हमीरपुर जिला के गांव मासियाना में पानी के टैंक के नजदीक एक अज्ञात शव पेड़ से लटका हुआ मिला। शव के मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फ़ैल गई। स्थानीय लोगों ने जब जंगल मे गले सड़े शव को देखा इसकी तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर पुलिस भी तुरंत मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने पेड़ से लटके शव को नीचे उतारा और मामले की छानबीन शुरू कर दी है। मौके पर पहुंचे एएसपी विजय सकलानी ने शव को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू कर दी है। वहीं मौके पर एएसपी विजय सकलानी ने बताया कि पेड़ पर लटका शव काफी पुराना हो चुका है। व्यक्ति की उम्र लगभग 45 वर्ष के आसपास है। पुलिस शव को कब्जे में ले लिया है और मामले की छानबीन की जा रही है। विजय सकलानी ने बताया कि शव किसका है इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं है। वहीं स्थानीय लोगों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है।
नगर निकायों और ग्राम पंचायतों के पहले चरण के चुनाव सम्पन्न होने के उपरांत बिलासपुर , ऊना व् हमीरपुर ज़िला के जीते हुए जनप्रतिनिधियों ने समीरपुर की ओर रुख किया और पूर्व मुख्यमंत्री प्रो० प्रेम कुमार धूमल से आशीर्वाद लेने पहुंचे। लोकतंत्र के पर्व पर अपनी भूमिका निभाने केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर रविवार से ही समीरपुर आये हुए हैं, इस बात का भी फायदा उठाते हुए मिलने वाले नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों की संख्या ज्यादा हो रही है। इसी कड़ी सोमवार को हमीरपुर ऊना एवं बिलासपुर तीनों ज़िलों से नगर निकायों व ग्राम पंचायतों से पहले चरण में विजयी रहे प्रधान उपप्रधान, पार्षद तथा अन्य जनप्रतिनिधियों ने काफी संख्या में समीरपुर पहुंच कर पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री ने जीते हुए सभी नए जनप्रतिनिधियों को कहा कि पार्टी के आदर्शों व नीतियों को अपनी कार्यशैली में अपना कर जनसेवा में सब लोग जुट जाएं। भाजपा के कार्यकर्ता के लिए सत्ता सेवा का साधन है इस बात को दिमाग में रख कर प्रधानमंत्री के भारत को विश्वगुरु बनाने के सपने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें l केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को बधाई देते हुए कहा कि सौभाग्य से देश की बागडोर प्रधानमंत्री नरेन्दर मोदी के हाथ में है, जो ग्राम पंचायतों व स्थानीय निकायों की मजबूती को देश की मजबूती का आधार मानते हैं व इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए केंद्र से सीधा पैसा ग्राम पंचायतों व स्थानीय निकायों को भेज रहे हैं जिसका सदुपयोग कर अपने अपने क्षेत्र के विकास में सभी लोग अच्छी भूमिका निभाएं।
प्रदेश में करोड़ों रुपए के मिल रहे नशे के भंडार भावी युवा पीढ़ी के भविष्य को बेखौफ बर्बाद करने लगे हैं। नशा हर तीसरे घर के चिराग को तबाह करने पर आमादा है। अब सिर्फ सरकार को ही लग रहा है कि सब ठीक है। अन्यथा नशे के लगातार बढ़े प्रचलन ने साबित कर दिया है कि सरकार इस मामले पर पूरी तरह फेल और फ्लॉप हो चुकी है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि करोड़ों रुपए के नशीले पदार्थों का निरंतर पकड़े जाना बता रहा है कि अब प्रदेश पूरी तरह नशे की चपेट में आ चुका है। जो कि प्रदेश के युवाओं को लगातार नशे का गुलाम बना रहा है। हिमाचल में एक दिन में 127 किलो चरस और 295 किलो गांजे की खेप पकड़े जाने के मामले का सीधा अर्थ है कि प्रदेश में नशे का कारोबार पूरी तरह फलफूल रहा है। नशे की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। करीब 400 किलो से ज्यादा नशे के पकड़े गए भंडार प्रदेश में नशे के कारोबार के व्यापक आधार व खतरनाक आकार को साबित कर रहे हैं। राणा ने कहा कि सवाल यह है कि इतने बड़े पैमाने तक नशे की संलिप्तता व कारोबार की स्थिति कैसे और क्यों पैदा हुई है? इसका जवाब सरकार को देना होगा। भारत सरकार की अपनी रिपोर्ट बताती है कि पूरी तरह नशे का गढ़ बन चुके प्रदेश के चार जिलों चंबा, कुल्लू, सोलन व हमीरपुर में स्थिति खतरनाक हो चुकी है। सवाल उठता है कि इन जिलों मेें ऐसी कौन सी ड्रग माफिया की पॉवर पैदा हो चुकी है, जिनके दम पर नशे का कारोबार व संसार बेखौफ लगातार बढ़ रहा है। मौत के सौदागरों को किसका संरक्षण है, यह प्रदेश सरकार को बताना होगा? क्योंकि यकायक यह खतरनाक स्थिति पैदा नहीं हुई है। नशे के इस्तेमाल से युवा पीढ़ी को बर्बादी के अंधकार में धकेलने की मैनेजमेंट कौन किसके इशारे पर कर रहा है? सरकार को इसकी जवाबदेही भी देनी होगी। नशे की लगातार पकड़ी जा रही खेपें इस बात का सबूत बनी हैं कि नशे का नेटवर्क प्रदेश में लगातार पनप व फलफूल रहा है। नशे के बढ़ते कारोबार व मौत के सौदागरों के प्रदेश में फले फूले संसार के लिए जवाबदेह व जिम्मेदार कौन है। यह भी सरकार को बताना होगा। राणा ने आरोप जड़ा है कि जब से प्रदेश में बीजेपी सरकार सत्तासीन हुई है आंकड़े बतातें है कि तब से इस प्रदेश में नशे का कारोबार लगातार बढ़ा है। जाहिर तौर पर नशे के फल फूल रहे संसार व कारोबार के लिए सीधे तौर पर सरकार और सिर्फ सरकार ही जिम्मेदार है।
पूरे देश भर के साथ-साथ हिमाचल में भी आज से कोरोना टीकाकरण का महाअभियान शुरू हो रहा है। आज प्रदेश के 27 सेंटरों में सुबह दस बजे से इसका आगाज़ हुआ। पहले चरण के पहले दिन 2529 लोगों को कोरोना का टीका लगेगा। इसके लिए सभी 27 सेंटरों में कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड पहुंचा दी गई है। इंजेक्शन के बाद 45 मिनट तक व्यक्ति उसी सेंटर में डॉक्टरों की निगरानी में रहना होगा। वैक्सीनेशन का पहला चरण 10 दिनों तक चलेगा। इसके बाद सेंटरों की संख्या बढ़ाकर 46 कर दी जाएगी। उधर, प्रदेश सरकार ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद टांडा मेडिकल कॉलेज अस्पताल कांगड़ा को वेब टेक्नोलॉजी सेंटर बनाया है। इन सेंटरों में कोरोना वैक्सीनेशन का सीधा प्रसारण होगा। केंद्रीय मंत्रालय भी इसकी मानीटरिंग करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कोरोना वॉरियर्स से बात करेंगे। बता दें, प्रदेश में यह अभियान 2 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान प्रदेश में 41 हजार लोगों को पहले टीका लगेगा। इनमें डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, नर्सें, सफाई कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा वर्कर्स शामिल हैं। एक टीका लगने के बाद दूसरा टीका 28 दिन बाद लगेगा। वैक्सीन का टीका लगने के बाद 42 दिन तक उक्त व्यक्ति को परहेज करना पड़ेगा। जिस भी व्यक्ति को वैक्सीन लगेगी उसको भीड़ वाले इलाके में जाने से बचना होगा, मास्क पहनना होगा, किसी प्रकार के संक्रमण की चपेट में आने से बचना होगा। करीब 5 हजार स्वास्थ्य कर्मी इस टीकाकारण को पूरा करवाएंगे।
16 जनवरी से देश भर में कोविड टीकाकरण का महाअभियान शुरू होने जा रहा है। इसको लेकर सरकार व प्रशासन की तैयारियां पूरी है। देश की विभिन्न जगहों में कोविड वैक्सीन की डिलीवरी लगभग पूरी हो गई है। इसके साथ शुक्रवार सुबह हिमाचल के विभिन्न जिलों में भी कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' की डिलीवरी हुई। गुरुवार को राष्ट्रीय टीकाकरण वाहन में 8 डिब्बों में 93 हजार वैक्सीन की डोज परिमहल लाई गई। इसके बाद रात 8 बजे वैक्सीन के डिब्बों में डिस्पैच नंबर लगाकर अन्य सेंटरों के लिए भेज दिया गया। 16 जनवरी को प्रदेश के 27 केंद्रों में ये वैक्सीन लगाई जाएगी। पहले चरण में यह अभियान 10 दिनों तक चलाया जाएगा। इस दौरान प्रदेश में 41 हजार लोगों को पहले टीका लगेगा। इनमें डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, नर्सें, सफाई कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा वर्कर्स शामिल हैं। एक टीका लगने के बाद दूसरा टीका 28 दिन बाद लगेगा। वैक्सीन का टीका लगने के बाद 42 दिन तक उक्त व्यक्ति को परहेज करना पड़ेगा। जिस भी व्यक्ति को वैक्सीन लगेगी उसको भीड़ वाले इलाके में जाने से बचना होगा, मास्क पहनना होगा, किसी प्रकार के संक्रमण की चपेट में आने से बचना होगा। करीब 5 हजार स्वास्थ्य कर्मी इस टीकाकारण को पूरा करवाएंगे। इन जिलों में हुई वैक्सीन की डिलीवरी शिमला जिला में सबसे पहले 11050 कोरोना वररियरों को टिका लगाया जाएगा। इसके लिए आईजीएमसी, केएनएच, रिपन, ठियोग और रामपुर अस्पतालों में वैक्सीनेशन केंद्र बनाए गए हैं। IGMC में करीब 2200 कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जाएगा। वहीं, सोलन जिला में 4300 कोरोना वैक्सीन पहुंची हैं। पहला टीका एमएमयू के एक प्रशिक्षु और सोलन अस्पताल में रेडियोग्राफर को लगेगा। कुल्लू जिला अस्पताल में देर रात करीब ढाई बजे 2800 वैक्सीन पहुंचीं। इनमें से 200 डोज जिला अस्पताल केलांग के लिए अटल टनल रोहतांग होकर भेजी गई हैं जबकि 2600 डोज को कुल्लू में लगाया जाएगा। सिरमौर के नाहन में कोरोना वैक्सीन के 3400 डोज पहुंचे हैं। उधर, मेडिकल कॉलेज चंबा में 3800 वैक्सीन पहुंची हैं। स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वैक्सीन विभिन्न केंद्रों के लिए रवाना कर दी है। ऊना जिले में 3300 डोज पहुंची हैं। बिलासपुर में कोरोना वैक्सीन की 2300 डोज पहुंची हैं। कांगड़ा जिले में 8600 वैक्सीन पहुंची हैं।
हमीरपुर 14 जनवरी। जिला में वीरवार को 9 लोग कोरोना पाॅजीटिव पाए गए हैं। इनमें से आरटी-पीसीआर टैस्ट में 5 और रैपिड एंटीजन टैस्ट में 4 लोग पाॅजीटिव निकले हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अर्चना सोनी ने बताया कि आरटी-पीसीआर टैस्ट में दियोटसिद्ध के 70 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक, कुलहेड़ा क्षेत्र के गांव टंगेर की 43 वर्षीय महिला, गांव सासन के 9 वर्षीय लड़के, इसी गांव के 40 वर्षीय व्यक्ति और मेडिकल कालेज अस्पताल हमीरपुर में 4 वर्षीय बच्चे की रिपोर्ट पाॅजीटिव आई है। डाॅ. अर्चना सोनी ने बताया कि वीरवार को जिला में रैपिड एंटीजन टैस्ट के लिए कुल 136 सैंपल लिए गए, जिनमें से 4 पाॅजीटिव निकले। पाॅजीटिव पाए गए इन लोगों में गांव मैहरे के दो लोग 75 वर्षीय व्यक्ति और 73 वर्षीय महिला, रैल का 51 वर्षीय व्यक्ति और जलाड़ी क्षेत्र के गांव मण का 35 वर्षीय व्यक्ति शामिल है।
