृद्धि के बाद आई गिरावट थी। इस बीच, छोटे और मध्यम आकार के शेयरों ने अपनी उल्लेखनीय तेजी जारी रखी, जो मजबूत खुदरा प्रवाह से प्रेरित थी, जिससे उनकी रिकॉर्ड तेजी जारी रही। कारोबारी सप्ताह के पहले दिन शेयर बाजार सपाट पर खुला। बीएसई पर सेंसेक्स 73 अंकों की गिरावट के साथ 79,923.07 पर ओपन हुआ। वहीं, एनएसई पर निफ्टी 0.02 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 24,329.45 पर खुला।
ऑफ सीजन में दिल्ली से शिमला का हवाई जहाज से सफर अब टैक्सी से भी सस्ता हो गया है। गगल से दिल्ली तक करीब 470 किमी सफर हवाई जहाज में सवा से डेढ़ घंटे में पूरा हो रहा है और किराया 2909 से शुरू होकर 4500 रुपये तक है। वहीं, टैक्सी से धर्मशाला से दिल्ली तक का सफर 13 से 17 हजार में पड़ रहा है। ऑफ सीजन में हवाई किराया कम होने से पैसे और समय दोनों की बचत हो रही है। दूसरी तरफ टैक्सी में सफर भी महंगा और समय भी करीब 7-8 घंटे लगता है। निचले क्षेत्रों में स्कूलों में छुट्टियां खत्म होने व बारिश का मौसम शुरू होने के कारण पर्यटन कारोबार में मंदी छा गई है। यहां होटलों में 40 से 50% की छूट होने के बाद भी ऑक्यूपेंसी 30 से 35 % तक ही दर्ज की जा रही है। वहीं, इसी मंदी और ऑफ सीजन का असर हवाई उड़ानों पर भी पड़ा है। पर्यटन सीजन में 15 से 20 हजार रुपये तक रहने वाले दिल्ली-धर्मशाला हवाई रूट का किराया 2909 रुपये से शुरू हो रहा है। हालांकि, टैक्सी में 13 से 17 हजार रुपये में चार लोग दिल्ली पहुंच सकते हैं, लेकिन उसमें समय अधिक लगेगा, जबकि हवाई जहाज मात्र सवा से डेढ़ घंटे में ही दिल्ली पहुंचाएगा।
धर्मशाला: देहरा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में नुक्कड़ सभाओं को सम्बोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा सीएम 28 हजार नौकरियां देने की बात कहकर प्रदेश की जनता को सफेद झूठ परोस रहे हैं। 28 हजार नौकरियां देना तो दूर कांग्रेस की वर्तमान सरकार ने 28 नौकरियां भी नहीं दीं। चुनाव के बाद पहली कैबिनेट बैठक में कांग्रेस सरकार ने सालाना एक लाख नौकरियां देने की गारंटी दी थी और अब डेढ़ साल बाद एक भी नौकरी ना देकर सफेद झूठ बोलकर जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम किया जा रहा है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा प्रदेश की जनता यह जानना चाहती है कि 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी प्रदेश सरकार 9 हजार करोड़ रुपये का कर्ज और लेने जा रही है। बावजूद इसके प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़े हैं। क्या यह लोन मित्रों के टोले की भलाई के लिए लिया जा रहा है? बकौल मुख्यमंत्री प्रदेश का खजाना खाली है इसलिए विकास कार्य नहीं किए जा सकते. डॉ. बिन्दल ने कहा तीन उपचुनावों के मद्देनजर प्रदेश सरकार द्वारा झूठ बोलने का काम किया जा रहा है। देहरा की जनता को मायाजाल व भ्रमजाल में फंसाने के लिए सरकार ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है। देहरा का उपचुनाव कांग्रेस पार्टी ना लड़कर हिमाचल की सरकार लड़ रही है। सारे चुनाव को अधिकारियों के हवाले कर दिया गया है। डॉ. बिन्दल ने कहा देहरा का उपचुनाव भय और आतंक के साये में लड़ा जा रहा है लेकिन देहरा की जनता बीजेपी प्रत्याशी होशियार सिंह को जिताने का मन बना चुकी है। उन्होंने तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों की जीत का दावा किया।
**ऑनलाइन हाजिरी का विरोध करेंगे शिक्षक-शिक्षामित्र परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था के विरोध में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले शिक्षकों ने 6 जुलाई को बीएसए कार्यालय पर धरना दिया। संगठन के जिलाध्यक्ष डॉ. राकेश चौहान ने कहा कि शिक्षकों पर ऑनलाइन उपस्थिति थोपी गई तो संगठन आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। जिसका परिणाम शासन प्रशासन को भुगतना पड़ेगा। लोधा के अध्यक्ष विपुल राजौरा ने कहा कि सरकार द्वारा जो दमनकारी नीतियां बनाई जा रही हैं, वह पूर्ण रूप से व्यावहारिक नहीं है। मंत्री सुमित कुमार सिंह ने सभी शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया। विकास खंड धनीपुर के अध्यक्ष संजय भारद्वाज, मंत्री मनोज वार्ष्णेय, कोषाध्यक्ष मेघा जैन, इगलास के अध्यक्ष सूरज सिंह, चंडौस के अध्यक्ष चतुर्भुज चौहान, गंगीरी के मंत्री पंडित बबलू शर्मा, जिला कोषाध्यक्ष संजय गुप्ता, यशपाल बिष्ट ने विचार व्यक्त किए। जिला महामंत्री सुशील कुमार शर्मा ने सभी का धन्यवाद व्यक्त किया। अंत में बीएसए को ज्ञापन सौंपा गया।
