उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा व पंजाब के विधानसभा चुनावों में पार्टी करेगी हैरतंगेज प्रर्दशन मनाेज कुमार। कांगड़ा 26 नवंबर 2022 को अपनी स्थापना के दस साल पूरे करने जा रही अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी दिल्ली के बाहर दूसरे राज्यों में अपनी सक्रियता और जनता जनार्दन की स्वीकार्यता के चलते अखिल भारतीय स्वरूप प्राप्त करने की ओर अग्रसर है। उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड व पंजाब के विधानसभा चुनावों में पार्टी की दमदार भूमिका 10 मार्च को घोषित होने वाले परिणामों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती नजर आएगी। 2012 में अस्तित्व में आई आम आदमी पार्टी लगातार तीन चुनाव दिल्ली में जीतने के बाद 2017 के पंजाब असेंबली चुनाव में 10 साल से सत्ता में बैठी देश की सबसे पुरानी पार्टी शिरोमणी अकाली दल को पराजित कर मुख्य विपक्षी पार्टी बनी। 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के बाबजूद पार्टी को पंजाब में चार सीटें मिली। कांगड़ा से जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता कल्याण भंडारी ने कहा कि मोदी और अमित शाह के गढ़ माने-जाने वाले गुजरात के नगर निगम चुनावों में डायमंड और टेक्सटाइल शहर सूरत में आम आदमी पार्टी देश की 126 वर्ष पुरानी कांग्रेस पार्टी को शून्य पर धकेल कर 26 लाख वोटों के साथ 27 सीट जीत कर मुख्य विपक्षी पार्टी बनी। राजकोट और गांधीनगर में पार्टी ने क्रमश: 17 और 21 फ़ीसदी मत प्राप्त कर अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई। महाराष्ट्र में भी पार्टी प्रभावी रूप से सक्रिय भूमिका की बदौलत दस्तक दे चुकी है। उत्तर प्रदेश में सम्पन्न जिला पंचायत चुनावों 40 लाख वोटों के साथ दर्जनों स्थान प्राप्त कर चुकी है। हिमाचल प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं ने चार लाख से ज़्यादा लोगों का ऑक्सीजन लेवल चैक कर कोविड महामारी से लड़ाई लड़ लोगों का भरोसा जीता है। वहीं, पर प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीतियों का जमकर विरोध प्रदर्शन किया और जयराम की निष्ठुर सरकार से लाठियां खाईं। केजरीवाल सरकार के दिल्ली में किए गए कार्यों को पार्टी ने कैलेंडर के माध्यम से "दिल्ली मॉडल" को घर घर पहुंचाया, जिसके फलस्वरूप जनता आम आदमी पार्टी को सूबे में एक सशक्त विकल्प के तौर पर देख रही है। भंडारी के अनुसार पार्टी अब "पैन इंडिया" स्वरूप अख्तियार कर चुकी है और 10 मार्च को विधानसभा चुनावों के हरतंगेज नतीजे सामने आने वाले हैं। आम आदमी पार्टी शीघ्र ही प्रदेश में "हिमाचल में भी केजरीवाल" मुहिम शुरू करने जा रही है। राज्य की दोनो पार्टियों के कद्दावर नेताओं द्वारा पार्टी से संपर्क साधा जा रहा है, जिसकी झलक मार्च के बाद दिखने लगेगी।
काजल ने गांव के दस महिला मंडलों को दस-दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दी मनाेज कुमार। कांगड़ा विधायक पवन काजल ने कहा कि घटा- चौंधा, वाया महाशा बस्ती तक विधायक प्राथमिकता योजना के आधार पर लगभग दो करोड़ रुपए की लागत से सड़क का निर्माण पूरा करवा कर ग्रामीणों को राहत पहुंचाई गई है। शीघ्र ही चौंधा से कुल्थी तक सड़क का निर्माण करवा कर ग्रामीणों को नेशनल हाईवे से जोड़ दिया जाएगा। विधायक काजल वीरवार को "आपका विधायक आपके घर द्वार" जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत ग्राम पंचायत धमेड़ में बोल रहे थे। काजल ने कहा तकीपुर में राजकीय डिग्री कॉलेज, दौलतपुर में राजकीय आईटीआई का निर्माण होने से स्थानीय युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए अब धर्मशाला, कांगड़ा जाने से निजात मिली है। दौलतपुर-हार जलाड़ी के लिए निर्माणाधीन पेयजल योजना में ग्राम पंचायत धमेड़ को भी शामिल किया गया है। काजल ने कहा मौजूदा डबल इंजन भाजपा सरकार प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार देने और महिलाओं को लगातार बढ़ रही महंगाई से निजात दिलाने में पूर्णता विफल रही है। राशन की सरकारी डिपो में घटिया राशन मुहैया करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जिला कांगड़ा का शीतकालीन प्रवास बंद करके कांगड़ा व चंबा जिला की जनता से अन्याय किया है। उन्होंने कहा शीतकालीन प्रवास से संसदीय क्षेत्र के हर विधानसभा क्षेत्र में विकास की नई योजनाओं को तरजीह मिलती रही है। इसके बंद होने से विकास पर ग्रहण लगा है। जाहिर है कि प्रदेश सरकार जिला कांगड़ा व चंबा के विकास की कितनी हितैषी है। जिसका खामियाजा भाजपा को आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. राजा वीरभद्र सिंह ने कांगड़ा के बेरोजगारों को रोजगार के लिए गग्गल में 12 करोड़ रुपए की लागत से आईटी पार्क को मंजूर किया है, लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार चार वर्ष के कार्यकाल में आईटी पार्क के निर्माण में एक भी नई ईंट लगाने से हाथ खींच रही है, जो क्षेत्र के बेरोजगारों से अन्याय है। काजल ने गांव के दस महिला मंडलों को दस-दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दी। इस मौके पर पूर्व प्रधान मदन लाल, नवल किशोर उप प्रधान, त्रिलोक चन्द, राम चन्द, वीर सिंह राणा, किशोरी लाल, हेम राज, प्रकाश चन्द, विक्रम सिंह, सूबेदार स्वरुप चंद, गुरदेव सिंह, संजोगिता प्रधान महिला मंडल, कमलेश प्रधान महिला मंडल, रक्षा देवी प्रधान महिला मंडल, गायत्री देवी प्रधान महिला मंडल, सुमना देवी प्रधान महिला मंडल, सुमन लता, कलपना, चन्द्र कला, सुनीता देवी व प्रोमिला देवी भी उपस्थित रही।
फर्स्ट वर्डिक्ट। सोलन नेहरू युवा केंद्र सोलन द्वारा आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में जिला स्तरीय युवा सांसद कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप ने मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष रत्न पाल सिंह, मंडल अध्यक्ष डीके उपाध्याय, एडीसी सोलन इकबाल प्रभा, नेहरू युवा केंद्र की डिप्टी डायरेक्टर, एसडीएम अर्की शहजाद, गोविंद शर्मा व आशा परिहार उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सुरेश कश्यप ने नेहरू युवा केंद्र के सदस्यों को उनकी उपलब्धियों पर पुरुस्कार भी वितरित किए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा की केंद्र सरकार ने अपने आम बजट में स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें पहाड़ी प्रदेशों की चिंता है। पर्वतमाला योजन के अंतर्गत केंद्र सरकार ने बजट में भारी प्रावधान किया, जिससे प्रदेश में रोप-वे और सड़क का अधिक से अधिक निर्माण हो सकेगा। पूरे देश में 25000 किलोमीटर हाई-वे बनने हैं, जिसका प्रावधान बजट में कर दिया गया है, इससे देश को बड़ा लाभ होगा। हिमाचल में नई टनल के निर्माण से जानत को बड़ा फायदा होगा, सरकार ने हर घर योजना के अंतर्गत घर घर नल लगाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर बनाने की ओर अग्रसर है, अब भारत अन्य देशों पर निर्भर ना होकर खुद की ताकत पर आगे बड़ रहा है। रक्षा उत्पादन आज देश में बनाए जाएंगे यह एतिहासिक है, आज से पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा की स्किल इंडिया के मध्यम से हमारे युवाओं को रोजगार के अनगिनत अफसर मिल रहे हैं और यही नहीं स्वावलंबन योजना के माध्यम से भारत का युवा रोजगार देने वाला भी बन रहा है। उन्होंने कहा की देश में युवाओं का बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है, जिस देश का युवा सशक्त होता है वो देश भी सशक्त होता है, आज सांसद में 15 प्रतिशत युवा देश का नेतृत्व कर रहा है।
बैजनाथ। नरेंद्र विकास कार्यों के लिए पिछड़ा बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र बैजनाथ ब्लॉक युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रविंद्र राव ने प्रेस वार्ता में कहा की प्रदेश सरकार का पिछले चार वर्षों का कार्यकाल बिलकुल निराशाजनक रहा है। राव ने कहा की बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक मुलखराज प्रेमी अपने चार वर्षों के कार्यकाल में कोई बड़ी योजना बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र में स्थापित करने में नाकाम रहे हैं। राव ने कहा की मौजूदा समय में पूरे क्षेत्र में सड़कों की हालत दयनीय बनी हुई है। राव ने कहा की आए दिन आमजनमानस को पानी, बिजली, स्वास्थ जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं के लिए मुशिकलों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ छोटा भंगाल क्षेत्र में उप तहसील में नायब तहसीलदार, फ़ील्ड कॉन्गो की पोस्ट रिक्त चल रही है, जिस बजह से सातों पंचायतों के ग्रामीणों को अपने दस्तावेजों या अन्य कार्यों के लिए वंचित रहना पड़ रहा है। राव ने कहा की इसके साथ जो घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने छोटा भंगाल में जनसभा को संबोधित करते हुए कही थी की इस दूर-दराज के क्षेत्र की जनता के लिए विकास खंड कार्ययालय खोला जाएगा, परंतु आज दिन तक इस विषय पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, इसके साथ छोटा भंगाल महाविद्यालय में स्टाफ़ की कमी व भवन निर्माण कार्य पर अभी तक एक रुपए का कार्य नहीं किया गया। इसके साथ राव ने कहा की पिछले चार वर्षों में लोक निर्माण विभाग, नगर पंचायत, जल शक्ति विभाग में भाजपा विधायक मुलख राज प्रेमी द्वारा सिर्फ अपने चहेतों ठेकेदारों को लाभ देने का कार्य किया है। राव ने कहा की बैजनाथ पपरोला की इतनी बड़ी आबादी के लिए सत्यापित नगर पंचायत की मौजूदा समय में हालत दयनीय बनी हुई है।
राजेश कतनौरिय। जवाली जवाली भाजपा अपना संतुलन खो बैठी है तथा उनको कार्यकर्ताओं का ही पता नहीं चल रहा है। यह बात ब्लॉक कांग्रेस जवाली के अध्यक्ष चैन सिंह व राजीव गांधी पंचायती राज प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मनमोहन सिंह ने आज जवाली में आयोजित प्रेसवार्ता में कही। चैन सिंह व मनमोहन सिंह ने कहा कि हाल ही में भाजपा के कुछेक कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि जो लोग कांग्रेस में शामिल हुए हैं, वो भाजपा के प्राइमरी मेंबर तक नहीं हैं, लेकिन उनको इस बात का पता ही नहीं है कि उक्त ज्वाइन करने वाले लोगों की भाजपा द्वारा सदस्यता पर्ची काटी गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा पदाधिकारियों ने कहा था कि अगर कांग्रेस में शामिल हुए लोग अपनी भाजपा की सदस्यता पर्ची दिखा देंगे, तो हम अपने पदों से इस्तीफा दे देंगे, तो अब उनको पर्ची भी दिखा दी है तथा अब बताएं कि कब अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। चैन सिंह व मनमोहन सिंह ने कहा कि भाजपा के जो लोग चौधरी चंद्र कुमार व नीरज भारती से विकास के बारे में पूछ रहे हैं, उनको पता होना चाहिए कि जिस विश्राम गृह में बैठकर वो प्रेसवार्ता कर रहे थे, वो कांग्रेस की देन है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विकास नहीं अपितु विनाश करवाया है। उन्होंने कहा कि विधायक अर्जुन सिंह ने चार साल तक कांग्रेस कार्यकाल में करवाए गए। विकास कार्यों का लोकार्पण किया है, जबकि अपनी कोई भी बड़ी उपलब्धि नहीं है। चैन सिंह व मनमोहन सिंह ने कहा कि नीरज भारती विकास के मुद्दे पर बहस को तैयार हैं तथा भाजपा बताए कि कहां पर बहस करनी है। उन्होंने कहा कि इस बहस में मात्र नीरज भारती व विधायक अर्जुन सिंह ही मंच पर रहेंगे, जबकि अन्य किसी भी कार्यकर्ता को मंच पर नहीं जाने दिया जाएगा। इस मौके पर कुलवंत सिंह, शिवदेव सिंह, युकां महासचिव शशि चौधरी व एडवोकेट अमित चौधरी इत्यादि मौजूद रहे।
पंकज सिंगटा। फर्स्ट वर्डिक्ट शहरी विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज भाजपा के वरिष्ठ नेता है और उन चंद नेताओं में शामिल है जिन्हें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का करीबी माना जाता है। विधानसभा चुनाव से पहले शिमला नगर निगम के चुनाव होने है जिन्हें सत्ता का सेमिफाइनल कहा जा रहा है। भारद्वाज शिमला शहरी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक है और ऐसे में जाहिर है शिमला नगर निगम का चुनाव उनके लिए निजी तौर पर बहुत महत्वपूर्ण रहने वाला है। इसके साथ ही इन दिनों प्रदेश में नए जिलों की मांग जोरों पर है और कहीं न कहीं सरकार में शामिल कई नेताओं का भी इस ओर एक सकारात्मक रवैया रहा है। ऐसे ही कई मसलों पर फर्स्ट वर्डिक्ट ने सुरेश भारद्वाज से खास चर्चा की। भारद्वाज ने हर मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी। वहीं कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह के साथ उनकी सियासी नोक झोंक के प्रश्न पर उन्हें अपने ही चिर परिचित अंदाज में अपनी बात रखी। पेश है इस बातचीत के मुख्य अंश .... सवाल : विधानसभा चुनाव से पहले शिमला नगर निगम चुनाव होने है। आप शिमला शहर से विधायक है और कहीं न कहीं निजी तौर पर भी आपके लिए यह चुनाव महत्वपूर्ण रहने वाला है। उपचुनाव में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। किस तरह से शिमला नगर निगम चुनाव को लेकर तैयारियां है ? उत्तर : हिंदुस्तान में चुनाव आते रहते है। 2017 से भी हम अगर देखे तो हमने पहले नगर निगम का चुनाव लड़ा। उसके बाद हमने विधानसभा का चुनाव लड़ा, 2019 में लोकसभा के चुनाव हुए, उसके बाद 2019 में ही उन सीटों पर चुनाव हुए जो खाली हुई थी। इसके बाद 2021 में पंचायती राज संस्थाओं और नगर निगम के चुनाव हुए। फिर उपचुनाव हुए। कुछ ही समय में अब शिमला नगर निगम का चुनाव है और उसके साथ ही विधानसभा का चुनाव आएगा। आजकल भी कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे है और हमारे बहुत सारे कार्यकर्त्ता उसमें व्यस्त है। कुल मिलाकर चुनाव एक सतत प्रक्रिया है और इसमें हार जीत चलती रहती है, तो इसमें कोई बहुत बड़ा मसला नहीं है। शिमला नगर निगम ने इस बार बहुत अच्छे काम किये है और मैं समझता हूँ कि उसके आधार पर भाजपा वहां पर विजय हासिल करेगी। सवाल :क्या इस बार भी नगर निगम के चुनाव पार्टी चिन्हों पर करवाए जायेंगे ? उत्तर : पहले नगर निगम चुनाव बिना पार्टी सिंबल के होते थे लेकिन पिछले नगर निगम के चुनाव पार्टी सिंबल पर हुए है। अब इस पर सरकार में विचार किया जाएगा कि ये पार्टी सिंबल पर हो या इन्हें फ्री सिंबल कर दिया जाये। अभी इस पर चर्चा नहीं हुई है। इस पर मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल से चर्चा की जाएगी और उसके बाद तय किया जाएगा। सवाल : शिमला नगर निगम में कुछ नए वार्डों बनाये गए है और कांग्रेस इसे लेकर विरोध भी जता रही है। क्या कहेंगे ? उत्तर : डीलिमिटेशन एक क़ानूनी प्रक्रिया है और जनसंख्या के अनुसार वार्ड बनते है। कांग्रेस के समय में 2017 में डीलिमिटेशन की गयी लेकिन वो एक तरफ़ा की गयी और इर्रेशनल थी। प्रशासन ने प्रयास किया है कि जो बहुत बड़े वार्ड है उनको दूसरों के बराबर किया जाए और जो छोटे वार्ड है उनकी जनसंख्या इधर उधर से डाल कर बड़ा किया जाए। ये सब प्रशासन ने किया है और उनका निर्णय है। सच कहूं तो अभी तक डीलिमिटेशन में क्या किया है वो मैंने विस्तार पूर्वक नहीं देखा है क्यूंकि जिस दिन इसका नोटिफिकेशन आया था मैं उस दिन से टूर पर हूँ। डीलिमिटेशन की प्रोसेस में अभी ओब्जेक्शन्स का टाइम है। यदि किसी को उसमे आपत्ति हो और वह आपत्ति दर्ज़ कर सकता है और प्रशासन उसे ठीक करेगा। सवाल : कांगड़ा के अंदर नए जिलों को बनाने की मांग जोरों पर उठ रही है और भाजपा का भी एक सकारात्मक रवैया इसकी ओर दिख रहा है। बीते दिनों तो एक फेक न्यूज़ भी वायरल हुई थी कि नए जिले बना दिए गए है। तो क्या नए जिले बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी ? उत्तर : मैं मानता हूँ कि प्रशासनिक दृष्टि से जो छोटी इकाइयां है वो विकास कार्यों में लाभकारी रहती है। जयराम ठाकुर की सरकार में हमने बहुत स्थानों पर उपमंडल बनाये है। जिन्हें कांग्रेस की सरकारें अनदेखा करती थी, उन स्थानों पर हमने नए उपमंडल बनाए है। इसी तरह कई स्थानों पर तहसील यूनिट बनाए गए है। जिलों को लेकर भी विचार जब होगा, मन्त्रिमण्डल के समुख आएगा तो हम अपनी राय उसमे देंगे, लेकिन ये मुख्यमंत्री के ऊपर निर्भर करता है कि उनके आंकलन में जिला बनाना उपयोगी है या नहीं है। जब वह विषय को मन्त्रिमण्डल में लाएंगे तो हम सब विचार करेंगे पर अभी तक सीधे तौर पर यह विषय चर्चा के लिए नहीं आया है। फेक न्यूज़ मैंने भी देखी है, उसमे तो जिले बना दिए गए है, अब किसने बनाए है यह मुझे मालूम नहीं है। सवाल : 2022 विधानसभा के चुनाव बहुत नज़दीक है और भाजपा मिशन रिपीट को लेकर बात कर रही है और कांग्रेस कह रही है कि वो 2022 में सत्ता में फिर वापसी करेगी। विधानसभा चुनाव को किस तरह से देखते है? उत्तर : देखिये अगर आप हिंदुस्तान की बात करे तो आज कांग्रेस बिलकुल हाशिये पर है और आपको कांग्रेस मुक्त भारत बनता दिखाई दे रहा होगा। जो अभी 5 राज्यों के चुनाव भी हो रहे है उसमें उत्तर प्रदेश जैसा बहुत बड़ा राज्य है, वहां पर कांग्रेस कभी थी, अब तो उसकी गिनती ही नहीं होती है। तो कांग्रेस का जो भविष्य है वो बहुत सुखद नहीं है। केवल मात्र एक माता है, एक बेटी है, एक बेटा है उसके इर्दगिर्द सारी कांग्रेस चलती है। हिमाचल प्रदेश में भी यदि देखा जाए तो इनके पास न कोई पॉलिसी है ना कोई विज़न है और न कोई लीडरशिप है। तो ऐसे में कांग्रेस का भविष्य बहुत ज्यादा नहीं है। हम आंकलन केवल एकाध चुनाव के जीतने हारने पर करेंगे तो उससे पूरी विधानसभा के चुनाव के रुख का अंदाज़ा नहीं लगा सकते है। इस बार जयराम ठाकुर की सरकार ने गरीब हितेषी सरकार बन कर दिखाया है। भारतीय जनता पार्टी की सरकार इस बार रिपीट करेगी और हिमाचल प्रदेश में इतिहास बनेगा, कांग्रेस कहीं देखने को नहीं मिलेगी। सवाल : आप वरिष्ठ नेता है और मुख्यमंत्री के करीबी भी माने जाते है। प्रदेश भर में पुरानी पेंशन का मुद्दा गूंज रहा है जिसको लेकर कर्मचारी संघर्षरत है। इन दिनों डॉक्टर्स भी हड़ताल कर रहे है, और भी कई कर्मचारी मसले है। आपको नहीं लगता कि विधानसभा चुनाव में इसका असर पड़ सकता है ? उत्तर : जो ऑर्गेनाइज़्ड सेक्टर होता है, जो सरकार से वेतनमान प्राप्त करता है उनमे अपने वेतन विसंगतियों को लेकर इस प्रकार की नाराज़गी और प्रसन्नता चलती रहती है। हिमाचल प्रदेश ऐसा राज्य है जहाँ पर पंजाब वेतनमान प्रदेश की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के बावजूद भी जारी किया गया है। आगे भी जो विसंगतियां है उनको भी दूर किया जा रहा है। अब आपको इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए कि 2015 में जब स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की सरकार थी, तब पुलिस कर्मचारियों के साथ एक अन्याय किया था, उनको 8 साल तक इनिशियल स्टेज पर रखा गया बल्कि जो उनके साथ के कर्मचारी थे उनको 2 साल में पूरा हो जाता था। उस अन्याय को भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने दूर किया है। इसी प्रकार से और भी बहुत सारे ऐसे मसले है जिनको ये सरकार दूर कर रही है। हिमाचल प्रदेश का कर्मचारी जानता है कि कौन सी सरकार उनके हित में है। जयराम सरकार कर्मचारियों की हित चिंतक सरकार है इसलिए कर्मचारी मांग भी इसी सरकार से करते है। जयराम ठाकुर की सरकार ने पैट, पेरा, पीटीए इन सबको नियमित कर दिया है और बाकी जो हमारे आउटसोर्स के कर्मचारी है उनके लिए कैबिनेट सब कमेटी बनाई है। उसके लिए विचार विमर्श हो रहा है कि किस प्रकार से उनको राहत दी जाएगी। बाकि भी जो कर्मचारियों के मसले है समय-समय पर वह उठते भी रहते है और उनका निदान भी होता रहता है। मैं समझता हूँ कि ये कोई ऐसे मसले नहीं है कि जिन पर हिमाचल प्रदेश की सरकार के ऊपर असर पड़ेगा। जयराम सरकार कर्मचारियों के हित में हरसंभव कदम उठा रही है। सवाल : पिछले सत्र में सवर्ण आयोग की मांग रखी गयी थी और जमकर हंगामा हुआ था। सरकार ने मांग तो मान ली थी लेकिन फिलहाल क्या स्थिति है सवर्ण आयोग को लेकर ? सवर्ण आयोग का यदि गठन नहीं होता है तो बजट सत्र के दौरान घेराव की चेतावनी भी दी गई थी। उत्तर : देखिये हिमाचल सरकार ने उस दौरान मांग में ली थी लेकिन यह तय नही है कि आयोग का नाम क्या होगा। जरूरी नही है कि उसका नाम सवर्ण आयोग ही रखा जाए। उसका नाम कुछ भी हो सकता है। जितना मेरी जानकारी है धर्मशाला में ही सेशन के दौरान इस हेतु नोटिफिक्शन जारी कर दिया गया था। बाकि प्रक्रिया मुख्यमंत्री के संज्ञान में है, वो इस पर उचित समय पर निर्णय लेंगे और उसके अनुसार काम होगा। सवाल : आजकल सोशल मीडिया पर आपकी और विक्रमादित्य की नोंक झोंक या कह लीजिये वार पलटवार लगातार चल रहा है, उसको लेकर क्या कहेंगे ? उत्तर : मेरा विक्रमादित्य के साथ नोंक झोंक का प्रश्न ही पैदा नहीं होता है। कोई वार या पलटवार नहीं है। विक्रमादित्य अपने शिमला ग्रामीण से विधायक है, वह अपनी बात कर सकते है। शायद पार्टी में वो और ज्यादा आगे बढ़ने की कोशिश करते है तो शायद इस लिए बहुत सारे मसलों पर वो बात करते है। हमारी उनके साथ कोई बराबरी नहीं है क्यूंकि वो राजा है, अब आजकल राजा तो रहते नहीं है लेकिन फिर भी राजा बने है। इसलिए हमारी उनके साथ किसी प्रकार की कोई बराबरी नहीं है। मैं शिमला शहर से विधायक हूँ वो शिमला ग्रामीण में अपने पिता की सीट खाली करके वहां से विधायक बने है। तो वो अपना काम करते है और मैं अपना काम करता हूँ, तो वार - पलटवार का कोई सवाल पैदा नहीं होता।