हमीरपुर जिला में कोविड-19 वैक्सीन के टीकाकरण के लिए गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आज यहां उपायुक्त देबाश्वेता बानिक की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें टीकाकरण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। देबाश्वेता बानिक ने बताया कि पूरे देश सहित हमीरपुर जिला में भी 16 जनवरी, 2021 से कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाने का अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है। जिला में टीकाकरण के प्रथम दिन तीन केंद्रों पर 260 पंजीकृत फ्रंटलाईन वर्कर को टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए डॉ. राधाकृष्णन राजकीय मेडिकल कॉलेज, हमीरपुर, नागरिक अस्पताल नादौन एवं नागरिक अस्पताल बड़सर चिह्नित किए गए हैं। प्रथम चरण में स्वास्थ्य व आयुर्वेद विभाग से जुड़े कर्मी एवं उनके सहायक के तौर पर कार्य कर रहे आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता, सफाई कर्मी व अन्य स्टाफ शामिल हैं। टीकाकरण के लिए पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) गत 8 जनवरी एवं 11 जनवरी, 2021 को पूरा कर लिया गया है। उपायुक्त ने कहा कि इसके बाद 18 जनवरी, 22 जनवरी, 23 जनवरी, 28 जनवरी, 30 जनवरी तथा एक फरवरी 2021 को जिला में चिह्नित 38 केंद्रों में टीकाकरण का कार्य पूर्ण किया जाएगा। इन सात दिनों में जिला के लगभग 5,238 फ्रंटलाईन वर्कर को टीका लगाया जाएगा। सभी लाभार्थियों के पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है और उन्हें मोबाइल के माध्यम से टीका लगाने की तिथि, स्थान एवं समय के बारे में जानकारी प्रेषित की जाएगी। प्रथम चरण में हमीरपुर जिला के लिए कोवी-शिल्ड वैक्सीन की आपूर्ति की जा रही है और इसकी पहली खेप आज वीरवार सायं तक पहुंच जाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैक्सीन निःशुल्क लगाई जा रही है। वैक्सीन की दो खुराक 28 दिनों के अंतराल में संबंधित व्यक्ति को लगाई जाएगी और इसके 14 दिनों के उपरांत उसमें विषाणु (वायरस) के विरुद्ध प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो सकेगी। इस 42 दिन की अवधि के दौरान और उसके उपरांत भी वैक्सीन लगाने वाले व्यक्ति को निश्चित दूरी, मास्क एवं सैनिटाईजेशन जैसी सावधानियां अपनानी होंगी। टीका लगाने के उपरांत निश्चित अवधि तक लाभार्थी को निगरानी में रखा जाएगा और उसे अपने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी साझा करने के लिए हेल्पलाईन नंबर भी उपलब्ध करवाया जाएगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक डॉ. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी जितेंद्र सांजटा, आदेशक गृह रक्षक वाहिनी सुशील कौंडल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अर्चना सोनी, स्वास्थ्य अधीक्षक मेडिकल कॉलेज डॉ. आर.के. अग्निहोत्री, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय जगोता, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी विरेंद्र शर्मा, उप निदेशक (उच्च शिक्षा) दिलवरजीत चंद्र, कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद हमीरपुर किशोरी लाल सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।
उपायुक्त एवं जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) देवाश्वेता बनिक ने बुधवार को भोरंज का दौरा करके वहां पंचायतीराज संस्थाओं के आम चुनावों की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भोरंज के परिसर में मतपत्र तैयार करने की प्रक्रिया का जायजा लिया। उपायुक्त ने बीडीसी एवं जिला परिषद की मतपेटियों को रखने के लिए बनाए गए स्ट्रांग रूम और मतगणना हॉल का भी निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। इस अवसर पर एसडीएम राकेश शर्मा, खंड विकास अधिकारी और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
हमीरपुर। कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद नगर परिषद हमीरपुर के दो वार्डों के दो मकानों को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। एसडीएम डॉ. चिरंजी लाल चौहान ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं और ये आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं। आदेशों के अनुसार वार्ड नंबर एक हीरानगर और वार्ड नंबर 3 प्रतापनगर का एक-एक मकान कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।
हिमचाल में बर्ड फ्लू के बढ़ते कहर ने चिकन के व्यवसाय को बड़ा झटका दिया है। प्रदेश पहले से ही कोरोना संकट से जूझ रहा है और अब बर्ड फ्लू की दस्तक ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। बर्ड फ्लू के खौफ से हिमाचल प्रदेश में चिकन और अंडों की डिमांड तेजी से घट रही है। प्रदेश में चिकन की मांग में करीब 50 से 70 फीसदी कमी आई है। इस कारण चिकन के दामों में भरी गिरावट देखने को मिल रही है। उधर, दामों में भारी गिरावट के बावजूद लोग चिकन और अंडों का सेवन करने से फिलहाल परहेज कर रहे हैं। पोल्ट्री का कारोबार करने वाले व्यापारियों के व्यवसाय पर इसका असर साफ दिख रहा है। प्रदेश के शिमला, सोलन, मंडी व कांगड़ा जिलों में चिकन-अंडों की मांग में भरी गिरावट देखी गई। शिमला शहर में चिकन-अंडों की मांग 15 से 20 फीसदी तक घट गई है। मंडी जिले में बर्ड फ्लू की आशंका से अंडे, चिकन और मछली के कारोबार में 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। मांग कम हो गई है और दाम भी करीब 30 से 40 फीसदी तक गिर गए हैं। जबकि, कांगड़ा जिला में चिकन के दाम में 70 से 80 रुपये तक कम हुए हैं। मौजूदा समय में मुर्गे का मीट अब 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है। बावजूद इसके लोग चिकन खरीदने से परहेज कर रहे हैं। कई क्षेत्रों में थोक में मुर्गा 60 रुपये प्रति किलो के नीचे आ गया है। सोलन जिला में लोगों ने अंडे और चिकन की खरीद कम कर दी है। कारोबार 70 फीसदी कम हो गया है। चंबा व हमीरपुर में भी दो दिनों के भीतर ही चिकन और अंडे की मांग काफी कम हो गई है। वहीँ, इन सभी जिलों में पनीर, खोया और मटर की डिमांड बढ़ गई है।
तीन साल की नाकामी और कुप्रबंधन के बाद अब सरकार प्रशासनिक अम्ले को अपने पक्ष में वोट डलवाने के लिए सरकार तबादलों का खौफ दिखाने लगी है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने कही है। राणा ने कहा कि प्रदेशभर से मिली अधिकारियों को व कर्मचारियों की हजारों शिकायतों से यह खुलासा हुआ है कि सत्ता से जुड़े लोग पंचायती राज चुनावों में बीजेपी समर्थित उम्मीदवारों को वोट करवाने का भारी दबाव बनाने लगे हैं। ऐसे में निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर संकट खड़ा हो सकता है। राणा ने प्रदेश के तमाम चुनाव करवा रहे अधिकारियों व कर्मचारियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा है कि अधिकारी व कर्मचारी किसी भी दबाव में न आएं क्योंकि यह सरकार अब जाने वाली है और कांग्रेस सरकार आने वाली है। पंचायती चुनावों से पहले सरकार के जर्द चेहरे का दर्द बता रहा है कि अब यह सरकार टिकने वाली नहीं है। इस खौफ से सहमी सरकार अब सरकारी अम्ले पर दबाव बनाने लगी है। राणा ने जनता से अपील करते हुए कहा है कि बीजेपी सरकार के कुशासन और कुप्रबंधन ने जनता को बड़े आर्थिक संकट में धकेला है जिसका करारा जवाब देने का समय अब आया है। राणा ने कहा कि लोग न सरकार के दबाव में आएं न डरें बल्कि निष्पक्ष वोट का प्रयोग करके निकमे लोगों को सत्ता से बाहर करने में अपना योगदान दें क्योंकि निष्पक्ष मत प्रदेश को फिर से विकास की मुख्य धारा में लाएगा। आज सरहदों पर सेना नायक सरकार की जिद्द के कारण संकट में हैं क्योंकि वह सड़कों पर हाल-बेहाल हो रहे अपने किसान परिवारों की चिंता में गहरे तनाव में हैं। किसान सड़कों पर हाल-बेहाल हैं और जवान सरहदों पर परिवारों के लिए चिंतित होने के बावजूद अपनी शहादतें देने को मजबूर हैं लेकिन बेदर्द सरकार अपनी जिद्द पर रहती हुई देश को विचित्र संकट में धकेल रही है। सरकार की जिद्द से स्पष्ट हो गया है कि सरकार आम जनता के बजाए कार्पोरेटर के हितों के लिए सत्तासीन हुई है। राणा ने कहा कि बेशक हिमाचल में बड़े किसान नहीं हैं लेकिन सरकार की नीति और नीयत को देखते हुए यह स्पष्ट है कि अब किसानों के बाद प्रदेश के बागवानों पर सरकार की हठधर्मिता के कारण संकट आने वाला है। इन सब संकटों से बचने का एक ही मूलमंत्र है कि तानाशाहों की सरकार को मत से मात देकर बाहर का रास्ता दिखाएं।
आज सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने कहा की हिमाचल सरकार के कुशासन व कुप्रबंधन के कारण राजकोषीय घाटा 135 फीसदी जा पहुंचा है। स्टैटिकल डायरेक्टरेट जनरल की रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर माह में राजकीय कोषीय घाटा 10.75 लाख करोड़ रहा जबकि वित्त वर्ष 20-21 के लिए 7.96 करोड़ राजकोषीय घाटे का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कही है। उन्होंने कहा कि धड़ाम हुई अर्थव्यवस्था के बीच आम आदमी का जन जीवन और दुश्बार हुआ है। महामारी, बेरोजगारी व आर्थिक तंगी से बिलबला रही जनता सरकार के कुप्रबंधन के लिए उसे हर चौराहे पर कोस रही है। जहां बीते नवंबर में देश का राजकोषीय घाटा 10.75 लाख करोड़ रहा है वहीं शाह खर्ची के लिए शाहों की बीजेपी सरकार ने इसी अवधि में 10.6 लाख करोड़ सरकार का खर्चा बताया है। वहीं सितंबर 2020 माह की तिमाही में सरकार का वकाया बढ़कर 107.4 लाख करोड़ हो गया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अंत तक कुल वकाया 101.3 लाख करोड़ था जिससे समझा जा सकता है कि सरकार पर लगातार देनदारियों का दबाव बढ़ रहा है। राणा ने कहा कि बेशक कोरोना का रोना रो रही सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था की खराबी के लिए कोविड-19 का बहाना लगा रही है लेकिन हकीकत यह है कि समाज चिंता छोड़ शाह खर्ची व सत्ता पर काबिज रहने के लिए सत्ता का दुरूपयोग करते हुए सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था का अब तक का सबसे बड़ा नुकसान किया है क्योंकि सरकार को समाज से ज्यादा सत्ता की चिंता है जिसके चलते सत्ता स्वार्थ में समाज को दरकनार सरकार लगातार गलत फैसले लेती आ रही है। एक तरफ सरकार स्वयं कह रही है कि देश में 80 करोड़ के करीब लोग गरीब हैं और दूसरी ओर सरकार जनता को दी जाने वाली सुविधाओं को लगातार निगलने व कम करने में लगी है। करोड़ों लोगों की रसोई गैस की कीमत 100 रुपए बढ़ाकर सरकार ने 9 हजार करोड़ रुपए कुछ किसानों के खातों में डालकर किसान हितैषी होने की बात कर रही है जबकि किसान अपनी बात रखने के लिए सड़कों पर ठंड से ठिठुर रहे हैं। राणा ने कहा कि सरकार में चले लगातार भ्रष्टाचार के बीच बीजेपी के राज में जनता का राजनीति पर भरोसा निरंतर कम हुआ है जोकि लोकतंत्र के लिए घातक साबित हो सकता है।
