मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि शिवा आयुर्वेदिक निजी मेडिकल काॅलेज चांदपुर में बनाए गए कोरोना केयर सैंटर में मरीजों की सभी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने बताया कि मरीजों के उपचार में लगे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों को मरीजों की देखभाल करने के लिए तैनात किया गया है। विभाग द्वारा मेडिकल अधिकारियों/कर्मचारियों को पूर्ण सतर्कता बरतते हुए उनके बचाव के लिए गुणवतायुक्त पी.पी.ई. किट (व्यक्तिगत सुरक्षा किट), एन-95 मास्क, ट्रिप्पल लेयर मास्क, ग्लब्ज, हैंड सैनीटाईजर इत्यादि उपलब्ध करवाए गए है। उन्होंने बताया कि शिवा आयुर्वेदिक निजी मेडिकल काॅलेज चांदपुर में उपचाराधीन मरीजों और तैनात फ्रंट लाईन स्टाॅफ के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क सुबह का नाशता, दोपहर का भोजन और रात्रि को भी स्वच्छ भोजन और पीने के लिए मिनरल वाॅटर बोतलें उचित मात्रा में उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त उपचाराधीन मरीजों के लिए साबुन, टूथब्रश, पेस्ट, तोलिए इत्यादि भी उपलब्ध करवाए जा रहे है। उन्होंने बताया कि मरीजों और तैनात फ्रंट लाईन वर्कर स्टाॅफ के स्वास्थ्य के दृष्टिगत उचित कदम उठाए जा रहे है। उनके स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार का कोई भी समझौता नहीं किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों की एक सप्ताह की ड्यूटी लगाई जाती है उसके उपरांत उन्हें 14 दिन के लिए जिला के बेहतरीन होटलों में निःशुल्क ठहराने व खाने इत्यादि की व्यवस्था भी की गई है।
नगर के साथ लगती ग्राम पंचायत बांमटा की प्रधान सीमा चंदेल ने हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम बिलासपुर के क्षेत्रीय प्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि परिवहन निगम के बसों के साथ सेवाएं दे रहे चालकों और परिचालकों की जानकारी ग्राम पंचायत बांमटा से साँझा की जाए। उन्होंने बताया कि बामटा पंचायत का क्षेत्र एचआरटीसी कॉलोनी, वर्कशाप के चारों तरफ लगता है। इस पंचायत के 3 वार्ड निहाल, दनोह, कोसरियां, एचआरटीसी कॉलोनी व कार्यशाला से बिल्कुल सटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम ने 1 जून से अपनी बसें चलाने का निर्णय लिया है तो एचआरटीसी कालोनी व कार्यशाला से बाहर से चालकों परिचालकों का आना.जाना शुरू हो जाएगा। सीमा चंदेल ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते किसी भी। संक्रमित होने की संभावना बनी रहती है। जैसा कि उनकी पंचायत के परिचालक जो परिवहन निगम की बस के साथ सेवाएं देकर आए थे, कोविड-19 के संक्रमित पाए गए थे, इससे महामारी फैलने का खतरा पैदा हो गया था। इसलिए किसी भी अवांछित स्थिति से बचने व आपके व प्रशासन के सहयोग के लिए ग्राम पंचायत बामटा पूर्ण सहयोग हेतु सदैव तत्पर है। सीमा चंदेल ने एचआरटीसी प्रषासन से आग्रह किया है कि वह भविष्य में परिवहन निगम में सेवाएं दे रहे चालकों व परिचालकों की जानकारी ग्राम पंचायत बामटा को मुहैया करवाएं ताकि किसी अवांछित व अप्रिय घटना से समय रहते बचा जा सके।
हिमाचल प्रदेश राज्य पत्रकार महासंघ ने प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके एवं वरिष्ठ पत्रकारों को देश के अन्य कितने ही राज्यों की भांति अपनी–पूर्व घोषणाओं पर शीघ्र अमल करते हुए उपयुक्त पेंशन दिए जाने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री को राज्य पत्रकार महासंघ द्वारा दिए गए एक विस्तृत ज्ञापन में पत्रकार महासंघ के राज्य प्रधान जयकुमार ने कहा है कि यद्यपि इससे पूर्व भी मुख्यमंत्री हिमाचल के वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन दिए जाने की घोषणाएँ करते रहे हैं, जबकि स्वयं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी हिमाचल में मुख्यमंत्री का दाईत्व संभालते ही शिमला में आयोजित एक स्वागत समारोह में पत्रकारों को पेंशन दिये जाने की घोषणा की थी, जिस पर अमल किया जाना अभी शेष है। जयकुमार ने कहा कि देश में कितने ही अन्य राज्यों के अतिरिक्त हिमाचल के पड़ोसी राज्य पंजाब ने भी पत्रकारों को 12 हज़ार और हरियाणा में 11 हज़ार मासिक पेंशन दी जा रही है। उन्होने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि हिमाचल के पत्रकारों को भी इस सुविधा को दिये जाने के शीघ्र आदेश दिये जाएँ।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए इस समय पूरा देश एकजुट होकर खड़ा है। इस संकट की घड़ी में लोग भरपूर सहयोग प्रदान करने के लिए आगे आ रहे हैं। इस विकट परिस्थिति से उबरने के लिए राम प्रताप दाखा देवी चेत राम धमार्थ न्यास हिमाचल प्रदेश द्वारा उपायुक्त राजेश्वर गोयल को एच.पी.कोविड-19 सोलीडिटरी रिस्पोंस फंड में 1 लाख रूपये तथा पी.एम. केयर फंड में 51 हजार रुपये का चैक भेंट किया। ट्रस्ट द्वारा जिला बिलासपुर के विभिन्न स्थानों पर लोगों की सुविधा के लिए आठ सैंसर आधारित हैंड सैनिटाईजर मशीनें भी लगवाई गई है ताकि लोग बिना स्पर्श किया स्वचालित मशीनों द्वारा अपने हाथ सैनिटाईज कर सके। इसके अतिरिक्त ट्रस्ट द्वारा आई.जी.एम.सी. शिमला में भी लगभग 1 लाख रुपये से थर्मल स्क्रेनर भी लगवाया गया है। ट्रस्ट द्वारा कोरोना योद्धाओं को सम्मानित करने की श्रृंखला में शिमला 230 स्वच्छता कर्मियों को कंबल भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ट्रस्ट के सचिव व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्राण कार्यवाह किस्मत कुमार, अध्यक्ष सरदार गुरूदयाल सिंह व उपाध्यक्ष इन्द्र सिंह डोगरा उपस्थित रहे।
गत तीन माह से रिक्त चले जिला लोक सम्पर्क अधिकारी बिलासपुर के पद पर कृष्ण पाल ने जिला लोक सम्पर्क अधिकारी बिलासपुर का कार्यभार संभाल लिया। इससे पहले कृष्ण पाल सुदंरनगर में बतौर सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी के पद पर तैनात थे। बिलासपुर में वह पदोन्नत होकर जिला।लोक सम्पर्क अधिकारी के पद आए है। उन्होंने सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग में अपनी पहली तैनाती बतौर सहायक।लोक सम्पर्क अधिकारी निदेशालय में 1 जून, 2007 को दी थी। उसके उपरांत उन्होंने उप मण्डल जोगिन्द्र नगर में लगभग पांच वर्ष कार्य किया, उसके।उपरांत जिला मुख्यालय मण्डी में लगभग चार वर्ष सेवाएं दी, तदोपरांत जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन में कार्य किया। नाहन से स्थानांनतरण उपमण्डल सुदंरनगर में कार्य संभाला। सुदंरनगर से पदोन्नत होकर 29 मई को जिला लोक सम्पर्क अधिकारी बिलासपुर का कार्यभार संभाला।
श्री नयना देवी विस क्षेत्र के लिए नावार्ड और विधायक प्राथमिकता कोटे से कोरोड़ों की राशि मंजूर हुई है। इस राशि से सड़क और पुलों का निर्माण किया जाएगा। यह जानकारी देते हुए विधायक रामलाल ठाकुर ने बताया कि क्षेत्र के विकास उनकी प्राथमिकता है। हर क्षेत्र में लोगों को सड़क सुविधा मिले इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। ठाकुर ने बताया कि नावार्ड के तहत श्री नयना देवी विस क्षेत्र के गांव घोड़ी से सायर सड़क 2.8 किमी के लिए 2.60 करोड़ मंजूरी मिली है। ठाकुर ने बताया कि विधायक प्राथमिकता निधि के तहत मैथी से सैकली और गंभरौला खड्ड के पुल की डीपीआर के लिए 5.93 करोड़ की मंजूरी मिली है। जबकि गलुआ से चलैहला सड़क के लिए 4.92 करोड़ की डीपीआर मंजूर की गई है। जबकि दयोथ लागघाट जामली सड़क की डीपीआर के 5.25 करोड़ मंजूर हुई है। ठाकुर ने कहा कि क्षेत्र का विकास उनकी प्राथमिता है। उन्होंने कहा श्री नयना देवी क्षेत्र में हर गांव व व्यक्ति का विकास हो इसके लिए वह लगातार कार्य कर रहे है। उन्होंने उक्त सड़कों और पुल के बनने के क्षेत्र के और विकास होगा। ठाकुर ने कहा कि श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र में विकास के कार्यो को लेकर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा। श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र के हर कार्य के लिए उनकी प्राथमिकता पहले भी रही है और आगे भी रहेगी।
बिलासपुर सदर के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बंबर ठाकुर ने कहा है कि अली खड्ड पर बने जबल पुल के समीप मारकंड-माकड़ी पंचायत के गाँव संदौली में एक नाले पर निर्मित किए जाने वाले कल्वर्ट के दोनों ओर की विंग वाल्स पिछले कई वर्षों से लाखों रुपए खर्च करके निर्मित की जा चुकी हैं, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार और इसके नेताओं तथा संबन्धित विभाग की लापरवाही के कारण लोगों की कठिनाइयों व समस्याओं की खुली अवहेलना करते हुए इस अधूरे पड़े कार्य को पूरा करने के लिए कल्वर्ट पर स्लैब तक नहीं डाला गया है, जिस कारण लोग भारी मुसीबतों का सामना करने को विवश है। बंबर ठाकुर ने कहा कि पिछले दिन उन्होने इस क्षेत्र का दौरा किया और ग्रामीणों ने विभिन्न समस्याओं के बार में उन्हें अवगत करवाते हुए उनके शीघ्र निराकरण करवाने का आग्रह किया है। बंबर ठाकुर ने कहा कि उन्होने विधायक रहते इस कल्वर्ट के लिए 4.50 लाख रुपए स्वीकृत करवाए थे, किन्तु न जाने फिर भी इस अधूरे पड़े कल्वर्ट को पूरा करने में इतनी लापरवाही क्यूँ बरती जा रही है। उन्होने कहा कि अब बरसात का मौसम शुरू होने वाला है और कोरोना के बाद स्कूल के बच्चों को इस पुली के अभाव में आर- पार आना -जाना कठिन हो जाएगा। बंबर ठाकुर ने कहा कि संदोली से बरोग, ठोडु, मंगरोट, मकड़ोग उठाऊ सिंचाई योजना काफी समय से खराब पड़ी हुई है, जिस कारण इन सभी गांवों के किसानों की सिंचित होने वाली भूमि बंजर पड़ी है और किसानों को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। उन्होने कहा कि इस स्कीम की मोटरें कुछ वर्ष पूर्व चोरी हो गई थी इसलिए नई मोटरें स्थापित करने के लिए और स्कीम को सुचारु रूप से चलाने के लिए उन्होने 18 लाख रुपए स्वीकृत करवाए थे, किन्तु वह पैसा भी खर्च नहीं किया गया है और स्कीम को चालू न करने से किसान मटर, अदरक और टमाटर आदि फसलें न उगा पाने के कारण भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ी है। उन्होने खेद व्यक्त किया कि जिन योजनाओं व कार्यों के लिए कांग्रेस सरकार ने धन उपलब्ध करवा कर निर्माण कार्य शुरू करवा दिया था, वे भी अधूरे पड़े हैं और उन्हें जान -बूझ कर पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होने कहा कि सरकार लोगों की कठिनाइयों के प्रति बिलकुल भी गंभीर नहीं दिख रही है और लोग विभिन्न कठिनाइयाँ व परेशानिया झेलने को विवश हो रहे हैं। उन्होने सरकार को चेतावनी दी कि यदि इन कार्यों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो वे कोरोना संपात होने पर संबन्धित ग्रामीणों को साथ लेकर संघर्ष करने एवं सड़कों पर उतरने के लिए विवश होंगे, जिसका सारा उत्तरदायित्व सरकार पर होगा।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ० प्रकाश दरोच ने बताया कि जिला से अब तक 1885 लोगों के सैंपल कोविड-19 के लिए लैब जांच के लिए आई जी एम सी शिमला भेजे गए, उनमें से 1749 सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं और 18 की रिपोर्ट अभी तक पाॅजिटिव आई है और इनमें से 7 ठीक हो गए हैं। शेष 118 सैंपलों की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि आज कल बाहर से बहुत ज्यादा संख्या में लोग अपने-अपने घरों को आ रहें हैं सभी की बार्डर पर स्वास्थ्य जांच की जा रही है और जो रैड जोन क्षेत्र से आ रहे हैं उन्हें इनस्टीचयूशनल क्वारनटाईन में रखा जा रहा है और 5 से 7 दिनों के अन्दर उनका कोरोना टैस्ट किया जा रहा है और नैगेटिव आने पर ही उन्हें होम क्वारंटाईन में भेजा जा रहा है। उन्होंने होम क्वारंटाईन के बारे में दिशा निर्देश देते हुए बताया कि व्यक्ति को चाहिए कि वे हवादार एक कमरे में रहें जिसमें कि पृथक शौचालय साथ हो को प्राथ्मिकता दी गई है। अगर उसी कमरे में कोई दूसरा परिवार का सदस्य ठहरा हो तो वह आपस में कम से कम एक मीटर की दूरी अवश्य बनाए रखें। घर के भीतर बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं, बच्चों व सह बीमारी वाले व्यक्ति दूर रहें। घर में केवल अपने कमरे तक ही सीमित रहें। किसी भी स्थिति में सामाजिक, धार्मिक, शादी व शोक मनाने इत्यादि जगहों पर न जाएं। उसे हमेशा सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का पालन करना चाहिए अपने हाथों को हमेशा साबुन, पानी से अच्छी तरह धोएं या एल्कोहल युक्त सेनेटाइजर का उपयोग करें। उन्होंने बताया कि घरेलू वस्तुओं जैसे गिलास, कप, खाना खाने के बर्तन, तौलिया, बिस्तर इत्यादि को दूसरों के साथ सांझा न करें। हर समय मास्क पहने, मास्क को प्रत्येक 6 से 8 घण्टे में बदलें और उसका सही निपटारा करें। प्रयोग किए गए मास्क को पुनः उपयोग में न लाएं। मरीजों के द्वारा/देखभाल करने वाले/निकट संपर्क वाले लोगों द्वारा घर में देखभाल के दौरान प्रयोग किए गए मास्क का निपटारा ब्लीचिंग घोल 5 प्रतिशत या 1 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइड घोल से विसंक्रमित करने के पश्चात उसे जला दे या गहरा दबा दें। प्रयोग किए गए मास्क पूरी तरह से संक्रमित हो जाते हैं। यदि खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ के लक्षण हों तो उसे नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में सम्पर्क करें।
अगर स्वास्थ्य घोटाले की न्यायिक जांच न हुई तो सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस : अंजना धीमान
बिलासपुर जिला कांग्रेस कमेटी ने जिला प्रधान अंजना धीमान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने कोविड 19 कोरोना वायरस के दौर में स्वास्थ्य विभाग में हुए लाखों रूपये के घोटाले की किसी न्यायाधीश से न्यायिक जांच नही करवाई करवाई तो कांग्रेस सरकार के खिलाफ सडकों पर उतरने पर बाध्य होगी। यहां पर कांग्रेसी नेताओं ने पूर्व वन मंत्री ठाकुर राम लाल के नेतृत्व में उपायुक्त राजेश्वर गोयल के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया। इस अवसर पर ठाकुर राम लाल ने कहा कि कोविड 19 कोरोना वायरस के दौर में जहां लोगों ने इस कठिन परिस्थितियों का सामना करने के लिए सरकार को करोडों रूपये की राशि दान के रूप में सरकार को दी। वहीं स्वास्थ्य विभाग पीपीई किट के नाम पर लाखों रूपये के घोटाले हुए हैं। जिससे हिमाचल जैसी देवी भूमि शर्मसार हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य एवं गृह विभाग मु यमंत्री के पास है। इस मामले में भाजपा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का अपने पद से त्याग पत्र देना व स्वास्थ्य विभाग के निदेशक की गिर तारी भाजपा की भ्रष्टाचार की जीरो टोलरेंस का उदाहरण है। इस अवसर पर पर पूर्व सांसद सुरेश चंदेल व कांग्र्रेस के राष्ट्रीय सचिव राजेश धर्माणी तथा जिला कांग्रेस अध्यक्ष अंजना धीमान ने भी सरकार से इस मामले की उच्च न्यायालय के जज से न्यायिक जांच किसी जज से करवाने की मांग की है। ताकि दूध का दूध व पानी का पानी हो सकेे। इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेेसी नेता तेजस्वी शर्मा, श्री नयना देवी ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष अमरजीत सिंह बंग्गा, संदीप सां यान सहित अन्य प्रमुख नेता मौजूद रहे।
