हिमाचल प्रदेश में तीन दिनों तक भारी बारिश और बर्फबारी के बाद आज प्रदेश में मसुआम ने करवट ले ली है। आज प्रदेश के अधिकतर इलाको में मौसम के साफ़ रहने की संभावना मौसम विभाग ने जाहिर की है। हालांकि, 3 मार्च को फिर से बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है, जबकि 5 और 6 मार्च को प्रदेश में मौसम पूरी तरह से साफ हो जाएगा। हिमाचल में मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच शुक्रवार को कुल्लू के पाहनाला और कांगड़ा के छोटा भंगाल के मुल्थान में बादल फटे। भारी बारिश-बर्फबारी के चलते पंजाब के पर्यटक की मौत हो गई है, जबकि दो लोग लापता और तीन घायल हैं। पिछले 48 घंटों से बारिश-बर्फबारी के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भूस्खलन-बाढ़ से अलग-अलग जगह 22 वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। चंबा, लाहौल और किन्नौर में पांच जगह हिमखंड गिरे हैं। हिमखंड गिरने से लाहौल में चंद्रभागा नदी का बहाव रुक गया। पांच एनएच समेत हिमाचल में 583 सड़कें बंद हो गई हैं। एचआरटीसी के 450 रूट फेल हो गए, जबकि 2,263 बिजली ट्रांसफार्मर और 279 पेयजल योजनाएं ठप हैं।बारिश और बर्फबारी के बाद, पहाड़ी क्षेत्रों में ठंड ने फिर से अपनी दस्तक दी है। प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान सामान्य से 7.5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है। मंडी जिले में तापमान में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई है, जहां अधिकतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस कम होकर 10.7 डिग्री सेल्सियस रह गया है।
पिछले 24 घंटों से हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश और बर्फबारी ने हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में तबाही मचाई है। बारिश के कारण कई नदियाँ उफान पर आ गईं हैं, वहीं भूस्खलन और बर्फबारी से प्रमुख सड़कें बंद हो गई हैं। शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और मंडी जैसे इलाकों में यातायात प्रभावित हुआ है, और प्रशासन ने इन क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ा दी है। भारी बारिश और बर्फबारी के चलते चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों में शैक्षिक संस्थानों में अवकाश घोषित किया गया है। वही मौसम विभाग ने आज भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है खासतौर पर, कांगड़ा, चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, और यहां आंधी-तूफान की भी चेतावनी दी गई है। सड़कें बंद और लैंडस्लाइड्स: नेशनल हाईवे 5, जो शिमला को किन्नौर से जोड़ता है, निगुलसरी के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। इसके अलावा, होली-चंबा सड़क भी गरोला के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गई है। इस भूस्खलन में एक बस भी पलट गई, लेकिन गनीमत रही कि वह खाई में नहीं गिरी। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे और मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर भी जगह-जगह भूस्खलन हुआ है, जिससे यातायात बाधित हो गया है। कुल्लू में जलस्तर बढ़ा और लैंडस्लाइड: कुल्लू के गांधीनगर में नाले का जलस्तर बढ़ने से यातायात प्रभावित हुआ है। वहीं, सोलंग नाला में तीन फीट तक ताजा बर्फबारी हुई, जिससे बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और यातायात बाधित हुआ है। कुल्लू जिले के बंजार तहसील में हॉस्पिटल के पास भी भूस्खलन हुआ, जिससे एक गाड़ी इसकी चपेट में आ गई। ऊहल नदी का उफान और शानन परियोजना: ऊहल नदी के जलस्तर के बढ़ने के कारण शानन परियोजना के बैराज गेट खोलने पड़े हैं। निचले इलाकों में रहने वालों को नदी किनारे सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पांवटा साहिब में लैंडस्लाइड के कारण NH-707 तीन घंटे से बंद है, जिससे यात्री परेशान हैं। प्रदेश सरकार ने भारी बारिश के मद्देनजर लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। विशेष रूप से, भूस्खलन और बाढ़ जैसी परिस्थितियों से बचने के लिए प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने और यात्रा में सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत मंडी जिले के पांच छात्रों को अभिलाषी विश्वविद्यालय, चैलचौक में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला है। यह योजना अनाथ और जरूरतमंद बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस योजना के तहत पांच छात्रों का संपूर्ण खर्चा जैसे कि ट्यूशन फीस, खाना, रहना व किताबें इत्यादि भी निःशुल्क रहेगा। वहीं इस संदर्भ में उपायुक्त मंडी द्वारा अभिलाषी शिक्षण समूह के चेयरमैन को आबंटन पत्र जारी किया गया है जिसके अंतर्गत निशांत ठाकुर बी.टेक (कंप्यूटर इंजीनियरिंग), पियूष बीबीए, युवराज बीसीए, कुंवर सिंह बीसीए, सुदेश कुमार बीए-बीएड विषय में निःशुल्क शिक्षा ग्रहण करेंगे। इसके अलावा, एक और छात्र करण पहले से ही इस योजना के तहत बी.टेक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) में नामांकित है। अभिलाषी ग्रुप के चेयरमैन डॉ आर. के. अभिलाषी व सेक्रेटरी नरेंद्र कुमार ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर इस योजना को अपने ग्रुप में लागू करने हेतु पत्र सौंपा था। जिसके तहत उपायुक्त मंडी ने अभिलाषी विश्वविद्यालय प्रशासन से इन पांच छात्रों के प्रवेश की पुष्टि करने का अनुरोध किया है। इस योजना का उद्देश्य अनाथ एवं जरूरतमंद बच्चों को सशक्त बनाना और उनके उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करना है।मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना समाज के वंचित वर्गों को शिक्षा और उत्कृष्ट अवसर प्रदान करने की दिशा में एक सशक्त कदम साबित हो रही है। इस मौके पर अभिलाषी विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ आर. के. अभिलाषी, प्रो चांसलर डॉ एल.के.अभिलाषी, वाइस चांसलर प्रोफेसर एच. के. चौधरी, रजिस्ट्रार डॉ कपिल कपूर, जीनीयस एजुकेशन सोसाइटी की चेयरपर्सन डॉ नर्वदा अभिलाषी, अभिलाषी एजुकेशन सोसाइटी की वाइस चेयरपर्सन डॉ प्रोमिला अभिलाषी, सचिव नरेंद्र कुमार ने छात्रों को नामांकित करने हेतु मुख्यमंत्री व उपायुक्त मंडी का आभार व्यक्त किया है।
नागरिक अस्पताल देहरा में वीरवार को विधायक कमलेश ठाकुर की अध्यक्षता में रोगी कल्याण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। कमलेश ठाकुर द्वारा बैठक की अध्यक्षता करते हुए रोगी कल्याण समिति से सम्बंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए 57 लाख 6 हजार 740 रुपए का अनुमानित बजट भी पेश किया गया। विधायक ने अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए कि रोगी कल्याण समिति के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त भी यदि किसी प्रकार की कमी नागरिक अस्पताल देहरा में आती है तो उनको बताएं, वह उसके निवारण के लिए प्रतिबद्ध हैं। कमलेश ठाकुर ने अस्पताल प्रशासन को अस्पताल में साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि देहरा विधानसभा क्षेत्र में लोगों को बहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए वह हर संभव प्रयास कर रहे हैं और आने वाले समय में क्षेत्र में उत्कृष्ट स्वास्थ्य ढांचा उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को मुफ्त ईलाज और मुफ्त दवाई उपलब्ध करवाने की दिशा में गंभीर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल को सुदृढ़ कर सभी प्रकार की आधुनिक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है और देहरा विधानसभा क्षेत्र में भी शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। 42 लाभार्थियों को बांटे 9 लाख 81 हजार के चेक इससे पूर्व कमलेश ठाकुर ने मिनी सचिवालय देहरा में मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत 42 लाभार्थियों को 9 लाख 81 हजार रुपए के सहायता चेक वितरित किए। उन्होंने लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि देहरा विधानसभा क्षेत्र का समग्र विकास उनकी और मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि देहरा विधानसभा में प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे इसके लिए वे कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि उनके हलके में लोगों को कोई भी समस्या आती है तो वे सीधा उनसे संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देहरा में आम जनमानस से संबंधित प्रमुख समस्याएं उनके ध्यान में है और उनके निवारण के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य किए जा रहे हैं। इस दौरान एसडीएम देहरा शिल्पी बेक्टा, बीएमओ देहरा संजय बजाज, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग सुरेश वालिया, चेयरपर्सन बीडीसी देहरा अर्चना कुमारी, प्रधान व्यापार मंडल मलकियत सिंह परमार, अध्यक्ष नगर परिषद देहरा सुनीता देवी, सीडीपीओ देहरा सुशील कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नए संगठन के गठन को लेकर शिमला में गहन विचार-विमर्श का सिलसिला कल, 28 फरवरी से शुरू होने जा रहा है। इस बैठक की अगुवाई करने के लिए नव-निर्वाचित प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल शिमला पहुँच रही हैं। वह दो दिन तक राज्य के विभिन्न कांग्रेस नेताओं के साथ बैठकें करके नए संगठन के बारे में उनके विचार जानेंगी। रजनी पाटिल का हिमाचल दौरा 28 फरवरी को सुबह 10.30 बजे शुरू होगा, जब वह पहले हिमाचल प्रदेश के अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवों और इंचार्जों के साथ बैठक करेंगी। इसके बाद, दोपहर 12.30 बजे, वह पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, पूर्व मंत्री, और पूर्व विधानसभा अध्यक्षों के साथ मिलकर नए पदाधिकारियों के बारे में उनकी राय लेंगी। शाम को, 3 बजे, पाटिल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, डिप्टी मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक करेंगी। यह बैठक प्रदेश कांग्रेस संगठन की रीढ़ को लेकर अहम चर्चा का हिस्सा होगी। एक मार्च को रजनी पाटिल कांग्रेस के विधायकों और 2022 विधानसभा चुनाव के पार्टी प्रत्याशियों के साथ बैठक करेंगी, जिसमें नए संगठन के गठन पर गहन मंथन होगा। बैठकों के बाद, 1 मार्च की दोपहर को रजनी पाटिल शिमला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी, जिसमें वह संगठन के बारे में अपने विचार साझा करेंगी। 2 मार्च को वह शिमला से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगी।
भारत सरकार के रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग (DCPC) देश भर में "रसायन और पेट्रोकेमिकल्स औद्योगिक सुरक्षा" पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। जिस सन्दर्भ में 28 फरवरी और 1 मार्च को चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के सहयोग से CIPET बड्डी द्वारा "रसायन और पेट्रोकेमिकल्स औद्योगिक सुरक्षा" पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। यह मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम रसायन और पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्र के 50 इकाइयों को कवर करने के लिए है, जिसमें चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, पंजाब में लगभग 100 प्रतिभागियों की भागीदारी होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार के रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग (DCPC) और CIPET मुख्य कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे।
हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी का दौर जारी है, जिसके कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी तीन दिनों तक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव रहेगा, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना बनी रहेगी। खासतौर पर, कांगड़ा, चंबा, मंडी और कुल्लू जिलों में भारी बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, और यहां आंधी-तूफान की भी चेतावनी दी गई है। लाहौल स्पीति में पिछले दो दिनों से हो रही बर्फबारी ने इलाके की स्थिति को गंभीर बना दिया है। कई इलाकों में तीन फीट से भी अधिक बर्फबारी हो चुकी है, जिससे पूरा जिला बाकी दुनिया से कट चुका है। अटल टनल रोहतांग भी वाहनों के लिए बंद कर दी गई है। मौसम विभाग ने आज और कल के लिए भारी स्नोफॉल का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिससे और भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। लाहौल स्पीति प्रशासन ने हिमस्खलन का अलर्ट जारी किया है। अधिक ढलान वाले इलाकों में बर्फ के पहाड़ गिरने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और बर्फबारी से संबंधित गतिविधियों से दूर रहें। सड़कें और बिजली आपूर्ति पर असर किन्नौर और लाहौल स्पीति में ताजा बर्फबारी के कारण 220 से अधिक सड़कों और 250 बिजली ट्रांसफार्मरों का संचालन ठप हो गया है। इससे क्षेत्र के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गई है और यातायात प्रभावित हो रहा है। स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा हुआ है और लोगों को जरूरी सहायता पहुंचाने के लिए प्रयास कर रहा है। मौसम विभाग ने आम नागरिकों को घरों में सुरक्षित रहने और बर्फबारी से संबंधित गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है। मौसम की स्थिति और बिगड़ सकती है, इसलिए लोगों से अपील की जाती है कि वे प्रशासन की चेतावनियों का पालन करें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी सतर्कता बरतें।
हिमाचल प्रदेश में पटवारी और कानूनगो की हड़ताल ने प्रदेशवासियों की परेशानी को बढ़ा दिया है। आज से शुरू हुई सामूहिक हड़ताल के कारण पटवार सर्किल दफ्तरों में कामकाज ठप पड़ा है, जिससे लोग विभिन्न सरकारी सेवाओं से वंचित हो रहे हैं। यह हड़ताल 25 और 27 फरवरी को हुई थी, और अब 28 फरवरी से अनिश्चितकालीन पेन डाउन स्ट्राइक की घोषणा की गई है। पटवारी-कानूनगो संघ ने राज्य सरकार के एक अहम फैसले पर आपत्ति जताई है, जिसमें इन कर्मचारियों को स्टेट कैडर में डाला गया था। इस फैसले के खिलाफ प्रदेश के 4000 से ज्यादा पटवारी और कानूनगो एकजुट होकर हड़ताल पर चले गए हैं। सरकार का यह निर्णय इन कर्मचारियों के लिए न केवल असहनीय हो गया है, बल्कि अब यह हड़ताल प्रदेशवासियों के लिए मुश्किलें बढ़ाने का कारण बन गई है। राजस्व विभाग की सेवाएं ठप पड़ी हुई हैं, जिनमें रजिस्ट्री, डिमार्केशन, इंतकाल, तकसीम, गिरदावरी और बैंक की केसीसी रिपोर्ट जैसे जरूरी काम शामिल हैं। ऐसे में आम लोग इन सेवाओं से वंचित हो रहे हैं, जो रोजमर्रा के जीवन के लिए जरूरी हैं। संघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी ने स्पष्ट किया कि जब तक राज्य सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। पिछली बार भी इसी मुद्दे पर संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की थी, जिसे सरकार के आश्वासन पर वापस लिया गया था। अब एक बार फिर से यह विवाद खड़ा हो गया है, और यदि सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो प्रदेशवासियों को और भी मुश्किलें उठानी पड़ सकती हैं।