हमीरपुर। कृषि कानूनों के विरोध में हाल-बेहाल देश का किसान सड़कों पर ठंड से ठिठुर रहा है, मर रहा है लेकिन सत्ता अहम में मगरूर सरकार चैन की नींद सो रही है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही है। उन्होंने कहा कि किसानों के मुद्दे पर अब बीजेपी सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक देश की अधिकांश आबादी मोर्चा खोल चुकी है। यही नहीं अब दुनिया की अधिकांश सरकारें भारत सरकार के बेदर्द रवैये को लेकर चिंतित हो रही हैं। देश का हर वर्ग किसानों की खराब होती हालत को लेकर संवेदनशीलता दिखाता हुआ किसानों के साथ आ खड़ा हुआ है लेकिन सत्ता घमंड में बेदर्द सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी हुई है। कृषि कानूनों को लेकर देश में फसल उगाने वाले बड़ा किसान वर्ग इस वक्त सबसे ज्यादा नाराज है। अब पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, महाराष्ट्र, बिहार के साथ अधिकांश राज्यों के किसान इस आंदोलन से जुड़ चुके हैं। अब दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति अमेरिका के 7 प्रभावशाली सांसदों ने अमेरिकी विदेश मंत्री माईक पोपियो को पत्र लिखा है, जिनमें भारतीय-अमेरिकी मूल की सांसद प्रोमिला जयसवाल भी शामिल है। इन अमेरिकी सांसदों ने पत्र लिखकर पोपियो से अपील की है कि वह किसानों के विरोध प्रदर्शन का मुद्दा भारत सरकार के सामने उठाए। जबकि देश में आम आदमी से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटी व अन्य शिक्षित वर्गों के लोग किसानों के इस आंदोलन को लेकर बेहद चिंतित हैं। इसके बावजूद बीजेपी सरकार किसानों की समस्या को लेकर बेदर्द बनी हुई है। राणा ने कहा कि यह तो वही बात हो गई कि देश जल रहा था और नीरो बंसी बजा रहा था। ऐसे ही केंद्र सरकार किसानों की समस्या से ज्यादा अपने हितों को साधते हुए सत्ता सुख में मशरूफ है। जबकि सरकार व अडानी-अंबानी के अंधभक्त कृषि बिलों को किसान का हितैषी बता रहे हैं। राणा ने चुटकी लेते हुए कहा कि देश भले ही सरकार की बात समझने में देरी कर चुका है, लेकिन सरकार ने तो पहले ही कह दिया था कि वह सिर्फ चौकीदार हैं। असली मालिक तो अडानी-अंबानी हैं और उन्हीं की पैरवी को लेकर सरकार किसानों को कुचलने की ज़िद पर अड़ी हुई है। राणा ने कहा कि सड़कों पर किसानों पर हो रहा जुल्म व कुर्बानियां बेकार नहीं जाएंगी। भले ही उसमें कुछ समय लगे लेकिन गरीब किसान को कुचलने पर अमादा हुई सरकार एक दिन औंधे मुंह जरुर गिरेगी। देश के कॉर्पोरेटरों की पैरवी करने वाली सरकार को एक न एक दिन इस सबका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। क्योंकि बेदर्द हाकिमों की हुकूमत ज्यादा देर नहीं चलती है।
कोविड -19 की रोकथाम हेतु मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की प्रदेशवासियों से अपील..
भारतीय दूतावासों के जरिए पीएम कोविड केयर फंड के लिए दान जुटाने के मामले में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने भाजपा व केंद्र सरकार को घेरा है। उन्होंने सवाल किया कि अब 56 इंच का सीना कहां है, जिसके रहते धन जुटाने के लिए चीन, कतर व पाकिस्तान के सामने सरकार को गिड़गिड़ाना पड़ रहा है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि भाजपा व केंद्र सरकार ने झूठ की सारी हदें पार कर दी है, लेकिन झूठी की दीवारें ध्वस्त होने लगी हैं। जनता को इमोशनली ब्लैकमेल कर पाकिस्तान व चीन के खिलाफ सरकार बातें तो बड़ी-बड़ी करती है तथा चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध लगा रही है, वहीं भारतीय दूतावासों को उन्हीं प्रतिबंधित ऐप से धन जुटाने को कहा जा रहा है, जोकि शर्म की बात है और देश की जनता से धोखा है। उन्होंने सवाल किया कि अगर पीएम केयर फंड चैरिटेबल ट्रस्ट है तो सरकारी एजैंसियों भारतीय दूतावासों ने पी.एम. केयर फंड के लिए प्रचार और दान क्यों प्राप्त किया। प्रतिबंधित चीनी ऐप्स पर फंड का विज्ञापन क्यों किया गया। अगर फंड आर.टी.आई. के भीतर लोक प्राधिकरण के दायरे में नहीं है तो दूतावासों ने पब्लिक डोमेन को छोड़कर क्लोज्ड चैनल से फंड के लिए विज्ञापन क्यों दिया। विदेशों से जुटाए धन का सी.ए.जी. या भारत सरकार द्वारा लेखा-जोखा क्यों नहीं किया गया है। सरकार द्वारा विदेशी योगदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम (एफ.सी.आर.ए.) के पूर्वावलोकन से इस ट्रस्ट के फंड को छूट क्यों दी गई है। ऐसा विशेष उपकार क्यों किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि पाकिस्तान, कतर व चीन सहित 27 विदेशी देशों से कितना फंड प्राप्त हुआ तथा किन विदेशी कंपनियों से धन मिला। उन्होंने कहा कि झूठ की सारी सीमाएं सरकार लांघ चुकी है। विदेशों से मिले फंड की जानकारी छिपाने के लिए इसे ट्रस्ट कहकर आर.टी.आई. के दायरे से बाहर किया, लेकिन दान जुटाने को भारतीय दूतावासों की ड्यूटी लगाई।एक तरफ पाकिस्तान व चीन से भारतीय सीमा पर घुसपैठ जारी है,हमारे जवान शहीद हो रहे है और दूसरी तरफ सरकार इन देशों से पीएम केयर में मदद की गुहार भी कर रही है।मोदी सरकार की कथनी और करनी में अंतर साफ दिखता है। आज इस विषय पर केंद्र सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।
नादौन के बसारल गांव के पास एक निजी बस बैक करते समय बस की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है जिससे क्षेत्र में शोक व्याप्त है। मिली जानकारी के अनुसार एक निजी बस न० एचपी-55 बी 5901 का चालक बसारल के पास बस का बैक कर रहा था कि बसारल के ही सलाम गांव का देश राज पुत्र कांशी राम बस की चपेट में आ गया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायला आवस्था में उसे उपचार के लिए नादौन अस्पताल लाया गया जहां उसने दम तोड़ दिया। खबर मिलते ही यातायात प्रभारी एएसआई नरेश कुमार टीम सहित मौका पर पहुँच गए। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। एएसपी विजय सकलानी ने बताया कि आरोपी बस चालक कमल किशोर के खिलाफ मामला दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
नादौन के भूंपल क्षेत्र में चोरों ने रात को तीन घरों के ताले तोडक़र लाखों के गहने व नकदी चोरी कर ली है जिससे क्षेत्र में दहशत का महौल है। मिली जानकारी के अनुसार चोरों ने बुधवार रात को भूंपल क्षेत्र के थुनियाल गांव के राजीव कुमार पुत्र रत्न चंद के घर के एक कमरे का ताला तोडक़र कमरे से करीब एक लाख चालीस हजार की नकदी, सोने की चेन, टॉक्स, झुमके व अंगूठी आदि चोरी कर लिए हैं। राजीव कुमार के अनुसार उनकी एक आरडी मैच्योर हुई थी जिसके पैसे मिले थे जो अभी घर में ही रखे थे। उन्होंने बताया कि परिजन साथ लगते कमरों में सोए थे और जिस कमरे से नकदी व गहने चोरी हुए हैं उस कमरे में कोई नहीं सोया था। उसी रात चोरों ने भूंपल क्षेत्र के ही गांव सुधियाल की माया देवी पत्नी महेन्द्र सिंह के नव निर्मित मकान के ताले तोड़ कर करीब 50 हजार की नकदी, सोने की चेन, टॉक्स, झुमके व अंगूठी आदि चोरी कर लिए हैं। तीसरा घटना भी सुधियाल गांव है। चोरों ने गांव की अनुराधा पत्नी पवन कुमार के नव निर्मित मकान के कमरे का ताला तोड़ कर कमरे से 6 हजार रूपये व चांदी के हार के सैट सहित अन्य सामान चोरी कर लिया है जिसका पता इन सभी को उस समय चला जब उन्होंने कमरों के ताले टूटे व दरवाजे खुले देखे। समाज सेवी सुनील शर्मा ने बताया इन चोरी की घटनाओं से लोगो दहशत में हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन तीनों चोरी की घटनाओं को किसी भेदी ने ही अंजाम दिया है जिसे पता था कि इन कमरों में रात को कोई नहीं सोया है। इन चोरी की घटनाओं की पुष्टि एएसपी विजय सकलानी ने बताया कि पुलिस ने चोरी की घटनाओं की खबर मिलते ही पुलिस टीम मौका पर भेज कर छानबीन शुरू कर दी है।
पुरे देश में आज किसानों के समर्थन में भारत बंद का एलान है। भारत बंद का असर कई राज्यों में देखने को मिल रहा है, लेकिन हिमाचल की बात की जाए तो प्रदेश में भारत बंद का कोई भी असर देखने को नहीं मिला। हालाकिं कुछ जगहों पर सीटू व किसान संगठनों ने किसान समर्थन में रैली निकाली। बाजार बंद की बात की जाए तो प्रदेश में कहीं भी दुकानों के शटर बंद नहीं दिखें। सोलन व शिमला की बात की जाए तो किसानों के समर्थन में रैलियां तो की गई, लेकिन बाजार में लोगों की भीड़ पहले की तरह ही देखने को मिली। बता दें की देश में सरकार दवरा पास किए गए किसान बिल के विरोध में दिल्ली में किसान पिछले 13 दिनों में विरोध कर रहे है। किसानों ने आज पुरे भारत को बंद करने की अपील की थी। बात की जाए पंजाब व हरियाणा की तो वहां पर भारत बंद का असर देखने को मिला। पंजाब हरियाणा में किसानों द्वारा कई जगहों पर चक्का जाम किया गया। हिमाचल प्रदेश में किसानों के समर्थन में कम लोग ही देखने को मिले। प्रदेश सरकार ने पहले ही इस भारत बंद को नकार दिया था। ठियोग, शिमला, सोलन व मंडी में प्रदर्शन .... हिमाचल के कुछ ज़िलों में भारत बंद के समर्थन में रैली व प्रदर्शन किया गया। ठियोग में कुछ संगठनों ने चक्का जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में ठियोग के विधायक राकेश सिंघा भी मौजूद रहे, इसके अलावा शिमला, सोलन व मंडी में किसान संगठन व कांग्रेस ने भारत बंद का समर्थन किया व रोष प्रदर्शन किया। प्रदेश में किसानों के समर्थन में कांग्रेस का भी साथ देखने को मिला।
