हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के आनी क्षेत्र में मंगलवार सुबह एक भीषण सड़क हादसा हुआ। हादसे में एक निजी बस के गहरी खाई में गिरने से 3 लोगों की मौत हो गई है,जबकि 39 लोग घायल हुए है। हादसा सुबह करीब 11 बजे श्वाड-निगान सड़क पर शकेलड़ के समीप हुआ।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस करसोग से आनी जा रही थी। बस का पट्टा टूटने के कारण अनियंत्रित होकर करीब 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे की भयानकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बस के परखच्चे उड़ गए। दुर्घटना के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई, और स्थानीय लोग तुरंत बचाव कार्य में जुट गए।हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने अपनी तत्परता दिखाते हुए बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को तुरंत पास के अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे कई जानें बचाई जा सकीं। चालक की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दो लोगों ने अस्पताल जाते समय दम तोड़ दिया। कुल्लू के पुलिस अधीक्षक कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने पुष्टि करते हुए बताया कि बस में 42 लोग यात्री सफर जार रहे थे। जिनमें से तीन लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 39 लोग घायल हुए है। यह हादसा पूरे इलाके को स्तब्ध कर गया है। स्थानीय प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। घटना की गहन जांच की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
हिमाचल प्रदेश में ऊपरी इलाकों में हुई बर्फबारी के चलते कड़ाके की ठंड हो गई है। जिला ऊना, हमीरपुर और पालमपुर में पारा शून्य पहुंच गया है। शिमला में रात को तापमान एक डिग्री सेल्सियस रहा। प्रदेश में सबसे ज्यादा न्यूनतम तापमान 5.9 नाहन में दर्ज हुआ। रात का पारा कम होने से सड़कों पर फिसलन बढ़ गई है। कई जगह पानी के पाइप जम गए हैं। चंबा-किलाड़ वाया सचे जोत मार्ग बंद हो गया है। वहीं, मनाली-लेह मार्ग पर सफर करना खतरनाक हो गया है। मैदानी जिलों में बुधवार से शुक्रवार तक सुबह-शाम के समय कोहरा पड़ने और अन्य जगह शीतलहर का येलो अलर्ट जारी हुआ है। बुधवार को प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। वीरवार को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार जताए गए हैं। शिमला में मंगलवार को धूप खिलने के साथ मौसम दिन भर साफ रहा, लेकिन शीतलहर कम नहीं हुई। ऊना में अधिकतम तापमान सबसे ज्यादा 23.8 डिग्री सेल्सियसरहा। भरमौर क्षेत्र में नल में पानी की धार बर्फ में तबदील नजर आई। लाहौल घाटी में माइनस तापमान के बीच 97 फीसदी घरेलू नलों में पानी जम हो गया है। लाहौल के धुंधी, सिस्सू और जिस्पा के अलावा अन्य कई स्थानों पर ब्लैक आइस में वाहन फिसलते रहे। पुलिस ने अटल टनल पर्यटक वाहनों के लिए बंद कर दी है। हालांकि, फॉर बाई फॉर वाहनों में पर्यटक अटल टनल की ओर गए। कुफरी, डोडरा क्वार, चौपाल में हुई हल्की बर्फबारी हुई। प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में मौसम साफ रहने के साथ शिमला के कुफरी, डोडरा क्वार और चौपाल में मंगलवार दोपहर बाद हल्की बर्फबारी हुई। चांशल दर्रा बंद होने से डोडरा क्वार सड़क वाहनों की आवाजाही के लिए ठप हो गई है। किन्नौर में ऊंचे इलाकों में बर्फबारी के दो दिन बाद भी तीन ग्रामीण रूट बंद चल रहे हैं। छितकुल, कुनौचारंग और आसरंग के लिए मंगलवार को भी पथ परिवहन निगम की बसों की आवाजाही नहीं हो पाई है। प्रदेश में बर्फबारी के बाद शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। सोमवार रात को सात जिलों का न्यूनतम पारा माइनस में रिकॉर्ड हुआ। इनमें लाहौल-स्पीति जिले के ताबो में सबसे कम- 12.7 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान है। इसके अलावा कुकुमसेरी का -8.1, समदो का -7.9, कल्पा का -5.4, शिमला जिले में नारकंडा के -3.4, कुफरी का-2.2, कुल्लू जिले में मनाली का -2.8, सेऊबाग का -2.5, बजौरा का -1.6, भुंतर का -1.4, किन्नौर जिले के रिकांगपिओ का -1.8, चंबा जिले के भरमौर का -1.7, बिलासपुर जिले के बरठीं का -0.7, सोलन का - 0.6 डिग्री न्यूनतम तापमान रहा।
** बिलासपुर से 6 नई योजनाओं का होगा शुभारंभ हिमाचल प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीतकर सत्ता में आई सुक्खू सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 11 दिसंबर 2022 को मुख्यमंत्री की शपथ लेकर कार्यभार संभाला था। इस उपलक्ष्य में प्रदेश सरकार केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला बिलासपुर के लुहणू मैदान में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित करने जा रही है। इस समारोह को यादगार बनाने के लिए सरकार ने लुहणू मैदान में 30 हजार की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए मंत्रियों सहित सभी विधायकों को अपने अपने विधानसभा क्षेत्रों से लोगों को लाने का टारगेट दिया गया है। वहीं, इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लोगों के सामने सरकार की दो साल की उपलब्धियों का गुणगान करेंगे और साथ ही 6 नई योजनाओं का शुभारंभ भी करेंगे। हिमाचल में कांग्रेस सरकार के दो साल का कार्यभार पूरा होने पर बिलासपुर के लुहणू मैदान समारोह आयोजित होगा। ये कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू होगा, जिसमें प्रदेश भर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटेगी। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश में 6 नई योजनाओं का शुभारंभ करेंगे, जिनमें राजीव गांधी स्टार्ट-अप स्वरोजगार योजना के तहत ई-टैक्सी, विधवाओं के बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना, हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजना, प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का हिम भोग आटा, गोबर की खरीद योजना और प्राकृतिक रूप से उत्पादित मक्की की खरीद के लिए संबंधित किसानों को धन हस्तांतरण करना शामिल है। इसके अलावा इस दौरान पांच आयुष मोबाइल वैन को भी हरी झंडी दिखाई जाएगी। वहीं, पुरानी पेंशन योजना और मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के लाभार्थियों को चेक भी वितरित किए जाएंगे। इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों को भी सम्मानित भी किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के दो साल के समारोह में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन सभी राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को कार्यक्रम में आने का न्योता दिया था। ‘व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भर हिमाचल’ थीम पर किए जा रहे समारोह में हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रभारी एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव राजीव शुक्ला मुख्य अतिथि होंगे।
चकमोह: एनएसयूआई के वर्तमान कॉलेज अध्यक्ष ऋषभ भारद्वाज ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के जिला प्रबंधक (डीएम) को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें पठानकोट-देवसिद्ध बस सेवा को शाहतलाई तक विस्तारित करने या इस मार्ग पर एक विशेष बस सेवा शुरू करने की मांग की गई। ऋषभ भारद्वाज ने बताया कि दोपहर 3:15 के बाद शाहतलाई के लिए कोई भी बस सेवा उपलब्ध नहीं है, जिससे खासकर छात्रों और स्थानीय निवासियों को अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। कॉलेज के विद्यार्थियों को कक्षाओं के बाद यात्रा करने में घंटों इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई हमेशा छात्रों और समाज के हित में सक्रिय रही है, और यह मांग छात्रों की सुविधाओं और उनके समुचित आवागमन को ध्यान में रखते हुए की गई है। यदि एचआरटीसी इस समस्या का समाधान करता है, तो यह छात्रों के लिए एक बड़ी राहत होगी। एनएसयूआई ने उम्मीद जताई है कि निगम जल्द ही इस मांग पर सकारात्मक कदम उठाएगा, और यदि ऐसा नहीं होता, तो छात्रों के हित में आगामी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, एनएसयूआई ने इस पहल में मदद करने के लिए मनजीत सिंह डोगरा का आभार व्यक्त किया।
कुनिहार: 20 वर्षीय रिया कंवर, जो पिछले एक साल से ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थी, अब इस दुनिया में नहीं रही। रिया के निधन की खबर ने न केवल उसके परिवार को, बल्कि कुनिहार क्षेत्र के हर उस व्यक्ति को शोक में डुबो दिया, जो पिछले एक साल से उसकी स्वस्थ होने की दुआ कर रहा था। रिया के पिता विजेन्द्र सिंह कंवर ने अपनी बेटी के इलाज के लिए हर संभव प्रयास किए, आर्थिक तंगी के बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। एक साल पहले रिया के पेट में अचानक दर्द हुआ था, जिसके बाद उसे कुनिहार के स्थानीय अस्पताल में दिखाया गया। वहाँ से उसे शिमला के IGMC रेफर किया गया, जहां टेस्ट के बाद रिया को ब्लड कैंसर का पता चला। इस प्रकार के कैंसर का इलाज बेहद महंगा था और लगभग 40 लाख रुपये की आवश्यकता थी। दिहाड़ी मजदूरी करने वाले रिया के पिता के लिए इतनी बड़ी राशि जुटाना नामुमकिन था। फिर भी परिवार ने अपनी जमा पूंजी और लोगों की मदद से इलाज जारी रखा। रिया का इलाज चंडीगढ़ और फिर देहरादून के अस्पतालों में भी चलता रहा। कुछ समय के लिए रिया स्वस्थ होकर घर भी लौट आई थी, लेकिन अचानक उसकी तबीयत फिर से बिगड़ गई। रिया के माता-पिता और परिवार ने अपनी बेटी को बचाने के लिए हर प्रयास किया, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। मंगलवार सुबह रिया का शव देहरादून से गांव थावना पहुंचा, और गांव के शमशान घाट पर उसके छोटे भाई सक्षम कंवर ने रिया का अंतिम संस्कार किया। रिया के परिवार ने उन सभी लोगों का धन्यवाद किया जिन्होंने इस कठिन समय में उनकी मदद की।
** टुटू में बीएमओ ऑफिस खोलने, 16 मील कॉलेज के लिए समुचित धन राशि प्रदान करने की घोषणा की मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज शिमला जिले के टूटू में 4.50 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित विनियमित मण्डी का लोकार्पण किया। इस मण्डी में 8 दुकानें, नीलामी मंच, किसानों को ठहरने के लिए 20 बिस्तरों की डोरमैट्री व सार्वजनिक कार्यक्रमों हेतु एक बड़ा हॉल और अन्य मूलभूत सुविधाएं होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मण्डी के बनने से धामी, घनाहट्टी, मजठाई, बागी, धमून, बाईचड़ी, ढांडा, चायली, नैहरा, देवनगर, गलोट, जुब्बडहट्टी, रामपुरी, शकराह व कालीहट्टी आदि पंचायतों के किसान लाभाविन्त होंगे। उन्हें अपनी नकदी फसलों और सब्जियों के उचित मूल्य प्राप्त होंगेे। उन्होंने कहा कि इससे पहले उन्हें अपने उत्पाद बेचने के लिए शिमला आना पड़ता था, जिससे उनके समय के साथ-साथ आर्थिक नुकसान भी होता था। उन्होंने कहा कि इस मण्डी के निर्माण से इन पंचायतों की लम्बे समय से चली आ रही मांग पूर्ण हो गई है। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को उनके उत्पाद के उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विनियमित मण्डियों का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों बागवानों के घरद्वार के समीप मण्डियों के निर्माण से न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है बल्कि उनके समय में भी बचत हो रही है। मुख्यमंत्री ने टूटू में बीएमओ ऑफिस के साथ-साथ पर्याप्त चिकित्सक नियुक्त करने की घोषणा की। उन्होंने बडैहरी-शिल्ली-हीरानगर सड़क के लिए दो करोड़ देने का आश्वासन दिया। उन्होंने टूटू के दो वार्डों में सीवरेज सिस्टम की सुविधा उपलब्ध करवाने और एंबुलेंस रोड के निर्माण का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि 16 मील में महाविद्यालय भवन के निर्माण के लिए राज्य सरकार समुचित धन उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने दो श्मशान घाट के निर्माण के लिए 10-10 लाख और गौशाला के लिए भी 10 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्राकृतिक खेती से उत्पादित 4000 क्विंटल मक्की की खरीद 30 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से खरीद की है और आगामी वर्ष से 40 रुपए प्रति किलो की दर से प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं की खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा कि मक्की के आटे को हिम-भोग के नाम से बाजार में उतारा जायेगा। हमारी सरकार ने दूध की खरीद दरों में 15 रुपए प्रति लीटर की बढ़ौतरी की। गाय के दूध को 45 रुपए तथा भैंस का दूध 55 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। मनरेगा की दिहाड़ी ऐतिहासिक 60 रुपए बढ़ाकर 300 रुपए की गई है। यह सभी कदम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी पात्र व्यक्यिों तक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विधवाओं के 27 वर्ष की आयु तक के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का पूरा खर्च उठा रही है। इस योजना का विधिवत शुभारंभ 11 दिसंबर को किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के 6000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रुप में अपनाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने भ्रष्टाचार के चोर दरवाजों को बंद करके अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है तथा अब इस धन से लोगों के कल्याण के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। राज्य सरकार सभी गारंटियों को चरणबद्ध तरीके से पूरा कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने पांच साल में 20 हजार नौकरियां प्रदान की तथा वर्तमान कांग्रेस सरकार ने मात्र दो वर्षों में 31 हजार नौकरियां निकाली हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार खुद को डबल इंजन की सरकार की कहती थी, लेकिन उनके कार्यकाल में हर क्षेत्र के स्तर में गिरावट हुई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बदलाव लाकर सुधारात्मक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अगले तीन वर्षों में शिक्षा व स्वास्थ्य का मजबूत आधारभूत ढांचा तैयार करेगी। उन्होंने कहा कि उनका पूरा मंत्रिमंडल एकजुटता के साथ इस दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘हम दृढ़ इच्छा-शक्ति से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएंगे और इसमें सभी का सहयोग आवश्यक है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल आई आपदा के दौरान अगर सही समय पर टूटी हुई सड़कों को ठीक नहीं किया जाता, तो सेब बागवानों को काफी नुकसान होता। लेकिन राज्य सरकार ने आपदा के दौरान सौ करोड़ रुपए व्यय कर सड़कें बहाल की है और बागवानों के उत्पादों को मंडियों तक पहुंचाया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि युवा पीढ़ी को पुराने रीति रिवाज, बोली और संस्कृति को संजो कर रखना चाहिए क्योंकि यही हमारी पहचान है। उन्होंने सभी से सही जीवन-शैली अपनाकर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में आदर्श स्वास्थ्य संस्थान स्थापित किए गए हैं, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है ताकि लोगों को उनके घर-द्वार पर ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकें। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार बिना किसी द्वेष भाव के काम कर रही है। उन्होंने कहा कि शिमला ग्रामीण क्षेत्र में विकास की कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है और दो साल में 400 करोड़ रुपये के विकास कार्य आरंभ किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का एक समान विकास वर्तमान राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मटौर-शिमला फोरलेन के शालाघाट से तारादेवी पैकेज के निर्माण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि शिमला के समीप जाठिया देवी इलाके में जल्द से जल्द नया शहर बसाने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने सब्जी मंडी का शुभारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर को राज्य सरकार के दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य पर बिलासपुर में एक विशाल रैली का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से रैली में बढ़-चढ़ कर भाग लेने की अपील की। एपीएमसी शिमला व किन्नौर के अध्यक्ष देवानंद वर्मा ने सब्जी मंडी की सौगात के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि इससे क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे है। इस अवसर पर पूर्व विधायक सोहन लाल व चिरंजी लाल, सचिव कृषि सी पालरासू, उपायुक्त अनुपम कश्यप और अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।
** काफी संख्या में शिमला पहुच रहे पर्यटक, पर्यटन कारोबारी खुश हिमाचल प्रदेश में बीते दिन शिमला सहित कई हिस्सो में जमकर बर्फबारी हुई है। बर्फबारी की खबर सुनते ही पंजाब हरियाणा दिल्ली से काफी तादात में पर्यटक शिमला पहुच रहे है। शिमला शहर में हालांकि बर्फ कम है लेकिन कुफरी में अभी भी बर्फ है। बर्फ के दीदार करने के लिए पर्यटक कुफरी का रुख कर रहे है। कुफरी में पर्यटक बर्फ के साथ मस्ती करते हुए नजर आए। मौसम विभाग द्वारा आज भी बर्फबारी की आशंका जताई है। शिमला पहुंचे पर्यटको का कहना है कि यहां पर उन्होंने बर्फबारी की उम्मीद भी नहीं कि थी लेकिन मौसम ने अचानक करवट बदली और शिमला में बर्फबारी शुरू हो गई। और बर्फ़ देखने की हसरत पूरी हो गई। शिमला में बर्फबारी होने से पर्यटन कारोबारी भी खुश है। बर्फबारी के बाद पर्यटक शिमला पहुच रहे है। जिससे शिमला के होटलो में ऑक्यूपेंसी भी बढ़ रही है। शिमला में पिछले दो महीने से पर्यटक कम आ रहे थे, जिससे पर्यटन कारोबारी भी निराश थे। वही अब पर्यटन कारोबार भी पटरी पर लौटने लगा है।
विद्युत उप-मण्डल प्रागपुर के अंतर्गत आने वाले सभी उपभोक्ताओं ने अभी तक अपने मीटर की केवाईसी नहीं करवाई है वे सभी उपभोक्ता 10-12-2024 तक अपने मीटर की केवाईसी उपमण्डल प्रागपुर में आने वाले सेक्शन के अंतर्गत निर्धारित तिथि को निर्धारित स्थान पर सुबह 10:00 से शाम 4:00 तक करवा ले। इसके अतिरिक्त जिन भी उपभोगताओ कि केवाईसी नही हुई होगी वह 16-12-2024 से पहले विद्युत् उपमंडल प्रागपुर में आकर करवा ले अन्यथा आपको हिमाचल सरकार द्वारा बिलों पर दी जानेवाली सब्सिडी बंद हो सकती है। यह जानकारी विक्रमजीत सिंह विद्युत उपमंडल प्रागपुर ने दी है और जनता से सहयोग की अपील की है।
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज कोटखाई उपमंडल के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र उबादेश दोरा किया। इस दौरान उन्होंने बाघी पुलिस चौकी का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इस पुलिस चौकी को नियमित चौकी का दर्जा प्रदान किया गया है। जिसका निर्णय पिछली केबिनेट में लिया गया था। बाघी एक महत्वपूर्ण स्थान है बढ़ते नशे की प्रवृति पर अंकुश लगाने के साथ साथ कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के लिए ये चौकी बहुत जरूूरी थी। रोहित ठाकुर ने कहा कि बाघी रत्नाडी में पानी की काफी ज्यादा समस्या है इसका समाधान आने वाले समय में किया जाएगा। इस अवसर पर जुब्बल नावर कोटखाई कांग्रेस मण्डल अध्यक्ष मोतीलाल डेरटा, पूर्व ज़िला परिषद सदस्य लायक राम औसटा, BDC बाघी रत्नाडी सदस्य हरिदत और NGO रत्नाडी सदस्य कुलदीप सिंह, संजय सारटा और बाघी रत्नाडी की जनता मौजूद रही।
हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश वाले सरकारी स्कूलों के लिए छुट्टियों का संभावित शेड्यूल जारी कर दिया है। राज्य के सरकारी स्कूलों के लिए छुट्टियों के कार्यक्रम का मामला पिछले कुछ समय से सरकार के विचाराधीन था। उचित विचार-विमर्श के बाद कुछ निर्देशों के साथ एक संभावित छुट्टियों का कार्यक्रम तैयार किया गया है। सरकार की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि छुट्टियों के कार्यक्रम को अंतिम रूप देने से पहले इन निर्देशों को व्यापक रूप से प्रसारित किया जाएगा ताकि विभिन्न हितधारकों जैसे कि माता-पिता, विद्यार्थी, शिक्षक, उप निदेशक आदि की प्रतिक्रिया, राय प्राप्त की जा सके। इस पर विभिन्न हितधारक 15 दिन के भीतर अपनी प्रतिक्रिया व राय दे सकेंगे। इसके बाद सभी प्रतिक्रियाओं को 15 जनवरी 2025 से पहले आपकी टिप्पणियों के साथ विभाग को भेजने का फैसला लिया गया है, ताकि छुट्टियों के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जा सके।
मंडी: बीते कल प्रदेश के कई हिस्सों में बर्फबारी देखने को मिली है। वहीं, मंडी जिला की सबसे ऊंची चोटी माता शिकारी देवी, शैट्टाधार, तुगासींगढ जैसे धार्मिक स्थलों में इस सर्दी का पहला हिमपात होने से पर्यटकों के चेहरे खिल गए हैं। बर्फबारी से ऊंची चोटियों ने सफेद चादर ओढ़ ली है। चोटियों में हल्की बर्फबारी के बाद मंडी जिला ठंड की चपेट में आ गया है। बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ने से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। मौसम विभाग ने रविवार और सोमवार के लिए मंडी जिले की सभी ऊंची चोटियों पर बर्फबारी का अलर्ट जारी किया था। हालांकि उम्मीद के मुताबिक बर्फबारी नहीं है, लेकिन हल्की बर्फबारी से पर्यटकों और बागवानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। आने वाले दिनों में बागवानों को अच्छी बर्फबारी की उम्मीद है। उपमंडल अधिकारी थुनाग रमेश कुमार ने बताया कि शिकारी माता मंदिर में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है। थुनाग में किसी भी पर्यटक के बर्फबारी के बीच फंसे होने की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि मौसम के खराब होने पर शिकारी माता और ऊंची चोटियों पर बने किसी मंदिर या क्षेत्रों में न जाएं। जिला मंडी की सबसे ऊंची चोटी पर विराजमान माता शिकारी के कपाट हर साल 15 नवंबर के बाद 4 से 5 मार्च तक के लिए बंद रहते हैं, क्योंकि इसके बाद यहां हल्की बारिश और बर्फबारी शुरू हो जाती है। सराज घाटी में जंजैहली से 16 किलोमीटर दूर शिकारी देवी मंदिर एक ऐसा मंदिर है, जिस पर आज तक कोई छत नहीं बनाई गई है। मंदिर कमेटी के सदस्य धनीराम ठाकुर ने ईटीवी भारत को बताया था कि कई कोशिशों के बाद भी इस रहस्यमय शिकारी देवी मंदिर की छत नहीं बन पाई। शिकारी माता खुले स्थान पर आसमान के नीचे रहना ही पसंद करती है। कई कोशिशें करने के बाद माता ने मंदिर पर छत बनाने की अनुमति नहीं दी। माता की अनुमति के बिना यहां एक पत्थर भी नहीं लगाया जा सकता है। बारिश, आंधी, तूफान और बर्फबारी में भी शिकारी माता खुले आसमान के नीचे रहना ही पसंद करती हैं। शिकारी शिखर की पहाड़ियों पर हर साल सर्दियों में कई फीट तक स्नोफॉल होता है।\ मंदिर के प्रांगण में भी कई फीट तक बर्फ गिर जाती है, लेकिन छत न होने के बाद भी माता की मूर्ति पर ना बर्फ टिकती है और ना ही जमती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण अज्ञातवास में पांडवों ने करवाया था।