फर्स्ट वर्डिक्ट । धर्मशाला कांग्रेस की वरिष्ठ नेता विप्लव ठाकुर हर मसले पर बेबाकी से अपनी राय रखने के लिए जानी जाती है। पूर्व में मंत्री रही विप्लव राज्यसभा सांसद भी रही है और अपने लंबे राजनीतिक जीवन में एक सच्चे सिपाही की तरह कांग्रेस के लिए डटी रही है। इन दोनों विप्लव ठाकुर कांग्रेस की डिसिप्लिनरी कमिटी की अध्यक्ष भी है। कांग्रेस में दिख रही गुटबाजी, भाजपा का मिशन रिपीट का दावा, और विधानसभा चुनाव में उनकी दावेदारी को लेकर फर्स्ट वर्डिक्ट ने विप्लव ठाकुर से विशेष बातचीत की। पेश है बातचीत के मुख्य अंश .... सवाल : धर्मशाला में हाल ही में कांग्रेस नेताओं के बीच हुई आपसी नोक-झोंक के कारण अनुशासनहीनता देखने को मिली है, इसे लेकर आप क्या कहेंगी ? आप पर तो पूरे प्रदेश में पार्टी को अनुशासन में रखने का दायित्व है। उत्तर : यह कांग्रेस नेताओं की नोक-झोंक नहीं है बल्कि दो 2 भाइयों की आपसी मतभेद है। मेरा मानना है कि इस सम्बन्ध में कोई भी बात कहना अनुचित है। इनके झगड़े का कारण कम्युनिकेशन गैप या आपस में मन मुटाव हो सकता है, जो बाहर आ गया हो। इस पूरे परिदृश्य में पार्टी के खिलाफ दोनों गुटों में से कोई नहीं बोला और जब तक पार्टी के खिलाफ न बोले या पार्टी की पॉलिसी की निंदा न करे तब तक ये अनुशानहीनता में नहीं आता। मेरा मानना है कि किसी के निजी जीवन के बारे में टिप्पणी करना गलत होगा। सवाल - इस पूरे प्रकरण को देख कर आपको ऐसा नहीं लगता कि धर्मशाला में कांग्रेस दो गुटों में बंट गयी है। 2017 और 2019 के चुनाव में भी पार्टी इसका खामियाजा भुगत चुकी है, क्या कहेंगी आप ? उत्तर : मैं अगर बात करूं 2019 उपचुनाव की तो मेरा मानना यह है कि उस वक़्त जो सरकार सत्ता में होती है उसका प्रभाव जनता पर होता है और जनता उसके साथ ही चली जाती है। धर्मशाला की जनता को मालूम था कि अभी इनका समय है और हम लोगों को काम करवाने है। यदि विपक्ष का विधायक ले भी आए तो वह कुछ ज्यादा कर नहीं पाएगा। लोग विकास को प्राथमिकता देते है और उसी के मुताबिक वोट डालते है, खास कर उपचुनाव में ऐसा ही होता है। जहाँ तक गुटों का सवाल है तो ये बताइये कि कौन सी पार्टियों में गुटबाजी नहीं है, आप भाजपा में ही देख लीजिये, सांसद किशन कपूर और वर्तमान विधायक नैहरिया के बीच मतभेद दिखता है। ये हर पार्टी में होता है, असल बात तब सामने आती है जब चुनाव वर्ष नजदीक होते है। गुटबाज़ी की यदि बात करें तो अलग-अलग राय हो सकती है लेकिन विचारधारा से सब बंधे होते है, उसे मैं गुटबाजी नहीं कहती। अब परिवार में भी मतभेद हो जाते है, इसे गुटबाजी नहीं कहते। मैं इतना ही कहूंगी कि कांग्रेस में मनभेद नहीं है। सवाल : प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि इन चार सालों में अथक विकास कार्य हुए है, भाजपा सरकार की नीतियों के बारे में आप क्या कहेंगी। उत्तर : भाजपा सरकार की कोई नीतियां ही नहीं है। मुझे अफ़सोस होता है कि प्रधानमंत्री जिस तरह से बोल रहे है, जिस तरह से वह बात कर रहे है, वो कोई विचारधारा की बात नहीं है, कोई विकास की बात नहीं है। वो केवल कटाक्ष करना जानते है। प्रदेश की बात की जाये तो विकास के दावे करने और घोषणाएं करने मात्र से विकास नहीं होते, इसके लिए धरातल पर काम करना पड़ता है। भाजपा का एक ही मकसद है और इनके लिए राजनीति का एक ही पर्याय है, घोषणाएं कीजिये और मंच से वाहवाही लूटिए। इनकी कोई भी नीति नहीं है। महंगाई चरम पर है , युवा बेरोजगार है और किसान भी परेशान है। सवाल : ओपीएस बहाली का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर का मुद्दा बन चुका है। इसी बीच भाजपा लगातार कह रही है कि प्रदेश में नई पेंशन कांग्रेस सरकार के समय लागू हुई। इसे लेकर क्या कहेगी ? उत्तर : देखिये भाजपा पार्टी की एक नीति है कि जिन मसलों का हल करने में भाजपा के हाथ पैर फूल जाते है, उसका सारा ठीकरा वो कांग्रेस पर फोड़ते है। ये इनकी पुरानी और अहम नीति है। ये हर चीज के लिए कांग्रेस सरकार को कह देते है कि अगर ये खराब हो गया तो नेहरू जी कर गए, बारिश नहीं आ रही तो नेहरू का कसूर है, बाढ़ आ गई तब नेहरू का कसूर है। सात साल से तो भाजपा सत्ता में है, उसी के साथ वाजपेयी भी पीएम रहे है, हिमाचल में भी भाजपा की सरकार काफी वर्ष रही है। जरा इनसे पूछिए कि इन्होंने क्या किया है, आप अपने दादा को ही कोसते रहोगे और पोता ये कहेगा कि मैं अगर कुछ नहीं कर पाया तो ये दादा का कसूर है। यह तो बात नहीं बनती है, आप अपना बताइये कि आपका क्या रिकॉर्ड है, आपने क्या किया है, आपकी क्या नीति है। अगर कांग्रेस सरकार की तरफ से गलत हुआ है तो आप उसे सॉल्व कीजिये, आप इसका समाधान कीजिये। किसलिए लोगों ने आपको चुना है। आपको दो टर्म्स दे दी और बहुमत दिया। इसके बावजूद भी आप कांग्रेस को ही कोसते हो तो इसका मतलब है कि कमी आप में है। अब इसी कमी को दुरुस्त तो भाजपा को स्वयं करना होगा, थोड़ा कार्यशैली में सुधार कीजिये और कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ना छोड़ दीजिये। सवाल : उपचुनाव में कांग्रेस चारों सीटों पर काबिज हुई लेकिन भाजपा लगातार कह रही है कांग्रेस की जीत का कारण सहानुभूति फैक्टर है, इस बात को लेकर आपकी क्या राय है। उत्तर : देखिये सहानुभूति का फैक्टर कोई नहीं है, आप मंडी सीट हार रहे है, वहां से आप मुख्यमंत्री है, महेंद्र सिंह एक ताकतवर मंत्री है, आपने सारी सीटें विधायक की वहां जीती है, उसके बावजूद हार रहे है, इसकी क्या वजह है। कोई तो कारण है, अगर सहानुभूति की ही बात होती तो फिर तो हम लाखों सीटें जीत चुके होते। लोगों के दिलों में भाजपा के लिए सब कुछ खत्म हो चुका है क्यूंकि जितना ये झूठ बोलते है, जितनी ये बाते करते है वो ग्राउंड पर तो है ही नहीं। लोग इस बात को समझने लग गए है कि भाजपा की कथनी और करनी के बीच कोई मेल नहीं है। भाषण देने के लिए आप तैयार है और मंडी में सबसे बड़ी बात है कि, महेंद्र देख रहे है और जयराम अपना देख रहे है, बाकि सारा सफा है। सवाल : कांगड़ा में नए जिले बनाने की मांग लगातार उठ रही है और कहीं न कहीं भाजपा का एक सकारात्मक रवैया भी इस ओर देखने को मिल रहा है। आप कैसे देखती है ? उत्तर : सकारात्मक रवैया नहीं है, ये केवल राजनीतिक स्टंट है, चार साढ़े चार साल ये क्या करते रहे। शुरू में इन्होंने जिले क्यों नहीं बना दिए। भाजपा के लोग चुनाव के नजदीक आते ही जनता के हर मुद्दे का जवाब हाँ में हाँ कर के देते है। प्रदेश की भोलीभाली जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा, चुनाव के बाद इनको यह नहीं पता होता कि किसने इन्हें वोट दिया। सवाल : यदि भाजपा चुनाव से पहले ये जिले बना लेती है तो आपको नहीं लगता कांग्रेस को इसका नुक्सान हो सकता है ? उत्तर : नहीं, नुक्सान कैसे होगा। इतनी ज्यादा तहसीलें वीरभद्र सिंह के समय पर खुली है, इतने एसडीएम दफ्तर खुले है, इतने कॉलेज खुले थे , लोगों ने क्यों नहीं वोट दिया हमें। कांगड़ा में ही मेरी जानकारी अनुसार बहुत ज्यादा कालेज खोले गए, तहसीलें खोली गई, एसडीएम के दफ्तर खोले गए और विकास के इतने कार्य किये गए। जब चुनाव आता है तो जनता के मुद्दे और होते है। आज सबसे बड़े मुद्दे है बेरोज़गारी, महंगाई, सड़कों की बुरी हालत, इस ओर जनता न देखे, न सोचे, इसलिए इन्होंने जिलों का शगूफा छेड़ दिया। अगर जिले बनाने थे तो 4 साल क्या सोचते रहे। क्यों नहीं बना दिए जिले, चुनाव के समय पर ही भाजपा को जिले बनाने का ख्याल आता है। आपका शिमला भी इतना बड़ा है, क्यों वहां नया जिला नहीं बना रहे। मंडी में 10 विधानसभा है, कांगड़ा में 15 है , क्यों मंडी में नया जिला नहीं बना रहे। ये तो हम कांगड़ा वालों की नालायकी है कि हम एकत्र नहीं होते, नहीं तो आज मुख्यमंत्री कौन होता और कौन नहीं होता, यह सब हमारे हाथ में होता। सवाल : 2022 का चुनाव नज़दीक है, क्या तैयारियां है और जरूर जानना चाहेंगे कि क्या आप 2022 में चुनाव लड़ेगी ? उत्तर : मेरा तो कोई विचार नहीं है चुनाव लड़ने का। पिछली बार भी मैं नहीं लड़ना चाहती थी, हाईकमान ने कहा तो मैंने चुनाव लड़ा लेकिन अभी मेरा कोई विचार नहीं है। वहीं 2022 को लेकर हमारी ब्लॉक स्तर पर मेम्बरशिप हो रही है, हर कोई ब्लॉक में जा रहा है। जो विधायक है वो अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में जा रहे है। भाजपा की जो कमियां है उनको उभारा जा रहा है। युवा कांग्रेस अलग लगी हुई है, महिला कांग्रेस अलग है, सेवा दल अलग है, हर कांग्रेस कार्यकर्ता इसके लिए कार्य कर रहा है और जो हमारे सीएलपी लीडर है वो भी काम कर रहे है। प्रदेश अध्यक्ष राठौर भी पूरे हिमाचल का दौरा कर रहे है, काम कर रहे है। हर कोई कांग्रेस के लिए कार्य कर रहा है। अगर हम ये 4 उपचुनाव जीते है तो सहानुभूति हो सिर्फ वजह नहीं है, कांग्रेस में जो एकता थी, जो कांग्रेस ने एकता दिखाई है, इसलिए हम 4 सीटें जीते है। इस वर्ष होने वाले चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी एकता का प्रमाण नतीजों से देगी और मुझे पूरी उम्मीद है जनता का साथ कांग्रेस को मिलेगा। सवाल : विप्लव जी लेकिन भाजपा तो मिशन रिपीट का दावा कर रही है और लगातार कहा जा रहा है कि कांग्रेस के पास न दिशा है न ही कोई मुख्य चेहरा। उत्तर : मुझे एक नया प्रोजेक्ट बता दीजिये जो ये लाये हो। कोई भी नया काम नहीं किया है, सड़कों का, नेशनल हाईवे का, गडकरी घोषणाएं कर के गए थे, कोई बना? फोरलेन की बात चल रही है, कहाँ है वो फोरलेन। जो लोग बेचारे बेघर हो रहे है उनको अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। आप धर्मशाला में ही ले लीजिए, स्मार्ट सिटी की बात कर गए, धरातल पर क्या किया ? जो पहले का बजट था वही लगा है। पालमपुर वाले रो रहे है कि निगम तो बना दी है लेकिन न तो स्टाफ है न बजट है। क्रिएट करने के लिए आपको इंफ्रास्ट्रक्चर तो देना चाहिए। टनल की बात करते है, टनल तो कांग्रेस के समय पर ही शुरू हो गई थी। उसका डीपीआर बन गई थी, सब कुछ बन गया था। हम इनकी तरह तो नहीं घोषणा कर देते कि बुलेट ट्रैन आ रही है, वन्दे भारत ट्रेनें आ रही है, हम ये दे रहे है वो दें रहें है। एक एम्स तक तो बिलासपुर का बना नहीं है इनसे समय पर। कांग्रेस पार्टी संगठित है और दमदार तरीके से चुनाव भी लड़ेंगे। इन लोगों को मेरी नसीहत है कि मुंगेरी लाल के हसीं सपने देखना बंद कीजिये और देश प्रदेश में जो आपकी बदहाली की स्थिति है उस वास्तविकता को समझिये और खुद को सक्षम कीजिये। सवाल : देहरा से 2017 में आपने चुनाव लड़ा था और देहरा में कांग्रेस अध्यक्ष ने हाल ही में नए साल का कैलेंडर जारी किया था जो काफी विवादों में रहा था, उन्होंने कैलेंडर में कांग्रेस को देश की माँ कहा था। क्या इसको लेकर कहेंगी ? उत्तर : ठीक किया है, अगर वो करते है तो ये भी ठीक है। वो ठीक कर रहा है, ब्लॉक प्रधान ने निजी तौर पर उसे बनाया है। माँ ही है, आज़ादी की आप लड़ाई से देख लीजिये, अगर आज इस देश को आजादी मिली है, इस देश की ये तस्वीर बनी है तो ये कांग्रेस पार्टी ने ही दी है। कांग्रेस पार्टी ने इस देश को माँ की तरह सींचा है। चाहे नेहरू थे, पटेल थे, मौलाना आज़ाद थे, सभी कांग्रेसी थे। माँ का काम होता है, वो बच्चे को सींचती है, बच्चे का भविष्य बनाती है, बच्चे को संस्कार देती है, कांग्रेस ने यही किया है। मैं इसको बिलकुल सही मान रही हूँ। मुझे बता दीजिए किस तरह से नहीं सिचा, आज जो 70 साल में आप सारा इंफ्रास्ट्रक्चर देख लीजिए कि क्या हमारे बुज़ुर्गों का था और आज क्या है। गाड़ियां देख लीजिए, कारें देख लीजिए, क्या ये सात साल में मोदी ले कर आये है। कांग्रेस ने आजादी की लड़ाइयां भी लड़ी, विकास भी किया, टेक्नोलॉजी भी लाई। आज जितने भी ये चंद्रयान जा रहे है या बाकि सब है उसकी फाउंडेशन किसने रखी, भामा को कौन लाया, सारा भाई को कौन लाया, तो ये माँ का ही काम होता है।
फर्स्ट वर्डिक्ट. सोलन हिमाचल प्रदेश को चार नए जिलों की सौगात मिल चुकी है, बीते दिनों ये 'फेक न्यूज़' सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। कोई इसे गलत करार देता रहा तो किसी ने इसे अंदर की खबर मान लिया। बहरहाल न सरकार ने कोई ऐसा ऐलान किया है और न इस सम्बन्ध में चर्चा की कोई पुष्ट खबर सामने आई, पर सुगबुगाहट जरूर है कि चुनावी साल में सरकार नए जिलों के गठन को हरी झंडी दे सकती है। हालांकि ये निर्णय मिशन रिपीट में कितना कारगर सिद्ध होता है इसे लेकर माहिरों की राय बंटी हुई है। कुछ मानते है कि यदि ऐसा हुआ तो ये मिशन रिपीट में भाजपा का मास्टर स्ट्रोक सिद्ध हो सकता है। वहीं कुछ इसे दोधारी तलवार मान रहे है। दरअसल माजरा ये है कि इस वक्त प्रदेश में करीब आठ नए जिले बनाने की मांग है। अकेले जिला कांगड़ा में नूरपुर, पालमपुर और देहरा को नया जिला बनाने की मांग उठ रही है। जिला मंडी से करसोग और सुंदरनगर, जिला सोलन से बीबीएन और जिला शिमला से रोहड़ू व रामपुर को अलग जिला बनाने की मांग उठ रही है। बहरहाल इतना भी तय हैं कि सियासी ठाठ के लिए आठ नए जिले बनाना मुमकिन नहीं हैं और न ही सरकार किसी को नाराज करने की स्थिति में हैं। सो ऐसे में यदि सिर्फ कुछ नए जिले बनते है तो मुमकिन है बात बनेगी कम और बिगड़ेगी ज्यादा। यूँ तो चुनावी मौसम में नए जिलों का जिन्न अक्सर बाहर निकल आता है, पर 1972 के बाद प्रदेश में कोई नया जिला नहीं बना है। यानी पचास वर्ष में किसी नए जिले का गठन नहीं हुआ, जबकि विशेषकर बीते दो दशक से कई नए जिलों के गठन की मांग जोर शोर से उठी है। हाल ही में हुए उपचुनावों के दौरान भी ये मुद्दा खूब गूंजा था। खबरें तो ये तक थी कि हिमाचल में नए जिलों के गठन के लिए भाजपा संगठन व सरकार में अंदर खाते मंथन हो रहा है। हालांकि अंत में ये सिर्फ और सिर्फ चुनावी शगूफा ही साबित हुआ। पॉलिटिकल माइलेज के लिए यदि वर्तमान सरकार नए जिलों के गठन की मांग को मान भी लेती है तो भी असल सवाल ये है कि क्या प्रदेश सरकार नए जिलों के वित्तीय व्यय का प्रबंधन करने में सक्षम है ? प्रदेश पर लगातार बढ़ता कर्ज का बोझ किसी से छिपा नहीं है, ऐसे में नए जिलों के गठन का खर्च कहाँ से आएगा ? संभवतः यदि ऐसा हुआ तो नया कर्ज लेना ही सरकार के सामने एकमात्र विकल्प होगा। कांगड़ा : या तो तीन या कोई नहीं ! वर्ष 1985 से अब तक प्रदेश में उसी की सरकार बनी है जिसने कांगड़ा फतेह किया है। 15 विधानसभा सीटों वाला ये जिला ही हिमाचल में सत्ता की राह प्रशस्त करता है। अब इसी कांगड़ा में तीन नए जिले बनाने की मांग उठा रही है। यहां नूरपुर, पालमपुर और देहरा को जिला घोषित करने की मांग हो रही है। नूरपुर विधायक व वन मंत्री राकेश पठानिया जहां नूरपुर को जिला घोषित करवाने के पक्ष में है, तो वहीं पालमपुर विधायक आशीष बुटेल भी लगातार पालमपुर को जिला घोषित करने की मांग कर रहे है। वहीं धरातल स्थिति ये है कि देहरा का दावा भी नकारा नहीं जा सकता। कांगड़ा के विभाजन में सरकार के समक्ष दो चुनौतियां है। एक, अगर कांगड़ा का विभाजन होता है तो निसंदेह इसका सियासी दम भी कम होगा और इसी के चलते एक वर्ग इसके विरोध में है और इस तबके का गुस्सा सरकार को भोगना पड़ सकता है। दूसरा, सरकार या तो तीनों नए जिले बनाये अन्यथा जो भी कृपा से वंचित रहेगा उस क्षेत्र की कोप दृष्टि निसंदेह सरकार पर बनी रहेगी। ऐसे में सियासी नुक्सान तय होगा। माहिर मानते हैं कि या तो जयराम सरकार तीन नए जिले बनाये या फिर चुपचाप इस मुद्दे पर बचती रहे। " यदि नए जिलों का गठन होता हैं काँगड़ा का विभाजन होगा और क्षेत्रफल के साथ -साथ वोटर्स भी बटेंगे। यहां कुछ को नए जिले की ख़ुशी होगी तो कुछ को जिले के छोटा हो जाने का मलाल भी होगा। ज़ाहिर है ये दोधारी तलवार है। ध्यान इस बात का भी रखना ज़रूरी है की यहां मांग तीन नए जिलों की है। वित्तीय परिस्थितियों को देखते हुए यदि सरकार एक या दो नए जिले बना भी दे तो शेष की नाराज़गी भी सरकार को झेलनी पड़ सकती है। " करसोग से मंडी और रामपुर से शिमला बहुत दूर : मंडी जिले के करसोग और सुंदरनगर क्षेत्र के लोग भी कठिन भौगौलिक परिस्थितियों का तर्क देकर इन दोनों क्षेत्रों को जिला बनाने की मांग कर रहे है। विशेषकर करसोग की जनता का कहना है कि करसोग क्षेत्र जिला हेडक्वार्टर मंडी से कुल 120 किलोमीटर दूर है। छोटे बड़े कार्यों के लिए क्षेत्रवासियों को 120 किलोमीटर का लम्बा सफर तय करना पड़ता है। वहीं सुंदरनगर से मंडी की दूरी तो कम है मगर तर्क है की सुंदरनगर एकमात्र ऐसा स्थान है, जिसे जिला बनाने की सूरत में सरकार पर अधिक आर्थिक बोझ नहीं बढ़ेगा। आज़ादी के बाद हिमाचल प्रदेश की लगभग सभी बड़ी रियासतों को जिलों का दर्जा मिला लेकिन केवल पूर्व की सुकेत रियासत जो वर्तमान में सुंदरनगर के नाम से जानी जाती है, जिला बनने से रह गई थी। ये भी एक कारण है की सुकेत रियासत के लोग इसे जिला बनाने की मांग कर रहे है। इसी तरह जिला शिमला के रोहड़ू व रामपुर को भी जिला बनाने की मांग है। यहाँ महासू के रूप में एक नए जिले की मांग भी हैं ताकि ऊपरी क्षेत्रों को इस नए जिले में शामिल किया जा सकते। रोहड़ू व रामपुर सहित ऊपरी शिमला के कई क्षेत्र जिला मुख्यालय से काफी दूर है। ऐसे में यदि एक नया जिला भी बनता है तो ऊपरी शिमला के लोगों को सहूलियत होगी। बीबीएन को लेकर भी उठती रही हैं मांग : एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब और प्रदेश के सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल एरिया बद्दी -बरोटीवाला - नालागढ़ यूँ तो जिला सोलन के अधीन आता हैं लेकिन यहाँ का रहन -सहन, बोली -भाषा, खान -पान सबकुछ जिला के अन्य क्षेत्रों से अलग हैं। प्रदेश के राजस्व में सबसे ज्यादा योगदान ये ही क्षेत्र देता हैं। सोलन के पांच में से दो विधानसभा क्षेत्र बीबीएन में आते हैं, दून और नालागढ़। इस क्षेत्र को अलग जिला बनाने की मांग काफी वक्त से उठती रही हैं। हालांकि इस मांग ने कभी आंदोलन का रूप नहीं लिया लेकिन बीच -बीच में इसे लेकर सुगबुगाहट जरूर होती हैं। ऐसे में यदि चुनावी समां में प्रदेश में नए जिलों का जिन्न बाहर निकलता हैं तो बीबीएन में भी ये चुनावी मुद्दा बन सकता हैं।
