जिला कांग्रेस महासचिव संदीप सांख्यान प्रेस विज्ञापन जारी करके कहा कि बिलासपुर शहर और उसके साथ लगती स्थानीय पंचायतों में बिजली विभाग या बोर्ड की बहुत बड़ी नाकामी सामने आई है। बीती शुक्रवार की रात से बिजली बोर्ड के गैर जिम्मेदाराना रवैया से बिलासपुर शहर और साथ मे लगती स्थानीय पंचायतों के बाशिंदे बिजली न होने से परेशान है। बिजली बोर्ड का यह सिलसिला शनिवार को दोपहर 12 बजे से शुरू हो गया और रविवार सुबह पौने पांच बजे तक भी जारी रहा। उसके बाद रविवार को बिजली आने जाने का लुक्काछिपि का खेल चलता रहा। लोगों को बिजली न होने से भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। दूसरे ऐसे में छोटे बच्चों व मरीजों का तो इस उमस भरी गर्मी में दम ही नहीं निकला बाकी सब कुछ हुआ। बिजली बोर्ड का इतना गैर जिम्मेदारी का कारनामा बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण पूर्ण रहा है। बिजली न होने से लोगों को तो परेशानी हुई है पर जो नुकसान और घाटा बिजली बोर्ड को हुआ है उसका खमियाजा भी सरकार को भुगतना पड़ गया। बिलासपुर में बिजली बोर्ड के अधिशासी अभियंता को बताना चाहिए कि इस तरह से अघोषित बिजली के कट से और विभागीय लापरवाही से कितनी मेगावाट या किलोवाट यूनिट्स बिजली का नुकसान हुआ है जिससे बिजली बोर्ड को मॉनेटरी तौर पर कितना घाटा हुआ है। उन्होंने मांग की है कि बिजली बोर्ड को इस लापरवाही के लिए जांच बिठानी चाहिए और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों से कुल नुकसान की राशि वसूलनी चाहिए और जो बिजली न होने से लोंगो को मुसीबतों का सामना पड़ा उसके लिए बिजली विभाग के अधिकारियों पर गैर जिम्मेदार रवैए के लिए पुलिस में प्रथमिकी दर्ज करवाई जानी चाहिए, ताकि ऐसा गैरजिम्मेदाराना रवैया दोबारा न हो सके।
हिमाचल जन क्रान्ति पार्टी के राज्य अध्यक्ष सुभाष शर्मा ने कहा है कि वर्तमान सरकार ने इस पहाड़ी प्रदेश की भोली-भाली जनता को ठगने का काम किया है। उन्होने कहा कि जयराम ठाकुर सरकार ने न केवल हिमाचल के संसाधनों को बाहरी राज्यों से आई अरबपति कंपनियों के पास कथित गिरवी रखने का ही अपराध किया है बल्कि प्रदेश में पैदा होने वाली बिजली, पानी और सीमेंट को प्रदेश में अन्य राज्यों से अधिक दामों पर बेच कर प्रदेश की जनता को लूटने का काम किया है। उन्होने कहा कि हैरानी है कि पानी के बिलों के साथ सीवरेज के लिए अतिरिक्त 30 प्रतिशत धन बसूला जा रहा है जबकि प्रदेश में सीमेंट का एक बैग 450 रुपए बेचा जा रहा है। उन्होने कहा कि कोरोना के कारण पूरे देश की आथिक स्थिति चौपट होकर रह गई है बेरोजगारी और मंहगाई ने तो आम आदमी का जीवन दूभर करके रख दिया है। सब्जियों और राशन के दाम आसमान छू रहे हैं । छोटे किसान , लघु उद्यमी व छोटे दुकानदारों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है। उन्होने आरोप लगया कि प्रदेश में सरकार द्वारा कथित चोर दरवाजे से पार्टी के कार्यकर्ताओं और उनके सगे संबंधियों को नौकरियां बांटी जा रही हैं जबकि रोजगार की तलास में आम आदमी सड़कों की खाक छान रहे हैं । सुभाष शर्मा ने कहा कि विश्व विद्यालयों में भर्ती नियमों में संशोधन करके प्रोफेसर की नियुक्तियों में पी एच डी की जगह एम एस सी पास को लगाया जा रहा है । उन्होने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए कि ऐसा क्यूँ और किस कारण से किया गया है । सुभाष शर्मा ने सरकार पर बरसते हुए कहा कि वर्तमान सरकार बदला - बदली की सरकार बन कर रह गई है और राजनैतिक आधार पर कर्मचारियों और अधिकारियों को तास के पत्तों की तरह फेंटा जा रहा है । उन्होने कहा कि हिमाचल सरकार पड़ोसी राज्यों पंजाब व हरयाणा से बिजली की रायल्टी के रूप में मिलने वाली राशि को प्राप्त करने में असफल रही है । उन्होने मांग की कि सरकार इस संबंध में शीघ्र श्वेत पत्र जारी करे ताकि जनता को पता चले कि वास्तव ही में सरकार इस मामले में कितनी गंभीर व सजग है । सुभाष शर्मा ने कहा कि 60 हज़ार करोड़ रुपए के कर्ज में डूबे प्रदेश को इस स्थिति तक पहुंचाने में किसी और का नहीं बल्कि अब तक प्रदेश में रही सरकारों का कुप्रबंधन ज़िम्मेवार है , जिसका आने वाले समय में प्रदेश की जनता माकूल उत्तर देगी । उन्होने कहा कि आगामी विधान सभा चुनावों में हिमाचल जन क्रान्ति पार्टी सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और तीसरे विकल्प के रूप में उभर कर सरकार बनाएगी ताकि कांग्रेस और भाजपा को सत्ता से दूर रखा जा सके । उन्होंने बताया कि इससे पहले उनकी अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया , जिसमें प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों व सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में कंवर रामपाल , मुंशी राम ठाकुर , आशीष डोगरा और हरीश गुलेरिया के अलावा सभी पदाधिकारी उपस्थित थे ।
एक लंबे अंतराल के बाद मंदिरों को खोलने की अनुमति सशर्त सरकार ने प्रदान कर दी है। आगामी दस सितंबर से सरकार ने मंदिरों को खोलने की घोषणा कर दी है। ऐसे में बिलासपुर के नगर अराध्य देव बाबा नाहर सिंह मंदिर को खोले जाने की भी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं । वरिश्ठ पुजारी अरूण शर्मा ने बताया कि करीब पांच महीने से ज्यादा समय तक मंदिर बंद रहा है। उन्होंने बताया कि अब बाबा नाहर सिंह स्थापना यानि पीढ़ी तक कोई भी श्रद्धालु नहीं जा सकेगा। सामने बेरीकेटस लगाए गए हैं जहां पर दान पात्र और धूप आदि रखने की व्यवस्था भी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मंदिर के प्रवेश द्वार पर पार्किंग के पास श्रद्धालुओं का बाकायदा नाम पता लिखा जाएगा तथा थर्मल स्कैनर से तापमान जांचा जाएगा। उसके बाद मंदिर के द्वार पर श्रद्धालु को सेनेटाइज किया जाएगा। मंदिर में मात्था टेकते समय छह फुट की दूरी यानि सामाजिक दूरी का भी प्रबंध किया गया हैै, इसके लिए स्थानों को गोल दायरा बनाकर चिन्हित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मात्था टेकने के बाद राणी मंदिर, तुलसी चौरा से होते हुए बाहर लंगर भवन की ओर से एक्जिट व्यवस्था बनाई गई है। मंदिर में घंटी का बजाना वर्जित है। इसलिए घंटी पर पहले की कवर किया जा चुका है। प्रसाद व्यवस्था पर प्रतिबंध रहेगा जबकि कोई श्रद्धालु पुजारी के करीब यानि छू नहीं सकेगा। अरूण शर्मा ने बताया कि मंदिर में श्रद्धालु सीधे आएंगे और दूर से दर्शन कर अलग रास्ते से भेजे जाएंगे। नई गाईड लाइस के अनुसार मंदिरों में लाइन लगने की स्थिति में बुजुर्गो व बच्चों के लिए दी गई हिदायतों का पालन किया जाएगा। अरूण शर्मा बताया कि मूर्तियों के आगे एक मिनट से अधिक श्रद्धालु खड़े नहीं हो पाएंगे। श्रद्धालुओं को अपने जूते वाहनों में खोलकर रखने होंगे। धार्मिक स्थलों में भीड़ जमा नहीं होगी और समूह में प्रार्थना पर रोक रहेगी। श्रद्धालुओं के हाथ पैर धोने की व्यवस्था मंदिर के बाहर होगी। उन्होंने बताया कि सरकार के एसओपी नियमों को मंदिर प्रबंधन द्वारा कड़ाई से पालन किया जाएगा ताकि कोरोना संक्रमण पूरी तरह से रोका जा सके।
कोल बांध परियोजना से विस्थापित ग्राम जमथल नैहर देना देवला छाम्ब हरनोड़ा चमयोंण के विस्थापितों की एक बैठक ग्राम पंचायत कार्यालय हरनोड़ा में पूर्व प्रधान रमेश चंद ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हुई। कोल बांध प्रबंधन द्वारा विस्थापितों को दी जाने वाली 1% निशुल्क बिजली की राशि निदेशालय ऊर्जा विभाग हिमाचल प्रदेश के पास वर्ष 2015 से लेकर 2018 पूर्व तीन सालों की जमा करवाई है। जिसके आवंटन के लिए चारों जिला के प्रशासन कोल बांध परियोजना के लिए बनी पात्रता सूची को किनारे करते हुए आवंटन प्रक्रिया शुरू कर रहा है। जो कि पात्र विस्थापितों के साथ साथ गैर विस्थापितों को भी राशि वितरीत कर रहा है। परियोजना प्रभावितों के लिए बनी पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना नीति के पैरा नम्बर 3.1.1 का उलंघन है शनिवार को इस प्रक्रिया से नाराज चल रहे सभी विस्थापितों ने कोविड-19 के संक्रमण के बचाव को लेकर समाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए ग्राम पंचायत के कार्यालय में बैठक की। ठाकुर ने सरकार से मांग कि पंचायत को आधार न मानकर राजस्व गांव को आधार माना जाए । जिन गांव के विस्थापितों की जमीन परियोजना में गई है केवल उन्हें ही आधार माना जाए । जो विस्थापित पंचायत परिवार रिकार्ड की सूची से बाहर हुए है उन लोगों को भी 1% व मुफ्त बिजली मिलनी चाहिए। विस्थापितों ने पीपीआर की शर्त को भी हटाने की मांग की है। ठाकुर ने कहा विस्थापितों के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगें । कहा अभी तक इन गावों के कुछ एक लोग इस सूची से बाहार है । असली हक़दार गैर विस्थापित नहीं यहां के विस्थापित है। विस्थापितों ने मांग उठाई कि जो विस्थापित पीपीआर के तहत सूची में शामिल नहीं है सरकार उन्हें भी सूची में शामिल करे। कोल बांध परियोजना से प्रभावित चारों जिलों में अपनाई जा रही प्रक्रिया पर पूर्व प्रधान रमेश चंद ठाकुर ने विस्तार से चर्चा की।
ग्राम पंचायत दाऊटी के गांव सावग में नेहरू युवक मंडल सावग की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में वार्षिक चुनाव का आयोजन किया गया जिसमे नई कार्यकारिणी गठित की गई। बैठक में सर्व सहमति से खेमराज को प्रधान,लक्ष्य कौंडल को सचिव,निखिल को उप प्रधान,मुकेश को सह सचिव व हितेश को कोषाध्यक्ष बनाया गया। इसके अलावा नितिन ,नवनीत,हार्दिक,जितेंद्र,हिमांशु,ललित,प्रद्युमन,सौरव, संजीव ,गोपालचंद व जतिन को नवनियुक्त सदस्य बनाया गया।नवनियुक्त प्रधान खेमराज ने कहा कि मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उसका वह सही से निर्वहन करेंगे। ग्राम पंचायत दाऊटी के गांव सावग में नेहरू युवक मंडल सावग की एक बैठक आयोजित की गई।बैठक में वार्षिक चुनाव का आयोजन किया गया जिसमे नई कार्यकारिणी गठित की गई।बैठक में सर्व सहमति से खेमराज को प्रधान,लक्ष्य कौंडल को सचिव,निखिल को उप प्रधान,मुकेश को सह सचिव व हितेश को कोषाध्यक्ष बनाया गया।इसके अलावा नितिन,नवनीत,हार्दिक,जितेंद्र,हिमांशु,ललित,प्रद्युमन,सौरव,संजीव,गोपालचंद व जतिन को नवनियुक्त सदस्य बनाया गया।नवनियुक्त प्रधान खेमराज ने कहा कि मुझे जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उसका वह सही से निर्वहन करेंगे।