सुजानपुर के ऐतिहासिक चौगान में एन.एस.यू.आई. इकाई द्वारा आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट का सोमवार को समापन हो गया। इस अवसर पर मुख्यातिथि के रूप में विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि नशे का सेवन केवल क्षणिक आनंद दे सकता है, लेकिन व्यायाम, ध्यान व खेलें न केवल शारीरिक रूप से बलिष्ठ बनाती है, बल्कि मन की एकाग्रता भी बनती है। उन्होंने कहा कि इनके अलावा जीवन में शिक्षा का अलग ही महत्व है। खेलकूद के साथ शिक्षा हमें मानवता सिखाती भी है और एक बेहतरीन इंसान भी बनाती है। ये जीवन का मूलमंत्र है। समापन सरोस कार्यक्रम से पहले फाइनल मैच डोली व आलमपुर टीम के बीच हुआ, जिसमें डोली की टीम ने 55 रनों से जीत हासिल की। विजेता डोली टीम को मुख्यातिथि विधायक राजेंद्र राणा ने अपने कर कमलों से 11,000 रूपए व उपविजेता आलमपुर की टीम को 71,00 रूपए इनामी के दिए। विधायक राजेंद्र राणा ने इस अवसर पर एन.एस.यू.आई. सुजानपुर इकाई को प्रोत्साहन राशि के रूप में 5,000 रूपए दिए। उन्होंने हौंसला अफजाई करते हुए कहा कि एन.एस.यू.आई. इकाई पहले भी सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेती आई है तथा उम्मीद है कि भविष्य में भी पूरे उत्साह के साथ सामाजिक सरोकारों की परिपाटी को चलाती रहेगी। समापन समारोह में सुजानपुर ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन ज्योति प्रकाश, राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश महासचिव व जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष लेखराज ठाकुर, सुजानपुर कांग्रेस से महासचिव अशोक राणा, महिला ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बीना धीमान, पार्षद महादेव, पार्षद मनोज ठाकुर, पार्षद दीप ज़िला कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरिंदर कुमार, कुमार, पार्षद अनिता कुमारी, पार्षद सुमन अटवाल, शहरी इकाई के पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष आशीष सोहना व अन्य लोग उपस्थित रहे।
प्रदेश में काफी दिनों से साफ़ चल रहे मौसम के बाद अब खबर आ रही है की आगामी 7 दिसंबर को मौसम का हाल बिगड़ सकता है। मौसम विभाग द्वारा जारी एक सप्ताह के पूर्वानुमान के मुताबिक आगामी 7 से 10 दिसंबर तक प्रदेश के अधिक ऊँचाई वाले इलाकों में बारिश और हिमपात होने की संभावना है। वहीं 7 और 8 दिसंबर को प्रदेश के माध्यम ऊँचाई वाले इलाकों में भी बारिश और बर्फ़बारी हो सकती है। इसके इलावा प्रदेश के मैदानी व कम ऊँचाई वाले इलाकों में भी 7 और 8 को बारिश की संभावना है। उधर, प्रदेश के सभी इलाकों में शीत लहर जारी है।
नगर परिषद हमीरपुर की मतदाता सूचियों पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय नगर निकाय की सूचियों में बाहरी मतदाताओं को शामिल करने की बात सामने आ रही है। पूर्व पार्षद अजय शर्मा ने इस संबंध में डीसी हमीरपुर को शिकायत पत्र सौंपा है। उन्होंने शिकायत पत्र के माध्यम से कहा कि नगर परिषद हमीरपुर के विभिन्न वार्डों में बाहरी क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया जा रहा है। मतदाता सूचियों में उनके नाम फोटो के बिना ही शामिल कर दिए गए हैं। पूर्व पार्षद अजय शर्मा का कहना है कि इस बारे में पहले भी कई बार प्रशासन और स्थानीय नगर निकाय को शिकायत सौंपी जा चुकी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। डीसी हमीरपुर को शिकायत सौंपी गई है, जिससे इस मामले में शीघ्र कार्रवाई हो सके। उनका कहना है कि शिकायत के बावजूद कार्रवाई न करना अपने आप में बड़ा सवाल है। आपको बता दें कि इससे पहले भी मतदाता सूचियों पर भावी प्रत्याशी और कई पूर्व पार्षद सवाल उठा चुके हैं। इन शिकायतों पर तहसीलदार हमीरपुर में सुनवाई भी की थी, लेकिन अधिकतर शिकायतकर्ता इस सुनवाई से संतुष्ट नजर नहीं आए थे। वहीं अब एक बार फिर जिला प्रशाशन के पास ये मामला पहुंचा है।
हिमाचल प्रदेश में लगातार कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। आज कोरोना से 3 और लोगों ने जान गवाईं है। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में 3 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया है। मृतकों में नग्गर कुल्लू का 73 वर्षीय बुजुर्ग, संधोल मंडी का एक 86 वर्षीय बुजुर्ग और झंडूता बिलासपुर की 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला शामिल है। इसके साथ ही प्रदेश में 642 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश में कुल 58 नए संक्रमित पाए गए हैं। इनमे बिलासपुर से 9 लोग, किन्नौर से 5, मंडी से 12 और शिमला से 32 लोग संक्रमित पाए गए हैं। प्रदेश में कोरोना से संक्रमितों की कुल संख्या 40576 हो गई है। फिलहाल प्रदेश में 7745 कुल एक्टिव केस हैं। साथ, 32145 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं।
हिमाचल प्रदेश में 12वीं पास बच्चों के लिए राहत भरी खबर आई है। उच्च शिक्षा निदेशालय ने कॉलेजों में दाखिले की तारीख को 5 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। 12वीं पास बच्चे जिन्हें कॉलेज में एडमिशन की चिंता सता रही थी उन को बड़ी राहत मिली है। कोरोना वायरस की वजह से जो बच्चे कॉलेजों में दाखिला नहीं ले पाए थे उन्हें शिक्षा निदेशालय ने एक और मौका दिया है। वहीँ स्कूल शिक्षा बोर्ड ने हाल ही में दसवीं कक्षा के परिणाम भी घोषित किए थे पर विद्यार्थियों को कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल रहा था। लेकिन अब तिथि बढ़ाए जाने के बाद विद्यार्थियों को बड़ी राहत मिली है। इससे कई विद्यार्थियों का 1 साल खराब होने से बच गया है।
हिमाचल प्रदेश के 2.50 लाख आयकर दाताओं को डिपो में एपीएल उपभोक्ताओं की तर्ज पर अगले महीने से सस्ता राशन मिलना शुरू हो जाएगा। हिमाचल सरकार की ओर से सब्सिडी पर मिलने वाला राशन अब उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध होगा। उपभोक्ताओं को आटा चावल 9 और 10 रुपए प्रति किलो और दालें, तेल, नमक और चीनी बाजार रेट से 4 से 5 रुपए तक सस्ती मिलेगी। सब्सिडी पर दी जाने वाली 3 दालें, 2 लीटर तेल मार्केट रेट या इससे कुछ कम रेट पर मिलेगा। बता दें सरकार ने कोरोना काल में करदाताओं को डिपो से सस्ते राशन देने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार के निर्देशों व कैबिनेट में फैसला होने के बाद करदाताओं के राशन कार्ड ब्लॉक कर दिए गए थे। खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता मंत्री राजेंद्र गर्ग ने बताया कि आयकर दाताओं को डिपो में सस्ता आटा चावल देने के लिए फाइनल स्वीकृति दे दी गई है। निगम को निर्देश दिए गए हैं कि वह जल्द राशन बहाल करें। दाल और तेल भी मार्केट रेट से कुछ सस्ता मिलेगा।
पूरे विश्व में सबसे खराब अर्थव्यवस्थाओं में दूसरे स्थान पर चल रहे भारत देश की दुर्दशा के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने सवाल किया है कि क्या ऐसे सुनहरे भारत की तस्वीर देश की जनता को दिखानी थी। क्या किसानों पर जुल्म करना व भारतीय सेना के जवानों को आर्थिक संकट में डालना अच्छे दिन हैं। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि जुलाई-सितम्बर की दूसरी तिमाही में भी देश की जीडीपी दर 7.50 प्रतिशत गिरी है। सरकार से देश की अर्थव्यवस्था संभल नहीं पा रही है। सरकार अपने मन की बात कह रही है और उसे जनता पर थोप भी रही है, लेकिन जिन वर्गों पर इन्हें आजमाया जा रहा है, उनसे कोई सुझाव नहीं लिया जा रहा है। बदले में एक तानाशाही रवैया अपनाते हुए जनता की मन की बात को दबाया जा रहा है। सरकार के अब तक के निर्णय रहस्यमयी व नाटकीय ही रहे हैं, जोकि आधी रात को लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की जनता में आक्रोश दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार को भी लपेटते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में भी उसी ढर्रे पर सरकार चल रही है। केंद्र के नक्शेकदम पर चलते हुए प्रदेश सरकार भी अब तक जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाई है। 3 साल केवल झूठे वायदों, जुमलेबाजी व आश्वासनों में ही बीते हैं। हर क्षेत्र में माफिया राज को सरंक्षण मिला है। प्रदेश सरकार के अपने लिए कानून अलग हैं और शेष वर्गों के लिए नियम बदल जाते हैं। उन्होंने कहा कि लाकडाऊन में सरकार ने सरकारी डिपुओं से गरीब लोगों को नि:शुल्क राशन मुहैया करवाने का निर्णय लिया था, जिसे अब बंद किया जा रहा है, लेकिन सरकार को समझना चाहिए कि बेशक लाकडाऊन नहीं है, लेकिन कोरोना महामारी के मामले प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं तथा गरीब लोगों की आर्थिकी में अभी सुधार नहीं हुआ है। ऐसे में सरकार ऐसे पात्र परिवारों का नि:शुल्क राशन बंद न करें, बल्कि इस घड़ी में राशन के अलावा स्वरोजगार व रोजगार के ऐसे संसाधन जुटाए, जिससे उनकी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी हो सकें।
अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर शहीद हुए सिरमौर के 23 वर्षीय लाल अंचित कुमार का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गांव धार पंजेहरा पहुंचा। शहीद का पार्थिव शरीर गांव में पहुँचते ही हज़ारों की संख्या में जनसैलाब उनके आखिरी दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। हर तरफ केवल "भारत माता की जय","अंचित शर्मा अमर रहे" के नारे ही सुनाई पड़ रहे थे। माँ-बाप का इकलौता लाल तिरंगे में लिपटा हुआ जब अपने घर पहुंचा तो उनकी परिवार वालों की आंसुओं से भरी आँखे उनके दर्द बयां कर रहीं थी। माँ और बहन के रो-रो कर बुरे हाल थे जबकि पिता की नम आँखे और उनका चौड़ा सीना उनके गर्व को दर्शा रहा था। दोपहर के समय अंचित शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिमसंस्कार किया गया।