** हा*दसे में नहीं हुआ कोई जानी नुकसान हिमाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में बीते कल हुई बर्फबारी ने किसानों को खुशी तो दी, लेकिन कुछ जगहों पर यह परेशानी का कारण भी बनी। सिरमौर जिले के रोंडी चौरास से करीब 3 किलोमीटर आगे फागनी के पास सुबह करीब तीन बजे एक दुर्घटना हुई, जिसमे एक एलपी गाड़ी, जो पनौग से सीमेंट खाली करके बिलासपुर लौट रही थी, बर्फ पर फिसलकर करीब 100 मीटर नीचे पलट गई। गाड़ी के चालक रमेश चंद और परिचालक लक्की इस हादसे में सुरक्षित बचे। हालाँकि लक्की को हल्की चोटें आईं, जिनका इलाज नौहराधार अस्पताल में किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही नौहराधार पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंच कर जांच शुरू की ।
** घाय*ल व्यक्ति को किया गया सोलन अस्पताल रेफर बीती रात एक स्कॉर्पियो एचपी 14 सी 4580 गाड़ी बर्फ पर फिसलकर गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना रात करीब 12 बजे की है, जब गाड़ी कुपवी से सोलन की ओर जा रही थी। रोंडी चौरास में बर्फ की वजह से गाड़ी फिसल गई। गाड़ी में चार लोग सवार थे। इनमें से दो, अरुण और सुरेंद्र, गाड़ी को धक्का लगाने के लिए बाहर उतर गए थे, जबकि राजेश (पुत्र गुमान सिंह, निवासी चंजाह, कुपवी) और चालक वेद प्रकाश (पुत्र दलीप सिंह, निवासी कुलग) गाड़ी के अंदर ही थे। फिसलन ज्यादा होने के कारण गाड़ी गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में चालक वेद प्रकाश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि राजेश गंभीर रूप से घायल हो गए। घायल राजेश को तुरंत एक निजी गाड़ी से राजगढ़ अस्पताल ले जाया गया। पुलिस भी रात में ही मौके पर पहुंच गई थी। राजेश को प्राथमिक उपचार के बाद सोलन अस्पताल रेफर कर दिया गया। वहीं, मृतक वेद प्रकाश का राजगढ़ में पोस्टमार्टम किया जाएगा, जिसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया जाएगा। डीएसपी संगड़ाह, मुकेश डडवाल ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि दुर्घटना की जांच स्थानीय पुलिस कर रही है। उन्होंने अपील की है कि लोग बर्फ के मौसम में सावधानीपूर्वक यात्रा करें और रात में सफर करने से बचें।
** ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की आज भी संभावना, 10 दिसंबर के बाद साफ रहेगा मौसम हिमाचल प्रदेश के 6 जिलों में लंबे समय के सूखे के बाद बारिश और बर्फबारी हुई है। शिमला में दिसंबर महीने में कई साल बाद बर्फबारी देखने को मिली। इससे पहले 2012 में दिसंबर के पहले हफ्ते में बर्फबारी हुई थी, और अब 9 दिसंबर को फिर बर्फ गिरी। शिमला में 2.7 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई, जबकि लाहुल-स्पीति के कोकसर में 6.7 सेंटीमीटर बर्फ दर्ज की गई। बर्फबारी के कारण तापमान में करीब 3 डिग्री की गिरावट आई है। मौसम विभाग ने बताया है कि ऊंचाई वाले इलाकों में आज भी बारिश और बर्फबारी हो सकती है। हालांकि, 10 दिसंबर के बाद मौसम फिर से साफ रहने की संभावना है।
सुक्खू सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा होने के थोड़े ही दिन बाद हिमाचल प्रदेश में अफसरशाही की बागडोर भी बदल जाएगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना मार्च 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। हालांकि उससे पहले उनकी रेरा अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हो सकती है तो वह सेवानिवृत्ति के निर्धारित समय से पहले भी यह नियुक्ति पा सकते हैं। यानी वह जनवरी में इस पद पर नियुक्त किए जा सकते हैं। मुख्य सचिव के पद के लिए तीन वरिष्ठ अधिकारियों में संजय गुप्ता, केके पंत और ओंकार शर्मा के नाम चर्चा में हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री को ही फैसला लेना है कि वह किसे प्रदेश की अफसरशाही की कमान दे सकते हैं।अफरशाही की बागडोर बदलेगी तो निचले स्तर तक भी स्वाभाविक रूप से बदलाव होंगे। या तो नए मुख्य सचिव जनवरी में ही नियुक्त हो जाएंगे या फिर मार्च के बाद तो स्वाभाविक रूप से नियुक्ति होनी ही है। रेरा यानी रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथाॅरिटी के वर्तमान में डॉ. श्रीकांत बाल्दी अध्यक्ष हैं। डॉ. बाल्दी पूर्व में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। वह भी मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्ति लेकर रेरा के अध्यक्ष बने थे। डॉ. बाल्दी दिसंबर के अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ठीक इसी तरह से सक्सेना भी बनाए जा सकते हैं। वर्तमान मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को सीएम के पसंदीदा अधिकारी होने के चलते उन्हें रेरा की बागडोर दी जा सकती है। हालांकि इसकी एक अलग प्रक्रिया है, जिसके लिए आवेदन मांगे जाएंगे तो कई अन्य अधिकारी भी आवेदन कर सकते हैं। वरिष्ठता में 1988 बैच के आईएएस अफसर संजय गुप्ता तो प्रबोध सक्सेना से भी आगे हैं। उन्हें प्रधान सलाहकार की नियुक्ति दी गई और वह वर्तमान में बिजली बोर्ड के अध्यक्ष और रोपवे कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक भी हैं। प्रबोध सक्सेना के बाद वरिष्ठता में केके पंत आते हैं। पंत 1993 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जबकि सक्सेना का बैच 1990 का है। कुछ अन्य अधिकारी भी सक्सेना से वरिष्ठ हैं, मगर उन्हें केंद्र या राज्य में अलग-अलग तरह की महत्वपूर्ण जिम्मेवारियां दी गई है। पंत हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं। पंत के बाद वरिष्ठता में अनुराधा ठाकुर आती हैं, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। वह 1994 बैच की हैं। इसी बैच में ओंकार शर्मा उनके बाद आते हैं।
हिमाचल प्रदेश में लंबे समय बाद मौसम ने करवट बदली। रविवार को शिमला समेत हिमाचल के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है, जबकि कांगड़ा, कुल्लू और बिलासपुर के नयना देवी में बूंदाबांदी हुई है। शिमला, कुफरी, सिरमौर के चूड़धार, नौहराधार, हरिपुरधार, चंबा के किलाड़ और मंडी के शिकारी देवी, कमरूनाग और शैटाधार में सीजन की पहली बर्फबारी हुई। सिरमौर के छितकुल और किन्नौर कैलाश, लाहौल-स्पीति में रोहतांग दर्रा, बारालाचा, कोकसर, सिस्सू, दारचा, जिस्पा, कुंजुम दर्रा समेत ऊंची चोटियों पर भी बर्फबारी हुई है। धर्मशाला के नड्डी और मैक्लोडगंज में फाहे गिरे। बर्फबारी के बाद सोमवार सुबह शिमला में हल्की धूप खिली, लेकिन दुश्वारियां बरकरार हैं। ताजा बर्फबारी के बाद सोमवार को शिमला की वादियां चांदी की तरह चमकीं।
हिमाचल प्रदेश में मौसम ने करवट बदल ली है। हिमाचल प्रदेश में रविवार से बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। राजधानी शिमला में बर्फबारी के बाद कसौली में भी बर्फबारी हुई। पर्यटन क्षेत्र कसौली में सीजन की पहली बर्फबारी हुई है।हालांकि बर्फबारी सिर्फ 15 मिनट तक ही हुई, लेकिन लोगों और पर्यटकों के चेहरे पर बर्फबारी होने की खुशी देखने को मिली। बर्फबारी होने के साथ ही पर्यटक झूम उठे। वहीं, समूचे प्रदेश में बर्फबारी के चलते तापमान बहुत कम हो गया है और कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बता दें की मौसम विभाग शिमला ने प्रदेश में आगामी दिनों के लिए बारिश व बर्फबारी की चेतावनी दी है। रविवार दोपहर बाद से मौसम बदल गया है। दिनभर घने काले बादल छाए रहे इसके बाद पर्यटन क्षेत्र कसौली में शाम करीब 7:00 बजे बारिश का सिलसिला शुरू हुआ। बारिश के बीच ही बर्फ के फाहे गिरे। शाम 7:20 पर बर्फ के फाहे गिरने तेज हो गए। इसके बाद करीब 15 मिनट तक बर्फ के फाहे गिरते रहे। वीकेंड होने के चलते कसौली में पर्यटकों की आवाजाही भी काफी रही। साल 2023 में पर्यटन क्षेत्र कसौली में बर्फबारी नहीं हुई थी, जिसके चलते यहां के लोगों और पर्यटकों को मायूस होना पड़ा था। मगर इस बार कसौली में बर्फबारी का सिलसिला बीते रोज से शुरू हो गया है। ऐसे में पर्यटन कारोबारियों के चेहरे भी खिल गए हैं। पर्यटन कारोबारियों को पर्यटन कारोबार बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, रविवार को सोलन व अन्य क्षेत्रों में बारिश होती रही। हालांकि यहां रुक-रुक कर बारिश हुई। शहर व आसपास के क्षेत्रों में रविवार सुबह से ही तेज हवा चल रही थी। इससे धूल मिट्टी अधिक हो गई थी।
हिमाचल में कृषि-बागवानी में उच्च तकनीक को अपनाकर किसानों-बागवानों की आजीविका के साधन एवं उनकी आय में बढ़ोतरी करने में सफलता हासिल की है। प्रदेश के किसानों की ओर उत्पादित फल, फूल, सब्जियों और उच्च मूल्य की नकदी फसलों का प्रदेश की आर्थिकी में महत्वपूर्ण योगदान है। एचपी शिवा परियोजना प्रदेश के किसानों और बागवानों के लिए एक वरदान साबित होगी, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। जनवरी 2023 से दिसंबर 2028 तक एचपी शिवा मुख्य परियोजना एशियन विकास बैंक के संसाधनों के साथ कुल लागत 1292 करोड़ रुपये के साथ अनुमोदित की गई है। एचपी शिवा परियोजना के तहत प्रदेश के सात जिलों बिलासपुर, हमीरपुर, कांगडा, मंडी, सिरमौर, सोलन और ऊना के 28 विकास खंडों में 6 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल को बागवानी के तहत लाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे 15 हजार से अधिक बागवान परिवार लाभान्वित होंगे। आगामी परियोजना की तैयारी के लिए 39 क्लस्टर स्थापित किए गए हैं। इसमें 228 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया, जिससे 1250 किसान परिवार लाभान्वित हुए हैं। मुख्य परियोजना के क्रियान्वयन के लिए 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में 257 क्लस्टर चिन्हित किए जा चुके हैं। वहीं 162 सिंचाई योजनाएं विकसित की जानी प्रस्तावित हैं। परियोजना में 4 हेक्टेयर क्षेत्र में किये जाने वाले विनिर्माण कार्य जैसे कि भूमि तैयार करना, सोलर मिश्रित तार बाड़बंदी, ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगाना व सिंचाई योजनाओं को लगाने के कार्य प्रगति पर हैं। इसके तहत 162 सिंचाई परियोजनाओं में से 121 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है और 177 क्लस्टर स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त सौर मिश्रित बाड़बंदी व भूमि तैयार करने के कार्य 73 क्लस्टरों में जारी है। एचपी शिवा मुख्य परियोजना के अंतर्गत गत दो वर्षों में करीब 324 हेक्टेयर क्षेत्र उच्च घनत्व उपोष्ण कटिबंधीय फलों के अंतर्गत लाया जा चुका है। परियोजना में अभी तक कुल 122 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसमें से 106 करोड़ रुपये की अदायगी एशियन विकास बैंक की और से की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त 114 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 3,687 बागवानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। बागवानी क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है। बागवानों का कल्याण के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बहुआयामी प्रयास किए जा रहे हैं। इन प्रयासों से प्रदेश में बागवानी क्षेत्र का समग्र विकास हो रहा है।
** 12 दिसंबर की कैबिनेट मीटिंग में लगेगी मुहर हिमाचल प्रदेश में गेस्ट टीचर पॉलिसी पर पहले भी विवाद हो चुका है, लेकिन अब नए सिरे से इस पर काम किया जा रहा है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में शिक्षा से जुड़ी एक कॉन्फ्रेंस में गेस्ट टीचर्स रखने को लेकर एक सुझाव दिया था। उसके बाद शिक्षा विभाग ने इस पर काम किया है।अब ऐसा विचार किया जा रहा है कि स्कूल व कॉलेज में प्रधानाचार्य जरूरत के अनुसार गेस्ट टीचर रख सकेंगे। कैबिनेट में इस विचार पर मुहर लगेगी। अभी राज्य सरकार के कार्यकाल के दो साल पूरा होने के समारोह के बाद 12 दिसंबर को कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई है। उस बैठक में गेस्ट टीचर रखने से संबंधित पहलुओं पर विचार किया जाएगा। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने हाल ही में सचिवालय में विभाग की एक लंबी बैठक ली है। उसमें भी इस विषय पर चर्चा हुई है। सरकार का ऐसा विचार है कि जिन स्कूलों में किसी विषय विशेष के अध्यापक नहीं हैं, वहां रोटेशन के आधार पर गेस्ट टीचर रखे जाएं। इसका जिम्मा संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य को दिया जाए। यह अस्थाई प्रावधान होगा। कई बार अचानक से कोई पद खाली होता है, किसी शिक्षक की ट्रांसफर होती है या फिर कोई रिटायर हो जाता है तो विषय विशेष को पढ़ाने वाला कोई नहीं होता। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। ऐसी परिस्थितियों में स्कूल या कॉलेज के प्रधानाचार्य नीड बेस्ड यानी जरूरत के आधार पर गेस्ट टीचर रख सकेंगे। ऐसे शिक्षकों को प्रति घंटा के आधार पर मानदेय दिया जाना प्रस्तावित है। ये टीचर रोटेशन के आधार पर रखे जाएंगे, ताकि उनका एक ही स्कूल में लंबा स्टे न हो जाए। इस बारे में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कैबिनेट एजेंडा तैयार करने को कहा है। शिक्षा मंत्री का कहना है कि कैबिनेट में गेस्ट टीचर रखने के अलावा विभाग के अन्य मसलों पर भी चर्चा होगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी गेस्ट टीचर्स को लेकर एक नीति का ऐलान हुआ था। उस नीति का काफी विरोध हुआ था, जिस पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उसे वापस लेने की बात कही थी। उस समय भी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा था कि इस मामले में सरकार के पक्ष को गलत समझा गया। दरअसल, सरकार पीरियड बेस्ट ऑवरली सिस्टम पर गेस्ट टीचर रखना चाहती थी। उस फैसले पर युवाओं का तर्क था कि यदि ऐसे ही पद भरे जाने हैं तो नेट, सेट व कमीशन आदि परीक्षाओं के लिए इतनी मेहनत करने की आवश्यकता ही क्या है। फिलहाल, अब स्कूल या कॉलेज प्रिंसिपल जरूरत के आधार पर अस्थाई व्यवस्था के तहत एक पैनल गठित कर उसकी सिफारिश पर टीचर रख सकेंगे।