कोविड-19 के संदर्भ में "जुखाम को हल्के में न लें" नामक जागरूकता अभियान के दूसरे दिन 5 सितंबर को नालागढ़ उपमंडल के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचार वाहन द्वारा लोगों को वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बारे में जागरूक किया गया। उपमंडल के गांव जोघों, पंजैहरा, बघेरी, पटेड़, नवांग्रां, पल्ली, सोभन माजरा, रेड मलपुर, प्रकाश ढाबा, गोलजमाला, तथा टेंपो यूनियन नंगल इत्यादि क्षेत्रों में जाकर टीम सदस्यों द्वारा कोरोना से बचाव के दृष्टिगत जुकाम, खांसी, बुखार, तथा सांस संबंधी तकलीफ जैसे आरंभिक लक्षणों को हल्के में न लेने के अलावा सामाजिक दूरी तथा सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने के महत्व बारे संदेश दिया गया। जागरूकता टीम सदस्यों द्वारा उपमंडल के विभिन्न गांवों तथा कस्बों में जाकर करीब एक हजार जरूरतमंद व्यक्तियों को उपमंडल प्रशासन की ओर से मुफ्त मास्क वितरित किए तथा कोरोना वायरस से बचाव में मास्क के महत्व बारे जानकारी दी। इसके अतिरिक्त उपमंडलाधिकारी (ना) नालागढ़ महेंद्र पाल गुर्जर भाप्रसे द्वारा हाल ही में नालागढ़ के समीप आकाश हॉस्पिटल के चिकित्सकों की कोरोना वायरस रिपोर्ट पॉजिटिव आने के पश्चात क्षेत्र वासियों से अपील की है कि पिछले 15 दिनों में आकाश हॉस्पिटल के चिकित्सकों के संपर्क में आए व्यक्ति अपनी जानकारी बिना घबराए नालागढ़ प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को दें।
10 सितंबर से पहले पहले सभी विस्तारक अपने अपने मण्डलों में पार्टी द्वारा उनको दिए गए लक्ष्यों को हासिल करें। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की वर्चुअल बैठक में उपस्थिति पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने यह बात कही। शनिवार को शाम 5:00 बजे पार्टी द्वारा हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप, केंद्रित वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी उपस्थित रहे। वर्चुअल बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रो० प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि जिस तरह धर्मपुर एवं बड़सर मण्डल विस्तारक योजना के तहत निर्धारित समय से पहले ही अपने लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर हैं, उसी तरह अन्य मण्डलों को भी 10 सितम्बर से पहले पहले विस्तारक योजना के तहत दिए गए कार्य को पूरा कर लेना चाहिए।
जिला कांग्रेस महासचिव संदीप सांख्यान ने उप निदेशक कार्यालय उद्यान विभाग से प्रश्न किया है कि उन के कार्यलय में पिछले कुछ सालों से लोंगो की फाइलें जो विभिन्न मदों में अनुदान राशि दी जानी है वह लटका कर रखी है उन पर अनुदान राशि क्यों नहीं दी जा रही है। जिला बिलासपुर के बागवान व किसान उद्यान विभाग में पनपी लाल फीताशाही के शिकार हो रहें है। अभी भी बहुत से किसानों व बागवानों को मिलने वाली अनुदान राशि वाली फाइलें उद्यान विभाग कार्यलय में पेंडिंग पड़ी है या फिर अनुदान राशि चहेते व अपात्र लोगों को दे दी गई है। उप निदेशक कार्यालय उद्यान विभाग ने न तो उन किसानों और बागवानों की अनुदान फाइलों को वापस लौटाया है और न हो कोई कार्यवाही की गई है जबकि उन फाइलों पर अनावश्यक ऑब्जेक्शन लगा कर काम न करने वाली लाल फीताशाही को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानी मिशन को लेकर बड़े बड़े दावे करती है और जिनमें पावर टिल्लर, कारनेशन क्रॉप, प्लांटेशन पर अनुदान राशियां दी जाती है, पर जिला का उप निदेशक कार्यलय उन योजनाओं को लेकर उदासीन रवैया अपनाए हुए है या फिर प्रदेश सरकार ही किसानों व बागवानों की योजनाओं पर लोगों को भृमित कर रही है। उन्होंने बताया कि पॉली हाउस इंटेग्रेटेड योजना के अंतर्गत पूर्व की सरकार के समय से 85 प्रतिशत अनुदान राशि दी जाती है लेकिन जिला में उप निदेशक कार्यालय उद्यान व बागवान विभाग प्रगतिशील योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रमोट करने में असफल रहा है। यदि उप निदेशक कार्यालय उद्यान व बागवान विभाग की कार्यशैली ऐसी ही सुस्त रही तो किसानों और बागवानों को बहुत दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि इस तरह उदासीन रवैय्या इस कार्यलय का रहा तो जिला भर के किसानों और बागवानों को इकठ्ठा करके इनके खिलाफ आंदोलन करने से भी परहेज नहीं किया जाएगा।
प्रदेश में नई पंचायतों के गठन को लेकर जहां एक ओर ग्रामीणों में खुशी है वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों में रोष भी है और इसके लिए लोग आपत्तियां भी दर्ज कर रहे हैं। कुछ लोगों में वार्ड बदले जाने पर भी रोष है। विकास खण्ड कुनिहार की कोठी पंचायत के गांव जुबला के कुछ लोगों ने उन्हें बणिया देवी के वार्ड से निकालकर उनके अपने पुराने हरदेवपुरा वार्ड में शामिल करने का आग्रह किया है। इन लोगों का कहना है कि 2014 तक उनका पूरा गांव हरदेवपुरा वार्ड में था लेकिन 2015 के पंचायत चुनावों से पूर्व उनके जुबला गावं के पांच घरों के लोगों को बिना उन्हें सूचित किए अथवा उनकी सहमति के बिना ही बणिया देवी वार्ड में शामिल कर दिया गया। जिसकी जानकारी उन्हें पंचायत चुनावों के लिए जारी रोस्टर और मतदाता सूची से प्राप्त हुई। उपायुक्त सोलन को लिखे एक प्रार्थना-पत्र जिसकी प्रतियां जिला पंचायत अधिकारी, सोलन, उप-मण्डल अधिकारी, नागरिक अर्की, खण्ड विकास अधिकारी, कुनिहार तथा स्थानीय प्रेस को जारी एक हस्ताक्षित प्रेस ब्यान में जुबला गांव के गोबिन्द ठाकुर, बलबीर सिंह, अनंतराम, रतन लाल, चमन लाल, रिंकू, नीटू आदि ने शिकायत की है कि उनका पूरा गांव पहले हरदेवपुरा वार्ड में पड़ता था लेकिन 2015 में पंचायत के लोगों की सांठगांठ से उनके गांव के पांच घरों के 23 से अधिक मतदाताओं को इस वार्ड से निकालकर बणिया देवी वार्ड में डाल दिया गया। उन्होंने बताया कि जुबला गांव का राजस्व नाम हरदेवपुरा है और जो कि इसी गावं में स्थित प्राथमिक पाठशाला उनका मतदान केन्द्र है जहां जुबला तथा बणिया देवी, धवाड़ गांव के लोग अपने मतदान का प्रयोग करते हैं। उन्होंने रोष जताया कि जुबला गांव का दुर्गा राम अकेला व्यक्ति है जिसे बडोरी वार्ड में डाल रखा है जो इस गांव से 6 किलोमीटर दूर है । जुबला गांव के लोगों ने उपाुयक्त सोलन से आग्रह किया है कि आगामी माह तक जब भी वार्डबंदी का कार्य आरम्भ होगा तो उस समय उनके गांव को पुनर्सीमांकन कर बणिया देवी को शिफट हुए लोगों को हरदेवपुरा वार्ड में ही बहाल किया जाए।
प्रदेश सरकार 133 आईएनएफ बीएन (टीए) ईको डोगरा के बटालियन मुख्यालय को मार्च 2021 तक विस्तार देने के अनुरोध पर सहानुभूतिवूर्पक विचार करेगी। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने एकीकृत मुख्यालय, रक्षा मंत्रालय की प्रादेशिक सेना महानिदेशक लै. जनरल डीपी पांडे, एवीएसएम, वीएसएम से चर्चा के दौरान यह बात कही। लै. जनरल पांडे ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि ईको टास्क फोर्स का उद्देश्य हिमाचल में वन विभाग द्वारा आवंटित की गई भूमि पर पौध रोपण करना है। उन्होंने बताया कि यह बल प्रति वर्ष औसतन चार सौ हैक्टेयर भूमि पर वन रोपण कर रहा है। अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय गुप्ता एवं प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चण्डी (अर्की) में आजकल भवन तथा प्रांगण के सौन्दर्याकरण एवं पुनर्निमाण का कार्य गतिशीलता से चल रहा है। विशेषता यह है कि यह कार्य जनसहयोग से किया जा रहा है। विद्यालय के एसएमसी प्रधान टेकचन्द शर्मा ने बताया कि प्रधानाचार्य भूपेन्द्र गुप्ता ने इस विद्यालय में अपना पदभार सम्भालते ही यह संकल्प लिया था कि इस विद्यालय को हर दृष्टि से आदर्श विद्यालय बनाया जाएगा। इसी बीच प्रधानाचार्य के युवा पुत्र के अकस्मात् दिवंगत होने से सभी स्तब्ध हो गए। परन्तु भूपेन्द्र गुप्ता प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से रात 8 बजे तक स्वयं श्रमदान करते हैं। वे स्वयं सिंचाई इत्यादि कार्य करते रहते हैं। उनकी इस असाधारण सेवा में उनके स्टाफ सदस्य, एसएमसी भी निरन्तर इस कार्य में लगी है। इस कार्य में भरपूर जनसहयोग प्राप्त हो रहा है। प्रशासन भी खुले दिल से इस पवित्र कार्य में सहयोग कर रहा है। सोलन डीसी केसी चमन ने विद्यालय में तेन्दुए से रक्षा के लिए बाँडरी वॉल के लिए 4 लाख रूपये दिए हैं। इस दौरान प्रधानाचार्य भूपेंद्र गुप्ता, भास्करानन्द ठाकुर, पवन कुमार, दिनेश ठाकुर, खेमचन्द, गीताराम व टेकचन्द शर्मा भी निरन्तर अपना बहुमूल्य समय दे रहे हैं।
महान शिक्षाविद्, दुरदर्शी और पूर्व राष्ट्रपति डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने राजभवन में उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। डाॅ. राधाकृष्णन का जन्म दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना महामारी ने हमारी शिक्षा व्यवस्था को बहुत प्रभावित किया है। पूरे विश्व में विद्यालय, महाविद्यालय और विश्वविद्यालय बंद हैं। पिछले छः माह की अवधि में शैक्षणिक गतिविधियों में पूर्ण परिर्वतन हुआ है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन लर्निंग हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। शिक्षक और विद्यार्थी के बीच का संबंध केवल दिशा-निर्देश देने तथा परीक्षा लेने तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि यह शैक्षणिक संबंधों के बजाय एक भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रिश्ता है। राज्यपाल ने कहा कि मेरा विश्वास है कि जब तक विद्यार्थी अपने शिक्षक के प्रति सम्मान महसूस नहीं करते ऐसी स्थिति में वह न कुछ सीख सकते हैं और न ही शिक्षक उन्हें कुछ सीखा सकते हैं। यह सम्मान तभी पैदा होता है जब शिक्षक पूरे समर्पण भाव से अपना कार्य करते हैं और वह नई पीढ़ी और समाज को सही दिशा देने का प्रयास करते हैं।
भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज यहां वीडियों काॅन्फ्रेंस के माध्यम से द्वितीय राजभाषा संस्कृत राज्य समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि संस्कृत भाषा अपनी शब्दावली, साहित्य, विचारों, भावों और मूल्यों में समृद्ध है और इस भाषा को व्यवहारिक रूप से जीवन में अपनाने की आवश्यकता है। गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा देने वाला हिमाचल प्रदेश उत्तराखण्ड के बाद दूसरा राज्य है। संस्कृत भाषा समाज को एक सूत्र में बांधती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की बोलियां संस्कृत भाषा से मिलती-जुलती हैं। क्षेत्रीय बोलियों के शब्दों का उच्चारण संस्कृत भाषा से मिलता है। प्रदेश में संस्कृत को स्थापित करने के साथ हम क्षेत्रीय भाषाओं को भी संरक्षण प्रदान कर सकते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी क्षेत्रीय बोलियों की शिक्षा प्रदान करने पर विशेष बल दिया गया है। भाषा, कला एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि संस्कृत को प्रारंभिक कक्षाओं में पढ़ाने की आवश्यकता है ताकि आगे चलकर विद्यार्थी संस्कृत को व्यावहारिक रूप से प्रयोग कर सकें। विद्यालयों में भी इस प्रकार की शिक्षा व्यवस्था तैयार की जानी चाहिए जिसमें विभिन्न स्तरों पर विद्यार्थी ऐच्छिक रूप से संस्कृत विषय की शिक्षा ग्रहण कर सकें। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड का भी सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा के बाद विश्वविद्यालय स्तर पर संस्कृत के बहु-विषयक उपयोग पर भी विशेष बल देना चाहिए। सामाजिक क्षेत्र में भी संस्कृत को लोकप्रिय बनाने के लिए एक व्यवस्था तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को संस्कृत भाषा को और सरल तथा व्यावहारिक बनाने के लिए एक प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए। इस प्रारूप को तैयार करने के लिए संस्कृत भाषा से जुड़े हुए विद्वानों, विद्यार्थियों और प्रदेश के लोगों से भी सुझाव लिए जाएं।