हिमाचल प्रदेश के बिजली उपभोगताओं को हाई कोर्ट ने बड़ी राहत प्रदान की है। हिमाचल में अब बिजली के नये कनेक्शन पुरानी सिक्योरिटी राशि पर ही मिलेंगे। बता दें बिजली के मीटर लगाने के लिए उपभोगताओं से ली जाने वाली राशि कई गुना बढ़ा दी गई थी। पर अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य बिजली बोर्ड ने इस सिक्योरिटी राशि के आदेश स्थगित कर दिए हैं। एडवांस कंज्यूमर डिपॉजिट की नई दरें तय करने के लिए जल्द विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। आयोग द्वारा नई दरें तय करने तक प्रदेश में पुरानी सिक्योरिटी राशि पर ही नए बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे। शुक्रवार को बोर्ड प्रबंधन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सिक्योरिटी राशि की नई दरों पर स्टे दे दिया है। इससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिल गई है। बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक आरके शर्मा ने बताया कि सिक्योरिटी की नई दरें तय होने तक प्रदेश में पुरानी दरें लागू रहेंगी। बिजली बोर्ड ने घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक कनेक्शनों पर एडवांस कंज्यूमर डिपॉजिट में भारी बढ़ोतरी कर दी थी। प्रदेश भर में विरोध के बाद सरकार ने बढ़ाई दरें वापस लेने का एलान किया था। शुक्रवार को बोर्ड प्रबंधन ने नई दरों के आदेश को स्थगित करते हुए पुरानी सिक्योरिटी राशि के मुताबिक ही नया बिजली कनेक्शन देने का फैसला लिया है।
हमीरपुर। कोरोना काल के दौरान आर्थिक संकट से जूझ रही जनता की जेब पर डाका डालते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ौतरी की गई। केंद्र सरकार व तेल कंपनियों ने उस दौर में जनता को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह बात प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि पिछले साल कच्चे तेल की प्रति बैरल लागत 4100 से 4400 रूपए तक थी, जोकि कोरोना काल में 2000 रूपए प्रति बैरल तक पहुंच गई, लेकिन उस समय डीजल-पेट्रोल की कीमतें कम कर जनता को फायदा पहुंचाने की बजाय पेट्रोल पर 10 रूपए तथा डीजल पर 13 रूपए प्रति लीटर अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगा दी। अब भी कच्चे तेल की प्रति बैरल कीमत 3000 रूपए के करीब है, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई कटोती नहीं की गई है। सबका साथ-सबका विकास की बात करने वाली केंद्र सरकार कोरोनाकाल में जनता का हमदर्द बनने की बजाए पर्दे के पीछे से खलनायक की भूमिका निभाती रही। यही कारण रहा कि अप्रैल-मई में कच्चे तेल की कीमत में कमी के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने से सरकार व तेल कंपनियों ने इस साल सितम्बर माह तक ही 25 हजार करोड़ से ज्यादा कमाई की। तेल के दाम बढ़ने से मालभाड़ा में भी बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम आदमी को महंगाई से भी जूझना पड़ रहा है। विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि कोरोना काल में महामारी से खुद व परिवार को बचाए रखने के लिए आर्थिक संकट से जूझने के बावजूद लोगों में दोपहिया व चौपहिया वाहन खरीदने की होड़ मची हुई थी, लेकिन उस समय पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने की बजाय उनमें बढ़ौतरी कर सरकार ने पीठ में छुरा घोंपने का काम किया। आम आदमी को लूटने के सरकार नित नए-नए तरीके इजाद कर रही है तथा तानाशाह की तरह जनता पर निर्णय थोपे जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार को आम आदमी से कोई मतलब नहीं है। चुनावों के समय स्वयं सरकार ने महामारी से बचने की एडवाइजरी की अनुपालना नहीं की और अब मामले बढ़ने के बाद नींद से जाग रही है। यही हाल प्रदेश सरकार का है, जिसने अपनी रैलियों में नियमों की जमकर उल्लंघना कर जनता की जान सांसद में डाली और अब नियमों का सख्ती से पालन करने की बात कही जा रही है।
आज पूरे केंद्र के साथ प्रदेश की भी कई ट्रेड यूनियनें राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं। आज देश भर में केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ करोड़ों लोग गरजेंगे। इस हड़ताल का असर प्रदेश में भी दिख रहा है। राजधानी शिमला समेत प्रदेश के सभी जिलों में कुछ प्राइवेट बस यूनियनें हड़ताल पर हैं। इस कारण लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में दिक्कतें आ रही हैं। लोग घंटो से बसों का इंतज़ार कर रहे हैं। अगर बात की जाए राजधानी शिमला की तो शिमला में आज बसों से भरा लक्कड़ बाजार बस स्टैंड खाली नज़र आया। हालांकि वहां इक्का दुक्का सरकारी बसें नज़र आईं पर केवल 50% ऑक्यूपेंसी होने के कारण कई यात्रियों को अगली बस के लिए लम्बा इंतज़ार करना पड़ रहा है। वहीँ सीमेंट प्लांट में कार्यरत ट्रक ऑपरेटर यूनियनें भी इस हड़ताल का हिस्सा बन सकती हैं। इससे सीमेंट ढुलाई प्रभावित होगी। साथ ही कुछ टैक्सी ऑपरेटर्स भी हड़ताल पर रहेंगे। ये संगठन हड़ताल पर... हिमाचल में मजदूर संगठन सीटू, इंटक, एटक, केंद्रीय कर्मचारी समन्वय समिति, पोस्टल कर्मचारी यूनियन, नॉर्थ जोन इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया ऑडिट एंड अकाउंट्स पेंशनर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन, प्रदेश प्राइवेट बस ड्राइवर कंडक्टर यूनियन, हिमाचल किसान सभा, जनवादी महिला समिति, डीवाईएफआई, एसएफआई, दलित शोषण मुक्ति मंच हड़ताल करेंगे।
हमीरपुर, 22 नवम्बर : सी.यू. विवाद को लेकर भाजपा में मचे आपसी घमासान को लेकर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने चुटकी ली है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रवास पर आए भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी पानी डालने का काम कर रहे हैं, जबकि बखूबी जानते हैं कि वे भी भुक्तभोगी रहे हैं। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि यह अंतर्कलह है और कुछ नहीं, जिसका बवाल थमने वाला नहीं है। कुछ लोगों को सी.एम. की कुर्सी छिन जाने का दर्द अब तक सता रहा है, जिसकारण सत्ता चले जाने से उठा तूफान उफान पर है। विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि जगत प्रकाश नड्डा स्वयं इन्हीं कुछ लोगों की कार्यशैली से द्रवित होकर दिल्ली गए थे। अब दर्द भी बयां कर दिया कि धैर्य बनाए रखें, लेकिन खेद है कि सत्ता दूर होती देख भाजपा के कुछ लोग अधीर होकर रह गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के मुद्दे ने राजनीतिक फिजाओं में ठंडक भर दी है। भाजपा हाईकमान का चाबुक चलने के बाद अब अनुराग ठाकुर के सुर बदल गए हैं। यह वही अनुराग हैं, जिन्होंने माननीय सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा देकर माफी मांगी थी। राजेंद्र राणा ने कहा कि पहले बेमतलब कोसने के बाद माफी मांगने की अदा केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री को ही भाती है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सी.यू. विवाद में घसीटकर बखेड़ा खड़ा कर दिया और अब अपनी गलती होने पर सरकार की पीठ भी थपथपा रहे हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि नड्डा ने दो-चार शब्द कहकर जिस तरह अपना दुख जाहिर किया है, उससे सब साफ हो गया है कि प्रदेश में मंत्री पद छोड़कर नड्डा केंद्र की राजनीति में क्यों गए थे। जलील करने की राजनीति किस कद्र भाजपा की नस-नस में फैली है, वो जसवां-परागपुर की जनता ने देख लिया है। उन्होंने कहा कि इशारों-इशारों में नड्डा ने हाल-ए-दिल बयां कर दिया कि घबराएं नहीं, उनके साथ भी ऐसा ही हुआ था। ऐसा कहकर उन्होंने अपनी पीड़ा भी जाहिर की है।
सुजानपुर। बुधवार को सुजानपुर ब्लाक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की बैठक ब्लाक अध्यक्ष कैप्टन ज्योति प्रकाश की अध्यक्षता में पटलांदर में आयोजित की गई, जिसमें पी.सी.सी. की ओर से नियुक्त सुजानपुर प्रभारी संजीव कालिया व डी.सी.सी. की ओर से आर.सी. डोगरा, जुगल किशोर, शहंशाह आदि ने विशेष रूप से भाग लिया। बैठक में पंचायती राज चुनावों के लिए कमर कसते हुए रणनीति बनाने के साथ कमेटियों का गठन किया गया तथा निर्णय लिया गया कि पंचायत चुनावों में ही वर्तमान प्रदेश सरकार को सबक सिखाकर आगामी विधानसभा चुनावों की पटकथा लिखी जाएगी। इस अवसर पर विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि वर्तमान में देश बुरे आर्थिक दौर से गुजर रहा है। राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में सत्तासीन केंद्र सरकार ने देश को पिछड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ी त्रासदी क्या हो सकती है कि देश की सीमाओं की दिन-रात चौकसी करने वाले हमारे जवानों की पैंशन घटाने की तैयारी हो रही है, जिसके विरोध में पूर्व सैनिक केंद्र सरकार के खिलाफ 28 नवम्बर को सुजानपुर में विरोध-प्रदर्शन कर शंखनाद कर रहे हैं। यह विरोध-प्रदर्शन सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हर वर्ग केंद्र व प्रदेश सरकार की नीतियों से परेशान हो चुका है। अपनी जनविरोधी नीतियों से आने वाली पीढ़ियों का भविष्य भी सरकार बिगाड़ने पर आ तुली है, जोकि कांग्रेस हरगिज होने नहीं देगी। उन्होंने कहा कि जनता ही सरकार चुनती है, लेकिन जब सरकार दमनकारी नीतियों को अपनाना शुरू कर दें तो ऐसी स्थिति में एक ही रास्ता बचता है कि ऐसी सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि अब जनता ने भी सरकार को जड़ से उखाड़ने का मन बना लिया है।