इस वर्ष से शुरू हुए यूनिवर्सल कार्टन की गुणवत्ता पर आढ़ती और बागवानों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। प्रदेश सरकार की ओर से इस वर्ष से सेब कारोबार टेलिस्कोपिक कार्टन की जगह यूनिवर्सल कार्टन में करने के निर्देश दिए गए हैं। यूनिवर्सल कार्टन की गुणवत्ता सही न होने के चलते सेब और नाशपाती की फसल मंडी में पहुंचने से पहले ही दागी हो रही है। सेब और नाशपाती की पेटी को मंडी और मंडी से बाहरी राज्यों को भेजने के लिए ट्रक में ले जानी पड़ती हैं। टेलिस्कोपिक कार्टन की एक पेटी 12 से 13 पेटियों का भार आसानी से सह लेती थी, लेकिन यूनिवर्सल कार्टन की एक पेटी के छह से सात पेटियां रखते ही पेटी फट जाती है और पेटी में लाया फल भी दबकर खराब होना शुरू हो जाता है। आढ़तियों के अनुसार टेलिस्कोपिक कार्टन को बनाने में जो गत्ता उपयोग किया जाता था, वह सख्त और बेहतर गुणवत्ता का होता है। उसमें आसानी से माल लाया और ले जाया जा सकता है। यूनिवर्सल कार्टन बनाने वाली कंपनी कार्टन में जो गत्ता प्रयोग कर रही है वह नरम है। इसकी वजह से वह ज्यादा भर सहन नहीं कर पा रहा है। भट्ठाकुफर फल मंडी में शनिवार को रोहड़ू, करसोग, कोटखाई और ठियोग से यूनिवर्सल कार्टन में पहुंची सेब और नाशपाती की पेटियों की सप्लाई में भी यही स्थिति देखने को मिली। मंडी के आढ़ती प्रवीण ने बताया कि पुराने कार्टन के मुकाबले नए की गुणवत्ता खराब है। मंडी तक पहुंचने से पहले ही नाशपाती कार्टन में दबकर खराब हो रही है। मंडी में फसल लेकर करसोग से पहुंचे बागवान प्रेम चंद और सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि नए कार्टन में पेटियों को गाड़ी में लोड और अनलोड करने में समस्या पेश आ रही है। बागवानों को नए कार्टन में सेब की पैकिंग करनी नहीं आ रही है। नए कार्टन में सेब या नाशपाती समान आकार ही होनी चाहिए। फलों का आकार बराबर नहीं होने पेटी दब रही है। आढ़तियों का कहना है कि बागवान यूनिवर्सल कार्टन में ऊपर बड़े और नीचे छोटे आकार का सेब और नाशपाती भरकर ला रहे हैं, इससे पेटी खाली जगह होने के चलते भार पड़ने की वजह से दब रही है। सिंगल लेयर (यूनिवर्सल कार्टन) पेटी तभी कामयाब होगी जब उसका गत्ता मोटा होगा। इसलिए कार्टन बनाने वाली कंपनी को बागवानों और आढ़तियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ही यूनिवर्सल कार्टन तैयार करना चाहिए।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के करीब साढ़े पांच लाख विद्यार्थियों के लिए रोजाना बनने वाले मिड-डे मील में कृत्रिम रंगों का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। केंद्र सरकार की पीएम पोषण योजना के तहत हिमाचल सरकार ने गुणवत्ता और सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किए। खाद्य जनित बीमारियां रोकने को खाद्य सुरक्षा मानदंडों का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। खाद्यान्न नमूनों का जिला स्तर पर संयुक्त रूप से परीक्षण करवाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। शनिवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली की ओर से इस बाबत सभी जिला शिक्षा उपनिदेशकों को पत्र जारी किया गया। राज्य सरकार ने स्कूली भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों में पोषण मानकों को बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने पीएम पोषण (पूर्ववर्ती एमडीएम) योजना के तहत व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों का उद्देश्य स्कूली बच्चों को भोजन की खरीद, भंडारण, तैयारी और परोसने को सुव्यवस्थित करना है, जिसमें स्वच्छता और पोषण मूल्य पर जोर दिया गया है। इसी कड़ी में हिमाचल सरकार ने भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिशा-निर्देशों में इस बात पर जोर दिया गया है कि परोसा जाने वाला भोजन पौष्टिक, स्वादिष्ट और स्वच्छता से तैयार किया जाना चाहिए। इसके चलते खाद्य मिलावट, कृत्रिम रंगों के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की ओर से आपूर्ति किए जाने वाले खाद्यान्न को उचित औसत गुणवत्ता मानकों को पूरा करना चाहिए। वितरण से पहले गुणवत्ता अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नमूनों का जिला स्तर पर संयुक्त रूप से परीक्षण किया जाना चाहिए। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि स्कूली बच्चों को न केवल पौष्टिक भोजन मिले, बल्कि कड़े स्वच्छता मानकों के तहत तैयार किया गया भोजन भी मिले। इन बातों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं। दालें, तेल और मसाले जैसे एगमार्क गुणवत्ता-प्रमाणित पैक किए गए उत्पाद ही प्रयोग किए जाने चाहिए। सब्जियां और फल जैसी खराब होने वाली वस्तुएं ताजा होनी चाहिए। कच्चे माल को दूषित पदार्थों से दूर, साफ, सूखे और हवादार क्षेत्रों में संग्रहित किया जाना चाहिए। भंडारण कंटेनर गैर-विषाक्त होने चाहिए। नियमों में स्पष्ट किया गया है कि खाना पकाने की प्रक्रिया में पोषक तत्वों की मात्रा बनाए रखनी चाहिए। बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए भोजन को न्यूनतम 65 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर परोसा जाना चाहिए। बर्तन और उपकरण साफ किए जाने चाहिए। कुक कम हेल्पर्स की व्यक्तिगत स्वच्छता की सख्त निगरानी की जानी चाहिए। रसोई अच्छी तरह हवादार होनी चाहिए। साफ खाना पकाने की सतहों से सुसज्जित होनी चाहिए। भोजन तैयार करने और सफाई के लिए पर्याप्त पानी की आपूर्ति होनी चाहिए। नियमित निरीक्षण, सामुदायिक भागीदारी और भोजन की आवधिक जांच पोषण और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