हिमफैड अध्यक्ष गणेश दत्त ने गत दिवस शिमला के ठियोग, गुम्मा, खड़ापत्थर और सावड़ा में हिमफैड के गोदामों का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान सभी गोदामों का रिकाॅर्ड सही पाया गया। उन्होंने स्थानीय बागवानों तथा किसानों को खाद्य तथा कृषि संबंधी मशीनों तथा औजारों के बारे में जानकारी दी। इसके अतिरिक्त गणेश दत्त ने ठियोग, गाजटा, जोणी, खड़ापत्थर, अंटी, नन्दपुर, छाजपुर, पांदली, चैथला, शीलघाट तथा संतोषीनगर स्थित एमआइएस सेब एकत्रीकरण केन्द्रों का भी औचक निरीक्षण किया। सभी एकत्रीकरण केन्द्रों में सेब की बोरियां सही पाई गईं। उन्होंने स्थानीय बागवानों को हिमफैड द्वारा फलों के रख-रखाव के लिए प्रस्तावित सीए स्टोर के निर्माण की योजना के बारे में भी जानकारी दी। इस दौरान स्थानीय बागवानों ने गणेश दत्त से आग्रह किया कि हिमफैड भविष्य में सेब की खाली पेटियां भी उपलब्ध करवाए। गणेश दत्त ने उपस्थित बागवानों को आश्वासन दिया कि हिमफैड प्रदेश के किसानों तथा बागवानों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करने का प्रयास करेगा। उन्होंने अंटी में सेब नीलामी स्थल का भी निरीक्षण किया तथा यहां कार्यरत हिमफैड कर्मचारियों से मिले। निरीक्षण के दौरान हिमफैड के निदेशक भीम सिंह झौटा तथा स्थानीय प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
स्वास्थ्य खंड घुमारवीं के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दधोल में खंड चिकित्सा अधिकारी घुमारवीं डॉ अभिनीत शर्मा की अध्यक्षता में रोगी कल्याण समिति की बैठक की गई। रोगी कल्याण समिति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दधोल की डॉ सपना पठानिया ने बताया कि समिति के पास वर्ष 2019 -20 में 1,51,771 रुपये थे जिसमें से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रख रखवा और लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए 1,48,250 रुपये खर्च किए गए। खंड चिकित्सा अधिकारी घुमारवीं डॉ अभिनीत शर्मा ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लोगो को अच्छी सुविधा के लिए आपातकालीन दवाई खरीदना, फर्नीचर, बिजली पानी के बिलों के खर्चे, अस्पताल के भवन की माइनर मुरामत और डेंटल मैटीरियल और इक्विपमेंट खरीदने का प्रस्ताव पारित किया। इसके लिए खंड चिकित्सा अधिकारी ने वर्ष 2020 -21 को 4,56,000 रुपये खर्च करने की अनुमति दी। इस बैठक में डॉ सपना पठानिया, स्वास्थ्य शिक्षक घुमारवीं सुरेश चन्देल, सुनीता शर्मा प्रधान पड़यलग, अतुल कुमार फार्मासिस्ट, अरविंद शर्मा लेखाकार, शिखा शर्मा खंड प्रोग्राम मैनेजर, जगदीश चंद स्वास्थ्य पर्यवेक्षक घुमारवीं, राजेश कुमार उप प्रधान ग्राम पंचायत पडयलग, बलवंत कुमार वीडीसी सदस्य, यस पाल, रोहित चंद, जागीर सिंह, अनिल कुमार, चरंजी लाल उपस्थित थे।
गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम: अर्थात गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है। गुरु ही साक्षात परब्रह्म है। ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हूं। इन शब्दों को समझने के लिए गुरुकुल युग में प्रवेश करना होगा। समय परिवर्तन होने के बाद गुरु शब्द को बोलने का नजरिया और गुरुओं के प्रति भावना में परिवर्तन भी हो गया। राष्ट्र निर्माण में समर्पित गुरुओं ने राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दिया है। इस विषय पर जरुर अपने विचारो का लेख के माध्यम से सार्वजानिक करूंगा। हम शिक्षक दिवस मना रहे है। शिक्षक दिवस पर राष्ट्र को समर्पित, सभी शिक्षको को हार्दिक बधाई। शिक्षक का दर्जा समाज में हमेशा से ही पूजनीय रहा है। कोई उसे गुरु कहता है, कोई शिक्षक कहता है, कोई आचार्य कहता है, तो कोई अध्यापक या टीचर कहता है ये सभी शब्द एक ऐसे व्यक्ति को चित्रित करते हैं, जो सभी को ज्ञान देता है, सिखाता है और जिसका योगदान किसी भी देश या राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करना है। सही मायनो में कहा जाये तो एक शिक्षक ही अपने विद्यार्थी का जीवन गढ़ता है। शिक्षक ही समाज की आधारशिला है। एक शिक्षक अपने जीवन के अन्त तक मार्गदर्शक की भूमिका अदा करता है और समाज को राह दिखाता रहता है, तभी शिक्षक को समाज में उच्च दर्जा दिया जाता है। माता-पिता बच्चे को जन्म देते हैं। उनका स्थान कोई नहीं ले सकता, उनका कर्ज हम किसी भी रूप में नहीं उतार सकते, लेकिन शिक्षक ही हैं जिन्हें हमारी भारतीय संस्कृति में माता-पिता के बराबर दर्जा दिया जाता है क्योंकि शिक्षक ही हमें समाज में रहने योग्य बनाता है। इसलिये ही शिक्षक को समाज का शिल्पकार कहा जाता है। गुरु या शिक्षक का संबंध केवल विद्यार्थी को शिक्षा देने से ही नहीं होता बल्कि वह अपने विद्यार्थी को हर मोड़ पर उसको राह दिखाता है और उसका हाथ थामने के लिए हमेशा तैयार रहता है। विद्यार्थी के मन में उमड़े हर सवाल का जवाब देता है और विद्यार्थी को सही सुझाव देता है और जीवन में आगे बढ़ने के लिए सदा प्रेरित करता है। एक शिक्षक या गुरु द्वारा अपने विद्यार्थी को स्कूल में जो सिखाया जाता है या जैसा वो सीखता है वे वैसा ही व्यवहार करते हैं। उनकी मानसिकता भी कुछ वैसी ही बन जाती है जैसा वह अपने आसपास होता देखते हैं। इसलिए एक शिक्षक या गुरु ही अपने विद्यार्थी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। सफल जीवन के लिए शिक्षा बहुत उपयोगी है जो हमें गुरु द्वारा प्रदान की जाती है। विश्व में केवल भारत ही ऐसा देश है जहाँ पर शिक्षक अपने शिक्षार्थी को ज्ञान देने के साथ-साथ गुणवत्तायुक्त शिक्षा भी देते हैं, जोकि एक विद्यार्थी में उच्च मूल्य स्थापित करने में बहुत उपयोगी है। जब अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश का राष्ट्रपति आता है तो वह भी भारत की गुणवत्तायुक्त शिक्षा की तारीफ करता है। किसी भी राष्ट्र का आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास उस देश की शिक्षा पर निर्भर करता है। अगर राष्ट्र की शिक्षा नीति अच्छी है तो उस देश को आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता अगर राष्ट्र की शिक्षा नीति अच्छी नहीं होगी तो वहाँ की प्रतिभा दब कर रह जायेगी बेशक किसी भी राष्ट्र की शिक्षा नीति बेकार हो, लेकिन एक शिक्षक बेकार शिक्षा नीति को भी अच्छी शिक्षा नीति में तब्दील कर देता है। शिक्षा के अनेक आयाम हैं, जो किसी भी देश के विकास में शिक्षा के महत्व को अधोरेखांकित करते हैं। एक शिक्षक द्वारा दी गयी शिक्षा ही शिक्षार्थी के सर्वांगीण विकास का मूल आधार है। शिक्षकों द्वारा प्रारंभ से ही पाठ्यक्रम के साथ ही साथ जीवन मूल्यों की शिक्षा भी दी जाती है। शिक्षा हमें ज्ञान, विनम्रता, व्यवहारकुशलता और योग्यता प्रदान करती है। शिक्षक को ईश्वर तुल्य माना जाता है। आज भी बहुत से शिक्षक शिक्षकीय आदर्शों पर चलकर एक आदर्श मानव समाज की स्थापना में अपनी महती भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन इसके साथ-साथ ऐसे भी शिक्षक हैं जो शिक्षक और शिक्षा के नाम को कलंकित कर रहे हैं, ऐसे शिक्षकों ने शिक्षा को व्यवसाय बना दिया है, जिससे एक निर्धन शिक्षार्थी को शिक्षा से वंचित रहना पड़ता है और धन के अभाव से अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ती है। आधुनिक युग में शिक्षक की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। शिक्षक वह पथ प्रदर्शक होता है जो हमें किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाता है। आज के समय में शिक्षा का व्यवसायीकरण और बाजारीकरण हो गया है। शिक्षा का व्यवसायीकरण और बाजारीकरण देश के समक्ष बड़ी चुनौती है। पुराने समय में भारत में शिक्षा कभी व्यवसाय या धंधा नहीं थी। गुरु एवं शिक्षक ही वो हैं जो एक शिक्षार्थी में उचित आदर्शों की स्थापना करते हैं और सही मार्ग दिखाते हैं। एक शिक्षार्थी को अपने शिक्षक या गुरु प्रति सदा आदर और कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए। किसी भी राष्ट्र का भविष्य निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक का महत्व यहीं समाप्त नहीं होता क्योंकि वह ना सिर्फ हमको सही आदर्श मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं बल्कि प्रत्येक शिक्षार्थी के सफल जीवन की नींव भी उन्हीं के हाथों द्वारा रखी जाती है। हम भली भांति जानते हैं कि पुरातन काल में भारतीय गुरुकुलों में जो शिक्षा प्रदान की जाती थी, वह निश्चित रूप से बच्चों का समग्र विकास करने वाली ही थी। इतना ही नहीं वह शिक्षा विश्व स्तरीय ज्ञान का द्योतक भी थी, इसलिए विश्व के कई देश भारत के शिक्षालयों में ज्ञान और विज्ञान की उच्च स्तरीय शिक्षा ग्रहण करने आते थे। हमें अब उसी शिक्षा पद्धति की ओर कदम बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। अभी भारत सरकार ने इस दिशा में सार्थक कदम बढ़ाया है। यह शिक्षा इंडिया को भारत बनाने में सकारात्मक सिद्ध होगी, यह संकेत दिखाई देने लगे हैं। शिक्षको को भी चाहिए कि वह इस नीति को आत्मसात कर बच्चों के भविष्य को वह दिशा प्रदान करें जो विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। क्योंकि शिक्षक संस्कारों का एक प्रकाश स्तंभ है, जो विद्यार्थियों के जीवन में ज्ञान की किरणें फैलाता है।शिक्षा वही है, जो जीवन में नैतिक मूल्यों का विकास करे, इसके साथ ही सामाजिक और राष्ट्रीय दायित्वों के प्रति कर्तव्य पालन का बोध कराए। राष्ट्रीय दायित्व का बोध केवल इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों के अध्ययन और अध्यापन से ही हो सकता है। वर्तमान में यह देखने में आ रहा है कि हम शिक्षा तो ग्रहण कर रहे हैं, लेकिन पिछले पाठों को भूलते जा रहे हैं। इसका एक मूल कारण हमारे देश की शिक्षा नीति है। आज से 73 वर्ष पूर्व जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ, तब हमारी शिक्षा नीति को भारतीय बनाने पर जितना जोर दिया जाना चाहिए, उतना नहीं दिया गया। शिक्षा के क्षेत्र में हम पूरी तरह से भटक गए। इसलिए आज की पीढ़ी में न तो भारतीय संस्कारों का बोध है और न ही नैतिकता के जीवन मूल्य ही हैं।शिक्षा वही सार्थक होती है, जो अपने देश के लिए चरित्रवान समाज और सकारात्मक सोच का निर्माण कर सके। भारत में अभी तक जो शिक्षा दी जा रही थी, उसमें भारत के मानबिन्दुओं का उपहास उड़ाया गया और विदेशियों का गुणगान किया गया। इसमें ऐसे भी विदेशी शामिल किए गए, जिन्होंने भारतीयता को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसे चरित्रों के पठन पाठन से ही आज की पीढ़ी भारत के संस्कारों से दूर होती जा रही है। लेकिन हमारे देश के शिक्षकों को भी यह समझना चाहिए कि छात्रों को क्या शिक्षा दी जाए।