हमीरपुर। चंबा जिला में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा कोरोना व कांग्रेस से मुक्ति वाली टिप्पणी पर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने पलटवार करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार को इतनी ही फ़िक्र है तो जनता को उन जनहित से जुड़े मुद्दों से मुक्ति दिलाए, जिनसे जनता परेशान व हताश हैं। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि सत्तासीन पार्टी द्वारा देश को कांग्रेस मुक्त करने का सपना कभी पूरा नहीं होगा। अगर सही मायने में मुक्ति दिलानी है तो सरकार द्वेष भावना से काम करना छोड़ दे। चुनावों में सरकार ई.वी.एम का सहारा लेना छोड़ दे, ताकि भाजपा को सच का आइना दिखे। उन्होंने कहा कि जिन देशों ने ई.वी.एम. से चुनाव करवाना शुरू किए थे, उन देशों ने भी ई.वी.एम. हैकिंग के मामलों के बाद पुरानी पद्धति बैलेट पेपर से चुनाव करवाने में ही बेहतरीन समझी है। इसलिए लोकतंत्र पर जनता का विश्वास कायम रखने के लिए सरकार ई.वी.एम. का सहारा छोड़कर पुरानी पद्धति अपनाए तो जमीन पर अपनी हैसियत का पता भी चल जाएगा। उन्होंने कहा कि जनसभाओं में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले मुख्यमंत्री कांग्रेस की फिक्र करने की बजाय महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार से समाज को मुक्त करवाएं। बिगड़ी अर्थव्यवस्था से चौपट हुए व्यापार को पटरी पर लाएं। सड़कों की हालत ठीक करवाकर व अस्त-व्यस्त तथा चरमराए सरकारी सिस्टम को ही चुस्त-दुरुस्त कर दें तो इससे ही जनता सरकार को दुआएं देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं को सपने में भी कांग्रेस ही दिखती है तथा दिन-रात यही सोचते हैं कि कांग्रेस से कैसे छुटकारा मिले, ताकि अपनी मनमानी कर जनता को परेशान कर सकें, लेकिन ऐसा हरगिज नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है, जोकि आजादी से पहले और बाद में भी अब तक जनता के सुख-दुख की साथी है, जबकि भाजपा उन फसली बटेरों की तरह है जोकि सत्ता में आने के बाद जन विरोधी फैसले लेकर जनता को निराश करती है और फसल बटोरकर चलती बनती है। विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि भाजपा में वर्तमान में राष्ट्रीय स्तर पर वन मैन शो चल रहा है तथा बाकि केवल कठपुतलियां बनकर रह गए हैं, जिन्हें सही व ग़लत से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सलाह दी कि कांग्रेस मुक्त प्रदेश के सपने देखने की बजाय अपनी पार्टी में धधक रहे ज्वालामुखी को शांत करवाएं।
त्योहारी सीजन के चलते हिमाचल सरकार ने पथ परिवहन निगम की 14 अतिरिक्त बसें चलाने का फैसला लिया है। ये बसें 11 से 13 नवंबर तक चलेंगी। प्रदेश में शिमला, धर्मशाला, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, मंडी समेत अन्य मुख्य डिपुओं से दिल्ली के लिए बसें भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं। दिवाली आने वाली है, ऐसे में बहरी प्रदेशों से वपस आने वाले लोग व प्रवासी लोग अपने घरों का रुख करते हैं, ताकि वह अपने घरों में दिवाली मना सके। इसके चलते प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त 14 बसें चलने का निर्णय लिया है। जानकरी के अनुसार परिवहन निगम जहां 40 व इससे अधिक सवारियां होंगी, वहां स्पेशल बसें भेजेगा। सवारियां फोन पर भी अतिरिक्त बसों के लिए आवेदन कर सकेंगी। दिवाली वाले दिन निगम साधारण बसें चलाएगा। ये दिल्ली, चंडीगढ़, शिमला, मनाली, धर्मशाला, हमीरपुर, बैजनाथ और बद्दी से अलग-अलग रूटों पर चलेंगी।
सुजानपुर। नारी उत्थान के लिए कांग्रेस सरकार वचनबद्ध रही ही है। यही कारण है कि ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के उत्थान के लिए प्रत्येक पंचायत में पंचायत घर बनाए गए हैं। यह बात सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने ग्राम पंचायत खनोली के महेश कवाल गांव में 4 लाख रूपए की लागत से निर्मित महिला मंडल भवन के शुभारंभ अवसर पर कही। इससे पहले विधायक राजेंद्र राणा का ग्रामीणों ने वहां पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया तथा महिला मंडल भवन के अन्य कार्यों के लिए अतिरिक्त धन की डिमांड भी रखी, जिस पर विधायक राजेंद्र राणा ने महिला मंडल भवन लोकार्पण करने के बाद 1 लाख रूपए अतिरिक्त कार्यों को करवाने के लिए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के समय भी सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के महिला मंडलों को दर्जनों बार सम्मानित किया गया है तथा वर्तमान में भी महिला मंडलों को सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्रों को विकास की दृष्टि से सुदृढ़ बनाने का सपना पूर्व कांग्रेस सरकारों ने बुना था, यही कारण है कि विधायक बनने के बाद उन्होंने सबसे ज्यादा राशि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए जारी की है। जब भी उनके विधानसभा क्षेत्र की जनता ने उनसे किसी चीज की डिमांड की तो उसको पूरा करने का पूरा प्रयास उन्होंने किया है और भविष्य में भी किया जाएगा।
हमीरपुर। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि केंद्र सरकार के पहले कार्यकाल के बाद अब दूसरे कार्यकाल में भी देश में हाहाकार मची हुई है। हर क्षेत्र में झमेले ही बढ़े हैं तथा देश को डुबोकर आर्थिक कंगाली के मोड़ पर छोड़ दिया है। जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि बेरोजगारी हटाने, महंगाई घटाने व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने जैसे मुद्दों को लेकर दूसरे कार्यकाल लेकर आई सरकार हर जगह बुरी तरह पिट गई है। हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने के बजाय बेरोजगारों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं तथा बैंक कंगाल हो चुके हैं तथा इन्हें लूटने वाले विदेश भाग गए हैं। सरकार की नाक तले ऐसा संभव तभी हो सकता है, जब सरकार की शह हो। कोरोना काल में लोग बेरोजगार हुए हैं और काम-धंधे चौपट हो चुके हैं, लेकिन सरकार ने हर चीज के दाम बढ़ाकर जनता पर दोहरी मार मारी है। उन्होंने कहा कि जनता के अच्छे दिनों की सौगात यही है जो किश्तों में जनता को दिए जा रहे हैं। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि अब सरकार ने सैनिकों के बलिदान को भुलाकर लाखों-करोड़ों सैनिकों व उनके परिजनों पर पैंशन कटोती का मसौदा तैयार कर इस वर्ग से भी धोखा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अपनी नीतियों से देश को आर्थिक पराधीनता की ओर धकेल दिया है। वो दिन दूर नहीं लग रहे, जब केंद्र सरकार की ग़लत नीतियों के चलते देश की जनता विदेशियों की गुलाम होगी। उन्होंने कहा कि आजादी के 73 साल पर देश की जनता खुद को वर्तमान सरकार के हाथों सुरक्षित नहीं मान रही हैं। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में अहम रोल निभाने के बाद कांग्रेस ने देश को तरक्की की राह पर लाकर खुशहाली लाई, लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था चौपट कर देश को उस चौराहे पर छोड़ दिया है, जहां से आजादी के समय देश चला था। उन्होंने कहा कि काठ की हांडी हर बार नहीं चढ़ती तथा देश की जनता केंद्र सरकार के जुमलों को भली-भांति समझ चुकी है और अब अगले लोकसभा चुनावों का इंतजार कर रही है।
हमीरपुर। लगातार रोज-रोज तरह-तरह के शुल्क व फीसें बढ़ाकर बीजेपी सरकार जनता को लगातार महंगाई का जहर देकर जान निकालने पर आमादा हो चुकी है। लग रहा है कि सरकार ने जनता पर अतिरिक्त बोझ लादने का एक सूत्रीय कार्यक्रम तय कर लिया है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि ताजा फरमान में अब प्रदेश सरकार ने हिमाचल में नई-पुरानी गाडिय़ों की खरीद को और महंगा कर दिया है। प्रदेश में अब व्हीकल रजिस्ट्रेशन फीस जो 2.50 से 4 फीसदी होती थी, उसे अचानक बढ़ाकर 15 फीसदी तक कर दिया है। जिसका असर हर गाड़ी के खरीददार पर अलग तरह से होगा। राणा ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में जहां सरकार अभी तक भी कोविड-19 काल में रुकी परिवहन व्यवस्था को बहाल नहीं कर पा रही है और जनता को मजबूरन नई-पुरानी गाडिय़ां खरीदकर काम पर व कार्यालयों के लिए आना-जाना पड़ रहा है जिसके लिए लोग जैसे-कैसे नए-पुराने वाहन खरीदकर अपने काम पर जाने के लिए महंगा सफर करने के लिए मजबूर हैं क्योंकि सरकार अभी पूरी तरह से सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बहाल नहीं कर पाई है। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी इक्का-दुक्का बसें पहुंच पा रही हैं। ऐसे में सरकार ने गाडिय़ों की रजिस्ट्रेशन फीस को 15 फीसदी तक बढ़ाकर महंगाई का नया तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि यही नहीं पुरानी गाडिय़ों की खरीद व इक्यूपमेंट गाडिय़ों पर भी अब इस बढ़ोतरी से ज्यादा टैक्स की मार पड़ेगी। राज्य सरकार ने गाडिय़ों की रजिस्ट्रेशन फीस को तीन गुना बढ़ाकर अब जनता की आफत और बढ़ाई है। ऐसे में जैसे-कैसे जुगाड़ करके नई-पुरानी गाड़ी खरीदने वालों के लिए अब गाड़ी खरीदना आसान न होगा। पुरानी हो चुकी गाडिय़ों की 15 साल बाद की रजिस्ट्रेशन फीस में भी बदलाव किया गया है। पुरानी गाड़ी बेशक अब कबाड़ के भाव में बिके लेकिन सरकार उस गाड़ी पर 1 लाख रुपए की रजिस्टे्रशन फीस वसुलेगी क्योंकि अब सरकार ने पुरानी गाडिय़ों की न्यूनतम कीमत को 1 से 4 लाख रुपए तक निर्धारित किया है। राणा ने कहा कि समझ में यह नहीं आ रहा है कि सरकार अब हर तरह से आम जनता की जेबों पर डाका डालने के नए-नए पैंतरे किसर कारण से अपना रही है? उधर अक्तूबर माह में आए बेरोजगारी के आंकड़े बताते हैं कि अक्तूबर माह में बेरोजगारी और बढ़ गई है। सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकॉनमी की रपट बता रही है कि बीते अक्तूबर माह में बेरोजगारी की दर बढ़कर 6.98 फीसदी पर पहुंच गई है। राणा ने कहा कि सरकार की मनमानी का यही रवैया रहा तो देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रही महंगाई व बेरोजगारी के कारण अराजकता का माहौल बढ़ेगा जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से डबल इंजन की सरकार पर होगी। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में बढ़ रही आर्थिक तंगी ने समाज में डिप्रेशन के मरीजों में भारी इजाफा किया है। आर्थिक समस्याओं से जूझ रही जनता भविष्य को लेकर गहरे अवसाद में है। करोड़ों की संख्या में लोगों की नौकरियां छिन चुकी हैं। उद्योग, धंधे व छोटे कारोबार चौपट हो चुके हैं। जनता को भविष्य के प्रति नकारात्मक अशांकाओं ने घेर रखा है। आसमान छूती महंगाई के इस युग ने आम आदमी का जीवन यापन मुश्किल में है। जनता की बचत जमा पूंजी राशि खर्च हो चुकी है। पारिवारिक जरूरतें पूर्ण करने के लिए व बैंकों के कर्जे की किश्तें चुकाने, भोजन, चिकित्सा, शिक्षा आदि मूलभूत जरूरतों के लिए पैसों की दिक्कत लगातार लोगों को गहरे अवसाद में धकेल रही है। जिस कारण से मानसिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन सरकार के रवैये को देखते हुए लग रहा है कि सरकार को जनता से ज्यादा सत्ता व अपने साधन की चिंता ज्यादा है।