फर्स्ट वर्डिक्ट। मनाली शनिवार को अपने मनाली दौरे के दौरान शिक्षा, भाषा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने गत दिन मनाली विधानसभा क्षेत्र के हलाण-2 गांव में आगजनी की घटना के कारण ढाई मंजिला मकान जलकर राख हो गया था, जिसमें 3 परिवार बेघर हो गए थे। उन्होंने घटना स्थल पर पहुंच कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर इसकी जानकारी प्राप्त की। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में हम प्रभावित परिवारों की हरसंभव सहायता करेंगे। उन्होंने प्रशासन को भी इनकी मदद करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि इस घटना के दूसरे दिन भाजपा युवा मोर्चा मनाली मंडल के अध्यक्ष जनेश ठाकुर, युवा मोर्चा मनाली मंडल महामंत्री विवेक नेगी, संदीप मेहरा, पन्नालाल युवा मोर्चा प्रदेश कार्यकारीनी सदस्य, भाजपा कोषाध्यक्ष राजेंदर बौद्ध, संत कुमार, भाजपा सोशल मीडिया विभाग मनाली मंडल कार्यकारिणी सदस्य अभिषेक पराशर, अभिषेक पंडित सह संयोजक रोनी ठाकुर, भाजपा कार्यकारिणी सदस्य मेहर चंद ठाकुर, युवा मोर्चा सचिव अनिल ठाकुर, मोनू ठाकुर, सुशील ठाकुर, शुभम चौहान, युवा मोर्चा प्रवक्ता कपिल ठाकुर, विनय चौहान, कृष्ण ठाकुर,जितेंद्र नेगी, खेमराज ठाकुर, युवा मोर्चा उपाध्यक्ष रवी ठाकुर, युवा मोर्चा कोषाध्यक्ष गगन ठाकुर, विपिन ठाकुर, स्थानीय निवासी रूप सिंह व सेस राम, युवा मोर्चा मनाली शहरी इकाई अध्यक्ष शांतम कपिल, युवा मोर्चा उपाध्यक्ष राज कमल ने भी मिलकर धनराशि एकत्रित करके प्रभावित परिवारों को रजाई, कंबल, गद्दे, सिराहने, चादर, बर्तन, बाल्टी, राशन व धन राशि वितरित किया था। इस सराहनीय कार्य के लिए उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं का धन्यवाद व्यक्त किया है। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने क्षेत्र की प्रबुद्ध जनता से आग्रह किया है कि कि इस तरह की घटनाओं में प्रभावित परिवार की सहायता करने में अपना अधिक से अधिक योगदान दें। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर के साथ भाजपा मनाली मंडल अध्यक्ष दुर्गा सिंह ठाकुर, महामंत्री देवेंद्र नेगी, उपाध्यक्ष पन्नालाल, ग्राम केंद्र अध्यक्ष हीरा चंद, बूथ अध्यक्ष भादर सिंह, पूर्व उपप्रधान सेस राम, वार्ड पंच गिलिमा देवी, स्थानीय निवासी हरमेश व मान सिंह सहित अन्य पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला सासंद प्रतिभा सिंह ने महिलाओं से एकजुट होकर अपने अधिकारों के प्रति सजग होने का आह्वान करते हुए कहा है कि आज देश व समाज के विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि आज महिला हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि जिसने भी महिलाओं को कमजोर समझने की भूल की है, उसे हमेशा ही मुंह की खानी पड़ी है। आज शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के बनूटी में विधायक विक्रमादित्य सिंह की अध्यक्षता में आयोजित महिला शसक्तीकरण सम्मेलन में मुख्यातिथि शिरकत करते हुए प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा ही महिला शसक्तीकरण को बढ़वा दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता पूर्व प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी ने ग्राम पंचायतों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था।उन्होंने कहा कि आज महिला घर की चार दिवारी से बाहर निकल कर देश के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। प्रतिभा सिंह ने सम्मेलन में उपस्थित भारी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति पर खुशी प्रकट करते हुए कहा कि विधायक विक्रमादित्य सिंह इस क्षेत्र के विकास के प्रति पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने कहा कि स्व.वीरभद्र सिंह के सपने विकास के कार्यों को पूरा करने के लिये वह स्वम् और विक्रमादित्य सिंह तन-मन-धन से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भले ही आज वीरभद्र सिंह अब उनके बीच नहीं है, पर उनके आदर्श और उनका आशीर्वाद हमेशा उनके साथ रहेगा। उन्होंने विक्रमादित्य सिंह को भारी जन समर्थन देने के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भले ही विक्रमादित्य उनका सपुत्र है, पर अब उन्होंने उन्हें जनता की झोली में जनसेवा के लिए डाल दिया है। इससे पूर्व कांग्रेस की वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री विधायक आशा कुमारी ने विशेष अतिथि शिरकत करते हुए कहा कि भाजपा का महिला विरोधी चेहरा अब सब के सामने आ चुका है। उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से महंगाई बढ़ रही है, उससे महिलाओं को घर चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जब गैस सिलेंडर 350 रुपए का मिलता था, तो यही भाजपा जो आज सत्ता में बेठी है। इसके लिए बड़े-बड़े मगरमच्छी आंसू बहाते थे। आज यही सिलेंडर एक हजार से ऊपर चला गया है। आशा कुमारी ने कहा कि महंगाई व बेरोजगारी दोनों ही भाजपा की देन है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 14 प्रतिशत से ऊपर बेरोजगारी बढ़ गई है, जबकि कांग्रेस के समय में कभी भी यह आंकड़ा 4 या 5 प्रतिशत से ऊपर नहीं गया। उन्होंने प्रदेश में जयराम सरकार को पूरी तरह विफल करार देते हुए कहा कि यह मुख्यमंत्री बहुत ही कमजोर साबित हुए हैं। आशा कुमारी ने आज बनूटी में आयोजित महिला सशक्तिकरण में महिलाओं की भारी संख्या पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आज साबित हो गया है कि महिलाएं एकजुट और शसक्त होती जा रही है। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति विजय का प्रतीक है, जो न तो कभी कमजोर हो सकती है और न ही मजबूर। उन्होंने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र की सासंद प्रतिभा सिंह को चुनावों के दौरान उन्होंने उन्हें कमजोर और मजबूर बताने की जो कुचेष्टा की थी, तो उन्होंने चुनाव जीत कर उन्हें और अन्य भाजपा नेताओं को बता दिया कि वह कितनी मजबूत है। उन्होंने इसके लिए मंडी संसदीय क्षेत्र के लोगों और प्रदेश के लोगों का आभार प्रकट किया जिन्होंने उन्हें भारी जन समर्थन दिया। आशा कुमारी ने विक्रमादित्य सिंह की सराहना करते हुए कहा कि भले ही विक्रमादित्य सिंह उम्र में छोटे और पहली बार विधानसभा में आए हैं, पर वह जिस प्रकार से लोगों की समस्याओं और जनहित से जुड़े मसलों को उठाते हैं, उससे उनका परिपक्व झलकता है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के बाद अब विक्रमादित्य सिंह प्रदेश का भविष्य है। इस दौरान विक्रमादित्य सिंह ने अपने संबाेधन में लोगों का उन्हें भारी समर्थन देने का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका प्रयास ग्रामीण क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने का रहा है। उन्होंने कहा कि महिला शक्ति को आगे बढ़ाने और उनकी समस्याओं को दूर करने का भी रहा है। उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम महिलाओं के सम्मान में महिला शसक्तीकरण के उद्देश्य से ही रखा गया है। उन्होंने कहा कि शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र अब उनका घर है और यहां की समस्याओं को दूर करना उनका मुख्य कार्य है। विक्रमादित्य सिंह ने महिलाओं के जन समर्थन पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह क्षेत्र में किसी भी दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर समान विकास कार्यों को अंजाम दे रहें है। उन्होंने कहा कि आज यह कार्यक्रम भी कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। इस कार्यक्रम में टुटू ब्लॉक के सभी उन महिला मंडलों को आमंत्रित किया गया है, जो किसी भी दल से संबंध रखते हो। इस अवसर पर उपस्थित 100 महिला मंडलों को उनके महिला मंडलों की जरूरत के लिए 23-23 हजार के स्वीकृति प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की। इस दौरान प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष जैनब चंदेल, ब्लॉक अध्यक्ष गोपाल शर्मा, पूर्व विधायक चिरन्जी लाल कश्यप, जिला परिषद उपाध्यक्ष सुरेंद्र रेटका, सदस्य प्रभा वर्मा, संतोष शर्मा, निर्मला वर्मा, लता वर्मा, प्रधान बनूटी दवेंद्र ठाकुर, प्रदीप शर्मा, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा, प्रदीप वर्मा, ऊषा ठाकुर, विनीता वर्मा, सुनीता शर्मा, लता वर्मा के अतिरिक्त कई अन्य पार्टी पदाधिकारी, विभिन्न पंचायतों के प्रधान व उपप्रधान, बीडीसी सदस्यों के अतिरिक्त सैकड़ाें की संख्या में महिला मंडलों की सदस्य मौजूद थीं।
विनायक ठाकुर । देहरा सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज जसवां-परागपुर विधानसभा क्षेत्र के गरली स्थित हिमकोफेड प्रशिक्षण केंद्र का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। हिमकोफेड के अध्यक्ष कौल सिंह नेगी ने उन्हें केंद्र से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाते हुए केंद्र की आवश्यकताओं से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि सहकारिता क्षेत्र में विभिन्न श्रेणियों में कार्य कर रहे या सेवाएं दे रहे लोगों को हिमकोफेड द्वारा यहां प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसके तहत वह सहकारिता को बढ़ावा देने और उनके कुश्ल संचालन के लिए प्रदेश में अपनी सेवाएं देते हैं। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए संस्थान के कर्मचारियों एवं अन्य विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाती हैं, जिसका संचालन पूर्ण रूप से हिमकोफेड करता है। कौल नेगी ने सहकारिता मंत्री से केंद्र के स्तरौन्नयन और मूलभूत ढांचे को सदृढ़ करने का आग्रह किया। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने केंद्र के स्तरौन्नयन हेतु प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रबंध केंद्र में शिक्षण देने की दृष्टि से हर मूलभूत व्यवस्था को यहां विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र के रख-रखाव के साथ-साथ यहां ठहराने की व्यवस्था पर भी करवाई जाएगी, जिससे प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं और विशेषज्ञों को रहने के लिए एक अच्छा वातावरण उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में सहकारिता आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कृतसंकल्पित है। इसी के दृष्टिगत सरकार द्वारा गरली स्थित प्रबंध केंद्र को भी विकसित किया जाएगा।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज ऊना जिला के अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान जिला के कुटलेहड़ और हरोली विधानसभा क्षेत्रों के लिए लगभग 67 करोड़ की विकासात्मक परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने समूर कलां में 16.78 करोड़ की लागत से निर्मित कला केंद्र ऊना का लोकार्पण किया। उसके उपरांत, उन्होंने थानाकलां में हि.प्र. राज्य विद्युत बोर्ड मंडल, बंगाणा में ग्रामीण विकास मंडल, बसाल में कृषि विभाग का एसएमएस कार्यालय, टयूरी बडोली और कियारियां में पटवार वृत्त, बीहरू में फील्ड कानूनगो कार्यालय खोलने, हरोट, चारड़ा, बल्ह खालसा और बोहरू में पशु चिकित्सा उपकेंद्र खोलने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने चुलहरी, चमियारी और धामंदरी में पशु औषधालय को पशु चिकित्सालयों में स्तरोन्यन, प्राथमिक विद्यालय टीहरा और काकराना का माध्यमिक विद्यालय में स्तरोन्यन, राजकीय माध्यमिक विद्यालय नारी का उच्च विद्यालय और राजकीय उच्च विद्यालय टियूराई को वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्तरोन्नत करने की घोषणा की। उन्होंने इस अवसर पर बंगाणा में सहायक लोक सम्पर्क अधिकारी का एक पद सृजित करने की भी घोषणा की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला धमांदरी एवं रैंसरी में वाणिज्य कक्षाएं आरंभ करने तथा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय समूर कलां में विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि शीघ्र हि नाबार्ड के अन्तर्गत जिले की तीन प्रमुख सड़कों के क्रियान्वयन के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ऊना जिला पिछले चार वर्षों में चहुंमुखी विकास का गवाह बना है। जिला के विभिन्न भागों में 1600 करोड़ के विकासात्मक कार्यों को समर्पित व पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कला केन्द्र निश्चित रूप से क्षेत्र में सांस्कृतिक गतिविधियों का मुख्य केंद्र बनेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद राज्य ने सुनिश्चित किया कि विकास की गति निर्बाध रूप से चलती रहे। इस कठिन दौर में बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को सभी स्तरों पर मजबूती प्रदान की। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी नेता हताशा में बेबुनियाद और निराधार आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमकेयर योजना के अंतर्गत पांच लाख से अधिक परिवारों को पंजीकृत किया गया है और अब तक राज्य के 2.17 लाख लोगों के उपचार पर 200 करोड़ से अधिक व्यय किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री सहारा योजना के तहत गंभीर बीमारियों से पीड़ित आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को निरंतर देखभाल के लिए 3000 रुपए प्रति माह प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना ने हिमाचल प्रदेश को देश का पहला धुआंमुक्त राज्य बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के गौ सदनों में रखी गई प्रति गाय पर प्रति माह 500 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाल ही के मंडी दौरे के दौरान राज्य के लिए 11 हजार 500 करोड़ की परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास किए, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस नेता इन विकासात्मक प्रयासों से अभी भी अनभिज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग प्रधानमंत्री के विशेष स्नेह के लिए हमेशा ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्ण राज्यत्व के अवसर पर निर्णय लिया कि 60 यूनिट प्रतिमाह बिजली खपत पर प्रदेश के घरेलू उपभोक्ताओं से कोई विद्युत शुल्क नहीं किया जाएगा, जिससे उनकी विद्युत खपत प्रति यूनिट शून्य मानी जाएगी। इसके अतिरिक्त, 125 यूनिट विद्युत खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं से प्रति यूनिट केवल एक रुपया विद्युत शुल्क लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब तस्करी में शामिल माफिया को गिरफ्तार किया जा चुका है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके संबंध कांग्रेस पार्टी नेताओं से हैं। राज्य सरकार नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी तथा उनकी सम्पत्ति भी जब्त की जाएगी। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने 14.70 करोड़ से बनने वाले 50 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल, बंगाणा का शिलान्यास किया। उन्होंने 15.54 करोड़ से उठाऊ पेयजल आपूर्ति योजना धार चामुखा, पीपलू, धरोह सरोह तथा चमियारी सिहाना के संवर्द्धन कार्य तथा नलूट के लठयाणी में 5.47 करोड़ की 33/11 केवी, 1.3.15 एमवीए उप-केंद्र जिसमें चार आउटगोइंग फीडर्स, नियंत्रण कक्ष भवन तथा हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड बंगाणा के विद्युत उपमंडल के तहत कर्मचारी भवन की आधारशिलाएं रखीं।मुख्यमंत्री ने अंदरोली गांव में नई राहें-नई मंजिलें के तहत 2.60 करोड़ से बनने वाले जलक्रीड़ा भवन तथा थानाकलां में 3.73 करोड़ की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के ओपीडी खंड की भी आधारशिला रखीं। इसके उपरांत, मुख्यमंत्री ने ऊना के बाबा बाल आश्रम का दौरा किया। इसके पश्चात, मुख्यमंत्री ने 3.82 करोड़ की लागत से पुलिस विभाग के नवनिर्मित प्रशासनिक खंड तथा हरोली के झलेड़ा में 3.95 करोड़ रुपए से निर्मित आरटीपीसीआर लैब पालकवाह का लोकार्पण किया। छठे राज्य वित्तायोग के अध्यक्ष सतपाल सत्ती, विधायक बलबीर सिंह व राजेश ठाकुर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, राज्य एसआईडीसी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर राम कुमार शर्मा, मंडी बोर्ड के अध्यक्ष बलबीर बग्गा, जिला परिषद अध्यक्षा नीलम कुमारी, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष अशोक शर्मा व भाजपा मंडलाध्यक्ष तरसेम लाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
फर्स्ट वर्डिक्ट। डेस्क राज्य चुनाव आयोग ने इस मामले में रिटर्निंग आफिसर से रिपोर्ट तलब की है। गौरतलब है कि छिटपुट घटनाओं के साथ बंगाल के चार नगर निगमों के लिए मतदान शुरू हुआ था। बंगाल के चार नगर निगमों आसनसोल, सिलीगुड़ी, चंदननगर व बिधाननगर के लिए मतदान जारी है। राज्य चुनाव आयोग सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुबह 9 बजे तक बिधाननगर में 14 फीसद, सिलीगुड़ी व आसनसोल में 13-13 फीसद और चंदननगर में 11 फीसद मतदान हुआ। सिलीगुड़ी नगर निगम चुनाव के लिए सुबह 9 बजे तक 12 प्रतिशत वोट पड़ चुके थे। सिलीगुड़ी में कुछ बूथों पर हल्की-फुल्की नोकझोंक की सूचना है, लेकिन मतदान शांतिपूर्ण चल रहा है। आसनसोल के बर्नपुर में माकपा के कैंप आफिस में तोड़फोड़ की गई। आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा है। बिधाननगर के 37 नंबर वार्ड में दो प्रत्याशियों में हाथापाई हुई। चंदनगर की 32 बिधाननगर की 41, आसनसोल की 106 व सिलीगुड़ी के 47 वार्ड के लिए वोट पड़ रहे हैं। मतदान शुरू होने के साथ ही छिटपुट हिंसा की घटनाएं भी शुरू हो गई थी। आसनसोल की 79 नंबर वार्ड से भाजपा की महिला प्रत्याशी को मारने-पीटने का आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा है। आसनसोल के कई बूथों पर कब्जा जमाने का भी भाजपा ने तृणमूल पर आरोप लगाया हैै। वहीं, आसनसोल के 51 नंबर वार्ड में पुलिस की गाड़ी में तृणमूलका स्टीकर लगा होने को लेकर भी विवाद पैदा हो गया है। सिलीगुड़ी के 24 नंबर बूथ में बाहर से लोगों को लाकर घुसाने का भाजपा ने तृणमूल पर आरोप लगाया है, जबकि तृणमूल की तरफ से पलट आरोप लगाते हुए कहा गया है कि भाजपा मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। बिधाननगर के 27 नंबर वार्ड में एक फर्जी मतदाता को मतदान करते पकड़ा गया। आसनसोल के कई बूथों पर कब्जा जमाने का भी भाजपा ने तृणमूल पर आरोप लगाया है। वहीं, आसनसोल के 51 नंबर वार्ड में पुलिस की गाड़ी में तृणमूलका स्टीकर लगा होने को लेकर भी विवाद पैदा हो गया है। सिलीगुड़ी के 24 नंबर बूथ में बाहर से लोगों को लाकर घुसाने का भाजपा ने तृणमूल पर आरोप लगाया है, जबकि तृणमूल की तरफ से पलट आरोप लगाते हुए कहा गया है कि भाजपा मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है। बिधाननगर के 27 नंबर वार्ड में एक फर्जी मतदाता को मतदान करते पकड़ा गया।
