जिला मुख्यालय पर स्थित बिलासपुर के रीजनल अस्पताल में चल रहे डायलेसिस सेंटर की हालत नाजुक अवस्था मे है। यह डायलेसिस सेंटर बुनियादी तौर पर प्राइवेट पार्टनरशिप की योजना के तहत चल रहा है लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पा रहा है कि इस डायलेसिस सेंटर में रोगियों को अपना डायलेसिस करवाने के लिए कौन से नियम और कायदे बरतने होंगे। यह बात जिला कांग्रेस महासचिव संदीप सांख्यान ने कही। उन्होंने कहा कि आर एस बी वाई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत दी जाने वाली राशि का सही से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है, क्योंकि डायलेसिस किस मरीज को होना है यह भी कोई साफ सिद्धान्त नहीं है कुछ तो डायलेसिस उन मरीजों का हो रहा है जो कि इंडोर में है लेकिन कुछ मरीज जो डायलेसिस करवाने के लिए बाहर से आते हैं उनमें असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का स्वास्थ्य विभाग इस डायलेसिस सेंटर की नोडल एजेंसी बन कर काम कर रहा तो स्वास्थ्य विभाग का इस डायलेसिस सेन्टर के लिये इतना लचर सिस्टम क्यों है। जिला बिलासपुर के डायलेसिस सेंटर में रीजनल अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को बताना चाहिए कि अभी तक इस डायलेसिस सेंटर में कितने रोगियों का डायलेसिस हो चुका है और किन नियमों के तहत वह डायलेसिस किया गया। इसके अलावा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बीमा योजना के तहत कितना पैसा इस डायलेसिस सेन्टर के रोगियों हेतू खर्च हो चुका है और जो पैसा डायलेसिस के अलावा खर्चा गया वह कहां खर्चा गया इसका भी भी लेखा जोखा सामने आना चाहिए। यदि यह सब जिला बिलासपुर के रीजनल अस्पताल के डायलेसिस सेंटर में हो रहा तो प्रदेश के बाकी डायलेसिस सेंटरों का भी यही हाल होगा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इनके मरीजो पर किये जाने कुल खर्चो की जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए।
नगर परिषद घुमारवीं के वार्ड बड्डू के अंतर्गत आने वाली राधा स्वामी सत्संग कॉलोनी में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मुद्रण एवं लेखन सामग्री मंत्री राजेंद्र गर्ग ने प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को एस्टीमेट बनाने के निर्देश जारी किए। बताते चलें अगस्त 2007 में भारी बारिश के चलते राधा स्वामी सत्संग कॉलोनी को जाने वाली सड़क का नीचे का हिस्सा ढह गया था जिसके चलते कॉलोनी के सड़क को नुकसान पहुंचा ही था साथ ही इस कॉलोनी के तमाम भवन खतरे में पड़ गए थे। उस समय प्रशासन ने आनन-फानन में मात्र एक तिरपाल से इस खतरे वाले क्षेत्र को ढक दिया। उसके बाद कॉलोनी वासियों का हाल किसी ने भी नहीं जाना। इस कॉलोनी के निवासी अरविंद शर्मा, विपिन बंसल, चंद्रशेखर, काकू, पम्मी, ज्योति प्रकाश आदि ने बताया कि बीते वर्ष 25 अगस्त को यह क्षेत्र दोबारा से ढह गया। इन लोगों ने बताया कि उन्होंने सारी जमा पूंजी लगाकर अपने अपने मकानों के निर्माण कर लिए हैं लेकिन इस खतरे को देखते हुए रात को नींद तक नहीं आती है। लोगों ने बताया कि कई बार प्रशासन को इस समस्या के बारे में बताया गया लेकिन किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली। राजेंद्र गर्ग ने इन लोगों की समस्याओं को सुना तथा लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए कि जल्द से जल्द इस क्षेत्र का एस्टीमेट तैयार किया जाए। उन्होंने बताया कि जैसे ही एस्टीमेट तैयार हो जाता है धन की व्यवस्था कर दी जाएगी ताकि इन लोगों की समस्या का निराकरण हो सके।
दाड़लाघाट के अंतर्गत ग्राम पंचायत मांगू के गांव सोरिया के मंदिर में हुई चोरी की वारदात में थाना दाड़लाघाट ने सफलता हासिल की है। जानकारी के मुताबिक गांव सोरिया मंदिर के पुजारी दिनेश कुमार सुपुत्र राम दितू ने बताया कि जब मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए 24 अगस्त को गए तो वहां पर मंदिर के गेट का ताला टूटा पाया गया व मंदिर में रखे दानपात्र का ताला टूटा मिला। तुरंत स्थानीय लोगों व कमेटी सदस्य को बुलाकर 25 अगस्त को थाना दाड़लाघाट मे शिकायत दर्ज करवाई। शिकायतकर्ता दिनेश शर्मा ने बताया कि मंदिर में हुई चोरी की घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई। पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी कैमरे की मदद से उक्त आरोपी को पकड़ने में कामयाबी हासिल की। उक्त व्यक्ति की पहचान हितेश कुमार गांव घलोत (ओखरू) के ररूप में हुई है। इस कामयाबी में राजेश पाल ने अपनी टीम के साथ मंगलवार देर सांय उक्त व्यक्ति को हिरासत में लेकर थाना अर्की में रखकर उक्त व्यक्ति को अर्की न्यायालय में पेश किया। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी दाड़लाघाट प्रताप सिंह ठाकुर ने बताया की सोरिया में हुई चोरी की वारदात में आरोपी व्यक्ति को तीन दिनों के रिमांड में रखकर छानबीन शुरू कर दी है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना फेज-2 के अंतर्गत जिला बिलासपुर के 24 गांवों को चयनित किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी चयनित 24 गांवों की अंतरिम वीडीपी सम्बन्धित ग्राम पंचायतों द्वारा तैयार कर दी गई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते ग्राम सभा न होने के कारण मिनी ग्राम सभा द्वारा 20 चयनित गांवों द्वारा अंतरिम वीडीपी को ग्राम स्तरीय अभिसरण समितियों द्वारा पारित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि शेष गांवों की वीडीपी भी एक सप्ताह के भीतर बनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने सम्बन्धित ग्राम पंचायत सचिव व विभागीय को निर्देश दिए कि अंतरिम वीडीपी में शामिल की गई योजना के अनुसार ही कार्य करें और उसकी प्रगति रिपोर्ट हर माह 5 तारीख तक भेजना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जो भी राशि सम्बन्धित ग्राम पंचायत को जारी की गई उसके वाउचर व अन्य सम्बन्धित दस्तावेजों का सही तरीके से रिकाॅर्ड रखे जिससे भविष्य में उसका सफलतापूर्वक आडिट हो सके। उन्होंने समस्त विभागों से आग्रह किया कि ग्रामीण स्तर पर सम्बन्धित विभागों के फील्ड अधिकारी भी उपस्थित होना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी विभाग सम्बन्धित पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों में तेजी लाएं ताकि अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हो सके। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम योजना फेज-2 के अंतर्गत केन्द्र से प्रथम चरण में 20 गांवों को चयनित किया गया है जिसमें सरकार द्वारा गैप फिलिंग एवं प्रशासनिक वे हेतु 2 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा नई निदेशिका के अनुसार अब प्रत्येक जिले में एक प्रोजेक्ट इंपलीटेंशन सेल स्थापित किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने सम्बन्धित पंचायतों के प्रधानों से आग्रह किया कि वे कोविड-19 कोरोना वायरस के दृष्टिगत एहतियात रखे और लोगों को भी जागरूक करें। इसके उपरांत कम्प्यूटर एप्लीकेशन एवं समवर्गी क्रियाकलापों में दक्षता योजना के अंतर्गत बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत जिला से कुल 87 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 90 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया जिनमें से 65 प्रशिक्षणार्थियों को 6 माह के लिए जिला/तहसीलों के विभिन्न कार्यालायों में प्लेसमेंट पर रखा गया है। अल्पसंख्यकों के कल्याणार्थ प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण समिति की त्रैमासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने बताया कि स्कूल शिक्षा अल्पसंख्यक बहुल्य क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जिला के 551 अल्पसंख्यकों के छात्र-छात्राओं को योजना के अंतर्गत नामांकित किया गया है। उन्होंने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत वर्तमान में 184 नए मामले तथा नवीनीकरण के 102 मामले स्वीकृत किए गए है। उन्होंने बताया कि छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए प्रचार-प्रसार के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए की अल्पसंख्यकों के कल्याणार्थ चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी पात्र लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित करें तथा योजनाओं के अंतर्गत लाभान्वित लाभार्थियों की सूचना भेजना सुनिश्चित करें। इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष अमरजीत बंग्गा, जिला कल्याण अधिकारी डाॅ.संजीव शर्मा के अतिरिक्त सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बिलासपुर जिले में भाजपा ने मुख्य प्रवक्ता, प्रवक्ता के अलावा कार्यालय सचिव और जिला मीडिया प्रभारी के पदों पर जिन युवाओं की नियुक्तियां की है निश्चित रूप से वह कर्मठ कार्यकर्ता होने के साथ-साथ विपक्ष पर आप आक्रामक भी रहे हैं और प्रेस के साथ ही उनकी आत्मीयता काफी बेहतर बताई जाती है। जहां तक प्रश्न है जिला के मुख्य प्रवक्ता रूपलाल ठाकुर का तो सीहड़ा ग्राम पंचायत के प्रधान रहे हैं। अपने कार्यकाल में पंचायत में बेहतर कार्य करने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा पिछली बार कांग्रेस सरकार के समय उन्होंने विभिन्न मुददों पर कांग्रेस नेताओं की ईंट से ईंट बजा कर रखी और जिस तरह तथ्यों के आधार पर उन्होंने अखबारों में बयान दिए वह काफी आक्रमक थे। कहीं न कहीं भाजपा को चुनावों में इसका लाभ अवश्य हुआ। इसके अलावा रूपलाल ठाकुर विभिन्न नेताओं के साथ कार्य कर चुके हैं। प्रवक्ता पद पर नियुक्त किए गए रोशन ठाकुर नैना देवी विधानसभा क्षेत्र से युवा नेता हैं ।किसान मोर्चा रोशन ठाकुर 1998 में जिला युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने उसके पश्चात युवा मोर्चा में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रहे। बिलासपुर किसान मोर्चा में उन्हें जिला महामंत्री का पद दिया गया। किसान मोर्चा में ही प्रदेश प्रवक्ता के पद को संभाला। किसान मोर्चे में प्रदेश कोषाध्यक्ष व प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा किसान मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सदस्य भी रहे। विभिन्न मोर्चों में अपनी जिम्मेदारियां निभाने के पश्चात और एक लंबे अंतराल के बाद रोशन ठाकुर को जिला प्रवक्ता के पद पर ताजपोशी की गई है। निश्चित रूप से एक जुझारू और युवा कर्मठ कार्यकर्ता के लिए बहुत बड़ा सम्मान है, विशेषकर नैना देवी विधानसभा क्षेत्र से जुड़ा होने के कारण यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। गौर रहे कि यह वही रोशन ठाकुर हैं जब 2006 में राजनाथ सिंह बिलासपुर आए थे तो रोशन ठाकुर ने उन्हें भरी जनसभा में हल भेंट किया था। रोशन ठाकुर पार्टी के विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए जिला प्रवक्ता के पद पर पहुंचे हैं। सोनल शर्मा को मीडिया प्रभारी बनाया गया है। वह पहले भी मीडिया प्रभारी ही थे। निश्चित रूप से पिछले 10 वर्षों से उनके मीडिया के साथ बेहतर संबंध है और फिर से उन्हें मीडिया प्रभारी बनाना इस बात को दर्शाता है कि उन्होंने अपने कार्य बखूबी निभाया है। अगर बात चमन गुप्ता की की जाए तो नगर परिषद में पार्षद मनोनीत होने के उपरांत उन्होंने नगर के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों में अपनी रुचि ली और अधिकतर कार्य करवाए। यह चमन गुप्ता वह शख्सियत हैं जो भाजपा के काफी समय पहले विधायक रह चुके स्वर्गीय सदाराम ठाकुर के साथ भी कार्य कर चुके हैं। उसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के भी काफी करीबी माने जाते हैं। फोटो 1 रूपलाल ठाकुर 2 रोशन ठाकुर 3 सोनल शर्मा 4 चमन गुप्ता
