प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों को जो भी दायित्व उन्हें सौंपा गया है, उसे पूरी निष्ठा व ईमानदारी से पूरा करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि जो पदाधिकारी निष्क्रिय पाए जा रहे हैं उन्हें जल्द ही पदमुक्त करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि जल्द ही प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति पर विस्तारपूर्वक आपसी चर्चा की जाएगी। प्रतिभा सिंह ने उन पदाधिकारियों को जो पार्टी के कार्यक्रमों व बैठकों में लगातार अनुपस्थित रहते हैं, उनकी पूरी जानकारी जिला व ब्लॉक अध्यक्षों से मांगी है। उन्होंने कहा कि संगठन के आदेशों की अवहेलना किसी भी स्तर पर सहन नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा है कि जो पदाधिकारी अपने दायित्व का पालन या पार्टी के कार्यक्रमों को समय नही दे पा रहे हैं, उन्हें स्वयं ही पद से हट जाना चाहिए। प्रतिभा सिंह ने सभी ब्लॉक अध्यक्षों से अपने अपने सभी बूथों की कमेटियां गठित करने व इसकी पूरी सूची प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय को 30 नवंबर तक भेजने के निर्देश दिए हैं। प्रतिभा सिंह ने ब्लॉक अध्यक्षों से अपने-अपने ब्लॉकों में 15 दिसंबर से पूर्व या इस दिन तक पार्टी की आम सभा, जनरल हाउस बुलाने को भी कहा है। उन्होंने इन सभाओं में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव व सचिव प्रभारियों को भी शामिल होने को कहा है। उन्होंने कहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिये पार्टी पदाधिकारियों को जल्द ही अहम जिम्मेदारियां दी जाएंगी। उन्होंने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से संगठन की मजबूती के लिये एकजुटता के साथ कार्य करने का आग्रह करते हुए कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिये पार्टी के सभी नेताओं को अभी से कमर कसनी होगी।
-चार दिसंबर को होगी '1' नंबर की ई-नीलामी गाड़ियों में वीआईपी नंबर का क्रेज बढ़ता जा रहा है। वीआईपी नंबर का शौक रखने वाले लोगों के लिए अब हिमाचल सरकार भी एक नई पालिसी लेकर आयी है। जो वीआईपी नंबर 1 पहले सिर्फ सरकारी वाहनों में दिखता था अब वो नंबर कोई भी आम व्यक्ति ले सकता है। हिमाचल सरकार अब आम जनता के लिए वीआईपी नंबर '1Ó उपलब्ध करवा रही है और इसके लिए चार दिसंबर से ई-नीलामी करेगी भी शुरू हो जाएगी। वीआईपी नंबर की बेस वैल्यू पांच लाख रुपये रखी गई है और ई-नीलामी के लिए रजिस्ट्रेशन 27 नवंबर (सोमवार) से 2 दिसंबर (शनिवार) तक करवाया जा सकता है। रविवार को इसकी बोली लगाई जाएगी और सबसे अधिक बोली लगाने वाले को शाम पांच बजे तक नंबर अलॉट कर दिया जाएगा। सरकार की ई-निलामी योजना से पहले भी परिवहन विभाग को काफी ज़्यादा मुनाफा हुआ है। पहले चरण में ही वीआईपी नंबरों की नीलामी से विभाग ने 8 करोड़ रुपये से ज़्यादा कमाए है। इस योजना के बारे में उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री का कहना है कि प्रदेश सरकार परिवहन विभाग से 1000 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करेगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए है। यह लक्ष्य परिवहन विभाग में रिकॉर्डतोड़ राजस्व अर्जित करने का होगा। उन्होंने कहा कि पहले सरकारी गाडिय़ों पर ही '1Ó नंबर लगाया जाता था, जिसे अब आम जनता के लिए खोला जा रहा है। यह नीलामी पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी।
-सरकार ने बढाई 15 हजार रुपये खरीद राशि -आगामी चार वर्ष तक नहीं खरीद सकते है कोई अन्य उपकरण हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए कुछ छूट प्रदान की है। जानकारी के मुताबिक प्रशासनिक सचिव अब एक लाख रुपये तक की कीमत के डिजिटल डिवाइस खरीद सकेंगे। आपको बता दें की पहले 85 हजार रुपये की कीमत के डिजिटल डिवाइस खरीदने की छूट थी। लेकिन अब प्रदेश सरकार ने खरीद राशि को 15 हजार रुपये बढ़ा दिया है। इसकी खरीद के लिए सरकार की ओर से धनराशि दी जाएगी। डिजिटल डिवाइस के तहत लैपटॉप, टैबलेट, आईपैड, फैबलेट, नोटपैड, नोटबुक, नेटबुक, मोबाइल फोन, मैकबुक, प्रिंटर और यूपीएस की खरीद कर सकेंगे। वित्त विभाग की मंजूरी लेकर डिजिटल टेक्नालॉजी और गवर्नेंस विभाग ने इस बाबत सभी प्रशासनिक सचिवों को पत्र जारी कर दिया है। पत्र में स्पष्ट किया गया है कि चार साल तक डिजिटल डिवाइस सरकारी संपत्ति होगी। चार वर्ष तक संबंधित सचिव डिवाइस के रखरखाव के लिए जिम्मेवार होगा। एक बार डिवाइस खरीदने वाला सचिव आगामी चार वर्ष तक नया डिवाइस खरीदने के लिए पात्र नहीं होगा।
-26 दिनों तक फरार रहा आरोपी -जमीन के लिए गोलियों से भूना था भाई-भाभी को हिमाचल में जमीनी विवाद के लिए भाई-भाभी को गोलियों से भूनने वाले डबल मर्डर के आरोपी दीपक कुमार ने २६ दिन बाद सोमवार को सरेंडर कर दिया है। इससे पहले आरोपी ने ६ राज्यों में भागकर कांगड़ा पुलिस को खूब छकाया। मगर, पुलिस भी आरोपी के पीछे साए की तरह लगी रही। आखिर में दीपक को आत्मसमर्पण करना पड़ा। पुलिस के अनुसार,आरोपी मर्डर करने के बाद अपनी गाड़ी में दिल्ली पहुंचा। पुलिस ने कुछ दिन बाद दिल्ली के पहाड़गंज से आरोपी की गाड़ी सीज कर दिया। मगर, आरोपी यहां से भागने में कामयाब रहा और गोवा जा पहुंचा। जब तक पुलिस गोवा पहुंचती, तब तक वह गोआ से राजस्थान के जयपुर के लिए फरार हो गया। जयपुर से आरोपी मथुरा पहुंचा। मथुरा से नोएडा आया। फिर वह अमृतसर पहुंचा। अमृतसर से वह होशियारपुर आया। होशियारपुर में वह बीती रात अपनी बहन के घर पहुंचा। यहां से जीजा व बहन उसे लेकर रात ११ बजे सीधे स्क्क ऑफिस पहुंचे। पुलिस ष्टष्टञ्जङ्क फुटेज के आधार पर आरोपी के पीछे लगी रही। बता दें कि नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के जसौर पंचायत के वार्ड नंबर में बीते दो नवंबर को डबल मर्डर करके आरोपी दीपक कुमार फरार हुआ था। यह मर्डर जमीनी विवाद के कारण किया। इसी मामले में पुलिस ने आरोपी के पिता, पत्नी और बेटी को भी मर्डर की साजिश में शामिल होने के आरोपों में गिरफ्तार कर रखा है। अब मुख्य आरोपी भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
-स्पेशल महिला कमांडो भी भर्ती किए जाएंगे हिमाचल में भविष्य में होने वाली पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को हमीरपुर में अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान गांधी चौक पर आयोजित जनसभा में की। उन्होंने कहा कि इस भर्ती में स्पेशल महिला कमांडो की भर्ती भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशे के बढ़ते चलन को देखते हुए एंटी नारकोटिक्स पुलिस फोर्स की भर्ती की जाएगी, जिसमें 1200 से अधिक पुलिस जवान भर्र्ती होंगे। इसी भर्ती में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। इसी भर्ती के दौरान प्रदेश में पहली बार महिला कमांडो फोर्स गठित की जाएगी। सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार अपने संसाधनों में वृद्धि करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इस वर्ष हिमाचल प्रदेश सरकार के राजस्व में 1100 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। शराब ठेकों की नीलामी से सरकार को 500 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व शराब के ठेकों की नीलामी से राज्य सरकार को 500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमीरपुर में जल्द ही राज्य चयन आयोग शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार 6000 अध्यापकों, 2000 से अधिक वन मित्रों के पद भरने जा रही है। राज्य सरकार ने प्रदेश भर में 30 व 31 अक्तूबर को इंतकाल अदालतों का आयोजन किया, जिसके परिणाम बेहतर रहे तथा इंतकाल के लंबित 41,907 मामलों में से 31,105 का निपटारा कर दिया गया। आगामी पहली व दो दिसंबर को पुन: प्रदेश भर में इस प्रकार की विशेष अदालतों का आयोजन किया जाएगा, जिन्हें राजस्व लोक अदालत का नाम दिया गया है। इस विशेष अदालत में इंतकाल के साथ-साथ तकसीम के लंबित मामलों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाएगा।
** पहले ग्रीन हिमाचल के नाम पर इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी देने की बात की, अब उसे ही बना दिया स्टार्टअप फण्ड : जयराम ठाकुर शिमला: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस ने चुनाव के पहले गारंटी दी थी कि सरकार बनने पर हर विधानसभा क्षेत्र के युवाओं के लिए 10 करोड़ के हिसाब से 680 करोड़ रुपए के स्टार्टअप फण्ड का प्रबंध करेगी। जिससे युवा अपने लिए रोज़गार के साधन जुटाए और अन्य लोगों को रोज़गार भी देंगे। कांग्रेस के कई नेताओं ने इसके लिए युवाओं से फॉर्म भी भरवा लिए थे। चुनाव के एक साल तक सरकार इस फण्ड के नाम पर ख़ामोश रही। पिछले हफ़्ते राज्य सरकार ने 680 करोड़ के राजीव गांधी स्वरोज़गार स्टार्टअप योजना की शुरुआत करने की घोषणा की। इस योजना के तहत सरकार युवाओं को ई-टैक्सी के लिए 50 फ़ीसदी की सब्सिडी देने की घोषणा की। इस तरह की बात सरकार पिछले 9 महीनें से कर रही है। सरकार की यह योजना कब परवान चढ़ेगी यह तो वक्त बताएगा। अभी एक भी व्यक्ति को इसका लाभ नहीं मिला लेकिन कांग्रेस के नेता इसे तीसरी गारंटी पूरी करने के रूप में प्रचारित करना शुरू कर चुके हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने हरित हिमाचल के तहत भी ई-टैक्सी, ई-बस और ई-ट्रकों पर भी 50 फ़ीसदी सब्सिडी देने की बात की थी। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दो योजनाओं के बीच में घालमेल किया जा रहा है। ई-वाहनों पर सब्सिडी देना अलग बात है। पूरे देश में ई-वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारों द्वारा निजी एवं व्यवसायिक वाहनों की ख़रीद पर विभिन्न प्रकार की छूट दी जा रही हैं। जिसमें शून्य रजिस्ट्रेशन फ़ीस के साथ लाखों रुपए के अनुदान शामिल हैं। लेकिन सरकार द्वारा इसे तीसरी गारंटी के रूप में प्रचारित करना स्टार्टअप के लिए आर्थिक सहायता का इंतज़ार कर रहे प्रदेश के युवाओं के साथ धोखा है। पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस को अपनी गारंटियां उसी तरह पूरी करनी पड़ेगी, जिस तरह से उन्होंने प्रदेश के लोगों से की हैं। किसी अन्य प्रकार की योजना को दूसरी योजनाओं के साथ जोड़कर वाहवाही लेने का समय अब ख़त्म हो गया है। सरकार को जनहित में मुद्दे पर गंभीरता से काम करना होगा। उन्होंने कहा की सरकार को स्टार्टअप के लिए विशेष नीति बनाकर युवाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए। जिससे प्रदेश में युवा नवोन्मेष के साथ आगे आए और नए उद्योग धंधे स्थापित करें। इससे न सिर्फ़ वह अपनी आय के साधन बढ़ाएंगे बल्कि अन्य लोगों को रोज़गार देने के साथ-साथ प्रदेश के आर्थिक विकास में भी अपना योगदान देंगे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इसके लिए सरकार को अपनी नीयत सही करनी होगी, इधर-उधर की बात करने के बजाय विकास पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा।