हिमाचल के युवाओं की सिविल इंजीनियरिंग में दिलचस्पी बढ़ रही है। प्रदेश के बहुतकनीकी संस्थानों में द्वितीय वर्ष (लीट) में सिविल इंजीनियरिंग कोर्स की 90 फीसदी सीटें बुक हो गई हैं। जानकारी के अनुसार तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की ओर से द्वितीय वर्ष (लीट) के लिए पहले चरण की काउंसलिंग प्रक्रिया 26 जून को की गई थी। काउंसलिंग के बाद विभाग ने खाली सीटों की सूची जारी की है। सूची के अनुसार सिविल इंजीनियरिंग के कोर्सों की 90 फीसदी के करीब सीटें बुक हो चुकी हैं, जबकि अब दूसरे चरण की काउंसलिंग प्रक्रिया 18 जुलाई को होगी। इससे पहले अभ्यर्थी चार से 14 तक काउंसलिंग में भाग लेने के लिए विभाग के पास ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। पहले चरण की हुई काउंसलिंग के अनुसार सिविल इंजीनियरिंग करवा रहे विभिन्न बहुतकनीकी संस्थानों में बहुत कम सीटें बची हैं। इस दौरान कुछेक संस्थानों में 1 से 10 तक सीटें खाली पड़ी हुई हैं।
हिमाचल प्रदेश में सभी सांसद, मंत्री, विधायक और अफसर सरकारी स्कूल गोद लेंगे। तीन विधानसभा उपचुनाव निपटने के बाद प्रदेश में अपना विद्यालय कार्यक्रम योजना लागू होगी। सरकारी स्कूलों में सुधार लाने के उद्देश्य से हिमाचल स्कूल एडॉप्शन कार्यक्रम तैयार किया गया है। गोद लेने वाले प्रतिपालक (मैंटर) बनकर स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं जुटाने और गुणात्मक शिक्षा के लिए भी सहयोग करेंगे। शिक्षा विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार प्रदेश से चुने गए लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद, सभी मंत्री, विधायक, श्रेणी-1 व 2 के राजपत्रित अधिकारी, जैसे उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, वन मंडलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उपमंडलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी व पुलिस उपाधीक्षकों को कम से कम एक स्कूल गोद लेकर उसका संरक्षक बनना होगा। ये संरक्षक अध्यापकों और स्कूल प्रबंधन समितियों को स्कूलों में वांछित सुधार के लिए सुझाव प्रस्तुत करेंगे। सचिवालय व निदेशालय में सेवाएं दे रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी, उपनिदेशक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के समन्वयक, प्रधानाचार्य, राज्य शिक्षा परिषद अनुसंधान व प्रशिक्षण और हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारी भी 1-1 स्कूल गोद लेंगे और इसके मैंटर होंगे। राजकीय पाठशालाओं के लिए शैक्षिक सहायता टीम और गैर शैक्षिक सहायता टीमों का भी गठन किया जाएगा। यह टीम बिना किसी वित्तीय या अन्य लाभ के सरकार का सहयोग करेगी। अपना विद्यालय कार्यक्रम के लिए समग्र शिक्षा अभियान द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा। यह पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध रहेगा, ताकि जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके। इस कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण घटक व्यवस्थित किशोर प्रबंधन एवं मूल्यवर्द्धन संवाद है, जिसके तहत विभिन्न विभाग मिलकर स्कूली विद्यार्थियों का व्यक्तिगत विकास व सशक्तिकरण करेंगे। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि उपचुनाव समाप्त होने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू इस योजना का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद स्कूलों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के कृषि विभाग को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष-2023 के दौरान मिलेट्स के प्रचार-प्रसार में उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रशंसापत्र से सम्मानित होने के लिए बधाई दी। प्रदेश के कृषि विभाग को भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रशंसापत्र से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है और कृषि विभाग ने मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए अनेक नवोन्मेषी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मिलेट्स के पोषक तत्वों और स्वास्थ्य को होने वाले लाभोें के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ राज्य में बड़े स्तर पर मिलेट्स की पैदावार करने को प्रोत्साहन प्रदान किया। कृषि विभाग के एक प्रवक्ता ने आज बताया कि वर्ष-2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में नामित किया गया था ताकि मिलेट्स से मिलने वाले पोषण, स्वास्थ्य, पर्यावरणीय स्थिरता और आर्थिक विकास इत्यादि लाभों से लोगों को अवगत करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि वैश्विक