-पंचायत ने बहुमत से विभाजन का सरकार को भेजा प्रस्ताव -कसौली विधानसभा क्षेत्र से सटी है दून की यह आखिरी पंचायत कसौली विधानसभा क्षेत्र से सटी और दून विधानसभा क्षेत्र की अंतिम ग्राम पंचायत जाडला के विभाजन के लिए पंचायत ने बहुमत से प्रस्ताव पारित कर सरकार को मंजूरी के लिए प्रेषित किया है। जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्रफल की दृष्टि से इस पंचायत को नदी से आर व पार दो हिस्सों में विभाजित करने की मांग की है। दो पंचायतें बनने पर भी यह पंचायत सरकार द्वारा निर्धारित सभी मापदंडों को पूरा करती है। दून विधानसभा क्षेत्र मैदानी और पहाड़ी पंचायतों को मिला कर बना हुआ है और इस विस क्षेत्र की सबसे आखिरी छोर पर बसी ग्राम पंचायत जाडला है, जिसकी सीमा सुबाथू छावनी और कसौली विधानसभा क्षेत्र से सटी हुई है। इस पंचायत का कुल क्षेत्रफल 958 हेक्टेयर है, जिसमें कुल 23 गांव और करीब 35 सौ की आबादी आती है। पंचायत के एक छोर पर बसे आरला गांव से दूसरे छोर पर बसे बधोल गांव की सड़क मार्ग से दूरी करीब 20 किलोमीटर बनती है। पंचायत का मुख्यालय जाडला गांव में है जो कि पंचायत के लोगों के लिए काफी दूर है। बरसात के दिनों में नदी पार के लोगों को पंचायत मुख्यालय पहुंचना काफी कठिन होता है और वह कुठाड़ होते हुए यहां पहुंचते हैं, जिससे उनके धन व समय की बार्बदी होती है। हालांकि पिछले कई वर्षों से पंचायत के लोग जाडला को दो पंचायतों में विभाजित करने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक उनकी यह मांग पूरी नहीं हो पाई है। वर्तमान भाजपा सरकार ने प्रदेश भर की ऐसी बड़ी पंचायतों के पुनर्निधारण की प्रक्रिया शुरू की है और इसके लिए संबंधित ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव भी मांगे जा चुके हैं, हालांकि सरकार ने कई नई पंचायतें गठित करने की कवायद भी शुरू कर दी है, लेकिन इसके बावजूद अभी अन्य पंचायतों से भी प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं। इसी के मद्देनजर ग्राम पंचायत जाडला ने भी पंचायती राज विभाग के निदेशक को प्रस्ताव भेज कर जाडला पंचायत को दो भागों में बांटने का प्रस्ताव प्रेषित किया है। पंचायत प्रधान रामकू देवी के अलावा उपप्रधान प्रेम चंद ठाकुर वार्ड सदस्य आशा देवी, कमला देवी, मीना कंवर, बाबू राम, पदम देव शर्मा व संगीता देवी सहित पंचायत सचिव जयवेंद्र ने बताया कि पंचायत के कुल 23 गांवों की जनसंख्या 3594 है और इस पंचायत को दो भागों में बांटे जाने के बाद दोनों ही पंचायतें सरकार के निर्धारित मापदंड को पूरा करेंगी। नदी से इस ओर 10 गांव और 2061 की जनसंख्या और नदी के दूसरी ओर 13 गांव और 1533 की जनसंख्या से दो पंचायतें अस्तित्व में आ सकेंगी। विकास खंड धर्मपुर के बीडीओ रवि बैंस ने बताया कि सरकार ने पहली सूची में धर्मपुर विकास खंड में कोई नई पंचायत बनाने की घोषणा नहीं की है। उन्होंने बताया कि धर्मपुर विकास खंड कार्यालय से जाडला के अलावा पट्टा-नाली, बनासर, कसौली-गढख़ल और रौड़ी पंचायतों को विभाजित करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। उनका कहना है कि अगली सूची में सरकार इन पंचायतों के विभाजन की अधिसूचना जारी कर सकती है।
बुधवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को कोरोना काल में हिमाचल प्रदेश में उतपन्न हुई समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव तथा शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रान्त मंत्री राहुल राणा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश में हुई तालाबंदी से शैक्षणिक प्रक्रिया में भी काफी नुकसान हुआ है। विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश ने 11,12 मई 2020 को प्रदेश क 9920 छात्रों से फोन के माध्यम से संपर्क करते हुए शिक्षा जगत के विषयों पर चर्चा की । विद्यार्थियों के माध्यम से अकादमिक जगत के सम्बंध में अनेक प्रकार के सुझाव विद्यार्थी परिषद को दिए गए । अन्य सुझाव के साथ उन छात्रों के सुझावों को ज्ञापन के रूप में हम आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहे है तथा क्रियान्वयन हेतु निवेदन करते है। सुझाव निम्नलिखित है: 1. प्रदेशवासी इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहे है, कुछ निजी शिक्षण संस्थान एवम हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय के कुछ व्यावसायिक कोर्स(UIIT,UILS) में पूरी फीस ली जा रही है अतः सभी सरकारी एवम निजी शिक्षण संस्थानों में आने वाले सत्र में पूरा शुल्क न लेकर सिर्फ Tution fees ही ली जाए। 2. Sanitization एवं शारीरिक दूरी(physical distancing) के अनुपालन करते हुए महाविद्यालयों एवम विश्विद्यालयों में आने वाले समय मे परीक्षाएं करवाई जाए। 3. दूरस्थ शिक्षा केन्द्र एवं ऑनलाइन माध्यमो से शिक्षा को व्यापक प्रोत्साहन हेतु सभी स्तरों पर योजनाएं बनाई जाए तथा हर शिक्षण संस्थान में आधुनिक सुविधाओं से युक्त डिजिटल बैवीनार कक्ष बनाए जाए। 4. नए सत्र से पाठ्यक्रम को पूर्ण करने हेतु ई कक्षाएं, ऑनलाइन व्याख्यान में इंटरनेट सुविधा की कमी के कारण सहभागी न हो पाने वाले विद्यार्थियों हेतु पठन सामग्री डाक के माध्यम से उपलब्ध कराया जाए। (उदारहण : ICDEOL) 5.हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक महाविद्यालय विश्विद्यालय में placement cell बनाया जाए और उसे श्रम और रोजगार विभाग, हि.प्र के साथ जोड़ा जाए, ताकि COVID-19 की परिस्तिथि में नए pass outs के लिए रोजगार की उपलब्धता हो पाए साथ ही, प्रत्येक महाविद्यालय के placement cell को सशक्त किया जाए ताकि रोजगार के अवसरों की जानकारी विद्यार्थियों को महाविद्याल से ही मिल पाए। 6. पिछले 2 सालों से प्रदेश के छात्रों को SC/ST छात्रवृत्ति न मिलना निराशाजनक है अतः शीघ्र लंबित पड़ी छात्रवृति को दिया जाए। 7. हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय के इक्डोल (ICDEOL) में बढ़ी हुई फीस को वापिस लिया जाए। 8. Covid-19 के चलते महाविद्यालयों एवम विश्विद्यालयों के छात्रावासों में रह रहे छात्रों का छात्रावास शुल्क माफ किया जाए । 9. क्लस्टर विश्विद्यालय(मंडी) में इसी सत्र से कक्षाएं शुरू की जाए। 10. कृषि एवं बागवानी विश्विद्यालयों में भारी भरकम फीस को कम किया जाए। 11. हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय में परीक्षा परिणामो में गड़बड़ियों को दूर कर समय पर परिणाम घोषित किए जाए। 12. प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थानों में 2020-21 सत्र प्रवेश प्रक्रिया में आर्थिक पिछड़ा वर्ग को भी सम्मिलित कर दाखिला दिए जाएं। कोरोना वायरस के कारण उत्तपन्न हुई इस विशेष परिस्तिथि को देखते हुए अकादमिक जगत में वांछनीय परिवर्तन करने हेतु ये कुछ बिंदु हमने प्रस्तुत किए है। महामारी के समाप्ति के पश्चात प्रदेश के विद्यार्थी समुदाय के जीवन मे उत्तपन्न होने वाली समस्याओं के समाधान हेतु इन सुझावों का उपयोग किया जा सकता है।
जिला स्तरीय लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बताया कि जिला बिलासपुर में कुल 238 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 1 लाख 12 हजार 93 राशन कार्डों की 4 लाख 23 हजार 465 जनसंख्या को लाभान्वित किया जा रहा है जिसमें 66 हजार 457 एपीएल कार्ड धारकों की 2 लाख 31 हजार जनसंख्या तथा एनएफएसए के तहत 45 हजार 636 राशन कार्डों के तहत 1 लाख 81 हजार 596 जनसंख्या पंजीकृत है। उन्होंने बताया कि माह मई से जुलाई, 2020 तक 12 करोड़ 93 लाख 65 हजार 993 रुपये की आवश्यक वस्तुएं वितरित की गई। उन्होंने बताया कि जिला में 124 उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से माह मई से जुलाई तक 180 किलो लीटर मिट्टी के तेल का आवंटन किया गया। उन्होंने बताया कि जिला में 238 उचित मूल्य की दुकानों से जुड़े 1 लाख 12 हजार 93 राशन कार्ड धारकों में से शतप्रतिशत राशन कार्ड धाराकों को डिजिटल राशन कार्ड जारी किए जा चुके है तथा उपभोक्तओं को पीओएस मशीनों के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं का वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला में 14 गैस एंजेसियां कार्यरत है जिनके पास कुल 1 लाख 9 हजार 613 कुनेक्शन है। उन्होंने बताया कि मई से जुलाई, 2020 तक 1 लाख 32 हजार 847 गैस सिलैंडर वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि जिला में हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के तहत 15 हजार 429 गैस कुनैक्शन तथा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अधीन 14 हजार 739 गैस कुनैक्शन जारी किए जा चुके है। उन्होंने बताया कि विभिन्न नियंत्रण आदेशों के अंतर्गत 196 दुकानों के निरीक्षण किए गए तथा निरीक्षण के दौरान पाई गई त्रुटियों बारे 49 दुकान दारों को कारण बताओं नोटिस जारी किए गए। उन्होंने खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को निर्देश दिए कि वे सभी दुकानों में रैट लिस्ट लगवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने बताया कि खाद्यानों की गुणवत्ता से सम्बन्धित शिकायत प्राप्त होने पर विभाग द्वारा आवश्यक वस्तुओं की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए आटा मिलों/थोक बिक्री केन्द्र/उचित मूल्य की दुकानों से हर माह नमूने भरे जा रहे है। उन्होंने बताया कि उचित मूल्य की दुकानों में वितरित की जा रही आवश्यक वस्तुओं के कुल 30 नमूने मासिक आधार पर विशलेषण हेतु प्रयोगशाला भेजे गए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत जिला को अप्रैल, मई व जून तीन माह के लिए 27 हजार 480 क्विंटल चावल व 1368.48 क्विंटल काले चने का आंवटन हुआ था जिसके तहत 27 हजार 240 क्विंटल चावल व 1310.69 क्विंटल काले चने का वितरण कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना को भारत सरकार द्वारा माह नवम्बर तक जारी रखा गया है जिसके लिए जिला बिलासपुर को 27 हजार 593 क्विंटल गंदम, 19 हजार 100 क्विंटल चावल व 2286 क्विंटल काले चने का आवंटन 5 माह के लिए हुआ है जिसके तहत 3209.99 क्विंटल गंदम और 2724.06 चावल व 146.63 क्विंटल काले चने का वितरण कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर योजना के तहत 2 हजार 836 परिवारों द्वारा आवेदन किया गया है जिसमें कुल 8 हजार 821 सदस्य है जिन्हें 783.55 क्विंटल चावल व 28.68 क्विंटल काल चने का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिला में अब तक 11 राशन कार्ड धारकों द्वारा स्वेच्छा से अनुदानित खाद्यान का अनुदान छोड़ दिया है। उन्होंने समस्त एपीएल उपभोक्ताओं से अपील कि की वे खाद्यानों पर मिलने वाली सब्सिडी को अपनी इच्छा से छोड़ने हेतु विभागीय कार्यालय या विभागीय बेबसाईट से आवेदन पत्र प्राप्त करके उसे भरकर निकटतम विभागीय कार्यालय में जमा करवा सकते है ताकि उनके द्वारा छोड़ी गई सब्सिडी से पिछड़े गरीब वर्ग खाद्यान उपलब्ध करवाया जा सके। इस अवसर पर जिला परिषद अध्यक्ष अमरजीत बंग्गा, जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले पवन शर्मा, सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं राकेश कुमार के अतिरिक्त अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा र ही है जिसका किसान भरपूर लाभ उठा रहे हैं। जिला बिलासपुर में भी विभाग द्वारा अनेक प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है। जिला बिलासपुर का भौगोलिक क्षेत्रफल एक लाख 12 हजार 135 हैक्टेयर है, जिसमें से केवल 31,878 हैक्टेयर भूमि पर विभिन्न फसलें उगाईजा रही है कृषि उत्पादन बढ़ाने व भूमि की उपयोगिता जानने के लिए मिटटी परीक्षण बहुत महत्व है, इसके लिए विभाग निःशुल्क मिट्टी परीक्षण करवाता है। जिला के किसानों व बागवानों की फसलों को जंगली जानवरों व बंदरों से बचाने के लिए मुख्यमंत्री खेत सरंक्षण योजना आरंभ की गई है। योजना के तहत सौर उर्जा से संचालित बाढ़ का प्रावधान है। योजना में 100 मीटर से 1500 मीटर तक के माॅडल उपलब्ध है तथा एक किसान अधिकतम 1500 मीटर तक बाढ़ लगाने के बाद विभाग से अनुदान प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा कांटेदार, जालीनुमा बाड़ पर 50 प्रतिशत अनुदान तथा विद्युत बिल मिश्रित बाड़ पर 70 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है। गत वर्ष योजन के तहत 68 हैक्टेयर क्षेत्रफल को संरक्षित करके 260 लाख रूप्ये का अनुदान 78 किसानों को दिया गया है। योजना के तहत इस वर्ष 250 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें अब तक 80 लाख रूपये व्यय करके 10 हैक्टेर क्षेत्रफल को संरक्षित किया गया है। जिला में राष्ट्रीय बांस योजना का क्रियान्वयन भी किया जा रहा है। योजना के तहत 90 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा तथा शेष 10 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। चालू वित वर्ष जिले में 15 हैक्टेयर क्षेत्र में उन्नत प्रजाति के बांस किसानों के खेतों में लगवाये गए हैं तथा भविष्य में इस योजना के तहत बासं आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिया जायेगा। इसके साथ-साथ बांस के शिल्पकारों के कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। पिछड़ा क्षेत्र योजना के अंतर्गत किसानों को बीज, दवाईयां, कृषि यंत्रों को 50 प्रतिशत अनुदान पर देने का प्रावधान है तथा समय-समय पर किसानों को नई तकनीक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाने का भी प्रावधान है। योजना के तहत एक लाख 52 हजार रूपये खर्च किए गए हैं तथा इस वर्ष योजना पर एक लाख 57 हजार रूपये खर्च किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त कृषि यंत्रीकरण सबमिशन, राज्य कृषि यंत्रीकरण योजना, जनजातिय क्षेत्र योजना, मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, एम किसान पोर्टल परियोजना, कृषि सूचना सेवा जैसी अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, जिसका किसान व बागवान भरपूर लाभ उठा रहे हैं।