**पूरा घर क्षतिग्रस्त होने पर पहली किस्त के रूप में 3-3 लाख रुपये की किस्त जारी **शहर में बिजली तारों को भूमिगत करने के लिए 20 करोड़ रुपये देने की घोषणा की मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस वर्ष बरसात के दौरान भारी बारिश, भू-स्खलन तथा बाढ़ से आई आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए ‘पुनर्वास’ कार्यक्रम के तहत आज हमीरपुर जिला में आपदा प्रभावित परिवारों को 14 करोड़ रुपए से अधिक की राहत राशि प्रदान की, जिनमें 122 परिवारों के मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर पहली किस्त के रूप में 3-3 लाख रुपए जारी किए। ऐसे परिवारों को कुल पहली किस्त के रूप में 3.66 करोड़ रुपए जारी किए गए। मुख्यमंत्री ने जिला के दो बेघर परिवारों को भूमि के दस्तावेज सौंपे तथा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए 555 मकानों की मरम्मत के लिए 1-1 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। उन्हें कुल 5.55 करोड़ की राशि जारी की गई। इसके अलावा उन्होंने प्रभावित 8 दुकानों और ढाबों मालिकों को भी एक-एक लाख रुपए की मुआवजा राशि प्रदान की। उन्होंने क्षतिग्रस्त 622 गौशालाओं की मरम्मत के लिए 3.11 करोड़ रुपए, आपदा में अपना सामान गंवा चुके 71 परिवारों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। इसके अलावा आपदा के कारण जिला हमीरपुर में क्षतिग्रस्त हुई 1103 कनाल भूमि की एवज में 10 हजार रुपए प्रति बीघा की दर से कुल 55 लाख रुपए तथा 1760 कनाल भूमि पर किसानों की फसल को हुए नुकसान पर 4 हजार रुपए प्रति बीघा की दर से 35.20 लाख रुपए की मुआवजा राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने 27 पशुओं की मृत्यु पर पशुपालकों को 8 लाख रुपए की राशि जारी की। **हमीरपुर में खुलेगा बिजली बोर्ड का चीफ इंजीनियर कार्यालय मुख्यमंत्री ने हमीरपुर में विद्युत बोर्ड का चीफ इंजीनियर कार्यालय खोलने तथा हमीरपुर शहर की बिजली की तारों को भूमिगत करने के लिए 20 करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा करते हुए कहा कि एक वर्ष में शहर की बिजली की तारों को भूमिगत किया जाएगा। उन्होंने वर्षों से लम्बित बस स्टैंड के निर्माण के लिए पहली किस्त के रूप में 2 करोड़ रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नेरी में तीन करोड़ रुपये की लागत से बागवानी विश्वविद्यालय के छात्रावास का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आमजन और गरीब की सरकार है तथा उनके दुःख-दर्द को बेहतर ढंग से जानती है। आपदा के दौरान राज्य सरकार ने 48 घंटे में बिजली, पानी जैसी आवश्यक सेवाएं बहाल की तथा फंसे हुए 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार गाड़ियों को सुरक्षित निकाला। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इतिहास में पहले कभी भी इतने व्यापक पैमाने पर क्षति नहीं हुई, लेकिन भाजपा नेता विधानसभा सत्र की मांग करते रहे। जब सत्र बुलाया तो तीन दिन की चर्चा के बाद भी आपदा प्रभावितों के समर्थन में लाए गए प्रस्ताव का साथ नहीं दिया। उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी मिले, लेकिन आज तक केंद्र सरकार ने एक पैसे की मदद नहीं की। यही नहीं नियमानुसार 10 हजार करोड़ रुपए के क्लेम केंद्र को भेजे गए हैं।
-10वीं गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में मिली मंजूरी -प्रधान सचिव वन एवं चेयरमैन डा. अमनदीप गर्ग ने की परियोजना कार्यों की सराहना -मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने पेश की विस्तृत रिपोर्ट -20 एजेंडे पर हुई चर्चा, पिछले 6 माह की रिपोर्ट पर भी हुआ मंथन जाइका वानिकी परियोजना अब स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की ब्रांडिंग करेगा। गत शनिवार को 10वीं गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में यह निर्णय लिया। प्रधान सचिव वन एवं गवर्निंग बॉडी के चेयरमैन डा. अमनदीप गर्ग की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। इस महत्वपूर्ण बैठक में पिछले छह महीने के विकास कार्यों पर मंथन किया गया और 20 के करीब नए एजेंडे पर चर्चा की गई। बैठक को संबोधित करते हुए सचिव वन डा. अमनदीप गर्ग ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत हो रहे विकासात्मक कार्यों में और तेजी लाने की आवश्यकता है। उन्होंने अब तक हुए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन एवं आजीविका सुधार परियोजना क्षेत्र में बेहतर कार्य हो रहे हैं। इस अवसर पर अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि गवर्निंग बॉडी की मीटिंग हर छह माह के भीतर आयोजित की जाती है। इस बार की बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडे पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि कुल्लू में जाइका परियोजना के तहत 106 स्वयं सहायता समूह हैं, जो हैंडलूम प्रोडक्ट्स तैयार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इन उत्पादों की ब्रांडिंग जाइका खुद करेगा। इसके अलावा हिमाचल में विलुप्त हो रहे उतक संवर्धन यानी टिशू कल्चर प्रजातियों के पौधे जाइका की नर्सरियों में तैयार किए जाएंगे। बुरांश और भोजपत्र जैसे पौधे तैयार करने के लिए कार्य शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले साल तक प्रदेश में 46 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधरोपण किया गया। इस साल 2 हजार हेक्टेयर भूमी पर पौधे रोपने का लक्ष्य था जो रिकार्ड 23 सौ हेक्टेयर भूमि पर किया गया। नागेश कुमार गुलेरिया ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना के तहत सेवाएं दे रहे कर्मचारियों की रिइम्बर्समेंट सौ प्रतिशत हो चुका है। उन्होंने कहा कि गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में जिन-जिन एजेंडे पर चर्चा की गई जिसमें से अधिकांश को मंजूरी भी दी गई। बाक्स: मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना पर काम पीसीसीएफ एवं वन विभाग के मुखिया राजीव कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना पर आर अधिक कार्य कने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जब से जाइका परियोजना ने कार्य करना शुरू किया, तब से लेकर अब तक कई उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। पर्यावरण संरक्षण, पौधरोपण, मधुमक्खी पालन, पत्तल व्यवसाय, मशरूम की खेती, हथकरघा एवं बुनकर समेत कई क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों को आजीविका कमाने के बेहतर अवसर मिल रहे हैं।
72 घंटे तक अकेले चीनी सेना से भीड़े जसवंत सिंह रावत 1962 का भारत चीन युद्ध भारतीय सेना के वीर जवानों की गौरव गाथा है। बेशक भारत ये युद्ध हारा था, लेकिन कई भारतीय सैनिकों ने अपनी वीरता का अद्धभूत परिचय देते हुए इतिहास पर अमिट छाप छोड़ी थी। ऐसे ही एक महान सपूत रहे राइफल मैन जसवंत सिंह रावत, जिन्होंने 72 घंटे भूखे-प्यासे रहकर चीनी सैनिकाें काे न सिर्फ रोके रखा, बल्कि कहा जाता है कि उन्होंने दुश्मन देश के तीन सौ सैनिकों को ढेर कर दिया था। 19 अगस्त, 1941 को उत्तराखंड के पौड़ी-गढ़वाल जिले के बादयूं में जसवंत सिंह रावत का जन्म हुआ था। 17 साल की उम्र में ही वह सेना में भर्ती होने चले गए थे, लेकिन तब कम उम्र के चलते उन्हें नहीं लिया गया। पर हार नहीं मानी और 19 अगस्त 1960 को जसवंत सिंह को सेना में बतौर राइफल मैन शामिल कर लिया गया। 14 सितंबर, 1961 को उनकी ट्रेनिंग पूरी हुई और इसके एक साल बाद ही 17 नवंबर, 1962 को चीन की सेना ने हमला कर दिया। सुबह के करीब पांच बजे चीनी सैनिकों ने सेला टॉप के नजदीक धावा बोला, जहां मौके पर तैनात गढ़वाल राइफल्स की डेल्टा कंपनी ने उनका सामना किया। जसवंत सिंह रावत इसी कंपनी का हिस्सा थे। 17 नवंबर 1962 को शुरू हुई यह लड़ाई अगले 72 घंटों तक लगातार जारी रही। चीनी सेना हावी थी और इसके चलते भारतीय सेना ने गढ़वाल यूनिट की चौथी बटालियन को वापस बुला लिया। पर इसमें शामिल जसवंत सिंह, लांस नायक त्रिलोकी सिंह नेगी और गोपाल गुसाई नहीं लौटे। ये तीनों सैनिक एक बंकर से गोलीबारी कर रही चीनी मशीनगन को छुड़ाना चाहते थे। तीनों जवान चट्टानों और झाड़ियों में छिपकर भारी गोलीबारी से बचते हुए चीनी सेना के बंकर के करीब जा पहुंचे और महज 15 यार्ड की दूरी से हैंड ग्रेनेड फेंकते हुए दुश्मन सेना के कई सैनिकों को मारकर मशीनगन छीन लाए। इससे पूरी लड़ाई की दिशा ही बदल गई और चीन का अरुणाचल प्रदेश को जीतने का सपना पूरा नहीं हो सका। इस गोलीबारी में त्रिलोकी और गोपाल मारे गए। वहीं, जसवंत को दुश्मन सेना ने घेर लिया और उनका सिर काटकर ले गए। इसके बाद 20 नवंबर 1962 को चीन ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी। माना जाता है कि इन तीन दिनों में 300 चीनी सैनिक मारे गए थे। राइफलमैन जसवंत सिंह रावत को 1962 के युद्ध के दौरान उनकी वीरता के लिए मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। जसवंत सिंह रावत भारतीय सेना के अकेले सैनिक हैं, जिन्हें मौत के बाद प्रमोशन मिला था। पहले नायक फिर कैप्टन और उसके बाद मेजर जनरल बने। इस दौरान उनके घरवालों को पूरी सैलरी भी पहुंचाई गई। अरुणाचल के लोग उन्हें आज भी शहीद नहीं मानते हैं। माना जाता है कि वह आज भी सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं। झपकी ले रहे सैनिकों को थप्पड़ मारकर जगाती है आत्मा ! स्थानीय लोगों का कहना है कि वीर जसवंत सिंह की आत्मा पोस्ट पर तैनात झपकी ले रहे सैनिकों को थप्पड़ मारकर जगाती है। कहा जाता है कि जिस कमरे में जसवंत रहते थे वहां आज भी उनके जूतों को पॉलिश करके रखा जाता है। उनके कपड़ों को धोकर और प्रेस करके रखा जाता है, बिस्तर भी लगाया जाता है। लोगों का कहना है कि अगली सुबह बिस्तर, जूते और कपड़े ऐसे मिलते हैं जैसे किसी ने उनका उपयोग किया हो।