फर्स्ट वर्डिक्ट। डेस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले कन्नौज में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। इत्रनगरी कन्नौज के तिर्वा में उनकी सभा करीब तीन बजे से प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 में दूसरे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में शनिवार को प्रचार के अंतिम दिन से पहले राजनीति के बड़े दिग्गजों ने तीसरे चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में प्रचार की कमान संभाल ली है। त्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा मुखिया मायावती की आज औरैया में चुनावी सभा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बदायूं व शाहजहांपुर में चुनावी सभा और जनसंपर्क करेंगे, जहां पर दूसरे दौर के मतदान के लिए प्रचार का आज अंतिम दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को कन्नौज के तिर्वा में जनसभा को संबोधित कर यहां की राजनीति को मथेंगे। वह अत्याधुनिक हेलीकाप्टर एमआइ-17 से यहां पर सिद्धपीठ मां अन्नपूर्णा मंदिर प्रांगण पहुंचेंगे। यहीं पर जनसभा का कार्यक्रम होगा। भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र सिंहराजपूत ने बताया कि प्रधानमंत्री शनिवार को उत्तराखंड के रुद्रपुर में जनसभा को संबोधित करने के बाद करीब तीन बजे तिर्वा के हैलीपैड पर उतरेंगे। यहां पर जनसभा को संबोधित करने के बाद वह कानपुर के एयरफोर्स स्टेशन जाएंगे, जहां से हवाई जहाज से वह दिल्ली रवाना होंगे। प्रधानमंत्री मोदी की इस रैली के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर और बुंदेलखंड क्षेत्र में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद शनिवार को शेखूपुर सीट से बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में जनसभा को संबोधित करेंगे। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती औरैया बिधूना विधानसभा क्षेत्र से लड़ रहे बसपा प्रत्याशी के अलावा अन्य सीटों के प्रत्याशियों के लिए जीत का माहौल बनाने आएंगी। पूर्व मुख्यमंत्री बसपा सुप्रीमो मायावती शनिवार दोपहर करीब ढाई बजे औरैया के ग्राम पंचायत भदौरा में जनसभा को संबोधित करेंगी। उनका औरैया के बेला-इंदरगढ़ मार्ग पर ग्राम पंचायत भदौरा के मैदान में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है।
जयराम की हुंकार : उड़ते पंजाब को बचाने के लिए चाहिए डबल इंजन सरकार फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला पंजाब चुनाव में स्टार प्रचारक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को मोहाली और जालंधर जिलों के तीन विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि जालंधर और पंजाब के लोगों की अपेक्षाओं को कांग्रेस सरकार पूर्ण नहीं कर पाई है। भाजपा की सरकार बनने पर जालंधर ही नहीं, बल्कि पूरे पंजाब का समग्र विकास होगा, जनता इस बात से अच्छी तरह से परिचित है। खरड़ विधानसभा क्षेत्र के नयागांव में भाजपा प्रत्याशी कमलदीप सैणी के पक्ष में वोट मांगे। यहां चुनावी जनसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जनता से अपील करते हुए कहा कि उड़ते पंजाब को बचाने और नौजवानों को नशे के चंगुल से बाहर निकालने के लिए डबल इंजन की सरकार चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब को सिर्फ भाजपा ही संभाल सकती है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। विकास के लिए तरस रहा खरड़ : जयराम मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि खरड़ विधानसभा क्षेत्र विकास के लिए तरस रहा है। नयागांव में सीवरेज सिस्टम ही नहीं हैं। यहां तक कि इस क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं हैं, जो एक गंभीर समस्या है। जयराम ठाकुर ने यहां की जनता से अपील की है कि क्षेत्र का विकास करवाने के लिए भाजपा प्रत्याशी कमलदीप सैणी को विधानसभा पहुंचाएं। इस क्षेत्र के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार बननी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि डबल इंजन की गाड़ी के टायर भी एक जैसे होने चाहिए। ऐसा न हो कि एक टायर साइकिल और एक टायर ट्रैक्टर का हो। पंजाब में बढ़ रहे नशे पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि लंबे समय से यहां का युवा नशे में फंसता जा रहा है। उन्हें इस चंगुल से बाहर निकालने के लिए मजबूत नेतृत्व की जरूरत है, ताकि गुमराह हुए पड़े युवा नौजवानों को बाहर निकाला जा सके। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि यह गुरुओं की धरती है और गुरुओं ने ही हमें आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया। देश की रक्षा और सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी घटना घटती है, तो पंजाब और हिमाचल के जवान सबसे आगे रहकर रक्षा करते हैं और शहादत भी देते हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पंजाब की कांग्रेस सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया। उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि पांच जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के विकास में योगदान देने के लिए यहां पहुंचे, तो उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया गया। जिस वजह से कार्यक्रम भी रद्द करना पड़ा। जयराम ठाकुर ने कहा कि इस राज्य के मुख्यमंत्री संवैधानिक पद पर बैठे हैं, जो अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुए हैं। इसलिए यहां के विकास में चार चांद लगाने के लिए डबल इंजन की सरकार जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा से ही पंजाब के विकास में योगदान दिया है। देश ने मोदी पर किया भरोसा, तभी हम सुरक्षित हैं : सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 के दौरान पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर देश ने भरोसा जताया। कोरोना के खिलाफ लड़ाई शुरू हुई और वैक्सीनेशन का दौर भी चल पड़ा। आज हम यहां सुरक्षित होकर आए हैं तो इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और उन पर देश का भरोसा रहा। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान यदि यह देश कमजोर नेतृत्व के हाथ में होता तो क्या परिस्थितियां होती? देश ने नरेंद्र मोदी को भरोसा दिया आज हम कोविड-19 को हरा रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं ने तो वैक्सीनेशन पर भी राजनीति की। यहां तक कहने लगे कि यह मोदी की वैक्सीन है, भाजपा की वैक्सीन है। आज वही कांग्रेस के लोग वैक्सीनेशन की तारीख ढूंढ रहे हैं। गड्ढों में सड़क, स्मार्ट सिटी जालंधर: जयराम जालंधर के अमर पैलेस रामा मंडी में भाजपा प्रत्याशी मनोरंजन कालिया के पक्ष में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा जब मैं सड़क मार्ग से यहां आ रहा था, तो पार्टी के जिला अध्यक्ष बताने लगे कि यह स्मार्ट सिटी है। मुझे हैरानी हुई कि स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र से करोड़ों का बजट आया, लेकिन सड़कों की हालत बहुत ही खराब है। यह दिखाता है कि कांग्रेस ने अपने विकास के अलावा किसी का विकास नहीं किया। अमर पैलेस रामा मंडी में जनसभा करने के बाद जयराम ठाकुर ने जालंधर नॉर्थ से पार्टी प्रत्याशी कृष्णदेव भंडारी के लिए भी वोट मांगे।
कल्यणकारी योजनाओं से लाभान्वित हो रहे है लोग प्रतिमा राणा। पालमपुर विधान सभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि समाज के हर वर्ग को राहत उपलब्ध करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। केंद्र और प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के हर व्यक्ति को किसी न किसी रूप में प्राप्त हो रहा है। विधानसभा अध्यक्ष शुक्रवार को सुलाह निर्वाचन क्षेत्र की ग्राम पंचायत धोरण के चेलियां और ग्राम पंचायत बसकेहड़ के जुगेहड़ में लाखों की योजनाओं का शिलान्यास और उदघाटन करने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने चेलियां में 5 लाख से बनने वाले शेड कार्य का भूमि पूजन, ग्राम पंचायत बसकेहड़ में 20 लाख से निर्मित भाटिलु से जुगहेड़ संपर्क सड़क और जुगेहड़ में ही 5 लाख से लगाए गए विद्युतीकृत हैंडपंप लोकार्पण किया। 10 पंचायतों में पेयजल पर व्यय होंगे 35 करोड़ विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सुलाह विधानसभा क्षेत्र की 10 पंचायतों के लिए ब्रिक्स परियोजना में एक महत्वाकांक्षी पेयजल योजना बनाई जा रही है। इस योजना में पुन्नर, रमेहड़, मालनू, दरंग, धोरण, घनेटा, परौर, खरौठ, पनापर और गगल ग्राम पंचायतों में पेयजल सुधार पर 35 करोड़ व्यय किए जा रहे हैं और नलकूपों के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि दरंग, धोरण, घनेटा और चेलियां में पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए साढ़े 13 करोड़ से पेयजल योजना का निर्माण किया जा रहा है और जिसमें पालमपुर विधानसभा क्षेत्र के जिया से पेयजल पाइपों के माध्यम से लोगों को उपलब्ध करवाया जाएगा। 460 लाख से कूहल-कुथुल का किया जीर्णोद्धार परमार ने कहा कि दरंग, धोरण और घनेटा में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने वाली कूहल कुथुल का भी जीर्णोद्धार किया गया है।उन्होंने कहा कि वर्षों से बंद पड़ी इस कूहल में बड़ी पाइपों के माध्य्म से पानी खेतों तक पहुंचाने पर 4 करोड़ 60 लाख व्यय किए गए हैं। डरोह गढ़ पेयजल योजना के सुधार तथा पाइप बदलने पर व्यय होंगे 13 करोड़ इसके पश्चात विधानसभा अध्यक्ष ने जुगेहड़ में कहा कि डरोह गढ़ पेयजल योजना के सुधार तथा निर्माण पर 13 करोड़ रुपए किए जा रहे हैं। इसमें बंदला तक सभी पाइपों को बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में ग्राम पंचायत बसकेहड़, डरोह, देवी में 250 नए नल लगाए गए हैं और इस पर 20 लाख रुपए व्यय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि दीवान चंद कूहल जो वर्षों से बंद थी उसे भीखाशाह से भाटिलु तक पाइप डाल कर इलाके के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने सभी मांगों को चरणबद्ध पूरा करने का आश्वासन दिया। उन्होंने खोबड़ा से मलोग तक संपर्क सड़क के निर्माण के भी आदेश विभाग दिया। विधान सभा अध्यक्ष ने सामुदायिक भवन के लिये जमीन दान देने वाली रिखी देवी का आभार प्रकट किया। चेलियां के दो महिला मंडलो को 11-11 हजार देने की घोषणा की। यह रहे उपस्थित कार्यक्रम में भाजपा मंडल अध्यक्ष देश राज शर्मा, धोरण पंचायत के प्रधान एवं मंडल महामंत्री सुखदेव मसंद, बसकेहड़ के प्रधान भूपिंदर राणा, धोरण के उपप्रधान धर्म चंद, किशन चंद, बीडीसी अध्यक्ष अनिता चौधरी, बीडीसी सदस्य राजीव शर्मा और संतोष देवी, अवतार राणा, सुरजीत जम्वाल, बलबीर बल्लू, मंजूला गुलेरिया, बूथ अध्यक्ष अशोक कुमार, ग्राम के प्रभारी रिपु दमन गुलेरिया, राकेश कुमार, जिला पंचायत अधिकारी रंजीत कुमार, बीडीओ संकल्प गौतम, एसडीओ जलशक्ति अश्वनी शर्मा, एसडीओ विद्युत प्रवीण कुमार व एसडीओ लोक निर्माण सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर व अखिल भारतीय कांग्रेस चुनाव प्रधिकरण द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस सदस्यता अभियान की पीआरओ पूर्व सासंद दीपा दासमुंशी एवं एपीआरओ शमीमा रैना प्रदेश में मंगलवार 15 से 18 फरवरी तक जिला सिरमौर, सोलन, हमीरपुर व ऊना जिलों के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान कांग्रेस नेता जिला अध्यक्षों, जिला पदाधिकारियों, कांग्रेस सदस्यता अभियान के लिए जिला संयोजकों, ब्लॉक अध्यक्षों, ब्लॉक संयोजक डिजिटल सदस्यता अभियान के संयोजकों के अतिरिक्त अग्रणी सगंठनों के जिला प्रमुखों के साथ सदस्यता अभियान को लेकर इन जिलों में बैठके व इस अभियान की प्रगति की पूरी जानकारी लेंगे और आवश्यक दिशा निर्देश देंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष राठौर सहित दीपा दासमुंशी व शमीना रैना 15 फरवरी को नाहन में दोपहर 12 बजे बैठक के बाद पत्रकारों से रूबरू होंगे व बाद में सोलन को रवाना हो जाएंगे। इस दिन रात्रि विश्राम सोलन रहेगा। 16 फरवरी को 11.30 बजे सोलन में बैठक के बाद पत्रकार वार्ता करेंगे व इसके बाद हमीरपुर के लिए रवाना होंगे। इस दिन रात्रि विश्राम हमीरपुर रहेगा। 17 फरवरी को सुबह 11.30 बजे हमीरपुर में जिला व अन्य पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद पत्रकाराें से रू-ब-रू हाेंगे। तत्पश्चात ऊना को रवाना हाेंगे। इस दिन रात्रि विश्राम ऊना में रहेगा। 18 फरवरी को सुबह 10.30 बजे जिला पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से रूबरू होंगे। इसके उपरांत चंडीगढ़ के लिए रवाना हो जाएंगे।
मनोज कुमार। कांगडा 13 फ़रवरी रविवार को भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जाति मोर्चा मंडल शाहपुर की बैठक मंडल अध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा सुरजन कुमार की अध्यक्षता में भटेछ (ढडंब) के संत रविदास भवन में रखी 10.30 बजे रखी गई है। इसमें संगठनात्मक जिला कांगड़ा जिला मोर्चा के जिलाध्यक्ष अश्विनी गिल, जिला महामंत्री व मंडल शाहपुर के प्रभारी विशेष रुप से उपस्थित रहेंगे। लव कुमार मंडल महामंत्री अनुसूचित जाति मोर्चा मंडल शाहपुर ने बताया कि बैठक को जिला के अध्यक्ष संबोधित करेंगे व संगठनात्मक और वर्ष 2022 की चुनावी रणनीति व भाजपा सरकार द्वारा हमारे समाज के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं के विषय में जानकारी साझा करेंगे।
विनायक ठाकुर। देहरा भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अक्षय सिंह डढवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा है कि अगर प्रदेश सरकार जिला बनाती है, तो उसमें देहरा का नाम सबसे ऊपर होना चाहिए। क्योंकि देहरा प्रदेश की सबसे पुरानी और बड़ी तहसील थी, जो कि 1868 में स्थापित हुई थी। जिला बनाने की दृष्टि से आज देहरा सभी मानकों पर खरा उतरता है। इसमें जयराम सरकार को बिना राजनीतिक द्वेष रखते हुए देहरा को जिला बनाना चाहिए। मौजूदा दौर में देहरा विकास की दृष्टि से लगातार पिछड़ता जा रहा है और वर्ष 2012 में नई विधानसभा बनने के बाद लगातार भाजपा का देहरा पर कब जा रहा है, लेकिन विकास को गति देने में भाजपा के नेता असफल रहे हैं। आज भी देहरा के लोगों केंद्रीय विश्वविद्यालय को स्थापित करवाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जो कि यूपीए सरकार के दौरान देहरा को दीया गया था। अक्षय डढवाल ने कहा कि देहरा वासियों की आज एक ही स्वर में मांग है कि दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए देहरा वासियों की उम्मीदों पर खरे उतरते हुए देहरा को जल्द से जल्द जिला बनाया जाए।
गोपालपुर-2 खंड की 98 में से 12 उत्कृष्ट समितियों को कोट हटली में किया पुरस्कृत फर्स्ट वर्डिक्ट। सरकाघाट राजकीय केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला कोट हटली में आयोजित शिक्षा खंड गोपालपुर द्वितीय की प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च व वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं की खंड स्तरीय उत्कृष्ट स्कूल प्रबंधन समितियों को पुरस्कृत करने के लिए समारोह आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय विधायक कर्नल इंद्र सिंह ठाकुर मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुए। खंड के 98 विद्यालयों में से 12 उत्कृष्ट स्कूल प्रबंधन समितियों का पुरस्कार के लिए चयन हुआ है। यह चयन पहले कलस्टर स्तर पर और उसके बाद खंड स्तर पर हुआ, जिनमें से उत्कृष्ट स्कूल प्रबंधन समितियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्राथमिक विद्यालयों में से राजकीय केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला बग्ग पौंटा को प्रथम पुरस्कार, राजकीय केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला कोट हटली को द्वितीय, राजकीय केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला टिक्करी सध्वानी व राजकीय केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला समैला को तृतीय पुरस्कार मिला। माध्यमिक विद्यालय वर्ग में राजकीय माध्यमिक पाठशाला घरवासडा़ को प्रथम, राजकीय माध्यमिक पाठशाला धबोई को द्वितीय व राजकीय माध्यमिक पाठशाला नगरोटा को तृतीय पुरस्कार मिला। उच्च विद्यालय वर्ग में राजकीय उच्च विद्यालय कैहरी प्रथम, राजकीय उच्च विद्यालय सुलपुर बही द्वितीय तथा राजकीय उच्च विद्यालय कलथर को तृतीय पुरस्कार मिला। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पौंटा प्रथम, श्रीमति बालशैला राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बल्द्वाडा द्वितीय तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कोट हटली को तृतीय पुरस्कार मिला। पुरस्कार वितरण समारोह खंड परियोजना अधिकारी राकेश धीमान की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। समारोह के आयोजक प्राईमरी व अपर प्राईमरी के बीआरसी अशोक कुमार व संगीता कुमारी ने बताया की शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों अनुसार प्रतिवर्ष सभी विद्यालयों में से उत्कृष्ट कार्य करने वाली स्कूल प्रबंधन समिति को सम्मानित करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, ताकि सभी स्कूल प्रबंधन समितियां एक दूसरे से प्रेरित होकर अपने-अपने विद्यालयों में बेहतर समन्वय स्थापित करके विद्यालयों की बेहतरी के लिए आपसी तालमेल स्थापित कर हर संभव प्रयास करें। समग्र शिक्षा अभियान के तहत विद्यालयों में अभिभावकों व समाज की सहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्यातिथि कर्नल इंद्र सिंह ठाकुर ने संबोधन में कहा कि आज के इस दौर में विद्यालयों का प्रबंधन केवल स्कूल मुखियाओं व शिक्षकों तक ही सीमित नहीं रह गया है। किसी भी विद्यालय की उन्नति के लिए जन सहभागिता भी बेहद जरूरी है और स्कूल प्रबंधन समितियां इस कड़ी में बाखूबी काम कर रही हैं। उन्होंने कहा हमें उम्मीद ही नहीं विश्वास भी है कि सरकाघाट के हर विद्यालय की स्कूल प्रबंधन समिति अपने कार्य से उत्कृष्टता के पैमाने के नए आयाम स्थापित करेंगी, अभिभावकों व समाज को इस दिशा में अपना योगदान देना होगा। उन्हाेंने कहा कि स्कूल प्रबंधन समिति विद्यालयों में एक ऐसा स्तंभ है, जो विद्यालयों की हर शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों में अपनी सहभागिता से बेहतर परिणाम हासिल कर सकती हैं। इस समारोह में अन्य गणमान्य व्यक्तियों में सेवानिवृत्त उपनिदेशक (उच्च शिक्षा) अशोक शर्मा, कोट हटली पंचायत की प्रधान नीलम ठाकुर, उप-प्रधान कुशल व विभिन्न स्कूलों से आए प्रधानाचार्य, मुख्याध्यापक, सीएचटी सहित अन्य शिक्षकों व पुरस्कृत स्कूल प्रबंधन समितियों के सदस्य इस आयोजन में शामिल रहे।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज ओक ओवर, शिमला से चौपाल क्षेत्र के कुपवी खंड के लिए पंजाब नेशनल बैंक द्वारा भेंट की गई एम्बुलेंस को झंडी दिखाकर रवाना किया। यह एम्बुलेंस बैंक द्वारा निगमित सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत इस दूर-दराज के क्षेत्र के निवासियों के कल्याण के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला के माध्यम से भेंट की गई। मुख्यमंत्री ने बैंक के प्रबंधन के इस परोपकारी कार्य की सराहना करते हुए कहा कि इस एम्बुलेंस से कुपवी क्षेत्र के 16,000 से अधिक निवासी लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रणधीर शर्मा, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी शिमला डाॅ. सुरेखा और बैंक के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