प्रदेश सरकार द्वारा नई पंचायतों के गठन में घुमारवीं विकास खंड की कुठेड़ा पंचायत को नजरअंदाज करने से लोगों में भारी रोष है। पंचायत प्रतिनिधियों के साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्रफल और आबादी के साथ ही वार्डों के लिहाज से कुठेड़ा पंचायत का विभाजन किया जाना बेहद जरूरी है,लेकिन बार-बार ग्राम सभाओं से पारित प्रस्तावों को भेजने के बावजूद सरकार ने उसे अनदेखा कर दिया। कुठेड़ा पंचायत से बार्ड सदस्य मीरा देवी, युवा मंडल मसौर के पूर्व प्रधान विपिन मैहता,आशीष मैहता, अश्वनी कुमार, सुनीता देवी, विनय कुमार, सुशील कुमार, अनिता कुमारी, अवतार सिंह, आदर्श कुमार, इशान मैहता, अजय सिंह, अरविन्द कुमार, असीम कुमार, मनिन्द्र, चैन सिंह, शुभम मैहता, गौरव मैहता, संगीता ठाकुर व बलवन्त सिंह ने कहा कि कुठेड़ा पंचायत घुमारवीं विकास खंड के अंतिम छोर पर स्थित है। पंचायत के छोटे-बडे लगभग दर्जन गांव है तथा कुल वार्ड 9 हैं। अरविन्द कुमार ने कहा कि कुठेड़ा पंचायत का विभाजन 1990-91 में 30 वर्ष पूर्व हुआ था। वर्तमान में इस पंचायत में 1190 परिवार हैं तथा लोगों की जनसंख्या लगभग 4600 है और इसमें 01-01-2020 के अनुसार 3550 वोटर हैं जिस कारण इस पंचायत का विभाजन होना बहुत अनिवार्य है। ज्यादा परिवार और ज्यादा जनसंख्या होने के कारण इस पंचायत में न तो सभी को सारी सुवीधायें मिल पा रही हैं और न ही ज्यादा विकास कार्य हो पा रहे हैं। कई गांव तो इतने दूर हैं कि उनमें रहने वाले लोगों के लिए पंचायत कार्यालय पहुंचना बेहद कठिन होता है जिस कारण ग्राम सभाओं में लोगों की संख्या कम होने के कारण जरूरी प्रस्ताव पारित नहीं हो पाते हैं। भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए कुठेड़ा पंचायत को विभाजित करके पुर्नगठन की मांग मसौर और जोल पलाखीं के ग्रामवासियों ने की थी। हैरानी इस बात की है कि 9 वार्डाें वाली अधीकतर पंचायातों को विभाजित करके पुर्नगठन कर दिया गया जबकि कुठेड़ा पंचायत नअरअंदाज कर दी गई। मसौर और जोल पलाखीं के ग्रामवासियों ने विधायक सुभाष ठाकुर, डीसी तथा जिला पंचायत अधिकारी से कुठेड़ा पंचायत को विभाजित करके पुर्नगठन करने की मांग की है।
विद्युत उपमंडल दाड़लाघाट के अंतर्गत कंसवाला, नौणी, फुगाना, सेरा, समाना, जाबलू ट्रांसफार्मर जो दाड़लाघाट अनुभाग में आते है उन क्षेत्रों मे 27 व 28 अगस्त को विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी देते हुए सहायक अभियंता दाड़लाघाट ओमप्रकाश शर्मा ने बताया कि लाइन के आवश्यक रख रखाव व मुरम्मत हेतु दोपहर 2:00 बजे से सांय 5:00 बजे तक विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने सभी संबंधित लोगों से असुविधा हेतु सहयोग की अपील की है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया गर्मियों तथा बरसात के मौसम में सांप ज्यादा निकलते हैं इसलिए कोविड -19 के साथ-साथ सांपों से भी बचाव करना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि किसी प्रकार की लापरवाही जानलेवा हो सकती है और इससे बचने के लिए सही जानकारी होना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि सांप द्वारा काटे गए स्थान पर दांतों के हल्के या स्पष्ट दिखने वाले निशान व जख्म होते हैं, जो सूजन से कई बार ढक जाते है। सांप के काटने पर विषाक्ता से कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है। अब यह पता लग चुका है कि अधिकांश सांप विषहीन होते हैं। उन्होंने बताया कि दंश के स्थान पर तीब्र जलन, सूजन और दर्द होना, आवाज का बैठना, ज्यादा नींद लगना, तनाव, मिचली व उल्टी होना, अनैच्छिक रुप से मल-मूत्र का त्याग, लकवा होना, पलकों का गिरना, एक वस्तु की दो दिखाई देना तथा पुतलियों का फैलना दंश के मुख्य लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि सभी सरकारी अस्पतालों में सर्पदंश के इलाज की मुफ्त सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि दंश जहरीला है या नहीं विशेषज्ञ द्वारा जांच से ही पता लग सकता है। उन्होंने बताया कि व्यक्ति को शांत रखें और आश्वस्त करें कि वह ठीक हो जाएगा अन्यथा तनाव व दिल की तेज धड़कन से जहर तेजी से शरीर में फैलेगा, सांप द्वारा काटे गए व्यक्ति को चलने फिरने न दें, दंश के स्थान को हृदय से नीचे रखें, ताकि जहर शरीर के अन्य भागों में न फैल जाए, महत्वपूर्ण लक्षणों जैसे बुखार, नब्ज, सांस की गति और रक्तचाप की निगरानी करें, आघात में व्यक्ति को सीधा लिटाएं, दोनों पांव एक फूट उंचा उठाएं और कंबल ओढा दें, तुरन्त व्यक्ति को इलाज के लिए 108 के द्वारा नजदीक के सरकारी अस्पताल ले जाएं सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज की सुबिधा मुफ्त उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सर्पदंश जानलेवा है या नहीं, सोचने में समय न गवाएं, मन्त्र व झाडने से जहर उतारने में भी बिल्कुल समय न गवाएं, काटे गए स्थान पर न चीरा लगाएं, न चूसें, सर्पदंश के व्यक्ति को अति-उतेजित ने होने दें, व्यक्ति को खाने पीने को कुछ न दें तथा स्थानीय औषधि का इस्तेमाल भी न करें। उन्होंने बताया कि सर्पदंश से बचाव हेतु घर के आस-पास साफ सफाई रखें, घास व झाडियां न उगने दें, इन्हें समय-समय पर काटते रहें, दाल, अनाज, पानी के बर्तन ढक कर रखें, कूडे कचरे का समय-समय पर सही समापन करें, घर के अन्दर व बाहर चूहों के बिलों को पत्थर व सीमेंट से बन्द कर दें, चूहे मार दवा से चूहे मार दें, जाली दार खिडकी व दरवाजों का प्रयोग करें, घर और रसोई से पानी की निकास पाइप पर भी जाली लगाएं, नंगे पांव बाहर न जाएं, जूते पहने, अंधेरे में बाहर निकलने पर बल्ब जलाएं या टाॅर्च का प्रयोग करें, सोने से पहले बिस्तर अच्छी तरह झाड लें तथा बरसात के दिनों में जमीन पर न सोएं।
डीएवी अम्बुजा विद्या निकेतन दाड़लाघाट में विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन विषय संवर्धन गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस गतिविधि का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के लिए किसी भी विषय को रुचिकर तथा महत्वपूर्ण बनाना था। विषय संवर्धन गतिविधियों में बच्चों ने अपने घर के किसी सदस्य से परस्पर संवाद करके कुछ रोचक तथ्यों को सामने रखा। इन गतिविधियों में अभिभावकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया तथा वीडियो के माध्यम से अपने विचार सांझा किए। प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से बच्चों में आत्मविश्वास की वृद्धि होती है, वहीं इससे किसी भी विषय को रुचिकर तथा अर्थपूर्ण बनाया जा सकता है।
ग्राम पंचायत दानोघाट के कराड़ा गांव की कुरुगण ग्राम सुधार समिति ने ग्राम पंचायत दानोघाट में गांव की सीवरेज निकासी तथा सड़क के डंगे के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने हेतु एक ज्ञापन सौंपा। लोगों ने कहा है कि गांव कराड़ाघाट से सीवरेज की निकासी तथा सड़क मार्ग के डंगे का कार्य तीन-चार वर्षों से लंबित पड़ा है, उसकी ओर कोई भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसलिए सुधार समिति मांग करती है कि इस कार्य को शीघ्र पूर्ण किया जाए ताकि लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। इस मौके पर दुनी चंद शर्मा, भूपेंद्र शर्मा, योगराज शर्मा, राकेश शर्मा, हरीश शर्मा, प्रकाश शर्मा, पंकज शर्मा, मुकेश शर्मा उपस्थित रहे।
रोहड़ू के विधायक व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव मोहन लाल ब्राक्टा ने प्रदेश सरकार को कड़घरे में खड़ा किया हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जब से भाजपा सरकार बनी है, रोहड़ू विधानसभा के साथ राजनीति द्वेष के साथ काम कर रही हैं। विकास समेत अन्य मामलों में रोहड़ू के साथ भेदभाव की भावना से काम हुआ है। यह बात विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने अपने चार दिवसीय रोहड़ू दौरे पर कही। उन्होंने बताया कि रोहडू में एक भी नया काम सरकार नहीं कर पाई है। स्वास्थ्य विभाग में अनके पद खाली चल रहे हैं। सिविल अस्पताल रोहड़ू एक साल से स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के न होने से लोगो को मजबूरी में निजी अस्पताल में जाकर इलाज करना पड़ रहा है। अप्रैल 2020 से एक्स रे मशीन खराब हुई है। पांच महीने होने जा रहे है अभी तक मशीन ठीक नही की गई है। रोहड़ू हास्पिटल की हालत दिन प्रति दिन खराब हो रही है । ब्राक्टा ने बताया कि सेब सीजन पूरे चरम पर है लेकिन सम्पर्क सड़को की हालत बहुत की दयनीय है जिसके चलते बागवानों को मंडियों तक सेब पहुचाने में बहुत भारी पेरशानी झेलनी पड़ रही हैं सरकार व प्रशासन के सेब सीजन को लेकर सारे दावे हवाहवाई हो रहे हैं। सभी विभागों में कर्मचारियों कमी चल रही है जिनको भरने की अपेक्षा उल्टे इस कोरोना काल मे यहां से अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले किए जा रहे हैं। हाल ही में ही वन विभाग में तैनात वरिष्ठ सहायक का तबादला चंबा किया गया है। हालांकि बाद में उच्च न्यायालय चंबा से रामपुर के लिए तबादले के आदेश किए। रोहड़ू में पद अधीक्षक सहित कई पद पहले से खाली चल रहे है। ऊपर से वरिष्ठ सहायक का तबादला करना जोकि पूर्ण रूप से राजनीति द्वेष की भावना से किया गया है जिस में झूठी शिकायत व बिना किसी जांच के मुख्यमंत्री रोहड़ू भाजपा के लोगो के कहने पर कर्मचारियों व अधिकारियों के तबादले करके रोहड़ू के साथ भेदभाव करके क्षेत्र को हाशिये पर खड़ा कर दिया है।