साल 1965 में भारत पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने बॉर्डर से लगते जैसलमेर के तनोट इलाके में 3000 से ज्यादा गोले बरसाए थे। पूरा क्षेत्र उजाड़ गया लेकिन वहां स्थित मां का एक मंदिर तथस्ट रहा। एक भी बम मंदिर को नुकसान नहीं पहुंचा सका। इतना ही नहीं मंदिर के करीब जितने भी बम गिरे, सब फुस्स हो गए। फिर 1971 के युद्ध में में करीब साढ़े चार सौ बम इस मंदिर के पास बरसाए गए, मगर सब बेअसर रहे। अब इन बमों को मंदिर परिसर में एक म्यूजियम में रखा गया है। यह एक ऐसा शक्ति स्थल है जो सालों से भारतीय सेना की हिफाजत कर रहा है। तनोट में माता के मंदिर के पास भारतीय सेना का लोंगेवाला पोस्ट है। युद्ध में जीत के बाद भारतीय सेना ने मंदिर में एक विजय स्तंभ बनाया, जहां हर साल शहीद सैनिकों के याद में उत्सव आयोजित किया जाता है। इस मंदिर का जिम्मा बीएसएफ ने ले लिया है। मंदिर परिसर में लगे पट्ट पर पूरी कहानी लिखी गई है। इस मंदिर में हिंगलाज माता विराजमान हैं। हिंगलाज माता का शक्तिपीठ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है। स्थानीय लोगों द्वारा इन्हें आवड़ माता के नाम से भी जाना जाता है। इन माता से एक कहानी भी जुड़ी है। कहते है कि एक समय एक चारण थे, उनका नाम था मामडिया। उन्होंने संतान के लिए सात बार पैदल यात्रा की। स्वप्न में माता ने उनसे ईच्छा पूछी, तो उन्होंने कहा कि माता आप मेरे यहां जन्म लें। इसके बाद चारण के घर सात बेटी और एक बेटे का जन्म हुआ। इन्हीं सात बेटियों में से एक थी आवड। जन्म के बाद मात आवड ने कई चमत्कार दिखाए। उनमें से एक था हूणों के आक्रमण से माड़ प्रदेश की रक्षा की। माड़ प्रदेश में आवड़ माता की कृपा से भाटी राजपूतों का सुदृढ़ राज्य स्थापित हो गया। राजा तणुराव भाटी ने इस स्थान को अपनी राजधानी बनाया और आवड़ माता को स्वर्ण सिंहासन भेंट की। कहते है विक्रम संवत 828 ईस्वी में आवड़ माता ने अपने भौतिक शरीर के रहते हुए यहां अपनी स्थापना की। अब माता भारतीय सेना की हिफाजत करती है और सेना की इनमें अटूट आस्था है।
वो भारतीय सैनिक जिसकी आर्मी करती है पूजा बाकी सैनिकों की तरह वेतन और सुविधाएँ देती है आर्मी हिंदुस्तान में देवी देवताओं के मंदिर तो बहुत है, लेकिन देश के एक हिस्से में एक सैनिक का मंदिर भी बना हुआ है। इस मंदिर की मान्यता इतनी हैं कि यहां दूर-दूर से लोग शीश नवाने पहुंचते हैं। ये अद्भुत है, ये अविश्वसनीय है लेकिन ये सच है। यह मंदिर सिक्किम की राजधानी गंगटोक में जेलेप दर्रे और नाथुला दर्रे के बीच 14 हजार फीट की ऊंचाई पर बना है। आम लोग और सिर्फ भारतीय सेना ही नहीं, बल्कि चीनी सेना भी इनके सम्मान में सर झुकाती है। इन सिपाही का नाम था हरभजन सिंह और उनकी देश भक्ति को देख लोग उन्हें बाबा हरभजन सिंह कहते हैं। 30 अगस्त 1946 को पंजाब (वर्तमान में पाकिस्तान) के सदराना गांव में जन्मे हरभजन सिंह भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट में 1966 में बतौर सिपाही भर्ती हुए। साल 1968 में उनकी ड्यूटी 23वें पंजाब रेजिमेंट के साथ पूर्वी सिक्किम में थी। फिर आया 4 अक्टूबर 1968 का दिन, जब खच्चरों का काफिला ले जाते समय नाथुला पास के समीप ही उनका पैर फिसल गया और घाटी में गिरने से उनकी मृत्यु हो गई। पानी का तेज बहाव हरभजन सिंह के शरीर को बहाकर दूर ले गया। सेना ने खोज की लेकिन उनकी पार्थिव देह नहीं मिली। कहते है इसके बाद बाबा हरभजन सिंह अपने साथी सैनिक के सपने आए और उसे अपने शरीर का पता बताया। जब खोजबीन की गई तो तीन दिन बाद उनका शरीर भारतीय सेना को उसी जगह मिला जो जगह उन्होंने अपने साथी को सपने में बताई थी। उस दुर्गम क्षेत्र में ये किसी चमत्कार से कम नहीं था। कहा जाता है कि उन्होंने सपने में एक समाधि बनवाने की इच्छा भी जाहिर की थी, जिसके बाद 14 हजार फीट की ऊंचाई पर जेलेप दर्रे और नाथुला दर्रे के बीच उनकी समाधि बनावा दी गई। कहा जाता है कि मृत्यु के बाद भी बाबा हरभजन सिंह अपनी ड्यूटी निभाते हैं और चीन की सभी गतिविधियों की जानकारी अपने साथियों को उनके सपने में आकर देते हैं। सेना की भी बाबा हरभजन के प्रति भरपूर निष्ठा है। उन्हें बाकयादा बाकी सभी सैनिकों की तरह वेतन, दो महीने की छुट्टी आदि सभी सुविधाएं दी जाती हैं। हालांकि, अब बाबा हरभजन सिंह रिटायर हो चुके हैं। दो महीने की छट्टी के दौरान ट्रेन में उनके घर तक की टिकट बुक करवाई जाती है और स्थानीय लोग उनका सामान लेकर उन्हें रेलवे स्टेशन तक छोड़ने जाते हैं। नाथुला में जब भी भारत और चीन के बीच फ्लैग मीटिंग होती है तो चीनी सेना बाबा हरभजन के लिए अलग से एक कुर्सी भी लगाती है। जूतों पर अक्सर मिलती है कीचड़ बाबा हरभजन सिंह के मंदिर में उनकी तस्वीर के साथ उनके जूते और बाकी सामान को रखा गया है। भारतीय सेना के जवान मंदिर की चौकीदारी करते हैं और रोजाना उनके जूतों को पॉलिश भी करते हैं। यहाँ तैनात सिपाहियों ने कई बार दावा किया है कि उनके जूतों पर अक्सर कीचड़ या मिट्टी लगी होती है और उनके बिस्तर पर सलवटें भी दिखाई पड़ती है। लोगों का ऐसा मानना है कि बाबा हरभजन सिंह की आज भी यहां देश की सरहद की रक्षा करते हैं।
पीएम इंदिरा गाँधी को कर दिया था इंकार भारत के पहले फाइव स्टार जनरल थे सैम मानेकशॉ 1971 की जंग में पाकिस्तान को हराने और नया मुल्क बांग्लादेश बनाने का पूरा श्रेय फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ को जाता है। सैम मानेकशॉ भारत के पहले फील्ड मार्शल थे। मानेकशॉ भारतीय सेना के पहले 5 स्टार जनरल रहे और पहले ऑफिसर जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक पर प्रमोट किया गया था। इंतिहास में इंडियन आर्मी का शायद ही कोई ऐसा जनरल हो, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर इतनी लोकप्रियता कभी हासिल की हो, जितनी उन्हें मिली। आज तक उनकी बहादुरी के किस्से और उनके जोक्स लोगों के बीच चर्चा का विषय बने रहते हैं। सैम मानेकशॉ के 4 दशक के सैन्य करियर में 5 युद्ध शामिल हैं। उनका सफर बेहद शानदार रहा। साल 1971 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सैम मानेकशॉ से लड़ाई के लिए तैयार रहने पर सवाल किया था। इस बात के जवाब में सैम मानेकशॉ ने कहा था, ‘आई एम ऑलवेज रेडी, स्वीटी’। सैम मानेकशॉ द्वारा कही गई ये बात बहुत फेमस हुई थी। 1971 की लड़ाई में इंदिरा गांधी चाहती थीं कि वह मार्च में ही पाकिस्तान पर चढ़ाई कर दें, लेकिन सैम ने ऐसा करने से इनकार कर दिया, क्योंकि भारतीय सेना हमले के लिए तैयार नहीं थी। इंदिरा गांधी इससे नाराज हो गई। तब मानेकशॉ ने पूछा कि अगर आप युद्ध जीतना चाहती हैं तो मुझे छह महीने का समय दीजिए। मैं गारंटी देता हूं कि जीत हमारी ही होगी। 3 दिसंबर को युद्ध शुरू हुआ और वो ही हुआ जो उन्होंने कहा था। 13 दिसंबर 1971 को फील्ड मार्शल मानेकशॉ ने पाकिस्तानी सैनिकों को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, ‘या तो आप सरेंडर कर दीजिए नहीं तो हम आपको खत्म कर देंगे।’ इस चेतावनी के 3 दिन बाद ही यानी 16 दिसंबर को भारतीय मिलिट्री के इतिहास की सबसे बड़ी घटना देखने को मिली, जब करीब एक लाख पाक सैनिकों ने हथियार डाल दिए थे। 16 दिसंबर को ईस्ट पाकिस्तान आजाद होकर ‘बांग्लादेश’ बन गया। भारत के पहले फील्ड मार्शल सैम होर्मुसजी फ्रामजी जमशेदजी मानेकशॉ का जन्म 3 अप्रैल, 1914 को हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा अमृतसर और शेरवुड कॉलेज नैनीताल में हुई। मानेकशॉ भारतीय सैन्य अकादमी के लिए चुने जाने वाले 40 कैडेटों के पहले बैच के थे और उन्हें 4 फरवरी 1934 को 12 एफएफ राइफल्स में कमीशन किया गया था। सैन मानेकशॉ को अपने सैन्य करियर के दौरान कई सम्मान प्राप्त हुए थे। 59 साल की उम्र में उन्हें फील्ड मार्शल की उपाधि से नवाजा गया था। यह सम्मान पाने वाले वह पहले भारतीय जनरल थे। 1972 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। एक साल बाद 1973 में वह सेना प्रमुख के पद से रिटायर हो गए थे। वर्ष 2008 में उनका निधन हो गया। तो पहले सीडीएस होते जनरल मानेकशॉ 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के तुरंत बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तय कर लिया था कि देश में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के तौर पर एक नए पद का निर्माण होगा। तब इस पर तत्कालीन थल सेनाध्यक्ष जनरल सैम मानेकशॉ की नियुक्ति तय थी, लेकिन ऐसा हो न सका। जनरल मानेकशॉ को आखिरकार देश के पहले फील्ड मार्शल से ही संतोष करना पड़ा। वे देश के पहले फाइव स्टार जनरल बने थे। दरअसल सेना के तीनों अंगों के प्रमुख ही अपनी गाड़ियों पर चार सितारे यानी 4 स्टार लगाते हैं, जबकि फील्ड मार्शल को अपनी गाड़ियों पर 5 सितारे यानी फाइव स्टार लगाने की इजाजत होती है और इसलिए फील्ड मार्शल को फाइव स्टार जनरल भी कहा जाता है।
पुलिस थाना ज्वालामुखी के तहत वार्ड नंबर 4 में अज्ञात व्यक्ति द्वारा चंदन के 15 पेड़ काटने का मामला सामने आया है। इस संबंध में पुलिस ने शिकायतकर्ता राजेश कुमार सपुत्र सुमेर चंद, निवासी राजगढ़ की शिकायत पर मामला दर्ज कर आगामी कारवाई शुरू कर दी है। मामले की पुष्टि डीएसपी ज्वालामुखी विकास धीमान ने की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने इंडियन फॉरेस्ट एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के तहत अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर कारवाई शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता राजेश कुमार सपुत्र सुमेर चंद गांव राजगढ़ ने पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में बताया कि तुलसीराम सपुत्र नीरू राम निवासी वार्ड नंबर 4 ज्वालामुखी जिला काँगड़ा ने उन्हें सूचित किया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनकी जमीन से 15 चंदन के पेड़ काट दिए हैं। उसके अनुसार वह फारेस्ट कर्मचारियों के पास गया और उनके साथ मौके पर पाया कि 15 चंदन के पेड़ तुलसीराम की भूमि से कटे हुए पाए गए है। वहीं उस स्थान पर अलग-अलग साइज के 75 कटे हुए चंदन के टुकड़े भी पड़े थे। वहीं, फॉरेस्ट विभाग के साथ ज्वालामुखी थाना प्रभारी विजय कुमार के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने मौके पर जाकर उक्त स्थान का निरीक्षण किया। थाना प्रभारी ज्वालामुखी विजय कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की पूरी छानबीन कर रही है। जल्द ही इस मामले में जुड़े आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे। बताते चलें की वन विभाग की टीम को चन्दन के काटे गए 75 टुकड़ों को काटने में इस्तेमाल किया गया सामान जैसे कि बिना ताड़ के चार आरी, दो कुल्हाड़ी, एक ब्लेड और एक मोर्टार भी मिला है, जिसे वन विभाग की टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आज यहां आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यपाल से हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर से 23 दिसंबर 2023 तक तपोवन धर्मशाला में आयोजित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया गया। बैठक में जल शक्ति विभाग में 4500 पैरा-कर्मचारियों को नियुक्त करने, राज्य आबकारी एवं कराधान विभाग में कर एवं कराधान निरीक्षक के 25 पद और बागवानी विभाग में बागवानी विकास अधिकारी के 10 पद भरने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में एसजेवीएनएल के पक्ष में जारी किए किए गए जंगी थोपन पोवारी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (780 मेगावाट) के आवंटन को रद्द करने का भी निर्णय लिया गया। दरअसल कंपनी निर्धारित समय अवधि के भीतर परियोजना के कार्यान्वयन में प्रगति हासिल करने में विफल रही है। किराया राशि तय... हिमाचल में आई आपदा ने सैंकड़ों परिवारों को बेघर कर दिया है। सरकार किराये के मकानों में रह रहे आपदा प्रभावित परिवारों को ग्रामीण क्षेत्रों में पांच हजार व शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये किराया 31 मार्च 2024 तक देगी। कैबिनेट ने हिमाचल में प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बहाल करने का फैसला लिया है। ट्रिब्यूनल में अध्यक्ष सहित तीन सदस्यों और एक रजिस्टार का पद भरने का फैसला लिया गया। मंदिरों के सोने-चांदी का होगा उपयोग.. बैठक में प्रदेश में कार्यरत सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश सहकारी समितियां नियम, 1971 में संशोधन करने को भी मंजूरी प्रदान की गई। इसके अलावा प्रदेश के मंदिरों में संग्रहित सोने, चांदी का सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती नियम, 1984 के नियमों में संशोधन करने का भी निर्णय लिया गया।
