हमीरपुर में एक बार फिर चरस पकड़ी गई। पुलिस को यह कामयाबी नाके के दौरान मिली। उल्लेखनीय है कि नशे के खिलाफ छेड़े गए अभियान के तहत जिला के विभिन्न इलाकों में नाके लगाए जा रहे है। ताजा मामले में हमीरपुर के अणु में नाके के दौरान पुलिस ने 639 ग्राम चरस के साथ एक युवक को पकड़ा है। पुलिस ने नाके के दौरान देर रात करीब दो बजे एक गाड़ी से तलाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस ने गाड़ी से 639 ग्राम चरस बरामद की। आरोपी युवक राजेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है।
जिला हमीरपुर में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के आशातीत परिणाम सामने आने लगे है। लोगों विशेषकर महिलाओं का रूझान स्वरोजगार को लेकर विभिन्न प्रकार की औद्योगिक ईकाईयों की स्थापना की ओर बढ़ा है। कनुप्रिया ठाकुर सुपुत्री राज कुमार गांव रोपा, तहसील व जिला हमीरपुर ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत मार्च, 2019 में 35 लाख रूपए का ऋण उद्योग विभाग के माध्यम से यूको बैंक हमीरपुर से लिया। ऋण लेने के उपरांत दो महीने के अंदर यानी मई, 2019 में उन्होंने जिला मुख्यालय हमीरपुर में नादौन चौक के पास एक हॉल किराए पर लेकर फिट कनैक्ट के नाम से एक जिम की स्थापना की। यहां आधुनिक मशीनरी से जिम से सम्बंधित गतिविधियों को बेहतरीन ढंग से चलाया जा रहा है। जिम में मई, 2019 से गतिविधियों को शुरू किया गया है। उपरोक्त ऋण से कनुप्रिया ठाकुर ने 28 लाख 50 हजार रूपए की राशि मशीनरी तथा 6 लाख 50 हजार रूपए की राशि व्यायामशाला में रबड़ व बिनायल फ्लोरिंग, टीवी म्यूजिक सिस्टम, एलुमिनियम फिटिंग, इलैक्ट्रॉनिक्स फिटिंग पर व्यय की। इस व्यायामशाला में सभी महिला व पुरूषों के लिए विभिन्न प्रकार के शारीरिक व्यायामों के लिए एक हजार रूपए का मासिक शुल्क रखा गया है। जिम सुबह 5 बजे से सांय 9 बजे तक खुला रहता है। जिम में विभिन्न प्रकार के व्यायाम क्रियाओं के लिए कोई भी समय सीमा निर्धारित नहीं है। लोग एक घंटे से लेकर सांय तक भी जिम में व्यायाम कर सकते है। जिम में रनिंग कार्डियो इलैक्ट्रॉनिक मशीन भी स्थापित की गई है। इस मशीन के माध्यम से कोई भी बढ़े हुए वजन का व्यक्ति पुरूष, महिलाएं तथा बच्चे अपने वजन को कम कर सकते है। इसके लिए शुल्क 1500 रूपए प्रति माह निर्धारित किया गया है। जिम में वार्म अप के लिए साईकिलस तथा बैटल रोप लगाई गई है। इसी प्रकार छाती के व्यायाम के लिए बैंच प्रेस मशीन, पैक डैक, टांगों के लिए लेग प्रेस, लेग कर्ल, लेग एक्सटेंशन, स्मिथ मशीन, पीठ के लिए लैड पुल मशीन, चिन अप मशीन, हाईपर एक्सटेंशन मशीन तथा पिडलियों के लिए काल्फ मशीन इस व्यायामशाला में स्थापित की गई है। कनुप्रिया ठाकुर ने इस जिम में प्रबंधन, प्रशिक्षण, देख -रेख व साफ-सफाई के लिए पांच लोगों को कर्मचारी के रूप में रखा है। बैंक की किश्त 50 हजार रूपए तथा अन्य विविध खर्चों को निकालकर वह मासिक 25 से 30 हजार रूपए की कमाई कर रही है। 19 वर्षीय कनुप्रिया ने राजकीय स्नातकोतर महाविद्यालय हमीरपुर से स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है। इनके माता तथा पिता दोनों अध्यापक हैं तथा सरकारी क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है। कनुप्रिया ठाकुर के अनुसार मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना सरकार द्वारा बेरोजगार लोगों को स्वरोजगार प्रदान कर आत्म निर्भर बनाने की एक अनूठी पहल है। योजना के बारे में उन्हें उद्योग विभाग से जानकारी प्राप्त हुई थी। योजना के फायदों से प्रेरित व प्रभावित होकर उन्होंने ऋण लेकर इस कार्य को करने की ठान ली। आज इस कारोवार को चलाए हुए उन्हें छ: महीने हो गए है। वह इस कारोवार से प्रति माह अच्छी आय अर्जित करने के साथ 5 अन्य कर्मचारियों को स्वरोजगार प्रदान कर रही है। आने वाले समय में वह इस व्यवसाय को और बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए प्रयास करेगी।
हिमाचल पथ परिवहन निगम ड्राइवर यूनियन हमीरपुर की बैठक हमीरपुर डिपो के मंदिर प्रांगण में ड्राइवर यूनियन के राज्य स्तरीय उपाध्यक्ष सुरेश ठाकुर व प्रदेश प्रेस सचिव जगरनाथ ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में जगरनाथ ठाकुर ने ड्राइवर यूनियन के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि निगम प्रबंधन ने चालकों व परिचालकों को हर महीने की 22 तारीख को ओवरटाइम व रात्रि भत्ता देने का आश्वासन दिया था वह अभी तक नहीं मिल पाया है। जगरनाथ ठाकुर ने प्रबंध निदेशक से अपील की है कि पिछले 14 महीनों का रुका हुआ ओवरटाइम व रात्रि को जल्द से जल्द दिया जाए। वह हर महीने 22 तारीख ही इसका भुगतान किया जाए। ताकि अधिक वित्तीय बोझ ना पड़े। इस बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने कहा कि लंबी दूरी के लिए निगम नई बसे ले। क्योंकि पिछले 2 वर्षों से नई बसें नहीं ली गई है। तो इससे यात्रियों को अधिक सुविधा प्रदान होगी। उन्होंने कहा कि चालकों की कमी को देखते हुए एचआरटीसी चालक के पदों को भर्ती करने के लिए जल्द से जल्द प्रयास करें। सुरेश ठाकुर ने कहा कि परिवहन मंत्री द्वारा बीओडी पारित 205 वरिष्ठ चालक पद का दर्जा दिया था। इसको तुरंत पूरा किया जाए। इस बैठक में मुख्य सलाहकार सुभाष शर्मा, प्रधान पवन ठाकुर, संगठन मंत्री मनमोहन, कोषाध्यक्ष अवतार सिंह, अध्यक्ष विक्रम सिंह ठाकुर, उपाध्यक्ष कमल देव, रघुवीर सिंह, सुरजीत कुमार, विजय कुमार, सुशील ठाकुर, हंसराज, पवन कुमार, मदन लाल, कुलदीप, योगराज, रविंद्र कुमार, देशराज, सुरेश कुमार, मनोज कुमार, राजकुमार, कश्मीर सिंह, विरेंद्र कुमार, प्यारेलाल आदि चालक मौजूद रहे।
घुमारवीं के टीहरा गाँव के पंकज को हमीरपुर पुलिस ने 22.7 ग्राम चरस और 3.23 ग्राम चिट्टे के साथ पकड़ लिया है। पंकज के ख़िलाफ़ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर एफ़आईआर नम्बर 240/2019 के तहत छानबीन शुरू कर दी गयी है। पुलिस से मिली जानकारी मुताबिक़ पंकज कुमार पुत्र नंद लाल निवासी टीहरा तहसील घुमारवीं जिला बिलासपुर से 22.77 ग्राम चरस और 3.23 ग्राम हेरोइन / चिट्टा बरामद किया गया है। एसपी हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर के मुताबिक़ नशे के ख़िलाफ़ पुलिस का अभियान जारी है तथा लगातार नशे के आरोपी पुलिस की गिरफ़्त में आ रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश को सदियों से साधु व ऋषि-मुनियों द्वारा तपोभूमि के रूप में अपनाने के कारण इसे देवभूमि का गौरव प्राप्त है। यही कारण है कि प्रदेश के जन-जीवन में इसकी अमिट छाप स्पष्ट दिखाई देती है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने शनिवार को ठाकुर जगदेव चन्द मेमोरियल शोध संस्थान, हमीरपुर और हिमाचल भाषा कला एवं संस्कृति अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में, नेरी, हमीरपुर में आयोजित ‘पश्चिम हिमालय क्षेत्रों में ऋषि परम्परा’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारम्भ अवसर पर कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की समृद्ध ऋषि परम्परा को संजो कर रखना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में हमने अपनी समृद्ध संस्कृति एवं परम्पराओं को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि केवल वही समाज प्रगति कर सकता है, जो अपनी संस्कृति एवं परम्परा का सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी युवा पीढ़ी को पूर्वजों द्वारा संजोई गई सांस्कृतिक धरोहर का आदर करने के लिए प्रेरित करना चाहिए ताकि उनमें अपने पूर्वजों व संस्कृति के प्रति आदर-सत्कार की भावना जागृत हो सके। जय राम ठाकुर ने कहा कि यह संस्थान प्रदेश की समृद्ध एवं विविध सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा देने में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रदेश को वैश्विक स्तर पर देवभूमि के नाम से जाना जाता है, जो हम सबके लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का हर क्षेत्र किसी न किसी सन्त और ऋषि-मुनि से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि मनाली मनू-ऋषि और मण्डी माण्डव ऋषि आदि के नाम से जुड़े हुए हैंै। उन्होंने कहा कि ब्यास, मारकण्डा, पराशर आदि ऋषियों ने इस प्रदेश को अपनी तपो-स्थली बनाया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने इतिहास और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए तथा कहा कि यह सम्मेलन ऋषि-परम्परा को आगे ले जाने में वास्तव में एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे आने वाली पीढ़ी को भी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस सम्मेलन से आने वाले मूल्यावान सुझावों का स्वागत करेगी। प्रसिद्ध संस्कृत के विद्वान एवं राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता महामाहोपाद्ययाय केशव शर्मा ने मुख्यमंत्री का संस्कृत को प्रदेश की दूसरी भाषा घोषित करने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार करने के लिए भी प्रदेश के प्रयासों की सराहना की। ठाकुर जगदेव चन्द समृति शोध संस्थान के निदेशक चेतराम गर्ग ने संस्थान की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। संस्थान के महा सचिव भूमि दत्त शर्मा ने मुख्यमंत्री को शाॅल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। विधायक नरेन्द्र ठाकुर, अर्जुन सिंह, राजेन्द्र गर्ग और कमलेश कुमारी, आचार्य केश्व शर्मा, महन्त सूर्यनाथ, प्रो. कुमार सत्तनाम, भाषा कला एवं संस्कृति अकादमी के सचिव डाॅ. करण सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
सुजानपुर से कांग्रेसी विधायक राजेंद्र राणा ने वीरवार को हमीरपुर में सरकाघाट महिला क्रूरता मामले में पीड़िता से मुलाकात की है। विधायक राजेंद्र राणा ने इस मामले में हाई कोर्ट द्वारा लिए गए स्वत संज्ञान का भी स्वागत किया है। वहीं आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की बात भी कही। विधायक राजेंद्र राणा ने पीड़िता के परिजनों दामाद और बेटी से भी बातचीत की और पूरे मामले की जानकारी भी ली। विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि सरकार को इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि हाई कोर्ट की निगरानी में कार्यवाही हो रही है। हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य में इस तरह की घटना पेश आना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द आरोपियों को इस मामले में सजा मिलनी चाहिए। इस तरह की घटना अपने आप में निंदनीय है।