सरकारी योजनाओ में ऑडिट की व्यवस्था मजबूत न होने से भ्रष्टाचार पनप रहा है तथा कई घोटाले सामने आ रहे हैं। इन योजनाओं के वैधानिक ऑडिट के लिए स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त किया जाना चाहिए। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टड अकाउंटेंटस ऑफ़ इंडिया की हिमाचल ब्रांच के पूर्व चेयरमैन योगेश वर्मा और वरिष्ठ चार्टड अकाउंटेंट राजेश सक्सेना ने यह बात कही है। उन्होंने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि कल्याणकारी सरकारी योजनाओं के ऑडिट के लिए ऑडिटर चुनने का अधिकार संबंधित विभागों को ही प्राप्त है, जिससे कि भ्रष्टाचार को बल मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में सरकारी योजनाओं के खर्चे का ऑडिट करने की व्यवस्था ऐसी है कि जिस विभाग, प्राधिकरण, विश्वविद्यालय, काॅलेज, स्कूल इत्यादि को खर्च करने के लिए राशि भेजी जाती है तथा वे जो खर्च करते हैं। उन खर्चों के ऑडिट के लिए ऑडिटर भी वे स्वयं ही नियुक्त करते हैं तथा ऑडिटर को नियंत्रित कर अपनी इच्छानुसार ऑडिट संबंधी प्रमाण पत्र तैयार कर लेते हैं। इस व्यवस्था से सरकारी स्कीमों में भ्रष्टाचार पनप रहा है। वर्तमान व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि किसी परीक्षार्थी को ही अपने लिए परीक्षक नियुक्त करने का अधिकार दे दिया जाए। उन्होंने मांग की है कि सरकारी स्कीमों में ऑडिटर नियुक्त करने का अधिकार कैग या इंस्टिच्यूट आफ चार्टड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया को दिया जाना चाहिए। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में किए जाने वाले खर्चाें का जहां स्वतंत्र ऑडिट होगा, वहीं भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी। योगेश व राजेश ने यह भी कहा कि सरकारी स्कीमों में ऑडिटरों की नियुक्ति के लिए सरकार को स्वतंत्र प्राधिकरण गठित करने पर भी विचार करना चाहिए। उन्होंने आशंका जताई कि अगर ऑडिटर नियुक्ति की मौजूदा व्यवस्था जारी रही तो सरकारी विभागों व प्राधिकारणों के प्रबंधकों और चयनित ऑडिटर के बीच सांठगांठ हो सकती है। जब तक राशि व्यय करने वाले विभागों के पास ऑडिटरों की नियुक्ति का अधिकार रहेगा, तब तक निष्पक्ष ऑडिट की उम्मीद नहीं लगाई जा सकती।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव विवेक कुमार ने कहा कि जो पिछले कल हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा नई पंचायतें बनाई गई हैं उसके ऊपर उन्होंने खासकर झंडुता विधानसभा क्षेत्र से मात्र एक ही नई पंचायत बनाई गई है जबकि यहां पर कई पंचायतों के प्रस्ताव सरकार को भेजे गए। जो नई पंचायत बनी है उसके लिए उन्होंने ग्राम वासियों को बधाई दी है वहीँ उन्होंने कहा अभी भी कई पंचायतें ऐसी है जिन की दूरी गांव से पंचायत भवन तक लगभग 17 किलोमीटर बन जाती है तथा ऐसे में वहां पर भी नई पंचायतों का निर्माण होना आवश्यक था किंतु ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पंचायत चुनावों से पूर्व झंडूता विधानसभा क्षेत्र से नई पंचायत बनाने के लिए जो प्रस्ताव सरकार को भेजे गए थे उस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है ताकि लोगों को असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि लंबे समय से बेहना ब्राह्मणा पंचायत के लोगों को लंबी दूरी तय करके पंचायत कार्यालय तक आना पड़ता है। वही ग्राम पंचायत घरान के अंतर्गत खामेडा कला, घूमारपुर के लोगों को भी 17 किलोमीटर का सफर तय कर कर पंचायत भवन पहुंचना पड़ता है जिससे उनको बहुत ही असुविधा उठानी पड़ती है। साथ ही जेज़विं के लोगों की भी मांग है कि उन्हें भी काफी असुविधा उठानी पड़ती है इसलिए वहां पर भी नई पंचायत के गठन की मांग कई बार लोग उठा चुके हैं।
जिला किन्नौर में राष्ट्रीय उच्च मार्ग 5 पर श्रीमती ढांग के समीप मंगलवार को आइटीबीपी की एक जिप्सी के दुर्घटनाग्रस्त होकर सतलुज नदी में गिर गई जिप्सी में सवार दो जवानों का तेज़ बहाव के चलते कोई सुराग नहीं लग सका था। जिप्सी चालक घुमारवी उपमंडल की ग्राम पंचायत मल्यावर के भटोली गांव का 29 वर्षीय जवान प्रदीप चंदेल पुत्र तुलसीराम है जिनका अभी कोई सुराग नहीं लग पाया है। ग्राम पंचायत मलयावर प्रधान मधुपाल धीमान की पुष्टि की है। जवान के घर इसकी खबर पहुंचते ही परिवार पर पहाड़ सा टूट पड़ा जवान के बड़े भाई संजय कुमार जो एचआरटीसी में कंडक्टर के तौर पर कार्यरत हैं घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार लापता जवान के परिवार में दो बड़े भाई व तीन बड़ी विवाहित बहने हैं। जवान का विवाह अभी एक वर्ष पूर्व ही हुआ है। पंचायत मल्यावर प्रधान मधुपाल धीमान ने 65 वर्षीय जवान की मां कौशल्या देवी को ढांढस बंधाया।
राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कहा है कि कठिन आर्थिक हालातों में जनता का कचूमर निकालने पर आमादा हुई सरकार ने अब बिजली की दरों में भारी इजाफा किया है। संड्री चार्जेस, सर्विस चार्जेस, मीटर रेंट व अन्य चार्जेस के नाम पर अब आम आदमी की जेबों पर डाका डाला गया है। कोविड-19 के दौरान बिगड़ी अर्थव्यवस्था के कारण जहां आम आदमी का जनजीवन लगातार परेशानी से घिरा है, वहीं दूसरी ओर सरकार आम आदमी पर अनावश्यक वित्तिय बोझ लाद रही है। आलम यह है कि कोविड-19 के दौरान भी बंद रही दुकानों व संस्थानों के बिजली के बिल हजारों में आए। बाद में पता चला कि इन बिलों की रीडिंग अंदाजन ही डालकर लोगों पर और बोझ डाला गया है। अब आलम यह है कि बिजली के बिल भरने के लिए भी गांव के लोगों को बैंक और सोसायटियों से कर्जा उठाना पड़ रहा है। कोविड-19 में जिन लोगों की नौकरियां चली गई हैं, उन लोगों के लिए हजारों के बिल भरना और भी मुश्किल साबित हो रहा है। राहत की बातें कर रही सरकार जमीनी हकीकत में आम जनता को कहां राहत दे रही है, यह तो सरकार ही बता सकती है लेकिन असल में जमीनी हालात यह हैं कि चारों ओर से बढ़ रही महंगाई के बीच आम आदमी का कचूमर निकल चुका है। जनता के पास पढ़ाई, दवाई जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए धन का भारी टोटा चल रहा है और उधर सरकार तरह-तरह के टैक्स व बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को और महंगा करके आम आदमी पर लगातार बोझ बढ़ाने में लगी हुई है। राणा ने कहा कि विभाग से जब जनता महंगी बिजली व सर्विस चार्जेस, सर्विस चार्जेस, मीटर रेंट के बारे जानकारी लेना चाह रही है तो विभाग के अधिकारी बता रहे हैं कि इस बारे में अभी तक उन्हें कोई टैरिफ ऑर्डर नहीं मिला है। यह सब बिजली विभाग का आईटी सेल शिमला से जरनेट करता है और इसी आईटी सेल ने कोविड के दौरान लोगों को ऑन एवरेज हजारों और लाखों के बिल भी भेजे थे। ऐसे में हैरानी की बात यह है कि विभाग के पास अभी तक टैरिफ आर्डर पहुंचे नहीं हैं, लेकिन बिजली के बिल तरह-तरह के चार्जेस लगाकर बढ़ा दिए गए हैं। महंगी बिजली पर एक तुर्रा यह भी दिया जा रहा है कि कुछ चार्जेस ऑडिट विभाग की तरफ से भी लगाए जाते हैं और यह उपभोक्ताओं के पिछली देनदारियों के रहते हैं। उन्होंने कहा कि हकीकत में किसी भी उपभोक्ता को यह जानकारी नहीं रहती है कि उनकी पिछली देनदारी क्या है। उनके होश तो तभी फाख्ता होते हैं, जब पिछली देनदारी बताकर, तो कभी चार्जेस रेट बढ़ाकर, तो कभी सब्सिडी कम करने की बात कह कर, तो कभी महंगी बिजली के नाम पर हजारों के बिल उनको थमा दिए जाते हैं। राणा ने कहा कि आलम यह है कि अब बाहरी प्रदेशों में बिजली सस्ती है और हिमाचल में बिजली महंगी हो रही है राणा ने कहा कि अब प्रदेश में 5 रुपए 45 पैसे प्रति यूनिट तक की दर से उपभोक्ताओं से पैसे वसूले जा रहे हैं जो कि आम आदमी की बदहाल हो चुकी अर्थव्यवस्था के बीच कुठाराघात है।
विकास खंड सदर जिला बिलासपुर में पंचायत धार टटोह से अलग ग्राम सोलग-जुरासी(Solag-Jurassi) को पंचायत बनाने को लेकर भाजपा वरिष्ठ नेता रूप लाल ठाकुर की अगवाई में ग्रामीण युवा सदर विधायक सुभाष ठाकुर से मिले और उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत करवाया तथा ज्ञापन सौंप कर उचित कार्यवाही की मांग की है। ज्ञापन की प्रतियां प्रैस को वितरित करते हुए भाजपा नेता रूप लाल ठाकुर ने समस्त सोलग-जुरासी व साथ लगते गांवों के निवासियों की समस्या की पैरवी करते हुए बताया कि यह पंचायत भौगोलिक दृष्टि से बहुत बड़ी है इसमें पड़ने वाले गांव की पालंगरियां टंगार, रौड़ी, कोहल, केरटी, सिद्ध, बनी व राजस्व गांव सोलग-जुरासी गांव एक दूसरे से काफी दूरी पर स्थित है। पंचायत धार-टटोह से इनकी दूरी 7 से 8 किलोमीटर के करीब है। उन्होंने बताया कि धार-टटोह पंचायत में 13 वार्ड जबकि पंचायत की आबादी 7000 से उपर है। उन्होंने बताया कि इस पंचायत में राजस्व गांव के आधार पर नई पंचायत का गठन नहीं किया गया है। धार-टटोह पंचायत में तीन ही राजस्व गांव हैं जिनमें से दो धार व एक सोलग-जुरासी है जिसकी आबादी लगभग सात हजार से ज्यादा है। वहीं राजस्व गांव सोलग-जुरासी की आबादी लगभग 25 सौ से उपर है। रूप लाल ठाकुर ने विधायक से आग्रह किया है कि उपरोक्त गांव व पालंगरियां की भौगोलिक स्थिति की जनसंख्या प्राकृतिक स्थिति को देखते हुए सोलग जुरासी गांव की अलग पंचायत गठित की जाए जिससे गांव के लोगों को अपनी पंचायत के हर कार्य के लिए दूर नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस बात पर गौर करती है तो ग्रामीणों को सुविधा के साथ-साथ विकास के मार्ग भी प्रशस्त होंगे। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा नेता रूप लाल ठाकुर के अलावा धार टटोह पंचायत के पूर्व उपप्रधान रूप लाल ठाकुर, प्रीतम, रतन लाल, संजीव कुमार, सौणू राम, अधिवक्ता विजय कुमार हेमराज, अधिवक्ता रमत कुमार, विनोद कुमार व सोनू मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल ने जिला पंचायत अधिकारी को भी ज्ञापन सौंपा।
ग्राम सेरा में नवयुग देवता सुधार कमेटी की बैठक प्रधान अमर चंद शर्मा की अध्यक्षता में हुई।बैठक में हाल ही में सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में नई पंचायतों के गठन की घोषणा पर चर्चा की गई। बैठक में अमर चंद शर्मा ने कहा नई पंचायतों की घोषणा मे कोटलु पंचायत का नाम नहीं है, जबकि 17 दिसंबर 2019 में प्रस्ताव ग्राम पंचायत कशलोग के माध्यम से विकास खंड कुनिहार तथा संबंधित विभागों में भेजा गया था उस पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है। कोटलु के नाम से नई प्रस्तावित पंचायत का गठन नहीं होने से सेरा, समाणा, फुगाना, बरसणु, कोटलू, बनोग, आदि गांव के ग्रामीणों में बहुत रोष है। ग्रामीणों ने सरकार से पहले भी गुहार लगाई थी कि वर्तमान पंचायत कशलोग का मुख्यालय इन गांव से सड़क मार्ग से 25 से 30 किलोमीटर दूर है,जिससे ग्राम वासियों को छोटे-छोटे काम कराने के लिए 25 से 30 किलोमीटर सड़क मार्ग पर जाना पड़ता है,जिससे उनका पूरा दिन भी बर्बाद होता है तथा पैसे भी लगते हैं और विकास भी नहीं होते।पंकज शर्मा तथा मस्तराम बंसल ने कहा की इतनी कोशिशों के बाद भी सरकार की तरफ से ग्राम वासियों को राहत नहीं दी गई है और नई पंचायत कोटलु के गठन की कोई उम्मीद नहीं लग रही है, इसलिए गांव के सभी ग्राम वासियों ने सरकार से पुनः अनुरोध किया है कि उनकी परेशानियों को देखते हुए सरकार पुनः अपने फैसले मैं संशोधन करते हुए ग्राम पंचायत कशलोग से इन 6 गांव को अलग कर प्रस्तावित कोटलु पंचायत का गठन कर दें जिससे संबंधित सभी कागजात संबंधित कार्यालय में दिसंबर माह में ही भेज दिए गए हैं। इन 6 गांव की कुल जनसंख्या 1321 के लगभग है और वर्तमान में ग्राम पंचायत कशलोग की कुल जनसंख्या लगभग 2820 है।समस्त ग्राम पंचायत वासी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तथा ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कुमार से अनुरोध करते हैं कि ग्रामीणों की मुश्किलों को मद्देनजर रखते हुए कोटलु पंचायत के गठन के आदेश दिए जाएं तथा तमाम ग्रामीण मुख्यमंत्री एवं मंत्री के आभारी रहेंगे।
ग्राम पंचायत दाड़लाघाट के गांव गवाह के लोगों ने प्रस्तावित पंचायत बरायली में जोड़ने को लेकर उपायुक्त सोलन को लिखे एक पत्र के माध्यम से आपत्ति जताई है। स्थानीय लोगों में बालक राम शर्मा, रमेश कुमार, प्रदीप कुमार शर्मा, हीरा लाल, बनिता, अनिल शर्मा, जयदेई, ललित, राहुल शर्मा सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार गांव गवाह को नवगठित किया जा रहा है, जो कि पंचायत बरायली में डाला जाएगा। इसको लेकर गांव गवाह के ग्रामीणों ने अपना विरोध जताते हुए कहा है कि गांव गवाह जो कि दाड़लाघाट के बिल्कुल साथ में है। इसकी राजस्व सीमा इस क्षेत्र के साथ लगती है व इस गांव के लोगों की आधी जमीन गांव दाड़लाघाट में भी पड़ती है तथा गांव गवाह से दाड़लाघाट पंचायत की दूरी मात्र 100 से 300 मीटर तक है और बरायली की दूरी 1500 से 1800 मीटर है। लोगों ने कहा है कि सुविधानुसार वह दूरी को देखते हुए दाड़लाघाट ही सर्वोत्तम स्थान है। यहां के लोगों का व्यवसाय व काम धंधा, स्कूल, अस्पताल, बिजली, पानी, विभाग, कॉलेज, उप कोषागार, सब तहसील व बाजार भी यहां पर स्थित है इसलिए गांव गवाह के समस्त ग्रामीणों ने इस बारे 15 दिसंबर 2019 को भी आपत्ति दर्ज करवाई थी, जिसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पंचायती राज मंत्री, हिमाचल प्रदेश व निर्देशक पंचायती राज विभाग शिमला, उपायुक्त सोलन, जिला पंचायत राज अधिकारी, उप मंडल अधिकारी अर्की, खंड विकास अधिकारी, पंचायत प्रधान, सचिव को भी प्रेषित की गई थी। गांव गवाह के ग्रामीणों ने अनुरोध किया है कि गांव गवाह को ग्राम पंचायत दाड़लाघाट में ही यथावत रखा जाए व इसे नव गठित की जा रही ग्राम पंचायत बरायली में न जोड़ा जाए।