विनायक ठाकु। जसवां परागपुर शिवसेना हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष निशांत शर्मा ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर से उनके आवास स्थान जसवां में मुलाकात की। उनके साथ वरिष्ठ उपाध्यक्ष परमिंदर भट्टी, राष्ट्रीय युवा प्रधान इशांत शर्मा, पंजाब लीगल सेल प्रधान केतन शर्मा तथा पंजाब यूथ चेयरमैन सोनू राणा भी उपस्थित थे। शिवसेना हिंद की राष्ट्रीय टीम ने उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर को चुनरी तथा तलवार देकर सम्मानित किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिवसेना हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष निशांत शर्मा ने जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र में उद्योग मंत्री विक्रम सिंह ठाकुर द्वारा करवाए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि आजादी के बाद पहली बार इस हलके को कैबिनेट मंत्री मिला है और बिक्रम ठाकुर के मंत्री बनने के उपरांत जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र की तकदीर और तस्वीर बदली है। उन्होंने कहा कि जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र के अंदर बिक्रम ठाकुर ने आईपीएच और पीडब्ल्यूडी का अलग से डिवीजन खुलवाया गया है। टैरेस में मॉडल आईटीआई, कोटला वेहड़ में डिग्री कॉलेज, कूहना में फार्मसी कॉलेज, जंडौर में पॉलिटेक्निकल कॉलेज, रक्कड में कॉलेज का निर्माण, भरोली जदीद में अटल आदर्श विद्यालय, संसारपुर टैरेस में एचआरटीस का डिपो, कोटला बेहड में बैटनरी पॉलीक्लिनिक, चनौर में इंडस्ट्रियल सैटअप के साथ साथ डाडासीबा सीएससी का दर्जा बढ़ाकर सिविल अस्पताल करवाया गया है। डाडासीबा सिविल हॉस्पिटल को अल्ट्रासाउंड मशीन, जबकि पीरसलूही और कस्बा कोटला अस्पतालों को डिजिटल एक्स रे मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं। उन्होंने जसवां परागपुर विधानसभा क्षेत्र के तथाकथित समाजसेवियों पर निशाना साधते हुए कहा कि इनका असली उद्देश्य विधानसभा का चुनाव लड़ना है और यह समाजसेवा के नाम पर ड्रामेबाजी कर रहे हैं। निशांत शर्मा ने कहा कि इस तरह के लोगों की कारगुजारियों से जनता भली-भांति परिचित है तथा आने वाले दिनों में शिवसेना हिंद जल्द ही इनके चेहरे बेनकाब करेगी।
फर्स्ट वर्डिक्ट। कांगड़ा विधायक पवन काजल ने कहा प्रदेश की भाजपा सरकार ने धर्मशाला से पहले शीतकालीन राजधानी का दर्जा छिना अब शीतकालीन प्रवास बंद कर जिला कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र की जनता से अन्याय किया है। उन्होंने कहा वर्षों से पूर्व मुख्यमंत्री स्व. राजा वीरभद्र सिंह ने जिला कांगड़ा के विकास को गति देने के लिए धर्मशाला में शीतकालीन राजधानी बनाने साथ लगभग एक महीने का शीतकालीन प्रवास कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर और ऊना जिला के विकास के लिए करने का फैसला लिया था। शीतकालीन प्रवास दौरान मुख्यमंत्री विभिन्न विभाग अध्यक्षों के साथ हर विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर आम जनता की समस्याएं सुनने के साथ नई परियोजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन कर विकास को नई दिशा देते रहे हैं, लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार मात्र धर्मशाला सर्किट हाउस तक ही सीमित रह गई है। भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री मिनी सचिवालय में नहीं बैठते हैं और न ही वहां पर कोई जनता की समस्याएं सुनने वाला है, जिसका जवाब जिला की जनता ने आने वाले विधानसभा चुनावों में देने का मन बना लिया है। काजल शनिवार को "आपका विधायक आपके घर" द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम पंचायत भडियाड़ा में ग्रामीणों साथ चर्चा करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए पूर्व कांग्रेस सरकार ने गग्गल में एक आईटी पार्क को मंजूरी प्रदान की है, लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार अपने चार वर्ष के कार्यकाल में आईटी पार्क का निर्माण करवाने में फिसड्डी रही है। जिला के भाजपा नेताओं को आईटी पार्क का निर्माण ना होने पर साधी चुप्पी का जवाब देना चाहिए। काजल ने कहा भडियाड़ा पंचायत में 10 लाख 75 हजार लीटर कैपेसिटी का ओवरहेड टैंक का निर्माण कार्य प्रगति पर है। और 18 करोड़ रुपए की लागत से निर्माणाधीन पेयजल योजना का कार्य छह महीने भीतर पूरा कर लगभग एक दर्जन गांवों के बाशिंदों को 24 घंटे पीने के पानी की सुविधा मुहैया करवा दी जाएगी। काजल ने कहा प्रदेश की भाजपा सरकार महंगाई और बेरोजगारी पर लगाम कसने में नाकाम रही है और अब नि:शुल्क बिजली देने के नाम पर भी जनता को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने ही गांव के महिला मंडलों को दस-दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी दी। इस मौके पर पंचायत प्रधान रविंद्र, उपप्रधान मनोहर लाल, समिति सदस्य कुशला देवी, संसार सिंह, अनिल कुमार, बर्षा देवी, पुष्पा देवी, रेखा देवी, बिंदु कुमारी, राजिन्द्र पटियाल, नरेन्द्र प्रकाश, प्यार सिंह, राणा, गोपाल सैनी, सीता राम, रोशन लाल, महिला मंडल प्रधान पुष्पा देवी, निशा देवी प्रधान महिला मंडल, राज कुमारी महिला मंडल प्रधान, तृप्ता देवी व बिंदु कुमारी भी उपस्थित।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने बर्फबारी से निपटने पर प्रशासन की व्यवस्था पर रोष जताया है। उन्होंने कहा कि 2 दिनों की बर्फबारी ने सरकार और प्रशासन की खोखली व्यवस्था की पूरी पोल खोल दी है। आम जन जीवन को सुचारू रखने में प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हुआ है। राठौर ने आज एक बयान में कहा कि आज शनिवार को धूप खिलने के बाबजूद पर जनजीवन सामान्य करने में प्रशासन पूरी तरह असफल रहा है। लोगों को आज भी आने जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। राजधानी शिमला शहर में दोपहर तक यातयात सामान्य न होने परिवहन निगम की बसे न चलने की वजह से लोगों को मजबूरी में पैदल ही आना जाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि इसी तरह शहर के कई क्षेत्राें में बिजली की आंखमिचौनी भी लोगों को परेशानी का सबब बनी। सड़कों पर से बर्फ हटाने का काम भी धीमी गति से चलता रहा। सरकार के पास कोई पुख्ता इंतजाम ही नहीं है। राठौर ने कहा कि सरकार की प्रशासन पर कोई पकड़ ही नहीं है। आज स्थानीय अवकाश को लेकर भी अचरज की स्थिति बनी रही। राठौर ने सरकार से प्रदेश में बर्फबारी से बंद पड़े शिमला से ऊपरी क्षेत्रों सहित जन जातीय क्षेत्रों में जन जीवन सामान्य करने और बंद पड़ी सड़कों विशेष तौर पर दूरदराज की संपर्क सड़कों को बहाल करने का आग्रह किया है।उन्होंने कहा है कि दूरदराज के बर्फबारी वाले क्षेत्रों में आवश्यक खाद्य वस्तुओं खाना पकाने की गैस की आपूर्ति भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
फर्स्ट वर्डिक्ट। जयसिंहपुर जयसिंहपुर के विधायक रविंद्र धीमान 5 फरवरी को पंचरुखी में जनता के दरवार आकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे। साथ ही कार्यकर्ताओं से भी विचार-विमर्श करेंगे। जयसिंहपुर भाजपा मीडिया के प्रभारी प्रकाश चंद ने कहा कि विधायक रविंद्र धीमान 5 फरवरी को विकास खंड कार्यालय पंचरुखी में जनता की समस्याएं सुनेंगे। मौके पर ही समाधान भी किया जाएगा। इस मौके पर सभी विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक के कार्यकाल में क्षेत्र में चहुंमुखी विकास हुआ हैं। पंचरुखी में बनने वाले मुख्यमंत्री लोक भवन का कार्य प्रगति पर है। स्वास्थ्य केंद्र पंचरुखी का दर्जा बढ़ने के साथ लगभग 3 करोड़ के अतिरिक्त भवन का निर्माण कार्य जारी है। उन्होंने कहा पंचरुखी में तहसील भवन का शिलान्यास भी जल्द ही किया जाएगा।
विनायक ठाकुर/ज्वालामुखी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का ज्वालामुखी में भाजपा कार्यकर्ताओं ने युवा नेता रजनीश धवाला के नेतृत्व में जोरदार स्वागत किया और मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि शीघ्र ही ज्वालामुखी का दौरा करें और यहां पर करोड़ों रुपए के विकास कार्यों के शिलान्यास और उद्घाटन उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। शीघ्र ही उन्हें जनता को समर्पित करें ज्वालामुखी क्षेत्र की प्रमुख मांगे यहां पर बीडीओ कार्यालय खोलने जल शक्ति विभाग का मंडल कार्यालय लोक निर्माण विभाग का मंडल कार्यालय हिमाचल पथ परिवहन निगम का सब डिपो पॉलिटेक्निकल कॉलेज आईटीआई और अन्य कई जरूरी कार्यालय यहां पर खोले जाने हैं, उनकी घोषणा करने की भी जोरदार मांग की गई मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आश्वासन दिया कि शीघ्र ही ज्वालामुखी दौरे पर आ रहे हैं और लोगों की पुरजोर मांगे पूरी होगी, ताकि आने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को यहां पर कड़ी टक्कर दी जा सके। रजनीश धबाला ने उन्हें माता की चुनरी प्रसाद और फूलों का गुलदस्ता भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर कई भाजपा नेता और कार्यकर्ता उनके जोरदार नारे लगाते हुए देखे गए।
फर्स्ट वर्डिक्ट। साेलन एनएसयूआई सोलन के जिलाध्यक्ष तुषार सिंह स्तान को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पंजाब चुनाव में भोलथ विधानसभा का समन्वयक निकयुक्त किया गया। तुषार सिंह स्तान सोलन एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष हैं और पिछले 9 वर्षों से एनएसयूआई व कांग्रेस के कार्य कर रहे हैं। इससे पहले भी तुषार कई चुनावों में काम कर चुके हैं, जैसे कि धर्मशाला उपचुनाव, सोलन नगर निगम चुनाव और हाल ही मे हुए जुब्बल नावर कोठखाई के उपचुनाव में भी कार्य किया। जिसमें सोलन नगर निगम चुनाव और जुब्बल नावर कोटखाई के उपचुनावों में कांग्रेस का परचम लहराया है और अब पंजाब के आम चुनाव है और तुषार की कार्यशैली को देखते हुए तुषार स्तान पंजाब की भोलथ विधानसभा का कॉर्डिनेटर नियुक्त किया गया है। इस जिम्मेदारी के लिए तुषार स्तान ने अखिल भारतीय कांग्रेस की अध्यक्षा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, जुब्बल कोटखाई के विधायक रोहित ठाकुर और युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मनीष ठाकुर और एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर का धन्यवाद किया।
चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू दो प्रमुख दावेदारों में से एक हैं. कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन के लिए टेली पोल प्रक्रिया अपना रही ह चंडीगढ़: पंजाब विधानसभा चुनाव नजदीक है. पार्टियों ने उम्मीदवारों की घोषणा तेज कर दी है. कांग्रेस ने भी कई विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, बदलते चुनावी समीकरण के बीच कांग्रेस पार्टी अब अपने CM उम्मीदवार की घोषणा 6 फरवरी को करेगी। चरणजीत सिंह चन्नी और नवजोत सिंह सिद्धू दो प्रमुख दावेदारों में से एक हैं. कांग्रेस उम्मीदवारों के चयन के लिए टेली पोल प्रक्रिया (tele-poll) अपना रही है. इसमें जनता से उनकी पसंद के सीएम चेहरे को लेकर फीडबैक लिया जा रहा है। पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन के लिए कार्यकर्ताओं से भी राय मांगी है। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा था कि हम जल्द से जल्द मुख्यमंत्री उम्मीदवार की आपकी मांग को पूरा करेंगे। आम तौर पर, हम मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं करते हैं, लेकिन अगर कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते हैं, तो हम एक चेहरे का भी चयन करेंगे. लेकिन इसके लिए हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं से परामर्श करेंगे वे फैसला करेंगे। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने तो पंजाब में अपने सीएम चेहरे के उम्मीदवार की भी घोषणा भी कर दी है.आम आदमी पार्टी ने भगवंत मान को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया है. अरविंद केजरीवाल ने इसका ऐलान किया. बता दें कि पंजाब की सभी 117 सीटों पर अब 20 फरवरी को वोट डाले जाएंगे मतगणना 10 मार्च को होगी ।
मीनाक्षी साेनी। हमीरपुर हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता नरेश ठाकुर ने जारी बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 4 वर्ष बाद हमीरपुर जिला की याद आई तो है, मगर इस दौरे में भी मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण तक ही सीमित रहा न कोई घोषणा और न ही कोई विकास की बात कही उल्टा यह कहकर चले गए कि हमीरपुर मैं बहुत विकास हो रहा है। जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से हमीरपुर जिला के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है विकास के नाम पर 4 वर्ष के कार्यकाल में एक नई नींब नहीं रखी प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने हमीरपुर जिला की कुछ विधानसभा का आज तक दौरा भी नहीं किया। अब जब प्रदेश की भाजपा सरकार चंद दिनों की मेहमान है, तो हमीरपुर की याद आई और आते ही फिर से हमीरपुर जिला को ट्रेन के साथ जोड़ने अलाप जपने लगे जिला व प्रदेश की जनता भाजपा के लोक लुभावने सपनों में नहीं आने वाली है।
फर्स्ट वर्डिक्ट। बैजनाथ हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव रमेश रॉव ने बजट को कहा- बेहद निराशाजनक, इस बजट में कुछ भी नहीं है। यह आश्चर्यजनक रूप से बजट-2022 निराशाजनक बजट है। इसमें मनरेगा का, रक्षा का जनता के सामने आने वाली किसी अन्य जरूरी प्राथमिकताओं का कोई जिक्र नहीं है। हम भयानक मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं और मध्यम वर्ग के लिए कोई कर राहत नहीं है। ये बजट 'अच्छे दिनों' को और दूर धकेलता दिख रहा है। सबसिडी कटी, फ़ूड सबसिडी 2.86 लाख करोड़ से कम कर की 2.06 लाख करोड़ है। उन्हाेंने कहा कि किसान की खाद पर सबसिडी 1.40 लाख करोड़ से कम कर की 1.05 लाख करोड़ है। इसके साथ ही मनरेगा का बजट 98,000 कराेड़ से कम करके 73,000 कराेड़ कर दिया है। उन्होंने ने कहा कि खेती बजट 6 प्रतिशत काटा है। यह देश के किसान के साथ और आम जनता के साथ सबसे बड़ा धोखा है। भूखे हाथी को एक मुट्ठी घास की दे दी जाए, तो क्या होगा। ये बजट हर पायदान पर औंधे मुंह गिरा है। पैरा 141 में वित्तीय घाटा और राजकोषीय घाटा का ज़िक्र आया। वहीं, उसको छिपाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने ने कहा नौकरी-पेशा लोगों को धोखा दिया। उन सांसदों को भी धोखा दिया, जो वित्त मंत्री के बजट भाषण को सुन रहे थे। डिफेंस बजट में एक फूटी कौड़ी भी नहीं बढ़ाई गई है। चीन से तनाव चल रहा है, लेकिन बजट में रक्षा को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई। रमेश रॉव ने कहा की केंद्र सरकार ने मध्यवर्गीय और गरीब जनता सारे हक मार कर, इसीलिए कॉर्पोरेट टैक्स 18 प्रतिशत से 15 प्रतिशत कर दिया गया, इस बजट मिडिल क्लास के साथ विश्वासघात, हुआ और अपने कॉर्पोरेट घराने को लेकर मोदी सरकार ने चिंता दर्शाई है। पुरा देश मोबाइल रिचार्ज की बड़ी कीमतों पर चिल्लाता रहा और यह सरकार बजट मोबाइल चार्ज सस्ता करने की बात कह गई, जो कि पहले ही सस्ता है, जनता को सिर्फ मुर्ख बनाने का काम किया गया।
कांग्रेस की सातवीं सूची के मुताबिक, कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से सीमा देवी को उम्मीदवार बनाया गया है। इस सीट पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के उम्मीदवार है। लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बुधवार को अपने उम्मीदवारों की सातवीं लिस्ट जारी की. इस सूची में 27 उम्मीदवारों को टिकट दिए गए हैं, जिसमें 11 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं | कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अब तक कुल 346 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, जिनमें 40 फीसदी टिकट महिलाओं को दिया गया है. इस बार चार सीटों में उम्मीदवार का नाम बदला गया है. इसमें कुरसी, बाराबंकी, भींगा और पिपराईच विधानसभा सीट शामिल हैं. कुरसी से जमील अहमद की जगह उर्मिला पटेल को टिकट मिला है. बाराबंकी से गौरी यादव की जगह रूही अरशद को टिकट दिया गया है। भींगा से वंदना शर्मा की जगह गजाला चौधरी को टिकट मिला है, जबकि पिपराईच से मेनका पांडेय की जगह सुमन चौहान को टिकट दिया गया है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के रण में लड़की हूं लड़ सकती हूं थीम के साथ उतरीं प्रियंका गांधी महिलाओं के साथ बातचीत कर रही हैं. इस दौरान प्रियंका हाउस वाइफ, स्कूली, कॉलेज जाने वाली छात्रों को किस तरह की परेशानी आ रही है और उनके लिए क्या बेहतर होना चाहिए यह जानने की कोशिश कर रही हैं प्रियंका गांधी ने नोएडा में महिलाओं के साथ बातचीत के दौरान कहा कि सरकार की नीतियां सिर्फ 4-5 लोगों के लिए होती हैं. उनके पास MSMEs, छोटे व्यवसायों का का समर्थन करने के लिए कोई नीति नहीं है. मुनाफ़ा कुछ मुट्ठी भर लोगों को मिलता है. वे बंदरगाह, हवाई अड्डे, एयर इंडिया खरीद रहे प्रियंका गांधी के साथ बातचीत करते हुए महिलाओं ने कहा कि जो बदलाव की बयार उन्होंने लाई है उससे वह बेहद खुश हैं. यह लड़का और लड़की में एकरूपता लाने के बड़ा कदम है | महिलाओं को नकारा जाता है: इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा, सभी राजनीतिक पार्टियां अपना वोट बैंक पहचानती हैं. जाति के आधार पर तो वोट बैंक बचाए जाते हैं, ... लेकिन प्रदेश में जो 50 फीसदी महिला वोटर्स हैं उन्हें हमेशा से ही नकारा जाता रहा है. उन्होंने कहा कि यह सब सिर्फ इसलिए होता है क्योंकि महिलाएं खुद अपनी आवाज नहीं उठाती हैं. आज महिलाओं को एक मुट्ठी की तरह इकट्ठा होने की जरूरत है ताकि सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि दुनिया उन्हें सुन सके