सोमवार को हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड इंप्लाइज यूनियन बिलासपुर इकाई द्वारा बिजली बिल संशोधन 2020 का विरोध काले बिल्ले लगाकर किया। अपना विरोध व्यक्त करते हुए भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए सब डिवीजन, इलेक्ट्रीकल डिवीजन बिलासपुर और एमएंडटी सर्कल में इस प्रकार केकार्यक्रम का आयोजन किया गया। यूनियन प्रधान यशवंत चौहान की अगवाई में आयोजित इस प्रदर्शन की जानकारी दते हुए उन्होंने बताया कि इस बिल के आने से आम आदमी पर काफी बोझ पड़ेगा। बिजली कानून 2003 में जिन संशोधनों को केंद्र सरकार अधिकतर राज्य सरकारों व बिजली कर्मियों तथा अभियंताओं के विरोध के चलते वर्ष 2014 से अब तक लागू नहीं कर पाई है, लिहाजा अब उसे केंद्रीय उर्जा मंत्री अब इस महामारी के बीच में बिजली संशोधन बिल 2020 में पारित करने की जल्दी में है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के बीच जब सरकारी कार्यालय लॉक डाउन के चलते आंशिक रूप से खुल चुके हैं, ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा इस ड्राफ्ट बिल पर जिस तीव्रता से कार्यवाही की है। उसे लगता है कि सरकार आपकी सामाजिक दूरी की बंदिश का लाभ उठाते हुए बिजली कंपनियों के निजी करण का रास्ता प्रशस्त करने जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संशोधन के कानून बनने से जहां बिजली बोर्ड कंपनी के वितरण कार्यों में छोटी-छोटी कंपनियों को फ्रेंचाइजी के आने से इस के निजी करण का रास्ता प्रशस्त हो जाएगा। वहीं बिजली मापने के लिए जगह जहां इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों बिजली के अलग-अलग करने से बिजली उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, क्रॉस सब्सिडी के खत्म हो जाने से जहां घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में कई गुणा बढ़ोतरी होगी, वहीं डीबीटी प्रक्रिया के चलते विद्युत उपभोक्ताओं को निर्धारित दरों पर ही बिजली बिलों का भुगतान करना पड़ेगा और सब्सिडी की राशि बाद में खाते में डाली जाएगी। यशवंत चैहान ने कहा कि सब लाइसेंस वाले क्षेत्रों में अपनी भागीदारी करेंगे और इन क्षेत्रों के निजी हाथों में जाने से एक ओर जहां कार्यरत कर्मचारियों की सेवा शर्ते प्रभावित होंगी वहीं बोर्ड के लगभग 25000 से अधिक पेंशनरों की पेंशन की अदायगी पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिजली संशोधन कानून 2020 राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारी बिजली उपभोक्ता विरोधी है। इस लड़ाई के खिलाफ एकजुट हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस बिल के विरोध में जनता का सहयोग भी अपेक्षित है। इस प्रदर्षन में सचिव जोगेंद्र सिंह, राजेंद्र कुमार, सुखराम, सुरेश, अनिल, पवन, उर्मिला, सोनिया, अनिल कुमार आदि मौजूद रहे।
आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व संसदीय सचिव राजेश धर्माणी ने भाजपा सरकार पर करारे प्रहार करते हुए कहा कि इस समय प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज दिख नहीं रही है और ऐसा लगता है मानो सारा काम राम -भरोसे ही छोड़ दिया गया है। उन्होने कहा कि कोरोना महामारी लाक-डाउन एवं कर्फ़्यू में सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं, कर्मचारियों, पेंशनरों, दुकानदारों, छोटे से लेकर बड़े उद्दयमियों, किसानों, बागवानों, फिल्मी कलाकारों, देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले वीर सैनिकों, मजदूरों व श्रमिकों तथा किसानों सहित सभी वर्गों ने इस भयानक बीमारी से लड़ने के लिए अपनी- अपनी क्षमता के अनुसार सरकार को आर्थिक सहयोग किया है, जबकि इस दौरान सभी काम-धंधे बंद हो जाने के कारण करोड़ों प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों तथा निर्धनों का पेट पालने और उन्हें भूख के कारण आ रही परेशानियों से निजात दिलाने का भी महत्वपूर्ण मानवीय दाईत्व निभाया है। किन्तु यह बहुत ही चिंतनीय विषय है कि प्रदेश सरकार उस धन की लूट मचाने वालों को सख्ती से दंडित करने में असफल रही है। उन्होने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक ओर देश की जनता इंसान को बचाने में अपना हर संभव योगदान दे रही हैं ,तो दूसरी ओर सरकार में बैठे कुछ अधिकारी और राजनेता कथित धन अर्जित करने के जुगाड़ भिड़ा रहे हैं एवं भ्रष्टाचार के रिकार्ड स्थापित कर रहे हैं। उन्होने कहा कि शिमला में कथित स्वास्थ्य घोटाला, सेनेटाईजर घोटाला और बिलासपुर में पी पी किट की जगह रेन कोट खरीद घोटाला कुछ ऐसे घोटाले हैं, जिससे प्रदेश का सिर शर्म से झुका है। उन्होने कहा कि जनता ने बड़ी ही आशाओं व आकांक्षाओं के साथ भाजपा द्वारा उनसे किए गए वादे के अनुसार स्वच्छ व पारदर्शी सरकार देने के लिए चुना था, किन्तु अब जिस प्रकार के बड़े- बड़े घोटाले सार्वजनिक हो रहे हैं, उससे भाजपा का असली चेहरा सबके सामने उजागर हुआ है। राजेश धर्माणी ने कहा कि प्रदेश भाजपा के राज्य अध्यक्ष राजीव बिंदल से नैतिकता का हवाला देकर त्याग पत्र दिया है, जबकि इसके पीछे छिपा एजेंडा कुछ और है। उन्होने कहा कि यदि सरकार इस मामले पर गंभीर है तो उसे तुरंत इसकी जांच हाईकोर्ट के किसी न्यायाधीश या फिर सी बी आई को सौंप देनी चाहिए ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके और दोषियों को दंडित किया जा सके। उन्होने कहा कि देश पहले ही आर्थिक संकट का सामना करने को विवश हुआ है, क्यूँकि देश में पहले नोटबंदी और फिर जीएसटी की मार ने सभी छोटे व्यापारियों के काम-धंधे चौपट किए जबकि पेट्रोल व डीजल की बढ़ी अत्याधिक कीमतों ने मंहगाई को पंख लगाने का काम किया है, जिस कारण आम आदमी को दो वक्त की रोटी कमाने अथवा अपने परिवारों का पेट पालने के लाले पड़ गए हैं। राजेश धर्माणी ने कहा कि कोरोना कर्फ़्यू अथवा लाक डाउन समाप्त होने के बाद कांग्रेस पार्टी जनता की समस्याओं व कठिनाइयों को लेकर सड़कों पर उतरेगी और सरकार की गलत, अनुचित व अवैध गतिविधियों का पर्दाफ़ाश करेगी।
जिला दंडाधिकारी राजेश्वर गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला में 1 जून से आगामी आदेशों तक कर्फ्यू जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान निम्नलिखित छूटे प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू में प्रातः 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक 14 घंटे की छूट प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि कार्मिक विभाग हिमाचल प्रदेश के आदेशानुसार हिमाचल प्रदेश सरकार के अधीन कार्यरत सभी कार्यालय पूरे स्टाॅफ सहित 1 जून से शत-प्रतिशत उपस्थिति के साथ खुलेंगे। उन्होंने बताया कि यह आदेश शिक्षण संस्थानों में लागू नहीं होंगे। उन्होंने बताया कि जिला के भीतर और एक जिला से दूसरे जिला में कर्फ्यू छूट के दौरान आवाजाही के लिए पास की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों से प्रदेश के भीतर आने के लिए जिला दंडाधिकारी से कर्फ्यू पास लेना अनिवार्य होगा परंतु प्रदेश से बाहरी राज्य में जाने के लिए कर्फ्यू पास की आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के दौरान राज्य के भीतर सरकारी और निजी बसें टैक्सी ऑटो प्रातः 7 से शाम 7 बजे तक चलाने की अनुमति प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि पहली जून से बिलासपुर में 30 रूटों पर एच.आर.टी.सी. की बसें चलना शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि धार्मिक स्थान होटल,रेस्टोरेंट व ढाबा खोलने के लिए 8 जून के बाद जब भी संबंधित विभाग एस.ओ.पी. जारी करेंगे उसके उपरांत ही खोलने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह जितनी भी छूटे हैं उसमें कोविड-19 मैनेजमेंट के नेशनल डायरेक्टिव दिशा निर्देशों की अनुपालना करना अनिवार्य होगा जिसमें मास्क पहनना सोशल डिस्टेंसिंग अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में सिर्फ आवश्यक सेवाओं के लिए अनुमति होगी और उपरोक्त छूटे जब तक कंटेनमेंट अवधि लागू है तब तक नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया कि रैड जोन से जो लोग आएंगे। उन्हें संस्थागत क्वारंटाईन में रखा जाएगा और ग्रीन और ओरेंज जोन से आने।वाले लोगों को होम क्वारंटाईन में रखा जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की अफवाहों पर विश्वास न करें और न ही भयभीत हो। उन्होंने जिला के सभी नागरिकों से उचित सामाजिक दूरी की अनुपालना करने तथा मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने का आग्रह किया ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व श्री नयना देवी से विधायक राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार को सलाह दी है कि प्रदेश में सब कुछ सुचारू रूप से चलाने से पहले कुछ डाक्टर विशेषज्ञों की राय और देश के अन्य राज्यों में कोविड 19 की स्थिति का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण हैं। अभी हिमाचल प्रदेश में 313 मामले कोविड -19 के आ चुके है जबकि पूरे देश मे कोविड -19 के मामले एक लाख पच्यासी हज़ार से ज्यादा हो चुके है, जो कि बहुत चिंता का विषय है। राम लाल ठाकुर प्रदेश सरकार को यह कहते हुए सावधान किया कि जनवरी के आख़िरी में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला भारत में आया था और तब से अब तक एक लाख पच्यासी हज़ार से ज़्यादा मामले संक्रमण के सामने आ चुके हैं। अब तक पांच हज़ार से ज्यादा लोगों की संक्रमण की वजह से मौत भी हो चुकी है। 30 मई तक भारत में कोरोना टेस्ट का पॉजिटिव दर पांच फ़ीसदी हो चुकी है और संक्रमितों में मृत्यु दर करीब चार फ़ीसदी तक हो चली है। पिछले 15 दिनों में कोरोना के मामले यहाँ दोगुने होते जा रहे हैं. वहीं संक्रमितों के ठीक होने का दर 43फ़ीसदी के करीब हो चुका है। जिससे कि हमारा जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। देश मे की तमाम जगहों पर संक्रमण के हॉटस्पॉट और क्लस्टर बनें हैं। यह हॉटस्पॉट क्लस्टर हिमाचल प्रदेश में न बन जाएं तो एहतियात उठाने बहुत जरूरी है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि यदि हम सरकारी आँकड़ों के मुताबिक अस्सी फ़ीसदी से ज़्यादा मामले पांच राज्यों महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात और मध्य प्रदेश में हैं और साठ से ज़्यादा संक्रमण के मामले पांच बड़े शहरों से है जिनमें मुंबई, दिल्ली और अहमदाबाद जैसे शहर शामिल हैं और इन्हीं जगहों पर हिमाचल प्रदेश के बहुत से युवा अपना रोजगार कमाते हैं तो ऐसे में प्रदेश में एहतियात बड़े जरूरी है। जिन लोगों की संक्रमण से मृत्यु हुई है उनमें से आधे से ज़्यादा साठ या उससे अधिक उम्र के लोग हैं। यह उन अंतरराष्ट्रीय आँकड़ों की तस्दीक करते हैं जिनके मुताबिक बुजुर्गों में संक्रमण का जोख़िम ज़्यादा है लेकिन संक्रमण का दर बढ़ता ही जा रहा है। पुणे की एक शीर्ष वायरोलॉजिस्ट गोखले का कहना है कि आने वाले कुछ हफ़्तों में हालात गंभीर होने जा रहे हैं। दिल्ली और मुंबई के डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मामले में इजाफ़े को देखते हुए अस्पताल में बिस्तर और दूसरे संसाधनों की मौजूदगी चिंता का सबब है जून-जुलाई में संक्रमण के मामलों में तेज़ी आने की उम्मीद है। इसके बाद हिमाचल प्रदेश अस्पताल में बिस्तर और पर्याप्त सुविधाओं के ना होने की वजह से कई लोगों को मरने से नहीं रोका जा सकेगा। जबकि अभी कोरोना से हिमाचल में मृत्यु का आंकड़ा पांच है। हमे कोरोना को प्रदेश में रोकना होगा और इसकी प्रदेश में मृत्यु दर भी शून्य करनी होगी। विषय गम्भीर है प्रदेश सरकार को प्रदेश में सब कुछ सुचारू रूप से चलाने से पहले एक विस्तृत योजना और तथ्यों के अध्ययन की आवश्यकता होगी।
एक तरफ जहां पूरा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है, वही दूसरी तरफ कुछ शरारती तत्व देश की संपति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लाॅकडाउन और कर्फयू में हो रही इस प्रकार की घटनाओं से समाज शर्मसार होता है। रौड़ा स्थित बास्केटबॉल खेलमैदान में चार महीने पहले सदर के विधायक सुभाष ठाकुर के प्रयासों से बास्केटबॉल के खिलाड़ियों को समर्पित लाखों रुपये की लागत से लगे रिंग व बोर्ड को अज्ञात तत्वों ने तोड़ दिया है जिससे खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों में रोष की लहर है। गौर हो कि इस मैदान का नाम बडे स्तर की प्रतियोगिताओं में शामिल प्री-एशियन, नार्थ जोन व दर्जनों नेशनल, राज्य व जिला बास्केटबॉल आदि में शुमार है। हाल ही में प्रतिष्ठित प्रदेश पुलिस महानिदेशक का पदभार संभालने वाले संजय कुंडू भी स्वयं जब जिला बिलासपुर के एसपी पद पर विराजमान थे तो इसी मैदान पर शाम-सवेरे अपनी फिटनेस व उदीयमान खिलाड़ियों का हौंसला बढ़ाने के लिए निरंतर आते थे और कई बेहतरीन खिलाड़ियों को पुलिस व अन्य विभागों में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते थे। लाखों रुपये से निर्मित इस मैदान व उपकरणों को अक्सर कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा नुकसान पंहुचाया जाता रहा है जिसके चलते बार-बार प्रशासन से इस परिसर की फेंसिंग करने का अनुरोध होता रहा। मौजूदा सदर विधायक ने अधिकारियों को इस बाबत निर्देश भी दिए है। आए दिन हो रहे तोड़फोड़ के कृत्यों से जहां सरकारी पैसे का नुकसान हो रहा है वहीं जिला के होनहार खिलाडियों व संघ के पदाधिकारिओं को हमेशा खेल गतिविधियां सुचारू रखने में खासी दिक्कत से गुजरना पड़ता है। जिला बास्केटबॉल संघ के प्रधान डा. प्रवीण रनोट, महासचिव राजकुमार राणा, सँरक्षक पंकज धीमान, सलाहकार विजय सिंह चंदेल, सुरजीत सिंह, कोषाध्यक्ष अभिशेक टेस्सू, उपप्रधान करतार सिंह ठाकुर, दीपक शर्मा, चयन समिति चेयरमैन केके नेगी, प्रशिक्षक नीलम राठौर, चेयरमैन तकनीकी समिति सुरेश कुमार, उपाध्यक्ष उषा ठाकुर, हर्ष दबड़ा के साथ साथ कार्यकारिणी सदस्यों व वरिष्ठ खिलाड़ियों ने सामूहिक तौर पर तोड़ फोड़ के इस उपद्रवी कार्य को अंजाम देने वालो के खिलाफ कठोरता से कार्यवाही करने की जिला प्रसाशन व पुलिस अधीक्षक से अपील की है। साथ ही इन सदस्यों नें जिला खेल अधिकारी से गुजारिश की विधायक सुभाष ठाकुर ने बास्केटबाल खेल मैदान में चारदीवारी लगाने के निर्देश दिए थे उसे अतिशीघ्र अमलीजामा पहनाते हुए कार्य को पूरा करने की दिशा में उचित कदम उठाए ताकि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सके।