पिछले काफी समय से चल रही दाड़लाघाट पंचायत की अलग पंचायतों के विभाजन के लिए मांग कर रहे लोगों में कहीं ख़ुशी कहीं गम का माहौल देखने को मिल रहा है। खंड कुनिहार की ग्राम पंचायत दाड़लाघाट भौगोलिक और आबादी के लिहाज से ग्राम पंचायत दाड़लाघाट से बरायली व रौडी नई ग्राम पंचायत बनाई गई है। गौर रहे पिछले कुछ समय पूर्व दाड़लाघाट के लोगों ने आयोजित ग्रामसभा मे भौगोलिक दृष्टि व आबादी लिहाज से पंचायत दाड़लाघाट की दो पंचायतें बनाने के बारे में प्रस्ताव पारित किया था। इसमें दाड़लाघाट पंचायत में रौडी (धार) पंचायत ओर बरायली पंचायत को नई पंचायत बनाने बारे सहमति बनी थी। इस दौरान सभा में काफी दिनों से आ रही स्थानीय लोगों की मांग को देखते हुए ग्राम पंचायत दाड़लाघाट ने पंचायत के विभाजन व पुनर्गठन को लेकर विशेष ग्राम सभा आयोजित कर पंचायतों को बनाने को लेकर प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन को ग्राम सभा में कोरम पूरा करवा कर प्रस्ताव पारित किया था कि ग्राम पंचायत दाड़लाघाट एक बड़ी पंचायत है, इस पंचायत की दो पंचायत बनाई जाए। इसको लेकर दाड़लाघाट पंचायत के धार क्षेत्र के लोगों ने खूब मेहनत की। इस दौरान धार क्षेत्र के लोगों ने धार पंचायत को अलग बनाने को लेकर रणनीति भी बनाई, उसके बाद ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित हुआ ओर बरायली व रौडी (धार) पंचायत बनाने को लेकर लोगों ने हामी भरी। इस दौरान कुछ लोगों ने चिंता भी जाहिर की कि ग्राम पंचायत दाड़लाघाट में 2 पंचायतों का गठन नहीं किया जाए लेकिन धार क्षेत्र के लोगों ने एकजुटता से परिचय देते हुए ग्राम सभा का कोरम पूरा करवा कर पंचायतों के विभाजन के लिए प्रदेश सरकार को प्रस्ताव भेजा। इसी को लेकर पिछले कल यानि सोमवार को एक अधिसूचना जारी हुई इसमें दाड़लाघाट से रौडी और बरायली पंचायत का गठन किया गया है। अब पंचायती राज विभाग ने 7 दिनों के अंदर इस निर्णय को लेकर सुझाव और आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए कहा है। इस अधिसूचना के जारी होने से क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है। धार क्षेत्र के लोगों का कहना है कि धार क्षेत्र के गांव में विकास न होने के कारण लोगों की डिमांड को देखते हुए नई पंचायत बनाने का फ़ैसला लिया। लोगों ने कहा कि पंचायत के प्रतिनिधि को अगर विकास को लेकर बात की जाए तो वह अम्बुजा से विकास करने के लिए टालमटोल करते थे, विकास न होने के कारण धार क्षेत्र के लोगों के साथ हर कार्यों में अनदेखी की जा रही थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि पंचायतों के विभाजन से धार के गांव में और विकास होगा।
जिला कांग्रेस की नव नियुक्त कार्यकारिणी की प्रथम बैठक जिला कांग्रेस के कार्यलय इंदिरा भवन कांग्रेस कार्यालय रौड़ा सेक्टर में दिनांक 27 अगस्त, 2020 वीरवार को रखी गई है। इस बैठक की अध्यक्षता जिला कांग्रेस की अध्यक्षा अंजना धीमान करेगीं। यह जानकारी जिला कांग्रेस महासचिव संदीप सांख्यान ने दी। सभी से अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने का अनुमोदन भी किया जाता है। जिला कांग्रेस महासचिव संदीप सांख्यान ने कहा चूंकि यह जिला कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की बैठक है। बैठक प्रातः 11 बजे शुरू होगी और पार्टी के वैचारिक व इंट्रोडक्टरी एजेंडे पर मंथन किया जाएगा। बैठक में कोविड 19 के चलते सभी के लिए मास्क पहनना व सोशल डिस्टेंसिनग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
ग्राम पंचायत मांगल में जल की शुद्धता तथा गुणवत्ता जांचने हेतु जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता पंचायत प्रधान दीप चंद शर्मा ने की। इस जागरूकता शिविर में वीडब्ल्यूएससी के सदस्यों व स्थानीय ग्रामीणों को जलीय गुणवत्ता बारे जागरूक किया। कुनिहार ब्लॉक के बीआरसी सुशील कुमार ने एक टेस्टिंग किट के माध्यम से लोगों को जल की गुणवत्ता जांचने का प्रशिक्षण दिया। सुशील कुमार ने बताया कि इस टेस्टिंग किट के अंदर उचित मात्रा में जल डालकर 24 घण्टे के बाद जांचना चाहिए, यदि पानी का रंग काला हो जाए, तो वह जल पीने योग्य नहीं होता। इस दौरान पीडब्ल्यूएसएस पाइप पेयजल प्रदान योजना तथा इसके अतिरिक्त उपस्थित सदस्यों को फील्ड टेस्ट किट एफटिके के माध्यम से पेयजल गुणवत्ता के जांचने का प्रशिक्षण दिया गया।जिससे जल जनित रोगों से बचाव किया जा सके। इस मौके पर पंचायत प्रधान दीप चंद शर्मा, उपप्रधान श्याम लाल, कृष्णा चौहान, सुहारु देवी, भाग देई, सुरेंद्रा देवी, सरला देवी, सुखदेई चौहान, सुमित्रा, लीला देवी, कौशल्या देवी मौजूद रहे।
विधृत उपमंडल रोहड़ू के तहत सीवरेज व राधास्वामी पेट्रोल पंप क्षेत्र में जरूरी मरमम्त करने के चलते 26 और 27 अगस्त को सुबह 10 बजे से सायं 5 बजे तक विद्युत् आपूर्ति बाधित रहेगी। सहायक अभियंता शुभम चौहान ने बताया कि 22 केवी फिडर लोअरकोटी में जरूरी मुरम्मत के चलते यह शटडाउन लिया जा रहा हैं। उन्होने उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।
रोहड़ू उपमंडल के तहत कुई पंचायत के उप्रधान देसराज शर्मा नें सड़क पर पड़े मिले 17,400 रुपए के एक चैक को संबधित व्यकित को लौटाकर ईमानदारी की मिसाल पेश की हैं। बात मंगलवार सुबह की जब देसराज वे एसडीएम कार्यालय की तरफ जारहे थे। तो उन्हें यह चैक सड़क पर पड़ा मिला। उन्होंने इस चैक को एसडीएम कार्यालय में एसडीएम के नीजी सहायक को लौटाना चाहा जिस पर इस चैक के जारीकर्ता संबधित आढ़ती से संपर्क किया जिन्होंने चैक के मालिक से संपर्क कर बुलाया। इस बाद चैक के मालिक अनिल कुमार निवासी गांव बशला को यह चैक सौंपा गया। अनिल कुमार ने देसराज का धन्यावाद किया।
एस.एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में फ़ीस वृद्धि के खिलाफ विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया। एस एफ आई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई का मानना है आज पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में है और पिछले काफी लंबे समय से सभी शिक्षण संस्थान बन्द हैं और जिस कारण छात्र पढ़ाई से काफी महीने से वंचित हैं और इस विपरीत संकट में विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में फ़ीस को बढ़ाना छात्रों के साथ अन्याय है क्योंकि छात्र पहले से ही विश्वविद्यालय में परीक्षा न होने के कारण मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं। SFI का कहना है कि अभी यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजीमें छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएँ हो रही हैं वहां पर प्रशासन और निदेशक की मिलीभगत के द्वारा छात्रों पर अतिरिक्त misllaneous charges लगाकर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी के छात्रों का कहना है कि जो पिछले सेमस्टर में छात्रों से अलग-अलग फंड लिया गया था वह कहीं भी खर्च नही किया गया है। उच्चतम न्यालय ने दिशा निर्देश दिए है की इस महामारी के समय शिक्षण शुलक को छोड़कर किसी भी प्रकार का कोई भी अतिरिक्त शुलक न लिया जाए परन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन ने उच्च न्यायालय के निर्णय का उल्लंघन किया है। एस एफ आई ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द अगर प्रशासन इस पर कार्रवाई नहीं करता है तो एस एफ आई विश्वविद्यालय में आंदोलन का आगाज करेगी जिसका खामियाजा विश्वविद्यालय प्रशासन को भुगतना पड़ेगा।
एसडीएम सोलन रोहित राठौर की पदोन्नति व स्थान्तरण के बाद, आईएएस अजय कुमार यादव ने एसडीएम सोलन का कार्यभार संभाला है। अजय यादव मूलतः यूपी के वाराणसी से सम्बंध रखते है। इससे पूर्व उन्होंने ट्रेनिंग अवधि में जिला मंडी में बीडीओ व एसडीएम के पद पर सेवाएँ दे चुके है। एसडीएम अजय ने कहा कि सबसे पहले वे क्षेत्र में चल रहे विकास कार्याें की समीक्षा करेंगे। बखास तौर पर इन्हें तय सीमा के भीतर पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी करेंगे ताकि विकास कार्यों की गति तेज हो सके। उन्होंने कहा कि शहर व ग्रामीण क्षेत्र में विकास को लेकर अधिकारियों से नई योजनाओं पर चर्चा करते हुए उन्हे सिरे चढ़ाने पर प्राथमिकता दी जाएगी। उनकी प्राथमिकता हकदार व्यक्तियों को सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ दिलवाने की रहेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा शहर के लोगों को मूलभूत सुविधाएं बेहतर तरीके से मिल सके इसके लिए वे पूरा प्रयास करेंगे। शहरवासी की सीवर, सफाई व पेयजल समस्याओं का समाधान करने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उनकी कोशिश होगी कि शहरवासियों को उपरोक्त सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध करवाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी आपस में बेहतर तालमेल के साथ काम करेंगे। उन्होंने सोलन की जनता से अपील करते हुए कहा कि सोलन के विकासकार्यों को लेकर सुझाव आमंत्रित है।
जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण बिलासपुर के अध्यक्ष एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश बिलासपुर आर के चौधरी ने लोगों से आग्रह किया है कि जो पौधे वन विभाग द्वारा जंगलों में रोपे जाएगें उनकी देखभाल व सुरक्षा करें और उनका कटान न करें जिससे जंगली जानवर किसानों की खेती को नुकसान न पहुंचाऐं। उन्होंने कहा कि जंगलों में फलदार पौधे लगाने से जंगली जानवर किसानों के खेतों की तरफ नहीं जाएगें, क्योंकि जानवरों को उनका भरण पोषण जंगलों में ही मिल जाएगा। बिलासपुर में उनकी अध्यक्षता में ‘जंगली फलदार वृक्ष लगाऐं, फसलो को बचाऐं', कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम के तहत सिद्ध फाट, ग्राम पंचायत समोह, तहसील झण्डुता, में पौधा-रोपण अभियान किया गया। उन्होंने बताया कि कार्यकारी अध्यक्ष राज्य विधिक सेवाऐं प्राधिकरण शिमला, हि.प्र. के दिशा निर्देशों अनुसार जिले में खण्ड विकास अधिकारी व वन विभाग अधिकारी के साथ मिलकर जिला बिलासपुर में जंगली फलदार पौधे लगाने के लिए विभिन्न पंचायतों में कई स्थानों को चिन्हित किया गया हैै जिसमें वन विभाग द्वारा स्थानीय प्रशासन व पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग से पौधा-रोपण किया जाएगा। कार्यक्रम में अक्षी शर्मा, सचीव, जिला विधिक सेवाऐं प्राधिकरण, बिलासपुर, हि.प्र., विक्रांत कोन्डल, अध्यक्ष, उप-मण्डलीय, विधिक सेवाऐं समिति घुमारवीं, हि.प्र., सरोज भाई पटेल उप-मण्डलीय, वन अधिकारी बिलासपुर, अशोक कुमार वन रेन्ज़ अधिकारी, झण्डुता, सुशील कुमार, खण्ड वन अधिकारी, समोह, अनिल कुमार, प्रधान ग्राम-पंचायत, समोह, नंद लाल, उप प्रधान ग्राम पंचायत समोह के अतिरिक्त अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया।
बिलासपुर के प्रसिद्ध व्यवसायी शशि पाल शर्मा “भाई” के निधन पर जिले में शोक की लहर दौड़ गई है। कई स्वयंसेवी संस्थाओं व राजनेताओं ने इस निधन पर शोक प्रकट किया है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, स्थानीय विधायक सुभाष ठाकुर, नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के विधायक रामलाल ठाकुर, जिला भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र संख्यान, जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष अंजना धीमान, महासचिव संदीप संख्यान व अनुराग शर्मा, जिला बार संघ के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट तेजस्वी शर्मा, जिला लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष प्रेम डोगरा एवं महासचिव दीपचंद, प्रमुख उद्योगपति इंदर सिंह डोगरा एवं राजेंद्र शर्मा जेपी, जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक प्रोमिला भारद्वाज, हिम साहित्यकार सभा के राज्य अध्यक्ष रतन चंद निर्झर एवं राज्य महासचिव अरुण डोगरा ऋतु , राम नाटक समिति के अध्यक्ष नरेंद्र पंडित, उड़ान थियेटर ग्रुप के सभी कलाकार, जिला भाषा अधिकारी नीलम चंदेल राज्य पत्रकार महासंघ के अध्यक्ष जयकुमार ने कहा है कि इस अपूरणीय क्षति को पूरा नहीं किया जा सकता। शशि पाल शर्मा को शशि भाई के नाम से जाना जाता था। बिलासपुर औद्योगिक क्षेत्र में उनकी एक जूस बनाने की फैक्ट्री थी। शशि भाई इतने मिलनसार थे कि हर कोई उनका चहेता बन जाता था उनके परम मित्र एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, पूर्व मंत्री व विधायक श्री नयना देवी जी राम लाल ठाकुर ने कहा कि शशि भाई का कांग्रेस से भी बड़ा गहन जुड़ाव रहा है, उन्होंने साथ मे कई आंदोलन भी साथ लड़े हैं। शशि भाई एक बहुत उम्दा कलाकार और निर्देशक भी थे और स्पोर्ट्स में आल राउंडर थे। शशि भाई हॉकी, एथेलेटिक्स, हैंडबॉल, टेबल टेनिस व लॉन टेनिस के भी उम्दा खिलाड़ी थे। सभी गणमान्य व्यक्तियों एवं बुद्धिजीवियों के साथ संस्थाओं के प्रमुखों ने शशि भाई की आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवार को यह दुख सहने की शक्ति परमात्मा से मांगी।