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज डाॅ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर के पैथोलाॅजी विभाग में 84.20 लाख की लागत से स्थापित हिस्टोपैथोलाॅजी प्रयोगशाला का लोकार्पण किया। उन्होंने बाॅयो-केमिस्ट्री विभाग में 15 लाख की लागत से स्थापित ऑटोमेटिड बाॅयो-केमिस्ट्री एनालाइजर का लोकार्पण भी किया। इस सुविधा से एक घंटे में 360 फोटोमेट्रिक जांच तथा कोविड-19 मरीजों के बाॅयो-केमिस्ट्री टेस्ट भी किए जा सकेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत चिकित्सा महाविद्यालय के नेत्र विज्ञान विभाग में नेत्रदान केंद्र का शुभारंभ भी किया। उन्होंने कुपोषित बच्चों के उपचार और पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत चिकित्सा महाविद्यालय में पोषण पुनर्वास केंद्र का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने निष्पादन एजेंसियों को इस परियोजना को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह परियोजना को इस वर्ष अगस्त माह तक पूर्ण होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में करीब 250 बिस्तर और सात ऑपरेशन थियेटर होंगे। उन्होंने इस परियोजना के निर्माण कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर डाॅ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर की प्रधानाचार्य डाॅ. सुमन यादव ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। विधायक कमलेश कुमारी और नरेंद्र ठाकुर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, कौशल विकास निगम के राज्य संयोजक नवीन शर्मा, जिला परिषद की अध्यक्षा बबली देवी, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य संन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राकेश कुमार बबली, भाजपा के मीडिया प्रभारी विनोद कुमार, उपायुक्त देवश्वेता बनिक, पुलिस अधीक्षक आकृति शर्मा और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबाेधन सुना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था विषय पर देश भर में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में बजट प्रस्तुत करने के एक दिन बाद उन्होंने वर्चुअल माध्यम से यह संवाद किया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने परिधि गृह हमीरपुर में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ प्रधानमंत्री का संबोधन सुना। विधायक कमलेश कुमारी और नरेंद्र ठाकुर, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, कौशल विकास निगम के राज्य संयोजक नवीन शर्मा, जिला परिषद की अध्यक्ष बबली देवी, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य संन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष राकेश कुमार बबली, भाजपा के मीडिया प्रभारी विनोद कुमार और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
बंजार। नवीन बंजार के अंबेडकर भवन में बुधवार को दर्जनों भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बंजार विधानसभा क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र शौरी, भाजपा मंडल अध्यक्ष बलदेव महंत, माला ठाकुर नगर पंचायत अध्यक्ष, आशा शर्मा पंचायत समिति, डूर सिंह उपाध्यक्ष, प्रकाश वशिष्ट, बनवारी लाल, ओम प्रकाश, कांता राणा, जय सिंह, श्रवण कुमार, कुलदीप सोनी, संजय ठाकुर, बालक राम ठाकुर तथा अन्य दर्जनों कार्यकर्ताओं ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वर्चुअल के माध्यम से आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था वर्चुअल भाषण को सुना। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर है। उन्होंने कहा कि इस बजट की सराहना अमेरिका आदि देशों में भी की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट में किसानों के लिए कई योजनाओं के माध्यम से किसानों को लाभ प्राप्त होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह बजट अन्य भक्तों से यूनिक बजट है इस बजट में सभी लोगों का विशेष ध्यान रखा गया है। उन्होंने वर्चुअल के माध्यम से यह भी कहा कि विपक्ष इस बजट को लेकर के लोगों को गुमराह कर रहा है, पर यह बजट सभी लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। इस अवसर पर बंजार विधानसभा क्षेत्र के करीब 200 भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और बजट पर विशेष रूप से मंथन भी किया गया कि यह बजट अन्य बजट से अलग माना गया है।
नंदरुल पंचायत में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट के दौरान बोले विद्यायक पवन काजल मनाेज कुमार। कांगड़ा विधायक पवन काजल ने प्रदेश की भाजपा सरकार जिला कांगड़ा के साथ विकास में भेदभाव का आरोप लगाया है। धर्मशाला से लोक निर्माण विभाग के क्वालिटी कंट्रोल विंग के वृत्त कार्यालय को धर्मशाला से जिला मंडी के धर्मपुर शिफ्ट करने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए काजल ने कहा भाजपा सरकार चार वर्ष के कार्यकाल में जिला कांगड़ा में एक भी नई योजना या सरकारी कार्यालय खोलने में नाकाम रही है। उल्टा पहले से स्थापित सरकारी कार्यालयों को यहां से क्रमवार शिफ्ट किया जा रहा है, जिसे कांग्रेस पार्टी और जिला की जनता बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा इससे पहले धर्मशाला से प्रोजेक्ट ऑफिस जल शक्ति विभाग का भी धर्मपुर शिफ्ट किया जा चुका है। इसका खामियाजा भाजपा को आने वाले चुनावों में भुगतना पड़ेगा। काजल मंगलवार को नंदरुल पंचायत में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा युवा नशे से दूर रहकर ग्रामीण स्तर पर आयोजित खेलकूद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करें। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार बेरोजगारी पर लगाम कसने में नाकाम रही है। उन्होंने युवक मंडल को प्रतियोगिता के सफल आयोजन पर बधाई और दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता जारी की। प्रतियोगिता के आयोजक न्यू जयंती युवा क्लब नंदरूल के प्रधान अंकुश ने बताया कि प्रतियोगिता में 15 टीमों ने हिस्सा लिया। फाइनल मैच में नंदरुल की टीम ने वीरता गायत्री क्लब सेवकरा को हराकर ट्रॉफी पर क़ब्ज़ा जमाया। इस अवसर पर लक्की, मनु, नूतन, अब्बू, रवनीत व अमित सहित ग्रामीण भी उपस्थित रहे।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आज बजट में कर्मचारियों को बहुत बड़ी निराशा हाथ लगी है हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ एवं हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष तथा अखिल भारतीय माध्यमिक शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि केंद्र सरकार का बजट कर्मचारियों के लिए निराशा भरा रहा। उन्होंने कहा कि जब-जब केंद्र व प्रदेशों में नया वित्त आयोग जारी किया गया, तब तक टैक्स की स्लैब में दोगुना बढ़ोतरी हुआ करती थी। क्योंकि नया पे कमीशन लागू होने से कर्मचारियों की वेतन वृद्धि होने के कारण कर्मचारियों को ज्यादा राशि टैक्स के रूप में ना देनी पड़े। इसलिए केंद्र सरकार द्वारा टैक्स की स्लैब में वृद्धि कर कर्मचारियों को टैक्स में छूट का प्रावधान रखा जाता आया है। ज्ञात रहे कि 3 वर्ष पहले केंद्र सरकार द्वारा 7वां पे कमीशन जारी कर दिया गया था और हिमाचल में इस बार छठा पे कमिशन कर्मचारियों को जारी कर दिया है। पिछले चार-पांच सालों से केंद्र के बजट में कर्मचारियों को किसी तरह की राहत नहीं देखने को मिली इस बार कर्मचारी बजट से आशा लगाए बैठे थे की टैक्स स्लैब दोगुना हो जाएंगे, जिससे केंद्र एवं राज्य के कर्मचारियों को टैक्स में भारी छूट मिल पाएगी, लेकिन केंद्र की ओर से किसी तरह की टैक्स स्लैब में वृद्धि नहीं करना सरासर मध्यम वर्ग के टैक्सपेयर के लिए एक बहुत बड़ी खतरे की घंटी है। क्योंकि मध्यम वर्ग के लोगों का ज्यादातर पैसा टैक्स के रूप में सरकार को जा रहा है और नेट इनकम से अपना और बच्चों का गुजारा करना आने वाले समय में बहुत ही कठिन हो जाएगा। इससे गरीब और अमीर के बीच एक बहुत बड़ी खाई पैदा होने वाली है, जो कि समाज के लिए एक अच्छा संकेत नहीं है। संघ ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री से कर्मचारियों के लिए टैक्स स्लैब में छूट की मांग की है।
आम आदमी पार्टी ने कांगड़ा में नियुक्त किए युथ विंग अध्यक्ष व महिला अध्यक्ष मनाेज कुमार । कांगड़ा आम आदमी पार्टी द्वारा कांगड़ा विधानसभा का गठन किया गया ।जिसकी अध्यक्षता स्टेट यूथ विंग प्रेसिडेंट अनूप सिंह पटियाल और नगरोटा विधानसभा अध्यक्ष नवनीत गोस्वामी द्वारा की गई ।इस मौके पर स्टेट यूथ विंग उपाध्यक्ष राजकुमार तथा स्टेट यूथ विंग सचिव विरेंद्र मेहता भी विशेष रूप से उपस्थित रहे । इस दौरान कांगड़ा विधानसभा का अध्यक्ष रोहित चौधरी को नियुक्त किया गया और कांगड़ा विधानसभा में अलग-अलग विंगो का भी गठन किया गया जिसमें कांगड़ा विधानसभा की महिला विंग अध्यक्ष की जिम्मेदारी किरण बाला को दी गई है तथा ओबीसी विंग का अध्यक्ष अजय विश्वास को नियुक्त किया गया है। कांगड़ा विधानसभा की मेन विंग में सुनील दत्त बालकृष्ण डोगरा श्याम वर्मा और को उपाध्यक्ष कांगड़ा नियुक्त किया गया है विधानसभा संगठन मंत्री की जिम्मेदारी अजय कुमार को दी गई तथा शिवकुमार को विधानसभा सचिव नियुक्त किया गया। कांगड़ा विधानसभा अध्यक्ष रोहित चौधरी ने प्रदेश प्रभारी रत्नेश गुप्ता सह प्रभारी, सचिन राय तथा प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी का बहुत-बहुत धन्यवाद किया और उन्हें यह विश्वास दिलाया कि वह भविष्य में आम आदमी पार्टी कांगड़ा विधानसभा को बहुत ही मेहनत के साथ आगे बढ़ाएंगे। पत्रकारवार्ता के दौरान युवा विंग अध्यक्ष अनूप पटियाल ने रोहित चौधरी को कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र का अध्यक्ष नियुक्त किया। प्रदेश युवा विंग अध्यक्ष अनूप पटियाल ने बताया कि आम आदमी पार्टी ने हिमाचल में सदस्यता अभियान शुरू कर दिया है। इस दौरान उन्होंने जयराम सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश सरकार जनता को सुविधाएं तो दे नहीं पा रही है। बावजूद इसके प्रदेश लगातार कर्ज के बोझ तले दब रहा है। उन्होंने कहा कि जनता बीजेपी और कांग्रेस की नीतियों से तंग आ गई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल दिवस पर मुख्यमंत्री ने 60 यूनिट बिजली फ्री की घोषणा की थी, जो सिर्फ और सिर्फ एक छ्लावा है, जबकि उसके पीछे की हकीकत कुछ और ही कहती है ।
भारत के आम बजट में मोदी सरकार ने रखा हर वर्ग का खयाल फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा की भारत का बजट ऐतिहासिक है। इस बजट में सभी वर्गों का खयाल रखंगया है। उन्होंने कहा के भारत का आम बजट आत्मनिर्भर भारत का आत्मनिर्भर बजट है। इस बजट से देश को नई ऊर्जा और नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा की मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी पूरी टीम को इस लोगों के अनुकूल और बजट के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं। इस बजट में क्रेडिट गारंटी में रिकॉर्ड वृद्धि के साथ ही कई अन्य योजनाओं का ऐलान किया गया है। डिफेंस के कैपिटल बजट का 68 परसेंट डोमेस्टिक इंडस्ट्री को रिजर्व करने का भी बड़ा लाभ होगा, भारत के एमएसएमई सेक्टर को भी बड़ा लाभ मिलेगा। बजट में भारत के कोटि-कोटि जनों की आस्था, मां गंगा की सफाई के साथ-साथ किसानों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल इन पांच राज्यों में गंगा किनारे, नैचुरल फॉर्मिंग को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्होंने कहा हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, नॉर्थ ईस्ट, ऐसे क्षेत्रों के लिए पहली बार देश में पर्वतमाला योजना शुरू की जा रही है। ये योजना पहाड़ों पर ट्रांसपोर्टेशन की आधुनिक व्यवस्था का निर्माण करेगी। इस बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू है- गरीब का कल्याण। हर गरीब के पास पक्का घर हो, नल से जल आता हो, उसके पास शौचालय हो, गैस की सुविधा हो, इन सभी पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके साथ ही आधुनिक इंटरनेट कनेक्टिविटी पर भी उतना ही जोर है। उन्होंने कहा पिछले 7 सालों में देश की नीतियाँ महिलाओं को लेकर और अधिक संवेदनशील हुई हैं। आज भारत उन देशों में है, जो अपने यहां सबसे अधिक मातृत्व अवकाश देता है। कम उम्र में शादी बेटियों की पढ़ाई और करियर में बाधा न बने, इसके लिए बेटियों की शादी की उम्र को 21 वर्ष करने का प्रयास है।
फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला सासंद प्रतिभा सिंह ने आज (मंगलवार) काे संसद में प्रस्तुत केंद्रीय बजट पर घोर निराशा प्रकट करते हुए इसे पूरी तरह दिशा व दशसहीन बताया है। उन्होंने कहा है कि बजट में ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं है, जिससे आम व मध्यम वर्ग के लोगों को बढ़ती महंगाई से कोई राहत मिल सकें। आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मंडी संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस सांसद प्रतिभा सिंह ने कहा कि बजट में हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्यों की घोर उपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि प्रदेश में रेलवे विस्तार के लिए कोई ठोस बजट आवंटित किया जाता, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ है। मंडी में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण का भी इस बजट में कोई उल्लेख नहीं है। प्रतिभा सिंह ने कहा है इस बजट से देश में बेरोजगारी के साथ-साथ महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने बजट को महज आंकड़ों का एक दस्तावेज बताया है, जो कभी भी लक्षित विकास दर को हासिल नहीं कर पाएगा।
सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में पहले दिन प्रदेश में 1425 महिलाओं ने लिया भाग फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश पदाधिकारी बैठक भाजपा मुख्यालय दीप कमल चक्कर में महिला मोर्चा अध्यक्ष रश्मिधर सूद की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक का संचालन महिला मोर्चा प्रदेश महामंत्री वंदना गुलेरिया ने किया। बैठक में पूर्व कार्यक्रमों की समीक्षा की गई और आगामी रणनीति तय की गई। रश्मिधर सूद ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा की हिमाचल प्रदेश में बिजली के बिलों में कटौती की गई है, इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का किया धन्यवाद और कहा कि यह एक सहरानीय कदम है। प्रदेश में अब बिजली के पहले 60 यूनिट जीरो कॉस्ट पर मिलेगे और 125 यूनिट जिनके लिए जनता को 1.90 रु देने पड़ते थे अब उनको केवल 1 रु देना पड़ेगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हमेशा जन भावनाओं का खयाल रखा है और हिमाचल राजत्व दिवस पर मुख्यमंत्री ने जनता की कई लंबित मांगों को पूरा किया है। उन्होंने कहा की आने वाले हिमाचल के बजट में भी महिलाओं का विशेष खयाल रखा जाएगा, इस बजट में भी कुछ अच्छा और नया होगा। उन्होंने कहा की प्रदेश में एक बूथ 20 बहनें हैं, इनको काम में कैसे लगाया जाए इसकी नीति भी तय कर ली गई है और आने वाले चुनावों में महिला मोर्चा किस प्रकार से काम करेगा उसको लेकर विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने बताया की सूर्य नमस्कार कार्यक्रम में पहले दिन प्रदेश में 1425 महिलाओं ने भाग लिया। इस बैठक में सूर्य नमस्कार का अभ्यास भी किया गया।
फर्स्ट वर्डिक्ट। धर्मशाला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल 1949 से ही समाज हित व राष्ट्रहित के साथ-साथ छात्र हित की मांगों को लेकर हमेशा अग्रसर रहता है। हाल ही में केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश की वेबसाइट पर 27 जनवरी, 2022 से ऑनलाइन कक्षाओं के लिए एक सूचना जारी की गई थी, जिसमें यह भी बताया गया था कि वर्तमान सत्र की परीक्षाएं कोविड के कारण परिस्थितियां अनुकूल होने पर करवाई जाएंगी। विश्वविद्यालय में छात्रों के 19 विभाग प्रतिनिधि हैं, इस विचार पर उनसे भी परामर्श लिया जा सकता था, परंतु प्रशासन द्वारा किसी भी प्रतिनिधि से इस बारे में कोई भी बात नहीं हुई थी तथा विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों का मानना था की यदि अगले सत्र की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी, तो छात्र अपने वर्तमान सत्र की पढ़ाई और आने वाले सत्र की पढ़ाई में उलझा रह जाएगा। छात्र दोनों ही सत्रों के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाएगा। इसीलिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने छात्र हितों की बात करते हुए चार दिन पहले केंद्रीय विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक के माध्यम से कुलपति को एक ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें इस मांग को प्रमुखता से उठाया गया था कि पहले वर्तमान सत्र की परीक्षाओं को पूर्ण किया जाए तथा उसके बाद ही अगला सत्र शुरू किया जाए, ताकि छात्रों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। अतः आज विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्र हित को ध्यान में रखते हुए यह सूचना जारी की गई है कि 14 फरवरी से विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोविड नियमों का ध्यान रखते हुए ऑफलाइन माध्यम से परीक्षाएं करवाई जाएंगी।
कांग्रेस के पास नहीं था कोई नेता इसलिए वीरभद्र बने 6 बार मुख्यमंत्री फर्स्ट वर्डिक्ट। शिमला भारद्वाज ने कहा कि 27 दिसंबर, 2017 को नई राजनीतिक व्यवस्था का आगाज हुआ। चार वर्षों में जयराम सरकार का ध्येय गरीब जनता के विकास का रहा है। प्रदेश में 6 बार के मुख्यमंत्री भी सरकार रिपीट नहीं कर पाई। वीरभद्र 6 बार सीएम बने। क्योंकि उनकी पार्टी में कोई दूसरा नेता नहीं था, लेकिन जयराम सरकार 2022 में रिपीट करेगी। उन्होंने बताया की जयराम सरकार ने पहला ही निर्णय सामाजिक सुरक्षा पेंशन की उम्र घटाकर 70 वर्ष किया। वहीं, चार वर्ष पूरे होने पर 60 यूनिट बिजली फ्री कर दी है। इससे प्रदेश की गरीब जनता को लाभ होगा। गृहणी सुविधा योजना, उज्ज्वला योजना से प्रदेश धुंआ मुक्त बना। हिमाचल में हिमकेयर योजना में 5 लाख तक का इलाज फ्री का प्रावधान जयराम सरकार ने किया। सहारा योजना के तहत बेसहारा लोगों को सरकार ने सहारा दिया। उन्होंने प्रदेश में एम्स व अन्य स्वास्थय सुविधाओं को भाजपा सरकार की देन बताया। प्रदेश की खराब आर्थिक स्थिति के बावजूद नया वेतनमान दिया है। 13 हजार पीटीए शिक्षकों को नियमित किया गया। आउटसोर्स कर्मचारियों को कांग्रेस के समय में ठगा गया, लेकिन जयराम सरकार इनके लिए विचार-विमर्श कर नीति बनाने में लगी है, ताकि आउटसोर्स कर्मियों का शोषण न हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश की अनदेखी की गई। नशे का कारोबार बड़ा और अब उस पर शिकंजा कसा जा रहा है, जिसमें नशे की सौदागर कांग्रेस ही पाई जा रही है।