** सफेद चादर से ढकी चुड़धार की चोटियां सिरमौर जिले की सबसे ऊंची चोटी चुडधार में, जो लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, इस मौसम का पहला हिमपात मध्य रात्रि में हुआ। हालांकि बर्फ हल्की पड़ी है और आसपास के कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई है। पहाड़ी क्षेत्रों के किसान अभी तक गेहूं और मटर की बुवाई नहीं कर पाए हैं, क्योंकि वे बारिश पर निर्भर हैं।चुडधार में मौसम में बदलाव के कारण नोहरा धार, पीडिया धार, बोगधार, हरिपुर धार, कुफ़वी, राजगढ़ और शिलाई जैसे क्षेत्रों में ठंड काफी बढ़ गई है। हिमपात से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिससे ठंड का असर और ज्यादा महसूस हो रहा है।
** शिमला, ठियोग सहित ऊपरी क्षेत्रों में हुई सीजन की पहली बर्फबारी, ऑक्यूपेंसी में इजाफा हिमाचल प्रदेश में हुई ताजा बर्फबारी के बाद एकाएक सैलानियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है। रविवार को देर शाम शिमला के रिज मैदान पर बर्फ के फाहे गिरते ही सैलानी झूम उठे। बर्फबारी के बाद आने वाले दिनों में प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर सैलानियों का जमावड़ा लगने की उम्मीद है। हालांकि, निचले इलाकों के लोग बारिश और बर्फबारी का इंतजार करे रहे हैं। क्रिसमस से पहले हिमाचल में हुई बर्फबारी से पर्यटन कारोबार में बूम आने की उम्मीद है। वहीं, लाहौल स्पीति और किन्नौर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फबारी हो रही है। मौसम विभाग ने पहले ही आज प्रदेश में बर्फबारी और बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया था। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से 8 से 10 दिसंबर तक प्रदेश के कई क्षेत्रों में मौसम खराब बने रहने का पूर्वानुमान है। वहीं, पहाड़ों पर बर्फबारी से राजधानी शिमला सहित अधिकांश क्षेत्रों के न्यूनतम तापमान में कमी दर्ज हुई है। शीतलहर की वजह से अच्छी खासी ठंड देखने को मिल रही है। अधिकतम पारा भी कम रहा है। सबसे कम तापमान लाहौल स्पीति के ताबो में -13.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि सबसे अधिक तापमान ऊना में 25 डिग्री दर्ज किया गया। मैदानी जिलों में 10 और 11 दिसंबर को सुबह और शाम के समय कोहरा छाए रहने का अलर्ट जारी हुआ है। मौसम विभाग के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, प्रदेश में आज बर्फबारी को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया था, जिसके चलते ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी शुरू हो गई है। अगले 24 घंटे के दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में बर्फबारी और बारिश होने की आशंका है, जबकि ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिले में अंधड़ चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, 10 और 11 दिसंबर को भाखड़ा बांध (बिलासपुर) और बल्ह घाटी (मंडी) के जलाशय क्षेत्र के कई हिस्सों में सुबह-शाम घना कोहरा छाया रहने की संभावना है।
हिम स्पोर्टस एण्ड कल्चरल एसोशिएसन द्वारा आज बीसीएस शिमला में नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित सद्भावना क्रिकेट कप में गवर्नर-इलेवन की टीम ने जीत दर्ज की। विवेक भाटिया और आबिद हुसैन सादिक को संयुक्त रूप से मैन ऑफ द सीरीज घोषित किया गया। फाइनल मैच में गवर्नर-इलेवन टीम ने चीफ जस्टिस-इलेवन की टीम को 32 रनों से हराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज के मैन ऑफ द मैच विवेक भाटिया तथा पिछले कल गवर्नर एवं प्रेस के बीच खेले गए मैच के मैन ऑफ द मैच आबिद हुसैन सादिक तथा चीफ जस्टिस-इलेवन एवं सीएम-इलेवन के बीच खेले गए मैन ऑफ द मैच विकास भारद्धाज को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने सद्भावना क्रिकेट कप के माध्यम से नशे के विरूद्ध जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रतिबद्धता से नशे की बुराई पर अंकुश लगाने के लिए कार्य कर रही है। इस दिशा में खेलों को बढ़ावा देने तथा युवाओं को विभिन्न अवसर उपलब्ध करवाने की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की दिशा में किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ओलंपिक, पैरालंपिक और एशियाई खेलों जैसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक विजेताओं को 5 करोड़, रजत पदक विजेताओं को 3 करोड़ और कांस्य पदक विजेताओं को 2 करोड़ रुपये से सम्मानित किया जा रहा है। एशियाई खेलों और पैरा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेताओं के लिए पुरस्कार राशि बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये कर दी गई है तथा रजत पदक विजेताओं को 2.5 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेताओं को 1.5 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि निषाद कुमार और अजय कुमार जैसे पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों को प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए मान सम्मान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खिलाड़ियों को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए, राज्य सरकार ने प्रतियोगिताओं के भत्ते और यात्रा भत्तों में बढ़ौतरी की है। खिलाड़ियों को अब 200 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए एसी थ्री-टियर ट्रेन का किराया और लंबी दूरी के लिए इकोनॉमी-क्लास का हवाई किराया मिलता है। राज्य सरकार ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में एकीकृत खेल परिसरों के निर्माण की भी घोषणा की है। प्रदेश में खेल सुविधाओं को बढ़ाने का उद्देश्य बच्चों में खेल की भावना को विकसित करना है ताकि युवा नशीले पदार्थों से दूर रहें और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं। प्रतियोगिता के दौरान पहले बल्लेबाजी करते हुए गवर्नर-इलेवन ने 20 ओवर में दो विकेट के नुकसान पर 232 रन बनाए। विवेक भाटिया ने 99 रन बनाकर नाबाद रहते हुए शानदार पारी खेली, जबकि आबिद हुसैन ने 82 रनों का योगदान दिया। चीफ जस्टिस-इलेवन की ओर से सुभाष रतन और विकास भारद्वाज ने एक-एक विकेट लिए। चीफ जस्टिस-इलेवन की टीम 233 रनों का पीछा करते हुए 200 रन ही बना पाई। राकेश चौहान ने सर्वाधिक 86 रन बनाए, जबकि सौरभ रतन ने 43, पंकज नेगी ने 22 और अनुज बाली ने 18 रन बनाए। गवर्नर-इलेवन के अशोक रतन ने दो विकेट लेकर जीत सुनिश्चित की। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, विधायक हरीश जनारथा, सुदर्शन बबलू और विनोद सुल्तानपुरी, हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची व एपीएमसी शिमला के अध्यक्ष देव आनंद वर्मा सहित अन्य लोग भी मौजूद थे।
** मौसम विभाग ने जताई संभावना, प्रदेश में हवाएं चलने से न्यूनतम तापमान गिरा हिमचल प्रदेश में रविवार से बारिश और बर्फबारी का दौर शुरू होने की संभावना है। मौसम विभाग ने जैसा पूर्वानुमान दिया था, उसके अनुसार मौसम ने करवट ले ली है। इसके बाद मौसम विभाग ने आठ दिसंबर को राज्य के आठ जिलों में बारिश होने की संभावना जताई है और चार जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने की संभावना बताई है। प्रदेश के मैदानी व कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की बात कही गई है। रविवार को मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में भी बारिश व बर्फबारी की संभावना जताई है, तो उच्च पर्वतीय स्थानों पर बारिश, बर्फबारी बताई गई है। कुल मिलाकर रविवार आठ दिसंबर से हिमाचल के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। शनिवार की बात करें, तो राजधानी शिमला समेत प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में धूप तो थी, मगर ठंडी हवाएं भी साथ चल रही थीं। शिमला में पूरा दिन ठंडी हवाएं चलती रहीं, जिससे यहां न्यूनतम तापमान में गिरावट देखी गई। इसी तरह से प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी हवाएं चलने से मौसम में परिवर्तन देखने को मिला है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक प्रदेश के लाहुल-स्पीति, किन्नौर, चंबा, कांगड़ा, शिमला व कुल्लू की चोटियों में बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। राज्य के सोलन, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, मंडी व हमीरपुर में भी गर्जन के साथ बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है। ऐसे में मैदानों सहित पहाड़ों पर लोगोंं को रविवार को ठंड का सामना करना पड़ेगा। तापमान की बात करें, तो कल्पा, केलांग, कुकुमसेरी, समदो व ताबो का न्यूनतम तापमान माइनस डिग्री में रिकार्ड किया जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डा. कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में रविवार से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो जाएगा। रविवार को चोटियों पर बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश होगी। राज्य में 10 दिसंबर तक मौसम खराब बना रहेगा, जबकि 11 से 13 दिसंबर के बीच मौसम साफ होगा।
कुल्लू जिला मुख्यालय में आज भारतीय जनता पार्टी के द्वारा जिला भाजपा अध्यक्ष अरविंद चंदेल की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के द्वारा मनाए जा रहे दो वर्ष के कार्यकाल के जश्न के विरोध में एक आक्रोश रैली के माध्यम से विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया ।यह आक्रोश रैली रामबाग अखाड़ा बाजार से लेकर ढालपुर मुख्य चौक तक निकाली गई । इस दौरान इस रैली में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मंत्री एवम् प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष गोविंद सिंह, बंजार विधानसभा क्षेत्र से विधायक सुरेंद्र शौरी,लाहौल स्पीति के पूर्व विधायक रवि ठाकुर संग सैंकड़ो भाजपा कार्यकर्ता धरना प्रदर्शन में शामिल हुए और प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी भी की गई।
** संशोधन की हो चुकी तैयारी हिमाचल प्रदेश में जनवरी 2025 से बिजली महंगी हो जाएगी। नए साल से उपभोक्ताओं के बिजली के बिल में दूध और पर्यावरण शुल्क शामिल होगा। बिल संशोधित करने के लिए बोर्ड ने तैयारी पूरी कर ली है। अब बढ़ी हुई दरों को लागू करने के लिए सिर्फ सरकार से आदेश का इंतजार है। सरकार से अधिसूचना जारी होते ही नई दरों के तहत बिजली बिल जारी होंगे। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दस पैसे प्रति यूनिट और अन्य के लिए दो रुपये तक बिजली के दाम बढ़ेंगे। इससे प्रदेश के 27 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को महंगी बिजली का झटका लगेगा। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने विधानसभा के मानसून सत्र में पारित विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को मंजूरी दे दी है। अब साॅफ्टवेयर में एंट्री का काम सरकार से मंजूरी मिलते ही शुरू किया जाना है। बोर्ड अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर में पूर्व की दरों के तहत ही बिल जारी होंगे। इसी माह सरकार से नई दरें लागू करने की अधिसूचना जारी होने के आसार हैं। बढ़ी दरें जनवरी 2025 से लागू होंगी। इसके तहत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 10 पैसे दूध उपकर चुकाना होगा। इन पर पर्यावरण उपकर नहीं लगेगा। शून्य बिल वाले उपभोक्ताओं से दूध उपकर भी नहीं लिया जाएगा। लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों, वाणिज्यिक, स्टोन क्रशर, अस्थायी कनेक्शन, चार्जिंग स्टेशन मालिकों से दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर भी लिया जाएगा। इन सभी श्रेणियों को 10 पैसे के दूध उपकर के अलावा पर्यावरण उपकर के तौर पर 2 पैसे से लेकर 6 रुपये प्रति यूनिट भी चुकाना होगा। पर्यावरण उपकर लेने के लिए उद्योगों को तीन श्रेणियों लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों की श्रेणी में बांटा गया है। लघु उद्योगों पर दो पैसे प्रति यूनिट, मध्यम उद्योगों पर चार पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे, वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर 10 पैसे, अस्थायी कनेक्शनों पर दो रुपये और स्टोन क्रशरों पर दो रुपये प्रति यूनिट पर्यावरण उपकर लगेगा। विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशनों से 6 रुपये प्रति यूनिट उपकर वसूला जाएगा। प्रदेश में जनवरी से एक उपभोक्ता को एक ही बिजली मीटर पर सब्सिडी मिलेगी। इन दिनों प्रदेश भर में उपभोक्ताओं की ई केवाईसी करने का काम चल रहा है। अगर किसी उपभोक्ता के नाम पर अधिक कनेक्शन होंगे तो एक को छोड़कर अन्य पर बिना सब्सिडी वाली दरों के हिसाब से बिजली शुल्क चुकाना होगा। प्रदेश में कई ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्होंने मुख्य शहरों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी घर बनाए हैं। इन उपभोक्ताओं से अभी 125 यूनिट प्रति माह खपत न होने पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है, लेकिन एक परिवार एक मीटर योजना लागू होने पर उन्हें भी न्यूनतम शुल्क चुकाना ही पड़ेगा। बिजली उपभोक्ताओं को भी गैस सिलिंडर की तर्ज पर सब्सिडी बैंक खाते में देने की तैयारी है।