नर्सरी और KG के बच्चों की करेंगी देखभाल हिमाचल के प्री प्राइमरी स्कूलों में 6,297 आया भर्ती होंगी। इनको नर्सरी और केजी के बच्चों की देखभाल का जिम्मा सौंपा जाएगा। हिमाचल के प्री प्राइमरी स्कूलों में 60 हजार से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं। बच्चों को बेसिक शिक्षा देने के लिए प्रशिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने वाली है। इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन के माध्यम से आउटसोर्स आधार पर प्रशिक्षक नियुक्त किए जाने हैं। साथ ही शिक्षा विभाग ने अब बच्चों की देखभाल के लिए आया भर्ती करने का फैसला भी लिया है। भारत सरकार की ओर से अनिवार्य तौर पर आया की भर्ती को लेकर एक पत्र राज्य सरकार को भेजा गया है। आया को दिए जाने वाले मानदेय और नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर शिक्षा विभाग प्रस्ताव बना रहा है। भर्ती में स्थानीय जरूरत मंद महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि जल्द ही भर्ती को लेकर फैसला ले लिया जाएगा। संभावित है कि दो से तीन हजार रुपये का मानदेय आया को दिया जाएगा। स्थानीय स्तर पर जो महिलाएंं जरूरतमंद होंगी, उन्हें भर्ती किया जाएगा। विधवा, एकल महिलाओं के लिए अलग से भर्ती कोटा तय हो सकता है। अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की योजना है। स्कूलों को मिलेंगे एक हजार नए शिक्षक हिमाचल के स्कूलों को अप्रैल 2025 के पहले हफ्ते में करीब एक हजार नए शिक्षक मिलेंगे। लोकसेवा आयोग के माध्यम से प्रवक्ता स्कूल न्यू के कई विषयों के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं। बैचवाइज आधार पर जेबीटी भी नियुक्त किए जा रहे हैं। वहीं, कला शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी पूरी होने वाली है। इन शिक्षकों को नए सत्र के एक हफ्ते में नियुक्त कर दिया जाएगा। पीएम श्री स्कूलों में योग करवाने के लिए भी प्रशिक्षक नियुक्त किए जाएंगे।
आज और परसो नहीं बनेंगे हिमाचली प्रमाण पत्र सहित कई जरूरी सर्टिफिकेट जमीन की E-KYC प्रक्रिया भी होगी ठप हिमाचल में राजस्व विभाग के कार्यरत सभी नायब तहसीलदार, कानूनगो, पटवारियों को स्टेट कैडर में डालने के अधिसूचना जारी होने से संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोल दिया है। इस निर्णय से नाराज पटवारी और कानूनगो ने 25 और 27 फरवरी को दो दिन की मास कैजुअल लीव (सामूहिक अवकाश) पर जाने का निर्णय लिया है। प्रदेश में 2,828 पटवारी और कानूनगो कैजुअल लीव पर है। ऐसे में प्रदेश भर में आज और परसो लोगों के हिमाचली प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस आदि प्रमाण पत्र नहीं बनेंगे। इन दो दिनों में लोगों की रजिस्ट्रियां, इंतकाल और लोन से संबंधित कार्य भी प्रभावित होंगे। साथ ही प्रदेश भर में चल रही ई केवाईसी की प्रक्रिया भी ठप होगी। वहीं हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के मुताबिक अगर दो दिनों में सरकार कोई उचित निर्णय नहीं लेती है तो 28 फरवरी से मुहाल के पटवारी और कानूनगो अनिश्चितकाल के लिए पेन डाउन स्ट्राइक पर चले जाएंगे। स्टेट कैडर की अधिसूचना से खफा हिमाचल में राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो अभी तक डिस्ट्रिक्ट कैडर के तहत आते थे। ऐसे में इस वर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों के आरएंडपी रूल्स भी इसी आधार पर तय किए गए हैं, लेकिन सुक्खू सरकार ने डिस्ट्रिक्ट कैडर को समाप्त कर नायब तहसीलदारों, पटवारियों और कानूनगो को लेकर अब राज्य कैडर की अधिसूचना जारी कर दी है, जिससे हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ को प्रमोशन चैनल प्रभावित होने का अंदेशा है। ऐसे में महासंघ ने अब मास कैजुअल लीव पर जाने का फैसला लिया है। पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने और मांगे न मानने से नाराज पटवारी और कानूनगो ने पिछली साल 15 जुलाई से ऑनलाइन सेवाएं देना बंद कर दिया था। इस दौरान पटवारी और कानूनगो विभिन्न मंचों के माध्यम से सरकार को स्टेट कैडर की अधिसूचना जारी न करने का अल्टीमेटम जारी किया था। वहीं, 15 अगस्त 2024 को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बैठक के बाद राज्य पटवारी और कानूनगो संघ ने काम पर लौटने का निर्णय लिया था। इसके बाद महासंघ की राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा के साथ भी बैठक हुई, जिसमें महासंघ ने अपनी मुख्य आठ मांगें रखी थी, जिस पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मांगों के समाधान को लेकर बलवान कमेटी गठित की गई थी। ऐसे में महासंघ ने कमेटी के समक्ष अपनी मुख्य आठ मांगें रखी थी, जिसके बाद बलवान कमेटी ने सिफारिश सरकार की भेजी थी। ऐसे में महासंघ ने 20 अगस्त 2025 से ऑनलाइन सेवाएं देनी शुरू कर दी थी। ये थी वो 8 मांगें पहली मांग कानूनगो का नायब तहसीलदारी कोटा 60 से बढ़ाकर 80 फीसदी किया जाना था। महासंघ ने कानूनगो एवं नायब तहसीलदार के भर्ती एवं पदोन्नति के नियमों में संशोधन करने और विभागीय परीक्षा को तर्कसंगत बनाने की मांग रखी थी। चार पटवार वृत्त पर एक कानूनगो वृत गठित करने और लैंड रिकार्ड मैनुअल के आधार पर पटवार वृत सृजित करने की मांग। महासंघ ने भू-व्यवस्था के कानूनगो की पदोन्नति बतौर नायब तहसीलदार भू-व्यवस्था में ही करने और भू-व्यवस्था विभाग में कैडर स्ट्रेंथ के आधार पर पदोन्नति अनुपात निर्धारित करने की भी डिमांड रखी थी। इसके अतिरिक्त प्रदेश के सभी पटवारखानों व कानूनगो भवन को रहने, कार्य करने, मूलभूत सुविधाओं सहित कंप्यूटर-प्रिंटर-हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन से जोड़े जाने की मांग को भी प्रमुखता से साथ रखा गया था। राजस्व विभाग के कानूनगो की एक वर्ष की बंदोबस्त ट्रेनिंग (जो कि पहले से हुई है) को दोबारा करवाने के आदेशों को रद्द करवाने की मांग की थी। प्रदेश में रिक्त पड़े कानूनगो के पदों को भरने के लिए सेवानिवृत्त कानूनगो को पुनर्नियुक्ति देने के बजाए योग्य पटवारियों को एकमुश्त छूट दिए जाने की भी सरकार से मांग की गई थी। पटवारी एवं कानूनगो की वेतन विसंगतियों को दूर करने और पटवारी एवं कानूनगो के वेतन व भत्तों में वृद्धि किए जाने की भी मांग थी। संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष सतीश चौधरी का कहना है कि, बलवान कमेटी की सिफारिशों को माना जाना चाहिए था. मास कैजुअल लीव पर जाने के बाद भी अगर सरकार ने वार्ता को नहीं बुलाया तो 28 फरवरी से मुहाल पटवारी और कानूनगो पेन डाउन स्ट्राइक पर जाएंगे। उम्मीद है कि प्रदेश सरकार पेन डाउन स्ट्राइक की नौबत को नहीं आने देगी।
गत दिनों हुई शिक्षा विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जिसमें आर एंड पी रूल में संशोधन किया गया है। और उसमें कलाध्यापक (ड्राइंग) टीचर के बैच वाइज में एसएमसी को 5% कोटा देने पर बेरोजगार कलाध्यापक संघ ने कड़ा विरोध विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह तथा उपाध्यक्ष जगदीश ठाकुर तथा समस्त संघ के पदाधिकारीयों ने तथा जिला की समस्त कार्यकारिणियों ने माननीय मुख्यमंत्री जी,तथा माननीय शिक्षा मंत्री जी,व शिक्षा विभाग के सचिव वह निदेशक से अनुरोध किया है। कि कला अध्यापक की बैच वाइज में छेड़खानी ना की जाए। और जो 5% एसएमसी को एंट्री करने के लिए आपने आर एंड पी रूल में संशोधन किया है! उसको तुरंत निरस्त किया जाए संघ ने कहा है कि हम पहले ही 20,000 के करीब बेरोजगार पिछले 20 सालों से हर दिन सरकार के आगे रोजगार पाने के लिए माथापच्ची बच्ची कर रहे हैं। और अपनी उम्र को खोते हुए निकल रहे हैं। जिसमें लगभग कई बेरोजगार तो नौकरी पाने से पहले ही रिटायर्ड हो गए हैं। जिनकी उम्र 58 से ऊपर हो चुकी है। संघ के अध्यक्ष श्री बलवंत सिंह ने कहा है। कि जब हम सौ बच्चों की कंडीशन समाप्त करने के लिए पिछले 10 सालों से शिमला के चक्कर काट रहे हैं। और हर जगह मंत्री विधायकों मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा विभाग के आला अफसरों से मांग कर रहे हैं। जो हिमाचल प्रदेश के सरकारी मिडिल स्कूलों में 100 बच्चों की कंडीशन लगी है उसको समाप्त करें। हालांकि इसके दिशानिर्देश माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी शिक्षा विभाग को किये हैं। तब सरकार और शिक्षा विभाग इसमें संशोधन नहीं कर पा रही है। लेकिन जो बैक डोर एंट्री भर्ती हुई है। चाहे वह किसी भी वर्ग की हो पैरा टीचर्स पीटीए एसएमसी उनके लिए सरकार के पास समय भी है। और आर एंड पी रूल में संशोधन करने के लिए नियम भी हैं। लेकिन बेरोजगार जो हर बार सरकारों का साथ देते हैं। और रोजगार पाने के लिए उनका समर्थन करते हैं। उनके लिए ना तो सरकारों के पास रोजगार देने के लिए पैसा है। और ना ही कोई नियम, हम बेरोजगारों को ध्यान में रख कर बदला जा रहा है,बल्कि जो लोग अन्य रास्ते से लगे हैं उनके लिए सरकार संवेदनशील है,जिसके कारण बेरोजगारों का शोषण हो रहा है।हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कलाध्यापक संघ ने माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी,और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जी तथा शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर जी वह शिक्षा विभाग के सचिव से प्रार्थना की है । कि आप हमारे 50% बैच वाइज में छेड़खानी ना करें बल्कि हमारी मांगों पर गौर करें। संघ ने कहा है की एसएमसी को आप अपने स्तर पर कॉन्ट्रैक्ट करें या रेगुलर करें उससे हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन हमारे बीच में लाकर हमारा बैच वाइज का 5% कोटा कम ना करें। क्योंकि हमारी पहले ही स्थिति बहुत खराब कर के रखी है। और अब इससे ज्यादा ना करें क्योंकि हम पहले ही तनाव झेल रहे हैं और तनाव में ना डालें। और आपसे उम्मीद करते हैं कि आप हमारी विनती को जरूर सुनेंगे संघ ने कहा है कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो विवश होकर हमें भी शिमला में आकर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा । संघ के उपाध्यक्ष जगदीश ठाकुर तथा सचिव विजय चौहान और कोषाध्यक्ष शक्ति प्रसाद मीडिया प्रभारी अशोक कुमार तथा सीमा शर्मा बबीता ठाकुर,अंजू, कविता सुखराम सन्तोष नानटा ने सरकार से अनुरोध किया है। कि स्कूलों को मर्ज ना करें बल्कि उनमें शिक्षकों की भर्ती करें तथा शिक्षा का सुधार करें संघ ने कहा है कि हम हर बार आपसे मांग कर रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश के समस्त शिक्षा विभाग के कर्मचारीयों टीचरों को निर्देश करें कि वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं। इससे एक तो स्कूलों में बच्चों की स्ट्रेंथ बढ़ेगी और दूसरी तरफ दूसरे लोग भी देख कर अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में डालेंगे। विडंबना की बात तो यह है कि हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगे हुए टीचर खुद लाख रुपए से ऊपर तक सैलरी ले रहे हैं । और अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में डाल रहे हैं। न जाने उनको सरकारी स्कूल अच्छे नहीं लगते हैं। या फिर उनको अपने खुद पढ़ाने पर विश्वास नहीं है। इसलिए संघ माननीय मुख्यमंत्री जी,और शिक्षा मंत्री जी,तथा शिक्षा सचिव से अनुरोध करता है। कि सभी टीचरों और जो भी शिक्षा विभाग का आल स्टाफ है उसको निर्देश जारी करें। वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढाएं। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो बेरोजगार यूनियन इसका भी विरोध करेगी।
प्रयागराज से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दिल्ली के एक व्यक्ति ने महाकुंभ में डुबकी लगाने के बहाने अपनी पत्नी को प्रयागराज बुलाया और फिर उसकी हत्या कर फरार हो गया। पुलिस ने इस जघन्य अपराध का मात्र 48 घंटों में खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी की पहचान 48 वर्षीय अशोक कुमार के रूप में हुई है, जो दिल्ली नगर निगम में सफाई कर्मचारी है और त्रिलोकपुरी, पूर्वी दिल्ली का रहने वाला है। घटना 18 फरवरी की रात की है, जब अशोक अपनी पत्नी मीनाक्षी को कुंभ मेले में स्नान के बहाने प्रयागराज लेकर आया था। दोनों ने झूंसी क्षेत्र के आजाद नगर केवटाना में एक कमरा किराए पर लिया था। 19 फरवरी की सुबह, अशोक ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया। इसके बाद उसने अपने घरवालों और बेटे को फोन कर बताया कि "तुम्हारी मां कुंभ मेले की भीड़ में खो गई है।" कैसे हुआ खुलासा? घटना की जानकारी होटल मालिक ने पुलिस को दी, जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। पुलिस ने होटल के सीसीटीवी फुटेज और सोशल मीडिया की मदद से मृतका की पहचान करने की कोशिश शुरू की। 21 फरवरी को मृत महिला के भाई प्रवेश कुमार और बेटों अश्वनी व आदर्श ने झूंसी थाना पहुंचकर शव की पहचान मीनाक्षी के रूप में की। इसके बाद पुलिस ने तेजी से जांच आगे बढ़ाई। पुलिस जांच में सामने आया कि अशोक कुमार के किसी अन्य महिला से अवैध संबंध थे, जिसके चलते वह पिछले तीन महीनों से पत्नी की हत्या की साजिश रच रहा था। 17 फरवरी: अशोक और मीनाक्षी दिल्ली से प्रयागराज के लिए रवाना हुए। 18 फरवरी: दोनों कुंभ स्नान के लिए पहुंचे और होटल में ठहरे। 19 फरवरी: अशोक ने बाथरूम में मीनाक्षी का गला रेतकर हत्या कर दी और भाग गया। हत्या के बाद अशोक ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पत्नी के साथ कुंभ मेले के वीडियो अपलोड किए ताकि पुलिस को गुमराह कर सके। उसने स्थानीय पुलिस थाने में पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई, ताकि किसी को शक न हो।
हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर में बिजली विभाग के एक कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। 28 वर्षीय पंकज कुमार, जो सुजानपुर के जंगल गांव का निवासी था, बिजली बोर्ड में असिस्टेंट लाइनमैन के पद पर कार्यरत था। घटना सुबह करीब 9:30 बजे की बताई जा रही है, जब पंकज कुमार ओवरहेड ट्रांसफॉर्मर का फ्यूज बदलने के लिए गया था। पटलांदर सेक्शन में तैनात पंकज को चरोट गांव में उड़ चुके फ्यूज को ठीक करने के लिए अकेले भेजा गया था। इसी दौरान वह बिजली के पोल से नीचे गिर गया। हालांकि, उसकी मौत करंट लगने से हुई या गिरने के कारण, यह पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। घटना के बाद स्थानीय लोग उसे तुरंत सुजानपुर अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना मिलते ही परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां उनका रो-रोकर बुरा हाल था। घटना की जानकारी मिलते ही सुजानपुर के विधायक कैप्टन रणजीत सिंह अस्पताल पहुंचे और शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने परिजनों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। पंकज अविवाहित था, और परिवार में उसकी शादी की चर्चा चल रही थी। वह अपने पीछे माता-पिता और बड़े भाई को छोड़ गया है। गांव के लोगों के अनुसार, पंकज बेहद मिलनसार और जिम्मेदार स्वभाव का युवक था।
हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को दी जा रही मुफ्त एचआरटीसी बस सेवा जल्द ही बंद हो सकती है। एचआरटीसी के निदेशक मंडल की हाल की बैठक में इस मामले पर गंभीर चर्चा हुई, जिसमें विद्यार्थियों के लिए न्यूनतम बस किराए पर आधारित पास बनाने के विकल्प पर विचार किया गया। प्रस्ताव के अनुसार, सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को अब घर से स्कूल और स्कूल से घर जाने के लिए 15 सिंगल फेयर बस पास हर महीने बनवाने होंगे। इसमें महीने में 15 दिनों का किराया लिया जाएगा, लेकिन यह किराया केवल एक दिशा का ही वसूला जाएगा, यानी विद्यार्थियों को केवल एक तरफ का किराया देना होगा। यह कदम, एचआरटीसी की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि निगम को घाटे से उबरने में मदद मिल सके। बैठक में शहरी निकाय क्षेत्रों में महिलाओं के लिए दी जा रही 50 प्रतिशत किराए की छूट को बंद करने का प्रस्ताव भी सामने आया। निदेशक मंडल का मानना है कि यह छूट अब केवल उन महिलाओं को दी जानी चाहिए, जिनकी आय कम है या जो बेरोजगार हैं। शहरी क्षेत्रों में नौकरीपेशा महिलाएं भी इस छूट का लाभ उठा रही हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसका लाभ उन महिलाओं को मिलना चाहिए, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। इसके साथ ही यह भी सुझाव दिया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए किराए की छूट जारी रखी जाए, ताकि वे सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल आसानी से कर सकें। इसके अलावा, एचआरटीसी द्वारा बस किराए में वृद्धि करने का प्रस्ताव भी निदेशक मंडल की बैठक में चर्चा का हिस्सा रहा। प्रस्ताव के मुताबिक, न्यूनतम किराया 2 किलोमीटर तक 5 रुपये और 4 किलोमीटर तक 10 रुपये तय करने की सिफारिश की गई है। वर्तमान में 3 किलोमीटर तक का किराया 5 रुपये लिया जाता है, और अब यह बढ़ाकर 4 किलोमीटर तक किया जाएगा। इसके अलावा, 4 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर प्रति किलोमीटर किराए में भी बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया गया है। एचआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि निगम को घाटे से उबारने और कर्मचारियों की देनदारियों का भुगतान करने के लिए इन बढ़ोतरी और बदलावों की आवश्यकता है। इस प्रकार, सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मुफ्त एचआरटीसी बस सेवा अब पूरी तरह से बंद हो सकती है, और महिलाओं के लिए किराए की छूट में भी बदलाव संभव है। इन कदमों से निगम की वित्तीय स्थिति को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यह निर्णय राज्य सरकार के हाथों में है, जो इस पर अंतिम फैसला लेगी।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में आज सुबह 8:42 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई, जबकि इसकी गहराई 5 किलोमीटर थी। भूकंप का केंद्र सुंदरनगर के किआरगी क्षेत्र में स्थित था। हल्के झटकों के कारण कुछ लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए, हालांकि तीव्रता कम होने की वजह से अधिकतर लोगों को झटके महसूस नहीं हुए। राहत की बात यह रही कि भूकंप से किसी प्रकार की जनहानि या संपत्ति को नुकसान की सूचना नहीं है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के चंबा, शिमला, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा, किन्नौर और मंडी जिले भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील जोन-5 में आते हैं। इस कारण यहां समय-समय पर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं। भूकंप क्यों आता है? पृथ्वी के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स लगातार गतिशील रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह क्षेत्र फॉल्ट लाइन कहलाता है। जब प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं और अत्यधिक दबाव बनने के बाद टूट जाते हैं, तो अचानक ऊर्जा बाहर निकलती है, जिससे भूकंप के झटके उत्पन्न होते हैं। हालांकि, इस बार मंडी में आए भूकंप से कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों में भूकंपरोधी निर्माण और सतर्कता बरतने की आवश्यकता बनी रहती है।
धर्मपुर (20 जनवरी 2024): पुलिस थाना धर्मपुर में फर्जी डिग्री के आधार पर एक व्यक्ति ने कानून की पढ़ाई की और खुद को बार कौंसिल पंजाब एवं हरियाणा में पंजीकृत करवा लिया। शिकायतकर्ता सुनील दत्त ने 20 जनवरी 2024 को पुलिस थाना धर्मपुर में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि कालका (हरियाणा) निवासी महेश शर्मा ने मानव भारती विश्वविद्यालय लाडो सुलतानपुर से BA और LLB की फर्जी डिग्री हासिल की। शिकायत के अनुसार, महेश शर्मा ने मानव भारती विश्वविद्यालय से शैक्षणिक सत्र 2010-13 में BA की डिग्री प्राप्त की, जबकि इस विश्वविद्यालय में BA पाठ्यक्रम 2014 से शुरू हुआ था। इसके बाद, उसने इसी फर्जी BA डिग्री के आधार पर मानव भारती विश्वविद्यालय से LLB की डिग्री भी प्राप्त की। इसके बाद, उसने इन डिग्रियों के आधार पर बार कौंसिल पंजाब और हरियाणा में खुद को पंजीकृत करवा लिया। पुलिस जांच के दौरान, मानव भारती विश्वविद्यालय से प्राप्त BA डिग्री की पुष्टि की गई, तो पाया गया कि 2010-13 सत्र में इस विश्वविद्यालय में BA कोर्स की मान्यता ही नहीं थी। इसके बावजूद, आरोपी ने इस फर्जी डिग्री के आधार पर LLB की डिग्री प्राप्त की और बार कौंसिल में पंजीकरण करवा लिया। इस मामले में पुलिस ने आरोपी महेश शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420, 465, 468, और 471 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी के खिलाफ जांच जारी है और उसे नोटिस जारी किया गया है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और आरोपी की गिरफ्तारी की प्रक्रिया पर काम कर रही है।
हिमाचल सरकार ने होम स्टे रूल्स 2025 में कई बड़े बदलाव किए हैं। होम स्टे संचालकों को अब अनिवार्य रूप से जीएसटी नंबर लेना होगा और रिटर्न फाइल करनी होगी। होम स्टे की पंजीकरण फीस भी 100 रुपये से बढ़ा कर 3000 रुपये निर्धारित की गई है। होम स्टे रूल्स के तहत अब पंजीकरण फार्म में ही जीएसटी नंबर की जानकारी देनी होगी। अब तक होम स्टे संचालकों को जीएसटी नंबर लेने की अनिवार्यता नहीं थी। नए प्रावधानों में गार्बेज डिस्पोजल के लिए भी म्यूनिसिपल कानूनों के तहत व्यवस्था करनी होगी। होम स्टे में अग्निशमन उपकरण भी अनिवार्य रूप से लगाने होंगे। होम स्टे में आने वाले गेस्ट का पूरा लेखा-जोखा रजिस्टर और कंप्यूटर में रखना होगा। साथ ही सुरक्षा मानकों के तहत होम स्टे के कॉमन एरिया में सीसीटीवी कैमरे लगाना भी अनिवार्य किया गया है। सरकार ने 14 फरवरी को होम स्टे रूल्स 2025 अधिसूचित किए हैं। इन्हें लेकर लोग 28 फरवरी तक निदेशक पर्यटन और नागरिक उड्डयन हिमाचल प्रदेश को ईमेल tourism@hp.gov.in पर या डाक के माध्यम से अपनी आपत्तियां और सुझाव भेज सकते हैं। 12,000 रुपये तक पंजीकरण शुल्क होम स्टे रूल्स 2025 के तहत नगर निगम क्षेत्र में 4 से 6 कमरों के होम स्टे संचालन के लिए 12,000 रुपये वार्षिक पंजीकरण शुल्क निर्धारित किया गया है। हर साल 12,000 रुपये नवीनीकरण शुल्क भी चुकाना होगा। टीसीपी, साडा, नगर पंचायत क्षेत्र में 8,000 रुपये व पंचायत क्षेत्र में 6,000 रुपये वार्षिक पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क तय किया गया है। 1 से 3 कमरों के लिए निगम क्षेत्र में 8,000, टीसीपी, साडा, नगर पंचायत क्षेत्र में 5,000 और पंचायत क्षेत्र में 3,000 रुपये वार्षिक पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क निर्धारित किया गया है।
हिमाचल प्रदेश के राशनकार्ड उपभोक्ताओं को अगले महीने से सरकारी डिपो में रिफाइंड तेल मिलना शुरू हो जाएगा। खाद्य आपूर्ति निगम ने इसके लिए टेंडर जारी कर दिया है और कंपनियों को 28 फरवरी तक तेल के सैंपल जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। सैंपलों की गुणवत्ता जांच एक सप्ताह के भीतर पूरी होगी, और योग्य कंपनियों की टेक्निकल बिड 11 मार्च को खोली जाएगी। खाद्य आपूर्ति निगम का दावा है कि 20 मार्च के बाद उपभोक्ताओं को डिपो में रिफाइंड तेल उपलब्ध कराया जाएगा। अब राशनकार्ड धारकों को हर महीने एक लीटर सरसों तेल के साथ एक लीटर रिफाइंड तेल भी मिलेगा। इसके अलावा, निगम ने डिपो होल्डर्स को तीन महीने का सरसों तेल कोटा एक साथ वितरित करने के निर्देश भी जारी किए हैं। राशनकार्ड उपभोक्ताओं को क्या-क्या मिल रहा है? हिमाचल प्रदेश में 19.5 लाख राशनकार्ड धारकों को सब्सिडी पर दो लीटर तेल, तीन किलो दाल (मलका माश और दाल चना), चीनी और नमक उपलब्ध कराया जा रहा है। जबकि आटा और चावल केंद्र सरकार द्वारा मुहैया कराया जाता है।
फर्जी अधिकारी बनकर कई लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाली महिला आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गई। थाना सदर ऊना की टीम ने सिरमौर के पांवटा साहिब से उक्त महिला को गिरफ्तार किया है। ठगी के बाद से ही वो लगातार ठिकाने बदल रही थी। सोमवार को पुलिस ने पुख्ता सूचना मिलने पर पांवटा साहिब में दबिश देकर आरोपी महिला को गिरफ्तार किया।आरोपी महिला को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। ये है मामला मोनिका देवी पत्नी शशिकांत निवासी कुरियाला तहसील व जिला ऊना ने अप्रैल 2024 में पुलिस को शिकायत दी थी। शिकायत में मोनिका देवी ने बताया था कि 18 मार्च 2024 को वह अपने बेटे के साथ दोस्त संजीव के घर चंद्रलोक कॉलोनी मोहल्ला ऊना गई थी। वहां उसे वंदना धीमान मिली। महिला ने खुद को औद्योगिक क्षेत्र ऊना में असिस्टेंट ऑफिसर और सेरीकल्चर विभाग में अतिरिक्त कार्यभार संभालने वाली बताया था। आरोपी ने उसे आईडी कार्ड दिखाया और दावा किया कि उसने कई लोगों की जमीन लीज पर लेकर शहतूत के पौधे लगवाए हैं। इसके बदले लोगों को तीन साल तक 35000 रुपये प्रति माह की आय हो रही है। साथ ही उसे सरकारी नौकरी का लालच भी दिया। आरोपी महिला ने शिकायतकर्ता से शहतूत परियोजना के लिए जमीन का एग्रीमेंट किया और नौकरी दिलवाने के नाम पर 75,000 रुपये लिए। इसके अलावा लोन दिलवाने का झांसा देकर और रुपये लिए। कुल मिलाकर आरोपी महिला ने 99,000 की ठगी की। आरोपी ने शिकायतकर्ता को न तो शहतूत के पौधे दिए और न ही नौकरी से संबंधित कोई आधिकारिक पत्र भेजा। जब शिकायतकर्ता ने अपने स्तर पर जांच की, तो पता चला कि महिला ने कई अन्य लोगों से भी लाखों रुपये की ठगी की थी। इसमें उसका पति भी शामिल बताया जा रहा है।
ज्ञानेश कुमार देश के मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। वह मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की जगह लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय चयन समिति ने सोमवार शाम को ज्ञानेश कुमार के नाम की सिफारिश की, जिस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मुहर लगाई। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। वहीं, डॉ. विवेक जोशी तीन सदस्यीय चुनाव आयोग के नए सदस्य होंगे। अभी तक की परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को ही मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया जाता रहा है। राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त हैं। चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक है। ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने के कारण उनकी जगह रिक्त हुए पद पर डॉ. विवेक जोशी की नियुक्ति की गई है। बता दें कि राजीव कुमार 18 फरवरी यानी मंगलवार को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की साउथ ब्लाक कार्यालय में बैठक हुई। इसमें पांच नाम रखे गए लेकिन नेता विपक्ष और समिति के सदस्य राहुल गांधी ने इन सभी नामों पर असहमति दर्ज कराई। समिति में पीएम मोदी और राहुल गांधी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह भी सदस्य हैं।
हिमाचल में आज मौसम विभाग शिमला ने प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। जबकि 18 फरवरी से प्रदेश में फिर से मौसम करवट लेने वाला है। मौसम विभाग शिमला के मुताबिक फिर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है, जिसके चलते 18 फरवरी को प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी की संभावना है। वहीं, 19 और 20 फरवरी को प्रदेश के ऊंचे व मध्य पहाड़ी इलाकों में बारिश-बर्फबारी, जबकि निचले व मैदानी इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है। इसके अलावा 21 फरवरी को ऊंचे पहाड़ी इलाकों में और 22 फरवरी को ऊंचे और मध्य पर्वतीय इलाकों में बारिश-बर्फबारी हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार 19 और 20 फरवरी को प्रदेश में कुछ जगहों पर गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की संभावना है।