सभी पेंशनर जो हिमाचल सरकार से सेवा निवृति के उपरांत पेन्शन प्राप्त कर रहे है उनके जीवित प्रमाण पत्र जो प्रथम जुलाई से दिए जाने थे, अब वह कोरोना महामारी के कारण प्रथम सितम्बर 2020 से दिए जाएंगे जोकि वर्ष 2020-2021 के लिए जाएंगे। प्रेस सचिव हिमाचल प्रदेश नेशनल फेडरेशन संघ अर्की रोशन लाल वर्मा ने लोगों से आग्रह किया है कि वह अपना आधार कार्ड की कॉपी भी कोषाधिकारी कार्यालय में 1 सितंबर 2020 से जमा करवाना शुरू कर दें। उन्होंने बताया कि पपत्र कोषाधिकारी कार्यालय अर्की से प्राप्त होगा व इसे नेट द्वारा भी निकाला जा सकता है। पारिवारिक पेंशन धारक जिन्हें अभी तक 65 वर्ष, 70 वर्ष, 75 वर्ष व 80 वर्ष पर 5%,10%, 15% व 20% का लाभ नही मिल रहा है। वह अपनी आयु के प्रमाण के रूप में अपने पेन कार्ड की कॉपी व आयु का प्रमाण पत्र जो उनके पास है उन्हें सलग्न करें। उन्होंने कहा कि यदि किसी को जानकारी की आवश्यकता हो तो वह इस नम्बर 9418088859 पर सम्पर्क करें।
प्रदेश कार्यसमिति बैठक में दो राजनीतिक प्रस्ताव लाए गए। इनमें पहला प्रस्ताव केंद्र की उपलब्धियों को लेकर मंडी से सांसद रामस्वरूप शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्ताव का अनुमोदन प्रदेश सचिव पायल वैद्य और प्रदेश सह मीडिया प्रभारी नरेंद्र अत्री द्वारा किया गया। प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश को मजबूत करने का काम कर रही है। देश में अटल पेंशन योजना देश में एक बड़ी योजना के रूप में उभर कर आई है, जिसमें हर नागरिक को 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन का लाभ मिलेगा। देश के 80 करोड़ लोगों को 8 माह के लिए मुफ्त राशन केवल भारतीय जनता पार्टी की सरकार की दे सकती थी। उन्होंने ने कहा कि देश की 8 करोड़ बहनों को गैस कनेक्शन देने का काम मोदी सरकार ने किया और इस कोविड-19 के संकट काल में 3 माह तक मुफ्त सिलेंडर भी दिया। मोदी सरकार सही मायने में सभी वर्गों के लिए काम कर रही है। विकलांगों वृद्धों और विधवाओं के लिए एक लाख एक हजार करोड़ का बजट आवंटन किया गया जिसके अंतर्गत 3 माह तक सभी को 1 हज़ार मिले।
संगठन के शीर्ष नेतृत्व भाजपा मंडल अध्यक्ष और भाजयुमो जिला अध्यक्ष से चर्चा करने के बाद युवा मोर्चा अध्यक्ष रोहित भारद्वाज ने युवा मोर्चा सोलन मंडल कार्यकारिणी का विस्तार किया। सचिव पद : विमल शर्मा (क्यारी) गौरव साहनी (वार्ड नंबर 2) विनीत शर्मा (कण्डाघाट) आईटी सेल हेड : दिव्यांशु हंस (शक्तिनगर) सोशल मीडिया : कुशल शर्मा (छावशा) कार्यकारिणी मेंबर : सुनील ठाकुर (टकरेना) राकेश ठाकुर (मनलोग) पंकज ठाकुर (द्यूंघाट) लक्ष्य बनल (शमलेच) गौरव बनाल (शमलेच) मुकुल शर्मा (गलोग) विशाल ठाकुर (नंदल) विपिन अरोड़ा (वार्ड 5) ओम गुप्ता (वार्ड 12) यशपाल ठाकुर (हैप्पी) (बसाल) शशांक मेहता (सेरी) रोहित ठाकुर (मंजोल) सार्थक मेहता (सेरी) महेश शर्मा (वकना) हरनाम ठाकुर (पौदना) दक्ष भारद्वाज (महि) अमन शर्मा (श्रीनगर) जितेंद्र ठाकुर (नगाली) सचिव ठाकुर (जेठाना) गौतम ठाकुर (द्यूंघाट) राहुल मेहता (बसाल) सचिन ठाकुर (बर्गों) सचिन शर्मा (वार्ड 3) सुरेश कुमार (सहमति) संदीप कुमार(वार्ड 5)
राष्ट्रीय उच्च मार्ग 5 श्रीमती ढांग के पास आईटीबीपी की वाहन दुर्घटनाग्रस्त वाहन में चालक साहित एक जवान सतलुज नदी मे बह गए जिस की खोज जारी है। वाहन रिकांगपिओ से डुबलिंग पोस्ट की और जा रही थी। पुलिस व स्थानीय प्रशासन मौके पर आईटीबीपी रिकांगपिओ बटालियन को सूचित कर दिया गया है। जनजातीय जिला किन्नौर के पूह खण्ड के तहत श्रीमती ढांक के समीप आईटीबीपी का वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ है जिसमे एक जवान के बहने की सूचना है वही इस मामले में पुलिस खोजबीन में लगी हुई है। बताते चले कि सतलुज का जलस्तर अधिक होने के कारण जवान को खोजने में समस्याए आ रही है लेकिन वाहन को पुलिस व रेस्क्यू टीम ने कब्ज़े में लिया है। साथ ही इस विषय मे आईटीबीपी के अधिकारियों व बटालियन को सूचित किया गया है।
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ खंड घुमारवीं के प्रधान सुरेश चन्देल के नेतृत्व में कर्मचारियों का प्रतिनिधिमंडल उपमंडलधिकारी घुमारवीं शशिपाल शर्मा से मिला और उन्होंने सिविल अस्पताल घुमारवीं की रोगी कल्याण समिति के सचिव डॉ अनुपम की कार्य प्रणाली और तानाशाही रवैये का ज्ञापन दिया। प्रधान सुरेश चन्देल ने रोगी कल्याण समिति के सचिव डॉ अनुपम पर अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करने और कर्मचारियों को धमकाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा यह कर्मचारी महासंघ सैहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समिति की बैठक में जो सचिव ने एजेंडा बनाया उसमे रोगियों के लिए कम और अपने लिए ज्यादा बनाया गया। चन्देल ने बताया कि वर्ष 2019 -20 से लेकर अब तक समिति ने 91 लाख 13 हजार 573 रुपये खर्च किए है उन्होंने मांग की कि यह पैसा कहा कहा लगाया गया और यह नियम के अनुसार लगया गया है या नहीं इसकी जांच की जाए। इन कर्मचारी नेताओं ने कहा कि निष्पक्ष जांच के लिए डॉ अनुपम को तुरंत पद से हटाया जाए। इन कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर डॉ अनुपम को सचिव के पद से नहीं हटाया तो आराजपत्रित कर्मचारी महासंघ घुमारवीं उपमंडलधिकारी कार्यालय के बाहर धरना देने के लिए विवश हो जाएगा। इस अवसर पर महासचिव रंगीला राम ठाकुर, मुख्य संरक्षक तिलक राज शर्मा, मुख्य सलाहकार जगदेव चौहान, उपप्रधान संजीव शर्मा, कानूनी सलाहकार निका राम धीमान, संगठन राज कुमार, जगदीश चंद, मनोज कुमार, सुशील कुमार, सोहन सिंह, रमेश कुमार, उपेन्द्र सिंह, सुख देवी, मधुवाला, प्रेमी देवी, नलनी, चंद्र लेखा, कला देवी, उपस्थित थे।
-हर वर्ष बचेंगे करोड़ों, रुकेगा भूमि कटाव और सरकारी नलों पर निर्भरता भी होगी कम -छावनी बोर्ड सुबाथू, जतोग कैंट और एमसी सोलन बचा रहे लाखों लीटर पानी प्रदेश में हर वर्ष जल संकट बढ़ता जा रहा है, लेकिन सरकार ने आज तक वर्षा जल संग्रहण के लिए कोई कारगर योजना तैयार नहीं की है। बारिश के दिनों में लाखों-करोड़ों लीटर पानी आकाश से बरसता है और यदि उसका सही तरीके से संग्रहण किया जाए तो न केवल हिमाचल में किसी भी मौसम में जल संकट समाप्त हो जाएगा, बल्कि सरकार का करोड़ों रुपये बचेगा, भूमि कटाव की समस्या कम होगी और लोगों की सरकारी पेयजल योजनाओं पर निर्भरता कम हो जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदेश के पारंपरिक प्राकृतिक जलस्त्रोत फिर से पुनर्जीवित हो उठेंगे। दिन-प्रतिदिन पानी की बढ़ रही समस्या को देखते हुए पिछले कई वर्षों से यह कहा जा रहा है कि अगला विश्वयुद्ध पानी के लिए होगा, लेकिन यदि इंसान प्रकृति से खिलवाड़ न करे और उसके विरुद्ध न चले तो इस कथित विश्वयुद्ध को टाला जा सकता है। इसके लिए सरकारों की इच्छाशक्ति का होना बेहद जरूरी है। कुछ दशकों पहले तक बरसात के मौसम में जोहड़ों और कच्चे तालाबों के माध्यम से बारिश के पानी का संग्रहण किया जाता था, जिससे साल भर तक प्राकृतिक जलस्त्रोत रिचार्ज रहते थे और उनमें पानी की कमी नहीं आती थी, लेकिन समय के बदलाव के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जोहड़ और तालाब मिट्टी से भर गए और लोगों की निर्भरता पूरी तरह से सरकारी नलों पर हो गई। शहरों की बात छोड़ दें तो ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग नलों के पानी पर ही निर्भर हो गए हैं, बहुत कम क्षेत्रों में लोग कुओं या बावडिय़ों से पानी ढोते हुए नजर आते हैं। केंद्र सरकार के जलशक्ति मिशन के तहत अब सरकार ने आने वाले समय में हर घर को नल देने की विस्तृत योजना तैयार की है और हर माह देश भर में लाखों पानी के कनेक्शन दिए भी जा रहे हैं, लेकिन सरकार ने यह नहीं सोचा कि जब हमारी नदियों या बड़े जलाश्यों में ही पानी नहीं बचेगा तो अरबों रुपये की यह योजनाएं किस काम की रहेंगी। सरकार को चाहिए कि बारिश के पानी का संग्रहण करने की विस्तृत योजना तैयार करे और जिन लोगों के पास अपनी भूमि है, वहां पानी के बड़े भंडारण टैंकों का निर्माण सुनिश्चित किया जाए। शहरी क्षेत्रों में प्रत्येक निर्माणधीन भवन का नक्शा तभी पास किया जाए जब उसमें वर्षा के जल संग्रहण टैंक के निर्माण का प्रावधान हो। टीसीपी में हालांकि यह प्रावधान तो है, लेकिन इन टैंकों को सरकारी नलों में आने वाले पानी से भर कर रेन वाटर हार्वेस्टिंग के नाम पर मात्र खानापूर्ति की जा रही है। वर्षा के पानी को बनाया जा सकता है सौ प्रतिशत शुद्ध प्रदेश के सबसे पुराने छावनी क्षेत्र सुबाथू के अलावा शिमला के जतोग कैंट और नगर परिषद सोलन में हजारों लीटर वर्षा के पानी को संरक्षित किया जा रहा है। यह पानी मिनरल वॉटर की तरह शुद्ध हो कर हजारों लोगों की प्यास बुझा रहा है। लैबोरेटरी से इस पानी में शून्य प्रतिशत बेक्टीरिया होने की पुष्टि की गई है। हालांकि सुबाथू में तो छावनी बोर्ड ने पानी को और अधिक शुद्ध बनाने के लिए अतिरिक्त फिल्टर लगाए हैं, लेकिन मात्र 85 सौ रुपये लागत का फिल्टर लगा कर कर एक मध्यम वर्गीय परिवार भी एक वर्ष में कम से कम 100 दिनों का पानी बचा सकता है। प्रदेश में औसतन 70 से 120 सेंटीमीटर बारिश होती है और एक सेंटीमीटर बारिश होने पर एक हजार वर्ग मीटर छत से एक हजार लीटर पानी बर्बाद होता है या यूं कहें कि उसे बचाया जा सकता है। सीमित संसाधनों वाले स्वायत्त छावनी बोर्ड प्रशासन ने वर्षा जल संग्रहण में रुचि दिखाई और इसका नतीजा यह हुआ कि आज इन क्षेत्रों में पेयजल संकट दूर हो गया है। छावनी बोर्ड कार्यालय की सभी छतों का पानी पाइप के माध्मय से फिल्टर होकर बड़े भंडारण टैंक में एकत्रित किया जाता है और उसके बाद उसे लोगों को सप्लाई किया जा रहा है। किसी भी मौसम में नहीं होगी पानी की किल्लत हिमाचल सरकार भी यदि पहल करे तो किसी भी मौसम में पानी की किल्लत नहीं होगी। गर्मियों में नदियों व जलस्त्रोतों का पानी सूख जाता है, वहीं, भारी बारिश होने पर गाद से पेयजल योजनाएं बंद हो जाती हैं, जिससे सरकार को मशीनरी बर्बाद होने पर करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ता है। टैंकरों पर भी सरकार हर वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है। ऐसे में यदि हर स्कूल की छत, सरकारी कार्यालयों, सार्वजनिक भवनों और हर घर की छत से वर्षा जल संग्रहण किया जाए तो हर वर्ष करोड़ों रुपये बच सकते हैं, बस आवश्यकता है तो सरकार के संकल्प व इच्छा शक्ति की, क्योंकि अभी तक प्रदेश सरकार ने छावनी परिषदों की भांति वर्षा के जल संग्रहण में कोई रुचि नहीं दिखाई है।
मौजूदा सियासी दौर में देश में सच के ऊपर संकट लगातार गहराता जा रहा है। यह दीगर है कि सच का अपना एक कुदरती स्वभाव है कि उसे जितने जोर से दबाने का प्रयास किया जाता है, वह उतनी ही तेजी से बाहर आता है। देश और प्रदेश में प्रचंड बहुमत से जीती सरकारों के राज में अगर देश सोशल मीडिया के एक टवीट से हिल रहा है तो यह बताने के लिए काफी है कि देश में अभी भी सच के साथ चलने वाले हिम्मतवर लोग मौजूद हैं। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सियासत के दौर में यह सवाल आम आदमी के जहन में कौंध रहा है कि क्या सच अब सत्ता का गुलाम हो कर रह जाएगा। राणा ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस ने लगातार संघर्ष करते हुए जिन संवैधानिक संस्थाओं को देश हित में स्थापित किया था। वह संवैधानिक संस्थाएं जैसे चुनाव आयोग, संघ लोक सेवा आयोग और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग और बैंक इत्यादि अब संकट के दौर से गुजर रही हैं। यहां तक कि अब मीडिया, न्याय पालिका व जांच एजेंसियों का भी राजनीतिक प्रतिशोध के चलते दुरुपयोग करने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार का विरोध करने वालों को देश का विरोधी करार दिया जा रहा है। सच बोलने वालों को सजायाफता मुजरिम करार देने की साजिशें रच कर, देश के आम नागरिक को खौफजदा करने का खतरनाक खेल लोकतंत्र के भविष्य के लिए घातक साबित होगा यह तय है। राणा ने कहा कि राजनीति से ऊपर उठकर सोचें तो अगर हम अपनी आवाज की रक्षा नहीं कर सके, तो आम आदमी का इस देश में कोई रखवाला नहीं बचेगा। लोकतंत्र में रहते हुए दुनिया की सबसे बड़ी माने जाने वाली डेमोक्रेसी में अगर लोग सच नहीं बोल सकेंगे या सच के पक्ष में खड़ा रहने की हिम्मत नहीं जुटा पाएंगे तो यह डेमोक्रेसी किस काम की है यह सोचने जैसी बात है। राणा ने कहा कि एक-एक संस्थान का डेमोक्रेटिक स्पेस एक साजिश के तहत खत्म किया जा रहा है जिसके चलते जनता के हक में काम करने की कार्यशैली को भी खत्म किया जा रहा है। गणतंत्र के स्तंभों के अधिकारों का हनन निरंतर जारी है। राज्य और केंद्र की सरकारें एक तानाशाह की तरह राजकाज को चलाने के हथकंडे अपना रही हैं। आलम यह है कि देश में सच बोलने पर पाबंदी बढ़ रही है और प्रदेश में अगर आम आदमी के हक में अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए विपक्ष सच की आवाज उठा रहा है तो इस पर प्रदेश सरकार को गुस्सा आ रहा है जिससे लगता है कि अब सियासत सच को अपना गुलाम बनाने पर आमादा हो चुकी है।