हमारे देश में शिक्षाविद डॉ. राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन आज के विद्यार्थियों को यह भी नहीं पता होगा कि डॉ. राधाकृष्णन जी के जीवन शिक्षकों के एक आदर्श है, एक पाथेय है। जिस पर चलकर हम शिक्षक की वास्तविक भूमिका का सही ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। सन 1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने, तब उनके कुछ विद्यार्थी उनके पास उनका जन्मदिन मनाने की स्वीकृति लेने गए। उस समय राधाकृष्णन जी ने कहा मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय 5 सितंबर शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाए तो मुझे अति प्रसन्नता एवं गर्व महसूस होगा। डॉ. राधाकृष्णन का शिक्षकों के बारे में मत था कि शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे। वास्तविक शिक्षक तो वह है जो छात्र को आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे। आज की शिक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि जीवन में पैसे कैसे कमाए जाते हैं, इसे ही ध्यान में रखकर दी जा रही है। कहा जा सकता कि जो शिक्षा दे रहे हैं, वे इसे व्यवसाय मान रहे है और जो ग्रहण कर रहे वे इसे आय प्राप्त करने का साधन। ऐसी शिक्षा चरित्र का निर्माण नहीं कर सकती। इसलिए शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों को ऐसी शिक्षा भी दें, जो उनके जीवन को संवार सके। क्योंकि जिस शिक्षा से संस्कारों का निर्माण होता है, वही जीवन के काम आती है जिनकी याद में हम शिक्षक दिवस मनाते हैं, वे चाहते थे कि शिक्षा विद्यार्थियों को सही और गलत का बोध कराने वाली होना चाहिए। वास्तव में डॉ. राधाकृष्णन जी भारतीय संस्कृति के संवाहक थे। उन्होंने अपने लेखों और प्रबोधन के माध्यम से भारतीय संस्कृति की सुगंध को हमेशा ही प्रवाहित किया। एक बार शिकागो विश्वविद्यालय में उनको धर्म शास्त्रों पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जहां उन्होंने भारत के ज्ञान के बारे में प्रेरणास्पद उद्बोधन दिया। इस उद्बोधन के बाद डॉक्टर राधाकृष्णन जी की ख्याति वैश्विक धरातल पर और भी बढ़ती चली गई और इसी कारण उन्हें भारत एवं अन्य देशों की प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। उसके बाद विश्व में भारत का गौरव गान होने लगा। उनके भाषणों में सिर्फ भारत ही होता था। वह जब बोलते थे तब ऐसा लगता था कि यही भारत की वाणी है। वह वास्तव में भारत रत्न थे। इसलिए भारत सरकार ने सन 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। शिक्षा अत्यंत ही अनमोल एवं मूल्यवान है। जिससे विद्यार्थी अपने स्वयं के ज्ञान का विस्तार तो करता ही है, साथ ही देश को भी मजबूत करता है। डॉ. राधाकृष्णन ने अपनी पुस्तक आधुनिक भारत के राजनीतिक विचारक में भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में शिक्षकों और शिक्षा के महत्व को बताया है। डॉक्टर राधाकृष्णन के अनुसार शिक्षक देश के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और इसी वजह से अधिक सम्मान के योग्य होते हैं। भारत में सनातन काल से गुरु और शिष्य का संबंध समर्पण की भावना से परिपूर्ण रहा है। गुरु देश के भविष्य को संवारता है। वर्तमान पीढ़ी देश का भविष्य है। गुरु जैसे संस्कार युवा पीढ़ी को देंगे वैसा ही देश का चरित्र बनेगा। -डॉ मामराज पुंडीर -राजनीतिक शास्त्र प्रवक्ता
खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने कहा है कि उन्होंने विभाग को निर्देश दिए हैं कि इस बात का सर्वे किया जाए कि जिन ग्रामीण क्षेत्रों में डिपो का राशन लेने के लिए लोगों को दो से तीन किलोमीटर दूर चलना पड़ता है उन क्षेत्रों को अडेंटीफाई किया जाए ताकि उनमें डिपो या सब डिपो खोलने की प्रक्रिया आरंभ की जा सके। वह बिलासपुर में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हाल ही में डिपो खोलने के लिए राशन कार्ड की अनिवार्यता 300 राशन कार्ड है जिसे घटाकर 200 करने की बात भी विभागीय अधिकारियों के साथ की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उन्होंने यह निर्देश भी दिए हैं कि सभी को राशन हर महीने की 10 तारीख तक मिल जाना चाहिए। इनकम टैक्स देने वालों को राशन लेने बारे में दिए गए आदेशों में आंशिक संशोधन उन्होंने बताया कि पिछले कल हुई कैबिनेट मीटिंग में इनकम टैक्स देने वालों को राशन लेने बारे में दिए गए आदेशों में आंशिक संशोधन किया गया है उन्होंने कहा कि अब इनकम टैक्स देने वालों को आटा और चावल सब्सिडी की दरों पर मिलेंगे लेकिन उसके अलावा भी वे अन्य समान बिना सब्सिडी के डिपू से ले सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो इनकम टैक्स नहीं देते यानी कि जिनकी रिटर्न जीरो जाती है उन पर यह नियम लागू नहीं होगा, उन्हें पहले की तरह सब्सिडी वाला राशन मिलता रहेगा। कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप मनगढ़ंत कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों का उत्तर देते हुए राजेंद्र गर्ग ने कहा कि यह आरोप मनगढ़ंत हैं और केवल राजनीतिक स्टंट और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने विभाग को जो निर्देश दिए थे उन ही निर्देशों के अनुसार नियमानुसार कार्य किया गया है और इसमें 700 के लगभग आवेदन हुए थे जिनकी जांच हुई और नंबरों और मेरिट के आधार पर इंटरव्यू में बुलाया गया। उसके बाद सिलेक्शन की गई उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आरोप उनके मन की उदासीनता है। अंत्योदय बीपीएल घोटाले में राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर जांच का फैसला उन्होंने बताया कि अंत्योदय बीपीएल घोटाले में राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर जांच का फैसला लिया है। अब यह जांच का जिम्मा प्रदेश के सभी एसडीएम को सौंपा गया है इसके तहत एसडीएम अपनी-अपनी जूरिडिक्शन में अंत्योदय बीपीएल फर्जीवाड़े की जांच करेंगे। इसके अलावा गरीबों का मुफ्त राशन कार्ड अपने वालों से रिकवरी के आदेश भी जारी की है। उन्होंने बताया कि अभी तक खाद्य आपूर्ति विभाग ने 6 अधिकारी व कर्मचारियों से करीब एक लाख रुपए की रिकवरी भी वसूली है। हिमाचल में और खुलेंगे पेट्रोल पंप व गैस एजेंसियां गर्ग ने बताया कि वह अपने दिल्ली दौरे के दौरान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मिले और उनसे हिमाचल में खाद्य और आपूर्ति विभाग के पेट्रोल पंप तथा गैस एजेंसियों को खोले जाने के बारे में विचार-विमर्श किया। उन्होंने बताया कि मंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया है कि शीघ्र ही इस विषय पर विचार कर के आदेश किए जाएंगे । पत्रकार वार्ता में झंडुत्ता के विधायक जीतराम कटवाल तथा उपायुक्त राजेश्वर गोयल भी उपस्थित थे।
कंगना रनौत को शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत ने ‘मुंबई नहीं आने’ की धमकी दी थी जिसके बाद हिन्दू समाज पार्टी हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष कमल किशोर कपिल ने कहा कि कंगना हिंदुस्तान की बेटी हैं, किसी की इतनी हिम्मत नहीं है कि उसे मुंबई में घुसने से रोक दे। कमल किशोर कपिल का कहना है कि “कंगना रानौत पर संजय राउत ने यह बोलकर शिवसेना की असलियत दिखा दी है। बहादुर बहन की बॉलीवुड की गंदगी को साफ करने के लिए सख्त जरूरत है।” कमल किशोर कपिल ने कहा कि ‘वह कुछ भी नहीं छिपा रही हैं। वह बॉलीवुड को उजागर कर रही हैं। हिन्दू समाज पार्टी व पूरा देश हमारे कंगना के साथ है। वह साहसपूर्वक अपने सभी बिंदुओं पर विचार कर रही है। अब कोई भी उनकी आवाज को दबा नहीं सकता है, चाहे वह शिवसेना हो या कोई अन्य पार्टी।’ शिवसेना के मुखपत्र सामना में, राउत ने मुंबई पुलिस की आलोचना के लिए कंगना पर हमला किया और उन पर मुंबई में रहने और फिल्म इंडस्ट्री में काम करने के बावजूद पुलिस पर ‘अपमान’ करने का आरोप लगाया। साथ ही, राउत ने अभिनेत्री को ‘मुंबई नहीं आने’ की धमकी दी। गौरतलब है कि सुशांत मामले में मुंबई पुलिस की भूमिका को लेकर कई सितारों सहित कंगना ने भी सवाल उठाए थे जिसके बाद कंगना रनौत ने ट्वीट किया कि शिवसेना नेता संजय राउत ने मुझे मुंबई नहीं आने की धमकी दी है। ऐसा क्यों है कि मुंबई ‘पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर’ जैसा दिखता है? पहले मुंबई की सड़कों पर आजादी के नारे लग रहे थे और अब खुली धमकी मिल रही है।
डीएवी अम्बुजा विद्या निकेतन दाड़लाघाट में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके पर स्कूल प्रधानाचार्य तथा अन्य अध्यापकों द्वारा दीप प्रज्वलित कर सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन के योगदान को याद किया गया। गुरु शिष्य की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अध्यापकों तथा छात्रों द्वारा वीडियो के माध्यम से शिक्षकों के योगदान को विभिन्न प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शाया गया। इसमें स्कूल के बच्चों ने नृत्य तथा संभाषण के माध्यम से अपने शिक्षकों के सराहनीय योगदान को याद किया। अध्यापकों ने अपने वीडियो के माध्यम से गुरु शिष्य की इस परंपरा का उल्लेख किया।अंत में प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने इस कोरोना महामारी के दौरान शिक्षकों द्वारा शिक्षा को ऑनलाइन छात्रों को पहुंचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धुन्दन में शिक्षक दिवस मनाया। कॉमर्स प्रवक्ता नरेंद्र कपिला ने महान विभूति शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया और कहा की इन्हीं का जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। इनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।अर्थ शास्त्र प्रवक्ता प्रकाश चंद बट्टू ने चाणक्य और चंद्रगुप्त उदाहरण देकर शिक्षक के महत्व पर प्रकाश डाला। केवल शिक्षक ही निस्वार्थ भाव से शिक्षा प्रदान कर हमें बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत रहता है अपने जीवन में शिक्षकों के योगदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता। प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने राज्य स्तरीय सम्मान के लिए चयनित कॉमर्स प्रवक्ता कपिला को बधाई दी। समस्त शिक्षक साथियों को इस पावन दिवस की शुभकामनाएं दी। बच्चों द्वारा अध्यापकों को ऑनलाइन और विद्यालय में शुभकामनाएं देने पर समस्त विद्यालय परिवार ने बच्चों का आभार व्यक्त किया जीवन में आगे बढ़ने के लिए शुभकामनाएं दी।
पहाड़ी भाषा एवं संस्कृति को संरक्षित रखने की बेहतरीन सोच के साथ, तेज़ी से आगे बढ़ रहा है दी मॉडर्न फोक नोट। हाल ही में रिलीज़ हुए दी मॉडर्न फोक नोट 6 को दुनिया भर में पसंद किआ जा रहा है । ए सी भरद्वाज द्वारा गाई गई इन सीरीज को प्रदेश और देश के साथ साथ विश्व के भी अन्य 35 देशों की जनता से भरपूर प्यार मिल रहा है । इस प्यार की ख़ास वजह यह भी है कि मॉडर्न फोक नोट एक नई सोच ले कर सामने आया है जिसमे उन्होंने युवाओं के बीच लोक संगीत का रुझान बढ़ाने के लिए, मॉडर्न बीट्स एवं पहाड़ी गानों का मिश्रण किया है। मॉडर्न फोक नोट की 5 सीरीज पहले ही यू ट्यूब पर आ चुकी हैं जिन्हें दुनिया भर से बहुत प्यार एवं सम्मान मिला है । मॉडर्न नोट 6 इसी सीरीज को आगे बढ़ाते हुए प्रसारित किया गया , एवं कुछ ही दिनों में 3 लाख से भी ज़्यादा लोगों द्वारा देखा जा चूका है।