हिमाचल के मंडी जिला का एक और लाल देश पर कुर्बान हो गया है। जिला के बल्ह उपमंडल के तहत पड़ने वाली ग्राम पंचायत हल्यातर के 26 वर्षीय जवान बसंत सिंह का हृदय गति रूकने से आकस्मिक निधन हो गया है। सैनिक बसंत सिंह उत्तराखंड के देहरादून में तैनात थे, जहां ड्यूटी के दौरान बसंत को अचानक हार्ट अटैक आया जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। पर तमाम कोशिशों के बाद भी डॉक्टरों की टीम द्वारा उन्हें बचाया जा नहीं सका। सैनिक के निधन का समाचार मिलने के बाद पूरे क्षेत्र में माहौल गमगीन है, वहीं परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सैनिक बसंत सिंह की पार्थिव देह पैतृक गांव बुरहाली में सोमवार सुबह पहुंचने का अनुमान है। सैनिक अपने पीछे अपनी पत्नी व डेढ़ वर्षीय बेटे शौर्य को छोड़ गए हैं। बता दें कि सैनिक बसंत सिंह 10 डोगरा रेजिमेंट देहरादून में तैनात थे। एक सप्ताह पहले ही अपनी छुट्टियां काटकर जल्द परिवार से मिलने का वादा कर बसंत सिंह ड्यूटी के लिए देहरादून गए थे, लेकिन परिजनों को क्या मालूम था कि एक सप्ताह बाद बसंत सिंह की पार्थिव देह तिरंगे में लिपटकर घर पहुंचेगी। सोमवार को जवान का पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंचने की संभावना है, जहां सैन्य सम्मान के साथ सैनिक का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को राज्य सचिवालय शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। मंत्रिमंडल ने छह पोस्ट कोडों में 699 पदों के लिए लंबित परिणामों की घोषणा को मंजूरी दे दी। इनमें मार्केट सुपरवाइजर (पोस्ट कोड-977), फायरमैन (पोस्ट कोड-916), ड्राइंग मास्टर (पोस्ट कोड-980), एचपी सचिवालय क्लर्क (पोस्ट कोड-962), बिजली बोर्ड लाइनमैन (पोस्ट कोड-971) और स्टेनो टाइपिस्ट (पोस्ट कोड-928) शामिल हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में विभिन्न विभागों में कई पदों को सृजित कर भरने को मंजूरी दी गई है। संजौली पुलिस चौकी को पुलिस स्टेशन में स्तरोन्नत करने सहित विभिन्न श्रेणियों के 20 पद सृजित कर भरने की स्वीकृति प्रदान। जिला शिमला के नेरवा में अग्निशमन चौकी खोलने तथा इसमें विभिन्न श्रेणियों के 17 पद सृजित कर भरने को स्वीकृति। राजस्व विभाग में तहसीलदार के 09 पद सृजित कर भरने की स्वीकृति। जिला शिमला में बागी पुलिस चौकी में विभिन्न श्रेणियों के छः पद सृजित कर भरने को स्वीकृति योजना विभाग में विभिन्न श्रेणियों के तीन पद भरने की स्वीकृति। कोषागार, लेखा एवं लॉटरी विभाग में कोषागार अधिकारियों के तीन पद भरने का निर्णय। सोलन जिले के बशील में नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा विभिन्न श्रेणियों के तीन पदों को सृजित कर भरने को मंजूरी। कांगड़ा में जल शक्ति विभाग का नया मंडल खोलने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का निर्णय । बिलासपुर के श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र के जगातखाना में जल शक्ति विभाग का नया मंडल खोलने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने का निर्णय। सोलन जिले के लोहारघाट में नई उप-तहसील खोलने तथा आवश्यक पदों को सृजित कर भरने को मंजूरी। हिमाचल प्रदेश राजकीय दंत महाविद्यालय शिमला के विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसर के 16 स्वीकृत पदों को एसोसिएट प्रोफेसर में स्तरोन्नत करने को मंजूरी। कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां में राजीव गांधी राजकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में विभिन्न श्रेणियों के आठ पदों को सृजित करने और भरने को मंजूरी। शिमला जिले के प्रगतिनगर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में बी.टेक (सिविल इंजीनियरिंग) पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ-साथ विभिन्न श्रेणियों के सात पदों को सृजित कर भरने की मंजूरी। मंडी जिला के श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सा महाविद्यालय नेरचौक में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, न्यूक्लियर मेडिसन टेक्नोलॉजिस्ट और रेडिएशन सेफ्टी अधिकारी जैसे पदों को सृजित कर भरने को स्वीकृति। जिला सिरमौर के डॉक्टर वाई.एस. परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग के अंतर्गत इम्यूनोहेमेटोलॉजी और ब्लड ट्रांसफ्यूज़न विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद को भरने को स्वीकृति।
699 पदों का भर्ती परिणाम जारी करने की मंजूरी तहसीलदार के नाै पद भरे जाएंगे पुलिस चौकी संजौली को पुलिस स्टेशन में स्तरोन्नत करने की मंजूरी हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को राज्य सचिवालय शिमला में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्यपाल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 से 28 मार्च 2025 तक आयोजित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू 17 मार्च को हिमाचल का बजट पेश करेंगे। बजट सत्र में 15 बैठकें होंगी। 10 मार्च को राज्यपाल का अभिभाषण होगा। उसके बाद इस पर चर्चा होगी। 13 मार्च को सीएम चर्चा का जवाब देंगे। 699 पदों का भर्ती परिणाम जारी करने की मंजूरी मंत्रिमंडल ने छह पोस्ट कोडों में 699 पदों के लिए लंबित परिणामों की घोषणा को मंजूरी दे दी। इनमें मार्केट सुपरवाइजर (पोस्ट कोड-977), फायरमैन (पोस्ट कोड-916), ड्राइंग मास्टर (पोस्ट कोड-980), एचपी सचिवालय क्लर्क (पोस्ट कोड-962), बिजली बोर्ड लाइनमैन (पोस्ट कोड-971) और स्टेनो टाइपिस्ट (पोस्ट कोड-928) शामिल हैं। कैबिनेट बैठक में राजस्व विभाग में तहसीलदार के नौ पदों को सृजित करने तथा भरने का निर्णय लिया गया। बैठक में शिमला जिले के कोटखाई पुलिस स्टेशन के अंतर्गत नवनिर्मित पुलिस चौकी बाघी के लिए विभिन्न श्रेणियों के छह पदों को सृजित करने तथा भरने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में योजना विभाग में विभिन्न श्रेणियों के तीन पदों को भरने को भी मंजूरी प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने कोषागार, लेखा एवं लॉटरी विभाग में कोषागार अधिकारियों के तीन पदों को भरने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने पुलिस चौकी संजौली को पुलिस स्टेशन में स्तरोन्नत करने के साथ विभिन्न श्रेणियों के 20 पदों के सृजन व भरने को स्वीकृति प्रदान की। बैठक में शिमला जिले के नेरवा में एक नई अग्निशमन चौकी खोलने तथा विभिन्न श्रेणियों के 17 पदों के सृजन व भरने को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने मृत शिशु के जन्म या जन्म के तुरंत बाद शिशु की मृत्यु की स्थिति में महिला सरकारी कर्मचारियों के लिए 60 दिन के विशेष मातृत्व अवकाश को मंजूरी दी। बैठक में सोलन जिले के लोहारघाट में आवश्यक पदों के सृजन व भरने सहित नई उप तहसील खोलने को मंजूरी प्रदान की गई। मंडी जिले के नेरचौक स्थित श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज में न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर, सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर, न्यूक्लियर मेडिसिन टेक्नोलॉजिस्ट और रेडिएशन सेफ्टी ऑफिसर सहित अन्य 12 पदों के सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी गई। सिरमौर जिले के डॉ. वाईएस परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में पैथोलॉजी विभाग के अंतर्गत इम्यूनोहेमेटोलॉजी एवं रक्त आधान विभाग में सहायक प्रोफेसर का पद भरने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में एलोपैथिक चिकित्सकों को भारत में या देश के बाहर अध्ययन अवकाश के दौरान पूर्ण वेतन लेने की अनुमति देने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राजकीय दंत महाविद्यालय शिमला के विभिन्न विभागों में सहायक प्रोफेसर के 16 स्वीकृत पदों को एसोसिएट प्रोफेसर में स्तरोन्नत करने को मंजूरी प्रदान की। इसके अतिरिक्त कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां में राजीव गांधी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में बीटेक (कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा विज्ञान) और बीटेक (कंप्यूटर विज्ञान) पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ विभिन्न श्रेणियों में आठ पदों को सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी। बैठक में शिमला जिले के प्रगतिनगर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में बीटेक (सिविल इंजीनियरिंग) पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ विभिन्न श्रेणियों में सात पदों के सृजित कर भरने को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने मंडी जिले के सुंदरनगर स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग (कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग) नामक एक नया डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल ने जनसंख्या, क्षेत्रफल, प्रमुख अपराध, यातायात, अंतरराज्यीय सीमाओं और पर्यटकों के प्रवाह के मानदंडों के आधार पर सभी 135 मौजूदा पुलिस स्टेशनों को छह श्रेणियों में वर्गीकृत करने का निर्णय लिया। यह भी निर्णय लिया गया कि क्षेत्रीय कार्यालयों को मजबूत करने और लोगों को बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए पुलिस स्टेशनों में कर्मचारियों की पोस्टिंग को उनकी श्रेणी के आधार पर संशोधित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रवेश कर संग्रहण के लिए नीलामी-सह-निविदा प्रक्रिया को मंजूरी दी, जिससे वर्ष 2024-2025 की तुलना में 11.56 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त मंत्रिमंडल ने चरणबद्ध तरीके से सभी प्रवेश टोल बैरियरों पर फास्टैग सुविधा लागू करने का भी निर्णय लिया। पहले चरण में गरामौरा (बिलासपुर), परवाणू (मेन) और तियारा बाईपास (सोलन), गोविंदघाट (सिरमौर), कंडवाल (नूरपुर), मैहतपुर (ऊना) और बद्दी (सोलन) में टोल बैरियरों पर फास्टैग शुरू किया जाएगा। बैठक में बिलासपुर जिले की सदर तहसील से आठ पटवार सर्किलों को शामिल करके नम्होल उप तहसील का पुनर्गठन करने का भी निर्णय लिया गया।
कांग्रेस आलकमान ने राजीव शुक्ला को हटाकर रजनी पाटिल को हिमाचल का प्रभारी नियुक्त कर दिया है। शुक्रवार देर रात इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। पाटिल इससे पहले भी ये ज़िम्मेदारी संभल चुकी है। वह मई 2018 से 11 सितंबर 2020 तक हिमाचल की प्रभारी थी, तब कुलदीप राठौर पीसीसी चीफ थे। राजीव शुक्ला को कांग्रेस पार्टी आला कमान ने वर्ष 2020 में हिमाचल कांग्रेस की बतौर प्रभारी नियुक्ति किया था। 2 साल बाद यानी वर्ष 2022 में हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश की सत्ता में वापसी की थी। हालांकि, इसके बाद लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की चारों सीटों पर चुनाव हार गई थी। इसी बीच कांग्रेस पार्टी में आपसी गुटबाजी भी खुलकर सामने आती रही। मौजूदा समय में हिमाचल कांग्रेस पार्टी की सभी कमेटियां चाहे वह प्रदेश कांग्रेस कमेटी हो या जिला वह ब्लॉक कमेटी या सभी भंग है। ऐसे में रजनी पाटिल के समक्ष नए सिरे से कमेटियों का गठन करना सबसे पहली चुनौती होगी। वहीँ इस साल के अंत में पंचायती राज चुनाव होने हैं वह अगले वर्ष कुछ नगर निगम के चुनाव है। रजनी पाटिल हिमाचल कांग्रेस की पहले भी प्रभारी रह चुकी है। वह प्रदेश कांग्रेस पार्टी व यहां के पदाधिकारी से लेकर आम कार्यकर्ताओं तक को जानती है। माहिर मानते है कि पार्टी हाई कमान ने उनके इसी अनुभव को देखते हुए दोबारा से उन्हें प्रदेश प्रभारी की कमान सौंपी है।
शिमला: हिमाचल सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष पर निशाना साधा है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि 2 साल के कार्यकाल में प्रदेश सरकार ने 42 हजार रोजगार के अवसर युवाओं को प्रदान किए. वहीं पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में केवल 55 हजार सरकारी नौकरियां दी. इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष और भाजपा पर केंद्र से हिमाचल को मिलने वाली मदद रोकने का भी आरोप लगाया है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रदेश में विकास कार्य किए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सरकार इसके लिए काम कर रही है. लेकिन पिछले कुछ समय से विपक्ष और मुख्य रूप से नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर लगातार तथ्यहीन हैं और बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार ने दो साल के कार्यकाल में 42 हजार युवाओं को रोजगार का अवसर दिया. वहीं पूर्व भाजपा सरकार ने पांच साल के कार्यकाल में केवल 20 हज़ार नौकरियां दी गई. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दो सालों में 12 हज़ार 500 सरकारी क्षेत्र में नौकरियां दी गई. पूर्व सरकार के घोटालों के चलते जो भर्तियां लटकी हुई थीं उन्हें भी बहाल करने का काम सरकार ने किया. वर्तमान सरकार ने 2 हज़ार 273 ऐसे पदों पर भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि 25 हजार नए पद भरने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी जिसमें प्रदेश के युवाओं को रोज़गार का अवसर मिलेगा.विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार प्रदेश पर 75 हज़ार करोड़ का कर्ज छोड़ कर गई. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने प्रदेश आर्थिक रूप से मज़बूत करने के लिए काम किया. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह के नेतृत्व में 443 औद्योगिक प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई. साथ ही राजीव गांधी स्वरोजगार योजना के माध्यम से युवाओं को रोज़गार दिया जा रहा है. इसके अलावा बागवानों के लिए यूनिवर्सल कार्टन लाया गया और नींबू प्रजाति के फलों का समर्थन मूल्य भी बढ़ाया गया. वर्तमान सरकार ने मनरेगा का दिहाड़ी बढ़ाई गई आपदा में क्षतिग्रस हुई सड़कों को मनरेगा के माध्यम से किया गया. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने का काम किया गया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि जहां पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल के कार्यकाल में 55 हजार सरकारी नौकरियां दी. वहीं वर्तमान कांग्रेस सरकार ने 2 साल के कार्यकाल में युवाओं को 20 हज़ार सरकारी नौकरी देने का काम किया . इस दौरान लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को निशाने पर लिया. विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर आरोप लगाते हुए कहा कि जयराम ठाकुर लगातार केन्द्र से हिमाचल को मिलने वाली मदद को रोकने का काम कर रहे हैं. केंद्र की हर फंडिंग में हिमाचल की आवाज़ दबाने का काम किया जा रहा है. हिमाचल आर्थिक रूप से वाइबल राज्य नहीं है और केंद्र पर निर्भर है. जम्मू कश्मीर को बजट में स्पेशल पैकेज दिया गया. लेकिन हिमाचल में आपदा से भारी नुकसान हुआ. करीब 9 हजार करोड़ के नुकसान का आंकलन किया गया लेकिन एक पैसा नहीं मिला. मगर क्या विपक्ष के नेता और भाजपा के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने केंद्र के सामने बात रखी यह सवाल है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राजनीति केवल राजनीतिक के लिए नहीं होनी चाहिए. विपक्ष को प्रदेश के हित के लिए राजनीति करनी चाहिए.