सुजानपुर से कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर से एक बार फिर पूछा है कि ऊना से हमीरपुर रेल कब पहुँचेगी। विधायक राजेंद्र राणा ने वीरवार को होटल हमीर में आयोजित प्रेस वार्ता में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर तथा प्रदेश सरकार पर कई सवाल दागे है। राजेंद्र राणा ने ऊना- हमीरपुर रेल लाइन, इंवेस्टर्स मीट, भ्रष्टाचार, धर्मशाला में बनने वाले हाई एल्टीट्यूड स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर, होटल पवेलियन की ज़मीन को लेकर तीखे आरोप लगाए है। उन्होंने वित्त राज्यमंत्री से हिमाचल को लेकर रिपोर्ट कार्ड भी देने को कहा है। राजेंद्र राणा ने कहा है कि केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर जब भी चुनाव लड़ते है हमीरपुर तक रेल लाने का राग अलापते रहे। अब उनके पास ख़ज़ाना भी है और कोई बहाना भी नहीं , इसलिए हमीरपुर की जनता को स्पष्ट करें कि वह रेल लाने में समर्थ है या नहीं। राजेंद्र राणा ने कहा कि अगर केंद्रीय वित्त मंत्री असमर्थ है तो जनता से माफ़ी माँगे। उन्होंने कहा कि हमीरपुर के लोग कई वर्ष से रेल का इंतज़ार कर रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा रेल ख़र्च का पचास प्रतिशत ख़र्च वहन करने से इंकार करने पर अब अनुराग ठाकुर संतोषजनक जबाव नहीं दे रहे है। उन्होंने कहा कि हाल ही में धर्मशाला में आयोजित इंवेस्टर्स मीट भी भाजपा, सरकार व मंत्रियों के बीच कई ध्रुवों में बंटी रही । इस मीट को लेकर भी राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया है कि बंगलौर के एक आइस स्केटिंग रिंग बनाने वाले मालिक से अलग से मुलाक़ात कर अनुराग ठाकुर ने हिमाचल सरकार से ज़्यादा उम्मीद न रखने की बात की है। राजेंद्र राणा ने अनुराग ठाकुर से सवाल पूछा है कि जबसे इन्होंने केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है, उन्होंने हिमाचल के लिए तब से लेकर अब तक क्या योगदान दिया है। राणा ने धर्मशाला में बनने वाले हाई एल्टीट्यूड स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर की ज़मीन को लेकर पूछा है कि क्या इसे हिमाचल प्लेयर क्रिकेट असोसीएशन के नाम से ही बनाया जाएगा।
हिमाचल के हमीरपुर में एक बार फिर रिश्ते तार-तार हो गए। पिता ने अपनी बेटी के साथ दुष्कर्म कर डाला। ऐसा ही एक मामला हमीरपुर के थाना बड़सर में दर्ज हुआ है। वही इस संबंध में बड़सर पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई है। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है और दोनों का मेडिकल करवाया जा रहा है। बड़सर थाना क्षेत्र के तहत बिजड़ी की एक 17 वर्षीय नाबालिग ने पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई है कि पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता कहा कहना है कि आठ साल पहले भी पिता ने उसके साथ यह हरकत की थी, इसके बाद अभी फिर से पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और आरोपी को हिरासत में ले लिया है। दोनों का मेडिकल करवाया जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बड़सर पुलिस ने मामले की पुष्टि की है। जाहिर है कि पिछले दो दिनों में जिला में दुष्कर्म का यह तीसरा मामला है।
हमीरपुर : गांव की छोटी छोटी सहकारी सभाओं में अच्छा काम कर प्रधानमंत्री के सपने को साकार बनाने में अपना योगदान दें। वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर के गसोता में 66वें अखिल भारतीय सहकार सप्ताह के तहत जिला सहकारी विकास संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सहकारी सभाओं से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करते हुए क्या बात कही। उन्होंने कहा कि सहकार आंदोलन ने साहुकारी प्रथा को बंद कर समाज में ईमानदारी को स्थापित किया था, सहयोग को स्थापित किया था। जब सब मिल कर आपस में सहयोग से अच्छी दिशा में आगे बढ़ेंगे, तब वह एकजुट प्रयास निश्चित रूप से भारत माँ को विश्व गुरु बनाने के प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी के सपने को साकार करने में सहायक सिद्ध होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि सहकारी सभाएं निश्चित रूप से उचित दिशा में अच्छी सोच लेकर आगे बढ़ेंगी और साथ में जो एक बदनुमा दाग सहकार आंदोलन पर लगा है, उसको मिटाने की दिशा में काम करेंगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समूचे हिमाचल प्रदेश में सहकार आंदोलन के क्षेत्र में जिला हमीरपुर नंबर एक पर आता है। यहां की बहुत सी सहकारी सभाएं बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि गांव के मेहनती लोग अपने जीवन भर की कमाई को सहकारी सभाओं में बिल्कुल सुरक्षित महसूस करते हैं लेकिन कई बार कुछ लालची लोग गलत काम करते हैं जिससे सारी की सारी व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री ने हमीरपुर जिला सहकारी विकास संघ को बधाई देते हुए कहा कि हमीरपुर जिला में सहकारी आंदोलन उचित दिशा व उन्नति की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि 15 अरब 87 करोड से भी अधिक की कार्यशील पूंजी जिला भर में सरकार आंदोलन से जुड़े हुए लोगों की मेहनत का परिणाम है। इस अवसर पर जिला भर के सहकार क्षेत्र से जुड़े लोगों और सहकारी सभाओं के नुमाइंदों में से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को मुख्यतिथि ने स्मृतिचिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में पहुंचने पर सहकारी विकास संघ के अध्यक्ष यशवीर पटियाल ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल का कार्यक्रम में अपना कीमती समय निकाल कर आने के लिए धन्यवाद व्यक्त किया एवं उनका स्वागत अभिनंदन कर, उनको सम्मानित किया। इस अवसर पर जिला सहकारी पंजीकरण अधिकारी गौरव व सहकारी विकास संघ के उपाध्यक्ष विशाल पठानिया एपीएमसी के चेयरमैन अजय शर्मा वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता प्यारेलाल शर्मा भाजपा जिला महामंत्री राकेश ठाकुर जिला मीडिया प्रभारी अंकुश दत्त शर्मा सुजानपुर के मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र ठाकुर बलदेव धीमान बीना शर्मा अनिल ठाकुर अजय रिंटू अभिषेक मनु इत्यादि सहित सहकार क्षेत्र से जुड़े कई लोग उपस्थित रहे।
जिला हमीरपुर के भोरंज में सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि युवक मूंडखर की ओर जा रहा था युवक बाइक पर सवार था और बाइक की टक्कर निजी बस के साथ हो गई। इस हादसे में युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल युवक ने हमीरपुर मेडिकल कॉलेज ले जाते हुए रास्ते में ही दम तोड़ दिया। युवक की पहचान बलविंदर सिंह उम्र 30 साल पुत्र स्वर्गीय किशन चंद गांव खतरवाड के रूप में हुई है। मिली जानकारी के अनुसार मृतक युवक के माता-पिता की पहले ही मौत हो चुकी है और अब उसकी भी सड़क हादसे में मौत हो गई है।
हमीरपुर के नादौन में पुलिस ने बिना परमिशन लकड़ी ले जा रहे ट्राले को पकड़ा। बताया जा रहा है कि चंबापत्तन में वन विभाग से बिना अनुमति एक पिकअप ट्राले में ले जाई जा रही थी। इस लकड़ी की कुल मात्रा 30 क्विंटल बताई गई है। इस दौरान ट्राले के चालक के पास न तो काग़ज थे और न ही संबंधित कोई जानकारी। इसके बाद पुलिस ने ट्राले को लकड़ी सहित जब्त कर लिया गया। वन अधिकारी ने बताया कि यह जापानी तूत की लकड़ी है। यदि जांच में यह सरकारी भूमि की लकड़ी पाई गई तो इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और यदि निजि भूमि से काटी गई होगी तो बिना अनुमति ले जाने के आरोप में जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने यह काम करने वाले लोगों को सख्त चेतावनी दी है कि पकड़े जाने पर विभाग द्वारा उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
हमीरपुर ज़िला के बमसन ब्लॉक के सराहकड़ गांव में लोग खुद ही सड़क बनाकर नया श्मशान घाट बनाने में जुट गए है दरअसल, जीवन की अंतिम यात्रा की क़रीब ढाई किलोमीटर लम्बी ऊबड़ खाबड़ राह को देख ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है। कलंझड़ी माता मंदिर के ठीक नीचे क़रीब चार मरले ज़मीन पर सड़क , पार्किंग, रैनशेड, बिजली एवं पानी की उपलब्धता के साथ सराहकड़ गाँव के क़रीब 64 परिवारों ने अपने ख़र्च पर ही नया श्मशान घाट बनाने के लिए काम शुरू कर दिया है। आबादी से दूर इस नए श्मशान घाट का नाम गोबिंद घाट रखा गया है।
पटवारी प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतू योग्य पटवारी उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए रोल नंबर जारी कर दिए गए है। सभी पात्र उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा से संबंधित निर्देशों के साथ डाक सेवा के माध्यम से रोल नंबर स्लिप जारी की गई है। रोल नंबर न मिलने की अवस्था मेें उम्मीदवार जिला राजस्व अधिकारी एवं उपायुक्त हमीरपुर कानूगो शाखा कक्ष संख्या 208, में या फिर दूरभाष न0 01972-222649 पर किसी भी कार्य दिवस में 10:00 बजे से 5 बजे के बीच संपर्क कर सकते है। इसके अतिरिक्त उम्मीदवार विभाग की वेबसाइट www.hphamirpur.nic.in पर भी पात्र अभ्यर्थियों से सम्बंधित जानकारी प्राप्त कर सकते है। यदि किसी पात्र अभ्यर्थी के पास रोल न0 स्लिप न हो तो वह मूल रूप से फोटो पहचान प्रमाण पत्र तथा पासपोर्ट साइज़ फोटो की नवीनतम कॉपी के साथ परीक्षा में उपस्थित हो सकता है। यह जानकारी नोडल अधिकारी जिला राजस्व अधिकारी ने दी है। उपमंडल स्तर पर लिखित परीक्षा 17 नवम्बर 2019, सुबह 11 बजे से 12:30 बजे तक निर्धारित की गई है ।
हमीरपुर : जिला रोजगार अधिकारी (अतिरिक्त कार्यभार) एस.आर.कपूर ने बताया है कि सुज़ुकी मोटरस प्राईवेट लिमिटेड अहमदाबाद के लिए तकनीकी कार्य प्रशिक्षण हेतु जिला रोजगार कार्यालय हमीरपुर में ट्रेनी के 80 पदों हेतु साक्षात्कार लेगी। इन पदों हेतु अभ्यार्थी न्यूनतम दसवीं कक्षा, 55 प्रतिशत अंक या उससे अधिक अंकों के साथ पास होना चाहिए। उम्मीदवार की आयु 18 वर्ष से 20 वर्ष के बीच हो। उन्होंने कहा है कि उत्तीर्ण छात्रों को भारत सरकार द्वारा एनसीवीटी का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। उन्होंने बताया है कि साक्षात्कार जिला रोजगार कार्यालय हमीरपुर में 18 नवम्बर 2019 को प्रात: 10:30 बजे लिए जाएंगे। इच्छुक अभ्यार्थी अपने साथ दो पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, स्थाई हिमाचली प्रमाण पत्र, आधार कार्ड तथा सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के साथ कार्यालय में उपस्थित हो सकते है। अधिक जानकारी के लिए आवेदक जिला रोजगार कार्यालय के दूरभाष संख्या 01972-222318 पर सम्पर्क कर सकते है।
हमीरपुर के भोटा पुलिस चौकी के तहत गांव खंसरा में चोरों ने भाजपा नेता के घर सेंध लगा दी। बताया जा रहा है रात को चोरों ने सात कमरों के ताले तोड़कर बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रकाश चंद गांव खसरा के घर में चोरों ने ताले तोड़कर प्रवेश किया। चोरों ने सातों कमरों में पूरे सामान को बिखेरा है और नुकसान भी पहुंचाया है। प्रकाश चंद ठाकुर के मुताबिक खंसरा गांव के लोगों ने रात को जानकारी दी कि आपके घर की बिजली जल रही है तो वे हमीरपुर स्थित नए घर से गांव पहुंचे। भनक लगते ही चोर रफूचक्कर हो गए। चोरों ने 7 कमरों व बाथरूम के ताले भी तोड़े हैं। इसके अलावा साथ लगते एक और मकान में भी चोरी का प्रयास किया गया है। प्रकाश चंद ने बताया कि चोरी की सूचना सर्वप्रथम लोडर पंचायत के उप प्रधान संजय कुमार को दी और उसके बाद भोटा चौकी पुलिस को भी चोरी की सूचना दे दी। भोटा चौकी पुलिस टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी। प्रकाश चंद ठाकुर ने कहा कि वह अधिकांश हमीरपुर में नए घर में ही रहते हैं और गांव में स्थित पुराने घर में कोई भी नहीं था। पुलिस के मुताबिक चोरी के मामले की छानबीन जारी है।