सोमवार को युवा मोर्चा सोलन मण्डल द्वारा नवनियुक्त खण्ड प्रभारी की बैठक युवा मोर्चा सोलन मण्डल के अध्यक्ष रोहित भारद्वाज की अध्यक्षता में कण्डाघाट में की गई। इस बैठक में नवनियुक्त प्रभारियों को उनके खण्ड में नए युवाओं को जोड़ने, पार्टी के कार्यों का विस्तार करने तथा आगामी पंचायत चुनाव में युवाओं की भूमिका के बारे में विस्तृत चर्चा की गई। इस बैठक में खंड सोलन के प्रभारी सचिन, श्रीकांत, अभिलाष, विशाल, गौरव और खण्ड कंडाघाट के प्रभारी पंकज, विमल शर्मा, अमित भारद्वाज के साथ साथ मण्डल महामन्त्री वैभव और अरुण मौजूद रहे।
प्रेस क्लब सोलन (रजि.) की आवश्यक बैठक सोमवार को प्रेस रूम में आयोजित हुई। इसकी अध्यक्षता प्रेस क्लब के चीफ पैट्रन मुकेश कुमार ने की, जबकि प्रधान मनीष शारदा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में पत्रकार शशि भूषण पूरोहित और भूपेंद्र ठाकुर को प्रेस क्लब की सदस्यता प्रदान की गई जिसका उपस्थित सभी सदस्यों ने स्वागत किया। बैठक में आगामी कार्यों के लिए नई समितियों का गठन किया गया, जबकि कुछ सदस्यों को नई जिम्मेदारी भी दी गई। इसमें मोहिनी सूद को प्रवक्ता बनाया गया। शशि भूषण पूरोहित को वरिष्ठ उपाध्यक्ष और भूपेंद्र ठाकुर को उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया। बैठक में खेल गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाने के लिए समिति का गठन किया गया जिसमें सुनील शर्मा, सुरेंद्र ममटा, मनमोहन और विशाल वर्मा को खेल गतिविधियों को करवाने का दायित्व सौंपा गया। बैठक में साहित्यक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया जिसके सफल आयोजन के लिए शशी भूषण पुरोहित, कीर्ति कौशल, संदीप शर्मा, मोहिनी सूद को कार्यक्रम प्रभारी बनाया गया है। बैठक में कोषाध्यक्ष द्वारा मार्च 2020 तक का ऑडिट भी करवाया गया। इस मौके पर मुकेश कुमार, मनीष शारदा, शशि भूषण पुरोहित, कीर्ति कौशल, सोम मेहता, सतीश बंसल, मदन हिमाचली, संदीप शर्मा, मोहिनी सूद, विशाल वर्मा, योगेश शर्मा, मनमोहन वशिष्ठ, दीपक शर्मा और राजन अरोड़ा मौजूद रहे।
उपायुक्त राजेश्वर गोयल ने बताया कि सरकार द्वारा करवाए गए इस वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में बिलासपुर जिला से सम्बन्धित 2 नगर परिषदों व एक नगर पंचायत ने राज्य में उच्च श्रेणी प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नगर परिषद श्री नैना देवी जी प्रथम स्थान पर, तलाई नगर पंचायत पांचवे तथा नगर परिषद बिलासपुर 11वें स्थान पर रही है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय स्वच्छता संर्वेक्षण, 2020 में 25 हजार से कम आबादी की ज़ोनल रैकिंग में नगर परिषद श्री नैना देवी जी 397वें रैंक से साथ प्रथम स्थान पर, नगर पंचायत तलाई 500 रैंक के साथ पांचवे स्थान पर, नगर परिषद बिलासपुर 592वें रैंक के साथ प्रदेश भर में 11वें स्थान पर रहे है। गत वर्ष नगर परिषद श्री नैना देवी जी ने 642वां, नगर पंचायत तलाई ने 921वां तथा नगर परिषद बिलासपुर ने 946वां रैंक रैंक हासिल किया था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष नगर पंचायत व नगर परिषद द्वारा प्रशासन की देखरेख में तथा सही दिशा निर्देशों का पालन करते हुए यह सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि घर-घर से कुडा कचरा उठाने की योजना को बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन एकत्रित किए जा रहे कूडे का निष्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन तथा नगर पंचायतों व नगर परिषद में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों आपसी बेहतर तालमेल और कर्तव्यनिष्ठा के कारण सम्भव हो पाया है। उन्होंने लोगों का आहवान किया कि वे स्वच्छता को बनाए रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। कूडा-कचरा इधर-उधर न फैंके जिससे जहां साफ सफाई रहेगी वही पर्यावरण भी प्रदूषण मुक्त होगा।
हिमाचल प्रदेश अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर साहित्यिक व्याख्यानमाला का आयोजन परिषद की प्रदेश अध्यक्ष डॉ रीता सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। यह जानकारी देते हुए परिषद की जिला बिलासपुर अध्यक्ष शीला सिंह ने बताया कि निरंतर 16 ऑनलाइन श्रृंखलाओं में हिमाचल की देव संस्कृति के संदर्भ में हिमाचल के प्रमुख साहित्यकारों ने अपने अपने वक्तव्य ऑनलाइन सांझा किए। भारत के कोने कोने से श्रोतागण इस कार्यक्रम से ऑनलाइन जुड़े रहे। प्रदेश अध्यक्ष डॉ रीता सिंह ने इस कार्यक्रम को सफल रूपरेखा प्रदान की और ऐसा एक मंच स्थापित किया जो भविष्य में साहित्यिक व्याख्याताओं के लिए अनुकरणीय उदाहरण बन गया। इस मंच पर एक से बढ़कर एक महान विद्वानों एवं विदुषियों को अपने वक्तव्य प्रस्तुत करने का मौका मिला। शीला सिंह ने बताया कि यह एक एैसा अनुभव हुआ कि जैसे प्रत्येक साहित्यकार द्वारा प्रस्तुत वक्तव्य में हिमाचल की देव संस्कृति व अन्य विधाओं के साक्षात दर्शन हो गए। वास्तव में हिमाचल देव भूमि है ऋषि मुनियों की तपस्थली है हिमाचल देव संस्कृति की विस्तृत जानकारी अनेक साहित्यकारों के माध्यम से प्रस्तुत की गई कार्यक्रम के समापन में परिषद के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्रीधर गोविंद पराड़कर मुख्य अतिथि रहे जबकि अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक डा. वीर सिंह रांगड़ा ने की। अंतिम व्याख्यान माला में प्रांत हिमाचल की अध्यक्ष डॉ रीता सिंह ने सभी साहित्यिक वक्ताओं द्वारा जो अनुभव इस साहित्यिक श्रृंखला के दौरान ग्रहण किए गए उनके बारे में विचार प्रस्तुत करने का मौका भी दिया। इस साहित्य माला में कुल 32 वक्ताओं ने अपने अपने वक्तव्य सांझा किए। जिला बिलासपुर से अखिल भारतीय साहित्य परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अनेक राम सांख्यान तथा लेखक संघ बिलासपुर से जुड़े रविंद्र कुमार शर्मा सेवानिवृत्त व डीएसपी रविंद्र कुमार ठाकुर ने भी अपने वक्तव्य प्रस्तुत किए। बिलासपुर महिला साहित्यकार संस्था की अध्यक्ष शीला सिंह, महासचिव शालिनी शर्मा, उपाध्यक्ष सुधा हंस तथा सदस्य हेमा ठाकुर, प्रतिभा शर्मा और विजय कुमारी सहगल ने भी हिमाचल देव संस्कृति के संदर्भ में अपने-अपने वक्तव्य दिए।
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सोलन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 26 अगस्त, 2020 को सोलन नम्बर-3 फीडर के अन्तर्गत दुर्गा क्लब के समीप नए ट्रान्सफार्मर से सम्बन्धित कार्य किया जाना है। इसके दृष्टिगत 26 अगस्त, 2020 को विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी विद्युत बोर्ड के वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता विकास गुप्ता ने दी। उन्होंने कहा कि इस कारण 26 अगस्त, 2020 को प्रातः 09.30 बजे से सांय 06.00 बजे तक सोलन शहर के चम्बा अपार्टमेंटस, मोहन पार्क, चेस्टर हिल्स, एसआईएलबी, जौणाजी, शूलिनी नगर, मोहन काॅलोनी, शूलिनी मंदिर, चैंक बाजार के हिस्सों, गन्ज बाजार, दुर्गा क्लब, क्षेत्रीय अस्पताल व इसके आसपास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने इस दौरान लोगों से सहयोग की अपील की है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने आज यहां बताया कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा नई पंचायतों के गठन के लिए गैर-जनजातीय क्षेत्रों तथा जनजातीय क्षेत्रों के लिए मापदण्ड अनुमोदित कर दिये है। मंत्रिमण्डल की 11 अगस्त, 2020 को आयोजित बैठक में मापदण्ड तय करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया था। वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि गैर-जनजातीय क्षेत्रों के लिए अनुमोदित मापदण्डों के अनुसार उन ग्राम पंचायतों से नई पंचायतों का गठन किया जाएगा, जिनकी 2011 की जनगणना के अनुसार जनसंख्या 2000 तथा उससे अधिक है तथा परिवारों की संख्या 500 या उससे अधिक, ग्राम पंचायत के वर्तमान मुख्यालय से सबसे दूर वाले गांव की दूरी 5 कि.मी. या उससे अधिक, गांव की संख्या 5 तथा उससे अधिक है। इसके साथ यह शर्त भी है कि वर्तमान पंचायत तथा नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 600 होनी चाहिए। यह मापदण्ड पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी लागू होगा। इसी प्रकार जनजातीय क्षेत्रों की उन ग्राम पंचायतों में से नई पंचायते बनाई जाएगी, जिनकी जनसंख्या 750 और उससे अधिक है। इसके साथ यह शर्त भी है कि वर्तमान पंचायत तथा नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत की जनसंख्या विभाजन के पश्चात न्यूनतम 300 होनी चाहिए। वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि विभाग में अब तक प्राप्त 487 से अधिक प्रस्तावनाओं का उक्त मापदण्डों के अनुसार परिक्षण किया जा रहा है, जो 230 पंचायतें उक्त मापदण्डों को पूर्ण करेगी उनके गठन की सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की जा रही है। अधिसूचना पर सम्बन्धित ग्रामसभा के सदस्य 7 दिनों के भीतर अपनी आपत्तियां सम्बन्धित उपायुक्तों के समक्ष दर्ज करवा सकते है। प्राप्त आपत्तियों पर उपायुक्त 3 दिनों के भीतर फैसला लेकर विभाग को अपनी संस्तुति देंगें, जिसके पश्चात सरकार द्वारा अन्तिम अधिसूचना जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि 22 अगस्त, 2020 के पश्चात प्राप्त होने वाली किसी भी प्रस्तावना पर विचार नही करने का निर्णय लिया गया है। वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि अनुमोदित मापदण्डों के अनुसार प्रदेश में 230 जिनमें जिला बिलासपुर में 14, चम्बा में 18, हमीरपुर में नौ, लाहौल-स्पिति में चार, किन्नौर में सात, सोलन में 17, मण्डी में 65, कांगड़ा में 33, शिमला में 35, ऊना में दो, कुल्लू में 28 तथा सिरमौर में आठ नई ग्राम पंचायतों का गठन प्रस्तावित हैं।