**जाती या संप्रदाय के आधार पर नहीं दिया जाएगा काम अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में कैदियों को जाती के आधार पर काम नहीं दिया जाएगा और न ही उनके रिकॉर्ड में हिंदू, मुसलमान, सिक्ख, ईसाई यानी समुदाय या संप्रदाय का उल्लेख होगा...हिमाचल प्रदेश जेल मैनुअल 2021 में अब संशोधन करते हुए राज्य सरकार ने कई नए प्रावधान किए हैं। इसको लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह ओंकार शर्मा ने अधिसूचना भी जारी की है। कैदियों में जातीय आधार पर कोई भेदभाव, वर्गीकरण और पृथक्करण नहीं किया जाएगा। मैला ढोने, सीवरेज प्रणाली और सैप्टिक टैंक की सफाई भी कैदियों से नहीं करवाई जाएगी। कैदियों के साथ जाति आधारित भेदभाव पर सुप्रीम कोर्ट के तीन अक्टूबर, 2024 के आदेश के मद्देनजर ये बदलाव किए गए हैं. कारागार नियमावली में किए गए नए संशोधन के अनुसार, जेल अधिकारियों को सख्ती से यह सुनिश्चित करना होगा कि कैदियों के साथ उनकी जाति के आधार पर कोई भेदभाव, वर्गीकरण या अलगाव न हो और अब हिमाचल प्रदेश की जेलों में रहने वाले कैदियों के साथ भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होगा।
हिमाचल: बिजली बोर्ड में 706 पद खत्म करने पर इंजीनियर-कर्मचारी नाराज, आज काले बिल्ले लगाकर देंगे सेवा
हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में 706 पदों को समाप्त करने का आदेश जारी किया है, जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराजगी फैल गई है। इस निर्णय के विरोध में बिजली बोर्ड के कर्मचारी आज से काले बिल्ले पहनकर काम करने का निर्णय लिया है। शिमला स्थित मुख्य कार्यालय सहित राज्य के अन्य विद्युत मंडल और उप मंडल में कार्यरत इंजीनियर, तकनीकी कर्मचारी और अन्य कर्मचारी भी इस विरोध में शामिल होंगे।यह निर्णय कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है, क्योंकि बोर्ड पहले ही कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा था। अब, 706 पदों की समाप्ति के कारण कार्यभार बढ़ने से कर्मचारियों पर दबाव और अधिक बढ़ गया है। इसी कारण, कर्मचारियों ने वर्क-टू-रूल आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है, जिसमें वे केवल निर्धारित समय तक ही काम करेंगे।अगर सरकार ने अपने फैसले को वापस नहीं लिया, तो कर्मचारियों ने राज्यभर में बड़े पैमाने पर विरोध और हड़ताल की चेतावनी दी है। इस मुद्दे पर 11 फरवरी को हमीरपुर में पंचायत आयोजित की जाएगी, और इसके बाद अन्य जिलों में भी विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने की योजना तैयार हो रही है। नए शैक्षणिक सत्र से इसे लागू किया जा सकता है, और इससे पहले कुछ स्कूलों ने अपने स्तर पर शिक्षकों के लिए यह कोड शुरू भी किया है। शिक्षा सचिव राकेश कंवर का कहना है कि शिक्षक विद्यार्थियों के रोल मॉडल होते हैं, और उनके पहनावे तथा व्यवहार का बच्चों पर सीधा असर पड़ता है। यही वजह है कि कई स्कूलों में इस दिशा में बदलाव देखा गया है। बीते साल प्रदेश में स्वैच्छिक ड्रेस कोड लागू किया गया था, जिसे शिक्षकों के आग्रह पर शुरू किया गया था। अब इसे सभी स्कूलों में अनिवार्य करने की योजना बन रही है। इस ड्रेस कोड में शिक्षकों के लिए फॉर्मल ड्रेस और शिक्षिकाओं के लिए साड़ी या साधारण सूट-सलवार का चयन हो सकता है। इसके तहत, शिक्षकों को स्कूल में फैशनेबल कपड़े पहनकर आने से भी रोका गया है, जो पहले से ही लागू है। राज्य सरकार ने इस पहल को लेकर अन्य राज्यों के ड्रेस कोड का अध्ययन करना शुरू कर दिया है और विशेषज्ञों से राय ली जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स के माध्यम से होने वाली भर्तियों पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है, जिससे राज्य सरकार को फिलहाल राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी है और सरकार को इस मामले में जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। इस आदेश का सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने की। हिमाचल सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इस मामले में अदालत में अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि हिमाचल हाईकोर्ट ने 7 नवंबर 2024 को प्रदेश में आउटसोर्स पॉलिसी के तहत होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए उचित नियम बनाए जाएं। इसके बाद, राज्य सरकार ने इस रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और अदालत के आदेशों के पालन के लिए एक हलफनामा प्रस्तुत किया। हालांकि, 8 जनवरी 2025 को उच्च न्यायालय ने सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें रोक हटाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने बताया कि वेकेशन के कारण केवल अति महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई हो रही है। इसके बाद, सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। यह मामला वर्ष 2022 में दायर एक याचिका से जुड़ा हुआ है, जिसमें आउटसोर्स भर्तियों की प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाए गए थे। याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि राज्य के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के तहत भर्तियां बिना पारदर्शिता के की जा रही हैं और कारपोरेशन के तहत रजिस्टर्ड कंपनियां भी कटघरे में हैं। उच्च न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स के तहत नियुक्तियां स्वीकार नहीं की जाएं और विभाग को स्थायी नियुक्तियों के लिए प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
शनिवार की सुबह महाकुंभ से स्नान करके लौट रहे हिमाचल प्रदेश के श्रद्धालुओं से भरी एक मिनी टूरिस्ट बस बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में ट्रक से टकरा गई। इस दर्दनाक हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 11 अन्य घायल हो गए, जिनमें दो की हालत नाजुक बताई जा रही है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी घायलों को राठ सीएचसी में भर्ती कराया और मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। यह हादसा शनिवार की सुबह लगभग 6 बजे हुआ, जब मिनी बस, जो कांगड़ा जिले के थाना बैजनाथ क्षेत्र के श्रद्धालुओं से भरी हुई थी, एक्सप्रेसवे में खराब खड़े ट्रक से टकरा गई। ट्रक में मौरंग भरी हुई थी। इस हादसे में मिनी बस का अगला हिस्सा बुरी तरह से चकनाचूर हो गया। मृतकों में 60 वर्षीय निर्मला उर्फ गुड्डी देवी पत्नी प्रीतम राणा और 55 वर्षीय सुरेंद्र राणा शामिल हैं। वहीं, 11 घायल श्रद्धालुओं में 62 वर्षीय सुदर्शन, 45 वर्षीय विपुल शर्मा, 50 वर्षीय जीवना देवी, 60 वर्षीय सुदेश कुमारी, 65 वर्षीय सुनील कुमारी, 56 वर्षीय कुसुम लता, 60 वर्षीय चंदी, 50 वर्षीय अंजूबाला, 43 वर्षीय अंजना कुमारी, 55 वर्षीय रक्षा देवी, और 68 वर्षीय शीलारानी तथा 65 वर्षीय तंबो देवी शामिल हैं। इनमें शीलारानी और तंबो देवी की हालत गंभीर है, जिन्हें मेडिकल कॉलेज उरई रेफर किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हादसा ड्राइवर को झपकी लगने के कारण हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही थाना राठ पुलिस और 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंचे और घायलों को राठ सीएचसी में भर्ती कराया। एसडीएम राठ अभिमन्यु कुमार ने सीएचसी पहुंचकर घायलों के उपचार का जायजा लिया और प्रशासन ने मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है।
हिमाचल प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (WD) के सक्रिय होने से होने वाला है । मौसम विभाग ने आगामी पांच दिनों तक अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, कांगड़ा और मंडी के ऊंचे इलाकों में 8 और 10 फरवरी को बारिश-बर्फबारी का अधिक प्रभाव रहेगा। मौसम विभाग का कहना है कि इस दौरान इन क्षेत्रों की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो सकती है, जिससे तापमान में और गिरावट आएगी। हालांकि, प्रदेश के मैदानी इलाकों में मौसम सामान्य रहेगा। हिमाचल के कई इलाकों में ठंड बढ़ी प्रदेश के मैदानी इलाकों में भी सर्दी बढ़ी है। शिमला में न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है, जबकि प्रदेश का सबसे गर्म शहर ऊना का तापमान गिरकर 2.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। अन्य क्षेत्रों में भी तापमान में गिरावट आई है, जैसे कि भुंतर (2.0 डिग्री), धर्मशाला (4.8 डिग्री), पालमपुर (3.5 डिग्री), सोलन (2.6 डिग्री) और बिलासपुर (3.9 डिग्री)। इस सर्द मौसम के बीच, हिमाचल प्रदेश के उच्च क्षेत्रों में बर्फबारी के कारण ठंड और बढ़ सकती है। विंटर सीजन में कम बारिश-बर्फबारी विंटर सीजन के दौरान हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 72 प्रतिशत कम बारिश-बर्फबारी हुई है। 1 जनवरी से 7 फरवरी तक 29.5 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि सामान्य रूप से 104.7 मिलीमीटर बारिश होती है। इस वर्ष बर्फबारी और बारिश का स्तर काफी कम रहने से प्रदेश में सूखा और ठंड बढ़ने का असर देखा गया है।
**राज्यपाल ने कर्मचारी भर्ती विधेयक 2024 को दी मंजूरी हिमाचल प्रदेश सरकार ने 2003 के बाद अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों को बैकडेट से सिनियरिटी और वित्तीय लाभ देने पर रोक लगा दी है। राज्यपाल शिव प्रताप की मंजूरी के बाद, राज्य सरकार ने हिमाचल सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 को ई-गजट में प्रकाशित कर दिया है। यह विधेयक विधानसभा में विपक्ष के विरोध के बावजूद सुक्खू सरकार द्वारा पारित किया गया था। अब राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद, इस संशोधित विधेयक के तहत कर्मचारियों को उनके नियमित नियुक्ति की तिथि से ही सिनियरिटी और वित्तीय लाभ मिलेंगे। इससे पहले, उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण अनुबंध कर्मचारियों को बैकडेट से सिनियरिटी और वित्तीय लाभ दिए जा रहे थे, जिससे राज्य सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा था। क्यों किया गया यह बदलाव? सालों तक अनुबंध कर्मचारियों को बैकडेट से वित्तीय लाभ और सिनियरिटी देने के आदेशों के चलते राज्य सरकार को भारी वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा था। उच्च न्यायालय ने कुछ कर्मचारियों को बैकडेट से वित्तीय लाभ देने का आदेश दिया था, और इसके कारण सरकार पर करोड़ों रुपये का वित्तीय बोझ पड़ रहा था। इसके साथ ही, कर्मचारियों की सिनियरिटी लिस्ट में पिछले 21 वर्षों के आंकड़ों को भी संशोधित करना पड़ रहा था। यह स्थिति विशेष रूप से कांग्रेस सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण हो गई थी, क्योंकि राज्य की आर्थिक स्थिति पहले ही गंभीर संकट का सामना कर रही थी। इन कारणों से, राज्य सरकार ने इस बदलाव की जरूरत महसूस की और हिमाचल सरकारी कर्मचारी भर्ती और सेवा शर्तें विधेयक 2024 में संशोधन किया। अब इस विधेयक के तहत कर्मचारियों को केवल उनकी नियमित सेवा की तिथि से ही सिनियरिटी और वित्तीय लाभ मिलेंगे, अनुबंध सेवाकाल को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। विधेयक में संशोधन के बाद क्या बदलेगा? इस संशोधन से, कर्मचारियों को बैकडेट से लाभ और सिनियरिटी नहीं मिलेगी, जो पहले उच्च न्यायालय के आदेशों के कारण मिल रही थी। सरकार के लिए यह बदलाव एक बड़ी राहत मानी जा रही है, क्योंकि इससे सरकार को आने वाले वर्षों में वित्तीय बोझ से बचने में मदद मिलेगी। अब कर्मचारियों को नियमित होने की तिथि से लाभ मिलेगा, और इस नए बदलाव के बाद यह भी सुनिश्चित किया गया है कि अनुबंध सेवाकाल को सिनियरिटी और वित्तीय लाभ के लिए नहीं जोड़ा जाएगा। राज्यपाल से मिली मंजूरी बीते गुरुवार को शाम मुख्यमंत्री सुक्खू अचानक राजभवन पहुंचे और विधेयक को मंजूरी दिलाने का आग्रह किया। गुरुवार को, मुख्यमंत्री सुक्खू अचानक राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से इस विधेयक की मंजूरी के लिए आग्रह किया, जिसके बाद राज्यपाल ने 24 घंटे के भीतर विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके बाद राज्य सरकार ने देर शाम इसे राजपत्र में प्रकाशित किया।
पांच साल बाद रेपो रेट में कटौती, 6.50% से घटकर 6.25% हुई, नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने किया एलान भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों को बड़ी सौगात दी है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के बाद एलान किया कि रेपो में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। इसे 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमपीसी के सभी सदस्यों ने दर कटौती के पक्ष में अपना मत दिया है। सेंट्रल बैंक के इस फैसले के बाद बैंकों के लिए होमलोन, कारलोन, एजुकेशन लोन, कॉरपोरेट लोन से लेकर पर्सनल लोन के ब्याज दरों में कटौती करने का रास्ता साफ हो गया है। इससे पहले मई 2020 में कोरोना महामारी के चलते देश में लॉकडाउन लगा था जब आरबीआई ने ब्याज दरों को घटाने का फैसला लिया था। अब 5 सालों के बाद आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती की है। आरबीआई गवर्नर ने कहा, जब से महंगाई दर का टोलरेंस बैंड फिक्स किया गया है औसत महंगाई दर लक्ष्य के मुताबिक रहा है। खुदरा महंगाई दर ज्यादातर समय कम रहा है, केवल कुछ मौकों पर ही खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस बैंड के ऊपर रहा है। गवर्नर ने कहा, अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए काम करते रहेंगे। संजय मल्होत्रा ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था के हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती बनी हुई है लेकिन वैश्विक हालात का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है।