घुमारवीं उपमंडल के ग्राम पंचायत फटोह, रोहिण, मलावर तीनों पंचायत को जोड़ने वाला मुख्य चौक पनोह शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति पाए जाने के कारण बिल्कुल सुना रहा तथा सभी दुकानें बंद रही। ग्राम पंचायत फटोह प्रधान कुलजीत ठाकुर ने उपरोक्त जानकारी देते हुए कहा कि शुक्रवार रात्रि जैसे ही लोगों को फटोह पंचायत के गांव पनोह के एक व्यक्ति के करोना पॉजिटिव पाए जाने की सूचना मिली तो लोगों में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया। पंचायत प्रधान कुलजीत ठाकुर ने बताया कि उपरोक्त व्यक्ति की कोई भी ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। वह पेशे से कार चालक है तथा अपने घर पनोह मुख्य चौक से ही लोगों को अपनी कार में उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने का कार्य करता है। कुलजीत ठाकुर ने बताया कि शायद इसी दौरान वह किसी पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आया होगा जिसके चलते वे स्वयं भी संक्रमण का शिकार हो गया। पंचायत प्रधान कुलजीत ठाकुर ने लोगों से आग्रह किया कि हाल ही में जो व्यक्ति उपरोक्त चालक के संपर्क में आया होगा या उसकी कार में यात्रा की होगी तो वह तत्काल अपने आपको अपने ही घर में क्वारंटाइन कर ले ताकि गांव में कोई भी व्यक्ति संक्रमण की चपेट में ना आ सके।
हिमाचल के चंबा में दो स्वास्थ्य कर्मियों समेत तीन कोरोना पाॅजिटिव मरीज पाए गए है। इनमें एक सीआईडी यूनिट चंबा का कर्मचारी भी शामिल है। 4 सितम्बर को जाँच के लिए कुल 239 सैंपल लिए गए थे जिसमे से तीन पोसिटिव पाए गए है, वहीं 176 सैम्पल की रिपोर्ट आना अभी बाकि है। पॉजिटिव पाए गए तीन व्यक्तियों में से एक 26 वर्षीय महिला है जो की JLNMC चम्बा की स्वस्थ्य कर्मी है। DIET सरु का एक 26 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मी जो की इंस्टीटूशनल क्वारंटाइन में था, और एक 41 वर्षीय CID यूनिट चम्बा का कर्मचारी भी कोरोना पोसिटिव पाया गया है। चम्बा जिले में संक्रमितों का आंकड़ा 478 पहुंच गया है। 112 सक्रिय मामले हैं और 361 मरीज ठीक हो चुके हैं। इसके अलावा मंडी से 12 नए मामले, काँगड़ा से 9 नए मामले और कुल्लू से 1 नया पॉजिटिव मामला सामने आया है जिनकी पूरी जानकारी आना अभी बाकी है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा 6855 पहुंच गया है। 1823 सक्रिय मामले हैं। 4932 मरीज ठीक हो गए हैं। 45 मरीज राज्य के बाहर चले गए हैं और 51 की मृत्यु हो चुकी है।
हिमाचल को देवभूमि यूं ही नहीं कहा जाता। यहां के तीर्थ स्थल और देवी देवताओं के मंदिर इस बात के गवाह हैं की भगवन स्वयं यहां बसते हैं। प्रदेश का कोई ऐसा जिला नहीं है जहां ऐतिहासिक मंदिर न हों। इन्ही में से एक मंदिर है चंबा का ऐतिहासिक लक्ष्मी नारायण मंदिर, जिसकी अनूठी निर्माण कला और उसका इतिहास लोगों में बरबस ही मंदिर की प्रति जिज्ञासा पैदा करता है। कब हुआ था निर्माण? चंबा क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक, इस मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में राजा साहिल वर्मन द्वारा करवाया गया था। राजा साहिल वर्मन ने इस मंदिर को 920 और 940 ई. के बीच अपने शासनकाल के दौरान बनवाया। मंदिर में कुल 6 श्राइन है जिसमें हिंदू देवताओं की मूर्ति स्थापित की गई हैं। मंदिर परिसर में अन्य मंदिरों में शामिल राधा कृष्ण मंदिर का निर्माण रानी शारदा ने 1825 में करवाया था। वहीं चंद्रगुप्त का शिव मंदिर साहिल वर्मन व गौरी शंकर मंदिर को उनके पुत्र युगकर वर्मन ने बनवाया था। मंदिर की खासियत यह मंदिर शिखर शैली में निर्मित है। मंदिर में एक विमान और गर्भगृह है। मंदिर का ढांचा मंडप के समान है। मंदिर की छतरियां और पत्थर की छत इसे बर्फबारी से बचाती है। मंदिर के मुख्य द्वार पर विष्णु का वाहन गरुड़ की धातु की बनी प्रतिमा सुशोभित हो रही है। मूलतः यह मंदिर भगवान विष्णु पर केंद्रित है। मंदिर में स्थित लक्ष्मी नारायण की मूर्ति दुर्लभ संगमरमर (marble) से बनी हुई है जिसे विंध्य पर्वत से यहाँ लाया गया था। इस मूर्ति के चार मुख और चार हाथ हैं। मूर्ति की पृष्ठभूमि में तोरण है, जिस पर दस अवतारों की लीला चित्रित की गई है। मंदिर से जुड़ी धारणा क्षेत्र में लोकप्रिय धारणा है कि राजा साहिल वर्मन ने संगमरमर लाने के लिए अपने आठ पुत्रों की बलि दी थी। अंत में उनके सबसे बड़े पुत्र, जिनका नाम युगकारा था, संगमरमर हासिल करने में सफल रहे। राजा पर भी लूटेरों ने हमला किया था पर एक संत की मदद से वह अपने आप को बचाने में सफल रहे। इस मंदिर के बारे में एक और धारणा यह भी है की सबसे पहले ये मंदिर चंबा के चौगान में स्थित था परन्तु बाद में इसे वर्तमान स्थल पर स्थापित किया गया।
The State Cabinet in its meeting held here today under the Chairmanship of Chief Minister Jai Ram Thakur decided to continue with registration for people entering the State till 15th September, 2020. It also decided to open big temples/religious places of the State by 10th September, 2020. Language, Art and Culture Department will prepare SOP in this regard. It was decided that the quarantine requirement be reduced from 14 days to 10 days. The District Administration would strictly enforce use of masks and social distancing in the field. The Cabinet decided to provide wheat flour and rice to the income tax payee APL Consumers under Public Distribution System as was being provided to them earlier on APL rates and provide them pulses, edible oil, salt and sugar on zero subsidy on actual rates. To address the vision of 'Aatma Nirbhar Bharat Abhiyan' significantly by creating a sustainable ecosystem of affordable rental housing solutions for urban migrants/poor and to achieve overall objective of 'Housing for All', the State Cabinet decided to request Ministry of Housing and Urban affairs, Government of India to sign Memorandum of Agreement (MoA) related to Affordable Rental Housing Complexes Scheme with the State Government. The Cabinet gave its approval to open Sub Treasury at Nagrota Bagwan in Kangra district alongwith creation of five posts of different categories to manage this Sub Treasury. It gave its consent to open Sub Tehsil at Bagachanogi in Tehsil Thunag of Mandi district alongwith creation of 12 posts of different categories. The newly created Sub Tehsil will have six patwar circles viz. Shawa, Kalhani, Kalipar, Shilhibagi, Shiwakhad and Jainshla. The Cabinet also gave its nod to open Patwar circle Jainshla under Tehsil Thunag of Mandi district keeping in view the tough geographic conditions of the area. It decided to fill up 10 posts of class IV employees in Panchayati Raj Department. It gave its approval to transfer Gram Panchayat Kot from Police Station Shimla East (Chhota Shimla) to Police Station West (Boileauganj) in district Shimla to facilitate the people. Presentations were also made by the Industries department before the Cabinet regarding proposed 'Bulk Drug Pharma Park', 'Energy Charges in the State' and on 'Brick Kiln and their related issues'.
जिला सोलन की उपतहसील कृष्णगढ़ के अंतर्गत पड़ने वाले राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुठाड़ में एसएमसी अध्यक्ष सुदर्शन शर्मा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया जिसमें इस स्कूल में दो विषयों केमिस्ट्री और इकोनोमिक्स के अध्यापको के तबादले के कारण बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा बाधित हो जाने के कारण हो रही परेशानी पर समीक्षा की गई। हालांकि उपरोक्त विषयों के अध्यापकों ने इस स्कूल से स्थानांतरण के बाद भी कोरोना संकट में छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाने में कोई कमी नहीं छोड़ी है जिसके लिए समस्त अभिभावकों ने निर्मल राज गौड़ ( प्रवक्ता केमिस्ट्री ) और नीलम (प्रवक्ता इकोनोमिक्स) की सराहना करते हुए उनका आभार व्यक्त किया है। स्कूल के प्रधानाचार्य संजीव परिहार ने बताया कि आज की बैठक में विचार विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि जल्द ही केमिस्ट्री और इकोनोमिक्स जैसे महत्वपूर्ण विषयों के अध्यापकों के इन रिक्त पदों को शीघ्र भरने के लिए सरकार और सम्बन्धित विभाग को प्रस्ताव भेजा जाए ताकि बच्चों की अचानक बंद हुई ऑनलाइन शिक्षा को नियमित रूप से चलाया जा सके और बच्चों की पढ़ाई का नुक्सान न हो। सभी अभिभावकों ने संयुक्त रूप से केमिस्ट्री और इकोनोमिक्स के अध्यापक जिनका तबादला हो चुका है उनसे आग्रह भी किया कि जब तक इस स्कूल में इन विषयों के रिक्त पदों को भरा नहीं जाता वे ही बच्चों पढ़ाई को जारी रखें ताकि बच्चों की नियमित पढ़ाई चलती रहे। इसके अतिरिक्त बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि संभव हो सके तो बच्चों की ऑनलाइन क्लास गूगल मीट के माध्यम से भी ली जाए ताकि बच्चों को भी ऐसा प्रतीत हो कि वे कक्षा में ही बैठकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बैठक में एसएमसी अध्यक्ष सुदर्शन शर्मा के साथ स्कूल के प्रधानाचार्य संजीव परिहार, शिक्षक सोहन लाल, बाबू राम सहित अभिभावक रविन्द्र शर्मा, दीपक, कुलवंत, बबीता, गंभरी, जमुना, अनु, लता आदि मौजूद रहे।
सुंदरनगर नगर परिषद में रोस्टर व आरक्षण को लेकर शुक्रवार को दोबारा ड्रा उपमंडल अधिकारी(ना.) राहुल चौहान की अध्यक्षता में निकाला गया। इस मौके पर महिला वर्ग के लिए 5, महिला अनुसूचित जाति के लिए एक, अनुसूचित जाति के लिए एक और सामान्य वर्ग के लिए 5 वार्ड आरक्षित हुए। महिला वर्ग के लिए जो वार्ड आरक्षित हुए है उनमें वार्ड नंबर-1 बाड़ी कुलाडा, वार्ड-7 बनायक, वार्ड-8 अंबेडकनगर, वार्ड 10 चांगर और वार्ड 11 पुराना बाजार शामिल है। वार्ड-6 बाहोट महिला अनुसूचित जाति के लिए और वार्ड-5 भडोह और वर्ड-12 पश्चिम कालोनी अनुसूचित जाति के लिए के लिए आरक्षित हो गया है जबकि सामान्य वर्ग के लिए वार्ड-2 बनेड, वार्ड-3 पुंघ, वार्ड-4 सलाह, वार्ड नंबर-2 बनेड, वार्ड वार्ड-9 भोजपुर और वार्ड-13 पूर्वी कालोनी आरक्षित हुआ है। इस मौके पर नगर परिषद अध्यक्ष पूनम शर्मा, कार्यकारी अधिकारी उर्वशी वालिया, तहसीलदार हरीश कुमार, प्रबुद्व जितेंद्र शर्मा, अरुण आर्य, घनश्याम गुप्ता सहित अनेक गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे।