वीरवार को सुबह बंदरों की लड़ाई में एक बन्दर को बिजली का करंट लगने से मार्मिक मौत हो गई। हिमाचल प्रदेश के बिजली कर्मचारियों जो कि अणु हमीरपर में तैनात हैं ने बिजली बन्द करके नीचे उतारा और मृत बंदर का संस्कार कर दिया। प्रत्यक्षदर्शी पूर्व सैनिक तिलक राज कटोच ने बताया कि हमीरपुर नगर के कुछ दूरी के फ़ासले पर अणु क्षेत्र में बंदरों की लड़ाई के दौरान एक बंदर बिजली के खम्बे पर चढ़ गया और हाई बोल्टेज तारों में उलझ गया। करंट से उसका शरीर जलने लगा और धुंआ निकलना शुरू हो गया। उन्होंने बताया कि बिजली विभाग ने तुरंत विद्युत सप्पलाई बंद कर दी।
मानव सेवा के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहे सराहकड़ स्कूल के सकाउटस ने फिर एक बार बीमार व्यक्ति की आर्थिक सहायता की है। उन्होंने फिर से मानव सेवा के लिए अपने प्रयासों को सार्थक किया है। राजकीय माध्यमिक पाठशाला सराहकड़ के स्काउटस ने अपने सकाउट मास्टर सतीश राणा के मार्गदर्शन में उतराखंड के नैनीताल के ऊधम सिंह नगर के लीवर से पीडि़त गुड्डू को पी जी आई चण्डीगढ़ ले जाने के लिए 6000 रूपये की मदद दी गई। यह राशि प्रिंसिपल ओंकार सिंह, जय सिंह, शशि ठाकुर, रतन रांगड़ा ने उनके क्वाटर में जाकर इसकी पत्नी बवली को दी। इस के साथ एक महीने का राशन दिया गया। स्काउट मास्टर सतीश राणा का कहना है कि स्काउटिंग का उद्देश्य जरुरतमंद लोगों की सेवा करना है और बच्चों को समाज के प्रति जागरूक नागरिक बनाना है।
नादौन अस्पताल में उस समय रोगियों की भारी भीड़ जमा हो गई,जब डयूटी पर केवल एक ही डॉक्टर उपस्थित थे। भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने चोड़ू में कार्यरत चिकित्सक को डयूटी पर बुलाया। तब जाकर रोगियों की समस्याओं का निदान हो सका। यहां आए रोगियों व उनके तामीरदारों से मिली जानकारी के अनुसार सुबह जब वह लोग अस्पताल पहुंचे, तो अस्पताल में अन्य चिकित्सक छुट्टी पर होने के कारण केवल एक ही डॉक्टर डयूटी पर तैनात थे। इसके कारण अस्पताल में काफी भीड़ हो गई और बाहर तक लाइनें लग गई। इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन में केवल एक ही फार्मासिस्ट डयूटी पर होने के कारण भी लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जब इस बारे में प्रशासन को सूचना मिली तो चोड़ू अस्पताल में कार्यरत डा लेख राम धीमान को डयूटी पर बुलाया गया। गौर हो कि नादौन अस्पताल में केवल तीन ही चिकित्सक हैं, जिनमें से एक डॉक्टर की रात के समय डयूटी होने पर नियमानुसार अगले दिन उन्हें आराम दिया जाता है। ऐसे में एक भी डॉक्टर यदि छुट्टी पर हों तो स्टाफ की कमी हो जाती है।इस संबंध में बीएमओ डा अशोक कौशल ने बताया कि सुबह के समय रोगियों को कुछ दिक्कत हुई परंतु अन्य डॉक्टर की तैनाती के बाद स्थिति नियंत्रण में रही।
हमीरपुर : ज़िला हमीरपुर के पट्टा में एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पट्टा बजार में दुकान में काम करने वाला एक कारीगर मंगलवार को दुकान का सारा काम करके रात को वही सो गया। लेकिन जब दुकान का मालिक बुधवार सुबह दुकान पर गया तो देखा की दुकान में काम करने वाला कारीगर नहीं उठा है। जब वह उसे उठाने के लिए गया तो उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने बताया की शव को कब्जे में ले लिया है। अगली कार्यवाही की जा रही है।
ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब नादौन के कारण ही नादौन नगरी की पहचान विश्व पटल पर की जाती है। नादौन में स्थित इस ऐतिहासिक गुरूद्वारा में स्थानीय लोगों सहित अन्य प्रदेशों के लोगों में भी गहरी आस्था है। इतिहास गवाह है की पहाड़ी राजाओं के आह्वान पर दशम पातशाही श्री गुरु गोविंद सिंह जी नादौन पधारे तथा मुगल सेनापति आलिफ खां को अपनी सेना सहित यहां से भागने के लिए मजबूर कर दिया था। गुरू जी ने राजा भीम चंद के आग्रह पर सन 1687 में मुगलों के साथ युद्ध किया था। श्री गुरु गोविंद सिंह जी ने मुगल सैनिकों को खदेड़ने के बाद अपने साथ लाए सैनिकों सहित 9 दिनों तक यहां विश्राम किया था। आज उसी स्थल पर यह भव्य गुरुद्वारा बना हुआ है। जहां भारत सहित पूरे विश्व भर के लोग पहुंचकर नतमस्तक होकर मन्नत मानते हैं और गुरु जी से अपने व अपने परिवार के उज्जवल भविष्य की प्राथर्नाएं करते हैं। गुरु जी ने इसी काल में लिखित अपनी पावन पुस्तक विचित्र नाटक के कुछ पन्ने इसी स्थल पर ब्यास नदी के किनारे स्थित मनोरम स्थान पर लिखे थे। स्थल के पास ही गुरु जी ने अपने सिंह सैनिकों को साथ लेकर मुगल सेनापति अलिफ खां की सेना पर बाघ की तरह दहाड़ते हुए उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया था। आज यह स्थान उसी याद में बाघ नाला के नाम से जाना जाता है। वहीं गुरुद्वारे से चार किलोमीटर दूर गुरु जी ने मुगल सैनिकों पर फतेह का तीर छोड़ा था और विजय हासिल की थी। उस स्थान का नाम आज भी फतेहपुर के नाम से जाना जाता है। आज भी यहां गुरूद्वारा में फतेह दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार बिलासपुर के तत्कालीन राजा व अन्य राजाओं ने मुगलों को कर देने से इंकार कर दिया था, जिसे पहाड़ी राजाओं ने गुरुजी से उनकी सहायता के लिए तुरंत नादौन पहुंचने की गुहार लगाई थी। गुरु जी ने नादौन पहुंचकर मुगल सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए थे और पहाड़ी राजाओं को अभय दान दिया था। गौर हो कि इसी गुरुद्वारा साहिब के कारण नादौन शहर को विश्व भर में एक अलग पहचान मिली है। सबसे पहले महाराजा रणजीत सिंह ने यहां एक छोटे गुरूद्वारा का निर्माण करवाया था परंतु बाद में काफी समय तक यहां के महंतों व पुजारियों ने इसकी देखभाल की। 1925 से 1928 तक अमृतसर के विसाखा सिंह ने दिल्ली के ठेकेदार राय सिंह को प्रेरित करके यहां गुंबद वाले गुरूद्वारा का निर्माण करवाया था। आजकल इस गुरुद्वारे का संचालन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अमृतसर द्वारा चलाया जा रहा है। गुरुद्वारे में अटूट लंगर की व्यवस्था है। भिक्खोवाल के बाबा द्वारा भव्य सराय का निर्माण किया गया है, जहां श्रद्धालुओं को नि:शुल्क विश्राम की व्यवस्था रहती है। यही नहीं गुरुद्वारे के पास ही ब्यास नदी का दृश्य मन को मोह लेता है और निकट ही बल्ला नामक स्थल पर प्राचीन साइबेरियन पक्षियों को नदी में तैरते हुए देखना किसी कुदरत के करिश्मे से कम नहीं है।
भोरंज पुलिस स्टेशन में इसी साल 26 अप्रैल को दर्ज एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए हमीरपुर सेशन कोर्ट ने पाँच नशाखोरों को एक एक साल की कठोर कारावास की सज़ा सुनाई है। दोषियों को कोर्ट ने दस दस हज़ार रुपए जुर्माना भी भरने के आदेश दिए हैं। इन पाँचों आरोपियों से 6.71 ग्राम चिट्टा पकड़ा गया था। दोषियों अनिल कुमार ञ्च संजू पुत्र रिखी राम, वीपीओ जाहू , करतार सिंह ञ्च तारू पुत्र बशरिया राम, निवासी भांबला , अनिल कुमार ञ्च नीलू पुत्र रमेश कुमार निवासी भांबला, सुनील कुमार ञ्च सिल्लू पुत्र नारायण सिंह निवासी भांबला और राजिंदर ञ्च रिंकू पुत्र सतपाल वीपीओ जाहू को एक एक साल की कठोर सज़ा और दस दस हज़ार रुपये जुर्माना भरने के आदेश जिला और सत्र न्यायाधीश हमीरपुर के न्यायालय द्वारा पारित किए गये हैं। इनमें से कुछ दोषियों के ख़िलाफ़ मंडी जिला के अलग-अलग थानों मे विभिन्न धाराओं में 8 से अधिक मामले दर्ज हैं। जानकारी के मुताबिक़ भोरंज पुलिस ने नाके के दौरान जब गाड़ी को नाके पर रोका तो ड्राइवर गाड़ी को भगाकर भांबला की तरफ़ ले गया। पुलिस ने पीछा कर इन्हें भांबला चौक में घेर लिया । पुलिस के शिकंजे में फँसता देख तीन आरोपी गाड़ी छोड़ भाग गये लेकिन दो पुलिस के हत्थे चढ़ गये। तलाशी लेने पर इनसे 6.71 ग्राम चिट्टा बरामद हुआ । पुलिस ने एन॰डी॰पी॰एस॰ एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कुल पाँच आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया । सोमवार को ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कैंथला की अदालत ने पाँचों दोषियों को कठोर कारावास और जुर्माने की सज़ा सुनाई। पुलिस की तरफ़ से सारे मामले की छानबीन एसएचओ भोरंज कुलवंत सिंह ने की थी ।
हमीरपुर : नगर परिषद हमीरपुर ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम देते हुए आज बाजार में गैरकानूनी ढ़ंग से बनाए गए छज्जे को तुड़वाया। नगर परिषद के जेई अश्वनी कुमार की अगुवाई में आई टीम ने हमीरपुर बाजार में नगर परिषद द्वारा आंवटित किए गए खोखा में उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया।गौरतलब है कि नगरपरिषद ने हमीरपुर बाज़ार में खोखाधारकों को पक्के खोखे आबंटित किए गए थे और शिकायतें आ रही थी कि कुछ खोखाधारकों ने बिना किसी मंजूरी के अपने खोखों के आगे छज्जों का निर्माण कर अतिक्रमण किया है। शिकायत के आधार पर नगर परिषद की टीम ने मौके पर पहुंच कर कार्रवाई की। नगर परिषद के जेई अश्वनी कुमार ने बताया कि कार्यकारी अधिकारी के निर्देश पर उक्त कार्रवाई की गई है और खोखा धारकों को आगे से अतिक्रमण न करने की चेतावनी भी दी गई है।
सरकाघाट उपमंडल की गाहर पंचायत के समाहल गांव के लोगों ने देवता के नाम पर जिस 80 वर्षीय वृद्धा राजदेई के मुंह पर कालिख मलकर जूते गले में लटका कर घसीटा वह अपनी बेटी तृप्ता के साथ रविवार को हमीरपुर में मीडिया के सामने आई। राजदेई घटना के बाद मानसिक रूप से टूट चुकी है। उसे आज भी मीडिया के सामने चक्कर आ रहे थे। वह एक शब्द भी नहीं बोल पाई। उसकी बेटी के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि मदद या हाल पूछने कोई प्रशासनिक अधिकारी वृद्धा के पास अभी तक नहीं पहुंचा है। महिला पूर्व सैनिक की पत्नी है। उनकी एक बेटी तृप्ता भरेड़ी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है और दूसरी बेटी नर्स है। तृप्ता के पति हमीरपुर में एडवोकेट हैं। तृप्ता का कहना है कि अगर मां का कोई बेटा होता तो आज यह दिन देखने नहीं पड़ते। सरकाघाट के विधायक इंद्र सिंह से बात हुई है वह हमीरपुर आ रहे है। याद रहे शनिवार को जब मामला सीएम जयराम ठाकुर के संज्ञान में आया तो उसके बाद महिला के बयान दर्ज किए गए थे। उसके बाद इस प्रकरण में 17 लोगों की गिऱफ्तारी भी हुई है। गिरफ्तारी से भड़के ग्रामीण पुलिस थाने का घेराव करने वाले थे लेकिन एसडीएम ने सरकाघाट में धारा 144 लगा दी। स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल भी तैनात हैं।
हमीरपुर : लंबलू मार्ग पर एक तेज़ रफ़्तार कार की टक्कर से एक व्यक्ति की मौत हो गई है। घटना शनिवार देर रात की बताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार बोहनी के पास खनेउ गाँव के रोहली राम की कार एक्सीडेंट में मौत हो गई। इस बारे में शिकायत के बाद हमीरपुर पुलिस स्टेशन में आई॰पी॰सी॰ की धारा 279 और 304-ए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। शशि शर्मा पत्नी श्रीराम शर्मा ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया कि बोहनी के पास कार नम्बर एचपी 22 श्व - 1010 की टक्कर से रोहली राम नाम के व्यक्ति की मौत हो गई है। पुलिस ने मौक़े पर पहुँच छानबीन शुरू कर दी है। मृत देह को क़ब्ज़े में ले पोस्ट्मॉर्टम करवाया जा रहा है।