कोरोना वारियर/फ्रंट लाईन वर्कर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ौतरी करने के लिए आयुर्वेद विभाग द्वारा होम्योपैथिक एम्यूनिटी बूस्टर दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 वितरित करने के अभियान के प्रथम चरण का उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डाॅ. जमीर खान चंदेल ने बताया कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान शारीरिक रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए होम्योपैथिक एम्यूनिटी बूस्टर दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 का सेवन करने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि इसकी खुराक व्यस्कों के लिए 6 गोलियां सुबह खाली पेट एक बार तीन दिन तक और चार वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए तीन गोलियां सुबह खाली पेट एक बार तीन दिन तक लें। उन्होंने बताया कि दवा को जीभ पर रखकर बिना पानी के चूसे। उन्होंने बताया कि एक महीने के उपरांत चिकित्सक से परामर्श कर दुबारा लें। उन्होंने बताया कि यह दवा अन्य किसी भी दवा के साथ ली जा सकती है। यह दवाई बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं दूध पिलाने वाली माताओं के लिए भी सुरक्षित है तथा इस दवा के कोई साईड इफेक्ट नहीं है। उन्होंने बताया कि यह दवा कोविड-19 कोरोना वायरस का ईलाज नहीं है केवल शारीरिक रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी से बचने के लिए सामाजिक दूरी, बार-बार हाथ धोना और मास्क।पहनना इत्यादि सावधानियां बरतनी होंगी। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी।के लिए या किसी भी शंका दूर करने के लिए होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारियों के मोबाईल नम्बर 94181-66166, 94184-87001 या 94184-50666 पर सम्पर्क कर सकते है।
कोरोना काल में देश विकट परिस्थतियों से गुजर रहा है, देश का समस्त तंत्र इस महामारी से निजात दिलाने और जनमानस के जीवन की रक्षा के लिए दिन रात एक कर रहा है। ऐसे में सारी जिम्मेवारी सरकार पर डालना भी उचित नहीं है, सरकार व शासन का सहयोग करने का दायित्व जनता का भी है। यह बात बिलासपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव एवं एजी आफिस शिमला में वरिष्ठ लेखा परीक्षक विशाल जगोता ने अपने कार्यालय में आटोमेटिक हैंड सेनेटाइजर मशीन डोनेट करने के बाद कही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से बचने का सबसे बड़ा और सरल उपाय स्वयं को सुरक्षित रखना है। ऐसे में सरकार की गाईड लांइस की अनदेखी करना भारी पड़ सकता है। सभी जनता को चाहिए कि वे सरकार के नियमों का अनुसरण करें और इस बीमारी को भगाने के सामूहिक प्रयास करें। उन्होंने कहा कि यह रोग कब किसी को कहीं भी अपनी चपेट में ले लें इसका कोई समय व स्थिति नहीं है लेकिन रोजमर्रा के जीवन स्वयं की रक्षा करना भी एक चुनौती बन गई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने कार्यालय में स्टार्ट अप इंडिया बेस्ड हिमाचल प्रदेश की हैल्दी वल्र्ड कंपनी की एक आटोमेटिक सेनेटाइजर मशीन दान की है। विशाल का कहना है कि सारी जिम्मेवारी सरकार की ही नहीं है, देष का नागरिक होने के नाते उनका भी दायित्व बनता है कि जिस देश ने दिया है उसके लिए भी कुछ करें। गौरतलब है कि बिलासपुर नगर से ताल्लुक रखने वाले विशाल जगोता समाज सेवा में भी अपनी भूमिका अग्रणी स्थान पर रखते हैं। बिलासपुर नगर में इन दिनों स्वेच्छा से शहर को सेनेटाइज करने वाले युवाओं की भोजन व्यवस्था उनके द्वारा की गई जबकि इसी टीम को उन्होंने नई टी-शर्टस देकर उनका हौंसला बढ़ाया। यही नहीं कई ऐसे लोगों की वित्तिय मदद भी की जो किन्ही कारणवश अपनी मजबूरी जाहिर नहीं कर पाते। विशाल जगोता की ऐसे गुप्त समाजसेवा के कामों की फेहरिस्त बहुत लंबी है।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने फिर से प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि कोविड 19 जैसी महामारी के दौरान प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री राहत कोष में जो पैसा दिया उसको सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश के सूचना व लोक संपर्क विभाग के निदेशालय पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को बताना चाहिए कि 22 मार्च को देश मे जनता कर्फ्यू लगाया गया था तो उस दिन से लेकर लॉक डाउन 4.0 तक कितना पैसा प्रदेश सरकार का गुणगान करने में और विज्ञापनों पर लगाया है और कितने पैसों के बड़े बड़े होर्डिंग्स आपके विभाग के माध्यम से लगाए गए है और कितने विज्ञापन आपने प्रदेश सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पर छापें है और किन किन जगहों पर यह होर्डिंग्स पूरे प्रदेश में लगाए गए है। राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़े करते हुए कहा कि जहां प्रदेश सरकार इसोलेशन वार्ड, वेंटिलेटर और कोरोनटीन सेंटरों को लेकर भारी वित्तिय कमियों का सामना कर रही है वही पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग लोगों में जागरूकता फैलाने की बजाए प्रदेश सरकार की वाहवाही के विज्ञापन छाप कर कोविड19 के पैसों का बेवहज इस्तेमाल कर रहा है। इसके अलावा सूचना व जनसम्पर्क विभाग को यह भी बताना चाहिए कि अन्य विभागों का उन्होंने कितना पैसा सरकारी उनके विभाग के माध्यम से विज्ञापनों पर खर्च किया गया है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के विज्ञापन भी सूचना व लोक सम्पर्क विभाग के माध्यम से ही लगाए गए है उनका हिसाब किताब भी लोंगो के सामने रखना होगा। राम लाल ठाकुर ने कहा कि जहां एक तरफ प्रदेश सरकार की कोविड19 जैसी आपात स्थिति से अर्थव्यवस्था बिगड़ी हुई है उसके बावजूद प्रदेश सरकार का सूचना व जनसंपर्क विभाग के माध्यम से जो प्रचार प्रसार चल रहा है व घोर निंदनीय है और बेवहज से पैसों की फिजूलखर्ची और जनता के पैसों का दुरुपयोग किया जा रहा है। कोविड 19 माहामारी के दौरान प्रदेश सरकार ने जो पैसा विज्ञापनों व बड़े बड़े होर्डिंग्स लगाने पर किया है उसका ब्यौरा जनता के बीच रखा जाना चाहिए।
आज संपूर्ण विश्व प्राणघातक वैश्विक महामारी करोना से पीड़ित है जिससे हिमाचल प्रदेश भी अछूता नहीं रहा है। जैसा कि नजर आ रहा है कि हिमाचल प्रदेश में के हॉस्पिटल में रक्त की कमी दिख रही है व रक्त की कमी होने से मरीजों को बहुत सी दिक्कतो का सामना करना पड़ रहा है। बजरंग दल एक धार्मिक सामाजिक गैर राजनीतिक युवाओं में काम करने वाला संगठन है जिसका मुख्य उद्देश्य युवाओं में सेवा सुरक्षा व संस्कार की भावनाओं को पैदा करना है। हिमाचल प्रदेश में किसी भी मरीज को रक्त की कमी ना हो व रक्त की कमी से किसी की मृत्यु ना हो ऐसा संकल्प बजरंग दल हिमाचल प्रदेश इकाई ने लिया है। बजरंग दल के प्रांत अध्यक्ष अधिवक्ता तुषार डोगरा ने एक बयान में कहा कि आने वाली 10 जून तक प्रत्येक जिला में प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करते हुए डॉक्टर्स की देखरेख में रक्तदान शिविरों का आयोजन बजरंग दल करेगा। प्रत्येक जिला में कार्यकर्ता हॉस्पिटल में जाकर डॉक्टर से उनके द्वारा बताई गई रिक्वायरमेंट के अनुसार रक्तदान शिविरों का आयोजन करेंगे यह आयोजन पूर्णता फिजिकल डिस्टेंसिंग व कोविद 19 के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए किए जाएंगे। डोगरा ने बताया कि बजरंग दल समाज के अंदर सकारात्मक कार्यों को करने वाला संगठन है आज प्रशासन व प्रदेश के कुछ डॉक्टर्स द्वारा बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया कि जा रहा है कि रक्त दिया जाए। अलग-अलग जिला के अंदर कार्यकर्ताओं द्वारा डॉक्टर्स के बुलाने पर रक्तदान किया जा रहा है। लेकिन प्रदेश में इस समय बड़े पैमाने पर रक्त की आवश्यकता है तो बजरंग दल ने ठाना है कि किसी भी मरीज व जरूरतमंद व्यक्ति रक्त की कमी के कारण उसके इलाज में कोई दिक्कत ना आए इसलिए इन शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। बजरंग दल की दृष्टि से हिमाचल प्रदेश में 26 संगठनात्मक जिले हैं उन प्रत्येक जिला में व खंड स्तर पर जिस प्रकार की कंडीशन उस जिला कि प्रशासन तय करके बताएगा उसके अनुरूप कार्यकर्ता रक्तदान का शिविर लगाएंगे। बजरंग दल की स्थापना के समय से लेकर आज तक समाज को जब भी किसी भी सेवा सुरक्षा व संस्कार के कार्य की आवश्यकता पड़ी है तो हम हमारा संगठन अग्रणी पंक्ति में खड़ा दिखाई देता है आज भी जो दिक्कत समाज के सामने आ रही है उसे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा चाहे फूड पैकेट्स बांटने का काम हो चाहे लोगों को पास दिलाने का काम हो चाहे मजदूरों को कच्चा राशन दिलाने का कार्य हो ऐसे सेवा के कार्य लगातार किए जा रहे हैं ।अभी तक बजरंग दल के द्वारा 10000 मास्क का वितरण पूर्ण प्रदेश में किया जा चुका है। बजरंग दल के कार्यकर्ता कोरोना वारियर जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारी डॉक्टर नर्सेस व पुलिस के जवानों का सम्मान संगठन द्वारा किया जा रहा है। बजरंग दल द्वारा पूरा विश्व करोना नामक महामारी से निजात पाएं इसलिए प्रत्येक मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के समस्त कार्यकर्ता अपने-अपने घरों में परिवार सहित हनुमान चालीसा का जाप विश्व कल्याण के लिए कर रहे हैं। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा बेजुबान गोवंश की सेवा,कुत्ते व पक्षियों को खाना व पानी का इंतजाम करने का कार्य भी प्रदेश में किया जा रहा है। इसी के साथ साथ विद्यार्थियों द्वारा किए जा रहे कार्य जैसे धर्मशाला में धर्मांतरण पर FIR दर्ज करवाना, जिला ऊना में तबलिखी पर अपनी पहचान छुपाकर इस बीमारी को फैलाने की कोशिस करना पर कार्यकर्ताओं द्वारा FIR दर्ज करवाना, चाहे बिलासपुर जिला मैं मौलवी द्वारा हिंदू बहन की छेड़खानी की घटना को उजागर करने का कार्य भी संगठन कर रहा है। आज स्वास्थ्य विभाग के सामने रक्त की कमी को पूर्ण करना एक बहुत बड़ी चुनौती के रूप में नजर आ रहा है इसीलिए बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने यह ठाना है की समाज की इस महत्वपूर्ण जरूरत को पूर्ण करने के लिए हम लोग रक्तदान शिविरों का आयोजन करेंगे। उसके अलावा प्रत्येक जिला में हॉस्पिटल को बजरंग दल के प्रमुख कार्यकर्ता का नंबर मोहिया करवा दिया जाएगा ताकि यदि उसके बाद भी किसी को जरूरत पड़ती है तो हमारे कार्यकर्ता से संपर्क करके उस जरूरत को पूरा किया जा सके।
कांग्रेस पार्टी के तेजतर्रार नेता एवं पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने पिछले कुछ दिनों से अखबारों की सुर्खियां बने स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटाले का कडा संज्ञान लेते हुए भाजपा सरकार पर करारे प्रहार करते हुए कहा है कि प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार और केंद्र की मोदी सरकार कथित नौटंकी और ड्रामाबाजी बंद करे। उन्होने कहा कि हिमाचल में सार्वजनिक हुए स्वास्थ्य निदेशक द्वारा कथित लेनदेन अथवा घूसख़ोरी के मामले को लेकर नैतिकता का हवाला देकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दिए गए त्याग पत्र के बाद मामले की कथित विजिलेन्स से जांच करवाने और केंद्रीय भाजपा नेत्रत्व द्वारा सारे मामले की रिपोर्ट तलब करने की बजाए यातो मुख्यमंत्री से त्याग पत्र लिया जाए या फिर भाजपा सरकार के गले - गले तक कथित भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के आरोपों अथवा एक के बाद एक घोटाले किए जाने के कानूनी अपराध के लिए दंडित करते हुए हिमाचल सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाए। बंबर ठाकुर ने कहा कि बेशर्मी की भी हद होती है, किन्तु भाजपा नेता अखबारों में ऐसे वक्तव्य दे रहे हैं जैसे भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरने के बाद इसने कोई बहुत बड़ा तीर मार दिया हो अथवा कोई बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली हो। उन्होने कहा कि अब तो भाजपा के बड़े- बड़े नेताओं ने भी स्वीकार करना शुरू कर दिया है कि हिमाचल के कुछ अधिकारी जो ऐसा कृत्य कर रहे हैं, क्या वे सेवा कर रहे हैं, या लुटेरों की फौज है । बंबर ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शुरू से ही भाजपा शासन में हो रहे घपलों –घोटालों का पर्दाफाश करती आ रही है, लेकिन जानबूझ कर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया और अब जब मामला सार्वजनिक हो गया तो मजबूरी में भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष से इस्तीफा लिया गया। उन्होने कहा कि विभाग मुख्यमंत्री के पास और इस्तीफा भाजपा अध्यक्ष दे, यह बात किसी के भी समझ से परे है। उन्होने कहा कि इस समय प्रदेश में कितने ही ऐसे मामले हैं, जिनकी जांच सरकार करने से कतरा रही है। उन्होने कहा कि बिलासपुर मे कथित सुरक्षा किटें खरीद घोटाला, शिमला में सेनेटाईजर घोटाला और स्वास्थ्य विभाग रिश्वत घोटाला की गूंज सारे प्रदेश में जन -जन तक पहुँच जाने पर अब भाजपा नेता इतने बौखला गए हैं कि उन्हें अपना मुंह छुपाने तक को जगह नहीं मिल रही है। बंबर ठाकुर ने कहा कि भाजपा के जो नेता यह कर अपने भ्रष्टाचार को उचित बताने का प्रयास कर रहे हैं कि कांग्रेस राज में घोटाले करने वाली पार्टी के नेताओं को इस मामले में कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है। उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि जिन नेताओं ने कांग्रेस राज में भ्रष्टाचार किया उन्हें कांग्रेस पार्टी सरकारों ने ही सलाखों के पीछे पहुंचाया और उन्हे दंडित करवाया किन्तु भाजपा इन गंभीर अपराधों में फसने वालों को जांच के बहाने बचाने का प्रयास कर रही है, जो देश व समाज के लिए कतईतौर पर उचित नहीं है। उन्होने मांग कि भ्रष्टाचार के इन सभी मामलों की जांच सी बी आई को सौंपी जाये और दोषियों को हर सूरत दंडित किया जाए।