शुक्रवार को गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में कक्षा तीसरी से छठी तक के अभिभावकों के लिए इम्पॉवरिंग किड्स विषय पर ऑनलाइन अधिवेशन का आयोजन किया गया। इस अधिवेशन में विद्यालय प्रधानाचार्य ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे हमें अपने बच्चों का मित्र बनकर उनकी परेशानियों को समझना है, एक पथ प्रदर्शक की तरह उन्हें जीवन में आगे आने वाली मुसीबतों का सामना करना सिखाना तथा सही निर्णय लेने के लिए तैयार भी करना है। इसके साथ-साथ प्रधानाचार्य ने अभिभावकों को समझाया कि वह ही है जिन्हे बच्चों को जीत के साथ-साथ हार का सामना करना भी सिखाना है और जो आजकल डिप्रेशन और सुसाइड का ट्रेंड शुरू हुआ है उसे मिल कर समाप्त करने का प्रयास करना है। अभिभावक प्रधानाचार्य की बातों से सहमत रहे। उन्होंने भी इस वार्तालाप में बढ़ चढ़कर भाग लिया।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।शिक्षक समाज के ऐसे शिल्पकार होते हैं जो बिना किसी मोह के समाज को तराशने का काम करते हैं। शिक्षक का काम सिर्फ किताबी ज्ञान देना नहीं बल्कि सामाजिक परिस्थितियों से छात्रों को परिचित कराना भी होता है। शिक्षकों की इसी महत्ता काे स्थान देने के लिए हमारे देश में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इसके अलावा इस दिवस को मना कर डॉक्टर राधाकृष्णन के प्रति सम्मान भी व्यक्त किया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में आज भारतीय महिलाओं की भागीदारी काफी अधिक है और इसमें उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। इसका कारण नौकरी की उच्च अकांक्षा और माता-पिता का समर्थन है। ऐतिहासिक रूप से भी महिलाएं जीवन के सभी क्षेत्रों में साहस और उत्साह से भाग लेती रही हैं। भारत के पौराणिक ग्रंथों में उच्च शिक्षित महिलाओं का बृहद उल्लेख आता है। भारत में शिक्षा की देवी के रूप में एक महिला ही पूजनीय मानी जाती है। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया गया ताकि वे अपनी संतान को शिक्षित कर सकें और राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग दे सकें। सुप्रसिद्ध कवित्री और भारत के सर्वोत्तम राष्ट्रीय नेताओं में से एक कुशाग्र बुद्धि, युवा वर्ग के लिए प्रेरणा स्रोत रही सरोजिनी नायडू ने सन 1906 में महिला शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए एक सभा को संबोधित किया। उसके बाद काफी महिलाओं ने महत्वपूर्ण राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में अपनी विशेष भूमिका निभाई। रमाबाई रानाडे, एनी बेसेंट, रामेश्वरी नेहरू राजकुमारी अमृत कौर, सुचेता कृपलानी, उषा मेहता, वैश्णवी आदि सशक्त महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद महिलाओं की शिक्षा विशेष रूप से उच्च शिक्षा की नई शुरुआत हुई। आज महिलाओं की भूमिका ने स्कूल, महाविद्यालयों कार्यालयों, पुलिस स्टेशनों, अस्पतालो, होटलों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का लिंग परिदृश्य बदल दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाली उन महिलाओं का योगदान अमूल्य रहा जिन्होंने इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया। "सावित्रीबाई फुले" काे भारत की प्रथम महिला शिक्षक कहा जाता है। सन 1848 में उन्होंने "पुणे" में बालिका विद्यालय की स्थापना की जिसमें वह खुद शिक्षिका बनी। इस कार्य के लिए उन्होंने सामाजिक कुरीतियों और जाति व्यवस्था में निहित संकीर्ण विचारों का भी सामना किया। जब वह लड़कियों को पढ़ाने जाती तो उन पर गोबर, पत्थर आदि फेंके जाते लेकिन वह अपने निर्णय पर अटल रही। कादंबिनी गांगुली भारत की पहली महिला स्नातक थी, वह देश की पहली महिला चिकित्सक भी थी, उन्होंने कोयला खदानों में काम करने वाली महिलाओं की स्थिति को सुधारने का काफी काम किया। दुर्गाबाई देशमुख एक स्वतंत्रता सेनानी थी जिन्होंने महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलते हुए स्कूलों की स्थापना की और उनमें महिलाओं को चरखा चलाने और कातने की ट्रेनिंग दी। उन्होंने "आंध्र महिला सभा "की स्थापना की। महादेवी वर्मा हिंदी भाषा की प्रख्यात कवयित्री, स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद जिन्होंने मात्र 7 वर्ष की आयु में कविता लिखना शुरू किया। इलाहाबाद के "प्रयाग महिला विद्यापीठ "में बतौर प्रिंसिपल और वाइस चांसलर के तौर पर काम किया। महान समाज सुधारक तथा हैदराबाद दक्कन की पहली महिला संपादक जिन्होंने स्त्रियों के लिए "अन -निशा "और "जेब -उन -निसा" पत्रिकाएं निकाली और संपादन किया। हैदराबाद में लड़कियों के लिए "मदरसा सफदरिया" जो आज भी "सफदरिया हाई स्कूल" के नाम से चल रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी आज विस्तृत रूप ले चुकी है। इन्हीं शिक्षाविदों, शिक्षिकाओं महान विभूतियों के अमूल्य योगदान से भारतीय समाज की दिशा व दशा दोनों में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। इन सभी विभूतियों को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम। गुरु ज्ञान का सागर है, संपूर्ण जगत को आलोकित करता है। विद्या रूपी धन प्रदान कर मानव जीवन सुख से भरता है। मिटाए तम प्रकाश दिखाए सही गलत की पहचान कराता है। शत शत प्रणाम उस गुरु को जो खुशबू ज्ञान की जीव में भर जाता है। -शीला सिंह -अध्यक्ष महिला साहित्यकार संस्था, जिला बिलासपुर इकाई।
पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने बिलासपुर सदर पुलिस थाना में उनकी धर्मपत्नी के विरुद्ध क्षेत्रीय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक की शिकायत पर दर्ज कराई गई एफ आई आर को नितांत झूठा, बेबुनियाद, मनघडन्त एवं राजनीति से प्रेरित बताया है। बंबर ठाकुर ने टेलीफोन पर पत्रकारों को बताया कि 25 अगस्त को उनका अपना कोरोना टेस्ट सैंपल लिया गया था, जिसकी उन्हें 27 अगस्त को रिपोर्ट दी गई थी और उन्हें कोरोना पॉजिटिव बताया गया था। उन्होंने कहा कि 28 अगस्त को उन्हें मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फोन किया कि वे अपनी धर्मपत्नी को भी कोरोना टेस्ट कराने के लिए अस्पताल में भेजें इसलिए उनकी धर्मपत्नी 28 अगस्त को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बुलाने पर ही क्षेत्रीय अस्पताल में गई थी। वहां उनका कोरोना टेस्ट सैंपल लिया गया था, जिसकी दूसरे दिन 29 अगस्त को रिपोर्ट उनकी धर्मपत्नी को डाक्टर द्वारा व्यक्तिगत तौर पर दी गई थी जिसका उनके पास अस्पताल द्वारा दिया गया लिखित प्रमाण है। बंबर ठाकुर ने कहा कि उस समय वह पूर्ण रूप से स्वस्थ थी और उसमें कोरोना संक्रमण के कोई प्राथमिक सिम्पटम्स तक नहीं थे किन्तु दूसरे दिन उन्हें यह जान कर बहुत आश्चर्य हुआ कि अस्पताल द्वारा 28 अगस्त को लिए गए टेस्ट में 29 अगस्त को उन्हें कोरोना पॉजिटिव घोषित कर दिया गया जो कि पूर्णतया अनुचित व षड्यंत्र्पूर्ण लग रहा था। उन्होने कहा कि वह उस समय भी और अब भी पूर्ण रूप से स्वस्थ है। बंबर ठाकुर ने कहा कि 28 अगस्त को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के बुलाने पर ही उनकी धर्मपत्नी स्वयं अस्पताल गई थी जबकि उस समय उसका कोरोना टेस्ट भी नहीं हुआ था। फिर उन्हें आश्चर्य है कि क्षेत्रीय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक किस प्रकार पुलिस को लिखित शिकायत करके एफ आई आर दर्ज करवा रहे हैं कि उनकी धर्मपत्नी ने अस्पताल में आकर वहाँ मौजूद लोगों में संकर्मण की संभावना बना दी और उन्हें खतरे में डाल दिया।
जिस प्रदेश में बिजली का उत्पादन हो रहा हो और जिस जिला व प्रदेश के लोगों ने बिजली की परियोजनाओं के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया हो, उस प्रदेश के लोगों को बिजली मंहगी देकर धन अर्जित किए जाने की सरकार की पालिसी अव्यवहारिक ही नहीं बल्कि अनुचित है। यह बात पूर्व विधायक तिलक राज शर्मा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश के प्रथम अथवा विश्व के सबसे ऊंचे बांध भाखड़ा के कारण किसानों की लाखों एकड़ उपजाऊ भूमि और हजारों परिवारों के घर-द्वार तथा शताब्दियों पुराने बिलासपुर नगर इस बांध के कारण बनी विशाल गोबिन्द सागर की भेंट चढ़ गए थे तब से लेकर अब तक विस्थापित हुए लाखों लोग विभिन्न प्रकार की कठिनाइयाँ व समस्याएँ निरंतर झेलने को विवश हुए हैं। सरकारों ने इन विस्थापितों को विभिन्न वादे, प्रलोभन अथवा झांसे तो दिए पर उन पर कोई अमल नहीं किया। उन्होने खेद व्यक्त किया कि अब प्रदेश सरकार कोरोना की आड़ में लोगों पर विभिन्न प्रकार के टेक्स थोप कर उनकी आर्थिक कमर तोड़ने में कोई कसर शेष नहीं छोड़ रही है। शर्मा ने कहा कि कहाँ तो यह विस्थापित पिछले कितने ही वर्षों से बिजली-पानी मुफ़त उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे थे और कहाँ अब प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने एकाएक अचानक बिजली के रेटों में दुगने से भी अधिक बढ़ौतरी करके उनकी आर्थिक कमर तोड़ने का रिकार्ड स्थापित कर दिया है। उन्होने मांग की कि भाखड़ा विस्थापितों को बेची जा रही बिजली के रेट तुरंत कम किए जाएँ और भविष्य में इन्हें मुफ़त बिजली दिए जाने की व्यवस्था की जाए।
कराड़ाघाट से भराड़ीघाट तक तकरीबन 15 किलोमीटर सड़क के इतने बुरे हाल हो चुके है कि कई बार तो लगता है कि हम किसी जोहड़ या खड्ड में वाहन चला रहे हैं। पिछले दिनों हुई ट्यरिंग के उखाड़ने से विभाग की कार्यप्रणाली भी खुल कर सामने आ गई है। पूरा दिन व्यस्त रहने वाला नेशनल हाइवे 205 अपनी बदहाली पर आंसू रो रहा है और गड्ढों की गिरफ्त में आ चुका है, परन्तु यहां से गुजरने वाले मंत्री व आला अधिकारीयों को कभी भी यहां शायद गड्ढे महसूस नहीं हुए। वाहन चालकों के अनुसार वो जब भी यहां बाउंड्री क्रॉस करते है तो उन्हें अनायास ही भगवान का स्मरण हो जाता है। दोपहिया वाहन तो एक गड्ढे से बचते है तो दूसरे गड्ढे में जा गिरते है। बारिश के बाद तो पूरी सड़क किसी खड्ड का आकार लेते देर नहीं करती, बारिश में अक्सर कई वाहन इस सड़क में फंसते नजर आ जाते है। पिछले कुछ समय पूर्व सड़क की टायरिंग हुई थी, परन्तु खास कर दाड़ला मोड़, छामला अम्बुजा रोड, स्यार में जल शक्ति विभाग के दफ्तर के सामने व भराड़ीघाट मार्ग में बड़े बड़े खड्डों का रूप धारण कर वाहनों को दुर्घटना का न्योता देती नजर आ रही है। आने जाने वाले वाहन यात्रियों की मांग है कि इस सड़क को जेसीबी से सीधा कर इसे वास्तव में सड़क का आकार दिया जाए औरसड़क को जल्द दुरुस्त किया जाए ताकि कोई अनहोनी घटना न घट सके। जब इस बारे एनएचएआई के इंजीनियर अमन गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सड़क कार्य के लिए टेंडर लगाकर रोड को दुरस्त करने का कार्य ज़ल्द किया जा रहा है।