** कल से शुरू होगी आइस स्केटिं रिंक में आज स्केटिंग के लिए ट्रायल हुआ । रिंक में सोमवार यानी कल से स्केटिंग शुरू हो जाएगी। पिछले पांच दिन से रिंक में पानी जमाने का काम किया जा रहा है।यदि इसी प्रकार से मौसम साफ रहता है तो सोमवार से रिंक में आइस स्केटिंग शुरू हो जाएगी। अब रिंक में पूरी तरह से बर्फ जमने लगी है। आइस स्केटिंग रिंक में सर्दियों के दौरान बहुत संख्या में सैलानी व युवा स्केटिंग करने के लिए पहुंचते हैं। हर साल आइस स्केटिंग रिंक में दिसंबर में आइस स्केटिंग शुरू होती है। आइस स्केटिंग रिंक में लोग अभी सिर्फ सदियों के दिनों में ही स्केटिंग कर पाते हैं। पदाधिकारी पंकज प्रभाकर ने बताया कि रिंक में बर्फ जम गई है। यदि इसी प्रकार से मौसम साफ रहता है तो सोमवार से रिंक में स्केटिंग होगी। अभी सुबह ही स्केटिंग का सेशन लगेगा। पहले कुछ दिन तक रिंक में एक ही सेशन होगा। इसके बाद दोनों सेशन को शुरू कर दिया जाएगा।
जिला सोलन पेंशनर्स एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन अपना अखिल भारतीय पेंशनर दिवस समारोह का जिला स्तरीय कार्यक्रम बड़ी धूमधाम से 17 दिसंबर 2024 मंगलवार सुबह 11 बजे सोलन जिला के बरोटीवाला में ठाकुर मैरिज पैलेस नजदीक टेंपो यूनियन बरोटीवाला में मनाने जा रहा है, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश पेंशन कल्याण संगठन शिमला हिमाचल प्रदेश आत्माराम शर्मा शिरकत करेंगे। समारोह की अध्यक्षता केडी शर्मा जिला पेंशनर्स एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठन एवं राज्य कार्यकारिणी के मुख्य सलाहकार करेंगे । यह जानकारी जिला के अध्यक्ष केडी शर्मा व जिला के सचिव जगदीश पंवर ने दी। उन्होंने संयुक्त रूप से कहा कि जिला के तमाम पेंशनर व जिला के 12 सब यूनिट के पदाधिकारी से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में पधार कर इस समारोह की शोभा बढ़ाएं। जगदीश पंवर महासचिव ने यह भी बताया कि इस समारोह में पेंशनरों के मनोरंजन के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग हिमाचल प्रदेश के नाट्य दल को सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। यह जानकारी जिला पेंशनर एवं कल्याण संगठन के जिला मीडिया प्रभारी डीडी कश्यप ने दी।
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा प्रभावितों के लिए भूमि तबादला नीति लागू होगी। विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में वन सरंक्षण कानून के तहत प्रदेश सरकार प्रस्ताव लाएगी और इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। हिमाचल किसान सभा और सेब उत्पादक संघ की मांग पर राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसे लेकर आश्वासन दिया है। शनिवार को पूर्व विधायक और सेब उत्पादक संघ के संयोजक राकेश सिंघा और किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से वन अधिकार कानून के तहत किसानों के कब्जे नियमित करने के लिए रास्ता निकाले का भी आग्रह किया। बीते दो सालों में प्राकृतिक आपदा के कारण प्रदेश के हजारों किसान-बागवानों की कृषि भूमि तबाह हो गई है। बाढ़ और बादल फटने सहित अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण खेत बहने और बगीचे तबाह होने से प्रभावित किसानों-बागवानों को भूमि तबादला नीति के तहत अन्यत्र स्थान पर कृषि के लिए भूमि उपलब्ध करवाई जाएगी। हिमाचल में 1980 से पहले भी भूमि तबादला नीति लागू थी। जिला उपायुक्त अपने क्षेत्रों में ऐसे मामलों की पड़ताल कर सरकार को रिपोर्ट भेजेंगे। केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद प्रदेश सरकार प्रभावितों को कृषि के लिए भूमि उपलब्ध करवाएगी। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हिमाचल प्रदेश के करीब डेढ़ लाख लोगों को भूमि तबादला नीति लागू होने से लाभ मिलेगा। राकेश सिंघा और डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने बताया कि हिमाचल में कृषि भूमि से बेदखली के मामले में उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेशों में जिला कलेक्टर, वन विभाग के डीएफओ और मंडलीय कमिश्नर की ओर से अपनाए गए तरीके पर सवाल उठाते हुए इसे रिव्यू करने के निर्देश दिए हैं। सरकार को सौंपे गए 6 सूत्री मांगपत्र में वन अधिकार कानून के तहत किसानों द्वारा किए गए कब्जों को नियमित करने के लिए बीच का रास्ता निकाले का आग्रह किया गया है। साल 2002 में भाजपा सरकार के समय अतिरिक्त जमीन को नियमित करने के लिए सरकार ने आवेदन मांगे थे। इस दौरान 1.67 लाख आवेदन सरकार को मिले थे। सरकार ने लघु और सीमांत किसानों को राहत देने का आश्वासन दिया था। इस मामले में प्रदेश सरकार से आग्रह किया गया है कि केंद्र सरकार से मांग उठा कर प्रभावितों को राहत दी जाए। इस मौके पर सेब उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन सिंह ठाकुर, प्रोफेसर राजेंद्र चौहान और संयुक्त किसान मंच के सह संयोजक संजय चौहान भी मौजूद रहे। आगामी विधानसभा सत्र में वन संरक्षण अधिनियम में राहत के लिए प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा, जिससे प्रदेश में आपदा प्रभावितों और अन्य लोगों को राहत दी जा सके।
होटल की पहली और तीसरी मंजिल पूरी तरह राख हो गई, जबकि अन्य मंजिलों के कमरे 70 फीसदी जल गए। प्रारंभिक जांच में आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। अग्निकांड में 20 से 25 करोड़ के नुकसान का अनुमान है। आग से पर्यटकों का सामान भी जल गया। आग लगने की सूचना मिलते ही प्रशासन की पूरी टीम मौके पर पहुंची और दूसरी जगह पर्यटकों को ठहराने की व्यवस्था की गई। होटल भुंतर के रहने वाले खूब राम का बताया जा रहा है। होटल स्टाफ के अनुसार सबसे पहले आग कमरा नंबर 301 में लगी और देखते ही देखते आग ने पूरे होटल को चपेट में ले लिया। कुल्लू, मनाली और पतलीकूहल से पहुंचे चार दमकल वाहनों से दमकल कर्मी और स्थानीय ग्रामीण देर रात तक आग बुझाने में जुटे रहे। होटल स्टाफ के अनुसार जब आग लगी तो कुछ पर्यटक मालरोड और अन्य जगह घूमने गए थे।
आईजीएमसी अस्पताल शिमला के कर्मचारियों ने एक बार फिर विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल में सफाई कर्मचारियों ने शनिवार को हंगामा किया। दरअसल सफाई कर्मचारी वेतन न मिलने को लेकर परेशान हैं। ऐसे में सीटू के बैनर तले सफाई कर्मियों ने आईजीएमसी अस्पताल में एमएस ऑफिस का घेराव किया। इस दौरान करीब दो घंटे तक सफाई व्यवस्था पूरी तरह से बंद रही। इसके अलावा सफाई कर्मचारियों ने काम को ठप करने की चेतावनी दी है। आईजीएमसी सफाई यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र ने कहा, अगर अस्पताल मैनेजमेंट का रवैया इसी तरह का रहता है तो सभी एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। सैलरी के लिए हम कई बार एमएस से बात कर चुके हैं, फिर भी पैसा नहीं मिला। वहीं, सीटू के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि ठेकेदार न्यूनतम वेतन लागू करने, ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, आठ घंटे के कार्य दिवस, हर माह सात तारीख से पूर्व वेतन भुगतान, बोनस, चेंजिंग रूम, दो वर्दी सेट आदि मुद्दों का समाधान नहीं कर रहे हैं। ठेकेदार श्रम कानूनों की खुलकर अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने चेताया कि अगर श्रम कानून लागू नहीं किए तो आंदोलन उग्र किया जाएगा। वहीं, आईजीएमसी के एमएस डॉक्टर राहुल राव का कहना है,जल्द कर्मियों की सैलरी जारी कर दी जाएगी। आईजीएमसी अस्पताल शिमला के सफाई कर्मी और वार्ड अटेंडेंट को दो कंपनियां सैलरी देती हैं। अस्पताल में 80 वार्ड अटेंडेंट और 60 सफाई कर्मी हैं। ये आउटसोर्स कर्मी कंपनी से जब भी सैलरी मांगते हैं तो दोनों कंपनियों का एक ही जवाब आता है कि अभी मैनेजमेंट द्वारा सैलरी जारी नहीं की गई है। लिहाजा स्थिति ये हो गई है कि इन सफाई कर्मचारियों को घर खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। कर्मचारियों का कहना है कि दिवाली पर सभी को सैलरी मिली थी, लेकिन हम लोगों ने उधार लेकर त्यौहार मनाया, जब सभी कर्मी अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ निभा रहे हैं तो अस्पताल मैनेजमेंट को देखना चाहिए कि पैसा हर महीने समय से दिया जाए।उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन के इस रवैये की वजह से नौकरी छोड़ने तक की नौबत आ गई है।
** 115 मरीजो को अत्याधुनिक डिजिटल टेक्नोलॉजी एक्सरे मसीन का उपयोग कर उठाया सुविधा का फायदा नागरिक चिकित्सा विभाग, डीआरपीजीएमसी टांडा विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर डॉ. सुनील रैना के नेतृत्व में, डॉ. सतीश फोतेदार ब्लॉक खंड चिकित्सा अधिकारी, डाडा सीबा के महत्वपूर्ण सहयोग से सिविल अस्पताल डाडा सीबा में टीबी स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया। शिविर में उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया देखने को मिली, कुल 123 लोग कार्यक्रम में शामिल हुए। इनमें से 115 लोगों ने अत्याधुनिक डिजिटल हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीन का उपयोग करके एक्स-रे स्क्रीनिंग करवाई। डॉ. पंकज कौंडल चिकित्सा कार्यालय प्रभारी, डॉ शिवम और डॉ शशांक चिकित्सा अधिकारी, डॉ साक्षी सुपेहिया, नरेश पटियाल, अरुण कुमार, निखिल, अलका एवं अन्य आशा कार्यकर्ता उपस्थित थे। यह पहल टीबी के मामलों का जल्द पता लगाने और उनका इलाज करने के लिए चल रहे प्रयासों का हिस्सा है, जिससे इस क्षेत्र से टीबी को खत्म करने के लक्ष्य में योगदान मिलेगा। आयोजकों ने चिकित्साकर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया। भविष्य के स्वास्थ्य शिविरों के बारे में अधिक जानकारी और अपडेट के लिए कृपया सिविल अस्पताल डाडा सीबा से संपर्क करें।
शिमला के बीसीएस, खेल मैदान में आज खेले गए सद्भावना क्रिकेट टूर्नामेंट के दूसरे मैच में चीफ जस्टिस-इलेवन ने मुख्यमंत्री-इलेवन को 8 विकेट से हरा दिया। सीएम-इलेवन द्वारा दिए गए 111 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए सीजे-इलेवन ने 13वें ओवर में मात्र दो विकेट खोकर जीत हासिल कर ली। सीजे-इलेवन की ओर से विकास भारद्वाज ने सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए नाबाद 52 रन बनाए, जबकि जस्टिस वीरेंद्र सिंह ने 34 रन का योगदान दिया और जस्टिस बीसी नेगी ने स्कोरबोर्ड में 12 रनों का योगदान दिया। सीएम-इलेवन की ओर से गेंदबाजी में विधायक डॉ. हंसराज और विनोद कुमार ने एक-एक विकेट लिया। इससे पहले सीएम-इलेवन ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 15 ओवर में कुल 110 रन बनाए। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने 27 रनों की पारी खेलकर टीम का नेतृत्व किया, जो उनकी टीम का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर है। विधायक सुदर्शन बबलू ने भी 26 रन बनाकर महत्वपूर्ण योगदान दिया। सीजे-11 की ओर से जस्टिस संदीप शर्मा और विकास भारद्वाज ने दो-दो विकेट लिए। हिम स्पोर्ट्स एंड क्लचरल एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच रविवार को गवर्नर-11 और सीजे-11 टीमों के बीच खेला जाएगा। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, विधायक कमलेश ठाकुर, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान और अन्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