हमीरपुर : दिव्यांग होने पर दूसरों का सहारा ढूंढते है। लेकिन दिव्यांगता को ही ढाल बनाकर अपने आप को इतना सक्षम बनाना कि दूसरों को सहारा देना गर्व की बात है। ऐसा ही एक कारनामा हमीरपुर से 9 किलोमीटर दूर कोट गांव के सेवानिवृत सूबेदार मेजर मिलाप चंद चौहान ने किया है। तू और भी इम्तिहान लें जिंदगी हमारे हौसलों की स्याही अब भी बाकी है। यह शब्द इस रिटायर्ड फौजी ने सच साबित कर दिखाए है। रिटायर्ड मेजर ने अपनी कमजोर को ताकत बनाया और दूसरे लोंगों के लिए मिसाल पेश की। स्कूटी चलाना मिलाप चंद चौहान के वाएं हाथ का खेल है। क्योंकि बाजू घास की मशीन में आधी कट गई है। रोजमर्रा के काम स्कूटी से निपटाते है। यहां तक की पशुओं के लिए चारा भी स्कूटी पर ही ढोते है। यहां तक की दूर का सफर भी वे स्कूटी पर ही करते है। सेवानिवृत होने के तीन साल बाद ही उनकी एक हादसे में हाथ कट गया। बाजू कटने के तीन साल बाद उनके बेटे ने उनके लिए स्कूटी लाकर दी। मिलाप चंद यही सोचते रहे कि स्कूटी कैसे चलाई जाए। क्योंकि स्कूटी की ब्रेक और एक्सीलेटर हाथों में ही होता है। इन्होंने स्कूटी को नंगल ले जाकर इसमें जुगाड़ से नया रूप दिया गया और इसकी रेस और ब्रेक पैरों में लगवा दी। अब एक हाथ से भी स्कूटी चलना मुश्किल था इसलिए कटी हुई बाजू में रस्सी बांधी और स्कूटी चलाना शुरू किया। शुरू में तो कई बार स्कूटी से गिरे भी लेकिन फिर भी हि मत नहीं हारी और आज सभी जगह अपनी स्कूटी पर सफर करते है। रिटायर्ड मेजर कहते है कि उन्हें अपने काम के लिए किसी दूसरे का सहारा नहीं लेना पड़ता। उन्होंने ऐसे लोगों को संदेश दिया कि जो हादसे में अपने अंग गंवा देते है। उन्होंने कहा कि हि मत हारने से कुछ नहीं होगा। कोशिश करिए कामयाबी जरूर मिलेगी।
नादौन उपमंडल के गांव चौकी चौडान से मानपुल की ओर सैर कर रहे तीन युवक, धनेटा की ओर जा रही अल्टो कार की चपेट में आ गए। इस हादसे में चौकी चौड़ान निवासी रविंदर उर्फ बग्गू की टांग फैक्चर हो गई । मिली जानकारी के मुताबिक राकेश रविंद्र और आशीष गांव चौकी चौडान से मानपुल की और सैर के लिए निकले तथा थोड़ी ही दूरी तय करने पर धनेटा की ओर से आ रही एक अल्टो कार की चपेट में यह तीनों युवक आ गए। इस हादसे में तीनों युवकों को चोटे आई परंतु रविंद्र उर्फ बग्गू को इस घटना में गंभीर चोटें आई। घटना के समय कार चालक वहां से फरार हो गया जानकारी के मुताबिक कार चालक ने थाना में पहुंचकर इस घटना की जानकारी दी। घटनास्थल पर पहुंचे परिजन तीनों युवकों को नादौन अस्पताल लेकर आए जहां पर आशीष और राकेश का इलाज चल रहा है और रविंदर उर्फ बग्गू को उसकी टांगों में गंभीर चोटों के चलते उसके परिजन उसे होशियारपुर उपचार के लिए ले गए। परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक बग्गू की टांग का ऑपरेशन हुआ है। वही इस संबंध में डॉ बीएस राणा ने बताया कि दोनों घायलों का इलाज स्थानीय अस्पताल में किया जा रहा है और अरविंद को टांगों में गंभीर चोटें आई है। वही इस संबंध में थाना प्रभारी नादौन प्रवीण राणा ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है।
लंबी प्रतीक्षा के बाद सड़क पर टायरिंग तो हुई लेकिन सड़क बनते ही उखड़ने लगी। दो दिन में हुई हल्की बारिश से सड़क में डाला गया मटेरियल पूरी तरह गीला हो चुका था। उसी में टायरिंग कर दिए जाने से सड़क निर्माण के औचित्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। यह मामला क़ुठेड़ा से नौण नरेली संदोल सड़क का सामने आया है। ग्राम पंचायत देई द नौण के प्रधान रंजन शर्मा ने सम्बंधित ठेकेदार पर तुरंत कार्यवाही करने व दोषियों पर विभागीय जाँच की माँग की है । आपको बता दें कि ग्रामीण सम्पर्क सड़कें आज भी लोक निर्माण विभाग के अधीन हैं। इन सड़कों का निर्माण व मरम्मत भी लोक निर्माण विभाग के जिम्मे है। लोक निर्माण विभाग के अधीन कई ऐसी सड़कें हैं जो ग्रामीणों के लिए मुसीबत का कारण बनी हुई हैं। । दो दिन पूर्व अचानक सड़क की टायरिंग शुरू की गई। इसी बीच बारिश भी शुरू हो गई और टायरिंग कर दी गई। क़रीब पाँच वर्ष भर चैन की नींद सोने वाला विभाग सर्दियाँ शुरू होते ही टायरिंग कार्य समेटने पर जोर लगा रहा है। ठेकेदार भी १५ नवम्बर से पहले किसी तरह लीपापोती कर निर्माण कर निपटाने के फेर में है। इसी कारण सड़क निर्माण की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। विभाग के अधिकारी भी ठेकेदारों के साथ निर्माण स्थल पर नजर नहीं रख रहे हैं। नागरिक विरोध करते हैं तभी अधिकारियों की नींद खुलती है। इस बारे में पंचायत प्रधान रंजन शर्मा ने बताया कि कम तापमान में टायरिंग होने से पपड़ी की तरह सड़क उखड़ रही है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों से मौक़े पर आकर क़ुठेड़ा से नौण नरेली संदोल सड़क की हालत देखने व ठेकेदार को दोबारा मापदंडों के अनुसार टायरिंग के निर्देश जारी करने की माँग की है।
बिझड़ी बाजार के सौन्दर्यकरण के दौरान सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा नई पाइपलाइन बिछाई गई है। सड़क के दोनों ओर नई लाइन बिछाने व नए कनेक्शन देने के बाद लोगों को उम्मीद बंधी थी कि अब उनकी पेयजल समस्या का पूर्ण हल हो जाएगा। लेकिन अब समस्या दूर होने के बजाय और भी बढ़ चुकी है। लोगों को सर्दियों के मौसम में तीसरे दिन भी सही मात्रा में पानी उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा। पानी का प्रेशर इतना कम हो चुका है कि प्रथम तल पर रखी टँकीया भी भर नहीं पा रही है। ऐसे में बाज़ार में रहने वाले स्थाई निवासियों के अलावा किरायेदारों को पानी के लिए खूब भागदौड़ करनी पड़ रही है। लोगों का कहना है की अगर विभाग सर्दियों के मौसम में भी पेयजल सप्लाई सुचारू रूप से नहीं कर पा रहा तो गर्मियों में भगवान ही मालिक है।लोगों का कहना है कि अगर विभागीय कर्मियों से पूछा जाए तो वे अपनी असमर्थता जता कर पल्ला झाड़ लेते हैं। जिनका कहना होता है कि अगर पानी नहीं चढ़ रहा तो हम क्या कर सकते है।सहायक अभियंता आईपीएच शुशील कुमार का कहना है कि नई लाइन के बाद समस्या नहीं आनी चाहिये।लेकिन अगर ऐसा है तो ब्लॉकेज चैक करवाई जाएगी तथा समस्या को शीघ्र दूर किया जाएगा।
जिला मुख्यालय के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन के बाद हुई एक महिला की मौत मामले में मेडिकल नेग्लिजेंसी की जांच तीन सप्ताह बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। स्कूल शिक्षिका अमिता जिसे डाक्टरों की कथित लापरवाही के चलते दुनिया से जाना पड़ा, उसके परिजनों को अभी तक न्याय नहीं मिल पाया है। इस मामले में लोगों का आक्रोश निजी अस्पताल प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर भी देखने को मिला था। हैरानी यह हो रही है कि कुछ दिन पहले जिस महिला की मौत की कहानी पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य महकमे से लेकर हमीरपुर के हर व्यक्ति की जुबान पर थी, मात्र एक माह में ही लग रहा है जैसे कुछ हुआ ही नहीं। ऐसे लगता है कि जैसे जांच अधिकारी से लेकर इस मामले में संलिप्त हर कोई इस बात का इंतजार कर रहा है कि मामले को धीरे-धीरे भुला दिया जाए। उल्लेखनीय है कि 9 अक्तूबर देर रात हुई इस मौत के मामले में परिजनों के प्रदर्शन के बाद 16 अक्तूबर को मेडिकल कमेटी गठित की गई थी। उस वक्त कहा गया था कि दो सप्ताह के भीतर जांच पूरी होगी। वहीं तीसरा सप्ताह भी खत्म होने को आया लेकिन एक ही जवाब मिल रहा है कि जब रिपोर्ट आएगी तो बता दी जाएगी। इस संदर्भ में ब्राहलड़ी गांव की मृत शिक्षिका अमिता के परिजन बुधवार को जिला उपायुक्त से मिले और अब तक हुई जांच के बारे में जानकारी प्राप्त की। परिजनों के साथ आए सुमन भारती ने बताया कि उपायुक्त हरिकेश मीणा ने उनकी बात को ध्यान से सुना और सी.एम.ओ. हमीरपुर से बात कर पूरी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सी.एम.ओ. को गांव से प्रतिनिधिमंडल से मिलने बारे निर्देश भी दिए। उधर, इस संदर्भ में जिला उपायुक्त हरिकेश मीणा ने बताया कि निजी अस्पताल, पोस्ट्मॉर्टम रिपोर्ट व डाक्टरों की जिम्मेदारी को लेकर जांच रिपोर्ट लगभग तैयार है, एक दो दिन के अन्दर इस पर निर्णय ले लिया जाएगा।
हमीरपुर : यूं तो दुनिया में मशरूम की बहुत सी वैरायटी है लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा गुच्छी मशरूम की हो रही है। यह गुच्छी मशरूम अपने आप उग जाती है। ज्यादातर यह सब्जी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के ऊंच्चे क्षेत्रों में पायी जाती है। पहाड़ी इलाकों में पाई जाने वाली गुच्छी अब हमीरपुर में हर साल देखने को मिल रही है। जहां गत साल भी हमीरपुर जिला के मौहीं गांव में स्थानीय ग्रामीणों ने गुच्छी होने का दावा किया था, वहीं इस साल भी गुच्छी की काफी मात्रा मिलने से स्थानीय लोगों ने खुशी जाहिर की है। आपको बता दें कि दुनिया की सबसे मंहगी सब्ज़ी में शुमार गुच्छी की कीमत 30 से 35 हजार रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती है। हालांकि हिमालय के ऊंचे पहाड़ों में पैदा होने वाली गुच्छी को तलाश करना मुश्किलों भरा होता है। बल्ह पंचायत के गांव मौंही में एक नाले और सड़क के किनारे सुनसान जगह पर गुच्छी पाई गई है और गांव के किशोरी लाल को गुच्छी कुछ सालों से मिल रही थी लेकिन संशय होने के चलते किसी से बात नहीं करते थे। इस बार भी गुच्छी ज्यादा तादाद में लगने पर गुच्छी होने की पुष्टि हुई है। वहीं किशोरी के अनुसार गुच्छी के पौधों को एक महात्मा को भी बताया था तो कुल्लू मनाली के लोगों को भी दिखाई थी इसके बाद लोगों ने भी इसकी पुष्टि गुच्छी के रूप में ही की थी। गुच्छी के सेवन से कई बीमारियों का भी ईलाज होता है। गौरतलब है कि गुच्छी की पैदावार अक्तूबर और नवंबर माह के बीच ही पैदा होती है। गुच्छी की डिंमाड विदेशों में ज्यादा है और गुच्छी में विटामिन डी और सी, हार्ट की बीमारी के लिए फायदेमंद होती है। इस तरह हमीरपुर में भी अब गुच्छी के मिलने पर लोगों में हैरानी बनी हुई है।
दुर्गम पहाड़ी इलाकों में पाई जाने वाली गुच्छी हमीरपुर में हर साल देखने को मिल रही है। जहां गत साल भी हमीरपुर जिला के मौहीं गांव में स्थानीय ग्रामीणों ने गुच्छी होने का दावा किया था, वहीं इस साल भी गुच्छी काफी मात्रा में मिलने से स्थानीय लोगों ने खुशी जाहिर की है। आपको बता दें कि दुनिया की सबसे मंहगी सब्जी में शुमार गुच्छी की कीमत 30 से 35 हजार रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती है। हालांकि हिमालय के ऊंचे पहाड़ों में पैदा होने वाली गुच्छी को तलाश करना मुश्किलों भरा होता है। बल्ह पंचायत के गांव मौंही में एक नाले और सड़क के किनारे सुनसान जगह पर गुच्छी पाई गई है। गांव के किशोरी लाल को गुच्छी कुछ सालों से मिल रही थी लेकिन संशय होने के चलते किसी से बात नहीं करते थे। इस बार भी गुच्छी ज्यादा तादाद में लगने पर गुच्छी होने की पुष्टि हुई है। वहीं किशोरी के अनुसार गुच्छी के पौधों को एक महात्मा को भी बताया था तो कुल्लू मनाली के लोगों को भी दिखाई थी जिसके बाद लोगों ने भी इसकी पुष्टि गुच्छी के रूप में ही की थी। किशोरी ने बताया कि गुच्छी के पौधे पिछले साल भी अक्तूबर माह में नाले के पास मिले थे और इस बार गुच्छी काफी मात्रा में सड़क किनारे भी पाई गई है। उन्होंने बताया कि गुच्छी के सेवन से कई बीमारियों का भी ईलाज होता है। गौरतलब है कि गुच्छी की पैदावार अक्तूबर और नवंबर माह के बीच ही पैदा होती है। गुच्छी की डिंमाड विदेशों में ज्यादा है और गुच्छी में विटामिन डी और सी, हार्ट की बीमारी के लिए फायदेमंद होती है। इस तरह हमीरपुर में भी अब गुच्छी के मिलने पर लोगों में हैरानी बनी हुई है।