21 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी शहीद धर्मेन्द्र के नाम बुघार-कनैता में आयुर्वेदिक चिकित्सालय नहीं खुल पाया। इतना ही नहीं शहीद के गांव बुघार-कनैता के लिए बनी सड़क की हालत इतनी खस्ता हो गई है कि दो पहिया वाहन चालक कई बार चोटिल हो चुके हैं। सड़क में जगह जगह गढ्ढे व सारी टायरिंग उखड़ चुकी है। गौरतलब है कि 30 जून 1999 को कारगिल भारत-पाक युद्ध के दौरान शहीद धर्मेन्द्र ऑपरेशन विजय का पहला जिला सोलन का शहीद सपूत था। शहीद की शहादत पर तत्कालीन प्रदेश मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल भी शहीद के घर आकर शोकग्रस्त परिवार से मिले थे। तत्पश्चात ग्रामीणों द्वारा शहीद धर्मेन्द्र की याद में गांव में एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय खोले जाने की मांग की गई। चिकित्सालय खोले जाने का सर्वे भी हुआ था लेकिन इस पर कोई सकरात्मत पहल नहीं हुई। शहीद धर्मेन्द्र के पिता पूर्व सेनिक नरपत राम ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए जिस सपूत ने अपना बलिदान दे दिया हो उसके नाम का आयुर्वेदिक चिकित्सालय खोले जाने के लिए मात्र सर्वे तो हुवे अभी तक चिकित्सालय नहीं खुल पाया। शहीद धर्मेन्द्र के गांव के लिए करीब वर्ष 1999-2000 में भाट की हट्टी से बुघार-कनैता तक कच्ची सड़क बनाई गई थी जो बाद में कुठाड़ तक बना दी गई। हालाँकि सड़क को पक्का भी किया गया था लेकिन वर्तमान में इस सड़क की हालत काफी खस्ता हो गई है। इस विषय में जब अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग कसौली से बात की गई तो उन्होंने कहा कि भाट की हट्टी से बुघार-कनैता सड़क में टायरिंग होनी है इसके लिए टेंडर हो चुके हैं।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, शिमला, हिमाचल प्रदेश के कार्यपालक अध्यक्ष व न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरमौर द्वारा शुक्रवार को नाहन क्षेत्र की पंचायत सेन-की-सैर के जंगली क्षेत्र में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन वन विभाग के सौजन्य से किया गया। इस कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायधीश देवेन्द्र कुमार शर्मा, जो कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सिरमौर के अध्यक्ष भी है, विशेष तौर पर उपस्थित रहे। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर जंगली फलदार वृक्ष लगाए तथा कार्यक्रम में उपस्थित महिला मंडल, ग्राम पंचायत सदस्य व ग्राम वासियों को राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे "जंगली फलदार वृक्ष लगाएं, फसलों को बचाएं" पौधारोपण अभियान के उद्देश्य को समझाया। इस कार्यक्रम में वन वृत नाहन के मुख्य वन संरक्षक बी. एस. राणा भी मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में प्रताप सिंह ठाकुर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सिरमौर, बसन्त या, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकारण, सिरमौर व गीतिका कपिला न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी नाहन ने भी पौधारोपण किया। यह पौधारोपण अभियान सिरमौर जिला के विभिन्न पंचायतों में वन विभाग के साथ मिलकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा चलाया जा रहा है। इसके तहत अमरुद, बेहड, आंवला, फेगड़ा, काफल, कचनार आदि जंगली फलदार वृक्ष लगाए जा रहे है। यह पौधारोपण अभियान ग्राम पंचायत के लोगों के साथ मिलकर चलाया जा रहा है।
ग्राम पंचायत औहर के वार्ड नंबर एक व दो पलथीं में शुक्रवार को पूर्व प्रधान देशराज शर्मा की अध्यक्षता में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को सैकड़ों पौधे वितरित किए जिसमें बेहड़ा, आंवला, अनार आदि अनेक प्रकार के पौधे बांटे गए। स्थानीय लोगों ने इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लिया। अपने संबोधन में देशराज शर्मा ने कहा कि ग्रामीण अधिक से अधिक औषधीय पौधे लगाएं। उन्होंने कहा कि पौधारोपण से जहां हमारी धरती का श्रृंगार होता है वहीं वातावरण भी शुद्ध रहता हैं। इसके अलावा हमें इससे और औषधीय गुण भी प्राप्त होते हैं। इस मौके पर पलथीं ग्राम सुधार सभा के सचिव गुरुदेव कौशल ने भी लोगों से आह्वान किया कि वह इस पुण्य कार्य के लिए आगे आएं और अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर अपना योगदान दें। मौके पर पंचायत के वार्ड सदस्य रणजीत सिंह, रमेश कुमार, विनोद कुमार, बाबूलाल, प्रेमलाल, ओंकार चंद, सुभाष चंद्र, कैप्टन प्रेमलाल, कश्मीर चंद, श्रवण कुमार, अश्विनी कुमार, सदाराम, रजत शर्मा के अलावा अन्य लोग मौजूद थे।
प्रदेश में कोरोना से एक और मौत हो गई है। डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में एक 70 वर्षीय महिला ने वीरवार देर रात दम तोड़ दिया। सिरमौर में कोरोना से यह तीसरी मौत हुई है। मृतक महिला पांवटा साहिब की रहने वाली थी जिसे 1 सितंबर को पांवटा साहिब सिविल अस्पताल से डॉ वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। डायबटीज व हाईपरटेंशन रोग से ग्रसित इस महिला का नाहन मेडिकल कॉलेज में कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया था। 3 सितंबर को देर रात आइसोलेशन वार्ड में भर्ती इस महिला ने दम तोड़ दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिरमौर डॉ केके पराशर ने बताया कि पांवटा साहिब में कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मृतक का अंतिम संस्कार किया गया है। इसी के साथ प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 48 हो गया है।
बी एल सेंट्रल पब्लिक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कुनिहार के एनसीसी इकाई के कैडेट्स भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रम फिट इंडिया मूवमेंट रन फॉर इंडिया में कमांडिंग ऑफिसर प्रथम छात्र वाहनी एन सी सी सोलन के मार्ग दर्शन से बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे है। जानकारी देते हुए विद्यालय एनसीसी एएनओ अमर देव ने बताया की एन सी सी कैडेट्स फिट इंडिया मूवमेंट रन फॉर इंडिया, योग आसन व् अन्य व्ययाम, खेल कूद घर में करते हुए अपने स्वास्थ्य में सुधार और शरीर को रोग प्रतिरोधी बना रहे है। एन सी सी कैडेट्स फिट इंडिया मूवमेंट रन फॉर इंडिया के अभियान के तहत घरों में रहकर सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को भी योग, व्ययाम और कोरोना जेसी महामारी से बचने के लिए शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए जागरूक कर रहे है। एएनओ अमर देव ने बताया की यह अभियान 15 अगस्त से 15 सितम्बर तक चलाया जा रहा है जिसमे एन सी सी कैडेट्स ऑनलाइन के माध्यम से अनेक गतिविधियाँ करेंगे और कोविड -19 में शारीरिक और मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए अपने घर के सदस्यों और आस-पास के गावं के लोगों को जागरूक करेंगे। एएनओ अमर देव कोविड -19 के चलते एन सी सी कैडेट्स की google meet ऑनलाइन के माध्यम से भी कक्षा ले रहे है और उन्हें ट्रेनिंग भी दी जा रही है ी फिट इंडिया मूवमेंट रन फॉर इंडिया के अभियान के तहत विद्यालय के सभी अध्यापकों ने भी एनसीसी कैडेट्स के साथ अपने-अपने घरों में योग किया। विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए एन सी सी कैडेट्स का मार्ग दर्शन करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया।
वीरवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मंडी इकाई द्वारा क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी की विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को बिपाशा सदर मंडी में मांग पत्र सौंपा। उसमें विद्यार्थी परिषद ने मुख्यमंत्री से यह मांग की है कि क्लस्टर विश्वविद्यालय मंडी को स्थाई भूमि जल्द से जल्द दी जाए और क्लस्टर विश्वविद्यालय में इसी वर्ष से कक्षाएं शुरू की जाए। साथ ही क्लस्टर विश्वविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए तथा क्लस्टर विश्वविद्यालय के स्थाई भवन निर्माण में और तेज गति से काम किया जाए। सीएम जयराम ठाकुर ने आश्वस्त किया है कि मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा।
पंचायत के और नगर निकायों में चुनाव के मध्यनजर राजनैतिक फायदा उठाने के चक्कर में और सरकार के पास जनता के मध्य जाने का कोई सटीक बहाना न होने की वजह से ही सरकार ने नई पंचायते और नगर निकाय बनाए। यह बात सह सयोंजक राजीव गांधी पंचायती राज संगठन हिमाचल प्रदेश पूर्व सचिव प्रदेश कांग्रेस ठाकुर हीरापाल सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस बार केवल हवाई घोषणाएं है कि हैं जिस कारण वह जनता के बीच नहीं जा सकती। ये जो पंचायतों का गठन अब किया है वो दो साल पहले भी तो हो सकता था। उन्होंने कहा कि इस बार मोदी का जादू भी चलने वाला नहीं है। भाजपा को उसकी विफलताओं की जिम्मदारी तो उठानी ही पड़ेगी और जनता के कोपभाजन का शिकार होगी। पंचायत के चुनाव विधानसभा चुनावों से पहले सरकार का आईना होता है क्योंकि सरकार को अपनी असली स्थिति का अहसास इससे है होता है कि वो कितनी लोकप्रिय है। उन्होंने कहा कि यही चुनाव कांग्रेस के नेतृत्व की भी अग्नि परीक्षा है। कौन सी रणनीति सफल रहेगी और असली रणनीतिकार कितना सफल होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में राजीव गांधी पंचायती राज संगठन कांग्रेस की रणनीति में अहम रोल अदा करेगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निजी तौर पर और संवैधानिक तौर पर जो आदेश करेंगे उस निर्णय को फलीभूत करने के लिए अगले तीन माह कांग्रेस और राजीव गांधी पंचायती राज संगठन है। कांग्रेस समर्थित सुयोग्य विजय हासिल करने वाले उमीदवारों को जिताने के लिए एहम रोल अदा करेगा।
उपतहसील दाड़लाघाट में रामपाल शर्मा ने नायब तहसीलदार का अतिरिक्त पदभार संभाला। नायब तहसीलदार का अतिरिक्त पदभार सम्भालते हुए रामपाल शर्मा ने कहा कि आम लोगो के कार्य के लिए पहले प्राथमिकता रहेगी तथा सबके लिए पारदर्शिता तथा स्वच्छ प्रशासन रहेगा। कार्यभार संभालने के बाद नायब तहसीलदार रामपाल शर्मा ने कर्मचारियों व अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में नायब तहसीलदार ने कहा कि सभी कर्मचारी व अधिकारी अपने काम में पारदर्शिता बरतें और समय पर काम निपटाएं, ताकि उप तहसील में आने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि इलाके के लोगों के कामकाज पूरी लगन मेहनत के साथ पहल के आधार पर किए जाएंगे। यदि फिर भी किसी व्यक्ति को कोई परेशानी आती है, तो उनसे सीधा संपर्क कर सकता है।
कामधेनु हितकारी मंच दुग्ध उत्पादन सहकारी सभा के पीपलूघाट क्लस्टर की एक महत्वपूर्ण बैठक बुधवार को आयोजित हुई।बैठक में लगभग 55 दुग्ध उत्पादकों ने भाग लिया। इस दौरान शाखा प्रबंधक पीएनबी पीपलूघाट खेम सिंह मुख्यतिथि के तौर पर मौजूद थे। शाखा प्रबंधक द्वारा किसानों को केसीसी डेयरी और बैंक द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि बैंक महिलाओं को पशुपालन के लिए बिना गारंटी के 1लाख 60 हजार तक का ऋण उपलब्ध करवाती है। इसके लिए उनके पास दो दुधारू पशु और खाते का सिविल ठीक होना आवश्यक है। डेयरी के लिए 60 हाजर तक की केसीसी लिमिट पर तीन प्रतिशत के अनुदान का भी प्रवधान किया गया है। केसीसी की राशी को पशुपालक पशुओं के चारे, दवाईयों के अलावा अन्य उपयोगी वस्तुओं के लिए प्रयोग कर सकते है। इसके अलावा उन्होंने सोबरेन गोल्ड बांड योजना की भी विस्तृत जानकारी पशुपालकों को उपलब्ध करवाई। बैठक में सभा सचिव जीत राम कौंडल, क्लस्टर हेड मनसा राम कौशल, समन्वयक चमन शर्मा, कृषि प्रसार अधिकारी चेतन ठाकुर, जय देव, प्रकाश ठाकुर आदि मौजूद थे।