उपायुक्त राजेश्वर गोयल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ० प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों के स्वास्थ्य की गड़ामौडा तथा स्वारघाट में टैस्टिंग और स्क्रिनिंग की जा रही है। उसके उपरांत ही उन्हें आगे भेजा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिलासपुर में अभी तक 18 मामलें कोविड-19 के पाजिटिव आए है जिनमें से 11 मामलें अन्य राज्य तथा अन्य जिला से सम्बन्धित है। उन्होंने बताया कि 7 लोग जोकि जिला बिलासपुर से सम्बन्धित है उनमें से ६ लोगों को संस्थागत क्वारंटाईन और होम क्वारंटाईन में रखा गया था। उन्होंने बताया कि एक मामला एचआरटीसी के परिचालक कोविड-19 पाजिटिव आया है वह प्रदेश से बाहर नहीं गए थे। उन्होंने बताया कि परिचालक बिलासपुर से सोलन गए थे और उसके उपरांत शिमला, मण्डी होते हुए बिलासपुर आए थे। उन्होंने बताया कि परिचालक बिलासपुर में कार्यरत 18 राजस्थान के प्रवासी मजदूरों को पूर्ण मेडिकल स्क्रिनिंग के उपरांत सोलन लेकर गए थे और वापिसी में सोलन प्रशासन द्वारा राजस्थान से सोलन पहुंचे तीन व्यक्तियों को बिलासपुर लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि इन तीनों व्यक्तियों को संस्थागत क्वारंटाईन किया गया है। उन्होंने बताया कि बस परिचालक सरकारी दिशा निर्देशों के अनुसार अपनी कर्तव्य ड्यूटी का निर्वहन कर रहा था। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय प्रबंधक एच.आर.टी.सी. बिलासपुर को समय-समय पर लिखा गया है कि वह अपने कर्मचारियों का क्षेत्रीय अस्पताल में स्वास्थ्य प्रशिक्षण करवाना सुनिश्चित करें। उसी के फलस्वरूप परिचालक अपने स्वास्थ्य का प्रशिक्षण करवाने के लिए 26 मई को क्षेत्रीय अस्पताल में गए और 27 मई देर रात उनकी रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तुरंत उसके निवास स्थान गए और उसके प्राईमरी और स्कैंडरी सम्पर्क की पूर्ण जानकारी ली। उसके उपरांत सीएमओ द्वारा पूर्ण जानकारी उपलब्ध करवाई गई और जिला दण्डाधिकारी द्वारा बामटा पंचायत के वार्ड नम्बर 11, एचआरटीसी क्लोनी के वार्ड नम्बर 1, दनोह और कोसरियां एवं गुरूद्वारा मार्किट, गांधी मार्किट और काॅलेज चैक मार्किट को कंटेनमेंट जोन और रौड़ा सेक्टर नम्बर 3, कोसरियां वार्ड ऑफ़ एम.सी. बिलासपुर, निहाल-1, आईटीआई बिलासपुर, मेक मार्किट बिलासपुर, चंगर सेक्टर बिलासपुर को बफर जोन बनाने की अधिसूचना जारी कर दी गई। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन और सभी विभागों के आपसी समन्वय और तालमेल के साथ लोगों को सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति घर-द्वार पर उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक्टिव केस फाइडिंग के तहत 9 टीमें नियुक्त की गई है जोकि घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करेंगी और लक्षण पाए जाने पर उनके सैंपल लिए जाएंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि भयभीत न हो, संयम रखें और कोविड-19 के दिशा निर्देशों की अनुपालना करें और यदि कोई लक्षण दिखें तो तुरंत स्वास्थ्य विभाग से सम्पर्क करें।
आगामी मानसून के मौसम में प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए जिला ने तैयारियां शुरू कर दी है। सभी विभाग अपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए 15 दिन के भीतर कार्य योजना तैयार करें ताकि आपदा के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पडे और होने वाले नुक्सान को कम किया जा सके। यह बात उपायुक्त बिलासपुर राजेश्वर गोयल ने मानसून सीज़न के लिए तैयार रहने तथा जान-माल की क्षति से बचाव के लिए बुलाई गई अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने सम्बन्धित विभागों को मानसून में होने वाले नुकसान से निपटने के लिए पूर्व में ही पर्याप्त प्रबन्ध करने और पूरी तरह मुस्तैद रहने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि गर्मियों में होने वाली आगजनी की घटनाओं से निपटने के लिए जिला में वन रक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक जिला में 8 आगजनी की घटनाएं घटित हुुई है जोकि गत वर्ष की तुलना में कम है। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी जंगलों को आग से बचाने के लिए सतर्क रहना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं के सदस्य भी जंगलों को आगजनी की घटनाओं से बचाने के लिए से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने के लिए जिला में आपदा रक्षक तैयार किए गए है ताकि आपदा की स्थिति में आपदा रक्षकों की सेवाएं ली जा सकें। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को भूसखलन वाले क्षेत्रों, खतरनाक सड़कों को चिन्हित् करने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्युत विभाग को सुचारू विद्युत व्यवस्था बनाने और पर विद्युत ट्रांसफार्मर के नजदीक क्षेत्र को साफ रखने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर परिषद को भी निर्देश दिए की सड़क के किनारे पेड़ों की टहनियों और झाड़ियों छटांई सुनिश्चित करें। उन्होंने जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए की वह जल भण्डारन टैंको और अन्य पेयजल स्त्रोतों को साफ रखने तथा जल निकासी व्यवस्था को सूचारू बनाए ताकि लोगों को स्वच्छ पेयजल आपूर्ति उपलब्ध करवाई जा सके। उन्होंने पेयजल स्त्रोतों का नियमित क्लोरीनेशन करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिशाषी अभियन्ता को निर्देश दिए की जिला में हाईड्रेन्टस को सुचारू रूप से फंकशनल रखे और अगर कोई खराब है तो उन्हें ठीक करवाएं और जिन हैंडपम्प में पानी पीने योग्य नहीं है वहां पर बोर्ड लगाए जाए। उन्होंने बताया कि जो लोग बोरबेल लगाने के इच्छुक है वे ग्राउंड वाॅटर ऐथोरटी से अनुमति ले सकते है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग, एम.सी को निर्देश दिए की वे डेंगू और मलेरिया इत्यादि रोगों से बचने के लिए फोगिंग और स्प्रे करना सुनिश्चित करें। उन्होने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को मानसून पूर्व तैयारियां करने तथा आपदा प्रबंधन से जुडे सभी संसाधनों की सूची बनाने और सभी आवश्यक वस्तुओं एवं राहत बचाव कार्य में उपयोग होने वाले यंत्र व उपकरणों को दुरूस्त रखने के भी निर्देश दिए।
हिमाचल प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व श्री नयना देवी जी के विधायक राम लाल ठाकुर ने कोविड 19 महामारी पर देर से संज्ञान लेने के मामले पर केंद्र सरकार पर जोरदार हमला करते हुए कहा कि हमारे प्रधानमंत्री अगर समय पर फैसला लेते तो यह दिन नहीं देखने पड़ते, जितना भयाभह रूप यह महामारी दिन प्रतिदिन लेती जा रही है। वह हमारी मानव सभ्यता के मिटने की और इशारा कर रही है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी देते हुए 12 फरवरी को देश के ऊपर कोविड 19 महामारी के बारे में चेताया था कि यह जल्द ही भारतवर्ष में पैर पसार रहा है और इससे एक तो महामारी फैलेगी दूसरे गंभीर आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ेगा। (इस चेतावनी की प्रतिलिपि भी आज मै आपको इस प्रेस नोट के साथ संलगित कर रहा हूं) तो देश के प्रधानमंत्री व उनके सिपहसालारों ने राहुल गांधी का मज़ाक उड़ाया था और इस गम्भीर महामारी को लेकर अमेरिका और अन्य यूरोपियन देशों का मुंह ताकने लगे थे की कब वह इस महामारी से लड़ेंगे तो फिर उनकी देखा देखी में हम भी अपनी रणनीति बनाएंगे। राम लाल ठाकुर ने कहा कि इस महामारी को भांपने वाले हमारे डॉक्टरों व वैज्ञानिकों की भी नहीं सुनी गई क्योंकि हमारे डॉक्टरों, वैज्ञानिकों व राहुल गांधी के बोलने से देश के प्रधानमंत्री का अहम आड़े आ जाता था। राम लाल ठाकुर ने तथ्यों पर आधारित बात करते हुए कहा देश मे कार्यरत 126 एयरपोर्ट हैं जिनमे से केवल 34 एयरपोर्टों पर अंतराष्ट्रीय उड़ाने होती है अगर केवल उन 34 एयरपोर्टों को ही सील कर दिया होता या फिर उन अंतरास्ट्रीय एयरपोर्टों पर बाहर से आने वाले लोंगो को संस्थागत क्वारंटाइन कर दिया होता तो देश मे इतने गंभीर हालत नहीं होते और नही देश में लॉकडाउन होता, लेकिन देश के प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि तो केवल घंटी बजाने, थाली बजाने और मोमबत्ती या दिया जलाने वाली ही निकली। उन्होंने कहा मुझे अफसोस होता है कि लॉक डाउन बिना तैयारी के कर दिया गया देश मे जो गरीब मजदूरों का हाल हुआ उनकी जिम्मेदारी अब कोई नही ले रहा है। राम लाल ठाकुर ने फिर से आकड़ो का प्रहार करते हुए कहा कि देश मे करीब 19000 हज़ार ट्रेनें है यदि यह व्यवस्थित रूप से चलाई होती तो करीब दो से ढाई करोड़ मज़दूरों को उनके स्थानों पर प्रतिदिन पहुँचाया जा सकता था और जिन मजदूरों ने अपने घरों में ट्रेनों से वापिसी करनी थी। इनकी संख्या करीब 10 करोड़ 40 लाख के करीब थी मात्र पांच सात दिनों में यह सारी व्यवस्था गरीब मज़दूरों को छोड़ने की हो सकती थी लेकिन देश के प्रधानमंत्री और उनके सिपहसालारों को तो महामारी को उत्सव में बदलने का प्रयास जो करना था और अब जब रेल यात्रा और हवाई यात्रएं देश मे खोली तो कोई यात्री जाने को तैयार नहीं, यह सब बिना किसी आधरभूत योजनाओं के की गई तैयारियां का परिणाम है और अब देश का हर नागरिक और आमजन इसके परिणाम भुगत रहा है, लेकिन जिम्मेदारी सरकार में कोई नहीं ले रहा है।
जिला कांग्रेस अध्यक्षा अंजना धीमान ने कहा है कि सरेआम चल रहे भ्रष्टाचार से जनता का विश्वास सरकार से पूरी तरह उठ गया है। प्रदेश सरकार घोटालों की सरकार बन कर रह गई है। उन्होंने कहा कि कोविड 19 जैसी विश्वव्यापी माहामारी के समय भी यदि इस तरह से घोटाले हो रहे हैं तो बाकी समान्य समय में प्रदेश सरकार क्या करती होगी। उन्होंने कहा कि एक तरह तो देश व प्रदेश की सरकार प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने की लोगों से अपील करती है और दूसरी और सरकार में बैठे लोग घोटालों को अंजाम दे रहे है। यह सरकार की आमजन के प्रति असंवेदनशील और भ्र्ष्ट दृष्टि को दर्शाता है। इस मुद्दे पर अब क्यों नहीं प्रदेश भाजपा का कोई बड़ा नेता बोल पा रहा है, क्यों प्रदेश के मुख्यमंत्री खामोश हैं। चूंकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हिमाचल प्रदेश से हैं वह क्यों चुप्पी साधे हुए है, जो कि ऐसी कौन से दुहाई देनी पड़ी की अब नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना पड़ गया। उन्होंने कहा कि एक सस्ती लोकप्रियता के आधार पर और लोंगो को ऊंचे सब्ज बाग दिखा कर भाजपा ने जब जब सत्ता हासिल की तब तब बुनियादी तौर पर भाजपा लोंगो की नज़रो से गिरी है और धरातल से भाजपा का नाम मिटा है। उन्होंने कहा कि मामला सेनेटाइजर खरीद में क्रप्शन का हो या पीपीई किट खरीद का घोटाला हो या फिर हिमुडा की जमीन खरीद में करोड़ों के लेन देन के संगीन आरोप हों भ्रष्टाचार बेखौफ चलता रहा और सरकार यह दलीलें देती रही कि उनका दामन पाक-साफ है। मसला पुलिस या पटवारियों की भर्ती का हो या विश्वविद्यालयों में डिग्रियों की खरीद फरोख्त का हो या फिर ताजा कड़ी में भ्रष्ट तंत्र व नेताओं के भ्रष्टाचार गठबंधन का हो हिमाचल दागदार हुआ है।इसके पीछे सिर्फ जयराम सरकार है। उन्होंने कहा कि हिमाचल के दामन को दागदार करने वालों को कभी भी
उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी डेंगू की रोकथाम के लिए अभी से ही जुट जाएं ताकि समय रहते इस रोग को फैलने से रोका जा सके। यह बात उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने डेंगू, मलेरिया तथा अन्य जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक में उचित सामाजिक दूरी की पूर्ण रूप से अनुपालना की गई। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि लोगों को डेंगू के रोग के बारे में पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में होर्डिंग्ज लगाकर और प्रचार सामग्री वितरित करके लोगों में जागरूकता का संदेश फैलाए जिन-जिन स्थानों पर डेंगू के रोग के फैलने की अधिक संभावनाएं रहती हैं। उन्होंने जल शक्ति विभाग, लोक निर्माण विभाग तथा नगर परिषद को आपसी समन्वयकता से कार्य करने को कहा ताकि जल जनित रोगों को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि पंचायत व वार्ड स्तर व समितियों का गठन करके डेंगू की रोक थाम के लिए आगामी कार्य योजना बनाने के लिए एसडीएम की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन करना सुनिश्चित करें ताकि लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक पग उठाए जा सकें। उन्होंने कहा कि जिला में डेगू से प्रभावित अति संवेदनशील व संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित कर उन पर गहन दृष्टि बनाएंतथा विभिन्न माध्यमों से प्रचार करके लोगों को सचेत व जागरूक करें। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों से कहा कि जल भंडारण टैंको को समय रहते साफ करवाएं व आस-पास पानी एकत्रित ना हो इसके लिए आवश्यक प्रबन्ध करना सुनिश्चित करें। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि वे घरों में भी स्थापित पानी की टंकियों की सफाई व पानी के ठहराव के संदर्भ में पूर्ण जागरूकता से अच्छे नागरिक होने का कर्तव्य निभाएं ताकि किसी भी स्तर की लापरवाही के कारण डेंगू को पनपने का अवसर ना मिलें। उन्होंने लोगों से आहवान किया कि डेंगू का ईलाज संभव है, इसे घबराएं नहीं, डेंगू के रोग की आंशका होने पर तुरंत क्षेत्रीय हस्पताल में जांच करवाना सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने सीएमओ को निर्देश देते हुए कहा कि डेंगू के संदर्भ में समस्त बीएमओ अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने आवश्यक ठोस कदम उठाएं। उन्होंने पंचायत विभाग को निर्देश देते हुए कहा कि पंचायतों में उपलब्ध सभी पारम्परिक जल स्त्रोतों की सफाई व क्लोरीनेशन करना सुनिश्चित करें। उन्होंने जल शक्ति विभाग और स्वास्थ्य आवश्यक सहयोग देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि पानी की शुद्धता की जांच करने के लिए समय-समय पर पानी के सैंपल लेना भी सुनिश्चित करें ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके और जल जनित रोगों से भी बचा जा सके। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास विभाग आपसी समन्वय से लोगों को जागरूक करंे। उन्होंने आरएम एचआरटीसी को भी निर्देश दिए कि वे टायरों इत्यादि में पानी एकत्रित न होने दें। टायरों को पूर्णतय ढक कर रखें। सीएमओ डा० प्रकाश दड़ौच ने डेंगू के लक्षणों के संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि तेज सिर दर्द व बुखार, मांस पेशियों तथा जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जी मिचलाना अथवा उल्टी होना व नो, मुह, मसूंड़ों से खून आने की स्थिति में तुरंत क्षेत्रीय अस्पताल में संपर्क करें। उन्होंने बताया कि डायरिया रोग के निदान के लिए क्षेत्रीय हस्पताल के अतिरिक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, उप स्वास्थ्य केन्द्रों के अतिरिक्त आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी ओआरएस व सम्बन्धित दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि धैर्य बनाए रखे घबराएं नहीं, प्रशासन उनके सहयोग के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होंने लोगों से उचित सामाजिक दूरी बनाए रखने, मास्क पहनने तथा बार-बार हाथ धोने और सैनीटाईजर का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि जिला से अब तक 1478 लोगों के सैंपल कोविड-19 के लिए लैब जांच के लिए आई जी एम सी शिमला भेजे गए, उनमें से 1450 सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं और 18 की रिपोर्ट अभी तक पाॅजिटीव आई है जिनमें से 4 लोग ठीक हो चुके है और 14 मामले अभी तक एक्टिव है। शेष 10 सैंपल की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि 23 मई को जिला में कफ्र्यू को आगामी आदेशों को बढ़ाने के आदेश जारी कर दिए गए है। यह भी आदेश जारी किए गए है कि सैलून, ब्यूटी पार्लर, हेयर ड्रेसर की दुकानें मंगलवार को छोड़कर खुली रहेंगी। जिला के 250 हेयर ड्रेसर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और जिन्हें ट्रेनिंग नहीं दी गई है उन्हें दिशा निर्देशों की काॅपी उपलब्ध करवा दी गई है। उन्होंने बताया कि 25 मई को विधानसभा क्षेत्र झंडूता के गांव डुहक के।