जिला प्रशासन किन्नौर, भाषा कला एवं संस्कृति विभाग तथा हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग के सहयोग से 22 से 24 अक्टूबर, 2023 तक जिला किन्नौर में छुक्षिम जिसका अर्थ है मिलना शीर्षक से पहला जनजातीय साहित्य-सह-भ्रमण महोत्सव आयोजित किया गया। इस तीन दिवसीय जनजातीय साहित्य-सह-भ्रमण महोत्सव में जनजातीय जिला की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने और राज्य के लेखकों और पाठकों को एक साथ लाने के साथ-साथ जिले में साहित्यिक माहौल स्थापित करने और पर्यटन क्षमता का दोहन करने का सफल प्रयास किया गया। महोत्सव के प्रथम दिन पदमश्री विद्यानंद सरैक ने मुख्य वक्ता पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने अपने जीवन के अनुभव को सांझा कर उपस्थित लोगों का ज्ञानवर्धन किया व साथ ही संगीत, कला तथा हिमाचली संस्कृति को प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समा बांधा। पदमश्री विद्यानंद सरैक ने विस्तारपूर्वक हिमाचल की संस्कृति व कला के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने हिमाचल के सभी जिलों के लोक गीतों को स्वरबद्ध करते हुए संपूर्ण हिमाचली संस्कृति का प्रस्तुतिकरण किया। इसके उपरांत प्रोफेसर विद्या सागर नेगी ने किन्नौर जिला के इतिहास व समृद्ध संस्कृति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अपने साहित्यिक अनुभव को सांझा करते हुए कहा कि जिला किन्नौर का अत्यंत प्राचीन व गूढ़ इतिहास है। उन्होंने उपस्थित लोगों को जिला किन्नौर की भौगोलिक व सांस्कृतिक धरोहरों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने लोगों से अपनी संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन के लिए आगे आने को भी कहा। जनजातीय साहित्य सह भ्रमण महोत्सव में प्रदेश व जिला के प्रसिद्ध साहित्यकारों के मध्य एक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया जिसमें साहित्यकारों द्वारा अपने-अपने साहित्य के क्षेत्र से संबंधित विचार रखे गए तथा एक साहित्यिक वातावरण स्थापित किया गया। महोत्सव के दूसरे दिन साहित्यकार एवम सेवानिवृत आईएएस दीपक सानन ने अपने जीवनकाल के अनुभव को सांझा किया और प्रदेश सहित जिला किन्नौर के इतिहास, संस्कृति व रीति रिवाजों से उपस्थित जनों को अवगण करवाया। किन्नौर जिला के जंगी गांव से संबंधित सेवानिवृत्त आईएएस शरब नेगी ने अपने साहित्यिक सफर को प्रस्तुत करते हुए कहा कि किसी भी प्रदेश व क्षेत्र के साहित्यिक विकास में युवा पीढ़ी का एहम योगदान होता है। उन्होंने किन्नौर जिला की सांस्कृतिक विशेषताएं व चुनौतियों के बारे में सभी को विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की। प्रोफैसर स्नेह लता नेगी ने अपनी कविता के माध्यम से जहां महिला सशक्तिकरण व जिला किन्नौर की संस्कृति तथा अलौकिक सौंदर्य को शब्दों की माला में पिरोहकर कार्यक्रम का समा बांधकर उपस्थित जनों को संस्कृति व रीति रिवाजों से अवगत करवाया वहीं प्रोफैसर ईशान मार्वल ने अंग्रेजी व हिंदी कविता के माध्यम से विभिन मुद्दों पर सामाजिक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। जनजातीय साहित्य महोत्सव के तीसरे व अंतिम दिन सचिव भाषा कला एवम संस्कृति विभाग राकेश कंवर ने जनजातीय साहित्य उत्सव के आयोजन पर बधाई दी और कहा की इन आयोजनों से जनजातीय क्षेत्रों की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और साहित्य का वातावरण स्थापित होता है। उन्होंने साहित्यिक वातावरण स्थापित करने की विशेषता पर बल दिया और पढ़ने की आदत को विकसित करने को कहा। कार्यकर्म में साहित्यकारों की चर्चा भी आयोजित की गई जिसमे दीपक सानन, शरभ नेगी और यशिका सिंगला ने भाग लिया और जनजातीय साहित्य, जनजातीय संस्कृति के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन का संस्कृति पर प्रभाव, इत्यादि पर चर्चा की। हिमाचल की प्रसिद्ध लेखिका मीनाक्षी कंवर ने अपनी साहित्यिक सफर सांझा करते हुए कहा की उनके द्वारा 26 पुस्तके लिखी गई है। उन्होंने कहा की उपस्थित विद्यार्थियों और अतिथियों को अपने विचारों का लेखन कर लिखने की शुरुआत करने की प्रेरणा दी। ट्राइबल गर्ल के नाम से प्रसिद्ध लाबरंग की अमिता छोरगिया नेगी ने भी जनजातीय संस्कृति पर किए जा रहे कार्यों पर अपनी प्रस्तुति दी। महोत्सव के तीनों दिन आर्ट गैलरी तथा स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्थानीय उत्पादों व हथकरघा उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई।
टीएचडीसीआईएल और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रूड़की ने विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में सहयोगात्मक पहल स्वरूप एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह जानकारी अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड आर. के. विश्नोई ने दी। उन्होंने बताया कि यह समझौता ज्ञापन अनुसंधान गतिविधियों को व्या पक रूप से संचालित करने में दोनों संस्थानों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिसमें ऊर्जा संरक्षण, लायन स्टोरेज बैटरी के विकल्प, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के लिए नैनो तकनीक, हरित हाइड्रोजन, भू-तापीय प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण, जल प्रबंधन और संरक्षण, भंवर प्रेरित कंपन, सुरंग बनाने की तकनीक, जैव ईंधन, ग्रिड स्थिरता में सुधार, और विभिन्न प्रकार के अन्य संबधित क्षेत्र, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) के दायरे में आते हैं शामिल किये गये हैं। विश्नोई ने कहा कि यह सहयोग 'विकसित भारत'-विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, औद्योगिक और शैक्षणिक क्षेत्र के बीच की दूरी को कम करने के व्यापक लक्ष्य के साथ, मौलिक और ट्रांसलेशनल अनुसंधान दोनों के लिए है। इस समझौता ज्ञापन में निर्धारित किए गए सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बताते हुए, आर.के. विश्नोई ने कहा, कि "टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और आईआईटी रूड़की के बीच यह सहभागिता औद्योगिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी उन्नति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें विभिन्न औद्योगिक और कार्यक्षेत्र के लिए अभूतपूर्व समाधान प्रदान करने की क्षमता है।" आईआईटी, रूड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के.पंत ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन विभिन्न उद्योगों और कार्यक्षेत्र में अभूतपूर्व समाधानों को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस सहयोग के माध्यम से, हमारा लक्ष्य शिक्षा और उद्योग के बीच की दूरी को कम करके, बुनियादी और ट्रांसलेशनल अनुसंधान दोनों को सुविधाजनक बनाना और 'विकसित भारत' - एक विकसित भारत के हमारे साझा दृष्टिकोण में योगदान देना है। आईआईटी रूड़की के डीन, प्रायोजित अनुसंधान और औद्योगिक सलाहकार प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी ने कहा कि ''सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड का सहयोगी बनना आईआईटी रूड़की के ज्ञान और नवाचार को आगे बढ़ाने की स्थायी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस सहयोग के माध्यहम से हम अध्ययन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रगति लाने के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और अनुसंधान सुविधाओं का लाभ उठा पायेंगे। हम अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में मौजूदा अग्रणी समाधानों को सुविधाजनक बनाने एवं एक-दूसरे की ताकत को पहचानने और विकसित करने के लिए उत्साहित हैं। समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर टीएचडीसीआईएल के आर.एंड डी. विभाग के विभागाध्यक्ष एस.के.चौहान एवं आईआईटी रूड़की के डीन, प्रायोजित अनुसंधान और औद्योगिक सलाहकार प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी द्वारा हस्तारक्षर किए गए। बता दें कि टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झाँसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।