पुलिस को नहीं मिले साक्ष्य, इसलिए चार्जशीट फाइल नहीं कर पाई हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली और गायक रॉकी मित्तल पर दुष्कर्म मामले में पुलिस ने क्लोसर रिपोर्ट तैयार कर अदालत में दायर कर दी है। इसमें पुलिस ने इस मामले को रद्द करने की सिफारिश की है। पुलिस जांच में महिला की ओर से लगाए आरोपों का कोई सबूत पुलिस को नहीं मिला है। आज नलगढ़ कोर्ट में क्लोसर रिपोर्ट फाइल की जाएगी और अब आगामी कार्रवाई अदालत की ओर से की जाएगी। दरअसल 13 दिसंबर को एक महिला ने हरियाणा के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और गायक रॉकी मित्तल पर दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था। उसने कसौली के एक होटल में दुष्कर्म के आरोप लगाए थे। महिला ने वर्ष 2023 में दुष्कर्म की बात कही थी। ऐसे में डेढ़ साल पुराने मामले में पुलिस को जांच करना मुश्किल हो गया। इसके बाद भी पुलिस ने इस मामले की अपनी स्टेटस रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसमें महिला की ओर से लगाए गए आरोप पर कोई भी ठोस सबूत नहीं मिले हैं। एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामले की जांच की है। आरोप की पुष्टि नहीं हो पाई है, इसमें कई लोगों के बयान भी दर्ज किए गए।
"हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड में कोई भी पद समाप्त नहीं किया गया है। " हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड के प्रवक्ता अनुराग पराशर ने ये जानकारी दी है। 700 पद समाप्त करने के कर्मचारी संगठनों के आरोपों को नकारते बोर्ड के प्रवक्ता ने कहा कि बोर्ड केवल स्वतंत्र एजेंसी, हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के निर्देशों का पालन कर रहा है। आयोग ने बिजली बोर्ड से अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स को मिलने वाली सैलरी और पेंशन का खर्च कम करने को कहा है। हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड का यह खर्च पूरे देश में सबसे अधिक 2.50 रुपए प्रति यूनिट है। अनुराग पराशर ने कहा, "आयोग बिजली दरें निर्धारित करता है और बार-बार बोर्ड की आर्थिक समीक्षा कर अपनी कर्मचारी लागत कम करने के निर्देश दे रहा है, क्योंकि बोर्ड की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है? इसलिए कुछ श्रेणियों के पदों का युक्तिकरण किया जा रहा है, न कि उन्हें समाप्त किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर इन पदों पर दोबारा भर्ती की जाएगी।" अनुराग पराशर ने कहा कि कर्मचारी और अधिकारी बोर्ड की रीढ़ हैं, जो अपनी बहुमूल्य सेवाएं कर्मठता से दे रहे हैं। उनकी सेवाओं के देखते हुए ही बोर्ड ने अपने कर्मचारियों एवं पैंशनरों को डीए और संशोधित वेतनमान के एरियर के रूप में पिछले दो महीने में 134 करोड़ रुपये जारी किए हैं। पिछले कई सालों में इतनी बड़ी धनराशि कभी जारी नहीं की गई। अगर सुधार नहीं किए गए तो बिजली बोर्ड की वित्तीय स्थिति गंभीर हो जाएगी और भविष्य में एरियर देने में भी बोर्ड सक्षम नहीं होगा। कई पदों की नहीं जरूरत, इसकी जगह भरे जाएंगे टी मेट अनुराग पराशर ने कहा कि बोर्ड के जेनरेशन विंग में वर्तमान में 2161 पद हैं। इनमें जेई के 148 पद, एसडीओ के 102 पद, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर के 19 पद, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के 6 पद और चीफ इंजीनियर का एक पद शामिल है। वहीं, कंपनी का मुख्य काम अब बिजली उत्पादन नहीं रह गया है। इनमें सिविल एसडीओ (सिविल) के 7 पद, जेई (सिविल) के 30 पद और एसडीओ (इलेक्ट्रिक) के 15, जेई (इलेक्ट्रिकल) के 16, एक्सन (इलेक्ट्रिक) और एसई (इलेक्ट्रिक) के एक-एक पद का समायोजन किया गया है। इसके अलावा मिस्त्री, डीजी ऑपरेटर, वेल्डर, टेलीफोन एटेंडेंट, गेज रीडर, कुक, फैरो प्रिंटर जैसे पदों की आज कोई आवश्यकता नहीं रह गई है।इन पदों की जगह टी-मेट के पद भरे जाएंगे और यह फैसला बिजली बोर्ड के हित में है।
टेलर स्विफ्ट कई देशों को मंदी के दौर से उबार रही हैं... यह सुनने में काफी अजीब लग रहा है... मगर बिल्कुल सच है। दरअसल, टेलर स्विफ्ट की लोकप्रियता का आलम यह है कि वह जिस भी शहर या देश में परफॉर्म करती हैं, वहां की जीडीपी को एकदम से बूस्ट कर देती हैं। यह कहानी शुरू हुई दक्षिण-पूर्व एशिया के छोटे से देश सिंगापुर से, जिसे 2023 में मंदी का खतरा नजर आने लगा था। यह वह समय था जब टेलर स्विफ्ट अपने वर्ल्ड टूर की योजना बना रही थीं। जब सिंगापुर की सरकार को पता चला कि टेलर स्विफ्ट कॉन्सर्ट के लिए एशिया के किसी ऐसे देश की तलाश कर रही हैं, तो सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने टेलर स्विफ्ट के साथ छह शो को लेकर एक एग्रीमेंट साइन किया। इस एग्रीमेंट के तहत सिंगापुर में एक शो के बदले स्विफ्ट को लाखों डॉलर दिए गए, लेकिन साथ ही शर्त रखी गई कि वह अपने Eras Tour को सिंगापुर के अलावा किसी अन्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में लेकर नहीं जाएंगी। स्विफ्ट मान गईं। सिंगापुर में टेलर स्विफ्ट के छह शो ने कमाल कर दिया और हिचकोले खा रही सिंगापुर की अर्थव्यवस्था को इससे 375 मिलियन डॉलर (37.5 करोड़ डॉलर) का सीधा फायदा हुआ। कैसे? वह भी समझते हैं। कई सालों से मंदी की आशंका से घिरे देश में लोग कंजूस बन बैठे थे। बाजार वीरान पड़े थे, लोग खरीदारी करने से परहेज कर रहे थे। लेकिन जैसे ही टेलर स्विफ्ट के कॉन्सर्ट की खबर सार्वजनिक हुई, लोग टिकट खरीदने के लिए उमड़ पड़े। आसपास के देशों से पर्यटक सिंगापुर पहुंचने लगे। होटलों की बुकिंग में तेजी से इजाफा हुआ। तीन लाख से ज्यादा लोग इस कॉन्सर्ट में शामिल हुए थे। अकेले मार्च 2024 में सिंगापुर में 14 लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंचे थे। फूड और ड्रिंक्स पर खर्च 30% बढ़ गया। होटलों के किराए में 10% तक की वृद्धि हुई थी। टेलर स्विफ्ट का The Eras Tour अब तक पांच महाद्वीपों की यात्रा कर चुका है और टेलर अलग-अलग देशों में 149 शो कर चुकी हैं। स्विफ्ट की इसी लोकप्रियता को दुनियाभर में Swift-Effect और Swiftonomics का नाम दिया गया है। इसे कॉन्सर्ट इकोनॉमी भी कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में 'कॉन्सर्ट इकोनॉमी' का जिक्र किया था। उन्होंने यह जिक्र भारत में कोल्डप्ले बैंड के कॉन्सर्ट की शानदार सफलता के बाद किया था और कॉन्सर्ट इकोनॉमी में जबरदस्त संभावनाओं पर जोर दिया था। यह कॉन्सर्ट इकोनॉमी भारत की जीडीपी के लिए भी बूस्टर का काम कर सकती है। उदाहरण के तौर पर, भारतीय कलाकार दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट्स से भी इकोनॉमी को बढ़ावा मिला है। इसी तरह, यह छोटे राज्यों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। अगर हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में भी इस तरह के कॉन्सर्ट्स आयोजित किए जाएं, तो यहां भी पर्यटन और अर्थव्यवस्था दोनों का विकास होगा।
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के सनेड गांव के सुरेंद्र का प्यार दुबई की मरियन को इस कदर भा गया कि वह सात समंदर पार आकर उससे शादी कर बैठी। दोनों ने भराड़ी माता मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से सात फेरे लिए और सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा किया। मरियन के परिवार को भी इस शुभ अवसर में शामिल होना था, लेकिन वीजा न मिलने के कारण वे भारत नहीं आ सके। हालांकि, शादी के बाद सुरेंद्र के घर में पारंपरिक धाम का आयोजन किया गया, जिसमें रिश्तेदारों और गांववालों ने खुशी-खुशी भाग लिया। विदेशी बहू के आगमन से घर में जश्न का माहौल बना रहा। 27 वर्षीय सुरेंद्र और 26 वर्षीय मरियन की पहली मुलाकात दुबई में हुई थी। दोनों होटल इंडस्ट्री में कार्यरत हैं और वहीं एक-दूसरे के करीब आए। धीरे-धीरे यह दोस्ती गहरे प्रेम में बदल गई, जिसकी भनक उन्हें खुद भी नहीं लगी। जब दोनों ने अपने-अपने परिवारों को इस रिश्ते के बारे में बताया, तो बातचीत के बाद परिजनों ने शादी को अपनी स्वीकृति दे दी। दो दिनों तक शादी की धूमधाम के बाद नवविवाहित जोड़ा कुछ समय के लिए हमीरपुर में रहेगा और फिर दोनों एक साथ अपनी ड्यूटी पर लौट जाएंगे। इस अनोखी प्रेम कहानी ने गांव में खूब सुर्खियां बटोरीं और लोग इस जोड़ी को आशीर्वाद देने उमड़ पड़े।
हिमाचल के पहाड़ों पर ताजा हिमपात के बाद फिर मौसम ने करवट ली है और तापमान में गिरावट आई है। मंगलवार को कुल्लू, लाहौल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा और सिरमौर जिलों के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी हुई। अटल टनल रोहतांग सहित पांगी, भरमौर, धौलाधार, सिरमौर के चूड़धार और किन्नौर की चोटियों पर बर्फबारी हुई। वहीं, राजधानी शिमला, धर्मशाला, कांगड़ा, मंडी, चंबा, हमीरपुर, ऊना, सिरमौर और कुल्लू के कई क्षेत्रों में हल्की बारिश हुई है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को भी प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बारिश-बर्फबारी के आसार हैं। जबकि वीरवार से मौसम साफ साफ रहने का अनुमान है। बर्फबारी के चलते अटल टनल होकर केलांग जाने वाली निगम की बस सेवा बंद हो गई है। रोहतांग और कुंजम दर्रा में 10 सेंटीमीटर ताजा बर्फबारी हुई है। वहीँ, वर्षा व हिमपात गेहूं व सेब की फसल के लिए लाभदायक हैं। प्रदेश में काफी समय से वर्षा न होने से रबी की फसल पर संकट गहरा गया है। ऐसी ही स्थिति सेब बहुल क्षेत्रों में भी है। ताजा वर्षा व हिमपात से अब किसानो और बागवानों को भी राहत मिलेगी।