प्रधानमंत्री गतिशक्ति मिशन जैसे जुमलों की बरसात है केंद्रीय बजट! मनाेज कुमार । कांगड़ा आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश ने संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उक्त बजट को बेशुमार आकर्षक अल्फाज में लिपटे जुमलों की बरसात करार दिया है। भाजपा नेताओं द्वारा परिभाषित" दूरदर्शी बजट" पर कटाक्ष करते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि 25 वर्ष के छह आवरण में प्रस्तुत यह बजट हकीकत में साधारण व्यक्ति से कोसों दूर का है। आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश के प्रवक्ता कल्याण भंडारी ने कांगड़ा से जारी एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि लगभग आठ वर्ष से केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा सरकार देश की आर्थिकी की दुर्गति करने के बाद अब "प्रधानमंत्री गतिशक्ति मिशन" के जुमले को अमृतकाल का डमरू बजा कर जनता का ध्यान भटकाने की ओर अग्रसर है। शब्दों और आंकड़ों की बाज़ीगरी वाला 2022-23 का बजट आम जनता के लिए हताशा और निराशा से भरा टोकरा मात्र बन गया है। पार्टी प्रवक्ता कल्याण भंडारी ने कहा कि 2022 में किसानों की आय दुगनी करने, युवाओं को करोड़ों नौकरियां देने इत्यादि जैसे वायदों के बारे में बजट में अपराधिक खामोशी बरती गई। मनरेगा योजना, इनकम टैक्स छूट व पेट्रोल- डीजल की कीमतों संबंधी मामलों का इस बजट में जिक्र तक नहीं आया, जिससे सरकार की ऐसे मसलों पर प्राथमिकता होने की जगह बेरुखी व उदासीनता उजागर होती है। लिहाजा भाजपा के केंद्रीय सत्ता प्रतिष्ठान ने साफ संकेत दे दिया है कि अमृतकाल में आम जनता से जुड़े मुद्दों वाले विष का कोई महत्व नहीं रह जाता। पार्टी प्रवक्ता ने बताया कि ऐसी स्थिति में पांच राज्यों के चुनावों में आम जनता अपने वोट की चोट से माकूल जवाब देने वाली है।
चमन शर्मा। आनी आनी विकास खंड निरमंड नेहरू युवा केंद्र कुल्लू युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम का आयोजन पंचायत समिति सभागार निरमंड में आयोजित किया गया। इस मौके पर युवा मंडलों के पदाधिकारियों ने आत्मनिर्भर भारत के विषय में जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यातिथि आनी विधानसभा क्षेत्र के विधायक किशोरी लाल सागर और विशेष अतिथि ब्लॉक चेयरमैन दलीप कुमार द्वारा किया गया। विधायक किशोरी लाल सागर ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना महामारी की वजह से देश को कई समस्याओं का सामना करना पड़ा है। वर्तमान मे देश के आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत के बाद ही हमें इसके परिणाम देखने को मिले हैं। देश मे कोरोना से लड़ने के लिए पीपीई किट, मास्क व सैनिटाइजर इत्यादि भारत मे बनने लगे और इतना ही नहीं वैश्विक महामारी को जड़ से मिटाने के लिए कोरोना का टीका भी भारत में ही पहली बार बनाया गया है। देश ने आत्मनिर्भरता की ओर अपना पहला कदम बढ़ा दिया है और हमें भी इसमें अपना योगदान देकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करना होगा। हमें ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने की आवश्यकता है, जिससे कि हम अपने देश को आत्मनिर्भर और अपने राष्ट्र को आगे बढ़ाने मे अपना योगदान कर सकें। इस कार्यक्रम में उपस्थित 22 युवा मंडल के पदाधिकारियों को युवा गतिविधियों और खेल सामग्री हेतु 2,20,000 की धनराशि स्वीकृत की गई, जो कि हर एक युवा मंडल को 10,000 रुपए की धनराशि प्रदान की जाएगी। इस कार्यक्रम में रिसोर्स पर्सन के रूप में डीएसपी आनी रविंद्र नेगी, एसएचओ निरमंड, एलएसईओ, सुरेंद्र कौर, कृषि विभाग से विद्या प्रकाश, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग टीडब्यू देवेंद्र कुमार, पूर्व राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवी मुकेश मेहरा और ग्राम पंचायत सराहन प्रधान प्रेम ठाकुर उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों ने अपने विभाग की विकासात्मक एवं जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में युवा मंडल के पदाधिकारियों को विस्तार पूर्वक बताया। और युवा पदाधिकारियों से आग्रह भी किया गया कि विभाग की योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंचाने में युवा मंडल अपनी अहम भूमिका निभाएं, ताकि पात्र व्यक्तियों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजक राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवी कमलेश ठाकुर, राजेश कायथ, युवा मंडल अरसू, खनोटा, गागनी, गांवबील, जूणि, जझार, जगातखाना, टिकरू, ढलैर, दोहरानाला, धाराबाग, धारा-सरगा, तुनन, निरमंड, परंतला, बाहवा, बगना, बागीपुल, नेहरु युवा मंडल कैलाश नगर, भदराल, शलाट व सुनैर के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
कांग्रेस नेता हरीश रावत ने शनिवार को देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की वर्तमान स्थिति के बारे में खुलकर बात ही। उन्होंने पार्टी का वर्णन करने के लिए एक क्रिकेट सादृश्य का इस्तेमाल करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर इसका "फॉर्म डाउन" था लेकिन मुझे यकीन है कि पार्टी इसे फिर से हासिल कर लेगी। उन्होंने कहा कि कभी बल्लेबाज भी आउट ऑफ फॉर्म में चले जाते हैं। लेकिन उत्तराखंड में हमारी बेंच स्ट्रेंथ इन फॉर्म है। रावत ने कहा कि "अच्छी बात ये है कि लोग कांग्रेस की ओर एक बार फिर वापस आ रहे हैं। हर पार्टी के इतिहास में एक समय होता है। जैसे वे कभी-कभी कहते हैं कि एक बल्लेबाज फॉर्म से बाहर हो जाता है, वैसे ही अभी हमारी पार्टी का फॉर्म भी थोड़ा नीचे है लेकिन आउट नहीं है, हम देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि कांग्रेस इसे फिर से हासिल कर लेगी। " वहीं उत्तराखंड विधानसभा चुनाव पर बात करते हुए रावत ने कहा राज्य में होने वाले चुनाव के लिए हमारी पार्टी पूरी तरह से तैयार है।
उत्तर प्रदेश में अखिलेश एक बार फिर प्रदेश में अपनी सरकार बनाना चाहते हैं। लेकिन उनके पार्टी के बागी विधायकों ने अखिलेश की मुश्किलें बढ़ा दी है। दरअसल टिकट नहीं मिलने से नाराज विधायकों ने अखिलेश और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कुल जमा ये कि समाजवादी पार्टी के घर में विद्रोह की वेदी सुलग उठी है। सपा के दो विधायक हाजी इकराम कुरैशी और दूसरी हाजी रिजवान, अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं। दरअसल इन दोनों नेताओं में एक समानता है कि दोनों नेताओं का इस बार अखिलेश ने टिकट काट दिया है। हाजी इकराम कुरैशी की बात करें तो वह पिछले 28 साल से समाजवादी पार्टी के साथ है। एसपी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इकराम मुरादाबाद देहात के बड़े और कद्दावर नेता है। अखिलेश से उनकी नाराजगा की वजह इस बार उन्हें टिकट नहीं मिलना है। वहीं दूसरी तरफ मुरादाबाद देहात से हाजी नासिर कुरैशी को टिकट मिला है। नासिर का कहना है कि विधायक इकराम कुरैशी के आरोप बेबुनियाद हैं। वहीं दूसरे नाराज नेता हाजी रिजवान मुरादाबाद जिले के कुंदरकी विधानसभा के कद्दावर नेता है। वह उसी सीट से 3 बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन इस बार उनका भी टिकट कट गया है। लिहाजा रिजवान ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर एसपी प्रत्याशी के विरोध में चुनाव लड़ने का एलान किया है। बता दें कि अखिलेश ने हाजी रिजवान की जगह एसपी सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क़ के पोते जियाउर्रहमान बर्क़ को टिकट दिया है। मुरादाबाद जिले में विधानसभा की कुल 6 सीटें है। बिलारी, कुंदरकी, मुरादाबाद नगर, मुरादाबाद ग्रामीण, ठाकुरद्वारा और कांठ सीट। यहां दूसरे चरण यानी 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। परिणाम 10 मार्च को आएंगे। ऐसे में देखना ये है कि इस बगावत से समाजवादी पार्टी को कितना नुकसान होगा ?
"तुझ को देखा तेरे वादे देखे, ऊँची दीवार के लम्बे साए"..ये कहना है प्रदेश के उन कर्मचारियों का जिनकी मांगें सचिवालय की फाइलों में दबी रह गई, या जिनकी मांगें मंत्री और मुख्यमंत्री के आश्वासनों में उलझी रह गई। अपने अंतिम साल में ये सरकार यूँ तो कई कर्मचारियों पर मेहरबान हुई मगर कुछ कर्मचारी और उनकी मांगें ऐसी रह गई जिन पर मुख्यमंत्री की या तो दृष्टि ही नहीं पड़ी या उन्हें सुलझा पाना अब तक सरकार के लिए सम्भव नहीं रहा। कर्मचारियों को शिकवा विपक्ष से भी है क्योंकि विपक्ष ने भी इनकी आवाज को पुरजोर तरीके से बुलंद नहीं किया। कहते है कि लंबित मांगें अक्सर मुद्दा बन जाया करती है। प्रदेश में भी ऐसी कई लंबित मांगें है जिनके पूरा होने का इंतजार कर्मचारियों को है और यदि ये मांगे पूरी नहीं हुई तो 2022 के विधानसभा चुनाव में ये बड़ा मुद्दा हो सकती है। हिमाचल में कर्मचारियों को भी एक बड़ा वोट बैंक माना जाता है, यहां कर्मचारी और राजनीति का पुराना नाता रहा है। कर्मचारी वोट बैंक सत्ता के लिए कितना महत्वपूर्ण है ये 1993 के विधानसभा चुनाव को याद कर भी समझा जा सकता है। इतिहास गवाह है कि कर्मचारियों को नाराज कर सरकार कभी सत्ता बरकरार नहीं रख पाई। प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में 2,00,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत्त हैं, 2 लाख कर्मचारी यानी 2 लाख परिवार। यह आंकड़ा हिमाचल प्रदेश में सत्ता का गुणा-भाग बदलने के लिए काफी है। जाहिर है कि ये बात सरकार बखूबी जानती है और इसीलिए इस अंतिम साल में कर्मचारियों की मांगें पूरी हो रही है। मगर कुछ मुद्दे अब भी ज्यूं के त्यूं पड़े हुए है। विपक्ष भी इन्हें भुनाने का प्रयास तो कर रहा है लेकिन कई मसलों पर खुलकर बोलने से बचता रहा है। ऐसे ही पांच लंबित मसलो पर पेश है फर्स्ट वर्डिक्ट की विशेष रिपोर्ट.... अपने अंतिम वर्ष में यदि जयराम सरकार कर्मचारियों की इन पांच मुख्य लंबित मांगो पर सकारात्मक निर्णय लेती है तो निसंदेह सत्तारूढ़ भाजपा को इसका लाभ मिल सकता है। वहीं बतौर विपक्ष कांग्रेस अब तक इन मुद्दों को भुनाने में पूरी तरह असरदार नहीं दिखी है। कांग्रेस को इन मुद्दों पर खुलकर अपना पक्ष रखने की जरूरत है। धूमल ने कहा था, आती हुई सरकार की बात मानो जाती हुई सरकार की बात मत सुनो आती हुई सरकार की मानो, ये शब्द थे पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के l 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने सुजानपुर में ये चुनावी वादा किया था l वादा था कि भाजपा के सत्ता में आते ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा और अनुबंध कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता प्रदान करने हेतु कार्य किया जाएगा l वादा चुनावी था इसलिए वादा ही रहा, हकीकत नहीं बन पाया। अलबत्ता प्रेम कुमार धूमल सत्ता के शीर्ष पर न हो, पर भाजपा को सत्ता में आए चार साल से अधिक हो गए है l जयराम राज में कई अनसुनी फरियादों में एक अनसुनी फ़रियाद है नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग। इसे लेकर वर्षों से चला आ रहा संघर्ष अब भी जारी है। जेसीसी की बैठक में नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता मांगने वाले कर्मचारियों को वरिष्ठता तो नहीं मिल पाई थी, पर इसके लिए कमेटी के गठन का आश्वासन जरूर मिला था। अब कर्मचारियों को कमेटी के गठन का इंतजार है। हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन जो पिछले कई सालों से ये मांग कर रहा है कि विभिन्न विभागों में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अंतर्गत अनुबंध पर नियुक्त होने के बाद नियमित हुए कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता प्रदान की जाए। इनका कहना है कि सरकार की दहलीज पर हम लगातार दस्तक दे रहे है, जूते घिस गए मगर मांग अब भी पूरी नहीं हुई। बस आश्वासन पर आश्वासन ही दिया जा रहा है। दरअसल ये मसला शुरू हुआ 2008 में, जब बैचवाइज और कमीशन आधार पर लोकसभा आयोग और अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कर्मचारियों की नियुक्तियां अनुबंध के तौर पर की जाने लगी l पहले अनुबन्ध काल 8 साल का हुआ करता था जो बाद में कम होकर 6 फिर 5 और फिर 3 साल हो गया। ये अनुबन्ध काल पूरा करने के बाद यह कर्मचारी नियमित होते है। अनुबंध से नियमित होने के बाद इन कर्मचारियों की अनुबंध काल की सेवा को उनके कुल सेवा काल में नही जोड़ा जाता, जो संगठन के अनुसार सरासर गलत है। इनका कहना है कि अनुबंध काल अधिक होने से पुराने कर्मचारियों को वित्तीय नुकसान के साथ प्रमोशन भी समय पर नहीं मिल पाती अब मांग है कि उनको नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता प्रदान की जाए ताकि उन्हें समय रहते प्रमोशन का लाभ मिल सके। अनुबंध काल की सेवा का वरिष्ठता लाभ ना मिलने के कारण उनके जूनियर साथी सीनियर होते जा रहे हैं। अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन का कहना है कि कुछ अनुबंध कर्मचारी 8 वर्ष के बाद नियमित हुए, कुछ 6 वर्ष के बाद, कुछ 5 वर्ष के बाद और वर्तमान में 3 वर्ष के बाद नियमित हो रहे हैं और अब आने वाले समय में 2 वर्ष में कर्मचारी नियमित होंगे। ऐसे में ये नीति कर्मचारियों के मौलिक और समानता के अधिकार का हनन है। 70 हजार कर्मचारियों के सम्मान से जुड़ा मुद्दा हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष मुनीष गर्ग और जिलाध्यक्ष सुनील पराशर का कहना है कि नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता ना मिलने से जूनियर कर्मचारी सीनियर होते जा रहे हैं। कर्मचारियों ने कहा कि उनका चयन भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार हुआ है इसलिए उनके अनुबंध की सेवा को उनके कुल सेवाकाल में जोड़ा जाना तर्कसंगत है। यह प्रदेश के 70 हजार कर्मचारियों के मान सम्मान से जुड़ा विषय है। सरकार जल्द इस मांग को पूरा करे। कंप्यूटर शिक्षकों के हिस्से आया सिर्फ आश्वासन चार उपचुनाव में सूपड़ा साफ होने के बाद प्रदेश की जयराम सरकार एक्शन मोड में कर्मचारियों की कई लंबित मांगो को पूरा करती दिखी है। एक के बाद एक कई एलानों ने निसंदेह कर्मचारी वर्ग की नाराजगी कम जरूर की है। पर एक वर्ग ऐसा है जिसे लगता है कि सरकार उन्हें अपना समझती ही नहीं है। ये शिकवा है प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे 1421 कंप्यूटर शिक्षकों का। इनका प्रतिनिधित्व कर रहे कंप्यूटर शिक्षक संघ का कहना है कि सरकारी स्कूलों में तैनात कंप्यूटर शिक्षक खुद को ठगा सा महसूस कर रहे है। 20 सालों तक लगातार संघर्ष करने के बावजूद भी कंप्यूटर शिक्षकों की मांगें पूरी नहीं हो पाई है। पिछले करीब दो दशक से कम्प्यूटर अध्यापक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा देने का कार्य कर रहे हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने कम्प्यूटर अध्यापकों के लिए नीति नहीं बनाई है। इस बीच कांग्रेस की सरकार भी आई लेकिन उन्होंने भी कुछ नहीं किया। इनके हिस्से में अब तक सिर्फ आश्वासन ही आया है। दरअसल 1998 में पूर्व भाजपा सरकार के सीएम प्रेम कुमार धूमल द्वारा शुरुआती दौर में सेल्फ फाइनेंसिंग प्रोजेक्ट के तहत 250 स्कूलों में कंप्यूटर टीचरों को तैनात किया गया था। उसके बाद 2001 में सरकार द्वारा 900 स्कूलों में आईटी शिक्षा आरंभ की गई और कंप्यूटर टीचरों को नाइलेट कंपनी के अधीन कर दिया गया था। वर्ष 2010 में कंप्यूटर टीचरों को आउटसोर्स नाम दिया गया। कंप्यूटर शिक्षक संघ का कहना है कि जो पैट, पीटीए व विद्या उपासक टीचर 2006 के बाद नियुक्त किए गए थे उन्हें सरकार ने नीति बनाकर रेगुलर कर दिया, परंतु कंप्यूटर टीचरों के बारे आजतक किसी भी सरकार ने नहीं सोचा। एक ओर सरकार आईटी शिक्षा को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है वहीं कंप्यूटर टीचरों का बीते दो दशकों से शोषण हो रहा है। महंगाई के दौर में कम्प्यूटर टीचर मात्र 12870 रुपए मासिक वेतन पर कार्य कर रहे है। चालू वित्त वर्ष के बजट में केवल 500 रुपए बढ़ाए गए हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में 1354 कम्प्यूटर शिक्षक शिक्षा दे रहे हैं तथा समस्त शिक्षक आर एंड पी नियमों का अनुसरण करते हैं। इनमें से 90 प्रतिशत कम्प्यूटर शिक्षक 45 वर्ष की आयु पार कर चुके हैं। कंप्यूटर शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जब उक्त कम्प्यूटर शिक्षक नौकरी पर लगे थे तो उनका वेतन मात्र 2400 रुपए था और 20 सालों के बाद 13000 तक पहुंचा है। कम्प्यूटर शिक्षक इतने कम वेतन पर बच्चों की पढ़ाई के साथ परिवार का भरण पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं तथा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की कि कंप्यूटर शिक्षकों को शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाए ताकि प्रदेश के कंप्यूटर शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हो सके। निजी कंपनी को बार -बार एक्सटेंशन साल 2001 में सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा शुरू की गई थी और इसका जिम्मा कंपनी को सौंपा गया था। कंपनी की एक्सटेंशन को बार-बार बढ़ा दिया जाता है। कंप्यूटर शिक्षक संघ का कहना है कि आज दो दशक बीत जाने के बाद भी कंपनी की ओर से उनका शोषण ही किया जा रहा है। कंप्यूटर शिक्षक लगातार सरकार से नियमितीकरण की मांग करते आ रहे हैं लेकिन अभी तक मांग पूरी नहीं हो पाई है। जो हक की बात करेगा, 2022 में उसे ही समर्थन ये सिर्फ डेढ़ हजार शिक्षकों का नहीं अपितु डेढ़ हजार परिवारों से जुड़ा मुद्दा है। यदि वर्तमान सरकार इनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो 2022 के विधानसभा चुनाव में निसंदेह इनका साथ उसकी राजैनतिक दल को मिलेगा जो घोषणा पत्र में भी इनकी मांग को स्थान दे, साथ ही इनकी आवाज को उठाये भी। पर विडम्बना का विषय ये है कि फिलवक्त कोई राजनैतिक दल या नेता दमदार तरीके से इनके मसले को नहीं उठा रहा, बस खानापूर्ति की जा रही है। आउटसोर्स कर्मचारी: समीकरण बदलने के लिए काफी है इनकी तादाद बड़े कर्मचारी मुद्दों की फेहरिस्त में एक बड़ा मसला प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों से जुड़ा है। हिमाचल के आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याएं पिछले 18 सालों से बढ़ रही है। पिछले 18 सालों से आउटसोर्स कर्मचारी हिमाचल के विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे है मगर उनकी स्थिति में कोई खास परिवर्तन नहीं आया। आउटसोर्स कर्मचारी निरंतर अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे है मगर सरकार सिर्फ आश्वासन दे रही है। आउटसोर्स कर्मचारियों के मसले हल करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा एक कमेटी का गठन किया है जिसकी अध्यक्षता जल शक्ति मंत्री महेन्दर सिंह ठाकुर कर रहे है। मंत्री के दरबार में आउटसोर्स कर्मचारियों की पेशियाँ लगातार लग रही है। कभी विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के आंकड़े तलब किये जाते है तो कभी कर्मचारियों को विभागों में ही मर्ज करने का दिलासा दिया जाता है। ये बदस्तूर जारी है मगर ज़मीनी स्तर पर कमेटी के गठन के अलावा और कुछ भी बड़ा नहीं हुआ है। आउटसोर्स कर्मचारी हिमाचल महासंघ प्रदेश सरकार से लगातार स्थायी नीति बनाने, समयावधि पूर्ण होने पर नियमित करने व समान वेतनमान की मांग कर रहा है। संघ के अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा का कहना है कि आउटसोर्स कर्मचारी कई वर्षों से लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं परंतु सरकार अभी तक आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई स्थाई नीति नहीं बना पाई है, जबकि इनका मासिक वेतन भी बहुत कम हैं। अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा का कहना है कि आउटसोर्स कर्मचारियों को मलाल तो इस बात का है कि जब भाजपा