एक सियासी साजिश के तहत केंद्र राज्यों को लगातार कमजोर कर रहा है। देश के लोकतंत्र में यह पहली बार हुआ है कि बिजनेस टायकून की तर्ज पर मार्केट के आधार पर शुरू हुई बीजेपी की सियासत में केंद्र राज्यों को लगातार कमजोर करने के हथकंडे अपना रहा है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि राज्यों को पंगु बनाने में केंद्र की इस सियासी साजिश में सबसे खराब हाल कांग्रेस शासित राज्यों का है। जबकि बीजेपी शासित राज्य भी केंद्र की इस सियासी साजिश में लगातार पिस रहे हैं। राणा ने बताया कि जीएसटी टैक्स के रूप में केंद्र को हर रोज हजारों करोड़ रुपया जाता है, लेकिन जब राज्यों को जीएसटी की हिस्सेदारी देने की बात आती है तो केंद्र कांग्रेस शासित राज्यों से ऐसे व्यवहार करता है जैसे कांग्रेस शासित राज्य कोई भिखमंगे हों व केंद्र नादिरशाह हो। राणा ने कहा कि राजस्व के विभाज्य पूल में अब केंद्र के प्रस्तावित कदम के तहत राज्य की हिस्सेदारी घटाई जा रही है। यह कदम राज्यों को गरीब व गुलाम बनाने जैसा साबित होगा। केंद्र राज्य के संसाधनों को लगातार हड़प रहा है। जिसके चलते संघीय ढांचा पूरी तरह समाप्त होने की कगार पर है। राणा ने कहा कि केंद्र की यह साजिशें व राज्यों के प्रति दुर्भाव की यह सियासत लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है क्योंकि केंद्र अब राज्यों से हिटलर शाही सियासत जैसा व्यवहार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस हकीकत से इस वक्त कांग्रेस ही नहीं एनडीए के सहयोगी भी परेशान हैं व आक्रोश से भरे हुए हैं। आजाद हिंदोस्तान के इतिहास में जब संघीय ढांचे की संरचना की गई होगी तब किसी ने यह कल्पना भी नहीं की होगी कि एक दिन केंद्र ही राज्य को कमजोर करने व संघीय ढांचे को खत्म करने की सियासी साजिशें रचेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की सियासी दुर्भावना के चलते राज्यों पर लगातार कर्जा बढ़ रहा है क्योंकि अब देश में अधिकांश राज्यों को कर्जा लेकर ही गुजर बसर करना पड़ रहा है, जबकि राज्य पहले ही कर्जे के पहाड़ के नीचे दबे हुए हैं। ऐसे में केंद्र राज्यों को मदद करने की बजाय कमजोर करने की सियासी साजिशें रच रहा है जो कि लोकतंत्र के लिए घातक है।
आज सीएम जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हिमाचल कैबिनेट की बैठक की जाएगी। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कैबिनेट स्कूल पूरी तरह खोलने और कॉलेज के फर्स्ट और सेकेंड ईयर के विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षाओं में प्रमोट करने को लेकर भी फैसला कर सकता है। इसके अलावा उपभोक्ताओं को घर-द्वार पर सस्ता राशन मुहैया कराने के लिए 50 राशनकार्डों पर भी डिपो खोलने और प्याज की आसमान छूतीं कीमतों पर मंथन किया जाएगा। सरकार ने उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि वे प्याज के भाव पर नजर रखें। प्रतिदिन प्याज के दाम सरकार को भेजने के लिए कहा गया है। सरकार डिपो में भी आलू और प्याज बेचने पर विचार कर रही है। हालांकि, पूर्व में भी प्याज के दाम बढ़ने से सरकार ने डिपो में प्याज भेजा था, लेकिन सप्ताह बाद दाम गिरने से यह प्याज डिपो में ही खराब हो गया था। दसवीं और बारहवीं की बोर्ड कक्षाओं के लिए नवंबर से नियमित कक्षाएं शुरू हो सकती हैं। शिक्षा विभाग ने दो विकल्पों सहित इस बारे में सरकार को प्रस्ताव भेजा है। पहले विकल्प के तहत दसवीं और बारहवीं, दूसरे विकल्प के तहत नौवीं से बारहवीं तक की कक्षाओं को खोलने की योजना है। पहली से आठवीं तक की कक्षाओं को शुरू करने को लेकर अभी सरकार का कोई विचार नहीं है।
सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मंत्रालय मंत्री भारत सरकार अनुराग ठाकुर पर चुटकी लेते हुए कहा है कि 3 वर्ष बीतने पर घोषणा हुई है निर्माण कार्य शुरू करवाने में कितना समय लगेगा यह बात भी सार्वजनिक करें। विधायक राजेंद्र राणा ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के उस बयान पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सुजानपुर में खोखे बनने चाहिए यह बात सुनकर खुशी हुई लेकिन यह बनेंगे कब इस बात को बताना भी वह अपनी जिम्मेदारी समझें। उन्होंने कहा कि पूर्व में जब कांग्रेस सरकार थी उस समय उन्होंने खोखे बनाने के लिए तमाम औपचारिकताएं जो महत्वपूर्ण थी जिसमें सबसे महत्वपूर्ण कार्य भूमि स्थानांतरण था उसको उन्होंने खुद करवाया था लेकिन सत्ता पलटने के बाद भाजपा ने 3 साल में सुजानपुर में क्या विकास कार्य किए हैं इस बात का बखान भी वित्त राज्य मंत्री को करना चाहिए था लेकिन बड़े अफसोस की बात है कि केवल मात्र कांग्रेस को कोसने का कार्य सांसद महोदय करते हैं। लेकिन आज 3 वर्ष बीत जाने के बाद उन्हें फिर से इन खोखो को बनाने की याद आई है तो हम उनकी इस बात का स्वागत करते हैं लेकिन निर्माण कार्य कब शुरू होगा इस बात का भी पता लग जाना चाहिए। उन्होंने अनुराग ठाकुर के सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब पूरा प्रदेश और सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र कोविड-19 वैश्विक महामारी से तड़प रहा था लेकिन तब सांसद दिल्ली में बैठे हुए थे तब उन्हें इस क्षेत्र की याद नहीं आई। तब उन्होंने यहां की जनता की सुध बुध लेना मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को कोसने के बजाय अगर वित्त राज्य मंत्री बेहतरीन कार्य करने में विश्वास रखें तो लोगों को फायदा होगा प्रदेश की जनता को फायदा होगा लेकिन 3 वर्ष बीत जाने के बावजूद जो भाजपा सरकार बजट जारी होने के बावजूद टाउन हॉल का निर्माण कार्य शुरू नहीं करवा पाई। वह अब किस बजट को जारी कर के खोखे बनाने का वायदा कर रही है। केवल झूठी बातें सांसद चुनावी बेला पर करते आए हैं। अब एक बार फिर से उन्होंने झूठ का पुलिंदा सबके सामने रखा है लेकिन खोखे बनाने के लिए उन्होंने किस हैंड से बजट जारी करवाया है इस बात को भी सार्वजनिक करे। हर चीज का श्रेय लेना सांसद की पुरानी आदत है लेकिन सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता हर चीज को बखूबी जानती है कि कौन सी चीज कहां से आई है और कौन सी चीज को यहां पर लाने में किसका योगदान है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार के ढाई साल पूरा होने के बाद से बहुप्रतीक्षित प्रशासनिक फेरबदल सोमवार देर रात हो गया। कार्मिक विभाग ने सात जिलों के डीसी समेत कुल 21 आईएएस अधिकारियों के तबादला आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें चंबा जिले के उपायुक्त, राजधानी शिमला, ऊना, किन्नौर, बिलासपुर, लाहौल स्पीति और हमीरपुर जिले के डीसी बदल दिए गए। सदस्य सचिव राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदित्य नेगी को डीसी शिमला लगाया गया है। इसके अलावा विवेक भाटिया को हटाकर विशेष सचिव राजस्व एवं निदेशक पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीकी दुनी चंद राणा को डीसी चंबा, विशेष सचिव ऊर्जा हेमराज बैरवा को डीसी किन्नौर, एमडी पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम राघव शर्मा को डीसी ऊना, एमडी एचपीएमसी देबश्वेता बनिक को डीसी हमीरपुर, निदेशक टीसीपी रोहित जम्वाल को डीसी बिलासपुर और नगर आयुक्त शिमला पंकज राय को डीसी लाहौल-स्पीति लगा दिया है। वहीं, डीसी शिमला रहे अमित कश्यप को श्रम आयुक्त के साथ-साथ एमडी सामान्य उद्योग निगम का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। इसी तरह डीसी ऊना रहे संदीप कुुमार को बिजली बोर्ड के निदेशक कार्मिक, डीसी किन्नौर गोपाल चंद को विशेष सचिव ऊर्जा, डीसी हमीरपुर हरिकेश मीणा को निदेशक ऊर्जा, डीसी बिलासपुर राजेश्वर गोयल को एमडी एचपीएमसी के साथ-साथ प्रोजेक्ट डायरेक्टर बागवानी विकास सोसायटी शिमला, प्रबंध निदेशक एग्रो इंडस्ट्रियल पैकेजिंग इंडिया लिमिटेड और एग्रो इंडस्टरीज कॉरपोरेशन का भी अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।
सात महीनों के लम्बे इंतज़ार के बाद सोमवार को प्रदेश भर में 10 वीं और 12 वीं के बच्चे स्कूल पहुंचे। शिक्षा विभाग द्वारा जारी एसओपी के मुताबिक स्कूल आ रहे बच्चों के लिए तमाम सावधानियां बरती जा रही हैं। छात्रों को थर्मल स्क्रीनिंग व सैनिटाइज करने के बाद ही स्कूलों में एंट्री मिल रही है। अभिभावकों के सहमति पत्र के साथ स्कूल आने वाले छात्रों को शिक्षक कक्षाओं में नियमित रूप से पढ़ाएंगे। कोरोना वायरस के चलते बोर्ड कक्षाओं के विद्यार्थियों की पढ़ाई और प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार ने शिक्षकों से गाइडेंस लेने स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को कक्षाओं में बिठाकर पढ़ाने का फैसला लिया है। वहीं जारी गाइडलाइन्स के मुताबिक शिक्षक छात्रों पर स्कूल आने का दबाव नहीं डाल सकते। विद्यार्थियों की अटेंडेंस नहीं लगेगी। केंद्र की एसओपी का सख्ती से पालन किया जाएगा। अभिभावक बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं तो उनके लिए ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रहेंगी।
महंगाई व महामारी से जूझ रही त्रस्त जनता को सरकार ने फिर से तगड़ा झटका दिया है। इस बार आउटस्टैंडिंग रिकवरी के नाम पर बिजली के बिल बढ़ाकर प्रदेश के नागरिकों के लिए नई परेशानी पैदा की गई है। महंगाई व महामारी में पिस चुकी जनता का अब रोज किसी न किसी बहाने सरकार कचूमर निकालने पर आमादा हो गई है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि पूरे प्रदेश भर से उन्हें यह शिकायतें मिली हैं कि जिनका बिजली का बिल 1000 रुपए खपत के हिसाब से बनता है, उनको आउटस्टैंडिंग के नाम पर 2 हजार रुपए और जोड़कर तीन-तीन हजार रुपए बिल थमाया जा रहा है। ऐसे ही अगर किसी व्यवसासी का बिल 10 हजार रुपए बनता है तो उसे 20 हजार रुपए आउटस्टैंडिंग रिकवरी देनी होगी। कमोवेश लूट की यह स्थिति समूचे प्रदेश में एक जैसी है। जहां कोरोना के कारण बेरोजगारी से त्रस्त जनता महंगाई से जैसे-कैसे जूझने में लगी है। इस पर सरकार किसी न किसी बहाने अब नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ डालकर वसूली में लगी हुई है। राणा ने कहा कि सरकार बिजली के बिलों पर स्थिति स्पष्ट करे। क्योंकि यह पहला मौका नहीं है जब बिजली के बिल एक बार फिर बढ़े हैं। इससे पहले बिजली की दरें बढ़ाई गईं। उसके बाद सरचार्ज व सर्विस चार्ज के नाम पर वसूल की गई। अब आउटस्टैंडिंग रिकवरी के नाम पर वसूली की जा रही है। राणा ने कहा कि उन्हें लोगों ने बताया कि उनकी कोई भी आउटस्टैंडिंग नहीं बनती थी। बावजूद इसके बिजली विभाग ने उनके बिल में आउटस्टैंडिंग दिखाई है।