खाद्य प्रणाली भूख, कुपोषण, बढ़ती जनसंख्या, सीमित प्राकृतिक संसाधन और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है। इन चुनौतियों का समाधान मिलेट्स के रूप में हो सकता है जो विविध पोषक तत्वों से भरपूर है और न्यूनतम संसाधनों के साथ विभिन्न प्रतिकूल जलवायु में उगाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस पहल के महत्व को समझते हुए, हिमाचल प्रदेश के कृषि विभाग ने राज्य भर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया ताकि किसानों में मिलेट्स की खेती के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके। इन गतिविधियों में मिलेट्स आधारित शिविर, मेले, त्योहार और प्रदर्शनियां शामिल थीं, जिनका उद्देश्य किसानों को जागरूक और प्रोत्साहित करना था। उन्होंने कहा कि विभाग ने आवश्यक तकनीकी इनपुट और बाजार से जोड़कर किसानों को बाजार अधिशेष उत्पादन के लिए प्रेरित किया ताकि वे मिलेट्स की खेती को अपनाएं रखें। उन्होंने कहा कि नवीन पहल के तहत बीज और मिनी किट वितरण, किसानों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, फार्म गेट पर मिलेट्स की बिक्री, और मिलेट्स खाद्य उत्सव इत्यादि आयोजित किए गए। मिलेट्स की खेती और उनके उत्पादों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए जानकारीपूर्ण साहित्य और रेसिपी पुस्तिकाएं भी वितरित की गई। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में 1,526 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 983 मीट्रिक टन मिलेट्स का उत्पादन किया गया। उन्होंने कहा कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश कृषि विभाग के मिलेट्स के प्रचार-प्रसार में सार्थक प्रयासों, पौष्टिक अनाजों के पोषक तत्वों और इनके आर्थिक और पारिस्थितिक लाभों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए गए। कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार ने मिलेट्स की खेती के प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए किसानों के समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी प्रदेश सरकार मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी। कृषि सचिव सी. पॉलरासु और कृषि निदेशक कुमद सिंह ने किसानों से इस प्रयास को निरन्तर जारी रखने और बाजरा, रागी, कोदो मिलेट, कंगनी, रागी, मंड़ुआ, सांवां पर विशेष ध्यान देते हुए मिलेट्स उत्पादन को बढ़ाने का आग्रह किया।
भारतीय रेलवे बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों पर नकेल कस रहा है। ऐसे यात्रियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। रेलवे अधिकारियों ने कई अपराधियों को पकड़ा और जुर्माना लगाया है, जिससे रेवेन्यू में काफी बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में भारतीय रेलवे ने जुर्माने से 8 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि अप्रैल, मई और जून 2024 में विशेष टिकट जांच अभियान चलाया गया। अभियान का उद्देश्य बिना टिकट यात्रा को रोकना था। इसमें अनियमित यात्रा, बिना बुक किए सामान, गंदगी फैलाने, धूम्रपान और अनऑथराइज्ड वेंडर को भी निशाना बनाया गया है। इस दौरान 1.40 लाख मामले चिन्हित किए गए। इसमें टोटल 8.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया। कई यात्रियों के पास स्लीपर टिकट थे। लेकिन वे गर्मी से बचने के लिए एसी कोच में बैठे थे। ट्रेन के चलते ही टिकट जांचकर्ताओं ने जांच शुरू कर दी और इन यात्रियों पर जुर्माना लगाया। अकेले जून में 47,136 यात्रियों से 2.98 करोड़ रुपये वसूले गए। इसमें 23,077 बिना टिकट यात्रियों से 1.74 करोड़ रुपये वसूले गए। इसके अलावा, बिना प्रॉपर अथॉरिटी के यात्रा करने वाले 24,034 यात्रियों से 1.24 करोड़ रुपये वसूले गए। बिना बुक किए सामान ले जाने वाले 25 यात्रियों से 7,975 रुपये वसूले गए। टिकट इनवेस्टिकेटर ने वेटिंग रूम, एसी कोच, विकलांग कोच, महिला कोच, आरएमएस कोच और पेंट्री कार की जांच की। स्लीपर टिकट वाले कई यात्रियों ने एसी कोच में यात्रा करके गर्मी से बचने की कोशिश की। इन यात्रियों पर बिना सही टिकट के यात्रा करने के लिए जुर्माना लगाया गया। इस दौरान छोटी दूरी के टिकट वाले लेकिन लंबी दूरी के आरक्षित कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को कोच खाली करने के लिए कहा गया। भारतीय रेलवे बिना टिकट यात्रा को कम करने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्प है। यह अभियान दिखाती है कि भारतीय रेलवे यह सुनिश्चित करने के लिए गंभीर है कि सभी यात्री वैध टिकट के साथ यात्रा करें।