हमीरपुर : स्कूल स्वच्छता पुरस्कार योजना के तहत जिला के 23 स्कूलों ने सबसे स्वच्छ होने का दावा पेश किया है। इन सभी ने जिला स्तरीय स्वच्छता पुरस्कार के लिए खुद को योग्य बताया है। ब्लॉक लेवल पर स्वच्छता में प्रथम रहे स्कूलों ने जिला स्तरीय पुरस्कार के लिए आवेदन किया है। जिला स्तर पर विजेता को प्रशासन की तरफ से 50 हजार रुपए की राशि बतौर इनाम प्रदान की जाएगी। प्राइमरी, मिडल व हाई-सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को जिला स्तर पर सबसे स्वच्छता घोषित किया जाएगा। तीनों वर्गों में एक-एक स्कूल सबसे स्वच्छ घोषित होगा। इसके लिए पहले टीमें इन स्कूलों का निरीक्षण करेंगी। स्वच्छता के सभी पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए टीम अपनी रिपोर्ट तैयार कर अंक प्रदान करेगी। स्वच्छता के हर पहलू से सबसे बेहतर स्कूल को प्रथम घोषित किया जाएगा। स्कूलों के निरीक्षण के लिए छह सदसीय टीम का गठन किया गया है। राजकीय प्राथमिक पाठशालाओं में बिझड़ी की राजकीय प्राथमिक पाठशाला रोपड़ी, हमीरपुर की राजकीय प्राथमिक पाठशाला मटाहणी, बमसन की परोल, भोरंज ब्लॉक से धमरोल, बिझड़ी की देसन कोहडरा, हमीरपुर की बाड़ी, नादौन की पालवी, सुजानपुर की राजकीय प्राथमिक पाठशाला लाहडू ने आवदेन किया है। वहीं माध्यमिक पाठशालाओं के जिला स्तरीय स्वच्छता आवार्ड के लिए हमीरपुर से राजकीय माध्यमिक पाठशाला घिरथेड़ी, बमसन की दाड़ीं, भोरंज से किसी ने अप्लाई नहीं किया। वहीं बिझड़ी से नैन, हमीरपुर से बकारटी, नादौन से बंधेड़ा व सुजानपुर से री ने आवेदन किया है। वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में भोरंज से पट्टा, हमीरपुर से झगडिय़ाणी, बिझड़ी से हाई स्कूल बैरी, बमसन से बजरोल, भोरंज से भरेड़ी, बिझड़ी से समताना, हमीरपुर से राजकीय उच्च प्राथमिक पाठशाला बाड़ी, नादौन से राजकीय उच्च पाठशाला मंझेली व सुजानपुर से बनाल ने जिला स्तरीय स्वच्छता पुरस्कार के लिए दावेदारी जताई है। तीन वर्गों में सबसे स्वच्छ होने का दावा करने वाली पाठशालाओं को टीम निरीक्षण करेगी। इसके बाद तीनों वर्गों में सबसे स्वच्छ पाठशालाओं को चयन होगा।
हमीरपुर : उपायुक्त हरिकेश मीणा की अध्यक्षता में सोमवार को हमीर भवन में साप्ताहिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इसमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की प्रगति सहित विभिन्न मदों पर चर्चा की गयी। हरिकेश मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 30 नवंबर तक आधार कार्ड के साथ लिंक करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी है। इसके उपरांत किसी भी लाभार्थी को केवाईसी पूर्ण किए बिना योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। उन्होंने सभी पात्र लाभार्थियों से आग्रह किया है कि यदि उन्होंने यह प्रक्रिया अभी पूर्ण नहीं की है तो इसे निर्धारित तिथि तक अवश्य पूर्ण कर लें। इसके अतिरिक्त एक निश्चित अनुपात में लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन भी किया जाना है जिसके लिए उन्होंने संबंधित विभागों से समयबद्ध निपटारे का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों अनुसार 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक पूरे प्रदेश सहित हमीरपुर जिला में भी नशा निवारण के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत दैनिक आधार पर सभी विभागों की सहभागिता सुनिश्चित की गयी है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया कि इस संदर्भ में वे कार्य योजना तैयार कर नोडल विभाग जिला कल्याण अधिकारी को तय समय में उपलब्ध करवा दें। उन्होंने कहा कि राजकीय पाठशालाओं में शौचालयों, सूचना पट्ट, फर्श, पेयजल भंडारण टैंक इत्यादि की छिटपुट मरम्मत सहित पाठशालाओं के जीर्णोद्धार के लिए 14 वें वित्त आयोग से धन का प्रावधान किया जा रहा है। पाठशाला परिसर में ऐसे ही अन्य कार्यों के लिए मनरेगा के माध्यम से भी कार्य करवाया जा सकता है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से आग्रह किया कि वे इस बारे में सभी राजकीय पाठशालाओं के प्रधानाचार्यों व मुख्याध्यापकों से मामले प्रस्तुत करने के निर्देश दें, ताकि पाठशाला परिसर को सुंदर व स्वच्छ बनाया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि शहर में स्थानीय स्तर पर परिवहन सुविधा औऱ बेहतर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे है। हमीरपुर में 20 तथा अन्य स्थानों पर 17 ऑटो रिक्शा चलाने की योजना है। शहर के विभिन्न स्थलों पर इनकी पार्किंग के लिए स्थल चिह्नित किए जाएंगे। उन्होंने जिला युवा सेवाएं एवं खेल अधिकारी को निर्देश दिए कि अणु स्थित सिंथेटिक ट्रैक की वस्तुस्थिति से अवगत करवाएं और इसके बेहतर रखरखाव के लिए त्वरित कार्रवाई करें। उन्होंने नगर परिषद को निर्देश दिए कि शहर में आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए कारगर कदम उठाएं। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को कहा कि पेयजल आपूर्ति पाईपों से सड़कों की ओर रिसने वाले पानी की समस्या का त्वरित हल करें। नगर परिषद भी शौचालयों की टंकियों से पानी रिसने की समस्या का अविलंब निपटान करें। अवैध खनन पर रोक के लिए सभी संबंधित विभाग निरंतर कार्य करते रहें। गत माह खनन विभाग की ओर से 39 चालान विभिन्न मामलों में काटे गए। बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त रत्तन गौत्तम, सहायक आयुक्त राजकिशन, पुलिस उप अधीक्षक रेणु शर्मा सहित विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
हस्तशिल्पियों के घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय बाज़ार को प्रोत्साहन देने के लिए सुजानपुर में एक दिवसीय सैमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के हस्तशिल्पियों के लिए स्थायी रोजगार और उद्यमिता विकास के लिए एक रोड मैप तैयार करना है। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स (ईपीसीएच) के सहयोग से प्रयास सोसाइटी द्वारा सुजानपुर के चिल्ड्रन पार्क में आयोजित इस कार्यक्रम में शिल्पी बेक्टा एसडीएम सुजानपुर, कीर्ति चंदेल बीडीओ सुजानपुर,अवनीश परमार प्रयास संस्था के प्रमुख, राकेश कुमार डीजी ओपी मल्होत्रा शिल्प गुरु ने हस्तशिल्प कला की ख़ूबियों से अवगत करवाया। इस बारे में प्रयास संस्था के अध्यक्ष अवनीश परमार ने बताया कि निर्यात व्यवसाय अत्यधिक विशिष्ट कार्य क्षेत्र है और प्रतिस्पर्धी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सफलता संभव नहीं होगी जब तक कि निर्यात योजना और प्रबंधन के लिए अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण नहीं अपनाया जाता है। उन्होंने बताया कि यह सैमिनार हिमाचल में पहली बार आयोजित किया जा रहा है तथा इसके बेहतर परिणाम आएँगे। एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स के डीजीएम राकेश कुमार ने बताया कि उद्योग विभाग हस्तशिल्प कला को रोज़गार के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहा है। एसडीएम शिल्पी वेक्टा ने अपने सम्बोधन में कहा कि हस्तशिल्प को रोज़गार के रूप में प्रोत्साहित करने की सख़्त ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि प्रयास संस्था तथा ईपीसीएच के सहयोग से आयोजित इस सैमिनार में लोगों को कई उपयोगी जानकारी मिली है।
केंद्र सरकार अध्यापकों के मिड-डे मील के साथ नाश्ते की जिम्मेदारी भी सौंपने जा रही है, जो उचित नहीं है। केंद्र सरकार के इस निर्णय का कई राज्यों ने विरोध किया जो सही है क्योंकि अध्यापकों के पास पहले ही काफी कार्य हैं, इन्हें मिड-डे मील से मुक्त करना चाहिए। दरिद्र नारायण कल्याण समिति के जिला महासचिव कुलदीप चंद शास्त्री ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत नाश्ते की जो व्यवस्था की जा रही है, इसे किसी और संस्था को सौंपा जाना चाहिए ताकि अध्यापक पठन-पाठन के कार्य की तरफ अधिक ध्यान दे सकें। हिमाचल सरकार के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी इस मिड-डे मील व नाश्ते की व्यवस्था को किसी दूसरी संस्था को सौंपने की बात करके सही निर्णय लिया है। उनका यह निर्णय स्वागत योग्य है। दरिद्र नारायण कल्याण समिति के प्रदेश महासचिव कुलदीप शर्मा शास्त्री ने शिक्षामंत्री के निर्णय को सही करार दिया।
राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर में एक सफाई कर्मचारी द्वारा तेल छिड़ककर आत्महत्या का प्रयास करने के मामले में संस्थान प्रबंधन को लपेटते हुए सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि ऐसा पहली दफा हो रहा है कि संस्थान में छोटे व गरीब तबके के कर्मचारी तंग व प्रताड़ित हो रहे हैं।संस्थान के वर्तमान निदेशक ने पूरी हिटलरशाही फैला रखी है जिसको देखते हुए संस्थान का नाम बदलकर यादव प्रोद्यौगिकी संस्थान उत्तर प्रदेश कर देना चाहिए।उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि संस्थान को जमीन से लेकर अन्य सुविधाएं हिमाचल सरकार मुहैया करवा रही है, लेकिन संस्थान में भर्तियां यूपी के लोगों की हो रही है तथा हिमाचली युवाओं को दरकिनार किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि वर्तमान निदेशक व विवादों का चोली दामन का साथ लग रहा है, क्योंकि चंद माह पहले ही सफाई कर्मचारी अपनी मांगों के लिए 10 दिन धरने पर रहे थे।स्थानीय विधायक होने के नाते लोग भी उनसे मिलकर संस्थान निदेशक की शिकायतें कर चुके हैं।अधिकतर शिकायतें कर्मचारियों को प्रताड़ित करने व 95 प्रतिशत भर्तियां यूपी के लोगों विशेषकर यादव बिरादरी से करने की मिली है।उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर पर हो रहे गड़बड़झाले पर प्रदेश सरकार ने भी कानों में रूई डाल रखी है और स्थानीय सांसद तो यहां पर्यटक बनकर भ्रमण करने ही आते हैं, जिन्हें यहां की समस्याओं से कोई सरोकार ही नहीं लगता।उन्होंने कहा कि जिस सरकार के नाक तले सचिवालय में ही बड़ी संख्या में बाहरी लोगों की भर्तियां हुई हों, उस सरकार से जनता खासकर बेरोजगार युवाओं को भी कोई उम्मीद नहीं रही है।उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार हिमाचल के संसाधनों को बेचने की तैयारी कर रही है और सरकारी नौकरियों बाहरी राज्यों के लोगों तरजीह दे रही है, उसे देखते हुए तो लगता है कि हिमाचल का अस्तित्व खतरे में पड़ने वाला है और हिमाचल के लोगों गुलामी के चंगुल में फंसाने की सोची-समझी साजिश हो रही है।