रहने वाले व्यक्ति जोकि होम क्वारंटाईन में थे उनके पाजिटिव आने के पश्चात उस गांव तथा निकट तम छः गांव को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया था और झंडूता के सुनहानी और कोटली को बफर जोन बनाया गया है। उन्होंने बताया कि 28 मई को ग्राम पंचायत बामटा तहसील सदर जिला बिलासपुर के गांव दनोह में एक व्यक्ति कोरोना पाजिटिव पाया गया है इस कारण गांव दनोह के आसपास के क्षेत्र निहाल, दनोह, कोसरियां गांवों को जो ग्राम पंचायत बामटा।में पड़ते हैं तथा नगरपरिषद के क्षेत्र के अन्तर्गत एचआरटीसी क्लोनी वार्ड नम्बर 1 नगर परिषद बिलासपुर गुरूद्वारा मार्किट, गांधी मार्किट व काॅलेज चौक मार्किट को कोविड-19 कंटेनमेंट जोन व नगरपरिषद के वार्ड नम्बर 1 के शेष बचे क्षेत्र, रौडा सेक्टर नम्बर 3, कोसरियां वार्ड, निहाल नम्बर 1, आईटीआई बिलासपुर तक व मेन मार्किट व चंगर सेक्टर को बफर जोन घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में पूरी तरह से आवाजाही बंद रहेगी तथा कर्फ्यू में दी गई ढील नहीं मिलेगी। उन्होंने बताया कि आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध, सब्जी, राशन, दवाईयां सप्लाई करने के लिए एसडीएम सदर की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है जिन्होंने आपूर्ति शुरू कर दी है। इसके तहत सभी को कोविड-19 के दिशानिर्देशों को पालन करना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान चलाया जाएगा जिसमें लोगों के सैंपल लिए जाएंगे।
सदर विधानसभा क्षेत्र के युवा नेता एवं प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस आशीष ठाकुर और पूर्व जिला परिषद सदस्य बसन्त राम सन्धु व जिला महासचिव एनएसयूआई नरेश कुमार ने सदर विधानसभा क्षेत्र की विभिन्न पंचायतों का दौरा कर जनता का कुशलक्षेम जाना और लोगों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क वितरित किए। इस मौके युवा नेता आशीष ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से देवभूमि में आए दिन मामले बढ़ रहे है यह बहुत ही चिंतनीय विषय है। उन्होंने कहा कि इस महामारी से अब हमारा जिला भी अछूता नही रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सरकार अपना निर्णय बदले ओर बाहरी राज्यो से आने वाले लोगों को चाहे वो किसी भी ज़ोन से आ रहे हों उन्हें इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन में रखे और सभी लोगों का कोरोना टेस्ट करवाए अन्यथा पूरे प्रदेश में मामले धड़ाधड़ बढ़ते ही जायेंगे। उन्होंने प्रदेश सरकार से भी सवाल पूछा है कि सदर विधानसभा की पंचायतों में जो क्वारंटाइ। सेंटर बने है वँहा लोगो को खाना मुहिया करवाने की जिम्मेदारी किसकी बनती है। उन्होंने कहा कि उन्हें सूत्रों से पता चला है कि पंचायत घरों में बने क्वारंटाइन सेंटरों में रह रहे लोगो को अपने घरों से खाने की व्यवस्था करनी पड रही है जिससे कि कोरोना संक्रमण के बढ़ने की पूर्ण आशंका बनी हुई है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि जल्द से उन लोगों के खाने की व्यवस्था क्वारंटाइन सेंटर में की जाए। साथ मे उन्होंने जनता से अपील की है कि वो अपने घरों में रहकर खुद को ओर अपने समाज को सुरक्षित रखने में योगदान दे।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व विधायक राम लाल ठाकुर प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन को घेरते हुए कहा कि एकदम से जो बिलासपुर जिला मुख्यालय को कन्टेनमेंट जोन और बफर जोन घोषित किया गया वह कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन व प्रदेश सरकार की ढील का नतीजा है। एक तरह जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रतिदिन कोविड19 से बचने के उपायों व सावधानियों को खुल कर बता रहा है तो प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग व स्थानीय प्रशासन क्यों नहीं पूरे एहतियात बरत रहा है। प्रदेश परिवहन के परिचालक का आपातकालीन स्थियों में ड्यूटी देना, अन्य प्रदेशों में फंसे हिमाचल के लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाना एक बड़े जोखिम का काम होता है। उन्होंने कहा अगर मैं कहूं तो यह एक कोरोना योद्धा का साहस है लेकिन इनके साहस और इनकी देखभाल का जिम्मा तो इनके विभाग, स्थानीय प्रशासन व प्रदेश सरकार का है। जब प्रदेश सरकार या अन्य जिलों के स्थानीय प्रशासन ने कोविड 19 महामारी के चलते जिन-जिन गाड़ियों का इस्तेमाल लोंगो को प्रदेश से बाहर छोड़ने व लाने का काम किया तो क्या उनके चालकों, परिचालकों और अन्य स्टाफ के सदस्यों को संस्थागत कोरोनटीन क्यों नहीं किया? उन्होंने कहा कि आज जिला मुख्यालय बिलासपुर में जिस तरह से परिवहन निगम के परिचालक में कोरोना महामारी के संक्रमण पाए गए है वह गंभीर चिंता का विषय है, उस परिचालक को संस्थागत कोरोनटीन करना चाहिए था न कि होम कोरोनटीन करना चाहिए था और उसका तुरन्त कोविड 19 का टेस्ट करवाकर ही अगला निर्णय लेना चाहिए था, जबकि यह एक प्रदेश सरकार, स्थानीय प्रशासन व हिमाचल पथ परिवहन निगम की बड़ी त्रुटि है, कि उनकी नाक तले एक बहुत बड़ी भूल हुई है। राम लाल ने चुटकी लेते हुए और प्रदेश सरकार पर फब्तिय कसते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि जो इस गंभीर महामारी के समय जो स्वास्थ्य विभाग की खरीद फरोख्त में हेराफेरी करने से अगर वक्त मिल गया है तो प्रशासनिक व्यवस्था पर भी जरा ध्यान दे दे। क्योंकि जिस लापरवाही से आज जिला मुख्यालय बिलासपुर को कंटोनमेंट जोन और बफर जोन घोषित किया गया है कहीं प्रदेश के अन्य स्थानों में ऐसी स्थिति न आ जाए। वैसे ही लोगों के मन मे भय की स्थिति बनी हुई है उसके ऊपर आर्थिक मंदी का यह दौर और उसके ऊपर से सरकार व प्रशासन की लापरवाही कहीं पूरे प्रदेश की जनता को न ले डूबे। उन्होंने कहा कि कोविड 19 महामारी से निपटने के बहाने की अन्य घोटालों को भी अंजाम दिया जा रहा है और प्रदेश सरकार व प्रशासन बिल्कुल भी संवेदनशील नही है जिससे लोगों का वर्तमान सरकार से विश्वास ही उठ गया है।
एसडीएम सदर रामेश्वर दास ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायत बामटा तहसील सदर जिला बिलासपुर के गांव दनोह में एक व्यक्ति कोरोना पाजिटिव पाया गया है। इस कारण गांव दनोह के आसपास के क्षेत्र को जिला प्रशासन ने निहाल, दनोह, कोसरियां गांवों को जो ग्राम पंचायत बामटा में पड़ते हैं तथा नगरपरिषद के क्षेत्र के अन्तर्गत एचआरटीसी क्लोनी वार्ड नम्बर1 नगर परिषद बिलासपुर गुरूद्वारा मार्किट, गांधी मार्किट व काॅलेज चैक मार्किट को कोविड-19 कंटेनमेंट जोन व नगरपरिषद के वार्ड नम्बर 1 के शेष बचे क्षेत्र, रौडा सेक्टर नम्बर 3, कोसरियां वार्ड, निहाल नम्बर 1, आईटीआई बिलासपुर तक व मेन मार्किट व चंगर सेक्टर को बफर जोन घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में पूरी तरह से आवाजही बंद है, इसलिए समस्त इलाकावासियों से निवेदन है कि उपरोक्त कंटेनमेंट जोन व आसपास के इलाको के लोग अपने घरों से बाहर न निकले। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में आना जाना व सड़कों पर घुमना पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित किया गया है। अवहेलना की सूरत में धारा 188 आईपीसी के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। आपकी सुविधा के लिए प्रशासन एवं पंचायत व नगरपालिका संयुक्त रूप से क्षेत्र के लोगों को जरूरत की आवश्यक चीजे उपलब्ध करवाएंगी जैसे दूध, सब्जी, राशन, दवाईयां मुहैया करवाने का निर्णय लिया गया है इसलिए सबसे पहले अपने वार्ड मैम्बर या नगर परिषद से सम्पर्क करें। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त रजनी कालिया, निरीक्षक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग बिलासपुर को उपरोक्त कार्यों हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिनसे सम्पर्क किया जा सकता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे धैर्य बनाए रखे घबराएं नहीं, प्रशासन एवं नगरपालिका, पंचायत का सहयोग करें। उन्होंने बताया कि नगरपालिका व पंचायत सहयोग के लिए 24 घण्टे तैयार है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव व घुमारवीं के पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने स्वास्थ्य विभाग में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान इस तरह का कृत्य देश द्रोह की श्रेणी में आता है। पहले सैनिटाइजर खरीद में घोटाला फिर पीपीई किट की जगह रेनकोट लेना और अब स्वास्थ्य निदेशक का गोलमाल में पकड़ा जाना यह दर्शाता है कि सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूब चुकी है। धर्माणी ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता को बताएं कि इस घोटाले के पीछे भाजपा के किस बड़े नेता का नाम लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो कोरोना योद्धा इस महामारी के दौर में अपनी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं उनके लिए पीपीई किट की जगह रेनकोट लेने वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि एक तरफ जहां लोग सरकार को दिल खोलकर दान दे रहे हैं, वहीं सरकार उस पैसे का दुरुपयोग कर रही है। कोरोना जैसी आपदा में सामान खरीदने में भी भ्रष्टाचार कर रही है। धर्माणी ने कहा कि एक तरफ स्कूल के बच्चों से लेकर गृहिणियों और महिला मंडलों की महिलाएं कोरोना से लड़ने के लिए सीएम राहत कोष में अपने बचाए हुए पैसे दान कर रही हैं। नन्हे बच्चे अपनी गुल्लकें तोड़कर सीएम राहत कोष को पैसे भेज रहे हैं लेकिन सरकार लोगों तक इन पैसों को पहुंचाने की जगह घोटाले करने में जुटी है।
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री व वर्तमान विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने जो नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है उससे प्रदेश सरकार व प्रदेश भाजपा के नेता यह न समझे कि उनकी जांच नहीं होगी। राम लाल ठाकुर ने तो इस पूरे मामले की सी. बी. आई.से जांच करवाने की मांग की है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य घोटाले के तार सीधे सीधे प्रदेश सरकार व भाजपा नेताओं से जुड़े हुए है इस घोटाले की अभी तो यह पहली विकेट गिरी है बाकी विकटें बहुत जल्द गिरेंगी। राम लाल ठाकुर ने यह भी कहा कि जब से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तब से इस सरकार ने प्रदेश के संविधानिक व लोकतांत्रिक मूल्यों को गिरवी रख दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकारों को वर्ष 1997 से स्वास्थ्य विभाग से बड़ा प्यार रहा और फिर वर्ष 2008 में जब दोबारा प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी तो वर्तमान भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल की स्वास्थ्य विभाग के मंत्री थे और इनकी टोली में कुछ अधिकारी और कुछ भाजपा के नेता इस तरह से माफिया बन कर घोटालों को अंजाम देते रहे है। अभी जो ऑडियो वॉइस से 5 लाख रूपए के लेनदेन की बात हुई है उसका भी पूरा खुलासा होना बाकी है। इसके साथ ही राम लाल ठाकुर ने कहा कि पिछले वर्ष कांगड़ा में जो स्वास्थ्य विभाग को लेकर पत्र बम्ब सामने आया था उसमे भाजपा के दो गुटों के बीच ही लाव लपेट करके मामला ठंडा डाल दिया था। लेकिन सरकारी तौर पर कोई जांच नहीं कि गई थी और उस पत्र बम्ब का ठीकरा एक पूर्व मंत्री की सर पर फोड़ दिया था। अगर उस समय ठीक से जांच हो जाती तो प्रदेश सरकार व भाजपा को यह दिन नहीं देखने पड़ते। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष उन दिनों से ही घोटाले की सुर्खियों में रहें है जब से व सोलन की मुनिसिपल कॉर्पोरेशन में थे। इनके राजनैतिक जीवन मे जिन जिन पदों पर रहे है उन सभी इनके द्वारा किए गए कार्यकलापों की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। राम लाल ठाकुर ने कहा कि यह तो स्वास्थ्य विभाग का एक मसला है ऐसे और भी विभागों के मसले सामने आ रहे है। आयुर्वेदिक विभाग में दवाइयों की खरीद, अस्पतालों में स्वास्थ्य ईक्विपमेंटों की खरीद, आई. जी. एम. सी. के प्रधानाचार्य का इस्तीफा, पी. पी. ई. किटें, मास्क, सेनेटाइजर, ग्लव्स, दवाओं से लेकर अन्य विभाग भी संदेह के घेरे में है, जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पता था कि उनकी कोविड 19 को लेकर खरीद के सैम्पल फेल हो चुके है तो फिर से क्यों उन्ही चंद व्यवसायिक संस्थाओं को खरीद आर्डर दिए गए यह सब बातें सवालों के घेरे में है। इसके सचिव स्वास्थ्य विभाग, अतिरिक्त सचिव स्वास्थ्य विभाग और विशेष सचिव स्वास्थ्य विभाग भी कार्यप्रणाली की संदेह के घेरे में है, उनकी भी जांच अति आवश्यक है। इसके अलावा प्रदेश आयुष्मान भारत योजना को लेकर भी बहुत प्रश्न चिन्ह लग चुके है। इन सभी विषयों पर प्रदेश सरकार को कड़े आदेश देकर सी. बी.आई. जांच करवानी चाहिए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके।
मंडी जिला के करसोग उपमंडल के पांगणा में मंगलवार शाम मोबाइल में धमाका होने से एक 8 वर्षीय बच्चे की आंखें बुरी तरह से झुलस गई। घायल बच्चे को उपचार के लिए आईजीएमसी शिमला भेजा गया है, जहां बच्चे का उपचार चल रहा है। जानकारी के अनुसार 8 वर्षीय यमन कुमार पुत्र जियालाल मोबाइल पर कुछ देख रहा था। उसी दौरान मोबाइल की बैटरी फट गई। यह मोबाइल फोन कार्बन कम्पनी का बताया जा रहा है और मोबाइल मे ब्लासट होने से बच्चा घायल हो गया। इस दौरान बच्चे की आंखें बुरी तरह से झुलस गई। बताया जा रहा है कि बच्चा जब मोबाइल में कुछ देख रहा था तो मोबाइल की बैटरी से एसिड निकला और बच्चे की आंखों में जा घुसा, जिससे बच्चे की आंखें झुलस गई। डी एस पी करसोग अरूण मोदी ने बताया कि करसोग उपमंडल के पांगणा में मोबाइल की बैटरी फटने से 8 वर्षीय बच्चे की आंखें झुलसी हैं। बच्चे को उपचार के लिए आईजीएमसी शिमला रैफर किया गया है। मामले की जांच की जा रही।