जम्मू: नवनियुक्त सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी भारत के 30वें सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभालने के बाद अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के तहत बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर का दौरा करेंगे। रक्षा अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि सेना प्रमुख जम्मू में सेना की संरचनाओं का दौरा करेंगे। उनका परिचालन क्षेत्रों का दौरा करने और सैनिकों के साथ बातचीत करने का भी कार्यक्रम है। रक्षा अधिकारियों ने कहा कि जनरल द्विवेदी चल रही अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा की भी समीक्षा करेंगे। नए सेना प्रमुख का पदभार संभालने के बाद यह उनका जम्मू-कश्मीर का पहला दौरा होगा। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 30 जून को यह पदभार संभाला था। उन्होंने जनरल मनोज पांडे का स्थान लिया था, जो चार दशक से अधिक की विशिष्ट सेवा के बाद सेवानिवृत्त हुए थे। इससे पहले कार्यभार संभालने के एक दिन बाद जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि भारतीय सेना भारत के सामने आने वाली सभी मौजूदा और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार और सक्षम है। सेना प्रमुख ने कहा कि सेना वायुसेना और नौसेना के बीच तालमेल सुनिश्चित करने की दिशा में काम करना उनकी प्राथमिकताओं में से एक होगा, उन्होंने सैनिकों को अद्वितीय परिचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए नवीनतम हथियारों से लैस करने का आह्वान किया।
देश में सोने की कीमत स्थिर रही, वहीं चांदी की कीमत में तेजी आई। मंगलवार को 10 ग्राम सोने की कीमत 73,945 रुपये थी, लेकिन बुधवार तक यह 75 रुपये बढ़कर 74,020 रुपये हो गई। मंगलवार को एक किलो चांदी की कीमत 90,506 रुपये थी, लेकिन बुधवार तक यह 624 रुपये बढ़कर 91,140 रुपये हो गई। कारोबार के तीसरे दिन यानी की बुधवार को सोना और चांदी की कीमतों में बढ़त दर्ज की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने के भाव स्थिर हैं। मंगलवार को एक औंस सोने की कीमत 2327 डॉलर थी और बुधवार को यह 2332 डॉलर पर पहुंच गई। फिलहाल एक औंस चांदी की कीमत 29.64 डॉलर हैं। भारत में सोने की खुदरा कीमत, उपभोक्ताओं के लिए प्रति इकाई वजन की अंतिम लागत को दिखाती है, जो मेटल के आंतरिक मूल्य से परे विभिन्न कारकों से प्रभावित होती है। भारत में सोने का सांस्कृतिक महत्व बहुत अधिक है, यह एक प्रमुख निवेश के रूप में काम करता है और पारंपरिक शादियों और त्योहारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बाजार में चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच, निवेशक और व्यापारी इन गतिशीलता पर बारीकी से नजर रखते हैं।
**युवाओं के लिए मेगा प्लेसमेंट कैंप ड्राइव कराने की तैयारी **हुनरमंदो को मिलेगा रोजगार एल आर ग्रुप में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन के लिए आगामी बुधवार 3 तारीख को शत प्रतिशत मेगा प्लेसमेंट ड्राइव चलाई जाएगी। इसके अंतर्गत बड़े प्लेसमेंट कैंप का आयोजन होगा। इसमें एल आर के पिछले दो वर्षों के पास आउट विद्यार्थियों के साथ-साथ अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की भी बेहतर प्लेसमेंट करवाई जाएगी।इसमें पॉलिटेक्निक ,एमबीए ,बीबीए, बीसीए एम फार्मा ,बी फ़ार्मा , इंगिनियरिंग और होटल मैनेजमेंट के छात्रों के लिए विभिन्न नामी कंपनियों के साथ संपर्क साधा गया है।जिसमें तकनीकी एवं ग़ैर तकनीकी क्षेत्र से जुड़ी कंपनियाँ भी आएगी। प्लेसमेंट में पंजीकृत छात्र ही ड्राइव में हिस्सा ले सकेंगे। पंजीकरण की प्रक्रिया जारी है और पंजीकरण करने वाले छात्रों में अधिक संख्या फाइनल ईयर के छात्रों की है। एल आर इंस्टीट्यूट ने युवाओं को अपना बायोडाटा से लेकर बैठने व बात करने की कला को भी सिखाया है ताकि प्रबंधन द्वारा किए गए प्रयासों में सभी छात्रों को रोज़गार मिल सकें। कैंपस के डायरेक्टर डॉ नेंटा ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग विभागों के ऐसे युवाओ को भी बुलाया गया है जिनका प्लेसमेंट अभी तक नहीं हुआ है। पिछले दो सालों में जो विद्यार्थी कहीं प्लेसमेंट नहीं हो पाए हैं या फिर वह चूक गए हैं उन्हें अलग-अलग विभागों के विभाग अध्यक्षों ने चिन्हित कर बुलाया है। उन्होंने कहा कि आज के युग में हुनरमंद युवाओं की जरूरत होती है, लेकिन कई बार समन्वय के अभाव में नियोक्ता और युवाओं का संपर्क नहीं हो पाता है। इसी विषय को ध्यान में रखते हुए एल आर ग्रुप ने अपने विद्यार्थियों को औद्योगिक क्षेत्र में रोजगार के लिए तैयार किया है। रोजगार जुटाना और अच्छे अवसर उपलब्ध करवाना यही एल आर इंस्टिट्यूट का मुख्य उद्देश्य है और एल आर भविष्य में भी अपने विद्यार्थियों को इस तरह की नामी कंपनियों में इंटर्नशिप और रोजगार के लिए अवसर दिए जाएंगे।
केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) शिमला आलू का 600 क्विंटल ब्रीडर बीज तैयार करेगा। उच्च गुणवत्ता वाला यह बीज देश के विभिन्न राज्यों को सप्लाई होगा। राज्य अपने आलू बीज फार्मों पर ब्रीडर बीज से 3,000 क्विंटल बीज तैयार कर फसल लगाने के लिए किसानों को देंगे। राज्यों के कृषि अधिकारियों को सीपीआरआई आलू बीज रोग सिस्ट निमेटोड से बचाव का प्रशिक्षण भी देगा। पहले चरण में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर और दूसरे चरण में पूर्वोत्तर के राज्यों सिक्किम, मणिपुर और आंध्र प्रदेश को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सीपीआरआई ने पहले चरण के लिए तीनों राज्यों को पत्र लिखकर प्रशिक्षण के लिए अधिकारियों को नामित करने का आग्रह किया है। 