धर्मशाला - शिमला नेशनल हाईवे डेढ़ घंटे से यातायात के लिए बंद है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर हमीरपुर के बजाय सुजानपुर सड़क मार्ग से धर्मशाला के लिए रवाना हुए है। हमीरपुर जिले के ब्राहलड़ी में अध्यापिका की मौत मामले में परिजन सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन कर रहे है। पुलिस अफसर परिजनों को मनाने में जुटे रहे लेकिन बात नही बनी। इस बीच एक पुलिस अफसर ने पिस्तौल तान दी इससे महिलाएं और भड़क गई। गौरतलब है कि बाते दिन ज़िला मुख्यालय हमीरपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान एक सरकारी स्कूल की अध्यापिका की मौत हो गई थी। परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सकों पर मरीज के उपचार के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप लगाए है। मृतका की पहचान 39 वर्षीय अमिता कुमारी पत्नी अरुण शर्मा निवासी गांव बराहलड़ी तहसील और जिला हमीरपुर के रूप में हुई है। महिला की एक 4 वर्षीय बेटी है। अमिता राजकीय प्राथमिक पाठशाला डुढाणा में अध्यापिका थी। उसकी मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। अरुण शर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी को रसौली की समस्या थी।
पुलिस सहायता कक्ष भोटा के तहत झिराड़ी में सुबह-सवेरे एक ट्रक ने चार लोगों को रौंद डाला। इनमें से दो की मौके पर मौत हो गई, जबकि दो गंभीर घायल हुए है। हादसा बुधवार सुबह करीब 7 बजे का बताया जा रहा है। हादसे के बाद आरोपी चालक मौके से फरार हो गया। घायलों की चीख-पुकार सुनकर लोग एकत्रित हुए और उन्हे भोटा अस्पताल पहुंचाया गया। यहां इनका उपचार चल रहा है। वहीं, दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर भेजा गया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रत्यक्षदर्शियों के बयान कलमबद्ध किए है। ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है। बताया जा रहा है कि मृतक व घायल सभी प्रवासी है। सुबह के समय वे शटरिंग खोलने जा रहे थे, तभी ये हादसा हुआ।
हिमाचल प्रदेश में 2017 विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम पर था। कांग्रेस मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही थी, पर भाजपा ने अभी सीएम फेस डिक्लेअर नहीं किया था। भाजपा की सारी राजनीति धूमल बनाम नड्डा के नाम के कयासों के इर्दगिर्द घूम रही थी। इसका असर भी दिख रह था। भाजपा का कंफ्यूज कार्यकर्ता वीरभद्र के आगे कुछ हल्का दिख रहा था। 9 नवंबर को वोटिंग होनी थी और 30 अक्टूबर तक भाजपा ने सीएम फेस की घोषणा नहीं की थी। कांग्रेस भी भाजपा को बिना दूल्हे की बरात कहकर खूब चुटकी ले रही थी। माना जाता है कि प्रो प्रेम कुमार धूमल भाजपा आलाकमान की पसंद नहीं थे, लेकिन वीरभद्र की कांग्रेस को टक्कर देने वाला कोई और दिख भी नहीं रहा था। सो, सारे गुणा भाग करके आखिरकार 31 अक्टूबर को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सिरमौर के पच्छाद में हुई रैली में प्रो प्रेम कुमार धूमल को सीएम फेस घोषित कर दिया। धूमल के नाम की घोषणा होते ही मानो भाजपा में जान सी आ गई, देखते-देखते समीकरण बदले और भाजपा ने बेहद मजबूती से चुनाव लड़ा। 18 दिसंबर को जब नतीजे आये तो भाजपा ने 44 सीटों पर जीत दर्ज कर सत्ता में शानदार वापसी की। पर इन 44 सीटों में सुजानपुर की सीट नहीं थी, इन 44 सीटों में प्रो प्रेम कुमार धूमल की सीट नहीं थी। भाजपा तो जीत गई थी, पर भाजपा को जीताने वाले धूमल खुद चुनाव हार बैठे। एक कहावत है... हाथ में आया, पर मुँह न लगा ! हिंदुस्तान की राजनीति में प्रो. प्रेम कुमार धूमल से बेहतर ये कहावत शायद ही किसी पर सटीक बैठती हो। क्या सुजानपुर से टिकट देना सिर्फ इत्तेफ़ाक़ था ! प्रो प्रेम कुमार धूमल का चुनाव हारना आसान नहीं था और ये यूँ ही नहीं हो गया था। दरअसल प्रो धूमल की सीट थी हमीरपुर, पर पार्टी ने उन्हें टिकट दिया सुजानपुर से। उसी सुजानपुर से जो जहाँ कभी उनके करीबी रहे राजेंद्र राणा का ख़ासा प्रभाव था। पर राणा की निष्ठा अब वीरभद्र सिंह और कांग्रेस में थी। कहते है राणा से बेहतर धूमल की कमजोरियों को कोई नहीं जानता, आखिर राणा ने राजनीति भी तो धूमल से ही सीखी थी। भाजपा में धूमल विरोधी भी इस बात से वाकिफ थे और चाहते थे कि धूमल को घर में ही ठिकाने लगा दिया जाए। हुआ भी यही। धूमल 1919 वोट से चुनाव हार गए और उनका तीसरी बार सीएम बनने का स्वप्न पूरा नहीं हो सका। प्रोफेसर से मुख्यमंत्री तक का सफर राजनीति में प्रो धूमल का कद रातों रात नहीं बढ़ा था और यूँ ही कोई धूमल बन भी नहीं सकता। सियासत में आने के लिए धूमल ने प्रोफेसर की नौकरी छोड़ी और शुरुआत की भाजपा के युवा संगठन से। 1980-82 में धूमल भाजयुमो के प्रदेश सचिव रहे। पर चर्चा में आये 1989 में जब उन्होंने हमीरपुर सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की और लोकसभा पहुँच गए। इससे पहले 1984 का चुनाव वे हार चुके थे। इसके बाद 1993-98 में वो हिमाचल प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष रहे। इस बीच 1996 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। पर धूमल ने लम्बी छलांग लगाईं और इसके बाद वो दो बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने। 1998 में सरकार बनाने के लिए सुखराम के पांचो विधायकों को बनाया मंत्री 1998 का चुनाव आते-आते भाजपा बदली चुकी थी और प्रदेश के समीकरण भी। नरेंद्र मोदी प्रदेश के प्रभारी थे, जो इस बात को समझ चुके थे कि 'नो वर्क नो पे वाले' सीएम रहे शांता कुमार के नाम पर चुनाव लड़ना और जीतना बेहद मुश्किल है। धूमल तब मोदी के करीबी थे और प्रदेश की राजनीति में भी उनका ठीक ठाक कद था। सो, मोदी ने पार्टी आलाकमान को मनाया और चुनाव से पहले ही धूमल को सीएम फेस घोषित कर दिया। हालांकि नतीजों के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों 31-31 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे लेकिन बहुमत किसी के पास नहीं था। कांग्रेस में अपनी उपेक्षा से नाराज़ पंडित सुखराम ने तब नई पार्टी बना कर चुनाव लड़ा था, जिसका नाम था हिमाचल विकास कांग्रेस। पंडित सुखराम की पार्टी के खाते में पांच सीटें आई थी और सरकार किसकी बनेगी, ये उन्हें ही तय करना था। वीरभद्र से मतभेद के चलते सुखराम ने धूमल को समर्थन दिया और धूमल ने पुरे पांच साल सरकार चलाई। हालांकि इसके बदले सुखराम के पांचो विधायकों को मंत्री बनाया गया। भाजपा के कई नेता, खासतौर से शांता गुट के कई नेता अब भी इसे गलत करार देते है। बने सड़क वाले मुख्यमंत्री जब प्रो धूमल पहली बार सीएम बने तो केंद्र में एनडीए की सरकार थी और प्रधानमंत्री थे अटल बिहारी वाजपेयी। उस दौर में देशभर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से सड़कों का जाल बिछाया गया था और हिमाचल भी इससे अछूता नहीं रहा। पहाड़ी राज्य होने के चलते हिमाचल में ये ये कार्य आसान नहीं था लेकिन धूमल सरकार ने इसमें कोई कसर नहीं छोड़ी। इसीलिए धूमल सड़क वाले मुख्यमंत्री के तौर पर भी जाने जाते है। 2007 में बने दूसरी बार सीएम 2003 के विधानसभा चुनाव में प्रो धूमल एक बार फिर भाजपा के सीएम फेस थे लेकिन भाजपा सत्ता में वापसी नहीं कर पाई। इसके बाद उनके नेतृत्व में 2007 का चुनाव लड़ा गया जिसमें भाजपा ने फिर सत्ता कब्जाई और धूमल दूसरी बार सीएम बने। दूसरी बार वे एक जनवरी 2008 से 25 दिसंबर 2012 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं। प्रेम सिंह धूमल के दो बेटे हैं- अरुण ठाकुर और अनुराग ठाकुर। अनुराग ठाकुर राजनीति में काफी सक्रिय हैं। वे बीसीसीआई के चेयरमैन भी रह चुके है। इसके अलावा मौजूदा समय में हमीरपुर लोकसभा से सांसद हैं और केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री भी। उपचुनाव लड़ने की चर्चा मात्र से सियासी खलबली : इन दिनों प्रो प्रेम धूमल फिर चर्चा में है। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 के बाद अब हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा जिला के धर्मशाला तथा सिरमौर जिला के पच्छाद विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं। धूमल की धर्मशाला सीट से विधानसभा उपचुनाव लड़ने की चर्चाओं ने सभी के कान खड़े कर दिए हैं। धूमल के चुनाव लड़ने की चर्चा मात्र से ही भाजपा के अंदर गुणा-भाग शुरू हो गया है। माना जाता है कि अब भी धूमल की इतनी कुव्वत है कि भाजपा उन्हें हलके में नहीं ले सकती। वहीँ बीते दिनों धूमल का पीएम मोदी से मिल कर लम्बी चर्चा करना, रमेश धवाला और पवन राणा प्रकरण, इन्दु गोस्वामी का इस्तीफ़ा, पत्र बम जैसे कई तथाकथित सियासी इत्तेफाकों ने धूमल नाम को फिर सुर्ख़ियों में ला दिया है। प्रदेश में 21 अक्टूबर को उपचुनाव होने है। भाजपा का एक वर्ग धूमल को टिकट देने की मांग कर रहा है। कांगड़ा हमेशा हिमाचल की राजनीति का भविष्य तय करता रहा है और धूमल का क्षेत्र हमीरपुर भी कभी कांगड़ा जिला की तहसील हुआ करती थी। ऐसे में पुराने कांगड़ा के धूमल कोई सियासी गुल खिला पाते है या नहीं, देखना दिलचस्प होगा।
हमीरपुर के डिग्री कॉलेज ग्राउंड में चल रही हीरो नॉर्थ जोन सब जूनियर फुटबॉल चैंपियनशिप में थांगजलेन टाउथॉन्ग के हैट्रिक से पंजाब ने दिल्ली पर धमाकेदार जीत दर्ज की। सोमवार सुबह खेले गए इस मैच में पीले रंग की जर्सी पहने पंजाब के लड़को ने सफेद रंग की जर्सी पहने दिल्ली के लड़को की टीम को हराया। पंजाब की ओर से खेल रहे थांगजलेन टाउथॉन्ग ने सबसे पहला गोल मैच के 22वें मिनट में किया। दिल्ली के गोलकीपर भारत भार्गव की थांगजलेन टाउथॉन्ग के सामने कड़ी परीक्षा देखने को मिली। इसके बाद थांगजलेन टाउथॉन्ग ने मैच के 44वें मिनट में अपना तथा टीम का दूसरा गोल किया। पहले हॉफ में 2-0 से बढ़त के साथ आगे खेलते हुए पंजाब की टीम के दूसरे हॉफ में भी हौंसले बुलंद दिखे। मैच के 71वें मिनट में एक बार फिर थांगजलेन टाउथॉन्ग ने दिल्ली पर तीसरा गोल करके टीम के लिए अजेय बढ़त दिलाई। मैच में दिल्ली ने तीन,जबकि पंजाब की टीम से पांच खिलाडिय़ों को रिप्लेस किया। पंजाब ने सेहल याकूब की जगह हरमनजीत सिंह को मैच के 30वें मिनट में मिड फील्ड में खेलने का मौका दिया। इसके बाद अभिषेक कुमार मल्ही की जगह सावन सिंह को फारवर्ड लिया गया। फिर 74वें मिनट में रेहन वकील की जगह मोहम्मद आरिफ को जगह दी गई। बालकरण सिंह की जगह पंजाब ने गुरप्रीत सिंह को मिड फील्ड में खेलने का मौका दिया। पंजाब टीम के कोच अमरजीत सिंह ने मैच के अंतिम क्षणों में राजवीर सिंह की जगह राजेश तिवारी को फील्ड में उतारा। तब तक थांगजलेन टाउथॉन्ग अपना काम कर चुका था। उसने टीम के लिए तीन गोल किए, जिसकी बदौलत पंजाब की जीत सुनिश्चित हो पाई। आज के मैच फुटबॉल संघ के मीडिया कॉआर्डिनेटर सत्यदेव शर्मा ने बताया कि हीरो नॉर्थ जोन सब जूनियर फुटबॉल चैंपियनशिप के तीसरे दिन तीन सितंबर को ग्रुप-ए के तहत चंडीगढ़ का मुकाबला मेजबान हिमाचल प्रदेश के साथ सुबह 11:00 बजे होगा। जबकि बाद दोपहर 2:30 बजे दूसरा मुकाबला हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच खेला जाएगा।