करणी सेना हिमाचल प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष पीयूष चंदेल ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि करणी सेना ने पहले दिन से ही प्रदेश सरकार के समक्ष यह माँग रखी थी कि स्वास्थ्य विभाग घोटाले से जुड़े उन सभी नेताओं का नाम पर्दाफ़ाश होने चाहिए जो इस घोटाले में संलिप्त थे। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने इस मामले को लेकर अपना इस्तीफ़ा दे दिया है जिससे यह साफ़ हो रहा है कि इसमें भाजपा के और भी कई नेता है जो इस घोटाले में शामिल हैं करणी सेना उन सभी नेताओं के नाम को भी पर्दाफ़ाश करने की भी अपील करती है। करणी सेना सोशल मीडिया व अख़बारों के माध्यम से लगातार सरकार से यह माँग कर रही थी कि इस घोटाले की निष्पक्ष जाँच सीबीआई द्वारा करवाई जानी चाहिए और सभी नेताओं के नाम भी पर्दाफ़ाश होने चाहिए। अभी इस केस की रिपोर्ट आना बाक़ी है जिससे सारा दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा और सभी के नाम सामने आएंगे लेकिन भाजपा अध्यक्ष के इस्तीफ़े से ये साफ़ ज़रूर हो रहा है कि भाजपा के और भी कई नेता इस घोटाले से उनके तार जुड़े हुए हैं। करणी सेना यह भी माँग कर रही है कि जब तक सभी नाम सामने नहीं आएंगे तब तक करणी सेना चुप नहीं रहेगी और तब तक लड़ती रहेगी जब तक इस केस से जुड़े सभी नाम सामने नही आ जाते।
बजरंग दल प्रांत संयोजक अधिवक्ता तुषार ने मांग की है कि बिलासपुर के समोह गांव के अंतर्गत एक मस्जिद के प्रभारी द्वारा महिला से की गई छेड़खानी को लेकर कानून के तहत उचित कारवाई की जाए। डोगरा बिलासपुर में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस वारदात का विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल बिलासपुर इकाई कड़ा विरोध व भर्त्सना करती है। इस तरह की घटनाएं बहुत ही हृदय विदारक हैं। एक उक्त धर्मगुरु कहलाने वाला व्यक्ति छेड़खानी कर रहा है जोकि निंदनीय अपराध है। उन्होंने बताया कि उनके नेतृत्व में विश्व हिंदू परिषद बिलासपुर इकाई के प्रमुख पदाधिकारी वहां गांव के लोगों से मिले संगठनात्मक तौर पर इस मामले की जांच की व उस परिवार के घर में भी गए। उन्हें न्याय दिलाने की विश्वास भी उस परिवार को व्यक्त किया। इस अवसर पर विमला अंगिरस, विजयपाल शर्मा, नीरज जयसवाल, अश्वनी शर्मा, नरेश शर्मा, लकी शर्मा, ओमकार चंदेल, सरोज कुमारी, मेहर सिंह, महेंद्र कुमार, अनिल ठाकुर व अमरदेव उपस्थित रहे। डोगरा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश व बिलासपुर जिला के अंदर इस तरह की एक पक्ष के द्वारा धार्मिक उन्माद को पैदा करने का काम किया जा रहा है और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम इस तरह की घटनाएं कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कानून इस मामले में त्वरित जांच करके दोषी को सलाखों के पीछे पहुंचाएं ताकि इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम देने से पहले लोग कई बार सोचे। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल हिंदू परिवार के साथ खड़ा है किसी भी प्रकार की आवश्यकता यदि उन्हें पड़ेगी तो उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कानून दोषी को सजा नही देता है तो समाज खुद इस कार्य को करेगा जिसका जिम्मेदार प्रशासन स्वयं होगा।
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहा है कि इस समय पूरे देश में अफरा तफरी, अराजकता और भय का वातावरण है, जो इससे पूर्व आजाद भारत में कभी भी देशवासियों को देखने -सुनने को नहीं मिला। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है मानो देश अघोषित आपात स्थिति से गुजर रहा है। उन्होने कहा कि जिस भी विरोधी दल के नेता या आम नागरिक ने भाजपा सरकार की गलत ,अनुचित और अप्रजातांत्रिक गतिविधियों और कारनामों का विरोध करने की जुर्रत की उसे बदले की भावना से उसके संवेधानिक अधिकारों से वंचित करने के लिए कथित सत्ता का दुरुपयोग करते हुए यातो विभिन्न झूठे, मनघडन्त और आधारहीन पुलिस केस घड़ कर या फिर विभिन्न अदालतों में मुकदमें चला कर उन्हें तंग व प्रताड़ित करने की जनविरोधी नीति अपनाई गई है। उन्होने कहा कि आज देश भर में विरोधी दल अथवा पार्टी का एक भी ऐसा नेता नहीं होगा, जिस पर भाजपा सरकार ने किसी न किसी बहाने से उसकी आवाज दबाने और प्रजातांत्रिक अधिकारों का हनन करते हुए उस पर दमनात्मक कार्यवाही अमल में ना लाई हो। बंबर ठाकुर ने कहा कि देश में कथित तानाशाही व आर एस एस शाही पूरी तरह से हावी हो चुकी है। उन्होने प्रश्न किया कि क्या कारण है कि केंद्र की भाजपा सरकार धर्म और मजहब के नाम देश के विभिन्न भागों में हुए सांप्रदायिक दंगे –फसाद रोकने में असफल रही है। जबकि जिस सत्य व अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी ने देश को आजाद करवाने में विशेष भूमिका निभाई थी, आज उस महात्मा गांधी के विरुद्ध समाज में कथित नफरत पैदा की जा रही है और उसके हत्यारे को देश भक्त बोला जा रहा है। उन्होने खेद व्यक्त किया कि आज देश के इतिहास को बदलने के षडयंत्र चल रहे हैं और जिन लोगों ने देश को आजाद करवाया उन्हें भुला कर अपने उन नेताओं को देश भक्त बताने के प्रयास चल रहे हैं, जिनका देश की आजादी में कोई योगदान नहीं रहा है। उन्होने कहा कि पूरा देश जानता है कि भाजपा और आर एस एस के लोगों ने अंग्रेजों से माफ़ियाँ मांगी थी और देश को आजाद करवाने में उनकी रत्ती भर भी भूमिका नहीं रही थी। केंद्र की मोदी सरकार ने लोगों को बड़े बड़े झांसे, प्रलोभन देकर और झूठे वादे करके सत्ता प्राप्त की , लेकिन अब देश की जनता बुरी तरह से परेशान है। बेरोजगारी, मंहगाई आसमान छू रही है और तानाशाही इस देश की संस्कृति बना डालने के असफल प्रयास चल रहे है, जिस से अब देश छुटकारा पाना चाहता है। बंबर ठाकुर ने कहा कि आजादी के बाद से देश पहली बार भारी आर्थिक संकट से गुजर रहा है, जबकि कोरोना के बहाने देश के मेहनत –मजदूरी करने वाले निर्धन लोगों पर पुलिस अत्याचारों की तस्वीरें देख कर मन दहल जाता है और उनको दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए हैं, जिस ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है।
सेवा भाव हो तो देश एवं समाज की सेवा किसी भी प्रकार की जा सकती है, फिर चाहे वह घर में बैठकर ही क्यों ना हो। समाज सेवा का एक ताजा उदाहरण बिलासपुर से करीब सात किलोमीटर किलोमीटर दूर नौणी गांव में देखने को मिला। नौणी निवासी सुहानी महाजन पुत्री राकेश कुमार ने करीब 100 मास्क अपने आप बनाकर जरूरतमंदों में वितरित किए हैं। इसके अलावा व्हाट्सएप वीडियो के माध्यम से लोगों को घर में मास्क तैयार करने की प्रेरणा एवं ट्रेनिंग दे रही है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छात्रा बिलासपुर में 11वीं कक्षा की छात्रा सुहानी पढ़ाई में भी टॉप पर है। विद्यालय में कार्यरत भौतिक विज्ञान प्रवक्ता राकेश भारद्वाज ने बताया कि वर्तमान में पढ़ाई व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से हो रही है। बावजूद इसके सुहानी की परफॉर्मेंस बेहतरीन है। उन्होंने बताया कि सुहानी महाजन ने अपनी माता रंजना कुमारी के साथ मिलकर अभी तक करीब 500 मास्क बनाकर आम लोगों को बांट दिए हैं। करीब 100 मास्क सुहानी ने अपने स्तर पर तैयार किए हैं। वीडियो के माध्यम से सुहानी महाजन लोगों को घर में मास्क बनाने की ट्रेनिंग भी दे रही है। शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करने के साथ.साथ समाज सेवा की भावना से भरपूर सुहानी महाजन आगे चलकर एक चिकित्सक बनना चाहती है ताकि वह देश एवं समाज की सेवा कर सके।
पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी अपनी चरम सीमा तक पहुंच गई है। अभी कुछ दिन पहले सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ताजा रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी की दर 16.7 प्रतिशत हो चुकी है जबकि लॉक डाउन पीरियड के दौरान प्रदेश में 20 से 35 वर्ष के युवाओँ ने भारी संख्या में अपना रोजगार खोया है। राम लाल ठाकुर ने कहा कि वह सरकार के ऊपर आरोप नहीं लगा रहे बल्कि तथ्यों के ऊपर बात कर रहे हैं। ठाकुर ने प्रदेश में बढ़ रहे बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को खुली बहस की चुनौती भी दी। उन्होंने कहा कि वह कुछ तथ्य देश व प्रदेश पर राज करने वाली भाजपा सरकारों के सामने रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, भारत में बेरोज़गारी दर पिछले 3 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है। सी.एम.आई.ई. की रिपोर्ट के अनुसार भारत में शहरी बेरोज़गारी दर 8.9% और ग्रामीण बेरोज़गारी दर 8.3% अनुमानित है। जबकि यह सरकार के खुद के आंकड़े है यदि आम आकड़ो की बात की जाए तो बेरोजगारी की स्तिथि भयावह है। उल्लेखनीय है अक्तूबर 2019 में भारत की बेरोज़गारी दर बढ़कर 8.5% हो गई, जो अगस्त 2016 के बाद का उच्चतम स्तर है। इस रिपोर्ट के अनुसार, राज्य स्तर पर सबसे अधिक बेरोज़गारी दर त्रिपुरा (27%) हरियाणा (23.4%) और हिमाचल प्रदेश (16.7) में आंकी गई। सी.एम.आई.ई की यह रिपोर्ट नवीनतम आवधिक श्रम बल सर्वे पर आधारित हैं जिसके तहत बेरोज़गारी दर जुलाई 2017 से जून 2018 के दौरान पिछले 45 वर्षों में सबसे बुरे स्तर पर आँकी गई है और अब तो कोविड 19 के दौरान इसकी सीमा आजादी के शुरुआती वर्षो से भी बदतर हो चुकी है। इसके अलावा सेंटर फॉर सस्टेनेबल एम्प्लॉयमेंट द्वारा 'इंडियाज एंप्लॉयमेंट क्राइसिस' शोध के अनुसार वर्ष 2017-18 के बीच,कुल रोज़गार में नौ मिलियन की अभूतपूर्व गिरावट दर्ज की गई। वहीं कृषि आधारित रोज़गार में 11.5% की गिरावट की गई है। शोध के अनुसार इसी अवधि में सेवा क्षेत्र की रोज़गार दर में 13.4% की वृद्धि हुई, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में 5.7% की गिरावट दर्ज की गई। अब सरकार यह बता दे जहां पर सेवा क्षेत्र में मेहनत मज़दूरी करने वालों की संख्या बढ़ी है ठीक उसी के विपरीत निर्माण क्षेत्र में भारी गिरावट दर्ज की गई है। उसके ऊपर विश्व आपदा की स्थिति बनी हुई है अगर समय रहते अभी भी भाजपा की सरकार नहीं जागी तो देश और प्रदेश भुखमरी का शिकार हो जाएगा। अब जो फैसले पूर्व में भी लिए गए जैसे नोटबन्दी, जी.एस.टी. की दरों को समानुपात में न लाना आज जिससे आमजन त्रस्त कर रहा है। क्या इस मसले पर प्रदेश सरकार या भाजपा का कोई बड़ा नेता बोल पाएगा, क्या युवाओं की बेरोजगारी पर इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती ।
प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस आशीष ठाकुर और हिमाचल प्रदेश की आह्वान संस्था के चेयरमैन ईश्वर चन्द्र ठाकुर (बंटी)ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सीमेंट उद्योगों की वजह से प्रदेश का वातावरण दिन प्रतिदिन दूषित होता जा रहा है। प्रदूषण की वजह से किसानों की फसलें तबाह हो गई है। इन उद्योगों की वजह से आने वाले भविष्य में गम्भीर बीमारियां फैलने का खतरा लगातार मंडरा रहा है। उन्होंने कहा सीमेंट उद्योग प्रदेश में अपनी मनमानी कर रहे है और सरकार उनकी कठपुतली बनकर रह गई है। इससे साफ प्रतीत होता है कि भविष्य में हिमाचल की जो ये सुंदर पहाड़ियां है जिन्हें देखने के लिए पर्यटक दूर दराज के क्षेत्रों से आते है वो सब खत्म हो जाएगा। ईश्वर चन्द्र ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले से ही बहुत ज्यादा सीमेंट उद्योग चल रहे है और सरकार एक और नया उद्योग शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के बसन्तपुर में खोलने जा रही है हम उसका पूर्ण रूप से बहिष्कार करते है। आज ऐसा लगता है कि सरकार डालमिया ग्रुप के आगे बिक चुकी है। उन्होंने कहा कि इस उद्योग को हम किसी भी सूरत में नही चलने देंगे चाहे उसके लिए हमे कोई भी कीमत क्यों न उठानी पड़े। हम क्षेत्र वासियो के साथ मिलकर जेल भरो आंदोलन शुरू कर देंगे और अगर जान तक कि बाजी भी इस उद्योग को बन्द करने के लिए लगानी पड़े तब भी हम पीछे नही हटेंगे। ईश्वर चन्द्र ठाकुर ने कहा कि सरकार अगर बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार मुहिया करवाना चाहती है तो क्यों नही वो प्रदेश के अंदर पर्यटन को बढ़ावा दे रहे है। हमारे प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इस मौके पर युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव आशीष ठाकुर ने कहा कि ये सीमेंट उद्योग प्रदेश में अपनी मनमानी चलाने पर उतारू हुए है। सीमेंट हमारे प्रदेश में बन रहा है पर जो सीमेंट के दाम है वो हमारे राज्य में अन्य राज्यो की अपेक्षा बहुत ज्यादा है। आशीष ठाकुर ने प्रदेश सरकार से पुनः मांग की है कि सीमेंट के दाम प्रदेश में कम किए जाएं अन्यथा प्रदेश युवा कांग्रेस पूरे राज्य की 68 विधानसभा क्षेत्रों में युवाओं के साथ मिलकर आंदोलन करेगी अगर फिर भी दाम कम नही किए गए तो सरकार और कम्पनियों का घेराव करने से भी हम पीछे नही हटेंगे।
हिमाचल प्रदेश के करणी सेना के अध्यक्ष पियूष चंदेल ने कहा है कि स्वास्थ्य घोटाले की उचित और सीबीआई जांच होनी चाहिए तथा पर्दे के पीछे छिपे सभी चेहरे बेनकाब होने चाहिए। पियूष बिलासपुर में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात यह है कि भ्रष्टाचार करने वाले कोरोना जैसी महामारी के इस भयानक काल में भी भ्रष्टाचार करने से पीछे नहीं हट रहे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से ऑडियो में बातचीत के दौरान स्पष्ट हुआ है कि इस सप्लाई के लिए स्वास्थ्य निदेशक द्वारा पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी जा रही थी। यह भी पता चला है कि उक्त स्वास्थ्य निदेशक की सेवा वृद्धि की अर्जी मुख्यमंत्री कार्यालय में किसी नेता द्वारा पहुंचाई गई थी और उसे स्वास्थ्य वृद्धि दिए जाने का मामला सरकार के अधीन था। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस सारे मामले की निष्पक्ष जांच करवाए जाने की मांग भी की और कहा कि ऐसे कौन से तार हैं जो किस नेता से जुड़े हुए हैं। यह तभी संभव हो सकता है जब इस सारे मामले की सीबीआई से जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि पहले भी हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री अपनी निष्पक्षता के लिए जाने जाते रहे हैं इसलिए करणी सेना चाहती है कि इस मामले की भी निष्पक्ष जांच हो और भ्रष्टाचार में जो चेहरे डूबे हुए हैं, वह बेनकाब हो पर सामने आए। यह भी पता चले कि जिस किसी भी बड़े नेता का इनको संरक्षण प्राप्त है, वह भी सामने आना चाहिए ताकि आम जनता को पता चल सके कि कौन इस घोटाले के पीछे हैं?
पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने मेडिकल घोटाले को लेकर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने भ्र्ष्टाचार के मामले पर ज़ीरो टॉलरेंस की नीति की घोषणा की थी लेकिन जब भी भाजपा की सरकारें बनी तब तब भ्र्ष्टाचार ने अपनी चरम सीमाएं लांघी हैं प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग ही इनके भ्र्ष्टाचार का अड्डा बना है। ठाकुर ने कहा कि जब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरेआम कैमरे पर रिश्वत लेते पकड़े गए थे तब पूरे देश ने वह देखा था। ठीक उसी दौरान भाजपा की सरकार हिमाचल प्रदेश में भी थी तब सबसे बड़ा स्वास्थ्य विभाग का घोटाला वर्ष 1997 से लेकर 1999 तक प्रदेश में चर्चा में रहा था। उस घोटाले की सी. ए. जी. की रिपोर्ट आज भी मौजूद है। यह घोटाला 84 लाख 7 हजार 750 रुपये के था। उस समय के स्वास्थ्य मंत्री आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष है। आज भी कांग्रेस के पास वह सीएजी की रिपोर्ट मौजूद है। यह 84,07,750 लाख रुपये की दलाली के प्रमाण इस रिपोर्ट में लिखित में है, दुख तो इस बात का भी है कि वर्ष 2003 में जो सरकार बनी तब भी इस घोटाले को उजागर नहीं किया गया। इस घोटाले में स्वास्थ्य विभाग के दो निदेशक जेल में रहे थे, इसके भी प्रमाण मौजूद है। अब जब वर्तमान स्वास्थ्य निदेशक अजय कुमार गुप्ता स्वास्थ्य विभाग के घोटाले ने गिरफ्तार हुए है और 5 लाख रुपए के लेनदेन की ऑडियो सामने आ चुकी है और पिछले कल उनकी क्रिटीकल केअर यूनिट से भी कहीं नौ बार किसी फोन से बात करने की बात उजागर हुई है। तो मैं पूछता हूं भाजपा की भ्र्ष्टाचार के बारे में ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अब कहां है, वह कौन सा भाजपा का बड़ा नेता है जिसका नाम सामने आ रहा है, क्यों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो कि स्वयं हिमाचल प्रदेश से है वह चुप है, क्यों प्रदेश के मुख्यमंत्री इस घोटाले पर कबूतर और बिल्ली का खेल खेल रहे है। उन्होंने भाजपा की सरकार और भाजपा के नेताओं से कहा कि कुछ तो शर्म की होती क्योंकि इन विपरीत स्थितियों में भी कोरोना जैसी महामारी के दौरान भी अगर ऐसी घिनोनी हरकत की जा रही है तो सामान्य समय मे क्या क्या किया जाता होगा। यह विषय बहुत ही गंभीर है इसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री, मंत्री व भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भी लोगों को जबाब देना पड़ेगा। इसी कड़ी को मै यदि अपने जिला बिलासपुर से जोडूं तो कोविड 19 के तहत जितनी भी जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग ने खरीदारी की है वह भी सवालों के घेरे में आ चुकी है, वहां पर भी जो कोविड19 से लड़ने हेतु जो किटें खरीदी गई क्या उनका क्वालिटी स्टैण्डर्ड पहले चेक किया गया था, क्या जिन संस्थाओं से यह किटें खरीदी गई थी क्या वह इन्हें बेचने के लिये अधिकृत थी। इस सारे गड़बड़ी और घोटाले के पीछे भाजपा के अंदर ही एक गिरोह काम कर रहा है और वह गिरोह भी उसी बड़ी संस्था का हिस्सा लगता है जिसके नीचे भाजपा व भाजपा की सरकारें काम करती है। उन्होंने कहा कि क्या यही है भाजपा की भ्र्ष्टाचार के प्रति ज़ीरो टॉलरेंस नीति।
रूकमणि कुंड में लाॅकडाउन के समय अनाधिकृत रूप नहाने आ रहे लोगों को रोकने के लिए हांलाकि शिकायत के बाद पुलिस ने दो जवानों की वहां पर डयूटी लगाई हैै। बावजूद इसके इस काम को रोकने के लिए जनप्रतिनिधि और ग्रामीण भी आगे आए हैं। रविवार को बाकायदा कमेटी का गठन जांगला पंचायत के प्रधान किशोरी लाल की अध्यक्षता में किया गया जिसमें सर्वसम्मति से कमेटी का नाम मां रुक्मणि कुंड सेवा समिति रखा गया तथा इसकी कमान अभिषेक चंदेल को सौंपी गई। किशोरी लाल व कुलदीप कुमार को संरक्षक बनाया जबकि पवन ठाकुर को सचिव, राजकुमार चंदेल, नीलम चंदेल, तुलसी राम को उपाध्यक्ष, संजीव चंदेल, प्रभात चंदेल, राजेंद्र चंदेल को सह-सचिव का दायित्व सौंपा गया। नवनियुक्त अध्यक्ष अभिषेक चंदेल ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते तब तक किसी को भी रूकमणि कुंड में नहाने की इजाजत नही होगी। उन्होंने कहा कि यहां पर काफी दिनों से देखा जा रहा है कि कुछ लोग मौज मस्ती के लिए कुंड में नहाने के लिए आते रहते हैं। जबकि इस समय पूरे देश में कोरोना महामारी फैली हुई है तथा कुछ लोग यहां पर नहाने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस कुंड का पानी करीब 20 पंचायतों के लोग पीते हैं। वक्त के साथ संभावित खतरों को देखते हुए ऐहतियात जरूरी है। चंदेल ने कहा कि यूं तो निगरानी के तौर पर कमेटी सदस्य भी पुलिस प्रशासन का सहयोग करेंगे। यदि कोई व्यक्ति यहां पर नहाता हुआ पाया जाता है या नियमों की अवहेलना करता हुआ पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी और एक हजार रूपए जुर्माना मौका पर वसूला जाएगा। यही नहीं मंदिर कुड के प्रवेश द्वार पर सूचना पट लगाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया। गौर हो कि धार्मिक आस्था की दृश्टि से रूकमणि कुंड की महत्व पौराणिक है लेकिन कोरोना वायरस के कारण अब ऐहतियातन इसे बंद किया गया है।
प्रदेश भाजपा महामंत्री एवं हमीरपुर संसदीय क्षेत्र प्रभारी त्रिलोक जम्वाल ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी प्रारंभ से ही इस कोरोना महामारी के कारण उपजी आपातकाल स्थिति से निपटने के लिए "सेवा प्रकल्पों" के माध्यम से जन-जन तक पहुंचने के लिए कार्यरत है। उन्होंने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि इस वैश्विक महामारी के संकट काल में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्त्ताओ को संगठन प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल के नेतृत्व में प्रदेश की जयराम सरकार के साथ मिलकर खुद की सम्भाल करते हुए मानव सेवा कार्यों को सतत आगे बढ़ाना जारी रखना होगा और जयराम सरकार की जनहितैषी नीतियों को प्रचार प्रसार के साथ लोगों तक पहुंचाने के लिए भी निर्विवाद आगे बढ़ें।उन्होंने बताया कि अभी तक संसदीय क्षेत्र की 454 वीडियो कांफ्रेंस बैठकों का आयोजन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि स्थानीय सांसद अनुराग ठाकुर के प्रयासों से इस संसदीय क्षेत्र में उनके द्वारा पोषित एसएमएस स्वास्थ्य सेवा देशभर में सेवा प्रकल्प का अनूठा उदाहरण है। ऐसा प्रतीत हो रहा है आज मानो कि "मानवसेवा- श्रम" और भाजपा एक दूसरे का पर्याय बन गए हों। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कार्यकर्त्ताओं को सेवा कार्यों से जुड़ने का मार्गदर्शन जहां प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा कोरोना महामारी से निपटने के लिए 130 करोड़ लोगों के हित में लिए जा रहे प्रशासनिक फैसलों के साथ-साथ भावनात्मक निर्णयों में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा घोषित "आत्मनिर्भर भारत अभियान" है, वहीं पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा कार्यकर्त्ताओं के साथ सम्वाद और बचाव हेतु "फेस कवर व सेनेटाइजर" वितरित कर सेवा कार्य को आगे बढ़ाने में उनकी अग्रणी भूमिका प्रेरणादायक रही है। त्रिलोक ने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष डॉ बिंदल के निर्देशानुसार हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्त्ता निरंतर सेवा कार्यों को ज़रूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए संकल्पित होकर जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक हमीरपुर ससंदीय क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्त्ताओं ने कुल 1768 बूथों पर 21674 फ़ूड पैकेट्स व 248458 राशन किट मुहैया करवाकर 324157 लाभार्थियों तक पहुंचने में सफलता पाई है।वहीं पर 2,75,096आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड 5,09,209 फेस कवर वितरित किये जा चुके है और साथ ही पीएम केयर्स फण्ड में 46,88,706 लाख एवम सीएम रिलीफ कोविड फण्ड में 1,39,58,453 करोड़ की राहत राशि को जन सहयोग से एकत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियां महामारी के चलते प्रतिकूल हैं और आने वाले लम्बे समय तक इसी महामारी के साथ ही पार्टी के काम को बढ़ाना होगा। त्रिलोक ने बताया कि जयराम सरकार ने भी इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए प्रदेश के हरेक ज़िला में जहां पर संगरोध केंद्रों की संख्या में बढ़ोतरी की है वहीं पर अलग से कोविड सेंटर तय कर दिए गए हैं । जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि संक्रमित मरीजों के अधिक से अधिक टेस्ट हो सके इसके लिए टेस्ट करने की व्यवस्था को भी बढाया गया है। उन्होंने बताया कि जहां सभी वर्गों की आर्थिकी को बचाने की कोशिश में जयराम सरकार ने लॉकडाउन में 11 नए उद्योगों को मंजूरी देकर प्रदेश में ही युवाओं के लिए रोज़गार सृजन की एक ओर फल की है।इन उद्योगों के स्थापित होने से प्रदेश में 332.50 करोड़ का निवेश आएगा।यही नहीं प्रदेश में जयराम सरकार 15वें वित्तायोग की सिफारिशों को लागू कर ग्राम पंचायत में 70 फीसदी, व पंचायत समितियों व जिला परिषद को 15-15फीसदी राशि जारी कर गांव के विकास में गांव के ही प्रतिनिधियों को मजबूत करने जा रही है उन्होंने बताया कि सरकार के इस साहसिक फैसले से प्रदेश को केंद्र सरकार से 429 करोड़ की धन राशि प्राप्त होगी। त्रिलोक ने कहा कि धैर्यपूर्वक "बीमारी से लड़ना है, न कि बीमार से" अभी तक इस लाईलाज महामारी के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए सोशल डिस्टेसिंग को ही जीवन में अपनाना होगा और लोगों को अधिक सजग रहने के लिए आरोग्य सेतु एप्प डाउनलोड करना अतिआवश्यक हो गया है।
प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस आशीष ठाकुर ने कहा कि आज देश वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से गम्भीर परिस्थितियों से गुजर रहा है और इस समय में समाज के हर वर्ग को एकजुट होकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है ताकि देश इस वैश्विक महामारी से जल्द से जल्द निजात पा सके। पर देखने मे ऐसा आ रहा है कि आज के समय मे भी कुछ धर्म के ठेकेदार धार्मिक आस्थायों का सहारा लेकर लोगो को भर्मित कर राजनीति कर रहे है। आशीष ठाकुर ने सभी समुदाय के लोगों से निवेदन किया है द्वेष की राजनीति छोड़ देश हित के लिए एकजुट हो जाएं। युवा नेता ने सरकार और प्रशासन से भी मांग की है कि जो लोग आज के समय मे समाज को विभाजित करने की कोशिश कर रहे है और जो लोग कानून का उलंघन कर रहे है उनकी निष्पक्ष जांच हो और दोषियों के साथ सख्ती से पेश आया जाए ताकि देश का हर वर्ग खुद को सुरक्षित महसूस करे।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी झण्डुता के अध्यक्ष सतीश चंदेल की अध्यक्षता में अपने फ्रन्टल संगठनों के सहयोग से एसडीएम झण्डुता, नायब तहसीलदार झण्डुता, एसएचओ झण्डुता, खण्ड चिकित्सा अधिकारी झण्डुता तथा खण्ड विकास अधिकारी झण्डुता एवं उनके कार्यालय में काम कर रहे सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ी जा रही जंग में फ्रन्ट पर काम करने के लिए उन्हें पुष्प गुच्छ, मास्क, सैनीटाइजर आदि देकर सम्मानित किया।
एक ओर जहां सपूर्ण विश्व कोरोना जैसी सर्वव्यापी महामारी के संकट से गुजर रहा है, तो दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी घोटाले करने में व्यस्त है। करणी सेना हिमाचल के प्रदेश अध्यक्ष पीयूष चन्देल ने सोशल मीडिया में फेसबुक के माध्यम से प्रदेश की जयराम सरकार पर कड़ा प्रहार किया है तथा इस घोटाले में लिप्त सभी अधिकारियों की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जांच के लिए सीबीआई या हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई जानी अत्यंत आवश्यक है ताकि जनता द्वारा दिए गए कोविड फंड घोटाले में सचाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि ऐसे समय मे इस घोटाले ने हिमाचल की छवि को पूरी तरह से खराब किया है और जहां लोग इतनी महामारी में भी आर्थिक तंगी के कारण मुख्यमंत्री राहत कोष या कोविड फंड में भरपूर योगदान दे रहे है, खुद की परवाह किए बिना क्षेत्र की जनता एव कोरोना पीडितों को मदद पहुँचे इस मंशा से सरकार की खुलकर मदद कर रहे थे वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग जोकि वर्तमान में मुख्यमंत्री के अधीन है उसी विभाग के निदेशक डॉ० अजय गुप्ता इसी फंड की हेराफेरी करते हुए पाए गए और विजिलेंस द्धारा गिरफ्तार भी किए जा चुके हैं। ऐसी कोरोना महामारी में भ्र्ष्टाचार कर रहे बड़े नेताओं को बिल्कुल भी शर्म नहीं है कि जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। हाल ही में बिलासपुर में भी सस्ती पीपीई किट एव कोविड रेपिड टेस्ट किटों की गुणवत्ता पर कई सवाल उठये जा चुके हैं तथा अब तो इस घोटाले के तार किसी बड़े भाजपा नेता के साथ जुड़ते नज़र आ रहे है। प्रदेश सरकार सार्वजनिक करें कि आखिर इस वायरल ऑडियो में कौन से बड़े नेता का व्यक्ति सौदेबाजी कर रहा था और पांच लाख की घूस का सच क्या है। बड़े नेता में साथ अटैच तीन कर्मचारियों को क्यों ड्राप कर दिया गया है। चंदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री जवाब दे कि हाल ही में सरकार के दो बड़े नेताओं के डीओ नोट में इसी स्वास्थ्य निदेशक की नॉकरी की एक्सटेंशन के लिए सिफारिश की जा चुकी है । पीयूष चन्देल ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार की नाकामी सबके सामने आ चुकी है, मुख्यमंत्री की अधिकारियों पर कोई पकड़ नहीं रही है । जब ऐसे संकट काल मे स्वास्थ्य विभाग ही सुरक्षित नहीं है तो जो ख़रीदारी इस विभाग के आला अधिकारियों ने कोविड 19 के लिए पूर्व में की है वह भी जांच के घेरे में है। उन्होंने कहा कि जनता द्वारा दान किए गए कोविड फंड में खुलेआम हेराफेरी हो रही है क्यूँकि यह मामला मुख्यमंत्री के विभाग का है इसलिए करणी सेना हिमाचल प्रदेश इस मामले की जाँच CBI या हाई कोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में होने की माँग करती है।
पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी विधानसभा क्षेत्र राम लाल ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर बेरोजगारी के मुद्दे पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि धर्मशाला में प्रदेश सरकार द्वारा की गई इन्वेस्टर मीट के कोई परिणाम सामने नहीं आए है। उन्होंने कहा न ही कोई इन्वेस्टमेंट हुई और न ही किसी युवा को रोजगार मिला। यह इन्वेस्टर मीट महज के राजनैतिक सोशे से ज्यादा कुछ भी नही था। इसके विपरीत प्रदेश सरकार आर्थिक मोर्चे पर विफल हो चुकी है। प्रदेश सरकार को कोविड 19 की वजह से बेरोजगार हुए लोंगो का डाटा प्रदेश के सामने रखना चाहिए और प्रदेश सरकार को यह भी बताना चाहिए कि कितनी औद्योगिक इकाइयां इस दौरान बंद हो चुकी है। कोविड19 वजह से अपना रोजगार खो चुके युवाओं और बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों के बारे में एक व्यापक नीति प्रदेश सरकार को बनानी चाहिए ताकि इस मंदी के दौर में कुछ फायदा लोगों को मिल सके। राम लाल ठाकुर ने कहा देश की आर्थिक स्थिति बड़ी विकराल रूप ले रही है जिसका सीधा प्रभाव हिमाचल प्रदेश की जनता पर भी पड़ रहा है। जो देश की आर्थिक व्यवस्था पर आंकड़े नजर आ रहे है महामंदी की और इशारा कर रहे है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2020 में भारत की वृद्धि दर सिर्फ 1.9 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। उसने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 1930 के दशक की महा मंदी के बाद सबसे खराब दौर से गुजर रही है। कोरोना की महामारी ने दुनिया भर की आर्थिक गतिविधियां रोक दी है. अगर आईएमएफ का अनुमान सही साबित होता है तो 1991 के उदारीकरण के बाद यह भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे खराब प्रदर्शन होगा और दूसरी तरफ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट के बाद अब बढ़ती महंगाई दर भी सरकार के लिए मुश्किल बन गई है और दूसरी तरफ राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है। ठाकुर ने कहा कि दिसंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 7.35 फ़ीसदी हो गई है जो नवंबर में 5.54 फ़ीसदी थी। इसके बाद जनवरी से लेकर मई 2020 खाद्य महंगाई दर में भी बेतहाशा वृद्धि दर्ज की गई है और ऊपर से कोविड 19 की मार तो ऐसी दशा में प्रदेश पर बेरोजगारी का बढ़ना और उधोगों का बंद होना चिंता का विषय है जिसके बारे में सोचना होगा।