जिला दण्डाधिकारी सोलन के.सी चमन ने कोविड-19 के खतरे के दृष्टिगत जिला के कुम्हारहट्टी स्थित महर्षि मार्केण्डेश्वर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के लिए आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के अनुसार महर्षि मार्केण्डेश्वर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, कुम्हारहट्टी में अब कोविड-19 पाॅजिटिव महिलाओं के प्रसव भी किए जाएंगे। जिला दण्डाधिकारी ने आदेश दिए हैं कि महर्षि मार्केण्डेश्वर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, कुम्हारहट्टी में कोविड-19 पाॅजिटिव रोगियों को वह अन्य चिकित्सा विशेषज्ञ सुविधाएं भी उपलब्ध करवाईं जाएंगी जो इस अस्पताल में उपलब्ध हैं। आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि हृदय रोग, गुर्दा रोग एवं डायलिसिस, तन्त्रिका रोग, कर्क रोग इत्यादि जैसी सुपर विशेषज्ञ सुविधाएं जो इस अस्पताल में उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती, के लिए आग्रह नहीं किया जाएगा। आदेशों में कहा गया है कि उपरोक्त उपलब्ध सेवाएं निर्धारित शर्तों के अनुरूप प्रदान की जाएंगी। महर्षि मार्केण्डेश्वर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, कुम्हारहट्टी में कोविड-19 पाॅजिटिव रोगी को आवश्यकतानुसार वेंटीलेटर सहायता 08 हजार रुपए प्रति बिस्तर प्रतिदिन की दर पर उपलब्ध होगी। वेंटीलेटर सहायता के बिना यह दर 800 रुपए प्रति बिस्तर प्रतिदिन होगी। सामान्य प्रसव अथवा लघु शल्य क्रिया की दर आयुष्मान एवं हिमकेयर दर के अनुरूप होगी। सिजेरियन के लिए दर आयुष्मान एवं हिमकेयर दर के अनुरूप होगी। पीपीई किट, एन-95 मास्क, ट्रिपल लेयर मास्क इत्यादि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन द्वारा उपलब्ध करवाए जाएंगे। रोगियों को दी जाने वाली दवाएं महर्षि मार्केण्डेश्वर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, कुम्हारहट्टी द्वारा उपलब्ध करवाई जाएंगी तथा इनका भुगतान प्रशासन द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन से सत्यापन उपरान्त किया जाएगा। कुल व्यय के लिए महर्षि मार्केण्डेश्वर चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, कुम्हारहट्टी द्वारा प्रदत्त बिल का भुगतान प्रशासन द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन से सत्यापन उपरान्त किया जाएगा। यह आदेश आगामी आदेशों तक तुरन्त प्रभाव से लागू हो गए हैं।
विधायक विधानसभा क्षेत्र झंडूता जीत राम कटवाल ने वीडियो काॅन्फ्रेसिंग (वर्चुअल रैली) के द्वारा झंडूता विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत केन्द्र व प्रदेश सरकार की योजना के लाभार्थियों से बातचीत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए केन्द्र तथा प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का मूल उद्देश्य इन योजनाओं को पात्र परिवारों तक पहुंचाना है, ताकि वे इन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि झंडूता विधानसभा क्षेत्र में 10239 व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है। इस कार्यक्रम में विधानसभा क्षेत्र की सभी पंचायतों से लगभग 1250 लाभार्थियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि लोगों के कल्याणनार्थ चलाई जा रही नीतियों एवं कार्यक्रमों का लाभ समाज के आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति को मिले। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों, अधिकारियों से आहवान किया कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्रत्येक पात्र व्यक्ति तक पहुंचाना सुनिश्चित करे ताकि वे इन योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न आवास योजनाओं के तहत प्रदेश में 10 हजार घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा है ताकि गरीब अपने घर का सपना पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि गृहिणियों को रसोई के धुएं से राहत दिलाने के लिए राज्य सरकार ने हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना भी आरम्भ की गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत, केंद्र सरकार की उज्जवला योजना से बांछित परिवारों को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए हैं। उन्होंने कहा की दोनों योजनाओं में झंडूता विधानसभा के लगभग 7354 पात्र परिवारों को गैस कनेक्शन प्रदान किए जा चुके हैं और हिमाचल प्रदेश देश का पहला धुआं मुक्त राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि किसानों को सम्मान प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना आरम्भ की गई है जिसके अंतर्गत प्रत्येक वर्ष 6 हजार रुपये की राशि प्रत्येक किसान के खाते में सीधे जमा की जा रही है ताकि किसी भी किसान को खेती करने में किसी तरह की परेशानी न हो सके। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुचाने के लिए आयुष्मान भारत योजना आरम्भ की गई है। इस योजना के तहत एक परिवार के 5 सदस्यों का एक साल के लिए 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा किया जाता है ताकि कोई भी व्यक्ति धन की कमी के कारण इलाज से वंचित न रह सके। इस योजना से वंचित रहे व्यक्तियों के लिए प्रदेश सरकार ने हिमकेयर बीमा योजना चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन सरकार की एक महत्त्वपूर्ण योजना है जिसे तेजी के साथ क्रियान्वित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत हर घर को नल तथा नल द्वारा शुद्व पेयजल उपलब्ध करवाना है। इस अवसर पर भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहिंद्र सिंह चन्देल, एस डी एम विकास शर्मा, सहायक आयुक्त (विकास) एवं खंड विकास अधिकारी धर्म पाल उपस्थित रहे।
जिला हमीरपुर के पुलिस थाना सुजानपुर में तैनात हैप्पी सिंह गुलेरिया की मौत का समाचार प्राप्त हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार हैप्पी सिंह को अचानक पेट में इंफेक्शन हो गया जिसे उपचार के लिए पीजीआई चंडीगढ़ में ले जाया गया। लेकिन इंफेक्शन इतना ज्यादा बढ़ गया कि इस पुलिस जवान ने रविवार शाम को दम तोड़ दिया। पुलिस जवान का अंतिम संस्कार उसके पैतृक गांव राजनौन में किया गया। मृतक पुलिस जवान हैप्पी सिंह अपने पीछे पत्नी व दो बेटे छोड़ गया है। मौके पर पहुंचीं डीएसपी रेनू शर्मा ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक मदद डिपार्टमेंट की ओर से पूरी तरह से की जाएगी।
भाषा एवं संस्कृति विभाग कार्यालय बिलासपुर ने घुमारवीं की ग्राम पंचायत लुहारवीं के गांव बडोटा के गुग्गा मन्दिर में गुग्गा लोकगाथा का ऑन लाईन आयोजन करवाया। इस आयोजन में गुग्गा मण्डली बडोटा के कलाकारों द्वारा लोकगाथा का गायन किया गया। कोरोना महामारी के चलते आजकल विभाग द्वारा सभी कार्यक्रम ऑन लाईन गुगल ऐप के माध्यम से ही करवाए जा रहे हैं। कलाकारों द्वारा सर्वप्रथम गुग्गा जाहरवीर जी की आरती की गई उसके उपरान्त गुग्गा जी का जन्म, मकलावा इत्यादि गायन के माध्यम से गुग्गा जी की गाथा का वृतांत सुनाया। भाषा एवं संस्कृति विभाग बिलासपुर द्वारा लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने की दिशा में ऑनलाईन कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं। ज़िला भाषा अधिकारी नीलम चन्देल द्वारा बताया गया कि कोरोना काल में साहित्यिक, एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम ऑनलाईन ही आयोजित करवाए जा रहे हैं। इस तरह के कार्यक्र्रूमों के माध्यम से लोक संस्कृति से जुडे कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्द्र सिंह चन्देल ने तकनीकी रूप से इस कार्यक्रम के आयोजन में अपना सहयोग प्रदान किया। गुगल मीट ऐप के माध्यय से संजय चन्देल, अमीचन्द, विश्नी देवी, रत्नी अजय, पल्वी, अंकुश भी श्रोताओं के रूप में जुड़े रहे।
एक ओर प्रदेश कोरोना महामारी से जूझ रहा है लेकिन हिमाचल सरकार चेयरमैन नियुक्त करके कह रही है कि कैबिनेट पद को एन्जॉय करो। यह बात आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा. टीपी पांडेय ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। उनके साथ पार्टी के प्रदेश सचिव अमर सिंह चौधरी भी थे। पांडेय ने कहा कि वित्त आयोग के चेयरमैन सतपाल सत्ती की नोटिफिकेशन में साफ लिखा गया है कि आप कैबिनेट पद का एन्जॉय कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे लगता है कि सरकार को आम लोगों से कुछ नहीं लेना देना उन्हें तो बस एन्जॉय चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में बेरोजगारी की दर दिन प्रतिदिन बढ़ रही है उस ओर कोर्ई भी ध्यान नहीं दे रहा। कोरेाना के दौरान समाज के हर वर्ग की हालत दयनीय हो चुकी है और सरकार लोगों के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने प्रदेश भाजपा सरकार पर कर्ज मुक्ति को लेकर विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि किसानों और छोटे उद्योगपतियों के बारे में कोई नहीं सोच रहा उन्हें किसी तरह की राहत नहीं दी जा रही। जो बेरोजगार हो गए उनके लिए सरकर कुछ भी नहीं कर रही। सरकार अपना काम कर्ज लेकर काम चला रही है जिसके बोझ तले आम आदमी दिन प्रतिदिन दब रह रहा है। हैरानी की बात तो यह है कि हिमाचल प्रदेश में बिजली व सीमेंट का उत्पादन होता है और दोनों के ही दाम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं कोई पूछने वाला नहीं है। उन्होंने प्रदेश सरकार की वर्तमान समय में प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा चलाई जा रही आन लाईन शिक्षा प्रणाली की असफलता, बढती महंगाई व भ्रष्टाचार से जुडे मुददों पर भी चर्चा की। दो पदाधिकारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित उन्होंने बताया कि पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी ने पार्टी विरोधी कार्यों के चलते नंद लाल चंदेल एवं आर के मंढोत्रा को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया है। विधानसभा चुनाव 2022 में क्या रहेगा एजंडा आने वाले 2022 के विधानसभा चुनावों में हिमाचल में आम आदमी पार्टी का क्या मुददा रहेगा के बारे में पूछे जाने पर डा. पांडेय ने बताया कि आम आदमी पार्टी हिमाचल को आत्म निर्भर बनाने के एजंडे पर कार्य करेगी जिसके लिए अभी से ही तैयारियां आरंभ कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी केवल राजनैतिक मुददों पर नहीं बल्कि सामाजिक मुददों पर आम जनता के साथ है। इसी के चलते पार्टी प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों में दस हजार ओक्सो मीटर लाकर लोगों के आक्सीजन स्तर की स्वास्थ्य जांच की जाएगी ताकि लोग पूर्ण रूप से स्वस्थ रह सकें। उन्होंने बताया कि इसके अलावा पार्टी एनपीएस के मुददे, बिजली व सीमेंट के दाम को भी मुददा बनाने वाली है ताकि आम जनता को लाभ दिया जा सके। उन्होंने कहा कि इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में दिल्ली के विकास माडल को भी लागू किया जाएगा।
कुनिहार शिमला मार्ग पर श्यावां गावं के पास खाली पड़ी सैंकड़ो बीघा भूमी बड़े उद्योगों के लिए लंबे समय से राह ताक रही है। विदित रहे कि 1983 से इस भूमी पर उद्योग लगवाने के लिए कई बार प्रस्ताव पारित करके उद्योग विभाग व सरकार को पंचायत व कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा भेजे गए, परन्तु लगभग 37 वर्ष बाद भी आज तक उद्योग विभाग व सरकार द्वारा इन प्रस्तावों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय सामाजिक संस्थाओं नव चेतना, कुनिहार विकास सभा, सम्भव चेरिटेबल सोसायटी सहित कई संस्थाओं ने सरकार से इस खाली पड़ी जमीन पर उद्योग लगवाने की मांग की है। जिला सोलन में बीबीएन, परवाणू के बाद कुनिहार क्षेत्र के साथ लगती कसौली विधान सभा क्षेत्र व जिला सोलन की करीब 1800 बीघा जमीन जोकि वीरान पड़ी है, इस जमीन पर बड़े उद्योग लग सकते है। 7 व 8 नवंबर 2019 को धर्मशाला में सरकार द्वारा आयोजित इन्वेस्टर मीट में देश के बड़े उद्योगपतियों ने भाग लिया था व सरकार ने उद्योगपतियों के साथ एक एमओयू साइन किया था, जिसके तहत हिमाचल में करोड़ो रु की लागत से उद्योग लगने थे। जिला सोलन व प्रदेश की राजधानी शिमला से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर कुनिहार के श्यावां की सैंकड़ो बीघा भूमि पर कई बड़े उद्योग लग सकते है। आज जंहा प्रदेश व जिला के युवा बाहरी राज्यो में कार्य कर रहे है, जिला में उद्योग लगने से जिला सहित स्थानीय युवाओं को घर के पास ही रोजगार मिलेगा। कुनिहार क्षेत्र के समाजसेवी मोहन लाल भारद्वाज का कहना है कि उन्होंने 1983 में इस जमीन पर उद्योग लगवाने के लिए प्रस्ताव पारित करवाकर उद्योग विभाग व सरकार को भेजा था। इस लंबे समय की अवधि में उद्योग विभाग को कई बार अवगत करवाया गया कि यंहा पर उद्योग लगवाने के लिए उपयुक्त पर्यावरण है। यंहा पर होमगार्ड के नाम 5 बीघा जमीन स्थानांतरित की गई थी,परन्तु राजनैतिक लड़ाई में होमगार्ड का कार्यालय भी अर्की शिफ्ट हो गया। नालागढ़ शिमला स्टेट हाइवे पर यह जमीन होने के कारण यंहा पर कोई भी बड़ा उद्योग लगाया जा सकता है व जो युवा बाहरी राज्यो में आजीविका के लिए जा रहे है, उन्हें यहीं रोजगार मिल सकता है। वहीँ जब इस बारे में डीआईसी सोलन कार्यालय में बात की गई तो आईपीओ जय श्री राम ने बताया कि उक्त भूमि को उद्योगिक क्षेत्र घोषित करने के लिए वन्य विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होगा। भविष्य में यहाँ पर उद्योग लगने की संभावनाएं है।