प्रदेश की सुक्खू सरकार ने अवॉर्डी टीचरों को एक्सटेंशन देने के नियमों में हाईकोर्ट के आदेश पर बदलाव किया है। दरअसल सुक्खू सरकार ने सत्ता में आने के बाद सबकी एक्सटेंशन रद्द कर दी थी। इसे दो अवॉर्डी शिक्षकों ने कोर्ट में चुनौती दी। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को भविष्य के लिए नियम बनाने के आदेश दिए थे। इसके बाद सरकार ने नियमो में बदलाव किया है। नई गाइडलाइन के अनुसार, अब स्टेट व नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित शिक्षकों को एक्सटेंशन तो जरूर मिलेगी, लेकिन इन्हें फुल सैलरी नहीं दी जाएगी। TGT, JBT, CHT, C&V तथा PET को प्रतिमाह 20 हजार रुपए दिया जाएगा। इसी तरह लेक्चरर, PGT और हेडमास्टर को 25 हजार रुपए तथा प्रिंसिपल को 30 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। नई गाइडलाइन में सरकार ने यह प्रावधान भी जोड़ा कि यदि अवॉर्ड टीचर एक्सटेंशन के लिए आवेदन करता है तो उस सूरत में उसे प्रदेश के किसी भी स्कूल में तैनात किया जा सकता है। एक्सटेंशन के लिए रिटायरमेंट के छह महीने पहले आवेदन करना होगा। पूर्व व्यवस्था में में एक्सटेंशन संबंधित स्कूल में ही दी जाती थी, किन्तु अब अवॉर्डी टीचर को सरकार प्रदेश के किसी भी कोने में तैनाती दे सकेगी। बता दें कि पूर्व की वीरभद्र सरकार ने नेशनल व स्टेट टीचर अवॉर्ड से सम्मानित टीचरों को एक्सटेंशन के दौरान फुल सैलरी देने का निर्णय लिया था। पर अब इस व्यवस्था को सुक्खू सरकार ने बदल दिया है। विदित रहे कि नेशनल अवॉर्डी को दो साल और स्टेट अवॉर्डी टीचर को एक साल की एक्सटेंशन देने का प्रावधान है। जो नेशनल व स्टेट टीचर अवॉर्डी टीचर एक्सटेंशन नहीं मांगेगा, उसे 60 हजार व 40 हजार रुपए का नकद इनाम दिया जाएगा। जो शिक्षक एक्सटेंशन चाहेगा, उसे अवॉर्ड के दौरान मिलने वाली 60 हजार और 40 हजार की इनामी राशि नहीं मिलेगी। बता दें कि राज्य सरकार हर साल 14 से 16 शिक्षकों को स्टेट टीचर और केंद्र सरकार हर साल राज्य के एक या दो शिक्षकों को नेशनल टीचर अवॉर्ड से शिक्षक दिवस पर सम्मानित करती है।
मणिमहेश की डल झील में शाही स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु भरमौर पहुंच गए हैं। श्रद्धालुओं के जत्थे भरमौर से मणिमहेश के लिए रवाना हो रहे हैं। इस यात्रा के शाही स्नान का शुभ मुहूर्त आज दोपहर 1:36 बजे शुरू होगा और कल दोपहर 12:18 मिनट तक चलेगा। पिछले 24 घंटे के दौरान जिस तरह के हालात भरमौर में वाहनों के अधिक संख्या में पहुंचने से बने हैं, उसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि शाही स्नान के शुभ मुहूर्त में आज व कल 60 से 70 हजार लोग डुबकी लगा सकते हैं। 23 घंटे 18 मिनट तक रहेगा स्नान का शुभ मुहूर्त राधा अष्टमी पर शाही स्नान का शुभ मुहूर्त 23 घंटे 18 मिनट तक चलेगा। छह सितंबर से शुरू हो रही यात्रा कल पूरी हो रही है। अब तक दो लाख लोग डल झील में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, जो बीते सालों की तुलना में 25 से 30 प्रतिशत कम हैं।
युवा वैज्ञानिक पंकज अत्रि की एक और बड़ी उपलब्धि **अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फिर चमकाया प्रदेश का नाम, Young Resercher Award के लिए चयनित **नैना टिककर से संबंध रखते है पंकज ** कई अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र हो चुके है प्रकाशित ** हिमाचल के छोटे से गांव से निकलकर वैश्विक पटल पर बनाई पहचान
हिमाचल प्रदेश यूथ कांग्रेस के महासचिव एवं सिस्को संस्था के अध्यक्ष महेश सिंह ठाकुर को जवाहर बाल मंच का राज्य मुख्य संयोजक नियुक्त किया गया है। चीफ स्टेट कॉडिनेटर बनाए जाने पर महेश सिंह ठाकुर ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी,प्रदेश के सीएम सुखविन्दर सिंह सूक्खु , राष्ट्रीय प्रभारी केसी वेणुगोपाल,जवाहर बाल मंच के राष्टीय अध्यक्ष जी.वी. हरि. सहित अन्य नेताओं के प्रति आभार जताया है। महेश ठाकुर ने कहा कि जवाहर बाल मंच का मुख्य उद्देश्य 7 वर्षों से लेकर 17 वर्ष के आयु के लड़के लड़कियां तक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के विचार को पहुंचना। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मौजूदा सरकार के द्वारा देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ हो रहा है देश के युवाओं को भटकाया जा रहा है जो की देश के लिए एक बहुत बड़ा चिन्ता का विषय है कांग्रेस पार्टी ने इस विषय को गंभीरता से लिया और राहुल गांधी के निर्देश पर डॉ जीवी हरी के अध्यक्षता में देशभर में जवाहर बाल मंच के द्वारा युवाओं के बीच में नेहरू जी के विचारों को पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा वर्ष 2024 के चुनाव में कांग्रेस भारी बहुमत हासिल कर केंद्र से भाजपा को हटाने का काम करेगी। इसमें हिमाचल प्रदेश राज्य की भी प्रमुख भुमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में महंगाई के कारण आमलोगों का जीना मुश्किल हो गया है। गरीब व मध्यम वर्गीय परिवार पर इस महंगाई का व्यापक असर पड़ रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण कपटाऔर प्रदेश महामंत्री नेकराम ठाकुर ने प्रेस को जारी संयुक्त बयान में कहां है कि 1 सितंबर 2023 को बोर्ड प्रबंधन के साथ सकारात्मक वार्ता के दौरान जिन मांगों पर सहमति बनी थी, उन पर जल्द से जल्द अधिसूचना जारी करके लागू करें। जिसमे मुख्य रूप से फ्यूज वायर की खरीद को केंद्रीयकृत करके बोर्ड स्तर पर करना, फील्ड कर्मचारियों को अन्य राज्यों की तर्ज वाहन भत्ता देना, तकनीकी कर्मचारियों की मोबाइल भत्ते से वंचित श्रेणियां को मोबाइल भत्ता देना, बोर्ड की सभी फील्ड सेक्शन में उचित फर्नीचर उपलब्ध करवाना, बोर्ड कॉलोनियों के उचित रखरखाव के लिए बजट उपलब्ध करवाना, हाल ही में जारी टी.ए बिल संशोधन संबंधी आदेश वापिस लेने बारे, टी-मेट ब हेल्पर को वन टाइम सेटलमेंट के आधार पर ट्रांसफर करने का अवसर देना, कंप्यूटर ऑपरेटर्स के लिए पदोन्नति नियम बनाना, हाई वोल्टेज डिटेकटर की खरीद करने के अलावा फील्ड में जे.ई इलेक्ट्रिकल के रिक्त पड़े 200 पदों पर लाइनमैन और इलेक्ट्रीशियन को एकमुश्त पदोन्नति लाभ देना था। इसके अलावा उन्होंने प्रबंधन वर्ग से विशेष आग्रह किया है कि प्रदेश के कुछ एक विद्युत मंडलों में जो नॉन आईटीआई टी-मेट हाल ही में पदोन्नति लाभ से वंचित रह गए है, उन्हें एकमुश्त सहायक लाइनमैन के पद पर पदोन्नत किया जाए। फील्ड में बहुत से विद्युत अनुभाग ऐसे हैं जहां एक या दो कर्मचारियों के हवाले ,20 से 25 ट्रांसफार्मरों के अतिरिक्त कई किलोमीटर लंबी विद्युत लाइन की देखरेख का जिम्मा है। जिसकी वजह से कर्मचारी भारी दबाव में कार्य कर रहे हैं। इस तरह के दबाव के कारण ही पिछले दिनों पणडोह विद्युत उपमंडल के अंतर्गत आउटसोर्स आधार पर कार्यरत कर्मचारी बलवंत कुमार को एलटी लाइन में अकेले कार्य करते हुए जान गवानी पड़ी। इस दुख की घड़ी में तकनीकी कर्मचारी संघ शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ा है तथा दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता है। उन्होंने बताया की तकनीकी कर्मचारी संघ बार-बार प्रबंधन वर्ग से मांग कर चुका है, कि आए दिन बोर्ड में कार्यरत नौजवान कर्मचारी घातक/गैर घातक दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। इन दर्दनाक दुर्घटनाओं के सही कारणों को जांचने तथा उन कारणों का निवारण करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाए । तकनीकी कर्मचारी आए दिन काल का ग्रास बन रहे है, परंतु प्रबंधन वर्ग इस मुद्दे पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा की तकनीकी कर्मचारी संघ का एक प्रतिनिधिमंडल बोर्ड में विभिन्न श्रेणियों के हजारों रिक्त पदों को भरने के विषय के साथ-साथ बोर्ड में जल्द से जल्द ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने के संदर्भ में मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश से जल्द ही मिलेगा तथा उन्हें सारी वस्तुस्थिति से अवगत करवाएगा इसके साथ ही बिजली बोर्ड को कैसे फायदे वाली स्थिति में लाया जाए इसके बारे में उपयुक्त सुझाव देगा।
निकटवर्ती ग्राम पंचायत चौली में बीती रात चोरों ने करियाना की दुकान पर की चोरी। रक्कड़ पुलिस की जानकारी के अनुसार चौली में पुर्व जिला परिषद सदस्य अरुणा डोगरा ने शिकायत दर्ज करवाई है की करियाना दुकान पर चोरी हो गई। अरुणा डोगरा ने बताया कि शनिवार सुबह स्थानीय निवासी पबन धीमान उधर से सुबह पांच बजे गुजर रहे थे तो उन्होंने फोन करके सुचित किया की अपकी दुकान का शटर खुला है तभी हमने दुकान पर पहुंच कर देखा तो दुकान के ताले टूटे पाए और दुकान के अंदर दो हजार के लगभग रुपए व दाले ओर दुकान में रखी अन्य सामग्री चुरा कर ले गए। अरुणा डोगरा ने बताया कि दुकान में लगभग 20,000 रुपये का सामान चोरी हो गया। पुलिस थाना तक्कड़ के प्रभारी गुरदेव सिंह ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली है और छानवीन जारी है।
बी एल सेंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार ने खंड सतरीय अंडर-19 खंड अर्की छात्र खेलकूद प्रतियोगिता में बैडमिंटन में विजेता ट्राफी का ख़िताब जीता | जानकारी देते हुए विद्यालय अध्यक्ष ने बताया की इस खंड सतरीय छात्र खेल-कूद प्रतियोगिता का आयोजन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धुन्दन में किया गया जिसमे लगभग 31 विद्यालय से 477 छात्रों ने इस खेल कूद प्रतियोगिता में भाग लिया I विद्यालय अध्यक्ष ने बताया की विद्यालय से 6 बच्चों हर्ष वर्धन, पुष्पेंदर , दक्ष गर्ग, मनन कुमार , ध्रुव तंवर , यश कुमार ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। जिसमे उन्होंने बैडमिंटन में मॉडल स्कूल भुमती को परास्त कर विजेता ट्राफी अपने नाम की और बताया की इन सभी बच्चो का चयन जिला सतरीय खेल कूद प्रतियोगिता के लिए हुआ है जो की सितम्बर माह में राजकीय माध्यमिक विद्यालय ममलीग में आयोजित की जाएगी I बी एल स्कूल लगातार कई सालों से बैडमिंटन ट्राफी का वर्चस्व कायम रखे हुए है I खेल कूद सपर्धा के समापन समारोह के उपरान्त सभी विजेताओं और उप-विजेताओं को अर्की के विधायक व् सीपीएस संजय अवस्थी द्वारा पारितोषिक देकर सम्मानित किया गया। विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष तथा अध्यापक अभिभावक संघ के सभी सदस्यों ने भी बच्चों व उनके अभिभावकों के साथ साथ शारीरिक शिक्षक अमर देव को भी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है व उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है I इस खेल कूद स्पर्धा के दौरान अर्की जोन प्रभारी महेंदर राठोर व् शारीरिक शिक्षक किशोर शर्मा , राज कुमार , नवनीत महाजन , संजीव , हेमंत गुप्ता, सुशील कुमार आदि भी मौजूद रहे I विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने बताया की बच्चे शिक्षा के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि खेल कूद के क्षेत्र में भी विद्यालय और कुनिहार का नाम रोशन करते हैं I विद्यालय आने पर इन बच्चों को प्रधानाचार्य पुर्शोतम लाल , मुख्याध्यापिका सुषमा शर्मा और समस्त अध्यापक वर्ग ने सम्मानित किया और उनकी उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी I
राजकीय महाविद्यालय ढलियारा में शनिवार को पीटीए कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमे सर्वसम्मति से सुतिंदर कुमार (विक्की महंत) को प्रधान, दीपक शर्मा को उपप्रधान, ब्रजेश्वर सिंह को सचिव, विजय कुमार को सहसचिव और सुरिंदर सिंह को खजांची चुना गया। संजीव चौहान को सलाहकार, दिनेश कुमार, रेखा देवी एवं नीलम कुमारी को सदस्य और कालेज की तरफ से डा गुलशन धीमान व संजीव जसवाल को सदस्य बनाया गया। प्राचार्य डा. अंजू चौहान ने नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देते हुए मिलकर कालेज के विकास के लिए कार्य करने का आह्वान किया।