2018 में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर के सरकारी फार्मों के आलू में सिस्ट निमेटोड रोग मिला था। इन सरकारी फार्मों ने सीपीआरआई शिमला से बीज लिया था। रोग मिलने पर 6 साल पहले सीपीआरआई में उत्पादन पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी थी। वैज्ञानिकों ने लंबे परीक्षणों के बाद उपचार तलाश लिया है। अब केंद्र से मंजूरी के बाद इस साल से कुफरी व फागू फार्म में कुफरी ज्योति, कुफरी हिमालनी, कुफरी गिरधारी और कुफरी करण किस्मों का बीज तैयार हो रहा है। अप्रैल और मई में बीज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। पांच महीने में बीज तैयार होगा और नवंबर तक राज्यों को बीज मिलने लगेगा। सीपीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अश्वनी शर्मा ने बताया कि नवंबर तक बीज तैयार कर लिया जाएगा। बीज को खोदाई के बाद एक प्रकार का ब्लीचिंग एजेंट सोडियम हाइपोक्लोराइट (2प्रतिशत) के घोल में 30 मिनट डुबोकर रखने के बाद दो बार पानी से धाेकर छाया वाले क्षेत्र में सुखाने के बाद भंडारण किया जाना चाहिए। इससे बीज की गुणवत्ता और अंकुरण क्षमता पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ता। घोल12 बार उपयोग कर सकते हैं। सीपीआरआई में ब्रीडर बीज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रोग के उपचार के लिए सीपीआरआई एक दिन का प्रशिक्षण हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों को जुलाई में देगा।
**प्रदेश में डिजिटल रूपांतरण के सकारात्मक परिणाम डिजिटल तकनीक विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश के डिजिटल तकनीक विभाग ने विभिन्न विभागों के समन्वय से एनईएसडीए में अनिवार्य 56 ई-सेवाओं की सौ फीसदी परिपूर्णता का लक्ष्य हासिल कर लिया है। एनईएसडीए (राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण आकलन) फ्रेमवर्क के मानकों के अनुसार इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस द्वारा किए गए प्रभावी मूल्यांकन से यह स्पष्ट हुआ है कि राज्य ने इस संबंध में उल्लेखनीय प्रगति की है और सिर्फ छह महीनों में 40.89 फीसदी सुधार हुआ है। जलशक्ति व शिक्षा विभाग और राज्य विद्युत बोर्ड ने बीते कुछ महीनों में सराहनीय प्रदर्शन किया है। इस प्रगति से राज्य की रैंकिंग भी बढ़ेगी। एनईएसडीए के मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभागों से आग्रह किया गया है कि शेष मानकों पर निरंतर कार्य करें। उन्होंने बताया कि डिजिटल तकनीक विभाग ने आज यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस के सहयोग से सभी विभागों के प्रतिनिधियों को हिम डाटा पोर्टल और एनईएसडीए फ्रेमवर्क पर प्रशिक्षण देने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस ने इस दौरान राज्य सरकार की एनईएसडीए फ्रेमवर्क में प्रभावी आकलन और प्रगति की विस्तृत रिपोर्ट साझा की। इस अवसर पर इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस में भारती इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी की निदेशक पॉलिसी डॉ. आरुषि जैन ने राज्य सरकार के विभागों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हिम डाटा पोर्टल ई-गवर्नेंस सेवा वितरण तंत्र को बढ़ाने के लिए ओपन डाटा पारिस्थितिकी का संवर्धन करेगा। हिम डाटा पोर्टल प्रदेश सरकार के डाटा के लिए वन-स्टॉप मंच है। इस संबंध मेें एनईएसडीए ने हाल ही में दिशा-निर्देश दिए थे। पोर्टल का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता, जवाबदेही और नवाचार को बढ़ावा देना है ताकि राज्य के नागरिकों, उद्योगपतियों और पॉलिसी निर्माताओं की उच्च गुणवत्ता डाटा तक पहुंच सुनिश्चित हो सके। इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस द्वारा विकसित किया गया यह पोर्टल अब राज्य सरकार को सौंपा जा रहा है। भारत सरकार के सभी स्तरों पर एनईएसडीए फ्रेमवर्क ई-गवर्नेंस सेवाओं के प्रतिपादन तंत्र का व्यापक आकलन है। केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग द्वारा वर्ष 2018 में इसका शुभारंभ किया गया था। एनईएसडीए का उद्देश्य मौजूदा ई-गवर्नेंस सेवाओं के प्रतिपादन तंत्र के प्रभाव का आकलन करना है। राज्य की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए इंडियन स्कूल ऑफ बिनजेस को डिजिटल प्रगति के लिए सुझाव देने का कार्य सौंपा गया था।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नई दिल्ली के द्वारका में निर्माणाधीन हिमाचल निकेतन का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल निकेतन का निर्माण 145.50 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। 