राजा ब्रजेंद्रा सिंह डाडा सीबा की ज़मीन पर अवैध क़ब्ज़ा करने वाले के खिलाफ कोर्ट ने की सख्त कार्रवाई
डाडा सीबा में एक व्यक्ति द्वारा राजा ब्रजेंद्रा सिंह की भूमी पर ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़ा पाए जाने के बाद सिविल कोर्ट देहरा ने उसके ख़िलाफ़ ज़मीन ख़ाली करके व अवैध क़ब्ज़ा तोड़ कर ज़मीन वापिस छोड़ने के लिए वारंट जारी किया है । ग़ौरतलब रहे कि राजा ब्रजेंद्रा सिंह की डाडा सीबा रियासत में काफ़ी ज़मीन है, जिसकी देख-रेख उनके द्वारा नियुक्त अटॉर्नी होल्डर अमित राणा करते हैं । उन्होंने कहा कि जनता किसी भी प्रकार से कुछ लोगों की बातों में आकर गुमराह ना हों और राजा ब्रजेंद्रा सिंह की भूमी पर कोई भी अवैध निर्माण, क़ब्ज़ा न करें अन्यथा उनके विरुद्ध क़ानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सामाजिक न्याय एवम अधिकारिता विभाग के जिला कल्याण कार्यालय द्वारा नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 व अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अन्तर्गत पंचायत कार्यालय पूह में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का अयोजन किया गया, जिसमें लगभग 150 लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कल्याण अधिकारी बलवीर सिंह ठाकुर द्वारा की गई। उन्होंने उपस्थित जनों को नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 व अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। इसके अतिरिक्त उन्होंने समाज में नशे के बढ़ते प्रभाव पर गहरी चिन्ता व्यक्त की एवं सभी से नशे के खिलाफ एकजुट होकर कार्य करने का आग्रह किया। शिविर में तहसील कल्याण अधिकारी पूह मनोज नेगी द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गई। बाल विकास परियोजना अधिकारी सुभद्रा देवी द्वारा आई०सी०डी०एस० के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई। इस दौरान अधिवक्ता एवं पैरा लीगल लॉयर, वन स्टॉप सेंटर दीपक नेगी द्वारा पी०सी०आर० एक्ट व अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 बारे विस्तृत कानूनी जानकारी प्रदान की गई। संरक्षण अधिकारी मीरा ने मुख्यमंत्री सुखाश्रय व मुख्यमंत्री सुखशिक्षा योजना के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा पुलिस विभाग के अधिकारी द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान व ड्रग फ्री हिमाचल एप की जानकारी दी गई।
** नि-क्षय अभियान’ के तहत मोबाइल वैन को झंडी दिखा कर किया रवाना मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ‘नि-क्षय अभियान’ के तहत आयोजित एक समारोह में बतौर मुख्यातिथि भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने पोर्टेबल एक्स-रे मशीन से तपेदिक की जांच भी करवाई। उन्होंने इस अभियान के लिए समर्पित एक मोबाइल वैन को झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 100 दिनों तक चलने वाला यह अभियान हिमाचल प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने की दिशा में कारगर साबित होगा। इस अभियान का उद्देश्य टीबी के मामलों की समय पर पहचान, प्रभावी उपचार और समुदायों में जागरूकता सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान राज्य के सभी जिलों में चलाया जाएगा, जिसके तहत कमज़ोर वर्गों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। उन्होंने सभी से अपने क्षेत्रों में नि-क्षय शिविर अभियान में सक्रियता से भाग लेने और लोगों को टीबी के लक्षणों को पहचानने और समय पर जांच करवाने के लिए प्रोत्साहित करने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि हिमाचल प्रदेश निकट भविष्य में टीबी मुक्त राज्य बनकर उभरेगा। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से प्राप्त सहायता के अलावा, मुख्यमंत्री टीबी उन्मूलन योजना के तहत 2 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। राज्य की 13 प्रतिशत आबादी 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की है, इसके दृष्टिगत वृद्धजनों के लिए प्रारंभिक निदान और रोकथाम आवश्यक है। उन्होंने बीमारियों की रोकथाम के लिए युवा पीढ़ी को जागरूक होने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार प्रारम्भिक आयु से ही बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूली पाठयक्रम में स्वास्थ्य शिक्षा को शामिल करने पर विचार कर रही है। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को प्राथमिकता प्रदान करते हुए इस क्षेत्र में सुधार की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। अस्पतालों में आपातकालीन विभागों को स्तरोन्नत किया जा रहा है और चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के लिए निविदाएं पहले ही जारी की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि एक साल के भीतर राज्य के लोगों के लिए उन्नत निदान और उपचार सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में रेफरल प्रणाली के सुदृढ़ीकरण के लिए दृढ़ता से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए सरकार सुपर-स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के मासिक भत्ते को 60,000 रुपये से बढ़ाकर 1.75 लाख रुपये और विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए एक लाख रुपये करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वन सम्पदा उत्तर भारत को प्राणवायु प्रदान करती है। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य के वनों के संरक्षण के प्रयासों को अधिमान देते हुए ‘ग्रीन बोनस’ प्रदान करने की अपील की। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार सतत् भविष्य सुनिश्चित करने के दृष्टिगत हरित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अपनी औद्योगिक नीति में संशोधन कर रही है। कार्यक्रम के दौरान, मुख्यमंत्री ने टीबी मुक्त भारत की शपथ दिलाई और टीबी रोगियों को निक्षय पोषण किट वितरित कीं। उन्होंने अभियान में योगदान देने वाली संस्थाओं और संगठनों को भी सम्मानित किया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने सभी से टीबी के प्रति सतर्क रहने और शीघ्र उपचार के लिए समय पर जांच करवाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में टीबी जांच दर देश में सबसे अधिक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार टीबी रोगियों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मासिक वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है। उन्होंने बल दिया कि टीबी को खत्म करने के लिए जन सहयोग बहुत जरूरी है। सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी ने नि-क्षय अभियान पर विस्तृत प्रस्तुति दी। इससे पूर्व, एनएचएम की मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, उपायुक्त एनएचएम डॉ. जोया अली रिजवी और अन्य लोग भी उपस्थित थे।
प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार के कुशासन के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी जिला देहरा 10 दिसंबर 2024 को एक विशाल धरना प्रदर्शन देहरा में करेगी। इस प्रदर्शन को लेकर हुई तैयारी का जायजा जसवां प्रागपुर के विधायक और पूर्व मंत्री विक्रम ठाकुर ने आज देहरा भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार के राज्य में हर तरफ भय, भ्रष्टाचार और भाई भतीजाबाद का आलम है। सरकार सिर्फ अपने मित्रों तक ही सीमित है। झूठी गारंटीयों का हिसाब प्रदेश की जनता मांग रही है। प्रदेश की जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी संगठनात्मक जिला देहरा के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 दिसम्बर को सुबह 10:30 इस धरना प्रदर्शन में मुख्य वक्ता प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर रहेंगे साथ ही इस अवसर पर पूर्व मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर और पूर्व मंत्री रविंद्र सिंह रवि का भी मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उन्होंने यह भी बताया कि संगठनात्मक जिला देहरा के तीनों मंडल जसवां प्रागपुर, ज्वालाजी और देहरा मंडल के सैकड़ो कार्यकर्ता प्रदेश सरकार के कुशासन के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद करेंगे। इस अवसर पर नगर परिषद देहरा की अध्यक्ष सुनीता कुमारी, उपाध्यक्ष मलकीत परमार, मंडल देहरा के अध्यक्ष निर्मल ठाकुर, मंडल महामंत्री रंजीत गुलेरिया, जिला भाजपा के प्रवक्ता नितिन ठाकुर, प्रदेश किसान मोर्चा के सदस्य सुक्रित सागर, युवा मोर्चा अध्यक्ष रजनीकांत, भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र ठाकुर, वीरेंदर मनकोटिया और अन्य प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
** कुनिहार को नगर पंचायत बनाने की अधिसूचना निरस्त करने की सीएम से की गई मांग पैन्शनर वैलफेयर एसोशियेशन कुनिहार की मासिक बैठक पेंशनर भवन कुनिहार तालाब में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता एसोसिएसन के प्रधान विनोद जोशी ने की। विनोद जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू से अनुरोध किया गया कि कुनिहार, कोठी व हाटकोट के क्षेत्र को नगर पंचायत बनाने की जो अधिसूचना जारी की गई है इस अधिसूचना को जनहित में निरस्त किया जाए। क्योकि यह इलाका कृषि प्रधान है। यहाँ के मूल निवासी कृषक है, जिनकी आजीविका कृषि पर ही निर्भर है। इसके अलावा बैठक में सरकार से अनुरोध किया गया कि 1-1-2016 से 31-12-2022 के बीच सेवा निवृत कर्मचारियों के वित्तीय लाभ संशोधित वेतनमान का अभी तक भुगतान नहीं हुआ है, जबकि 1-1-2022 के बाद सेवा निवृत कर्मचारियों को सभी लाभ दिए जा चुके हैं। कृपया यह सभी लाभ शीघ्र दिए जाएं। सेवा निवृत्त कर्मचारियों की ग्रेजुएटी की एवज में 15 वर्ष तक रहने वाली राशि को भी घटा कर 10 वर्ष 9 माह के पश्चात पेन्शन के साथ समायोजित करने के आदेश दिए जाए, जबकि यह सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया निर्णय है। इसके अलावा 65, 70 व 75 वर्ष के सेवा निवृत्त कर्मचारियों को 5 ,10 व 15 प्रतिशत के लाभ को भी पेन्सन में समायोजित किया जाए। मंहगाई भत्ते की बकाया किस्तों का भुगतान भी तुरन्त किया जाए तथा लम्बित संशोधित बजट का एरियर, इत्यादि का भुगतान करने के आदेश जल्द से जल्द किए जाएं। बैठक में चेतराम भारद्वाज, गोपाल सिंह पवर, ज्ञान ठाकुर,भाग मल तनवर ,राजेंद्र शर्मा, ज्ञान जोशी, दिलाराम तनवर, किशनलाल तनवर, दिलाराम पंवर, दीप राम ठाकुर, डी एन परिहार व नागेंद्र ठाकुर सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
** हिमभोग ब्रांड के नाम से मिलेगा पैकेट हिमाचल में अब जल्द ही बाजार में भी प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की का आटा उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, सरकार प्राकृतिक खेती से उत्पादित मक्की के आटे को ‘हिमभोग’ ब्रांड के साथ बाजार में उतारेगी, जिसका जल्द ही शुभारम्भ किया जाएगा और इसे बाजार में उपलब्ध करवाया जाएगा। सीएम सुक्खू ने कहा, अभी तक सरकार के प्रयासों से प्राकृतिक खेती से जुड़े 1506 किसान परिवारों से 4 हजार क्विंटल से अधिक मक्की की खरीद की गई है। लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों से यह खरीद की गई है। सोलन जिला से सबसे अधिक 1140 क्विंटल, चंबा में 810 क्विंटल और मंडी में 650 क्विंटल मक्की की खरीद की जा चुकी है। सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। हिमाचल गेहूं और मक्की में सर्वाधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य है। प्रदेश में प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों से गेहूं 40 रुपये और मक्की 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीद का कार्य शुरू हो चुका है। प्रदेश में 35 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती की जा रही है, जिससे 1.98 लाख किसान जुड़े हैं। इन किसानों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने डेढ़ लाख से अधिक किसानों का निःशुल्क प्रमाणीकरण भी किया है। इस वर्ष 36 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती के साथ जोड़ा जा रहा है। सरकार प्राकृतिक खेती उत्पादों के लिए 10 मंडियों में आधारभूत