सेना भर्ती कार्यालय, पालमपुर के भर्ती निदेशक कर्नल मनिष शर्मा (सेना मेडल) ने प्रेस वार्ता के माध्यम से बताया कि अग्निवीर जनरल ड्यूटी, अग्निवीर तकनीकी और अग्निवीर ट्रेड्समैन ऑनलाइन लिखित परीक्षा व शारीरिक परीक्षा का फाईनल परिणाम घोषित कर दिया गया हैं। चयनित उम्मीदवार अपना परिणाम भारतीय सेना के अधिकारिक वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर देख सकते हैं। कांगड़ा और चंबा जिला के सभी चयनित उम्मीदवारो से अनुरोध हैं कि दिनांक 21 सितम्बर 2023 को सुबह 08:00 बजे सेना भर्ती कार्यालय, पालमपुर मे दस्तावेज (Documents) सम्बंधित अगामी कार्यवाही हेतू अनिवार्य रुप से उपस्थित हो।
धर्मशाला:– आज दिनाक 16 सितम्बर को हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की शिक्षा खण्ड धर्मशाला इकाई की चुनाव प्रक्रिया स्थानीय बॉय स्कूल धर्मशाला में सम्पन हुई जिस की अध्यक्षता राकेश शर्मा प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लंज व संयोजक प्रधानाचार्य नवीन भंडारी की मौजदगी में सम्पन्न हुई। इसमे चुनाव ऑब्जर्वर लोकेश ठाकुर खण्ड प्रधान रैत व श्री तेजपाल सिंह खण्ड प्रधान नगरोटा बगवां ने चुनाव प्रक्रिया का संचालन किया व इस दौरान जिला राजकीय अध्यापक संघ के महासचिव सुमन कुमार विशेषतया उपस्थित हुए। सर्वसम्मति से इस दौरान खण्ड के अध्यापक संजय चौधरी मिडल स्कूल चांदमारी को अध्यक्ष व श्री प्रवीण सिंह प्रवक्ता सकोह को महासचिव चुना गया। श्रीमती बिमल देवी राजकीय उच्च विद्यालय कोतवाली बाजार को कोषाध्यक्ष, श्री नवीन भंडारी प्रधानाचार्य को मुख्य सलाहकार व डाइट प्रवक्ता राजकपूर को मुख लेखाकार साबुन गया। शेष कार्यकारिणी को बनाने का अधिकार खण्ड प्रधान संजय चौधरी को दिया गया। इस अवसर पर मौजूद प्रतिनिधियों द्वारा सदन को संवोधित भी किया गया।
उपमंडल पधर के राजकीय महाविद्यालय द्रंग स्थित नारला में शनिवार को अग्नि सुरक्षा से संबंधित मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया । पिछले एक हफ्ते से महाविद्यालय के 16 रोवर्स और रेंजर्स अग्निशमन विभाग पधर द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे । जिसके अंतिम चरण में शनिवार को महाविद्यालय में स्वयं सेवकों की भूमिका निभाते हुए इस माॅक ड्रिल को महाविद्यालय के अन्य विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया । जिसमें विभिन्न सुरक्षा गतिविधियां जैसे भूकंप आने पर,गैस सिलेंडर में आग लग जाने पर या चोट लग जाने इत्यादि परिस्थितियों में क्या करें आदि के बारे में जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में पधर चौंकी के प्रभारी हेम सिंह व उनकी सक्रिय टीम ने कार्यकम्र की अगुवाई की व सभी विद्यार्थियों को हर प्रकार की सुरक्षा से संबंधित जानकारी दी। इस कार्यक्रम में रेंजर लीडर डॉ दीपाली अशोक, रोवर लीडर प्रोफेसर अजय कुमार सहित महाविद्यालय के सभी प्राध्यापको व 250 के लगभग विद्यार्थियों ने भाग लिया ।
मिनर्वा कॉलेज ऑफ एजुकेशन इंदौरा के वी.एड तृतीय सत्र के प्रशिक्षु अध्यापकों ने शिक्षण प्रक्रिया के दौरान विभिन्न गवर्नमेंट स्कूलों में 16 सितंबर अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं कोआयोजित किया।जिसमें पौधारोपण,भाषण,प्रतियोगिता, पोस्टर, ,मेकिंग इत्यादि प्रतियोगिताओं को कराया गया।कार्यक्रम का उद्देश्य ओजोन परत सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाना है।इस दौरान स्कूलोे के प्रिंसिपल्स ने पर्यावरण और ओजोन संरक्षण के बारे में बताया।इस कार्यक्रम में कई छात्रों व शिक्षकों ने "ओजोन परत रिक्तीकरण एवं उसका प्रभाव" विषय पर व्याख्यान दिया।
जगह जगह सजी हैं अखरोट की दुकानें सायर किसानों की खुशहाली और समृद्धि से जुड़ा अनाज पूजा का त्योहार मंडी जनपद में सायर का त्योहार रविवार को जिला भर में धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इसके लिए पूरे जनपद में सायर को मनाने की तैयारियों जोरों पर हैं। बड़ी संख्या में लोग अखरोट और सायर ( धान, तिल, कोठा, गलगल आदि के पौधों) की खरीदारी कर रहे हैं। सायर पर्व हर वर्ष भाद्रपद के समाप्त होने और माह आश्विन के प्रथम प्रविष्टे को मनाया जाता है। भाद्रपद को काला महीना भी कहा जाता है। इस दौरान पहाड़ोेें पर बरसात के कारण नदी नाले उफान पर होते हैं। बरसात में सुरक्षित रहने पर ईश्वर का आभार प्रकट करने के लिए यह पर्व मनाया जाता है। सायर का यह त्योहार किसानों की खुशहाली और समृद्धि के साथ-साथ अनाज पूजा से जुड़ा हुआ भी है। प्रदेश के कई हिस्सों में सायर पर्व को अलग-अलग ढंग से मनाया जाता है। उसी प्रकार मंडी जनपद में सायर का त्योहार अनाज पूजा से शुरू होता है। मंडयाली बोली में इस मौसम को भी सैर कहा जाता है। इस मौसम में पैदा होने वाले अनाज जैसे मक्की, धान, तिल, कोठा, गलगल आदि के पौधों को इक्टठा कर सायर तैयार कर पूजाघर में रखी जाती है। इसके बाद स्नानादि करके सायर की पूजा की जाती है। सायर पूजा के लिए अखरोट का बहुत महत्व है। अखरोट के साथ द्रुब हाथ में लेकर अपनी परिधि में घूमते हैं और फिर सायर के आगे मत्था टेकते हैं। सायर के दिन मंडी जनपद में बड़े-बुजूर्गों को द्रुब देने की परंपरा है। यह परंपरा बड़े बुजूर्गों का सम्मान कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की भी है। इस अवसर पर सायर पूजन के बाद पांच या सात अखरोट दोनों हाथों में लेकर द्रुब खास की चार पांच डालियों के साथ बड़े बुजूर्गों के हाथ में पकड़ा कर उनके चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। बड़े बुजूर्ग भी बड़े अदब के साथ अखरोट और द्रुब ग्रहण करते हैं और सचे मन से द्रुब की डालियां अपने कानों या टोपी से लगाकर आशीर्वाद देते हैं। भले ही आपस में कितने भी मतभेद रहे हों, लेकिन सायर के दिन बड़े -बुजूर्गों को द्रुब देकर उनका आशीर्वाद लेकर सारे गिले शिकवे दूर किये जाते हैं।
कंवर दुर्गा चंद राजकीय महाविद्यालय जयसिंहपुर में वॉलीबॉल खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें कॉलेज के बीए., बीएससी. बीकॉम. तीनों वर्ष के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। खेल का आरंभ शारीरिक शिक्षा के प्राध्यापक डॉक्टर खुशीराम के नेतृत्व में हुआ। इस प्रतियोगिता में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर प्रदीप कौंडल जी मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। प्राचार्य ने अपने संबोधन में छात्रों का उत्साहवर्धन किया और कहा कि छात्रों को पढने के साथ-साथ खेलों में अनिवार्य रूप से हिस्सा लेना चाहिए। इस तरह की गतिविधियों में भाग लेने से छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है तथा नशे के बढ़ते प्रचलन के इस दौर में छात्रों को भटकने से रोकता है। इस प्रतियोगिता में चार विभिन्न टीमों ने हिस्सा लिया जिसमें तृतीय वर्ष के छात्रों की टीम (राहुल, आर्यन, नितेश, राघव, कृष, विशाल और समीर) विजेता रही और द्वितीय वर्ष के छात्रों की टीम (राहुल, अक्षय, संजू, अरुण, साहिल, साहिल, रोहित, रोन्टू) उप-विजेता रही। महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों ने इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की।
हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार 18, 19 व 20 सितम्बर, 2023 को आवश्यक रखरखाव के दृष्टिगत सोलन के सुबाथू क्षेत्र के कुछ इलाकों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी आज यहां अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता राहुल वर्मा ने दी। राहुल वर्मा ने कहा कि 18 सितम्बर, 2023 को प्रातः 09.00 बजे से सांय 06.00 बजे तक सुबाथू बाज़ार, अप्पर थड़ी, लोअर थड़ी, छपरोली, कश्मीरी मोहल्ला, रविदासपुरा, शांति निकेतन एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि 19 सितम्बर, 2023 को प्रातः 09.00 बजे से सांय 06.00 बजे तक नायानगर, भाली, कटहनी, आरला, चापला, झीन, न्यू फायरिंग रेंज एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि 20 सितम्बर, 2023 को प्रातः 09.00 बजे से सांय 06.00 बजे तक मोहरी, घड़सी कुकाना, कण्डा, आंजी छटेरा, चयाड़, खलयाण एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने की स्थिति तथा अन्य कारणों से उपरोक्त तिथि एवं समय में बदलाव किया जा सकता है। उन्होंने उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह ने हमीरपुर जिला के भोरंज में एक महिला के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ पुलिस प्रशासन से कड़ी कानूनी कार्यवाही करने को कहा हैं। उन्होंने कहा है कि यह घटना बहुत ही दुखदाई और देव भूमि को शर्मसार करने वाली हैं। प्रतिभा सिंह ने कहा कि महिलाओं के साथ इस प्रकार की कोई भी घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए अभिशाप है जो किसी भी स्तर पर सहन नही की जा सकती। उन्होंने कहा पीड़ित महिला को पूरा न्याय मिलना चाहिए। भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना ने हो इसके लिए जरूरी है कि इस घटना में संलिप्त सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी सज़ा मिले। उन्होंने पुलिस प्रशासन से भविष्य में ऐसी किसी भी घटना पर जो समाज विरोधी, महिलाओं से बदसलूकी से जुड़ी हो पर तुरंत कार्यवाही करने को कहा है जिससे ऐसी शर्मसार घटनाओं पर रोक लग सकें।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सौरव चौहान ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूरे देश के समक्ष एक मिसाल पेश करते हुए भारी बारिश एवं भूस्खलन से आई आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के लिए अपनी समस्त जमा पूंजी की 51 लाख रुपये की धनराशि आपदा राहत कोष-2023 में दान कर दी है। सौरव चौहान ने कहा कि ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू देश और प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बने गए हैं जो अपनी नहीं, बल्कि जनता को सुखी देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू संभवतया देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने पद पर रहते हुए अपनी निजी जमा पूंजी सरकार को आपदा से निपटने के लिए दान में दी है। सौरव चौहान ने कहा कि इससे पहले भी सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सामाजिक सरोकार को अधिमान देते हुए धन दान किया है। कोरोना काल में विधायक के तौर पर उन्होंने एक साल का वेतन और अपनी एफडीआर तोड़कर भी 11 लाख रुपये की धनराशि राज्य सरकार को महामारी से लड़ने के लिए दान में दी थी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपनी टीम के साथ प्रदेश को रिस्टोर करने में जुटे हैं। सौरव चौहान ने मुख्यमंत्री की इस मिसाल से खुशी जाहिर करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से धन्यवाद किया।