आम आदमी पार्टी के जिला संयोजक पूर्णेद्र मोहन कश्यप ने कहा है कि प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी भाजपा सरकारों को जनता को बताना चाहिए कि वे अपने चुनावी वादों, जिनके आधार पर उन्होने जनता की वोटें लेकर सत्ता प्राप्त की है, के अनुसार अब पेट्रोल व डीजल के रेट क्यूँ कम नहीं कर पाए हैं और वे कौन से कारण हैं जिनकी वजह से विदेशों से काला धन वापिस भारत में लाकर प्रत्येक के खाते में मुफ्त में 15-15 लाख डालने में असफल रही हैं? पूर्णेद्र मोहन कश्यप ने कहा कि वास्तव में भाजपा के खाने के दाँत और तथा दिखाने के और हैं, अन्यथा कोई कारण नहीं था कि देश की 130 करोड़ जनता से वादे करके मुकर जाते। पूर्णेद्र मोहन कश्यप ने कहा कि देश के करोड़ों पढे–लिखे बेरोजगार युवक–युवतियों को प्रति वर्ष 2 करोड़ नौकरियाँ के सब्जबाग दिखाए गए, किन्तु सत्ता के सिंहासन पर बैठ कर पहले नोट बंदी और फिर जी एस टी लगा कर लोगों का सारा कारोबार ठप्प कर दिया, जिस कारण रोजगार देना तो दूर, जिन्हें रोजगार मिला भी था वह भी खत्म हो गया। उन्होने कहा कि 2003 में जब प्रदेश में भाजपा सरकार थी, तो प्रदेश में नौकरियाँ ठेके पर देनी आरंभ कर दी और पेंशन की सुविधा छीन ली गई जबकि खाली पड़े पदों को भरने की बजाए खत्म करने कि प्रक्रिया अपनाई जाने लगी है। आज युवा वर्ग जगह-जगह रोजगार की तलाश में सड़कों की खाक छान रहा है। उन्होने कहा कि किसानों को खेती करना कठिन कर दिया गया है, क्यूँ कि बीजों, कीट नाशक दवाइयों और खाद के दाम अत्याधिक बढ़ा दिये गए है, जबकि जिन किसानों ने अपनी फसलों को जंगली जानवरों, सुअरों और बंदरों से बचाने के लिए बंदूकें रखी थी उनके लाईसेंस पंजीकरण और रिन्यूयल की फीस उनकी पहुँच से बाहर कर दी गई है, जिस कारण वे अपनी फसलों की रक्षा तक करने से वंचित कर दिये गए हैं। उन्होने सरकार से मांग की कि इन सभी मामलो में गंभीरता से विचार करके उपयुक्त सुधार लाया जाए।
कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेता एवं पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश में पिछले अढ़ाई वर्षों से नियम-कानून और संविधान की नहीं बल्कि कथित तानाशाही और भ्रष्टाचार की सरकार चल रही है और सरकार अधिकारियों की कठपुतली बन कर उनके इशारों पर नाच रही है, जबकि प्रदेश की जनता विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों व समस्याओं को झेलने को विवश है। उन्होने कहा कि शिमला स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय में मुख्यमंत्री की नाक के नीचे सेनेटाईजर घोटाला और पिछले दिन स्वास्थ्य विभाग के निदेशक पर दवाइयों की खरीद करने के नाम पर भारी राशि की डील करने के आरोप में पाँच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे जाना सरकार की कार्यप्रणाली सबके सामने उजागर हुई है। उन्होने कहा कि पिछले अढ़ाई वर्षों में प्रदेश पर करोड़ों रुपयों के कर्ज का बोझ लादने का काम किया गया लेकिन फिर भी विकास कार्य ठप्प पड़े हुए हैं। उन्होने कहा कि ऐसा कोई महीना नहीं गया होगा जब सरकार को चलाने और अपने शाही खर्चों तथा हेलिकॉप्टर को उड़ाने के लिए कर्ज न लिया हो। उन्होने कहा कि हालत यह हो गए हैं कि कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन व पेंशन देने के लिए भी सरकार हर माह या तो केंद्र की ओर देखती है या फिर कर्ज लेकर इन सस्थाओं को चला पा रही है। उन्होने कहा कि अब कोरोना के नाम पर आम जनता से धन एकत्रित करने और उन्हें कोई भी सुविधा उपलब्ध करवाए बिना उनकी जेबों को खाली करने पर ध्यान दिया जा रहा है। बंबर ठाकुर ने आरोप लगाया कि जो सरकार प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के बड़े- बड़े दावे करके सत्ता में आई है, वह अब गले- गले तक भ्रष्टाचार में लिप्त होती पाई जा रही है। पहले मुख्यमंत्री की नाक के नीचे सेनेटाईजर घोटाला होने का मामला उजागर हुआ और अब आम जनता एवं निर्धनों को दी जाने वाली दवाइयों पर खर्च होने वाले धन की लूट का प्रमाण स्वास्थ्य विभाग के शिमला स्थित निदेशक के पकड़े जाने और उन्हें पाँच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजे जाने से सच्चाई सबके सामने खुल कर आई है। बंबर ठाकुर ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए कोई भी ठोस कदम उठाने में सरकार पूरी तरह से असफल सिद्ध हुई है। अस्पतालों में डाक्टरों को कोरोना सेफ़्टी किटें उपलब्ध न करवाए जाने के कारण साधारण रोगियों की चेकअप तक नहीं कर पा रहे हैं और अधिकांश रोगी बिना इलाज के भगवान को प्यारे हो रहे हैं। बंबर ठाकुर ने कहा कि केंद्र में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व में केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री रहे जगत प्रकाश नड्डा जिले के विकास के लिए एक भी योजना नहीं ला पाए हैं और जो योजनाएँ पूर्व सरकारों द्वारा लाई गई थी उन पर भी कार्य आरंभ करवाने में भाजपा पूरी तरह से असफल रही है। उन्होने कहा कि बैरी दड़ोला – लुहनू पुल, कलोल की आई टी आई और बंदला का हाईड्रो इंजीनियरिंग कालेज आज तक बिलासपुर में शुरू नहीं करवा पाये हैं जबकि एम्स में ओ पी डी चालू करने की बड़ी बड़ी डींगें हाँकी गई, जो आज तक शुरू नहीं की गई । रोगियों को सरकारी अस्पतालों में उपयुक्त इलाज सुविधा न मिल पाने के कारण प्राईवेट अस्पतालों में लाखों रुपए खर्च करके इलाज करवाने को विवश होना पड़ रहा है। उन्होने आरोप लगाया कि जिन कुछ लोगों की दुकानदारी भाजपा के सहारे चल रही है या फिर कथित करोड़ों रुपयों के ठेके लेकर मालोमाल हो रहे हैं, वे उन पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झाँके और बेतुके आरोप लगाना बंद करे अन्यथा उन्हें इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
सदर विधानसभा क्षेत्र के युवा नेता एवम प्रदेश महासचिव युवा कांग्रेस आशीष ठाकुर ने बिलासपुर जिला के स्वारघाट क्वारन्टीन सेंटर में हुई हँसराज की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट और रेफरल पर्ची में दी गइ जानकारी के आधार पर प्रदेश सरकार ओर स्वास्थ्य विभाग से मीडिया के माध्यम से कुछ सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि बिलासपुर अस्पताल की आपात ओपीडी में एक घंटे तक हंसराज को रखा गया तो उसके सिर पर लगी चोट जिसे मौत का कारण माना जा रहा है उसके उपचार के लिए क्या प्रयास हुए। ठाकुर ने कहा यदि वह नाजुक हालत में था क्योंकि पेशाब की नाली उसे लगाई गई थी तो फिर उसके साथ एंबुलेस में कोई नर्स अथवा डाक्टर क्यों नहीं भेजा गया। आशीष ने कहा कि बिलासपुर से शिमला पहुंचने में एंबुलेंस को सवा पांच घंटे कैसे लगे। क्या पौने नौ बजे का समय जो रेफरल पर्ची में दिया गया वह सही है। आशीष ठाकुर ने बताया कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने 5 दिन में मैजेस्ट्रीयल जांच पूरी करने के आदेश जारी किए थे पर 11 दिन बीत जाने तक भी कोई जांच रिपोर्ट सांझा नही की गई है। युवा नेता ने प्रदेश सरकार और जांच अधिकारी से मांग की है कि उक्त मामले की निष्पक्ष जांच हो ओर दोषियों को सख्त सजा मिले अन्यथा लॉक डाउन खत्म होने के बाद क्षेत्र के लोगो के साथ मिलकर मजबूरन आंदोलन किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार और प्रशासन की होगी।
सदर के विधायक सुभाष ठाकुर ने कहा है कि कोरोना काल में भी कुछ कांग्रेसी मित्र राजनीति कर रहे हैं जो कि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चुने हुए विधायकों की भी जिम्मेवारी बनती है कि इस समय राष्ट्र की एकता में अपना योगदान दें तथा जिस तरह से प्रधानमंत्री ने अपनी दूर दृष्टि से इस संकट से निपटने के लिए योजनाएं बनाई हैं उन पर अमल करें। बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित करते हुए ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्णय भी फलीभूत हुए हैं तथा बहुत हद तक कोरोना पर काबू पाने की कवायद स्पष्ट सामने आ रही है। उन्होंने तमाम कोरोना वारियर्स का आभार प्रकट किया कि संकट की इस घड़ी में वह लोगो की सुरक्षा के लिए खड़े हैं। उन्होंने पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, सफाई कर्मचारी, जिला प्रशासन के साथ-साथ पत्रकारों का भी आभार प्रकट किया। उन्होंने इस अवसर पर बिलासपुर प्रेस के सभी सदस्यों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। सरकार ने बाहर रह रहे लोगों का रखा ध्यान ठाकुर ने कहा कि हिमाचल सरकार ने राज्य के बाहर विभिन्न प्रदेशों में रह रहे लोगों तथा पढ़ रहे छात्र- छात्राओं का पूरा ध्यान रखा और उन्हें चरणबद्ध तरीके से हिमाचल लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा निर्देशित कार्यक्रम के अनुसार यह सब किया जा रहा है। लोगों में कोरोना से वचाव के प्रति बढ़ी जागरूकता विधायक सुभाष ठाकुर ने कहा कि कोरोना काल के चौथे लॉक डाउन में लोगों में जागरूकता बढ़ी है तथा अब हर कोई अपने आप को कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना के साथ जीने का अभ्यास डालना चाहिए। बिलासपुर सदर में सभी विकास कार्य आरम्भ ठाकुर ने बताया कि बिलासपुर सदर में सारे विकास कार्य आरंभ हो चुके हैं। इस समय एम्स का निर्माण कार्य और हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण का कार्य आरंभ हो चुका है तथा वही एसीसी और बागा सीमेंट कारखाने भी उत्पादन करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने सड़कों का कार्य और आईपीएच विभाग ने पेयजल योजनाओं का कार्य आरंभ कर दिया है वहीं मनरेगा के कार्य भी हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि सदर की विभिन्न सड़कों पर लगभग 50 करोड़ रुपये व्यय किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोलडैम योजना से एक लाख लोगों को पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। वहीं 2.25 करोड रुपए की लागत से 25 नए टैंक भी बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बरमाणा, बैरी रजादयँ, देवली पंजगाईं , धार टटोह व हरनोड़ा के लिए 24 करोड रुपए की एक पेयजल योजना की टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इस अवसर पर जिला भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र सांख्यान तथा महामंत्री आशीष ढिलों व युवा मोर्चा के विनोद ठाकुर भी उपस्थित रहे।
लंबे समय तक बिलासपुर एसपी आफिस में सहायक कानून अधिकारी के पद पर रहे और वर्तमान में डैहर पुल पर अपनी सेवाएं दे रहे प्रकाश चंद बंसल ने मुसीबत के मारे लोगों को अपने घर में आश्रय देकर न सिर्फ इलाके का बल्कि अपने पुलिस विभाग का नाम भी पूरे देषश में रौशन किया है। हिमाचल की वादियों को निहारने के लिए पैकेज टूअर पर एक कोलकाता का परिवार आया था लेकिन शिमला मनाली घूमने के बाद यह लोग लाॅकडाऊन के कारण सुंदरनगर में फंस गए। वहीं टैक्सी चालक भी उन्हें किसी होटल में छोड़कर चला गया। कुछ दिन परेशानी में रहने के बाद बिलासपुर पुलिस के मुख्य आरक्षी प्रकाश चंद बंसल जो इन दिनो डैहर पुल पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, अपने नए घर सुंदरनगर जा रहे थे कि रास्ते में उन्हें यह परिवार सड़क पर मिला और फिर उनकी समस्या सुनी। इसके बाद प्रकाश बंसल ने जिला प्रषासन को सूचित किया। प्रशासन ने इन लोगों को भोजन मुहैया करवाया और कहीं ठहरने की व्यवस्था की। व्यवस्था ठीक न होने के कारण यह परिवार और परेशान हो गया था। फिर उन्होंने प्रकाश बंसल को अपनी समस्या से अवगत करवाया। बंसल ने उन्हें अपने घर रहने की आफर की लेकिन यह परिवार ना-नुकर कर वहां चला गया। बंसल ने अपने मकान में अलग से पूरा सेट इन्हें रहने के लिए दिया है। यह परिवार स्वयं अपनी पंसद का भोजन बनाता है और पूरी आजादी से रह रहा है। इस परिवार के मुखिया साज्जल मंडल, अपनी पत्नी रूपाली मंडल तथा बेटा अभि और बेटी फेंटेसी (निवासी जाधवपुर कोलकाता वेस्ट बंगाल )के साथ अब खुश है। हालांकि जिला प्रशासन भी इनसे बराबर संपर्क बनाए हुए हैं। गौर हो कि प्रकाश बसंल इस परिवार की सेवा बिलकुल निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं। इनके खाने पीने का पूरा बंदोबस्त प्रकाश द्वारा निशुल्क किया जा रहा है। प्रकाश बाकायदा उनकी पंसद का भोजन, सामग्री आदि लाकर उन्हें देते हैं। प्रकाश इनके एक रूप्या तक नहीं लेते है, जो कि समाज के लिए वास्तव में मानवता की सेवा को लेकर अनुकरणीय उदाहरण है। लाॅकडाऊन और कर्फयू के इस माहौल में मानवता की सेवा करने का ऐसा विलक्षण मौका बिरले लोगों को ही मिलता है। यह ऐसा समय हैं जहां पर लोग अपने को छूने से कतरा रहे हैं, अपने पास ठहराना तो बहुत दूर की बात है। लेकिन प्रकाश बसंल जैसे ऐसे पुलिस कर्मी भी है जो अपने इन्हीं कारनामों से साबित करते हैं कि धरती पर इंसान और इंसानियत तभी जिंदा रह सकती है जब व्यक्ति विवेक से काम लें। कौन है प्रकाश चंद बंसल बिलासपुर पुलिस विभाग में कानून अधिकारी पर लंबे समय से सेवा दे रहे प्रकाश की कानून पर अच्छी पकड़ है तथा अब डैहर पुल के इस पार अपनी सेवाओं को ईमानदारी से जारी रखे हुए हैं। मानव सेवा ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य प्रकाश द्वारा बिलासपुर और मंडी में बुजुर्गों के लिए डे-केयर सेंटर चलाए हुए हैं। बुजुर्गों की सेवा करना, नशे में गए युवाओं को वापिस समाज की मुख्य धारा में लाना, गरीब व असहाय लोगों की मदद करने में अगली पंक्ति में खड़े होना प्रकाश की जीवनशैली का हिस्सा है। इन दिनों वे कोरोना वाॅरियर की भूमिका में प्रदेश पुलिस के साथ हिमाचल का नाम भी रोषन कर रहे हैं। यही नहीं समाज सेवा की इनकी प्रोफाइल बहुत लंबी है। पर्यटक परिवार की बेटी फैंटेसी मंडल का कहना है कि हमें परेशनी से निकालकर और न सिर्फ अपने घर में जगह देकर बल्कि हमारी हर जरूरत को बिना कोई पैसा लिए पूरा करने वाले प्रकाश चंद देव स्वरूप लोग ही ऐसे होते हैं। वे सारे परिवार के साथ घुल मिल कर रहते हैं। उन्होंने कहा कि अभी उन्हें 20 मई को जाना था लेकिन पश्चिम बंगाल में समुद्री तूफान के कारण कार्यक्रम स्थगित हो गया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी उनसे संपर्क बनाए हुए हैं।