ग्राम पंचायत दाड़लाघाट के अंतर्गत गांव गवाह के ग्रामीण इन दिनों पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। स्थानीय लोगों में विनोद शर्मा, नथू राम, मनोहर लाल, कुलदीप शर्मा, धर्मचंद शर्मा, चंद्रपाल शर्मा, सत्य पाल, प्यारे लाल महाजन ने बताया कि गांव गवाह के सभी लोगों को छटेरा पेयजल योजना के तहत नियमित रूप से पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है और साथ ही गांव गवाह के सभी लोगों में जल आपूर्ति का विभाजन एक बराबर मात्रा से नहीं किया गया है जिस कारण गांव में पानी की नियमित आपूर्ति न होने की वजह से गांव के लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। गांव गवाह के सभी लोगो के द्वारा पानी के बिल का उचित समय अवधि में भुगतान करने के उपरांत भी गांव के लोगो को पानी की आपूर्ति नहीं की जा रही है। लोगों ने विभाग के अधिकारियो से मांग की है कि पानी की समस्या का जल्द से जल्द समाधान करके गांव गवाह के लोगों को नियमित रूप से पानी की आपूर्ति की जाए। जब इस बारे कनिष्ठ अभियंता जितेंद्र धीमान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहाँ जो पम्प ऑपरेटर है वो आजकल छुट्टी पर है, दूसरे पम्प ऑपरेटर की ड्यूटी लगाई है उसे समय सारणी का पता नहीं था जिस कारण समस्या आ रही थी, अब पुराना पम्प ऑपरेटर आ जाएगा व लोगों की पेयजल समस्या का समाधान हो जाएगा।
कोविड के चलते सरकार सख्त है और प्रदेश के प्रवेश द्वारों पर निगरानी सख्त की गई है। ऐसे में बाहरी राज्य से व्यक्ति चोर रास्तों के द्वारा प्रदेश में पहुंच रहे है। ऐसा ही एक माजरा कुनिहार में देखने को मिला, जब पिंजौर पंचकूला से कुछ फेरी वाले लोग कंबल व कपड़ो का व्यापार करने कुनिहार बाजार में प्रवेश कर गए। स्थानीय लोगों व व्यापारियों ने इसकी सूचना पुलिस थाना कुनिहार को दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन्हें थाने में तलब किया। जब इस बारे में थाना प्रभारी रूपेश कांत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पूछताछ करने पर यह लोग परवाणु में रजिस्ट्रेशन करवा कर आए थे। इन्हें एहतियातन तौर पर वापिस भेज दिया गया है तथा इन्हें दुबारा क्षेत्र में बिना परमिशन घूमने व व्यापार न करने की चेतावनी दे दी गई है।
कोविड-19 महामारी के दौर में डॉक्टर जहां बतौर कोरोना वॉरियर बीमारी से लड़ रहे हैं वहीं कई विशेषज्ञ डॉक्टर दो कदम आगे बढ़ते हुए सर्जरी और सफल प्रस्व करवाने में भी जुटे हुए हैं। गर्भवती मां के कोरोना पॉजीटिव आने के बाद प्रस्व जैसा कार्य और चुनौतीपूर्ण हो रहा है, लेकिन नेरचौक के डाक्टरों के जज्बे के सामने कोरोना महामारी भी हार मानती दिख रही है। अस्पताल के डॉक्टरों ने दो कोरोना पॉजीटिव महिलाओं का एक बार फिर सफल प्रस्व करवाया है। 3 अगस्त की सुबह दो बच्चों ने जन्म लिया है। 34 वर्षीय एक महिला जो हमीरपुर से नेरचौर अस्पताल में रेफर की गई थी व कोरोना पॉजीटिव पाई गई थी। इस महिला ने बेटी को जन्म दिया है और सामान्य प्रस्व हुआ है। एक अन्य महिला 35 वर्षीय बिलासपुर से अस्पताल में रेफर की गई थी। महिला भी कोरोना पॉजीटिव पाई गई थी। इस महिला ने प्रीमेच्योर बच्चे को जन्म दिया है। इस बच्चे की हालत भी स्थिर है। इन महिलाओं के प्रस्व के लिए डॉक्टरों के लिए कोविड महामारी की चुनौती एक बार फिर सामने थी, लेकिन डॉक्टरों की टीम ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ अपनी ड्यूटी को निभाया और कोविड पॉजीटिव महिलाओं का सफल प्रस्व करवाया। इससे पहले भी डॉक्टरों ने अस्पताल में हिमाचल का पहला सिजेरियन द्वारा सफल प्रस्व करवाया है जिसमें महिला कोरोना पॉजीटिव थी। सफल प्रस्व के बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बार ड्यूटी को पूरी लगन से अंजाम दिया है। डॉक्टरों की टीम में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमदत्त, बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विशाल जम्वाल, इंटर्न डॉ. अलीशा और डॉ. अपूर्वा, स्टाफ नर्स सुनीता शामिल रहे।
प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री किसान एवं खेतिहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना शुरू की गई है। यह योजना कृषक या मजदूर की मृत्यु पर पीड़ित परिवार के लिए लाभ दायक सिद्ध होगी। इस योजना के तहत कृषि कार्यों के दौरान उन किसानों तथा खेतिहर मजदूरों को सहायता दी जाएगी जो कृषि मशीनरी, औजार व उपकरण आदि द्वारा खेत में प्रयोग के दौरान अथवा कृषि मशीनरी को खेत से घर, घर से खेत ले जाते हुए किसी दुर्घटना की वजह से घायल हुए हो या मृत्यु हुई हो। इस योजना के तहत उन किसानों और खेतिहर मजदूरों को भी शामिल किया जाएगा जिनकी मृत्यु अथवा विकलांगता नलकूप, बोरवेल, पम्पिंग सेट, लघु लिफ्ट, इत्यादि को स्थापित या संचालित मशीनरी को उपयोग या ढूलाई करते समय हुई हो। इसके अतिरिक्त कृषि कार्यों में उपयोग किए जा रहे ट्रेक्टर, पाॅवर टीलर, वीडर, उर्जा चलित हल, रीपर बाईडर मशीन, पाॅवर थे्रशर, घास काटने की मशीने, औजार उपकरण शामिल है। इस योजना में केवल स्थानीय किसान/मजदूर ही शामिल हैं। किसी भी कम्पनी/ठेकेदार के कार्यकर्ता/मजदूर/कर्मचारी इस योजना में शामिल नहीं है। इस योजना के तहत मृत्यु पर 3 लाख रुपये, स्थायी रूप से रीड़ की हड्डी टूटने पर 1 लाख रुपये, दोनों बाजू/दोनों टांगे/एक बाजू एक टांग के पूर्ण रूप से कटने पर 40 हजार रुपये, एक बाजू/एक टांग या चार उंगलियां कटने पर 30 हजार रुपये, एक से तीन ऊँगली के पूर्ण रूप से कट जाने पर 20 हजार रुपये तथा आंशिक रूप से ऊँगली/अंगूठा कटने पर 10 हजार रुपये सहायता राशि दी जाएगी। उप निदेशक कृषि कुलदीप सिंह ने बताया कि दुर्घटना की स्थिति में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को दुर्घटना के 2 महीने के भीतर सम्बन्धित विकास खण्ड के विषयवाद विशेषज्ञ कृषि को निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन करना होगा जो खण्ड स्तर पर विभाग के पास उपलब्ध हैं तथा दुर्घटना का सत्यापन सम्बन्घित पंचायत प्रधान अथवा सचिव से करवा कर तथा चिकित्सा प्रमाण पत्र पंजीकृत चिकित्सा अधिकारी से जारी करवाकर जमा करवाएं।
घुमारवीं उपमंडल की ग्राम पंचायत लोहारवी के सीलह गांव में स्थित प्राथमिक पाठशाला सीलह मैं लोगों के तत्काल सहयोग से प्राथमिक पाठशाला के चार कमरे बचा लिए गए। यदि ग्रामीणों ने समय पर श्रमदान नहीं किया होता तो यह सरकारी संपत्ति पलक झपकते ही नुकसान में आ सकती थी। नंदलाल ने बताया कि उनके घर के पास ही प्राथमिक पाठशाला शीलह का भवन है तथा हाल ही में तेज बरसात के चलते पहाड़ी से पानी स्कूल भवन की दीवार पर आ गिरा जिससे वहां काफी भूमि कटाव हो गया। उन्होंने इस बारे ग्रामीणों से चर्चा की तथा लोग भी तत्काल सहयोग करने के लिए तैयार हो गए। लोगों ने तत्काल वहां स्कूल भवन की दीवार पर गिरे मिट्टी के मलबे को हटाया तथा वहां सीमेंट व बजरी का उपयोग कर पानी के लिए अलग से रास्ता बनाया। समाजसेवी सूबेदार नंदलाल ने बताया कि स्कूल के भवन बचाने के लिए स्कूल प्रबंध समिति अध्यक्ष मीना कुमारी के अलावा ग्रामीण दिनेश कुमार, नीलम कुमारी, मंगलेश कुमारी, सुनीता कुमारी, कृष्णा देवी रवि सिंह, सीमा देवी, निखिलेश, महेंद्र सिंह सहित अन्य ग्रामीणों ने न केवल बढ़-चढ़कर योगदान किया बल्कि अपनी जेब से पैसे खर्च कर निर्माण सामग्री में भी अपना योगदान सुनिश्चित किया।
कांग्रेस पार्टी के जिला उपाध्यक्ष ओम प्रकाश, नंदलाल, जयकृष्ण, निर्मला तथा जिला महासचिव सुनील शर्मा, अनुराग पंडित, राजेंद्र प्रसाद, विजय ठाकुर, मीरा भोगल, आशा कुमारी और निरंजना नड्डा के अलावा सभी ब्लॉक अध्यक्ष तथा सभी पदाधिकारियों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जिला बिलासपुर में कोई अंतर कलह नहीं है। सभी कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष अंजना धीमान के नेतृत्व में एक जुट होकर समर्पित होकर पार्टी को मज़बूत करने का कार्य कर रहे हैं। सभी पदाधिकारियों ने कहा कि अंजना धीमान नारी शक्ति का प्रतीक बन कर बिलासपुर जिला में उभर रही है तथा बेहद रचनात्मक तरीक़े से पार्टी की गतिविधियों को जनता तक पहुँचाने का कार्य कर रही है। जिला के सभी वरिष्ठ नेताओं की सहमति से ही ज़िले के कार्यकारिणी का गठन हुआ है तथा कोई नाराज़गी का विषय उत्पन्न नहीं होता। पदाधिकारियों ने कहा जो भी कार्यकर्ता अपने आप को संगठन से ऊपर समझकर तथा संगठन की गाइडलाइन से बाहर जाकर कार्य कर रहा है उसके ख़िलाफ़ जल्द अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाए ताकि निचले स्तर पर अनुशासन का संदेश सभी कार्यकर्ताओं में बना रहे।
प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उनकी तबीयत ख़राब चल रही थी जिसके बाद उनका कोरोना टेस्ट हुआ और वीरवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनके संक्रमित आने के बाद उनके परिवार के सदस्यों को क्वारंटाइन कर दिया गया है और उनकी कॉन्टैक्ट हिस्ट्री ली जा रही है। इससे पूर्व सरकार के ऊर्जा मंत्री भी संक्रमित पाए गए थे जो अब स्वस्थ हो चुके हैं।
कुनिहार विकास खंड के अंतर्गत हाटकोट पंचायत के वरिष्ठ समाज सेवी भाई-बहन की जोड़ी क्षेत्र में निस्वार्थ सेवा के लिए जानी जाती है। डिफेंस लेखा विभाग से सेवा निवृत्त वरिष्ठ लेखा अधिकारी राजकुमार ने कुनिहार क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले परिवारों व सफाई कर्मचारियों के परिवारों को खाने की राशन सामग्री वितरित की। तो वहीँ राज कुमार की शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त बहन पुष्पा मैडम भी कुनिहार जनपद में समय-समय पर मंदिरों स्कूलों व गरीबों के उत्थान के लिए निस्वार्थ भाव से आर्थिक योगदान देती रहती है। दोनों भाई-बहन ने लॉकडाउन के दौरान भी गरीब लोगों के लिए खाद्य सामग्री बांटी व जो आज भी अनवरत जारी है। राजकुमार ने कहा कि जरूरतमन्दों की सहायता के लिए हर व्यक्ति को तैयार रहना चाहिए। जितना भी हो सके गरीबों की मदद करें। जन्म से कोई गरीब नही होता हालात व्यक्ति को गरीब बना देते हैं।
नेर चौक के वार्ड नम्बर 5 में थोड़ी सी बरसात से ही मुख्य NH 21 में सटे नीलम होटल, अभिलाषी कालेज और बल्ह ट्रक यूनियन के कार्यालय के आसपास सड़क की नालियां ब्लाक हो गई हैं। ब्लॉक नालियों के कारण साथ लगे घरों में बरसात का गंदा पानी जा रहा है, इससे बीमारियों के बढ़ने का खतरा और संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। नगर परिषद नेर चौक ने इस बारे में कई बार लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर सूचित किया पर कोई परिणाम नहीं निकला। वीरवार सुबह जब अचानक बारिश हुई तो नेर चौक के वार्ड नम्बर 5 के स्थानीय लोगों ने पार्षद रजनीश सोनी को जानकारी दी। पार्षद ने सुबह मौके पर पहुंचकर स्थिति को देखा और उन्होंने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही नालियों का निर्माण शुरू किया जाएगा। पार्षद रजनीश सोनी ने मीडिया के माध्यम से SDM बल्ह से मांग रखी है कि नेर चौक से डडोर तक कि नालियों के बारे में लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता से बात करें व नगर परिषद के द्वारा प्रदान किए बजट पर स्थित स्पष्ट की जाए।