प्रदेश के सबसे शिक्षित जिला हमीरपुर का 1 सितंबर 1972 में गठन हुआ था जिसके बाद इस जिले ने शिक्षा के क्षेत्र के साथ-साथ राजनीतिक रूप से भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है। 1972 से लेकर 2019 तक के सफर की बात करें तो इस दौरान हमीरपुर के लोगों ने यहां बहुत बड़ा बदलाव देखा। वहीं एक छोटा सा कस्बा देखते ही देखते शिक्षा का हब के रूप में पूरे प्रदेश में मशहूर हो गया। इसके साथ ही जब एनआईटी हमीरपुर में आया तो शिक्षा के जगत में एक बहुत बड़ा मुकाम हमीरपुर को हासिल हुआ। 1998 के बाद हमीरपुर में विकास की रफ्तार तो बढ़ी ही वहीं इसके साथ हमीरपुर में कई तरह के नए शिक्षा संस्थान खुले जिससे स्वरोज़गार और रोज़गार दोनों तरह के कई नए दरवाजे़ भी हमीरपुर के लिए खुल गए। आज की बात करें तो हमीरपुर जिला में इस समय मेडिकल कॉलेज, होटल मैनेजमेंट कॉलेज, एनआईटी टेक्निकल यूनिवर्सिटी, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के अलावा शिक्षा से जुड़ी कई ऐसी एकेडमी चल रही हैं जिनका नाम पूरे प्रदेश में जाना जाता है। इसके साथ ही खेलों में विजय कुमार के रूप में ओलंपियन फौज में बड़ी संख्या में हीरो, चिकित्सा के क्षेत्र में डॉक्टर डीएस राणा, शिक्षा के क्षेत्र में हिम एकैडमी, फिल्म इंडस्ट्री में हमीरपुर के लोगों का नाम और राजनीतिक के क्षेत्र में काफी जाना जाता है।
सैनिक स्कूल सुजानपुर टिहरा में छठीं एवं 9वीं कक्षा में प्रवेश के लिए अखिल भारतीय सैनिक विद्यालय प्रवेश परीक्षा 2020-21 का आयोजन 5 जनवरी, 2020 को किया जाएगा। यह जानकारी आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने दी। प्रवक्ता ने कहा कि यह प्रवेश परीक्षा केवल लड़कों के लिए आयोजित की जाएगी। प्रवेश परीक्षा में भाग लेने के लिए आॅनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। प्रवेश परीक्षा के लिए आॅनलाइन आवेदन पत्र 5 अगस्त, 2019 से मिलने आरंभ हो गए हैं। उन्होंने कहा कि आॅनलाइन पंजीकरण की अंतिम तिथि 23 सितंबर, 2019 निर्धारित की गई है। उन्होंने कहा कि छठी कक्षा में प्रवेश के लिए छात्र का जन्म प्रथम अप्रैल 2008 से 31 मार्च, 2010 के मध्य हुआ होना चाहिए। नवीं कक्षा में प्रवेश के लिए छात्र का जन्म प्रथम अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2007 के मध्य हुआ होना चाहिए। प्रवेश परीक्षा में भाग लेने के लिए शुल्क का भुगतान भी आॅनलाइन ही होगा। प्रवेश परीक्षा प्रदेश के निर्धारित केन्द्रों पर आयोजित की जाएगी। आॅनलाइन आवेदन वैब लिंक sainikschooladmission.in/index.html पर किए जा सकते हैं।इस संबंध में अधिक जानकारी दूरभाष संख्या 01972-272024, 272039, 272040, मोबाइल नंबर 085100-44411 तथा हेल्पलाइन नंबर 0120-4348911 एवं 12 पर प्राप्त की जा सकती है। अधिक जानकारी के लिए sainikschooladmission@gmail.com पर ईमेल की जा सकती है अथवा वैबसाईट www.sainikschoolsujanpurtira.org पर संपर्क किया जा सकता है।
गायक, संगीतकार, अभिनेता, निर्माता, लेखक ; किशोर सही मायनो में बहुमुखी प्रतिभा के धनि थे। आज किशोर कुमार का जन्मदिन है। अपनी दिलकश आवाज में गाए हज़ारों गीतों के जरिए किशोर कुमार आज भी हमारे आसपास मौजूद हैं। दिलचस्प बात है कि उन्होंने संगीत की तालीम हासिल नहीं की थी। देव आनंद, राजेश खन्ना और अमिताभ के करियर में योगदान किशोर की आवाज के जादू से देवआनंद सदाबहार हीरो कहलाए। राजेश खन्ना को पहले सुपर स्टार बने और अमिताभ बच्चन महानायक हो गए। जाने किशोर कुमार की चार पत्नियों के बारे में... रुमा गुहा से की पहली शादी किशोर कुमार की पहली पत्नी रूमा गुहा ठाकुरता का एक एक्ट्रेस थीं। उन्होंने 1951 में किशोर कुमार से शादी की थी। दोनों की शादी से एक बेटा अमित कुमार हुआ। अमित कुमार भी एक गायक है। शादी के 8 साल बाद किशोर कुमार के रिश्ते में खटास आनी शुरू हो गई और उन्होंने अपनी पहली पत्नी रूमा से तलाक ले लिया। मधुबाला से हुआ इश्क़ मधुबाला और दिलीप कुमार के ब्रेक अप के बाद किशोर और मधुबाला की कहानी शुरू हुई। उस दौर में दोनों एकसाथ कई फिल्मों में काम कर रहे थे, तभी दोनों के बीच प्रेम प्रसंग हुआ और 1960 में किशोर कुमार और मधुबाला ने आपस में शादी कर ली। हालांकि 27 साल की मधुबाला के दिल में छेद पाया गया था और गंभीर रूप से बीमार पड़ने के बाद 35 साल की उम्र में मधुबाला का देहांत हो गया था योगिता से रचाई तीसरी शादी मधुबाला की मौत के बाद किशोर कुमार की जिंदगी में योगिता बाली आईं और दोनों ने शादी कर लीं। पर इसके बाद योगिता की जिंदगी में मिथुन चक्रवर्ती आ गए और दो साल बाद योगिता बाली ने किशोर को छोड़ दिया और मिथुन से शादी कर ली। लीना चंद्रावरकर से की चौथी शादी लीना किशोर कुमार से 20 साल छोटी थी पर इश्क़ उम्र कहा देखता है। लीना ने पिता के खिलाफ जाकर 1980 में किशोर कुमार से शादी कर ली।
प्रदेश सरकार ने समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को गम्भीर रोग की स्थिति में त्वरित सहायता पंहुचाने के उद्देश्य से ‘सहारा’ योजना आरम्भ हो गई है। योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के रोगियों को शीघ्र सहायता प्रदान की जाएगी। सहारा योजना पूरे प्रदेश में 15 जुलाई, 2019 से आरम्भ कर दी गई है। योजना के तहत कैंसर, पार्किंसनस रोग, लकवा, मस्कुलर डिस्ट्राफी, थैलेसिमिया, हैमोफिलिया, रीनल फेलियर इत्यादि ये ग्रस्त रोगियों को वित्तीय सहायता के रूप में 2000 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। योजना के तहत किसी भी आयुवर्ग का इन रोगों से ग्रस्त रोगी आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकता है। इस योजना के तहत बीपीएल परिवार से सम्बन्धित रोगियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। रोगी को अपना चिकित्सा सम्बन्धी रिकाॅर्ड, स्थाई निवासी प्रमाण पत्र, फोटोयुक्त पहचान पत्र, बीपीएल प्र्रमाण पत्र अथवा पारिवारिक आय प्रमाण पत्र तथा बैंक शाखा का नाम, अपनी खाता संख्या, आईएफएससी कोड से सम्बन्धित दस्तावेज प्रदान करने होंगे। चलने-फिरने में असमर्थ रोगी के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी जीवित होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। सहारा योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र रोगी को अपना आवेदन सभी दस्तावेजों सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाना होगा। आशा कार्यकर्ता व बहुदेशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी रोगी के सभी दस्तावेज खण्ड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवा सकते हैं। खण्ड चिकित्सा अधिकारी इन दस्तावेजों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय को प्रेषित करेंगे। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेेदन पत्र जिला स्तर के अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा हेल्थ वेलनेस केन्द्रों में 03 अगस्त, 2019 से उपलब्ध होंगे। जिला चिकित्सा अधिकारी सोलन डाॅ. आर.के. दरोच ने सहारा योजना के विषय में अधिक जानकारी देते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना से जिला के सभी लोगों को अवगत करवाने के लिए विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर जागरूक बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सहारा योजना के तहत पात्र रोगियों को 2000 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता आरटीजीएस के माध्यम से ही उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि सहारा योजना के विषय में पूरी जानकारी प्राप्त करें ताकि आवश्यकता के समय विभिन्न गम्भीर रोगों से पीड़ित रोगियों के परिजनोें को जानकारी देकर लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन के कार्यालय के कक्ष संख्या 132 में योजना के सम्बन्ध में सम्पर्क किया जा सकता है। डाॅ. आर.के. दरोच ने कहा कि सहारा योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने एवं उनकी देखभाल की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगी।
राज्यसभा में बुधवार को मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित हो गया। यह न केवल एक मोटर वाहन अधिनियम है, बल्कि एक सड़क सुरक्षा बिल भी है। इस बिल का मकसद सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाना है, इसके लिए नियमों को और कड़ा किया गया है। वहीं जुर्माने में भी वृद्धि की गई है। जानिए क्या है मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2019 में यातायात नियमों और विनियमों के उल्लंघन के लिए न्यूनतम जुर्माना 100 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए कर दिया गया है। कई अपराधों के लिए अधिकतम जुर्माना 10,000 रुपए तय किया गया है। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने के मामले में जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर 5,000 रुपए कर दिया गया है। सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह अब तक केवल 100 रुपए था। शराब पीकर वाहन चलाने के मामलों में जुर्माना 2,000 रुपए से 10,000 रुपए तक का है। खतरनाक ड्राइविंग के लिए जुर्माना 5,000 रुपए है। इमरजेंसी वाहनों को पास नहीं देने पर 10 हजार रुपए जुर्माना के रूप में लगेगा। पिछले कानून के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं था। ओवर-स्पीडिंग के मामलों में चालक को हल्के मोटर वाहनों जैसे कारों के लिए 1,000 रुपए और भारी वाहनों के लिए 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। रेसिंग में लिप्त पाए जाने पर चालक को 5,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। यदि आपके वाहन का बीमा कवरेज समाप्त हो गया है और आप अभी भी इसे चला रहे हैं, तो आपको 2,000 रुपए का जुर्माना देना होगा। जुर्माने में हर साल 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। मौजूदा कानून के तहत हिट-एंड-रन मामलों में क्षतिपूर्ति 25,000 रुपए है। इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है। चोटों के मामलों में, मुआवजा 12,500 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है। सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को अनिवार्य बीमा कवरेज और सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने के लिए केंद्रीय स्तर पर एक मोटर वाहन दुर्घटना निधि बनाई जाएगी।
हिमाचल में स्क्रब टायफस बीमारी से निपटने की तैयारी व नियंत्रण को लेकर अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) आरडी धीमान की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। आरडी धीमान ने कहा कि स्क्रब टायफस बीमारी की जांच व इलाज की सुविधा सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है और सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इसके इलाज के लिए दवाइयों भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में जनवरी, 2019 से अब तक स्क्रब टायफस के 220 मामले दर्ज किए गए हैं। बिलासपुर में सर्वाधिक मामले दर्ज हुई हैं। आरडी धीमान ने कहा कि पिछले चार सालों में स्क्रब टायफस के मामलों में वृद्धि हुई हैं। स्क्रब टायफस फैलाने वाला पिस्सू शरीर के खूले भागों को ही काटता है। इसके लिए उन्होंने लोगों को सलाह दी घरों के आसपास खरपतवार आदि न उगने दें व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि 104 से 105 डिग्री का तेज बुखार, सिर व जोड़ों में दर्द व कंपकंपी, शरीर में ऐंठन, अकड़न या शरीर टूटा हुआ लगना आदि स्क्रब टायफस के लक्षण हैं। यदि ये लक्षण दिखाई दें तो तुरंत नज़दीकी अस्प्ताल में संपर्क करें।