ढांचा विकसित कर रही है। ताकि उन्हें अपना उत्पाद बेचने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। कृषि को रोजगार से जोड़ना ₹680 करोड़ की राजीव गांधी स्टार्टअप योजना का तीसरा चरण है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि और बागवानी का महत्वपूर्ण योगदान है। लोगों की आर्थिकी में इसके महत्व को देखते हुए राज्य सरकार इस क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। हिमाचल प्रदेश की करीब 90 फीसदी आबादी गांवों में रहती है। इसलिए सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए कई कदम उठा रही है। सीएम ने कहा राज्य सरकार सीधे तौर पर पैसा किसान के हाथों तक पहुंचाना चाहती है। ताकि वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें और खेती उनकी आय का नियमित स्रोत बने। हमने न सिर्फ प्राकृतिक खेती के उत्पादों को समर्थन मूल्य दिया है, बल्कि गाय का दूध 45 रुपये और भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है। हमने मनरेगा की दिहाड़ी में ऐतिहासिक 60 रुपये की वृद्धि कर इसे 300 रुपये किया है। ये सारे प्रयास ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश के नूरपुर जिले के थाना डमटाल के अंतर्गत भदरोआ में पुलिस ने एक महिला तस्कर को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। नूरपुर के SP अशोक रत्न ने बताया कि आरोपित महिला परमजीत उर्फ गोशा, जो पंजाब के पठानकोट जिले के डोड़बा की निवासी है, अपनी बहू के घर भदरोआ आई हुई थी। जैसे ही पुलिस को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत भदरोआ स्थित उसके घर पर छापा मारा और महिला की तलाशी ली। तलाशी के दौरान महिला के पास से 11.63 ग्राम चिट्टा और 40 हजार रुपये नकद बरामद हुए। महिला को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस महिला पर पहले भी पंजाब के पठानकोट और हिमाचल प्रदेश के नूरपुर तथा डमटाल में चिट्टा तस्करी के 7 मामले दर्ज हैं। जिला पुलिस नूरपुर ने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें कहीं भी चिट्टा तस्करी के बारे में जानकारी हो, तो वे नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। पुलिस सूचना देने वाले का नाम पूरी तरह गुप्त रखेगी।
हिमाचल प्रदेश का एक और लाल देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। 29 वर्षीय जवान अक्षय कुमार ने अरुणाचल प्रदेश में ड्यूटी के दौरान अपनी जान देश के लिए न्यौछावर कर दी है। अक्षय कुमार धर्मशाला के सिद्धबाड़ी के रहने वाले थे। शहीद अक्षय कुमार 19 डोगरा बटालियन में तैनात थे। वहीं, उनकी शहादत की खबर गांव में पहुंचते ही पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है। अक्षय कुमार ने साल 2015 में महज 19 साल की उम्र में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। शहीद के पिता संसार चंद ने बताया कि बचपन से ही अक्षय का सपना देश की सेवा करना था। उनका सपना तो पूरा हुआ, लेकिन अक्षय का ये बलिदान परिवार और गांव के लिए बड़ा सदमा है। उन्होंने बताया कि अक्षय कुमार को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आया, जिससे उनकी मौत हो गई। शहीद अक्षय की दो महीने पहले ही शादी हुई थी। आंखों में नमी लिए भारी मन से शहीद के पिता ने कहा कि इतनी खुशी के बाद इतना बड़ा गम हमारा इंतजार कर रहा था। शादी के बाद अक्षय अपनी पत्नी के साथ नए जीवन की शुरुआत करने की तैयारी की ही थी, लेकिन किस्मत ने कुछ और ही तय कर रखा था। अक्षय कुमार के शहीद होने की खबर जैसे ही उनके गांव पहुंची तो पूरा गांव गमगीन हो गया। हर कोई उनकी शहादत पर गर्व तो कर रहा है, लेकिन उनकी कमी से सबकी आंखें नम हैं। गांव वाले शहीद को अंतिम विदाई देने की तैयारी कर रहे हैं। अक्षय कुमार का पार्थिव शरीर शनिवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव बागनी लाया जाएगा। शहीद के पैतृक गांव में उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
** उपभोक्ताओं को मिल रहा आधा सामान हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच लोगों को उचित मूल्य की दुकानों में भी राहत नहीं मिल रही है। दिसंबर महीने का पहला सप्ताह बीतने को है, लेकिन डिपुओं में से आधा सामान अभी भी गायब है। डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर सिर्फ आटा, चावल और चीनी ही मिल रही है, जबकि दो महीने से प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं को डिपुओं में सरसों का तेल और दाल नहीं मिल रही है। ऐसे में लाखों परिवार बाजार से महंगे रेट पर दालें और तेल खरीदने को मजबूर हैं। हालांकि हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम से मलका और चने की दाल के रेट अप्रूव होने के बाद दोनों दालों की सप्लाई का ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है, लेकिन अभी तक उचित मूल्य की दुकानों में दालों का ये स्टॉक नहीं पहुंचा है। ऐसे में खासकर गरीब परिवारों की जेब पर सबसे ज्यादा असर पर पड़ रहा है। वहीं, सरसों के तेल के लिए उपभोक्ताओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। हिमाचल में उपभोक्ताओं को दो महीने के सरसों के तेल का कोटा नहीं मिला है। प्रदेश में बहुत से डिपुओं में उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों का तेल उपलब्ध नहीं हुआ है। प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19,65,589 है. जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे में इन उपभोक्ताओं को अब सरसों तेल का बैकलॉग कोटा भी दिया जाना है, जिसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को करीब 70 लाख लीटर सरसों के तेल की जरूरत है। हिमाचल में लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर मुहैया करवाया जाता है। महंगाई के चलते डिपुओं में सरसों के तेल की मांग ज्यादा रहती है। सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है, जिस कारण प्रदेश में हर महीने डिपुओं में करीब 34 लाख लीटर सरसों के तेल की खपत होती है। हिमाचल प्रदेश सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत डिपुओं के जरिए बाजार से सस्ते रेट पर तीन दालें उपलब्ध करा रही है, जिस कारण डिपुओं में लगातार दालों की भी मांग बढ़ती जा रही है। प्रदेश में हर महीने राशन कार्ड धारक डिपुओं से नियमित तौर पर दाल का कोटा उठा रहे हैं।उचित मूल्य की दुकानों में दालों की लिफ्टिंग सौ फीसदी के करीब है। ऐसे में डिपुओं में हर महीने दालों की खपत करीब 5500 मीट्रिक टन तक पहुंच गई है। वहीं, हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने सरकार से अप्रूवल मिलने के बाद दिसंबर महीने के लिए 40,510 क्विंटल मलका और 79,160 क्विंटल दाल चना का सप्लाई ऑर्डर जारी कर दिया है।
राजस्व विभाग के पटवारी और कानूनगो वर्ग के लिए आयोजित प्रथम राज्य स्तरीय खेलकूद महोत्सव का आयोजन 3 से 5 दिसंबर तक किया गया। तीन दिवसीय इस ऐतिहासिक आयोजन का शुभारंभ तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने किया और समापन राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी द्वारा किया गया। इस महोत्सव में 11 जिलों और एसओ डिवीजन शिमला और कांगड़ा (लाहौल-स्पीति को छोड़कर) से लगभग 600 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। राजस्व मंत्री ने इस ऐतिहासिक आयोजन की सराहना करते हुए इसे विभाग के लिए गर्व का विषय बताया। उन्होंने इस महोत्सव के लिए ₹2 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने सभी प्रतिभागियों की अनुशासन और खेल भावना की प्रशंसा करते हुए अगले वर्ष इस आयोजन को अपने गृह जिले किन्नौर में आयोजित करने का निमंत्रण भी दिया। इस अवसर पर राजस्व विभाग के राज्य अध्यक्ष सतीश चौधरी ने इस सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा का आभार व्यक्त किया। साथ ही, जिला बिलासपुर के मेजबान प्रधान सुनील जोशी, उनकी प्रबंधन टीम, सभी अधिकारियों और आयोजन को सफल बनाने में योगदान देने वाले प्रेस रिपोर्टरों एवं सभी सहयोगकर्ताओं का धन्यवाद दिया। उन्होंने सभी को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। खेल परिणाम: 1. क्रिकेट: कांगड़ा ने शिमला को हराकर जीत दर्ज की। 2. कबड्डी: ऊना ने सोलन को हराया। 3. वॉलीबॉल: शिमला ने मंडी को हराया। 4. बैडमिंटन (पुरुष): हमीरपुर ने कांगड़ा को हराया। 5. बैडमिंटन (महिला): मंडी विजेता रही। 6. शतरंज (पुरुष): कांगड़ा विजेता। 7. शतरंज (महिला): सिरमौर विजेता। 8. सांस्कृतिक प्रस्तुति (नाटी): सोलन विजेता। 9. सोलो डांस: सोलन विजेता। 10. सोलो सांग: चंबा विजेता। राजस्व मंत्री ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाते हुए इसे विभागीय एकजुटता और खेल भावना का प्रतीक बताया। सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी।
कुनिहार:-बी एल सेंट्रल वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल कुनिहार की दो छात्राएं वंशिका ठाकुर और सिमरन को राष्ट्रिय स्तर की खेलों में हिमाचल प्रदेश का नेतृत्व करने पर जिला शिक्षा विभाग सोलन व् डी सी सोलन द्वारा सम्मानित किया गया I जानकारी देते हुए विद्यालय अध्यक्ष ने बताया की हमे यह बड़े गर्व की बात है की वंशिका ठाकुर और सिमरन राष्ट्रिय स्तर अंडर-17 खेलकूद प्रतियोगिता जो की लखनऊ में 26 नवम्बर से 30 नवम्बर तक आयोजित की गई थी I उन्होंने बताया की उच्च उप शिक्षा निदेशक जिला सोलन के सौजन्य से राष्ट्रीय स्तर की खेलों में हिमाचल प्रदेश का नेतृत्व करने वाले जिला सोलन के खिलाडियों को सम्मानित समारोह आयोजित किया गया था I विद्यालय अध्यक्ष ने बताया की वंशिका ठाकुर और सिमरन राष्ट्रिय स्तर पर भाग लेने पर मनमोहन शर्मा डी सी सोलन , देश राज शारदा उच्च उप शिक्षा निदेशक जिला सोलन, अशोक चौहान बासु जिला खेल शिक्षा अधिकारी सोलन , प्रेसिडेंट डी एस एस ए राज कुमार के कर कमलों द्वारा इन खिलाडियों को प्रशस्त्री पत्र देकर किया सम्मानित किया गया I इनके साथ विद्यालय प्रधानाचार्य पुर्शोतम गुरेलिया व् शारीरिक शिक्षिका अरुणा शर्मा भी मौजूद रहे विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष ने इस उपलब्धि के लिए डा० जगदीश चन्द नेगी जॉइंट डायरेक्टर उप स्शिक्षा निदेशक हि० प्र० उच्च उप शिक्षा निदेशक सोलन, एडिपीओ अशोक चौहान, शारीरिक शिक्षक अमर देव, अरुणा शर्मा का धन्यवाद व्यक्त किया है और कहा की इनके मार्ग दर्शन से हमारे स्कूल के बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश का नेतृत्व कर विद्यालय, इलाके और हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं I
देहरा उपमंडल के तहत पुलिस थाना हरिपुर के अन्तर्गत पड़ते भटेड के 70 वर्षीय केवल कृष्ण सुपुत्र बरडू राम की दुःखद मौत होने की सूचना प्रकाश में आई है। बता दें कि केवल कृष्ण 3 दिसम्बर को किसी कार्य से समीप पड़ते गाँव लंज की और गए थे जहां वह एक डंगे से नीचे गिर गए। तदोपरान्त इनका उपचार टाण्डा में चल रहा था जहां इनकी मौत हो गई है। मामले की पुष्टि करते हुए हरिपुर थाना प्रभारी मनजीत मनकोटिया ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