'येन केन प्रकारेण' बीजेपी जीतना चाहेगी तीनों दिग्गजों की सीटें कांग्रेस के संदीप दीक्षित और अलका लाम्बा ने भी बना दिया है चुनाव ! ये चुनाव नहीं आसाँ बस इतना समझ लीजिए, एक आग का दरियाँ है और डूब के जाना है। कुछ ऐसी ही स्थिति इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की नज़र आ रही है। इस बार दिल्ली में आप की राह आसान नहीं है और दिलचस्प बात ये है कि पार्टी के तीनों मुख्य चहेरे, यानी सीएम आतिशी, पूर्व व प्रोजेक्टेड सीएम अरविन्द केजरीवाल और पूर्व डिप्टी व प्रोजेक्टेड डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी अपनी -अपनी सीटों पर फंसे देख रहे है । इन तीनों दिग्गजों की सीटों पर इस बार मुकाबला टक्कर का है। 'येन केन प्रकारेण' बीजेपी इन सीटों को जीतना चाहती है और जमीनी स्तर पर इसका असर दिख भी रहा है। सिलसिलेवार बात करें तो नई दिल्ली से, अरविन्द केजरीवाल के सामने बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ने पूर्व मुख्यमंत्रियों के पुत्रों को मैदान में उतारा है। बीजेपी से पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा है तो दूसरी तरफ कांग्रेस से पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित। ये दोनों ही दो -दो मर्तबा सांसद भी रहे है और दोनों ने ही पूरी ताकत झोंकी है। ऐसे में इस सीट पर केजरीवाल की राह आसान जरा भी नहीं है। वहीं कालका जी सीट में भी आतिशी और भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी तो आमने-सामने थे ही, लेकिन इस सीट पर अब कांग्रेस प्रत्याशी अलका लाम्बा भी मजबूती से लड़ रही है। यहाँ भी मुकाबला त्रिकोणीय है और माहिर भविष्यवाणी करने से बचते दिख रहे है। बात मनीष सिसोदिया की करें तो इस बार आप ने उन की सीट बदल दी है और उन्हें पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से मैदान में उतारा है। इस सीट पर बीजेपी के तरविंदर सिंह तो बेहद मजबूती के साथ चुनाव लड़ ही रहे है, कांग्रेस के फरहाद सूरी को भी हल्का नहीं लिया जा सकता। माहिर मान रहे है कि सूरी इस सीट पर सिसोदिया संकट में है। चर्चा सिसोदिया की पटपड़गंज सीट की भी करते है जहाँ से इस बार आप ने अवध ओझा को मैदान में उतारा है। यहाँ मुख्य रूप से यहाँ मुकाबला अवध ओझा और बीजेपी से रविंद्र नेगी के बीच माना जा रहा है। पिछले चुनाव में भी नेगी ने सिसोदिया को कड़ी टक्कर दी थी और इस बार भी ओझा यहाँ उलझे दिखे है। बहरहाल कल मतदान है और आठ फरवरी को नतीजा सामने होगा। अब आप के ये तीन दिग्गज इस चुनावी अग्नि परीक्षा को पास करते है या नहीं, ये जनता तय करेगी।
हिमाचल प्रदेश में अब शहरों की तर्ज पर गांवों में भी व्यावसायिक भवनों पर टैक्स लगाया जाएगा। सरकार ने पंचायतों को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए ग्राम पंचायत क्षेत्रों में स्थित होटलों, दुकानों, रेस्तरां, मैरिज पैलेस और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से प्रति वर्ग फीट टैक्स वसूलने का फैसला लिया है। पंचायतीराज विभाग ने इस योजना की पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है और इसे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समक्ष प्रस्तुत भी किया जा चुका है। प्रस्तावित योजना वित्तीय वर्ष 2025-26 से प्रभावी होगी। पंचायतों को आर्थिक मजबूती देने की पहल राज्य सरकार लंबे समय से पंचायतों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयासरत है। इसी कड़ी में, पिछले वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी के बिलों की वसूली शुरू की गई थी और अब व्यावसायिक कर लागू करने की तैयारी है। यह कर विशेष रूप से व्यवसायिक गतिविधियों पर केंद्रित होगा, जिससे घरेलू उपभोक्ताओं को किसी प्रकार की अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। कितना होगा टैक्स, जल्द होगा निर्णय टैक्स की दरें निर्धारित करने को लेकर अभी विभागीय स्तर पर मंथन चल रहा है। संभावित है कि मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा और बजट भाषण में इसकी औपचारिक घोषणा हो सकती है। पंचायतीराज एक्ट के तहत पंचायतों को विभिन्न प्रकार के कर लगाने का अधिकार प्राप्त है, और कई पंचायतें पहले से ही कुछ टैक्स वसूल रही हैं। उदाहरण के लिए, प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में ‘चूल्हा टैक्स’ लागू है, जिसमें प्रत्येक परिवार से सालाना 30 रुपये लिए जाते हैं। कांगड़ा जिले की कुछ पंचायतों में आठ साल का एकमुश्त चूल्हा टैक्स भी लिया जा रहा है। 3615 ग्राम पंचायतों को मिलेगा लाभ प्रदेश की 3615 ग्राम पंचायतों में इस नए कर से अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सकेगा, जिससे स्थानीय विकास कार्यों को गति मिलेगी। हालांकि, इस फैसले का राजनीतिक और सामाजिक असर आगामी पंचायत चुनावों में भी देखने को मिल सकता है।
**क्या संगठन की सरदारी को हो रही है प्रेशर पॉलिटिक्स ? **लगातार बगावत थामने में नाकाम हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा ! वीरेंद्र कँवर, रमेश चंद ध्वाला, डॉ राम लाल मारकंडा, राजेश ठाकुर, बलदेव शर्मा, प्रवीण शर्मा, कृपाल परमार, तेजवंत नेगी, ये फेहरिस्त लम्बी है। इन नेताओं में से कुछ पूर्व विधायक रहे कुछ तो मंत्री भी रहे......मगर अधिकांश धूमल गुट से माने जाते है। कोई अब भी भाजपा में है तो कोई बागी हो चुका है। कोई खुलकर नाराजगी व्यक्त कर रहा है, कोई अनुशासन की सीमा में रहकर, तो किसी का मौन भी बहुत कुछ बयां कर रहा है। ये सब, या इनमें से कुछ भी एकसाथ आ जाये तो क्या होगा ? क्या इनका साथ आना मुमकिन है ? कहते है जो सोचा जा सकता है वो सियासत में किया जा सकता है। गजब सियासत है और गजब है हिमाचल में भाजपा का हाल ! 2022 के विधानसभा चुनाव में एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी चुनाव लड़े और हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा जाती हुई सत्ता को तकते रह गए। फिर 2024 में भाजपा का मिशन लोटस भी हिमाचल में फेल हो गया। तब नेताओं के अतिउत्साह और उतावलेपन को लेकर भी सवाल उठे। तीन निर्दलीयों से इस्तीफा क्यों दिलवाया गया ये अब भी रहस्य बना हुआ है। उपचुनाव हुए तो भाजपा के दो नेता कांग्रेस से लड़कर विधानसभा पहुंच गए, तो तीन ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। नतीजन 9 में से 6 सीटों पर हार मिली और एक सीट पर तो जमानत तक नहीं बची। नए नए पार्टी में आये नौ नेता चुनाव लड़ रहे थे और वर्षों पुराने निष्ठावान मुँह तक रहे थे। इतना होने पर भी सत्ता मिल जाती, तो कुछ और बात होती ..मगर भाजपा के हिस्से आई सिर्फ तोहमत और कार्यकर्ताओं की हताशा ! अब मंडल नियुक्तियों में उपेक्षा के आरोप लगते हुए पूर्व मंत्री रमेश चंद ध्वाला ने तेवर दिखाएँ है, नाराज कार्यकर्ताओं की सभा बुलाई है। तीसरे मोर्चे के संकेत देते हुए ध्वाला भाजपा की चिंता बढ़ाते दिख रहे है। संभव है ध्वाला भाजपा के तमाम नाराज नेताओं को एकसाथ लाने की मुहीम में जुटेंगे और यदि ऐसा कर पाए, तो भाजपा में नया बखेड़ा तय है। विशेषकर उन हलकों में जहां भाजपा ने आयातित नेताओं को पुराने निष्ठावानों पर तवज्जो दी है। हालांकि उनके साथ कौन हाथ मिलाता है और कौन इस सब के बाद भी भाजपा में डटा रहता है ये बाद की बात है। वैसे इसको लेकर एक सुगबुगाहट और भी है। एक वर्ग इसे प्रेशर पॉलिटिक्स का पैंतरा भी मानता है, ताकि संगठन की सरदारी उसी गुट के हिस्से आएं जो उपेक्षा का दर्द बयां कर रहा है। क्या ऐसा हो सकता है, ये सियासत है यहाँ कुछ भी मुमकिन है !
आज यानी 30 जनवरी को सोने की कीमत ने नया रिकॉर्ड बना लिया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना पहली बार 81,006 रुपए के स्तर को पार कर गया। पिछले 30 दिनों में सोने के दाम में 4,844 रुपए की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, चांदी की कीमत भी 920 रुपए बढ़कर 91,600 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। सोने-चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव 76,162 रुपए था, जो अब बढ़कर 81,006 रुपए हो गया है। इसी तरह, चांदी की कीमत 86,017 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 91,600 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। चांदी ने 23 अक्टूबर 2024 को अपना ऑल-टाइम हाई 99,151 रुपए प्रति किलो पर बनाया था। क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम? अमेरिका और UK में ब्याज दरों में कटौती से गोल्ड ETF की खरीदारी बढ़ी। डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने से सोना महंगा हुआ। महंगाई में वृद्धि से सोने की कीमतों को सपोर्ट मिला। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक गोल्ड में निवेश बढ़ा रहे हैं। वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितताओं के चलते सोने की मांग बढ़ी। कहां कितने में मिल रहा सोना? दिल्ली: 22 कैरेट – ₹76,250, 24 कैरेट – ₹83,170 मुंबई: 22 कैरेट – ₹76,100, 24 कैरेट – ₹83,020 कोलकाता: 22 कैरेट – ₹76,100, 24 कैरेट – ₹83,020 चेन्नई: 22 कैरेट – ₹76,100, 24 कैरेट – ₹83,020 भोपाल: 22 कैरेट – ₹76,150, 24 कैरेट – ₹80,070
हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग में सिंगल विंडो सिस्टम और वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) परियोजना को सरकार से व्यय स्वीकृति मिल गई है। इस प्रोजेक्ट पर 13.33 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार की मंजूरी के बाद, यह कार्य हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन को सौंप दिया गया है, जो अब इस सिस्टम को डिजाइन और विकसित करेगा। सुविधाओं में बड़ा बदलाव इस पहल से आयोग की भर्ती प्रक्रिया में डिजिटलीकरण और पारदर्शिता बढ़ेगी। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत विभिन्न विभागों, निगमों और बोर्डों की भर्ती संबंधी रिक्विजिशन (डिमांड) को सीधे ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जा सकेगा। इससे भर्ती प्रक्रिया के दौरान होने वाले लंबे पत्राचार की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। अभ्यर्थियों के लिए राहत बार-बार दस्तावेज अपलोड करने की झंझट खत्म होगी। आवेदन से लेकर परीक्षा और भर्ती तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन मोड में पारदर्शी तरीके से संचालित होगी। भर्ती प्रक्रिया में तेजी और दक्षता आएगी। पोर्टल की डिजाइन और तकनीकी औपचारिकताएं लगभग पूरी कर ली गई हैं। विस्तृत रिपोर्ट को कार्मिक विभाग से मंजूरी मिल चुकी है, और जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा।
क्या संगठन की सरदारी को हो रही है प्रेशर पॉलिटिक्स? लगातार बगावत थामने में नाकाम हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा! वीरेंद्र कँवर, रमेश चंद ध्वाला, डॉ राम लाल मारकंडा, राजेश ठाकुर, बलदेव शर्मा, प्रवीण शर्मा, कृपाल परमार, तेजवंत नेगी, ये फेहरिस्त लंबी है। इन नेताओं में से कुछ पूर्व विधायक रहे, कुछ तो मंत्री भी रहे... मगर अधिकांश धूमल गुट से माने जाते हैं। कोई अब भी भाजपा में है तो कोई बागी हो चुका है। कोई खुलकर नाराजगी व्यक्त कर रहा है, कोई अनुशासन की सीमा में रहकर, तो किसी का मौन भी बहुत कुछ बयां कर रहा है। ये सब, या इनमें से कुछ भी एकसाथ आ जाए तो क्या होगा? क्या इनका साथ आना मुमकिन है? कहते हैं, जो सोचा जा सकता है, वो सियासत में किया जा सकता है। गजब सियासत है और गजब है हिमाचल में भाजपा का हाल! 2022 के विधानसभा चुनाव में एक तिहाई सीटों पर भाजपा के बागी चुनाव लड़े और हिमाचल भाजपा के सर्वेसर्वा जाती हुई सत्ता को तकते रह गए। फिर 2024 में भाजपा का मिशन लोटस भी हिमाचल में फेल हो गया। तब नेताओं के अतिउत्साह और उतावलेपन को लेकर भी सवाल उठे। तीन निर्दलीय से इस्तीफा क्यों दिलवाया गया, ये अब भी रहस्य बना हुआ है। उपचुनाव हुए तो भाजपा के दो नेता कांग्रेस से लड़कर विधानसभा पहुंचे, तो तीन ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। नतीजतन 9 में से 6 सीटों पर हार मिली और एक सीट पर तो जमानत तक नहीं बची। नए-नए पार्टी में आए नौ नेता चुनाव लड़ रहे थे और वर्षों पुराने निष्ठावान मुँह तक रहे थे। इतना होने पर भी सत्ता मिल जाती, तो कुछ और बात होती... मगर भाजपा के हिस्से आई सिर्फ तोहमत और कार्यकर्ताओं की हताशा! अब मंडल नियुक्तियों में उपेक्षा के आरोप लगते हुए पूर्व मंत्री रमेश चंद ध्वाला ने तेवर दिखाए हैं, नाराज कार्यकर्ताओं की सभा बुलाई है। तीसरे मोर्चे के संकेत देते हुए ध्वाला भाजपा की चिंता बढ़ाते दिख रहे हैं। संभव है ध्वाला भाजपा के तमाम नाराज नेताओं को एकसाथ लाने की मुहिम में जुटेंगे और यदि ऐसा कर पाए, तो भाजपा में नया बखेड़ा तय है। विशेषकर उन हलकों में, जहाँ भाजपा ने आयातित नेताओं को पुराने निष्ठावानों पर तवज्जो दी है। हालांकि, उनके साथ कौन हाथ मिलाता है और कौन इस सब के बाद भी भाजपा में डटा रहता है, ये बाद की बात है। वैसे इसको लेकर एक सुगबुगाहट और भी है। एक वर्ग इसे प्रेशर पॉलिटिक्स का पैंतरा भी मानता है, ताकि संगठन की सरदारी उसी गुट के हिस्से आए, जो उपेक्षा का दर्द बयां कर रहा है। क्या ऐसा हो सकता है? ये सियासत है, यहाँ कुछ भी मुमकिन है!
**कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते मुख्यमंत्री **नेताओं की नाराज़गी बनी भाजपा की चुनौती कांगड़ा... 15 विधानसभा क्षेत्रों वाला यह जिला वह तोता है जिसमें राजनीतिक दलों की जान अक्सर अटकी रहती है। हिमाचल की सत्ता पर काबिज़ होना है तो कांगड़ा की सियासी फ़िज़ाओं का रुख अपनी तरफ़ मोड़ना ही होगा। यही वजह है कि अक्सर भाजपा और कांग्रेस इस जिले और यहां की जनता को अपने पाले में लाने की जद्दोजहद में रहते हैं और एक-दूसरे पर इसकी अनदेखी के आरोप भी लगाते हैं। फिलहाल कांग्रेस सत्ता में है, तो ज़्यादातर कटघरे में खड़ी भी वही दिखती है। सवाल पूछा जाता है कि आखिर सरकार ने कांगड़ा के लिए किया क्या... पिछले दो वर्षों से भाजपा ने इस सवाल को अपना हथियार बना लिया है। सुक्खू कैबिनेट में कांगड़ा के मंत्रियों की संख्या अपेक्षाकृत कम होना भी कांग्रेस के खिलाफ ही गया। हालांकि, बीते दिनों मुख्यमंत्री के शीतकालीन प्रवास ने काफी हद तक भाजपा के इस सवाल का जवाब दे दिया है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री का यह दौरा कांगड़ा में कांग्रेस की स्थिति को बेहतर करने में कारगर साबित हो सकता है। दरअसल, मुख्यमंत्री पूरी सरकार को लेकर कांगड़ा पहुंच गए थे। उन्होंने पूरे 10 दिनों तक सरकार कांगड़ा से चलाई। धर्मशाला में अधिकारियों के साथ ज़रूरी चर्चाएं हुईं, बैठकें हुईं, यहाँ तक कि कैबिनेट की बैठक भी धर्मशाला में आयोजित हुई। मुख्यमंत्री कांगड़ा के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में गए, लोगों की समस्याएं सुनीं और मौके पर ही उनका निपटारा किया। करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया गया। यहाँ तक कि इस बार राज्य स्तरीय पूर्ण राज्यत्व दिवस का आयोजन भी कांगड़ा के बैजनाथ में किया गया। जिन सरकारी कामों के लिए कांगड़ा की जनता को शिमला के चक्कर काटने पड़ते थे, मुख्यमंत्री ने उन्हें कांगड़ा में ही करवाने की कोशिश की। साफ़ शब्दों में कहें तो मुख्यमंत्री का यह शीतकालीन प्रवास सरकारी तो था, लेकिन इसकी राजनीतिक छाप गहरी होगी, यह तय है। अब यह कांग्रेस के लिए कारगर कैसे होगा, वह आपको बताते हैं। धर्मशाला में शीतकालीन प्रवास की यह परंपरा हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शुरू की थी। तब विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला में आयोजित होता था और मुख्यमंत्री का कार्यालय पूरे एक महीने के लिए शहर में शिफ्ट कर दिया जाता था। इस पहल का उद्देश्य था कि दूरदराज़ के वे लोग, जो शिमला नहीं आ सकते थे, उनकी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो सके। मगर पिछले 15 सालों से यह परंपरा मानो ठंडे बस्ते में चली गई थी। विधानसभा का शीतकालीन सत्र तो धर्मशाला में होता रहा, मगर मुख्यमंत्री कार्यालय यहाँ शिफ्ट नहीं किया गया। आखिरी बार वीरभद्र सिंह ने ही धर्मशाला में कैबिनेट की बैठक की थी। अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर इस परंपरा को शुरू किया है। भले ही बहुत कम दिनों के लिए, लेकिन धर्मशाला को वास्तव में शीतकालीन राजधानी जैसा रूप दिया गया। 10 दिनों तक कांगड़ा प्रवास पर रहकर मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया कि कांगड़ा उनके लिए कितना महत्वपूर्ण है। इससे पहले कि भाजपा कुछ समझ पाती, मुख्यमंत्री आए और कांगड़ा को अपना बताकर निकल गए। वैसे देखा जाए तो यह एकमात्र घटना नहीं है जिससे कांगड़ा में कांग्रेस की जड़ें मज़बूत होती दिख रही हैं। उपचुनावों में मुख्यमंत्री ने अपनी धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर को देहरा से चुनावी मैदान में उतारा और वह चुनाव जीत भी गईं। इसके बाद देहरा को खूब सौगातें मिलीं... देहरा में मुख्यमंत्री कार्यालय तक खोला गया। बता दें कि यह सौभाग्य तो मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा क्षेत्र नादौन को भी प्राप्त नहीं हुआ। कांगड़ा को 'टूरिज्म कैपिटल' बनाना भी घोषित किया गया है । स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार कांगड़ा पर खूब प्यार बरसा रही है। हालांकि, अब भाजपा के लिए समस्या जरूर खड़ी हो गई है। अब तमाम सवाल भाजपा पर दागे जाएंगे कि आखिर भाजपा ने कांगड़ा को क्या दिया? भले ही भाजपा विपक्ष में है, मगर भाजपा संगठन में कांगड़ा को कितनी तवज्जो दी जा रही है, यह बात मायने रखती है। दरअसल, जल्द ही भाजपा भी प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति करने वाली है। मांग उठ रही है कि इस बार कांगड़ा से किसी नेता को यह पद दिया जाए। यदि भाजपा ऐसा करती है, तो यह कांगड़ा में उसकी जड़ों को मजबूत कर सकता है, लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ, तो आगामी चुनावों में उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। वैसे बता दें कि इन दिनों कांगड़ा में भाजपा की तरफ़ दबे पांव एक और बड़ी चुनौती भी आती दिख रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता रमेश चंद ध्वाला की नाराजगी और अन्य असंतुष्ट नेताओं के साथ उनकी गुप्त बैठकों की खबरें पार्टी के लिए एक और सिरदर्द बन रही हैं। यदि भाजपा इन अंतर्विरोधों को समय रहते सुलझाने में नाकाम रहती है, तो कांग्रेस का बढ़ता प्रभाव कांगड़ा में भाजपा को और कमजोर कर सकता है।
नशे के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जिला सिरमौर पुलिस थाना नाहन के तहत पुलिस ने चिट्टे और नकदी समेत 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक आरोपी ने अपने घर की दीवारों पर पुलिस के खिलाफ अपशब्द में भी लिखे हुए थे। जिला पुलिस की एसआईयू टीम गश्त के दौरान नाहन में मौजूद थी। इस बीच पुलिस टीम को गुप्त सूचना मिली कि साहिल वर्मा (22) और आर्यन तोमर (22), निवासी मोहल्ला ढाबों नाहन अपने आवासीय मकान में नशे का कारोबार करते हैं। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घर में दबिश दी और दोनों आरोपियों के कब्जे से कुल 8.5 ग्राम चिट्टा के साथ 3,050 रुपये के करेंसी नोट भी बरामद किए। पुलिस ने पाया कि आरोपी आर्यन तोमर के घर की दीवारों पर पुलिस के लिए अपशब्द भी लिखे थे। एसएसपी सिरमौर रमन कुमार मीणा ने बताया कि आरोपी साहिल वर्मा व आर्यन तोमर को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। तफ्तीश के दौरान एक आरोपी आर्यन के घर की दीवारों पर पुलिस के लिए लिखे गए अपशब्दों को साझा नहीं किया जा सकता है और इस मामले में पुलिस उचित कार्रवाई कर रही है।
सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में नप गए कानून के आठ रखवाले हिमाचल प्रदेश के पूर्व आईजी जहूर जैदी अब कैदी है, उम्र कैद की सजा काट रहे है। ये साबित करता है कि कानून सबको एक निगाह से देखता है। भले ही अपराधी कितना ही बड़ा ओहदेदार हो और पीड़ित कितना भी आम। सूरज कस्टोडियल डेथ मामले में कानून के आठ रखवाले अब उम्रकैद काटेंगे। हिमाचल की एक नाबालिग बेटी गुड़ियाँ के रेप एंड मर्डर केस में निर्दोष लोगों को फसाना और फिर लॉकअप में पुलिस की पिटाई से एक नेपाली युवक सूरज की कस्टडी में मौत होने के मामले ने आईजी रैंक के अफसर जहूर जैदी सहित आठ दोषी पुलिस वालों का करियर बर्बाद कर दिया। आईजी जहूर जैदी के नेतृत्व में गुड़ियाँ को इन्साफ दिलवाने का जिम्मा जिस एसआईटी को दिया गया था, उसने पुलिस के मुँह पर ऐसी कालिख पोती कि हिमाचल में जब भी पुलिस के काले कारनामो की बात होगी, इस मामले का जिक्र किया जायेगा। पुलिस पदक से भी सम्मानित हैं जहूर जैदी आईजी जहूर जैदी 1994 बैच के हिमाचल कैडर के आईपीएस ऑफिसर हैं। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग और पुलिस मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री की है। 2010 में उन्हें उत्कृष्ट सेवाओं के लिए पुलिस पदक से भी सम्मानित किया है। अपने सेवाकाल के दौरान उन्होंने आईजी ट्रैफिक का पदभार भी संभाला था। इसके अलावा 2017 में उन्हें आईजी लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया था। गुड़िया रेप एंड मर्डर केस के दौरान गठित एसआईटी का हेड उन्हें नियुक्त किया गया था। गुड़िया रेप एंड मर्डर केस से जुड़ा है मामला चार जुलाई 2017 को शिमला के कोटखाई इलाके में दसवीं की एक छात्रा स्कूल से घर के लिए चली, लेकिन रास्ते में उसके साथ दरिंदगी की गई। दुष्कर्म के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। दो दिन बाद उसकी लाश मिली। इस घटना को गुड़िया रेप एंड मर्डर केस का नाम दिया गया। तत्कालीन वीरभद्र सिंह पर दबाव पड़ा तो तुरंत आईजी रैंक के अफसर की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई, जिसका मुख्या आईजी जहूर जैदी को बनाया गया किया। इस बीच 12 जुलाई को राज्य के सीएम के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर तथाकथित आरोपियों के फोटो शेयर हुए, जिन्हें कुछ ही देरी में हटा लिया गया। इसके बाद 13 जुलाई 2017 को एसआईटी ने आरोपियों को पकड़ने का दावा किया और डीजीपी के साथ प्रेस वार्ता में जांच का खुलासा किया। उस समय आईजी जहूर जैदी ने गुड़िया रेप एंड मर्डर केस को निर्भया से जटिल केस बताया था, लेकिन बाद में कथित आरोपी सूरज की कोटखाई थाने के लॉकअप में हत्या हो गई। 14 जुलाई को पुलिस जांच के तरीके से नाराज लोगों ने ठियोग में विरोध प्रदर्शन किया, घबराई राज्य सरकार ने अगले ही दिन सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की। जनवरी 2023 में हुई थी जैदी की सेवाएं बहाल 29 अगस्त 2017 को सीबीआई ने आईजी जैदी व आठ अन्य पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद 16 नवंबर 2017 को सीबीआई ने शिमला के एसपी रहे डीडब्ल्यू नेगी को कस्टोडियल डैथ मामले में गिरफ्तार किया। जहूर जैदी को सुप्रीम कोर्ट से 5 अप्रैल 2019 को जमानत मिली थी। ट्रायल कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद वे फिर से न्यायिक हिरासत में रहे। जैदी कुल 4 साल 3 महीने हिरासत में रहे। अक्टूबर 2022 में जहूर जैदी को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने नियमित जमानत दी थी। वर्ष 2019 में कस्टोडियल डेथ मामले में ट्रायल के दौरान जैदी सहित दो अन्य अफसरों का निलंबन बहाल किया गया था। तब राज्य में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में भाजपा सरकार थी। iske bad 27 जनवरी 2023 को सुखविंदर सरकार के कार्यकाल में जैदी की सेवाएं बहाल की गई थी। जबकि शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी को 18 अप्रैल 2019 को 17 महीने जेल में बिताने के बाद जमानत मिली थी और अब सीबीआई की चंडीगढ़ अदालत ने उन्हें इस मामले में बरी कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश में 1088 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती के लिए साउथ रेंज शिमला और सेंट्रल रेंज मंडी के नौ जिलों में फिजिकल स्टैंडर्ड टेस्ट (PST) और फिजिकल एफिशिएंसी टेस्ट (PET) का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। यह प्रक्रिया 6 फरवरी से शुरू होकर 28 मार्च तक चलेगी। कांगड़ा, चंबा और ऊना जिलों का शेड्यूल बाद में जारी किया जाएगा। जिलावार ग्राउंड टेस्ट की तिथियां मंडी: 6 से 16 फरवरी (थर्ड IRBN पंडोह) बिलासपुर: 20 से 24 फरवरी (लुहणू मैदान) हमीरपुर: 28 फरवरी से 5 मार्च (सिंथेटिक ट्रैक अणु) कुल्लू: 7 से 11 मार्च (पुलिस लाइन कुल्लू) लाहौल-स्पीति: 12 मार्च (पुलिस लाइन कुल्लू) सिरमौर: 11 से 20 फरवरी (चंबा ग्राउंड, नाहन) सोलन: 25 फरवरी से 6 मार्च (पुलिस लाइन सोलन, 26 फरवरी को अवकाश) शिमला: 11 से 22 मार्च (पुलिस लाइन भराड़ी, 14 मार्च को अवकाश) किन्नौर: 27 और 28 मार्च (मिनी स्टेडियम, कल्पा) टेस्ट सुबह 7 बजे से शुरू होंगे। पहले महिला अभ्यर्थियों का परीक्षण होगा, उसके बाद पुरुषों की बारी आएगी। कुल 1,27,770 आवेदन प्राप्त पुलिस कांस्टेबल के 1088 पदों के लिए 1,27,770 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है, जिनमें 88,202 पुरुष और 39,568 महिलाएं शामिल हैं। इन पदों में 708 पुरुष और 380 महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। ग्राउंड टेस्ट की प्रक्रिया ग्राउंड टेस्ट में 100 मीटर की दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद, और अन्य शारीरिक दक्षता परीक्षण होंगे। अभ्यर्थियों की लंबाई और दस्तावेजों की जांच भी होगी, जिसे कैमरों में रिकॉर्ड किया जाएगा। डोप टेस्ट भी अनिवार्य होगा। लिखित परीक्षा और वेतनमान ग्राउंड टेस्ट के बाद 90 अंकों की लिखित परीक्षा होगी, जिसमें निगेटिव मार्किंग भी लागू होगी। चयनित अभ्यर्थियों को लेवल-3 के 20,200 से 64,000 रुपये वेतनमान में नियुक्त किया जाएगा।यह