विपक्ष में थी तो बतौर विधायक खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मुद्दे को जोर - शोर से उठाया मगर आज सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने के बाद इसकी सुध नहीं ली गई। वहीं विपक्ष में रहकर इनकी बात करने वाली कांग्रेस ने भी सत्ता में रहते इनके लिए कुछ नहीं किया। हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों, बोर्डो और निगमों में आउटसोर्स आधार पर नियुक्त करीब 25 हजार कर्मचारियों के लिए नीति निर्धारण का काम शुरू जरूर है। जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर को आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने की कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। कमेटी में शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी भी बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं। कमेटी का गठन करके सरकार ने इन कर्मचारियों को उम्मीद दी जरूर है ,मगर मांग पूरी होती है या नहीं इसपर सबकी निगाहें है। बता दें कि आउटसोर्स कर्मचारी हिमाचल महासंघ ही वो संगठन है जिसने उपचुनाव के दौरान नो वोट फॉर बीजेपी अभियान छेड़ा था। हालाँकि बाद में इन्हें आश्वासन देकर मना लिया गया था। ऐसे में 2022 विधानसभा चुनाव से पूर्व यदि भाजपा शासित सरकार इनके लिए कुछ नहीं करती तो इनकी नाराजगी सरकार को भारी पड़ सकती है। कमीशन काटकर वेतन देते हैं ठेकेदार आउटसोर्स कर्मचारी वो कर्मचारी हैं जिनको सरकारी विभागों में कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर रखा जाता है। मतलब ये सरकारी विभाग में तो हैं पर सरकारी नौकरी में नहीं हैं। इनकी नियुक्तियां या तो ठेकेदारों के माध्यम से की जाती है या किसी निजी कंपनी के माध्यम से। रूट जो भी है इन कर्मचारियों का शोषण होना तो तय है। ये कर्मचारी काम तो सरकार का करते है मगर इन्हें वेतन ठेकेदार या कंपनी द्वारा मिलता है। न तो इन्हें सरकारी कर्मचारी होने का कोई लाभ प्राप्त होता है न ही एक स्थिर नौकरी। इन्हें जब चाहे नौकरी से निकाला जा सकता है। सरकार द्वारा वेतन तो दिया जाता है मगर ठेकेदार की कमिशन के बाद इन तक तक पहुंच पाता है। कर्मचारियों को चाहिए 15 फीसदी वेतन वृद्धि वाला विकल्प हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में छठे वेतनमान की अधिसूचना जारी की गई है। कर्मचारियों का कहना है की 6 वर्ष से देय वेतनमान की रिपोर्ट के सरकार द्वारा जारी पे रूल्स और पे मैट्रिक्स उनके लिए राहत नहीं बल्कि परेशानियां लेकर आए है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने करीब दो लाख नियमित कर्मचारियों के लिए नए संशोधित वेतनमान की अधिसूचना जारी की है, पर कर्मचारियों को इसमें कई विसंगतिया नजर आ रही है। अपने-अपने स्तर पर कई कर्मचारी संगठन इस मसले को उजागर कर रहे है। कुछ संगठन एकजुट हो गए है तो कुछ अकेले ही ये लड़ाई लड़ रहे है। इस वेतनमान में कर्मचारियों को अपना संशोधित वेतनमान लेने के लिए दो विकल्प दिए गए हैं। अगर वे वर्ष 2009 के नियमों को चुनते हैं तो उन्हें 31 दिसंबर, 2015 की बेसिक पे को 2.59 के फैक्टर से गुणा करना होगा। अगर वर्ष 2012 को चुनते हैं तो 2.25 फैक्टर को अपनाना होगा। अगर कोई अधिकारी/कर्मचारी 2009 के नियमों को आधार बनाकर लाभ लेना चाहता है और उसने 2012 के वेतन संशोधन का लाभ नहीं लिया है तो 31 दिसंबर 2015 को उसकी बेसिक पे पर फैक्टर 2.59 लगेगा। इसमें भत्ते और अन्य लाभ अलग से शामिल होंगे। वहीं अगर कोई कर्मचारी वर्ष 2012 के पुनः संशोधन को आधार बनाकर नए वेतनमान का लाभ लेना चाह रहा है तो उसके लिए दो विधियां लगाई जाएगी। पहली विधि के अनुसार 31 दिसंबर 2015 को लिए वेतन को आधार बनाएंगे तो बेसिक वेतन में फैक्टर 2.25 लगाया जाएगा। या फिर दूसरी विधि के अनुसार 31 दिसंबर 2015 की नोशनल पे को आधार बनाया जाएगा। ये विकल्प कर्मचारियों को दिए जरूर गए है लेकिन प्रदेश के कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर सीधे 15 फीसदी वेतन वृद्धि वाला तीसरा विकल्प नहीं दिया गया है। प्रदेश के कर्मचारी लगातार ये मांग कर रहे थे कि उन्हें वेतन वृद्धि का ये तीसरा विकल्प भी दिया जाए परन्तु ऐसा नहीं हुआ। राज्य के सरकारी कर्मचारियों की नाराजगी का एक बड़ा कारण 4-9-14 जैसी एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन स्कीम का लाभ खत्म होना भी है। तीन जनवरी, 2022 से 4-9-14 के लाभ कर्मचारियों को मिलना बंद हो गए है। 6 सालों के इंतजार के बाद मिले इस नए वेतनमान में कर्मचारियों को कई विसंगतियां नजर आ रही है। सरकारी कर्मचारी जिस तरह से छठे वेतनमान से वित्तीय लाभ प्राप्त होने की गणना कर रहे थे, शायद उस तरह के वित्तीय लाभ उन्हें मिलते नहीं दिख रहे। ये ही कारण है कि हिमाचल का कर्मचारी इस छठे वेतन आयोग की सिफारिशों से पूर्ण संतुष्ट नजर नहीं आ रहा। कर्मचारियों का कहना है कि 6 वर्ष तक कर्मचारियों की बकाया राशी का जो ब्याज सरकार ने कमाया, ये लाभ उसके भी बराबर नही लग रहा। विपक्ष भी भुना रहा ये मुद्दा इस मुद्दे को कर्मचारी ही नहीं बल्कि विपक्ष भी खूब भुना रहा है। छठे वेतनमान को लेकर माकपा विधायक राकेश सिंघा ने सरकार पर कर्मचारियों को बांटने के आरोप लगाए हैं। सिंघा ने कहा है कि सरकार ने वेतनमान को एक समान लागू नहीं किया है। सरकार ने दो कैटेगिरी बनाकर निचले तबके के कर्मचारियों के साथ अन्याय किया है। जबकि निचले तबके के कर्मचारी ही हिमाचल प्रदेश की रीढ़ है। सरकार ने पहले ही पंजाब के समान वेतनमान लागू नहीं किया है। उनका कहना है कि सरकार ने 4-9-14 का फॉर्मूला खत्म करके कर्मचारियों से अन्याय किया है। वहीं कांग्रेस ने भी इसे छलावा करार दिया है। बहरहाल 2022 के विधानसभा चुनाव में ये फैक्टर क्या रंग लाता है, ये देखना रोचक होगा। हिमाचल पुलिस कांस्टेबल का प्रोबेशन पीरियड अब भी 8 वर्ष प्रदेश पुलिस जवानों के पे बैंड का मसला अब तक नहीं सुलझ पाया है। जवानों का मानना है कि सरकार उनके साथ पराया व्यवहार कर रही है। जहां सभी विभागों का अनुबंध कार्यकाल 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष किया गया, वहीं पुलिस कांस्टेबल का प्रोबेशन पीरियड अब भी 8 वर्ष ही रखा गया है। पुलिस कर्मचारियों ने सरकार से सवाल किये है कि आखिर प्रदेश के इन रक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों ? प्रदेश सरकार की इस अनदेखी से पुलिस जवान व उनके परिवार काफी खफा है। एक तरफ सभी विभागों को सौगातें दी गयी वहीं दूसरी तरफ पुलिस को अनदेखा किया गया। पुलिस कर्मियों का कहना है कि कोविड के समय यही जवान सड़कों पर खड़े थे और अब भी दिन -रात ड्यूटी पर तैनात है। किसी भी प्रकार की इमरजेंसी में पुलिस को ही सबसे पहले याद किया जाता है फिर सरकार क्यों इनको भूल जाती है ? रोष के चलते बीते दिनों पुलिस कॉन्स्टेबल्स ने अपनी मेस बंद रखने का ऐलान भी किया। हिमाचल प्रदेश में पुलिस कर्मी शायद ही इससे पहले कभी इस तरह मुखर हुए हो। दरअसल साल 2015 में सरकार द्वारा पुलिस कांस्टेबल का प्रोबेशन पीरियड 2 साल से बढ़ा कर 8 साल कर दिया गया था। इन कर्मचारियों ने अपनी मांगें कई बार सरकार के सामने रखने की कोशिश की मगर अब तक इनकी मांग को अमलीजामा नहीं पहनाया गया। अब पे बैंड के अलावा राशन भत्ते का भी मामला उठाया गया है। इसे राशन मनी कहा जाता है। यह प्रतिमाह केवल 210 रुपये ही प्रदान किया जा रहा है। हजारों पुलिस कॉन्स्टेबल्स और उनके परिवारों की नाराजगी सरकार को भारी पड़ सकती है। मान लंबित रही तो बनेगा चुनावी मुद्दा पुलिस कॉन्स्टेबल्स के प्रोबेशन पीरियड कम करने की मांग को विपक्ष का भी साथ मिला है। हालांकि सत्ता में रहते कांग्रेस ने भी कभी इनकी सुध नहीं ली, पर अब सियासत जमकर हो रही है। बहरहाल वर्तमान सरकार यदि इस मांग को पूरा नहीं करती है तो इस मुद्दे को चुनावी रंग दिए जाना तय है। हजारों पुलिस कर्मी और उनके परिवार किसी भी राजनैतिक दल के समीकरण बना-बिगाड़ सकते है।
" बस्ती में तुम ख़ूब सियासत करते हो, बस्ती की आवाज़ उठाओ तो जानें " फ़ैज़ जौनपूरी का ये शेर व्यापक तौर पर सियासत की असल तस्वीर है। पहले वादे करना और फिर उन वादों को तोड़ देना, ये पुरानी सियासी रवायत है। ऐसे कई नेता है जिन्हें कुर्सी मिलने के बाद अपने क्षेत्र की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं होता। वो कहते है न हमारे देश में चुनाव दो चरणों में होते है, पहले नेता जनता के चरणों में होते है और फिर पांच साल जनता नेताओं के चरणों में। पर लोकतंत्र की खूबसूरती ये ही है कि पांच साल में ही सही नेताओं को जनता दरबार में हाजिरी भी भरनी पड़ती है और पांच साल का हिसाब भी देना पड़ता है। 2022 की शुरुआत हो चुकी है और इस वर्ष के अंत में हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने है। नेताओं का रिपोर्ट कार्ड बनेगा भी और जनता दरबार में पेश भी होगा। कोई आरोप लगाएगा तो कोई सफाई पेश करेगा। कोई उपलब्धियां गिनायेगा तो कोई कमियां उजागर करेगा। पुराने मुद्दे भी कब्र से बाहर निकलेंगे और नेताओं को नए सियासी वचन भी देने होंगे। बहरहाल, हिमाचल प्रदेश में कई ऐसे बड़े मुद्दे है जो आगामी विधानसभा चुनाव में जनमानस के जहन में होंगे। इनमें कई प्रदेश स्तरीय मुद्दे है, कई संसदीय क्षेत्रों के तो कई ज़िलों और विधानसभा क्षेत्रों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। ऐसे ही कुछ मुद्दों को फर्स्ट वर्डिक्ट ने टटोला जो अगली सरकार चुनते वक्त प्रदेश के मतदाता के लिए महत्वपूर्ण हो सकते है। यहाँ न सिर्फ ये महत्वपूर्ण होगा कि वर्तमान सरकार ने इस संदर्भ में क्या किया बल्कि विपक्ष का रवैया भी अहम होने वाला है। इनमें से कई मुद्दे दशकों पुराने है, सो मतदाता के जहन में ये भी रहेगा कि जो विपक्ष आज हल्ला मचा रहा है, सत्ता में रहते वक्त उसका क्या रुख था। पेश है ऐसे ही कुछ चुनिंदा मुद्दों पर फर्स्ट वर्डिक्ट का विशेष संस्करण सियासी अतीत 1985 में हुआ था रिपीट हिमाचल प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का सियासी रिवाज है। अंतिम बार वर्ष 1985 में वीरभद्र सिंह मिशन रिपीट में कामयाब हुए थे, उसके बाद कोई सरकार रिपीट नहीं कर पाई। इसी सत्ता परिवर्तन थ्योरी से कांग्रेस उत्साहित है, तो वहीं जयराम ठाकुर इतिहास रचने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते। 1990 में सीटिंग सीएम हारे वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश की सियासत के सबसे कद्दावर नेता माने जाते है। वीरभद्र सिंह 6 बार मुख्यमंत्री रहे पर एक मौका ऐसा भी आया जब सीएम रहते हुए भी वे चुनाव हार गए। 1990 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह जुब्बल कोटखाई से चुनाव हार गए और उन्हें हराने वाले थे पूर्व मुख्यमंत्री ठाकुर रामलाल। हालांकि वीरभद्र सिंह रोहड़ू से भी चुनाव लड़े थे जहां से उन्हें जीत मिली। 1993 में चली कर्मचारी लहर 1990 में शांता कुमार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आये थे पर इन दो साल में शांता सरकार के खिलाफ कर्मचारी वर्ग सड़कों पर था। शांता सरकार की "नो वर्क नो पे" की नीति ने उनकी सरकार की विदाई का सारा बंदोबस्त कर दिया था। ताबूत में आखिरी कील साबित हुई 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद बीजेपी शासित राज्य सरकारों की बर्खास्ती। 1993 में राज्य में चुनाव हुए, और भाजपा को शिकस्त मिली। इस चुनाव में शांता अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। 1998 में किंगमेकर बने पंडित सुखराम 1998 के विधानसभा चुनाव में पंडित सुखराम की हिमाचल विकास कांग्रेस ने वीरभद्र सिंह के मिशन रिपीट के अरमान पर पानी फेर दिया था। पंडित सुखराम के पांच विधायक जीतकर आये थे जिनके समर्थन से प्रो. प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने और पांच साल सरकार चलाई। ये इकलौता मौका था जब इस तरह कोई तीसरा दल हिमाचल में किंगमेकर बना हो। 2003 में सीएम नहीं बन पाई मैडम स्टोक्स 2003 में कांग्रेस की सत्ता वापसी हुई और मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस की तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विद्या स्टोक्स ने वीरभद्र सिंह को चुनौती दे दी। वीरभद्र सिंह के विरोधियों का साथ भी तब मैडम स्टोक्स को मिलता दिखा। बताया जाता है कि तब मैडम स्टोक्स दिल्ली पहुँच चुकी थी पर वीरभद्र सिंह ने शिमला में अपना तिलिस्म साबित कर दिया। वीरभद्र सिंह ने मीडिया के सामने अपने 22 विधायकों की परेड करा कर अपनी ताकत का अहसास आलाकमान को करवा दिया। 2007 में प्रदेश की सत्ता में फिर भाजपा 2007 में प्रदेश की सत्ता में फिर भाजपा की वापसी हुई और प्रो प्रेम कुमार धूमल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। तब प्रदेश भाजपा में शांता गुट भी मजबूत हुआ करता था और भाजपा की अंदरूनी खींचतान चरम पर थी। किन्तु प्रो. धूमल ही पार्टी आलाकमान का विश्वास जीतने में कामयाब हुए। इस चुनाव में भी सत्तारूढ़ कांग्रेस के कई मंत्रियों की हार हुई थी। वीरभद्र बोले, 'मैं ढोलक बजाऊंगा और सेना नृत्य करेगी' साल 2012 के विधानसभा चुनाव से पहले वीरभद्र सिंह केंद्र की सियासत छोड़ वापस हिमाचल लौट आए थे। आलाकमान वीरभद्र के हाथ कांग्रेस की कमान सौंपने के लिए राज़ी नहीं था। पिछले कई साल से प्रदेश में कांग्रेस की जड़ें मज़बूत कर रहे कौल सिंह ठाकुर और आलाकमान के करीबी सुखविंदर सिंह सुक्खू मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे। मगर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वीरभद्र ने आलाकमान को दो टूक चेतावनी दी, 'मैं ढोलक बजाऊंगा और सेना नृत्य करेगी। 'आलाकमान झुका और वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया और वे छठी बार सीएम बने। भाजपा को तो जीता दिया पर धूमल हार गये 18 दिसंबर 2017 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आये और भाजपा की सरकार बनी। पर पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के सीएम उम्मीदवार प्रो. प्रेम कुमार धूमल 1911 वोटों से परास्त हो गए। कहते है इस चुनाव में भाजपा की स्थिति अच्छी नहीं थी, इसी के चलते 30 अक्टूबर को राजागढ़ की रैली में अमित शाह ने धूमल को सीएम फेस घोषित किया। धूमल ने भाजपा को तो जीता दिया लेकिन जनता ने धूमल को ही हरा दिया। इस चुनाव में वीरभद्र कैबिनेट के पांच मंत्री हारे थे।
देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण मोर्चा के संयुक्त तत्वाधान में चल रही सवर्ण आंदोलन जैसा ही एक आंदोलन 2018 के विधानसभा चुनाव से पूर्व मध्य प्रदेश में भी देखने को मिला था। हालांकि दोनों में पूरी तरह समानता नहीं है, दोनों प्रदेशों के सियासी समीकरण भी अलग है, फिर भी जो कुछ हिमाचल में चल रहा है उसे बेहतर तरीके से समझने के लिए मध्य प्रदेश में सवर्ण समाज के आंदोलन पर नज़र डालना बेहद जरूरी है। कुछ लोग मानते है कि हिमाचल में चल रहा आंदोलन मध्य प्रदेश के आंदोलन से प्रेरित है। खासतौर से उपचुनाव में जिस तरह नोटा को लेकर मुहिम छेड़ी गई थी उसके बाद से ही जानकार इस आंदोलन को हल्का लेने की भूल नहीं कर रहे। बेशक सवर्ण आयोग गठन का सरकार ने ऐलान कर दिया हो लेकिन लगता है कि सियासी पिक्चर अभी बाकी है। वर्ष 2018 में एससी/एसटी संशोधन विधेयक संसद से पारित हुआ और सुप्रीम कोर्ट का वह आदेश निरस्त कर दिया गया जहां इस कानून के तहत बिना जांच गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी। देशभर में सवर्ण समाज में इसे लेकर रोष था, पर इसका ज्यादा प्रभाव दिखा मध्य प्रदेश में। दिसंबर 2018 में ही मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होने थे सो जाहिर है चुनावी बेला में असर भी ज्यादा दिखा। सामान्य पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था (सपाक्स) के बैनर तले मध्य प्रदेश में तब शिवराज सरकार को विरोध का सामना करना पड़ा था। दिलचस्प बात ये है कि तब सपाक्स इस मुद्दे को आधार बनाकर चुनाव मैदान में भी उतरी, हालाँकि जनता ने उसे पूरी तरह नकार दिया। माहिर मानते है कि चुनावी साल में हिमाचल में भी सवर्ण समाज के नाम पर सियासत होना तय है। पर बड़ा सवाल ये है कि क्या देवभूमि क्षत्रिय संगठन और देवभूमि सवर्ण मोर्चा चुनावी रण में दिखेंगे या ये नोटा की मुहिम के साथ ही प्रेशर पॉलिटिक्स बरकरार रखने का प्रयास करेंगे। देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष रुमीत सिंह ठाकुर का कहना है कि दोनों राजनैतिक दलों ने बीते कई दशकों से प्रदेश के हितों पर कुठारघात किया है। वो ये भी कहते है कि आने वाले समय में बागवानों के मुद्दों को भी उठाया जायेगा। साथ ही ये कहने से भी गुरेज नहीं करते कि यदि भाजपा -कांग्रेस ने उनकी नहीं सुनी तो जरुरत पड़ने पर तीसरे राजनैतिक विकल्प का रास्ता भी खुला है। नोटा को बनाया जा सकता है हथियार 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश की 22 सीटों पर जीत के अंतर से ज्यादा नोटा दबाया गया था और इनमें से अधिकांश भाजपा हारी थी। सवर्ण समाज का वोट भाजपा के साथ माना जाता है और यदि ये नोटा सवर्ण समाज का था तो निसंदेह इसमें भाजपा का ही घाटा रहा। हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हुए उपचुनाव में जिस तरह नोटा को लेकर अभियान चलाया गया उसके पीछे मध्य प्रदेश की इस केस स्टडी को आधार माना जाता है। संभवतः आगामी विधानसभा चुनाव में भी नोटा के इस्तेमाल को ही हथियार बनाया जा सकता है।
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान सुरक्षा में हुई चूक ने हिमाचल कांग्रेस के अंतर्कलह को भी उजागर किया है। शिमला ग्रामीण के कांग्रेसी विधायक विक्रमादित्य सिंह द्वारा फेसबुक पर डाली गई पोस्ट के खिलाफ ऊना सदर के कांग्रेसी विधायक सतपाल सिंह रायजादा ने उन्हें जमकर आड़े हाथों लिया। विधायक रायजादा ने जहां फेसबुक पर विक्रमादित्य की पोस्ट के स्क्रीनशॉट शेयर कर टिप्पणी की, वहीं रायजादा बिना विक्रमादित्य का नाम लिए अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोलने वाले कांग्रेस नेताओं को ऐसा न करने की नसीहत दी है। फेसबुक पर पोस्ट में रायजादा ने कहा कि यदि विक्रमादित्य सिंह केंद्र की तानाशाह भाजपा सरकार के खिलाफ चल रही लड़ाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का साथ नहीं दे सकते तो कम से कम उन्हें चुप रह लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान 800 किसान मारे गए तब विधायक विक्रमादित्य सिंह को गलत और सही में फर्क क्यों नहीं नजर आया। रायजादा ने कहा कि पंजाब में भाजपा द्वारा रची गई इस राजनीतिक साजिश के लिए भाजपा के कार्यकर्ता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जिम्मेदार बता रहे हैं, दूसरी तरफ कांग्रेस के ही नेता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और सरकार के खिलाफ इस तरह की पोस्ट डाल कर जनता और अपने ही कार्यकर्ताओं को क्या संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में जो कुछ हुआ उसकी जांच होनी चाहिए उन्होंने कहा कि घटना के लिए पंजाब पुलिस जिम्मेदार है तो प्रधानमंत्री की सुरक्षा देखने वाला गृह मंत्रालय भी इसके लिए बराबर जिम्मेदार है।


















