**ओपन हार्ट सर्जरी के पेशेंट ऑपरेशन बेड से लौटाए जा रहे हैं और प्रदेश के मुखिया झूठ बोल रहे हैं शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हिमाचल सरकार और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजधानी में स्थित इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज में भी सरकार कैंसर के मरीजों को दवाइयां नहीं उपलब्ध करवा पा रही है इसके बाद भी बड़ी-बड़ी बातें कर रही है। अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए झूठ बोलना बहुत ही बेशर्मी की बात है। क्या इस सरकार का एकमात्र एजेंडा और गवर्नेंस का मॉडल झूठ का मॉडल है? क्या मुख्यमंत्री अखबार नहीं पढ़ते या उन्हें उनके सलाहकारों द्वारा बताया नहीं जाता कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था के क्या हाल है? कैंसर के इलाज समय का कितना महत्त्व होता है, यह बात हर आदमी जानता है लेकिन यह बात मुख्यमंत्री को और हमारे स्वास्थ्य महकमे के सर्वेसर्वा लोगों को नहीं पता है। कैंसर का इलाज करा रहे पेशेंट के लिए यूज़ की जाने वाली इम्यूनोथेरपी के इंजेक्शन प्रदेश के सबसे बड़े संस्थान आईजीएमसी में भी नहीं है। पेशेंट आते हैं और इंजेक्शन न मिलने पर बिना इलाज के ही लौट जाते हैं। इसके बाद प्रदेश के मुखिया बड़े-बड़े मंचों से खड़े होकर कहते हैं की हमने तो स्वास्थ्य व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कर दी है। ऐसी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था प्रदेश को नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री इस बात को समझें की बड़ी-बड़ी बातों से बीमारियों के इलाज नहीं होते हैं उसके लिए दवा, डॉक्टर, टेक्नीशियन, और इक्विपमेंट की जरूरत होती है। इसलिए मुख्यमंत्री बड़ी-बड़ी बातों से मरीजों के जीवन फिर खिलवाड़ करना बंद कर दें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा की हर दिन प्रदेश के अखबारों में स्वास्थ्य व्यवस्था के रसातल में चले जाने की खबरें प्रमुखता से छपती हैं। कभी ओपन हार्ट सर्जरी के लिए ऐडमिट पेशेंट बेड से वापस लौटा दिए जाते हैं तो कभी छोटे मोटे ऑपरेशन के लिए आए मरीज बिना ऑपरेशन के ही घर भेज दिए जाते हैं। सामान्य से सामान्य जांचों की किट और रूटीन में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां भी आईजीएमसी में उपलब्ध नहीं रहती है, जिसके कारण लोगों को या तो बाहर से दवाइयां खरीदनी पड़ती है या बिना पूरी दवाइयों के ही इलाज करवाना पड़ता है। यह सिर्फ इसलिए है कि सरकार दवा आपूर्ति करने वाली संस्थाओं के पुराने बिलों का भुगतान नहीं कर रही है। दुखद स्थिति ये है की यह हालात प्रदेश के दूरस्थ स्थित किसी सामान्य संस्थान के न होकर आईजीएमसी जैसे प्रदेश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित संस्थान के हैं। हर बार लोगों को सिर्फ इसलिए परेशानी झेलनी पड़ती है कि मुख्यमंत्री सिर्फ बड़े-बड़े मंचों से बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और मूलभूत समस्याओं पर ध्यान नहीं देते हैं। जयराम ठाकुर ने कहा कि झूठ बोलकर गलत आंकड़े पेश करके मुख्यमंत्री सिर्फ और सिर्फ अपने आलाकमान को गुमराह कर सकते हैं हिमाचल प्रदेश के लोगों को नहीं। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के एक भी झूठ को चलने नहीं देगी। हर दिन उनके सभी झूठ बेनकाब किए जाएंगे। प्रदेश में लोगो के इलाज के लिए पूर्व सरकार द्वारा जो भी विश्वस्तरीय प्रयास किए गए थे उसे मुख्यमंत्री ने एक झटके में ही तबाह कर दिया है। आज आईजीएमसी जैसे संस्थानों में अगर बेहद संवेदनशील माने जाने वाली कैंसर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों की दवाएं और चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं तो इससे शर्मनाक बात कुछ नहीं हो सकती। अगर आज ओपन हार्ट सर्जरी के मरीज भर्ती करने के बाद भी घर वापस भेजने पड़ रहे हैं तो ऐसे हालात का जिम्मेदार कौन है? सरकार के इस नाकारेपन से यदि किसी भी मरीज के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए कहा की राजनीति अपनी जगह है बीमार लोगों का इलाज और स्वास्थ्य लाभ अपनी जगह। इसलिए मेहरबानी करके स्वास्थ्य व्यवस्था की तबाह हो चुकी स्थिति के बारे में गंभीरता से विचार करें। क्योंकि जीवन अनमोल है और एक बार सरकारी निकम्मेपन की वजह से उसकी क्षति होती है तो उसकी भरपाई नहीं की जा सकती। मैं यह बात बार बार इसलिए दोहरा रहा हूँ क्योंकि सरकार को लगता ही नहीं है कि स्वास्थ्य व्यवस्था इतने बुरे दौर से गुजर रही है। जब सरकार को इस बात का एहसास ही नहीं होगा तो वह सुधार के लिए कोई कदम भी नहीं उठाएगी।
हिमाचल प्रदेश बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष अनुराग शर्मा के नेतृत्व में आज मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से भेंट की। उन्होंने कांगड़ा जिले के बीड़ बिलिंग में बीते माह नवंबर में पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को हिमाचली टोपी, शॉल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप में द्वितीय स्थान पर रहे बीड़ निवासी रंजीत कुमार को भी सम्मानित करते हुए कहा कि यह गर्व का विषय है कि राज्य के युवा हर क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। इस अवसर पर एसोसिएशन के पदाधिकारी सुरेश कुमार, प्रवीण कुमार, रंजीत चमेल, हरदेव ठाकुर, शैलभ अवस्थी भी उपस्थित थे।
** मंत्रिमंडल की 16 बैठकों में लिए गए 273 निर्णय पूरी तरह कार्यान्वितः जगत सिंह नेगी राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास एवं जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में आज मंत्रिमंडलीय उप-समिति की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान मंत्रिमंडल की बैठकों में लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन को लेकर समीक्षा की गई। बैठक में अवगत करवाया गया कि 13 जनवरी 2023 से 30 सितंबर 2023 तक मंत्रिमंडल की कुल 16 बैठकें आयोजित हुई हैं। मंत्रिमंडल की इन बैठकों में 288 निर्णय लिए गए। बैठक में अवगत करवाया गया कि 273 निर्णय पूरी तरह कार्यान्वित हो चुके हैं। बैठक में आज शेष 15 निर्णयों को लेकर चर्चा की गई जिनमें वन, सामान्य प्रशासन, स्वास्थ्य, बागवानी, उद्योग, राजस्व, परिवहन, कृषि और कार्मिक विभाग से जुड़े निर्णय शामिल थे। जगत सिंह नेगी ने अधिकारियों को इन निर्णयों को कार्यान्वित करने के लिए कार्यशैली में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जनहित में लिए गए यह निर्णय शीघ्र कार्यान्वित किए जाएं ताकि आम जनता को लाभ मिल सके। बैठक में सदस्य सचिव हरबंस सिंह ब्रसकोन और संयुक्त सचिव सामान्य प्रशासन विभाग कुलविंद्र सिंह भी उपस्थित रहे।
पेंशनर एसोसिएशन कुनिहार इकाई की बैठक शनिवार 7 दिसंबर को पेंशनर्ज कार्यालय तालाब कुनिहार में इकाई अध्यक्ष विनोद जोशी की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। विनोद जोशी ने कुनिहार इकाई के सभी सदस्यों से इस अति आवश्यक बैठक में ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंचने की अपील की है। उन्होंने सभी पेंशनरों से आग्रह किया है कि 7 दिसंबर को ठीक 11 बजे पेंशनर कार्यालय तालाब कुनिहार में पहुंचे तथा पेंशनरो की समस्या व आगामी रणनीति बारे चर्चा में बढ़-चढ़ कर भाग लें।
**समय पर कार्य पूर्ण न होने पर अधिकारियों की जवाबदेही होगी सुनिश्चित उपायुक्त हेमराज बैरावा ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को सब्जी, फल एवं दुग्ध उत्पादन के लिए प्रेरित करें ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सके। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहां कि निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्ध पूरा करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए ताकि लोगों को समय पर सुविधाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि समय पर कार्य पूर्ण नहीं होने पर अधिकारियों की जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाएगी तथा आगामी बैठक में सभी विभागीय अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट ली जाएगी। बुधवार को ज्वालामुखी उपमंडल में विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि राजस्व मामलों को बिना किसी कारण के लटकाएं नहीं तथा राजस्व मामलों के निपटारे में देरी किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी। ऐसे मामले जिनका समाधान आपके स्तर पर हो सकता है, उनका त्वरित निपटारा करें। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि राजस्व के कार्य आम जनता के हितों से जुड़े हुए महत्वपूर्ण कार्य होते हैं। उपायुक्त ने इस दौरान तहसील और उप-तहसील स्तर पर अतिक्रमण, निशानदेही, तकसीम हुक्मी और खानगी, वारंट निष्पादन, इंतकाल (म्यूटेशन) तथा जमाबंदी के मामलों के निपटारे की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राजस्व मामलों के समयबद्ध निपटारे पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की पहल पर इसके लिए हर महीने के आखिरी दो दिन राजस्व अदालतें लगाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी रणनीति बनाकर राजस्व मामलों का निपटारा सुनिश्चित करें। छह महीने से अधिक लंबित मामलों को निपटाने को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि पंचायतों के समग्र विकास में समाज की सहभागिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि गांवों में प्राकृतिक स्रोतों और अन्य संसाधनों के संरक्षण में समाज के सभी घटकों को जागरूक कर उनका सहयोग लेना चाहिए। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए खंड विकास अधिकारी की भूमिका अहम होती है। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को विकास के तय लक्ष्यों को समय पर पूरा करने के निर्देश दिये। बैठक में मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका योजना, स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण), ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के अन्तर्गत किए जा रहे कार्यों की प्रगति की भी समीक्षा की गई। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जिले में महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य के साथ स्वयं सहायता समूहों के गठन पर बल दिया। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को पंचायत स्तर पर समग्र मनरेगा पर विशेष फोकस करने को कहा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभान्वित हो सकें। उन्होंने पंचायतों में विकास कार्यों के लिए आवंटित धनराशि का सदुपयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पंचायत स्तर पर निर्माण कार्यों का नियमित तौर पर निरीक्षण किया जाए इससे पहले एसडीएम डॉक्टर संजीव कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र में चल रही विभिन्न कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने शिवा परियोजना के तहत निरीक्षण किया तथा सिंचाई एवं विभिन्न विकास योजनाओं के सम्बन्ध में अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। उन्होंने शिवा प्रोजेक्ट के तहत धनोटू में बने बगीचे का निरीक्षण किया तथा उद्यान विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यहां उत्पादित फलों के लिए बेहतर विपणन व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों की आर्थिकी सुदृढ हो। इसके उपरांत उपायुक्त हेमराज बैरवा ने लुथान में निर्मित हो रहे सुख आश्रय परिसर का निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को परिसर के निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि निराश्रित बच्चों को शीघ्र इसका लाभ मिल सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सुख शिक्षा योजना के तहत बच्चों को शामिल करने के कार्य में तत्परता लाई जाए और सुख आश्रय योजना के तहत भूमिहीन बच्चों को जमीन उपलब्ध करवाने के कार्य में भी तेजी लाई जाए।
मंडी: सियाचिन ग्लेशियर में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए मंडी के नवल किशोर का कल सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके छोटे भाई ने उन्हें मुखाग्नि दी। नवल किशोर कोटली उपमंडल के जालौन गांव के रहने वाले थे। इससे मंगलवार को दोपहर करीब दो बजे सेना के हेलिकॉप्टर के माध्यम से शहीद हवलदार नवल किशोर की पार्थिव देह चंडीगढ़ से मंडी स्थित हेलीपैड लाई गई। यहां पर आर्मी हेडक्वार्टर पालमपुर से आए सैनिकों, पूर्व सैनिकों, हिमाचल डिफेंस वूमेन ने तिरंगे में लिपटे शहीद को अंतिम श्रद्धाजंलि अर्पित की। प्रशासन की ओर से इस मौके पर एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार मौजूद रहे। शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव पहुंचा लोगों ने भारत माता की जय के नारे लगाए। पति की देह देख पत्नी श्वेता देवी बेसुध हो गईं। शहीद के माता-पिता, परिजनों समेत क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने शहीद नवल किशोर को नम आंखों से विदाई दी। बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर में डयूटी के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण सैनिक नवल किशोर की मौत हुई है। नवल किशोर 2017 में जैक राइफल में भर्ती हुए थे। डेढ साल पहले ही नवल किशोर की शादी पुलिस में महिला कांस्टेबल श्वेता देवी से हुई थी। शहीद का छोटा भाई सुनील भी भारतीय सेना की 8 जैक राइफल में बतौर सैनिक तैनात है।