हिमाचल प्रदेश में आए दिन कोरोना के मामलों में इज़ाफ़ा हो रहा है। आलम ये है की अब हिमाचल सरकार भी इस से अछूती नहीं रही है। बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार कोरोना संक्रमित पाए गए है। परमार के अलावा प्रदेश भर में 234 नए मामले आए। इन मामलो में शिमला से 46, कुल्लू से 34, मंडी से 31, सिरमौर से 27, बिलासपुर से 23, सोलन से 22, काँगड़ा से 17, हमीरपुर से 16, चम्बा 9, लाहौल 5 और ऊना में 4 केस सामने आए हैं। वहीं नेरचौक में उपचारधीन दो लोगों की मौत भी हुई है। बुधवार को परमार की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनसे पहले मुख्यमंत्री, बंजार के विधायक और शहरी विकास मंत्री भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। बंजार के विधायक सुरेंदर शौरी के साथ सरकार के नुमाइंदों में कोरोना संक्रमितों के आने का सिलसिला शुरू हो गया। विधायक के प्राथमिक संपर्क में आए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पहले पॉजिटिव पाए गए और फिर कृषि मंत्री रामलाल मारकंडा की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। हालाँकि अब उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। मुख्यमंत्री से पहले शहरी विकास मंत्री सुरेश भरद्वाज भी परिवार समेत कोरोना की चपेट में आए थे। वहीं, उनसे पहले बिजली मंत्री सुखराम चौधरी, जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर भी कोरोना संक्रमित हुए थे। हिमाचल प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल मामले 18008 पहुंच गए हैं। वहीं, अब तक सूबे में 250 लोगो की कोरोना से मौत हो चुकी है। हालांकि, बीते कुछ दिन से सूबे में कोरोना के मामलों में गिरावट देखी गई है। अब 200 से नीचे केस रिपोर्ट हो रहे हैं, जबकि इससे पहले 300 से 400 लोग संक्रमित प्रतिदिन आ रहे थे।
कोरोना कल के बिच महीनो से बंद पड़ी अंतर्राज्यीय बस सेवा आखिरकार बुधवार को बहाल कर दी गई। 25 रूटों पर शुरू हुई बसों में पहले ही दिन से यात्रियों का जमावड़ा देखने को मिला। पेहले ही दिन बसों में 70 से 100 फीसदी ऑक्यूपेंसी रही। यात्रियों के is रिस्पांस को देखते हुए HRTC ने 35 और नए रुटों पर बस सेवा बहाल करने का फैसला लिया है। साथ ही इंटरस्टेट बस सेवा के लिए आज से यात्रियों को ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी मिलेगी। बुधवार को ऑनलाइन पोर्टल न खोलने की वजह से यात्रियों को काफी परेशानी हुई थी।
बॉलीवुड सुपरस्टार गोविंदा की पत्नी सुनीता आहूजा मंगलवार सुबह मां चिंतपूर्णी के दरबार में शीश नवाने पहुंची हैं। उन्होंने आज माता के दर्शन किए और अपने परिवार के कुशलक्षेम के लिए मन्नत मांगी। सुनीता आहूजा ने बताया कि वह माता चिंतपूर्णी के दरबार में लंबे समय से आना चाह रही थी लेकिन देश भर में चल रहे लॉकडाउन के चलते वे यहां नहीं पहुंच पाई। अब जैसे जैसे परिस्थितियों सामान्य हो रही हैं वैसे ही उन्होंने मां चिंतपूर्णी के दरबार पहुंच शीश नवाया है। मंदिर के पुजारियों ने सुनीता आहूजा से मंदिर में पूजा अर्चना करवाई। वहीं उन्हें माता की चुनरी और चित्र भेंट कर सम्मानित भी किया गया। बता दें गोविंदा का परिवार पहले भी कई बार माता के दर्शन करने आ चूका है।
आज से हिमाचल प्रदेश के सभी स्कूलों में 100 फीसदी शिक्षक व गैर शिक्षक लौट आएं हैं। सरकार द्वारा 12 अक्टूबर से सभी स्कूलों में नई व्यवस्था लागु कर दी है। वहीं स्कूलों को स्कूल आने वाले विद्यार्थियों की संख्या और कमरों के हिसाब से माइक्रो प्लान बना कर 17 अक्टूबर तक शिक्षा उपनिदेशकों को भेजने को खा गया है। साथ ही 15 से 17 अक्टूबर तक ई-पीटीएम कर अभिवावकों के साथ भी संवाद स्थापित करने कोख गया है। हालांकि विद्यार्थियों के स्कूलों में नियमित तौर पर बुलाने के फैसले का अभी इंतज़ार रहेगा। केंद्र सरकार द्वारा 15 अक्तूबर के बाद शिक्षण संस्थान खोलने का फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा गया है। हिमाचल में इसको लेकर कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया जाना था पर BJP के विधायक के पॉजिटिव आने के मुख्यमंत्री क्वारंटाइन हो गए। कारणवश कैबिनेट की बैठक स्थगित करनी पड़ी। ऐसे में शिक्षा विभाग अपने स्तर पर फैसला लेते हुए अब स्कूलों को छात्रों के लिए खोलने से फ़िलहाल इनकार किया है। केंद्र की एसओपी को लागू करते हुए शिक्षा विभाग ने फिलहाल सोमवार से सौ फीसदी शिक्षकों और गैर शिक्षकों को बुलाने का फैसला लिया है। 12 से 16 अक्तूबर तक विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोलने का माइक्रो प्लान बनाया जाएगा।
एनआईटी हमीरपुर में डायरेक्टर विनोद यादवा के विरुद्ध अब एनआईटी प्रशासन एफआईआर दर्ज करवाए। क्योंकि उनकी बर्खास्तगी के बाद अब यह साबित हो गया है कि विनोद यादवा एनआईटी में कथित भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि अब जब केंद्रीय जांच समीति यह साबित कर चुकी है कि एनआईटी हमीरपुर के डायरेक्टर विनोद यादवा इस कथित भर्ती घोटाले के दोषी साबित हो चुके हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर करने में देरी क्यों की जा रही है। राणा ने कहा कि एनआईटी के डायरेक्टर विनोद यादवा की कारगुजारी के चलते एनआईटी में 100 के करीब भर्ती किए गए लोगों से करोड़ों के लेनदेन के भी आरोप लगे हैं। जिसकी जांच होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि अगर सच में ही बीजेपी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करती है तो अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय व एनआईटी प्रशासन को आरोपी डायरेक्टर के खिलाफ अपराधिक गतिविधियों के आरोप में एफआईआर दर्ज होनी जरुरी है। राणा ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा गठित समीति की रिपोर्ट में उन्हें दोषी पाया गया है। जिस कारण से उनकी सेवाओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया गया है। राणा ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों की गंभीरता का पता इस बात से साफ चलता है कि केंद्रीय मंत्रालय ने उन्हें नोटिस देने तक का जोखिम नहीं उठाया है और उनकी सेवाओं को समाप्त करते हुए उन्हें तीन महीने की बेसिक पगार थमाकर चलता किया है। राणा ने कहा कि वह इस भ्रष्टाचार के बड़े मामले की शिकायत लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल के साथ बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन चंद्रशेखर को लगातार करते रहे हैं, जबकि इस मामले की शिकायत उन्होंने सबूतों के साथ हिमाचल प्रदेश सीबीआई के एसपी को भी की है। उन्होंने कहा कि मैथ व कंप्यूटर साईंस के साथ अन्य कई विभागों में सैकड़ों लोगों की भर्तियां कथित आरोपों के लेनदेन के बीच नेपोटिज्म के आधार पर हुई हैं। जिनकी अब जांच होनी स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि आरोपी डायरेक्टर की इस कारगुजारी के चलते एनआईटी हमीरपुर की रैंकिंग गिर कर 98वें रैंक पर जा पहुंची थी। इन सब मामलों की जांच के लिए एफआईआर होनी जरुरी है, ताकि जिन लोगों के साथ इस बेखौफ धांधली के चलते अन्याय हुआ है, उन्हें न्याय मिल सके।
आज प्रदेश में कोरोना से दो मौते हो गई हैं। बता दें नेरचौक मेडिकल कॉलेज में बिलासपुर के एक व्यक्ति और एक कुल्लू के व्यक्ति की मृत्यु हो गई हैं। बिलासपुर निवासी मृतक 58 वर्ष का था और कई अन्य गंभीर बीमारियों से भी ग्रसित था। कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से देर रात उसने दम तोड़ दिया। वहीं कुल्लू निवासी मृतक ने शुक्रवार सुबह दम तोडा। वह 55 वर्षीय थे व कुल्लू के भुंतर से ताल्लुक रखते थे।
सुप्रीम कोर्ट ने 2630 एसएमसी शिक्षकों को राहत पहुंचाई है। बता दें SC ने हिमाचल हाईकोर्ट के एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी के माध्यम से हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाले शिक्षक संघ अध्यक्ष मनोज रोंगटा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी गई है। मनोज रोंगटा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर का SC में प्रदेश सरकार की ओर से एसएलपी दायर करने और शिक्षकों के हित में खड़े होने के लिए आभार जताया है। बता दें की हिमाचल प्रदेश HC ने बीते महीने 2630 एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द करने का फैसला सुनाते हुए इनकी जगह छह माह में नियमित शिक्षकों की भर्ती करने का फैसला दिया था। ये एसएमसी शिक्षक प्रदेश के दूर दराज क्षेत्रों में काफी वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए अस्थाई तौर पर इनकी तैनाती की थी। एसएमसी शिक्षकों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को लेकर मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही थी। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए शिक्षकों के साथ प्रदेश सरकार ने भी एसएलपी दायर की थी।
कोरोना पॉजिटिव विधायक के समपर्क में आने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया था। मुख्यमंत्री के तीन दिन क्वारंटाइन होने के कारण 9 अक्तूबर को प्रस्तावित कैबिनेट की मीटिंग टल गई है। मिली जानकारी के अनुसार 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। बता दें सीएम तीन दिनों के लिए स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं, ऐसे में अब कैबिनेट की बैठक ताल दी गई है। इस बार की कैबिनेट बैठक को अहम मन जा रहा था। इस बार इंटरस्टेट बसों के चलने और स्कूल खोलने जैसे मुद्दों पर फैसले होने वाले थे।