पेंशनर्ज एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन इकाई पट्टाबरावरी -हरिपुर की बैठक इकाई अध्यक्ष डीडी कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई। डीडी कश्यप ने पेंशनरो को सम्बोधित करते हुए कहा कि संगठन की जिला स्तरीय त्रैमासिक बैठक इसबार 23 सितंबर को कुठाड़ (कृष्णगढ़) में रखी गई है, जिसमे हमारी इकाई को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है। डी.डी कश्यप ने सभी इकाई सदस्यों से आग्रह किया कि इस जिला स्तरीय बैठक में भाग लेना सुनिश्चित करें। बैठक में इकाई का स्थापना दिवस समारोह कार्यक्रम आयोजित करने बारे भी चर्चा व विचार विमर्श किया गया व निर्णय लिया गया कि इस बार यह समारोह 15 अक्टूबर को बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। बैठक में पेंशनरो की लंबित विभिन्न मांगों एरियर,मैडिकल बिल,पे फिक्सेशन आदि पर भी गहन चर्चा व विचार विमर्श कर सरकार से पेंशनरो की सभी मांगें जल्द पूरा करने की सरकार से मांग की गई। इस बैठक में जगदेव गर्ग, नेकराम कौंडल,बिशन दास,ख्याली राम,नेकराम ठाकुर,प्रेम चन्द कश्यप,दुनीचंद ठाकुर बीरबल परिहार व गीता देवी आदि मौजूद रहे.
शिमला के समरहिल शिव मंदिर में सर्च ऑपरेशन के चौथे दिन मलबे के नीचे एक और शव मिला है। ये शव हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पीएल शर्मा का बताया जा रहा है।अभी तक 14 शव निकाले गए है।
** सुप्रीम कोर्ट ने शब्दावली जारी की सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अदालत के फैसलों और दलीलों में अब जेंडर स्टीरियोटाइप शब्द जैसे कि प्रॉस्टिट्यूट और मिस्ट्रेस का इस्तेमाल नहीं होगा। आपत्तिजनक शब्दों पर रोक लगाने के लिए बुधवार को हैंडबुक लॉन्च की है। मसलन अब प्रॉस्टिट्यूट की जगह 'सेक्स वर्कर', चाइल्ड प्रॉस्टिट्यूट की जगह 'तस्करी करके लाया गया बच्चा', अफेयर की जगह 'शादी के इतर रिश्ता' इस्तेमाल किया जाएगा। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इससे जजों और वकीलों को ये समझने में आसानी होगी कि कौन से शब्द रूढ़िवादी हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है। गौरतलब है कि इस हैंडबुक में वे शब्द हैं, जिन्हें पहले की अदालतों ने इस्तेमाल किया है। शब्द गलत क्यों हैं और वे कानून को और कैसे बिगाड़ सकते हैं, इसके बारे में भी जानकारी दी गई है। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि इस हैंडबुक को तैयार करने का मकसद किसी फैसले की आलोचना करना या संदेह करना नहीं, बल्कि यह बताना है कि अनजाने में कैसे रूढ़िवादिता की परंपरा चली आ रही है। शब्दावली को कलकत्ता हाईकोर्ट की जस्टिस मौसमी भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है। इस समिति में रिटायर्ड जस्टिस प्रभा श्रीदेवन और जस्टिस गीता मित्तल और प्रोफेसर झूमा सेन शामिल थी, जो फिलहाल कोलकाता में वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिडिकल साइंसेज में फैकल्टी मेम्बर हैं।
बेरोजगार शारीरिक शिक्षा कल्याण संगठन हिमाचल प्रदेश ने सरकार के खिलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। शारीरिक शिक्षकों ने शिमला डीसी आफिस के बाहर धरना प्रदर्शन कर खाली पड़े पदों को शीघ्र भरने की सरकार से मांग की है और कहा है कि अगर एक महीने के भीतर शारीरिक शिक्षकों के 870 पदों को भरने की भर्ती प्रक्रिया को शुरू नही किया गया तो वे परिवार सहित अनशन पर बैठा जाएंगे और जो भी पढ़ाई की है उसके डिग्री डिप्लोमा सरकार को सौंप देंगे। बेरोजगार शारीरिक शिक्षा कल्याण संगठन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष रामेश राजपूत ने कहा कि सरकार ने शारीरिक शिक्षकों के 870 पदों को भरने की भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी जो कोर्ट में जाने की वजह से लटक गई थी। लेकिन अब कोर्ट ने मामले को डिसमिस कर दिया है इसलिए सरकार भर्ती प्रक्रिया को शुरू करें। कई बार सरकार के ध्यान में मामला लाया गया लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला इसलिए आज मजबूरन बेरोजगार शारीरिक शिक्षक धरना प्रदर्शन किया है क्योंकि अब सब्र का बांध टूट गया है और उम्र भी हाथ से निकलती जा रही है। लगभग 22 से 25 हज़ार बेरोजगार शारीरिक शिक्षक नौकरी का इंतजार कर रहे हैं इसलिए सरकार भर्ती प्रक्रिया को जल्दी शुरू करें।
कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 के ढहे हिस्से में भूस्खलन का दौर जारी है। ऐसे में अब यहां पर फोरलेन निर्माण कर रही कंपनी के लिए काम करना भी चुनौती बन गया है। वहीं दत्यार की तरफ भी सड़क पर दरारें पड़नी शुरू हो गईं है। कुमारहट्टी से चक्कीमोड़ तक हाईवे पर केवल लोकल वाहन ही आवाजाही कर रहे हैं। जबकि लंबे रूट की बसें और ट्रकों को कुमारहट्टी से नाहन होकर चंडीगढ़ भेजा जा रहा है। राहत कि बात है कि छोटी गाड़ियों से दैनिक उपभोग की वस्तुएं, दूध, ब्रेड अखबार प्रदेश में पहुंच गया है। लेकिन मुख्य हाईवे बंद रहने से काफी नुकसान हो गया है। गौर हो कि मंगलवार रात 2:45 बजे कालका शिमला नेशनल हाईवे पांच पर चक्कीमोड़ के समीप सड़क का 40 मीटर हिस्सा ढह गया था। इसके बाद बुधवार दोपदर 12:45 बजे पहाड़ी वाली लेन से मलबा हटाकर सड़क से कुछ हल्के वाहनों को ट्रायल के तौर पर निकाला गया। लेकिन कुछ ही देर बाद यहां पर फिर भूस्खलन हो गया और सड़क बंद हो गई। इस सड़क को 3:00 बजे फिर छोटी गाड़ियों के लिए बहाल किया गया लेकिन चंद मिनटों के बाद मूसलाधार बारिश हो गई और 4:00 बजे सड़क का बचा हिस्सा भी ढह गया। जिससे अब यहां पर आवाजाही पूरी तरह ठप है। पुलिस की ओर से वैकल्पिक सड़कों से ट्रैफिक निकाला जा रहा है लेकिन इन सड़कों पर जाम की समस्या बन रही है। कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच के बंद होने के बाद जिला पुलिस सोलन ने रूट प्लान जारी किया है। वैकल्पिक सड़क का इस्तेमाल कर लोग गंतव्य तक पहुंच सकते हैं। धर्मपुर-कसौली-परवाणू, कुमारहट्टी-नाहन, कुमारहट्टी-भोजनगर-नारायणी-परवाणू सड़क इसमें शामिल है। अधिकतर लोगों ने इसी सड़क का इस्तेमाल किया। समें बसों को कुमारहट्टी से नाहन होते चंडीगढ़ भेजा गया। साथ ही छोटे वाहनों को कसौली-परवाणू और जोहड़जी परवाणू का विकल्प दिया गया। शिमला से चंडीगढ़ जाने के लिए जुब्बड़हट्टी-कुनिहार-नालागढ़-सिसवां रूट का इस्तेमान कर सकते है।
कहा-सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क बहाली को दी जाएगी प्राथमिकता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां लोक निर्माण विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और भू-स्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दोहराया कि सेब उत्पादक क्षेत्रों की सड़कों की बहाली को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि बागवानों की उपज को समय पर बाजार तक पहुंचाया जा सके। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित सड़कों की शीघ्र बहाली के लिए 23 करोड़ रुपये और स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि इस राशि में से पांच करोड़ रुपये यशवंत नगर से छैला तक की सड़क के मरम्मत कार्य पर खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, शिमला जिले के सेब उत्पादक क्षेत्रों के तहत लोक निर्माण विभाग के सात मण्डल में प्रत्येक को सड़कों की मरम्मत एवं बहाली के लिए एक-एक करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उन लोक निर्माण विभाग मण्डलों को भी एक-एक करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं, जहां प्राकृतिक आपदा के कारण क्षति अधिक हुई है, जिनमें कुल्लू जिले के चार विकास खण्ड, सिरमौर जिले के शिलाई और राजगढ़ विकास खंड शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वह चौपाल और जुब्बल-कोटखाई क्षेत्रों का दौरा करेंगे तथा इन क्षेत्रों में किए जा रहे मरम्मत कार्यों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़कों पर गिरा मलबा हटाने के लिए मशीनरी खरीदने से लेकर उसे प्रभावित क्षेत्रों में तैनात करने का कार्य समयबद्ध सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार धन की कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने अधिकारियों को अग्रिम भुगतान के साथ लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृहों की ऑनलाइन बुकिंग प्रारम्भ करने को कहा साथ ही कहा कि जल शक्ति विभाग को भी इस प्रक्रिया का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने निर्माण कार्यों की अनुमानित लागत में बढ़ोतरी की प्रथा को रोकने पर बल देते हुए अधिकारियों को क्लॉज 10 सीसी को हटाने के भी निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक चंद्रशेखर और चैतन्य शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा, सचिव वित्त अक्षय सूद, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग अजय गुप्ता एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
A disturbing video has emerged from violence-torn Manipur showing two women, reportedly belonging to the Kuki-Zo tribes, being paraded naked on the road by a group of men and then allegedly gang-raped in a nearby field. The sickening incident reportedly took place on May 4 and a video of the despicable act surfaced on social media on Wednesday, showing two Kuki-Zo women being paraded naked, molested, and groped by a group of men, purportedly belonging to the Meitei community. The women were later allegedly gang-raped in a field near the roadside. The horrifying video has sparked outrage and resulted in more tensions in the conflict-torn northeastern state that has witnessed widespread destruction and deaths since the outbreak of ethnic violence in May this year. Police said a case of abduction, gang rape, and murder has been registered and have arrested a man, adding that others will be held soon. Prime Minister Narendra Modi also said the incident had "shamed India" and that "no guilty will be spared".