99 कमरों की सुविधा वाले इस निकेतन में हिमाचल के लोगों को ठहरने की बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य सुनिश्चित करने और इसे समयबद्ध पूर्ण करने के निर्देश दिए।
निर्वाचन विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि तीन विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उप-चुनावों में नामांकन वापसी के उपरान्त अब कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। प्रवक्ता ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि देहरा में किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन वापिस नहीं लिया तथा यहां कुल पांच, हमीरपुर में निर्दलीय प्रत्याशी प्रदीप कुमार के नामांकन वापसी के बाद अब तीन व नालागढ़ में निर्दलीय प्रत्याशी गुरनाम सिंह की नामांकन वापसी के बाद अब पांच प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। कांगड़ा जिला के देहरा विधानसभा क्षेत्र में कमलेश (53) इण्डियन नेशनल कांग्रेस, होशियार सिंह (57), भारतीय जनता पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशी सुलेखा देवी (59), अरूण अंकेश स्याल (34) तथा एडवोकेट संजय शर्मा (56) चुनावी मैदान में हैैं। हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र से आशीष शर्मा (37) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), डॉ. पुष्पिंदर वर्मा (48) इण्डियन नेशनल कांग्रेस तथा निर्दलीय प्रत्याशी नन्द लाल शर्मा (64) चुनावी मैदान में हैैं। नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से हरदीप सिंह बावा (44) इण्डियन नेशनल कांग्रेस, के.एल. ठाकुर (64) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), किशोरी लाल शर्मा (46) स्वाभिमान पार्टी तथा निर्दलीय प्रत्याशी हरप्रीत सिंह (36) व विजय सिंह (36) चुनावी मैदान में हैैं।
रामनगरी में भोर में सुबह तीन घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश के चलते एक बार फिर रामपथ धंस गया। इसके बाद रिकाबगंज मार्ग पर बैरियर लगाकर एक लेन पर आवागमन बंद कर मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया। इसके पहले शनिवार को रात भर हुई बारिश में रिकाबगंज के आसपास कई जगहों पर रामपथ धंस गया था। यहां गिट्टी और बालू डालकर मरम्मत कराई गई थी। एक बार फिर बारिश होने पर यहीं पर सड़क धंस गई है। आनन-फानन में जेसीबी से रोड की पटाई कराई जा रही है। अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर से बारिश में पानी टपकने लगा है। इसे देखते हुए मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने एक बार फिर से मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मंदिर के निर्माण कार्य में लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा कि पहली बारिश में भी मंदिर की छत से पानी का रिसाव हुआ था। उस समय भी उन्होंने विरोध किया तो पानी की निकासी हुई थी। उन्होंने कहा कि राम लला के भव्य और दिव्य मंदिर के निर्माण में देश के नामचीन इंजीनियर लगे हैं, बावजूद इसके ये हाल है। इसके अलावा बारिश के चलते बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के अंदर पेड़ गिर गया। जल निकासी न होने के कारण बेसिक शिक्षा निदेशक कार्यालय, पीडब्ल्यूडी कार्यालय और जिला पशु चिकित्सालय सहित कई कार्यालय में पानी भर गया है। पुलिस लाइन गेट से पुष्पराज चौराहे तक रोड पर लबालब पानी भर गया है। शहर की कई कॉलोनी और मोहल्ले भी जलमग्न हो गए हैं। कई जगहों पर घरों में पानी घुस गया। अयोध्या धाम में जलवानपुरा के हालात एक बार फिर बिगड़ गए। यहां चारों तरफ पानी ही पानी दिख रहा है। लोग अपने घरों में घुसे पानी को निकालने की कवायद में जुटे हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा के नतीजों में 25 फीसदी से कम परिणाम देने वाले 116 स्कूलोंं के 250 शिक्षकों को नोटिस जारी हुए हैं। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने प्रशिक्षित स्नातक शिक्षकों (टीजीटी) को 15 दिन में कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है। विषयवार 25 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम देने वाले इन शिक्षकों को इस बार वार्षिक इंक्रीमेंट नहीं मिलेगी। शिक्षकों की एसीआर में भी इसकी एंट्री की जाएगी। इसके अलावा चेतावनी पत्र भी जारी होंगे। कुल 116 स्कूलों में 30 स्कूल ऐसे भी हैं, जहां परीक्षा परिणाम शून्य रहा है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने बताया कि कम परिणाम देने वाले शिक्षकों से जवाबतलबी शुरू की गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 25 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम देने वाले 116 स्कूलों के 250 टीजीटी को कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछ शिक्षकों को नोटिस दे दिए गए हैं, कुछ को नोटिस भेजने की प्रक्रिया जारी है। बीते दिनों शिक्षा निदेशालय ने स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला से दसवीं कक्षा के परीक्षा परिणाम की पूरी डिटेल ली गई थी। इस रिपोर्ट के आधार पर अब कार्रवाई शुरू की गई है। रिपोर्ट में पाया गया कि कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां शिक्षकों की संख्या पर्याप्त होने के बाद भी परीक्षा परिणाम कम रहा है। ऐसे स्कूलों की संख्या अधिक है जहां शिक्षकों की कमी रही। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि बारहवीं कक्षा के परीक्षा परिणामों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। जल्द ही इस कक्षा में भी कम वार्षिक परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी किए जाएंगे।
**जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में शामिल हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 53वीं बैठक बीते दिन नई दिल्ली में संपन्न हुई। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। परिषद द्वारा बैठक में कार्टन बॉक्स पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत करने की सिफारिश का निर्णय लिया गया। उद्योग मंत्री ने कहा कि सभी प्रकार के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी की दरें कम करने से प्रदेश के बागवानों को लाभ होगा और कार्टन उद्योग को भी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निरंतर सेब के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी कम करने की मांग उठाती रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की पैरवी के लिए प्रतिबद्ध है। हर्षवर्धन चौहान ने जीएसटी परिषद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस निर्णय से उद्योगों की कार्यशील पूंजी लागत भी कम होगी। जीएसटी परिषद ने लघु और मध्यम करदाताओं की शिकायतों व अनुपालन प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए । बैठक में कई अन्य अहम निर्णय भी लिए गए। प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल में राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त डॉ. यूनुस व अतिरिक्त आयुक्त (जीएसटी) राकेश शर्मा भी उपस्थित रहे।
आज टी20 विश्व कप 2024 के 48वें मैच में ऑस्ट्रेलिया का सामना अफगानिस्तान से था। यह सुपर-8 का अहम मुकाबला था। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान मिचेल मार्श ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया। अफगानिस्तान ने 148 रन बनाए। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम 127 रन पर सिमट गई। अफगानिस्तान की टीम ने इतिहास रच दिया है। राशिद खान की अगुआई वाली इस टीम ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार ऑस्ट्रेलिया को हराया है। पिछले साल हुए वनडे विश्व कप 2023 में वह जीत की दहलीज तक पहुंचे थे, लेकिन मैक्सवेल ने उनसे जीत छीन ली थी। हालांकि, इस बार अफगानिस्तान ने ऐसी कोई गलती नहीं की और ऑस्ट्रेलिया को किंग्सटाउन के मैदान पर 21 रन से हरा दिया। दोनों टीमों के बीच वनडे में चार और टी20 में दो मुकाबले खेले गए हैं। वनडे में अफगानिस्तान की टीम ऑस्ट्रेलिया से कभी नहीं जीती है, लेकिन टी20 में दूसरे ही मैच में अफगानिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त दी और इतिहास रच दिया। टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए अफगानिस्तान ने 20 ओवर में छह विकेट गंवाकर 148 रन बनाए। रहमनुल्लाह गुरबाज ने 60 रन और इब्राहिम जादरान ने 51 रन की पारी खेली। जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम 19.2 ओवर में 127 रन पर सिमट गई। गुलबदीन नईब ने चार विकेट लिए। इस मैच में एक वक्त ऑस्ट्रेलिया ने 32 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे। फिर ग्लेन मैक्सवेल ने मार्कस स्टोइनिस के साथ 39 रन की साझेदारी निभाई। नईब को स्टोइनिस को आउट करा कर इस साझेदारी को तोड़ा। यहीं से मैच पलट गया। मैक्सवेल ने जब टी20 अंतरराष्ट्रीय करियर का 11वां अर्धशतक लगाया तो 2023 वनडे विश्व कप की याद आ गई, जब मैक्सवेल ने अविश्वसनीय पारी खेल ऑस्ट्रेलिया को अफगानिस्तान पर जीत दिलाई थी। ऐसा लग रहा था कि फिर ऐसा होगा, लेकिन गुलबदीन ने मैक्सवेल को आउट कर ऑस्ट्रेलिया की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। मैक्सवेल के अलावा कोई खिलाड़ी 15 का आंकड़ा भी नहीं छू सका। ट्रेविस हेड (0), डेविड वॉर्नर (3), कप्तान मिचेल मार्श (12), मार्कस स्टोइनिस (11), टिम डेविड (2), मैथ्यू वेड (5), पैट कमिंस (3), एश्टन एगर (2) और एडम जैम्पा (9) कुछ खास नहीं कर सके। अफगानिस्तान की इस जीत ने सुपर-8 ग्रुप-1 में सेमीफाइनल में पहुंचने की जंग को रोमांचक कर दिया है। अब ऑस्ट्रेलिया, अफगानिस्तान दोनों के दो-दो अंक हैं। ऑस्ट्रेलिया को अपना आखिरी सुपर-8 मैच भारत के खिलाफ और अफगानिस्तान को बांग्लादेश के खिलाफ खेलना है। दोनों ही टीमों को जीत की जरूरत होगी। दोनों के हारने पर नेट रन रेट का खेल आएगा।