हिमाचल प्रदेश की हरियाली बढ़ाने के लिए यूं तो वन विभाग हर साल हर संभव प्रयास करता है। पर अब नई योजना से यह जन अभियान बन सकेगा। अब नवजात कन्या के नाम पर बूटा लगाकर हिमाचल प्रदेश में हरियाली बढ़ाई जाएगी । हिमाचल इस तरह की अनूठी पहल करने जा रहा है। प्रदेश में जहां भी बेटी पैदा होगी, उस परिवार को वन विभाग पौधा भेंट करेगा। इसे संबंधित क्षेत्र में रोपा जाएगा। कन्या कहां पैदा हुई, इसका पता लगाने की जिम्मेदारी वन रक्षक की रहेगी। वह पंचायतों से लेकर तमाम विभागों से संपर्क में रहेगा। किस प्रकार की भूमि में कौन से पौधे रोपे जाएंगे, यह जल्द ही तय होगा। इस सिलसिले में सरकार ने प्रारंभिक खाका खींच लिया है। इस योजना का नाम ‘एक बूटा बेटी के नाम’ होगा। इसे मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा। रोपे पौधे की देखभाल बेटी के मां-बाप करेंगे। बजट सत्र में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नई योजना शुरू करने का ऐलान किया था। इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। जैसे ही सरकार स्वीकृति देगी, यह धरातल पर उतरेगी।
कारगिल युद्ध को 20 वर्ष पुर हो चुके है। वो मई 1999 का वक्त था, जब करगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया था। भारतीय सेना को जब इस बात का पता चला तो सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए ऑपरेशन विजय चलाया। 8 मई से 26 जुलाई 1999 तक चले ऑपरेशन विजय में भारतीय सेना के 527 जवानो ने बलिदान दिया और 1363 जवान जख्मी हुए। तब से हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है। पाकिस्तान की नापाक कोशिश पाकिस्तान की सेना और कश्मीरी उग्रवादियों ने भारत और पाकिस्तान के बीच की नियंत्रण रेखा पार करके भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की। पाकिस्तानी सेना की शामिल पाकिस्तान आरोप को नकारता रहा और दावा किया कि लड़ने वाले सभी कश्मीरी उग्रवादी हैं, किन्तु युद्ध में बरामद हुए दस्तावेज़ों और पाकिस्तानी नेताओं के बयानों से साबित हुआ कि पाकिस्तान की सेना प्रत्यक्ष रूप में इस युद्ध में शामिल थी। भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान के कब्ज़े वाली जगहों पर हमला किया और धीरे-धीरे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से पाकिस्तान को सीमा पार वापिस जाने को मजबूर किया। परमाणु बम बनाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ यह पहला सशस्त्र संघर्ष था। कारगिल युद्ध में 2 लाख 50 हजार गोले और रॉकेट दागे गए थे। हिमाचल प्रदेश स्थित पालमपुर के कैप्टन सौरभ कालिया ने कारगिल में सबसे पहले गंवाई थी जान। थल सेना के सपोर्ट में भारतीय वायु सेना ने 26 मई को ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ शुरू किया, जबकि जल सेना ने कराची तक पहुंचने वाले समुद्री मार्ग से सप्लाई रोकने के लिए अपने पूर्वी इलाकों के जहाजी बेड़े को अरब सागर में ला खड़ा किया। भारतीय एयरफोर्स ने कारगिल युद्ध के दौरान मिग-27 व मिग -29 का इस्तेमाल किया गया था। परमवीर चक्र : विक्रम बत्रा, मनोज कुमार पांडेय, नायब सूबेदार योगेंद्र सिंह यादव व राइफलमैन संजय कुमार। सरकार के दामन पर ताबूत घोटाले के लगे दाग कारगिल युद्ध के बाद शहीद भारतीय सैनिकों के शवों को उनके पैतृक आवास पर भेजने की विशेष व्यवस्था की गई। इससे पूर्व ऐसी व्यवस्था नहीं थी। पैतृक आवास पर शहीद सैनिकों का राजकीय सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार किया गया। उनके शवों को ले जाने के लिए काफ़ी मंहगे शव बक्सों (कॉफ़िन बॉक्स) का उपयोग किया गया। हालंकि बाद में तत्कालीन सरकार पर ताबूत घोटाले के आरोप भी लगे।
बिजली खपत पर रहेगी निगरानी अब आप जल्द ही मोबाइल फ़ोन के ज़रिये अपने घर और कार्यालय में हो रही बिजली की खपत में नज़र रख सकेंगे। इसके लिए हिमाचल सरकार सभी पुराने मीटरों को बदल कर स्मार्टबिजली मीटर लगाने जा रही है। राज्य बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक जे पी कालटा ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने का काम जल्द शुरू होगा। एक मोबाइल एप्लीकशन करनी होगी डाउनलोड स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को एक मोबाइल ऐप्प अपने फ़ोन पर डाउनलोड करनी होगी। इसकी मदद से उपभोक्ता किसी भी समय यह जान सकेंगे कि उन्होंने कितनी बिजली इस्तेमाल की। इस मीटर को उपभोक्ता प्री-पेड मीटर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकेंगे। प्री-पेड मीटर मोबाइल फ़ोन की तरह ही इस्तेमाल होंगे। इसके अलावाउपभोक्ताओं को बिल जमा करवाने का विकल्प भी मिलेगा। अब रीडिंग लेने के लिए उपभोक्ताओं के घर नहीं जायेंगे बिजली बोर्ड कर्मचारी स्मार्ट बिजली मीटर लगने के बाद बिजली बोर्ड कर्मचारियों को उपभोक्ता के घर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। इस मीटर से ऑनलाइन रीडिंग ले ली जाएगी। लो वोल्टेज, बिजली बंद होने और बिजली चोरी होने की भी कण्ट्रोल रूम में जानकारी पहुंचेगी। बिल जमा न करने पर कंट्रोल रूम से ही कनेक्शन काट लिया जाएगा। मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं को भी चुकाना होगा शुल्क एक स्मार्ट बिजली मीटर 2800 से 3000 रूपए में पडेगा। इसके लिए केंद्र करीब 1200 रूपए प्रति मीटर सब्सिडी देगा। शेष खर्च राज्य बिजली बोर्ड और उपभोक्ताओं को उठाना पडेगा। पुराने बिजली मीटरों की राशि उपभोक्ताओं के शेयर में एडजेस्ट करने की भी योजना है। 2022 तक लगेंगें प्रदेश में 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर पहले चरण में शिमला और धर्मशाला दोनों शहरों में इस साल 1.35 लाख मीटर बदले जायेंगें। इसके बाद पुरे प्रदेश में साल 2021-22 तक 24 लाख स्मार्ट बिजली मीटर लगाने का लक्ष्य है।
देश-विदेश से लाखों लोग पहुँचते हैं दर्शन करने लाखों लोगों की आस्था का केंद्र बाबा बालक नाथ जी का मंदिर हमीरपुर जिले चकमोह गाँव के शिखर पर स्थित है। मंदिर में पहाड़ी के बीच एक प्राकॄतिक गुफा है। ऐसी मान्यता है,कि यही स्थान बाबा बालक नाथ का आवास स्थान था। मंदिर में बाबा बालक नाथ की एक मूर्ति भी स्थित है। भक्तगण बाबाजी की वेदी में “ रोट” चढाते हैं, जिसे आटे और चीनी/गुड को घी में मिलाकर बनाया जाता है। यहाँ पर बाबाजी को बकरा भी चढ़ाया जाता है, जो कि उनके प्रेम का प्रतीक है। आप सोच रहे होंगे कि यहाँ पर बकरे की बलि चढ़ाई जाती हैं, पर ऐसा नहीं हैं। बाबा बालक नाथ मंदिर में बकरों का पालन पोषण करा जाता है। मंदिर से करीब छहः किलोमीटर आगे एक स्थान “शाहतलाई” स्थित है। ऐसी मान्यता है, कि इसी जगह बाबाजी ध्यान किया करते थे।बाबा बालक नाथ मंदिर बिलासपुर से 55 किलोमीटर और हमीरपुर से 46 किलोमीटर की दुरी पर है। महिलाएं नहीं जाती मंदिर में:- बाबा बालक नाथ की गुफा के भीतर महिलाएं नहीं जाती है, लेकिन महिलाओं के दर्शन के लिए गुफा के बिलकुल सामने एक ऊँचा चबूतरा बनाया गया है, जहाँ से महिलाएँ उनके दूर से दर्शन कर सकती हैं। बाबा बालक नाथ ने सारी उम्र ब्रह्मचर्य का पालन किया और इसी बात को ध्यान में रखते हुए उनकी महिला भक्त गर्भगुफा में प्रवेश नहीं करती जो कि प्राकृतिक गुफा में स्थित है जहाँ पर बाबाजी तपस्या करते हुए अंतर्ध्यान हो गए थे।हालांकि कुछ समय पूर्व एक महिला ने अपनी पुत्रियों के साथ मंदिर में जाकर ये परंपरा तोड़ दी थी, किन्तु इसके अतिरिक्त कोई भी महिला मंदिर के भीतर नहीं जाती। सभी युगों में हुआ जन्म:- मान्यता है, कि बाबा बालक नाथ का जन्म सभी युगों में हुआ हैं। सत्य युग,त्रेता युग,द्वापर युग और वर्तमान में कल युग और हर एक युग में उनको अलग-अलग नाम से जाना गया जैसे सत युग में स्कन्द , त्रेता युग में कौल और द्वापर युग में बाबा महाकौल के नाम से जाने गये। अपने हर अवतार में उन्होंने गरीबों एवं निस्सहायों की सहायता करके उनके दुख दर्द और तकलीफों का नाश किया। हर एक जन्म में यह शिव के बड़े भक्त कहलाए। कलयुग में गुजरात के काठियाबाद में लिए जन्म:- कहा जाता हैं कलयुग में बाबा बालकनाथ ने गुजरात के काठियाबाद में देव के नाम से जन्म लिया। उनकी माता का नाम लक्ष्मी और पिता का नाम वैष्णो वैश था। बचपन से ही बाबाजी आध्यात्म में लीन रहते थे। यह देखकर उनके माता पिता ने उनका विवाह करने का निश्चय किया, परन्तु बाबाजी उनके प्रस्ताव को अस्विकार करके और घर परिवार को छोड़ कर परम सिद्धी की राह पर निकल पड़े। इसी दौरान एक दिन जूनागढ़ की गिरनार पहाडी में उनका सामना स्वामी दत्तात्रेय से हुआ और यहीं पर बाबाजी ने स्वामी दत्तात्रेय से सिद्ध की बुनियादी शिक्षा ग्रहण करी और सिद्ध बने। तभी से उन्हें बाबा बालकनाथ कहा जाने लगा। इसलिए पड़ा बाबा बालक नाथ नाम:- पौराणिक कथा के अनुसार रत्नो नामका एक महिला ने बाबा बालक नाथ को अपनी गायों की रखवाली के लिए रखा था। इसके बदले में रत्नो बाबाजी को रोटी और लस्सी खाने को देती थी। ऐसी मान्यता है कि बाबा अपनी तपस्या में इतने लीन रहते थे कि रत्नो द्वारा दी गयी रोटी और लस्सी खाना याद ही नहीं रहता था। एक बार जब रत्नो बाबाजी की आलोचना कर रही थी कि वह गायों का ठीक से ख्याल नहीं रखते जबकि रत्नो बाबाजी के खाने पीने का खूब ध्यान रखतीं हैं। रत्नो का इतना ही कहना था कि बाबाजी ने पेड़ के तने से रोटी और ज़मीन से लस्सी को उत्त्पन्न कर दिया। बाबा के चमत्कार से गाँव के लोग भी उसे अब साधारण बालक नहीं समझते थे। एक दिन इसी गाँव के तालाब के पास जब वह बालक बैठा था तो कुछ साधू वहां से गुजरे। उसमे एक महात्मा सिद्ध था। उस बालक और उस महात्मा में काफी समय धर्म के सन्दर्भ में बहस हुई। इस पर महात्मा ने उस बालक की गहराई को जानने के लिए अपनी गुटकी हवा में उछाल दी और बालक को उसे वापिस लाने को कहा। बालक ने तत्काल उसे वापिस बुला दिया, जबकि वह महात्मा उसे वापिस लाने में असमर्थ रहा। इसके बाद वे दोनों उस तालाब में लुप्त हो गये। लोगों ने जब सुना कि बालक एक साधू के साथ तालाब में डूब गया तो उन्होंने उसे बहुत तालाश किया लेकिन वह नही मिला। एक दिन गाँव में लगभग 3 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी पर कुछ लोगों ने उन दोनों को एक साथ देखा। यहाँ एक गुफा थी। पहले तो लोगों को विश्वास नही हुआ लेकिन अब रात्री में कई बार उस गुफा में ज्योति भी दिखने लगी। लोग यहाँ एकत्रित हो गये। इसी के बाद लोगों ने उस बालक को इश्वर का अवतार मान कर इसे गुफा में पूजना आरंभ कर दिया और इस स्थान का नाम बाबा बालक नाथ पड़ गया। लोगों ने उसे साधारण बालक नहीं समझा था इसलिए बाबा शब्द प्रयुक्त हुआ जिस से वह बाबा बालक बन गया। वह महत्मा जिस के साथ वह अदृश्य हुए थे, उसके लिए नाथ शब्द का प्रयोग किया गया। इस से यह स्थान बाबा बालक नाथ के नाम से प्रसिद्ध हो गया ।