All trains on the Kalka-Shimla heritage railway track have been suspended till August 6. This decision has been taken due to the impact of landslides, and the falling of trees and stones on the rail track between Solan and Kalka. However, the track from Shimla to Solan has been restored for the movement of trains. Northern Railway also has plans to run a local train between Shimla and Solan. From July 9, the operation of trains on the Kalka-Shimla Heritage Rail Track is closed. Trains could not start operating due to landslides at various places between Solan and Kalka on the railway line. The work of repairing the track for the operation of trains on the railway line is going on since July 9 and at present the track from Shimla to Solan has been declared fit for trains. Officials said that due to heavy damage at over 100 locations between Kalka and Solan, particularly near Koti, Sonwara and in the Shivalik Hill belt, the repairs are taking more time. Mandeep Singh Bhatia, divisional railway manager (DRM), Ambala Division, said the major damage is at Kalka due to a hill slip and its restoration is taking time. “The damage has affected the railway apparatus at Kalka. Now, we have planned to start rail operations between Shimla and Solan for the time being. There are several constraints, like setting up rakes and availability of fuel only at Kalka. Now arrangements are being made at Shimla,” he added.
हिमाचल प्रदेश में बरसात ने तबाही मचा दी है। बीते तीन दिन से हो रही बारिश के कारण आई आपदा में 20 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बरसात ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए है और आगामी 15 तारीख तक मौसम ख़राब रहने का अनुमान है। अनुमान के अनुसार बरसात से हिमाचल प्रदेश में करीब 4 हजार करोड़ की सरकारी व निजी संपत्ति तबाह हो चुकी है। भारी बारिश के कारण 1400 सड़कें ठप है। चंडीगढ़-मनाली, कालका-शिमला नेशनल हाईवे समेत 1321 सड़कें जगह-जगह लैंडस्लाइड के कारण बंद हैं। करीब 1000 रूटों पर HRTC की बस सेवाएं सस्पेंड हैं। 25 से ज्यादा पुल पानी में समा गए हैं। इससे परिवहन व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। शिमला-धर्मशाला हाईवे पर घंडल में बैली ब्रिज भी लैंडस्लाइड से क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रदेश में करीब 800 पेयजल योजनाएं ठप है। नदियों में गाद के कारण लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा। प्रदेश में लगभग 4700 के ट्रांसफॉर्मर ठप है। कई क्षेत्रों में ब्लैक आउट की स्थिति है।
भारी बरसात के चलते हिमाचल प्रदेश में कई रुट प्रभावित हैं। जानकारी के अनुसार अकेले HRTC के 1008 बस रूट और निजी बसों को मिलाकर 1500 से ज्यादा रूटों पर बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। वहीँ राज्य से बाहर चलने वाली निगम की 452 बसें विभिन्न स्थानों पर बारिश के कारण रूकी हुई हैं। भारी बारिश के कारण चंडीगढ़-मनाली, कालका-शिमला नेशनल हाईवे समेत 1321 सड़कें जगह-जगह लैंडस्लाइड के कारण बंद हैं। 25 से ज्यादा पुल पानी में समा गए हैं। इससे परिवहन व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। बारिश के कारण करीब 1400 सड़कें ठप्प है। प्रदेश में इससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
हिमाचल प्रदेश में आज भी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल के अनुसार मंगलवार को भी दिनभर भारी बारिश होने का ऑरेंज अलर्ट है। प्रदेश में 15 जुलाई तक बारिश का दौर चलता रहेगा। उन्होंने आम जन से सावधानी बरतने की अपील की है। भारी बारिश की वजह से हिमाचल प्रदेश में में छोटे बड़े नदी-नाले उफान पर हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी जनता से सावधानी बरतने, उफनते नदी-नालों के पास नहीं जाने और लैंडस्लाइड संभावित ऊंचे क्षेत्रों की यात्रा टालने की अपील की है। पहाड़ों पर लैंडस्लाइड से स्थिति चिंताजनक है।
भारी बसात के चलते एसजेवीएनएल के 1500 मेगावाट के नाथपा झाकड़ी प्रोजेक्ट और रामपुर 412 मेगावाट प्रोजेक्ट बायल में विद्युत उत्पादन ठप हो गया। सतलुज नदी में सिल्ट की मात्रा में भारी बढ़ोतरी होने से प्रबंधन ने एहतियात के तौर पर सभी विद्युत इकाइयां बंद की हैं। प्रोजेक्ट में रविवार सुबह से उत्पादन बंद है। इसके चलते उत्तरी ग्रिड को बिजली मिलना बंद हो गई है। इससे हिमाचल प्रदेश सहित समेत उत्तर भारत के आठ राज्यों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई है। विदित रहे कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों में यहाँ से विद्युत आपूर्ति होती है।
हिमाचल प्रदेश में एक ही दिन में बारिश के कई रिकॉर्ड टूट गए है। ऊना जिले में 30 साल बाद 24 घंटे में सबसे अधिक 166 मिलीमीटर बारिश हुई है। ऊना में वर्ष 1993 में 188 मिलीमीटर बारिश हुई थी, इसके बाद रविवार को सबसे अधिक बारिश हुई है। शिमला में भी पांच साल बाद एक दिन में 79 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई है। इससे पहले राजधानी शिमला में वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा 118 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई थी। 24 घंटों के इस अंतराल में शिमला में 79.4, सुंदरनगर में 83.2, भुंतर में 101.5, कल्पा में 29.6, धर्मशाला में 126.4, ऊना में 166.2, नाहन में 131.2, पालमपुर में 94, सोलन में 107, मनाली में 131.3 और कांगड़ा में 108.2 वर्षा रिकॉर्ड हुई। मंडी में 80, बिलासपुर में 130, चंबा में 146.5, डलहाैजी में 143, जुब्बहट्टी में 103.1, कुफरी में 66.5, नारकंडा में 88 और रिकांगपिओ में 25 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
हिमाचल प्रदेश में बरसात कहर बनकर टूट रही है। भारी बारिश के कारण 24 जून से अब तक एक पखवाड़े में 40 से ज्यादा भवन पूरी तरह जमींदोज हो चुके है, जबकि दर्जनों भवन खतरे की जद में है। प्रदेशभर में लगभग 400 पालतू मवेशियों की भी मौत हो चुकी है। वहीँ 48 घंटे से हो रही लगातार बारिश के बाद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश के कई गांवों में रविवार रात से ही बिजली गुल है। मैदानी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति है, जबकि पहाड़ों पर लैंडस्लाइड से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
लगातार हो रही बारिश में हिमाचल प्रदेश में जन जीवन पूरी तरह प्रभावित है। 800 से ज्यादा सड़कें बंद है, कई क्षेत्रों में ब्लैक आउट है। कई भवन अब तक बरसात में ध्वस्त हो चुके है। अधिकांश नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। कुल्लू जिले की मणिकर्ण घाटी के पुलगा में रविवार दोपहर बाद बादल फटने से खूब तबाही हुई। मंडी जिले के थुनाग में बादल फटने से मलबा और पानी लोगों के घरों में घुस गया। लाहौल स्पीति के चंद्रताल में लैंडस्लाइड के बाद सड़क बंद होने से 200 लोग फंस गए। परवाणू-शिमला फोरलेन, चंडीगढ़-मनाली, ठियोग-खड़ापत्थर नेशनल हाईवे, मंडी-पंडोह नेशनल हाईवे भी जगह-जगह लैंड स्लाइड के कारण बंद रहा। हेरिटेज कालका-शिमला तथा अंबाला-ऊना ट्रैक पर चलने वाली ट्रेनें भी बंद।
हिमाचल प्रदेश में बारिश कहर बनकर टूटी है। पिछले 48 घंटे से भी अधिक समय से बारिश हो रही है और इस दौरान 10 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे समेत प्रदेशभर में 800 से ज्यादा सड़कें अवरुद्ध है। कालका-शिमला फोरलेन भी बार-बार लैंड स्लाइड से बंद हो रहा है। बरसात में कई खौफनाक मंजर सामने आएं है। मनाली के आलू ग्राउंड में चार मंजिला होटल की बिल्डिंग ताश के पतों की तरह ढह गई। कई स्थानों पर भवन खतरे की जद में है। लगभग आधे हिमाचल में बिजली गुल, सड़कें व रास्ते बंद होने से लोग परेशान है। सड़कों को कनेक्ट करने वाले एक दर्जन से ज्यादा पुल ध्वस्त हो गए है। ऊना, मंडी, कुल्लू, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा जिले में बहने वाली नदियां रौद्र रूप धारण कर चुकी हैं। कुल्लू में ब्यास के साथ पार्वती और तीर्थन नदी भी उफान पर है। सतलुज का भी जलस्तर भी निरंतर बढ़ रहा है।
पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने को कर्मचारियों को दिए गए विकल्प चुनने के अवसर की अवधि सोमवार को खत्म हो गई। बीते चार मई को जब इसकी अधिसूचना जारी की गई थी तो उसमें दो महीने का वक्त दिया गया था। हिमाचल प्रदेश में केवल 346 कर्मचारी ही राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस में रहना चाहते हैं। करीब 1.18 लाख कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस को चुना है। राज्य सरकार के वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनपीएस में रहने के लिए केवल 346 कर्मचारियों की ओर से विकल्प चुने जाने की पुष्टि की है। ओपीएस के तहत कर्मचारियों के जीपीएफ खाते खोलने की रफ्तार अभी ढीली चल रही है। अभी तक करीब 5,000 कर्मचारियों के खाते ही खोले गए हैं। हालांकि, वित्त विभाग का कहना है कि इसका ओपीएस देने में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। गौरतलब है कि पुरानी पेंशन स्कीम कांग्रेस सरकार की पहली गारंटी में शामिल है। राज्य सरकार ने इसे पहली कैबिनेट बैठक में ही लागू करने की मंजूरी दी थी। उसके बाद ओपीएस को लागू करने से संबंधित इन तमाम औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है।